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शश्री यममुननाजश्री कके ४१ पद

पपय ससग रसग भरर करर कललोलके,


सबन ककों समुख दकेन, पपय ससग करत सकेन;
पचित्त मके तब परत चिकेन, जबहश्री बलोलके.
अपतपह पविख्यनात, सब बनात इनकके हनाथ,
ननाम लकेत हश्री ककपना करश्री अतलोलके;
दरस कर परस कर ध्यनान पहय मके धरके,
सदना व्रजननाथ इन ससग डलोलके.
अपतहश्री समुख करन दख
मु सबन कके हरन,
यहश्री लश्रीनलो परन, दके जमु कलोलके;
ऐसश्री शश्री यममुनके जनान, तमुम करलो गमुणगनान,
'रससक' पश्रीतम पनायके, नग अमलोलके.

श्यनाम समुखधनाम जहनास ननाम इनकके,


पनशपदनना पनाणपपत, आय पहय मके बसके;
जलोई गनाविके समुजस भनाग्य पतनकके.
यहश्री जग मके सनार कहत विनारसविनार,
सबन कके आधनार, धन पनधर नन कके;
लकेत शश्री यममुनके ननाम, दकेत अभय पद दनान,
'रससक' पश्रीतम -पपयना बस जमु इनकके..

कहत शमुपत सनार पनधनारर करकके,


इन पबनना ककौन, ऐसश्री करके हके सखश्री,
हरत दख
मु द्वन्द समुखकन्द बरखके,
ब्रह्मसम्बन्ध जब हलोत यना जश्रीवि कलो
तब हश्री इनककी भमुजना विनाम फरकके;
दलोरकर सलोर कर जनाय पपय सलो कहके
अपतहश्री आनसद मन मके जमु हरखके.
ननाम पनरमलोल नग लके कलोउ नना सकके
भक्त रनाखत पहयके हनार करकके;
'रससक' पश्रीतमजजू ककी हलोत जना पर ककपना
सलोई शश्री यममुननाजश्री कलो रुप परखके .

नकेन भर दकेख, अब भनानमु तनयना,


ककेसल पपय सलो करके, भ्रमर तब पह परके ;
शमजल भरत, आनसद मनयना,
चिलत टकेढश्री हलोय, लकेत पपय कलो मलोपह,
इन पबनना रहत नहश्री एक पछिनयना;
'रससक'पपतम रनास, करत शश्री यममुनना पनास,
मनानलो पनधर नन पक हके जमु धनयना .

स्यनाम ससग स्यनाम , विके रहश्री शश्री यममुनके,


समुरत शम पबसदत
मु के, ससन्धमु सश्री बहश्री चिलश्री;
मनानलो आतमुर अलश्री ,रहश्री न भविनके,
कलोपट कनामहश्री विनारलो ,रुप ननैनन पनहनारलो
लनाल पगररधरन, ससग करत रमनके,
हरसख 'गलोपविसद'पभमु पनरखश्री इनककी ओर,
मनानलो नवि दल्मु हपन आई गलोनके.

चिरण पसकज रकेणमु शश्री यममुनके जमु दकेनश्री,


कसलयगमु जश्रीवि उधनारन कनारन;
कनाटत पनाप अब धनार पकेनश्री.
पनाणपपत पनाण-समुत, आयके भक्तन पहत,
सकल समुख पक तमुम हलो जमु शकेनश्री;
'गलोपविसद'पभमु पबनना रहत नपहस एक पछिनमु,
अपत हश्री आतमुर चिसचिल जमु ननैनश्री.

शश्री यममुननासश्री ननाहश्री कलोई और दनातना,


जलो इनककी शरण जनात हनै दलोरकके;
तनापहकलो पतपह पछिनमु कर सननाथना.
यकेपह गमुणगनान रसखनान रसनना एक,
सहस्त्र रसनना क्यकों न दई पविधनातना;
'गलोपविसद'पभमु तन, मन , धन विनारनके,
सबहश्रीकलो जश्रीविन इनहश्री कके जमु हनाथना.

शश्री यममुनना जस जगत मके जलोई गनाविके ,


तनाकके आधश्रीन व्हके रहत हनै पनाणपपत;
नकेन अरु बकेनमके रस जमु छिनाविके .
विकेद पमुरनाण तके बनात यह अगम हनै,
पकेम कलो भकेद कलोउ न पनाविके ;
कहत 'गलोपविसद'शश्री यममुनके पक जना पर ककपना
सलोई शश्रीविल्लभ कमुल शरण आविके.

धनाय कके जनाय जलो शश्री यममुनना तश्रीरके,


तनाककी मपहमना अब कहनास लग बरपनयके ;
जनाय परसत असग पकेम-नश्रीर.के
पनशपदनना ककेलश्री करत मनमलोहन,
पपयना ससग भक्तन ककी हके जमु भश्रीरके;
'पछितस्विनामश्री'पगररधरन शश्री पविट्ठल,
इन पबनना नकेक नहश्री धरत धश्रीरके.

१०

जना ममुखतके शश्री यममुनके यह ननाम आविके ,


तना पर ककपना करके शश्री विल्लभ पभमु;
सलोई शश्री यममुननाजश्री कलो भकेद पनाविके .
तन, मन, धन सब लनाल पगररधरनकलो
दकेकके चिरण जब पचित्त लनाविके;
'पछितस्विनामश्री'पगररधरन शश्री पविट्ठल
ननैनन पगट लश्रीलना पदखनाविके .

११

धन्य शश्री यममुनके पनसध दकेनहनारश्री


करत गमुणगनान, अजनान -अघ दरजू करश्री;
जनाय पमलवित पपय पनाण प्यनारश्री.
सजन कलोउ ससदकेह करलो बनात पचित्तमके धरलो
पमुपष्टि पथ अनमुसरलो समुख जमु कनारश्री;
पकेम कके पमुसज मके रनास रस कसमु जमके
तनाहश्री रनाखत रस रसग भनारश्री.
शश्री यममुनके अरु पनाणपपत, पनाण अरु पनाण समुत,
चिहह जन जश्रीवि पर दयना पविचिनारश्री.
'पछितस्विनामश्री'पगररधरन शश्री पविट्ठल,
पश्रीत कके सलयके अब ससग धनारश्री.

१२

गमुण अपनार ममुख एक, कहनालकों कपहयके,


तजलो सनाधन भजलो ननाम शश्री यममुननाजश्रीकलो;
लनाल पगररधरनविर तबहश्री पनैयके.
परम पमुनश्रीत पश्रीतककी रश्रीत सब जनानकके,
द्रढ करश्री चिरण कमल जमु ग्रहश्रीयके;
'पछितस्विनामश्री'पगररधरन शश्री पविट्ठल,
ऐसश्री पनसध छिनासड अब कहनास जमु जनैयके.
१३

पचित्त मके शश्री यममुनना पनशपदन जमु रनाखलो


भक्त कके विश, ककपना करत हनै सविर दना;
ऐसलो शश्री यममुननाजश्रीकलो हनै सनाखलो.
जना ममुख तके शश्री यममुनके यह ननाम आविके ,
ससग पकजके अब जनाय तनाकलो;
'चित्रभमुजदनास' अब कहत हनै सबनसकों,
तनातके शश्री यममुनके शश्री यममुनके जमु भनाखलो.

१४

पनाणपपत पविहरत शश्री यममुनना कजूलके,


लमुब्ध मकरसद कके, भ्रमर ज्यकों बस भयके;
दकेख रपवि उदय, मनानलो कमल फजूलके.

करत गमुसजनार ममुरलश्री जजू लके सनासविरलो,


समुनत व्रजविधजू, तन समुध जजू भजूलके;
'चित्रभमुजदनास' यममुनके पकेम ससन्धमुमके,
लनाल पगररधरन विर अब हरसख झजूलके.

१५

विनारसविनार शश्री यममुनके गमुणगनान ककीजके,


यकेपह रसननातके भजलो ननाम-रस-अमकत;
भनाग्य जनाकके हके सलोई जजू पश्रीजके.
भनानमु-तनयना दयना अपतहश्री करुणनामयना
इनककी कर आश, अब सदना हश्री जश्रीजके;
'चित्रभमुजदनास' कहके, सलोई पपय पनास रहके,
जलोई शश्री यममुननाजश्रीकके रस जजू भश्रीजके.

१६

हकेत करश्री दकेत शश्री यममुनके विनास कसमु जके,


जहनास पनशविनासर रनास मम रससकविर;
कहनासललो बरपनयके पकेम पमुसजके.
थपकत सररतना-नश्रीर थपकत व्रजविधजू भश्रीर,
कलोऊ न धरत धश्रीर, ममुरलश्री समुनश्रीजके.
'चित्रभमुजदनास' यममुनके पसकज जनापन,
मधमुपककी ननासई पचित्त लनाय गमुसजके.

१७

भक्त पर करर ककपना शश्री यममुनके जजू ऐसश्री,


छिनासड पनज धनाम पविशनाम भजूतल पकयलो;
पकट लश्रीलना पदखनाई जजू तनैसश्री.
परम परमनारथ करत हनै सबनकलो,
दकेत अदत
मु रुप आप जनैसश्री;
' नसददनास' यलो जनानश्री द्रढ करश्री चिरण ग्रहके,
एक रसनना कहना कहलो पविसकेसख.

१८

नकेह कनारण शश्री यममुनके जजू पथम आई,


भक्त कके पचित्त पक विकसत्त सब जनानकके;
तहनासतके अपतहश्री आतमुर जजू धनाई.
जनाकके मन जनैसश्री इच्छिना हपत तनाहश्रीपक,
तनैसश्रीहश्री आय सनाध जजू पजूजनाई,
'नसददनास" पभमु तना पर रश्रीसझ रहके ,
जलोई शश्री यममुननाजश्री कलो जश जजू गनाई.

१९

तनातके शश्री यममुनके यममुनके जजू गनाओ,


शकेष सहस्त्रममुख पनश पदन गनावित;
पनार नपहस पनावित तनाहश्री पनाओ.
सकल समुख दकेनहनार तनातके करलो उच्चिनार,
कहत हलो विनारसविनार सजन भमुलनाओ;
'नसददनास'ककी आस शश्री यममुनके पजूरन करश्री,
तनातके घरश्री घरश्री पचित्त लनाओ.

२०

भनाग्य सकौभनाग्य शश्री यममुनके जजू दकेई,


बनात लकौपकक तजलो, पमुपष्टि यममुनके भजलो;
लनाल पगररधरनविर तब हश्री पमलकेई.

भगविदश्रीय ससग कर बनात इनककी लहके,


सदना सनापन्निध्य रहके ककेसल मकेई;
'नसददनास ' जना पर ककपना शश्री विल्लभ करके,
तनाकलो शश्री यममुनके सविर स्वि जजू दकेई.

२१

ननाम मपहमना ऐसश्री जजू जनानलो,


मयनारदनापदक कहके, लकौपकक समुख लहके;
पमुपष्टि कलो पमुपष्टि पथ पनश्चिय जजू मनानलो.
स्विनापत जल बजूद
स जब परत हनै जनापह मके,
तनापहमके हलोत तनैसलो जजू बनानलो;
शश्री यममुनके ककपनाससन्धमु जनापन स्विनापत जल बहह मनापन,
'सजूर'गमुण पजूर, कहनासललो बखनानकों.

२२

भक्तकलो समुगम, शश्री यममुनके अगम ओरम,


पनात:हश्री नहनात, अघ जनात तनाकके सकल;
यम हह स रहत तनापह हनाथ जलोरके.
अनमुभपवि पबनना अनमुभवि कहना जनानहश्री,
जनाकलो पपयना नहश्री पचित्त चिलोरके;
पकेमकके ससन्धमुकलो मरम जनान्यलो नहश्री,
'समुर'कहके, कहना भयलो दकेह बलोरके.
२३

फल फसलत हलोय फलरूप जनानके,


दकेखश्रीहहस नना समुनश्री, तनाहश्रीककी आपमुनश्री;
कनाहह क
स की बनात कलोऊ कनैसके जमु मनानके.
तनाकके हनाथ पनरमलोल नग दश्रीसजयके,
जलोई नश्रीकके करर परसख जनानके;
'समुर'कहके कजूरतम दरजू बसश्रीयके सदना,
शश्री यममुननाजश्री कलो ननाम लश्रीजके जजू छिनानके .

२४

शश्री यममुनके पपत दनास कके पचिन्ह न्यनारके,


भगविदश्रीय ककों भगवित्ससग पमलश्री रहत हनै;
जनाकके पहयके बसत पनाण प्यनारके.
गजूढ शश्री यममुनके बनात सलोई अब जनानहश्री,
जनाकके मनमलोहन ननैन तनारके;
'सजूर'समुखसनार पनरधनार विके पनाविहश्री,
जना पर हलोय शश्री विल्लभ ककपना रके.

२५

शश्री यममुनके रसखनानकलो शश्रीष ननासऊ,


ऐसश्री मपहमना जनान, भक्तकलो समुखदनान;
जलोइ मनासगलो सलोई जजू पनाऊ.
पपतत पनाविन करन, ननाम लश्रीनलो तरन,
द्रढ कर गपह चिरण, कहह स न जनाऊ;
'कसमु भनदनास' लनाल पगररधरन ममुख पनरखत,
यहश्री चिनाहत, नहश्री पलक लनाऊ.
२६

शश्री यममुनके अगपनत गमुण पगनके न जनाई,


यममुनके तट रकेणमु तम हलोत हनै नविश्रीन तनमु;
इनकके समुख दकेनककी, कहना करकों बडनाई.
भक्त मनासगत जलोई, दकेत हनै पतपह पछिनमु,
सलो ऐसश्री कलो, करके पण पनविनाई;
'कसमु भनदनास'लनाल पगररधरन ममुख पनरखत,
कहलो कनैसके करर मन अघनाई.

२७

शश्री यममुनके पर तन, मन, धन पनाण विनारकों,


जनाककी ककीपतर पविसद, ककौन अब कहश्री सकके,
तनापह ननैननतम न नकेक टनारकों.
चिरणकमल इनकके जजू पचिसतत रहलो,
पनशपदनना ननाम ममुख तम उच्चिनारलो
'कसमु भनदनास' कहके, लनाल पगररधरन ममुख,
इनककी ककपना भई तब पनहनारलो.

२८

भक्त इच्छिना पजूरन शश्री यममुनके जमु करतना,


पबनना मनासगके हह दकेत, कहनास ललो कहके हकेत;
जनैसके कनाहह कलो ककौऊ हलोय धरतना.
शश्री यममुनना पमुसलन रनास, व्रज विधजू सलयके पनास,
मसद मसद हनास कर मन जजू हरतना;
'कसमु भनदनास'लनाल पगररधरन ममुख पनरखत,
यहश्री सजय लकेखत शश्री यममुनके जजू भरतना.
२९

रनास रस सनागर शश्री यममुनके जजू जनानश्री,


बहत धनारना तन पपत पछिन नकौतन;
रनाखत अपनके उरमम जजू ठनानश्री.
भक्त कलो सहके भनार, दकेत जजू पनाण आधनार,
अपतहश्री बलोलत मधमुर मधमुर बनानश्री;
'शश्री पविट्ठल' पगररधरन विर बस पकयके,
ककौन पके जनात मपहमना बखनानश्री.

३०

भक्त पपतपनाल, जसजनाल टनारके,


अपनके रस रसग मके, ससग रनाखत सदना;
सविर दना जलोइ शश्री यममुनके ननाम उच्चिनारके.
इनककी ककपना अब कहनास लग बरपनयके ,
जनैसके रनाखत जननश्री पमुत्र बनारके;
'शश्री पविट्ठल ' पगररधरन ससग पविहरत,
भक्त कलो एक पछिनमु नना पबसनारके.

३१

कलोन पम जनात शश्री यममुनके जजू बरनश्री,


सबहश्री कलो मन मलोहत मलोहन;
सलो पपयनाकलो मन हके जजू हरनश्री.
इन पबनना एक पछिन, रहत नहश्री जश्रीविन धन,
ब्रजचिसद मन आनसद करनश्री;
'शश्रीपविट्ठल' पगररधरन ससग आय,
भक्त कके हकेत अवितनार धरनश्री.
३२

शश्री यममुननाजश्रीकलो ननाम लके सलोई समुहनागश्री,


इनकके स्विरूपकलो सदना पचिसतन करत;
कल न परत, जनाय लकेह लनागश्री.
मु र भ,
पमुपष्टि मनारग मरम, अपतपह दल
करम छिनासड सगरके, परम पकेम पनागश्री;
'शश्री पविट्ठल' पगररधरन, ऐसश्री पनसध,
भक्तककों दकेत हनै पबनना मनासगश्री.

३३

शश्री यममुनना कके ननाम अघ दरजू भनाजके,


सजन कके गमुण समुननककों लनाल पगररधरन पपय;
आय सन्ममुख तनाकके पबरनाजके.
पतपह पछिनमु कनाज तनाकके सगरके सरके,
जनाय कके पमलत व्रजविधजू समनाजके ;
'ककष्णदनासपन'कहके तनापह अब कलोन डर,
जनाकके ऊपर शश्री यममुनके सश्री गनाजके.

३४

शश्री यममुननाजश्री कलो ननाम तकेई जजू लकेहम,


जनाककी लगन लगश्री नसदलनाल सकों;
सविर स्वि दकेकम पनकट रहके हह.
सजनहहीं समुगम जनापन, बनात मनमम जजू मनापन,
पबनना पकेहचिनापन कनैसके जजू पनैयके;
'ककष्णदनासपन' कहके शश्री यममुनके ननाम नकौकना,
भक्त भवि ससन्धमु तम यलोपहस तररयके.
३५

शश्री यममुनके तमुमसश्री एक हलो जमु तमुमहश्री,


करश्री ककपना दरस पनसविनासर दश्रीसजयके ;
पतहनारके गमुणगनान ककों रहके उधम हश्री.
पतहनारके पनायमतके, सकल पनसध पनाविहश्री,
चिरण कमल पचित्त भ्रमर भ्रमहश्री ;
'ककष्णदनासपन'कहके, ककौन यह तप पकयलो,
पतहनारके पढसग रहत हनै लतना द्रमुमहश्री.

३६

ऐसश्री ककपना ककीसजयके लश्रीसजयके ननाम,


शश्री यममुनके जग विसदनश्री, गमुण न जनात कनाहह पगनश्री;
सजनकके ऐसके धनश्री समुसदर श्यनाम.
दकेत ससयलोग रस ऐसके पपयमु हके जमु बस,
समुनत पतहनारलो समुजश, पजूरके सब कनाम;
'ककष्णदनासपन'कहके भक्त पहत कनारनके,
शश्री यममुनके एक पछिनमु नहश्री करके पविशनाम.

३७

शश्री यममुनके कके सनाथ अब पफरत हनै ननाथ,


भक्तकके मनकके, मनलोरथ पजूरन करत;
कहनास ललो कहश्रीयके इनककी जजू गनाथ.
पविपविध शमुगस नार आभजूषण पहरके,
असग असग शलोभना, बरनश्री न जनात;
'दनास परमनानसद'पनायके अब ब्रजचिसद,
रनाखके अपनके शरण, बहके जजू जनात.
३८

शश्री यममुनके ककी आश अब करत हनै दनास,


मन-कमर -विचिन कर जलोरर कके मनासगत;
पनशपदनना रनासखयके, अपनके जजू पनास.
जहनास पपय रससकविर, रससकपन रनासधकना,
दलोउ जन, ससग पमल करत हनै रनास;
' दनास परमनानसद'पनायके अब ब्रजचिसद,
दकेसख ससरनानके, नकेन मसद हनास.

३९

शश्री यममुनके पपयककों, बस तमुम जजू ककीनके,


पकेम कके फसदतके, ग्रपह जमु रनाखके पनकट;
ऐसके पनरमलोल, नग मलोल लश्रीनके.
तमुम जजू पठनावित, तहनास अब धनावित सदना,
पतहनारके रस रसगमम, रहत भश्रीनके;
दनास 'परमनानसद' पनायके अब ब्रजचिसद,
परम उदनार शश्री यममुनके जजू दश्रीनके.

४०

शश्री यममुनके समुखकनारनश्री पनाणपपतकके


सजन्हके भजूलश्री जनात पपय, पतन्हके समुसध करर दकेत;
कहनास लकों कपहयके इनकके जजू पहतकके.
पपय ससग गनान करके उमगश्री ज्यकों रस भरके,
दकेत तनारश्री कर लकेत झटकके;
दनास 'परमनानसद' पनायके अब व्रजचिसद ,
यकेपह जनानत सब पकेम गपतकके.
४१

शरण पपतपनाल गलोपनाल रपत विसधर नश्री ,


दकेत पपत पसथ, पपय कसथ सन्ममुख करत;
अतमुल करुणनामयश्री ननाथ असग असधर नश्री.
दश्रीन जन जनान रस पमुसज कसमु जकेश्विरश्री
रमत रस रनास , पपय ससगपनश-शरदनश्री;
भपक्तदनायक सकल भविसससधमु तनाररणश्री,
करत पविध्विसस जन असखल अघ मपदर नश्री.
रहत नसद सजूनमु तट पनकट पनशपदन सदना
गलोप गलोपश्री रमत मध्य रसकसदनश्री;
ककष्ण तन विणर , गमुण धमर शश्री ककष्णकके,
ककष्ण लश्रीलना मयश्री, ककष्ण समुख कसदनश्री;
पद्मजना पनाय, तजू ससग हश्री ममुरररपमु,
सकल सनामरयर मयश्री, पनाप ककी खसडनश्री;
ककपना रस पजूर, विनैकसमु ठ पद पक सश्रीढश्री,
जगत पविख्यनात, पशवि शकेष पशर मसडनश्री.
पयर्योपद कमल तर, और सब छिनासड कके
दकेख दृग कर दयना, हनास्य ममुख मसदनश्री;
उभय कर जलोर 'ककष्णदनास' पविसनसपत करके
करलो अब ककपना कसलन्द पगरर नसपदनश्री.

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