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आं त ख ंचने से हुई थी महाराणा प्रताप की

मौत, रो पडा था बादशाह अकबर

जयपुर। महाराणा प्रताप पर पहली बार ररसर्च करने वाले डॉक्टर र्न्द्रशेखर शमाच ने अपने
ररसर्च पेपर में बताया है कक प्रताप अपनी राजधानी र्ावंड में ही कशकार पर जाने की तैयारी
कर रहे थे। इसी दौरान उन्हंने अपना धनुष कनकाला और उसकी डहरी कह खींर्ा। एका-एक
उनकी आं त में खखंर्ाव आ गया। बाद में र्ावंड में उनका इलाज र्ला, लेककन 29 जनवरी 1597
कह 57 वषच की आयु में आं त में आए खखंर्ाव के र्लते महाराणा प्रताप का कनधन हह गया।
महाराणा की मृत्यु की खबर सुन अकबर रह पडा था। महाराणा प्रताप की थी 16 राकनयां , 15
साल की कप्रंसेस से हुई थी पहली शादी....

- जनादच न राय नागर राजस्थान कवद्यापीठ कवश्वकवद्यालय में उदयपुर के मीरा कन्या महाकवद्यालय
के प्रहफेसर और इकतहासकार डॉक्टर र्न्द्रशेखर शमाच ने यह शहध प्रस्तुत ककया है। महाराणा
प्रताप के समकालीन ताम्र पत्हं कह आधार बताते हुए डॉ. शमाच ने महाराणा प्रताप के बारे के
जानकाररयां दी है।
-डॉ. शमाच ने बताया कक 1576 में हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप और अकबर के बीर् ऐसा युद्ध हुआ, जह
पूरी दु कनया के कलए आज भी एक कमसाल है । महाराणा प्रताप ने मुगल बादशाह अकबर की 20000
सैकनकहं वाली सेना के सामने अपने 8000 सैकनक और थहडे -से संसाधनहं के बल पर वषों संघषच ककया।
- 30 वषों में कई कहकशशहं के बावजूद अकबर महाराणा प्रताप कह बंदी न बना सका। यही नहीं
महाराणा की मृत्यु की खबर सुन अकबर रह पडा था।

DainikBhaskar.com भी ऐसी ही एक कहानी बताने जा रहा है। कजसका हीरह है रामप्रसाद। जह


इं सान नहीं बखि एक हाथी था। 13 हाकथयहं कह ककया था कर्त...

- आपने महाराणा प्रताप के घहडे र्ेतक की कहानी तह बहुत सुनी हहगी, लेककन महाराणा प्रताप
के पास एक हाथी भी था।

- कजसकी वीर गाधा भी र्ेतक से कम नहीं है । रामप्रसाद नाम का ये हाथी इतना ताकतवर था
कक उसने अकबर के तीन हाकथयहं कह मार कगराया था।

- कहा जाता है कक हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर ने महाराणा के साथ उनके हाथी रामप्रसाद
कह भी पकडने के आदे श कदए थे।

- रामप्रसाद कह पकडने के कलए 7 हाकथयहं का र्क्रव्यूह भी रर्ा गया। कजन पर 14 महावतहं कह


बैठाया गया।

- कजसके बाद अकबर ने उसे बंदी बना कलया था।

अकबर ने बदला रामप्रसाद का नाम

- बताया जाता है कक अकबर ने इस हाथी का नाम पीर प्रसाद रखा था।


- अकबर ने रामप्रसाद के खाने के कलए सबसे बेहतरीन व्यवस्था कक लेककन उसने 18 कदन तक
खाना नहीं खाया

-कजसके बाद रामप्रसाद की मौत हह गई। इसके बाद अकबर ने कहा था कक कजसमें हाथी कह
मैं मेरे सामने नहीं झुका पाया उस महाराणा प्रताप कह कैसे झुकाउं गा।

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