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Fa 3 Paper 1-Qp
Fa 3 Paper 1-Qp
4 3
Instructions 5 2
· Fill in your name and ID in the space above. 6 2
· Check that you have the correct number of pages and questions.
7 2
· Read the questions carefully.
· Answer all the questions. 8 2
· Write your answers clearly and neatly. 9 2
·
10 2
Information
11 2
· The marks and value of individual questions are shown in round
12 2
brackets next to the question.
· There are14 questions in the question paper. 13 2
· The total mark for the exam is 40 . 14 10
Rules
· Cheating during the exam will result in an immediate reward of
‘0’.
· Talking or asking questions during the exam is not allowed.
· Sharing materials among students is not allowed.
‘सू्द
्य े व कया प्रशस्ति-गीति – कोणयाक्य’ आलेख को ध्या्नपूवक
्य पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तिर दीसिए।
तेरहवीं शताब्दी में निरममित कोणाकमि मंद्र को पत्थर से बिी सर ू -मि ्े व की प्रशस्त का गीत कहा जाता है ।
इसकी पररकलपिा बारह जोड़ी अलंकृत पदहरों और सात घोड़ों से खींचे जािे वाले ववशाल र्थ के रूप में की
गई ्थी। पव ू मि द्शा की ओर र्थ खींचते हुए सात घोड़े सपताह के सात द्ि और बारह जोड़ी पदहए वरमि के बारह
मास के प्रतीक हैं। मंद्र के प्रवेश दवार पर हाथ्थरों को निरंत्रित करते हुए ववशाल रसंहों की पत्थर से बिी
्ो मनू तमिराँ हैं। रसंह आधरासतमक शस्त के और हा्थी सांसाररक समत्ृ � के प्रतीक हैं। हाथ्थरों के िीचे ्बी
सांसाररक शस्त और अज्ाि के प्रतीक के रूप में मािव मनू तमिराँ, रह ्मरण कराती हैं कक सांसाररक शस्त
पर आधरासतमक शस्त और अज्ाि पर ज्ाि की ववजर होती है ।
कोणाकमि शब् सं्कृत के ‘कोण’ अ्थामित कोिा और ‘अकमि’ अ्थामित सर ू मि की संथि से बिा है । एक ्स
ू रदी ववचारिारा
के अिस ु ार, अकमि क्ेरि में सर
ू मि ्े व के पज
ू ा-््थाि का िाम ‘कोणाकमि’ है । पौराणणक क्था के अिस ु ार, गरासरु
िामक राक्स का वि करके अपिी ववजर का उतसव मिािे के रलए ववषणु भगवाि िे अपिा शंख जगनिा्थ
परु दी में , चक्र भव
ु िेशवर में , ग्ा जरपरु में और पा कोणाकमि में थगरारा ्था।
कोणाकमि की खरानत आँखों को चकाचौंि कर ्े िे वालदी अलौककक पाराण मनू तमिरों, श्ेष्ठ ््थापतर कला और
उससे जड़ ु े मधरकालदीि उड़ीसा के सामासजक इनतहास के कारण है । जगनिा्थ परु दी से 35 ककलोमीटर ्रू बिा
कोणाकमि मंद्र दहं्ओ ु ं के ती्थमि-््थलों में प्रमख
ु मािा जाता ्था। मंद्र के तीि भाग हैं। ववमाि रा मख ु र मंद्र
में सर
ू मि ्े व की मनू तमि प्रनतसष्ठत हैं, ्स
ू रा भाग जगमोहि है जहाँ से लोग सर ू मि ्े व के ्शमिि एवं पज
ू ा करते ्थे
और तीसरा भाग ितृ रमंडप है । समद्र ु तट पर बिा रह मंद्र प्राचीि काल में िाववकों के रलए उड़ीसा पहुँचिे
के रलए मागमि्शमिक गम ु ब् का काम करता ्था।
प्राचीि परमपरा के अिस ु ार रह मंद्र सर ू मि ्े व को समवपमित ्था। सर ू योपनिर् में सर ू मि की प्रशस्त और उसकी
पज ू ा के महतव का वणमिि है । सजसके अिस ु ार सर ू मि हदी ससृ षट के अस्ततव का महतवपण ू मि आिार है । मंद्र की
एक अि्ठ ू ी ववशेरता रह है कक संक्रानत के समर जब सर ू मि आकाशीर भम ू धररे खा को पार करता है त्था द्ि
और रात एक बराबर हो जाते हैं तब सर ू मि की ककरणें सीिे सर ू -मि ्े व की मनू तमि पर केंदद्रत होती हैं। उस द्ि मंद्र
में ्े व-्शमिि के रलए लोग ्रू -्रू से पहुँचते हैं।
SIS-FA-1-T1-2023
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3 पौराणणक क्था के अिुसार ववषणु भगवाि िे अपिा कमल कोणाकमि में ्रों थगरारा ्था?
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[पण
ू ाांक 12]
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‘िलवया्ु पररवति्य्न और ग्ेटया थ्न ु बग्य’ के बयारे में छपे इस लेख को ध्या्न से पिें । प्रश्न 7 से 15 कया उत्तिर दे ्ने के
ललए उ्नके ्नीचे ढ़दए गए अ्नच ु छे दों (A से D) में से सही अ्नच ु छे द च्न ु कर उसके सयाम्ने के कोष्ठक में सही कया
न्नशया्न लगयाएँ। अ्नच
ु छे दों को एक से अधिक बयार च्न ु या िया सकतिया है ।
A ्कूल में रमलदी जलवारु पररवतमिि से होिे वाले ्षु प्रभावों की रशक्ा िे आ्ठ साल की ्वीडडश बारलका,
ग्ेटा के बाल-मि पर गहरदी ्ाप ्ोड़ी। ्ै निक जीवि में त्बिा ज़रूरत त्बजलदी और पािी के उपरोग पर
रोक लगािे की सीख वह ्वरं तो आजमाती हदी, अपिे माता-वपता को भी उसकी रा् द्लाती रहती ्थी।
गरारह वरमि की उम्र में लमबी बीमारदी के कारण ग्ेटा साल भर तक ्कूल िहदीं जा सकी। अ्पताल के वॉडमि
में लेटे-लेटे वह सोचती रहती ्थी कक हर कोई जलवारु पररवतमिि की सम्रा के बारे में बातें तो करता है ,
पर रोक्थाम के रलए कु् ्रों िहदीं करता। ग्ेटा के रलए रह समझिा कद्ठि ्था कक ्े खते-्े खते प्रनत
द्ि वि्पनत और वनर जीवों की 200 प्रजानतराँ लुपत होती जा रहदी हैं, पर ककसी को इसकी किक्र तक
्रों िहदीं! ्व््थ होकर घर आिे पर ग्ेटा िे ग्ीि हाउस गैस का उपरोग कम करिे की पहल अपिे घर
से करिे का निशचर ककरा।
B उसिे अपिे माता-वपता को रह अहसास द्लारा कक वे ्वरं जलवारु पररवतमिि की सम्रा का एक बड़ा
दह्सा हैं। अपिी जीवि शैलदी ब्ले त्बिा मािव के भववषर की सुरक्ा और खुशहालदी के रलए वे कु् भी
िहदीं कर पाएँगे। इसके पहले कक सम्रा बढ़ती जाए और आिे वालदी पीढ़दी का भववषर अंिकारमर हो,
्ठोस क्म उ्ठािे की ज़रूरत है । ग्ेटा के ववचारों से प्रेररत होकर उसके माता वपता िे उसकी तरह हवाई
रारिा ि करिे और मांसाहार के ब्ले शाकाहार करिे का निशचर ककरा। ग्ेटा रह ्ठीक से जािती ्थी कक
एक वरस्त रा पररवार के हवाई रारिा ि करिे रा मांसाहर ि करिे से परामिवरण का संरक्ण िहदीं होिे
वाला, लेककि उनहें ्े ख कर और बाकी लोग भी इस बारे में सकारातमक रूप से सोचिे के रलए प्रेररत
होंगे। अपिे पररवार के सा्थ ्स
ू रे पररवारों के जुड़िे के बा् उसे अपिी आवाज़ सरकार तक पहुँचािी ्थी।
C अपिी आवाज़ सरकार तक पहुँचािे के रलए ग्ेटा िे ्ो सपताह तक ्कूल जािा बं् करके ्वीडि के
संस् भवि के सामिे मौि हड़ताल करिे का अि्ठ ू ा तरदीका अपिारा। शरु ु आत में ककसी िे उस पर धराि
िहदीं द्रा। पर उसकी लगि और दृढ़ता के कारण लोग उसके हा्थ से रलखे पचचे को पढ़िे के रलए खड़े
होिे लगे, सजसमें उसिे रलखा ्था, ‘जब तक सरकार जलवारु पररवतमिि की रोक्थाम के रलए कोई सकक्रर
क्म िहदीं उ्ठाएगी, मैं ्कूल िहदीं जाऊँगी। कु् लोग कहते हैं कक मझ ु े पढ़-रलख कर अपिा भववषर
बिािे के रलए ्कूल जािा चदहए। लेककि पढ़-रलख कर ्रा लाभ जब भववषर हदी िहदीं बचेगा? भववषर
को तो बड़े लोग अपिे आराम्े ह जीवि के रलए िषट करिे पर तल ु े हुए हैं! वे अपिे बचचों से परार करिे
का ्ावा करते हैं, लेककि वे उनहदीं का भववषर चरु ा रहे हैं।... आिे वालदी पीढ़दी के अस्ततव को बचाए रखिे
के रलए कोई बीच का रा्ता िहदीं हो सकता, रा हम सभरता की सरु क्ा करें रा उसे िषट होिे ्ें !’
D ग्ेटा अब अकेलदी िहदीं ्थी, उसके सहपाद्ठरों िे भी उसका सा्थ ्े कर प्रनत शक्र ु वार को संस् भवि के
सामिे िरिा ्े िा शरू ु ककरा। िीरे -िीरे ्वीडि के बाहर के 270 ्े शों के रव ु क-रव
ु नतराँ आं्ोलि के
सा्थ जड़ ु कर सरकारदी िीनत ब्लिे के रलए जट ु गए। आशचरमि की बात तो रह है कक उिके माता-वपता
एवं रशक्ण सं््थाओं िे भी ्ारिों की ्कूल में अिप ु स््थनत को ्वीकार ककरा। ग्ेटा ्थि ु बगमि को जलवार-ु
सममेलि में संर् ु त राषट्र में आमंत्रित ककरा गरा। ्े श-वव्े श के प्रनतनिथिरों को समबोथित करते हुए
ग्ेटा िे जलवारु पररवतमिि के संकट का सामिा करिे में राजिीनतज्ों की असफलता की बात करते हुए
कहा, ‘वे काबमिि बजट की बात करते हैं, पर काबमिि बजट तो हम पहले हदी खचमि कर चक ु ें हैं अब तो हम
आिे वालदी पीढ़दी के दह्से से उिार लेकर चल रहे हैं। आिे वालदी पीढ़दी के भववषर की सरु क्ा के रलए
काबमिि िुटवप्रंट को कम करिे की सज़ममे्ारदी सभी ्े शों की है । हम बचचे रह कर रहे हैं ्रोंकक हमें
हमारदी आशाएँ और सपिे वापस चादहए!’ ग्ेटा िे रह रसदि कर द्रा कक पररवतमिि लािे के रलए कोई भी
बहुत ्ोटा िहदीं होता। उसका दृढ़ ववशवास है कक जिशस्त के सहरोग से पररवतमिि होकर हदी रहे गा।
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्नीचे ढ़दए गए वकतिव्ों (6-14) को पढ़िए तिथया कोष्ठक में सही कया न्नशया्न लगया कर बतियाइए कक कौ्न सया
अ्नुचछे द ककस वकतिव् से समबबंधिति है ।
A B C D
A B C D [2]
A B C D [2]
A B C D [2]
A B C D [2]
9 ग्ेटा का सोचिा ्था कक वतमिमाि पीढ़दी अपिी सुवविा के रलए आिे वालदी पीढ़दी को ्ाँव पर लगा रहदी है ।
A B C D [2]
A B C D [2]
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11 ग्ेटा के अिुसार आ्तें ब्लिा जलवारु पररवतमिि रोकिे के रलए सहदी द्शा में पहला क्म है ।
A B C D [2]
A B C D [2]
13 जलवारु पररवतमिि से केवल मिुषर हदी िहदीं पशु-पक्ी और वि्पनत भी प्रभाववत हैं।
A B C D [2]
[पणाांक 18]
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अभ्यास 3 प्रश्न 14
अपिे ््थािीर अिा्थाश्म की सहारता करिे के रलए आप एक कारमिक्रम आरोसजत कर रहे / रहदी हैं। एक
््थािीर वरापारदी को ई-मेल दवारा आरोजि की सच ू िा ्े कर उसके रलए दटकट त्बक्री करिे में सहारता करिे का
आग्ह करें । आपके ई-मेल में निमिरलणखत बातें ससममरलत होिी चादहए:
आपकया ई-मेल लगभग 120 शबदों में हो्नया चयाढ़हए। आपको पता रलखिे की आवशरकता ्नहीबं है ।
आपको 4 अंक अंतवमि्तु के रलए और 6 अंक सटीक भारा और शैलदी के रलए द्ए जाएंगे।
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