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―य‖ अऺय ऩय ―उ‖ अथवा ―ऊ‖ की भात्रा बी बफल्कुर सयर ढॊ ग से रगाई जा सकती है । 'उ' की भात्रा
रगाने के लरए ―य‖ अऺय टाइऩ कयें , कपय ―्ु‖ भात्रा टाइऩ कयें । आऩ दे िेंगे कक मह भात्रा अऩने तनधायरयत
स्थान ऩय रग जाएगी। ―रू‖ अऺय अऩने इसी रूऩ भें कुॉजीऩटर ऩय उऩरब्ध है ।
यकाय (नीचे रगने िारा य, जैसे ―प्रकाय‖ भें ) तथा ये प (ऊऩय रगने िारा य, जैसे ―कभा‖ भें ) के सरए
ऩथक-ऩथक कुॉजजमाॉ उऩरब्ध हैं। ―ड‖ औय ―ट‖ भें रगने वारा यकाय (ड्रभ, याटर) उसी कुॉजी के प्रमोग से फनता
है , प्जससे अन्म अऺयों ऩय यकाय रगामा जाता है ।
द्य, द्ध, त्र, द्व तथा ऺ जैसे सॊमुक्ताऺय कुॉजीऩटर ऩय अऩने ऩूणय रूऩ भें हदए गए हैं, प्जन्हें एक ही स्रोक
से टाइऩ ककमा जा सकता है । अन्म सॊमक्
ु ताऺयों को फनाने के लरए हर ् कॉु जी अथवा अऺयों के आधे रूऩों का
प्रमोग ककमा जाता है ।
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केंद्रीम हहॊदी प्रलशऺण सॊस्थान
इस कुॉजीऩटर ऩय अधधकतय व्माकयखणक धचह्न बी उऩरब्ध हैं। अनुऩरब्ध व्माकयण धचह्नों के लरए
कॉु जीऩटर को अॊग्रेजी भोड भें रे जाकय इस्तेभार ककमा जा सकता है ।
मह कुॉजीऩटर बायत सयकाय द्वाया प्रभाखणत तथा अॊगीकाय ककए गए भैनुअर टाइऩयाइटय के
कुॉजीऩटर जैसा ही है , हाराॊकक भैनुअर टाइऩयाइटय की अनेक कलभमों को इसभें कापी हद तक दयू कयने का
प्रमास ककमा गमा है । अत: जो व्मजक्त ऩहरे से ही भैनुअर टाइऩयाइटय ऩय दहॊदी टॊ कण का अभ्मास कय चुके
हैं, िे अत्मॊत सहजता से इस कॉु जीऩटर ऩय कामा कय सकते हैं।
हटप्ऩणी :एभ.एस. ऑकपस के ऩुयाने वजयन भें भूर सॊमुक्ताऺयों मथा— ऺ, त्र, ऻ औय श्र के अततरयक्त बफना
िड़ी ऩाई वारे सॊमुक्ताऺय अऩनी ऩुयानी शैरी भें ही हदिाई दें गे तथावऩ नए वजयन भें मे भानक रूऩ
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हहॊदी शब्द सॊसाधन
अभ्मास-1
1 2 3 4 4 3 2 1
2. कह कय कस यह हक सय मह
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केंद्रीम हहॊदी प्रलशऺण सॊस्थान
अभ्मास-2
1 2 3 4 4 3 2 1
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हहॊदी शब्द सॊसाधन
अभ्मास-3
2 3 4 4 3 2 1
2. कफ हद यफ भद जग ऩद नग दस इस उस अफ महद
5. प्रताऩ ग्राह ग्रास स्राव क्रभ प्रसाय ड्रभ प्रफर याटर कद्र रक
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अभ्मास-4
टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर
(नीचे से चौथी ऩॊजक्त)
1 2 3 4 4 3 2 1
फामाॉ हाथ दामाॉ हाथ
3. रृदम सज
ृ न नऩ
ृ भग
ृ कृऩा गह
ृ कृऩमा
8. हभें सज
ृ न कयना चाहहए
10. हभ मही कहें गे कक याभ की कृऩा से सफके फयु े हदन दयू होंगे
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हहॊदी शब्द सॊसाधन
अभ्मास-5
टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर
(होभ कीज़ ऩय सशफ्ट का प्रमोग)
ननदे श : आधे अऺय – श् ख् ण ष थ् भ् आदद को ऩूया कयने के सरए दाएॉ हाथ की सशफ्ट कुॉजी दफाकय
होभकीज की ऩहरी कुॉजी अथिा ‖आ‖ की भात्रा का प्रमोग कयें । दाएॉ हाथ की अॊगुसरम़ों के व्मॊजन
टाइऩ कयते सभम फाएॉ हाथ की सशफ्ट कुॉजी तथा फाएॉ हाथ की अॊगुसरम़ों के व्मॊजन टाइऩ कयते
सभम दाएॉ हाथ की सशफ्ट कुॉजी को दफाएॉ ताक्रक ननफााध गनत से व्मॊजऩों को टाइऩ क्रकमा जा सके।
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अभ्मास-6
टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर
(नीचे से तीसयी ऩॊजक्त ऩय सशफ्ट का प्रमोग)
13. हभाये दे श के अधधकतय रोग ववद्वान व ऩरयश्रभी हैं। ऻान ववऻान भें इस दे श ने तयक्की प्राप्त कय
बूि व गयीफी का वह रूऩ महाॉ दीि नहीॊ यहा है , जो ऩहरे महाॉ था। ववशेष प्रोत्साहन न लभरने के
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हहॊदी शब्द सॊसाधन
अभ्मास-7
टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर
(नीचे से ऩहरी ऩॊजक्त ऩय सशफ्ट का प्रमोग)
11. लशऺा की जो प्रणारी हभाये महाॉ गत दो शताप्ब्दमों से ववद्मभान है , उसकी रूऩये िा अॊग्रेजी शासन
द्वाया अऩनी आवश्मकताओॊ को ध्मान भें यिकय तैमाय की गई थी। परस्वरूऩ उस सभम इससे
लशऺा का प्रचाय व प्रसाय हुआ, ऩयॊ तु स्वाधीनता प्राप्प्त के फाद हभायी आवश्मकताएॉ व्माऩक हो गईं
औय अफ ऩुयाने ढये की लशऺा से काभ चरना कहठन ही नहीॊ फप्ल्क असॊबव है । सबी व्मप्क्त ऻान
अजयन के फाद नौकयी ढूॉढते हैं तथा शायीरयक श्रभ से दयू बागते हैं। अच्छी सभझदायी मही होगी कक
हभ सफ लभरकय बायत का बववटम उज्ज्वर फनाने हे तु याजबाषा हहॊदी के अध्ममन के लरए ऩरयश्रभ
कयें ।
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अभ्मास-8
टाइऩयाइटय कुॉजीऩटर
(नीचे से चौथी ऩॊजक्त ऩय सशफ्ट का प्रमोग)
8. अॊग्रेजों के ववरुद् स्वतॊत्रता की रड़ाई भें हभाये भहान ् नेताओॊ का जो मोगदान यहा, उससे हभ
उऋण नहीॊ हो सकते। अत: हभें उनका आदय औय सम्भान कयना चाहहए।
कये ।
10. हहॊदी को इस भहान ् दे श की याजबाषा फनने का जो सौबालम प्राप्त हुआ है , मह अऩना भहत्व
प्रकट कयता है । सवयत्र जनता का एक फहुत फड़ा हहस्सा इसको व्मवहाय भें राता है । हहॊदी की
उन्नतत का भागय अफ अवरुद् नहीॊ, फप्ल्क प्रशस्त है । इसभें सॊस्कृत, अयफी, उदय ू का ही नहीॊ,
अवऩतु अन्म बाषाओॊ का लभश्रण दे िा जा सकता है । इसके अततरयक्त ववशेष ऩयॊ ऩया की द्मोतक
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