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Aman Balmiki
Batch 2019-20
CONTENTS
01 परिचय
02 वृश्चिक भेद, स्वरूप, दंश लक्षण
03 साध्य असाध्यता
04 वृश्चिक दंश उपचार
05 Scorpion bite
• परिचय-
• वृश्चिक् या बिच्छू (scorpions) एक अत्यधिक विषैला कीट होता है। ये खेतों में चूहे तथा अन्य
प्राणियों के बिलों, कू ड़े-करकट के ढेरों में दिन भर छिपे रहते हैं
• रात में निकल कर अन्य कीटों पर आक्रमण करते हैं। इसकी आकृ ति के कड़े के समान होती है।
• इसके एक लम्बी, मांसल, प्रायः पाँच खण्डों में विभाजित, पुच्छाकार उदरोत्तर वृद्धि होती है, जिसके
अन्त में एक चौड़ा कोष्ठ होता है। कोष्ठ पर एक खोखला डंक (sting) होता है, जो एक नलिका के
द्वारा उसकी गुदा के पास स्थित दो विष-ग्रन्थियों से जुड़ा होता है। यह डंक सॉप के विषदन्त के समान
ही कार्य करता है।
स्वरूप - श्वेतवर्ण के उदरवाले अन्य वृश्चिकों की अपेक्षा इनके पुच्छप्रदेश में पर्व (जोड़) बहुत होते हैं
सामान्य लक्षण वेदना, कम्प , शरीर का अकड़ जाना , काले रंग के रुधिर का आना, शाखा में काटने से वेदना ऊपर की ओर
को जाती है, दाह, पसीना आना, दंशस्थल पर शोथ (edema) ज्वर (fever)
• मध्यमविष वाले वृश्चिक-
वर्ण- लाल
पीत
• स्वेदन
• घृत और लवण से मर्दन
• गरम औषधियों से परिषेक
• घृतपान एवं घृत का भोजन में भी प्रयोग
• It is colourless clear
• Neurotoxins are the most important (consist of different
small sized proteins with sodium and potassium
cations, which interfere with neurotransmission)
• Acetylecholinesterse
• Cardiotoxin
• Serotonin (which may cause local pain at the site of the
sting).
• Hemolysins, histamine
• SIGN & SYMPTOMS-