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Womanhood

स्त्रीत्व
Scene : 1 Road Ext Day
Ch: Priya, Abhinav And Others
scene भागते हुए अभभनव और भिया से open होता है ... अभभनव और भिया बार-
बार पीछे मुड़कर दे खते हैं , भागते भागते भिया भगरती है तो अभभनव उसको उठाता है ,
भिया काां पते हुए स्वर में कहती है ..
भिया : अभभनव, अब मैं भाग नहीां सकती...मेरे
पाां व ही नहीां पाज़ेब भी थक चुके हैं ...
अभभनव : नहीां भिया, रुकना मौत है हमारे भिए...
हमे भागना होगा...please भहम्मत करो, run भिया,
run...भिया, मैं नहीां चाहूँ गा भक तुम पर कोई आां च आये ,
क्ोांभक मेरी भज़न्दगी तु मसे जुडी हुयी है , तु म हो तो मैं
हूँ ...
भिया डबडबायी नज़रोां से दे खती है , और अभभनव उसको भिपटा िेता है ...भिया बोिती
है ....
भिया : मैं भी तु म्हारे भबना जी नहीां सकती
अभभनव... i love you...
तभी उसे शोर सुनाई दे ता है , वह भिया को उठाकर पास की झाभड़योां के पीछे िे जाता
है ...
Cut to-

scene : 2 Road Ext Day


ch: Abhinav’s father , three brothers, Abhinav, Priya, some
Gunman
scene तेज़ी से आती दो तीन जीपोां पर open होता है , जीपें ठीक उसी स्थान पर
रूकती हैं , जहाूँ अभभनव और भिया भछपे हुए हैं , जीपोां से अभभनव के घरवािे और अन्य
सभी बांदूकधारी तेज़ी से उतरते हैं ...
Inter Cut
अभभनव और भिया दोनोां एक दू सरे से भिपटे हुए हैं , भिया बुदबुदाती है ...
भिया : अभभ... उन िोगोां ने हमें दे ख तो नहीां
भिया...?
अभभनव : (चुप रहने का इशारा करते हुए) कोई
फ़कक नहीां पड़ता, दे खने दो...हम उनसे आगे हैं , पीछे हैं
वो हमारे ...
inter cut
सारे बांदूकधारी उसी चौधरी के पास खड़े हैं , चौधरी भचल्लाते हुए बोिता है ...
चौधरी : ये कि की िौांभडया...हमारे सभदयोां पुराने
रस्मो- ररवाज़ोां की धज्जियाूँ उड़ाएगी...? हम अपने काूँ धे से
सर को भगरते दे ख सकते हैं , िेभकन सर से पगड़ी भगरते
नहीां दे ख सकते ...अगर इसकी वजह से हमारी पगड़ी भगरी,
तो हम इसका सर उतार िेंगे...
सब भसर झुकाकर खड़े हैं , चौधरी सबकी तरफ़ नज़रें घुमाता है , भिर अपने बेटे से
बोिता है ...
चौधरी : सरना, वो ससुरा अभभनव, जैसे आूँ खोां के
सामने आये , बेटा अपनी रायिि के दोनोां कारतूस
उसकी छाती में उतार भदयो... एक बेटा कम भी हो
जायेगा, तो कोई फ़कक नहीां पड़े गा, चार बचोगे,
हमारी अथी को कान्धा दे ने के भिए...और सुन! उस
िड़की के शरीर पर न खरोांच आये , न वस्त्र पर
भसिवट....वो ससुरी हमें भज़न्दा चाभहए, उसे कैसी
और भकतनी ददक नाक सज़ा दे नी है , ये मैं सोचूांगा...
सरना : ठीक है बाबू जी, मैं उसे उठाकर िाऊांगा,
और आपके क़दमोां में डाि दू ां गा...

िोग जीप की तरफ़ बढ़ते हैं , तभी भिर चौधरी बोिता है ...
चौधरी : ससुरोां... तुम िोगोां के खोपड़ी मा भूसा
भरा है ..? कुांद हो गए हो क्ा...?

सभी है रानी से दे खते हैं ..


चौधरी : आधे घात िगा के पैदि जाओ, दे खो कहीां
झाभड़योां में न भछपे होां, और आधे मेरे साथ जीप में
चिो...
सारे िोग चौधरी की बात को follow करते हैं , जीपें और आदमी इधर-उधर जाते हैं
जबभक एक दो आदमी आस पास की झाभड़योां में दे खते हैं ...
inter cut
भिया बहुत डरी हुयी है , जबभक अभभनव उसको अपनी बाहोां में कसे है ..
दो तीन बांदूकधारी पास की झाभड़योां में दे खते हैं , और कहते हैं ...
एक आदमी : अरे हम यहाूँ अपनी क्ोां ठु का रहे
हैं ..? वो ससुरे यहाूँ क्ा घास भछि रहे होांगे...? ढोर और
मवेशी चरा रहे होांगे...? वो भाग रहे हैं , चिो यहाूँ से ,
शहर जाने वािे रास्ते पर चिते हैं ...
दू सरा आदमी : ससुरे गधे के सर के सीांग हो गए
हैं , कहीां भदखाई ही नहीां दे रहे हैं ...
तीनोां आदमी वापस रास्ते की तरफ़ मुड़ जाते हैं , अभभनव और भिया की जान में जान
आती है ... हम अभभनव और भिया के point of view से उन आदभमयोां को जाते
हुए भदखाते हैं .. अभभनव भिया के बािोां में अपनी उूँ गभियाूँ भिराता है , भिया डबडबाई
आूँ खोां से अभभनव को दे खती है ... अभभनव उसके आां सू पोांछता है ...
flash back

scene : 4 classroom Int. Day


ch : professer Beniram Pandey / Abhinav , Khanna , Deva ,
Meva, Priya and students
scene classroom से open होता है , कैमरा स्टू डें ट्स को कवर करते हुए अब टीचर
पर close होता है , टीचर अपना चश्मा पहनते हुए स्टू डें ट्स को दे खकर बोिते हैं ...
बेनीराम : आज आप सबका क्लास में पहिा भदन
है , मैं दे ख रहा हूँ , कुछ नए भवधाथी हैं , और कुछ वही ूँ
हैं , जो पास होकर कॉिेज छोड़ना नहीां चाहते ...आप सबका
स्वागत है ....जो भवद्याथी नए हैं , मैं उन्हें अपने बारे में बता
दे ता हूँ ...
reactions of students
बेनीराम : मैं बेनीराम पाण्डे य...भहां दी का िोफ़ेसर
और आपका कक्षा अध्यापक हूँ ...मांगि पाण्डे य हमारे पूवकज
थे..भजन्होांने 1857 में आज़ादी की भबगुि बजाई थी, और
अांग्रेजोां से भििाफ़, भहन्दु स्ताभनयोां से सीने में क्ाां भत की मशाि
जिाई थी...
reactions of students
खन्ना : िानत है , पूवकजोां ने आज़ादी की पाठ पढ़ाई
थी, और वांशज भहां दी पढ़ा रहा है ...
स्टू डें ट्स ठहाका िगाते हैं , और खन्ना को दे खते हैं , खन्ना proudly look दे ता है ,
जबभक बेनीराम खन्ना को look दे ते हुए बोिता है ...
बेनीराम : भिय भवद्याभथकयोां..! इससे पहिे की नए
भवद्याथी अपना पररचय दें , मैं अपने इस मुझ पर व्यांगबाण
चिाने वािे, मेधावी छात्र के बारे में बताता हूँ ... (खन्ना,
मेवा, दे वा की तरफ़ दे खकर) ये दीपक खन्ना हैं , इस
दीपक से इनके घर को रौशनी भमिी है या नहीां, मैं नहीां
जानता, िेभकन भपछिे पाां च सािोां से , ये इसी डे स्क पर
जिते हुए, इस कक्षा को उजािा बाूँ ट रहे हैं ....ये पहिे
दीपक हैं , भजनका वतकमान और भभवष्य दोनोां अांधकार में
भदखाई दे रहा है ...और इनके ये दो और सांगी दे वा-मेवा,
जो इनके आसपास बैठे हैं , उनके पास भी अपने भभवष्य को
दे खने के भिए, अपनी खुद की रौशनी नहीां है ...
स्टू डें ट्स ठहाका िगाते हैं , खन्ना भी हूँ सते हुए कहता है .,...
खन्ना : अध्यापक महोदय...! पास तो मैं कभी हो
सकता हूँ , िेभकन नक़ि करके पास होने वािोां में से हूँ ...
बेनीराम : तो बेटा अक्ल िगाकर कर पास हो
जा...तू डे स्क छोड़े गा, तो कोई दू सरा आएगा..क्ोां दू सरे
की भशक्षा का अभधकार खा रहा है ...?

सारे स्टू डें ट्स ठहाका िगाते हैं ... इतने में classroom के दरवाज़े पर भिया नज़र
आती है , और वो बेनीराम की तरफ़ दे खकर पूछती है ...
भिया : may i come in sir... ?
बेनीराम के साथ साथ सभी स्टू डें ट्स और खन्ना पिटकर दे खते हैं , हुस्न की जीती जागती
मज्जल्लका भिया ररयेक्ट करके भिर पूछती है ...
भिया : may i come in sir... ?
बेनीराम : yes.. come in...पधारो...
भिया बिखाते हुए अन्दर आती है , तमाम स्टू डें ट्स आहें भरते हैं ... कैमरा खन्ना पर
close करते हैं , भजसका मुांह खुिा का खुिा रह जाता है , भिया classroom में नज़रें
दौडाती है , तो उसको सबसे पीछे एक सीट िािी भदखाई दे ती है , वो उधर बढ़ने िगती
है , तो अभभनव अपनी सीट से खड़ा होकर कहता है ...
अभभनव : excuse me, आप चाहें तो यहाूँ बैठ
सकती हैं , मैं वहाां बैठ जाता हूँ ...
भिया उनको deep look दे ते हुए कहती है ...
भिया : thank you... thank you very
much (अभभनव की तरफ़ हाथ बढ़ाते हुए)...i am
भिया....
अभभनव हाथ भमिाते हुए भझझकता है , तो सारे स्टू डें ट्स शोर मचाते हैं ..
दे वा-मेवा : अरे अभभनव, हाथ वो हाथ दे रही है ,
िे िे...

भिया दे वा और मेवा को एक hard look दे ती है , दोनोां हडबडा जाते हैं , अभभनव भबना
हाथ भमिाये ही वहाां से उठकर पीछे वािी सीट पर जाता है , भिया ररयेक्ट करती है ,
बेनीराम कहता है ..
बेनीराम: भिया, तुम्हारा पररचय भमिन बड़ा मधुर और
सराहनीय िगा... दे री से आने की वजह मैं तुम्हे बेंच पर
खड़े होने की सज़ा दे ने वािा था, िेभकन अब क्षमा करता
हूँ ...बैठ सकती हो...
भिया : thank you sir...(मन ही मन में)
खडूस... भिया को सज़ा दें गे...?
बेनीराम : (भिया से ) बेटा तुम्हारे चेहरे के भाव से
िगा, भक तु मने कुछ कहा...? शब्द नहीां थे , इसभिए
श्रवण नहीां कर सका...
भिया : no sir...मेरा face expressionless
है ...
भिया बोिते हुए बैठ जाती है और पीछे गया हुआ अभभनव अपना पररचय दे ते हुए कहता
है ...
अभभनव : सर...मैं भी अपना पररचय दे दू ां ...?
बेनीराम : अवश्य...
अभभनव : मेरा नाम अभभनव कुमार, मेरे भपताजी
का राजकुमार...
अभभनव आगे कुछ बोिे इससे पहिे खन्ना उसकी बात काटते हुए कहता है ...
खन्ना : महोदय, ये तो राजघराने का िगता है , भाई
माूँ का नाम राजकुमारी तो नहीां है ...?
स्टू डें ट्स हूँ सते हैं ...

अभभनव : हाूँ , अरे , तुम्हे कैसे मािूम...? सर ये


खन्ना सही बोि रहा है , मेरी माूँ का नाम राजकुमारी ही
है ...अरे खन्ना तु म ज्योभतषी तो नहीां हो...?
astrologer...?
खन्ना कांफ्यूज सा अभभनव को दे खता है , सभी आश्चयक से अभभनव को दे खते हैं , भिया भी
अभभनव को चांचिता से दे खती है , बेनीराम भी है रान है ...
भिया अभभनव को thumbs up करती है , खन्ना झेंप जाता है ...
अभभनव बैठ जाता है , अब हम भदखाते हैं , voice cut में स्टू डें ट्स खड़े होकर अपना
अपना पररचय दे ते हैं ... भिर हम भदखाते हैं भक पररचय समाप्त हो गया है , तभी घांटा
बजता है , और बेनीराम क्लास से बाहर जाता है , सारे स्टू डें ट्स बाहर भनकिने के भिए
खड़े होते हैं ...तभी मनीषा अपनी सहे भियोां के साथ भिया को घेर िेती है ...और कहती
है ...
मनीषा : hi भिया...i am मनीषा पटे ि, she is
कावेरी, and माधवी, we are a bunch of
friends...वैसे तुम भगरोह भी कह सकती हो, मनीषा
पटे ि भगरोह... अपनी पटे िगीरी यहाूँ चिती है ...
मनीषा आूँ ख मारती है , भजसे खन्ना दे खता है और मनीषा की तरफ़ हाथ बढ़ाकर कहता
है ...
खन्ना : hi miss पटे ि, my self दीपक
खन्ना...िोफ़ेसर पाण्डे य से मेरी तारीफ़ तो सुन ही चुकी
हो...वैसे उन्होांने भसफ़क synopsis बतायी है , story
िम्बी है ...कभी चाहो तो अपनी भगरोह के साथ सुन
िेना...
खन्ना मनीषा को आूँ ख मारता है , मनीषा ररयेक्ट करती है , अब खन्ना भिया की तरफ़ हाथ
बढ़ाते हुए कहता है ....
खन्ना : hi भिया...! दीपक खन्ना...
भिया खन्ना की तरफ़ हाथ नहीां बढ़ाती है , तो खन्ना है रत से कहता है ...
खन्ना : अरे तुमने तो अभभनव की तरफ़ हाथ बढ़ाया
था, तो मुझे िगा, तुम सबसे भमिाती हो...
भिया : नहीां... मैं सबसे नहीां भमिाती, पहिे दे खती
हूँ , भक भजसे हाथ दे रही हूँ , उसके हाथ कैसे हैं ...?
खन्ना झेंप जाता है तो दे वा-मेवा उसके कान में कहते हैं ...
दे वा-मेवा : बॉस तुम कहीां ग़ित प्लेट में चम्मच डाि
रहे हो, ये कॉिेज के time की परवाह नहीां करती, तो
तुम्हारी बात ही क्ा है ...? अपना हाथ जगन्नाथ, ज़ेब में
डािो...
पीछे की सीट पर बैठा अभभनव चुपचाप ये सब दे ख रहा है , भिया की नज़र उसकी
तरफ़ जाती है , अभभनव भिया से नज़रें चुराता है , अब खन्ना भिर से भिया की तरफ़ हाथ
बढ़ाते हुए कहता है ...
खन्ना : अरे छोरी पकड़ के दे ख िे अफ़सोस नहीां
होगा, साफ़ भी है , कड़क भी है ...
भिया खन्ना को look दे ती है , इससे पहिे खन्ना कुछ और बोिे भिया अभभनव के पास
जाती है और कहती है ...
भिया : अभभनव, मुझसे दोस्ती करोगे..?
reaction of all.. khanna shocked...अभभनव पि भर भिया को दे खता है
और कहता है ...
अभभनव : no..not, never....thank
you...
भिया shocked रह जाती है .. अभभनव अपना बुक पिटता है ...
cut to-

scene : 5 college Canteen day


ch: माधवी, खन्ना, दे वा- मेवा, अभनि, अभभनव, बेयरा, अन्य
scene कैंटीन से open होता है , कैमरा कैंटीन में चाय-नाश्ता करते हुए स्टू डें ट्स को
कवर करता हुआ एक कानकर पर रुकता है , वहाां पर हूँ सते हुए अभनि पर open होता
है ,
अभनि: (दे वा से ) एक बात बता, दे व होता है , तो
तू अपना नाम दे वा क्ोां भिखता है ...?
दे वा : जैसे राम को रामा, योग
को योगा... ठीक वैसे ही दे व को दे वा...
मेवा : मेरे नाम के बारे में नहीां पूछेगा...?
अभनि : नहीां तेरे में गड़बड़ नहीां है , मेवा तो मेवा
ही होता है , मतिब डराई फ्रूट...
सभी हूँ सते हैं ... तभी अभनि की नज़र कैंटीन में enter करते हुए अभभनव पर पड़ती
है , अभनि सभी को इशारा करता है , सब अभभनव को दे खते हैं , अभभनव वहाां िािी
पड़ी एक चेयर पर बैठता है , दे वा अभनि से कहता है ...
दे वा : यार... एक बात बता, भिया इतनी खूसूरत
िड़की, इससे कहती है , मुझसे दोस्ती करोगे ...? और ये
कमीना कहता है - no , not, never...
अभनि : हो सकता है , उसके पास िड़भकयोां का
स्टॉक ज्यादा हो...
मेवा : या भिर वो same जेंडर में interested
हो..आजकि बहुत सारे िड़के, िडको में भी इां टरे स्ट िेते
हैं ......?
दे वा : चि, इससे पू छते हैं , इसके refuse करने
की वजह क्ा है ...?
दे वा-मेवा अभभनव की टे बि पर जाते हैं , खन्ना एक बेयरे को आवाज़ दे ते हुए...
खन्ना : ओये हीरो....! कुछ पूछेगा...? कुछ
दे गा...? भाई हम यहाूँ क्लास अटें ड करने नहीां बैठे हैं ,
class attend करके के भिए कुछ खाने आये हैं ...
बेयरा खन्ना के पास आता है ...
वेटर : बोिो...
खन्ना : तेरा नाम क्ा है भाई...? बेयरा: जी...!
बेयरा : जी गांगाराम पटे ि...
खन्ना : पटे ि साहब, एक चाय िाओ...
गांगाराम चिा जाता है
खन्ना अभनि को look दे ता है ,
खन्ना : अभनि, यार ये भिया भटभिन नहीां िेती
क्ा...? ब्रेक हो गया और कैंटीन में आई नहीां...?
माधवी : खन्ना जब वो तेरे को घास नहीां डािी, तो
अब तू क्ोां उसके खाने की भिक् में मरा जा रहा है ....?
खन्ना : माधवी तू िड़की है , िेभकन ये मैं जानता हूँ
की िड़भकयाां कैसी होती हैं ...? िड़भकयाां थोडा time िेती
हैं , िेभकन एक भदन time भी दे ती हैं ... मैंने अपनी जेबोां
में बहुत घास भर रखे हैं , डािता रहूँ गा, एक भदन इसी
कैंटीन में सबके सामने ज्जखिाऊांगा,...
(आूँ ख मारता है ... सभी ररयेक्ट करते हैं ..)
माधवी : खन्ना तू घास भिे न ज्जखिा पाए, िेभकन
तेरा िड़भकयोां की जानने की किा, और confidence
कमाि का है ...
सभी हूँ सते हैं , अभनि कहता है ...
अभनि : कॉज्जिडें स कमाि का कैसे नहीां
रहे गा,...? पाां च साि से ये यहाूँ कॉज्जिडें स ही तो build
कर रहा है ...
वेटर : चाय...
वेटर चाय रखता है ,
खन्ना : (दू र बैठे अभभनव की तरि दे खकर)
अभभनव...! चाय...? मेरी तरफ़ से .... (वेटर से ) ये
एक उसे दे दे ....
अभभनव के पास दे वा और मेवा भी आकर बैठते हैं , दे वा कहता है ...
दे वा : बॉस हम दोनोां भी हैं ...
खन्ना : भाई खुद ही माूँ गा िो, मेरी पॉकेट मनी पूरे क्लास को अिोडक नहीां कर
सकती...
मेवा : (अभभनव से ) भाई, एक बात बता, तूने भिया का ऑिर क्ोां ठु करा भदया...?
ऐसा कर अभी एक्सेप्ट कर िे, बाद में तुझे नहीां चाभहए, तो हमे दे दे ना...
अभभनव मेवा को look दे ता है और भिर एक ज़ोरदार थप्पड़ मारता है ... मेवा
shocked है ... all shocked...
cut to -

scene : 6 िाइब्रेरी Int. day


ch: भिया , मनीषा , बेनीराम, अन्य
मनीषा हाथ में कुछ भकताबें िेकर भिया के पास आती है और कहती है ...
मनीषा : ये िे, ये तेरी चार भकताबें भमि गयी, कोई और भकताब चाभहए, तो बता, मैं
उसे भी ढूांढ कर िे आती हूँ ...
भिया मुस्कुरा कर कहती है ...
भिया : thank you मनीषा, इतना बस है ...तुमने अपने भिए कोई भकताब नहीां
िी...?
मनीषा : मुझे भकताबें पढ़ने में बहुत बोररयत होती है , हाूँ , lecture बड़े ध्यान से
सुनती हूँ ....
दोनोां वहाां से चिने िगती हैं .. तभी मनीषा पूछती है ..
मनीषा : भिया, if you don’t mind, may i ask you a question...?
भिया : हाूँ -हाूँ पूछ न...?
मनीषा : तुझे क्ा िगता है ...? अभभनव ने तुझसे दोस्ती करने से क्ोां मना भकया
होगा...? और तुमने भसिक दोस्ती का हाथ बढ़ाया था, कौन सा propose कर रही
थी...?
भिया : ओये, what do you mean..? तुम्हारा मतिब है , मैं अगर भकसी को
propose करुूँगी तो, वो मुझे मना कर दे गा...? मैं ऐसी भदखती हूँ ...? पता नहीां
उसे भकस बात का घमांड है ... वरना ये भिया अगर भकसी को सैंडि भी ऑिर करे ,
तो उसे िेने के भिए भी िाइन िग जाती है ...
तभी वहाां पर बेनीराम आता है , मनीषा एक बुक उिटने पिटने िगती है , दोनोां को
books पढ़ते दे खकर बेनीराम बोिता है ....
बेनीराम : बहुत सुन्दर...क्लास नहीां तो िायब्रेरी...अच्छा िगा तु म दोनोां को यहाूँ
दे खकर, वरना यहाूँ 90% भवद्याथी ऐसे हैं जो, अगर क्लास में नहीां होते तो भसनेमा हॉि
में होते हैं ... keep it up...इसे जारी रखना...बेटा भकताबोां से भमत्रता करोगी, तो
माक्सक बढ़ें गे, और बािकोां से भमत्रता करोगी, तो माक्सक घटें गे, अब िैसिा तुम्हे करना
है , भक दोस्ती का हाथ भकसकी तरफ़ बढ़ाना है ...
बेनीराम मुस्कुराता हुआ, वहाां से चिा जाता है , कैमरा भिया और मनीषा पर चाजक होता
है ...
cut to -
scene : 7 Campus ext day
ch : खन्ना, अभभनव, दे वा , भिया , मनीषा , माधवी, अन्य
कॉिेज के campus में स्टाइि से चिते हुए खन्ना आता है , दे वा मेवा उसकी तारीफ़
करते हुए कहते हैं ....
दे वा : बॉस...आप वैसे भदखते तो नहीां हो, िेभकन आपके अन्दर टै िेंट भबिकुि उनके
जैसा ही है ...
खन्ना : अबे भकसके जै सा...?
मेवा : अरे वही भजनकी गाड़ी को िड़भकयाां गाि की तरह चूमती थी, अपने होठोां की
िािी से उनकी गाड़ी िाि कर दे ती थी, और टायर के नीचे से धूि उठाकर अपनी माां ग
भर िेती थीां...
खन्ना : अबे भकसकी बात कर रहा है तू ...? क्ा कभी ऐसा कामदे व भी अपनी कॉिेज
में था...?
दे वा : कॉिेज में नहीां भाई, अपने बॉिीवुड में...
खन्ना अपना सर खुजाते हुए है रत से सोचकर कहता है ...
खन्ना : भकसकी बात कर रहा है तू ...? थोडा Hint को दो-चार इां च और बढ़ाकर
बता...
मेवा : अरे भाई, भजसके आप सरनेम हो...
खन्ना : राजेश...?

खन्ना िाउड िीि करता है , तभी खन्ना की नज़र आती हुयी भिया और मनीषा पर पड़ती
है , वो उनको घूरता है , दे वा मेवा भी उसी भदशा में दे खते हैं , उनके खुिे हुए मुांह को
खन्ना हाथ से बांद करके बोिता है ...
खन्ना : control ह्यभमनाइज़रोां control...सािोां तुम िोगो की आूँ खोां में इतनी
कामुकता भरी हुयी है , भक तुम िािी िड़भकयोां दे ख ही िो, तो भी बेचाररयोां को
ipils िेना पड़ जाये ...
मेवा : बॉस, ग़िती क्ा हमारी आूँ खोां की ही है ...? कुछ क़सूर उनकी beauti का
भी तो है ...हमारी आूँ खोां को भकताब और black board से खीांच कर अपनी ओर िे
िेती हैं ...और भिया तो पेटरोि है ...हम अपनी वासना का एक चुटकी रख भी उसकी
तरफ़ िेंक दें , तो भी आग िग जाये...
खन्ना : अबे अपने मुांह का ये गटर बांद रख, वो तेरी होने वािी भाभी माूँ है ...
दे वा : बॉस, भकतनी भाभी माूँ आयीां और चिी गयीां... िेभकन आप भाई, बाप नहीां
बन पाए...
खन्ना : अबे चुप, इस बार िाइनि है ...
मेवा : अच्छा तो हम, भाभी माूँ जी के साथ आने वािी, सािी, मौभसयोां को तो िाइन
मार सकते हैं न...
खन्ना : वो तुम दोनोां जानो, भकस गटर में भगरना है ...
दे वा मेवा एक- दू सरे को look दे ते हैं , और चि दे ते हैं , दोनोां जाती हुयी भिय और
मनीषा के थोड़े करीब जाकर सीटी बजाते हैं , भिया पिट कर दे खने िगती है , मनीषा
कहती है ...
मनीषा : अरे जाने दे , वही दोनोां सैडिसोि हैं ...
भिया : नहीां, इन िोगोां को बताना तो पड़े गा, भाई जब सैडिसोि हो तो, सैंडि के
नीचे पड़े रहो, हमारी तरफ़ क्ोां उछि रहे हो...?
भिया तेज़ी से दे वा मेवा के पास पहुूँ चती है , और दे वा और मेवा के गाि पर एक
ज़ोरदार तमाचा मारती है , दे वा ररयेक्ट करता है , मेवा अपना गाि सहिाता है , खन्ना
आता है और पूछता है ...
खन्ना : क्ा हुआ...? इन दोनोां ने छे ड़ा क्ा...?
भिया : साथी तो तुम्हारे हैं , तुम्हे नहीां मािूम कैसे हैं ...? सुधर जाओ, नहीां तो घसीट
कर भिांभसपि के रूम में िे जाउां गी सबको...
भिया और मनीषा जाने िगती हैं , तभी खन्ना दे वा मेवा को एक ज़ोरदार थप्पड़ मारते हुए
कहता है .
खन्ना : सािोां तुम िोग अपनी गन्दी हरक़तोां से मेरा भी कैरे क्टर गन्दा कर रहे हो...?
आज से तुम िोग मुझसे भमिोगे, मगर दू र से ...
cut

scene : 8 bedroom day int


ch : भिया, वीर भसांह, डम्पी
भिया dining table पर बैठकर नाश्ता कर रही है , उसकी भाभी डम्पी उसे नाश्ता
सवक कर रही है , भिया का भाई वीर भसांह पुभिस की वदी पहन रहा है , और भिया से
पूछता है ....
वीर भसांह : भिया कॉिेज का तेरा कैसा अज्जम्बअांस है ..? क्लासमेट कैसे हैं ...?
भिया : भैया, कॉिेज तो अच्छा है , िेभकन स्टू डें ट्स कुछ अजीब से हैं , भजनके पास
जाओ, वो दू र भागते हैं , और भजनसे दू र भागो, वो पीछे पड़ जाते हैं ....
वीर भसांह : कौन तेरे पीछे पडा है ...? मुझे बता, सािे को क्लास रूम से भनकाि के
िॉक up में डाि दे ता हूँ ...
भिया : नहीां भैया, मैं दे ख िूांगी, इां स्पेक्टर की बहन हूँ ...
वीर भसांह अपना यूभनिामक पहनकर बाहर आता है , और कहता है ...
वीर भसांह : चि मैं ड्यूटी पर जा रहा हूँ , बाय...
भिया : बाय भैया...
cut to-

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