Professional Documents
Culture Documents
सह लोचन भृ यशेषलेखशेखर
सूनधू लधोरणी वधूसरां पीठभूः।
भुजंगराजमालया नब जाटजूटकः
यै चरायजायतां चकोरबंधुशेखरः ॥5॥
करालभालप का धग ग ग वल
नंजया धरीकृत चंड पंचसायके।
धराधर नं दनी कुचा च प
क क पनैक श पनी लोचनेर तमम ॥7॥
नवीनमेघमंडली न धर ु र
कु नशीथनीतमः ब ब क रः।
न ल नझरीधर तनोतु कृ सधुरः
कला नधानबंधुरः यं जगं रंधरः ॥8॥
फु लनीलपंकज पंचका लम भा
वडं ब कंठकंध रा च बंधकंधरम्।
मर दं पुर द भव दं मख दं
गज दांधक दं तमंतक दं भजे ॥9॥
जय वद व म म जंगम ु र
ग ग नगम कराल भाल ह वाट् ।
धम म म वन मृदंग तुंगमंगल
व न म व तत: च ड ता डवः शवः ॥11॥
ष च त पयो भुजंगमौ कम
जोग र र नलो योः सु प प योः।
तृणार वदच ुषोः जामहीमहे योः
समं वतय मनः कदा सदा शवं भजे ॥12॥
कदा न लप नझरी नकुंजकोटरे वसन्
वमु म तः सदा शरः मंज ल वहन्।
वमु लोललोचनो ललामभालल नकः
शवे त मं मु रन् कदा सुखी भवा यहम् ॥13॥