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 Admin / Thursday, October 3, 2013 / Categories: PA-001554-sandesh

पूजन एवं हवन व ध


पूजन एवं हवन व ध

आचमन: न न मं पढ़ते ए तीन बार आचमन कर | 


‘ॐ केशवाय नम:, ॐ नारायणाय नम:, ॐ माधवाय नम: |
फर यह मं बोलते ए हाथ धो ल | ॐ षीकेशाय नम: | 

तलक : सभी लोग तलक कर |


ॐ चंदन य मह पु यं प व ं पापनानम |
आपदां हरते न यं ल मी: त त सवदा ||

र ासू (मौली) बंधन : हाथ म मौली बाँध ल | ( सफ पहले दन ) 


येन ब ो बली राजा दानवे ो महाबल: |
तेन वां तबं ना म र े मा चल मा चल ||

द प पूजन : द पक जला ल |
द पो यो त: परं ह द पो यो त: जनादन: |
द पो हरतु म पापं द प यो त: नमोऽ तु ते ||

गु पूजन : हाथ जोडकर गु दे व का यान कर |


गु हा गु व णु:.... स ं तं नमा म ||
बापूजी को तलक कर | पु प व तुलसीदल चढाय | धुप व द प दखाय | नैवे य ( साद) चढाय |
गणेशजी व माँ सर वतीजी का मरण :
व तुंड महाकाय को टसूयसम भ |
न व नं कु मे दे व सवकायषु सवदा ||

कलश पूजन : हाथ म अ त-पु प लेकर कलश म ‘ॐ’ वं व णाय नम:’ कहते ए व ण दे वता का तथा न न ोक पढ़ते ए तीथ
का आवाहन करगे –
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सर व त |
नमदे सधु कावेरी जलेऽ मन स ध कु ||
(अ त –पु प कलश के सामने चढ़ा द | )
कलश को तलक कर | पु प, ब वप व वा चढाय | धुप व द प दखाय | साद चढाय |

संक प : हाथ म जल, अ त व पु प लेकर संक प कर | 

नोट : हाथ म लए जल को दे खते ये ऐसी भावना कर क जैसे जल ापक ह, ऐसे ही हमारा संक प भी ापक हो | संक प करने
के पहले, म य म एवं अंत म भगवान व णु (वसुदेव) को सम पत करने क भावना करते ये तीन बार भगवान के ‘ व णु’ नाम का
उ चारण कर | (सभी को बुलवाना है | ) ‘ॐ व णु: व णु: व णु:’

आज प व .... मास के कृ ण / शु लप क .... त थ को ......वार के दन म पू य बापूजी के वा य व द घायु / चरंजीवी होने के


लए महामृ युंजय मं , तथा पू य बापूजी के ऊपर आयी आपदा के नवारणाथ तथा अ धक-से-अ धक सु चार के लए ‘ॐ ॐ’
मं , या यक या म वजय पाने के हेतु पवन तनय बल पवन समाना | बु ध बबेक ब यान नधाना || मं तथा दै वी श य क
वृ और आसुरी श य के शमन के लए नवाण मं – ‘ॐ ल चामु डायै व ये...|’ के हवन का संक प करता ँ | ॐ....
ॐ .... ॐ ....
हाथ म लया आ पा म छोड़ द |

महामृ युंजय मं व नयोग : हाथ म जल लेकर व नयोग कर | (सभी को बुलवाना है | )


ॐ अ य ी महामृ युंजय मं य व श ऋ ष:, अनु ु प छं द:, ी महामृ युंजय ो दे वता, ह बीजं, जूं श :, स: क लकं ी
आशारामजी स दे व य आयु: आरो य: यश: क त: तथा पु : वृ अथ जपे तथा हवने व नयोग: | 
हाथ म रख ए जल को पा म छोड़ द | 

नोट : ७ दन के स व ध सवा लाख महामृ युंजय मं अनु ान म कुल १४०० माला होती है ( त दन २०० माला ) | ५० के
हसाब से त त दन ४ माला जप कर | ( य क सं या के अनुसार माला क सं या नधा रत कर सकते है |)

मं : ॐ ह जूं स: ॐ भूभुव: व: ॐ य बकं यजामहे सुग धं पु वधनम |


उवा क मव ब धना मृ योमु ीय मामृतात || ॐ व: भुव: भू: ॐ स: जूं ह ॐ ||

अ न थापन : अ न व लत करके अ नदे व को णाम कर | ॐ पावका गय नम: | इसके बाद 


ॐ गं गणपतये वाहा | (३ आ तयाँ )
ॐ सूया द नव हे य दे वे य वाहा | ( १ आ त )

फर इन मं ो से हवन कर –
ॐ ह जूं स: ॐ भूभुव: व: ॐ य बकं यजामहे सुग धं पु वधनम |
   उवा क मव ब धना मृ योमु ीय मामृतात ||   ( १ माला )
ॐ ॐ – ( ५ माला )
पवन तनय बल पवन समाना | बु ध बबेक ब यान नधाना || ( २७ बार )

हाथ म जल लेकर नवाण मं का व नयोग कर :


ॐ अ य ी नवाणमं य हा व णु ा ऋषय:, गाय ी ऊष णक अनु ु भ छं दां स, ीमहाकाली महाल मी महसर व य दे वता:
बीजम, श :, ल क लकम, ी महाकाली महाल मी महासर वती ी यथ जपे तथा हवने व नय ग: |
हाथ म रखा आ जल पा म छोड़ द |

नवाण मं – ॐ ल चामु डायै व ये | ( १ माला  ) 

नवाण मं का अथ : ‘ कार’ के प म सृ व पणी, ‘ ’ के प म सृ -पालन करनेवाली | ‘ ल ’ के प म काम पणी तथा


(सम त हा ड ) क बीज पणी दे वी | तु ह नम कार है | चामुंडा के प म चं ना शनी और ‘यैकार’ के प म तुम वर दे नेवाली
हो | ‘ व चे’ प म तुम न य ही अभय दे ती हो | (इस कार ल चामु डायै व ये ) तुम इस मं का व प हो |
अपने-अपने गु मं क ७ आ तयाँ डाल | (मं मन म बोले व वाहा बोलते ए एक साथ आ त डाल | )

व कृत होम : जाने-अनजाने म हवन करते समय जो भी गलती हो गयी हो, उसके ाय त के प म गुड़ व घृत क आ त द |

मं – ॐ अ नये व कृते वाहा, इदं अ नये व कृते न मम |


कटोरी या दोना म बची ई हवन साम ी को न न मं बोलते ए तीन बार म होम द | 
(१) ॐ ीपतये वाहा |
(२) ॐ भुवनपतये वाहा |
(३) ॐ भूतानां पतये वाहा |

पूणा त होम : एक हाथ म ना रयल ले ले व अ य सभी लोग ना रयल का पश कर ल | जो घी क आ त डाल रहे थे, वाह
न न मं उ चारण करते ए ना रयल के ऊपर घी क धारा कर |
ॐ पूणमद: पूण मदं पूणात पूणमुद यते | पूण य पूणमादाय पु मवाव श यते ||
ॐ शां त: शां त: शां त: | 

आरती : योत से योत जगाओ.......


कपुर गौरं क णावतारं संसारसारं भुजगे हारं सदावस तं दयार वदे भवं भवानी स हतं नमा म |

दोहा : साधक माँगे माँगणा, भु द जो मोहे दोय |


बापू हमारे व थ रह, आयु ल बी होय ||

भ मधारणम : य कुंड से ुवा ( जससे घी क आ त द जा रही थी ) म भ म लेकर पहले बापूजी को तलक कर, फर सभी लोग
वयं को तलक कर |

द णा : सभी लोग हवनकुंड क ३ प र मा कर | 


या न का न च पापा न ज मा तर कृता न च |
ता न सवा ण न तु द ण: पदे पदे ||

सा ांग णाम : सभी सा ांग णाम करगे |

ाथना : व क याण के लए हाथ जोडकर ाथना कर |


सव भव तु सु खन: सव स तु नरामया: |
सव भ ा ण प य तु मा क द ःखभाग भवेत् ||

जन : स जन भूयात स जन: शं तमा ुयात |


शांतो मु येत बंध यो मु : चा यान वमोचयेत ||

मा ाथना : पूजन, जप, हवन आ द म जो गल तयाँ हो गयी ह , उनके लए हाथ जोड़कर सभी लोग मा ाथना कर |
ॐ आवाहनं न जाना म न जाना म वसजनम |
पूजां चैव न जाना म म व परमे र ||
ॐ मं हीनं याहीनं भ हीनं सुरे र |
य पू जतं माया दे वं प रपूण तद तु म ||

वसजनम : थोड़े-से अ त लेकर दे व थापन और हवन कुंड म न न ल खत मं का उ चारण करते ए चढाय – 


ॐ ग छ ग छ सुर े व थाने परमे र |
य हादयो दे वा: त ग छ ताशन ||

जयघोष : तं नमा म ह र परम | - ३  बार 

पूजन के लए आव यक साम ी :
पू य बापूजी का ी च , चावल (१ कलो), ह द म त अ त, चंदन, कुमकुम या स र, मौली (नाडाछड़ी), गंगाजल (न हो तो
आ म के बड बादशाह का जल या शु जल म तुलसी डाल द ), पु प, तुलसीदल, वा, ब वप , अगरब ी, द पक (सरस के तेल
से जलाय ), ई, मा चस, कपूर,सफ़ेद कपड़ा, एक ना रयल, कुछ फल, आम के प े, साद, दोना (साम ी डालने के लए ), एक
लकड़ी क चौक |

थापन : लकड़ी क चौक म सफ़ेद कपड़ा बछाकर पू य बापूजी का ी च रख और उसके सामने चावल से व तक बनाकर
उसके ऊपर जल से भरा आ कलश रख | कलश के ऊपर आम, ीफल, पीपल अथवा बड के ५ प े रखकर उसके ऊपर ना रयल
रख |
येक कुंड म :
ुवा ( जसमे घी क आ त दगे), घी क कटोरी |
आचमन, संक प व व नयोग के लए कुंड के चार तरफ जल क एक-एक कटोरी |
संक प के लए अ त व पु प रख |
संक प, व नयोग का जल डालने के लए एक थाली |
हवन साम ी : कुल साम ी म सबसे यादा तल, तल का आधा चावल, चावल का आधा जौ ह चा हए |

जैसे लगभग २० कलो साम ी म :


तल – १० कलो, चावल – ६ कलो, जौ – २.५ कलो, गूगल – ५०० ाम, म ी – ५०० ाम, घी- २५० ाम, कमलग ा – १००
ाम, कपूर पाउडर – १०० ाम, जटामसी – १०० ाम, चंदनचुरा – १०० ाम | ये सभी मला ल |
आ त डालने के लए घी अलग से |
लकड़ी – आम, पप;, पलाश, बड आ द | 

      
 

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