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शश्री र रामचररतमरानस-सम्पपूर र्ण (हहन्दश्री अरर्ण सहहत ),गश्री त रापप्रेस गगोरखपपुर , टश्री क राकरार – शश्री हनपुम रान पसराद जश्री पगोदरार-भराईजश्री
शश्रीररामचररतमरानस
बरालकराण्ड
परम सगोपरान-ममंगलराचरर
श्लगोक :
* वररार्णनरामरर्णसमंघरानरामं रसरानरामं छन्दसरामहप।
ममंगलरानरामं च कररार्णररौ वन्दप्रे वरारश्रीहवनरायकरौ॥1॥
भरावरारर्ण:-अक्षरर, अरर्ण समपूहर, रसर, छन्दर और ममंगलर कगो करनप्रे वरालश्री सरस्वतश्रीजश्री और
गरप्रेशजश्री ककी ममैं वमंदनरा करतरा हह॥हूँ 1॥
* भवरानश्रीशमंकररौ वन्दप्रे शदराहवश्वरासरूहपररौ।
यराभ्यरामं हवनरा न पश्यहन्त हसदराद्धाः स्वरान्तद्धाःस्रमश्रीश्वरमम॥2॥
भरावरारर्ण:-शदरा और हवश्वरास कप्रे स्वरूप शश्री परावर्णतश्रीजश्री और शश्री शमंकरजश्री ककी ममैं वमंदनरा करतरा हह हूँ,
हजनकप्रे हबनरा हसदजन अपनप्रे अन्तद्धाःकरर ममें हस्रत ईश्वर कगो नहहीं दप्रेख सकतप्रे॥ 2॥
* वन्दप्रे बगोधमयमं हनत्यमं गपुरमं शमंकररूहपरमम।
यमराहशतगो हह वकगोऽहप चन्दद्धाः सवर्णत्र वन्द्यतप्रे॥3॥
भरावरारर्ण:-जरानमय, हनत्य, शमंकर रूपश्री गपुर ककी ममैं वन्दनरा करतरा हह,हूँ हजनकप्रे आहशत हगोनप्रे सप्रे हश्री
टप्रेढरा चन्दमरा भश्री सवर्णत्र वहन्दत हगोतरा हहै॥3॥
* सश्रीतराररामगपुरगरामपपुण्यरारण्यहवहराररररौ।
वन्दप्रे हवशपुदहवजरानरौ कवश्रीश्वरकपश्रीश्वररौ॥4॥
भरावरारर्ण:-शश्री सश्रीतराररामजश्री कप्रे गपुरसमपूह रूपश्री पहवत्र वन ममें हवहरार करनप्रे वरालप्रे, हवशपुद हवजरान
सम्पन्न कवश्रीश्वर शश्री वराल्मश्रीहकजश्री और कपश्रीश्वर शश्री हनपुमरानजश्री ककी ममैं वन्दनरा करतरा हह हूँ॥4॥
* उद्भवहस्रहतसमंहरारकरारररहीं कप्रे शहरारररश्रीमम।
सवर्णशप्रेयस्करहीं सश्रीतरामं नतगोऽहमं ररामवल्लभरामम॥5॥
भरावरारर्ण:-उत्पहर, हस्रहत (परालन) और समंहरार करनप्रे वरालश्री, कप्रे शर कगो हरनप्रे वरालश्री तररा सम्पपूरर्ण
कल्यरारर कगो करनप्रे वरालश्री शश्री ररामचन्दजश्री ककी हपयतमरा शश्री सश्रीतराजश्री कगो ममैं नमस्करार करतरा हह॥हूँ 5॥
* यन्मरायरावशवहतर्ण हवश्वमहखलमं ब्रहराहददप्रेवरासपुररा
यत्सत्त्वरादममृषहैव भराहत सकलमं रजरौ यरराहप्रेरर्णमद्धाः।
यत्परादप्लवमप्रेकमप्रेव हह भवराम्भगोधप्रेहस्ततश्रीषरार्णवतरामं
वन्दप्रेऽहमं तमशप्रेषकराररपरमं ररामराख्यमश्रीशमं हररमम॥6॥
भरावरारर्ण:-हजनककी मरायरा कप्रे वशश्रीभपूत सम्पपूरर्ण हवश्व, ब्रहराहद दप्रेवतरा और असपुर हमैं, हजनककी सररा सप्रे
रस्सश्री ममें सपर्ण कप्रे रम ककी भराहूँहत यह सराररा दृश्य जगतम सत्य हश्री पतश्रीत हगोतरा हहै और हजनकप्रे कप्रे वल
चरर हश्री भवसरागर सप्रे तरनप्रे ककी इच्छरा वरालर कप्रे हलए एकमरात्र नरौकरा हमैं, उन समस्त कराररर सप्रे पर
(सब कराररर कप्रे करारर और सबसप्रे शप्रेष) रराम कहलरानप्रे वरालप्रे भगवरान हरर ककी ममैं वमंदनरा करतरा हह॥हूँ
6॥
* नरानरापपुररारहनगमरागमसम्मतमं यदम
ररामरायरप्रे हनगहदतमं क्वहचदन्यतगोऽहप।
स्वरान्तद्धाःसपुखराय तपुलसश्री रघपुनरारगराररा
भराषराहनबन्धमहतममंजपुलमरातनगोहत॥7॥
भरावरारर्ण:-अनप्रेक पपुररार, वप्रेद और (तमंत्र) शरास्त्र सप्रे सम्मत तररा जगो ररामरायर ममें वहरर्णत हहै और कपु छ
अन्यत्र सप्रे भश्री उपलब्ध शश्री रघपुनरारजश्री ककी कररा कगो तपुलसश्रीदरास अपनप्रे अन्तद्धाःकरर कप्रे सपुख कप्रे हलए
अत्यन्त मनगोहर भराषरा रचनरा ममें हवस्तमृत करतरा हहै॥7॥
सगोरठरा :
* जगो सपुहमरत हसहध हगोइ गन नरायक कररबर बदन।
करउ अनपुगह सगोइ बपुहद रराहस सपुभ गपुन सदन॥1॥
भरावरारर्ण:-हजन्हमें स्मरर करनप्रे सप्रे सब करायर्ण हसद हगोतप्रे हमैं, जगो गरर कप्रे स्वरामश्री और सपुमंदर हरारश्री कप्रे
मपुख वरालप्रे हमैं, वप्रे हश्री बपुहद कप्रे रराहश और शपुभ गपुरर कप्रे धराम (शश्री गरप्रेशजश्री) मपुझ पर कमृ परा करमें॥1॥
* मपूक हगोइ बराचराल पमंगपु चढइ हगररबर गहन।
जरासपु कमृ पराहूँ सगो दयराल दवउ सकल कहलमल दहन॥2॥
भरावरारर्ण:-हजनककी कमृ परा सप्रे गपूहूँगरा बहह त सपुदमं र बगोलनप्रे वरालरा हगो जरातरा हहै और लहूँगडरा-लपूलरा दगपु र्णम पहराड
पर चढ जरातरा हहै, वप्रे कहलयगपु कप्रे सब परापर कगो जलरा डरालनप्रे वरालप्रे दयरालपु (भगवरान) मपुझ पर दहवत
हर (दयरा करमें)॥2॥
* नश्रील सरगोरह स्यराम तरन अरन बराररज नयन।
करउ सगो मम उर धराम सदरा छश्रीरसरागर सयन॥3॥
भरावरारर्ण:-जगो नश्रीलकमल कप्रे समरान श्यरामवरर्ण हमैं, पपूरर्ण हखलप्रे हहए लराल कमल कप्रे समरान हजनकप्रे नप्रेत्र
हमैं और जगो सदरा क्षश्रीरसरागर पर शयन करतप्रे हमैं, वप्रे भगवरानम (नराररायर) मप्रेरप्रे हृदय ममें हनवरास करमें॥
3॥
* कपुमं द इमंदपु सम दप्रेह उमरा रमन करनरा अयन।
जराहह दश्रीन पर नप्रेह करउ कमृ परा मदर्णन मयन॥4॥
भरावरारर्ण:-हजनकरा कपुमं द कप्रे पपुष्प और चन्दमरा कप्रे समरान (गरौर) शरश्रीर हहै, जगो परावर्णतश्रीजश्री कप्रे हपयतम
और दयरा कप्रे धराम हमैं और हजनकरा दश्रीनर पर स्नप्रेह हहै, वप्रे करामदप्रेव करा मदर्णन करनप्रे वरालप्रे (शमंकरजश्री)
मपुझ पर कमृ परा करमें॥4॥
गपुर वमंदनरा
* बमंदउहूँ गपुर पद कमंज कमृ परा हसमंधपु नररूप हरर।
महरामगोह तम पपुमंज जरासपु बचन रहब कर हनकर॥5॥
भरावरारर्ण:-ममैं उन गपुर महरारराज कप्रे चररकमल ककी वमंदनरा करतरा हह हूँ, जगो कमृ परा कप्रे समपुद और नर रूप
ममें शश्री हरर हश्री हमैं और हजनकप्रे वचन महरामगोह रूपश्री घनप्रे अन्धकरार करा नराश करनप्रे कप्रे हलए सपूयर्ण
हकररर कप्रे समपूह हमैं॥5॥
चरौपराई :
* बमंदऊहूँ गपुर पद पदमपु पररागरा। सपुरहच सपुबरास सरस अनपुररागरा॥
अहमअ मपूररमय चपूरन चरारू। समन सकल भव रज पररवरारू॥1॥
भरावरारर्ण:-ममैं गपुर महरारराज कप्रे चरर कमलर ककी रज ककी वन्दनरा करतरा हह,हूँ जगो सपुरहच (सपुदमं र
स्वराद), सपुगमंध तररा अनपुरराग रूपश्री रस सप्रे पपूरर्ण हहै। वह अमर मपूल (समंजश्रीवनश्री जडश्री) करा सपुदमं र चपूरर्ण
हहै, जगो सम्पपूरर्ण भव रगोगर कप्रे पररवरार कगो नराश करनप्रे वरालरा हहै॥1॥
* सपुकमृहत समंभपु तन हबमल हबभपूतश्री। ममंजपुल ममंगल मगोद पसपूतश्री॥
जन मन ममंजपु मपुकपुर मल हरनश्री। हकएहूँ हतलक गपुन गन बस करनश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-वह रज सपुकमृहत (पपुण्यवरानम पपुरष) रूपश्री हशवजश्री कप्रे शरश्रीर पर सपुशगोहभत हनमर्णल हवभपूहत हहै
और सपुदमं र कल्यरार और आनन्द ककी जननश्री हहै, भक्त कप्रे मन रूपश्री सपुदमं र दपर्णर कप्रे महैल कगो दरपू
करनप्रे वरालश्री और हतलक करनप्रे सप्रे गपुरर कप्रे समपूह कगो वश ममें करनप्रे वरालश्री हहै॥2॥
* शश्री गपुर पद नख महन गन जगोतश्री। सपुहमरत हदब्य दृहष्टि हहयहूँ हगोतश्री॥
दलन मगोह तम सगो सपकरासपू। बडप्रे भराग उर आवइ जरासपू॥ 3॥
भरावरारर्ण:-शश्री गपुर महरारराज कप्रे चरर-नखर ककी ज्यगोहत महरयर कप्रे पकराश कप्रे समरान हहै, हजसकप्रे
स्मरर करतप्रे हश्री हृदय ममें हदव्य दृहष्टि उत्पन्न हगो जरातश्री हहै। वह पकराश अजरान रूपश्री अन्धकरार करा
नराश करनप्रे वरालरा हहै, वह हजसकप्रे हृदय ममें आ जरातरा हहै, उसकप्रे बडप्रे भराग्य हमैं॥3॥
* उघरहहमं हबमल हबलगोचन हश्री कप्रे । हमटहहमं दगोष दख पु भव रजनश्री कप्रे ॥
सपूझहहमं रराम चररत महन मराहनक। गपुपपुत पगट जहहूँ जगो जप्रेहह खराहनक॥4॥
भरावरारर्ण:-उसकप्रे हृदय ममें आतप्रे हश्री हृदय कप्रे हनमर्णल नप्रेत्र खपुल जरातप्रे हमैं और समंसरार रूपश्री रराहत्र कप्रे
दगोष-दद्धाःपु ख हमट जरातप्रे हमैं एवमं शश्री ररामचररत्र रूपश्री महर और मराहरक्य, गपुप्त और पकट जहराहूँ जगो हजस
खरान ममें हहै, सब हदखराई पडनप्रे लगतप्रे हमैं-॥4॥
दगोहरा :
* जररा सपुअमंजन अमंहज दृग सराधक हसद सपुजरान।
करौतपुक दप्रेखत सहैल बन भपूतल भपूरर हनधरान॥1॥
भरावरारर्ण:-जहैसप्रे हसदरामंजन कगो नप्रेत्रर ममें लगराकर सराधक, हसद और सपुजरान पवर्णतर, वनर और पमृथ्वश्री
कप्रे अमंदर करौतपुक सप्रे हश्री बहह त सश्री खरानमें दप्रेखतप्रे हमैं॥1॥
चरौपराई :
* गपुर पद रज ममृद पु ममंजपुल अमंजन। नयन अहमअ दृग दगोष हबभमंजन॥
तप्रेहहमं करर हबमल हबबप्रेक हबलगोचन। बरनउहूँ रराम चररत भव मगोचन॥1॥
भरावरारर्ण:-शश्री गपुर महरारराज कप्रे चररर ककी रज कगोमल और सपुदमं र नयनराममृत अमंजन हहै, जगो नप्रेत्रर कप्रे
दगोषर करा नराश करनप्रे वरालरा हहै। उस अमंजन सप्रे हववप्रेक रूपश्री नप्रेत्रर कगो हनमर्णल करकप्रे ममैं समंसराररूपश्री
बमंधन सप्रे छपु डरानप्रे वरालप्रे शश्री ररामचररत्र करा वरर्णन करतरा हह॥हूँ 1॥
ब्रराहर-समंत वमंदनरा
* बमंदउहूँ परम महश्रीसपुर चरनरा। मगोह जहनत समंसय सब हरनरा॥
सपुजन समराज सकल गपुन खरानश्री। करउहूँ पनराम सपप्रेम सपुबरानश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-पहलप्रे पमृथ्वश्री कप्रे दप्रेवतरा ब्रराहरर कप्रे चररर ककी वन्दनरा करतरा हह हूँ, जगो अजरान सप्रे उत्पन्न सब
समंदहप्रे र कगो हरनप्रे वरालप्रे हमैं। हफिर सब गपुरर ककी खरान समंत समराज कगो पप्रेम सहहत सपुदमं र वरारश्री सप्रे परराम
करतरा हह हूँ॥2॥
* सराधपु चररत सपुभ चररत कपरासपू। हनरस हबसद गपुनमय फिल जरासपू॥
जगो सहह दख पु परहछद दरपु रावरा। बमंदनश्रीय जप्रेहहमं जग जस परावरा॥3॥
भरावरारर्ण:-समंतर करा चररत्र कपरास कप्रे चररत्र (जश्रीवन) कप्रे समरान शपुभ हहै, हजसकरा फिल नश्रीरस,
हवशद और गपुरमय हगोतरा हहै। (कपरास ककी डगोडश्री नश्रीरस हगोतश्री हहै, समंत चररत्र ममें भश्री हवषयरासहक्त नहहीं
हहै, इससप्रे वह भश्री नश्रीरस हहै, कपरास उज्ज्वल हगोतरा हहै, समंत करा हृदय भश्री अजरान और पराप रूपश्री
अन्धकरार सप्रे रहहत हगोतरा हहै, इसहलए वह हवशद हहै और कपरास ममें गपुर (तमंतपु) हगोतप्रे हमैं, इसश्री पकरार
समंत करा चररत्र भश्री सदरपु र करा भमंडरार हगोतरा हहै, इसहलए वह गपुरमय हहै।) (जहैसप्रे कपरास करा धरागरा
सपुई कप्रे हकए हह ए छप्रेद कगो अपनरा तन दप्रेकर ढहूँक दप्रेतरा हहै, अरवरा कपरास जहैसप्रे लगोढप्रे जरानप्रे, करातप्रे
जरानप्रे और बपुनप्रे जरानप्रे करा कष्टि सहकर भश्री वस्त्र कप्रे रूप ममें परररत हगोकर दस पू रर कप्रे गगोपनश्रीय स्ररानर
कगो ढहूँकतरा हहै, उसश्री पकरार) समंत स्वयमं दद्धाःपु ख सहकर दस पू रर कप्रे हछदर (दगोषर) कगो ढहूँकतरा हहै,
हजसकप्रे करारर उसनप्रे जगत ममें वमंदनश्रीय यश पराप्त हकयरा हहै॥3॥
* मपुद ममंगलमय समंत समराजपू। जगो जग जमंगम तश्रीरररराजपू॥
रराम भहक्त जहहूँ सपुरसरर धराररा। सरसइ ब्रह हबचरार पचराररा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-समंतर करा समराज आनमंद और कल्यरारमय हहै, जगो जगत ममें चलतरा-हफिरतरा तश्रीरर्णरराज
(पयराग) हहै। जहराहूँ (उस समंत समराज रूपश्री पयरागरराज ममें) रराम भहक्त रूपश्री गमंगराजश्री ककी धराररा हहै और
ब्रहहवचरार करा पचरार सरस्वतश्रीजश्री हमैं॥4॥
* हबहध हनषप्रेधमय कहलमल हरनश्री। करम कररा रहबनमंदहन बरनश्री॥
हरर हर कररा हबरराजहत बप्रेनश्री। सपुनत सकल मपुद ममंगल दप्रेनश्री॥5॥
भरावरारर्ण:-हवहध और हनषप्रेध (यह करगो और यह न करगो) रूपश्री कमर्मों ककी कररा कहलयगपु कप्रे परापर
कगो हरनप्रे वरालश्री सपूयर्णतनयरा यमपुनराजश्री हमैं और भगवरान हवष्रपु और शमंकरजश्री ककी करराएहूँ हत्रवप्रेरश्री रूप सप्रे
सपुशगोहभत हमैं, जगो सपुनतप्रे हश्री सब आनमंद और कल्यरारर कगो दप्रेनप्रे वरालश्री हमैं॥5॥
* बटपु हबस्वरास अचल हनज धरमरा। तश्रीरररराज समराज सपुकरमरा॥
सबहह सपुलभ सब हदन सब दप्रेसरा। सप्रेवत सरादर समन कलप्रेसरा॥ 6॥
भरावरारर्ण:-(उस समंत समराज रूपश्री पयराग ममें) अपनप्रे धमर्ण ममें जगो अटल हवश्वरास हहै, वह अक्षयवट हहै
और शपुभ कमर्ण हश्री उस तश्रीरर्णरराज करा समराज (पररकर) हहै। वह (समंत समराज रूपश्री पयरागरराज) सब
दप्रेशर ममें, सब समय सभश्री कगो सहज हश्री ममें पराप्त हगो सकतरा हहै और आदरपपूवर्णक सप्रेवन करनप्रे सप्रे कप्रे शर
कगो नष्टि करनप्रे वरालरा हहै॥6॥
* अकर अलरौहकक तश्रीरररराऊ। दप्रेह सद्य फिल पगट पभराऊ॥7॥
भरावरारर्ण:-वह तश्रीरर्णरराज अलरौहकक और अकरनश्रीय हहै एवमं तत्कराल फिल दप्रेनप्रे वरालरा हहै, उसकरा
पभराव पत्यक्ष हहै॥7॥
दगोहरा :
* सपुहन समपुझहहमं जन मपुहदत मन मजहहमं अहत अनपुरराग।
लहहहमं चरारर फिल अछत तनपु सराधपु समराज पयराग॥2॥
भरावरारर्ण:-जगो मनपुष्य इस समंत समराज रूपश्री तश्रीरर्णरराज करा पभराव पसन्न मन सप्रे सपुनतप्रे और समझतप्रे हमैं
और हफिर अत्यन्त पप्रेमपपूवर्णक इसममें गगोतप्रे लगरातप्रे हमैं, वप्रे इस शरश्रीर कप्रे रहतप्रे हश्री धमर्ण, अरर्ण, कराम,
मगोक्ष- चरारर फिल परा जरातप्रे हमैं॥2॥
चरौपराई :
* मजन फिल पप्रेहखअ ततकरालरा। कराक हगोहहमं हपक बकउ मररालरा॥
सपुहन आचरज करहै जहन कगोई। सतसमंगहत महहमरा नहहमं गगोई॥1॥
भरावरारर्ण:-इस तश्रीरर्णरराज ममें स्नरान करा फिल तत्कराल ऐसरा दप्रेखनप्रे ममें आतरा हहै हक करौए कगोयल बन
जरातप्रे हमैं और बगपुलप्रे हमंस। यह सपुनकर कगोई आश्चयर्ण न करप्रे , क्यरहक सत्समंग ककी महहमरा हछपश्री नहहीं
हहै॥1॥
* बरालमश्रीक नरारद घटजगोनश्री। हनज हनज मपुखहन कहश्री हनज हगोनश्री॥
जलचर रलचर नभचर नरानरा। जप्रे जड चप्रेतन जश्रीव जहरानरा॥2॥
भरावरारर्ण:-वराल्मश्रीहकजश्री, नरारदजश्री और अगस्त्यजश्री नप्रे अपनप्रे-अपनप्रे मपुखर सप्रे अपनश्री हगोनश्री (जश्रीवन
करा वमृररामंत) कहश्री हहै। जल ममें रहनप्रे वरालप्रे, जमश्रीन पर चलनप्रे वरालप्रे और आकराश ममें हवचरनप्रे वरालप्रे
नरानरा पकरार कप्रे जड-चप्रेतन हजतनप्रे जश्रीव इस जगत ममें हमैं॥2॥
* महत ककीरहत गहत भपूहत भलराई। जब जप्रेहहमं जतन जहराहूँ जप्रेहहमं पराई॥
सगो जरानब सतसमंग पभराऊ। लगोकहह हूँ बप्रेद न आन उपराऊ॥3॥
भरावरारर्ण:-उनममें सप्रे हजसनप्रे हजस समय जहराहूँ कहहीं भश्री हजस हकसश्री यत्न सप्रे बपुहद, ककीहतर्ण, सदहत,
हवभपूहत (ऐश्वयर्ण) और भलराई पराई हहै, सगो सब सत्समंग करा हश्री पभराव समझनरा चराहहए। वप्रेदर ममें और
लगोक ममें इनककी पराहप्त करा दस पू ररा कगोई उपराय नहहीं हहै॥3॥
* हबनपु सतसमंग हबबप्रेक न हगोई। रराम कमृ परा हबनपु सपुलभ न सगोई॥
सतसमंगत मपुद ममंगल मपूलरा। सगोई फिल हसहध सब सराधन फिपू लरा॥4॥
भरावरारर्ण:-सत्समंग कप्रे हबनरा हववप्रेक नहहीं हगोतरा और शश्री ररामजश्री ककी कमृ परा कप्रे हबनरा वह सत्समंग सहज ममें
हमलतरा नहहीं। सत्समंगहत आनमंद और कल्यरार ककी जड हहै। सत्समंग ककी हसहद (पराहप्त) हश्री फिल हहै
और सब सराधन तगो फिपूल हहै॥4॥
* सठ सपुधरहहमं सतसमंगहत पराई। परारस परस कपु धरात सपुहराई॥
हबहध बस सपुजन कपु समंगत परहहीं। फिहन महन सम हनज गपुन अनपुसरहहीं॥5॥
भरावरारर्ण:-दष्टिपु भश्री सत्समंगहत पराकर सपुधर जरातप्रे हमैं, जहैसप्रे परारस कप्रे स्पशर्ण सप्रे लगोहरा सपुहरावनरा हगो जरातरा
हहै (सपुमंदर सगोनरा बन जरातरा हहै), हकन्तपु दहैवयगोग सप्रे यहद कभश्री सजन कपु समंगहत ममें पड जरातप्रे हमैं, तगो वप्रे
वहराहूँ भश्री सराहूँप ककी महर कप्रे समरान अपनप्रे गपुरर करा हश्री अनपुसरर करतप्रे हमैं। (अररार्णतम हजस पकरार सरापहूँ
करा समंसगर्ण पराकर भश्री महर उसकप्रे हवष कगो गहर नहहीं करतश्री तररा अपनप्रे सहज गपुर पकराश कगो नहहीं
छगोडतश्री, उसश्री पकरार सराधपु पपुरष दष्टिपु र कप्रे समंग ममें रहकर भश्री दस पू रर कगो पकराश हश्री दप्रेतप्रे हमैं, दष्टिपु र करा
उन पर कगोई पभराव नहहीं पडतरा।)॥5॥
* हबहध हरर हर कहब कगोहबद बरानश्री। कहत सराधपु महहमरा सकपु चरानश्री॥
सगो मगो सन कहह जरात न कहै समें। सराक बहनक महन गपुन गन जहैसमें॥6॥
भरावरारर्ण:-ब्रहरा, हवष्रपु, हशव, कहव और पहण्डतर ककी वरारश्री भश्री समंत महहमरा करा वरर्णन करनप्रे ममें
सकपु चरातश्री हहै, वह मपुझसप्रे हकस पकरार नहहीं कहश्री जरातश्री, जहैसप्रे सराग-तरकरारश्री बप्रेचनप्रे वरालप्रे सप्रे महरयर
कप्रे गपुर समपूह नहहीं कहप्रे जरा सकतप्रे॥6॥
दगोहरा :
* बमंदउहूँ समंत समरान हचत हहत अनहहत नहहमं कगोइ।
अमंजहल गत सपुभ सपुमन हजहम सम सपुगमंध कर दगोइ॥3 (क)॥
भरावरारर्ण:-ममैं समंतर कगो परराम करतरा हह,हूँ हजनकप्रे हचर ममें समतरा हहै, हजनकरा न कगोई हमत्र हहै और न
शत्रपु! जहैसप्रे अमंजहल ममें रखप्रे हहए सपुदमं र फिपूल (हजस हरार नप्रे फिपूलर कगो तगोडरा और हजसनप्रे उनकगो रखरा
उन) दगोनर हश्री हरारर कगो समरान रूप सप्रे सपुगमंहधत करतप्रे हमैं (वहैसप्रे हश्री समंत शत्रपु और हमत्र दगोनर करा हश्री
समरान रूप सप्रे कल्यरार करतप्रे हमैं।)॥3 (क)॥
* समंत सरल हचत जगत हहत जराहन सपुभराउ सनप्रेहह।
बरालहबनय सपुहन करर कमृ परा रराम चरन रहत दप्रेहह॥ 3 (ख)
भरावरारर्ण:-समंत सरल हृदय और जगत कप्रे हहतकरारश्री हगोतप्रे हमैं, उनकप्रे ऐसप्रे स्वभराव और स्नप्रेह कगो
जरानकर ममैं हवनय करतरा हह हूँ, मप्रेरश्री इस बराल-हवनय कगो सपुनकर कमृ परा करकप्रे शश्री ररामजश्री कप्रे चररर ममें
मपुझप्रे पश्रीहत दमें॥ 3 (ख)॥
खल वमंदनरा
चरौपराई :
* बहह रर बमंहद खल गन सहतभराएहूँ। जप्रे हबनपु कराज दराहहनप्रेहह बराएहूँ॥
पर हहत हराहन लराभ हजन्ह कप्रे रमें। उजरमें हरष हबषराद बसप्रेरमें॥1॥
भरावरारर्ण:-अब ममैं सचप्रे भराव सप्रे दष्टिपु र कगो परराम करतरा हह हूँ, जगो हबनरा हश्री पयगोजन, अपनरा हहत करनप्रे
वरालप्रे कप्रे भश्री पहतकपू ल आचरर करतप्रे हमैं। दस पू रर कप्रे हहत ककी हराहन हश्री हजनककी दृहष्टि ममें लराभ हहै,
हजनकगो दस पू रर कप्रे उजडनप्रे ममें हषर्ण और बसनप्रे ममें हवषराद हगोतरा हहै॥1॥
* हरर हर जस रराकप्रेस रराहह सप्रे। पर अकराज भट सहसबराहह सप्रे॥
जप्रे पर दगोष लखहहमं सहसराखश्री। पर हहत घमृत हजन्ह कप्रे मन मराखश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-जगो हरर और हर कप्रे यश रूपश्री पपूहरर्णमरा कप्रे चन्दमरा कप्रे हलए रराहह कप्रे समरान हमैं (अररार्णत जहराहूँ
कहहीं भगवरान हवष्रपु यरा शमंकर कप्रे यश करा वरर्णन हगोतरा हहै, उसश्री ममें वप्रे बराधरा दप्रेतप्रे हमैं) और दस पू रर ककी
बपुरराई करनप्रे ममें सहस्रबराहह कप्रे समरान वश्रीर हमैं। जगो दस पू रर कप्रे दगोषर कगो हजरार आहूँखर सप्रे दप्रेखतप्रे हमैं और
दस पू रर कप्रे हहत रूपश्री घश्री कप्रे हलए हजनकरा मन मक्खश्री कप्रे समरान हहै (अररार्णतम हजस पकरार मक्खश्री घश्री
ममें हगरकर उसप्रे खरराब कर दप्रेतश्री हहै और स्वयमं भश्री मर जरातश्री हहै , उसश्री पकरार दष्टिपु लगोग दस पू रर कप्रे बनप्रे-
बनराए कराम कगो अपनश्री हराहन करकप्रे भश्री हबगराड दप्रेतप्रे हमैं)॥2॥
*तप्रेज कमृ सरानपु रगोष महहषप्रेसरा। अघ अवगपुन धन धनश्री धनप्रेसरा॥
उदय कप्रे त सम हहत सबहश्री कप्रे । कपुमं भकरन सम सगोवत नश्रीकप्रे॥3॥
भरावरारर्ण:-जगो तप्रेज (दस पू रर कगो जलरानप्रे वरालप्रे तराप) ममें अहग्नि और कगोध ममें यमरराज कप्रे समरान हमैं, पराप
और अवगपुर रूपश्री धन ममें कपु बप्रेर कप्रे समरान धनश्री हमैं, हजनककी बढतश्री सभश्री कप्रे हहत करा नराश करनप्रे कप्रे
हलए कप्रे तपु (पपुच्छल तरारप्रे) कप्रे समरान हहै और हजनकप्रे कपु म्भकरर्ण ककी तरह सगोतप्रे रहनप्रे ममें हश्री भलराई हहै॥
3॥
* पर अकराजपु लहग तनपु पररहरहहीं। हजहम हहम उपल कमृ षश्री दहल गरहहीं॥
बमंदउहूँ खल जस सप्रेष सरगोषरा। सहस बदन बरनइ पर दगोषरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-जहैसप्रे ओलप्रे खप्रेतश्री करा नराश करकप्रे आप भश्री गल जरातप्रे हमैं, वहैसप्रे हश्री वप्रे दस
पू रर करा कराम
हबगराडनप्रे कप्रे हलए अपनरा शरश्रीर तक छगोड दप्रेतप्रे हमैं। ममैं दष्टिपु र कगो (हजरार मपुख वरालप्रे) शप्रेषजश्री कप्रे समरान
समझकर परराम करतरा हह,हूँ जगो परराए दगोषर करा हजरार मपुखर सप्रे बडप्रे रगोष कप्रे सरार वरर्णन करतप्रे हमैं॥
4॥
* पपुहन पनवउहूँ पमृरपुरराज समरानरा। पर अघ सपुनइ सहस दस करानरा॥
बहह रर सक सम हबनवउहूँ तप्रेहश्री। समंतत सपुररानश्रीक हहत जप्रेहश्री॥5॥
भरावरारर्ण:-पपुनद्धाः उनकगो रराजरा पमृरपु (हजन्हरनप्रे भगवरान करा यश सपुननप्रे कप्रे हलए दस हजरार करान मराहूँगप्रे
रप्रे) कप्रे समरान जरानकर परराम करतरा हह हूँ, जगो दस हजरार करानर सप्रे दस पू रर कप्रे परापर कगो सपुनतप्रे हमैं।
हफिर इन्द कप्रे समरान मरानकर उनककी हवनय करतरा हह,हूँ हजनकगो सपुररा (महदररा) नश्रीककी और हहतकरारश्री
मरालपूम दप्रेतश्री हहै (इन्द कप्रे हलए भश्री सपुररानश्रीक अररार्णतम दप्रेवतराओमं ककी सप्रेनरा हहतकरारश्री हहै )॥5॥
* बचन बज्र जप्रेहह सदरा हपआररा। सहस नयन पर दगोष हनहराररा॥ 6॥
भरावरारर्ण:-हजनकगो कठगोर वचन रूपश्री वज्र सदरा प्यराररा लगतरा हहै और जगो हजरार आहूँखर सप्रे द स पू रर कप्रे
दगोषर कगो दप्रेखतप्रे हमैं॥6॥
दगोहरा :
* उदरासश्रीन अरर मश्रीत हहत सपुनत जरहहमं खल रश्रीहत।
जराहन पराहन जपुग जगोरर जन हबनतश्री करइ सपश्रीहत॥4॥
भरावरारर्ण:-दष्टिपु र ककी यह रश्रीहत हहै हक वप्रे उदरासश्रीन, शत्रपु अरवरा हमत्र, हकसश्री करा भश्री हहत सपुनकर
जलतप्रे हमैं। यह जरानकर दगोनर हरार जगोडकर यह जन पप्रेमपपूवर्णक उनसप्रे हवनय करतरा हहै॥ 4॥
चरौपराई :
* ममैं अपनश्री हदहस ककीन्ह हनहगोररा। हतन्ह हनज ओर न लराउब भगोररा॥
बरायस पहलअहहमं अहत अनपुररागरा। हगोहहमं हनरराहमष कबहह हूँ हक करागरा॥1॥
भरावरारर्ण:-ममैंनप्रे अपनश्री ओर सप्रे हवनतश्री ककी हहै, परन्तपु वप्रे अपनश्री ओर सप्रे कभश्री नहहीं चपूकमेंगप्रे। करौओमं कगो
बडप्रे पप्रेम सप्रे पराहलए, परन्तपु वप्रे क्यरा कभश्री मरामंस कप्रे त्यरागश्री हगो सकतप्रे हमैं?॥1॥
समंत-असमंत वमंदनरा
* बमंदउहूँ समंत असजन चरनरा। दद्धाःपु खपद उभय बश्रीच कछपु बरनरा॥
हबछपु रत एक परान हरर लप्रेहहीं। हमलत एक दख पु दरारन दप्रेहहीं॥2॥
भरावरारर्ण:-अब ममैं समंत और असमंत दगोनर कप्रे चररर ककी वन्दनरा करतरा हह हूँ, दगोनर हश्री दद्धाःपु ख दप्रेनप्रे वरालप्रे
हमैं, परन्तपु उनममें कपु छ अन्तर कहरा गयरा हहै। वह अमंतर यह हहै हक एक (समंत) तगो हबछपु डतप्रे समय
परार हर लप्रेतप्रे हमैं और दस पू रप्रे (असमंत) हमलतप्रे हमैं, तब दरारर दद्धाःपु ख दप्रेतप्रे हमैं। (अररार्णतम समंतर करा
हबछपु डनरा मरनप्रे कप्रे समरान दद्धाःपु खदरायश्री हगोतरा हहै और असमंतर करा हमलनरा।)॥2॥
* उपजहहमं एक समंग जग मराहहीं। जलज जरक हजहम गपुन हबलगराहहीं॥
सपुधरा सपुररा सम सराधपु असराधपू। जनक एक जग जलहध अगराधपू॥3॥
भरावरारर्ण:-दगोनर (समंत और असमंत) जगत ममें एक सरार पहैदरा हगोतप्रे हमैं, पर (एक सरार पहैदरा हगोनप्रे
वरालप्रे) कमल और जरक ककी तरह उनकप्रे गपुर अलग-अलग हगोतप्रे हमैं। (कमल दशर्णन और स्पशर्ण सप्रे
सपुख दप्रेतरा हहै, हकन्तपु जरक शरश्रीर करा स्पशर्ण परातप्रे हश्री रक्त चपूसनप्रे लगतश्री हहै। ) सराधपु अममृत कप्रे समरान
(ममृत्यपु रूपश्री समंसरार सप्रे उबरारनप्रे वरालरा) और असराधपु महदररा कप्रे समरान (मगोह, पमराद और जडतरा
उत्पन्न करनप्रे वरालरा) हहै, दगोनर कगो उत्पन्न करनप्रे वरालरा जगत रूपश्री अगराध समपुद एक हश्री हहै। (शरास्त्रर
ममें समपुदमन्रन सप्रे हश्री अममृत और महदररा दगोनर ककी उत्पहर बतराई गई हहै। )॥3॥
*भल अनभल हनज हनज करतपूतश्री। लहत सपुजस अपलगोक हबभपूतश्री॥
सपुधरा सपुधराकर सपुरसरर सराधपू। गरल अनल कहलमल सरर ब्यराधपू॥ 4॥
गपुन अवगपुन जरानत सब कगोई। जगो जप्रेहह भराव नश्रीक तप्रेहह सगोई॥5॥
भरावरारर्ण:-भलप्रे और बपुरप्रे अपनश्री-अपनश्री करनश्री कप्रे अनपुसरार सपुदमं र यश और अपयश ककी सम्पहर परातप्रे
हमैं। अममृत, चन्दमरा, गमंगराजश्री और सराधपु एवमं हवष, अहग्नि, कहलयगपु कप्रे परापर ककी नदश्री अररार्णतम
कमर्णनराशरा और हहमंसरा करनप्रे वरालरा व्यराध, इनकप्रे गपुर-अवगपुर सब कगोई जरानतप्रे हमैं, हकन्तपु हजसप्रे जगो
भरातरा हहै, उसप्रे वहश्री अच्छरा लगतरा हहै॥4-5॥
दगोहरा :
* भलगो भलराइहह पहै लहइ लहइ हनचराइहह नश्रीचपु।
सपुधरा सरराहहअ अमरतराहूँ गरल सरराहहअ मश्रीचपु॥5॥
भरावरारर्ण:-भलरा भलराई हश्री गहर करतरा हहै और नश्रीच नश्रीचतरा कगो हश्री गहर हकए रहतरा हहै। अममृत ककी
सरराहनरा अमर करनप्रे ममें हगोतश्री हहै और हवष ककी मरारनप्रे ममें॥5॥
चरौपराई :
* खल अघ अगपुन सराधपु गपुन गराहरा। उभय अपरार उदहध अवगराहरा॥
तप्रेहह तमें कछपु गपुन दगोष बखरानप्रे। समंगह त्यराग न हबनपु पहहचरानप्रे॥1॥
भरावरारर्ण:-दष्टिपु र कप्रे परापर और अवगपुरर ककी और सराधपुओमं कप्रे गपुरर ककी करराएहूँ- दगोनर हश्री अपरार और
अरराह समपुद हमैं। इसश्री सप्रे कपु छ गपुर और दगोषर करा वरर्णन हकयरा गयरा हहै, क्यरहक हबनरा पहचरानप्रे
उनकरा गहर यरा त्यराग नहहीं हगो सकतरा॥1॥
* भलप्रेउ पगोच सब हबहध उपजराए। गहन गपुन दगोष बप्रेद हबलगराए॥
कहहहमं बप्रेद इहतहरास पपुररानरा। हबहध पपमंचपु गपुन अवगपुन सरानरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-भलप्रे-बपुरप्रे सभश्री ब्रहरा कप्रे पहैदरा हकए हह ए हमैं, पर गपुर और दगोषर कगो हवचरार कर वप्रेदर नप्रे
उनकगो अलग-अलग कर हदयरा हहै। वप्रेद, इहतहरास और पपुररार कहतप्रे हमैं हक ब्रहरा ककी यह समृहष्टि गपुर-
अवगपुरर सप्रे सनश्री हहई हहै॥2॥
* दख पु सपुख पराप पपुन्य हदन ररातश्री। सराधपु असराधपु सपुजराहत कपु जरातश्री॥
दरानव दप्रेव ऊहूँच अर नश्रीचपू। अहमअ सपुजश्रीवनपु मराहहर मश्रीचपू॥3॥
मरायरा ब्रह जश्रीव जगदश्रीसरा। लहच्छ अलहच्छ रमंक अवनश्रीसरा॥
करासश्री मग सपुरसरर कमनरासरा। मर मरारव महहदप्रेव गवरासरा॥ 4॥
सरग नरक अनपुरराग हबररागरा। हनगमरागम गपुन दगोष हबभरागरा॥ 5॥
भरावरारर्ण:-दद्धाःपु ख-सपुख, पराप-पपुण्य, हदन-ररात, सराधपु-असराधपु, सपुजराहत-कपु जराहत, दरानव-दप्रेवतरा,
ऊहूँच-नश्रीच, अममृत-हवष, सपुजश्रीवन (सपुमंदर जश्रीवन)-ममृत्य,पु मरायरा-ब्रह, जश्रीव-ईश्वर, सम्पहर-
दररदतरा, रमंक-रराजरा, कराशश्री-मगध, गमंगरा-कमर्णनराशरा, मरारवराड-मरालवरा, ब्रराहर-कसराई, स्वगर्ण-
नरक, अनपुरराग-वहैरराग्य (यप्रे सभश्री पदरारर्ण ब्रहरा ककी समृहष्टि ममें हमैं।) वप्रेद-शरास्त्रर नप्रे उनकप्रे गपुर-दगोषर करा
हवभराग कर हदयरा हहै॥3-5॥
दगोहरा :
* जड चप्रेतन गपुन दगोषमय हबस्व ककीन्ह करतरार।
समंत हमंस गपुन गहहहमं पय पररहरर बरारर हबकरार॥6॥
भरावरारर्ण:-हवधरातरा नप्रे इस जड-चप्रेतन हवश्व कगो गपुर-दगोषमय रचरा हहै, हकन्तपु समंत रूपश्री हमंस दगोष
रूपश्री जल कगो छगोडकर गपुर रूपश्री दधपू कगो हश्री गहर करतप्रे हमैं॥6॥
चरौपराई :
* अस हबबप्रेक जब दप्रेइ हबधरातरा। तब तहज दगोष गपुनहहमं मनपु ररातरा॥
कराल सपुभराउ करम बररआई।मं भलप्रेउ पकमृ हत बस चपुकइ भलराई॥मं 1॥
भरावरारर्ण:-हवधरातरा जब इस पकरार करा (हमंस करा सरा) हववप्रेक दप्रेतप्रे हमैं, तब दगोषर कगो छगोडकर मन
गपुरर ममें अनपुरक्त हगोतरा हहै। कराल स्वभराव और कमर्ण ककी पबलतरा सप्रे भलप्रे लगोग (सराधपु) भश्री मरायरा कप्रे
वश ममें हगोकर कभश्री-कभश्री भलराई सप्रे चपूक जरातप्रे हमैं॥1॥
* सगो सपुधरारर हररजन हजहम लप्रेहहीं। दहल दख पु दगोष हबमल जसपु दप्रेहहीं॥
खलउ करहहमं भल पराइ सपुसमंगपू। हमटइ न महलन सपुभराउ अभमंगपू॥ 2॥
भरावरारर्ण:-भगवरान कप्रे भक्त जहैसप्रे उस चपूक कगो सपुधरार लप्रेतप्रे हमैं और दद्धाःपु ख-दगोषर कगो हमटराकर हनमर्णल
यश दप्रेतप्रे हमैं, वहैसप्रे हश्री दष्टिपु भश्री कभश्री-कभश्री उरम समंग पराकर भलराई करतप्रे हमैं, परन्तपु उनकरा कभश्री भमंग
न हगोनप्रे वरालरा महलन स्वभराव नहहीं हमटतरा॥2॥
* लहख सपुबप्रेष जग बमंचक जप्रेऊ। बप्रेष पतराप पपूहजअहहमं तप्रेऊ॥
उघरहहमं अमंत न हगोइ हनबराहह। करालनप्रेहम हजहम ररावन रराहह॥3॥
भरावरारर्ण:-जगो (वप्रेषधरारश्री) ठग हमैं, उन्हमें भश्री अच्छरा (सराधपु करा सरा) वप्रेष बनराए दप्रेखकर वप्रेष कप्रे पतराप
सप्रे जगत पपूजतरा हहै, परन्तपु एक न एक हदन वप्रे चरौडप्रे आ हश्री जरातप्रे हमैं, अमंत तक उनकरा कपट नहहीं
हनभतरा, जहैसप्रे करालनप्रेहम, ररावर और रराहह करा हराल हहआ ॥3॥
* हकएहह हूँ कपु बप्रेषपु सराधपु सनमरानपू। हजहम जग जरामवमंत हनपुमरानपू॥
हराहन कपु समंग सपुसमंगहत लराहह। लगोकहह हूँ बप्रेद हबहदत सब कराहह॥4॥
भरावरारर्ण:-बपुररा वप्रेष बनरा लप्रेनप्रे पर भश्री सराधपु करा सम्मरान हश्री हगोतरा हहै , जहैसप्रे जगत ममें जराम्बवरानम और
हनपुमरानमजश्री करा हह आ। बपुरप्रे समंग सप्रे हराहन और अच्छप्रे समंग सप्रे लराभ हगोतरा हहै , यह बरात लगोक और वप्रेद ममें
हहै और सभश्री लगोग इसकगो जरानतप्रे हमैं॥4॥
* गगन चढइ रज पवन पसमंगरा। ककीचहहमं हमलइ नश्रीच जल समंगरा॥
सराधपु असराधपु सदन सपुक सरारहीं। सपुहमरहहमं रराम दप्रेहहमं गहन गरारहीं॥ 5॥
भरावरारर्ण:-पवन कप्रे समंग सप्रे धपूल आकराश पर चढ जरातश्री हहै और वहश्री नश्रीच (नश्रीचप्रे ककी ओर बहनप्रे
वरालप्रे) जल कप्रे समंग सप्रे ककीचड ममें हमल जरातश्री हहै। सराधपु कप्रे घर कप्रे तगोतरा-महैनरा रराम-रराम सपुहमरतप्रे हमैं
और असराधपु कप्रे घर कप्रे तगोतरा-महैनरा हगन-हगनकर गराहलयराहूँ दप्रेतप्रे हमैं॥5॥
* धपूम कपु समंगहत कराररख हगोई। हलहखअ पपुररान ममंजपु महस सगोई॥
सगोइ जल अनल अहनल समंघरातरा। हगोइ जलद जग जश्रीवन दरातरा॥6॥
भरावरारर्ण:-कपु समंग कप्रे करारर धपुआहूँ कराहलख कहलरातरा हहै, वहश्री धपुआहूँ (सपुसमंग सप्रे) सपुदमं र स्यराहश्री हगोकर
पपुररार हलखनप्रे कप्रे कराम ममें आतरा हहै और वहश्री धपुआहूँ जल, अहग्नि और पवन कप्रे समंग सप्रे बरादल हगोकर
जगत कगो जश्रीवन दप्रेनप्रे वरालरा बन जरातरा हहै॥6॥
दगोहरा :
* गह भप्रेजष जल पवन पट पराइ कपु जगोग सपुजगोग।
हगोहहमं कपु बस्तपु सपुबस्तपु जग लखहहमं सपुलच्छन लगोग॥7 (क)॥
भरावरारर्ण:-गह, औषहध, जल, वरायपु और वस्त्र- यप्रे सब भश्री कपु समंग और सपुसमंग पराकर समंसरार ममें बपुरप्रे
और भलप्रे पदरारर्ण हगो जरातप्रे हमैं। चतपुर एवमं हवचरारशश्रील पपुरष हश्री इस बरात कगो जरान परातप्रे हमैं॥ 7 (क)॥
* सम पकरास तम पराख दहपु ह हूँ नराम भप्रेद हबहध ककीन्ह।
सहस सगोषक पगोषक समपुहझ जग जस अपजस दश्रीन्ह॥7 (ख)॥
भरावरारर्ण:-महश्रीनप्रे कप्रे दगोनर पखवराडर ममें उहजयरालरा और अहूँधप्रेररा समरान हश्री रहतरा हहै, परन्तपु हवधरातरा नप्रे
इनकप्रे नराम ममें भप्रेद कर हदयरा हहै (एक करा नराम शपुक और दस पू रप्रे करा नराम कमृ ष्र रख हदयरा)। एक कगो
चन्दमरा करा बढरानप्रे वरालरा और दस पू रप्रे कगो उसकरा घटरानप्रे वरालरा समझकर जगत नप्रे एक कगो सपुयश और
दस पू रप्रे कगो अपयश दप्रे हदयरा॥7 (ख)॥
ररामरूप सप्रे जश्रीवमरात्र ककी वमंदनरा :
* जड चप्रेतन जग जश्रीव जत सकल रराममय जराहन।
बमंदउहूँ सब कप्रे पद कमल सदरा जगोरर जपुग पराहन॥7(ग)॥
भरावरारर्ण:-जगत ममें हजतनप्रे जड और चप्रेतन जश्रीव हमैं, सबकगो रराममय जरानकर ममैं उन सबकप्रे
चररकमलर ककी सदरा दगोनर हरार जगोडकर वन्दनरा करतरा हह हूँ॥7 (ग)॥
* दप्रेव दनपुज नर नराग खग पप्रेत हपतर गमंधबर्ण।
बमंदउहूँ हकमंनर रजहनचर कमृ परा करहह अब सबर्ण॥7 (घ)
भरावरारर्ण:-दप्रेवतरा, दहैत्य, मनपुष्य, नराग, पक्षश्री, पप्रेत, हपतर, गमंधवर्ण, हकन्नर और हनशराचर सबकगो ममैं
परराम करतरा हह हूँ। अब सब मपुझ पर कमृ परा ककीहजए॥7 (घ)॥
चरौपराई :
* आकर चरारर लराख चरौररासश्री। जराहत जश्रीव जल रल नभ बरासश्री॥
सश्रीय रराममय सब जग जरानश्री। करउहूँ पनराम जगोरर जपुग परानश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-चरौररासश्री लराख यगोहनयर ममें चरार पकरार कप्रे (स्वप्रेदज, अण्डज, उहद्भज, जररायज पु ) जश्रीव
जल, पमृथ्वश्री और आकराश ममें रहतप्रे हमैं, उन सबसप्रे भरप्रे हह ए इस सरारप्रे जगत कगो शश्री सश्रीतरारराममय
जरानकर ममैं दगोनर हरार जगोडकर परराम करतरा हह॥हूँ 1॥
शश्री ररामचररतमरानस
अयगोध्यराकराण्ड
हदतश्रीय सगोपरान-ममंगलराचरर
श्लगोक :
* यस्यरामंकप्रे च हवभराहत भपूधरसपुतरा दप्रेवरापगरा मस्तकप्रे
भरालप्रे बरालहवधपुगर्णलप्रे च गरलमं यस्यगोरहस व्यरालरराटम।
सगोऽयमं भपूहतहवभपूषरद्धाः सपुरवरद्धाः सवराहर्ण धपद्धाः सवर्णदरा
शवर्णद्धाः सवर्णगतद्धाः हशवद्धाः शहशहनभद्धाः शश्री शमंकरद्धाः परातपु मरामम॥1॥
भरावरारर्ण:-हजनककी गगोद ममें हहमराचलसपुतरा परावर्णतश्रीजश्री, मस्तक पर गमंगराजश्री, ललराट पर
हदतश्रीयरा करा चन्दमरा, कमंठ ममें हलराहल हवष और वक्षद्धाःस्रल पर सपर्णरराज शप्रेषजश्री
सपुशगोहभत हमैं, वप्रे भस्म सप्रे हवभपूहषत, दप्रेवतराओमं ममें शप्रेष, सवर्देश्वर, समंहरारकतरार्ण (यरा भक्तर
कप्रे परापनराशक), सवर्णव्यरापक, कल्यरार रूप, चन्दमरा कप्रे समरान शपुरवरर्ण शश्री शमंकरजश्री
सदरा मप्रेरश्री रक्षरा करमें॥1॥
* पसन्नतरामं यरा न गतराहभषप्रेकतस्तररा न मम्लप्रे वनवरासद द्धाःपु खतद्धाः।
मपुखराम्बपुजशश्री रघपुनन्दनस्य मप्रे सदरास्तपु सरा ममंजपुलममंगलपदरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-रघपुकपुल कगो आनमंद दप्रेनप्रे वरालप्रे शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे मपुखरारहवमंद ककी जगो शगोभरा
रराज्यराहभषप्रेक सप्रे (रराज्यराहभषप्रेक ककी बरात सपुनकर) न तगो पसन्नतरा कगो पराप्त हहई और न
वनवरास कप्रे दद्धाःपु ख सप्रे महलन हश्री हहई, वह (मपुखकमल ककी छहब) मप्रेरप्रे हलए सदरा सपुदमं र
ममंगलर ककी दप्रेनप्रे वरालश्री हगो॥2॥
* नश्रीलराम्बपुजश्यरामलकगोमलरामंग सश्रीतरासमरारगोहपतवरामभरागमम।
पराररौ महरासरायकचरारचरापमं नमराहम रराममं रघपुवमंशनरारमम॥3॥
भरावरारर्ण:-नश्रीलप्रे कमल कप्रे समरान श्यराम और कगोमल हजनकप्रे अमंग हमैं, शश्री सश्रीतराजश्री हजनकप्रे
वराम भराग ममें हवरराजमरान हमैं और हजनकप्रे हरारर ममें (कमशद्धाः) अमगोघ बरार और सपुमंदर
धनपुष हहै, उन रघपुवमंश कप्रे स्वरामश्री शश्री ररामचन्दजश्री कगो ममैं नमस्करार करतरा हह हूँ॥3॥
दगोहरा :
* शश्री गपुर चरन सरगोज रज हनज मनपु मपुकपुर सपुधरारर।
बरनउहूँ रघपुबर हबमल जसपु जगो दरायकपु फिल चरारर॥
भरावरारर्ण:-शश्री गपुरजश्री कप्रे चरर कमलर ककी रज सप्रे अपनप्रे मन रूपश्री दपर्णर कगो सराफि करकप्रे
ममैं शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे उस हनमर्णल यश करा वरर्णन करतरा हह,हूँ जगो चरारर फिलर कगो (धमर्ण,
अरर्ण, कराम, मगोक्ष कगो) दप्रेनप्रे वरालरा हहै।
चरौपराई :
* जब तमें ररामपु ब्यराहह घर आए। हनत नव ममंगल मगोद बधराए॥
भपुवन चराररदस भपूधर भरारश्री। सपुकमृत मप्रेघ बरषहहमं सपुख बरारश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-जब सप्रे शश्री ररामचन्दजश्री हववराह करकप्रे घर आए, तब सप्रे (अयगोध्यरा ममें) हनत्य
नए ममंगल हगो रहप्रे हमैं और आनमंद कप्रे बधरावप्रे बज रहप्रे हमैं। चरौदहर लगोक रूपश्री बडप्रे भरारश्री
पवर्णतर पर पपुण्य रूपश्री मप्रेघ सपुख रूपश्री जल बरसरा रहप्रे हमैं॥ 1॥
* ररहध हसहध समंपहत नदहीं सपुहराई। उमहग अवध अमंबपुहध कहह हूँ आई॥
महनगन पपुर नर नरारर सपुजरातश्री। सपुहच अमगोल सपुदमं र सब भराहूँतश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-ऋहद-हसहद और सम्पहर रूपश्री सपुहरावनश्री नहदयराहूँ उमड-उमडकर अयगोध्यरा रूपश्री
समपुद ममें आ हमलहीं। नगर कप्रे स्त्रश्री-पपुरष अच्छश्री जराहत कप्रे महरयर कप्रे समपूह हमैं, जगो सब
पकरार सप्रे पहवत्र, अमपूल्य और सपुदमं र हमैं॥2॥
* कहह न जराइ कछपु नगर हबभपूतश्री। जनपु एतहनअ हबरमंहच करतपूतश्री॥
सब हबहध सब पपुर लगोग सपुखरारश्री। ररामचमंद मपुख चमंद पु हनहरारश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-नगर करा ऐश्वयर्ण कपु छ कहरा नहहीं जरातरा। ऐसरा जरान पडतरा हहै, मरानगो ब्रहराजश्री
ककी करारश्रीगरश्री बस इतनश्री हश्री हहै। सब नगर हनवरासश्री शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे मपुखचन्द कगो
दप्रेखकर सब पकरार सप्रे सपुखश्री हमैं॥3॥
* मपुहदत मरातपु सब सखहीं सहप्रेलश्री। फिहलत हबलगोहक मनगोरर बप्रेलश्री॥
रराम रूपपु गपुन सश्रीलपु सपुभराऊ। पमपुहदत हगोइ दप्रेहख सपुहन रराऊ॥4॥
भरावरारर्ण:-सब मरातराएहूँ और सखश्री-सहप्रेहलयराहूँ अपनश्री मनगोरर रूपश्री बप्रेल कगो फिलश्री हहई
दप्रेखकर आनमंहदत हमैं। शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे रूप, गपुर, शश्रील और स्वभराव कगो दप्रेख-
सपुनकर रराजरा दशररजश्री बहह त हश्री आनमंहदत हगोतप्रे हमैं॥4॥
रराम रराज्यराहभषप्रेक ककी तहैयरारश्री, दप्रेवतराओमं ककी व्यराकपुलतरा तररा सरस्वतश्री सप्रे उनककी परारर्णनरा
दगोहरा :
* सब कमें उर अहभलराषपु अस कहहहमं मनराइ महप्रेसपु।
आप अछत जपुबरराज पद ररामहह दप्रेउ नरप्रेसपु॥1॥
भरावरारर्ण:-सबकप्रे हृदय ममें ऐसश्री अहभलराषरा हहै और सब महरादप्रेवजश्री कगो मनराकर (परारर्णनरा
करकप्रे ) कहतप्रे हमैं हक रराजरा अपनप्रे जश्रीतप्रे जश्री शश्री ररामचन्दजश्री कगो य वपु रराज पद दप्रे दमें॥1॥
चरौपराई :
* एक समय सब सहहत समराजरा। रराजसभराहूँ रघपुरराजपु हबरराजरा॥
सकल सपुकमृत मपूरहत नरनराहह। रराम सपुजसपु सपुहन अहतहह उछराहह॥1॥
भरावरारर्ण:-एक समय रघपुकपुल कप्रे रराजरा दशररजश्री अपनप्रे सरारप्रे समराज सहहत रराजसभरा ममें
हवरराजमरान रप्रे। महरारराज समस्त पपुण्यर ककी मपूहतर्ण हमैं , उन्हमें शश्री ररामचन्दजश्री करा सपुदमं र यश
सपुनकर अत्यन्त आनमंद हगो रहरा हहै॥1॥
* नमृप सब रहहहमं कमृ परा अहभलराषमें। लगोकप करहहमं पश्रीहत रख रराख॥में वन तश्रीहन कराल जग
मराहहीं। भपूररभराग दसरर सम नराहहीं॥2॥
भरावरारर्ण:-सब रराजरा उनककी कमृ परा चराहतप्रे हमैं और लगोकपरालगर उनकप्रे रख कगो रखतप्रे हहए
(अनपुकपूल हगोकर) पश्रीहत करतप्रे हमैं। (पमृथ्वश्री, आकराश, परातराल) तश्रीनर भपुवनर ममें और
(भपूत, भहवष्य, वतर्णमरान) तश्रीनर करालर ममें दशररजश्री कप्रे समरान बडभरागश्री (और) कगोई
नहहीं हहै॥2॥
* ममंगलमपूल ररामपु सपुत जरासपू। जगो कछपु कहहअ रगोर सबपु तरासपू॥
ररायहूँ सपुभरायहूँ मपुकपुर कर लश्रीन्हरा। बदनपु हबलगोहक मपुकपुटपु सम ककीन्हरा॥3॥
भरावरारर्ण:-ममंगलर कप्रे मपूल शश्री ररामचन्दजश्री हजनकप्रे पपुत्र हमैं, उनकप्रे हलए जगो कपु छ कहरा जराए
सब रगोडरा हहै। रराजरा नप्रे स्वराभराहवक हश्री हरार ममें दपर्णर लप्रे हलयरा और उसममें अपनरा मपुहूँह
दप्रेखकर मपुकपुट कगो सश्रीधरा हकयरा॥3॥
* शवन समश्रीप भए हसत कप्रे सरा। मनहह हूँ जरठपनपु अस उपदप्रेसरा॥
नमृप जपुबरराजपु रराम कहह हूँ दप्रेहह। जश्रीवन जनम लराहह हकन लप्रेहह॥4॥
भरावरारर्ण:-(दप्रेखरा हक) करानर कप्रे परास बराल सफिप्रे द हगो गए हमैं, मरानगो बपुढरापरा ऐसरा उपदप्रेश
कर रहरा हहै हक हप्रे रराजनम! शश्री ररामचन्दजश्री कगो यवपु रराज पद दप्रेकर अपनप्रे जश्रीवन और
जन्म करा लराभ क्यर नहहीं लप्रेतप्रे॥4॥
दगोहरा :
* यह हबचरार उर आहन नमृप सपुहदनपु सपुअवसर पराइ।
पप्रेम पपुलहक तन मपुहदत मन गपुरहह सपुनरायउ जराइ॥2॥
भरावरारर्ण:-हृदय ममें यह हवचरार लराकर (यवपु रराज पद दप्रेनप्रे करा हनश्चय कर) रराजरा
दशररजश्री नप्रे शपुभ हदन और सपुमंदर समय पराकर, पप्रेम सप्रे पपुलहकत शरश्रीर हगो आनमंदमग्नि
मन सप्रे उसप्रे गपुर वहशषजश्री कगो जरा सपुनरायरा॥ 2॥
चरौपराई :
* कहइ भपुआलपु सपुहनअ मपुहननरायक। भए रराम सब हबहध सब लरायक॥
सप्रेवक सहचव सकल पपुरबरासश्री। जप्रे हमरार अरर हमत्र उदरासश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-रराजरा नप्रे कहरा- हप्रे मपुहनरराज! (कमृ पयरा यह हनवप्रेदन) सपुहनए। शश्री ररामचन्दजश्री
अब सब पकरार सप्रे सब यगोग्य हगो गए हमैं। सप्रेवक, ममंत्रश्री, सब नगर हनवरासश्री और जगो
हमरारप्रे शत्रपु, हमत्र यरा उदरासश्रीन हमैं-॥1॥
* सबहह ररामपु हपय जप्रेहह हबहध मगोहश्री। पभपु असश्रीस जनपु तनपु धरर सगोहश्री॥
हबप सहहत पररवरार गगोसराई।मं करहहमं छगोहह सब ररौररहह नराई॥मं 2॥
भरावरारर्ण:-सभश्री कगो शश्री ररामचन्द वहैसप्रे हश्री हपय हमैं, जहैसप्रे वप्रे मपुझकगो हमैं। (उनकप्रे रूप ममें)
आपकरा आशश्रीवरादर्ण हश्री मरानगो शरश्रीर धरारर करकप्रे शगोहभत हगो रहरा हहै। हप्रे स्वरामश्री! सरारप्रे
ब्रराहर, पररवरार सहहत आपकप्रे हश्री समरान उन पर स्नप्रेह करतप्रे हमैं॥2॥
* जप्रे गपुर चरन रप्रेनपु हसर धरहहीं। तप्रे जनपु सकल हबभव बस करहहीं॥
मगोहह सम यहह अनपुभयउ न दज पू प्रे
रराम रराज्यराहभषप्रेक ककी तहैयरारश्री, दप्रेवतराओमं ककी व्यराकपुलतरा तररा सरस्वतश्री सप्रे उनककी परारर्णनरा
दगोहरा :
* सब कमें उर अहभलराषपु अस कहहहमं मनराइ महप्रेसपु।
आप अछत जपुबरराज पद ररामहह दप्रेउ नरप्रेसपु॥1॥
भरावरारर्ण:-सबकप्रे हृदय ममें ऐसश्री अहभलराषरा हहै और सब महरादप्रेवजश्री कगो मनराकर (परारर्णनरा
करकप्रे ) कहतप्रे हमैं हक रराजरा अपनप्रे जश्रीतप्रे जश्री शश्री ररामचन्दजश्री कगो य वपु रराज पद दप्रे दमें॥1॥
चरौपराई :
* एक समय सब सहहत समराजरा। रराजसभराहूँ रघपुरराजपु हबरराजरा॥
सकल सपुकमृत मपूरहत नरनराहह। रराम सपुजसपु सपुहन अहतहह उछराहह॥1॥
भरावरारर्ण:-एक समय रघपुकपुल कप्रे रराजरा दशररजश्री अपनप्रे सरारप्रे समराज सहहत रराजसभरा ममें
हवरराजमरान रप्रे। महरारराज समस्त पपुण्यर ककी मपूहतर्ण हमैं , उन्हमें शश्री ररामचन्दजश्री करा सपुदमं र यश
सपुनकर अत्यन्त आनमंद हगो रहरा हहै॥1॥
* नमृप सब रहहहमं कमृ परा अहभलराषमें। लगोकप करहहमं पश्रीहत रख रराख॥में वन तश्रीहन कराल जग
मराहहीं। भपूररभराग दसरर सम नराहहीं॥2॥
भरावरारर्ण:-सब रराजरा उनककी कमृ परा चराहतप्रे हमैं और लगोकपरालगर उनकप्रे रख कगो रखतप्रे हहए
(अनपुकपूल हगोकर) पश्रीहत करतप्रे हमैं। (पमृथ्वश्री, आकराश, परातराल) तश्रीनर भपुवनर ममें और
(भपूत, भहवष्य, वतर्णमरान) तश्रीनर करालर ममें दशररजश्री कप्रे समरान बडभरागश्री (और) कगोई
नहहीं हहै॥2॥
* ममंगलमपूल ररामपु सपुत जरासपू। जगो कछपु कहहअ रगोर सबपु तरासपू॥
ररायहूँ सपुभरायहूँ मपुकपुर कर लश्रीन्हरा। बदनपु हबलगोहक मपुकपुटपु सम ककीन्हरा॥3॥
भरावरारर्ण:-ममंगलर कप्रे मपूल शश्री ररामचन्दजश्री हजनकप्रे पपुत्र हमैं, उनकप्रे हलए जगो कपु छ कहरा जराए
सब रगोडरा हहै। रराजरा नप्रे स्वराभराहवक हश्री हरार ममें दपर्णर लप्रे हलयरा और उसममें अपनरा मपुहूँह
दप्रेखकर मपुकपुट कगो सश्रीधरा हकयरा॥3॥
* शवन समश्रीप भए हसत कप्रे सरा। मनहह हूँ जरठपनपु अस उपदप्रेसरा॥
नमृप जपुबरराजपु रराम कहह हूँ दप्रेहह। जश्रीवन जनम लराहह हकन लप्रेहह॥4॥
भरावरारर्ण:-(दप्रेखरा हक) करानर कप्रे परास बराल सफिप्रे द हगो गए हमैं, मरानगो बपुढरापरा ऐसरा उपदप्रेश
कर रहरा हहै हक हप्रे रराजनम! शश्री ररामचन्दजश्री कगो यवपु रराज पद दप्रेकर अपनप्रे जश्रीवन और
जन्म करा लराभ क्यर नहहीं लप्रेतप्रे॥4॥
दगोहरा :
* यह हबचरार उर आहन नमृप सपुहदनपु सपुअवसर पराइ।
पप्रेम पपुलहक तन मपुहदत मन गपुरहह सपुनरायउ जराइ॥2॥
भरावरारर्ण:-हृदय ममें यह हवचरार लराकर (यवपु रराज पद दप्रेनप्रे करा हनश्चय कर) रराजरा
दशररजश्री नप्रे शपुभ हदन और सपुमंदर समय पराकर, पप्रेम सप्रे पपुलहकत शरश्रीर हगो आनमंदमग्नि
मन सप्रे उसप्रे गपुर वहशषजश्री कगो जरा सपुनरायरा॥ 2॥
चरौपराई :
* कहइ भपुआलपु सपुहनअ मपुहननरायक। भए रराम सब हबहध सब लरायक॥
सप्रेवक सहचव सकल पपुरबरासश्री। जप्रे हमरार अरर हमत्र उदरासश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-रराजरा नप्रे कहरा- हप्रे मपुहनरराज! (कमृ पयरा यह हनवप्रेदन) सपुहनए। शश्री ररामचन्दजश्री
अब सब पकरार सप्रे सब यगोग्य हगो गए हमैं। सप्रेवक, ममंत्रश्री, सब नगर हनवरासश्री और जगो
हमरारप्रे शत्रपु, हमत्र यरा उदरासश्रीन हमैं-॥1॥
* सबहह ररामपु हपय जप्रेहह हबहध मगोहश्री। पभपु असश्रीस जनपु तनपु धरर सगोहश्री॥
हबप सहहत पररवरार गगोसराई।मं करहहमं छगोहह सब ररौररहह नराई॥मं 2॥
भरावरारर्ण:-सभश्री कगो शश्री ररामचन्द वहैसप्रे हश्री हपय हमैं, जहैसप्रे वप्रे मपुझकगो हमैं। (उनकप्रे रूप ममें)
आपकरा आशश्रीवरादर्ण हश्री मरानगो शरश्रीर धरारर करकप्रे शगोहभत हगो रहरा हहै। हप्रे स्वरामश्री! सरारप्रे
ब्रराहर, पररवरार सहहत आपकप्रे हश्री समरान उन पर स्नप्रेह करतप्रे हमैं॥2॥
* जप्रे गपुर चरन रप्रेनपु हसर धरहहीं। तप्रे जनपु सकल हबभव बस करहहीं॥
मगोहह सम यहह अनपुभयउ न दज पू में। सबपु परायउहूँ रज परावहन पपूजमें॥3॥
भरावरारर्ण:-जगो लगोग गपुर कप्रे चररर ककी रज कगो मस्तक पर धरारर करतप्रे हमैं , वप्रे मरानगो
समस्त ऐश्वयर्ण कगो अपनप्रे वश ममें कर लप्रेतप्रे हमैं। इसकरा अनपुभव मप्रेरप्रे समरान द स पू रप्रे हकसश्री
नप्रे नहहीं हकयरा। आपककी पहवत्र चरर रज ककी पपूजरा करकप्रे ममैंनप्रे सब कपु छ परा हलयरा॥3॥
* अब अहभलराषपु एकपु मन मगोरमें। पपूहजहह नरार अनपुगह तगोरमें॥
मपुहन पसन्न लहख सहज सनप्रेहह। कहप्रेउ नरप्रेस रजरायसपु दप्रेहह॥4॥
भरावरारर्ण:-अब मप्रेरप्रे मन ममें एक हश्री अहभलराषरा हहै। हप्रे नरार ! वह भश्री आप हश्री कप्रे अनपुगह
सप्रे पपूरश्री हगोगश्री। रराजरा करा सहज पप्रेम दप्रेखकर मपुहन नप्रे पसन्न हगोकर कहरा- नरप्रेश! आजरा
दश्रीहजए (कहहए, क्यरा अहभलराषरा हहै?)॥4॥
दगोहरा :
* रराजन रराउर नरामपु जसपु सब अहभमत दरातरार।
फिल अनपुगरामश्री महहप महन मन अहभलराषपु तपुम्हरार॥3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे रराजन! आपकरा नराम और यश हश्री सम्पपूरर्ण मनचराहश्री वस्तपुओमं कगो दप्रेनप्रे वरालरा
हहै। हप्रे रराजराओमं कप्रे मपुकपुटमहर! आपकप्रे मन ककी अहभलराषरा फिल करा अनपुगमन करतश्री हहै
(अररार्णत आपकप्रे इच्छरा करनप्रे कप्रे पहलप्रे हश्री फिल उत्पन्न हगो जरातरा हहै)॥3॥
चरौपराई :
* सब हबहध गपुर पसन्न हजयहूँ जरानश्री। बगोलप्रेउ रराउ रहहूँहस ममृद पु बरानश्री॥
नरार ररामपु कररअहहमं जपुबरराजपू। कहहअ कमृ परा करर कररअ समराजपू॥1॥
भरावरारर्ण:-अपनप्रे जश्री ममें गपुरजश्री कगो सब पकरार सप्रे पसन्न जरानकर, हहषर्णत हगोकर रराजरा
कगोमल वरारश्री सप्रे बगोलप्रे- हप्रे नरार! शश्री ररामचन्द कगो यवपु रराज ककीहजए। कमृ परा करकप्रे कहहए
(आजरा दश्रीहजए) तगो तहैयरारश्री ककी जराए॥1॥
* मगोहह अछत यहह हगोइ उछराहह। लहहहमं लगोग सब लगोचन लराहह॥
पभपु पसराद हसव सबइ हनबराहहीं। यह लरालसरा एक मन मराहहीं॥ 2॥
भरावरारर्ण:-मप्रेरप्रे जश्रीतप्रे जश्री यह आनमंद उत्सव हगो जराए , (हजससप्रे) सब लगोग अपनप्रे नप्रेत्रर
करा लराभ पराप्त करमें। पभपु (आप) कप्रे पसराद सप्रे हशवजश्री नप्रे सब कपु छ हनबराह हदयरा (सब
इच्छराएहूँ पपूरर्ण कर दहीं), कप्रे वल यहश्री एक लरालसरा मन ममें रह गई हहै॥2॥
* पपुहन न सगोच तनपु रहउ हक जराऊ। जप्रेहहमं न हगोइ पराछमें पहछतराऊ॥
सपुहन मपुहन दसरर बचन सपुहराए। ममंगल मगोद मपूल मन भराए॥3॥
भरावरारर्ण:-(इस लरालसरा कप्रे पपूरर्ण हगो जरानप्रे पर) हफिर सगोच नहहीं, शरश्रीर रहप्रे यरा चलरा
जराए, हजससप्रे मपुझप्रे पश्रीछप्रे पछतरावरा न हगो। दशररजश्री कप्रे ममंगल और आनमंद कप्रे मपूल सपुदमं र
वचन सपुनकर मपुहन मन ममें बहह त पसन्न हहए॥3॥
* सपुनपु नमृप जरासपु हबमपुख पहछतराहहीं। जरासपु भजन हबनपु जरहन न जराहहीं॥
भयउ तपुम्हरार तनय सगोइ स्वरामश्री। ररामपु पपुनश्रीत पप्रेम अनपुगरामश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-(वहशषजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे रराजनम! सपुहनए, हजनसप्रे हवमपुख हगोकर लगोग पछतरातप्रे
हमैं और हजनकप्रे भजन हबनरा जश्री ककी जलन नहहीं जरातश्री, वहश्री स्वरामश्री (सवर्णलगोक
महप्रेश्वर) शश्री ररामजश्री आपकप्रे पपुत्र हहए हमैं, जगो पहवत्र पप्रेम कप्रे अनपुगरामश्री हमैं। (शश्री ररामजश्री
पहवत्र पप्रेम कप्रे पश्रीछप्रे-पश्रीछप्रे चलनप्रे वरालप्रे हमैं, इसश्री सप्रे तगो पप्रेमवश आपकप्रे पपुत्र हह ए हमैं।)॥4॥
दगोहरा :
* बप्रेहग हबलमंबपु न कररअ नमृप सराहजअ सबपुइ समराजपु।
सपुहदन सपुममंगलपु तबहहमं जब ररामपु हगोहहमं जपुबरराजपु॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे रराजनम! अब दप्रेर न ककीहजए, शश्रीघ्र सब सरामरान सजराइए। शपुभ हदन और
सपुमंदर ममंगल तभश्री हहै, जब शश्री ररामचन्दजश्री यवपु रराज हगो जराएहूँ (अररार्णत उनकप्रे अहभषप्रेक कप्रे
हलए सभश्री हदन शपुभ और ममंगलमय हमैं)॥4॥
चरौपराई :
* मपुहदत महश्रीपहत ममंहदर आए। सप्रेवक सहचव सपुममंत्रपु बगोलराए॥
कहह जयजश्रीव सश्रीस हतन्ह नराए। भपूप सपुममंगल बचन सपुनराए॥1॥
भरावरारर्ण:-रराजरा आनमंहदत हगोकर महल ममें आए और उन्हरनप्रे सप्रेवकर कगो तररा ममंत्रश्री सपुममंत्र
कगो बपुलवरायरा। उन लगोगर नप्रे 'जय-जश्रीव' कहकर हसर नवराए। तब रराजरा नप्रे सपुदमं र
ममंगलमय वचन (शश्री ररामजश्री कगो यवपु रराज पद दप्रेनप्रे करा पस्तराव) सपुनराए॥1॥
* जजौं पराहूँचहह मत लरागहै नश्रीकरा। करहह हरहष हहयहूँ ररामहह टश्रीकरा॥2॥
भरावरारर्ण:-(और कहरा-) यहद पमंचर कगो (आप सबकगो) यह मत अच्छरा लगप्रे, तगो हृदय
ममें हहषर्णत हगोकर आप लगोग शश्री ररामचन्द करा रराजहतलक ककीहजए॥2॥
* ममंत्रश्री मपुहदत सपुनत हपय बरानश्री। अहभमत हबरवहूँ परप्रेउ जनपु परानश्री॥
हबनतश्री सहचव करहहमं कर जगोरश्री। हजअहह जगतपहत बररस करगोरश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-इस हपय वरारश्री कगो सपुनतप्रे हश्री ममंत्रश्री ऐसप्रे आनमंहदत हहए मरानगो उनकप्रे मनगोरर रूपश्री
परौधप्रे पर परानश्री पड गयरा हगो। ममंत्रश्री हरार जगोडकर हवनतश्री करतप्रे हमैं हक हप्रे जगत्पहत!
आप करगोडर वषर्ण हजएहूँ॥3॥
* जग ममंगल भल कराजपु हबचराररा। बप्रेहगअ नरार न लराइअ बराररा॥
नमृपहह मगोद पु सपुहन सहचव सपुभराषरा। बढत बजौंड जनपु लहश्री सपुसराखरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-आपनप्रे जगतभर करा ममंगल करनप्रे वरालरा भलरा कराम सगोचरा हहै। हप्रे नरार ! शश्रीघ्रतरा
ककीहजए, दप्रेर न लगराइए। ममंहत्रयर ककी सपुदमं र वरारश्री सपुनकर रराजरा कगो ऐसरा आनमंद हहआ
मरानगो बढतश्री हहई बप्रेल सपुदमं र डरालश्री करा सहराररा परा गई हगो॥ 4॥
दगोहरा :
* कहप्रेउ भपूप मपुहनरराज कर जगोइ जगोइ आयसपु हगोइ।
रराम रराज अहभषप्रेक हहत बप्रेहग करहह सगोइ सगोइ॥5॥
भरावरारर्ण:-रराजरा नप्रे कहरा- शश्री ररामचन्द कप्रे रराज्यराहभषप्रेक कप्रे हलए मपुहनरराज वहशषजश्री ककी
जगो-जगो आजरा हगो, आप लगोग वहश्री सब तपुरमंत करमें॥5॥
चरौपराई :
* हरहष मपुनश्रीस कहप्रेउ ममृद पु बरानश्री। आनहह सकल सपुतश्रीरर परानश्री॥
औषध मपूल फिपूल फिल परानरा। कहप्रे नराम गहन ममंगल नरानरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-मपुहनरराज नप्रे हहषर्णत हगोकर कगोमल वरारश्री सप्रे कहरा हक सम्पपूरर्ण शप्रेष तश्रीरर्मों करा
जल लप्रे आओ। हफिर उन्हरनप्रे औषहध, मपूल, फिपूल, फिल और पत्र आहद अनप्रेकर
मरामंगहलक वस्तपुओमं कप्रे नराम हगनकर बतराए॥1॥
* चरामर चरम बसन बहह भराहूँतश्री। रगोम पराट पट अगहनत जरातश्री॥
महनगन ममंगल बस्तपु अनप्रेकरा। जगो जग जगोगपु भपूप अहभषप्रेकरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-चहूँवर, ममृगचमर्ण, बहह त पकरार कप्रे वस्त्र, असमंख्यर जराहतयर कप्रे ऊनश्री और रप्रेशमश्री
कपडप्रे, (नरानरा पकरार ककी) महरयराहूँ (रत्न) तररा और भश्री बहह त सश्री ममंगल वस्तपुएहूँ,
जगो जगत ममें रराज्यराहभषप्रेक कप्रे यगोग्य हगोतश्री हमैं, (सबकगो महूँगरानप्रे ककी उन्हरनप्रे आजरा दश्री)॥
2॥
* बप्रेद हबहदत कहह सकल हबधरानरा। कहप्रेउ रचहह पपुर हबहबध हबतरानरा॥
सफिल रसराल पपूगफिल कप्रे ररा। रगोपहह बश्रीहरन्ह पपुर चहह हूँ फिप्रे ररा॥3॥
भरावरारर्ण:-मपुहन नप्रे वप्रेदर ममें कहरा हहआ सब हवधरान बतराकर कहरा- नगर ममें बहह त सप्रे ममंडप
(चहूँदगोवप्रे) सजराओ। फिलर समप्रेत आम, सपुपरारश्री और कप्रे लप्रे कप्रे वमृक्ष नगर ककी गहलयर ममें
चरारर ओर रगोप दगो॥3॥
* रचहह ममंजपु महन चरौकमें चरारू। कहहह बनरावन बप्रेहग बजरारू॥
पपूजहह गनपहत गपुर कपु लदप्रेवरा। सब हबहध करहह भपूहमसपुर सप्रेवरा॥4॥
भरावरारर्ण:-सपुमंदर महरयर कप्रे मनगोहर चरौक पपुरवराओ और बराजरार कगो तपुरमंत सजरानप्रे कप्रे हलए
कह दगो। शश्री गरप्रेशजश्री, गपुर और कपु लदप्रेवतरा ककी पपूजरा करगो और भपूदप्रेव ब्रराहरर ककी सब
पकरार सप्रे सप्रेवरा करगो॥4॥
दगोहरा :
* ध्वज पतराक तगोरन कलस सजहह तपुरग रर नराग।
हसर धरर मपुहनबर बचन सबपु हनज हनज कराजहहमं लराग॥6॥
भरावरारर्ण:-ध्वजरा, पतराकरा, तगोरर, कलश, घगोडप्रे, रर और हरारश्री सबकगो सजराओ!
मपुहन शप्रेष वहशषजश्री कप्रे वचनर कगो हशरगोधरायर्ण करकप्रे सब लगोग अपनप्रे-अपनप्रे कराम ममें लग
गए॥6॥
चरौपराई :
* जगो मपुनश्रीस जप्रेहह आयसपु दश्रीन्हरा। सगो तप्रेहहमं कराजपु परम जनपु ककीन्हरा॥
हबप सराधपु सपुर पपूजत रराजरा। करत रराम हहत ममंगल कराजरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-मपुनश्रीश्वर नप्रे हजसकगो हजस कराम कप्रे हलए आजरा दश्री, उसनप्रे वह कराम (इतनश्री
शश्रीघ्रतरा सप्रे कर डरालरा हक) मरानगो पहलप्रे सप्रे हश्री कर रखरा ररा। रराजरा ब्रराहर, सराधपु और
दप्रेवतराओमं कगो पपूज रहप्रे हमैं और शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे हलए सब ममंगल करायर्ण कर रहप्रे हमैं॥1॥
* सपुनत रराम अहभषप्रेक सपुहरावरा। बराज गहरागह अवध बधरावरा॥
रराम सश्रीय तन सगपुन जनराए। फिरकहहमं ममंगल अमंग सपुहराए॥2॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे रराज्यराहभषप्रेक ककी सपुहरावनश्री खबर सपुनतप्रे हश्री अवधभर ममें बडश्री
धपूम सप्रे बधरावप्रे बजनप्रे लगप्रे। शश्री ररामचन्दजश्री और सश्रीतराजश्री कप्रे शरश्रीर ममें भश्री शपुभ शकपु न
सपूहचत हह ए। उनकप्रे सपुदमं र ममंगल अमंग फिडकनप्रे लगप्रे॥2॥
* पपुलहक सपप्रेम परसपर कहहहीं। भरत आगमनपु सपूचक अहहहीं॥
भए बहह त हदन अहत अवसप्रेरश्री। सगपुन पतश्रीहत भमेंट हपय कप्रे रश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-पपुलहकत हगोकर वप्रे दगोनर पप्रेम सहहत एक-दस पू रप्रे सप्रे कहतप्रे हमैं हक यप्रे सब शकपु न
भरत कप्रे आनप्रे ककी सपूचनरा दप्रेनप्रे वरालप्रे हमैं। (उनकगो मरामरा कप्रे घर गए) बहह त हदन हगो
गए, बहह त हश्री अवसप्रेर आ रहश्री हहै (बरार-बरार उनसप्रे हमलनप्रे ककी मन ममें आतश्री हहै)
शकपु नर सप्रे हपय (भरत) कप्रे हमलनप्रे करा हवश्वरास हगोतरा हहै॥3॥
* भरत सररस हपय कगो जग मराहहीं। इहइ सगपुन फिलपु द स पू र नराहहीं॥
ररामहह बमंधपु सगोच हदन ररातश्री। अमंडहन्ह कमठ हृदय जप्रेहह भराहूँतश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-और भरत कप्रे समरान जगत ममें (हममें) करौन प्यराररा हहै! शकपु न करा बस, यहश्री
फिल हहै, दस पू ररा नहहीं। शश्री ररामचन्दजश्री कगो (अपनप्रे) भराई भरत करा हदन-ररात ऐसरा सगोच
रहतरा हहै जहैसरा कछपु ए करा हृदय अमंडर ममें रहतरा हहै॥4॥
दगोहरा :
* एहह अवसर ममंगलपु परम सपुहन रहहूँसप्रेउ रहनवरासपु।
सगोभत लहख हबधपु बढत जनपु बराररहध बश्रीहच हबलरासपु॥ 7॥
भरावरारर्ण:-इसश्री समय यह परम ममंगल समराचरार सपुनकर सराररा रहनवरास हहषर्णत हगो उठरा।
जहैसप्रे चन्दमरा कगो बढतप्रे दप्रेखकर समपुद ममें लहरर करा हवलरास (आनमंद) सपुशगोहभत हगोतरा
हहै॥7॥
चरौपराई :
* परम जराइ हजन्ह बचन सपुनराए। भपूषन बसन भपूरर हतन्ह पराए॥
पप्रेम पपुलहक तन मन अनपुररागहीं। ममंगल कलस सजन सब लरागहीं॥ 1॥
भरावरारर्ण:-सबसप्रे पहलप्रे (रहनवरास ममें) जराकर हजन्हरनप्रे यप्रे वचन (समराचरार) सपुनराए,
उन्हरनप्रे बहह त सप्रे आभपूषर और वस्त्र पराए। रराहनयर करा शरश्रीर पप्रेम सप्रे पपुलहकत हगो उठरा
और मन पप्रेम ममें मग्नि हगो गयरा। वप्रे सब ममंगल कलश सजरानप्रे लगहीं॥ 1॥
* चरौकमें चरार सपुहमत्रराहूँ पपूरश्री। महनमय हबहबध भराहूँहत अहत रूरश्री॥
आनहूँद मगन रराम महतरारश्री। हदए दरान बहह हबप हहूँकरारश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-सपुहमत्रराजश्री नप्रे महरयर (रत्नर) कप्रे बहह त पकरार कप्रे अत्यन्त सपुदमं र और मनगोहर
चरौक पपूरप्रे। आनमंद ममें मग्नि हहई शश्री ररामचन्दजश्री ककी मरातरा करौसल्यराजश्री नप्रे ब्रराहरर कगो
बपुलराकर बहह त दरान हदए॥2॥
* पपूजहीं गरामदप्रेहब सपुर नरागरा। कहप्रेउ बहगोरर दप्रेन बहलभरागरा॥
जप्रेहह हबहध हगोइ रराम कल्यरानपू। दप्रेहह दयरा करर सगो बरदरानपू॥3॥
भरावरारर्ण:-उन्हरनप्रे गरामदप्रेहवयर, दप्रेवतराओमं और नरागर ककी पपूजरा ककी और हफिर बहल भमेंट
दप्रेनप्रे कगो कहरा (अररार्णत करायर्ण हसद हगोनप्रे पर हफिर पपूजरा करनप्रे ककी मनरौतश्री मरानश्री ) और
परारर्णनरा ककी हक हजस पकरार सप्रे शश्री ररामचन्दजश्री करा कल्यरार हगो, दयरा करकप्रे वहश्री
वरदरान दश्रीहजए॥3॥
*गरावहहमं ममंगल कगोहकलबयनहीं। हबधपुबदनहीं ममृगसरावकनयनहीं॥ 4॥
भरावरारर्ण:-कगोयल ककी सश्री मश्रीठश्री वरारश्री वरालश्री, चन्दमरा कप्रे समरान मपुख वरालश्री और हहरन
कप्रे बचप्रे कप्रे सप्रे नप्रेत्रर वरालश्री हस्त्रयराहूँ ममंगलगरान करनप्रे लगहीं॥4॥
दगोहरा :
* रराम रराज अहभषप्रेकपु सपुहन हहयहूँ हरषप्रे नर नरारर।
लगप्रे सपुममंगल सजन सब हबहध अनपुकपूल हबचरारर॥8॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचन्दजश्री करा रराज्यराहभषप्रेक सपुनकर सभश्री स्त्रश्री -पपुरष हृदय ममें हहषर्णत हगो
उठप्रे और हवधरातरा कगो अपनप्रे अनपुकपूल समझकर सब सपुदमं र ममंगल सराज सजरानप्रे लगप्रे॥ 8॥
चरौपराई :
* तब नरनराहहूँ बहसषह बगोलराए। ररामधराम हसख दप्रेन पठराए॥
गपुर आगमनपु सपुनत रघपुनराररा। दरार आइ पद नरायउ मराररा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-तब रराजरा नप्रे वहशषजश्री कगो बपुलरायरा और हशक्षरा (समयगोहचत उपदप्रेश) दप्रेनप्रे कप्रे
हलए शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे महल ममें भप्रेजरा। गपुर करा आगमन सपुनतप्रे हश्री शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे
दरवराजप्रे पर आकर उनकप्रे चररर ममें मस्तक नवरायरा।1॥
* सरादर अरघ दप्रेइ घर आनप्रे। सगोरह भराहूँहत पपूहज सनमरानप्रे॥
गहप्रे चरन हसय सहहत बहगोरश्री। बगोलप्रे ररामपु कमल कर जगोरश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-आदरपपूवर्णक अघ्यर्ण दप्रेकर उन्हमें घर ममें लराए और षगोडशगोपचरार सप्रे पपूजरा करकप्रे
उनकरा सम्मरान हकयरा। हफिर सश्रीतराजश्री सहहत उनकप्रे चरर स्पशर्ण हकए और कमल कप्रे
समरान दगोनर हरारर कगो जगोडकर शश्री ररामजश्री बगोलप्रे -॥2॥
* सप्रेवक सदन स्वराहम आगमनपू। ममंगल मपूल अममंगल दमनपू॥
तदहप उहचत जनपु बगोहल सपश्रीतश्री। पठइअ कराज नरार अहस नश्रीतश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-यद्यहप सप्रेवक कप्रे घर स्वरामश्री करा पधरारनरा ममंगलर करा मपूल और अममंगलर करा
नराश करनप्रे वरालरा हगोतरा हहै, तरराहप हप्रे नरार! उहचत तगो यहश्री ररा हक पप्रेमपपूवर्णक दरास
कगो हश्री करायर्ण कप्रे हलए बपुलरा भप्रेजतप्रे, ऐसश्री हश्री नश्रीहत हहै॥3॥
* पभपुतरा तहज पभपु ककीन्ह सनप्रेहह। भयउ पपुनश्रीत आजपु यहह गप्रेहह॥
आयसपु हगोइ सगो करजौं गगोसराई।मं सप्रेवकपु लइह स्वराहम सप्रेवकराई॥मं 4॥
भरावरारर्ण:-परन्तपु पभपु (आप) नप्रे पभपुतरा छगोडकर (स्वयमं यहराहूँ पधरारकर) जगो स्नप्रेह
हकयरा, इससप्रे आज यह घर पहवत्र हगो गयरा! हप्रे गगोसराई!मं (अब) जगो आजरा हगो, ममैं
वहश्री करूहूँ। स्वरामश्री ककी सप्रेवरा ममें हश्री सप्रेवक करा लराभ हहै॥ 4॥
दगोहरा :
* सपुहन सनप्रेह सरानप्रे बचन मपुहन रघपुबरहह पसमंस।
रराम कस न तपुम्ह कहहह अस हमंस बमंस अवतमंस॥9॥
भरावरारर्ण:-(शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे ) पप्रेम ममें सनप्रे हह ए वचनर कगो सपुनकर मपुहन वहशषजश्री नप्रे शश्री
रघपुनरारजश्री ककी पशमंसरा करतप्रे हहए कहरा हक हप्रे रराम! भलरा आप ऐसरा क्यर न कहमें। आप
सपूयवर्ण मंश कप्रे भपूषर जगो हमैं॥9॥
चरौपराई :
* बरहन रराम गपुन सश्रीलपु सपुभराऊ। बगोलप्रे पप्रेम पपुलहक मपुहनरराऊ॥
भपूप सजप्रेउ अहभषप्रेक समराजपू। चराहत दप्रेन तपुम्हहह जपुबरराजपू॥ 1॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे गपुर, शश्रील और स्वभराव करा बखरान कर, मपुहनरराज पप्रेम सप्रे
पपुलहकत हगोकर बगोलप्रे- (हप्रे ररामचन्दजश्री!) रराजरा (दशररजश्री) नप्रे रराज्यराहभषप्रेक ककी तहैयरारश्री
ककी हहै। वप्रे आपकगो यवपु रराज पद दप्रेनरा चराहतप्रे हमैं॥1॥
* रराम करहह सब समंजम आजपू। जजौं हबहध कपु सल हनबराहहै कराजपू॥
गपुर हसख दप्रेइ रराय पहहमं गयऊ। रराम हृदयहूँ अस हबसमउ भयऊ॥2॥
भरावरारर्ण:-(इसहलए) हप्रे ररामजश्री! आज आप (उपवरास, हवन आहद हवहधपपूवर्णक) सब
समंयम ककीहजए, हजससप्रे हवधरातरा कपु शलपपूवर्णक इस कराम कगो हनबराह दमें (सफिल कर दमें)।
गपुरजश्री हशक्षरा दप्रेकर रराजरा दशररजश्री कप्रे परास चलप्रे गए। शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे हृदय ममें (यह
सपुनकर) इस बरात करा खप्रेद हह आ हक-॥2॥
* जनमप्रे एक समंग सब भराई। भगोजन सयन कप्रे हल लररकराई॥
करनबप्रेध उपबश्रीत हबआहरा। समंग समंग सब भए उछराहरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-हम सब भराई एक हश्री सरार जन्मप्रे, खरानरा, सगोनरा, लडकपन कप्रे खप्रेल-कपू द,
कनछप्रेदन, यजगोपवश्रीत और हववराह आहद उत्सव सब सरार -सरार हश्री हह ए॥3॥
* हबमल बमंस यहह अनपुहचत एकपू । बमंधपु हबहराइ बडप्रेहह अहभषप्रेकपू॥
पभपु सपप्रेम पहछतराहन सपुहराई। हरउ भगत मन कहै कपु हटलराई॥4॥
भरावरारर्ण:-पर इस हनमर्णल वमंश ममें यहश्री एक अनपुहचत बरात हगो रहश्री हहै हक और सब
भराइयर कगो छगोडकर रराज्यराहभषप्रेक एक बडप्रे करा हश्री (मप्रेररा हश्री) हगोतरा हहै। (तपुलसश्रीदरासजश्री
कहतप्रे हमैं हक) पभपु शश्री ररामचन्दजश्री करा यह सपुदमं र पप्रेमपपूरर्ण पछतरावरा भक्तर कप्रे मन ककी
कपु हटलतरा कगो हरर करप्रे॥4॥
दगोहरा :
*तप्रेहह अवसर आए लखन मगन पप्रेम आनमंद।
सनमरानप्रे हपय बचन कहह रघपुकपुल कहै रव चमंद॥10॥
भरावरारर्ण:-उसश्री समय पप्रेम और आनमंद ममें मग्नि लक्ष्मरजश्री आए। रघपुकपु ल रूपश्री कपु मपुद कप्रे
हखलरानप्रे वरालप्रे चन्दमरा शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे हपय वचन कहकर उनकरा सम्मरान हकयरा॥ 10॥
चरौपराई :
* बराजहहमं बराजनप्रे हबहबध हबधरानरा। पपुर पमगोद पु नहहमं जराइ बखरानरा॥
भरत आगमनपु सकल मनरावहहमं। आवहह हूँ बप्रेहग नयन फिलपु परावहहमं॥1॥
भरावरारर्ण:-बहह त पकरार कप्रे बराजप्रे बज रहप्रे हमैं। नगर कप्रे अहतशय आनमंद करा वरर्णन नहहीं हगो
सकतरा। सब लगोग भरतजश्री करा आगमन मनरा रहप्रे हमैं और कह रहप्रे हमैं हक वप्रे भश्री शश्रीघ्र
आवमें और (रराज्यराहभषप्रेक करा उत्सव दप्रेखकर) नप्रेत्रर करा फिल पराप्त करमें॥1॥
* हराट बराट घर गलहीं अरराई।मं कहहहमं परसपर लगोग लगोगराई॥मं
कराहल लगन भहल कप्रे हतक बराररा। पपूहजहह हबहध अहभलराषपु हमराररा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-बराजरार, ररास्तप्रे, घर, गलश्री और चबपूतरर पर (जहराहूँ-तहराहूँ) पपुरष और स्त्रश्री
आपस ममें यहश्री कहतप्रे हमैं हक कल वह शपुभ लग्नि (मपुहहतर्ण) हकतनप्रे समय हहै, जब
हवधरातरा हमरारश्री अहभलराषरा पपूरश्री करमेंगप्रे॥ 2॥
* कनक हसमंघरासन सश्रीय समप्रेतरा। बहैठहहमं ररामपु हगोइ हचत चप्रेतरा॥
सकल कहहहमं कब हगोइहह करालश्री। हबघन मनरावहहमं दप्रेव कपु चरालश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-जब सश्रीतराजश्री सहहत शश्री ररामचन्दजश्री सपुवरर्ण कप्रे हसमंहरासन पर हवरराजमेंगप्रे और
हमराररा मनचश्रीतरा हगोगरा (मनद्धाःकरामनरा पपूरश्री हगोगश्री)। इधर तगो सब यह कह रहप्रे हमैं हक कल
कब हगोगरा, उधर कपु चककी दप्रेवतरा हवघ्न मनरा रहप्रे हमैं॥3॥
* हतन्हहह सगोहराइ न अवध बधरावरा। चगोरहह चमंहदहन रराहत न भरावरा॥
सरारद बगोहल हबनय सपुर करहहीं। बरारहहमं बरार पराय लहै परहहीं॥ 4॥
भरावरारर्ण:-उन्हमें (दप्रेवतराओमं कगो) अवध कप्रे बधरावप्रे नहहीं सपुहरातप्रे, जहैसप्रे चगोर कगो चराहूँदनश्री ररात
नहहीं भरातश्री। सरस्वतश्रीजश्री कगो बपुलराकर दप्रेवतरा हवनय कर रहप्रे हमैं और बरार -बरार उनकप्रे पहैरर
कगो पकडकर उन पर हगरतप्रे हमैं॥4॥
दगोहरा :
* हबपहत हमरारर हबलगोहक बहड मरातपु कररअ सगोइ आजपु।
ररामपु जराहहमं बन रराजपु तहज हगोइ सकल सपुरकराजपु॥ 11॥
भरावरारर्ण:-(वप्रे कहतप्रे हमैं-) हप्रे मरातरा! हमरारश्री बडश्री हवपहर कगो दप्रेखकर आज वहश्री ककीहजए
हजससप्रे शश्री ररामचन्दजश्री रराज्य त्यरागकर वन कगो चलप्रे जराएहूँ और दप्रेवतराओमं करा सब करायर्ण
हसद हगो॥11॥
चरौपराई :
* सपुहन सपुर हबनय ठराहढ पहछतरातश्री। भइउहूँ सरगोज हबहपन हहमररातश्री॥
दप्रेहख दप्रेव पपुहन कहहहमं हनहगोरश्री। मरातपु तगोहह नहहमं रगोररउ खगोरश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-दप्रेवतराओमं ककी हवनतश्री सपुनकर सरस्वतश्रीजश्री खडश्री-खडश्री पछतरा रहश्री हमैं हक
(हराय!) ममैं कमलवन कप्रे हलए हप्रेममंत ऋतपु ककी ररात हह ई। उन्हमें इस पकरार पछतरातप्रे
दप्रेखकर दप्रेवतरा हवनय करकप्रे कहनप्रे लगप्रे- हप्रे मरातरा! इसममें आपकगो जररा भश्री दगोष न
लगप्रेगरा॥1॥
* हबसमय हरष रहहत रघपुरराऊ। तपुम्ह जरानहह सब रराम पभराऊ॥
जश्रीव करम बस सपुख दख पु भरागश्री। जराइअ अवध दप्रेव हहत लरागश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-शश्री रघपुनरारजश्री हवषराद और हषर्ण सप्रे रहहत हमैं। आप तगो शश्री ररामजश्री कप्रे सब
पभराव कगो जरानतश्री हश्री हमैं। जश्रीव अपनप्रे कमर्णवश हश्री सपुख -दद्धाःपु ख करा भरागश्री हगोतरा हहै। अतएव
दप्रेवतराओमं कप्रे हहत कप्रे हलए आप अयगोध्यरा जराइए॥2॥
* बरार बरार गहह चरन सहूँकगोचश्री। चलश्री हबचरारर हबबपुध महत पगोचश्री॥
ऊहूँच हनवरासपु नश्रीहच करतपूतश्री। दप्रेहख न सकहहमं परराइ हबभपूतश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-बरार-बरार चरर पकडकर दप्रेवतराओमं नप्रे सरस्वतश्री कगो समंकगोच ममें डराल हदयरा। तब
वप्रे यह हवचरारकर चलहीं हक दप्रेवतराओमं ककी बपुहद ओछश्री हहै। इनकरा हनवरास तगो ऊहूँचरा हहै ,
पर इनककी करनश्री नश्रीचश्री हहै। यप्रे दस पू रप्रे करा ऐश्वयर्ण नहहीं दप्रेख सकतप्रे॥3॥
* आहगल कराजपु हबचरारर बहगोरश्री। कररहहहमं चराह कपु सल कहब मगोरश्री॥
हरहष हृदयहूँ दसरर पपुर आई। जनपु गह दसरा द सपु ह दख पु दराई॥4॥
भरावरारर्ण:-परन्तपु आगप्रे कप्रे कराम करा हवचरार करकप्रे (शश्री ररामजश्री कप्रे वन जरानप्रे सप्रे रराक्षसर
करा वध हगोगरा, हजससप्रे सराररा जगत सपुखश्री हगो जराएगरा) चतपुर कहव (शश्री ररामजश्री कप्रे
वनवरास कप्रे चररत्रर करा वरर्णन करनप्रे कप्रे हलए) मप्रेरश्री चराह (करामनरा) करमेंगप्रे। ऐसरा हवचरार
कर सरस्वतश्री हृदय ममें हहषर्णत हगोकर दशररजश्री ककी पपुरश्री अयगोध्यरा ममें आई ,मं मरानगो दद्धाःपु सह
दद्धाःपु ख दप्रेनप्रे वरालश्री कगोई गहदशरा आई हगो॥4॥
सरस्वतश्री करा मन्रररा ककी बपुहद फिप्रे रनरा, कहै कप्रे यश्री-मन्रररा समंवराद, पजरा ममें खपुशश्री
दगोहरा :
* नरामपु ममंरररा ममंदमहत चप्रेरश्री कहै कइ कप्रे रर।
अजस पप्रेटरारश्री तराहह करर गई हगररा महत फिप्रे रर॥12॥
भरावरारर्ण:-मन्रररा नराम ककी कहै कप्रे ई ककी एक ममंदबपुहद दरासश्री रश्री, उसप्रे अपयश ककी हपटरारश्री
बनराकर सरस्वतश्री उसककी बपुहद कगो फिप्रे रकर चलश्री गई॥मं 12॥
चरौपराई :
* दश्रीख ममंरररा नगर बनरावरा। ममंजपुल ममंगल बराज बधरावरा॥
पपूछप्रेहस लगोगन्ह कराह उछराहह। रराम हतलकपु सपुहन भरा उर दराहह॥1॥
भरावरारर्ण:-ममंरररा नप्रे दप्रेखरा हक नगर सजरायरा हहआ हहै। सपुमंदर ममंगलमय बधरावप्रे बज रहप्रे हमैं।
उसनप्रे लगोगर सप्रे पपूछरा हक कहै सरा उत्सव हहै? (उनसप्रे) शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे रराजहतलक
ककी बरात सपुनतप्रे हश्री उसकरा हृदय जल उठरा॥1॥
* करइ हबचरार कपु बपुहद कपु जरातश्री। हगोइ अकराजपु कवहन हबहध ररातश्री॥
दप्रेहख लराहग मधपु कपु हटल हकररातश्री। हजहम गवहूँ तकइ लप्रेउहूँ कप्रे हह भराहूँतश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-वह दबपु पुर्णहद, नश्रीच जराहत वरालश्री दरासश्री हवचरार करनप्रे लगश्री हक हकस पकरार सप्रे
यह कराम ररात हश्री ररात ममें हबगड जराए, जहैसप्रे कगोई कपु हटल भश्रीलनश्री शहद करा छररा लगरा
दप्रेखकर घरात लगरातश्री हहै हक इसकगो हकस तरह सप्रे उखराड लपूहूँ॥ 2॥
* भरत मरातपु पहहमं गइ हबलखरानश्री। करा अनमहन हहस कह हहूँहस ररानश्री॥
ऊतर दप्रेइ न लप्रेइ उसरासपू। नरारर चररत करर ढरारइ आहूँसपू॥ 3॥
भरावरारर्ण:-वह उदरास हगोकर भरतजश्री ककी मरातरा कहै कप्रे यश्री कप्रे परास गई। ररानश्री कहै कप्रे यश्री नप्रे
हहूँसकर कहरा- तपू उदरास क्यर हहै? ममंरररा कपु छ उरर नहहीं दप्रेतश्री, कप्रे वल लमंबश्री सरास हूँ लप्रे
रहश्री हहै और हत्रयराचररत्र करकप्रे आहूँसपू ढरकरा रहश्री हहै॥3॥
* हहूँहस कह रराहन गरालपु बड तगोरमें। दश्रीन्ह लखन हसख अस मन मगोरमें॥
तबहह हूँ न बगोल चप्रेरर बहड पराहपहन। छराडइ स्वरास करारर जनपु सराहूँहपहन॥4॥
भरावरारर्ण:-ररानश्री हहूँसकर कहनप्रे लगश्री हक तप्रेरप्रे बडप्रे गराल हमैं (तपू बहह त बढ-बढकर बगोलनप्रे
वरालश्री हहै)। मप्रेररा मन कहतरा हहै हक लक्ष्मर नप्रे तपुझप्रे कपु छ सश्रीख दश्री हहै (दण्ड हदयरा हहै)।
तब भश्री वह महरापराहपनश्री दरासश्री कपु छ भश्री नहहीं बगोलतश्री। ऐसश्री लमंबश्री सराहूँस छगोड रहश्री हहै ,
मरानगो करालश्री नराहगन (फिपु फिकरार छगोड रहश्री) हगो॥4॥
दगोहरा :
* सभय रराहन कह कहहस हकन कपु सल ररामपु महहपरालपु।
लखनपु भरतपु ररपपुदमनपु सपुहन भरा कपु बरश्री उर सरालपु॥13॥
भरावरारर्ण:-तब ररानश्री नप्रे डरकर कहरा- अरश्री! कहतश्री क्यर नहहीं? शश्री ररामचन्द, रराजरा,
लक्ष्मर, भरत और शत्रपुघ्न कपु शल सप्रे तगो हमैं? यह सपुनकर कपु बरश्री ममंरररा कप्रे हृदय ममें
बडश्री हश्री पश्रीडरा हह ई॥13॥
चरौपराई :
* कत हसख दप्रेइ हमहह कगोउ मराई। गरालपु करब कप्रे हह कर बलपु पराई॥
ररामहह छराहड कपु सल कप्रे हह आजपू। जप्रेहह जनप्रेसपु दप्रेइ जपुबरराजपू॥1॥
भरावरारर्ण:-(वह कहनप्रे लगश्री-) हप्रे मराई! हममें कगोई क्यर सश्रीख दप्रेगरा और ममैं हकसकरा बल
पराकर गराल करूहूँगश्री (बढ-बढकर बगोलपूहूँगश्री)। ररामचन्द कगो छगोडकर आज और हकसककी
कपु शल हहै, हजन्हमें रराजरा यवपु रराज पद दप्रे रहप्रे हमैं॥1॥
* भयउ करौहसलहह हबहध अहत दराहहन। दप्रेखत गरब रहत उर नराहहन॥
दप्रेखहह कस न जराइ सब सगोभरा। जगो अवलगोहक मगोर मनपु छगोभरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-आज करौसल्यरा कगो हवधरातरा बहह त हश्री दराहहनप्रे (अनपुकपूल) हह ए हमैं, यह दप्रेखकर
उनकप्रे हृदय ममें गवर्ण समरातरा नहहीं। तपुम स्वयमं जराकर सब शगोभरा क्यर नहहीं दप्रेख लप्रेतहीं,
हजसप्रे दप्रेखकर मप्रेरप्रे मन ममें क्षगोभ हह आ हहै॥2॥
* पपूतपु हबदप्रेस न सगोचपु तपुम्हरारमें। जरानहत हहह बस नराहह हमरारमें॥
नश्रीद बहह त हपय सप्रेज तपुरराई। लखहह न भपूप कपट चतपुरराई॥3॥
भरावरारर्ण:-तपुम्हराररा पपुत्र परदप्रेस ममें हहै, तपुम्हमें कपु छ सगोच नहहीं। जरानतश्री हगो हक स्वरामश्री हमरारप्रे
वश ममें हमैं। तपुम्हमें तगो तगोशक-पलहूँग पर पडप्रे-पडप्रे नहींद लप्रेनरा हश्री बहह त प्यराररा लगतरा हहै,
रराजरा ककी कपटभरश्री चतपुरराई तपुम नहहीं दप्रेखतहीं॥ 3॥
*सपुहन हपय बचन महलन मनपु जरानश्री। झपुककी रराहन अब रहह अरगरानश्री॥
पपुहन अस कबहह हूँ कहहस घरफिगोरश्री। तब धरर जश्रीभ कढरावउहूँ तगोरश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-मन्रररा कप्रे हपय वचन सपुनकर, हकन्तपु उसकगो मन ककी महैलश्री जरानकर ररानश्री
झपुककर (डराहूँटकर) बगोलश्री- बस, अब चपुप रह घरफिगोडश्री कहहीं ककी! जगो हफिर कभश्री
ऐसरा कहरा तगो तप्रेरश्री जश्रीभ पकडकर हनकलवरा लपूहूँगश्री॥ 4॥
दगोहरा :
* करानप्रे खगोरप्रे कपू बरप्रे कपु हटल कपु चरालश्री जराहन।
हतय हबसप्रेहष पपुहनचप्रेरर कहह भरतमरातपु मपुसपुकराहन॥14॥
भरावरारर्ण:-करानर, लमंगडर और कपु बडर कगो कपु हटल और कपु चरालश्री जराननरा चराहहए। उनममें भश्री
स्त्रश्री और खरासकर दरासश्री! इतनरा कहकर भरतजश्री ककी मरातरा कहै कप्रे यश्री मपुस्कपु ररा दहीं॥14॥
चरौपराई :
* हपयबराहदहन हसख दश्रीहन्हउहूँ तगोहश्री। सपनप्रेहहहूँ तगो पर कगोपपु न मगोहश्री॥
सपुहदनपु सपुममंगल दरायकपु सगोई। तगोर कहरा फिपु र जप्रेहह हदन हगोई॥1॥
भरावरारर्ण:-(और हफिर बगोलहीं-) हप्रे हपय वचन कहनप्रे वरालश्री ममंरररा! ममैंनप्रे तपुझकगो यह सश्रीख
दश्री हहै (हशक्षरा कप्रे हलए इतनश्री बरात कहश्री हहै)। मपुझप्रे तपुझ पर स्वप्न ममें भश्री कगोध नहहीं हहै।
सपुमंदर ममंगलदरायक शपुभ हदन वहश्री हगोगरा, हजस हदन तप्रेररा कहनरा सत्य हगोगरा (अररार्णत शश्री
रराम करा रराज्यहतलक हगोगरा)॥1॥
* जप्रेठ स्वराहम सप्रेवक लघपु भराई। यह हदनकर कपु ल रश्रीहत सपुहराई॥
रराम हतलकपु जजौं सराचहूँ प्रेहहहूँ करालश्री। दप्रेउहूँ मरागपु मन भरावत आलश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-बडरा भराई स्वरामश्री और छगोटरा भराई सप्रेवक हगोतरा हहै। यह सपूयर्णवमंश ककी सपुहरावनश्री
रश्रीहत हश्री हहै। यहद सचमपुच कल हश्री शश्री रराम करा हतलक हहै , तगो हप्रे सखश्री! तप्रेरप्रे मन
कगो अच्छश्री लगप्रे वहश्री वस्तपु मराहूँग लप्रे, ममैं दहूँगपू श्री॥2॥
* करौसल्यरा सम सब महतरारश्री। ररामहह सहज सपुभरायहूँ हपआरश्री॥
मगो पर करहहमं सनप्रेहह हबसप्रेषश्री। ममैं करर पश्रीहत परश्रीछरा दप्रेखश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-रराम कगो सहज स्वभराव सप्रे सब मरातराएहूँ करौसल्यरा कप्रे समरान हश्री प्यरारश्री हमैं। मपुझ
पर तगो वप्रे हवशप्रेष पप्रेम करतप्रे हमैं। ममैंनप्रे उनककी पश्रीहत ककी परश्रीक्षरा करकप्रे दप्रेख लश्री हहै॥3॥
* जजौं हबहध जनमपु दप्रेइ करर छगोहह। हगोहहहूँ रराम हसय पपूत पपुतगोहह॥
परान तमें अहधक ररामपु हपय मगोरमें। हतन्ह कमें हतलक छगोभपु कस तगोरमें॥4॥
भरावरारर्ण:-जगो हवधरातरा कमृ परा करकप्रे जन्म दमें तगो (यह भश्री दमें हक) शश्री ररामचन्द पपुत्र और
सश्रीतरा बहह हर। शश्री रराम मपुझप्रे परारर सप्रे भश्री अहधक हपय हमैं। उनकप्रे हतलक सप्रे (उनकप्रे
हतलक ककी बरात सपुनकर) तपुझप्रे क्षगोभ कहै सरा?॥4॥
दगोहरा :
* भरत सपर तगोहह सत्य कहह पररहरर कपट दरपु राउ।
हरष समय हबसमउ करहस करारन मगोहह सपुनराउ॥15॥
भरावरारर्ण:- तपुझप्रे भरत ककी सरौगमंध हहै, छल-कपट छगोडकर सच-सच कह। तपू हषर्ण कप्रे
समय हवषराद कर रहश्री हहै, मपुझप्रे इसकरा करारर सपुनरा॥15॥
चरौपराई :
* एकहहमं बरार आस सब पपूजश्री। अब कछपु कहब जश्रीभ करर दज पू श्री॥
फिगोरहै जगोगपु कपरार अभरागरा। भलप्रेउ कहत दख पु रउरप्रेहह लरागरा॥1॥
भरावरारर्ण:-(ममंरररा नप्रे कहरा-) सरारश्री आशराएहूँ तगो एक हश्री बरार कहनप्रे ममें पपूरश्री हगो गई ।मं अब
तगो दस पू रश्री जश्रीभ लगराकर कपु छ कहह हूँगश्री। मप्रेररा अभरागरा कपराल तगो फिगोडनप्रे हश्री यगोग्य हहै , जगो
अच्छश्री बरात कहनप्रे पर भश्री आपकगो दद्धाःपु ख हगोतरा हहै॥1॥
* कहहहमं झपूहठ फिपु रर बरात बनराई। तप्रे हपय तपुम्हहह करइ ममैं मराई॥
हमहह हूँ कहहब अब ठकपु रसगोहरातश्री। नराहहमं त मरौन रहब हदनपु ररातश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-जगो झपूठश्री-सचश्री बरातमें बनराकर कहतप्रे हमैं, हप्रे मराई! वप्रे हश्री तपुम्हमें हपय हमैं और ममैं
कडवश्री लगतश्री हह हूँ! अब ममैं भश्री ठकपु रसपुहरातश्री (मपुहूँह दप्रेखश्री) कहरा करूहूँगश्री। नहहीं तगो हदन-
ररात चपुप रहह हूँगश्री॥2॥
* करर कपु रूप हबहध परबस ककीन्हरा। बवरा सगो लपुहनअ लहहअ जगो दश्रीन्हरा॥
कगोउ नमृप हगोउ हमहह करा हरानश्री। चप्रेरर छराहड अब हगोब हक ररानश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-हवधरातरा नप्रे कपु रूप बनराकर मपुझप्रे परवश कर हदयरा! (दस पू रप्रे कगो क्यरा दगोष) जगो
बगोयरा सगो कराटतश्री हह,हूँ हदयरा सगो परातश्री हह हूँ। कगोई भश्री रराजरा हगो, हमरारश्री क्यरा हराहन हहै?
दरासश्री छगोडकर क्यरा अब ममैं ररानश्री हगोऊहूँगश्री! (अररार्णत ररानश्री तगो हगोनप्रे सप्रे रहश्री)॥3॥
* जरारहै जगोगपु सपुभराउ हमराररा। अनभल दप्रेहख न जराइ तपुम्हराररा॥
तरातमें कछपु क बरात अनपुसरारश्री। छहमअ दप्रेहब बहड चपूक हमरारश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-हमराररा स्वभराव तगो जलरानप्रे हश्री यगोग्य हहै, क्यरहक तपुम्हराररा अहहत मपुझसप्रे दप्रेखरा
नहहीं जरातरा, इसहलए कपु छ बरात चलराई रश्री, हकन्तपु हप्रे दप्रेवश्री! हमरारश्री बडश्री भपूल हहई,
क्षमरा करगो॥4॥
दगोहरा :
* गपूढ कपट हपय बचन सपुहन तश्रीय अधरबपुहध रराहन।
सपुरमरायरा बस बहैररहनहह सपुहृद जराहन पहतआहन॥16॥
भरावरारर्ण:-आधराररहहत (अहस्रर) बपुहद ककी स्त्रश्री और दप्रेवतराओमं ककी मरायरा कप्रे वश ममें हगोनप्रे
कप्रे करारर रहस्ययक्त पु कपट भरप्रे हपय वचनर कगो सपुनकर ररानश्री कहै कप्रे यश्री नप्रे बहैररन मन्रररा
कगो अपनश्री सपुहृदम (अहहैतपुक हहत करनप्रे वरालश्री) जरानकर उसकरा हवश्वरास कर हलयरा॥
16॥
चरौपराई :
* सरादर पपुहन पपुहन पपूछ हूँ हत ओहश्री। सबरश्री गरान ममृगश्री जनपु मगोहश्री॥
तहस महत हफिरश्री अहइ जहस भराबश्री। रहसश्री चप्रेरर घरात जनपु फिराबश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-बरार-बरार ररानश्री उससप्रे आदर कप्रे सरार पपूछ रहश्री हहै, मरानगो भश्रीलनश्री कप्रे गरान सप्रे
हहरनश्री मगोहहत हगो गई हगो। जहैसश्री भरावश्री (हगोनहरार) हहै, वहैसश्री हश्री बपुहद भश्री हफिर गई।
दरासश्री अपनरा दरावहूँ लगरा जरानकर हहषर्णत हह ई॥1॥
* तपुम्ह पपूहूँछहह ममैं कहत डप्रेरराउहूँ। धरप्रेहह मगोर घरफिगोरश्री नराऊहूँ॥
सहज पतश्रीहत बहह हबहध गहढ छगोलश्री। अवध सराढसरातश्री तब बगोलश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-तपुम पपूछतश्री हगो, हकन्तपु ममैं कहतप्रे डरतश्री हह,हूँ क्यरहक तपुमनप्रे पहलप्रे हश्री मप्रेररा नराम
घरफिगोडश्री रख हदयरा हहै। बहह त तरह सप्रे गढ-छगोलकर, खपूब हवश्वरास जमराकर, तब वह
अयगोध्यरा ककी सराढ सरातश्री (शहन ककी सराढप्रे सरातश्री वषर्ण ककी दशरा रूपश्री ममंरररा) बगोलश्री-॥2॥
* हपय हसय ररामपु कहरा तपुम्ह ररानश्री। ररामहह तपुम्ह हपय सगो फिपु रर बरानश्री॥
रहरा परम अब तप्रे हदन बश्रीतप्रे। समउ हफिरमें ररपपु हगोहहमं हपरश्रीतप्रे॥ 3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे ररानश्री! तपुमनप्रे जगो कहरा हक मपुझप्रे सश्रीतरा-रराम हपय हमैं और रराम कगो तपुम हपय
हगो, सगो यह बरात सचश्री हहै, परन्तपु यह बरात पहलप्रे रश्री, वप्रे हदन अब बश्रीत गए। समय
हफिर जरानप्रे पर हमत्र भश्री शत्रपु हगो जरातप्रे हमैं॥3॥
* भरानपु कमल कपु ल पगोषहनहराररा। हबनपु जल जरारर करइ सगोइ छराररा॥
जरर तपुम्हरारर चह सवहत उखरारश्री। रूहूँधहह करर उपराउ बर बरारश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-सपूयर्ण कमल कप्रे कपु ल करा परालन करनप्रे वरालरा हहै, पर हबनरा जल कप्रे वहश्री सपूयर्ण
उनकगो (कमलर कगो) जलराकर भस्म कर दप्रेतरा हहै। सरौत करौसल्यरा तपुम्हरारश्री जड
उखराडनरा चराहतश्री हहै। अतद्धाः उपराय रूपश्री शप्रेष बराड (घप्रेररा) लगराकर उसप्रे रूहूँध दगो
(सपुरहक्षत कर दगो)॥4॥
दगोहरा :
* तपुम्हहह न सगोचपु सगोहराग बल हनज बस जरानहह रराउ।
मन मलश्रीन मपुहूँह मश्रीठ नमृपपु रराउर सरल सपुभराउ॥17॥
भरावरारर्ण:-तपुमकगो अपनप्रे सपुहराग कप्रे (झपूठप्रे) बल पर कपु छ भश्री सगोच नहहीं हहै, रराजरा कगो
अपनप्रे वश ममें जरानतश्री हगो, हकन्तपु रराजरा मन कप्रे महैलप्रे और मपुहूँह कप्रे मश्रीठप्रे हमैं! और
आपकरा सश्रीधरा स्वभराव हहै (आप कपट-चतपुरराई जरानतश्री हश्री नहहीं)॥17॥
चरौपराई :
* चतपुर गहूँभश्रीर रराम महतरारश्री। बश्रीचपु पराइ हनज बरात सहूँवरारश्री॥
पठए भरतपु भपूप नहनअउरमें। रराम मरातपु मत जरानब रउरमें॥ 1॥
भरावरारर्ण:-रराम ककी मरातरा (करौसल्यरा) बडश्री चतपुर और गमंभश्रीर हहै (उसककी रराह कगोई नहहीं
परातरा)। उसनप्रे मरौकरा पराकर अपनश्री बरात बनरा लश्री। रराजरा नप्रे जगो भरत कगो नहनहराल भप्रेज
हदयरा, उसममें आप बस रराम ककी मरातरा ककी हश्री सलराह समहझए!॥1॥
* सप्रेवहहमं सकल सवहत मगोहह नश्रीकमें। गरहबत भरत मरातपु बल पश्री कमें ॥
सरालपु तपुमर करौहसलहह मराई। कपट चतपुर नहहमं हगोई जनराई॥2॥
भरावरारर्ण:-(करौसल्यरा समझतश्री हहै हक) और सब सरौतमें तगो मप्रेरश्री अच्छश्री तरह सप्रेवरा करतश्री
हमैं, एक भरत ककी मराहूँ पहत कप्रे बल पर गहवर्णत रहतश्री हहै! इसश्री सप्रे हप्रे मराई! करौसल्यरा
कगो तपुम बहह त हश्री सराल (खटक) रहश्री हगो, हकन्तपु वह कपट करनप्रे ममें चतपुर हहै, अतद्धाः
उसकप्रे हृदय करा भराव जराननप्रे ममें नहहीं आतरा (वह उसप्रे चतपुरतरा सप्रे हछपराए रखतश्री हहै)॥
2॥
* रराजहह तपुम्ह पर पप्रेमपु हबसप्रेषश्री। सवहत सपुभराउ सकइ नहहमं दप्रेखश्री॥
रहच पपमंचपु भपूपहह अपनराई। रराम हतलक हहत लगन धरराई॥3॥
भरावरारर्ण:-रराजरा करा तपुम पर हवशप्रेष पप्रेम हहै। करौसल्यरा सरौत कप्रे स्वभराव सप्रे उसप्रे दप्रेख नहहीं
सकतश्री, इसहलए उसनप्रे जराल रचकर रराजरा कगो अपनप्रे वश ममें करकप्रे , (भरत ककी
अनपुपहस्रहत ममें) रराम कप्रे रराजहतलक कप्रे हलए लग्नि हनश्चय कररा हलयरा॥3॥
* यह कपु ल उहचत रराम कहह हूँ टश्रीकरा। सबहह सगोहराइ मगोहह सपुहठ नश्रीकरा॥
आहगहल बरात समपुहझ डर मगोहश्री। दप्रेउ दहैउ हफिरर सगो फिलपु ओहश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-रराम कगो हतलक हगो, यह कपु ल (रघपुकपुल) कप्रे उहचत हश्री हहै और यह बरात
सभश्री कगो सपुहरातश्री हहै और मपुझप्रे तगो बहह त हश्री अच्छश्री लगतश्री हहै, परन्तपु मपुझप्रे तगो आगप्रे ककी
बरात हवचरारकर डर लगतरा हहै। दहैव उलटकर इसकरा फिल उसश्री (करौसल्यरा) कगो दप्रे॥4॥
दगोहरा :
* रहच पहच कगोहटक कपु हटलपन ककीन्हप्रेहस कपट पबगोधपु।
कहहहस कररा सत सवहत कहै जप्रेहह हबहध बराढ हबरगोधपु॥18॥
भरावरारर्ण:-इस तरह करगोडर कपु हटलपन ककी बरातमें गढ-छगोलकर मन्रररा नप्रे कहै कप्रे यश्री कगो
उलटरा-सश्रीधरा समझरा हदयरा और सहैकडर सरौतर ककी कहराहनयराहूँ इस पकरार (बनरा-बनराकर)
कहहीं हजस पकरार हवरगोध बढप्रे॥18॥
चरौपराई :
* भरावश्री बस पतश्रीहत उर आई। पपूहूँछ रराहन पपुहन सपर दप्रेवराई॥
करा पपूहूँछहह तपुम्ह अबहह हूँ न जरानरा। हनज हहत अनहहत पसपु पहहचरानरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-हगोनहरार वश कहै कप्रे यश्री कप्रे मन ममें हवश्वरास हगो गयरा। ररानश्री हफिर सरौगमंध हदलराकर
पपूछनप्रे लगश्री। (ममंरररा बगोलश्री-) क्यरा पपूछतश्री हगो? अरप्रे, तपुमनप्रे अब भश्री नहहीं समझरा?
अपनप्रे भलप्रे-बपुरप्रे कगो (अरवरा हमत्र-शत्रपु कगो) तगो पशपु भश्री पहचरान लप्रेतप्रे हमैं॥1॥
* भयउ पराखपु हदन सजत समराजपू। तपुम्ह पराई सपुहध मगोहह सन आजपू॥
खराइअ पहहररअ रराज तपुम्हरारमें। सत्य कहमें नहहमं दगोषपु हमरारमें॥ 2॥
भरावरारर्ण:-पपूररा पखवराडरा बश्रीत गयरा सरामरान सजतप्रे और तपुमनप्रे खबर पराई हहै आज मपुझसप्रे !
ममैं तपुम्हरारप्रे रराज ममें खरातश्री-पहनतश्री हह हूँ, इसहलए सच कहनप्रे ममें मपुझप्रे कगोई दगोष नहहीं हहै॥
2॥
* जजौं असत्य कछपु कहब बनराई। तरौ हबहध दप्रेइहह हमहह सजराई॥
ररामहह हतलक कराहल जजौं भयऊ। तपुम्ह कहह हूँ हबपहत बश्रीजपु हबहध बयऊ॥3॥
भरावरारर्ण:-यहद ममैं कपु छ बनराकर झपूठ कहतश्री हगोऊहूँगश्री तगो हवधरातरा मपुझप्रे दमंड दप्रेगरा। यहद कल
रराम कगो रराजहतलक हगो गयरा तगो (समझ रखनरा हक) तपुम्हरारप्रे हलए हवधरातरा नप्रे हवपहर
करा बश्रीज बगो हदयरा॥3॥
* रप्रेख खहूँचराइ कहउहूँ बलपु भराषश्री। भराहमहन भइहह दधपू कइ मराखश्री॥
जजौं सपुत सहहत करहह सप्रेवकराई। तरौ घर रहहह न आन उपराई॥4॥
भरावरारर्ण:-ममैं यह बरात लककीर खहींचकर बलपपूवर्णक कहतश्री हह हूँ, हप्रे भराहमनश्री! तपुम तगो अब
दधपू ककी मक्खश्री हगो गई! (जहैसप्रे दधपू ममें पडश्री हह ई मक्खश्री कगो लगोग हनकरालकर फिमें क दप्रेतप्रे
हमैं, वहैसप्रे हश्री तपुम्हमें भश्री लगोग घर सप्रे हनकराल बराहर करमेंगप्रे ) जगो पपुत्र सहहत (करौसल्यरा
ककी) चराकरश्री बजराओगश्री तगो घर ममें रह सकगोगश्री, (अन्यररा घर ममें रहनप्रे करा) दस पू ररा
उपराय नहहीं॥4॥
दगोहरा :
* कदपूहूँ हबनतहह दश्रीन्ह दख पु पु तपुम्हहह करौहसलराहूँ दप्रेब।
भरतपु बमंहदगमृह सप्रेइहहहमं लखनपु रराम कप्रे नप्रेब॥19॥
भरावरारर्ण:-कदपू नप्रे हवनतरा कगो दद्धाःपु ख हदयरा ररा, तपुम्हमें करौसल्यरा दप्रेगश्री। भरत कराररागरार करा
सप्रेवन करमेंगप्रे (जप्रेल ककी हवरा खराएहूँगप्रे) और लक्ष्मर रराम कप्रे नरायब (सहकरारश्री) हरगप्रे॥
19॥
चरौपराई :
* कहै कयसपुतरा सपुनत कटपु बरानश्री। कहह न सकइ कछपु सहहम सपुखरानश्री॥
तन पसप्रेउ कदलश्री हजहम कराहूँपश्री। कपु बरहीं दसन जश्रीभ तब चराहूँपश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-कहै कप्रे यश्री मन्रररा ककी कडवश्री वरारश्री सपुनतप्रे हश्री डरकर सपूख गई, कपु छ बगोल नहहीं
सकतश्री। शरश्रीर ममें पसश्रीनरा हगो आयरा और वह कप्रे लप्रे ककी तरह कराहूँपनप्रे लगश्री। तब कपु बरश्री
(ममंरररा) नप्रे अपनश्री जश्रीभ दराहूँतर तलप्रे दबराई (उसप्रे भय हहआ हक कहहीं भहवष्य करा
अत्यन्त डररावनरा हचत्र सपुनकर कहै कप्रे यश्री कप्रे हृदय ककी गहत न रक जराए, हजससप्रे उलटरा
सराररा कराम हश्री हबगड जराए)॥1॥
* कहह कहह कगोहटक कपट कहरानश्री। धश्रीरजपु धरहह पबगोहधहस ररानश्री॥
हफिररा करमपु हपय लराहग कपु चरालश्री। बहकहह सरराहइ मराहन मररालश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-हफिर कपट ककी करगोडर कहराहनयराहूँ कह-कहकर उसनप्रे ररानश्री कगो खपूब समझरायरा
हक धश्रीरज रखगो! कहै कप्रे यश्री करा भराग्य पलट गयरा, उसप्रे कपु चराल प्यरारश्री लगश्री। वह बगपुलश्री
कगो हमंहसनश्री मरानकर (वहैररन कगो हहत मरानकर) उसककी सरराहनरा करनप्रे लगश्री॥2॥
* सपुनपु ममंरररा बरात फिपु रर तगोरश्री। दहहहन आहूँहख हनत फिरकइ मगोरश्री॥
हदन पहत दप्रेखउहूँ रराहत कपु सपनप्रे। कहउहूँ न तगोहह मगोह बस अपनप्रे॥3॥
भरावरारर्ण:-कहै कप्रे यश्री नप्रे कहरा- मन्रररा! सपुन, तप्रेरश्री बरात सत्य हहै। मप्रेरश्री दराहहनश्री आहूँख हनत्य
फिडकरा करतश्री हहै। ममैं पहतहदन ररात कगो बपुरप्रे स्वप्न दप्रेखतश्री हह हूँ, हकन्तपु अपनप्रे अजरानवश
तपुझसप्रे कहतश्री नहहीं॥3॥
* कराह करजौं सहख सपूध सपुभराऊ। दराहहन बराम न जरानउहूँ कराऊ॥4॥
भरावरारर्ण:-सखश्री! क्यरा करूहूँ, मप्रेररा तगो सश्रीधरा स्वभराव हहै। ममैं दरायराहूँ-बरायराहूँ कपु छ भश्री नहहीं
जरानतश्री॥4॥
दगोहरा :
* अपनमें चलत न आजपु लहग अनभल कराहहक ककीन्ह।
कप्रे हहमं अघ एकहह बरार मगोहह दहैअहूँ दसपु ह दख पु पु दश्रीन्ह॥20॥
भरावरारर्ण:-अपनश्री चलतप्रे (जहराहूँ तक मप्रेररा वश चलरा) ममैंनप्रे आज तक कभश्री हकसश्री करा
बपुररा नहहीं हकयरा। हफिर न जरानप्रे हकस पराप सप्रे दहैव नप्रे मपुझप्रे एक हश्री सरार यह द द्धाःपु सह
दद्धाःपु ख हदयरा॥20॥
चरौपराई :
* नहैहर जनमपु भरब बर जराई। हजअत न करहब सवहत सप्रेवकराई॥
अरर बस दहैउ हजआवत जराहश्री। मरनपु नश्रीक तप्रेहह जश्रीवन चराहश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-ममैं भलप्रे हश्री नहैहर जराकर वहहीं जश्रीवन हबतरा द हूँगपू श्री, पर जश्रीतप्रे जश्री सरौत ककी
चराकरश्री नहहीं करूहूँगश्री। दहैव हजसकगो शत्रपु कप्रे वश ममें रखकर हजलरातरा हहै, उसकप्रे हलए तगो
जश्रीनप्रे ककी अपप्रेक्षरा मरनरा हश्री अच्छरा हहै॥1॥ दश्रीन बचन कह बहह हबहध ररानश्री। सपुहन कपु बरहीं
हतयमरायरा ठरानश्री॥
* दश्रीन बचन कह बहह हबहध ररानश्री। सपुहन कपु बरहीं हतयमरायरा ठरानश्री॥
अस कस कहहह मराहन मन ऊनरा। सपुखपु सगोहरागपु तपुम्ह कहह हूँ हदन दनपू रा॥2॥
भरावरारर्ण:-ररानश्री नप्रे बहह त पकरार कप्रे दश्रीन वचन कहप्रे। उन्हमें सपुनकर कपु बरश्री नप्रे हत्रयरा चररत्र
फिहैलरायरा। (वह बगोलश्री-) तपुम मन ममें ग्लराहन मरानकर ऐसरा क्यर कह रहश्री हगो, तपुम्हराररा
सपुख-सपुहराग हदन-हदन दनपू रा हगोगरा॥2॥
* जप्रेहहमं रराउर अहत अनभल तराकरा। सगोइ पराइहह यहह फिलपु पररपराकरा॥
जब तमें कपु मत सपुनरा ममैं स्वराहमहन। भपूख न बरासर नहींद न जराहमहन॥3॥
भरावरारर्ण:-हजसनप्रे तपुम्हरारश्री बपुरराई चराहश्री हहै, वहश्री परररराम ममें यह (बपुरराई रूप) फिल
पराएगश्री। हप्रे स्वराहमहन! ममैंनप्रे जब सप्रे यह कपु मत सपुनरा हहै, तबसप्रे मपुझप्रे न तगो हदन ममें कपु छ
भपूख लगतश्री हहै और न ररात ममें नहींद हश्री आतश्री हहै॥ 3॥
* पपूछ हूँ प्रेउहूँ गपुहनन्ह रप्रेख हतन्ह खराहूँचश्री। भरत भपुआल हगोहहमं यह सराहूँचश्री॥
भराहमहन करहह त कहजौं उपराऊ। हहै तपुम्हरहीं सप्रेवरा बस रराऊ॥4॥
भरावरारर्ण:-ममैंनप्रे ज्यगोहतहषयर सप्रे पपूछरा, तगो उन्हरनप्रे रप्रेखरा खहींचकर (गहरत करकप्रे अरवरा
हनश्चयपपूवर्णक) कहरा हक भरत रराजरा हरगप्रे, यह सत्य बरात हहै। हप्रे भराहमहन! तपुम करगो
तगो उपराय ममैं बतराऊहूँ। रराजरा तपुम्हरारश्री सप्रेवरा कप्रे वश ममें हमैं हश्री॥4॥
दगोहरा :
* परउहूँ कपू प तपुअ बचन पर सकउहूँ पपूत पहत त्यराहग।
कहहस मगोर दख पु पु दप्रेहख बड कस न करब हहत लराहग॥21॥
भरावरारर्ण:-(कहै कप्रे यश्री नप्रे कहरा-) ममैं तप्रेरप्रे कहनप्रे सप्रे कपु एहूँ ममें हगर सकतश्री हह,हूँ पपुत्र और पहत
कगो भश्री छगोड सकतश्री हह।हूँ जब तपू मप्रेररा बडरा भरारश्री दद्धाःपु ख दप्रेखकर कपु छ कहतश्री हहै, तगो
भलरा ममैं अपनप्रे हहत कप्रे हलए उसप्रे क्यर न करूहूँगश्री॥21॥
चरौपराई :
* कपु बरहीं करर कबपुलश्री कहै कप्रे ई। कपट छपु रश्री उर पराहन टप्रेई॥
लखइ नरा रराहन हनकट दख पु पु कहै समें। चरइ हररत हतन बहलपसपु जहैसमें॥1॥
भरावरारर्ण:-कपु बरश्री नप्रे कहै कप्रे यश्री कगो (सब तरह सप्रे) कबपूल करवराकर (अररार्णत बहल पशपु
बनराकर) कपट रूप छपु रश्री कगो अपनप्रे (कठगोर) हृदय रूपश्री पत्रर पर टप्रेयरा (उसककी
धरार कगो तप्रेज हकयरा)। ररानश्री कहै कप्रे यश्री अपनप्रे हनकट कप्रे (शश्रीघ्र आनप्रे वरालप्रे) दद्धाःपु ख कगो
कहै सप्रे नहहीं दप्रेखतश्री, जहैसप्रे बहल करा पशपु हरश्री-हरश्री घरास चरतरा हहै। (पर यह नहहीं जरानतरा
हक मरौत हसर पर नराच रहश्री हहै।)॥1॥
* सपुनत बरात ममृद पु अमंत कठगोरश्री। दप्रेहत मनहह हूँ मधपु मराहहर घगोरश्री॥
कहइ चप्रेरर सपुहध अहइ हक नराहहीं। स्वराहमहन कहहहह कररा मगोहह पराहहीं॥2॥
भरावरारर्ण:-मन्रररा ककी बरातमें सपुननप्रे ममें तगो कगोमल हमैं, पर परररराम ममें कठगोर (भयरानक)
हमैं। मरानगो वह शहद ममें घगोलकर जहर हपलरा रहश्री हगो। दरासश्री कहतश्री हहै - हप्रे स्वराहमहन!
तपुमनप्रे मपुझकगो एक कररा कहश्री रश्री, उसककी यराद हहै हक नहहीं?॥2॥
* दइपु बरदरान भपूप सन ररातश्री। मरागहह आजपु जपुडरावहह छरातश्री॥
सपुतहह रराजपु ररामहह बनबरासपू। दप्रेहह लप्रेहह सब सवहत हह लरासपू॥3॥
भरावरारर्ण:-तपुम्हरारप्रे दगो वरदरान रराजरा कप्रे परास धरगोहर हमैं। आज उन्हमें रराजरा सप्रे मराहूँगकर
अपनश्री छरातश्री ठमंडश्री करगो। पपुत्र कगो रराज्य और रराम कगो वनवरास दगो और सरौत करा सराररा
आनमंद तपुम लप्रे लगो॥3॥
* भपूपहत रराम सपर जब करई। तब मरागप्रेहह जप्रेहहमं बचनपु न टरई॥
हगोइ अकराजपु आजपु हनहस बश्रीतमें। बचनपु मगोर हपय मरानप्रेहह जश्री तमें॥4॥
भरावरारर्ण:-जब रराजरा रराम ककी सरौगमंध खरा लमें, तब वर मराहूँगनरा, हजससप्रे वचन न टलनप्रे
परावप्रे। आज ककी ररात बश्रीत गई, तगो कराम हबगड जराएगरा। मप्रेरश्री बरात कगो हृदय सप्रे हपय
(यरा परारर सप्रे भश्री प्यरारश्री) समझनरा॥4॥
शश्री रराम-दशरर समंवराद, अवधवराहसयर करा हवषराद, कहै कप्रे यश्री कगो समझरानरा
दगोहरा :
* गइ मपुरछरा ररामहह सपुहमरर नमृप हफिरर करवट लश्रीन्ह।
सहचव रराम आगमन कहह हबनय समय सम ककीन्ह॥43॥
भरावरारर्ण:-इतनप्रे ममें रराजरा ककी मपूछरार्ण दरपू हह ई, उन्हरनप्रे रराम करा स्मरर करकप्रे ('रराम!
रराम!' कहकर) हफिरकर करवट लश्री। ममंत्रश्री नप्रे शश्री ररामचन्दजश्री करा आनरा कहकर
समयरानपुकपूल हवनतश्री ककी॥43॥
चरौपराई :
* अवहनप अकहन ररामपु पगपु धरारप्रे। धरर धश्रीरजपु तब नयन उघरारप्रे॥
सहचवहूँ सहूँभरारर रराउ बहैठरारप्रे। चरन परत नमृप ररामपु हनहरारप्रे॥ 1॥
भरावरारर्ण:-जब रराजरा नप्रे सपुनरा हक शश्री ररामचन्द पधरारप्रे हमैं तगो उन्हरनप्रे धश्रीरज धरकप्रे नप्रेत्र
खगोलप्रे। ममंत्रश्री नप्रे समंभरालकर रराजरा कगो बहैठरायरा। रराजरा नप्रे शश्री ररामचन्दजश्री कगो अपनप्रे चररर
ममें पडतप्रे (परराम करतप्रे) दप्रेखरा॥1॥
* हलए सनप्रेह हबकल उर लराई। गहै महन मनहह हूँ फिहनक हफिरर पराई॥
ररामहह हचतइ रहप्रेउ नरनराहह। चलरा हबलगोचन बरारर पबराहह॥2॥
भरावरारर्ण:-स्नप्रेह सप्रे हवकल रराजरा नप्रे ररामजश्री कगो हृदय सप्रे लगरा हलयरा। मरानगो सरापहूँ नप्रे
अपनश्री खगोई हहई महर हफिर सप्रे परा लश्री हगो। रराजरा दशररजश्री शश्री ररामजश्री कगो दप्रेखतप्रे हश्री
रह गए। उनकप्रे नप्रेत्रर सप्रे आहूँसपुओमं ककी धराररा बह चलश्री॥ 2॥
* सगोक हबबस कछपु कहहै न पराररा। हृदयहूँ लगरावत बरारहहमं बराररा॥
हबहधहह मनराव रराउ मन मराहहीं। जप्रेहहमं रघपुनरार न करानन जराहहीं॥ 3॥
भरावरारर्ण:-शगोक कप्रे हवशप्रेष वश हगोनप्रे कप्रे करारर रराजरा कपु छ कह नहहीं सकतप्रे। वप्रे बरार-बरार
शश्री ररामचन्दजश्री कगो हृदय सप्रे लगरातप्रे हमैं और मन ममें ब्रहराजश्री कगो मनरातप्रे हमैं हक हजससप्रे
शश्री रराघपुनरारजश्री वन कगो न जराएहूँ॥3॥
* सपुहमरर महप्रेसहह कहइ हनहगोरश्री। हबनतश्री सपुनहह सदराहसव मगोरश्री॥
आसपुतगोष तपुम्ह अवढर दरानश्री। आरहत हरहह दश्रीन जनपु जरानश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-हफिर महरादप्रेवजश्री करा स्मरर करकप्रे उनसप्रे हनहगोररा करतप्रे हह ए कहतप्रे हमैं- हप्रे
सदराहशव! आप मप्रेरश्री हवनतश्री सपुहनए। आप आशपुतगोष (शश्रीघ्र पसन्न हगोनप्रे वरालप्रे) और
अवढरदरानश्री (मपुहूँहमराहूँगरा दप्रे डरालनप्रे वरालप्रे) हमैं। अतद्धाः मपुझप्रे अपनरा दश्रीन सप्रेवक जरानकर मप्रेरप्रे
दद्धाःपु ख कगो दरपू ककीहजए॥4॥
दगोहरा :
* तपुम्ह पप्रेरक सब कप्रे हृदयहूँ सगो महत ररामहह दप्रेहह।
बचनपु मगोर तहज रहहहमं घर पररहरर सश्रीलपु सनप्रेहह ॥44॥
भरावरारर्ण:-आप पप्रेरक रूप सप्रे सबकप्रे हृदय ममें हमैं। आप शश्री ररामचन्द कगो ऐसश्री बपुहद
दश्रीहजए, हजससप्रे वप्रे मप्रेरप्रे वचन कगो त्यरागकर और शश्रील -स्नप्रेह कगो छगोडकर घर हश्री ममें रह
जराएहूँ॥44॥
चरौपराई :
* अजसपु हगोउ जग सपुजसपु नसराऊ। नरक परजौं बर सपुरपपुर जराऊ॥
सब दख पु दसपु ह सहरावहह मगोहश्री। लगोचन ओट ररामपु जहन हरहश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-जगत ममें चराहप्रे अपयश हगो और सपुयश नष्टि हगो जराए। चराहप्रे (नयरा पराप हगोनप्रे सप्रे)
ममैं नरक ममें हगरूहूँ, अरवरा स्वगर्ण चलरा जराए (पपूवर्ण पपुण्यर कप्रे फिलस्वरूप हमलनप्रे वरालरा
स्वगर्ण चराहप्रे मपुझप्रे न हमलप्रे)। और भश्री सब पकरार कप्रे दद्धाःपु सह दद्धाःपु ख आप मपुझसप्रे सहन कररा
लमें। पर शश्री ररामचन्द मप्रेरश्री आहूँखर ककी ओट न हर॥1॥
* अस मन गपुनइ रराउ नहहमं बगोलरा। पश्रीपर परात सररस मनपु डगोलरा॥
रघपुपहत हपतहह पप्रेमबस जरानश्री। पपुहन कछपु कहहहह मरातपु अनपुमरानश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-रराजरा मन हश्री मन इस पकरार हवचरार कर रहप्रे हमैं, बगोलतप्रे नहहीं। उनकरा मन
पश्रीपल कप्रे परप्रे ककी तरह डगोल रहरा हहै। शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे हपतरा कगो पप्रेम कप्रे वश
जरानकर और यह अनपुमरान करकप्रे हक मरातरा हफिर कपु छ कहप्रेगश्री (तगो हपतराजश्री कगो दद्धाःपु ख
हगोगरा)॥2॥
* दप्रेस कराल अवसर अनपुसरारश्री। बगोलप्रे बचन हबनश्रीत हबचरारश्री॥
तरात कहउहूँ कछपु करउहूँ हढठराई। अनपुहचतपु छमब जराहन लररकराई॥3॥
भरावरारर्ण:-दप्रेश, कराल और अवसर कप्रे अनपुकपूल हवचरार कर हवनश्रीत वचन कहप्रे- हप्रे तरात!
ममैं कपु छ कहतरा हह,हूँ यह हढठराई करतरा हह।हूँ इस अनरौहचत्य कगो मप्रेरश्री बराल्यरावस्ररा
समझकर क्षमरा ककीहजएगरा॥3॥
* अहत लघपु बरात लराहग दख पु पु परावरा। कराहहहूँ न मगोहह कहह परम जनरावरा॥
दप्रेहख गगोसराइहूँहह पपूहूँहछउहूँ मरातरा। सपुहन पसमंगपु भए सश्रीतल गरातरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-इस अत्यन्त तपुच्छ बरात कप्रे हलए आपनप्रे इतनरा दद्धाःपु ख परायरा। मपुझप्रे हकसश्री नप्रे
पहलप्रे कहकर यह बरात नहहीं जनराई। स्वरामश्री (आप) कगो इस दशरा ममें दप्रेखकर ममैंनप्रे
मरातरा सप्रे पपूछरा। उनसप्रे सराररा पसमंग सपुनकर मप्रेरप्रे सब अमंग शश्रीतल हगो गए (मपुझप्रे बडश्री
पसन्नतरा हहई)॥4॥
दगोहरा :
* ममंगल समय सनप्रेह बस सगोच पररहररअ तरात।
आयसपु दप्रेइअ हरहष हहयहूँ कहह पपुलकप्रे पभपु गरात॥45॥
भरावरारर्ण:-हप्रे हपतराजश्री! इस ममंगल कप्रे समय स्नप्रेहवश हगोकर सगोच करनरा छगोड दश्रीहजए
और हृदय ममें पसन्न हगोकर मपुझप्रे आजरा दश्रीहजए। यह कहतप्रे हहए पभपु शश्री ररामचन्दजश्री
सवरार्धांग पपुलहकत हगो गए॥45॥
चरौपराई :
* धन्य जनमपु जगतश्रीतल तरासपू। हपतहह पमगोद पु चररत सपुहन जरासपू॥
चरारर पदरारर करतल तराकमें। हपय हपतपु मरातपु परान सम जराकमें॥1॥
भरावरारर्ण:-(उन्हरनप्रे हफिर कहरा-) इस पमृथ्वश्रीतल पर उसकरा जन्म धन्य हहै, हजसकप्रे
चररत्र सपुनकर हपतरा कगो परम आनमंद हगो, हजसकगो मरातरा-हपतरा परारर कप्रे समरान हपय हमैं,
चरारर पदरारर्ण (अरर्ण, धमर्ण, कराम, मगोक्ष) उसकप्रे करतलगत (मपुटश्री ममें) रहतप्रे हमैं॥1॥
* आयसपु पराहल जनम फिलपु पराई। ऐहउहूँ बप्रेहगहहमं हगोउ रजराई॥
हबदरा मरातपु सन आवउहूँ मरागश्री। चहलहउहूँ बनहह बहह रर पग लरागश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-आपककी आजरा परालन करकप्रे और जन्म करा फिल पराकर ममैं जल्दश्री हश्री लरौट
आऊहूँगरा, अतद्धाः कमृ पयरा आजरा दश्रीहजए। मरातरा सप्रे हवदरा मराहूँग आतरा हह हूँ। हफिर आपकप्रे पहैर
लगकर (परराम करकप्रे ) वन कगो चलपूहूँगरा॥2॥
* अस कहह रराम गवनपु तब ककीन्हरा। भपूप सगोक बस उतर न दश्रीन्हरा॥
नगर ब्यराहप गइ बरात सपुतश्रीछश्री। छपु अत चढश्री जनपु सब तन बश्रीछश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-ऐसरा कहकर तब शश्री ररामचन्दजश्री वहराहूँ सप्रे चल हदए। रराजरा नप्रे शगोकवश कगोई
उरर नहहीं हदयरा। वह बहह त हश्री तश्रीखश्री (अहपय) बरात नगर भर ममें इतनश्री जल्दश्री फिहै ल
गई, मरानगो डमंक मरारतप्रे हश्री हबच्छपू करा हवष सरारप्रे शरश्रीर ममें चढ गयरा हगो॥3॥
* सपुहन भए हबकल सकल नर नरारश्री। बप्रेहल हबटप हजहम दप्रेहख दवरारश्री॥
जगो जहहूँ सपुनइ धपुनइ हसर सगोई। बड हबषराद पु नहहमं धश्रीरजपु हगोई॥4॥
भरावरारर्ण:-इस बरात कगो सपुनकर सब स्त्रश्री-पपुरष ऐसप्रे व्यराकपुल हगो गए जहैसप्रे दरावरानल (वन
ममें आग लगश्री) दप्रेखकर बप्रेल और वमृक्ष मपुरझरा जरातप्रे हमैं। जगो जहराहूँ सपुनतरा हहै , वह वहहीं
हसर धपुननप्रे (पश्रीटनप्रे) लगतरा हहै! बडरा हवषराद हहै, हकसश्री कगो धश्रीरज नहहीं बहूँधतरा॥4॥
दगोहरा :
* मपुख सपुखराहहमं लगोचन स्रवहहमं सगोकपु न हृदयहूँ समराइ।
मनहह हूँ करन रस कटकई उतरश्री अवध बजराइ॥46॥
भरावरारर्ण:-सबकप्रे मपुख सपूखप्रे जरातप्रे हमैं, आहूँखर सप्रे आहूँसपू बहतप्रे हमैं, शगोक हृदय ममें नहहीं
समरातरा। मरानगो करररा रस ककी सप्रेनरा अवध पर डमंकरा बजराकर उतर आई हगो॥ 46॥
चरौपराई :
* हमलप्रेहह मराझ हबहध बरात बप्रेगरारश्री। जहहूँ तहहूँ दप्रेहहमं कहै कइहह गरारश्री॥
एहह पराहपहनहह बपूहझ करा परप्रेऊ। छराइ भवन पर परावकपु धरप्रेऊ॥1॥
भरावरारर्ण:-सब मप्रेल हमल गए रप्रे (सब समंयगोग ठश्रीक हगो गए रप्रे), इतनप्रे ममें हश्री हवधरातरा नप्रे
बरात हबगराड दश्री! जहराहूँ-तहराहूँ लगोग कहै कप्रे यश्री कगो गरालश्री दप्रे रहप्रे हमैं! इस पराहपन कगो क्यरा
सपूझ पडरा जगो इसनप्रे छराए घर पर आग रख दश्री॥ 1॥
* हनज कर नयन कराहढ चह दश्रीखरा। डरारर सपुधरा हबषपु चराहत चश्रीखरा॥
कपु हटल कठगोर कपु बपुहद अभरागश्री। भइ रघपुबमंस बप्रेनपु बन आगश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-यह अपनप्रे हरार सप्रे अपनश्री आहूँखर कगो हनकरालकर (आहूँखर कप्रे हबनरा हश्री) दप्रेखनरा
चराहतश्री हहै और अममृत फिमें ककर हवष चखनरा चराहतश्री हहै! यह कपु हटल, कठगोर, दबपु पुर्णहद
और अभराहगनश्री कहै कप्रे यश्री रघपुवमंश रूपश्री बराहूँस कप्रे वन कप्रे हलए अहग्नि हगो गई!॥2॥
* परालव बहैहठ पप्रेडपु एहहमं कराटरा। सपुख महह हूँ सगोक ठराटपु धरर ठराटरा॥
सदरा ररामपु एहह परान समरानरा। करारन कवन कपु हटलपनपु ठरानरा॥3॥
भरावरारर्ण:-परप्रे पर बहैठकर इसनप्रे पप्रेड कगो कराट डरालरा। सपुख ममें शगोक करा ठराट ठटकर
रख हदयरा! शश्री ररामचन्दजश्री इसप्रे सदरा परारर कप्रे समरान हपय रप्रे। हफिर भश्री न जरानप्रे हकस
करारर इसनप्रे यह कपु हटलतरा ठरानश्री॥3॥
* सत्य कहहहमं कहब नरारर सपुभराऊ। सब हबहध अगहह अगराध दरपु राऊ॥
हनज पहतहबमंबपु बरकपु गहह जराई। जराहन न जराइ नरारर गहत भराई॥4॥
भरावरारर्ण:-कहव सत्य हश्री कहतप्रे हमैं हक स्त्रश्री करा स्वभराव सब पकरार सप्रे पकड ममें न आनप्रे
यगोग्य, अरराह और भप्रेदभररा हगोतरा हहै। अपनश्री परछराहहीं भलप्रे हश्री पकड जराए , पर भराई!
हस्त्रयर ककी गहत (चराल) नहहीं जरानश्री जरातश्री॥4॥
दगोहरा :
* कराह न परावकपु जरारर सक करा न समपुद समराइ।
करा न करहै अबलरा पबल कप्रे हह जग करालपु न खराइ॥47॥
भरावरारर्ण:-आग क्यरा नहहीं जलरा सकतश्री! समपुद ममें क्यरा नहहीं समरा सकतरा! अबलरा
कहरानप्रे वरालश्री पबल स्त्रश्री (जराहत) क्यरा नहहीं कर सकतश्री! और जगत ममें कराल हकसकगो
नहहीं खरातरा!॥47॥
चरौपराई :
* करा सपुनराइ हबहध कराह सपुनरावरा। करा दप्रेखराइ चह कराह दप्रेखरावरा॥
एक कहहहमं भल भपूप न ककीन्हरा। बर हबचरारर नहहमं कपु महतहह दश्रीन्हरा॥1॥
भरावरारर्ण:-हवधरातरा नप्रे क्यरा सपुनराकर क्यरा सपुनरा हदयरा और क्यरा हदखराकर अब वह क्यरा
हदखरानरा चराहतरा हहै! एक कहतप्रे हमैं हक रराजरा नप्रे अच्छरा नहहीं हकयरा, दबपु पुर्णहद कहै कप्रे यश्री कगो
हवचरारकर वर नहहीं हदयरा॥1॥
* जगो हहठ भयउ सकल दख पु भराजनपु। अबलरा हबबस ग्यरानपु गपुनपु गरा जनपु॥
एक धरम परहमहत पहहचरानप्रे। नमृपहह दगोसपु नहहमं दप्रेहहमं सयरानप्रे॥ 2॥
भरावरारर्ण:-जगो हठ करकप्रे (कहै कप्रे यश्री ककी बरात कगो पपूररा करनप्रे ममें अडप्रे रहकर) स्वयमं सब
दद्धाःपु खर कप्रे परात्र हगो गए। स्त्रश्री कप्रे हवशप्रेष वश हगोनप्रे कप्रे करारर मरानगो उनकरा जरान और गपुर
जरातरा रहरा। एक (दस पू रप्रे) जगो धमर्ण ककी मयरार्णदरा कगो जरानतप्रे हमैं और सयरानप्रे हमैं , वप्रे रराजरा
कगो दगोष नहहीं दप्रेतप्रे॥2॥
* हसहब दधश्रीहच हररचमंद कहरानश्री। एक एक सन कहहहमं बखरानश्री॥
एक भरत कर समंमत कहहहीं। एक उदरास भरायहूँ सपुहन रहहहीं॥ 3॥
भरावरारर्ण:-वप्रे हशहब, दधश्रीहच और हररश्चन्द ककी कररा एक-दस पू रप्रे सप्रे बखरानकर कहतप्रे हमैं।
कगोई एक इसममें भरतजश्री ककी सम्महत बतरातप्रे हमैं। कगोई एक सपुनकर उदरासश्रीन भराव सप्रे रह
जरातप्रे हमैं (कपु छ बगोलतप्रे नहहीं)॥3॥
* करान मपूहद कर रद गहह जश्रीहरा। एक कहहहमं यह बरात अलश्रीहरा॥
सपुकमृत जराहहमं अस कहत तपुम्हरारप्रे। ररामपु भरत कहह हूँ परानहपआरप्रे॥4॥
भरावरारर्ण:-कगोई हरारर सप्रे करान मपूहूँदकर और जश्रीभ कगो दराहूँतर तलप्रे दबराकर कहतप्रे हमैं हक
यह बरात झपूठ हहै, ऐसश्री बरात कहनप्रे सप्रे तपुम्हरारप्रे पपुण्य नष्टि हगो जराएहूँगप्रे। भरतजश्री कगो तगो
शश्री ररामचन्दजश्री परारर कप्रे समरान प्यरारप्रे हमैं॥4॥
दगोहरा :
* चमंदपु चवहै बर अनल कन सपुधरा हगोइ हबषतपूल।
सपनप्रेहहहूँ कबहह हूँ न करहहमं हकछपु भरतपु रराम पहतकपू ल॥48॥
भरावरारर्ण:-चन्दमरा चराहप्रे (शश्रीतल हकररर ककी जगह) आग ककी हचनगराररयराहूँ बरसरानप्रे लगप्रे
और अममृत चराहप्रे हवष कप्रे समरान हगो जराए, परन्तपु भरतजश्री स्वप्न ममें भश्री कभश्री शश्री
ररामचन्दजश्री कप्रे हवरद कपु छ नहहीं करमेंगप्रे॥48॥
चरौपराई :
* एक हबधरातहह दषपू नपु दप्रेहहीं। सपुधरा दप्रेखराइ दश्रीन्ह हबषपु जप्रेहहीं॥
खरभर नगर सगोचपु सब कराहह। दसपु ह दराहह उर हमटरा उछराहह॥1॥
भरावरारर्ण:-कगोई एक हवधरातरा कगो दगोष दप्रेतप्रे हमैं, हजसनप्रे अममृत हदखराकर हवष दप्रे हदयरा।
नगर भर ममें खलबलश्री मच गई, सब हकसश्री कगो सगोच हगो गयरा। हृदय ममें द द्धाःपु सह जलन
हगो गई, आनमंद-उत्सराह हमट गयरा॥1॥
* हबपबधपू कपु लमरान्य जठप्रेरश्री। जप्रे हपय परम कहै कई कप्रे रश्री॥
लगहीं दप्रेन हसख सश्रीलपु सरराहश्री। बचन बरानसम लरागहहमं तराहहीं॥ 2॥
भरावरारर्ण:-ब्रराहरर ककी हस्त्रयराहूँ, कपु ल ककी मराननश्रीय बडश्री-बपूढश्री और जगो कहै कप्रे यश्री ककी परम
हपय रहीं, वप्रे उसकप्रे शश्रील ककी सरराहनरा करकप्रे उसप्रे सश्रीख दप्रेनप्रे लगहीं। पर उसकगो उनकप्रे
वचन बरार कप्रे समरान लगतप्रे हमैं॥2॥
* भरतपु न मगोहह हपय रराम समरानरा। सदरा कहहह यहह सबपु जगपु जरानरा॥
करहह रराम पर सहज सनप्रेहह। कप्रे हहमं अपरराध आजपु बनपु दप्रेहह॥3॥
भरावरारर्ण:-(वप्रे कहतश्री हमैं-) तपुम तगो सदरा कहरा करतश्री रहीं हक शश्री ररामचमंद कप्रे समरान
मपुझकगो भरत भश्री प्यरारप्रे नहहीं हमैं, इस बरात कगो सराररा जगतम जरानतरा हहै। शश्री ररामचमंदजश्री
पर तगो तपुम स्वराभराहवक हश्री स्नप्रेह करतश्री रहश्री हगो। आज हकस अपरराध सप्रे उन्हमें वन दप्रेतश्री
हगो?॥3॥
* कबहह हूँ न हकयहह सवहत आरप्रेसपू। पश्रीहत पतश्रीहत जरान सबपु दप्रेसपू॥
करौसल्यराहूँ अब कराह हबगराररा। तपुम्ह जप्रेहह लराहग बज्र पपुर पराररा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-तपुमनप्रे कभश्री सरौहतयराडराह नहहीं हकयरा। सराररा दप्रेश तपुम्हरारप्रे पप्रेम और हवश्वरास कगो
जरानतरा हहै। अब करौसल्यरा नप्रे तपुम्हराररा करौन सरा हबगराड कर हदयरा, हजसकप्रे करारर तपुमनप्रे
सरारप्रे नगर पर वज्र हगररा हदयरा॥4॥
दगोहरा :
* सश्रीय हक हपय सहूँगपु पररहररहह लखनपु करहहहहहमं धराम।
रराजपु हक भपूहूँजब भरत पपुर नमृपपु हक हजइहह हबनपु रराम॥49॥
भरावरारर्ण:-क्यरा सश्रीतराजश्री अपनप्रे पहत (शश्री ररामचमंदजश्री) करा सरार छगोड दमेंगश्री? क्यरा
लक्ष्मरजश्री शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे हबनरा घर रह सकमें गप्रे? क्यरा भरतजश्री शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे
हबनरा अयगोध्यरापपुरश्री करा रराज्य भगोग सकमें गप्रे? और क्यरा रराजरा शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे हबनरा
जश्रीहवत रह सकमें गप्रे? (अररार्णतम न सश्रीतराजश्री यहराहूँ रहमेंगश्री, न लक्ष्मरजश्री रहमेंगप्रे, न भरतजश्री
रराज्य करमेंगप्रे और न रराजरा हश्री जश्रीहवत रहमेंगप्रे, सब उजराड हगो जराएगरा।)॥49॥
चरौपराई :
* अस हबचरारर उर छराडहह कगोहह। सगोक कलमंक कगोहठ जहन हगोहह॥
भरतहह अवहस दप्रेहह जपुबरराजपू। करानन कराह रराम कर कराजपू॥1॥
भरावरारर्ण:-हृदय ममें ऐसरा हवचरार कर कगोध छगोड दगो, शगोक और कलमंक ककी कगोठश्री मत
बनगो। भरत कगो अवश्य यवपु रराजपद दगो, पर शश्री ररामचमंदजश्री करा वन ममें क्यरा कराम हहै?॥
1॥
* नराहहन ररामपु रराज कप्रे भपूखप्रे। धरम धपुरश्रीन हबषय रस रूखप्रे॥
गपुर गमृह बसहह हूँ ररामपु तहज गप्रेहह। नमृप सन अस बर दस पू र लप्रेहह॥2॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचमंदजश्री रराज्य कप्रे भपूखप्रे नहहीं हमैं। वप्रे धमर्ण ककी धपुरश्री कगो धरारर करनप्रे वरालप्रे
और हवषय रस सप्रे रूखप्रे हमैं (अररार्णतम उनममें हवषयरासहक्त हहै हश्री नहहीं), इसहलए तपुम यह
शमंकरा न करगो हक शश्री ररामजश्री वन न गए तगो भरत कप्रे रराज्य ममें हवघ्न करमेंगप्रे, इतनप्रे
पर भश्री मन न मरानप्रे तगो) तपुम रराजरा सप्रे दस पू ररा ऐसरा (यह) वर लप्रे लगो हक शश्री रराम
घर छगोडकर गपुर कप्रे घर रहमें॥2॥
* जजौं नहहमं लहगहहह कहमें हमरारप्रे। नहहमं लराहगहह कछपु हरार तपुम्हरारप्रे॥
जजौं पररहरास ककीहन्ह कछपु हगोई। तरौ कहह पगट जनरावहह सगोई॥3॥
भरावरारर्ण:-जगो तपुम हमरारप्रे कहनप्रे पर न चलगोगश्री तगो तपुम्हरारप्रे हरार कपु छ भश्री न लगप्रेगरा। यहद
तपुमनप्रे कपु छ हहूँसश्री ककी हगो तगो उसप्रे पकट ममें कहकर जनरा दगो (हक ममैंनप्रे हदल्लगश्री ककी हहै)॥
3॥
* रराम सररस सपुत करानन जगोगपू। कराह कहहहह सपुहन तपुम्ह कहह हूँ लगोगपू॥
उठहह बप्रेहग सगोइ करहह उपराई। जप्रेहह हबहध सगोकपु कलमंकपु नसराई॥4॥
भरावरारर्ण:-रराम सरश्रीखरा पपुत्र क्यरा वन कप्रे यगोग्य हहै? यह सपुनकर लगोग तपुम्हमें क्यरा कहमेंगप्रे!
जल्दश्री उठगो और वहश्री उपराय करगो हजस उपराय सप्रे इस शगोक और कलमंक करा नराश
हगो॥4॥
छमंद :
* जप्रेहह भराहूँहत सगोकपु कलमंकपु जराइ उपराय करर कपु ल परालहश्री।
हहठ फिप्रे र ररामहह जरात बन जहन बरात दस पू रर चरालहश्री॥
हजहम भरानपु हबनपु हदनपु परान हबनपु तनपु चमंद हबनपु हजहम जराहमनश्री।
हतहम अवध तपुलसश्रीदरास पभपु हबन समपुहझ धजौं हजयहूँ भरामनश्री॥
भरावरारर्ण:-हजस तरह (नगरभर करा) शगोक और (तपुम्हराररा) कलमंक हमटप्रे, वहश्री उपराय
करकप्रे कपु ल ककी रक्षरा कर। वन जरातप्रे हहए शश्री ररामजश्री कगो हठ करकप्रे लरौटरा लप्रे, दस पू रश्री
कगोई बरात न चलरा। तपुलसश्रीदरासजश्री कहतप्रे हमैं- जहैसप्रे सपूयर्ण कप्रे हबनरा हदन, परार कप्रे हबनरा
शरश्रीर और चमंदमरा कप्रे हबनरा ररात (हनजरव तररा शगोभराहश्रीन हगो जरातश्री हहै), वहैसप्रे हश्री शश्री
ररामचमंदजश्री कप्रे हबनरा अयगोध्यरा हगो जराएगश्री, हप्रे भराहमनश्री! तपू अपनप्रे हृदय ममें इस बरात कगो
समझ (हवचरारकर दप्रेख) तगो सहश्री।
सगोरठरा :
* सहखन्ह हसखरावनपु दश्रीन्ह सपुनत मधपुर पररनराम हहत।
तप्रेइहूँ कछपु करान न ककीन्ह कपु हटल पबगोधश्री कपू बरश्री॥50॥
भरावरारर्ण:-इस पकरार सहखयर नप्रे ऐसश्री सश्रीख दश्री जगो सपुननप्रे ममें मश्रीठश्री और परररराम ममें
हहतकरारश्री रश्री। पर कपु हटलरा कपु बरश्री ककी हसखराई-पढराई हह ई कहै कप्रे यश्री नप्रे इस पर जररा भश्री
करान नहहीं हदयरा॥50॥
चरौपराई :
* उतर न दप्रेइ दसपु ह ररस रूखश्री। ममृहगन्ह हचतव जनपु बराहघहन भपूखश्री॥
ब्यराहध असराहध जराहन हतन्ह त्यरागश्री। चलहीं कहत महतममंद अभरागश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-कहै कप्रे यश्री कगोई उरर नहहीं दप्रेतश्री, वह दद्धाःपु सह कगोध कप्रे मरारप्रे रूखश्री (बप्रेमपुरव्वत) हगो
रहश्री हहै। ऐसप्रे दप्रेखतश्री हहै मरानगो भपूखश्री बराहघन हररहनयर कगो दप्रेख रहश्री हगो। तब सहखयर नप्रे
रगोग कगो असराध्य समझकर उसप्रे छगोड हदयरा। सब उसकगो ममंदबपुहद, अभराहगनश्री कहतश्री
हह ई चल दहीं॥1॥
* रराजपु करत यह दहैअहूँ हबगगोई। ककीन्हप्रेहस अस जस करइ न कगोई॥
एहह हबहध हबलपहहमं पपुर नर नरारहीं। दप्रेहहमं कपु चराहलहह कगोहटक गरारहीं॥2॥
भरावरारर्ण:-रराज्य करतप्रे हह ए इस कहै कप्रे यश्री कगो दहैव नप्रे नष्टि कर हदयरा। इसनप्रे जहैसरा कपु छ
हकयरा, वहैसरा कगोई भश्री न करप्रेगरा! नगर कप्रे सब स्त्रश्री-पपुरष इस पकरार हवलराप कर रहप्रे
हमैं और उस कपु चरालश्री कहै कप्रे यश्री कगो करगोडर गराहलयराहूँ दप्रे रहप्रे हमैं॥2॥
* जरहहमं हबषम जर लप्रेहहमं उसरासरा। कवहन रराम हबनपु जश्रीवन आसरा॥
हबपपुल हबयगोग पजरा अकपु लरानश्री। जनपु जलचर गन सपूखत परानश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-लगोग हवषम ज्वर (भयरानक दद्धाःपु ख ककी आग) सप्रे जल रहप्रे हमैं। लमंबश्री सराहूँसमें लप्रेतप्रे
हह ए वप्रे कहतप्रे हमैं हक शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे हबनरा जश्रीनप्रे ककी करौन आशरा हहै। महरानम हवयगोग
(ककी आशमंकरा) सप्रे पजरा ऐसश्री व्यराकपुल हगो गई हहै मरानगो परानश्री सपूखनप्रे कप्रे समय जलचर
जश्रीवर करा समपुदराय व्यराकपुल हगो!॥3
शश्री रराम-करौसल्यरा समंवराद
* अहत हबषराद बस लगोग लगोगराई।मं गए मरातपु पहहमं ररामपु गगोसराई॥मं
मपुख पसन्न हचत चरौगपुन चराऊ। हमटरा सगोचपु जहन रराखहै रराऊ॥4॥
भरावरारर्ण:-सभश्री पपुरष और हस्त्रयराहूँ अत्यमंत हवषराद कप्रे वश हगो रहप्रे हमैं। स्वरामश्री शश्री ररामचमंदजश्री
मरातरा करौसल्यरा कप्रे परास गए। उनकरा मपुख पसन्न हहै और हचर ममें चरौगपुनरा चराव
(उत्सराह) हहै। यह सगोच हमट गयरा हहै हक रराजरा कहहीं रख न लमें। (शश्री ररामजश्री कगो
रराजहतलक ककी बरात सपुनकर हवषराद हहआ ररा हक सब भराइयर कगो छगोडकर बडप्रे भराई
मपुझकगो हश्री रराजहतलक क्यर हगोतरा हहै। अब मरातरा कहै कप्रे यश्री ककी आजरा और हपतरा ककी मरौन
सम्महत पराकर वह सगोच हमट गयरा।)॥4॥
दगोहरा :
* नव गयमंदपु रघपुबश्रीर मनपु रराजपु अलरान समरान।
छपूट जराहन बन गवनपु सपुहन उर अनमंद पु अहधकरान॥51॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचमंदजश्री करा मन नए पकडप्रे हह ए हरारश्री कप्रे समरान और रराजहतलक उस
हरारश्री कप्रे बराहूँधनप्रे ककी कराटहूँ प्रेदरार लगोहप्रे ककी बप्रेडश्री कप्रे समरान हहै। 'वन जरानरा हहै' यह सपुनकर,
अपनप्रे कगो बमंधन सप्रे छपू टरा जरानकर, उनकप्रे हृदय ममें आनमंद बढ गयरा हहै॥51॥
चरौपराई :
* रघपुकपुलहतलक जगोरर दगोउ हराररा। मपुहदत मरातपु पद नरायउ मराररा॥
दश्रीहन्ह असश्रीस लराइ उर लश्रीन्हप्रे। भपूषन बसन हनछरावरर ककीन्हप्रे॥ 1॥
भरावरारर्ण:-रघपुकपुल हतलक शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे दगोनर हरार जगोडकर आनमंद कप्रे सरार मरातरा कप्रे
चररर ममें हसर नवरायरा। मरातरा नप्रे आशश्रीवरार्णद हदयरा, अपनप्रे हृदय सप्रे लगरा हलयरा और उन
पर गहनप्रे तररा कपडप्रे हनछरावर हकए॥1॥
* बरार-बरार मपुख चपुमंबहत मरातरा। नयन नप्रेह जलपु पपुलहकत गरातरा॥
गगोद रराहख पपुहन हृदयहूँ लगराए। स्रवत पप्रेमरस पयद सपुहराए॥2॥
भरावरारर्ण:-मरातरा बरार-बरार शश्री ररामचमंदजश्री करा मपुख चपूम रहश्री हमैं। नप्रेत्रर ममें पप्रेम करा जल भर
आयरा हहै और सब अमंग पपुलहकत हगो गए हमैं। शश्री रराम कगो अपनश्री गगोद ममें बहैठराकर हफिर
हृदय सप्रे लगरा हलयरा। सपुदमं र स्तन पप्रेमरस (दधपू ) बहरानप्रे लगप्रे॥2॥
* पप्रेमपु पमगोदपु न कछपु कहह जराई। रमंक धनद पदबश्री जनपु पराई॥
सरादर सपुदमं र बदनपु हनहरारश्री। बगोलश्री मधपुर बचन महतरारश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-उनकरा पप्रेम और महरानम आनमंद कपु छ कहरा नहहीं जरातरा। मरानगो कमंगराल नप्रे कपु बप्रेर
करा पद परा हलयरा हगो। बडप्रे आदर कप्रे सरार सपुदमं र मपुख दप्रेखकर मरातरा मधपुर वचन
बगोलहीं-॥3॥
* कहहह तरात जननश्री बहलहरारश्री। कबहहमं लगन मपुद ममंगलकरारश्री॥
सपुकमृत सश्रील सपुख सश्रीवहूँ सपुहराई। जनम लराभ कइ अवहध अघराई॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे तरात! मरातरा बहलहरारश्री जरातश्री हहै, कहगो, वह आनमंद- ममंगलकरारश्री लग्नि कब
हहै, जगो मप्रेरप्रे पपुण्य, शश्रील और सपुख ककी सपुदमं र सश्रीमरा हहै और जन्म लप्रेनप्रे कप्रे लराभ ककी
पपूरर्णतम अवहध हहै,॥4॥
दगोहरा :
* जप्रेहह चराहत नर नरारर सब अहत आरत एहह भराहूँहत।
हजहम चरातक चरातहक तमृहषत बमृहष्टि सरद ररतपु स्वराहत॥52॥
भरावरारर्ण:-तररा हजस (लग्नि) कगो सभश्री स्त्रश्री-पपुरष अत्यमंत व्यराकपुलतरा सप्रे इस पकरार चराहतप्रे
हमैं हजस पकरार प्यरास सप्रे चरातक और चरातककी शरद म ऋतपु कप्रे स्वराहत नक्षत्र ककी वषरार्ण कगो
चराहतप्रे हमैं॥52॥
चरौपराई :
* तरात जराउहूँ बहल बप्रेहग नराहराहह। जगो मन भराव मधपुर कछपु खराहह॥
हपतपु समश्रीप तब जराएहह भहैआ। भइ बहड बरार जराइ बहल महैआ॥1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे तरात! ममैं बलहैयरा लप्रेतश्री हह,हूँ तपुम जल्दश्री नहरा लगो और जगो मन भरावप्रे, कपु छ
हमठराई खरा लगो। भहैयरा! तब हपतरा कप्रे परास जरानरा। बहह त दप्रेर हगो गई हहै, मरातरा बहलहरारश्री
जरातश्री हहै॥1॥
* मरातपु बचन सपुहन अहत अनपुकपूलरा। जनपु सनप्रेह सपुरतर कप्रे फिपूलरा॥
सपुख मकरमंद भरप्रे हशयमपूलरा। हनरहख रराम मनपु भवहूँर न भपूलरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-मरातरा कप्रे अत्यमंत अनपुकपूल वचन सपुनकर- जगो मरानगो स्नप्रेह रूपश्री कल्पवमृक्ष कप्रे
फिपूल रप्रे, जगो सपुख रूपश्री मकरन्द (पपुष्परस) सप्रे भरप्रे रप्रे और शश्री (रराजलक्ष्मश्री) कप्रे
मपूल रप्रे- ऐसप्रे वचन रूपश्री फिपूलर कगो दप्रेकर शश्री ररामचमंदजश्री करा मन रूपश्री भजौंररा उन पर
नहहीं भपूलरा॥2॥
* धरम धपुरश्रीन धरम गहत जरानश्री। कहप्रेउ मरातपु सन अहत ममृद पु बरानश्री॥
हपतराहूँ दश्रीन्ह मगोहह करानन रराजपू। जहहूँ सब भराहूँहत मगोर बड कराजपू॥ 3॥
भरावरारर्ण:-धमर्णधपुरश्रीर शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे धमर्ण ककी गहत कगो जरानकर मरातरा सप्रे अत्यमंत कगोमल
वरारश्री सप्रे कहरा- हप्रे मरातरा! हपतराजश्री नप्रे मपुझकगो वन करा रराज्य हदयरा हहै, जहराहूँ सब
पकरार सप्रे मप्रेररा बडरा कराम बननप्रे वरालरा हहै॥3॥
* आयसपु दप्रेहह मपुहदत मन मरातरा। जप्रेहहमं मपुद ममंगल करानन जरातरा॥
जहन सनप्रेह बस डरपहस भगोरमें। आनहूँद पु अमंब अनपुगह तगोरमें॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे मरातरा! तपू पसन्न मन सप्रे मपुझप्रे आजरा दप्रे, हजससप्रे मप्रेरश्री वन यरात्ररा ममें आनमंद-
ममंगल हगो। मप्रेरप्रे स्नप्रेहवश भपूलकर भश्री डरनरा नहहीं। हप्रे मरातरा! तप्रेरश्री कमृ परा सप्रे आनमंद हश्री
हगोगरा॥4॥
दगोहरा :
* बरष चराररदस हबहपन बहस करर हपतपु बचन पमरान।
आइ पराय पपुहन दप्रेहखहउहूँ मनपु जहन करहस मलरान॥53॥
भरावरारर्ण:-चरौदह वषर्ण वन ममें रहकर, हपतराजश्री कप्रे वचन कगो पमराहरत (सत्य) कर, हफिर
लरौटकर तप्रेरप्रे चररर करा दशर्णन करूहूँगरा, तपू मन कगो म्लरान (दद्धाःपु खश्री) न कर॥53॥
चरौपराई :
* बचन हबनश्रीत मधपुर रघपुबर कप्रे । सर सम लगप्रे मरातपु उर करकप्रे ॥
सहहम सपूहख सपुहन सश्रीतहल बरानश्री। हजहम जवरास परमें परावस परानश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-रघपुकपुल ममें शप्रेष शश्री ररामजश्री कप्रे यप्रे बहह त हश्री नम्र और मश्रीठप्रे वचन मरातरा कप्रे
हृदय ममें बरार कप्रे समरान लगप्रे और कसकनप्रे लगप्रे। उस शश्रीतल वरारश्री कगो सपुनकर
करौसल्यरा वहैसप्रे हश्री सहमकर सपूख गई मं जहैसप्रे बरसरात करा परानश्री पडनप्रे सप्रे जवरासरा सपूख
जरातरा हहै॥1॥
* कहह न जराइ कछपु हृदय हबषराद।पू मनहह हूँ ममृगश्री सपुहन कप्रे हरर नराद॥पू
नयन सजल तन रर रर कराहूँपश्री। मराजहह खराइ मश्रीन जनपु मरापश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हृदय करा हवषराद कपु छ कहरा नहहीं जरातरा। मरानगो हसमंह ककी गजर्णनरा सपुनकर हहरनश्री
हवकल हगो गई हगो। नप्रेत्रर ममें जल भर आयरा, शरश्रीर रर-रर कराहूँपनप्रे लगरा। मरानगो मछलश्री
मराहूँजरा (पहलश्री वषरार्ण करा फिप्रे न) खराकर बदहवरास हगो गई हगो!॥2॥
* धरर धश्रीरजपु सपुत बदनपु हनहरारश्री। गदगद बचन कहहत महतरारश्री॥
तरात हपतहह तपुम्ह परानहपआरप्रे। दप्रेहख मपुहदत हनत चररत तपुम्हरारप्रे॥ 3॥
भरावरारर्ण:-धश्रीरज धरकर, पपुत्र करा मपुख दप्रेखकर मरातरा गदगद वचन कहनप्रे लगहीं- हप्रे
तरात! तपुम तगो हपतरा कगो परारर कप्रे समरान हपय हगो। तपुम्हरारप्रे चररत्रर कगो दप्रेखकर वप्रे हनत्य
पसन्न हगोतप्रे रप्रे॥3॥
* रराजपु दप्रेन कहह हूँ सपुभ हदन सराधरा। कहप्रेउ जरान बन कप्रे हहमं अपरराधरा॥
तरात सपुनरावहह मगोहह हनदरानपू। कगो हदनकर कपु ल भयउ कमृ सरानपू॥4॥
भरावरारर्ण:-रराज्य दप्रेनप्रे कप्रे हलए उन्हरनप्रे हश्री शपुभ हदन शगोधवरायरा ररा। हफिर अब हकस
अपरराध सप्रे वन जरानप्रे कगो कहरा? हप्रे तरात! मपुझप्रे इसकरा करारर सपुनराओ! सपूयवर्ण मंश
(रूपश्री वन) कगो जलरानप्रे कप्रे हलए अहग्नि करौन हगो गयरा?॥4॥
दगोहरा :
* हनरहख रराम रख सहचवसपुत करारनपु कहप्रेउ बपुझराइ।
सपुहन पसमंगपु रहह मपूक हजहम दसरा बरहन नहहमं जराइ॥54॥
भरावरारर्ण:- तब शश्री ररामचन्दजश्री करा रख दप्रेखकर मन्त्रश्री कप्रे पपुत्र नप्रे सब करारर समझराकर
कहरा। उस पसमंग कगो सपुनकर वप्रे गपूहूँगश्री जहैसश्री (चपुप) रह गई,मं उनककी दशरा करा वरर्णन
नहहीं हकयरा जरा सकतरा॥54॥
चरौपराई :
* रराहख न सकइ न कहह सक जराहह। दहपु ह हूँ भराहूँहत उर दरारन दराहह॥
हलखत सपुधराकर गरा हलहख रराहह। हबहध गहत बराम सदरा सब कराहह॥1॥
भरावरारर्ण:-न रख हश्री सकतश्री हमैं, न यह कह सकतश्री हमैं हक वन चलप्रे जराओ। दगोनर हश्री
पकरार सप्रे हृदय ममें बडरा भरारश्री समंतराप हगो रहरा हहै। (मन ममें सगोचतश्री हमैं हक दप्रेखगो-)
हवधरातरा ककी चराल सदरा सबकप्रे हलए टप्रेढश्री हगोतश्री हहै। हलखनप्रे लगप्रे चन्दमरा और हलखरा गयरा
रराहह॥1॥
* धरम सनप्रेह उभयहूँ महत घप्रेरश्री। भइ गहत सराहूँप छपु छपु दमं रर कप्रे रश्री॥
रराखउहूँ सपुतहह करउहूँ अनपुरगोधपू। धरमपु जराइ अर बमंधपु हबरगोधपू॥ 2॥
भरावरारर्ण:-धमर्ण और स्नप्रेह दगोनर नप्रे करौसल्यराजश्री ककी बपुहद कगो घप्रेर हलयरा। उनककी दशरा
सराहूँप-छछपूहूँदर ककी सश्री हगो गई। वप्रे सगोचनप्रे लगहीं हक यहद ममैं अनपुरगोध (हठ) करकप्रे पपुत्र
कगो रख लप्रेतश्री हह हूँ तगो धमर्ण जरातरा हहै और भराइयर ममें हवरगोध हगोतरा हहै ,॥2॥
* कहउहूँ जरान बन तरौ बहड हरानश्री। समंकट सगोच हबबस भइ ररानश्री॥
बहह रर समपुहझ हतय धरमपु सयरानश्री। ररामपु भरतपु दगोउ सपुत सम जरानश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-और यहद वन जरानप्रे कगो कहतश्री हह हूँ तगो बडश्री हराहन हगोतश्री हहै। इस पकरार कप्रे
धमर्णसमंकट ममें पडकर ररानश्री हवशप्रेष रूप सप्रे सगोच कप्रे वश हगो गई।मं हफिर बपुहदमतश्री
करौसल्यराजश्री स्त्रश्री धमर्ण (पराहतव्रत धमर्ण) कगो समझकर और रराम तररा भरत दगोनर पपुत्रर
कगो समरान जरानकर-॥3॥
* सरल सपुभराउ रराम महतरारश्री। बगोलश्री बचन धश्रीर धरर भरारश्री॥
तरात जराउहूँ बहल ककीन्हप्रेहह नश्रीकरा। हपतपु आयसपु सब धरमक टश्रीकरा॥4॥
भरावरारर्ण:-सरल स्वभराव वरालश्री शश्री ररामचन्दजश्री ककी मरातरा बडरा धश्रीरज धरकर वचन बगोलहीं-
हप्रे तरात! ममैं बहलहरारश्री जरातश्री हह हूँ, तपुमनप्रे अच्छरा हकयरा। हपतरा ककी आजरा करा परालन
करनरा हश्री सब धमर्मों करा हशरगोमहर धमर्ण हहै॥ 4॥
दगोहरा :
* रराजपु दप्रेन कहहदश्रीन्ह बनपु मगोहह न सगो दख पु लप्रेसपु।
तपुम्ह हबनपु भरतहह भपूपहतहह पजहह पचमंड कलप्रेसपु॥ 55॥
भरावरारर्ण:-रराज्य दप्रेनप्रे कगो कहकर वन दप्रे हदयरा, उसकरा मपुझप्रे लप्रेशमरात्र भश्री दद्धाःपु ख नहहीं हहै।
(दद्धाःपु ख तगो इस बरात करा हहै हक) तपुम्हरारप्रे हबनरा भरत कगो, महरारराज कगो और पजरा कगो
बडरा भरारश्री कप्रे श हगोगरा॥55॥
चरौपराई :
* जजौं कप्रे वल हपतपु आयसपु तरातरा। तरौ जहन जराहह जराहन बहड मरातरा॥
जजौं हपतपु मरातपु कहप्रेउ बन जरानरा। तरौ करानन सत अवध समरानरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे तरात! यहद कप्रे वल हपतराजश्री ककी हश्री आजरा, हगो तगो मरातरा कगो (हपतरा सप्रे)
बडश्री जरानकर वन कगो मत जराओ, हकन्तपु यहद हपतरा-मरातरा दगोनर नप्रे वन जरानप्रे कगो कहरा
हगो, तगो वन तपुम्हरारप्रे हलए सहैकडर अयगोध्यरा कप्रे समरान हहै॥1॥
* हपतपु बनदप्रेव मरातपु बनदप्रेवश्री। खग ममृग चरन सरगोरह सप्रेवश्री॥
अमंतहह हूँ उहचत नमृपहह बनबरासपू। बय हबलगोहक हहयहूँ हगोइ हररास हूँ पू॥ 2॥
भरावरारर्ण:-वन कप्रे दप्रेवतरा तपुम्हरारप्रे हपतरा हरगप्रे और वनदप्रेहवयराहूँ मरातरा हरगश्री। वहराहूँ कप्रे पशपु-पक्षश्री
तपुम्हरारप्रे चररकमलर कप्रे सप्रेवक हरगप्रे। रराजरा कप्रे हलए अमंत ममें तगो वनवरास करनरा उहचत हश्री
हहै। कप्रे वल तपुम्हरारश्री (सपुकपुमरार) अवस्ररा दप्रेखकर हृदय ममें दद्धाःपु ख हगोतरा हहै॥2॥
* बडभरागश्री बनपु अवध अभरागश्री। जगो रघपुबस मं हतलक तपुम्ह त्यरागश्री॥
जजौं सपुत कहजौं समंग मगोहह लप्रेहह। तपुम्हरप्रे हृदयहूँ हगोइ समंदप्रेहह॥3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे रघपुवमंश कप्रे हतलक! वन बडरा भराग्यवरान हहै और यह अवध अभरागरा हहै ,
हजसप्रे तपुमनप्रे त्यराग हदयरा। हप्रे पपुत्र! यहद ममैं कहह हूँ हक मपुझप्रे भश्री सरार लप्रे चलगो तगो तपुम्हरारप्रे
हृदय ममें समंदप्रेह हगोगरा (हक मरातरा इसश्री बहरानप्रे मपुझप्रे रगोकनरा चराहतश्री हमैं)॥3॥
* पपूत परम हपय तपुम्ह सबहश्री कप्रे । परान परान कप्रे जश्रीवन जश्री कप्रे ॥
तप्रे तपुम्ह कहहह मरातपु बन जराऊहूँ। ममैं सपुहन बचन बहैहठ पहछतराऊहूँ॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे पपुत्र! तपुम सभश्री कप्रे परम हपय हगो। परारर कप्रे परार और हृदय कप्रे जश्रीवन हगो।
वहश्री (परारराधरार) तपुम कहतप्रे हगो हक मरातरा! ममैं वन कगो जराऊहूँ और ममैं तपुम्हरारप्रे वचनर
कगो सपुनकर बहैठश्री पछतरातश्री हह हूँ!॥4॥
दगोहरा :
* यह हबचरारर नहहमं करउहूँ हठ झपूठ सनप्रेहह बढराइ।
मराहन मरातपु कर नरात बहल सपुरहत हबसरर जहन जराइ॥56॥
भरावरारर्ण:-यह सगोचकर झपूठरा स्नप्रेह बढराकर ममैं हठ नहहीं करतश्री ! बप्रेटरा! ममैं बलहैयरा लप्रेतश्री
हह हूँ, मरातरा करा नरातरा मरानकर मप्रेरश्री सपुध भपूल न जरानरा॥ 56॥
चरौपराई :
* दप्रेव हपतर सब तपुम्हहह गगोसराई।मं रराखहह हूँ पलक नयन ककी नराई॥मं
अवहध अमंबपु हपय पररजन मश्रीनरा। तपुम्ह करनराकर धरम धपुरश्रीनरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे गगोसराई!मं सब दप्रेव और हपतर तपुम्हरारश्री वहैसश्री हश्री रक्षरा करमें , जहैसप्रे पलकमें
आहूँखर ककी रक्षरा करतश्री हमैं। तपुम्हरारप्रे वनवरास ककी अवहध (चरौदह वषर्ण) जल हहै, हपयजन
और कपु टपु म्बश्री मछलश्री हमैं। तपुम दयरा ककी खरान और धमर्ण ककी धपुरश्री कगो धरारर करनप्रे वरालप्रे
हगो॥1॥
* अस हबचरारर सगोइ करहह उपराई। सबहह हजअत जप्रेहहमं भमेंटहह आई॥
जराहह सपुखप्रेन बनहह बहल जराऊहूँ। करर अनरार जन पररजन गराऊहूँ॥2॥
भरावरारर्ण:-ऐसरा हवचरारकर वहश्री उपराय करनरा, हजसममें सबकप्रे जश्रीतप्रे जश्री तपुम आ हमलगो। ममैं
बहलहरारश्री जरातश्री हह हूँ, तपुम सप्रेवकर, पररवरार वरालर और नगर भर कगो अनरार करकप्रे
सपुखपपूवर्णक वन कगो जराओ॥2॥
* सब कर आजपु सपुकमृत फिल बश्रीतरा। भयउ करराल करालपु हबपरश्रीतरा॥
बहह हबहध हबलहप चरन लपटरानश्री। परम अभराहगहन आपपुहह जरानश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-आज सबकप्रे पपुण्यर करा फिल पपूररा हगो गयरा। कहठन कराल हमरारप्रे हवपरश्रीत हगो
गयरा। (इस पकरार) बहह त हवलराप करकप्रे और अपनप्रे कगो परम अभराहगनश्री जरानकर मरातरा
शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे चररर ममें हलपट गई॥मं 3॥
* दरारन दसपु ह दराहह उर ब्यरापरा। बरहन न जराहहमं हबलराप कलरापरा॥
रराम उठराइ मरातपु उर लराई। कहह ममृद पु बचन बहह रर समपुझराई॥4॥
भरावरारर्ण:-हृदय ममें भयरानक दद्धाःपु सह समंतराप छरा गयरा। उस समय कप्रे बहह हवध हवलराप करा
वरर्णन नहहीं हकयरा जरा सकतरा। शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे मरातरा कगो उठराकर हृदय सप्रे लगरा हलयरा
और हफिर कगोमल वचन कहकर उन्हमें समझरायरा॥4॥
दगोहरा :
* समराचरार तप्रेहह समय सपुहन सश्रीय उठश्री अकपु लराइ।
जराइ सरासपु पद कमल जपुग बमंहद बहैहठ हसर नराइ॥57॥
भरावरारर्ण:-उसश्री समय यह समराचरार सपुनकर सश्रीतराजश्री अकपु लरा उठहीं और सरास कप्रे परास
जराकर उनकप्रे दगोनर चररकमलर ककी वमंदनरा कर हसर नश्रीचरा करकप्रे बहैठ गई॥मं 57॥
चरौपराई :
* दश्रीहन्ह असश्रीस सरासपु ममृद पु बरानश्री। अहत सपुकपुमरारर दप्रेहख अकपु लरानश्री॥
बहैहठ नहमत मपुख सगोचहत सश्रीतरा। रूप रराहस पहत पप्रेम पपुनश्रीतरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-सरास नप्रे कगोमल वरारश्री सप्रे आशश्रीवरार्णद हदयरा। वप्रे सश्रीतराजश्री कगो अत्यन्त सपुकपु मरारश्री
दप्रेखकर व्यराकपुल हगो उठहीं। रूप ककी रराहश और पहत कप्रे सरार पहवत्र पप्रेम करनप्रे वरालश्री
सश्रीतराजश्री नश्रीचरा मपुख हकए बहैठश्री सगोच रहश्री हमैं॥ 1॥
* चलन चहत बन जश्रीवननरारपू। कप्रे हह सपुकमृतश्री सन हगोइहह सरारपू॥
ककी तनपु परान हक कप्रे वल परानरा। हबहध करतबपु कछपु जराइ न जरानरा॥2॥
भरावरारर्ण:-जश्रीवननरार (परारनरार) वन कगो चलनरा चराहतप्रे हमैं। दप्रेख में हकस पपुण्यवरान सप्रे
उनकरा सरार हगोगरा- शरश्रीर और परार दगोनर सरार जराएहूँगप्रे यरा कप्रे वल परार हश्री सप्रे इनकरा
सरार हगोगरा? हवधरातरा ककी करनश्री कपु छ जरानश्री नहहीं जरातश्री॥2॥
* चरार चरन नख लप्रेखहत धरनश्री। नपूपपुर मपुखर मधपुर कहब बरनश्री॥
मनहह हूँ पप्रेम बस हबनतश्री करहहीं। हमहह सश्रीय पद जहन पररहरहहीं॥ 3॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतराजश्री अपनप्रे सपुदमं र चररर कप्रे नखर सप्रे धरतश्री कपु रप्रेद रहश्री हमैं। ऐसरा करतप्रे समय
नपूपपुरर करा जगो मधपुर शब्द हगो रहरा हहै, कहव उसकरा इस पकरार वरर्णन करतप्रे हमैं हक
मरानगो पप्रेम कप्रे वश हगोकर नपूपपुर यह हवनतश्री कर रहप्रे हमैं हक सश्रीतराजश्री कप्रे चरर कभश्री
हमराररा त्यराग न करमें॥3॥
* ममंजपु हबलगोचन मगोचहत बरारश्री। बगोलश्री दप्रेहख रराम महतरारश्री॥
तरात सपुनहह हसय अहत सपुकपुमरारश्री। सरास ससपुर पररजनहह हपआरश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतराजश्री सपुदमं र नप्रेत्रर सप्रे जल बहरा रहश्री हमैं। उनककी यह दशरा दप्रेखकर शश्री ररामजश्री
ककी मरातरा करौसल्यराजश्री बगोलहीं- हप्रे तरात! सपुनगो, सश्रीतरा अत्यन्त हश्री सपुकपुमरारश्री हमैं तररा
सरास, ससपुर और कपु टपु म्बश्री सभश्री कगो प्यरारश्री हमैं॥4॥
दगोहरा :
* हपतरा जनक भपूपराल महन ससपुर भरानपुकपुल भरानपु।
पहत रहबकपु ल कहै रव हबहपन हबधपु गपुन रूप हनधरानपु॥58॥
भरावरारर्ण:-इनकप्रे हपतरा जनकजश्री रराजराओमं कप्रे हशरगोमहर हमैं, ससपुर सपूयर्णकपुल कप्रे सपूयर्ण हमैं और
पहत सपूयर्णकपुल रूपश्री कपु मपुदवन कगो हखलरानप्रे वरालप्रे चन्दमरा तररा गपुर और रूप कप्रे भमंडरार
हमैं॥58॥
* ममैं पपुहन पपुत्रबधपू हपय पराई। रूप रराहस गपुन सश्रील सपुहराई॥
नयन पपुतरर करर पश्रीहत बढराई। रराखप्रेउहूँ परान जरानहकहहमं लराई॥1॥
भरावरारर्ण:-हफिर ममैंनप्रे रूप ककी रराहश, सपुदमं र गपुर और शश्रीलवरालश्री प्यरारश्री पपुत्रवधपू पराई हहै। ममैंनप्रे
इन (जरानककी) कगो आहूँखर ककी पपुतलश्री बनराकर इनसप्रे पप्रेम बढरायरा हहै और अपनप्रे परार
इनममें लगरा रखप्रे हमैं॥1॥
* कलपबप्रेहल हजहम बहह हबहध लरालश्री। सहींहच सनप्रेह सहलल पहतपरालश्री॥
फिपूलत फिलत भयउ हबहध बरामरा। जराहन न जराइ कराह पररनरामरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-इन्हमें कल्पलतरा कप्रे समरान ममैंनप्रे बहह त तरह सप्रे बडप्रे लराड-चराव कप्रे सरार स्नप्रेह
रूपश्री जल सप्रे सहींचकर परालरा हहै। अब इस लतरा कप्रे फिपूलनप्रे-फिलनप्रे कप्रे समय हवधरातरा वराम
हगो गए। कपु छ जरानरा नहहीं जरातरा हक इसकरा क्यरा परररराम हगोगरा॥ 2॥
* पलहूँग पश्रीठ तहज गगोद हहमंडगोररा। हसयहूँ न दश्रीन्ह पगपु अवहन कठगोररा॥
हजअनमपूरर हजहम जगोगवत रहउहूँ। दश्रीप बराहत नहहमं टरारन कहऊहूँ॥3॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतरा नप्रे पयर्धांकपमृष (पलमंग कप्रे ऊपर), गगोद और हहमंडगोलप्रे कगो छगोडकर कठगोर
पमृथ्वश्री पर कभश्री पहैर नहहीं रखरा। ममैं सदरा समंजश्रीवनश्री जडश्री कप्रे समरान (सरावधरानश्री सप्रे)
इनककी रखवरालश्री करतश्री रहश्री हह।हूँ कभश्री दश्रीपक ककी बरश्री हटरानप्रे कगो भश्री नहहीं कहतश्री॥ 3॥
* सगोइ हसय चलन चहहत बन सराररा। आयसपु कराह हगोइ रघपुनराररा॥
चमंद हकरन रस रहसक चकगोरश्री। रहब रखनयन सकइ हकहम जगोरश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-वहश्री सश्रीतरा अब तपुम्हरारप्रे सरार वन चलनरा चराहतश्री हहै। हप्रे रघपुनरार ! उसप्रे क्यरा
आजरा हगोतश्री हहै? चन्दमरा ककी हकररर करा रस (अममृत) चराहनप्रे वरालश्री चकगोरश्री सपूयर्ण ककी
ओर आहूँख हकस तरह हमलरा सकतश्री हहै॥4॥
दगोहरा :
* करर कप्रे हरर हनहसचर चरहहमं दष्टिपु जमंतपु बन भपूरर।
हबष बराहटकराहूँ हक सगोह सपुत सपुभग सजश्रीवहन मपूरर॥59॥
भरावरारर्ण:-हरारश्री, हसमंह, रराक्षस आहद अनप्रेक दष्टिपु जश्रीव-जन्तपु वन ममें हवचरतप्रे रहतप्रे हमैं। हप्रे
पपुत्र! क्यरा हवष ककी वराहटकरा ममें सपुमंदर समंजश्रीवनश्री बपूटश्री शगोभरा परा सकतश्री हहै ?॥59॥
चरौपराई :
* बन हहत कगोल हकररात हकसगोरश्री। रचहीं हबरमंहच हबषय सपुख भगोरश्री॥
पराहन कमृ हम हजहम कहठन सपुभराऊ। हतन्हहह कलप्रेसपु न करानन कराऊ॥1॥
भरावरारर्ण:-वन कप्रे हलए तगो ब्रहराजश्री नप्रे हवषय सपुख कगो न जराननप्रे वरालश्री कगोल और भश्रीलर
ककी लडहकयर कगो रचरा हहै, हजनकरा पत्रर कप्रे ककीडप्रे जहैसरा कठगोर स्वभराव हहै। उन्हमें वन
ममें कभश्री कप्रे श नहहीं हगोतरा॥1॥
* कहै तरापस हतय करानन जगोगपू। हजन्ह तप हप्रेतपु तजरा सब भगोगपू॥
हसय बन बहसहह तरात कप्रे हह भराहूँतश्री। हचत्रहलहखत कहप दप्रेहख डप्रेररातश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-अरवरा तपहस्वयर ककी हस्त्रयराहूँ वन ममें रहनप्रे यगोग्य हमैं , हजन्हरनप्रे तपस्यरा कप्रे हलए
सब भगोग तज हदए हमैं। हप्रे पपुत्र! जगो तसवश्रीर कप्रे बमंदर कगो दप्रेखकर डर जरातश्री हमैं, वप्रे
सश्रीतरा वन ममें हकस तरह रह सकमें गश्री?॥2॥
* सपुरसर सपुभग बनज बन चरारश्री। डराबर जगोगपु हक हमंसकपु मरारश्री॥
अस हबचरारर जस आयसपु हगोई। ममैं हसख दप्रेउहूँ जरानहकहह सगोई॥3॥
भरावरारर्ण:-दप्रेवसरगोवर कप्रे कमल वन ममें हवचरर करनप्रे वरालश्री हमंहसनश्री क्यरा गडहैयर (तलहैयर)
ममें रहनप्रे कप्रे यगोग्य हहै? ऐसरा हवचरार कर जहैसश्री तपुम्हरारश्री आजरा हगो, ममैं जरानककी कगो वहैसश्री
हश्री हशक्षरा दहूँ॥पू 3॥
* जजौं हसय भवन रहहै कह अमंबरा। मगोहह कहहूँ हगोइ बहह त अवलमंबरा॥
सपुहन रघपुबश्रीर मरातपु हपय बरानश्री। सश्रील सनप्रेह सपुधराहूँ जनपु सरानश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-मरातरा कहतश्री हमैं- यहद सश्रीतरा घर ममें रहमें तगो मपुझकगो बहह त सहराररा हगो जराए। शश्री
ररामचन्दजश्री नप्रे मरातरा ककी हपय वरारश्री सपुनकर, जगो मरानगो शश्रील और स्नप्रेह रूपश्री अममृत सप्रे
सनश्री हह ई रश्री,॥4॥
दगोहरा :
* कहह हपय बचन हबबप्रेकमय ककीहन्ह मरातपु पररतगोष।
लगप्रे पबगोधन जरानहकहह पगहट हबहपन गपुन दगोष॥60॥
भरावरारर्ण:-हववप्रेकमय हपय वचन कहकर मरातरा कगो समंतपुष्टि हकयरा। हफिर वन कप्रे गपुर-दगोष
पकट करकप्रे वप्रे जरानककीजश्री कगो समझरानप्रे लगप्रे॥60॥
शश्री ररामजश्री, लक्ष्मरजश्री, सश्रीतराजश्री करा महरारराज दशरर कप्रे परास हवदरा मराहूँगनप्रे जरानरा,
दशररजश्री करा सश्रीतराजश्री कगो समझरानरा
* सहचवहूँ उठराइ रराउ बहैठरारप्रे। कहह हपय बचन ररामपु पगपु धरारप्रे॥
हसय समप्रेत दगोउ तनय हनहरारश्री। ब्यराकपुल भयउ भपूहमपहत भरारश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-'शश्री ररामजश्री पधरारप्रे हमैं', यप्रे हपय वचन कहकर ममंत्रश्री नप्रे रराजरा कगो उठराकर
बहैठरायरा। सश्रीतरा सहहत दगोनर पपुत्रर कगो (वन कप्रे हलए तहैयरार) दप्रेखकर रराजरा बहह त व्यराकपुल
हह ए॥4॥
दगोहरा :
* सश्रीय सहहत सपुत सपुभग दगोउ दप्रेहख दप्रेहख अकपु लराइ।
बरारहहमं बरार सनप्रेह बस रराउ लप्रेइ उर लराइ॥76॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतरा सहहत दगोनर सपुदमं र पपुत्रर कगो दप्रेख-दप्रेखकर रराजरा अकपु लरातप्रे हमैं और स्नप्रेह
वश बरारमंबरार उन्हमें हृदय सप्रे लगरा लप्रेतप्रे हमैं॥76॥
चरौपराई :
* सकइ न बगोहल हबकल नरनराहह। सगोक जहनत उर दरारन दराहह॥
नराइ सश्रीसपु पद अहत अनपुररागरा। उहठ रघपुबश्रीर हबदरा तब मरागरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-रराजरा व्यराकपुल हमैं, बगोल नहहीं सकतप्रे। हृदय ममें शगोक सप्रे उत्पन्न हहआ भयरानक
सन्तराप हहै। तब रघपुकपुल कप्रे वश्रीर शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे अत्यन्त पप्रेम सप्रे चररर ममें हसर
नवराकर उठकर हवदरा मराहूँगश्री-॥1॥
* हपतपु असश्रीस आयसपु मगोहह दश्रीजहै। हरष समय हबसमउ कत ककीजहै॥
तरात हकएहूँ हपय पप्रेम पमराद।पू जसपु जग जराइ हगोइ अपबराद॥पू 2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे हपतराजश्री! मपुझप्रे आशश्रीवरार्णद और आजरा दश्रीहजए। हषर्ण कप्रे समय आप शगोक क्यर
कर रहप्रे हमैं? हप्रे तरात! हपय कप्रे पप्रेमवश पमराद (कतर्णव्यकमर्ण ममें त्रपुहट) करनप्रे सप्रे जगत
ममें यश जरातरा रहप्रेगरा और हनमंदरा हगोगश्री॥2॥
* सपुहन सनप्रेह बस उहठ नरनराहराहूँ। बहैठरारप्रे रघपुपहत गहह बराहराहूँ॥
सपुनहह तरात तपुम्ह कहह हूँ मपुहन कहहहीं। ररामपु चरराचर नरायक अहहहीं॥3॥
भरावरारर्ण:-यह सपुनकर स्नप्रेहवश रराजरा नप्रे उठकर शश्री रघपुनरारजश्री ककी बराहूँह पकडकर उन्हमें
बहैठरा हलयरा और कहरा- हप्रे तरात! सपुनगो, तपुम्हरारप्रे हलए मपुहन लगोग कहतप्रे हमैं हक शश्री रराम
चरराचर कप्रे स्वरामश्री हमैं॥3॥
* सपुभ अर असपुभ करम अनपुहरारश्री। ईसपु दप्रेइ फिलपु हृदयहूँ हबचरारश्री॥
करइ जगो करम पराव फिल सगोई। हनगम नश्रीहत अहस कह सबपु कगोई॥4॥
भरावरारर्ण:-शपुभ और अशपुभ कमर्मों कप्रे अनपुसरार ईश्वर हृदय ममें हवचरारकर फिल दप्रेतरा हहै,
जगो कमर्ण करतरा हहै, वहश्री फिल परातरा हहै। ऐसश्री वप्रेद ककी नश्रीहत हहै, यह सब कगोई कहतप्रे
हमैं॥4॥
दगोहरा :
*और करहै अपरराधपु कगोउ और पराव फिल भगोगपु।
अहत हबहचत्र भगवमंत गहत कगो जग जरानहै जगोगपु॥77॥
भरावरारर्ण:-(हकन्तपु इस अवसर पर तगो इसकप्रे हवपरश्रीत हगो रहरा हहै,) अपरराध तगो कगोई
और हश्री करप्रे और उसकप्रे फिल करा भगोग कगोई और हश्री परावप्रे। भगवरान ककी लश्रीलरा बडश्री
हश्री हवहचत्र हहै, उसप्रे जराननप्रे यगोग्य जगत ममें करौन हहै?॥77॥
चरौपराई :
* ररायहूँ रराम रराखन हहत लरागश्री। बहह त उपराय हकए छलपु त्यरागश्री॥
लखश्री रराम रख रहत न जरानप्रे। धरम धपुरमंधर धश्रीर सयरानप्रे॥ 1॥
भरावरारर्ण:-रराजरा नप्रे इस पकरार शश्री ररामचन्दजश्री कगो रखनप्रे कप्रे हलए छल छगोडकर बहह त सप्रे
उपराय हकए, पर जब उन्हरनप्रे धमर्णधपुरमंधर, धश्रीर और बपुहदमरान शश्री ररामजश्री करा रख दप्रेख
हलयरा और वप्रे रहतप्रे हह ए न जरान पडप्रे,॥1॥
* तब नमृप सश्रीय लराइ उर लश्रीन्हश्री। अहत हहत बहह त भराहूँहत हसख दश्रीन्हश्री॥
कहह बन कप्रे दख पु दसपु ह सपुनराए। सरासपु ससपुर हपतपु सपुख समपुझराए॥2॥
भरावरारर्ण:-तब रराजरा नप्रे सश्रीतराजश्री कगो हृदय सप्रे लगरा हलयरा और बडप्रे पप्रेम सप्रे बहह त पकरार
ककी हशक्षरा दश्री। वन कप्रे दद्धाःपु सह दद्धाःपु ख कहकर सपुनराए। हफिर सरास, ससपुर तररा हपतरा कप्रे
(परास रहनप्रे कप्रे ) सपुखर कगो समझरायरा॥2॥
* हसय मनपु रराम चरन अनपुररागरा। घरन सपुगमपु बनपु हबषमपु न लरागरा॥
औरउ सबहहमं सश्रीय समपुझराई। कहह कहह हबहपन हबपहत अहधकराई॥3॥
भरावरारर्ण:-परन्तपु सश्रीतराजश्री करा मन शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे चररर ममें अनपुरक्त ररा, इसहलए
उन्हमें घर अच्छरा नहहीं लगरा और न वन भयरानक लगरा। हफिर और सब लगोगर नप्रे भश्री
वन ममें हवपहरयर ककी अहधकतरा बतरा-बतराकर सश्रीतराजश्री कगो समझरायरा॥3॥
* सहचव नरारर गपुर नरारर सयरानश्री। सहहत सनप्रेह कहहहमं ममृद पु बरानश्री॥
तपुम्ह कहह हूँ तरौ न दश्रीन्ह बनबरासपू। करहह जगो कहहहमं ससपुर गपुर सरासपू॥4॥
भरावरारर्ण:-ममंत्रश्री सपुममंत्रजश्री ककी पत्नश्री और गपुर वहशषजश्री ककी स्त्रश्री अरमं धतश्रीजश्री तररा और भश्री
चतपुर हस्त्रयराहूँ स्नप्रेह कप्रे सरार कगोमल वरारश्री सप्रे कहतश्री हमैं हक तपुमकगो तगो (रराजरा नप्रे)
वनवरास हदयरा नहहीं हहै, इसहलए जगो ससपुर, गपुर और सरास कहमें, तपुम तगो वहश्री करगो॥
4॥
दगोहरा :
* हसख सश्रीतहल हहत मधपुर ममृद पु सपुहन सश्रीतहह न सगोहराहन।
सरद चमंद चमंहदहन लगत जनपु चकई अकपु लराहन॥78॥
भरावरारर्ण:-यह शश्रीतल, हहतकरारश्री, मधपुर और कगोमल सश्रीख सपुननप्रे पर सश्रीतराजश्री कगो
अच्छश्री नहहीं लगश्री। (वप्रे इस पकरार व्यराकपुल हगो गई)मं मरानगो शरद ऋतपु कप्रे चन्दमरा ककी
चराहूँदनश्री लगतप्रे हश्री चकई व्यराकपुल हगो उठश्री हगो॥78॥
चरौपराई :
* सश्रीय सकपु च बस उतर न दप्रेई। सगो सपुहन तमहक उठश्री कहै कप्रे ई॥
मपुहन पट भपूषन भराजन आनश्री। आगमें धरर बगोलश्री ममृद पु बरानश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतराजश्री समंकगोचवश उरर नहहीं दप्रेतहीं। इन बरातर कगो सपुनकर कहै कप्रे यश्री तमककर
उठश्री। उसनप्रे मपुहनयर कप्रे वस्त्र, आभपूषर (मरालरा, मप्रेखलरा आहद) और बतर्णन (कमण्डलपु
आहद) लराकर शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे आगप्रे रख हदए और कगोमल वरारश्री सप्रे कहरा-॥1॥
* नमृपहह परानहपय तपुम्ह रघपुबश्रीररा। सश्रील सनप्रेह न छराहडहह भश्रीररा॥
सपुकमृतपु सपुजसपु परलगोकपु नसराऊ। तपुम्हहह जरान बन कहहहह न कराऊ॥2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे रघपुवश्रीर! रराजरा कगो तपुम परारर कप्रे समरान हपय हगो। भश्रीर (पप्रेमवश दबपु र्णल
हृदय कप्रे ) रराजरा शश्रील और स्नप्रेह नहहीं छगोडमेंगप्रे! पपुण्य, सपुमंदर यश और परलगोक चराहप्रे
नष्टि हप्रे जराए, पर तपुम्हमें वन जरानप्रे कगो वप्रे कभश्री न कहमेंगप्रे॥ 2॥
* अस हबचरारर सगोइ करहह जगो भरावरा। रराम जनहन हसख सपुहन सपुख पु परावरा॥
भपूपहह बचन बरानसम लरागप्रे। करहहमं न परान पयरान अभरागप्रे॥ 3॥
भरावरारर्ण:-ऐसरा हवचरारकर जगो तपुम्हमें अच्छरा लगप्रे वहश्री करगो। मरातरा ककी सश्रीख सपुनकर शश्री
ररामचन्दजश्री नप्रे (बडरा) सपुख परायरा, परन्तपु रराजरा कगो यप्रे वचन बरार कप्रे समरान लगप्रे। (वप्रे
सगोचनप्रे लगप्रे) अब भश्री अभरागप्रे परार (क्यर) नहहीं हनकलतप्रे!॥3॥
* लगोग हबकल मपुरहछत नरनराहह। कराह कररअ कछपु सपूझ न कराहह॥
ररामपु तपुरत मपुहन बप्रेषपु बनराई। चलप्रे जनक जनहनहह हसर नराई॥4॥
भरावरारर्ण:-रराजरा मपूहछर्णत हगो गए, लगोग व्यराकपुल हमैं। हकसश्री कगो कपु छ सपूझ नहहीं पडतरा हक
क्यरा करमें। शश्री ररामचन्दजश्री तपुरमंत मपुहन करा वप्रेष बनराकर और मरातरा-हपतरा कगो हसर नवराकर
चल हदए॥4॥
शश्री रराम-सश्रीतरा-लक्ष्मर करा वन गमन और नगर हनवराहसयर कगो सगोए छगोडकर आगप्रे
बढनरा
दगोहरा :
* सहज बन सराजपु समराजपु सबपु बहनतरा बमंधपु समप्रेत।
बमंहद हबप गपुर चरन पभपु चलप्रे करर सबहह अचप्रेत॥79॥
भरावरारर्ण:-वन करा सब सराज-सरामरान सजकर (वन कप्रे हलए आवश्यक वस्तपुओमं कगो सरार
लप्रेकर) शश्री ररामचन्दजश्री स्त्रश्री (शश्री सश्रीतराजश्री) और भराई (लक्ष्मरजश्री) सहहत, ब्रराहर
और गपुर कप्रे चररर ककी वमंदनरा करकप्रे सबकगो अचप्रेत करकप्रे चलप्रे॥79॥
चरौपराई :
* हनकहस बहसष दरार भए ठराढप्रे। दप्रेखप्रे लगोग हबरह दव दराढप्रे॥
कहह हपय बचन सकल समपुझराए। हबप बमृदमं रघपुबश्रीर बगोलराए॥1॥
भरावरारर्ण:-रराजमहल सप्रे हनकलकर शश्री ररामचन्दजश्री वहशषजश्री कप्रे दरवराजप्रे पर जरा खडप्रे हहए
और दप्रेखरा हक सब लगोग हवरह ककी अहग्नि ममें जल रहप्रे हमैं। उन्हरनप्रे हपय वचन कहकर
सबकगो समझरायरा, हफिर शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे ब्रराहरर ककी ममंडलश्री कगो बपुलरायरा॥ 1॥
* गपुर सन कहह बरषरासन दश्रीन्हप्रे। आदर दरान हबनय बस ककीन्हप्रे॥
जराचक दरान मरान समंतगोषप्रे। मश्रीत पपुनश्रीत पप्रेम पररतगोषप्रे॥ 2॥
भरावरारर्ण:-गपुरजश्री सप्रे कहकर उन सबकगो वषरार्णशन (वषर्णभर करा भगोजन) हदए और आदर,
दरान तररा हवनय सप्रे उन्हमें वश ममें कर हलयरा। हफिर यराचकर कगो दरान और मरान दप्रेकर
समंतपुष्टि हकयरा तररा हमत्रर कगो पहवत्र पप्रेम सप्रे पसन्न हकयरा॥ 2॥
* दरासहीं दरास बगोलराइ बहगोरश्री। गपुरहह सजौंहप बगोलप्रे कर जगोरश्री॥
सब कहै सरार सहूँभरार गगोसराई।मं करहब जनक जननश्री ककी नराई॥मं 3॥
भरावरारर्ण:-हफिर दरास-दराहसयर कगो बपुलराकर उन्हमें गपुरजश्री कगो सजौंपकर, हरार जगोडकर बगोलप्रे-
हप्रे गपुसराई!मं इन सबककी मरातरा-हपतरा कप्रे समरान सरार-समंभरार (दप्रेख-रप्रेख) करतप्रे रहहएगरा॥
3॥
* बरारहहमं बरार जगोरर जपुग परानश्री। कहत ररामपु सब सन ममृद पु बरानश्री॥
सगोइ सब भराहूँहत मगोर हहतकरारश्री। जप्रेहह तमें रहहै भपुआल सपुखरारश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचन्दजश्री बरार-बरार दगोनर हरार जगोडकर सबसप्रे कगोमल वरारश्री कहतप्रे हमैं हक
मप्रेररा सब पकरार सप्रे हहतकरारश्री हमत्र वहश्री हगोगरा, हजसककी चप्रेष्टिरा सप्रे महरारराज सपुखश्री रहमें॥4॥
दगोहरा :
* मरातपु सकल मगोरप्रे हबरहहूँ जप्रेहहमं न हगोहहमं द ख पु दश्रीन।
सगोइ उपराउ तपुम्ह करप्रेहह सब पपुर जन परम पबश्रीन॥80॥
भरावरारर्ण:-हप्रे परम चतपुर पपुरवरासश्री सजनर! आप लगोग सब वहश्री उपराए ककीहजएगरा, हजससप्रे
मप्रेरश्री सब मरातराएहूँ मप्रेरप्रे हवरह कप्रे दद्धाःपु ख सप्रे दद्धाःपु खश्री न हर॥80॥
चरौपराई :
* एहह हबहध रराम सबहह समपुझरावरा। गपुर पद पद मपु हरहष हसर नरावरा॥
गनपहत गरौरर हगरश्रीसपु मनराई। चलप्रे असश्रीस पराइ रघपुरराई॥1॥
भरावरारर्ण:-इस पकरार शश्री ररामजश्री नप्रे सबकगो समझरायरा और हहषर्णत हगोकर गपुरजश्री कप्रे
चररकमलर ममें हसर नवरायरा। हफिर गरप्रेशजश्री, परावर्णतश्रीजश्री और कहै लरासपहत महरादप्रेवजश्री कगो
मनराकर तररा आशश्रीवरार्णद पराकर शश्री रघपुनरारजश्री चलप्रे॥1॥
* रराम चलत अहत भयउ हबषराद।पू सपुहन न जराइ पपुर आरत नराद॥पू
कपु सगपुन लमंक अवध अहत सगोकपू। हरष हबषराद हबबस सपुरलगोकपू॥2॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री कप्रे चलतप्रे हश्री बडरा भरारश्री हवषराद हगो गयरा। नगर करा आतर्णनराद
(हराहराकर) सपुनरा नहहीं जरातरा। लमंकरा ममें बपुरप्रे शकपु न हगोनप्रे लगप्रे, अयगोध्यरा ममें अत्यन्त शगोक
छरा गयरा और दप्रेवलगोक ममें सब हषर्ण और हवषराद दगोनर कप्रे वश ममें गए। (हषर्ण इस बरात
करा ररा हक अब रराक्षसर करा नराश हगोगरा और हवषराद अयगोध्यरावराहसयर कप्रे शगोक कप्रे
करारर ररा)॥2॥
* गइ मपुरछरा तब भपूपहत जरागप्रे। बगोहल सपुममंत्रपु कहन अस लरागप्रे॥
ररामपु चलप्रे बन परान न जराहहीं। कप्रे हह सपुख लराहग रहत तन मराहहीं॥3॥
भरावरारर्ण:-मपूछरार्ण दरपू हह ई, तब रराजरा जरागप्रे और सपुममंत्र कगो बपुलराकर ऐसरा कहनप्रे लगप्रे - शश्री
रराम वन कगो चलप्रे गए, पर मप्रेरप्रे परार नहहीं जरा रहप्रे हमैं। न जरानप्रे यप्रे हकस सपुख कप्रे हलए
शरश्रीर ममें हटक रहप्रे हमैं॥3॥
* एहह तमें कवन ब्यररा बलवरानरा। जगो दख पु पु पराइ तजहहमं तनपु परानरा॥
पपुहन धरर धश्रीर कहइ नरनराहह। लहै ररपु समंग सखरा तपुम्ह जराहह॥4॥
भरावरारर्ण:-इससप्रे अहधक बलवतश्री और करौन सश्री व्यररा हगोगश्री, हजस दद्धाःपु ख कगो पराकर परार
शरश्रीर कगो छगोडमेंगप्रे। हफिर धश्रीरज धरकर रराजरा नप्रे कहरा- हप्रे सखरा! तपुम रर लप्रेकर शश्री
रराम कप्रे सरार जराओ॥4॥
दगोहरा :
* सपुहठ सपुकपुमरार कपु मरार दगोउ जनकसपुतरा सपुकपुमरारर।
रर चढराइ दप्रेखरराइ बनपु हफिरप्रेहह गएहूँ हदन चरारर॥81॥
भरावरारर्ण:-अत्यन्त सपुकपुमरार दगोनर कपु मरारर कगो और सपुकपुमरारश्री जरानककी कगो रर ममें चढराकर,
वन हदखलराकर चरार हदन कप्रे बराद लरौट आनरा॥81॥
चरौपराई :
* जजौं नहहमं हफिरहहमं धश्रीर दगोउ भराई। सत्यसमंध दृढब्रत रघपुरराई॥
तरौ तपुम्ह हबनय करप्रेहह कर जगोरश्री। फिप्रे ररअ पभपु हमहरलप्रेसहकसगोरश्री॥1॥॥
भरावरारर्ण:-यहद धहैयर्णवरान दगोनर भराई न लरौटमें- क्यरहक शश्री रघपुनरारजश्री पर कप्रे सचप्रे और
दृढतरा सप्रे हनयम करा परालन करनप्रे वरालप्रे हमैं- तगो तपुम हरार जगोडकर हवनतश्री करनरा हक हप्रे
पभगो! जनककपु मरारश्री सश्रीतराजश्री कगो तगो लरौटरा दश्रीहजए॥1॥
* जब हसय करानन दप्रेहख डप्रेरराई। कहप्रेहह मगोरर हसख अवसर पराई॥
सरासपु ससपुर अस कहप्रेउ सहूँदप्रेसपू। पपुहत्र हफिररअ बन बहह त कलप्रेसपू॥2॥
भरावरारर्ण:-जब सश्रीतरा वन कगो दप्रेखकर डरमें, तब मरौकरा पराकर मप्रेरश्री यह सश्रीख उनसप्रे
कहनरा हक तपुम्हरारप्रे सरास और ससपुर नप्रे ऐसरा समंदप्रेश कहरा हहै हक हप्रे पपुत्रश्री! तपुम लरौट
चलगो, वन ममें बहह त कप्रे श हमैं॥2॥
* हपतपुगमृह कबहह हूँ कबहह हूँ ससपुररारश्री। रहप्रेहह जहराहूँ रहच हगोइ तपुम्हरारश्री॥
एहह हबहध करप्रेहह उपराय कदमंबरा। हफिरइ त हगोइ परान अवलमंबरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-कभश्री हपतरा कप्रे घर, कभश्री ससपुरराल, जहराहूँ तपुम्हरारश्री इच्छरा हगो, वहहीं रहनरा। इस
पकरार तपुम बहह त सप्रे उपराय करनरा। यहद सश्रीतराजश्री लरौट आई मं तगो मप्रेरप्रे परारर कगो सहराररा
हगो जराएगरा॥3॥
* नराहहमं त मगोर मरनपु पररनरामरा। कछपु न बसराइ भएहूँ हबहध बरामरा॥
अस कहह मपुरहछ पररा महह रराऊ। ररामपु लखनपु हसय आहन दप्रेखराऊ॥4॥
भरावरारर्ण:-(नहहीं तगो अमंत ममें मप्रेररा मरर हश्री हगोगरा। हवधरातरा कप्रे हवपरश्रीत हगोनप्रे पर कपु छ वश
नहहीं चलतरा। हरा! रराम, लक्ष्मर और सश्रीतरा कगो लराकर हदखराओ। ऐसरा कहकर रराजरा
मपूहछर्णत हगोकर पमृथ्वश्री पर हगर पडप्रे॥4॥
दगोहरा :
* पराइ रजरायसपु नराइ हसर ररपु अहत बप्रेग बनराइ।
गयउ जहराहूँ बराहप्रेर नगर सश्रीय सहहत दगोउ भराइ॥82॥
भरावरारर्ण:-सपुममंत्रजश्री रराजरा ककी आजरा पराकर, हसर नवराकर और बहह त जल्दश्री रर
जपुडवराकर वहराहूँ गए, जहराहूँ नगर कप्रे बराहर सश्रीतराजश्री सहहत दगोनर भराई रप्रे॥82॥
चरौपराई :
* तब सपुममंत्र नमृप बचन सपुनराए। करर हबनतश्री रर ररामपु चढराए॥
चहढ रर सश्रीय सहहत दगोउ भराई। चलप्रे हृदयहूँ अवधहह हसर नराई॥1॥
भरावरारर्ण:-तब (वहराहूँ पहह हूँचकर) सपुममंत्र नप्रे रराजरा कप्रे वचन शश्री ररामचन्दजश्री कगो सपुनराए और
हवनतश्री करकप्रे उनकगो रर पर चढरायरा। सश्रीतराजश्री सहहत दगोनर भराई रर पर चढकर हृदय
ममें अयगोध्यरा कगो हसर नवराकर चलप्रे॥1॥
* चलत ररामपु लहख अवध अनराररा। हबकल लगोग सब लरागप्रे सराररा॥
कमृ पराहसमंधपु बहह हबहध समपुझरावहहमं। हफिरहहमं पप्रेम बस पपुहन हफिरर आवहहमं॥ 2॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचन्दजश्री कगो जरातप्रे हहए और अयगोध्यरा कगो अनरार (हगोतप्रे हह ए) दप्रेखकर
सब लगोग व्यराकपुल हगोकर उनकप्रे सरार हगो हलए। कमृ परा कप्रे समपुद शश्री ररामजश्री उन्हमें बहह त
तरह सप्रे समझरातप्रे हमैं, तगो वप्रे (अयगोध्यरा ककी ओर) लरौट जरातप्रे हमैं, परन्तपु पप्रेमवश हफिर
लरौट आतप्रे हमैं॥2॥
* लरागहत अवध भयरावहन भरारश्री। मरानहह हूँ करालरराहत अहूँहधआरश्री॥
घगोर जमंतपु सम पपुर नर नरारश्री। डरपहहमं एकहह एक हनहरारश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-अयगोध्यरापपुरश्री बडश्री डररावनश्री लग रहश्री हहै, मरानगो अमंधकरारमयश्री करालरराहत्र हश्री हगो।
नगर कप्रे नर-नरारश्री भयरानक जन्तपुओमं कप्रे समरान एक-दस पू रप्रे कगो दप्रेखकर डर रहप्रे हमैं॥3॥
* घर मसरान पररजन जनपु भपूतरा। सपुत हहत मश्रीत मनहह हूँ जमदतपू रा॥
बरागन्ह हबटप बप्रेहल कपु हम्हलराहहीं। सररत सरगोवर दप्रेहख न जराहहीं॥4॥
भरावरारर्ण:-घर श्मशरान, कपु टपु म्बश्री भपूत-पप्रेत और पपुत्र, हहतहैषश्री और हमत्र मरानगो यमरराज कप्रे
दतपू हमैं। बगश्रीचर ममें वमृक्ष और बप्रेलमें कपु म्हलरा रहश्री हमैं। नदश्री और तरालराब ऐसप्रे भयरानक लगतप्रे
हमैं हक उनककी ओर दप्रेखरा भश्री नहहीं जरातरा॥ 4॥
दगोहरा :
* हय गय कगोहटन्ह कप्रे हलममृग पपुरपसपु चरातक मगोर।
हपक रररामंग सपुक सराररकरा सरारस हमंस चकगोर॥83॥
भरावरारर्ण:-करगोडर घगोडप्रे, हरारश्री, खप्रेलनप्रे कप्रे हलए परालप्रे हह ए हहरन, नगर कप्रे (गराय, बहैल,
बकरश्री आहद) पशपु, पपश्रीहप्रे, मगोर, कगोयल, चकवप्रे, तगोतप्रे, महैनरा, सरारस, हमंस और
चकगोर-॥83॥
चरौपराई :
* रराम हबयगोग हबकल सब ठराढप्रे। जहहूँ तहहूँ मनहह हूँ हचत्र हलहख कराढप्रे॥
नगर सफिल बनपु गहबर भरारश्री। खग ममृग हबपपुल सकल नर नरारश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री कप्रे हवयगोग ममें सभश्री व्यराकपुल हहए जहराहूँ-तहराहूँ (ऐसप्रे चपुपचराप हस्रर
हगोकर) खडप्रे हमैं, मरानगो तसवश्रीरर ममें हलखकर बनराए हह ए हमैं। नगर मरानगो फिलर सप्रे
पररपपूरर्ण बडरा भरारश्री सघन वन ररा। नगर हनवरासश्री सब स्त्रश्री -पपुरष बहह त सप्रे पशपु-पक्षश्री रप्रे।
(अररार्णत अवधपपुरश्री अरर्ण, धमर्ण, कराम, मगोक्ष चरारर फिलर कगो दप्रेनप्रे वरालश्री नगरश्री रश्री और
सब स्त्रश्री-पपुरष सपुख सप्रे उन फिलर कगो पराप्त करतप्रे रप्रे।)॥1॥
* हबहध कहै कई हकरराहतहन ककीन्हश्री। जप्रेहहमं दव दसपु ह दसहह हूँ हदहस दश्रीन्हश्री॥
सहह न सकप्रे रघपुबर हबरहरागश्री। चलप्रे लगोग सब ब्यराकपुल भरागश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-हवधरातरा नप्रे कहै कप्रे यश्री कगो भश्रीलनश्री बनरायरा, हजसनप्रे दसर हदशराओमं ममें दद्धाःपु सह दरावराहग्नि
(भयरानक आग) लगरा दश्री। शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे हवरह ककी इस अहग्नि कगो लगोग सह न
सकप्रे । सब लगोग व्यराकपुल हगोकर भराग चलप्रे॥2॥
* सबहहमं हबचरार ककीन्ह मन मराहहीं। रराम लखन हसय हबनपु सपुख पु नराहहीं॥
जहराहूँ ररामपु तहहूँ सबपुइ समराजपू। हबनपु रघपुबश्रीर अवध नहहमं कराजपू॥ 3॥
भरावरारर्ण:-सबनप्रे मन ममें हवचरार कर हलयरा हक शश्री ररामजश्री , लक्ष्मरजश्री और सश्रीतराजश्री कप्रे
हबनरा सपुख नहहीं हहै। जहराहूँ शश्री ररामजश्री रहमेंगप्रे , वहहीं सराररा समराज रहप्रेगरा। शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे
हबनरा अयगोध्यरा ममें हम लगोगर करा कपु छ कराम नहहीं हहै॥3॥
* चलप्रे सरार अस ममंत्रपु दृढराई। सपुर दल पु र्णभ सपुख सदन हबहराई॥
रराम चरन पमंकज हपय हजन्हहश्री। हबषय भगोग बस करहहमं हक हतन्हहश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-ऐसरा हवचरार दृढ करकप्रे दप्रेवतराओमं कगो भश्री दल पु र्णभ सपुखर सप्रे पपूरर्ण घरर कगो छगोडकर
सब शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे सरार चलप्रे पडप्रे। हजनकगो शश्री ररामजश्री कप्रे चररकमल प्यरारप्रे हमैं,
उन्हमें क्यरा कभश्री हवषय भगोग वश ममें कर सकतप्रे हमैं॥ 4॥
दगोहरा :
* बरालक बमृद हबहराइ गमृहहूँ लगप्रे लगोग सब सरार।
तमसरा तश्रीर हनवरासपु हकय परम हदवस रघपुनरार॥84॥
भरावरारर्ण:-बचर और बपूढर कगो घरर ममें छगोडकर सब लगोग सरार हगो हलए। पहलप्रे हदन शश्री
रघपुनरारजश्री नप्रे तमसरा नदश्री कप्रे तश्रीर पर हनवरास हकयरा॥84॥
चरौपराई :
* रघपुपहत पजरा पप्रेमबस दप्रेखश्री। सदय हृदयहूँ द ख पु पु भयउ हबसप्रेषश्री॥
करनरामय रघपुनरार गगोसराहूँई। बप्रेहग पराइअहहमं पश्रीर परराई॥1॥
भरावरारर्ण:-पजरा कगो पप्रेमवश दप्रेखकर शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे दयरालपु हृदय ममें बडरा दद्धाःपु ख हहआ।
पभपु शश्री रघपुनरारजश्री करररामय हमैं। परराई पश्रीडरा कगो वप्रे तपुरमंत परा जरातप्रे हमैं (अररार्णत दस पू रप्रे
करा दद्धाःपु ख दप्रेखकर वप्रे तपुरमंत स्वयमं दद्धाःपु हखत हगो जरातप्रे हमैं)॥1॥
* कहह सपप्रेम ममृद पु बचन सपुहराए। बहह हबहध रराम लगोग समपुझराए॥
हकए धरम उपदप्रेस घनप्रेरप्रे। लगोग पप्रेम बस हफिरहहमं न फिप्रे रप्रे॥2॥
भरावरारर्ण:-पप्रेमयक्त
पु कगोमल और सपुदमं र वचन कहकर शश्री ररामजश्री नप्रे बहह त पकरार सप्रे लगोगर
कगो समझरायरा और बहह तप्रेरप्रे धमर्ण समंबधमं श्री उपदप्रेश हदए, परन्तपु पप्रेमवश लगोग लरौटराए लरौटतप्रे
नहहीं॥2॥
* सश्रीलपु सनप्रेहह छराहड नहहमं जराई। असममंजस बस भप्रे रघपुरराई॥
लगोग सगोग शम बस गए सगोई। कछपु क दप्रेवमरायराहूँ महत मगोई॥3॥
भरावरारर्ण:-शश्रील और स्नप्रेह छगोडरा नहहीं जरातरा। शश्री रघपुनरारजश्री असममंजस कप्रे अधश्रीन हगो गए
(दहपु वधरा ममें पड गए)। शगोक और पररशम (रकरावट) कप्रे मरारप्रे लगोग सगो गए और कपु छ
दप्रेवतराओमं ककी मरायरा सप्रे भश्री उनककी बपुहद मगोहहत हगो गई॥3॥
* जबहहमं जराम जपुग जराहमहन बश्रीतश्री। रराम सहचव सन कहप्रेउ सपश्रीतश्री॥
खगोज मरारर ररपु हराक हूँ हह तरातरा। आन उपरायहूँ बहनहह नहहमं बरातरा॥4॥
भरावरारर्ण:-जब दगो पहर बश्रीत गई, तब शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे पप्रेमपपूवर्णक ममंत्रश्री सपुममंत्र सप्रे कहरा-
हप्रे तरात! रर कप्रे खगोज मरारकर (अररार्णत पहहयर कप्रे हचह्नर सप्रे हदशरा करा पतरा न चलप्रे
इस पकरार) रर कगो हराहूँहकए। और हकसश्री उपराय सप्रे बरात नहहीं बनप्रेगश्री॥ 4॥
दगोहरा :
* रराम लखन हसय जरान चहढ समंभपु चरन हसर नराइ।
सहचवहूँ चलरायउ तपुरत ररपु इत उत खगोज दरपु राइ॥85॥
भरावरारर्ण:-शमंकरजश्री कप्रे चररर ममें हसर नवराकर शश्री ररामजश्री , लक्ष्मरजश्री और सश्रीतराजश्री रर
पर सवरार हहए। ममंत्रश्री नप्रे तपुरमंत हश्री रर कगो इधर-उधर खगोज हछपराकर चलरा हदयरा॥85॥
चरौपराई :
* जरागप्रे सकल लगोग भएहूँ भगोरू। गप्रे रघपुनरार भयउ अहत सगोरू॥
रर कर खगोज कतहह हूँ नहहमं परावहहमं। रराम रराम कहह चहह हूँ हदहस धरावहहमं॥1॥
भरावरारर्ण:-सबप्रेररा हगोतप्रे हश्री सब लगोग जरागप्रे, तगो बडरा शगोर मचरा हक रघपुनरारजश्री चलप्रे गए।
कहहीं रर करा खगोज नहहीं परातप्रे, सब 'हरा रराम! हरा रराम!' पपुकरारतप्रे हह ए चरारर ओर
दरौड रहप्रे हमैं॥1॥
* मनहह हूँ बराररहनहध बपूड जहराजपू। भयउ हबकल बड बहनक समराजपू॥
एकहह एक दप्रेहहमं उपदप्रेसपू। तजप्रे रराम हम जराहन कलप्रेसपू॥ 2॥
भरावरारर्ण:-मरानगो समपुद ममें जहराज डपू ब गयरा हगो, हजससप्रे व्यरापराररयर करा समपुदराय बहह त हश्री
व्यराकपुल हगो उठरा हगो। वप्रे एक-दस पू रप्रे कगो उपदप्रेश दप्रेतप्रे हमैं हक शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे , हम
लगोगर कगो कप्रे श हगोगरा, यह जरानकर छगोड हदयरा हहै॥2॥
* हनमंदहहमं आपपु सरराहहहमं मश्रीनरा। हधग जश्रीवनपु रघपुबश्रीर हबहश्रीनरा॥
जजौं पहै हपय हबयगोगपु हबहध ककीन्हरा। तरौ कस मरनपु न मरागमें दश्रीन्हरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-वप्रे लगोग अपनश्री हनमंदरा करतप्रे हमैं और मछहलयर ककी सरराहनरा करतप्रे हमैं। (कहतप्रे
हमैं-) शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे हबनरा हमरारप्रे जश्रीनप्रे कगो हधक्करार हहै। हवधरातरा नप्रे यहद प्यरारप्रे करा
हवयगोग हश्री रचरा, तगो हफिर उसनप्रे मराहूँगनप्रे पर ममृत्य पु क्यर नहहीं दश्री!॥3॥
* एहह हबहध करत पलराप कलरापरा। आए अवध भरप्रे पररतरापरा॥
हबषम हबयगोगपु न जराइ बखरानरा। अवहध आस सब रराखहहमं परानरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-इस पकरार बहह त सप्रे पलराप करतप्रे हह ए वप्रे समंतराप सप्रे भरप्रे हह ए अयगोध्यराजश्री ममें
आए। उन लगोगर कप्रे हवषम हवयगोग ककी दशरा करा वरर्णन नहहीं हकयरा जरा सकतरा। (चरौदह
सराल ककी) अवहध ककी आशरा सप्रे हश्री वप्रे परारर कगो रख रहप्रे हमैं॥ 4॥
दगोहरा :
* रराम दरस हहत नप्रेम ब्रत लगप्रे करन नर नरारर।
मनहह हूँ कगोक कगोककी कमल दश्रीन हबहश्रीन तमरारर॥86॥
भरावरारर्ण:-(सब) स्त्रश्री-पपुरष शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे दशर्णन कप्रे हलए हनयम और व्रत करनप्रे
लगप्रे और ऐसप्रे दद्धाःपु खश्री हगो गए जहैसप्रे चकवरा, चकवश्री और कमल सपूयर्ण कप्रे हबनरा दश्रीन हगो
जरातप्रे हमैं॥86॥
चरौपराई :
* सश्रीतरा सहचव सहहत दगोउ भराई। समृगमं बप्रेरपपुर पहह हूँचप्रे जराई॥
उतरप्रे रराम दप्रेवसरर दप्रेखश्री। ककीन्ह दमंडवत हरषपु हबसप्रेषश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतराजश्री और ममंत्रश्री सहहत दगोनर भराई शमृगमं वप्रेरपपुर जरा पहह हूँचप्रे। वहराहूँ गमंगराजश्री कगो
दप्रेखकर शश्री ररामजश्री रर सप्रे उतर पडप्रे और बडप्रे हषर्ण कप्रे सरार उन्हरनप्रे दण्डवत ककी॥1॥
* लखन सहचवहूँ हसयहूँ हकए पनरामरा। सबहह सहहत सपुखपु परायउ ररामरा॥
गमंग सकल मपुद ममंगल मपूलरा। सब सपुख करहन हरहन सब सपूलरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-लक्ष्मरजश्री, सपुममंत्र और सश्रीतराजश्री नप्रे भश्री परराम हकयरा। सबकप्रे सरार शश्री
ररामचन्दजश्री नप्रे सपुख परायरा। गमंगराजश्री समस्त आनमंद-ममंगलर ककी मपूल हमैं। वप्रे सब सपुखर कगो
करनप्रे वरालश्री और सब पश्रीडराओमं कगो हरनप्रे वरालश्री हमैं॥ 2॥
* कहह कहह कगोहटक कररा पसमंगरा। ररामपु हबलगोकहहमं गमंग तरमंगरा॥
सहचवहह अनपुजहह हपयहह सपुनराई। हबबपुध नदश्री महहमरा अहधकराई॥3॥
भरावरारर्ण:-अनप्रेक कररा पसमंग कहतप्रे हह ए शश्री ररामजश्री गमंगराजश्री ककी तरमंगर कगो दप्रेख रहप्रे हमैं।
उन्हरनप्रे ममंत्रश्री कगो, छगोटप्रे भराई लक्ष्मरजश्री कगो और हपयरा सश्रीतराजश्री कगो दप्रेवनदश्री गमंगराजश्री ककी
बडश्री महहमरा सपुनराई॥3॥
* मजनपु ककीन्ह पमंर शम गयऊ। सपुहच जलपु हपअत मपुहदत मन भयऊ॥
सपुहमरत जराहह हमटइ शम भरारू। तप्रेहह शम यह लरौहकक ब्यवहरारू॥4॥
भरावरारर्ण:-इसकप्रे बराद सबनप्रे स्नरान हकयरा, हजससप्रे मरागर्ण करा सराररा शम (रकरावट) दरपू
हगो गयरा और पहवत्र जल पश्रीतप्रे हश्री मन पसन्न हगो गयरा। हजनकप्रे स्मरर मरात्र सप्रे (बरार-
बरार जन्म नप्रे और मरनप्रे करा) महरान शम हमट जरातरा हहै, उनकगो 'शम' हगोनरा- यह
कप्रे वल लरौहकक व्यवहरार (नरलश्रीलरा) हहै॥4॥
शश्री रराम करा शमृगमं वप्रेरपपुर पहह हूँचनरा, हनषराद कप्रे दराररा सप्रेवरा
दगोहरा :
* सपुद सहचदरानमंदमय कमंद भरानपुकपुल कप्रे तपु।
चररतकरत नर अनपुहरत समंसमृहत सरागर सप्रेतपु॥87॥
भरावरारर्ण:-शपुद (पकमृ हतजन्य हत्रगपुरर सप्रे रहहत, मरायरातश्रीत हदव्य ममंगलहवगह) सहचदरानमंद-
कन्द स्वरूप सपूयर्ण कपु ल कप्रे ध्वजरा रूप भगवरान शश्री ररामचन्दजश्री मनपुष्यर कप्रे सदृश ऐसप्रे
चररत्र करतप्रे हमैं, जगो समंसरार रूपश्री समपुद कप्रे परार उतरनप्रे कप्रे हलए पपुल कप्रे समरान हमैं॥
87॥
चरौपराई :
* यह सपुहध गपुहहूँ हनषराद जब पराई। मपुहदत हलए हपय बमंधपु बगोलराई॥
हलए फिल मपूल भमेंट भरर भराररा। हमलन चलप्रेउ हहयहूँ हरषपु अपराररा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-जब हनषरादरराज गपुह नप्रे यह खबर पराई, तब आनमंहदत हगोकर उसनप्रे अपनप्रे
हपयजनर और भराई-बमंधपुओमं कगो बपुलरा हलयरा और भमेंट दप्रेनप्रे कप्रे हलए फिल, मपूल (कन्द)
लप्रेकर और उन्हमें भरारर (बहहूँहगयर) ममें भरकर हमलनप्रे कप्रे हलए चलरा। उसकप्रे हृदय ममें हषर्ण
करा परार नहहीं ररा॥1॥
* करर दमंडवत भमेंट धरर आगमें। पभपुहह हबलगोकत अहत अनपुररागमें॥
सहज सनप्रेह हबबस रघपुरराई। पपूहूँछश्री कपु सल हनकट बहैठराई॥2॥
भरावरारर्ण:-दण्डवत करकप्रे भमेंट सरामनप्रे रखकर वह अत्यन्त पप्रेम सप्रे पभपु कगो दप्रेखनप्रे लगरा।
शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे स्वराभराहवक स्नप्रेह कप्रे वश हगोकर उसप्रे अपनप्रे परास बहैठराकर कपु शल
पपूछश्री॥2॥
* नरार कपु सल पद पमंकज दप्रेख।में भयउहूँ भरागभराजन जन लप्रेख॥में
दप्रेव धरहन धनपु धरामपु तपुम्हराररा। ममैं जनपु नश्रीचपु सहहत पररवराररा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-हनषरादरराज नप्रे उरर हदयरा- हप्रे नरार! आपकप्रे चररकमल कप्रे दशर्णन सप्रे हश्री
कपु शल हहै (आपकप्रे चरररारहवन्दर कप्रे दशर्णन कर) आज ममैं भराग्यवरान पपुरषर ककी हगनतश्री ममें
आ गयरा। हप्रे दप्रेव! यह पमृथ्वश्री, धन और घर सब आपकरा हहै। ममैं तगो पररवरार सहहत
आपकरा नश्रीच सप्रेवक हह हूँ॥3॥
* कमृ परा कररअ पपुर धराररअ पराऊ। रराहपय जनपु सबपु लगोगपु हसहराऊ॥
कहप्रेहह सत्य सबपु सखरा सपुजरानरा। मगोहह दश्रीन्ह हपतपु आयसपु आनरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-अब कमृ परा करकप्रे पपुर (शमृमंगवप्रेरपपुर) ममें पधराररए और इस दरास ककी पहतषरा
बढराइए, हजससप्रे सब लगोग मप्रेरप्रे भराग्य ककी बडराई करमें। शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे कहरा- हप्रे
सपुजरान सखरा! तपुमनप्रे जगो कपु छ कहरा सब सत्य हहै, परन्तपु हपतराजश्री नप्रे मपुझकगो और हश्री
आजरा दश्री हहै॥4॥
दगोहरा :
* बरष चराररदस बरासपु बन मपुहन ब्रत बप्रेषपु अहरार।
गराम बरासपु नहहमं उहचत सपुहन गपुहहह भयउ द ख पु पु भरार॥88॥
भरावरारर्ण:-(उनककी आजरानपुसरार) मपुझप्रे चरौदह वषर्ण तक मपुहनयर करा व्रत और वप्रेष धरारर
कर और मपुहनयर कप्रे यगोग्य आहरार करतप्रे हहए वन ममें हश्री बसनरा हहै, गराहूँव कप्रे भश्रीतर
हनवरास करनरा उहचत नहहीं हहै। यह सपुनकर गपुह कगो बडरा द द्धाःपु ख हह आ॥88॥
चरौपराई :
* रराम लखन हसय रूप हनहरारश्री। कहहहमं सपप्रेम गराम नर नरारश्री॥
तप्रे हपतपु मरातपु कहहह सहख कहै सप्रे। हजन्ह पठए बन बरालक ऐसप्रे॥1॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री, लक्ष्मरजश्री और सश्रीतराजश्री कप्रे रूप कगो दप्रेखकर गराहूँव कप्रे स्त्रश्री-पपुरष
पप्रेम कप्रे सरार चचरार्ण करतप्रे हमैं। (कगोई कहतश्री हहै-) हप्रे सखश्री! कहगो तगो, वप्रे मरातरा-हपतरा
कहै सप्रे हमैं, हजन्हरनप्रे ऐसप्रे (सपुमंदर सपुकपुमरार) बरालकर कगो वन ममें भप्रेज हदयरा हहै॥1॥
* एक कहहहमं भल भपूपहत ककीन्हरा। लगोयन लराहह हमहह हबहध दश्रीन्हरा॥
तब हनषरादपहत उर अनपुमरानरा। तर हसमंसपुपरा मनगोहर जरानरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-कगोई एक कहतप्रे हमैं- रराजरा नप्रे अच्छरा हश्री हकयरा, इसश्री बहरानप्रे हममें भश्री ब्रहरा नप्रे
नप्रेत्रर करा लराभ हदयरा। तब हनषराद रराज नप्रे हृदय ममें अनपुमरान हकयरा, तगो अशगोक कप्रे पप्रेड
कगो (उनकप्रे ठहरनप्रे कप्रे हलए) मनगोहर समझरा॥2॥
* लहै रघपुनरारहहमं ठराउहूँ दप्रेखरावरा। कहप्रेउ रराम सब भराहूँहत सपुहरावरा॥
पपुरजन करर जगोहरार घर आए। रघपुबर समंध्यरा करन हसधराए॥3॥
भरावरारर्ण:-उसनप्रे शश्री रघपुनरारजश्री कगो लप्रे जराकर वह स्ररान हदखरायरा। शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे
(दप्रेखकर) कहरा हक यह सब पकरार सप्रे सपुदमं र हहै। पपुरवरासश्री लगोग जगोहरार (वमंदनरा) करकप्रे
अपनप्रे-अपनप्रे घर लरौटप्रे और शश्री ररामचन्दजश्री समंध्यरा करनप्रे पधरारप्रे॥ 3॥
* गपुहहूँ सहूँवरारर सरारहूँ रश्री डसराई। कपु स हकसलयमय ममृदल पु सपुहराई॥
सपुहच फिल मपूल मधपुर ममृद पु जरानश्री। दगोनरा भरर भरर रराखप्रेहस परानश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-गपुह नप्रे (इसश्री बश्रीच) कपु श और कगोमल परर ककी कगोमल और सपुमंदर सराररश्री
सजराकर हबछरा दश्री और पहवत्र, मश्रीठप्रे और कगोमल दप्रेख-दप्रेखकर दगोनर ममें भर-भरकर
फिल-मपूल और परानश्री रख हदयरा (अरवरा अपनप्रे हरार सप्रे फिल-मपूल दगोनर ममें भर-भरकर
रख हदए)॥4॥
दगोहरा :
* हसय सपुममंत्र ररातरा सहहत कमंद मपूल फिल खराइ।
सयन ककीन्ह रघपुबमंसमहन पराय पलगोटत भराइ॥89॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतराजश्री, सपुममंत्रजश्री और भराई लक्ष्मरजश्री सहहत कन्द-मपूल-फिल खराकर रघपुकपुल
महर शश्री ररामचन्दजश्री लप्रेट गए। भराई लक्ष्मरजश्री उनकप्रे पहैर दबरानप्रे लगप्रे॥89॥
चरौपराई :
* उठप्रे लखनपु पभपु सगोवत जरानश्री। कहह सहचवहह सगोवन ममृद पु बरानश्री॥
कछपु क दरपू र सहज बरान सररासन। जरागन लगप्रे बहैहठ बश्रीररासन॥1॥
भरावरारर्ण:-हफिर पभपु शश्री ररामचन्दजश्री कगो सगोतप्रे जरानकर लक्ष्मरजश्री उठप्रे और कगोमल वरारश्री
सप्रे ममंत्रश्री सपुममंत्रजश्री कगो सगोनप्रे कप्रे हलए कहकर वहराहूँ सप्रे कपु छ दरपू पर धनपुष-बरार सप्रे
सजकर, वश्रीररासन सप्रे बहैठकर जरागनप्रे (पहररा दप्रेनप्रे) लगप्रे॥1॥
* गपुहहूँ बगोलराइ पराहरू पतश्रीतश्री। ठरावहूँ ठरावहूँ रराखप्रे अहत पश्रीतश्री॥
आपपु लखन पहहमं बहैठप्रेउ जराई। कहट भरारश्री सर चराप चढराई॥2॥
भरावरारर्ण:-गपुह नप्रे हवश्वरासपरात्र पहरप्रेदरारर कगो बपुलराकर अत्यन्त पप्रेम सप्रे जगह-जगह हनयक्त पु
कर हदयरा और आप कमर ममें तरकस बराहूँधकर तररा धनपुष पर बरार चढराकर लक्ष्मरजश्री
कप्रे परास जरा बहैठरा॥2॥
* सगोवत पभपुहह हनहरारर हनषराद।पू भयउ पप्रेम बस हृदयहूँ हबषराद॥पू
तनपु पपुलहकत जलपु लगोचन बहई। बचन सपप्रेम लखन सन कहई॥3॥
भरावरारर्ण:-पभपु कगो जमश्रीन पर सगोतप्रे दप्रेखकर पप्रेम वश हनषराद रराज कप्रे हृदय ममें हवषराद हगो
आयरा। उसकरा शरश्रीर पपुलहकत हगो गयरा और नप्रेत्रर सप्रे (पप्रेमराशपुओमं करा) जल बहनप्रे लगरा।
वह पप्रेम सहहत लक्ष्मरजश्री सप्रे वचन कहनप्रे लगरा-॥3॥
* भपूपहत भवन सपुभरायहूँ सपुहरावरा। सपुरपहत सदनपु न पटतर परावरा॥
महनमय रहचत चरार चरौबरारप्रे। जनपु रहतपहत हनज हरार सहूँवरारप्रे॥ 4॥
भरावरारर्ण:-महरारराज दशररजश्री करा महल तगो स्वभराव सप्रे हश्री सपुमंदर हहै , इन्दभवन भश्री
हजसककी समरानतरा नहहीं परा सकतरा। उसममें सपुदमं र महरयर कप्रे रचप्रे चरौबरारप्रे (छत कप्रे ऊपर
बहूँगलप्रे) हमैं, हजन्हमें मरानगो रहत कप्रे पहत करामदप्रेव नप्रे अपनप्रे हश्री हरारर सजराकर बनरायरा हहै॥
4॥
दगोहरा :
* सपुहच सपुहबहचत्र सपुभगोगमय सपुमन सपुगमंध सपुबरास।
पलहूँग ममंजपु महन दश्रीप जहहूँ सब हबहध सकल सपुपरास॥90॥
भरावरारर्ण:- जगो पहवत्र, बडप्रे हश्री हवलक्षर, सपुदमं र भगोग पदरारर्मों सप्रे पपूरर्ण और फिपू लर ककी
सपुगमंध सप्रे सपुवराहसत हमैं, जहराहूँ सपुमंदर पलहूँग और महरयर कप्रे दश्रीपक हमैं तररा सब पकरार
करा पपूररा आरराम हहै,॥90॥
चरौपराई :
* हबहबध बसन उपधरान तपुरराई।मं छश्रीर फिप्रे न ममृदपु हबसद सपुहराई॥मं
तहहूँ हसय ररामपु सयन हनहस करहहीं। हनज छहब रहत मनगोज मद पु हरहहीं॥1॥
भरावरारर्ण:-जहराहूँ (ओढनप्रे-हबछरानप्रे कप्रे ) अनप्रेकर वस्त्र, तहकए और गदप्रे हमैं, जगो दधपू कप्रे
फिप्रे न कप्रे समरान कगोमल, हनमर्णल (उज्ज्वल) और सपुमंदर हमैं, वहराहूँ (उन चरौबरारर ममें) शश्री
सश्रीतराजश्री और शश्री ररामचन्दजश्री ररात कगो सगोयरा करतप्रे रप्रे और अपनश्री शगोभरा सप्रे रहत और
करामदप्रेव कप्रे गवर्ण कगो हरर करतप्रे रप्रे॥1॥
* तप्रे हसय ररामपु सराररहीं सगोए। शहमत बसन हबनपु जराहहमं न जगोए॥
मरातपु हपतरा पररजन पपुरबरासश्री। सखरा सपुसश्रील दरास अर दरासश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-वहश्री शश्री सश्रीतरा और शश्री ररामजश्री आज घरास -फिपूस ककी सराररश्री पर रकप्रे हह ए
हबनरा वस्त्र कप्रे हश्री सगोए हमैं। ऐसश्री दशरा ममें वप्रे दप्रेखप्रे नहहीं जरातप्रे। मरातरा, हपतरा, कपु टपु म्बश्री,
पपुरवरासश्री (पजरा), हमत्र, अच्छप्रे शश्रील-स्वभराव कप्रे दरास और दराहसयराहूँ-॥2॥
* जगोगवहहमं हजन्हहह परान ककी नराई।मं महह सगोवत तप्रेइ रराम गगोसराई॥मं
हपतरा जनक जग हबहदत पभराऊ। ससपुर सपुरस प्रे सखरा रघपुरराऊ॥3॥
भरावरारर्ण:-सब हजनककी अपनप्रे परारर ककी तरह सरार-समंभरार करतप्रे रप्रे, वहश्री पभपु शश्री
ररामचन्दजश्री आज पमृथ्वश्री पर सगो रहप्रे हमैं। हजनकप्रे हपतरा जनकजश्री हमैं, हजनकरा पभराव
जगत ममें पहसद हहै, हजनकप्रे ससपुर इन्द कप्रे हमत्र रघपुरराज दशररजश्री हमैं,॥3॥
* ररामचमंदपु पहत सगो बहैदप्रेहश्री। सगोवत महह हबहध बराम न कप्रे हश्री॥
हसय रघपुबश्रीर हक करानन जगोगपू। करम पधरान सत्य कह लगोगपू॥ 4॥
भरावरारर्ण:-और पहत शश्री ररामचन्दजश्री हमैं, वहश्री जरानककीजश्री आज जमश्रीन पर सगो रहश्री हमैं।
हवधरातरा हकसकगो पहतकपू ल नहहीं हगोतरा! सश्रीतराजश्री और शश्री ररामचन्दजश्री क्यरा वन कप्रे यगोग्य
हमैं? लगोग सच कहतप्रे हमैं हक कमर्ण (भराग्य) हश्री पधरान हहै॥4॥
दगोहरा :
* कहै कयनमंहदहन ममंदमहत कहठन कपु हटलपन ककीन्ह।
जप्रेहहमं रघपुनमंदन जरानहकहह सपुख अवसर दख पु पु दश्रीन्ह॥91॥
भरावरारर्ण:-कहै कयरराज ककी लडककी नश्रीच बपुहद कहै कप्रे यश्री नप्रे बडश्री हश्री कपु हटलतरा ककी, हजसनप्रे
रघपुनमंदन शश्री ररामजश्री और जरानककीजश्री कगो सपुख कप्रे समय दद्धाःपु ख हदयरा॥91॥
चरौपराई :
* भइ हदनकर कपु ल हबटप कपु ठरारश्री। कपु महत ककीन्ह सब हबस्व दख पु रारश्री॥
भयउ हबषराद पु हनषरादहह भरारश्री। रराम सश्रीय महह सयन हनहरारश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-वह सपूयर्णकपुल रूपश्री वमृक्ष कप्रे हलए कपु ल्हराडश्री हगो गई। उस कपु बपुहद नप्रे सम्पपूरर्ण हवश्व
कगो दद्धाःपु खश्री कर हदयरा। शश्री रराम-सश्रीतरा कगो जमश्रीन पर सगोतप्रे हह ए दप्रेखकर हनषराद कगो बडरा
दद्धाःपु ख हह आ॥1॥
लक्ष्मर-हनषराद समंवराद, शश्री रराम-सश्रीतरा सप्रे सपुमन्त्र करा समंवराद, सपुममंत्र करा लरौटनरा
* बगोलप्रे लखन मधपुर ममृद पु बरानश्री। ग्यरान हबरराग भगहत रस सरानश्री॥
कराहह न कगोउ सपुख दख पु कर दरातरा। हनज कमृ त करम भगोग सबपु ररातरा॥2॥
भरावरारर्ण:-तब लक्ष्मरजश्री जरान, वहैरराग्य और भहक्त कप्रे रस सप्रे सनश्री हहई मश्रीठश्री और
कगोमल वरारश्री बगोलप्रे- हप्रे भराई! कगोई हकसश्री कगो सपुख-दद्धाःपु ख करा दप्रेनप्रे वरालरा नहहीं हहै। सब
अपनप्रे हश्री हकए हह ए कमर्मों करा फिल भगोगतप्रे हमैं॥2॥
* जगोग हबयगोग भगोग भल ममंदरा। हहत अनहहत मध्यम रम फिमं दरा॥
जनमपु मरनपु जहहूँ लहग जग जरालपू। समंपहत हबपहत करमपु अर करालपू॥ 3॥
भरावरारर्ण:-समंयगोग (हमलनरा), हवयगोग (हबछपु डनरा), भलप्रे-बपुरप्रे भगोग, शत्रपु, हमत्र और
उदरासश्रीन- यप्रे सभश्री रम कप्रे फिमंदप्रे हमैं। जन्म-ममृत्य,पु सम्पहर-हवपहर, कमर्ण और कराल-
जहराहूँ तक जगत कप्रे जमंजराल हमैं,॥3॥
* दरहन धरामपु धनपु पपुर पररवरारू। सरगपु नरकपु जहहूँ लहग ब्यवहरारू॥
दप्रेहखअ सपुहनअ गपुहनअ मन मराहहीं। मगोह मपूल परमराररपु नराहहीं॥ 4॥
भरावरारर्ण:-धरतश्री, घर, धन, नगर, पररवरार, स्वगर्ण और नरक आहद जहराहूँ तक
व्यवहरार हमैं, जगो दप्रेखनप्रे, सपुननप्रे और मन कप्रे अमंदर हवचरारनप्रे ममें आतप्रे हमैं, इन सबकरा
मपूल मगोह (अजरान) हश्री हहै। परमरारर्णतद्धाः यप्रे नहहीं हमैं॥4॥
दगोहरा :
* सपनमें हगोइ हभखरारर नमृपपु रमंकपु नराकपहत हगोइ।
जरागमें लराभपु न हराहन कछपु हतहम पपमंच हजयहूँ जगोइ॥92॥
भरावरारर्ण:-जहैसप्रे स्वप्न ममें रराजरा हभखरारश्री हगो जराए यरा कमं गराल स्वगर्ण करा स्वरामश्री इन्द हगो
जराए, तगो जरागनप्रे पर लराभ यरा हराहन कपु छ भश्री नहहीं हहै, वहैसप्रे हश्री इस दृश्य-पपमंच कगो
हृदय सप्रे दप्रेखनरा चराहहए॥92॥
चरौपराई :
* अस हबचरारर नहहमं ककीहजअ रगोसपू। कराहहहह बराहद न दप्रेइअ दगोसपू॥
मगोह हनसराहूँ सबपु सगोवहनहराररा। दप्रेहखअ सपन अनप्रेक पकराररा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-ऐसरा हवचरारकर कगोध नहहीं करनरा चराहहए और न हकसश्री कगो व्यरर्ण दगोष हश्री दप्रेनरा
चराहहए। सब लगोग मगोह रूपश्री रराहत्र ममें सगोनप्रे वरालप्रे हमैं और सगोतप्रे हहए उन्हमें अनप्रेकर पकरार
कप्रे स्वप्न हदखराई दप्रेतप्रे हमैं॥1॥
* एहहमं जग जराहमहन जरागहहमं जगोगश्री। परमराररश्री पपमंच हबयगोगश्री॥
जराहनअ तबहहमं जश्रीव जग जरागरा। जब सब हबषय हबलरास हबररागरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-इस जगत रूपश्री रराहत्र ममें यगोगश्री लगोग जरागतप्रे हमैं , जगो परमरारर हमैं और पपमंच
(मराहयक जगत) सप्रे छपूटप्रे हह ए हमैं। जगत ममें जश्रीव कगो जरागरा हहआ तभश्री जराननरा चराहहए,
जब सम्पपूरर्ण भगोग-हवलरासर सप्रे वहैरराग्य हगो जराए॥2॥
* हगोइ हबबप्रेकपु मगोह रम भरागरा। तब रघपुनरार चरन अनपुररागरा॥
सखरा परम परमराररपु एहह । मन कम बचन रराम पद नप्रेहह॥3॥
भरावरारर्ण:-हववप्रेक हगोनप्रे पर मगोह रूपश्री रम भराग जरातरा हहै , तब (अजरान करा नराश हगोनप्रे
पर) शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे चररर ममें पप्रेम हगोतरा हहै। हप्रे सखरा! मन, वचन और कमर्ण सप्रे
शश्री ररामजश्री कप्रे चररर ममें पप्रेम हगोनरा, यहश्री सवर्णशप्रेष परमरारर्ण (पपुरषरारर्ण) हहै॥3॥
* रराम ब्रह परमरारर रूपरा। अहबगत अलख अनराहद अनपूपरा॥
सकल हबकरार रहहत गतभप्रेदरा। कहह हनत नप्रेहत हनरूपहहमं बप्रेदरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री परमरारर्णस्वरूप (परमवस्तपु) परब्रह हमैं। वप्रे अहवगत (जराननप्रे ममें न
आनप्रे वरालप्रे) अलख (स्रपूल दृहष्टि सप्रे दप्रेखनप्रे ममें न आनप्रे वरालप्रे), अनराहद (आहदरहहत),
अनपुपम (उपमरारहहत) सब हवकरारर सप्रे रहहत और भप्रेद शपून्य हमैं, वप्रेद हजनकरा हनत्य
'नप्रेहत-नप्रेहत' कहकर हनरूपर करतप्रे हमैं॥4॥
दगोहरा :
* भगत भपूहम भपूसपुर सपुरहभ सपुर हहत लराहग कमृ पराल।
करत चररत धरर मनपुज तनपु सपुनत हमटहहमं जग जराल॥93॥
भरावरारर्ण:-वहश्री कमृ परालपु शश्री ररामचन्दजश्री भक्त, भपूहम, ब्रराहर, गगो और दप्रेवतराओमं कप्रे हहत
कप्रे हलए मनपुष्य शरश्रीर धरारर करकप्रे लश्रीलराएहूँ करतप्रे हमैं, हजनकप्रे सपुननप्रे सप्रे जगत कप्रे
जमंजराल हमट जरातप्रे हमैं॥93॥
तरापस पकरर
* तप्रेहह अवसर एक तरापसपु आवरा। तप्रेजपपुमंज लघपुबयस सपुहरावरा॥
कहब अलहखत गहत बप्रेषपु हबररागश्री। मन कम बचन रराम अनपुररागश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-उसश्री अवसर पर वहराहूँ एक तपस्वश्री आयरा, जगो तप्रेज करा पपुमंज, छगोटश्री अवस्ररा
करा और सपुमंदर ररा। उसककी गहत कहव नहहीं जरानतप्रे (अरवरा वह कहव ररा जगो अपनरा
पररचय नहहीं दप्रेनरा चराहतरा)। वह वहैररागश्री कप्रे वप्रेष ममें ररा और मन, वचन तररा कमर्ण सप्रे
शश्री ररामचन्दजश्री करा पप्रेमश्री ररा॥4॥
दगोहरा :
* सजल नयन तन पपुलहक हनज इष्टिदप्रेउ पहहचराहन।
परप्रेउ दमंड हजहम धरहनतल दसरा न जराइ बखराहन॥110॥
भरावरारर्ण:-अपनप्रे इष्टिदप्रेव कगो पहचरानकर उसकप्रे नप्रेत्रर ममें जल भर आयरा और शरश्रीर
पपुलहकत हगो गयरा। वह दण्ड ककी भराहूँहत पमृथ्वश्री पर हगर पडरा, उसककी (पप्रेम हवह्वल)
दशरा करा वरर्णन नहहीं हकयरा जरा सकतरा॥ 110॥
चरौपराई :
* रराम सपप्रेम पपुलहक उर लरावरा। परम रमंक जनपु परारसपु परावरा॥
मनहह हूँ पप्रेमपु परमराररपु दगोऊ। हमलत धरमें तन कह सबपु कगोऊ॥1॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री नप्रे पप्रेमपपूवर्णक पपुलहकत हगोकर उसकगो हृदय सप्रे लगरा हलयरा। (उसप्रे
इतनरा आनमंद हह आ) मरानगो कगोई महरादररदश्री मनपुष्य परारस परा गयरा हगो। सब कगोई (दप्रेखनप्रे
वरालप्रे) कहनप्रे लगप्रे हक मरानगो पप्रेम और परमरारर्ण (परम तत्व) दगोनर शरश्रीर धरारर करकप्रे
हमल रहप्रे हमैं॥1॥
* बहह रर लखन परायन्ह सगोइ लरागरा। लश्रीन्ह उठराइ उमहग अनपुररागरा॥
पपुहन हसय चरन धपूरर धरर सश्रीसरा। जनहन जराहन हससपु दश्रीहन्ह असश्रीसरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हफिर वह लक्ष्मरजश्री कप्रे चररर लगरा। उन्हरनप्रे पप्रेम सप्रे उममंगकर उसकगो उठरा
हलयरा। हफिर उसनप्रे सश्रीतराजश्री ककी चरर धपूहल कगो अपनप्रे हसर पर धरारर हकयरा। मरातरा
सश्रीतराजश्री नप्रे भश्री उसकगो अपनरा बचरा जरानकर आशश्रीवरार्णद हदयरा॥ 2॥
* ककीन्ह हनषराद दमंडवत तप्रेहश्री। हमलप्रेउ मपुहदत लहख रराम सनप्रेहश्री॥
हपअत नयन पपुट रूपपु हपयषपु रा। मपुहदत सपुअसनपु पराइ हजहम भपूखरा॥3॥
भरावरारर्ण:-हफिर हनषरादरराज नप्रे उसकगो दण्डवत ककी। शश्री ररामचन्दजश्री करा पप्रेमश्री जरानकर वह
उस (हनषराद) सप्रे आनमंहदत हगोकर हमलरा। वह तपस्वश्री अपनप्रे नप्रेत्र रूपश्री दगोनर सप्रे शश्री
ररामजश्री ककी सजौंदयर्ण सपुधरा करा परान करनप्रे लगरा और ऐसरा आनमंहदत हहआ जहैसप्रे कगोई भपूखरा
आदमश्री सपुदमं र भगोजन पराकर आनमंहदत हगोतरा हहै॥3॥
* तप्रे हपतपु मरातपु कहहह सहख कहै सप्रे। हजन्ह पठए बन बरालक ऐसप्रे॥
रराम लखन हसय रूपपु हनहरारश्री। हगोहहमं सनप्रेह हबकल नर नरारश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-(इधर गराहूँव ककी हस्त्रयराहूँ कह रहश्री हमैं) हप्रे सखश्री! कहगो तगो, वप्रे मरातरा-हपतरा कहै सप्रे
हमैं, हजन्हरनप्रे ऐसप्रे (सपुदमं र सपुकपुमरार) बरालकर कगो वन ममें भप्रेज हदयरा हहै। शश्री ररामजश्री ,
लक्ष्मरजश्री और सश्रीतराजश्री कप्रे रूप कगो दप्रेखकर सब स्त्रश्री-पपुरष स्नप्रेह सप्रे व्यराकपुल हगो जरातप्रे
हमैं॥4॥
वहशष-भरत समंवराद, शश्री ररामजश्री कगो लरानप्रे कप्रे हलए हचत्रकपू ट जरानप्रे ककी तहैयरारश्री
दगोहरा :
* तरात हृदयहूँ धश्रीरजपु धरहह करहह जगो अवसर आजपु।
उठप्रे भरत गपुर बचन सपुहन करन कहप्रेउ सबपु सराजपु॥ 169॥
भरावरारर्ण:-(वहशषजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे तरात! हृदय ममें धश्रीरज धरगो और आज हजस करायर्ण
कप्रे करनप्रे करा अवसर हहै, उसप्रे करगो। गपुरजश्री कप्रे वचन सपुनकर भरतजश्री उठप्रे और उन्हरनप्रे
सब तहैयरारश्री करनप्रे कप्रे हलए कहरा॥169॥
चरौपराई :
* नमृपतनपु बप्रेद हबहदत अन्हवरावरा। परम हबहचत्र हबमरानपु बनरावरा॥
गराहह पदभरत मरातपु सब रराखश्री। रहहीं रराहन दरसन अहभलराषश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-वप्रेदर ममें बतराई हह ई हवहध सप्रे रराजरा ककी दप्रेह कगो स्नरान कररायरा गयरा और परम
हवहचत्र हवमरान बनरायरा गयरा। भरतजश्री नप्रे सब मरातराओमं कगो चरर पकडकर रखरा (अररार्णत
परारर्णनरा करकप्रे उनकगो सतश्री हगोनप्रे सप्रे रगोक हलयरा)। वप्रे रराहनयराहूँ भश्री (शश्री रराम कप्रे ) दशर्णन
ककी अहभलराषरा सप्रे रह गई॥मं 1॥
* चमंदन अगर भरार बहह आए। अहमत अनप्रेक सपुगमंध सपुहराए॥
सरजपु तश्रीर रहच हचतरा बनराई। जनपु सपुरपपुर सगोपरान सपुहराई॥2॥
भरावरारर्ण:-चमंदन और अगर कप्रे तररा और भश्री अनप्रेकर पकरार कप्रे अपरार (कपपूर, गपुग्गपुल,
कप्रे सर आहद) सपुगमंध दव्यर कप्रे बहह त सप्रे बगोझ आए। सरयपूजश्री कप्रे तट पर सपुदमं र हचतरा
रचकर बनराई गई, (जगो ऐसश्री मरालपूम हगोतश्री रश्री) मरानगो स्वगर्ण ककी सपुदमं र सश्रीढश्री हगो॥2॥
* एहह हबहध दराह हकयरा सब ककीन्हश्री। हबहधवत न्हराइ हतलरामंजपुहल दश्रीन्हश्री॥
सगोहध सपुममृहत सब बप्रेद पपुररानरा। ककीन्ह भरत दसगरात हबधरानरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-इस पकरार सब दराह हकयरा ककी गई और सबनप्रे हवहधपपूवर्णक स्नरान करकप्रे
हतलरामंजहल दश्री। हफिर वप्रेद, स्ममृहत और पपुररार सबकरा मत हनश्चय करकप्रे उसकप्रे अनपुसरार
भरतजश्री नप्रे हपतरा करा दशगरात्र हवधरान (दस हदनर कप्रे कमृ त्य) हकयरा॥3॥
* जहहूँ जस मपुहनबर आयसपु दश्रीन्हरा। तहहूँ तस सहस भराहूँहत सबपु ककीन्हरा॥
भए हबसपुद हदए सब दरानरा। धप्रेनपु बराहज गज बराहन नरानरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-मपुहन शप्रेष वहशषजश्री नप्रे जहराहूँ जहैसश्री आजरा दश्री, वहराहूँ भरतजश्री नप्रे सब वहैसरा हश्री
हजरारर पकरार सप्रे हकयरा। शपुद हगो जरानप्रे पर (हवहधपपूवर्णक) सब दरान हदए। गरायमें तररा
घगोडप्रे, हरारश्री आहद अनप्रेक पकरार ककी सवराररयराहूँ,॥4॥
दगोहरा :
* हसमंघरासन भपूषन बसन अन्न धरहन धन धराम।
हदए भरत लहह भपूहमसपुर भप्रे पररपपूरन कराम॥170॥
भरावरारर्ण:-हसमंहरासन, गहनप्रे, कपडप्रे, अन्न, पमृथ्वश्री, धन और मकरान भरतजश्री नप्रे हदए,
भपूदवप्रे ब्रराहर दरान पराकर पररपपूरर्णकराम हगो गए (अररार्णत उनककी सरारश्री मनगोकरामनराएहूँ अच्छश्री
तरह सप्रे पपूरश्री हगो गई)मं ॥170॥
चरौपराई :
* हपतपु हहत भरत ककीहन्ह जहस करनश्री। सगो मपुख लराख जराइ नहहमं बरनश्री॥
सपुहदनपु सगोहध मपुहनबर तब आए। सहचव महराजन सकल बगोलराए॥1॥
भरावरारर्ण:-हपतराजश्री कप्रे हलए भरतजश्री नप्रे जहैसश्री करनश्री ककी वह लराखर मपुखर सप्रे भश्री वरर्णन
नहहीं ककी जरा सकतश्री। तब शपुभ हदन शगोधकर शप्रेष मपुहन वहशषजश्री आए और उन्हरनप्रे
ममंहत्रयर तररा सब महराजनर कगो बपुलवरायरा॥1॥
* बहैठप्रे रराजसभराहूँ सब जराई। पठए बगोहल भरत दगोउ भराई॥
भरतपु बहसष हनकट बहैठरारप्रे। नश्रीहत धरममय बचन उचरारप्रे॥ 2॥
भरावरारर्ण:-सब लगोग रराजसभरा ममें जराकर बहैठ गए। तब मपुहन नप्रे भरतजश्री तररा शत्रपुघ्नजश्री
दगोनर भराइयर कगो बपुलवरा भप्रेजरा। भरतजश्री कगो वहशषजश्री नप्रे अपनप्रे परास बहैठरा हलयरा और
नश्रीहत तररा धमर्ण सप्रे भरप्रे हह ए वचन कहप्रे॥2॥
* परम कररा सब मपुहनबर बरनश्री। कहै कइ कपु हटल ककीहन्ह जहस करनश्री॥
भपूप धरमपुब्रतपु सत्य सरराहरा। जप्रेहहमं तनपु पररहरर पप्रेमपु हनबराहरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-पहलप्रे तगो कहै कप्रे यश्री नप्रे जहैसश्री कपु हटल करनश्री ककी रश्री, शप्रेष मपुहन नप्रे वह सरारश्री
कररा कहश्री। हफिर रराजरा कप्रे धमर्णव्रत और सत्य ककी सरराहनरा ककी, हजन्हरनप्रे शरश्रीर त्यराग
कर पप्रेम कगो हनबराहरा॥3॥
* कहत रराम गपुन सश्रील सपुभराऊ। सजल नयन पपुलकप्रे उ मपुहनरराऊ॥
बहह रर लखन हसय पश्रीहत बखरानश्री। सगोक सनप्रेह मगन मपुहन ग्यरानश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे गपुर, शश्रील और स्वभराव करा वरर्णन करतप्रे-करतप्रे तगो मपुहनरराज
कप्रे नप्रेत्रर ममें जल भर आयरा और वप्रे शरश्रीर सप्रे पपुलहकत हगो गए। हफिर लक्ष्मरजश्री और
सश्रीतराजश्री कप्रे पप्रेम ककी बडराई करतप्रे हहए जरानश्री मपुहन शगोक और स्नप्रेह ममें मग्नि हगो गए॥4॥
दगोहरा :
* सपुनहह भरत भरावश्री पबल हबलहख कहप्रेउ मपुहननरार।
हराहन लराभपु जश्रीवनपु मरनपु जसपु अपजसपु हबहध हरार॥171॥
भरावरारर्ण:-मपुहननरार नप्रे हबलखकर (दद्धाःपु खश्री हगोकर) कहरा- हप्रे भरत! सपुनगो, भरावश्री
(हगोनहरार) बडश्री बलवरान हहै। हराहन-लराभ, जश्रीवन-मरर और यश-अपयश, यप्रे सब
हवधरातरा कप्रे हरार हमैं॥171॥
चरौपराई :
* अस हबचरारर कप्रे हह दप्रेइअ दगोसपू। ब्यरर कराहह पर ककीहजअ रगोसपू॥
तरात हबचरार करहह मन मराहहीं। सगोच जगोगपु दसररपु नमृपपु नराहहीं॥1॥
भरावरारर्ण:-ऐसरा हवचरार कर हकसप्रे दगोष हदयरा जराए? और व्यरर्ण हकस पर कगोध हकयरा
जराए? हप्रे तरात! मन ममें हवचरार करगो। रराजरा दशरर सगोच करनप्रे कप्रे यगोग्य नहहीं हमैं॥1॥
* सगोहचअ हबप जगो बप्रेद हबहश्रीनरा। तहज हनज धरमपु हबषय लयलश्रीनरा॥
सगोहचअ नमृपहत जगो नश्रीहत न जरानरा। जप्रेहह न पजरा हपय परान समरानरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-सगोच उस ब्रराहर करा करनरा चराहहए, जगो वप्रेद नहहीं जरानतरा और जगो अपनरा
धमर्ण छगोडकर हवषय भगोग ममें हश्री लश्रीन रहतरा हहै। उस रराजरा करा सगोच करनरा चराहहए, जगो
नश्रीहत नहहीं जरानतरा और हजसकगो पजरा परारर कप्रे समरान प्यरारश्री नहहीं हहै॥2॥
* सगोहचअ बयसपु कमृ पन धनवरानपू। जगो न अहतहर हसव भगहत सपुजरानपू॥
सगोहचअ सपूदपु हबप अवमरानश्री। मपुखर मरानहपय ग्यरान गपुमरानश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-उस वहैश्य करा सगोच करनरा चराहहए, जगो धनवरान हगोकर भश्री कमंजपूस हहै और जगो
अहतहर सत्करार तररा हशवजश्री ककी भहक्त करनप्रे ममें कपु शल नहहीं हहै। उस शपूद करा सगोच
करनरा चराहहए, जगो ब्रराहरर करा अपमरान करनप्रे वरालरा, बहह त बगोलनप्रे वरालरा, मरान-बडराई
चराहनप्रे वरालरा और जरान करा घममंड रखनप्रे वरालरा हहै॥ 3॥
* सगोहचअ पपुहन पहत बमंचक नरारश्री। कपु हटल कलहहपय इच्छराचरारश्री॥
सगोहचअ बटपु हनज ब्रतपु पररहरई। जगो नहहमं गपुर आयसपु अनपुसरई॥4॥
भरावरारर्ण:-पपुनद्धाः उस स्त्रश्री करा सगोच करनरा चराहहए जगो पहत कगो छलनप्रे वरालश्री , कपु हटल,
कलहहपय और स्वप्रेच्छरा चरारररश्री हहै। उस ब्रहचरारश्री करा सगोच करनरा चराहहए, जगो अपनप्रे
ब्रहचयर्ण व्रत कगो छगोड दप्रेतरा हहै और गपुर ककी आजरा कप्रे अनपुसरार नहहीं चलतरा॥4॥
दगोहरा :
* सगोहचअ गमृहश्री जगो मगोह बस करइ करम पर त्यराग।
सगोहचअ जतश्री पपमंच रत हबगत हबबप्रेक हबरराग॥172॥
भरावरारर्ण:-उस गमृहस्र करा सगोच करनरा चराहहए, जगो मगोहवश कमर्ण मरागर्ण करा त्यराग कर
दप्रेतरा हहै, उस समंन्यरासश्री करा सगोच करनरा चराहहए, जगो दहपु नयरा कप्रे पपमंच ममें फिहूँसरा हह आ
और जरान-वहैरराग्य सप्रे हश्रीन हहै॥172॥
चरौपराई :
* बहैखरानस सगोइ सगोचहै जगोगपू। तपपु हबहराइ जप्रेहह भरावइ भगोगपू॥
सगोहचअ हपसपुन अकरारन कगोधश्री। जनहन जनक गपुर बमंधपु हबरगोधश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-वरानपस्र वहश्री सगोच करनप्रे यगोग्य हहै, हजसकगो तपस्यरा छगोडकर भगोग अच्छप्रे
लगतप्रे हमैं। सगोच उसकरा करनरा चराहहए जगो चपुगलखगोर हहै, हबनरा हश्री करारर कगोध करनप्रे
वरालरा हहै तररा मरातरा, हपतरा, गपुर एवमं भराई-बमंधपुओमं कप्रे सरार हवरगोध रखनप्रे वरालरा हहै॥1॥
* सब हबहध सगोहचअ पर अपकरारश्री। हनज तनपु पगोषक हनरदय भरारश्री॥
सगोचनश्रीय सबहहीं हबहध सगोई। जगो न छराहड छलपु हरर जन हगोई॥2॥
भरावरारर्ण:-सब पकरार सप्रे उसकरा सगोच करनरा चराहहए, जगो दस पू रर करा अहनष्टि करतरा हहै,
अपनप्रे हश्री शरश्रीर करा पगोषर करतरा हहै और बडरा भरारश्री हनदर्णयश्री हहै और वह तगो सभश्री
पकरार सप्रे सगोच करनप्रे यगोग्य हहै, जगो छल छगोडकर हरर करा भक्त नहहीं हगोतरा॥ 2॥
* सगोचनश्रीय नहहमं कगोसलरराऊ। भपुवन चराररदस पगट पभराऊ॥
भयउ न अहइ न अब हगोहनहराररा। भपूप भरत जस हपतरा तपुम्हराररा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-कगोसलरराज दशररजश्री सगोच करनप्रे यगोग्य नहहीं हमैं, हजनकरा पभराव चरौदहर लगोकर
ममें पकट हहै। हप्रे भरत! तपुम्हरारप्रे हपतरा जहैसरा रराजरा तगो न हहआ, न हहै और न अब हगोनप्रे
करा हश्री हहै॥3॥
* हबहध हरर हर सपुरपहत हदहसनराररा। बरनहहमं सब दसरर गपुन गराररा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-हब्रहरा, हवष्रपु, हशव, इन्द और हदक्पराल सभश्री दशररजश्री कप्रे गपुरर ककी करराएहूँ
कहरा करतप्रे हमैं॥4॥
दगोहरा :
* कहहह तरात कप्रे हह भराहूँहत कगोउ कररहह बडराई तरासपु।
रराम लखन तपुम्ह सत्रपुहन सररस सपुअन सपुहच जरासपु॥ 173॥
भरावरारर्ण:-हप्रे तरात! कहगो, उनककी बडराई कगोई हकस पकरार करप्रेगरा, हजनकप्रे शश्री रराम,
लक्ष्मर, तपुम और शत्रपुघ्न-सरश्रीखप्रे पहवत्र पपुत्र हमैं?॥173॥
चरौपराई :
* सब पकरार भपूपहत बडभरागश्री। बराहद हबषराद पु कररअ तप्रेहह लरागश्री॥
यह सपुहन समपुहझ सगोचपु पररहरहह । हसर धरर रराज रजरायसपु करहह ॥1॥
भरावरारर्ण:-रराजरा सब पकरार सप्रे बडभरागश्री रप्रे। उनकप्रे हलए हवषराद करनरा व्यरर्ण हहै। यह सपुन
और समझकर सगोच त्यराग दगो और रराजरा ककी आजरा हसर चढराकर तदनपुसरार करगो॥ 1॥
* ररायहूँ रराजपद पु तपुम्ह कहह हूँ दश्रीन्हरा। हपतरा बचनपु फिपु र चराहहअ ककीन्हरा॥
तजप्रे ररामपु जप्रेहहमं बचनहह लरागश्री। तनपु पररहरप्रेउ रराम हबरहरागश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-रराजरा नप्रे रराज पद तपुमकगो हदयरा हहै। हपतरा करा वचन तपुम्हमें सत्य करनरा चराहहए,
हजन्हरनप्रे वचन कप्रे हलए हश्री शश्री ररामचन्दजश्री कगो त्यराग हदयरा और ररामहवरह ककी अहग्नि ममें
अपनप्रे शरश्रीर ककी आहहहत दप्रे दश्री॥2॥
* नमृपहह बचन हपय नहहमं हपय परानरा। करहह तरात हपतपु बचन पवरानरा॥
करहह सश्रीस धरर भपूप रजराई। हइ तपुम्ह कहहूँ सब भराहूँहत भलराई॥3॥
भरावरारर्ण:-रराजरा कगो वचन हपय रप्रे, परार हपय नहहीं रप्रे, इसहलए हप्रे तरात! हपतरा कप्रे
वचनर कगो पमरार (सत्य) करगो! रराजरा ककी आजरा हसर चढराकर परालन करगो, इसममें
तपुम्हरारश्री सब तरह भलराई हहै॥3॥
* परसपुरराम हपतपु अग्यरा रराखश्री। मरारश्री मरातपु लगोक सब सराखश्री॥
तनय जजराहतहह जरौबनपु दयऊ। हपतपु अग्यराहूँ अघ अजसपु न भयऊ॥4॥
भरावरारर्ण:-परशपुररामजश्री नप्रे हपतरा ककी आजरा रखश्री और मरातरा कगो मरार डरालरा, सब लगोक
इस बरात कप्रे सराक्षश्री हमैं। रराजरा ययराहत कप्रे पपुत्र नप्रे हपतरा कगो अपनश्री जवरानश्री दप्रे दश्री। हपतरा
ककी आजरा परालन करनप्रे सप्रे उन्हमें पराप और अपयश नहहीं हहआ॥4॥
दगोहरा :
* अनपुहचत उहचत हबचरार तहज तप्रे परालहहमं हपतपु बहैन।
तप्रे भराजन सपुख सपुजस कप्रे बसहहमं अमरपहत ऐन॥174॥
भरावरारर्ण:-जगो अनपुहचत और उहचत करा हवचरार छगोडकर हपतरा कप्रे वचनर करा परालन करतप्रे
हमैं, वप्रे (यहराहूँ) सपुख और सपुयश कप्रे परात्र हगोकर अमंत ममें इन्दपपुरश्री (स्वगर्ण) ममें हनवरास
करतप्रे हमैं॥174॥
चरौपराई :
* अवहस नरप्रेस बचन फिपु र करहह । परालहह पजरा सगोकपु पररहरहह ॥
सपुरपपुर नमृपपु पराइहह पररतगोषपू। तपुम्ह कहह हूँ सपुकमृतपु सपुजसपु नहहमं दगोषपू॥1॥
भरावरारर्ण:-रराजरा करा वचन अवश्य सत्य करगो। शगोक त्यराग दगो और पजरा करा परालन करगो।
ऐसरा करनप्रे सप्रे स्वगर्ण ममें रराजरा समंतगोष परावमेंगप्रे और तपुम कगो पपुण्य और सपुदमं र यश हमलप्रेगरा,
दगोष नहहीं लगप्रेगरा॥1॥
* बप्रेद हबहदत समंमत सबहश्री करा। जप्रेहह हपतपु दप्रेइ सगो परावइ टश्रीकरा॥
करहह रराजपु पररहरहह गलरानश्री। मरानहह मगोर बचन हहत जरानश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-यह वप्रेद ममें पहसद हहै और (स्ममृहत-पपुररारराहद) सभश्री शरास्त्रर कप्रे दराररा सम्मत हहै
हक हपतरा हजसकगो दप्रे वहश्री रराजहतलक परातरा हहै , इसहलए तपुम रराज्य करगो, ग्लराहन करा
त्यराग कर दगो। मप्रेरप्रे वचन कगो हहत समझकर मरानगो॥ 2॥
* सपुहन सपुखपु लहब रराम बहैदप्रेहहीं। अनपुहचत कहब न पमंहडत कप्रे हहीं॥
करौसल्यराहद सकल महतरारहीं। तप्रेउ पजरा सपुख हगोहहमं सपुखरारहीं॥ 3॥
भरावरारर्ण:-इस बरात कगो सपुनकर शश्री ररामचन्दजश्री और जरानककीजश्री सपुख परावमेंगप्रे और कगोई
पमंहडत इसप्रे अनपुहचत नहहीं कहप्रेगरा। करौसल्यराजश्री आहद तपुम्हरारश्री सब मरातराएहूँ भश्री पजरा कप्रे
सपुख सप्रे सपुखश्री हरगश्री॥
* परम तपुम्हरार रराम कर जराहनहह। सगो सब हबहध तपुम्ह सन भल मराहनहह॥
सजौंपप्रेहह रराजपु रराम कप्रे आएहूँ। सप्रेवरा करप्रेहह सनप्रेह सपुहराएहूँ॥4॥
भरावरारर्ण:-जगो तपुम्हरारप्रे और शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे शप्रेष समंबमंध कगो जरान लप्रेगरा, वह सभश्री
पकरार सप्रे तपुमसप्रे भलरा मरानप्रेगरा। शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे लरौट आनप्रे पर रराज्य उन्हमें सजौंप दप्रेनरा
और सपुमंदर स्नप्रेह सप्रे उनककी सप्रेवरा करनरा॥ 4॥
दगोहरा :
* ककीहजअ गपुर आयसपु अवहस कहहहमं सहचव कर जगोरर।
रघपुपहत आएहूँ उहचत जस तस तब करब बहगोरर॥175॥
भरावरारर्ण:-ममंत्रश्री हरार जगोडकर कह रहप्रे हमैं- गपुरजश्री ककी आजरा करा अवश्य हश्री परालन
ककीहजए। शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे लरौट आनप्रे पर जहैसरा उहचत हगो, तब हफिर वहैसरा हश्री
ककीहजएगरा॥175॥
चरौपराई :
* करौसल्यरा धरर धश्रीरजपु कहई। पपूत पथ्य गपुर आयसपु अहई॥
सगो आदररअ कररअ हहत मरानश्री। तहजअ हबषराद पु कराल गहत जरानश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-करौसल्यराजश्री भश्री धश्रीरज धरकर कह रहश्री हमैं- हप्रे पपुत्र! गपुरजश्री ककी आजरा पथ्य
रूप हहै। उसकरा आदर करनरा चराहहए और हहत मरानकर उसकरा परालन करनरा चराहहए।
कराल ककी गहत कगो जरानकर हवषराद करा त्यराग कर दप्रेनरा चराहहए॥1॥
* बन रघपुपहत सपुरपहत नरनराहह। तपुम्ह एहह भराहूँहत तरात कदरराहह॥
पररजन पजरा सहचव सब अमंबरा। तपुम्हहहीं सपुत सब कहहूँ अवलमंबरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-शश्री रघपुनरारजश्री वन ममें हमैं, महरारराज स्वगर्ण करा रराज्य करनप्रे चलप्रे गए और हप्रे
तरात! तपुम इस पकरार करातर हगो रहप्रे हगो। हप्रे पपुत्र ! कपु टपु म्ब, पजरा, ममंत्रश्री और सब
मरातराओमं कप्रे , सबकप्रे एक तपुम हश्री सहरारप्रे हगो॥2॥
* लहख हबहध बराम करालपु कहठनराई। धश्रीरजपु धरहह मरातपु बहल जराई॥
हसर धरर गपुर आयसपु अनपुसरहह । पजरा पराहल पररजन दख पु पु हरहह ॥3॥
भरावरारर्ण:-हवधरातरा कगो पहतकपू ल और कराल कगो कठगोर दप्रेखकर धश्रीरज धरगो, मरातरा तपुम्हरारश्री
बहलहरारश्री जरातश्री हहै। गपुर ककी आजरा कगो हसर चढराकर उसश्री कप्रे अनपुसरार करायर्ण करगो और
पजरा करा परालन कर कपु टपु हम्बयर करा दद्धाःपु ख हरगो॥3॥
* गपुर कप्रे बचन सहचव अहभनमंदनपु। सपुनप्रे भरत हहय हहत जनपु चमंदनपु॥
सपुनश्री बहगोरर मरातपु ममृद पु बरानश्री। सश्रील सनप्रेह सरल रस सरानश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री नप्रे गपुर कप्रे वचनर और ममंहत्रयर कप्रे अहभनमंदन (अनपुमगोदन) कगो सपुनरा,
जगो उनकप्रे हृदय कप्रे हलए मरानगो चमंदन कप्रे समरान (शश्रीतल) रप्रे। हफिर उन्हरनप्रे शश्रील,
स्नप्रेह और सरलतरा कप्रे रस ममें सनश्री हहई मरातरा करौसल्यरा ककी कगोमल वरारश्री सपुनश्री॥ 4॥
छमंद :
* सरानश्री सरल रस मरातपु बरानश्री सपुहन भरतपु ब्यराकपु ल भए।
लगोचन सरगोरह स्रवत सहींचत हबरह उर अमंकपुर नए॥
सगो दसरा दप्रेखत समय तप्रेहह हबसरश्री सबहह सपुहध दप्रेह ककी।
तपुलसश्री सरराहत सकल सरादर सश्रीवहूँ सहज सनप्रेह ककी॥
भरावरारर्ण:-सरलतरा कप्रे रस ममें सनश्री हहई मरातरा ककी वरारश्री सपुनकर भरतजश्री व्यराकपुल हगो गए।
उनकप्रे नप्रेत्र कमल जल (आहूँसपू) बहराकर हृदय कप्रे हवरह रूपश्री नवश्रीन अमंकपुर कगो सहींचनप्रे
लगप्रे। (नप्रेत्रर कप्रे आहूँसओ
पु मं नप्रे उनकप्रे हवयगोग-दद्धाःपु ख कगो बहह त हश्री बढराकर उन्हमें अत्यन्त
व्यराकपुल कर हदयरा।) उनककी वह दशरा दप्रेखकर उस समय सबकगो अपनप्रे शरश्रीर ककी सपुध
भपूल गई। तपुलसश्रीदरासजश्री कहतप्रे हमैं- स्वराभराहवक पप्रेम ककी सश्रीमरा शश्री भरतजश्री ककी सब लगोग
आदरपपूवर्णक सरराहनरा करनप्रे लगप्रे।
सगोरठरा :
* भरतपु कमल कर जगोरर धश्रीर धपुरधमं र धश्रीर धरर।
बचन अहमअहूँ जनपु बगोरर दप्रेत उहचत उरर सबहह॥176॥
भरावरारर्ण:-धहैयर्ण ककी धपुरश्री कगो धरारर करनप्रे वरालप्रे भरतजश्री धश्रीरज धरकर, कमल कप्रे समरान
हरारर कगो जगोडकर, वचनर कगो मरानगो अममृत ममें डपु बराकर सबकगो उहचत उरर दप्रेनप्रे लगप्रे-॥
176॥
शश्री ररामजश्री करा लक्ष्मरजश्री कगो समझरानरा एवमं भरतजश्री ककी महहमरा कहनरा
* सपुहन सपुर बचन लखन सकपु चरानप्रे। रराम सश्रीयहूँ सरादर सनमरानप्रे॥
कहश्री तरात तपुम्ह नश्रीहत सपुहराई। सब तमें कहठन रराजमद पु भराई॥3॥
भरावरारर्ण:-दप्रेववरारश्री सपुनकर लक्ष्मरजश्री सकपु चरा गए। शश्री ररामचमंदजश्री और सश्रीतराजश्री नप्रे उनकरा
आदर कप्रे सरार सम्मरान हकयरा (और कहरा-) हप्रे तरात! तपुमनप्रे बडश्री सपुमंदर नश्रीहत कहश्री।
हप्रे भराई! रराज्य करा मद सबसप्रे कहठन मद हहै॥3॥
* जगो अचवहूँत नमृप मरातहहमं तप्रेई। नराहहन सराधस पु भरा जप्रेहहमं सप्रेई॥
सपुनहह लखन भल भरत सरश्रीसरा। हबहध पपमंच महहूँ सपुनरा न दश्रीसरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-हजन्हरनप्रे सराधओ पु मं ककी सभरा करा सप्रेवन (सत्समंग) नहहीं हकयरा, वप्रे हश्री रराजरा
रराजमद रूपश्री महदररा करा आचमन करतप्रे हश्री (पश्रीतप्रे हश्री) मतवरालप्रे हगो जरातप्रे हमैं। हप्रे
लक्ष्मर! सपुनगो, भरत सरश्रीखरा उरम पपुरष ब्रहरा ककी समृहष्टि ममें न तगो कहहीं सपुनरा गयरा
हहै, न दप्रेखरा हश्री गयरा हहै॥4॥
दगोहरा :
* भरतहह हगोइ न रराजमद पु हबहध हरर हर पद पराइ।
कबहह हूँ हक कराहूँजश्री सश्रीकरहन छश्रीरहसमंधपु हबनसराइ॥231॥
भरावरारर्ण:-(अयगोध्यरा कप्रे रराज्य ककी तगो बरात हश्री क्यरा हहै) ब्रहरा, हवष्रपु और महरादप्रेव करा
पद पराकर भश्री भरत कगो रराज्य करा मद नहहीं हगोनप्रे करा! क्यरा कभश्री कराहूँजश्री ककी बपूहूँदर सप्रे
क्षश्रीरसमपुद नष्टि हगो सकतरा (फिट सकतरा) हहै?॥231॥
चरौपराई :
* हतहमर तरन तरहनहह मकपु हगलई। गगनपु मगन मकपु मप्रेघहहमं हमलई॥
गगोपद जल बपूडहहमं घटजगोनश्री। सहज छमरा बर छराडहै छगोनश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-अन्धकरार चराहप्रे तरर (मध्यराह्न कप्रे ) सपूयर्ण कगो हनगल जराए। आकराश चराहप्रे
बरादलर ममें समराकर हमल जराए। गगो कप्रे खपुर इतनप्रे जल ममें अगस्त्यजश्री डपू ब जराएहूँ और
पमृथ्वश्री चराहप्रे अपनश्री स्वराभराहवक क्षमरा (सहनशश्रीलतरा) कगो छगोड दप्रे॥1॥
* मसक फिपूहूँक मकपु मप्रेर उडराई। हगोइ न नमृपमद पु भरतहह भराई॥
लखन तपुम्हरार सपर हपतपु आनरा। सपुहच सपुबधमं पु नहहमं भरत समरानरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-मच्छर ककी फिपूहूँक सप्रे चराहप्रे सपुमप्रेर उड जराए, परन्तपु हप्रे भराई! भरत कगो रराजमद
कभश्री नहहीं हगो सकतरा। हप्रे लक्ष्मर! ममैं तपुम्हरारश्री शपर और हपतराजश्री ककी सरौगमंध खराकर
कहतरा हह हूँ, भरत कप्रे समरान पहवत्र और उरम भराई समंसरार ममें नहहीं हहै॥ 2॥
* सगपुनपु खश्रीर अवगपुन जलपु तरातरा। हमलइ रचइ परपमंचपु हबधरातरा॥
भरतपु हमंस रहबबमंस तडरागरा। जनहम ककीन्ह गपुन दगोष हबभरागरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे तरात! गपुर रूपश्री दधपू और अवगपुर रूपश्री जल कगो हमलराकर हवधरातरा इस
दृश्य पपमंच (जगतम) कगो रचतरा हहै, परन्तपु भरत नप्रे सपूयर्णवमंश रूपश्री तरालराब ममें हमंस रूप
जन्म लप्रेकर गपुर और दगोष करा हवभराग कर हदयरा (दगोनर कगो अलग-अलग कर हदयरा)॥
3॥
* गहह गपुन पय तहज अवगपुर बरारश्री। हनज जस जगत ककीहन्ह उहजआरश्री॥
कहत भरत गपुन सश्रीलपु सपुभराऊ। पप्रेम पयगोहध मगन रघपुरराऊ॥4॥
भरावरारर्ण:-गपुररूपश्री दधपू कगो गहर कर और अवगपुर रूपश्री जल कगो त्यरागकर भरत नप्रे
अपनप्रे यश सप्रे जगतम ममें उहजयरालरा कर हदयरा हहै। भरतजश्री कप्रे गपुर, शश्रील और स्वभराव
कगो कहतप्रे-कहतप्रे शश्री रघपुनरारजश्री पप्रेमसमपुद ममें मग्नि हगो गए॥4॥
दगोहरा :
* सपुहन रघपुबर बरानश्री हबबपुध दप्रेहख भरत पर हप्रेतपु।
सकल सरराहत रराम सगो पभपु कगो कमृ पराहनकप्रे तपु॥232॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचमंदजश्री ककी वरारश्री सपुनकर और भरतजश्री पर उनकरा पप्रेम दप्रेखकर समस्त
दप्रेवतरा उनककी सरराहनरा करनप्रे लगप्रे (और कहनप्रे लगप्रे) हक शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे समरान कमृ परा
कप्रे धराम पभपु और करौन हहै?॥232॥
चरौपराई :
* जजौं न हगोत जग जनम भरत कगो। सकल धरम धपुर धरहन धरत कगो॥
कहब कपु ल अगम भरत गपुन गराररा। कगो जरानइ तपुम्ह हबनपु रघपुनराररा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-यहद जगतम ममें भरत करा जन्म न हगोतरा, तगो पमृथ्वश्री पर समंपपूरर्ण धमर्मों ककी धपुरश्री
कगो करौन धरारर करतरा? हप्रे रघपुनरारजश्री! कहवकपु ल कप्रे हलए अगम (उनककी कल्पनरा सप्रे
अतश्रीत) भरतजश्री कप्रे गपुरर ककी कररा आपकप्रे हसवरा और करौन जरान सकतरा हहै?॥1॥
भरतजश्री करा मन्दराहकनश्री स्नरान, हचत्रकपू ट ममें पहह हूँचनरा, भरतराहद सबकरा परस्पर हमलराप,
हपतरा करा शगोक और शराद
* लखन रराम हसयहूँ सपुहन सपुर बरानश्री। अहत सपुखपु लहप्रेउ न जराइ बखरानश्री॥
इहराहूँ भरतपु सब सहहत सहराए। ममंदराहकनहीं पपुनश्रीत नहराए॥2॥
भरावरारर्ण:-लक्ष्मरजश्री, शश्री ररामचमंदजश्री और सश्रीतराजश्री नप्रे दप्रेवतराओमं ककी वरारश्री सपुनकर अत्यमंत
सपुख परायरा, जगो वरर्णन नहहीं हकयरा जरा सकतरा। यहराहूँ भरतजश्री नप्रे सरारप्रे समराज कप्रे सरार
पहवत्र ममंदराहकनश्री ममें स्नरान हकयरा॥2॥
* सररत समश्रीप रराहख सब लगोगरा। मराहग मरातपु गपुर सहचव हनयगोगरा॥
चलप्रे भरतपु जहहूँ हसय रघपुरराई। सरार हनषरादनरारपु लघपु भराई॥3॥
भरावरारर्ण:-हफिर सबकगो नदश्री कप्रे समश्रीप ठहरराकर तररा मरातरा, गपुर और ममंत्रश्री ककी आजरा
म
भरतजश्री करा मन्दराहकनश्री स्नरान, हचत्रकपू ट ममें पहह हूँचनरा, भरतराहद सबकरा परस्पर हमलराप,
हपतरा करा शगोक और शराद
* लखन रराम हसयहूँ सपुहन सपुर बरानश्री। अहत सपुखपु लहप्रेउ न जराइ बखरानश्री॥
इहराहूँ भरतपु सब सहहत सहराए। ममंदराहकनहीं पपुनश्रीत नहराए॥2॥
भरावरारर्ण:-लक्ष्मरजश्री, शश्री ररामचमंदजश्री और सश्रीतराजश्री नप्रे दप्रेवतराओमं ककी वरारश्री सपुनकर अत्यमंत
सपुख परायरा, जगो वरर्णन नहहीं हकयरा जरा सकतरा। यहराहूँ भरतजश्री नप्रे सरारप्रे समराज कप्रे सरार
पहवत्र ममंदराहकनश्री ममें स्नरान हकयरा॥2॥
* सररत समश्रीप रराहख सब लगोगरा। मराहग मरातपु गपुर सहचव हनयगोगरा॥
चलप्रे भरतपु जहहूँ हसय रघपुरराई। सरार हनषरादनरारपु लघपु भराई॥3॥
भरावरारर्ण:-हफिर सबकगो नदश्री कप्रे समश्रीप ठहरराकर तररा मरातरा, गपुर और ममंत्रश्री ककी आजरा
मराहूँगकर हनषरादरराज और शत्रपुघ्न कगो सरार लप्रेकर भरतजश्री वहराहूँ चलप्रे जहराहूँ शश्री सश्रीतराजश्री
और शश्री रघपुनरारजश्री रप्रे॥3॥।
* समपुहझ मरातपु करतब सकपु चराहहीं। करत कपु तरक कगोहट मन मराहहीं॥
ररामपु लखनपु हसय सपुहन मम नराऊहूँ। उहठ जहन अनत जराहहमं तहज ठराऊहूँ॥4॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री अपनश्री मरातरा कहै कप्रे यश्री ककी करनश्री कगो समझकर (यराद करकप्रे ) सकपु चरातप्रे
हमैं और मन ममें करगोडर (अनप्रेकर) कपु तकर्ण करतप्रे हमैं (सगोचतप्रे हमैं) शश्री रराम, लक्ष्मर और
सश्रीतराजश्री मप्रेररा नराम सपुनकर स्ररान छगोडकर कहहीं द स पू रश्री जगह उठकर न चलप्रे जराएहूँ॥4॥
दगोहरा :
* मरातपु मतप्रे महह हूँ मराहन मगोहह जगो कछपु करहहमं सगो रगोर।
अघ अवगपुन छहम आदरहहमं समपुहझ आपनश्री ओर॥233॥
भरावरारर्ण:-मपुझप्रे मरातरा कप्रे मत ममें मरानकर वप्रे जगो कपु छ भश्री करमें सगो रगोडरा हहै, पर वप्रे
अपनश्री ओर समझकर (अपनप्रे हवरद और समंबधमं कगो दप्रेखकर) मप्रेरप्रे परापर और अवगपुरर
कगो क्षमरा करकप्रे मप्रेररा आदर हश्री करमेंगप्रे॥233॥
चरौपराई :
* जजौं पररहरहहमं महलन मनपु जरानश्री। जजौं सनमरानहहमं सप्रेवकपु मरानश्री॥
मगोरमें सरन ररामहह ककी पनहश्री। रराम सपुस्वराहम दगोसपु सब जनहश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-चराहप्रे महलन मन जरानकर मपुझप्रे त्यराग दमें, चराहप्रे अपनरा सप्रेवक मरानकर मप्रेररा
सम्मरान करमें, (कपु छ भश्री करमें), मप्रेरप्रे तगो शश्री ररामचमंदजश्री ककी जपूहतयराहूँ हश्री शरर हमैं। शश्री
ररामचमंदजश्री तगो अच्छप्रे स्वरामश्री हमैं, दगोष तगो सब दरास करा हश्री हहै॥1॥
* जग जग भराजन चरातक मश्रीनरा। नप्रेम पप्रेम हनज हनपपुन नबश्रीनरा॥
अस मन गपुनत चलप्रे मग जरातरा। सकपु च सनप्रेहहूँ हसहरल सब गरातरा॥2॥
भरावरारर्ण:-जगतम ममें यश कप्रे परात्र तगो चरातक और मछलश्री हश्री हमैं, जगो अपनप्रे नप्रेम और
पप्रेम कगो सदरा नयरा बनराए रखनप्रे ममें हनपपुर हमैं। ऐसरा मन ममें सगोचतप्रे हहए भरतजश्री मरागर्ण ममें
चलप्रे जरातप्रे हमैं। उनकप्रे सब अमंग समंकगोच और पप्रेम सप्रे हशहरल हगो रहप्रे हमैं॥ 2॥
* फिप्रे रहत मनहह हूँ मरातपु कमृ त खगोरश्री। चलत भगहत बल धश्रीरज धगोरश्री॥
जब समपुझत रघपुनरार सपुभराऊ। तब पर परत उतराइल पराऊ॥3॥
भरावरारर्ण:-मरातरा ककी हह ई बपुरराई मरानगो उन्हमें लरौटरातश्री हहै, पर धश्रीरज ककी धपुरश्री कगो धरारर
करनप्रे वरालप्रे भरतजश्री भहक्त कप्रे बल सप्रे चलप्रे जरातप्रे हमैं। जब शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे स्वभराव कगो
समझतप्रे (स्मरर करतप्रे) हमैं तब मरागर्ण ममें उनकप्रे पहैर जल्दश्री-जल्दश्री पडनप्रे लगतप्रे हमैं॥3॥
* भरत दसरा तप्रेहह अवसर कहै सश्री। जल पबराहहूँ जल अहल गहत जहैसश्री॥
दप्रेहख भरत कर सगोचपु सनप्रेहह। भरा हनषराद तप्रेहह समयहूँ हबदप्रेहह॥4॥
भरावरारर्ण:-उस समय भरत ककी दशरा कहै सश्री हहै? जहैसश्री जल कप्रे पवराह ममें जल कप्रे भजौंरप्रे
ककी गहत हगोतश्री हहै। भरतजश्री करा सगोच और पप्रेम दप्रेखकर उस समय हनषराद हवदप्रेह हगो
गयरा (दप्रेह ककी सपुध-बपुध भपूल गयरा)॥4॥
दगोहरा :
* लगप्रे हगोन ममंगल सगपुन सपुहन गपुहन कहत हनषराद।पु
हमहटहह सगोचपु हगोइहह हरषपु पपुहन पररनराम हबषराद ॥पु 234॥
भरावरारर्ण:-ममंगल शकपु न हगोनप्रे लगप्रे। उन्हमें सपुनकर और हवचरारकर हनषराद कहनप्रे लगरा- सगोच
हमटप्रेगरा, हषर्ण हगोगरा, पर हफिर अन्त ममें दद्धाःपु ख हगोगरा॥234॥
चरौपराई :
* सप्रेवक बचन सत्य सब जरानप्रे। आशम हनकट जराइ हनअररानप्रे॥
भरत दश्रीख बन सहैल समराजपू। मपुहदत छपु हधत जनपु पराइ सपुनराजपू॥1॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री नप्रे सप्रेवक (गपुह) कप्रे सब वचन सत्य जरानप्रे और वप्रे आशम कप्रे समश्रीप
जरा पहह हूँचप्रे। वहराहूँ कप्रे वन और पवर्णतर कप्रे समपूह कगो दप्रेखरा तगो भरतजश्री इतनप्रे आनमंहदत हह ए
मरानगो कगोई भपूखरा अच्छरा अन्न (भगोजन) परा गयरा हगो॥1॥
* ईहत भश्रीहत जनपु पजरा दख पु रारश्री। हत्रहबध तराप पश्रीहडत गह मरारश्री॥
जराइ सपुरराज सपुदप्रेस सपुखरारश्री। हगोहहमं भरत गहत तप्रेहह अनपुहरारश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-जहैसप्रे *ईहत कप्रे भय सप्रे दद्धाःपु खश्री हहई और तश्रीनर (आध्यराहत्मक, आहधदहैहवक और
आहधभरौहतक) तरापर तररा कपू र गहर और महरामराररयर सप्रे पश्रीहडत पजरा हकसश्री उरम दप्रेश
और उरम रराज्य ममें जराकर सपुखश्री हगो जराए , भरतजश्री ककी गहत (दशरा) ठश्रीक उसश्री
पकरार हगो रहश्री हहै॥2॥ (*अहधक जल बरसनरा, न बरसनरा, चपूहर करा उत्परात,
हटरडयराहूँ, तगोतप्रे और दस पू रप्रे रराजरा ककी चढराई- खप्रेतर ममें बराधरा दप्रेनप्रे वरालप्रे इन छह उपदवर
कगो 'ईहत' कहतप्रे हमैं)।
* रराम बरास बन समंपहत रराजरा। सपुखश्री पजरा जनपु पराइ सपुरराजरा॥
सहचव हबररागपु हबबप्रेकपु नरप्रेसपू। हबहपन सपुहरावन परावन दप्रेसपू॥3॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे हनवरास सप्रे वन ककी सम्पहर ऐसश्री सपुशगोहभत हहै मरानगो अच्छप्रे
रराजरा कगो पराकर पजरा सपुखश्री हगो। सपुहरावनरा वन हश्री पहवत्र दप्रेश हहै। हववप्रेक उसकरा रराजरा हहै
और वहैरराग्य ममंत्रश्री हहै॥3॥
* भट जम हनयम सहैल रजधरानश्री। सरामंहत सपुमहत सपुहच सपुदमं र ररानश्री॥
सकल अमंग समंपन्न सपुरराऊ। रराम चरन आहशत हचत चराऊ॥4॥
भरावरारर्ण:-यम (अहहमंसरा, सत्य, अस्तप्रेय, ब्रहचयर्ण और अपररगह) तररा हनयम (शरौच,
समंतगोष, तप, स्वराध्यराय और ईश्वर पहरधरान) यगोदरा हमैं। पवर्णत रराजधरानश्री हहै, शरामंहत
तररा सपुबहपु द दगो सपुमंदर पहवत्र रराहनयराहूँ हमैं। वह शप्रेष रराजरा रराज्य कप्रे सब अमंगर सप्रे पपूरर्ण हहै
और शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे चररर कप्रे आहशत रहनप्रे सप्रे उसकप्रे हचर ममें चराव (आनमंद यरा
उत्सराह) हहै॥4॥ (स्वरामश्री, आमत्य, सपुहृद, कगोष, रराष्टिड, दगपु र्ण और सप्रेनरा- रराज्य कप्रे
सरात अमंग हमैं।)
दगोहरा :
* जश्रीहत मगोह महहपरालपु दल सहहत हबबप्रेक भपुआलपु।
करत अकमंटक रराजपु पपुरहूँ सपुख समंपदरा सपुकरालपु॥235॥
भरावरारर्ण:-मगोह रूपश्री रराजरा कगो सप्रेनरा सहहत जश्रीतकर हववप्रेक रूपश्री रराजरा हनष्कण्टक रराज्य
कर रहरा हहै। उसकप्रे नगर ममें सपुख, सम्पहर और सपुकराल वतर्णमरान हहै॥235॥
चरौपराई :
* बन पदप्रेस मपुहन बरास घनप्रेरप्रे। जनपु पपुर नगर गराउहूँ गन खप्रेरप्रे॥
हबपपुल हबहचत्र हबहग ममृग नरानरा। पजरा समराजपु न जराइ बखरानरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-वन रूपश्री परामंतर ममें जगो मपुहनयर कप्रे बहह त सप्रे हनवरास स्ररान हमैं, वहश्री मरानगो
शहरर, नगरर, गराहूँवर और खप्रेडर करा समपूह हहै। बहह त सप्रे हवहचत्र पक्षश्री और अनप्रेकर पशपु
हश्री मरानगो पजराओमं करा समराज हहै, हजसकरा वरर्णन नहहीं हकयरा जरा सकतरा॥1॥
* खगहरा करर हरर बराघ बरराहरा। दप्रेहख महहष बमृष सराजपु सरराहरा॥
बयर हबहराइ चरहहमं एक समंगरा। जहहूँ तहहूँ मनहह हूँ सप्रेन चतपुरमंगरा॥2॥
भरावरारर्ण:-गमैंडरा, हरारश्री, हसमंह, बराघ, सपूअर, भमैंसप्रे और बहैलर कगो दप्रेखकर रराजरा कप्रे
सराज कगो सरराहतप्रे हश्री बनतरा हहै। यप्रे सब आपस करा वहैर छगोडकर जहराहूँ -तहराहूँ एक सरार
हवचरतप्रे हमैं। यहश्री मरानगो चतपुरमंहगरश्री सप्रेनरा हहै॥2॥
* झरनरा झरहहमं मर गज गराजहहमं। मनहह हूँ हनसरान हबहबहध हबहध बराजहहमं॥
चक चकगोर चरातक सपुक हपक गन। कपू जत ममंजपु मरराल मपुहदत मन॥3॥
भरावरारर्ण:-परानश्री कप्रे झरनप्रे झर रहप्रे हमैं और मतवरालप्रे हरारश्री हचमंघराड रहप्रे हमैं। मरानगो वहराहूँ
अनप्रेकर पकरार कप्रे नगराडप्रे बज रहप्रे हमैं। चकवरा, चकगोर, पपश्रीहरा, तगोतरा तररा कगोयलर कप्रे
समपूह और सपुदमं र हमंस पसन्न मन सप्रे कपू ज रहप्रे हमैं॥3॥
* अहलगन गरावत नराचत मगोररा। जनपु सपुरराज ममंगल चहह ओररा॥
बप्रेहल हबटप तमृन सफिल सफिपू लरा। सब समराजपु मपुद ममंगल मपूलरा॥4॥
भरावरारर्ण:-भजौंरर कप्रे समपूह गपुमंजरार कर रहप्रे हमैं और मगोर नराच रहप्रे हमैं। मरानगो उस अच्छप्रे
रराज्य ममें चरारर ओर ममंगल हगो रहरा हहै। बप्रेल, वमृक्ष, तमृर सब फिल और फिपू लर सप्रे यक्त पु
हमैं। सराररा समराज आनमंद और ममंगल करा मपूल बन रहरा हहै॥ 4॥
दगोहरा :
* रराम सहैल सगोभरा हनरहख भरत हृदयहूँ अहत पप्रेमपु।
तरापस तप फिलपु पराइ हजहम सपुखश्री हसररानमें नप्रेमपु॥ 236॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री कप्रे पवर्णत ककी शगोभरा दप्रेखकर भरतजश्री कप्रे हृदय ममें अत्यमंत पप्रेम हहआ।
जहैसप्रे तपस्वश्री हनयम ककी समराहप्त हगोनप्रे पर तपस्यरा करा फिल पराकर सपुखश्री हगोतरा हहै॥
236॥
जनक-वहशषराहद समंवराद, इमंद ककी हचमंतरा, सरस्वतश्री करा इमंद कगो समझरानरा
* आपपु आशमहह धराररअ पराऊ। भयउ सनप्रेह हसहरल मपुहनरराऊ॥
करर पनरामपु तब ररामपु हसधराए। ररहष धरर धश्रीर जनक पहहमं आए॥3॥
भरावरारर्ण:-अतद्धाः आप आशम कगो पधराररए। इतनरा कह मपुहनरराज स्नप्रेह सप्रे हशहरल हगो गए।
तब शश्री ररामजश्री परराम करकप्रे चलप्रे गए और ऋहष वहशषजश्री धश्रीरज धरकर जनकजश्री कप्रे
परास आए॥3॥
* रराम बचन गपुर नमृपहह सपुनराए। सश्रील सनप्रेह सपुभरायहूँ सपुहराए॥
महरारराज अब ककीहजअ सगोई। सब कर धरम सहहत हहत हगोई॥4॥
भरावरारर्ण:-गपुरजश्री नप्रे शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे शश्रील और स्नप्रेह सप्रे यक्त
पु स्वभराव सप्रे हश्री सपुमंदर
वचन रराजरा जनकजश्री कगो सपुनराए (और कहरा-) हप्रे महरारराज! अब वहश्री ककीहजए,
हजसममें सबकरा धमर्ण सहहत हहत हगो॥4॥
दगोहरा :
* ग्यरान हनधरान सपुजरान सपुहच धरम धश्रीर नरपराल।
तपुम्ह हबनपु असममंजस समन कगो समरर एहह कराल॥291॥
भरावरारर्ण:-हप्रे रराजनम! तपुम जरान कप्रे भमंडरार, सपुजरान, पहवत्र और धमर्ण ममें धश्रीर हगो। इस
समय तपुम्हरारप्रे हबनरा इस दहपु वधरा कगो दरपू करनप्रे ममें और करौन समरर्ण हहै?॥291॥
चरौपराई :
* सपुहन मपुहन बचन जनक अनपुररागप्रे। लहख गहत ग्यरानपु हबररागपु हबररागप्रे॥
हसहरल सनप्रेहहूँ गपुनत मन मराहहीं। आए इहराहूँ ककीन्ह भल नराहहीं॥ 1॥
भरावरारर्ण:-मपुहन वहशषजश्री कप्रे वचन सपुनकर जनकजश्री पप्रेम ममें मग्नि हगो गए। उनककी दशरा
दप्रेखकर जरान और वहैरराग्य कगो भश्री वहैरराग्य हगो गयरा (अररार्णत उनकप्रे जरान-वहैरराग्य छपूट सप्रे
गए)। वप्रे पप्रेम सप्रे हशहरल हगो गए और मन ममें हवचरार करनप्रे लगप्रे हक हम यहराहूँ आए,
यह अच्छरा नहहीं हकयरा॥1॥
* ररामहह ररायहूँ कहप्रेउ बन जरानरा। ककीन्ह आपपु हपय पप्रेम पवरानरा॥
हम अब बन तमें बनहह पठराई। पमपुहदत हफिरब हबबप्रेक बडराई॥2॥
भरावरारर्ण:-रराजरा दशररजश्री नप्रे शश्री ररामजश्री कगो वन जरानप्रे कप्रे हलए कहरा और स्वयमं अपनप्रे
हपय कप्रे पप्रेम कगो पमराहरत (सचरा) कर हदयरा (हपय हवयगोग ममें परार त्यराग हदए),
परन्तपु हम अब इन्हमें वन सप्रे (और गहन) वन कगो भप्रेजकर अपनप्रे हववप्रेक ककी बडराई ममें
आनहन्दत हगोतप्रे हहए लरौटमेंगप्रे (हक हममें जररा भश्री मगोह नहहीं हहै, हम शश्री ररामजश्री कगो वन ममें
छगोडकर चलप्रे आए, दशररजश्री ककी तरह मरप्रे नहहीं!)॥2॥
* तरापस मपुहन महहसपुर सपुहन दप्रेखश्री। भए पप्रेम बस हबकल हबसप्रेषश्री॥
समउ समपुहझ धरर धश्रीरजपु रराजरा। चलप्रे भरत पहहमं सहहत समराजरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-तपस्वश्री, मपुहन और ब्रराहर यह सब सपुन और दप्रेखकर पप्रेमवश बहह त हश्री
व्यराकपुल हगो गए। समय करा हवचरार करकप्रे रराजरा जनकजश्री धश्रीरज धरकर समराज सहहत
भरतजश्री कप्रे परास चलप्रे॥3॥
* भरत आइ आगमें भइ लश्रीन्हप्रे। अवसर सररस सपुआसन दश्रीन्हप्रे॥
तरात भरत कह तप्रेरहह हत रराऊ। तपुम्हहह हबहदत रघपुबश्रीर सपुभराऊ॥4॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री नप्रे आकर उन्हमें आगप्रे हगोकर हलयरा (सरामनप्रे आकर उनकरा स्वरागत
हकयरा) और समयरानपुकपूल अच्छप्रे आसन हदए। हतरहह तरराज जनकजश्री कहनप्रे लगप्रे- हप्रे तरात
भरत! तपुमकगो शश्री ररामजश्री करा स्वभराव मरालपूम हश्री हहै॥ 4॥
दगोहरा :
* रराम सत्यब्रत धरम रत सब कर सश्रीलपु स्नप्रेहह ।
समंकट सहत सकगोच बस कहहअ जगो आयसपु दप्रेहह ॥292॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचन्दजश्री सत्यव्रतश्री और धमर्णपररायर हमैं, सबकरा शश्रील और स्नप्रेह रखनप्रे
वरालप्रे हमैं, इसश्रीहलए वप्रे समंकगोचवश समंकट सह रहप्रे हमैं, अब तपुम जगो आजरा दगो, वह
उनसप्रे कहश्री जराए॥292॥
चरौपराई :
* सपुहन तन पपुलहक नयन भरर बरारश्री। बगोलप्रे भरतपु धश्रीर धरर भरारश्री॥
पभपु हपय पपूज्य हपतरा सम आपपू। कपु लगपुर सम हहत मराय न बरापपू॥1॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री यह सपुनकर पपुलहकत शरश्रीर हगो नप्रेत्रर ममें जल भरकर बडरा भरारश्री धश्रीरज
धरकर बगोलप्रे- हप्रे पभगो! आप हमरारप्रे हपतरा कप्रे समरान हपय और पपूज्य हमैं और कपु ल गपुर
शश्री वहशषजश्री कप्रे समरान हहतहैषश्री तगो मरातरा-हपतरा भश्री नहहीं हहै॥1॥
* करौहसकराहद मपुहन सहचव समराजपू। ग्यरान अमंबपुहनहध आपपुनपु आजपू॥
हससपु सप्रेवकपु आयसपु अनपुगरामश्री। जराहन मगोहह हसख दप्रेइअ स्वरामश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हवश्वराहमत्रजश्री आहद मपुहनयर और ममंहत्रयर करा समराज हहै और आज कप्रे हदन जरान
कप्रे समपुद आप भश्री उपहस्रत हमैं। हप्रे स्वरामश्री ! मपुझप्रे अपनरा बचरा, सप्रेवक और आजरानपुसरार
चलनप्रे वरालरा समझकर हशक्षरा दश्रीहजए॥2॥
* एहहमं समराज रल बपूझब रराउर। मरौन महलन ममैं बगोलब बराउर॥
छगोटप्रे बदन कहउहूँ बहड बरातरा। छमब तरात लहख बराम हबधरातरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-इस समराज और (पपुण्य) स्रल ममें आप (जहैसप्रे जरानश्री और पपूज्य) करा
पपूछनरा! इस पर यहद ममैं मरौन रहतरा हह हूँ तगो महलन समझरा जराऊहूँगरा और बगोलनरा
परागलपन हगोगरा तरराहप ममैं छगोटप्रे मपुहूँह बडश्री बरात कहतरा हह।हूँ हप्रे तरात! हवधरातरा कगो
पहतकपू ल जरानकर क्षमरा ककीहजएगरा॥3॥
* आगम हनगम पहसद पपुररानरा। सप्रेवराधरमपु कहठन जगपु जरानरा॥
स्वराहम धरम स्वराररहह हबरगोधपू। बहैर अमंध पप्रेमहह न पबगोधपू॥ 4॥
भरावरारर्ण:-वप्रेद, शरास्त्र और पपुररारर ममें पहसद हहै और जगत जरानतरा हहै हक सप्रेवरा धमर्ण
बडरा कहठन हहै। स्वरामश्री धमर्ण ममें (स्वरामश्री कप्रे पहत कतर्णव्य परालन ममें) और स्वरारर्ण ममें
हवरगोध हहै (दगोनर एक सरार नहहीं हनभ सकतप्रे) वहैर अमंधरा हगोतरा हहै और पप्रेम कगो जरान
नहहीं रहतरा (ममैं स्वरारर्णवश कहह हूँगरा यरा पप्रेमवश, दगोनर ममें हश्री भपूल हगोनप्रे करा भय हहै)॥4॥
दगोहरा :
* रराहख रराम रख धरमपु ब्रतपु परराधश्रीन मगोहह जराहन।
सब कमें समंमत सबर्ण हहत कररअ पप्रेमपु पहहचराहन॥293॥
भरावरारर्ण:-अतएव मपुझप्रे परराधश्रीन जरानकर (मपुझसप्रे न पपूछकर) शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे रख
(रहच), धमर्ण और (सत्य कप्रे ) व्रत कगो रखतप्रे हह ए, जगो सबकप्रे सम्मत और सबकप्रे
हलए हहतकरारश्री हगो आप सबकरा पप्रेम पहचरानकर वहश्री ककीहजए॥293॥
चरौपराई :
* भरत बचन सपुहन दप्रेहख सपुभराऊ। सहहत समराज सरराहत रराऊ॥
सपुगम अगम ममृद पु ममंजपु कठगोरप्रे। अररपु अहमत अहत आखर रगोरप्रे॥1॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री कप्रे वचन सपुनकर और उनकरा स्वभराव दप्रेखकर समराज सहहत रराजरा
जनक उनककी सरराहनरा करनप्रे लगप्रे। भरतजश्री कप्रे वचन सपुगम और अगम, सपुदमं र, कगोमल
और कठगोर हमैं। उनममें अक्षर रगोडप्रे हमैं, परन्तपु अरर्ण अत्यन्त अपरार भररा हहआ हहै॥1॥
* ज्यर मपुखपु मपुकपुर मपुकपुर हनज परानश्री। गहह न जराइ अस अदभपुत बरानश्री॥
भपूप भरतपू मपुहन सहहत समराजपू। गप्रे जहहूँ हबबपुध कपु मपुद हदजरराजपू॥2॥
भरावरारर्ण:-जहैसप्रे मपुख (करा पहतहबम्ब) दपर्णर ममें हदखतरा हहै और दपर्णर अपनप्रे हरार ममें हहै,
हफिर भश्री वह (मपुख करा पहतहबम्ब) पकडरा नहहीं जरातरा, इसश्री पकरार भरतजश्री ककी यह
अद्भतपु वरारश्री भश्री पकड ममें नहहीं आतश्री (शब्दर सप्रे उसकरा आशय समझ ममें नहहीं आतरा)।
(हकसश्री सप्रे कपु छ उरर दप्रेतप्रे नहहीं बनरा) तब रराजरा जनकजश्री, भरतजश्री तररा मपुहन
वहशषजश्री समराज कप्रे सरार वहराहूँ गए, जहराहूँ दप्रेवतरा रूपश्री कपु मपुदर कगो हखलरानप्रे वरालप्रे (सपुख
दप्रेनप्रे वरालप्रे) चन्दमरा शश्री ररामचन्दजश्री रप्रे॥2॥
* सपुहन सपुहध सगोच हबकल सब लगोगरा। मनहह हूँ मश्रीनगन नव जल जगोगरा॥
दप्रेवहूँ परम कपु लगपुर गहत दप्रेखश्री। हनरहख हबदप्रेह सनप्रेह हबसप्रेषश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-यह समराचरार सपुनकर सब लगोग सगोच सप्रे व्यराकपुल हगो गए, जहैसप्रे नए (पहलश्री
वषरार्ण कप्रे ) जल कप्रे समंयगोग सप्रे मछहलयराहूँ व्यराकपुल हगोतश्री हमैं। दप्रेवतराओमं नप्रे पहलप्रे कपु लगपुर
वहशषजश्री ककी (पप्रेमहवह्वल) दशरा दप्रेखश्री, हफिर हवदप्रेहजश्री कप्रे हवशप्रेष स्नप्रेह कगो दप्रेखरा,॥3॥
* रराम भगहतमय भरतपु हनहरारप्रे। सपुर स्वराररश्री हहरर हहयहूँ हरारप्रे॥
सब कगोउ रराम पप्रेममय पप्रेखरा। भए अलप्रेख सगोच बस लप्रेखरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-और तब शश्री ररामभहक्त सप्रे ओतपगोत भरतजश्री कगो दप्रेखरा। इन सबकगो दप्रेखकर
स्वरारर दप्रेवतरा घबडराकर हृदय ममें हरार मरान गए (हनरराश हगो गए)। उन्हरनप्रे सब हकसश्री
कगो शश्री रराम पप्रेम ममें सरराबगोर दप्रेखरा। इससप्रे दप्रेवतरा इतनप्रे सगोच कप्रे वश हगो गए हक
हजसकरा कगोई हहसराब नहहीं॥4॥
दगोहरा :
* ररामपु सनप्रेह सकगोच बस कह ससगोच सपुररराजपु।
रचहह पपमंचहह पमंच हमहल नराहहमं त भयउ अकराजपु॥ 294॥
भरावरारर्ण:-दप्रेवरराज इन्द सगोच ममें भरकर कहनप्रे लगप्रे हक शश्री ररामचन्दजश्री तगो स्नप्रेह और
समंकगोच कप्रे वश ममें हमैं, इसहलए सब लगोग हमलकर कपु छ पपमंच (मरायरा) रचगो, नहहीं तगो
कराम हबगडरा (हश्री समझगो)॥294॥
चरौपराई :
* सपुरन्ह सपुहमरर सरारदरा सरराहश्री। दप्रेहब दप्रेव सरनरागत पराहश्री॥
फिप्रे रर भरत महत करर हनज मरायरा। परालपु हबबपुध कपु ल करर छल छरायरा॥1॥
भरावरारर्ण:-दप्रेवतराओमं नप्रे सरस्वतश्री करा स्मरर कर उनककी सरराहनरा (स्तपुहत) ककी और
कहरा- हप्रे दप्रेवश्री! दप्रेवतरा आपकप्रे शरररागत हमैं, उनककी रक्षरा ककीहजए। अपनश्री मरायरा रचकर
भरतजश्री ककी बपुहद कगो फिप्रे र दश्रीहजए और छल ककी छरायरा कर दप्रेवतराओमं कप्रे कपु ल करा
परालन (रक्षरा) ककीहजए॥1॥
* हबबपुध हबनय सपुहन दप्रेहब सयरानश्री। बगोलश्री सपुर स्वरारर जड जरानश्री॥
मगो सन कहहह भरत महत फिप्रे रू। लगोचन सहस न सपूझ सपुमप्रेरू॥2॥
भरावरारर्ण:-दप्रेवतराओमं ककी हवनतश्री सपुनकर और दप्रेवतराओमं कगो स्वरारर्ण कप्रे वश हगोनप्रे सप्रे मपूखर्ण
जरानकर बपुहदमतश्री सरस्वतश्रीजश्री बगोलहीं- मपुझसप्रे कह रहप्रे हगो हक भरतजश्री ककी महत पलट
दगो! हजरार नप्रेत्रर सप्रे भश्री तपुमकगो सपुमप्रेरू नहहीं सपूझ पडतरा!॥2॥
* हबहध हरर हर मरायरा बहड भरारश्री। सगोउ न भरत महत सकइ हनहरारश्री॥
सगो महत मगोहह कहत कर भगोरश्री। चमंहदहन कर हक चमंडकर चगोरश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-ब्रहरा, हवष्रपु और महप्रेश ककी मरायरा बडश्री पबल हहै! हकन्तपु वह भश्री भरतजश्री ककी
बपुहद ककी ओर तराक नहहीं सकतश्री। उस बपुहद कगो, तपुम मपुझसप्रे कह रहप्रे हगो हक, भगोलश्री
कर दगो (भपुलरावप्रे ममें डराल दगो)! अरप्रे! चराहूँदनश्री कहहीं पचमंड हकरर वरालप्रे सपूयर्ण कगो चपुररा
सकतश्री हहै?॥3॥
* भरत हृदयहूँ हसय रराम हनवरासपू। तहहूँ हक हतहमर जहहूँ तरहन पकरासपू॥
अस कहह सरारद गइ हबहध लगोकरा। हबबपुध हबकल हनहस मरानहह हूँ कगोकरा॥4॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री कप्रे हृदय ममें शश्री सश्रीतरा-ररामजश्री करा हनवरास हहै। जहराहूँ सपूयर्ण करा पकराश
हहै, वहराहूँ कहहीं अहूँधप्रेररा रह सकतरा हहै? ऐसरा कहकर सरस्वतश्रीजश्री ब्रहलगोक कगो चलश्री
गई।मं दप्रेवतरा ऐसप्रे व्यराकपुल हहए जहैसप्रे रराहत्र ममें चकवरा व्यराकपुल हगोतरा हहै॥4॥
दगोहरा :
* सपुर स्वराररश्री मलश्रीन मन ककीन्ह कपु ममंत्र कपु ठराटपु।
रहच पपमंच मरायरा पबल भय रम अरहत उचराटपु॥295॥
भरावरारर्ण:-महलन मन वरालप्रे स्वरारर दप्रेवतराओमं नप्रे बपुरश्री सलराह करकप्रे बपुररा ठराट (षडन्त्र)
रचरा। पबल मरायरा-जराल रचकर भय, रम, अपश्रीहत और उचराटन फिहै लरा हदयरा॥295॥
चरौपराई :
* करर कपु चराहल सगोचत सपुररराजपू। भरत हरार सबपु कराजपु अकराजपू॥
गए जनकपु रघपुनरार समश्रीपरा। सनमरानप्रे सब रहबकपु ल दश्रीपरा॥1॥
भरावरारर्ण:-कपु चराल करकप्रे दप्रेवरराज इन्द सगोचनप्रे लगप्रे हक कराम करा बननरा-हबगडनरा सब
भरतजश्री कप्रे हरार हहै। इधर रराजरा जनकजश्री (मपुहन वहशष आहद कप्रे सरार) शश्री रघपुनरारजश्री
कप्रे परास गए। सपूयर्णकपुल कप्रे दश्रीपक शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे सबकरा सम्मरान हकयरा,॥1॥
* समय समराज धरम अहबरगोधरा। बगोलप्रे तब रघपुबमंस पपुरगोधरा॥
जनक भरत समंबराद पु सपुनराई। भरत कहराउहत कहश्री सपुहराई॥2॥
भरावरारर्ण:-तब रघपुकपुल कप्रे पपुरगोहहत वहशषजश्री समय, समराज और धमर्ण कप्रे अहवरगोधश्री
(अररार्णत अनपुकपूल) वचन बगोलप्रे। उन्हरनप्रे पहलप्रे जनकजश्री और भरतजश्री करा समंवराद
सपुनरायरा। हफिर भरतजश्री ककी कहश्री हह ई सपुदमं र बरातमें कह सपुनराई॥मं 2॥
* तरात रराम जस आयसपु दप्रेहह। सगो सबपु करहै मगोर मत एहह ॥
सपुहन रघपुनरार जगोरर जपुग परानश्री। बगोलप्रे सत्य सरल ममृद पु बरानश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-(हफिर बगोलप्रे-) हप्रे तरात रराम! मप्रेररा मत तगो यह हहै हक तपुम जहैसश्री आजरा दगो,
वहैसरा हश्री सब करमें! यह सपुनकर दगोनर हरार जगोडकर शश्री रघपुनरारजश्री सत्य, सरल और
कगोमल वरारश्री बगोलप्रे-॥3॥
* हबद्यमरान आपपुहन हमहरलप्रेसपू। मगोर कहब सब भराहूँहत भदप्रेसपू॥
रराउर रराय रजरायसपु हगोई। रराउरर सपर सहश्री हसर सगोई॥4॥
भरावरारर्ण:-आपकप्रे और हमहरलप्रेश्वर जनकजश्री कप्रे हवद्यमरान रहतप्रे मप्रेररा कपु छ कहनरा सब
पकरार सप्रे भदरा (अनपुहचत) हहै। आपककी और महरारराज ककी जगो आजरा हगोगश्री , ममैं आपककी
शपर करकप्रे कहतरा हह हूँ वह सत्य हश्री सबकगो हशरगोधरायर्ण हगोगश्री॥ 4॥
शश्री रराम-भरत समंवराद
दगोहरा :
* रराम सपर सपुहन मपुहन जनकपु सकपु चप्रे सभरा समप्रेत।
सकल हबलगोकत भरत मपुखपु बनइ न ऊतर दप्रेत॥296॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचन्दजश्री ककी शपर सपुनकर सभरा समप्रेत मपुहन और जनकजश्री सकपु चरा गए
(स्तहम्भत रह गए)। हकसश्री सप्रे उरर दप्रेतप्रे नहहीं बनतरा, सब लगोग भरतजश्री करा मपुहूँह तराक
रहप्रे हमैं॥296॥
चरौपराई :
* सभरा सकपु च बस भरत हनहरारश्री। रराम बमंधपु धरर धश्रीरजपु भरारश्री॥
कपु समउ दप्रेहख सनप्रेहह सहूँभराररा। बढत हबमंहध हजहम घटज हनवराररा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री नप्रे सभरा कगो समंकगोच कप्रे वश दप्रेखरा। ररामबमंधपु (भरतजश्री) नप्रे बडरा भरारश्री
धश्रीरज धरकर और कपु समय दप्रेखकर अपनप्रे (उमडतप्रे हहए) पप्रेम कगो समंभरालरा, जहैसप्रे बढतप्रे
हह ए हवन्ध्यराचल कगो अगस्त्यजश्री नप्रे रगोकरा ररा॥1॥
* सगोक कनकलगोचन महत छगोनश्री। हरश्री हबमल गपुन गन जगजगोनश्री॥
भरत हबबप्रेक बरराहहूँ हबसरालरा। अनरायरास उधरश्री तप्रेहह करालरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-शगोक रूपश्री हहरण्यराक्ष नप्रे (सरारश्री सभरा ककी) बपुहद रूपश्री पमृथ्वश्री कगो हर हलयरा जगो
हवमल गपुर समपूह रूपश्री जगत ककी यगोहन (उत्पन्न करनप्रे वरालश्री) रश्री। भरतजश्री कप्रे हववप्रेक
रूपश्री हवशराल वरराह (वरराह रूप धरारश्री भगवरान) नप्रे (शगोक रूपश्री हहरण्यराक्ष कगो नष्टि कर)
हबनरा हश्री पररशम उसकरा उदरार कर हदयरा!॥2॥
* करर पनरामपु सब कहहूँ कर जगोरप्रे। ररामपु रराउ गपुर सराधपु हनहगोरप्रे॥
छमब आजपु अहत अनपुहचत मगोररा। कहउहूँ बदन ममृद पु बचन कठगोररा॥3॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री नप्रे परराम करकप्रे सबकप्रे पहत हरार जगोडप्रे तररा शश्री ररामचन्दजश्री, रराजरा
जनकजश्री, गपुर वहशषजश्री और सराधपु-समंत सबसप्रे हवनतश्री ककी और कहरा- आज मप्रेरप्रे इस
अत्यन्त अनपुहचत बतरार्णव कगो क्षमरा ककीहजएगरा। ममैं कगोमल (छगोटप्रे) मपुख सप्रे कठगोर
(धमृष्टितरापपूरर्ण) वचन कह रहरा हह॥हूँ 3॥
* हहयहूँ सपुहमरश्री सरारदरा सपुहराई। मरानस तमें मपुख पमंकज आई॥
हबमल हबबप्रेक धरम नय सरालश्री। भरत भरारतश्री ममंजपु मररालश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-हफिर उन्हरनप्रे हृदय ममें सपुहरावनश्री सरस्वतश्री करा स्मरर हकयरा। वप्रे मरानस सप्रे
(उनकप्रे मन रूपश्री मरानसरगोवर सप्रे) उनकप्रे मपुखरारहवमंद पर आ हवरराजहीं। हनमर्णल हववप्रेक ,
धमर्ण और नश्रीहत सप्रे यक्त पु भरतजश्री ककी वरारश्री सपुदमं र हमंहसनश्री (कप्रे समरान गपुर-दगोष करा
हववप्रेचन करनप्रे वरालश्री) हहै॥4॥
दगोहरा :
* हनरहख हबबप्रेक हबलगोचनहन्ह हसहरल सनप्रेहहूँ समराजपु।
करर पनरामपु बगोलप्रे भरतपु सपुहमरर सश्रीय रघपुरराजपु॥ 297॥
भरावरारर्ण:-हववप्रेक कप्रे नप्रेत्रर सप्रे सरारप्रे समराज कगो पप्रेम सप्रे हशहरल दप्रेख , सबकगो परराम कर,
शश्री सश्रीतराजश्री और शश्री रघपुनरारजश्री करा स्मरर करकप्रे भरतजश्री बगोलप्रे-॥297॥
चरौपराई :
* पभपु हपतपु मरातपु सपुहृद गपुर स्वरामश्री। पपूज्य परम हहत अमंतरजरामश्री॥
सरल सपुसराहहबपु सश्रील हनधरानपू। पनतपराल सबर्णग्य सपुजरानपू॥ 1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे पभपु! आप हपतरा, मरातरा, सपुहृदम (हमत्र), गपुर, स्वरामश्री, पपूज्य, परम
हहतहैषश्री और अन्तयरार्णमश्री हमैं। सरल हृदय, शप्रेष मराहलक, शश्रील कप्रे भमंडरार, शरररागत ककी
रक्षरा करनप्रे वरालप्रे, सवर्णज, सपुजरान,॥1॥
* समरर सरनरागत हहतकरारश्री। गपुनगराहकपु अवगपुन अघ हरारश्री॥
स्वराहम गगोसराहूँइहह सररस गगोसराई।मं मगोहह समरान ममैं सराइहूँ दगोहराई॥मं 2॥
भरावरारर्ण:-समरर्ण, शरररागत करा हहत करनप्रे वरालप्रे, गपुरर करा आदर करनप्रे वरालप्रे और
अवगपुरर तररा परापर कगो हरनप्रे वरालप्रे हमैं। हप्रे गगोसराई !मं आप सरश्रीखप्रे स्वरामश्री आप हश्री हमैं
और स्वरामश्री कप्रे सरार दगोह करनप्रे ममें मप्रेरप्रे समरान ममैं हश्री हह हूँ॥2॥
* पभपु हपतपु बचन मगोह बस पप्रेलश्री। आयउहूँ इहराहूँ समराजपु सकप्रे लश्री॥
जग भल पगोच ऊहूँच अर नश्रीचपू। अहमअ अमरपद मराहह र मश्रीचपू॥3॥
भरावरारर्ण:-ममैं मगोहवश पभपु (आप) कप्रे और हपतराजश्री कप्रे वचनर करा उल्लमंघन कर और
समराज बटगोरकर यहराहूँ आयरा हह हूँ। जगत ममें भलप्रे-बपुरप्रे, ऊहूँचप्रे और नश्रीचप्रे, अममृत और अमर
पद (दप्रेवतराओमं करा पद), हवष और ममृत्यपु आहद-॥3॥
* रराम रजराइ मप्रेट मन मराहहीं। दप्रेखरा सपुनरा कतहह हूँ कगोउ नराहहीं॥
सगो ममैं सब हबहध ककीहन्ह हढठराई। पभपु मरानश्री सनप्रेह सप्रेवकराई॥4॥
भरावरारर्ण:-हकसश्री कगो भश्री कहहीं ऐसरा नहहीं दप्रेखरा-सपुनरा जगो मन ममें भश्री शश्री ररामचन्दजश्री
(आप) ककी आजरा कगो मप्रेट दप्रे। ममैंनप्रे सब पकरार सप्रे वहश्री हढठराई ककी, परन्तपु पभपु नप्रे
उस हढठराई कगो स्नप्रेह और सप्रेवरा मरान हलयरा!॥4॥
दगोहरा :
* कमृ पराहूँ भलराई मं आपनश्री नरार ककीन्ह भल मगोर।
दषपू न भप्रे भपूषन सररस सपुजसपु चरार चहह हूँ ओर॥298॥
भरावरारर्ण:-हप्रे नरार! आपनप्रे अपनश्री कमृ परा और भलराई सप्रे मप्रेररा भलरा हकयरा, हजससप्रे मप्रेरप्रे
दषपू र (दगोष) भश्री भपूषर (गपुर) कप्रे समरान हगो गए और चरारर ओर मप्रेररा सपुदमं र यश छरा
गयरा॥298॥
चरौपराई :
* रराउरर रश्रीहत सपुबराहन बडराई। जगत हबहदत हनगमरागम गराई॥
कपू र कपु हटल खल कपु महत कलमंककी। नश्रीच हनसश्रील हनरश्रीस हनसमंककी॥1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे नरार! आपककी रश्रीहत और सपुदमं र स्वभराव ककी बडराई जगत ममें पहसद हहै और
वप्रेद-शरास्त्रर नप्रे गराई हहै। जगो कपू र, कपु हटल, दष्टिपु , कपु बपुहद, कलमंककी, नश्रीच, शश्रीलरहहत,
हनरश्रीश्वरवरादश्री (नराहस्तक) और हनद्धाःशमंक (हनडर) हहै॥1॥
* तप्रेउ सपुहन सरन सरामपुहमें आए। सकमृ त पनरामपु हकहमें अपनराए॥
दप्रेहख दगोष कबहह हूँ न उर आनप्रे। सपुहन गपुन सराधपु समराज बखरानप्रे॥ 2॥
भरावरारर्ण:-उन्हमें भश्री आपनप्रे शरर ममें सम्मपुख आयरा सपुनकर एक बरार परराम करनप्रे पर हश्री
अपनरा हलयरा। उन (शरररागतर) कप्रे दगोषर कगो दप्रेखकर भश्री आप कभश्री हृदय ममें नहहीं
लराए और उनकप्रे गपुरर कगो सपुनकर सराधपुओमं कप्रे समराज ममें उनकरा बखरान हकयरा॥2॥
* कगो सराहहब सप्रेवकहह नप्रेवराजश्री। आपपु समराज सराज सब सराजश्री॥
हनज करतपूहत न समपुहझअ सपनमें। सप्रेवक सकपु च सगोचपु उर अपनमें॥3॥
भरावरारर्ण:-ऐसरा सप्रेवक पर कमृ परा करनप्रे वरालरा स्वरामश्री करौन हहै, जगो आप हश्री सप्रेवक करा
सराररा सराज-सरामरान सज दप्रे (उसककी सरारश्री आवश्यकतराओमं कगो पपूरर्ण कर दप्रे ) और स्वप्न
ममें भश्री अपनश्री कगोई करनश्री न समझकर (अररार्णत ममैंनप्रे सप्रेवक कप्रे हलए कपु छ हकयरा हहै,
ऐसरा न जरानकर) उलटरा सप्रेवक कगो समंकगोच हगोगरा, इसकरा सगोच अपनप्रे हृदय ममें रखप्रे!॥
3॥
* सगो गगोसराइहूँ नहहमं दस पू र कगोपश्री। भपुजरा उठराइ कहउहूँ पन रगोपश्री॥
पसपु नराचत सपुक पराठ पबश्रीनरा। गपुन गहत नट पराठक आधश्रीनरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-ममैं भपुजरा उठराकर और पर रगोपकर (बडप्रे जगोर कप्रे सरार) कहतरा हह हूँ, ऐसरा
स्वरामश्री आपकप्रे हसवरा दस पू ररा कगोई नहहीं हहै। (बमंदर आहद) पशपु नराचतप्रे और तगोतप्रे (सश्रीखप्रे
हह ए) पराठ ममें पवश्रीर हगो जरातप्रे हमैं, परन्तपु तगोतप्रे करा (पराठ पवश्रीरतरा रूप) गपुर और पशपु
कप्रे नराचनप्रे ककी गहत (कमशद्धाः) पढरानप्रे वरालप्रे और नचरानप्रे वरालप्रे कप्रे अधश्रीन हहै॥4॥
दगोहरा :
* यर सपुधरारर सनमराहन जन हकए सराधपु हसरमगोर।
कगो कमृ पराल हबनपु पराहलहहै हबररदरावहल बरजगोर॥299॥
भरावरारर्ण:-इस पकरार अपनप्रे सप्रेवकर ककी (हबगडश्री) बरात सपुधरारकर और सम्मरान दप्रेकर
आपनप्रे उन्हमें सराधओ पु मं करा हशरगोमहर बनरा हदयरा। कमृ परालपु (आप) कप्रे हसवरा अपनश्री
हवरदरावलश्री करा और करौन जबदर्णस्तश्री (हठपपूवर्णक) परालन करप्रेगरा?॥299॥
चरौपराई :
* सगोक सनप्रेहहूँ हक बराल सपुभराएहूँ। आयउहूँ लराइ रजरायसपु बराएहूँ॥
तबहह हूँ कमृ पराल हप्रेरर हनज ओररा। सबहह भराहूँहत भल मरानप्रेउ मगोररा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-ममैं शगोक सप्रे यरा स्नप्रेह सप्रे यरा बरालक स्वभराव सप्रे आजरा कगो बराएहूँ लराकर (न
मरानकर) चलरा आयरा, तगो भश्री कमृ परालपु स्वरामश्री (आप) नप्रे अपनश्री ओर दप्रेखकर सभश्री
पकरार सप्रे मप्रेररा भलरा हश्री मरानरा (मप्रेरप्रे इस अनपुहचत करायर्ण कगो अच्छरा हश्री समझरा)॥1॥
* दप्रेखप्रेउहूँ पराय सपुममंगल मपूलरा। जरानप्रेउहूँ स्वराहम सहज अनपुकपूलरा।
बडमें समराज हबलगोकप्रेउहूँ भरागपू। बडहीं चपूक सराहहब अनपुररागपू॥2॥
भरावरारर्ण:-ममैंनप्रे सपुदमं र ममंगलर कप्रे मपूल आपकप्रे चररर करा दशर्णन हकयरा और यह जरान हलयरा
हक स्वरामश्री मपुझ पर स्वभराव सप्रे हश्री अनपुकपू ल हमैं। इस बडप्रे समराज ममें अपनप्रे भराग्य कगो
दप्रेखरा हक इतनश्री बडश्री चपूक हगोनप्रे पर भश्री स्वरामश्री करा मपुझ पर हकतनरा अनपुरराग हहै !॥2॥
* कमृ परा अनपुगहह अमंगपु अघराई। ककीहन्ह कमृ पराहनहध सब अहधकराई॥
रराखरा मगोर दल पु रार गगोसराई।मं अपनमें सश्रील सपुभरायहूँ भलराई॥3॥
भरावरारर्ण:-कमृ पराहनधरान नप्रे मपुझ पर सरागमं गोपरामंग भरपप्रेट कमृ परा और अनपुगह, सब अहधक हश्री
हकए हमैं (अररार्णत ममैं हजसकप्रे जररा भश्री लरायक नहहीं ररा, उतनश्री अहधक सवरार्धांगपपूरर्ण कमृ परा
आपनप्रे मपुझ पर ककी हहै)। हप्रे गगोसराई!मं आपनप्रे अपनप्रे शश्रील, स्वभराव और भलराई सप्रे मप्रेररा
दल पु रार रखरा॥3॥
* नरार हनपट ममैं ककीहन्ह हढठराई। स्वराहम समराज सकगोच हबहराई॥
अहबनय हबनय जररारहच बरानश्री। छहमहह दप्रेउ अहत आरहत जरानश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे नरार! ममैंनप्रे स्वरामश्री और समराज कप्रे समंकगोच कगो छगोडकर अहवनय यरा हवनय
भरश्री जहैसश्री रहच हहई वहैसश्री हश्री वरारश्री कहकर सवर्णररा हढठराई ककी हहै। हप्रे दप्रेव ! मप्रेरप्रे
आतर्णभराव (आतपुरतरा) कगो जरानकर आप क्षमरा करमेंगप्रे॥4॥
दगोहरा :
* सपुहृद सपुजरान सपुसराहहबहह बहह त कहब बहड खगोरर।
आयसपु दप्रेइअ दप्रेव अब सबइ सपुधरारश्री मगोरर॥300॥
भरावरारर्ण:-सपुहृदम (हबनरा हश्री हप्रेतपु कप्रे हहत करनप्रे वरालप्रे), बपुहदमरान और शप्रेष मराहलक सप्रे
बहह त कहनरा बडरा अपरराध हहै, इसहलए हप्रे दप्रेव! अब मपुझप्रे आजरा दश्रीहजए, आपनप्रे मप्रेरश्री
सभश्री बरात सपुधरार दश्री॥300॥
चरौपराई :
* पभपु पद पदमपु परराग दगोहराई। सत्य सपुकमृत सपुख सश्रीवहूँ सपुहराई॥
सगो करर कहउहूँ हहए अपनप्रे ककी। रहच जरागत सगोवत सपनप्रे ककी॥ 1॥
भरावरारर्ण:-पभपु (आप) कप्रे चररकमलर ककी रज, जगो सत्य, सपुकमृत (पपुण्य) और सपुख
ककी सपुहरावनश्री सश्रीमरा (अवहध) हहै, उसककी दहपु राई करकप्रे ममैं अपनप्रे हृदय कगो जरागतप्रे,
सगोतप्रे और स्वप्न ममें भश्री बनश्री रहनप्रे वरालश्री रहच (इच्छरा) कहतरा हह हूँ॥1॥
* सहज सनप्रेहहूँ स्वराहम सप्रेवकराई। स्वरारर छल फिल चरारर हबहराई॥
अग्यरासम न सपुसराहहब सप्रेवरा। सगो पसराद पु जन परावहै दप्रेवरा।2॥
भरावरारर्ण:-वह रहच हहै- कपट, स्वरारर्ण और (अरर्ण-धमर्ण-कराम-मगोक्ष रूप) चरारर फिलर कगो
छगोडकर स्वराभराहवक पप्रेम सप्रे स्वरामश्री ककी सप्रेवरा करनरा। और आजरा परालन कप्रे समरान शप्रेष
स्वरामश्री ककी और कगोई सप्रेवरा नहहीं हहै। हप्रे दप्रेव ! अब वहश्री आजरा रूप पसराद सप्रेवक कगो
हमल जराए॥2॥
* अस कहह पप्रेम हबबस भए भरारश्री। पपुलक सरश्रीर हबलगोचन बरारश्री॥
पभपु पद कमल गहप्रे अकपु लराई। समउ सनप्रेहह न सगो कहह जराई॥3॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री ऐसरा कहकर पप्रेम कप्रे बहह त हश्री हववश हगो गए। शरश्रीर पपुलहकत हगो उठरा,
नप्रेत्रर ममें (पप्रेमराशपुओमं करा) जल भर आयरा। अकपु लराकर (व्यराकपुल हगोकर) उन्हरनप्रे पभपु शश्री
ररामचन्दजश्री कप्रे चररकमल पकड हलए। उस समय कगो और स्नप्रेह कगो कहरा नहहीं जरा
सकतरा॥3॥
* कमृ पराहसमंधपु सनमराहन सपुबरानश्री। बहैठराए समश्रीप गहह परानश्री॥
भरत हबनय सपुहनदप्रेहख सपुभराऊ। हसहरल सनप्रेहहूँ सभरा रघपुरराऊ॥4॥
भरावरारर्ण:-कमृ पराहसन्धपु शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे सपुदमं र वरारश्री सप्रे भरतजश्री करा सम्मरान करकप्रे हरार
पकडकर उनकगो अपनप्रे परास हबठरा हलयरा। भरतजश्री ककी हवनतश्री सपुनकर और उनकरा
स्वभराव दप्रेखकर सरारश्री सभरा और शश्री रघपुनरारजश्री स्नप्रेह सप्रे हशहरल हगो गए॥4॥
छन्द :
* रघपुरराउ हसहरल सनप्रेहहूँ सराधपु समराज मपुहन हमहरलरा धनश्री।
मन महह हूँ सरराहत भरत भरायप भगहत ककी महहमरा घनश्री॥
भरतहह पसमंसत हबबपुध बरषत सपुमन मरानस महलन सप्रे।
तपुलसश्री हबकल सब लगोग सपुहन सकपु चप्रे हनसरागम नहलन सप्रे॥
भरावरारर्ण:-शश्री रघपुनरारजश्री, सराधपुओमं करा समराज, मपुहन वहशषजश्री और हमहरलरापहत
जनकजश्री स्नप्रेह सप्रे हशहरल हगो गए। सब मन हश्री मन भरतजश्री कप्रे भराईपन और उनककी
भहक्त ककी अहतशय महहमरा कगो सरराहनप्रे लगप्रे। दप्रेवतरा महलन सप्रे मन सप्रे भरतजश्री ककी
पशमंसरा करतप्रे हह ए उन पर फिपूल बरसरानप्रे लगप्रे। तपुलसश्रीदरासजश्री कहतप्रे हमैं- सब लगोग
भरतजश्री करा भराषर सपुनकर व्यराकपुल हगो गए और ऐसप्रे सकपु चरा गए जहैसप्रे रराहत्र कप्रे आगमन
सप्रे कमल!
सगोरठरा :
* दप्रेहख दख पु रारश्री दश्रीन दहपु ह समराज नर नरारर सब।
मघवरा महरा मलश्रीन मपुए मरारर ममंगल चहत॥301॥
भरावरारर्ण:-दगोनर समराजर कप्रे सभश्री नर-नराररयर कगो दश्रीन और दद्धाःपु खश्री दप्रेखकर महरामहलन मन
इन्द मरप्रे हहओमं कगो मरारकर अपनरा ममंगल चराहतरा हहै॥301॥
चरौपराई :
* कपट कपु चराहल सश्रीवहूँ सपुररराजपू। पर अकराज हपय आपन कराजपू॥
कराक समरान पराकररपपु रश्रीतश्री। छलश्री मलश्रीन कतहह हूँ न पतश्रीतश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-दप्रेवरराज इन्द कपट और कपु चराल ककी सश्रीमरा हहै। उसप्रे परराई हराहन और अपनरा
लराभ हश्री हपय हहै। इन्द ककी रश्रीहत करौए कप्रे समरान हहै। वह छलश्री और महलन मन हहै ,
उसकरा कहहीं हकसश्री पर हवश्वरास नहहीं हहै॥1॥
* परम कपु मत करर कपटपु सहूँकप्रेलरा। सगो उचराटपु सब कमें हसर मप्रेलरा॥
सपुरमरायराहूँ सब लगोग हबमगोहप्रे। रराम पप्रेम अहतसय न हबछगोहप्रे॥ 2॥
भरावरारर्ण:-पहलप्रे तगो कपु मत (बपुररा हवचरार) करकप्रे कपट कगो बटगोररा (अनप्रेक पकरार कप्रे
कपट करा सराज सजरा)। हफिर वह (कपटजहनत) उचराट सबकप्रे हसर पर डराल हदयरा।
हफिर दप्रेवमरायरा सप्रे सब लगोगर कगो हवशप्रेष रूप सप्रे मगोहहत कर हदयरा, हकन्तपु शश्री
ररामचन्दजश्री कप्रे पप्रेम सप्रे उनकरा अत्यन्त हबछगोह नहहीं हहआ (अररार्णत उनकरा शश्री ररामजश्री कप्रे
पहत पप्रेम कपु छ तगो बनरा हश्री रहरा)॥2॥
* भय उचराट बस मन हरर नराहहीं। छन बन रहच छन सदन सगोहराहहीं॥
दहपु बध मनगोगहत पजरा दख पु रारश्री। सररत हसमंधपु समंगम जनपु बरारश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-भय और उचराट कप्रे वश हकसश्री करा मन हस्रर नहहीं हहै। क्षर ममें उनककी वन ममें
रहनप्रे ककी इच्छरा हगोतश्री हहै और क्षर ममें उन्हमें घर अच्छप्रे लगनप्रे लगतप्रे हमैं। मन ककी इस
पकरार ककी दहपु वधरामयश्री हस्रहत सप्रे पजरा दद्धाःपु खश्री हगो रहश्री हहै। मरानगो नदश्री और समपुद कप्रे
समंगम करा जल क्षपुब्ध हगो रहरा हगो। (जहैसप्रे नदश्री और समपुद कप्रे समंगम करा जल हस्रर
नहहीं रहतरा, कभश्री इधर आतरा और कभश्री उधर जरातरा हहै, उसश्री पकरार ककी दशरा पजरा
कप्रे मन ककी हगो गई)॥3॥
* दहपु चत कतहह हूँ पररतगोषपु न लहहहीं। एक एक सन मरमपु न कहहहीं॥
लहख हहयहूँ हहूँहस कह कमृ पराहनधरानपू। सररस स्वरान मघवरान जपुबरानपू॥4॥
भरावरारर्ण:-हचर दगो तरफिरा हगो जरानप्रे सप्रे वप्रे कहहीं समंतगोष नहहीं परातप्रे और एक-दस पू रप्रे सप्रे
अपनरा ममर्ण भश्री नहहीं कहतप्रे। कमृ पराहनधरान शश्री ररामचन्दजश्री यह दशरा दप्रेखकर हृदय ममें
हहूँसकर कहनप्रे लगप्रे- कपु ररा, इन्द और नवयवपु क (करामश्री पपुरष) एक सरश्रीखप्रे (एक हश्री
स्वभराव कप्रे ) हमैं। (पराहरनश्रीय व्यराकरर कप्रे अनपुसरार, श्वन, यवपु न और मघवन शब्दर कप्रे
रूप भश्री एक सरश्रीखप्रे हगोतप्रे हमैं)॥4॥
दगोहरा :
* भरतपु जनकपु मपुहनजन सहचव सराधपु सचप्रेत हबहराइ।
लराहग दप्रेवमरायरा सबहह जरराजगोगपु जनपु पराइ॥302॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री, जनकजश्री, मपुहनजन, ममंत्रश्री और जरानश्री सराधपु-समंतर कगो छगोडकर अन्य
सभश्री पर हजस मनपुष्य कगो हजस यगोग्य (हजस पकमृ हत और हजस हस्रहत करा) परायरा,
उस पर वहैसप्रे हश्री दप्रेवमरायरा लग गई॥302॥
चरौपराई :
* कमृ पराहसमंधपु लहख लगोग दख पु रारप्रे। हनज सनप्रेहहूँ सपुरपहत छल भरारप्रे॥
सभरा रराउ गपुर महहसपुर ममंत्रश्री। भरत भगहत सब कहै महत जमंत्रश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-कमृ पराहसमंधपु शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे लगोगर कगो अपनप्रे स्नप्रेह और दप्रेवरराज इन्द कप्रे भरारश्री
छल सप्रे दद्धाःपु खश्री दप्रेखरा। सभरा, रराजरा जनक, गपुर, ब्रराहर और ममंत्रश्री आहद सभश्री ककी
बपुहद कगो भरतजश्री ककी भहक्त नप्रे ककील हदयरा॥1॥
* ररामहह हचतवत हचत्र हलखप्रे सप्रे। सकपु चत बगोलत बचन हसखप्रे सप्रे॥
भरत पश्रीहत नहत हबनय बडराई। सपुनत सपुखद बरनत कहठनराई॥2॥
भरावरारर्ण:-सब लगोग हचत्रहलखप्रे सप्रे शश्री ररामचन्दजश्री ककी ओर दप्रेख रहप्रे हमैं। सकपु चरातप्रे हहए
हसखराए हह ए सप्रे वचन बगोलतप्रे हमैं। भरतजश्री ककी पश्रीहत, नम्रतरा, हवनय और बडराई सपुननप्रे
ममें सपुख दप्रेनप्रे वरालश्री हहै, पर उसकरा वरर्णन करनप्रे ममें कहठनतरा हहै॥2॥
* जरासपु हबलगोहक भगहत लवलप्रेसपू। पप्रेम मगन मपुहनगन हमहरलप्रेसपू॥
महहमरा तरासपु कहहै हकहम तपुलसश्री। भगहत सपुभरायहूँ सपुमहत हहयहूँ हह लसश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-हजनककी भहक्त करा लवलप्रेश दप्रेखकर मपुहनगर और हमहरलप्रेश्वर जनकजश्री पप्रेम ममें
मग्नि हगो गए, उन भरतजश्री ककी महहमरा तपुलसश्रीदरास कहै सप्रे कहप्रे? उनककी भहक्त और सपुदमं र
भराव सप्रे (कहव कप्रे ) हृदय ममें सपुबपुहद हहलस रहश्री हहै (हवकहसत हगो रहश्री हहै)॥3॥
* आपपु छगोहट महहमरा बहड जरानश्री। कहबकपु ल कराहन मराहन सकपु चरानश्री॥
कहह न सकहत गपुन रहच अहधकराई। महत गहत बराल बचन ककी नराई॥4॥
भरावरारर्ण:-परन्तपु वह बपुहद अपनप्रे कगो छगोटश्री और भरतजश्री ककी महहमरा कगो बडश्री जरानकर
कहव परम्पररा ककी मयरार्णदरा कगो मरानकर सकपु चरा गई (उसकरा वरर्णन करनप्रे करा सराहस नहहीं
कर सककी)। उसककी गपुरर ममें रहच तगो बहह त हहै, पर उन्हमें कह नहहीं सकतश्री। बपुहद ककी
गहत बरालक कप्रे वचनर ककी तरह हगो गई (वह कपु हण्ठत हगो गई)!॥4॥
दगोहरा :
* भरत हबमल जसपु हबमल हबधपु सपुमहत चकगोरकपु मरारर।
उहदत हबमल जन हृदय नभ एकटक रहश्री हनहरारर॥303॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री करा हनमर्णल यश हनमर्णल चन्दमरा हहै और कहव ककी सपुबपुहद चकगोरश्री हहै ,
जगो भक्तर कप्रे हृदय रूपश्री हनमर्णल आकराश ममें उस चन्दमरा कगो उहदत दप्रेखकर उसककी
ओर टकटककी लगराए दप्रेखतश्री हश्री रह गई हहै (तब उसकरा वरर्णन करौन करप्रे?)॥303॥
चरौपराई :
* भरत सपुभराउ न सपुगम हनगमहह हूँ। लघपु महत चरापलतरा कहब छमहह हूँ॥
कहत सपुनत सहत भराउ भरत कगो। सश्रीय रराम पद हगोइ न रत कगो॥ 1॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री कप्रे स्वभराव करा वरर्णन वप्रेदर कप्रे हलए भश्री सपुगम नहहीं हहै। (अतद्धाः) मप्रेरश्री
तपुच्छ बपुहद ककी चमंचलतरा कगो कहव लगोग क्षमरा करमें ! भरतजश्री कप्रे सद्भराव कगो कहतप्रे-सपुनतप्रे
करौन मनपुष्य शश्री सश्रीतरा-ररामजश्री कप्रे चररर ममें अनपुरक्त न हगो जराएगरा॥1॥
* सपुहमरत भरतहह पप्रेमपु रराम कगो। जप्रेहह न सपुलभपु तप्रेहह सररस बराम कगो॥
दप्रेहख दयराल दसरा सबहश्री ककी। रराम सपुजरान जराहन जन जश्री ककी॥ 2॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री करा स्मरर करनप्रे सप्रे हजसकगो शश्री ररामजश्री करा पप्रेम सपुलभ न हहआ,
उसकप्रे समरान वराम (अभरागरा) और करौन हगोगरा? दयरालपु और सपुजरान शश्री ररामजश्री नप्रे
सभश्री ककी दशरा दप्रेखकर और भक्त (भरतजश्री) कप्रे हृदय ककी हस्रहत जरानकर,॥2॥
* धरम धपुरश्रीन धश्रीर नय नरागर। सत्य सनप्रेह सश्रील सपुख सरागर॥
दप्रेसपु करालपु लहख समउ समराजपू। नश्रीहत पश्रीहत परालक रघपुरराजपू॥ 3॥
भरावरारर्ण:-धमर्णधपुरधमं र, धश्रीर, नश्रीहत ममें चतपुर, सत्य, स्नप्रेह, शश्रील और सपुख कप्रे समपुद,
नश्रीहत और पश्रीहत कप्रे परालन करनप्रे वरालप्रे शश्री रघपुनरारजश्री दप्रेश, कराल, अवसर और
समराज कगो दप्रेखकर,॥3॥
* बगोलप्रे बचन बराहन सरबसपु सप्रे। हहत पररनराम सपुनत सहस रसपु सप्रे॥
तरात भरत तपुम्ह धरम धपुरश्रीनरा। लगोक बप्रेद हबद पप्रेम पबश्रीनरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-(तदनपुसरार) ऐसप्रे वचन बगोलप्रे जगो मरानगो वरारश्री कप्रे सवर्णस्व हश्री रप्रे, परररराम ममें
हहतकरारश्री रप्रे और सपुननप्रे ममें चन्दमरा कप्रे रस (अममृत) सरश्रीखप्रे रप्रे। (उन्हरनप्रे कहरा-) हप्रे
तरात भरत! तपुम धमर्ण ककी धपुरश्री कगो धरारर करनप्रे वरालप्रे हगो, लगोक और वप्रेद दगोनर कप्रे
जराननप्रे वरालप्रे और पप्रेम ममें पवश्रीर हगो॥4॥
दगोहरा :
* करम बचन मरानस हबमल तपुम्ह समरान तपुम्ह तरात।
गपुर समराज लघपु बमंधपु गपुन कपु समयहूँ हकहम कहह जरात॥304॥
भरावरारर्ण:-हप्रे तरात! कमर्ण सप्रे, वचन सप्रे और मन सप्रे हनमर्णल तपुम्हरारप्रे समरान तपुम्हहीं हगो।
गपुरजनर कप्रे समराज ममें और ऐसप्रे कपु समय ममें छगोटप्रे भराई कप्रे गपुर हकस तरह कहप्रे जरा
सकतप्रे हमैं?॥304॥
चरौपराई :
* जरानहह तरात तरहन कपु ल रश्रीतश्री। सत्यसमंध हपतपु ककीरहत पश्रीतश्री॥
समउ समराजपु लराज गपुरजन ककी। उदरासश्रीन हहत अनहहत मन ककी॥ 1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे तरात! तपुम सपूयर्णकपुल ककी रश्रीहत कगो, सत्यपहतज हपतराजश्री ककी ककीहतर्ण और
पश्रीहत कगो, समय, समराज और गपुरजनर ककी लजरा (मयरार्णदरा) कगो तररा उदरासश्रीन, हमत्र
और शत्रपु सबकप्रे मन ककी बरात कगो जरानतप्रे हगो॥1॥
* तपुम्हहह हबहदत सबहश्री कर करमपू। आपन मगोर परम हहत धरमपू॥
मगोहह सब भराहूँहत भरगोस तपुम्हराररा। तदहप कहउहूँ अवसर अनपुसराररा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-तपुमकगो सबकप्रे कमर्मों (कतर्णव्यर) करा और अपनप्रे तररा मप्रेरप्रे परम हहतकरारश्री धमर्ण
करा पतरा हहै। यद्यहप मपुझप्रे तपुम्हराररा सब पकरार सप्रे भरगोसरा हहै , तरराहप ममैं समय कप्रे
अनपुसरार कपु छ कहतरा हह हूँ॥2॥
* तरात तरात हबनपु बरात हमरारश्री। कप्रे वल गपुरकपु ल कमृ पराहूँ सहूँभरारश्री॥
नतर पजरा पररजन पररवरारू। हमहह सहहत सबपु हगोत खपुआरू॥3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे तरात! हपतराजश्री कप्रे हबनरा (उनककी अनपुपहस्रहत ममें) हमरारश्री बरात कप्रे वल
गपुरवमंश ककी कमृ परा नप्रे हश्री सम्हराल रखश्री हहै, नहहीं तगो हमरारप्रे समप्रेत पजरा, कपु टपु म्ब, पररवरार
सभश्री बबरादर्ण हगो जरातप्रे॥3॥
* जजौं हबनपु अवसर अरवहूँ हदनप्रेसपू। जग कप्रे हह कहहह न हगोइ कलप्रेसपू॥
तस उतपरातपु तरात हबहध ककीन्हरा। मपुहन हमहरलप्रेस रराहख सबपु लश्रीन्हरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-यहद हबनरा समय कप्रे (सन्ध्यरा सप्रे पपूवर्ण हश्री) सपूयर्ण अस्त हगो जराए, तगो कहगो
जगत ममें हकस कगो कप्रे श न हगोगरा? हप्रे तरात! उसश्री पकरार करा उत्परात हवधरातरा नप्रे यह
(हपतरा ककी असरामहयक ममृत्य)पु हकयरा हहै। पर मपुहन महरारराज नप्रे तररा हमहरलप्रेश्वर नप्रे
सबकगो बचरा हलयरा॥4॥
दगोहरा :
* रराज कराज सब लराज पहत धरम धरहन धन धराम।
गपुर पभराउ पराहलहह सबहह भल हगोइहह पररनराम॥305॥
भरावरारर्ण:-रराज्य करा सब करायर्ण, लजरा, पहतषरा, धमर्ण, पमृथ्वश्री, धन, घर- इन सभश्री
करा परालन (रक्षर) गपुरजश्री करा पभराव (सरामथ्यर्ण) करप्रेगरा और परररराम शपुभ हगोगरा॥
305॥
चरौपराई :
* सहहत समराज तपुम्हरार हमराररा। घर बन गपुर पसराद रखवराररा॥
मरातपु हपतरा गपुर स्वराहम हनदप्रेसपू। सकल धरम धरनश्रीधर सप्रेसपू॥ 1॥
भरावरारर्ण:-गपुरजश्री करा पसराद (अनपुगह) हश्री घर ममें और वन ममें समराज सहहत तपुम्हराररा
और हमराररा रक्षक हहै। मरातरा, हपतरा, गपुर और स्वरामश्री ककी आजरा (करा परालन) समस्त
धमर्ण रूपश्री पमृथ्वश्री कगो धरारर करनप्रे ममें शप्रेषजश्री कप्रे समरान हहै॥1॥
* सगो तपुम्ह करहह कररावहह मगोहह। तरात तरहनकपु ल परालक हगोहह॥
सराधक एक सकल हसहध दप्रेनश्री। ककीरहत सपुगहत भपूहतमय बप्रेनश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे तरात! तपुम वहश्री करगो और मपुझसप्रे भश्री करराओ तररा सपूयर्णकपु ल कप्रे रक्षक बनगो।
सराधक कप्रे हलए यह एक हश्री (आजरा परालन रूपश्री सराधनरा) सम्पपूरर्ण हसहदयर ककी दप्रेनप्रे
वरालश्री, ककीहतर्णमयश्री, सदहतमयश्री और ऐश्वयर्णमयश्री हत्रवप्रेरश्री हहै॥2॥
* सगो हबचरारर सहह समंकटपु भरारश्री। करहह पजरा पररवरारू सपुखरारश्री॥
बराहूँटश्री हबपहत सबहहमं मगोहह भराई। तपुम्हहह अवहध भरर बहड कहठनराई॥3॥
भरावरारर्ण:-इसप्रे हवचरारकर भरारश्री समंकट सहकर भश्री पजरा और पररवरार कगो सपुखश्री करगो। हप्रे
भराई! मप्रेरश्री हवपहर सभश्री नप्रे बराहूँट लश्री हहै, परन्तपु तपुमकगो तगो अवहध (चरौदह वषर्ण) तक
बडश्री कहठनराई हहै (सबसप्रे अहधक दद्धाःपु ख हहै)॥3॥
* जराहन तपुम्हहह ममृद पु कहउहूँ कठगोररा। कपु समयहूँ तरात न अनपुहचत मगोररा॥
हगोहहमं कपु ठरायहूँ सपुबमंधपु सहराए। ओहडअहहमं हरार असहनहह कप्रे धराए॥4॥
भरावरारर्ण:-तपुमकगो कगोमल जरानकर भश्री ममैं कठगोर (हवयगोग ककी बरात) कह रहरा हह हूँ। हप्रे
तरात! बपुरप्रे समय ममें मप्रेरप्रे हलए यह कगोई अनपुहचत बरात नहहीं हहै। कपु ठरौर (कपु अवसर) ममें
शप्रेष भराई हश्री सहरायक हगोतप्रे हमैं। वज्र कप्रे आघरात भश्री हरार सप्रे हश्री रगोकप्रे जरातप्रे हमैं॥4॥
दगोहरा :
* सप्रेवक कर पद नयन सप्रे मपुख सगो सराहहबपु हगोइ।
तपुलसश्री पश्रीहत हक रश्रीहत सपुहन सपुकहब सरराहहहमं सगोइ॥306॥
भरावरारर्ण:-सप्रेवक हरार, पहैर और नप्रेत्रर कप्रे समरान और स्वरामश्री मपुख कप्रे समरान हगोनरा
चराहहए। तपुलसश्रीदरासजश्री कहतप्रे हमैं हक सप्रेवक-स्वरामश्री ककी ऐसश्री पश्रीहत ककी रश्रीहत सपुनकर
सपुकहव उसककी सरराहनरा करतप्रे हमैं॥306॥
चरौपराई :
* सभरा सकल सपुहन रघपुबर बरानश्री। पप्रेम पयगोहध अहमअहूँ जनपु सरानश्री॥
हसहरल समराज सनप्रेह समराधश्री। दप्रेहख दसरा चपुप सरारद सराधश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-शश्री रघपुनरारजश्री ककी वरारश्री सपुनकर, जगो मरानगो पप्रेम रूपश्री समपुद कप्रे (ममंरन सप्रे
हनकलप्रे हह ए) अममृत ममें सनश्री हह ई रश्री, सराररा समराज हशहरल हगो गयरा, सबकगो पप्रेम
समराहध लग गई। यह दशरा दप्रेखकर सरस्वतश्री नप्रे चपुप सराध लश्री॥ 1॥
* भरतहह भयउ परम समंतगोषपू। सनमपुख स्वराहम हबमपुख द ख पु दगोषपू॥
मपुख पसन्न मन हमटरा हबषराद।पू भरा जनपु गपूहूँगप्रेहह हगररा पसराद॥पू 2॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री कगो परम समंतगोष हह आ। स्वरामश्री कप्रे सम्मपुख (अनपुकपूल) हगोतप्रे हश्री उनकप्रे
दद्धाःपु ख और दगोषर नप्रे मपुहूँह मगोड हलयरा (वप्रे उन्हमें छगोडकर भराग गए)। उनकरा मपुख पसन्न
हगो गयरा और मन करा हवषराद हमट गयरा। मरानगो गपूहूँगप्रे पर सरस्वतश्री ककी कमृ परा हगो गई हगो॥
2॥
* ककीन्ह सपप्रेम पनरामपु बहगोरश्री। बगोलप्रे पराहन पमंकरह जगोरश्री॥
नरार भयउ सपुखपु सरार गए कगो। लहप्रेउहूँ लराहह जग जनमपु भए कगो॥3॥
भरावरारर्ण:-उन्हरनप्रे हफिर पप्रेमपपूवर्णक परराम हकयरा और करकमलर कगो जगोडकर वप्रे बगोलप्रे - हप्रे
नरार! मपुझप्रे आपकप्रे सरार जरानप्रे करा सपुख पराप्त हगो गयरा और ममैंनप्रे जगत ममें जन्म लप्रेनप्रे
करा लराभ भश्री परा हलयरा।3॥
* अब कमृ पराल जस आयसपु हगोई। करजौं सश्रीस धरर सरादर सगोई॥
सगो अवलमंब दप्रेव मगोहह दप्रेई। अवहध परार परावजौं जप्रेहह सप्रेई॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे कमृ परालपु! अब जहैसश्री आजरा हगो, उसश्री कगो ममैं हसर पर धर कर आदरपपूवर्णक
करूहूँ! परन्तपु दप्रेव! आप मपुझप्रे वह अवलम्बन (कगोई सहराररा) दमें, हजसककी सप्रेवरा कर ममैं
अवहध करा परार परा जराऊहूँ (अवहध कगो हबतरा दहूँ)पू ॥4॥
दगोहरा :
* दप्रेव दप्रेव अहभषप्रेक हहत गपुर अनपुसरासनपु पराइ।
आनप्रेउहूँ सब तश्रीरर सहललपु तप्रेहह कहहूँ कराह रजराइ॥307॥
भरावरारर्ण:-हप्रे दप्रेव! स्वरामश्री (आप) कप्रे अहभषप्रेक कप्रे हलए गपुरजश्री ककी आजरा पराकर ममैं सब
तश्रीरर्मों करा जल लप्रेतरा आयरा हह हूँ, उसकप्रे हलए क्यरा आजरा हगोतश्री हहै?॥307॥
चरौपराई :
* एकपु मनगोररपु बड मन मराहहीं। सभयहूँ सकगोच जरात कहह नराहहीं॥
कहहह तरात पभपु आयसपु पराई। बगोलप्रे बराहन सनप्रेह सपुहराई॥1॥
भरावरारर्ण:-मप्रेरप्रे मन ममें एक और बडरा मनगोरर हहै, जगो भय और समंकगोच कप्रे करारर कहरा
नहहीं जरातरा। (शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे भराई! कहगो। तब पभपु ककी आजरा पराकर
भरतजश्री स्नप्रेहपपूरर्ण सपुदमं र वरारश्री बगोलप्रे-॥1॥
* हचत्रकपू ट सपुहच रल तश्रीरर बन। खग ममृग सर सरर हनझर्णर हगररगन॥
पभपु पद अमंहकत अवहन हबसप्रेषश्री। आयसपु हगोइ त आवजौं दप्रेखश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-आजरा हगो तगो हचत्रकपू ट कप्रे पहवत्र स्ररान, तश्रीरर्ण, वन, पक्षश्री-पशपु, तरालराब-नदश्री,
झरनप्रे और पवर्णतर कप्रे समपूह तररा हवशप्रेष कर पभपु (आप) कप्रे चरर हचह्नर सप्रे अमंहकत
भपूहम कगो दप्रेख आऊहूँ॥2॥
* अवहस अहत्र आयसपु हसर धरहह । तरात हबगतभय करानन चरहह ॥
मपुहन पसराद बनपु ममंगल दरातरा। परावन परम सपुहरावन ररातरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-(शश्री रघपुनरारजश्री बगोलप्रे-) अवश्य हश्री अहत्र ऋहष ककी आजरा कगो हसर पर धरारर
करगो (उनसप्रे पपूछकर वप्रे जहैसरा कहमें वहैसरा करगो) और हनभर्णय हगोकर वन ममें हवचरगो। हप्रे
भराई! अहत्र मपुहन कप्रे पसराद सप्रे वन ममंगलर करा दप्रेनप्रे वरालरा, परम पहवत्र और अत्यन्त
सपुमंदर हहै-॥3॥
* ररहषनरायकपु जहहूँ आयसपु दप्रेहहीं। रराखप्रेहह तश्रीरर जलपु रल तप्रेहहीं॥
सपुहन पभपु बचन भरत सपुखपु परावरा। मपुहन पद कमल मपुहदत हसर नरावरा॥4॥
भरावरारर्ण:-और ऋहषयर कप्रे पमपुख अहत्रजश्री जहराहूँ आजरा दमें, वहहीं (लरायरा हहआ) तश्रीरर्मों करा
जल स्रराहपत कर दप्रेनरा। पभपु कप्रे वचन सपुनकर भरतजश्री नप्रे सपुख परायरा और आनमंहदत
हगोकर मपुहन अहत्रजश्री कप्रे चररकमलर ममें हसर नवरायरा॥4॥
दगोहरा :
* भरत रराम समंबराद पु सपुहन सकल सपुममंगल मपूल।
सपुर स्वराररश्री सरराहह कपु ल बरषत सपुरतर फिपू ल॥308॥
भरावरारर्ण:-समस्त सपुदमं र ममंगलर करा मपूल भरतजश्री और शश्री ररामचन्दजश्री करा समंवराद सपुनकर
स्वरारर दप्रेवतरा रघपुकपुल ककी सरराहनरा करकप्रे कल्पवमृक्ष कप्रे फिपूल बरसरानप्रे लगप्रे॥308॥
चरौपराई :
* धन्य भरत जय रराम गगोसराई।मं कहत दप्रेव हरषत बररआई॥मं
मपुहन हमहरलप्रेस सभराहूँ सब कराहह। भरत बचन सपुहन भयउ उछराहह॥1॥
भरावरारर्ण:-'भरतजश्री धन्य हमैं, स्वरामश्री शश्री ररामजश्री ककी जय हगो!' ऐसरा कहतप्रे हहए दप्रेवतरा
बलपपूवर्णक (अत्यहधक) हहषर्णत हगोनप्रे लगप्रे। भरतजश्री कप्रे वचन सपुनकर मपुहन वहशषजश्री,
हमहरलरापहत जनकजश्री और सभरा ममें सब हकसश्री कगो बडरा उत्सराह (आनमंद) हह आ॥1॥
* भरत रराम गपुन गराम सनप्रेहह। पपुलहक पसमंसत रराउ हबदप्रेहह॥
सप्रेवक स्वराहम सपुभराउ सपुहरावन। नप्रेमपु पप्रेमपु अहत परावन परावन॥2॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री और शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे गपुर समपूह ककी तररा पप्रेम ककी हवदप्रेहरराज
जनकजश्री पपुलहकत हगोकर पशमंसरा कर रहप्रे हमैं। सप्रेवक और स्वरामश्री दगोनर करा सपुमंदर स्वभराव
हहै। इनकप्रे हनयम और पप्रेम पहवत्र कगो भश्री अत्यन्त पहवत्र करनप्रे वरालप्रे हमैं॥ 2॥
* महत अनपुसरार सरराहन लरागप्रे। सहचव सभरासद सब अनपुररागप्रे॥
सपुहन सपुहन रराम भरत समंबराद।पू दहपु ह समराज हहयहूँ हरषपु हवषराद॥पू 3
भरावरारर्ण:-ममंत्रश्री और सभरासदम सभश्री पप्रेममपुग्ध हगोकर अपनश्री-अपनश्री बपुहद कप्रे अनपुसरार
सरराहनरा करनप्रे लगप्रे। शश्री ररामचन्दजश्री और भरतजश्री करा समंवराद सपुन -सपुनकर दगोनर समराजर
कप्रे हृदयर ममें हषर्ण और हवषराद (भरतजश्री कप्रे सप्रेवरा धमर्ण कगो दप्रेखकर हषर्ण और ररामहवयगोग
ककी सम्भरावनरा सप्रे हवषराद) दगोनर हह ए॥3॥
* रराम मरातपु दख पु पु सपुखपु सम जरानश्री। कहह गपुन रराम पबगोधहीं ररानश्री॥
एक कहहहमं रघपुबश्रीर बडराई। एक सरराहत भरत भलराई॥4॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचन्दजश्री ककी मरातरा करौसल्यराजश्री नप्रे दद्धाःपु ख और सपुख कगो समरान जरानकर
शश्री ररामजश्री कप्रे गपुर कहकर दस पू रश्री रराहनयर कगो धहैयर्ण बहूँधरायरा। कगोई शश्री ररामजश्री ककी बडराई
(बडप्पन) ककी चचरार्ण कर रहप्रे हमैं, तगो कगोई भरतजश्री कप्रे अच्छप्रेपन ककी सरराहनरा करतप्रे
हमैं॥4॥
भरतजश्री करा तश्रीरर्ण जल स्ररापन तररा हचत्रकपू ट रमर
दगोहरा :
* अहत्र कहप्रेउ तब भरत सन सहैल समश्रीप सपुकपूप।
रराहखअ तश्रीरर तगोय तहहूँ परावन अहमअ अनपूप॥309॥
भरावरारर्ण:-तब अहत्रजश्री नप्रे भरतजश्री सप्रे कहरा- इस पवर्णत कप्रे समश्रीप हश्री एक सपुदमं र कपु आहूँ
हहै। इस पहवत्र, अनपुपम और अममृत जहैसप्रे तश्रीरर्णजल कगो उसश्री ममें स्रराहपत कर दश्रीहजए॥
309॥
चरौपराई :
* भरत अहत्र अनपुसरासन पराई। जल भराजन सब हदए चलराई॥
सरानपुज आपपु अहत्र मपुहन सराधपू। सहहत गए जहहूँ कपू प अगराधपू॥1॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री नप्रे अहत्रमपुहन ककी आजरा पराकर जल कप्रे सब परात्र रवरानरा कर हदए और
छगोटप्रे भराई शत्रपुघ्न, अहत्र मपुहन तररा अन्य सराधपु-समंतर सहहत आप वहराहूँ गए, जहराहूँ वह
अरराह कपु आहूँ ररा॥1॥
* परावन परार पपुन्यरल रराखरा। पमपुहदत पप्रेम अहत्र अस भराषरा॥
तरात अनराहद हसद रल एहह । लगोपप्रेउ कराल हबहदत नहहमं कप्रे हह ॥2॥
भरावरारर्ण:-और उस पहवत्र जल कगो उस पपुण्य स्रल ममें रख हदयरा। तब अहत्र ऋहष नप्रे
पप्रेम सप्रे आनमंहदत हगोकर ऐसरा कहरा- हप्रे तरात! यह अनराहद हसदस्रल हहै। करालकम सप्रे
यह लगोप हगो गयरा ररा, इसहलए हकसश्री कगो इसकरा पतरा नहहीं ररा॥2॥
* तब सप्रेवकन्ह सरस रलपुदप्रेखरा। ककीन्ह सपुजल हहत कपू प हबसप्रेषरा॥
हबहध बस भयउ हबस्व उपकरारू। सपुगम अगम अहत धरम हबचरारू॥3॥
भरावरारर्ण:-तब (भरतजश्री कप्रे ) सप्रेवकर नप्रे उस जलयक्त पु स्ररान कगो दप्रेखरा और उस सपुदमं र
(तश्रीरर्मों कप्रे ) जल कप्रे हलए एक खरास कपु आहूँ बनरा हलयरा। दहैवयगोग सप्रे हवश्वभर करा
उपकरार हगो गयरा। धमर्ण करा हवचरार जगो अत्यन्त अगम ररा, वह (इस कपू प कप्रे पभराव
सप्रे) सपुगम हगो गयरा॥3॥
* भरतकपू प अब कहहहहहमं लगोगरा। अहत परावन तश्रीरर जल जगोगरा॥
पप्रेम सनप्रेम हनमजत परानश्री। हगोइहहहमं हबमल करम मन बरानश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-अब इसकगो लगोग भरतकपू प कहमेंगप्रे। तश्रीरर्मों कप्रे जल कप्रे समंयगोग सप्रे तगो यह अत्यन्त
हश्री पहवत्र हगो गयरा। इसममें पप्रेमपपूवर्णक हनयम सप्रे स्नरान करनप्रे पर परारश्री मन, वचन और
कमर्ण सप्रे हनमर्णल हगो जराएहूँगप्रे॥4॥
दगोहरा :
* कहत कपू प महहमरा सकल गए जहराहूँ रघपुरराउ।
अहत्र सपुनरायउ रघपुबरहह तश्रीरर पपुन्य पभराउ॥310॥
भरावरारर्ण:-कपू प ककी महहमरा कहतप्रे हहए सब लगोग वहराहूँ गए जहराहूँ शश्री रघपुनरारजश्री रप्रे। शश्री
रघपुनरारजश्री कगो अहत्रजश्री नप्रे उस तश्रीरर्ण करा पपुण्य पभराव सपुनरायरा॥ 310॥
चरौपराई :
* कहत धरम इहतहरास सपश्रीतश्री। भयउ भगोर हनहस सगो सपुख बश्रीतश्री॥
हनत्य हनबराहह भरत दगोउ भराई। रराम अहत्र गपुर आयसपु पराई॥1॥
भरावरारर्ण:-पप्रेमपपूवर्णक धमर्ण कप्रे इहतहरास कहतप्रे वह ररात सपुख सप्रे बश्रीत गई और सबप्रेररा हगो
गयरा। भरत-शत्रपुघ्न दगोनर भराई हनत्यहकयरा पपूरश्री करकप्रे , शश्री ररामजश्री, अहत्रजश्री और गपुर
वहशषजश्री ककी आजरा पराकर,॥1॥
* सहहत समराज सराज सब सरादमें। चलप्रे रराम बन अटन पयरादमें॥
कगोमल चरन चलत हबनपु पनहहीं। भइ ममृद पु भपूहम सकपु हच मन मनहहीं॥2॥
भरावरारर्ण:-समराज सहहत सब सरादप्रे सराज सप्रे शश्री ररामजश्री कप्रे वन ममें रमर (पदहक्षररा)
करनप्रे कप्रे हलए पहैदल हश्री चलप्रे। कगोमल चरर हमैं और हबनरा जपूतप्रे कप्रे चल रहप्रे हमैं, यह
दप्रेखकर पमृथ्वश्री मन हश्री मन सकपु चराकर कगोमल हगो गई॥2॥
* कपु स कमंटक कराहूँकरहीं कपु रराई।मं कटपु क कठगोर कपु बस्तपु दरपु राई॥मं
महह ममंजपुल ममृद पु मरारग ककीन्हप्रे। बहत समश्रीर हत्रहबध सपुख लश्रीन्हप्रे॥ 3॥
भरावरारर्ण:-कपु श, कराहूँटप्रे, कमंकडश्री, दररारर आहद कडवश्री, कठगोर और बपुरश्री वस्तपुओमं कगो
हछपराकर पमृथ्वश्री नप्रे सपुदमं र और कगोमल मरागर्ण कर हदए। सपुखर कगो सरार हलए (सपुखदरायक)
शश्रीतल, ममंद, सपुगमंध हवरा चलनप्रे लगश्री॥3॥
* सपुमन बरहष सपुर घन करर छराहहीं। हबटप फिपू हल फिहल तमृन ममृदतपु राहहीं॥
ममृग हबलगोहक खग बगोहल सपुबरानश्री। सप्रेवहहमं सकल रराम हपय जरानश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-ररास्तप्रे ममें दप्रेवतरा फिपू ल बरसराकर, बरादल छरायरा करकप्रे , वमृक्ष फिपूल-फिलकर, तमृर
अपनश्री कगोमलतरा सप्रे, ममृग (पशपु) दप्रेखकर और पक्षश्री सपुदमं र वरारश्री बगोलकर सभश्री भरतजश्री
कगो शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे प्यरारप्रे जरानकर उनककी सप्रेवरा करनप्रे लगप्रे॥4॥
दगोहरा :
* सपुलभ हसहद सब पराकमृतहह रराम कहत जमपुहरात।
रराम परानहपय भरत कहह हूँ यह न हगोइ बहड बरात॥311॥
भरावरारर्ण:-जब एक सराधरारर मनपुष्य कगो भश्री (आलस्य सप्रे) जहूँभराई लप्रेतप्रे समय 'रराम'
कह दप्रेनप्रे सप्रे हश्री सब हसहदयराहूँ सपुलभ हगो जरातश्री हमैं , तब शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे परार प्यरारप्रे
भरतजश्री कप्रे हलए यह कगोई बडश्री (आश्चयर्ण ककी) बरात नहहीं हहै॥311॥
चरौपराई :
* एहह हबहध भरतपु हफिरत बन मराहहीं। नप्रेमपु पप्रेमपु लहख मपुहन सकपु चराहहीं॥
पपुन्य जलराशय भपूहम हबभरागरा। खग ममृग तर तमृन हगरर बन बरागरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-इस पकरार भरतजश्री वन ममें हफिर रहप्रे हमैं। उनकप्रे हनयम और पप्रेम कगो दप्रेखकर
मपुहन भश्री सकपु चरा जरातप्रे हमैं। पहवत्र जल कप्रे स्ररान (नदश्री, बरावलश्री, कपुमं ड आहद) पमृथ्वश्री
कप्रे पमृरक-पमृरक भराग, पक्षश्री, पशपु, वमृक्ष, तमृर (घरास), पवर्णत, वन और बगश्रीचप्रे-॥1॥
* चरार हबहचत्र पहबत्र हबसप्रेषश्री। बपूझत भरतपु हदब्य सब दप्रेखश्री॥
सपुहन मन मपुहदत कहत ररहषरराऊ। हप्रेतपु नराम गपुन पपुन्य पभराऊ॥2॥
भरावरारर्ण:-सभश्री हवशप्रेष रूप सप्रे सपुमंदर, हवहचत्र, पहवत्र और हदव्य दप्रेखकर भरतजश्री पपूछतप्रे
हमैं और उनकरा पश्न सपुनकर ऋहषरराज अहत्रजश्री पसन्न मन सप्रे सबकप्रे करारर, नराम, गपुर
और पपुण्य पभराव कगो कहतप्रे हमैं॥2॥
* कतहह हूँ हनमजन कतहह हूँ पनरामरा। कतहह हूँ हबलगोकत मन अहभररामरा॥
कतहह हूँ बहैहठ मपुहन आयसपु पराई। सपुहमरत सश्रीय सहहत दगोउ भराई॥3॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री कहहीं स्नरान करतप्रे हमैं, कहहीं परराम करतप्रे हमैं, कहहीं मनगोहर स्ररानर कप्रे
दशर्णन करतप्रे हमैं और कहहीं मपुहन अहत्रजश्री ककी आजरा पराकर बहैठकर, सश्रीतराजश्री सहहत शश्री
रराम-लक्ष्मर दगोनर भराइयर करा स्मरर करतप्रे हमैं॥ 3॥ तगो इसममें लराभ अहधक और हराहन
कम पतश्रीत हह ई, परन्तपु रराहनयर कगो दद्धाःपु ख-सपुख समरान हश्री रप्रे (रराम-लक्ष्मर वन ममें रहमें
यरा भरत-शत्रपुघ्न, दगो पपुत्रर करा हवयगोग तगो रहप्रेगरा हश्री), यह समझकर वप्रे सब रगोनप्रे
लगहीं॥3॥
* दप्रेहख सपुभराउ सनप्रेहह सपुसप्रेवरा। दप्रेहहमं असश्रीस मपुहदत बनदप्रेवरा॥
हफिरहहमं गएहूँ हदनपु पहर अढराई। पभपु पद कमल हबलगोकहहमं आई॥4॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री कप्रे स्वभराव, पप्रेम और सपुदमं र सप्रेवराभराव कगो दप्रेखकर वनदप्रेवतरा आनमंहदत
हगोकर आशश्रीवरादर्ण दप्रेतप्रे हमैं। यर घपूम-हफिरकर ढराई पहर हदन बश्रीतनप्रे पर लरौट पडतप्रे हमैं और
आकर पभपु शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे चररकमलर करा दशर्णन करतप्रे हमैं॥4॥
दगोहरा :
* दप्रेखप्रे रल तश्रीरर सकल भरत पराहूँच हदन मराझ।
कहत सपुनत हरर हर सपुजसपु गयउ हदवसपु भइ सराहूँझ॥312॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री नप्रे पराहूँच हदन ममें सब तश्रीरर्ण स्ररानर कप्रे दशर्णन कर हलए। भगवरान हवष्रपु
और महरादप्रेवजश्री करा सपुदमं र यश कहतप्रे-सपुनतप्रे वह (पराहूँचवराहूँ) हदन भश्री बश्रीत गयरा, समंध्यरा
हगो गई॥312॥
शश्री रराम-भरत-समंवराद, परादक पु रा पदरान, भरतजश्री ककी हबदराई
चरौपराई :
* भगोर न्हराइ सबपु जपुररा समराजपू। भरत भपूहमसपुर तप्रेरहह हत रराजपू॥
भल हदन आजपु जराहन मन मराहहीं। ररामपु कमृ पराल कहत सकपु चराहहीं॥1॥
भरावरारर्ण:-(अगलप्रे छठप्रे हदन) सबप्रेरप्रे स्नरान करकप्रे भरतजश्री, ब्रराहर, रराजरा जनक और
सराररा समराज आ जपुटरा। आज सबकगो हवदरा करनप्रे कप्रे हलए अच्छरा हदन हहै, यह मन ममें
जरानकर भश्री कमृ परालपु शश्री ररामजश्री कहनप्रे ममें सकपु चरा रहप्रे हमैं॥1॥
* गपुर नमृप भरत सभरा अवलगोककी। सकपु हच रराम हफिरर अवहन हबलगोककी॥
सश्रील सरराहह सभरा सब सगोचश्री। कहह हूँ न रराम सम स्वराहम सहूँकगोचश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे गपुर वहशषजश्री, रराजरा जनकजश्री, भरतजश्री और सरारश्री सभरा
ककी ओर दप्रेखरा, हकन्तपु हफिर सकपु चराकर दृहष्टि फिप्रे रकर वप्रे पमृथ्वश्री ककी ओर तराकनप्रे लगप्रे।
सभरा उनकप्रे शश्रील ककी सरराहनरा करकप्रे सगोचतश्री हहै हक शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे समरान समंकगोचश्री
स्वरामश्री कहहीं नहहीं हहै॥2॥
* भरत सपुजरान रराम रख दप्रेखश्री। उहठ सपप्रेम धरर धश्रीर हबसप्रेषश्री॥
करर दमंडवत कहत कर जगोरश्री। रराखहीं नरार सकल रहच मगोरश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-सपुजरान भरतजश्री शश्री ररामचन्दजश्री करा रख दप्रेखकर पप्रेमपपूवर्णक उठकर, हवशप्रेष रूप
सप्रे धश्रीरज धरारर कर दण्डवत करकप्रे हरार जगोडकर कहनप्रे लगप्रे- हप्रे नरार! आपनप्रे मप्रेरश्री
सभश्री रहचयराहूँ रखहीं॥3॥
* मगोहह लहग सहप्रेउ सबहहमं समंतरापपू। बहह त भराहूँहत दख पु पु परावरा आपपू॥
अब गगोसराइहूँ मगोहह दप्रेउ रजराई। सप्रेवजौं अवध अवहध भरर जराई॥4॥
भरावरारर्ण:-मप्रेरप्रे हलए सब लगोगर नप्रे समंतराप सहरा और आपनप्रे भश्री बहह त पकरार सप्रे दद्धाःपु ख
परायरा। अब स्वरामश्री मपुझप्रे आजरा दमें। ममैं जराकर अवहध भर (चरौदह वषर्ण तक) अवध करा
सप्रेवन करूहूँ॥4॥
दगोहरा :
* जप्रेहहमं उपराय पपुहन पराय जनपु दप्रेखहै दश्रीनदयराल।
सगो हसख दप्रेइअ अवहध लहग कगोसलपराल कमृ पराल॥313॥
भरावरारर्ण:-हप्रे दश्रीनदयरालपु! हजस उपराय सप्रे यह दरास हफिर चररर करा दशर्णन करप्रे - हप्रे
कगोसलराधश्रीश! हप्रे कमृ परालपु! अवहधभर कप्रे हलए मपुझप्रे वहश्री हशक्षरा दश्रीहजए॥313॥
चरौपराई :
* पपुरजन पररजन पजरा गगोसराई।मं सब सपुहच सरस सनप्रेहहूँ सगराई॥मं
रराउर बहद भल भव दख पु दराहह। पभपु हबनपु बराहद परम पद लराहह॥1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे गगोसराई!मं आपकप्रे पप्रेम और समंबमंध ममें अवधपपुर वरासश्री, कपु टपु म्बश्री और पजरा
सभश्री पहवत्र और रस (आनमंद) सप्रे यक्त पु हमैं। आपकप्रे हलए भवदद्धाःपु ख (जन्म-मरर कप्रे
दद्धाःपु ख) ककी ज्वरालरा ममें जलनरा भश्री अच्छरा हहै और पभपु (आप) कप्रे हबनरा परमपद
(मगोक्ष) करा लराभ भश्री व्यरर्ण हहै॥1॥
* स्वराहम सपुजरानपु जराहन सब हश्री ककी। रहच लरालसरा रहहन जन जश्री ककी॥
पनतपरालपु पराहलहह सब कराहह। दप्रेउ दहपु ह हदहस ओर हनबराहह॥2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे स्वरामश्री! आप सपुजरान हमैं, सभश्री कप्रे हृदय ककी और मपुझ सप्रेवक कप्रे मन ककी
रहच, लरालसरा (अहभलराषरा) और रहनश्री जरानकर, हप्रे परतपराल! आप सब हकसश्री करा
परालन करमेंगप्रे और हप्रे दप्रेव! दगोनर ओर अन्त तक हनबराहमेंगप्रे॥2॥
* अस मगोहह सब हबहध भपूरर भरगोसगो। हकएहूँ हबचरार न सगोचपु खरगो सगो॥
आरहत मगोर नरार कर छगोहह। दहपु ह हूँ हमहल ककीन्ह ढश्रीठपु हहठ मगोहह॥3॥
भरावरारर्ण:-मपुझप्रे सब पकरार सप्रे ऐसरा बहह त बडरा भरगोसरा हहै। हवचरार करनप्रे पर हतनकप्रे कप्रे
बरराबर (जररा सरा) भश्री सगोच नहहीं रह जरातरा! मप्रेरश्री दश्रीनतरा और स्वरामश्री करा स्नप्रेह दगोनर
नप्रे हमलकर मपुझप्रे जबदर्णस्तश्री ढश्रीठ बनरा हदयरा हहै॥3॥
* यह बड दगोषपु दरपू र करर स्वरामश्री। तहज सकगोच हसखइअ अनपुगरामश्री॥
भरत हबनय सपुहन सबहहमं पसमंसश्री। खश्रीर नश्रीर हबबरन गहत हमंसश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे स्वरामश्री! इस बडप्रे दगोष कगो दरपू करकप्रे समंकगोच त्यराग कर मपुझ सप्रेवक कगो
हशक्षरा दश्रीहजए। दधपू और जल कगो अलग-अलग करनप्रे ममें हमंहसनश्री ककी सश्री गहत वरालश्री
भरतजश्री ककी हवनतश्री सपुनकर उसककी सभश्री नप्रे पशमंसरा ककी॥ 4॥
दगोहरा :
* दश्रीनबमंधपु सपुहन बमंधपु कप्रे वचन दश्रीन छलहश्रीन।
दप्रेस कराल अवसर सररस बगोलप्रे ररामपु पबश्रीन॥314॥
भरावरारर्ण:-दश्रीनबन्धपु और परम चतपुर शश्री ररामजश्री नप्रे भराई भरतजश्री कप्रे दश्रीन और छलरहहत
वचन सपुनकर दप्रेश, कराल और अवसर कप्रे अनपुकपूल वचन बगोलप्रे-॥314॥
चरौपराई :
* तरात तपुम्हरारर मगोरर पररजन ककी। हचमंतरा गपुरहह नमृपहह घर बन ककी॥
मरारप्रे पर गपुर मपुहन हमहरलप्रेसपू। हमहह तपुम्हहह सपनप्रेहह हूँ न कलप्रेसपू॥1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे तरात! तपुम्हरारश्री, मप्रेरश्री, पररवरार ककी, घर ककी और वन ककी सरारश्री हचमंतरा गपुर
वहशषजश्री और महरारराज जनकजश्री कगो हहै। हमरारप्रे हसर पर जब गपुरजश्री , मपुहन हवश्वराहमत्रजश्री
और हमहरलरापहत जनकजश्री हमैं, तब हममें और तपुम्हमें स्वप्न नमें भश्री कप्रे श नहहीं हहै॥1॥
* मगोर तपुम्हरार परम पपुरषराररपु। स्वराररपु सपुजसपु धरमपु परमराररपु॥
हपतपु आयसपु पराहलहहमं दहपु ह भराई।मं लगोक बप्रेद भल भपूप भलराई॥मं 2॥
भरावरारर्ण:-मप्रेररा और तपुम्हराररा तगो परम पपुरषरारर्ण, स्वरारर्ण, सपुयश, धमर्ण और परमरारर्ण इसश्री
ममें हहै हक हम दगोनर भराई हपतराजश्री ककी आजरा करा परालन करमें। रराजरा ककी भलराई (उनकप्रे
व्रत ककी रक्षरा) सप्रे हश्री लगोक और वप्रेद दगोनर ममें भलरा हहै॥ 2॥
* गपुर हपतपु मरातपु स्वराहम हसख परालमें। चलप्रेहहहूँ कपु मग पग परहहमं न खरालमें॥
अस हबचरारर सब सगोच हबहराई। परालहह अवध अवहध भरर जराई॥3॥
भरावरारर्ण:-गपुर, हपतरा, मरातरा और स्वरामश्री ककी हशक्षरा (आजरा) करा परालन करनप्रे सप्रे
कपु मरागर्ण पर भश्री चलनप्रे पर पहैर गडप्रे ममें नहहीं पडतरा (पतन नहहीं हगोतरा)। ऐसरा हवचरार कर
सब सगोच छगोडकर अवध जराकर अवहधभर उसकरा परालन करगो॥ 3॥
* दप्रेसपु कगोसपु पररजन पररवरारू। गपुर पद रजहहमं लराग छरभरारू॥
तपुम्ह मपुहन मरातपु सहचव हसख मरानश्री। परालहप्रे ह पपुहहहम पजरा रजधरानश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-दप्रेश, खजरानरा, कपु टपु म्ब, पररवरार आहद सबककी हजम्मप्रेदरारश्री तगो गपुरजश्री ककी चरर
रज पर हहै। तपुम तगो मपुहन वहशषजश्री, मरातराओमं और महन्त्रयर ककी हशक्षरा मरानकर तदनपुसरार
पमृथ्वश्री, पजरा और रराजधरानश्री करा परालन (रक्षरा) भर करतप्रे रहनरा॥4॥
दगोहरा :
* मपुहखआ मपुखपु सगो चराहहऐ खरान परान कहह हूँ एक।
परालइ पगोषइ सकल अहूँग तपुलसश्री सहहत हबबप्रेक॥315॥
भरावरारर्ण:-तपुलसश्रीदरासजश्री कहतप्रे हमैं- (शश्री ररामजश्री नप्रे कहरा-) मपुहखयरा मपुख कप्रे समरान हगोनरा
चराहहए, जगो खरानप्रे-पश्रीनप्रे कगो तगो एक (अकप्रे लरा) हहै, परन्तपु हववप्रेकपपूवर्णक सब अमंगर करा
परालन-पगोषर करतरा हहै॥315॥
चरौपराई :
* रराजधरम सरबसपु एतनगोई। हजहम मन मराहहूँ मनगोरर गगोई॥
बमंधपु पबगोधपु ककीन्ह बहह भराहूँतश्री। हबनपु अधरार मन तगोषपु न सराहूँतश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-रराजधमर्ण करा सवर्णस्व (सरार) भश्री इतनरा हश्री हहै। जहैसप्रे मन कप्रे भश्रीतर मनगोरर
हछपरा रहतरा हहै। शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे भराई भरत कगो बहह त पकरार सप्रे समझरायरा, परन्तपु
कगोई अवलम्बन पराए हबनरा उनकप्रे मन ममें न समंतगोष हहआ, न शराहन्त॥1॥
* भरत सश्रील गपुर सहचव समराजपू। सकपु च सनप्रेह हबबस रघपुरराजपू॥
पभपु करर कमृ परा पराहूँवरहीं दश्रीन्हहीं। सरादर भरत सश्रीस धरर लश्रीन्हहीं॥ 2॥
भरावरारर्ण:-इधर तगो भरतजश्री करा शश्रील (पप्रेम) और उधर गपुरजनर, ममंहत्रयर तररा समराज
ककी उपहस्रहत! यह दप्रेखकर शश्री रघपुनरारजश्री समंकगोच तररा स्नप्रेह कप्रे हवशप्रेष वशश्रीभपूत हगो
गए (अररार्णत भरतजश्री कप्रे पप्रेमवश उन्हमें पराहूँवरश्री दप्रेनरा चराहतप्रे हमैं, हकन्तपु सरार हश्री गपुर
आहद करा समंकगोच भश्री हगोतरा हहै।) आहखर (भरतजश्री कप्रे पप्रेमवश) पभपु शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे
कमृ परा कर खडराऊहूँ दप्रे दहीं और भरतजश्री नप्रे उन्हमें आदरपपूवर्णक हसर पर धरारर कर हलयरा॥
2॥
* चरनपश्रीठ करनराहनधरान कप्रे । जनपु जपुग जराहमक पजरा परान कप्रे ॥
समंपटपु भरत सनप्रेह रतन कप्रे । आखर जपुग जनपु जश्रीव जतन कप्रे ॥3॥
भरावरारर्ण:-कररराहनधरान शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे दगोनर ख़डराऊहूँ पजरा कप्रे परारर ककी रक्षरा कप्रे हलए
मरानगो दगो पहरप्रेदरार हमैं। भरतजश्री कप्रे पप्रेमरूपश्री रत्न कप्रे हलए मरानगो हडब्बरा हहै और जश्रीव कप्रे
सराधन कप्रे हलए मरानगो रराम-नराम कप्रे दगो अक्षर हमैं॥3॥
* कपु ल कपराट कर कपु सल करम कप्रे । हबमल नयन सप्रेवरा सपुधरम कप्रे ॥
भरत मपुहदत अवलमंब लहप्रे तमें। अस सपुख जस हसय ररामपु रहप्रे तमें॥ 4॥
भरावरारर्ण:-रघपुकपुल (ककी रक्षरा) कप्रे हलए दगो हकवराड हमैं। कपु शल (शप्रेष) कमर्ण करनप्रे कप्रे
हलए दगो हरार ककी भराहूँहत (सहरायक) हमैं और सप्रेवरा रूपश्री शप्रेष धमर्ण कप्रे सपुझरानप्रे कप्रे हलए
हनमर्णल नप्रेत्र हमैं। भरतजश्री इस अवलमंब कप्रे हमल जरानप्रे सप्रे परम आनमंहदत हमैं। उन्हमें ऐसरा हश्री
सपुख हहआ, जहैसरा शश्री सश्रीतरा-ररामजश्री कप्रे रहनप्रे सप्रे हगोतरा हहै॥4॥
दगोहरा :
* मरागप्रेउ हबदरा पनरामपु करर रराम हलए उर लराइ।
लगोग उचराटप्रे अमरपहत कपु हटल कपु अवसर पराइ॥316॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री नप्रे परराम करकप्रे हवदरा मराहूँगश्री, तब शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे उन्हमें हृदय सप्रे
लगरा हलयरा। इधर कपु हटल इमंद नप्रे बपुररा मरौकरा पराकर लगोगर करा उचराटन कर हदयरा॥
316॥
चरौपराई :
* सगो कपु चराहल सब कहहूँ भइ नश्रीककी। अवहध आस सम जश्रीवहन जश्री ककी॥
नतर लखन हसय रराम हबयगोगरा। हहरर मरत सब लगोग कपु रगोगरा॥1॥
भरावरारर्ण:-वह कपु चराल भश्री सबकप्रे हलए हहतकर हगो गई। अवहध ककी आशरा कप्रे समरान हश्री
वह जश्रीवन कप्रे हलए समंजश्रीवनश्री हगो गई। नहहीं तगो (उचराटन न हगोतरा तगो) लक्ष्मरजश्री,
सश्रीतराजश्री और शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे हवयगोग रूपश्री बपुरप्रे रगोग सप्रे सब लगोग घबडराकर (हराय-
हराय करकप्रे ) मर हश्री जरातप्रे॥1॥
* ररामकमृ पराहूँ अवरप्रेब सपुधरारश्री। हबबपुध धरारर भइ गपुनद गगोहरारश्री॥
भमेंटत भपुज भरर भराइ भरत सगो। रराम पप्रेम रसपु न कहह न परत सगो॥ 2॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री ककी कमृ परा नप्रे सरारश्री उलझन सपुधरार दश्री। दप्रेवतराओमं ककी सप्रेनरा जगो लपूटनप्रे
आई रश्री, वहश्री गपुरदरायक (हहतकरश्री) और रक्षक बन गई। शश्री ररामजश्री भपुजराओमं ममें
भरकर भराई भरत सप्रे हमल रहप्रे हमैं। शश्री ररामजश्री कप्रे पप्रेम करा वह रस (आनमंद) कहतप्रे
नहहीं बनतरा॥2॥
* तन मन बचन उमग अनपुररागरा। धश्रीर धपुरधमं र धश्रीरजपु त्यरागरा॥
बराररज लगोचन मगोचत बरारश्री। दप्रेहख दसरा सपुर सभरा द ख पु रारश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-तन, मन और वचन तश्रीनर ममें पप्रेम उमड पडरा। धश्रीरज ककी धपुरश्री कगो धरारर
करनप्रे वरालप्रे शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे भश्री धश्रीरज त्यराग हदयरा। वप्रे कमल सदृश नप्रेत्रर सप्रे
(पप्रेमराशपुओमं करा) जल बहरानप्रे लगप्रे। उनककी यह दशरा दप्रेखकर दप्रेवतराओमं ककी सभरा
(समराज) दद्धाःपु खश्री हगो गई॥3॥
* मपुहनगन गपुर धपुर धश्रीर जनक सप्रे। ग्यरान अनल मन कसमें कनक सप्रे॥
जप्रे हबरमंहच हनरलप्रेप उपराए। पदमपु पत्र हजहम जग जल जराए॥4॥
भरावरारर्ण:-मपुहनगर, गपुर वहशषजश्री और जनकजश्री सरश्रीखप्रे धश्रीरधपुरन्धर जगो अपनप्रे मनर कगो
जरान रूपश्री अहग्नि ममें सगोनप्रे कप्रे समरान कस चपुकप्रे रप्रे, हजनकगो ब्रहराजश्री नप्रे हनलर्देप हश्री रचरा
और जगो जगतम रूपश्री जल ममें कमल कप्रे परप्रे ककी तरह हश्री (जगतम ममें रहतप्रे हह ए भश्री
जगतम सप्रे अनरासक्त) पहैदरा हहए॥4॥
दगोहरा :
* तप्रेउ हबलगोहक रघपुबर भरत पश्रीहत अनपूप अपरार।
भए मगन मन तन बचन सहहत हबरराग हबचरार॥317॥
भरावरारर्ण:-वप्रे भश्री शश्री ररामजश्री और भरतजश्री कप्रे उपमरारहहत अपरार पप्रेम कगो दप्रेखकर वहैरराग्य
और हववप्रेक सहहत तन, मन, वचन सप्रे उस पप्रेम ममें मग्नि हगो गए॥317॥
चरौपराई :
* जहराहूँ जनक गपुर गहत महत भगोरश्री। पराकमृत पश्रीहत कहत बहड खगोरश्री॥
बरनत रघपुबर भरत हबयगोगपू। सपुहन कठगोर कहब जराहनहह लगोगपू॥ 1॥
भरावरारर्ण:-जहराहूँ जनकजश्री और गपुर वहशषजश्री ककी बपुहद ककी गहत कपु हण्ठत हगो, उस हदव्य
पप्रेम कगो पराकमृत (लरौहकक) कहनप्रे ममें बडरा दगोष हहै। शश्री ररामचमंदजश्री और भरतजश्री कप्रे
हवयगोग करा वरर्णन करतप्रे सपुनकर लगोग कहव कगो कठगोर हृदय समझमेंगप्रे॥ 1॥
* सगो सकगोच रसपु अकर सपुबरानश्री। समउ सनप्रेहह सपुहमरर सकपु चरानश्री॥
भमेंहट भरतपु रघपुबर समपुझराए। पपुहन ररपपुदवनपु हरहष हहयहूँ लराए॥2॥
भरावरारर्ण:-वह समंकगोच रस अकरनश्रीय हहै। अतएव कहव ककी सपुदमं र वरारश्री उस समय उसकप्रे
पप्रेम कगो स्मरर करकप्रे सकपु चरा गई। भरतजश्री कगो भमेंट कर शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे उनकगो
समझरायरा। हफिर हहषर्णत हगोकर शत्रपुघ्नजश्री कगो हृदय सप्रे लगरा हलयरा॥ 2॥
* सप्रेवक सहचव भरत रख पराई। हनज हनज कराज लगप्रे सब जराई॥
सपुहन दरारन दख पु पु दहपु ह हूँ समराजरा। लगप्रे चलन कप्रे सराजन सराजरा॥3॥
भरावरारर्ण:-सप्रेवक और ममंत्रश्री भरतजश्री करा रख पराकर सब अपनप्रे -अपनप्रे कराम ममें जरा लगप्रे।
यह सपुनकर दगोनर समराजर ममें दरारर दद्धाःपु ख छरा गयरा। वप्रे चलनप्रे ककी तहैयराररयराहूँ करनप्रे लगप्रे॥
3॥
* पभपु पद पदमपु बमंहद दगोउ भराई। चलप्रे सश्रीस धरर रराम रजराई॥
मपुहन तरापस बनदप्रेव हनहगोरश्री। सब सनमराहन बहगोरर बहगोरश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-पभपु कप्रे चररकमलर ककी वमंदनरा करकप्रे तररा शश्री ररामजश्री ककी आजरा कगो हसर पर
रखकर भरत-शत्रपुघ्न दगोनर भराई चलप्रे। मपुहन, तपस्वश्री और वनदप्रेवतरा सबकरा बरार-बरार
सम्मरान करकप्रे उनककी हवनतश्री ककी॥4॥
दगोहरा :
* लखनहह भमेंहट पनरामपु करर हसर धरर हसय पद धपूरर।
चलप्रे सपप्रेम असश्रीस सपुहन सकल सपुममंगल मपूरर॥318॥
भरावरारर्ण:-हफिर लक्ष्मरजश्री कगो कमशद्धाः भमेंटकर तररा परराम करकप्रे और सश्रीतराजश्री कप्रे चररर
ककी धपूहल कगो हसर पर धरारर करकप्रे और समस्त ममंगलर कप्रे मपूल आशश्रीवरार्णद सपुनकर वप्रे
पप्रेमसहहत चलप्रे॥318॥
चरौपराई :
* सरानपुज रराम नमृपहह हसर नराई। ककीहन्ह बहह त हबहध हबनय बडराई॥
दप्रेव दयरा बस बड दख पु पु परायउ। सहहत समराज कराननहहमं आयउ॥1॥
भरावरारर्ण:-छगोटप्रे भराई लक्ष्मरजश्री समप्रेत शश्री ररामजश्री नप्रे रराजरा जनकजश्री कगो हसर नवराकर
उनककी बहह त पकरार सप्रे हवनतश्री और बडराई ककी (और कहरा-) हप्रे दप्रेव! दयरावश आपनप्रे
बहह त दद्धाःपु ख परायरा। आप समराज सहहत वन ममें आए॥1॥
* पपुर पगपु धराररअ दप्रेइ असश्रीसरा। ककीन्ह धश्रीर धरर गवनपु महश्रीसरा॥
मपुहन महहदप्रेव सराधपु सनमरानप्रे। हबदरा हकए हरर हर सम जरानप्रे॥ 2॥
भरावरारर्ण:-अब आशश्रीवरार्णद दप्रेकर नगर कगो पधराररए। यह सपुन रराजरा जनकजश्री नप्रे धश्रीरज
धरकर गमन हकयरा। हफिर शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे मपुहन, ब्रराहर और सराधपुओमं कगो हवष्रपु और
हशव कप्रे समरान जरानकर सम्मरान करकप्रे उनकगो हवदरा हकयरा॥2॥
* सरासपु समश्रीप गए दगोउ भराई। हफिरप्रे बमंहद पग आहसष पराई॥
करौहसक बरामदप्रेव जराबरालश्री। पपुरजन पररजन सहचव सपुचरालश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-तब शश्री रराम-लक्ष्मर दगोनर भराई सरास (सपुनयनराजश्री) कप्रे परास गए और उनकप्रे
चररर ककी वमंदनरा करकप्रे आशश्रीवरार्णद पराकर लरौट आए। हफिर हवश्वराहमत्र, वरामदप्रेव, जराबराहल
और शपुभ आचरर वरालप्रे कपु टपु म्बश्री, नगर हनवरासश्री और ममंत्रश्री-॥3॥
* जररा जगोगपु करर हबनय पनरामरा। हबदरा हकए सब सरानपुज ररामरा॥
नरारर पपुरष लघपु मध्य बडप्रेरप्रे। सब सनमराहन कमृ पराहनहध फिप्रे रप्रे॥4॥
भरावरारर्ण:-सबकगो छगोटप्रे भराई लक्ष्मरजश्री सहहत शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे यररायगोग्य हवनय एवमं
परराम करकप्रे हवदरा हकयरा। कमृ पराहनधरान शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे छगोटप्रे, मध्यम (मझलप्रे) और
बडप्रे सभश्री शप्रेरश्री कप्रे स्त्रश्री-पपुरषर करा सम्मरान करकप्रे उनकगो लरौटरायरा॥4॥
दगोहरा :
* भरत मरातपु पद बमंहद पभपु सपुहच सनप्रेहहूँ हमहल भमेंहट।
हबदरा ककीन्ह सहज परालककी सकपु च सगोच सब मप्रेहट॥319॥
भरावरारर्ण:-भरत ककी मरातरा कहै कप्रे यश्री कप्रे चररर ककी वमंदनरा करकप्रे पभपु शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे
पहवत्र (हनश्छल) पप्रेम कप्रे सरार उनसप्रे हमल-भमेंट कर तररा उनकप्रे सरारप्रे समंकगोच और
सगोच कगो हमटराकर परालककी सजराकर उनकगो हवदरा हकयरा॥ 319॥
चरौपराई :
* पररजन मरातपु हपतहह हमहल सश्रीतरा। हफिरश्री परानहपय पप्रेम पपुनश्रीतरा॥
करर पनरामपु भमेंटहीं सब सरासपू। पश्रीहत कहत कहब हहयहूँ न हहलरासपू॥1॥
भरावरारर्ण:-परारहपय पहत शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे सरार पहवत्र पप्रेम करनप्रे वरालश्री सश्रीतराजश्री नहैहर कप्रे
कपु टपु हम्बयर सप्रे तररा मरातरा-हपतरा सप्रे हमलकर लरौट आई।मं हफिर परराम करकप्रे सब सरासपुओमं
सप्रे गलप्रे लगकर हमलहीं। उनकप्रे पप्रेम करा वरर्णन करनप्रे कप्रे हलए कहव कप्रे हृदय ममें हह लरास
(उत्सराह) नहहीं हगोतरा॥1॥
* सपुहन हसख अहभमत आहसष पराई। रहश्री सश्रीय द हपु ह पश्रीहत समराई॥
रघपुपहत पटपु परालककीमं मगराई।मं करर पबगोध सब मरातपु चढराई॥मं 2॥
भरावरारर्ण:-उनककी हशक्षरा सपुनकर और मनचराहरा आशश्रीवरार्णद पराकर सश्रीतराजश्री सरासपुओमं तररा
मरातरा-हपतरा दगोनर ओर ककी पश्रीहत ममें समराई (बहह त दप्रेर तक हनमग्नि) रहहीं! (तब) शश्री
रघपुनरारजश्री नप्रे सपुदमं र परालहकयराहूँ महूँगवराई मं और सब मरातराओमं कगो आश्वरासन दप्रेकर उन पर
चढरायरा॥2॥
* बरार बरार हहहल हमहल दहपु ह भराई।मं सम सनप्रेहहूँ जननहीं पहह हूँचराई॥मं
सराहज बराहज गज बराहन नरानरा। भरत भपूप दल ककीन्ह पयरानरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-दगोनर भराइयर नप्रे मरातराओमं सप्रे समरान पप्रेम सप्रे बरार -बरार हमल-जपुलकर उनकगो
पहह हूँचरायरा। भरतजश्री और रराजरा जनकजश्री कप्रे दलर नप्रे घगोडप्रे, हरारश्री और अनप्रेकर तरह ककी
सवराररयराहूँ सजराकर पस्ररान हकयरा॥3॥
* हृदयहूँ ररामपु हसय लखन समप्रेतरा। चलप्रे जराहहमं सब लगोग अचप्रेतरा॥
बसह बराहज गज पसपु हहयहूँ हरारमें। चलप्रे जराहहमं परबस मन मरारमें॥ 4॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतराजश्री एवमं लक्ष्मरजश्री सहहत शश्री ररामचमंदजश्री कगो हृदय ममें रखकर सब लगोग
बप्रेसपुध हह ए चलप्रे जरा रहप्रे हमैं। बहैल-घगोडप्रे, हरारश्री आहद पशपु हृदय ममें हरारप्रे (हशहरल) हह ए
परवश मन मरारप्रे चलप्रे जरा रहप्रे हमैं॥4॥
दगोहरा :
* गपुर गपुरहतय पद बमंहद पभपु सश्रीतरा लखन समप्रेत।
हफिरप्रे हरष हबसमय सहहत आए परन हनकप्रे त॥320॥
भरावरारर्ण:-गपुर वहशषजश्री और गपुर पत्नश्री अरन्धतश्रीजश्री कप्रे चररर ककी वमंदनरा करकप्रे सश्रीतराजश्री
और लक्ष्मरजश्री सहहत पभपु शश्री ररामचमंदजश्री हषर्ण और हवषराद कप्रे सरार लरौटकर परर्णकपुटश्री
पर आए॥320॥
चरौपराई :
* हबदरा ककीन्ह सनमराहन हनषराद।पू चलप्रेउ हृदयहूँ बड हबरह हबषराद॥पू
कगोल हकररात हभल्ल बनचरारश्री। फिप्रे रप्रे हफिरप्रे जगोहरारर जगोहरारश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-हफिर सम्मरान करकप्रे हनषरादरराज कगो हवदरा हकयरा। वह चलरा तगो सहश्री , हकन्तपु
उसकप्रे हृदय ममें हवरह करा भरारश्री हवषराद ररा। हफिर शश्री ररामजश्री नप्रे कगोल , हकररात, भश्रील
आहद वनवरासश्री लगोगर कगो लरौटरायरा। वप्रे सब जगोहरार -जगोहरार कर (वमंदनरा कर-करकप्रे )
लरौटप्रे॥1॥
* पभपु हसय लखन बहैहठ बट छराहहीं। हपय पररजन हबयगोग हबलखराहहीं॥
भरत सनप्रेह सपुभराउ सपुबरानश्री। हपयरा अनपुज सन कहत बखरानश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-पभपु शश्री ररामचमंदजश्री, सश्रीतराजश्री और लक्ष्मरजश्री बड ककी छरायरा ममें बहैठकर
हपयजन एवमं पररवरार कप्रे हवयगोग सप्रे दद्धाःपु खश्री हगो रहप्रे हमैं। भरतजश्री कप्रे स्नप्रेह, स्वभराव और
सपुमंदर वरारश्री कगो बखरान-बखरान कर वप्रे हपय पत्नश्री सश्रीतराजश्री और छगोटप्रे भराई लक्ष्मरजश्री सप्रे
कहनप्रे लगप्रे॥2॥
* पश्रीहत पतश्रीहत बचन मन करनश्री। शश्रीमपुख रराम पप्रेम बस बरनश्री॥
तप्रेहह अवसर खम ममृग जल मश्रीनरा। हचत्रकपू ट चर अचर मलश्रीनरा॥3॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे पप्रेम कप्रे वश हगोकर भरतजश्री कप्रे वचन, मन, कमर्ण ककी पश्रीहत
तररा हवश्वरास करा अपनप्रे शश्रीमपुख सप्रे वरर्णन हकयरा। उस समय पक्षश्री , पशपु और जल ककी
मछहलयराहूँ, हचत्रकपू ट कप्रे सभश्री चप्रेतन और जड जश्रीव उदरास हगो गए॥3॥
* हबबपुध हबलगोहक दसरा रघपुबर ककी। बरहष सपुमन कहह गहत घर घर ककी॥
पभपु पनरामपु करर दश्रीन्ह भरगोसगो। चलप्रे मपुहदत मन डर न खरगो सगो॥ 4॥
भरावरारर्ण:-शश्री रघपुनरारजश्री ककी दशरा दप्रेखकर दप्रेवतराओमं नप्रे उन पर फिपू ल बरसराकर अपनश्री
घर-घर ककी दशरा कहश्री (दख पु डरा सपुनरायरा)। पभपु शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे उन्हमें परराम कर
आश्वरासन हदयरा। तब वप्रे पसन्न हगोकर चलप्रे , मन ममें जररा सरा भश्री डर न रहरा॥4॥
भरतजश्री करा अयगोध्यरा लरौटनरा, भरतजश्री दराररा परादक पु रा ककी स्ररापनरा, नहन्दगराम ममें हनवरास
और शश्री भरतजश्री कप्रे चररत्र शवर ककी महहमरा
दगोहरा :
* सरानपुज सश्रीय समप्रेत पभपु रराजत परन कपु टश्रीर।
भगहत ग्यरानपु बहैरराग्य जनपु सगोहत धरमें सरश्रीर॥321॥
भरावरारर्ण:-छगोटप्रे भराई लक्ष्मरजश्री और सश्रीतराजश्री समप्रेत पभपु शश्री ररामचमंदजश्री परर्णकपु टश्री ममें ऐसप्रे
सपुशगोहभत हगो रहप्रे हमैं मरानगो वहैरराग्य, भहक्त और जरान शरश्रीर धरारर कर कप्रे शगोहभत हगो
रहप्रे हर॥321॥
चरौपराई :
* मपुहन महहसपुर गपुर भरत भपुआलपू। रराम हबरहहूँ सबपु सराजपु हबहरालपू।
पभपु गपुन गराम गनत मन मराहहीं। सब चपुपचराप चलप्रे मग जराहहीं॥ 1॥
भरावरारर्ण:-मपुहन, ब्रराहर, गपुर वहशषजश्री, भरतजश्री और रराजरा जनकजश्री सराररा समराज शश्री
ररामचन्दजश्री कप्रे हवरह ममें हवह्वल हहै। पभपु कप्रे गपुर समपूहर करा मन ममें स्मरर करतप्रे हह ए
सब लगोग मरागर्ण ममें चपुपचराप चलप्रे जरा रहप्रे हमैं॥1॥
* जमपुनरा उतरर परार सबपु भयऊ। सगो बरासर हबनपु भगोजन गयऊ॥
उतरर दप्रेवसरर दस पू र बरासपू। ररामसखराहूँ सब ककीन्ह सपुपरासपू॥2॥
भरावरारर्ण:-(पहलप्रे हदन) सब लगोग यमपुनराजश्री उतरकर परार हहए। वह हदन हबनरा भगोजन कप्रे
हश्री बश्रीत गयरा। दस पू ररा मपुकराम गमंगराजश्री उतरकर (गमंगरापरार शमृगमं वप्रेरपपुर ममें) हह आ। वहराहूँ रराम
सखरा हनषरादरराज नप्रे सब सपुपबमंध कर हदयरा॥2॥
* सई उतरर गगोमतहीं नहराए। चरौरमें हदवस अवधपपुर आए॥
जनकपु रहप्रे पपुर बरासर चरारश्री। रराज कराज सब सराज सहूँभरारश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-हफिर सई उतरकर गगोमतश्रीजश्री ममें स्नरान हकयरा और चरौरप्रे हदन सब अयगोध्यराजश्री
जरा पहह हूँचप्रे। जनकजश्री चरार हदन अयगोध्यराजश्री ममें रहप्रे और रराजकराज एवमं सब सराज -सरामरान
कगो सम्हरालकर,॥3॥
* सजौंहप सहचव गपुर भरतहहमं रराजपू। तप्रेरहह हत चलप्रे सराहज सबपु सराजपू॥
नगर नरारर नर गपुर हसख मरानश्री। बसप्रे सपुखप्रेन रराम रजधरानश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-तररा ममंत्रश्री, गपुरजश्री तररा भरतजश्री कगो रराज्य सजौंपकर, सराररा सराज-सरामरान ठश्रीक
करकप्रे हतरहह त कगो चलप्रे। नगर कप्रे स्त्रश्री-पपुरष गपुरजश्री ककी हशक्षरा मरानकर शश्री ररामजश्री ककी
रराजधरानश्री अयगोध्यराजश्री ममें सपुखपपूवर्णक रहनप्रे लगप्रे॥4॥
दगोहरा :
* रराम दरस लहग लगोग सब करत नप्रेम उपबरास।
तहज तहज भपूषन भगोग सपुख हजअत अवहध ककीमं आस॥322॥
भरावरारर्ण:-सब लगोग शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे दशर्णन कप्रे हलए हनयम और उपवरास करनप्रे लगप्रे। वप्रे
भपूषर और भगोग-सपुखर कगो छगोड-छराडकर अवहध ककी आशरा पर जश्री रहप्रे हमैं॥322॥
चरौपराई :
* सहचव सपुसवप्रे क भरत पबगोधप्रे। हनज हनज कराज पराइ हसख ओधप्रे॥
पपुहन हसख दश्रीहन्ह बगोहल लघपु भराई। सजौंपश्री सकल मरातपु सप्रेवकराई॥1॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री नप्रे ममंहत्रयर और हवश्वरासश्री सप्रेवकर कगो समझराकर उद्यत हकयरा। वप्रे सब
सश्रीख पराकर अपनप्रे-अपनप्रे कराम ममें लग गए। हफिर छगोटप्रे भराई शत्रपुघ्नजश्री कगो बपुलराकर
हशक्षरा दश्री और सब मरातराओमं ककी सप्रेवरा उनकगो सजौंपश्री॥ 1॥
* भपूसपुर बगोहल भरत कर जगोरप्रे। करर पनराम बय हबनय हनहगोरप्रे॥
ऊहूँच नश्रीच करारजपु भल पगोचपू। आयसपु दप्रेब न करब सहूँकगोचपू॥ 2॥
भरावरारर्ण:-ब्रराहरर कगो बपुलराकर भरतजश्री नप्रे हरार जगोडकर परराम कर अवस्ररा कप्रे अनपुसरार
हवनय और हनहगोररा हकयरा हक आप लगोग ऊहूँचरा-नश्रीचरा (छगोटरा-बडरा), अच्छरा-मन्दरा जगो
कपु छ भश्री करायर्ण हगो, उसकप्रे हलए आजरा दश्रीहजएगरा। समंकगोच न ककीहजएगरा॥ 2॥
* पररजन पपुरजन पजरा बगोलराए। समराधरानपु करर सपुबस बसराए॥
सरानपुज गप्रे गपुर गप्रेहहूँ बहगोरश्री। करर दमंडवत कहत कर जगोरश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री नप्रे हफिर पररवरार कप्रे लगोगर कगो, नरागररकर कगो तररा अन्य पजरा कगो
बपुलराकर, उनकरा समराधरान करकप्रे उनकगो सपुखपपूवर्णक बसरायरा। हफिर छगोटप्रे भराई शत्रपुघ्नजश्री
सहहत वप्रे गपुरजश्री कप्रे घर गए और दमंडवत करकप्रे हरार जगोडकर बगोलप्रे-॥3॥
* आयसपु हगोइ त रहजौं सनप्रेमरा। बगोलप्रे मपुहन तन पपुलहक सपप्रेमरा॥
समपुझब कहब करब तपुम्ह जगोई। धरम सरार जग हगोइहह सगोई॥4॥
भरावरारर्ण:-आजरा हगो तगो ममैं हनयमपपूवर्णक रहह हूँ! मपुहन वहशषजश्री पपुलहकत शरश्रीर हगो पप्रेम कप्रे
सरार बगोलप्रे- हप्रे भरत! तपुम जगो कपु छ समझगोगप्रे, कहगोगप्रे और करगोगप्रे, वहश्री जगत ममें धमर्ण
करा सरार हगोगरा॥4॥
दगोहरा :
* सपुहन हसख पराइ असश्रीस बहड गनक बगोहल हदनपु सराहध।
हसमंघरासन पभपु परादक पु रा बहैठरारप्रे हनरपराहध॥323॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री नप्रे यह सपुनकर और हशक्षरा तररा बडरा आशश्रीवरार्णद पराकर ज्यगोहतहषयर कगो
बपुलरायरा और हदन (अच्छरा मपुहहतर्ण) सराधकर पभपु ककी चररपरादक पु राओमं कगो हनहवर्णघ्नतरापपूवर्णक
हसमंहरासन पर हवरराहजत कररायरा॥323॥
चरौपराई :
* रराम मरातपु गपुर पद हसर नराई। पभपु पद पश्रीठ रजरायसपु पराई॥
नमंहदगराहूँव करर परन कपु टश्रीररा। ककीन्ह हनवरासपु धरम धपुर धश्रीररा॥1॥
भरावरारर्ण:-हफिर शश्री ररामजश्री ककी मरातरा करौसल्यराजश्री और गपुरजश्री कप्रे चररर ममें हसर नवराकर
और पभपु ककी चररपरादक पु राओमं ककी आजरा पराकर धमर्ण ककी धपुरश्री धरारर करनप्रे ममें धश्रीर
भरतजश्री नप्रे नहन्दगराम ममें परर्णकपुटश्री बनराकर उसश्री ममें हनवरास हकयरा॥1॥
* जटराजपूट हसर मपुहनपट धरारश्री। महह खहन कपु स सरारहूँ रश्री सहूँवरारश्री॥
असन बसन बरासन ब्रत नप्रेमरा। करत कहठन ररहषधरम सपप्रेमरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हसर पर जटराजपूट और शरश्रीर ममें मपुहनयर कप्रे (वल्कल) वस्त्र धरारर कर,
पमृथ्वश्री कगो खगोदकर उसकप्रे अमंदर कपु श ककी आसनश्री हबछराई। भगोजन, वस्त्र, बरतन,
व्रत, हनयम सभश्री बरातर ममें वप्रे ऋहषयर कप्रे कहठन धमर्ण करा पप्रेम सहहत आचरर करनप्रे
लगप्रे॥2॥
* भपूषन बसन भगोग सपुख भपूरश्री। मन तन बचन तजप्रे हतन तपूरश्री॥
अवध रराजपु सपुर रराजपु हसहराई। दसरर धनपु सपुहन धनद पु लजराई॥3॥
भरावरारर्ण:-गहनप्रे-कपडप्रे और अनप्रेकर पकरार कप्रे भगोग-सपुखर कगो मन, तन और वचन सप्रे
तमृर तगोडकर (पहतजरा करकप्रे ) त्यराग हदयरा। हजस अयगोध्यरा कप्रे रराज्य कगो दप्रेवरराज इन्द
हसहरातप्रे रप्रे और (जहराहूँ कप्रे रराजरा) दशररजश्री ककी सम्पहर सपुनकर कपु बप्रेर भश्री लजरा जरातप्रे
रप्रे,॥3॥
* तप्रेहहमं पपुर बसत भरत हबनपु ररागरा। चमंचरश्रीक हजहम चमंपक बरागरा॥
रमरा हबलरासपु रराम अनपुररागश्री। तजत बमन हजहम जन बडभरागश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-उसश्री अयगोध्यरापपुरश्री ममें भरतजश्री अनरासक्त हगोकर इस पकरार हनवरास कर रहप्रे हमैं ,
जहैसप्रे चम्परा कप्रे बराग ममें भजौंररा। शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे पप्रेमश्री बडभरागश्री पपुरष लक्ष्मश्री कप्रे हवलरास
(भगोगहैश्वयर्ण) कगो वमन ककी भराहूँहत त्यराग दप्रेतप्रे हमैं (हफिर उसककी ओर तराकतप्रे भश्री नहहीं)॥
4॥
दगोहरा :
* रराम पप्रेम भराजन भरतपु बडप्रे न एहहमं करतपूहत।
चरातक हमंस सरराहहअत टमेंक हबबप्रेक हबभपूहत॥324॥
भरावरारर्ण:-हफिर भरतजश्री तगो (स्वयमं) शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे पप्रेम कप्रे परात्र हमैं। वप्रे इस
(भगोगहैश्वयर्ण त्यराग रूप) करनश्री सप्रे बडप्रे नहहीं हहए (अररार्णत उनकप्रे हलए यह कगोई बडश्री
बरात नहहीं हहै)। (पमृथ्वश्री पर करा जल न पश्रीनप्रे ककी) टप्रेक सप्रे चरातक ककी और नश्रीर-क्षश्रीर-
हववप्रेक ककी हवभपूहत (शहक्त) सप्रे हमंस ककी भश्री सरराहनरा हगोतश्री हहै॥ 324॥
चरौपराई :
* दप्रेह हदनहह हूँ हदन दबपू रर हगोई। घटइ तप्रेजपु बलपु मपुखछहब सगोई॥
हनत नव रराम पप्रेम पनपु पश्रीनरा। बढत धरम दलपु मनपु न मलश्रीनरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री करा शरश्रीर हदनर-हदन दबपु लरा हगोतरा जरातरा हहै। तप्रेज (अन्न, घमृत आहद
सप्रे उत्पन्न हगोनप्रे वरालरा मप्रेद*) घट रहरा हहै। बल और मपुख छहब (मपुख ककी कराहन्त
अरवरा शगोभरा) वहैसश्री हश्री बनश्री हह ई हहै। रराम पप्रेम करा पर हनत्य नयरा और पपुष्टि हगोतरा हहै ,
धमर्ण करा दल बढतरा हहै और मन उदरास नहहीं हहै (अररार्णत पसन्न हहै)॥1॥
* समंस्कमृ त कगोष ममें 'तप्रेज' करा अरर्ण मप्रेद हमलतरा हहै और यह अरर्ण लप्रेनप्रे सप्रे 'घटइ'
कप्रे अरर्ण ममें भश्री हकसश्री पकरार ककी खहींच-तरान नहहीं करनश्री पडतश्री।
* हजहम जलपु हनघटत सरद पकरासप्रे। हबलसत बप्रेतस बनज हबकरासप्रे॥
सम दम समंजम हनयम उपरासरा। नखत भरत हहय हबमल अकरासरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-जहैसप्रे शरद ऋतपु कप्रे पकराश (हवकरास) सप्रे जल घटतरा हहै, हकन्तपु बमेंत शगोभरा
परातप्रे हमैं और कमल हवकहसत हगोतप्रे हमैं। शम, दम, समंयम, हनयम और उपवरास आहद
भरतजश्री कप्रे हृदयरूपश्री हनमर्णल आकराश कप्रे नक्षत्र (तराररागर) हमैं॥2॥
* धपुव हबस्वरासपु अवहध रराकरा सश्री। स्वराहम सपुरहत सपुरबश्रीहर हबकरासश्री॥
रराम पप्रेम हबधपु अचल अदगोषरा। सहहत समराज सगोह हनत चगोखरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-हवश्वरास हश्री (उस आकराश ममें) धपुव तराररा हहै, चरौदह वषर्ण ककी अवहध (करा
ध्यरान) पपूहरर्णमरा कप्रे समरान हहै और स्वरामश्री शश्री ररामजश्री ककी सपुरहत (स्ममृहत) आकराशगमंगरा
सरश्रीखश्री पकराहशत हहै। रराम पप्रेम हश्री अचल (सदरा रहनप्रे वरालरा) और कलमंकरहहत चन्दमरा
हहै। वह अपनप्रे समराज (नक्षत्रर) सहहत हनत्य सपुमंदर सपुशगोहभत हहै॥3॥
* भरत रहहन समपुझहन करतपूतश्री। भगहत हबरहत गपुन हबमल हबभपूतश्री॥
बरनत सकल सपुकहब सकपु चराहहीं। सप्रेस गनप्रेस हगररा गमपु नराहहीं॥4॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री ककी रहनश्री, समझ, करनश्री, भहक्त, वहैरराग्य, हनमर्णल, गपुर और ऐश्वयर्ण
करा वरर्णन करनप्रे ममें सभश्री सपुकहव सकपु चरातप्रे हमैं, क्यरहक वहराहूँ (औरर ककी तगो बरात हश्री
क्यरा) स्वयमं शप्रेष, गरप्रेश और सरस्वतश्री ककी भश्री पहह हूँच नहहीं हहै॥4॥
दगोहरा :
* हनत पपूजत पभपु पराहूँवरश्री पश्रीहत न हृदयहूँ समराहत।
मराहग मराहग आयसपु करत रराज कराज बहह भराहूँहत॥325॥
भरावरारर्ण:-वप्रे हनत्य पहत पभपु ककी परादक पु राओमं करा पपूजन करतप्रे हमैं, हृदय ममें पप्रेम समरातरा
नहहीं हहै। परादक पु राओमं सप्रे आजरा मराहूँग-मराहूँगकर वप्रे बहह त पकरार (सब पकरार कप्रे ) रराज-कराज
करतप्रे हमैं॥325॥
चरौपराई :
* पपुलक गरात हहयहूँ हसय रघपुबश्रीरू। जश्रीह नरामपु जप लगोचन नश्रीरू॥
लखन रराम हसय करानन बसहहीं। भरतपु भवन बहस तप तनपु कसहहीं॥ 1॥
भरावरारर्ण:-शरश्रीर पपुलहकत हहै, हृदय ममें शश्री सश्रीतरा-ररामजश्री हमैं। जश्रीभ रराम नराम जप रहश्री हहै,
नप्रेत्रर ममें पप्रेम करा जल भररा हहै। लक्ष्मरजश्री , शश्री ररामजश्री और सश्रीतराजश्री तगो वन ममें बसतप्रे
हमैं, परन्तपु भरतजश्री घर हश्री ममें रहकर तप कप्रे दराररा शरश्रीर कगो कस रहप्रे हमैं॥ 1॥
* दगोउ हदहस समपुहझ कहत सबपु लगोगपू। सब हबहध भरत सरराहन जगोगपू॥
सपुहन ब्रत नप्रेम सराधपु सकपु चराहहीं। दप्रेहख दसरा मपुहनरराज लजराहहीं॥2॥
भरावरारर्ण:-दगोनर ओर ककी हस्रहत समझकर सब लगोग कहतप्रे हमैं हक भरतजश्री सब पकरार
सप्रे सरराहनप्रे यगोग्य हमैं। उनकप्रे व्रत और हनयमर कगो सपुनकर सराधपु-समंत भश्री सकपु चरा जरातप्रे हमैं
और उनककी हस्रहत दप्रेखकर मपुहनरराज भश्री लहजत हगोतप्रे हमैं॥ 2॥
* परम पपुनश्रीत भरत आचरनपू। मधपुर ममंजपु मपुद ममंगल करनपू॥
हरन कहठन कहल कलपुष कलप्रेसपू। महरामगोह हनहस दलन हदनप्रेसपू॥ 3॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री करा परम पहवत्र आचरर (चररत्र) मधपुर, सपुमंदर और आनमंद-ममंगलर करा
करनप्रे वरालरा हहै। कहलयगपु कप्रे कहठन परापर और कप्रे शर कगो हरनप्रे वरालरा हहै। महरामगोह रूपश्री
रराहत्र कगो नष्टि करनप्रे कप्रे हलए सपूयर्ण कप्रे समरान हहै॥3॥
* पराप पपुमंज कपुमं जर ममृगरराजपू। समन सकल समंतराप समराजपू॥
जन रमंजन भमंजन भव भरारू। रराम सनप्रेह सपुधराकर सरारू॥4॥
भरावरारर्ण:-पराप समपूह रूपश्री हरारश्री कप्रे हलए हसमंह हहै। सरारप्रे समंतरापर कप्रे दल करा नराश करनप्रे
वरालरा हहै। भक्तर कगो आनमंद दप्रेनप्रे वरालरा और भव कप्रे भरार (समंसरार कप्रे दद्धाःपु ख) करा भमंजन
करनप्रे वरालरा तररा शश्री रराम पप्रेम रूपश्री चन्दमरा करा सरार (अममृत) हहै॥4॥
छन्द :
* हसय रराम पप्रेम हपयपूष पपूरन हगोत जनमपु न भरत कगो।
मपुहन मन अगम जम हनयम सम दम हबषम ब्रत आचरत कगो॥
दख पु दराह दराररद दमंभ दषपू न सपुजस हमस अपहरत कगो।
कहलकराल तपुलसश्री सप्रे सठहन्ह हहठ रराम सनमपुख करत कगो॥
भरावरारर्ण:-शश्री सश्रीतराररामजश्री कप्रे पप्रेमरूपश्री अममृत सप्रे पररपपूरर्ण भरतजश्री करा जन्म यहद न हगोतरा,
तगो मपुहनयर कप्रे मन कगो भश्री अगम यम, हनयम, शम, दम आहद कहठन व्रतर करा
आचरर करौन करतरा? दद्धाःपु ख, समंतराप, दररदतरा, दम्भ आहद दगोषर कगो अपनप्रे सपुयश
कप्रे बहरानप्रे करौन हरर करतरा? तररा कहलकराल ममें तपुलसश्रीदरास जहैसप्रे शठर कगो हठपपूवर्णक
करौन शश्री ररामजश्री कप्रे सम्मपुख करतरा?
सगोरठरा :
* भरत चररत करर नप्रेमपु तपुलसश्री जगो सरादर सपुनहहमं।
सश्रीय रराम पद पप्रेमपु अवहस हगोइ भव रस हबरहत॥326॥
भरावरारर्ण:-तपुलसश्रीदरासजश्री कहतप्रे हमैं- जगो कगोई भरतजश्री कप्रे चररत्र कगो हनयम सप्रे आदरपपूवर्णक
सपुनमेंगप्रे, उनकगो अवश्य हश्री शश्रीसश्रीतराररामजश्री कप्रे चररर ममें पप्रेम हगोगरा और सरामंसराररक हवषय
रस सप्रे वहैरराग्य हगोगरा॥326॥
शश्री सश्रीतरा-अनसपूयरा हमलन और शश्री सश्रीतराजश्री कगो अनसपूयराजश्री करा पहतव्रत धमर्ण कहनरा
चरौपराई :
* अनपुसपुइयरा कप्रे पद गहह सश्रीतरा। हमलश्री बहगोरर सपुसश्रील हबनश्रीतरा॥
ररहषपहतनश्री मन सपुख अहधकराई। आहसष दप्रेइ हनकट बहैठराई॥1॥
भरावरारर्ण:-हफिर परम शश्रीलवतश्री और हवनम्र शश्री सश्रीतराजश्री अनसपूयराजश्री (आहत्रजश्री ककी पत्नश्री) कप्रे चरर
पकडकर उनसप्रे हमलहीं। ऋहष पत्नश्री कप्रे मन ममें बडरा सपुख हहआ। उन्हरनप्रे आशश्रीष दप्रेकर सश्रीतराजश्री कगो
परास बहैठरा हलयरा॥1॥
* हदब्य बसन भपूषन पहहरराए। जप्रे हनत नपूतन अमल सपुहराए॥
कह ररहषबधपू सरस ममृद पु बरानश्री। नराररधमर्ण कछपु ब्यराज बखरानश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-और उन्हमें ऐसप्रे हदव्य वस्त्र और आभपूषर पहनराए, जगो हनत्य-नए हनमर्णल और सपुहरावनप्रे बनप्रे
रहतप्रे हमैं। हफिर ऋहष पत्नश्री उनकप्रे बहरानप्रे मधपुर और कगोमल वरारश्री सप्रे हस्त्रयर कप्रे कपु छ धमर्ण बखरान कर
कहनप्रे लगहीं॥2॥
*मरातपु हपतरा ररातरा हहतकरारश्री। हमतपद सब सपुनपु रराजकपु मरारश्री॥
अहमत दराहन भतरार्ण बयदप्रेहश्री। अधम सगो नरारर जगो सप्रेव न तप्रेहश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे रराजकपु मरारश्री! सपुहनए- मरातरा, हपतरा, भराई सभश्री हहत करनप्रे वरालप्रे हमैं, परन्तपु यप्रे सब एक
सश्रीमरा तक हश्री (सपुख) दप्रेनप्रे वरालप्रे हमैं, परन्तपु हप्रे जरानककी! पहत तगो (मगोक्ष रूप) असश्रीम (सपुख) दप्रेनप्रे
वरालरा हहै। वह स्त्रश्री अधम हहै, जगो ऐसप्रे पहत ककी सप्रेवरा नहहीं करतश्री॥3॥
* धश्रीरज धमर्ण हमत्र अर नरारश्री। आपद कराल पररहखअहहमं चरारश्री॥
बमृद रगोगबस जड धनहश्रीनरा। अमंध बहधर कगोधश्री अहत दश्रीनरा॥4॥
भरावरारर्ण:-धहैयर्ण, धमर्ण, हमत्र और स्त्रश्री- इन चरारर ककी हवपहर कप्रे समय हश्री परश्रीक्षरा हगोतश्री हहै। वमृद,
रगोगश्री, मपूखर्ण, हनधर्णन, अमंधरा, बहररा, कगोधश्री और अत्यन्त हश्री दश्रीन-॥4॥
*ऐसप्रेहह पहत कर हकएहूँ अपमरानरा। नरारर पराव जमपपुर दख
पु नरानरा॥
एकइ धमर्ण एक ब्रत नप्रेमरा। करायहूँ बचन मन पहत पद पप्रेमरा॥5॥
भरावरारर्ण:-ऐसप्रे भश्री पहत करा अपमरान करनप्रे सप्रे स्त्रश्री यमपपुर ममें भराहूँहत-भराहूँहत कप्रे दद्धाःपु ख परातश्री हहै। शरश्रीर,
वचन और मन सप्रे पहत कप्रे चररर ममें पप्रेम करनरा स्त्रश्री कप्रे हलए, बस यह एक हश्री धमर्ण हहै, एक हश्री व्रत
हहै और एक हश्री हनयम हहै॥5॥
*जग पहतब्रतरा चरारर हबहध अहहहीं। बप्रेद पपुररान समंत सब कहहहीं॥
उरम कप्रे अस बस मन मराहहीं। सपनप्रेहहहूँ आन पपुरष जग नराहहीं॥6॥
भरावरारर्ण:-जगत ममें चरार पकरार ककी पहतव्रतराएहूँ हमैं। वप्रेद, पपुररार और समंत सब ऐसरा कहतप्रे हमैं हक उरम
शप्रेरश्री ककी पहतव्रतरा कप्रे मन ममें ऐसरा भराव बसरा रहतरा हहै हक जगत ममें (मप्रेरप्रे पहत कगो छगोडकर) दस
पू ररा
पपुरष स्वप्न ममें भश्री नहहीं हहै॥6॥
*मध्यम परपहत दप्रेखइ कहै समें। ररातरा हपतरा पपुत्र हनज जहैसमें॥
धमर्ण हबचरारर समपुहझ कपु ल रहई। सगो हनहकष्टि हत्रय शपुहत अस कहई॥7॥
भरावरारर्ण:-मध्यम शप्रेरश्री ककी पहतव्रतरा परराए पहत कगो कहै सप्रे दप्रेखतश्री हहै, जहैसप्रे वह अपनरा सगरा भराई,
हपतरा यरा पपुत्र हगो (अररार्णत समरान अवस्ररा वरालप्रे कगो वह भराई कप्रे रूप ममें दप्रेखतश्री हहै, बडप्रे कगो हपतरा कप्रे
रूप ममें और छगोटप्रे कगो पपुत्र कप्रे रूप ममें दप्रेखतश्री हहै।) जगो धमर्ण कगो हवचरारकर और अपनप्रे कपु ल ककी मयरार्णदरा
समझकर बचश्री रहतश्री हहै, वह हनकमृ ष्टि (हनम्न शप्रेरश्री ककी) स्त्रश्री हहै, ऐसरा वप्रेद कहतप्रे हमैं॥7॥
*हबनपु अवसर भय तमें रह जगोई। जरानप्रेहह अधम नरारर जग सगोई॥
पहत बमंचक परपहत रहत करई। ररौरव नरक कल्प सत परई॥8॥
भरावरारर्ण:-और जगो स्त्रश्री मरौकरा न हमलनप्रे सप्रे यरा भयवश पहतव्रतरा बनश्री रहतश्री हहै , जगत ममें उसप्रे अधम
स्त्रश्री जराननरा। पहत कगो धगोखरा दप्रेनप्रे वरालश्री जगो स्त्रश्री परराए पहत सप्रे रहत करतश्री हहै , वह तगो सरौ कल्प तक
ररौरव नरक ममें पडश्री रहतश्री हहै॥8॥
*छन सपुख लराहग जनम सत कगोटश्री। दख
पु न समपुझ तप्रेहह सम कगो खगोटश्री॥
हबनपु शम नरारर परम गहत लहई। पहतब्रत धमर्ण छराहड छल गहई॥9॥
भरावरारर्ण:-क्षरभर कप्रे सपुख कप्रे हलए जगो सरौ करगोड (असमंख्य) जन्मर कप्रे दद्धाःपु ख कगो नहहीं समझतश्री,
उसकप्रे समरान दष्टिपु रा करौन हगोगश्री। जगो स्त्रश्री छल छगोडकर पहतव्रत धमर्ण कगो गहर करतश्री हहै , वह हबनरा हश्री
पररशम परम गहत कगो पराप्त करतश्री हहै॥9॥
*पहत पहतकपू ल जनम जहहूँ जराई। हबधवरा हगोइ पराइ तरनराई॥10॥
भरावरारर्ण:-हकन्तपु जगो पहत कप्रे पहतकपू ल चलतश्री हहै, वह जहराहूँ भश्री जराकर जन्म लप्रेतश्री हहै, वहहीं जवरानश्री
पराकर (भरश्री जवरानश्री ममें) हवधवरा हगो जरातश्री हहै॥10॥
सगोरठरा :
* सहज अपरावहन नरारर पहत सप्रेवत सपुभ गहत लहइ।
जसपु गरावत शपुहत चरारर अजहह हूँ तपुलहसकरा हररहह हपय॥5 क॥
भरावरारर्ण:-स्त्रश्री जन्म सप्रे हश्री अपहवत्र हहै, हकन्तपु पहत ककी सप्रेवरा करकप्रे वह अनरायरास हश्री शपुभ गहत पराप्त
कर लप्रेतश्री हहै। (पहतव्रत धमर्ण कप्रे करारर हश्री) आज भश्री 'तपुलसश्रीजश्री' भगवरान कगो हपय हमैं और चरारर
वप्रेद उनकरा यश गरातप्रे हमैं॥5 (क)॥
*सपुनपु सश्रीतरा तव नराम सपुहमरर नरारर पहतब्रत करहहमं।
तगोहह परानहपय रराम कहहउहूँ कररा समंसरार हहत॥5 ख॥
भरावरारर्ण:-हप्रे सश्रीतरा! सपुनगो, तपुम्हराररा तगो नराम हश्री लप्रे-लप्रेकर हस्त्रयराहूँ पहतव्रत धमर्ण करा परालन करमेंगश्री।
तपुम्हमें तगो शश्री ररामजश्री परारर कप्रे समरान हपय हमैं, यह (पहतव्रत धमर्ण ककी) कररा तगो ममैंनप्रे समंसरार कप्रे हहत
कप्रे हलए कहश्री हहै॥5 (ख)॥
चरौपराई :
* सपुहन जरानककीमं परम सपुखपु परावरा। सरादर तरासपु चरन हसर नरावरा॥
तब मपुहन सन कह कमृ पराहनधरानरा। आयसपु हगोइ जराउहूँ बन आनरा॥1॥
भरावरारर्ण:-जरानककीजश्री नप्रे सपुनकर परम सपुख परायरा और आदरपपूवर्णक उनकप्रे चररर ममें हसर नवरायरा। तब
कमृ परा ककी खरान शश्री ररामजश्री नप्रे मपुहन सप्रे कहरा- आजरा हगो तगो अब दस
पू रप्रे वन ममें जराऊहूँ॥1॥
*समंतत मगो पर कमृ परा करप्रेहह। सप्रेवक जराहन तजप्रेहह जहन नप्रेहह॥
धमर्ण धपुरधमं र पभपु कहै बरानश्री। सपुहन सपप्रेम बगोलप्रे मपुहन ग्यरानश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-मपुझ पर हनरमंतर कमृ परा करतप्रे रहहएगरा और अपनरा सप्रेवक जरानकर स्नप्रेह न छगोहडएगरा। धमर्ण
धपुरधमं र पभपु शश्री ररामजश्री कप्रे वचन सपुनकर जरानश्री मपुहन पप्रेमपपूवर्णक बगोलप्रे-॥2॥
*जरासपु कमृ परा अज हसव सनकरादश्री। चहत सकल परमरारर बरादश्री॥
तप्रे तपुम्ह रराम अकराम हपआरप्रे। दश्रीन बमंधपु ममृद पु बचन उचरारप्रे॥3॥
भरावरारर्ण:-ब्रहरा, हशव और सनकराहद सभश्री परमरारर्णवरादश्री (तत्ववप्रेररा) हजनककी कमृ परा चराहतप्रे हमैं, हप्रे
ररामजश्री! आप वहश्री हनष्कराम पपुरषर कप्रे भश्री हपय और दश्रीनर कप्रे बमंधपु भगवरान हमैं, जगो इस पकरार
कगोमल वचन बगोल रहप्रे हमैं॥3॥
*अब जरानश्री ममैं शश्री चतपुरराई। भजश्री तपुम्हहह सब दप्रेव हबहराई॥
जप्रेहह समरान अहतसय नहहमं कगोई। तरा कर सश्रील कस न अस हगोई॥4॥
भरावरारर्ण:-अब ममैंनप्रे लक्ष्मश्रीजश्री ककी चतपुरराई समझश्री, हजन्हरनप्रे सब दप्रेवतराओमं कगो छगोडकर आप हश्री कगो
भजरा। हजसकप्रे समरान (सब बरातर ममें) अत्यन्त बडरा और कगोई नहहीं हहै, उसकरा शश्रील भलरा, ऐसरा
क्यर न हगोगरा?॥4॥
*कप्रे हह हबहध कहजौं जराहह अब स्वरामश्री। कहहह नरार तपुम्ह अमंतरजरामश्री॥
अस कहह पभपु हबलगोहक मपुहन धश्रीररा। लगोचन जल बह पपुलक सरश्रीररा॥ 5॥
भरावरारर्ण:-ममैं हकस पकरार कहह हूँ हक हप्रे स्वरामश्री! आप अब जराइए? हप्रे नरार! आप अन्तयरार्णमश्री हमैं,
आप हश्री कहहए। ऐसरा कहकर धश्रीर मपुहन पभपु कगो दप्रेखनप्रे लगप्रे। मपुहन कप्रे नप्रेत्रर सप्रे (पप्रेमराशपुओमं करा) जल
बह रहरा हहै और शरश्रीर पपुलहकत हहै॥5॥
छन्द :
* तन पपुलक हनभर्णर पप्रेम पपूरन नयन मपुख पमंकज हदए।
मन ग्यरान गपुन गगोतश्रीत पभपु ममैं दश्रीख जप तप करा हकए॥
जप जगोग धमर्ण समपूह तमें नर भगहत अनपुपम परावई।
रघपुबश्रीर चररत पपुनश्रीत हनहस हदन दरास तपुलसश्री गरावई॥
भरावरारर्ण:-मपुहन अत्यन्त पप्रेम सप्रे पपूरर्ण हमैं, उनकरा शरश्रीर पपुलहकत हहै और नप्रेत्रर कगो शश्री ररामजश्री कप्रे
मपुखकमल ममें लगराए हह ए हमैं। (मन ममें हवचरार रहप्रे हमैं हक) ममैंनप्रे ऐसप्रे करौन सप्रे जप-तप हकए रप्रे, हजसकप्रे
करारर मन, जरान, गपुर और इहन्दयर सप्रे परप्रे पभपु कप्रे दशर्णन पराए। जप, यगोग और धमर्ण समपूह सप्रे
मनपुष्य अनपुपम भहक्त कगो परातरा हहै। शश्री रघपुवश्रीर कप्रे पहवत्र चररत्र कगो तपुलसश्रीदरास ररात-हदन गरातरा हहै।
दगोहरा :
* कहलमल समन दमन मन रराम सपुजस सपुखमपूल।
सरादर सपुनहहमं जप्रे हतन्ह पर रराम रहहहमं अनपुकपूल॥6 क॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचन्दजश्री करा सपुदमं र यश कहलयगपु कप्रे परापर करा नराश करनप्रे वरालरा, मन कगो दमन
करनप्रे वरालरा और सपुख करा मपूल हहै, जगो लगोग इसप्रे आदरपपूवर्णक सपुनतप्रे हमैं, उन पर शश्री ररामजश्री पसन्न
रहतप्रे हमैं॥6 (क)॥
सगोरठरा :
* कहठन कराल मल कगोस धमर्ण न ग्यरान न जगोग जप।
पररहरर सकल भरगोस ररामहह भजहहमं तप्रे चतपुर नर॥6 ख॥
भरावरारर्ण:-यह कहठन कहल कराल परापर करा खजरानरा हहै, इसममें न धमर्ण हहै, न जरान हहै और न यगोग
तररा जप हश्री हहै। इसममें तगो जगो लगोग सब भरगोसर कगो छगोडकर शश्री ररामजश्री कगो हश्री भजतप्रे हमैं , वप्रे हश्री
चतपुर हमैं॥6 (ख)॥
रराक्षस वध ककी पहतजरा करनरा, सपुतश्रीक्ष्रजश्री करा पप्रेम, अगस्त्य हमलन, अगस्त्य समंवराद
दगोहरा :
* हनहसचर हश्रीन करउहूँ महह भपुज उठराइ पन ककीन्ह।
सकल मपुहनन्ह कप्रे आशमहन्ह जराइ जराइ सपुख दश्रीन्ह॥9॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री नप्रे भपुजरा उठराकर पर हकयरा हक ममैं पमृथ्वश्री कगो रराक्षसर सप्रे रहहत कर द हूँगपू रा। हफिर
समस्त मपुहनयर कप्रे आशमर ममें जरा-जराकर उनकगो (दशर्णन एवमं सम्भराषर करा) सपुख हदयरा॥9॥
चरौपराई :
* मपुहन अगहस्त कर हसष्य सपुजरानरा। नराम सपुतश्रीछन रहत भगवरानरा॥
मन कम बचन रराम पद सप्रेवक। सपनप्रेहहहूँ आन भरगोस न दप्रेवक॥1॥
भरावरारर्ण:-मपुहन अगस्त्यजश्री कप्रे एक सपुतश्रीक्ष्र नरामक सपुजरान (जरानश्री) हशष्य रप्रे, उनककी भगवरान ममें
पश्रीहत रश्री। वप्रे मन, वचन और कमर्ण सप्रे शश्री ररामजश्री कप्रे चररर कप्रे सप्रेवक रप्रे। उन्हमें स्वप्न ममें भश्री हकसश्री
पू रप्रे दप्रेवतरा करा भरगोसरा नहहीं ररा॥1॥
दस
* पभपु आगवनपु शवन सपुहन परावरा। करत मनगोरर आतपुर धरावरा॥
हप्रे हबहध दश्रीनबमंधपु रघपुररायरा। मगो सप्रे सठ पर कररहहहमं दरायरा॥2॥
भरावरारर्ण:-उन्हरनप्रे ज्यर हश्री पभपु करा आगमन करानर सप्रे सपुन परायरा, त्यर हश्री अनप्रेक पकरार कप्रे मनगोरर
करतप्रे हह ए वप्रे आतपुरतरा (शश्रीघ्रतरा) सप्रे दरौड चलप्रे। हप्रे हवधरातरा! क्यरा दश्रीनबन्धपु शश्री रघपुनरारजश्री मपुझ जहैसप्रे
दष्टिपु पर भश्री दयरा करमेंगप्रे?॥2॥
* सहहत अनपुज मगोहह रराम गगोसराई।मं हमहलहहहमं हनज सप्रेवक ककी नराई॥मं
मगोरप्रे हजयहूँ भरगोस दृढ नराहहीं। भगहत हबरहत न ग्यरान मन मराहहीं॥ 3॥
भरावरारर्ण:-क्यरा स्वरामश्री शश्री ररामजश्री छगोटप्रे भराई लक्ष्मरजश्री सहहत मपुझसप्रे अपनप्रे सप्रेवक ककी तरह
हमलमेंगप्रे? मप्रेरप्रे हृदय ममें दृढ हवश्वरास नहहीं हगोतरा, क्यरहक मप्रेरप्रे मन ममें भहक्त, वहैरराग्य यरा जरान कपु छ भश्री
नहहीं हहै॥3॥
* नहहमं सतसमंग जगोग जप जरागरा। नहहमं दृढ चरन कमल अनपुररागरा॥
एक बराहन करनराहनधरान ककी। सगो हपय जराकमें गहत न आन ककी॥4॥
भरावरारर्ण:-ममैंनप्रे न तगो सत्समंग, यगोग, जप अरवरा यज हश्री हकए हमैं और न पभपु कप्रे चररकमलर ममें मप्रेररा
दृढ अनपुरराग हश्री हहै। हराहूँ, दयरा कप्रे भमंडरार पभपु ककी एक बरान हहै हक हजसप्रे हकसश्री दस
पू रप्रे करा सहराररा नहहीं
हहै, वह उन्हमें हपय हगोतरा हहै॥4॥
* हगोइहमैं सपुफिल आजपु मम लगोचन। दप्रेहख बदन पमंकज भव मगोचन॥
हनभर्णर पप्रेम मगन मपुहन ग्यरानश्री। कहह न जराइ सगो दसरा भवरानश्री॥ 5॥
भरावरारर्ण:-(भगवरान ककी इस बरान करा स्मरर आतप्रे हश्री मपुहन आनमंदमग्नि हगोकर मन हश्री मन कहनप्रे
लगप्रे-) अहरा! भव बमंधन सप्रे छपु डरानप्रे वरालप्रे पभपु कप्रे मपुखरारहवमंद कगो दप्रेखकर आज मप्रेरप्रे नप्रेत्र सफिल हरगप्रे।
(हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे भवरानश्री! जरानश्री मपुहन पप्रेम ममें पपूरर्ण रूप सप्रे हनमग्नि हमैं। उनककी वह दशरा कहश्री
नहहीं जरातश्री॥5॥
* हदहस अर हबहदहस पमंर नहहमं सपूझरा। कगो ममैं चलप्रेउहूँ कहराहूँ नहहमं बपूझरा॥
कबहह हूँक हफिरर पराछमें पपुहन जराई। कबहह हूँक नमृत्य करइ गपुन गराई॥6॥
भरावरारर्ण:-उन्हमें हदशरा-हवहदशरा (हदशराएहूँ और उनकप्रे कगोर आहद) और ररास्तरा, कपु छ भश्री नहहीं सपूझ
रहरा हहै। ममैं करौन हह हूँ और कहराहूँ जरा रहरा हह,हूँ यह भश्री नहहीं जरानतप्रे (इसकरा भश्री जरान नहहीं हहै)। वप्रे कभश्री
पश्रीछप्रे घपूमकर हफिर आगप्रे चलनप्रे लगतप्रे हमैं और कभश्री (पभपु कप्रे ) गपुर गरा-गराकर नराचनप्रे लगतप्रे हमैं॥6॥
* अहबरल पप्रेम भगहत मपुहन पराई। पभपु दप्रेखमैं तर ओट लपुकराई॥
अहतसय पश्रीहत दप्रेहख रघपुबश्रीररा। पगटप्रे हृदयहूँ हरन भव भश्रीररा॥7॥
भरावरारर्ण:-मपुहन नप्रे पगराढ पप्रेमराभहक्त पराप्त कर लश्री। पभपु शश्री ररामजश्री वमृक्ष ककी आड ममें हछपकर (भक्त ककी
पप्रेमगोन्मर दशरा) दप्रेख रहप्रे हमैं। मपुहन करा अत्यन्त पप्रेम दप्रेखकर भवभय (आवरागमन कप्रे भय) कगो हरनप्रे
वरालप्रे शश्री रघपुनरारजश्री मपुहन कप्रे हृदय ममें पकट हगो गए॥7॥
* मपुहन मग मराझ अचल हगोइ बहैसरा। पपुलक सरश्रीर पनस फिल जहैसरा॥
तब रघपुनरार हनकट चहल आए। दप्रेहख दसरा हनज जन मन भराए॥8॥
भरावरारर्ण:-(हृदय ममें पभपु कप्रे दशर्णन पराकर) मपुहन बश्रीच ररास्तप्रे ममें अचल (हस्रर) हगोकर बहैठ गए।
उनकरा शरश्रीर रगोमरामंच सप्रे कटहल कप्रे फिल कप्रे समरान (कण्टहकत) हगो गयरा। तब शश्री रघपुनरारजश्री उनकप्रे
परास चलप्रे आए और अपनप्रे भक्त ककी पप्रेम दशरा दप्रेखकर मन ममें बहह त पसन्न हहए॥8॥
* मपुहनहह रराम बहह भराहूँहत जगरावरा। जराग न ध्यरान जहनत सपुख परावरा॥
भपूप रूप तब रराम दरपु रावरा। हृदयहूँ चतपुभपुर्णज रूप दप्रेखरावरा॥9॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री नप्रे मपुहन कगो बहह त पकरार सप्रे जगरायरा, पर मपुहन नहहीं जरागप्रे, क्यरहक उन्हमें पभपु कप्रे
ध्यरान करा सपुख पराप्त हगो रहरा ररा। तब शश्री ररामजश्री नप्रे अपनप्रे रराजरूप कगो हछपरा हलयरा और उनकप्रे
हृदय ममें अपनरा चतपुभपुर्णज रूप पकट हकयरा॥9॥
* मपुहन अकपु लराइ उठरा तब कहै समें। हबकल हश्रीन महन फिहनबर जहैसमें॥
आगमें दप्रेहख रराम तन स्यरामरा। सश्रीतरा अनपुज सहहत सपुख धरामरा॥ 10॥
भरावरारर्ण:-तब (अपनप्रे ईष्टि स्वरूप कप्रे अमंतधरार्णन हगोतप्रे हश्री) मपुहन ऐसप्रे व्यराकपुल हगोकर उठप्रे, जहैसप्रे शप्रेष
(महरधर) सपर्ण महर कप्रे हबनरा व्यराकपुल हगो जरातरा हहै। मपुहन नप्रे अपनप्रे सरामनप्रे सश्रीतराजश्री और लक्ष्मरजश्री
सहहत श्यरामसपुदमं र हवगह सपुखधराम शश्री ररामजश्री कगो दप्रेखरा॥10॥
* परप्रेउ लकपु ट इव चरनहन्ह लरागश्री। पप्रेम मगन मपुहनबर बडभरागश्री॥
भपुज हबसराल गहह हलए उठराई। परम पश्रीहत रराखप्रे उर लराई॥11॥
भरावरारर्ण:-पप्रेम ममें मग्नि हहए वप्रे बडभरागश्री शप्रेष मपुहन लराठश्री ककी तरह हगरकर शश्री ररामजश्री कप्रे चररर ममें लग
गए। शश्री ररामजश्री नप्रे अपनश्री हवशराल भपुजराओमं सप्रे पकडकर उन्हमें उठरा हलयरा और बडप्रे पप्रेम सप्रे हृदय सप्रे
लगरा रखरा॥11॥
* मपुहनहह हमलत अस सगोह कमृ परालरा। कनक तरहह जनपु भमेंट तमरालरा॥
रराम बदनपु हबलगोक मपुहन ठराढरा। मरानहह हूँ हचत्र मराझ हलहख कराढरा॥12॥
भरावरारर्ण:-कमृ परालपु शश्री ररामचन्दजश्री मपुहन सप्रे हमलतप्रे हह ए ऐसप्रे शगोहभत हगो रहप्रे हमैं, मरानगो सगोनप्रे कप्रे वमृक्ष सप्रे
तमराल करा वमृक्ष गलप्रे लगकर हमल रहरा हगो। मपुहन (हनस्तब्ध) खडप्रे हह ए (टकटककी लगराकर) शश्री
ररामजश्री करा मपुख दप्रेख रहप्रे हमैं, मरानगो हचत्र ममें हलखकर बनराए गए हर॥12॥
दगोहरा :
* तब मपुहन हृदयहूँ धश्रीर धरर गहह पद बरारहहमं बरार।
हनज आशम पभपु आहन करर पपूजरा हबहबध पकरार॥10॥
भरावरारर्ण:-तब मपुहन नप्रे हृदय ममें धश्रीरज धरकर बरार-बरार चररर कगो स्पशर्ण हकयरा। हफिर पभपु कगो अपनप्रे
आशम ममें लराकर अनप्रेक पकरार सप्रे उनककी पपूजरा ककी॥10॥
चरौपराई :
* कह मपुहन पभपु सपुनपु हबनतश्री मगोरश्री। अस्तपुहत करजौं कवन हबहध तगोरश्री॥
महहमरा अहमत मगोरर महत रगोरश्री। रहब सन्मपुख खद्यगोत अहूँजगोरश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-मपुहन कहनप्रे लगप्रे- हप्रे पभगो! मप्रेरश्री हवनतश्री सपुहनए। ममैं हकस पकरार सप्रे आपककी स्तपुहत करूहूँ ?
आपककी महहमरा अपरार हहै और मप्रेरश्री बपुहद अल्प हहै। जहैसप्रे सपूयर्ण कप्रे सरामनप्रे जपुगनपू करा उजरालरा!॥1॥
* श्यराम तरामरस दराम शरश्रीरमं। जटरा मपुकपुट पररधन मपुहनचश्रीरमं॥
पराहर चराप शर कहट तपूरश्रीरमं। नरौहम हनरमंतर शश्रीरघपुवश्रीरमं॥2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे नश्रीलकमल ककी मरालरा कप्रे समरान श्यराम शरश्रीर वरालप्रे! हप्रे जटराओमं करा मपुकपुट और मपुहनयर
कप्रे (वल्कल) वस्त्र पहनप्रे हह ए, हरारर ममें धनपुष-बरार हलए तररा कमर ममें तरकस कसप्रे हहए शश्री
ररामजश्री! ममैं आपकगो हनरमंतर नमस्करार करतरा हह॥हूँ 2॥
* मगोह हवहपन घन दहन कमृ शरानपुद्धाः। समंत सरगोरह करानन भरानपुद्धाः॥
हनहसचर करर वरूर ममृगरराजद्धाः। त्ररास सदरा नगो भव खग बराजद्धाः॥3॥
भरावरारर्ण:-जगो मगोह रूपश्री घनप्रे वन कगो जलरानप्रे कप्रे हलए अहग्नि हमैं, समंत रूपश्री कमलर कप्रे वन कगो
पफिपु हल्लत करनप्रे कप्रे हलए सपूयर्ण हमैं, रराक्षस रूपश्री हराहरयर कप्रे समपूह कगो पछराडनप्रे कप्रे हलए हसमंह हमैं और
भव (आवरागमन) रूपश्री पक्षश्री कगो मरारनप्रे कप्रे हलए बराज रूप हमैं, वप्रे पभपु सदरा हमरारश्री रक्षरा करमें॥3॥
* अरर नयन रराजश्रीव सपुवप्रेशमं। सश्रीतरा नयन चकगोर हनशप्रेशमं॥
हर हृहद मरानस बराल मररालमं। नरौहम रराम उर बराहह हवशरालमं॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे लराल कमल कप्रे समरान नप्रेत्र और सपुदमं र वप्रेश वरालप्रे! सश्रीतराजश्री कप्रे नप्रेत्र रूपश्री चकगोर कप्रे
चमंदमरा, हशवजश्री कप्रे हृदय रूपश्री मरानसरगोवर कप्रे बरालहमंस, हवशराल हृदय और भपुजरा वरालप्रे शश्री
ररामचमंदजश्री! ममैं आपकगो नमस्करार करतरा हह हूँ॥4॥
* समंशय सपर्ण गसन उरगरादद्धाः। शमन सपुककर्ण श तकर्ण हवषरादद्धाः॥
भव भमंजन रमंजन सपुर यपूरद्धाः। त्ररातपु सदरा नगो कमृ परा वरूरद्धाः॥5॥
भरावरारर्ण:-जगो समंशय रूपश्री सपर्ण कगो गसनप्रे कप्रे हलए गरड हमैं, अत्यमंत कठगोर तकर्ण सप्रे उत्पन्न हगोनप्रे वरालप्रे
हवषराद करा नराश करनप्रे वरालप्रे हमैं, आवरागमन कगो हमटरानप्रे वरालप्रे और दप्रेवतराओमं कप्रे समपूह कगो आनमंद दप्रेनप्रे
वरालप्रे हमैं, वप्रे कमृ परा कप्रे समपूह शश्री ररामजश्री सदरा हमरारश्री रक्षरा करमें॥5॥
* हनगपुर्णर सगपुर हवषम सम रूपमं। जरान हगररा गगोतश्रीतमनपूपमं॥
अमलमहखलमनवद्यमपरारमं। नरौहम रराम भमंजन महह भरारमं॥6॥
भरावरारर्ण:-हप्रे हनगपुर्णर, सगपुर, हवषम और समरूप! हप्रे जरान, वरारश्री और इमंहदयर सप्रे अतश्रीत! हप्रे
अनपुपम, हनमर्णल, समंपपूरर्ण दगोषरहहत, अनमंत एवमं पमृथ्वश्री करा भरार उतरारनप्रे वरालप्रे शश्री ररामचमंदजश्री ! ममैं
आपकगो नमस्करार करतरा हह॥हूँ 6॥
* भक्त कल्पपरादप आररामद्धाः। तजर्णन कगोध लगोभ मद करामद्धाः॥
अहत नरागर भव सरागर सप्रेतपुद्धाः। त्ररातपु सदरा हदनकर कपु ल कप्रे तपुद्धाः॥7॥
भरावरारर्ण:-जगो भक्तर कप्रे हलए कल्पवमृक्ष कप्रे बगश्रीचप्रे हमैं, कगोध, लगोभ, मद और कराम कगो डररानप्रे वरालप्रे
हमैं, अत्यमंत हश्री चतपुर और समंसरार रूपश्री समपुद सप्रे तरनप्रे कप्रे हलए सप्रेतपु रूप हमैं, वप्रे सपूयर्णकपुल ककी ध्वजरा
शश्री ररामजश्री सदरा मप्रेरश्री रक्षरा करमें॥7॥
* अतपुहलत भपुज पतराप बल धरामद्धाः। कहल मल हवपपुल हवभमंजन नरामद्धाः॥
धमर्ण वमर्ण नमर्णद गपुर गरामद्धाः। समंतत शमं तनगोतपु मम ररामद्धाः॥8॥
भरावरारर्ण:-हजनककी भपुजराओमं करा पतराप अतपुलनश्रीय हहै, जगो बल कप्रे धराम हमैं, हजनकरा नराम कहलयगपु कप्रे
बडप्रे भरारश्री परापर करा नराश करनप्रे वरालरा हहै, जगो धमर्ण कप्रे कवच (रक्षक) हमैं और हजनकप्रे गपुर समपूह
आनमंद दप्रेनप्रे वरालप्रे हमैं, वप्रे शश्री ररामजश्री हनरमंतर मप्रेरप्रे कल्यरार करा हवस्तरार करमें॥8॥
* जदहप हबरज ब्यरापक अहबनरासश्री। सब कप्रे हृदयहूँ हनरमंतर बरासश्री॥
तदहप अनपुज शश्री सहहत खररारश्री। बसतपु मनहस मम कराननचरारश्री॥ 9॥
भरावरारर्ण:-यद्यहप आप हनमर्णल, व्यरापक, अहवनराशश्री और सबकप्रे हृदय ममें हनरमंतर हनवरास करनप्रे वरालप्रे
हमैं, तरराहप हप्रे खररारर शश्री ररामजश्री! लक्ष्मरजश्री और सश्रीतराजश्री सहहत वन ममें हवचरनप्रे वरालप्रे आप इसश्री
रूप ममें मप्रेरप्रे हृदय ममें हनवरास ककीहजए॥9॥
* जप्रे जरानहहमं तप्रे जरानहह हूँ स्वरामश्री। सगपुन अगपुन उर अमंतरजरामश्री॥
जगो कगोसलपहत रराहजव नयनरा। करउ सगो रराम हृदय मम अयनरा॥ 10॥
भरावरारर्ण:-हप्रे स्वरामश्री! आपकगो जगो सगपुर, हनगपुर्णर और अमंतयरार्णमश्री जरानतप्रे हर, वप्रे जरानरा करमें, मप्रेरप्रे
हृदय ममें तगो कगोसलपहत कमलनयन शश्री ररामजश्री हश्री अपनरा घर बनरावमें॥ 10॥
* अस अहभमरान जराइ जहन भगोरप्रे। ममैं सप्रेवक रघपुपहत पहत मगोरप्रे॥
सपुहन मपुहन बचन रराम मन भराए। बहह रर हरहष मपुहनबर उर लराए॥11॥
भरावरारर्ण:-ऐसरा अहभमरान भपूलकर भश्री न छपू टप्रे हक ममैं सप्रेवक हह हूँ और शश्री रघपुनरारजश्री मप्रेरप्रे स्वरामश्री हमैं। मपुहन
कप्रे वचन सपुनकर शश्री ररामजश्री मन ममें बहह त पसन्न हह ए। तब उन्हरनप्रे हहषर्णत हगोकर शप्रेष मपुहन कगो हृदय
सप्रे लगरा हलयरा॥11॥
* परम पसन्न जरानपु मपुहन मगोहश्री। जगो बर मरागहह दप्रेउहूँ सगो तगोहश्री॥
मपुहन कह ममैं बर कबहह हूँ न जराचरा। समपुहझ न परइ झपूठ करा सराचरा॥12॥
भरावरारर्ण:-(और कहरा-) हप्रे मपुहन! मपुझप्रे परम पसन्न जरानगो। जगो वर मराहूँगगो, वहश्री ममैं तपुम्हमें दहूँ!पू मपुहन
सपुतश्रीक्ष्रजश्री नप्रे कहरा- ममैंनप्रे तगो वर कभश्री मराहूँगरा हश्री नहहीं। मपुझप्रे समझ हश्री नहहीं पडतरा हक क्यरा झपूठ हहै
और क्यरा सत्य हहै, (क्यरा मराहूँगपू, क्यरा नहहीं)॥12॥
* तपुम्हहह नश्रीक लरागहै रघपुरराई। सगो मगोहह दप्रेहह दरास सपुखदराई॥
अहबरल भगहत हबरहत हबग्यरानरा। हगोहह सकल गपुन ग्यरान हनधरानरा॥13॥
भरावरारर्ण:-((अतद्धाः) हप्रे रघपुनरारजश्री! हप्रे दरासर कगो सपुख दप्रेनप्रे वरालप्रे! आपकगो जगो अच्छरा लगप्रे, मपुझप्रे
वहश्री दश्रीहजए। (शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे कहरा- हप्रे मपुनप्रे!) तपुम पगराढ भहक्त, वहैरराग्य, हवजरान और समस्त
गपुरर तररा जरान कप्रे हनधरान हगो जराओ॥13॥
* पभपु जगो दश्रीन्ह सगो बर ममैं परावरा। अब सगो दप्रेहह मगोहह जगो भरावरा॥14॥
भरावरारर्ण:-(तब मपुहन बगोलप्रे-) पभपु नप्रे जगो वरदरान हदयरा, वह तगो ममैंनप्रे परा हलयरा। अब मपुझप्रे जगो अच्छरा
लगतरा हहै, वह दश्रीहजए॥14॥
दगोहरा :
* अनपुज जरानककी सहहत पभपु चराप बरान धर रराम।
मन हहय गगन इमंद पु इव बसहह सदरा हनहकराम॥11॥
भरावरारर्ण:-हप्रे पभगो! हप्रे शश्री ररामजश्री! छगोटप्रे भराई लक्ष्मरजश्री और सश्रीतराजश्री सहहत धनपुष-बरारधरारश्री आप
हनष्कराम (हस्रर) हगोकर मप्रेरप्रे हृदय रूपश्री आकराश ममें चमंदमरा ककी भराहूँहत सदरा हनवरास ककीहजए॥11॥
चरौपराई :
* एवमस्तपु करर रमराहनवरासरा। हरहष चलप्रे कपुमं भज ररहष परासरा॥
बहह त हदवस गपुर दरसनपु पराएहूँ। भए मगोहह एहहमं आशम आएहूँ॥1॥
भरावरारर्ण:-'एवमस्तपु' (ऐसरा हश्री हगो) ऐसरा उचरारर कर लक्ष्मश्री हनवरास शश्री ररामचमंदजश्री हहषर्णत हगोकर
अगस्त्य ऋहष कप्रे परास चलप्रे। (तब सपुतश्रीक्ष्रजश्री बगोलप्रे-) गपुर अगस्त्यजश्री करा दशर्णन पराए और इस
आशम ममें आए मपुझप्रे बहह त हदन हगो गए॥1॥
* अब पभपु समंग जराउहूँ गपुर पराहहीं। तपुम्ह कहहूँ नरार हनहगोररा नराहहीं॥
दप्रेहख कमृ पराहनहध मपुहन चतपुरराई। हलए समंग हबहसप्रे दरौ भराई॥2॥
भरावरारर्ण:-अब ममैं भश्री पभपु (आप) कप्रे सरार गपुरजश्री कप्रे परास चलतरा हह।हूँ इसममें हप्रे नरार! आप पर मप्रेररा
कगोई एहसरान नहहीं हहै। मपुहन ककी चतपुरतरा दप्रेखकर कमृ परा कप्रे भमंडरार शश्री ररामजश्री नप्रे उनकगो सरार लप्रे हलयरा
और दगोनगो भराई हहूँसनप्रे लगप्रे॥2॥
* पमंर कहत हनज भगहत अनपूपरा। मपुहन आशम पहहचहूँ प्रे सपुरभपूपरा॥
तपुरत सपुतश्रीछन गपुर पहहमं गयऊ। करर दमंडवत कहत अस भयऊ॥3॥
भरावरारर्ण:-ररास्तप्रे ममें अपनश्री अनपुपम भहक्त करा वरर्णन करतप्रे हह ए दप्रेवतराओमं कप्रे रराजरराजप्रेश्वर शश्री ररामजश्री
अगस्त्य मपुहन कप्रे आशम पर पहह हूँचप्रे। सपुतश्रीक्ष्र तपुरमंत हश्री गपुर अगस्त्य कप्रे परास गए और दण्डवतम करकप्रे
ऐसरा कहनप्रे लगप्रे॥3॥
* नरार कगोसलराधश्रीस कपु मराररा। आए हमलन जगत आधराररा॥
रराम अनपुज समप्रेत बहैदप्रेहश्री। हनहस हदनपु दप्रेव जपत हहह जप्रेहश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे नरार! अयगोध्यरा कप्रे रराजरा दशररजश्री कप्रे कपु मरार जगदराधरार शश्री ररामचमंदजश्री छगोटप्रे भराई
लक्ष्मरजश्री और सश्रीतराजश्री सहहत आपसप्रे हमलनप्रे आए हमैं, हजनकरा हप्रे दप्रेव! आप ररात-हदन जप करतप्रे
रहतप्रे हमैं॥4॥
* सपुनत अगहस्त तपुरत उहठ धराए। हरर हबलगोहक लगोचन जल छराए॥
मपुहन पद कमल परप्रे दरौ भराई। ररहष अहत पश्रीहत हलए उर लराई॥5॥
भरावरारर्ण:-यह सपुनतप्रे हश्री अगस्त्यजश्री तपुरमंत हश्री उठ दरौडप्रे। भगवरानम कगो दप्रेखतप्रे हश्री उनकप्रे नप्रेत्रर ममें (आनमंद
और पप्रेम कप्रे आहूँसपुओमं करा) जल भर आयरा। दगोनर भराई मपुहन कप्रे चरर कमलर पर हगर पडप्रे। ऋहष नप्रे
(उठराकर) बडप्रे पप्रेम सप्रे उन्हमें हृदय सप्रे लगरा हलयरा॥5॥
* सरादर कपु सल पपूहछ मपुहन ग्यरानश्री। आसन बर बहैठरारप्रे आनश्री॥
पू रा॥6॥
पपुहन करर बहह पकरार पभपु पपूजरा। मगोहह सम भराग्यवमंत नहहमं दज
भरावरारर्ण:-जरानश्री मपुहन नप्रे आदरपपूवर्णक कपु शल पपूछकर उनकगो लराकर शप्रेष आसन पर बहैठरायरा। हफिर
पू ररा कगोई नहहीं हहै॥6॥
बहह त पकरार सप्रे पभपु ककी पपूजरा करकप्रे कहरा- मप्रेरप्रे समरान भराग्यवरानम आज दस
* जहहूँ लहग रहप्रे अपर मपुहन बमृमंदरा। हरषप्रे सब हबलगोहक सपुखकमं दरा॥7॥
भरावरारर्ण:-वहराहूँ जहराहूँ तक (हजतनप्रे भश्री) अन्य मपुहनगर रप्रे, सभश्री आनमंदकन्द शश्री ररामजश्री कप्रे दशर्णन
करकप्रे हहषर्णत हगो गए॥7॥
दगोहरा :
* मपुहन समपूह महहूँ बहैठप्रे सन्मपुख सब ककी ओर।
सरद इमंदपु तन हचतवन मरानहह हूँ हनकर चकगोर॥12॥
भरावरारर्ण:-मपुहनयर कप्रे समपूह ममें शश्री ररामचमंदजश्री सबककी ओर सम्मपुख हगोकर बहैठप्रे हमैं (अररार्णतम पत्यप्रेक मपुहन
कगो शश्री ररामजश्री अपनप्रे हश्री सरामनप्रे मपुख करकप्रे बहैठप्रे हदखराई दप्रेतप्रे हमैं और सब मपुहन टकटककी लगराए उनकप्रे
मपुख कगो दप्रेख रहप्रे हमैं)। ऐसरा जरान पडतरा हहै मरानगो चकगोरर करा समपुदराय शरत्पपूहरर्णमरा कप्रे चमंदमरा ककी ओर
दप्रेख रहरा हहै॥12॥
चरौपराई :
* तब रघपुबश्रीर कहरा मपुहन पराहहीं। तपुम्ह सन पभपु दरपु राव कछपु नराहहीं॥
तपुम्ह जरानहह जप्रेहह करारन आयउहूँ। तरातप्रे तरात न कहह समपुझरायउहूँ॥ 1॥
भरावरारर्ण:-तब शश्री ररामजश्री नप्रे मपुहन सप्रे कहरा- हप्रे पभगो! आप सप्रे तगो कपु छ हछपराव हहै नहहीं। ममैं हजस
करारर सप्रे आयरा हह हूँ, वह आप जरानतप्रे हश्री हमैं। इसश्री सप्रे हप्रे तरात! ममैंनप्रे आपसप्रे समझराकर कपु छ नहहीं
कहरा॥1॥
* अब सगो ममंत्र दप्रेहह पभपु मगोहश्री। जप्रेहह पकरार मरारजौं मपुहनदगोहश्री॥
मपुहन मपुसपुकरानप्रे सपुहन पभपु बरानश्री। पपूछहप्रे ह नरार मगोहह करा जरानश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे पभगो! अब आप मपुझप्रे वहश्री ममंत्र (सलराह) दश्रीहजए, हजस पकरार ममैं मपुहनयर कप्रे दगोहश्री
रराक्षसर कगो मरारूहूँ। पभपु ककी वरारश्री सपुनकर मपुहन मपुस्कपु रराए और बगोलप्रे- हप्रे नरार! आपनप्रे क्यरा समझकर
मपुझसप्रे यह पश्न हकयरा?॥2॥
* तपुम्हरप्रेइहूँ भजन पभराव अघरारश्री। जरानउहूँ महहमरा कछपु क तपुम्हरारश्री॥
ऊमरर तर हबसराल तव मरायरा। फिल ब्रहरामंड अनप्रेक हनकरायरा॥3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे परापर करा नराश करनप्रे वरालप्रे! ममैं तगो आप हश्री कप्रे भजन कप्रे पभराव सप्रे आपककी कपु छ रगोडश्री
सश्री महहमरा जरानतरा हह।हूँ आपककी मरायरा गपूलर कप्रे हवशराल वमृक्ष कप्रे समरान हहै, अनप्रेकर ब्रहरामंडर कप्रे समपूह
हश्री हजसकप्रे फिल हमैं॥3॥
* जश्रीव चरराचर जमंतपु समरानरा। भश्रीतर बसहहमं न जरानहहमं आनरा॥
तप्रे फिल भच्छक कहठन कररालरा। तव भयहूँ डरत सदरा सगोउ करालरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-चर और अचर जश्रीव (गपूलर कप्रे फिल कप्रे भश्रीतर रहनप्रे वरालप्रे छगोटप्रे-छगोटप्रे) जमंतपुओमं कप्रे समरान
उन (ब्रहराण्ड रूपश्री फिलर) कप्रे भश्रीतर बसतप्रे हमैं और वप्रे (अपनप्रे उस छगोटप्रे सप्रे जगतम कप्रे हसवरा) दस पू ररा
कपु छ नहहीं जरानतप्रे। उन फिलर करा भक्षर करनप्रे वरालरा कहठन और करराल कराल हहै। वह कराल भश्री सदरा
आपसप्रे भयभश्रीत रहतरा हहै॥4॥
* तप्रे तपुम्ह सकल लगोकपहत सराई।मं पपूहूँछप्रेहह मगोहह मनपुज ककी नराई॥मं
यह बर मरागउहूँ कमृ पराहनकप्रे तरा। बसहह हृदयहूँ शश्री अनपुज समप्रेतरा॥5॥
भरावरारर्ण:-उन्हहीं आपनप्रे समस्त लगोकपरालर कप्रे स्वरामश्री हगोकर भश्री मपुझसप्रे मनपुष्य ककी तरह पश्न हकयरा।
हप्रे कमृ परा कप्रे धराम! ममैं तगो यह वर मराहूँगतरा हह हूँ हक आप शश्री सश्रीतराजश्री और छगोटप्रे भराई लक्ष्मरजश्री सहहत
मप्रेरप्रे हृदय ममें (सदरा) हनवरास ककीहजए॥5॥
* अहबरल भगहत हबरहत सतसमंगरा। चरन सरगोरह पश्रीहत अभमंगरा॥
जद्यहप ब्रह अखमंड अनमंतरा। अनपुभव गम्य भजहहमं जप्रेहह समंतरा।6॥
भरावरारर्ण:-मपुझप्रे पगराढ भहक्त, वहैरराग्य, सत्समंग और आपकप्रे चररकमलर ममें अटपू ट पप्रेम पराप्त हगो। यद्यहप
आप अखमंड और अनमंत ब्रह हमैं, जगो अनपुभव सप्रे हश्री जराननप्रे ममें आतप्रे हमैं और हजनकरा समंतजन भजन
करतप्रे हमैं॥6॥
* अस तव रूप बखरानउहूँ जरानउहूँ। हफिरर हफिरर सगपुन ब्रह रहत मरानउहूँ॥
समंतत दरासन्ह दप्रेहह बडराई। तरातमें मगोहह पपूहूँछहप्रे ह रघपुरराई॥7॥
भरावरारर्ण:-यद्यहप ममैं आपकप्रे ऐसप्रे रूप कगो जरानतरा हह हूँ और उसकरा वरर्णन भश्री करतरा हह हूँ, तगो भश्री लरौट-
लरौटकर ममें सगपुर ब्रह ममें (आपकप्रे इस सपुदमं र स्वरूप ममें) हश्री पप्रेम मरानतरा हह।हूँ आप सप्रेवकर कगो सदरा
हश्री बडराई हदयरा करतप्रे हमैं, इसश्री सप्रे हप्रे रघपुनरारजश्री! आपनप्रे मपुझसप्रे पपूछरा हहै॥7॥
रराम करा दमंडकवन पवप्रेश, जटरायपु हमलन, पमंचवटश्री हनवरास और शश्री रराम-लक्ष्मर समंवराद
* हहै पभपु परम मनगोहर ठराऊहूँ। परावन पमंचबटश्री तप्रेहह नराऊहूँ॥
दमंडक बन पपुनश्रीत पभपु करहह । उग सराप मपुहनबर कर हरहह ॥8॥
भरावरारर्ण:-हप्रे पभगो! एक परम मनगोहर और पहवत्र स्ररान हहै, उसकरा नराम पमंचवटश्री हहै। हप्रे पभगो! आप
दण्डक वन कगो (जहराहूँ पमंचवटश्री हहै) पहवत्र ककीहजए और शप्रेष मपुहन गरौतमजश्री कप्रे कठगोर शराप कगो हर
लश्रीहजए॥8॥
* बरास करहह तहहूँ रघपुकपुल ररायरा। ककीजप्रे सकल मपुहनन्ह पर दरायरा॥
चलप्रे रराम मपुहन आयसपु पराई। तपुरतहहमं पमंचबटश्री हनअरराई॥9॥
भरावरारर्ण:-हप्रे रघपुकपुल कप्रे स्वरामश्री! आप सब मपुहनयर पर दयरा करकप्रे वहहीं हनवरास ककीहजए। मपुहन ककी
आजरा पराकर शश्री ररामचमंदजश्री वहराहूँ सप्रे चल हदए और शश्रीघ्र हश्री पमंचवटश्री कप्रे हनकट पहह हूँच गए॥9॥
दगोहरा :
* गश्रीधरराज सहै भमेंट भइ बहह हबहध पश्रीहत बढराइ।
गगोदरावरश्री हनकट पभपु रहप्रे परन गमृह छराइ॥13॥
भरावरारर्ण:-वहराहूँ गमृधरराज जटरायपु सप्रे भमेंट हहई। उसकप्रे सरार बहह त पकरार सप्रे पप्रेम बढराकर पभपु शश्री
ररामचमंदजश्री गगोदरावरश्रीजश्री कप्रे समश्रीप परर्णकपुटश्री छराकर रहनप्रे लगप्रे॥13॥
चरौपराई :
* जब तप्रे रराम ककीन्ह तहहूँ बरासरा। सपुखश्री भए मपुहन बश्रीतश्री त्ररासरा॥
हगरर बन नदहीं तराल छहब छराए। हदन हदन पहत अहत हगोहहमं सपुहराए॥1॥
भरावरारर्ण:-जब सप्रे शश्री ररामजश्री नप्रे वहराहूँ हनवरास हकयरा, तब सप्रे मपुहन सपुखश्री हगो गए, उनकरा डर जरातरा
रहरा। पवर्णत, वन, नदश्री और तरालराब शगोभरा सप्रे छरा गए। वप्रे हदनरहदन अहधक सपुहरावनप्रे (मरालपूम) हगोनप्रे
लगप्रे॥1॥
* खग ममृग बमृदमं अनमंहदत रहहहीं। मधपुप मधपुर गपुमंजत छहब लहहहीं॥
सगो बन बरहन न सक अहहरराजरा। जहराहूँ पगट रघपुबश्रीर हबरराजरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-पक्षश्री और पशपुओमं कप्रे समपूह आनमंहदत रहतप्रे हमैं और भजौंरप्रे मधपुर गपुमंजरार करतप्रे हहए शगोभरा परा
रहप्रे हमैं। जहराहूँ पत्यक्ष शश्री ररामजश्री हवरराजमरान हमैं, उस वन करा वरर्णन सपर्णरराज शप्रेषजश्री भश्री नहहीं कर
सकतप्रे॥2॥
* एक बरार पभपु सपुख आसश्रीनरा। लहछमन बचन कहप्रे छलहश्रीनरा॥
सपुर नर मपुहन सचरराचर सराई।मं ममैं पपूछउहूँ हनज पभपु ककी नराई॥मं 3॥
भरावरारर्ण:-एक बरार पभपु शश्री ररामजश्री सपुख सप्रे बहैठप्रे हहए रप्रे। उस समय लक्ष्मरजश्री नप्रे उनसप्रे छलरहहत
(सरल) वचन कहप्रे- हप्रे दप्रेवतरा, मनपुष्य, मपुहन और चरराचर कप्रे स्वरामश्री! ममैं अपनप्रे पभपु ककी तरह
(अपनरा स्वरामश्री समझकर) आपसप्रे पपूछतरा हह॥हूँ 3॥
* मगोहह समपुझराइ कहहह सगोइ दप्रेवरा। सब तहज करजौं चरन रज सप्रेवरा॥
कहहह ग्यरान हबरराग अर मरायरा। कहहह सगो भगहत करहह जप्रेहहमं दरायरा॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे दप्रेव! मपुझप्रे समझराकर वहश्री कहहए, हजससप्रे सब छगोडकर ममैं आपककी चरररज ककी हश्री
सप्रेवरा करूहूँ। जरान, वहैरराग्य और मरायरा करा वरर्णन ककीहजए और उस भहक्त कगो कहहए, हजसकप्रे करारर
आप दयरा करतप्रे हमैं॥4॥
दगोहरा :
* ईस्वर जश्रीव भप्रेद पभपु सकल कहरौ समपुझराइ।
जरातमें हगोइ चरन रहत सगोक मगोह रम जराइ॥14॥
भरावरारर्ण:-हप्रे पभगो! ईश्वर और जश्रीव करा भप्रेद भश्री सब समझराकर कहहए, हजससप्रे आपकप्रे चररर ममें
मप्रेरश्री पश्रीहत हगो और शगोक, मगोह तररा रम नष्टि हगो जराएहूँ॥14॥
चरौपराई :
* रगोरप्रेहह महहूँ सब कहउहूँ बपुझराई। सपुनहह तरात महत मन हचत लराई॥
ममैं अर मगोर तगोर तमैं मरायरा। जप्रेहहमं बस ककीन्हप्रे जश्रीव हनकरायरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-(शश्री ररामजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे तरात! ममैं रगोडप्रे हश्री ममें सब समझराकर कहप्रे दप्रेतरा हह हूँ। तपुम मन,
हचर और बपुहद लगराकर सपुनगो! ममैं और मप्रेररा, तपू और तप्रेररा- यहश्री मरायरा हहै, हजसनप्रे समस्त जश्रीवर
कगो वश ममें कर रखरा हहै॥1॥
* गगो गगोचर जहहूँ लहग मन जराई। सगो सब मरायरा जरानप्रेहह भराई॥
तप्रेहह कर भप्रेद सपुनहह तपुम्ह सगोऊ। हबद्यरा अपर अहबद्यरा दगोऊ॥2॥
भरावरारर्ण:-इमंहदयर कप्रे हवषयर कगो और जहराहूँ तक मन जरातरा हहै, हप्रे भराई! उन सबकगो मरायरा जराननरा।
उसकप्रे भश्री एक हवद्यरा और दस पू रश्री अहवद्यरा, इन दगोनर भप्रेदर कगो तपुम सपुनगो-॥2॥
* एक दष्टिपु अहतसय दख
पु रूपरा। जरा बस जश्रीव पररा भवकपू परा॥
एक रचइ जग गपुन बस जराकमें। पभपु पप्रेररत नहहमं हनज बल तराकमें॥3॥
भरावरारर्ण:-एक (अहवद्यरा) दष्टिपु (दगोषयक्त पु ) हहै और अत्यमंत दद्धाःपु खरूप हहै, हजसकप्रे वश हगोकर जश्रीव
समंसरार रूपश्री कपु एहूँ ममें पडरा हह आ हहै और एक (हवद्यरा) हजसकप्रे वश ममें गपुर हहै और जगो जगतम ककी रचनरा
करतश्री हहै, वह पभपु सप्रे हश्री पप्रेररत हगोतश्री हहै, उसकप्रे अपनरा बल कपु छ भश्री नहश्री हहै॥3॥
* ग्यरान मरान जहहूँ एकउ नराहहीं। दप्रेख ब्रह समरान सब मराहहीं॥
कहहअ तरात सगो परम हबररागश्री। तमृन सम हसहद तश्रीहन गपुन त्यरागश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-जरान वह हहै, जहराहूँ (हजसममें) मरान आहद एक भश्री (दगोष) नहहीं हहै और जगो सबसप्रे समरान
रूप सप्रे ब्रह कगो दप्रेखतरा हहै। हप्रे तरात! उसश्री कगो परम वहैरराग्यवरानम कहनरा चराहहए, जगो सरारश्री हसहदयर
कगो और तश्रीनर गपुरर कगो हतनकप्रे कप्रे समरान त्यराग चपुकरा हगो॥4॥
(हजसममें मरान, दम्भ, हहमंसरा, क्षमरारराहहत्य, टप्रेढरापन, आचरायर्ण सप्रेवरा करा अभराव, अपहवत्रतरा,
अहस्ररतरा, मन करा हनगमृहश्रीत न हगोनरा, इमंहदयर कप्रे हवषय ममें आसहक्त, अहमंकरार, जन्म-ममृत्य-पु जररा-
व्यराहधमय जगतम ममें सपुख-बपुहद, स्त्रश्री-पपुत्र-घर आहद ममें आसहक्त तररा ममतरा, इष्टि और अहनष्टि ककी
पराहप्त ममें हषर्ण-शगोक, भहक्त करा अभराव, एकरान्त ममें मन न लगनरा, हवषयश्री मनपुष्यर कप्रे समंग ममें पप्रेम- यप्रे
अठरारह न हर और हनत्य अध्यरात्म (आत्मरा) ममें हस्रहत तररा तत्त्व जरान कप्रे अरर्ण (तत्त्वजरान कप्रे
दराररा जराननप्रे यगोग्य) परमरात्मरा करा हनत्य दशर्णन हगो, वहश्री जरान कहलरातरा हहै। दप्रेहखए गश्रीतरा अध्यराय
13/ 7 सप्रे 11)
दगोहरा :
* मरायरा ईस न आपपु कहह हूँ जरान कहहअ सगो जश्रीव।
बमंध मगोच्छ पद सबर्णपर मरायरा पप्रेरक सश्रीव॥15॥
भरावरारर्ण:-जगो मरायरा कगो, ईश्वर कगो और अपनप्रे स्वरूप कगो नहहीं जरानतरा, उसप्रे जश्रीव कहनरा चराहहए।
जगो (कमरार्णनपुसरार) बमंधन और मगोक्ष दप्रेनप्रे वरालरा, सबसप्रे परप्रे और मरायरा करा पप्रेरक हहै, वह ईश्वर हहै॥
15॥
चरौपराई
* धमर्ण तमें हबरहत जगोग तमें ग्यरानरा। ग्यरान मगोच्छपद बप्रेद बखरानरा॥
जरातमें बप्रेहग दवउहूँ ममैं भराई। सगो मम भगहत भगत सपुखदराई॥1॥
भरावरारर्ण:-धमर्ण (कप्रे आचरर) सप्रे वहैरराग्य और यगोग सप्रे जरान हगोतरा हहै तररा जरान मगोक्ष करा दप्रेनप्रे वरालरा
हहै- ऐसरा वप्रेदर नप्रे वरर्णन हकयरा हहै। और हप्रे भराई! हजससप्रे ममैं शश्रीघ्र हश्री पसन्न हगोतरा हह हूँ, वह मप्रेरश्री भहक्त हहै
जगो भक्तर कगो सपुख दप्रेनप्रे वरालश्री हहै॥1॥
* सगो सपुतमंत्र अवलमंब न आनरा। तप्रेहह आधश्रीन ग्यरान हबग्यरानरा॥
भगहत तरात अनपुपम सपुखमपूलरा। हमलइ जगो समंत हगोइहूँ अनपुकपूलरा॥2॥
भरावरारर्ण:-वह भहक्त स्वतमंत्र हहै, उसकगो (जरान-हवजरान आहद हकसश्री) दस पू रप्रे सराधन करा सहराररा
(अपप्रेक्षरा) नहहीं हहै। जरान और हवजरान तगो उसकप्रे अधश्रीन हमैं। हप्रे तरात! भहक्त अनपुपम एवमं सपुख ककी
मपूल हहै और वह तभश्री हमलतश्री हहै, जब समंत अनपुकपूल (पसन्न) हगोतप्रे हमैं॥2॥
* भगहत हक सराधन कहउहूँ बखरानश्री। सपुगम पमंर मगोहह परावहहमं परानश्री॥
परमहहमं हबप चरन अहत पश्रीतश्री। हनज हनज कमर्ण हनरत शपुहत रश्रीतश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-अब ममैं भहक्त कप्रे सराधन हवस्तरार सप्रे कहतरा हह हूँ- यह सपुगम मरागर्ण हहै, हजससप्रे जश्रीव मपुझकगो
सहज हश्री परा जरातप्रे हमैं। पहलप्रे तगो ब्रराहरर कप्रे चररर ममें अत्यमंत पश्रीहत हगो और वप्रेद ककी रश्रीहत कप्रे अनपुसरार
अपनप्रे-अपनप्रे (वररार्णशम कप्रे ) कमर्मों ममें लगरा रहप्रे॥3॥
* एहह कर फिल पपुहन हबषय हबररागरा। तब मम धमर्ण उपज अनपुररागरा॥
शवनराहदक नव भहक्त दृढराहहीं। मम लश्रीलरा रहत अहत मन मराहहीं॥ 4॥
भरावरारर्ण:-इसकरा फिल, हफिर हवषयर सप्रे वहैरराग्य हगोगरा। तब (वहैरराग्य हगोनप्रे पर) मप्रेरप्रे धमर्ण (भरागवत
धमर्ण) ममें पप्रेम उत्पन्न हगोगरा। तब शवर आहद नरौ पकरार ककी भहक्तयराहूँ दृढ हरगश्री और मन ममें मप्रेरश्री
लश्रीलराओमं कप्रे पहत अत्यमंत पप्रेम हगोगरा॥4॥
* समंत चरन पमंकज अहत पप्रेमरा। मन कम बचन भजन दृढ नप्रेमरा॥
गपुर हपतपु मरातपु बमंधपु पहत दप्रेवरा। सब मगोहह कहहूँ जरानहै दृढ सप्रेवरा॥ 5॥
भरावरारर्ण:-हजसकरा समंतर कप्रे चररकमलर ममें अत्यमंत पप्रेम हगो, मन, वचन और कमर्ण सप्रे भजन करा दृढ
हनयम हगो और जगो मपुझकगो हश्री गपुर, हपतरा, मरातरा, भराई, पहत और दप्रेवतरा सब कपु छ जरानप्रे और सप्रेवरा
ममें दृढ हगो,॥5॥
* मम गपुन गरावत पपुलक सरश्रीररा। गदगद हगररा नयन बह नश्रीररा॥
कराम आहद मद दमंभ न जराकमें। तरात हनरमंतर बस ममैं तराकमें॥6॥
भरावरारर्ण:-मप्रेररा गपुर गरातप्रे समय हजसकरा शरश्रीर पपुलहकत हगो जराए, वरारश्री गदगद हगो जराए और नप्रेत्रर सप्रे
(पप्रेमराशपुओमं करा) जल बहनप्रे लगप्रे और कराम, मद और दम्भ आहद हजसममें न हर, हप्रे भराई! ममैं सदरा
उसकप्रे वश ममें रहतरा हह हूँ॥6॥
दगोहरा :
* बचन कमर्ण मन मगोरर गहत भजनपु करहहमं हनद्धाःकराम।
हतन्ह कप्रे हृदय कमल महह हूँ करउहूँ सदरा हबशराम॥16॥
भरावरारर्ण:-हजनकगो कमर्ण, वचन और मन सप्रे मप्रेरश्री हश्री गहत हहै और जगो हनष्कराम भराव सप्रे मप्रेररा भजन
करतप्रे हमैं, उनकप्रे हृदय कमल ममें ममैं सदरा हवशराम हकयरा करतरा हह॥हूँ 16॥
चरौपराई :
* भगहत जगोग सपुहन अहत सपुख परावरा। लहछमन पभपु चरनहन्ह हसर नरावरा॥
एहह हबहध कछपु क हदन बश्रीतश्री। कहत हबरराग ग्यरान गपुन नश्रीतश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-इस भहक्त यगोग कगो सपुनकर लक्ष्मरजश्री नप्रे अत्यमंत सपुख परायरा और उन्हरनप्रे पभपु शश्री
ररामचमंदजश्री कप्रे चररर ममें हसर नवरायरा। इस पकरार वहैरराग्य, जरान, गपुर और नश्रीहत कहतप्रे हह ए कपु छ हदन
बश्रीत गए॥1॥
शपूपर्णरखरा ककी कररा, शपूपर्णरखरा करा खरदषपू र कप्रे परास जरानरा और खरदषपू रराहद करा वध
* सपूपनखरा ररावन कहै बहहनश्री। दष्टिपु हृदय दरारन जस अहहनश्री॥
पमंचबटश्री सगो गइ एक बराररा। दप्रेहख हबकल भइ जपुगल कपु मराररा॥2॥
भरावरारर्ण:-शपूपर्णरखरा नरामक ररावर ककी एक बहहन रश्री, जगो नराहगन कप्रे समरान भयरानक और दष्टिपु हृदय
ककी रश्री। वह एक बरार पमंचवटश्री ममें गई और दगोनर रराजकपु मरारर कगो दप्रेखकर हवकल (कराम सप्रे पश्रीहडत)
हगो गई॥2॥
* ररातरा हपतरा पपुत्र उरगरारश्री। पपुरष मनगोहर हनरखत नरारश्री॥
हगोइ हबकल सक मनहह न रगोककी। हजहम रहबमहन दव रहबहह हबलगोककी॥ 3॥
भरावरारर्ण:-(कराकभपुशपुहण्डजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे गरडजश्री! (शपूपर्णरखरा- जहैसश्री रराक्षसश्री, धमर्णजरान शपून्य
करामरान्ध) स्त्रश्री मनगोहर पपुरष कगो दप्रेखकर, चराहप्रे वह भराई, हपतरा, पपुत्र हश्री हगो, हवकल हगो जरातश्री हहै
और मन कगो नहहीं रगोक सकतश्री। जहैसप्रे सपूयर्णकरान्तमहर सपूयर्ण कगो दप्रेखकर दहवत हगो जरातश्री हहै (ज्वरालरा सप्रे
हपघल जरातश्री हहै)॥3॥
* रहचर रूप धरर पभपु पहहमं जराई। बगोलश्री बचन बहह त मपुसपुकराई॥
तपुम्ह सम पपुरष न मगो सम नरारश्री। यह सहूँजगोग हबहध रचरा हबचरारश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-वह सपुन्दर रूप धरकर पभपु कप्रे परास जराकर और बहह त मपुस्कपु रराकर वचन बगोलश्री- न तगो
तपुम्हरारप्रे समरान कगोई पपुरष हहै, न मप्रेरप्रे समरान स्त्रश्री। हवधरातरा नप्रे यह समंयगोग (जगोडरा) बहह त हवचरार कर
रचरा हहै॥4॥
* मम अनपुरूप पपुरष जग मराहहीं। दप्रेखप्रेउहूँ खगोहज लगोक हतहह नराहहीं॥
तरातमें अब लहग रहहउहूँ कपु मरारश्री। मनपु मरानरा कछपु तपुम्हहह हनहरारश्री॥5॥
भरावरारर्ण:-मप्रेरप्रे यगोग्य पपुरष (वर) जगतमभर ममें नहहीं हहै, ममैंनप्रे तश्रीनर लगोकर कगो खगोज दप्रेखरा। इसश्री सप्रे ममैं
अब तक कपु मरारश्री (अहववराहहत) रहश्री। अब तपुमकगो दप्रेखकर कपु छ मन मरानरा (हचर ठहररा) हहै॥5॥
* सश्रीतहह हचतइ कहश्री पभपु बरातरा। अहइ कपु आर मगोर लघपु ररातरा॥
गइ लहछमन ररपपु भहगनश्री जरानश्री। पभपु हबलगोहक बगोलप्रे ममृद पु बरानश्री॥6॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतराजश्री ककी ओर दप्रेखकर पभपु शश्री ररामजश्री नप्रे यह बरात कहश्री हक मप्रेररा छगोटरा भराई कपु मरार हहै।
तब वह लक्ष्मरजश्री कप्रे परास गई। लक्ष्मरजश्री नप्रे उसप्रे शत्रपु ककी बहहन समझकर और पभपु ककी ओर
दप्रेखकर कगोमल वरारश्री सप्रे बगोलप्रे-॥6॥
* सपुदमं रर सपुनपु ममैं उन्ह कर दरासरा। परराधश्रीन नहहमं तगोर सपुपरासरा॥
पभपु समरर्ण कगोसलपपुर रराजरा। जगो कछपु करहहमं उनहह सब छराजरा॥7॥
भरावरारर्ण:-हप्रे सपुदमं रश्री! सपुन, ममैं तगो उनकरा दरास हह हूँ। ममैं परराधश्रीन हह हूँ, अतद्धाः तपुम्हप्रे सपुभश्रीतरा (सपुख) न
हगोगरा। पभपु समरर्ण हमैं, कगोसलपपुर कप्रे रराजरा हहै, वप्रे जगो कपु छ करमें, उन्हमें सब फिबतरा हहै॥7॥
* सप्रेवक सपुख चह मरान हभखरारश्री। ब्यसनश्री धन सपुभ गहत हबहभचरारश्री॥
लगोभश्री जसपु चह चरार गपुमरानश्री। नभ दहपु ह दधपू चहत ए परानश्री॥8॥
भरावरारर्ण:-सप्रेवक सपुख चराहप्रे, हभखरारश्री सम्मरान चराहप्रे, व्यसनश्री (हजसप्रे जपुए, शरराब आहद करा व्यसन
हगो) धन और व्यहभचरारश्री शपुभ गहत चराहप्रे, लगोभश्री यश चराहप्रे और अहभमरानश्री चरारर फिल- अरर्ण, धमर्ण,
कराम, मगोक्ष चराहप्रे, तगो यप्रे सब परारश्री आकराश कगो दहपु कर दधपू लप्रेनरा चराहतप्रे हमैं (अररार्णतम असमंभव बरात
कगो समंभव करनरा चराहतप्रे हमैं)॥8॥
* पपुहन हफिरर रराम हनकट सगो आई। पभपु लहछमन पहहमं बहह रर पठराई॥
लहछमन कहरा तगोहह सगो बरई। जगो तमृन तगोरर लराज पररहरई॥9॥
भरावरारर्ण:-वह लरौटकर हफिर शश्री ररामजश्री कप्रे परास आई, पभपु नप्रे उसप्रे हफिर लक्ष्मरजश्री कप्रे परास भप्रेज
हदयरा। लक्ष्मरजश्री नप्रे कहरा- तपुम्हमें वहश्री वरप्रेगरा, जगो लजरा कगो तमृर तगोडकर (अररार्णतम पहतजरा करकप्रे )
त्यराग दप्रेगरा (अररार्णतम जगो हनपट हनलर्णज हगोगरा)॥9॥
* तब हखहसआहन रराम पहहमं गई। रूप भयमंकर पगटत भई॥
सश्रीतहह सभय दप्रेहख रघपुरराई। कहरा अनपुज सन सयन बपुझराई॥10॥
भरावरारर्ण:-तब वह हखहसयरायश्री हह ई (कपु द हगोकर) शश्री ररामजश्री कप्रे परास गई और उसनप्रे अपनरा भयमंकर
रूप पकट हकयरा। सश्रीतराजश्री कगो भयभश्रीत दप्रेखकर शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे लक्ष्मर कगो इशराररा दप्रेकर कहरा॥
10॥
दगोहरा :
* लहछमन अहत लराघवहूँ सगो नराक करान हबनपु ककीहन्ह।
तराकप्रे कर ररावन कहहूँ मनरौ चपुनरौतश्री दश्रीहन्ह॥17॥
भरावरारर्ण:-लक्ष्मरजश्री नप्रे बडश्री फिपु तर सप्रे उसकगो हबनरा नराक-करान ककी कर हदयरा। मरानगो उसकप्रे हरार
ररावर कगो चपुनरौतश्री दश्री हगो!॥17॥
चरौपराई :
* नराक करान हबनपु भइ हबकरराररा। जनपु स्रव सहैल गप्रेर कहै धराररा॥
खर दषपू न पहहमं गइ हबलपरातरा। हधग हधग तव परौरष बल ररातरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-हबनरा नराक-करान कप्रे वह हवकरराल हगो गई। (उसकप्रे शरश्रीर सप्रे रक्त इस पकरार बहनप्रे लगरा)
मरानगो (करालप्रे) पवर्णत सप्रे गप्रेरू ककी धराररा बह रहश्री हगो। वह हवलराप करतश्री हह ई खर-दषपू र कप्रे परास गई
(और बगोलश्री-) हप्रे भराई! तपुम्हरारप्रे परौरष (वश्रीरतरा) कगो हधक्करार हहै, तपुम्हरारप्रे बल कगो हधक्करार हहै॥1॥
* तप्रेहहमं पपूछरा सब कहप्रेहस बपुझराई। जरातपुधरान सपुहन सप्रेन बनराई॥
धराए हनहसचर हनकर बरूररा। जनपु सपच्छ कजल हगरर जपूररा॥2॥
भरावरारर्ण:-उन्हरनप्रे पपूछरा, तब शपूपर्णरखरा नप्रे सब समझराकर कहरा। सब सपुनकर रराक्षसर नप्रे सप्रेनरा तहैयरार
ककी। रराक्षस समपूह झपुडमं कप्रे झपुमंड दरौडप्रे। मरानगो पमंखधरारश्री कराजल कप्रे पवर्णतर करा झपुमंड हगो॥2॥
* नरानरा बराहन नरानराकराररा। नरानरायधपु धर घगोर अपराररा॥
सपूपनखरा आगमें करर लश्रीनश्री। असपुभ रूप शपुहत नरासरा हश्रीनश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-वप्रे अनप्रेकर पकरार ककी सवराररयर पर चढप्रे हह ए तररा अनप्रेकर आकरार (सपूरतर) कप्रे हमैं। वप्रे अपरार
हमैं और अनप्रेकर पकरार कप्रे असमंख्य भयरानक हहरयरार धरारर हकए हहए हमैं। उन्हरनप्रे नराक-करान कटश्री
हह ई अममंगलरूहपरश्री शपूपर्णरखरा कगो आगप्रे कर हलयरा॥3॥
* असगपुन अहमत हगोहहमं भयकरारश्री। गनहहमं न ममृत्य पु हबबस सब झरारश्री॥
गजर्णहहमं तजर्णहहमं गगन उडराहहीं। दप्रेहख कटकपु भट अहत हरषराहहीं॥4॥
भरावरारर्ण:-अनहगनत भयमंकर अशकपु न हगो रहप्रे हमैं, परमंतपु ममृत्यपु कप्रे वश हगोनप्रे कप्रे करारर वप्रे सब कप्रे सब
उनकगो कपु छ हगनतप्रे हश्री नहहीं। गरजतप्रे हमैं, ललकरारतप्रे हमैं और आकराश ममें उडतप्रे हमैं। सप्रेनरा दप्रेखकर यगोदरा
लगोग बहह त हश्री हहषर्णत हगोतप्रे हमैं॥4॥
* कगोउ कह हजअत धरहह दरौ भराई। धरर मरारहह हतय लप्रेहह छडराई॥
धपूरर पपूरर नभ ममंडल रहरा। रराम बगोलराइ अनपुज सन कहरा॥5॥
भरावरारर्ण:-कगोई कहतरा हहै दगोनर भराइयर कगो जश्रीतरा हश्री पकड लगो, पकडकर मरार डरालगो और स्त्रश्री कगो
छश्रीन लगो। आकराशमण्डल धपूल सप्रे भर गयरा। तब शश्री ररामजश्री नप्रे लक्ष्मरजश्री कगो बपुलराकर उनसप्रे कहरा॥
5॥
* लहै जरानहकहह जराहह हगरर कमंदर। आवरा हनहसचर कटकपु भयमंकर॥
रहप्रेहह सजग सपुहन पभपु कहै बरानश्री। चलप्रे सहहत शश्री सर धनपु परानश्री॥6॥
भरावरारर्ण:-रराक्षसर ककी भयरानक सप्रेनरा आ गई हहै। जरानककीजश्री कगो लप्रेकर तपुम पवर्णत ककी कमं दररा ममें चलप्रे
जराओ। सरावधरान रहनरा। पभपु शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे वचन सपुनकर लक्ष्मरजश्री हरार ममें धनपुष-बरार हलए
शश्री सश्रीतराजश्री सहहत चलप्रे॥6॥
* दप्रेहख रराम ररपपुदल चहल आवरा।
हबहहस कहठन कगोदमंड चढरावरा॥7॥
भरावरारर्ण:-शत्रपुओमं ककी सप्रेनरा (समश्रीप) चलश्री आई हहै, यह दप्रेखकर शश्री ररामजश्री नप्रे हहूँसकर कहठन धनपुष
कगो चढरायरा॥7॥
छमंद :
* कगोदमंड कहठन चढराइ हसर जट जपूट बराधहूँ त सगोह क्यर।
मरकत सयल पर लरत दराहमहन कगोहट सर जपुग भपुजग ज्यर॥
कहट कहस हनषमंग हबसराल भपुज गहह चराप हबहसख सपुधरारर कहै ।
हचतवत मनहह हूँ ममृगरराज पभपु गजरराज घटरा हनहरारर कहै ॥
भरावरारर्ण:-कहठन धनपुष चढराकर हसर पर जटरा करा जपूमडरा बराहूँधतप्रे हहए पभपु कहै सप्रे शगोहभत हगो रहप्रे हमैं, जहैसप्रे
मरकतमहर (पन्नप्रे) कप्रे पवर्णत पर करगोडर हबजहलयर सप्रे दगो सराहूँप लड रहप्रे हर। कमर ममें तरकस
कसकर, हवशराल भपुजराओमं ममें धनपुष लप्रेकर और बरार सपुधरारकर पभपु शश्री ररामचमंदजश्री रराक्षसर ककी ओर
दप्रेख रहप्रे हमैं। मरानर मतवरालप्रे हराहरयर कप्रे समपूह कगो (आतरा) दप्रेखकर हसमंह (उनककी ओर) तराक रहरा
हगो।
सगोरठरा :
* आइ गए बगमप्रेल धरहह धरहह धरावत सपुभट।
जररा हबलगोहक अकप्रे ल बराल रहबहह घप्रेरत दनपुज॥18॥
भरावरारर्ण:-'पकडगो-पकडगो' पपुकरारतप्रे हहए रराक्षस यगोदरा बराग छगोडकर (बडश्री तप्रेजश्री सप्रे) दरौडप्रे हह ए आए
(और उन्हरनप्रे शश्री ररामजश्री कगो चरारर ओर सप्रे घप्रेर हलयरा), जहैसप्रे बरालसपूयर्ण (उदयकरालश्रीन सपूयर्ण) कगो
अकप्रे लरा दप्रेखकर मन्दप्रेह नरामक दहैत्य घप्रेर लप्रेतप्रे हमैं॥18॥
चरौपराई :
* पभपु हबलगोहक सर सकहहमं न डरारश्री। रहकत भई रजनश्रीचर धरारश्री॥
सहचव बगोहल बगोलप्रे खर दषपू न। यह कगोउ नमृपबरालक नर भपूषन॥1॥
भरावरारर्ण:-(सजौंदयर्ण-मराधपुयर्णहनहध) पभपु शश्री ररामजश्री कगो दप्रेखकर रराक्षसर ककी सप्रेनरा रहकत रह गई। वप्रे
उन पर बरार नहहीं छगोड सकप्रे । ममंत्रश्री कगो बपुलराकर खर-दषपू र नप्रे कहरा- यह रराजकपु मरार कगोई मनपुष्यर
करा भपूषर हहै॥1॥
* नराग असपुर सपुर नर मपुहन जप्रेतप्रे। दप्रेखप्रे हजतप्रे हतप्रे हम कप्रे तप्रे॥
हम भरर जन्म सपुनहह सब भराई। दप्रेखश्री नहहमं अहस सपुदमं रतराई॥2॥
भरावरारर्ण:-हजतनप्रे भश्री नराग, असपुर, दप्रेवतरा, मनपुष्य और मपुहन हमैं, उनममें सप्रे हमनप्रे न जरानप्रे हकतनप्रे हश्री
दप्रेखप्रे, जश्रीतप्रे और मरार डरालप्रे हमैं। पर हप्रे सब भराइयर! सपुनगो, हमनप्रे जन्मभर ममें ऐसश्री सपुदमं रतरा कहहीं नहहीं
दप्रेखश्री॥2॥
* जद्यहप भहगनश्री ककीहन्ह कपु रूपरा। बध लरायक नहहमं पपुरष अनपूपरा॥
दप्रेहह तपुरत हनज नरारर दरपु राई। जश्रीअत भवन जराहह दरौ भराई॥3॥
भरावरारर्ण:-यद्यहप इन्हरनप्रे हमरारश्री बहहन कगो कपु रूप कर हदयरा तरराहप यप्रे अनपुपम पपुरष वध करनप्रे यगोग्य
नहहीं हमैं। 'हछपराई हह ई अपनश्री स्त्रश्री हममें तपुरमंत दप्रे दगो और दगोनर भराई जश्रीतप्रे जश्री घर लरौट जराओ '॥3॥
* मगोर कहरा तपुम्ह तराहह सपुनरावहह । तरासपु बचन सपुहन आतपुर आवहह ॥
दतपू न्ह कहरा रराम सन जराई। सपुनत रराम बगोलप्रे मपुसपुकराई॥4॥
भरावरारर्ण:-मप्रेररा यह करन तपुम लगोग उसप्रे सपुनराओ और उसकरा वचन (उरर) सपुनकर शश्रीघ्र आओ।
दतपू र नप्रे जराकर यह समंदप्रेश शश्री ररामचमंदजश्री सप्रे कहरा। उसप्रे सपुनतप्रे हश्री शश्री ररामचमंदजश्री मपुस्कपु रराकर बगोलप्रे-॥
4॥
* हम छत्रश्री ममृगयरा बन करहहीं। तपुम्ह सप्रे खल ममृग खगोजत हफिरहहीं॥
ररपपु बलवमंत दप्रेहख नहहमं डरहहीं। एक बरार करालहह सन लरहहीं॥5॥
भरावरारर्ण:-हम क्षहत्रय हमैं, वन ममें हशकरार करतप्रे हमैं और तपुम्हरारप्रे सरश्रीखप्रे दष्टिपु पशपुओमं कगो तगो ढपूहूँढतप्रे हश्री
हफिरतप्रे हमैं। हम बलवरानम शत्रपु दप्रेखकर नहहीं डरतप्रे। (लडनप्रे कगो आवप्रे तगो) एक बरार तगो हम कराल सप्रे भश्री
लड सकतप्रे हमैं॥5॥
* जद्यहप मनपुज दनपुज कपु ल घरालक। मपुहन परालक खल सरालक बरालक॥
जजौं न हगोइ बल घर हफिरर जराहह। समर हबमपुख ममैं हतउहूँ न कराहह॥6॥
भरावरारर्ण:-यद्यहप हम मनपुष्य हमैं, परन्तपु दहैत्यकपु ल करा नराश करनप्रे वरालप्रे और मपुहनयर ककी रक्षरा करनप्रे
वरालप्रे हमैं, हम बरालक हमैं, परन्तपु दष्टिपु र कगो दण्ड दप्रेनप्रे वरालप्रे। यहद बल न हगो तगो घर लरौट जराओ। समंगराम
ममें पश्रीठ हदखरानप्रे वरालप्रे हकसश्री कगो ममैं नहहीं मरारतरा॥ 6॥
* रन चहढ कररअ कपट चतपुरराई। ररपपु पर कमृ परा परम कदरराई॥
दतपू न्ह जराइ तपुरत सब कहप्रेऊ। सपुहन खर दषपू न उर अहत दहप्रेऊ॥7॥
भरावरारर्ण:-रर ममें चढ आकर कपट-चतपुरराई करनरा और शत्रपु पर कमृ परा करनरा (दयरा हदखरानरा) तगो
बडश्री भरारश्री करायरतरा हहै। दतपू र नप्रे लरौटकर तपुरमंत सब बरातमें कहहीं, हजन्हमें सपुनकर खर-दषपू र करा हृदय
अत्यमंत जल उठरा॥7॥
छमंद :
* उर दहप्रेउ कहप्रेउ हक धरहह धराए हबकट भट रजनश्रीचररा।
सर चराप तगोमर सहक्त सपूल कमृ परान पररघ परसपु धररा॥
पभपु ककीहन्ह धनपुष टकगोर परम कठगोर घगोर भयरावहरा।
भए बहधर ब्यराकपुल जरातपुधरान न ग्यरान तप्रेहह अवसर रहरा॥
भरावरारर्ण:-(खर-दषपू र करा) हृदय जल उठरा। तब उन्हरनप्रे कहरा- पकड लगो (कहै द कर लगो)। (यह
सपुनकर) भयरानक रराक्षस यगोदरा बरार, धनपुष, तगोमर, शहक्त (सराहूँग), शपूल (बरछश्री), कमृ परार
(कटरार), पररघ और फिरसरा धरारर हकए हह ए दरौड पडप्रे। पभपु शश्री ररामजश्री नप्रे पहलप्रे धनपुष करा बडरा
कठगोर, घगोर और भयरानक टमंकरार हकयरा, हजसप्रे सपुनकर रराक्षस बहरप्रे और व्यराकपुल हगो गए। उस
समय उन्हमें कपु छ भश्री हगोश न रहरा।
दगोहरा :
* सरावधरान हगोइ धराए जराहन सबल आरराहत।
लरागप्रे बरषन रराम पर अस्त्र सस्त्र बहह भराहूँहत॥19 क॥
भरावरारर्ण:-हफिर वप्रे शत्रपु कगो बलवरानम जरानकर सरावधरान हगोकर दरौडप्रे और शश्री ररामचन्दजश्री कप्रे ऊपर
बहह त पकरार कप्रे अस्त्र-शस्त्र बरसरानप्रे लगप्रे॥19 (क)॥
* हतन्ह कप्रे आयधपु हतल सम करर कराटप्रे रघपुबश्रीर।
तराहन सररासन शवन लहग पपुहन छराडहूँ प्रे हनज तश्रीर॥19 ख॥
भरावरारर्ण:-शश्री रघपुवश्रीरजश्री नप्रे उनकप्रे हहरयरारर कगो हतल कप्रे समरान (टपु कडप्रे-टपु कडप्रे) करकप्रे कराट डरालरा।
हफिर धनपुष कगो करान तक तरानकर अपनप्रे तश्रीर छगोडप्रे॥19 (ख)॥
छन्द :
* तब चलप्रे बरान करराल। फिपुमं करत जनपु बहह ब्यराल॥
कगोपप्रेउ समर शश्रीरराम। चलप्रे हबहसख हनहसत हनकराम॥1॥
भरावरारर्ण:-तब भयरानक बरार ऐसप्रे चलप्रे, मरानगो फिपु फिकरारतप्रे हहए बहह त सप्रे सपर्ण जरा रहप्रे हमैं। शश्री
ररामचन्दजश्री समंगराम ममें कपु द हहए और अत्यन्त तश्रीक्ष्र बरार चलप्रे॥1॥
* अवलगोहक खरतर तश्रीर। मपुरर चलप्रे हनहसचर बश्रीर॥
भए कपु द तश्रीहनउ भराइ। जगो भराहग रन तप्रे जराइ॥2॥
भरावरारर्ण:-अत्यन्त तश्रीक्ष्र बरारर कगो दप्रेखकर रराक्षस वश्रीर पश्रीठ हदखराकर भराग चलप्रे। तब खर-दषपू र
और हत्रहशररा तश्रीनर भराई कपु द हगोकर बगोलप्रे- जगो रर सप्रे भरागकर जराएगरा,॥2॥
* तप्रेहह बधब हम हनज पराहन। हफिरप्रे मरन मन महह हूँ ठराहन॥
आयधपु अनप्रेक पकरार। सनमपुख तप्रे करहहमं पहरार॥3॥
भरावरारर्ण:-उसकरा हम अपनप्रे हरारर वध करमेंगप्रे। तब मन ममें मरनरा ठरानकर भरागतप्रे हहए रराक्षस लरौट पडप्रे
और सरामनप्रे हगोकर वप्रे अनप्रेकर पकरार कप्रे हहरयरारर सप्रे शश्री ररामजश्री पर पहरार करनप्रे लगप्रे॥3॥
* ररपपु परम कगोपप्रे जराहन। पभपु धनपुष सर समंधराहन॥
छराहूँडप्रे हबपपुल नरारराच। लगप्रे कटन हबकट हपसराच॥4॥
भरावरारर्ण:-शत्रपु कगो अत्यन्त कपु हपत जरानकर पभपु नप्रे धनपुष पर बरार चढराकर बहह त सप्रे बरार छगोडप्रे,
हजनसप्रे भयरानक रराक्षस कटनप्रे लगप्रे॥4॥
* उर सश्रीस भपुज कर चरन। जहहूँ तहहूँ लगप्रे महह परन॥
हचक्करत लरागत बरान। धर परत कपु धर समरान॥5॥
भरावरारर्ण:-उनककी छरातश्री, हसर, भपुजरा, हरार और पहैर जहराहूँ-तहराहूँ पमृथ्वश्री पर हगरनप्रे लगप्रे। बरार लगतप्रे
हश्री वप्रे हरारश्री ककी तरह हचमंग्घराडतप्रे हमैं। उनकप्रे पहराड कप्रे समरान धड कट-कटकर हगर रहप्रे हमैं॥5॥
* भट कटत तन सत खमंड। पपुहन उठत करर पराषमंड॥
नभ उडत बहह भपुज मपुमंड। हबनपु मरौहल धरावत रमंड॥6॥
भरावरारर्ण:-यगोदराओमं कप्रे शरश्रीर कटकर सहैकडर टपु कडप्रे हगो जरातप्रे हमैं। वप्रे हफिर मरायरा करकप्रे उठ खडप्रे हगोतप्रे
हमैं। आकराश ममें बहह त सश्री भपुजराएहूँ और हसर उड रहप्रे हमैं तररा हबनरा हसर कप्रे धड दरौड रहप्रे हमैं॥6॥
* खग कमंक कराक समृगराल। कटकटहहमं कहठन करराल॥7॥
भरावरारर्ण:-चश्रील (यरा कजौंच), करौए आहद पक्षश्री और हसयरार कठगोर और भयमंकर कट-कट शब्द कर
रहप्रे हमैं॥7॥
छन्द :
* कटकटहहमं जमंबपुक भपूत पप्रेत हपसराच खपर्णर समंचहहीं।
बप्रेतराल बश्रीर कपराल तराल बजराइ जगोहगहन नमंचहहीं॥
रघपुबश्रीर बरान पचमंड खमंडहहमं भटन्ह कप्रे उर भपुज हसररा।
जहहूँ तहहूँ परहहमं उहठ लरहहमं धर धर धर करहहमं भयमंकर हगररा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-हसयरार कटकटरातप्रे हमैं, भपूत, पप्रेत और हपशराच खगोपहडयराहूँ बटगोर रहप्रे हमैं (अरवरा खप्पर भर
रहप्रे हमैं)। वश्रीर-वहैतराल खगोपहडयर पर तराल दप्रे रहप्रे हमैं और यगोहगहनयराहूँ नराच रहश्री हमैं। शश्री रघपुवश्रीर कप्रे पचमंड
बरार यगोदराओमं कप्रे वक्षद्धाःस्रल, भपुजरा और हसरर कप्रे टपु कडप्रे-टपु कडप्रे कर डरालतप्रे हमैं। उनकप्रे धड जहराहूँ-
तहराहूँ हगर पडतप्रे हमैं, हफिर उठतप्रे और लडतप्रे हमैं और 'पकडगो-पकडगो' करा भयमंकर शब्द करतप्रे हमैं॥1॥
* अमंतरावरहीं गहह उडत गश्रीध हपसराच कर गहह धरावहहीं।
समंगराम पपुर बरासश्री मनहह हूँ बहह बराल गपुडश्री उडरावहहीं॥
मरारप्रे पछरारप्रे उर हबदरारप्रे हबपपुल भट कहहूँरत परप्रे।
अवलगोहक हनज दल हबकल भट हतहसरराहद खर दषपू न हफिरप्रे॥2॥
भरावरारर्ण:-अमंतहडयर कप्रे एक छगोर कगो पकडकर गश्रीध उडतप्रे हमैं और उन्हहीं करा द स पू ररा छगोर हरार सप्रे
पकडकर हपशराच दरौडतप्रे हमैं, ऐसरा मरालपूम हगोतरा हहै मरानगो समंगराम रूपश्री नगर कप्रे हनवरासश्री बहह त सप्रे
बरालक पतमंग उडरा रहप्रे हर। अनप्रेकर यगोदरा मरारप्रे और पछराडप्रे गए बहह त सप्रे, हजनकप्रे हृदय हवदश्रीरर्ण हगो गए
हमैं, पडप्रे करराह रहप्रे हमैं। अपनश्री सप्रेनरा कगो व्यराकपुल दप्रेखर हत्रहशररा और खर-दषपू र आहद यगोदरा शश्री
ररामजश्री ककी ओर मपुडप्रे॥2॥
* सरसहक्त तगोमर परसपु सपूल कमृ परान एकहह बरारहहीं।
करर कगोप शश्री रघपुबश्रीर पर अगहनत हनसराचर डरारहहीं॥
पभपु हनहमष महह हूँ ररपपु सर हनवरारर पचरारर डरारप्रे सरायकरा।
दस दस हबहसख उर मराझ मरारप्रे सकल हनहसचर नरायकरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-अनहगनत रराक्षस कगोध करकप्रे बरार, शहक्त, तगोमर, फिरसरा, शपूल और कमृ परार एक हश्री
बरार ममें शश्री रघपुवश्रीर पर छगोडनप्रे लगप्रे। पभपु नप्रे पल भर ममें शत्रपुओमं कप्रे बरारर कगो कराटकर, ललकरारकर
उन पर अपनप्रे बरार छगोडप्रे। सब रराक्षस सप्रेनरापहतयर कप्रे हृदय ममें दस-दस बरार मरारप्रे॥3॥
* महह परत उहठ भट हभरत मरत न करत मरायरा अहत घनश्री।
सपुर डरत चरौदह सहस पप्रेत हबलगोहक एक अवध धनश्री॥
सपुर मपुहन सभय पभपु दप्रेहख मरायरानरार अहत करौतपुक करमयगो।
दप्रेखहहमं परसपर रराम करर समंगराम ररपपु दल लरर मरमयगो॥4॥
भरावरारर्ण:-यगोदरा पमृथ्वश्री पर हगर पडतप्रे हमैं, हफिर उठकर हभडतप्रे हमैं। मरतप्रे नहहीं, बहह त पकरार ककी
अहतशय मरायरा रचतप्रे हमैं। दप्रेवतरा यह दप्रेखकर डरतप्रे हमैं हक पप्रेत (रराक्षस) चरौदह हजरार हमैं और
अयगोध्यरानरार शश्री ररामजश्री अकप्रे लप्रे हमैं। दप्रेवतरा और मपुहनयर कगो भयभश्रीत दप्रेखकर मरायरा कप्रे स्वरामश्री पभपु नप्रे
एक बडरा करौतपुक हकयरा, हजससप्रे शत्रपुओमं ककी सप्रेनरा एक-दस पू रप्रे कगो रराम रूप दप्रेखनप्रे लगश्री और आपस
पु करकप्रे लड मरश्री॥4॥
ममें हश्री यद
दगोहरा :
* रराम रराम कहह तनपु तजहहमं परावहहमं पद हनबरार्णन।
करर उपराय ररपपु मरारप्रे छन महह हूँ कमृ पराहनधरान॥20 क॥
भरावरारर्ण:-सब ('यहश्री रराम हहै, इसप्रे मरारगो' इस पकरार) रराम-रराम कहकर शरश्रीर छगोडतप्रे हमैं और
हनवरार्णर (मगोक्ष) पद परातप्रे हमैं। कमृ पराहनधरान शश्री ररामजश्री नप्रे यह उपराय करकप्रे क्षर भर ममें शत्रपुओमं कगो मरार
डरालरा॥20 (क)॥
* हरहषत बरषहहमं सपुमन सपुर बराजहहमं गगन हनसरान।
अस्तपुहत करर करर सब चलप्रे सगोहभत हबहबध हबमरान॥20 ख॥
भरावरारर्ण:-दप्रेवतरा हहषर्णत हगोकर फिपू ल बरसरातप्रे हमैं, आकराश ममें नगराडप्रे बज रहप्रे हमैं। हफिर वप्रे सब स्तपुहत
कर-करकप्रे अनप्रेकर हवमरानर पर सपुशगोहभत हह ए चलप्रे गए॥20 (ख)॥
चरौपराई :
* जब रघपुनरार समर ररपपु जश्रीतप्रे। सपुर नर मपुहन सब कप्रे भय बश्रीतप्रे॥
तब लहछमन सश्रीतहह लहै आए। पभपु पद परत हरहष उर लराए॥1॥
भरावरारर्ण:-जब शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे यद
पु ममें शत्रपुओमं कगो जश्रीत हलयरा तररा दप्रेवतरा, मनपुष्य और मपुहन
सबकप्रे भय नष्टि हगो गए, तब लक्ष्मरजश्री सश्रीतराजश्री कगो लप्रे आए। चररर ममें पडतप्रे हह ए उनकगो पभपु नप्रे
पसन्नतरापपूवर्णक उठराकर हृदय सप्रे लगरा हलयरा॥1॥
* सश्रीतरा हचतव स्यराम ममृद पु गरातरा। परम पप्रेम लगोचन न अघरातरा॥
पमंचबटहीं बहस शश्री रघपुनरायक। करत चररत सपुर मपुहन सपुखदरायक॥2॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतराजश्री शश्री ररामजश्री कप्रे श्यराम और कगोमल शरश्रीर कगो परम पप्रेम कप्रे सरार दप्रेख रहश्री हमैं, नप्रेत्र
अघरातप्रे नहहीं हमैं। इस पकरार पमंचवटश्री ममें बसकर शश्री रघपुनरारजश्री दप्रेवतराओमं और मपुहनयर कगो सपुख दप्रेनप्रे
वरालप्रे चररत्र करनप्रे लगप्रे॥2॥
शपूपर्णरखरा करा ररावर कप्रे हनकट जरानरा, शश्री सश्रीतराजश्री करा अहग्नि पवप्रेश और मरायरा सश्रीतरा
* धपुआहूँ दप्रेहख खरदषपू न कप्रे ररा। जराइ सपुपनखराहूँ ररावन पप्रेररा॥
बगोलश्री बचन कगोध करर भरारश्री। दप्रेस कगोस कहै सपुरहत हबसरारश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-खर-दषपू र करा हवध्वमंस दप्रेखकर शपूपर्णरखरा नप्रे जराकर ररावर कगो भडकरायरा। वह बडरा कगोध
करकप्रे वचन बगोलश्री- तपूनप्रे दप्रेश और खजरानप्रे ककी सपुहध हश्री भपुलरा दश्री॥3॥
* करहस परान सगोवहस हदनपु ररातश्री। सपुहध नहहमं तव हसर पर आररातश्री॥
रराज नश्रीहत हबनपु धन हबनपु धमरार्ण। हररहह समपर्दे हबनपु सतकमरार्ण॥ 4॥
हबद्यरा हबनपु हबबप्रेक उपजराएहूँ। शम फिल पढमें हकएहूँ अर पराएहूँ॥
समंग तमें जतश्री कपु ममंत्र तप्रे रराजरा। मरान तप्रे ग्यरान परान तमें लराजरा॥5॥
भरावरारर्ण:-शरराब पश्री लप्रेतरा हहै और हदन-ररात पडरा सगोतरा रहतरा हहै। तपुझप्रे खबर नहहीं हहै हक शत्रपु तप्रेरप्रे हसर
पर खडरा हहै? नश्रीहत कप्रे हबनरा रराज्य और धमर्ण कप्रे हबनरा धन पराप्त करनप्रे सप्रे, भगवरान कगो समपर्णर हकए
हबनरा उरम कमर्ण करनप्रे सप्रे और हववप्रेक उत्पन्न हकए हबनरा हवद्यरा पढनप्रे सप्रे परररराम ममें शम हश्री हरार
लगतरा हहै। हवषयर कप्रे समंग सप्रे समंन्यरासश्री, बपुरश्री सलराह सप्रे रराजरा, मरान सप्रे जरान, महदररा परान सप्रे
लजरा,॥4-5॥
* पश्रीहत पनय हबनपु मद तप्रे गपुनश्री। नरासहहमं बप्रेहग नश्रीहत अस सपुनश्री॥ 6॥
भरावरारर्ण:-नम्रतरा कप्रे हबनरा (नम्रतरा न हगोनप्रे सप्रे) पश्रीहत और मद (अहमंकरार) सप्रे गपुरवरान शश्रीघ्र हश्री नष्टि
हगो जरातप्रे हमैं, इस पकरार नश्रीहत ममैंनप्रे सपुनश्री हहै॥6॥
सगोरठरा :
* ररपपु रज परावक पराप पभपु अहह गहनअ न छगोट करर।
अस कहह हबहबध हबलराप करर लरागश्री रगोदन करन॥21 क॥
भरावरारर्ण:-शत्रपु, रगोग, अहग्नि, पराप, स्वरामश्री और सपर्ण कगो छगोटरा करकप्रे नहहीं समझनरा चराहहए। ऐसरा
कहकर शपूपर्णरखरा अनप्रेक पकरार सप्रे हवलराप करकप्रे रगोनप्रे लगश्री॥21 (क)॥
दगोहरा :
* सभरा मराझ परर ब्यराकपुल बहह पकरार कह रगोइ।
तगोहह हजअत दसकमंधर मगोरर हक अहस गहत हगोइ॥21 ख॥
भरावरारर्ण:-(ररावर ककी) सभरा कप्रे बश्रीच वह व्यराकपुल हगोकर पडश्री हह ई बहह त पकरार सप्रे रगो-रगोकर कह
रहश्री हहै हक अरप्रे दशगश्रीव! तप्रेरप्रे जश्रीतप्रे जश्री मप्रेरश्री क्यरा ऐसश्री दशरा हगोनश्री चराहहए?॥21 (ख)॥
चरौपराई :
* सपुनत सभरासद उठप्रे अकपु लराई। समपुझराई गहह बराहूँह उठराई॥
कह लमंकप्रेस कहहस हनज बरातरा। कप्रे इहूँ तव नरासरा करान हनपरातरा॥1॥
भरावरारर्ण:-शपूपर्णरखरा कप्रे वचन सपुनतप्रे हश्री सभरासदम अकपु लरा उठप्रे। उन्हरनप्रे शपूपर्णरखरा ककी बराहहूँ पकडकर
उसप्रे उठरायरा और समझरायरा। लमंकरापहत ररावर नप्रे कहरा- अपनश्री बरात तगो बतरा, हकसनप्रे तप्रेरप्रे नराक-
करान कराट हलए?॥1॥
* अवध नमृपहत दसरर कप्रे जराए। पपुरष हसमंघ बन खप्रेलन आए॥
समपुहझ परश्री मगोहह उन्ह कहै करनश्री। रहहत हनसराचर कररहहहमं धरनश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-(वह बगोलश्री-) अयगोध्यरा कप्रे रराजरा दशरर कप्रे पपुत्र, जगो पपुरषर ममें हसमंह कप्रे समरान हमैं, वन ममें
हशकरार खप्रेलनप्रे आए हमैं। मपुझप्रे उनककी करनश्री ऐसश्री समझ पडश्री हहै हक वप्रे पमृथ्वश्री कगो रराक्षसर सप्रे रहहत कर
दमेंगप्रे॥2॥
* हजन्ह कर भपुजबल पराइ दसरानन। अभय भए हबचरत मपुहन करानन॥
दप्रेखत बरालक कराल समरानरा। परम धश्रीर धन्वश्री गपुन नरानरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-हजनककी भपुजराओमं करा बल पराकर हप्रे दशमपुख! मपुहन लगोग वन ममें हनभर्णय हगोकर हवचरनप्रे लगप्रे
हमैं। वप्रे दप्रेखनप्रे ममें तगो बरालक हमैं, पर हमैं कराल कप्रे समरान। वप्रे परम धश्रीर, शप्रेष धनपुधर्णर और अनप्रेकर गपुरर
पु हमैं॥3॥
सप्रे यक्त
* अतपुहलत बल पतराप दरौ ररातरा। खल बध रत सपुर मपुहन सपुखदरातरा॥
सगोभरा धराम रराम अस नरामरा। हतन्ह कप्रे समंग नरारर एक स्यरामरा॥4॥
भरावरारर्ण:-दगोनर भराइयर करा बल और पतराप अतपुलनश्रीय हहै। वप्रे दष्टिपु र करा वध करनप्रे ममें लगप्रे हमैं और
दप्रेवतरा तररा मपुहनयर कगो सपुख दप्रेनप्रे वरालप्रे हमैं। वप्रे शगोभरा कप्रे धराम हमैं, 'रराम' ऐसरा उनकरा नराम हहै। उनकप्रे
सरार एक तररश्री सपुदमं र स्त्रश्री हहै॥4॥
* रूप रराहस हबहध नरारर सहूँवरारश्री। रहत सत कगोहट तरासपु बहलहरारश्री॥
तरासपु अनपुज कराटप्रे शपुहत नरासरा। सपुहन तव भहगहन करहहमं पररहरासरा॥ 5॥
भरावरारर्ण:-हवधरातरा नप्रे उस स्त्रश्री कगो ऐसश्री रूप ककी रराहश बनरायरा हहै हक सरौ करगोड रहत (करामदप्रेव ककी
स्त्रश्री) उस पर हनछरावर हमैं। उन्हहीं कप्रे छगोटप्रे भराई नप्रे मप्रेरप्रे नराक-करान कराट डरालप्रे। ममैं तप्रेरश्री बहहन हह,हूँ यह
सपुनकर वप्रे मप्रेरश्री हहूँसश्री करनप्रे लगप्रे॥5॥
* खर दषपू न सपुहन लगप्रे पपुकराररा। छन महह हूँ सकल कटक उन्ह मराररा॥
खर दषपू न हतहसररा कर घरातरा। सपुहन दससश्रीस जरप्रे सब गरातरा॥ 6॥
भरावरारर्ण:-मप्रेरश्री पपुकरार सपुनकर खर-दषपू र सहरायतरा करनप्रे आए। पर उन्हरनप्रे क्षर भर ममें सरारश्री सप्रेनरा
कगो मरार डरालरा। खर-दषपू न और हत्रहशररा करा वध सपुनकर ररावर कप्रे सरारप्रे अमंग जल उठप्रे॥6॥
दगोहरा :
* सपूपनखहह समपुझराइ करर बल बगोलप्रेहस बहह भराहूँहत।
गयउ भवन अहत सगोचबस नश्रीद परइ नहहमं रराहत॥22॥
भरावरारर्ण:-उसनप्रे शपूपर्णरखरा कगो समझराकर बहह त पकरार सप्रे अपनप्रे बल करा बखरान हकयरा, हकन्तपु (मन
ममें) वह अत्यन्त हचमंतरावश हगोकर अपनप्रे महल ममें गयरा, उसप्रे ररात भर नहींद नहहीं पडश्री॥22॥
चरौपराई :
* सपुर नर असपुर नराग खग मराहहीं। मगोरप्रे अनपुचर कहहूँ कगोउ नराहहीं॥
खर दषपू न मगोहह सम बलवमंतरा। हतन्हहह कगो मरारइ हबनपु भगवमंतरा॥1॥
भरावरारर्ण:-(वह मन हश्री मन हवचरार करनप्रे लगरा-) दप्रेवतरा, मनपुष्य, असपुर, नराग और पहक्षयर ममें कगोई
ऐसरा नहहीं, जगो मप्रेरप्रे सप्रेवक कगो भश्री परा सकप्रे । खर-दषपू र तगो मप्रेरप्रे हश्री समरान बलवरान रप्रे। उन्हमें भगवरान
कप्रे हसवरा और करौन मरार सकतरा हहै?॥1॥
* सपुर रमंजन भमंजन महह भराररा। जजौं भगवमंत लश्रीन्ह अवतराररा॥
तरौ ममैं जराइ बहैर हहठ करऊहूँ। पभपु सर परान तजमें भव तरऊहूँ॥2॥
भरावरारर्ण:-दप्रेवतराओमं कगो आनमंद दप्रेनप्रे वरालप्रे और पमृथ्वश्री करा भरार हरर करनप्रे वरालप्रे भगवरान नप्रे हश्री यहद
अवतरार हलयरा हहै, तगो ममैं जराकर उनसप्रे हठपपूवर्णक वहैर करूहूँगरा और पभपु कप्रे बरार (कप्रे आघरात) सप्रे
परार छगोडकर भवसरागर सप्रे तर जराऊहूँगरा॥2॥
* हगोइहह भजनपु न तरामस दप्रेहरा। मन कम बचन ममंत्र दृढ एहरा॥
जजौं नररूप भपूपसपुत कगोऊ। हररहउहूँ नरारर जश्रीहत रन दगोऊ॥3॥
भरावरारर्ण:-इस तरामस शरश्रीर सप्रे भजन तगो हगोगरा नहहीं, अतएव मन, वचन और कमर्ण सप्रे यहश्री दृढ
हनश्चय हहै। और यहद वप्रे मनपुष्य रूप कगोई रराजकपु मरार हरगप्रे तगो उन दगोनर कगो रर ममें जश्रीतकर उनककी
स्त्रश्री कगो हर लपूहूँगरा॥3॥
* चलरा अकप्रे ल जरान चहढ तहवराहूँ। बस मरारश्रीच हसमंधपु तट जहवराहूँ॥
इहराहूँ रराम जहस जपुगपुहत बनराई। सपुनहह उमरा सगो कररा सपुहराई॥4॥
भरावरारर्ण:-रराक्षसर ककी भयरानक सप्रेनरा आ गई हहै। जरानककीजश्री कगो लप्रेकर तपुम पवर्णत ककी कमं दररा ममें चलप्रे
जराओ। सरावधरान रहनरा। पभपु शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे वचन सपुनकर लक्ष्मरजश्री हरार ममें धनपुष-बरार हलए
शश्री सश्रीतराजश्री सहहत चलप्रे॥6॥
दगोहरा :
* लहछमन गए बनहहमं जब लप्रेन मपूल फिल कमंद।
जनकसपुतरा सन बगोलप्रे हबहहस कमृ परा सपुख बमृमंद॥23॥
भरावरारर्ण:-लक्ष्मरजश्री जब कमंद-मपूल-फिल लप्रेनप्रे कप्रे हलए वन ममें गए, तब (अकप्रे लप्रे ममें) कमृ परा और
सपुख कप्रे समपूह शश्री ररामचमंदजश्री हहूँसकर जरानककीजश्री सप्रे बगोलप्रे -॥23॥
चरौपराई :
* सपुनहह हपयरा ब्रत रहचर सपुसश्रीलरा। ममैं कछपु करहब लहलत नरलश्रीलरा॥
तपुम्ह परावक महह हूँ करहह हनवरासरा। जरौ लहग करजौं हनसराचर नरासरा॥1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे हपयप्रे! हप्रे सपुदमं र पहतव्रत धमर्ण करा परालन करनप्रे वरालश्री सपुशश्रीलप्रे! सपुनगो! ममैं अब कपु छ
मनगोहर मनपुष्य लश्रीलरा करूहूँगरा, इसहलए जब तक ममैं रराक्षसर करा नराश करूहूँ, तब तक तपुम अहग्नि ममें
हनवरास करगो॥1॥
* जबहहमं रराम सब कहरा बखरानश्री। पभपु पद धरर हहयहूँ अनल समरानश्री॥
हनज पहतहबमंब रराहख तहहूँ सश्रीतरा। तहैसइ सश्रील रूप सपुहबनश्रीतरा॥2॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री नप्रे ज्यर हश्री सब समझराकर कहरा, त्यर हश्री शश्री सश्रीतराजश्री पभपु कप्रे चररर कगो हृदय
ममें धरकर अहग्नि ममें समरा गई।मं सश्रीतराजश्री नप्रे अपनश्री हश्री छरायरा मपूहतर्ण वहराहूँ रख दश्री, जगो उनकप्रे जहैसप्रे हश्री
शश्रील-स्वभराव और रूपवरालश्री तररा वहैसप्रे हश्री हवनम्र रश्री॥2॥
* लहछमनहह हूँ यह मरमपु न जरानरा। जगो कछपु चररत रचरा भगवरानरा॥
दसमपुख गयउ जहराहूँ मरारश्रीचरा। नराइ मरार स्वरारर रत नश्रीचरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-भगवरान नप्रे जगो कपु छ लश्रीलरा रचश्री, इस रहस्य कगो लक्ष्मरजश्री नप्रे भश्री नहहीं जरानरा। स्वरारर्ण
पररायर और नश्रीच ररावर वहराहूँ गयरा, जहराहूँ मरारश्रीच ररा और उसकगो हसर नवरायरा॥3॥
* नवहन नश्रीच कहै अहत दख
पु दराई। हजहम अमंकपुस धनपु उरग हबलराई॥
भयदरायक खल कहै हपय बरानश्री। हजहम अकराल कप्रे कपु सपुम भवरानश्री॥4॥
भरावरारर्ण:- नश्रीच करा झपुकनरा (नम्रतरा) भश्री अत्यन्त दद्धाःपु खदरायश्री हगोतरा हहै। जहैसप्रे अमंकपुश, धनपुष, सराहूँप
और हबल्लश्री करा झपुकनरा। हप्रे भवरानश्री! दष्टिपु ककी मश्रीठश्री वरारश्री भश्री (उसश्री पकरार) भय दप्रेनप्रे वरालश्री हगोतश्री हहै,
जहैसप्रे हबनरा ऋतपु कप्रे फिपूल!॥4॥
मरारश्रीच पसमंग और स्वरर्णममृग रूप ममें मरारश्रीच करा मराररा जरानरा, सश्रीतराजश्री दराररा लक्ष्मर कगो भप्रेजनरा
दगोहरा :
* करर पपूजरा मरारश्रीच तब सरादर पपूछश्री बरात।
कवन हप्रेतपु मन ब्यग अहत अकसर आयहह तरात॥24॥
भरावरारर्ण:- तब मरारश्रीच नप्रे उसककी पपूजरा करकप्रे आदरपपूवर्णक बरात पपूछश्री- हप्रे तरात! आपकरा मन हकस
करारर इतनरा अहधक व्यग हहै और आप अकप्रे लप्रे आए हमैं?॥24॥
चरौपराई :
* दसमपुख सकल कररा तप्रेहह आगमें। कहश्री सहहत अहभमरान अभरागमें॥
हगोहह कपट ममृग तपुम्ह छलकरारश्री। जप्रेहह हबहध हरर आनजौं नमृपनरारश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:- भराग्यहश्रीन ररावर नप्रे सरारश्री कररा अहभमरान सहहत उसकप्रे सरामनप्रे कहश्री (और हफिर कहरा-)
तपुम छल करनप्रे वरालप्रे कपटममृग बनगो, हजस उपराय सप्रे ममैं उस रराजवधपू कगो हर लराऊहूँ॥1॥
* तप्रेहहमं पपुहन कहरा सपुनहह दससश्रीसरा। तप्रे नररूप चरराचर ईसरा॥
तरासर तरात बयर नहहमं ककीजहै। मरारमें मररअ हजआएहूँ जश्रीजहै॥2॥
भरावरारर्ण:- तब उसनप्रे (मरारश्रीच नप्रे) कहरा- हप्रे दशशश्रीश! सपुहनए। वप्रे मनपुष्य रूप ममें चरराचर कप्रे ईश्वर
हमैं। हप्रे तरात! उनसप्रे वहैर न ककीहजए। उन्हहीं कप्रे मरारनप्रे सप्रे मरनरा और उनकप्रे हजलरानप्रे सप्रे जश्रीनरा हगोतरा हहै
(सबकरा जश्रीवन-मरर उन्हहीं कप्रे अधश्रीन हहै)॥2॥
* मपुहन मख रराखन गयउ कपु मराररा। हबनपु फिर सर रघपुपहत मगोहह मराररा॥
सत जगोजन आयउहूँ छन मराहहीं। हतन्ह सन बयर हकएहूँ भल नराहहीं॥ 3॥
भरावरारर्ण:- यहश्री रराजकपु मरार मपुहन हवश्वराहमत्र कप्रे यज ककी रक्षरा कप्रे हलए गए रप्रे। उस समय शश्री
रघपुनरारजश्री नप्रे हबनरा फिल करा बरार मपुझप्रे मराररा ररा, हजससप्रे ममैं क्षरभर ममें सरौ यगोजन पर आ हगररा।
उनसप्रे वहैर करनप्रे ममें भलराई नहहीं हहै॥3॥
* भइ मम ककीट भमृमंग ककी नराई। जहहूँ तहहूँ ममैं दप्रेखउहूँ दगोउ भराई॥
जजौं नर तरात तदहप अहत सपूररा। हतन्हहह हबरगोहध न आइहह पपूररा॥ 4॥
भरावरारर्ण:- मप्रेरश्री दशरा तगो भमृमंगश्री कप्रे ककीडप्रे ककी सश्री हगो गई हहै। अब ममैं जहराहूँ-तहराहूँ शश्री रराम-लक्ष्मर दगोनर
भराइयर कगो हश्री दप्रेखतरा हह हूँ। और हप्रे तरात! यहद वप्रे मनपुष्य हमैं, तगो भश्री बडप्रे शपूरवश्रीर हमैं। उनसप्रे हवरगोध
करनप्रे ममें पपूररा न पडप्रेगरा (सफिलतरा नहहीं हमलप्रेगश्री)॥4॥
दगोहरा :
* जप्रेहहमं तराडकरा सपुबराहह हहत खमंडप्रेउ हर कगोदमंड।
खर दषपू न हतहसररा बधप्रेउ मनपुज हक अस बररबमंड॥25॥
भरावरारर्ण:- हजसनप्रे तराडकरा और सपुबराहह कगो मरारकर हशवजश्री करा धनपुष तगोड हदयरा और खर, दषपू र
और हत्रहशररा करा वध कर डरालरा, ऐसरा पचमंड बलश्री भश्री कहहीं मनपुष्य हगो सकतरा हहै?॥25॥
चरौपराई :
* जराहह भवन कपु ल कपु सल हबचरारश्री। सपुनत जररा दश्रीहन्हहस बहह गरारश्री॥
गपुर हजहम मपूढ करहस मम बगोधरा। कहह जग मगोहह समरान कगो जगोधरा॥1॥
भरावरारर्ण:- अतद्धाः अपनप्रे कपु ल ककी कपु शल हवचरारकर आप घर लरौट जराइए। यह सपुनकर ररावर जल
उठरा और उसनप्रे बहह त सश्री गराहलयराहूँ दहीं (दवपु र्णचन कहप्रे)। (कहरा-) अरप्रे मपूखर्ण! तपू गपुर ककी तरह मपुझप्रे
जरान हसखरातरा हहै? बतरा तगो समंसरार ममें मप्रेरप्रे समरान यगोदरा करौन हहै?॥1॥
* तब मरारश्रीच हृदयहूँ अनपुमरानरा। नवहह हबरगोधमें नहहमं कल्यरानरा॥
सस्त्रश्री ममर पभपु सठ धनश्री। बहैद बमंहद कहब भरानस गपुनश्री॥2॥
भरावरारर्ण:- तब मरारश्रीच नप्रे हृदय ममें अनपुमरान हकयरा हक शस्त्रश्री (शस्त्रधरारश्री), ममर (भप्रेद जराननप्रे
वरालरा), समरर्ण स्वरामश्री, मपूखर्ण, धनवरान, वहैद्य, भराट, कहव और रसगोइयरा- इन नरौ व्यहक्तयर सप्रे
हवरगोध (वहैर) करनप्रे ममें कल्यरार (कपु शल) नहहीं हगोतरा॥2॥
* उभय भराहूँहत दप्रेखरा हनज मरनरा। तब तराहकहस रघपुनरायक सरनरा॥
उतर दप्रेत मगोहह बधब अभरागमें। कस न मरजौं रघपुपहत सर लरागमें॥ 3॥
भरावरारर्ण:- जब मरारश्रीच नप्रे दगोनर पकरार सप्रे अपनरा मरर दप्रेखरा, तब उसनप्रे शश्री रघपुनरारजश्री ककी शरर
तककी (अररार्णत उनककी शरर जरानप्रे ममें हश्री कल्यरार समझरा)। (सगोचरा हक) उरर दप्रेतप्रे हश्री (नराहहीं करतप्रे
हश्री) यह अभरागरा मपुझप्रे मरार डरालप्रेगरा। हफिर शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे बरार लगनप्रे सप्रे हश्री क्यर न मरूहूँ॥3॥
* अस हजयहूँ जराहन दसरानन समंगरा। चलरा रराम पद पप्रेम अभमंगरा॥
मन अहत हरष जनराव न तप्रेहश्री। आजपु दप्रेहखहउहूँ परम सनप्रेहश्री॥4॥
भरावरारर्ण:- हृदय ममें ऐसरा समझकर वह ररावर कप्रे सरार चलरा। शश्री ररामजश्री कप्रे चररर ममें उसकरा अखमंड
पप्रेम हहै। उसकप्रे मन ममें इस बरात करा अत्यन्त हषर्ण हहै हक आज ममैं अपनप्रे परम स्नप्रेहश्री शश्री ररामजश्री कगो
दप्रेखपूहूँगरा, हकन्तपु उसनप्रे यह हषर्ण ररावर कगो नहहीं जनरायरा॥4॥
छन्द :
* हनज परम पश्रीतम दप्रेहख लगोचन सपुफिल करर सपुख पराइहजौं।
शश्रीसहहत अनपुज समप्रेत कमृ पराहनकप्रे त पद मन लराइहजौं॥
हनबरार्णन दरायक कगोध जरा कर भगहत अबसहह बसकरश्री।
हनज पराहन सर समंधराहन सगो मगोहह बहधहह सपुखसरागर हरश्री॥
भरावरारर्ण:-(वह मन हश्री मन सगोचनप्रे लगरा-) अपनप्रे परम हपयतम कगो दप्रेखकर नप्रेत्रर कगो सफिल करकप्रे
सपुख पराऊहूँगरा। जरानककीजश्री सहहत और छगोटप्रे भराई लक्ष्मरजश्री समप्रेत कमृ पराहनधरान शश्री ररामजश्री कप्रे चररर
ममें मन लगराऊहूँगरा। हजनकरा कगोध भश्री मगोक्ष दप्रेनप्रे वरालरा हहै और हजनककी भहक्त उन अवश (हकसश्री कप्रे
वश ममें न हगोनप्रे वरालप्रे, स्वतमंत्र भगवरान) कगो भश्री वश ममें करनप्रे वरालश्री हहै, अब वप्रे हश्री आनमंद कप्रे समपुद
शश्री हरर अपनप्रे हरारर सप्रे बरार सन्धरानकर मप्रेररा वध करमेंगप्रे।
दगोहरा :
* मम पराछमें धर धरावत धरमें सररासन बरान।
हफिरर हफिरर पभपुहह हबलगोहकहउहूँ धन्य न मगो सम आन॥26॥
भरावरारर्ण:- धनपुष-बरार धरारर हकए मप्रेरप्रे पश्रीछप्रे-पश्रीछप्रे पमृथ्वश्री पर (पकडनप्रे कप्रे हलए) दरौडतप्रे हहए पभपु कगो
पू ररा कगोई नहहीं हहै॥26॥
ममैं हफिर-हफिरकर दप्रेखपूहूँगरा। मप्रेरप्रे समरान धन्य दस
चरौपराई :
* तप्रेहह बनहनकट दसरानन गयऊ। तब मरारश्रीच कपटममृग भयऊ॥
अहत हबहचत्र कछपु बरहन न जराई। कनक दप्रेह महन रहचत बनराई॥1॥
भरावरारर्ण:- जब ररावर उस वन कप्रे (हजस वन ममें शश्री रघपुनरारजश्री रहतप्रे रप्रे) हनकट पहह हूँचरा, तब
मरारश्रीच कपटममृग बन गयरा! वह अत्यन्त हश्री हवहचत्र ररा, कपु छ वरर्णन नहहीं हकयरा जरा सकतरा। सगोनप्रे
करा शरश्रीर महरयर सप्रे जडकर बनरायरा ररा॥1॥
* सश्रीतरा परम रहचर ममृग दप्रेखरा। अमंग अमंग सपुमनगोहर बप्रेषरा॥
सपुनहह दप्रेव रघपुबश्रीर कमृ परालरा। एहह ममृग कर अहत सपुदमं र छरालरा॥2॥
भरावरारर्ण:- सश्रीतराजश्री नप्रे उस परम सपुमंदर हहरन कगो दप्रेखरा, हजसकप्रे अमंग-अमंग ककी छटरा अत्यन्त
मनगोहर रश्री। (वप्रे कहनप्रे लगहीं-) हप्रे दप्रेव! हप्रे कमृ परालपु रघपुवश्रीर! सपुहनए। इस ममृग ककी छराल बहह त हश्री
सपुमंदर हहै॥2॥
* सत्यसमंध पभपु बहध करर एहश्री। आनहह चमर्ण कहहत बहैदहप्रे श्री॥
तब रघपुपहत जरानत सब करारन। उठप्रे हरहष सपुर कराजपु सहूँवरारन॥3॥
भरावरारर्ण:- जरानककीजश्री नप्रे कहरा- हप्रे सत्यपहतज पभगो! इसकगो मरारकर इसकरा चमडरा लरा दश्रीहजए।
तब शश्री रघपुनरारजश्री (मरारश्रीच कप्रे कपटममृग बननप्रे करा) सब करारर जरानतप्रे हह ए भश्री, दप्रेवतराओमं करा करायर्ण
बनरानप्रे कप्रे हलए हहषर्णत हगोकर उठप्रे॥3॥
* ममृग हबलगोहक कहट पररकर बराहूँधरा। करतल चराप रहचर सर सराधहूँ रा॥
पभपु लहछमनहह कहरा समपुझराई। हफिरत हबहपन हनहसचर बहह भराई॥4॥
भरावरारर्ण:- हहरन कगो दप्रेखकर शश्री ररामजश्री नप्रे कमर ममें फिमें टरा बराहूँधरा और हरार ममें धनपुष लप्रेकर उस पर
सपुमंदर (हदव्य) बरार चढरायरा। हफिर पभपु नप्रे लक्ष्मरजश्री कगो समझराकर कहरा- हप्रे भराई! वन ममें बहह त सप्रे
रराक्षस हफिरतप्रे हमैं॥4॥
* सश्रीतरा कप्रे रर करप्रेहह रखवरारश्री। बपुहध हबबप्रेक बल समय हबचरारश्री॥
पभपुहह हबलगोहक चलरा ममृग भराजश्री। धराए ररामपु सररासन सराजश्री॥5॥
भरावरारर्ण:- तपुम बपुहद और हववप्रेक कप्रे दराररा बल और समय करा हवचरार करकप्रे सश्रीतराजश्री ककी रखवरालश्री
करनरा। पभपु कगो दप्रेखकर ममृग भराग चलरा। शश्री ररामचन्दजश्री भश्री धनपुष चढराकर उसकप्रे पश्रीछप्रे दरौडप्रे॥5॥
* हनगम नप्रेहत हसव ध्यरान न परावरा। मरायराममृग पराछमें सगो धरावरा॥
कबहह हूँ हनकट पपुहन दरपू र परराई। कबहह हूँक पगटइ कबहह हूँ छपराई॥6॥
भरावरारर्ण:- वप्रेद हजनकप्रे हवषय ममें 'नप्रेहत-नप्रेहत' कहकर रह जरातप्रे हमैं और हशवजश्री भश्री हजन्हमें ध्यरान ममें
नहहीं परातप्रे (अररार्णत जगो मन और वरारश्री सप्रे हनतरान्त परप्रे हमैं), वप्रे हश्री शश्री ररामजश्री मरायरा सप्रे बनप्रे हहए ममृग
कप्रे पश्रीछप्रे दरौड रहप्रे हमैं। वह कभश्री हनकट आ जरातरा हहै और हफिर द रपू भराग जरातरा हहै। कभश्री तगो पकट हगो
जरातरा हहै और कभश्री हछप जरातरा हहै॥6॥
* पगटत दरपु त करत छल भपूरश्री। एहह हबहध पभपुहह गयउ लहै दरपू श्री॥
तब तहक रराम कहठन सर मराररा। धरहन परप्रेउ करर घगोर पपुकराररा॥ 7॥
भरावरारर्ण:- इस पकरार पकट हगोतरा और हछपतरा हहआ तररा बहह तप्रेरप्रे छल करतरा हहआ वह पभपु कगो दरपू
लप्रे गयरा। तब शश्री ररामचन्दजश्री नप्रे तक कर (हनशरानरा सराधकर) कठगोर बरार मराररा, (हजसकप्रे लगतप्रे
हश्री) वह घगोर शब्द करकप्रे पमृथ्वश्री पर हगर पडरा॥7॥
* लहछमन कर परमहहमं लहै नरामरा। पराछमें सपुहमरप्रेहस मन महह हूँ ररामरा॥
परान तजत पगटप्रेहस हनज दप्रेहरा। सपुहमरप्रेहस ररामपु समप्रेत सनप्रेहरा॥ 8॥
भरावरारर्ण:- पहलप्रे लक्ष्मरजश्री करा नराम लप्रेकर उसनप्रे पश्रीछप्रे मन ममें शश्री ररामजश्री करा स्मरर हकयरा। परार
त्यराग करतप्रे समय उसनप्रे अपनरा (रराक्षसश्री) शरश्रीर पकट हकयरा और पप्रेम सहहत शश्री ररामजश्री करा
स्मरर हकयरा॥8॥
* अमंतर पप्रेम तरासपु पहहचरानरा। मपुहन दल
पु र्णभ गहत दश्रीहन्ह सपुजरानरा॥9॥
भरावरारर्ण:- सपुजरान (सवर्णज) शश्री ररामजश्री नप्रे उसकप्रे हृदय कप्रे पप्रेम कगो पहचरानकर उसप्रे वह गहत
(अपनरा परमपद) दश्री जगो मपुहनयर कगो भश्री दल पु र्णभ हहै॥9॥
दगोहरा :
* हबपपुल सपुमर सपुर बरषहहमं गरावहहमं पभपु गपुन गरार।
हनज पद दश्रीन्ह असपुर कहह हूँ दश्रीनबमंधपु रघपुनरार॥27॥
भरावरारर्ण:- दप्रेवतरा बहह त सप्रे फिपूल बरसरा रहप्रे हमैं और पभपु कप्रे गपुरर ककी गरारराएहूँ (स्तपुहतयराहूँ) गरा रहप्रे हमैं
(हक) शश्री रघपुनरारजश्री ऐसप्रे दश्रीनबन्धपु हमैं हक उन्हरनप्रे असपुर कगो भश्री अपनरा परम पद दप्रे हदयरा॥ 27॥
चरौपराई :
* खल बहध तपुरत हफिरप्रे रघपुबश्रीररा। सगोह चराप कर कहट तपूनश्रीररा॥
आरत हगररा सपुनश्री जब सश्रीतरा। कह लहछमन सन परम सभश्रीतरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:- दष्टिपु मरारश्रीच कगो मरारकर शश्री रघपुवश्रीर तपुरमंत लरौट पडप्रे। हरार ममें धनपुष और कमर ममें तरकस
शगोभरा दप्रे रहरा हहै। इधर जब सश्रीतराजश्री नप्रे दद्धाःपु खभरश्री वरारश्री (मरतप्रे समय मरारश्रीच ककी 'हरा लक्ष्मर' ककी
आवराज) सपुनश्री तगो वप्रे बहह त हश्री भयभश्रीत हगोकर लक्ष्मरजश्री सप्रे कहनप्रे लगहीं॥1॥
* जराहह बप्रेहग समंकट अहत ररातरा। लहछमन हबहहस कहरा सपुनपु मरातरा॥
भमृकपुहट हबलरास समृहष्टि लय हगोई। सपनप्रेहहहूँ समंकट परइ हक सगोई॥2॥
भरावरारर्ण:- तपुम शश्रीघ्र जराओ, तपुम्हरारप्रे भराई बडप्रे समंकट ममें हमैं। लक्ष्मरजश्री नप्रे हहूँसकर कहरा- हप्रे मरातरा!
सपुनगो, हजनकप्रे रमृकपुहट हवलरास (भजौं कप्रे इशरारप्रे) मरात्र सप्रे सरारश्री समृहष्टि करा लय (पलय) हगो जरातरा हहै,
वप्रे शश्री ररामजश्री क्यरा कभश्री स्वप्न ममें भश्री समंकट ममें पड सकतप्रे हमैं ?॥2॥
* मरम बचन जब सश्रीतरा बगोलरा। हरर पप्रेररत लहछमन मन डगोलरा॥
बन हदहस दप्रेव सजौंहप सब कराहह। चलप्रे जहराहूँ ररावन सहस रराहह॥3॥
भरावरारर्ण:- इस पर जब सश्रीतराजश्री कपु छ ममर्ण वचन (हृदय ममें चपुभनप्रे वरालप्रे वचन) कहनप्रे लगहीं, तब
भगवरान ककी पप्रेरररा सप्रे लक्ष्मरजश्री करा मन भश्री चमंचल हगो उठरा। वप्रे शश्री सश्रीतराजश्री कगो वन और हदशराओमं
कप्रे दप्रेवतराओमं कगो सजौंपकर वहराहूँ चलप्रे, जहराहूँ ररावर रूपश्री चन्दमरा कप्रे हलए रराहह रूप शश्री ररामजश्री रप्रे॥3॥
जटराय-पु ररावर-यद
पु , अशगोक वराहटकरा ममें सश्रीतराजश्री कगो रखनरा
* गश्रीधरराज सपुहन आरत बरानश्री। रघपुकपुलहतलक नरारर पहहचरानश्री॥
अधम हनसराचर लश्रीन्हमें जराई। हजहम मलप्रेछ बस कहपलरा गराई॥4॥
भरावरारर्ण:- गमृधरराज जटरायपु नप्रे सश्रीतराजश्री ककी दद्धाःपु खभरश्री वरारश्री सपुनकर पहचरान हलयरा हक यप्रे रघपुकपुल
हतलक शश्री ररामचन्दजश्री ककी पत्नश्री हमैं। (उसनप्रे दप्रेखरा हक) नश्रीच रराक्षस इनकगो (बपुरश्री तरह) हलए जरा
रहरा हहै, जहैसप्रे कहपलरा गराय म्लप्रेच्छ कप्रे परालप्रे पड गई हगो॥4॥
* सश्रीतप्रे पपुहत्र करहस जहन त्ररासरा। कररहउहूँ जरातपुधरान कर नरासरा॥
धरावरा कगोधवमंत खग कहै समें। छपूटइ पहब परबत कहह हूँ जहैसमें॥5॥
भरावरारर्ण:- (वह बगोलरा-) हप्रे सश्रीतप्रे पपुत्रश्री! भय मत कर। ममैं इस रराक्षस करा नराश करूहूँगरा। (यह
कहकर) वह पक्षश्री कगोध ममें भरकर ऐसप्रे दरौडरा, जहैसप्रे पवर्णत ककी ओर वज्र छपू टतरा हगो॥5॥
* रप्रे रप्रे दष्टिपु ठराढ हकन हगो हश्री। हनभर्णय चलप्रेहस न जरानप्रेहह मगोहश्री॥
आवत दप्रेहख कमृ तरामंत समरानरा। हफिरर दसकमंधर कर अनपुमरानरा॥6॥
भरावरारर्ण:- (उसनप्रे ललकरारकर कहरा-) रप्रे रप्रे दष्टिपु ! खडरा क्यर नहहीं हगोतरा? हनडर हगोकर चल
हदयरा! मपुझप्रे तपूनप्रे नहहीं जरानरा? उसकगो यमरराज कप्रे समरान आतरा हहआ दप्रेखकर ररावर घपूमकर मन ममें
अनपुमरान करनप्रे लगरा-॥6॥
* ककी महैनराक हक खगपहत हगोई। मम बल जरान सहहत पहत सगोई॥
जरानरा जरठ जटरायपू एहरा। मम कर तश्रीरर छराहूँहडहह दप्रेहरा॥7॥
भरावरारर्ण:- यह यरा तगो महैनराक पवर्णत हहै यरा पहक्षयर करा स्वरामश्री गरड। पर वह (गरड) तगो अपनप्रे
स्वरामश्री हवष्रपु सहहत मप्रेरप्रे बल कगो जरानतरा हहै! (कपु छ परास आनप्रे पर) ररावर नप्रे उसप्रे पहचरान हलयरा
(और बगोलरा-) यह तगो बपूढरा जटरायपु हहै। यह मप्रेरप्रे हरार रूपश्री तश्रीरर्ण ममें शरश्रीर छगोडप्रेगरा॥7॥
* सपुनत गश्रीध कगोधरातपुर धरावरा। कह सपुनपु ररावन मगोर हसखरावरा॥
तहज जरानहकहह कपु सल गमृह जराहह। नराहहमं त अस हगोइहह बहह बराहह॥8॥
भरावरारर्ण:- यह सपुनतप्रे हश्री गश्रीध कगोध ममें भरकर बडप्रे वप्रेग सप्रे दरौडरा और बगोलरा- ररावर! मप्रेरश्री हसखरावन
सपुन। जरानककीजश्री कगो छगोडकर कपु शलपपूवर्णक अपनप्रे घर चलरा जरा। नहहीं तगो हप्रे बहह त भपुजराओमं वरालप्रे!
ऐसरा हगोगरा हक-॥8॥
* रराम रगोष परावक अहत घगोररा। हगोइहह सकल सलभ कपु ल तगोररा॥
उतर न दप्रेत दसरानन जगोधरा। तबहहमं गश्रीध धरावरा करर कगोधरा॥9॥
भरावरारर्ण:- शश्री ररामजश्री कप्रे कगोध रूपश्री अत्यन्त भयरानक अहग्नि ममें तप्रेररा सराररा वमंश पहतमंगरा (हगोकर
भस्म) हगो जराएगरा। यगोदरा ररावर कपु छ उरर नहहीं दप्रेतरा। तब गश्रीध कगोध करकप्रे दरौडरा॥9॥
* धरर कच हबरर ककीन्ह महह हगररा। सश्रीतहह रराहख गश्रीध पपुहन हफिररा॥
चगोचन्ह मरारर हबदरारप्रेहस दप्रेहश्री। दमंड एक भइ मपुरछरा तप्रेहश्री॥10॥
भरावरारर्ण:- उसनप्रे (ररावर कप्रे ) बराल पकडकर उसप्रे रर कप्रे नश्रीचप्रे उतरार हलयरा, ररावर पमृथ्वश्री पर हगर
पडरा। गश्रीध सश्रीतराजश्री कगो एक ओर बहैठराकर हफिर लरौटरा और चरचर सप्रे मरार -मरारकर ररावर कप्रे शरश्रीर
कगो हवदश्रीरर्ण कर डरालरा। इससप्रे उसप्रे एक घडश्री कप्रे हलए मपूच्छरार्ण हगो गई॥10॥
* तब सकगोध हनहसचर हखहसआनरा। कराढप्रेहस परम करराल कमृ परानरा॥
कराटप्रेहस पमंख पररा खग धरनश्री। सपुहमरर रराम करर अदभपुत करनश्री॥ 11॥
भरावरारर्ण:- तब हखहसयराए हहए ररावर नप्रे कगोधयक्त पु हगोकर अत्यन्त भयरानक कटरार हनकरालश्री और
उससप्रे जटरायपु कप्रे पमंख कराट डरालप्रे। पक्षश्री (जटराय)पु शश्री ररामजश्री ककी अद्भतपु लश्रीलरा करा स्मरर करकप्रे
पमृथ्वश्री पर हगर पडरा॥11॥
* सश्रीतहह जरान चढराइ बहगोरश्री। चलरा उतराइल त्ररास न रगोरश्री॥
करहत हबलराप जराहत नभ सश्रीतरा। ब्यराध हबबस जनपु ममृगश्री सभश्रीतरा॥12॥
भरावरारर्ण:- सश्रीतराजश्री कगो हफिर रर पर चढराकर ररावर बडश्री उतरावलश्री कप्रे सरार चलरा। उसप्रे भय कम न
ररा। सश्रीतराजश्री आकराश ममें हवलराप करतश्री हहई जरा रहश्री हमैं। मरानगो व्यराधप्रे कप्रे वश ममें पडश्री हह ई (जराल ममें
फिहूँसश्री हह ई) कगोई भयभश्रीत हहरनश्री हगो!॥12॥
* हगरर पर बहैठप्रे कहपन्ह हनहरारश्री। कहह हरर नराम दश्रीन्ह पट डरारश्री॥
एहह हबहध सश्रीतहह सगो लहै गयऊ। बन असगोक महहूँ रराखत भयऊ॥13॥
भरावरारर्ण:- पवर्णत पर बहैठप्रे हहए बमंदरर कगो दप्रेखकर सश्रीतराजश्री नप्रे हररनराम लप्रेकर वस्त्र डराल हदयरा। इस
पकरार वह सश्रीतराजश्री कगो लप्रे गयरा और उन्हमें अशगोक वन ममें जरा रखरा॥ 13॥
दगोहरा :
* हरारर पररा खल बहह हबहध भय अर पश्रीहत दप्रेखराइ।
तब असगोक परादप तर रराहखहस जतन करराइ॥29 क॥
भरावरारर्ण:- सश्रीतराजश्री कगो बहह त पकरार सप्रे भय और पश्रीहत हदखलराकर जब वह दष्टिपु हरार गयरा, तब
उन्हमें यत्न करराकप्रे (सब व्यवस्ररा ठश्रीक करराकप्रे) अशगोक वमृक्ष कप्रे नश्रीचप्रे रख हदयरा॥29 (क)॥
नवराह्नपराररायर, छठरा हवशराम
शश्री ररामजश्री सप्रे हनपुमरानजश्री करा हमलनरा और शश्री रराम -सपुगश्रीव ककी हमत्रतरा
चरौपराई :
* आगमें चलप्रे बहह रर रघपुररायरा। ररष्यमपूक पबर्णत हनअररायरा॥
तहहूँ रह सहचव सहहत सपुगश्रीवरा। आवत दप्रेहख अतपुल बल सहींवरा॥1॥
भरावरारर्ण:-शश्री रघपुनरारजश्री हफिर आगप्रे चलप्रे। ऋष्यमपूक पवर्णत हनकट आ गयरा। वहराहूँ (ऋष्यमपूक पवर्णत
पर) ममंहत्रयर सहहत सपुगश्रीव रहतप्रे रप्रे। अतपुलनश्रीय बल ककी सश्रीमरा शश्री ररामचमंदजश्री और लक्ष्मरजश्री कगो
आतप्रे दप्रेखकर-॥1॥
* अहत सभश्रीत कह सपुनपु हनपुमरानरा। पपुरष जपुगल बल रूप हनधरानरा॥
धरर बटपु रूप दप्रेखपु तमैं जराई। कहप्रेसपु जराहन हजयहूँ सयन बपुझराई॥2॥
भरावरारर्ण:-सपुगश्रीव अत्यमंत भयभश्रीत हगोकर बगोलप्रे- हप्रे हनपुमरानम! सपुनगो, यप्रे दगोनर पपुरष बल और रूप कप्रे
हनधरान हमैं। तपुम ब्रहचरारश्री करा रूप धरारर करकप्रे जराकर दप्रेखगो। अपनप्रे हृदय ममें उनककी यररारर्ण बरात
जरानकर मपुझप्रे इशरारप्रे सप्रे समझराकर कह दप्रेनरा॥2॥
* पठए बराहल हगोहहमं मन महैलरा। भरागजौं तपुरत तजजौं यह सहैलरा॥
हबप रूप धरर कहप तहहूँ गयऊ। मरार नराइ पपूछत अस भयऊ॥3॥
भरावरारर्ण:-यहद वप्रे मन कप्रे महलन बराहल कप्रे भप्रेजप्रे हह ए हर तगो ममैं तपुरमंत हश्री इस पवर्णत कगो छगोडकर भराग
जराऊहूँ (यह सपुनकर) हनपुमरानमजश्री ब्रराहर करा रूप धरकर वहराहूँ गए और मस्तक नवराकर इस पकरार
पपूछनप्रे लगप्रे-॥3॥
* कगो तपुम्ह स्यरामल गरौर सरश्रीररा। छत्रश्री रूप हफिरहह बन बश्रीररा ॥
कहठन भपूहम कगोमल पद गरामश्री। कवन हप्रेतपु हबचरहह बन स्वरामश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे वश्रीर! सरावहूँ लप्रे और गगोरप्रे शरश्रीर वरालप्रे आप करौन हमैं, जगो क्षहत्रय कप्रे रूप ममें वन ममें हफिर रहप्रे
हमैं? हप्रे स्वरामश्री! कठगोर भपूहम पर कगोमल चररर सप्रे चलनप्रे वरालप्रे आप हकस करारर वन ममें हवचर रहप्रे
हमैं?॥4॥
* ममृदल
पु मनगोहर सपुदमं र गरातरा। सहत दसपु ह बन आतप बरातरा ॥
ककी तपुम्ह तश्रीहन दप्रेव महहूँ कगोऊ। नर नराररायन ककी तपुम्ह दगोऊ॥5॥
भरावरारर्ण:-मन कगो हरर करनप्रे वरालप्रे आपकप्रे सपुदमं र, कगोमल अमंग हमैं और आप वन कप्रे दद्धाःपु सह धपूप और
वरायपु कगो सह रहप्रे हमैं क्यरा आप ब्रहरा, हवष्रपु, महप्रेश- इन तश्रीन दप्रेवतराओमं ममें सप्रे कगोई हमैं यरा आप दगोनर
नर और नराररायर हमैं॥5॥
दगोहरा :
* जग करारन तरारन भव भमंजन धरनश्री भरार।
ककी तपुम्ह अहखल भपुवन पहत लश्रीन्ह मनपुज अवतरार॥1॥
भरावरारर्ण:-अरवरा आप जगतम कप्रे मपूल करारर और समंपपूरर्ण लगोकर कप्रे स्वरामश्री स्वयमं भगवरानम हमैं, हजन्हरनप्रे
लगोगर कगो भवसरागर सप्रे परार उतरारनप्रे तररा पमृथ्वश्री करा भरार नष्टि करनप्रे कप्रे हलए मनपुष्य रूप ममें अवतरार
हलयरा हहै?॥1॥
चरौपराई :
* कगोसलप्रेस दसरर कप्रे जराए। हम हपतपु बचन मराहन बन आए॥
नराम रराम लहछमन दगोउ भराई। समंग नरारर सपुकपुमरारर सपुहराई॥1॥
भरावरारर्ण:-(शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे कहरा-) हम कगोसलरराज दशररजश्री कप्रे पपुत्र हमैं और हपतरा करा वचन
मरानकर वन आए हमैं। हमरारप्रे रराम-लक्ष्मर नराम हमैं, हम दगोनर भराई हमैं। हमरारप्रे सरार सपुदमं र सपुकपुमरारश्री स्त्रश्री
रश्री॥1॥
* इहराहूँ हरश्री हनहसचर बहैदप्रेहश्री। हबप हफिरहहमं हम खगोजत तप्रेहश्री॥
आपन चररत कहरा हम गराई। कहहह हबप हनज कररा बपुझराई॥2॥
भरावरारर्ण:-यहराहूँ (वन ममें) रराक्षस नप्रे (मप्रेरश्री पत्नश्री) जरानककी कगो हर हलयरा। हप्रे ब्रराहर! हम उसप्रे हश्री
खगोजतप्रे हफिरतप्रे हमैं। हमनप्रे तगो अपनरा चररत्र कह सपुनरायरा। अब हप्रे ब्रराहर! अपनश्री कररा समझराकर
कहहए ॥2॥
* पभपु पहहचराहन परप्रेउ गहह चरनरा। सगो सपुख उमरा जराइ नहहमं बरनरा॥
पपुलहकत तन मपुख आव न बचनरा। दप्रेखत रहचर बप्रेष कहै रचनरा॥3॥
भरावरारर्ण:-पभपु कगो पहचरानकर हनपुमरानमजश्री उनकप्रे चरर पकडकर पमृथ्वश्री पर हगर पडप्रे (उन्हरनप्रे सराष्टिरामंग
दमंडवतम परराम हकयरा)। (हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे परावर्णतश्री! वह सपुख वरर्णन नहहीं हकयरा जरा सकतरा।
शरश्रीर पपुलहकत हहै, मपुख सप्रे वचन नहहीं हनकलतरा। वप्रे पभपु कप्रे सपुदमं र वप्रेष ककी रचनरा दप्रेख रहप्रे हमैं!॥3॥
* पपुहन धश्रीरजपु धरर अस्तपुहत ककीन्हश्री। हरष हृदयहूँ हनज नरारहह चश्रीन्हश्री॥
मगोर न्यराउ ममैं पपूछरा सराई।मं तपुम्ह पपूछहह कस नर ककी नराई॥मं 4॥
भरावरारर्ण:-हफिर धश्रीरज धर कर स्तपुहत ककी। अपनप्रे नरार कगो पहचरान लप्रेनप्रे सप्रे हृदय ममें हषर्ण हगो रहरा हहै।
(हफिर हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे स्वरामश्री! ममैंनप्रे जगो पपूछरा वह मप्रेररा पपूछनरा तगो न्यराय ररा, (वषर्मों कप्रे बराद
आपकगो दप्रेखरा, वह भश्री तपस्वश्री कप्रे वप्रेष ममें और मप्रेरश्री वरानरश्री बपुहद इससप्रे ममैं तगो आपकगो पहचरान न
सकरा और अपनश्री पररहस्रहत कप्रे अनपुसरार ममैंनप्रे आपसप्रे पपूछरा), परमंतपु आप मनपुष्य ककी तरह कहै सप्रे पपूछ
रहप्रे हमैं?॥4॥
* तव मरायरा बस हफिरउहूँ भपुलरानरा। तरातप्रे ममैं नहहमं पभपु पहहचरानरा॥ 5॥
भरावरारर्ण:-ममैं तगो आपककी मरायरा कप्रे वश भपूलरा हफिरतरा हह हूँ इसश्री सप्रे ममैंनप्रे अपनप्रे स्वरामश्री (आप) कगो नहहीं
पहचरानरा ॥5॥
दगोहरा :
*एकपु ममैं ममंद मगोहबस कपु हटल हृदय अग्यरान।
पपुहन पभपु मगोहह हबसरारप्रेउ दश्रीनबमंधपु भगवरान॥2॥
भरावरारर्ण:-एक तगो ममैं यर हश्री ममंद हह हूँ, दस
पू रप्रे मगोह कप्रे वश ममें हह हूँ, तश्रीसरप्रे हृदय करा कपु हटल और अजरान
हह हूँ, हफिर हप्रे दश्रीनबमंधपु भगवरानम! पभपु (आप) नप्रे भश्री मपुझप्रे भपुलरा हदयरा!॥2॥
चरौपराई :
* जदहप नरार बहह अवगपुन मगोरमें। सप्रेवक पभपुहह परहै जहन भगोरमें॥
नरार जश्रीव तव मरायराहूँ मगोहरा। सगो हनस्तरइ तपुम्हरारप्रेहहमं छगोहरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-एहप्रे नरार! यद्यहप मपुझ ममें बहह त सप्रे अवगपुर हमैं, तरराहप सप्रेवक स्वरामश्री ककी हवस्ममृहत ममें न
पडप्रे (आप उसप्रे न भपूल जराएहूँ)। हप्रे नरार! जश्रीव आपककी मरायरा सप्रे मगोहहत हहै। वह आप हश्री ककी कमृ परा सप्रे
हनस्तरार परा सकतरा हहै॥1॥
* तरा पर ममैं रघपुबश्रीर दगोहराई। जरानउहूँ नहहमं कछपु भजन उपराई॥
सप्रेवक सपुत पहत मरातपु भरगोसमें। रहइ असगोच बनइ पभपु पगोसमें॥ 2॥
भरावरारर्ण:-उस पर हप्रे रघपुवश्रीर! ममैं आपककी दहपु राई (शपर) करकप्रे कहतरा हह हूँ हक ममैं भजन-सराधन कपु छ
नहहीं जरानतरा। सप्रेवक स्वरामश्री कप्रे और पपुत्र मरातरा कप्रे भरगोसप्रे हनहश्चमंत रहतरा हहै। पभपु कगो सप्रेवक करा
परालन-पगोषर करतप्रे हश्री बनतरा हहै (करनरा हश्री पडतरा हहै)॥2॥
* अस कहह परप्रेउ चरन अकपु लराई। हनज तनपु पगहट पश्रीहत उर छराई॥
तब रघपुपहत उठराई उर लरावरा। हनज लगोचन जल सहींहच जपुडरावरा॥3॥
भरावरारर्ण:-ऐसरा कहकर हनपुमरानमजश्री अकपु लराकर पभपु कप्रे चररर पर हगर पडप्रे, उन्हरनप्रे अपनरा असलश्री
शरश्रीर पकट कर हदयरा। उनकप्रे हृदय ममें पप्रेम छरा गयरा। तब शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे उन्हमें उठराकर हृदय सप्रे
लगरा हलयरा और अपनप्रे नप्रेत्रर कप्रे जल सप्रे सहींचकर शश्रीतल हकयरा॥3॥
* सपुनपु कहप हजयहूँ मरानहस जहन ऊनरा। तमैं मम हपय लहछमन तप्रे द नपू रा॥
समदरसश्री मगोहह कह सब कगोऊ। सप्रेवक हपय अनन्य गहत सगोऊ॥4॥
भरावरारर्ण:-(हफिर कहरा-) हप्रे कहप! सपुनगो, मन ममें ग्लराहन मत मराननरा (मन छगोटरा न करनरा)। तपुम
मपुझप्रे लक्ष्मर सप्रे भश्री दनपू प्रे हपय हगो। सब कगोई मपुझप्रे समदशर कहतप्रे हमैं (मप्रेरप्रे हलए न कगोई हपय हहै न
अहपय) पर मपुझकगो सप्रेवक हपय हहै, क्यरहक वह अनन्यगहत हगोतरा हहै (मपुझप्रे छगोडकर उसकगो कगोई
दस
पू ररा सहराररा नहहीं हगोतरा)॥4॥
दगोहरा :
* सगो अनन्य जराकमें अहस महत न टरइ हनपुममंत।
ममैं सप्रेवक सचरराचर रूप स्वराहम भगवमंत॥3॥
भरावरारर्ण:-और हप्रे हनपुमरानम! अनन्य वहश्री हहै हजसककी ऐसश्री बपुहद कभश्री नहहीं टलतश्री हक ममैं सप्रेवक हह हूँ
और यह चरराचर (जड-चप्रेतन) जगतम मप्रेरप्रे स्वरामश्री भगवरानम करा रूप हहै॥3॥
चरौपराई :
* दप्रेहख पवनसपुत पहत अनपुकपूलरा। हृदयहूँ हरष बश्रीतश्री सब सपूलरा॥
नरार सहैल पर कहपपहत रहई। सगो सपुगश्रीव दरास तव अहई॥1॥
भरावरारर्ण:-स्वरामश्री कगो अनपुकपूल (पसन्न) दप्रेखकर पवन कपु मरार हनपुमरानमजश्री कप्रे हृदय ममें हषर्ण छरा गयरा
और उनकप्रे सब दद्धाःपु ख जरातप्रे रहप्रे। (उन्हरनप्रे कहरा-) हप्रे नरार! इस पवर्णत पर वरानररराज सपुगश्रीव रहतप्रे
हमैं, वह आपकरा दरास हहै॥1॥
* तप्रेहह सन नरार मयत्रश्री ककीजप्रे। दश्रीन जराहन तप्रेहह अभय करश्रीजप्रे॥
सगो सश्रीतरा कर खगोज करराइहह। जहहूँ तहहूँ मरकट कगोहट पठराइहह॥2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे नरार! उससप्रे हमत्रतरा ककीहजए और उसप्रे दश्रीन जरानकर हनभर्णय कर दश्रीहजए। वह सश्रीतराजश्री
ककी खगोज करवराएगरा और जहराहूँ-तहराहूँ करगोडर वरानरर कगो भप्रेजप्रेगरा॥2॥
* एहह हबहध सकल कररा समपुझराई। हलए दऔ
पु जन पश्रीहठ चढराई॥
जब सपुगश्रीवहूँ रराम कहह हूँ दप्रेखरा। अहतसय जन्म धन्य करर लप्रेखरा॥3॥
भरावरारर्ण:-इस पकरार सब बरातमें समझराकर हनपुमरानमजश्री नप्रे (शश्री रराम-लक्ष्मर) दगोनर जनर कगो पश्रीठ पर
चढरा हलयरा। जब सपुगश्रीव नप्रे शश्री ररामचमंदजश्री कगो दप्रेखरा तगो अपनप्रे जन्म कगो अत्यमंत धन्य समझरा॥ 3॥
* सरादर हमलप्रेउ नराइ पद मराररा। भमेंटप्रेउ अनपुज सहहत रघपुनराररा॥
कहप कर मन हबचरार एहह रश्रीतश्री। कररहहहमं हबहध मगो सन ए पश्रीतश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-सपुगश्रीव चररर ममें मस्तक नवराकर आदर सहहत हमलप्रे। शश्री रघपुनरारजश्री भश्री छगोटप्रे भराई सहहत
उनसप्रे गलप्रे लगकर हमलप्रे। सपुगश्रीव मन ममें इस पकरार सगोच रहप्रे हमैं हक हप्रे हवधरातरा! क्यरा यप्रे मपुझसप्रे पश्रीहत
करमेंगप्रे?॥4॥
सपुगश्रीव करा दद्धाःपु ख सपुनरानरा, बराहल वध ककी पहतजरा, शश्री ररामजश्री करा हमत्र लक्षर वरर्णन
दगोहरा :
* तब हनपुममंत उभय हदहस ककी सब कररा सपुनराइ।
परावक सराखश्री दप्रेइ करर जगोरश्री पश्रीहत दृढराइ॥4॥
भरावरारर्ण:-तब हनपुमरानमजश्री नप्रे दगोनर ओर ककी सब कररा सपुनराकर अहग्नि कगो सराक्षश्री दप्रेकर परस्पर दृढ
करकप्रे पश्रीहत जगोड दश्री (अररार्णतम अहग्नि ककी सराक्षश्री दप्रेकर पहतजरापपूवर्णक उनककी महैत्रश्री करवरा दश्री )॥4॥
चरौपराई :
* ककीहन्ह पश्रीहत कछपु बश्रीच न रराखरा। लहछमन रराम चररतम सब भराषरा॥
कह सपुगश्रीव नयन भरर बरारश्री। हमहलहह नरार हमहरलप्रेसकपु मरारश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-दगोनर नप्रे (हृदय सप्रे) पश्रीहत ककी, कपु छ भश्री अमंतर नहहीं रखरा। तब लक्ष्मरजश्री नप्रे शश्री
ररामचमंदजश्री करा सराररा इहतहरास कहरा। सपुगश्रीव नप्रे नप्रेत्रर ममें जल भरकर कहरा- हप्रे नरार! हमहरलप्रेशकपु मरारश्री
जरानककीजश्री हमल जराएहूँगश्री॥1॥
* ममंहत्रन्ह सहहत इहराहूँ एक बराररा। बहैठ रहप्रेउहूँ ममैं करत हबचराररा॥
गगन पमंर दप्रेखश्री ममैं जरातरा। परबस परश्री बहह त हबलपरातरा॥2॥
भरावरारर्ण:-ममैं एक बरार यहराहूँ ममंहत्रयर कप्रे सरार बहैठरा हहआ कपु छ हवचरार कर रहरा ररा। तब ममैंनप्रे परराए
(शत्रपु) कप्रे वश ममें पडश्री बहह त हवलराप करतश्री हहई सश्रीतराजश्री कगो आकराश मरागर्ण सप्रे जरातप्रे दप्रेखरा ररा॥2॥
* रराम रराम हरा रराम पपुकरारश्री। हमहह दप्रेहख दश्रीन्हप्रेउ पट डरारश्री॥
मरागरा रराम तपुरत तप्रेहहमं दश्रीन्हरा। पट उर लराइ सगोच अहत ककीन्हरा॥3॥
भरावरारर्ण:-हममें दप्रेखकर उन्हरनप्रे 'रराम! रराम! हरा रराम!' पपुकरारकर वस्त्र हगररा हदयरा ररा। शश्री ररामजश्री नप्रे
उसप्रे मराहूँगरा, तब सपुगश्रीव नप्रे तपुरमंत हश्री दप्रे हदयरा। वस्त्र कगो हृदय सप्रे लगराकर ररामचमंदजश्री नप्रे बहह त हश्री सगोच
हकयरा॥3॥
* कह सपुगश्रीव सपुनहह रघपुबश्रीररा। तजहह सगोच मन आनहह धश्रीररा॥
सब पकरार कररहउहूँ सप्रेवकराई। जप्रेहह हबहध हमहलहह जरानककी आई॥4॥
भरावरारर्ण:-सपुगश्रीव नप्रे कहरा- हप्रे रघपुवश्रीर! सपुहनए। सगोच छगोड दश्रीहजए और मन ममें धश्रीरज लराइए। ममैं सब
पकरार सप्रे आपककी सप्रेवरा करूहूँगरा, हजस उपराय सप्रे जरानककीजश्री आकर आपकगो हमलमें॥4॥
दगोहरा :
* सखरा बचन सपुहन हरषप्रे कमृ पराहसमंधपु बलसहींव।
करारन कवन बसहह बन मगोहह कहहह सपुगश्रीव॥5॥
भरावरारर्ण:-कमृ परा कप्रे समपुद और बल ककी सश्रीमरा शश्री ररामजश्री सखरा सपुगश्रीव कप्रे वचन सपुनकर हहषर्णत हह ए।
(और बगोलप्रे-) हप्रे सपुगश्रीव! मपुझप्रे बतराओ, तपुम वन ममें हकस करारर रहतप्रे हगो?॥5॥
चरौपराई :
* नरार बराहल अर ममैं दरौ भराइ। पश्रीहत रहश्री कछपु बरहन न जराई॥
मयसपुत मरायरावश्री तप्रेहह नराऊहूँ। आवरा सगो पभपु हमरमें गराऊहूँ॥1॥
भरावरारर्ण:-(सपुगश्रीव नप्रे कहरा-) हप्रे नरार! बराहल और ममैं दगो भराई हमैं, हम दगोनर ममें ऐसश्री पश्रीहत रश्री हक
वरर्णन नहहीं ककी जरा सकतश्री। हप्रे पभगो! मय दरानव करा एक पपुत्र ररा, उसकरा नराम मरायरावश्री ररा। एक बरार
वह हमरारप्रे गराहूँव ममें आयरा॥1॥
* अधर्ण रराहत पपुर दरार पपुकराररा। बरालश्री ररपपु बल सहहै न पराररा॥
धरावरा बराहल दप्रेहख सगो भरागरा। ममैं पपुहन गयउहूँ बमंधपु सहूँग लरागरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-उसनप्रे आधश्री ररात कगो नगर कप्रे फिराटक पर आकर पपुकराररा (ललकराररा)। बराहल शत्रपु कप्रे बल
(ललकरार) कगो सह नहहीं सकरा। वह दरौडरा, उसप्रे दप्रेखकर मरायरावश्री भरागरा। ममैं भश्री भराई कप्रे समंग लगरा
चलरा गयरा॥2॥
* हगररबर गपुहराहूँ पहैठ सगो जराई। तब बरालहीं मगोहह कहरा बपुझराई॥
पररखप्रेसपु मगोहह एक पखवराररा। नहहमं आवजौं तब जरानप्रेसपु मराररा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-वह मरायरावश्री एक पवर्णत ककी गपुफिरा ममें जरा घपुसरा। तब बराहल नप्रे मपुझप्रे समझराकर कहरा- तपुम एक
पखवराडप्रे (पमंदह हदन) तक मप्रेरश्री बराट दप्रेखनरा। यहद ममैं उतनप्रे हदनर ममें न आऊहूँ तगो जरान लप्रेनरा हक ममैं
मराररा गयरा॥3॥
* मरास हदवस तहहूँ रहप्रेउहूँ खररारश्री। हनसरश्री रहधर धरार तहहूँ भरारश्री॥
बराहल हतप्रेहस मगोहह मराररहह आई। हसलरा दप्रेइ तहहूँ चलप्रेउहूँ परराई॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे खररारर! ममैं वहराहूँ महश्रीनप्रे भर तक रहरा। वहराहूँ (उस गपुफिरा ममें सप्रे) रक्त ककी बडश्री भरारश्री धराररा
हनकलश्री। तब (ममैंनप्रे समझरा हक) उसनप्रे बराहल कगो मरार डरालरा, अब आकर मपुझप्रे मरारप्रेगरा, इसहलए ममैं
वहराहूँ (गपुफिरा कप्रे दरार पर) एक हशलरा लगराकर भराग आयरा॥4॥
* ममंहत्रन्ह पपुर दप्रेखरा हबनपु सराई।मं दश्रीन्हप्रेउ मगोहह रराज बररआई॥मं
बरालश्री तराहह मरारर गमृह आवरा। दप्रेहख मगोहह हजयहूँ भप्रेद बढरावरा॥5॥
भरावरारर्ण:-ममंहत्रयर नप्रे नगर कगो हबनरा स्वरामश्री (रराजरा) करा दप्रेखरा, तगो मपुझकगो जबदर्णस्तश्री रराज्य दप्रे हदयरा।
बराहल उसप्रे मरारकर घर आ गयरा। मपुझप्रे (रराजहसमंहरासन पर) दप्रेखकर उसनप्रे जश्री ममें भप्रेद बढरायरा (बहह त
हश्री हवरगोध मरानरा)। (उसनप्रे समझरा हक यह रराज्य कप्रे लगोभ सप्रे हश्री गपुफिरा कप्रे दरार पर हशलरा दप्रे आयरा
ररा, हजससप्रे ममैं बराहर न हनकल सकपूहूँ और यहराहूँ आकर रराजरा बन बहैठरा)॥5॥
* ररपपु सम मगोहह मरारप्रेहस अहत भरारश्री। हरर लश्रीन्हहस सबर्णसपु अर नरारश्री॥
तराकमें भय रघपुबश्रीर कमृ परालरा सकल भपुवन ममैं हफिरप्रेउहूँ हबहरालरा॥6॥
भरावरारर्ण:-उसनप्रे मपुझप्रे शत्रपु कप्रे समरान बहह त अहधक मराररा और मप्रेररा सवर्णस्व तररा मप्रेरश्री स्त्रश्री कगो भश्री छश्रीन
हलयरा। हप्रे कमृ परालपु रघपुवश्रीर! ममैं उसकप्रे भय सप्रे समस्त लगोकर ममें बप्रेहराल हगोकर हफिरतरा रहरा॥6॥
* इहराहूँ सराप बस आवत नराहहीं। तदहप सभश्रीत रहउहूँ मन मराहहीं॥
सपुन सप्रेवक दद्धाःपु ख दश्रीनदयरालरा फिरहक उठहीं दहै भपुजरा हबसरालरा॥7॥
भरावरारर्ण:-वह शराप कप्रे करारर यहराहूँ नहहीं आतरा, तगो भश्री ममैं मन ममें भयभश्रीत रहतरा हह।हूँ सप्रेवक करा दद्धाःपु ख
सपुनकर दश्रीनर पर दयरा करनप्रे वरालप्रे शश्री रघपुनरारजश्री ककी दगोनर हवशराल भपुजराएहूँ फिडक उठहीं॥ 7॥
दगोहरा :
* सपुनपु सपुगश्रीव मराररहउहूँ बराहलहह एकहहमं बरान।
ब्रह रद सरनरागत गएहूँ न उबररहहमं परान॥6॥
भरावरारर्ण:-(उन्हरनप्रे कहरा-) हप्रे सपुगश्रीव! सपुनगो, ममैं एक हश्री बरार सप्रे बराहल कगो मरार डरालपूहूँगरा। ब्रहरा और
रद ककी शरर ममें जरानप्रे पर भश्री उसकप्रे परार न बचमेंगप्रे॥6॥
चरौपराई :
* जप्रे न हमत्र दख
पु हगोहहमं दख
पु रारश्री। हतन्हहह हबलगोकत परातक भरारश्री॥
हनज दख पु रज मप्रेर समरानरा॥1॥
पु हगरर सम रज करर जरानरा। हमत्रक दख
भरावरारर्ण:-जगो लगोग हमत्र कप्रे दद्धाःपु ख सप्रे दद्धाःपु खश्री नहहीं हगोतप्रे, उन्हमें दप्रेखनप्रे सप्रे हश्री बडरा पराप लगतरा हहै। अपनप्रे
पवर्णत कप्रे समरान दद्धाःपु ख कगो धपूल कप्रे समरान और हमत्र कप्रे धपूल कप्रे समरान दद्धाःपु ख कगो सपुमप्रेर (बडप्रे भरारश्री
पवर्णत) कप्रे समरान जरानप्रे॥1॥
* हजन्ह कमें अहस महत सहज न आई। तप्रे सठ कत हहठ करत हमतराई॥
कपु पर हनवरारर सपुपमंर चलरावरा। गपुन पगटहै अवगपुनहन्ह दरपु रावरा॥2॥
भरावरारर्ण:-हजन्हमें स्वभराव सप्रे हश्री ऐसश्री बपुहद पराप्त नहहीं हहै, वप्रे मपूखर्ण हठ करकप्रे क्यर हकसश्री सप्रे हमत्रतरा
करतप्रे हमैं? हमत्र करा धमर्ण हहै हक वह हमत्र कगो बपुरप्रे मरागर्ण सप्रे रगोककर अच्छप्रे मरागर्ण पर चलरावप्रे। उसकप्रे गपुर
पकट करप्रे और अवगपुरर कगो हछपरावप्रे॥2॥
* दप्रेत लप्रेत मन समंक न धरई। बल अनपुमरान सदरा हहत करई॥
हबपहत कराल कर सतगपुन नप्रेहरा। शपुहत कह समंत हमत्र गपुन एहरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-दप्रेनप्रे-लप्रेनप्रे ममें मन ममें शमंकरा न रखप्रे। अपनप्रे बल कप्रे अनपुसरार सदरा हहत हश्री करतरा रहप्रे। हवपहर
कप्रे समय तगो सदरा सरौगपुनरा स्नप्रेह करप्रे। वप्रेद कहतप्रे हमैं हक समंत (शप्रेष) हमत्र कप्रे गपुर (लक्षर) यप्रे हमैं॥3॥
* आगमें कह ममृदपु बचन बनराई। पराछमें अनहहत मन कपु हटलराई॥
जराकर हचत अहह गहत सम भराई। अस कपु हमत्र पररहरप्रेहहमं भलराई॥4॥
भरावरारर्ण:-जगो सरामनप्रे तगो बनरा-बनराकर कगोमल वचन कहतरा हहै और पश्रीठ-पश्रीछप्रे बपुरराई करतरा हहै तररा
मन ममें कपु हटलतरा रखतरा हहै- हप्रे भराई! (इस तरह) हजसकरा मन सराहूँप ककी चराल कप्रे समरान टप्रेढरा हहै,
ऐसप्रे कपु हमत्र कगो तगो त्यरागनप्रे ममें हश्री भलराई हहै॥4॥
* सप्रेवक सठ नमृप कमृ पन कपु नरारश्री। कपटश्री हमत्र सपूल सम चरारश्री॥
सखरा सगोच त्यरागहह बल मगोरमें। सब हबहध घटब कराज ममैं तगोरमें॥5॥
भरावरारर्ण:-मपूखर्ण सप्रेवक, कमंजपूस रराजरा, कपु लटरा स्त्रश्री और कपटश्री हमत्र- यप्रे चरारर शपूल कप्रे समरान पश्रीडरा
दप्रेनप्रे वरालप्रे हमैं। हप्रे सखरा! मप्रेरप्रे बल पर अब तपुम हचमंतरा छगोड दगो। ममैं सब पकरार सप्रे तपुम्हरारप्रे कराम आऊहूँगरा
(तपुम्हरारश्री सहरायतरा करूहूँगरा)॥5॥
तराररा कगो शश्री ररामजश्री दराररा उपदप्रेश और सपुगश्रीव करा रराज्यराहभषप्रेक तररा अमंगद कगो य वपु रराज पद
* तराररा हबकल दप्रेहख रघपुररायरा। दश्रीन्ह ग्यरान हरर लश्रीन्हश्री मरायरा॥
हछहत जल परावक गगन समश्रीररा। पमंच रहचत अहत अधम सरश्रीररा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-तराररा कगो व्यराकपुल दप्रेखकर शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे उसप्रे जरान हदयरा और उसककी मरायरा (अजरान)
हर लश्री। (उन्हरनप्रे कहरा-) पमृथ्वश्री, जल, अहग्नि, आकराश और वराय-पु इन पराहूँच तत्वर सप्रे यह अत्यमंत
अधम शरश्रीर रचरा गयरा हहै॥2॥
* पगट सगो तनपु तव आगप्रे सगोवरा। जश्रीव हनत्य कप्रे हह लहग तपुम्ह रगोवरा॥
उपजरा ग्यरान चरन तब लरागश्री। लश्रीन्हप्रेहस परम भगहत बर मरागश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-वह शरश्रीर तगो पत्यक्ष तपुम्हरारप्रे सरामनप्रे सगोयरा हहआ हहै, और जश्रीव हनत्य हहै। हफिर तपुम हकसकप्रे
हलए रगो रहश्री हगो? जब जरान उत्पन्न हगो गयरा, तब वह भगवरानम कप्रे चररर लगश्री और उसनप्रे परम
भहक्त करा वर मराहूँग हलयरा॥3॥
* उमरा दरार जगोहषत ककी नराई।मं सबहह नचरावत ररामपु गगोसराई॥मं
तब सपुगश्रीवहह आयसपु दश्रीन्हरा। ममृतक कमर्ण हबहधवत सब ककीन्हरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-(हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे उमरा! स्वरामश्री शश्री ररामजश्री सबकगो कठपपुतलश्री ककी तरह नचरातप्रे हमैं।
तदनन्तर शश्री ररामजश्री नप्रे सपुगश्रीव कगो आजरा दश्री और सपुगश्रीव नप्रे हवहधपपूवर्णक बराहल करा सब ममृतक कमर्ण
हकयरा॥4॥
* रराम कहरा अनपुजहह समपुझराई। रराज दप्रेहह सपुगश्रीवहह जराई॥
रघपुपहत चरन नराइ करर मराररा। चलप्रे सकल पप्रेररत रघपुनराररा॥5॥
भरावरारर्ण:-तब शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे छगोटप्रे भराई लक्ष्मर कगो समझराकर कहरा हक तपुम जराकर सपुगश्रीव कगो
रराज्य दप्रे दगो। शश्री रघपुनरारजश्री ककी पप्रेरररा (आजरा) सप्रे सब लगोग शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे चररर ममें मस्तक
नवराकर चलप्रे॥5॥
दगोहरा :
* लहछमन तपुरत बगोलराए पपुरजन हबप समराज।
रराजपु दश्रीन्ह सपुगश्रीव कहहूँ अमंगद कहहूँ जपुबरराज॥11॥
भरावरारर्ण:-लक्ष्मरजश्री नप्रे तपुरमंत हश्री सब नगरवराहसयर कगो और ब्रराहरर कप्रे समराज कगो बपुलरा हलयरा और
(उनकप्रे सरामनप्रे) सपुगश्रीव कगो रराज्य और अमंगद कगो यवपु रराज पद हदयरा॥11॥
चरौपराई :
* उमरा रराम सम हत जग मराहहीं। गपुर हपतपु मरातपु बमंधपु पभपु नराहहीं॥
सपुर नर मपुहन सब कहै यह रश्रीतश्री। स्वरारर लराहग करहहमं सब पश्रीहत॥1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे परावर्णतश्री! जगत ममें शश्री ररामजश्री कप्रे समरान हहत करनप्रे वरालरा गपुर, हपतरा, मरातरा, बमंधपु और
स्वरामश्री कगोई नहहीं हहै। दप्रेवतरा, मनपुष्य और मपुहन सबककी यह रश्रीहत हहै हक स्वरारर्ण कप्रे हलए हश्री सब पश्रीहत
करतप्रे हमैं॥1॥
* बराहल त्ररास ब्यराकपुल हदन ररातश्री। तन बहह ब्रन हचमंतराहूँ जर छरातश्री॥
सगोइ सपुगश्रीव ककीन्ह कहप रराऊ। अहत कमृ पराल रघपुबश्रीर सपुभराऊ॥2॥
भरावरारर्ण:-जगो सपुगश्रीव हदन-ररात बराहल कप्रे भय सप्रे व्यराकपुल रहतरा ररा, हजसकप्रे शरश्रीर ममें बहह त सप्रे घराव
हगो गए रप्रे और हजसककी छरातश्री हचमंतरा कप्रे मरारप्रे जलरा करतश्री रश्री, उसश्री सपुगश्रीव कगो उन्हरनप्रे वरानरर करा
रराजरा बनरा हदयरा। शश्री ररामचमंदजश्री करा स्वभराव अत्यमंत हश्री कमृ परालपु हहै॥2॥
* जरानतहह हूँ अस पभपु पररहरहहीं। कराहप्रे न हबपहत जराल नर परहहीं॥
पपुहन सपुगश्रीवहह लश्रीन्ह बगोलराई। बहह पकरार नमृपनश्रीहत हसखराई॥3॥
भरावरारर्ण:-जगो लगोग जरानतप्रे हहए भश्री ऐसप्रे पभपु कगो त्यराग दप्रेतप्रे हमैं, वप्रे क्यर न हवपहर कप्रे जराल ममें फिहूँसमें?
हफिर शश्री ररामजश्री नप्रे सपुगश्रीव कगो बपुलरा हलयरा और बहह त पकरार सप्रे उन्हमें रराजनश्रीहत ककी हशक्षरा दश्री॥3॥
* कह पभपु सपुनपु सपुगश्रीव हरश्रीसरा। पपुर न जराउहूँ दस चरारर बरश्रीसरा॥
गत गश्रीषम बरषरा ररतपु आई। रहहहउहूँ हनकट सहैल पर छराई॥4॥
भरावरारर्ण:-हफिर पभपु नप्रे कहरा- हप्रे वरानरपहत सपुगश्रीव! सपुनगो, ममैं चरौदह वषर्ण तक गराहूँव (बस्तश्री) ममें नहहीं
जराऊहूँगरा। गश्रीष्मऋतपु बश्रीतकर वषरार्णऋतपु आ गई। अतद्धाः ममैं यहराहूँ परास हश्री पवर्णत पर हटक रहह हूँगरा॥4॥
* अमंगद सहहत करहह तपुम्ह रराजपू। समंतत हृदयहूँ धरप्रेहह मम कराजपू॥
जब सपुगश्रीव भवन हफिरर आए। ररामपु पबरषन हगरर पर छराए॥5॥
भरावरारर्ण:-तपुम अमंगद सहहत रराज्य करगो। मप्रेरप्रे कराम करा हृदय ममें सदरा ध्यरान रखनरा। तदनन्तर जब
सपुगश्रीवजश्री घर लरौट आए, तब शश्री ररामजश्री पवषर्णर पवर्णत पर जरा हटकप्रे ॥5॥
सपुगश्रीव-रराम समंवराद और सश्रीतराजश्री ककी खगोज कप्रे हलए बमंदरर करा पस्ररान
दगोहरा :
* हरहष चलप्रे सपुगश्रीव तब अमंगदराहद कहप सरार।
ररामरानपुज आगमें करर आए जहहूँ रघपुनरार॥20॥
भरावरारर्ण:-तब अमंगद आहद वरानरर कगो सरार लप्रेकर और शश्री ररामजश्री कप्रे छगोटप्रे भराई लक्ष्मरजश्री कगो
आगप्रे करकप्रे (अररार्णतम उनकप्रे पश्रीछप्रे-पश्रीछप्रे) सपुगश्रीव हहषर्णत हगोकर चलप्रे और जहराहूँ रघपुनरारजश्री रप्रे वहराहूँ
आए॥20॥
चरौपराई :
* नराइ चरन हसर कह कर जगोरश्री॥ नरार मगोहह कछपु नराहहन खगोरश्री॥
अहतसय पबल दप्रेव तव मरायरा॥ छपू टइ रराम करहह जजौं दरायरा॥1॥
भरावरारर्ण:-शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे चररर ममें हसर नवराकर हरार जगोडकर सपुगश्रीव नप्रे कहरा- हप्रे नरार! मपुझप्रे
कपु छ भश्री दगोष नहहीं हहै। हप्रे दप्रेव! आपककी मरायरा अत्यमंत हश्री पबल हहै। आप जब दयरा करतप्रे हमैं, हप्रे रराम!
तभश्री यह छपूटतश्री हहै॥1॥
* हबषय बस्य सपुर नर मपुहन स्वरामश्री॥ ममैं परावहूँर पसपु कहप अहत करामश्री॥
नरारर नयन सर जराहह न लरागरा। घगोर कगोध तम हनहस जगो जरागरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे स्वरामश्री! दप्रेवतरा, मनपुष्य और मपुहन सभश्री हवषयर कप्रे वश ममें हमैं। हफिर ममैं तगो परामर पशपु
और पशपुओमं ममें भश्री अत्यमंत करामश्री बमंदर हह हूँ। स्त्रश्री करा नयन बरार हजसकगो नहहीं लगरा, जगो भयमंकर कगोध
रूपश्री अहूँधप्रेरश्री ररात ममें भश्री जरागतरा रहतरा हहै (कगोधरान्ध नहहीं हगोतरा)॥2॥
* लगोभ परास
हूँ जप्रेहहमं गर न बहूँधरायरा। सगो नर तपुम्ह समरान रघपुररायरा॥
यह गपुन सराधन तमें नहहमं हगोई। तपुम्हरश्री कमृ परा पराव कगोइ कगोई॥3॥
भरावरारर्ण:-और लगोभ ककी फिराहूँसश्री सप्रे हजसनप्रे अपनरा गलरा नहहीं बहूँधरायरा, हप्रे रघपुनरारजश्री! वह मनपुष्य
आप हश्री कप्रे समरान हहै। यप्रे गपुर सराधन सप्रे नहहीं पराप्त हगोतप्रे। आपककी कमृ परा सप्रे हश्री कगोई-कगोई इन्हमें परातप्रे
हमैं॥3॥
* तब रघपुपहत बगोलप्रे मपुसपुकराई। तपुम्ह हपय मगोहह भरत हजहम भराई॥
अब सगोइ जतनपु करह मन लराई। जप्रेहह हबहध सश्रीतरा कहै सपुहध पराई॥4॥
भरावरारर्ण:-तब शश्री रघपुनरारजश्री मपुस्कपु रराकर बगोलप्रे- हप्रे भराई! तपुम मपुझप्रे भरत कप्रे समरान प्यरारप्रे हगो। अब
मन लगराकर वहश्री उपराय करगो हजस उपराय सप्रे सश्रीतरा ककी खबर हमलप्रे॥ 4॥
दगोहरा :
* एहह हबहध हगोत बतकहश्री आए बरानर जपूर।
नरानरा बरन सकल हदहस दप्रेहखअ ककीस बरूर॥21॥
भरावरारर्ण:-इस पकरार बरातचश्रीत हगो रहश्री रश्री हक वरानरर कप्रे यपूर (झपुमंड) आ गए। अनप्रेक रमंगर कप्रे वरानरर
कप्रे दल सब हदशराओमं ममें हदखराई दप्रेनप्रे लगप्रे॥21॥
चरौपराई :
* बरानर कटक उमरा ममैं दप्रेखरा। सगो मपूरख जगो करन चह लप्रेखरा॥
आइ रराम पद नरावहहमं मराररा। हनरहख बदनपु सब हगोहहमं सनराररा॥1॥
भरावरारर्ण:-(हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे उमरा! वरानरर ककी वह सप्रेनरा ममैंनप्रे दप्रेखश्री रश्री। उसककी जगो हगनतश्री
करनरा चराहप्रे वह महरानम मपूखर्ण हहै। सब वरानर आ-आकर शश्री ररामजश्री कप्रे चररर ममें मस्तक नवरातप्रे हमैं और
(सजौंदयर्ण-मराधपुयर्णहनहध) शश्रीमपुख कप्रे दशर्णन करकप्रे कमृ तरारर्ण हगोतप्रे हमैं॥1॥
* अस कहप एक न सप्रेनरा मराहहीं। रराम कपु सल जप्रेहह पपूछश्री नराहहीं॥
यह कछपु नहहमं पभपु कइ अहधकराई। हबस्वरूप ब्यरापक रघपुरराई॥2॥
भरावरारर्ण:-सप्रेनरा ममें एक भश्री वरानर ऐसरा नहहीं ररा हजससप्रे शश्री ररामजश्री नप्रे कपु शल न पपूछश्री हगो, पभपु कप्रे
हलए यह कगोई बडश्री बरात नहहीं हहै, क्यरहक शश्री रघपुनरारजश्री हवश्वरूप तररा सवर्णव्यरापक हमैं (सरारप्रे रूपर
और सब स्ररानर ममें हमैं)॥2॥
* ठराढप्रे जहहूँ तहहूँ आयसपु पराई। कह सपुगश्रीव सबहह समपुझराई॥
रराम कराजपु अर मगोर हनहगोररा। बरानर जपूर जराहह चहह हूँ ओररा॥3॥
भरावरारर्ण:-आजरा पराकर सब जहराहूँ-तहराहूँ खडप्रे हगो गए। तब सपुगश्रीव नप्रे सबकगो समझराकर कहरा हक हप्रे
वरानरर कप्रे समपूहर! यह शश्री ररामचमंदजश्री करा करायर्ण हहै और मप्रेररा हनहगोररा (अनपुरगोध) हहै, तपुम चरारर ओर
जराओ॥3॥
* जनकसपुतरा कहह हूँ खगोजहह जराई। मरास हदवस महहूँ आएहह भराई॥
अवहध मप्रेहट जगो हबनपु सपुहध पराएहूँ। आवइ बहनहह सगो मगोहह मरराएहूँ॥ 4॥
भरावरारर्ण:-और जराकर जरानककीजश्री कगो खगोजगो। हप्रे भराई! महश्रीनप्रे भर ममें वरापस आ जरानरा। जगो (महश्रीनप्रे
भर ककी) अवहध हबतराकर हबनरा पतरा लगराए हश्री लरौट आएगरा उसप्रे मप्रेरप्रे दराररा मरवरातप्रे हश्री बनप्रेगरा
(अररार्णतम मपुझप्रे उसकरा वध करवरानरा हश्री पडप्रेगरा)॥4॥
दगोहरा :
* बचन सपुनत सब बरानर जहहूँ तहहूँ चलप्रे तपुरमंत।
तब सपुगश्रीवहूँ बगोलराए अमंगद नल हनपुममंत॥22॥
भरावरारर्ण:-सपुगश्रीव कप्रे वचन सपुनतप्रे हश्री सब वरानर तपुरमंत जहराहूँ-तहराहूँ (हभन्न-हभन्न हदशराओमं ममें) चल हदए।
तब सपुगश्रीव नप्रे अमंगद, नल, हनपुमरानम आहद पधरान-पधरान यगोदराओमं कगो बपुलरायरा (और कहरा-)॥
22॥
चरौपराई :
* सपुनहह नश्रील अमंगद हनपुमरानरा। जरामवमंत महतधश्रीर सपुजरानरा॥
सकल सपुभट हमहल दहच्छन जराहह। सश्रीतरा सपुहध पपूहूँछप्रेहह सब कराहह॥1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे धश्रीरबपुहद और चतपुर नश्रील, अमंगद, जराम्बवरानम और हनपुमरान! तपुम सब शप्रेष यगोदरा
हमलकर दहक्षर हदशरा कगो जराओ और सब हकसश्री सप्रे सश्रीतराजश्री करा पतरा पपूछनरा॥ 1॥
* मन कम बचन सगो जतन हबचरारप्रेहह। ररामचमंद कर कराजपु सहूँवरारप्रेहह॥
भरानपु पश्रीहठ सप्रेइअ उर आगश्री। स्वराहमहह सबर्ण भराव छल त्यरागश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-मन, वचन तररा कमर्ण सप्रे उसश्री करा (सश्रीतराजश्री करा पतरा लगरानप्रे करा) उपराय सगोचनरा। शश्री
ररामचमंदजश्री करा करायर्ण समंपन्न (सफिल) करनरा। सपूयर्ण कगो पश्रीठ सप्रे और अहग्नि कगो हृदय सप्रे (सरामनप्रे सप्रे)
सप्रेवन करनरा चराहहए, परमंतपु स्वरामश्री ककी सप्रेवरा तगो छल छगोडकर सवर्णभराव सप्रे (मन, वचन, कमर्ण सप्रे)
करनश्री चराहहए॥2॥
* तहज मरायरा सप्रेइअ परलगोकरा। हमटहहमं सकल भवसमंभव सगोकरा॥
दप्रेह धरप्रे कर यह फिलपु भराई। भहजअ रराम सब कराम हबहराई॥3॥
भरावरारर्ण:-मरायरा (हवषयर ककी ममतरा-आसहक्त) कगो छगोडकर परलगोक करा सप्रेवन (भगवरान कप्रे हदव्य
धराम ककी पराहप्त कप्रे हलए भगवत्सप्रेवरा रूप सराधन) करनरा चराहहए, हजससप्रे भव (जन्म-मरर) सप्रे
उत्पन्न सरारप्रे शगोक हमट जराएहूँ। हप्रे भराई! दप्रेह धरारर करनप्रे करा यहश्री फिल हहै हक सब करामर
(करामनराओमं) कगो छगोडकर शश्री ररामजश्री करा भजन हश्री हकयरा जराए॥3॥
* सगोइ गपुनग्य सगोई बडभरागश्री। जगो रघपुबश्रीर चरन अनपुररागश्री॥
आयसपु मराहग चरन हसर नराई। चलप्रे हरहष सपुहमरत रघपुरराई॥4॥
भरावरारर्ण:-सदरपु र कगो पहचराननप्रे वरालरा (गपुरवरान) तररा बडभरागश्री वहश्री हहै जगो शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे चररर
करा पप्रेमश्री हहै। आजरा मराहूँगकर और चररर ममें हफिर हसर नवराकर शश्री रघपुनरारजश्री करा स्मरर करतप्रे हहए
सब हहषर्णत हगोकर चलप्रे॥4॥
* पराछमें पवन तनय हसर नरावरा। जराहन कराज पभपु हनकट बगोलरावरा॥
परसरा सश्रीस सरगोरह परानश्री। करमपुहदकरा दश्रीहन्ह जन जरानश्री॥ 5॥
भरावरारर्ण:-सबकप्रे पश्रीछप्रे पवनसपुत शश्री हनपुमरानमजश्री नप्रे हसर नवरायरा। करायर्ण करा हवचरार करकप्रे पभपु नप्रे उन्हमें
अपनप्रे परास बपुलरायरा। उन्हरनप्रे अपनप्रे करकमल सप्रे उनकप्रे हसर करा स्पशर्ण हकयरा तररा अपनरा सप्रेवक
जरानकर उन्हमें अपनप्रे हरार ककी अहूँगपूठश्री उतरारकर दश्री॥5॥
* बहह पकरार सश्रीतहह समपुझराएहह । कहह बल हबरह बप्रेहग तपुम्ह आएहह ॥
हनपुमत जन्म सपुफिल करर मरानरा। चलप्रेउ हृदयहूँ धरर कमृ पराहनधरानरा॥6॥
भरावरारर्ण:-(और कहरा-) बहह त पकरार सप्रे सश्रीतरा कगो समझरानरा और मप्रेररा बल तररा हवरह (पप्रेम)
कहकर तपुम शश्रीघ्र लरौट आनरा। हनपुमरानमजश्री नप्रे अपनरा जन्म सफिल समझरा और कमृ पराहनधरान पभपु कगो
हृदय ममें धरारर करकप्रे वप्रे चलप्रे॥6॥
* जद्यहप पभपु जरानत सब बरातरा। रराजनश्रीहत रराखत सपुरत्ररातरा॥ 7॥
भरावरारर्ण:-यद्यहप दप्रेवतराओमं ककी रक्षरा करनप्रे वरालप्रे पभपु सब बरात जरानतप्रे हमैं, तगो भश्री वप्रे रराजनश्रीहत ककी
रक्षरा कर रहप्रे हमैं (नश्रीहत ककी मयरार्णदरा रखनप्रे कप्रे हलए सश्रीतराजश्री करा पतरा लगरानप्रे कगो जहराहूँ-तहराहूँ वरानरर कगो
भप्रेज रहप्रे हमैं)॥7॥
दगोहरा :
* चलप्रे सकल बन खगोजत सररतरा सर हगरर खगोह।
रराम कराज लयलश्रीन मन हबसररा तन कर छगोह॥23॥
भरावरारर्ण:-सब वरानर वन, नदश्री, तरालराब, पवर्णत और पवर्णतर ककी कन्दरराओमं ममें खगोजतप्रे हहए चलप्रे जरा
रहप्रे हमैं। मन शश्री ररामजश्री कप्रे करायर्ण ममें लवलश्रीन हहै। शरश्रीर तक करा पप्रेम (ममत्व) भपूल गयरा हहै॥23॥
चरौपराई :
* कतहह हूँ हगोइ हनहसचर समैं भप्रेटरा। परान लप्रेहहमं एक एक चपप्रेटरा॥
बहह पकरार हगरर करानन हप्रेरहहमं। कगोउ मपुहन हमलइ तराहह सब घप्रेरहहमं॥ 1॥
भरावरारर्ण:-कहहीं हकसश्री रराक्षस सप्रे भमेंट हगो जरातश्री हहै, तगो एक-एक चपत ममें हश्री उसकप्रे परार लप्रे लप्रेतप्रे हमैं।
पवर्णतर और वनर कगो बहह त पकरार सप्रे खगोज रहप्रे हमैं। कगोई मपुहन हमल जरातरा हहै तगो पतरा पपूछनप्रे कप्रे हलए
उसप्रे सब घप्रेर लप्रेतप्रे हमैं॥1॥
गपुफिरा ममें तपहस्वनश्री कप्रे दशर्णन, वरानरर करा समपुद तट पर आनरा, सम्परातश्री सप्रे भमेंट और बरातचश्रीत
* लराहग तमृषरा अहतसय अकपु लरानप्रे। हमलइ न जल घन गहन भपुलरानप्रे॥
मन हनपुमरानम ककीन्ह अनपुमरानरा। मरन चहत सब हबनपु जल परानरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-इतनप्रे ममें हश्री सबकगो अत्यमंत प्यरास लगश्री, हजससप्रे सब अत्यमंत हश्री व्यराकपुल हगो गए, हकमंतपु
जल कहहीं नहहीं हमलरा। घनप्रे जमंगल ममें सब भपुलरा गए। हनपुमरानमजश्री नप्रे मन ममें अनपुमरान हकयरा हक जल
हपए हबनरा सब लगोग मरनरा हश्री चराहतप्रे हमैं॥2॥
* चहढ हगरर हसखर चहह हूँ हदहस दप्रेखरा। भपूहम हबबर एक करौतपुक पप्रेखरा॥
चकबराक बक हमंस उडराहहीं। बहह तक खग पहबसहहमं तप्रेहह मराहहीं॥3॥
भरावरारर्ण:-उन्हरनप्रे पहराड ककी चगोटश्री पर चढकर चरारर ओर दप्रेखरा तगो पमृथ्वश्री कप्रे अमंदर एक गपुफिरा ममें उन्हमें
एक करौतपुक (आश्चयर्ण) हदखराई हदयरा। उसकप्रे ऊपर चकवप्रे, बगपुलप्रे और हमंस उड रहप्रे हमैं और बहह त
सप्रे पक्षश्री उसममें पवप्रेश कर रहप्रे हमैं॥3॥
* हगरर तप्रे उतरर पवनसपुत आवरा। सब कहह हूँ लहै सगोइ हबबर दप्रेखरावरा॥
आगमें कहै हनपुममंतहह लश्रीन्हरा। पहैठप्रे हबबर हबलमंबपु न ककीन्हरा॥4॥
भरावरारर्ण:-पवन कपु मरार हनपुमरानमजश्री पवर्णत सप्रे उतर आए और सबकगो लप्रे जराकर उन्हरनप्रे वह गपुफिरा
हदखलराई। सबनप्रे हनपुमरानमजश्री कगो आगप्रे कर हलयरा और वप्रे गपुफिरा ममें घपुस गए, दप्रेर नहहीं ककी॥4॥
दगोहरा :
* दश्रीख जराइ उपबन बर सर हबगहसत बहह कमंज।
ममंहदर एक रहचर तहहूँ बहैहठ नरारर तप पपुमंज॥24॥
भरावरारर्ण:-अमंदर जराकर उन्हरनप्रे एक उरम उपवन (बगश्रीचरा) और तरालराब दप्रेखरा, हजसममें बहह त सप्रे
कमल हखलप्रे हहए हमैं। वहहीं एक सपुदमं र ममंहदर हहै, हजसममें एक तपगोमपूहतर्ण स्त्रश्री बहैठश्री हहै॥24॥
चरौपराई :
* दरपू र तप्रे तराहह सबहन्ह हसर नरावरा। पपूछमें हनज बमृररामंत सपुनरावरा॥
तप्रेहहमं तब कहरा करहह जल परानरा। खराहह सपुरस सपुमंदर फिल नरानरा॥1॥
भरावरारर्ण:-दरपू सप्रे हश्री सबनप्रे उसप्रे हसर नवरायरा और पपूछनप्रे पर अपनरा सब वमृररामंत कह सपुनरायरा। तब
उसनप्रे कहरा- जलपरान करगो और भराहूँहत-भराहूँहत कप्रे रसश्रीलप्रे सपुदमं र फिल खराओ॥1॥
* मजनपु ककीन्ह मधपुर फिल खराए। तरासपु हनकट पपुहन सब चहल आए॥
तप्रेहहमं सब आपहन कररा सपुनराई। ममैं अब जराब जहराहूँ रघपुरराई॥2॥
भरावरारर्ण:-(आजरा पराकर) सबनप्रे स्नरान हकयरा, मश्रीठप्रे फिल खराए और हफिर सब उसकप्रे परास चलप्रे
आए। तब उसनप्रे अपनश्री सब कररा कह सपुनराई (और कहरा-) ममैं अब वहराहूँ जराऊहूँगश्री जहराहूँ शश्री
रघपुनरारजश्री हमैं॥2॥
* मपूदहह नयन हबबर तहज जराहह। पहैहहह सश्रीतहह जहन पहछतराहह॥
नयन मपूहद पपुहन दप्रेखहहमं बश्रीररा। ठराढप्रे सकल हसमंधपु कमें तश्रीररा॥3॥
भरावरारर्ण:-तपुम लगोग आहूँखमें मपूहूँद लगो और गपुफिरा कगो छगोडकर बराहर जराओ। तपुम सश्रीतराजश्री कगो परा
जराओगप्रे, पछतराओ नहहीं (हनरराश न हगोओ)। आहूँखमें मपूहूँदकर हफिर जब आहूँखमें खगोलहीं तगो सब वश्रीर क्यरा
दप्रेखतप्रे हमैं हक सब समपुद कप्रे तश्रीर पर खडप्रे हमैं॥3॥
* सगो पपुहन गई जहराहूँ रघपुनराररा। जराइ कमल पद नराएहस मराररा॥
नरानरा भराहूँहत हबनय तप्रेहहमं ककीन्हहीं। अनपरायनश्री भगहत पभपु दश्रीन्हहीं॥4॥
भरावरारर्ण:-और वह स्वयमं वहराहूँ गई जहराहूँ शश्री रघपुनरारजश्री रप्रे। उसनप्रे जराकर पभपु कप्रे चरर कमलर ममें
मस्तक नवरायरा और बहह त पकरार सप्रे हवनतश्री ककी। पभपु नप्रे उसप्रे अपनश्री अनपराहयनश्री (अचल) भहक्त
दश्री॥4॥
दगोहरा :
* बदरश्रीबन कहह हूँ सगो गई पभपु अग्यरा धरर सश्रीस।
उर धरर रराम चरन जपुग जप्रे बमंदत अज ईस॥25॥
भरावरारर्ण:-पभपु ककी आजरा हसर पर धरारर कर और शश्री ररामजश्री कप्रे यगपु ल चररर कगो, हजनककी ब्रहरा
और महप्रेश भश्री वमंदनरा करतप्रे हमैं, हृदय ममें धरारर कर वह (स्वयमंपभरा) बदररकराशम कगो चलश्री गई॥
25॥
चरौपराई :
* इहराहूँ हबचरारहहमं कहप मन मराहहीं। बश्रीतश्री अवहध कराज कछपु नराहहीं॥
सब हमहल कहहहमं परस्पर बरातरा। हबनपु सपुहध लएहूँ करब करा ररातरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-यहराहूँ वरानरगर मन ममें हवचरार कर रहप्रे हमैं हक अवहध तगो बश्रीत गई, पर कराम कपु छ न हहआ।
सब हमलकर आपस ममें बरात करनप्रे लगप्रे हक हप्रे भराई! अब तगो सश्रीतराजश्री ककी खबर हलए हबनरा लरौटकर
भश्री क्यरा करमेंगप्रे!॥1॥
* कह अमंगद लगोचन भरर बरारश्री। दहपु ह हूँ पकरार भइ ममृत्यपु हमरारश्री॥
इहराहूँ न सपुहध सश्रीतरा कहै पराई। उहराहूँ गएहूँ मराररहह कहपरराई॥2॥
भरावरारर्ण:-अमंगद नप्रे नप्रेत्रर ममें जल भरकर कहरा हक दगोनर हश्री पकरार सप्रे हमरारश्री ममृत्य पु हह ई। यहराहूँ तगो
सश्रीतराजश्री ककी सपुध नहहीं हमलश्री और वहराहूँ जरानप्रे पर वरानररराज सपुगश्रीव मरार डरालमेंगप्रे॥ 2॥
* हपतरा बधप्रे पर मरारत मगोहश्री। रराखरा रराम हनहगोर न ओहश्री॥
पपुहन पपुहन अमंगद कह सब पराहहीं। मरन भयउ कछपु समंसय नराहहीं॥3॥
भरावरारर्ण:-वप्रे तगो हपतरा कप्रे वध हगोनप्रे पर हश्री मपुझप्रे मरार डरालतप्रे। शश्री ररामजश्री नप्रे हश्री मप्रेरश्री रक्षरा ककी, इसममें
सपुगश्रीव करा कगोई एहसरान नहहीं हहै। अमंगद बरार-बरार सबसप्रे कह रहप्रे हमैं हक अब मरर हहआ, इसममें कपु छ
भश्री समंदप्रेह नहहीं हहै॥3॥
* अमंगद बचन सपुन कहप बश्रीररा। बगोहल न सकहहमं नयन बह नश्रीररा॥
छन एक सगोच मगन हगोइ रहप्रे। पपुहन अस बचन कहत सब भए॥4॥
भरावरारर्ण:-वरानर वश्रीर अमंगद कप्रे वचन सपुनतप्रे हमैं, हकमंतपु कपु छ बगोल नहहीं सकतप्रे। उनकप्रे नप्रेत्रर सप्रे जल बह
रहरा हहै। एक क्षर कप्रे हलए सब सगोच ममें मग्नि हगो रहप्रे। हफिर सब ऐसरा वचन कहनप्रे लगप्रे-॥4॥
* हम सश्रीतरा कहै सपुहध लश्रीन्हमें हबनरा। नहहमं जहैहमैं जपुबरराज पबश्रीनरा॥
अस कहह लवन हसमंधपु तट जराई। बहैठप्रे कहप सब दभर्ण डसराई॥5॥
भरावरारर्ण:-हप्रे सपुयगोग्य यवपु रराज! हम लगोग सश्रीतराजश्री ककी खगोज हलए हबनरा नहहीं लरौटमेंगप्रे। ऐसरा कहकर
लवरसरागर कप्रे तट पर जराकर सब वरानर कपु श हबछराकर बहैठ गए॥5॥
* जरामवमंत अमंगद दख
पु दप्रेखश्री। कहहीं कररा उपदप्रेस हबसप्रेषश्री॥
तरात रराम कहह हूँ नर जहन मरानहह । हनगपुर्णन ब्रह अहजत अज जरानहह ॥6॥
भरावरारर्ण:-जराम्बवरानम नप्रे अमंगद करा दद्धाःपु ख दप्रेखकर हवशप्रेष उपदप्रेश ककी करराएहूँ कहहीं। (वप्रे बगोलप्रे-) हप्रे
तरात! शश्री ररामजश्री कगो मनपुष्य न मरानगो, उन्हमें हनगपुर्णर ब्रह, अजप्रेय और अजन्मरा समझगो॥6॥
* हम सब सप्रेवक अहत बडभरागश्री। समंतत सगपुन ब्रह अनपुररागश्री॥7॥
भरावरारर्ण:-हम सब सप्रेवक अत्यमंत बडभरागश्री हमैं, जगो हनरमंतर सगपुर ब्रह (शश्री ररामजश्री) ममें पश्रीहत रखतप्रे
हमैं॥7॥
दगोहरा :
* हनज इच्छराहूँ पभपु अवतरइ सपुर मह गगो हदज लराहग।
सगपुन उपरासक समंग तहहूँ रहहहमं मगोच्छ सब त्यराहग॥26॥
भरावरारर्ण:-दप्रेवतरा, पमृथ्वश्री, गगो और ब्रराहरर कप्रे हलए पभपु अपनश्री इच्छरा सप्रे (हकसश्री कमर्णबमंधन सप्रे नहहीं)
अवतरार लप्रेतप्रे हमैं। वहराहूँ सगपुरगोपरासक (भक्तगर सरालगोक्य, सरामश्रीप्य, सरारप्य, सराहष्टिर्ण और सरायज्पु य)
सब पकरार कप्रे मगोक्षर कगो त्यरागकर उनककी सप्रेवरा ममें सरार रहतप्रे हमैं॥26॥
चरौपराई :
* एहह हबहध कररा कहहहमं बहह भराहूँतश्री। हगरर कमंदरराहूँ सपुनश्री समंपरातश्री॥
बराहप्रेर हगोइ दप्रेहख बहह ककीसरा। मगोहह अहरार दश्रीन्ह जगदश्रीसरा॥1॥
भरावरारर्ण:-इस पकरार जराम्बवरानम बहह त पकरार सप्रे करराएहूँ कह रहप्रे हमैं। इनककी बरातमें पवर्णत ककी कन्दररा ममें
सम्परातश्री नप्रे सपुनहीं। बराहर हनकलकर उसनप्रे बहह त सप्रे वरानर दप्रेखप्रे। (तब वह बगोलरा-) जगदश्रीश्वर नप्रे
मपुझकगो घर बहैठप्रे बहह त सरा आहरार भप्रेज हदयरा!॥1॥
* आजपु सबहह कहहूँ भच्छन करऊहूँ। हदन हबपु चलप्रे अहरार हबनपु मरऊहूँ॥
कबहह हूँ न हमल भरर उदर अहराररा। आजपु दश्रीन्ह हबहध एकहहमं बराररा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-आज इन सबकगो खरा जराऊहूँगरा। बहह त हदन बश्रीत गए, भगोजन कप्रे हबनरा मर रहरा ररा। पप्रेटभर
भगोजन कभश्री नहहीं हमलतरा। आज हवधरातरा नप्रे एक हश्री बरार ममें बहह त सरा भगोजन दप्रे हदयरा॥2॥
* डरपप्रे गश्रीध बचन सपुहन करानरा। अब भरा मरन सत्य हम जरानरा॥
कहप सब उठप्रे गश्रीध कहहूँ दप्रेखश्री। जरामवमंत मन सगोच हबसप्रेषश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-गश्रीध कप्रे वचन करानर सप्रे सपुनतप्रे हश्री सब डर गए हक अब सचमपुच हश्री मरनरा हगो गयरा। यह
हमनप्रे जरान हलयरा। हफिर उस गश्रीध (सम्परातश्री) कगो दप्रेखकर सब वरानर उठ खडप्रे हह ए। जराम्बवरानम कप्रे
मन ममें हवशप्रेष सगोच हहआ॥3॥
* कह अमंगद हबचरारर मन मराहहीं। धन्य जटरायपू सम कगोउ नराहहीं॥
रराम कराज करारन तनपु त्यरागश्री। हरर पपुर गयउ परम बडभरागश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-अमंगद नप्रे मन ममें हवचरार कर कहरा- अहरा! जटरायपु कप्रे समरान धन्य कगोई नहहीं हहै। शश्री ररामजश्री
कप्रे करायर्ण कप्रे हलए शरश्रीर छगोडकर वह परम बडभरागश्री भगवरानम कप्रे परमधराम कगो चलरा गयरा॥4॥
* सपुहन खग हरष सगोक जपुत बरानश्री। आवरा हनकट कहपन्ह भय मरानश्री॥
हतन्हहह अभय करर पपूछप्रेहस जराई। कररा सकल हतन्ह तराहह सपुनराई॥5॥
भरावरारर्ण:-हषर्ण और शगोक सप्रे यक्त
पु वरारश्री (समराचरार) सपुनकर वह पक्षश्री (सम्परातश्री) वरानरर कप्रे परास
आयरा। वरानर डर गए। उनकगो अभय करकप्रे (अभय वचन दप्रेकर) उसनप्रे परास जराकर जटरायपु करा
वमृररामंत पपूछरा, तब उन्हरनप्रे सरारश्री कररा उसप्रे कह सपुनराई॥5॥
* सपुहन समंपराहत बमंधपु कहै करनश्री। रघपुपहत महहमरा बहह हबहध बरनश्री॥6॥
भरावरारर्ण:-भराई जटरायपु ककी करनश्री सपुनकर सम्परातश्री नप्रे बहह त पकरार सप्रे शश्री रघपुनरारजश्री ककी महहमरा
वरर्णन ककी॥6॥
दगोहरा :
* मगोहह लहै जराहह हसमंधपुतट दप्रेउहूँ हतलरामंजहल तराहह।
बचन सहराइ करहब ममैं पहैहहह खगोजहह जराहह॥27॥
भरावरारर्ण:-(उसनप्रे कहरा-) मपुझप्रे समपुद कप्रे हकनरारप्रे लप्रे चलगो, ममैं जटरायपु कगो हतलरामंजहल दप्रे दहूँ।पू इस सप्रेवरा
कप्रे बदलप्रे ममैं तपुम्हरारश्री वचन सप्रे सहरायतरा करूहूँगरा (अररार्णतम सश्रीतराजश्री कहराहूँ हमैं सगो बतलरा दगहूँपू रा), हजसप्रे
तपुम खगोज रहप्रे हगो उसप्रे परा जराओगप्रे॥27॥
चरौपराई :
* अनपुज हकयरा करर सरागर तश्रीररा। कहह हनज कररा सपुनहह कहप बश्रीररा॥
हम दरौ बमंधपु परम तरनराई। गगन गए रहब हनकट उडराई॥1॥
भरावरारर्ण:-समपुद कप्रे तश्रीर पर छगोटप्रे भराई जटरायपु ककी हकयरा (शराद आहद) करकप्रे सम्परातश्री अपनश्री कररा
कहनप्रे लगरा- हप्रे वश्रीर वरानरर! सपुनगो, हम दगोनर भराई उठतश्री जवरानश्री ममें एक बरार आकराश ममें उडकर
सपूयर्ण कप्रे हनकट चलप्रे गए॥1॥
* तप्रेज न सहह सक सगो हफिरर आवरा। ममैं अहभमरानश्री रहब हनअररावरा॥
जरप्रे पमंख अहत तप्रेज अपराररा। परप्रेउहूँ भपूहम करर घगोर हचकराररा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-वह (जटराय)पु तप्रेज नहहीं सह सकरा, इससप्रे लरौट आयरा (हकमंतपु), ममैं अहभमरानश्री ररा
इसहलए सपूयर्ण कप्रे परास चलरा गयरा। अत्यमंत अपरार तप्रेज सप्रे मप्रेरप्रे पमंख जल गए। ममैं बडप्रे जगोर सप्रे चश्रीख
मरारकर जमश्रीन पर हगर पडरा॥2॥
* मपुहन एक नराम चमंदमरा ओहश्री। लरागश्री दयरा दप्रेहख करर मगोहश्री॥
बहह पकरार तप्रेहहमं ग्यरान सपुनरावरा। दप्रेहजहनत अहभमरान छपु डरावरा॥3॥
भरावरारर्ण:-वहराहूँ चमंदमरा नराम कप्रे एक मपुहन रप्रे। मपुझप्रे दप्रेखकर उन्हमें बडश्री दयरा लगश्री। उन्हरनप्रे बहह त पकरार
सप्रे मपुझप्रे जरान सपुनरायरा और मप्रेरप्रे दप्रेहजहनत (दप्रेह समंबमंधश्री) अहभमरान कगो छपु डरा हदयरा॥3॥
* त्रप्रेतराहूँ ब्रह मनपुज तनपु धररहश्री। तरासपु नरारर हनहसचर पहत हररहश्री॥
तरासपु खगोज पठइहह पभपु दतपू रा। हतन्हहह हमलमें तमैं हगोब पपुनश्रीतरा॥4॥
भरावरारर्ण:-(उन्हरनप्रे कहरा-) त्रप्रेतरायगपु ममें सराक्षरातम परब्रह मनपुष्य शरश्रीर धरारर करमेंगप्रे। उनककी स्त्रश्री कगो
रराक्षसर करा रराजरा हर लप्रे जराएगरा। उसककी खगोज ममें पभपु दतपू भप्रेजमेंगप्रे। उनसप्रे हमलनप्रे पर तपू पहवत्र हगो
जराएगरा॥4॥
* जहमहहहमं पमंख करहस जहन हचमंतरा। हतन्हहह दप्रेखराइ दप्रेहप्रेसपु तमैं सश्रीतरा॥
मपुहन कइ हगररा सत्य भइ आजपू। सपुहन मम बचन करहह पभपु कराजपू॥5॥
भरावरारर्ण:-और तप्रेरप्रे पमंख उग आएहूँगप्रे, हचमंतरा न कर। उन्हमें तपू सश्रीतराजश्री कगो हदखरा दप्रेनरा। मपुहन ककी वह
वरारश्री आज सत्य हह ई। अब मप्रेरप्रे वचन सपुनकर तपुम पभपु करा करायर्ण करगो॥5॥
* हगरर हत्रकपू ट ऊपर बस लमंकरा। तहहूँ रह ररावन सहज असमंकरा॥
तहहूँ असगोक उपबन जहहूँ रहई। सश्रीतरा बहैहठ सगोच रत अहई॥6॥
भरावरारर्ण:-हत्रकपू ट पवर्णत पर लमंकरा बसश्री हह ई हहै। वहराहूँ स्वभराव सप्रे हश्री हनडर ररावर रहतरा हहै। वहराहूँ अशगोक
नराम करा उपवन (बगश्रीचरा) हहै, जहराहूँ सश्रीतराजश्री रहतश्री हमैं। (इस समय भश्री) वप्रे सगोच ममें मग्नि बहैठश्री हमैं॥
6॥
समपुद लराहूँघनप्रे करा पररामशर्ण, जराम्बवन्त करा हनपुमरानमजश्री कगो बल यराद हदलराकर उत्सराहहत करनरा, शश्री
रराम-गपुर करा मराहरात्म्य
दगोहरा :
* ममैं दप्रेखउहूँ तपुम्ह नराहहीं गश्रीधहह दृहष्टि अपरार।
बपूढ भयउहूँ न त करतप्रेउहूँ कछपु क सहराय तपुम्हरार॥28॥
भरावरारर्ण:-ममैं उन्हमें दप्रेख रहरा हह हूँ, तपुम नहहीं दप्रेख सकतप्रे, क्यरहक गश्रीध ककी दृहष्टि अपरार हगोतश्री हहै (बहह त
दरपू तक जरातश्री हहै)। क्यरा करूहूँ? ममैं बपूढरा हगो गयरा, नहहीं तगो तपुम्हरारश्री कपु छ तगो सहरायतरा अवश्य
करतरा॥28॥
चरौपराई :
* जगो नराघइ सत जगोजन सरागर। करइ सगो रराम कराज महत आगर॥
मगोहह हबलगोहक धरहह मन धश्रीररा। रराम कमृ पराहूँ कस भयउ सरश्रीररा॥1॥
भरावरारर्ण:-जगो सरौ यगोजन (चरार सरौ कगोस) समपुद लराहूँघ सकप्रे गरा और बपुहदहनधरान हगोगरा, वहश्री शश्री
ररामजश्री करा करायर्ण कर सकप्रे गरा। (हनरराश हगोकर घबरराओ मत) मपुझप्रे दप्रेखकर मन ममें धश्रीरज धरगो।
दप्रेखगो, शश्री ररामजश्री ककी कमृ परा सप्रे (दप्रेखतप्रे हश्री दप्रेखतप्रे) मप्रेररा शरश्रीर कहै सरा हगो गयरा (हबनरा पराहूँख करा बप्रेहराल
ररा, पराहूँख उगनप्रे सप्रे सपुदमं र हगो गयरा) !॥1॥
* पराहपउ जराकर नराम सपुहमरहहीं। अहत अपरार भवसरागर तरहहीं॥
तरासपु दतपू तपुम्ह तहज कदरराई रराम हृदयहूँ धरर करहह उपराई॥2॥
भरावरारर्ण:-परापश्री भश्री हजनकरा नराम स्मरर करकप्रे अत्यमंत परार भवसरागर सप्रे तर जरातप्रे हमैं। तपुम उनकप्रे दतपू
हगो, अतद्धाः करायरतरा छगोडकर शश्री ररामजश्री कगो हृदय ममें धरारर करकप्रे उपराय करगो॥2॥
* अस कहह गरड गश्रीध जब गयऊ। हतन्ह कप्रे मन अहत हबसमय भयऊ॥
हनज हनज बल सब कराहहहूँ भराषरा। परार जराइ कर समंसय रराखरा॥3॥
भरावरारर्ण:-(कराकभपुशपुहण्डजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे गरडजश्री! इस पकरार कहकर जब गश्रीध चलरा गयरा, तब
उन (वरानरर) कप्रे मन ममें अत्यमंत हवस्मय हह आ। सब हकसश्री नप्रे अपनरा-अपनरा बल कहरा। पर समपुद कप्रे
परार जरानप्रे ममें सभश्री नप्रे समंदहप्रे पकट हकयरा॥3॥
* जरठ भयउहूँ अब कहइ ररछप्रेसरा। नहहमं तन रहरा परम बल लप्रेसरा॥
जबहहमं हत्रहबकम भए खररारश्री। तब ममैं तरन रहप्रेउहूँ बल भरारश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-ऋक्षरराज जराम्बवरानम कहनप्रे लगप्रे- ममैं बपूढरा हगो गयरा। शरश्रीर ममें पहलप्रे वरालप्रे बल करा लप्रेश भश्री
नहहीं रहरा। जब खररारर (खर कप्रे शत्रपु शश्री रराम) वरामन बनप्रे रप्रे, तब ममैं जवरान ररा और मपुझ ममें बडरा
बल ररा॥4॥
दगोहरा :
* बहल बराहूँधत पभपु बराढप्रेउ सगो तनपु बरहन न जराइ।
उभय घरश्री महहूँ दश्रीन्हहीं सरात पदहच्छन धराइ॥29॥
भरावरारर्ण:-बहल कप्रे बराहूँधतप्रे समय पभपु इतनप्रे बढप्रे हक उस शरश्रीर करा वरर्णन नहहीं हगो सकतरा, हकमंतपु ममैंनप्रे
दगो हश्री घडश्री ममें दरौडकर (उस शरश्रीर ककी) सरात पदहक्षरराएहूँ कर लहीं॥29॥
चरौपराई :
* अमंगद कहइ जराउहूँ ममैं पराररा। हजयहूँ समंसय कछपु हफिरतश्री बराररा॥
जरामवमंत कह तपुम्ह सब लरायक। पठइअ हकहम सबहश्री कर नरायक॥1॥
भरावरारर्ण:-अमंगद नप्रे कहरा- ममैं परार तगो चलरा जराऊहूँगरा, परमंतपु लरौटतप्रे समय कप्रे हलए हृदय ममें कपु छ समंदहप्रे
हहै। जराम्बवरानम नप्रे कहरा- तपुम सब पकरार सप्रे यगोग्य हगो, परमंतपु तपुम सबकप्रे नप्रेतरा हगो, तपुम्हप्रे कहै सप्रे भप्रेजरा
जराए?॥1॥
* कहइ रश्रीछपहत सपुनपु हनपुमरानरा। करा चपुप सराहध रहप्रेहह बलवरानरा॥
पवन तनय बल पवन समरानरा। बपुहध हबबप्रेक हबग्यरान हनधरानरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-ऋक्षरराज जराम्बवरानम नप्रे शश्री हनपुमरानजश्री सप्रे कहरा- हप्रे हनपुमरानम! हप्रे बलवरानम! सपुनगो, तपुमनप्रे
यह क्यरा चपुप सराध रखश्री हहै? तपुम पवन कप्रे पपुत्र हगो और बल ममें पवन कप्रे समरान हगो। तपुम बपुहद-हववप्रेक
और हवजरान ककी खरान हगो॥2॥
* कवन सगो कराज कहठन जग मराहहीं। जगो नहहमं हगोइ तरात तपुम्ह पराहहीं॥
रराम कराज लहग तव अवतराररा। सपुनतहहमं भयउ पबर्णतराकराररा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-जगतम ममें करौन सरा ऐसरा कहठन कराम हहै जगो हप्रे तरात! तपुमसप्रे न हगो सकप्रे । शश्री ररामजश्री कप्रे करायर्ण
कप्रे हलए हश्री तगो तपुम्हराररा अवतरार हहआ हहै। यह सपुनतप्रे हश्री हनपुमरानमजश्री पवर्णत कप्रे आकरार कप्रे (अत्यमंत
हवशरालकराय) हगो गए॥3॥
* कनक बरन तन तप्रेज हबरराजरा। मरानहह हूँ अपर हगररन्ह कर रराजरा॥
हसमंहनराद करर बरारहहमं बराररा। लश्रीलहहमं नराघउहूँ जलहनहध खराररा॥4॥
भरावरारर्ण:-उनकरा सगोनप्रे करा सरा रमंग हहै, शरश्रीर पर तप्रेज सपुशगोहभत हहै, मरानगो दस पू ररा पवर्णतर करा रराजरा
सपुमप्रेर हगो। हनपुमरानमजश्री नप्रे बरार-बरार हसमंहनराद करकप्रे कहरा- ममैं इस खरारप्रे समपुद कगो खप्रेल ममें हश्री लराहूँघ
सकतरा हह हूँ॥4॥
* सहहत सहराय ररावनहह मरारश्री। आनउहूँ इहराहूँ हत्रकपू ट उपरारश्री॥
जरामवमंत ममैं पपूहूँछउहूँ तगोहश्री। उहचत हसखरावनपु दश्रीजहह मगोहश्री॥5॥
भरावरारर्ण:- और सहरायकर सहहत ररावर कगो मरारकर हत्रकपू ट पवर्णत कगो उखराडकर यहराहूँ लरा सकतरा हह।हूँ
हप्रे जराम्बवरानम! ममैं तपुमसप्रे पपूछतरा हह हूँ, तपुम मपुझप्रे उहचत सश्रीख दप्रेनरा (हक मपुझप्रे क्यरा करनरा चराहहए)॥5॥
* एतनरा करहह तरात तपुम्ह जराई। सश्रीतहह दप्रेहख कहहह सपुहध आई॥
तब हनज भपुज बल रराहजवनहैनरा। करौतपुक लराहग समंग कहप सप्रेनरा॥ 6॥
भरावरारर्ण:-(जराम्बवरानम नप्रे कहरा-) हप्रे तरात! तपुम जराकर इतनरा हश्री करगो हक सश्रीतराजश्री कगो दप्रेखकर
लरौट आओ और उनककी खबर कह दगो। हफिर कमलनयन शश्री ररामजश्री अपनप्रे बराहह बल सप्रे (हश्री रराक्षसर
करा समंहरार कर सश्रीतराजश्री कगो लप्रे आएहूँगप्रे, कप्रे वल) खप्रेल कप्रे हलए हश्री वप्रे वरानरर ककी सप्रेनरा सरार लमेंगप्रे॥6॥
छमंद :
* कहप सप्रेन समंग सहूँघरारर हनहसचर ररामपु सश्रीतहह आहन हमैं।
त्रहैलगोक परावन सपुजसपु सपुर मपुहन नरारदराहद बखराहन हमैं॥
जगो सपुनत गरावत कहत समपुक्षत परमपद नर परावई।
रघपुबश्रीर पद परारगोज मधपुकर दरास तपुलसश्री गरावई॥
भरावरारर्ण:-वरानरर ककी सप्रेनरा सरार लप्रेकर रराक्षसर करा समंहरार करकप्रे शश्री ररामजश्री सश्रीतराजश्री कगो लप्रे आएहूँगप्रे।
तब दप्रेवतरा और नरारदराहद मपुहन भगवरानम कप्रे तश्रीनर लगोकर कगो पहवत्र करनप्रे वरालप्रे सपुदमं र यश करा बखरान
करमेंगप्रे, हजसप्रे सपुननप्रे, गरानप्रे, कहनप्रे और समझनप्रे सप्रे मनपुष्य परमपद परातप्रे हमैं और हजसप्रे शश्री रघपुवश्रीर कप्रे
चररकमल करा मधपुकर (रमर) तपुलसश्रीदरास गरातरा हहै।
दगोहरा :
* भव भप्रेषज रघपुनरार जसपु सपुनहहमं जप्रे नर अर नरारर।
हतन्ह कर सकल मनगोरर हसद करहहमं हत्रहसररारर॥30 क॥
भरावरारर्ण:-शश्री रघपुवश्रीर करा यश भव (जन्म-मरर) रूपश्री रगोग ककी (अचपूक) दवरा हहै। जगो पपुरष और
स्त्रश्री इसप्रे सपुनमेंगप्रे, हत्रहशररा कप्रे शत्रपु शश्री ररामजश्री उनकप्रे सब मनगोररर कगो हसद करमेंगप्रे॥30 (क)॥
सगोरठरा :
* नश्रीलगोत्पल तन स्यराम कराम कगोहट सगोभरा अहधक।
सपुहनअ तरासपु गपुन गराम जरासपु नराम अघ खग बहधक॥30 ख॥
भरावरारर्ण:-हजनकरा नश्रीलप्रे कमल कप्रे समरान श्यराम शरश्रीर हहै, हजनककी शगोभरा करगोडर करामदप्रेवर सप्रे भश्री
अहधक हहै और हजनकरा नराम परापरूपश्री पहक्षयर कगो मरारनप्रे कप्रे हलए बहधक (व्यराधरा) कप्रे समरान हहै,
उन शश्री रराम कप्रे गपुरर कप्रे समपूह (लश्रीलरा) कगो अवश्य सपुननरा चराहहए॥30 (ख)॥
मरासपररायर, तप्रेईसवराहूँ हवशराम
इहत शश्रीमदरामचररतमरानसप्रे सकलकहलकलपुषहवध्वमंसनप्रे चतपुरर्ण: सगोपरानद्धाः समराप्त :।
कहलयगपु कप्रे समस्त परापर कप्रे नराश करनप्रे वरालप्रे शश्री ररामचररतम मरानस करा यह चरौररा सगोपरान समराप्त
हह आ।
(हकहष्कमंधराकरामंड समराप्त)
शश्रीररामचररतमरानस
सपुमंदरकराण्ड
पमंचम सगोपरान-ममंगलराचरर
श्लगोक :
* शरान्तमं शराश्वतमपमप्रेयमनघमं हनवरार्णरशराहन्तपदमं
ब्रहराशम्भपुफिरश्रीन्दसप्रेव्यमहनशमं वप्रेदरान्तवप्रेद्यमं हवभपुमम।
ररामराख्यमं जगदश्रीश्वरमं सपुरगपुरमं मरायरामनपुष्यमं हररमं
वन्दप्रेऽहमं कररराकरमं रघपुवरमं भपूपरालचपूडरामहरमम॥1॥
भरावरारर्ण:-शरान्त, सनरातन, अपमप्रेय (पमरारर सप्रे परप्रे), हनष्पराप, मगोक्षरूप परमशराहन्त दप्रेनप्रे वरालप्रे,
ब्रहरा, शम्भपु और शप्रेषजश्री सप्रे हनरमंतर सप्रेहवत, वप्रेदरान्त कप्रे दराररा जराननप्रे यगोग्य, सवर्णव्यरापक, दप्रेवतराओमं
ममें सबसप्रे बडप्रे, मरायरा सप्रे मनपुष्य रूप ममें हदखनप्रे वरालप्रे, समस्त परापर कगो हरनप्रे वरालप्रे, करररा ककी
खरान, रघपुकपुल ममें शप्रेष तररा रराजराओमं कप्रे हशरगोमहर रराम कहलरानप्रे वरालप्रे जगदश्रीश्वर ककी ममैं वमंदनरा
करतरा हह हूँ॥1॥
* नरान्यरा स्पमृहरा रघपुपतप्रे हृदयप्रेऽस्मदश्रीयप्रे
सत्यमं वदराहम च भवरानहखलरान्तररात्मरा।
भहक्तमं पयच्छ रघपुपपुमंगव हनभर्णररामं मप्रे
करामराहददगोषरहहतमं कपु र मरानसमं च॥2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे रघपुनरारजश्री! ममैं सत्य कहतरा हह हूँ और हफिर आप सबकप्रे अमंतररात्मरा हश्री हमैं (सब जरानतप्रे हश्री
हमैं) हक मप्रेरप्रे हृदय ममें दस
पू रश्री कगोई इच्छरा नहहीं हहै। हप्रे रघपुकपुलशप्रेष! मपुझप्रे अपनश्री हनभर्णररा (पपूरर्ण) भहक्त
दश्रीहजए और मप्रेरप्रे मन कगो कराम आहद दगोषर सप्रे रहहत ककीहजए॥2॥
* अतपुहलतबलधराममं हप्रेमशहैलराभदप्रेहमं
दनपुजवनकमृ शरानपुमं जराहननरामगगण्यमम।
सकलगपुरहनधरानमं वरानरराररामधश्रीशमं
रघपुपहतहपयभक्तमं वरातजरातमं नमराहम॥3॥
भरावरारर्ण:-अतपुल बल कप्रे धराम, सगोनप्रे कप्रे पवर्णत (सपुमप्रेर) कप्रे समरान कराहन्तयक्त पु शरश्रीर वरालप्रे, दहैत्य
रूपश्री वन (कगो ध्वमंस करनप्रे) कप्रे हलए अहग्नि रूप, जराहनयर ममें अगगण्य, समंपपूरर्ण गपुरर कप्रे हनधरान,
वरानरर कप्रे स्वरामश्री, शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे हपय भक्त पवनपपुत्र शश्री हनपुमरानमजश्री कगो ममैं परराम करतरा हह॥हूँ 3॥
हनपुमरानमजश्री करा लमंकरा कगो पस्ररान, सपुरसरा सप्रे भमेंट, छरायरा पकडनप्रे वरालश्री रराक्षसश्री करा वध
चरौपराई :
* जरामवमंत कप्रे बचन सपुहराए। सपुहन हनपुममंत हृदय अहत भराए॥
तब लहग मगोहह पररखप्रेहह तपुम्ह भराई। सहह दख पु कमंद मपूल फिल खराई॥1॥
भरावरारर्ण:-जराम्बवरानम कप्रे सपुमंदर वचन सपुनकर हनपुमरानमजश्री कप्रे हृदय कगो बहह त हश्री भराए। (वप्रे बगोलप्रे-) हप्रे
भराई! तपुम लगोग दद्धाःपु ख सहकर, कन्द-मपूल-फिल खराकर तब तक मप्रेरश्री रराह दप्रेखनरा॥1॥
* जब लहग आवजौं सश्रीतहह दप्रेखश्री। हगोइहह कराजपु मगोहह हरष हबसप्रेषश्री॥
यह कहह नराइ सबहन्ह कहह हूँ मराररा । चलप्रेउ हरहष हहयहूँ धरर रघपुनराररा॥2॥
भरावरारर्ण:-जब तक ममैं सश्रीतराजश्री कगो दप्रेखकर (लरौट) न आऊहूँ। कराम अवश्य हगोगरा, क्यरहक मपुझप्रे
बहह त हश्री हषर्ण हगो रहरा हहै। यह कहकर और सबकगो मस्तक नवराकर तररा हृदय ममें शश्री रघपुनरारजश्री कगो
धरारर करकप्रे हनपुमरानमजश्री हहषर्णत हगोकर चलप्रे॥2॥
* हसमंधपु तश्रीर एक भपूधर सपुमंदर। करौतपुक कपू हद चढप्रेउ तरा ऊपर॥
बरार-बरार रघपुबश्रीर सहूँभरारश्री। तरकप्रे उ पवनतनय बल भरारश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-समपुद कप्रे तश्रीर पर एक सपुदमं र पवर्णत ररा। हनपुमरानमजश्री खप्रेल सप्रे हश्री (अनरायरास हश्री) कपू दकर
उसकप्रे ऊपर जरा चढप्रे और बरार-बरार शश्री रघपुवश्रीर करा स्मरर करकप्रे अत्यमंत बलवरानम हनपुमरानमजश्री उस
पर सप्रे बडप्रे वप्रेग सप्रे उछलप्रे॥3॥
* जप्रेहहमं हगरर चरन दप्रेइ हनपुममंतरा। चलप्रेउ सगो गरा परातराल तपुरमंतरा॥
हजहम अमगोघ रघपुपहत कर बरानरा। एहश्री भराहूँहत चलप्रेउ हनपुमरानरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-हजस पवर्णत पर हनपुमरानमजश्री पहैर रखकर चलप्रे (हजस पर सप्रे वप्रे उछलप्रे), वह तपुरमंत हश्री
परातराल ममें धहूँस गयरा। जहैसप्रे शश्री रघपुनरारजश्री करा अमगोघ बरार चलतरा हहै, उसश्री तरह हनपुमरानमजश्री चलप्रे॥
4॥
* जलहनहध रघपुपहत दतपू हबचरारश्री। तमैं महैनराक हगोहह शम हरारश्री॥5॥
भरावरारर्ण:-समपुद नप्रे उन्हमें शश्री रघपुनरारजश्री करा दतपू समझकर महैनराक पवर्णत सप्रे कहरा हक हप्रे महैनराक ! तपू
इनककी रकरावट दरपू करनप्रे वरालरा हगो (अररार्णतम अपनप्रे ऊपर इन्हमें हवशराम दप्रे)॥5॥
दगोहरा :
* हनपूमरान तप्रेहह परसरा कर पपुहन ककीन्ह पनराम।
रराम कराजपु ककीन्हमें हबनपु मगोहह कहराहूँ हबशराम॥1॥
भरावरारर्ण:-हनपुमरानमजश्री नप्रे उसप्रे हरार सप्रे छपू हदयरा, हफिर परराम करकप्रे कहरा- भराई! शश्री ररामचमंदजश्री करा
कराम हकए हबनरा मपुझप्रे हवशराम कहराहूँ?॥1॥
चरौपराई :
* जरात पवनसपुत दप्रेवन्ह दप्रेखरा। जरानमैं कहह हूँ बल बपुहद हबसप्रेषरा॥
सपुरसरा नराम अहहन्ह कहै मरातरा। पठइहन्ह आइ कहश्री तप्रेहहमं बरातरा॥1॥
भरावरारर्ण:-दप्रेवतराओमं नप्रे पवनपपुत्र हनपुमरानमजश्री कगो जरातप्रे हह ए दप्रेखरा। उनककी हवशप्रेष बल-बपुहद कगो जराननप्रे
कप्रे हलए (परश्रीक्षरारर्ण) उन्हरनप्रे सपुरसरा नरामक सपर्मों ककी मरातरा कगो भप्रेजरा, उसनप्रे आकर हनपुमरानमजश्री सप्रे
यह बरात कहश्री-॥1॥
* आजपु सपुरन्ह मगोहह दश्रीन्ह अहराररा। सपुनत बचन कह पवनकपु मराररा॥
रराम कराजपु करर हफिरर ममैं आवजौं। सश्रीतरा कइ सपुहध पभपुहह सपुनरावजौं॥ 2॥
भरावरारर्ण:-आज दप्रेवतराओमं नप्रे मपुझप्रे भगोजन हदयरा हहै। यह वचन सपुनकर पवनकपु मरार हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा-
शश्री ररामजश्री करा करायर्ण करकप्रे ममैं लरौट आऊहूँ और सश्रीतराजश्री ककी खबर पभपु कगो सपुनरा दहूँ,पू ॥2॥
* तब तव बदन पहैहठहउहूँ आई। सत्य कहउहूँ मगोहह जरान दप्रे मराई॥
कवनप्रेहहहूँ जतन दप्रेइ नहहमं जरानरा। गसहस न मगोहह कहप्रेउ हनपुमरानरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-तब ममैं आकर तपुम्हरारप्रे मपुहूँह ममें घपुस जराऊहूँगरा (तपुम मपुझप्रे खरा लप्रेनरा)। हप्रे मरातरा! ममैं सत्य
कहतरा हह हूँ, अभश्री मपुझप्रे जरानप्रे दप्रे। जब हकसश्री भश्री उपराय सप्रे उसनप्रे जरानप्रे नहहीं हदयरा, तब हनपुमरानमजश्री नप्रे
कहरा- तगो हफिर मपुझप्रे खरा न लप्रे॥3॥
* जगोजन भरर तप्रेहहमं बदनपु पसराररा। कहप तनपु ककीन्ह दगपु पुन हबस्तराररा ॥
सगोरह जगोजन मपुख तप्रेहहमं ठयऊ। तपुरत पवनसपुत बहरस भयऊ॥4॥
भरावरारर्ण:-उसनप्रे यगोजनभर (चरार कगोस ममें) मपुहूँह फिहैलरायरा। तब हनपुमरानमजश्री नप्रे अपनप्रे शरश्रीर कगो उससप्रे
दनपू रा बढरा हलयरा। उसनप्रे सगोलह यगोजन करा मपुख हकयरा। हनपुमरानमजश्री तपुरमंत हश्री बरश्रीस यगोजन कप्रे हगो
गए॥4॥
* जस जस सपुरसरा बदनपु बढरावरा। तरासपु दनपू कहप रूप दप्रेखरावरा॥
सत जगोजन तप्रेहहमं आनन ककीन्हरा। अहत लघपु रूप पवनसपुत लश्रीन्हरा॥5॥
भरावरारर्ण:-जहैसप्रे-जहैसप्रे सपुरसरा मपुख करा हवस्तरार बढरातश्री रश्री, हनपुमरानमजश्री उसकरा दनपू रा रूप हदखलरातप्रे
रप्रे। उसनप्रे सरौ यगोजन (चरार सरौ कगोस करा) मपुख हकयरा। तब हनपुमरानमजश्री नप्रे बहह त हश्री छगोटरा रूप धरारर
कर हलयरा॥5॥
* बदन पइहठ पपुहन बराहप्रेर आवरा। मरागरा हबदरा तराहह हसर नरावरा॥
मगोहह सपुरन्ह जप्रेहह लराहग पठरावरा। बपुहध बल मरमपु तगोर ममैं परावरा॥ 6॥
भरावरारर्ण:-और उसकप्रे मपुख ममें घपुसकर (तपुरमंत) हफिर बराहर हनकल आए और उसप्रे हसर नवराकर
हवदरा मराहूँगनप्रे लगप्रे। (उसनप्रे कहरा-) ममैंनप्रे तपुम्हरारप्रे बपुहद-बल करा भप्रेद परा हलयरा, हजसकप्रे हलए दप्रेवतराओमं
नप्रे मपुझप्रे भप्रेजरा ररा॥6॥
दगोहरा :
* रराम कराजपु सबपु कररहहह तपुम्ह बल बपुहद हनधरान।
आहसष दप्रेइ गई सगो हरहष चलप्रेउ हनपुमरान॥2॥
भरावरारर्ण:-तपुम शश्री ररामचमंदजश्री करा सब करायर्ण करगोगप्रे, क्यरहक तपुम बल-बपुहद कप्रे भमंडरार हगो। यह
आशश्रीवरार्णद दप्रेकर वह चलश्री गई, तब हनपुमरानमजश्री हहषर्णत हगोकर चलप्रे॥2॥
चरौपराई :
* हनहसचरर एक हसमंधपु महह हूँ रहई। करर मरायरा नभपु कप्रे खग गहई॥
जश्रीव जमंतपु जप्रे गगन उडराहहीं। जल हबलगोहक हतन्ह कहै पररछराहहीं॥1॥
भरावरारर्ण:-समपुद ममें एक रराक्षसश्री रहतश्री रश्री। वह मरायरा करकप्रे आकराश ममें उडतप्रे हहए पहक्षयर कगो पकड
लप्रेतश्री रश्री। आकराश ममें जगो जश्रीव-जमंतपु उडरा करतप्रे रप्रे, वह जल ममें उनककी परछराई मं दप्रेखकर॥1॥
* गहइ छराहहूँ सक सगो न उडराई। एहह हबहध सदरा गगनचर खराई॥
सगोइ छल हनपूमरानम कहहूँ ककीन्हरा। तरासपु कपटपु कहप तपुरतहहमं चश्रीन्हरा॥2॥
भरावरारर्ण:-उस परछराई मं कगो पकड लप्रेतश्री रश्री, हजससप्रे वप्रे उड नहहीं सकतप्रे रप्रे (और जल ममें हगर पडतप्रे
रप्रे) इस पकरार वह सदरा आकराश ममें उडनप्रे वरालप्रे जश्रीवर कगो खरायरा करतश्री रश्री। उसनप्रे वहश्री छल
हनपुमरानमजश्री सप्रे भश्री हकयरा। हनपुमरानमजश्री नप्रे तपुरमंत हश्री उसकरा कपट पहचरान हलयरा॥ 2॥
* तराहह मरारर मरारतसपुत बश्रीररा। बराररहध परार गयउ महतधश्रीररा॥
तहराहूँ जराइ दप्रेखश्री बन सगोभरा। गपुमंजत चमंचरश्रीक मधपु लगोभरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-पवनपपुत्र धश्रीरबपुहद वश्रीर शश्री हनपुमरानमजश्री उसकगो मरारकर समपुद कप्रे परार गए। वहराहूँ जराकर
उन्हरनप्रे वन ककी शगोभरा दप्रेखश्री। मधपु (पपुष्प रस) कप्रे लगोभ सप्रे भजौंरप्रे गपुमंजरार कर रहप्रे रप्रे॥3॥
हनपुमरानम-हवभश्रीषर समंवराद
दगोहरा :
* ररामरायधपु अमंहकत गमृह सगोभरा बरहन न जराइ।
नव तपुलहसकरा बमृमंद तहहूँ दप्रेहख हरष कहपरराई॥5॥
भरावरारर्ण:-वह महल शश्री ररामजश्री कप्रे आयधपु (धनपुष-बरार) कप्रे हचह्नर सप्रे अमंहकत ररा, उसककी शगोभरा
वरर्णन नहहीं ककी जरा सकतश्री। वहराहूँ नवश्रीन-नवश्रीन तपुलसश्री कप्रे वमृक्ष-समपूहर कगो दप्रेखकर कहपरराज शश्री
हनपुमरानमजश्री हहषर्णत हह ए॥5॥
चरौपराई :
* लमंकरा हनहसचर हनकर हनवरासरा। इहराहूँ कहराहूँ सजन कर बरासरा॥
मन महह हूँ तरक करमैं कहप लरागरा। तप्रेहहीं समय हबभश्रीषनपु जरागरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-लमंकरा तगो रराक्षसर कप्रे समपूह करा हनवरास स्ररान हहै। यहराहूँ सजन (सराधपु पपुरष) करा हनवरास
कहराहूँ? हनपुमरानमजश्री मन ममें इस पकरार तकर्ण करनप्रे लगप्रे। उसश्री समय हवभश्रीषरजश्री जरागप्रे॥1॥
* रराम रराम तप्रेहहमं सपुहमरन ककीन्हरा। हृदयहूँ हरष कहप सजन चश्रीन्हरा॥
एहह सन सहठ कररहउहूँ पहहचरानश्री। सराधपु तप्रे हगोइ न करारज हरानश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-उन्हरनप्रे (हवभश्रीषर नप्रे) रराम नराम करा स्मरर (उचरारर) हकयरा। हनमरानमजश्री नप्रे उन्हमें सजन
जरानरा और हृदय ममें हहषर्णत हहए। (हनपुमरानमजश्री नप्रे हवचरार हकयरा हक) इनसप्रे हठ करकप्रे (अपनश्री ओर सप्रे
हश्री) पररचय करूहूँगरा, क्यरहक सराधपु सप्रे करायर्ण ककी हराहन नहहीं हगोतश्री। (पत्यतपु लराभ हश्री हगोतरा हहै)॥2॥
* हबप रूप धरर बचन सपुनराए। सपुनत हबभश्रीषन उहठ तहहूँ आए॥
करर पनराम पपूहूँछश्री कपु सलराई। हबप कहहह हनज कररा बपुझराई॥3॥
भरावरारर्ण:-ब्रराहर करा रूप धरकर हनपुमरानमजश्री नप्रे उन्हमें वचन सपुनराए (पपुकराररा)। सपुनतप्रे हश्री हवभश्रीषरजश्री
उठकर वहराहूँ आए। परराम करकप्रे कपु शल पपूछश्री (और कहरा हक) हप्रे ब्रराहरदप्रेव! अपनश्री कररा
समझराकर कहहए॥3॥
* ककी तपुम्ह हरर दरासन्ह महहूँ कगोई। मगोरमें हृदय पश्रीहत अहत हगोई॥
ककी तपुम्ह ररामपु दश्रीन अनपुररागश्री। आयहह मगोहह करन बडभरागश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-क्यरा आप हररभक्तर ममें सप्रे कगोई हमैं? क्यरहक आपकगो दप्रेखकर मप्रेरप्रे हृदय ममें अत्यमंत पप्रेम
उमड रहरा हहै। अरवरा क्यरा आप दश्रीनर सप्रे पप्रेम करनप्रे वरालप्रे स्वयमं शश्री ररामजश्री हश्री हमैं जगो मपुझप्रे बडभरागश्री
बनरानप्रे (घर-बहैठप्रे दशर्णन दप्रेकर कमृ तरारर्ण करनप्रे) आए हमैं?॥4॥
दगोहरा :
* तब हनपुममंत कहश्री सब रराम कररा हनज नराम।
सपुनत जपुगल तन पपुलक मन मगन सपुहमरर गपुन गराम॥6॥
भरावरारर्ण:-तब हनपुमरानमजश्री नप्रे शश्री ररामचमंदजश्री ककी सरारश्री कररा कहकर अपनरा नराम बतरायरा। सपुनतप्रे हश्री
दगोनर कप्रे शरश्रीर पपुलहकत हगो गए और शश्री ररामजश्री कप्रे गपुर समपूहर करा स्मरर करकप्रे दगोनर कप्रे मन (पप्रेम
और आनमंद ममें) मग्नि हगो गए॥6॥
चरौपराई :
* सपुनहह पवनसपुत रहहन हमरारश्री। हजहम दसनहन्ह महह हूँ जश्रीभ हबचरारश्री॥
तरात कबहह हूँ मगोहह जराहन अनराररा। कररहहहमं कमृ परा भरानपुकपुल नराररा॥1॥
भरावरारर्ण:-(हवभश्रीषरजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे पवनपपुत्र! मप्रेरश्री रहनश्री सपुनगो। ममैं यहराहूँ वहैसप्रे हश्री रहतरा हह हूँ जहैसप्रे
दराहूँतर कप्रे बश्रीच ममें बप्रेचरारश्री जश्रीभ। हप्रे तरात! मपुझप्रे अनरार जरानकर सपूयर्णकपुल कप्रे नरार शश्री ररामचमंदजश्री क्यरा
कभश्री मपुझ पर कमृ परा करमेंगप्रे?॥1॥
*तरामस तनपु कछपु सराधन नराहहीं। पश्रीत न पद सरगोज मन मराहहीं॥
अब मगोहह भरा भरगोस हनपुममंतरा। हबनपु हररकमृ परा हमलहहमं नहहमं समंतरा॥2॥
भरावरारर्ण:-मप्रेररा तरामसश्री (रराक्षस) शरश्रीर हगोनप्रे सप्रे सराधन तगो कपु छ बनतरा नहहीं और न मन ममें शश्री
ररामचमंदजश्री कप्रे चररकमलर ममें पप्रेम हश्री हहै, परमंतपु हप्रे हनपुमरानम! अब मपुझप्रे हवश्वरास हगो गयरा हक शश्री
ररामजश्री ककी मपुझ पर कमृ परा हहै, क्यरहक हरर ककी कमृ परा कप्रे हबनरा समंत नहहीं हमलतप्रे॥2॥
* जजौं रघपुबश्रीर अनपुगह ककीन्हरा। तरौ तपुम्ह मगोहह दरसपु हहठ दश्रीन्हरा॥
सपुनहह हबभश्रीषन पभपु कहै रश्रीतश्री। करहहमं सदरा सप्रेवक पर पश्रीहत॥3॥
भरावरारर्ण:-जब शश्री रघपुवश्रीर नप्रे कमृ परा ककी हहै, तभश्री तगो आपनप्रे मपुझप्रे हठ करकप्रे (अपनश्री ओर सप्रे) दशर्णन
हदए हमैं। (हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे हवभश्रीषरजश्री! सपुहनए, पभपु ककी यहश्री रश्रीहत हहै हक वप्रे सप्रेवक पर
सदरा हश्री पप्रेम हकयरा करतप्रे हमैं॥3॥
* कहहह कवन ममैं परम कपु लश्रीनरा। कहप चमंचल सबहहीं हबहध हश्रीनरा॥
परात लप्रेइ जगो नराम हमराररा। तप्रेहह हदन तराहह न हमलहै अहराररा॥4॥
भरावरारर्ण:-भलरा कहहए, ममैं हश्री करौन बडरा कपु लश्रीन हह? हूँ (जराहत करा) चमंचल वरानर हह हूँ और सब पकरार
सप्रे नश्रीच हह हूँ, परातद्धाःकराल जगो हम लगोगर (बमंदरर) करा नराम लप्रे लप्रे तगो उस हदन उसप्रे भगोजन न हमलप्रे॥
4॥
दगोहरा :
* अस ममैं अधम सखरा सपुनपु मगोहह पर रघपुबश्रीर।
ककीन्हहीं कमृ परा सपुहमरर गपुन भरप्रे हबलगोचन नश्रीर॥7॥
भरावरारर्ण:-हप्रे सखरा! सपुहनए, ममैं ऐसरा अधम हह हूँ, पर शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे तगो मपुझ पर भश्री कमृ परा हश्री ककी हहै।
भगवरानम कप्रे गपुरर करा स्मरर करकप्रे हनपुमरानमजश्री कप्रे दगोनर नप्रेत्रर ममें (पप्रेमराशपुओमं करा) जल भर आयरा॥
7॥
चरौपराई :
* जरानतहह हूँ अस स्वराहम हबसरारश्री। हफिरहहमं तप्रे कराहप्रे न हगोहहमं दख पु रारश्री॥
एहह हबहध कहत रराम गपुन गरामरा। परावरा अहनबरार्णच्य हबशरामरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-जगो जरानतप्रे हह ए भश्री ऐसप्रे स्वरामश्री (शश्री रघपुनरारजश्री) कगो भपुलराकर (हवषयर कप्रे पश्रीछप्रे) भटकतप्रे
हफिरतप्रे हमैं, वप्रे दद्धाःपु खश्री क्यर न हर? इस पकरार शश्री ररामजश्री कप्रे गपुर समपूहर कगो कहतप्रे हह ए उन्हरनप्रे
अहनवर्णचनश्रीय (परम) शरामंहत पराप्त ककी॥1॥
* पपुहन सब कररा हबभश्रीषन कहश्री। जप्रेहह हबहध जनकसपुतरा तहहूँ रहश्री॥
तब हनपुममंत कहरा सपुनपु ररातरा। दप्रेखश्री चहउहूँ जरानककी मरातरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हफिर हवभश्रीषरजश्री नप्रे, शश्री जरानककीजश्री हजस पकरार वहराहूँ (लमंकरा ममें) रहतश्री रहीं, वह सब
कररा कहश्री। तब हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा- हप्रे भराई सपुनगो, ममैं जरानककी मरातरा कगो दप्रेखतरा चराहतरा हह हूँ॥2॥
हनपुमरानमजश्री करा अशगोक वराहटकरा ममें सश्रीतराजश्री कगो दप्रेकर दद्धाःपु खश्री हगोनरा और ररावर करा सश्रीतराजश्री कगो भय
हदखलरानरा
दगोहरा :
* जहहूँ तहहूँ गई मं सकल तब सश्रीतरा कर मन सगोच।
मरास हदवस बश्रीतमें मगोहह मराररहह हनहसचर पगोच॥11॥
भरावरारर्ण:-तब (इसकप्रे बराद) वप्रे सब जहराहूँ-तहराहूँ चलश्री गई।मं सश्रीतराजश्री मन ममें सगोच करनप्रे लगहीं हक एक
महश्रीनरा बश्रीत जरानप्रे पर नश्रीच रराक्षस ररावर मपुझप्रे मरारप्रेगरा॥ 11॥
चरौपराई :
* हत्रजटरा सन बगोलहीं कर जगोरश्री। मरातपु हबपहत समंहगहन तमैं मगोरश्री॥
तजजौं दप्रेह कर बप्रेहग उपराई। दसपु ह हबरहह अब नहहमं सहह जराई॥1॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतराजश्री हरार जगोडकर हत्रजटरा सप्रे बगोलहीं- हप्रे मरातरा! तपू मप्रेरश्री हवपहर ककी समंहगनश्री हहै। जल्दश्री
कगोई ऐसरा उपराय कर हजससप्रे ममैं शरश्रीर छगोड सकपूहूँ । हवरह असह हगो चलरा हहै, अब यह सहरा नहहीं
जरातरा॥1॥
* आहन कराठ रचपु हचतरा बनराई। मरातपु अनल पपुहन दप्रेहह लगराई॥
सत्य करहह मम पश्रीहत सयरानश्री। सपुनहै कगो शवन सपूल सम बरानश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-कराठ लराकर हचतरा बनराकर सजरा दप्रे। हप्रे मरातरा! हफिर उसममें आग लगरा दप्रे। हप्रे सयरानश्री! तपू
मप्रेरश्री पश्रीहत कगो सत्य कर दप्रे। ररावर ककी शपूल कप्रे समरान दद्धाःपु ख दप्रेनप्रे वरालश्री वरारश्री करानर सप्रे करौन सपुनप्रे?॥
2॥
* सपुनत बचन पद गहह समपुझराएहस। पभपु पतराप बल सपुजसपु सपुनराएहस॥
हनहस न अनल हमल सपुनपु सपुकपुमरारश्री। अस कहह सगो हनज भवन हसधरारश्री।3॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतराजश्री कप्रे वचन सपुनकर हत्रजटरा नप्रे चरर पकडकर उन्हमें समझरायरा और पभपु करा पतराप ,
बल और सपुयश सपुनरायरा। (उसनप्रे कहरा-) हप्रे सपुकपुमरारश्री! सपुनगो रराहत्र कप्रे समय आग नहहीं हमलप्रेगश्री।
ऐसरा कहकर वह अपनप्रे घर चलश्री गई॥3॥
* कह सश्रीतरा हबहध भरा पहतकपू लरा। हमहलहह न परावक हमहटहह न सपूलरा॥
दप्रेहखअत पगट गगन अमंगराररा। अवहन न आवत एकउ तराररा॥4॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतराजश्री (मन हश्री मन) कहनप्रे लगहीं- (क्यरा करूहूँ) हवधरातरा हश्री हवपरश्रीत हगो गयरा। न आग
हमलप्रेगश्री, न पश्रीडरा हमटप्रेगश्री। आकराश ममें अमंगरारप्रे पकट हदखराई दप्रे रहप्रे हमैं, पर पमृथ्वश्री पर एक भश्री तराररा
नहहीं आतरा॥4॥
* परावकमय सहस स्रवत न आगश्री। मरानहह हूँ मगोहह जराहन हतभरागश्री॥
सपुनहह हबनय मम हबटप असगोकरा। सत्य नराम कर हर मम सगोकरा॥ 5॥
भरावरारर्ण:-चमंदमरा अहग्निमय हहै, हकमंतपु वह भश्री मरानगो मपुझप्रे हतभराहगनश्री जरानकर आग नहहीं बरसरातरा। हप्रे
अशगोक वमृक्ष! मप्रेरश्री हवनतश्री सपुन। मप्रेररा शगोक हर लप्रे और अपनरा (अशगोक) नराम सत्य कर॥5॥
*नपूतन हकसलय अनल समरानरा। दप्रेहह अहगहन जहन करहह हनदरानरा॥
दप्रेहख परम हबरहराकपुल सश्रीतरा। सगो छन कहपहह कलप सम बश्रीतरा॥6॥
भरावरारर्ण:-तप्रेरप्रे नए-नए कगोमल परप्रे अहग्नि कप्रे समरान हमैं। अहग्नि दप्रे, हवरह रगोग करा अमंत मत कर
(अररार्णतम हवरह रगोग कगो बढराकर सश्रीमरा तक न पहह हूँचरा) सश्रीतराजश्री कगो हवरह सप्रे परम व्यराकपुल दप्रेखकर
वह क्षर हनपुमरानमजश्री कगो कल्प कप्रे समरान बश्रीतरा॥6॥
सगोरठरा :
* कहप करर हृदयहूँ हबचरार दश्रीहन्ह मपुहदकरा डरारर तब।
जनपु असगोक अमंगरार दश्रीन्ह हरहष उहठ कर गहप्रेउ॥12॥
भरावरारर्ण:-तब हनपुमरानमजश्री नप्रे हदय ममें हवचरार कर (सश्रीतराजश्री कप्रे सरामनप्रे) अहूँगपूठश्री डराल दश्री, मरानगो
अशगोक नप्रे अमंगराररा दप्रे हदयरा। (यह समझकर) सश्रीतराजश्री नप्रे हहषर्णत हगोकर उठकर उसप्रे हरार ममें लप्रे
हलयरा॥12॥
चरौपराई :
* तब दप्रेखश्री मपुहदकरा मनगोहर। रराम नराम अमंहकत अहत सपुदमं र॥
चहकत हचतव मपुदरश्री पहहचरानश्री। हरष हबषराद हृदयहूँ अकपु लरानश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-तब उन्हरनप्रे रराम-नराम सप्रे अमंहकत अत्यमंत सपुमंदर एवमं मनगोहर अहूँगपूठश्री दप्रेखश्री। अहूँगपूठश्री कगो
पहचरानकर सश्रीतराजश्री आश्चयर्णचहकत हगोकर उसप्रे दप्रेखनप्रे लगहीं और हषर्ण तररा हवषराद सप्रे हृदय ममें
अकपु लरा उठहीं॥1॥
* जश्रीहत कगो सकइ अजय रघपुरराई। मरायरा तमें अहस रहच नहहमं जराई॥
सश्रीतरा मन हबचरार कर नरानरा। मधपुर बचन बगोलप्रेउ हनपुमरानरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-(वप्रे सगोचनप्रे लगहीं-) शश्री रघपुनरारजश्री तगो सवर्णररा अजप्रेय हमैं, उन्हमें करौन जश्रीत सकतरा हहै?
और मरायरा सप्रे ऐसश्री (मरायरा कप्रे उपरादरान सप्रे सवर्णररा रहहत हदव्य, हचन्मय) अहूँगपूठश्री बनराई नहहीं जरा
सकतश्री। सश्रीतराजश्री मन ममें अनप्रेक पकरार कप्रे हवचरार कर रहश्री रहीं। इसश्री समय हनपुमरानमजश्री मधपुर वचन
बगोलप्रे-॥2॥
* ररामचमंद गपुन बरनमैं लरागरा। सपुनतहहमं सश्रीतरा कर दख पु भरागरा॥
लरागहीं सपुनमैं शवन मन लराई। आहदहह तमें सब कररा सपुनराई॥3॥
भरावरारर्ण:-वप्रे शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे गपुरर करा वरर्णन करनप्रे लगप्रे, (हजनकप्रे ) सपुनतप्रे हश्री सश्रीतराजश्री करा दद्धाःपु ख
भराग गयरा। वप्रे करान और मन लगराकर उन्हमें सपुननप्रे लगहीं। हनपुमरानमजश्री नप्रे आहद सप्रे लप्रेकर अब तक ककी
सरारश्री कररा कह सपुनराई॥3॥
* शवनराममृत जप्रेहहमं कररा सपुहराई। कहश्री सगो पगट हगोहत हकन भराई॥
तब हनपुममंत हनकट चहल गयऊ। हफिरर बहैठहीं मन हबसमय भयऊ ॥4॥
भरावरारर्ण:-(सश्रीतराजश्री बगोलहीं-) हजसनप्रे करानर कप्रे हलए अममृत रूप यह सपुदमं र कररा कहश्री, वह हप्रे भराई!
पकट क्यर नहहीं हगोतरा? तब हनपुमरानमजश्री परास चलप्रे गए। उन्हमें दप्रेखकर सश्रीतराजश्री हफिरकर (मपुख
फिप्रे रकर) बहैठ गई? मं उनकप्रे मन ममें आश्चयर्ण हहआ॥4॥
* रराम दतपू ममैं मरातपु जरानककी। सत्य सपर करनराहनधरान ककी॥
यह मपुहदकरा मरातपु ममैं आनश्री। दश्रीहन्ह रराम तपुम्ह कहहूँ सहहदरानश्री॥ 5॥
भरावरारर्ण:-(हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे मरातरा जरानककी ममैं शश्री ररामजश्री करा दतपू हह।हूँ कररराहनधरान ककी सचश्री
शपर करतरा हह हूँ, हप्रे मरातरा! यह अहूँगपूठश्री ममैं हश्री लरायरा हह।हूँ शश्री ररामजश्री नप्रे मपुझप्रे आपकप्रे हलए यह
सहहदरानश्री (हनशरानश्री यरा पहहचरान) दश्री हहै॥5॥
* नर बरानरहह समंग कहह कहै समें। कहश्री कररा भइ समंगहत जहैसमें॥6॥
भरावरारर्ण:-(सश्रीतराजश्री नप्रे पपूछरा-) नर और वरानर करा समंग कहगो कहै सप्रे हहआ? तब हनपुमरानजश्री नप्रे जहैसप्रे
समंग हहआ ररा, वह सब कररा कहश्री॥6॥
दगोहरा :
* कहप कप्रे बचन सपप्रेम सपुहन उपजरा मन हबस्वरास
जरानरा मन कम बचन यह कमृ पराहसमंधपु कर दरास॥13॥
भरावरारर्ण:-हनपुमरानमजश्री कप्रे पप्रेमयक्त वचन सपुनकर सश्रीतराजश्री कप्रे मन ममें हवश्वरास उत्पन्न हगो गयरा, उन्हरनप्रे
जरान हलयरा हक यह मन, वचन और कमर्ण सप्रे कमृ परासरागर शश्री रघपुनरारजश्री करा दरास हहै॥13॥
चरौपराई :
* हररजन जराहन पश्रीहत अहत गराढश्री। सजल नयन पपुलकरावहल बराढश्री॥
बपूडत हबरह जलहध हनपुमरानरा। भयहह तरात मगो कहह हूँ जलजरानरा॥1॥
भरावरारर्ण:-भगवरान करा जन (सप्रेवक) जरानकर अत्यमंत गराढश्री पश्रीहत हगो गई। नप्रेत्रर ममें (पप्रेमराशपुओमं करा)
जल भर आयरा और शरश्रीर अत्यमंत पपुलहकत हगो गयरा (सश्रीतराजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे तरात हनपुमरानम!
हवरहसरागर ममें डपू बतश्री हहई मपुझकगो तपुम जहराज हहए॥1॥
* अब कहह कपु सल जराउहूँ बहलहरारश्री। अनपुज सहहत सपुख भवन खररारश्री॥
कगोमलहचत कमृ पराल रघपुरराई। कहप कप्रे हह हप्रेतपु धरश्री हनठपु रराई॥2॥
भरावरारर्ण:-ममैं बहलहरारश्री जरातश्री हह हूँ, अब छगोटप्रे भराई लक्ष्मरजश्री सहहत खर कप्रे शत्रपु सपुखधराम पभपु करा
कपु शल-ममंगल कहगो। शश्री रघपुनरारजश्री तगो कगोमल हृदय और कमृ परालपु हमैं। हफिर हप्रे हनपुमरानम! उन्हरनप्रे हकस
करारर यह हनषहरतरा धरारर कर लश्री हहै?॥2॥
* सहज बराहन सप्रेवक सपुखदरायक। कबहह हूँक सपुरहत करत रघपुनरायक॥
कबहह हूँ नयन मम सश्रीतल तरातरा। हगोइहहहमं हनरहख स्यराम ममृद पु गरातरा॥3॥
भरावरारर्ण:-सप्रेवक कगो सपुख दप्रेनरा उनककी स्वराभराहवक बरान हहै। वप्रे शश्री रघपुनरारजश्री क्यरा कभश्री मप्रेरश्री भश्री यराद
करतप्रे हमैं? हप्रे तरात! क्यरा कभश्री उनकप्रे कगोमल सरावहूँ लप्रे अमंगर कगो दप्रेखकर मप्रेरप्रे नप्रेत्र शश्रीतल हरगप्रे?॥3॥
* बचनपु न आव नयन भरप्रे बरारश्री। अहह नरार हजौं हनपट हबसरारश्री॥
दप्रेहख परम हबरहराकपुल सश्रीतरा। बगोलरा कहप ममृद पु बचन हबनश्रीतरा॥4॥
भरावरारर्ण:-(मपुहूँह सप्रे) वचन नहहीं हनकलतरा, नप्रेत्रर ममें (हवरह कप्रे आहूँसपुओमं करा) जल भर आयरा। (बडप्रे
दद्धाःपु ख सप्रे वप्रे बगोलहीं-) हरा नरार! आपनप्रे मपुझप्रे हबलकपु ल हश्री भपुलरा हदयरा! सश्रीतराजश्री कगो हवरह सप्रे परम
व्यराकपुल दप्रेखकर हनपुमरानमजश्री कगोमल और हवनश्रीत वचन बगोलप्रे-॥4॥
* मरातपु कपु सल पभपु अनपुज समप्रेतरा। तव दख पु दख पु श्री सपुकमृपरा हनकप्रे तरा॥
जहन जननश्री मरानह हजयहूँ ऊनरा। तपुम्ह तप्रे पप्रेमपु रराम कमें दनपू रा॥5॥
भरावरारर्ण:-हप्रे मरातरा! सपुमंदर कमृ परा कप्रे धराम पभपु भराई लक्ष्मरजश्री कप्रे सहहत (शरश्रीर सप्रे) कपु शल हमैं, परमंतपु
आपकप्रे दद्धाःपु ख सप्रे दद्धाःपु खश्री हमैं। हप्रे मरातरा! मन ममें ग्लराहन न मराहनए (मन छगोटरा करकप्रे दद्धाःपु ख न ककीहजए)।
शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे हृदय ममें आपसप्रे दनपू रा पप्रेम हहै॥5॥
दगोहरा :
* रघपुपहत कर समंदस प्रे पु अब सपुनपु जननश्री धरर धश्रीर।
अस कहह कहप गदगद भयउ भरप्रे हबलगोचन नश्रीर॥14॥
भरावरारर्ण:-हप्रे मरातरा! अब धश्रीरज धरकर शश्री रघपुनरारजश्री करा समंदप्रेश सपुहनए। ऐसरा कहकर हनपुमरानमजश्री
पप्रेम सप्रे गदद हगो गए। उनकप्रे नप्रेत्रर ममें (पप्रेमराशपुओमं करा) जल भर आयरा॥14॥
चरौपराई :
* कहप्रेउ रराम हबयगोग तव सश्रीतरा। मगो कहह हूँ सकल भए हबपरश्रीतरा॥
नव तर हकसलय मनहह हूँ कमृ सरानपू। करालहनसरा सम हनहस सहस भरानपू॥1॥
भरावरारर्ण:-(हनपुमरानमजश्री बगोलप्रे-) शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे कहरा हहै हक हप्रे सश्रीतप्रे! तपुम्हरारप्रे हवयगोग ममें मप्रेरप्रे हलए
सभश्री पदरारर्ण पहतकपू ल हगो गए हमैं। वमृक्षर कप्रे नए-नए कगोमल परप्रे मरानगो अहग्नि कप्रे समरान, रराहत्र करालरराहत्र
कप्रे समरान, चमंदमरा सपूयर्ण कप्रे समरान॥1॥
*कपु बलय हबहपन कपुमं त बन सररसरा। बराररद तपत तप्रेल जनपु बररसरा॥
जप्रे हहत रहप्रे करत तप्रेइ पश्रीररा। उरग स्वरास सम हत्रहबध समश्रीररा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-और कमलर कप्रे वन भरालर कप्रे वन कप्रे समरान हगो गए हमैं। मप्रेघ मरानगो खरौलतरा हह आ तप्रेल
बरसरातप्रे हमैं। जगो हहत करनप्रे वरालप्रे रप्रे, वप्रे हश्री अब पश्रीडरा दप्रेनप्रे लगप्रे हमैं। हत्रहवध (शश्रीतल, ममंद, सपुगमंध)
वरायपु सरापहूँ कप्रे श्वरास कप्रे समरान (जहरश्रीलश्री और गरम) हगो गई हहै॥2॥
* कहप्रेहह तमें कछपु दख पु घहट हगोई। कराहह कहजौं यह जरान न कगोई॥
तत्व पप्रेम कर मम अर तगोररा। जरानत हपयरा एकपु मनपु मगोररा॥3॥
भरावरारर्ण:-मन करा दद्धाःपु ख कह डरालनप्रे सप्रे भश्री कपु छ घट जरातरा हहै। पर कहह हूँ हकससप्रे? यह दद्धाःपु ख कगोई
जरानतरा नहहीं। हप्रे हपयप्रे! मप्रेरप्रे और तप्रेरप्रे पप्रेम करा तत्त्व (रहस्य) एक मप्रेररा मन हश्री जरानतरा हहै॥3॥
* सगो मनपु सदरा रहत तगोहह पराहहीं। जरानपु पश्रीहत रसपु एतनप्रेहह मराहहीं॥
पभपु समंदप्रेसपु सपुनत बहैदहप्रे श्री। मगन पप्रेम तन सपुहध नहहमं तप्रेहश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-और वह मन सदरा तप्रेरप्रे हश्री परास रहतरा हहै। बस, मप्रेरप्रे पप्रेम करा सरार इतनप्रे ममें हश्री समझ लप्रे।
पभपु करा समंदप्रेश सपुनतप्रे हश्री जरानककीजश्री पप्रेम ममें मग्नि हगो गई।मं उन्हमें शरश्रीर ककी सपुध न रहश्री॥4॥
* कह कहप हृदयहूँ धश्रीर धर मरातरा। सपुहमर रराम सप्रेवक सपुखदरातरा॥
उर आनहह रघपुपहत पभपुतराई। सपुहन मम बचन तजहह कदरराई॥5॥
भरावरारर्ण:-हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा- हप्रे मरातरा! हृदय ममें धहैयर्ण धरारर करगो और सप्रेवकर कगो सपुख दप्रेनप्रे वरालप्रे
शश्री ररामजश्री करा स्मरर करगो। शश्री रघपुनरारजश्री ककी पभपुतरा कगो हृदय ममें लराओ और मप्रेरप्रे वचन सपुनकर
करायरतरा छगोड दगो॥5॥
दगोहरा :
* हनहसचर हनकर पतमंग सम रघपुपहत बरान कमृ सरानपु।
जननश्री हृदयहूँ धश्रीर धर जरप्रे हनसराचर जरानपु॥15॥
भरावरारर्ण:-रराक्षसर कप्रे समपूह पतमंगर कप्रे समरान और शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे बरार अहग्नि कप्रे समरान हमैं। हप्रे
मरातरा! हृदय ममें धहैयर्ण धरारर करगो और रराक्षसर कगो जलरा हश्री समझगो॥ 15॥
चरौपराई :
* जजौं रघपुबश्रीर हगोहत सपुहध पराई। करतप्रे नहहमं हबलमंबपु रघपुरराई॥
रराम बरान रहब उएहूँ जरानककी। तम बरर कहहूँ जरातपुधरान ककी॥ 1॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे यहद खबर पराई हगोतश्री तगो वप्रे हबलमंब न करतप्रे। हप्रे जरानककीजश्री ! ररामबरार
रूपश्री सपूयर्ण कप्रे उदय हगोनप्रे पर रराक्षसर ककी सप्रेनरा रूपश्री अमंधकरार कहराहूँ रह सकतरा हहै ?॥1॥
* अबहहमं मरातपु ममैं जराउहूँ लवराई। पभपु आयस पु नहहमं रराम दगोहराई॥
कछपु क हदवस जननश्री धर धश्रीररा। कहपन्ह सहहत अइहहहमं रघपुबश्रीररा॥2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे मरातरा! ममैं आपकगो अभश्री यहराहूँ सप्रे हलवरा जराऊहूँ, पर शश्री ररामचमंदजश्री ककी शपर हहै, मपुझप्रे
पभपु (उन) ककी आजरा नहहीं हहै। (अतद्धाः) हप्रे मरातरा! कपु छ हदन और धश्रीरज धरगो। शश्री ररामचमंदजश्री
वरानरर सहहत यहराहूँ आएहूँगप्रे॥2॥
*हनहसचर मरारर तगोहह लहै जहैहहहमं। हतहह हूँ पपुर नरारदराहद जसपु गहैहहहमं॥
हमैं सपुत कहप सब तपुम्हहह समरानरा। जरातपुधरान अहत भट बलवरानरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-और रराक्षसर कगो मरारकर आपकगो लप्रे जराएहूँगप्रे। नरारद आहद (ऋहष-मपुहन) तश्रीनर लगोकर ममें
उनकरा यश गराएहूँगप्रे। (सश्रीतराजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे पपुत्र! सब वरानर तपुम्हरारप्रे हश्री समरान (नन्हमें-नन्हमें सप्रे)
हरगप्रे, रराक्षस तगो बडप्रे बलवरान, यगोदरा हमैं॥3॥
* मगोरमें हृदय परम समंदप्रेहरा। सपुहन कहप पगट ककीहन्ह हनज दप्रेहरा॥
कनक भपूधरराकरार सरश्रीररा। समर भयमंकर अहतबल बश्रीररा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-अतद्धाः मप्रेरप्रे हृदय ममें बडरा भरारश्री समंदप्रेह हगोतरा हहै (हक तपुम जहैसप्रे बमंदर रराक्षसर कगो कहै सप्रे
जश्रीतमेंगप्रे!)। यह सपुनकर हनपुमरानमजश्री नप्रे अपनरा शरश्रीर पकट हकयरा। सगोनप्रे कप्रे पवर्णत (सपुमप्रेर) कप्रे आकरार
करा (अत्यमंत हवशराल) शरश्रीर ररा, जगो यद पु ममें शत्रपुओमं कप्रे हृदय ममें भय उत्पन्न करनप्रे वरालरा, अत्यमंत
बलवरानम और वश्रीर ररा॥4॥
* सश्रीतरा मन भरगोस तब भयऊ। पपुहन लघपु रूप पवनसपुत लयऊ॥5॥
भरावरारर्ण:-तब (उसप्रे दप्रेखकर) सश्रीतराजश्री कप्रे मन ममें हवश्वरास हहआ। हनपुमरानमजश्री नप्रे हफिर छगोटरा रूप
धरारर कर हलयरा॥5॥
दगोहरा :
* सपुनपु मरातरा सराखराममृग नहहमं बल बपुहद हबसराल।
पभपु पतराप तमें गरडहह खराइ परम लघपु ब्यराल॥16॥
भरावरारर्ण:-हप्रे मरातरा! सपुनगो, वरानरर ममें बहह त बल-बपुहद नहहीं हगोतश्री, परमंतपु पभपु कप्रे पतराप सप्रे बहह त छगोटरा
सपर्ण भश्री गरड कगो खरा सकतरा हहै। (अत्यमंत हनबर्णल भश्री महरानम बलवरानम कगो मरार सकतरा हहै)॥16॥
चरौपराई :
* मन समंतगोष सपुनत कहप बरानश्री। भगहत पतराप तप्रेज बल सरानश्री॥
आहसष दश्रीहन्ह रराम हपय जरानरा। हगोहह तरात बल सश्रील हनधरानरा॥1॥
भरावरारर्ण:-भहक्त, पतराप, तप्रेज और बल सप्रे सनश्री हह ई हनपुमरानमजश्री ककी वरारश्री सपुनकर सश्रीतराजश्री कप्रे मन
ममें समंतगोष हह आ। उन्हरनप्रे शश्री ररामजश्री कप्रे हपय जरानकर हनपुमरानमजश्री कगो आशश्रीवरार्णद हदयरा हक हप्रे तरात!
तपुम बल और शश्रील कप्रे हनधरान हगोओ॥1॥
*अजर अमर गपुनहनहध सपुत हगोहह। करहह हूँ बहह त रघपुनरायक छगोहह॥
करहह हूँ कमृ परा पभपु अस सपुहन करानरा। हनभर्णर पप्रेम मगन हनपुमरानरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे पपुत्र! तपुम अजर (बपुढरापप्रे सप्रे रहहत), अमर और गपुरर कप्रे खजरानप्रे हगोओ। शश्री रघपुनरारजश्री
तपुम पर बहह त कमृ परा करमें। 'पभपु कमृ परा करमें' ऐसरा करानर सप्रे सपुनतप्रे हश्री हनपुमरानमजश्री पपूरर्ण पप्रेम ममें मग्नि हगो
गए॥2॥
*बरार बरार नराएहस पद सश्रीसरा। बगोलरा बचन जगोरर कर ककीसरा॥
अब कमृ तकमृ त्य भयउहूँ ममैं मरातरा। आहसष तव अमगोघ हबख्यरातरा॥3॥
भरावरारर्ण:-हनपुमरानमजश्री नप्रे बरार-बरार सश्रीतराजश्री कप्रे चररर ममें हसर नवरायरा और हफिर हरार जगोडकर कहरा-
हप्रे मरातरा! अब ममैं कमृ तरारर्ण हगो गयरा। आपकरा आशश्रीवरार्णद अमगोघ (अचपूक) हहै, यह बरात पहसद हहै॥3॥
हनपुमरानमजश्री दराररा अशगोक वराहटकरा हवध्वमंस, अक्षय कपु मरार वध और मप्रेघनराद करा हनपुमरानमजश्री कगो
नरागपराश ममें बराधहूँ कर सभरा ममें लप्रे जरानरा
दगोहरा :
* दप्रेहख बपुहद बल हनपपुन कहप कहप्रेउ जरानककीमं जराहह।
रघपुपहत चरन हृदयहूँ धरर तरात मधपुर फिल खराहह॥17॥
भरावरारर्ण:-हनपुमरानमजश्री कगो बपुहद और बल ममें हनपपुर दप्रेखकर जरानककीजश्री नप्रे कहरा- जराओ। हप्रे तरात! शश्री
रघपुनरारजश्री कप्रे चररर कगो हृदय ममें धरारर करकप्रे मश्रीठप्रे फिल खराओ॥17॥
चरौपराई :
* चलप्रेउ नराइ हसर पहैठप्रेउ बरागरा। फिल खराएहस तर तगोरमैं लरागरा॥
रहप्रे तहराहूँ बहह भट रखवरारप्रे। कछपु मरारप्रेहस कछपु जराइ पपुकरारप्रे॥1॥
भरावरारर्ण:-वप्रे सश्रीतराजश्री कगो हसर नवराकर चलप्रे और बराग ममें घपुस गए। फिल खराए और वमृक्षर कगो तगोडनप्रे
लगप्रे। वहराहूँ बहह त सप्रे यगोदरा रखवरालप्रे रप्रे। उनममें सप्रे कपु छ कगो मरार डरालरा और कपु छ नप्रे जराकर ररावर सप्रे
पपुकरार ककी-॥1॥
* नरार एक आवरा कहप भरारश्री। तप्रेहहमं असगोक बराहटकरा उजरारश्री॥
खराएहस फिल अर हबटप उपरारप्रे। रच्छक महदर्ण महदर्ण महह डरारप्रे॥ 2॥
भरावरारर्ण:-(और कहरा-) हप्रे नरार! एक बडरा भरारश्री बमंदर आयरा हहै। उसनप्रे अशगोक वराहटकरा उजराड
डरालश्री। फिल खराए, वमृक्षर कगो उखराड डरालरा और रखवरालर कगो मसल-मसलकर जमश्रीन पर डराल
हदयरा॥2॥
* सपुहन ररावन पठए भट नरानरा। हतन्हहह दप्रेहख गजर्देउ हनपुमरानरा॥
सब रजनश्रीचर कहप समंघरारप्रे। गए पपुकरारत कछपु अधमरारप्रे॥3॥
भरावरारर्ण:-यह सपुनकर ररावर नप्रे बहह त सप्रे यगोदरा भप्रेजप्रे। उन्हमें दप्रेखकर हनपुमरानमजश्री नप्रे गजर्णनरा ककी।
हनपुमरानमजश्री नप्रे सब रराक्षसर कगो मरार डरालरा, कपु छ जगो अधमरप्रे रप्रे, हचल्लरातप्रे हह ए गए॥3॥
* पपुहन पठयउ तप्रेहहमं अच्छकपु मराररा। चलरा समंग लहै सपुभट अपराररा॥
आवत दप्रेहख हबटप गहह तजरार्ण। तराहह हनपराहत महराधपुहन गजरार्ण॥ 4॥
भरावरारर्ण:-हफिर ररावर नप्रे अक्षयकपु मरार कगो भप्रेजरा। वह असमंख्य शप्रेष यगोदराओमं कगो सरार लप्रेकर चलरा।
उसप्रे आतप्रे दप्रेखकर हनपुमरानमजश्री नप्रे एक वमृक्ष (हरार ममें) लप्रेकर ललकराररा और उसप्रे मरारकर महराध्वहन
(बडप्रे जगोर) सप्रे गजर्णनरा ककी॥4॥
दगोहरा :
* कछपु मरारप्रेहस कछपु मदर्देहस कछपु हमलएहस धरर धपूरर।
कछपु पपुहन जराइ पपुकरारप्रे पभपु मकर्ण ट बल भपूरर॥18॥
भरावरारर्ण:-उन्हरनप्रे सप्रेनरा ममें सप्रे कपु छ कगो मरार डरालरा और कपु छ कगो मसल डरालरा और कपु छ कगो पकड-
पकडकर धपूल ममें हमलरा हदयरा। कपु छ नप्रे हफिर जराकर पपुकरार ककी हक हप्रे पभपु! बमंदर बहह त हश्री बलवरानम
हहै॥18॥
चरौपराई :
* सपुहन सपुत बध लमंकप्रेस ररसरानरा। पठएहस मप्रेघनराद बलवरानरा॥
मरारहस जहन सपुत बराहूँधस प्रे पु तराहश्री। दप्रेहखअ कहपहह कहराहूँ कर आहश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-पपुत्र करा वध सपुनकर ररावर कगोहधत हगो उठरा और उसनप्रे (अपनप्रे जप्रेठप्रे पपुत्र) बलवरानम
मप्रेघनराद कगो भप्रेजरा। (उससप्रे कहरा हक-) हप्रे पपुत्र! मरारनरा नहहीं उसप्रे बराहूँध लरानरा। उस बमंदर कगो दप्रेखरा
जराए हक कहराहूँ करा हहै॥1॥
* चलरा इमंदहजत अतपुहलत जगोधरा। बमंधपु हनधन सपुहन उपजरा कगोधरा॥
कहप दप्रेखरा दरारन भट आवरा। कटकटराइ गजरार्ण अर धरावरा॥2॥
भरावरारर्ण:-इमंद कगो जश्रीतनप्रे वरालरा अतपुलनश्रीय यगोदरा मप्रेघनराद चलरा। भराई करा मराररा जरानरा सपुन उसप्रे कगोध
हगो आयरा। हनपुमरानमजश्री नप्रे दप्रेखरा हक अबककी भयरानक यगोदरा आयरा हहै। तब वप्रे कटकटराकर गजर्दे और
दरौडप्रे॥3॥
* अहत हबसराल तर एक उपराररा। हबरर ककीन्ह लमंकप्रेस कपु मराररा॥
रहप्रे महराभट तराकप्रे समंगरा। गहह गहह कहप मदर्णई हनज अमंगरा॥3॥
भरावरारर्ण:-उन्हरनप्रे एक बहह त बडरा वमृक्ष उखराड हलयरा और (उसकप्रे पहरार सप्रे) लमंकप्रेश्वर ररावर कप्रे पपुत्र
मप्रेघनराद कगो हबनरा रर करा कर हदयरा। (रर कगो तगोडकर उसप्रे नश्रीचप्रे पटक हदयरा)। उसकप्रे सरार जगो
बडप्रे-बडप्रे यगोदरा रप्रे, उनकगो पकड-पकडकर हनपुमरानमजश्री अपनप्रे शरश्रीर सप्रे मसलनप्रे लगप्रे॥3॥
* हतन्हहह हनपराहत तराहह सन बराजरा। हभरप्रे जपुगल मरानहह हूँ गजरराजरा॥
मपुहठकरा मरारर चढरा तर जराई। तराहह एक छन मपुरछरा आई॥4॥
भरावरारर्ण:-उन सबकगो मरारकर हफिर मप्रेघनराद सप्रे लडनप्रे लगप्रे। (लडतप्रे हह ए वप्रे ऐसप्रे मरालपूम हगोतप्रे रप्रे)
मरानगो दगो गजरराज (शप्रेष हरारश्री) हभड गए हर। हनपुमरानमजश्री उसप्रे एक घपूहूँसरा मरारकर वमृक्ष पर जरा चढप्रे।
उसकगो क्षरभर कप्रे हलए मपूच्छरार्ण आ गई॥4॥
* उहठ बहगोरर ककीहन्हहस बहह मरायरा। जश्रीहत न जराइ पभमंजन जरायरा॥5॥
भरावरारर्ण:-हफिर उठकर उसनप्रे बहह त मरायरा रचश्री, परमंतपु पवन कप्रे पपुत्र उससप्रे जश्रीतप्रे नहहीं जरातप्रे॥5॥
दगोहरा :
* ब्रह अस्त्र तप्रेहह सराहूँधरा कहप मन ककीन्ह हबचरार।
जजौं न ब्रहसर मरानउहूँ महहमरा हमटइ अपरार॥19॥
भरावरारर्ण:-अमंत ममें उसनप्रे ब्रहरास्त्र करा समंधरान (पयगोग) हकयरा, तब हनपुमरानमजश्री नप्रे मन ममें हवचरार हकयरा
हक यहद ब्रहरास्त्र कगो नहहीं मरानतरा हह हूँ तगो उसककी अपरार महहमरा हमट जराएगश्री॥19॥
चरौपराई :
* ब्रहबरान कहप कहह हूँ तप्रेहहमं मराररा। परहतहह हूँ बरार कटकपु समंघराररा॥
तप्रेहहमं दप्रेखरा कहप मपुरहछत भयऊ। नरागपरास बराहूँधप्रेहस लहै गयऊ॥1॥
भरावरारर्ण:-उसनप्रे हनपुमरानमजश्री कगो ब्रहबरार मराररा, (हजसकप्रे लगतप्रे हश्री वप्रे वमृक्ष सप्रे नश्रीचप्रे हगर पडप्रे), परमंतपु
हगरतप्रे समय भश्री उन्हरनप्रे बहह त सश्री सप्रेनरा मरार डरालश्री। जब उसनप्रे दप्रेखरा हक हनपुमरानमजश्री मपूहछर्णत हगो गए
हमैं, तब वह उनकगो नरागपराश सप्रे बराहूँधकर लप्रे गयरा॥1॥
* जरासपु नराम जहप सपुनहह भवरानश्री। भव बमंधन कराटहहमं नर ग्यरानश्री॥
तरासपु दतपू हक बमंध तर आवरा। पभपु करारज लहग कहपहहमं बहूँधरावरा॥2॥
भरावरारर्ण:-(हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे भवरानश्री सपुनगो, हजनकरा नराम जपकर जरानश्री (हववप्रेककी) मनपुष्य
समंसरार (जन्म-मरर) कप्रे बमंधन कगो कराट डरालतप्रे हमैं, उनकरा दतपू कहहीं बमंधन ममें आ सकतरा हहै?
हकमंतपु पभपु कप्रे करायर्ण कप्रे हलए हनपुमरानमजश्री नप्रे स्वयमं अपनप्रे कगो बहूँधरा हलयरा॥2॥
* कहप बमंधन सपुहन हनहसचर धराए। करौतपुक लराहग सभराहूँ सब आए॥
दसमपुख सभरा दश्रीहख कहप जराई। कहह न जराइ कछपु अहत पभपुतराई॥3॥
भरावरारर्ण:-बमंदर करा बराधहूँ रा जरानरा सपुनकर रराक्षस दरौडप्रे और करौतपुक कप्रे हलए (तमराशरा दप्रेखनप्रे कप्रे हलए)
सब सभरा ममें आए। हनपुमरानमजश्री नप्रे जराकर ररावर ककी सभरा दप्रेखश्री। उसककी अत्यमंत पभपुतरा (ऐश्वयर्ण)
कपु छ कहश्री नहहीं जरातश्री॥3॥
* कर जगोरमें सपुर हदहसप हबनश्रीतरा। भमृकपुहट हबलगोकत सकल सभश्रीतरा॥
दप्रेहख पतराप न कहप मन समंकरा। हजहम अहहगन महह हूँ गरड असमंकरा॥4॥
भरावरारर्ण:-दप्रेवतरा और हदक्पराल हरार जगोडप्रे बडश्री नम्रतरा कप्रे सरार भयभश्रीत हहए सब ररावर ककी भजौं तराक
रहप्रे हमैं। (उसकरा रख दप्रेख रहप्रे हमैं) उसकरा ऐसरा पतराप दप्रेखकर भश्री हनपुमरानमजश्री कप्रे मन ममें जररा भश्री डर
नहहीं हहआ। वप्रे ऐसप्रे हनद्धाःशमंख खडप्रे रहप्रे, जहैसप्रे सपर्मों कप्रे समपूह ममें गरड हनद्धाःशमंख हनभर्णय) रहतप्रे हमैं॥4॥
हनपुमरानम-ररावर समंवराद
दगोहरा :
* कहपहह हबलगोहक दसरानन हबहसरा कहह दबपु रार्णद।
सपुत बध सपुरहत ककीहन्ह पपुहन उपजरा हृदयहूँ हबसराद॥20॥
भरावरारर्ण:-हनपुमरानमजश्री कगो दप्रेखकर ररावर दवपु र्णचन कहतरा हहआ खपूब हहूँसरा। हफिर पपुत्र वध करा स्मरर
हकयरा तगो उसकप्रे हृदय ममें हवषराद उत्पन्न हगो गयरा॥20॥
चरौपराई :
* कह लमंकप्रेस कवन तमैं ककीसरा। कप्रे हह कमें बल घरालप्रेहह बन खश्रीसरा॥
ककी धजौं शवन सपुनप्रेहह नहहमं मगोहश्री। दप्रेखउहूँ अहत असमंक सठ तगोहश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-लमंकरापहत ररावर नप्रे कहरा- रप्रे वरानर! तपू करौन हहै? हकसकप्रे बल पर तपूनप्रे वन कगो उजराडकर
नष्टि कर डरालरा? क्यरा तपूनप्रे कभश्री मपुझप्रे (मप्रेररा नराम और यश) करानर सप्रे नहहीं सपुनरा? रप्रे शठ! ममैं तपुझप्रे
अत्यमंत हनद्धाःशमंख दप्रेख रहरा हह॥हूँ 1॥
* मरारप्रे हनहसचर कप्रे हहमं अपरराधरा। कहह सठ तगोहह न परान कइ बराधरा॥
सपुनपु ररावन ब्रहरामंड हनकरायरा। पराइ जरासपु बल हबरचहत मरायरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-तपूनप्रे हकस अपरराध सप्रे रराक्षसर कगो मराररा? रप्रे मपूखर्ण! बतरा, क्यरा तपुझप्रे परार जरानप्रे करा भय
नहहीं हहै? (हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे ररावर! सपुन, हजनकरा बल पराकर मरायरा समंपपूरर्ण ब्रहरामंडर कप्रे
समपूहर ककी रचनरा करतश्री हहै,॥2॥
* जराकमें बल हबरमंहच हरर ईसरा। परालत समृजत हरत दससश्रीसरा॥
जरा बल सश्रीस धरत सहसरानन। अमंडकगोस समप्रेत हगरर करानन॥3॥
भरावरारर्ण:-हजनकप्रे बल सप्रे हप्रे दशशश्रीश! ब्रहरा, हवष्रपु, महप्रेश (कमशद्धाः) समृहष्टि करा समृजन, परालन
और समंहरार करतप्रे हमैं, हजनकप्रे बल सप्रे सहस्रमपुख (फिरर) वरालप्रे शप्रेषजश्री पवर्णत और वनसहहत समस्त
ब्रहरामंड कगो हसर पर धरारर करतप्रे हमैं,॥3॥
* धरइ जगो हबहबध दप्रेह सपुरत्ररातरा। तपुम्ह सप्रे सठन्ह हसखरावनपु दरातरा॥
हर कगोदमंड कहठन जप्रेहहमं भमंजरा। तप्रेहह समप्रेत नमृप दल मद गमंजरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-जगो दप्रेवतराओमं ककी रक्षरा कप्रे हलए नरानरा पकरार ककी दप्रेह धरारर करतप्रे हमैं और जगो तपुम्हरारप्रे जहैसप्रे
मपूखर्मों कगो हशक्षरा दप्रेनप्रे वरालप्रे हमैं, हजन्हरनप्रे हशवजश्री कप्रे कठगोर धनपुष कगो तगोड डरालरा और उसश्री कप्रे सरार
रराजराओमं कप्रे समपूह करा गवर्ण चपूरर्ण कर हदयरा॥4॥
* खर दषपू न हत्रहसररा अर बरालश्री। बधप्रे सकल अतपुहलत बलसरालश्री॥5॥
भरावरारर्ण:-हजन्हरनप्रे खर, दषपू र, हत्रहशररा और बराहल कगो मरार डरालरा, जगो सब कप्रे सब अतपुलनश्रीय
बलवरानम रप्रे,॥5॥
दगोहरा :
* जराकप्रे बल लवलप्रेस तमें हजतप्रेहह चरराचर झरारर।
तरास दतपू ममैं जरा करर हरर आनप्रेहह हपय नरारर॥21॥
भरावरारर्ण:-हजनकप्रे लप्रेशमरात्र बल सप्रे तपुमनप्रे समस्त चरराचर जगतम कगो जश्रीत हलयरा और हजनककी हपय
पत्नश्री कगो तपुम (चगोरश्री सप्रे) हर लराए हगो, ममैं उन्हहीं करा दतपू हह हूँ॥21॥
चरौपराई :
* जरानउहूँ ममैं तपुम्हरारर पभपुतराई। सहसबराहह सन परश्री लरराई॥
समर बराहल सन करर जसपु परावरा। सपुहन कहप बचन हबहहस हबहररावरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-ममैं तपुम्हरारश्री पभपुतरा कगो खपूब जरानतरा हह हूँ सहस्रबराहह सप्रे तपुम्हरारश्री लडराई हह ई रश्री और बराहल सप्रे
यद पु करकप्रे तपुमनप्रे यश पराप्त हकयरा ररा। हनपुमरानमजश्री कप्रे (मराहमर्णक) वचन सपुनकर ररावर नप्रे हहूँसकर बरात
टराल दश्री॥1॥
* खरायउहूँ फिल पभपु लरागश्री भपूहूँखरा। कहप सपुभराव तमें तगोरप्रेउहूँ रूखरा॥
सब कमें दप्रेह परम हपय स्वरामश्री। मरारहहमं मगोहह कपु मरारग गरामश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे (रराक्षसर कप्रे ) स्वरामश्री मपुझप्रे भपूख लगश्री रश्री, (इसहलए) ममैंनप्रे फिल खराए और वरानर
स्वभराव कप्रे करारर वमृक्ष तगोडप्रे। हप्रे (हनशराचरर कप्रे ) मराहलक! दप्रेह सबकगो परम हपय हहै। कपु मरागर्ण पर
चलनप्रे वरालप्रे (दष्टिपु ) रराक्षस जब मपुझप्रे मरारनप्रे लगप्रे॥2
*हजन्ह मगोहह मराररा तप्रे ममैं मरारप्रे। तप्रेहह पर बराहूँधप्रेउहूँ तनयहूँ तपुम्हरारप्रे॥
मगोहह न कछपु बराहूँधप्रे कइ लराजरा। ककीन्ह चहउहूँ हनज पभपु कर कराजरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-तब हजन्हरनप्रे मपुझप्रे मराररा, उनकगो ममैंनप्रे भश्री मराररा। उस पर तपुम्हरारप्रे पपुत्र नप्रे मपुझकगो बराहूँध हलयरा
(हकमंतपु), मपुझप्रे अपनप्रे बराधहूँ प्रे जरानप्रे ककी कपु छ भश्री लजरा नहहीं हहै। ममैं तगो अपनप्रे पभपु करा करायर्ण करनरा चराहतरा
हह हूँ॥3॥
*हबनतश्री करउहूँ जगोरर कर ररावन। सपुनहह मरान तहज मगोर हसखरावन॥
दप्रेखहह तपुम्ह हनज कपु लहह हबचरारश्री। रम तहज भजहह भगत भय हरारश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे ररावर! ममैं हरार जगोडकर तपुमसप्रे हवनतश्री करतरा हह हूँ, तपुम अहभमरान छगोडकर मप्रेरश्री सश्रीख
सपुनगो। तपुम अपनप्रे पहवत्र कपु ल करा हवचरार करकप्रे दप्रेखगो और रम कगो छगोडकर भक्त भयहरारश्री भगवरानम
कगो भजगो॥4॥
* जराकमें डर अहत कराल डप्रेरराई। जगो सपुर असपुर चरराचर खराई॥
तरासर बयर कबहह हूँ नहहमं ककीजहै। मगोरप्रे कहमें जरानककी दश्रीजहै॥5॥
भरावरारर्ण:-जगो दप्रेवतरा, रराक्षस और समस्त चरराचर कगो खरा जरातरा हहै, वह कराल भश्री हजनकप्रे डर सप्रे
अत्यमंत डरतरा हहै, उनसप्रे कदराहप वहैर न करगो और मप्रेरप्रे कहनप्रे सप्रे जरानककीजश्री कगो दप्रे दगो॥ 5॥
दगोहरा :
* पनतपराल रघपुनरायक करनरा हसमंधपु खररारर।
गएहूँ सरन पभपु रराहखहमैं तव अपरराध हबसरारर॥22॥
भरावरारर्ण:-खर कप्रे शत्रपु शश्री रघपुनरारजश्री शरररागतर कप्रे रक्षक और दयरा कप्रे समपुद हमैं। शरर जरानप्रे पर पभपु
तपुम्हराररा अपरराध भपुलराकर तपुम्हमें अपनश्री शरर ममें रख लमेंगप्रे॥ 22॥
चरौपराई :
* रराम चरन पमंकज उर धरहह । लमंकरा अचल रराजपु तपुम्ह करहह ॥
ररहष पपुलहस्त जसपु हबमल मयमंकरा। तप्रेहह सहस महह हूँ जहन हगोहह कलमंकरा॥1॥
भरावरारर्ण:-तपुम शश्री ररामजश्री कप्रे चरर कमलर कगो हृदय ममें धरारर करगो और लमंकरा करा अचल रराज्य
करगो। ऋहष पपुलस्त्यजश्री करा यश हनमर्णल चमंदमरा कप्रे समरान हहै। उस चमंदमरा ममें तपुम कलमंक न बनगो॥1॥
* रराम नराम हबनपु हगररा न सगोहरा। दप्रेखपु हबचरारर त्यराहग मद मगोहरा॥
बसन हश्रीन नहहमं सगोह सपुररारश्री। सब भपूषन भपूहषत बर नरारश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-रराम नराम कप्रे हबनरा वरारश्री शगोभरा नहहीं परातश्री, मद-मगोह कगो छगोड, हवचरारकर दप्रेखगो। हप्रे
दप्रेवतराओमं कप्रे शत्रपु! सब गहनर सप्रे सजश्री हह ई सपुदमं रश्री स्त्रश्री भश्री कपडर कप्रे हबनरा (नमंगश्री) शगोभरा नहहीं
परातश्री॥2॥
* रराम हबमपुख समंपहत पभपुतराई। जराइ रहश्री पराई हबनपु पराई॥
सजल मपूल हजन्ह सररतन्ह नराहहीं। बरहष गएहूँ पपुहन तबहहमं सपुखराहहीं॥ 3॥
भरावरारर्ण:-ररामहवमपुख पपुरष ककी समंपहर और पभपुतरा रहश्री हह ई भश्री चलश्री जरातश्री हहै और उसकरा परानरा न
परानप्रे कप्रे समरान हहै। हजन नहदयर कप्रे मपूल ममें कगोई जलस्रगोत नहहीं हहै। (अररार्णतम हजन्हमें कप्रे वल बरसरात हश्री
आसररा हहै) वप्रे वषरार्ण बश्रीत जरानप्रे पर हफिर तपुरमंत हश्री सपूख जरातश्री हमैं॥3॥
* सपुनपु दसकमंठ कहउहूँ पन रगोपश्री। हबमपुख रराम त्ररातरा नहहमं कगोपश्री॥
समंकर सहस हबष्नपु अज तगोहश्री। सकहहमं न रराहख रराम कर दगोहश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे ररावर! सपुनगो, ममैं पहतजरा करकप्रे कहतरा हह हूँ हक ररामहवमपुख ककी रक्षरा करनप्रे वरालरा कगोई भश्री
नहहीं हहै। हजरारर शमंकर, हवष्रपु और ब्रहरा भश्री शश्री ररामजश्री कप्रे सरार दगोह करनप्रे वरालप्रे तपुमकगो नहहीं बचरा
सकतप्रे॥4॥
दगोहरा :
* मगोहमपूल बहह सपूल पद त्यरागहह तम अहभमरान।
भजहह रराम रघपुनरायक कमृ परा हसमंधपु भगवरान॥23॥
भरावरारर्ण:-मगोह हश्री हजनकरा मपूल हहै ऐसप्रे (अजरानजहनत), बहह त पश्रीडरा दप्रेनप्रे वरालप्रे, तमरूप अहभमरान
करा त्यराग कर दगो और रघपुकपुल कप्रे स्वरामश्री, कमृ परा कप्रे समपुद भगवरानम शश्री ररामचमंदजश्री करा भजन करगो॥
23॥
चरौपराई :
* जदहप कहश्री कहप अहत हहत बरानश्री। भगहत हबबप्रेक हबरहत नय सरानश्री॥
बगोलरा हबहहस महरा अहभमरानश्री। हमलरा हमहह कहप गपुर बड ग्यरानश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-यद्यहप हनपुमरानमजश्री नप्रे भहक्त, जरान, वहैरराग्य और नश्रीहत सप्रे सनश्री हहई बहह त हश्री हहत ककी वरारश्री
कहश्री, तगो भश्री वह महरानम अहभमरानश्री ररावर बहह त हहूँसकर (व्यमंग्य सप्रे) बगोलरा हक हममें यह बमंदर बडरा
जरानश्री गपुर हमलरा!॥1॥
* ममृत्यपु हनकट आई खल तगोहश्री। लरागप्रेहस अधम हसखरावन मगोहश्री॥
उलटरा हगोइहह कह हनपुमरानरा। महतरम तगोर पगट ममैं जरानरा॥2॥
भरावरारर्ण:-रप्रे दष्टिपु ! तप्रेरश्री ममृत्यपु हनकट आ गई हहै। अधम! मपुझप्रे हशक्षरा दप्रेनप्रे चलरा हहै। हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा-
इससप्रे उलटरा हश्री हगोगरा (अररार्णतम ममृत्यपु तप्रेरश्री हनकट आई हहै, मप्रेरश्री नहहीं)। यह तप्रेररा महतरम (बपुहद करा
फिप्रे र) हहै, ममैंनप्रे पत्यक्ष जरान हलयरा हहै॥2॥
* सपुहन कहप बचन बहह त हखहसआनरा। बप्रेहग न हरहह मपूढ कर परानरा॥
सपुनत हनसराचर मरारन धराए। सहचवन्ह सहहत हबभश्रीषनपु आए॥3॥
भरावरारर्ण:-हनपुमरानमजश्री कप्रे वचन सपुनकर वह बहह त हश्री कपु हपत हगो गयरा। (और बगोलरा-) अरप्रे! इस मपूखर्ण
करा परार शश्रीघ्र हश्री क्यर नहहीं हर लप्रेतप्रे? सपुनतप्रे हश्री रराक्षस उन्हमें मरारनप्रे दरौडप्रे उसश्री समय ममंहत्रयर कप्रे
सरार हवभश्रीषरजश्री वहराहूँ आ पहह हूँचप्रे॥3॥
* नराइ सश्रीस करर हबनय बहह तरा। नश्रीहत हबरगोध न मराररअ दतपू रा॥
आन दमंड कछपु कररअ गगोसराहूँई। सबहहीं कहरा ममंत्र भल भराई॥4॥
भरावरारर्ण:-उन्हरनप्रे हसर नवराकर और बहह त हवनय करकप्रे ररावर सप्रे कहरा हक दतपू कगो मरारनरा नहहीं
पू ररा दमंड हदयरा जराए। सबनप्रे कहरा- भराई! यह
चराहहए, यह नश्रीहत कप्रे हवरद हहै। हप्रे गगोसराई।मं कगोई दस
सलराह उरम हहै॥4॥
* सपुनत हबहहस बगोलरा दसकमंधर। अमंग भमंग करर पठइअ बमंदर॥5॥
भरावरारर्ण:-यह सपुनतप्रे हश्री ररावर हहूँसकर बगोलरा- अच्छरा तगो, बमंदर कगो अमंग-भमंग करकप्रे भप्रेज (लरौटरा)
हदयरा जराए॥5॥
लमंकरादहन
दगोहरा :
* कहप कमें ममतरा पपूछ हूँ पर सबहह कहउहूँ समपुझराइ।
तप्रेल बगोरर पट बराहूँहध पपुहन परावक दप्रेहह लगराइ॥24॥
भरावरारर्ण:-ममैं सबकगो समझराकर कहतरा हह हूँ हक बमंदर ककी ममतरा पपूछ हूँ पर हगोतश्री हहै। अतद्धाः तप्रेल ममें कपडरा
डपु बगोकर उसप्रे इसककी पपूहूँछ ममें बराहूँधकर हफिर आग लगरा दगो॥24॥
चरौपराई :
* पपूछ हूँ हश्रीन बरानर तहहूँ जराइहह। तब सठ हनज नरारहह लइ आइहह॥
हजन्ह कहै ककीहन्हहस बहह त बडराई। दप्रेखउ ममैं हतन्ह कहै पभपुतराई॥1॥
भरावरारर्ण:-जब हबनरा पपूछ हूँ करा यह बमंदर वहराहूँ (अपनप्रे स्वरामश्री कप्रे परास) जराएगरा, तब यह मपूखर्ण अपनप्रे
मराहलक कगो सरार लप्रे आएगरा। हजनककी इसनप्रे बहह त बडराई ककी हहै, ममैं जररा उनककी पभपुतरा (सरामथ्यर्ण)
तगो दप्रेखपूहूँ!॥1॥
* बचन सपुनत कहप मन मपुसपुकरानरा। भइ सहराय सरारद ममैं जरानरा॥
जरातपुधरान सपुहन ररावन बचनरा। लरागप्रे रचमैं मपूढ सगोइ रचनरा॥2॥
भरावरारर्ण:-यह वचन सपुनतप्रे हश्री हनपुमरानमजश्री मन ममें मपुस्कपु रराए (और मन हश्री मन बगोलप्रे हक) ममैं जरान
गयरा, सरस्वतश्रीजश्री (इसप्रे ऐसश्री बपुहद दप्रेनप्रे ममें) सहरायक हह ई हमैं। ररावर कप्रे वचन सपुनकर मपूखर्ण रराक्षस
वहश्री (पपूहूँछ ममें आग लगरानप्रे ककी) तहैयरारश्री करनप्रे लगप्रे॥2॥
* रहरा न नगर बसन घमृत तप्रेलरा। बराढश्री पपूहूँछ ककीन्ह कहप खप्रेलरा॥
करौतपुक कहहूँ आए पपुरबरासश्री। मरारहहमं चरन करहहमं बहह हराहूँसश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-(पपूछ हूँ कप्रे लपप्रेटनप्रे ममें इतनरा कपडरा और घश्री-तप्रेल लगरा हक) नगर ममें कपडरा, घश्री और तप्रेल
नहहीं रह गयरा। हनपुमरानमजश्री नप्रे ऐसरा खप्रेल हकयरा हक पपूहूँछ बढ गई (लमंबश्री हगो गई)। नगरवरासश्री लगोग
तमराशरा दप्रेखनप्रे आए। वप्रे हनपुमरानमजश्री कगो पहैर सप्रे ठगोकर मरारतप्रे हमैं और उनककी हहूँसश्री करतप्रे हमैं॥ 3॥
* बराजहहमं ढगोल दप्रेहहमं सब तरारश्री। नगर फिप्रे रर पपुहन पपूहूँछ पजरारश्री॥
परावक जरत दप्रेहख हनपुममंतरा। भयउ परम लघपुरूप तपुरमंतरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-ढगोल बजतप्रे हमैं, सब लगोग तराहलयराहूँ पश्रीटतप्रे हमैं। हनपुमरानमजश्री कगो नगर ममें हफिरराकर, हफिर पपूछ हूँ
ममें आग लगरा दश्री। अहग्नि कगो जलतप्रे हहए दप्रेखकर हनपुमरानमजश्री तपुरमंत हश्री बहह त छगोटप्रे रूप ममें हगो गए॥4॥
* हनबपुहक चढप्रेउ कप कनक अटरारहीं। भई मं सभश्रीत हनसराचर नरारहीं॥5॥
भरावरारर्ण:-बमंधन सप्रे हनकलकर वप्रे सगोनप्रे ककी अटराररयर पर जरा चढप्रे। उनकगो दप्रेखकर रराक्षसर ककी हस्त्रयराहूँ
भयभश्रीत हगो गई॥मं 5॥
दगोहरा :
* हरर पप्रेररत तप्रेहह अवसर चलप्रे मरत उनचरास।
अटहरास करर गजरार्ण कहप बहढ लराग अकरास॥25॥
भरावरारर्ण:-उस समय भगवरानम ककी पप्रेरररा सप्रे उनचरासर पवन चलनप्रे लगप्रे। हनपुमरानमजश्री अटहरास करकप्रे
गजर्दे और बढकर आकराश सप्रे जरा लगप्रे॥25॥
चरौपराई :
* दप्रेह हबसराल परम हरआई। ममंहदर तमें ममंहदर चढ धराई॥
जरइ नगर भरा लगोग हबहरालरा। झपट लपट बहह कगोहट कररालरा॥1॥
भरावरारर्ण:-दप्रेह बडश्री हवशराल, परमंतपु बहह त हश्री हल्ककी (फिपु तरलश्री) हहै। वप्रे दरौडकर एक महल सप्रे दस पू रप्रे
महल पर चढ जरातप्रे हमैं। नगर जल रहरा हहै लगोग बप्रेहराल हगो गए हमैं। आग ककी करगोडर भयमंकर लपटमें
झपट रहश्री हमैं॥1॥
*तरात मरातपु हरा सपुहनअ पपुकराररा। एहहमं अवसर कगो हमहह उबराररा॥
हम जगो कहरा यह कहप नहहमं हगोई। बरानर रूप धरमें सपुर कगोई॥2॥
भरावरारर्ण:-हराय बप्परा! हराय महैयरा! इस अवसर पर हममें करौन बचराएगरा? (चरारर ओर) यहश्री पपुकरार
सपुनराई पड रहश्री हहै। हमनप्रे तगो पहलप्रे हश्री कहरा ररा हक यह वरानर नहहीं हहै , वरानर करा रूप धरप्रे कगोई
दप्रेवतरा हहै!॥2॥
* सराधपु अवग्यरा कर फिलपु ऐसरा। जरइ नगर अनरार कर जहैसरा॥
जराररा नगर हनहमष एक मराहहीं। एक हबभश्रीषन कर गमृह नराहहीं॥ 3॥
भरावरारर्ण:-सराधपु कप्रे अपमरान करा यह फिल हहै हक नगर, अनरार कप्रे नगर ककी तरह जल रहरा हहै।
हनपुमरानमजश्री नप्रे एक हश्री क्षर ममें सराररा नगर जलरा डरालरा। एक हवभश्रीषर करा घर नहहीं जलरायरा॥ 3॥
* तराकर दतपू अनल जप्रेहहमं हसररजरा। जररा न सगो तप्रेहह करारन हगररजरा॥
उलहट पलहट लमंकरा सब जरारश्री। कपू हद पररा पपुहन हसमंधपु मझरारश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-(हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे परावर्णतश्री! हजन्हरनप्रे अहग्नि कगो बनरायरा, हनपुमरानमजश्री उन्हहीं कप्रे दतपू हमैं।
इसश्री करारर वप्रे अहग्नि सप्रे नहहीं जलप्रे। हनपुमरानमजश्री नप्रे उलट-पलटकर (एक ओर सप्रे दस पू रश्री ओर तक)
सरारश्री लमंकरा जलरा दश्री। हफिर वप्रे समपुद ममें कपू द पडप्रे॥
लमंकरा जलरानप्रे कप्रे बराद हनपुमरानमजश्री करा सश्रीतराजश्री सप्रे हवदरा मराहूँगनरा और चपूडरामहर परानरा
दगोहरा :
* पपूछ हूँ बपुझराइ खगोइ शम धरर लघपु रूप बहगोरर।
जनकसपुतरा कमें आगमें ठराढ भयउ कर जगोरर॥26॥
भरावरारर्ण:-पपूहूँछ बपुझराकर, रकरावट दरपू करकप्रे और हफिर छगोटरा सरा रूप धरारर कर हनपुमरानमजश्री शश्री
जरानककीजश्री कप्रे सरामनप्रे हरार जगोडकर जरा खडप्रे हहए॥26॥
चरौपराई :
* मरातपु मगोहह दश्रीजप्रे कछपु चश्रीन्हरा। जहैसमें रघपुनरायक मगोहह दश्रीन्हरा॥
चपूडरामहन उतरारर तब दयऊ। हरष समप्रेत पवनसपुत लयऊ॥1॥
भरावरारर्ण:-(हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे मरातरा! मपुझप्रे कगोई हचह्न (पहचरान) दश्रीहजए, जहैसप्रे शश्री
रघपुनरारजश्री नप्रे मपुझप्रे हदयरा ररा। तब सश्रीतराजश्री नप्रे चपूडरामहर उतरारकर दश्री। हनपुमरानमजश्री नप्रे उसकगो हषर्णपपूवर्णक
लप्रे हलयरा॥1॥
* कहप्रेहह तरात अस मगोर पनरामरा। सब पकरार पभपु पपूरनकरामरा॥
दश्रीन दयराल हबररद पु समंभरारश्री। हरहह नरार सम समंकट भरारश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-(जरानककीजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे तरात! मप्रेररा परराम हनवप्रेदन करनरा और इस पकरार कहनरा- हप्रे
पभपु! यद्यहप आप सब पकरार सप्रे पपूरर्ण कराम हमैं (आपकगो हकसश्री पकरार ककी करामनरा नहहीं हहै), तरराहप
दश्रीनर (दद्धाःपु हखयर) पर दयरा करनरा आपकरा हवरद हहै (और ममैं दश्रीन हह)हूँ अतद्धाः उस हवरद कगो यराद
करकप्रे , हप्रे नरार! मप्रेरप्रे भरारश्री समंकट कगो दरपू ककीहजए॥2॥
* तरात सकसपुत कररा सनराएहह । बरान पतराप पभपुहह समपुझराएहह ॥
मरास हदवस महह हूँ नरारपु न आवरा। तरौ पपुहन मगोहह हजअत नहहमं परावरा॥3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे तरात! इमंदपपुत्र जयमंत ककी कररा (घटनरा) सपुनरानरा और पभपु कगो उनकप्रे बरार करा पतराप
समझरानरा (स्मरर कररानरा)। यहद महश्रीनप्रे भर ममें नरार न आए तगो हफिर मपुझप्रे जश्रीतश्री न पराएहूँगप्रे॥ 3॥
* कहह कहप कप्रे हह हबहध रराखजौं परानरा। तपुम्हहह तरात कहत अब जरानरा॥
तगोहह दप्रेहख सश्रीतहल भइ छरातश्री। पपुहन मगो कहह हूँ सगोइ हदनपु सगो ररातश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे हनपुमरानम! कहगो, ममैं हकस पकरार परार रखपूहूँ! हप्रे तरात! तपुम भश्री अब जरानप्रे कगो कह रहप्रे
हगो। तपुमकगो दप्रेखकर छरातश्री ठमंडश्री हह ई रश्री। हफिर मपुझप्रे वहश्री हदन और वहश्री ररात!॥4॥
दगोहरा :
* जनकसपुतहह समपुझराइ करर बहह हबहध धश्रीरजपु दश्रीन्ह।
चरन कमल हसर नराइ कहप गवनपु रराम पहहमं ककीन्ह॥27॥
भरावरारर्ण:-हनपुमरानमजश्री नप्रे जरानककीजश्री कगो समझराकर बहह त पकरार सप्रे धश्रीरज हदयरा और उनकप्रे
चररकमलर ममें हसर नवराकर शश्री ररामजश्री कप्रे परास गमन हकयरा॥27॥
समपुद कप्रे इस परार आनरा, सबकरा लरौटनरा, मधपुवन पवप्रेश, सपुगश्रीव हमलन, शश्री रराम-हनपुमरानम समंवराद
चरौपराई :
* चलत महराधपुहन गजर्देहस भरारश्री। गभर्ण स्रवहहमं सपुहन हनहसचर नरारश्री॥
नराहघ हसमंधपु एहह परारहह आवरा। सबद हकहलहकलरा कहपन्ह सपुनरावरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-चलतप्रे समय उन्हरनप्रे महराध्वहन सप्रे भरारश्री गजर्णन हकयरा, हजसप्रे सपुनकर रराक्षसर ककी हस्त्रयर कप्रे
गभर्ण हगरनप्रे लगप्रे। समपुद लराहूँघकर वप्रे इस परार आए और उन्हरनप्रे वरानरर कगो हकलहकलरा शब्द
(हषर्णध्वहन) सपुनरायरा॥1॥
* हरषप्रे सब हबलगोहक हनपुमरानरा। नपूतन जन्म कहपन्ह तब जरानरा॥
मपुख पसन्न तन तप्रेज हबरराजरा। ककीन्हप्रेहस ररामचमंद कर कराजरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हनपुमरानमजश्री कगो दप्रेखकर सब हहषर्णत हगो गए और तब वरानरर नप्रे अपनरा नयरा जन्म समझरा।
हनपुमरानमजश्री करा मपुख पसन्न हहै और शरश्रीर ममें तप्रेज हवरराजमरान हहै , (हजससप्रे उन्हरनप्रे समझ हलयरा हक)
यप्रे शश्री ररामचमंदजश्री करा करायर्ण कर आए हमैं॥2॥
* हमलप्रे सकल अहत भए सपुखरारश्री। तलफित मश्रीन पराव हजहम बरारश्री॥
चलप्रे हरहष रघपुनरायक परासरा। पपूहूँछत कहत नवल इहतहरासरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-सब हनपुमरानमजश्री सप्रे हमलप्रे और बहह त हश्री सपुखश्री हह ए, जहैसप्रे तडपतश्री हह ई मछलश्री कगो जल हमल
गयरा हगो। सब हहषर्णत हगोकर नए-नए इहतहरास (वमृररामंत) पपूछतप्रे- कहतप्रे हह ए शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे परास
चलप्रे॥3॥
* तब मधपुबन भश्रीतर सब आए। अमंगद समंमत मधपु फिल खराए॥
रखवरारप्रे जब बरजन लरागप्रे। मपुहष्टि पहरार हनत सब भरागप्रे॥4॥
भरावरारर्ण:-तब सब लगोग मधपुवन कप्रे भश्रीतर आए और अमंगद ककी सम्महत सप्रे सबनप्रे मधपुर फिल (यरा मधपु
और फिल) खराए। जब रखवरालप्रे बरजनप्रे लगप्रे, तब घपूहूँसर ककी मरार मरारतप्रे हश्री सब रखवरालप्रे भराग छपू टप्रे॥
4॥
दगोहरा :
* जराइ पपुकरारप्रे तप्रे सब बन उजरार जपुबरराज।
सपुहन सपुगश्रीव हरष कहप करर आए पभपु कराज॥28॥
भरावरारर्ण:-उन सबनप्रे जराकर पपुकराररा हक यवपु रराज अमंगद वन उजराड रहप्रे हमैं। यह सपुनकर सपुगश्रीव हहषर्णत
हह ए हक वरानर पभपु करा करायर्ण कर आए हमैं॥28॥
चरौपराई :
* जजौं न हगोहत सश्रीतरा सपुहध पराई। मधपुबन कप्रे फिल सकहहमं हक कराई॥
एहह हबहध मन हबचरार कर रराजरा। आइ गए कहप सहहत समराजरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-यहद सश्रीतराजश्री ककी खबर न पराई हगोतश्री तगो क्यरा वप्रे मधपुवन कप्रे फिल खरा सकतप्रे रप्रे? इस
पकरार रराजरा सपुगश्रीव मन ममें हवचरार कर हश्री रहप्रे रप्रे हक समराज सहहत वरानर आ गए॥1॥
* आइ सबहन्ह नरावरा पद सश्रीसरा। हमलप्रेउ सबहन्ह अहत पप्रेम कपश्रीसरा॥
पपूहूँछश्री कपु सल कपु सल पद दप्रेखश्री। रराम कमृ पराहूँ भरा कराजपु हबसप्रेषश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-(सबनप्रे आकर सपुगश्रीव कप्रे चररर ममें हसर नवरायरा। कहपरराज सपुगश्रीव सभश्री सप्रे बडप्रे पप्रेम कप्रे सरार
हमलप्रे। उन्हरनप्रे कपु शल पपूछश्री, (तब वरानरर नप्रे उरर हदयरा-) आपकप्रे चररर कप्रे दशर्णन सप्रे सब कपु शल
हहै। शश्री ररामजश्री ककी कमृ परा सप्रे हवशप्रेष करायर्ण हहआ (करायर्ण ममें हवशप्रेष सफिलतरा हह ई हहै)॥2॥
* नरार कराजपु ककीन्हप्रेउ हनपुमरानरा। रराखप्रे सकल कहपन्ह कप्रे परानरा॥
सपुहन सपुगश्रीव बहह रर तप्रेहह हमलप्रेऊ कहपन्ह सहहत रघपुपहत पहहमं चलप्रेऊ॥3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे नरार! हनपुमरान नप्रे सब करायर्ण हकयरा और सब वरानरर कप्रे परार बचरा हलए। यह सपुनकर
सपुगश्रीवजश्री हनपुमरानमजश्री सप्रे हफिर हमलप्रे और सब वरानरर समप्रेत शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे परास चलप्रे॥3॥
* रराम कहपन्ह जब आवत दप्रेखरा। हकएहूँ कराजपु मन हरष हबसप्रेषरा॥
फिहटक हसलरा बहैठप्रे दरौ भराई। परप्रे सकल कहप चरनहन्ह जराई॥4॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री नप्रे जब वरानरर कगो करायर्ण हकए हहए आतप्रे दप्रेखरा तब उनकप्रे मन ममें हवशप्रेष हषर्ण हह आ।
दगोनर भराई स्फिहटक हशलरा पर बहैठप्रे रप्रे। सब वरानर जराकर उनकप्रे चररर पर हगर पडप्रे॥4॥
दगोहरा :
* पश्रीहत सहहत सब भमेंटप्रे रघपुपहत करनरा पपुज मं ॥
पपूछश्री कपु सल नरार अब कपु सल दप्रेहख पद कमंज॥29॥
भरावरारर्ण:-दयरा ककी रराहश शश्री रघपुनरारजश्री सबसप्रे पप्रेम सहहत गलप्रे लगकर हमलप्रे और कपु शल पपूछश्री।
(वरानरर नप्रे कहरा-) हप्रे नरार! आपकप्रे चरर कमलर कप्रे दशर्णन परानप्रे सप्रे अब कपु शल हहै॥29॥
चरौपराई :
* जरामवमंत कह सपुनपु रघपुररायरा। जरा पर नरार करहह तपुम्ह दरायरा॥
तराहह सदरा सपुभ कपु सल हनरमंतर। सपुर नर मपुहन पसन्न तरा ऊपर॥1॥
भरावरारर्ण:-जराम्बवरानम नप्रे कहरा- हप्रे रघपुनरारजश्री! सपुहनए। हप्रे नरार! हजस पर आप दयरा करतप्रे हमैं, उसप्रे
सदरा कल्यरार और हनरमंतर कपु शल हहै। दप्रेवतरा, मनपुष्य और मपुहन सभश्री उस पर पसन्न रहतप्रे हमैं॥1॥
* सगोइ हबजई हबनई गपुन सरागर। तरासपु सपुजसपु त्रहैलगोक उजरागर॥
पभपु ककीमं कमृ परा भयउ सबपु कराजपू। जन्म हमरार सपुफिल भरा आजपू॥2॥
भरावरारर्ण:-वहश्री हवजयश्री हहै, वहश्री हवनयश्री हहै और वहश्री गपुरर करा समपुद बन जरातरा हहै। उसश्री करा सपुदमं र
यश तश्रीनर लगोकर ममें पकराहशत हगोतरा हहै। पभपु ककी कमृ परा सप्रे सब करायर्ण हह आ। आज हमराररा जन्म सफिल
हगो गयरा॥2॥
* नरार पवनसपुत ककीहन्ह जगो करनश्री। सहसहह हूँ मपुख न जराइ सगो बरनश्री॥
पवनतनय कप्रे चररत सपुहराए। जरामवमंत रघपुपहतहह सपुनराए॥3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे नरार! पवनपपुत्र हनपुमरानम नप्रे जगो करनश्री ककी, उसकरा हजरार मपुखर सप्रे भश्री वरर्णन नहहीं हकयरा
जरा सकतरा। तब जराम्बवरानम नप्रे हनपुमरानमजश्री कप्रे सपुदमं र चररत्र (करायर्ण) शश्री रघपुनरारजश्री कगो सपुनराए॥3॥
* सपुनत कमृ पराहनहध मन अहत भराए। पपुहन हनपुमरान हरहष हहयहूँ लराए॥
कहहह तरात कप्रे हह भराहूँहत जरानककी। रहहत करहत रच्छरा स्वपरान ककी॥ 4॥
भरावरारर्ण:-(वप्रे चररत्र) सपुननप्रे पर कमृ पराहनहध शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे मन कगो बहह त हश्री अच्छप्रे लगप्रे। उन्हरनप्रे
हहषर्णत हगोकर हनपुमरानमजश्री कगो हफिर हृदय सप्रे लगरा हलयरा और कहरा- हप्रे तरात! कहगो, सश्रीतरा हकस
पकरार रहतश्री और अपनप्रे परारर ककी रक्षरा करतश्री हमैं?॥4॥
दगोहरा :
* नराम पराहरू हदवस हनहस ध्यरान तपुम्हरार कपराट।
लगोचन हनज पद जमंहत्रत जराहहमं परान कप्रे हहमं बराट॥30॥
भरावरारर्ण:-(हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा-) आपकरा नराम ररात-हदन पहररा दप्रेनप्रे वरालरा हहै, आपकरा ध्यरान हश्री
हकमंवराड हहै। नप्रेत्रर कगो अपनप्रे चररर ममें लगराए रहतश्री हमैं, यहश्री तरालरा लगरा हहै, हफिर परार जराएहूँ तगो हकस
मरागर्ण सप्रे?॥30॥
चरौपराई :
* चलत मगोहह चपूडरामहन दश्रीन्हहीं। रघपुपहत हृदयहूँ लराइ सगोइ लश्रीन्हश्री॥
नरार जपुगल लगोचन भरर बरारश्री। बचन कहप्रे कछपु जनककपु मरारश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-चलतप्रे समय उन्हरनप्रे मपुझप्रे चपूडरामहर (उतरारकर) दश्री। शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे उसप्रे लप्रेकर हृदय
सप्रे लगरा हलयरा। (हनपुमरानमजश्री नप्रे हफिर कहरा-) हप्रे नरार! दगोनर नप्रेत्रर ममें जल भरकर जरानककीजश्री नप्रे
मपुझसप्रे कपु छ वचन कहप्रे-॥1॥
* अनपुज समप्रेत गहप्रेहह पभपु चरनरा। दश्रीन बमंधपु पनतरारहत हरनरा॥
मन कम बचन चरन अनपुररागश्री। कप्रे हहमं अपरराध नरार हजौं त्यरागश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-छगोटप्रे भराई समप्रेत पभपु कप्रे चरर पकडनरा (और कहनरा हक) आप दश्रीनबमंधपु हमैं, शरररागत कप्रे
दद्धाःपु खर कगो हरनप्रे वरालप्रे हमैं और ममैं मन, वचन और कमर्ण सप्रे आपकप्रे चररर ककी अनपुरराहगरश्री हह हूँ। हफिर
स्वरामश्री (आप) नप्रे मपुझप्रे हकस अपरराध सप्रे त्यराग हदयरा?॥2॥
* अवगपुन एक मगोर ममैं मरानरा। हबछपु रत परान न ककीन्ह पयरानरा॥
नरार सगो नयनहन्ह कगो अपरराधरा। हनसरत परान करहहमं हहठ बराधरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-(हराहूँ) एक दगोष ममैं अपनरा (अवश्य) मरानतश्री हह हूँ हक आपकरा हवयगोग हगोतप्रे हश्री मप्रेरप्रे परार नहहीं
चलप्रे गए, हकमंतपु हप्रे नरार! यह तगो नप्रेत्रर करा अपरराध हहै जगो परारर कप्रे हनकलनप्रे ममें हठपपूवर्णक बराधरा दप्रेतप्रे
हमैं॥3॥
* हबरह अहगहन तनपु तपूल समश्रीररा। स्वरास जरइ छन मराहहमं सरश्रीररा॥
नयन स्रवहहमं जलपु हनज हहत लरागश्री। जरमैं न पराव दप्रेह हबरहरागश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-हवरह अहग्नि हहै, शरश्रीर रूई हहै और श्वरास पवन हहै, इस पकरार (अहग्नि और पवन करा
समंयगोग हगोनप्रे सप्रे) यह शरश्रीर क्षरमरात्र ममें जल सकतरा हहै, परमंतपु नप्रेत्र अपनप्रे हहत कप्रे हलए पभपु करा
स्वरूप दप्रेखकर (सपुखश्री हगोनप्रे कप्रे हलए) जल (आहूँसपू) बरसरातप्रे हमैं, हजससप्रे हवरह ककी आग सप्रे भश्री दप्रेह
जलनप्रे नहहीं परातश्री॥4॥
* सश्रीतरा कहै अहत हबपहत हबसरालरा। हबनहहमं कहमें भहल दश्रीनदयरालरा॥5॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतराजश्री ककी हवपहर बहह त बडश्री हहै। हप्रे दश्रीनदयरालपु! वह हबनरा कहश्री हश्री अच्छश्री हहै (कहनप्रे सप्रे
आपकगो बडरा कप्रे श हगोगरा)॥5॥
दगोहरा :
* हनहमष हनहमष करनराहनहध जराहहमं कलप सम बश्रीहत।
बप्रेहग चहलअ पभपु आहनअ भपुज बल खल दल जश्रीहत॥31॥
भरावरारर्ण:-हप्रे कररराहनधरान! उनकरा एक-एक पल कल्प कप्रे समरान बश्रीततरा हहै। अतद्धाः हप्रे पभपु! तपुरमंत
चहलए और अपनश्री भपुजराओमं कप्रे बल सप्रे दष्टिपु र कप्रे दल कगो जश्रीतकर सश्रीतराजश्री कगो लप्रे आइए॥31॥
चरौपराई :
* सपुहन सश्रीतरा दख पु पभपु सपुख अयनरा। भरर आए जल रराहजव नयनरा॥
बचन करायहूँ मन मम गहत जराहश्री। सपनप्रेहहहूँ बपूहझअ हबपहत हक तराहश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतराजश्री करा दद्धाःपु ख सपुनकर सपुख कप्रे धराम पभपु कप्रे कमल नप्रेत्रर ममें जल भर आयरा (और वप्रे
बगोलप्रे-) मन, वचन और शरश्रीर सप्रे हजसप्रे मप्रेरश्री हश्री गहत (मप्रेररा हश्री आशय) हहै, उसप्रे क्यरा स्वप्न ममें भश्री
हवपहर हगो सकतश्री हहै?॥1॥
* कह हनपुममंत हबपहत पभपु सगोई। जब तव सपुहमरन भजन न हगोई॥
कप्रे हतक बरात पभपु जरातपुधरान ककी। ररपपुहह जश्रीहत आहनबश्री जरानककी॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा- हप्रे पभपु! हवपहर तगो वहश्री (तभश्री) हहै जब आपकरा भजन-स्मरर न
हगो। हप्रे पभगो! रराक्षसर ककी बरात हश्री हकतनश्री हहै? आप शत्रपु कगो जश्रीतकर जरानककीजश्री कगो लप्रे आवमेंगप्रे॥2॥
* सपुनपु कहप तगोहह समरान उपकरारश्री। नहहमं कगोउ सपुर नर मपुहन तनपुधरारश्री॥
पहत उपकरार करजौं करा तगोररा। सनमपुख हगोइ न सकत मन मगोररा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-(भगवरानम कहनप्रे लगप्रे-) हप्रे हनपुमरानम! सपुन, तप्रेरप्रे समरान मप्रेररा उपकरारश्री दप्रेवतरा, मनपुष्य
अरवरा मपुहन कगोई भश्री शरश्रीरधरारश्री नहहीं हहै। ममैं तप्रेररा पत्य पपु करार (बदलप्रे ममें उपकरार) तगो क्यरा करूहूँ, मप्रेररा
मन भश्री तप्रेरप्रे सरामनप्रे नहहीं हगो सकतरा॥3॥
* सपुनपु सपुत तगोहह उररन ममैं नराहहीं। दप्रेखप्रेउहूँ करर हबचरार मन मराहहीं॥
पपुहन पपुहन कहपहह हचतव सपुरत्ररातरा। लगोचन नश्रीर पपुलक अहत गरातरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे पपुत्र! सपुन, ममैंनप्रे मन ममें (खपूब) हवचरार करकप्रे दप्रेख हलयरा हक ममैं तपुझसप्रे उऋर नहहीं हगो
सकतरा। दप्रेवतराओमं कप्रे रक्षक पभपु बरार-बरार हनपुमरानमजश्री कगो दप्रेख रहप्रे हमैं। नप्रेत्रर ममें पप्रेमराशपुओमं करा जल भररा
हहै और शरश्रीर अत्यमंत पपुलहकत हहै॥4॥
दगोहरा :
* सपुहन पभपु बचन हबलगोहक मपुख गरात हरहष हनपुममंत।
चरन परप्रेउ पप्रेमराकपुल त्रराहह त्रराहह भगवमंत॥32॥
भरावरारर्ण:-पभपु कप्रे वचन सपुनकर और उनकप्रे (पसन्न) मपुख तररा (पपुलहकत) अमंगर कगो दप्रेखकर
हनपुमरानमजश्री हहषर्णत हगो गए और पप्रेम ममें हवकल हगोकर 'हप्रे भगवनम! मप्रेरश्री रक्षरा करगो, रक्षरा करगो' कहतप्रे
हह ए शश्री ररामजश्री कप्रे चररर ममें हगर पडप्रे॥32॥
चरौपराई :
* बरार बरार पभपु चहइ उठरावरा। पप्रेम मगन तप्रेहह उठब न भरावरा॥
पभपु कर पमंकज कहप कमें सश्रीसरा। सपुहमरर सगो दसरा मगन गरौरश्रीसरा॥1॥
भरावरारर्ण:-पभपु उनकगो बरार-बरार उठरानरा चराहतप्रे हमैं, परमंतपु पप्रेम ममें डपू बप्रे हह ए हनपुमरानमजश्री कगो चररर सप्रे
उठनरा सपुहरातरा नहहीं। पभपु करा करकमल हनपुमरानमजश्री कप्रे हसर पर हहै। उस हस्रहत करा स्मरर करकप्रे
हशवजश्री पप्रेममग्नि हगो गए॥1॥
* सरावधरान मन करर पपुहन समंकर। लरागप्रे कहन कररा अहत सपुदमं र॥
कहप उठराई पभपु हृदयहूँ लगरावरा। कर गहह परम हनकट बहैठरावरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हफिर मन कगो सरावधरान करकप्रे शमंकरजश्री अत्यमंत सपुदमं र कररा कहनप्रे लगप्रे- हनपुमरानमजश्री कगो
उठराकर पभपु नप्रे हृदय सप्रे लगरायरा और हरार पकडकर अत्यमंत हनकट बहैठरा हलयरा॥ 2॥
* कहह कहप ररावन पराहलत लमंकरा। कप्रे हह हबहध दहप्रेउ दगपु र्ण अहत बमंकरा॥
पभपु पसन्न जरानरा हनपुमरानरा। बगोलरा बचन हबगत अहभमरानरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे हनपुमरानम! बतराओ तगो, ररावर कप्रे दराररा सपुरहक्षत लमंकरा और उसकप्रे बडप्रे बराहूँकप्रे हकलप्रे कगो
तपुमनप्रे हकस तरह जलरायरा? हनपुमरानमजश्री नप्रे पभपु कगो पसन्न जरानरा और वप्रे अहभमरानरहहत वचन बगोलप्रे-
॥3॥
* सराखरामग कहै बहड मनपुसराई। सराखरा तमें सराखरा पर जराई॥
नराहघ हसमंधपु हराटकपपुर जराररा। हनहसचर गन बहध हबहपन उजराररा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-बमंदर करा बस, यहश्री बडरा पपुरषरारर्ण हहै हक वह एक डराल सप्रे दस पू रश्री डराल पर चलरा जरातरा हहै।
ममैंनप्रे जगो समपुद लराहूँघकर सगोनप्रे करा नगर जलरायरा और रराक्षसगर कगो मरारकर अशगोक वन कगो उजराड
डरालरा,॥4॥
* सगो सब तव पतराप रघपुरराई। नरार न कछपू मगोरर पभपुतराई॥5॥
भरावरारर्ण:-यह सब तगो हप्रे शश्री रघपुनरारजश्री! आप हश्री करा पतराप हहै। हप्रे नरार! इसममें मप्रेरश्री पभपुतरा
(बडराई) कपु छ भश्री नहहीं हहै॥5॥
दगोहरा :
* तरा कहह हूँ पभपु कछपु अगम नहहमं जरा पर तपुम्ह अनपुकपूल।
तव पभरावहूँ बडवरानलहह जरारर सकइ खलपु तपूल॥33॥
भरावरारर्ण:-हप्रे पभपु! हजस पर आप पसन्न हर, उसकप्रे हलए कपु छ भश्री कहठन नहहीं हहै। आपकप्रे पभराव सप्रे
रूई (जगो स्वयमं बहह त जल्दश्री जल जरानप्रे वरालश्री वस्तपु हहै) बडवरानल कगो हनश्चय हश्री जलरा सकतश्री हहै
(अररार्णतम असमंभव भश्री समंभव हगो सकतरा हहै)॥3॥
चरौपराई :
* नरार भगहत अहत सपुखदरायनश्री। दप्रेहह कमृ परा करर अनपरायनश्री॥
सपुहन पभपु परम सरल कहप बरानश्री। एवमस्तपु तब कहप्रेउ भवरानश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे नरार! मपुझप्रे अत्यमंत सपुख दप्रेनप्रे वरालश्री अपनश्री हनश्चल भहक्त कमृ परा करकप्रे दश्रीहजए।
हनपुमरानमजश्री ककी अत्यमंत सरल वरारश्री सपुनकर, हप्रे भवरानश्री! तब पभपु शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे 'एवमस्तपु'
(ऐसरा हश्री हगो) कहरा॥1॥
* उमरा रराम सपुभराउ जप्रेहहमं जरानरा। तराहह भजनपु तहज भराव न आनरा॥
यह समंबराद जरासपु उर आवरा। रघपुपहत चरन भगहत सगोइ परावरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे उमरा! हजसनप्रे शश्री ररामजश्री करा स्वभराव जरान हलयरा, उसप्रे भजन छगोडकर दस पू रश्री बरात हश्री
नहहीं सपुहरातश्री। यह स्वरामश्री-सप्रेवक करा समंवराद हजसकप्रे हृदय ममें आ गयरा, वहश्री शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे चररर
ककी भहक्त परा गयरा॥2॥
* सपुहन पभपु बचन कहहहमं कहप बमृमंदरा। जय जय जय कमृ पराल सपुखकमंदरा॥
तब रघपुपहत कहपपहतहह बगोलरावरा। कहरा चलमैं कर करहह बनरावरा॥3॥
भरावरारर्ण:-पभपु कप्रे वचन सपुनकर वरानरगर कहनप्रे लगप्रे- कमृ परालपु आनमंदकमंद शश्री ररामजश्री ककी जय हगो
जय हगो, जय हगो! तब शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे कहपरराज सपुगश्रीव कगो बपुलरायरा और कहरा- चलनप्रे ककी तहैयरारश्री
करगो॥3॥
*अब हबलमंबपु कप्रे ह करारन ककीजप्रे। तपुरमंत कहपन्ह कहहूँ आयसपु दश्रीजप्रे॥
करौतपुक दप्रेहख सपुमन बहह बरषश्री। नभ तमें भवन चलप्रे सपुर हरषश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-अब हवलमंब हकस करारर हकयरा जराए। वरानरर कगो तपुरमंत आजरा दगो। (भगवरानम ककी) यह
लश्रीलरा (ररावरवध ककी तहैयरारश्री) दप्रेखकर, बहह त सप्रे फिपूल बरसराकर और हहषर्णत हगोकर दप्रेवतरा आकराश
सप्रे अपनप्रे-अपनप्रे लगोक कगो चलप्रे॥4॥
शश्री ररामजश्री करा वरानरर ककी सप्रेनरा कप्रे सरार चलकर समपुद तट पर पहह हूँचनरा
दगोहरा :
* कहपपहत बप्रेहग बगोलराए आए जपूरप जपूर।
नरानरा बरन अतपुल बल बरानर भरालपु बरूर॥34॥
भरावरारर्ण:-वरानररराज सपुगश्रीव नप्रे शश्रीघ्र हश्री वरानरर कगो बपुलरायरा, सप्रेनरापहतयर कप्रे समपूह आ गए। वरानर-
भरालपुओमं कप्रे झपुडमं अनप्रेक रमंगर कप्रे हमैं और उनममें अतपुलनश्रीय बल हहै॥34॥
चरौपराई :
* पभपु पद पमंकज नरावहहमं सश्रीसरा। गजर्णहहमं भरालपु महराबल ककीसरा॥
दप्रेखश्री रराम सकल कहप सप्रेनरा। हचतइ कमृ परा करर रराहजव नहैनरा॥1॥
भरावरारर्ण:-वप्रे पभपु कप्रे चरर कमलर ममें हसर नवरातप्रे हमैं। महरानम बलवरानम रश्रीछ और वरानर गरज रहप्रे हमैं। शश्री
ररामजश्री नप्रे वरानरर ककी सरारश्री सप्रेनरा दप्रेखश्री। तब कमल नप्रेत्रर सप्रे कमृ परापपूवर्णक उनककी ओर दृहष्टि डरालश्री॥1॥
* रराम कमृ परा बल पराइ कहपमंदरा। भए पच्छजपुत मनहह हूँ हगररमंदरा॥
हरहष रराम तब ककीन्ह पयरानरा। सगपुन भए सपुदमं र सपुभ नरानरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-रराम कमृ परा करा बल पराकर शप्रेष वरानर मरानगो पमंखवरालप्रे बडप्रे पवर्णत हगो गए। तब शश्री ररामजश्री नप्रे
हहषर्णत हगोकर पस्ररान (कपू च) हकयरा। अनप्रेक सपुदमं र और शपुभ शकपु न हहए॥2॥
* जरासपु सकल ममंगलमय ककीतश्री। तरासपु पयरान सगपुन यह नश्रीतश्री॥
पभपु पयरान जरानरा बहैदप्रेहहीं। फिरहक बराम अहूँग जनपु कहह दप्रेहहीं॥3॥
भरावरारर्ण:-हजनककी ककीहतर्ण सब ममंगलर सप्रे पपूरर्ण हहै, उनकप्रे पस्ररान कप्रे समय शकपु न हगोनरा, यह नश्रीहत हहै
(लश्रीलरा ककी मयरार्णदरा हहै)। पभपु करा पस्ररान जरानककीजश्री नप्रे भश्री जरान हलयरा। उनकप्रे बराएहूँ अमंग फिडक-
फिडककर मरानगो कहप्रे दप्रेतप्रे रप्रे (हक शश्री ररामजश्री आ रहप्रे हमैं)॥3॥
* जगोइ जगोइ सगपुन जरानहकहह हगोई। असगपुन भयउ ररावनहहमं सगोई॥
चलरा कटकपु कगो बरनमैं पराररा। गजर्णहहमं बरानर भरालपु अपराररा॥4॥
भरावरारर्ण:-जरानककीजश्री कगो जगो-जगो शकपु न हगोतप्रे रप्रे, वहश्री-वहश्री ररावर कप्रे हलए अपशकपु न हहए। सप्रेनरा
चलश्री, उसकरा वरर्णन करौन कर सकतरा हहै? असमंख्य वरानर और भरालपू गजर्णनरा कर रहप्रे हमैं॥4॥
* नख आयधपु हगरर परादपधरारश्री। चलप्रे गगन महह इच्छराचरारश्री॥
कप्रे हररनराद भरालपु कहप करहहीं। डगमगराहहमं हदग्गज हचक्करहहीं॥5॥
भरावरारर्ण:-नख हश्री हजनकप्रे शस्त्र हमैं, वप्रे इच्छरानपुसरार (सवर्णत्र बप्रेरगोक-टगोक) चलनप्रे वरालप्रे रश्रीछ-वरानर
पवर्णतर और वमृक्षर कगो धरारर हकए कगोई आकराश मरागर्ण सप्रे और कगोई पमृथ्वश्री पर चलप्रे जरा रहप्रे हमैं। वप्रे हसमंह
कप्रे समरान गजर्णनरा कर रहप्रे हमैं। (उनकप्रे चलनप्रे और गजर्णनप्रे सप्रे) हदशराओमं कप्रे हरारश्री हवचहलत हगोकर
हचमंग्घराड रहप्रे हमैं॥5॥
छमंद :
* हचक्करहहमं हदग्गज डगोल महह हगरर लगोल सरागर खरभरप्रे।
मन हरष सभ गमंधबर्ण सपुर मपुहन नराग हकमंनर दख पु टरप्रे॥
कटकटहहमं मकर्णट हबकट भट बहह कगोहट कगोहटन्ह धरावहहीं।
जय रराम पबल पतराप कगोसलनरार गपुन गन गरावहहीं॥1॥
भरावरारर्ण:-हदशराओमं कप्रे हरारश्री हचमंग्घराडनप्रे लगप्रे, पमृथ्वश्री डगोलनप्रे लगश्री, पवर्णत चमंचल हगो गए (कराहूँपनप्रे लगप्रे)
और समपुद खलबलरा उठप्रे। गमंधवर्ण, दप्रेवतरा, मपुहन, नराग, हकन्नर सब कप्रे सब मन ममें हहषर्णत हहए' हक
(अब) हमरारप्रे दद्धाःपु ख टल गए। अनप्रेकर करगोड भयरानक वरानर यगोदरा कटकटरा रहप्रे हमैं और करगोडर हश्री
दरौड रहप्रे हमैं। 'पबल पतराप कगोसलनरार शश्री ररामचमंदजश्री ककी जय हगो' ऐसरा पपुकरारतप्रे हह ए वप्रे उनकप्रे
गपुरसमपूहर कगो गरा रहप्रे हमैं॥1॥
* सहह सक न भरार उदरार अहहपहत बरार बरारहहमं मगोहई।
गह दसन पपुहन पपुहन कमठ पमृष कठगोर सगो हकहम सगोहई॥
रघपुबश्रीर रहचर पयरान पहस्रहत जराहन परम सपुहरावनश्री।
जनपु कमठ खपर्णर सपर्णरराज सगो हलखत अहबचल परावनश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-उदरार (परम शप्रेष एवमं महरानम) सपर्णरराज शप्रेषजश्री भश्री सप्रेनरा करा बगोझ नहहीं सह सकतप्रे , वप्रे
बरार-बरार मगोहहत हगो जरातप्रे (घबडरा जरातप्रे) हमैं और पपुनद्धाः-पपुनद्धाः कच्छप ककी कठगोर पश्रीठ कगो दराहूँतर सप्रे
पकडतप्रे हमैं। ऐसरा करतप्रे (अररार्णतम बरार-बरार दरातहूँ र कगो गडराकर कच्छप ककी पश्रीठ पर लककीर सश्री खहींचतप्रे
हह ए) वप्रे कहै सप्रे शगोभरा दप्रे रहप्रे हमैं मरानगो शश्री ररामचमंदजश्री ककी सपुदमं र पस्ररान यरात्ररा कगो परम सपुहरावनश्री
जरानकर उसककी अचल पहवत्र कररा कगो सपर्णरराज शप्रेषजश्री कच्छप ककी पश्रीठ पर हलख रहप्रे हर॥2॥
दगोहरा :
* एहह हबहध जराइ कमृ पराहनहध उतरप्रे सरागर तश्रीर।
जहहूँ तहहूँ लरागप्रे खरान फिल भरालपु हबपपुल कहप बश्रीर॥35॥
भरावरारर्ण:-इस पकरार कमृ पराहनधरान शश्री ररामजश्री समपुद तट पर जरा उतरप्रे। अनप्रेकर रश्रीछ -वरानर वश्रीर
जहराहूँ-तहराहूँ फिल खरानप्रे लगप्रे॥35॥
ममंदगोदरश्री-ररावर समंवराद
चरौपराई :
*उहराहूँ हनसराचर रहहहमं ससमंकरा। जब तमें जरारर गयउ कहप लमंकरा॥
हनज हनज गमृहहूँ सब करहहमं हबचराररा। नहहमं हनहसचर कपु ल कप्रे र उबराररा।1॥
भरावरारर्ण:-वहराहूँ (लमंकरा ममें) जब सप्रे हनपुमरानमजश्री लमंकरा कगो जलराकर गए, तब सप्रे रराक्षस भयभश्रीत रहनप्रे
लगप्रे। अपनप्रे-अपनप्रे घरर ममें सब हवचरार करतप्रे हमैं हक अब रराक्षस कपु ल ककी रक्षरा (करा कगोई उपराय)
नहहीं हहै॥1॥
* जरासपु दतपू बल बरहन न जराई। तप्रेहह आएहूँ पपुर कवन भलराई॥
दहपू तन्ह सन सपुहन पपुरजन बरानश्री। ममंदगोदरश्री अहधक अकपु लरानश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-हजसकप्रे दतपू करा बल वरर्णन नहहीं हकयरा जरा सकतरा, उसकप्रे स्वयमं नगर ममें आनप्रे पर करौन
भलराई हहै (हम लगोगर ककी बडश्री बपुरश्री दशरा हगोगश्री)? दहपू तयर सप्रे नगरवराहसयर कप्रे वचन सपुनकर ममंदगोदरश्री
बहह त हश्री व्यराकपुल हगो गई॥2॥
* रहहस जगोरर कर पहत पग लरागश्री। बगोलश्री बचन नश्रीहत रस परागश्री॥
कमंत करष हरर सन पररहरहह । मगोर कहरा अहत हहत हहयहूँ धरहह ॥3॥
भरावरारर्ण:-वह एकरामंत ममें हरार जगोडकर पहत (ररावर) कप्रे चररर लगश्री और नश्रीहतरस ममें पगश्री हह ई वरारश्री
बगोलश्री- हप्रे हपयतम! शश्री हरर सप्रे हवरगोध छगोड दश्रीहजए। मप्रेरप्रे कहनप्रे कगो अत्यमंत हश्री हहतकर जरानकर
हृदय ममें धरारर ककीहजए॥3॥
* समपुझत जरासपु दतपू कइ करनश्री। स्रवहहमं गभर्ण रजनश्रीचर घरनश्री॥
तरासपु नरारर हनज सहचव बगोलराई। पठवहह कमंत जगो चहहह भलराई॥4॥
भरावरारर्ण:-हजनकप्रे दतपू ककी करनश्री करा हवचरार करतप्रे हश्री (स्मरर आतप्रे हश्री) रराक्षसर ककी हस्त्रयर कप्रे गभर्ण
हगर जरातप्रे हमैं, हप्रे प्यरारप्रे स्वरामश्री! यहद भलरा चराहतप्रे हमैं, तगो अपनप्रे ममंत्रश्री कगो बपुलराकर उसकप्रे सरार
उनककी स्त्रश्री कगो भप्रेज दश्रीहजए॥4॥
दगोहरा :
*तव कपु ल कमल हबहपन दख पु दराई। सश्रीतरा सश्रीत हनसरा सम आई॥
सपुनहह नरार सश्रीतरा हबनपु दश्रीन्हमें। हहत न तपुम्हरार समंभपु अज ककीन्हमें॥ 5॥
भरावरारर्ण:-सश्रीतरा आपकप्रे कपु ल रूपश्री कमलर कप्रे वन कगो दद्धाःपु ख दप्रेनप्रे वरालश्री जराडप्रे ककी रराहत्र कप्रे समरान आई
हहै। हप्रे नरार। सपुहनए, सश्रीतरा कगो हदए (लरौटराए) हबनरा शम्भपु और ब्रहरा कप्रे हकए भश्री आपकरा भलरा नहहीं
हगो सकतरा॥5॥
दगोहरा :
* रराम बरान अहह गन सररस हनकर हनसराचर भप्रेक।
जब लहग गसत न तब लहग जतनपु करहह तहज टप्रेक॥36॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री कप्रे बरार सपर्मों कप्रे समपूह कप्रे समरान हमैं और रराक्षसर कप्रे समपूह ममेंढक कप्रे समरान।
जब तक वप्रे इन्हमें गस नहहीं लप्रेतप्रे (हनगल नहहीं जरातप्रे) तब तक हठ छगोडकर उपराय कर लश्रीहजए॥
36॥
चरौपराई :
* शवन सपुनश्री सठ तरा करर बरानश्री। हबहसरा जगत हबहदत अहभमरानश्री॥
सभय सपुभराउ नरारर कर सराचरा। ममंगल महह हूँ भय मन अहत कराचरा॥1॥
भरावरारर्ण:-मपूखर्ण और जगत पहसद अहभमरानश्री ररावर करानर सप्रे उसककी वरारश्री सपुनकर खपूब हहूँसरा (और
बगोलरा-) हस्त्रयर करा स्वभराव सचमपुच हश्री बहह त डरपगोक हगोतरा हहै। ममंगल ममें भश्री भय करतश्री हगो। तपुम्हराररा
मन (हृदय) बहह त हश्री कचरा (कमजगोर) हहै॥1॥
* जजौं आवइ मकर्णट कटकराई। हजअहहमं हबचरारप्रे हनहसचर खराई॥
कमंपहहमं लगोकप जराककीमं त्ररासरा। तरासपु नरारर सभश्रीत बहड हरासरा॥2॥
भरावरारर्ण:-यहद वरानरर ककी सप्रेनरा आवप्रेगश्री तगो बप्रेचरारप्रे रराक्षस उसप्रे खराकर अपनरा जश्रीवन हनवरार्णह करमेंगप्रे।
लगोकपराल भश्री हजसकप्रे डर सप्रे कराहूँपतप्रे हमैं, उसककी स्त्रश्री डरतश्री हगो, यह बडश्री हहूँसश्री ककी बरात हहै॥2॥
* अस कहह हबहहस तराहह उर लराई। चलप्रेउ सभराहूँ ममतरा अहधकराई॥
फिममंदगोदरश्री हृदयहूँ कर हचमंतरा। भयउ कमंत पर हबहध हबपरश्रीतरा॥3॥
भरावरारर्ण:-ररावर नप्रे ऐसरा कहकर हहूँसकर उसप्रे हृदय सप्रे लगरा हलयरा और ममतरा बढराकर (अहधक
स्नप्रेह दशरार्णकर) वह सभरा ममें चलरा गयरा। ममंदगोदरश्री हृदय ममें हचमंतरा करनप्रे लगश्री हक पहत पर हवधरातरा
पहतकपू ल हगो गए॥3॥
* बहैठप्रेउ सभराहूँ खबरर अहस पराई। हसमंधपु परार सप्रेनरा सब आई॥
बपूझप्रेहस सहचव उहचत मत कहहह । तप्रे सब हहूँसप्रे मष्टि करर रहहह ॥4॥
भरावरारर्ण:-ज्यर हश्री वह सभरा ममें जराकर बहैठरा, उसनप्रे ऐसश्री खबर पराई हक शत्रपु ककी सरारश्री सप्रेनरा समपुद कप्रे
उस परार आ गई हहै, उसनप्रे ममंहत्रयर सप्रे पपूछरा हक उहचत सलराह कहहए (अब क्यरा करनरा चराहहए?)।
तब वप्रे सब हहूँसप्रे और बगोलप्रे हक चपुप हकए रहहए (इसममें सलराह ककी करौन सश्री बरात हहै?)॥4॥
* हजतप्रेहह सपुररासपुर तब शम नराहहीं। नर बरानर कप्रे हह लप्रेखप्रे मराहहीं॥5॥
भरावरारर्ण:-आपनप्रे दप्रेवतराओमं और रराक्षसर कगो जश्रीत हलयरा, तब तगो कपु छ शम हश्री नहहीं हहआ। हफिर
मनपुष्य और वरानर हकस हगनतश्री ममें हमैं?॥5॥
हवभश्रीषर करा भगवरानम शश्री ररामजश्री ककी शरर कप्रे हलए पस्ररान और शरर पराहप्त
दगोहरा :
* ररामपु सत्यसमंकल्प पभपु सभरा करालबस तगोरर।
ममैं रघपुबश्रीर सरन अब जराउहूँ दप्रेहह जहन खगोरर॥41॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री सत्य समंकल्प एवमं (सवर्णसमरर्ण) पभपु हमैं और (हप्रे ररावर) तपुम्हरारश्री सभरा कराल
कप्रे वश हहै। अतद्धाः ममैं अब शश्री रघपुवश्रीर ककी शरर जरातरा हह,हूँ मपुझप्रे दगोष न दप्रेनरा॥41॥
चरौपराई :
* अस कहह चलरा हबभश्रीषनपु जबहहीं। आयपू हश्रीन भए सब तबहहीं॥
सराधपु अवग्यरा तपुरत भवरानश्री। कर कल्यरान अहखल कहै हरानश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-ऐसरा कहकर हवभश्रीषरजश्री ज्यर हश्री चलप्रे, त्यर हश्री सब रराक्षस आयहपु श्रीन हगो गए। (उनककी
ममृत्यपु हनहश्चत हगो गई)। (हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे भवरानश्री! सराधपु करा अपमरान तपुरमंत हश्री समंपपूरर्ण
कल्यरार ककी हराहन (नराश) कर दप्रेतरा हहै॥1॥
* ररावन जबहहमं हबभश्रीषन त्यरागरा। भयउ हबभव हबनपु तबहहमं अभरागरा॥
चलप्रेउ हरहष रघपुनरायक पराहहीं। करत मनगोरर बहह मन मराहहीं॥2॥
भरावरारर्ण:-ररावर नप्रे हजस क्षर हवभश्रीषर कगो त्यरागरा, उसश्री क्षर वह अभरागरा वहैभव (ऐश्वयर्ण) सप्रे हश्रीन
हगो गयरा। हवभश्रीषरजश्री हहषर्णत हगोकर मन ममें अनप्रेकर मनगोरर करतप्रे हह ए शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे परास चलप्रे॥
2॥
* दप्रेहखहउहूँ जराइ चरन जलजरातरा। अरन ममृदल पु सप्रेवक सपुखदरातरा॥
जप्रे पद परहस तरश्री ररषनरारश्री। दमंडक करानन परावनकरारश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-(वप्रे सगोचतप्रे जरातप्रे रप्रे-) ममैं जराकर भगवरानम कप्रे कगोमल और लराल वरर्ण कप्रे सपुमंदर चरर
कमलर कप्रे दशर्णन करूहूँगरा, जगो सप्रेवकर कगो सपुख दप्रेनप्रे वरालप्रे हमैं, हजन चररर करा स्पशर्ण पराकर ऋहष
पत्नश्री अहल्यरा तर गई मं और जगो दमंडकवन कगो पहवत्र करनप्रे वरालप्रे हमैं॥3॥
* जप्रे पद जनकसपुतराहूँ उर लराए। कपट कपु रमंग समंग धर धराए॥
हर उर सर सरगोज पद जप्रेई। अहगोभराग्य ममैं दप्रेहखहउहूँ तप्रेई॥4॥
भरावरारर्ण:-हजन चररर कगो जरानककीजश्री नप्रे हृदय ममें धरारर कर रखरा हहै, जगो कपटममृग कप्रे सरार पमृथ्वश्री
पर (उसप्रे पकडनप्रे कगो) दरौडप्रे रप्रे और जगो चररकमल सराक्षरातम हशवजश्री कप्रे हृदय रूपश्री सरगोवर ममें
हवरराजतप्रे हमैं, मप्रेररा अहगोभराग्य हहै हक उन्हहीं कगो आज ममैं दप्रेखपूहूँगरा॥4॥
दगोहरा :
* हजन्ह परायन्ह कप्रे परादक पु हन्ह भरतपु रहप्रे मन लराइ।
तप्रे पद आजपु हबलगोहकहउहूँ इन्ह नयनहन्ह अब जराइ॥42॥
भरावरारर्ण:-हजन चररर ककी परादक पु राओमं ममें भरतजश्री नप्रे अपनरा मन लगरा रखरा हहै, अहरा! आज ममैं उन्हहीं
चररर कगो अभश्री जराकर इन नप्रेत्रर सप्रे दप्रेखपूहूँगरा॥42॥
चरौपराई :
* ऐहह हबहध करत सपप्रेम हबचराररा। आयउ सपहद हसमंद पु एहहमं पराररा॥
कहपन्ह हबभश्रीषनपु आवत दप्रेखरा। जरानरा कगोउ ररपपु दतपू हबसप्रेषरा॥1॥
भरावरारर्ण:-इस पकरार पप्रेमसहहत हवचरार करतप्रे हह ए वप्रे शश्रीघ्र हश्री समपुद कप्रे इस परार (हजधर शश्री
ररामचमंदजश्री ककी सप्रेनरा रश्री) आ गए। वरानरर नप्रे हवभश्रीषर कगो आतप्रे दप्रेखरा तगो उन्हरनप्रे जरानरा हक शत्रपु करा
कगोई खरास दतपू हहै॥1॥
* तराहह रराहख कपश्रीस पहहमं आए। समराचरार सब तराहह सपुनराए॥
कह सपुगश्रीव सपुनहह रघपुरराई। आवरा हमलन दसरानन भराई॥2॥
भरावरारर्ण:-उन्हमें (पहरप्रे पर) ठहरराकर वप्रे सपुगश्रीव कप्रे परास आए और उनकगो सब समराचरार कह सपुनराए।
सपुगश्रीव नप्रे (शश्री ररामजश्री कप्रे परास जराकर) कहरा- हप्रे रघपुनरारजश्री! सपुहनए, ररावर करा भराई (आप सप्रे)
हमलनप्रे आयरा हहै॥2॥
* कह पभपु सखरा बपूहझए कराहरा। कहइ कपश्रीस सपुनहह नरनराहरा॥
जराहन न जराइ हनसराचर मरायरा। करामरूप कप्रे हह करारन आयरा॥3॥
भरावरारर्ण:-पभपु शश्री ररामजश्री नप्रे कहरा- हप्रे हमत्र! तपुम क्यरा समझतप्रे हगो (तपुम्हरारश्री क्यरा रराय हहै)?
वरानररराज सपुगश्रीव नप्रे कहरा- हप्रे महरारराज! सपुहनए, रराक्षसर ककी मरायरा जरानश्री नहहीं जरातश्री। यह
इच्छरानपुसरार रूप बदलनप्रे वरालरा (छलश्री) न जरानप्रे हकस करारर आयरा हहै॥3॥
* भप्रेद हमरार लप्रेन सठ आवरा। रराहखअ बराहूँहध मगोहह अस भरावरा॥
सखरा नश्रीहत तपुम्ह नश्रीहक हबचरारश्री। मम पन सरनरागत भयहरारश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-(जरान पडतरा हहै) यह मपूखर्ण हमराररा भप्रेद लप्रेनप्रे आयरा हहै, इसहलए मपुझप्रे तगो यहश्री अच्छरा लगतरा
हहै हक इसप्रे बराधहूँ रखरा जराए। (शश्री ररामजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे हमत्र! तपुमनप्रे नश्रीहत तगो अच्छश्री हवचरारश्री, परमंतपु
मप्रेररा पर तगो हहै शरररागत कप्रे भय कगो हर लप्रेनरा!॥4॥
* सपुहन पभपु बचन हरष हनपुमरानरा। सरनरागत बच्छल भगवरानरा॥5॥
भरावरारर्ण:-पभपु कप्रे वचन सपुनकर हनपुमरानमजश्री हहषर्णत हह ए (और मन हश्री मन कहनप्रे लगप्रे हक) भगवरानम
कहै सप्रे शरररागतवत्सल (शरर ममें आए हह ए पर हपतरा ककी भराहूँहत पप्रेम करनप्रे वरालप्रे) हमैं॥5॥
दगोहरा :
* सरनरागत कहह हूँ जप्रे तजहहमं हनज अनहहत अनपुमराहन।
तप्रे नर परावहूँर परापमय हतन्हहह हबलगोकत हराहन॥43॥
भरावरारर्ण:-(शश्री ररामजश्री हफिर बगोलप्रे-) जगो मनपुष्य अपनप्रे अहहत करा अनपुमरान करकप्रे शरर ममें आए हह ए
करा त्यराग कर दप्रेतप्रे हमैं, वप्रे परामर (क्षपुद) हमैं, परापमय हमैं, उन्हमें दप्रेखनप्रे ममें भश्री हराहन हहै (पराप लगतरा
हहै)॥43॥
चरौपराई :
* कगोहट हबप बध लरागहहमं जराहह। आएहूँ सरन तजउहूँ नहहमं तराहह॥
सनमपुख हगोइ जश्रीव मगोहह जबहहीं। जन्म कगोहट अघ नरासहहमं तबहहीं॥ 1॥
भरावरारर्ण:-हजसप्रे करगोडर ब्रराहरर ककी हत्यरा लगश्री हगो, शरर ममें आनप्रे पर ममैं उसप्रे भश्री नहहीं त्यरागतरा।
जश्रीव ज्यर हश्री मप्रेरप्रे सम्मपुख हगोतरा हहै, त्यर हश्री उसकप्रे करगोडर जन्मर कप्रे पराप नष्टि हगो जरातप्रे हमैं॥1॥
* परापवमंत कर सहज सपुभराऊ। भजनपु मगोर तप्रेहह भराव न कराऊ॥
जजौं पहै दष्टिपु हृदय सगोइ हगोई। मगोरमें सनमपुख आव हक सगोई॥2॥
भरावरारर्ण:-परापश्री करा यह सहज स्वभराव हगोतरा हहै हक मप्रेररा भजन उसप्रे कभश्री नहहीं सपुहरातरा। यहद वह
(ररावर करा भराई) हनश्चय हश्री दष्टिपु हृदय करा हगोतरा तगो क्यरा वह मप्रेरप्रे सम्मपुख आ सकतरा ररा?॥2॥
* हनमर्णल मन जन सगो मगोहह परावरा। मगोहह कपट छल हछद न भरावरा॥
भप्रेद लप्रेन पठवरा दससश्रीसरा। तबहह हूँ न कछपु भय हराहन कपश्रीसरा॥3॥
भरावरारर्ण:-जगो मनपुष्य हनमर्णल मन करा हगोतरा हहै, वहश्री मपुझप्रे परातरा हहै। मपुझप्रे कपट और छल-हछद नहहीं
सपुहरातप्रे। यहद उसप्रे ररावर नप्रे भप्रेद लप्रेनप्रे कगो भप्रेजरा हहै, तब भश्री हप्रे सपुगश्रीव! अपनप्रे कगो कपु छ भश्री भय यरा
हराहन नहहीं हहै॥3॥
* जग महह हूँ सखरा हनसराचर जप्रेतप्रे। लहछमनपु हनइ हनहमष महह हूँ तप्रेतप्रे॥
जजौं सभश्रीत आवरा सरनराई।मं रहखहउहूँ तराहह परान ककी नराई॥मं 4॥
भरावरारर्ण:-क्यरहक हप्रे सखप्रे! जगत ममें हजतनप्रे भश्री रराक्षस हमैं, लक्ष्मर क्षरभर ममें उन सबकगो मरार
सकतप्रे हमैं और यहद वह भयभश्रीत हगोकर मप्रेरश्री शरर आयरा हहै तगो ममैं तगो उसप्रे परारर ककी तरह रखपूहूँगरा॥
4॥
दगोहरा :
* उभय भराहूँहत तप्रेहह आनहह हहूँहस कह कमृ पराहनकप्रे त।
जय कमृ पराल कहह कहप चलप्रे अमंगद हनपू समप्रेत॥44॥
भरावरारर्ण:-कमृ परा कप्रे धराम शश्री ररामजश्री नप्रे हहूँसकर कहरा- दगोनर हश्री हस्रहतयर ममें उसप्रे लप्रे आओ। तब
अमंगद और हनपुमरानम सहहत सपुगश्रीवजश्री 'कपरालपु शश्री ररामजश्री ककी जय हगो' कहतप्रे हहए चलप्रे॥4॥
चरौपराई :
* सरादर तप्रेहह आगमें करर बरानर। चलप्रे जहराहूँ रघपुपहत करनराकर॥
दरपू रहह तप्रे दप्रेखप्रे दरौ ररातरा। नयनरानमंद दरान कप्रे दरातरा॥1॥
भरावरारर्ण:-हवभश्रीषरजश्री कगो आदर सहहत आगप्रे करकप्रे वरानर हफिर वहराहूँ चलप्रे, जहराहूँ करररा ककी खरान
शश्री रघपुनरारजश्री रप्रे। नप्रेत्रर कगो आनमंद करा दरान दप्रेनप्रे वरालप्रे (अत्यमंत सपुखद) दगोनर भराइयर कगो
हवभश्रीषरजश्री नप्रे दरपू हश्री सप्रे दप्रेखरा॥1॥
* बहह रर रराम छहबधराम हबलगोककी। रहप्रेउ ठटपु हक एकटक पल रगोककी॥
भपुज पलमंब कमंजरारन लगोचन। स्यरामल गरात पनत भय मगोचन॥2॥
भरावरारर्ण:-हफिर शगोभरा कप्रे धराम शश्री ररामजश्री कगो दप्रेखकर वप्रे पलक (मरारनरा) रगोककर हठठककर
(स्तब्ध हगोकर) एकटक दप्रेखतप्रे हश्री रह गए। भगवरानम ककी हवशराल भपुजराएहूँ हमैं लराल कमल कप्रे समरान
नप्रेत्र हमैं और शरररागत कप्रे भय करा नराश करनप्रे वरालरा सरावहूँ लरा शरश्रीर हहै॥2॥
* सघ कमंध आयत उर सगोहरा। आनन अहमत मदन मन मगोहरा॥
नयन नश्रीर पपुलहकत अहत गरातरा। मन धरर धश्रीर कहश्री ममृद पु बरातरा॥3॥
भरावरारर्ण:-हसमंह कप्रे सप्रे कमंधप्रे हमैं, हवशराल वक्षद्धाःस्रल (चरौडश्री छरातश्री) अत्यमंत शगोभरा दप्रे रहरा हहै। असमंख्य
करामदप्रेवर कप्रे मन कगो मगोहहत करनप्रे वरालरा मपुख हहै। भगवरानम कप्रे स्वरूप कगो दप्रेखकर हवभश्रीषरजश्री कप्रे
नप्रेत्रर ममें (पप्रेमराशपुओमं करा) जल भर आयरा और शरश्रीर अत्यमंत पपुलहकत हगो गयरा। हफिर मन ममें धश्रीरज
धरकर उन्हरनप्रे कगोमल वचन कहप्रे॥3॥
* नरार दसरानन कर ममैं ररातरा। हनहसचर बमंस जनम सपुरत्ररातरा॥
सहज परापहपय तरामस दप्रेहरा। जररा उलपूकहह तम पर नप्रेहरा॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे नरार! ममैं दशमपुख ररावर करा भराई हह हूँ। हप्रे दप्रेवतराओमं कप्रे रक्षक! मप्रेररा जन्म रराक्षस कपु ल ममें
हह आ हहै। मप्रेररा तरामसश्री शरश्रीर हहै, स्वभराव सप्रे हश्री मपुझप्रे पराप हपय हमैं, जहैसप्रे उल्लह कगो अमंधकरार पर सहज
स्नप्रेह हगोतरा हहै॥4॥
दगोहरा :
* शवन सपुजसपु सपुहन आयउहूँ पभपु भमंजन भव भश्रीर।
त्रराहह त्रराहह आरहत हरन सरन सपुखद रघपुबश्रीर॥45॥
भरावरारर्ण:-ममैं करानर सप्रे आपकरा सपुयश सपुनकर आयरा हह हूँ हक पभपु भव (जन्म-मरर) कप्रे भय करा नराश
करनप्रे वरालप्रे हमैं। हप्रे दहपु खयर कप्रे दद्धाःपु ख दरपू करनप्रे वरालप्रे और शरररागत कगो सपुख दप्रेनप्रे वरालप्रे शश्री रघपुवश्रीर !
मप्रेरश्री रक्षरा ककीहजए, रक्षरा ककीहजए॥45॥
चरौपराई :
* अस कहह करत दमंडवत दप्रेखरा। तपुरत उठप्रे पभपु हरष हबसप्रेषरा॥
दश्रीन बचन सपुहन पभपु मन भरावरा। भपुज हबसराल गहह हृदयहूँ लगरावरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-पभपु नप्रे उन्हमें ऐसरा कहकर दमंडवतम करतप्रे दप्रेखरा तगो वप्रे अत्यमंत हहषर्णत हगोकर तपुरमंत उठप्रे।
हवभश्रीषरजश्री कप्रे दश्रीन वचन सपुननप्रे पर पभपु कप्रे मन कगो बहह त हश्री भराए। उन्हरनप्रे अपनश्री हवशराल भपुजराओमं
सप्रे पकडकर उनकगो हृदय सप्रे लगरा हलयरा॥1॥
* अनपुज सहहत हमहल हढग बहैठरारश्री। बगोलप्रे बचन भगत भय हरारश्री॥
कहह लमंकप्रेस सहहत पररवराररा। कपु सल कपु ठराहर बरास तपुम्हराररा॥2॥
भरावरारर्ण:-छगोटप्रे भराई लक्ष्मरजश्री सहहत गलप्रे हमलकर उनकगो अपनप्रे परास बहैठराकर शश्री ररामजश्री भक्तर कप्रे
भय कगो हरनप्रे वरालप्रे वचन बगोलप्रे- हप्रे लमंकप्रेश! पररवरार सहहत अपनश्री कपु शल कहगो। तपुम्हराररा हनवरास
बपुरश्री जगह पर हहै॥2॥
* खल ममंडलश्री बसहह हदनपु ररातश्री। सखरा धरम हनबहइ कप्रे हह भराहूँतश्री॥
ममैं जरानउहूँ तपुम्हरारर सब रश्रीतश्री। अहत नय हनपपुन न भराव अनश्रीतश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-हदन-ररात दष्टिपु र ककी ममंडलश्री ममें बसतप्रे हगो। (ऐसश्री दशरा ममें) हप्रे सखप्रे! तपुम्हराररा धमर्ण हकस
पकरार हनभतरा हहै? ममैं तपुम्हरारश्री सब रश्रीहत (आचरार-व्यवहरार) जरानतरा हह हूँ। तपुम अत्यमंत नश्रीहतहनपपुर
हगो, तपुम्हमें अनश्रीहत नहहीं सपुहरातश्री॥3॥
* बर भल बरास नरक कर तरातरा। दष्टिपु समंग जहन दप्रेइ हबधरातरा॥
अब पद दप्रेहख कपु सल रघपुररायरा। जजौं तपुम्ह ककीहन्ह जराहन जन दरायरा॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे तरात! नरक ममें रहनरा वरनम अच्छरा हहै, परमंतपु हवधरातरा दष्टिपु करा समंग (कभश्री) न दप्रे।
(हवभश्रीषरजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे रघपुनरारजश्री! अब आपकप्रे चररर करा दशर्णन कर कपु शल सप्रे हह,हूँ जगो आपनप्रे
अपनरा सप्रेवक जरानकर मपुझ पर दयरा ककी हहै॥4॥
दगोहरा :
* तब लहग कपु सल न जश्रीव कहह हूँ सपनप्रेहहहूँ मन हबशराम।
जब लहग भजत न रराम कहह हूँ सगोक धराम तहज कराम॥46॥
भरावरारर्ण:-तब तक जश्रीव ककी कपु शल नहहीं और न स्वप्न ममें भश्री उसकप्रे मन कगो शरामंहत हहै, जब तक वह
शगोक कप्रे घर कराम (हवषय-करामनरा) कगो छगोडकर शश्री ररामजश्री कगो नहहीं भजतरा॥46॥
चरौपराई :
* तब लहग हृदयहूँ बसत खल नरानरा। लगोभ मगोह मच्छर मद मरानरा॥
जब लहग उर न बसत रघपुनराररा। धरमें चराप सरायक कहट भराररा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-लगोभ, मगोह, मत्सर (डराह), मद और मरान आहद अनप्रेकर दष्टिपु तभश्री तक हृदय ममें बसतप्रे
हमैं, जब तक हक धनपुष-बरार और कमर ममें तरकस धरारर हकए हह ए शश्री रघपुनरारजश्री हृदय ममें नहहीं
बसतप्रे॥1॥
* ममतरा तरन तमश्री अहूँहधआरश्री। रराग दप्रेष उलपूक सपुखकरारश्री॥
तब लहग बसहत जश्रीव मन मराहहीं। जब लहग पभपु पतराप रहब नराहहीं॥ 2॥
भरावरारर्ण:-ममतरा पपूरर्ण अहूँधप्रेरश्री ररात हहै, जगो रराग-दप्रेष रूपश्री उल्लहओमं कगो सपुख दप्रेनप्रे वरालश्री हहै। वह (ममतरा
रूपश्री रराहत्र) तभश्री तक जश्रीव कप्रे मन ममें बसतश्री हहै, जब तक पभपु (आप) करा पतराप रूपश्री सपूयर्ण उदय
नहहीं हगोतरा॥2॥
* अब ममैं कपु सल हमटप्रे भय भरारप्रे। दप्रेहख रराम पद कमल तपुम्हरारप्रे॥
तपुम्ह कमृ पराल जरा पर अनपुकपूलरा। तराहह न ब्यराप हत्रहबध भव सपूलरा॥3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे शश्री ररामजश्री! आपकप्रे चरररारहवन्द कप्रे दशर्णन कर अब ममैं कपु शल सप्रे हह,हूँ मप्रेरप्रे भरारश्री भय
हमट गए। हप्रे कमृ परालपु! आप हजस पर अनपुकपूल हगोतप्रे हमैं, उसप्रे तश्रीनर पकरार कप्रे भवशपूल
(आध्यराहत्मक, आहधदहैहवक और आहधभरौहतक तराप) नहहीं व्यरापतप्रे॥3॥
* ममैं हनहसचर अहत अधम सपुभराऊ। सपुभ आचरनपु ककीन्ह नहहमं कराऊ॥
जरासपु रूप मपुहन ध्यरान न आवरा। तप्रेहहमं पभपु हरहष हृदयहूँ मगोहह लरावरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-ममैं अत्यमंत नश्रीच स्वभराव करा रराक्षस हह हूँ। ममैंनप्रे कभश्री शपुभ आचरर नहहीं हकयरा। हजनकरा रूप
मपुहनयर कप्रे भश्री ध्यरान ममें नहहीं आतरा, उन पभपु नप्रे स्वयमं हहषर्णत हगोकर मपुझप्रे हृदय सप्रे लगरा हलयरा॥ 4॥
दगोहरा :
* अहगोभराग्य मम अहमत अहत रराम कमृ परा सपुख पपुमंज।
दप्रेखप्रेउहूँ नयन हबरमंहच हसव सप्रेब्य जपुगल पद कमंज॥47॥
भरावरारर्ण:-हप्रे कमृ परा और सपुख कप्रे पपुमंज शश्री ररामजश्री! मप्रेररा अत्यमंत असश्रीम सरौभराग्य हहै, जगो ममैंनप्रे ब्रहरा
और हशवजश्री कप्रे दराररा सप्रेहवत यगपु ल चरर कमलर कगो अपनप्रे नप्रेत्रर सप्रे दप्रेखरा॥47॥
चरौपराई :
* सपुनहह सखरा हनज कहउहूँ सपुभराऊ। जरान भपुसपुमंहड समंभपु हगररजराऊ॥
जजौं नर हगोइ चरराचर दगोहश्री। आवहै सभय सरन तहक मगोहश्री॥1॥
भरावरारर्ण:-(शश्री ररामजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे सखरा! सपुनगो, ममैं तपुम्हमें अपनरा स्वभराव कहतरा हह हूँ, हजसप्रे
कराकभपुशपुहण्ड, हशवजश्री और परावर्णतश्रीजश्री भश्री जरानतश्री हमैं। कगोई मनपुष्य (समंपपूरर्ण) जड-चप्रेतन जगतम करा
दगोहश्री हगो, यहद वह भश्री भयभश्रीत हगोकर मप्रेरश्री शरर तक कर आ जराए ,॥1॥
* तहज मद मगोह कपट छल नरानरा। करउहूँ सद्य तप्रेहह सराधपु समरानरा॥
जननश्री जनक बमंधपु सपुत दराररा। तनपु धनपु भवन सपुहृद पररवराररा॥2॥
भरावरारर्ण:-और मद, मगोह तररा नरानरा पकरार कप्रे छल-कपट त्यराग दप्रे तगो ममैं उसप्रे बहह त शश्रीघ्र सराधपु कप्रे
समरान कर दप्रेतरा हह हूँ। मरातरा, हपतरा, भराई, पपुत्र, स्त्रश्री, शरश्रीर, धन, घर, हमत्र और पररवरार॥2॥
* सब कहै ममतरा तराग बटगोरश्री। मम पद मनहह बराधहूँ बरर डगोरश्री॥
समदरसश्री इच्छरा कछपु नराहहीं। हरष सगोक भय नहहमं मन मराहहीं॥3॥
भरावरारर्ण:-इन सबकप्रे ममत्व रूपश्री तरागर कगो बटगोरकर और उन सबककी एक डगोरश्री बनराकर उसकप्रे
दराररा जगो अपनप्रे मन कगो मप्रेरप्रे चररर ममें बराहूँध दप्रेतरा हहै। (सरारप्रे सरामंसराररक समंबमंधर करा कमें द मपुझप्रे बनरा लप्रेतरा
हहै), जगो समदशर हहै, हजसप्रे कपु छ इच्छरा नहहीं हहै और हजसकप्रे मन ममें हषर्ण, शगोक और भय नहहीं हहै॥
3॥
* अस सजन मम उर बस कहै समें। लगोभश्री हृदयहूँ बसइ धनपु जहैसमें॥
तपुम्ह सराररखप्रे समंत हपय मगोरमें। धरउहूँ दप्रेह नहहमं आन हनहगोरमें॥4॥
भरावरारर्ण:-ऐसरा सजन मप्रेरप्रे हृदय ममें कहै सप्रे बसतरा हहै, जहैसप्रे लगोभश्री कप्रे हृदय ममें धन बसरा करतरा हहै। तपुम
सरश्रीखप्रे समंत हश्री मपुझप्रे हपय हमैं। ममैं और हकसश्री कप्रे हनहगोरप्रे सप्रे (कमृ तजतरावश) दप्रेह धरारर नहहीं करतरा॥
4॥
दगोहरा :
* सगपुन उपरासक परहहत हनरत नश्रीहत दृढ नप्रेम।
तप्रे नर परान समरान मम हजन्ह कमें हदज पद पप्रेम॥48॥
भरावरारर्ण:-जगो सगपुर (सराकरार) भगवरानम कप्रे उपरासक हमैं, दस पू रप्रे कप्रे हहत ममें लगप्रे रहतप्रे हमैं, नश्रीहत और
हनयमर ममें दृढ हमैं और हजन्हमें ब्रराहरर कप्रे चररर ममें पप्रेम हहै, वप्रे मनपुष्य मप्रेरप्रे परारर कप्रे समरान हमैं॥48॥
चरौपराई :
* सपुनपु लमंकप्रेस सकल गपुन तगोरमें। तरातमें तपुम्ह अहतसय हपय मगोरमें॥।
रराम बचन सपुहन बरानर जपूररा। सकल कहहहमं जय कमृ परा बरूररा॥1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे लमंकरापहत! सपुनगो, तपुम्हरारप्रे अमंदर उपयर्णक्त
पु सब गपुर हमैं। इससप्रे तपुम मपुझप्रे अत्यमंत हश्री हपय
हगो। शश्री ररामजश्री कप्रे वचन सपुनकर सब वरानरर कप्रे समपूह कहनप्रे लगप्रे- कमृ परा कप्रे समपूह शश्री ररामजश्री ककी
जय हगो॥1॥
* सपुनत हबभश्रीषनपु पभपु कहै बरानश्री। नहहमं अघरात शवनराममृत जरानश्री॥
पद अमंबपुज गहह बरारहहमं बराररा। हृदयहूँ समरात न पप्रेमपु अपराररा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-पभपु ककी वरारश्री सपुनतप्रे हमैं और उसप्रे करानर कप्रे हलए अममृत जरानकर हवभश्रीषरजश्री अघरातप्रे नहहीं
हमैं। वप्रे बरार-बरार शश्री ररामजश्री कप्रे चरर कमलर कगो पकडतप्रे हमैं अपरार पप्रेम हहै, हृदय ममें समरातरा नहहीं हहै॥
2॥
* सपुनहह दप्रेव सचरराचर स्वरामश्री। पनतपराल उर अमंतरजरामश्री॥
उर कछपु परम बरासनरा रहश्री। पभपु पद पश्रीहत सररत सगो बहश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-(हवभश्रीषरजश्री नप्रे कहरा-) हप्रे दप्रेव! हप्रे चरराचर जगतम कप्रे स्वरामश्री! हप्रे शरररागत कप्रे रक्षक! हप्रे
सबकप्रे हृदय कप्रे भश्रीतर ककी जराननप्रे वरालप्रे! सपुहनए, मप्रेरप्रे हृदय ममें पहलप्रे कपु छ वरासनरा रश्री। वह पभपु कप्रे
चररर ककी पश्रीहत रूपश्री नदश्री ममें बह गई॥3॥
* अब कमृ पराल हनज भगहत परावनश्री। दप्रेहह सदरा हसव मन भरावनश्री॥
एवमस्तपु कहह पभपु रनधश्रीररा। मरागरा तपुरत हसमंधपु कर नश्रीररा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-अब तगो हप्रे कमृ परालपु! हशवजश्री कप्रे मन कगो सदहैव हपय लगनप्रे वरालश्री अपनश्री पहवत्र भहक्त मपुझप्रे
दश्रीहजए। 'एवमस्तपु' (ऐसरा हश्री हगो) कहकर ररधश्रीर पभपु शश्री ररामजश्री नप्रे तपुरमंत हश्री समपुद करा जल
मराहूँगरा॥4॥
* जदहप सखरा तव इच्छरा नहहीं। मगोर दरसपु अमगोघ जग मराहहीं॥
अस कहह रराम हतलक तप्रेहह सराररा। सपुमन बमृहष्टि नभ भई अपराररा॥ 5॥
भरावरारर्ण:-(और कहरा-) हप्रे सखरा! यद्यहप तपुम्हरारश्री इच्छरा नहहीं हहै, पर जगतम ममें मप्रेररा दशर्णन अमगोघ हहै
(वह हनष्फिल नहहीं जरातरा)। ऐसरा कहकर शश्री ररामजश्री नप्रे उनकगो रराजहतलक कर हदयरा। आकराश सप्रे
पपुष्पर ककी अपरार वमृहष्टि हहई॥5॥
दगोहरा :
* ररावन कगोध अनल हनज स्वरास समश्रीर पचमंड।
जरत हबभश्रीषनपु रराखप्रेउ दश्रीन्हप्रेउ रराजपु अखमंड॥49 क॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री नप्रे ररावर ककी कगोध रूपश्री अहग्नि ममें, जगो अपनश्री (हवभश्रीषर ककी) श्वरास (वचन)
रूपश्री पवन सप्रे पचमंड हगो रहश्री रश्री, जलतप्रे हहए हवभश्रीषर कगो बचरा हलयरा और उसप्रे अखमंड रराज्य हदयरा॥
49 (क)॥
* जगो समंपहत हसव ररावनहह दश्रीहन्ह हदएहूँ दस मरार।
सगोइ समंपदरा हबभश्रीषनहह सकपु हच दश्रीहन्ह रघपुनरार॥49 ख॥
भरावरारर्ण:-हशवजश्री नप्रे जगो समंपहर ररावर कगो दसर हसरर ककी बहल दप्रेनप्रे पर दश्री रश्री , वहश्री समंपहर शश्री
रघपुनरारजश्री नप्रे हवभश्रीषर कगो बहह त सकपु चतप्रे हह ए दश्री॥49 (ख)॥
चरौपराई :
* अस पभपु छराहड भजहहमं जप्रे आनरा। तप्रे नर पसपु हबनपु पपूहूँछ हबषरानरा॥
हनज जन जराहन तराहह अपनरावरा। पभपु सपुभराव कहप कपु ल मन भरावरा॥1॥
भरावरारर्ण:-ऐसप्रे परम कमृ परालपु पभपु कगो छगोडकर जगो मनपुष्य दस पू रप्रे कगो भजतप्रे हमैं, वप्रे हबनरा सहींग-पपूहूँछ कप्रे
पशपु हमैं। अपनरा सप्रेवक जरानकर हवभश्रीषर कगो शश्री ररामजश्री नप्रे अपनरा हलयरा। पभपु करा स्वभराव वरानरकपु ल
कप्रे मन कगो (बहह त) भरायरा॥1॥
* पपुहन सबर्णग्य सबर्ण उर बरासश्री। सबर्णरूप सब रहहत उदरासश्री॥
बगोलप्रे बचन नश्रीहत पहतपरालक। करारन मनपुज दनपुज कपु ल घरालक॥2॥
भरावरारर्ण:-हफिर सब कपु छ जराननप्रे वरालप्रे, सबकप्रे हृदय ममें बसनप्रे वरालप्रे, सवर्णरूप (सब रूपर ममें पकट),
सबसप्रे रहहत, उदरासश्रीन, करारर सप्रे (भक्तर पर कमृ परा करनप्रे कप्रे हलए) मनपुष्य बनप्रे हह ए तररा रराक्षसर कप्रे
कपु ल करा नराश करनप्रे वरालप्रे शश्री ररामजश्री नश्रीहत ककी रक्षरा करनप्रे वरालप्रे वचन बगोलप्रे -॥2॥
समपुद परार करनप्रे कप्रे हलए हवचरार, ररावरदतपू शपुक करा आनरा और लक्ष्मरजश्री कप्रे पत्र कगो लप्रेकर
लरौटनरा
दगोहरा :
* ककी भइ भमेंट हक हफिरर गए शवन सपुजसपु सपुहन मगोर।
कहहस न ररपपु दल तप्रेज बल बहह त चहकत हचत तगोर ॥53॥
भरावरारर्ण:-उनसप्रे तप्रेरश्री भमेंट हह ई यरा वप्रे करानर सप्रे मप्रेररा सपुयश सपुनकर हश्री लरौट गए? शत्रपु सप्रेनरा करा तप्रेज
और बल बतरातरा क्यर नहहीं? तप्रेररा हचर बहह त हश्री चहकत (भजौंचक्करा सरा) हगो रहरा हहै॥53॥
चरौपराई :
* नरार कमृ परा करर पपूहूँछहप्रे ह जहैसमें। मरानहह कहरा कगोध तहज तहैसमें॥
हमलरा जराइ जब अनपुज तपुम्हराररा। जरातहहमं रराम हतलक तप्रेहह सराररा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-(दतपू नप्रे कहरा-) हप्रे नरार! आपनप्रे जहैसप्रे कमृ परा करकप्रे पपूछरा हहै, वहैसप्रे हश्री कगोध छगोडकर मप्रेररा
कहनरा मराहनए (मप्रेरश्री बरात पर हवश्वरास ककीहजए)। जब आपकरा छगोटरा भराई शश्री ररामजश्री सप्रे जराकर
हमलरा, तब उसकप्रे पहह हूँचतप्रे हश्री शश्री ररामजश्री नप्रे उसकगो रराजहतलक कर हदयरा॥ 1॥
दगोहरा :
* ररावन दतपू हमहह सपुहन करानरा। कहपन्ह बराहूँहध दश्रीन्हमें दख पु नरानरा॥
शवन नराहसकरा कराटमैं लरागप्रे। रराम सपर दश्रीन्हमें हम त्यरागप्रे॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हम ररावर कप्रे दतपू हमैं, यह करानर सप्रे सपुनकर वरानरर नप्रे हममें बराहूँधकर बहह त कष्टि हदए, यहराहूँ
तक हक वप्रे हमरारप्रे नराक-करान कराटनप्रे लगप्रे। शश्री ररामजश्री ककी शपर हदलरानप्रे पर कहहीं उन्हरनप्रे हमकगो
छगोडरा॥2॥
* पपूहहूँ छहह नरार रराम कटकराई। बदन कगोहट सत बरहन न जराई॥
नरानरा बरन भरालपु कहप धरारश्री। हबकटरानन हबसराल भयकरारश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे नरार! आपनप्रे शश्री ररामजश्री ककी सप्रेनरा पपूछश्री, सगो वह तगो सरौ करगोड मपुखर सप्रे भश्री वरर्णन नहहीं
ककी जरा सकतश्री। अनप्रेकर रमंगर कप्रे भरालपु और वरानरर ककी सप्रेनरा हहै, जगो भयमंकर मपुख वरालप्रे, हवशराल
शरश्रीर वरालप्रे और भयरानक हमैं॥3॥
* जप्रेहहमं पपुर दहप्रेउ हतप्रेउ सपुत तगोररा। सकल कहपन्ह महहूँ तप्रेहह बलपु रगोररा॥
अहमत नराम भट कहठन कररालरा। अहमत नराग बल हबपपुल हबसरालरा॥4॥
भरावरारर्ण:-हजसनप्रे नगर कगो जलरायरा और आपकप्रे पपुत्र अक्षय कपु मरार कगो मराररा, उसकरा बल तगो सब
वरानरर ममें रगोडरा हहै। असमंख्य नरामर वरालप्रे बडप्रे हश्री कठगोर और भयमंकर यगोदरा हमैं। उनममें असमंख्य हराहरयर
करा बल हहै और वप्रे बडप्रे हश्री हवशराल हमैं॥4॥
दगोहरा :
* हदहबद मयमंद नश्रील नल अमंगद गद हबकटराहस।
दहधमपुख कप्रे हरर हनसठ सठ जरामवमंत बलरराहस॥54॥
भरावरारर्ण:-हदहवद, मयमंद, नश्रील, नल, अमंगद, गद, हवकटरास्य, दहधमपुख, कप्रे सरश्री, हनशठ, शठ
और जराम्बवरानम यप्रे सभश्री बल ककी रराहश हमैं॥54॥
चरौपराई :
* ए कहप सब सपुगश्रीव समरानरा। इन्ह सम कगोहटन्ह गनइ कगो नरानरा॥
रराम कमृ पराहूँ अतपुहलत बल हतन्हहहीं। तमृन समरान त्रहैलगोकहह गनहहीं॥1॥
भरावरारर्ण:-यप्रे सब वरानर बल ममें सपुगश्रीव कप्रे समरान हमैं और इनकप्रे जहैसप्रे (एक-दगो नहहीं) करगोडर हमैं, उन
बहह त सगो कगो हगन हश्री करौन सकतरा हहै। शश्री ररामजश्री ककी कमृ परा सप्रे उनममें अतपुलनश्रीय बल हहै। वप्रे तश्रीनर
लगोकर कगो तमृर कप्रे समरान (तपुच्छ) समझतप्रे हमैं॥1॥
* अस ममैं सपुनरा शवन दसकमंधर। पदमपु अठरारह जपूरप बमंदर॥
नरार कटक महहूँ सगो कहप नराहहीं। जगो न तपुम्हहह जश्रीतहै रन मराहहीं॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे दशगश्रीव! ममैंनप्रे करानर सप्रे ऐसरा सपुनरा हहै हक अठरारह पद तगो अकप्रे लप्रे वरानरर कप्रे सप्रेनरापहत हमैं।
हप्रे नरार! उस सप्रेनरा ममें ऐसरा कगोई वरानर नहहीं हहै, जगो आपकगो रर ममें न जश्रीत सकप्रे ॥2॥
* परम कगोध मश्रीजहहमं सब हराररा। आयसपु पहै न दप्रेहहमं रघपुनराररा॥
सगोषहहमं हसमंधपु सहहत झष ब्यरालरा। पपूरहहमं न त भरर कपु धर हबसरालरा॥3॥
भरावरारर्ण:-सब कप्रे सब अत्यमंत कगोध सप्रे हरार मश्रीजतप्रे हमैं। पर शश्री रघपुनरारजश्री उन्हमें आजरा नहहीं दप्रेतप्रे। हम
मछहलयर और सराहूँपर सहहत समपुद कगो सगोख लमेंगप्रे। नहहीं तगो बडप्रे -बडप्रे पवर्णतर सप्रे उसप्रे भरकर पपूर
(पराट) दमेंगप्रे॥3॥
* महदर्ण गदर्ण हमलवहहमं दससश्रीसरा। ऐसप्रेइ बचन कहहहमं सब ककीसरा॥
गजर्णहहमं तजर्णहहमं सहज असमंकरा। मरानहह हूँ गसन चहत हहहमं लमंकरा॥4॥
भरावरारर्ण:-और ररावर कगो मसलकर धपूल ममें हमलरा दमेंगप्रे। सब वरानर ऐसप्रे हश्री वचन कह रहप्रे हमैं। सब
सहज हश्री हनडर हमैं, इस पकरार गरजतप्रे और डपटतप्रे हमैं मरानगो लमंकरा कगो हनगल हश्री जरानरा चराहतप्रे हमैं॥
4॥
दगोहरा :
* सहज सपूर कहप भरालपु सब पपुहन हसर पर पभपु रराम।
ररावन कराल कगोहट कहह हूँ जश्रीहत सकहहमं समंगराम॥55॥
भरावरारर्ण:-सब वरानर-भरालपू सहज हश्री शपूरवश्रीर हमैं हफिर उनकप्रे हसर पर पभपु (सवर्देश्वर) शश्री ररामजश्री हमैं।
हप्रे ररावर! वप्रे समंगराम ममें करगोडर करालर कगो जश्रीत सकतप्रे हमैं॥55॥
चरौपराई :
* रराम तप्रेज बल बपुहध हबपपुलराई। सप्रेष सहस सत सकहहमं न गराई॥
सक सर एक सगोहष सत सरागर। तव ररातहह पपूछ हूँ प्रेउ नय नरागर॥1॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे तप्रेज (सरामथ्यर्ण), बल और बपुहद ककी अहधकतरा कगो लराखर शप्रेष भश्री नहहीं
गरा सकतप्रे। वप्रे एक हश्री बरार सप्रे सहैकडर समपुदर कगो सगोख सकतप्रे हमैं, परमंतपु नश्रीहत हनपपुर शश्री ररामजश्री नप्रे
(नश्रीहत ककी रक्षरा कप्रे हलए) आपकप्रे भराई सप्रे उपराय पपूछरा॥1॥
* तरासपु बचन सपुहन सरागर पराहहीं। मरागत पमंर कमृ परा मन मराहहीं॥
सपुनत बचन हबहसरा दससश्रीसरा। जजौं अहस महत सहराय कमृ त ककीसरा॥2॥
भरावरारर्ण:-उनकप्रे (आपकप्रे भराई कप्रे ) वचन सपुनकर वप्रे (शश्री ररामजश्री) समपुद सप्रे रराह मराहूँग रहप्रे हमैं, उनकप्रे
मन ममें कमृ परा भश्री हहै (इसहलए वप्रे उसप्रे सगोखतप्रे नहहीं)। दतपू कप्रे यप्रे वचन सपुनतप्रे हश्री ररावर खपूब हहूँसरा
(और बगोलरा-) जब ऐसश्री बपुहद हहै, तभश्री तगो वरानरर कगो सहरायक बनरायरा हहै!॥2॥
* सहज भश्रीर कर बचन दृढराई। सरागर सन ठरानश्री मचलराई॥
मपूढ ममृषरा करा करहस बडराई। ररपपु बल बपुहद रराह ममैं पराई॥3॥
भरावरारर्ण:-स्वराभराहवक हश्री डरपगोक हवभश्रीषर कप्रे वचन कगो पमरार करकप्रे उन्हरनप्रे समपुद सप्रे मचलनरा
(बरालहठ) ठरानरा हहै। अरप्रे मपूखर्ण! झपूठश्री बडराई क्यरा करतरा हहै? बस, ममैंनप्रे शत्रपु (रराम) कप्रे बल और
बपुहद ककी रराह परा लश्री॥3॥
* सहचव सभश्रीत हबभश्रीषन जराकमें। हबजय हबभपूहत कहराहूँ जग तराकमें॥
सपुहन खल बचन दतपू ररस बराढश्री। समय हबचरारर पहत्रकरा कराढश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-सपुहन खल बचन दतपू ररस बराढश्री। समय हबचरारर पहत्रकरा कराढश्री॥4॥
* ररामरानपुज दश्रीन्हहीं यह परातश्री। नरार बचराइ जपुडरावहह छरातश्री॥
हबहहस बराम कर लश्रीन्हहीं ररावन। सहचव बगोहल सठ लराग बचरावन॥5॥
भरावरारर्ण:-(और कहरा-) शश्री ररामजश्री कप्रे छगोटप्रे भराई लक्ष्मर नप्रे यह पहत्रकरा दश्री हहै। हप्रे नरार! इसप्रे
बचवराकर छरातश्री ठमंडश्री ककीहजए। ररावर नप्रे हहूँसकर उसप्रे बराएहूँ हरार सप्रे हलयरा और ममंत्रश्री कगो बपुलवराकर वह
मपूखर्ण उसप्रे बहूँचरानप्रे लगरा॥5॥
दगोहरा :
* बरातन्ह मनहह ररझराइ सठ जहन घरालहस कपु ल खश्रीस।
रराम हबरगोध न उबरहस सरन हबष्नपु अज ईस॥56 क॥
भरावरारर्ण:-(पहत्रकरा ममें हलखरा ररा-) अरप्रे मपूखर्ण! कप्रे वल बरातर सप्रे हश्री मन कगो ररझराकर अपनप्रे कपु ल कगो
नष्टि-रष्टि न कर। शश्री ररामजश्री सप्रे हवरगोध करकप्रे तपू हवष्रपु, ब्रहरा और महप्रेश ककी शरर जरानप्रे पर भश्री नहहीं
बचप्रेगरा॥56 (क)॥
* ककी तहज मरान अनपुज इव पभपु पद पमंकज भमृमंग।
हगोहह हक रराम सररानल खल कपु ल सहहत पतमंग॥56 ख॥
भरावरारर्ण:-यरा तगो अहभमरान छगोडकर अपनप्रे छगोटप्रे भराई हवभश्रीषर ककी भराहूँहत पभपु कप्रे चरर कमलर करा
रमर बन जरा। अरवरा रप्रे दष्टिपु ! शश्री ररामजश्री कप्रे बरार रूपश्री अहग्नि ममें पररवरार सहहत पहतमंगरा हगो जरा
(दगोनर ममें सप्रे जगो अच्छरा लगप्रे सगो कर)॥56 (ख)॥
चरौपराई :
* सपुनत सभय मन मपुख मपुसपुकराई। कहत दसरानन सबहह सपुनराई॥
भपूहम पररा कर गहत अकरासरा। लघपु तरापस कर बराग हबलरासरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-पहत्रकरा सपुनतप्रे हश्री ररावर मन ममें भयभश्रीत हगो गयरा, परमंतपु मपुख सप्रे (ऊपर सप्रे) मपुस्कपु ररातरा
हह आ वह सबकगो सपुनराकर कहनप्रे लगरा- जहैसप्रे कगोई पमृथ्वश्री पर पडरा हह आ हरार सप्रे आकराश कगो पकडनप्रे
ककी चप्रेष्टिरा करतरा हगो, वहैसप्रे हश्री यह छगोटरा तपस्वश्री (लक्ष्मर) वराहग्वलरास करतरा हहै (डहींग हराक हूँ तरा हहै)॥
1॥
* कह सपुक नरार सत्य सब बरानश्री। समपुझहह छराहड पकमृ हत अहभमरानश्री॥
सपुनहह बचन मम पररहरर कगोधरा। नरार रराम सन तजहह हबरगोधरा॥2॥
भरावरारर्ण:-शपुक (दतपू ) नप्रे कहरा- हप्रे नरार! अहभमरानश्री स्वभराव कगो छगोडकर (इस पत्र ममें हलखश्री) सब
बरातर कगो सत्य समहझए। कगोध छगोडकर मप्रेररा वचन सपुहनए। हप्रे नरार ! शश्री ररामजश्री सप्रे वहैर त्यराग
दश्रीहजए॥2॥
* अहत कगोमल रघपुबश्रीर सपुभराऊ। जद्यहप अहखल लगोक कर रराऊ॥
हमलत कमृ परा तपुम्ह पर पभपु कररहश्री। उर अपरराध न एकउ धररहश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-यद्यहप शश्री रघपुवश्रीर समस्त लगोकर कप्रे स्वरामश्री हमैं, पर उनकरा स्वभराव अत्यमंत हश्री कगोमल हहै।
हमलतप्रे हश्री पभपु आप पर कमृ परा करमेंगप्रे और आपकरा एक भश्री अपरराध वप्रे हृदय ममें नहहीं रखमेंगप्रे॥3॥
* जनकसपुतरा रघपुनरारहह दश्रीजप्रे। एतनरा कहरा मगोर पभपु ककीजप्रे॥
जब तप्रेहहमं कहरा दप्रेन बहैदप्रेहश्री। चरन पहरार ककीन्ह सठ तप्रेहश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-जरानककीजश्री शश्री रघपुनरारजश्री कगो दप्रे दश्रीहजए। हप्रे पभपु! इतनरा कहनरा मप्रेररा ककीहजए। जब उस
(दतपू ) नप्रे जरानककीजश्री कगो दप्रेनप्रे कप्रे हलए कहरा, तब दष्टिपु ररावर नप्रे उसकगो लरात मरारश्री॥4॥
* नराइ चरन हसर चलरा सगो तहराहूँ। कमृ पराहसमंधपु रघपुनरायक जहराहूँ॥
करर पनरामपु हनज कररा सपुनराई। रराम कमृ पराहूँ आपहन गहत पराई॥5॥
भरावरारर्ण:-वह भश्री (हवभश्रीषर ककी भराहूँहत) चररर ममें हसर नवराकर वहहीं चलरा, जहराहूँ कमृ परासरागर शश्री
रघपुनरारजश्री रप्रे। परराम करकप्रे उसनप्रे अपनश्री कररा सपुनराई और शश्री ररामजश्री ककी कमृ परा सप्रे अपनश्री गहत
(मपुहन करा स्वरूप) पराई॥5॥
* ररहष अगहस्त ककीमं सराप भवरानश्री। रराछस भयउ रहरा मपुहन ग्यरानश्री॥
बमंहद रराम पद बरारहहमं बराररा। मपुहन हनज आशम कहह हूँ पगपु धराररा॥6॥
भरावरारर्ण:-(हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे भवरानश्री! वह जरानश्री मपुहन ररा, अगस्त्य ऋहष कप्रे शराप सप्रे रराक्षस
हगो गयरा ररा। बरार-बरार शश्री ररामजश्री कप्रे चररर ककी वमंदनरा करकप्रे वह मपुहन अपनप्रे आशम कगो चलरा गयरा॥
6॥
समपुद पर शश्री ररामजश्री करा कगोध और समपुद ककी हवनतश्री , शश्री रराम गपुरगरान ककी महहमरा
दगोहरा :
* हबनय न मरानत जलहध जड गए तश्रीहन हदन बश्रीहत।
बगोलप्रे रराम सकगोप तब भय हबनपु हगोइ न पश्रीहत॥57॥
भरावरारर्ण:-इधर तश्रीन हदन बश्रीत गए, हकमंतपु जड समपुद हवनय नहहीं मरानतरा। तब शश्री ररामजश्री कगोध
सहहत बगोलप्रे- हबनरा भय कप्रे पश्रीहत नहहीं हगोतश्री!॥57॥
चरौपराई :
* लहछमन बरान सररासन आनपू। सगोषजौं बराररहध हबहसख कमृ सरानपु॥
सठ सन हबनय कपु हटल सन पश्रीहत। सहज कमृ पन सन सपुदमं र नश्रीहत॥1॥
भरावरारर्ण:-हप्रे लक्ष्मर! धनपुष-बरार लराओ, ममैं अहग्निबरार सप्रे समपुद कगो सगोख डरालपूहूँ। मपूखर्ण सप्रे हवनय,
कपु हटल कप्रे सरार पश्रीहत, स्वराभराहवक हश्री कमंजपूस सप्रे सपुदमं र नश्रीहत (उदरारतरा करा उपदप्रेश),॥1॥
* ममतरा रत सन ग्यरान कहरानश्री। अहत लगोभश्री सन हबरहत बखरानश्री॥
कगोहधहह सम कराहमहह हररकररा। ऊसर बश्रीज बएहूँ फिल जररा॥2॥
भरावरारर्ण:-ममतरा ममें फिहूँसप्रे हहए मनपुष्य सप्रे जरान ककी कररा, अत्यमंत लगोभश्री सप्रे वहैरराग्य करा वरर्णन, कगोधश्री
सप्रे शम (शरामंहत) ककी बरात और करामश्री सप्रे भगवरानम ककी कररा, इनकरा वहैसरा हश्री फिल हगोतरा हहै जहैसरा
ऊसर ममें बश्रीज बगोनप्रे सप्रे हगोतरा हहै (अररार्णतम ऊसर ममें बश्रीज बगोनप्रे ककी भराहूँहत यह सब व्यरर्ण जरातरा हहै)॥
2॥
* अस कहह रघपुपहत चराप चढरावरा। यह मत लहछमन कप्रे मन भरावरा॥
समंधरानप्रेउ पभपु हबहसख कररालरा। उठश्री उदहध उर अमंतर ज्वरालरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-ऐसरा कहकर शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे धनपुष चढरायरा। यह मत लक्ष्मरजश्री कप्रे मन कगो बहह त अच्छरा
लगरा। पभपु नप्रे भयरानक (अहग्नि) बरार समंधरान हकयरा, हजससप्रे समपुद कप्रे हृदय कप्रे अमंदर अहग्नि ककी
ज्वरालरा उठश्री॥3॥
* मकर उरग झष गन अकपु लरानप्रे। जरत जमंतपु जलहनहध जब जरानप्रे॥
कनक ररार भरर महन गन नरानरा। हबप रूप आयउ तहज मरानरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-मगर, सरापहूँ तररा मछहलयर कप्रे समपूह व्यराकपुल हगो गए। जब समपुद नप्रे जश्रीवर कगो जलतप्रे
जरानरा, तब सगोनप्रे कप्रे रराल ममें अनप्रेक महरयर (रत्नर) कगो भरकर अहभमरान छगोडकर वह ब्रराहर कप्रे
रूप ममें आयरा॥4॥
दगोहरा :
* कराटहप्रे हमं पइ कदरश्री फिरइ कगोहट जतन कगोउ सहींच।
हबनय न मरान खगप्रेस सपुनपु डराटप्रेहहमं पइ नव नश्रीच॥58॥
भरावरारर्ण:-(कराकभपुशपुहण्डजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे गरडजश्री! सपुहनए, चराहप्रे कगोई करगोडर उपराय करकप्रे
सहींचप्रे, पर कप्रे लरा तगो कराटनप्रे पर हश्री फिलतरा हहै। नश्रीच हवनय सप्रे नहहीं मरानतरा, वह डराहूँटनप्रे पर हश्री
झपुकतरा हहै (ररास्तप्रे पर आतरा हहै)॥58॥
* सभय हसमंधपु गहह पद पभपु कप्रे रप्रे। छमहह नरार सब अवगपुन मप्रेरप्रे॥।
गगन समश्रीर अनल जल धरनश्री। इन्ह कइ नरार सहज जड करनश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-समपुद नप्रे भयभश्रीत हगोकर पभपु कप्रे चरर पकडकर कहरा- हप्रे नरार! मप्रेरप्रे सब अवगपुर (दगोष)
क्षमरा ककीहजए। हप्रे नरार! आकराश, वराय,पु अहग्नि, जल और पमृथ्वश्री- इन सबककी करनश्री स्वभराव सप्रे हश्री
जड हहै॥1॥
* तव पप्रेररत मरायराहूँ उपजराए। समृहष्टि हप्रेतपु सब गमंरहन गराए॥
पभपु आयसपु जप्रेहह कहहूँ जस अहई। सगो तप्रेहह भराहूँहत रहमें सपुख लहई॥2॥
भरावरारर्ण:-आपककी पप्रेरररा सप्रे मरायरा नप्रे इन्हमें समृहष्टि कप्रे हलए उत्पन्न हकयरा हहै, सब गमंरर नप्रे यहश्री गरायरा हहै।
हजसकप्रे हलए स्वरामश्री ककी जहैसश्री आजरा हहै, वह उसश्री पकरार सप्रे रहनप्रे ममें सपुख परातरा हहै॥2॥
* पभपु भल ककीन्ह मगोहह हसख दश्रीन्हहीं। मरजरादरा पपुहन तपुम्हरश्री ककीन्हहीं॥
ढगोल गवराहूँर सपूद पसपु नरारश्री। सकल तराडनरा कप्रे अहधकरारश्री॥3॥
भरावरारर्ण:-पभपु नप्रे अच्छरा हकयरा जगो मपुझप्रे हशक्षरा (दमंड) दश्री, हकमंतपु मयरार्णदरा (जश्रीवर करा स्वभराव) भश्री
आपककी हश्री बनराई हह ई हहै। ढगोल, गहूँवरार, शपूद, पशपु और स्त्रश्री- यप्रे सब हशक्षरा कप्रे अहधकरारश्री हमैं॥3॥
* पभपु पतराप ममैं जराब सपुखराई। उतररहह कटकपु न मगोरर बडराई॥
पभपु अग्यरा अपप्रेल शपुहत गराई। करजौं सगो बप्रेहग जगो तपुम्हहह सगोहराई॥4॥
भरावरारर्ण:-पभपु कप्रे पतराप सप्रे ममैं सपूख जराऊहूँगरा और सप्रेनरा परार उतर जराएगश्री , इसममें मप्रेरश्री बडराई नहहीं हहै
(मप्रेरश्री मयरार्णदरा नहहीं रहप्रेगश्री)। तरराहप पभपु ककी आजरा अपप्रेल हहै (अररार्णतम आपककी आजरा करा उल्लमंघन
नहहीं हगो सकतरा) ऐसरा वप्रेद गरातप्रे हमैं। अब आपकगो जगो अच्छरा लगप्रे, ममैं तपुरमंत वहश्री करूहूँ॥4॥
दगोहरा :
*सपुनत हबनश्रीत बचन अहत कह कमृ पराल मपुसपुकराइ।
जप्रेहह हबहध उतरहै कहप कटकपु तरात सगो कहहह उपराइ॥59॥
भरावरारर्ण:-समपुद कप्रे अत्यमंत हवनश्रीत वचन सपुनकर कमृ परालपु शश्री ररामजश्री नप्रे मपुस्कपु रराकर कहरा- हप्रे तरात!
हजस पकरार वरानरर ककी सप्रेनरा परार उतर जराए , वह उपराय बतराओ॥59॥
चरौपराई :
* नरार नश्रील नल कहप दरौ भराई। लररकराई मं ररहष आहसष पराई॥
हतन्ह कमें परस हकएहूँ हगरर भरारप्रे। तररहहहमं जलहध पतराप तपुम्हरारप्रे॥1॥
भरावरारर्ण:-(समपुद नप्रे कहरा)) हप्रे नरार! नश्रील और नल दगो वरानर भराई हमैं। उन्हरनप्रे लडकपन ममें ऋहष
सप्रे आशश्रीवरादर्ण परायरा ररा। उनकप्रे स्पशर्ण कर लप्रेनप्रे सप्रे हश्री भरारश्री-भरारश्री पहराड भश्री आपकप्रे पतराप सप्रे समपुद
पर तहैर जराएहूँगप्रे॥1॥
* ममैं पपुहन उर धरर पभपु पभपुतराई। कररहउहूँ बल अनपुमरान सहराई॥
एहह हबहध नरार पयगोहध बहूँधराइअ। जप्रेहहमं यह सपुजसपु लगोक हतहह हूँ गराइअ॥2॥
भरावरारर्ण:-ममैं भश्री पभपु ककी पभपुतरा कगो हृदय ममें धरारर कर अपनप्रे बल कप्रे अनपुसरार (जहराहूँ तक मपुझसप्रे
बन पडप्रेगरा) सहरायतरा करूहूँगरा। हप्रे नरार! इस पकरार समपुद कगो बहूँधराइए, हजससप्रे तश्रीनर लगोकर ममें
आपकरा सपुदमं र यश गरायरा जराए॥2॥
* एहह सर मम उरर तट बरासश्री। हतहह नरार खल नर अघ ररासश्री॥
सपुहन कमृ पराल सरागर मन पश्रीररा। तपुरतहहमं हरश्री रराम रनधश्रीररा॥ 3॥
भरावरारर्ण:-इस बरार सप्रे मप्रेरप्रे उरर तट पर रहनप्रे वरालप्रे पराप कप्रे रराहश दष्टिपु मनपुष्यर करा वध ककीहजए।
कमृ परालपु और ररधश्रीर शश्री ररामजश्री नप्रे समपुद कप्रे मन ककी पश्रीडरा सपुनकर उसप्रे तपुरमंत हश्री हर हलयरा (अररार्णतम
बरार सप्रे उन दष्टिपु र करा वध कर हदयरा)॥3॥
* दप्रेहख रराम बल परौरष भरारश्री। हरहष पयगोहनहध भयउ सपुखरारश्री॥
सकल चररत कहह पभपुहह सपुनरावरा। चरन बमंहद परारगोहध हसधरावरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री करा भरारश्री बल और परौरष दप्रेखकर समपुद हहषर्णत हगोकर सपुखश्री हगो गयरा। उसनप्रे
उन दष्टिपु र करा सराररा चररत्र पभपु कगो कह सपुनरायरा। हफिर चररर ककी वमंदनरा करकप्रे समपुद चलरा गयरा॥4॥
छमंद :
* हनज भवन गवनप्रेउ हसमंधपु शश्रीरघपुपहतहह यह मत भरायऊ।
यह चररत कहल मल हर जररामहत दरास तपुलसश्री गरायऊ॥
सपुख भवन समंसय समन दवन हबषराद रघपुपहत गपुन गनरा।
तहज सकल आस भरगोस गरावहह सपुनहह समंतत सठ मनरा॥
भरावरारर्ण:-समपुद अपनप्रे घर चलरा गयरा, शश्री रघपुनरारजश्री कगो यह मत (उसककी सलराह) अच्छरा लगरा।
यह चररत्र कहलयगपु कप्रे परापर कगो हरनप्रे वरालरा हहै, इसप्रे तपुलसश्रीदरास नप्रे अपनश्री बपुहद कप्रे अनपुसरार गरायरा
हहै। शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे गपुर समपूह सपुख कप्रे धराम, समंदप्रेह करा नराश करनप्रे वरालप्रे और हवषराद करा दमन
करनप्रे वरालप्रे हमैं। अरप्रे मपूखर्ण मन! तपू समंसरार करा सब आशरा-भरगोसरा त्यरागकर हनरमंतर इन्हमें गरा और सपुन।
दगोहरा :
* सकल सपुममंगल दरायक रघपुनरायक गपुन गरान।
सरादर सपुनहहमं तप्रे तरहहमं भव हसमंधपु हबनरा जलजरान॥60॥
भरावरारर्ण:-शश्री रघपुनरारजश्री करा गपुरगरान समंपपूरर्ण सपुमंदर ममंगलर करा दप्रेनप्रे वरालरा हहै। जगो इसप्रे आदर सहहत
सपुनमेंगप्रे, वप्रे हबनरा हकसश्री जहराज (अन्य सराधन) कप्रे हश्री भवसरागर कगो तर जराएहूँगप्रे॥60॥
नल-नश्रील दराररा पपुल बराधहूँ नरा, शश्री ररामजश्री दराररा शश्री ररामप्रेश्वर ककी स्ररापनरा
सगोरठरा :
* हसमंधपु बचन सपुहन रराम सहचव बगोहल पभपु अस कहप्रेउ।
अब हबलमंबपु कप्रे हह कराम करहह सप्रेतपु उतरहै कटकपु ॥
भरावरारर्ण:- समपुद कप्रे वचन सपुनकर पभपु शश्री ररामजश्री नप्रे ममंहत्रयर कगो बपुलराकर ऐसरा कहरा- अब हवलमंब
हकसहलए हगो रहरा हहै? सप्रेतपु (पपुल) तहैयरार करगो, हजसममें सप्रेनरा उतरप्रे।
* सपुनहह भरानपुकपुल कप्रे तपु जरामवमंत कर जगोरर कह।
नरार नराम तव सप्रेतपु नर चहढ भव सरागर तरहहमं॥
भरावरारर्ण:- जराम्बवरानम नप्रे हरार जगोडकर कहरा- हप्रे सपूयर्णकपुल कप्रे ध्वजरास्वरूप (ककीहतर्ण कगो बढरानप्रे वरालप्रे)
शश्री ररामजश्री! सपुहनए। हप्रे नरार! (सबसप्रे बडरा) सप्रेतपु तगो आपकरा नराम हश्री हहै, हजस पर चढकर
(हजसकरा आशय लप्रेकर) मनपुष्य समंसरार रूपश्री समपुद सप्रे परार हगो जरातप्रे हमैं।
चरौपराई :
* यह लघपु जलहध तरत कहत बराररा। अस सपुहन पपुहन कह पवनकपु मराररा॥
पभपु पतराप बडवरानल भरारश्री। सगोषप्रेउ परम पयगोहनहध बरारश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:- हफिर यह छगोटरा सरा समपुद परार करनप्रे ममें हकतनश्री दप्रेर लगप्रेगश्री ? ऐसरा सपुनकर हफिर
पवनकपु मरार शश्री हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा- पभपु करा पतराप भरारश्री बडवरानल (समपुद ककी आग) कप्रे समरान हहै।
इसनप्रे पहलप्रे समपुद कप्रे जल कगो सगोख हलयरा ररा,॥1॥
* तव ररपपु नरारर रदन जल धराररा। भरप्रेउ बहगोरर भयउ तप्रेहहमं खराररा॥
सपुहन अहत उकपु हत पवनसपुत कप्रे रश्री। हरषप्रे कहप रघपुपहत तन हप्रेरश्री॥2॥
भरावरारर्ण:- परन्तपु आपकप्रे शत्रपुओमं ककी हस्त्रयर कप्रे आहूँसपुओमं ककी धराररा सप्रे यह हफिर भर गयरा और उसश्री
सप्रे खराररा भश्री हगो गयरा। हनपुमरानमजश्री ककी यह अत्यहपु क्त (अलमंकरारपपूरर्ण यहपु क्त) सपुनकर वरानर शश्री
रघपुनरारजश्री ककी ओर दप्रेखकर हहषर्णत हगो गए॥2॥
* जरामवमंत बगोलप्रे दगोउ भराई। नल नश्रीलहह सब कररा सपुनराई॥
रराम पतराप सपुहमरर मन मराहहीं। करहह सप्रेतपु पयरास कछपु नराहहीं॥3॥
भरावरारर्ण:- जराम्बवरानम नप्रे नल-नश्रील दगोनर भराइयर कगो बपुलराकर उन्हमें सरारश्री कररा कह सपुनराई (और
कहरा-) मन ममें शश्री ररामजश्री कप्रे पतराप कगो स्मरर करकप्रे सप्रेतपु तहैयरार करगो, (ररामपतराप सप्रे) कपु छ भश्री
पररशम नहहीं हगोगरा॥3॥
* बगोहल हलए कहप हनकर बहगोरश्री। सकल सपुनहह हबनतश्री कछपु मगोरश्री॥
रराम चरन पमंकज उर धरहह । करौतपुक एक भरालपु कहप करहह ॥4॥
भरावरारर्ण:- हफिर वरानरर कप्रे समपूह कगो बपुलरा हलयरा (और कहरा-) आप सब लगोग मप्रेरश्री कपु छ हवनतश्री
सपुहनए। अपनप्रे हृदय ममें शश्री ररामजश्री कप्रे चरर-कमलर कगो धरारर कर लश्रीहजए और सब भरालपू और
वरानर एक खप्रेल ककीहजए॥4॥
* धरावहह मकर्णट हबकट बरूररा। आनहह हबटप हगररन्ह कप्रे जपूररा॥
सपुहन कहप भरालपु चलप्रे करर हहहरा। जय रघपुबश्रीर पतराप समपूहरा॥5॥
भरावरारर्ण:- हवकट वरानरर कप्रे समपूह (आप) दरौड जराइए और वमृक्षर तररा पवर्णतर कप्रे समपूहर कगो उखराड
लराइए। यह सपुनकर वरानर और भरालपू हहह (हह हूँकरार) करकप्रे और शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे पतराप समपूह ककी
(अरवरा पतराप कप्रे पपुज मं शश्री ररामजश्री ककी) जय पपुकरारतप्रे हह ए चलप्रे॥5॥
दगोहरा :
* अहत उतमंग हगरर परादप लश्रीलहहमं लप्रेहहमं उठराइ।
आहन दप्रेहहमं नल नश्रीलहह रचहहमं तप्रे सप्रेतपु बनराइ॥1॥
भरावरारर्ण:- बहह त ऊहूँचप्रे-ऊहूँचप्रे पवर्णतर और वमृक्षर कगो खप्रेल ककी तरह हश्री (उखराडकर) उठरा लप्रेतप्रे हमैं और
लरा-लराकर नल-नश्रील कगो दप्रेतप्रे हमैं। वप्रे अच्छश्री तरह गढकर (सपुमंदर) सप्रेतपु बनरातप्रे हमैं॥1॥
चरौपराई :
* सहैल हबसराल आहन कहप दप्रेहहीं। कमंदक पु इव नल नश्रील तप्रे लप्रेहहीं॥
दप्रेहख सप्रेतपु अहत सपुमंदर रचनरा। हबहहस कमृ पराहनहध बगोलप्रे बचनरा॥1॥
भरावरारर्ण:- वरानर बडप्रे-बडप्रे पहराड लरा-लराकर दप्रेतप्रे हमैं और नल-नश्रील उन्हमें गमेंद ककी तरह लप्रे लप्रेतप्रे हमैं।
सप्रेतपु ककी अत्यमंत सपुदमं र रचनरा दप्रेखकर कमृ पराहसन्धपु शश्री ररामजश्री हहूँसकर वचन बगोलप्रे-॥1॥
* परम रम्य उरम यह धरनश्री। महहमरा अहमत जराइ नहहमं बरनश्री॥
कररहउहूँ इहराहूँ समंभपु ररापनरा। मगोरप्रे हृदयहूँ परम कलपनरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:- यह (यहराहूँ ककी) भपूहम परम रमरश्रीय और उरम हहै। इसककी असश्रीम महहमरा वरर्णन नहहीं ककी
जरा सकतश्री। ममैं यहराहूँ हशवजश्री ककी स्ररापनरा करूहूँगरा। मप्रेरप्रे हृदय ममें यह महरानम समंकल्प हहै॥ 2॥
* सपुहन कपश्रीस बहह दतपू पठराए। मपुहनबर सकल बगोहल लहै आए॥
हलमंग रराहप हबहधवत करर पपूजरा। हसव समरान हपय मगोहह न द ज पू रा॥3॥
भरावरारर्ण:- शश्री ररामजश्री कप्रे वचन सपुनकर वरानररराज सपुगश्रीव नप्रे बहह त सप्रे दतपू भप्रेजप्रे, जगो सब शप्रेष मपुहनयर
कगो बपुलराकर लप्रे आए। हशवहलमंग ककी स्ररापनरा करकप्रे हवहधपपूवर्णक उसकरा पपूजन हकयरा (हफिर भगवरान
बगोलप्रे-) हशवजश्री कप्रे समरान मपुझकगो दस पू ररा कगोई हपय नहहीं हहै॥3॥
* हसव दगोहश्री मम भगत कहरावरा। सगो नर सपनप्रेहहहूँ मगोहह न परावरा॥
समंकर हबमपुख भगहत चह मगोरश्री। सगो नरारककी मपूढ महत रगोरश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:- जगो हशव सप्रे दगोह रखतरा हहै और मप्रेररा भक्त कहलरातरा हहै, वह मनपुष्य स्वप्न ममें भश्री मपुझप्रे
नहहीं परातरा। शमंकरजश्री सप्रे हवमपुख हगोकर (हवरगोध करकप्रे ) जगो मप्रेरश्री भहक्त चराहतरा हहै, वह नरकगरामश्री,
मपूखर्ण और अल्पबपुहद हहै॥4॥
दगोहरा :
* समंकरहपय मम दगोहश्री हसव दगोहश्री मम दरास।
तप्रे नर करहहमं कलप भरर घगोर नरक महह हूँ बरास॥2॥
भरावरारर्ण:- हजनकगो शमंकरजश्री हपय हमैं, परन्तपु जगो मप्रेरप्रे दगोहश्री हमैं एवमं जगो हशवजश्री कप्रे दगोहश्री हमैं और मप्रेरप्रे
दरास (बननरा चराहतप्रे) हमैं, वप्रे मनपुष्य कल्पभर घगोर नरक ममें हनवरास करतप्रे हमैं॥2॥
चरौपराई :
* जप्रे ररामप्रेस्वर दरसनपु कररहहहमं। तप्रे तनपु तहज मम लगोक हसधररहहहमं॥
जगो गमंगराजलपु आहन चढराइहह। सगो सराजपुज्य मपुहक्त नर पराइहह॥1॥
भरावरारर्ण:- जगो मनपुष्य (मप्रेरप्रे स्रराहपत हकए हह ए इन) ररामप्रेश्वरजश्री करा दशर्णन करमेंगप्रे, वप्रे शरश्रीर छगोडकर
मप्रेरप्रे लगोक कगो जराएहूँगप्रे और जगो गमंगराजल लराकर इन पर चढरावप्रेगरा, वह मनपुष्य सरायज्पु य मपुहक्त परावप्रेगरा
(अररार्णतम मप्रेरप्रे सरार एक हगो जराएगरा)॥1॥
* हगोइ अकराम जगो छल तहज सप्रेइहह। भगहत मगोरर तप्रेहह समंकर दप्रेइहह॥
मम कमृ त सप्रेतपु जगो दरसनपु कररहश्री। सगो हबनपु शम भवसरागर तररहश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:- जगो छल छगोडकर और हनष्कराम हगोकर शश्री ररामप्रेश्वरजश्री ककी सप्रेवरा करमेंगप्रे , उन्हमें शमंकरजश्री
मप्रेरश्री भहक्त दमेंगप्रे और जगो मप्रेरप्रे बनराए सप्रेतपु करा दशर्णन करप्रेगरा, वह हबनरा हश्री पररशम समंसरार रूपश्री समपुद सप्रे
तर जराएगरा॥2॥
* रराम बचन सब कप्रे हजय भराए। मपुहनबर हनज हनज आशम आए॥
हगररजरा रघपुपहत कहै यह रश्रीतश्री। समंतत करहहमं पनत पर पश्रीतश्री॥3॥
भरावरारर्ण:- शश्री ररामजश्री कप्रे वचन सबकप्रे मन कगो अच्छप्रे लगप्रे। तदनन्तर वप्रे शप्रेष मपुहन अपनप्रे-अपनप्रे
आशमर कगो लरौट आए। (हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे परावर्णतश्री! शश्री रघपुनरारजश्री ककी यह रश्रीहत हहै हक वप्रे
शरररागत पर सदरा पश्रीहत करतप्रे हमैं॥3॥
* बराहूँधरा सप्रेतपु नश्रील नल नरागर। रराम कमृ पराहूँ जसपु भयउ उजरागर॥
बपूडहहमं आनहह बगोरहहमं जप्रेई। भए उपल बगोहहत सम तप्रेई॥4॥
भरावरारर्ण:- चतपुर नल और नश्रील नप्रे सप्रेतपु बराहूँधरा। शश्री ररामजश्री ककी कमृ परा सप्रे उनकरा यह (उज्ज्वल) यश
सवर्णत्र फिहैल गयरा। जगो पत्रर आप डपू बतप्रे हमैं और दस पू रर कगो डपु बरा दप्रेतप्रे हमैं, वप्रे हश्री जहराज कप्रे समरान
(स्वयमं तहैरनप्रे वरालप्रे और दस पू रर कगो परार लप्रे जरानप्रे वरालप्रे) हगो गए॥4॥
* महहमरा यह न जलहध कइ बरनश्री। पराहन गपुन न कहपन्ह कइ करनश्री॥ 5॥
भरावरारर्ण:- यह न तगो समपुद ककी महहमरा वरर्णन ककी गई हहै, न पत्ररर करा गपुर हहै और न वरानरर ककी हश्री
कगोई कररामरात हहै॥5॥
दगोहरा :
* शश्री रघपुबश्रीर पतराप तप्रे हसमंधपु तरप्रे पराषरान।
तप्रे महतममंद जप्रे रराम तहज भजहहमं जराइ पभपु आन॥3॥
भरावरारर्ण:- शश्री रघपुवश्रीर कप्रे पतराप सप्रे पत्रर भश्री समपुद पर तहैर गए। ऐसप्रे शश्री ररामजश्री कगो छगोडकर जगो
हकसश्री दस पू रप्रे स्वरामश्री कगो जराकर भजतप्रे हमैं वप्रे (हनश्चय हश्री) ममंदबपुहद हमैं॥3॥
चरौपराई :
* बराहूँहध सप्रेतपु अहत सपुदृढ बनरावरा। दप्रेहख कमृ पराहनहध कप्रे मन भरावरा॥
चलश्री सप्रेन कछपु बरहन न जराई। गजर्णहहमं मकर्णट भट समपुदराई॥1॥
भरावरारर्ण:- नल-नश्रील नप्रे सप्रेतपु बराधहूँ कर उसप्रे बहह त मजबपूत बनरायरा। दप्रेखनप्रे पर वह कमृ पराहनधरान शश्री
ररामजश्री कप्रे मन कगो (बहह त हश्री) अच्छरा लगरा। सप्रेनरा चलश्री, हजसकरा कपु छ वरर्णन नहहीं हगो सकतरा।
यगोदरा वरानरर कप्रे समपुदराय गरज रहप्रे हमैं॥1॥
* सप्रेतपुबमंध हढग चहढ रघपुरराई। हचतव कमृ पराल हसमंधपु बहह तराई॥
दप्रेखन कहह हूँ पभपु करनरा कमंदरा। पगट भए सब जलचर बमृमंदरा॥2॥
भरावरारर्ण:- कमृ परालपु शश्री रघपुनरारजश्री सप्रेतपुबन्ध कप्रे तट पर चढकर समपुद करा हवस्तरार दप्रेखनप्रे लगप्रे।
कररराकन्द (करररा कप्रे मपूल) पभपु कप्रे दशर्णन कप्रे हलए सब जलचरर कप्रे समपूह पकट हगो गए (जल कप्रे
ऊपर हनकल आए)॥2॥
* मकर नक नरानरा झष ब्यरालरा। सत जगोजन तन परम हबसरालरा॥
अइसप्रेउ एक हतन्हहह जप्रे खराहहीं। एकन्ह कमें डर तप्रेहप डप्रेरराहहीं॥3॥
भरावरारर्ण:-बहह त तरह कप्रे मगर, नराक (घहडयराल), मच्छ और सपर्ण रप्रे, हजनकप्रे सरौ-सरौ यगोजन कप्रे
बहह त बडप्रे हवशराल शरश्रीर रप्रे। कपु छ ऐसप्रे भश्री जन्तपु रप्रे, जगो उनकगो भश्री खरा जराएहूँ। हकसश्री-हकसश्री कप्रे डर
सप्रे तगो वप्रे भश्री डर रहप्रे रप्रे॥3॥
* पभपुहह हबलगोकहहमं टरहहमं न टरारप्रे। मन हरहषत सब भए सपुखरारप्रे॥
हतन्ह ककीमं ओट न दप्रेहखअ बरारश्री। मगन भए हरर रूप हनहरारश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-वप्रे सब (वहैर-हवरगोध भपूलकर) पभपु कप्रे दशर्णन कर रहप्रे हमैं, हटरानप्रे सप्रे भश्री नहहीं हटतप्रे। सबकप्रे
मन हहषर्णत हमैं, सब सपुखश्री हगो गए। उनककी आड कप्रे करारर जल नहहीं हदखराई पडतरा। वप्रे सब भगवरानम
करा रूप दप्रेखकर (आनमंद और पप्रेम ममें) मग्नि हगो गए॥4॥
चलरा कटकपु पभपु आयसपु पराई। कगो कहह सक कहप दल हबपपुलराई॥5॥
भरावरारर्ण:- पभपु शश्री ररामचमंदजश्री ककी आजरा पराकर सप्रेनरा चलश्री। वरानर सप्रेनरा ककी हवपपुलतरा (अत्यहधक
समंख्यरा) कगो करौन कह सकतरा हहै?॥5॥
शश्री ररामजश्री करा सप्रेनरा सहहत समपुद परार उतरनरा, सपुबप्रेल पवर्णत पर हनवरास, ररावर ककी व्यराकपुलतरा
दगोहरा :
* सप्रेतपुबमंध भइ भश्रीर अहत कहप नभ पमंर उडराहहमं।
अपर जलचरहन्ह ऊपर चहढ चहढ परारहह जराहहमं॥4॥
भरावरारर्ण:- सप्रेतपुबन्ध पर बडश्री भश्रीड हगो गई, इससप्रे कपु छ वरानर आकराश मरागर्ण सप्रे उडनप्रे लगप्रे और दस पू रप्रे
(हकतनप्रे हश्री) जलचर जश्रीवर पर चढ-चढकर परार जरा रहप्रे हमैं॥4॥
चरौपराई :
* अस करौतपुक हबलगोहक दरौ भराई। हबहहूँहस चलप्रे कमृ पराल रघपुरराई॥
सप्रेन सहहत उतरप्रे रघपुबश्रीररा। कहह न जराइ कहप जपूरप भश्रीररा॥ 1॥
भरावरारर्ण:- कमृ परालपु रघपुनरारजश्री (तररा लक्ष्मरजश्री) दगोनर भराई ऐसरा करौतपुक दप्रेखकर हहूँसतप्रे हह ए चलप्रे।
शश्री रघपुवश्रीर सप्रेनरा सहहत समपुद कप्रे परार हगो गए। वरानरर और उनकप्रे सप्रेनरापहतयर ककी भश्रीड कहश्री नहहीं जरा
सकतश्री॥1॥
* हसमंधपु परार पभपु डप्रेररा ककीन्हरा। सकल कहपन्ह कहह हूँ आयसपु दश्रीन्हरा॥
खराहह जराइ फिल मपूल सपुहराए। सपुनत भरालपू कहप जहहूँ तहहूँ धराए॥2॥
भरावरारर्ण:- पभपु नप्रे समपुद कप्रे परार डप्रेररा डरालरा और सब वरानरर कगो आजरा दश्री हक तपुम जराकर सपुदमं र
फिल-मपूल खराओ। यह सपुनतप्रे हश्री रश्रीछ-वरानर जहराहूँ-तहराहूँ दरौड पडप्रे॥2॥
* सब तर फिरप्रे रराम हहत लरागश्री। ररतपु अर कपु ररतपु कराल गहत त्यरागश्री॥
खराहहमं मधपुर फिल हबटप हलरावहहमं। लमंकरा सन्मपुख हसखर चलरावहहमं॥3॥
भरावरारर्ण:- शश्री ररामजश्री कप्रे हहत (सप्रेवरा) कप्रे हलए सब वमृक्ष ऋतपु-कपु ऋतपु- समय ककी गहत कगो छगोडकर
फिल उठप्रे। वरानर-भरालपू मश्रीठप्रे फिल खरा रहप्रे हमैं, वमृक्षर कगो हहलरा रहप्रे हमैं और पवर्णतर कप्रे हशखरर कगो लमंकरा
ककी ओर फिमें क रहप्रे हमैं॥3॥
* जहहूँ कहह हूँ हफिरत हनसराचर परावहहमं। घप्रेरर सकल बहह नराच नचरावहहमं॥
दसनहन्ह कराहट नराहसकरा करानरा। कहह पभपु सपुजसपु दप्रेहहमं तब जरानरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:- घपूमतप्रे-घपूमतप्रे जहराहूँ कहहीं हकसश्री रराक्षस कगो परा जरातप्रे हमैं तगो सब उसप्रे घप्रेरकर खपूब नराच
नचरातप्रे हमैं और दराहूँतर सप्रे उसकप्रे नराक-करान कराटकर, पभपु करा सपुयश कहकर (अरवरा कहलराकर)
तब उसप्रे जरानप्रे दप्रेतप्रे हमैं॥4॥
* हजन्ह कर नरासरा करान हनपरातरा। हतन्ह ररावनहह कहश्री सब बरातरा॥
सपुनत शवन बराररहध बमंधरानरा। दस मपुख बगोहल उठरा अकपु लरानरा॥5॥
भरावरारर्ण:- हजन रराक्षसर कप्रे नराक और करान कराट डरालप्रे गए, उन्हरनप्रे ररावर सप्रे सब समराचरार कहरा।
समपुद (पर सप्रेतपु) करा बराहूँधरा जरानरा करानर सप्रे सपुनतप्रे हश्री ररावर घबडराकर दसर मपुखर सप्रे बगोल उठरा-॥
5॥
ररावर कगो मन्दगोदरश्री करा समझरानरा, ररावर-पहस्त समंवराद
दगोहरा :
* बराहूँध्यगो बनहनहध नश्रीरहनहध जलहध हसमंधपु बरारश्रीस।
सत्य तगोयहनहध कमंपहत उदहध पयगोहध नदश्रीस॥5॥
भरावरारर्ण:- वनहनहध, नश्रीरहनहध, जलहध, हसमंधपु, वरारश्रीश, तगोयहनहध, कमंपहत, उदहध, पयगोहध,
नदश्रीश कगो क्यरा सचमपुच हश्री बराहूँध हलयरा?॥5॥
चरौपराई :
* हनज हबकलतरा हबचरारर बहगोरश्री॥ हबहहूँहस गयउ गमृह करर भय भगोरश्री॥
ममंदगोदरहीं सपुन्यगो पभपु आयगो। करौतपुकहहीं परारगोहध बहूँधरायगो॥1॥
भरावरारर्ण:- हफिर अपनश्री व्यराकपुलतरा कगो समझकर (ऊपर सप्रे) हहूँसतरा हह आ, भय कगो भपुलराकर,
ररावर महल कगो गयरा। (जब) ममंदगोदरश्री नप्रे सपुनरा हक पभपु शश्री ररामजश्री आ गए हमैं और उन्हरनप्रे खप्रेल ममें
हश्री समपुद कगो बहूँधवरा हलयरा हहै,॥1॥
* कर गहह पहतहह भवन हनज आनश्री। बगोलश्री परम मनगोहर बरानश्री॥
चरन नराइ हसर अमंचलपु रगोपरा। सपुनहह बचन हपय पररहरर कगोपरा॥2॥
भरावरारर्ण:- (तब) वह हरार पकडकर, पहत कगो अपनप्रे महल ममें लराकर परम मनगोहर वरारश्री बगोलश्री।
चररर ममें हसर नवराकर उसनप्रे अपनरा आहूँचल पसराररा और कहरा- हप्रे हपयतम! कगोध त्यराग कर मप्रेररा
वचन सपुहनए॥2॥
* नरार बयर ककीजप्रे तराहश्री सर। बपुहध बल सहकअ जश्रीहत जराहश्री सर॥
तपुम्हहह रघपुपहतहह अमंतर कहै सरा। खलपु खद्यगोत हदनकरहह जहैसरा॥3॥
भरावरारर्ण:- हप्रे नरार! वहैर उसश्री कप्रे सरार करनरा चराहहए, हजससप्रे बपुहद और बल कप्रे दराररा जश्रीत सकमें ।
आप ममें और शश्री रघपुनरारजश्री ममें हनश्चय हश्री कहै सरा अमंतर हहै, जहैसरा जपुगनपू और सपूयर्ण ममें!॥3॥
* अहत बल मधपु कहै टभ जप्रेहहमं मरारप्रे। महराबश्रीर हदहतसपुत समंघरारप्रे॥
जप्रेहहमं बहल बराहूँहध सहस भपुज मराररा। सगोइ अवतरप्रेउ हरन महह भराररा॥ 4॥
भरावरारर्ण:- हजन्हरनप्रे (हवष्रपु रूप सप्रे) अत्यन्त बलवरानम मधपु और कहै टभ (दहैत्य) मरारप्रे और (वरराह
और नमृहसमंह रूप सप्रे) महरानम शपूरवश्रीर हदहत कप्रे पपुत्रर (हहरण्यराक्ष और हहरण्यकहशपपु) करा समंहरार
हकयरा, हजन्हरनप्रे (वरामन रूप सप्रे) बहल कगो बराहूँधरा और (परशपुरराम रूप सप्रे) सहस्रबराहह कगो मराररा, वप्रे
हश्री (भगवरानम) पमृथ्वश्री करा भरार हरर करनप्रे कप्रे हलए (ररामरूप ममें) अवतश्रीरर्ण (पकट) हहए हमैं!॥4॥
* तरासपु हबरगोध न ककीहजअ नराररा। कराल करम हजव जराकमें हराररा॥5॥
भरावरारर्ण:- हप्रे नरार! उनकरा हवरगोध न ककीहजए, हजनकप्रे हरार ममें कराल, कमर्ण और जश्रीव सभश्री हमैं॥5॥
दगोहरा :
* ररामहह सजौंहप जरानककी नराइ कमल पद मरार।
सपुत कहह हूँ रराज समहपर्ण बन जराइ भहजअ रघपुनरार॥6॥
भरावरारर्ण:- (शश्री ररामजश्री) कप्रे चरर कमलर ममें हसर नवराकर (उनककी शरर ममें जराकर) उनकगो
जरानककीजश्री सजौंप दश्रीहजए और आप पपुत्र कगो रराज्य दप्रेकर वन ममें जराकर शश्री रघपुनरारजश्री करा भजन
ककीहजए॥6॥
चरौपराई :
नरार दश्रीनदयराल रघपुरराई। बराघउ सनमपुख गएहूँ न खराई॥
चराहहअ करन सगो सब करर बश्रीतप्रे। तपुम्ह सपुर असपुर चरराचर जश्रीतप्रे॥ 1॥
भरावरारर्ण:- हप्रे नरार! शश्री रघपुनरारजश्री तगो दश्रीनर पर दयरा करनप्रे वरालप्रे हमैं। सम्मपुख (शरर) जरानप्रे पर तगो
बराघ भश्री नहहीं खरातरा। आपकगो जगो कपु छ करनरा चराहहए ररा, वह सब आप कर चपुकप्रे। आपनप्रे दप्रेवतरा,
रराक्षस तररा चर-अचर सभश्री कगो जश्रीत हलयरा॥1॥
* समंत कहहहमं अहस नश्रीहत दसरानन। चरौरपमें न जराइहह नमृप करानन॥
तरासपु भजनपु ककीहजअ तहहूँ भतरार्ण। जगो कतरार्ण परालक समंहतरार्ण॥ 2॥
भरावरारर्ण:- हप्रे दशमपुख! समंतजन ऐसश्री नश्रीहत कहतप्रे हमैं हक चरौरप्रेपन (बपुढरापप्रे) ममें रराजरा कगो वन ममें चलरा
जरानरा चराहहए। हप्रे स्वरामश्री! वहराहूँ (वन ममें) आप उनकरा भजन ककीहजए जगो समृहष्टि कप्रे रचनप्रे वरालप्रे,
परालनप्रे वरालप्रे और समंहरार करनप्रे वरालप्रे हमैं॥2॥
* सगोइ रघपुबश्रीर पनत अनपुररागश्री। भजहह नरार ममतरा सब त्यरागश्री॥
मपुहनबर जतनपु करहहमं जप्रेहह लरागश्री। भपूप रराजपु तहज हगोहहमं हबररागश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:- हप्रे नरार! आप हवषयर ककी सरारश्री ममतरा छगोडकर उन्हहीं शरररागत पर पप्रेम करनप्रे वरालप्रे
भगवरानम करा भजन ककीहजए। हजनकप्रे हलए शप्रेष मपुहन सराधन करतप्रे हमैं और रराजरा रराज्य छगोडकर वहैररागश्री
हगो जरातप्रे हमैं-॥3॥
* सगोइ कगोसलराधश्रीस रघपुररायरा। आयउ करन तगोहह पर दरायरा॥
जजौं हपय मरानहह मगोर हसखरावन। सपुजसपु हगोइ हतहह हूँ पपुर अहत परावन॥4॥
भरावरारर्ण:- वहश्री कगोसलराधश्रीश शश्री रघपुनरारजश्री आप पर दयरा करनप्रे आए हमैं। हप्रे हपयतम! यहद आप
मप्रेरश्री सश्रीख मरान लमेंगप्रे, तगो आपकरा अत्यमंत पहवत्र और सपुमंदर यश तश्रीनर लगोकर ममें फिहै ल जराएगरा॥4॥
दगोहरा :
* अस कहह नयन नश्रीर भरर गहह पद कमंहपत गरात।
नरार भजहह रघपुनरारहह अचल हगोइ अहहवरात॥7॥
भरावरारर्ण:- ऐसरा कहकर, नप्रेत्रर ममें (करररा करा) जल भरकर और पहत कप्रे चरर पकडकर, कराहूँपतप्रे
हह ए शरश्रीर सप्रे ममंदगोदरश्री नप्रे कहरा- हप्रे नरार! शश्री रघपुनरारजश्री करा भजन ककीहजए, हजससप्रे मप्रेररा सपुहराग
अचल हगो जराए॥7॥
चरौपराई :
* तब ररावन मयसपुतरा उठराई। कहहै लराग खल हनज पभपुतराई॥
सपुनपु तमैं हपयरा बमृररा भय मरानरा। जग जगोधरा कगो मगोहह समरानरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:- तब ररावर नप्रे ममंदगोदरश्री कगो उठरायरा और वह दष्टिपु उससप्रे अपनश्री पभपुतरा कहनप्रे लगरा- हप्रे
हपयप्रे! सपुन, तपूनप्रे व्यरर्ण हश्री भय मरान रखरा हहै। बतरा तगो जगतम ममें मप्रेरप्रे समरान यगोदरा हहै करौन ?॥1॥
* बरन कपु बप्रेर पवन जम करालरा। भपुज बल हजतप्रेउहूँ सकल हदगपरालरा॥
दप्रेव दनपुज नर सब बस मगोरमें। कवन हप्रेतपु उपजरा भय तगोरमें॥ 2॥
भरावरारर्ण:- वरर, कपु बप्रेर, पवन, यमरराज आहद सभश्री हदक्परालर कगो तररा कराल कगो भश्री ममैंनप्रे अपनश्री
भपुजराओमं कप्रे बल सप्रे जश्रीत रखरा हहै। दप्रेवतरा, दरानव और मनपुष्य सभश्री मप्रेरप्रे वश ममें हमैं। हफिर तपुझकगो यह
भय हकस करारर उत्पन्न हगो गयरा?॥2॥
* नरानरा हबहध तप्रेहह कहप्रेहस बपुझराई। सभराहूँ बहगोरर बहैठ सगो जराई॥
ममंदगोदरहीं हृदयहूँ अस जरानरा। कराल बस्य उपजरा अहभमरानरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:- ममंदगोदरश्री नप्रे उसप्रे बहह त तरह सप्रे समझराकर कहरा (हकन्तपु ररावर नप्रे उसककी एक भश्री बरात न
सपुनश्री) और वह हफिर सभरा ममें जराकर बहैठ गयरा। ममंदगोदरश्री नप्रे हृदय ममें ऐसरा जरान हलयरा हक कराल कप्रे
वश हगोनप्रे सप्रे पहत कगो अहभमरान हगो गयरा हहै॥ 3॥
* सभराहूँ आइ ममंहत्रन्ह तप्रेहहमं बपूझरा। करब कवन हबहध ररपपु समैं जपूझरा॥
कहहहमं सहचव सपुनपु हनहसचर नराहरा। बरार बरार पभपु पपूछहह कराहरा॥4॥
भरावरारर्ण:- सभरा ममें आकर उसनप्रे ममंहत्रयर सप्रे पपूछरा हक शत्रपु कप्रे सरार हकस पकरार सप्रे यद पु करनरा
हगोगरा? ममंत्रश्री कहनप्रे लगप्रे- हप्रे रराक्षसर कप्रे नरार! हप्रे पभपु! सपुहनए, आप बरार-बरार क्यरा पपूछतप्रे हमैं?॥4॥
* कहहह कवन भय कररअ हबचराररा। नर कहप भरालपु अहरार हमराररा॥ 5॥
भरावरारर्ण:- कहहए तगो (ऐसरा) करौन-सरा बडरा भय हहै, हजसकरा हवचरार हकयरा जराए? (भय ककी बरात
हश्री क्यरा हहै?) मनपुष्य और वरानर-भरालपू तगो हमरारप्रे भगोजन (ककी सरामगश्री) हमैं॥
दगोहरा :
* सब कप्रे बचन शवन सपुहन कह पहस्त कर जगोरर।
नश्रीहत हबरगोध न कररअ पभपु ममंहत्रन्ह महत अहत रगोरर॥8॥
भरावरारर्ण:- करानर सप्रे सबकप्रे वचन सपुनकर (ररावर करा पपुत्र) पहस्त हरार जगोडकर कहनप्रे लगरा- हप्रे
पभपु! नश्रीहत कप्रे हवरद कपु छ भश्री नहहीं करनरा चराहहए, महन्त्रयर ममें बहह त हश्री रगोडश्री बपुहद हहै॥8॥
* कहहहमं सहचव सठ ठकपु र सगोहरातश्री। नरार न पपूर आव एहह भराहूँतश्री॥
बराररहध नराहघ एक कहप आवरा। तरासपु चररत मन महह हूँ सबपु गरावरा॥॥1॥
भरावरारर्ण:- यप्रे सभश्री मपूखर्ण (खपुशरामदश्री) मन्त्र ठकपु रसपुहरातश्री (मपुहूँहदप्रेखश्री) कह रहप्रे हमैं। हप्रे नरार! इस
पकरार ककी बरातर सप्रे पपूररा नहहीं पडप्रेगरा। एक हश्री बमंदर समपुद लराहूँघकर आयरा ररा। उसकरा चररत्र सब लगोग
अब भश्री मन-हश्री-मन गरायरा करतप्रे हमैं (स्मरर हकयरा करतप्रे हमैं) ॥1॥
* छपु धरा न रहश्री तपुम्हहह तब कराहह। जरारत नगर कस न धरर खराहह॥
सपुनत नश्रीक आगमें दख पु परावरा। सहचवन अस मत पभपुहह सपुनरावरा॥॥2॥
भरावरारर्ण:- उस समय तपुम लगोगर ममें सप्रे हकसश्री कगो भपूख न रश्री? (बमंदर तगो तपुम्हराररा भगोजन हश्री हमैं,
हफिर) नगर जलरातप्रे समय उसप्रे पकडकर क्यर नहहीं खरा हलयरा? इन महन्त्रयर नप्रे स्वरामश्री (आप) कगो
ऐसश्री सम्महत सपुनरायश्री हहै जगो सपुननप्रे ममें अच्छश्री हहै पर हजससप्रे आगप्रे चलकर द द्धाःपु ख परानरा हगोगरा॥2॥
* जप्रेहहमं बरारश्रीस बहूँधरायउ हप्रेलरा। उतरप्रेउ सप्रेन समप्रेत सपुबप्रेलरा॥
सगो भनपु मनपुज खराब हम भराई। बचन कहहहमं सब गराल फिपु लराई॥3॥
भरावरारर्ण:- हजसनप्रे खप्रेल-हश्री-खप्रेल ममें समपुद बहूँधरा हलयरा और जगो सप्रेनरा सहहत सपुबप्रेल पवर्णत पर आ
उतररा हहै। हप्रे भराई! कहगो वह मनपुष्य हहै, हजसप्रे कहतप्रे हगो हक हम खरा लमेंगप्रे? सब गराल फिपु लरा-
फिपु लराकर (परागलर ककी तरह) वचन कह रहप्रे हमैं!॥3॥
* तरात बचन मम सपुनपु अहत आदर। जहन मन गपुनहह मगोहह करर करादर।
हपय बरानश्री जप्रे सपुनहहमं जप्रे कहहहीं। ऐसप्रे नर हनकराय जग अहहहीं॥ 4॥
भरावरारर्ण:- हप्रे तरात! मप्रेरप्रे वचनर कगो बहह त आदर सप्रे (बडप्रे गरौर सप्रे) सपुहनए। मपुझप्रे मन ममें करायर न
समझ लश्रीहजएगरा। जगतम ममें ऐसप्रे मनपुष्य झपुडमं -कप्रे -झपुमंड (बहह त अहधक) हमैं, जगो प्यरारश्री (मपुहूँह पर मश्रीठश्री
लगनप्रे वरालश्री) बरात हश्री सपुनतप्रे और कहतप्रे हमैं॥4॥
* बचन परम हहत सपुनत कठगोरप्रे। सपुनहहमं जप्रे कहहहमं तप्रे नर पभपु रगोरप्रे॥
परम बसश्रीठ पठउ सपुनपु नश्रीतश्री। सश्रीतरा दप्रेइ करहह पपुहन पश्रीतश्री॥5॥
भरावरारर्ण:- हप्रे पभगो! सपुननप्रे ममें कठगोर परन्तपु (परररराम ममें) परम हहतकरारश्री वचन जगो सपुनतप्रे और
कहतप्रेहमैं,वप्रे मनपुष्य बहह त हश्री रगोडप्रे हमैं। नश्रीहत सपुहनयप्रे, (उसकप्रे अनपुसरार) पहलप्रे दतपू भप्रेहजयप्रे, और
(हफिर) सश्रीतरा कगो दप्रेकर शश्रीररामजश्री सप्रे पश्रीहत (मप्रेल) कर लश्रीहजयप्रे॥5॥
दगोहरा :
* नरारर पराइ हफिरर जराहहमं जजौं तरौ न बढराइअ ररारर।
नराहहमं त सन्मपुख समर महह तरात कररअ हहठ मरारर॥9॥
भरावरारर्ण:- यहद वप्रे स्त्रश्री पराकर लरौट जराएहूँ, तब तगो (व्यरर्ण) झगडरा न बढराइयप्रे। नहहीं तगो (यहद न हफिरमें
तगो) हप्रे तरात! सम्मपुख यद पु भपूहम ममें उनसप्रे हठपपूवर्णक (डटकर) मरार-कराट ककीहजए॥9॥
* यह मत जजौं मरानहह पभपु मगोररा। उभय पकरार सपुजसपु जग तगोररा॥
सपुत सन कह दसकमंठ ररसराई। अहस महत सठ कप्रे हहमं तगोहह हसखराई॥1॥
भरावरारर्ण:- हप्रे पभगो! यहद आप मप्रेरश्री यह सम्महत मरानमेंगप्रे, तगो जगतम ममें दगोनर हश्री पकरार सप्रे आपकरा
सपुयश हगोगरा। ररावर नप्रे गपुस्सप्रे ममें भरकर पपुत्र सप्रे कहरा- अरप्रे मपूखर्ण! तपुझप्रे ऐसश्री बपुहद हकसनप्रे हसखरायश्री?॥
1॥
* अबहहीं तप्रे उर समंसय हगोई। बप्रेनपुमपूल सपुत भयहह घमगोई॥
सपुहन हपतपु हगररा परष अहत घगोररा। चलरा भवन कहह बचन कठगोररा॥ 2॥
भरावरारर्ण:- अभश्री सप्रे हृदय ममें सन्दप्रेह (भय) हगो रहरा हहै? हप्रे पपुत्र! तपू तगो बराहूँस ककी जड ममें घमगोई हहआ
(तपू मप्रेरप्रे वमंश कप्रे अनपुकपूल यरा अनपुरूप नहहीं हहआ)। हपतरा ककी अत्यन्त घगोर और कठगोर वरारश्री सपुनकर
पहस्त यप्रे कडप्रे वचन कहतरा हहआ घर कगो चलरा गयरा॥2॥
* हहत मत तगोहह न लरागत कहै समें। कराल हबबस कहह हूँ भप्रेषज जहैसमें॥
समंध्यरा समय जराहन दससश्रीसरा। भवन चलप्रेउ हनरखत भपुज बश्रीसरा॥3॥
भरावरारर्ण:- हहत ककी सलराह आपकगो कहै सप्रे नहहीं लगतश्री (आप पर कहै सप्रे असर नहहीं करतश्री), जहैसप्रे
ममृत्यपु कप्रे वश हहए (रगोगश्री) कगो दवरा नहहीं लगतश्री। समंध्यरा करा समय जरानकर ररावर अपनश्री बश्रीसर
भपुजराओमं कगो दप्रेखतरा हहआ महल कगो चलरा॥3॥
* लमंकरा हसखर उपर आगराररा। अहत हबहचत्र तहहूँ हगोइ अखराररा॥
बहैठ जराइ तप्रेहहमं ममंहदर ररावन। लरागप्रे हकमंनर गपुन गन गरावन॥4॥
भरावरारर्ण:- लमंकरा ककी चगोटश्री पर एक अत्यन्त हवहचत्र महल ररा। वहराहूँ नराच-गरान करा अखराडरा जमतरा
ररा। ररावर उस महल ममें जराकर बहैठ गयरा। हकन्नर उसकप्रे गपुर समपूहर कगो गरानप्रे लगप्रे॥4॥
* बराजहहमं तराल पखराउज बश्रीनरा। नमृत्य करहहमं अपछररा पबश्रीनरा॥ 5॥
भरावरारर्ण:- तराल (करतराल), पखरावज (ममृदमंग) और बश्रीररा बज रहप्रे हमैं। नमृत्य ममें पवश्रीर अप्सरराएहूँ
नराच रहश्री हमैं॥5॥
दगोहरा :
* सपुनरासश्रीर सत सररस सगो समंतत करइ हबलरास।
परम पबल ररपपु सश्रीस पर तद्यहप सगोच न त्ररास॥10॥
भरावरारर्ण:- वह हनरन्तर सहैकडर इन्दर कप्रे समरान भगोग-हवलरास करतरा रहतरा हहै। यद्यहप (शश्रीररामजश्री-
सरश्रीखरा) अत्यन्त पबल शत्रपु हसर पर हहै, हफिर भश्री उसकगो न तगो हचन्तरा हहै और न डर हश्री हहै॥
10॥
शश्री ररामजश्री कप्रे बरार सप्रे ररावर कप्रे मपुकपुट-छत्रराहद करा हगरनरा
* पवन तनय कप्रे बचन सपुहन हबहहूँसप्रे ररामपु सपुजरान।
दहच्छन हदहस अवलगोहक पभपु बगोलप्रे कमृ परा हनधरान॥12 ख॥
भरावरारर्ण:- पवनपपुत्र हनपुमरानमजश्री कप्रे वचन सपुनकर सपुजरान शश्री ररामजश्री हहूँसप्रे। हफिर दहक्षर ककी ओर
दप्रेखकर कमृ पराहनधरान पभपु बगोलप्रे-॥12 (ख)॥
चरौपराई :
* दप्रेखपु हवभश्रीषन दहच्छन आसरा। घन घममंड दराहमनश्री हबलरासरा॥
मधपुर मधपुर गरजइ घन घगोररा। हगोइ बमृहष्टि जहन उपल कठगोररा॥ 1॥
भरावरारर्ण:- हप्रे हवभश्रीषर! दहक्षर हदशरा ककी ओर दप्रेखगो, बरादल कहै सरा घपुमड रहरा हहै और हबजलश्री
चमक रहश्री हहै। भयरानक बरादल मश्रीठप्रे-मश्रीठप्रे (हल्कप्रे -हल्कप्रे ) स्वर सप्रे गरज रहरा हहै। कहहीं कठगोर ओलर
ककी वषरार्ण न हगो!॥1॥
* कहत हवभश्रीषन सपुनहह कमृ परालरा। हगोइ न तहडत न बराररद मरालरा॥
लमंकरा हसखर उपर आगराररा। तहहूँ दसकमंधर दप्रेख अखराररा॥2॥
भरावरारर्ण:- हवभश्रीषर बगोलप्रे- हप्रे कमृ परालपु! सपुहनए, यह न तगो हबजलश्री हहै, न बरादलर ककी घटरा। लमंकरा
ककी चगोटश्री पर एक महल हहै। दशगश्रीव ररावर वहराहूँ (नराच-गरान करा) अखराडरा दप्रेख रहरा हहै॥2॥
* छत्र मप्रेघडमंबर हसर धरारश्री। सगोइ जनपु जलद घटरा अहत करारश्री॥
ममंदगोदरश्री शवन तराटमंकरा। सगोइ पभपु जनपु दराहमनश्री दममंकरा॥3॥
भरावरारर्ण:- ररावर नप्रे हसर पर मप्रेघडमंबर (बरादलर कप्रे डमंबर जहैसरा हवशराल और करालरा) छत्र धरारर कर
रखरा हहै। वहश्री मरानगो बरादलर ककी करालश्री घटरा हहै। ममंदगोदरश्री कप्रे करानर ममें जगो करर्णफिपूल हहल रहप्रे हमैं, हप्रे
पभगो! वहश्री मरानगो हबजलश्री चमक रहश्री हहै॥3॥
* बराजहहमं तराल ममृदमंग अनपूपरा। सगोइ रव मधपुर सपुनहह सपुरभपूपरा।
पभपु मपुसपुकरान समपुहझ अहभमरानरा। चराप चढराव बरान समंधरानरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:- हप्रे दप्रेवतराओमं कप्रे सम्रराट! सपुहनए, अनपुपम तराल ममृदमंग बज रहप्रे हमैं। वहश्री मधपुर (गजर्णन)
ध्वहन हहै। ररावर करा अहभमरान समझकर पभपु मपुस्कपु रराए। उन्हरनप्रे धनपुष चढराकर उस पर बरार करा
सन्धरान हकयरा॥4॥
दगोहरा :
* छत्र मपुकपुट तरामंटक तब हतप्रे एकहहीं बरान।
सब कमें दप्रेखत महह परप्रे मरमपु न कगोऊ जरान॥13 क॥
भरावरारर्ण:- और एक हश्री बरार सप्रे (ररावर कप्रे ) छत्र-मपुकपुट और (ममंदगोदरश्री कप्रे ) करर्णफिपूल कराट हगरराए।
सबकप्रे दप्रेखतप्रे-दप्रेखतप्रे वप्रे जमश्रीन पर आ पडप्रे, पर इसकरा भप्रेद (करारर) हकसश्री नप्रे नहहीं जरानरा॥13
(क)॥
* अस करौतपुक करर रराम सर पहबसप्रेउ आई हनषमंग।
ररावन सभरा ससमंक सब दप्रेहख महरा रसभमंग॥13 ख॥
भरावरारर्ण:- ऐसरा चमत्करार करकप्रे शश्री ररामजश्री करा बरार (वरापस) आकर (हफिर) तरकस ममें जरा
घपुसरा। यह महरानम रस भमंग (रमंग ममें भमंग) दप्रेखकर ररावर ककी सरारश्री सभरा भयभश्रीत हगो गई॥13
(ख)॥
चरौपराई :
कमंप न भपूहम न मरत हबसप्रेषरा। अस्त्र सस्त्र कछपु नयन न दप्रेखरा।
सगोचहहमं सब हनज हृदय मझरारश्री। असगपुन भयउ भयमंकर भरारश्री॥1॥
भरावरारर्ण:- न भपूकम्प हहआ, न बहह त जगोर ककी हवरा (आहूँधश्री) चलश्री। न कगोई अस्त्र-शस्त्र हश्री नप्रेत्रर सप्रे
दप्रेखप्रे। (हफिर यप्रे छत्र, मपुकपुट और करर्णफिपूल जहैसप्रे कटकर हगर पडप्रे?) सभश्री अपनप्रे-अपनप्रे हृदय ममें
सगोच रहप्रे हमैं हक यह बडरा भयमंकर अपशकपु न हह आ!॥1॥
* दसमपुख दप्रेहख सभरा भय पराई। हबहहस बचन कह जपुगपुहत बनराई।
हसरउ हगरप्रे समंतत सपुभ जराहश्री। मपुकपुट परप्रे कस असगपुन तराहश्री॥2॥
भरावरारर्ण:- सभरा कगो भयतश्रीत दप्रेखकर ररावर नप्रे हहूँसकर यहपु क्त रचकर यप्रे वचन कहप्रे- हसरर करा हगरनरा
भश्री हजसकप्रे हलए हनरमंतर शपुभ हगोतरा रहरा हहै, उसकप्रे हलए मपुकपुट करा हगरनरा अपशकपु न कहै सरा?॥2॥
मन्दगोदरश्री करा हफिर ररावर कगो समझरानरा और शश्री रराम ककी महहमरा कहनरा
* सयन करहह हनज हनज गमृह जराई।मं गवनप्रे भवन सकल हसर नराई॥
ममंदगोदरश्री सगोच उर बसप्रेऊ। जब तप्रे शवनपपूर महह खसप्रेऊ॥3॥
भरावरारर्ण:- अपनप्रे-अपनप्रे घर जराकर सगो रहगो (डरनप्रे ककी कगोई बरात नहहीं हहै) तब सब लगोग हसर
नवराकर घर गए। जब सप्रे करर्णफिपूल पमृथ्वश्री पर हगररा, तब सप्रे ममंदगोदरश्री कप्रे हृदय ममें सगोच बस गयरा॥3॥
* सजल नयन कह जपुग कर जगोरश्री। सपुनहह परानपहत हबनतश्री मगोरश्री॥
कमंत रराम हबरगोध पररहरहह । जराहन मनपुज जहन हठ लग धरहह ॥4॥
भरावरारर्ण:- नप्रेत्रर ममें जल भरकर, दगोनर हरार जगोडकर वह (ररावर सप्रे) कहनप्रे लगश्री- हप्रे परारनरार!
मप्रेरश्री हवनतश्री सपुहनए। हप्रे हपयतम! शश्री रराम सप्रे हवरगोध छगोड दश्रीहजए। उन्हमें मनपुष्य जरानकर मन ममें हठ
न पकडप्रे रहहए॥4॥
दगोहरा :
* हबस्वरूप रघपुबस मं महन करहह बचन हबस्वरासपु।
लगोक कल्पनरा बप्रेद कर अमंग अमंग पहत जरासपु॥14॥
भरावरारर्ण:- मप्रेरप्रे इन वचनर पर हवश्वरास ककीहजए हक यप्रे रघपुकपुल कप्रे हशरगोमहर शश्री ररामचमंदजश्री हवश्व
रूप हमैं- (यह सराररा हवश्व उन्हहीं करा रूप हहै)। वप्रेद हजनकप्रे अमंग-अमंग ममें लगोकर ककी कल्पनरा करतप्रे हमैं॥
14॥
चरौपराई :
* पद परातराल सश्रीस अज धरामरा। अपर लगोक अहूँग अहूँग हबशरामरा॥
भमृकपुहट हबलरास भयमंकर करालरा। नयन हदवराकर कच घन मरालरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:- परातराल (हजन हवश्व रूप भगवरानम करा) चरर हहै, ब्रह लगोक हसर हहै, अन्य (बश्रीच कप्रे
सब) लगोकर करा हवशराम (हस्रहत) हजनकप्रे अन्य हभन्न-हभन्न अमंगर पर हहै। भयमंकर कराल हजनकरा
भमृकपुहट समंचरालन (भजौंहर करा चलनरा) हहै। सपूयर्ण नप्रेत्र हमैं, बरादलर करा समपूह बराल हहै॥1॥
* जरासपु घ्ररान अहस्वनश्रीकपुमराररा। हनहस अर हदवस हनमप्रेष अपराररा॥
शवन हदसरा दस बप्रेद बखरानश्री। मरारत स्वरास हनगम हनज बरानश्री॥2॥
भरावरारर्ण:- अहश्वनश्री कपु मरार हजनककी नराहसकरा हमैं, ररात और हदन हजनकप्रे अपरार हनमप्रेष (पलक
मरारनरा और खगोलनरा) हमैं। दसर हदशराएहूँ करान हमैं, वप्रेद ऐसरा कहतप्रे हमैं। वरायपु श्वरास हहै और वप्रेद हजनककी
अपनश्री वरारश्री हहै॥2॥
* अधर लगोभ जम दसन कररालरा। मरायरा हरास बराहह हदगपरालरा॥
आनन अनल अमंबपुपहत जश्रीहरा। उतपहत परालन पलय समश्रीहरा॥3॥
भरावरारर्ण:- लगोभ हजनकरा अधर (हगोठ) हहै, यमरराज भयरानक दराहूँत हमैं। मरायरा हहूँसश्री हहै, हदक्पराल
भपुजराएहूँ हमैं। अहग्नि मपुख हहै, वरर जश्रीभ हहै। उत्पहर, परालन और पलय हजनककी चप्रेष्टिरा (हकयरा) हहै॥3॥
* रगोम रराहज अष्टिरादस भराररा। अहस्र सहैल सररतरा नस जराररा॥
उदर उदहध अधगगो जरातनरा। जगमय पभपु करा बहह कलपनरा॥4॥
भरावरारर्ण:- अठरारह पकरार ककी असमंख्य वनस्पहतयराहूँ हजनककी रगोमरावलश्री हमैं, पवर्णत अहस्रयराहूँ हमैं,
नहदयराहूँ नसर करा जराल हहै, समपुद पप्रेट हहै और नरक हजनककी नश्रीचप्रे ककी इमंहदयराहूँ हमैं। इस पकरार पभपु
हवश्वमय हमैं, अहधक कल्पनरा (ऊहरापगोह) क्यरा ककी जराए?॥4॥
दगोहरा :
अहमंकरार हसव बपुहद अज मन सहस हचर महरान।
मनपुज बरास सचरराचर रूप रराम भगवरान॥15 क॥
भरावरारर्ण:- हशव हजनकरा अहमंकरार हमैं, ब्रहरा बपुहद हमैं, चमंदमरा मन हमैं और महरान (हवष्रपु) हश्री हचर हमैं।
उन्हहीं चरराचर रूप भगवरान शश्री ररामजश्री नप्रे मनपुष्य रूप ममें हनवरास हकयरा हहै॥ 15 (क)॥
* अस हबचरारर सपुनपु परानपहत पभपु सन बयर हबहराइ।
पश्रीहत करहह रघपुबश्रीर पद मम अहहवरात न जराइ॥15 ख॥
भरावरारर्ण:- हप्रे परारपहत सपुहनए, ऐसरा हवचरार कर पभपु सप्रे वहैर छगोडकर शश्री रघपुवश्रीर कप्रे चररर ममें पप्रेम
ककीहजए, हजससप्रे मप्रेररा सपुहराग न जराए॥15 (ख)॥
चरौपराई :
* हबहहूँसरा नरारर बचन सपुहन करानरा। अहगो मगोह महहमरा बलवरानरा॥
नरारर सपुभराउ सत्य सब कहहहीं। अवगपुन आठ सदरा उर रहहहीं॥1॥
भरावरारर्ण:- पत्नश्री कप्रे वचन करानर सप्रे सपुनकर ररावर खपूब हहूँसरा (और बगोलरा-) अहगो! मगोह (अजरान)
ककी महहमरा बडश्री बलवरानम हहै। स्त्रश्री करा स्वभराव सब सत्य हश्री कहतप्रे हमैं हक उसकप्रे हृदय ममें आठ
अवगपुर सदरा रहतप्रे हमैं-॥1॥
* सराहस अनमृत चपलतरा मरायरा। भय अहबबप्रेक असरौच अदरायरा॥
ररपपु कर रूप सकल तमैं गरावरा। अहत हबसराल भय मगोहह सपुनरावरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:- सराहस, झपूठ, चमंचलतरा, मरायरा (छल), भय (डरपगोकपन) अहववप्रेक (मपूखर्णतरा),
अपहवत्रतरा और हनदर्णयतरा। तपूनप्रे शत्रपु करा समग (हवरराट) रूप गरायरा और मपुझप्रे उसकरा बडरा भरारश्री भय
सपुनरायरा॥2॥
* सगो सब हपयरा सहज बस मगोरमें। समपुहझ पररा अब पसराद तगोरमें॥
जराहनउहूँ हपयरा तगोरर चतपुरराई। एहह हबहध कहहह मगोरर पभपुतराई॥3॥
भरावरारर्ण:- हप्रे हपयप्रे! वह सब (यह चरराचर हवश्व तगो) स्वभराव सप्रे हश्री मप्रेरप्रे वश ममें हहै। तप्रेरश्री कमृ परा सप्रे
मपुझप्रे यह अब समझ पडरा। हप्रे हपयप्रे! तप्रेरश्री चतपुरराई ममैं जरान गयरा। तपू इस पकरार (इसश्री बहरानप्रे) मप्रेरश्री
पभपुतरा करा बखरान कर रहश्री हहै॥3॥
* तव बतकहश्री गपूढ ममृगलगोचहन। समपुझत सपुखद सपुनत भय मगोचहन॥
ममंदगोदरर मन महह हूँ अस ठयऊ। हपयहह कराल बस महत रम भयउ॥4॥
भरावरारर्ण:- हप्रे ममृगनयनश्री! तप्रेरश्री बरातमें बडश्री गपूढ (रहस्यभरश्री) हमैं, समझनप्रे पर सपुख दप्रेनप्रे वरालश्री और
सपुननप्रे सप्रे भय छपु डरानप्रे वरालश्री हमैं। ममंदगोदरश्री नप्रे मन ममें ऐसरा हनश्चय कर हलयरा हक पहत कगो करालवश
महतरम हगो गयरा हहै॥4॥
दगोहरा :
* ऐहह हबहध करत हबनगोद बहह परात पगट दसकमंध।
सहज असमंक लमंकपहत सभराहूँ गयउ मद अमंध॥16 क॥
भरावरारर्ण:- इस पकरार (अजरानवश) बहह त सप्रे हवनगोद करतप्रे हहए ररावर कगो सबप्रेररा हगो गयरा। तब
स्वभराव सप्रे हश्री हनडर और घममंड ममें अमंधरा लमंकरापहत सभरा ममें गयरा॥ 16 (क)॥
सगोरठरा :
* फिपूलइ फिरइ न बप्रेत जदहप सपुधरा बरषहहमं जलद।
मपूरख हृदयहूँ न चप्रेत जजौं गपुर हमलहहमं हबरमंहच सम॥16 ख॥
भरावरारर्ण:- यद्यहप बरादल अममृत सरा जल बरसरातप्रे हमैं तगो भश्री बप्रेत फिपू लतरा-फिलतरा नहहीं। इसश्री पकरार
चराहप्रे ब्रहरा कप्रे समरान भश्री जरानश्री गपुर हमलमें, तगो भश्री मपूखर्ण कप्रे हृदय ममें चप्रेत (जरान) नहहीं हगोतरा॥16
(ख)॥
अमंगदजश्री करा लमंकरा जरानरा और ररावर ककी सभरा ममें अमंगद-ररावर समंवराद
चरौपराई :
* इहराहूँ परात जरागप्रे रघपुरराई। पपूछरा मत सब सहचव बगोलराई॥
कहहह बप्रेहग करा कररअ उपराई। जरामवमंत कह पद हसर नराई॥1॥
भरावरारर्ण:- यहराहूँ (सपुबप्रेल पवर्णत पर) परातद्धाःकराल शश्री रघपुनरारजश्री जरागप्रे और उन्हरनप्रे सब ममंहत्रयर कगो
बपुलराकर सलराह पपूछश्री हक शश्रीघ्र बतराइए, अब क्यरा उपराय करनरा चराहहए? जराम्बवरानम नप्रे शश्री ररामजश्री
कप्रे चररर ममें हसर नवराकर कहरा-॥1॥
* सपुनपु सबर्णग्य सकल उर बरासश्री। बपुहध बल तप्रेज धमर्ण गपुन ररासश्री॥
ममंत्र कहउहूँ हनज महत अनपुसराररा। दतपू पठराइअ बराहल कपु मराररा॥2॥
भरावरारर्ण:- हप्रे सवर्णज (सब कपु छ जराननप्रे वरालप्रे)! हप्रे सबकप्रे हृदय ममें बसनप्रे वरालप्रे (अमंतयरार्णमश्री)! हप्रे
बपुहद, बल, तप्रेज, धमर्ण और गपुरर ककी रराहश! सपुहनए! ममैं अपनश्री बपुहद कप्रे अनपुसरार सलराह दप्रेतरा हह हूँ
हक बराहलकपु मरार अमंगद कगो दतपू बनराकर भप्रेजरा जराए!॥2॥
* नश्रीक ममंत्र सब कप्रे मन मरानरा। अमंगद सन कह कमृ पराहनधरानरा॥
बराहलतनय बपुहध बल गपुन धरामरा। लमंकरा जराहह तरात मम करामरा॥3॥
भरावरारर्ण:- यह अच्छश्री सलराह सबकप्रे मन ममें जहूँच गई। कमृ परा कप्रे हनधरान शश्री ररामजश्री नप्रे अमंगद सप्रे कहरा-
हप्रे बल, बपुहद और गपुरर कप्रे धराम बराहलपपुत्र! हप्रे तरात! तपुम मप्रेरप्रे कराम कप्रे हलए लमंकरा जराओ॥3॥
* बहह त बपुझराइ तपुम्हहह करा कहऊहूँ। परम चतपुर ममैं जरानत अहऊहूँ॥
कराजपु हमरार तरासपु हहत हगोई। ररपपु सन करप्रेहह बतकहश्री सगोई॥4॥
भरावरारर्ण:- तपुमकगो बहह त समझराकर क्यरा कहह हूँ! ममैं जरानतरा हह हूँ, तपुम परम चतपुर हगो। शत्रपु सप्रे वहश्री
बरातचश्रीत करनरा, हजससप्रे हमराररा कराम हगो और उसकरा कल्यरार हगो॥4॥
सगोरठरा :
* पभपु अग्यरा धरर सश्रीस चरन बमंहद अमंगद उठप्रेउ।
सगोइ गपुन सरागर ईस रराम कमृ परा जरा कर करहह ॥17 क॥
भरावरारर्ण:-पभपु ककी आजरा हसर चढकर और उनकप्रे चररर ककी वमंदनरा करकप्रे अमंगदजश्री उठप्रे (और
बगोलप्रे-) हप्रे भगवरानम शश्री ररामजश्री! आप हजस पर कमृ परा करमें, वहश्री गपुरर करा समपुद हगो जरातरा हहै॥17
(क)॥
* स्वयमंहसद सब कराज नरार मगोहह आदर हदयउ।
अस हबचरारर जपुबरराज तन पपुलहकत हरहषत हहयउ॥17 ख॥
भरावरारर्ण:-स्वरामश्री सब करायर्ण अपनप्रे-आप हसद हमैं, यह तगो पभपु नप्रे मपुझ कगो आदर हदयरा हहै (जगो मपुझप्रे
अपनप्रे करायर्ण पर भप्रेज रहप्रे हमैं)। ऐसरा हवचरार कर यवपु रराज अमंगद करा हृदय हहषर्णत और शरश्रीर पपुलहकत
हगो गयरा॥17 (ख)॥
चरौपराई :
* बमंहद चरन उर धरर पभपुतराई। अमंगद चलप्रेउ सबहह हसर नराई॥
पभपु पतराप उर सहज असमंकरा। रन बराहूँकपुररा बराहलसपुत बमंकरा॥1॥
भरावरारर्ण:- चररर ककी वमंदनरा करकप्रे और भगवरानम ककी पभपुतरा हृदय ममें धरकर अमंगद सबकगो हसर
नवराकर चलप्रे। पभपु कप्रे पतराप कगो हृदय ममें धरारर हकए हह ए ररबराहूँकपुरप्रे वश्रीर बराहलपपुत्र स्वराभराहवक हश्री
हनभर्णय हमैं॥1॥
* पपुर पहैठत ररावन कर बप्रेटरा। खप्रेलत रहरा सगो हगोइ गहै भमेंटरा॥
बरातहहमं बरात करष बहढ आई। जपुगल अतपुल बल पपुहन तरनराई॥2॥
भरावरारर्ण:-लमंकरा ममें पवप्रेश करतप्रे हश्री ररावर कप्रे पपुत्र सप्रे भमेंट हगो गई, जगो वहराहूँ खप्रेल रहरा ररा। बरातर हश्री
बरातर ममें दगोनर ममें झगडरा बढ गयरा (क्यरहक) दगोनर हश्री अतपुलनश्रीय बलवरानम रप्रे और हफिर दगोनर ककी
यवपु रावस्ररा रश्री॥2॥
* तप्रेहहमं अमंगद कहह हूँ लरात उठराई। गहह पद पटकप्रे उ भपूहम भवराहूँई॥
हनहसचर हनकर दप्रेहख भट भरारश्री। जहहूँ तहहूँ चलप्रे न सकहहमं पपुकरारश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:- उसनप्रे अमंगद पर लरात उठराई। अमंगद नप्रे (वहश्री) पहैर पकडकर उसप्रे घपुमराकर जमश्रीन पर दप्रे
पटकरा (मरार हगररायरा)। रराक्षस कप्रे समपूह भरारश्री यगोदरा दप्रेखकर जहराहूँ-तहराहूँ (भराग) चलप्रे, वप्रे डर कप्रे मरारप्रे
पपुकरार भश्री न मचरा सकप्रे ॥3॥
* एक एक सन मरमपु न कहहहीं। समपुहझ तरासपु बध चपुप करर रहहहीं॥
भयउ कगोलराहल नगर मझरारश्री। आवरा कहप लमंकरा जप्रेहहमं जरारश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-एक-दस पू रप्रे कगो ममर्ण (असलश्री बरात) नहहीं बतलरातप्रे, उस (ररावर कप्रे पपुत्र) करा वध
समझकर सब चपुप मरारकर रह जरातप्रे हमैं। (ररावर पपुत्र ककी ममृत्यपु जरानकर और रराक्षसर कगो भय कप्रे मरारप्रे
भरागतप्रे दप्रेखकर) नगरभर ममें कगोलराहल मच गयरा हक हजसनप्रे लमंकरा जलराई रश्री, वहश्री वरानर हफिर आ
गयरा हहै॥4॥
* अब धजौं कहरा कररहह करतराररा। अहत सभश्रीत सब करहहमं हबचराररा॥
हबनपु पपूछमें मगपु दप्रेहहमं हदखराई। जप्रेहह हबलगोक सगोइ जराइ सपुखराई॥5॥
भरावरारर्ण:- सब अत्यमंत भयभश्रीत हगोकर हवचरार करनप्रे लगप्रे हक हवधरातरा अब न जरानप्रे क्यरा करप्रेगरा। वप्रे
हबनरा पपूछप्रे हश्री अमंगद कगो (ररावर कप्रे दरबरार ककी) रराह बतरा दप्रेतप्रे हमैं। हजसप्रे हश्री वप्रे दप्रेखतप्रे हमैं, वहश्री डर कप्रे
मरारप्रे सपूख जरातरा हहै॥5॥
दगोहरा :
* गयउ सभरा दरबरार तब सपुहमरर रराम पद कमंज।
हसमंह ठवहन इत उत हचतव धश्रीर बश्रीर बल पपुमंज॥18॥
भरावरारर्ण:- शश्री ररामजश्री कप्रे चररकमलर करा स्मरर करकप्रे अमंगद ररावर ककी सभरा कप्रे दरार पर गए और
वप्रे धश्रीर, वश्रीर और बल ककी रराहश अमंगद हसमंह ककी सश्री ऐमंड (शरान) सप्रे इधर-उधर दप्रेखनप्रे लगप्रे॥18॥
चरौपराई :
* तपुरत हनसराचर एक पठरावरा। समराचरार ररावनहह जनरावरा॥
सपुनत हबहहूँहस बगोलरा दससश्रीसरा। आनहह बगोहल कहराहूँ कर ककीसरा॥1॥
भरावरारर्ण:- तपुरमंत हश्री उन्हरनप्रे एक रराक्षस कगो भप्रेजरा और ररावर कगो अपनप्रे आनप्रे करा समराचरार सपूहचत
हकयरा। सपुनतप्रे हश्री ररावर हहूँसकर बगोलरा- बपुलरा लराओ, (दप्रेख)में कहराहूँ करा बमंदर हहै॥1॥
* आयसपु पराइ दतपू बहह धराए। कहपकपुमं जरहह बगोहल लहै आए॥
अमंगद दश्रीख दसरानन बहैसमें। सहहत परान कजलहगरर जहैसमें॥2॥
भरावरारर्ण:- आजरा पराकर बहह त सप्रे दतपू दरौडप्रे और वरानरर ममें हरारश्री कप्रे समरान अमंगद कगो बपुलरा लराए।
अमंगद नप्रे ररावर कगो ऐसप्रे बहैठप्रे हहए दप्रेखरा, जहैसप्रे कगोई परारयक्तपु (सजश्रीव) कराजल करा पहराड हगो!॥2॥
* भपुजरा हबटप हसर समृगमं समरानरा। रगोमरावलश्री लतरा जनपु नरानरा॥
मपुख नराहसकरा नयन अर करानरा। हगरर कमंदररा खगोह अनपुमरानरा॥3॥
भरावरारर्ण:- भपुजराएहूँ वमृक्षर कप्रे और हसर पवर्णतर कप्रे हशखरर कप्रे समरान हमैं। रगोमरावलश्री मरानगो बहह त सश्री
लतराएहूँ हमैं। मपुहूँह, नराक, नप्रेत्र और करान पवर्णत ककी कन्दरराओमं और खगोहर कप्रे बरराबर हमैं॥3॥
* गयउ सभराहूँ मन नप्रेकपु न मपुररा। बराहलतनय अहतबल बराहूँकपुररा॥
उठप्रे सभरासद कहप कहह हूँ दप्रेखश्री। ररावन उर भरा कगोध हबसप्रेषश्री॥4॥
भरावरारर्ण:- अत्यमंत बलवरानम बराहूँकप्रे वश्रीर बराहलपपुत्र अमंगद सभरा ममें गए, वप्रे मन ममें जररा भश्री नहहीं हझझकप्रे ।
अमंगद कगो दप्रेखतप्रे हश्री सब सभरासदम उठ खडप्रे हह ए। यह दप्रेखकर ररावर कप्रे हृदय ममें बडरा कगोध हहआ॥
4॥
दगोहरा :
* जररा मर गज जपूर महह हूँ पमंचरानन चहल जराइ।
रराम पतराप सपुहमरर मन बहैठ सभराहूँ हसर नराइ॥19॥
भरावरारर्ण:- जहैसप्रे मतवरालप्रे हराहरयर कप्रे झपुमंड ममें हसमंह (हनद्धाःशमंक हगोकर) चलरा जरातरा हहै, वहैसप्रे हश्री शश्री
ररामजश्री कप्रे पतराप करा हृदय ममें स्मरर करकप्रे वप्रे (हनभर्णय) सभरा ममें हसर नवराकर बहैठ गए॥19॥
चरौपराई :
* कह दसकमंठ कवन तमैं बमंदर। ममैं रघपुबश्रीर दतपू दसकमंधर॥
मम जनकहह तगोहह रहश्री हमतराई। तव हहत करारन आयउहूँ भराई॥1॥
भरावरारर्ण:- ररावर नप्रे कहरा- अरप्रे बमंदर! तपू करौन हहै? (अमंगद नप्रे कहरा-) हप्रे दशगश्रीव! ममैं शश्री रघपुवश्रीर
करा दतपू हह हूँ। मप्रेरप्रे हपतरा सप्रे और तपुमसप्रे हमत्रतरा रश्री, इसहलए हप्रे भराई! ममैं तपुम्हरारश्री भलराई कप्रे हलए हश्री
आयरा हह॥हूँ 1॥
* उरम कपु ल पपुलहस्त कर नरातश्री। हसव हबमंरहच पपूजहप्रे ह बहह भराहूँतश्री॥
बर परायहह ककीन्हप्रेहह सब कराजरा। जश्रीतप्रेहह लगोकपराल सब रराजरा॥2॥
भरावरारर्ण:- तपुम्हराररा उरम कपु ल हहै, पपुलस्त्य ऋहष कप्रे तपुम परौत्र हगो। हशवजश्री ककी और ब्रहराजश्री ककी
तपुमनप्रे बहह त पकरार सप्रे पपूजरा ककी हहै। उनसप्रे वर पराए हमैं और सब कराम हसद हकए हमैं। लगोकपरालर और
सब रराजराओमं कगो तपुमनप्रे जश्रीत हलयरा हहै॥2॥
* नमृप अहभमरान मगोह बस हकमंबरा। हरर आहनहह सश्रीतरा जगदमंबरा॥
अब सपुभ कहरा सपुनहह तपुम्ह मगोररा। सब अपरराध छहमहह पभपु तगोररा॥ 3॥
भरावरारर्ण:- रराजमद सप्रे यरा मगोहवश तपुम जगजननश्री सश्रीतराजश्री कगो हर लराए हगो। अब तपुम मप्रेरप्रे शपुभ वचन
(मप्रेरश्री हहतभरश्री सलराह) सपुनगो! (उसकप्रे अनपुसरार चलनप्रे सप्रे) पभपु शश्री ररामजश्री तपुम्हरारप्रे सब अपरराध
क्षमरा कर दमेंगप्रे॥3॥
* दसन गहहह तमृन कमंठ कपु ठरारश्री। पररजन सहहत समंग हनज नरारश्री॥
सरादर जनकसपुतरा करर आगमें। एहह हबहध चलहह सकल भय त्यरागमें॥4॥
भरावरारर्ण:-दराहूँतर ममें हतनकरा दबराओ, गलप्रे ममें कपु ल्हराडश्री डरालगो और कपु टपु हम्बयर सहहत अपनश्री हस्त्रयर कगो
सरार लप्रेकर, आदरपपूवर्णक जरानककीजश्री कगो आगप्रे करकप्रे , इस पकरार सब भय छगोडकर चलगो-॥4॥
दगोहरा :
* पनतपराल रघपुबमंसमहन त्रराहह त्रराहह अब मगोहह।
आरत हगररा सपुनत पभपु अभय करमेंगप्रे तगोहह॥20॥
भरावरारर्ण:- और 'हप्रे शरररागत कप्रे परालन करनप्रे वरालप्रे रघपुवमंश हशरगोमहर शश्री ररामजश्री! मप्रेरश्री रक्षरा
ककीहजए, रक्षरा ककीहजए।' (इस पकरार आतर्ण परारर्णनरा करगो।) आतर्ण पपुकरार सपुनतप्रे हश्री पभपु तपुमकगो हनभर्णय
कर दमेंगप्रे॥20॥
चरौपराई :
* रप्रे कहपपगोत बगोलपु समंभरारश्री। मपूढ न जरानप्रेहह मगोहह सपुररारश्री॥
कहह हनज नराम जनक कर भराई। कप्रे हह नरातमें मराहनऐ हमतराई॥1॥
भरावरारर्ण:- (ररावर नप्रे कहरा-) अरप्रे बमंदर कप्रे बचप्रे! सहूँभरालकर बगोल! मपूखर्ण! मपुझ दप्रेवतराओमं कप्रे शत्रपु
कगो तपूनप्रे जरानरा नहहीं? अरप्रे भराई! अपनरा और अपनप्रे बराप करा नराम तगो बतरा। हकस नरातप्रे सप्रे हमत्रतरा
मरानतरा हहै?॥1॥
* अमंगद नराम बराहल कर बप्रेटरा। तरासर कबहह हूँ भई हश्री भमेंटरा॥
अमंगद बचन सपुनत सकपु चरानरा। रहरा बराहल बरानर ममैं जरानरा॥2॥
भरावरारर्ण:-(अमंगद नप्रे कहरा-) मप्रेररा नराम अमंगद हहै, ममैं बराहल करा पपुत्र हह हूँ। उनसप्रे कभश्री तपुम्हरारश्री भमेंट हहई
रश्री? अमंगद करा वचन सपुनतप्रे हश्री ररावर कपु छ सकपु चरा गयरा (और बगोलरा-) हराहूँ, ममैं जरान गयरा (मपुझप्रे
यराद आ गयरा), बराहल नराम करा एक बमंदर ररा॥2॥
* अमंगद तहहीं बराहल कर बरालक। उपजप्रेहह बमंस अनल कपु ल घरालक॥
गभर्ण न गयहह ब्यरर्ण तपुम्ह जरायहह । हनज मपुख तरापस दतपू कहरायहह ॥3॥
भरावरारर्ण:- अरप्रे अमंगद! तपू हश्री बराहल करा लडकरा हहै? अरप्रे कपु लनराशक! तपू तगो अपनप्रे कपु लरूपश्री बराहूँस
कप्रे हलए अहग्नि रूप हश्री पहैदरा हहआ! गभर्ण ममें हश्री क्यर न नष्टि हगो गयरा तपू? व्यरर्ण हश्री पहैदरा हहआ जगो अपनप्रे
हश्री मपुहूँह सप्रे तपहस्वयर करा दतपू कहलरायरा!॥3॥
* अब कहह कपु सल बराहल कहहूँ अहई। हबहहूँहस बचन तब अमंगद कहई॥
हदन दस गएहूँ बराहल पहहमं जराई। बपूझप्रेहह कपु सल सखरा उर लराई॥4॥
भरावरारर्ण:- अब बराहल ककी कपु शल तगो बतरा, वह (आजकल) कहराहूँ हहै? तब अमंगद नप्रे हहूँसकर कहरा-
दस (कपु छ) हदन बश्रीतनप्रे पर (स्वयमं हश्री) बराहल कप्रे परास जराकर, अपनप्रे हमत्र कगो हृदय सप्रे लगराकर,
उसश्री सप्रे कपु शल पपूछ लप्रेनरा॥4॥
* रराम हबरगोध कपु सल जहस हगोई। सगो सब तगोहह सपुनराइहह सगोई॥
सपुनपु सठ भप्रेद हगोइ मन तराकमें। शश्री रघपुबश्रीर हृदय नहहमं जराकमें॥5॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री सप्रे हवरगोध करनप्रे पर जहैसश्री कपु शल हगोतश्री हहै, वह सब तपुमकगो वप्रे सपुनरावमेंगप्रे। हप्रे
मपूखर्ण! सपुन, भप्रेद उसश्री कप्रे मन ममें पड सकतरा हहै, (भप्रेद नश्रीहत उसश्री पर अपनरा पभराव डराल सकतश्री
हहै) हजसकप्रे हृदय ममें शश्री रघपुवश्रीर न हर॥5॥
दगोहरा :
* हम कपु ल घरालक सत्य तपुम्ह कपु ल परालक दससश्रीस।
अमंधउ बहधर न अस कहहहमं नयन करान तव बश्रीस॥21॥
भरावरारर्ण:- सच हहै, ममैं तगो कपु ल करा नराश करनप्रे वरालरा हह हूँ और हप्रे ररावर! तपुम कपु ल कप्रे रक्षक हगो।
अमंधप्रे-बहरप्रे भश्री ऐसश्री बरात नहहीं कहतप्रे, तपुम्हरारप्रे तगो बश्रीस नप्रेत्र और बश्रीस करान हमैं!॥21॥
चरौपराई :
* हसव हबरमंहच सपुर मपुहन समपुदराई। चराहत जरासपु चरन सप्रेवकराई॥
तरासपु दतपू हगोइ हम कपु ल बगोररा। अइहसहह हूँ महत उर हबहर न तगोररा॥1॥
भरावरारर्ण:- हशव, ब्रहरा (आहद) दप्रेवतरा और मपुहनयर कप्रे समपुदराय हजनकप्रे चररर ककी सप्रेवरा (करनरा)
चराहतप्रे हमैं, उनकरा दतपू हगोकर ममैंनप्रे कपु ल कगो डपु बरा हदयरा? अरप्रे ऐसश्री बपुहद हगोनप्रे पर भश्री तपुम्हराररा हृदय
फिट नहहीं जरातरा?॥1॥
* सपुहन कठगोर बरानश्री कहप कप्रे रश्री। कहत दसरानन नयन तरप्रेरश्री॥
खल तव कहठन बचन सब सहऊहूँ। नश्रीहत धमर्ण ममैं जरानत अहऊहूँ॥2॥
भरावरारर्ण:- वरानर (अमंगद) ककी कठगोर वरारश्री सपुनकर ररावर आहूँख में तरप्रेरकर (हतरछश्री करकप्रे ) बगोलरा-
अरप्रे दष्टिपु ! ममैं तप्रेरप्रे सब कठगोर वचन इसश्रीहलए सह रहरा हह हूँ हक ममैं नश्रीहत और धमर्ण कगो जरानतरा हह हूँ (उन्हहीं
ककी रक्षरा कर रहरा हह हूँ)॥2॥
* कह कहप धमर्णसश्रीलतरा तगोरश्री। हमहह हूँ सपुनश्री कमृ त पर हत्रय चगोरश्री॥
दप्रेखश्री नयन दतपू रखवरारश्री। बपूहड न मरहह धमर्ण ब्रतधरारश्री॥3॥
भरावरारर्ण:- अमंगद नप्रे कहरा- तपुम्हरारश्री धमर्णशश्रीलतरा ममैंनप्रे भश्री सपुनश्री हहै। (वह यह हक) तपुमनप्रे परराई स्त्रश्री ककी
चगोरश्री ककी हहै! और दतपू ककी रक्षरा ककी बरात तगो अपनश्री आहूँखर सप्रे दप्रेख लश्री। ऐसप्रे धमर्ण कप्रे व्रत कगो धरारर
(परालन) करनप्रे वरालप्रे तपुम डपू बकर मर नहहीं जरातप्रे!॥3॥
* करान नराक हबनपु भहगहन हनहरारश्री। छमरा ककीहन्ह तपुम्ह धमर्ण हबचरारश्री॥
धमर्णसश्रीलतरा तव जग जरागश्री। परावरा दरसपु हमहह हूँ बडभरागश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-नराक-करान सप्रे रहहत बहहन कगो दप्रेखकर तपुमनप्रे धमर्ण हवचरारकर हश्री तगो क्षमरा कर हदयरा ररा!
तपुम्हरारश्री धमर्णशश्रीलतरा जगजराहहर हहै। ममैं भश्री बडरा भराग्यवरानम हह,हूँ जगो ममैंनप्रे तपुम्हराररा दशर्णन परायरा?॥4॥
दगोहरा :
* जहन जल्पहस जड जमंतपु कहप सठ हबलगोकपु मम बराहह।
लगोकपराल बल हबपपुल सहस गसन हप्रेतपु सब रराहह॥22 क॥
भरावरारर्ण:- (ररावर नप्रे कहरा-) अरप्रे जड जन्तपु वरानर! व्यरर्ण बक-बक न कर, अरप्रे मपूखर्ण! मप्रेरश्री
भपुजराएहूँ तगो दप्रेख। यप्रे सब लगोकपरालर कप्रे हवशराल बल रूपश्री चमंदमरा कगो गसनप्रे कप्रे हलए रराहह हमैं॥22
(क)॥
* पपुहन नभ सर मम कर हनकर कमलहन्ह पर करर बरास।
सगोभत भयउ मरराल इव समंभपु सहहत कहै लरास॥22 ख॥
भरावरारर्ण:- हफिर (तपूनप्रे सपुनरा हश्री हगोगरा हक) आकराश रूपश्री तरालराब ममें मप्रेरश्री भपुजराओमं रूपश्री कमलर पर
बसकर हशवजश्री सहहत कहै लरास हमंस कप्रे समरान शगोभरा कगो पराप्त हह आ ररा!॥22 (ख)॥
चरौपराई :
* तपुम्हरप्रे कटक मराझ सपुनपु अमंगद। मगो सन हभररहह कवन जगोधरा बद॥
तब पभपु नरारर हबरहहूँ बलहश्रीनरा। अनपुज तरासपु दख पु दखपु श्री मलश्रीनरा॥1॥
भरावरारर्ण:- अरप्रे अमंगद! सपुन, तप्रेरश्री सप्रेनरा ममें बतरा, ऐसरा करौन यगोदरा हहै, जगो मपुझसप्रे हभड सकप्रे गरा। तप्रेररा
मराहलक तगो स्त्रश्री कप्रे हवयगोग ममें बलहश्रीन हगो रहरा हहै और उसकरा छगोटरा भराई उसश्री कप्रे दद्धाःपु ख सप्रे दद्धाःपु खश्री
और उदरास हहै॥1॥
* तपुम्ह सपुगश्रीव कपू लदपुम दगोऊ। अनपुज हमरार भश्रीर अहत सगोऊ॥
जरामवमंत ममंत्रश्री अहत बपूढरा। सगो हक हगोइ अब समररारूढरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:- तपुम और सपुगश्रीव, दगोनर (नदश्री) तट कप्रे वमृक्ष हगो (रहरा) मप्रेररा छगोटरा भराई हवभश्रीषर, (सगो)
वह भश्री बडरा डरपगोक हहै। ममंत्रश्री जराम्बवरानम बहह त बपूढरा हहै। वह अब लडराई ममें क्यरा चढ (उद्यत हगो)
सकतरा हहै?॥2॥
* हसहल्प कमर्ण जरानहहमं नल नश्रीलरा। हहै कहप एक महरा बलसश्रीलरा॥
आवरा परम नगर जप्रेहहमं जराररा। सपुनत बचन कह बराहलकपु मराररा॥3॥
भरावरारर्ण:- नल-नश्रील तगो हशल्प-कमर्ण जरानतप्रे हमैं (वप्रे लडनरा क्यरा जरानमें?)। हराहूँ, एक वरानर जरूर
महरानम बलवरानम हहै, जगो पहलप्रे आयरा ररा और हजसनप्रे लमंकरा जलराई रश्री। यह वचन सपुनतप्रे हश्री बराहल पपुत्र
अमंगद नप्रे कहरा-॥3॥
* सत्य बचन कहह हनहसचर नराहरा। सराहूँचप्रेहहहूँ ककीस ककीन्ह पपुर दराहरा॥
ररावर नगर अल्प कहप दहई। सपुहन अस बचन सत्य कगो कहई॥4॥
भरावरारर्ण:- हप्रे रराक्षसरराज! सचश्री बरात कहगो! क्यरा उस वरानर नप्रे सचमपुच तपुम्हराररा नगर जलरा हदयरा?
ररावर (जहैसप्रे जगहदजयश्री यगोदरा) करा नगर एक छगोटप्रे सप्रे वरानर नप्रे जलरा हदयरा। ऐसप्रे वचन सपुनकर
उन्हमें सत्य करौन कहप्रेगरा?॥4॥
* जगो अहत सपुभट सरराहप्रेहह ररावन। सगो सपुगश्रीव कप्रे र लघपु धरावन॥
चलइ बहह त सगो बश्रीर न हगोई। पठवरा खबरर लप्रेन हम सगोई॥5॥
भरावरारर्ण:- हप्रे ररावर! हजसकगो तपुमनप्रे बहह त बडरा यगोदरा कहकर सरराहरा हहै, वह तगो सपुगश्रीव करा एक
छगोटरा सरा दरौडकर चलनप्रे वरालरा हरकराररा हहै। वह बहह त चलतरा हहै, वश्रीर नहहीं हहै। उसकगो तगो हमनप्रे
(कप्रे वल) खबर लप्रेनप्रे कप्रे हलए भप्रेजरा ररा॥5॥
दगोहरा :
* सत्य नगर कहप जरारप्रेउ हबनपु पभपु आयसपु पराइ।
हफिरर न गयउ सपुगश्रीव पहहमं तप्रेहहमं भय रहरा लपुकराइ॥23 क॥
भरावरारर्ण:- क्यरा सचमपुच हश्री उस वरानर नप्रे पभपु ककी आजरा पराए हबनरा हश्री तपुम्हराररा नगर जलरा डरालरा?
मरालपूम हगोतरा हहै, इसश्री डर सप्रे वह लरौटकर सपुगश्रीव कप्रे परास नहहीं गयरा और कहहीं हछप रहरा!॥23
(क)॥
* सत्य कहहह दसकमंठ सब मगोहह न सपुहन कछपु कगोह।
कगोउ न हमरारमें कटक अस तगो सन लरत जगो सगोह॥23 ख॥
भरावरारर्ण:- हप्रे ररावर! तपुम सब सत्य हश्री कहतप्रे हगो, मपुझप्रे सपुनकर कपु छ भश्री कगोध नहहीं हहै। सचमपुच
हमरारश्री सप्रेनरा ममें कगोई भश्री ऐसरा नहहीं हहै, जगो तपुमसप्रे लडनप्रे ममें शगोभरा पराए॥23 (ख)॥
* पश्रीहत हबरगोध समरान सन कररअ नश्रीहत अहस आहह।
जजौं ममृगपहत बध मप्रेडपुकहन्ह भल हक कहइ कगोउ तराहह॥23 ग॥
भरावरारर्ण:- पश्रीहत और वहैर बरराबरश्री वरालप्रे सप्रे हश्री करनरा चराहहए, नश्रीहत ऐसश्री हश्री हहै। हसमंह यहद ममेंढकर
कगो मरारप्रे, तगो क्यरा उसप्रे कगोई भलरा कहप्रेगरा?॥23 (ग)॥
* जद्यहप लघपुतरा रराम कहह हूँ तगोहह बधमें बड दगोष।
तदहप कहठन दसकमंठ सपुनपु छत्र जराहत कर रगोष॥23 घ॥
भरावरारर्ण:-यद्यहप तपुम्हमें मरारनप्रे ममें शश्री ररामजश्री ककी लघपुतरा हहै और बडरा दगोष भश्री हहै तरराहप हप्रे ररावर!
सपुनगो, क्षहत्रय जराहत करा कगोध बडरा कहठन हगोतरा हहै॥23 (घ)॥
* बक उहक्त धनपु बचन सर हृदय दहप्रेउ ररपपु ककीस।
पहतउरर सडहसन्ह मनहह हूँ कराढत भट दससश्रीस॥23 ङ॥
भरावरारर्ण:-वकगोहक्त रूपश्री धनपुष सप्रे वचन रूपश्री बरार मरारकर अमंगद नप्रे शत्रपु करा हृदय जलरा हदयरा। वश्रीर
ररावर उन बरारर कगो मरानगो पत्यर पु र रूपश्री सहूँडहसयर सप्रे हनकराल रहरा हहै॥ 23 (ङ)॥
* हहूँहस बगोलप्रेउ दसमरौहल तब कहप कर बड गपुन एक।
जगो पहतपरालइ तरासपु हहत करइ उपराय अनप्रेक॥23 च॥
भरावरारर्ण:- तब ररावर हहूँसकर बगोलरा- बमंदर ममें यह एक बडरा गपुर हहै हक जगो उसप्रे परालतरा हहै, उसकरा
वह अनप्रेकर उपरायर सप्रे भलरा करनप्रे ककी चप्रेष्टिरा करतरा हहै॥23 (च)॥
चरौपराई :
* धन्य ककीस जगो हनज पभपु कराजरा। जहहूँ तहहूँ नराचइ पररहरर लराजरा॥
नराहच कपू हद करर लगोग ररझराई। पहत हहत करइ धमर्ण हनपपुनराई॥1॥
भरावरारर्ण:- बमंदर कगो धन्य हहै, जगो अपनप्रे मराहलक कप्रे हलए लराज छगोडकर जहराहूँ-तहराहूँ नराचतरा हहै।
नराच-कपू दकर, लगोगर कगो ररझराकर, मराहलक करा हहत करतरा हहै। यह उसकप्रे धमर्ण ककी हनपपुरतरा हहै॥
1॥
* अमंगद स्वराहमभक्त तव जरातश्री। पभपु गपुन कस न कहहस एहह भराहूँतश्री॥
ममैं गपुन गराहक परम सपुजरानरा। तव कटपु रटहन करउहूँ नहहमं करानरा॥2॥
भरावरारर्ण:-हप्रे अमंगद! तप्रेरश्री जराहत स्वराहमभक्त हहै (हफिर भलरा) तपू अपनप्रे मराहलक कप्रे गपुर इस पकरार
कहै सप्रे न बखरानप्रेगरा? ममैं गपुर गराहक (गपुरर करा आदर करनप्रे वरालरा) और परम सपुजरान (समझदरार)
हह हूँ, इसश्री सप्रे तप्रेरश्री जलश्री-कटश्री बक-बक पर करान (ध्यरान) नहहीं दप्रेतरा॥2॥
* कह कहप तव गपुन गराहकतराई। सत्य पवनसपुत मगोहह सपुनराई॥
बन हबधमंहस सपुत बहध पपुर जराररा। तदहप न तप्रेहहमं कछपु कमृ त अपकराररा॥3॥
भरावरारर्ण:- अमंगद नप्रे कहरा- तपुम्हरारश्री सचश्री गपुर गराहकतरा तगो मपुझप्रे हनपुमरानम नप्रे सपुनराई रश्री। उसनप्रे अशगोक
वन ममें हवध्वमंस (तहस-नहस) करकप्रे , तपुम्हरारप्रे पपुत्र कगो मरारकर नगर कगो जलरा हदयरा ररा। तगो भश्री
(तपुमनप्रे अपनश्री गपुर गराहकतरा कप्रे करारर यहश्री समझरा हक) उसनप्रे तपुम्हराररा कपु छ भश्री अपकरार नहहीं
हकयरा॥3॥
* सगोइ हबचरारर तव पकमृ हत सपुहराई। दसकमंधर ममैं ककीहन्ह हढठराई॥
दप्रेखप्रेउहूँ आइ जगो कछपु कहप भराषरा। तपुम्हरमें लराज न रगोष न मराखरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:- तपुम्हराररा वहश्री सपुदमं र स्वभराव हवचरार कर, हप्रे दशगश्रीव! ममैंनप्रे कपु छ धमृष्टितरा ककी हहै। हनपुमरानम नप्रे
जगो कपु छ कहरा ररा, उसप्रे आकर ममैंनप्रे पत्यक्ष दप्रेख हलयरा हक तपुम्हमें न लजरा हहै, न कगोध हहै और न
हचढ हहै॥4॥
*जजौं अहस महत हपतपु खराए ककीसरा। कहह अस बचन हहूँसरा दससश्रीसरा॥
हपतहह खराइ खरातप्रेउहूँ पपुहन तगोहश्री। अबहहीं समपुहझ पररा कछपु मगोहश्री॥5॥
भरावरारर्ण:- (ररावर बगोलरा-) अरप्रे वरानर! जब तप्रेरश्री ऐसश्री बपुहद हहै, तभश्री तगो तपू बराप कगो खरा गयरा।
ऐसरा वचन कहकर ररावर हहूँसरा। अमंगद नप्रे कहरा- हपतरा कगो खराकर हफिर तपुमकगो भश्री खरा डरालतरा,
परन्तपु अभश्री तपुरमंत कपु छ और हश्री बरात मप्रेरश्री समझ ममें आ गई!॥5॥
* बराहल हबमल जस भराजन जरानश्री। हतउहूँ न तगोहह अधम अहभमरानश्री॥
कहह ररावन ररावन जग कप्रे तप्रे। ममैं हनज शवन सपुनप्रे सपुनपु जप्रेतप्रे॥6॥
भरावरारर्ण:- अरप्रे नश्रीच अहभमरानश्री! बराहल कप्रे हनमर्णल यश करा परात्र (करारर) जरानकर तपुम्हमें ममैं नहहीं
मरारतरा। ररावर! यह तगो बतरा हक जगतम ममें हकतनप्रे ररावर हमैं? ममैंनप्रे हजतनप्रे ररावर अपनप्रे करानर सप्रे सपुन
रखप्रे हमैं, उन्हमें सपुन-॥6॥
* बहलहह हजतन एक गयउ पतरालरा। रराखप्रेउ बराहूँहध हससपुन्ह हयसरालरा॥
खप्रेलहहमं बरालक मरारहहमं जराई। दयरा लराहग बहल दश्रीन्ह छगोडराई॥7॥
भरावरारर्ण:- एक ररावर तगो बहल कगो जश्रीतनप्रे परातराल ममें गयरा ररा, तब बचर नप्रे उसप्रे घपुडसराल ममें बराहूँध
रखरा। बरालक खप्रेलतप्रे रप्रे और जरा-जराकर उसप्रे मरारतप्रे रप्रे। बहल कगो दयरा लगश्री, तब उन्हरनप्रे उसप्रे छपु डरा
हदयरा॥7॥
* एक बहगोरर सहसभपुज दप्रेखरा। धराइ धररा हजहम जमंतपु हबसप्रेषरा॥
करौतपुक लराहग भवन लहै आवरा। सगो पपुलहस्त मपुहन जराइ छगोडरावरा॥ 8॥
भरावरारर्ण:- हफिर एक ररावर कगो सहस्रबराहह नप्रे दप्रेखरा, और उसनप्रे दरौडकर उसकगो एक हवशप्रेष पकरार
कप्रे (हवहचत्र) जन्तपु ककी तरह (समझकर) पकड हलयरा। तमराशप्रे कप्रे हलए वह उसप्रे घर लप्रे आयरा। तब
पपुलस्त्य मपुहन नप्रे जराकर उसप्रे छपु डरायरा॥8॥
दगोहरा :
* एक कहत मगोहह सकपु च अहत रहरा बराहल ककीमं कराहूँख।
इन्ह महह हूँ ररावन तमैं कवन सत्य बदहह तहज मराख॥24॥
भरावरारर्ण:- एक ररावर ककी बरात कहनप्रे ममें तगो मपुझप्रे बडरा समंकगोच हगो रहरा हहै- वह (बहह त हदनर तक)
बराहल ककी कराहूँख ममें रहरा ररा। इनममें सप्रे तपुम करौन सप्रे ररावर हगो? खश्रीझनरा छगोडकर सच-सच बतराओ॥
24॥
चरौपराई : :
* सपुनपु सठ सगोइ ररावन बलसश्रीलरा। हरहगरर जरान जरासपु भपुज लश्रीलरा॥
जरान उमरापहत जरासपु सपुरराई। पपूजप्रेउहूँ जप्रेहह हसर सपुमन चढराई॥1॥
भरावरारर्ण:-(ररावर नप्रे कहरा-) अरप्रे मपूखर्ण! सपुन, ममैं वहश्री बलवरानम ररावर हह,हूँ हजसककी भपुजराओमं ककी
लश्रीलरा (कररामरात) कहै लरास पवर्णत जरानतरा हहै। हजसककी शपूरतरा उमरापहत महरादप्रेवजश्री जरानतप्रे हमैं , हजन्हमें
अपनप्रे हसर रूपश्री पपुष्प चढरा-चढराकर ममैंनप्रे पपूजरा ररा॥1॥
* हसर सरगोज हनज करहन्ह उतरारश्री। पपूजप्रेउहूँ अहमत बरार हत्रपपुररारश्री॥
भपुज हबकम जरानहहमं हदगपरालरा। सठ अजहह हूँ हजन्ह कमें उर सरालरा॥2॥
भरावरारर्ण:- हसर रूपश्री कमलर कगो अपनप्रे हरारर सप्रे उतरार-उतरारकर ममैंनप्रे अगहरत बरार हत्रपपुररारर
हशवजश्री ककी पपूजरा ककी हहै। अरप्रे मपूखर्ण! मप्रेरश्री भपुजराओमं करा परराकम हदक्पराल जरानतप्रे हमैं, हजनकप्रे हृदय ममें
वह आज भश्री चपुभ रहरा हहै॥2॥
* जरानहहमं हदग्गज उर कहठनराई। जब जब हभरउहूँ जराइ बररआई॥
हजन्ह कप्रे दसन करराल न फिपूटप्रे। उर लरागत मपूलक इव टपू टप्रे॥3॥
भरावरारर्ण:- हदग्गज (हदशराओमं कप्रे हरारश्री) मप्रेरश्री छरातश्री ककी कठगोरतरा कगो जरानतप्रे हमैं। हजनकप्रे भयरानक
दराहूँत, जब-जब जराकर ममैं उनसप्रे जबरदस्तश्री हभडरा, मप्रेरश्री छरातश्री ममें कभश्री नहहीं फिपू टप्रे (अपनरा हचह्न भश्री
नहहीं बनरा सकप्रे ), बहल्क मप्रेरश्री छरातश्री सप्रे लगतप्रे हश्री वप्रे मपूलश्री ककी तरह टपू ट गए॥3॥
* जरासपु चलत डगोलहत इहम धरनश्री। चढत मर गज हजहम लघपु तरनश्री॥
सगोइ ररावन जग हबहदत पतरापश्री। सपुनप्रेहह न शवन अलश्रीक पलरापश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:- हजसकप्रे चलतप्रे समय पमृथ्वश्री इस पकरार हहलतश्री हहै जहैसप्रे मतवरालप्रे हरारश्री कप्रे चढतप्रे समय
छगोटश्री नराव! ममैं वहश्री जगत पहसद पतरापश्री ररावर हह।हूँ अरप्रे झपूठश्री बकवरास करनप्रे वरालप्रे! क्यरा तपूनप्रे
मपुझकगो करानर सप्रे कभश्री सपुनरा?॥4॥
दगोहरा :
* तप्रेहह ररावन कहहूँ लघपु कहहस नर कर करहस बखरान।
रप्रे कहप बबर्णर खबर्ण खल अब जरानरा तव ग्यरान॥25॥
भरावरारर्ण:- उस (महरान पतरापश्री और जगत पहसद) ररावर कगो (मपुझप्रे) तपू छगोटरा कहतरा हहै और
मनपुष्य ककी बडराई करतरा हहै? अरप्रे दष्टिपु , असभ्य, तपुच्छ बमंदर! अब ममैंनप्रे तप्रेररा जरान जरान हलयरा॥
25॥
चरौपराई :
* सपुहन अमंगद सकगोप कह बरानश्री। बगोलपु समंभरारर अधम अहभमरानश्री॥
सहसबराहह भपुज गहन अपराररा। दहन अनल सम जरासपु कपु ठराररा॥1॥
भरावरारर्ण:- ररावर कप्रे यप्रे वचन सपुनकर अमंगद कगोध सहहत वचन बगोलप्रे- अरप्रे नश्रीच अहभमरानश्री!
सहूँभलकर (सगोच-समझकर) बगोल। हजनकरा फिरसरा सहस्रबराहह ककी भपुजराओमं रूपश्री अपरार वन कगो
जलरानप्रे कप्रे हलए अहग्नि कप्रे समरान ररा,॥1॥
* जरासपु परसपु सरागर खर धराररा। बपूडप्रे नमृप अगहनत बहह बराररा॥
तरासपु गबर्ण जप्रेहह दप्रेखत भरागरा। सगो नर क्यर दससश्रीस अभरागरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:- हजनकप्रे फिरसरा रूपश्री समपुद ककी तश्रीव्र धराररा ममें अनहगनत रराजरा अनप्रेकर बरार डपू ब गए, उन
परशपुररामजश्री करा गवर्ण हजन्हमें दप्रेखतप्रे हश्री भराग गयरा, अरप्रे अभरागप्रे दशशश्रीश! वप्रे मनपुष्य क्यर कर हमैं?॥2॥
* रराम मनपुज कस रप्रे सठ बमंगरा। धन्वश्री करामपु नदश्री पपुहन गमंगरा॥
पसपु सपुरधप्रेनपु कल्पतर रूखरा। अन्न दरान अर रस पश्रीयपूषरा॥3॥
भरावरारर्ण:- क्यर रप्रे मपूखर्ण उदण्ड! शश्री ररामचमंदजश्री मनपुष्य हमैं? करामदप्रेव भश्री क्यरा धनपुधरार्णरश्री हहै? और
गमंगराजश्री क्यरा नदश्री हमैं? करामधप्रेनपु क्यरा पशपु हहै? और कल्पवमृक्ष क्यरा पप्रेड हहै? अन्न भश्री क्यरा दरान हहै?
और अममृत क्यरा रस हहै?॥3॥
* बहैनतप्रेय खग अहह सहसरानन। हचमंतरामहन पपुहन उपल दसरानन॥
सपुनपु महतममंद लगोक बहैकमंपु ठरा। लराभ हक रघपुपहत भगहत अकपुमं ठरा॥4॥
भरावरारर्ण:- गरडजश्री क्यरा पक्षश्री हमैं? शप्रेषजश्री क्यरा सपर्ण हमैं? अरप्रे ररावर! हचमंतरामहर भश्री क्यरा पत्रर
हहै? अरप्रे ओ मपूखर्ण! सपुन, वहैकपुण्ठ भश्री क्यरा लगोक हहै? और शश्री रघपुनरारजश्री ककी अखण्ड भहक्त क्यरा
(और लराभर जहैसरा हश्री) लराभ हहै?॥4॥
दगोहरा :
* सप्रेन सहहत तव मरान महर बन उजरारर पपुर जरारर।
कस रप्रे सठ हनपुमरान कहप गयउ जगो तव सपुत मरारर॥26॥
भरावरारर्ण:- सप्रेनरा समप्रेत तप्रेररा मरान मरकर, अशगोक वन कगो उजराडकर, नगर कगो जलराकर और तप्रेरप्रे
पपुत्र कगो मरारकर जगो लरौट गए (तपू उनकरा कपु छ भश्री न हबगराड सकरा), क्यर रप्रे दष्टिपु ! वप्रे हनपुमरानमजश्री
क्यरा वरानर हमैं?॥26॥
चरौपराई :
* सपुनपु ररावन पररहरर चतपुरराई। भजहस न कमृ पराहसमंधपु रघपुरराई॥
जजौं खल भएहस रराम कर दगोहश्री। ब्रह रद सक रराहख न तगोहश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-अरप्रे ररावर! चतपुरराई (कपट) छगोडकर सपुन। कमृ परा कप्रे समपुद शश्री रघपुनरारजश्री करा तपू भजन
क्यर नहहीं करतरा? अरप्रे दष्टिपु ! यहद तपू शश्री ररामजश्री करा वहैरश्री हहआ तगो तपुझप्रे ब्रहरा और रद भश्री नहहीं बचरा
सकमें गप्रे।
* मपूढ बमृररा जहन मरारहस गरालरा। रराम बयर अस हगोइहह हरालरा॥
तव हसर हनकर कहपन्ह कप्रे आगमें। पररहहहमं धरहन रराम सर लरागमें॥2॥
भरावरारर्ण:- हप्रे मपूढ! व्यरर्ण गराल न मरार (डहींग न हराक हूँ )। शश्री ररामजश्री सप्रे वहैर करनप्रे पर तप्रेररा ऐसरा हराल
हगोगरा हक तप्रेरप्रे हसर समपूह शश्री ररामजश्री कप्रे बरार लगतप्रे हश्री वरानरर कप्रे आगप्रे पमृथ्वश्री पर पडमेंगप्रे,॥2॥
* तप्रे तव हसर कमंदक पु सम नरानरा। खप्रेहलहहहमं भरालपु ककीस चरौगरानरा॥
जबहहमं समर कगोहपहह रघपुनरायक। छपु हटहहहमं अहत करराल बहह सरायक॥3॥
भरावरारर्ण:- और रश्रीछ-वरानर तप्रेरप्रे उन गमेंद कप्रे समरान अनप्रेकर हसरर सप्रे चरौगरान खप्रेलमेंगप्रे। जब शश्री
रघपुनरारजश्री यद पु ममें कगोप करमेंगप्रे और उनकप्रे अत्यमंत तश्रीक्ष्र बहह त सप्रे बरार छपूटमेंगप्रे,॥3॥
* तब हक चहलहह अस गराल तपुम्हराररा। अस हबचरारर भजपु रराम उदराररा॥
सपुनत बचन ररावन परजररा। जरत महरानल जनपु घमृत पररा॥4॥
भरावरारर्ण:- तब क्यरा तप्रेररा गराल चलप्रेगरा? ऐसरा हवचरार कर उदरार (कमृ परालपु) शश्री ररामजश्री कगो भज।
अमंगद कप्रे यप्रे वचन सपुनकर ररावर बहह त अहधक जल उठरा। मरानगो जलतश्री हह ई पचण्ड अहग्नि ममें घश्री पड
गयरा हगो॥4॥
दगोहरा :
* कपुमं भकरन अस बमंधपु मम सपुत पहसद सकरारर।
मगोर परराकम नहहमं सपुनप्रेहह हजतप्रेऊहूँ चरराचर झरारर॥27॥
भरावरारर्ण:- (वह बगोलरा- अरप्रे मपूखर्ण!) कपुमं भकरर्ण- ऐसरा मप्रेररा भराई हहै, इन्द करा शत्रपु सपुपहसद मप्रेघनराद
मप्रेररा पपुत्र हहै! और मप्रेररा परराकम तगो तपूनप्रे सपुनरा हश्री नहहीं हक ममैंनप्रे समंपपूरर्ण जड-चप्रेतन जगतम कगो जश्रीत
हलयरा हहै!॥27॥
चरौपराई :
* सठ सराखराममृग जगोरर सहराई। बराहूँधरा हसमंधपु इहइ पभपुतराई॥
नराघहहमं खग अनप्रेक बरारश्रीसरा। सपूर न हगोहहमं तप्रे सपुनपु सब ककीसरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:- रप्रे दष्टिपु ! वरानरर ककी सहरायतरा जगोडकर रराम नप्रे समपुद बराधहूँ हलयरा, बस, यहश्री उसककी
पभपुतरा हहै। समपुद कगो तगो अनप्रेकर पक्षश्री भश्री लराहूँघ जरातप्रे हमैं। पर इसश्री सप्रे वप्रे सभश्री शपूरवश्रीर नहहीं हगो जरातप्रे।
अरप्रे मपूखर्ण बमंदर! सपुन-॥1॥
* मम भपुज सरागर बल जल पपूररा। जहहूँ बपूडप्रे बहह सपुर नर सपूररा॥
बश्रीस पयगोहध अगराध अपराररा। कगो अस बश्रीर जगो पराइहह पराररा॥ 2॥
भरावरारर्ण:- मप्रेररा एक-एक भपुजरा रूपश्री समपुद बल रूपश्री जल सप्रे पपूरर्ण हहै, हजसममें बहह त सप्रे शपूरवश्रीर दप्रेवतरा
और मनपुष्य डपू ब चपूकप्रे हमैं। (बतरा,) करौन ऐसरा शपूरवश्रीर हहै, जगो मप्रेरप्रे इन अरराह और अपरार बश्रीस
समपुदर करा परार परा जराएगरा?॥2॥
* हदगपरालन्ह ममैं नश्रीर भररावरा। भपूप सपुजस खल मगोहह सपुनरावरा॥
जजौं पहै समर सपुभट तव नराररा। पपुहन पपुहन कहहस जरासपु गपुन गराररा॥ 3॥
भरावरारर्ण:- अरप्रे दष्टिपु ! ममैंनप्रे हदक्परालर तक सप्रे जल भरवरायरा और तपू एक रराजरा करा मपुझप्रे सपुयश सपुनरातरा
हहै! यहद तप्रेररा मराहलक, हजसककी गपुरगराररा तपू बरार-बरार कह रहरा हहै, समंगराम ममें लडनप्रे वरालरा यगोदरा
हहै-॥3॥
* तरौ बसश्रीठ पठवत कप्रे हह कराजरा। ररपपु सन पश्रीहत करत नहहमं लराजरा॥
हरहगरर मरन हनरखपु मम बराहह। पपुहन सठ कहप हनज पभपुहह सरराहह॥4॥
भरावरारर्ण:- तगो (हफिर) वह दतपू हकसहलए भप्रेजतरा हहै? शत्रपु सप्रे पश्रीहत (सहन्ध) करतप्रे उसप्रे लराज नहहीं
आतश्री? (पहलप्रे) कहै लरास करा मरन करनप्रे वरालश्री मप्रेरश्री भपुजराओमं कगो दप्रेख। हफिर अरप्रे मपूखर्ण वरानर!
अपनप्रे मराहलक ककी सरराहनरा करनरा॥4॥
दगोहरा :
* सपूर कवन ररावन सररस स्वकर कराहट जप्रेहहमं सश्रीस।
हह नप्रे अनल अहत हरष बहह बरार सराहख गरौरश्रीस॥28॥
भरावरारर्ण:- ररावर कप्रे समरान शपूरवश्रीर करौन हहै? हजसनप्रे अपनप्रे हरारर सप्रे हसर कराट-कराटकर अत्यमंत
हषर्ण कप्रे सरार बहह त बरार उन्हमें अहग्नि ममें हगोम हदयरा! स्वयमं गरौरश्रीपहत हशवजश्री इस बरात कप्रे सराक्षश्री हमैं॥
28॥
चरौपराई :
* जरत हबलगोकप्रेउहूँ जबहह कपरालरा। हबहध कप्रे हलखप्रे अमंक हनज भरालरा॥
नर कमें कर आपन बध बराहूँचश्री। हसप्रेउहूँ जराहन हबहध हगररा असराहूँचश्री॥1॥
भरावरारर्ण:- मस्तकर कप्रे जलतप्रे समय जब ममैंनप्रे अपनप्रे ललराटर पर हलखप्रे हह ए हवधरातरा कप्रे अक्षर दप्रेखप्रे,
तब मनपुष्य कप्रे हरार सप्रे अपनश्री ममृत्यपु हगोनरा बराहूँचकर, हवधरातरा ककी वरारश्री (लप्रेख कगो) असत्य जरानकर
ममैं हहूँसरा॥1॥
* सगोउ मन समपुहझ त्ररास नहहमं मगोरमें। हलखरा हबरमंहच जरठ महत भगोरमें॥
आन बश्रीर बल सठ मम आगमें। पपुहन पपुहन कहहस लराज पहत त्यरागमें॥ 2॥
भरावरारर्ण:- उस बरात कगो समझकर (स्मरर करकप्रे ) भश्री मप्रेरप्रे मन ममें डर नहहीं हहै। (क्यरहक ममैं
समझतरा हह हूँ हक) बपूढप्रे ब्रहरा नप्रे बपुहद रम सप्रे ऐसरा हलख हदयरा हहै। अरप्रे मपूखर्ण ! तपू लजरा और मयरार्णदरा
छगोडकर मप्रेरप्रे आगप्रे बरार-बरार दस पू रप्रे वश्रीर करा बल कहतरा हहै!॥2॥
* कह अमंगद सलज जग मराहहीं। ररावन तगोहह समरान कगोउ नराहहीं॥
लराजवमंत तव सहज सपुभराऊ। हनज मपुख हनज गपुन कहहस न कराऊ॥3॥
भरावरारर्ण:- अमंगद नप्रे कहरा- अरप्रे ररावर! तप्रेरप्रे समरान लजरावरानम जगतम ममें कगोई नहहीं हहै। लजराशश्रीलतरा
तगो तप्रेररा सहज स्वभराव हश्री हहै। तपू अपनप्रे मपुहूँह सप्रे अपनप्रे गपुर कभश्री नहहीं कहतरा॥ 3॥
* हसर अर सहैल कररा हचत रहश्री। तरातप्रे बरार बश्रीस तमैं कहहीं॥
सगो भपुजबल रराखप्रेहह उर घरालश्री। जश्रीतप्रेहह सहसबराहह बहल बरालश्री॥4॥
भरावरारर्ण:- हसर कराटनप्रे और कहै लरास उठरानप्रे ककी कररा हचर ममें चढश्री हह ई रश्री, इससप्रे तपूनप्रे उसप्रे बश्रीसर
बरार कहरा। भपुजराओमं कप्रे उस बल कगो तपूनप्रे हृदय ममें हश्री टराल (हछपरा) रखरा हहै, हजससप्रे तपूनप्रे
सहस्रबराहह, बहल और बराहल कगो जश्रीतरा ररा॥4॥
* सपुनपु महतममंद दप्रेहह अब पपूररा। कराटमें सश्रीस हक हगोइअ सपूररा॥
इमंदजराहल कहह हूँ कहहअ न बश्रीररा। कराटइ हनज कर सकल सरश्रीररा॥ 5॥
भरावरारर्ण:- अरप्रे ममंद बपुहद! सपुन, अब बस कर। हसर कराटनप्रे सप्रे भश्री क्यरा कगोई शपूरवश्रीर हगो जरातरा हहै ?
इमंदजराल रचनप्रे वरालप्रे कगो वश्रीर नहहीं कहरा जरातरा, यद्यहप वह अपनप्रे हश्री हरारर अपनरा सराररा शरश्रीर कराट
डरालतरा हहै!॥5॥
दगोहरा :
* जरहहमं पतमंग मगोह बस भरार बहहहमं खर बमृदमं ।
तप्रे नहहमं सपूर कहरावहहमं समपुहझ दप्रेखपु महतममंद॥29॥
भरावरारर्ण:-अरप्रे ममंद बपुहद! समझकर दप्रेख। पतमंगप्रे मगोहवश आग ममें जल मरतप्रे हमैं, गदहर कप्रे झपुमंड बगोझ
लरादकर चलतप्रे हमैं, पर इस करारर वप्रे शपूरवश्रीर नहहीं कहलरातप्रे॥29॥
चरौपराई :
* अब जहन बतबढराव खल करहश्री। सपुनपु मम बचन मरान पररहरहश्री॥
दसमपुख ममैं न बसश्रीठहीं आयउहूँ। अस हबचरारर रघपुबश्रीर पठरायउहूँ॥ 1॥
भरावरारर्ण:- अरप्रे दष्टिपु ! अब बतबढराव मत कर, मप्रेररा वचन सपुन और अहभमरान त्यराग दप्रे! हप्रे दशमपुख!
ममैं दतपू ककी तरह (सहन्ध करनप्रे) नहहीं आयरा हह।हूँ शश्री रघपुवश्रीर नप्रे ऐसरा हवचरार कर मपुझप्रे भप्रेजरा हहै-॥1॥
* बरार बरार अस कहइ कमृ परालरा। नहहमं गजरारर जसपु बमंधप्रे समृकरालरा॥
मन महह हूँ समपुहझ बचन पभपु कप्रे रप्रे। सहप्रेउहूँ कठगोर बचन सठ तप्रेरप्रे॥2॥
भरावरारर्ण:- कमृ परालपु शश्री ररामजश्री बरार-बरार ऐसरा कहतप्रे हमैं हक स्यरार कप्रे मरारनप्रे सप्रे हसमंह कगो यश नहहीं
हमलतरा। अरप्रे मपूखर्ण! पभपु कप्रे (उन) वचनर कगो मन ममें समझकर (यराद करकप्रे ) हश्री ममैंनप्रे तप्रेरप्रे कठगोर
वचन सहप्रे हमैं॥2॥
* नराहहमं त करर मपुख भमंजन तगोररा। लमैं जरातप्रेउहूँ सश्रीतहह बरजगोररा॥
जरानप्रेउहूँ तव बल अधम सपुररारश्री। सपूनमें हरर आहनहह परनरारश्री॥3॥
भरावरारर्ण:- नहहीं तगो तप्रेरप्रे मपुहूँह तगोडकर ममैं सश्रीतराजश्री कगो जबरदस्तश्री लप्रे जरातरा। अरप्रे अधम! दप्रेवतराओमं कप्रे
शत्रपु! तप्रेररा बल तगो ममैंनप्रे तभश्री जरान हलयरा, जब तपू सपूनप्रे ममें परराई स्त्रश्री कगो हर (चपुररा) लरायरा॥3॥
* तहै हनहसचर पहत गबर्ण बहह तरा। ममैं रघपुपहत सप्रेवक कर दतपू रा॥
जजौं न रराम अपमरानहहमं डरऊहूँ। तगोहह दप्रेखत अस करौतपुक करउहूँ॥4॥
भरावरारर्ण:- तपू रराक्षसर करा रराजरा और बडरा अहभमरानश्री हहै, परन्तपु ममैं तगो शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे सप्रेवक
(सपुगश्रीव) करा दतपू (सप्रेवक करा भश्री सप्रेवक) हह हूँ। यहद ममैं शश्री ररामजश्री कप्रे अपमरान सप्रे न डरूहूँ तगो तप्रेरप्रे
दप्रेखतप्रे-दप्रेखतप्रे ऐसरा तमराशरा करूहूँ हक-॥4॥
दगोहरा :
* तगोहह पटहक महह सप्रेन हहत चरौपट करर तव गराउहूँ।
तव जपुबहतन्ह समप्रेत सठ जनकसपुतहह लहै जराउहूँ॥30॥
भरावरारर्ण:- तपुझप्रे जमश्रीन पर पटककर, तप्रेरश्री सप्रेनरा करा समंहरार कर और तप्रेरप्रे गराहूँव कगो चरौपट (नष्टि-रष्टि)
करकप्रे , अरप्रे मपूखर्ण! तप्रेरश्री यवपु तश्री हस्त्रयर सहहत जरानककीजश्री कगो लप्रे जराऊहूँ॥30॥
चरौपराई :
* जजौं अस करजौं तदहप न बडराई। मपुएहह बधमें नहहमं कछपु मनपुसराई॥
करौल करामबस कमृ हपन हबमपूढरा। अहत दररद अजसश्री अहत बपूढरा॥1॥
भरावरारर्ण:- यहद ऐसरा करूहूँ, तगो भश्री इसममें कगोई बडराई नहहीं हहै। मरप्रे हहए कगो मरारनप्रे ममें कपु छ भश्री पपुरषत्व
(बहरादरपु श्री) नहहीं हहै। वराममरागर, करामश्री, कमंजपूस, अत्यमंत मपूढ, अहत दररद, बदनराम, बहह त बपूढरा,॥
1॥
* सदरा रगोगबस समंतत कगोधश्री। हबष्नपु हबमपुख शपुहत समंत हबरगोधश्री॥
तनपु पगोषक हनमंदक अघ खरानश्री जश्रीवत सव सम चरौदह परानश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-हनत्य करा रगोगश्री, हनरमंतर कगोधयक्त पु रहनप्रे वरालरा, भगवरानम हवष्रपु सप्रे हवमपुख, वप्रेद और समंतर
करा हवरगोधश्री, अपनरा हश्री शरश्रीर पगोषर करनप्रे वरालरा, परराई हनमंदरा करनप्रे वरालरा और पराप ककी खरान
(महरानम परापश्री)- यप्रे चरौदह परारश्री जश्रीतप्रे हश्री मपुरदप्रे कप्रे समरान हमैं॥2॥
* अस हबचरारर खल बधउहूँ न तगोहश्री। अब जहन ररस उपजरावहस मगोहश्री॥
सपुहन सकगोप कह हनहसचर नराररा। अधर दसन दहस मश्रीजत हराररा॥ 3॥
भरावरारर्ण:- अरप्रे दष्टिपु ! ऐसरा हवचरार कर ममैं तपुझप्रे नहहीं मरारतरा। अब तपू मपुझममें कगोध न पहैदरा कर (मपुझप्रे
गपुस्सरा न हदलरा)। अमंगद कप्रे वचन सपुनकर रराक्षस रराज ररावर दरातहूँ र सप्रे हगोठ कराटकर, कगोहधत हगोकर
हरार मलतरा हहआ बगोलरा-॥3॥
* रप्रे कहप अधम मरन अब चहसश्री। छगोटप्रे बदन बरात बहड कहसश्री॥
कटपु जल्पहस जड कहप बल जराकमें। बल पतराप बपुहध तप्रेज न तराकमें॥4॥
भरावरारर्ण:- अरप्रे नश्रीच बमंदर! अब तपू मरनरा हश्री चराहतरा हहै! इसश्री सप्रे छगोटप्रे मपुहूँह बडश्री बरात कहतरा हहै। अरप्रे
मपूखर्ण बमंदर! तपू हजसकप्रे बल पर कडपुए वचन बक रहरा हहै, उसममें बल, पतराप, बपुहद अरवरा तप्रेज
कपु छ भश्री नहहीं हहै॥4॥
दगोहरा :
* अगपुन अमरान जराहन तप्रेहह दश्रीन्ह हपतरा बनबरास।
सगो दख पु अर जपुबतश्री हबरह पपुहन हनहस हदन मम त्ररास॥31 क॥
भरावरारर्ण:-उसप्रे गपुरहश्रीन और मरानहश्रीन समझकर हश्री तगो हपतरा नप्रे वनवरास दप्रे हदयरा। उसप्रे एक तगो वह
(उसकरा) दद्धाःपु ख, उस पर यवपु तश्री स्त्रश्री करा हवरह और हफिर ररात-हदन मप्रेररा डर बनरा रहतरा हहै॥31
(क)॥
* हजन्ह कप्रे बल कर गबर्ण तगोहह अइसप्रे मनपुज अनप्रेक।
खराहहमं हनसराचर हदवस हनहस मपूढ समपुझपु तहज टप्रेक॥31 ख॥
भरावरारर्ण:-हजनकप्रे बल करा तपुझप्रे गवर्ण हहै, ऐसप्रे अनप्रेकर मनपुष्यर कगो तगो रराक्षस ररात-हदन खरायरा करतप्रे हमैं।
अरप्रे मपूढ! हजद छगोडकर समझ (हवचरार कर)॥ 31 (ख)॥
चरौपराई :
* जब तप्रेहहमं ककीहन्ह रराम कहै हनमंदरा। कगोधवमंत अहत भयउ कहपमंदरा॥
हरर हर हनमंदरा सपुनइ जगो करानरा। हगोइ पराप गगोघरात समरानरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:-जब उसनप्रे शश्री ररामजश्री ककी हनमंदरा ककी, तब तगो कहपशप्रेष अमंगद अत्यमंत कगोहधत हह ए, क्यरहक
(शरास्त्र ऐसरा कहतप्रे हमैं हक) जगो अपनप्रे करानर सप्रे भगवरानम हवष्रपु और हशव ककी हनमंदरा सपुनतरा हहै, उसप्रे
गगो वध कप्रे समरान पराप हगोतरा हहै॥1॥
* कटकटरान कहपकपुमं जर भरारश्री। दहपु ह भपुजदमंड तमहक महह मरारश्री॥
डगोलत धरहन सभरासद खसप्रे। चलप्रे भराहज भय मरारत गसप्रे॥2॥
भरावरारर्ण:-वरानर शप्रेष अमंगद बहह त जगोर सप्रे कटकटराए (शब्द हकयरा) और उन्हरनप्रे तमककर (जगोर
सप्रे) अपनप्रे दगोनर भपुजदण्डर कगो पमृथ्वश्री पर दप्रे मराररा। पमृथ्वश्री हहलनप्रे लगश्री , (हजससप्रे बहैठप्रे हह ए) सभरासदम
हगर पडप्रे और भय रूपश्री पवन (भपूत) सप्रे गस्त हगोकर भराग चलप्रे॥2॥
* हगरत सहूँभरारर उठरा दसकमंधर। भपूतल परप्रे मपुकपुट अहत सपुदमं र॥
कछपु तप्रेहहमं लहै हनज हसरहन्ह सहूँवरारप्रे। कछपु अमंगद पभपु परास पबरारप्रे॥3॥
भरावरारर्ण:-ररावर हगरतप्रे-हगरतप्रे सहूँभलकर उठरा। उसकप्रे अत्यमंत सपुदमं र मपुकपुट पमृथ्वश्री पर हगर पडप्रे। कपु छ
तगो उसनप्रे उठराकर अपनप्रे हसरर पर सपुधराकर रख हलए और कपु छ अमंगद नप्रे उठराकर पभपु शश्री
ररामचमंदजश्री कप्रे परास फिमें क हदए॥3॥
* आवत मपुकपुट दप्रेहख कहप भरागप्रे। हदनहहीं लपूक परन हबहध लरागप्रे॥
ककी ररावन करर कगोप चलराए। कपु हलस चरारर आवत अहत धराए॥4॥
भरावरारर्ण:- मपुकपुटर कगो आतप्रे दप्रेखकर वरानर भरागप्रे। (सगोचनप्रे लगप्रे) हवधरातरा! क्यरा हदन ममें हश्री
उल्करापरात हगोनप्रे लगरा (तरारप्रे टपू टकर हगरनप्रे लगप्रे)? अरवरा क्यरा ररावर नप्रे कगोध करकप्रे चरार वज्र
चलराए हमैं, जगो बडप्रे धराए कप्रे सरार (वप्रेग सप्रे) आ रहप्रे हमैं?॥4॥
* कह पभपु हहूँहस जहन हृदयहूँ डप्रेरराहह। लपूक न असहन कप्रे तपु नहहमं रराहह॥
ए हकरश्रीट दसकमंधर कप्रे रप्रे। आवत बराहलतनय कप्रे पप्रेरप्रे॥5॥
भरावरारर्ण:- पभपु नप्रे (उनसप्रे) हहूँसकर कहरा- मन ममें डरगो नहहीं। यप्रे न उल्करा हमैं, न वज्र हमैं और न कप्रे तपु
यरा रराहह हश्री हमैं। अरप्रे भराई! यप्रे तगो ररावर कप्रे मपुकपुट हमैं, जगो बराहलपपुत्र अमंगद कप्रे फिमें कप्रे हह ए आ रहप्रे हमैं॥5॥
दगोहरा :
* तरहक पवनसपुत कर गहप्रे आहन धरप्रे पभपु परास।
करौतपुक दप्रेखहहमं भरालपु कहप हदनकर सररस पकरास॥32 क॥
भरावरारर्ण:-पवन पपुत्र शश्री हनपुमरानमजश्री नप्रे उछलकर उनकगो हरार सप्रे पकड हलयरा और लराकर पभपु कप्रे
परास रख हदयरा। रश्रीछ और वरानर तमराशरा दप्रेखनप्रे लगप्रे। उनकरा पकराश सपूयर्ण कप्रे समरान ररा॥32
(क)॥
* उहराहूँ सकगोहप दसरानन सब सन कहत ररसराइ।
धरहह कहपहह धरर मरारहह सपुहन अमंगद मपुसपुकराइ॥32 ख॥
भरावरारर्ण:- वहराहूँ (सभरा ममें) कगोधयक्त पु ररावर सबसप्रे कगोहधत हगोकर कहनप्रे लगरा हक- बमंदर कगो पकड
लगो और पकडकर मरार डरालगो। अमंगद यह सपुनकर मपुस्कपु ररानप्रे लगप्रे॥32 (ख)॥
चरौपराई :
* एहह बहध बप्रेहग सपुभट सब धरावहह । खराहह भरालपु कहप जहहूँ जहहूँ परावहह ॥
मकर्णटहश्रीन करहह महह जराई। हजअत धरहह तरापस दरौ भराई॥1॥
भरावरारर्ण:- (ररावर हफिर बगोलरा-) इसप्रे मरारकर सब यगोदरा तपुरमंत दरौडगो और जहराहूँ कहहीं रश्रीछ -वरानरर
कगो पराओ, वहहीं खरा डरालगो। पमृथ्वश्री कगो बमंदरर सप्रे रहहत कर दगो और जराकर दगोनर तपस्वश्री भराइयर
(रराम-लक्ष्मर) कगो जश्रीतप्रे जश्री पकड लगो॥1॥
* पपुहन सकगोप बगोलप्रेउ जपुबरराजरा। गराल बजरावत तगोहह न लराजरा॥
मर गर कराहट हनलज कपु लघरातश्री। बल हबलगोहक हबहरहत नहहमं छरातश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-(ररावर कप्रे यप्रे कगोपभरप्रे वचन सपुनकर) तब यवपु रराज अमंगद कगोहधत हगोकर बगोलप्रे- तपुझप्रे गराल
बजरातप्रे लराज नहहीं आतश्री! अरप्रे हनलर्णज! अरप्रे कपु लनराशक! गलरा कराटकर (आत्महत्यरा करकप्रे ) मर
जरा! मप्रेररा बल दप्रेखकर भश्री क्यरा तप्रेरश्री छरातश्री नहहीं फिटतश्री!॥2॥
* रप्रे हत्रय चगोर कपु मरारग गरामश्री। खल मल रराहस ममंदमहत करामश्री॥
सन्यपरात जल्पहस दबपु रार्णदरा। भएहस करालबस खल मनपुजरादरा॥3॥
भरावरारर्ण:- अरप्रे स्त्रश्री कप्रे चगोर! अरप्रे कपु मरागर्ण पर चलनप्रे वरालप्रे! अरप्रे दष्टिपु , पराप ककी रराहश, मन्द बपुहद
और करामश्री! तपू सहन्नपरात ममें क्यरा दवपु र्णचन बक रहरा हहै? अरप्रे दष्टिपु रराक्षस! तपू कराल कप्रे वश हगो गयरा
हहै!॥3॥
* यराकगो फिलपु परावहहगगो आगमें। बरानर भरालपु चपप्रेटहन्ह लरागमें॥
ररामपु मनपुज बगोलत अहस बरानश्री। हगरहहमं न तव रसनरा अहभमरानश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:- इसकरा फिल तपू आगप्रे वरानर और भरालपुओमं कप्रे चपप्रेटप्रे लगनप्रे पर परावप्रेगरा। रराम मनपुष्य हमैं, ऐसरा
वचन बगोलतप्रे हश्री, अरप्रे अहभमरानश्री! तप्रेरश्री जश्रीभमें नहहीं हगर पडतहीं?॥4॥
* हगररहहहमं रसनरा समंसय नराहहीं। हसरहन्ह समप्रेत समर महह मराहहीं॥ 5॥
भरावरारर्ण:- इसममें समंदप्रेह नहहीं हहै हक तप्रेरश्री जश्रीभमें (अकप्रे लप्रे नहहीं वरन) हसरर कप्रे सरार ररभपूहम ममें हगरमेंगश्री॥
5॥
सगोरठरा :
* सगो नर क्यर दसकमंध बराहल बध्यगो जप्रेहहमं एक सर।
बश्रीसहह हूँ लगोचन अमंध हधग तव जन्म कपु जराहत जड॥33 क॥
भरावरारर्ण:- रप्रे दशकन्ध! हजसनप्रे एक हश्री बरार सप्रे बराहल कगो मरार डरालरा, वह मनपुष्य कहै सप्रे हहै? अरप्रे
कपु जराहत, अरप्रे जड! बश्रीस आहूँखमें हगोनप्रे पर भश्री तपू अमंधरा हहै। तप्रेरप्रे जन्म कगो हधक्करार हहै॥33 (क)॥
* तव सगोहनत ककीमं प्यरास तमृहषत रराम सरायक हनकर।
तजउहूँ तगोहह तप्रेहह त्ररास कटपु जल्पक हनहसचर अधम॥33 ख॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे बरार समपूह तप्रेरप्रे रक्त ककी प्यरास सप्रे प्यरासप्रे हमैं। (वप्रे प्यरासप्रे हश्री रह जराएहूँगप्रे)
इस डर सप्रे, अरप्रे कडवश्री बकवराद करनप्रे वरालप्रे नश्रीच रराक्षस! ममैं तपुझप्रे छगोडतरा हह हूँ॥33 (ख)॥
चरौपराई :
* ममैं तव दसन तगोररबप्रे लरायक। आयसपु मगोहह न दश्रीन्ह रघपुनरायक॥
अहस ररस हगोहत दसउ मपुख तगोरजौं। लमंकरा गहह समपुद महहूँ बगोरजौं॥ 1॥
भरावरारर्ण:-ममैं तप्रेरप्रे दरातहूँ तगोडनप्रे ममें समरर्ण हह।हूँ पर क्यरा करूहूँ? शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे मपुझप्रे आजरा नहहीं दश्री।
ऐसरा कगोध आतरा हहै हक तप्रेरप्रे दसर मपुहूँह तगोड डरालपूहूँ और (तप्रेरश्री) लमंकरा कगो पकडकर समपुद ममें डपु बगो द॥हूँपू
1॥
* गपूलरर फिल समरान तव लमंकरा। बसहह मध्य तपुम्ह जमंतपु असमंकरा॥
ममैं बरानर फिल खरात न बराररा। आयसपु दश्रीन्ह न रराम उदराररा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-तप्रेरश्री लमंकरा गपूलर कप्रे फिल कप्रे समरान हहै। तपुम सब ककीडप्रे उसकप्रे भश्रीतर (अजरानवश) हनडर
हगोकर बस रहप्रे हगो। ममैं बमंदर हह,हूँ मपुझप्रे इस फिल कगो खरातप्रे क्यरा दप्रेर रश्री? पर उदरार (कमृ परालपु) शश्री
ररामचमंदजश्री नप्रे वहैसश्री आजरा नहहीं दश्री॥2॥
* जपुगपुहत सपुनत ररावन मपुसपुकराई। मपूढ हसहखहह कहहूँ बहह त झपुठराई॥
बराहल न कबहह हूँ गराल अस मराररा। हमहल तपहसन्ह तमैं भएहस लबराररा॥3॥
भरावरारर्ण:-अमंगद ककी यहपु क्त सपुनकर ररावर मपुस्कपु ररायरा (और बगोलरा-) अरप्रे मपूखर्ण! बहह त झपूठ बगोलनरा
तपूनप्रे कहराहूँ सप्रे सश्रीखरा? बराहल नप्रे तगो कभश्री ऐसरा गराल नहहीं मराररा। जरान पडतरा हहै तपू तपहस्वयर सप्रे
हमलकर लबरार हगो गयरा हहै॥3॥
*सराहूँचप्रेहहहूँ ममैं लबरार भपुज बश्रीहरा। जजौं न उपराररउहूँ तव दस जश्रीहरा॥
समपुहझ रराम पतराप कहप कगोपरा। सभरा मराझ पन करर पद रगोपरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-(अमंगद नप्रे कहरा-) अरप्रे बश्रीस भपुजरा वरालप्रे! यहद तप्रेरश्री दसर जश्रीभमें ममैंनप्रे नहहीं उखराड लहीं तगो
सचमपुच ममैं लबरार हश्री हह हूँ। शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे पतराप कगो समझकर (स्मरर करकप्रे ) अमंगद कगोहधत हगो
उठप्रे और उन्हरनप्रे ररावर ककी सभरा ममें पर करकप्रे (दृढतरा कप्रे सरार) पहैर रगोप हदयरा॥4॥
* जजौं मम चरन सकहस सठ टरारश्री। हफिरहहमं ररामपु सश्रीतरा ममैं हरारश्री॥
सपुनहह सपुभट सब कह दससश्रीसरा। पद गहह धरहन पछरारहह ककीसरा॥5॥
भरावरारर्ण:-(और कहरा-) अरप्रे मपूखर्ण! यहद तपू मप्रेररा चरर हटरा सकप्रे तगो शश्री ररामजश्री लरौट जराएहूँगप्रे, ममैं
सश्रीतराजश्री कगो हरार गयरा। ररावर नप्रे कहरा- हप्रे सब वश्रीरगो! सपुनगो, पहैर पकडकर बमंदर कगो पमृथ्वश्री पर
पछराड दगो॥5॥
* इमंदजश्रीत आहदक बलवरानरा। हरहष उठप्रे जहहूँ तहहूँ भट नरानरा॥
झपटहहमं करर बल हबपपुल उपराई। पद न टरइ बहैठहहमं हसर नराई॥6॥
भरावरारर्ण:-इमंदजश्रीत (मप्रेघनराद) आहद अनप्रेकर बलवरानम यगोदरा जहराहूँ-तहराहूँ सप्रे हहषर्णत हगोकर उठप्रे। वप्रे पपूरप्रे
बल सप्रे बहह त सप्रे उपराय करकप्रे झपटतप्रे हमैं। पर पहैर टलतरा नहहीं, तब हसर नश्रीचरा करकप्रे हफिर अपनप्रे-
अपनप्रे स्ररान पर जरा बहैठ जरातप्रे हमैं॥6॥
* पपुहन उहठ झपटहहमं सपुर आररातश्री। टरइ न ककीस चरन एहह भराहूँतश्री॥
पपुरष कपु जगोगश्री हजहम उरगरारश्री। मगोह हबटप नहहमं सकहहमं उपरारश्री॥ 7॥
भरावरारर्ण:-(कराकभपुशपुहण्डजश्री कहतप्रे हमैं-) वप्रे दप्रेवतराओमं कप्रे शत्रपु (रराक्षस) हफिर उठकर झपटतप्रे हमैं,
परन्तपु हप्रे सपर्मों कप्रे शत्रपु गरडजश्री! अमंगद करा चरर उनसप्रे वहैसप्रे हश्री नहहीं टलतरा जहैसप्रे कपु यगोगश्री (हवषयश्री)
पपुरष मगोह रूपश्री वमृक्ष कगो नहहीं उखराड सकतप्रे॥7॥
दगोहरा :
* कगोहटन्ह मप्रेघनराद सम सपुभट उठप्रे हरषराइ।
झपटहहमं टरहै न कहप चरन पपुहन बहैठहहमं हसर नराइ॥34 क॥
भरावरारर्ण:-करगोडर वश्रीर यगोदरा जगो बल ममें मप्रेघनराद कप्रे समरान रप्रे, हहषर्णत हगोकर उठप्रे, वप्रे बरार-बरार
झपटतप्रे हमैं, पर वरानर करा चरर नहहीं उठतरा, तब लजरा कप्रे मरारप्रे हसर नवराकर बहैठ जरातप्रे हमैं॥34
(क)॥
* भपूहम न छराहूँडत कहप चरन दप्रेखत ररपपु मद भराग।
कगोहट हबघ्न तप्रे समंत कर मन हजहम नश्रीहत न त्यराग॥34 ख॥
भरावरारर्ण:-जहैसप्रे करगोडर हवघ्न आनप्रे पर भश्री समंत करा मन नश्रीहत कगो नहहीं छगोडतरा, वहैसप्रे हश्री वरानर
(अमंगद) करा चरर पमृथ्वश्री कगो नहहीं छगोडतरा। यह दप्रेखकर शत्रपु (ररावर) करा मद दरपू हगो गयरा!॥34
(ख)॥
चरौपराई :
* कहप बल दप्रेहख सकल हहयहूँ हरारप्रे। उठरा आपपु कहप कमें परचरारप्रे॥
गहत चरन कह बराहलकपु मराररा। मम पद गहमें न तगोर उबराररा॥1॥
भरावरारर्ण:-अमंगद करा बल दप्रेखकर सब हृदय ममें हरार गए। तब अमंगद कप्रे ललकरारनप्रे पर ररावर स्वयमं
उठरा। जब वह अमंगद करा चरर पकडनप्रे लगरा, तब बराहल कपु मरार अमंगद नप्रे कहरा- मप्रेररा चरर पकडनप्रे
सप्रे तप्रेररा बचराव नहहीं हगोगरा!॥1॥
*गहहस न रराम चरन सठ जराई॥ सपुनत हफिररा मन अहत सकपु चराई॥
भयउ तप्रेजहत शश्री सब गई। मध्य हदवस हजहम सहस सगोहई॥2॥
भरावरारर्ण:-अरप्रे मपूखर्ण- तपू जराकर शश्री ररामजश्री कप्रे चरर क्यर नहहीं पकडतरा? यह सपुनकर वह मन ममें
बहह त हश्री सकपु चराकर लरौट गयरा। उसककी सरारश्री शश्री जरातश्री रहश्री। वह ऐसरा तप्रेजहश्रीन हगो गयरा जहैसप्रे मध्यराह्न
ममें चमंदमरा हदखराई दप्रेतरा हहै॥2॥
* हसमंघरासन बहैठप्रेउ हसर नराई। मरानहह हूँ समंपहत सकल गहूँवराई॥
जगदरातमरा परानपहत ररामरा। तरासपु हबमपुख हकहम लह हबशरामरा॥3॥
भरावरारर्ण:-वह हसर नश्रीचरा करकप्रे हसमंहरासन पर जरा बहैठरा। मरानगो सरारश्री सम्पहर गहूँवराकर बहैठरा हगो। शश्री
ररामचमंदजश्री जगतमभर कप्रे आत्मरा और परारर कप्रे स्वरामश्री हमैं। उनसप्रे हवमपुख रहनप्रे वरालरा शरामंहत कहै सप्रे परा
सकतरा हहै?॥3॥
* उमरा रराम ककी भमृकपुहट हबलरासरा। हगोइ हबस्व पपुहन परावइ नरासरा॥
तमृन तप्रे कपु हलस कपु हलस तमृन करई। तरासपु दतपू पन कहह हकहम टरई॥4॥
भरावरारर्ण:-(हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे उमरा! हजन शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे रपूहवलरास (भजौंह कप्रे इशरारप्रे) सप्रे
हवश्व उत्पन्न हगोतरा हहै और हफिर नराश कगो पराप्त हगोतरा हहै, जगो तमृर कगो वज्र और वज्र कगो तमृर बनरा
दप्रेतप्रे हमैं (अत्यमंत हनबर्णल कगो महरानम पबल और महरानम पबल कगो अत्यमंत हनबर्णल कर दप्रेतप्रे हमैं ), उनकप्रे
दतपू करा पर कहगो, कहै सप्रे टल सकतरा हहै?॥4॥
* पपुहन कहप कहश्री नश्रीहत हबहध नरानरा। मरान न तराहह करालपु हनअररानरा॥
ररपपु मद महर पभपु सपुजसपु सपुनरायगो। यह कहह चल्यगो बराहल नमृप जरायगो॥ 5॥
भरावरारर्ण:-हफिर अमंगद नप्रे अनप्रेकर पकरार सप्रे नश्रीहत कहश्री। पर ररावर नहहीं मरानरा, क्यरहक उसकरा कराल
हनकट आ गयरा ररा। शत्रपु कप्रे गवर्ण कगो चपूर करकप्रे अमंगद नप्रे उसकगो पभपु शश्री ररामचमंदजश्री करा सपुयश
सपुनरायरा और हफिर वह रराजरा बराहल करा पपुत्र यह कहकर चल हदयरा-॥5॥
* हतजौं न खप्रेत खप्रेलराइ खप्रेलराई। तगोहह अबहहमं करा करजौं बडराई॥
परमहहमं तरासपु तनय कहप मराररा। सगो सपुहन ररावन भयउ द ख पु राररा॥6॥
भरावरारर्ण:-ररभपूहम ममें तपुझप्रे खप्रेलरा-खप्रेलराकर न मरारूहूँ तब तक अभश्री (पहलप्रे सप्रे) क्यरा बडराई करूहूँ।
अमंगद नप्रे पहलप्रे हश्री (सभरा ममें आनप्रे सप्रे पपूवर्ण हश्री) उसकप्रे पपुत्र कगो मरार डरालरा ररा। वह समंवराद सपुनकर
ररावर दद्धाःपु खश्री हगो गयरा॥6॥
* जरातपुधरान अमंगद पन दप्रेखश्री। भय ब्यराकपुल सब भए हबसप्रेषश्री॥7॥
भरावरारर्ण:-अमंगद करा पर (सफिल) दप्रेखकर सब रराक्षस भय सप्रे अत्यन्त हश्री व्यराकपुल हगो गए॥7॥
दगोहरा :
* ररपपु बल धरहष हरहष कहप बराहलतनय बल पपुमंज।
पपुलक सरश्रीर नयन जल गहप्रे रराम पद कमंज॥35 क॥
भरावरारर्ण:-शत्रपु कप्रे बल करा मदर्णन कर, बल ककी रराहश बराहल पपुत्र अमंगदजश्री नप्रे हहषर्णत हगोकर आकर शश्री
ररामचमंदजश्री कप्रे चररकमल पकड हलए। उनकरा शरश्रीर पपुलहकत हहै और नप्रेत्रर ममें (आनमंदराशओ पु मं करा)
जल भररा हहै॥35 (क)॥
यद पु रारम्भ
दगोहरा :
* जयहत रराम जय लहछमन जय कपश्रीस सपुगश्रीव।
गजर्णहहमं हसमंहनराद कहप भरालपु महरा बल सहींव॥39॥
भरावरारर्ण:- महरानम बल ककी सश्रीमरा वप्रे वरानर-भरालपू हसमंह कप्रे समरान ऊहूँचप्रे स्वर सप्रे 'शश्री ररामजश्री ककी जय',
'लक्ष्मरजश्री ककी जय', 'वरानररराज सपुगश्रीव ककी जय'- ऐसश्री गजर्णनरा करनप्रे लगप्रे॥39॥
चरौपराई :
* लमंकराहूँ भयउ कगोलराहल भरारश्री। सपुनरा दसरानन अहत अहहूँकरारश्री॥
दप्रेखहह बनरन्ह कप्रे रर हढठराई। हबहहूँहस हनसराचर सप्रेन बगोलराई॥1॥
भरावरारर्ण:- लमंकरा ममें बडरा भरारश्री कगोलराहल (कगोहरराम) मच गयरा। अत्यमंत अहमंकरारश्री ररावर नप्रे उसप्रे
सपुनकर कहरा- वरानरर ककी हढठराई तगो दप्रेखगो! यह कहतप्रे हह ए हहूँसकर उसनप्रे रराक्षसर ककी सप्रेनरा बपुलराई॥
1॥
* आए ककीस कराल कप्रे पप्रेरप्रे। छपु धरावमंत सब हनहसचर मप्रेरप्रे॥
बअस कहह अटहरास सठ ककीन्हरा। गमृह बहैठमें अहरार हबहध दश्रीन्हरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:- बमंदर कराल ककी पप्रेरररा सप्रे चलप्रे आए हमैं। मप्रेरप्रे रराक्षस सभश्री भपूखप्रे हमैं। हवधरातरा नप्रे इन्हमें घर बहैठप्रे
भगोजन भप्रेज हदयरा। ऐसरा कहकर उस मपूखर्ण नप्रे अटहरास हकयरा (वह बडप्रे जगोर सप्रे ठहराकरा मरारकर
हहूँसरा)॥2॥
* सपुभट सकल चराररहह हूँ हदहस जराहह। धरर धरर भरालपु ककीस सब खराहह॥
उमरा ररावनहह अस अहभमरानरा। हजहम हटरटभ खग सपूत उतरानरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:- (और बगोलरा-) हप्रे वश्रीरर! सब लगोग चरारर हदशराओमं ममें जराओ और रश्रीछ-वरानर सबकगो
पकड-पकडकर खराओ। (हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे उमरा! ररावर कगो ऐसरा अहभमरान ररा जहैसरा
हटहटहहरश्री पक्षश्री पहैर ऊपर ककी ओर करकप्रे सगोतरा हहै (मरानगो आकराश कगो रराम लप्रेगरा)॥3॥
* चलप्रे हनसराचर आयसपु मरागश्री। गहह कर हभमंहडपराल बर सराहूँगश्री॥
तगोमर मपुदर परसपु पचमंडरा। सपूल कमृ परान पररघ हगररखमंडरा॥4॥
भरावरारर्ण:-आजरा मराहूँगकर और हरारर ममें उरम हभमंहदपराल, सराहूँगश्री (बरछश्री), तगोमर, मपुदर, पचण्ड
फिरसप्रे, शपूल, दगोधरारश्री तलवरार, पररघ और पहराडर कप्रे टपु कडप्रे लप्रेकर रराक्षस चलप्रे॥4॥
* हजहम अरनगोपल हनकर हनहरारश्री। धरावहहमं सठ खग मरामंस अहरारश्री॥
चरच भमंग दख पु हतन्हहह न सपूझरा। हतहम धराए मनपुजराद अबपूझरा॥5॥
भरावरारर्ण:-जहैसप्रे मपूखर्ण मरामंसराहरारश्री पक्षश्री लराल पत्ररर करा समपूह दप्रेखकर उस पर टपू ट पडतप्रे हमैं, (पत्ररर
पर लगनप्रे सप्रे) चरच टपू टनप्रे करा दद्धाःपु ख उन्हमें नहहीं सपूझतरा, वहैसप्रे हश्री यप्रे बप्रेसमझ रराक्षस दरौडप्रे॥5॥
दगोहरा :
* नरानरायधपु सर चराप धर जरातपुधरान बल बश्रीर।
कगोट कहूँ गपूरहन्ह चहढ गए कगोहट कगोहट रनधश्रीर॥40॥
भरावरारर्ण:- अनप्रेकर पकरार कप्रे अस्त्र-शस्त्र और धनपुष-बरार धरारर हकए करगोडर बलवरानम और ररधश्रीर
रराक्षस वश्रीर परकगोटप्रे कप्रे कहूँ गपूरर पर चढ गए॥40॥
चरौपराई :
* कगोट कहूँ गपूरहन्ह सगोहहहमं कहै सप्रे। मप्रेर कप्रे समृगमं हन जनपु घन बहैसप्रे॥
बराजहहमं ढगोल हनसरान जपुझराऊ। सपुहन धपुहन हगोइ भटहन्ह मन चराऊ॥1॥
भरावरारर्ण:-वप्रे परकगोटप्रे कप्रे कहूँ गपूरर पर कहै सप्रे शगोहभत हगो रहप्रे हमैं, मरानगो सपुमप्रेर कप्रे हशखरर पर बरादल बहैठप्रे
हर। जपुझराऊ ढगोल और डमंकप्रे आहद बज रहप्रे हमैं, (हजनककी) ध्वहन सपुनकर यगोदराओमं कप्रे मन ममें
(लडनप्रे करा) चराव हगोतरा हहै॥1॥
* बराजहहमं भप्रेरर नफिकीरर अपराररा। सपुहन करादर उर जराहहमं दरराररा॥
दप्रेहखन्ह जराइ कहपन्ह कप्रे ठटरा। अहत हबसराल तनपु भरालपु सपुभटरा॥2॥
भरावरारर्ण:- अगहरत नफिकीरश्री और भप्रेरश्री बज रहश्री हहै, (हजन्हमें) सपुनकर करायरर कप्रे हृदय ममें दररारमें पड
जरातश्री हमैं। उन्हरनप्रे जराकर अत्यन्त हवशराल शरश्रीर वरालप्रे महरानम यगोदरा वरानर और भरालपुओमं कप्रे ठट
(समपूह) दप्रेखप्रे॥2॥
* धरावहहमं गनहहमं न अवघट घराटरा। पबर्णत फिगोरर करहहमं गहह बराटरा॥
कटकटराहहमं कगोहटन्ह भट गजर्णहहमं। दसन ओठ कराटहहमं अहत तजर्णहहमं॥ 3॥
भरावरारर्ण:-(दप्रेखरा हक) वप्रे रश्रीछ-वरानर दरौडतप्रे हमैं, औघट (ऊहूँचश्री-नश्रीचश्री, हवकट) घराहटयर कगो कपु छ
नहहीं हगनतप्रे। पकडकर पहराडर कगो फिगोडकर ररास्तरा बनरा लप्रेतप्रे हमैं। करगोडर यगोदरा कटकटरातप्रे और गजर्णतप्रे
हमैं। दराहूँतर सप्रे हगोठ कराटतप्रे और खपूब डपटतप्रे हमैं॥3॥
* उत ररावन इत रराम दगोहराई। जयहत जयहत जय परश्री लरराई॥
हनहसचर हसखर समपूह ढहरावहहमं। कपू हद धरहहमं कहप फिप्रे रर चलरावहहमं॥4॥
भरावरारर्ण:- उधर ररावर ककी और इधर शश्री ररामजश्री ककी दहपु राई बगोलश्री जरा रहश्री हहै। 'जय' 'जय' 'जय'
ककी ध्वहन हगोतप्रे हश्री लडराई हछड गई। रराक्षस पहराडर कप्रे ढप्रेर कप्रे ढप्रेर हशखरर कगो फिमें कतप्रे हमैं। वरानर
कपू दकर उन्हमें पकड लप्रेतप्रे हमैं और वरापस उन्हहीं ककी ओर चलरातप्रे हमैं॥ 4॥
छमंद :
* धरर कपु धर खमंड पचमंड मकर्णट भरालपु गढ पर डरारहहीं।
झपटहहमं चरन गहह पटहक महह भहज चलत बहह रर पचरारहहीं॥
अहत तरल तरन पतराप तरपहहमं तमहक गढ चहढ चहढ गए।
कहप भरालपु चहढ ममंहदरन्ह जहहूँ तहहूँ रराम जसपु गरावत भए॥
भरावरारर्ण:- पचण्ड वरानर और भरालपू पवर्णतर कप्रे टपु कडप्रे लप्रे-लप्रेकर हकलप्रे पर डरालतप्रे हमैं। वप्रे झपटतप्रे हमैं
और रराक्षसर कप्रे पहैर पकडकर उन्हमें पमृथ्वश्री पर पटककर भराग चलतप्रे हमैं और हफिर ललकरारतप्रे हमैं। बहह त
हश्री चमंचल और बडप्रे तप्रेजस्वश्री वरानर-भरालपू बडश्री फिपु तर सप्रे उछलकर हकलप्रे पर चढ-चढकर गए और
जहराहूँ-तहराहूँ महलर ममें घपुसकर शश्री ररामजश्री करा यश गरानप्रे लगप्रे।
दगोहरा :
* एकपु एकपु हनहसचर गहह पपुहन कहप चलप्रे परराइ।
ऊपर आपपु हप्रेठ भट हगरहहमं धरहन पर आइ॥41॥
भरावरारर्ण:- हफिर एक-एक रराक्षस कगो पकडकर वप्रे वरानर भराग चलप्रे। ऊपर आप और नश्रीचप्रे (रराक्षस)
यगोदरा- इस पकरार वप्रे (हकलप्रे सप्रे) धरतश्री पर आ हगरतप्रे हमैं॥41॥
चरौपराई :
* रराम पतराप पबल कहपजपूररा। मदर्णहहमं हनहसचर सपुभट बरूररा॥
चढप्रे दगपु र्ण पपुहन जहहूँ तहहूँ बरानर। जय रघपुबश्रीर पतराप हदवराकर॥1॥
भरावरारर्ण:- शश्री ररामजश्री कप्रे पतराप सप्रे पबल वरानरर कप्रे झपुडमं रराक्षस यगोदराओमं कप्रे समपूह कप्रे समपूह मसल
रहप्रे हमैं। वरानर हफिर जहराहूँ-तहराहूँ हकलप्रे पर चढ गए और पतराप ममें सपूयर्ण कप्रे समरान शश्री रघपुवश्रीर ककी जय
बगोलनप्रे लगप्रे॥1॥
* चलप्रे हनसराचर हनकर परराई। पबल पवन हजहम घन समपुदराई॥
हराहराकरार भयउ पपुर भरारश्री। रगोवहहमं बरालक आतपुर नरारश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:- रराक्षसर कप्रे झपुमंड वहैसप्रे हश्री भराग चलप्रे जहैसप्रे जगोर ककी हवरा चलनप्रे पर बरादलर कप्रे समपूह हततर-
हबतर हगो जरातप्रे हमैं। लमंकरा नगरश्री ममें बडरा भरारश्री हराहराकरार मच गयरा। बरालक, हस्त्रयराहूँ और रगोगश्री
(असमरर्णतरा कप्रे करारर) रगोनप्रे लगप्रे॥2॥
* सब हमहल दप्रेहहमं ररावनहह गरारश्री। रराज करत एहहमं ममृत्य पु हहूँकरारश्री॥
हनज दल हबचल सपुनश्री तप्रेहहमं करानरा। फिप्रे रर सपुभट लमंकप्रेस ररसरानरा॥3॥
भरावरारर्ण:- सब हमलकर ररावर कगो गराहलयराहूँ दप्रेनप्रे लगप्रे हक रराज्य करतप्रे हह ए इसनप्रे ममृत्यपु कगो बपुलरा
हलयरा। ररावर नप्रे जब अपनश्री सप्रेनरा करा हवचहलत हगोनरा करानर सप्रे सपुनरा, तब (भरागतप्रे हह ए) यगोदराओमं
कगो लरौटराकर वह कगोहधत हगोकर बगोलरा-॥3॥
* जगो रन हबमपुख सपुनरा ममैं करानरा। सगो ममैं हतब करराल कमृ परानरा॥
सबर्णसपु खराइ भगोग करर नरानरा। समर भपूहम भए बल्लभ परानरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:- ममैं हजसप्रे रर सप्रे पश्रीठ दप्रेकर भरागरा हहआ अपनप्रे करानर सपुनपूहूँगरा, उसप्रे स्वयमं भयरानक दगोधरारश्री
तलवरार सप्रे मरारूहूँगरा। मप्रेररा सब कपु छ खरायरा, भराहूँहत-भराहूँहत कप्रे भगोग हकए और अब ररभपूहम ममें परार
प्यरारप्रे हगो गए!॥4॥
* उग बचन सपुहन सकल डप्रेररानप्रे। चलप्रे कगोध करर सपुभट लजरानप्रे॥
सन्मपुख मरन बश्रीर कहै सगोभरा। तब हतन्ह तजरा परान कर लगोभरा॥5॥
भरावरारर्ण:- ररावर कप्रे उग (कठगोर) वचन सपुनकर सब वश्रीर डर गए और लहजत हगोकर कगोध करकप्रे
यद पु कप्रे हलए लरौट चलप्रे। रर ममें (शत्रपु कप्रे ) सम्मपुख (यद पु करतप्रे हहए) मरनप्रे ममें हश्री वश्रीर ककी शगोभरा हहै।
(यह सगोचकर) तब उन्हरनप्रे परारर करा लगोभ छगोड हदयरा॥5॥
दगोहरा :
* बहह आयधपु धर सपुभट सब हभरहहमं पचरारर पचरारर।
ब्यराकपुल हकए भरालपु कहप पररघ हत्रसपूलहन्ह मरारर॥42॥
भरावरारर्ण:-बहह त सप्रे अस्त्र-शस्त्र धरारर हकए, सब वश्रीर ललकरार-ललकरारकर हभडनप्रे लगप्रे। उन्हरनप्रे
पररघर और हत्रशपूलर सप्रे मरार-मरारकर सब रश्रीछ-वरानरर कगो व्यराकपुल कर हदयरा॥42॥
चरौपराई :
* भय आतपुर कहप भरागत लरागप्रे। जद्यहप उमरा जश्रीहतहहहमं आगप्रे॥
कगोउ कह कहहूँ अमंगद हनपुममंतरा। कहहूँ नल नश्रील दहपु बद बलवमंतरा॥1॥
भरावरारर्ण:- (हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) वरानर भयरातपुर हगोकर (डर कप्रे मरारप्रे घबडराकर) भरागनप्रे लगप्रे, यद्यहप
हप्रे उमरा! आगप्रे चलकर (वप्रे हश्री) जश्रीतमेंगप्रे। कगोई कहतरा हहै- अमंगद-हनपुमरानम कहराहूँ हमैं? बलवरानम नल,
नश्रील और हदहवद कहराहूँ हमैं?॥1॥
*हनज दल हबकल सपुनरा हनपुमरानरा। पहच्छम दरार रहरा बलवरानरा॥
मप्रेघनराद तहहूँ करइ लरराई। टपू ट न दरार परम कहठनराई॥2॥
भरावरारर्ण:-हनपुमरानमजश्री नप्रे जब अपनप्रे दल कगो हवकल (भयभश्रीत) हह आ सपुनरा, उस समय वप्रे बलवरानम
पहश्चम दरार पर रप्रे। वहराहूँ उनसप्रे मप्रेघनराद यद पु कर रहरा ररा। वह दरार टपू टतरा न ररा, बडश्री भरारश्री
कहठनराई हगो रहश्री रश्री॥2॥
* पवनतनय मन भरा अहत कगोधरा। गजर्देउ पबल कराल सम जगोधरा॥
कपू हद लमंक गढ ऊपर आवरा। गहह हगरर मप्रेघनराद कहह हूँ धरावरा॥3॥
भरावरारर्ण:-तब पवनपपुत्र हनपुमरानमजश्री कप्रे मन ममें बडरा भरारश्री कगोध हहआ। वप्रे कराल कप्रे समरान यगोदरा बडप्रे
जगोर सप्रे गरजप्रे और कपू दकर लमंकरा कप्रे हकलप्रे पर आ गए और पहराड लप्रेकर मप्रेघनराद ककी ओर दरौडप्रे॥
3॥
* भमंजप्रेउ रर सराररश्री हनपरातरा। तराहह हृदय महह हूँ मरारप्रेहस लरातरा॥
दसपु रमें सपूत हबकल तप्रेहह जरानरा। स्यमंदन घराहल तपुरत गमृह आनरा॥4॥
भरावरारर्ण:- रर तगोड डरालरा, सराररश्री कगो मरार हगररायरा और मप्रेघनराद ककी छरातश्री ममें लरात मरारश्री। द स पू ररा
सराररश्री मप्रेघनराद कगो व्यराकपुल जरानकर, उसप्रे रर ममें डरालकर, तपुरमंत घर लप्रे आयरा॥4॥
दगोहरा :
* अमंगद सपुनरा पवनसपुत गढ पर गयउ अकप्रे ल।
रन बराहूँकपुररा बराहलसपुत तरहक चढप्रेउ कहप खप्रेल॥43॥
भरावरारर्ण:- इधर अमंगद नप्रे सपुनरा हक पवनपपुत्र हनपुमरानम हकलप्रे पर अकप्रे लप्रे हश्री गए हमैं, तगो रर ममें बराहूँकप्रे
बराहल पपुत्र वरानर कप्रे खप्रेल ककी तरह उछलकर हकलप्रे पर चढ गए॥43॥
चरौपराई :
* जपुद हबरद कपु द दरौ बमंदर। रराम पतराप सपुहमरर उर अमंतर॥
ररावन भवन चढप्रे दरौ धराई। करहहमं कगोसलराधश्रीस दगोहराई॥1॥
भरावरारर्ण:- यद पु ममें शत्रपुओमं कप्रे हवरद दगोनर वरानर कपु द हगो गए। हृदय ममें शश्री ररामजश्री कप्रे पतराप करा
स्मरर करकप्रे दगोनर दरौडकर ररावर कप्रे महल पर जरा चढप्रे और कगोसलरराज शश्री ररामजश्री ककी दहपु राई
बगोलनप्रे लगप्रे॥1॥
* कलस सहहत गहह भवनपु ढहरावरा। दप्रेहख हनसराचरपहत भय परावरा॥
नरारर बमृदमं कर पश्रीटहहमं छरातश्री। अब दइपु कहप आए उतपरातश्री॥2॥
भरावरारर्ण:- उन्हरनप्रे कलश सहहत महल कगो पकडकर ढहरा हदयरा। यह दप्रेखकर रराक्षस रराज ररावर डर
गयरा। सब हस्त्रयराहूँ हरारर सप्रे छरातश्री पश्रीटनप्रे लगहीं (और कहनप्रे लगहीं-) अब ककी बरार दगो उत्परातश्री वरानर
(एक सरार) आ गए हमैं॥2॥
* कहपलश्रीलरा करर हतन्हहह डप्रेररावहहमं। ररामचमंद कर सपुजसपु सपुनरावहहमं॥
पपुहन कर गहह कमंचन कप्रे खमंभरा। कहप्रेहन्ह कररअ उतपरात अरमंभरा॥3॥
भरावरारर्ण:- वरानरलश्रीलरा करकप्रे (घपुडककी दप्रेकर) दगोनर उनकगो डररातप्रे हमैं और शश्री ररामचमंदजश्री करा सपुदमं र
यश सपुनरातप्रे हमैं। हफिर सगोनप्रे कप्रे खमंभर कगो हरारर सप्रे पकडकर उन्हरनप्रे (परस्पर) कहरा हक अब उत्परात
आरमंभ हकयरा जराए॥3॥
* गहजर्ण परप्रे ररपपु कटक मझरारश्री। लरागप्रे मदर्रै भपुज बल भरारश्री॥
कराहहहह लरात चपप्रेटहन्ह कप्रे हह । भजहह न ररामहह सगो फिल लप्रेहह॥4॥
भरावरारर्ण:-वप्रे गजर्णकर शत्रपु ककी सप्रेनरा कप्रे बश्रीच ममें कपू द पडप्रे और अपनप्रे भरारश्री भपुजबल सप्रे उसकरा मदर्णन
करनप्रे लगप्रे। हकसश्री ककी लरात सप्रे और हकसश्री ककी रप्पड सप्रे खबर लप्रेतप्रे हमैं (और कहतप्रे हमैं हक) तपुम शश्री
ररामजश्री कगो नहहीं भजतप्रे, उसकरा यह फिल लगो॥4॥
दगोहरा :
* एक एक सर मदर्णहहमं तगोरर चलरावहहमं मपुमंड।
ररावन आगमें परहहमं तप्रे जनपु फिपू टहहमं दहध कपुमं ड॥44॥
भरावरारर्ण:- एक कगो दस पू रप्रे सप्रे (रगडकर) मसल डरालतप्रे हमैं और हसरर कगो तगोडकर फिमें कतप्रे हमैं। वप्रे हसर
जराकर ररावर कप्रे सरामनप्रे हगरतप्रे हमैं और ऐसप्रे फिपू टतप्रे हमैं, मरानगो दहश्री कप्रे कपूमं डप्रे फिपूट रहप्रे हर॥4॥
चरौपराई :
* महरा महरा मपुहखआ जप्रे परावहहमं। तप्रे पद गहह पभपु परास चलरावहहमं॥
कहइ हबभश्रीषनपु हतन्ह कप्रे नरामरा। दप्रेहहमं रराम हतन्हहह हनज धरामरा॥1॥
भरावरारर्ण:- हजन बडप्रे-बडप्रे मपुहखयर (पधरान सप्रेनरापहतयर) कगो पकड परातप्रे हमैं, उनकप्रे पहैर पकडकर
उन्हमें पभपु कप्रे परास फिमें क दप्रेतप्रे हमैं। हवभश्रीषरजश्री उनकप्रे नराम बतलरातप्रे हमैं और शश्री ररामजश्री उन्हमें भश्री अपनरा
धराम (परम पद) दप्रे दप्रेतप्रे हमैं॥1॥
* खल मनपुजराद हदजराहमष भगोगश्री। परावहहमं गहत जगो जराचत जगोगश्री॥
उमरा रराम ममृदहपु चत करनराकर। बयर भराव सपुहमरत मगोहह हनहसचर॥2॥
भरावरारर्ण:- ब्रराहरर करा मरामंस खरानप्रे वरालप्रे वप्रे नरभगोजश्री दष्टिपु रराक्षस भश्री वह परम गहत परातप्रे हमैं, हजसककी
यगोगश्री भश्री यराचनरा हकयरा करतप्रे हमैं, (परन्तपु सहज ममें नहहीं परातप्रे)। (हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे उमरा! शश्री
ररामजश्री बडप्रे हश्री कगोमल हृदय और करररा ककी खरान हमैं। (वप्रे सगोचतप्रे हमैं हक) रराक्षस मपुझप्रे वहैरभराव सप्रे हश्री
सहश्री, स्मरर तगो करतप्रे हश्री हमैं॥2॥
* दप्रेहहमं परम गहत सगो हजयहूँ जरानश्री। अस कमृ पराल कगो कहहह भवरानश्री॥
अस पभपु सपुहन न भजहहमं रम त्यरागश्री। नर महतममंद तप्रे परम अभरागश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:- ऐसरा हृदय ममें जरानकर वप्रे उन्हमें परमगहत (मगोक्ष) दप्रेतप्रे हमैं। हप्रे भवरानश्री! कहगो तगो ऐसप्रे कमृ परालपु
(और) करौन हमैं? पभपु करा ऐसरा स्वभराव सपुनकर भश्री जगो मनपुष्य रम त्यराग कर उनकरा भजन नहहीं
करतप्रे, वप्रे अत्यमंत ममंदबपुहद और परम भराग्यहश्रीन हमैं॥3॥
* अमंगद अर हनपुममंत पबप्रेसरा। ककीन्ह दगपु र्ण अस कह अवधप्रेसरा॥
लमंकराहूँ दरौ कहप सगोहहहमं कहै समें। मरहहमं हसमंधपु दइपु ममंदर जहैसमें॥4॥
भरावरारर्ण:- शश्री ररामजश्री नप्रे कहरा हक अमंगद और हनपुमरान हकलप्रे ममें घपुस गए हमैं। दगोनर वरानर लमंकरा ममें
(हवध्वमंस करतप्रे) कहै सप्रे शगोभरा दप्रेतप्रे हमैं, जहैसप्रे दगो मन्दरराचल समपुद कगो मर रहप्रे हर॥4॥ दगोहरा :
दगोहरा :
* भपुज बल ररपपु दल दलमहल दप्रेहख हदवस कर अमंत।
कपू दप्रे जपुगल हबगत शम आए जहहूँ भगवमंत॥45॥
भरावरारर्ण:- भपुजराओमं कप्रे बल सप्रे शत्रपु ककी सप्रेनरा कगो कपु चलकर और मसलकर, हफिर हदन करा अमंत
हगोतरा दप्रेखकर हनपुमरानम और अमंगद दगोनर कपू द पडप्रे और शम रकरावट रहहत हगोकर वहराहूँ आ गए, जहराहूँ
भगवरानम शश्री ररामजश्री रप्रे॥45॥
चरौपराई :
* पभपु पद कमल सश्रीस हतन्ह नराए। दप्रेहख सपुभट रघपुपहत मन भराए॥
रराम कमृ परा करर जपुगल हनहरारप्रे। भए हबगतशम परम सपुखरारप्रे॥1॥
भरावरारर्ण:- उन्हरनप्रे पभपु कप्रे चरर कमलर ममें हसर नवराए। उरम यगोदराओमं कगो दप्रेखकर शश्री रघपुनरारजश्री
मन ममें बहह त पसन्न हह ए। शश्री ररामजश्री नप्रे कमृ परा करकप्रे दगोनर कगो दप्रेखरा, हजससप्रे वप्रे शमरहहत और परम
सपुखश्री हगो गए॥1॥
* गए जराहन अमंगद हनपुमरानरा। हफिरप्रे भरालपु मकर्णट भट नरानरा॥
जरातपुधरान पदगोष बल पराई। धराए करर दससश्रीस दगोहराई॥2॥
भरावरारर्ण:- अमंगद और हनपुमरानम कगो गए जरानकर सभश्री भरालपू और वरानर वश्रीर लरौट पडप्रे। रराक्षसर नप्रे
पदगोष (सरायमं) कराल करा बल पराकर ररावर ककी दहपु राई दप्रेतप्रे हह ए वरानरर पर धरावरा हकयरा॥2॥
* हनहसचर अनश्री दप्रेहख कहप हफिरप्रे। जहहूँ तहहूँ कटकटराइ भट हभरप्रे॥
दरौ दल पबल पचरारर पचरारश्री। लरत सपुभट नहहमं मरानहहमं हरारश्री॥3॥
भरावरारर्ण:- रराक्षसर ककी सप्रेनरा आतश्री दप्रेखकर वरानर लरौट पडप्रे और वप्रे यगोदरा जहराहूँ -तहराहूँ कटकटराकर
हभड गए। दगोनर हश्री दल बडप्रे बलवरानम हमैं। यगोदरा ललकरार-ललकरारकर लम डतप्रे हमैं, कगोई हरार नहहीं
मरानतप्रे॥3॥
* महराबश्रीर हनहसचर सब करारप्रे। नरानरा बरन बलश्रीमपुख भरारप्रे॥
सबल जपुगल दल समबल जगोधरा। करौतपुक करत लरत करर कगोधरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-सभश्री रराक्षस महरानम वश्रीर और अत्यमंत करालप्रे हमैं और वरानर हवशरालकराय तररा अनप्रेकर रमंगर कप्रे
हमैं। दगोनर हश्री दल बलवरानम हमैं और समरान बल वरालप्रे यगोदरा हमैं। वप्रे कगोध करकप्रे लडतप्रे हमैं और खप्रेल
करतप्रे (वश्रीरतरा हदखलरातप्रे) हमैं॥4॥
* पराहबट सरद पयगोद घनप्रेरप्रे। लरत मनहह हूँ मरारत कप्रे पप्रेरप्रे॥
अहनप अकमंपन अर अहतकरायरा। हबचलत सप्रेन ककीहन्ह इन्ह मरायरा॥5॥
भरावरारर्ण:-(रराक्षस और वरानर यद पु करतप्रे हहए ऐसप्रे जरान पडतप्रे हमैं) मरानगो कमशद्धाः वषरार्ण और शरदम ऋतपु
ममें बहह त सप्रे बरादल पवन सप्रे पप्रेररत हगोकर लड रहप्रे हर। अकमंपन और अहतकराय इन सप्रेनरापहतयर नप्रे
अपनश्री सप्रेनरा कगो हवचहलत हगोतप्रे दप्रेखकर मरायरा ककी॥5॥
* भयउ हनहमष महहूँ अहत अहूँहधआररा। बमृहष्टि हगोइ रहधरगोपल छराररा॥6॥
भरावरारर्ण:- पलभर ममें अत्यमंत अमंधकरार हगो गयरा। खपून, पत्रर और रराख ककी वषरार्ण हगोनप्रे लगश्री॥6॥
दगोहरा :
* दप्रेहख हनहबड तम दसहह हूँ हदहस कहपदल भयउ खभरार।
एकहह एक न दप्रेखई जहहूँ तहहूँ करहहमं पपुकरार॥46॥
भरावरारर्ण:- दसर हदशराओमं ममें अत्यमंत घनरा अमंधकरार दप्रेखकर वरानरर ककी सप्रेनरा ममें खलबलश्री पड गई।
एक कगो एक (दस पू ररा) नहहीं दप्रेख सकतरा और सब जहराहूँ-तहराहूँ पपुकरार रहप्रे हमैं॥46॥
चरौपराई :
* सकल मरमपु रघपुनरायक जरानरा। हलए बगोहल अमंगद हनपुमरानरा॥
समराचरार सब कहह समपुझराए। सपुनत कगोहप कहपकपुमं जर धराए॥1॥
भरावरारर्ण:- शश्री रघपुनरारजश्री सब रहस्य जरान गए। उन्हरनप्रे अमंगद और हनपुमरानम कगो बपुलरा हलयरा और
सब समराचरार कहकर समझरायरा। सपुनतप्रे हश्री वप्रे दगोनर कहपशप्रेष कगोध करकप्रे दरौडप्रे॥1॥
*पपुहन कमृ पराल हहूँहस चराप चढरावरा। परावक सरायक सपहद चलरावरा॥
भयउ पकरास कतहह हूँ तम नराहहीं। ग्यरान उदयहूँ हजहम समंसय जराहहीं॥2॥
भरावरारर्ण:-हफिर कमृ परालपु शश्री ररामजश्री नप्रे हहूँसकर धनपुष चलरायरा और तपुरमंत हश्री अहग्निबरार चलरायरा,
हजससप्रे पकराश हगो गयरा, कहहीं अहूँधप्रेररा नहहीं रह गयरा। जहैसप्रे जरान कप्रे उदय हगोनप्रे पर (सब पकरार कप्रे )
समंदहप्रे दरपू हगो जरातप्रे हमैं॥2॥
* भरालपु बलश्रीमपुख पराई पकरासरा। धराए हरष हबगत शम त्ररासरा॥
हनपूमरान अमंगद रन गराजप्रे। हराहूँक सपुनत रजनश्रीचर भराजप्रे॥3॥
भरावरारर्ण:-भरालपू और वरानर पकराश पराकर शम और भय सप्रे रहहत तररा पसन्न हगोकर दरौडप्रे। हनपुमरानम
और अमंगद रर ममें गरज उठप्रे। उनककी हराहूँक सपुनतप्रे हश्री रराक्षस भराग छपू टप्रे॥3॥
* भरागत भट पटकहहमं धरर धरनश्री। करहहमं भरालपु कहप अद्भ तपु करनश्री॥
गहह पद डरारहहमं सरागर मराहहीं। मकर उरग झष धरर धरर खराहहीं॥ 4॥
भरावरारर्ण:- भरागतप्रे हह ए रराक्षस यगोदराओमं कगो वरानर और भरालपू पकडकर पमृथ्वश्री पर दप्रे मरारतप्रे हमैं और
अद्भतपु (आश्चयर्णजनक) करनश्री करतप्रे हमैं (यद पु करौशल हदखलरातप्रे हमैं)। पहैर पकडकर उन्हमें समपुद ममें
डराल दप्रेतप्रे हमैं। वहराहूँ मगर, सरापहूँ और मच्छ उन्हमें पकड-पकडकर खरा डरालतप्रे हमैं॥4॥
हनपुमरानजश्री करा सपुषप्रेर वहैद्य कगो लरानरा एवमं समंजश्रीवनश्री कप्रे हलए जरानरा, करालनप्रेहम-ररावर समंवराद, मकरश्री
उदरार, करालनप्रेहम उदरार
* जरामवमंत कह बहैद सपुषप्रेनरा। लमंकराहूँ रहइ कगो पठई लप्रेनरा॥
धरर लघपु रूप गयउ हनपुममंतरा। आनप्रेउ भवन समप्रेत तपुरमंतरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:- जराम्बवरानम नप्रे कहरा- लमंकरा ममें सपुषप्रेर वहैद्य रहतरा हहै, उसप्रे लरानप्रे कप्रे हलए हकसकगो भप्रेजरा
जराए? हनपुमरानमजश्री छगोटरा रूप धरकर गए और सपुषप्रेर कगो उसकप्रे घर समप्रेत तपुरमंत हश्री उठरा लराए॥4॥
दगोहरा :
* रराम पदरारहबमंद हसर नरायउ आइ सपुषप्रेन।
कहरा नराम हगरर औषधश्री जराहह पवनसपुत लप्रेन ॥55॥
भरावरारर्ण:- सपुषप्रेर नप्रे आकर शश्री ररामजश्री कप्रे चरररारहवन्दर ममें हसर नवरायरा। उसनप्रे पवर्णत और औषध
करा नराम बतरायरा, (और कहरा हक) हप्रे पवनपपुत्र! औषहध लप्रेनप्रे जराओ॥55॥
चरौपराई :
* रराम चरन सरहसज उर रराखश्री। चलरा पभमंजनसपुत बल भराषश्री॥
उहराहूँ दतपू एक मरमपु जनरावरा। ररावनपु करालनप्रेहम गमृह आवरा॥1॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री कप्रे चररकमलर कगो हृदय ममें रखकर पवनपपुत्र हनपुमरानमजश्री अपनरा बल बखरानकर
(अररार्णतम ममैं अभश्री हलए आतरा हह,हूँ ऐसरा कहकर) चलप्रे। उधर एक गपुप्तचर नप्रे ररावर कगो इस रहस्य ककी
खबर दश्री। तब ररावर करालनप्रेहम कप्रे घर आयरा॥1॥
* दसमपुख कहरा मरमपु तप्रेहहमं सपुनरा। पपुहन पपुहन करालनप्रेहम हसर धपुनरा॥
दप्रेखत तपुम्हहह नगर जप्रेहहमं जराररा। तरासपु पमंर कगो रगोकन पराररा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-ररावर नप्रे उसकगो सराररा ममर्ण (हराल) बतलरायरा। करालनप्रेहम नप्रे सपुनरा और बरार-बरार हसर पश्रीटरा
(खप्रेद पकट हकयरा)। (उसनप्रे कहरा-) तपुम्हरारप्रे दप्रेखतप्रे-दप्रेखतप्रे हजसनप्रे नगर जलरा डरालरा, उसकरा मरागर्ण
करौन रगोक सकतरा हहै?॥2॥
* भहज रघपुपहत कर हहत आपनरा। छराडहूँ हह नरार ममृषरा जल्पनरा॥
नश्रील कमंज तनपु सपुदमं र स्यरामरा। हृदयहूँ रराखपु लगोचनराहभररामरा॥3॥
भरावरारर्ण:- शश्री रघपुनरारजश्री करा भजन करकप्रे तपुम अपनरा कल्यरार करगो! हप्रे नरार! झपूठश्री बकवराद
छगोड दगो। नप्रेत्रर कगो आनमंद दप्रेनप्रे वरालप्रे नश्रीलकमल कप्रे समरान सपुदमं र श्यराम शरश्रीर कगो अपनप्रे हृदय ममें
रखगो॥3॥
* ममैं तमैं मगोर मपूढतरा त्यरागपू। महरा मगोह हनहस सपूतत जरागपू॥
कराल ब्यराल कर भच्छक जगोई। सपनप्रेहहहूँ समर हक जश्रीहतअ सगोई॥4॥
भरावरारर्ण:- ममैं-तपू (भप्रेद-भराव) और ममतरा रूपश्री मपूढतरा कगो त्यराग दगो। महरामगोह (अजरान) रूपश्री रराहत्र
ममें सगो रहप्रे हगो, सगो जराग उठगो, जगो कराल रूपश्री सपर्ण करा भश्री भक्षक हहै, कहहीं स्वप्न ममें भश्री वह रर ममें
जश्रीतरा जरा सकतरा हहै?॥4॥
दगोहरा :
* सपुहन दसकमंठ ररसरान अहत तप्रेहहमं मन ककीन्ह हबचरार।
रराम दतपू कर मरजौं बर यह खल रत मल भरार॥56॥
भरावरारर्ण:- उसककी यप्रे बरातमें सपुनकर ररावर बहह त हश्री कगोहधत हह आ। तब करालनप्रेहम नप्रे मन ममें हवचरार
हकयरा हक (इसकप्रे हरार सप्रे मरनप्रे ककी अपप्रेक्षरा) शश्री ररामजश्री कप्रे दतपू कप्रे हरार सप्रे हश्री मरूहूँ तगो अच्छरा हहै।
यह दष्टिपु तगो पराप समपूह ममें रत हहै॥56॥
चरौपराई :
* अस कहह चलरा रहचहस मग मरायरा। सर ममंहदर बर बराग बनरायरा॥
मरारतसपुत दप्रेखरा सपुभ आशम। मपुहनहह बपूहझ जल हपयजौं जराइ शम॥1॥
भरावरारर्ण:- वह मन हश्री मन ऐसरा कहकर चलरा और उसनप्रे मरागर्ण ममें मरायरा रचश्री। तरालराब , ममंहदर और
सपुमंदर बराग बनरायरा। हनपुमरानमजश्री नप्रे सपुमंदर आशम दप्रेखकर सगोचरा हक मपुहन सप्रे पपूछकर जल पश्री लपूहूँ ,
हजससप्रे रकरावट दरपू हगो जराए॥1॥
* रराच्छस कपट बप्रेष तहहूँ सगोहरा। मरायरापहत दतपू हह चह मगोहरा॥
जराइ पवनसपुत नरायउ मराररा। लराग सगो कहहै रराम गपुन गराररा॥2॥
भरावरारर्ण:-रराक्षस वहराहूँ कपट (सप्रे मपुहन) करा वप्रेष बनराए हवरराजमरान ररा। वह मपूखर्ण अपनश्री मरायरा सप्रे
मरायरापहत कप्रे दतपू कगो मगोहहत करनरा चराहतरा ररा। मरारहत नप्रे उसकप्रे परास जराकर मस्तक नवरायरा। वह
शश्री ररामजश्री कप्रे गपुरर ककी कररा कहनप्रे लगरा॥2॥
* हगोत महरा रन ररावन ररामहहमं। हजहतहहहमं रराम न समंसय यरा महहमं॥
इहराहूँ भएहूँ ममैं दप्रेखउहूँ भराई। ग्यरान दृहष्टि बल मगोहह अहधकराई॥3॥
भरावरारर्ण:-(वह बगोलरा-) ररावर और रराम ममें महरानम यद पु हगो रहरा हहै। ररामजश्री जश्रीतमेंगप्रे, इसममें समंदप्रेह नहहीं
हहै। हप्रे भराई! ममैं यहराहूँ रहतरा हहआ हश्री सब दप्रेख रहरा हह।हूँ मपुझप्रे जरानदृहष्टि करा बहह त बडरा बल हहै॥3॥
* मरागरा जल तप्रेहहमं दश्रीन्ह कममंडल। कह कहप नहहमं अघराउहूँ रगोरमें जल॥
सर मजन करर आतपुर आवहह । हदच्छरा दप्रेउहूँ ग्यरान जप्रेहहमं परावहह ॥4॥
भरावरारर्ण:- हनपुमरानमजश्री नप्रे उससप्रे जल मराहूँगरा, तगो उसनप्रे कमण्डलपु दप्रे हदयरा। हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा- रगोडप्रे
जल सप्रे ममैं तमृप्त नहहीं हगोनप्रे करा। तब वह बगोलरा- तरालराब ममें स्नरान करकप्रे तपुरमंत लरौट आओ तगो ममैं तपुम्हप्रे
दश्रीक्षरा दहूँ,पू हजससप्रे तपुम जरान पराप्त करगो॥4॥
दगोहरा :
* सर पहैठत कहप पद गहरा मकरहीं तब अकपु लरान।
मरारश्री सगो धरर हदब्य तनपु चलश्री गगन चहढ जरान॥57॥
भरावरारर्ण:- तरालराब ममें पवप्रेश करतप्रे हश्री एक मगरश्री नप्रे अकपु लराकर उसश्री समय हनपुमरानमजश्री करा पहैर पकड
हलयरा। हनपुमरानमजश्री नप्रे उसप्रे मरार डरालरा। तब वह हदव्य दप्रेह धरारर करकप्रे हवमरान पर चढकर आकराश
कगो चलश्री॥57॥
चरौपराई :
* कहप तव दरस भइउहूँ हनष्परापरा। हमटरा तरात मपुहनबर कर सरापरा॥
मपुहन न हगोइ यह हनहसचर घगोररा। मरानहह सत्य बचन कहप मगोररा॥1॥
भरावरारर्ण:- (उसनप्रे कहरा-) हप्रे वरानर! ममैं तपुम्हरारप्रे दशर्णन सप्रे परापरहहत हगो गई। हप्रे तरात! शप्रेष मपुहन करा
शराप हमट गयरा। हप्रे कहप! यह मपुहन नहहीं हहै, घगोर हनशराचर हहै। मप्रेररा वचन सत्य मरानगो॥1॥
* अस कहह गई अपछररा जबहहीं। हनहसचर हनकट गयउ कहप तबहहीं॥
कह कहप मपुहन गपुरदहछनरा लप्रेहह। पराछमें हमहहमं ममंत्र तपुम्ह दप्रेहह॥2॥
भरावरारर्ण:- ऐसरा कहकर ज्यर हश्री वह अप्सररा गई, त्यर हश्री हनपुमरानमजश्री हनशराचर कप्रे परास गए।
हनपुमरानमजश्री नप्रे कहरा- हप्रे मपुहन! पहलप्रे गपुरदहक्षररा लप्रे लश्रीहजए। पश्रीछप्रे आप मपुझप्रे ममंत्र दश्रीहजएगरा॥2॥
* हसर लमंगपूर लपप्रेहट पछराररा। हनज तनपु पगटप्रेहस मरतश्री बराररा॥
रराम रराम कहह छराडप्रेहस परानरा। सपुहन मन हरहष चलप्रेउ हनपुमरानरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:- हनपुमरानमजश्री नप्रे उसकप्रे हसर कगो पपूहूँछ ममें लपप्रेटकर उसप्रे पछराड हदयरा। मरतप्रे समय उसनप्रे
अपनरा (रराक्षसश्री) शरश्रीर पकट हकयरा। उसनप्रे रराम-रराम कहकर परार छगोडप्रे। यह (उसकप्रे मपुहूँह सप्रे रराम-
रराम करा उचरारर) सपुनकर हनपुमरानमजश्री मन ममें हहषर्णत हगोकर चलप्रे॥3॥
* दप्रेखरा सहैल न औषध चश्रीन्हरा। सहसरा कहप उपरारर हगरर लश्रीन्हरा॥
गहह हगरर हनहस नभ धरावक भयऊ। अवधपपुरश्री ऊपर कहप गयऊ॥4॥
भरावरारर्ण:- उन्हरनप्रे पवर्णत कगो दप्रेखरा, पर औषध न पहचरान सकप्रे । तब हनपुमरानमजश्री नप्रे एकदम सप्रे पवर्णत
कगो हश्री उखराड हलयरा। पवर्णत लप्रेकर हनपुमरानमजश्री ररात हश्री ममें आकराश मरागर्ण सप्रे दरौड चलप्रे और
अयगोध्यरापपुरश्री कप्रे ऊपर पहह हूँच गए॥4॥
भरतजश्री कप्रे बरार सप्रे हनपुमरानम करा मपूहच्छर्णत हगोनरा, भरत-हनपुमरानम समंवराद
दगोहरा :
*दप्रेखरा भरत हबसराल अहत हनहसचर मन अनपुमराहन।
हबनपु फिर सरायक मरारप्रेउ चराप शवन लहग तराहन॥58॥
भरावरारर्ण:- भरतजश्री नप्रे आकराश ममें अत्यमंत हवशराल स्वरूप दप्रेखरा, तब मन ममें अनपुमरान हकयरा हक यह
कगोई रराक्षस हहै। उन्हरनप्रे करान तक धनपुष कगो खहींचकर हबनरा फिल करा एक बरार मराररा॥ 58॥
चरौपराई :
* परप्रेउ मपुरहछ महह लरागत सरायक। सपुहमरत रराम रराम रघपुनरायक॥
सपुहन हपय बचन भरत तब धराए। कहप समश्रीप अहत आतपुर आए॥1॥
भरावरारर्ण:- बरार लगतप्रे हश्री हनपुमरानमजश्री 'रराम, रराम, रघपुपहत' करा उचरारर करतप्रे हह ए मपूहच्छर्णत हगोकर
पमृथ्वश्री पर हगर पडप्रे। हपय वचन (ररामनराम) सपुनकर भरतजश्री उठकर दरौडप्रे और बडश्री उतरावलश्री सप्रे
हनपुमरानमजश्री कप्रे परास आए॥1॥
* हबकल हबलगोहक ककीस उर लरावरा। जरागत नहहमं बहह भराहूँहत जगरावरा॥
मपुख मलश्रीन मन भए दख पु रारश्री। कहत बचन भरर लगोचन बरारश्री॥2॥
भरावरारर्ण:-हनपुमरानमजश्री कगो व्यराकपुल दप्रेखकर उन्हरनप्रे हृदय सप्रे लगरा हलयरा। बहह त तरह सप्रे जगरायरा, पर
वप्रे जरागतप्रे न रप्रे! तब भरतजश्री करा मपुख उदरास हगो गयरा। वप्रे मन ममें बडप्रे द द्धाःपु खश्री हह ए और नप्रेत्रर ममें
(हवषराद कप्रे आहूँसपुओमं करा) जल भरकर यप्रे वचन बगोलप्रे-॥2॥
* जप्रेहहमं हबहध रराम हबमपुख मगोहह ककीन्हरा। तप्रेहहमं पपुहन यह दरारन दख पु दश्रीन्हरा॥
जजौं मगोरमें मन बच अर करायरा॥ पश्रीहत रराम पद कमल अमरायरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:- हजस हवधरातरा नप्रे मपुझप्रे शश्री रराम सप्रे हवमपुख हकयरा, उसश्री नप्रे हफिर यह भयरानक दद्धाःपु ख भश्री
हदयरा। यहद मन, वचन और शरश्रीर सप्रे शश्री ररामजश्री कप्रे चररकमलर ममें मप्रेररा हनष्कपट पप्रेम हगो,॥3॥
* तरौ कहप हगोउ हबगत शम सपूलरा। जजौं मगो पर रघपुपहत अनपुकपू लरा॥
सपुनत बचन उहठ बहैठ कपश्रीसरा। कहह जय जयहत कगोसलराधश्रीसरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:- और यहद शश्री रघपुनरारजश्री मपुझ पर पसन्न हर तगो यह वरानर रकरावट और पश्रीडरा सप्रे रहहत
हगो जराए। यह वचन सपुनतप्रे हश्री कहपरराज हनपुमरानमजश्री 'कगोसलपहत शश्री ररामचमंदजश्री ककी जय हगो, जय
हगो' कहतप्रे हह ए उठ बहैठप्रे॥4॥
सगोरठरा :
* लश्रीन्ह कहपहह उर लराइ पपुलहकत तनपु लगोचन सजल।
पश्रीहत न हृदय समराइ सपुहमरर रराम रघपुकपुल हतलक॥59॥
भरावरारर्ण:- भरतजश्री नप्रे वरानर (हनपुमरानमजश्री) कगो हृदय सप्रे लगरा हलयरा, उनकरा शरश्रीर पपुलहकत हगो
गयरा और नप्रेत्रर ममें (आनमंद तररा पप्रेम कप्रे आहूँसपुओमं करा) जल भर आयरा। रघपुकपुलहतलक शश्री
ररामचमंदजश्री करा स्मरर करकप्रे भरतजश्री कप्रे हृदय ममें पश्रीहत समरातश्री न रश्री॥59॥
चरौपराई :
* तरात कपु सल कहह सपुखहनधरान ककी। सहहत अनपुज अर मरातपु जरानककी॥
लकहप सब चररत समरास बखरानप्रे। भए दख पु श्री मन महह हूँ पहछतरानप्रे॥1॥
भरावरारर्ण:- (भरतजश्री बगोलप्रे-) हप्रे तरात! छगोटप्रे भराई लक्ष्मर तररा मरातरा जरानककी सहहत सपुखहनधरान
शश्री ररामजश्री ककी कपु शल कहगो। वरानर (हनपुमरानमजश्री) नप्रे समंक्षपप्रे ममें सब कररा कहश्री। सपुनकर भरतजश्री
दद्धाःपु खश्री हहए और मन ममें पछतरानप्रे लगप्रे॥1॥
* अहह दहैव ममैं कत जग जरायउहूँ। पभपु कप्रे एकहह कराज न आयउहूँ॥
जराहन कपु अवसर मन धरर धश्रीररा। पपुहन कहप सन बगोलप्रे बलबश्रीररा॥2॥
भरावरारर्ण:- हरा दहैव! ममैं जगतम ममें क्यर जन्मरा? पभपु कप्रे एक भश्री कराम न आयरा। हफिर कपु अवसर
(हवपरश्रीत समय) जरानकर मन ममें धश्रीरज धरकर बलवश्रीर भरतजश्री हनपुमरानमजश्री सप्रे बगोलप्रे -॥2॥
* तरात गहर हगोइहह तगोहह जरातरा। कराजपु नसराइहह हगोत पभरातरा॥
चढपु मम सरायक सहैल समप्रेतरा। पठवजौं तगोहह जहहूँ कमृ पराहनकप्रे तरा॥3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे तरात! तपुमकगो जरानप्रे ममें दप्रेर हगोगश्री और सबप्रेररा हगोतप्रे हश्री कराम हबगड जराएगरा। (अतद्धाः) तपुम
पवर्णत सहहत मप्रेरप्रे बरार पर चढ जराओ, ममैं तपुमकगो वहराहूँ भप्रेज दहूँपू जहराहूँ कमृ परा कप्रे धराम शश्री ररामजश्री हमैं॥3॥
* सपुहन कहप मन उपजरा अहभमरानरा। मगोरमें भरार चहलहह हकहम बरानरा॥
रराम पभराव हबचरारर बहगोरश्री। बमंहद चरन कह कहप कर जगोरश्री॥ 4॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री ककी यह बरात सपुनकर (एक बरार तगो) हनपुमरानमजश्री कप्रे मन ममें अहभमरान उत्पन्न हहआ
हक मप्रेरप्रे बगोझ सप्रे बरार कहै सप्रे चलप्रेगरा? (हकन्तपु) हफिर शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे पभराव करा हवचरार करकप्रे वप्रे
भरतजश्री कप्रे चररर ककी वमंदनरा करकप्रे हरार जगोडकर बगोलप्रे-॥4॥
दगोहरा :
* तव पतराप उर रराहख पभपु जहैहउहूँ नरार तपुरमंत।
अस कहह आयसपु पराइ पद बमंहद चलप्रेउ हनपुममंत॥60 क॥
भरावरारर्ण:- हप्रे नरार! हप्रे पभगो! ममैं आपकरा पतराप हृदय ममें रखकर तपुरमंत चलरा जराऊहूँगरा। ऐसरा कहकर
आजरा पराकर और भरतजश्री कप्रे चररर ककी वमंदनरा करकप्रे हनपुमरानमजश्री चलप्रे॥60 (क)॥
* भरत बराहह बल सश्रील गपुन पभपु पद पश्रीहत अपरार।
मन महह हूँ जरात सरराहत पपुहन पपुहन पवनकपु मरार॥60 ख॥
भरावरारर्ण:-भरतजश्री कप्रे बराहहबल, शश्रील (सपुदमं र स्वभराव), गपुर और पभपु कप्रे चररर ममें अपरार पप्रेम ककी
मन हश्री मन बरारमंबरार सरराहनरा करतप्रे हहए मरारहत शश्री हनपुमरानमजश्री चलप्रे जरा रहप्रे हमैं॥60 (ख)॥
शश्री ररामजश्री ककी पलरापलश्रीलरा, हनपुमरानमजश्री करा लरौटनरा, लक्ष्मरजश्री करा उठ बहैठनरा
चरौपराई :
* उहराहूँ रराम लहछमनहह हनहरारश्री। बगोलप्रे बचन मनपुज अनपुसरारश्री॥
अधर्ण रराहत गइ कहप नहहमं आयउ। रराम उठराइ अनपुज उर लरायउ॥1॥
भरावरारर्ण:- वहराहूँ लक्ष्मरजश्री कगो दप्रेखकर शश्री ररामजश्री सराधरारर मनपुष्यर कप्रे अनपुसरार (समरान) वचन
बगोलप्रे- आधश्री ररात बश्रीत चपुककी हहै, हनपुमरानम नहहीं आए। यह कहकर शश्री ररामजश्री नप्रे छगोटप्रे भराई
लक्ष्मरजश्री कगो उठराकर हृदय सप्रे लगरा हलयरा॥1॥
* सकहह न दहपु खत दप्रेहख मगोहह कराउ। बमंधपु सदरा तव ममृदल पु सपुभराऊ॥
मम हहत लराहग तजप्रेहह हपतपु मरातरा। सहप्रेहह हबहपन हहम आतप बरातरा॥2॥
भरावरारर्ण:- (और बगोलप्रे-) हप्रे भराई! तपुम मपुझप्रे कभश्री दद्धाःपु खश्री नहहीं दप्रेख सकतप्रे रप्रे। तपुम्हराररा स्वभराव सदरा
सप्रे हश्री कगोमल ररा। मप्रेरप्रे हहत कप्रे हलए तपुमनप्रे मरातरा-हपतरा कगो भश्री छगोड हदयरा और वन ममें जराडरा, गरमश्री
और हवरा सब सहन हकयरा॥2॥
*सगो अनपुरराग कहराहूँ अब भराई। उठहह न सपुहन मम बच हबकलराई॥
जजौं जनतप्रेउहूँ बन बमंधपु हबछगोहह। हपतरा बचन मनतप्रेउहूँ नहहमं ओहह ॥3॥
भरावरारर्ण:-हप्रे भराई! वह पप्रेम अब कहराहूँ हहै? मप्रेरप्रे व्यराकपुलतरापपूवर्णक वचन सपुनकर उठतप्रे क्यर नहहीं?
यहद ममैं जरानतरा हक वन ममें भराई करा हवछगोह हगोगरा तगो ममैं हपतरा करा वचन (हजसकरा मराननरा मप्रेरप्रे हलए
परम कतर्णव्य ररा) उसप्रे भश्री न मरानतरा॥3॥
* सपुत हबत नरारर भवन पररवराररा। हगोहहमं जराहहमं जग बरारहहमं बराररा॥
अस हबचरारर हजयहूँ जरागहह तरातरा। हमलइ न जगत सहगोदर ररातरा॥4॥
भरावरारर्ण:-पपुत्र, धन, स्त्रश्री, घर और पररवरार- यप्रे जगतम ममें बरार-बरार हगोतप्रे और जरातप्रे हमैं, परन्तपु
जगतम ममें सहगोदर भराई बरार-बरार नहहीं हमलतरा। हृदय ममें ऐसरा हवचरार कर हप्रे तरात! जरागगो॥4॥
* जररा पमंख हबनपु खग अहत दश्रीनरा। महन हबनपु फिहन कररबर कर हश्रीनरा॥
अस मम हजवन बमंधपु हबनपु तगोहश्री। जजौं जड दहैव हजआवहै मगोहश्री॥5॥
भरावरारर्ण:- जहैसप्रे पमंख हबनरा पक्षश्री, महर हबनरा सपर्ण और सपूहूँड हबनरा शप्रेष हरारश्री अत्यमंत दश्रीन हगो जरातप्रे
हमैं, हप्रे भराई! यहद कहहीं जड दहैव मपुझप्रे जश्रीहवत रखप्रे तगो तपुम्हरारप्रे हबनरा मप्रेररा जश्रीवन भश्री ऐसरा हश्री हगोगरा॥
5॥
* जहैहउहूँ अवध करौन मपुहह लराई। नरारर हप्रेतपु हपय भराई गहूँवराई॥
बर अपजस सहतप्रेउहूँ जग मराहहीं। नरारर हराहन हबसप्रेष छहत नराहहीं॥6॥
भरावरारर्ण:- स्त्रश्री कप्रे हलए प्यरारप्रे भराई कगो खगोकर, ममैं करौन सरा मपुहूँह लप्रेकर अवध जराऊहूँगरा? ममैं जगतम ममें
बदनरामश्री भलप्रे हश्री सह लप्रेतरा (हक रराम ममें कपु छ भश्री वश्रीरतरा नहहीं हहै जगो स्त्रश्री कगो खगो बहैठप्रे)। स्त्रश्री ककी हराहन
सप्रे (इस हराहन कगो दप्रेखतप्रे) कगोई हवशप्रेष क्षहत नहहीं रश्री॥6॥
* अब अपलगोकपु सगोकपु सपुत तगोररा। सहहहह हनठपु र कठगोर उर मगोररा॥
हनज जननश्री कप्रे एक कपु मराररा। तरात तरासपु तपुम्ह परान अधराररा॥7॥
भरावरारर्ण:- अब तगो हप्रे पपुत्र! मप्रेरप्रे हनषहर और कठगोर हृदय यह अपयश और तपुम्हराररा शगोक दगोनर हश्री
सहन करप्रेगरा। हप्रे तरात! तपुम अपनश्री मरातरा कप्रे एक हश्री पपुत्र और उसकप्रे परारराधरार हगो॥7॥
* सजौंपप्रेहस मगोहह तपुम्हहह गहह परानश्री। सब हबहध सपुखद परम हहत जरानश्री॥
उतर कराह दहैहउहूँ तप्रेहह जराई। उहठ हकन मगोहह हसखरावहह भराई॥8॥
भरावरारर्ण:- सब पकरार सप्रे सपुख दप्रेनप्रे वरालरा और परम हहतकरारश्री जरानकर उन्हरनप्रे तपुम्हमें हरार पकडकर
मपुझप्रे सजौंपरा ररा। ममैं अब जराकर उन्हमें क्यरा उरर दगहूँपू रा? हप्रे भराई! तपुम उठकर मपुझप्रे हसखरातप्रे
(समझरातप्रे) क्यर नहहीं?॥8॥
* बहह हबहध सगोचत सगोच हबमगोचन। स्रवत सहलल रराहजव दल लगोचन॥
उमरा एक अखमंड रघपुरराई। नर गहत भगत कमृ पराल दप्रेखराई॥9॥
भरावरारर्ण:-सगोच सप्रे छपु डरानप्रे वरालप्रे शश्री ररामजश्री बहह त पकरार सप्रे सगोच कर रहप्रे हमैं। उनकप्रे कमल ककी पमंखपुडश्री
कप्रे समरान नप्रेत्रर सप्रे (हवषराद कप्रे आहूँसओ पु मं करा) जल बह रहरा हहै। (हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे उमरा! शश्री
रघपुनरारजश्री एक (अहदतश्रीय) और अखमंड (हवयगोगरहहत) हमैं। भक्तर पर कमृ परा करनप्रे वरालप्रे भगवरानम नप्रे
(लश्रीलरा करकप्रे ) मनपुष्य ककी दशरा हदखलराई हहै॥9॥
सगोरठरा :
* पभपु पलराप सपुहन करान हबकल भए बरानर हनकर।
आइ गयउ हनपुमरान हजहम करनरा महहूँ बश्रीर रस॥61॥
भरावरारर्ण:-पभपु कप्रे (लश्रीलरा कप्रे हलए हकए गए) पलराप कगो करानर सप्रे सपुनकर वरानरर कप्रे समपूह व्यराकपुल
हगो गए। (इतनप्रे ममें हश्री) हनपुमरानमजश्री आ गए, जहैसप्रे करररस (कप्रे पसमंग) ममें वश्रीर रस (करा पसमंग)
आ गयरा हगो॥61॥
चरौपराई :
* हरहष रराम भमेंटप्रेउ हनपुमरानरा। अहत कमृ तग्य पभपु परम सपुजरानरा॥
तपुरत बहैद तब ककीन्ह उपराई। उहठ बहैठप्रे लहछमन हरषराई॥1॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामजश्री हहषर्णत हगोकर हनपुमरानमजश्री सप्रे गलप्रे हमलप्रे। पभपु परम सपुजरान (चतपुर) और अत्यमंत
हश्री कमृ तज हमैं। तब वहैद्य (सपुषप्रेर) नप्रे तपुरमंत उपराय हकयरा, (हजससप्रे) लक्ष्मरजश्री हहषर्णत हगोकर उठ
बहैठप्रे॥1॥
* हृदयहूँ लराइ पभपु भमेंटप्रेउ ररातरा। हरषप्रे सकल भरालपु कहप ब्ररातरा॥
कहप पपुहन बहैद तहराहूँ पहह हूँचरावरा। जप्रेहह हबहध तबहहमं तराहह लइ आवरा॥2॥
भरावरारर्ण:-पभपु भराई कगो हृदय सप्रे लगराकर हमलप्रे। भरालपू और वरानरर कप्रे समपूह सब हहषर्णत हगो गए। हफिर
हनपुमरानमजश्री नप्रे वहैद्य कगो उसश्री पकरार वहराहूँ पहह हूँचरा हदयरा, हजस पकरार वप्रे उस बरार (पहलप्रे) उसप्रे लप्रे
आए रप्रे॥2॥
ररावर करा कपु म्भकरर्ण कगो जगरानरा, कपु म्भकरर्ण करा ररावर कगो उपदप्रेश और हवभश्रीषर-कपु म्भकरर्ण समंवराद
चरौपराई :
* यह बमृररामंत दसरानन सपुनप्रेऊ। अहत हबषराद पपुहन पपुहन हसर धपुनप्रेऊ॥
ब्यराकपुल कपुमं भकरन पहहमं आवरा। हबहबध जतन करर तराहह जगरावरा॥3॥
भरावरारर्ण:- यह समराचरार जब ररावर नप्रे सपुनरा, तब उसनप्रे अत्यमंत हवषराद सप्रे बरार-बरार हसर पश्रीटरा। वह
व्यराकपुल हगोकर कपुमं भकरर्ण कप्रे परास गयरा और बहह त सप्रे उपराय करकप्रे उसनप्रे उसकगो जगरायरा॥3॥
* जरागरा हनहसचर दप्रेहखअ कहै सरा। मरानहह हूँ करालपु दप्रेह धरर बहैसरा॥
कपुमं भकरन बपूझरा कहह भराई। कराहप्रे तव मपुख रहप्रे सपुखराई॥4॥
भरावरारर्ण:- कपुमं भकरर्ण जगरा (उठ बहैठरा) वह कहै सरा हदखराई दप्रेतरा हहै मरानगो स्वयमं कराल हश्री शरश्रीर धरारर
करकप्रे बहैठरा हगो। कपुमं भकरर्ण नप्रे पपूछरा- हप्रे भराई! कहगो तगो, तपुम्हरारप्रे मपुख सपूख क्यर रहप्रे हमैं?॥4॥
* कररा कहश्री सब तप्रेहहमं अहभमरानश्री। जप्रेहह पकरार सश्रीतरा हरर आनश्री॥
तरात कहपन्ह सब हनहसचर मरारप्रे। महरा महरा जगोधरा समंघरारप्रे॥ 5॥
भरावरारर्ण:-उस अहभमरानश्री (ररावर) नप्रे उससप्रे हजस पकरार सप्रे वह सश्रीतरा कगो हर लरायरा ररा (तब सप्रे
अब तक ककी) सरारश्री कररा कहश्री। (हफिर कहरा-) हप्रे तरात! वरानरर नप्रे सब रराक्षस मरार डरालप्रे। बडप्रे-बडप्रे
यगोदराओमं करा भश्री समंहरार कर डरालरा॥5॥
* दमपु पुर्णख सपुरररपपु मनपुज अहरारश्री। भट अहतकराय अकमंपन भरारश्री॥
अपर महगोदर आहदक बश्रीररा। परप्रे समर महह सब रनधश्रीररा॥ 6॥
भरावरारर्ण:-दमपु पुर्णख, दप्रेवशत्रपु (दप्रेवरान्तक), मनपुष्य भक्षक (नररान्तक), भरारश्री यगोदरा अहतकराय और
अकम्पन तररा महगोदर आहद दस पू रप्रे सभश्री ररधश्रीर वश्रीर ररभपूहम ममें मरारप्रे गए॥6॥
दगोहरा :
* सपुहन दसकमंधर बचन तब कपुमं भकरन हबलखरान।
जगदमंबरा हरर आहन अब सठ चराहत कल्यरान॥62॥
भरावरारर्ण:- तब ररावर कप्रे वचन सपुनकर कपुमं भकरर्ण हबलखकर (दद्धाःपु खश्री हगोकर) बगोलरा- अरप्रे मपूखर्ण!
जगजननश्री जरानककी कगो हर लराकर अब कल्यरार चराहतरा हहै?॥62॥
चरौपराई :
* भल न ककीन्ह तमैं हनहसचर नराहरा। अब मगोहह आइ जगराएहह कराहरा॥
अजहह हूँ तरात त्यराहग अहभमरानरा। भजहह रराम हगोइहह कल्यरानरा॥1॥
भरावरारर्ण:- हप्रे रराक्षसरराज! तपूनप्रे अच्छरा नहहीं हकयरा। अब आकर मपुझप्रे क्यर जगरायरा? हप्रे तरात! अब
भश्री अहभमरान छगोडकर शश्री ररामजश्री कगो भजगो तगो कल्यरार हगोगरा॥ 1॥
* हमैं दससश्रीस मनपुज रघपुनरायक। जराकप्रे हनपूमरान सप्रे परायक॥
अहह बमंधपु तमैं ककीहन्ह खगोटराई। परमहहमं मगोहह न सपुनराएहह आई॥2॥
भरावरारर्ण:- हप्रे ररावर! हजनकप्रे हनपुमरानम सरश्रीखप्रे सप्रेवक हमैं, वप्रे शश्री रघपुनरारजश्री क्यरा मनपुष्य हमैं? हराय
भराई! तपूनप्रे बपुररा हकयरा, जगो पहलप्रे हश्री आकर मपुझप्रे यह हराल नहहीं सपुनरायरा॥2॥
* ककीन्हप्रेहह पभपु हबरगोध तप्रेहह दप्रेवक। हसव हबरमंहच सपुर जराकप्रे सप्रेवक॥
नरारद मपुहन मगोहह ग्यरान जगो कहरा। कहतप्रेउहूँ तगोहह समय हनरबराहरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:- हप्रे स्वरामश्री! तपुमनप्रे उस परम दप्रेवतरा करा हवरगोध हकयरा, हजसकप्रे हशव, ब्रहरा आहद दप्रेवतरा
सप्रेवक हमैं। नरारद मपुहन नप्रे मपुझप्रे जगो जरान कहरा ररा, वह ममैं तपुझसप्रे कहतरा, पर अब तगो समय जरातरा
रहरा॥3॥
* अब भरर अमंक भमेंटपु मगोहह भराई। लगोचन सपुफिल करजौं ममैं जराई॥
स्यराम गरात सरसश्रीरह लगोचन। दप्रेखजौं जराइ तराप त्रय मगोचन॥4॥
भरावरारर्ण:-हप्रे भराई! अब तगो (अहन्तम बरार) अहूँकवरार भरकर मपुझसप्रे हमल लप्रे। ममैं जराकर अपनप्रे नप्रेत्र
सफिल करूहूँ। तश्रीनर तरापर कगो छपु डरानप्रे वरालप्रे श्यराम शरश्रीर, कमल नप्रेत्र शश्री ररामजश्री कप्रे जराकर दशर्णन
करूहूँ॥4॥
दगोहरा :
* रराम रूप गपुन सपुहमरत मगन भयउ छन एक।
ररावन मरागप्रेउ कगोहट घट मद अर महहष अनप्रेक॥63॥
भरावरारर्ण:-शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे रूप और गपुरर कगो स्मरर करकप्रे वह एक क्षर कप्रे हलए पप्रेम ममें मग्नि हगो
गयरा। हफिर ररावर सप्रे करगोडर घडप्रे महदररा और अनप्रेकर भमैंसप्रे महूँगवराए॥63॥
चरौपराई :
* महहषखराइ करर महदररा परानरा। गजरार्ण बज्रराघरात समरानरा॥
कपुमं भकरन दमपु र्णद रन रमंगरा। चलरा दगपु र्ण तहज सप्रेन न समंगरा॥1॥
भरावरारर्ण:-भमैंसप्रे खराकर और महदररा पश्रीकर वह वज्रघरात (हबजलश्री हगरनप्रे) कप्रे समरान गरजरा। मद सप्रे
चपूर रर कप्रे उत्सराह सप्रे पपूरर्ण कपुमं भकरर्ण हकलरा छगोडकर चलरा। सप्रेनरा भश्री सरार नहहीं लश्री॥ 1॥
* दप्रेहख हबभश्रीषनपु आगमें आयउ। परप्रेउ चरन हनज नराम सपुनरायउ॥
अनपुज उठराइ हृदयहूँ तप्रेहह लरायगो। रघपुपहत भक्त जराहन मन भरायगो॥ 2॥
भरावरारर्ण:-उसप्रे दप्रेखकर हवभश्रीषर आगप्रे आए और उसकप्रे चररर पर हगरकर अपनरा नराम सपुनरायरा।
छगोटप्रे भराई कगो उठराकर उसनप्रे हृदय सप्रे लगरा हलयरा और शश्री रघपुनरारजश्री करा भक्त जरानकर वप्रे उसकप्रे
मन कगो हपय लगप्रे॥2॥
* तरात लरात ररावन मगोहह मराररा। कहत परम हहत ममंत्र हबचराररा॥
तप्रेहहमं गलराहन रघपुपहत पहहमं आयउहूँ। दप्रेहख दश्रीन पभपु कप्रे मन भरायउहूँ॥3॥
भरावरारर्ण:-(हवभश्रीषर नप्रे कहरा-) हप्रे तरात! परम हहतकर सलराह एवमं हवचरार करनप्रे पर ररावर नप्रे मपुझप्रे
लरात मरारश्री। उसश्री ग्लराहन कप्रे मरारप्रे ममैं शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे परास चलरा आयरा। दश्रीन दप्रेखकर पभपु कप्रे मन
कगो ममैं (बहह त) हपय लगरा॥3॥
* सपुनपु भयउ करालबस ररावन। सगो हक मरान अब परम हसखरावन॥
धन्य धन्य तमैं धन्य हवभश्रीषन। भयहह तरात हनहसचर कपु ल भपूषन॥4॥
भरावरारर्ण:-(कपुमं भकरर्ण नप्रे कहरा-) हप्रे पपुत्र! सपुन, ररावर तगो कराल कप्रे वश हगो गयरा हहै (उसकप्रे हसर पर
ममृत्यपु नराच रहश्री हहै)। वह क्यरा अब उरम हशक्षरा मरान सकतरा हहै? हप्रे हवभश्रीषर! तपू धन्य हहै, धन्य हहै।
हप्रे तरात! तपू रराक्षस कपु ल करा भपूषर हगो गयरा॥4॥
* बमंधपु बमंस तमैं ककीन्ह उजरागर। भजप्रेहह रराम सगोभरा सपुख सरागर॥5॥
भरावरारर्ण:-हप्रे भराई! तपूनप्रे अपनप्रे कपु ल कगो दहैदश्रीप्यमरान कर हदयरा, जगो शगोभरा और सपुख कप्रे समपुद शश्री
ररामजश्री कगो भजरा॥5॥
दगोहरा :
* बचन कमर्ण मन कपट तहज भजप्रेहह रराम रनधश्रीर।
जराहह न हनज पर सपूझ मगोहह भयउहूँ करालबस बश्रीर॥64॥
भरावरारर्ण:-मन, वचन और कमर्ण सप्रे कपट छगोडकर ररधश्रीर शश्री ररामजश्री करा भजन करनरा। हप्रे भराई ! ममैं
कराल (ममृत्य)पु कप्रे वश हगो गयरा हह,हूँ मपुझप्रे अपनरा-पररायरा नहहीं सपूझतरा, इसहलए अब तपुम जराओ॥
64॥
कपु म्भकरर्ण यद
पु और उसककी परमगहत
चरौपराई :
* बमंधपु बचन सपुहन चलरा हबभश्रीषन। आयउ जहहूँ त्रहैलगोक हबभपूषन॥
नरार भपूधरराकरार सरश्रीररा। कपुमं भकरन आवत रनधश्रीररा॥1॥॥
भरावरारर्ण:- भराई कप्रे वचन सपुनकर हवभश्रीषर लरौट गए और वहराहूँ आए, जहराहूँ हत्रलगोककी कप्रे भपूषर शश्री
ररामजश्री रप्रे। (हवभश्रीषर नप्रे कहरा-) हप्रे नरार! पवर्णत कप्रे समरान (हवशराल) दप्रेह वरालरा ररधश्रीर कपुमं भकरर्ण
आ रहरा हहै॥1॥
* एतनरा कहपन्ह सपुनरा जब करानरा। हकलहकलराइ धराए बलवरानरा॥
हलए उठराइ हबटप अर भपूधर। कटकटराइ डरारहहमं तरा ऊपर॥2॥
भरावरारर्ण:- वरानरर नप्रे जब करानर सप्रे इतनरा सपुनरा, तब वप्रे बलवरानम हकलहकलराकर (हषर्णध्वहन करकप्रे )
दरौडप्रे। वमृक्ष और पवर्णत (उखराडकर) उठरा हलए और (कगोध सप्रे) दराहूँत कटकटराकर उन्हमें उसकप्रे
ऊपर डरालनप्रे लगप्रे॥2॥
* कगोहट कगोहट हगरर हसखर पहराररा। करहहमं भरालपु कहप एक एक बराररा॥
मपुरमयगो न मनपु तनपु टरमयगो न टरारमयगो। हजहम गज अकर्ण फिलहन कगो मरारमयगो॥3॥
भरावरारर्ण:- रश्रीछ-वरानर एक-एक बरार ममें हश्री करगोडर पहराडर कप्रे हशखरर सप्रे उस पर पहरार करतप्रे हमैं,
परन्तपु इससप्रे न तगो उसकरा मन हश्री मपुडरा (हवचहलत हहआ) और न शरश्रीर हश्री टरालप्रे टलरा, जहैसप्रे मदरार
कप्रे फिलर ककी मरार सप्रे हरारश्री पर कपु छ भश्री असर नहहीं हगोतरा!॥3॥
* तब मरारतसपुत मपुहठकरा हन्यगो। परयगो धरहन ब्यराकपुल हसर धपुन्यगो॥
पपुहन उहठ तप्रेहहमं मरारप्रेउ हनपुममंतरा। घपुहमर्णत भपूतल परप्रेउ तपुरमंतरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:- तब हनपुमरानमजश्री नप्रे उसप्रे एक घपूहूँसरा मराररा, हजससप्रे वह व्यराकपुल हगोकर पमृथ्वश्री पर हगर पडरा
और हसर पश्रीटनप्रे लगरा। हफिर उसनप्रे उठकर हनपुमरानमजश्री कगो मराररा। वप्रे चक्कर खराकर तपुरमंत हश्री पमृथ्वश्री पर
हगर पडप्रे॥4॥
* पपुहन नल नश्रीलहह अवहन पछरारप्रेहस। जहहूँ तहहूँ पटहक पटहक भट डरारप्रेहस॥
चलश्री बलश्रीमपुख सप्रेन परराई। अहत भय त्रहसत न कगोउ समपुहराई॥5॥
भरावरारर्ण:-हफिर उसनप्रे नल-नश्रील कगो पमृथ्वश्री पर पछराड हदयरा और दस पू रप्रे यगोदराओमं कगो भश्री जहराहूँ-तहराहूँ
पटककर डराल हदयरा। वरानर सप्रेनरा भराग चलश्री। सब अत्यमंत भयभश्रीत हगो गए, कगोई सरामनप्रे नहहीं
आतरा॥5॥
दगोहरा :
*अमंगदराहद कहप मपुरहछत करर समप्रेत सपुगश्रीव।
कराहूँख दराहब कहपरराज कहह हूँ चलरा अहमत बल सहींव॥65॥
भरावरारर्ण:-सपुगश्रीव समप्रेत अमंगदराहद वरानरर कगो मपूहछर्णत करकप्रे हफिर वह अपररहमत बल ककी सश्रीमरा
कपुमं भकरर्ण वरानररराज सपुगश्रीव कगो कराहूँख ममें दराबकर चलरा॥65॥
चरौपराई :
* उमरा करत रघपुपहत नरलश्रीलरा। खप्रेलत गरड हजहम अहहगन मश्रीलरा॥
भमृकपुहट भमंग जगो करालहह खराई। तराहह हक सगोहइ ऐहस लरराई॥1॥
भरावरारर्ण:- (हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे उमरा! शश्री रघपुनरारजश्री वहैसप्रे हश्री नरलश्रीलरा कर रहप्रे हमैं, जहैसप्रे गरड
सपर्मों कप्रे समपूह ममें हमलकर खप्रेलतरा हगो। जगो भजौंह कप्रे इशरारप्रे मरात्र सप्रे (हबनरा पररशम कप्रे ) कराल कगो भश्री
खरा जरातरा हहै, उसप्रे कहहीं ऐसश्री लडराई शगोभरा दप्रेतश्री हहै?॥1॥
* जग परावहन ककीरहत हबस्तररहहहमं। गराइ गराइ भवहनहध नर तररहहहमं॥
मपुरछरा गइ मरारतसपुत जरागरा। सपुगश्रीवहह तब खगोजन लरागरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-भगवरानम (इसकप्रे दराररा) जगतम कगो पहवत्र करनप्रे वरालश्री वह ककीहतर्ण फिहै लराएहूँगप्रे, हजसप्रे गरा-गराकर
मनपुष्य भवसरागर सप्रे तर जराएहूँगप्रे। मपूच्छरार्ण जरातश्री रहश्री, तब मरारहत हनपुमरानमजश्री जरागप्रे और हफिर वप्रे सपुगश्रीव
कगो खगोजनप्रे लगप्रे॥2॥
* सपुगश्रीवहह कहै मपुरछरा बश्रीतश्री। हनबपुहक गयउ तप्रेहह ममृतक पतश्रीतश्री॥
कराटप्रेहस दसन नराहसकरा करानरा। गरहज अकरास चलप्रेउ तप्रेहहमं जरानरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:- सपुगश्रीव ककी भश्री मपूच्छरार्ण दरपू हहई, तब वप्रे (मपुदर्दे सप्रे हगोकर) हखसक गए (कराहूँख सप्रे नश्रीचप्रे हगर
पडप्रे)। कपु म्भकरर्ण नप्रे उनकगो ममृतक जरानरा। उन्हरनप्रे कपु म्भकरर्ण कप्रे नराक-करान दराहूँतर सप्रे कराट हलए और
हफिर गरज कर आकराश ककी ओर चलप्रे, तब कपु म्भकरर्ण नप्रे जरानरा॥3॥
* गहप्रेउ चरन गहह भपूहम पछराररा। अहत लराघवहूँ उहठ पपुहन तप्रेहह मराररा॥
पपुहन आयउ पभपु पहहमं बलवरानरा। जयहत जयहत जय कमृ पराहनधरानरा॥4॥
भरावरारर्ण:-उसनप्रे सपुगश्रीव करा पहैर पकडकर उनकगो पमृथ्वश्री पर पछराड हदयरा। हफिर सपुगश्रीव नप्रे बडश्री फिपु तर
सप्रे उठकर उसकगो मराररा और तब बलवरानम सपुगश्रीव पभपु कप्रे परास आए और बगोलप्रे- कमृ पराहनधरान पभपु
ककी जय हगो, जय हगो, जय हगो॥4॥
* नराक करान कराटप्रे हजयहूँ जरानश्री। हफिररा कगोध करर भइ मन ग्लरानश्री॥
सहज भश्रीम पपुहन हबनपु शपुहत नरासरा। दप्रेखत कहप दल उपजश्री त्ररासरा॥ 5॥
भरावरारर्ण:- नराक-करान कराटप्रे गए, ऐसरा मन ममें जरानकर बडश्री ग्लराहन हहई और वह कगोध करकप्रे लरौटरा।
एक तगो वह स्वभराव (आकमृ हत) सप्रे हश्री भयमंकर ररा और हफिर हबनरा नराक-करान करा हगोनप्रे सप्रे और भश्री
भयरानक हगो गयरा। उसप्रे दप्रेखतप्रे हश्री वरानरर ककी सप्रेनरा ममें भय उत्पन्न हगो गयरा॥ 5॥
दगोहरा :
* जय जय जय रघपुबमंस महन धराए कहप दहै हहह।
एकहह बरार तरासपु पर छराडहप्रे न्ह हगरर तर जपूह॥66॥
भरावरारर्ण:-'रघपुवमंशमहर ककी जय हगो, जय हगो' ऐसरा पपुकरारकर वरानर हहह करकप्रे दरौडप्रे और सबनप्रे एक
हश्री सरार उस पर पहराड और वमृक्षर कप्रे समपूह छगोडप्रे॥66॥
चरौपराई :
* कपुमं भकरन रन रमंग हबरदरा। सन्मपुख चलरा कराल जनपु कपु दरा॥
कगोहट कगोहट कहप धरर धरर खराई। जनपु टश्रीडश्री हगरर गपुहराहूँ समराई॥1॥
भरावरारर्ण:-रर कप्रे उत्सराह ममें कपुमं भकरर्ण हवरद हगोकर (उनकप्रे ) सरामनप्रे ऐसरा चलरा मरानगो कगोहधत हगोकर
कराल हश्री आ रहरा हगो। वह करगोड-करगोड वरानरर कगो एक सरार पकडकर खरानप्रे लगरा! (वप्रे उसकप्रे मपुहूँह
ममें इस तरह घपुसनप्रे लगप्रे) मरानगो पवर्णत ककी गपुफिरा ममें हटरडयराहूँ समरा रहश्री हर॥1॥
* कगोहटन्ह गहह सरश्रीर सन मदरार्ण। कगोहटन्ह मश्रीहज हमलव महह गदरार्ण॥
मपुख नरासरा शवनहन्ह ककीमं बराटरा। हनसरर परराहहमं भरालपु कहप ठराटरा॥2॥
भरावरारर्ण:- करगोडर (वरानरर) कगो पकडकर उसनप्रे शरश्रीर सप्रे मसल डरालरा। करगोडर कगो हरारर सप्रे
मलकर पमृथ्वश्री ककी धपूल ममें हमलरा हदयरा। (पप्रेट ममें गए हह ए) भरालपू और वरानरर कप्रे ठट कप्रे ठट उसकप्रे
मपुख, नराक और करानर ककी रराह सप्रे हनकल-हनकलकर भराग रहप्रे हमैं॥2॥
* रन मद मर हनसराचर दपरार्ण। हबस्व गहसहह जनपु ऐहह हबहध अपरार्ण॥
मपुरप्रे सपुभट सब हफिरहहमं न फिप्रे रप्रे। सपूझ न नयन सपुनहहमं नहहमं टप्रेरप्रे॥3॥
भरावरारर्ण:-रर कप्रे मद ममें मर रराक्षस कपुमं भकरर्ण इस पकरार गहवर्णत हहआ, मरानगो हवधरातरा नप्रे उसकगो सराररा
हवश्व अपर्णर कर हदयरा हगो और उसप्रे वह गरास कर जराएगरा। सब यगोदरा भराग खडप्रे हह ए, वप्रे लरौटराए भश्री
नहहीं लरौटतप्रे। आहूँखर सप्रे उन्हमें सपूझ नहहीं पडतरा और पपुकरारनप्रे सप्रे सपुनतप्रे नहहीं!॥3॥
* कपुमं भकरन कहप फिरौज हबडरारश्री। सपुहन धराई रजनश्रीचर धरारश्री॥
दप्रेखश्री रराम हबकल कटकराई। ररपपु अनश्रीक नरानरा हबहध आई॥4॥
भरावरारर्ण:- कपुमं भकरर्ण नप्रे वरानर सप्रेनरा कगो हततर-हबतर कर हदयरा। यह सपुनकर रराक्षस सप्रेनरा भश्री दरौडश्री।
शश्री ररामचमंदजश्री नप्रे दप्रेखरा हक अपनश्री सप्रेनरा व्यराकपुल हहै और शत्रपु ककी नरानरा पकरार ककी सप्रेनरा आ गई हहै॥
4॥
दगोहरा :
* सपुनपु सपुगश्रीव हबभश्रीषन अनपुज सहूँभरारप्रेहह सहैन।
ममैं दप्रेखउहूँ खल बल दलहह बगोलप्रे रराहजवनहैन॥67॥
भरावरारर्ण:- तब कमलनयन शश्री ररामजश्री बगोलप्रे- हप्रे सपुगश्रीव! हप्रे हवभश्रीषर! और हप्रे लक्ष्मर! सपुनगो, तपुम
सप्रेनरा कगो समंभरालनरा। ममैं इस दष्टिपु कप्रे बल और सप्रेनरा कगो दप्रेखतरा हह हूँ॥67॥
चरौपराई :
* कर सरारमंग सराहज कहट भराररा। अरर दल दलन चलप्रे रघपुनराररा॥
परम ककीहन्ह पभपु धनपुष टमंकगोररा। ररपपु दल बहधर भयउ सपुहन सगोररा॥ 1॥
भरावरारर्ण:- हरार ममें शरागर्धांधनपुष और कमर ममें तरकस सजराकर शश्री रघपुनरारजश्री शत्रपु सप्रेनरा कगो दलन
करनप्रे चलप्रे। पभपु नप्रे पहलप्रे तगो धनपुष करा टमंकरार हकयरा, हजसककी भयरानक आवराज सपुनतप्रे हश्री शत्रपु दल
बहररा हगो गयरा॥1॥
* सत्यसमंध छराडहूँ प्रे सर लच्छरा। करालसपर्ण जनपु चलप्रे सपच्छरा॥
जहहूँ तहहूँ चलप्रे हबपपुल नरारराचरा। लगप्रे कटन भट हबकट हपसराचरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:- हफिर सत्यपहतज शश्री ररामजश्री नप्रे एक लराख बरार छगोडप्रे। वप्रे ऐसप्रे चलप्रे मरानगो पमंखवरालप्रे कराल
सपर्ण चलप्रे हर। जहराहूँ-तहराहूँ बहह त सप्रे बरार चलप्रे, हजनसप्रे भयमंकर रराक्षस यगोदरा कटनप्रे लगप्रे॥2॥
* कटहहमं चरन उर हसर भपुजदमंडरा। बहह तक बश्रीर हगोहहमं सत खमंडरा॥
घपुहमर्ण घपुहमर्ण घरायल महह परहहीं। उहठ समंभरारर सपुभट पपुहन लरहहीं॥ 3॥
भरावरारर्ण:- उनकप्रे चरर, छरातश्री, हसर और भपुजदण्ड कट रहप्रे हमैं। बहह त सप्रे वश्रीरर कप्रे सरौ-सरौ टपु कडप्रे हगो
जरातप्रे हमैं। घरायल चक्कर खरा-खराकर पमृथ्वश्री पर पड रहप्रे हमैं। उरम यगोदरा हफिर समंभलकर उठतप्रे और
लडतप्रे हमैं॥3॥
* लरागत बरान जलद हजहम गराजहहमं। बहह तक दप्रेहख कहठन सर भराजहहमं॥
रमंड पचमंड मपुमंड हबनपु धरावहहमं। धर धर मरार मरार धपुहन गरावहहमं॥4॥
भरावरारर्ण:-बरार लगतप्रे हश्री वप्रे मप्रेघ ककी तरह गरजतप्रे हमैं। बहह त सप्रे तगो कहठन बरारर कगो दप्रेखकर हश्री भराग
जरातप्रे हमैं। हबनरा मपुण्ड (हसर) कप्रे पचण्ड रण्ड (धड) दरौड रहप्रे हमैं और 'पकडगो, पकडगो, मरारगो,
मरारगो' करा शब्द करतप्रे हहए गरा (हचल्लरा) रहप्रे हमैं॥4॥
दगोहरा :
* छन महह हूँ पभपु कप्रे सरायकहन्ह कराटप्रे हबकट हपसराच।
पपुहन रघपुबश्रीर हनषमंग महह हूँ पहबसप्रे सब नरारराच॥68॥
भरावरारर्ण:- पभपु कप्रे बरारर नप्रे क्षर मरात्र ममें भयरानक रराक्षसर कगो कराटकर रख हदयरा। हफिर वप्रे सब बरार
लरौटकर शश्री रघपुनरारजश्री कप्रे तरकस ममें घपुस गए॥68॥
चरौपराई :
* कपुमं भकरन मन दश्रीख हबचरारश्री। हहत छन मराझ हनसराचर धरारश्री॥
भरा अहत कपु द महराबल बश्रीररा। हकयगो ममृगनरायक नराद गहूँभश्रीररा॥1॥
भरावरारर्ण:-कपुमं भकरर्ण नप्रे मन ममें हवचरार कर दप्रेखरा हक शश्री ररामजश्री नप्रे क्षर मरात्र ममें रराक्षसश्री सप्रेनरा करा समंहरार
कर डरालरा। तब वह महराबलश्री वश्रीर अत्यमंत कगोहधत हहआ और उसनप्रे गमंभश्रीर हसमंहनराद हकयरा॥1॥
* कगोहप महश्रीधर लप्रेइ उपरारश्री। डरारइ जहहूँ मकर्ण ट भट भरारश्री॥
आवत दप्रेहख सहैल पभपु भरारप्रे। सरहन्ह कराहट रज सम करर डरारप्रे॥ 2॥
भरावरारर्ण:-वह कगोध करकप्रे पवर्णत उखराड लप्रेतरा हहै और जहराहूँ भरारश्री-भरारश्री वरानर यगोदरा हगोतप्रे हमैं, वहराहूँ
डराल दप्रेतरा हहै। बडप्रे-बडप्रे पवर्णतर कगो आतप्रे दप्रेखकर पभपु नप्रे उनकगो बरारर सप्रे कराटकर धपूल कप्रे समरान
(चपूर-चपूर) कर डरालरा॥2॥
* पपुहन धनपु तराहन कगोहप रघपुनरायक। छराडहूँ प्रे अहत करराल बहह सरायक॥
तनपु महह हूँ पहबहस हनसरर सर जराहहीं। हजहम दराहमहन घन मराझ समराहहीं॥ 3॥
भरावरारर्ण:-हफिर शश्री रघपुनरारजश्री नप्रे कगोध करकप्रे धनपुष कगो तरानकर बहह त सप्रे अत्यमंत भयरानक बरार
छगोडप्रे। वप्रे बरार कपुमं भकरर्ण कप्रे शरश्रीर ममें घपुसकर (पश्रीछप्रे सप्रे इस पकरार) हनकल जरातप्रे हमैं (हक उनकरा पतरा
नहहीं चलतरा), जहैसप्रे हबजहलयराहूँ बरादल ममें समरा जरातश्री हमैं॥3॥
* सगोहनत स्रवत सगोह तन करारप्रे। जनपु कजल हगरर गप्रेर पनरारप्रे॥
हबकल हबलगोहक भरालपु कहप धराए। हबहहूँसरा जबहहमं हनकट कहप आए॥4॥
भरावरारर्ण:- उसकप्रे करालप्रे शरश्रीर सप्रे रहधर बहतरा हहआ ऐसप्रे शगोभरा दप्रेतरा हहै, मरानगो कराजल कप्रे पवर्णत सप्रे
गप्रेर कप्रे पनरालप्रे बह रहप्रे हर। उसप्रे व्यराकपुल दप्रेखकर रश्रीछ वरानर दरौडप्रे। वप्रे ज्यर हश्री हनकट आए, त्यर हश्री
वह हहूँसरा,॥4॥
दगोहरा :
* महरानराद करर गजरार्ण कगोहट कगोहट गहह ककीस।
महह पटकइ गजरराज इव सपर करइ दससश्रीस॥69॥
भरावरारर्ण:- और बडरा घगोर शब्द करकप्रे गरजरा तररा करगोड-करगोड वरानरर कगो पकडकर वह गजरराज
ककी तरह उन्हमें पमृथ्वश्री पर पटकनप्रे लगरा और ररावर ककी द हपु राई दप्रेनप्रे लगरा॥69॥
चरौपराई :
* भरागप्रे भरालपु बलश्रीमपुख जपूररा। बमृकपु हबलगोहक हजहम मप्रेष बरूररा॥
चलप्रे भराहग कहप भरालपु भवरानश्री। हबकल पपुकरारत आरत बरानश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:-यह दप्रेखकर रश्रीछ-वरानरर कप्रे झपुमंड ऐसप्रे भरागप्रे जहैसप्रे भप्रेहडयप्रे कगो दप्रेखकर भप्रेडर कप्रे झपुडमं !
(हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे भवरानश्री! वरानर-भरालपू व्यराकपुल हगोकर आतर्णवरारश्री सप्रे पपुकरारतप्रे हहए भराग चलप्रे॥
1॥
* यह हनहसचर दक पु राल सम अहई। कहपकपु ल दप्रेस परन अब चहई॥
कमृ परा बराररधर रराम खररारश्री। पराहह पराहह पनतरारहत हरारश्री॥ 2॥
भरावरारर्ण:-(वप्रे कहनप्रे लगप्रे-) यह रराक्षस दहपु भर्णक्ष कप्रे समरान हहै, जगो अब वरानर कपु ल रूपश्री दप्रेश ममें पडनरा
चराहतरा हहै। हप्रे कमृ परा रूपश्री जल कप्रे धरारर करनप्रे वरालप्रे मप्रेघ रूप शश्री रराम! हप्रे खर कप्रे शत्रपु! हप्रे शरररागत
कप्रे दद्धाःपु ख हरनप्रे वरालप्रे! रक्षरा ककीहजए, रक्षरा ककीहजए!॥2॥।
* सकरन बचन सपुनत भगवरानरा। चलप्रे सपुधरारर सररासन बरानरा॥
रराम सप्रेन हनज पराछमें घरालश्री। चलप्रे सकगोप महरा बलसरालश्री॥ 3॥
भरावरारर्ण:- करररा भरप्रे वचन सपुनतप्रे हश्री भगवरानम धनपुष-बरार सपुधरारकर चलप्रे। महराबलशरालश्री शश्री
ररामजश्री नप्रे सप्रेनरा कगो अपनप्रे पश्रीछप्रे कर हलयरा और वप्रे (अकप्रे लप्रे) कगोधपपूवर्णक चलप्रे (आगप्रे बढप्रे)॥3॥
* खमैंहच धनपुष सर सत समंधरानप्रे। छपू टप्रे तश्रीर सरश्रीर समरानप्रे॥
लरागत सर धरावरा ररस भररा। कपु धर डगमगत डगोलहत धररा॥4॥
भरावरारर्ण:- उन्हरनप्रे धनपुष कगो खहींचकर सरौ बरार समंधरान हकए। बरार छपू टप्रे और उसकप्रे शरश्रीर ममें समरा
गए। बरारर कप्रे लगतप्रे हश्री वह कगोध ममें भरकर दरौडरा। उसकप्रे दरौडनप्रे सप्रे पवर्णत डगमगरानप्रे लगप्रे और पमृथ्वश्री
हहलनप्रे लगश्री॥4॥
* लश्रीन्ह एक तमेंहह सहैल उपराटश्री। रघपुकपुलहतलक भपुजरा सगोइ कराटश्री॥
धरावरा बराम बराहह हगरर धरारश्री। पभपु सगोउ भपुजरा कराहट महह परारश्री॥5॥
भरावरारर्ण:-उसनप्रे एक पवर्णत उखराड हलयरा। रघपुकपुल हतलक शश्री ररामजश्री नप्रे उसककी वह भपुजरा हश्री कराट
दश्री। तब वह बराएहूँ हरार ममें पवर्णत कगो लप्रेकर दरौडरा। पभपु नप्रे उसककी वह भपुजरा भश्री कराटकर पमृथ्वश्री पर
हगररा दश्री॥5॥
* कराटमें भपुजरा सगोह खल कहै सरा। पच्छहश्रीन ममंदर हगरर जहैसरा॥
उग हबलगोकहन पभपुहह हबलगोकरा। गसन चहत मरानहह हूँ त्रहैलगोकरा॥6॥
भरावरारर्ण:-भपुजराओमं कप्रे कट जरानप्रे पर वह दष्टिपु कहै सश्री शगोभरा परानप्रे लगरा, जहैसप्रे हबनरा पमंख करा ममंदरराचल
पहराड हगो। उसनप्रे उग दृहष्टि सप्रे पभपु कगो दप्रेखरा। मरानगो तश्रीनर लगोकर कगो हनगल जरानरा चराहतरा हगो॥ 6॥
दगोहरा :
* करर हचक्करार घगोर अहत धरावरा बदनपु पसरारर।
गगन हसद सपुर त्रराहसत हरा हरा हप्रेहत पपुकरारर॥70॥
भरावरारर्ण:- वह बडप्रे जगोर सप्रे हचग्घराड करकप्रे मपुहूँह फिहैलराकर दरौडरा। आकराश ममें हसद और दप्रेवतरा डरकर
हरा! हरा! हरा! इस पकरार पपुकरारनप्रे लगप्रे॥70॥
चरौपराई :
* सभय दप्रेव करनराहनहध जरान्यगो। शवन पजमंत सररासपुन तरान्यगो॥
हबहसख हनकर हनहसचर मपुख भरप्रेऊ। तदहप महराबल भपूहम न परप्रेऊ॥1॥
भरावरारर्ण:- कररराहनधरान भगवरानम नप्रे दप्रेवतराओमं कगो भयभश्रीत जरानरा। तब उन्हरनप्रे धनपुष कगो करान तक
तरानकर रराक्षस कप्रे मपुख कगो बरारर कप्रे समपूह सप्रे भर हदयरा। तगो भश्री वह महराबलश्री पमृथ्वश्री पर न हगररा॥
1॥
* सरहन्ह भररा मपुख सन्मपुख धरावरा। कराल त्रगोन सजश्रीव जनपु आवरा॥
तब पभपु कगोहप तश्रीब्र सर लश्रीन्हरा। धर तप्रे हभन्न तरासपु हसर ककीन्हरा॥ 2॥
भरावरारर्ण:-मपुख ममें बरार भरप्रे हहए वह (पभपु कप्रे ) सरामनप्रे दरौडरा। मरानगो कराल रूपश्री सजश्रीव तरकस हश्री आ
रहरा हगो। तब पभपु नप्रे कगोध करकप्रे तश्रीक्ष्र बरार हलयरा और उसकप्रे हसर कगो धड सप्रे अलग कर हदयरा॥
2॥
* सगो हसर परप्रेउ दसरानन आगमें। हबकल भयउ हजहम फिहन महन त्यरागमें॥
धरहन धसइ धर धराव पचमंडरा। तब पभपु कराहट ककीन्ह द इपु खमंडरा॥3॥
भरावरारर्ण:- वह हसर ररावर कप्रे आगप्रे जरा हगररा उसप्रे दप्रेखकर ररावर ऐसरा व्यराकपुल हहआ जहैसप्रे महर कप्रे
छपूट जरानप्रे पर सपर्ण। कपुमं भकरर्ण करा पचण्ड धड दरौडरा, हजससप्रे पमृथ्वश्री धहूँसश्री जरातश्री रश्री। तब पभपु नप्रे
कराटकर उसकप्रे दगो टपु कडप्रे कर हदए॥3॥
* परप्रे भपूहम हजहम नभ तमें भपूधर। हप्रेठ दराहब कहप भरालपु हनसराचर॥
तरासपु तप्रेज पभपु बदन समरानरा। सपुर मपुहन सबहहमं अचमंभव मरानरा॥ 4॥
भरावरारर्ण:-वरानर-भरालपू और हनशराचरर कगो अपनप्रे नश्रीचप्रे दबरातप्रे हह ए वप्रे दगोनर टपु कडप्रे पमृथ्वश्री पर ऐसप्रे पडप्रे
जहैसप्रे आकराश सप्रे दगो पहराड हगरप्रे हर। उसकरा तप्रेज पभपु शश्री ररामचमंदजश्री कप्रे मपुख ममें समरा गयरा। (यह
दप्रेखकर) दप्रेवतरा और मपुहन सभश्री नप्रे आश्चयर्ण मरानरा॥4॥
* सपुर ददमंपु भपु हीं बजरावहहमं हरषहहमं। अस्तपुहत करहहमं सपुमन बहह बरषहहमं॥
करर हबनतश्री सपुर सकल हसधराए। तप्रेहश्री समय दप्रेवररहष आए॥5॥
भरावरारर्ण:- दप्रेवतरा नगराडप्रे बजरातप्रे, हहषर्णत हगोतप्रे और स्तपुहत करतप्रे हह ए बहह त सप्रे फिपूल बरसरा रहप्रे हमैं।
हवनतश्री करकप्रे सब दप्रेवतरा चलप्रे गए। उसश्री समय दप्रेवहषर्ण नरारद आए॥5॥
* गगनगोपरर हरर गपुन गन गराए। रहचर बश्रीररस पभपु मन भराए॥
बप्रेहग हतहह खल कहह मपुहन गए। रराम समर महह सगोभत भए॥6॥
भरावरारर्ण:-आकराश कप्रे ऊपर सप्रे उन्हरनप्रे शश्री हरर कप्रे सपुदमं र वश्रीर रसयक्त पु गपुर समपूह करा गरान हकयरा,
जगो पभपु कप्रे मन कगो बहह त हश्री भरायरा। मपुहन यह कहकर चलप्रे गए हक अब दष्टिपु ररावर कगो शश्रीघ्र मराररए।
(उस समय) शश्री ररामचमंदजश्री ररभपूहम ममें आकर (अत्यमंत) सपुशगोहभत हह ए॥6॥
छमंद :
* समंगराम भपूहम हबरराज रघपुपहत अतपुल बल कगोसल धनश्री।
शम हबमंदपु मपुख रराजश्रीव लगोचन अरन तन सगोहनत कनश्री॥
भपुज जपुगल फिप्रे रत सर सररासन भरालपु कहप चहह हदहस बनप्रे।
कह दरास तपुलसश्री कहह न सक छहब सप्रेष जप्रेहह आनन घनप्रे॥
भरावरारर्ण:- अतपुलनश्रीय बल वरालप्रे कगोसलपहत शश्री रघपुनरारजश्री ररभपूहम ममें सपुशगोहभत हमैं। मपुख पर पसश्रीनप्रे
ककी बपूहूँदमें हमैं, कमल समरान नप्रेत्र कपु छ लराल हगो रहप्रे हमैं। शरश्रीर पर रक्त कप्रे कर हमैं, दगोनर हरारर सप्रे
धनपुष-बरार हफिररा रहप्रे हमैं। चरारर ओर रश्रीछ-वरानर सपुशगोहभत हमैं। तपुलसश्रीदरासजश्री कहतप्रे हमैं हक पभपु ककी
इस छहब करा वरर्णन शप्रेषजश्री भश्री नहहीं कर सकतप्रे, हजनकप्रे बहह त सप्रे (हजरार) मपुख हमैं।
दगोहरा :
* हनहसचर अधम मलराकर तराहह दश्रीन्ह हनज धराम।
हगररजरा तप्रे नर ममंदमहत जप्रे न भजहहमं शश्रीरराम॥71॥
भरावरारर्ण:-(हशवजश्री कहतप्रे हमैं-) हप्रे हगररजप्रे! कपुमं भकरर्ण, जगो नश्रीच रराक्षस और पराप ककी खरान ररा, उसप्रे
भश्री शश्री ररामजश्री नप्रे अपनरा परमधराम दप्रे हदयरा। अतद्धाः वप्रे मनपुष्य (हनश्चय हश्री) ममंदबपुहद हमैं, जगो उन शश्री
ररामजश्री कगो नहहीं भजतप्रे॥71॥
चरौपराई :
*हदन कप्रे अमंत हफिरहीं दरौ अनश्री। समर भई सपुभटन्ह शम घनश्री॥
रराम कमृ पराहूँ कहप दल बल बराढरा। हजहम तमृन पराइ लराग अहत डराढरा॥ 1॥
भरावरारर्ण:- हदन करा अन्त हगोनप्रे पर दगोनर सप्रेनराएहूँ लरौट पडहीं। (आज कप्रे यद पु ममें) यगोदराओमं कगो बडश्री
रकरावट हह ई, परन्तपु शश्री ररामजश्री ककी कमृ परा सप्रे वरानर सप्रेनरा करा बल उसश्री पकरार बढ गयरा, जहैसप्रे घरास
पराकर अहग्नि बहह त बढ जरातश्री हहै॥1॥(घ)॥
* छश्रीजहहमं हनहसचर हदनपु अर ररातश्री। हनज मपुख कहमें सपुकमृत जप्रेहह भराहूँतश्री॥
बहह हबलराप दसकमंधर करई। बमंधपु सश्रीस पपुहन पपुहन उर धरई॥2॥
भरावरारर्ण:-उधर रराक्षस हदन-ररात इस पकरार घटतप्रे जरा रहप्रे हमैं, हजस पकरार अपनप्रे हश्री मपुख सप्रे कहनप्रे
पर पपुण्य घट जरातप्रे हमैं। ररावर बहह त हवलराप कर रहरा हहै। बरार-बरार भराई (कपुमं भकरर्ण) करा हसर कलप्रेजप्रे
सप्रे लगरातरा हहै॥2॥
* रगोवहहमं नरारर हृदय हहत परानश्री। तरासपु तप्रेज बल हबपपुल बखरानश्री॥
मप्रेघनराद तप्रेहह अवसर आयउ। कहह बहह कररा हपतरा समपुझरायउ॥3॥
भरावरारर्ण:-हस्त्रयराहूँ उसकप्रे बडप्रे भरारश्री तप्रेज और बल कगो बखरान करकप्रे हरारर सप्रे छरातश्री पश्रीट-पश्रीटकर रगो
रहश्री हमैं। उसश्री समय मप्रेघनराद आयरा और उसनप्रे बहह त सश्री करराएहूँ कहकर हपतरा कगो समझरायरा॥3॥
* दप्रेखप्रेहह कराहल मगोरर मनपुसराई। अबहहमं बहह त करा करजौं बडराई॥
इष्टिदप्रेव समैं बल रर परायउहूँ। सगो बल तरात न तगोहह दप्रेखरायउहूँ॥4॥
भरावरारर्ण:- (और कहरा-) कल मप्रेररा पपुरषरारर्ण दप्रेहखएगरा। अभश्री बहह त बडराई क्यरा करूहूँ? हप्रे तरात! ममैंनप्रे
अपनप्रे इष्टिदप्रेव सप्रे जगो बल और रर परायरा ररा, वह बल (और रर) अब तक आपकगो नहहीं
हदखलरायरा ररा॥4॥
* एहह हबहध जल्पत भयउ हबहरानरा। चहह हूँ दआ पु र लरागप्रे कहप नरानरा॥
इहत कहप भरालपु कराल सम बश्रीररा। उत रजनश्रीचर अहत रनधश्रीररा॥ 5॥
भरावरारर्ण:-इस पकरार डहींग मरारतप्रे हहए सबप्रेररा हगो गयरा। लमंकरा कप्रे चरारर दरवराजर पर बहह त सप्रे वरानर आ
डटप्रे। इधर कराल कप्रे समरान वश्रीर वरानर-भरालपू हमैं और उधर अत्यमंत ररधश्रीर रराक्षस॥5॥
* लरहहमं सपुभट हनज हनज जय हप्रेतपू। बरहन न जराइ समर खगकप्रे तपू॥6॥
भरावरारर्ण:->दगोनर ओर कप्रे यगोदरा अपनश्री-अपनश्री जय कप्रे हलए लड रहप्रे हमैं। हप्रे गरड उनकप्रे यद पु करा
वरर्णन नहहीं हकयरा जरा सकतरा॥6॥
लक्ष्मर-ररावर यद पु
दगोहरा :
* हनज दल हबकल दप्रेहख कहट कहस हनषमंग धनपु हरार।
लहछमन चलप्रे कपु द हगोइ नराइ रराम पद मरार॥82॥
भरावरारर्ण:- अपनश्री सप्रेनरा कगो व्यराकपुल दप्रेखकर कमर ममें तरकस कसकर और हरार ममें धनपुष लप्रेकर शश्री
रघपुनरारजश्री कप्रे चररर पर मस्तक नवराकर लक्ष्मरजश्री कगोहधत हगोकर चलप्रे॥ 82॥
चरौपराई :
* रप्रे खल करा मरारहस कहप भरालपू। मगोहह हबलगोकपु तगोर ममैं करालपू॥
खगोजत रहप्रेउहूँ तगोहह सपुतघरातश्री। आजपु हनपराहत जपुडरावउहूँ छरातश्री॥ 1॥
भरावरारर्ण:- (लक्ष्मरजश्री नप्रे परास जराकर कहरा-) अरप्रे दष्टिपु ! वरानर भरालओ पु मं कगो क्यरा मरार रहरा हहै?
मपुझप्रे दप्रेख, ममैं तप्रेररा कराल हह।हूँ (ररावर नप्रे कहरा-) अरप्रे मप्रेरप्रे पपुत्र कप्रे घरातक! ममैं तपुझश्री कगो ढपू हूँढ रहरा ररा।
आज तपुझप्रे मरारकर (अपनश्री) छरातश्री ठमंडश्री करूहूँगरा॥1॥
* अस कहह छराडहप्रे स बरान पचमंडरा। लहछमन हकए सकल सत खमंडरा॥
कगोहटन्ह आयधपु ररावन डरारप्रे। हतल पवरान करर कराहट हनवरारप्रे॥2॥
भरावरारर्ण:- ऐसरा कहकर उसनप्रे पचण्ड बरार छगोडप्रे। लक्ष्मरजश्री नप्रे सबकप्रे सहैकडर टपु कडप्रे कर डरालप्रे।
ररावर नप्रे करगोडर अस्त्र-शस्त्र चलराए। लक्ष्मरजश्री नप्रे उनकगो हतल कप्रे बरराबर करकप्रे कराटकर हटरा
हदयरा॥2॥
* पपुहन हनज बरानन्ह ककीन्ह पहराररा। स्यमंदनपु भमंहज सराररश्री मराररा॥
सत सत सर मरारप्रे दस भरालरा। हगरर समृमंगन्ह जनपु पहबसहहमं ब्यरालरा॥ 3॥
भरावरारर्ण:- हफिर अपनप्रे बरारर सप्रे (उस पर) पहरार हकयरा और (उसकप्रे ) रर कगो तगोडकर सराररश्री
कगो मरार डरालरा। (ररावर कप्रे ) दसर मस्तकर ममें सरौ-सरौ बरार मरारप्रे। वप्रे हसरर ममें ऐसप्रे पहैठ गए मरानगो पहराड
कप्रे हशखरर ममें सपर्ण पवप्रेश कर रहप्रे हर॥3॥
* पपुहन सपुत सर मराररा उर मराहहीं। परप्रेउ धरहन तल सपुहध कछपु नराहहीं॥
उठरा पबल पपुहन मपुरछरा जरागश्री। छराहडहस ब्रह दश्रीहन्ह जगो सराहूँगश्री॥4॥
भरावरारर्ण:-हफिर सरौ बरार उसककी छरातश्री ममें मरारप्रे। वह पमृथ्वश्री पर हगर पडरा, उसप्रे कपु छ भश्री हगोश न रहरा।
हफिर मपूच्छरार्ण छपूटनप्रे पर वह पबल ररावर उठरा और उसनप्रे वह शहक्त चलराई जगो ब्रहराजश्री नप्रे उसप्रे दश्री
रश्री॥4॥
छमंद :
* सगो ब्रह दर पचमंड सहक्त अनमंत उर लरागश्री सहश्री।
परमयगो बश्रीर हबकल उठराव दसमपुख अतपुल बल महहमरा रहश्री॥
ब्रहरामंड भवन हबरराज जराकमें एक हसर हजहम रज कनश्री।
तप्रेहह चह उठरावन मपूढ ररावन जरान नहहमं हत्रभपुअन धनश्री॥
भरावरारर्ण:-वह ब्रहरा ककी दश्री हह ई पचण्ड शहक्त लक्ष्मरजश्री ककी ठश्रीक छरातश्री ममें लगश्री। वश्रीर लक्ष्मरजश्री
व्यराकपुल हगोकर हगर पडप्रे। तब ररावर उन्हमें उठरानप्रे लगरा, पर उसकप्रे अतपुहलत बल ककी महहमरा यर हश्री
रह गई, (व्यरर्ण हगो गई, वह उन्हमें उठरा न सकरा)। हजनकप्रे एक हश्री हसर पर ब्रहरामंड रूपश्री भवन धपूल
कप्रे एक कर कप्रे समरान हवरराजतरा हहै, उन्हमें मपूखर्ण ररावर उठरानरा चराहतरा हहै! वह तश्रीनर भपुवनर कप्रे
स्वरामश्री लक्ष्मरजश्री कगो नहहीं जरानतरा।