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National Documentation Centre (NDC)

कुपोषित नारी

कुपोषित नारी बीमार आबादी (Rashtriya sahara:16 June 2010)

भहान क्ाांततकायी चेग्वाया ने कबी कहा था कक एक स्वस्थ शयीय ही आजादी ऩाने की ऩहरी शतत हो सकती है । गाांधीजी ने बी
स्वास््म औय आजादी के रयश्ते ऩय इसी आशम से मभरतेजतरते- शब्द व्मक्त ककमे थे। भहहरा सशक्क्तकयण की हदशा भें
रगाताय आगे फढ़ते औय ऩरू त ष सत्ता को चन
त ौती दे ते हतए बी चेग्वाया औय गाांधी की फातों को नजयअांदाज नहीां ककमा जा सकता
क्मोंकक ककसी बी साभाक्जक आर्थतक जकड़न को मशर्थर कयने मा उसे जड़ से मभटाने के मरए क्जस इच्छाशक्क्त औय दृढ़
सांकल्ऩ की जरूयत होती है , वह एक स्वस्थ शयीय भें ही वास कय सकता है । सभस्मा मह है कक ऩरयवाय हो मा सयकाय
भहहराओां के साथ स्वास््म के भोचे ऩय हभेशा दोमभ दजे का सरूक ककमा गमा। फेशक भहहराएां सपरता का इततहास यच यही
हैं। अऩने फतरांद हौसरों से वे उन कामों को बी अांजाभ तक ऩहतांचा यही हैं, जो सहदमों से उनके मरए तनषषद्ध था मा कपय असांबव
फतामा जाता यहा था। सयकायी नीतत तम कयने तक उनकी दखर फढ़ी है रेककन इन सफ फातों के फावजद ू मह बी सच है कक
फतत नमादी स्वास््म प्राप्त कयने के अऩने सांवैधातनक दातमत्व से वे रगाताय दयू यही हैं। कपय हे ल्थ को रेकय भहहराएां जागरूक
बी कभ हैं। ग्राभीण भहहराओां की दो ततहाई आफादी यक्तअल्ऩता मा
कतऩोषण की मशकाय है , वहीां शहयी भहहराओां का फड़ा पीसद भोटाऩे का।
वल््त फैंक की नवीनतभ रयऩोटत भें बायतीम भहहराओां की क्स्थतत

श्रीरांका, ऩाककस्तान, नेऩार की भहहराओां से ज्मादा खयाफ फतामी गई है ।


बायत भें प्रतत एक राख प्रसव के दौयान

301 भहहराओां की भौत होती है , जफकक नेऩार भें मह 281, ऩाककस्तान भें
276 औय श्रीरांका भें 58 है । रयऩोटत के अनतसाय 15-25 सार की उम्र की 51.4
पीसद भहहराएां खन
ू की कभी से ग्रस्त हैं। इसी आमत वगत की 41पीसद
भहहराएां ऩोषण की कभी से अां्यवेट हैं। 15 वषत से अर्धक आमत वगत भें
45.6 पीसद भहहराएां खून की कभी की मशकाय औय 30.6 पीसद अां्यवेट
हैं। क्मों भहहराएां स्वास््म को रेकय कभ जागरूक हैंसभाजशास्री आनांद -
कतभाय कहते हैं कक भहहराओां भें त्माग की प्रवतृ त अर्धक होती है , दस
ू ये
हभाया जो साभाक्जक ढाांचा है , वहाां ऩरू
त षों को उनकी कपक् नहीां होती। जफ
फेटेफेहटमों भें मशऺा को रेकय पकत ककमा- जाता है तो स्वास््म के मरए
मह क्मों नहीां होगा? कपय आज कयीफ आधे ऩरयवाय गयीफी ये खा के नीचे
यहने वारे हैं, क्जनके रोग सायी भशक्कत बोजन जतटाने तक ही सीमभत
है । ऐसे भें ऩरयवाय की भहहराएां अऩने योग के फाये भें फात कय ऩरयवाय का
चयभयाए हतए आर्थतक ढाांचे को औय कभजोय कयना नहीां चाहती। सयकाय ने
‘भातत्ृ व मोजना’ जैसी अच्छी मोजनाएां चराई हैं रेककन हभाये दे श भें
सयकायी स्वास््म तांर ककतना रतांजऩतांज है-, मह ककसी से छतऩा नहीां है । एक
ततहाई आफादी की ऩहतांच आज बी अस्ऩतार तक नहीां है । क्जन इराकों भें अस्ऩतार हैं, वहाां बी जरूयी नहीां कक भहहरा योग
षवशेषऻ हों ही। भेड्कर भाभरों के अांतययाष्ट्रीम षवशेषऻ ए्व्त ्ॉरतनक का कहना है कक भहहराएां ऩतरूषों की तर त ना भें गांबीय
योगों के प्रतत कभ सांवेदनशीर हैं जफकक वे योजभयात के ददत औय योग के प्रतत अर्धक नाजतक होती हैं। ऐसे भें वे ऩये शान तो
यहती हैं रेककन उनकी ऩये शानी ज्मादा गांबीय नहीां होती इसमरए बी योगों को रेकय उनकी टारू प्रवक्ृ त्त अर्धक दे खने भें आती
है । भाां फनने के अर्धकाय भें बी है अड़चनें सेव द र्चल्आेन सांगगन का आकरन है कक - भाां फनने के मरए सवोतभ दे शों की सूची
भें शामभर 77 दे शों भें बायत का स्थान 73वाां हैं। रयऩोटत भें कहा गमा है कक प्रमशक्षऺत स्वास््म कमभतमों की कभी के चरते गाांवों
औय कस्फों की स्वास््म प्रणारी बफल्कतर ही चयभयाई हतई है । बायत भें 74 हजाय साभाक्जक स्वास््म कामतकतातओां औय 21,066
सहामक नसों की कभी है । इस भाभरे भें ‘एसोचैभ’ का आकरन औय बी बमावह है । एसोचैभ फताता है कक दे श के अस्ऩतारों
भें 46 पीसद भहहरा एवां प्रसूतत योग षवशेषऻों के ऩद खारी हैं। मही कायण है दे श भें प्रततवषत रगबग ढाई कयोड़ फच्चे औय 50
राख भाएां जन्भ के सभम मा कपय कतछ हदनों के बीतय ही भौत की गोद भें सभा जाते हैं। अऩने मशशत को खो दे ना भहहरा
आफादी को भानमसक तौय ऩय कभजोय कयता है ।

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