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रेल कर्मचारी (कार्य काल) नियम 2005
रेल कर्मचारी (कार्य काल) नियम 2005
Presented by-
Rajendra Kushwaha
Instructor/C&W
MSTC/GKP
HOER
रेल कर्मचारी (कार्य काल ) नियम ‘2005’
परिचय-
रेल कर्मचारी कार्यकाल नियम 1951 बने ।
1961 में कार्यकाल नियमों में और संशोधन किए गए।
1969 में इन नियमों को रेलवे श्रम न्यायाधिकरण को अध्ययन और पुनर्विचार के
लिए सौंपा गया।
न्यायमूर्ति मियां भाई इस न्यायाधिकरण के अध्यक्ष थे।
इन्होंने अपनी सिफारिशें 06.07.72 को पेश की।
इनके आधार पर कार्यकाल नियमों में कु छ और महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए जो
01.08.1974 से लागू हुए।
रेल कर्मचारी (कार्य काल ) नियम ‘2005’ का उद्देश्य-
रेल कर्मचारियों के काम के घंटों का निर्धारण एवं नियमन।
काम के बीच जरूरी विश्राम।
साप्ताहिक अवकाश।
समयोपरि भत्ता(ओवरटाइम एलाउंस) का नियमन आदि।
वर्तमान नियम-
कार्यकाल के वर्तमान नियमों की पूरी जानकारी और समझ के लिए नीचे
लिखे कानून नियमों और आदेशों का अध्ययन जरूरी है।
एक:- भारतीय रेलवे अधिनियम 1989 का अध्याय 14 (धाराएं 130 से
136)।
दो:- भारत सरकार द्वारा बनाए गए रेल कर्मचारी कार्यकाल नियम 2005।
तीन:- रेलवे बोर्ड द्वारा जारी किए गए अनुदेश जिनमें मियां भाई
न्यायाधिकरण की सिफारिशों को कार्यान्वित करने के लिए जारी किए गए
अनुदेश शामिल हैं।
लागू होने की सीमाएं:-
यह नियम आकस्मिक श्रमिकों को शामिल करते हुए सभी गैर राजपत्रित कर्मचारियों
पर लागू होते हैं।
यह नियम निम्न कर्मचारियों पर लागू नहीं होते हैं।
वे रेल कर्मचारी जो कारखाना कानून, खान कानून या जहाजरानी कानून के अधीन
आते हैं।
सभी अप वर्जित एक्सक्लूडेड कर्मचारी जिनके विवरण नियमों में दिए गए हैं।
कर्मचारियों का वर्गीकरण:-
कार्यरत और निष्क्रिय समय की गणना के आधार पर कर्मचारियों का वर्गीकरण
किया गया है।
कर्मचारियों का वर्गीकरण करना और उसे बदलना महाप्रबंधक की शक्ति में आता है।
कार्यकाल नियमों के अनुसार कर्मचारियों को 4 वर्गों में बांटा गया है।
एक:- गहन (Itensive).
दो:- आवश्यक रूप से विरामी (essentially intermittent).
तीन:- अपवर्जित (excluded).
चार:- अविरामी (continues).
(1)गहन(Itensive)कर्मचारी:-
इस वर्ग में वे कर्मचारी आते हैं जिन्हें अपने कार्य के दौरान लगातार
कठिन परिश्रम करने एवं एकाग्रता रखने की आवश्यकता होती है।
निष्क्रिय समय लगभग नहीं रहता है।
उदाहरण के लिए- टेलीफोन ऑपरेटर, वायरलेस ऑपरेटर, सेक्शन
कं ट्रोलर, के बिन मैन आदि ।
(2)आवश्यक रूप से विरामी (essentially
intermittent) कर्मचारी :-
इस वर्ग में वे कर्मचारी आते हैं जो अपने 12 घंटे के कार्यकाल के दौरान
लगभग 6 घंटे या अधिक समय तक निष्क्रिय रहते हैं।
6 घंटे के खाली समय में कम से कम एक अवधि 1 घंटे की और दो
अवधि आधे-आधे घंटे की होना जरूरी है।
5 मिनट से कम का विश्राम नहीं जोड़ते हैं।
उदाहरण के लिए- प्रतिक्षालय वेयरर, सी क्लास गेट के गेटमैन, विश्राम गृह
के के यरटेकर, सैलून परिचारक. बंगला चपरासी आदि।
(3)अपवर्जित(excluded)कर्मचारी:-
इन कर्मचारियों को नियमों से अलग रखा गया है।
इसका आधार उनके कार्य का स्वभाव है।
उदाहरण के लिए- गोपनीय कार्यों में लगे कर्मचारी, सशस्त्र पुलिस बल या सुरक्षा
बल, स्कू ल अध्यापक, मेट्रन, सिस्टर इंचार्ज, मिडवाइफ, स्वास्थ्य शिक्षक, परिवार
नियोजन फील्ड वर्क र, महिला स्वास्थ्य विजिटर, प्रोजेक्शनिस्ट आदि।
पर्यवेक्षक कर्मचारी, जिनकी सूची रेलवे बोर्ड जारी करता है।
(4)विरामी (continues) कर्मचारी:-
वे कर्मचारी जो उपर्युक्त दोनों वर्गों और अपवर्जित कर्मचारियों की सूची में नहीं
आते हैं।
इस प्रकार अगर किसी कर्मचारी को अन्यथा वर्गीकृ त न किया गया हो, तो वह
अविरामी माना जाएगा।
उदाहरण के लिए- क्लर्क , टाइपिस्ट, लोको, कै रेज और ट्रैफिक रनिंग कर्मचारी
जैसे ड्राइवर, शंटर, सलोपा,गार्ड, टी.टी. आदि।
कार्यकाल का चार्ट:-
कार्यकाल की सीमाएं कर्मचारियों का वर्ग