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न् बैंक
कृ षि संकाय
प्र.1.सहीषिकल्पचुन
ें -
1. मौषखक संचार के षिए ही हमे ककस प्रकार के शब्दो का ईपयोग करना चाषहए ?
क) पररिणो ख) सरि ग) तकनीकी घ) ष्िब्दजाि
5. पानी में कु ि घुिने िािा नमक ककस यंत्र द्वारा मापा जाता है -
क) धनग्रामीटर ख) िग्स मीटर ग) पी.एच.मीटर घ) इ.सी.मीटर
6. फाआि को ‘पेस्ट‘ करने के षिए षनम्नषिषखत मे से ककस शाटटकट की का ईपयोग ककया जाता है
क) CTRL + E ख) CTRL + D ग) CTRL + V घ)CTRL + C
8. माईस का ईपयोग करते हुए षनम्नषिषखत मे से कौन सा कायट नही ककया जाता है -
क) टनट ऑन ख) होिर ग) राआट ककल्क घ) ड्रैग और डॉप
9. जब अप बाएँ ‘माईस की‘ को दबाते और पकडते है तथा माईस को आधर-ईधर घुमाते है, तो
ककस शब्द
् का ईपयोग ककया जाता है -
क) हाआिाआट करना ख) ड्रैग करना ग) षसिेक्ट करना घ) मूि करना
18.षिषभन्न ने यूषनफॉमट िौट में अकार अकृ षत और रं ग के ऄनुसार ईपज को िगीकृ त करने की प्रकिया
है-
क) पैककग ख) मार्टटग ग) ग्रेडडग घ) आनमे से कोइ नही
20.मैरी नोएडा से ऄपने व्यिसाय के षिए बल्ब खरीदती है िह जानती है कक फरीदाबाद में बल्ब सस्ते
हैं आसषिए ईसने िहां से बल्ब खरीदना शुरू कर कदया है
क) षनणटय िेता है ख) अय को षिभाषजत करता है ग) जोषखम िेता है घ) सिाह िेता है
25. 2015 मे संयुक्त राष्ट्र स्थायी षिकास षशखर सम्मेिन कहा शुरू हुअ था।
क) न्युयाकट ख) पेररस ग) िाडशगटन घ) मास्को
26.संयुक्त राष्ट्र द्वारा ककतने स्थाइ षिकास कदए गए है?
क) 18 ख) 17 ग) 15 घ) 20
ईत्तर- 1 (ख),2(ग), 3(घ), 4(ग), 5(घ), 6(ग), 7(क), 8(क), 9(ख), 10(घ),
11(क), 12(घ), 13(ग), 14(ख), 15(क),16(घ), 17(ग), 18(ग), 19(ख),
20(क),21(क), 22(ख), 23(ग), 24(क), 25(क), 26(ख), 27(ख), 28(ख), 29(ख),
30(ग)
प्र.2. ररक्तस्थानकीपूर्शतकीषजए-
1) पौधो के जीिन के षिए पानी एक अिश््यक । है ...................
2) िृषद्व और षिकास के षिए षमटटी और पौधे को पानी के िषत्रम ऄनुप्रयोग को ........... के
रूप में जाना जाता है।
3) डसचाइ जि मे षिद्युतपािकता चाषहए होनी .................. ।
4) डसचाइ के षिए पानी का……… पी .एच.सुरषक्षत्माना्जाता्है|
5) ऄषधकांश फसिों के षिए ईपयुक्त डसचाइ जि में बोरान्..................होता्है|
6) नट्ग्रास्का्िानस्पषतक्नाम ....................है।
7) बर्मूडा्ग्रास......................... के ्रूप्में्भी्जाना्जाता्है।
8) डाआकोटएक ..................... हर्शबसाआटहै।
9) एक्ही्समय्में्एक्फसि्के ्दोनों्तरफ्फसि्ईगाने्को .................कहतेह।ै
10 )सोिराआजेिन्की्सुषिधा्के ्षिए्षमट्टी्का्तापमान्..................से्ईपर्पहुंचना्चाषहए।
11 षमचट के पौधे की पषत्तयां ...................से प्रभाषित हेाती है, तो नीचे की ओर कर्शिग
कदखती है।
12 कािे एिं भूरे रं ग की धारी तथा सफे द धब्बे ...............कीट में होते है।
13 ..................मीठे पदाथट का स्त्राि करते है।
14 ....................नसटरी का रोग है।
15 ...................टमाटर और षमचट का िायरस जषनत रोग है।
16 एक पौधे या पौधे के भाग के जैषिक षिकास के ऄंषतम चरण की प्राषप्तको----------के ्रूप्में्जाना्
जाता्है|
17 क्िाइ मैक्टेररक सषब्जयों का ईदाहरण-----------------------है |
18 कटाइ िािी सषब्जयों में खेत की गमी को दूर करने की प्रकिया-------------कहाजाता है|
19 एक षमथक है या गित धारणा ककसी चीज के बारे में--------------है|
20 ईद्यमी बाजार में----------------------पैदा कर सकते हैं|
21 कटाइ िािी सषब्जयों में खेत की गमी को दूर करने की प्रकिया ...........का जाता है|
22 .................क्िोररन घोि का ईपयोग फसि की ईपज को धोने के षिए ककया जा सकता है|
23 बाजार के षिए क्षेत्र से पररिहन की सुषिधा................ तापमान षनयंषत्रत कहिाता है|
24 एक ईद्यमी ऄपने व्यिसाय के ............ की योजना बनाता है|
25 एक ईद्यमी अग खोइ्िस्तु और चोरी के षखिाफ ............. िेता है|
26 कडी मेहनत्करे ्और्..................को्योगदान्दे|
27 गैर निीनीकरणीय जीिाश्म इधन पर कम्षनभटर्राज्य्............है्|
28 एिइडी बल्ब का ऄषधक ईपयोग्.......................में्होता्है्|
29 कम्पोस्ट्खाद्को्ही्...............खाद्कहा्जाता्है|
30 स्थायी षिकास ....................की्ग्यारं टी्देता्है|
31 ईपज की ग्रेडडग पैककग के बाद बेंचने तक .................संरचनाए अिश्यक है।
32 ईत्पादन प्रकिया मे िागत षनषित िागत और ..................िागत है।
33 संयुक्त राष्ट्र ने .............षिकास िक्ष्यो का गठन ककया है।
34 ............का ऄथट कृ षि और प्रसंस्कृ त खाद्य ईत्पादन षनयाटत षिकास प्राषधकरण है।
35 षिपणन सूचना प्रणािी को बाजार ..................के रूप मे भी जाना जाता है।
ईत्तर–1)तत्ि,2)डसचाइ,3)1500माआिोहोस/से.मी.सेकम,4)6.5 - 8.5
पी.एच.,5)1.0पी.पी.एमसेकम, 6)साआप्रसरोंटडस, 7) दूबघास, 8) पश्च
् ातईद्भि,
9)आन्टरिाडपग, 10)40-55C, 11)माआटस,12)शूटऔरिू टबोरर,13)एकफड्स,14)डंडपगअफ,
15)िीफकिट, 16) शारीररकरूपसेपररपक्वता,17)टमाटरऄथिाखरबूज, 18)पूिटगामी, 19)
गितधारणायाराय, 20)रोजगार, 21)पूिटगामी, 22)100-150 PPM, 23)कोल्ड
चैन,24)भषिष्य,25)जोषखम, 26)समाज, 27)गुजरात, 28)शहरमे,29)जैषिक,30)
संतिु न, 31)भंण्डारण, 32)पररितटनीय, 33) 17सतत, 34) एिांडा, 35) षशषक्षतप्रणािी
प्र.3.षनम् न
् षिषखतसत् य
् /ऄसत्
य
् षिखे।
1) औपचाररक संचार के दौरान हंसना
2) षसर खुजिाना
3) सीधे खडे होना
4) सुनते समय जम्हाइ िेना
5) जि अप ककसी से सहमत होते है तो षसर षहिाते है।
6) सषब्जयों के सबसे सामान्य खरपतिार िार्शिक खरपतिार है ।
7) षमट्टी का सौरी करण षमट्टी के तापमान को बढ़ाने की किया है ।-
8) नसटरी ऄिस्था मे षभगोना एक महत्िपूण रोग है।
9) षमचट का िीफ किट जीिाणु के कारण होता है।
10) डंषपग ऑफ एक रोग है।
11) फे रोमोन रेप नर कीटो को अकर्शित करता है।
12) षमथाआि यूनेजनाि रेप िु ट फ्िाआ के षिए ईपयोगी है।
13) क्यूररग कं द फि फसि में कटाइ के बाद का एक प्रभािी कायट है
14) बैंगन की रेडडग और कटाइ के बाद हैंडडिग की जाती है I
15) पके टमाटर के षिए भंडारण तापमान 12 से 15 षडग्री सेषल्सयस है I
16) ईद्यमी बाजार में रोजगार पैदा कर सकते हैं I
17) जब कइ ईद्यमी एक बाजार में मोबाआि फोन बेचते हैं तो फोन की कीमतें बढ़ जाती है I
18) सौर उजाट का ईपयोग षबजिी के षिए होता है।
19) बढती जनसंख्या स्थायी षिकास मे सहायक है।
20) मंगिौर के नगर षनगम द्वारा प्िाषस्टक पर प्रषतबंध िगाया गया|
21) पयाटिरण ऄनुकूिन षिकल्प ऄिस्थ हेंगडे द्वारा बनाया गया था|
22) ििाट का जि शुद्ध जि होता है आसका संचयन सम्भि है।
23) बीज ऄषधषनयम 1960 मे िागू ककया गया था।
24) षिपणन जानकारी का संग्रह स्त्रोत समाचार पत्र है।
25) स्थायी षिकास के षिए 17 गोल्स को कायटिर्शणत ककया गया था।
26) पयाटिरण को संबंषधत करने के षिए जैषिक खेती नही करनी चाषहए।
27) प्राकृ षतक संसाधनो का दोहन करना चाषहए।
ईत्
त
् र: 1) ऄसत्य, 2) ऄसत्य, 3) सत्य,4)ऄसत्य,5) सत्य,6) सत्य,7) सत्य,8)
सत्य,9)ऄसत्य,10)सत्य, 11)सत्य, 12)सत्य, 13) सत्य, 14) सत्य, 15) ऄसत्य, 16) सत्य,
17) ऄसत्य, 18)सत्य, 19)ऄसत्य,20)सत्य, 21)सत्य, 22) सत्य, 23) सत्य, 24)सत्य,
25)सत्य, 26)ऄसत्य, 27)ऄसत्य
प्र.4.कािमषमिानकरे
1. गुणित्ता परीक्षण - मडल्िग (i)
2. खराब गुणित्ता का पानी - िगातार पानी (ii)
3. पानी का पी.एच.बढाए - जड क्षेत्र मे जमा ििण (iii)
4. डसचाइ ऄंतराि बढाए - पानी की ईपयुक्तता (iv)
5. ईभिी फसिे - काबोनेट और िाआकाबोनेट (v)
ईत्तर - 1.(iv),2.(iii),3.(v),4.(i),5.(ii)
ईत्तरः- 1-(v)2-(i)3-(ii)4-(iii)5-(iv)
ईत्तर- 1(ii),2(i),3(iv),4(iii),5(v)
1. स्थायी षिकास - जैषिक खेती प्रथा (i)
िघुईत्तरीयप्रश्
न् के ईत्तरदीषजए।
प्र.5.एंथ्रक्न
े ोजयाषमचटकाडाआबैकरोगक्याहैआसकीरोकथामषिषखए?
ईत्तर-यह एक किक जषनत रोग है जो कोिेटोररकम के कारण फै िता है यह ज्यादातर बीजों के संिमण
और हिा के माध्यम से भी फै िता है आसके कारण पौधे के शीिट भाग एिं टहषनयां मुरझाने िगती है
और पौधा सूखना प्रारं भ हो जाता है षजसे डाआबैक भी कहा जाता है आसके कारण पषत्तयां टहषनयां और
फि धसे हुए और हल्के रं ग के घाि कदखाइ देते हैं आस रोग के ईपचार के षिए काबेंडाषजम से बीजों को
ईपचाररत करना चाषहए तथा रोग ग्रस्त भागों को हटाकर जिा देना चाषहए
प्र.6.डंडपगऑफरोगक्याहै षिस्तृतरूपमेंसमझाआए ?
ईत्तर :- यह नसटरी में िगने िािा एक सामान्य रोग है जो टमाटर षमचट बैंगन अकद फसिों में मृदा के
द्वारा फै िता है यह रोग किक के द्वारा फै िता है षजसके कारण ज्यादातर फसिों में ईत्पादन कम हो
जाता है और पौधों की िृषद्ध रुक जाती है बरसात के मौसम में क्याररयों में िगने िािा डंडपग ऑफ रोग
को मैनकोजेब और काबेंडाषजम जैसी दिाओं से षनयंषत्रत ककया जा सकता है यह रोग पौधों के उतकों को
नष्ट करता है षजसके कारण पौधों की िृषद्ध रुक जाती है,
िक्षण-ऄंकुरों के समूह मोटे तौर पर गोिाकार पैच में मर सकते हैं जमीनी कभी-कभी में ऄंकुरों ,स्तर
पर तने के घाि होते हैं। ऄंकुरों के तने पतिे और सख्त षजसके हैं सकते हो भी ("तने-तार")
हो भी स्पॉरटग िीफ साथ के िक्षणों ऄन्य कभी-कभी है। जाती हो कम शषक्त की ऄंकुर पररणामस्िरूप
-कभी जडें है। होता षिकास का मोल्ड ग्रे रप पषत्तयों और तनों कक जैसे ,है जातीकभी पूरी तरह से सड
जाती हैं या िापस के िि फीका पडा हुअ स्टंप बन जाती हैं।
प्र.7.भंडारणकीषिषधयांषिषखए I
ईत्तर-1.ऄषनयंषत्रत षस्थषत में भंडारण - रे षतया कॉपर गड्ढे िा सुशीि शीतिन नाआट िेंटीिेशन
2.षनयंषत्रत िायुमंडि के साथ भंडारण - संशोषधत िातािरण भंडारण बिपूिटक हिा का िेंरटिेशन
रे किजरे टर कोल्ड चेन या कू ि चेन
1. कम तापमान के रूप में कदन के ठं डे घंटों के दौरान पौधों में जैषिक गषतषिषधयां कम हो जाती है
2. पररपक्वता के ईषचत स्तर पर आसके षिपरीत यह स्िीकायटता और स्ियं जीिन को प्रभाषित करता है
3. पौधों के साथ-साथ ईपज को होने िािे नुकसान और क्षषत को कम करने के षिए ईषचत तरीकों से
4. ऄनुभिी कु शि व्यषक्त के माध्यम से जो चुडनदा फसि िे सकता है
5. पूणट स्िच्छता के साथ
प्र.9.खरपतिारकोपररभाषितकीषजए ?
ईत्तर. जेथ्रोटु् रि 1931 के ऄनुसार – खरपतिार िे ऄिांषछत पौधें हैं जो ककसी स्थान पर षबना बोए
ईगते हैं और षजनकी ईपषस्थषत ककसान को िाभ की तुिना में हाषन कारक ऄषधक है िे खरपतिार
कहिाते हैं।
ईत्तर- खपतिार फसि के षिए बहुत हाषनकारक है क्योंकक ये पोिकतत्िों और स्थान, हिा, प्रकाश, के
षिए मुख्य फसि के साथ प्रषतस््पधाट करते है और ईत्पादन फसि को पूरी तरह प्रभाषित करते है।
प्र.11.सोिेनस
े ीपररिारकीसषब्जयोंकीपररपक्वतासूचकसूचकांकषिषखए I
ईत्तर -
ईत्तर- चोट बीमारी और कीडों को दोिों से मुक्त ताजे कटे हुए फिों को डस्प्रकिर के नीचे धोने से
ऄच्छी तरह से साफ ककया जाता है िपेटा जाता है और एक ईपयुक्त प्िाषस्टक से या षडब्बे में व्यिषस्थत
ककया जाता है फिों को ईनके अकार और रं ग के ऄनुसार िगीकृ त ककया जाता है भारतीय मानक ब्यूरो
द्वारा और आसके षिए तीन षग्रड ऄथाटत सुपर फैं सी और कमर्शशयि बैंगन के नाम से सुझाि कदया गया है
I
3. ऄपनी बदबूंदार सांस, शरीर की दुगंध अकद के कारण सािटजषनक रूप से शमट महसूस करने से बचने
में।
प्र14.हमारापयाटिरणक्याहै।
ईत्तर- पयाटिरण शब्द का षनमाटण दो शब्दो से षमिकर हुअ है। परर, जो हमारे चारो ओर है अिरण,
जो हमे चारो ओर से घेरे हुए है। ऄथाटत् पयाटिरण का शाषब्दक ऄथट होता है चारो ओर से घेरे हुए है
पयाटिरण ईन सभी भौषतक, रासायषनक, जैषिक कारको की समषिगत एक आकाइ है जो ककसी जीिधारी
ऄथिा पररितटनीय अबादी को प्रभाषित करते है।
प्र.15.हमऄषधकईपजकै सेप्राप्तकरसकतेहै।
प्र.16.पयाटिरणषिकासके षिएषिश्वअयोगकागठनकबककयागया।
ईत्तर- पयाटिरण षिकास षिश्व अयोग का गठन सन् 1987 मे ककया गया जैसे स्थायी कृ षि मे ऐसी
पयाटिरण ऄनुकूि पद्धषतया साषमि है जो मानि या प्राकृ षतक पयाटिरण को नुकसान पहुचाए षबना कृ षि
फसिो या पशुओ के ईत्पादन को सम्भि बनाती है आसमे रासायनो के ईपयोग को रोकना भी साषमि है।
प्र.17.स्थायीषिकासक्याहैस्थायीषिकासकामहत्िबताआए?
ईत्तर- दैषनक जीिन के षिए जीिाश्म इधन एक प्रकार का कइ ििो पहिे बना प्राकृ षतक इधन है यह
िगभग 65 करोड ििट पूिट जीिो के जि ईच्च दाब और ताप मे दबने से हुइ है यह इधन पेरोि डीजि
घासिेट अकद के रूप मे होता है आसका ईपयोग िाहन चिाने खाना पकाने रोशनी करने अकद मे ककया
जाता है।
महत्ि- एक बार आसका ईपयोग करने के पिात् आसे दोबारा प्राप्त नही ककया जा सकता है। आसके षनमाटण
के षिए बहुत ऄषधक ताप और दाब की अिश्कता होती है षजसे मानि द्वारा ितटमान मे बना पाना संभि
है।
प्र.19.जैषिकखेतीकातरीकाबताआये?
जैषिक खेती में ककसान ऄपने ईत्पादन को बढाने के षिए रासायषनक कीटनाशको और ईिटरको का प्रयोग
नही करते है साथ ही फसि की सही बढ़िार के षिए जैषिक खादों जैसे कें चुअ खाद ए कम्पोस्ट खाद
ए हरी खाद पोल्री खाद तथा जैषिक ईिटरको का ईपयोग करते है। ऐसा करने से फसि की गुणिक्ता
बढ़ जाती है और ककसान को फसि का ऄच्छा भाि मूल्य षमिता है साथ ही ईपभोक्ता को भी शुद्ध
खाद्य पदाथट षमिता है|
प्र.20.भूषमप्रबंधनक्याहै?
ईत्तर- भूषम संसाधन ऄथाटत भूषम, जि, िनस्पषत अच्छादन का ईपयोग संरक्षण और षिकास करके
पररषस्थषतयो को संतुिन बनना और भूषम की ईत्पादकता को बढाना भूषम प्रबंधन कहिाता है।
प्र.21्ररिेिाडपगककसेकहतेहै?
ईत्तर आस है जाती हो ओिरिैप षिए के समय कम ऄिषध बढती की फसिो दो मे प्रणािी िाडपग र -
से कटाइ की फसि पूिटिती मे ििट ही एक मे प्रणािी पहिे भूषम के एक टुकडे पर फसि बोइ जाती है
प्र.22.कु ििागतकोपररभाषितकीषजए?
1. भौषतक कृ षि ररकाडट।
2. षित्तीय कृ षि ररकाडट।
3. पूकर कृ षि ररकाडट।
प्र.24.भािक्याहै? ईसकीषस्थषतकोसमझाआये?
ईत्तर है राषश कु ि की सषब्जयो समान मात्रा की मांग की सब्जी या ऄच्छी एक के समय षनषित यह -
खरीद जोाारो द्वारा दी गइ शतो तहत खरीदना चाहते है आस प्रकिया को कहते है।
1. सषब्जयो की कीमत।
2. ऄनुपूरक की कीमत।
3. अय और धन।
4. प्राथषमकताए।
5. मात्रा।
प्र.25.तयिागतऔरपररितटनीयिागतमेऄंतरबताआये?
ईत्तर-
है।
आत्याकद।
इधन, आत्याकद।
प्र.25.बाजारकीजानकारीकोसंग्रहऔरप्रसारके माध्यमक्याहै?
दीघटईत्तरीयप्रश्
न् के ईत्तरदीषजए।
प्र.1. सब्जीकीफसिमेंषसचाइकीअिश् य
् कताककस-ककसतरहसेषनभटरकरतीहै।
ईत्तर - सब्जी की फसि में षसचाइ की अिश््यकता षनम्नषिषखत प्रकार से षनभटर करती है ।
1. सब्जी का फसि का प्रकार - ईभिी जड िािी फसिो को हल्की िेककन गहरी जड िािी सषब्जयो
की फसि की तुिना मे िगातार डसचाइ की जरूरत होती है।
2. मौसम के ऄनुसार - गमी की सषब्जयों की फसिों को सर्ददयो के मौसम की फसिों की तुिना में
ऄषधक डसचाइ की अिश््यकता होती है।
3. जििायु - ठं डी जििायु के दौरान फसिों की षसचाइ कम करे । यह ईष्णकरटबंधीय या गमट जििायु
में ऄषधक िार होना चाषहए।
4. षमटटी के अधार पर - ऄषधक बार िेककन हल्की षसचाइ बिुइ दोमट षमटटी में की जानी चाषहए।
जबकक गहरी िेककन षचकनी षमट्टी मे कम षसचाइ की अिश्यकता ् होती है।
5. डसचाइ प्रणािी का प्रकार - षड्रप षसस्टम मे षनयीमत डसचाइ की जरूरत होती है और सतह,
ईपसतह और डस्प्रकिर षसचाइ प्रणािी मे कम ।
ईत्तरः- 1. चौडी पषत्तयों िािे खरपतिार दो बीज पत्र होते है। जबकक सकरी पत्ती िािे का के िि एक ्््
बीज पत्र होता है।
2. चौडी पषत्तयों िािे खरपतिार की पषत्तयां चौडी होती है, जबकक संकरी पषत्तयों िािी खरपतिार की
संकरी पषत्तयां होती है।
3. चौडी पषत्तयों िािे षशराएं युक्त तथा जािीदार होती है । जब ककसकरी पषत्तयों िािे खरपतिार
समानांतर षशराएं होती है ।
4. तने ऄक्सर शाखाओं िािे जबकक ये तने शाखार षहत होते है ।
5. कदखािटी फू ि होते है ।
ईदा0 - बथुअ, चौिाइ
जबकक आन के फू ि ऄस्पष्ट फू ि होते है
ईदा0 - जान्सान्ग्रास।
््््््
प्र.3.रोगककसेकहतेहैं? यहककतनेप्रकारसेफै िताहै?
ईत्तरः- रोग ऄनुकूि पररषस्थषतयों में षििाणु-जषनत रोग जनक और ऄषत-संिेदनशीि मेजबान के बीच एक
सफि कारक है। पौधों में होनेिािी षिसंगत पररषस्थषतयों को रोग कहते हैं। षजसके कारण पौधों की
गषतषिषधयों को िृषद्व ईत्पादनद्ध अकद में षिपरीत प्रभाि पडता है। षजसे रोग कहते हैं।
प्र.4. षमचटऔरषशमिाषमचटमेंिगनेिािेप्रमुखकीटओंकािणटनकीषजए |
ईत्तर 1.षथ्रप्स यह सूक्ष्म कीट हैं जो ियस्क और षनम्फ दोनों ही ऄिस्था में फसि को नुकसान पहुंचाते
हैं और पषत्तयों के ऄंदर के उतक और पषत्तयों को नुकसान पहुंचाते हैं षजसके कारण पषत्तयां सूख जाती हैं
और गंभीर रूप से क्षषत ग्रस्त हो जाती हैं
षनयंत्रण षथ्रप्स षनयंत्रण के षिए आषमडाक्िोषप्रड से बीजों का ईपचार कर के बुिाइ करना चाषहए
2.एकफड्स यह हरे कािे एिं पीिे रं ग के हो सकते हैं जो छोटे रसीिे एिं निीन ऄंकुर और पषत्तयों के
रस को चूसते हैं षजससे पौधे की शषक्त कम हो जाती है और पौधे का िृषद्ध एिं षिकास रुक जाता है
यह मीठे पदाथट का स्त्राि करते हैं षजसके कारण पौधों मेंचीरटयों का अिमण भी बढ़ जाता है
आनके षनयंत्रण के षिए आषमडाक्िोषप्रड से बीज ईपचाररत करके बीजों की बुिाइ करना
1. गहरी जुताइ षमट्टी में ईपषस्थत रोग जनक और संिमण फै िाने िािे रोग कारकों को नष्ट करने के
षिए षमट्टी को गमी के समय में गहरी जुताइ करके छोड कदया जाता है तेज धूप के कारण षमट्टी के रोग
कारक नष्ट हो जाते हैं
2 खेत की सफाइ षमट्टी एिं खेत में ईपषस्थत पौधे के ऄपषशष्ट भागों में जैसे जड तना पत्ती अकद मैं
पहिे से ही ईपषस्थत रोग जनक को खेत से षनकाि कर चिा देना चाषहए षजससे ऄगिी फसि में रोग
फै िने की संभािना कम हो जाती है
3 फसि चि ऄपनाना फसिों के िम को बदिकर िगाने से षपछिी फसि के रोग ितटमान फसि में
नहीं खेिते हैं षजससे रोगों को फै िने से बचाया जा सकता है
4 रोग रोधी ककस्में ऄनेक ईन्नतशीि एिं रोगरोधी ककस तैयार की गइ है जो रोगों के प्रषत सहनशीि
होती हैं ऄथाटत आनमें रोगों का कोइ प्रकोप नहीं होता है
5 बुिाइ के समय में पररितटन ऄनेक रोग ऐसे देखने को षमिते हैं जो शुरुअत में ही पौधों को बीमारी
से ग्रस्त कर देते हैं आन से बचने के षिए बुिाइ के समय में बदिाि करके रोगों से फसि को बचाया जा
सकता है
6 बीज ईपचार फसि को रोगमुक्त रखने के षिए बीज ईपचार करना ऄषतअिश्यक होता है क्योंकक ऄनेक
रोग बीजों एिं षमट्टी के कारण ही फसि में खेिते हैं परं तु बीज ईपचार के द्वारा ईन रोगों से फसि को
बचाया जा सकता है
ईपचार और रोकथाम :- एक ही खेत में िगातार सो िेने सी पररिार की फसिे िगाने से बचना
चाषहए एिं बीजों को बोने से पहिे का बेंडा षजम से ईपचाररत करना चाषहए
ईत्तर :- एकीकृ तकीटप्रबंधन :- आस पद्धषत में फसिों षनदान के समस्याओं tCe की (sporC)के
षिए के िि एक एिं tCe) ) नाशीजीिों जैसे साधनों कइ बजाय के ऄपनाने कोsooepoM ltetoo
की फसिों ,बढ़ाकर को )eep)M EotaitC) ) शत्रुओं प्राकृ षतक के )etooto) ) रोगजनकों
जैषिक एिं तकनीकी ,याओंकि कृ षि ऄथिा प्रकियाओं किटण ,ईगाकर को ककस्मों प्रषतरोधी नाशीजीि
साधनों रसायनों नाशकमार और है जाता ककया समन्िय का आत्याकद प्रयोग के (कमटक जैि एिं षमत्र जैि)
। है जाता षिया में बाद सहारा का
पीडकनाषशयों के प्रयोग से िगभग के जहर तीत प्रषतििट व्यषक्त िाख 30षशकार होते हैं षजनमें से 2
खाद्य ये से प्रयोग ऄनुषचत ि ऄत्यषधक के ।कीटनाशकों है जाती हो मौत तो की िोगों हजार 20 िाख
मानि से तरीकों षिषभन्न कक जो । है रहा हो प्रदूषित िातािरण षजससे है जाते हो संषचत में श्रृंखिा
पहुँचाता नुकसान को जन्तुओं-जीि ऄन्य एिं समुदाय है ।
रासायषनक षनयंत्रण :-कीटों के षनयंत्रण के षिए कीटनाशक का षछडकाि करना एिं रासायषनक पाईडर
का प्रयोग करना रासायषनक षनयंत्रण कहिाता है
सांस्कृ षतक षनयंत्रण :-आसमें कीटों को षनयंषत्रत करने के षिए कीट रोधी ककस्म ईगा कर, खेतों की साफ
सफाइ करके एिं गमी के समय में गहरी जुताइ के द्वारा कीटों को षनयंषत्रत ककया जा सकता है
भौषतक षनयंत्रण:- कीटों की संख्या कम करने के षिए तापमान, अद्रता, िाआटरैप्स, फे रोमोन अकद का
ईपयोग करना भौषतक षनयंत्रण कहिाता है
ईत्तरः- व्हाइट फिइ-यह व्यस्क सफे द छोटे पैमाने जैसे सफे द मोषम के साथ ढके हुये कीडे होते हैं, यह
सैि सेफ चूसकर षनम्फ और व्यस्क दोनों पषत्तयों की ईपरी सतह पर रहते हैं, पौधे के प्रभाषित भागों में
पषत्तयों का पीिापन और झुर्ररया कदखाइ देती है। यह िीफ किट िायरि रोग को भी प्रसाररत करता है।
1. खरपतिार मेजबानो को हटाकर व्हाइट फिइ और संबंषधत िायरि रोगों की घटनाओं को कम करना
षजसके ईपर व्हाइट फिइ पैदा होते हैं।
2. आषमडा क्िोर षप्ड 70 प्रषतशत डबल्यू एस को 2.5 ग्राम प्रषतककिो ग्राम बीज के साथ बीजोपचार
करना। जो कक फसि को पच्चीस से तीस कदनों के षिये सुरक्षा प्रदान करता है।
3. पच्चीस से तीस कदनों के षिये नायिोन जाि का ;200 मेसद्ध किर का ईपयोग कर नसटरी में कीट
के संिमण से बचा जा सकता है।
4.नीम के बीज की षगरी के ऄकट को िैकषल्पक स्प्रे के षिये 04 इसी या नीम सोप 10 ग्राम प्रषत िीटर
और रायजोफास 40 इसी 10-20 -30 और 45 कदनों ऄंतराि पर रोपाइ करने के बाद व्हाइट फिइ के
षनयंत्रण के षिये प्रभािी पाया गया है।
5. डाआफे न्थोरान 50 प्रषतशत डबल्यू पी ब्रान्ड नाम-पोिो अकद को ऄत्याषधक कीट होने पर ईपयोग
करना चाषहये।
ईत्तर- यह भंडार अिू की फसि के षिए तैयार ककए जाते हैं अिू के भंडारण के षिए ईपयोगी है आस
षिषध में ईस खेत की सीमाओं पर गड्ढे या खाइ खोदी जाती है जहां फसि की खेती की गइ है अमतौर
पर गड्ढे सबसे उपरी डबदु पर षिशेि रूप से ईच्च ििाट िािे खेतों में षस्थत होते हैं भूसे या ऄन्य जैषिक
अिरण सामग्री का ईपयोग गड्ढों या खाआयो के स्तर के षिए ककया जाता है और संग्रषहत होने िािी
फसि की ईपज के साथ तय ककया जाता है जैषिक सामग्री की एक परत के साथ षबछाने के बाद षमट्टी
की एक परत को िगाया जाता है हिा के शन को अने-जाने के षिए आसके उपर भूसे की पर डािी
जाती क्योंकक िेंरटिेशन की कमी से फसि के सडने के साथ आसे नुकसान पहुंच सकता है I
प्र.10. ग्रेडडगक्याहै?
ईत्तर- भारत में षमचट की फसि को मुख्य रूप से ककसानों द्वारा रं ग और रं ग अकार के अधार पर
िगीकृ त ककया गया आससे पहिे कक ईन्हें बाजार में िाया जाए बाजार की मांग के अधार पर घायि
पीके और ऄषिकषसत फिों को हटा कदया जाता है होिी के रं ग अकार नमी और डंठि के स्पष्ट िणटन को
छोडकर षमचट की ग्रेडडग में ऄन्य कारकों का भी महत्ि है
1. फील्ड कं टेनर ओं में ककसी भी ईभरे हुए कक षिया स्टेपि और खुरदरी के नारों ककनारे नहीं होने
चाषहए
2. कटाइ के दौरान श्रषमक को कॉटन के दस्ताने पहनने चाषहए कटाइ के दौरान छल्िे और कं गन
जैसे कहने नहीं पहनना चाषहए ऄपने नाखूनों को काटना चाषहए
3. एक कं टेनर से दूसरे में ईत्पादों को स्थानांतररत करते समय सही षनदेशों का ईपयोग करें
4. जहां भी संभि हो सभी प्रभाषित क्षेत्रों पर पेंडडग का ईपयोग करें
5. स्िच्छ ईपकरण और कं टेनर का ईपयोग करें और सभी कं टेनर ओर से रेत और सभी प्रकार के
मिबे को हटा दें I
ओिरकफल्ड कं टेनर से बचना चाषहए I
््््प्रश्न.13. सब्जीकीषिपणनप्रणािीकोसमझाआये?
ईत्तर-है प्रणािी चार प्रमुख के षिपणन -
1. ईत्पादकईपभोक्ता।-िेटररर-एजेंट कमीशन -
2. ईत्पादकईपभोक्ता। -व्यापारी खुदरा -व्यापारी थोक -
3 . ईत्पादक -व्यापारी थोक -एजेंट कमीशन -ईपभोक्ता।
4. ईत्पादकईपभोक्ता।-षििे ता खुदरा -
5. ईत्पादकईपभोक्ता।-
7. समाचार पत्र।
8. पषत्रकाए।
9. सरकारी एजेंषसयो के सूचना पत्र
10. मूल्य बुिेरटन।
ईत्तरषि मे ऄनुिम षनयषमत एक पर भूषम ही एक -चिण फसि -षभन्न फसिो को ईगाने की एक फसि
प्रणािी है षजसे फसि चिीकरण कहते है आस फसि के ऄनुिम का चि पूरा होने मे एक ििट से ऄषधक
1. ककसान है करती सहायता मे बनाने बेहतर को शषक्त की िेने यषनणट के ककसानो जानकारी की बाजार -
माध् ककसके और कहां कब कक है अिश्यक षिए के िेने षनणटय यहयम मे ईपज बेची और खरीदीकरण।
2. षमषडि मैन योजना की षबिी और भंण्डारण िम के िस्तुओ पर अधार है डेटा एकषत्रत का बाजार -
प्रषशिण के सरकार के षिए बाजार की जानकारी भी अिश्यक है डेटा समथटन मूल्य से संबंषधत सरकारी
प्रक बाजार प्रषतस्पधाट एक षिए के षिषियमन िस्तु कोषाया की अिश्यकता होती है।
क- भौषतक कृ षि ररकाडट
ख- षित्तीय कृ षि ररकाडट
ग- पूरक कृ षि ररकाडट
षित्तीय कृ षि ररकाडटः मुख्य ररकाडट ये -रूप से कृ षि व्यिसाय के संचािन के षित्तीय से संबंषधत है। की
क- कृ षि की माि सूची।
घ- घषख के षििमताओ की बाजार -िाफ प्रभािी सुरक्षा क्योकक फसिों की एक ही भूषम से कटाइ की
जाती है।
च- स्थान की ऄथटव्यिस्था जो षिशेि रूप से बाजार के बगीचों की ईच्च कीमत िािी भूषम मे महसूस की
जाती है।
षनबंधात्मकप्रश्
न्
प्र.1. सषब्जयोकीफसिमेषसचाइकाप्रबंधनतथापानीकीभुषमकासमझाआए?
ईत्तर :- जि एक दक्ष संरक्षण आसके प्रबंधन और डसचाइ के पानी का ईपयोग सब्जी के सकि ईत्पादन
के षिए बहुत महत्िपूणट है। खासतौर पर जब खेत सूखे की षस्थषत में हो। सषब्जयो की फसिो को आसके
बेहतर िृषद्ध और षिकास के षिए बार-बार षसचाइ की अिश््यकता होती है। फसि के षिए षसचाइ की
अिश््यकता भी ऄिग-ऄिग हो सकती है। यकद पानी सीषमत मात्रा मे है। तो एक ईषचत प्रबंधन और
संरक्षण षिषधयो को िाषशक सब्जी के षिया जाता है।
सुव्यिषस्थत जि प्रबंधन योजना और षसचाइ के समय का षनधाटरण सब्जी फसि ईत्पादन मे जि प्रबंधन
की कुं जी है। पत्तेदार सब्जी को िगातार डसचाइ की अिश्यकता
् होती है। फिदार सब्जी , जड, और
के द िािी सषब्जयों की पानी की अ िश्यकता
् के षिषभन्न महत्िपूणट चरण है।
पौधो मे पानी की भूषमका :-
जि पादप जीिन के षिए एक अिश््यक तत्ि है।
यह पौधो के बढने ि षिकास मे सहायक है।
यह पौधो को षमटटी से खषनजो को ऄििोषशत करने मे तथा ईन्हे जाआिम फ्िोयम द्वारा पररिहन मे
सहायक है।
यह जैि रासायषनक प्रषतकियाओ के संचािन के षिए अिश््यक है।
यह प्रकाश संश््िेशण के माध्यम से भोजन बनाने मे ऄषनन्न ऄंश है।
यह पौधे को गमी या पािे के तनाि को कम करने मे मदद करता है।
बीज ऄंकुरण और ऄंकुर स्थापना के षिए अिश््यक है।
षसचाइ षमटटी की नइ बनाए रखने के षिए िषतम रूप से पानी की योजना बनाने और िागू करने का
ऄभ्यास है।
प्र.3.षिटमसपेपरतथापी0एच.मीटरद्वारापी0एच0मापनकीप्रकियाकोसमझाआए।
ईत्तर :- षिटमस पेपर पी.एच. पेपर द्वारा पानी के पी0एच0 मापन की प्रकिया
1. षिषभन्न स्त्रोतो और स््ज्ञानो से पानी के आकट्ठा ककए नमूने के षिए बीकर मे 100 एम.एि. पानी
िे।
2. षिटमस पेपर को सेम्पि मे डु बोएं और रं ग बदिने का आंतजार करे । षिटमस पेपर पानी के पी0एच0
के अधार पर रं ग बदिता है।
3. किर षस्रप की मदद से रं ग बदिने से मैच करे तथा पी.एच. मान ऄपने बुक मे दजट करे ।
पी.एच. मीटर द्वारा पानी के पी.एच. मान की मापन प्रकिया।
1. एक बीकर मे पानी का नमुना िे िगभग 45-45M.L. तथा पानी के नमुने के तापमान को षस्थर
होने दे आसके षिए पानी का 250 षडग्री तापमान ईपयुक्त माना जाता है।
2. पानी के बीकर मे पी0एच. मीटर आिेक्रोड डािे और पी0एच. मीटर आिेक्रोड और पानी के बीच
समयोजन करे ।
3. नमुचने की पी.एच. रीडीम को 20-30 सेकंड के षिए षस्थर करे । स्िचाषित मीटर संकेत प्रदान
करता है।
प्र.5. खरपतिारोंकािगीकरणकीषजए?
ईत्तर- िार्शिक एक खरपतिार के आस समूह में एक खरपतिार बीज से ईगता है और ििट के भीतर
ऄपना जीिन चि पूरा करता है। आन खरपतिारों से सब्जी की फसिें काफी हद तक प्रभाषित होती है।
ग्रीष्म कािीन खरपतिार िसंत के मौसम में ऄंकुररत होते है और गर्शमयों के दौरान आनका ऄषधकांि
षिकास होता है। एक गीष्म कािीन िार्शिक फू ि अमतौर पर बीज पैदा करता है और मर जाता है और
बीज ऄगिे िसंत तक षमट्टी में षनषष्िय रहते हैं। गर्शमयों में िार्शिक खरपतिार के रूप में
श्ाूषमषमिजैषथयमकोकिेबुर, ऄमरे बांसडपगिीडषडषजटाररयाकै ि-ग्रास
िे गर्शमयों में देर से और सर्ददयो के दौरान ऄंकुररत होते है, आनमें अमतौर पर फू ि अते है और मरने से
पहिे बसंत या शुरूअती गर्शमयों में बीज पैदा करते हैं ।
सर्ददयों की िार्शिक खरपतिार में शाषमि खरपतिार ब्रोमसचीटग्रास, कै पसेिाफे स, षसनाषपस जंगिी सरसों
अकद।
1. षद्विार्शिक खरपतिार- ये खरपतिार के पौधे एक ििट में एक बार से ऄषधक ऄपना जीिन चि पूरा
करते है, िेककन दो ििों से ऄषधक नहीं। आसमें अने िािे खरपतिार समूह जंगिी गाजर और
षसरषसयमबुिषथसि अकद।
2. बारह मासी खरपतिार- ये खरपतिार बारहमासी को ऄपना जीिन चि पूरा करने में ऄपना दो ििट
से ऄषधक समय िगता है कइ ििों तक जीषित रहते है, ये बीज द्वारा प्रजनन करते है और िानस्पषतक
रूप से भी फै िते है।
1. सरि बारहमासी
1.सरि बारहमासीः- ये बारहमासी खरपतिार के िि बीज द्वारा प्रजषनत होते है, न कक िानस्पषतक
साधनों द्वारा। आन खरपतिारों कीजडें मांसि होती है। और बहुत बडी हो जाती है।
ईदा0- रे मनसिकथानटफाआटोिक्का
के तने डंठि ईपर रें गना या जमीन के प्रकं दों के नीचे रें गना और बीजों से गुणा होता है।
सांस्कृ षतक षिषधयां :-आस षिषध के ऄंतगटत पौधों में िगने िािे रोगों को कम करने के षिए फसि चि
ऄपनाना खेतों की सफाइ करना गमी में गहरी जुताइ करना फसि की बुिाइ का समय बदिना बीज को
ईपचाररत करके बोना खेत में पौधों की संख्या का षनधाटरण करना अकद ऄनेक गषतषिषधयों पर षिशेि
ध्यान कदया जाता है षजसके माध्यम से फसिों में िगने िािे रोगों में कमी िाइ जा सकती है और
फसिों को जहरीिा होने से भी बचाया जा सकता है
यांषत्रक षिषधयां:- आसमें रोग ग्रस्त पौधे ऄथिा रोगी पौधे के भागों की कटाइ छटाइ करना और पौधे को
ईखाडकर नष्ट करना अकद शाषमि है आसके माध्यम से फै िने िािे रोगों को कम ककया जा सकता है
रासायषनक षनयंत्रण:- रासायषनक षनयंत्रण के ऄंतगटत पौधों में िगने िािे रोगों को ऄनेक प्रकार से
बचाया जा सकता है जैसे किकनाशी का षछडकाि कर के षमट्टी में ईपषस्थत रोगकारकों को नष्ट करने के
षिए किकनाशी का प्रयोग करके तथा खडी फसिों में रासायषनक दिाओं का फव्िारा एप्िीके शन के द्वारा
षछडकाि करके
ईत्तर -रासायषनक दिाओं के षछडकाि के समय षनम्नषिषखत बातों का ध्यान रखना चाषहए .
3 दिा षछडकने िािे के हाथों में दास्ताने अंखों में चश्मा िगा होना चाषहए
4 दिा षछडकने समय ककसी भी प्रकार की खाने िािी चीजों का सेिन नहीं करना चाषहए
5 दिा षछडकने से पहिे ईससे संबंषधत सभी जानकाररयों को ध्यान से पढ़ िेना चाषहए
7 षजस पंप में दिा का षछडकाि ककया जाना है ईसको ऄच्छी तरह से साफ कर िेना चाषहए
10 रासायषनक दिा षजस फसि में डािने के षिए बनाइ गइ है के िि ईसी में प्रयोग करना चाषहए द्य
प्र.8.सषब्जयोंकीफसिमेंकिकषनयंत्रणकीरासायषनकषनयंत्रणषिषधकािणटनकरे ।
ईत्तर -किकनािी का ईपयोग - फफूं द मे घातक पाए जाने िािे रसायन या रसायनो के संयोजन से
संिमण से मेजबान बच जाता है। षजसे फफूं दनािक कहा जाता है। पौधो की प्रणािी में ईनके अिागमन
के ऄनु फं षगसाआटस दो प्रकार के हाते है - प्रणािीमत जो और बेिैट का बेन्दा षजम पेटािे ककसि षथथो
बेडासो प्रोषमकोनाजोि अकद जैसे ऄनुप्रयोग के स्थान पर पादप की पूरी प्रणािी के षिए प्रभािकाररता का
स्थानांतररत करते है और समकट किक षजनके पौधे पर कायटबाइ सल्फर मेिोजेब षजनब अकद जैसे
ऄनुप्रयोग के क्षेत्र तक सीषमत है।
किकनािी ऄनुप्रयोग - किक के मृदा-जषनत संिमण षििट डेडपग अफ ईट रोट या नेमाटोड (जड गोठ
के मामिे में किकनािी या नेमाटोड को षमट्टी पर डािा जाना चाषहए। आस तरह के किकनािी
काबेन्डाषजम फामेिषडहा अकद है।
बीज ईपचार - षमट्टी के साथ -साथ बीज से संिमण से बचाने के षिए असान तरीका बीज ईपचार है।
अमतौर पर बीज का ईपचार 2.0-2.5 ग्राम फफूं द नािक ककग्रा बीज से ककया जाता है। बीज के
ईपचार के षिए बीज डेडसग ड्रम या षमट्टी के घडे का ईपयोग ककया जा सकता है। आस्तेमाि की जाने
िािी किकनािी में काबेन्डाषजम काबाटषिसन अक्साषिन अकद होते है।
फोषियर ऄनुप्रयोग - फोषियर रोगो से प्रभाषित हिाइ भागो को फफूं दनािी रोगो के फोषियर स्प्रे के
माध्यम से षनयंषत्रत ककया जा सकता है। ईपचार के षिए षििेि स्पेयर ईपिब्घ है अमतौर पर किकनािी
को संगत कीटनािको के साथ षछडका जाता है। आसषिए ये ऄनुप्रयोग की िागत को कम करता है। ये
किकनािी सल्फर, कापर अक्सीक्िोराआड षजनेब मेनकोजेब अकद है।
षड्रप षिषध - आस षिषध में संिमण से बचने के षिए षनषष्चत ऄिषध के षिए किकनािी घोि में बोने से
पहिे ऄंकुर और करटग को काबेन्डाषजम ,मेनकोजेब ,सल्फर, षजनेब अकद मे डु बोया जाता है।
ईत्तरः- टोमेटो िू ट बोरर(हेषिकोिपाट अमीगेि)ाः- बोरर के कै टरषपिर िरीर के साथ गहरे भूरे और भूरे
रं ग के होते है यह टमाटर के िू ट बोरर का सबसे सकिय चरण है। युिा ऄिस्था में िािाट टेंडर फोषिएज
पर फीड करता है, जबकक ईन्नत ऄिस्था में यह फि में गोिाकार षछद्रो को काटता है और िुगदी के
ऄंदर फीड करता है।
षनयंत्रणः-
1. पंजाब के सरी, पंजाब छु हारा, बीटी-1 और बीटी-32 जैसी सहनिीि ककस्मों का ईपयोग।
2. गमी की गहरी जुताइ से कीट के िािाट और व्युपा सूयट की तेज रोिनी के संपकट में अते है और
पषक्षयों का षिकार हो जाते है।
3. टमाटर (25 कदन पुरानें) की हर 16 पंषक्तयो के बाद रेाैप फसि के रूप मे गेंदा (मेररगोल्ड)
(40कदन) पुराना का रोपण िािाट को अकर्शशत करता है। और गेंदे के फू िों से िािाट आकट्ठा करके आसे
नश्ट कर देना चाषहए।
4. प्रषत हेक्टेयर 15-20 पक्षी पचो (टी के अकार) के स्थान पर कीटभक्षी पषक्षयों को अमंषत्रत करने
मे मदद षमिती है।
7. प्रारं षभक ऄिस्था में िािाट के ा मारने के षिए 4 प्रषतित एन एस के इ (नीम के बीज की षगरी का
ऄकट )का डछडकाि करें ।
एकफड्स (एएकफस गोसपी)ाः-एकफड्स कोमि िारीररक कीट है षजन्के पौधे की जुँ के रूप में भी जाना
जाता है। पौधें के टेंडर भागों पर समूह मे पाए जाने िािे छोटे कीट रं ग में हरे से कािे रं ग के हो
सकते है। टमाटर एषफ्डस के ियस्क नाजुक,पतिाऔर सुक्ष्म कफज षिग होते है। िे षनचिी पषत्तयों और
पौधों के कोमि ऄंकुर से चूसकर फसि को िगातार नुकसान पहुाचाते है। एकफड्स हनीड्यू बाहर षनकिता
है जो चींषाटयों को अकर्शशत करता है और सुटी मौल्ड षिकषसत करता है। पषत्तयाँ रूखी हो जाती है। िे
िायरस के फै िाि के षिए िाहक के रूप् मे कायट करतें है जो रोगों का कारण बनते है।
षनयंत्रणः- एकफडस के प्रभािी षनयंत्रण के षिए फसि को डाआमेथोएट / 0.03 प्रषतित या षमथाआि
डेमेटन /00.025 प्रषतित या फाास्फोमेडोन /0.04 प्रषतित के साथ स्प्रे करें ।
ईत्तर- िीफ हापर/जेषसड्स (ऄभसटका षबभुहुल्िा)- षनम्फ और ियस्क हरे होते है। और परे िान होन पर
षतरछे ढंग से चिते है। षनम्फ और ियस्क पषत्तयों से रस चुसते है। और पषत्तयाँ और उपर की ओर कािे
हो जाते है और नीचंाे षगर जाती है।
षनयंत्रणः-
शूट और िू ट बोरर (ल्युकोआनो डेसोरबोनेषिस):- आस कीट की पहचान कािे और भूरे रं ग की धारी एिं
सफे द रं ग के धब्बे कदखाइ देते है। िािाट हल्के गुिाबी रं ग के होते है। प्रारं भ मे िािाट कोमि टहनी में
छेद करके प्रिेश करते है और पौधे को नुकसान पहुंचाते है। प्रभाषित भाग में छेद कदखाइ देता है। और
सूख कर जाता है। कै टरषपिर फिों में ऄंदर जाकर बढ़ता है। प्रिेश द्वार छेद में फे कि पेिेट्स को देखा
जा सकता है।
षनयंत्रणः-
1. मुरझाए हुए मृत ऄंकूर, पषत्तयों को प्रभाषित करने की षनयषमत काटना और तोडना।
प्र.11.िीकू डिगकीषिषधयांषिषखए?
ईत्तर- ररकॉर्डडग खेत की गमी को दूर करने के षिए काटी गइ ईपज को ठं डा करने िािा ईपचार है
श्वसन दर एंजॉय में गषतषिषध एषथिीन ईत्पादन पानी की कमी और माआिोबॉयि नुकसान को कम करता
है िी कॉडिग की षिषधयां
1. हाआड्रो कू डिग काटी गइ ईपज को या तो ठं डा पानी चिा कर बौछार की जाती है या पानी में डू बा
जाती है आसषिए आससे िाटर कू डिग से भी जाना जाता है यह ज्यादातर पत्तेदार सषब्जयों में होता है
हाआड्रोक्िीन पानी के तापमान को 12 से 15 षडग्री सेषल्सयस बनाए जाते हैं
2. कमरे का ठं डा होना आंसि
ु ेट और रे किजरे टर रूम कू ि एयर संिहन द्वारा पररचाषित होती है
3. बिपूिटक एयर कू डिग ईत्पादन में एक रे किजरे टर रूम में रखा जाता है और शषक्तशािी पंखों की मदद से
ठं डी हिा प्रिाषहत की जाती है
4. हाइ स्कू ि आन कटाइ की गइ ईपज को बफट के संपकट में ही प्रीकोि ककया जाता है िाटरप्रूफ पैकेज का
ईपयोग ईपज को िपेटना या किर करना
5. िैक्यूम खुिे कटे हुए उपर से एक कमट चेंबर में कम िायुमंडिीय दाब पर हटाया जाता है I
प्र.12.संशोषधतिायुमड
ं िीयभंडारणपरएकनोटजोडें?
ईत्तर- संशोषधत िायुमंडिीय भंडारण षनयंषत्रत या संशोषधत िातािरण के साथ भंडारण अमतौर पर फि
और टमाटर के षिए ईपयोग ककया जाता है आस प्रकार के भंडारण दीिार और फशट के साथ एयरटाआट
चेंबर होते हैं आस षिषध में ऑक्सीजन को कम करके और CO2 के स्तर को बढ़ाकर िायुमंडि भंडारण के
ऄंदर िायुमंडि में गैसों का ऄनुपात बदि कदया बदि कदया जाता है और ऑक्सीजन काबटन डाआऑक्साआड
को बनाए रखा जाता है I
बेंगन 7-10 90
षशमिाषमचट 5-10 93
ईद्देश्य ईपस्को ऄषधक स्िीकायट षस्थषतयों में रखना कटी हुइ ईपज की ईपषस्थषत और स्िाद को बनाए
रखना खाद्य सुरक्षा और पोिक मूल्य की रक्षा करना षबना मौसम में ईपिब्ध कराना I
1षबजिी :- सौर ईजाट से सोिर पैनि द्वारा षबजिी बनती है षजसका ईपयोग षिषभन्न कायो में होता है
2 ऄनाज को सुखाना :- सौर उजाट से ऄनाजों को सुखाया जाता है षजससे ऄनाज सुरषक्षत रहता है|
4 कभी न ख़त्म होने िािा संसाधन :- सौर उजाट कभी न ख़त्म होने िािा प्राकृ षतक संसाधन है |
6 सौर िाटर हीटर :- सौर िाटर हीटर से सौर उजाट का ईपयोग करके पानी गमट करके कारखानों ,
षस्कडिग आंषडया मे- भारत की युिा जनशषक्त जनसांषख्यक सामांश के पररणामस्िरूप िैषश्वक
चुनौषतयो से षनपटने के षिए कौशि ओर क्षमता प्रदान करने की अिश्यकता है षजतना ऄषधक कौशि
षिकास को महत्ि देगे ईतना ही ऄषधक सक्षम युिा होगे भषिष्य के प्रषतयोगी की भषिष्यिाणी करना और
अज ही ईनके षिए तैयार करना महत्िपूणट है हमे भारत को षिश्व की कौशि राजधानी बनाना है।
हररत कौशि षिकाश कायटिम पयाटिरण िन और जििायु पररितटन मंत्रािय और षित्तीय सहायता के तहत
महत्ि पूणट भूषमका षनभाता है।
प्र.16.स्थाइषिकाससेसंम्बंषधतसमस्याओकोिणटनकीषजए?
ईत्तर- स्थाइ षिकास से संबंषधत समस्याए षनम्नषिषखत है-
1.जि- हम पीने और सफाइ के षिए नकदयो तथा तािाबो के ताजा पानी का ईपयोग करते है िेककन
ईनमे कचरा का ढेर करते है नदी और तािाब प्रदूषित है आस तरह कइ ििो के बाद हमारे पास ऄपने
अप के षिए साफ पानी नही होगा।
2-खेती रू. फसि ईगाने के षिए अिश्यक समृद्ध ईपजाउ भूषम की मात्रा जैसे गेंहू,चािि अकद कम
होती जा रही है क्योकक हम ऄन्य ईद्देश्यो के षिए ऄषधक से ऄषधक भूषम का ईपयोग कर रहे है षमट्टी
के पोिक तत्ि भी कम हो रहे है और रासायषनक ईिटरको के ईपयोग से बहुत सारे रसायन षमट्टी को
खराब कर रहे हैं।
3.-इधन-हम पेडो से इधन के रूप मे और घरो तथा फनीचर के षनमाटण के षिए िकडी का ईपयोग कर
रहे है जैस-
े जैसे ऄषधक से ऄषधक पेड काटे जा रहे है िह जगह की जििायू की प्रभाषित कर रहा है
चरम मौसम कीाे षस्थत जैसे बाढ ऄत्यषधक ठं ड या गमी कइ स्थानो मे देखी जाती है जो िहां रहने
िािे िोगो को प्रभाषित करती हैं।
5 स्िास््य सेिाओ की कमी :- ितटमान समय में स्िास््य सुषिधाओ की कमी है षजसे सुधारना अिश्यक
है |
6 रोजगार की कमी :- ऄच्छे जीिन षिकास क षिए पयाटप्त रोजगार के ऄिसर षमिने चाषहए |
प्र.17.ऄसमानतादूरकरनेके ईपायबताआये?
ऄम्बेडकर ने ऄपने जीिन काि मे ऄसमानता को दूर करने के षिए काफी संघसट ककया और ईसके
षिए ऄनेको ईपाय बताए।
1- राजनीषतक प्रषतषनषधत्ि-
2- को अपरे रटि फार्डमग यानी सहकारी खेाेती-अजादी के पहिे भारत की ज्यादातर अबादी ग्रामीण थी
जहां अजीषिका मुख्य जररया कृ षि रही है िेककन कृ षि की जमीनो पर जमीदारो और कु छ जाषतयो का
कब्जा या ज्यादातर जाषतयां भूषमहीन होती है।
3- सेपरे ट सेटिमेंट- भारत को ऄंगे्रजो ने जाषत धमट और गांि के देश के तौर पर समझा गांि की
व्यिस्था जजमानी प्रथा से चिती थीं।
का षिकास होता है ईसे गुणिक्ता िािी षशक्षा कहते है | आस षशक्षा प्रणािी में समय की मांग के ऄनुसार
प्र.19. कृ षिकीषिपणनमेकौन-्कौनसीएजेंषसयाशाषमिहै।
ईत्तर-नेशनि एग्रीकल्चर को अपरे रटि माके रटग फे डरे शन अफ आं षडया षिषमटेडरू ाे आसे .2 ऄक्टू बर
षिकषसत करने अयात और षनयाटत और सम्पूणट षििी या खुदरा व्यापार को सुषिधा जनक बनाने के
क- राष्ट्रीय कृ षि और ग्रामीण बैंक नािाडटरू आसे .12 जुिाइ 1982 को स्थाषपत ककया गया था। नािाडट
िषमक समृषद्ध के षिये षित्तीय और गैर षित्तीय हस्त दोनो, निाचार पौऺद्यौषगकीयें और संस्थागत षिकास
की भागीदारी के माध्यम से स्थायी और न्याय संगत कृ षि और ग्रामीण षिकास को बढ़ािा देने के षिये
ख- कृ षि और प्रसंस्कृ त ईत्पाद षनयाटत षिकास प्राषधकरण एपीडा रू कदसम्बर द्वारा सरकार भारत यह.1985
में कृ षि और प्रसंस्कृ त खाद्य ईत्पाद षनयाटत षिकास प्राषधकरण ऄषधषनयम के तहत स्थाषपत ककया गया। के
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