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तृतीय भाषा हहदी

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अधार-पत्रक के लिए प्रश्न-पत्र का ऄलभकल्प

प्रश्न-पत्र की दृलि से ऄंकाभार

प्रश्न-प्रकार प्रश्नों की संख्या ऄंक कु ि प्रलतशत


बहुलिकल्पीय (व्याकरण) 08 01 08 10%
ऄनुरूपता 04 01 04 5%
एक िाक्य का प्रश्न 04 01 04 5%
दो-तीन िाक्यों का प्रश्न 08 02 16 20%
तीन-चार िाक्यों का प्रश्न 08 03 24 30%
ऄनुिाद 01 03 03 3.75%
चार-पााँच िाक्यों का प्रश्न 02 04 08 10%
ऄपठित गद्ांश 01 04 04 5%
लनबंध रचना 01 04 04 5%
पत्र िेखन 01 05 05 6.2%5
कु ि
38 - 80 100%

लिषय-िस्तु के क्षेत्र की दृलि से ऄंकभार

लिषय-िस्तु गद्/पद् पाि का नाम ऄंक प्रलतशत


कश्मीरी सेब
लगल्िू
मेरा बचपन
बसंत की सच्चाइ
आं टरनेट-क्ांलत
गद् इमानदारों के सम्मेिन में 32 40%
दूलनया में पहिा मकान
रोबोट
मलहिा की साहस गाथा
कनााटक संपदा
बाि-शलि
मातृभूलम
ऄलभनि मनुष्य
तुिसी के दोहे
पद् 20 25%
समय की पहचान
सूर-श्याम
कोशीश करनेिािों की हार नहीं होती
शलन सबसे सुंदर ग्रह
पूरक िाचन सात्य की मलहमा 04 05%
नागठरक के कताव्य
हिग, िचन, लििोमाथाक,प्रथम-
व्याकरण प्रेरणाथाक, संधी, समास, कारक, लिराम- 08 10%
लचन्ह,
ऄपठित गद्ांश, ऄनुिाद, पत्रिेखन,
रचना 16 20%
लनबंध रचना
कु ि 80 100%

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ऄनुक्मलणका

क्.सं गद्/पद् पाि का नाम लिधा िेखक/कलि पृ. संख्या

1 मातृभूलम कलिता भगितीचरण िमाा 4

2 कश्मीरी सेब कहानी प्रेमचंद 6

3 लगल्िू रे खालचत्र महादेिी िमाा 9

4 ऄलभनि मनुष्य कलिता रामधारीहसह ददनकर 12

5 मेरा बचपन अत्मकथा ऄब्दुि किाम 14

6 बसंत की सच्चाइ एकांकी लिष्णु प्रभाकर 17

7 तुिसी के दोहे दोहा तुिसीदास 19

8 आं टरनेट-क्ांलत लनबंध संकलित 21

9 इमानदारों के सम्मेिन में व्यंग्य रचना हठरशंकर परसाइ 23

10 दूलनया में पहिा मकान िेख डा. लिजया गुप्ता 25

11 समय की पहचान कलिता लसयारामशरण गुप्ता 27

12 रोबोट कहानी डा. अिोक 28

13 मलहिा की साहस गाथा व्यलि पठरचय संकलित 30

14 सूर-श्याम पद सूरदास 32

15 कनााटक संपदा लनबंध संकलित 33

16 बाि-शलि िघु नाठटका जगतराम अया 35


कोशीश करनेिािों की हार नहीं
17 कलिता सोहनिाि लििेदी 36
होती
* पूरक िाचन 37
* कन्नड में ऄनुिाद 41
* ऄपठित गद्ांश 48

* व्याकरण 49

* पत्र िेखन 57
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लनबंध िेखन
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* 59

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1. मातृभलू म कलिता कलि : भगितीचरण िमाा

ऄनुरूपता प्रश्न
1. ऄलभनि मनुष्य : रामधारीहसह ददनकर :: मतृभूलम : भगितीचरण िमाा.
2. तुिसी के दोहे : रामभलि की झिक :: मतृभूलम :देशप्रेम की झिक
3. शूर-शाम : कृ ष्ण की बािलििा का िणान :: मतृभूलम : भारत माता का िणान
4. कनााटक संपदा : महान व्यलियों का स्मरण :: मतृभूलम : महान लिभूलतयों का स्मरण
5. पताका : न्याय का प्रलतक :: दीप : ज्ञान का प्रलतक
6. बायें हाथ में : न्याय का पताका :: दालहने हाथ में : ज्ञान का दीप

I. एक िाक्य में ईत्तर लिखना :

1. मातृभूलम कलिता के िारा दकसका भाि जागता है ?


Ans: मातृभूलम कलिता के िारा देशप्रेम का भाि जागता है ।

2. कलि भगितीचरण िमाा मातृभूलम कलिता में दकनका स्मरण करते है ?


Ans: कलि भगितीचरण िमाा कलिता में भारत के महान लिभूलतयों का स्मरण करते है ।

3. मातृभूलम कलिता में दकनकी झिक ददखायी देती है ?


Ans: मातृभूलम कलिता में कलि के देशप्रेम की झिक ददखायी देती है ।

4. कलि भगितीचरण िमाा भारत माता से क्या लनिेदन कर रहे है ?


कलि भारतमात से क्या प्राथाना करता है ? APRIL& SEP-2020
Ans: कलि भारत माता से जग के रूप को बदिने का लनिेदन/ प्राथाना कर रहे है/करता है ।

5. कलि भारत माता को प्रणाम क्यों कर रहे है ?


Ans: भारत माता ऄमरों की जननी है,आलसलिए कलि भारत माता को प्रणाम कर रहे है ।

6. कलि िमाा जी मातृभूलम कलिता में दकसका िणान करते हैं ?


Ans: कलिता में भारत में लिद्ामान ऄपार िन-संपदा, खलनज संपलत्त का िणान करते हैं .

7. भारत माता के ईर में कौन शालयत है ?


Ans: भारत माता के ईर में गांधी, बुद्ध और राम शालयत है ।

8. भारत मााँ के हाथों में क्या है ?


Ans: भारत मााँ के हाथों में न्याय का पताका और ज्ञान का दीप है ।

9. भारत मााँ के साथ कौन है ?


Ans: भारत मााँ के साथ कोठट-कोठट भारतिासी हैं ।
10. जय-लहन्द का नाद कहााँ गूाँज ईिा है ?
Ans: जय-लहन्द का नाद सकि नगर और ग्राम में गूाँज ईिा है ।
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11. भारत के खेत कै से हैं ? APRIL-2017 April-2022
Ans: भारत के खेत हरे -भरे और सुहाने हैं ।

12. भारत मााँ मुि-हस्त से क्या बााँट रही है ? APRIL-2015


Ans: भारत मााँ मुि-हस्त से सुख-संपलत्त और धन-धाम बााँट रही है ।

13. कलि भारत मात को “ ऄमरों की जननी “ क्यों कहते है ? SEP-2020


Ans: क्योंदक - गांधी, बुद्ध और राम जैसे ऄमर व्यलियों को जन्म ददया है ।

II. दो-तीन िाक्यों में ईत्तर लिखना :

1. भारत मााँ के प्रकृ लत-सौंदया का िणान कीलजए । APRIL-J-2016. JUNE-2018 . April-2022


OR मातृभलू म कलिता में प्रकृ लत-सौंदया कै से िर्णणत है ? APRIL-2018
OR मातृभलू म कलिता में प्राकृ लतक सौंदया का िणान दकस प्रकार दकया गया है ? JUNE-2019
OR मातृभलू म कलिता में प्राकृ लतक समृदि का िणान दकस प्रकार दकया गया है ? JUNE-2015
OR मातृभलू म की प्रकृ लत की सुंदरता का िणान कीलजए । APRIL-2017
OR भारत मााँ के प्रकृ लत-सौंदया पर प्रकाश डालिए ।
OR मातृभूलम के प्राकृ लतक सौंदया के बारे में लिलखए । APRIL-2020
OR मातृभूलम के प्राकृ लतक सौंदया का िणान कीलजए । June-2022

Ans: भारत मााँ का प्रकृ लत-सौंदया नयन मनोहर है । मातृभूलम के हरे -भरे सुहाने खेत
प्रकृ लत की शोभा बढाते हैं । यहााँ फि-फू िों से युि बाग-बगीचे तथा िन हैं । आस धरती में
खलनजों की ऄपार सम्पदा है ।

2. मातृभूलम का स्िरूप कै से सुशोलभत है ? JUNE-2018


OR मातृभलू म कलिता में भारत मााँ का स्िरूप कै से िर्णणत है ? APRIL-2019
OR भगितीचरण िमाा ने मातृभलू म का स्िरूप दकस तरह कलिता में ईभारा है ? APRIL-2015
OR भारत माता के स्िरूप पर प्रकाश डालिए । JUNE-2019

Ans: कलि भगितीचरण िमाा मातृभूलम के स्िरूप के बारे में कहते हैं दक भारत मााँ के
एक हाथ में न्याय का पताका है , और दूसरे हाथ में ज्ञान का दीप है । मातृभूलम हरे -भरे खेत
और ऄपार खलनज सम्पदा से सुशोलभत है ।

3. मातृभूलम कलिता की ऄंलतम पंलियों में कलि की ऄलभिाषा क्या है ?

Ans: मातृभूलम कलिता की ऄंलतम पंलियों में कलि की ऄलभिाषा है दक ज्ञान-दीप से जग


का रूप को बदिना चाहते हैं । कोठट-कोठट भारतिासी हम तेरे साथ में हैं । सकि नगर और
ग्राम में जय-लहन्द का नाद गूाँजना चालहए ।
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2. कश्मीरी सेब (कहानी) प्रेमचंद

ऄनुरूपता प्रश्न

1. प्रेमचंद, पंजाबी मेिाफरोशी दूकान से खरीदा : कश्मीरी सेब :: मुहराम के मेिे में खरीदा :
रे िलडयााँ
2. गठरब िोगों के लिए गाजर : पेट भरने की चीज :: ऄमीर िोगों के लिए गाजर : हििा
बनाने की चीज
3. प्रेमचंद ने सेब खरीदा : चार अने में :: रे िलडयााँ खरीदा : एक पैसे में
4. लनमकौडी : कडु िा :: कश्मीरी सेब : लमिा
5. सेब बेचनेिािा : बेइमान लनकिा :: रे िलडयााँ बेचनेिािा : इमानदार लनकिा APRIL-2019
6. पाि के अधार पर पहिा सेब : एक रुपए के अकार का लििका गि गया था :: दूसरा सेब :
अधा सडा हुअ था
7. पाि के अधार पर तीसरा सेब : एक तरफ दबकर लपचक गया था :: चौथा सेब : भीतर बोर
जैसे िब्बे थे
8. बेइमानी व्यलि/व्यापारी : सेब बेचनेिािा :: इमानदारी व्यलि/व्यापारी : रे िलडयााँ
बेचनेिािा
9. भोजन का अिश्यक ऄंग : टोमाटो :: डाक्टरों से बचानेिाना फि : सेब
10.पाि के अधार पर अधुलनक व्यापारी: बेइमानी हैं ::प्राचीन काि के व्यापारी: इमानदारी थे
11. गोदान : ईपन्यास :: पंच परमेश्वर : कहानी
12. के िा : लपिा रं ग :: सेब : िाि/गुिाबी रं ग
13. सेब : कश्मीर :: संतरा : नागपुर
14. कपडा : नापना :: टोमाटो : तोिना

I. एक िाक्य में ईत्तर लिखना :

1. प्रेमचंद का िास्तलिक नाम क्या था ?


Ans: प्रेमचंद का िास्तलिक नाम धनपतराय था ।
2. प्रेमचंद जी की कहालनयााँ दकस नाम से संकलित हैं ?
Ans: प्रेमचंद जी की कहालनयााँ मानसरोिर नाम से संकलित हैं ।
3. प्रेमचंद जी चौक में क्यों गये थे ? JUNE-2019
Ans: प्रेमचंद जी चौक में दो-चार जरूरी चीजें खरीदने गये थे ।
4. प्रेमचंद जी को दूकान में क्या नजर अये ? April-2022
Ans: प्रेमचंद जी को दूकान पर सजे हुए गुिाबी सेब नजर अये ।
5. प्रेमचंद जी का जी क्यों ििचा ईिा ? JUNE-2018
OR प्रेमचंद जी का जी क्यों ििचाया ? APRIL-2019 Sept-2020
Ans: बहुत ऄच्िे सजे रं गदार गुिाबी सेब नजर अये तो प्रेमचंद का जी ििचा ईिा ।

6. टोमाटो दकसका अिश्यक ऄंग बन गया है ?


Ans: टोमाटो भोजन का अिश्यक ऄंग बन गया है ।
7. भोजन का अिश्यक ऄंग क्या बन गया है ?
Ans: भोजन का अिश्यक ऄंग गाजर बन गया है ।

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8. स्िाद में सेब दकससे बढकर नहीं ?
Ans: स्िाद में सेब अम से बढकर नहीं ।
9. सेब, रस और स्िाद में दकससे घटकर भी नहीं ?
Ans: सेब, रस और स्िाद में अम से घटकर भी नहीं ।
10. सेब को दकस-का स्थान लमि चुका है ?
Ans: सेब को अम-का स्थान लमि चुका है ।
11. रोज एक सेब खाने से दकनकी जरूरत नही होगी ?
Ans: रोज एक सेब खाने से डाक्टरों की जरूरत नही होगी ।
12. पहिे गरीबों की पेट भरने की चीज क्या थी ?
Ans: पहिे गरीबों की पेट भरने की चीज गाजर थी ।
13. प्रेमचंद जी दूकानदार से दकतने सेर सेब मााँगे ?
Ans: प्रेमचंद जी दूकानदार से अध सेर सेब मााँगे ।
14. फि खाने का ईलचत समय क्या है ?
Ans: फि खाने का ईलचत समय तो प्रातःकाि है ।
15. अदमी बेइमानी कब करता है ?
Ans: अदमी बेइमानी तभी करता है जब ईसे ऄिसर लमिता है ।
16. प्रेमचंद ने मोहराम के मेिे में एक दूकानदार से क्या खरीद िी थीं ?
Ans: प्रेमचंद ने मोहरा म के मेिे में एक दूकानदार से रे िलडयााँ खरीद िी थीं ।
17. गाजर को खाने की मेज पर स्थान क्यों लमिने िगा ? APRIL-2020
Ans: गाजर में बहुत से लिटालमन हैं । आसलिए मेज पर स्थान लमिने िगा ।

II. दो-तीन िाक्यों में ईत्तर लिखना :

1. अजकि लशलक्षत समाज में दकसके बारे में लिचार दकया जाता है ?
Ans: अज लशलक्षत समाज में लिटालमन और प्रोटीन के बारे में लिचार दकया जाता है.

2. अजकि लशलक्षत समाज में लिटालमन और प्रोटीन के बारे में क्यों लिचार दकया जा रहा है ?
Ans: अजकि लशलक्षत समाज में डाक्टरों से बचने के लिए लिटालमन और प्रोटीन के बारे
में लिचार दकया जा रहा है ।
3. दूकानदार ने िेखक (प्रेमचंद) से क्या कहा ? April-2022
Ans: दूकानदार ने िेखक (प्रेमचंद) से कहा- बाबूजी, बडे मजेदार की सेब अए हैं, खास
कश्मीर के । अप िे जाएाँ, खाकर तबीयत खुश हो जायेगी ।

4. दूकानदार ने ऄपने नौकर से क्या कहा ?


Ans: दूकानदार ने तराजू ईिायी और ऄपने नौकर से कहा-सुनो, अध सेर कश्मीर सेब
लनकाि िा । चुनकर िाना ।

5. सेब के लिषय में अजकि क्या कहा जा रहा है ?


Ans: सेब के लिषय में अजकि कहा जा रहा है दक रोज एक सेब खा लिया तो डाक्टरों
की जरूरत न रहेगी । सेब को रस और स्िाद में अम की बराबर स्थान लमिा है । आससे
शरीर को लिटालमन और प्रोटीन लमिता है ।
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6. फि खाने का ईलचत समय क्या है, और क्यों ?
Ans: फि खाने का ईलचत समय तो प्रातःकाि है, क्योंदक रात को सेब या कोइ दूसरा
फि खाने का कायदा नहीं है ।

7. रोज एक सेब खाने से िाभ क्या है ? JUNE-2019


Ans: रोज एक सेब खाने से हमें बहुत-सी िाभ हैं, जैसे- सेब खाने से लिटालमन और
प्रोटीन लमिता है । साथ ही डक्टरों की जरूरत न रहेगी ।

8. प्रेमचंद जी ने खरीदारी के बारे में क्या चेतािनी दी है ? APRIL-2019


OR ’कश्मीरी सेब’ पाि में िेखक पािकों को क्या चेतािनी देते हैं ? JUNE-2018
OR ’कश्मीरी सेब’ कहानी, हमें क्या-क्या चेतािनी देती है ?
OR ’कश्मीरी सेब’ कहानी में दकस पर प्रकाश डािा है ?
Ans: ’कश्मीरी सेब ’ पाि में िेखक ऄपने ऄनुभि बताते हुए पािकों को यह चेतािनी
देते हैं दक ऄगर खरीदारी करते समय सािधानी नहीं बरतें तो धोखा खाने की संभािना होती
है । साथ ही बाजार में िोगों के साथ होनेिािी धोखेबाजी पर प्रकाश डािा है ।

9. ’कश्मीरी सेब’ कहानी से अपको क्या सीख लमिती है ? APRIL-2018


Ans: ’कश्मीरी सेब’ कहानी से हमें यह सीख लमिती है दक ऄगर खरीदारी करते समय
सािधानी नहीं बरतें तो धोखा खाने की संभािना होती है । साथ ही लिटालमन और प्रोटीन
के बारे में जानकारी लमिती है ।

10. सेब के हाित के बारे में (लिलखए) अप क्या जानते है ?


Ans: िेखक प्रेमचंद नाश्ता करने के लिए एक सेब लनकािा,तो िह एक रुपए के अकार
का लििका गि गया था । दूसरा सेब अधा सडा हुअ था । लतसरा एक तरफ दबकर लबिकु ि
लपचक गया था । चौता सेब काटा तो भीतर बोरों में जैसा कािा सुराख था । एक सेब भी खाने
िायक नहीं थे ।

11. चारों सेब खराब लनकि अने पर िेखक ने क्या सोचा ?


Ans: चारों सेब खराब लनकि अने पर िेखक ने सोचा, दूकानदार ने जानबूझकर
मेरे साथ धोखेबाजी का व्यिहार दकया है । एक सेब सडा हुअ होता, तो मैं ईसको क्षमा
के योग्य समझता । सोचता, ईसकी लनगाह न पडी होगी । मगर चारों के चारों खराब लनकिे
जाएाँ यह तो साफ दोखा है ।

12 . गाजर के बारे में प्रेमचंदजी के लिचार लिलखए । JUNE-2022


Ans: गाजर पहिे गरीबों के पेट भरने की चीज़ थी । ऄमीर िोग तो ईसका हििा ही
खाते थे ; मगर ऄब पता चिा है दक गाजर में भी बहुत लिटालमन हैं ; आसलिए गाजर को भी
मेजों पर स्थान लमिने िगा है ।

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3. लगल्िू (रे खालचत्र) महादेिी िमाा

ऄनुरूपता प्रश्न
1. लगल्िू की लप्रय िता : सोनजुही :: लगल्िू की लप्रय खाद् : काजू April-2022
2. हंस : सफे द :: कौअ : कािा
3. कोयि : मधुर स्िर :: कौअ : कका श स्िर
4. लबल्िी : म्याउाँ - म्याउाँ :: लगल्िू : लचक-लचक
5. गुिाब : पौदा :: सोनजुही : िता

I. एक िाक्य में ईत्तर लिखना :

1. गमिे और दीिार की संधी में क्या लगर पडा था ?


Ans: गमिे और दीिार की संधी में लगिहरी का बच्चा लगर पडा था ।
2. महादेिी िमाा जी ने दकसके घािों पर पेलन्सलिन का मरहम िगाया ?
Ans: महादेिी िमाा जी ने लगल्िू के घािों पर पेलन्सलिन का मरहम िगाया ।
3. दो कौए एक गमिे के चारों ओर चोंचों से िु अ-िु औिि खेि क्यों कर रहे थे ?
Ans:दो कौए लगिहरी बच्चे को सुिभ अहार बनाने के लिए खेि रहे थे ।
4. हमारे पुरखे दकस रूप में अ सकते हैं ?
Ans: हमारे पुरखे गरुड, मयूर या हंस रूप में सकते हैं ।
5. लगल्िू, भूख िगने पर महादेिी िमाा जी को कै से सूचना देता था ?
Ans: लगल्िू, भूख िगने पर महादेिी िमाा जी को लचक-लचक करके सूचना देता था ।
6. िेलखका ने कौए को क्यों लिलचत्र पक्षी कहा है ?
Ans: िेलखका ने कौए को लिलचत्र पक्षी कहा है क्योंदक - कौए साथ समादठरत,
ऄनादठरत, ऄलत सम्मालनत या ऄलत ऄिमालनत व्यिहार दकया जाता है ।
7. लगिहरी का बच्चा कहााँ लगर पडा था ?
Ans: लगिहरी का बच्चा गमिे और दीिार की संधी में लगर पडा था ।
8. िेलखका ने लगल्िू के घािों पर क्या िगाया ?
Ans: िेलखका ने लगल्िू के घािों पर पेलन्सलिन का मरहम िगाया ।
9. महादेिी िमाा जी लगिहरी को दकस नाम से बुिाती थी ?
Ans: महादेिी िमाा जी लगिहरी को लगल्िू नाम से बुिाती थी ।
10. लगिहरी का िघु गात दकसके लभतर बंद रहता था ?
Ans: लगिहरी का िघु गात लिफाफे के लभतर बंद रहता था ।
11. लगिहरी का लप्रय खाद् क्या था ?
Ans: लगिहरी का लप्रय खाद् काजू था ।
12. िेलखका को दकस कारण से ऄस्पताि में रहना पडा ?
Ans: िेलखका को मोटर-दुघाटना कारण से ऄस्पताि में रहना पडा ।
13. लगिहरी गमी के ददनों में कहााँ िेट जाता था ? April-2022
Ans: लगिहरी गमी के ददनों में सुराही पर िेट जाता था ।
14. लगल्िू सुराही के पास क्यों िेट जाता था ? JUNE-2015
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Ans: िं डक पाने और िेलखका के पास रहने के लिए सुराही के पास िेट जाता था ।
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15. लगिहठरयों की जीिनािलध सामन्यतया दकतनी होती है ?
Ans: लगिहठरयों की जीिनािलध सामन्यतया दो िषाा होती है

16. लगिहरी की समालध कहााँ बनाइ गइ ? APRIL-2015


Ans: लगिहरी की समालध सोनजुही की िता के नीचे बनायी गयी है ।

17. लगिहरी की समालध सोनजुही की िता के नीचे क्यों बनायी गयी ?


Ans: क्योंदक ईसे िह िता सबसे ऄलधक लप्रय थी ।

18. महादेिी िमाा जी के ऄनुसार लिलचत्र पक्षी कौन-सी है ?


Ans:महादेिी िमाा जी के ऄनुसार लिलचत्र पक्षी कौअ है ।

II. दो-तीन ,तीन-चार ,पााँच- िः िाक्यों में ईत्तर लिखना :

1. ’’लगल्िू “ पाि से अपको क्या सीख लमिती है ?

Ans: लगल्िू पाि से स्नेहभाि तथा प्राणी-दया की सीख लमिती है । पशु -पलक्षयों के
स्िभाि और ईनकी जीिन-शैिी के बारे में जानकारी लमिती है । पशु-पक्षी, हमारी तरह कभी-
कभार हमसे भी ऄलधक भािानुकूि, सहृदय व्यिहार और लिचारिान होते है । पशु -पलक्षयों के
प्रलत महादेिी िमाा के प्रेम से हम पठरलचत होते हैं । साथ-साथ पशु-पलक्षयों की रक्षा करना और
ईनके पलत प्रेम-भाि जगाने की सीख लमिती है ।

2. िेलखका ने लगल्िू की प्राण कै से बचाये ? APRIL-2016


OR महादेिी जी ने लगिहरी बच्चे की जान कै से बचाइ ? JUNE-2017
OR महादेिी जी ने लगल्िू की जान कै से बचायी ? JUNE-2019
Ans: महादेिी िमाा जी घायि लगल्िू को हौिे से ईिाकर ऄपने कमरे में िायीं । रूइ से
रि पोंिकर घािों पर पेलन्सलिन का मरहम िगाया।ईसके मुाँह में पानी टपकार लगल्िू की जान
बचायी ।

3. िेलखका का ध्यान अकर्णषत करने के लिए लगल्िू क्या करता था ? JUNE-2016


Ans: िेलखका का ध्यान अकर्णषत करने के लिए लगल्िू ईनके पैर तक अकर सरा से पदे
पर चढ जाता और दफर ईसी तेजी से ईतरता । ईसका यह दौडने का क्म तब तक चिता, जब
तक िेलखका ईसे ईिा न िे ।

4. िमाा जी को चौंकाने के लिए लगल्िू कहााँ- कहााँ लिप जाता था ?


OR लगल्िू महादेलि िमाा को कै से चौकाता था ? APRIL-2015, JUNE-2017
Ans: लगल्िू, कभी फू िदान के फू िों में, कभी परे दे की चुन्नट में, कभी सोनजुही की
पलत्तयों में लिपकर महादेिी िमाा को चौकाता था ।

5. लगल्िू ने महादेलि िमाा की ऄस्िस्थाता में ईनका खयाि कै से रखा ? APRIL-2019

Ans: िमाा जी के प्रलत ऄपनी सहानुभूलत प्रकट करते हुए लगल्िू, िेलखका की
ऄस्िस्थाता में ईनके तदकए के लसरहाने बैिकर ऄपने नन्हें पंजों से ईनके लसर और बाि
सहिाता रहता था ।

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6. लगल्िू के दक्या-किाप के बारे में लिलखए । JUNE-2015.2018 APRIL-2020 April-2022
Ans: िेलखका का ध्यान अकर्णषत करने के लिए लगल्िू ईनके पैर तक अकर सरा से पदे
पर चढ जाता था । फू िदान के फू िों में, कभी परे दे की चुन्नट में, कभी सोनजुही की पलत्तयों में
लिपकर महादेिी िमाा को चौकाता था । ददन भर बाहरी लगिहठरयों के साथ ईििता-कू दता
और ठिक चार बजे घर अकर ऄपने झूिे में झूिने िगता था । िेलखका की थािी के पास बैिकर
बडी सफाइ से खाना खाता रहता था । िेलखका लिखने बैिती तब लिफाफे के भीतर बैिकर
ईनका काया-किाप देखा करता था ।

7. िेलखका की गैर हाजरी में लगल्िू ने ददन कै से लबताये ?


OR िेलखका की गैर हाजरी में लगल्िू ने ददन कै से लबताए । स्पि कीलजए | A-2018 Ju-2022
Ans: िेलखका गैर हाजरी में लगल्िू ऄपना लप्रय खाद् काजू बहुत कम खाता था ।
िेलखका के कमरे का दरिाजा खुिते ही िह ऄपने झूिे ईतरकर दौडता दफर दकसी दूसरे को
देखकर ईदास होकर िापस ऄपने घोंसिे में जा बैटता था ।

8. िेलखका के प्रलत लगल्िू ऄपनी भािना कै से प्रकट करता था ? APRIL-20019


Ans: िेलखका जब ऄस्पताि में थीं, तब लगल्िू ईदास रहता था, ऄपना लप्रय खाद् काजू
बहुत कम खाता था । िेलखका की ऄस्िस्थाता में ईनके तदकए के लसरहाने बैिकर ऄपने नन्हें
पंजों से ईनके लसर और बाि सहिाता रहता था । आस प्रकार लगल्िू िेलखका के प्रलत ऄपनी
भािना प्रकट करता था ।

9. लगल्िू और महादेिी िमाा के संबध ं का िणान कीलजए ।


Ans: लगल्िू और महादेिी िमाा के बीच घहरा संबंध था । घायि लगल्िू की ईपचार कर
प्राण बचाया । दोनो लमिकर खाना खाया करते थे । िेलखका की ऄस्िस्थाता में लगल्िू साथ रहा
। गर्णमयों में साथ-साथ रहते थे ।

10. लगल्िू के प्रलत महादेिी िमाा जी की ममता का िाणान कीलजए ।


Ans: महादेिी िमाा जी घायि लगल्िू को हौिे से ईिाकर ऄपने कमरे में िायीं ।
रूइ से रि पोंिकर घािों पर पेलन्सलिन का मरहम िगाकर ईसका प्राण बचाया । िोटे जीि
लगल्िू को घर में पिे कु त्ते-लबलल्ियों से बचाया । लगल्िू की जीिन-यात्रा का ऄंत में हीटर
जिाकर ईसे ईष्णता देने का प्रयत्न दकया ।

11. िेलखका ने लगल्िू को क्या-क्या लसखाया ?


Ans: लगल्िू को, खाना खाते समय थािी के पास बैिना लसखाया । थािी में से एक-एक
चािि ईिाकर बडी सफाइ से खाना लसखाया । लिखते समय िंबे लिफाफे में बैिकर ईनका
काया-किाप देखना लसखाया ।

12. लगल्िू के ऄंलतम ददनों का िणान कीलजए । APRIL-2020 June-2022


OR लगल्िू के दुःखद ऄंत के बारे में लिलखए । Sept-2020

Ans: लगिहठरयों के जीिन ऄिलध दो िषा से ऄलधक नही होती, ऄतः लगल्िू की जीिन-
यात्रा का ऄंत अ ही गया । ददन भर ईसने न कु ि खाया, न िह बाहर गया । पंजे िं डे हो रहे थे,
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िेलखका हीटर जिाकर ईसे ईष्णता देने का प्रयत्न दकया । परन्तु प्रभात की प्रथम दकरण के साथ
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ही िह लचर लनद्रा में सो गया । सोनजुही की िता के नीचे लगल्िू की समालध बनायी गयी ।

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4. ऄलभनि मनुष्य (कलिता) रामधारीहसह ददनकर

I. एक िाक्य में ईत्तर लिखना :

1. ’ऄलभनि मनुष्य’ कलिता के कलि का क्या नाम है ?


Ans: ’ऄलभनि मनुष्य’ कलिता के कलि का नाम रामधारीहसह ददनकर है ।

2. ’ऄलभनि मनुष्य’ कलिता को दकस सगा से लिया गया है ?


Ans: ’ऄलभनि मनुष्य’ कलिता को कु रुक्षेत्र के षि सगा से लिया गया है ।

3. अज की दूलनया कै सी है ? April-2019 JUNE- 2022


OR कलि के ऄनुसार अज की दूलनया कै सी है ? JUN-2020
Ans: अज की दूलनया लिलचत्र और निीन है ।

4. कलिता के ऄनुसार ितामान दुलनया कै सी है ? JUNE-2019


Ans: कलिता के ऄनुसार ितामान दुलनया लिलचत्र और निीन है ।

5. मानि के हुक्म पर क्या चढता और ईतरता है ?


Ans: मानि के हुक्म पर पिन का ताप चढता और ईतरता है ।

6. पिन का ताप दकसके हुक्म पर चढता और ईतरता है ? APRIL-2018


Ans: पिन का ताप मानि के हुक्म पर चढता और ईतरता है ।

7. परमाणु दकसे देखकर कााँपते है ?


Ans: परमाणु अधुलनक पुरुष के करों को देखकर कााँपते है ।

8. ऄलभनि मनुष्य कलिता के ऄनुसार परमाणु दकसे देखकर कााँपते हैं ? April-2016
Ans: परमाणु अधुलनक मानि की करों को देखकर कााँपते हैं ।

9. ददनकर जी के ऄनुसार अधुलनक मानि ने दकस पर लिजय पायी है ? June-15.April-2016


Ans: ददनकर जी के ऄनुसार अधुलनक मानि ने प्रकृ लत के हर तत्ि पर लिजय पायी है.

10. अधुलनक पुरुष ने दकस पर लिजय पायी है ? June-2016


Ans: अधुलनक पुरुष ने प्रकृ लत के हर तत्ि पर पर लिजय पायी है ।

11. नर (मानि) दकन-दकनको एक समान िााँघ सकता है ?


Ans: नर (मानि) नदी, पिात, सागर एक समान िााँघ सकता है ।
12. अज मनुष्य का यान कहााँ जा रहा है ? APRIL-2020
Ans: अज मनुष्य का यान गगन में जा रहा है ।

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II. तीन-चार िाक्यों में ईत्तर लिखना :

1. ’प्रकृ लत पर सिात्र है पुरुष असीन’ आस पंलि का अशय समझाआए । APRIL-2020 April-


2022
OR अधुलनक मानि की भौलतक साधना का लििरण कलिता के अधार दीलजए । APRIL-2019
OR ददनकर जी अधुलनक मानि की भौलतक साधना का िणान कै से दकया है ? APRIL-2018
OR कलि ददनकर जी ने अधुलनक मानि की भौलतक साधना को कै से दशााया है ?
OR “ऄलभनि मनुष्य” कलिता में िैज्ञालनक युग और अधुलनक मानि का लिश्लेषण कै से दकया है ?
OR अधुलनक मानि ने प्रकृ लत के हर तत्ि पर कै से लिजय प्राप्त की है ? िणान कीलजए ।
JUNE-2020

Ans: अधुलनक मानि ने प्रकृ लत के हर तत्ि को ऄपने लनयंत्रण में कर लिया है । ईसने
जि, लिद्ुत, भाप, िायु पर ऄपना लनयंत्रण बना लिया है । िह नदी, पिात, सागर एक समान
िााँघ सकता है । ईसका यान अकाश में जा रहा है । िह परमाणु प्रयोग भी कर रहा है । ईसकी
बौलद्धक क्षमता ऄसीलमत है । अज मानि ने प्रकृ लत की हर तत्ि को लिकृ लत कर ददया है ।

2. ददनकर जी के ऄनुसार मानि का सही पठरचय क्या है। Jun-15.16.17.18.19.APRIL-2016


JUNE-2022
OR ऄलभनि मनुष्य के अधार पर मनुष्य का सही पठरचय कै से स्थालपत दकया गया है ? Apr17
OR कलि ददनकर जी के ऄनुसार मानि का सही पठरचय क्या है । स्पि कीलजए । APRIL-2015
OR ददनकर जी के ऄनुसार सही मानि कहिाने का ऄलधकारी कौन है ?

Ans: कलि ददनकर जी कहते हैं – अज मनुष्य ने प्रकृ लत पर लिजय प्राप्त कर िी है


।मानि को व्योम से पाताि तक सब कु ि ज्ञात है । परं तु स्ियं को नहीं पहचाना, ऄपने भाइचारे
को नही समझा । मानि की सही पहचान िह है जो मानि-मानि के बीच स्नेह का बााँध बााँधता
है, जो मानि दूसरे मानि से प्रेम का ठरश्ता जोडकर अपस की दूरी को लमटाता है, िही मानि
कहिाने का ऄलधकारी होगा । जो मनुष्य बुलद्ध को चैतन्य हृदय से जीतता है । अपसी
भाइचारा,पारस्पठरक प्रेम, सहमनुष्य के साथ स्नेह से रहना ही मानि का सही पठरचय है ।

3. “ऄलभनि मनुष्य” कलिता के िारा ददनकर जी क्या संदेश देना चाहते हैं ?
OR “ऄलभनि मनुष्य” कलिता का अशय क्या है ?

Ans: िैज्ञालनक युग और अधुलनक मानि का लिश्लेषण करते हुए कलि ददनकर जी आस
कलिता िारा यह संदेश देना चाहते हैं दक मानि-मानि के बीच स्नेह का बााँध बााँधना चालहए ।
मानि दूसरे मानि से प्रेम का ठरश्ता जोडकर अपस की दूरी को लमटाना चालहए । मानलियता,
भाइचारा, पारस्पठरक प्रेम से रहना ही मानि की सही साधना है ।
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5. मेरा बचपन (अत्मकथा) एपीजे ऄब्दुि किाम

ऄनुरूपता प्रश्न
1. रामानंद शास्त्री : पक्षी िक्ष्मण शास्त्री : : ऄब्दुि किाम : जैनुिाबदीन April-2020
2. अलशयम्मा : अदशा जीिनसंलगनी :: जैनुिाबदीन :: अडंबरहीन व्यलि
3. इमानदारों के सम्मिन में : हठरशंकर परसाइ :: मेरा बचपन : ऄब्दुि किाम
4. जैनुिाबदीन : अडंबरहीन व्यलि :: एस.टी.अर.मालनकम : एक पूिा क्ांलतकारी
5. ऄहमद जिािुिीन : स्थानीय िे केदार :: शम्सुिीन : ऄखबार लितरक
6. पक्षी िक्ष्मण शास्त्री : लशि मंददर के पुजारी :: ऄहमद जिािुिीन : स्थानीय िे केदार
7. ऄहमद जिािुिीन : स्थानीय िे केदार :: शम्सुिीन : ऄखबार लितरक
8. किाम जी को अिश्यक चीजें : सुिभता से ईपिब्द थीं :: किाम जी को पुस्तक : दुिाभता
से ईपिब्द थीं
9. किाम जी के चचरे भाइ : शम्सुिीन :: किाम जी के बडी बहन : जोहरा
10. नौकाएाँ बनानेििे : जिािुिीन :: ऄखबारों का लितरण करनेिािे : शम्सुिीन Sept-2020
11. पक्षी िक्ष्मण शास्त्री : रामानंद शास्त्री :: ए.पी.जे. ऄब्दुि किाम : जैनुिाबदीन
12. शम्सुिीन : ऄखबार लितरक का काम :: जैनुिाबदीन : नौकाएाँ बनाने का काम

I. एक िाक्य में ईत्तर लिखना :


1. ऄब्दुि किाम जी का जन्म कब और कहााँ हुअ ?
Ans: ऄब्दुि किाम जी का जन्म 15-10-1931 को मद्रास राज्य के रामेश्वरम में हुअ
।2. रामेश्वरम दकस कारण प्रलसद्ध है ?
Ans: रामेश्वरम प्रलतलित लशि मंददर के कारण प्रलसद्ध है ।
3. किाम और जिािुिीन दकस लिषय पर बातें करते थे ? JUNE-2018
Ans: किाम और जिािुिीन अध्यालत्मक लिषय पर बातें करते थे ।
4. ऄब्दुि किाम जी के लपता कै से व्यलि थे ? JUNE-2019
Ans: ऄब्दुि किाम जी के लपता अडंबरहीन व्यलि थे ।
5. जैनुिाबदीन की अदशा जीिनसंलगनी कौन थीं ?
Ans: जैनुिाबदीन की अदशा जीिनसंलगनी अलशयम्मा थीं ।
6. ऄब्दुि किाम जी लपताजी की बातों का ऄनुसरण कहााँ दकया ?
Ans: ऄब्दुि किाम जी लपताजी की बातों का ऄनुसरण ऄपनी लिज्ञान एिं प्रौद्ोलगकी
की सारी हजदगी में दकया ।
7. किाम जी के ऄंतरं ग लमत्र कौन बन गए ?
Ans: किाम जी के ऄंतरं ग लमत्र ऄहमद जिािुिीन बन गए ।

8. ऄहमद जिािुिीन ने किाम को क्या कहकर पुकारा करते थे ?


Ans: ऄहमद जिािुिीन ने किाम को ’अजाद’ कहकर पुकारा करते थे ।

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9. किाम जी को नइ दूलनया का बोध दकसने कराया ?
Ans: किाम जी को नइ दूलनया का बोध ऄहमद जिािुिीन ने कराया ।
10. ऄब्दुि किाम जी के बचपन में दुिाभ िस्तु क्या थी ? JUNE- 2022
Ans: ऄब्दुि किाम जी के बचपन में दुिाभ िस्तु पुस्तक थी ।
11. किाम जी को पुस्तक पढने के लिए दकसने ईत्सालहत दकया ?
Ans: किाम जी को पुस्तक पढने के लिए एस.टी.अर.मालनकम ने ईत्सालहत दकया ।
12. किाम जी के बाि-जीिन पर गहरा ऄसर दकन-का पडा ?
Ans: किाम जी के बाि-जीिन पर गहरा ऄसर शम्शुिीन का पडा ।
13. रामेश्वरम में ऄखबारों के एकमात्र लितरक कौन थे ?
Ans: रामेश्वरम में ऄखबारों के एकमात्र लितरक शम्शुिीन थे ।
II. दो-तीन िाक्यों में ईत्तर लिखना :

1. किाम जी का बचपन बडी लनहिंतता और सादगी में कै से लबता ? APRIL-2018


OR किाम जी का बचपन बडी लनहिंतता और सादगी में लबतने का कारण क्या था ?
OR किाम जी का बचपन भौलतक एिं भािनात्मक दृलि से लबता । कै से ?
OR ऄब्दुि किाम जी के बचपन के बारे में अप क्या जानते हैं ?
Ans: किाम जी का बचपन बडी लनहिंतता और सादगी में लबता । ईनके लपता
ऄनािश्यक एिं ऐशो- अरामिािी चीजों से दूर रहने िािे , अडंबरहीन व्यलि थे । परं तु घर
पर सभी अिश्यक चीजें समुलचत मात्रा में सरिता से ईपिब्द थीं । आसलिए ईनका बचपन
बडी लनहिंतता और सादगी में लबता ।

2. जैनि
ु ाबदीन नमाज के बारे में क्या कहते हैं ?
OR जैनि
ु ाबदीन नमाज की प्रासंलगकता के बारे में क्या कहते हैं ? JUNE-2018
OR नमाज की प्रासंलगकता के बारे में जैनि
ु ाबदीन के लिचार बताआए । JUNE-2022
OR नमाज के बारे में जैनि
ु ाबदीन लिचार स्पि कीलजए । April-2022
Ans: जैनुिाबदीन नमाज की प्रासंलगकता के बारे में कहते हैं- ’ जब तुम नमाज पढते हो
तो तुम ऄपने शरीर से आतर ब्रह्ांड का एक लहस्सा बन जाते हो ; लजसमें दौित,अयु, जालत या
धमा-पंत का कोइ भेदभाि नहीं होता ।’

3. किाम जी को जिािुिीन ने नइ दुलनया का बोध कै से कराया ? APRIL-2019


Ans: जिािुिीन हमेशा किाम को लशलक्षत िोगों के बारे में बताते थे । िे िैज्ञालनक
खोजों, समकालिन सालहत्य, लचदकत्सा लिज्ञान की ईपिलब्दयों के बारे में बताते थे । ज्ञान संबंधी
आन जानकाठरयों से किाम को सीलमत दायरे से बाहर लनकाि कर नइ दुलनया का बोध कराया ।
4. जिािुिीन, किाम को दकन-दकन लिषय के बारे में बताते थे ? Sept-2020

Ans: जिािुिीन हमेशा किाम को लशलक्षत िोगों के बारे में बताते थे । िे िैज्ञालनक
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खोजों, समकालिन सालहत्य, लचदकत्सा लिज्ञान की ईपिलब्दयों के बारे में बताते थे ।


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5. जैनि
ु ाबदीन के व्यलित्ि का पठरचय दीलजए ।

Ans: जैनुिाबदीन ऄब्दुि किाम के लपता थे । िे बुलद्धमान थे और ईनमें ईदारता की


सच्ची भािना थी । ईनका पठरश्रम और अडंबरहीन जीिन सब के लिए अदशाप्राय है । सभी
ऄनािश्यक एिं ऐशो- अरामिािी चीजों से दूर रहते थे । धार्णमक एकता को मानने िािे िे
ऄलतलथयों की सेिा में संतृप्त थे ।

6. अलशयम्मा जी ऄब्दुि किाम को खाने में क्या-क्या देती थीं ? April-2020

Ans: अलशयम्मा जी ऄब्दुि किाम को खाने में के िे का पत्ता लबिाकार ईस पर चािि


एिं सुगंलधत, स्िाददि सांबार डािती ; साथ में घर में बना ऄचार और नाठरयि की
ताजी चटनीन भी होती ।

7. जैनि
ु ाबदीन ने कौन-सा काम शुरू दकया ?

Ans: जैनुिाबदीन ने िकडी की नौकाएाँ बनाने की काम शुरू दकया । ये नौकाएाँ


तीथायालत्रयों को रामेश्वरम से धनुषकोडी तक िाने-िे जाने के काम अती थीं ।

8. शम्सुिीन ऄखबारो के लितरण का काया कै से करते थे ?

Ans: िह रामेश्वरम में ऄखबारों के एक मात्र लितरक थे । ऄखबार रामेश्वरम स्टेशन पर


सुबह की ट्रेन से पहुाँचते थे, जो पामबन से अती थी । एस ऄखबार एजेंसी को ऄके िे ही
शम्सुिीन ही चिाते थे । रामेश्वरम में ऄखबारों की जुमिा एक हजार प्रलतयााँ लबकती थी ।

9. ऄब्दुि किाम और जिािुिीन के संबध


ं का िणान कीलजए ।

Ans: किाम और ऄहमद जिािुिीन दोनों ऄंतरं ग लमत्र थे । दोनों रोजाना शाम को
दूर तक साथ घूमने जाया करते थे । किाम और जिािुिीन अध्यालत्मक लिषय पर बातें करते
थे । ऄहमद जिािुिीन ने किाम को ’अजाद’ कहकर पुकारा करते थे । जिािुिीन ने किाम
को िैज्ञालनक खोजों, समकालिन सालहत्य, लचदकत्सा लिज्ञान की ईपिलब्दयों के बारे में बताकर
नइ दूलनया का बोध कराया ।.

10. ऄहमद जिािूिीन का पठरचय दीलजए । JUNE-2022

Ans: ऄहमद जिािूिीन एक स्थानीय िे केदार था । िे किाम के लपता के साथ समुद्र तट


के पास नौकाएाँ बनाने काम शुरू दकया । बाद में किाम जी के बडी बहन ज़ोहरा के साथ शादी
हो गइ । िे ऄंग्रेजी में लिखना और पढना जानते थे । ईनके बराबर लशक्षा का स्तर दकसीका भी
नहीं था और न ही दकसीको ईनके बराबर बाहरी दूलनया के बारे में पता था । ईन्होने ही किाम
को सीलमत दायरे से बाहर लनकािकर नइ दूलनया का बोध कराया ।

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6. बसंत की सच्चाइ (एकांकी) लिष्णु प्रभाकर

ऄनुरूपता प्रश्न
1. बसंत : ऄहीर टीिा :: पंलडत राजदकशोर : दकशनगंज April-2022
2. बसंत की अयु : बारह साि :: प्रताप की अयु : दस साि
3. बसंत : बडा भाइ :: प्रताप : िोटा भाइ
4. बसंत : स्िालभमानी/पठरश्रमी िडका :: पंलडत राजदकशोर : मजदूरों के नेता
5. पंलडत राजदकशोर : दकशनगंज :: बसंत : भीखू ऄहीर के घर
6. िमाा : एक डाक्टर :: ऄमरहसह : एक नौकर

I. एक िाक्य में ईत्तर लिखना :


1. बसंत में लनलहत दुिाभ गुण कौन-सा है ?
Ans: बसंत में लनलहत दुिाभ गुण इमानदारी है ।
2. पंलडत राजदकशोर ने बसंत को दकतने रुपए का नोट ददया था ?
Ans: पंलडत राजदकशोर ने बसंत को एक रुपए का नोट ददया था ।
3. बसंत और प्रताप दकसके घर में रहते थे ? April-2020
Ans: बसंत और प्रताप भीखू ऄहीर के घर में रहते थे ।
4. बसंत और प्रताप दोनों भीखू ऄहीर के घर में क्यों रहते थे ?
Ans: माता-लपता दंगों के ददनों में मारे गए थे,आसलिए भीखू ऄहीर के घर में रहते थे ।
5. प्रताप पं रजदकशोर के घर क्यों गया था ? April-2017
Ans: प्रताप पं रजदकशोर के घर पैसे िौटाने गया था ।
6. पं० रजदकशोर के घर प्रताप क्यों अया ? June-2015
Ans: पं० रजदकशोर के घर प्रताप पैसे िौटाने अया ।
7. पं० रजदकशोर कहााँ के लनिासी थे ?
Ans: पं० रजदकशोर दकशनगंज के लनिासी थे ।
8. ििनी का दाम क्या था ?
Ans: ििनी का दाम दो अना था ।
9. बसंत दकतने रुपए का नोट भुनाने गया था ?
Ans: बसंत एक रुपए का नोट भुनाने गया था ।
10. मजदूरों के नेता कौन थे ?
Ans: मजदूरों के नेता पं. राजदकशोर थे ।
11. बसंत के घर पर डाक्टर को कौन िे िाया ?
Ans: बसंत के घर पर डाक्टर को ऄमरहसह िे िाया ।
12. घायि बसंत को ऄस्पताि कौन िे अया ?
Ans: पं० रजदकशोर ने घायि बसंत को ऄस्पताि िे अया ।
13. बसंत एक बडे नगर के बाजार में क्या-क्या बेचता था ?
Ans: बसंत एक बडे नगर के बाजार में ििनी, बटन और ददयासिाइ बेचता था ।
14. बसंत के भाइ का क्या नाम था ?
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Ans: बसंत के भाइ का नाम प्रताप था ।


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II. तीन-चार िाक्यों में ईत्तर लिखना :

1. बसंत इमानदार िडका है । कै से ? April-2016. June-2017


OR बसंत की सच्चाइ एकांकी में स्िालभमानी बसंत की आमानदारी कै से व्यि हुइ है ? Jun-2016
OR बसंत की इमानदारी का पठरचय सो(ई)दाहरण दीलजए । April-2018
OR बसंत की इमानदारी का पठरचय दीलजए । June-2018 JUNE-2022
OR बसंत पठरश्रम की कमाइ से जीनेिािा बािक है । कै से ? बताआए ।
OR बसंत के ईत्तम गुणों का िणान कीलजए । April-2019
OR बसंत के बारे में अप क्या जानते हैं । ऄपने शब्दों में लिलखए । April-2020
OR स्िालभमानी बसंत का पठरचय दीलजए । Sept -2020 JUNE-2022

Ans: बसंत मेहनती, स्िालभमानी, गरीब, ऄनाथ और इमानदार िडका है । लबना


पठरश्रम के मदद में लमिे धन को िह भीख समझता था । आसलिए पं ० राजकीशोर से दया की
भीख िेने से आनकार दकया । आसी गुण के कारण िह ऄपनी घायि ऄिस्था में भी पंलडत
राजदकशोर के पैसे ऄपने भाइ के हाथ लभजिाता है । सच में, बसंत एक स्िालभमानी और
इमानदार िडका है ।

2. पंलडत राजदकशोर के मानलिय व्यिहार का पठरचय दीलजए । June-2016. June-2017


OR पंलडत राजदकशोर के परोपकार गुणों का पठरचय दीलजए । April-2017
OR पंलडत राजदकशोर के मानलिय गुण ऄनुसरणीय है । कै से । बताआए । June-2019
OR पंलडत राजदकशोर के परोपकाठरता ऄनुसरणीय है । स्पि कीलजए । April-2019
OR पंलडत राजदकशोर का परोपकारी गुण हमारे लिए अदशा है । कै से । बताआए ।
OR पंलडत राजदकशोर सच्चे ऄथों में मानिता की मूर्णत थे । स्पि कीलजए ।
OR पंलडत राजदकशोर मानिता के सकार मूर्णत थे । कै से ? बताआए ।
OR पंलडत राजदकशोर कं गािों के प्रलत हमददी ददखानेिािा व्यलि है । सोदाहरण दीलजए ।
OR पंलडत राजदकशोर सचमुच एक अदशा नेता है । स्पि कीलजए ।

Ans: पंलडत राजदकशोर मजदूरों के नेता थे । िे कं गािों के प्रलत हमददी ( सहानुभूलत)


ददखानेिािा व्यलि थे । बाजार में बसंत की दशा, पठरश्रम एिं इमानदारी देखकर प्रसन्न हुए
और ईसकी मदद करना चाहा । बसंत को दुघाटना में घायि होने की बात से बहुत दुःखी हुए ।
तुरंत डाक्टर को बुििाकर बसंत की आिाज करिायी । लचदकत्सा का भार भी ईिाया और दोनों
भाइ कों सांत्िान कराया । आनका परोपकारी गुण सबके लिए अदशा है । आस तरह राजदकशोर
सच्चे ऄथों में मानिता की मूर्णत थे ।

3. प्रताप राजदकशोर के घर क्यों अया ? April-2020


Ans: बसंत इमानदार िडका है । िह पंलडत राजदकशोर नोट िेकर भुनाने गया ।
मोटर दुघाटना में ईसके पैर कु चि गये । िह बेहोश हो गया । होश में अते ही ईसे पैसे िौटाने
का धान अया । आसलिए तुरंत प्रताप को बचे पैसे देकर पंलडत राजदकशोर के घर भेजा ।

4. बसंत पं राजदकशोर से दो पैसे िेने से क्यों आनकार करता है ? April-2022


Ans: बसंत स्िालभमानी और पठरश्रलम बािक था । िह मेहनत से पैसा कमाना चाहता
था । पंलडत राजदकशोर िारा ददये गये मुफ्त के पैसों को िह भीख समझता था । आसलिए दो
पैसे िेने से आनकार करता है ।
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7. तुिसी के दोहे (दोहा) तुिसीदास

** ऄनुरूपता प्रश्न **
1. सूर-श्याम : पद :: तुिसी के दोहे : दोहा
2. सूरदास : कृ ष्ण भलिशाखा के प्रिताक :: तुिसीदास : राम भलिशाखा के प्रिताक
3. सूरदास : सूरसागर :: तुिसीदास : रामचठरत मानस
4. धनपतराय : प्रेमचंद का िास्तलिक नाम :: रामबोिा : तुिसीदास जी का बचपन का नाम
5. पाप का मूि : ऄलभमान :: धमा का मूि : दया
6. जीब की तुिना : देहरी से :: राम नाम की तुिना : दीप से
7. देहरी पर ददया रखने से : लभतर ि अाँगन में प्रकाश :: राम नाम जपने से : अंतठरक ि बाह्य
शुलद्ध
8. मुलखया का गुण : मुाँह के समान :: संत का गुण : हंस के समान
9. धमा के साथी : दयािु :: लिपलत्त के साथी : लिद्ा लिनय लििेक
10. राम नाम जपने से: अंतठरक ि बाह्य शुलद्ध::राम पर लिश्वास करने से : साहसी ि सुकृतिान

I. एक िाक्य में ईत्तर लिखना :


1. तुिसीदास दकस शाखा के कलि है ?
Ans: तुिसीदास रामभलि शाखा के कलि है ।
2. तुिसीदास के माता-लपता का नाम क्या था ?
Ans: तुिसीदास के माता-लपता का नाम अत्मारम और हुिसी था ।
3. तुिसीदास के बचपन का नाम ’रामबोिा’ क्यों पडा ?
Ans: जब तुिसीदास जी का जन्म हुअ, तब ईन्होंने राम नाम का ईच्चारण दकया था ।
4. तुिसीदास के प्रमुख रचना कौन-सा है ?
Ans:तुिसी के प्रमुख रचना रामचठरत मानस है ।
5. शरीर के सारे ऄंगों का पािन-पोषण कौन करता है ?
Ans: शरीर के सारे ऄंगों का पािन-पोषण मुाँह करता है ।
6. तुिसी के ऄनुसार मुलखया कै सा होना चालहए ?
Ans: तुिसी के ऄनुसार मुलखया लििेकिान होना चालहए ।
7. हंस रूपी साधु िोग क्या ऄपनाते हैं ?
Ans: लिकारों को िोडकर ऄच्िे गुणों को ऄपनाते हैं ।
8. दया और पाप का मूि क्या है ?
Ans: दया धमा का मूि और पाप का मूि ऄलभमान है ।
9. लिद्ा,लिनय तथा लििेक दकसके साथी है ?
Ans: लिद्ा,लिनय तथा लििेक लिपलत्त के साथी है ।
10. हम,राम पर भरोसा क्यों करना चालहए ?
Ans: राम पर भरोसा करने से हम साहसी, सत्यिान और सुकर्णम बनते हैं ।
11. देहरी पर ददया रखने से कहााँ प्रकाश फै िता है ?
Ans: देहरी पर ददया रखने से घर के लभतर तथा अाँगन में प्रकाश फै िता है ।

12. राम नाम जपने से मानि को क्या िाभ होती है ?


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Ans: राम नाम जपने से मानि की अंतठरक और बाह्य शुलद्ध होती है ।


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दोहे का भािाथा
1. मुलखया मुख सों चालहए, खान पान को एक ।
पािै पोसै सकि ऄंग, तुिसी सलहत लििेक ॥ April-2020 Sept-2020 June -2022

भािाथा : प्रस्तुत दोहे में तुिसीदास कहते हैं- लजस तरह मुाँह खाने-पीने का काम
ऄके िे करते हुए, शरीर के सारे ऄंगों का पािन-पोषण करता है, ईसी तरह मुलखया भी काम
ऄपनी तरह से करें िेदकन ईसका फि सभी को लमिे ।

2.जड,चेतन,गुण-ददषमय, लिस्ि कीन्ह करतार ।


संत-हंस गुण गहहह पय,पठरहठर िाठर लिकार ॥

भािाथा : प्रस्तुत दोहे में तुिसीदास कहते हैं- सृलिकताा आस दूलनया को ऄच्िे -बुरे एिं
गुण-दोषमय लमिाकर बनाया है । िेदकन हम, हंस रूपी साधु की तरह लिकारों को िोडकर
ऄच्िे गुणों को ऄपनाना चालहए ।

3. दया धमा का मूि है, पाप मूि ऄलभमान ।


तुिसी दया न िााँलडये, जब िग घट में प्राण ॥
June-2015, June-2016, April-2017, June-2018, April-2019, June-2019. April-2022

भािाथा : प्रस्तुत दोहे में तुिसीदास कहते हैं- दया धमा का मूि है और पाप का मूि
ऄलभमान है । आसलिए मनुष्य के शरीर में जब तक प्राण है, तब तक ऄपना ऄलभमान िोडकर
दयािु बने रहना चालहए ।

4. तुिसी साथी लिपलत्त के , लिद्ा लिनय लििेक ।


साहस सुकृलत सुसत्यव्रत, राम भरोसो एक ॥ April-2015, June-2017, April-2018,

भािाथा : प्रस्तुत दोहे में तुिसीदास कहते हैं- मनुष्य पर जब लिपलत्त पडतीम है,तब
ईसकी लिद्ा, लिनय तथा लििेक ही ईसका साथ लनभाते हैं । जो राम पर भरोसा करने िािा
साहसी,सत्यिान बनता है ।

5. राम नाम मलन दीप धरु, जीह देहरी िार ।


तुिसी लभतर बालहरौ, जो चाहसी ईलजयार ॥ April-2016

भािाथा : प्रस्तुत दोहे में तुिसीदास कहते हैं- लजस तरह देहरी पर दीया रखने से घर के
लभतर तथा अाँगन में प्रकाश फै िता है, ईसी तरह राम नाम जपने से मानि की अंतठरक
और बाह्य शुलद्ध होती है ।

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8. आं टरनेट-क्ांलत (लनबंध) संकलित

1. मलहिा की साहसगाथा : व्यलि पठरचय :: आं टरनेट-क्ांलत : लनबंध


2. इ-गिनेन्स : प्राशासन का याथाित लििरण :: िीलडयो कान्फरे न्स : लिचार लिलनमय
3. इ-गिनेन्स : पारदशी प्रशासन :: सोशि नेटिका : क्ांलतकारी खोज
4. आं टरनेट : ऄंतजााि :: फे सबुक : साआट्स
5. कप्यूटर : संगणक यंत्र :: आं टरनेट : ऄंतजााि
6. अइ.टी : आनफामेशन टैक्नोिाजी :: अइ.टी.इ.एस : आनफामेशन टैक्नोिाजी एनेबल्ड सर्णिसेस
7. फे सबुक : िरदान:: हैककग : ऄलभशाप
8. आं टरनेट बौककग : िरदान :: आं टरनेट हैककग : ऄलभशाप
9. आं टरनेट एक ओर : िरदान :: आं टरनेट दूसरी ओर : ऄलभशाप
10.िीलडयो कान्फरे न्स: लिचार लिलनमय करना :: आनफामेशन टैक्नोिाजी : बेरोजगार दूर करना

I. दो-तीन-चार िाक्यों में ईत्तर लिखना :

1. इ-गिनेन्स का पठरचय दीलजए । April-2019


OR इ-गिनेन्स क्या है ? June-2015 April-2022 JUNE-2022
OR पारदशी प्रशासन कै से संभि है ? June-2016

Ans: इ-गिनेन्स िारा सरकार के सभी कामकाज का लििरण, ऄलभिेख, सरकारी अदेश
अदद को यथाित िोगों को सूलचत दकया जाता है । आससे प्रशासन पारदशी बन सकता है ।

2. व्यापार और बैंककग में आं टरनेट कै से मदद करता है ? June-2018 JUNE-2022


OR आं टरनेट से क्या- क्या मदद लमिती है ? April-2016
Ans: आं टरनेट िारा घर बैिे- बैिे खरीदारी कर सकते हैं । कोइ भी लबि भर सकते हैं ।
आं टरनेट-बैंककग िारा दुलनया की दकसी भी जगह पर चाहे लजतनी भी रकम भेजी जा सकती है ।
आससे दूकान जाने और िाआन में घंटों खडे रहने का समय बच जाता है ।

3. ’सोशि नेटिर्ककग’ एक क्ांलतकारी खोज है । आस कथन का समथान कीलजए । June-2019


OR’सोशि नेटिर्ककग’ एक क्ांलतकारी खोज है । कै से ? बताआए । April-2022
OR सोशि नेटिर्ककग साआटों के कारण समाज पर क्या प्रभाि पडा है ? Jun-16,17.Ap-17,18
OR सोशि नेटिर्ककग का पठरणाम समाज पर कै से पड रहा है ? April- 2017
OR सोशि नेटिर्ककग साआट्स का समाज पर क्या प्रभाि पड रहा है ? April-2008
OR सोशि नेटिर्ककग मनुष्य और समाज पर हो रहे प्रभािों का लििरण दीलजए । April-2017

Ans: ’सोशि नेटिर्ककग’ एक क्ांलतकारी खोज है, लजसने दुलनया भर के िोगों को एक


जगह पर िा खडा कर ददया है । फे सबुक,लट्िट्टर जैसे साआटो के कारण देश -लिदेश के िोगों के
रहन-सहन, िेशभूषा, खान-पान, संस्कृ लत-किा अदद का ऄनुकरण हो रहा है । इ-गिनेन्स िारा
प्रशासन पारदशी बन सकता है ।

4. “िीलडयो कान्फरे न्स” के बारे में लिलखए ।


OR “िीलडयो कान्फरे न्स” के बारे में अप क्या जानते हैं ? April-2020
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Ans: “िीलडयो कान्फरे न्स” िारा एक जगह बैिकर दुलनया के कइ देशों के प्रलतलनलधयों
के साथ 8-10 दूरदशान के परदे पर चचाा कर सकते हैं । एक ही कमरे में बैिकर लिलभन्न
देशों में रहनेिािे िोगों के साथ लिचार-लिलनमय कर सकते हैं ।

5. संचार ि सूचना के क्षेत्र में आं टरनेट का क्या महत्ि है ?


OR आं टरनेट के कारण संचार ि सूचना के क्षेत्र में एक नयी क्ांलत अयी है । कै से ? स्पि कीलजए
।Sept -2020
OR आं टरनेट के लबना संचार ि सूचना दोनों ही क्षेत्र िप पड जाते हैं । कै से ? स्पि कीलजए ।

Ans: आं टरनेट ने संचार ि सूचना के क्षेत्र में कमाि दकया है।आसके िारा पि भर में लबना
ज्यादा खचा दकए कोइ भी लिचार हो,लस्थर लचत्र हो,िीलडयो लचत्र हो, दुलनया के दकसी भी कोने
में भेजना मुमदकन हो गया है । कोइ संदेश, समाचार तथा हर प्रकार की जानकाठरयााँ कम समय
में पहुाँचा जा सकता है । पुस्तकािय की पुस्तकों को लजसे चाहे भेज सकते हैं । तंत्रज्ञान के लबना
कोइ काम होना ऄसंभि है । शायद आसके लबना संचार ि सूचना दोनों ही क्षेत्र िप पड जाते हैं ।

6. आं टरनेट अलधलनक जीिन शैिी का महत्िपूणा ऄंग बन गया है । कै से ? स्पि कीलजए ।


OR जीिन के हर क्षेत्र में आं टरनेट का बहुत बडा योगदान है । कै से ? स्पि कीलजए ।

Ans: अज का युग आं टरनेट युग है । आं टरनेट से मानि की जीिनशैिी और ईसकी सोच में
क्ांलतकारी पठरितान हुअ है । संचार ि सूचना, आं टरनेट -बैंककग,िीलडयो कान्फरे न्स, सोशि
नेटिर्ककग, इ-गिनेन्स जैसे अदद िैज्ञालनक अलिष्कारों ने मानि जीिन को सुलिधाजनक बनाया
है ।लचदकत्सा कृ लष,ऄंतठरक्षज्ञान,लिज्ञान,लशक्षा,रक्षादिों की क्षेत्र में बहुत बडा योगदान है ।

7. आं टरनेट िरदान है तो ऄलभशाप भी है । कै से ? स्पि कीलजए ।

Ans: आं टरनेट सचमुच एक िरदान है । आं टरनेट िारा कोइ भी लिचार हो, लस्थर लचत्र
हो, िीलडयो लचत्र हो, दुलनया के दकसी भी कोने में भेजना मुमदकन है । आं टरनेट -बैंककग िारा
दूलनया की दकसी भी जगह पर चाहे लजतनी भी रकम भेजी जा सकती है । “िीलडयो कान्फरे न्स”
िारा लिलभन्न देशों में रहनेिािे िोगों के साथ लिचार-लिलनमय कर सकते हैं । आससे देश-लिदेश
के िोगों के रहन-सहन, िेशभूषा, खान-पान, संस्कृ लत-किा अदद का जानकारी लमिती है ।
ऄनलगनत िोगों को रोजगार लमि रहा है । आं टरनेट एक ओर िरदान है तो दूसरी ओर
ऄलभशाप भी है । आं टरनेट की िजह से पैरसी, बैंककग फ्राड, हैककग अदद बढ रही है । चैटटग,
मुि िेब साआट अदद से बच्चे ि युि पीढी ऄनुपयुि और ऄनािश्यक जानकारी हालसि कर रहे
हैं । एससे िि का दुरुपयोग हो रहा है । आसलिए हम िोगों को सचेत रहना चालहए ।

८. आं टरनेट सचमुच एक िरदान है । कै से ? स्पि कीलजए । Sept-------------- -2020


Ans: आं टरनेट सचमुच एक िरदान है । आं टरनेट िारा कोइ भी लिचार हो, लस्थर लचत्र
हो, िीलडयो लचत्र हो, दुलनया के दकसी भी कोने में भेजना मुमदकन है । आं टरनेट -बैंककग िारा
दूलनया की दकसी भी जगह पर चाहे लजतनी भी रकम भेजी जा सकती है । “िीलडयो
कान्फरे न्स” िारा लिलभन्न देशों में रहनेिािे िोगों के साथ लिचार-लिलनमय कर सकते हैं । आससे
देश-लिदेश के िोगों के रहन-सहन, िेशभूषा, खान-पान, संस्कृ लत-किा अदद का जानकारी
लमिती है । ऄनलगनत िोगों को रोजगार लमि रहा है । लचदकत्सा कृ लष, ऄंतठरक्ष ज्ञान,
लिज्ञान,लशक्षा, रक्षादिों की क्षेत्र में बहुत बडा योगदान है ।

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9. इमानदारों के सम्मेिन में (व्यंग्य) हठरशंकर परसाइ

ऄनुरूपता प्रश्न
1. लगल्िू : रे खा लचत्र :: इमानदारों के सम्मेिन में : व्यंग्य रचना
2. कश्मीरी सेब : प्रेमचंद :: इमानदारों के सम्मेिन में : हठरशंकर परसाइ
3. कश्मीरी सेब : दोखेबाजी पर प्रकाश :: इमानदारों के सम्मेिन में : बेइमानों पर प्रकाश
4. आं टरनेट क्ांलत: िैज्ञालनक अलिष्कार का लचत्रण::इमानदारों के सम्मेिनमें: व्यंग्य का लचत्रण

I. एक िाक्य में ईत्तर लिखना :

1. इमानदारों के सम्मेिन में हठरशंकर परसाइ जी को क्यों अमंलत्रत दकया गया ? April-2015
OR हठरशंकर परसाइ जी को सम्मेिन में क्यों बुिाया गया ? April-2018
OR परसाइ जी को सम्मेिन में क्यों बुिाया गया था ? JUNE-2020
OR अयोजकों ने परसाइ जी को लनमंत्रण क्यों ददया ? APRIL-2020
Ans: िेखक परसाइ जी देश के प्रलसद्ध इमानदार व्यलि थे । ईन्हे इमानदारों के
सम्मेिन का ईद्घाटन करने के लिए बुिाया गया । ईनके अगमन से ईदीयमान इमानदारों को
बडी प्रेरणा लमिती है ।

2. िेखक दूसरे दजे में क्यों सफर करना चाहते थे ? JUNE-2016


OR परसाइ जी दूसरे दजे में क्यों सफर करना चाहते थे ? JUNE-2018
Ans: परसाइ जी पैसे बचाने के लिए दूसरे दजे में सफर करना चाहते थे ।
3. िेखक को स्टेशन पर मािी की याद क्यों अइ ? April-2017
Ans: िेखक को स्टेशन पर मािी की याद क्योंदक अस-पास कोइ मािी होता तो फू ि-
मािाएाँ भी बेच िेता ।

4. िेखक पहनने कपडे लसरहाने दबाकर क्यों सोये ? April-2019


Ans: िेखक ऄपनी चीजें चोरी हो जाने के डर से पहनने कपडे लसरहाने दबाकर सोये ।
5. सम्मेिन में िेखक के भाग िेने से दकन-दकन को प्रेरणा लमि सकती थी ?
Ans: सम्मेिन में िेखक के भाग िेने से इमानदारों तथा ईदयमान इमानदारों को प्रेरणा
लमि सकती थी ।

6. ब्रीफके स में क्या था ? Ans: ब्रीफके स में कागजात थे ।


7. िेखक ने धूप का चस्मा कहााँ रखा था ? Ans: िेखक ने धूप का चस्मा टेबि पर रखा था ।

8. स्िागत सलमलत के मंत्री कायाकताां क्यों डााँटने िगे ?


Ans: सम्मेिन में बहुत चोठरयााँ हो रहे थे, आसलिए मंत्री ने कायाकताां को डााँटने िगे ।
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9. िेखक को कहााँ िहरा गया ? JUNE-2022


Ans: िेखक को होटि में िहरा गया ।
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II. दो-तीन िाक्यों में ईत्तर लिखना :
1. इमानदारों के सम्मेिन में हठरशंकर परसाइ जी को क्यों अमंलत्रत दकया गया ? April-2015
OR हठरशंकर परसाइ जी को सम्मेिन में क्यों बुिाया गया ? April-2018
OR परसाइ जी को सम्मेिन में क्यों बुिाया गया था ? Sept-2020
OR अयोजकों ने परसाइ जी को लनमंत्रण क्यों ददया ? April-2020
Ans: परसाइ जी देश के प्रलसद्ध इमानदार व्यलि थे। ईन्हे इमानदारों के सम्मेिन का ईद्घाटन
करने के लिए बुिाया गया ।ईनके अगमन से ईदीयमान इमानदारों को बडी प्रेरणा लमिती है ।
2. इमानदारों के सम्मेिन पाि में मुख्य ऄलतलथ की बेइमानी कै से व्यि हुअ है ? April-2015
Ans: िेखक दूसरे दजे में सफर करके पहिे दजे का दकराया िेना चाहते थे । स्िागत में
लमिे फु ि-मािा पहनकर स्टेशन पर मािी की याद दकया । सम्मेिन में ईनकी चप्पिें गायब
थी , तो ईन्होने दूसरों की चप्पिें पहन िी । आन बातों से ईनकी बेइमानी व्यि होती है ।
3. चप्पिों की चोरी होने पर इमानदार डेिीगेट ने क्या सुझाि ददया ? June-2017
OR चप्पिों की चोरी से बचने के लिए इमानदार डेिीगेट ने क्या सुझाि ददया ? April-2016
Ans: इमानदार डेिीगेट ने सुझाि ददया दक – देलखए चप्पिें एक जगह नहीं
ईतारनी चालहए ।एक चप्पि यहााँ ईतारये,तो दूसरी दस फीट दूर ।तब चप्पि चोरी नहीं होतीं
4. िेखक ने मंत्री को क्या समझाया ? JUNE-2022
OR मंत्री जी को िेखक परसाइ जी ने क्या समझाया ? June-2015
Ans: िेखक ने मंत्री को समझाया दक - इमानदारों के सम्मेिन में इमानदारों की
तिाशी िें,यह बडी ऄशोभनीय बात होगी ।दफर आतने बडे सम्मेिन में थोडी गडबडी होगी ही ।
5. परसाइ जी ने कमरा िोडकर जाने का लनणाय क्यों दकया ? June-2019
Ans: सम्मेिन में अकर परसाइ जी की चप्पि,धूप का चश्मा, कम्बि और तािा तक
चोरी हो गयी । आससे तंग अकर परसाइ जी ने कमरा िोडकर जाने का लनणाय दकया ।
6. िेखक हठरशंकर परसाइ जी का स्िागत कै से दकया गया ?
Ans: िेखक हठरशंकर परसाइ जी का स्िागत स्टेशन पर बहुत ऄच्िा हुअ । िगभग
अि-दस फू ि-मािाएाँ पहना गया ।
7. िेखक सम्मेिन में भाग िेने का क्या कारण था ?
OR िेखक हठरशंकर परसाइ जी आमानदारों के सम्मेिन में भाग क्यों लिया ?
Ans: आमानदारों के सम्मेिन का ईद्घाटन करने गये थे । और इमानदारों को और
ईदयमान आमानदारों को प्रेरणा देने के लिए गये थे ।
8. िेखक के धूप का चश्मा खो जाने की घटना का िणान कीलजए । April-2022
Ans: िेखक दूसरे ददन बैिक में जाने के लिए धूप का चश्मा खोजने िगे, तो िह नहीं
लमिा । िेखक ने एक-दो िोगों से कहा, तो बात फै ि गयी । िे लबना धूप का चश्मा िगाये बैिक
में पहुाँचे । बैिक में पंद्रह लमनट की चाय की िु ट्टी हुइ । तब एक सज्जन िेखक के पास अकर
सहानुभूलत प्रकट करने िगे । हठरशंकर परसाइ जी ने देखा दक सज्जन ने जो चश्मा पहना था,
िह चश्मा ईन्हीं का था ।

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10. दुलनया में पहिा मकान (िेख) डा.लिजया गुप्ता

ऄनुरूपता प्रश्न

1. कश्मीरी सेब : प्रेमचंद :: दूलनया में पहिा मकान : डा. लिजया गुप्ता
2. कश्मीरी सेब : कहानी :: दूलनया में पहिा मकान : िेख
3. अदद मानि : गुफा और पेड :: हसगफो अदुिासी : पूिोत्तर भारत
4. दोस्तों की पहिी मुिाकत : हाथी से :: दोस्तों की ऄंत में मुिाकत : मििी से
5. हाथी : जंगिी जानिर :: भैंस : पाितु जानिर
6. हाथी : जंगि :: मििी : तािाब / पानी
7. मििी : तैरना :: सााँप : रें गना
8. हाथी : सूाँड :: भैंस : सींग
9. मकान की िप्पर : भैंसे का पंजर :: मकान की ित : मििी
१०.मकान की ित : मििी की पीि जैसी :: मकान की स्तम्भ : हाथी के पैर जैसी June-2020
10. मकान की खंबे/गोिे : हाथी के पैर :: मकान की पतिी िकडी : सााँप की िंबाइ
11. पशु-पलक्ष की ध्िनी से : ऄपनी भाषा सीखा :: मकान बनाना : प्रालणयों से सीखा
12. मििी ने ददखाया : पीि की पठट्टयााँ :: भैंस ने ददखाया : भैंसे का पंजर
13. मानि चींठटयों से : लगरकर ईिना सीखा :: मानि मुगी से : सुबह जल्दी ईिना सीखा
14. मििी : पठट्टयााँ :: भैंस : हलियााँ

I. एक िाक्य में ईत्तर लिखना :

1. हसगफो अददिासी कहााँ के लनिासी थे ? April-2018


Ans: हसगफो अददिासी पूिोत्तर भारत के लनिासी थे ।.

2. अदद मानि कहााँ रहता था ?


Ans: अदद मानि गुफां में और पेडों के नीचे रहता था ।

3. अददिासी दोस्तों का क्या नाम था ?


Ans: अददिासी दोस्तों का नाम ककद्रू िालिम और ककचा िािीदास था ।

4. दोनो दोस्त जानिरों से लमिने क्यों गये ? June-2018


Ans: मकान बनाने के बारे में पुि-ताि करने के लिए जानिरों से लमिने गये ।

5. पशु-पलक्षयों ने अदमी को क्या बनाना लसखाया ?


Ans: पशु-पलक्षयों ने अदमी को मकान बनाना लसखाया ।

6. ककद्रू िालिम और ककचा िािीदास जंगि की ओर क्यों चि पडे ? April-2019


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Ans: मकान बनाने के बारे में पशुं से पुि-ताि करने के लिए जंगि की ओर चि पडे.
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7. ककद्रू िालिम और ककचा िािीदास ने क्या तय दकया ? June-2019
Ans: ककद्रू िालिम और ककचा िािीदास ने तय दकया दक िे मकान बनाएाँगे ।

8. दोनो दोस्तों ने हाथी से दकसके बारे में चचाा की ?


Ans: दोनो दोस्तों ने हाथी से मकान बनाने के बारे में चचाा की ।

9. मकान बनाने के बारे में दोनो दोस्तों ने दकन-से पुि-ताि की ?


Ans: मकान बनाने के बारे में दोनो दोस्तों ने हाथी, सााँप, भैंस तथा मििी से पुि -ताि
की ।

10. हाथी, मकान बनाने के बारे में दोनो दोस्तों को क्या बोिा ?
Ans: हाथी, दोस्तों को बोिा- पेडों से िकडी काट िो, लजतने मेरे पैर हैं ।

11. सााँप ने दोस्तों को मकान के बारे में क्या कहा ?


Ans: सााँप ने कहा, िकडी ऐसी पतिी और िंबी काटो, जैसा मैं हाँ ।

12. भैंस ने दोनो दोस्तों को क्या ददखाया ?


Ans: भैंस ने दोनो दोस्तों को ऄपने भैंसे का पंजर ददखाया ।

13. मििी की पीि देखकर दोस्तों ने क्या सीखा ?


Ans: मििी की पीि देखकर दोस्तों ने पलत्तयों से िप्पर बनाना सीखा ।

14. दोस्तों को पलत्तयों से िप्पर बनाना दकसने लसखाया ?


Ans: दोस्तों को पलत्तयों से िप्पर बनाना मििी ने लसखाया ।

15. मानि ने चींठटयों से क्या सीखा है ?


Ans: मानि ने चींठटयों से लगरकर ईिने का साहस सीखा है ।

16. मनुष्य सुबह जल्दी ईिने की सीख दकससे लसखा है ?


Ans: मनुष्य सुबह जल्दी ईिने की सीख मुगी से लसखा है ।
1७. भैंस के पंजार से दोस्तों को कै सी जानकारी लमिी ? April-2020
Ans: पंजर के चार पैरों के हलियों की तरह चार मोटे िकडी के गोिे जमीन में गाडना
चालहए । ईन पर पतिी और िकलडयों से िप्पर का बनाना चालहए ।

१८. दोनो दोस्त दकन-दकन जानिरों से लमिे ? June-2020


Ans: हाथी, सााँप, भैंस तथा मििी से लमिे ।

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11. समय की पहचान (कलिता) लसयारामशरण गुप्ता

I. एक िाक्य में ईत्तर लिखना :


1. ’समय की पहचान’ कलिता में कलि ने दकस पर लिश्वास करने को कहा है ? April-2018
Ans: कलिता में कलि ने अत्मा पर लिश्वास करने को कहा है ।
2. कलि के ऄनुसार मनुष्य को सुख कब लमिता है ?
Ans: कलि के ऄनुसार मनुष्य को समय पर काम करने से सुख लमिता है ।
3. इश का ददया हुअ ऄनुपम धन क्या है ?
Ans: इश का ददया हुअ ऄनुपम धन समय है ।
4. बहाने बनाने का प्रमुख कारण क्या है ? April-2022 June- 2022
Ans: बहाने बनाने का प्रमुख कारण अिस्य है ।
5. चक्िती होके भी क्या पा नहीं सकते हैं ?
Ans: चक्िती होके भी हम समय पा नहीं सकते हैं ।
6. हमारा जीिन दकससे बना हुअ है ? Ans: हमारा जीिन पि-पि से बना हुअ है ।
7. समय के खोने से क्या होता है ?
Ans: सुसमय के खोने से सदा पिताना होगा / खोया हुअ समय पा नहीं सकते ।
8. धन से भी ज्यादा महत्ि दकसका है ? Ans: धन से भी ज्यादा महत्ि समका है ।

II. दो-तीन-चार िाक्यों में ईत्तर लिखना :


1. मानि के लिए सुख की प्रालप्त कब संभि है ? June-2019
OR मनुष्य के लिए सुख की प्रालप्त कब संभि है ? April-2022
Ans: समय बहुत ऄनमोि है । आसलिए समय नि नहीं करना चालहए । अिस्य और
बहाना बनाना िोडकर मेहनत से काम करने से मनुष्य के लिए सुख की प्रालप्त कब संभि है .
2. समय का सदुपयोग कै से करना चालहए ? April-2018. June-2018 JUNE-2022
OR ’समय की पहचान’ कलिता के ऄनुसार समय का सदुपयोग कै से करना चालहए ।
OR समय का सदुपयोग करने से जीिन सफि होता है । कै से ?
OR ’समय ऄत्यंत ऄनमोि है’ । कलिता के अधार पर स्पि कीलजए । Sept-2020
OR ’समय ऄत्यंत ऄनमोि है’ – आस कथन का समथान कीलजए ।
OR’समय की पहचान’ कलिता में कलि का संदेश क्या है ?
OR ’समय की पहचान’ कलिता का अशय क्या है ?
OR कलि ’समय का सदुपयोग’ करने को क्यों कहते हैं ? April-2020
Ans: समय का महत्ि धन से भी ज्यादा है । इश्वर िारा मनुष्य को प्राप्त ऄनुपम धन है ।
समय ऄलधक महत्िपूणा और ईपयोगी है । संसार का कोइ भी द्रव्य आसकी बराबरी नहीं कर
सकता । ऄपना काम लबना टािे ईसी समय पूरा करना चालहए । अिस्य त्याग कर, समय को
ऄमूल्य धन मानकर काया करने से जीिन सफि होता है ।
3. ’समय की पहचान’ कलिता का संलक्षप्त सारांश लिलखए । April-2019
Ans: समय ऄनमोि है । यह इश्वर िारा मनुष्य को प्राप्त ऄनुपम धन है । समय रहते ही
हमें ऄपने सारे काम पूरे कर िेने चालहए । काम करने के लिए प्राप्त समय को व्यथा नहीं गिााँना
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चालहए । काम को टािना नहीं चालहए, क्योंदक बीता हुअ ऄिसर नहीं अता । अिस्य नहीं
करना चालहए । स्ियं पर लिश्वास रखते हुए ऄपने काम कोम पूरी िगन से करना चालहए ।
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12. रोबोट (कहानी) डा. अिोक

ऄनुरूपता प्रश्न

1. आं टरनेट-क्ांलत : लनबंध :: रोबोट : कहानी


2. धीरज सक्सेना : मुलखया :: साधोराम : नौकर
3. रोबोलनि : सक्सेना पठरिार का रोबोट :: रोबोदीप : शमाा पठरिार का रोबोट
4. धीरज : सक्सेना पठरिार का मालिक :: रोबोजीत : रोबोट कं पनी का मालिक
5. सक्सेना पठरिार का कु त्ता : शेरू :: शमाा पठरिार का कु त्ता : झबरू
6. शेरू को टहिाना : रोबोनीि :: झबरू को टहिाना : रोबोदीप
7. ऄमरहसह : पंलडत राजदकशोर का नौकर :: साधोराम : धीरज सक्सेना का नौकर
8. रोबोजीत : रोबोट कं पनी का मालिक :: अआज़क अलसमोि : िैज्ञालनक एिं लिज्ञान िेखक

I. एक िाक्य में ईत्तर लिखना :

1. सक्सेना पठरिार के नौकर का नाम लिलखए ।


Ans: सक्सेना पठरिार के नौकर का नाम साधोराम था ।
2. एक रोबोट दफ्तर के फशा को दकससे साफ कर रहा था ?
Ans: एक रोबोट दफ्तर के फशा को िैक्यूम क्िीनर से साफ कर रहा था ।
3. सक्सेना पठरिार के रोबोट का नाम लिलखए ।
Ans: सक्सेना पठरिार के रोबोट का नाम रोबोलनि था ।
4. शमाा पठरिार के रोबोट का नाम लिलखए ।
Ans: शमाा पठरिार के रोबोट का नाम रोबोदीप था ।
5. रोबोठटक कं पनी के मालिक कौ था ?
Ans: रोबोठटक कं पनी के मालिक रोबोजीत था ।
6. शेरू दकस पठरिार का कु त्ता था ?
Ans: शेरू सक्सेना पठरिार का कु त्ता था ।
7. झबरू दकस पठरिार का कु त्ता था ?
Ans: झबरू शमाा पठरिार का कु त्ता था ।

II. दो-तीन-चार िाक्यों में ईत्तर लिखना :


1. सक्सेना पठरिार रोबोलनि को पाकर बहुत खुश था । क्यों ? लििरण दीलजए । April-2019
Ans: रोबोलनि सक्सेना पठरिार के सभी िोगों का काम करता था । िह सुबह नाश्ता
कराने, मेहमानों के स्िागत में दरिाजा खोिने, घर के बच्चों को कहालनयााँ सुनाने, ईनके होमिका
में मदद कराने, तथा सक्सेना जी के िडा प्रोसेसर पर काम करता था । आसके ऄिािा कु त्ते को
घूमाने का काम भी करता था ।
2. रोबोलनि क्या–क्या काम करता था ? April-2018
OR रोबोलनि के कायों का लििरण दीलजए । April-2020
Ans: सुबह नाश्ता कराने, मेहमानों के स्िागत में दरिाजा खोिने, घर के बच्चों
को कहालनयााँ सुनाने, ईनके होमिका में मदद कराने, तथा सक्सेना जी के िडा प्रोसेसर पर काम
करता था । आसके ऄिािा कु त्ते को घूमाने का काम भी करता था ।

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3. धीरज सक्सेना को बुलद्धमान रोबोट की अिश्यकता क्यों थी ? June-2019
Ans: धीरज सक्सेना को ऄपने नाती-पोतों का होमिका कराने के लिए और िडा प्रोसेसर
पर ऄपना काम संभािने के लिए बुलद्धमान रोबोट की अिश्यकता थी ।

4. रोबोलनि ने रोबोजीत को क्या समझाने की कोलशश की ? June-2018


Ans: रोबोलनि ने ऄपने कारण साधोराम को नौकरी से लनकाि देनेिािी बात बताइ ।
रोबोठटकी लनयम ऄनुसार रोबोट को आं सान के नुकसान का कारण नहीं बनना चालहए । यह
मानिीय नजठरये से भी गित है ।

5. रोबोलनि, साधोराम के बारे में क्यों हचलतत था ?


Ans: रोबोलनि घर अने के कारण साधोराम को नौकरी से लनकािा गया था । ईसके
कारण साधोराम की नौकरी को अाँच अना, साधोराम के पेट पर िात मारना, यह ईसे दकसी
भी सूरत में मंजूर नहीं था । आसलिए िह हचलतत था ।

6. रोबोठटकी लनयमों के बारे में अप क्या जानते हैं ?


Ans:अआजक अलसमोि रोबोठटकी लनयमों का िेखक है । रोबोठटकी लनयमनुसार रोबोट
को आं सान के नुकसान का कारण नहीं बनना चालहए । दकसी भी आं सान की नौकरी को खतरा
पहुाँचाना गित बात है । यह मानिीय नजठरये से भी गित है ।

7. लिज्ञान कथा का सारांश संक्षप


े लिलखए ।
Ans: एक घर में बीमारी से पीलडत नौकर को लनकािकर ईसकी जगह पर एक रोबोट
को रख ददया जाता है । रोबोट को आस बात की जानकारी लमि जाती है तो िह रोबोठटक संघ
से संपका साधकर संघ को सारी बातों से ऄिगत कराता है । संघ रोबोटों की हडताि की घोषणा
कर देता है । ऄंततः समजौता आस बात पर होता है दक ईस नौकर को घर में दफर से रख लिया
जाएगा ।

8. रोबोठटक कं पलनयों के मालिकों के बीच हिचि क्यों मच गइ ?


Ans: साधोराम को दूबारा काम पर रखा जाए, एसलिए रोबोलनि और रोबोदीप दोनों
रोबोठटक संघ के कायाािय जा पहुाँचे । सब बातें सुनकर ऄध्यक्ष ने संघ की कायाकाठरणी की
अपतकािीन बैिक बुिाइ । बैिक में तय हुअ दक सभी रोबोठटक कं पलनयों के काम करनेिािे
रोबोटों की हडताि का अहिान कर ददया जाए । आस अहिान रोबोठटक कं पलनयों के मालिकों
के बीच हिचि मच गइ ।

9. धीरज सक्सेना को ऄंत में रोबोठटक संघ से क्या गुजाठरश करनी पडी ?
Ans: धीरज सक्सेना को ऄध्यक्ष से यह गुजाठरश करनी पडी दक जब तक साधोराम पूरी
तरह से िीक नहीं हो जाता है, तब तक रोबोलनि ईसके पास काम करता रहेगा । सधोराम के
िीक होते ही िह ईसे दोबारा काम पर रख िेंगे ।

१०. कहानी के ऄंत में रोबोलनि और रोबोदीप क्यों खुश हुए ? बताआए । June- 2020

Ans: कहानी के ऄंत में धीरज सक्सेना रोबोठटकी संघ की सभी बातें मानने के लिए
तैयार हो जाता है । साधोराम को दोबारा काम पर रखने के लिए राजी हो जाता है । रोबोलनि
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और रोबोदीप को खुशी होती है दक ईनके कारण दकसी आं सान को नुकसान झेिना नहीं होगा ।
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13.मलहिा की साहसगाथा (व्यलि पठरचय) संकलित

ऄनुरूपता प्रश्न
1. मेरा बचपन : अत्मकथा :: मलहिा की साहसगाथा : व्यलि पठरचय
2. बसंत की सच्चाइ : स्िालभमानी गुण :: मलहिा की साहसगाथा : साहसी गुण
3. कािानाग : पिात :: गंगोत्री : शीखर
4. तेनहजग नोगे : एिरे स्ट पर चढनेिािे पहिा पुरुष :: जुंके ताबी : एिरे स्ट पर चढनेिािी
5. पहिी मलहिा एिरे स्ट पर चढनेिािी पहिी लिदेशी मलहिा : जुंके ताबी :: एिरे स्ट पर
6. चढनेिािी पहिी भारतीय मलहिा : लबिेंद्री पाि
7. गंगोत्री की चढाइ : 1982 :: एिरे स्ट की चढाइ : 1984
8. कनाि का नाम : खुल्िर :: मेजर का नाम : कु मार .
9. कनाि : खुल्िर :: मेजर : कु मार April-2020
10.बसंत : इमानदारी का फि :: लबिेंद्री पाि : मेहनत का फि
11.पहिे लहमािय पिातारोही पुरुष:तेनहजग नोगे:पहिी लहमािय मलहिा:जुंके ताबी

I. एक िाक्य में ईत्तर लिखना :


1. एिरे स्ट पर चढने िािी प्रथम भारतीय मलहिा कौन थी ? April-2019
Ans: एिरे स्ट पर चढने िािी प्रथम भारतीय मलहिा लबिेंद्री पाि थी ।
2. लबिेंद्री पाि को कौन-सा गौरि प्राप्त है ?
Ans: एिरे स्ट की चोटी पर चढने िािी प्रथम भारतीय मलहिा का गौरि प्राप्त है ।
3. लबिेंद्री के माता-लपता का नाम लिलखए ।
Ans: लबिेंद्री के लपता का नाम दकशनपाि हसह और मता हंसादेिी नेगी था ।
4. लहमािय पिातारोलहयों का सम्मेिन कहााँ हुअ था ?
Ans: लहमािय पिातारोलहयों का सम्मेिन 1983 को ददल्िी में हुअ था ।
5. कनाि खुल्िर ने बधाइ देते हुए लबिें द्री से क्या कहा ? June-2018
Ans: कनाि खुल्िर ने बधाइ देते हुए लबिें द्री से कहा – “ देश को तुम पर गिा है” ।
6. लबिेंद्री पाि िारा लिलखत रचना का नाम लिलखए ।
Ans: लबिेंद्री पाि िारा लिलखत रचना का नाम है – ’एिरे स्ट-मेरी लशखर यात्रा” ।
7. कनाि का नाम क्या था ? Ans: कनाि का नाम खुल्िर था ।
8. मेजर का नाम क्या था ? Ans: मेजर का नाम कु मार था ।
9. लबिेंद्री को कौन-कौन-से पुरस्कार देकर सम्मान दकया ?
Ans: लबिेंद्री को पद्मश्री और प्रलतलित ऄजुान पुरस्कार देकर सम्मान दकया ।
10. लबिेंद्री पाि लसिाइ का काम क्यों करने िगी ? Sept-2020
Ans: लबिेंद्री पाि, पढाइ की खचा जुटाने के लिए लसिाइ का काम करने िगी ।

II. दो-तीन-चार िाक्यों में ईत्तर लिखना :


1. लबिेंद्री पाि का बचपन कै से बीता ? April-2018 April-2022

Ans: बचपन में लबिेंद्री पाि को रोज 5 दक.लम. पैदि चिकर स्कू ि जाना पडता था । िे
किोर पठरश्रम करती थीं । लसिाइ का काम सीख कर पैसे जुटाए । यह ईनकी पढाइ के खचा में
काम अया ।
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2. लबिेंद्री पाि ने पहाड पर चढने की पूिा तैयारी कै से की ?
OR बिेंद्री ने पहाड पर चढने की तैयारी कै से की ? बताआए । April-2022
Ans: बिेंद्री ने ऄपने भाइ से बेहतर करके ददखाने के लिए पिातारोहण का प्रलशक्षण
िेना शुरू की । पढाइ के साथ-साथ लबिेंद्री पाि ने पहाड पर चढने के ऄपने िक्ष को भी हमेशा
ऄपने सामने रखा । आसी दौरान ईन्होने ’कािानाग’ पिात की चढाइ की । सन १९८२ में ईन्होने
’गंगोत्री ग्िेलशयर’ तथा ’रूड गेरो’ की चढइ की लजससे ईनमें अत्मलिश्वास और बढा । ऄगस्त
1983 में ददल्िी में लहमािय पिातारोलहयों का सम्मेिन में तेनहजग नोगे और जुंके ताबी से
लमिी और ईनसे प्रभालित होकर एिरे स्ट पर चढने की तैयारी की ।

3. लबिेंद्री पाि के संकल्प क्या थी ? बताआए ।


Ans: ऄगस्त 1983 में ददल्िी में लहमािय पिातारोलहयों का सम्मेिन हुअ, िहााँ िे
तेनहजग नोगे (एिरे स्ट पर चढनेिािे पहिे पुरुष) तथा जुंके ताबी (एिरे स्ट पर चढनेिािी
पहिी मलहिा) से लमिीं । तब ईन्होने संकल्प लिया दक िे भी ईनकी तरह एिरे स्ट पर पहुाँचेंगी
। आसी संकल्प से िे 13 मइ 1984 को एिरे स्ट पहुाँचकर भारत का झंडा फहरा ददया ।

4. दलक्षणी लशखर पर चढते समय लबिेंद्री के ऄनुभिों का लििरण दीलजए ।


OR दलक्षणी लशखर पर चढते समय लबिेंद्री के ऄनुभिों का िणान कीलजए ।
OR लबिेंद्री दलक्षणी लशखर पर चढते समय ईनकी क्या-क्या ऄनुभि थी ? बताआए ।
Ans: दलक्षणी लशखर के उपर हिा की गलत बढ गइ थी । ईस उाँचाइ पर तेज हिा के
झोंके भुरभुरे बफा के कणों को चारों तरफ ईडा रहे थे लजससे कु ि ददखाइ नहीं दे रहा था ।
लबिेंद्री ने देखा दक थोडी दूर तक कोइ उाँची चढाइ नहीं है । ढिान एकदम सीधी लनची चिी
गइ है । मेरी सााँस मनो एकदम रुक गइ थी । मुझे िगा दक सफिता बहुत नजदीक है । 23 मइ,
1984 के ददन दोपहर के 1 बजकर 7 लमनट पर मैं एिरे स्ट की चोटी पर खडी थी ।

5. एिरे स्ट की चोटी पर पहुाँचकर लबिेंद्री ने क्या दकया ? June-2019 Sept-2020JUNE-2022


Ans: एिरे स्ट की चोटी पर पहुाँचकर लबिें द्री ने बफा पर ऄपने माथे को िगाकर
सागरमाथे के ताज का चुंबन दकया । ऄपने थैिे से हनुमान चालिसा और दुगाा मााँ का लचत्र
लनकािा । ईसे िाि कपडे में िपेटा और िोटी-सी पूजा करके ईसको बफा में दबा ददया ।

6. ’मलहिा की साहसगाथा’ पाि से क्या संदेश लमिता है ? April-2019


OR ’मलहिा की साहसगाथा’ पाि से क्या सीख लमिती है ? June-2018
OR ’मलहिा की साहसगाथा’ पाि से अप क्या सीख सकते हैं ? बताआए ।
Ans: मलहिाएाँ पुरुषों से कम नहीं है । लिद्ाथी कठिन पठरश्रम का महत्ि समझते हैं ।
दृढ-लनिंय, साहस, पठरश्रम, धैया िारा िक्ष प्राप्त करने का तत्ि समझते हैं । मुसीबतों का
सामना करना अदद अदशा गुण सीखते हैं । आसके साथ लहमािय की उाँची चोठटयों की
जानकारी भी प्राप्त करते हैं ।

7 . लबिें द्री पाि के पठरिार का दीलजए । April-2020


Ans: लबिेंद्री का जन्म एक साधारण भारतीय पठरिार में हुअ था । लपता दकशनपाि
हसह और मता हंसादेिी नेगी की पााँच संतानों में से िह तीसरी संतान हैं । ईनके बडे भाइ को
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पहाडों पर जाना ऄच्िा िगता था ।


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14.सूर-श्याम (पद) सूरदास
ऄनुरूपता प्रश्न
1. भोिा-भािा : बािकृ ष्ण :: चुजिखोर : बिराम April-2020 April-2022
2. तुिसीदास : राम भलिशाखा के प्रिताक :: सूरदास : कृ ष्ण भलिशाखा के प्रिताक
3. यशोदा : माता :: नंद : लपता 4. जसुमलत : यशोदा :: बिभद्र : बिराम
5. तुिसी के दोहे : श्रीराम की िीिा का िणान :: सूर -श्याम : कृ ष्ण की बाि-िीिा का िणान
6. नंद और यशोदा : गोरे : कृ ष्ण : श्यामा/कािा
7. भोिा-भािा : बािकृ ष्ण :: चुगिखोर : बिराम
8. कृ ष्ण को लचडानेिािे : बिराम :: चुटकी देऄकर हाँसनेिािे : ग्िाि बािक June-2020
9. लगल्िू : महादेिी िमाा की ममता का लचत्रण :: सूर -श्याम : यशोदा की ममता का लचत्रण
I. दो-तीन िाक्यों में ईत्तर लिखना :
1. कृ ष्ण बिराम के साथ खेिने क्यों नहीं जाना चाहता ? April-2016
Ans: बिराम कृ ष्ण को लचढाता है । िह कृ ष्ण से कहता है दक यशोदा ने ईसे जन्म नहीं
ददया है बलल्क मोि लिया है।आस गुस्से के कारण कृ ष्ण बिराम के साथ खेिने नहीं जाता है ।
2. कृ ष्ण ऄपनी माता के प्रलत क्यों नाराज है ? Sept- 2020
Ans: कृ ष्ण ऄपनी माता के प्रलत नाराज है क्योंदक - मााँ, तुमने के िि मुझे ही
मारना सीखा है और भाइ पर कभी गुस्सा नहीं करती ।
3. बाि कृ ष्ण ऄपनी माता से क्या-क्या लशकायतें करता है ? JUNE-2022
Ans: बिराम बहुत लचढाता है । िह मुझसे से कहता है दक यशोदा ने जन्म नहीं ददया है
बलल्क मोि लिया है । माता-लपता का रं ग गोरा है, िेदकन ईसका रं ग कािा है ।
4. कृ ष्ण के प्रलत बिराम की लशकायतें क्या है ?
Ans: िह नंद और यशोदा का बेटा नहीं है, बलल्क मोि लिया है । माता-लपता का
रं ग गोरा है, िेदकन ईसका रं ग कािा है ।
5. कृ ष्ण बिराम के प्रलत क्यों नाराज है ? June-2018
Ans: बिराम कृ ष्ण को यह कहकर लचढाता है दक िह नंद और यशोदा का बेटा नहीं
है, बलल्क मोि लिया है । माता-लपता का रं ग गोरा है, िेदकन ईसका रं ग कािा है । आस
ऄपमान के कारण कृ ष्ण बिराम से नाराज है ।
6. बिराम कृ ष्ण के माता-लपता के बारे में क्या कहता है ? April-2019
Ans: बिराम कृ ष्ण से बार-बार पूिता है दक तुम्हारे माता-लपता कौन हैं ? नंद
और यशोदा तो गोरे हैं, िेदकन तुम्हारा शरीर क्यों कािा है ? ।
7. यशोदा क्यों खुश हो जाती है ? June-2017
Ans: ऄपने भाइ बिराम के प्रलत क्ोलधत एिं सखां िारा ऄपमालनत कृ ष्ण
के क्ोधयुत मुख को देखकर और ईसकी बातों को सुनकर यशोदा खुश हो जाती है ।
8. यशोदा कृ ष्ण के क्ोध को कै से शांत करती है ? June-2016. April-2018. 2020. 2022
OR यशोदा कृ ष्ण को कै से मनाती है ? April-2017
OR माता यशोदा कृ ष्ण की नाराजगी को कै से दूर करती है ? June-2015

Ans: यशोदा कहती है – बिराम तो जन्म से ही धूता और चुगिखोर है । मैं गोधन की


कसम खाकर कहती हाँ, मैं ही तेरी माता हाँ और तुम मेरे पुत्र हो । आस प्रकार (शांत करती है)
(मनाती है) (सांत्िान देती है) (नाराजगी दूर करती है) ।

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15. कनााटक–संपदा (लनबंध) संकलित

ऄनुरूपता प्रश्न

1. कािेरी : नदी :: जोग : जिप्रपात April-2022


2. मुम्बइ : कमर्णशयि लसटी :: बेंगिूरु : लसलिकान लसटी
3. कु िेंपु : ज्ञानपीि :: सी.एन.अर.राि : भारत रत्न
4. एच.एम.टी : हहदुस्तान मशीन टू ल्स :: एच.ए.एि : हहदुस्तान एरोनाठटकि लिलमटेड
5. अधुलनक मानि : अिोक का अगार :: कनााटक : चंदन का अगार
6. कािेरी : नदी :: जोग : जिप्रपात
7. मैसूरु : सेंट दफिोलमना चचा
8.गोमटेश्वर की प्रलतमा : श्रिणबेिगोि :: गोिगुंबज : लिजयपुरा Sept-2020
9.जगनमोहन राजमहि : अटा गैिरी :: गोिगुंबज : लहहस्पटरग गैिरी
10. बेिूर : लशल्पकिा :: गोिगुंबज : िास्तुकिा
11. कृ ष्णदेिराय : क्ांलतकारी शासक :: बसिण्ण : क्ांलतकारी समाज सुधारक
12. मातृभूलम : भारत की प्रशंसा :: कनााटक संपदा : कनााटक की प्रशंसा

II. दो-तीन-चार िाक्यों में ईत्तर लिखना :

1. बेंगिुर की प्रलसद्ध बृहत संस्थाएाँ कौन-कौन सी हैं ? June-2015


OR बेंगिुर लिश्वभर में क्यों प्रलसद्ध है ? िणान कीलजए । Sept-2020

Ans: बेंगिुर लशक्षा और बडे -बडे ईद्ोग-धंधों का कें द्र है । यहााँ देश -लिदेश के िोग अकर
बस गये हैं । यहााँ प्रलसद्ध भारतीय लिज्ञान संस्थान, एच.ए.एि, एच.एम.टी, अइ.टी.अआ,
बी.एच.इ.एि, बी.इ.एि जैसी बृहत संस्थाएाँ हैं । आसे ’लसलिकान लसटी’ कहते हैं ।

2. नददयों पर बने जिाशयों के िाभ हैं ? April-2017


OR बांध और जिाशयों के क्या ईपयोग हैं ? June-2017
OR बांध और जिाशयों की ईपयोलगता के बारे में लिलखए ।

Ans: नददयों पर बने जिाशयों से हजारों एकड जमीन की सींचाइ की जा सकती है


। जिाशयों की सहायता से उजाा का ईत्पादन भी दकया जाता है ।

3. कनााटक के दकन सालहत्यकारों को ज्ञानपीि पुरस्कार लमिा है ? June-2016

Ans: अधुलनक काि के सालहत्यकार कु िेंपु, द.रा.बेंद्रे, लशिराम कारं त, एम.िी.


ऄय्यंगार, यू.अर.ऄनंतमूर्णत, लगरीश कानााड और चंद्रशेखर कं बार ज्ञानपीि पुरस्कार से ऄिंकृत
है ।
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4. कनााटक के प्राकृ लतक सौंदया का िणान कीलजए । April-2015
OR कनााटक के प्राकृ लतक सुषमा का िणान कीलजए । April-2019
OR कनााटक की प्राकृ लतक सुषमा नयन मनोहर है । कै से ? स्पि कीलजए । June-2019
Ans: कनााटक की प्राकृ लतक सुषमा नयन मनोहर है । एसके पलिंम में लिशाि ऄरबी
समुद्र िहराता है । आसी प्रांत में दलक्षण से ईत्तर के िोर तक फै िी िंबी पिातमािां को
पलिंमी घाट कहते हैं । आन्ही घाटों के कु ि भाग सह्यादद्र कहिाता है । दलक्षण में नीिलगठर की
पिातिलियााँ शोभायमान हैं ।

5. कनााटक की लशल्पकिा और िास्तुकिा का िणान कीलजए । A-2017.June-2018 Ap-2022


OR कनााटक की लशल्पकिा का पठरचय दीलजए । June-2022
OR कनााटक की लशल्पकिा और िास्तुकिा ऄनोखी है । स्पि कीलजए । June-2019
OR कनााटक की लशल्पकिा और िास्तुकिा के बारे में अप क्या जानते हैं ? बताआए ।
OR कनााटक की लशल्पकिा और िास्तुकिा ऄद्भुत है । सोदाहरण दीलजए ।
Ans: बादामी, ऐहोिे, पट्टदकल्िु, के मंददर की लशल्पकिा और िास्तुकिा ऄद्भुत है ।
बेिुरु, हिेबीडु , सोमनाथपुर मंददरा की मूर्णतयााँ सजीि िगती हैं । श्रिणबेिगोि में गोमटेश्वर
की ५७ फू ट एकलशिा प्रलतमा शांलत और त्याग का संदेश देती है । लिजयपुर के गोिगुंबज की
लहहलस्पटरग गैिरी िास्तुकिा का ऄलितीय ईदाहरण है । मैसूर के राजमहि, सेंट दफिोलमना
चचा, जगनमोहन अटा गैिरी अकषाणीय हैं ।

6. कन्नड भाषा और संस्कृ लत को कनााटक के सालहत्यकारों की देन के बारे में लिलखए । A-2018
OR कन्नड भा और सं लिए कनााटक के सालहत्यकारों की देन ऄमूल्य है - स्पि कीलजए । Jun-18
OR कन्नड भाषा और संस्कृ लत को कनााटक के सालहत्यकारों की देन क्या है ? April-2020
ORकन्नड भाषा और संस्कृ लत को कनााटक के सालहत्यकारों की क्या देन है ।स्पि कीलजए ।Ap-22
Ans: क्ांलतकारी बसिण्णा, ऄक्कमहादेिी, ऄल्िमप्रभु, सिाज्ञ जैसे संत कलियों ने ऄपने
िचनों िारा प्रेम, दया और धमा की सीख दी है । पुरंदरदास, कनकदास अदद भाि कलियों के
सदाचार, भलि, नीलत के गीत ऄमूल्य देन हैं । पंप, रन्न, पोन्न, कु मारव्यास, हठरहर, राघिांक
अदद प्राचीन कलियों ने महान काव्यों की रचना कर कन्नड सालहत्य को समृद्ध दकया है ।
अलधलनक काि के अि ददग्गज सालहत्यकारों ने ज्ञानपीि पुरस्कार प्राप्त कर कन्नड
भाषा,संस्कृ लत और कनााटक के गौरि बढाया है ।

7. ज्ञान-लिज्ञान के क्षेत्र में कनााटक की प्रगलत का िणान कीलजए ।

Ans: कनााटक में देश-लिदेश के िोग अकर लशक्षा प्राप्त कर रहे हैं । सर.सी.िी.रामन,
सर.एम.लिश्वेश्वरय्या, सी.एन.अर.राि, डा.शकुं तिा देिी, नारायण मूर्णत जैसे ददग्गजों ने
िैज्ञालनक तथा प्रौद्ोलगकी के क्षेत्र में ऄपनी महत्तर ईपिलब्दयों से कनााटक को लिश्व पटि पर
ऄंदकत दकया है ।

8. कनााटक राज्य की श्रीिृलद्ध में दकस शासकों ने योगदान ददया है ?


Ans: कृ ष्णदेिराय, मदकठरनायक, रानी ऄब्बक्का देिी, दकत्तुरु चेन्नम्मा, टीपू सुल्तान,
अददिशाह जैसे शासकों ने कनााटक राज्य की श्रीिृलद्ध में ऄपना महत्िपूणा योगदान ददया है ।

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16. बािशलि (िघु नाठटका) जगतराम अया

ऄनुरूपता प्रश्न
1. कनााटक संपदा : लनबंध :: बािलश्ि : िघू नाठटका
2. टोिी का नाम : बािलश्ि :: टोिी का नायक : मोहन
3. बसंत : इमान :: रामू : बेइमान

I. एक िाक्य में ईत्तर लिखना :


1. हमें ऄच्िे अदतें दकस ईम्र में डािनी है ? June-2019
Ans: हमें ऄच्िे अदतें बारह साि से नीचे की ईम्र में डािनी है ।
2.रामू और श्यामू क्या खेि रहे थे ?
Ans: रामू और श्यामू कं चे खेि रहे थे ।
3. खेि में सदा बेइमानी करनेिािा कौन था ?
Ans: खेि में सदा बेइमानी करनेिािा रामू था ।
4. गलणत लिषय का गृह-काया दकसने नहीं दकया था ?
Ans: गलणत लिषय का गृह-काया रामू ने नहीं दकया था ।
5. बािशलि टोिी का मुलखया कौन था ?
Ans: मोहन बािशलि टोिी का मुलखया था ।
6. बािशलि टोिी को आनाम में दकतने रुपये लमिे ?
Ans: बािशलि टोिी को आनाम में पााँच हजार रुपये लमिे ।

II. दो-तीन िाक्यों में ईत्तर लिखना :

1. बािशलि टोिी ने गााँि की सफाइ के लिए क्या-क्या काम दकया ? April-2018


OR गााँि की सफाइ के लिए बािक क्या काम करते हैं ? June-2018
OR ’बािशि’ पाि के ऄनुसार िात्रों की टोिी का कताव्य क्या था ?
OR बािशलि की टोिी ने गााँि का ईद्धार कै से दकया ?

Ans: लनयलमत रूप से स्कू ि नहीं जाते ईन पर ध्यान देना, गााँि के गड्ढों को लमठट्ट से
ढााँपना, स्कू ि के पठरसर को स्िच्ि रखना,गााँि की गंदगी को दूर करना, गााँिों के चारों ओर पेड
िगाना, गााँि का कू डा एक लनलिंत जगह पर डािना, परस्पर सहयोग से िातािरण स्िच्ि
रखना अदद (काम दकया।)(काम करते हैं ।)(टोिी का कताव्य था ।)(स्िच्ि रखकर ईद्धार दकया ।

2. अप गााँि को ’अदशा गााँि’ कै से बना सकते हैं ? April-2019

Ans: गााँि के गड्ढों को लमठट्ट से ढााँपना चालहए । गााँि की गंदगी को दूर करना चालहए ।
स्कू ि के पठरसर को स्िच्ि रखना चालहए । गााँिों के चारों ओर पेड िगाना चालहए । गााँि का
कू डा एक लनलिंत जगह पर डािना चालहए । परस्पर सहयोग से िातािरण स्िच्ि रखना
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चालहए । आन ऄंशों िारा गााँि को ’अदशा गााँि’ बना सकते हैं ।


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3. रामू में कौन-कौन-सी बुरी अदतें थीं ?
Ans: रामू में, खेि में बेइमानी करना, गृह-काया नहीं करना, लनयलमत रूप से स्कू ि
नहीं जाना जैसी बुरी अदतें थीं ।

4. बच्चों की बडाइ में किेक्टर साहब ने क्या कहा ?


OR किेक्टर साहब ने बािशलि की तारीफ कै से की ? April-2016
OR किेक्टर साहब ने बािशलि टोिी की तारीफ क्यों की ?
OR किेक्टर साहब ने बािशलि टोिी की प्रशंसा क्यों की ? बताआए । ? June-2020
OR किेक्टर साहब ने बािशलि बच्चों की प्रशंसा क्यो करते हैं ?
Ans: किेक्टर साहब ने कहा- आस गााँि और स्कू ि के िातािरण को साफ-सुथरा देखकर
मुझे हार्ददक प्रसन्नता हुइ है । गााँि को एक नया जीिन प्रधान दकया गया है । आन बच्चों की
लजतनी बडाइ की जाए ईतनी ही थोडी है । बाि-शलि के कारण अपका गााँि एक अदशा गााँि
बन गया है ।

5. मोहन, पााँच हजार रुपये लमिने पर क्या कहता है ?


Ans: मोहन ने कहा – ये रुपये हम प्रधानाध्यापक जी को देंगे । आस स्कू ि के
पुस्तकािय में गरीब बच्चों के लिए पुस्तकों का प्रबंध करें गे ।

17.कोलशश करने िािों की कभी हार नहीं होती

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{ पद् भाग पूणा करना }

कलिता का नाम : कोलशश करने िािों की हार नहीं होती


कलि का नाम : सोहनिाि लििेदी
April-2020 Sept-2020 April-2022 June- 2022

ऄसफिता एक चुनौती है, आसे स्िीकार करो,


क्या कमी रह गइ, देखो और सुधार करो ।

जब तक न सफि हो, नींद चैन को त्यागो तुम,


संघशा का मैदान िोडकर मत भागो तुम ।

कु ि दकए लबना ही जय-जयकार नहीं होती,


कोशीश करनेिािों की कभी हार नहीं होती ।

---- सोहनिाि लििेदी

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1.शलनः सबसे सुद
ं र ग्रह
1. शलन सबसे सुंदर ग्रह है । कै से ? April-2019
OR सौरमंडि का सिाालधक सुद
ं र ग्रह कौनसा है ? और क्यों ?
OR शलन ग्रह सौरमंडि का ऄत्यंत खूबसूरत ग्रह है । कै से ? June-2020
OR शलन को सौरमंडि का ऄत्यंत सुंदर ग्रह क्यों कहा जाता है ? June-2022
OR शलन सौरमंडि का सिाालधक सुंदर ग्रह है । कै से ? April-2022

Ans: शलन सौरमंडि का सिाालधक सुंदर ग्रह है । शलन ग्रह के चारों ओर ििय (गोिे)
ददखाइ देते हैं । प्रकृ लत ने आस ग्रह को हार के रूप में ििय ददया है । आन िियों के कारण ही
शलन सुंदर ि मनोहर ग्रह माना गया है ।

2. शलन दकसका पुत्र है ? शनैःचर का ऄथा क्या होता है ? April-2015

Ans: शलन सुया का पुत्र है । शनैःचर का ऄथा होता है-ऄत्यंत धीमी गलत से चिनेिािा होता है ।

3. शनैःचर का ऄथा क्या होता है ? शलन ग्रह का नाम ऐसा क्यों पडा ? April-2016.
OR शलन ग्रह को शनैःचर क्यों कहते हैं ? June-2018
Ans: शनैःचर का ऄथा होता है - ऄत्यंत धीमी गलत से चिनेिािा होता है । आसलिए
दक अकाश के गोिे पर यह ग्रह बहुत धीमी गलत से चिता ददखाइ देता है । यह करीब तीस
िषो में सूया का एक चक्कर िगाता है ।

4. शनैःचर का ऄथा क्या है ? April-2020


Ans: शनैःचर का ऄथा होता है - ऄत्यंत धीमी गलत से चिनेिािा । अकाश के गोिे
पर शलन ग्रह बहुत धीमी गलत से चिता लगखाइ देता है । यह ग्रह करीब तीस िषों में सूया का
एक चक्कर िागाता है ।

5. शलन ग्रह का लनमााण दकस प्रकार हुअ है ? June-2015


OR शलन ग्रह का िायुमड
ं ि दकन गैसों से बना है ? April-2018
OR शलन का िायुमड
ं ि कै से बना है ? June-2019
Ans: शलन ग्रह का िायुमंडि हाआड्रोजन, हीलियम, मीथेन और एमोलनया गैसों से बना है ।

6. शलन ग्रह एक ऄत्यंत िं डा ग्रह है । कै से ? June-2016. June-2017 April-2022


OR शलन ग्रह को िं डा ग्रह क्यों माना जाता है ? April-2017
OR शलन ग्रह को ऄत्यंत िं डा ग्रह क्यों कहा जाता है ? June-2019
Ans: शलन ग्रह सूया से ऄलधक दूर है, आसलिए बहुत कम सूयाताप ईस ग्रह तक
पहुाँचता है । शलन के िायुमंडि का तापमान शून्य के नीचे 150* सेंटीग्रेड के असपास रहता है ।
आसलिए शलन ग्रह को ऄत्यंत िं डा ग्रह कहा जाता है ।
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7. सौरमंडि में शलन का स्थान क्या है ? April-2018
OR सौरमंडि का सबसे बडा ग्रह कौनसा है ? ईनमें शलन का स्थान क्या है ?
Ans: सौरमंडि का सबसे बडा ग्रह बृहस्पलत (गुरू ग्रह) है । ईनमें शलन का स्थान दूसरा है ।

8. टाआटन के बारे में लिलखए । June-2018


OR टाआटन का पठरचय दीलजए । JUNE-2022
OR टाआटन की लिशेषतां के बारे में लिलखए । Sept - 2020
OR शलन का ईपग्रह टाआटन के बारे में अप क्या जानते हैं ? April-2019

Ans: टाआटन, शलन का सबसे बडा ईपग्रह (चंद्र) है । यह सौर-मंडि का सिाालधक


महत्िपूणा और ददिचस्प ईपग्रह है । टाआटन हमारे चंद्र से भी काफी बडा है । आसका व्यास
5150 दकिोलमटर है । टाआतन की स्तह पर ऄंतठरक्ष यान को ईतारा जा सकता है ।

9. सूया से पृथ्िी और शलन का ऄंतर बताआये । April-2020


शलन ग्रह पृथ्िी से दकतना गुना बडा है ? शलन के गोिे का व्यास दकतना है ?
Ans: शलन ग्रह पृथ्िी से करीब 750 गुना बडा है । शलन के गोिे का व्यास 116 हजार
दकिोलमटर है ।

10. शलन की सतह पर ईतर पाना अदमी के लिए संभि नहीं है । क्यों ?
Ans: शलन की सतह पर ईतर पाना अदमी के लिए संभि नहीं है क्योंदक चंद्रमा,
मंगि या शुक् की तरह शलन के कें द्र भाग में िोस गुििी होनी चालहए ।
11. शलन ग्रह के बारे में िोगों का ऄंधलिश्वास क्या है ? June-2015
Ans: बाद के िोगों ने शनैःचर को ’सनीचर’ बना डािा । ’सनीचर’ का नाम िेते ही
ऄंधलिश्वालसयों की रूह कााँपने िगती है ।

2.सत्य की मलहमा

1. सत्य क्या होता है ? और ईसका रूप कै सा होता है ? April-2016


OR पाि के ऄनुसार सत्य का स्िरूप कै सा है ? April- 2020
OR सत्य के स्िरूप के बारे में िेखक के लिचार स्पि कीलजए । April-2022
Ans: सत्य ! बहुत ही भोिा-भिा, बहुत ही सीधा-साधा होता है । सत्य दृलि का
प्रलतहबब है, ज्ञान का प्रलतलिलप है, अत्मा की िाणी है । जो कु ि भी अाँखों से देखा, ईसे लबना
नमक-लमचा िगाए बोिना ही सत्य है ।

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2. शास्त्र में सत्य बोिने का तरीका कै से समझाया गया है ? April-2017 June-2017,2019
April-2022
OR सत्य के बारे में शास्त्र में क्या गया है ? June-2022
Ans:शास्त्र में सत्य के बारे में समझाया गया है दक ’सत्यं ब्रूयात, लप्रयं ब्रूयात, न ब्रूयात
सत्यमलप्रयम’ ऄथाात - ’सच बोिो जो दूसरों को लप्रय िगे,ऄलप्रय सत्य मत बोिो ।’

3. महात्मा गांधी जी का सत्य शलि के बारे में क्या कथन है ? April-2015


OR सत्य के बारे में महात्मा गांधी जी का क्या लिचार है ? April-2016
OR सत्य शलि के बारे में गांधी जी का सत्य कथन क्या है ? June-2015, April-2019
OR सत्य के बारे में महात्मा गांधीजी की क्या धारणा है ? Sept-2020
Ans: गांधी जी की सत्य के बारे में कथन है – “सत्य” एक लिशाि िृक्ष है । ईसका
लजतना अदार दकया जाता है, ईतने ही फि ईसमें िगते हैं । ईनका ऄंत नहीं होता ।

4. झूि बोिनेिािों की हाित कै सी होती है ? June-2018


OR झूि बोिने का पठरणाम क्या होता है ? June-17
OR झूि बोिने से क्या नुकसान होता ? April-18
OR झूि का सहारा िेने से क्या होता है ? June-2022
Ans: ऄपमालनत होना पडना है । व्यलि के लिकास के मागा में बाधक होता है ।
व्यलित्ि कुं ठित होता है । िोगों का ईस पर लिश्वास ईि जाता है । ईन्नलत िार बंद हो जाते हैं ।

5. राजा हठरिंंद्र की सत्यलनिा के बारे में बताआए । June-2016


Ans: राजा हठरिंंद्र की सत्यलनिा लिश्वलिख्यात है । ईन्हे सत्य के मागा पर चिते ऄनेक
कठिनाआयों का सामना करना पडा, िेदकन ईनकी कीर्णत अज भी सूरज की रोशनी से कम
प्रकाशमान नहीं है ।

6. झूि का सहरा िेने से क्या-क्या सहना पडता है ?


Ans: एक झूि सालबत करने के लिए हज़ारों झूि बोिने पडते हैं । और,कहीं पोि
खुिी,तो मुाँह कािा करना पडता है, ऄिमालनत होना पडता है ।

7. हमें सत्य बोिने और पािन करने का ऄभ्यास क्यों करना चालहए ?


Ans: सत्य की मलहमा ऄपार है । सत्य महान और परम शालिशािी है ।सत्य की नाि से
ही हम भिसागर का संतरण कर सकते हैं।सत्य िह लचनगारी है लजससे ऄसत्य पि भर में भस्म
हो जाता है ।ऄतः हमें हर लस्थलत में सत्य बोिने और पािन करने का ऄभ्यास करना चालहए ।

8. “संसार के महान व्यलियों ने सत्य का सहार लिया है” –सोदाहरण समझाआए ।


Ans: राजा हठरिंंद्र की सत्यलनिा लिश्वलिख्यात है । राजा दशारत ने सत्य िचन
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लनभाने के लिए ऄपने प्राण त्याग ददए । महात्मा गांधी जी ने सत्य की शलि से ही लिदेशी
शासन को झकझोर ददया ।
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3. नागठरक के कताव्य

1. मीना मेडम ने गमी की िु ठट्टयों में कौन-सा कायाक्म का अयोजन दकया ?


OR ददिसीय काया लशलबर में दकन-दकन कायाक्मों का अयोजन दकया गया था ? June-2020
Ans: मीना मेडम ने गमी की िु ठट्टयों में 15 ददिसीय एक कायालशलबर अयोलजत दकया । जैसे,
कलिता-िाचन,कलिता-रचना,नाटक-प्रदशान,संभाशण-कौशि,टेराकोटा गुलडया बनाना आत्यादद
|
2. मीना मेडम ने बच्चों को क्या संदेश ददया ? April-2018
OR मीना मेडम ने ऄंत में िात्रों को क्या संदेश ददया ? June-2018. April-2019
OR मीना मेडम ने ऄंत में िात्रों को क्या कहा ?
Ans: मीना मेडम ने बच्चों से कहा दक अज के बच्चे कि के नागठरक हैं । िात्रों ! अज
से, नहीं नहीं ; ऄब से ही आन कताव्यों का पािन करें । आससे अपके लहत के साथ-साथ देश का
कल्याण भी होगा ।
3. मीना मेडम के ऄनुसार देश का कल्याण कै से संभि है ?
Ans: अज के बच्चे कि के नागठरक हैं । लिद्ार्णथयों ! अज से, नहीं नहीं ; ऄब से ही
आन नागठरक कताव्यों का पािन करने से िात्रों के लहत के साथ-साथ देश का कल्याण भी होगा ।
4. नागठरक के कताव्य प्रलत ऄकु ि का क्या लिचार है ?
OR ऄकु ि ने मीना मेडम से क्या कहा ?
OR ऄकु ि के ऄनुसार हमें दकसका अदर करना चालहए ?
Ans: एक नागठरक हैलसयत से हमें ऄपने देश के राष्ट्रध्िज, राष्ट्रगान, राष्ट्रीय त्योहार
अदद का अदर करना चालहए ।
5.प्राकृ लतक संसाधनों के संरक्षण में सिमा ने क्या कहा ?
OR सिमा ने मेडम से क्या कहा ?
OR प्रकृ लत के बारे में सिमा की क्या लिचार है ?
Ans: प्रकृ लत हमारी माता है । आसलिए हमें प्राकृ लतक संसाधनों का ऄपव्यय करना
नहीं चालहए । ऄपने पयाािरण को स्िच्ि रखना भी हमारा दलयत्ि है ।
6. नीलिमा के ऄनुसार हमारे कताव्य क्या-क्या हैं ?
Ans: नीलिमा के ऄनुसार, देश के प्रलत गौरि का भाि रखना चालहए । देश की एकता
औए ऄखंडता को कायम रखना हमारा कताव्य है ।
7. ऄन्िर के ऄनुसार देशिालशयों के प्रलत कै से रहना चालहए ?
OR ऄन्िर ने मेडम से क्या कहा ?
Ans: समस्त देशिालशयों के प्रलत भाइचारे का भाि रखना और जालत, धमा, भाषा,
प्रदेश, िगा पर अधाठरत सभी भेद-भािों से दूर रहना चालहए ।
8. नागठरक के कोइ तीन कताव्य (लिलखए) बताआए । June-2019
OR देश के प्रलत हमारे कताव्यों के बारे में लिलखए ? April-2020
Ans: हमें ऄपने देश के राष्ट्रध्िज,राष्ट्रगान,राष्ट्रीय त्योहार अदद का अदर करना चालहए ।
हमें प्राकृ लतक संसाधनों का ऄपव्यय करना नहीं चालहए । देश के प्रलत गौरि का भाि रखना
चालहए । समस्त देशिालशयों के प्रलत भाइचारे का भाि रखना चालहए । सािाजलनक संपलत्त
को सुरलक्षत रखना चालहए । संलिधान के लनयमों का पािन करना चालहए ।

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कन्नड में ऄनुिाद लिखना

१. कि श्याम को चौक में दो-चार जरुरी चीजें खठरदने गया था । पंजाबी मेिाफरोशों की
दूकानें रास्ते में ही पडते हैं । एक दूकान पर बहुत ऄच्िे रं गदार, गुिाबी सेब सजे हुए नजर अये
। ನಿನ್ನೆ ಷಹಯಂಕಹಲ ಕನೇಲ಴ು ಅ಴ವಯಕ ಴ಷತುಗಳನತೆ ಖರೇದಿಷಲತ ಚೌಕಿನ ಕಡನಗನ ಸನೊಗಿದ್ನೆ. ಩ಂಜಹಬಿಗರ

ಸಣ್ಣಿನ ಄ಂಗಡಿಗಳು ರಷನು ಈದೆಕೊೂ ಆ಴ನ. ಑ಂದತ ಄ಂಗಡಿಯಲ್ಲಿ ಜನೊೇಡಿಸಿ ಆಟ್ಟ ಷತಂದರ ಗತಲಹಬಿ ಬಣ್ಿದ ಷನೇಬತ

ಸಣ್ತಿಗಳು ಕಂಡ಴ು.

२. िौंडा चार सेब िाया । दूकानदार ने तौिा, एक लिफाफे में रका और रुमाि में बााँधकर मुझे
दे ददया । मैंने चार अने ईसके हाथ में रखे ।
ಬಹಲಕ ನ್ಹಲತೂ ಷನೇಬತಸಣ್ತಿಗಳನತೆ ತಂದನತ. ಄ಂಗಡಿಯ಴ನತ ತೊಕ ಮಹಡಿ ಑ಂದತ ಕ಴ರನಲ್ಲಿ ಸಹಕಿ, ಕರ಴ಷರದಲ್ಲಿ

ಕಟ್ಟಟ ನನಗನ ಕನೊಟ್ಟನತ. ನ್ಹನತ ನ್ಹಲತೂ ಅಣನ ಸಣ್ ಄಴ನಿಗನ ಕನೊಟ್ನಟನತ.

३. दूकानदार ने जानबूझकर मेरे साथ धोखेबाजी का व्यिहार दकया । एक सेब सडा हुअ होता,
तो मैं ईसको क्षमा के योग्य समझता । सोचता, ईसकी लनगाह न पडी होगी ।
಄ಂಗಡಿಯ಴ನತ ತಿಳಿದತ ತಿಳಿದತ ನನ್ನೊೆಂದಿಗನ ಮೇಷದ ಴ಹಯಪಹರ ಮಹಡಿದನತ. ಯಹ಴ುದ್ನೊೇ ಑ಂದತ ಷನೇಬತ ಕನಟ್ಟಟದೆರನ

ನ್ಹನತ ಄಴ನನತೆ ಕ್ಷಮಿಷತತಿುದ್ನೆ. ಏಕನಂದರನ ಬಸತವಃ ಄಴ನ ಕಣ್ಣಿಗನ ಕಹಣ್ದ್ನೇ ಆರಬಸತದತ.

४. हम ईसे लगल्िू कहकर बुिाने िगे । मैंने फू ि रखने की हल्की डलिया में रुइ लबिाकर ईसे
तार से लखडकी पर िटका ददया ।
ನ್ಹ಴ು ಄ದಕನೂ ಗಿಲತಿ ಎಂದತ ಕರನಯಲಹರಂಭಿಸಿದ್ನ಴ು. ನ್ಹನತ ಸೊ಴ು ಆಡತ಴ ಸಗತರ ಕತಂಡದಲ್ಲಿ ಸತಿುಯನತೆ ಸಹಸಿ ಕೃತಕ

ಗೊಡನತೆ ನಿಮಿಿಸಿ ತಂತಿಯಂದ ಕಿಡಕಿಗನ ನ್ನೇತತ ಸಹಕಿದ್ನ.

५. लगिहठरयों की जीिन की ऄिलध दो िषा से ऄलधक नहीं होती, ऄतः लगल्िू की जीिन-यात्रा
का ऄंत अ ही गया । ददन भर ईसने न कु ि खाया, न िह बाहर गया ।
಄ಳಿಲತಗಳ ಜೇ಴ನ್ಹ಴ಧಿ ಕನೇ಴ಲ ಎರಡತ ಴ಶಿಗಳು. ಹೇಗಹಗಿ ಄ಳಿಲ್ಲನ ಜೇ಴ನದ ಄ಂತಿಮ ಯಹತ್ನರ ಬಂದ್ನೇ ಬಿಟ್ಟಟತತ.

ದಿನವೇಡಿ ಄ದತ ಏನತ ತಿನೆಲ್ಲಲಿ. ಸಹಗೊ ಸನೊರಗೊ ಸನೊೇಗಲ್ಲಲಿ.

६. पंजे िं डे हो रहे थे, िेलखका हीटर जिाकर ईसे ईष्णता देने का प्रयत्न दकया । परन्तु प्रभात
की प्रथम दकरण के साथ ही िह लचर लनद्रा में सो गया ।
಄ದರ ಕಹಲತಗಳು ತಣ್ಿಗಹಗತ್ನೊಡಗಿದ಴ು. ಲನೇಖಕಿ ಹೇಟ್ರ್ ಈರತಸಿ ಈಶಿತ್ನ ನಿೇಡತ಴ ಩ರಯತೆ ಮಹಡಿದಳು. ಅದರನ

ಷೊರ್ೇಿದಯದ ಩ರಥಮ ಕಿರಣ್ದ್ನೊಂದಿಗನ ಄ದತ ಚಿರ ನಿದ್ನರಗನ ಜಹರತತ.

७. मैं कइ बच्चों में से एक था, िंबे-चौडे ि सुंदर माता-लपता का िोटी कद-कािी का साधारण
ददखनेिािा बच्चा । हम िोग ऄपने पुश्तैनी घर में रहते थे ।
ನ್ಹನತ ಄ನ್ನೇಕ ಮಕೂಳಲ್ಲಿ ಑ಬಬ. ನ್ಹನತ ಎತುರ ಸಹಗೊ ಷತಂದರ ತಂದ್ನ-ತ್ಹಯಯ ಚಿಕೂ ಎತುರದ ಷಹದ್ಹರಣ್಴ಹಗಿ
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ಕಹಣ್ತ಴ ಬಹಲಕನ್ಹಗಿದ್ನೆ. ನ್ಹ಴ು ಩ುರಹತನ ಮನ್ನಯಲ್ಲಿ ಴ಹಷ ಮಹಡತತಿುದ್ನೆ಴ು.


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८. प्रलतलित लशि मंददर के कारण रामेश्वरम प्रलसद्ध तीथास्थि है । हमारे घर से दस लमनट का
पैदि रास्ता था । लजस आिाके में हम रहते थे, िह मुसलिम बहुि था ।
ವಖ್ಹಯತ ಶಿ಴ ಮಂದಿರದ ಕಹರಣ್ ರಹಮೇವವರಂ ಩ರಸಿದಧ ತಿೇಥಿಷಥಳ಴ಹಗಿದ್ನ. ನಮಮ ಮನಿಯಂದ ಕಹಲೆಡನಗನಯ ಮೊಲಕ

ಸತತು ನಿಮಿಶದಲ್ಲಿ ತಲತ಩ಬಸತದತ. ನ್ಹ಴ು ಬಸತ ಷಂಖ್ಹಯತ ಮತಸಿಿಮ್ ಒಣ್ಣಯಲ್ಲಿ ಴ಹಷ಴ಹಗಿದ್ನೆ಴ು.

९. रामेश्वरम मंददर के सबसे बडे पुजारी पक्षी िक्ष्मण शास्त्री मेरे लपताजी के ऄलभन्न लमत्र थे । िे
अध्यालत्मक मामिों पर चचााएाँ करते रहते ।
ರಹಮೇವವರಂ ಮಂದಿರದ ಩ರಮತಖ ಩ೂಜಹರಯಹದ ಩ಕ್ಷಿ ಲಕ್ಷಮಣ್ ವಹಸಿರರ಴ರತ ನನೆ ತಂದ್ನಯ ಅತಿೀಯ

ಗನಳನಯರಹಗಿದೆರತ. ಄಴ರತ ಅಧ್ಹಯತಿಮಕ ವಶಯದ ಮೇಲನ ಚಚನಿ ಮಹಡತತಿದೆರತ.

१०. ऄहमद जिािुिीन और ऄब्दुि किाम ऄंतरं ग के लमत्र थे । जिािुिीन किाम से करीबन
पंद्रह साि बडे थे । िे किाम को ’अजाद’ कहकर पुकारा करते थे ।
಄ಸಮದ್ ಜಲಹಲತದಿೆನ್ ಮತತು ಄ಬತೆಲ್ ಕಲಹಮ್ ಅತಿೀಯ ಗನಳನಯರಹಗಿದೆರತ. ಜಲಹಲತದಿೆನ್ ಕಲಹಮರಗಿಂತ 15 ಴ಶಿ

ದ್ನೊಡಡ಴ರಹಗಿದೆರತ. ಄಴ರತ ಕಲಹಮರನತೆ ಅಜಹದ್ ಎಂದತ ಕರನಯತತಿುದೆರತ.

११. रामेश्वरम में ऄखबारों के एकमात्र लितरक शम्सुिीन थे । ऄखबार पामबन से रामेश्वरम
स्टेशन पर सुबह की ट्रेन से अती थी । आस ऄखबार एजेंसी को िे ऄके िे ही चिाते थे ।
ವಮತುದಿೆೇನ ರಹಮವವರಂನಲ್ಲಿನ ಑ಬಬರನೇ ದಿನ಩ತಿರಕನಯ ವತಕರಹಗಿದೆರತ. ದಿನ಩ತಿರಕನಗಳು ಪಹಮಬನದಿಂದ ಬನಳಿಗನೆ ರನೈಲ್ಲನ

ಮೊಲಕ ರಹಮವವರಂಗನ ಬರತತಿುದೆ಴ು. ಇ ದಿನ಩ತಿರಕನಗಳ ಕಹಯಿಭಹರ಴ನತೆ ಄಴ರನೊಬಬರನೇ ನಿ಴ಿಹಷತತಿುದೆರತ.

१३. नहीं साहब, नहीं । यह तो भीख है । मैं भीख नहीं िूाँगा । अप ििनी िे िें ।
ಬನೇಡ ಷಹಸನಬರನ ಬನೇಡ. ಆದತ ಭಿೇಕ್ಷನಗನ ಷಮ. ನ್ಹನತ ಭಿೇಕ್ಷನ ತ್ನಗನದತಕನೊೇಳುು಴ುದಿಲಿ, ನಿ಴ು ಜರಡಿ(ಛಹಣ್ಣ)ಯನತೆ ಖರೇದಿಸಿಕನೊಳಿು.

१४. बसंत नोट भुनाने गया था, मगर जब भुनाकर िौट रहा था, तो मोटर के नीचे अ गया ।
मोटर ईसके उपर से लनकि गइ ।
ಬಷಂತನತ ಚಿಲಿರನ ಮಹಡಲತ ಸನೊೇಗಿದೆನತ. ಚಿಲಿರನ ಮಹಡಿಕನೊಂಡತ ಮರಳಿ ಬರತ಴ಹಗ ಴ಹಸನಕನೂ ಡಿಕಿೂ ಸನೊಡನದನತ. ಴ಹಸನ಴ು

಄಴ನ ಮೇಲ್ಲಂದ ಸಹದತ ಸನೊೇಯತತ.

१५. डाक्टर साहब ! जब तक मैं नहीं अता अप यहीं रहें, आसे बचाना होगा । बसंत गरीब है
पर आसमें एक दूिाभ गुण है, यह इमानदार है ।
ಡಹಕಟರ್ ಷಹಸನೇಬರನ ! ನ್ಹನತ ಎಲ್ಲಿಯ಴ರನಗನ ಬರತ಴ುದಿಲಿವೇ ಄ಲ್ಲಿಯ಴ರನಗನ ನಿೇ಴ು ಆಲನಿೇ ಆರ, ಆ಴ನನತೆ ಬದತಕಿಷಬನೇಕಹಗಿದ್ನ.

ಬಷಂತ ಬಡ಴ನ್ಹದರೊ ಆ಴ನಲ್ಲಿ ದೊಲಿಭ಴ಹದ ಪಹರಮಹಣ್ಣಕತನ಴ನಂಬ ಗತಣ್ವದ್ನ.

१६.अज का युग आं टरनेट युग है । आसका ऄसर बडे बूढों से िेकर िोटे बच्चों तक सब पर पडा है
। आं टरनेट लिश्वव्यापी कं प्यूटरों का नेटिका है ।
ಆಂದಿನ ಯತಗ ಄ಂತಜಹಿಲದ ಯತಗ಴ಹಗಿದ್ನ. ಆದರ ಩ರಭಹ಴಴ು ಚಿಕೂ ಮಕೂಳಿಂದ ಹಡಿದತ ಎಲಿ ಴ರ್ೇಮಹನದ಴ರ ಮೇಲನ

ಬಿೇರದ್ನ. ಄ಂತಜಹಿಲ಴ು ವವವ಴ಹಯಪಿ ಗಣ್ಕಯಂತರಗಳ ಜಹಲ಴ಹಗಿದ್ನ.

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१७. आं टरनेट िारा घर बैिे- बैिे खरीदारी कर सकते हैं । कोइ भी लबि भर सकते हैं । आससे
दूकान जाने और िाआन में घंटों खडे रहने का समय बच सकता है ।
಄ಂತಜಹಿಲದ ಮೊಲಕ ಮನ್ನಯಲ್ಲಿ ಕತಳಿತತಕನೊಂಡತ ಷಹಮಹನತಗಳನತೆ ಖರೇದಿಷಬಸತದತ. ಯಹ಴ುದ್ನೇ ಬಿಲತಿಗಳನತೆ

ಪಹ಴ತಿಷಬಸತದತ. ಹೇಗನ ಮಹಡತ಴ುದರಂದ ಄ಂಗಡಿಗನ ಸನೊೇಗತ಴ುದತ ತ಩ುು಴ುದರ ಜನೊತ್ನಗನ ಘಂಟ್ನಗಳ ಕಹಲ ಷರತಿ ಷಹಲ್ಲನಲ್ಲಿ

ನಿಲಿದ್ನಯರತ಴ುದರಂದ ಷಮಯದ ಈಳಿತ್ಹಯ ಅಗತತುದ್ನ.

१८.’िीलडयो कान्फरे न्स’ एक सभागार है । आसके िारा दूलनया के कइ देशों के पलतलनलधयों के


साथ चचाा कर सकते है। लिलभन्न देशों में रहनेिािे िोगों के साथ लिचार-लिलनमय कर सकते है
। ವಡಿರ್ೇ ಕಹನಫರನನ್ು ಑ಂದತ ಷಭಹಗಹರ಴ಹಗಿದ್ನ. ಆದರ ಮೊಲಕ ಩ರ಩ಂಚದ ಄ನ್ನೇಕ ದ್ನೇವಗಳ ಩ರತಿನಿಧಿಗಳನೄ ಂದಿಗನ ಚಚನಿ

ಮಹಡಬಸತದತ. ವಭಿನೆ ದ್ನೇವಗಳಲ್ಲಿ ಴ಹಷಮಹಡತ಴ ಜನರನೊಂದಿಗನ ವಚಹರಗಳನತೆ ವನಿಮಯ ಮಹಡಕನೊೇಳುಬಸತದತ.

१९. ’सोशि नेटिर्ककग’ एक क्ांलतकारी खोज है । फे सबुक, लट्िट्टर अदद आसके साआट्स हैं । आन
साआट्स के कारण देश-लिदेश के िोगों की रहन-सहन, िेश-भूषा, संकृलत, किा अदद का प्रभाि
हमारे समाज पर पड रहा है ।
‘ಷಹಮಹಜಕ ಜಹಲತ್ಹಣ್ಗಳು’ ಑ಂದತ ಕಹರಂತಿಕಹರ ಷಂವನೃೇಧನ್ನ. ಫನಷಬತಕ್, ಟ್ಟವಟ್ರ್, ಴ಹಟ್ುಅಪ್ ಮತಂತ್ಹದ ಄ನ್ನೇಕ

ತ್ಹಣ್ಗಳಹಗಿ಴ನ. ಇ ತ್ಹಣ್ಗಳ ಕಹರಣ್ ದ್ನೇವ-ವದ್ನೇವಗಳ ಜನರ ಬಹಳ-ಬದತಕತ, ಴ನೇವ-ಭೊಶಣ್, ಷಂಷೃತಿ ಮತತು

ಕಲನಗಳ ಩ರಭಹ಴಴ು ನಮಮ ಷಮಹಜದ ಮೇಲನ ಬಿೇರದ್ನ.

२०. इ-गिनेन्स िारा सरकार के सभी कामकाज का लििरण, ऄलभिेख, सरकारी अदेश अदद
को यथाित िोगों को सूलचत दकया जाता है । आससे प्राशासन पारदशी बन सकता है ।
ಆ-ಅಡಳಿತದ ಮೊಲಕ ಷರಕಹರದ ಎಲಿ ಕನೇಲಷ-ಕಹಯಿಗಳ ವ಴ರಣನ, ಮಹಹತಿಗಳು, ಷಕಹಿರ ಅದ್ನೇವಗಳನತೆ ಯಥಹ಴ತತು

ಜನರಗನ ತಿಳಿಷಬಸತದ್ಹಗಿದ್ನ. ಆದರಂದ ಅಡಳಿತ಴ು ಪಹರದಶಿಿಯಹಗತತುದ್ನ.

२१. आं टरनेट एक ओर िरदान है तो दूसरी ओर िह ऄलभशाप भी है । आसकी िजह से पैरसी,


बैंककग फ्राड, हैककग अदद बढ रही है । आससे बच्चे ऄनुपयुि और ऄनािश्यक जानकारी हालसि
कर रहे हैं ।
಄ಂತಜಹಿಲ಴ು ಑ಂದತ ಕಡನ ಴ರದ್ಹನ಴ಹದರನ ಆನ್ನೊೆಂದತ ಕಡನ ವಹ಩಴ೂ ಅಗಿದ್ನ. ಆದರಂದ ಕೃತಿಚೌಯಿ, ಬಹಯಂಕ್-

ಮೇಷತನ ಸಹಗೊ ಕಳುತನ ಸನಚಹಾಗತ್ನೊಡಗಿ಴ನ. ಄ಂತಜಹಿಲದ ಮೊಲಕ ಮಕೂಳು ಄ನತ಩ಯತಕು ಸಹಗೊ ಄ನ್ಹ಴ವಯಕ

ವಶಯಗಳ ಮಹಹತಿಯನತೆ ಩ಡನದತಕನೊಳುುತಿದ್ಹೆರನ.

२२. हम िोग आस शहर में इमान्दारों का सम्मेिन कर रहे हैं । अप देश के प्रलसद्ध इमानदार हैं
। हमारी प्राथाना है दक अप आस सम्मेिन का ईदघाटन करें ।
ನ್ಹ಴ುಗಳು ಇ ನಗರದಲ್ಲಿ ಪಹರಮಹಣ್ಣಕರ ಷಮೀಳನ಴ನತೆ ಅರ್ೇಜಸಿದ್ನೆೇ಴ನ. ನಿೇ಴ು ದ್ನೇವದ ಩ರಖ್ಹಯತ ಪಹರಮಹಣ್ಣಕ ಴ಯಕಿುಗಳು.

ತ್ಹ಴ು ಇ ಷಮೀಳನದ ಈದ್ಹಾಟ್ನ್ನ ಮಹಡಬನೇಕನಂದತ ತಮಮಲ್ಲಿ ವನಂತಿಸಿಕನೊೇಳುತ್ನುೇ಴ನ.


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२३. स्टेशन पर हठरशंकर परसाइ जी का खूब स्िागत हुअ । िगभग दस बडी फू ि-मािाएाँ
पहनायी गयीं । तब िे सोचते हैं, अस-पास मािी होता तो फू ि-मािाएाँ भी बेच िेता ।
ರನೈಲತ ನಿಲಹೆಣ್ದಲ್ಲಿ ಸರವಂಕರ ಩ರಷಹಯರ಴ರನತೆ ಷಹವಗತಿಸಿ ಬರಮಹಡಿಕನೊೇಳುಲಹಯತಿ. ಷರ-ಷತಮಹರತ ಸತ್ಹುರತ

ದ್ನೊಡಡದ್ಹದ ಸೊ-ಮಹಲನಗಳನತೆ ತ್ನೊೇಡಿಷಲಹಯತತ. ತ್ನೊೇಟ್ಟ ಸೊ-ಮಹಲನಯನತೆ ಕಂಡತ, ಸತಿುರದಲ್ಲಿ ಯಹರಹದರತ ಸೊ-

ಮಹರಹಟ್ ಮಹಡತ಴಴ರದೆರನ ಮಹರದರಹಯತತ ಎಂದತ ರ್ೇಚಿಸಿದರತ.

२४. सम्मेिन का ईदघाटन शानदार हुअ । हठरशंकर परसाइ जी िागभग एक घंटे तक भाषण
ददये । िे चप्पि पहनने गये तो, चप्पिें गायब थीं ।
ಷಮೀಳನದ ಈದ್ಹಾಟ್ನ್ನ ಴ನೈಭ಴ದಿಂದ ಜರತಗಿತತ. ಸರವಂಕರ ಩ರಷಹಯರ಴ರತ ಷರ-ಷತಮಹರತ ಑ಂದತ ಘಂಟ್ನಗಳ ಕಹಲ

ಭಹಶಣ್಴ನತೆ ಮಹಡಿದರತ. ಄಴ರತ ಚ಩ುಲ್ಲ ತ್ನೊೇಡಲತ ಸನೊೇದ್ಹಗ ನ್ನೊೇಡತತ್ಹುರನ, ಚ಩ುಲ್ಲಗಳನೇ ಮಹಯ಴ಹಗಿದೆ಴ು.

२५. “देलखए, चप्पिें एक जगह नहीं ईतारनी चालहए । एक चप्पि यहााँ ईताठरये, तो दूसरी दस
फीट दूर । तब चप्पिें चोरी नहीं होतीं ” ।
“ ನ್ನೊೇಡಿ, ಚ಩ುಲ್ಲಗಳನತೆ ಑ಂದ್ನೇ ಷಥಳದಲ್ಲಿ ಬಿಡಬಹರದತ. ಑ಂದತ ಚ಩ುಲ್ಲ ಆಲ್ಲಿ ಬಿಟ್ಟರನ, ಎರಡನ್ನೇ ಚ಩ುಲ್ಲ ಸತತು ಄ಡಿ ಄ಂತರದಲ್ಲಿ

ಬಿಡಬನೇಕತ. ಹೇಗನ ಮಹಡಿದ್ಹಗ ಚ಩ುಲ್ಲಗಳು ಕಳ಴ು ಅಗತ಴ುದಿಲಿ.”

२६. मंत्रीन ने कहा, परसाइ जी, गाडी अने में देर है । चलिये, स्िागत सलमलत के साथ ऄच्िे
होटि में भोजन हो जाये । ऄब तािा िगा देते हैं ।
಩ರಷಹಯರ಴ರನ, ರನೈಲತ-ಗಹಡಿ ಬರಲತ ಆನತೆ ತಡವದ್ನ ಎಂದತ ಮಂತಿರ ಸನೇಳಿದರತ. ನಡನಯರ, ಷಹವಗತ ಷಮಿತಿಯ಴ರನೊಂದಿಗನ

ಕೊಡಿಕನೊಂಡತ ಑ಳನುೇಯ ಈ಩ಗೃಸದಲ್ಲಿ ಉಟ್ ಮಹಡನೊೇಣ್. ಇ಴ಹಗ ಕನೊೇಣನಗನ ಕಿೇಲ್ಲಮಣ್ಣ ಸಹಕನೊೇಣ್.

२७. दोनों दोस्तो ने मकान बनाना चाहते थे । मकान कै से बनाते हैं आसके बारे में िे नहीं जानते
थे । आसलिए िे पशुं से पूि-ताि करने के लिए जंगि की ओर चि पडे ।
ಅನ್ನಯತ ಮನ್ನ ನಿಮಹಿಣ್ ಬಗನೆ ಗನಳನಯರಬಬರಗನ ಹೇಗನ ಸನೇಳಿತತ,ಗನಳನಯರಬಬರತ ಮನ್ನ ಕಟ್ಟಲತ ಬಯಸಿದರತ. ಄಴ರಗನ ಮನ್ನ

ಸನೇಗನ ನಿಮಿಿಷತತ್ಹುರನ ಎಂಬತದರ ಬಗನೆ ಄ರ಴ು ಆರಲ್ಲಲಿ. ಹೇಗಹಗಿ ಪಹರಣ್ಣಗಳಿಂದ ಕನೇಳಿ ತಿಳಿಯಲತ ಕಹಡಿನ ಕಡನಗನ ಸನೊರಟ್ತ

ನಿಂತರತ.

२८. हाथी ने माकान बनाने के बारे दोनों दोस्तों से कहा, लजतने मेरे पैर हैं, पेडों से आतने मोटे
और मजबूत िकडी के गोिे काट िो । अगे की बात तो मैं रत्ती-भर भी नहीं जानता । ಑ಂದತ ನನೆ

ಕಹಲತಗಳ ಸಹಗನೇ ಮರದಿಂದ ದ಩ುದ್ಹದ ಮತತು ಷದೃಡ಴ಹದ ಕಟ್ಟಟಗನ ತತಂಡತ ಕತುರಸಿಕನೊೇಳಿು. ಆದರ ಮತಂದಿನ ನಿಮಹಿಣ್ ಬಗನೆ

ನನಗನ ಷವಲು಴ೂ ಄ರ಴ು ಆಲಿ.

२९. सााँप ने माकान बनाने के बारे दोनों दोस्तों से कहा, जैसा मै हाँ, ऐसी ही पतिी और िंबी
िकडी काट िो । अगे की बात तो मैं रत्ती-भर भी नहीं जानता ।
ಷ಩ಿ಴ು ಮನ್ನ ನಿಮಹಿಣ್ ಬಗನೆ ಗನಳನಯರಬಬರಗನ ಹೇಗನ ಸನೇಳಿತತ, ನನೆ ಸಹಗನ ತ್ನಳು಴ಹದ ಮತತು ಈದೆ಴ಹದ ಮರದ

ಕನೊಂಬನಯನತೆ ಕತುರಸಿಕನೊೇಳಿು. ಆದರ ಮತಂದಿನ ನಿಮಹಿಣ್ ಬಗನೆ ನನಗನ ಷವಲು಴ೂ ಄ರ಴ು ಆಲಿ.

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३०. भैंस ने दोनों दोस्तों को ऄपने भैंसे का पंजर ददखाया । जैसे आस पंजर में चार पैरों पर
हलियााँ पडी है, ईसी तरह चार मोटे गोिे जमीन में गाडकर ईन पर पतिी और िंबी िकलडयों
से िप्पर का पंजर बना िो ।
ಎಮಮಯತ ಗನಳನಯರಬಬರಗನ ಕನೊೇಣ್ದ ಄ಸಿು಩ಂಜರ಴ನತೆ ತ್ನೊೇರಸಿತತ. ಇ ಄ಸಿು಩ಂಜರದಂತ್ನ, ನ್ಹಲತೂ ದ಩ುದ್ಹದ ಕಟ್ಟಟಗನ

ತತಂಡತಗಳನತೆ ನ್ನಲದಲ್ಲಿ ನ್ನಟ್ತಟ, ಄ದರ ಮೇಲನ ತ್ನಳು಴ಹದ ಮತತು ಈದೆ಴ಹದ ಮರದ ಕನೊಂಬನಯ ಸಂದರ ನಿಮಿಿಸಿಬನೇಕತ.

३१. मििी ने माकान बनाने के बारे दोनों दोस्तों से कहा, पेडों से बहुत-सी पलत्तयााँ तोड िो ।
मेरी पीि की पठट्टयों जैसी आन पलत्तयों को िप्पर पर जमा कर दो ।
ಮಿೇನತ ಮನ್ನ ನಿಮಹಿಣ್ ಬಗನೆ ಗನಳನಯರಬಬರಗನ ಹೇಗನ ಸನೇಳಿತತ, ಮರದಿಂದ ಬಸಳಶತಟ ಎಲನಗಳನತೆ ಸರದತಕನೊಂಡತ, ನನೆ

ಮೇಲಹಭಗದ ಩ಟ್ಟಟಯಂತ್ನ ಇ ಎಲನಗಳನತೆ ಸಂದರದ ಮೇಲನ ಸಹಸಿಕನೊೇಳಿು.

३२. साधोराम िषों से सक्सेना पठरिार में काम करता था । एक ददन चिती बस से लगरकर
ईसे खतरनाक चोट अ गइ । ईसे ऄस्पताि में भती कराना पडा ।
ಷಹಧ್ನೊೇರಹಮನತ ಄ನ್ನೇಕ ಴ಶಿಗಳಿಂದ ಷಕನುೇನ್ಹ ಕತಟ್ತಂಬದಲ್ಲಿ ಕನಲಷ ಮಹಡತತಿದೆನತ. ಑ಂದತ ದಿನ ಚಲ್ಲಷತತಿುರತ಴ ಬಸಿುನಿಂದ

ಬಿದೆ ಕಹರಣ್ ಄಴ನಿಗನ ಬಸಳ ಪನಟ್ಹಟಯತತ. ಄಴ನನತೆ ಅಷುತ್ನರಗನ ದ್ಹಖಲತ ಮಹಡಬನೇಕಹಯತತ.

३३. िषा २०३० के निंबर का महीना था । दफ्तर ऄभी खुिा ही था । एक रोबोट िैक्यूम
क्िीनर से दफ्तर के फशा को साफ कर रहा था ।
಄ದತ ನ಴ನಹಂಬರ್ ತಿಂಗಳಿನ 2030 ರ ಆಸಿವಯಹಗಿತತು. ಕಚನೇರಗಳು ಆಗಶನಟ ತ್ನೇರನದಿದೆ಴ು. ಑ಂದತ ರನೊೇಬನೊಟ್ ಴ಹಯಕೊಯಮ್

ಕಿಿೇನರ್ ಷಸಹಯದಿಂದ ಕಚನೇರಯ ನ್ನಲಸಹಷತ ಷವಚಛ ಮಹಡತತಿತತು.

३४. रोबोलनि रोबोट बहुत बुलद्धमान रोबोट था । िह नाती-पोतों का होमिका कराना, सुबह
नाश्ता करना, िोटे बच्चों को कहालनयााँ सुनाना अदद काम करता था । साथ ही िडा प्रोसेसर पर
काम साँभािता था ।
ರನೊೇಬನೊೇನಿಲ ರನೊೇಬನೊೇಟ್ ಄ತಿ ಬತದಿಧ಴ಂತ ರನೊೇಬನೊೇಟ್಴ಹಗಿತತು. ಄ದತ ಮಕೂಳ ಮನ್ನಗನಲಷ ಮಹಡತ಴ುದತ, ಮತಂಜಹನ್ನಯ

ಈ಩ಸಹರ ಮಹಡತ಴ುದತ, ಚಿಕೂ ಮಕೂಳಿಗನ ಕಥನ ಸನೇಳು಴ುದತ ಮತಂತ್ಹದ ಕನಲಷಗಳನತೆ ಮಹಡತತಿತತು. ಆದರ ಜನೊೇತ್ನಗನ ಴ಡಿ

ಪ್ರರಷನಷರ್ ಕನಲಷ಴ೂ ಮಹಡತತಿತತು.

३५.अआजक अलसमोि रोबोठटकी लनयमों के िैज्ञालनक िेखक हैं । रोबोट दकसी आं सान के
नुकसान का कारण न बने । साथ ही, दकसी भी आं सान की नौकरी को खतरा न पहुाँचे ।
ಅಯಜಕ್ ಅಸಿಮೇವ್ ರನೊೇಬನೊೇಟ್ ನಿಯಮದ ಲನೇಖಕರಹಗಿದೆರತ. ರನೊೇಬನೊೇಟ್ ಯಹ಴ುದ್ನೇ ಴ಯಕಿುಗನ ಸಹನಿ ಈಂಟ್ತ

ಮಹಡಬಹರದತ. ರನೊೇಬನೊೇಟ್ ಮನತಶಯನ ಈದ್ನೊಯೇಗಕನೂ ಄ಪಹಯ ತರಬಹರದತ.

३६. लबिेंद्री का जन्म एक साधारण पठरिार में हुअ था । लबिेंद्री पाि के लपता दकशनपाि
हसग और माता हंसादेइ नेगी थे । एिरे स्ट की चोटी पर चढनेिािी पहिी भारतीय मलहिा
होना का गौरि प्राप्त है ।
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ಬಿಛನೇಂದಿರಯ಴ರ ಜನಮ಴ು ಑ಂದತ ಷಹಧ್ಹರಣ್ ಕತಟ್ತಂಬದಲಹಿಗಿತತು. ಬಿಛನೇಂದಿರಯ಴ರ ತಂದ್ನ-ತ್ಹಯ ಸನಷರತ ಕಿವನಪಹಲ ಸಿಂಗ್
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ಮತತು ಸಂಷಹದ್ನೇವ ನ್ನೇಗಿ. ಆ಴ರತ ಎ಴ರನಸ್ಟಟ ಶಿಖರ಴ನ್ನೆೇರದ ಭಹರತದ ಩ರಥಮ ಮಹಳನ ಎಂಬ ಗೌರ಴ಕನೂ ಪಹತರರಹಗಿದ್ಹೆರನ.

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३७.लबिेंद्री को रोज पैदि चि कर स्कू ि जाना पडता था। लसिाइ करके पढाइ का खचा जुटायी
। ईन्होंने संस्कृ त में एम.ए तथा बी.एड तक की लशक्षा प्राप्त की ।
ಬಿಛನೇಂದಿರಯ಴ರಗನ ದಿನ್ಹಲೊ ಕಹಲೆಡಿಗನ ಮೊಲಕ ವಹಲನಗನ ಸನೊೇಗಬನೇಕಹಗಿತತು. ಸನೊಲ್ಲಗನ ಕನೇಲಷದ ಮೊಲಕ ಄ಭಹಯಷದ ಖಚತಿ

ಜಮ ಮಹಡತತಿದೆಳು. ಄಴ರತ ಷಂಷೃತ ವಶಯದಲ್ಲಿ ಎಮ್.ಎ. ಮತತು ಬಿ.ಆಡಿ.ದ ಴ರನಗನ ಶಿಕ್ಷಣ್ ಩ಡನದರತ.

३८. २३ मइ,१९८४ के ददन लबिेंद्री एिरे स्ट की चोटी पर खडी थी । बफा पर ऄपने माथे को
िगाकर िे सागरमाथे के ताज का चुंबन दकया । हनुमान चािीसा और दुगाा मााँ का लचत्र
लनकािा िोटी-सी पूजा करके आनको बफा में दबा ददया । ಬಿಛನೇಂದಿರಯ಴ರತ 23 ಮೇ 1984 ರಂದತ ಎ಴ರನಸ್ಟಟ

ಶಿಖರ಴ನ್ನೆೇರದರತ. ಮಂಜತಗಡನಡಗನ ತನೆ ಸಣನ ಸಚಿಾ ಹಮಹಲಯದ ತತದಿಯನತೆ ಚತಂಬಿಸಿದರತ. ಸನತಮಹನ ಚಹಲ್ಲಷಹ ಮತತು

ದತಗಹಿದ್ನೇವಯ ಩ೂಜನ ಮಹಡಿ ಮಂಜತಗಡನಡಯಲ್ಲಿ ಸತತತ ಸಹಕಿದರತ.

३९. कनााटक राज्य भारत देश का प्रगलतशीि राज्य है । यहााँ की अबादी िगभग िः करोड से
उपर है । कनााटक की प्राकृ लतक सुषमा नयन मनोहर है ।
ಕನ್ಹಿಟ್ಕ ರಹಜಯ಴ು ಭಹರತ ದ್ನೇವದ ಩ರಗತಿಶಿೇಲ ರಹಜಯ಴ಹಗಿದ್ನ. ಆಲ್ಲಿನ ಜನಷಂಖ್ನಯ ಷರಷತಮಹರತ ಅರತ ಕನೊೇಟ್ಟಗಿಂತ

಄ಧಿಕ಴ಹಗಿದ್ನ. ಕನ್ಹಿಟ್ಕದ ಩ರಕೃತಿ ಷೌಂದಯಿ಴ು ನಯನ ಮನ್ನೊೇಸರ಴ಹಗಿದ್ನ.

४०. कनााटक में कन्नड भाषा बोिी जाती है । आसकी राजधानी बेंगिूरु है । बेंगिूरु लशक्षा का ही
नहीं, बलल्क बडे-बडे ईद्ोग-धंधों का भी कें द्र है ।
ಕನ್ಹಿಟ್ಕದಲ್ಲಿ ಕನೆಡ ಭಹಶನ ಮಹತನ್ಹಡಲಹಗತತುದ್ನ. ಆದರ ರಹಜಧ್ಹನಿ ಬನಂಗಳೄರತ. ಬನಂಗಳೄರತ ಶಿಕ್ಷಣ್ ಷಂಷನಥಗಳ ಮತತು

ಬೃಸತ ಈದ್ನೊಯೇಗ-಴ಹಯಪಹರದ ಕನೇಂದರ಴ಹಗಿದ್ನ.

४१. कनााटक में चंदन के पेड लिपुि मात्रा में हैं । आसलिए कनााटक को चंदन का अगार कहते हैं
। यहााँ चंदन का तेि, साबुन तथा किाकृ लतयााँ भी बनायी जाती हैं ।
ಕನ್ಹಿಟ್ಕದಲ್ಲಿ ಶಿರೇಗಂಧದ ಮರಗಳು ಸನೇರಳ಴ಹಗಿ಴ನ. ಹೇಗಹಗಿ ಕನ್ಹಿಟ್ಕ಴ನತೆ ಶಿರೇಗಂಧದ ಬಿಡತ ಎಂದತ ಕರನಯತತ್ಹುರನ. ಆಲ್ಲಿ

ಶಿರೇಗಂಧದ ಎಣನಿ, ಷಹಬೊನತ ಸಹಗೊ ಕಲಹಕೃತಿಗಳನತೆ ತಯಹರಷಲಹಗತತುದ್ನ.

४२. कनााटक राज्य की लशल्पकिा ऄनोखी है । बादामी, ऐहोिे अदद मंददरों की लशल्पकिा
और िास्युकिा ऄद्भुत है । बेिूरु, हिेबीडु अदद मंददरों की पत्थर की मूर्णतयााँ सजीि िगती हैं ।
ಕನ್ಹಿಟ್ಕದ ರಹಜಯದ ಶಿಲು ಕಲನಯತ ವಶಿಶಟ಴ಹಗಿದ್ನ. ಬಹದ್ಹಮಿ. ಐಸನೊಳನ ಮಂದಿರದ ಶಿಲುಕಲನ ಮತತು ಴ಹಷತುಕಲನ

಄ದತಭತ಴ಹಗಿದ್ನ. ಬನೇಲೊರತ-ಸಳನೇಬಿಡತ ಮಂದಿರದ ಕಲ್ಲಿನ ಮೊತಿಿಗಳು ಷಜೇ಴ ಮೊತಿಿಗಳಹಗಿ಴ನ.

४२. श्रिणबेल्गोिा में ५७ फु ट उाँची गोमटेश्वर की एकलशिा प्रलतमा है, जो दूलनया को त्याग
और शांलत का संदेश दे रही है । लिजयपुरा के गोिगुंबज दक लहहस्पटरग गैिरी िास्तुकिा का
ऄलितीय दृिांत है । मैसूरु का राजमहि कनााटक के िैभि का प्रतीक है ।
ವರ಴ಣ್ಬನಳಗನೊೇಳದಲ್ಲಿರತ಴ 57 ಄ಡಿ ಎತುರವರತ಴ ಗನೊಮಮಟ್ನೇವವರ ಏಕಶಿೇಲಹ ಮೊತಿಿಯೊ ಜಗತಿುಗನ ತ್ಹಯಗ ಮತತು ವಹಂತಿಯ

ಷಂದ್ನೇವ ಷಹರತತಿದ್ನ. ವಜಯ಩ುರದ ಗನೊೇಳಗತಮಮಟ್ಟನ ವಹಷುರಂಗ್ ಗಹಯಲರಯತ ಴ಹಷತುಕಲನಗನ ಑ಂದತ ಄ದಿವತಿೇಯ

ಈದ್ಹಸರಣನಯಹಗಿದ್ನ. ಮೈಷೊರನ ಄ರಮನ್ನಯತ ಕನ್ಹಿಟ್ಕದ ಴ನೈಭ಴ದ ಩ರತಿೇಕ಴ಹಗಿದ್ನ.

46
४३. िचनकार बसिण्ण क्ांलतकारी समाज सुधारक थे । ऄक्कमहादेिी, ऄल्िमप्रभु, सिाज्ञ अदद
ऄपने िचनों िारा प्रेम, दया और धमा की सीख दी है । पुरंदरदास, कनकदास अदद कलियों ने
भलि,नीलत, सदाचार के गीत गाये हैं । ಴ಚನಕಹರ ಬಷ಴ಣ್ಿ ಕಹರಂತಿಕಹರ ಷಮಹಜ ಷತಧ್ಹರಕರಹಗದೆರತ.

಄ಕೂಮಸಹದ್ನೇವ, ಄ಲಿಮ಩ರಭತ ಮತತು ಷ಴ಿಜ್ಞ ತಮಮ ಴ಚನಗಳ ಮೊಲಕ ಪನರೇಮ, ದಯೆ ಸಹಗೊ ಧಮಿದ ಷಂದ್ನೇವ

ಷಹರದ್ಹೆರನ. ಩ುರಂದರದ್ಹಷ, ಕನಕದ್ಹಷ ಮತಂತ್ಹದ ಷಂತರತ ಭಕಿುಯ, ನಿೇತಿಯ ಸಹಡತಗಳನತೆ ನಸಹಡಿದ್ಹೆರನ.

४४. बािशलि टोिी का पहिा काम, जो लनयलमत रूप से स्कू ि नहीं जाते तथा पढाइ से जी
चुराते हैं, ईन पर ध्यान देना । दूसरा काम, स्कू ि के पठरसर को स्िच्ि रखना । तीसरा काया,
गााँि की गंदगी को दूर करना ।
ಬಹಲವಕಿು ತಂಡದ ಮದಲನ್ನೇಯ ಕನೇಲಷ, ಷರಯಹಗಿ ವಹಲನಗನ ಬರದ ಮತತು ಕಲ್ಲಕನಯಲ್ಲಿ ಹಂದತಳಿದ ವದ್ಹಯರ್ಥಿಗಳ ಮೇಲನ

ಗಮನ ಕನೊಡತ಴ುದತ. ಎರಡನ್ನೇಯ ಕಹಯಿ ವಹಲಹ ಮೈದ್ಹನ಴ನತೆ ಷವಚಛ಴ಹಗಿ ಆಟ್ತಟಕನೊೇಳುು಴ುದತ, ಮೊರನ್ನೇಯ ಕನಲಷ,

ಗಹರಮದ ಕನೊಳನಯನತೆ ದೊರತ ಮಹಡತ಴ುದತ.

४५. टोिी का ऄगिा काम था गााँि के गड्ढे को लमट्टी से ढााँपना । गााँि का कू डा एक लनलिंत
जगह पर डािना । गााँि को हरा-भरा रखाना तथा गााँि के चारों तरफ पेड-पौधे िगाना ।
ಬಹಲವಕಿು ತಂಡದ ಮತಂದಿನ ಕಹಯಿ಴ು ಗಹರಮದಲ್ಲಿರತ಴ ಗತಂಡಿಗಳನತೆ ಮಣ್ಣಿನಿಂದ ಮತಚತಾ಴ುದತ. ಉರನ ಕಷ಴ನತೆ ಑ಂದತ

ನಿಶಿಾತ ಷಥಳದಲ್ಲಿ ಸಹಕತ಴ುದತ. ಗಹರಮದ ಷತತುಮತತು ಗಿಡ-ಮರಗಳನತೆ ನ್ನಟ್ತಟ ಉರನತೆ ಸಚತಾ-ಸಸಿರನ್ಹೆಗಿಷತ಴ುದತ.

४६. गााँि को साफ-सुथरा देखकर मुझे हार्ददक प्रसन्नता हुइ है । गााँि को एक नया जीिन प्रधान
दकया है । आन बच्चों की लजतनी बडाइ की जाए ईतनी ही थोडी है ।
ಷವಚಛ-ಷತಂದರ಴ಹದ ಗಹರಮ಴ನತೆ ನ್ನೊೇಡಿ ನನಗನ ಬಸಳ ಷಂತ್ನೊೇಶ಴ಹಯತತ. ಗಹರಮಕನೂ ಸನೊಷ ಜೇ಴ ನಿೇಡಲಹಗಿದ್ನ. ಆಂತಸ

ಮಕೂಳನತೆ ಎಶತಟ ಸನೊಗಳಿದರತ ಕಡಿಮ ಎನಿಷತ಴ುದತ.

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ऄपठित गद्ांश {सोदाहरण Ex}

1. मैं पृथ्िी हाँ । मैं सभी जीि का पािन-पोषण करती हाँ । मैं मानि समाज के लिए भोजन,
िस्त्र, हिा, पानी अदद सभी कु ि ईपिब्ध कराती हाँ । मुझे ’ िसुधा ’ भी कहते हैं ।अप जानते हैं
क्यों ? िसुधा का ऄथा है – धन और िन को धारण करने िािी । मैं रत्नगभाा हाँ । मुझसे ही
अपको लिलिध प्रकार के रत्न, जैसे लहरा-मालणका और खलनज पदाथा जैसे- िोहा, सोना, चााँदी
अदद प्राप्त होते हैं । मैं सौरमंडि की प्रमुख सदस्या हाँ । िैज्ञालनक कहते हैं दक मैं सूया से ही
ऄिग हुइ हाँ । िगभग दस खरब िषा पूिा मैं सूया से ऄिग होकर ईसके आदा -लगदा घूमने िगी । ईस
समय तो मैं अग का एक धधकता हुअ गोिा थी, गरम गैस और धूएाँ से भरा एक हपड । ईसी
समय मेरा एक टु कडा टू टकर चंद्रमा बना ।

क) पृथ्िी को रत्नगभाा क्यों कहते हैं ?


ख) िसुधा के टु कडे से क्या बना ?
ग) पृथ्िी मानि के लिए क्या ईपिब्ध कराती है ?
घ) पृथ्िी को ’ िसुधा ’ क्यों कहते हैं ?

2. हमारी धरती ने बापू को जन्म ददया । दकन्तु आसका यह सौभाग्य न हुअ दक जो महापुरुष
देश की बेलडयााँ काटे और देश की प्रलतिा को संसार में उचााँ िे जाये, िह ऄपने िारा
प्रलतिालपत स्ितंत्र राष्ट्र में जीलित रहकर लिश्वशांलत और लिश्वबंधुत्ि का ऄपना सपना पूरा कर
सके । महात्माजी को आससे ऄच्िी मृत्यु और क्या लमि सकती थी दक मानिता की रक्षा करते
हुए ईन्होने ऄपने प्राण ददये ।

क) महात्माजी ने हमारे लिए क्या दकया ?


ख) बापू की मृत्यु कै से हुइ ?
ग) बापू की सपना क्या था ?
घ) हमारी पृथ्िी ने दकसको जन्म ददया ?

3. सामालजक प्राणी होने के नाते मनुष्य के लिए यह संभि नहीं है दक िह लबन दकसी साहचया
ऄथिा मैत्री के जीिनयापन करे । मानि जगत के बीच लमत्रों और शत्रों के मध्य जीना ही सच्चा
जीिन है । िास्तलिक लमत्रता एक ऄमूल्य रत्न है , क्योंदक सहज ईपिब्ध होनेिािी ऄथिा
बाजार में लबकनेिािी िस्तु नहीं है । मानि आलतहास में िोग लमत्रों के लिए ऄपने प्राण तक
न्योिािर करते पाए गए हैं । लनिंय ही,लमत्रता एक संपदा है, जीिन की एक ऄनूिी ईपिलब्ध
है ।

क) सच्चा जीिन क्या है ?


ख) मनुष्य कै सा प्राणी है ?
ग) िास्तलिक लमत्रता क्यों ऄमूल्य है ?
घ) लमत्रता क्या है ?
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व्याकरण

1. लिराम लिह्न

ÌuÉUÉqÉ ÍcÉ»û MüÉ


¢üxÉÇ ÍcÉ»û mÉëzlÉ ÌuÉkÉÉ:-
lÉÉqÉ
1.qÉÉåOûU ExÉMåü FmÉU xÉå ÌlÉMüsÉ aÉD ! 2018 eÉÔlÉ
1 AsmÉ ÌuÉUÉqÉ , २०२० mÉÔhÉï ÌuÉUÉqÉ, mÉëzlÉ ÍcÉ»û,
rÉÉåeÉMü ÍcÉ»û, ÌuÉxqÉrÉÉÌS oÉÉåkÉMü

2 AkÉï ÌuÉUÉqÉ ; 2.YrÉÉ iÉÑqÉ jÉMü aÉD WûÉå 2018 AmÉëæsÉ


mÉÔhÉï ÌuÉUÉqÉ, mÉëzlÉ ÍcÉ»û, rÉÉåeÉMü ÍcÉ»û, AsmÉ ÌuÉUÉqÉ |

3 mÉÔhÉï ÌuÉUÉqÉ | 3. ÌMüiÉÉoÉ MüWûÉÆ Wæû 2017 AmÉëæsÉ


mÉÔhÉï ÌuÉUÉqÉ, mÉëzlÉ ÍcÉ»û, rÉÉåeÉMü ÍcÉ»û, ÌuÉxqÉrÉÉÌS oÉÉåkÉMü
|
4 mÉëzlÉ ÍcÉ»û ?
4. mÉÇ UeÉÌMüzÉÉåU MüWûÉð UWûiÉå WæÇû ? 2017 eÉÔlÉ
mÉÔhÉï ÌuÉUÉqÉ, mÉëzlÉ ÍcÉ»û, rÉÉåeÉMü ÍcÉ»û, AsmÉ ÌuÉUÉqÉ |
5 ÌuÉxqÉrÉÉÌSoÉÉåkÉMü !
5. आसके बाद क्या करना पडेगा २०१९ अप्रैल
पूणा लिराम, ऄल्प लिराम, योजक लचन्ह, प्रश्निाचक
6 rÉÉåeÉMü ÍcÉ»û _
लचन्ह

6. कहााँ चोट िगी है ? जून २०१९


7 E®UhÉ ÍcÉ»û “” „‟
mÉÔhÉï ÌuÉUÉqÉ, mÉëzlÉ ÍcÉ»û, rÉÉåeÉMü ÍcÉ»û, AsmÉ ÌuÉUÉqÉ |

8 MüÉå¸Mü ÍcÉ»û ( ) ७. हाथी भाइ, हम िोग मकान बनाना चाहते हैं ।


ईपयुाि िाक्य प्रयुि लिराम लचह्न है । २०२०
एलप्रि
9 ÌuÉuÉUhÉ ÍcÉ»û :- : पूणा लिराम, ऄल्प लिराम, योजक लचन्ह, प्रश्निाचक
लचन्ह
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¢ü,
MüÉUMü MüÉUMü ÍcÉ»û MüÉrÉï ESÉWûUhÉ
xÉÇ

1 MüiÉÉï MüÉUMü lÉå Ì¢ürÉÉ MüÉå MüUlÉåuÉÉsÉÉ WûÉå SÕMüÉlÉSÉU lÉå iÉUÉeÉÔ EPûÉrÉÉ

UÉqÉ lÉå cÉÉåU MüÉå mÉMüQûÉ


ÎeÉxÉ mÉU Ì¢ürÉÉ MüÉ mÉëpÉÉuÉ
2 MüqÉï MüÉUMü MüÉå दोस्तो ने सांप को रोका
WûÉå

UÉqÉ MüsÉqÉ xÉå mÉ§É ÍsÉZÉÉ


3 MüUhÉ MüÉUMü xÉå ÎeÉxÉ xÉÉkÉlÉ xÉå Ì¢ürÉÉ WûÉå
CÇOûUlÉåOû xÉå xÉcÉåiÉ UWûlÉÉ

4 xÉÇmÉëSÉlÉ MüÉUMü Måü ÍsÉL , ÎeÉxÉ Måü ÍsÉL Ì¢ürÉÉ WûÉå lÉÉziÉÉ MüUlÉå Måü ÍsÉL xÉåoÉ EPûÉrÉÉ

5 AmÉÉSlÉÉ xÉå ÎeÉxÉxÉå AsÉaÉ WûÉå mÉåQû xÉå TÔüsÉ ÌaÉUÉ,

Ì¢ürÉÉ xÉå xÉÇoÉÇkÉ WûÉå OûÉåqÉÉOûÉå pÉÉåeÉlÉ MüÉ AÇaÉ Wæû


6 xÉÇoÉÇkÉ MüÉUMü MüÉ,Måü, MüÐ (MülÉÉïOûMü UÉerÉ MüÉ zÉÌlÉ xÉÔrÉï MüÉ mÉÑ§É Wæû
ÍzÉsmÉMüsÉÉ AlÉÉåZÉÏ Wæû) दशरत के चार पुत्र थे ।

किाम जी का जन्म रामेश्वरं में हुअ


Ì¢ürÉÉ MüÉ xjÉÉlÉ mÉëMüOû WûÉå
7 AÍkÉMüUhÉ qÉåÇ,mÉU ÌaÉssÉ xÉÑUÉWûÏ mÉU sÉåOû eÉÉiÉÉ jÉÉ
AÉxÉqÉÉlÉ qÉåÇ iÉÉUå cÉlÉMüiÉå WæÇû|
भारत में नारी का स्तान पूजलनयहै

AUå,Wåû,WûÉå,uÉÉ AUå ! rÉWû YrÉÉ WÒûAÉ,


8 xÉÇoÉÉåkÉlÉ MüÉUMü mÉÑMüÉUlÉå MüÉ pÉÉuÉ mÉëMüOû WûÉå

50
3. हिग

mÉÑÎssÉÇaÉ - x§ÉÏÍsÉÇaÉ mÉÑÎssÉÇaÉ - x§ÉÏÍsÉÇaÉ mÉÑÎssÉÇaÉ - x§ÉÏÍsÉÇaÉ


1 NûÉ§É - NûɧÉÉ 14 oÉÉsÉMü-oÉÉÍsÉMüÉ 26 xÉÑlÉÉU-xÉÑlÉÉËUlÉ
2 AÉcÉÉrÉï - AÉcÉÉrÉÉï 15 xÉåuÉMü-xÉåÌuÉMüÉ 27 lÉÉD-lÉÉClÉ
3 ÍzÉwrÉ - ÍzÉwrÉÉ 16 sÉåZÉMü-sÉåÎZÉMüÉ 28 PûÉMÑüU-PûMÑüUÉClÉ
4 SÉiÉÉ - SɧÉÏ 17 AkrÉÉmÉMü-AkrÉÉÌmÉMüÉ 29 xÉåPû-xÉåPûÉlÉÏ
5 MÑü¨ÉÉ - MÑüÌiÉrÉÉ 18 aÉÉrÉMü-aÉÉÌrÉMüÉ 30 qÉÉsÉMü- qÉÉsÉÌMülÉ
6 pÉæÇxÉ -pÉæÇxÉÉ 19 lÉU-qÉÉSÉ 31 lÉÉæMüU-lÉÉæMüUÉlÉÏ
7 ´ÉÏqÉÉlÉ-´ÉÏqÉiÉÏ 20 qÉWûÉlÉ- qÉWûiÉÏ 32 zÉåU-zÉåUlÉÏ
8 pÉÉD-oÉWûlÉ 21 mÉÑÂwÉ-qÉÌWûsÉÉ 33 qÉÉåU- qÉÉåUlÉÏ
9 AÉSqÉÏ-AÉæUiÉ 22 ÌmÉiÉÉ-qÉÉiÉÉ 34 qÉrÉÔU-qÉrÉÔUÏ
10 oÉåOûÉ-oÉåOûÏ 23 lÉÉlÉÉ-lÉÉlÉÏ 35 WûÉjÉÏ-WûÉÍjÉlÉÏ
11 lÉÉiÉÉ-lÉÉiÉÏ 24 LMüÉMüÐ-LMüÉÌMülÉÏ 36 xuÉÉqÉÏ-xuÉÉÍqÉlÉÏ
12 mÉÉåiÉÉ-mÉÉåiÉÏ 25 pÉÉarÉuÉÉlÉ-pÉÉarÉuÉiÉÏ 37 lÉU ÌaÉsÉWûUÏ-qÉÉSÉ
ÌaÉsÉWUÏ

mÉëzlÉ ÌuÉkÉÉ:- 1) AÉSqÉÏ zÉoS MüÉ x§ÉÏÍsÉÇaÉ ÃmÉ Wæû ?


x§ÉÏ, lÉÉUÏ, qÉÌWûsÉÉ, AÉæUiÉ. | 2018 eÉÔlÉ

2) ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ x§ÉÏÍsÉÇaÉ zoS Wæû ?


ÍpÉZÉÉUÏ, MüÌuÉ, rÉÑuÉiÉÏ, mÉÌiÉ. | 2017-eÉÔlÉ

3) ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ xÉå mÉÑÎssÉÇaÉ zoS Wæû ?


qÉÉåUlÉÏ, WûÉjÉÏ, aÉÉrÉ, pÉæÇxÉ | 2018-AmÉëæsÉ

4) ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ xÉå x§ÉÏÍsÉÇaÉ zoS Wæû ?


ÍsÉÎZÉMüÉ, lÉÉæMüU, ÍpÉZÉÉUÏ, oÉÉsÉMü. | 2017 AmÉëæsÉ

5) बेटा का ऄन्य हिग है २०१९ ऄप्रैि


सुत, बेटी, िात्रा, पुत्र

६) ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ x§ÉÏÍsÉÇaÉ zoS Wæû ? जून २०१९


हाथी, अदमी, बहन, शेर
51
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51 | P a g e
4. वचन

LMü uÉcÉlÉ-oÉWÒû uÉcÉlÉ LMü uÉcÉlÉ-oÉWÒû uÉcÉlÉ LMü uÉcÉlÉ-oÉWÒû uÉcÉlÉ


लिफाफा – लिफाफे
lÉÉæMüÉ-lÉÉæMüÉLÆ
cÉÏeÉ -cÉÏeÉåÇ MüqÉïcÉÉUÏ-MüqÉïcÉÉËUrÉÉð
aÉÑTüÉ-aÉÑTüÉLÆ
UÉxiÉÉ -UÉxiÉåÇ urÉÉmÉÉUÏ-urÉÉmÉÉËUrÉÉð
Mü¤ÉÉ-Mü¤ÉÉLÆ
mÉæxÉÉ-mÉæxÉå UåuÉQûÏ-UåuÉÌQûrÉÉð
zÉÏzÉÉ-zÉÏzÉÉLÆ
ÂmÉrÉÉ-ÂmÉrÉå qÉÑiÉÏï-qÉÑÌiÉïrÉÉð
AÉÆZÉ-AÉÆZÉåÇ EmÉsÉoSÏ-EmÉsÉÎoSrÉÉð
bÉU-bÉU
SÕMüÉlÉ-SÕMüÉlÉåÇ xÉÇxMüiÉÏ-xÉÇxMÑüÌiÉrÉÉð
MÇümrÉÔOûU-MÇümrÉÔOûU
oÉŠÉ-oÉŠå eÉÉlÉMüÉUÏ-eÉÉlÉMüÉËUrÉÉð
mÉåQû-mÉåQû
MåüsÉÉ-MåüsÉå MüWûÉlÉÏ-MüWûÉÌlÉrÉÉð
sÉÉåaÉ-sÉÉåaÉ
mÉÑxiÉMü-mÉÑxiÉMåÇü lÉÏiÉÏ-lÉÏÌiÉrÉÉð
SÉåxiÉ-SÉåxiÉ
MÑü¨ÉÉ-MÑü¨Éå MÇümÉlÉÏ-MÇümÉÌlÉrÉÉð
rÉÑaÉ-rÉÑaÉ
MümÉQûÉ-MümÉQåû lÉÉæMüUÏ-lÉÉæMüËUrÉÉð
ËUziÉåSÉU-ËUziÉåSÉU
mÉUSÉ-mÉUSåÇ UxxÉÏ-UÎxxÉrÉÉð
MüqÉUÉ-MüqÉUå cÉÉåOûÏ-cÉÉåÌOûrÉÉð
MüÉæAÉ-MüÉæuÉå
cÉÉSU-cÉÉSUåÇ lÉÉiÉÏ-lÉÉÌiÉrÉÉð
ÌaÉsÉWûUÏ-ÌaÉsÉWûËUrÉÉð
MüÉåzÉÏzÉ-MüÉåzÉÏzÉåÇ qÉdsÉÏ-qÉNûÍsÉrÉÉð

mÉëzlÉ ÌuÉkÉÉ:-

1) lÉÏiÉÏ zÉoS MüÉ AlrÉ uÉcÉlÉ Wæû ? 2018 AmÉëæsÉ


ÌlÉiÉÏrÉÉð, lÉÉÌiÉrÉÉð, lÉÏÌiÉrÉÉð, ÌlÉÌiÉLÆ.
2) ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ oÉWÒûuÉcÉlÉ zÉoS Wæû? २०१८ जून
MüqÉUÉ, MümÉQåû, AÉÆZÉ, SÏuÉÉU. É
3) ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ xÉå oÉWÒûuÉcÉlÉ zÉoS Wæû?
ÍcÉ–ûÏ, MüqÉUÉ, ÌMüiÉÉoÉåÇ, eÉaÉWû. |
4) ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ xÉå oÉWÒûuÉcÉlÉ zÉoS Wæû?
दायरा, सड़क, रीलत, पुस्तकें । २०१९ अप्रैल
5) ननम्ननलखित में एक वचन श्ब्द ैै २०१९ जून
नकताबें, जानकाररयााँ, पैसे, कमरा
6) ननम्ननलखित में बहुवचन श्ब्द ैै २०१९ अप्रैल
दायरा, सडक, रीनत, पु स्तकें

52
5. प्रेरणाथाक दक्या शब्द

mÉëjÉqÉ Ì²iÉÏrÉ
Ì¢ürÉÉ mÉëzlÉ ÌuÉkÉÉ:-
mÉëåUhÉÉjÉïMü mÉëåUhÉÉjÉïMü

ÍsÉZÉlÉÉ ÍsÉZÉÉlÉÉ ÍsÉZÉuÉÉlÉÉ


ÍqÉsÉlÉÉ ÍqÉsÉÉlÉÉ ÍqÉsÉuÉÉlÉÉ 1. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ xÉå mÉëjÉqÉ mÉëåUhÉÉjÉïMü zÉoS
ÌaÉUlÉÉ ÌaÉUÉlÉÉ ÌaÉUuÉÉlÉÉ Wæû?
xÉÏZÉlÉÉ ÍxÉZÉÉlÉÉ ÍxÉZÉuÉÉlÉÉ sÉåZÉlÉ, ÍsÉZÉÉlÉÉ, ÍsÉZÉÉuÉOû, ÍsÉZÉÉD |
eÉÏiÉlÉÉ ÎeÉiÉÉlÉÉ ÎeÉiÉuÉÉlÉÉ
eÉÉaÉlÉÉ eÉaÉÉlÉÉ eÉaÉuÉÉlÉÉ 2. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ xÉå mÉëjÉqÉ mÉëåUhÉÉjÉïMü zÉoS
MüUlÉÉ MüUÉlÉÉ MüUuÉÉlÉÉ Wæû?
oÉlÉlÉÉ oÉlÉÉlÉÉ oÉlÉuÉÉlÉÉ PûWûUÉå, cÉRûlÉÉ, xÉÏZÉÉlÉÉ, ÍxÉZÉÉlÉÉ. | 2018A
sÉaÉlÉÉ sÉaÉÉlÉÉ sÉaÉuÉÉlÉÉ
cÉsÉlÉÉ cÉsÉÉlÉÉ cÉsÉuÉÉlÉÉ 3. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ xÉå mÉëjÉqÉ mÉëåUhÉÉjÉï zÉoS
mÉRûlÉÉ mÉRûÉlÉÉ mÉRûuÉÉlÉÉ Wæû?
EPûlÉÉ EPûÉlÉÉ EPûuÉÉlÉÉ mÉRûuÉÉlÉÉ, mÉRûÉD, mÉRûÉlÉÉ, mÉRû. | 2017A
EQûlÉÉ EQûÉlÉÉ EQûuÉÉlÉÉ
SåZÉlÉÉ ÌSZÉÉlÉÉ ÌSZÉuÉÉlÉÉ 4. “cÉsÉlÉÉ” zÉoS MüÉ mÉëjÉqÉ mÉëåUhÉÉjÉMü ÃmÉ
pÉåeÉlÉÉ ÍpÉeÉÉlÉÉ ÍpÉeÉuÉÉlÉÉ Wæû| cÉsÉ, cÉsÉÉuÉOû, cÉsÉÉå, cÉsÉÉlÉÉ |
ZÉåsÉlÉÉ ÎZÉsÉÉlÉÉ ÎZÉsÉuÉÉlÉÉ
qÉÉðaÉlÉÉ qÉðaÉÉlÉÉ qÉðaÉuÉÉlÉÉ 5. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ xÉå mÉëjÉqÉ mÉëåUhÉÉjÉï zÉoS
oÉÉðOûlÉÉ oÉðOûÉlÉÉ oÉðOûuÉÉlÉÉ Wæû?
qÉÉðfÉlÉÉ qÉðfÉÉlÉÉ qÉðfÉuÉÉlÉÉ पढाई, पढना, पढाना, पढवाना,२०१९
eÉÉðcÉlÉÉ eÉðcÉÉlÉÉ eÉðcÉuÉÉlÉÉ अप्रैल
xÉÉålÉÉ xÉÑsÉÉlÉÉ xÉÑsÉuÉÉlÉÉ
UÉålÉÉ ÂsÉÉlÉÉ ÂsÉuÉÉlÉÉ . ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ xÉå mÉëjÉqÉ mÉëåUhÉÉjÉï zÉoS
kÉÉålÉÉ kÉÑsÉÉlÉÉ kÉÑsÉuÉÉlÉÉ Wæû? २०१९ जून
mÉÏlÉÉ ÌmÉsÉÉlÉÉ ÌmÉsÉuÉÉlÉÉ - लिखािट, िेखन, लिखना, लिखाइ
xÉÏlÉÉ ÍxÉsÉÉlÉÉ ÍxÉsÉuÉÉlÉÉ
7. ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ xÉå mÉëjÉqÉ mÉëåUhÉÉjÉï दक्या
का zÉoS Wæû ? २०१९ ऄप्रैि
- पढाइ, पढना, पढाना, पढिाना
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7. लििोम शब्द

लनकट X दूर जीत X हार


शाम X सुबह अय X व्यय
भीतर X बाहर अज X कि
खठरदना X बेचना ऄंधकार X प्रकाश
ईत्तीणा X ऄनुत्तीणा िेना X देना
बहुत X कम अगे X पीिे
ईपयोग X ऄनुपयोग अना X जाना
ऄच्िा X बुरा ऄमृत X लिष
ईपलस्थलत X ऄनुपलस्थलत तोड X जोड
लशलक्षत X ऄलशलक्षत अधार X लनराधार
सहयोग X ऄसहयोग बढना X घटना
अिश्यक X ऄनािश्यक जय X पराजय
होश X बेहोश िरदान X ऄलभशाप
गरीब X ऄमीर परतंत्र X स्ितंत्र
इमान X बेइमान मुमदकन X
रात X ददन सफि X लिफि
खबर X बेखबर नामुमदकन
संदेह X लनसंदेह चि X ऄचि
चैन X बेचैन ईपयुि X ऄनुपयुि
साफ X गंदा अदर X ऄनादर
बििान X बिहीन सदुपयोग X दूरपयोग
बेइमान X इमान दयािान X दयाहीन
बुलद्धमान X बुलद्धहीन सिाि X जिाब
लिश्वास X ऄलिश्वास धन X लनधान
शलिमान X शलिहीन मुलश्कि X असान
सहयोग X ऄसहयोग जन X लनजान
अगमन X लनगामन काटना X जोडना
हानी X िाभ बि X लनबाि
अयात X लनयाात अरोहण X ऄिरोहण
पास X दूर गुण X लनगुाण
अदद X ऄंत चढना X ईतरना
गम X खुशी दया X लनदाया
लिलखत X ऄलिलखत सुंदर X कु रूप
सदाचार X दूराचार सज्जन X दुजान
लिदेश X स्िदेश

१) ’सदाचार’ का लििोम शब्द है । २०१९ जून


-- लनराचार, दुराचार, लिचार, समाचार
२) मुलश्कि शब्द का लििोम शब्द है । २०१९ ऄप्रैि
-- असान, असमान, कठिन, मुिायम
३) ऄच्िाइ शब्द का लििोम शब्द है । २०१८जून
-- बुराइ,भिाइ, ऄच्िो, सच्चाइ.
४) ऄमीर का शब्द का लििोम शब्द है । २०१८ ऄप्रैि
-- धलनक, भीखारी, गरीब, नौकर
५) पास शब्द का लििोम शब्द है । २०१७ ऄप्रैि
-- लनकट, दूर, अर-पार, चारों ओर,
६) ददन शब्द का लििोम शब्द है ।२०१७ जून
-- सुबह, प्रातःकाि, शाम, रात,

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8. संधी

xuÉU xÉÇÍkÉ
urÉÇeÉlÉ
SÏbÉï xÉÇÍkÉ aÉÑhÉ xÉÇÍkÉ uÉ×ή xÉÇÍkÉ rÉhÉ xÉÇÍkÉ ArÉÉSÏ ÌuÉxÉaÉï xÉÇÍkÉ
xÉÇÍkÉ
AÉ,D,F L ,AÉå,AU Lå ,AÉæ irÉ,luÉ,§É rÉ ,uÉ

SåuÉÉsÉrÉ aÉeÉåÇSì LMæüMü CirÉÉÌS lÉrÉlÉ xÉ‹lÉ AÇiÉaÉïiÉ


xÉÇaÉëÉsÉrÉ UqÉåzÉ xÉSæuÉ AirÉÇiÉ aÉÉrÉlÉ ÌSaaÉeÉ ÌlɶsÉ
सहानुभूलत qÉWåÇûSì qÉiÉæYrÉ xuÉÉaÉiÉ aÉÉrÉMü uÉÉaeÉsÉ ÌlÉxxÉÇSåWû
ÌuɱÉsÉrÉ aÉhÉåzÉ qÉWæûµÉrÉï qÉluÉÇiÉU cÉrÉlÉ EssÉÉxÉ SÒzÉÉxÉlÉ
MüuÉÏÇSì mÉUÉåmÉMüÉU mÉUqÉÉæwÉS xÉqÉluÉrÉ mÉuÉlÉ wÉQûÉlÉlÉ ÌlÉkÉïlÉ
ÌaÉUÏzÉ qÉWûÉåixÉuÉ uÉlÉÉæwÉS AluÉåwÉhÉ pÉuÉlÉ iÉssÉÏlÉ lÉqÉxiÉå
UeÉlÉÏzÉ uÉlÉÉåixÉuÉ qÉWûÉæwÉS ÌmɧÉÉ¥É mÉÉuÉMü ÌSaÉqoÉU AÇiÉÈMüUhÉ
sÉbÉÔ¨ÉU qÉWûÌwÉï SÇiÉÉæ¸ ÌmɧÉÑmÉSåzÉ pÉÉuÉMü eÉaÉSÏzÉ lÉqÉxMüÉU
pÉÔeÉÉï

mÉëzlÉ ÌuÉkÉÉ:-

1) „mÉUqÉÉæwÉS‟ zÉoS qÉåÇ xÉÇÍkÉ Wæû | 2018 AmÉëæsÉ


SÏbÉï xÉÇÍkÉ, uÉ×ή xÉÇÍkÉ, rÉhÉ xÉÇÍkÉ, aÉÑhÉ xÉÇÍkÉ |
2) „xÉÇaÉëÉsÉrÉ‟ zÉoS qÉåÇ xÉÇÍkÉ Wæû | 2017 eÉÔlÉ
SÏbÉï xÉÇÍkÉ, uÉ×ή xÉÇÍkÉ, rÉhÉ xÉÇÍkÉ, aÉÑhÉ xÉÇÍkÉ |
3) ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ xÉå „SÏbÉï xÉÇÍkÉ‟ MüÉ ESÉWûUhÉ Wæû | 2017 AmÉëæsÉ
AirÉÇiÉ, mÉUÉåmÉMüÉU, xÉSæuÉ, xÉÇaÉëÉsÉrÉ |
4) ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ xÉå „uÉ×ή xÉÇÍkÉ‟ MüÉ ESÉWûUhÉ Wæû | 2018 eÉÔlÉ
eÉsÉÉzÉrÉ, CirÉÉSÏ, qÉiÉæYrÉ, ÌSaaÉeÉ
5) ’महोत्सि” में संलध है ? २०१९ जून
SÏbÉï xÉÇÍkÉ, uÉ×ή xÉÇÍkÉ, rÉhÉ xÉÇÍkÉ, aÉÑhÉ xÉÇÍkÉ |
6) ’ऄत्यंत’ शद्ब में संलध है । २०१९ ऄप्रैि
SÏbÉï xÉÇÍkÉ, uÉ×ή xÉÇÍkÉ, rÉhÉ xÉÇÍkÉ, aÉÑhÉ xÉÇÍkÉ
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9. समास

AurÉrÉÏpÉÉuÉ iÉimÉÑÃwÉ MüqÉïkÉÉUrÉ Ì²aÉÑ ²Ç² oÉWÒûuÉëÏÌWû

AlÉÑ,AÉ,mÉëÌiÉ,pÉU, MüÉ,MüÉå,Måü ÍsÉL, Wæû eÉÉå, ÌaÉlÉiÉÏ rÉÉåeÉMü ÍcÉ»û SÉå mÉS ÍqÉsÉMüU
rÉjÉÉ,rÉÉuÉiÉ,WûU , MüÐ, qÉåÇ, mÉU, xÉå, Måü xÉqÉÉlÉ, (LMü,SÉå, (-) MüÉ ÌMüxÉÏ iÉÏxÉUåmÉS
AÉÌS MüÉ mÉërÉÉåaÉ AÉÌS MüÉ mÉërÉÉåaÉ AÉÌS MüÉ iÉÏlÉ, mÉërÉÉåaÉ MüÐ AÉåU xÉÇMåüiÉ
mÉërÉÉåaÉ xÉÉiÉ.......)
AÉÌS MüÉ
mÉërÉÉåaÉ
1 2 3 4 5 6
AÉeÉlqÉ aÉaÉlÉcÉÑÇoÉÏ cÉUhÉMüqÉsÉ Ì§ÉsÉÉåMü ÌSlÉ-UÉiÉ lÉÏsÉMüÇPû(ÍzÉuÉ)
oÉåZÉOûMåü pÉrÉÉMÑüsÉ qÉWûÉSåuÉ cÉÉæqÉÉxÉ mÉÉmÉ-mÉÑhrÉ SzÉÉlÉlÉ(UÉuÉhÉ)
pÉUmÉåOû xlÉÉlÉbÉU cÉÇSìqÉÑZÉ lÉuÉUɧÉÏ lÉSÏ-lÉÉsÉÉ sÉÇoÉÉåSU (aÉhÉåzÉ)
rÉjÉÉxÉÇpÉuÉ kÉlÉWûÏlÉ ÌmÉiÉÉÇoÉU mÉÇcÉuÉOûÏ SÉsÉ-UÉåOûÏ cÉ¢ümÉÉhÉÏ
mÉëÌiÉÌSlÉ UÉeÉmÉÑ§É xÉ®qÉï cÉÉæUÉWû ´É®É-pÉÌ£ü (MÚüwhÉ)
जिप्रताप चौमास देश-लिदेश ̧ÉlÉå§É (ÍzÉuÉ)
जिधारा

(xÉÔcÉlÉÉ:- ̲aÉÑ AÉæU ²Ç² xÉqÉÉxÉ mÉU krÉÉlÉ SåÇ)

mÉëzlÉ ÌuÉkÉÉ:-
. 1)„cÉÉæqÉÉxÉ‟ ÌMüxÉ xÉqÉÉxÉ MüÉ ESÉWûUhÉ Wæû | 2017 AmÉëæsÉ
MüqÉïkÉÉUrÉ xÉqÉÉxÉ, ̲aÉÑ xÉqÉÉxÉ, ²Ç² xÉqÉÉxÉ, oÉWÒûuÉëÏÌWû xÉqÉÉxÉ

1) ÌlÉqlÉ qÉåÇ „²Ç² xÉqÉÉxÉ‟ MüÉ ESÉWûUhÉ Wæû | 2017 AÉæU 2018 AmÉëæsÉ
ÌlÉsÉMÇüPû,SåzÉmÉëåqÉ,mÉÇcÉuÉOûÏ, ÌSlÉ-UÉiÉ |
2) „SÉsÉ-UÉåOûÏ‟ zÉoS qÉåÇ xÉqÉÉxÉ Wæû | 2017 eÉÔlÉ
MüqÉïkÉÉUrÉ xÉqÉÉxÉ, ̲aÉÑ xÉqÉÉxÉ, ²Ç² xÉqÉÉxÉ, oÉWÒûuÉëÏÌWû xÉqÉÉxÉ
3) ÌlÉqlÉÍsÉÎZÉiÉ qÉåÇ xÉå „निगु समास MüÉ ESÉWûUhÉ Wæû | जून २०१९
राजधानी, दोपहर, श्राद्धा-भलि, भरपेट
4) “जिप्रताप” आस समास का ईदाहरण है २०१९ऄप्रैि
िंि, लिगु, बहुव्रीलह, तत्पुरुष

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पत्र िेखन
व्यिहाठरक पत्र

िु ट्टी पत्र
प्रेषक ददनांक : 10-04-2023
ऄ.ब.क
सरकारी हाइस्कू ि मािगत्ती
तह: सुरपुर लजिा: यादलगरी
-585216

सेिा में ,
प्रधान ऄध्यापक
सरकारी हाइस्कू ि मािगत्ती
तह: सुरपुर लजिा: यादलगरी
-585216

अदरणीय महोदय

लिषय : तीन ददन की िु ट्टी की प्राथाना हेतु ।

ईपयुाि लिषय के संबंध में अपसे लनिेदन है दक ददनांक: 11-04-2023 से


ददनांक: 13-04-2023 तक मुझे ऄपने बहन की शादी में भाग िेने कारण मैं
लिद्ािय नहीं अ सकता/ती । ऄतः अपसे प्राथाना करता/ती हाँ दक आन तीन ददनों
की िु ट्टी देने की कृ पा करें । ।
धन्यिादसलहत,
ऄलभभािक के हस्ताक्षर अपका/की अज्ञाकारी िात्र/िात्रा
ऄ.ब.क

ऄन्य कारण - १. मेरी तलबयत खराब होने के कारण ,


२. मेरे दोस्त की जन्म ददिस में भाग िेने कारण,
३. मुझे ऄपने त्योंहार में भाग िेने कारण
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घरे िु पत्र

लपताजी को पत्र

शैलक्षत पयाटन के लिए लपता से 500 रू मााँगते हुए ईन्हे एक पत्र लिलखए

ददनांक: 10-04-2023
पूज्य लपताजी
सादर प्रणाम

अपके अशीिााद से मैं यहााँसहकु शि से हाँ । अपका पत्र पढकर ऄत्यंत खुशी हुइ ।
अपकी अज्ञानुसार मन िगाकर पढाइ कर रहा हाँ । अनेिािे परीक्षा में ज्यादा
ऄंकों के साथ ऄच्िी श्रेणी पाने की ईम्मीद है । हमारे स्कू ि में शैलक्षत यात्रा का
अयोजन दकया है, मुझे भी जाने की बडी आच्िा है । ऄतः अप मुझे ऄनुमती के साथ
मनी अडार िारा 500 रू भेजने की कृ पा करें ।

माताजी को मेरा प्रणाम, बहन को मेरा प्यार.

अपका पुत्र
ऄ.ब.क

सेिा में

अर. एस. मोहन कु मार


घर नं-१२/०१/६१
गांधी नगर किबुरगी

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ÌlÉoÉÇkÉ-sÉåZÉlÉ

1. mÉrÉÉïuÉUhÉ mÉëSÕwÉhÉ: MüÉUhÉ AÉæU ÌlÉuÉÉUhÉ

AjÉï :- mÉrÉÉïuÉUhÉ zÉoS MüÉ AjÉï Wæû WûqÉÉUå cÉÉUÉåÇ AÉåU UWûlÉåuÉÉsÉÉ eÉæÌuÉMü iÉjÉÉ
AeÉæÌuÉMü bÉOûMüÉåÇ Måü xÉͳÉuÉåzÉ MüÉå mÉrÉÉïuÉUhÉ MüWûiÉå WæÇû | mÉrÉÉïuÉUhÉ qÉåÇ SÕwÉMü mÉSÉjÉÉåïÇ Måü
mÉëuÉåzÉ Måü MüÉUhÉ mÉëÉM×üÌiÉMü xÉÇiÉÑsÉlÉ qÉåÇ mÉæSÉ WûÉålÉåuÉÉsÉÏ ÎxjÉiÉÏ MüÉå WûÏ mÉrÉÉïuÉUhÉ mÉëSÕwÉhÉ
MüWûiÉå WæÇû |

mÉëSÕwÉhÉ Måü mÉëMüÉU:- mÉrÉÉïuÉUhÉ mÉëqÉÑZÉ iÉÏlÉ mÉëMüÉU Wæû, eÉæxÉå 1. uÉÉrÉÑ mÉëSÕwÉhÉ 2.eÉsÉ
mÉëSÕwÉhÉ 3. kuÉÌlÉ (zÉoS) mÉëSÕwÉhÉ |

mÉrÉÉïuÉUhÉ-mÉëSÕwÉhÉ Måü MüÉUhÉ :- mÉëSÕwÉhÉ MüÉ qÉÑZrÉ MüÉUhÉ oÉRûiÉÏ WÒûD eÉlÉxÉÇZrÉÉ Wæû
| eÉlÉxÉÇZrÉÉ MüÐ AÍkÉMüiÉÉ xÉå eÉlÉiÉÉ MüÐ qÉÉÇaÉ oÉRû UWûÏ Wæû | ClÉ qÉÉðaÉå mÉÔUÉ MüUlÉå Måü
ÍsÉL MüsÉ-MüUZÉÉlÉÉåÇ MüÐ xjÉÉmÉlÉÉ MüÐ eÉÉ UWûÏ Wæû | ClÉ MüÉUZÉÉlÉÉåÇ xÉå ÌlÉMüsÉlÉåuÉÉsÉåÇ
kÉÑAÉÆ, ÌuÉwÉæsÉÏ aÉæxÉ xÉå uÉÉrÉÑ mÉëSÕwÉhÉ WûÉå UWûÏ Wæû | sÉÉåaÉÉåÇ MüÐ ÌuÉuÉåcÉlÉÉÌWûlÉ
urÉuÉWûÉUÉåÇ xÉå zÉWûUÉå qÉåÇ MüDÇ mÉæÎYOíûrÉÉåÇ xÉå ÌlÉMüsÉlÉåuÉÉsÉÏ UÉxÉÉÌlÉMü irÉÉerÉ MüÉå eÉsÉqÉÔsÉÉåÇ
qÉåÇ NûÉåQûlÉå xÉå AÉæU SåWûÉiÉÉåÇ qÉåÇ A¥ÉÉlÉ Måü MüÉUhÉ eÉsÉ-mÉëSÕwÉhÉ WûÉå UWûÉ Wæû |
qÉÉåOûÉåUÉåÇ MüÐ, MüsÉ-MüÉUZÉÉlÉÉåÇ MüÐ pÉÉåÇmÉÉåÇ xÉå AÉæU zÉÑpÉMüÉrÉÉåï Måü xÉÇSpÉï qÉåÇ
sÉaÉÉD eÉÉlÉåuÉÉsÉÏ xÉÉæÇQû-ÍxÉxOûqÉ Måü MüÉUhÉ zÉoS mÉëSÕwÉhÉ WûÉå UWûÉ UWûÉ Wæû |

ÌlÉuÉÉUhÉ ;- qÉÉlÉuÉ eÉlÉ xÇÉZrÉÉ uÉÚ®Ï MüÉå UÉåMülÉÉ cÉÉÌWL,lÉÉaÉËUMüÉåÇ qÉåÇ mÉëSÕwÉhÉ Måü
MÑümÉëpÉÉuÉÉåÇ MüÉ ¥ÉÉlÉ MüUÉlÉÉ cÉÉÌWûL, AÍkÉMü-xÉå-AÍkÉMü uÉפÉUÉåmÉhÉ MüUlÉÉ cÉÉÌWûL,
bÉUåsÉÑ AÉæU MüÉUZÉÉlÉÉåÇ xÉå ÌlÉMüsÉå WÒûL AmÉÍzɹ mÉSÉjÉÉåï MüÉå lÉSÏ, lÉÉsÉÉå LuÉÇ iÉÉsÉÉoÉÉÇå
qÉåÇ lÉWûÏ QûÉsÉlÉÉ cÉÉÌWûL, sÉÉåaÉÉåÇ qÉåÇ kuÉÌlÉ mÉëSÕwÉhÉ xÉå WûÉå³Éå uÉÉsÉå UÉåaÉÉåÇ xÉå eÉÉlÉMüÉUÏ
MüUuÉÉMüU ElWåû eÉÉaÉÂMü MüUÉlÉÉ cÉÉÌWûL |

EmÉxÉÇWûÉU :- uÉiÉïqÉÉlÉ xÉqÉrÉ qÉåÇ mÉrÉÉïuÉUhÉ mÉëSÕwÉhÉ eÉlÉ-eÉÏuÉlÉ Måü ÍsÉL LMü aÉÇpÉÏU
xÉqÉxrÉÉ Wæû | CxÉÍsÉL AÉeÉ mÉrÉïuÉUhÉ MüÐ U¤ÉÉ WûU LMü lÉÉaÉËUMü MüÉ MüiÉïurÉ Wæû | WûU
LMü MüÉå mÉrÉÉïuÉUhÉ MüÐ U¤ÉÉ MüÉ qÉWûiuÉ xÉqÉfÉÉlÉÉ iÉjÉÉ rÉjÉxÉÉkrÉ mÉåQû-mÉÉækÉÉåÇ MüÉå
sÉaÉÉlÉå mÉëåËUiÉ MüUlÉÉ cÉÉÌWûL | iÉpÉÏ WûqÉ pÉÌuÉwrÉ qÉåÇ xÉÇpÉuÉ WûÉålÉå uÉÉsÉå pÉrÉÇMüU
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SÒwmÉËUhÉÉqÉÉåÇ xÉå oÉcÉ xÉMüiÉå WæÇû |


Page

59 | P a g e
2. eÉlÉxÉÇZrÉÉ uÉÚ®Ï / xÉqÉxrÉÉ (AjÉuÉÉ) oÉRûiÉÏ eÉlÉ xÉÇZrÉÉ

April & Sept- 2020

ÌuÉwÉrÉ mÉëuÉåzÉ:- pÉÉUiÉ SåzÉ MüÐ MüÉåD xÉoÉxÉå oÉQûÏ xÉqÉxrÉÉ Wæû iÉÉå uÉWû eÉlÉxÉÇZrÉÉ
MüÐ xÉqÉxrÉÉ Wæû | CxÉxÉå WûU xÉqÉxrÉÉ EimÉ³É WûÉå UWûÏ Wæû | ÌuÉµÉ qÉåÇ cÉÏlÉ Måü oÉÉS SÕxÉUå
lÉÇoÉU mÉU pÉÉUiÉ WûÏ Wæû | uÉiÉïqÉÉlÉ pÉÉUiÉ MüÐ eÉlÉxÉÇZrÉÉ sÉaÉpÉaÉ 136 MüUÉåQû Wæû |

eÉlÉxÉÇZrÉÉ uÉ×®Ï Måü MüÉUhÉ :- ÌuÉ¥ÉÉlÉ MüÐ E³ÉiÉÏ Måü xÉÉjÉ ÍcÉÌMüixÉÉ LuÉÇ
xuÉÉxjrÉ MüÐ xÉÑÌuÉkÉÉ Måü MüÉUhÉ eÉlqÉ sÉålÉåuÉÉsÉå ÍzÉzÉÑAÉåÇ MüÐ xÉÇZrÉÉ eÉÉSÉ AÉæU
qÉUlÉåuÉÉsÉÉåÇ MüÐ xÉÇZrÉÉ MüqÉ WÒûD Wæû | AÍzɤÉÉ AÉæU A¥ÉÉlÉ xÉå eÉlÉxÉÇZrÉÉ qÉåÇ uÉÚ®Ï WûÉå
UWûÏ Wæû | xÉUMüÉUÏ ÌlÉrÉqÉÉåÇ MüÉ EssÉÇbÉlÉ mÉËUuÉÉU ÌlÉrÉÉåeÉlÉ xÉå SÕU UWûlÉå MüÉ mÉëqÉÑZÉ
MüÉUhÉ Wæû |

mÉËUhÉÉqÉ:-SåzÉ MüÐ mÉëaÉiÉÏ ÂMü eÉÉiÉÉ Wæ, oÉåUÉåeÉaÉÉUÏ oÉRûiÉÏ Wæû, xÉUMüÉUÏ
rÉÉåeÉlÉÉLÆ ÌuÉTüsÉ WûÉå eÉÉiÉå WæÇû, qÉWÇûaÉÉD oÉRû eÉÉiÉÏ Wæû, AÉæU oÉRûiÉÏ eÉlÉxÉÇZrÉÉ xÉå
mÉrÉÉïuÉUhÉ mÉëSÕwÉhÉ WûÉå UWûÉû Wæû |

ÌlÉuÉÉUhÉ:- mÉËUuÉÉU qÉåÇ SÉå xÉå AÍkÉMü oÉŠÉåÇ uÉÉsÉå mÉËUuÉÉU MüÉå xÉUMüÉUÏ
xÉÑÌuÉkÉÉAÉåÇ xÉå uÉÇÍcÉiÉ MüU SålÉÉ cÉÉÌWûL | mÉËUuÉÉU ÌlÉrÉÉåeÉlÉ Måü EmÉÉrÉAÉåÇ mÉU xÉUMüÉU
MüÉå ÌuÉzÉåwÉ oÉsÉ SålÉÉ cÉÉÌWûL |

EmÉxÉÇWûÉU:- WûqÉÉUå SåzÉ MüÐ ÌuÉMüÉxÉ qÉåÇ eÉlÉxÉÇZrÉÉ MüÐ uÉ×ή LMü oÉWÒûiÉ oÉQûÏ
oÉÉkÉÉ Wæû | xÉÉjÉ WûÏ rÉÉiÉÉ-rÉÉiÉ, ÍzɤÉÉ, UÉåeÉaÉÉU AÉÌS ÌuÉÌuÉkÉ ¤Éå§ÉÉåÇ qÉåÇ eÉlÉxÉÇZrÉÉ MüÐ
uÉ×ή ÍxÉUSSï oÉlÉ aÉD Wæû |

60
3 . CÇOûUlÉåOû ¢üÉÇÌiÉ : sÉÉpÉ AÉæU WûÉlÉÏ

mÉëxiÉÉuÉlÉÉ;- AÉeÉ rÉÑaÉ CÇOûUlÉåOû MüÉ rÉÑaÉ Wæû | CÇOûUlÉåOû ÌuɵÉurÉÉmÉÏ MÇümrÉÔOû UÉåÇ MüÉ
AÇiÉeÉÉïsÉ Wæû | AÉkÉÑÌlÉMü xÉqÉrÉ qÉåÇ, mÉÔËU SÒÌlÉrÉÉ qÉåÇ CÇOûUlÉåOû LMü oÉWÒûiÉ WûÏ zÉÌ£üzÉÉsÉÏ
qÉÉkrÉqÉ Wæû | rÉWû LMü lÉåOûuÉMüÉåïÇ MüÉ eÉÉsÉ Wæû AÉæU MüD xÉÉUÏ xÉåuÉÉLÆ iÉjÉÉ xÉÇxÉÉkÉlÉÉÇå
MüÉ xÉqÉÔWû Wæû eÉÉå WûqÉåÇ MüD mÉëMüÉU sÉÉpÉ mÉWÒðûcÉÉiÉÉ Wæû |

sÉÉpÉ / uÉUSÉlÉ :- CÇOûUlÉåOû ²ÉUÉ mÉsÉ pÉU qÉåÇ MüÉåD pÉÏ ÌuÉcÉÉU WûÉå, ÎxjÉU ÍcÉ§É WûÉå,
uÉÏÌQûrÉÉå ÍcÉ§É WûÉå, SÒÌlÉrÉÉ Måü ÌMüxÉÏ pÉÏ MüÉålÉå qÉåÇ pÉåeÉ xÉMüiÉå Wæû | xÉÇcÉÉU uÉ xÉÔcÉlÉÉ
SÉålÉÉå ¤Éå§É qÉåÇ AÇiÉeÉÉïsÉ LMü qÉWûiuÉmÉÔhÉï AÇaÉ oÉlÉ aÉrÉÉ Wæû | CÇOûUlÉåOû ²ÉUÉ bÉU oÉæOåû-oÉæOåû
ZÉUÏSÉUÏ MüU xÉMüiÉå WæÇû | MüÉåD pÉÏ ÌoÉsÉ pÉU xÉMüiÉå WæÇû | CÇOûUlÉåOû -oÉæÇÌMÇüaÉ ²ÉUÉ SÒÌlÉrÉÉ
MüÐ ÌMüxÉÏ pÉÏ eÉaÉWû mÉU cÉÉWåû ÎeÉiÉlÉÏ pÉÏ UMüqÉ pÉåeÉÏ eÉÉ xÉMüiÉÏ WæÇû | uÉÏÌQûrÉÉå
MüÉlTüUålxÉ ²UÉ SåzÉ-ÌuÉSåzÉ qÉåÇ UWûlÉåuÉÉsÉå sÉÉåaÉÉåÇ Måü xÉÉjÉ ÌuÉcÉÉU_ÌuÉÌlÉqÉrÉ MüU xÉMüiÉå
WæÇû | ÍcÉÌMüixÉÉ, MÚüÌwÉ, AÇiÉËU¤É ¥ÉÉlÉ, ÌuÉ¥ÉÉlÉ,ÍzɤÉÉ AÉÌS ¤Éå§ÉÉå qÉåÇ CÇOûUlÉåOû MüÉ oÉWÒûiÉ
oÉQûÉ rÉÉåaÉSÉlÉ Wæû | CÇOûUlÉåOû xÉcÉqÉÑcÉ LMü uÉUSÉlÉ Wæû |

WûÉÌlÉrÉÉð / AÍpÉzÉÉmÉ :- CÇOûUlÉåOû LMü AÉåU uÉUSÉlÉ Wæû iÉÉå SÕxÉUÏ AÉåU uÉWû AÍpÉzÉÉmÉ
pÉÏ Wæû | CÇOûUlÉåOû MüÐ uÉeÉWû xÉå mÉæUxÉÏ, oÉæÇÌMÇüaÉ TëüÉQû, WæûÌMÇüaÉ AÉÌS oÉQû UWûÏ Wæû | qÉÑ£ü
uÉåoÉ xÉÉCOû, cÉæÌOÇûaÉ AÉÌS xÉå rÉÑuÉÉ mÉÏRûÏ WûÏ lÉWûÏ oÉŠå pÉÏ CÇOûUlÉåOû MüÐ MüoÉÇkÉ oÉÉðWûÉåÇ
Måü mÉÉzÉ qÉåÇ TðüxÉå WÒûL WæÇû | CxÉxÉå uÉ£ü MüÉ SÕÂmÉrÉÉåaÉ WûÉå ता Wæû, AÉæU oÉŠå AlÉÑmÉrÉÑ£ü
AÉæU AlÉÉuÉzrÉMü eÉÉlÉMüÉUÏ WûÉÍxÉsÉ MüU UWåû Wæû | CxÉÍsÉए WûqÉ sÉÉåaÉÉåÇ MüÉå CÇOûUlÉåOû xÉå
xÉcÉåiÉ UWûlÉÉ cÉÉÌWûL |

EmÉxÉÇWûÉU:- uÉæ¥ÉÉÌlÉMü AÌuÉwMüÉUÉåÇ lÉå qÉÉlÉuÉ-eÉÏuÉlÉ MüÉå xÉÑÌuÉkÉÉeÉlÉMü oÉlÉÉrÉÉ Wæû |


CÇOûUlÉåOû xÉå qÉÉlÉuÉ MüÐ eÉÏuÉlÉzÉæsÉÏ AÉæU ExÉMüÐ xÉÉåcÉ qÉåÇ ¢üÉÇÌiÉMüÉUÏ mÉËUuÉiÉïlÉ WÒûAÉ Wæû
| CÇOûUlÉåOû lÉå mÉÔUÏ SÕÌlÉrÉÉ MüÉå LMü eÉaÉWû sÉÉ ZÉQûÉ MüU ÌSrÉÉ Wæû |

जून-२०१९, ऄप्रैि-२०१९, जून-२०१८, ऄप्रैि-२०१८,


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4. xÉqÉrÉ MüÉ xÉSÕmÉrÉÉåaÉ/ xÉqÉrÉ MüÉ qÉWûiuÉ /AlÉqÉÉåsÉ xÉqÉrÉ

ÌuÉwÉrÉ mÉëuÉåzÉ :-mÉëxiÉÉuÉlÉÉ :-xÉqÉrÉ oÉWÒûiÉ AlÉqÉÉåsÉ Wæû | ExÉMüÉ qÉWûiuÉ kÉlÉ xÉå
pÉÏ erÉÉSÉ Wæû | xÉqÉrÉ AÍkÉMü qÉWûiuÉmÉÔhÉï iÉjÉÉ EmÉrÉÉåaÉÏ WûÉåiÉÉ Wæû | xÉÇxÉÉU qÉåÇ MüÉåD pÉÏ
uÉxiÉÑ ÍqÉsÉ xÉMüiÉÏ Wæû, ÌMüliÉÑ ZÉÉårÉÉ WÒûAÉ xÉqÉrÉ ÌTüU lÉWûÏ sÉÉæOûiÉÉ | xÉqÉrÉ MüÉå eÉÉå
AmÉlÉÉ xÉŠÉ xÉÉjÉÏ oÉlÉÉ sÉåaÉÉ , uÉWû AmÉlÉå MüÉqÉ qÉåÇ xÉTüsÉ WûÉåaÉÉ |

xÉqÉrÉ MüÉ xÉSÕmÉrÉÉåaÉ / qÉWûiuÉ :- xÉqÉrÉ MüÉ xÉSÕmÉrÉÉåaÉ MüÉ iÉimÉrÉï Wæû ÌMü xÉWûÏ
xÉqÉrÉ mÉU xÉWûÏ MüÉqÉ MüUlÉÉ | ÌuÉkrÉÉjÉÏïrÉÉåÇ Måü eÉÏuÉlÉ qÉåÇ xÉqÉrÉ MüÉ qÉWûiuÉ AÉæU pÉÏ
AkÉÏMü Wæû | xÉqÉrÉ Måü xÉSÕmÉrÉÉåaÉ qÉåÇ WûÏ eÉÏuÉlÉ MüÐ xÉTüsÉiÉÉ MüÉ UWûzrÉ ÌlÉÌWûiÉ Wæû |
AmÉlÉå mÉëÌiÉÌSlÉ Måü MüÉrÉï MüÉå xÉqÉrÉ Måü ÌWûxÉÉoÉ xÉå ÌuÉpÉÉeÉlÉ MüU sÉålÉÉ cÉÉÌWûL | eÉæxÉå
AkrÉrÉlÉ, urÉÉrÉÉqÉ, xÉqÉÉeÉ xÉåuÉÉ, qÉlÉÉåUÇeÉlÉ, ZÉåsÉ-MÔüS, ÌOûuÉÏ AÉÌS | CxÉxÉå AlÉåMü
MüÉrÉï xÉTüsÉiÉÉ mÉÔuÉïMü MüU xÉMüiÉå Wæû | AiÉÈ WûqÉåÇ xÉqÉrÉ MüÉ xÉSÕmÉrÉÉåaÉ MüÐ AÉSiÉ
QûÉsÉlÉÏ cÉÉÌWûL | iÉpÉÏ WûqÉ AmÉlÉå sɤrÉ MüÉå mÉëÉmiÉ MüU xÉMüiÉå Wæû | WûqÉåÇ xÉqÉrÉ MüÉ
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EmÉxÉÇWûÉU :- xÉqÉrÉ MüÉ mÉÌWûrÉÉ xÉSæuÉ cÉsÉiÉÉ UWûiÉÉ Wæû | CxÉÍsÉL xÉqÉrÉ Måü
xÉÉjÉ WûqÉ pÉÏ cÉsÉlÉÉ cÉÉÌWûL | aÉÑeÉUÉ WÒûAÉ uÉ£ü MüpÉÏ uÉÉmÉxÉ lÉWûÏ AÉiÉÉ | uÉÉxiÉuÉ qÉåÇ
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Wæû | ZÉÉårÉÉ WÒûAÉ xÉqÉrÉ oÉÉU oÉÉU lÉWûÏ AÉiÉÉ CxÉÍsÉL xÉqÉrÉ AlÉqÉÉåsÉ U¦É Wæû |

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5.qÉåUÉ MülÉÉïOûMü qÉWûÉlÉ / MülÉÉïOûMü MüÉ uÉæpÉuÉ
April-2020

ÌuÉwÉrÉ mÉëuÉåzÉ :- MülÉÉïOûMü pÉÉUiÉ MüÉ dOûÉ xÉoÉxÉå oÉQûÉ UÉerÉ Wæû, ÎeÉxÉMüÐ UÉeÉkÉÉlÉÏ oÉåÇaÉsÉÑU
Wæû | CxÉ UÉerÉ MüÐ UÉerÉ pÉÉwÉÉ Mü³ÉQû Wæû | MülÉÉïOûMü MüÐ xjÉÉmÉlÉÉ 01 lÉuÉqoÉU 1956 MüÉå WÒûD jÉÏ |
CxÉ UÉerÉ qÉåÇ ÎeÉsÉÉåÇ MüÐ xÉÇZrÉÉ 30 WæÇû, AÉæU rÉWûÉð MüÐ AÉoÉÉSÏ/eÉlÉxÉÇZrÉÉ sÉaÉpÉaÉ NûÈ MüUÉåQû,
xÉɤÉUiÉÉ SU 75.36% Wæû | rɤÉaÉÉlÉ, MülÉÉïOûMü MüÐ mÉÉUÇmÉËUMü MüsÉÉ Wæû |

mÉëÉM×üÌiÉMü xuÉÂmÉ :- MülÉÉïOûMü MüÐ mÉëÉकृÌiÉMü xÉÑwÉqÉÉ lÉrÉlÉ qÉlÉÉåWûU Wæû | mÉͶÉqÉ qÉåÇ ÌuÉzÉÉsÉ
AUoÉÏ xÉqÉÑSì sÉWûUÉiÉÉ Wæû| UÉerÉ Måü iÉÏlÉ mÉëqÉÑZÉ pÉÉæaÉÉåÍsÉMü ¤Éå§É Wæû, ClÉqÉåÇ oÉrÉsÉÑxÉÏqÉå, MüUÉuÉsÉÏ
AÉæU qÉsÉålÉÉQÒû mÉëSåzÉ Wæû| CxÉ mÉëSåzÉ qÉåÇ SͤÉhÉ xÉå E¨ÉU Måü NûÉåU iÉMü TæüsÉÏ sÉÇoÉÏ mÉuÉïiqÉÉsÉÉAÉåÇ MüÉå
mÉͶÉqÉÏ bÉÉOû MüWûiÉå WæûÇ | ClWûÏ bÉÉOûÉåÇ MüÉ MÑüNû pÉÉaÉ xɽÉSìÏ MüWûsÉÉiÉÉ Wæû | SͤÉhÉ qÉåÇ lÉÏsÉÌaÉUÏ
mÉuÉïiÉÉuÉÍsÉrÉÉð zÉÉåpÉÉrÉqÉÉlÉ Wæû |

ÌuÉzÉåwÉiÉÉ :- MülÉÉïOûMü UÉerÉ Måü ÍxÉÍsÉMüÉlÉ ÍxÉOûÏ oÉåÇaÉsÉÔ ÍzɤÉÉ MüÉ WûÏ lÉWûÏ, oÉQåû -oÉQåû
E±ÉåaÉ-kÉÇkÉÉåÇ MüÉ pÉÏ MåÇüSì Wæû | rÉWûÉð xÉÉålÉÉ, iÉÉðoÉÉ, sÉÉåWûÉ AÉÌS MüD mÉëMüÉU MüÐ kÉÉiÉÑLÆ ÍqÉsÉiÉÏ Wæû |
MüÉaÉeÉ, sÉÉåWåû, CxmÉÉiÉ, cÉÏlÉÏ, ÍxÉqÉåÇOû AÉæU UåzÉqÉ EimÉÉSlÉ Måü AlÉåMü MüÉUZÉÉlÉå Wæû|

MülÉÉïOûMü qÉåÇ MüÉuÉåUÏ, iÉÑÇaÉpÉSìÉ, M×üwhÉÉ, pÉÏqÉÉ AÉÌS AlÉåMü lÉÌSrÉÉð oÉWûiÉÏ Wæû | eÉÉåaÉ, AooÉÏ,
aÉÉåMüÉMü, ÍzÉuÉlÉxÉqÉÑSì AÉÌS eÉsÉmÉëiÉÉmÉ qÉlÉqÉÉåWûMü Wæû |

MülÉÉïOûMü UÉerÉ MüÐ ÍzÉsmÉMüsÉÉ AlÉÉåZÉÏ Wæû | oÉÉSÉqÉÏ, LåWûÉåsÉå, mÉ–ûSMüssÉÑ,´ÉuÉhÉoÉåsÉaÉÉåsÉ,


oÉåsÉÔÂ-WûsÉåoÉÏQÒû, aÉÉåsÉaÉÑÇoÉeÉ MüÐ ÍzÉsmÉMüsÉÉ AÉæU uÉÉxiÉÑMüsÉÉ A°ÒiÉ Wæû | qÉæxÉÔU MüÉ UÉeÉqÉWûsÉ,
xÉåÇOû ÌTüsÉÉåÍqÉlÉÉ cÉcÉï, eÉaÉlÉqÉÉåWûlÉ UÉeÉqÉWûsÉ MüÉ mÉÑUÉiÉiuÉ uÉxiÉÑ xÉÇaÉëWûÉsÉrÉ AirÉÇiÉ AÉMüwhÉÏïrÉ Wæû |

MülÉÉïOûMü Måü AlÉåMü xÉÌWûirÉMüÉUÉåÇ lÉå xÉÉUå xÉÇxÉÉU qÉåÇ MülÉÉïOûMü MüÐ ÌMüÌiÉï TæüsÉÉrÉÏ Wæû |
oÉxÉuÉhhÉÉ, xÉuÉïeÉ, mÉÑUÇSUSÉxÉ, mÉÇmÉÉ, MÑüuÉåÇmÉÑ AÉÌS lÉå qÉWûÉlÉ MüÉurÉÉåÇ MüÐ UcÉlÉÉ MüU Mü³ÉQû xÉÉÌWûirÉ
MüÉå xÉqÉÚ® oÉlÉÉrÉÉ Wæû |

EmÉxÉÇWûÉU :- MülÉÉïOûMü WûqÉÉUÏ eÉlqÉ pÉÔÍqÉ Wæû | rÉWûÉð MüÐ mÉëÉMÚüÌiÉMü xÉÑwÉqÉÉ, xÉÉÌWûÎirÉMü uÉæpÉuÉ AÉæU
¥ÉÉlÉ-ÌuÉ¥ÉÉlÉ ¤Éå§É MüÐ mÉëaÉÌiÉ AmÉÉU Wæû | SåzÉ-ÌuÉSåzÉ Måü sÉÉåaÉ rÉWûÉð MüÐ iÉMülÉÏMüÐ Måü ÌuÉMüÉxÉ MüÐ
qÉÑ£üMÇüPû xÉå mÉëzÉÇxÉÉ MüUiÉå WæÇû | ( ऄप्रैि-2018 )
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