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हिन्दी (ऐच्छिक )

कक्षा – X I I (2018-19)
प्रतिदर्श – प्रश्न – ऩत्र

तनधाशररि समय: 3 घंटे अतधकिम अंक : 80


समान्य तनदे र् :
 इस प्रश्न – ऩत्र में िीन खंड िै , क,ख,ग ।
 िीन खंडों के प्रश्नों के उत्तर दे ना अतनवायश िै ।
 यथासंभव िीनो खंडों के प्रश्नों के उत्तर क्रमर्: तऱच्खए ।

खंड-क

1. ननम्ननरखित गद्यॊश को ऩढ़कय ऩूछे गए प्रश्नों के उत्तय नरखिए 11

उस ददन फसॊत ऩॊचभी थी। सुफह उठते ही कोमर की कूक सुनयई ऩड़ गई। भन
िुश हो गमय। इस कोमर ने बी क्मय ददन चुनय महयॉ आने को । अरसयमय सय
उठय औय अऩनी खिड़की से गुरभोहय को दे िने रगय। इस उम्भीद भें दक
शयमद कोमर ही ददिरयई ऩड़ जयए। कोमर तो नहीॊ ददिी मों उसकी कूक कहीॊ
से आती जयती यही । अफ अऩने गुरभोहय को दे िय तो भन उदयस हो गमय। इन
ददनों मह होतय ही है । उसे दे िने कय भन ही नहीॊ होतय। अजीफ फयत है दक
फसॊत आतय है तो वह फुझय-फुझय सय नजय आतय है । जैसे झय यहय हो वह।
उसकी खिरखिरयहट कहीॊ िो गई हो। एक दकस्भ की झुॊझरयहट होने रगती है ।
फसॊत है मय ऩतझय । फसॊत क्मय आतय है उसकय एक-एक ऩत्तय झयने रगतय है ।

पयगुन कय भहीनय चर यहय है । औय हभ फसॊत ऩॊचभी ऩहरे ही भनय चुके हैं ।


कभयर के रोग हैं महयॉ। फसॊत ऩॊचभी भनय रेते हैं भयघ भें औय फसॊत आतय है
पयगुन के बी फयद चैत्र फैसयि भें। भयघ औय पयगुन भें तो नशनशय भयनय जयतय
है । रेदकन भयघ फीतते ही उसे फसॊत की आहट सुनयई ऩड़ने रगती है । फसॊत की
दस्तक को ही उत्सव भें फदर दे तय है वह उनके नरए तो फसॊत ऩॊचभी से ही
फसॊत शुरू हो जयतय है । शयस्त्र भयनते यहें चैत्र फैसयि भें फसॊत रेदकन महयॉ कय
रोक तो पगुनयहट को ही फसॊत भयनतय है ।
ददल्री भें ऩेड़ो की कतययें हैं । दकसी सड़क से ननकरते हुए दकसी ऩेड़ के नीचे से
गुजरयए। ऩीरे ऩत्ते अनयमयस आऩके ऩैयों तरे चयभय कयने रगते हैं । कोई-कोई
ऩत्तय आऩके ऊऩय मय आसऩयस नगय सकतय है । फसॊत कय भौसभ है औय इतने
ऩीरे ऩत्ते जभीन ऩय ढे य ददिरयई ऩड़ते हैं । आऩ जयननय चयहें तो हय ऩत्ते कय
एक इनतहयस है । वह अऩनी ऩययी िेरकय धयती ऩय आ चुकय है । ददल्री भें मह
ऩीरे ऩत्ते ददिरयई ऩड़ते हैं औय महयॉ से फयहय ननकरतय हूॉ तो िेंतो ऩय ऩीरे
सयसों की ऩीरी चयदय बफछी ददिरयई ऩड़ती है । इस ऩीरे ऩत्ते औय उस ऩीरी
सयसों भें दकतनय पकक है ? खजन्दगी के दो अरग अनुबव हैं । एक भन को
उदयस कयतय है । दस
ू यय भन को िुश कयतय है । औय दोनों एक दस
ू ये से जुड़े हुए
हैं । एक नीभ के ऩेड़ के नीचे िड़य है ।भेये ऩैयो के नीचे ऩीरे ऩत्ते ही ऩत्ते हैं ।
रेदकन भै ऊऩय दे ितय हूॉ, तो नमे हये ऩत्ते नजय आते हैं । मे ऩीरे ऩत्ते अऩनी
खजॊदगी जी चुके हैं । वे अगय डयर ऩय अड़े यहते तो नमे ऩत्तों के नरए जगह ही
नहीॊ होती। ऐसे ही दकसी वक्त भें कबी इन ऩीरे ऩत्तों को बी दकसी ने जगह दी
होगी। खजन्दगी ऐसे ही चरती है । चरने कय नयभ ही खजन्दगी है ।

क) गद्यॊश को ऩढ़कय एक उनचत शीषकक नरखिए। 1

ि) गुरभोहय को दे िकय रेिक कय भन उदयस क्मों हो गमय ? 2

ग) बययत के रोगों को कभयर क्मों कहय गमय है ? 2

घ) हय ऩत्ते कय एक इनतहयस है – कैसे? 2

ड़) रेिक ऩीरे ऩत्ते औय ऩीरी सयसों भें दकस प्रकयय कय अॊतय ऩयतय है – स्ऩष्ट 2

कीखजए।

च) खजन्दगी ऐसे ही चरती है – कथन कय आशम स्ऩष्ट कीखजए। 2

2. ननम्ननरखित कयवमयॊश को ऩढ़कय ऩूछे गए प्रश्नों के उत्तय नरखिए। 1 x 5 =

कहते महयॉ सफ एक हैं ,


हभ एक ही ऩरयवयय हैं ।
क्मों बयव करुबषत हो यहे ,
क्मों द्वे ष की दीवयय है ?
दो ददरों के फीच है जो
अफ ढहयनय चयहतय हूॉ।
गीत आमय है अधय ऩय
गुनगुनयनय चयहतय हूॉ।

ऩत्थय सयीिे हो यहे ,


अन्त्कयण भें ऩीय है ।
जो चयय होते थे नमन
अफ क्मों उन्हीॊ भें नीय है ।
प्रेभ की सरयतय हृदम भें,
दपय फहयनय चयहतय हूॉ
गीत आमय है अधय ऩय
गुनगुनयनय चयहतय हूॉ

आॉनधमों की िौप से ही,


योशनी गुर हो गई है ;
नघय गई गनरमयॉ नतनभय से,
सनसनी पैरी हुई है ।
जुगनुओॊ – सय बवनथमों भें;
दटभदटभयनय चयहतय हूॉ।
गीत आमय है अधय ऩय
गुनगुनयनय चयहतय हूॉ।
(क) इस सॊसयय के फयये भें सफ रोग क्मय कहते हैं ? 1

(ि) कबव दकसे नगययनय चयहतय है औय क्मों? 1

(ग) आॉिों भें आॉसू होने के कययणों को स्ऩष्ट कीखजए? 1

( घ) आॉनधमों की िौप से ही योशनी गुर हो गई है – ऩॊबक्त कय बयव नरखिए। 1

(ङ) कबव गीत गुनगुनयनय क्मों चयहतय है ? 1

अथवा
आमय थय हये बये वन भें ऩतझय,
ऩय वह बी फीत चरय
कोंऩरे रगी, जो रगी ननत्म फढ़ने,
फढ़ती ज्मों चन्रकरय।।
चम्ऩई चयॉदनी बी फीती,
अनुययग-बयी ऊषय आई।
जफ हरयत ऩीत ऩल्रव वन भें
रौ सी ऩरयश रयरी छयई।।
ऩतझय की सूिी शयिों भें
रग गई आग, शोरे रहके।
नचनगी सी कनरमयॉ खिरी औय
हय पूनगी रयर पूर दहके।।
सूिी थी नसें
फहय उनभें दपय फूॉद-फूॉद कय नमय िून।।
बय गमय उजयरय डयरों भें,
खिर उठे नमे जीवन-प्रसून
अफ हुई सुफह, चभकी करगी,
दभके भिभरी रयर शोरे
पूरे टे सु फस इतनय ही
सभझे ऩय दे हयती बोरे।।
(क) कोंऩरो की फढ़ने की तुरनय चन्रकरय से क्मों की गई है ? 1

(ि) ऊषय के आगभन कय नचत्र कबव ने दकस प्रकयय िीॊचय है ? 1

(ग) ऩरयश की तुरनय दकससे की गई है ? 1

( घ) ऩरयश के खिरने से जॊगर कय दृश्म कैसय हो गमय? 1

(ङ) बय गमय उजयरय डयरों भें खिर उठे नमे जीवन प्रसून-ऩॊबक्त कय बयव नरखिए। 1

खंड – ख

3. ननम्ननरखित भें से दकसी एक बवषम ऩय रगबग 300 शब्दों भें ननफॊध नरखिए

(क) रोकतॊत्र कय उत्सव है चुनयव


(ि) सभयज के बवकयस भें नशऺय कय मोगदयन

(ग) बवद्यनथकमों भें फढ़ती स्वयस््म सभस्मयएॉ

( घ) भहयनगयों भें आवयस एक चुनौती

4. बययतीम सभयज भें भदहरयओॊ ऩय फढ़ती अऩययध की घटनयओॊ ऩय नचॊतय वमक्त 5


कयते हुए दकसी दै ननक अिफयय के सम्ऩयदक को ऩत्र नरखिए।
अथवय

अऩने शहय की ऩटरयमों ऩय रगने वयरे सयप्तयदहक फयजययों से होने वयरी


असुबवधयओॊ कय उल्रेि कयते हुए नगय ननगभ के आमुक्त को ऩत्र नरिकय
उनचत कदभ उठयने के नरए अनुयोध कीखजए।
5. ‘अनबवमबक्त औय भयध्मभ ‘ऩुस्तक के आधयय ऩय दकन्हीॊ चयय प्रश्नों के उत्तय 1X4=4
नरखिए
(क) ब्रेदकॊग न्मूज दकसे कहते है ?

(ि) सॊऩयदकीम दकसे कहते है ?

(ग) ऩीत-ऩत्रकयरयतय क्मय है ?

( घ) स्वतॊत्रतय से ऩहरे के दकसी दो ऩबत्रकयओॊ के नयभ नरखिए।

(ङ) फ्रीरयॊसय दकसे कहते है ?

6. ‘ददवयरी भेरय’ बवषम ऩय एक पीचय तैमयय कीखजए। 3

अथवा

बययत सयकयय की ‘उज्जवरय मोजनय’ को आधयय फनयकय आरेि नरखिए।

खंड –ग

7. ननम्ननरखित भें से दकसी एक कयवमयॊश की सप्रसॊग वमयख्मय कीखजए 6

तुभने कबी दे िय है
ियरी कटोयों भें फसॊत कय उतयनय
मह शहय इसी तयह िुरतय है
इसी तयह बयतय
औय ियरी होतय है मह शहय
इसी तयह योज योज एक अनॊत शव
रे जयते है कॊधे
अॊधेयी गरी से
चभकती हुई गॊगय की तयप
अथवा

कुसुनभत कयनन हे रय कभरभुखि


भूदद यहए द ु नमयन
कोदकर-करयव, भधुकय-धुनन सुनन,
कय दे इ झयॉऩइ कयन।।
भयधव, सुन-सुन फचन हभययय।
तुअ गुन सुॊदरय अनत भेर दफ
ू रय
गुनन-गुनन प्रेभ तोहययय।।
8. ननम्ननरखित भें से दकन्हीॊ दो प्रश्नों के उत्तय नरखिए 2+2=4

(क) कबव धनयनॊद भौन यहकय प्रेनभकय के कौन से प्रण-ऩयरन को दे िनय चयहते है ?

(ि) ‘कयनेनरमय कय गीत ‘ कबवतय भें प्रसयद ने बययत की दकन बवशेषतयओँ की ओय


सॊकेत दकमय है ?
(ग) हयथ पैरयने वयरे वमबक्त को कबव ने ईभयनदयय क्मों कहय है ?स्ऩष्ट कीखजए
(एक कभ कबवतय के आधयय ऩय)
( घ) ‘आकयश फदर कय फनय भही’ ऩॊबक्त भें ‘आकयश’ औय ‘भही’ शब्द दकसकी ओय
सॊकेत कयते हैं ?
9. ननम्ननरखित कयवमयॊशो भें से दकसी दो के कयवम सौन्दमक ऩय प्रकयश डयनरए 3X2=6

(क) तोड़ो तोड़ो तोड़ो


मे ऩत्थय मे चट्टयने
मे झूठे फॊधन टू टें ।
(ि) बयत सौगुनी सयय कयत हैं , अनत बप्रम जयनन नतहयये ।
तदबऩ ददनदहॊ ददन होत झयॉवये भनहुॉ कभर दहभभयये ।।
(ग) मह तन जययौ छयय कै कहौ दक ऩवन उड़यउ।
भकु तेदह भययग होई ऩयौ कॊत धयै वहॉ ऩयउ।।
( घ) धनआनॊद भीत सुजयन बफनय, सफ हो सुि-सयज-सभयज हये
तफ हयय ऩहयय से रयगत है , अफ आनि कै फीच ऩहयय ऩये ।।
10. ननम्ननरखित गद्यॊश की सप्रसॊग वमयख्मय कीखजए 5

दि
ु औय सुि तो भन के बवकल्ऩ हैं । सुिी वह है खजसकय भन वश भें है , दि
ु ी
वह है खजसकय भन ऩयवश है । ऩयवश होने कय अथक है िुशयभद कयनय, दयॉत
ननऩोयनय, चयटु कयरयतय, हयॉ-हजूयी। खजसकय भन अऩने वश भें नहीॊ है वही दस
ू ये के
भन कय छॊ दयवतकन कयतय है , अऩने को नछऩयने के नरए नभ्मय आडॊ फय यचतय है ।
अथवा

अबी बी भयनव-सॊफॊधों के बऩॊजड़े भें बययतीम जीवन बवहग फॊदी है । भुक्त गगन
भें उड़यन बयने के नरए वह वमयकुर है । रेदकन आज बययतीम जन-जीवन
सॊगदठत प्रहयय कयके एक के फयद एक बऩॊजड़े की नतनरमयॉ तोड़ यहय है । नघक्कयय
है उन्हें जो नतनरमयॉ तोडने के फदरे उन्हें भजफूत कय यहे हैं , जो बययतबूनभ भें
जन्भ रेकय औय सयदहत्मकयय होने कय दॊ ब कयके भयनव भुबक्त के गीत गयकय
बययतीम जन को ऩययधीनतय औय ऩययबव कय ऩयठ ऩढ़यते हैं ।
11 ननम्ननरखित भें से दकन्ही दो प्रश्नों के उत्तय नरखिए 3x2=6

(क) भनोकयभनय की गयॉठ बी अद्भत


ु , अनूठी है , इधय फयॉधो उधय रग जयती है –
कथन के आधयय ऩय ऩययो की भनोदशय कय वणकन कीखजए।
(ि) ” अतीत कय सभूचय नभथक सॊसयय ऩोनथमों भें नहीॊ, इन रयश्तों की अदृश्म नरबऩ
भें भौजूद यहतय थय” – जहयॉ कोई वयऩसी नहीॊ ऩयठ के आधयय ऩय आशम स्ऩष्ट
कीखजए।
(ग) फथुआ सयग ियकय कफ तक जीऊॉ ‘सॊवददमय’ कहयनी के आधयय ऩय कथन कय
आशम स्ऩष्ट कीखजए।
( घ) “ भैं कहीॊ जयतय हूॉ तो ‘छूॉछे ’ हयथ नहीॊ रौटतय।“ कथन कय आशम ‘कच्चय
नचट्ठय’ ऩयठ के आधयय ऩय नरखिए।

12 ‘जमशॊकय प्रसयद’ अथवय ‘यधुवीय सहयम’ कय सयदहखत्मक ऩरयचम दे ते हुए उनकी 5


कयवमगत बवशेषतयओँ कय उल्रेि कीखजए।

अथवा

बीष्भ सयहनी अथवय हजययी प्रसयद ददवेदी कय जीवन ऩरयचम दे ते हुए उनकी
बयषयगत बवशेषतयओॊ कय उल्रेि कीखजए।

13. ऩवकतययोहण ऩवकतीम प्रदे शों की ददनचमयक है , वही ददनचमयक आज जीबवकय कय 4


सयधन फन गई है – कैसे
अथवय

‘तो हभ सौ रयि फयय फनयएॊगे’ इस कथन के सॊदबक भें सूयदयस के चरयत्र कय


बववेचन कीखजए

14 14. ननम्ननरखित भें से दकन्ही दो प्रश्नों के उत्तय नरखिए


‘मह पूस की ययि न थी, उसकी अनबरयषयओॊ की ययि थी ।‘ सॊदबक सदहत 4x2=8
(क)
बववेचन कीखजए
(ि) ऩहयड़ों की चढ़यई भें बूऩ दयदय कय कोई जवयफ नहीॊ। उनके चरयत्र की बवशेषतयओँ
ऩय प्रकयश डयनरए।
(ग)
रेिक बफसनयथ ने दकन आधययों ऩय अऩनी भयॉ की तुरनय फति से की है ।
(घ) ‘हभययी आज की सभ्मतय इन नददमों को अऩने गॊदे ऩयनी के नयरे फनय यही है ।‘
क्मों औय कैसे?

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