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- गोधूिल वेला म पीले व धारण कर। - माँ के सम दीपक जलाय और उ ह पीले फू ल

अ पत कर। - इसके बाद 3 गाँठ ह दी क भी चढ़ाएं। - माँ का यायनी के म का जाप कर।


- म है - "का यायनी महामाये, महायोिग यधी री।न दगोपसुतं देवी, पित मे कु ते
नमः।।"- ह दी क गांठ को अपने पास सुरि त रख ल।

आज के इस ततम युग म अनेक माता िपता अिभभावक अपनी क या के िववाह हेतु


यो य वर क तलाश म होते ह लालाियत व चंितत रहते िजससे उसका आने वाला कल
सुरि त हो सके और उसका भिव य उ ल रहे। कं तु आज के इस आती िसक युग म
क या के िलए उपयु वर क तलाश कर पाना कदािप आसान नह कसी भी क या के
िवहाह म अनेको कार क कठनाई व बढाओ का सामना करना पड़ता है कही कुं डली नह
िमलती तो कही मन व िवचार नह िमलते या फर कही दहेज पी असुर मुह बाये खड़ा
रहता है ह क अशुभ थित इनका मुख कारण होती है िजनका िनदान आप ह के
उपाय अथात जाप पूजा दान त व अ य वै दक अनु ान के मा यम से वयं कर व कसी
यो य कमकांडी से भी करा सकते है इसी कड़ी म माँ मंगला गौरी अथात माँ पावती क
आराधना मुख होती है िशव गौरी के पूजन से और उनक कृ पा से कोई भी जातक शी
िववाह के बंधन म बंध सकता ह ।

िजन कसी क या के िववाह म बाधा हो उ ह कसी यो य ण से अपने घर म माँ मंगला


गौरी क ाण ित ा करा कर उनक िनयिमत अराधना करना चाइये और िन य ात: ान
आ द से िन व हो कर मंगला गौरी तो का िनयिमत पाठ करना चम का रक लाभ देने
वाला होता है

कु छ िवशेष अनु ान
ावण मास के पहले दन अपने घर के पूजन थल पर िशव व गौरी क ितमा को थािपत
करे ।

पूरे मॉस िनयिमत प से िशव व गौरी का पंचोपचार पूजन तथा कु छ भोग अ पत कर।
त प ात पु प - िब वप अ पत कर व िन मं क एक माला का जप कर।

मं -
हे गौरी शंकर अधा गंनी यथा वं शंकर ि या
तथा माम कु क याणी का त का ता सुदल ु भम् ।।

इस उपाय को पूरी ृ ा के साथ करने से िववाह म बाधाएं नह आती और शी िववाह हो


जाता है।
इसी के साथ य द कोई भी क या गो वामी तुलसीदास कृ त पावती मांग य का पाठ करती है
तो भी िववाह बाधा दूर हो कर एक उ वर क ाि होती है
लोक पर परा अनुसार बृह पित गृह के िनिम गु वार को कु छ दान करना भी िववाह
बाधा को दूर करता है क या को पीले व का योग व एक पुखराज धारण करना
तथा गु वार को कदली (के ले) के वृ म जल अपण कर। के ले के वृ के नीचे माला
( जप) कर।
के ले के पेड़ क अराधना करना बृह पित त कथा का िन ापरक पाठ करना िव णु
सह नाम का पाठ करना शी लाभ दलाता है
बृह पित के वेदो मं का जप दशांश सिहत कर।

पुराणो मं जप दशांश सिहत कर काय शी आितिश होगा ।


सूया त के समय गु का दान पीला व सवा मीटर चना दाल ाम वण ाम
दान कड़ी ह दी क गांठ एक जोड़ा जनेऊ कोई भी धा मक पु तक मं दर म या ा ण को
द।

ीराम तुित ( ीरामचं कृ पाल भजमन) का िन य पाठ कर आरती कर।


इसी कार दुगा श शती म माँ को स कर हर कार के काय िसि के उपाय व मं
बताये गए है िज ह भली बहती जान कर करने से कोई भी उसका लाभ ले सकता है ऐसे म
माँ भगवती दुगा के

का यायनी व प क पूजा दन कर िन मं का जप कर

का यायनी महामाये महायोिग य धी री। नंद गोप सुतं देवी प तं मे कु ते नम:।

शा म व णत का यायनी देवी का अनु ान बड़ा ही उपयोगी व िसि द होता है।इस मं


का अनु ान िनयम व ापूवक करने से क या के िववाह म आनी वाली सम या या िव
शी ही दूर हो जाता है व क या का िववाह सकु शल संप हो जाता है।

जप क िविध: यह जप सूखे के ले के प े क आसनी पर बैठकर कमलग े क माला से कया


जाता है। जप के समय सरसो तेल का दीपक जलते रहना चािहए। िजसको अनु ान करना हो
उसे पूण चय का पालन करते ए दन तक हजार जप का पुर रण करना
चािहए।य द कसी क या के िववाह म मंगल दोष बाधक बन रहा है तो उसके अिभभावक
को चिहये के दन िनयिमत मंगल चि का तो का पाठ कर
इस कार इन कु छ अनुभूत उपाय कर कोई भी क या या उनके अिभभावक क या के िववाह
म आ रही बाधा का िनवारण कर सकते है

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