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ददददददद ददद ददददददद

नम: कृषणाय नीलाय िशितकण् िनभाय च।


नम: कालािगनरपाय कृतानताय च वै नम: ॥1॥
नमो िनमास देहाय दीघरशमशुजटाय च ।
नमो िवशालनेतय शुषकोदर भयाकृते॥2॥
नम: पुषकलगातय सथूलरोमणेऽथ वै नम:।
नमो दीघायशुषकाय कालदषट नमोऽसतुते॥3॥
नमसते कोटराकाय दुखनररीकयाय वै नम: ।
नमो घोराय रौदाय भीषणाय कपािलने॥4॥
नमसते सवरभकाय वलीमुखायनमोऽसतुते।
सूयरपुत नमसतेऽसतु भासकरे भयदाय च ॥5॥
अधोदृषे: नमसतेऽसतु संवतरक नमोऽसतुते।
नमो मनदगते तुभयं िनिरसतणाय नमोऽसतुते ॥6॥
तपसा दगधदेहाय िनतयं योगरताय च ।
नमो िनतयं कुधाताय अतृपताय च वै नम: ॥7॥
जानचकुनरमसतेऽसतु कशयपातमज सूनवे ।
तुषो ददािस वै राजयं रषो हरिस ततकणात् ॥8॥
दे्वासुरमनुषयाशिस ्िवदाधरोरगा:

तवयािवलोिकता:सवेनाशंयािनतसमूलत:॥9॥
पसादकुर मे देववाराहोऽहमुपागत

एवंसतुतसतदासौिरगरहराजोमहाबल: ॥10॥

दशरथकृत
शिन सतोत

िहनदी पद रपानतरण

हे शयामवणरवाले, हे नील कण् वाले। कालािगन रप वाले, हलके शरीर


वाले॥ सवीकारो नमन मेरे,

शिनदेव हम तुमहारे। सचचे सुकमर वाले है, मन से हो तुम हमारे॥


सवीकारो नमन मेरे। सवीकारोभजन मेरे॥
हे
दाढी-मूछो वाले, लमबी जटाये पाले।
हे दीघर नेत वाले,शुषकोदरा
िनरालभयआकृिततुमहारी, सबपािपयो कोमारे।सवीकारोनमनमेरे।
सवीकारोभजन मेरे॥
हेपुषदेहधारी,सथूल-रोमवाले।कोटरसुनेत वाले,
हे बज देहवाले॥तुम हीसुयश िदलाते,
सौभागय केिसतारे।
सवीकारोनमन मेरे।सवीकारोभजन मेरे॥
हे घोररौद रपा,भीषण कपािलभूपा।
हे नमनसवरभकीबिलमुख शनीअनूपा ॥
हेभकतो केसहारे, शिन! सबहवाले तेरे।
हैपूजय चरणतेरे।सवीकारो नमन मेरे॥

हेसूय-र सुततपसवी,भासकर के भयमनसवी।


हे अधोदृिष वाले,हे िवशमययशसवी॥
िवशासशधदाअिपरत सबकुछ तू हीिनभाले।
सवीकारोनमन मेरे।
हेपूजय देवमेरे॥अिततेज
खडगधारी, हेमनदगितसुपयारी।तप-दगध-देहधरी,िनत योगरतअपारी॥
संकटिवकट हटा दे,हे महातेजवाले।
सवीकारोनमन मेरे।
सवीकारोनमन मेरे॥
िनतिपयसुधामे रत हो,अतृिपत मेिनरत हो।
होपूजयतम जगतमे, अतयंतकरणा नत हो॥
हेजान नेतवाले, पावनपकाश वाले।सवीकारोभजन मेरे।
सवीकारोनमन मेरे॥
िजस परपसनदृिष, वैभवसुयश कीवृिष।
वह जगका राजय पाये,समाट तककहाये॥
उतामसवभाव वालेतुमसे ितिमरउजाले।
सवीकारोनमन मेरे।सवीकारोभजन मेरे॥
हो वदृिष िजसपै,ततकण
िवनष होता।
िमटजातीराजयसता,हो के िभखारीरोता॥डूबे न
भकत-नैययापतवार दे बचाले।
सवीकारोनमन मेरे।शिनपूजय चरणतेरे॥
होमूलनाश उनका,दुबुरिधदहोती िजन पर।
हो देवअसुर मानव, होिसधद यािवदाधर॥देकर
पसनतापभु अपनेचरण लगा ले।सवीकारो
नमन मेरे।
सवीकारोभजन मेरे॥होकर
पसन हेपभु! वरदानयही दीजै।
बजरंगभकत गण कोदुिनया मेअभय कीजै॥
सारेगहो केसवामी अपनािवरद बचाले।
सवीकारोनमन मेरे।
है
पूजय चरण
तेरे॥
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