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हिंदी असाइनमेंट-1
हिंदी असाइनमेंट-1
समास
अव्ययी भाव तत्पुरुष समास कर्मधारय समास बहुब्रीहि समास द्विगु समास द्वंद्ध समास
अव्ययी भाव
• इस समा स का पहला पद अव् यय तथा प्र धा न हो ता है |
इससे बना सा मा सि क शब् द भी अव् यय हो ता है | जै से -
नि डर, अनु रू प, भरपे ट आदि |
• कु छ अन् य उदा हरण-
समस्त पद विग्रह
आजीवन आमरण जीवन भर
आजन्म मरने तक
यथाशीघ्र जन्म ले कर
गाँव–गाँव जन्म से लेकर
घर-घर जितना भी शीघ्र हो सके
प्रत्येक गाँव प्रत्येक घर
तत्पुरुष समास
जि स समा स का उत्त र पद प्र दा न हो तथा वि भक्ति
चि न् हों का लो प हो वह ‘तत् पु रु ष समा स कहला ता है |
जै से -रा हखर्च , गु रु दा क्षि ना , वनवा स, हस् तलि खि त,
यज्ञ शा ला आदि |
कु छ अन् य उदा हरण-
समस्त पद विग्रह
अ
समस्त पद विग्रह
धनश्याम धन के सामान श्याम वर्ना है जिसका अर्थात्
श्रीकृ ष्ण
मेघनाद मेघ के सामान नाद वर्ना है जिसका अर्थात्
रावन का पुत्र
गजानन गज के सामान आनन् है जिसका अर्थात्
गणेशजी
नीलकं ठ नीला कं ठ हो जिसका अर्थात् शिवजी
द्वि गु समास
इस समा स का पू र्व पद सं ख् या वा ची हो ता है
कु छ आन् य उदहा रण-
समस्त पद विग्रह
माता-पिता माता और पिता
भाई-बहन भाई और बहन
पाप-पुण्य पाप और पुण्य
सुख-दुःख सुख और दुःख
धन्यवाद