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PATIEN’S NAME ;Bangali baabu

रात के खाने का समय.........8 pm....... सोने का समय........10 pm....... सुबह उठने का समय.......6 AM...
A) मौसम अनुसार गरमा गरम / ताजा / एलकला इन और तांबे के बर्तन वाला पानी
---B) काढ़ा / कषाय / हर्बल चाय .
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1 – HARSINGAR LEAVES 2. Gokshura leaves (5-6 )---3.Punarnava leaves (1 muthi )---
4 - boomiamala leaves (5-7 leaves-)-----5 ---- kachnar Leaves (1 muthi)-----

2. नाश्ता / Breakfast (भोजन से ठीक पहले) मौसमी फल / सलाद, मात्रा weight x 10- AS PER WEIGHT gram
प्लेट 1 - मौसमी फल / सलाद (Apple, Grapes, Guava, pear)

प्लेट 2 - Millets (उदाहरण के लिए 50 किलो के व्यक्ति के लिए नाश्ते में लगभग 500 gm मौसमी
फल / सलाद रहेगा )
Diet: Millets as prescribed by Doctor / Consultant / Dietician दिन में 3 से 4 बा र 32 जड़ी बूटियों
से बनी हर्बल चाय का सवेन करें ।

3. दोपहर के खाने से पहले :-


3-4 प्रकार के सलाद, मात्रा weight x 5 = ___AS PER WEIGHT gram
(उदाहरण के लिए 50 किलो के व्यक्ति के लिए नाश्ते में लगभग 250 gm सलाद रहेगा )

4. दोपहर का खाना :-
मिलट आधारित पुलाव / खिचड़ी / बिरयानी /Millet से बनी रोटी / पुड़ा आदि खाना है -
मात्रा weight x 5 =__AS PER WEIGHT gram
कुटकी (LITTLE MILLET).....1 day.............
सवांक (BARNYARD MILLET)....1 day.....
कोधरा (KODO MILLET) ...1 day
कंगनी (FOXTAIL MILLET)...3 days...........
हरी कंगनी (BROWNTOP MILLET)..3 days....

5. शाम को 5.00 बजे:-


काढ़ा / हर्बल चाय (वही जो सुबह पी या था )
ताजी हरी सब्जियों का सूप और जूस ।
यदि भूख लगी हो तो इन वस्तुओ ं में से को ई एक या दो खा सकते हैं - नारियल गिरी ,भीगा हुआ Dry Fruit,
भीगी हुई मूं गफली , भीगे हुए खजूर, भीगे तिल या अलसी , चिया सीड् स । सर्दियों में तिल / अलसी के गुड़ में
बना हुआ लड्डू भी खाया जा सकता है । स्प्राउट् स (अंकुरित मूँ गी / मोठ / काले चने कच्चे भी खाए जा सकते हैं) ।
अंकुरित उपलब्ध ना हो तो भुने मखा ने / मूं गफली / ज्वार आदि भी खाए जा सकते है ।

6. रात को खाने से पहले :


3-4 प्रकार के सलाद मात्रा Wt x 5-AS PER WEIGHT gram

7. रात का खाना :-
Millet आधारित पुलाव / खिचड़ी / बिरया नी /Millet से बनी रोटी / पुड़ा आदि खाना है ।
जैविक (अलकलाइन ) पानी बनाने की विधि :-
सोते समय 2 लीटर वाले कांच के जग में तांबे के बर्तन वाला पानी डालकर 4-5 स्लाइस नीबू , 4-5 स्लाइस खीरे ,
10 पत्ते पुदीना और 10 पत्ते तुलसी डालकर रख देना है । जितना पानी पीना है उतना ही और डाल कर रख देना है -
गर्मियों में 24 घं टे के बाद और सर्दियों में 48 घं टे बाद दोबारा बनाना है ।
काढ़ा कैसे बनाना है :
काढ़ा / कषाय / हर्बल चा य तैयार करने के लिए तांबे के बर्तन में 150 से 200 मिली लीटर रखे हुए पानी को किसी
और दू सरे बर्तन में निकालकर उबाले और आधा रहने पर काढ़ा बनकर तैयार हो जाएगा ।
नोट: ( तांबे के बर्तन में भोजन पकाने और पानी उबालने से परहेज करना चाहिए )
बीमा अनुसार सुझाए पत्ते लेने हैं - यदि पत्ते बड़े हो तो 5-6 पत्ते और यदि छोटे हैं तो आधी मुठी पत्ते लें -
उबलते हुए पानी में मिला ओ और इसे 4 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर आग / गैस को बं द कर दें और बर्तन को
2 मिनट के लिए किसी ढक्कन से बं द कर दो इस मिश्रण को छान ले और हल्का गर्म / गुनगुना पीएं । एक दिन में
दो बार ऐसे काढ़ा का इस्तेमाल करें । काढ़ा आमतौर पर सुबह खाली पेट लेना चाहिए, दू सरी बार रात का भोजन
करने से एक घं टा पहले । एक प्रकार का काढ़ा दिन में दो बार (सुबह खाली पेट और रात को खाने से एक घं टा
पहले) ही लेना है । किसी भी गं भीर बीमारी से पीड़ि त व्यक्ति को एक दिन में दो प्रकार के काढ़े पीने है --
सभी प्रकार के काढ़े डॉक्टर के मतानुसार ही लेना है ।
काढ़ा नं बर -1 दिन में दो बार सुबह खाली पेट और रात के खाने से एक घं टा पहले (कम से कम 3 प्रकार के
हफ्ते- हफ्ते बदलता है)
काढ़ा / कषाय / हर्बल चा य तैयार करने के लिए तांबे के बर्तन में 150 से 200 मिली लीटर रखे हुए पानी को किसी
और दू सरे बर्तन में निकालकर उबाले और आधा रहने पर काढ़ा बनकर तैयार हो जाएगा ।
नोट: ( तांबे के बर्तन में भोजन पकाने और पानी उबालने से परहेज करना चाहिए )
बीमा अनुसार सुझाए पत्ते लेने हैं - यदि पत्ते बड़े हो तो 5-6 पत्ते और यदि छोटे हैं तो आधी मुठी पत्ते लें -
उबलते हुए पानी में मिला ओ और इसे 4 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर आग / गैस को बं द कर दें और बर्तन को
2 मिनट के लिए किसी ढक्कन से बं द कर दो इस मिश्रण को छान ले और हल्का गर्म / गुनगुना पीएं । एक दिन में
दो बार ऐसे काढ़ा का इस्तेमाल करें । काढ़ा आमतौर पर सुबह खाली पेट लेना चाहिए, दू सरी बार रात का भोजन
करने से एक घं टा पहले । एक प्रकार का काढ़ा दिन में दो बार (सुबह खाली पेट और रात को खाने से एक घं टा
पहले) ही लेना है । किसी भी गं भीर बीमारी से पीड़ि त व्यक्ति को एक दिन में दो प्रकार के काढ़े पीने है --
सभी प्रकार के काढ़े डॉक्टर के मतानुसार ही लेना है ।
काढ़ा नं बर -1 दिन में दो बार सुबह खाली पेट और रात के खाने से एक घं टा पहले (कम से कम 3 प्रकार के
हफ्ते- हफ्ते बदलता है)
देसी चाय बनाने की विधि :- एक गिलास पानी में 10 पत्ते तुलसी , दो छोटी इलायची , दो लौंग, थो ड़ी अदरक,
आधा चम्मच सौंफ, एक चुटकी दालचीनी , 2-3 काली मिर्च को 5 मिनट उबालकर गुड़ / शक्कर और नी ंबू
डालकर पीना है (जो लोग चाय पत्ती के आदि हैं वह चाय पत्ती भी डाल सकते है) ।
कुदरती अनाज / मिलिटस / शूकधान्य / मूल अनाज कैसे पकाएं ?
मिलिटस विशेष किस्म के अनाज है जिसमें फाइबर / रे शा अच्छी मात्रा में होता है । इस गुण में यह अन्य अनाजों से
बिल्कुल अलग है । मिल्लेट्स इन गुणों से कई बीमारियों में आराम देने वाले है ।
मिलिटस का उपयोग करने के लिए:
1. एक बार धोना जिससे गं दगी निकल जाएगी ।
2. 3-4 गुना पानी में 6-8 घं टे के लिए भिगोना (कम से कम 4 घं टे ) (बहुत लं बा भिगो ने से खराब हो जाते हैं) ।
3. चावलों की तरह हल्की आग पर उस पानी में पकाना है, जीरा और प्याज का तड़का लगा सकते है (सब्जियां
डालकर बिरयानी / पुलाओ भी बनाया जा सकता है) साधारण पतीले में पकने में केवल 15 मिनट लगते हैं -
आंच बं द करके थोड़ी देर ढके रहने देना है । एलुमिनि , नॉनस्टिक, प्रेशर - कुकर और माइक्रोवेव का बर्तन प्रयोग
नही ं करना है, पीतल, स्टे नलेस स्टील या मिट्टी का बर्तन प्रयोग करना है ।
ph Diet
शरीर के स्वस्थ रहने के लिए ph alkaline होना चाहिए ना की acidic, आइये जा नते है कि स भोजन का क्या
क्या ph level है और कौन कौन सा भोजन शरीर के लिए स्वस्थ है । सभी acidic भोजन शरीर के लिए
हानिकारक है और सभी alkaline और neutral भोजन शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्धक है ।
Note- Stop intake of milk and milk products, packed food, coffee, tea

Medicine - ID 365 10 DROPS BD


MAHA GRANTHI HAR VATI 1 BD

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