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• कार्यकर्ता के मन में उत्पन्न सुख की

इच्छा नेता के मन में उत्पन्न हुआ


अहंकार या दोनों ही के मन में उत्पन्न
महत्त्वाकांक्षा सारे मेहनत पर पानी फे र
सकता है
• कार्यकर्ता विकास में सबसे महत्वपूर्ण क
ड़ी गटनायक होता है|
• कार्यकर्ता विकास के प्रारंभिक दौर में कार्यकर्ताओं को जोड़े रखने के
लिए उनके रुचि के अनुसार काम सौंपा जाना चाहिए,रुचि के अभाव
में वह कार्य छोड़ सकता है|
• कार्यकर्ता का मार्ग, सिद्धांत प्रशस्त करते हैं लेकिन उस मार्ग पर बने
रहना संस्कार एवम् अनुशासन से ही संभव है|
*जब व्यक्ति कार्य को अपना समझ उससे एकात्म
हो जाता है तब उसमें आत्मविश्वास आता है,
आत्मविश्वास कार्यकर्ता की विपरीत परिस्थिति में
अडिग रखता है|

*एक कु शल नेतृत्व वही होता है जिसे कम से कम


लोग जाने पर उससे
ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़े|

...कार्यकर्ता विकास
*कार्यकर्ता विकास में हमें ये ध्यान
रखना चाहिए की कार्यकर्ताओं में
महत्त्वाकांक्षा न आने पाए|

*कार्यकर्ताओं की आज्ञाकारिता ही
संगठन की शक्ति होती है, एवम्
विश्वशनीयता कु शल कार्यकर्ता की
कसौटी , इसलिए इसे किसी भी
कीमत पर प्राप्त करना चाहिए |

..कार्यकर्ता विकास

*व्यक्तिगत संपर्क व मार्गदर्शन से
कु शल कार्यकर्ता बनते हैं

*नेतृत्व को चाहिए की कार्यकर्ताओं


को कार्य से जोड़े पर कार्य की
अपेक्षा कार्यकर्ताओं की चिंता
अधिक करे,हमारा ध्येय कार्य सिद्धि
के साथ एक बड़ी सेना भी खड़ी
करना होना चाहिए

........कार्यक
*नेतृत्व का आचरण व व्यवहार कार्यकर्ताओं *कार्यकर्ता विकास के कार्य में लगा व्यक्ति
के लिए दृष्टांत बन जाता है, इसलिए व्यक्तिगत एवम् सामाजिक दोनों
कार्यकर्ता विकास के पथ में व्यक्ति को ही क्षेत्रों में समदर्शी, निष्कलंक एवं अपने
पहले आज्ञाकारी कार्यकर्ता फिर सदाचारी आचरण से उदाहरण प्रस्तुत करने वाला
मार्गदर्शक बनना चाहिए तत्पश्चात ही होना चाहिए तभी कार्यकर्ता उसका
कार्यकर्ता विकास के विषय में सोचना अनुकरण के कर अपना विकास कर पाएंगे|
........कार्यकर्ता
चाहिए| विकास

.....कार्यकर्ता विकास

*कोई भी व्यक्ति हमसे भाव या प्रभाव के कारण
ही जुड़ता है, किं तु संगठन से भाव के कारण जुड़ा
व्यक्ति ही कु शल कार्यकर्ता बनता है| इसलिए हमें
चाहिए की भाव या प्रभाव के कारण जुड़े लोगों
में भी संगठन का भाव उत्पन्न करें, अन्यथा
संगठन के विपरीत समय में वह हम छोड़ सकता
है|

...कार्यकर्ता विकास
• कभी कभी अहंकार रहित समर्पण के कारण भी कार्यकर्ताओं में अहंकार
आ जाता है. इसलिए कार्यकर्ता को निरंतर सावधानी पूर्वक आत्मावक
लोकन करते रहना चाहिए |
• कार्यकर्ता के लिए यह आवश्यक है, कि वह जहां भी कार्य करे उस का
र्यक्षेत्र के साथ अन्य क्षेत्रों की भी पर्याप्त जानकारी उसे हो तभी वह समा
ज के लिए हितकर होगा|

...कार्यकर्ता विकास
कार्यकर्ता के
विचलित होने
पूर्व में हुई त्रुटियों का पछतावा,
के मुख्यतः भविष्य की चिंता,
कारण होते वर्तमान का तनाव|
हैं-

........कार्यकर्ता विकास
लेकिन हम संघ प्रार्थना में कहते हैं
• ''त्वदीयाय कार्याय बध्दा कटीयं''
• अर्थात ,
• हमने ईश्वर के कार्य के लिए कमर कसी
है इसलिए हमें ये समझना चाहिए की
हम उस सेना के सैनिक हैं जो जिसके
सेनापति ईश्वर है फिर भविष्य की क्या
चिंता सब उत्तम ही होगा
भविष्य की अच्छी तैयारी करनी चाहिए
चिंता नही

....कार्यकर्ता
विकास
धन्यवाद !
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