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नवदुररर्गा सरधनर व्गावधध-

साधना सामग्:********

अररबत्ती,इलरयची और लौर, चुनरी,नरररयल,दही, दुररर्गा सप्तशती व्गािताबतरब,फूल मरलर,दुवर, परंच पिताबरर िताबे फल,रंरर जल,घी,हरी चूड़ी,लरल
चुनरी,रुलरल,शहद,िताबपूर,िताबुमिताबुम,दूध,लरल धररर, िताबलरवर,मौली

,परन िताबे पत्ते,चरवल,रोली,चन्दन, सुपररी,चीनी, दीपिताब, दूध हवन सरम्ी/हवनिताबुंड,लरल िताबपड़र,लिताबड़ी िताबर पटर /चौिताबी ,सुहरर सरमरन िताबर पैिताबेट
,नवदुररर्गा यंतर,स्फटटिताब यर रूदररा मरलर, मरतर िताबी फोटो

वविधध : ******** पूजन िताबे ललि नहरधोिताबर सरफ-सुथरे आसन पर पूवर्गा यर उत्तर टदशर मे मुंह िताबरिताबे बैठ जरिं।अब अपनी शुधधद िताबे ललि आचमन
िताबरे हरथ मे जल ललि हि आप इन मंतर्र िताबे सरथ धयरन िताबरे – ॐ िताबेशवरय नम: ॐ नरररणरय नम: ॐ मरधवरय नम: ॐ हषीिताबेशरय नम: और जल
िताबो तीन बरर मे तीन बूंद पीये इस पिताबरर आचमन िताबरने से आप शुधद हो जरऐरे,सरम्ी अपने परस रख ले। बरये हरथ मे जल लेिताबर, उसे दरव्गाहने
हरथ से ढिताब ले। मंतरोचचररण िताबे सरथ जल िताबो लसर, शरीर और पूजन सरम्ी पर धछड़िताब ले यर पुषप से अपने ऊपर जल िताबो धछडिताबे।

इस मन्तर िताबो बोलते हि ससभी सरमव्गा्य्र पर जल धछड़िताबे ऐसर िताबरने से सरम्ी िताबे ससभी अशुधधदयर दूर हो जरती है इस मंतर िताबर उपयोर ससभी पूजन
और सरधनरओ मे सरमव्गा्य्र िताबो शुधद िताबरने मे िताबर सिताबते है - ॐ ही व्गातरपुटट व्गातरपुटट िताबठ िताबठ आभसभचरररिताब-दोषं िताबीटपतंररटदस्प्पदोषं व्गाकयरटददूव्गाषतं
हन हन नरशय नरशय शोषय शोषय हं फट् स्वरहर,

ॐ अपव्गावतरत पव्गावतरो वर सवरर्गावस्थरं रतोपपिव्गाप वर।

यत स्मरेत् पुणडरीिताबररां स बरहरायन्तरत शुधचत॥

(व्गानमनललधखत मंतर बोलते हि लशखर िताबो ररंठ लररये / स्पशर्गा िताबरे)

ॐ धचदूव्गापभण महरमरये! टदव्यतेजतसमननन्वते। व्गातष्ठ दे व्गाव!

लशखरमधये तेजोव्दद्ध िताबुरषव मे॥

(अपने मरथे पर िताबुंिताबुम यर चन्दन िताबर व्गातलिताब िताबरे)

ॐ चन्दनस्य महत्पुणयं, पव्गावतरं परपनरशनम्।

आपदरं हरते व्गानत्यं, लक्ष्मीसस्तष्ठव्गात सवर्गादर॥

(अपने सीधे हरथ से आसन िताबर िताबोनर छु ि और िताबहे)

ॐ प्थ्वी! त्वयर ध्तर लोिताबर दे व्गाव! त्वं व्गावषणुनर ध्तर। त्वं च धररय मरं दे व्गाव! पव्गावतरं िताबुर चरसनम्॥

संकल्प:-********** दरव्गाहने हरथ मे जल ले। मै ……..अमुिताब……… रोतर मे जन्मर,……… ………. यहरँ आपिताबे व्गापतर िताबर नरम……….
……… िताबर पुतर……………………….. व्गानवरसी…………………..आपिताबर पतर………………………. आज ससभी दे वी-दे वतरओ िताबो सरराी मरनते
हि नवदुररर्गा िताबी पुजर, रणपती और रुर जी िताबी पुजर मरँ नवदुररर्गा िताबे िताब्पर और मरतर िताबी खुशी से सररारत दशर्गान िताबी अभसभलरषर िताबे ललि िताबर रहर हँ
जल और सरम्ी िताबो छोड़ दे ।

वविवनयोगः **********

श्रीरणपव्गातजर्गायव्गात ।ऊँ अस्य श्री नवरणर्गा मंन्तरस्य ररहव्गावषणुरूदर ऋषयषयत,

ररयत्र्युषषणरनुपुसभशछन्दरंलस ,श्रीमहरिताबरलीमहरलक्ष्मीमहरसरस्वत्यो दे वतरत,

ऐ बीजम्,ही शल त,क्ली िताबीलिताबम्, श्रीमहरिताबरलीमहरलक्ष्मीमहरसरस्वतीपीत्यथ् जपे व्गावव्गानयोरत।।

ऋष्याददिन्यास:********

ॐ श्रीमरिताबरडेयमेधसऋषयव्गाषायरं नम: - लशरलस ( मंतर पढते हि सर िताबो छु ि)


ॐ ररयतरीयरटद नरनर व्गावधछन्दोायो नम: - मुखे ( मुख िताबो छु ि)

ॐ व्गातरशल रूव्गापणी चषणडिताबरदे वतरयै नम: - हृदये( हृदय िताबो छु ि)

ॐ ऐ बीजरय नम: - रुहेय (जरंघ पर छु ि)

ॐ हृी श ये नम: - परदयो (पैर्र िताबो छु ि )

ॐ क्ली िताबीलिताबरय नम: - नरसभौ (नरसभी िताबो छु ि )

ॐ मम चचधव्गाततसिताबलमनोरथ लसद्यथ् जपे व्गावव्गानयोररय नम: सवरर्गा्वाङरे (सर से पैर तिताब हरथ घुमरि)

करन्यास:**********

ॐ ऐ अंरु"ठरायरं नम: ॐ हृी तजर्गानीायरं नम: ॐ क्ली मधयमरायरं नम: ॐ ऐ अनरधमिताबरायरं नम:

ॐ हृी िताबव्गानष्ठीिताबरायरं नम: ॐ क्ली िताबरतलिताबरप्ष्ठरायरं नम:

हृदियाददिन्यास:********

ॐ ऐ हृदयरय नम: ॐ हृी लशरसे स्वरहर ॐ क्ली लशखरयै वषट् ॐ ऐ िताबवचरय हम् ॐ हृी नेतरतरयरय वौषट्

ॐ क्ली अस्तररय फट्

ददिङ् न्यास:**********

ॐ ऐ परचयै नम: ॐ हृी आगने्यै नम: ॐ क्ली दभराणरयै नम: ॐ ऐ नैॠत्यै नम:

ॐ हृी पव्गातचयै नम: ॐ क्ली उधरवर्गायै नम: ॐ हृी क्ली सभूमयै नम:

(आसन पर बैठे-बैठे ससभी टदशरओ मे हरथ घूमरऐ )

गणपवति का पूजनन करें*********

सवर्गा मंरल मरंरयये लशवे सवरर्गाथर्गासरधधिताबे। शरणये तरयंबिताबे रौरी नरररयभण नमोअस्तुते ॐ श्री ररयत्र्यै नमत। ॐ लसदद् बुदद्सव्गाहतरय श्रीमन्महररणरधध
पतये नमत। ॐ लक्ष्मीनरररयणरायरं नमत। ॐ उमरमहेशररायरं नमत। ॐ वरणीव्गाहरणयरसभरर्गाायरं नमत। ॐ शचीपुरन्दररायरं नमत। ॐ सव्ायो दे वेायो
नमत। ॐ सव्ायो ररहणेायो नमत। ॐ भं सभैरवरय नमत

व्गाफर। रुर पुजन िताबर ले

ॐ रुररर्गाहर रुररवधषणुत रुरद् वो महेशरत। रुरत सररारत पर रह तस्मै श्रीरुरवे नमत ॥ ॐ श्री रुर चरणिताबमलेायो नमत। ॐ श्री रुरवे नमत।
आवरहयरधम, स्थरपयरधम, धयरयरधम।

कलश पूजनन-

ॐ िताबलशस्य मुखे व्गावषणुत िताबंठे रूद समरभश्रतत|

मूले तस्यषस्थतो रहर मधये मरत्रणर स्म्तरत||

िताबुराौ तु सररररत सव् सप्त्ीपर वसुंधरर|

ऋषयगवेदोपपिथ यजुव्दत सरमवेदो अथवर्गाणत||

अंङैश संव्गाहतर सव् िताबलशं तु समरभश्रतत|

अतर ररयतरी सरव्गावतरी शरंव्गातत पुव्गापिताबरी तथर||

सव् समुदरत सररतरस्तीथरर्गाव्गान जलदर नदरत|


आयरन्नु दे वपूजरथर्गा दररतत रायिताबररिताबरत ||

रंरे च यमुने चैव रोदरवरी सरस्वव्गातत |

नमर्गादे ससधधु िताबरवेरी जलपपिसस्मन् संव्गानधध िताबुर ||

(पञ्चपयलव, अरात, िताबुंिताबुम, तरमबूल/परन, सुपररी तथर

नव्ह पूजन मंतर

नविग् पूजनन*********----

व्गानमन मंतर िताबर उचचररण िताबरते हि दरिँ हरथ से अरात अरपधत िताबरते हि ्ह्र िताबर आह्रन व्गािताबयर जरतर है।

नव्ह पूजन

सूजयर : सबसे पहले सूयर्गा िताबर आह्रन व्गािताबयर जरतर है क्य्रव्गािताब ससभी ्ह सूयर्गा िताबी पररकमर िताबरते है। रोली से रंरे हि लरल अरात और लरल रंर िताबे पुषप
लेिताबर व्गानमन मंतर से सूयर्गा िताबर आह्रन िताबरे -

ॐ आ िताब्षणेन रजसर वतर्गामरनो व्गानवेशयन्नम्तं मत्यर च ।

व्गाहरणयेन सव्गावतर रथेनर दे वो यरव्गात सभुवनरव्गान पशयन् ॥

जपर िताबुसमसंिताबरशं िताबरशयपेयं महराुव्गातम् ।

तमोपपिररध सवर्गापरपघनं सूयर्गामरवरहयरमयहम् ॥

ॐ सभूसभुर्गावत स्वत िताबसलधरदे शोदव िताबशयपरोतर र वणर्गा सभो सूयर्गा! इहररचछ, इहव्गातष्ठ

ॐ सूयरर्गाय नमत, श्री सूयर्गामरवरहयरधम स्थरपयरधम च ।

सभरवरन लशव िताबे पूजन िताबे सरथ नव्ह पूजन िताबर व्गावशेष महत्व ्ंथ -पुररण्र मे ववणधत है। नव्ह-पूजन िताबे ललि पहले ्ह्र िताबर आह्रन िताबरिताबे
उनिताबी स्थरपनर िताबी जरती है। बरिँ हरथ मे अरात लेिताबर व्गानमन मंतर िताबर उचचररण िताबरते हि दरिँ हरथ से अरात अरपधत िताबरे।

चंद : शेत अरात और पुषप बरिँ हरथ मे लेिताबर दरिँ हरथ से अरात और पुषप छोड़ते हि व्गानमन मंतर से चंद िताबर आह्रन िताबरे -

ॐ इमं दे वर असनप(रुँ) सुवधवं महते रातररय

महते जयेषषरय महते जरनररजयरयेन्दस्येटदयरय ।

इमममुषय पुतरममुषयै पुतरमस्यै व्गावश िष वोपपिमी

ररजर सोमोपपिस्मरिताबं ररहणरनर(रु)ँ ; ररजर ॥

दधधशंखतुषरररसभं राीरोदरणर्गावसमसभवम् ।

जयोत्स्नरपततध व्गानशरनरथं सोममरवरहयरमयहम ॥

ॐ सभूसभुर्गावत स्वत यमुनरतीरोद्व आतरेय रोतर शुक्लवणर्गा सभो सोम! इहररचछ, इहव्गातष्ठ

ॐ सोमरय नमत, सोममरवरहयरधम, स्थरपयरधम च ।

मंगल : लरल पुषप और लरल अरात दरिँ हरथ मे लेिताबर बरिँ हरथ से छोड़ते हि व्गानमन मंतर से मंरल दे वतर िताबर आह्रन िताबरे -

ॐ अननगनमूर्गाधरर्गा टदवत िताबुिताबुत्पव्गातत प्लथव्यर अयम्।

अपर(रु)ँ श्रेतर(रुँ)लस दजन्वव्गात ॥


धरणीरसभर्गासमसभूतं व्गावाुत्तज
े स्समपसभम् ।

िताबुमररं शल हस्तं च सभौममरवरहयरमयहम् ॥

ॐ सभूसभुर्गावत स्वत अवननन्तदे शोदव सभरर्रजरोतर र वणर्गा सभो सभौम! इहररचछ, इहव्गातष्ठ

ॐ सभौमरय नमत, सभौममरवरहयरधम स्थरपयरधम च ।

बुधः-- व्गापयंरु िताबललिताबर शयरमं रपेणपव्गातमं बुधम् । सौमयं सौमयरुणोपेतं तं बुधं पणमरमयहम् ॥

गुरुः-- दे वरनरं च ऋषयषीणरं च रुरं िताबरंचनसधन्नसभम् । बुदद्सभूतं व्गातरलोिताबेशं तन्नमरधम व्हस्पव्गातम् ॥

शुक्रः-- व्गाहम िताबुन्दम्णरलरसभं दै त्यरनरं परमं रुरम् । सवर्गाशरस्तर पव ररं सभररर्गावं पणमरमयहम् ।

शवनः-- नीलरंजनसमरसभरसं रव्गावपुतरं यमर्जं । छरयरमरतर्गाणडसंसभूतं तन्नमरधमशनैशरम् ॥

राहुः-- अद्र्गा िताबरयं महरवीरं चन्दरटदत्यव्गावमदर्गा नम् । ससधव्गाहिताबररसभर्गा संसभूतं तं ररहं पणमरमयहम् ॥

केतिुः-- पलरश पुषप संिताबरशं तररिताबर्ह मस्तिताबम् । रौदं रौदत्मिताबं घोरं तं िताबेतु पणमरमयहम् ॥

इन मंतर्र से आह्रन िताबे बरद व्गावधध पूवर्गािताब नौ्ह्र िताबर पूजन िताबरे । तदन्तर हरथ जोड़ िताबर परथर्गानर िताबरे -

रहर मुररररत व्गातरपुररन्तिताबररी सभरनु शशी सभूधम सुतो बुधश ।

रुरश शको शव्गान ररह िताबेतवत सव् ्हरत शरननन्त िताबरर सभवन्तु ॥

षोडश मातिृका पूजनन-****************

रौरी पदर शची मेधर सरव्गावतरी व्गावजय जयर

दे वसेनर स्वधर स्वरहर मरतरो लोिताब मरतरर ||

ध्व्गात पुव्गाप स्तथर तुव्गाप ररत्मन: िताबुलदे वतर

रणेशे नरधधिताबर होतर व्द्ौ पूजयश षोडश:|

ॐ षोडश मरत्िताबर परां अघयर

आचमनीयं समपर्गायरधम |

परां-

उषणोदिताबं व्गानमर्गालश सवर्गा सौरंध संयुतम्|

परद परारयय नरथरय द्तंते पव्गात रुहतरम् ||

श्री रणेशरममबिताबरायरं नमत परां समपर्गायरधम |

(पुषप से जल डरले|)

अघयर-

तरम्र परतरे षस्थतं तोयं रंध पुषप फलरननन्वतम्

सव्गाहरणयं ददरमयधयर र्हरण् रणनरयिताब ||

श्री रणेशरममबिताबरायरं नमत अघयर समपर्गायरधम |


(अघयर्गा अरपधत िताबरे|)

अब दुररर्गा मरँ िताबी आररधनर िताबरे "श्री जरदमबरयै दुररर्गा दे व्यै नमत"

दुररर्गा दे वीमरवरहरधम बोलिताबर परथर्गानर िताबरे,

इन रुलरबो िताबे ससभी रन्ध से व्गातलिताब िताबरे। और स्वयँ िताबो सभी व्गातलिताब िताबर ले।

आवरहन : आवरहनरथ् पुषपरंजली समर्गापयरधम।

आसन : आसनरथ् पुषपरभण समपर्गायरधम।

परद : परायर : परा समपर्गायरधम।

अघयर्गा : हस्तयो : अघयर्गा स्नरनत ।

आचमन : आचमन समपर्गायरधम।

स्नरन : स्नरनरटद जलं समपर्गायरधम।

स्नरनरंर : आचमन : स्नरनन्ते पुनररचमनीयं जलं समपर्गायरधम।

दुधध स्नरन : दुगध स्नरन समपर्गायरधम।

दव्गाह स्नरन : दधध स्नरनं समपर्गायरधम।

घ्त स्नरन : घ्तस्नरनं समपर्गायरधम।

शहद स्नरन : मधु स्नरनं समर्गापयरधम।

शिताबर्गारर स्नरन : शिताबर्गारर स्नरनं समपर्गायरधम।

पंचरम्त स्नरन : पंचरम्त स्नरनं समपर्गायरधम

शुद्ोदिताब स्नरन : शुद्ोदिताब स्नरनं समपर्गायरधम

ॐ अपूवर्गा सौन्दयरयै, नवदुररर्गा दे व्यै लसद्ये नमत। मोली/िताबलवर चढरये :

वस्तरम् समपर्गायरधम ॐ नवदुररर्गा दे व्यै नमत िताबपड़र चढरये

रुलरब िताबर इतर चढरये : रन्धम समपर्गायरधम ॐ नवदुररर्गा दे व्यै नमत

व्गाफर चरवल (व्गाबनर टु टे) : अरातरन् समपर्गायरधम ॐ नवदुररर्गा दे व्यै नमत

पुषप : पुषपरभण समपर्गायरधम ॐ नवदुररर्गा दे व्यै नमत

अररबत्ती : धूपम् आघ्ररपयरधम ॐ नवदुररर्गा दे व्यै नमत

दीपिताब (दे शी घी िताबर) : दीपिताबं दशर्गायरधम ॐ नवदुररर्गा दे व्यै नमत धमठरा से पुजर िताबरे।:

नैवेां व्गानवेदयरधम ॐ नवदुररर्गा दे व्यै नमत

अब रुर मंतर िताबी ििताब मरलर जप िताबरिताबे ....मूल मंतर िताबी 11 मरलर से लेिताबर दजतनी सरधिताब जरप िताबर सिताबे िताबर सिताबतर है

मूल मंतर दजसिताबी सरधिताब सरधनर िताबरनर चरहे जैसे नवरणर्गामंतर/ िताबरली मंतर उसिताबर जरप आप िताबर सिताबते है ,हमररे ्ररर यहरँ यंतर िताबे अनुसरर नवरणर्गा
मंतर टदयर जर रहर है

नविाणर मंत -( ऊँ ऐ ह् कल् चामु्डाय ह ववििचचे )


जो सरधिताब मरँ दुररर्गा िताबे व्गािताबसी अन्य मंतर िताबर जरप िताबरनर चरहते है वह यहरँ अन्य मंतर िताबर जरप िताबर सिताबते है

इस मंतर िताबे जरप िताबे दशरंश हवन िताबरनर होतर है जैसे 11 मरलर जरप व्गािताबयर तो 1188 बरर हवन आहव्गातयरं,

118 बरर तपर्गाण ,11 बरर मरजर्गान िताबरनर पड़तर है,

हवन आहव्गातयरं नवरणर्गा मंतर बोलते हि दे नी है ,

तिपरण ********-----तपर्गाण िताबे ललि ििताब बढे िताबटोरे मे जल ले उसमे िताबुछ बूंद रंररजल िताबी डरल दे ओर दूध ,शहद,िताबपूर, पूषप डरल दे ओर दरव्गाहने
हरथ मे िताबटोरे िताबर जल ऊरललय्र मे लेिताबर यर फूल डु बोिताबर, व्गानमन मंतर बोलिताबर वरपस िताबटोरे मे डरल दे ......ऐ ही क्ली तपर्गायरधम नमत।

मानरन -**************-तपर्गाण िताबर दशरंश मरजर्गान होतर है दजसमे उस तपर्गाण वरले िताबटोरे िताबे जल िताबी बूंद अपने दरव्गाहने हरथ िताबी ऊंरललय्र से लेिताबर
मंतर बोले ऐ ही क्ली मरजर्गायरधम नमत ओर जल अपने मरथे पर आँख्र िताबे बीच लरर ले

व्गाफर हवनिताबुंड िताबे चरर्र ओर अलर से जल लेिताबर जल तीन बरर घुमरिताबर जमीन पर छोड़ दे

अब जय मरँ अमबे आरती िताबरे........

॥ रामर परथर्गानर॥

अपररधसहस्ररभण, व्गाकयन्तेपपिहॢनशं मयर।

दरसोपपियधमव्गात मरं मत्वर, रामस्व परमेशरर॥ १॥

आवरहनं न जरनरधम, न जरनरधम व्गावसजर्गानम्।

पूजरं चैव न जरनरधम, रामयतरं परमेशरर॥ २॥

मंतरहीनं व्गाकयरहीनं, सभल हीनं सुरेशरर।

यत्पूदजतं मयर दे व, पररपूणर तदस्तु मे॥ ¢॥

अपररधशतं िताब्त्वर, जरदमबेव्गात चोचचरेत्।

यरं रततध समवरपोव्गात, न तरं रहरदयत सुररत॥ ४॥

सरपररधोपपिसस्म शरणं, परप्तस्त्वरं जरदममबिताबे।

इदरनीमनुिताबमप्योपपिहं, यथेचछलस तथर िताबुर॥ ५॥

उपर दीये व्गावधध मे लसफर्गा पढिताबर िताबरनर है यरद नही िताबरनर है लसफर्गा मूल मंतर यरद िताबरनर है व्गावधध मे पूरी तरह से जरनिताबररी दे ने िताबर पयरस व्गािताबयर रयर
है यटद सरधिताब िताबो व्गावधध लंबी लर रही हो तो िताबलश पूजन, नव्ह पूजन, मरत्िताबर पूजन लसफर्गा चंदन िताबुमिताबुम लररिताबर िताबर ले मंतर्र िताबो नर पढे ,

नव्ह 9 सुपररी रखिताबर बनर ले दजनिताबो आधखरी टदन ही हटरनर है, षोडश मरत्िताबर आप चरर रंर्र िताबी दरल यर अनरज से 16 ढे र बनर ले ओर मंतर्र
िताबो पढे ़,यह ससभी जैसे िताबलश ,नव्ह ,मरत्िताबर आप बनरऐरे पूरी सरधनर िताबे दीन बने रहने दे रोज रोज नही बनरनर है यह सरधनर आप नवररव्गातर मे
यर 11 टदन अपने अनुसरर िताबर सिताबते है आधखरी टदन यर हवन िताबे अरले टदन िताबन्यरसभोजन, िताबररये ........

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