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CONTENT

•DEFINATION
•AIM OF MOTIVATION
•NECESSITY OF MOTIVATION
•TYPES OF MOTIVATION
•FACTOR AFFECTING MOTIVATION
•SEVEN RULE OF MOTIVATION
DEFINATION

अभिप्रेरणा (MOTIVATION) मानव की अन्त:प्रेरणा है जिससे प्रेरित


होकर व्यक्ति स्वयं कार्य करने के लिए प्रेरित होता है। किसी भी व्यक्ति में कार्य
करने की योग्यता हो सकती है, परन्तु वह कार्य अपनी पूर्ण योग्यता से तृत्र ही
सम्पन्न करेगा, जबकि उसे कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाए,अत: किसी
भी व्यक्ति से कार्य का निष्पादन कराने के लिए अभिप्रेरणा देना अत्यन्त
आवश्यक है।
AIM OF MOTIVATION
अभिप्रेरणा (MOTIVATION)के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं-
(1) कर्मचारियों को अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित
(2) कर्मचारियों की आर्थिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं को
पूरा करना।
(3) कर्मचारियों के मनोबल में वृद्धि करना।
(4) कर्मचारियों की कार्यक्षमता में वृद्धि करना।
(5) कर्मचारियों से सहयोग प्राप्त करना।
(6) श्रम और पूँजी के मध्य मधुर सम्बन्ध स्थापित करना।
(7) मानवीय साधनों का सदुपयोग करना।
(8) उपक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त करना।
NECESSITY OF MOTIVATION
प्रबन्ध का प्रमुख कार्य दूसरे व्यक्तियों से कार्य कराना है। किसी उपक्रम की
स्थापना निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के लिए की जाती है। इन लक्ष्यों की पूर्ति
उपक्रम में लगे व्यक्तियों को कार्य के प्रति प्रोत्साहित करके ही की जा
सकती है। किसी भी व्यक्ति में कार्य करने की मानसिक एवं शारीरिक क्षमता
तो हो सकती है, परन्तु यह आवश्यक नहीं कि वह उस क्षमता का पूर्ण
उपयोग करे। किसी भी कार्य का श्रेष्ठ निष्पादन उसी दशा में सम्भव है,
जबकि व्यक्ति में कार्य करने की क्षमता के साथ-साथ कार्य करने की इच्छा
भी हो।
किसी व्यक्त से कार्य का भली प्रकार से निष्पादन कराने के लिए यह
आवश्यक है कि उस व्यक्ति को कार्य करने के लिए अभिप्रेरणा दी जाए।
प्राय: व्यवहार में यह देखने में आया है कि यदि किसी व्यक्ति को उचित
प्रेरणा प्राप्त नहीं होती है, तब निश्चय ही वह अपनी क्षमता का के वल
50% से 75% तक ही उपयोग करता है। इसके विपरीत; यदि व्यक्ति-
को उचित अभिप्रेरणा दी जाती है तो वह अपनी क्षमता का उपयोग 90%
से 00% तक करता हैं और अपने कार्य से सन्तुष्ट रहता है, अतः किसी
भी उपक्रम 'में कार्य का उचित मात्रा में निष्पादन कराने के लिए कर्मचारियों
को अभिप्रेरित किया जाना आवश्यक है।
TYPES OF MOTIVATION
जब कोई प्रबंधक अपने अधीनस्थों से अधिक काम प्राप्त करना चाहता है तो
उसे अपने प्रदर्शन में सुधार के लिए उन्हें प्रेरित करना होगा। उन्हें या तो
अधिक काम के लिए प्रोत्साहन की पेशकश की जाएगी, या वे पुरस्कार, बेहतर
रिपोर्ट, मान्यता आदि के स्थान पर हो सकते हैं, या वह उनमें डर पैदा कर
सकता है या वांछित काम पाने के लिए बल का प्रयोग कर सकता है।

अभिप्रेरणा (MOTIVATION) के निम्नलिखित प्रकार हैं:


(1) POSITIVE MOTIVATION :-

सकारात्मक प्रेरणा (POSITIVE MOTIVATION) या प्रोत्साहन प्रेरणा


पुरस्कार पर आधारित होती है। वांछित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए
श्रमिकों को प्रोत्साहन की पेशकश की जाती है। प्रोत्साहन अधिक वेतन,
पदोन्नति, काम की मान्यता आदि के रूप में हो सकते हैं। कर्मचारियों को
प्रोत्साहन की पेशकश की जाती है और वे स्वेच्छा से अपने प्रदर्शन में सुधार
करने का प्रयास करते हैं।
2) NEGATIVE MOTIVATION :-

नकारात्मक (NEGATIVE MOTIVATION) या भय प्रेरणा बल पर


आधारित है या भय कर्मचारियों को एक निश्चित तरीके से कार्य करने का
कारण बनता है। यदि वे तदनुसार कार्य नहीं करते हैं तो उन्हें पदावनति या
छंटनी से दंडित किया जा सकता है। भय एक धक्का तंत्र के रूप में कार्य करता
है। कर्मचारी स्वेच्छा से सहयोग नहीं करते हैं, बल्कि वे सजा से बचना चाहते
हैं। हालांकि कर्मचारी उस स्तर तक काम करते हैं जहां सजा से बचा जाता है
लेकिन इस प्रकार की प्रेरणा क्रोध और निराशा का कारण बनती है। इस
प्रकार की प्रेरणा आमतौर पर औद्योगिक अशांति का कारण बन जाती है।
FACTOR AFFECTING MOTIVATION

अध्ययन की सुविधा की दृष्टि से अभिप्रेरणा को प्रभावित करने वाले घटकों


को निम्नलिखित दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-

(1) मौद्रिक प्रेरणाएँ (Monetary Incentives):- उपक्रम में कर्मचारी


मौद्रिक प्रेरणाओं से प्रत्यक्ष रूप से अभिप्रेरित होते हैं। मौद्रिक प्रेरणाओं में
निम्नलिखित घटकों को सम्मिलित किया जाता है-
(i) उचित मजदूरी या वेतन, (ii) बोनस, (iii) ओवरटाइम; (iv)
मौद्रिक पुरस्कार, एवं(v) विनियोग पर ब्याज।
मौद्रिक प्रेरणाएँ कर्मचारियों की-आधारभूत आवश्यकताओं को पूरा करती हैं।

(2) अमौद्रिक प्रेरणाएँ (Non-monetary Incentives):-कर्मचारियों


से अधिक कार्य कराने के लिए के वल मौद्रिक प्रेरणाएँ ही पर्याप्त नहीं होतीं,
अपितु अमौद्रिक प्रेरणाएँ भी कर्मचारियों को अधिक कार्य करने हेतु
अभिमप्रेरित करती' हैं। अमौद्रिक अभिप्रेरणाओं में निम्नलिखित घटकों को
सम्मिलित किया जाता है-
(i)कार्य की सुरक्षा, (ii) कार्य की प्रशंसा, (iii) कर्मचारियों
का सम्मान, (iv) कर्मचारियों से समानता का व्यवहार, (v) पदोन्नति के अवसर, (vi)
अधिकारों का भारापण, (vii) कर्मचारियों के सुझावों को मान्यता, (viii) कर्मचारियों के
लिए कल्याणकारी योजनाएँ; जैसे--आवास-गृह,चिकित्सा, मनोर॑जन, शिक्षा, बीमा आदि,
(ix)प्रबन्ध में सहभागिता।
SEVEN RULE OF MOTIVATION
1. बड़ा लक्ष्य निर्धारित करें लेकिन एक पथ का अनुसरण करें
2. आप जो शुरू करते हैं उसे पूरा करें
3. समान हितों के अन्य लोगों के साथ मेलजोल करना
4. सीखना कै से सीखें
5. रुचि के साथ प्राकृ तिक प्रतिभा का सामंजस्य स्थापित करें जो प्रेरित
करता है
6. प्रेरित करने वाले विषय का ज्ञान बढ़ाएँ
7. जोखिम लेने
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QUESTION
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