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अकबर (1542-1605 ई.

)- मुगल साम्राज्य का महानतम शासक। उसने


मग
ु ल साम्राज्य का विस्तार ककया और उसे मख्
ु य रूप से धार्मिक
सहहष्णुता और राजपूतों के साथ र्मत्रतापूणि सम्बंधों के र्लए जाना
जाता है । उसने एक नए धार्मिक पंथ ‘दीन-ए-इलाही की स्थापना
की।
अल बरूनी (970-1039 ई.)- प्रर्सद्ध लेखक जो महमद
ू गजनिी के
साथ भारत आया और भारत पर विश्ि प्रर्सद्ध ककताब ‘ककताब-
उल-हहंद र्लखी।
अलाउद्दीन बहमन शाह- बहमनी राज्य के संस्थापक।
अलाउद्दीन खिलजी- हदल्ली सल्तनत का सबसे सक्षम शासक
जजसने मल्
ू य ननयंत्रण प्रणाली लागू की। इसके शासनकाल के दौरान
हदल्ली सल्तनत का सबसे ज्यादा विस्तार हुआ।
अलबक
ु कक (1453-1515 ई.)- भारत में पुतग
ि ाली िायसराय। 1510 ई. में
उसने गोिा ि दीि पर अधधकार जमाया।
अल्बर्क आइंस्र्ीन (1879-1955 ई.)- न्यूटन के बाद महानतम ्
िैज्ञाननक। 1905 में ‘किांटम र्सद्धांत का प्रयोग करके ‘फोटो
विद्युत प्रभाि की व्याख्या की। द्रव्यमान ि ऊजाि के मध्य सम्बंध
स्थावपत करने के र्लए श्ि=द्िष ्२ समीकरण का प्रनतपादन ककया।

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ब्राऊननयन गनत की व्याख्या करके परमाणु र्सद्धांत की पुजष्टï की।
सापेक्षता के विर्शष्टï र्सद्धांत (Special Theory of relativity) का
प्रनतपादन ककया। 1916 में सापेक्षता के सामान्य र्सद्धांत (General
theory of relativity) का प्रकाशन। 1921 में नोबेल पुरस्कार।
एलेन ऑक्र्ोवियन ह्यूम (1829-1912 ई.)- ब्रब्रहटश सरकार में र्सविल
सर्ि िेंट जजन्होंने भारतीय राष्टरीय कांग्रेस की स्थापना में महत्िपूणि
भर्ू मका ननभाई।
अमीर िुसरो (1255-1325 ई.)- इनको ‘पैरेट ऑफ इंडिया कहा जाता
है । िे प्रर्सद्ध साहहत्यकार, इनतहासकार ि संगीतज्ञ थे। सफ
ू ी संत
हजरत ननजामुद्दीन और्लया के र्शष्य के रूप में प्रर्सद्ध।
अदक शीर- 226 ई. में ईरान में सस्साननद िंश के संस्थापक।
अलेक्जेंडर ग्राहम बेल (1847-1922 ई.)- स्कॉहटश अमेररकी, जजसने
टे लीफोन का आविष्कार ककया।
अरस्तू (384-322 ई. प.ू )- ग्रीक दाशिननक, साहहत्यकार ि िैज्ञाननक।
र्सकंदर महान के र्शक्षक ि प्लेटो के र्शष्य। उन्होंने तकिशास्त्र
(Logic) की स्थापना की।
आयकभट्र् (476-520 ई.)- भारतीय खगोलशास्त्री ि गणणतज्ञ जो
चंद्रगुप्त विक्रमाहदत्य के नौ रत्नों में से एक थे। उन्हें बीजगणणत

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(algebra) के आविष्कार का श्रेय है । िे पहले खगोलशास्त्री थे
जजन्होंने बताया कक पथ्
ृ िी अपने अक्ष पर घूमती है ।
अशोक महान (शासन 269-232 ई. प.ू )- प्राचीन भारत का महानतम
शासक। 261 ई. पू. में कर्लंग यद्
ु ध के पश्चात ् उसने हहंसा का मागि
छोड़कर बौद्ध धमि अपना र्लया।
अश्िघोष- कुषाण सम्राट कननष्क के अध्याजत्मक गरू
ु , जजन्होंने
प्रर्सद्ध बौद्ध ग्रंथ ‘बद्
ु धचररतम ्’ की रचना की।
अतातक
ु क कमाल (1881-1938 ई.)- तक
ु ी जनरल ि राजनीनतज्ञ।
उन्होंने तक
ु ी में णखलाफत का अंत करके िहााँ गणतंत्र की स्थापना
की और तक
ु ी को एक आधुननक धमिननरपेक्ष दे श के रूप में स्थावपत
ककया।
आंद्रे मेरी एम्पपयर (1775-1836 ई.)- फ्ांसीसी िैज्ञाननक जजसने
एजम्पयर के ननयमों का प्रनतपादन ककया। विद्यत
ु धारा की इकाई का
नामकरण इन्हीं पर ककया गया है ।
अलेक्जेंडर फ्लेममंग (1881-1955 ई.)- स्कॉहटश िैज्ञाननक जजन्होंने
प्रथम एंटीबायोहटक ‘पेनीर्सर्लन’ की खोज 1928 में की।
ऑर्कर कॉपपर्न (1892-1962 ई.)- अमेररकी भौनतकविद् जजन्हें 1927
में ‘कॉम्पटन प्रभाि’ (Compton Effect) की खोज के र्लए नोबेल

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पुरस्कार प्रदान ककया गया। ‘कॉम्पटन प्रभाि’ से ही प्रकाश के
द्विस्िभाि(Dual nature) की जानकारी हुई।
अनेस्र् रदरफोडक (1871-1937)- प्रर्सद्ध भौनतकविद जजन्होंने
परमाणु की संरचना की खोज की जजससे नार्भकीय युग (Nuclear
Age) की शुरुआत हुई।
अल्रेड नोबेल (1833-1896 ई.)- स्िीडिश रसायनविद ि आविष्कारक।
इन्होंने िाइनामाइट का आविष्कार ककया और इन्हीं के नाम से
धचककत्सा, साहहत्य, अथिशास्त्र, भौनतकी, रसायनशास्त्र और शांनत के
र्लए प्रत्येक िषि नोबेल परु स्कार प्रदान ककया जाता है ।
ऑगस्र्स (63 ई. पू. – 14 ई.)- प्रथम रोमन सम्राट। उन्होंने र्मस्र पर
विजय प्राप्त की और रोम में नैनतक धार्मिक सध
ु ारों को लागू ककया।
आककममडीज़ (287-212 ई. प.ू )- ग्रीक के प्रर्सद्ध गणणतज्ञ जजनको
‘उत्प्लािन के र्सद्धांतों (Principle of buoyancy) के प्रनतपादन का
श्रेय है ।
इयम्ू क्लड (330-260 ई. प.ू )- यन
ू ान के प्रर्सद्ध गणणतज्ञ जजन्होंने
ज्यार्मनत (geometry) में अनेक महत्िपूणि खोजें कीं।
एडविन पॉिेल हब्बल (1869-1953 ई.)- अमेररकी खगोलविद जजन्होंने
सबसे पहले ब्रह्मि के अकल्पनीय आकार की खोज की।

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औरं गजेब- (1618-1707 ई.)- मुगल सम्राज्य का अंनतम महान सम्राट
जजसने साम्राज्य का सद
ु रू दक्षक्षण तक विस्तार ककया, ककन्तु उसकी
धार्मिक असहहष्णुता की नीनत ने मुगल राज्य को धकका पहुाँचाया।
बाबर (1483-1530 ई.)- भारत में मग
ु ल साम्राज्य का संस्थापक
जजसने अप्रैल 1526 में पानीपत के युद्ध में इब्राहहम लोदी को परास्त
ककया। तक
ु ी में आत्मकथा ‘तज
ु क
ु -ए-बाबरी र्लखी।
बाणभट्र्- हषििद्र्धन के दरबारी कवि। प्रर्सद्ध कृनत ‘हषिचररत।
बाडेन पािेल (1857-1941 ई.) – बॉय स्काउट्स मि
ू मेंट के संस्थापक
(1908 ई.)।
बालाजी विश्िनार्- मराठा साम्राज्य के प्रथम पेशिा (1731 ई.)।
बलिन, गगयास-उद्-दीन- हदल्ली सल्तनत के सल्
ु तान (1265-86)।
उसने ‘सजदा ि ‘पाएबोस जैसे तक
ु ी ररिाजों को अपने दरबार में लागू
ककया।
बबर्ोिन- विश्ि के महानतम संगीतकारों ि कम्पोजरों में से एक।
बेसंर्, एनी (1846-1933 ई.)- आयररश सामाजजक सध
ु ारक, 1917 में
भारतीय राष्टï््रीय कााँग्रेस की प्रथम महहला अध्यक्ष। 1916 में होम
रूम लीग की स्थापना की।

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भीमराि अपबेडकर (1891-1956 ई.)- दर्लतों के मसीहा। भारतीय
संविधान के ननमािता जो 1947 से 1951 के मध्य भारत के कानन

मंत्री रहे ।
बबपबसार (शासन 544-493 ई. प.ू )- मगध राज्य के प्रथम महत्िपण
ू ि
राजा।
बबस्माकक (1815-1898 ई.)- 19िीं शताब्दी में जमिनी के सिािधधक
सशकत राजनीनतज्ञ जजन्होंने जमिनी का एकीकरण करके उसकी
स्थापना की।
बोस, सुभाषचंद्र (1897-1945 ई.)- इन्हें ‘नेताजी के उपनाम से जाना
जाता है । िे एक शजकतशाली राष्टï््रिादी नेता थे जो भारतीय
राष्रीय कााँग्रेस के अध्यक्ष भी रहे । द्वितीय विश्ियुद्ध के दौरान
उन्होंने आजाद हहंद फौज की स्थापना करके अंग्रेजों से टककर ली।
भाभा, डा. होमी जे. (1909-1966 ई.)- भारत के ख्यानत प्राप्त िैज्ञाननक।
भारतीय अणु कायिक्रम के जनक माने जाते हैं।
भगत मसंह– प्रर्सद्ध क्रांनतकारी ि विचारक जजन्हें लाहौर षियंत्र केस
में फांसी दी गई।
भास्कराचायक (जन्म 1114 ई.) – प्रर्सद्ध गणणतज्ञ ि खगोलशास्त्री।
प्रर्सद्ध कृनत- र्सद्धांत र्शरोमणण।

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बोस, नंद लाल- प्रर्सद्ध भारतीय धचत्रकार जजन्होंने कई प्रर्सद्ध
पेंहटंग्स बनाईं।
बुद्ध, गौतम (523 ई. प.ू -453 ई. प.ू )- बौद्ध धमि के संस्थापक गौतम
बद्
ु ध का जन्म नेपाल के लजु म्बनी में हुआ था। िे कवपलिस्तु के
राजा शुद्धोधन के पुत्र थे। उन्होंने संसार का त्याग ककया और ज्ञान
की प्राजप्त के बाद बद्
ु ध कहलाये।
सीज़र, जूमलयस (100-44 ई. प.ू )- रोमन जनरल ि तानाशाह। उसने
गाउल पर विजय प्राप्त की, राइन नदी पार करके ब्रब्रटे न पर दो बार
आक्रमण ककया।
चैतन्य (1485-1533 ई.)- कृष्ण भकत संत जजन्होंने उड़ीसा, बंगाल ि
पूिी दककन में कृष्ण भजकत का प्रचार-प्रसार ककया।
चाणक्य (चौर्ी सदी ई. प.ू )- चाणकय को कौहटल्य के नाम से भी जाना
जाता है । उनकी कृनत ‘अथिशास्त्र आज भी लोगों के मध्य प्रर्सद्ध है ।
िह चंद्रगुप्त मौयि के गुरू ि प्रधानमंत्री थे। इनकी मौयि िंश की
स्थापना में महत्िपण
ू ि भर्ू मका थी।
चंद्रगप्ु त मौयक (शासन 321-298 ई. प.ू )- मौयि साम्राज्य के संस्थापक।
उन्होंने मौयि साम्राज्य का अफगाननस्तान तक विस्तार ककया। इनके
शासनकाल के दौरान ग्रीक राजदत
ू मेगास्थनीज़ भारत आया था।

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चंगेज िान (1162-1227 ई.) – मंगोल योद्धा जजसने मंगोल साम्राज्य
को चीन, रूस के अधधकााँश भागों और पि
ू ि में काला सागर तक
फैलाया। चंगेज खान का साम्राज्य अभी तक का सिािधधक विशाल
साम्राज्य था।
गचयांग काई शेक (1887-1975 ई.)- चीनी राजनीनतज्ञ जजन्हें चीन के
एकीकरण का श्रेय हदया जाता है (1926-28 ई.)। बाद में राष्टï््रिादी
सरकार का नेतत्ृ ि ककया। (1928-49 ई.)। 1949 ई. में चीनी क्रांनत के
बाद ताइिान में ननिािर्सत सरकार का नेतत्ृ ि।
क्लाइि, रॉबर्क (1725-1774 ई.)- भारत में ब्रब्रहटश साम्राज्य का
संस्थापक। 1757 ई. में प्लासी की लड़ाई में बाँगाल के शासक
र्सराजुद्दौला को परास्त करके ब्रब्रहटश राज्य की नींि रखी।
कोलपबस, क्रिस्र्ोफर (1451-1506 ई.)- इतािली भौगोर्लक
अन्िेषणकताि, जजन्होंने 1498 ई. में अमेररका की खोज की।
कोपरननकस, ननकोलस (1473-1543 ई.) – पोर्लश खगोलशास्त्री
जजन्होंने प्रनतपाहदत ककया कक पथ्ृ िी सहहत सभी ग्रह सय
ू ि की
पररक्रमा करते हैं।

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साइरस- ईरान का महान शासक जजसने बेबीलोन को 539 ई. प.ू में
पराजजत करके अपने साम्राज्य को एर्शया माइनर (तक
ु ी) तक
फैलाया।
दादा भाई नौरोजी (1825-1917 ई.)- ‘ग्रैंि ओल्ि मैन ऑफ इंडिया के
नाम से विख्यात दादा भाई नौरोजी तीन बार भारतीय राष्रीय कााँग्रेस
के अध्यक्ष रहे । ब्रब्रहटश हाउस ऑफ कॉमंस के र्लए ननिािधचत होने
िाले प्रथम भारतीय।
दारा मशकोह (1614-1659 ई.)- मग
ु ल सम्राट शाहजहााँ का िररष्ठï पत्र

जजसकी हत्या औरं गजेब ने करिाई थी। धार्मिक सहहष्णुता के र्लए
प्रर्सद्ध दारा ने ‘गीता का फारसी में अनुिाद करिाया था।
दारा प्रर्म (548-486 ई. प.ू )- फारस के सम्राट। उन्होंने 490 ई. पू. में
यूनान पर आक्रमण ककया, ककंतु मैराथन के मैदान में पराजजत।
दयानंद सरस्िती (1824-1883 ई.)- इन्होंने 1875 में सामाजजक
कुरीनतयों को र्मटाने के र्लए ‘आयि समाज की स्थापना की। िेदों के
ईश्िरीय िाणी होने का समथिन करते हुए उन्होंने ‘सत्याथि प्रकाश की
रचना की।
डुप्ले (1697-1764 ई.)- भारत में फ्ांसीसी गिनिर-जनरल जजसने
अंग्रेजों के णखलाफ द्वितीय कनािटक युद्ध में विजय प्राप्त की।

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एडविन लुर्एंस- ब्रब्रहटश िास्तक
ु ार जजसने नई हदल्ली का ननमािण
ककया।
आइजनहािर, ड्विर् डेविड (1890-1969 ई.)- द्वितीय विश्ियुद्ध के
दौरान र्मत्र सेनाओं के सिोच्च कमांिर। बाद में िे सं. रा. अमेररका
के 34 िें राष्रपनत बने।
एकनार्- मध्यकालीन भजकत आंदोलन के संत ि कवि जजन्होंने
मराठी भाषा के विकास में महत्िपूणि भूर्मका ननभाई। उन्होंने
जानतप्रथा का कड़ा विरोध ककया।
फाह्यान- चंद्रगुप्त विक्रमाहदत्य के समय में भारत आने िाला पहला
चीनी यात्री। उसके लेखों को गप्ु त काल का ऐनतहार्सक प्रमाण माना
जाता है ।
क्रफरदौसी (930-1020 ई.)- फारसी भाषा के प्रर्सद्ध कवि जजनकी
कालजयी कृनत ‘शाहनामा में प्राचीन फारस की गाथा गाई गई है।
फ्लोरें स नाइर्ें गल (1820-1910 ई.)- क्रीर्मया यद्
ु ध में घायल सैननकों
की सेिा हे तु संगहठत प्रयास करने िाली प्रर्सद्ध नसि। इन्हें ‘लेिी
विद द लैम्प के उपनाम से भी जाना जाता है ।

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गुरू गोबबंद मसंह (1666-1708 ई.)- र्सकखों के दसिें ि अंनतम गुरू
जजन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की (आनंदपरु , 1699 ई.)। र्सकखों
को एक लड़ाकू जानत के रूप में व्यिजस्थत ककया।
गााँधी, महात्मा (1869-1948 ई.)- बापू ि राष्टï््रवपता के नाम से
विख्यात महात्मा गााँधी को विश्ि के महानतम व्यजकतयों में से एक
माना जाता है । उन्होंने भारत को आजादी हदलाने के र्लए सत्याग्रह
ि अहहंसा जैसे अर्भनि अस्त्रों का प्रयोग ककया। 30 जनिरी, 1948
को नाथूराम गोड़से ने उनकी हत्या कर दी।
गैरीबाल्डी (1807-1882 ई.)- इटली के एकीकरण में मुख्य भूर्मका
ननभाई। इन्होंने मैजजनी के साथ र्मलकर इटली में ‘यंग इटली
मि
ू मेंट चलाया।
गोपाला- बाँगाल के पाल िंश के संस्थापक (750 ई.)।
गोविन्द- महानतम राष्रकूट शासक जजसने प्रनतहार, चोल, पांड्य,
गंगा ि पल्लि को हराया।
गुरू नानक दे ि (1469-1538 ई.)- र्सकख धमि के संस्थापक और प्रथम
गरू
ु । इनका जन्म नानकाना साहहब (पाककस्तान) में हुआ था।
गुरू तेग बहादरु - ये र्सकखों के नौिें गुरू थे। 1675 ई. में औरं गजेब ने
इनकी हत्या करिा दी थी।

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कैप्र्े न जेपस कुक (1728-1779 ई.)- ब्रब्रहटश नौचालक जो अंटाकिहटक
ित्त
ृ दक्षक्षण की यात्रा करने िाले प्रथम मानि बने। उन्होंने प्रशांत
महासागर की भी खोज की।
चाली चैपमलन (1889-1977 ई.)– इंग्लैण्ि में जन्में विश्िविख्यात
अमेररकी हास्य अर्भनेता और ननदे शक। प्रमुख कफल्में- ‘द रै म्प, ‘द
ककि, ‘द गोल्ि रस, ‘द सकिस, ‘र्सटी लाइट्स, ‘द ग्रेट डिकटे टर,
‘लाइमलाइट।
चाल्र्स डाविकन (1809-1862 ई.)- महान जीि िैज्ञाननक, जजन्होंने
दक्षक्षणी सागर के िन्य जीिन का गहरा अध्ययन करने के उपरांत
अपनी पुस्तक ‘द ओरीजजन ऑफ स्पीसीज़ की रचना की। उनके
अनस
ु ार मानि का विकास िानर समान पि
ू ज
ि से हुआ है ।
चाल्र्स डडकेन्स (1812-1870 ई.)- विकटोररयन इंग्लैंि के महानतम
उपन्यासकारों में से एक। प्रर्सद्ध उपन्यास ‘ऑर्लिर ट्विस्ट’, ‘ग्रेट
एकसपेकटे शन्स, ‘िेविि कॉपरफील्ि आहद।
कन्फ्यमू शयस (लगभग 551-479 ई. प.ू )– चीनी दाशिननक और
राजनीनतक धचंतक, जजनके धचंतन का प्रभाि चीन में आधुननक काल
तक रहा।

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कालक बेंज (1844-1929 ई.)- जमिन इंजीननयर जजन्होंने 1895 ई. में
आंतररक दहन इंजन (Internal Combustion Engine) का आविष्कार
ककया।
एडिडक जेन्नेर (1749-1823 ई.)- अंग्रेज िैज्ञाननक जजसने चेचक
(Small Pox) के टीके का आविष्कार ककया।
गैबियल फारे नहाइर् (1686-1736 ई.)- जमिन-िच िैज्ञाननक जजन्होंने
प्रथम मरकरी और फारे नहाइट थमािमीटर का ननमािण ककया।
गग्ु लीमो मारकोनी (1874-1937 ई.)- इतालिी विद्यत
ु इंजीननयर एिं
रे डियो का आविष्कारक। 1909 ई. में उन्हें नोबेल पुरस्कार प्रदान
ककया गया।
गैलीमलयो (1564-1642 ई.)- इतालिी खगोलविद् जजन्होंने शजकतशाली
दरू बीन का आविष्कार ककया और बह
ृ स्पनत के उपग्रहों की खोज की।
उन्होंने सूय-ि केजन्द्रत कोपरननकस र्सद्धांत का समथिन ककया,
जजसके फलस्िरूप उन्हें मत्ृ यद
ु ं ि हदया गया।
ग्रेगर जोहन मेंडल (1822-1884 ई.)- ऑजस्रयाई िनस्पनतशास्त्री
जजन्होंने अनि
ु ांर्शकता के र्सद्धांतों की खोज की।

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गाट्र्मलब डेमलर (1834-1900 ई.)- आंतररक दहन इंजन के
आविष्कारकताि जजन्होंने कालि बेंज के साथ संयक
ु त रूप से िेमलर
बेंज कम्पनी की स्थापना की।
जॉन डाल्र्न (1766-1844 ई.)– अंग्रेज रसायनशास्त्री जजन्होंने
परमाणु र्सद्धांत का प्रनतपादन ककया और परमाणु भारों (Atomic
Energy) की आिति सारणी का प्रकाशन ककया।
ं र्न (1732-1799 ई.)- अमेररकी जनरल और प्रथम
जॉजक िामशग
राष्रपनत (1789-92 ई.)। 1781 ई. में यॉकिशायर में कॉनििार्लस को
पराजजत ककया जजससे अमेररका को स्ितंत्रता र्मली। 1789 ई. में
अमेररका के प्रथम राष्टï््रपनत बने।
जॉन एफ. कैनेडी (1917-1963 ई.)- 35िें अमेररकी राष्रपनत (1960-
65)। इनके कायिकाल में ही कयूबा र्मसाइल संकट पैदा हुआ (1962
ई.)। ककंतु इनके कायिकाल के दौरान ही ‘आंर्शक परमाणु प्रनतबंध
संधध पर हस्ताक्षर ककए गए (1963 ई.)। 1963 में िलास में हत्या।
जॉन कैबो (1425 -1500 ई.)- इतालिी भौगोर्लक अन्िेषणकताि और
नौचालक। इंग्लैण्ि के शासक हे नरी सप्तम के प्रोत्साहन के अंतगित
उत्तरी अमेररकी की खोज की।

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जॉजक बनाकडक शॉ (1856-1950 ई.)- आयरलैण्ि में जन्में नाटककार एिं
आलोचक। प्रमख
ु नाटक ‘सीज़र एण्ि जकलयोपेरा, ‘मेजर बारबरा,
‘वपग्मेर्लयॉन इत्याहद।
जीसस िाइस्र् (4 ई. प.ू -30 ई.)- ईसाई धमि के संस्थापक, बेथलेहम में
जन्म, बाल्यािस्था नाजरे थ में बीती, जॉन द बैपहटस्ट के द्िारा
बपनतस्मा। 30 ई. में जेरूशलम में आगमन, इनके र्शष्य जुिास ने
धोखा दे कर उन्हें पकड़िाया। ईशननंदा के आरोप में सूली पर चढाए
गए। अपनी मत्ृ यु के दो हदन बाद पुनजीवित हुए।
जेपस िॉर् (1736-1819 ई.)- स्कॉटलैण्ि के इंजीननयर जजन्होंने प्रथम
बार िाष्प शजकत का अिलोकन ककया। इनके नाम पर ही शजकत की
एक मापन इकाई का नाम ‘िाट रखा गया।
जोसेफ प्रीस्र्ले (1733-1804 ई.)- अंग्रेज रसायनशास्त्री जजन्होंने
ऑकसीजन, अमोननया, काबिन मोनो ऑकसाइि, सल्फर
िाईऑकसाइि, हाइड्रोजन सल्फाइि एिं नाइरोजन के ऑकसाइिों की
खोज की।
जॉन ममल्र्न (1608-1674 ई.)- इंग्लैण्ि के ख्यानत प्राप्त महाकाव्य
लेखक और कवि जो अंधे थे। इनके प्रर्सद्ध महाकाव्य- ‘पैरािाइज
लॉस्ट’ तथा ‘पैरािाइज़ गेन्ि’।

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जीन हे नरी डुनेन्र् (1509-1564 ई.)- जस्िज़ समाजसेिी जजन्होंने
रे िक्रॉस की स्थापना की (1864 ई.)। जजनेिा कन्िेंशन की स्थापना में
महत्िपूणि भूर्मका ननभाई।
जम्स्र्ननयन प्रर्म (483-565 ई.)- 537 ई. से रोमन बाइजेजन्टननयाई
सम्राट, जो अपने प्रशासननक सध
ु ारों के र्लए प्रर्सद्ध थे।
जोसे डड सैन मार्र्क न (1778-1850 ई.)- अजेन्टीननयाई क्रांनतकारी
जजन्होंने दक्षक्षणी अमेररकी दे शों को स्पेनी औपननिेशिाद से मुकत
कराने में महत्िपण
ू ि भर्ू मका अदा की। उनके प्रयासों से अजेन्टीना
(1814-16 ई.), धचली (1817-18 ई.) और पेरू (1821 ई.) को स्ितंत्रता
र्मली।
जैकस कार्र्क यर (1491-1577 ई.)- फ्ांसीसी नौचालक जजन्होंने
न्यूफाउं िलैंि (कनािा) की खोज की।
जॉन डनलप (1840-1921 ई.)- स्कॉटलैंििासी िैज्ञाननक जजन्होंने
न्यूमेहटक टायर का आविष्कार ककया।
जेपस जूल (1818-1889 ई.)- इंजग्लश िैज्ञाननक जजन्होंने ऊष्मा के बारे
में क्रांनतकारी ननयम प्रनतपाहदत ककए। ‘ऊजाि के संरक्षण का ननयम
(Law of Conservation of energy) का प्रनतपादन उन्होंने ही ककया।
उन्हीं के नाम पर ऊजाि की इकाई का नामकरण ‘जूल ककया गया।

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जोसेफ स्र्ामलन (1879-1953 ई.)- सोवियत संघ का ननरं कुश शासक।
1922 ई. से सोवियत कम्यनु नस्ट पाटी के महासधचि और 1924 में
सोवियत संघ के शासक। कम्युननस्ट पाटी में अपने विरोधधयों की
हत्या के दोषी। र्मत्र राष्रों के ओर से द्वितीय विश्ियुद्ध में भाग
र्लया। जमिन आक्रमण को ननष्फल ककया।
जॉजक ऑरे िल (1903-1950 ई.)- इंग्लैंििासी उपन्यासकार जजन्होंने
आने िाले भविष्य की तस्िीरें अपने उपन्यासों में पेश कीं। प्रमख

उपन्यास ‘एनीमल फामि’, ‘नाइनटीन एट्टफोर’ आहद।
डब्ल्यू ए. मोजातक (1756-1791 ई.)- ऑजस्रया के प्रख्यात संगीतज्ञ,
जजन्हें विश्ि के सिािधधक प्रर्सद्ध संगीतकारों में से एक माना जाता
है ।
डेन बेन गुरऑन (1886-1993 ई.)- इज़रायली राजनीनतज्ञ और प्रथम
प्रधानमंत्री (1948-53 ई; 1955-63 ई.)।
डेविड (लगभग 1000 ई. प.ू )- एकीकृत इज़रायल के प्रथम राजा और
गोर्लएथ के िधकताि। जीसस क्राइस्ट के पि
ू ज
ि ।
डेंग म्जआओवपंग (1904-1997 ई.)- चीनी कम्यनु नस्ट राजनीनतज्ञ ि
कम्युननस्ट पाटी के महासधचि (1956-57 ई.)। चीन में

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आधुननकीकरण और अथिव्यिस्था सुधार का श्रेय इन्हें ही हदया जाता
है ।
दममत्री मेंडल
े ीि (1834-1907 ई.)- रूसी रसायनशास्त्री जजन्होंने
रासायननक तत्िों की ‘आित्र्त तार्लका’ (PEriodic Table) का
ननमािण करके उसे व्यिजस्थत ककया।
बार्ोलोपयू डडयाज़ (लगभग 1450-1500 ई.)- प्रर्सद्ध पत
ु ग
ि ाली
नाविक जजसने सबसे पहले अफ्ीका के दक्षक्षण-पि
ू ि तट पर जस्थत
‘केप ऑफ गुि होप’ की खोज की।
जोहानेस गुर्ेनबगक (1398-1468 ई.)- जमिन िैज्ञाननक जजन्होंने वप्रंहटंग
मशीन का आविष्कार करके आधुननक वप्रंहटंग का मागि प्रशस्त
ककया।
हपमूराबी (मत्ृ यु 1750 ई. प.ू )- बेबीलोन के सम्राट जजन्होंने जीिन के
प्रत्येक क्षेत्र को संचार्लत करने के र्लए कानन
ू ी संहहता का ननमािण
ककया।
हन्नीबल (247-182 ई. प.ू )- प्राचीन विश्ि के सिािधधक सफल जनरलों
में से एक।

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हषकिद्र्धन (शासन 606-647 ई. प.ू )- उत्तर भारत के अंनतम महान हहन्द ू
सम्राट। उन्होंने अपनी राजधानी थानेसर से कन्नौज स्थानांतररत
की। पुलकेर्शन द्वितीय के हाथों पराजजत।
हे रोडोर्स- ग्रीक दाशिननक जजन्हें ‘इनतहास का जनक’ माना जाता है
र्हर्लर, एडोल्फ (1889-1945 ई.)- ऑजस्रया में जन्मा तानाशाह
जजसका 20िीं सदी में जबदि स्त प्रभाि पड़ा। उसने जमिन पाटी की
स्थापना की और 1933 में दे श का चांसलर बना। 1939 में जमिनी ने
पोलैण्ि पर आक्रमण ककया जजससे द्वितीय विश्ियद्
ु ध की शरु
ु आत
हुई। सोवियत संघ और उत्तरी अफ्ीका में पराजय के बाद उसने
आत्महत्या कर ली।
होमर (9िीं शताब्दी ई. प.ू )- ग्रीक लेखक जजन्होंने कालजयी महाकाव्य
‘द इर्लयि एंि ओडिसी’ का सज
ृ न ककया।
हुमायूाँ (1508-1556 ई.)- बाबर का ज्येष्ठï पुत्र जो 1530 में उसका
उत्तराधधकारी बना। 1540 में शेरशाह सूरी के हाथों पराजय। 1555 में
हदल्ली पर पन
ु : विजय।
है दर अली (1721-1782 ई.) – 1761 ई. में मैसरू के राजा नंजराजा को
अपदस्थ करके है दर अली सुल्तान बना। 1782 में द्वितीय एंग्लो-
मैसूर युद्ध के दौरान मत्ृ यु।

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इब्न बतूता (1304-1378 ई.)- 1333 में भारत आने िाला अफ्ीकी
(तांजजयर) यात्री। उसने आठ िषि भारत मे्े्ं ब्रबताए और मह
ु म्मद-
ब्रबन-तुगलक के शासनकाल के बारे में काफी कुछ र्लखा।
जयदे ि- 12िीं शताब्दी में प्रर्सद्ध संस्कृत कृनत ‘गीत गोविंद’ के
रचनाकार।
कल्हण- 11िीं शताब्दी के कश्मीरी कवि और ‘राजतरं धगणी’ के
लेखक जजसमें कश्मीर के इनतहास का िणिन ककया गया है ।
कालीदास (लगभग 400 ई.)- संस्कृत के महान कवि ि नाट्य लेखक
कालीदास चंद्रगप्ु त विक्रमाहदत्य के नौ रत्नों में से एक थे। उनकी
प्रर्सद्ध कृनतयों में ‘शकंु तला’, ‘रघि
ु ंश’, ‘मेघदत
ू ’, और ‘कुमार
संभि’ शार्मल हैं।
कंबन- िे चोल सम्राट के दरबारी कवि थे और उन्होंने रामायण का
तर्मल भाषा में अनुिाद ककया।
कननष्क (120-162 ई.)- कुषाण िंश का महानतम सम्राट; बौद्ध धमि
का उपासक जजसका साम्राज्य मध्य-एर्शया तक फैला था।
कररकाल- दस
ू री शताब्दी ई. का प्रर्सद्ध चोल सम्राट जजसने
साम्राज्य की राजधानी पुहार (ितिमान कािेरीपट्टनम) का ननमािण
कराया।

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कबीर (1440-1515 ई.)- ननगण
ुि भजकत धारा के संत कवि और रामानंद
के र्शष्य कबीर ईश्िर की अखंिता में विश्िास करते थे और हहंद-ू
मुजस्लम एकता के पक्षधर थे।
िारिेल- कर्लंग (उड़ीसा) का प्राचीनकाल में महानतम सम्राट जजसके
बारे में ‘हाथीगुम्फा र्शलालेख’ से जानकारी र्मलती है ।
ख्िाज़ा मइ
ु नद्
ु दीन गचश्ती (12िीं शताब्दी)- भारत में धचश्ती र्सलर्सले
के संस्थापक सफ
ू ी संत। िे 1192 में भारत आए।
कृष्णादे ि राय (शासन 1509-1530 ई.)- विजयनगर साम्राज्य के
महानतम शासक। िे तेलुगू ि संस्कृत के विद्िान थे और उन्होंने
‘अमक
ु तमलयादा’ नामक पस्
ु तक की रचना की।
मलयोनाडो डड विन्ची (1452-1519 ई.)- इतालिी कलाकार,
स्थापत्यकार, िास्तश
ु ास्त्री, इंजीननयर, आविष्कारकताि, िैज्ञाननक ि
गणणतज्ञ। इन्हें पुनजािगरण का प्रनतननधध पुरुष माना जाता है ।
‘मोनार्लसा और ‘द लास्ट सपर’ र्भवत्त धचत्रों का ननमािण।
लाल बहादरु शास्त्री (1904-1966 ई.)- 1964 ई. में िे भारत के दस
ू रे
प्रधानमंत्री बने। उनके शासनकाल के दौरान भारत-पाक यद्
ु ध
(1965) हुआ जजसकी पररणनत ताशकंद समझौते में हुई।

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लाला लाजपत राय (1865-1928 ई.)- ‘पंजाब के शेर के उपनाम से
विख्यात लाला लाजपत राय ने स्ितंत्रता आंदोलन में बढ चढकर
हहस्सा र्लया। साइमन कमीशन के णखलाफ हुए प्रदशिन के दौरान
लाठीचाजि से मौत।
लाओ त्जु (600 ई. प.ू )- चीनी दाशिननक और ताओिाद के संस्थापक।
लक्ष्मीबाई, झााँसी की रानी (1835-1858 ई.)- झााँसी की शासक जो एक
महान योद्धा थीं। उन्होंने 1857 के गदर के दौरान अपनी िीरता से
अंग्रेजों के दााँत खट्ट ककए।
लेननन, व्लादीममर (1870-1924 ई.)- रूसी क्रांनतकारी नेता ि
बोल्शेविक पाटी के संस्थापक जजन्होंने 1917 की रूसी क्रांनत का
नेतत्ृ ि ककया। 1922 में सोवियत संघ की स्थापना की।
मलंकन, अिाहम (1809-1866 ई.)- सं. रा. अमेररका के 16िें राष्रपनत
जजन्होंने दास-प्रथा का उन्मूलन ककया। 1865 ई. में जॉन विल्केस
बूथ के हाथों हत्या।
मैक्रकयािेली, ननकोलो (1469-1527 ई.)- इतालिी राजनीनतशास्त्री ि
दाशिननक। प्रर्सद्ध कृनत ‘वप्रंस’।
मैगेलान, फडीनांड (1480-1521 ई.)- पुतग
ि ाली अन्िेषणकताि जजन्होंने
1522 ई. में पथ्
ृ िी की पररक्रमा की।

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महािीर (540-468 ई. प.ू ) – िे जैन धमि के 24िें तीथंकर थे। उनका
जन्म िैशाली के पास हुआ था। 42 िषि की आयु में उन्हें कैिल्य
(आध्याजत्मक ज्ञान) की प्राजप्त हुई। भगिानमहािीर ने अपनी
र्शक्षाओं में अहहंसा पर विशेष जोर हदया।
माको पोलो (1254-1324 ई.)- िेननसिासी व्यापारी ि यात्री। चीन की
यात्रा (1271-92 ई.)। इनके यात्रा ित
ृ ांत यरू ोप में काफी प्रर्सद्ध हुए।
माओ त्से तुंग (1893-1976 ई.)- चीनी कम्युननस्ट धचंतक ि
क्रांनतकारी। चीनी कम्यनु नस्ट पाटी की स्थापना में मख्
ु य भर्ू मका
(1921 ई.)। दक्षक्षण-पूिी चीन में कम्युननस्ट ररपजब्लककी स्थापना
(1931-34 ई.)। 1934 ई. में ऐनतहार्सक लााँग माचि। द्वितीय
विश्ियद्
ु ध के बाद धचयााँग काई शेक को पराजजत करके दे श के
राष्राध्यक्ष बने। सांस्कृनतक क्रांनत के दौरान विरोधधयों का दमन
(1966-69 ई.)।
मार्र्क न लर्
ू र (1483-1568 ई.)- जमिन धमिशास्त्री ि धमि सध
ु ारक।
उन्होंने पोप की सत्ता के णखलाफ विद्रोह ककया जजससे प्रोटे स्टें टिाद
का उदय हुआ।

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ू र क्रकंग जू. (1929-1968 ई.)- अमेररकी अश्िेतों के नेता।
मार्र्क न लर्
‘सदनि कक्रजश्चयन लीिरर्शप कांफ्ेंस’ के संस्थापक। जेम्स अलि
द्िारा हत्या।
माक्र्स, कालक (1818-1883 ई.)- जमिन अथिशास्त्री ि िैज्ञाननक
कम्युननज्म के प्रनतपादक। उन्होंने एंगेल्स के साथ संयक
ु त रूप से
र्मलकर समाजिाद ि साम्यिाद की आधुननक अिधारणाओं का
विकास ककया। ‘दास कैपीटल के लेखक जजनका आधुननक युग पर
जबदि स्त प्रभाि पड़ा।
मैम्जनी- इतालिी राष्रिादी जो 1848 में इटली गणतंत्र के तानाशाह
बने। उन्होंने एक स्ितंत्र ि एकीकृत इटली की िकालत की।
मेगास्र्नीज़- चंद्रगुप्त मौयि के दरबार में ग्रीक राजदत
ू , जजन्होंने
अपनी ‘इंडिका’ नामक पुस्तक में मौयि प्रशासन के बारे में विस्तत

जानकारी दी।
माइकेलएंम्जलो (1475-1564 ई.)- इटली के महान धचत्रकार एिं
मनू तिकार। इसके द्िारा बनाई गई उत्कृष्टï मनू तियााँ हैं- पीटर, िेविि,
मोजेज आहद जबकक धचत्रकृनतयााँ हैं- हदिस, राब्रत्र, ऊषाकाल तथा
गोधूर्ल। इनकी सबसे खब
ू सरू त धचत्रकृनत है - ‘द लास्ट जजमेंट’।

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मुसोमलनी, बेननतो (1883-1945 ई.)- इतालिी फार्सस्ट तानाशाह
(1922-43 ई.), द्वितीय विश्ियद्
ु ध में जमिनी और जापान के साथ
धुरी का ननमािण। युद्ध में इटली की हार के बाद उसे मत्ृ युदंि दे हदया
गया।
नार्दर शाह (1688-1747 ई.)- फारस का बादशाह जजसने 1739 में
भारत में आक्रमण करके भयंकर मारकाट की।
नाना साहब पेशिा (1800-1859 ई.)- पेशिा बाजीराि द्वितीय के दत्तक
पत्र
ु जजन्होंने 1857 के गदर में केंद्रीय भर्ू मका ननभाई।
नेपोमलयन बोनापार्क (1769-1821 ई.)- फ्ांसीसी सेना के प्रर्सद्ध
नायक जो 1804 ई. से 1815 ई. तक फ्ांस के सम्राट रहे । उन्होंने
इंग्लैंि, ऑजस्रया और रूस के णखलाफ अनेक यद्
ु धों मेंसफलता प्राप्त
की, लेककन 1815 ई. में िाटरलू यद्
ु ध में पराजजत हुए।नरमसंह िमकन-
पल्लि सम्राट जजसने चालुकय राजा पुलकेर्शन द्वितीय को
पराजजत करने के बाद ‘िातापीकोंिा’ की उपाधध धारण की।
पंपा, पोन्ना, रन्ना– जैन विद्िान जजन्हें कन्नड़ कविता का ब्रत्ररत्न
माना जाता है ।
पाखणनी- प्रर्सद्ध संस्कृत व्याकरणकार जजन्होंने ‘अष्टध्यायी’
र्लखी।

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पतंजमल- इन्होंने पाणणनी की ‘अष्टाध्यायी’ पर ‘महाभाष्य’ नामक
टीका र्लखी। उन्होंने योग पर ‘योगसत्र
ू ’ नामक ग्रंथ र्लखा।
पर्े ल, सरदार िल्लभभाई (1875-1950 ई.)- भारतीय स्ितंत्रता संग्राम
की प्रमख
ु हस्ती। भारत के प्रथम उपप्रधानमंत्री सरदार पटे ल ने
रजिाड़ों के भारतीय संघ में विलय में मुख्य भूर्मका अदा की।
प्लेर्ो (429-347 ई.)- ग्रीक दाशिननक जजनका पजश्चम पर व्यापक
प्रभाि पड़ा। प्रमख
ु कृनतयााँ- ‘द ररपजब्लक’ और ‘द लाज़’
म्प्लनी (23-79 ई.)- रोमन इनतहासकार ि प्रकृनतिादी। प्रर्सद्ध कृनत-
‘नेचुरल हहस्री’।
पुलकेमशन द्वितीय (शासन 608-642 ई.)- दककन के चालुकय िंश का
सबसे शजकतशाली सम्राट जजसने हषििद्र्धन को पराजजत ककया था।
राजगोपालाचारी, चििती (1878-1972 ई.)- भारत के अंनतम ि प्रथम
भारतीय गिनिर जनरल (1948-1950 ई.)। स्ितंत्रता के बाद स्ितंत्र
पाटी की स्थापना की।
राजा राममोहन रॉय (1777-1833 ई.)- बाँगाल के समाज सध
ु ारक
जजन्होंने सती, पदािप्रथा और बालवििाह के उन्मल
ू न के र्लए काफी
प्रयास ककया। उन्होंने विधिा वििाह और महहला र्शक्षा का भी
समथिन ककया। िे ‘ब्रह्मï समाज’ के संस्थापक थे।

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राजराजा चोल- चोल सम्राट जजसने श्रीलंका पर आक्रमण ककया और
उसके उत्तरी भाग को अपने राज्य में र्मला र्लया। तंजौर में
राजाराजेश्िर मंहदर का ननमािण कराया।
रिींद्रनार् र्ै गोर (1861-1941 ई.)- कवि, उपन्यासकार ि दाशिननक।
बंगाल में उन्होंने शांनतननकेतन की स्थापना की। नोबेल पुरस्कार
प्राप्त करने िाले पहले एर्शयाई (गीतांजर्ल)। प्रमख
ु कृनतयााँ- गोरा,
िाकघर, घरे बायरे इत्याहद।
राजेंद्र चोल- चोल िंश का शजकतशाली सम्राट जजसने बंगाल तक
आक्रमण ककया और ‘गंगईकोंिाचोलापुरम’ की उपाधध धारण की।
रामानज
ु (11िीं शताब्दी)- दक्षक्षणी भारतीय संत ि विर्शष्टाद्िैतिाद
के प्रणेता।
महाराणा प्रताप (16िीं शताब्दी)- मेिाड़ के शासक महाराणा प्रताप ने
हल्दीघाटी के यद्
ु ध में पराजय के बािजूद अकबर की अधीनता
स्िीकार करने से इंकार कर हदया।
तेनम्जंग नोगे (1914-1986 ई.)- नेपाल के प्रर्सद्ध पिितारोही जजन्होंने
विश्ि की सिोच्च चोटी माउं ट एिरे स्ट पर सर एिमण्ि हे लरी के साथ
1953 ई. में प्रथम बार विजय प्राप्त की।

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र्ॉमस अल्िा एडीसन (1864-1931 ई.)- महान आविष्कारक
िैज्ञाननक जजन्हें 1,000 से अधधक आविष्कारकारों जैसे विद्यत

बल्ब, ग्रामोफोन, चलधचत्र आहद का श्रेय प्राप्त है।
र्ॉमस माल्र्स (1766-1834 ई.)- 28 िें अमेररकी राष्टïरपनत (1913-
21 ई.)। ‘लीग ऑफ नेशंस’ के संस्थापक।
नील्स बोह्र (1865-1926 ई.)- िेनमाकििासी भौनतकविद् जजन्हें परमाणु
संरचना पर उनके महत्िपूणि कायि के र्लए 1922 ई. में नोबेल
परु स्कार प्रदान ककया गया।
नीरो (37-68 ई.)- 54 ई. से रोमन सम्राट। अत्याचारी शासक जजसने
रोम के जलने (64 ई.) के बाद ईसाईयों पर अत्याचार ककए।
नील आमकस््ााँग (1930 ई-)- अमेररकी अंतररक्षयात्री जो चंद्रमा पर
कदम रखने िाले पहले मानि बने।
ननक्रकता ख्रुश्चेि (1894-1971 ई.)- सोवियत कम्युननस्ट पाटी के
महासधचि (1953-64 ई.) और राष्राध्यक्ष (1958-64 ई.)।
ननकोलस प्रर्म (1796-1855 ई.)- 1825 ई. से रूस का ज़ार, एक
ननरं कुश शासक जजसने अपने राज्य में सभी नागररकों पर रूसीकरण
की प्रकक्रया लादने की कोर्शश की।

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पाइर्ागोरस (लगभग 582 ई. पू. – लगभग 497 ई. प.ू )- ग्रीक दाशिननक
जजन्होंने ज्यार्मनत में पाइथागोरस प्रमेय की अिधारणा प्रस्तत
ु की।
पीर्र प्रर्म ‘महान (1659-1706 ई.)- अंग्रेज राजनीनतज्ञ और
दाशिननक। उनकी प्रमख
ु कृनत ‘एििांसमेंट एंि लननंग है । इसमें
उन्होंने प्रकृनत को समझने के र्लए प्रयोग एिंिज्ञ
ै ाननक आगम की
महत्ता पर जोर हदया।
बालजक (1799-1850 ई.)- फ्ांसीसी लेखक। उन्होंने ‘ल कॉमेिी
ह्यम
ू न शीषिक के अंतगित कई उपन्यास र्लखे।
ममिाइल गोबाकच्योि (1931 ई.-)- सोवियत कम्युननस्ट शासक (1985-
91 ई.)। ‘ग्लासनोस्त ि पेरेस्त्रोइका’ की नीनत के द्िारा उन्होंने
राजनीनतक और आधथिक सध
ु ारों की शुरुआत की। 1991 में सोवियत
संघ के विखण्िन के बाद इस्तीफा।
माइकेल फैराडे (1791-1867 ई.)- अंग्रेज िैज्ञाननक जजन्होंने िैद्यत
ु -
चुम्बकीय विज्ञान की आधारर्शला रखी एिं
ननम्नतावपकी(Cryogenics) पर महत्िपण
ू ि शोधकायि ककया। इसके
अनतररकत उन्होंने विद्युत मोटर एिं जेनरे टर का भी आविष्कार
ककया।

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मैरी क्यूरी (1867-1935 ई.)- पोलैंि की प्रर्सद्ध भौनतकविद् एिं
रसायनशास्त्री जजन्होंने अपने पनत वपयरे कयरू ी के साथ रे डियम की
खोज की। इन्हें दो बार 1903 ि 1911 में नोबेल पुरस्कार प्रदान ककया
गया।
यूरी गगाररन (1934-1986 ई.)– रूसी अंतररक्षयात्री जो अंतररक्ष में
यात्रा करने िाले पहले मानि बनें।
रॉबर्क कोच (1858-1913 ई.)- जमिन जीिाणु विज्ञानी, जजन्होंने एंथ्रेकस
टीके का आविष्कार ककया। उन्होंने तपेहदक एिं अनतसार के
जीिाणुओं का पथ्ृ थकरण भी ककया।
रोपयााँ रोलााँ (1886-1944 ई.)- फ्ांसीसी साहहत्यकार। 1915 ई. में 10
खण्िों में र्लखी पुस्तक ‘जीन ब्रब्रस्टोफे’ के र्लए साहहत्य के नोबेल
पुरस्कार से सम्माननत।
लॉडक केम्ल्िन (1824-1907 ई.)- स्कॉहटश गणणतज्ञ और भौनतकविद्।
उन्होंने परमशून्य स्केल का विकास ककया।
लुई पॉश्चर (1822-1895 ई.)- फ्ांसीसी रसायनशास्त्री जजन्होंने
अिधारणा पेश की कक बीमाररयों का मख्
ु य कारण जीिाणु होते हैं।

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िॉल्र्े यर (1694-1778 ई.)- फ्ांस के प्रर्सद्ध दाशिननक एिं लेखक।
इनकी सबसे प्रर्सद्ध रचना कैं िाइि है जजसमें दाशिननक व्यंग्यों का
संकलन है।
विमलयम हािे (1578-1657 ई.)- अंग्रेज भौनतकविद्। 1935 में न्यर
ू ॉन
की खोज के र्लए उन्हें नोबेल परु स्कार प्रदान ककया गया।
मसग्मंड रायड (1856-1939 ई.)- ऑजस्रयाई मनोधचककत्सक जजन्होंने
चेतन और अिचेतन मन की अिधारणा प्रस्तुत की।
बंक्रकम चंद्र चर्जी – भारत के राष्टï््रगीत ‘िंदे मातरम ् के रधचयता
जजसे उनके उपन्यास ‘आनंद मठ से र्लया गया है .
चैतन्य महाप्रभु (1445-1533 ई.)- बाँगाल में भजकत आंदोलन के
जन्मदाता जजन्होंने कृष्ण भजकत का प्रचार ककया।
जमशेदजी र्ार्ा (1813-1904 ई.)- टाटा आयरन एंि स्टील कंपनी
(हटस्को) के संस्थापक।
जिाहरलाल नेहरू (1889-1964 ई.)- भारत के प्रथम प्रधानमंत्री (1947-
64 ई.)। भारतीय स्ितंत्रता संग्राम में महात्मा गााँधी के बाद सिािधधक
महत्िपण
ू ि भर्ू मका। गट
ु ननरपेक्षआंदोलन की स्थापना में मख्
ु य
भूर्मका।

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इंर्दरा गााँधी (1917-1984 ई.)- भारत के दो बार प्रधानमंत्री (1966-77;
1980-84)। 1971 ई. में भारत-पाक यद्
ु ध के बाद बांग्लादे श को
स्ितंत्रता हदलाई। 1984 ई. में अपने अंगरक्षकों के हाथों हत्या।
महाराजा रं जीत मसंह (1780-1833 ई.)- पंजाब के र्सख महाराजा
जजन्होंने 1799 में लाहौर पर कब्जा जमाया। उन्होंने अफगानों से
पंजाब छीना।
रूजिेल्र्, रैंकलीन (1882-1945 ई.)- 32िें अमेररकी राष्रपनत (1933-
45 ई.)। इन्होंने 1929 की मंदी का मक
ु ाबला करने के र्लए
राष्रीयकरण की नीनत अपनाई।
रूसो, जीन जैकस (1712-1778 ई.)– फ्ांस के महान दाशिननक जो
अपने सामाजजक संविदा र्सद्धांत (Social Contract Theory) के
कारण चधचित हुए। इनकी र्शक्षाओं और रचनाओं के प्रभाि से ही
फ्ांस में क्रांनत हुई।
समद्र
ु गप्ु त (330-375 ई.)- चंद्रगप्ु त प्रथम के पत्र
ु ि उत्तराधधकारी ि
शजकतशाली हहंद ू सम्राट। उन्हें अपनी विजय की िजह से ‘भारत का
नेपोर्लयन भी कहा जाता है।
शंकराचायक (700-750 ई.)- आहदगरु
ु शंकराचायि ने हहंद ू अद्िैत दशिन
के प्रसार-प्रचार के र्लए दे श के चारों कोनों में मठों की स्थापना की,

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हहंद ू धमि के पन
ु रुत्थान में महत्िपूणि भूर्मका। उनके अद्िैतिाद के
दशिन से हहंद ू धमि काफी गहरे तक प्रभावित हुआ है ।
स्िामी वििेकानंद (1863-1902 ई.)- रामकृष्ण परमहं स के र्शष्य
जजन्होंने िेदांत दशिन से विश्ि को पररधचत कराया। 1893 में विश्ि
धमि सम्मेलन के दौरान उनके हदए गए भाषण से विश्ि भारतीय
संस्कृनत की महानता से पररधचत हुआ। उन्होंने समाजसेिा के र्लए
रामकृष्ण र्मशन की स्थापना की।
सरोजनी नायडू (1879-1949 ई.)- इन्हें ‘नाइटें गेल ऑफ इंडिया भी
कहा जाता है। िे अंग्रेजी की प्रख्यात कवियत्री थीं। उन्होंने भारत के
स्ितंत्रता आंदोलन में बढ-चढकर हहस्सा र्लया और 1925 में कााँग्रेस
की अध्यक्ष बनीं। िे उत्तर प्रदे श की प्रथम महहला गिनिर थीं।
शाहजहााँ (1592-1666 ई.)- मुगल सम्राट जजनकी ख्यानत कला,
स्थापत्य और साहहत्य के प्रेमी के रूप में है । शाहजहााँ ने अपनी पत्नी
मुमताज महल की याद में ताजमहल का ननमािण कराया।
शेक्सवपयर, विमलयम (1564-1616 ई.)- अंग्रेजी के महानतम कवि एिं
नाटककार। उन्होंने 37 नाटक र्लखे जजसमें हास्य, ऐनतहार्सक,
त्रासदी और त्रासद- हास्य नाटक शार्मल हैं। प्रमख
ु नाटक- ‘हे मलेट,

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‘मैकबेथ, ‘ओथेलो, ‘ककंग र्लयर, ‘रोर्मयो एंि जूर्लयट, ‘ए र्मिसमर
नाइट्स ड्रीम, ‘द टे म्पेस्ट, ‘हे नरी-5 और ‘जूर्लयस सीज़र।
सर आइजक न्यर्
ू न (1642-1727 ई.)- अंग्रेज िैज्ञाननक जजन्हें
आधुननक भौनतकी का जनक माना जाता है ्ै। गनत ि गुरुत्िाकषिण
के ननयमों के प्रनतपादन का श्रेय। प्रर्सद्ध कृनत ‘वप्रंर्सवपया के
लेखक।
शेरशाह सूरी (1472-1545 ई.)- उसने 1540-45 ई. के मध्य शासन
ककया। िह प्रथम मुजस्लम शासक था जजसने प्रशासननक सध
ु ारों पर
विशेष ध्यान हदया। उसके शासनकाल में ही ग्रांि रं क रोि का ननमािण
हुआ।
मशिाजी (1627-1680 ई.)- गरु रल्ला यद्
ु ध में माहहर र्शिाजी ने मग
ु ल
साम्राज्य के णखलाफ लम्बी लड़ाई लड़कर मराठा साम्राज्य की नींि
रखी।
म्स्मर्, एडम (1723-1790 ई.)- स्कॉहटश अथिशास्त्री जजन्हें अथिशास्त्र
का जनक कहा जाता है । प्रर्सद्ध कृनत- ‘िेल्थ ऑफ नेशंस।
तानसेन (लगभग 1492-1589 ई.)- भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान
प्रनतननधध। िे अकबर के नौ रत्नों में से एक थे।

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र्ोडरमल (1556-1605 ई.)- अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक
और राजस्ि मंत्री।
तुलसीदास (1552-1630 ई.)- महान हहंदी कवि, संत जजन्हें उनकी
रचना ‘रामचररतमानस’ के र्लए जाना जाता है । रामचररतमानस
आज भी करोड़ों हहंदओ
ु ं की आस्था का केद्र ब्रबंद ु है ।
िाल्मीक्रक- प्राचीन भारत के महान संस्कृत कवि ि ऋवष जजन्होंने
रामायण की रचना की।
िास्को-डड-गामा (1460-1524 ई.)- पत
ु ग
ि ाली नौचालक जजसने भारत के
र्लए समुद्री रास्ते की खोज की (1498 ई.)।
अमेररगो िेसपुसी (1451-1512 ई.)- भौगोर्लक खोजकताि जजन्होंने
दक्षक्षणी अमेररकी तट की खोज की; इन्हीं के नाम पर अमेररका का
नामकरण ककया गया।
तानसेन (लगभग 1492-1589 ई.)- भारतीय शास्त्रीय संगीत के महान
प्रनतननधध। िे अकबर के नौ रत्नों में से एक थे।
र्ोडरमल (1556-1605 ई.)- अकबर के दरबार के नौ रत्नों में से एक
और राजस्ि मंत्री।

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तुलसीदास (1552-1630 ई.)- महान हहंदी कवि, संत जजन्हें उनकी
रचना ‘रामचररतमानस’ के र्लए जाना जाता है । रामचररतमानस
आज भी करोड़ों हहंदओ
ु ं की आस्था का केद्र ब्रबंद ु है ।
िाल्मीक्रक- प्राचीन भारत के महान संस्कृत कवि ि ऋवष जजन्होंने
रामायण की रचना की।
िास्को-डड-गामा (1460-1524 ई.)- पत
ु ग
ि ाली नौचालक जजसने भारत के
र्लए समुद्री रास्ते की खोज की (1498 ई.)।
अमेररगो िेसपस
ु ी (1451-1512 ई.)- भौगोर्लक खोजकताि जजन्होंने
दक्षक्षणी अमेररकी तट की खोज की; इन्हीं के नाम पर अमेररका का
नामकरण ककया गया।
अब्दल
ु गफ्फार िान- ‘फ्ंहटयर गााँधी के नाम से प्रर्सद्ध; स्ितंत्रता
संग्राम के दौरान ‘नॉथि ईस्ट फ्ंहटयर प्रॉविंस के प्रमख
ु नेता। ‘खुदाई
णखदमतगार नामक संगठन के संस्थापक।
अब्दल
ु रहीम िान-ए-िानं- अकबर के सेनापनत ि नि रत्नों में से
एक। प्रमुख मध्यकालीन भजकत कवि।
अबल
ु फजल (1551-1602 ई.)- अकबर के प्रमख
ु सलाहकार ि सरकारी
इनतहासकार। उन्होंने ‘आइने अकबरी ि ‘अकबरनामा र्लखा।

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अर्हल्या बाई- इंदौर के महाराजा मल्हार राि होल्कर की विधिा बहू
जजन्होंने 1764-1765 तक राज्य पर शासन ककया।
अहमद शाह अब्दाली- अफगाननस्तान का शासक जजसने भारत पर
सात बार आक्रमण ककया, जजसमें 1761 में पानीपत के यद्
ु ध में
मराठों की पराजय प्रमुख है ।

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