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प्राज्ञ पाठ्यक्रम

PRAGYA COURSE
किट : 6 - KIT : 6
पाठ : 13 से 15 एवं परू ि पाठ – 5,6
LESSON: 13 TO 15 And REVIEW LESSON – 5,6
जनवरी - किट - JANUARY - KIT

िेंद्रीय ह द
ं ी प्रशिक्षण संस्थान
पत्राचार पाठ्यक्रम स्िंध (ह द
ं ी)
राजभाषा ववभाग,ग ृ मंत्रालय
2-ए, पथ्
ृ वीराज रोड, नई हदल्ली-110011

Central Hindi Training Institute


CORRESPONDENCE COURSE WING (HINDI)
Department of Official Language
Ministry of Home Affairs
2-A, Prithviraj Road
New Delhi-110011

Email-adptracharchti-dol@nic.in
Phone No. 011-23017203
Fax No .011-23017203
To download this Kit:
http://chti.rajbhasha.gov.in/?9600?21

1
म त्वपण
ू ण / IMPORTANT

1. Those who have not sent the solved response sheet, send
immediately.

2. Marks obtained will be considered for internal evaluation.

3. Fill up the Examination forms and submit to the sponsoring


authority as the last date of submitting the Examination Form is
15th November.

4. The bank draft of Rs 100.00 per trainee must be sent along with
the Examination form.

2
पाठ Lesson 13
अंतरववभागीय हटप्पणी

CONTENTS –ववषय वस्तु


13.1 पाठ पररचय 13.5 उपयोगी अशभव्यक्ततयााँ
13.2 पाठ िा उद्दे श्य 13.6 उपयोगी िब्दावली
13.3 प्रयोजन 13.7 बोध प्रश्न
13.4 प्रारूप और मख्
ु य बबन्द ु 13.8 बोध प्रश्नों िे संक्षक्षप्त
उत्तर
13.4.1 प्रारूप- I
13.4.2 प्रारूप -II

13.1 पाठ पररचय

अंतरविभागीय टिप्पणी का प्रयोग दो मंत्रालयों या संबद्ध तथा अधीनस्थ कायाालयों से


ननयमों या अनद
ु े शों के स्पष्िीकरण मााँगने के ललए ककया जाता है । अंतरविभागीय टिप्पणी
पत्राचार का एक माध्यम है ।

13.2 पाठ िा उद्दे श्य


• इसका प्रयोग दो मंत्रालयों या संबद्ध तथा अधीनस्थ कायाालयों के बीच ककया जाता है ।
• भारत सरकार के ितामान ननयमों, अनुदेशों आटद के बारे में स्पष्िीकरण मााँगने के ललए।
• कोई कागज पत्र प्राप्त करने के ललए ।
• विशेषज्ञों या सक्षम अधधकाररयों से ककसी विषय पर सुझाि, सहमनत, सम्मनत या
स्पष्िीकरण मााँगने के ललए ।
• ककसी विषय विशेष पर व्याख्या आटद प्राप्त करने के ललए ।

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13.3 प्रयोजन
अंतरविभागीय टिप्पणी का प्रयोग स्पष्िीकरण आटद मााँगने के ललए ककया जाता है इसे दो
प्रकार से भेजा जा सकता है ।
1. लमलसल पर ही टिप्पणी ललखकर ककसी मंत्रालय/विभाग को भेजना ।
2. नोि शीि पर अलग से स्ित:पूणा टिप्पणी के रूप में भेजना । यटद ककसी विषय पर
सहमनत/सलाह/स्पष्िीकरण लेना हो तो उस स्स्थनत में जााँच की आिश्यकता होती है तब
टिप्पणी लमलसल पर न ललखकर अलग से स्ित:पूणा रूप में ललखी जाती है ।
भाषा
1. अंतरविभागीय टिप्पणी कायाालयीन विशेषताओं के साथ-साथ अन्य पुरूष में ललखी जाती
है ।
2. इसमें आदे शात्मक/आज्ञात्मक भाषा का प्रयोग नहीं ककया जाता ।
3. इसमें आपसे अनुरोध है , ननिेदन है , स्पष्ि करें , कृपा करें आटद िाक्य संरचना का प्रयोग
ककया जाता है ।

13.4 अंतरववभागीय हटप्पणी िा प्रारूप

.......................................मंत्रालय
.......................................विभाग
विषय : .............................................................................................................
..............................................................................................................................
कलेिर
..............................................................................................................................
(ह.)
नाम
पदनाम
दरू भाष सं.
मंत्रालय का नाम स्जसे अं.वि.टि. भेजी जानी है
भेजने िाले मंत्रालय का नाम/अं.वि.टि.सं .............................................../टदनांक ……………….

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अंतरववभागीय हटप्पणी िी वविेषताएं :-

इसमें सबसे ऊपर संख्या आटद नहीं ललखी जाती । मंत्रालय/विभाग का नाम सबसे ऊपर बीच
में ललखकर उसके बाद बाईं ओर विषय ललखकर इसकी शुरूआत की जाती है । इसमें संबोधन
और अधोलेख नहीं होते । अंतरविभागीय टिप्पणी की समास्प्त पर दाटहनी तरफ हस्ताक्षर करने
िाले अधधकारी का नाम ि दरू भाष संख्या दी जाती है । स्जस मंत्रालय या कायाालय को टिप्पणी
भेजी जाती है उसका नाम हस्ताक्षर से नीचे बाईं तरफ ललखा जाता है । उसके बाद एक लंबी
लकीर खींचकर टिप्पणी भेजने िाले मंत्रालय का नाम, अंतरविभागीय टिप्पणी संख्या और टदनांक
ललखी जाती है ।

13.4.1 नमन
ू ा-।

..............................................मंत्रालय/विभाग
ववषय: म ाबशलपरु म में पयणटन िायाणलय िे शलए स्थान ।

महाबललपुरम में पयािकों की सुविधा के ललए इस मंत्रालय ने पयािन कायाालय खोलने का


ननणाय ककया है । इसके ललए िहां सरकारी भिन उपलब्ध नहीं है । पयािन ननदे शक ने एक ननजी
भिन दो साल के ललए ककराये पर लेने का प्रस्ताि भेजा है । भिन में ......................िगा मीिर
जगह है और यह ....................रुपये प्रनत मास के ककराये पर लमल सकता है । इससे पूिा कक
इस मामले पर अंनतम ननणाय ललया जाए, शहरी विकास मंत्रालय इसे दे खे और यह बताने की
कृपा करे कक क्या प्रस्तावित ककराया िास्जब है ? संबंधधत भिन की स्स्थनत, कमरों के आकार आटद
का वििरण पयािन ननदे शक के पत्र के साथ संलग्न है ।

ह.
( क ख ग)
अिर सधचि
फोन ..........................

शहरी विकास मंत्रालय


पररिहन मंत्रालय/अं.वि.टि.सं. ........................................../ टदनांक .........................

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13.4.2 प्रारूप- II

सामाक्जि न्याय एवं अधधिाररता मंत्रालय/ववत्तीय अनुदान एवं स ायता िायाणलय


ववषय- वगण “घ” िमणचाररयों िे बच्चों िा िक्षा 10 ति िा शिक्षण नन:िुल्ि हदए जाने
िी व्यवस्था ।
गह
ृ मंत्रालय के कायाालय ज्ञापन सं. .........................टदनांक ................द्िारा िगा
“घ” कमाचाररयों के बच्चों का कक्षा 10 तक का लशक्षण शुल्क सरकार द्िारा टदया जाएगा।
लेककन काया की अधधकता के कारण कुछ महीनों के ललए तदथा रूप में इस कायाालय ने
कुछ कमाचाररयों को ननयक्
ु त ककया था । अब प्रश्न यह है कक क्या यह योजना उन
कमाचाररयों पर भी लागू होगी जो तदथा रूप में कुछ महीनों के ललए भती ककए जाते हैं ?
गह
ृ मंत्रालय से अनरु ोध है कक उपयक्
ुा त प्रश्न के संबंध में स्स्थनत स्पष्ि करने का कष्ि
करे ।

ह.
नाम
उप सधचि (प्रशासन)
दरू भाष सं...............
गह
ृ मंत्रालय
सामास्जक न्याय एिं अधधकाररता मंत्रालय, प्रशासन विभाग, अं.वि.टि.सं. ................................../
टदनांक .........................

13.5 उपयोगी अशभव्यक्ततयााँ

1. गह
ृ मंत्रालय से अनुरोध है कक उपयक्
ुा त विषय में ननयम की स्स्थनत स्पष्ि करे ।
2. वित्त मंत्रालय से उक्त विषय में अपनी राय दे ने का अनुरोध है ।
3. इससे पूिा इस मामले में अंनतम ननणाय ललया जाए, शहरी विकास मंत्रालय इसे दे खे और
यह बताने की कृपा करे कक पयािन कायाालय खोलने के ललए क्या उपयक्
ुा त भिन का
प्रस्तावित ककराया उधचत है ।
4. इस मामले पर शीघ्र ननणाय लेने की आिश्यकता है ।
5. क्या इन पदों को रोजगार कायाालय द्िारा भेजे गए नामों से भरा जाना है ।
6. कृपया यह स्पष्ि करें कक जो कमाचारी अस्थायी हैं परं तु सामान्य भविष्य ननधध में
अंशदान दे ने लगे हैं उन पर यह ननयम ककस प्रकार लागू होगा ?
7. विधध मंत्रालय से अनरु ोध है कक पैरा 3 में उस्ल्लखखत वििाद के संबंध में अपनी सम्मनत
दे ।

6
8. गह
ृ मंत्रालय द्िारा संचाललत प्रबोध परीक्षा पास करने पर िगा “ग” कमाचाररयों को 55%
या उससे अधधक अंक पाने पर नकद पुरस्कार दे ने का प्रािधान है । अब यह प्रश्न सामने
आया है कक स्जन कमाचाररयों ने परीक्षण के तौर पर चलाए गए निीन पाठ्यक्रम के
पहले ही परीक्षा पास कर ली है उन पर नकद पुरस्कार का ननयम ककस प्रकार लागू
होगा।
9. उपयक्
ुा त समस्या के स्पष्िीकरण के ललए यह मंत्रालय, गह
ृ मंत्रालय का आभारी होगा ।
10. ितामान ननयमों को दे खते हुए यह बताने की कृपा करें कक िगा “घ” कमाचाररयों पर यह
ननयम ककस प्रकार लागू होगा ?
11. वित्त मंत्रालय के हम आभारी होंगे यटद िह इस संबंध में तत्काल स्स्थनत स्पष्ि करने
की कृपा करे ।
12. पद भरे जाने के संबंध में कालमाक और प्रलशक्षण विभाग कृपया अपनी सलाह दे ।
13. नई पें शन योजना नए भती होने िाले कमाचाररयों पर ककस प्रकार लागू होगी ? कालमाक
एिं पें शन मंत्रालय कृपया इस संबंध में आिश्यक जानकारी उपलब्ध करिाए तो हम
उसके आभारी होंगे ।

13.6 उपयोगी िब्दावली


अनुदेश : Instruction सम्मनत : consent
अंतरविभागीय टिप्पणी : inter departmental note टिप्पणी : comments/note
संबंद्ध : attached स्ित: पूणा : self contained
टिप्पणी note
अधीनस्थ : subordinate औपचाररक : formal
व्याख्या : explaination राय : opinion
विचार : thought/views सहमनत : concurrence
सलाह : advice रोजगार : employment
सझ
ु ाि : suggestion कायाालय exchange
स्पष्िीकरण : explanation/ Clarification कालमाक और : deptt. Of
प्रलशक्षण विभाग personnel &
training

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13.7 बोध प्रश्न

1. क्या अंतरविभागीय टिप्पणी पत्राचार का एक माध्यम है ? (हााँ /नहीं)


2. विशेषज्ञों से ककसी विषय पर सझ
ु ाि, सहमनत आटद प्राप्त करने के ललए अंतरविभागीय
टिप्पणी ललखी जाती है । (हााँ/नहीं)
3. अंतरविभागीय टिप्पणी ककतने प्रकार से भेजी जा सकती है ?
4. लमलसल पर अंतरविभागीय टिप्पणी नहीं ललखी जा सकती (सही/गलत)
5. अंतरविभागीय टिप्पणी अन्य पुरुष में ललखी जाती है । (सही/गलत)
6. टिप्पणी भेजने िाले मंत्रालय का नाम, अंतरविभागीय टिप्पणी संख्या और टदनांक कहााँ
ललखे जाते हैं ?
7. भारत सरकार के ितामान ननयमों अनुदेशों आटद के बारे में ...................प्राप्त ककया जा
सकता है ।
8. ककसी विषय पर सुझाि, सहमनत ......................आटद प्राप्त करने के ललए अंतरविभागीय
टिप्पणी का प्रयोग ककया जाता है ।

13.8 बोध प्रश्नों िे संक्षक्षप्त उत्तर


1. हााँ
2. हााँ
3. दो प्रकार से
4. गलत
5. सही
6. सबसे नीचे एक लकीर खींचकर
7. स्पष्िीकरण
8. सम्मनत

8
भारत सरिार
पाठ/ Lesson- 14
पषृ ठांिन

CONTENTS –ववषय वस्तु

14.1 पाठ पररचय 14.5 पषृ ठांिन िा प्रयोग


14.2 उद्दे श्य 14.6 उपयोगी अभ्युक्ततयााँ
14.3 प्रयोजन 14.7 उपयोगी िब्दावली
14.4 प्रारूप और मख्
ु य बबन्द ु 14.8 बोध प्रश्न
14.4.1 प्रारूप-I 14.9 बोध प्रश्न िे संक्षक्षप्त उत्तर
14.4.2 प्रारूप- II

14.1 पाठ पररचय


इस पाठ में आप पष्ृ ठांकन के बारे में जानें गे । पष्ृ ठांकन का प्रयोग क्यों और कब ककया
जाता है ? इसका प्रारूप कैसे बनाया जाता है ? इसकी पूणा जानकारी इस पाठ में लमलेगी ।
पष्ृ ठांकन सरकारी पत्राचार का एक रूप है , साथ ही विलभन्न प्रकार के पत्राचारों का अंग भी है ।

14.2 उद्दे श्य


इस पाठ में हम पष्ृ ठांकन का विलभन्न स्स्थनतयों और संदभों में प्रयोग सीखें गे । पष्ृ ठांकन
में प्रयक्
ु त होने िाली शब्दािली और विलशष्ि अलभव्यस्क्तयों की जानकारी प्राप्त करें गे और
विलभन्न स्स्थनतयों में पष्ृ ठांकन के विलभन्न प्रकारों के ललखने का भी अभ्यास करें गे ।

14.3 प्रयोजन
जब ककसी पत्र आटद की प्रनतललवप एक से अधधक व्यस्क्तयों को दी जाती है तब पष्ृ ठांकन
का प्रयोग ककया जाता है ।

14.4 प्रारूप और मुख्य बबन्द ु

14.4.1 पष्ृ ठांकन के दो प्रकार हैं । पहला प्रकार िह है , जहााँ मूल पत्र में अन्य व्यस्क्तयों को
प्रनतललवप भेजी जाती है ।
मूल पत्र पर अधधकारी के हस्ताक्षर और पदनाम के बाद नीचे पष्ृ ठांकन इस प्रकार
ककया जाता है -

9
नमूना – 1
सं. ......................................... टदनांक ....................................
प्रनतललवप सूचना/सूचना एिं आिश्यक कारा िाई/संदशान/उत्तर/शीघ्र अनुपालन के
ललए प्रेवषत/भेजी जा रही है ।
हस्ताक्षर
(नाम)
पदनाम
पष्ृ ठांकन का दस
ू रा प्रकार िह है , जहााँ अलग से मसौदा बनाकर पत्र की प्रनतललवप भेजी जाती है ।

14.4.2 राज्य सरकार को प्रनतललवप भेजने हे तु पष्ृ ठांकन के स्थान पर पत्र का प्रयोग ककया
जाता है -
नमन
ू ा – 2
सं. ......................
भारत सरकार
...........................मंत्रालय
...........................विभाग
स्थान : ............................
टदनांक: .............................
मंत्रालय/कायाालय/विभाग को नीचे ललखे पत्रों की एक-एक प्रनत सूचना एिं
आिश्यक कारा िाई के ललए प्रेवषत है ।
हस्ताक्षर
(नाम)
पदनाम
प्रेवषत पत्रों िी सूची:-
1. गह
ृ मंत्रालय के का.ज्ञा.सं. ....................................टदनांक .......................
2. वित्त मंत्रालय के पत्र सं. ....................................टदनांक .........................

14.5 पषृ ठांिन िा प्रयोग


पष्ृ ठांकन का प्रयोग मुख्यत: ननम्नललखखत तीन स्स्थनतयों में ककया जाता है –
1. जब ककसी कागजपत्र को मूल रूप में प्रेषक को िापस लौिाना हो तब उसे पष्ृ ठांकन कहते
हैं। उदाहरणतया आपके मंत्रालय के ककसी सहायक ने िाहन अधिम के ललए आिेदन ककया
है । आिेदन पत्र में कुछ स्थानों पर आिश्यक सूचना नहीं दी गई । अत: आिेदन पत्र

10
अपण
ू ा है । इस पर इस प्रकार का पष्ृ ठांकन ललखकर आिेदन पत्र को प्रेषक को लौिाया जा
सकता है :-
श्री ............................................. के िाहन अधिम के आिेदन पत्र में मद सं ; 4, 7
और 11 पर िांनछत सूचना नहीं दी गई है । उनका आिेदन पत्र उन्हें िापस लौिाया जाता
है । पण
ू ा रूप से भरा हुआ आिेदन पत्र प्राप्त होने पर ही आिश्यक कारा िाई की जा सकेगी

ह.
अनभ
ु ाग अधधकारी
2. जब पत्र आटद पाने िाले के अनतररक्त उसकी प्रनत ककसी अन्य अनुभाग या अधधकारी को
भी भेजी जाती है , ऐसी स्स्थनत में पष्ृ ठांकन का रूप इस प्रकार का होगा:-

प्रनतललवप सूचना तथा आिश्यक कारा िाई के ललए प्रेवषत:-


1. ...........................................अनुभाग
2. .......................................... अनुभाग

इस प्रकार का पष्ृ ठांकन सामान्यतः पत्र, कायाालय आदे श, कायाालय ज्ञापन, अधधसूचना तथा
संकल्प आटद में दे खने को लमलता है । इसका वििरण संबंधधत पत्राचार के साथ आप दे खेंगे ।
ऐसी पष्ृ ठांककत प्रनतयों पर पष्ृ ठांकनकताा अधधकारी कृते ललखकर भी अपने हस्ताक्षर कर सकता
है ।
3. जब प्रशासी मंत्रालय विलभन्न मंत्रालयों से प्राप्त कायाालय ज्ञापनों की प्रनतयााँ अपने संबद्ध
एिं अधीनस्थ कायाालयों तथा स्िायत्तशासी ननकायों को पष्ृ ठांकन के रूप में भेजता है तब इसका
उद्दे श्य उन कायाालय ज्ञापनों में ननटहत सूचनाओं/ननणायों का व्यापक प्रचार एिं उनका अनुपालन
कराना होता है ।
इसी प्रकार एक कायाालय अपने सभी अनुभागों तथा अधधकाररयों को भी मंत्रालय के
आदे शों/ननणायों की सूचना आिश्यक कारा िाई/अनुपालन के ललए भेज सकता है । ऐसी स्स्थनत में
भेजे जाने िाले पष्ृ ठांकन का कलेिर पत्र के समान होता है पर इसमें संबोधन या अधोलेख के
साथ-साथ विषय और संदभा भी नहीं होते (दे खें नमूना-2) ।

14.6 उपयोगी अशभव्यक्ततयााँ

पत्राचार िे ववशभन्न रूपों में प्रयुतत किए जाने वाले पषृ ठांिन िे वातयों िे नमूने:-
1. प्रनतललवप-क्षेत्रीय ननदे शक, केंद्रीय टहंदी संस्थान, गुिाहािी को सूचना के ललए प्रेवषत ।
2. ननम्नललखखत कागज़पत्रों की एक-एक प्रनत सभी अधधकाररयों, अनुभागों तथा एककों को सूचना
तथा आिश्यक कारा िाई के ललए भेजी जा रही है ।
11
3. वित्त मंत्रालय के कायाालय ज्ञापन सं. .....................................टदनांक ..........................की
एक-एक प्रनत मंत्रालय के सभी अधधकाररयों को सूचना एिं संदशान के ललए प्रेवषत ।
4. प्रनत महालेखाकार, केंद्रीय राजस्ि को सूचना एिं आिश्यक कारा िाई के ललए प्रेवषत ।
5. ननम्नललखखत कागज़पत्रों की एक-एक प्रनत सभी विभागाध्यक्षों, अधीनस्थ कायाालयों को
सूचनाथा भेजी जाती है ।
6. लेखा तथा वित्त अनभ
ु ाग को (चार अनतररक्त प्रनतयों सटहत) आिश्यक कारा िाई हे तु प्रेवषत ।
7. सच
ू नाथा प्रेवषत ।
8. शीघ्र अनुपालन के ललए प्रेवषत ।
9. सूचना एिं संदशान के ललए ।
10. प्रनतललवप महाननदे शक, नागर विमानन महाननदे शालय की सूचना के ललए प्रेवषत ।
11. गह
ृ मंत्रालय के कायाालय ज्ञापन सं. ..........................टदनांक...................की एक-एक प्रनत
इस मंत्रालय के सभी अधधकाररयों, अनभ
ु ागों तथा एककों को सच
ू ना तथा आिश्यक कारा िाई
के ललए भेजी जा रही है ।
12. प्रनतललवप सूचना एिं संदशान के ललए प्रेवषत:-
(1) संयुक्त ननदे शक, लशक्षा ननदे शालय, टदल्ली ।
(2) सहायक ननदे शक(परीक्षा शाखा), लशक्षा ननदे शालय, टदल्ली ।
13. श्री दे ि िमाा, प्रशासन अधधकारी, तकनीकी प्रयोगशाला, ग्िाललयर को एक प्रनत शीघ्र
अनुपालन के ललए भेजी जा रही है ।
14. रक्षा लेखा ननयंत्रक (दक्षक्षणी कमान) पुणे को एक प्रनत (स्जस पत्र का यह उत्तर है उसकी
फोिोकॉपी के साथ) कारा िाई के ललए भेजी जा रही है ।

उपयोगी िब्दावली
पष्ृ ठांकन endorsement पष्ृ ठांककत endorsed
पत्राचार correspondence ननटहत contained
अलभव्यस्क्तयााँ expressions कागजपत्र paper/document
प्रेषक sender/despatcher अनप
ु ालन compliance
प्रेवषती addressee संदशान guidance
िाहन अधिम vehicle advance संस्तुनत recommendation
िांनछत सूचना desired information आसन्न अधधकारी immediate officer
12
आिश्यक सच
ू ना necessary information महाँ गाई भत्ता dearness allowance
सच
ू ना तथा आिश्यक for information and महालेखाकार accountant general
कारा िाई के ललए necessary action केंद्रीय राजस्ि central revenue
कृते for

14.8 बोध प्रश्न

1. पष्ृ ठांकन सरकारी पत्राचार का रूप नहीं होता । (सही/गलत)

2. पष्ृ ठांकन ककतने प्रकार से ककया जा सकता है ?

3. अलग से पष्ृ ठांकन का मसौदा नहीं बनाया जा सकता ।(सही/गलत)

4. पष्ृ ठांकन का प्रयोग कब ककया जाता है ?

5. प्रनतललवप सूचना तथा आिश्यक कारा िाई के ललए .................. ।

6. पष्ृ ठांकन का प्रयोग ....................पत्र के नीचे ललखकर भी ककया जाता है ।

7. पष्ृ ठांकन पत्राचार का एक अंग है । (सही/गलत)

14.9 बोध प्रश्न िे संक्षक्षप्त उत्तर

1. गलत
2. पष्ृ ठांकन दो प्रकार से ककया जा सकता है ।
3. गलत
4. जब एक पत्र की प्रनतललवप एक से अधधक व्यस्क्तयों को दे नी होती है ।
5. प्रेवषत/भेजी जा रही है ।
6. मूलपत्र के नीचे ललखकर
7. सही

13
पाठ/ Lesson-15
पररपत्र

CONTENTS –ववषय वस्तु


15.1 पाठ पररचय 15.4.2 नमन
ू ा- II
15.2 उद्दे श्य 15.4.3 नमन
ू ा- III
15.3 प्रयोजन 15.5 उपयोगी अभ्युक्ततयााँ
15.4 प्रारूप और मुख्य बबन्द ु 15.6 उपयोगी िब्दावली
15.4.1 नमन
ू ा-I 15.7 बोध प्रश्न
15.8 बोध प्रश्नों िे संक्षक्षप्त
उत्तर

15.1 पाठ पररचय

यटद ककसी मंत्रालय या विभागीय कायाालय को अपने अधीनस्थ कायाालयों या कमाचाररयों से


कोई सच
ू ना मंगानी हो या उन्हें ककन्हीं सरकारी आदे शों या अनद
ु े शों की सच
ू ना दे नी हो तो पररपत्र
का प्रयोग ककया जाता है ।
यह प्राय: आंतररक होता है अथाात इसका प्रयोग उसी मंत्रालय/विभाग/कायाालय तक सीलमत
रहता है । एक मंत्रालय/विभाग/कायाालय के पररपत्र में दी गई टहदायतों को मानने के ललए अन्य
मंत्रालय/कायाालय बाध्य नहीं होते । यटद जारी पररपत्र के अनुदेशों को दस
ू रे विभाग/कायाालय को
अपने कमाचाररयों पर लागू करना हो तो दस
ू रे विभाग/कायाालय को अलग से पररपत्र जारी करना
आिश्यक होता है ।

15.2 उद्दे श्य


• पत्राचार के अंतगात “पररपत्र” प्रारूप से कमाचाररयों को पररधचत कराना ।
• आंतररक पत्राचार के रूप में पररपत्र का पररचय दे ना ।
• पररपत्र द्िारा सरकारी ननयमों एिं अनुदेशों की जानकारी दे ना ।
• पररपत्र से ककसी उत्तर की अपेक्षा नहीं होती, इसललए इसे पत्राचार का रूप नहीं माना जाता ।
• पररपत्र संबंधी शब्दािली से पररधचत कराना ।

14
15.3 प्रयोजन

पररपत्र का प्रयोजन सरकारी ननयमों या अनुदेशों को आिश्यकतानुसार कायाालय के


अधीनस्थ कमाचाररयों को सामान्य रूप से सूधचत करना होता है । इसललए इसे पत्राचार का रूप
नहीं माना जाता, क्योंकक पररपत्र से ककसी प्रकार के उत्तर की अपेक्षा अननिायात: नहीं की
जाती। यटद ककसी व्यस्क्त विशेष को कोई अनुदेश दे ने हों या उत्तर प्राप्त करना हो तो पररपत्र
का प्रयोग न करके आदे श का प्रयोग ककया जाता है ।
15.4 प्रारूप और मख्
ु य बबंद ु
भारत सरिार
ववभाग/िायाणलय
स्थान .................................
हदनांि ...............................
पररपत्र
विषय ………………………………………..........................................................................
िलेवर
...................................................................................................................
(ह.)
पदनाम
सेिा में ,
1. ..........................................................
2. ..........................................................

वविेष
1. पररपत्र को पत्राचार का रूप नहीं माना जाता ।
2. पररपत्र में ककसी प्रकार के उत्तर की अपेक्षा नहीं की जाती ।
पररपत्र िा प्रारूप
1. पररपत्र के मसौदे में सबसे ऊपर बीचों-बीच संख्या, मंत्रालय/विभाग का नाम, दाटहनी ओर
कायाालय का पता ि टदनांक ललखा जाता है ।
2. इसमें संबोधन ि अधोलेख नहीं होता । बीचों-बीच में पररपत्र ललखा जाता है ।
3. विषय ि संदभा ललखा जाता है । अंत में दाटहनी ओर जारी करने िाले अधधकारी के हस्ताक्षर
के नीचे पदनाम ललखा जाता है ।

15
4. बाईं ओर “सेिा में ” ललखकर स्जन-स्जन अधधकाररयों को भेजना होता है , उनका उल्लेख ककया
जाता है ।
5. यटद सूचना पूणत
ा : सामान्य हो तो नीचे “सभी संबंधधत कमाचाररयों के ललए” ललख टदया जाता
है ।

15.4.1 नमन
ू ा I
इसका उपयोग मुख्य कायाालय से अपने अधीन कायाालयों को सामान्य रूप से सूचनाएं दे ने के
ललए होता है ।
सं. ..........................................
भारतीय डाक विभाग
महाडाकपाल का कायाालय
तलमलनाडु पररमंडल, चेन्नै-600002
टदनांक :
पररपत्र
विषय: सेविंग बैंक खाता ।
इस कायाालय के टदनांक ......................के पत्र सं. ................ के अनुसार, स्जसमें
सेविंग बैंक खाते में जमा होने िाली न्यूनतम रालश के संबंध में आदे श टदया गया था, अब
यह ननणाय ककया गया है कक पहली अप्रैल, सन ् ................... से सेविंग बैंक के खाते में
जमा की जाने िाली न्यूनतम धनरालश पांच सौ रुपए होगी । यह भी ननणाय ककया गया है
कक डाक घरों में स्जन व्यस्क्तयों के खाते में उक्त रालश से कम जमा हो उनको यह सच
ू ना
दे दी जानी चाटहए कक यटद िे उक्त रकम जमा करने को तैयार न हों तो उनका खाता
पहली अप्रैल, सन .............से बंद कर टदया जाएगा और उनकी जमा रालश उन्हें िापस कर
दी जाएगी ।

ह.
(क ख ग)
महाडाकपाल
सेिा में
डािपाल तशमलनाडु पररमंडल

16
15.4.2 नमन
ू ा-II

(इसका उपयोग ररक्त पदों को योग्य विभागीय व्यस्क्तयों द्िारा भरने के ललए होता है ।)
संख्या-ए-32018/1/2007-िेंह प्र
ं सं/1493
भारत सरिार
गृ मंत्रालय, राजभाषा ववभाग
िेंद्रीय ह द
ं ी प्रशिक्षण संस्थान
पयाणवरण भवन
सी.जी.ओ.िांप्लेतस
लोधी रोड, नई हदल्ली-110003
हदनांि ....................
पररपत्र
ववषय: िेंद्रीय ह द
ं ी प्रशिक्षण संस्थान/ह द
ं ी शिक्षण योजना (मध्योत्तर क्षेत्र) में स्टोर िीपर/
ऑपरे टर िे एि ररतत पद िो भरने िे संबंध में ।

केंद्रीय टहंदी प्रलशक्षण संस्थान/टहंदी लशक्षण योजना (मध्योत्तर क्षेत्र) में स्िोर कीपर का
एक पद (रु0 5200-20200 िेड पे 1900/- के िेतनमान में भती ननयमों के अनस
ु ार ऐसे
कमाचाररयों से आमेलन (absorption) द्िारा भरा जाना है जो ननयलमत आधार पर इस
विभाग में कायारत हैं ।
अत: केंद्रीय टहंदी प्रलशक्षण संस्थान/टहंदी लशक्षण योजना (मध्यो.) में कायारत सभी
कमाचाररयों को सूधचत ककया जाता है कक यटद िे इस पद पर काया करने के इच्छुक हों तो
अपने ननयंत्रक अधधकारी के माध्यम से अपनी सहमनत इस पररपत्र के जारी होने की तारीख
से 7 टदनों के भीतर इस कायाालय को लभजिाएं । ननधााररत नतधथ के अंदर सहमनत प्राप्त न
होने पर उनके नाम पर कोई विचार नहीं ककया जाएगा ।

ह.
(क ख ग)
प्रशासननक अधधकारी
सेिा में
सभी कमाचारी
केंद्रीय टहंदी प्रलशक्षण संस्थान/
टहंदी लशक्षण योजना (मध्योत्तर क्षेत्र)
प्रनतशलवप ननम्नशलखखत िो सूचना तथा आवश्यि िारण वाई े तु प्रेवषत:-

17
1. संयक्
ु त ननदे शक (भाषा), टहंदी लशक्षण योजना, नई टदल्ली ।
2. संयुक्त ननदे शक (िं कण/आशुललवप), टहंदी लशक्षण योजना, नई टदल्ली ।
3. उप ननदे शक (संस्थान), केंद्रीय टहंदी प्रलशक्षण संस्थान, नई टदल्ली ।
4. उप ननदे शक (िं कण पत्राचार), केंद्रीय टहंदी प्रलशक्षण संस्थान, नई टदल्ली ।
5. अनुसंधान एिं विश्लेषण एकक, केंद्रीय टहंदी प्रलशक्षण संस्थान, नई टदल्ली ।
6. उप ननदे शक (मध्योत्तर), टहंदी लशक्षण योजना, नई टदल्ली ।
7. उप ननदे शक (परीक्षा), टहंदी लशक्षण योजना, नई टदल्ली ।
8. कायाालय अधीक्षक, केंद्रीय टहंदी प्रलशक्षण संस्थान, नई टदल्ली ।

15.4.3 नमन
ू ा - III
(इसिा प्रयोग िायाणलय िे सभी अधधिाररयों/िमणचाररयों िो सामान्य सूचना दे ने िे शलए ोता
ै ।)
संख्या-ए-32018/1/2008-िेह प्रसं/1493
भारत सरिार
गृ मंत्रालय, राजभाषा ववभाग
िेंद्रीय ह द
ं ी प्रशिक्षण संस्थान
पयाणवरण भवन
सी.जी.ओ.िांप्लेतस
लोधी रोड, नई हदल्ली-110003
पररपत्र
ववषय: अंतरववभागीय फुटबॉल प्रनतयोधगता िे संबंध में ।

टदनांक 26.3.2011 को अंतरविभागीय फुिबॉल प्रनतयोधगता के फाइनल का आयोजन


केंद्रीय औद्योधगक सरु क्षा बल के मैदान में ककया जा रहा है । इस प्रनतयोधगता के फाइलन में
इस कायाालय की िीम का मक
ु ाबला सी.आई.एस.एफ की िीम से होगा । अत: खखलाड़ियों के
उत्साहिधान हे तु समस्त अधधकारी/कमाचारी अपराह्न में खेल के मैदान में उपस्स्थत रहें ।
प्रनतयोधगता आयोजन के फलस्िरूप कायाालय टदनांक 26.03.08 को अपराह्न में बंद रहे गा ।

ह.
(क ख ग)
ननदे शक
सेिा में
1. सभी अधधकारी/कमाचारी
2. सूचना पट्ि
18
15.5 उपयोगी अभ्युक्ततयााँ
(इन्हें पढें और इनके प्रयोग का संदभा समझ लें ।)
1. यह दे खा गया है कक कुछ कमाचारी कायाालय में समय पर नहीं आते ।
2. समय-समय पर की गई आकस्स्मक जााँच से पता चला है कक कुछ कमाचारी कायाालय में
ननयलमत रूप से दे र से आते हैं ।
3. सभी कमाचाररयों को इस पररपत्र द्िारा सधू चत ककया जाता है कक उपयक्
ुा त अनद
ु े शों का परू ी
तरह पालन करें ।
4. सभी िगा “घ” कमाचाररयों को एक बार कफर टहदायत दी जाती है कक उन्हें जो िटदा यााँ दी गई
हैं िे कायाालय समय में अिश्य पहना करें ।
5. कर्त्ाव्य पालन में ककसी प्रकार की टिलाई पाए जाने पर उनके विरूद्ध अनुशासननक कारा िाई
की जाएगी ।
6. जो कमाचारी 31 टदसंबर तक मकान ककराए के संबंध में प्रपत्र भरकर नहीं दें गे , िे मकान
ककराया भत्ता पाने के हकदार नहीं होंगे ।
7. सभी सहायकों को ननदे श टदया जाता है कक िे माह के बकाया काम का वििरण प्रत्येक माह
के अंनतम काया टदिस पर अपने-अपने अनुभाग अधधकाररयों के समक्ष अिश्य प्रस्तुत करें ।
8. इस कायाालय के सभी कमाचाररयों को सधू चत ककया जाता है कक छुट्िी के टदन काम करने पर
समयोपरर भत्ते के बजाए प्रनतपूरक अिकाश टदया जाएगा ।
9. ननधााररत योग्यता रखने िाले कमाचारी संलग्न प्रपत्र में टदनांक ........................तक अपना
आिेदन प्रस्तुत कर सकते हैं ।
10. इस िषा बाढ पीड़ितों के ललए सरकार ने विशेष पेशगी दे ना स्िीकार ककया है ।
11. सभी कमाचाररयों से अनरु ोध है कक िे पाररिाररक पें शन के ललए नामन-पत्र भर कर
टदनांक.................... तक अिश्य दे दें ।
12. ननदे श टदया जाता है कक इन अनुदेशों का अनुपालन किाई से करें ।
13. जो कमाचारी ड्राईविंग लाइसेंस रखते हैं िे ड्राइिर पद के ललए ननधााररत प्रपत्र में आिेदन
कर सकते हैं ।
14. अपेक्षा की जाती है कक सभी कमाचारी दोपहर भोजन का समय आधे घंिे तक ही सीलमत
रखेंगे ।
15. ननयमों का अनुपालन किाई से ककया जाए ।

19
15.6 उपयोगी िब्दावली

पररपत्र circular बाढ flood


आदे श order भीषणता furry
टहदायत/अनद
ु ेश instruction कायाान्ियन implementation
प्रयोजन purpose बकाया pending
अनुमनत permission विटहत प्रपत्र prescribed form
आपवर्त्जनक objectionable ररस्क्त vacancy
कायाालय अनुशासन office discipline प्रश्नािली questionnaire
कायाालय कर्त्ाव्य office duty कायाालय समय office hours
आकस्स्मक जांच surprise check प्रभािी in force/effective
िटदा यां uniforms बाधा obstruction/interruption
टिलाई carelessness हकदार entitled
ितामान व्यिस्था present arrangement नामन-पत्र nomination form
िेतन आयोग pay commission अपेक्षा expectation
शता condition किाई strictness
सफाई/स्पष्िीकरण explanation खान mine
अनधीनता का आचरण act of insubordination

15.7 बोध प्रश्न

1. पररपत्र का प्रयोग कब ककया जाता है ?


2. क्या पररपत्र का प्रयोग एक विभाग दस
ू रे विभाग से पत्राचार के ललए कर सकता है ?
3. पररपत्र पत्राचार का लभन्न रूप क्यों माना जाता है ?
4. व्यस्क्त विशेष को अनुदेश या आदे श दे ने के ललए पररपत्र में संदभा, संबोधन तथा अधोलेख
ललखा जाता है ?
5. क्या पररपत्र में संदभा, संबोधन तथा अधोलेख ललखा जाता है ?
6. “सभी संबंधधत कमाचाररयों के ललए” िाक्यांश का प्रयोग पत्राचार के ककस प्रारूप में होता है ?

20
15.8 बोध प्रश्नों िे संक्षक्षप्त उत्तर

1. मंत्रालय या विभाग अपने अधीनस्थ कायाालयों या कमाचाररयों से कोई सूचना मााँगने या उन्हें
सरकारी आदे शों या अनुदेशों की सूचना दे ने के ललए पररपत्र का प्रयोग करता है ।
2. नहीं, पररपत्र का प्रयोग आंतररक होता है ।
3. पररपत्र से ककसी उत्तर की अपेक्षा नहीं की जाती इसललए इसे पत्राचार का रूप नहीं माना
जाता ।
4. नहीं, संदभा, संबोधन तथा अधोलेख पररपत्र में नहीं ललखते ।
5. इस िाक्यांश का प्रयोग पररपत्र में होता है ।

21
परू ि पाठ/ Lesson- 5
ग्रामीण पयणटन
CONTENTS –ववषय वस्तु
5.1 भूशमिा 5.5 बोध प्रश्न
5.2 उद्दे श्य 5.6 सारांि
5.3 पाठ 5.7 बोध प्रश्नों िे उत्तर
5.4 उपयोगी िब्दावली

5.1 भूशमिा
पयािन के विलभन्न क्षेत्रों में आज िामीण पयािन को बढािा टदया जा रहा है । स्जसके ललए
सरकार द्िारा विलभन्न पररयोजनाएं चलाई जा रही हैं और स्थानीय कलाओं को बढािा दे ने हे तु
लशल्पकारों को प्रलशक्षक्षत ककया जा रहा है ताकक िामीण क्षेत्रों का भी विकास हो सके ।

5.2 उद्दे श्य


• िामीण क्षेत्र में पयािन के विकास का महत्त्ि
• विलभन्न योजनाओं की जानकारी
• िामीण कलाओं के संबंध में जानकारी
• आधनु नकता का समािेश
• पयािकों को इन स्थलों की तरफ आकवषात करना

ग्रामीण पयणटन
5.3 पाठ
िामीण विकास में पयािन की महत्त्िपूणा भूलमका है । जब पयािन की बात की जाती है तो
मन-मस्स्तष्क में रे ल-यात्रा, हिाई-यात्रा, होिल, महल, गुफाएाँ, तीथा स्थान एिं समुद्री ति,
उद्यान, पाका, पक्षी एिं िन्य प्राणी आटद के धचत्र ही उभरते हैं , गााँि दरू -दरू तक टदखाई नहीं
दे ते। हाल ही में िामीण विकास के अंतगात पयािन की सीमा का विस्तार करते हुए िामीण क्षेत्रों
को भी सस्म्मललत ककया गया है । अब तक पयािक गााँिों के पिातीय स्थानों एिं कुछ ऐनतहालसक
इमारतों या कला कृनतयों को दे ख कर शहर में िापस आकर रात बबताते थे । इसके अलािा
पहले पयािन स्थलों की ओर बने मागों पर पिने िाले गााँि ही पयािन संबंधी गनतविधधयों का
लाभ उठा पाते थे लेककन अब गााँिों को पयािकों की मंस्जल बनाया जा रहा है । िामीण क्षेत्र में
स्स्थत ऐनतहालसक स्मारक, सांस्कृनतक तथा धालमाक स्थलों आटद के बारे में जानकारी दे कर

22
पयािकों को आकवषात ककया जाएगा ताकक उन्हें िामीण जन-जीिन एिं िहााँ के प्राकृनतक सौंदया
की जानकारी हो सके । िामीण पयािन की योजना में सरकारी सहायता, अनुदान, ऋण आटद
द्िारा िामीण विकास नहीं होगा बस्ल्क सहज-सरल आधथाक गनतविधधयों के द्िारा गााँिों का
उत्थान एिं विकास होगा ।
इस समय पूरे दे श में िामीण पयािन को बढािा दे ने के ललए लगभग 32 पररयोजनाएाँ चलाई
जा रही हैं । इनमें आंध्रप्रदे श में पोद्दापल्ली की इकार कला, असम के दग
ु ाापुर में रे शमी िस्त्र,
सुआल कुट्िी के िस्त्र तथा दशानीय स्थल, कनाािक में अनेगुदी का िामीण पररिेश, केरल में
अशनमुला की अद्वितीय दपाण कला आटद हैं, इसके अनतररक्त राजस्थान तथा कुछ अन्य राज्यों
की िामीण कलाओं का विकास भी सस्म्मललत है ।
इन पररयोजनाओं को संयुक्त राष्र विकास कायाक्रम से आधथाक मदद भी लमल रही है ।
इनके कक्रयान्ियन के ललए एक सॉफ्ििेयर विकलसत ककया गया है , स्जससे स्थानीय कलाओं में
नई पीढी के लशल्पकारों को प्रलशक्षण टदया जाएगा ताकक िामीण कला का विस्तार हो सके और
अधधक से अधधक लोग नए कौशल सीखकर रोजगार पा सकें । इसके साथ ही िामीण अंचलों में
स्स्थत सांस्कृनतक स्मारकों की दे खभाल तथा सुधार का काम भी हाथ में ललया जाएगा ।
सभी िामीण पयािन स्थलों एिं सांस्कृनतक विशेषताओं की जानकारी िूर ऑपरे िरों को दे कर
सैलाननयों को इन स्थलों पर आने के ललए प्रेररत ककया जाएगा । इन सभी की जानकारी
िेबसाइि पर भी उपलब्ध कराई जाएगी ।
िामीण पयािन के विकास के ललए ऐसे स्थानों को चन
ु ा गया है जो ककसी प्रमुख पयािन
स्थल के मागा में पिते हैं ताकक सैलानी अपने िूर कायाक्रम में इन स्थलों को आसानी से
सस्म्मललत कर लें । धीरे -धीरे सुदरू िती िामीण स्थलों को भी इसी प्रकार विकलसत ककया जा रहा
है ।
5.4 उपयोगी िब्दावली

िामीण विकास rural development उत्थान एिं विकास progress and development
पयािन tourism पररयोजना planning
भूलमका introduction संयुक्त राष्र विकास United Nation Develpment
गुफा cave कक्रयान्ियन implementation
तीथास्थान holy place स्थानीय कला local art
समुद्री ति see shore लशल्पकार sculptor
िन्य प्राणी wild animal िामीण कला rural art
अंतगात under विस्तार detail
पिातीय स्थान hill station नए कौशल new skill

23
ऐनतहालसक स्थान historical place िामीण अंचल rural division
कलाकृनतयां artitects सैलानी tourist
स्मारक monument सुदरू िती distant
प्राकृनतक सौंदया natural beauty अनुदान grant

5.5 बोध प्रश्न


1. पयािन का नाम आते ही हमारे मानस में क्या छवि उभरती है ?
2. िामीण क्षेत्र में पयािन के ललए क्या संभािनाएाँ टदखाई दे ती हैं ?
3. िामीण पयािन को बढािा दे ने के संबंध में सरकारी योजनाएाँ क्या हैं ?
4. आधनु नकता से िामीण पयािन को कैसे जोिा जा रहा है ?
5. िामीण विकास पररयोजनाओं को कहााँ से अधधक मदद लमल रही है ?
6. परू े दे श में िामीण पयािन को बढािा दे ने के ललये ककतनी योजनाएाँ चलाई जा रही हैं ?

5.6 सारांि
आज पयािन के क्षेत्र में विस्तार हो रहा है स्जसमें िामीण पयािन की अहम भलू मका सामने आ
रही है । िामीण पयािन से ही िामीण विकास जुिा हुआ है । इसके अंतगात िामीण क्षेत्र के
ऐनतहालसक स्मारक, सांस्कृनतक तथा धालमाक स्थल, िामीण कलाएाँ एिं लशल्पकार आटद आते हैं।
इसे बढािा दे ने के ललए 32 पररयोजनाएाँ चलाई जा रही हैं, स्जन्हें संयुक्त राष्र विकास कायाक्रम
से आधथाक मदद भी लमली है । िूर ऑपरे िरों के साथ-साथ विलभन्न िेबसाइिों के द्िारा
सैलाननयों को िामीण पयािनों के प्रनत आकवषात करने के ललए जानकारी दी जा रही है ।

5.7 बोध प्रश्नों िे संक्षक्षप्त उत्तर

1. यात्रा, पहाि, समद्र


ु , पाका आटद ।
2. ऐनतहालसक स्मारक, सांस्कृनतक तथा धालमाक स्थल तथा िामीण कलाएाँ ।
3. पोद्दापल्ली की इकार कला, दग
ु ाापुर के रे शमी िस्त्र, सुआल कुट्िी के दशानीय स्थल आटद ।
4. िूर ऑपरे िरों एिं िेबसाइि आटद द्िारा पयािकों को आकवषात करना ।
5. संयुक्त राष्र विकास कायाक्रम ।
6. 32 पररयोजनाएाँ ।

24
परू ि पाठ/Lesson- 6
प ला पडाव
CONTENTS –ववषय वस्तु

6.1 भूशमिा 6.7 पाठ-इिाई 3


6.2 उद्दे श्य 6.8 उपयोगी िब्दावली
6.3 पाठ – इिाई 1 6.9 सारांि
6.4 उपयोगी िब्दावली 6.10 बोध प्रश्न
6.5 पाठ – इिाई 2 6.11 बोध प्रश्नों िे संक्षक्षप्त उत्तर
6.6 उपयोगी िब्दावली

6.1 भूशमिा
पहािी बालक पुलक के साहस की कहानी है । जो शहर में पढाई करने के ललए
पररस्स्थनतिश पचास मील का पहािी रास्ता रात के अंधेरे में अकेला तय करता है । रास्ते में
आने िाली विपरीत पररस्स्थनतयों पर उसकी विजय का सुंदर धचत्रण है ।

6.2 उद्दे श्य


• कहानी पढकर आशय समझना ।
• कथा क्रम समझना ।
• चररत्रों के बारे में जानकारी प्राप्त करना ।
• पढी हुई कहानी को सुनाना या उसका सार-संक्षेप ललखना ।

6.3 पाठ
इिाई- 1

यह पहािी प्रदे श के एक साहलसक बालक की मालमाक कहानी है । आठिीं पास करने के बाद
बालक पुलक मन में ठान लेता है कक िह आगे की पढाई मंडी शहर के स्कूल में ही करे गा ।
वपताजी की बीमारी के कारण बारह साल के दे हाती बालक का बोरी-बबस्तर बांधकर अकेले ही
पहािी रास्ते पर पचास मील की यात्रा पर ननकलना कम साहस की बात नहीं है । रास्ते की
मुसीबतों से जूझते हुए िह बालक अपने सपने को पूरा कर ही लेता है ।
आइए दे खें, पुलक कैसे यात्रा की तैयारी करता है :-

25
बारह साल का पल
ु क अपने गााँि के लमड़डल स्कूल से आठिीं पास कर चक
ु ा था । आगे की
पढाई िह मंडी शहर के स्कूल में करना चाहता था । कारण यह था कक उसके कई स्जगरी दोस्त
िहााँ भती हुए थे । कफर पढाई में महे श नामक लिके से उसकी स्पधाा रहती थी, िह भी मंडी
स्कूल पहुंच चुका था ।
पुलक ककसी तरह माता-वपता को राजी कर चुका था । अब समस्या यह थी कक शहर के स्कूल
में नाम ललखाने के ललए कौन उसके साथ जाए ? वपताजी बुखार में पिे थे, िैद्यजी की दिा चल
रही थी । बारह साल का पुलक अभी शहर के जीिन से अपररधचत था । अकेले पचास मील की
बस-यात्रा करके स्कूल में अपना नाम दजा कराना, अकेले पुलक के बस की बात नहीं थी । पुलक
सोच में पि गया । अगर िह इस िषा हाई स्कूल में नहीं जाएगा तो कफर कभी नहीं जा सकेगा ।
सहसा उसने ननश्चय कर ललया कक िह अकेले ही मंडी शहर जाएगा । उसने अपने वपता से
डरते-डरते अपने टदल की बात कही । उनके पास उस समय िैद्यजी भी बैठे थे । मााँ भी िहीं
थी।
पुलक की बात सुनकर मााँ एकदम बोल उठ ं “तुम पागल हो गए हो ? इतनी दरू अकेले कैसे
जाओगे ? वपताजी ने भी ऐसी ही बात कही ।
पुलक िैद्यजी की तरफ दे खने लगा । िैद्यजी उसके मन की बात समझ गए, बोले --“भाई,
अब लिका बिा हो गया है , इसे जाने दो अगर इस उम्र में यह अपने पााँिों पर खिा होना नहीं
सीखेगा तो कब सीखेगा ?” माता-वपता को िैद्यजी की बात माननी पिी ।
दस
ू रे टदन सुबह दस बजे की बस से पुलक को चल दे ना था । शाम से ही तैयाररयााँ शुरू हो
गईं । मननकू दजी के पास दो जोिी कपिे सीने को टदए थे, उन्हें पुलक ले आया । कफर एक
चक्कर लगाकर अपने दोस्तों से लमल आया । तब तक रात हो चक
ु ी थी । जब िह घर लौिा,
छोिी बहन कमला सो चक
ु ी थी और वपताजी को भी नींद आ गई थी । मााँ रसोई में थी । पल
ु क
को न भख
ू थी, न प्यास । कफर भी मााँ के कहने पर उसे रोिी खानी पिी । मााँ ने घी में मंग
ू की
दाल भन
ू कर उसके ललए वपस्न्नयााँ बना रखी थीं। रास्ते के ललए कुछ परांठे और अचार तैयार था।
पल
ु क ने रात को ही अपने कपिे, छह सात ककताबें, जरूरी कागज़-पत्र, वपस्न्नयों का ड़डब्बा, ये
सारी चीजें बबस्तर में बांध लीं ।
अगले टदन िह माँह
ु —अंधेरे उठा । हाथ-माँह
ु धोकर नाश्ता ककया, वपता के चरण छूकर उनसे
विदा ली। कमला अभी सोई थी । उसके मि ु े हुए हाथ में दो रुपए रखे और पीठ पर बबस्तर
बांधकर चल पिा । मााँ गााँि के छोर तक उसे छोिने गई । रास्ते में िह समझाती रही “संभलकर
जाना, िहां ककसी से लिना झगिना नहीं । रोज सुबह दध
ू के साथ एक वपन्नी खा ललया करना।
जाते ही पत्र ललखना ।” गााँि के छोर पर आकर पुलक ने मााँ के चरण छूकर उनसे विदा ली ।
अब िह तेज कदमों से चलने लगा । मोि पर रुककर पुलक ने हाथ उठाकर मााँ से विदा ली और
आगे बढ गया ।

26
जब िह पगडंडी छोिकर पक्की सिक पर आ गया, तो िहााँ से बैजनाथ का बस अड्डा आधा
मील रह गया था । उसका टदल धक-धक करने लगा । थोिी दे र में िह बस में बैठा होगा और
घरा -घरा करती हुई िह उसे एक नई जगह में , नए जीिन की ओर ले जाएगी । मन में कुछ भय
भी था, कुछ उत्साह और आनंद भी ।

6.4 उपयोगी िब्दावली


स्जगरी दोस्त close friend अपने पैरों पर खिा होना to be self-reliant
स्पधाा competition वपन्नी (एक लमठाई) a kind of sweet
बस की बात न होना to be out of one’s reach
माँह
ु अंधेरे early in the morning

पाठ
इिाई - 2
पुलक बस अड्डे तो पहुाँच गया, लेककन नई समय-सारणी के अनुसार पहली बस नौ बजे
ननकल चक
ु ी थी । तब से लेकर पुलक के सामने नई-नई मुसीबतें आती गईं..........दे खें, पुलक
इन मुसीबतों का कैसे सामना करता है ।
पुलक बस अड्डे पहुाँचा तो पता चला कक नई समय-सारणी के अनुसार बस एक घंिा पहले
छूि चक
ु ी थी । अगली बस चार बजे चलेगी और रात को दस बजे मंडी पहुंचग े ी । बेचारा पुलक
चार बजे िाली बस के इंतजार में बैठ गया । उसने सोचा रात को दस बजे पहुाँचाँग
ू ा तो बस अड्डे
पर रात बबताकर सुबह स्कूल जाऊाँगा । उसे भूख लगी तो उसने थैले में से ननकालकर अचार के
साथ दो परांठे खा ललए ।
साढे तीन बजने लगे तो पहले टिकि लेकर बस में जा बैठा । बबस्तर को सीि के नीचे रख
ललया । जब बस छूिी तो उसे घर की याद आई और पलकें भीग गईं । लेककन उसने तुरंत आाँखें
पोंछकर अपने को संभाल ललया । बस का इतना लंबा सफर िह पहली बार कर रहा था । पांच
बजे बस जोधगंदर नगर पहुाँच गई । अगला पिाि गुम्मा पिता था । जोधगंदर नगर से गुम्मे तक
की सिक खराब थी । एक जगह पचास गज तक का िुकिा बिा ही खतरनाक था । इस िुकिे
पर ड्राइिर संभल-संभल कर बस चला रहा था । जब िह िुकिा पार कर ललया तो याबत्रयों ने चैन
की सााँस ली ।
गम्
ु मे से आगे की सिक भी खराब थी । अगला पिाि तीन मील का रह गया तो बाररश शरू

हो गई । छत पर रखा हुआ याबत्रयों का सामान भीग गया । पल ु क को खश ु ी हुई कक उसका
बबस्तर सीि के नीचे सरु क्षक्षत है । शीशे को बेधकर पानी अंदर आने से उसे सदी लगने लगी ।
एक जगह मोि कािते समय बस का पटहया नाली में धंस गया । औरतों और बच्चों को छोिकर

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सब यात्री नीचे उतर आए और बस को धक्का दे ने लगे । पल
ु क ने भी उतरकर भरपरू ज़ोर
लगाया । जब पटहया नाली से ननकल गया तो एक लंबे-तगिे आदमी ने पुलक की पीठ ठोकते
हुए कहा “शाबाश बेिे शाबाश ।”
जब लोग बस में आकर बैठ गए तो िह लंबा—तगिा आदमी पुलक से बातें करने लगा --
“कहााँ जा रहे हो बेिे ।”
“मैं मंडी के हाई स्कूल में दाखखल होने जा रहा हूाँ ।”
“तुम अकेले हो या और भी कोई तुम्हारे साथ है ?”
“अकेला ही हूाँ । वपताजी मेरे साथ आने िाले थे, लेककन िे अचानक बीमार पि गए ।”
“तुम्हारा नाम?”
“पल
ु क ।”
“क्या तुम पहले भी मंडी गए हो?”
“नहीं, पहली बार जा रहा हूाँ ।”
“यह बस रात को दस बजे मंडी पहुाँचग
े ी । तब तक तुम कहााँ जाओगे? कोई ररश्तेदार है
तुम्हारा िहााँ ?
“ररश्तेदार तो कोई नहीं है । मैं रात बस अड्डे पर काि लाँ ग
ू ा और सुबह स्कूल चला जाऊाँगा।
िहााँ मुझे छात्रािास में रहने के ललए जगह लमल जाएगी ।”
बस के सब यात्री पुलक की तरफ दे खने लगे थे । िह लंबा तगिा आदमी जो दे खने में
पुललस अफसर लगता था, बोला--“बेिे, धचंता मत करो । मंडी पहुंच कर तुम्हें बस अड्डे पर
रात बबताने की जरूरत नहीं पिेगी । तुम हमारे घर चले आना ।”
पल
ु क ने उन्हें धन्यिाद टदया । कफर उस आदमी ने पुलक से और भी कई प्रश्न पूछे । िह
पहले कौन से स्कूल में पढता था ? आठिीं क्लास में ककतने अंक प्राप्त ककए थे ? इतनी दरू
के स्कूल में क्यों जा रहे हो ?
पुलक ने सब प्रश्नों के सीधे-सच्चे उत्तर टदए । जब अंनतम प्रश्न के उत्तर में उसने बताया
कक महे श नामक लिके से पढाई में स्पधाा के कारण िह इस स्कूल में जा रहा है तो िह
आदमी खब
ू जोर से हाँ सने लगा ।
अगले पिाि पर बस रुकी । बाररश थम गई थी । ड्राइिर बस के इंजन का िक्कन उठाकर
दे ख रहा था । कंडक्िर भी िहां खिा था । ड्राइिर इंजन का िक्कन बंद करके गािी स्िािा
करने लगा । ककंतु यह क्या ? इंजन तो स्िािा ही नहीं हो रहा था । उसने कफर िक्क्न
खोलकर निों को इधर—उधर ककया । कफर भी गािी स्िािा नहीं हुई । उसने याबत्रयों की ओर
मि
ु कर कहा--“गािी खराब हो गई है , आगे नहीं जाएगी । अब आप लोगों को अगली गािी सबु ह

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दस बजे लमल सकती है । थोिी दरू पर एक डाक बंगला है , आप लोग िहााँ रात बबता सकते
हैं।”

6.6 उपयोगी िब्दावली


बस लगी – अड्डे पर बस अपनी जगह आई पलकें भीगी होना – आंखों में आंसू आ जाना

6.7 पाठ
इिाई- 3

पुलक के सामने कफर भारी समस्या, अगले टदन दस बजे की बस से ननकलता तो

स्कूल बंद होने से पहले िह मंडी नहीं पहुंच सकता था । इक्कीस, बाईस मील का रास्ता,
सन
ु सान जंगल और अंधेरी रात । पल ु क ने एक जबदा स्त ननणाय ललया ।

याबत्रयों के सामने कोई चारा नहीं था । सभी डाक बंगले की ओर चल पिे । बबस्तर पीठ
पर बांधकर पुलक भी उनके पीछे -पीछे चल टदया । कमरों में सबको सोने के ललए जगह लमल
गई। पुलक बरामदे में बबस्तर रखकर उस पर बैठकर सोचने लगा-“अब क्या करूाँ ? सुबह की
गािी पकडूाँगा तो एक बजे से पहले नहीं पहुाँचाँग
ू ा । स्कूल बंद हो जाएगा । कल शननिार है ।”

िह सोच ही रहा था कक लंबे—तगिे आदमी ने आकर उससे कहा “बेिे, अंदर जाकर सो
जाओ। बाहर सदी लग जाएगी ।”

पुलक बोला—बस, खाना खाकर अंदर चला जाऊाँगा ।”

पुलक कफर सोचने लगा । कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था । आखखर उसने मन में एक
ननश्चय कर ललया । उसने पीठ पर बबस्तर बांध ललया और उस काली रात में , सुनसान और
भयानक सिक पर पैदल ही चल पिा । उसके पास आठ—नौ घंिे थे, इक्कीस—बाईस मील का
रास्ता तय करना था । मन में अनुमान लगा ललया कक धीरे —धीरे चलेगा तब भी सुबह पहुाँच
जाएगा । जंगली जानिरों का भय मन में आया, ककंतु अपने ननश्चय पर अिल था ।

थोिी दरू पर उसे अंधेरे में सिक के बीचों—बीच एक जानिर खिा टदखाई टदया । उसकी
आाँखें अंधेरे में अंगारे की तरह चमक रही थीं । पल
ु क के मन में आया, यहीं से िापस मि

जाए । लेककन अगले ही क्षण टहम्मत बांध एक पत्थर उठाया और उसे उसकी ओर फेंक टदया।
जानिर झाड़ियों में नछप गया । पल
ु क चारों ओर दे खते हुए सािधानी से आगे बढ गया । आगे
उसे सिक के ककनारे एक बांस का डंडा लमल गया । उस डंडे को पाकर उसकी टहम्मत दग ु न
ु ी
हो गई । रास्ते में कुछ भयानक खड्डे पार करने पिे । डंडे को सिक पर बजाता हुआ िह
चलता ही गया । अब थोिी—थोिी चााँदनी ननकल आई ।

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उसे पता नहीं चला की मिमैली चााँदनी कब सब
ु ह के उस्जयाले में धल
ु गई । आगे उसे
मंडी की ओर से आती हुई कुछ गाड़ियााँ लमलीं । पंछ कल-कल करने लगे । कफर व्यास नदी
के ऊपर पिा हुआ पुल टदखाई टदया । िह मंडी शहर के पास पहुंच गया था । लगता था
उसकी सारी मुस्श्कलें एक जाद ू के स्पशा की तरह अपने आप आसान हो गई ।

स्कूल िूंढने में उसे कोई टदक्कत नहीं हुई । स्कूल के गेि पर उसका प्यारा दोस्त भरत
लमल गया । िह उसे छात्रािास में ले गया । लमत्रों को यह जानकार आश्चया हुआ कक पल ु क
रात भर जंगल के रास्ते में अकेले चलकर यहााँ पहुाँचा है । पुलक नहा—धोकर तैयार हो गया ।
अभी आठ बजे थे । दस बजे स्कूल खल ु ता था ।

स्कूल की घंिी बजी तो िह वप्रंलसपल से लमलने गया । कमरे के बाहर पहुाँचकर टदल
धिकने लगा—अगर वप्रंलसपल ने दाखखला नहीं ककया तो ? इस आशंका से टदल घबराने लगा ।
अंदर दाखखल हुआ तो वप्रंलसपल ने पूछा--“कहो, कैसे आए हो ? ”

पल
ु क का गला सख
ू गया । ककसी तरह बोला-- “मैं निीं कक्षा में भती होने आया हूं ।”

वप्रंलसपल का अगला प्रश्न था--“ इतने टदन क्या सोए रहे थे ? अब हमारे पास कोई जगह
नहीं है ।”

पुलक िहीं खिा हुआ िूिे —फूिे शब्दों में दे री का कारण बताता रहा, लेककन वप्रंलसपल पर
उसकी बातों का कोई असर नहीं हुआ । आखखर पल ु क कमरे से बाहर ननकल आया ।

छुट्िी के बाद सब लिके छात्रािास में आए तो दे खा पुलक बबस्तर बााँधकर घर लौिने के


ललए तैयार बैठा है । सारी बातें सुनकर उसके साथी क्रोध से बौखला उठे और सभी लिके पुलक
को लेकर वप्रंलसपल के पास जाने के ललए तैयार हो गए । तभी वप्रंलसपल का चपरासी आया और
बोला--“पुलक कौन है ? उसे वप्रंलसपल साहब बुला रहे हैं ।”

अबकी बार जब पुलक वप्रंलसपल के कमरे में दाखखल हुआ तो उसने दे खा कक िह लंबा—
तगिा आदमी, जो उसे बस में लमला था, वप्रंलसपल के साथ बैठा बातें कर रहा है । उस आदमी ने
पुलक से पूछा-- “िहााँ से कैसे आए ?

पल
ु क बोला—पैदल चलकर ।”

यह सुनते ही िह आदमी कुसी पर उछल पिा --“पैदल ? अंधेरी रात में उस सुनसान सिक
पर तुम बाईस मील पैदल चलकर आए ।”

पुलक ने बताया कक उसके सामने एक ही रास्ता था । यटद िह दस


ू रे टदन की बस की
प्रतीक्षा करता तो यहां स्कूल बंद होने से पहले नहीं पहुाँच सकता था ?

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उस आदमी ने मुस्कराकर पछ
ू ा--“तम्
ु हें दाखखला लमल गया ? ” पल
ु क ने लसर झक
ु ाया,
बोला— “नहीं, मैं आज ही िापस जा रहा हूाँ ।”

तभी वप्रंलसपल अपनी कुसी से उठ खिे हुए । पलु क के पास आकर उसकी पीठ पर हाथ
रखा और बोले--“नहीं, तुम िापस नहीं जाओगे ।” यह कहकर उन्होंने घंिी बजाकर चपरासी को
बुलाया और उससे कहा--“ इस लिके को छात्रािास में पहुंचा दो । आज से यह हमारा विद्याथी
है ।”

6.8 उपयोगी िब्दावली


सन
ु सान lonely उस्जयाला light
अंगारा embers जाद ू का स्पशा magical touch
खड्डा-गड्िा mud-colomed

6.9 सारांि

आठिीं पास पल
ु क अपनी आगे की पढाई के ललए मंडी शहर के स्कूल में प्रिेश लेना चाहता
है । वपता की बीमारी के कारण उसे पचास मील की पहािी यात्रा अकेले ही तय करना थी । बस
अड्डे पहुाँचने पर पता चलता है कक बस रात दस बजे मंडी पहुाँचाएगी । रात बस अड्डे पर
बबताकर उसने सुबह स्कूल जाने का ननणाय ककया ।

बरसात, पहािी रास्ता और खराब सिक के कारण बस रास्ते में खराब होने पर सबको डाक
बंगले में रूकना पिता है लेककन पल
ु क बीस-बाईस मील का सफर पैदल ही तय करने का ननणाय
लेता है क्योंकक अगली बस से पहुंचने पर स्कूल बंद होने का डर था । अगले टदन वप्रंलसपल से
अनरु ोध करने पर भी सीि खाली न होने के कारण उसे प्रिेश नहीं लमल पाता । अंत में रास्ते में
लमले एक यि
ु क द्िारा वप्रंलसपल को पल
ु क के साहस एिं परू ा ित
ृ ांत सन
ु ने के बाद स्कूल में प्रिेश
के साथ उसे छात्रािास की सुविधा भी लमल जाती है ।

6.10 बोध प्रश्न

1. पुलक आगे की पढाई ककस शहर के स्कूल में करना चाहता था ?


2. पुलक का शहर के स्कूल में पढाई करने के पीछे क्या कारण था ?
3. शहर के स्कूल में नाम ललखिाने के ललए पुलक को अकेले क्यों जाना पिा ?
4. पल
ु क को सब
ु ह की बस क्यों नहीं लमली ?
5. मंडी दस बजे पहुंचने पर पल
ु क रात कहााँ बबताने िाला था ?

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6. रास्ते में पल
ु क की ककससे बातचीत होती रही ?
7. पल
ु क ने डाक बंगले में रूकने के स्थान पर क्या ननणाय ललया ?
8. वप्रंलसपल से बातचीत के बाद पुलक को स्कूल में दाखखला क्यों नहीं लमला ?

6.11 बोध प्रश्नों िे उत्तर

1. मंडी शहर के स्कूल में ।

2. उसके कई दोस्त एिं महे श से स्पधाा के कारण ।

3. क्योंकक उसके वपताजी को बुखार था ।

4. क्योंकक समय सारणी के अनुसार बस एक घंिा पहले छूि चक


ु ी थी ।

5. बस अड्डे पर ।

6. एक तगिे व्यस्क्त से ।

7. इक्कीस-बाईस मील का रास्ता पैदल चलकर ।

8. क्योंकक स्कूल की सभी सीिें भर चक


ु ी थीं |

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