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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

ववद्याववहार नगर, घाटकोपर भाग, मब


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सूयय नमस्कार

ॐ ध्येयः सदा सववतृ-मण्डल-मध्यवती नारायणः सरवसजासन-सविववष्टः।


केयूरवान् मकरकणडलवान् वकरीटी हारी वहरण्यमयवपर्ृयतशंखचक्रः।।
स्स्िवत सााँस मंत्र अिय
छोड़ना ॐ वमत्राय नमः। उसे साष्टांग प्रणाम जो सबका वमत्र है ।

लेना ॐ रवये नमः। उसे साष्टांग प्रणाम जो पवरवतयन का कारण है ।


छोड़ना ॐ सूयाय नमः। उसे साष्टांग प्रणाम जो गवतवववर् को प्रेवरत करता


३ है ।

लेना ॐ भानवे नमः। उसे साष्टांग प्रणाम जो प्रकाश फैलाता है ।


छोड़ना ॐ खगाय नमः। उसे साष्टांग प्रणाम जो आकाश में भ्रमण करता है ।

रोकना ॐ पष्ट्णे नमः। उसे साष्टांग प्रणाम जो सभी का पोषण करता है ।


लेना ॐ वहरण्यगभाय नमः। उसे साष्टांग प्रणाम जो सब में समाया हआ है ।


छोड़ना ॐ मरीचये नमः। उसे साष्टांग प्रणाम जो वकरणों से यक्त है ।


लेना ॐ आवदत्याय नमः। उसे साष्टांग प्रणाम जो दे वों का दे व है ।


छोड़ना ॐ सववत्रे नमः। उसे साष्टांग प्रणाम जो सब कछ उत्पि करता है ।


१०

लेना ॐ अकाय नमः। उसे साष्टांग प्रणाम जो पूजनीय है ।


११

छोड़ना ॐ भास्कराय नमः। उसे साष्टांग प्रणाम जो तेज का कारण है ।


१२

आवदत्यस्य नमस्कारान् ये कवयस्तत वदने वदने।


आयः प्रज्ञा बलं वीयं तेजस्तेषां च जायते ।।
जो लोग प्रवतवदन सूयय नमस्कार करते हैं , उनकी आय, प्रज्ञा, बल, वीयय और तेज बढ़ता है ।

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सूयय नमस्कार

सूयय नमस्कार के लाभ

▪ यह शरीर के सभी वहस्सों, मांसपेवशयों और नसों को वक्रयाशील करता है ।

▪ इसे करने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है , और कमर लचीली होती है ।

▪ सूयय नमस्कार हृदय और फेफड़ों की काययक्षमता को बढ़ाने में भी लाभदायक होता है ।

▪ सूयय नमस्कार के वनयवमत अभ्यास से बालों का शभ्र होना और झरना बंद होता है ।

▪ इसका अभ्यास त्वचा के वलए भी लाभदायक है , इससे त्वचा के कई रोग दूर होते हैं ।

▪ सूयय नमस्कार क्रोर् को वनयंवत्रत करने में भी प्रभावी होता है , इससे शरीर का संतलन बना
रहता है , मन शांत रहता है , और आप पूरा वदन अच्छा महसूस करते हैं ।

▪ सूयय नमस्कार को हम खले वातावरण में करते हैं , वजससे की शरीर को ववटावमन-डी वमलता
है और हवड्डयााँ मजबूत होती हैं ।

▪ यह शरीर की सभी महत्वपूणय ग्रंवियों, जैसे की पैंवक्रयाज, िायरॉइड, वपट्यूटरी ग्लैंड आवद को
संतवलत करने में सहायक है ।

▪ इसको वनयवमत रूप से करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है । मानवसक तनाव, अवसाद,


क्रोर्, वचड़वचड़ापन, भय आवद के वनदान के वलए इसे अवश्य करना चावहए।

▪ सूयय नमस्कार से पेट में होने वाली सभी समस्याएं भी जल्दी ठीक होने लगती है , पाचन
वक्रया बढ़ाने के वलए भी यह उत्तम आसान है ।

▪ इसे रोज करने से रक्त संचालन सचारू होता है , रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) की आशंका घटती है ।
मेटाबोवलज्म सर्रता है तिा शरीर के सभी अंग सशक्त और वक्रयाशील होते हैं ।

▪ सूयय नमस्कार वजन घटाने के वलए बेहद लाभदायक माना गया है । इससे ना केवल आपका
वजन कम होता है , बस्ल्क यह आपके शरीर को पूरी तरह से उवचत आकार में भी लाता है ।

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सूयय नमस्कार

!!! सावर्ान !!!

▪ प्रारं भ में जब आप योग्य प्रकार से सूयय नमस्कार ड़ालना नहीं जानते तब वकसी
अनभवी प्रवशक्षक के पययवेक्षण में ही सूयय नमस्कार ड़ालें।

▪ यवद आप वकसी स्वास््य अवस्िा से ग्रस्त हैं जैसे वक रीढ़ की हड्डी की बीमारी, स्स्लप
वड़स्क, रक्तचाप (ब्लड प्रेशर), इत्यादी तो अपने वैद्य (डॉक्टर) के परामशय के पश्चात ही
सूयय नमस्कार ड़ालें।

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