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कंु डल म छ ह

छ हो क कंु डल म ि थ त
आइये जानते ह व तार से छ हो क गड़ना कैसे क जाती है
वै%दक 'यो तष म अ*र+ट व - तकूल घटनाओं का अ1ययन करने के 2लए बहुत सी बात5 का
आंकलन 6कया जाता है . ज8म कंु डल , संबं9धत वग; कंु डल , दशा/अ8तद; शा तथा घटना के
समय का गोचर दे खा जाता है . इन सभी म एक महAवपूण; पहलू और दे खा जाता है वह छ
ह क दशा. हर कंु डल म छ ह अलग होते ह और यह 6कसी भी तरह शुभ नह ं होते ह.
इनका आंकलन सदा अशुभ का आंकलन करने के 2लए 6कया जाता है . छ ह क दशा
आने पर EयिFत को अ*र+ट घटनाओं का सामना करना पड़ता है . आइए जाने 6क कंु डल म
कौन से ह छ ह कहलाते ह.
ज8म कंु डल का अ+टमेश
अ+टमेश के साथ युत ह
अ+टम भाव म ि थत ह
अ+टम भाव को H+ट करने वाले ह
22व े +काण का वामी
64व नवांश का वामी
अ+टमेश का अ तशIु
उपरोFत सभी को छ ह कहा जाता है . यह ह जातक क रKा करने म Lबलकुल भी
सKम नह ं होते ह. ज8म कुMडल म जब भी इन ह5 क दशा/अ8तद; शा आती है तब EयिFत
को मान2सक, शार *रक व आ1यािAमक क+ट5 क -ािNत होती है . उपरोFत सात5 ह5 म से
आइए आपको 22व े +काण और 64व नवांश क गणना का तर का बता द.
22वां े +काण – 22nd Dreshkan
ज8म कुMडल के लOन क Pड ी को अ+टम भाव म रख द और 6फर उसक गणना े +काण
कंु डल बनाने क तरह कर अथा;त य%द ह 0 से 10 अंशो के म1य है तब वह ं अ+टम भाव म
रहे गा. अगर ह 10 से 20 अंश के म1य है तब अ+टम से पांचव भाव का वामी 22व
े +काण का वामी बनता है . यह ज8म कंु डल का 12वाँ भाव होता है . य%द यह अंश तीसरे
े +काण म आते ह तब अ+टम भाव से नौव भाव का वामी अथा;त ज8म कंु डल के चतुथ;
भाव का वामी ह 22व े +काण का वामी बनता है .
22व े +काण क गणना का एक सरल तर का यह है 6क े +काण कंु डल के अ+टम भाव म
जो रा2श पड़ती हो उस रा2श का वामी 22व े +काण का वामी होता है . इसे खरे श भी कहा
जाता है .
64व नवांश का वामी – Lord of 64th Navansh
चं मा के अंश5 को चं मा से अ+टम भाव म था पत कर द. यहाँ से इसक गणना उसी तरह
से करनी है िजस तरह से नवाँश कंु डल बनाने के 2लए करते ह. माना 6कसी ज8म कंु डल म
चं मा 15 अंश और 20 2मनट पर ि थत है . अब इसके इन अंश5 को चं मा से अ+टम भाव म
रख दे ग. माना चं मा वष
ृ रा2श म है और चं मा से आठव भाव म धनु रा2श आती है और
वहाँ हमने यह अंश रखे हुए ह. अब यह दे खेगे 6क 15 अंश 20 2मनट पर कौन सा नवाँश
आता है . यह पांचवाँ नवांश आता है और धनु म है तब गणना मेष से होगी. मेष से पांचवीं
रा2श 2संह होती है और सूय; इसका वामी होता है . इस -कार सूय; 64व नवांश का वामी
कहा जाएगा.
इसे हम नवांश कंु डल से भी दे ख सकते ह. नवांश कंु डल म चं मा िजस रा2श म ि थत होता
है उससे चतुथ; भाव का वामी 64व नवांश का वामी होता है .

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