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शव तांडव तो

जटा टवी गल ल वाह पा वत ले


गले ऽ व ल यल बतां भु जं ग तुं ग मा लकाम् ।
डम म म म नाद व मवयं
चकारच डता डवं तनोतु नः शव: शवम् ॥1॥

जटा कटा हसं म म लप नझरी


वलोल वी च व लरी वराज मानमू ध न।
धग ग ग वल ललाट प पावके
कशोर चं शे ख रे र तः त णं मम: ॥2॥

धरा धर नं दनी वलास ब ु ब ु र


ु र गं त सं त त मोद मानमानसे ।
कृ पाकटा धोरणी न धराप द
व च ग बरे मनो वनोदमे तु व तु न ॥3॥
जटाभुजंग पगल ु र फणाम ण भा
कदं बकुंकुम व ल त द व धूमुखे।
मदांध सधु र ु र वगु रीयमे रे
मनो वनोद तं बभतुभूत भत र ॥4॥

सह लोचन भृ यशेषलेखशेखर
सूनधू लधोरणी वधूसरां पीठभूः।
भुजंगराजमालया नब जाटजूटकः
यै चरायजायतां चकोरबंधुशेखरः ॥5॥

ललाटच वर वल नंजय ु लगभा


नपीतपंच सायकंनम लपनायकम्।
सुधामयूखलेखया वराजमानशेखरं
महाकपा लसंपदे शरोजटालम तुनः ॥6॥

करालभालप का धग ग ग वल
नंजया धरीकृत चंड पंचसायके।
धराधर नं दनी कुचा च प
क क पनैक श पनी लोचनेर तमम ॥7॥

नवीनमेघमंडली न धर ु र
कु नशीथनीतमः ब ब क रः।
न ल नझरीधर तनोतु कृ सधुरः
कला नधानबंधुरः यं जगं रंधरः ॥8॥

फु लनीलपंकज पंचका लम भा
वडं ब कंठकंध रा च बंधकंधरम्।
मर दं पुर द भव दं मख दं
गज दांधक दं तमंतक दं भजे ॥9॥

अखवसवमंगला कलाकद बमंजरी


रस वाह माधुरी वजृंभणा मधु तम्।
मरांतकं पुरातकं भावंतकं मखांतकं
गजांतकांधकांतकं तमंतकांतकं भजे ॥10॥

जय वद व म म जंगम ु र
ग ग नगम कराल भाल ह वाट् ।
धम म म वन मृदंग तुंगमंगल
व न म व तत: च ड ता डवः शवः ॥11॥

ष च त पयो भुजंगमौ कम
जोग र र नलो योः सु प प योः।
तृणार वदच ुषोः जामहीमहे योः
समं वतय मनः कदा सदा शवं भजे ॥12॥
कदा न लप नझरी नकुंजकोटरे वसन्
वमु म तः सदा शरः मंज ल वहन्।
वमु लोललोचनो ललामभालल नकः
शवे त मं मु रन् कदा सुखी भवा यहम् ॥13॥

न ल नाथनागरी कद ब मौलम लका


- नगु नभ र म धू णकामनोहरः।
तनोतु नो मनोमुदं वनो दन मह नशं
प र य परं पदं तदं गज वषां चयः ॥14॥

च ड वाडवानल भाशुभ चारणी


महा स का मनी जनाव त ज पना।
वमु वाम लोचनो ववाहका लक व नः
शवे त म भूषगो जग याय जायताम् ॥15॥

इमं ह न यमेव मु मु मो म तवं


पठ मरन् ुव रो वशु मे त संततम्।
हरे गुरौ सुभ माशु या त ना यथाग त
वमोहनं ह दे हनां सुशंकर य चतनम् ॥16॥

पूजाऽवसानसमये दशव गीतं


यः श ूपूजनपरम् पठ त दोषे।
तय रां रथगज तुरंगयु ां
ल मी सदै व सुमुख ददा त श ुः ॥17॥

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