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कक्षा – X I I (2018-19)
प्रतिदर्श – प्रश्न – ऩत्र
खंड-क
उस ददन फसॊत ऩॊचभी थी। सुफह उठते ही कोमर की कूक सुनयई ऩड़ गई। भन
िुश हो गमय। इस कोमर ने बी क्मय ददन चुनय महयॉ आने को । अरसयमय सय
उठय औय अऩनी खिड़की से गुरभोहय को दे िने रगय। इस उम्भीद भें दक
शयमद कोमर ही ददिरयई ऩड़ जयए। कोमर तो नहीॊ ददिी मों उसकी कूक कहीॊ
से आती जयती यही । अफ अऩने गुरभोहय को दे िय तो भन उदयस हो गमय। इन
ददनों मह होतय ही है । उसे दे िने कय भन ही नहीॊ होतय। अजीफ फयत है दक
फसॊत आतय है तो वह फुझय-फुझय सय नजय आतय है । जैसे झय यहय हो वह।
उसकी खिरखिरयहट कहीॊ िो गई हो। एक दकस्भ की झुॊझरयहट होने रगती है ।
फसॊत है मय ऩतझय । फसॊत क्मय आतय है उसकय एक-एक ऩत्तय झयने रगतय है ।
ड़) रेिक ऩीरे ऩत्ते औय ऩीरी सयसों भें दकस प्रकयय कय अॊतय ऩयतय है – स्ऩष्ट 2
कीखजए।
अथवा
आमय थय हये बये वन भें ऩतझय,
ऩय वह बी फीत चरय
कोंऩरे रगी, जो रगी ननत्म फढ़ने,
फढ़ती ज्मों चन्रकरय।।
चम्ऩई चयॉदनी बी फीती,
अनुययग-बयी ऊषय आई।
जफ हरयत ऩीत ऩल्रव वन भें
रौ सी ऩरयश रयरी छयई।।
ऩतझय की सूिी शयिों भें
रग गई आग, शोरे रहके।
नचनगी सी कनरमयॉ खिरी औय
हय पूनगी रयर पूर दहके।।
सूिी थी नसें
फहय उनभें दपय फूॉद-फूॉद कय नमय िून।।
बय गमय उजयरय डयरों भें,
खिर उठे नमे जीवन-प्रसून
अफ हुई सुफह, चभकी करगी,
दभके भिभरी रयर शोरे
पूरे टे सु फस इतनय ही
सभझे ऩय दे हयती बोरे।।
(क) कोंऩरो की फढ़ने की तुरनय चन्रकरय से क्मों की गई है ? 1
(ङ) बय गमय उजयरय डयरों भें खिर उठे नमे जीवन प्रसून-ऩॊबक्त कय बयव नरखिए। 1
खंड – ख
3. ननम्ननरखित भें से दकसी एक बवषम ऩय रगबग 300 शब्दों भें ननफॊध नरखिए
अथवा
खंड –ग
तुभने कबी दे िय है
ियरी कटोयों भें फसॊत कय उतयनय
मह शहय इसी तयह िुरतय है
इसी तयह बयतय
औय ियरी होतय है मह शहय
इसी तयह योज योज एक अनॊत शव
रे जयते है कॊधे
अॊधेयी गरी से
चभकती हुई गॊगय की तयप
अथवा
(क) कबव धनयनॊद भौन यहकय प्रेनभकय के कौन से प्रण-ऩयरन को दे िनय चयहते है ?
दि
ु औय सुि तो भन के बवकल्ऩ हैं । सुिी वह है खजसकय भन वश भें है , दि
ु ी
वह है खजसकय भन ऩयवश है । ऩयवश होने कय अथक है िुशयभद कयनय, दयॉत
ननऩोयनय, चयटु कयरयतय, हयॉ-हजूयी। खजसकय भन अऩने वश भें नहीॊ है वही दस
ू ये के
भन कय छॊ दयवतकन कयतय है , अऩने को नछऩयने के नरए नभ्मय आडॊ फय यचतय है ।
अथवा
अबी बी भयनव-सॊफॊधों के बऩॊजड़े भें बययतीम जीवन बवहग फॊदी है । भुक्त गगन
भें उड़यन बयने के नरए वह वमयकुर है । रेदकन आज बययतीम जन-जीवन
सॊगदठत प्रहयय कयके एक के फयद एक बऩॊजड़े की नतनरमयॉ तोड़ यहय है । नघक्कयय
है उन्हें जो नतनरमयॉ तोडने के फदरे उन्हें भजफूत कय यहे हैं , जो बययतबूनभ भें
जन्भ रेकय औय सयदहत्मकयय होने कय दॊ ब कयके भयनव भुबक्त के गीत गयकय
बययतीम जन को ऩययधीनतय औय ऩययबव कय ऩयठ ऩढ़यते हैं ।
11 ननम्ननरखित भें से दकन्ही दो प्रश्नों के उत्तय नरखिए 3x2=6
अथवा
बीष्भ सयहनी अथवय हजययी प्रसयद ददवेदी कय जीवन ऩरयचम दे ते हुए उनकी
बयषयगत बवशेषतयओॊ कय उल्रेि कीखजए।