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नक्षत्र संख्या में 27 हैं और एक राशि ढाई नक्षत्र से बनती है । नक्षत्र भी जातक का स्वभाव निर्धारित करते हैं।
1. अश्विनी : बौद्धिक प्रगल्भता, संचालन शक्ति, चंचलता व चपलता इस जातक की विशेषता होती है ।
3. कृतिका : अति साहस, आक्रामकता, स्वकेंद्रित, व अहं कारी होना इस नक्षत्र के जातकों का स्वभाव है । इन्हें शस्त्र, अग्नि और
वाहन से भय होता है ।
5. मग
ृ राशि : बु ्द्धिवादी व भोगवादी का समन्वय, तीव्र बुद्धि होने पर भी उसका उपयोग सही स्थान पर न होना इस नक्षत्र की
विशेषता है ।
6. आर्द्रा : ये जातक गुस्सैल होते हैं। निर्णय लेते समय द्विधा मन:स्थिति होती है , संशयी स्वभाव भी होता है ।
7. पन
ु र्वसु : आदर्शवादी, सहयोग करने वाले व शांत स्वभाव के व्यक्ति होते हैं। आध्यात्म में गहरी रुचि होती है ।
8. अश्लेषा : जिद्दी व एक हद तक अविचारी भी होते हैं। सहज विश्वास नहीं करते व 'आ बैल मुझे मार' की तर्ज पर स्वयं संकट
बल
ु ा लेते हैं।
9. मघा : स्वाभिमानी, स्वावलंबी, उच्च महत्वाकांक्षी व सहज नेतत्ृ व के गुण इन जातकों का स्वभाव होता है ।
12. हस्त : कल्पनाशील, संवेदनशील, सुखी, समाधानी व सन्मार्गी व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं।
13. चित्रा : लिखने-पढ़ने में रुचि, शौकीन मिजाजी, भिन्न लिंगी व्यक्तियों का आकर्षण इन जातकों में झलकता है ।
15. विशाखा : स्वार्थी, जिद्दी, हे कड़ीखोर व्यक्ति होते हैं। हर तरह से अपना काम निकलवाने में माहिर होते हैं।
19. पूर्वाषाढ़ा : शांत, धीमी गति वाले, समाधानी व ऐश्वर्य प्रिय व्यक्ति इस नक्षत्र में जन्म लेते हैं।
20. उत्तराषाढ़ा : विनयशील, बुद्धिमान, आध्यात्म में रूचि वाले होते हैं। सबको साथ लेकर चलते हैं।
21. श्रवण : सन्मार्गी, श्रद्धाल,ु परोपकारी, कतत्ृ ववान होना इन जातकों का स्वभाव है ।
22. धनिष्ठा : गुस्सैल, कटुभाषी व असंयमी होते हैं। हर वक्त अहं कार आड़े आता है ।
23. शततारका : रसिक मिजाज, व्यसनाधीनता व कामवासना की ओर अधिक झुकाव होता है । समयानुसार आचरण नहीं करते।
27. रे वती : सत्यवादी, निरपेक्ष, विवेकवान होते हैं। सतत जन कल्याण करने का ध्यास इनमें होता है ।