अमृतहस्ता श्रीराधारानी

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🌹 ी राधा जू क ल ला 🌹*
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🌸 कशोर जू अपनी सभी स खय के यहाँ बार -बार खेलने जाती थी। तगंु वधा ने अपने गाँव म गु डे-गु ड़या
का ववाह कराया। राधा रानी और ल लता जू अपने अपने गु डा और गु ड़या को लेकर डवारा गाँव, जो क
तग
ंु वधा जी का गाँव है , वहाँ पहुँची। क रत मैया भी लाडल जू के संग गयी।

🌸 कशोर जू ने बारात के लये म ट के पकवान बनाये और फर सब ववाह क र मे कराने लगी। इतने म


वहाँ दव
ु ासा ऋ ष आ पहुँचे, इनके संग इनके दस हजार श य क म डल भी साथ चलती थी। छोट -छोट
जगोपीयो को खेलता दे ख बाबा बोले: लाल , हम बरसाने को माग बताओगी।

🌸ल लता जू बोल बाबा जी बरसाने जायके काह करेगो, दवु ाषा जी बोले हम बषृ भानू जी के यहां जानो है।
हमारो परू ो श य प रकर हमारे संग है , भख
ू लगी है बहुत जोर क ..

🌸ल लता जू घबरा गयी, सीधी क रत मैया के पास पहुँची! मैया, ओ मैया..


🌸एक बाबा जी आयो है, अपने दस हजार श यन के संग.. और बरसाने को माग पछू र यो है, बाबा सौ
मलनो है .. सबकू भोजन करनो है । क रत मैया समझ गयी क ये ज र दव
ु ासा ऋ ष है , आज तो यह नि चत
ाप दे दगे, य क म यहाँ हूँ और बाबा भी बरसाने ते बाहर ह..!!

🌸मैया बोल मोये दखाय के ला कौन सो बाबा जी है। मैया नोवार चोवार पर पहुँची, जहाँ कशोर जू सब
स खय के संग मलके खेल रह थी। मैया ने दे खा क लाडल जू दव
ु ासा ऋ ष से बात कर रह ह।

🌸बाबा तु हे हमारे बाबा सौ मलनो है का..!!


बेट तू बष
ृ भानू जी क पु ी है या.. हाँ बाबा, म बष
ृ भानू जू क बेट राधा हूँ।

🌸दवु ासा कशोर जू के दशन कर जड़ हो गये लाडल जू ने हलाया बाबा सो गयो का हमारे बाबा सौ का काम
है आपकू..

🌸दवु ाषा जी बोले बेट मोये और मेरे श य को भखू लगी है, राजा बषृ भानू ह हम भोजन करा सकते ह।
अ छो इतनी सी बात है , बाबा तू नहाय के आ साद तैयार मलेगो, बाबा नहाने चले गये क रत मैया ओट से
नकल , अर .. राधा तेने जे का यथा बोय दयी। लाल ई तो बडो ोधी बाबा जी है , नेक-नेक बात पे ो धत हे
जाय और ाप दे दे , अब तू इतने लोगन कू भोजन कैसे तैयार करे गी..!!

🌸 कशोर जू सब स खय से बोल चलो र सब माट इक ट करो ओर माट गलु ाय के मोये दो, सब स खयाँ
म ट गलाने लगी। कशोर जू ने म ट क पड ू ी, म ट क स जी, म ट क मठाई तैयार कर द । दव
ु ासा
आये म ट क व तु दे ख बड़े ह ो धत हुऐ।

🌸अर छोर , तू हमसे मजाक कर रह है, ये या म ट क साम ी बनाई है..


🌸 या जू बोल बाबा जी कायकू ह ला कर र यो है, काह खावेगो ईमरती.. ले म ट क इमरती रख द
ु ासा ने जैसे ह मँह
सामने दव ु मे म ट क इमरती डाल , द ु नया के वाद भल
ू गये और काह खावेगो रसगु ला
ले आह हा उस म ट के रसगु ला के वाद के आगे सब रस फ के बाबा और सभी श य ने ऐसा भोजन
जीवन म पहल बार कया और आशीवाद दया, कशोर जू को क जो बष
ृ भानू न दनी के हाथ क रसोई
पायेगा, वो लोक वजयी हो जायेगा..!!

🌸यशोदा मैया को जब यह बात पता चल तो यशोदा मैया ने ठाकुर जी के लये कशोर जू के हाथो से रसोई
बनवाई तो महाराज ये ठाकुर तो बल भी हमार कशोर जू क कृपा का ह लये फरते ह और नाम अपना करते
ह..!!

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‼ जय जय ी राधे ‼

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