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7th Schedule Sbjects
7th Schedule Sbjects
संघ सूची तीन सूचचय ं में सबसे लंबी है। इसमें 97 चिषय ं क सूचीबद्ध चकया गया है चिन पर केंद्रीय संसद
कानून पाररत कर सकती है। संघ सूची की प्रभािी ताकत अब 98 है। संघ सूची के मुख्य चिषय हैं : रक्षा,
चिदे श मामले, मुद्रा और चसक्का, युद्ध और शांचत, परमाणु ऊिाा, राष्ट्रीय संसाधन, रे लिे, डाक और तार,
नागररकता, नेचिगेशन और चशचपंग , चिदे श व्यापार, अंतर-राज्यीय व्यापार और िाचणज्य, बैंचकंग, बीमा,
राष्ट्रीय रािमागा, िनगणना, चुनाि, उच्च चशक्षा संस्थान और अन्य।
राज्य सूची उन चिषय ं की गणना करती है चिन पर प्रत्येक राज्य चिधानमंडल कानून बना सकता है और
ऐसे कानून प्रत्येक राज्य के क्षेत्र में संचाचलत ह ते हैं। राज्य सूची के मुख्य चिषय हैं: सािािचनक व्यिस्था,
पुचलस, राज्य अदालत की फीस, िेल, स्थानीय सरकार, सािािचनक स्वास्थ्य और स्वच्छता, अस्पताल
और औषधालय, भारत के भीतर तीथायात्रा, नशीला शराब, चिकलांग और बेर िगार ं की राहत,
पुस्तकालय, संचार, कृचष , पशुपालन, िल आपूचता, चसंचाई और नहरें , मत्स्य पालन, सड़क यात्री कर और
माल कर, कैचपटे शन टै क्स और अन्य।
संघ की संसद के साथ-साथ राज्य विधानमंडल ं क सूची III (समिर्ती सूची) में सूचीबद्ध विषय ं पर कानून बनाने
की शक्ति है । इस सूची में सूचीबद्ध मुख्य विषय हैं: आपराचधक कानून, आपराचधक प्रचिया, राज्य की सुरक्षा
से संबंचधत कारण ं के चलए चनिारक चहरासत, चििाह और तलाक, कृचष भूचम के अलािा अन्य संपचि का
हस्तांतरण, अनुबंध, कारा िाई य ग्य गलत, चदिाचलयापन और चदिाचलयापन, टर स्ट और टर स्टी न्याय का
प्रशासन, साक्ष्य और शपथ, नागररक प्रचिया, अदालत की अिमानना, पागलपन, िानिर ं के प्रचत िूरता
की र कथाम, िंगल, िंगली िानिर ं और पचक्षय ं की सुरक्षा, िनसंख्या चनयंत्रण और पररिार चनय िन,
टर े ड यूचनयन, चशक्षा, श्रम कल्याण, अंतदे शीय चशचपंग और नेचिगेशन, खाद्य सामग्री, मूल्य चनयंत्रण, स्टाम्प
शुल्क, और अन्य। समिती सूची की िास्तचिक ताकत 52 है क् चं क 42 िें संचिधान संश धन द्वारा पांच
और प्रचिचष्ट्यां डाली गई थी ं।
Residuary Powers:
The Constitution vests the residuary powers of legislation with the Union. Article 248 states:
“The Union Parliament has exclusive power to make any law with respect to any matter not
enumerated in the Concurrent List or the State List.” “Such power shall include the power of
making any law and imposing a tax not mentioned in either of these lists.” Thus, the
Constitution of India creates a clear-cut division of legislative powers between the Union and
the States
संचिधान संघ के पास कानून की अिचशष्ट् शक्तियााँ चनचहत करता है। अनुच्छेद 248 में कहा गया है:
"संघीय संसद क समिती सूची या राज्य सूची में शाचमल नही ं चकए गए चकसी भी मामले के संबंध में क ई
भी कानून बनाने की चिशेष शक्ति है।" "इस तरह की शक्ति में क ई भी कानून बनाने और इन सूचचय ं
में से चकसी एक में उक्तिक्तखत कर लगाने की शक्ति शाचमल नही ं ह गी।" इस प्रकार, भारत का संचिधान
संघ और राज्य ं के बीच चिधायी शक्तिय ं का स्पष्ट् चिभािन बनाता है