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हहॊदी शब्द सॊसाधन

टाइऩयाइटय कॉु जीऩटर

टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर भैनुअर टाइऩयाइटय ऩय आधारयत है । प्रत्मेक बाषा के टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर


अरग-अरग हैं। जहाॉ तक हहॊदी टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर का प्रश्न है , मह हहॊदी के भैनुअर टाइऩयाइटय के सदृश्म
है । मह एक ऐसा सॊऩूणय वैऻातनक कुॉजीऩटर है , प्जसऩय अधधकतभ सॊबव गतत से टाइऩ ककमा जा सकता है ।
मह कॉु जीऩटर प्रमोक्ता को व्माकयणसम्भत त्रुहटमों से बी फचाता है , जैसे— एक व्मॊजन ऩय दो भात्राएॉ नहीॊ
रगाई जा सकतीॊ। अत: महद ककसी व्मॊजन ऩय ऩहरे से ही एक भात्रा रगी है तो टाइऩयाइटय कॉु जीऩटर उस
ऩय दस
ू यी भात्रा रगाने की अनुभतत नहीॊ दे ता।

इस कुॉजीऩटर ऩय ख, ऺ, श, ष, ब, थ, ध, घ औय ण अऺय अऩने आधे रूऩ (ख् क्ष श् ष भ् थ्


ध् घ ण) भें हदए गए हैं। इन व्मॊजनों के आधे रूऩ को ऩूया कयने के लरए नीचे से दस
ू यी ऩॊप्क्त ऩय फाईं ओय
की ऩहरी कॉु जी को Shift कॉु जी दफाकय प्रमोग ककमा जाना चाहहए। आधे अऺयों को ऩयू ा कयने के लरए
उऩमुक्
य त ऩॊप्क्त ऩय ही ―आ‖ की भात्रा का बी प्रमोग ककमा जा सकता है ।

भ, त, ज, न, र, ऩ, ि, क, स, ग औय फ अऺयों के आधे रूऩ इनकी कुॉप्जमों के ऊऩय ही भौजूद हैं।


इन्हें Shift कॉु जी दफाकय टाइऩ ककमा जा सकता है ।

प, ह, म, ट, ठ, द, छ, ड, ढ औय झ अऺयों के आधे रूऩ कुॉजीऩटर ऩय उऩरब्ध नहीॊ हैं। इनके आधे


रूऩ फनाने के लरए हर ् धचह्न का प्रमोग ककमा जाता है ।

―य‖ अऺय ऩय ―उ‖ अथवा ―ऊ‖ की भात्रा बी बफल्कुर सयर ढॊ ग से रगाई जा सकती है । 'उ' की भात्रा
रगाने के लरए ―य‖ अऺय टाइऩ कयें , कपय ―्ु‖ भात्रा टाइऩ कयें । आऩ दे िेंगे कक मह भात्रा अऩने तनधायरयत
स्थान ऩय रग जाएगी। ―रू‖ अऺय अऩने इसी रूऩ भें कुॉजीऩटर ऩय उऩरब्ध है ।

यकाय (नीचे रगने िारा य, जैसे ―प्रकाय‖ भें ) तथा ये प (ऊऩय रगने िारा य, जैसे ―कभा‖ भें ) के सरए
ऩथक-ऩथक कुॉजजमाॉ उऩरब्ध हैं। ―ड‖ औय ―ट‖ भें रगने वारा यकाय (ड्रभ, याटर) उसी कुॉजी के प्रमोग से फनता
है , प्जससे अन्म अऺयों ऩय यकाय रगामा जाता है ।

द्य, द्ध, त्र, द्व तथा ऺ जैसे सॊमुक्ताऺय कुॉजीऩटर ऩय अऩने ऩूणय रूऩ भें हदए गए हैं, प्जन्हें एक ही स्रोक
से टाइऩ ककमा जा सकता है । अन्म सॊमक्
ु ताऺयों को फनाने के लरए हर ् कॉु जी अथवा अऺयों के आधे रूऩों का
प्रमोग ककमा जाता है ।

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केंद्रीम हहॊदी प्रलशऺण सॊस्थान

इस कुॉजीऩटर ऩय अधधकतय व्माकयखणक धचह्न बी उऩरब्ध हैं। अनुऩरब्ध व्माकयण धचह्नों के लरए
कॉु जीऩटर को अॊग्रेजी भोड भें रे जाकय इस्तेभार ककमा जा सकता है ।

मह कुॉजीऩटर बायत सयकाय द्वाया प्रभाखणत तथा अॊगीकाय ककए गए भैनुअर टाइऩयाइटय के
कुॉजीऩटर जैसा ही है , हाराॊकक भैनुअर टाइऩयाइटय की अनेक कलभमों को इसभें कापी हद तक दयू कयने का
प्रमास ककमा गमा है । अत: जो व्मजक्त ऩहरे से ही भैनुअर टाइऩयाइटय ऩय दहॊदी टॊ कण का अभ्मास कय चुके
हैं, िे अत्मॊत सहजता से इस कॉु जीऩटर ऩय कामा कय सकते हैं।

दहॊदी टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर का चचत्र

हटप्ऩणी :एभ.एस. ऑकपस के ऩुयाने वजयन भें भूर सॊमुक्ताऺयों मथा— ऺ, त्र, ऻ औय श्र के अततरयक्त बफना

िड़ी ऩाई वारे सॊमुक्ताऺय अऩनी ऩुयानी शैरी भें ही हदिाई दें गे तथावऩ नए वजयन भें मे भानक रूऩ

भें हदिाई दें गे।

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अभ्मास-1

टाइऩयाइटय कॉु जीऩटर : होभ कीज़


(नीचे से दस
ू यी ऩॊजक्त)

1 2 3 4 4 3 2 1

फामाॉ हाथ दामाॉ हाथ

1. कहहकक मसायीय कहहकक मसायीय कहहकक मसायीय

2. कह कय कस यह हक सय मह

3. कहय कसय कमास सयकाय हयकाया सहाया हया सायस माय

4. ककस लसय हीया साय कामा यास काय यलसक ककसकी

5. कहहकक श्मसायीय कहहकक श्मसायीय कहहकक श्मसायीय

6. कश्क यश्क कश्म हश्म मश्म सश्म हश्क मश्क

7. ये क यहे कहे हये कये सेहया केस हयसे

8. यॊ क कॊस हॊ स कयें यहें सॊसाय लसॊह हहॊसा सामॊ

9. मही कही महीॊ यही याम कय ककसी का सहाया सकय

10. सही कही कक मह ककसकी याम से महाॊ यहा

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अभ्मास-2

टाइऩयाइटय कॉु जीऩटर


(होभ कीज़ तथा नीचे से तीसयी ऩॊजक्त)

1 2 3 4 4 3 2 1

फामाॉ हाथ दामाॉ हाथ

1. कभक ततप्् प्जप्् मख्म मचम सवस ्ाऩा यनय यरय

2. हर जर यऩ भत नव चभ मभ हहत नय ऩास यीर लसरा

3. ऩाक ऩाय ऩायस चाम रारा तभस चीनी

4. रऩक जरज कीभत हहरना जीतना सरयता चभक कवच मभक

5. ऩहरा योना भारती भाभाजी ऩरयसय ऩयहे ज ऩयोसना भोयनी

6. ऩुर कुर तुभ तूर जुभरा जुराहा चूर ऩूर सूर

7. कॊु ती कॊचन जॊजीय ककॊ कय ककॊ तु ख्मातत ख्मार सॊख्मा कश्भीय

8. जनता व सयकाय ने ऩहर कय ऩानी की कभी को ऩूया ककमा

9. ऩहरे याज को कहो

10. कानऩुय जाना तो लभराऩ से लभरना

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अभ्मास-3

टाइऩयाइटय कॉु जीऩटर


(होभ कीज़, नीचे से ऩहरी तथा तीसयी ऩॊजक्त)

2 3 4 4 3 2 1

फामाॉ हाथ दामाॉ हाथ

1. प्अप्् बफप्् कगक मध्म म्म सएस ्ाउा यदय यइय

2. कफ हद यफ भद जग ऩद नग दस इस उस अफ महद

3. अकार इभाभ फदन एकता गदय भगन ऩवन ऩु्म ध्वतन

4. गयदन इरा कफीरा चमन फरवान उफासी एकभत अहीय

5. प्रताऩ ग्राह ग्रास स्राव क्रभ प्रसाय ड्रभ प्रफर याटर कद्र रक

6. फात को तूर न दे कय हभ सफको याभ की याम एकभत से भाननी चाहहए

7. अफ इस ऩय हभ सफकी एक ध्वतन होगी

8. हभ उग्र होकय काभ न कयें

9. ववश्व की जनता का ख्मार हभाये प्रतत फदर जाएगा

10. इस काभ भें सफको एकभत होना चाहहए

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अभ्मास-4

टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर
(नीचे से चौथी ऩॊजक्त)

1 2 3 4 4 3 2 1
फामाॉ हाथ दामाॉ हाथ

1. क3क प््4प्् प््5प्् य6य य7य ्ा8्ा स9स म0म

2. ज़या योज़ सज़ा नाज़ भज़ा अॊग्रेजी आज़ाद ज़भाना गयीफ

3. रृदम सज
ृ न नऩ
ृ भग
ृ कृऩा गह
ृ कृऩमा

4. 807 912 365 478 543 7970 1951 8754

5. सफका भान कयो

6. रृदम से हय योज याभ का नाभ रो

7. वह हभऩय कृऩा कयें गे

8. हभें सज
ृ न कयना चाहहए

9. उनकी कृऩा से सफ काभ ऩूये हो जाएॉगे

10. हभ मही कहें गे कक याभ की कृऩा से सफके फयु े हदन दयू होंगे

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अभ्मास-5

टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर
(होभ कीज़ ऩय सशफ्ट का प्रमोग)

ननदे श : आधे अऺय – श् ख् ण ष थ् भ् आदद को ऩूया कयने के सरए दाएॉ हाथ की सशफ्ट कुॉजी दफाकय
होभकीज की ऩहरी कुॉजी अथिा ‖आ‖ की भात्रा का प्रमोग कयें । दाएॉ हाथ की अॊगुसरम़ों के व्मॊजन
टाइऩ कयते सभम फाएॉ हाथ की सशफ्ट कुॉजी तथा फाएॉ हाथ की अॊगुसरम़ों के व्मॊजन टाइऩ कयते
सभम दाएॉ हाथ की सशफ्ट कुॉजी को दफाएॉ ताक्रक ननफााध गनत से व्मॊजऩों को टाइऩ क्रकमा जा सके।

1. मश भनीषा िर केश ववष कण ववशार िुश िस

2. कैसा वैसा ऩैसा जैसा कैराश दै तनक गौयव नौकय भैदान

3. ऩक्का भक्का चक्की वाक्म वक्त धक्का शप्क्त उप्क्त

4. लभथ्मा ऩथ्म कथ्म कथन कथा थाना थाभना थकाना गाथा

5. अभ्मास अभ्मुदम बम बूरना बगवान बॊवय बववटम बायत

6. श्री श्रभ श्राऩ श्रीयाभ श्रीरॊका श्रलभक श्रेणी ववश्राभ श्रीभान

7. ऻान अऻान मऻ ववऻान प्जऻासु अऻात प्रऻा आऻा ऻानी

8. स्वय स्वाॊग स्वमॊ स्थान सॊस्थान स्तुतत स्भयण स्थामी स्वीकाय

9. रुऩमा रुस्तभ रुधच रुकना अरुण करुणा

10. ववशेष अवशेष भनीषा भनुटम बाषण

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अभ्मास-6

टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर
(नीचे से तीसयी ऩॊजक्त ऩय सशफ्ट का प्रमोग)

1. पर पेया सपर परक पामदा ऊऩय ऊफना

2. शुरू जरूय रूऩक रूऩ स्वरूऩ रूह रूऩसी रूभ नेहरू

3. कॉर टॉऩ कॉरेज ऑमर हॉसना पॉसना जॉचना ऊॉट

4. तनम्न भयम्भत अम्भा अन्म अन्न प्रसन्न ऩ्


ु म अऺु्ण राव्म

5. तत्व सत्ता ऩत्ता गत्ता कुत्ता त्माग

6. ज्वाय रज्जा सज्जा भज्जा ऩज्


ू म सज्जन याज्म उज्ज्वर

7. अल्ऩ फप्ल्क लशल्ऩ उल्रेि उल्रास शुल्क कल्ऩ जल्दी

8. प्मासा प्माया प्राप्त सप्ताह प्माय प्रान प्माज प्रेन

9. व्माप्त व्मास व्मामाभ व्माऩाय व्मस्त व्माऩक

10. फच्चा सच्चा कच्चा सुऩाच्म उच्च गच्चा जच्चा

11. रक्ष्म बक्ष्म लशऺण रऺण प्रलशऺण कऺा यऺा

12. द्वेष द्वाया ववद्वान द्ववतीम द्वीऩ द्वायका द्वम द्वाय

13. हभाये दे श के अधधकतय रोग ववद्वान व ऩरयश्रभी हैं। ऻान ववऻान भें इस दे श ने तयक्की प्राप्त कय

री है । आज चहुॉ ओय उन्नतत तथा उल्रास का वातावयण प्रततबफॊबफत व ऩरयरक्षऺत हो यहा है । अफ

बूि व गयीफी का वह रूऩ महाॉ दीि नहीॊ यहा है , जो ऩहरे महाॉ था। ववशेष प्रोत्साहन न लभरने के

कायण ऐसी जगह बी है , जहाॉ कापी काभ होना शेष है ।

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अभ्मास-7

टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर
(नीचे से ऩहरी ऩॊजक्त ऩय सशफ्ट का प्रमोग)

1. कई भाकय बाई कभय धभय सतकय कत्ताय कत्तयव्म

2. बालम मोलम दलु ध भलन अप्लन रलन लवारा

3. सब्जी शब्द नब्ज ब्मौया ब्माह कब्जा जब्त ब्माज

4. टफ कट कटक कटाय टभटभ हटना टाॊग टारना

5. ठक ठठे या ठाठ भठ लभठाई तनटठा गठयी गाॊठ

6. छत छर छार छाता छाऩ छीरना छभछभ छरकना

7. डाक डार डभरू डाॊस डऩट डडब्फा डलरमा डगभग

8. ढार ढाफा ढाका ढक्कन ढरना ढीठ हढराई भें ढक

9. झट सभझ साॊझ झभेरा झटऩट झाॊसा झक

10. ववघ्न घॊटी घटक घटना घना घये रू घय घभॊड

11. लशऺा की जो प्रणारी हभाये महाॉ गत दो शताप्ब्दमों से ववद्मभान है , उसकी रूऩये िा अॊग्रेजी शासन

द्वाया अऩनी आवश्मकताओॊ को ध्मान भें यिकय तैमाय की गई थी। परस्वरूऩ उस सभम इससे

लशऺा का प्रचाय व प्रसाय हुआ, ऩयॊ तु स्वाधीनता प्राप्प्त के फाद हभायी आवश्मकताएॉ व्माऩक हो गईं

औय अफ ऩुयाने ढये की लशऺा से काभ चरना कहठन ही नहीॊ फप्ल्क असॊबव है । सबी व्मप्क्त ऻान

अजयन के फाद नौकयी ढूॉढते हैं तथा शायीरयक श्रभ से दयू बागते हैं। अच्छी सभझदायी मही होगी कक

हभ सफ लभरकय बायत का बववटम उज्ज्वर फनाने हे तु याजबाषा हहॊदी के अध्ममन के लरए ऩरयश्रभ

कयें ।

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अभ्मास-8

टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर
(नीचे से चौथी ऩॊजक्त ऩय सशफ्ट का प्रमोग)

1. उद्मोग अद्मतन ववद्मभान ववद्मारम उद्मान

2. ऩेड़ सड़क फड़ाई घोड़ा रड़ाई ऩढ़ाई कढ़ाई चढ़ाई

3. यद्दी गद्दी उद्देश्म भहान ् धचह्न ऩश्चात ् अऩयाह्न चट्टान

4. क्रुद् ववरुद् शुद् प्रफुद् मोद्ा प्रलसद् अवरुद् ववशुद्

5. त्रास बत्रनेत्र बत्रमा त्रुहट त्राहह मत्र मॊत्र

6. ऋण ऋतु ऋवष ऋलवेद उऋण ऋतग


ु भन

7. प्रात: अत: साधायणत: परत: ऩुन: प्रात:कार साभान्मत:

8. अॊग्रेजों के ववरुद् स्वतॊत्रता की रड़ाई भें हभाये भहान ् नेताओॊ का जो मोगदान यहा, उससे हभ

उऋण नहीॊ हो सकते। अत: हभें उनका आदय औय सम्भान कयना चाहहए।

9. दे श के प्रत्मेक नागरयक का मह कतयव्म है कक वह याटर, याटरबाषा एवॊ याटरध्वज का सम्भान

कये ।

10. हहॊदी को इस भहान ् दे श की याजबाषा फनने का जो सौबालम प्राप्त हुआ है , मह अऩना भहत्व

प्रकट कयता है । सवयत्र जनता का एक फहुत फड़ा हहस्सा इसको व्मवहाय भें राता है । हहॊदी की

उन्नतत का भागय अफ अवरुद् नहीॊ, फप्ल्क प्रशस्त है । इसभें सॊस्कृत, अयफी, उदय ू का ही नहीॊ,

अवऩतु अन्म बाषाओॊ का लभश्रण दे िा जा सकता है । इसके अततरयक्त ववशेष ऩयॊ ऩया की द्मोतक

होने के साथ-साथ मह जीवन के सभस्त सॊघषों से जड़


ु ी हुई है । हहॊदी अफ सबी याज्मों भें सभझी

व फोरी जाने रगी है ।

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