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बहुविकल्पीय प्रश्न-बैंक सत्र – प्रथम 2021-22 कऺा :दसिीीं (हहन्दी अ ) pg.

1
मुख्य संरक्षक
CHIEF PATRON
श्री बी.एल.मोरोड़िया
SH. B.L. MORODIYA

ईपायुक्त
DEPUTY COMMISSIONER
JAIPUR REGION

संरक्षक समन्वयक
PATRON COORDINATOR
श्री ददग्ग राज मीणा श्री कै लाशचन्द मीणा
SH. D.R. MEENA SH. KAILASH CHAND MEENA

सहायक अयुक्त प्राचायय


ASSISTANT COMMISSIONER PRINCIPAL
JAIPUR REGION के न्रीय ड़वद्यालय सीकर

बहुविकल्पीय प्रश्न-बैंक सत्र – प्रथम 2021-22 कऺा :दसिीीं (हहन्दी अ ) pg. 2


प्रड़तदशय प्रश्न-पत्र 1
प्रथम सत्र : 2021-22
कक्षा : दसवीं समयावड़ध : 90 ड़मड़नट
ड़वषय : ड़हन्दी पाठ्यक्रम - ऄ (कोड-002) ऄड़धकतम ऄंक : 40

ड़वषयवस्तु बहुड़वकल्पीय प्रश्न – भार ऄंक भार

ऄपठित गद्यांश 10 प्रश्न (पााँच प्रश्नों का ईत्तर देने है) 5 ऄंक

ऄपठित पद्यांश 10 प्रश्न (पााँच प्रश्नों का ईत्तर देने है) 5 ऄंक

रचना के अधार पर वाक्य-भेद 5 प्रश्न(चार प्रश्नों का ईत्तर देने है) 4 ऄंक

वाच्य 5 प्रश्न(चार प्रश्नों का ईत्तर देने है) 4 ऄंक

पद पठरचय 5 प्रश्न(चार प्रश्नों का ईत्तर देने है) 4 ऄंक

रस 5 प्रश्न(चार प्रश्नों का ईत्तर देने है) 4 ऄंक

पठित गद्यांश 5 प्रश्न 5 ऄंक

बहुड़वकल्पीय प्रश्न 2 प्रश्न 2 अंक

पठित पद्यांश 5 प्रश्न 5 ऄंक

बहुड़वकल्पीय प्रश्न 2 प्रश्न 2 ऄंक

54 प्रश्न(40 प्रश्नों का ईत्तर देने है) 40 ऄंक

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प्रथम सत्र
प्रड़तदशय प्रश्नपत्र-1
सत्र : 2021-22
कक्षा : दसवीं समयावड़ध : 90 ड़मनट
ड़वषय : हहदी पाठ्यक्रम - ऄ (कोड-002) ऄड़धकतम ऄंक : 40
सामान्य ड़नदेश
* आस प्रश्न-पत्र में तीन खंड हैं- खंड-क , खंड -ख, खंड -ग ।
* आस प्रश्नपत्र में कु ल 10 वस्तुड़नष्ठ प्रश्न पूछे गए हैं। सभी प्रश्नों में ईप प्रश्न ददए गए हैं । ददए गए ड़नदेशों का पालन
करते हुए प्रश्नों के ईत्तर दीड़जए ।
* खंड -क में कु ल 20 प्रश्न पूछे गए हैं, ददए गए ड़नदेशों का पालन करते हुए के वल 10 प्रश्नों के ईत्तर दीड़जए ।
* खंड -ख में कु ल 20 प्रश्न पूछे गए हैं, ददए गए ड़नदेशों का पालन करते हुए के वल 16 प्रश्नों के ईत्तर दीड़जए ।
* खंड -ग में कु ल 14 प्रश्न पूछे गए हैं, ददए गए ड़नदेशों का पालन करते हुए सभी प्रश्नों के ईत्तर दीड़जए ।
* सही ईत्तर वाले गोले को भली प्रकार से नीली या काली स्याही वाले बॉल पाआंट पैन से ओ . एम. अर. शीट में भरें ।
खण्ड क - ऄपठित (गद्यांश -पद्यांश)
1. ड़नम्नड़लड़खत गद्यांशो में से दकसी एक गद्यांश को ध्यान पूवक
य पढ़कर ईस पर अधाठरत प्रश्नों के ईत्तर दीड़जए - 1 x 5 =5
संसार के सभी देशों में ड़शड़क्षत व्यड़क्त की सबसे पहली पहचान यह होती है दक वह ऄपनी मातृभाषा में दक्षता से काम
कर सकता है |के वल भारत ही एक देश है ड़जसमें ड़शड़क्षत व्यड़क्त वह समझा जाता है जो ऄपनी मातृभाषा में दक्ष हो या नहीं,
दकन्तु ऄंग्रेज़ी में ड़जसकी दक्षता ऄसंददग्ध हो | संसार के ऄन्य देशों में सुसंस्कृ त व्यड़क्त वह समझा जाता है ड़जसके घर में ऄपनी
भाषा की पुस्तकों का संग्रह हो ड़जसे बराबर यह पता रहे दक ईसकी भाषा के ऄच्छे लेखक और कड़व कौन हैं तथा समय -समय
पर ईनकी कौनसी कृ ड़तयााँ प्रकाड़शत हो रही हैं |भारत में ड़स्थड़त दूसरी है |यहााँ प्रायः घर में साज- सज्जा के अधुड़नक ईपकरण तो
होते है दकन्तु ऄपनी भाषा की कोइ पुस्तक या पड़त्रका ददखाइ नहीं पिती| यह दुरवस्था भले ही दकसी ऐड़तहाड़सक प्रदक्रया का
पठरणाम है ,दकन्तु वह सुदशा नहीं ,दुरवस्था ही है और जब तक यह दुरवस्था कायम है हमें ऄपने अप को ,सही ऄथों में ड़शड़क्षत
और सुसंस्कृ त मानने का िीक -िीक न्यायसंगत ऄड़धकार नहीं है |
(1) संसार के ऄन्य देशों में ड़शड़क्षत व्यड़क्त दकसे कहते हैं ?
(1) जो ऄंग्रेज़ी जानता हो (2) जो पढ़ना -ड़लखना जानता हो
(3) जो मातृभाषा में दक्ष हो (4) जो ड़हन्दी जानता हो
(2) भारतीय सुसस्ं कृ त जनों के घरों में दकस चीज़ का ऄभाव होता है ?
(1) अधुड़नक ईपकरणों का (2) ऄंग्रेज़ी पत्र -पड़त्रकाओं का
(3) ऄपनी भाषा की पत्र -पड़त्रकाओं का (4) साज -सज्जा का
(3) भारत में ड़शड़क्षत जन कौन हैं ?
(1) जो पुस्तकें पढ़ता हो (2) जो ड़हन्दी जानता हो
(3) जो ड़वश्व की ऄन्य भाषा जानता हो (4) जो ऄंग्रेज़ी जानता हो

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(4) ‘दुरवस्था’ में कौन -सा ईपसगय है –
(1) दु (2) दुर् (ग) दूर (घ) अ
(5) ईपयुक्त शीषयक बताआए –
(1) ऄंग्रेज़ी की गुलामी (2) भारतीय ऄंग्रेज़
(3) मातृभाषा का ड़तरस्कार (4) भारतीय ड़शड़क्षतों का ऄंग्रेज़ी मोह
ऄथवा
साधारण तौर पर जब हम साफ राड़त्र में अकाश की ओर देखते होंगे तो हमें दूर -दूर तक हजारों तारे ठटमठटमाते हुए
ददखाइ देते होंगे |ईन्हें देखकर लगता है दक जैसे दकसी ने ईन्हें अकाश की काली पृष्ठभूड़म पर ड़चपका रखा है |कइ बार हमें अश्चयय
होता है दक वे हर रात एक ही जगह कै से बने रहते है ,ड़गर क्यों नहीं जाते ? वैज्ञाड़नक तथ्य तो यह है दक तारे वास्तव में एक
जगह ड़स्थर नहीं रहते हैं |ड़जस प्रकार पृथ्वी तथा ऄन्य अि ग्रह सूयय के चारों ओर ऄपने - ऄपने पथ पर चलते रहते हैं |हमें लगता
है दक तारे एक ही जगह ड़स्थर हैं ,क्योंदक हम ईन्हें चलते हुए नहीं देख सकते हैं |आसका कारण यह है दक वे हम से हजारों हज़ार
दकलोमीटर दूर हैं |जब वे चलते हुए भी होते हैं तब भी ऐसा लगता है दक वे एक ही जगह हैं |आसके ऄड़तठरक्त एक शड़क्त है ,ड़जसे
हम गुरुत्वाकषयण शड़क्त कहते हैं ,ड़जस के कारण चलते समय भी तारे ऄपने पथ पर बने रहते हैं वह ईनको एक दूसरें से टकराने से
भी बचाती है |
(6) अकाश की काली पृष्ठभूड़म पर दकसके ड़चपके होने की बात की गइ है?
(1) सूयय के (2) ठटमठटमाते तारों के (3) वैज्ञाड़नकों के (4) चमकते चााँद के
(7) आस गद्यांश में दकस वैज्ञाड़नक तथ्य का ईल्लेख दकया गया है ?
(1) पठरभ्रमण (2) पठरक्रमा (3) गुरुत्वाकषयण शड़क्त (4) दैड़नक गड़त
(8) हम तारों को चलते हुए क्यों नहीं देख सकते ?
(1) क्योंदक वे ठटमठटमाते हैं (2) क्योंदक वे हम से दूर हैं
(3) धार्ममक ऄंधड़वश्वास है (4) गुरुत्वाकषयण शड़क्त से वे ड़स्थर रहते हैं
(9) पृथ्वी एवं ऄन्य ग्रह दकसके चारों ओर चक्कर लगाते हैं ?
(1) चााँद के (2) सूयय के (3) धरती के (4) ड़वश्व के
(10) ईपयुयक्त गद्यांश का क्या शीषयक हो सकता है ?
(1) अकाश के वैज्ञाड़नक तथ्य (2) ड़वज्ञान एक चमत्कार
(3) अकाश के तारे (4) तारे ओर हम
2. ड़नम्नड़लड़खत पद्यांशों में से दकसी एक पद्यांश को ध्यान पूवक
य पढ़कर ईस पर अधाठरत प्रश्नों के ईत्तर
दीड़जए - 1 x 5 =5
मुक्त करो नारी को ,मानव !
ड़चर बंददनी नारी को ,
युग- युग की बबयर कारा से
जनड़न ,सखी ,प्यारी को !
ड़छन्न करो सब स्वणय- पाश
ईसके कोमल तन- मन के ,
वे अभूषण नहीं ,दाम
ईसके बंदी जीवन के !

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ईसे मानवी का गौरव दे
पूणय सत्व दो नूतन ,
ईसका मुख जग का प्रकाश हो ,
ईिे ऄंध ऄवगुंिन |
मुक्त करो जीवन- संड़गनी को ,
जनड़न देड़व को अदृत
जग जीवन में मानव के संग
हो मानवी प्रड़तड़ष्ठत !
प्रेम स्वगय हो धरा ,मधुर
नारी मड़हमा से मंड़डत ,
नारी – मुख दक नव दकरणों से
युग -प्रभाव हो ज्योड़तत !
(11) कड़व नारी को दकस दशा से मुक्त कराना चाहता है
(1) समाज के बंधन से (2) पुरुष के बंधन से
(3) पठरवार के बंधन से (4) स्त्री -रूपी के बंधन से
(12) ‘ड़छन्न करो सब स्वणय- पाश’ से क्या तात्पयय है ?
(1) नारी को लोहे की जंजीरों से ऄलग करना (2) नारी को समाज से ऄलग करना
(3) नारी को सोने के अभूषण से ऄलग करना (4) नारी को सब प्रकार की वस्तुओं से ऄलग करना
(13) कड़व नारी को दकस-दकस रूप में प्रड़तड़ष्ठत करना चाहता है ?
(1) बंददनी के रूप में (2) माता के रूप में
(3) संघषी के रूप में (4) मानवी, युग को प्रकाश देने वाली के रूप में
(14) ‘ युग- युग की बबयर कारा से ‘ पंड़क्त में कौनसा ऄलंकार है ?
(1) ऄनुप्रास ऄलंकार (2) श्लेष ऄलंकार (3) पुनुरुड़क्तप्रकाश ऄलंकार (4) यमक ऄलंकार
(15) कड़व नारी को मानवी के रूप में क्यों प्रड़तड़ष्ठत करना चाहता है ?
(1) कड़व नारी को पुरुष प्रधान समाज से मुक्त कराना चाहता है
(2) कड़व नारी को समाज में प्रड़तष्ठा ददलाना चाहता है
(3) वह समाज में नारी दक सशक्त भूड़मका चाहता है
(4) ईपरोक्त सभी
ऄथवा
मुाँह ढांक कर सोने से बहुत ऄच्छा है
दक ईिो ज़रा
कमरे की गदय को ही झाि लो ।
शेल्फ में ड़बखरी दकताबों का ढेर
तड़नक चुन दो ।
ड़छतरे – ड़छतराए सब ड़तनकों को फें को ।
ड़खिकी के ईढ़के हुए

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पल्लों को खोलो
ज़रा हवा ही अए।
सब रौशन कर जाए।
........... हााँ ,ऄब िीक
तड़नक अहट से बैिो
जने दकस क्षण कौन अ जाए ।
खुली हुइ दफज़ा में
कोआ गीत ही लहर जाए।
अहट में ऐसे प्रतीक्षातुर देख तुहहें
कोइ फठरश्ता ही अ पिे ।
मााँगने से जाने क्या दे जाए ।
नहीं तो स्वगय से ड़नवायड़सत
दकसी ऄप्सरा को ही
यहााँ अश्रय दीख पिे ।
खुले हुए द्वार से बिी संभावनाएाँ हैं ड़मत्र !
नहीं तो जाने क्या कौन
दस्तक दे -देकर लौट जाएाँगे ।
सुनो
दकसी अगत की प्रतीक्षा में बैिना
मुहाँ ढांक कर सोने से बहुत बेहतर है ।
(16) ‘मुह
ाँ ढांक कर सोने’ से कड़व का क्या अश्य है ?
(1) सुख – चैन से रहना (2) ऄपने अस-पास जो कु छ घट रहा है ईससे ऄनड़भज्ञ रहना
(3) मुहाँ को चादर से ढाँक कर सोना (4) ऄज्ञान में पिे रहना
(17) ‘खुले हुए द्वार से’ अने वाली कौन -सी संभावना नहीं है ?
(1) प्रकाश भर जाए (2) कोइ फठरश्ता ही अ जाए
(3) कोइ ऄप्सरा ही अ जाए (4) कोइ ड़भखारी ही अ जाए
(18) ड़खिकी के ईढ़के हुए पल्लों को खोलो- पंड़क्त में ‘ड़खिकी’ से कड़व का क्या अशय है ?
(1) कमरे की ड़खिकी (2) तन की ड़खिकी
(3) मन की ड़खिकी (4) आन में से कोइ नहीं
(19) ’ड़नवायड़सत’ शब्द दक रचना दकस ईपसगय – प्रत्यय से हुइ है ?
(1) ड़न: + वास + आत (2) ड़नर् + वासी + त (3) ड़न + वासी + त (4) ड़न: + व + अड़सत
(20) आस काव्यांश का ईपयुक्त शीषयक हो सकता है –
(1) खोलो ड़खिकी दरवाजे (2) ईिो जागो
(3) अगत का स्वागत (4) मुाँह ढाँककर सोओ

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खंड – ख (व्यावहाठरक व्याकरण) 1X16=16
3.ड़नदेशानुसार दकन्हीं चार प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए – 1x4 = 4
(21) ‘ड़वपड़त्त अने पर ऄपने भी साथ छोि देते हैं।‘रचना के अधार पर वाक्य वाक्य-भेद है –
(1) सरल वाक्य (2) संयुक्त वाक्य (3) ड़मड़श्रत वाक्य (4) ड़वधानवाचक
(22) ड़नम्नड़लड़खत में से ड़मश्र वाक्य है –
(1) बालक रोया और चुप हो गया । (2) तुहहारे घर जाते ही वह रोने लगी ।
(3) ड़जन बच्चों ने शोर मचाया था , ईन्हें पकि ड़लया गया है । (4) वह ऄसली था, आसड़लए ड़वफल हुअ
(23) घंटी बजी , छात्र पुस्तकें लेकर कक्षा से बाहर ड़नकले , छात्र घर चले गए | संयुक्त वाक्य में बदड़लए |
(1) घंटी बजते ही छात्र पुस्तकें लेकर घर चले गए ।
(2) घंटी बजी और छात्र पुस्तकें लेकर कक्षा से बाहर ड़नकले
(3) घंटी बजी और छात्र पुस्तकें लेकर कक्षा से बाहर ड़नकलकर घर चले गए ।
(4) आन में से कोइ नहीं ।
(24) ड़शक्षक ने कहा दक कल छु ट्टी रहेगी । रे खांदकत ईपवाक्य क भेद है -
(1) संज्ञा अड़श्रत ईपवाक्य (2) सवयनाम अड़श्रत ईपवाक्य
(3) ड़वशेषण अड़श्रत ईपवाक्य (4) दक्रयाड़वशेषण अड़श्रत ईपवाक्य
(25) वाक्य के ऄंग होते हैं –
(1) ईद्देश्य (2) ड़वधेय (3) 1 और 2 दोनों (4) आन में से कोइ नहीं
4. ड़नदेशानुसार दकन्हीं चार प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए – 1x4 = 4
(26) बुद्ध ने ड़वश्व को शांड़त का संदश
े ददया । आस वाक्य में वाच्य भेद होगा -
(1) कमयवाच्य (2) भाववाच्य (3) कतृयवाच्य (4) आनमें से कोइ नहीं
(27) ड़नम्नड़लड़खत में से भाववाच्य वाला वाक्य छांठटए-
(1) गीता नहीं चलती है । (2) गीता चल नहीं सकती ।
(3) गीता से चला नहीं जाता । (4) गीता चली जा रही है ।
(28) श्यामा पुस्तक पढ़ती है । ईपयुक्त
य वाक्य को कमयवाच्य में बदड़लए-
(1) श्यामा द्वारा पुस्तक पढ़ी जा रही है । (2) श्यामा से पुस्तक पढ़ी जाती है ।
(3) श्यामा के द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है । (4) आन में से कोइ नहीं ।
(29) ड़नम्नड़लड़खत में से कमयवाच्य वाला वाक्य छांठटए-
(1) नैना द्वारा चारपाइ बुनी गइ । (2) ऄब ददय सहा नहीं जाता ।
(3) बच्चे पाकय में खेल रहे हैं। (4) रड़व चाय पी रहा है।
(30) ड़नम्नड़लड़खत में से कौन -सा भाववाच्य का सही ड़वकल्प नहीं है –
(1) राहुल से ड़लखा नहीं जाता है । (2) ईससे ऄब रहा नहीं गया ।
(3) पक्षी अकश में ईि रहें हैं । (4) मीना से भागा नहीं जाता ।

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5. ड़नदेशानुसार दकन्हीं चार प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए – 1x4 = 4
(31) ईसके बगीचे में लाल फू ल ड़खले है । रे खांदकत पद का पठरचय है –
(1) गुणवाचक ड़वशेषण ,एकवचन ,पुहल्लग ,फू ल ड़वशेषय
(2) संख्यावचक ड़वशेषण ,बहुवचन ,पुहल्लग ,फू ल ड़वशेषय
(3) गुणवाचक ड़वशेषण ,बहुवचन ,पुहल्लग ,फू ल ड़वशेषय
(4) पठरमाणवाचक ड़वशेषण ,एकवचन ,पुहल्लग ,फू ल ड़वशेषय

(32) यह पुस्तक दकसकी है ? रे खांदकत पद का पठरचय है –


(1) सावयनाड़मक ड़वशेषण , एकवचन , ‘पुस्तक’ ड़वशेषय
(2) सवयनाम ,एकवचन ,पुहल्लग , कतायकारक
(3) पुरुषवाचक सवयनाम ,एकवचन ,स्त्रीहलग , कतायकारक
(4) भववाचक संज्ञा ,एकवचन ,स्त्रीहलग , कमयकारक

(33) दरवाजे पर कोइ है। रेखांदकत पद का पठरचय है –


(1) ऄड़नश्चयवाचक सवयनाम ,एकवचन ,स्त्रीहलग/ पुहल्लग, कतायकारक
(2) ड़नश्चयवाचक सवयनाम ,एकवचन ,स्त्रीहलग/ पुहल्लग, कतायकारक
(3) ऄड़नश्चयवाचक सवयनाम ,एकवचन ,स्त्रीहलग , कतायकारक
(4) ड़नश्चयवाचक सवयनाम ,एकवचन ,स्त्रीहलग , कमयकारक

(34) कु णाल ने कक्षा में प्रथम स्थन पाया । रे खांदकत पद का पठरचय है –


(1) व्यड़क्तवाचक संज्ञा,एकवचन,स्त्रीहलग, कतायकारक
(2) जाड़तवाचक संज्ञा,एकवचन,स्त्रीहलग, कतायकारक
(3) व्यड़क्तवाचक संज्ञा,एकवचन,पुहल्लग, कतायकारक
(4) भाववाचक संज्ञा,एकवचन,स्त्रीहलग, कतायकारक
(35) वाह ! हम ईत्तीणय हो गए । रे खांदकत पद का पठरचय है –
(1) ड़वस्मयाददबोधक ऄव्यय ,शोकबोधक
(2) ड़वस्मयाददबोधक ऄव्यय ,हषयबोधक
(3) ड़वस्मयाददबोधक ऄव्यय ,अश्चययबोधक
(4) ड़वस्मयाददबोधक ऄव्यय ,क्रोधबोधक
6. ड़नदेशानुसार दकन्हीं चार प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए – 1x4 = 4
(36) ‘ड़वभत्स रस’ का स्थाइ भाव है -
(1) ईत्साह (2) ड़नवेद (3) जुगुप्सा (4) करुण

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(37) ‘जब मैं था तब हठर नहह ,
ऄब हठर है मैं नहह ।
सब ऄंड़धयारा ड़मट गया ,
जब दीपक देख्या माहह।‘ ईपयुक्त
य काव्य पंड़क्तयों में ड़नड़हत रस है –
(1) भड़क्त रस (2) करुण रस (3) ऄद्भुत रस (4) शांत रस
(38) ‘वीर रस’ का स्थाइ भाव है-
(1) शोक (2) ईत्साह (3) रड़त (4) क्रोध
(39) ‘देख सुदामा की दीन दशा,
करुणा करके करुणा ड़नड़ध रोये ।
पानी परात को हाथ छु यो नहह,
नैनन के जल सो पग धोये ॥‘ ईपयुयक्त काव्य पंड़क्तयों में ड़नड़हत रस है –
(1) वीर रस (2) करुण रस (3) ऄद्भुत रस (4) वत्सल्य रस
(40) अलहबन ड़वभाव के दकतने प्रकार होते हैं -
(1) दो (2) चार (3) अि (4) दस
खंड – ग ( पाठ्य पुस्तक) 1X14
7. ड़नम्नड़लड़खत गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही ड़वकल्प चुनकर ड़लड़खए – 1X5 =5
हालदार साहब को पानवले द्वारा एक देशभक्त का आस तरह मज़ाक ईिाया जाना ऄच्छा नहीं लगा । मुिकर देखा तो ऄवाक्
रह गए । एक बेहद बूढ़ा मठरयल - सा लाँगिा ऄदमी ड़सर पर गांधी टोपी और अाँखों पर काला चश्मा लगाए एक हाथ में एक
छोटी - सी संदक
ू ची और दूसरे हाथ में एक बााँस पर टाँगे बहुत – से चश्में ड़लए ऄभी - ऄभी एक गली से ड़नकला था और ऄब एक
बंद दुकान के सहारे ऄपना बााँस ठटका रहा था । तो आस बेचारे की दुकान भी नहीं ! फे री लगाता है ! हालदार साहब चक्कर में में
पि गए । पूछना चाहते थे , आसे कै प्टन क्यों कहते हैं? क्या यही आसका वास्तड़वक नाम है ? लेदकन पानवाले ने साफ बता ददया
था दक ऄब वह आस बारे में और बात करने को तैयार नहीं । ड्राआवर भी बेचैन हो रहा था । हालदार साहब जीप में बैिकर चले
गए ।
(41) हालदार साहब कों पानवाले की कौन - सी बात ऄच्छी नहीं लगी ।
(1) मजाक ईिना (2) प्रंशसा करना (3) हनदा करना (4) सहायता करना
(42) कै प्टन देखने में कै सा था ?
(1) जवान व हृष्ट – पुष्ट (2) गोरा – ड़चट्टा (3) फौजी (4) बूढ़ा व कमजोर
(43) हालदार साहब कै प्टन के बारे में क्या पूछना चाहते थे ?
(1) कहााँ रहता है। (2) दुकान कहााँ पर है ।
(3) ईसे कै प्टन क्यों कहते हैं । (4) वह क्या काम करता है
(44) कै प्टन क्या कायय करता है ?
(1) दुकान पर बैिता है (2) फे री लगाकर चश्मा बेचता है
(3) पान बेचता है (4) मूर्मत बनाता है
(45) हालदार साहब दकस कारण कै प्टन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं प्राप्त कर सके ?

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(1) कै प्टन ने मना कर ददया । (2) समय की कमी ।
(3) जानने की आच्छा नहीं थी । (4) पानवाले ने मना कर ददया

8. ड़नम्नड़लड़खत प्रश्नों के ईत्तर सही ड़वकल्प चुनकर ड़लड़खए - 1 x 2 =2


(46) बालगोड़बन भगत ने पतोहू के भाइ को क्या अदेश ददया ?
(1) घर से बाहर ड़नकलने का (2) पतोहू के पुनर्मववाह का
(3) बेटे को मुखाड़ि देने का (4) पतोहू को ऄपने घर नहीं ले जाने का
(47) मृत्यु की पूवय संध्या पर लेखक को बालगोड़बन भगत के गीत का स्वर कै सा लगा ?
(1) दमदार (2) ड़बखरा हुअ (3) ककय श (4) ऄड़धक मधुर

9. ड़नम्नड़लड़खत पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही ड़वकल्प चुनकर ड़लड़खए - 1x5 =5
मन की मन ही मांझ रही ।
कड़हए जाआ कौन पै ईधौ , नाहीं परत कही ।
ऄवड़ध ऄधार अस अवन की , तन मन ड़बथा सही ।
ऄब आन जोग संदसे ड़न सुनी -सुनी , ड़बरड़हड़न ड़बरह दही ।
चाहड़त हुती गुहाठर ड़जतड़ह तै , ईत तै धार बड़ह ।
‘ सूरदास’ ऄब धीर धरड़ह क्यों , मरजाद न लही ।।
(48) दकस के मन की ऄड़भलाषाएाँ मन के मन में ही रह गइ ?
(1) ईद्धव के (2) गोड़पयों के
(3) श्रीकृ ष्ण के (4) आनमें से कोइ नहीं
(49) ईपयुयक्त कव्यांश में कौन -सा रस ड़नड़हत है ?
(1) शांत रस (2) करुण रस
(3) संयोग श्रृंगार (4) ड़वयोग श्रृंगार
(50) गोड़पयों ने कॄ ष्ण के अने की अशा के अधार पर क्या दकया था ?
(1) तन -मन के दुखों को सहन (2) योग की ड़शक्षा को ग्रहण
(3) ऄपने दुखों का त्याग (4) आनमें से कोइ नहीं
(51) गोड़पयों के ऄनुसार, श्री कृ ष्ण ने क्या कर ददया हैं?
(1) योग का त्याग (2) गोड़पयों का त्याग
(3) मयायदाओं का त्याग (4) ऄपनी आच्छाओं क त्याग
(52) ‘ऄवड़ध ऄधार अस अवन की’ पंड़क्त में कौन -सा ऄलंकार है?
(1) श्लेष (2) रूपक (3) ऄनुप्रास (4) यमक

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10. ड़नम्नड़लड़खत प्रश्नों के ईत्तर सही ड़वकल्प चुनकर ड़लड़खए - 1 x 2 =2
(53) परशुराम के क्रोध का मूल कारण क्या था ?
(1) लक्ष्मण की व्यंग्यपूणय ईड़क्तयााँ (2) जनक द्वारा ड़शव धनुष को सभा में रखना
(3) ड़शव धनुष का टू टना (4) श्रीराम द्वारा ड़शव धनुष का ऄपमान करना
(54) परशुराम द्वारा लक्ष्मण को मारने के ड़लए फरसा ईिाने पर सभा में ईपड़स्थत लोगों की क्या प्रड़तदक्रया हुइ ?
(1) सभाजन शांड़तपूवयक बैिे रहें (2) सभाजन हाहाकार मचाने लगे
(3) सभाजन प्रसन्न मुर में बैिे रहें (4) एक -एक कर सभी लोग सभा से जाने लगे

ईत्तर संकेत
प्रड़तदशय प्रश्न-पत्र-1
कक्षा : दसवीं समयावड़ध : 90 ड़मड़नट ड़वषय : ड़हन्दी
पाठ्यक्रम - ऄ (कोड-002) ऄड़धकतम ऄंक : 40
संभाड़वत ईत्तर संकेत एवं ऄंक योजना

(1) (1) जो मातृभाषा में दक्ष हो (7) (3) गुरुत्वाकषयण शड़क्त


(2) (3) ऄपनी भाषा की पत्र -पड़त्रकाओं का (8) (2) क्योंदक वे हम से दूर हैं
(3) (4) जो ऄंग्रज़
े ी जानता हो
(4) (2) दुर् (9) (2) सूयय के
(5) (4) भारतीय ड़शड़क्षतों का ऄंग्रज़
े ी मोह (10) (1) अकाश के वैज्ञाड़नक तथ्य
(6) (1) ठटमठटमाते तारों के

(11) (2) पुरुष के बंधन से


(12) (3) नारी को सोने के अभूषण से ऄलग करना
(13) (4) मानवी, युग को प्रकाश देने वाली के रूप में
(14) (3) पुनरु
ु ड़क्तप्रकाश ऄलंकार
(15) (4) ईपरोक्त सभी
(16) (2) ऄपने अस-पास जो कु छ घट रहा है ईससे ऄनड़भज्ञ रहना
(17) (4) कोइ ड़भखारी ही अ जाए
(18 ) (3) मन की ड़खिकी
(19) (1) ड़न: + वास + आत
(20) (1) खोलो ड़खिकी दरवाजे
(21 ) (1) सरल वाक्य

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(22) (3) ड़जन बच्चों ने शोर मचाया था , ईन्हें पकि ड़लया गया है ।
(23 ) (3) घंटी बजी और छात्र पुस्तकें लेकर कक्षा से बाहर ड़नकलकर घर चले गए ।
(24) (1) संज्ञा अड़श्रत ईपवाक्य
(25) (3) क और ख दोनों
(26) (3) कतृव
य ाच्य
(27) (3) गीता से चला नहीं जाता ।
(28) (3) श्यामा के द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है ।
(29) (1) नैना द्वारा चारपाइ बुनी गइ ।
(30) (3) पक्षी अकाश में ईि रहें हैं ।
(31) (3) गुणवाचक ड़वशेषण ,बहुवचन ,पुहल्लग ,फू ल ड़वशेषय
(32) (1) सावयनाड़मक ड़वशेषण , एकवचन , ‘पुस्तक’ ड़वशेषय
(33) (1) ऄड़नश्चयवाचक सवयनाम ,एकवचन ,स्त्रीहलग/ पुहल्लग, कतायकारक
(34) (3) व्यड़क्तवाचक संज्ञा,एकवचन,पुहल्लग, कतायकारक
(35) (2) ड़वस्मयाददबोधक ऄव्यय ,हषयबोधक
(36) (3) जुगप्ु सा
(37) (4) शांत रस
(38) (2) ईत्साह
(39) (2) करुण रस
(40) (1) दो
(41) (1 ) मजाक ईिाना
(42) (4) बूढ़ा व कमजोर
(43) (3) ईसे कै प्टन क्यों कहते हैं ।
(44) (2) फे री लगाकर चश्मा बेचता है
(45) (4) पानवले ने मना कर ददया
(46) (2) पतोहू के पुनर्मववाह का
(47) (2) ड़बखरा हुअ
(48) (2) गोड़पयों के (50) (1) तन-मन के दुखों को सहन
(49) (4) ड़वयोग श्रृग
ं ार (51) (3) मयायदाओं का त्याग
(52) (3) ऄनुप्रास
(53) ग) ड़शव धनुष का टूटना
(54) ख) सभाजन हाहाकार मचाने लगे

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प्रथम सत्र
प्रड़तदशय प्रश्नपत्र -2 (2021-22)
कक्षा : दसवीं समयावड़ध : 90 ड़मड़नट
ड़वषय : ड़हन्दी पाठ्यक्रम - ऄ (कोड-002) ऄड़धकतम ऄंक : 40
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सामान्य ड़नदेश-
* आस प्रश्न-पत्र में तीन खंड हैं- खंड-क , खंड -ख, खंड -ग ।
* आस प्रश्नपत्र में कु ल 10 वस्तुड़नष्ठ प्रश्न पूछे गए हैं। सभ प्रश्नों में ईप प्रश्न ददए गए हैं । ददए गए ड़नदेशों का
पालन करते हुए प्रश्नों के ईत्तर दीड़जए ।
* खंड -क में कु ल 20 प्रश्न पूछे गए हैं, ददए गए ड़नदेशों का पालन करते हुए के वल 10 प्रश्नों के ईत्तर
दीड़जए ।
* खंड -ख में कु ल 20 प्रश्न पूछे गए हैं, ददए गए ड़नदेशों का पालन करते हुए के वल 16 प्रश्नों के ईत्तर
दीड़जए ।
* खंड -ग में कु ल 14 प्रश्न पूछे गए हैं, ददए गए ड़नदेशों का पालन करते हुए सभी प्रश्नों के ईत्तर दीड़जए ।
* सही ईत्तर वाले गोले को भली प्रकार से नीली या काली स्याही वाले बॉल पाआंट पैन से ओ . एम. अर.
शीट में भरें ।
खंड-क (ऄपठित गद्यांश)
.1नीचे दो ऄपठित गद्यांश ददए गए हैं आन में से दकसी एक गद्यांश को सावधानीपूवक
य पदढ़ए तथा पूछे गए प्रश्नों के सही ईत्तर
का चुनाव कीड़जए-
यदद मनुष्य और पशु के बीच कोइ ऄंतर है तो के वल आतना दक मनुष्य के भीतर ड़ववेक है और पशु ड़ववेकहीन
है। आसी ड़ववेक के कारण मनुष्य को यह बोध रहता है दक क्या ऄच्छा है और क्या बुरा। आसी ड़ववेक के कारण मनुष्य यह समझ
पाता है दक के वल खाने-पीने और सोने में ही जीवन का ऄथय और आड़त नहीं। के वल ऄपना पेट भरने से ही जगत के सभी कायय
संपन्न नहीं हो जाते और यदद मनुष्य का जन्म ड़मला है तो के वल आसी चीज का ड़हसाब रखने के ड़लए नहीं दक आस जगत ने ईसे
क्या ददया है ? और न ही यह सोचने के ड़लए दक यदद आस जगत ने ईसे कु छ नहीं ददया तो वह आस संसार के भले के ड़लए कायय
क्यों करे । मानवता का बोध कराने वाले आस गुण ‘ड़ववेक’ की जननी का नाम ‘ड़शक्षा’ है। ड़शक्षा ड़जसके ऄनेक रूप समय के
पठरवतयन के साथ आस जगत में बदलते रहते हैं, वह जहााँ कहीं भी ड़वद्यमान रही है सदैव ऄपना कायय करती रही है। यह ड़शक्षा ही
है ड़जसकी धुरी पर यह संसार चलायमान है। ड़ववेक से लेकर ड़वज्ञान और ज्ञान की जन्मदात्री ड़शक्षा ही तो है। ड़शक्षा हमारे
भीतर ड़वद्यमान वह तत्त्व है ड़जसके बल पर हम बात करते हैं, कायय करते हैं, ऄपने ड़मत्रों और शत्रुओं की सूची तैयार करते हैं,
ईलझनों को सुलझनों में बदलते हैं। ऄसल में सीखने और ड़सखाने की प्रदक्रया को ही ‘ड़शक्षा’ कहते हैं। ड़शक्षा ईन तथ्यों का तथा
ईन तरीकों का ज्ञान कराती है ड़जन्हें हमारे पूवयजों ने खोजा था-सभ्य तथा सुखी जीवन ड़बताने ड़लए।अज यदद हम सुखी जीवन
ड़बताना चाहते हैं तो हमें ईन तरीकों को सीखना होगा, ईन तथ्यों को जानना होगा ड़जन्हें जानने के ड़लए हमारे पूवज
य ों ने ड़नरं तर
सददयों तक शोध दकया है। यह के वल ड़शक्षा के द्वारा ही संभव है।
(1) मानवता बोध कराने वाले गुण की जननी दकसे कहा गया है ?
(1) धरती को (2) ड़ववेक को (3) ड़शक्षा को (4) सदाचार को

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(2) जीवन को सुखी बनाना है तो -
(1) हमें ड़ववेकशील बनाना होगा ।
(2) ईन तथ्यों को जानना होगा , ड़जनको जानने के ड़लए हमारे पूवयजों ने ड़नरंतर शोध दकया ।
(3) ड़शक्षा के महत्त्व को समझना होगा ।
(4) ईपयुयक्त सभी बातों को समझना होगा और ऄपने जीवन में लागू करना होगा ।
(3) ईपयुक्त
य गद्यांश के अधार पर सत्य कथन छााँठटए
(1) मनुष्य ड़ववेकशील है , पशु ड़ववेकहीन है ।
(2) पशु ड़ववेकशील है, मनुष्य ड़ववेकहीन है
(3) दोनों में बराबर का ड़ववेक है ।
(4) दोनों के ड़लए के वल खाने-पीने और सोने में ही जीवन का ऄथय और आड़त है ।
(4) ड़शक्षा के ड़वषय में ददए गए कथनों पर ड़वचार करते हुए ऄसत्य कथन को छााँठटए-
(1) ड़शक्षा ड़जसके ऄनेक रूप समय के पठरवतयन के साथ आस जगत में बदलते रहते हैं
(2) ऄसल में सीखने और ड़सखाने की प्रदक्रया को ही ‘ड़शक्षा’ कहते हैं।
(3) ड़शक्षा ईन तथ्यों का तथा ईन तरीकों का ज्ञान कराती है ड़जन्हें हमारे पूवयजों ने खोजा था ।
(4) यह ड़शक्षा ही है ड़जसकी धुरी पर यह संसार गड़तहीन हो गया है।
(5) ईपयुयक्त गद्यांश के अधार ड़भन्नाथयक शब्द का चयन कीड़जए ।
(1) जननी (2) जन्मदात्री
(3) ड़शक्षा (4) माता

ऄथवा

राष्ट्रभाषा होने के ड़लए दकसी भाषा में कु छ ड़वशेषताएाँ होना ऄड़नवायय होता है। सवयप्रथम गुण ईस भाषा की व्यापकता
है। जो भाषा देश के सवायड़धक जनों और सवायड़धक क्षेत्र में बोली और समझी जाती हो वही राष्ट्रभाषा पद की ऄड़धकाठरणी होती
है। भाषा की समृद्धता ईसकी दूसरी ड़वशेषता है। ईस भाषा का शब्द-समुदाय ज्ञान-ड़वज्ञान की सभी ईपलड़ब्धयों को व्यक्त करने
की क्षमता रखता हो। धमय, दशयन, ड़वज्ञान, सामाड़जक पठरवतयन, ऄन्तरायष्ट्रीय पठरदृश्य अदद सभी कु छ ईस भाषा द्वारा
जनसाधारण तक पहुाँचाया जा सके । तीसरी ड़वशेषता ईसकी सरलता है। ऄन्य भाषा-भाषी ईसे ड़बना कठिनाइ के सीख सकें । ईसे
भाषा की ड़लड़प भी सरल और वैज्ञाड़नक पद्धड़त पर अधाठरत हो तथा ईस भाषा में ड़नरन्तर ड़वकड़सत होने की सामथ्यय हो।
ईपयुयक्त ड़वशेषताओं के पठरप्रेक्ष्य में ड़वचार करने पर समस्त भारतीय भाषाओं में ड़हन्दी ही राष्ट्रभाषा की ऄड़धकतम
योग्यता रखती है। देश की ऄड़धसंख्यक जनता द्वारा वह बोली एवं समझी जाती है। ज्ञान-ड़वज्ञान के ड़वड़वध ड़वषयों पर ईसमें
साड़हत्य-ड़नमायण हुअ है और हो रहा है। तकनीकी और पाठरभाड़षक शब्दावली के ड़लए जहााँ ईसे संस्कृ त का समृद्ध शब्द-भण्डार
प्राप्त है वहीं ईसकी पाचन-शड़क्त भी ईदार है। ईसकी ड़लड़प पूणय वैज्ञाड़नक है। आस प्रकार ड़हन्दी ने स्वयं को राष्ट्रभाषा का
ईत्तरदाड़यत्व साँभालने के ड़लए गहभीरता से तैयार दकया है।

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(6) दकसी भाषा के राष्ट्रभाषा होने के ड़लए ईसमें दकस गुण का होना अवश्यक है?
(1) भाषा की व्यापकता
(2) जो भाषा देश के सवायड़धक जनों और सवायड़धक क्षेत्र में बोली और समझी जाती हो
(3) ज्ञान-ड़वज्ञान के ड़वड़वध ड़वषयों पर ईसमें साड़हत्य-ड़नमायण हुअ हो और हो रहा हो ।
(4) ईपयुयक्त सभी गुण अवश्यक हैं ।
(7) भारतीय भाषाओं में कौन-सी भाषा राष्ट्रभाषा होने की ऄड़धकतम योग्यता रखती है तथा क्यों?
(1) ड़हन्दी , ऄपनी राष्ट्र भाषा की सभी ड़वशेषताओं पर खरी ईतरने के कारण ।
(2) ड़हन्दी , ऄपनी प्राचीनता के कारण ।
(3) ड़हन्दी, सवयमान्य भाषा होने के कारण ।
(4) ऄंग्रेजी , एक ऄंतरराष्ट्रीय भाषा होने के कारण
(8) ड़हन्दी भाषा का ''समृद्ध शब्द भंडार है तथा ईसकी पाचन शड़क्त भी ईदार है'' कथन का अशय है -
(1) ड़हन्दी भाषा में शब्द भंडार की कोइ कमी नहीं है
(2) ड़हन्दी भाषा में तकनीकी और पाठरभाड़षक शब्दावली ऄंग्रेजी भाषा की देन है ।
(3) ड़हन्दी भाषा ने संस्कृ त, ईदूय ,तथा ऄन्य भारतीय तथा ड़वदेशी भाषाओं से ऄपने शब्द भंडार को समृद्ध दकया है
(4) ड़हन्दी ड़वश्व की सभी भाषाओं की जननी है ।
(9) ''वैज्ञाड़नक '' शब्द का सही ड़वग्रह है-
(1) वै + ज्ञान + आक (2) वी + ज्ञान + आक
(3) ड़व +ज्ञान + आक (4) वी + ज्ञान + इक
(10) ड़हन्दी भाषा की ड़लड़प है -
(1) वैज्ञाड़नक (2) ऄवैज्ञाड़नक
(3) ऄद्धय वैज्ञाड़नक (4) ड़मड़श्रत ड़लड़प
.2नीचे दो ऄपठित पद्यांश ददए गए हैं आन में से दकसी एक पद्यांश को सावधानीपूवक
य पदढ़ए तथा पूछे गए प्रश्नों के सही ईत्तर
का चुनाव कीड़जए |

समय का जब सब कु छ मैला है असमान


जब प्यार नहीं रहा गंदगी बरसाने वाले
सवयसहा पृथ्वी का एक ऄछोर फै ला है
अधार नहीं रहा कही चले जाओ
न वाणी साथ है ड़वनती नहीं है
न पानी साथ है वायु प्राणप्रद
न कही प्रकाश है स्वच्छ अदंकर अदमी
सब जग से गायब है
(11) कड़व ने धरती के बारे में क्या कहा है ?
(1) रत्नगभाय (2) अधारड़शला (3) सवयसहा (4) मााँ

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(12) 'अदंकर अदमी' से क्या तात्पयय है-
(1) मानवीयता से भरपूर अदमी (2) उंचे कद का अदमी
(3) सहपूणय मनुष्य (4) सामान्य अदमी
(13) असमान की तुलना दकससे से की गयी है…
(1) समुर से (2) नीली झील से (3) पतंग से (4) गंदगी बरसाने वाले थैले से
(14) प्राणदान का तात्पयय है-
(1) प्राणों को पूणय करने वाला (2) प्राण प्रदान करने वाला
(3) प्राणों को प्रणाम करने वाला (4) प्राणों को छीन लेने वाला
(15) कड़व समय से कब और क्यों कतराना चाहते हैं
(1) दकसी के पास बात करने का समय नहीं (2) दकसी को दो क्षण बैिने का समय नहीं
(3) दकसी को प्यार करने का समय नही (4) दकसी को गप मारने का समय नही
ऄथवा
हाँस लो दो क्षण खुशी ड़मली तो दकतने रह-रह ड़गर जाते हैं,
वरना जीवन-भर क्रदन है।
हाँसता शड़श भी ड़छप जाता है,
दकसका जीवन हाँसी-खुशी में
जब सावन घन ड़घर अते हैं।
आस दुड़नया में रहकर बीता?
ईगता-ढलता रहता सूरज
सदा सवयदा संघषों को ड़जसका साक्षी नील गगन है।
आस दुड़नया में दकसने जीता? असमान को छू ने वाली,
ड़खलता फू ल हलान हो जाता वे उाँची-उाँची मीनारें ।
हाँसता-रोता चमन-चमन है। ड़मट्टी में ड़मल जाती हैं वे
दकतने रोज चमकते तारे ड़छन जाते हैं सभी सहारे ।
दूर तलक धरती की गाथा यदद तुमको मुसकान ड़मली तो
मौन मुखर कहता कण-कण है। थामो सबको हाथ बढ़ाकर।
यदद तुमको सामथ्यय ड़मला तो झााँको ऄपने मन-दपयण में
मुसकाओं सबके संग जाकर। प्रड़तहबड़बत सबका अनन है।
(16) कड़व दो क्षण के ड़लए ड़मली खुशी पर हाँसने के ड़लए क्यों कह रहे हैं ?
(1) जीवन में खुड़शयााँ कम ही अती है (2) जीवन में क्रंदन/दुखों की कमी नहीं है
(3) हाँसता हुअ अदमी िीक लगता है (4) हाँसना ही जीवन का नाम है
(17) कड़वता में संसार की दकस वास्तड़वकता का वणयन है ?
(1) संसार की हर चीज नाशवान है (2) संसार की सभी चीजें स्थायी हैं
(3) संसार में के वल दुख ही दुख हैं (4) संसार सुखों का सागर है
(18) हलान कौन हो जाता है ?
(1) ड़खलता फू ल (2) ईिती हुइ धूल
(3) हाँसने वाला व्यड़क्त (4) नीला गगन

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(19) ड़मट्टी में ड़मल जाती हैं -
(1) उाँची -उाँची मीनारें (2) बिे -बिे लोग
(3) उाँचे - उाँचे पहाि (4) आन में से कोइ नहीं
(20) ''हाँसता शड़श भी ड़छप जाता है'' कब ?
(1) जब वषाय होती है (2) जब सूरज ड़नकलता है
(3) जब सावन का मड़हना अता है (4) जब सावन घन ड़घर अते हैं

खंड -ख
(व्यावहाठरक व्याकरण )(1X16=16)
3. ड़नदेशानुसार दकन्ही चार प्रश्नो के ईत्तर दीड़जए- (1 X 4 = 4 )
(21) रचना के अधार पर वाक्य भेद नहीं है -
(1) असान वाक्य (2) सरल वाक्य (3) संयुक्त वाक्य (4) ड़मश्र वाक्य
(22) '' जो करे गा सो भरेगा ।'' वाक्य का प्रकार है -
(1) सरल वाक्य (2) ड़मश्र वाक्य (3) संयुक्त वाक्य (4) असान वाक्य
(23) ड़नम्न में से संयक्त
ु वाक्य है -
(1) सीता और गीता बहनें हैं (2) सीता की बहन गीता है
(3) राम , श्याम तथा मोहन ड़वद्यालय गए है (4) अप चाय लोगे या कॉफी ?
(24) ‘मोहन दो ददन नड़नहाल गया । सब ईसको चाहने लगे ।‘ आस वाक्य को संयक्त
ु वाक्य में बदड़लए ।
(1) जब मोहन दो ददन नड़नहाल गया , तब सभी ईन्हें चाहने लगे
(2) मोहन दो ददन नड़नहाल जाकर सबका चहेता बन गया
(3) मोहन दो ददन नड़नहाल गया और सब ईसको चाहने लगे
(4) जैसे ही मोहन दो ददन नड़नहाल गया वैसे ही सब ईसको चाहने लगे
(25) ड़नम्न में से सरल वाक्य का चयन कीड़जए -
(1) राम , श्याम , रोहन और रोहन का भाइ हमारे पिोसी हैं
(2) जब कमय करोगे तब फल भी ड़मलेगा ।
(3) रीता पढ़ाइ करती है और सीता ड़सलाइ करती है
(4) अप ददल्ली घूमने जाओगे या मुंबइ ।
4. ड़नदेशानुसार दकन्ही चार प्रश्नो के ईत्तर दीड़जए - (1 X 4 = 4 )
(26) ड़नम्न में से कौन से वाच्य के भेद हैं-
(1) कतृयवाच्य, कमयवाच्य, भाववाच्य (2) संज्ञा, सवयनाम
(3) कारक, वचन (4) कताय का काल , दक्रया का फल

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(27) जब दक्रया का प्रयोग कताय के हलग, वचन और कारक के ऄनुसार होता है, तब कौन सा वाच्य होता है?
(1) कमयवाच्य (2) कतृयवाच्य (3) भाववाच्य (4) ड़मश्र वाच्य
(28) 'सुनार गहने बनाता है' वाच्य भेद बताआए |
(1) कमयवाच्य (2) कतृयवाच्य (3) भाववाच्य (4) ईपयुयक्त सभी
(29) ड़शकारी द्वारा ड़शकार दकया जाता है' वाच्य भेद बताआए।
(1) कतृयवाच्य (2) भाववाच्य
(3) कमयवाच्य (4) ड़मश्र वाक्य
(30) ईससे खाना नहीं खाया जाता' वाच्यभेद बताआए।
(1) कतृयवाच्य (2) कमयवाच्य
(3) ड़मश्र वाक्य (4) भाववाच्य
5. ड़नदेशानुसार दकन्ही चार प्रश्नो के ईत्तर दीड़जए- (1 X 4 = 4)
(31) मुंशी प्रेमचंद ने गोदान की रचना की। रे खांदकत पद का सही पद पठरचय होगा -
(1) जाड़तवाचक संज्ञा, एकवचन, पुहल्लग, कताय कारक
(2) व्यड़क्तवाचक संज्ञा, एकवचन, पुहल्लग, कमय कारक
(3) व्यड़क्तवाचक संज्ञा, एकवचन, पुहल्लग, कताय कारक
(4) जाड़तवाचक संज्ञा, एकवचन, पुहल्लग, कमय कारक
(32) राड़धका ने अपको बुलाया है। रे खांदकत पद का सही पद पठरचय होगा -
(1) प्रथम पुरुषवाचक सवयनाम, पुहल्लग, एकवचन, कमय कारक
(2) ड़नजवाचक सवयनाम, पुहल्लग/स्त्रीहलग, एकवचन, कताय कारक
(3) मध्यम पुरुषवाचक सवयनाम, स्त्रीहलग/पुहल्लग, एकवचन, कमय कारक
(4) ईत्तम पुरुषवाचक सवयनाम, स्त्रीहलग/पुहल्लग, एकवचन, कमय कारक
(33) ठरया पटना जा रही है। रे खांदकत पद का सही पद पठरचय होगा -
(1) जाड़तवाचक संज्ञा, स्त्रीहलग, एकवचन, कमय कारक
(2) व्यड़क्तवाचक संज्ञा, स्त्रीहलग, एकवचन, कताय कारक
(3) भाववाचक संज्ञा, पुहल्लग, एकवचन, करण कारक
(4) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीहलग, एकवचन, कमय कारक
(34) राके श अिवीं कक्षा में पढ़ता है। रे खांदकत पद का सही पद पठरचय होगा -
(1) ड़वशेषण, संख्यावाचक, अवृड़त्तसूचक, स्त्रीहलग, एकवचन, कक्षा' ड़वशेष्य
(2) ड़वशेषण, पठरमाणवाचक, क्रमसूचक, स्त्रीहलग, एकवचन, कक्षा' ड़वशेष्य
(3) ड़वशेषण, संख्यावाचक, क्रमसूचक, स्त्रीहलग, एकवचन, कक्षा' ड़वशेष्य
(4) ड़वशेषण, ड़नश्चयवाचक, क्रमसूचक, स्त्रीहलग, एकवचन, 'कक्षा' ड़वशेष्य

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(35) वाह! दकतना सुन्दर मोर है। रे खांदकत पद का सही पद पठरचय होगा -
(1) ऄव्यय, ड़वस्मयाददबोधक, शोक सूचक
(2) ऄव्यय, संबंध बोधक, शोक सूचक
(3) दक्रया ड़वशेषण, काल वाचक, मोर की ड़वशेषता बता रहा
(4) ऄव्यय, ड़वस्मयाददबोधक, हषय सूचक
6. ड़नदेशानुसार दकन्ही चार प्रश्नो के ईत्तर दीड़जए- (1 X 4 = 4)
(36) ‘शांत रस’ का स्थाइ भाव है-
(1) ड़नवेद (2) ऄद्भुत (3) वीर (4) श्रृंगार
(37) ‘वीभत्स रस’ का स्थायी भाव है -
(1) भय (2) ड़नवेद (3) शोक (4) जुगुप्सा/घृणा
(38) ''मैं सत्य कहता हूाँ सखे, सुकुमार मत जानो मुझे |
यमराज से भी युद्ध में प्रस्तुत सदा मानो मुझे || '' पंड़क्त में रस का होगा -
(1) वीर रस (2) संयोग रस (3) शांत रस (4) करुण रस
(39) ''रे नृप बालक काल बस बोलत तेड़ह न संभार |
धनु ही सम ड़त्रपुराठर धनु, ड़वददत सकल संसार |'' पंड़क्त में रस का होगा -
(1) ड़वयोग रस (2) रौर रस (3) संयोग रस (4) करुण रस
(40) दकसके संयोग से रस की ड़नष्पड़त होती है ?
(1) ड़वभाव (2) ऄनुभाव (3) व्याड़भचारी भाव (4) ईपयुयक्त सभी

खंड-ग (पाठ्य पुस्तक ) (1 X 14 = 14)


7. ड़नम्नड़लड़खत पठित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सही ड़वकल्प बताआए- 1X 5 = 5
ड़बहड़स लखन बोले मृद ु बानी । ऄहो मुनीसु महाभट मानी ॥
पुड़न पुड़न मोड़ह देखाव कु िारु । चहत ईडावन फूाँ क पहारु ॥
आहााँ कु हहड्बड़तया कोई नाहीं । जे तजरनी देड़ख मठर जाहह ॥
देड़ख कु िार सरासन बाना । मै कु छ कहा सड़हत ऄड़भमाना॥
भृगुसुत समुड़झ जनेई ड़बलोकी । जो कु छ कहहु सहौं ठरस रोकी ॥
सुर मड़हसुर हठरजन ऄरु गाइ । हमरे कु ल आन्ह पर न सुराइ ॥
बधे पाप ऄपकीरड़त हारें । मारतहू पा पठरऄ तुहहारें ॥
कोठट कु ड़लस सम बचनु तुहहारा । ब्यथय धरहु धनु बान कु िारा ॥
जो ड़बलोदक ऄनुड़चत कहेईाँ छमहु महामुड़न धीर ।
सुड़न सरोष भृगुबंस्मड़न बोले ड़गरा गंभीर ॥
(41) लक्ष्मण दकस पर वीरता ददखाना पाप समझते हैं ।
(1) देवता और गाय (2) ब्राह्मण और भगवान के भक्त
(3) ईपयुयक्त दोनों (4) आन में से कोइ नहीं

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(42) ''भृगस
ु त
ु समुड़झ जनेई ड़बलोकी'' रे खांदकत शब्द दकन के ड़लए अया है -
(1) राम के ड़लए (2) ड़वश्वाड़मत्र के ड़लए
(3) लक्ष्मण के ड़लए (4) परशुराम के ड़लए
(43) ''मारतहू पा पठरऄ तुहहारें '' कौन -दकसके पैर पिने की बात कह रहा है -
(1) परशुराम ड़शव जी के (2) परशुराम लक्ष्मण के
(3) लक्ष्मण परशुराम के (4) लक्ष्मण -श्री राम के
(44) 'कु हहड्बड़तया' शब्द दकसका प्रतीक है ?
(1) वीर पुरुष का (2) कमजोर और कायर व्यड़क्त का
(3) एक रसीले फल का (4) ऄपनी प्रशंसा करने वालों का
(45) 'ड़बहड़स लखन बोले मृद ु बानी' लक्ष्मण के हाँसकर मीिी वाणी में बोलने का क्या कारण था ?
(1) लक्ष्मण - परशुराम जी से डर गए थे
(2) लक्ष्मण - परशुराम का मज़ाक ईिाना चाह रहे थे
(3) लक्ष्मण - परशुराम का गुस्सा शांत करना चाहते थे
(4) लक्ष्मण - श्री राम के सामने गुस्सा नहीं करना चाहते थे
8. ड़नम्नड़लड़खत प्रश्नो के सही ईत्तर वाले ड़वकल्प चुनाव कीड़जए- 1X2=2
(46) ईद्धव कृ ष्ण के प्रेम से ईस तरह छू ते हैं जैसे ………. के पत्ते कमल के भीतर रहकर भी जल्द से ऄछू ते रहते हैं।
(1) गुलाब (2) अम (3) सेब (4) कमल
(47) ईद्धव अगमन ने गोड़पयों की ड़वरह ऄड़ि को:
(1) शांत कर ददया। (2) प्रज्वड़लत कर ददया।
(3) कु छ नहीं दकया। (4) ईपरोक्त कोइ भी नहीं।
. 9ड़नम्नड़लड़खत पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के सही ड़वकल्प चुड़नए -
हालदार साहब को हर पंरहवें ददन कं पनी के काम से एक छोटे से कस्बे से गुजरना पिता था। कस्बा बहुत बिा नहीं था।
लेदकन कस्बे में एक छोटा सा बाजार-,एक लिकों का स्कू ल , एक लिदकयों का स्कू ल , एक सीमेंट का छोटा सा कारखाना , दो
ओपन ड़सनेमा घर और एक नगरपाड़लका थी। नगरपाड़लका कस्बे में हमेशा कु छ न कु छ काम करती रहती थी। जैसे कभी सिकों
को पक्का करना , कभी शौचालय बनाना , कभी कबूतरों की छतरी बनाना। और कभी-कभी तो वह कस्बे में कड़व सहमेलन भी
करा देती थी। एक बार आसी नगरपाड़लका के एक ईत्साही प्रशासड़नक ऄड़धकारी ने शहर के मुख्य बाजार के मुख्य चौराहे पर
नेताजी सुभाष चंर बोस की एक संगमरमर की प्रड़तमा लगवा दी। “नेताजी का चश्मा ” कहानी की शुरुअत बस यहीं से होती है।
नगरपाड़लका के पास आतना बजट नहीं था दक वह दकसी ऄच्छे मूर्मतकार से नेताजी की मूर्मत बनवाते। आसीड़लए ईन्होंने कस्बे के
आकलौते हाइ स्कू ल के आकलौते ड्राआंग मास्टर मोतीलाल जी से मूर्मत बनवाने का ड़नणयय ड़लया। ड़जन्होंने नेताजी की मूर्मत को
महीने भर में ही बनाकर नगरपाड़लका को सौंप ददया।
)48 दकस पाि से ड़लया गया है ईपयुयक्त गद्यांश (?
)1 - नेताजी का चश्मा- पाि ( स्वयं प्रकाश )2 रामवृक्ष बेनीपुरी - बाल गोहवद भगत -पाि (
)3 स्वयं - पाि (प्रकाश का चश्मा नेताजी - )4बाल गोहवद भगत -रामवृक्ष बेनीपुरी -पाि (

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)49 कस्बे में क्या नहीं था (?
)1 एक (छोटा सा बाजार ।-
)2 दो (ओपन ड़सनेमा घर और दो एक नगरपाड़लका थी।
)3 एक (लिकों का स्कू ल , एक लिदकयों का स्कू ल ।
)4 एक (सीमेंट का छोटा सा कारखाना ।
)50 आकलौते (ड्राआंग मास्टर मोतीलाल जी से मूर्मत बनवाने का ड़नणयय क्यों ड़लया गया ?
)1 कस्बे में कोइ कलाकार काम करने को तैयार नहीं था । (
)2( मास्टर मोतीलाल जी की कलाकारी बहुत प्रड़सद्ध थी
)3 नगरपाड़लका (के पास बजट का ऄभाव था ।
)4 मास्टर (मोतीलाल नेताजी की सेना में काम कर चुका था ।
)51 म कौन करताकस्बे में कु छ न कु छ का (/ करती रहती थी ?
)1 हालदार साहब ( )2 कं पनी ( )3 नगरपाड़लका ( )4ड् (राआंग मास्टर
5)2 ('नेताजी' शब्द प्रयुक्त हुअ है ?
)1 देश के राजनेताओं के ड़लए । ( )2 सुभाष चंर बॉस के ड़लए । (
)3 देशभक्तों के ड़लए । ( )4 पाि के लेखक के ड़लए। (
10 . ड़नम्नड़लड़खत प्रश्नों के सही ईत्तर वाले ड़वकल्प चुनाव कीड़जए - 1X2=2
(53) बेटे की मृत्यु के पश्चात् बालगोड़बन भगत की अड़खरी दलील क्या थी ?
(1) पतोहू का पुनर्मववाह करवाना (2) पतोहू को ड़शक्षा ददलवाना ।
(3) पतोहू को घर से ड़नकालना । (4) आन में से कोइ नहीं ।
(54) बाल गोड़बन भगत कबीर को क्या मानते थे ?
(1) भगवान (2) गुरु (3) साहब (4) ड़शष्य

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प्रथम सत्र
प्रड़तदशय प्रश्नपत्र-2 (2021-22)
कक्षा : दसवीं समयावड़ध : 90 ड़मड़नट
ड़वषय : ड़हन्दी पाठ्यक्रम - ऄ (कोड-002) ऄड़धकतम ऄंक : 40

ईत्तर संकेत और ऄंक योजना


(1) (3) ड़शक्षा को
(2) (4) ईपयुयक्त सभी बातों को समझना होगा और ऄपने जीवन में लागू करना होगा ।
(3) (1) मनुष्य ड़ववेकशील है , पशु ड़ववेकहीन है ।
(4) (4) यह ड़शक्षा ही है ड़जसकी धुरी पर यह संसार गड़तहीन हो गया है।
(5) (3) ड़शक्षा
(6) (4) ईपयुक्त
य सभी गुण अवश्यक हैं ।
(7) (1) ड़हन्दी , ऄपनी राष्ट्र भाषा की सभी ड़वशेषताओं पर खरी ईतरने के कारण ।
(8) (3) ड़हन्दी भाषा ने संस्कृ त, ईदूय ,तथा ऄन्य भारतीय तथा ड़वदेशी भाषाओं से ऄपने शब्द भंडार को समृद्ध दकया है
(9) (3) ड़व +ज्ञान + आक
(10) (1) वैज्ञाड़नक
(11) (3) सवयसहा
(12) (1) मानवीयता से भरपूर अदमी
(13) (4) गंदगी बरसाने वाले थैले से
(14) (2) प्राण प्रदान करने वाला
(15) (2) दकसी को दो क्षण बैिकर प्यार से बातें करने का समय नहीं है
(16) (2) जीवन में क्रंदन/दुखों की कमी नहीं है
(17) (2) संसार की हर चीज नाशवान है
(18) (1) ड़खलता फू ल
(19) (1) उाँची -उाँची मीनारें
(20) (4) जब सावन घन ड़घर अते हैं
(21) (1) असान वाक्य
(22) (2) ड़मश्र वाक्य
(23) (4) अप चाय लोगे या कॉफी ?
(24) (3) मोहन दो ददन नड़नहाल गया और सब ईसको चाहने लगे
(25) (1) राम , श्याम , रोहन और रोहन का भाइ हमारे पिोसी हैं
(26) (1) कतृव
य ाच्य, कमयवाच्य, भाववाच्य

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(27) (2) कतृव
य ाच्य
(28) (2) कतृव
य ाच्य
(29) (3) कमयवाच्य
(30) (4) भाववाच्य
(31) (3) व्यड़क्तवाचक संज्ञा, एकवचन, पुहल्लग, कताय कारक
(32) (3) मध्यम पुरुषवाचक सवयनाम, स्त्रीहलग/पुहल्लग, एकवचन, कमय कारक
(33) (2) व्यड़क्तवाचक संज्ञा, स्त्रीहलग, एकवचन, कताय कारक
(34) (3) ड़वशेषण, संख्यावाचक, क्रमसूचक, स्त्रीहलग, एकवचन, कक्षा' ड़वशेष्य
(35) (4) ऄव्यय, ड़वस्मयाददबोधक, हषय सूचक
(36) (1) ड़नवेद
(37) (4) जुगप्ु सा/घृणा
(38) (1) वीर रस
(39) (2) रौर रस
(40) (4) ईपयुयक्त सभी
(41) (3) ईपयुयक्त दोनों
(42) (1) परशुराम के ड़लए
(43) (3) लक्ष्मण परशुराम के
(44) (2) कमजोर और कायर व्यड़क्त का
(45) (2) लक्ष्मण - परशुराम का मज़ाक ईिाना चाह रहे थे
(46) (4) कमल
(47) (2) प्रज्वड़लत कर ददया।
(48) (1) पाि -नेताजी का चश्मा - स्वयं प्रकाश
(49) (2) दो ओपन ड़सनेमा घर और दो एक नगरपाड़लका थी।
(50) (3) नगरपाड़लका के पास बजट का ऄभाव था ।
(51) (3) नगरपाड़लका
(52) (2) सुभाष चंर बॉस के ड़लए ।
(53) (क) पतोहू का पुनर्मववाह करवाना
(54) (ग) साहब

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प्रथम-सत्र
प्रड़तदशय प्रश्न-पत्र-3 (2021-22)
हहदी पाठ्यक्रम-ऄ (कोि -002)
कक्षा- दसवीं
ड़नधायठरत समाय :- 90 ड़मनट ऄड़धकतम ऄंक - 40
सामान्य ड़नदेश :-
 आस प्रश्नपत्र में तीन खंड हैं- खंड – क, ख, और खंड – ग |
 आस प्रश्नपत्र में कु ल दस वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं| सभी प्रश्नों के ईप प्रश्न ददए गए हैं| ददए गए ड़नदेशों का पालन करते
हुए प्रश्नों के ईत्तर दीड़जये|
 खंड क में कु ल बीस प्रश्न पूछे गए हैं , ददए गए ड़नदेशों का पालन करते के वल दस प्रश्नों के ही ईत्तर दीड़जये |
 खंड ख में कु ल बीस प्रश्न पूछे गए हैं, ददए गए ड़नदेशों का पालन करते हुए के वल सोलह प्रश्नों के ईत्तर दीड़जये|
 खंड ग में कु ल चौदह प्रश्न पूछे गए हैं | सभी प्रश्न ऄड़नवायय हैं|
 सही ईत्तर वाले गोले को भली प्रकार से के वल नीली या काली स्याही वाले बाल पॉआंट वाले पेन से ही ओ . एम. अर.
शीट में भरें |
खंड – क (ऄंक -10)
(ऄपठित गद्यांश)
1. नीचे दो ऄपठित गद्यांश ददए गए हैं | दकसी एक गद्यांश को ध्यानपूवक
य पदढ़ए और ईस पर अधाठरत प्रश्नों के सही
ड़वकल्प चुनकर ड़लड़खए - 1x5=5
पाठरश्रम ही अदशय ड़वद्याथी के जीवन का अधार है| अदशय ड़वद्याथी को कु छ भी कठिन या ऄसंभव नहीं समझना
चाड़हए, क्योंदक पठरश्रम तो ईसका सहयोगी हैं| वह पठरश्रम करे गा , तो ड़नड़श्चत ही सफलता ईसके चरण चूमेगी|
पुरुषाथी के ड़लए प्रत्येक ऄसंभव कायय भी संभव तथा कठिन कायय भी सरल हो जाता है| अदशय ड़वद्याथी को ऄपने
ड़वद्याथी जीवन में सुख की कामना दकए ड़बना ड़नरं तर पठरश्रम करते हुए ऄपने लक्ष्य की ओर ध्यान के ड़न्रत करना
चाड़हए तभी ड़वद्या ईसके व्यड़क्तत्व का ऄंग बन सकती है I सभी ड़वद्यार्मथयों को मन में यह धारण कर लेना चाड़हए दक
सुख की कामना और ड़वद्या की प्राड़प्त, ये दोनों दो ड़वरोधी बातें हैंI सुख चाहने वाले को ड़वद्या नहीं ड़मल सकती और
ड़वद्या चाहने वाले को तत्क्षण सुख की प्राड़प्त लगभग ऄसंभव है I
ड़नरंतर पठरश्रम ही ड़वद्या का मूल मंत्र है I यदद कोइ सोचे दक मैं पठरश्रम न करूाँ तो मैं सुखी हो जाउाँगा, तो यह
ईसकी भूल है I अलसी पिे रहने में कोइ सुख नहीं, प्रत्युत आससे दुःख , ड़नराशा और बुरी भावनाएाँ अकर घेर लेती हैं I
यह सभी मनुष्यों को पथभ्रष्ट करने में तथा ईसके भड़वष्य को ऄन्धकारमय बनाने में ऄपनी महत्वपूणय भूड़मका ड़नभाते हैं
I
1. अदशय ड़वद्याथी के जीवन का अधार क्या है?
(1) सहयोग (3) सफलता
(2) पठरश्रम (4) आसमें से कोइ नहीं

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2. ऄसंभव कायय भी संभव और कठिन कायय भी सरल हो जाता है|
(1) पुरुषाथी के ड़लए (3) ऄहंकारी के ड़लए
(2) अलसी के ड़लए (4) ऄकमयण्य के ड़लए
3. ड़वद्या का मूल मंत्र है|
(1) कामना (3) योजना
(2) ड़नरं तर पठरश्रम (4) यह सभी
4 . सफलता शब्द में प्रत्यय है|
(1) स (3) लता
(2) फलता (4) ता
5 . प्रस्तुत गद्यांश का ईड़चत शीषयक है|
(1) कठिन पठरश्रम ही सफलता की कुं जी है (3) ड़वद्या का मूलमंत्र
(2) अदशय ड़वद्याथी (4) ईपयुयक्त सभी
ऄथवा
महात्मा गााँधी का सपना था दक हम सभी भारतवासी स्वच्छता के बारे में सीखें और आसे व्यवहार में लाएाँ | वे पयायवरण को
स्वच्छ रखने पर काफी बल देते थे, लेदकन हम भारतवाड़सयों ने के वल बापू को याद रखा, ईनके ड़सद्धांतों को नहीं| स्वच्छता हम
सभी की नैड़तक, व्यावहाठरक एवं सामाड़जक ड़जहमेदारी भी है और हमारी अवश्कता भी| स्वच्छता के ड़बना समृड़ध नहीं अ
सकती| दुःख की बात है दक हम स्वच्छता के मामले में भी दूसरे देशों से बहुत पीछे हैं| अर्मथक बदहाली का रोना रोते रहना
हमारा स्वभाव बन गया है, लेदकन सफाइ जैसी साधारण – सी अदत को ऄपनाने के ड़लए भी हमें धन चाड़हए? हमारी सफाइ
की पठरभाषा के वल ऄपने-ऄपने घरों तक की ड़सड़मत होकर रहकर गइ है| ‘स्वच्छ भारत ऄड़भयान’ हमारे ड़लए सफाइ को
ऄपनाने एवं आसके प्रड़त संवद
े नहीनता त्यागने का ऄनुकल ऄवसर बनकर अया है| हमारे द्वारा स्वच्छ भारत का ड़नमायण बापू को
हमारी सच्ची श्रद्धांजड़ल होगी|
6.गांधीजी का सपना था दक भारतवासी-
(1) स्वच्छता के बारे में जाने
(2) स्वच्छता के बारे में ईपदेश दें
(3) स्वच्छता का प्रचार करें
(4) स्वच्छता का महत्व समझकर आसे व्यवहार में लाएाँ
7. स्वच्छता दकसकी ड़जहमेजारी है?
(1) के वल कु छ नागठरकों की (3) के वल सफाइ कमयचाठरयों की
(2) सभी नागठरकों की (4) दकसी की भी नहीं
8. स्वच्छता को दकसका प्रतीक माना गया?
(1) एकता का (3) नैड़तकता का
(2) स्वास्थ्य का (4) समृड़ध का
9. साफ सफाइ के प्रड़त हमारा दृड़ष्टकोण है|
(1) व्यापक परन्तु संवेदनहीन (3) ऄनैड़तक एवं सीड़मत
(2) सीड़मत एवं संवेदनहीन (4) साधारण एवं व्यावहाठरक

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10. संवद
े नहीन शब्द का ड़वलोम शब्द है|
(1) ऄसंवेदानहीन (3) ऄसंवेदनशील
(2) सवेंदनहीनता (4) संवेदनशील
2 . नीचे दो काव्यांश ददए गए हैं| दकसी एक काव्यांश को ध्यानपूवक
य पदढ़ए और ईसपर अधाठरत प्रश्नों के ईत्तर, सही ड़वकल्प
चुनकर ड़लड़खए I

मैं हूाँ ईनके साथ जो


सीधी रखते ऄपनी रीढ़ I
कभी नहीं जो तज सकते हैं
ऄपना न्यायोड़चत ऄड़धकार,
कभी नहीं जो सह सकते हैं
शीश नवाकर ऄत्याचार,
एक ऄके ले हो या ईनके
साथ खिी हो भारी भीि,
मैं हूाँ ईनके साथ खिी जो
सीधी रखते ऄपनी रीढ़ I
ड़नभयय होकर घोड़षत करते
जो ईपने ईद्गार-ड़वचार
ड़जसकी ड़जह्वा पर होता है
ईनके ऄंतर का ऄंगार,
नहीं ड़जन्हें चुप कर सकती हैं
अतताआयों की शमशीर;
मैं हूाँ ईनके साथ जो
सीधी रखते ऄपनी रीढ़ I
नहीं झुका करते जो दुड़नया
से करने को समझौता,
उाँचे से उाँचे सपनों को
देते रहते जो न्योता,
दूर देखती ड़जनकी पैनी अाँख
भड़वष्यत् का तम चीर,
मैं हूाँ ईनके साथ जो
सीधी रखते ऄपनी रीढ़ I
11.रचनाकार दकस तरह के लोगों को ऄपना समथयन करता है?
(1) सत्ता पर ड़नयंत्रण रखने वाले लोगों को
(2) ऄपनी रीढ़ सीधी रखने वाले स्वाड़भमान लोगों को
(3) ऄवसरवादी एवं लालची लोगों को
(4) मौकापरस्त लोगों को

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12. कव्यांश में प्रस्तुत ‘ऄंतर का ऄंगार’ से क्या तात्पयय है?
(1) दकसी से दूरी के कारण ईत्पन्न वैमनस्यता
(2) भौड़तक लाभों से वंड़चत रहने के कारण ईत्पन्न
(3) ऄपने हृदय की अग
(4) ईपयुयक्त सभी
13. ऄपनी रीढ़ सीधी रखनी वाले ऄथायत स्वाभीमानी एवं कमयि लोग ड़नम्नड़लड़खत में से क्या नहीं करते हैं?
(1) ऄत्याचार को सहन
(2) न्यायोड़चत ऄड़धकार की मांग
(3) सत्य का सामना
(4) उाँचे सपने यानी महान लक्ष्यों को ड़नमंड़त्रत
14. काव्यांश में प्रयुक्त शब्द ‘ऄत्याचार’ में मौजूद ईपसगय बताओं|
(1) ऄ (3) ऄत्य
(2) ऄत (4) ऄड़त
15. प्रस्तुत काव्यांश का सवायड़धक ईपयुक्त शीषयक है|
(1) स्वाड़भमानी व्यड़क्त (3) मैं हूाँ ईनके साथ
(2) स्वाड़भमान (4) सीधी रखते ऄपनी रीढ़
ऄथवा
एक ददन तने ने भी कहा था ,
जि?
जि तो जि ही है,
जीवन से सदा डरी रही है,
और यही है ईसका सारा आड़तहास
की जमीन में मुह
ाँ गडाए पिी रही है,
लेदकन मैं जमीन से उपर ईिा,
बाहर ड़नकला , बढ़ा हूाँ
आसी से तो तना हूाँ
एक ददन डालों ने भी कहा था
तना?
दकस बात पर है तना?
जहााँ ड़बिा ददया गया था वहीं पर है बना,
प्रगड़तशील जगत में ड़तल भर भी नहीं डोला है
खाया है, मोटाया है,
सहलाया चोला है,
लेदकन हम तने से फू टी,
ददशा-ददशा में गइ
उपर ईिी, नीचे अइ
हर हवा के ड़लए ढाल बनी, लहराइ

पष्ृ ठ 28 of 56
आसी से तो डाल कहलाइ
एक ददन पड़त्तयों ने भी कहा था,
डाल?
डाल में है क्या है कमाल?
माना वह झूमी है, झुकी, डोली है
ध्वड़न प्रधान दुड़नया में
एक शब्द भी वह कभी बोली है?
लेदकन हम हर-हर स्वर करती हैं,
ममयर स्वर ममय भरा भारती हैं
नूतन हर वषय हुइ,
पतझर में झर
बहार फू ट दफर छहरती हैं,
ड़वथदकत ड़चत पंथी का
शाप ताप हरती हैं|
16.तने ने जि को ड़नजीव कहा क्योंदक
(1) वह दकसी काम नहीं अती
(2) वह जमींन के नीचे पिी रहती है
(3) वह ड़स्थर है I
(4) आसमें जान नहीं होती I
17. डाल ने ऄपनी क्या साथयकता बताइ है?
(1) ईस पर पत्ते हैंI
(2) डाड़लयााँ संख्या में बहुत ऄड़धक होती हैं
(3) गड़तशील होती हैं I
(4) पक्षी घर बना सकते हैं I
18. पड़तयााँ डाल की दकस कमी की ओर संकेत करती हैं?
(1) डाल ड़हलने पर ध्वड़न नहीं करती
(2) डाल ड़हलती डु लती नहीं
(3) डाल दकसी काम नहीं अती
(4) डाल दकसी का सहारा नहीं बनती
19. पंथी का समानाथी शब्द है|
(1) पंथ (3) रास्ता
(2) राहगीर (4) पंख
20. प्रस्तुत काव्यांश का ईड़चत शीषयक ड़लड़खए|
(1) तने की कहानी (3) जि की जबानी
(2) डाड़लयों का झूमना (4) सहभाड़गता

पष्ृ ठ 29 of 56
खंड ख
(व्यावहाठरक व्याकरण)

3 . ड़नदेशानुसार दकन्हीं चार प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए- 1x4=4


21.मुझे पुरस्कार ड़मलने की अशा है| रचना की दृड़ष्ट से वाक्य का भेद बताआए|
(1) सरल वाक्य (3) संयुक्त वाक्य
(2) ड़मश्र वाक्य (4) ड़वधानवाचक वाक्य
22. मैं जानता हूाँ दक वह यह कायय नहीं कर सके गा| रेखांदकत ईपवाक्य का भेद ड़लड़खए|
(1) सवयनाम ईपवाक्य (3) ड़वशेषण ईपवाक्य
(2) संज्ञा ईपवाक्य (4) दक्रयाड़वशेषण ईपवाक्य
23. वे बोलते जा रहे थे और ड़पताजी का चेहरा गवय से बदलता जा रहा था| रचना के अधार वाक्य भेद बताआए|
(1) सरल वाक्य (3) संयुक्त वाक्य
(2) ड़मश्र वाक्य (4) कोइ नहीं
24. जब तुम जाओगे तभी मैं जाउाँगा | रे खांदकत ईपवाक्य का भेद बताआए I
(1) दक्रयाड़वशेषण ईपवाक्य (3) प्रधान ईपवाक्य
(2) संज्ञा ईपवाक्य (4) ड़वशेषण ईपवाक्य
25. ड़नम्नड़लड़खत में से ड़मश्र वाक्य है I
(1) तुम सच बोलते हो, आसड़लए महान हो I
(2) वह जूते खरीदने के ड़लए बाजार गया I
(3) जो छात्र ऄच्छे होते हैं, वे गुरू की अज्ञा मानते हैं I
(4) ईसने मूर्मत को देखा और रुक गया I
4 . ड़नदेशानुसार दकन्हीं चार प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए- 1x4=4
26.मोहन चल नहीं सकता| भाव वाच्य बनाआए|
(1) मोहन चलता नहीं है I
(2) मोहन से चला नहीं जाता I
(3) मोहन से नहीं चला गया I
(4) मोहन से नहीं चला जायेगा I
27.ड़नम्नड़लड़खत में से कौनसा भाव वाच्य है?
(1) लिकों द्वारा तोिफोि करवाइ गइ I
(2) मालती ने खाना खाया I
(3) आसमें से कोइ नहीं I
(4) लिकी से सोया नहीं गय I

पष्ृ ठ 30 of 56
28.ड़नम्नड़लड़खत में से कमय वाच्य वाला वाक्य छांठटए |
(1) यह लेख मेरी मााँ ने ड़लखा है I
(2) तुहहारे द्वारा फू ल तोिा जायेगा I
(3) ईसने भगत को दुड़नया से ड़नवृत कर ददया I
(4) सुमन से जल्दी नहीं ईिा जाता I
29. सीता पुस्तक पढ़ती है| कमय वाच्य में पठरवर्मतत कीड़जए|
(1) सीता ने पुस्तक पढ़ी I
(2) सीता द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है I
(3) सीता द्वारा पुस्तक पढी जा रही है I
(4) ईपरोक्त में से कोइ नहीं I
30. मुझसे ऄब चला नहीं जाता I कतृव
य ाच्य में पठरवतयन कीड़जए I
(1) मैं ऄब चल नहीं सकता I
(2) मेरे द्वारा ऄब चला नहीं जाता I
(3) मैं ऄब चल नहीं पाईाँ गा I
(4) अओ कहीं चला जाए I
5 . ड़नदेशानुसार दकन्हीं चार प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए- 1x4=4
31.मैं तेज चलता हूाँ I रे खांदकत शब्द का पद पठरचय बताआए I
(1) ऄकमयक दक्रया, पुहल्लग , एकवचन, धातु ‘चल’
(2) सकमयक दक्रया , पुहल्लग , एकवचन, धातु ‘तेज’
(3) कालवाचक दक्रयाड़वशेषण, स्त्रीहलग , एकवचन, धातु ’चल’
(4) स्थानवाचक दक्रयाड़वशेषण , पुहल्लग , बहुवचन, धातु ‘चल’
32.शाबाश! तुमने बहुत ऄच्छा कायय दकया है| रे खांदकत पद का पठरचय दीड़जए|
(1) व्यड़क्तवाचक संज्ञा, ईत्तम पुरुष, एकवचन, कतायकारक I
(2) सवयनाम, एकवचन, मध्यम पुरुष, कतायकारक I
(3) सवयनाम, एकवचन, ईत्तम पुरुष, कमयकारक I
(4) सवयनाम, एकवचन, मध्यम पुरुष, कतायकारक I
33.मााँ ने नौकर से सब्जी माँगवाइ I पद पठरचय कीड़जए|
(1) जाड़तवाचक संज्ञा, पुहल्लग, एकवचन, ऄपादान कारक
(2) व्यड़क्तवाचक संज्ञा, पुहल्लग, बहुवचन, सहप्रदान कारक
(3) जाड़तवाचक संज्ञा, पुहल्लग, एकवचन, कतायकारक
(4) व्यड़क्तवाचक संज्ञा, स्त्रीहलग , एकवचन, कारण कारक

पष्ृ ठ 31 of 56
34.रं ग-ड़बरं गे फू ल देखकर मन प्रसन्न हो गया I पद पठरचय कीड़जए|
(1) गुणवाचक ड़वशेषण , बहुवचन, पुहल्लग
(2) गुणवाचक ड़वशेषण, एकवचन, पुहल्लग
(3) गुणवाचक ड़वशेषण, बहुवचन, स्त्रीहलग
(4) सावयनाड़मक ड़वशेषण, स्त्रीहलग, बहुवचन
35. मैं दसवीं कक्षा में पढ़ता हूाँ I रे खांदकत पद का पठरचय दीड़जए I
(1) संख्यावाचक ड़वशेषण, स्त्रीहलग, बहुवचन, कक्षा-ड़वशेष्य
(2) परीमाण वाचक ड़वशेषण, स्त्रीहलग , एकवचन, कक्षा-ड़वशेष्य
(3) संख्यावाचक ड़वशेषण, स्त्रीहलग, एकवचन, कक्षा-ड़वशेष्य
(4) ड़नश्चयवाचक ड़वशेषण, स्त्रीहलग, एकवचन, कक्षा-ड़वशेष्य

ड़नदेशानुसार दकन्हीं चार प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए- 1x4=4


36.‘ईत्साह’ दकस रस का स्थायी भाव है|
(1) वीर रस (3) हास्य रस
(2) शांत रस (4) भयानक रस
37.जसोदा हठर पालने झुलावे
हलरावै दुलरावै मल्हावै
जोइ सोइ कछु गावै
ईपरोक्त पंड़क्तयों में ड़नड़हत रस बताआए|
(1) रौर रस (3) भड़क्त रस
(2) वात्सल्य रस (4) शांत रस
38.‘ऄद्भुद’ रस का स्थायी भाव क्या है?
(1) ड़वस्मय (3) क्रोध
(2) ईत्साह (4) भय
39.ड़वकल बटोही बीच ही, परयो मूरछा खाय II
ईपयुक्त
य पंड़क्तयों में ड़नड़हत रस है I
(1) वीर रस (3) हास्य रस
(2) भयानक रस (4) शांत रस
40. रसों में संचारी भावों की संख्या दकतनी हैं?
(1) नौ (3) तैंतीस
(2) दस (4) ग्यारह

पष्ृ ठ 32 of 56
खंड - ग
(पाठ्य पुस्तक)
7. ड़नम्नड़लड़खत गद्यांश को पढ़कर पूछ
ं े गए प्रश्नों के सही ईत्तर चुनकर ड़लड़खए| 1x5=5
हालदार साहब को पानवाले द्वारा एक देशभक्त का आस तरह मजाक ईिाया जाना ऄच्छा नहीं लगा I एक बेहद बूढ़ा मठरयल-सा
लंगिा अदमी ड़सर पर गााँधी टोपी और अाँखों पर काला चश्मा लगाए, एक हाथ में एक छोटी-सी संदक
ू ची और दूसरे हाथ में एक
बांस पर टंगे बहुत से चश्मे ड़लए ऄभी-ऄभी एक गली से ड़नकला था और ऄब एक बंद दुकान के सहारे ऄपना बााँस ठटका रहा था,
तो आस बेचारे की दुकान भी नहीं! फे री लगाता है! हालदार साहब चक्कर में पि गए I पूछ
ाँ ना चाहते थे, आसे कै प्टन क्यों कहते हैं?
क्या यही आसका वास्तड़वक नाम है? लेदकन पानवाले ने साफ़ बता ददया था दक ऄब वह आस बारे में और बात करने को तैयार
नहीं I
41.प्रस्तुत गद्यांश में देशभक्त दकसे कहा गया है?
(1) हालदार साहब (3) सामान्य अदमी को
(2) कै प्टन चश्में वाले को (4) पानवाले को
42.गद्यांश के अधार पर बताआए दक हालदार साहब दकसे देखकर अश्चययचदकत हो गए?
(1) पानवाले को (3) कै प्टन चश्मेंवाले को
(2) मूर्मत को (4) आनमें से कोइ नहीं
43.गद्यांश के अधार पर बताआए की कै प्टन देखने में कै सा था?
(1) बेहद बूढ़ा (3) लंगिा
(2) मठरयल-सा (4) ईपयुयक्त सभी
44. पानवाल दकसके बारे में बात करने को तैयार नहीं था?
(1) कै प्टन के बारे में (3) पान के बारे में
(2) हालदार साहब के बारे में (4) लोगों के बारे में
45. हालदार साहब को पानवाले की कौनसी बात ऄच्छी नहीं लगी?
(1) पान बनाना (3) हालदार साहब पर हाँसना
(2) एक देशभक्त का मज़ाक ईडाना (4) ईपयुयक्त में से कोइ नहीं

8 . ड़नम्नड़लड़खत प्रश्नों के ईत्तर सही ड़वकल्प चुनकर ड़लड़खए- 1 x 2 = 2


46.बालगोड़बन भगत की प्रभाती कार्मतक मास से अरहभ होकर कब तक चलती थी?
(1) कार्मतक मास तक ही (3) चैत्र मास तक
(2) फागुन मास तक (4) आनमें से कोइ नहीं
47.मृत्यु की पूवय संध्या पर लेखक को बालगोड़बन के गीत का स्वर कै सा लगा?
(1) ककय श (3) ड़बखरा हुअ
(2) दमदार (4) मधुर

पष्ृ ठ 33 of 56
9. ड़नम्नड़लड़खत पद्यांश को पढ़कर पूछ
ं े गए प्रश्नों के सही ईत्तर चुनकर ड़लड़खए| 1x5=5
हमारै हठर हाठरल की लकिी I
मन क्रम बचन नन्द-नंदन ईर , यह दृढ़ कठर पकरी I
जागत सोवत स्वप्न ददवस-ड़नड़स, कान्ह-कान्ह जाकरी I
सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौं करुइ ककरी I
सु तौ ‘सुर’ ड़तनहीं लै सौपौं, ड़जनके मन चाकरी I
48.प्रस्तुत काव्यांश में ‘हाठरल की लकरी’ दकसे कहा गया है?
(1) गोड़पयों को (3) ईद्धव को
(2) श्रीकृ ष्ण को (4) आनमें से कोइ नहीं
49.गोड़पयों को ईद्धव के द्वारा लाया गया योग का सन्देश दकसके समान लगा?
(1) हाठरल पक्षी के (3) ईद्धव के
(2) किवी ककिी के (4) आनमें से कोइ नहीं
50.‘ड़तनहीं लै सौपौं’ पंड़क्त में दकसकी ओर संकेत दकया गया है?
(1) ड़जनका मन चकरी के समान चंचल है I
(2) ड़जनका मन ड़स्थर है I
(3) जो योग का सन्देश देते हैं I
(4) ईपरोक्त में से कोइ नहींI
51. काव्यांश के अधार पर बताआए की गोड़पयों ने मन, वचन और कमय के अधार पर दकसको ऄपने हृदय में बसाया है?
(1) ईद्धव को (3) श्रीकृ ष्ण को
(2) स्वयं को (4) ये सभी
52 . गोड़पयों ने ऄपने मन को कै सा बताया है?
(1) चंचल (3) ड़स्थर
(2) ऄड़स्थर (4) ये सभी
10 . ड़नम्नड़लड़खत प्रश्नों के ईत्तर सही ड़वकल्प चुनकर ड़लड़खए-1 x 2 = 2
53.तुलसीदास ने रामचठरत मानस की रचना दकस भाषा में की?
(1) ब्रज (3) हहदी
(2) ऄवधी (4) संस्कृ त
54 “बाल दोष गन गनड़ह ना साधु” यह कथन दकसका है?
(1) परशुराम का
(2) ड़वश्वाड़मत्र का
(3) राम का
(4) लक्ष्मण का
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पष्ृ ठ 34 of 56
प्रड़तदशय प्रश्न-पत्र-3 2021-22
हहदी पाठ्यक्रम – ऄ (कोि -002) कक्षा-दसवीं
संभाड़वत ईत्तर संकेत एवं ऄंक योजना
ड़नधायठरत समय- 90 ड़मनट ऄड़धकतम ऄंक – 40
 सभी प्रश्न एक ऄंक के हैं I
1.
2. (2) पठरश्रम 16. (1) स्वाड़भमानी व्यड़क्त
3. (1) पुरूषाथी 17. (2) वह जमीन के नीचे पिी रहती है
4. (2) ड़नरं तर पठरश्रम 18. (3) गड़तशील होती है
5. (1) ‘स’ 19. (1) डाल ड़हलने पर ध्वड़न नहीं करती
6. (1) कठिन पठरश्रम ही सफलता की कुं जी है 20. (2) राहगीर
I ऄथवा 21. (4) सहभाड़गता
7. (4) स्वच्छता का महत्त्व समझकर आसे 22. (1) सरल वाक्य
व्यवहार में लायें I 23. (2) संज्ञा ईपवाक्य
24. (3) संयुक्त वाक्य
8. (2) सभी नागठरकों की I
25. (1) दक्रयाड़वशेषण ईपवाक्य
9. (4) समृड़ध का
26. (3) जो छात्र ऄच्छे होते हैं, वे गुरू की
10. (2) सीड़मत एवं संवेदनहीन
अज्ञा मानते हैं I
11. (4) संवेदनशील
12. (2) ऄपनी रीढ़ सीधी रखने वाले 27. (2) मोहन से चला नहीं जाता
स्वाड़भमानी लोगों को 28. (4) लिकी से सोया नहीं गया
13. (3) ऄपने हृदय की अग 29. (2) तुहहारे द्वारा फू ल तोिा जायेगा
14. (1) ऄत्याचार को सहन 30. (2) सीता द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है
15. (4) ऄड़त 31. (1) मैं ऄब चल नहीं सकता
32. (1) ऄकमयक दक्रया, पुहल्लग , एकवचन , धातु ‘चल’
33. (4) सवयनाम , एकवचन , मध्यमपुरुष , कतायकारक
34. (1) जाड़तवाचक संज्ञा, पुहल्लग , एकवचन , ऄपादान कारक
35. (1) गुणवाचक ड़वशेषण , बहुवचन , पुहल्लग ,
36. (3) संख्यावाचक ड़वशेषण , स्त्रीहलग , एकवचन, कक्षा -ड़वशेष्य
37. (1)
38. वीर रस 44. (3) कै प्टन चश्मेंवाले को
39. (2) वात्सल्य रस 45. (4) ये सभी
40. (1) ड़वस्मय 46. (1) कै प्टन के बारे में
41. (2) भयानक रस 47. (2) एक देशभक्त का मज़ाक ईिाना
42. (3) तैतीस 48. (2) फागुन मास तक
43. (2) कै प्टन चश्मेवाले को 49. (3) ड़बखरा हुअ

पष्ृ ठ 35 of 56
50. (2) श्रीकृ ष्ण को 54. (3) ड़स्थर
51. (2) किवी ककिी के 55. (2) ऄवधी
52. (1) ड़जसका मन चाकरी के सामान चंचल है 56. (2) ड़वश्वाड़मत्र का
53. (3) श्रीकृ ष्ण को

प्रड़तदशय प्रश्न पत्र -4 प्रथम सत्र (2021-22)


ड़हन्दी पाठ्यक्रम – ऄ (कोड – 002)
कक्षा – दसवीं
ड़नधायठरत समय : 90 ड़मनट ऄड़धकतम ऄंक : 40
सामान्य ड़नदेश –
 आस प्रश्न पत्र में कु ल तीन खंड हैं – खंड – क, खंड – ख और खंड – ग ।
 आस प्रश्न पत्र कु ल 10 वस्तुपरक प्रश्न पुछे गए हैं। सभी पप्रश्नों में ईपप्रश्न ददए गए हैं। ददए गए ड़नदेशों का पालन करते हुए
प्रश्नों के ईत्तर दीड़जए ।
 खंड – क में कु ल 20 प्रश्न पुछे गए हैं, ददए गए ड़नदेशों का पालन करते हुए के वल 10 प्रश्नों के ही ईत्तर दीड़जए ।
 खंड – ख में कु ल 20 प्रश्न पुछे गए हैं, ददए गए ड़नदेशों का पालन करते हुए के वल 16 प्रश्नों के ही ईत्तर दीड़जए ।
 खंड – ग में कु ल 14 प्रश्न पुछे गए हैं । सभी प्रश्न ऄड़नवायय है ।
 सही ईत्तर वाले गोले को भली प्रकार से के वल नीली या काली स्याही वाले बॉल पॉआं ट पेन से ही ओ॰ एम॰ अर॰ शीट में
भरें ।
खंड – क (ऄंक – 10)
(ऄपठित गदयांश )
1.नीचे दो ऄपठित गदयांश ददए गए हैं । दकसी एक गदयांश को ध्यानपूवक
य पदढए और ईस पर अधाठरत प्रश्नों के
सही ड़वकल्प चुनकर ड़लड़खए - 1x5=5
“जीवन का एक अशय और लक्ष्य है और यह बात भारतीय दशयन में ददखती है । ईस अशय की खोज हमारा दाड़यत्व है
और ऄंत में ईस लक्ष्य को प्राप्त कर लेना हमारा ड़वशेष ऄड़धकार है । आस प्रकार दशयन जो दक अशय को ईद्घाठटत करने की
कोड़शश करता है और जहााँ तक ईसे आसमें सफलता ड़मलती है, वह आस लक्ष्य तक ऄग्रसर होने की प्रदक्रया है । कु ल ड़मलाकर
अड़खर यह लक्ष्य क्या है? आस ऄथय में यथाथय की प्राड़प्त वह है ड़जसमें पा लेना, के वल जानना नहीं है, बड़ल्क ईसी का ऄंश हो
जाना है। आस ईपलड़ब्ध में बाधा क्या है? बाधाएाँ कइ है । पर आनमें प्रमुख है – ऄज्ञान । ऄड़शड़क्षत अत्मा नहीं है, यहााँ तक दक
यथाथय संसार भी नहीं है। यह दशयन ही है जो ईसे ड़शड़क्षत करता है और ऄपनी ड़शक्षा में ईसे ईस ऄज्ञान से मुड़क्त ददलाता है, जो
यथाथय दशयन नहीं होने देता । आस प्रकार एक दाशयड़नक होना एक बौड़द्धक ऄनुगमन करना नहीं है, बड़ल्क एक शड़क्तप्रद ऄनुशासन
पर चलना है, क्योंदक सत्य की खोज में लगे हुए सही दाशयड़नक को ऄपने जीवन को आस प्रकार अचठरत करना पिता है तादक
ईस यथाथय से एकाकार हो जाए ड़जसे वह खोज रहा है। वास्तव में, यही जीवन का एकमात्र सही मागय है और सभी
दशयड़नकों को आसका पालन करना होता है और दाशयड़नक ही नहीं, बड़ल्क सभी मनुष्यों को, क्योंदक सभी मनुष्यों के दाड़यत्व और
ड़नवायह एक ही है”

पष्ृ ठ 36 of 56
प्रश्न-1. लक्ष्य तक ऄग्रसर होने की प्रदक्रया है –
(1)अशय को ईद्घाठटत करने का प्रयास (3)ऄज्ञानी को ज्ञान देना
(2)ईद्घाठटत लक्ष्य की ओर बढ़ना (4)संसार का ऄनुगमन
प्रश्न-2. भारतीय दशयन संकेत करता है –
(1)ईपलड़ब्ध पर अनंद का ऄनुभव की ओर (3)बौड़द्धक ऄनुगमन की ओर
(2)यथाथय के साथ एकाकार होने की ओर (4)दाड़यत्व ड़नवायह की ओर
प्रश्न-3. लक्ष्य की प्राड़प्त में बाधा है –
(1)संसाधन का ऄभाव (3)ऄनुशासनहीनता
(2)ऄनुभवहीनता (4)ज्ञान का ऄभाव
प्रश्न-4. हमारे जीवन का एकमात्र ईद्देश्य होना चाड़हए –
(1)शड़क्तप्रद ऄनुशासन पर चलना (3)सफलता पाने प्रयास करना
(2)ऄज्ञान से मुड़क्त पाना (4)बौड़द्धक ऄनुगमन करन
प्रश्न-5. प्रस्तुत गदयांश का ईपयुक्त शीषयक हो सकता है –
(1)बौड़द्धक ऄनुगमन (3)लक्ष्य और अशय
(2)भारतीय दशयन (4)सत्य की तलाश
ऄथवा
साहस की हजदगी सबसे बिी हजदगी होती है । ऐसी हजदगी की सबसे बिी पहचान यह है दक वह ड़बलकु ल ड़नडर,
ड़बलकु ल बैखोफ होती है । साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह होती है दक वह आस बात की हचता नहीं करता दक तमाशा देखने
वाले लोग ईसके बारे में क्या सोच रहे हैं । जनमत की ईपेक्षा करके जीने वाला अदमी दुड़नया की ऄसली ताकत होता है और
मनुष्यता को प्रकाश ईसी अदमी से ड़मलता है । ऄिोस – पिोस को देखकर चलना, यह साधारण अदमी का काम है । क्रांड़त
करने वाले लोग ऄपने ईद्देश्य की तुलना न तो पिोसी के ईद्देश्य से करते है और न ऄपनी चाल को ही पिोसी की चाल देखकर
मड़द्धम बनाते है । साहसी मनुष्य ईन सपनों में भी रस लेता है, ड़जन सपनों का कोइ व्यावहाठरक ऄथय नहीं है । साहसी मनुष्य
सपने ईधार नहीं लेता, वह ऄपने ड़वचारों में रमा हुअ ऄपनी ही दकताब पढ़ता है । झुंड में चलना और झुंड में चरना, यह भैंस
और भेि का काम है । हसह तो ड़बलकु ल ऄके ला होने पर भी मगन रहता है । अनयल्ड बेनेट ने एक जगह ड़लखा है दक जो अदमी
यह महसूस करता है दक दकसी महान ड़नश्चय के समय वह साहस से काम नहीं ले सका, हजदगी दक चुनौती को कबूल नहीं कर
सका, वह सुखी नहीं हो सकता । बिे मौके पर साहस नहीं ददखाने वाला अदमी बराबर ऄपनी अत्मा के भीतर एक अवाज
सुनता रहता है । एक ऐसी अवाज ड़जसे वह सुन सकता है और ड़जसे वह रोक नहीं सकता । यह अवाज ईसे बराबर कहती रहती
है , “ तुम साहस नहीं ददखा सके , तुम कायर की तरह भाग खिे हुए । “
प्रश्न-6. दकस बात की हचता व्यथय है ?
(1)जनमत की (3)पठरणाम की
(2)जन्म – मृत्यु की (4)हार – जीत की
प्रश्न-7. साहसी व्यड़क्त चलता है –
(1)महापुरुषों के मागय पर
(2)स्वड़नर्ममत ऄथायत खुद बनाए मागय पर
(3)अदशयवादी मागय पर
(4)इश्वर प्राड़प्त के मागय पर
प्रश्न-8. गदयांश में कै से जीवन को महान बताया गया है ?

पष्ृ ठ 37 of 56
(1)ड़ववेकशील जीवन को (3)कतयव्यपरायण जीवन को
(2)स्वामीभक्त जीवन को (4)साहसपूणय जीवन को
प्रश्न-9. हसह का ईदाहरण दकस ड़वशेषता को दशायने के ड़लए ददया गया है ?
(1)सुंदर होना (3)ऄके ला और मस्त रहना
(2)खतरनाक होना (4)राजा होना
प्रश्न-10.आस गदयांश का सवायड़धक ईपयुक्त शीषयक हो सकता है –
(1)कायर नहीं बन (3)ड़हहमत और हजदगी
(2)दुड़नया को जीत (4)ड़नडर जीवन
2.नीचे दो ऄपठित पदयांश ददए गए हैं । दकसी एक गदयांश को ध्यानपूवक
य पदढए और ईस पर अधाठरत प्रश्नों के सही ड़वकल्प
चुनकर ड़लड़खए - 1x5=5
सुख और शोक,
ऄंधकार और अलोक
मोह और मत्सर
शांड़त और संघषय
अते – जाते बने रहें
तो व्यड़क्त को लगता है
वह जी रहा है ऄभी ,
जब से पैदा हुअ है वह
मंशाए आसी तरह ईधेि रहा है, सी रहा है
और आसी में रमा हुअ है
कभी सुख से एक होता है
कभी शोक से, कभी ऄंधकार से
कभी अलोक से
गड़त और दुगड़य त आसड़लए
ईसके पााँवों में है
और गड़त ऄगर कहीं हैं तो ड़सफय ईसके घावों में है ।
शुरू से ऄब तक
वे हरे हैं, जैसे के तैसे ।
प्रश्न-11. कड़व ने जीने अधार दकसे माना है ?
(1)सूख और दु:ख को (3)शांड़त और संघषय को
(2)मोह और इष्याय- द्वेष को (4)आन सभी को
प्रश्न-12.जन्म लेने के बाद मनुष्य दकस ईधेिबुन में रहता है ?
(1)खेल-कू द में समय ड़बताने की कोड़शश में
(2)एक बेहतर जीवन जीने के संघषय में
(3)दूसरों को नीचा ददखाने की कोड़शश में
(4)आनमें से कोइ नहीं

प्रश्न-13.मनुष्य के ईधेिबुन में रहने का क्या कारण है ?

पष्ृ ठ 38 of 56
(1)ईसे परे शाड़नयों से बाहर ड़नकलने का समय नहीं ड़मलता
(2)वह सोता रहता है
(3)वह ऄपने को श्रेष्ठ समझता है
(4)ये सभी कारण

प्रश्न-14. ‘ गड़त और दुगड़य त आसड़लए ईसके पााँवों में है’ पंड़क्त का क्या भाव है ?
(1)ये दोनों ईसके पैरों के नीचे है
(2)वह जैसे कमय कै रगा वैसा ही ईसका पठरणाम होगा
(3)ये दोनों एक – दूसरे के पूरक है
(4)ड़वकल्प ( 1 ) और ( 2 ) दोनों
प्रश्न-15.घावों के हरे होने कड़व का क्या तात्पयय है ?
(1)घाव हरे हो जाते हैं
(2)जीवन में दुख अते रहते हैं
(3)जीवन में ड़बताए हुए दुखद क्षणों की पीिा सदैव बनी रहती है
(4)ड़वकल्प ( 1 ) और ( 2 ) दोनों

ऄथवा
ओ ड़नराशा तू क्या चाहती है?
मैं कठिन तूफान दकतने झेल अया,
मैं रुदन के पास हाँस-हाँस खेल अया ।
मृत्यु – सागर – तीर पर पद ड़चह्न रखकर –
मैं ऄमरता का नया संदश
े लाया ।
अज तू दकसको डराना चाहता है ?
ओ ड़नराशा तू बता क्या चाहती है ?
शूल क्या देखूाँ चरण जब ईि चुके हैं
हार कै सी, हौसले जब बढ़ चुके हैं ।
तेज मेरी चाल अाँधी क्या करे गी ?
अग में मेरे मनोरथ ताप चुके हैं ।
अज तू दकससे ड़लपटना चाहती है ?
चाहता हूाँ मैं दक नभ – थल को ड़हला दूाँ ,
और रस दक धार सब जग को ड़पला दूाँ ।
चाहता हूाँ पग प्रलय – गड़त से ड़मलाकर
अह की अवाज पर मैं अग रख दूाँ ।
अज तू दकस को जलाना चाहती है ?
वह ड़नराशा तू बता क्या चाहती है ?
प्रश्न-16.ड़नराशा दकसे डराना चाहती है ?

पष्ृ ठ 39 of 56
(1)साहसी कड़व को (3)जुझारू वीरों को
(2)मननशील पािक को (4)ड़नराश व्यड़क्त को
प्रश्न-17. कड़व क्या चाहता है ?
(1)ड़वश्व में प्रलय (3)संसार में क्रांड़त
(2)आच्छाओं की पूर्मत (4)ऄसीड़मत ऄड़धकार
प्रश्न-18.कड़व ड़नराशा को ललकारते हुए ऄपने बारें में बता रहा है दक –
(1)वह परे शाड़नयााँ से पराड़जत हुअ है (3)ईसको दु:खों ने रुलाया है
(2)वह तूफानों से डरा हुअ है (4)वह ऄमरता संदश े लेकर अया है
प्रश्न-19. कड़वता का मुख्य संदश
े है –
(1)वीरता (3)क्रांड़तकाठरता
(2)ऄमरता (4)अशावाददता
प्रश्न-20.‘मृत्युसागर ‘ में प्रयुक्त ऄलंकार है –
(1)श्लेष (3)रूपक
(2)ईत्प्रेक्षा (4)ईपमा

खंड – ख
व्यावहाठरक व्याकरण (ऄंक –16)
3.ड़नदेशानुसार दकन्ही चार प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए - 1x4= 4
प्रश्न -21.‘ सत्य बोलो परं तु कटु सत्य न बोलो’ – रचना के अधार पर वाक्य – भेद है –
(1)सरल वाक्य (3)ड़मश्र वाक्य
(2)संयक्त
ु वाक्य (4)कटु वाक्य
प्रश्न-22.ड़नम्नड़लड़खत वाक्यों में से ड़मश्र वाक्य कौनसा है ?
(1)श्याम अकर चला गया।
(2)सााँझ हुइ और पक्षी नीि में चले गए ।
(3)ड़वनीता ऐसे चल रही थी जैसे कोइ बीमार चल रहा हो ।
(4)सत्य बोलो परं तु कटु सत्य मत बोलो ।
प्रश्न-23. 'अप घर जाएाँगें या पाकय जाएाँग।े ' वाक्य संबड़ं धत है-
(1) संयुक्त वाक्य से
(2) सरल वाक्य से
(3) ड़मश्र वाक्य से
(4) प्रश्न वाक्य से
प्रश्न-24.'राम अया; सब प्रसन्न हो गए।' वाक्य का संयक्त
ु वाक्य रूपांतरण है-
(1)राम अया और सब प्रसन्न हो गए।
(2) जैसे ही राम अया सभी प्रसन्न हो गए।
(3) राम के अते ही सभी प्रसन्न हो गए।
(4) ईपरोक्त कोइ नहीं

पष्ृ ठ 40 of 56
प्रश्न-25.'मैं ऄके ला था और चार गुड
ं ों ने मुझे पीटा।' वाक्य का ड़मश्र वाक्य रूपांतरण होगा-
(1) मैं ऄके ला था ड़जस कारण चार गुंडों ने मुझे पीटा।
(2) जब मैं ऄके ला था तब मुझे चार गुंडों ने पीटा।
(3) मैं ऄके ला था और चार गुंडों ने मुझे पीटा और लूट ड़लया।
(4) क्यूंदक मैं ऄके ला था आसड़लए चार गुंडों ने मुझे पीटा और लूट ड़लया।
4.ड़नदेशानुसार दकन्ही चार प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए - 1x4= 4
प्रश्न-26.भाववाच्य की पहचान है –
(1)कताय के साथ ‘से’, ‘के द्वारा’ कारक ड़चह्न होता है ।
(2)दक्रया ऄकमयक होती है ।
(3)ईपरोक्त दोनों
(4)‘ने’ कारक ड़चह्न होता है ।
प्रश्न-27.ड़नम्नड़लड़खत में से भाववाच्य का एक ईदाहरण है –
(1)थोिी देर सो ड़लया जाए ।
(2)मैं पत्र ड़लखता हूाँ ।
(3)मुझसे पत्र ड़लखा जाता है ।
(4)लिका ड़चत्र बनाता है ।
प्रश्न-28.‘मुझसे खाया नहीं जाता । ‘ वाक्य का कतृव
य ाच्य में रूपान्तरण होगा –
(1)मैं नहीं खाता ।
(2)मैं नहीं खा सकता ।
(3)मुझसे नहीं खाया जाता ।
(4)मैं खा ड़लया ।
प्रश्न-29.‘क्या वे ड़लखेंग?
े ’ वाक्य का भाववाच्य में रूपान्तरण कीड़जये ।
(1)क्या ईनसे ड़लखा जाएगा? (3)क्या वे ड़लखना चाहेंगे?
(2)क्या ईनके द्वारा ड़लखा जाएगा? (4)ईनसे ड़लखा जाता है?
प्रश्न-30.नेताजी द्वारा भाषण ददया गया है । - वाच्य – भेद छांठटए ।
(1)कतृयवाच्य (3)कमयवाच्य
(2)भाववाच्य (4)आनमें से कोइ नही
5.ऄधोड़लड़खत वाक्यों में रे खांदकत शब्दों के पद-पठरचय के ड़लए ददए गए ड़वकल्पों में से सही ड़वकल्प चुनकर ड़लड़खए :1x4=4
प्रश्न-31. जो ऄपने वचन का पालन नहीं करता, वह ड़वश्वास के योग्य नहीं है ।
(1) सवयनाम, संबंधवाचक,पुहल्लग,एकवचन
(2) सवयनाम, ड़नजवाचक,पुहल्लग,एकवचन
(3) सवयनाम, संबंधवाचक,पुहल्लग,बहुवचन
(4) सवयनाम, प्रश्नवाचक,पुहल्लग,एकवचन
प्रश्न-32.सीता ने कहा दक मैं ऄपना काम खुद करती हूाँ ।
(1) सवयनाम, ड़नजवाचक, स्त्रीहलग, एकवचन ।
(2) सवयनाम, पुरुषवाचक, ऄन्यपुरुष, पुहल्लग, एकवचन ।
(3) सवयनाम, पुरुषवाचक, ईत्तम पुरुष, स्त्रीहलग, एकवचन ।
(4) सवयनाम, पुरुषवाचक, मध्यम पुरुष, स्त्रीहलग, एकवचन ।

पष्ृ ठ 41 of 56
प्रश्न-33.ईस छात्र ने ड़नधयन छात्र को पुस्तक दी । (1)
(1) ड़वशेषण, संकेतवाचक, पुहल्लग, बहुवचन,’छात्र’ ड़वशेष्य का ड़वशेषण ।
(2) सवयनाम, संबंधवाचक, पुहल्लग, एकवचन ।
(3) ड़वशेषण, सावयनाड़मक, पुहल्लग, एकवचन, ’छात्र’ ड़वशेष्य का ड़वशेषण ।
(4) सवयनाम, पुरुषवाचक, ऄन्यपुरुष, एकवचन, पुहल्लग ।
प्रश्न-34.मैं धीरे -धीरे चलता हूाँ ।
(1) दक्रया-ड़वशेषण,कालवाचक, ’चलता हूाँ’ दक्रया ।
(2) दक्रया-ड़वशेषण,स्थानवाचक, ’चलता हूाँ’ दक्रया ।
(3) दक्रया-ड़वशेषण, रीड़तवाचक, ’चलता हूाँ’ दक्रया ।
(4) दक्रया-ड़वशेषण,पठरमाणवाचक, ’चलता हूाँ’ दक्रया ।
प्रश्न-35.ददल्ली भारत की राजधानी है ।
(1) जाड़तवाचक संज्ञा ,एकवचन,पुहल्लग ,कमयकारक ।
(2) व्यड़क्तवाचक संज्ञा ,एकवचन,स्त्रीहलग ।
(3) संज्ञा ,व्यड़क्तवाचक,ऄन्य पुरुष ,पुहल्लग ,एकवचन ।
(4) सावयनाड़मक ड़वशेषण ,एकवचन,स्त्रीहलग ।

6.ड़नदेशानुसार दकन्ही चार प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए - 1x4= 4


प्रश्न-36. ड़नम्नड़लड़खत में से रस नहीं है :
(1) भयानक (3) वीर
(2) हास्य (4) जुगुप्सा
प्रश्न-37.‘रौर’ रस का स्थायी भाव है :
(1) क्रोध (3) भय
(2) ईत्साह (4)ड़वस्मय
प्रश्न-38.‘रस-ड़नष्पड़त’ में क्या-क्या सड़हमड़लत हैं ?
(1) ड़वभाव, ऄनुभाव, संचारी, स्थायीभाव
(2) छंद, ऄलंकार, गुण,रीड़त
(3) ईपमान, ईपमेय, साधारण धमय, वाचक-शब्द
(4) ईपरोक्त सभी
प्रश्न-39.‘ईत्साह’ स्थायी भाव दकस रस का है?
(1) क्रोध (3) भय
(2) वीर (4) ड़वस्मय
प्रश्न-40. रे नृप बालक कालबस बोलत तोड़ह न संभार |
धनुही सम ड़त्रपुराठर धनु ड़वददत सकल संसार – पंड़क्त में कौनसा रस है

(1) रौर (3) भय


(2)ईत्साह (4)ड़वस्मय

पष्ृ ठ 42 of 56
खंड – ग
( पाठ्यपुस्तक )
1. ड़नम्नड़लड़खत गदयांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही ड़वकल्प चुनकर ड़लड़खए 1x5=5
“असमान बादल से ड़घरा; धूप का नाम नहीं | िं डी पुरवाइ चल रही ऐसे ही समय अपके कानों में एक स्वर तरं ग-
झंकार -सी कर ईिी | यह क्या है – कौन है | यह पूछना न पिेगा | बालगोड़बन भगत समूचा शरीर कीचि में ड़लथिे ऄपने खेत में
रोपनी कर रहे हैं | ईनकी ऄाँगुली एक -एक धान के पौधे को, पंड़क्तबद्ध, खेत में ड़बिा रही है | ईनका कं ि एक -एक शब्द संगीत के
जीने पर चढ़ाकर कु छ को उपर, स्वगय की ओर भेज रहा है और कु छ को आस पृथ्वी की ड़मट्टी पर खिे लोगों के कानों की ओर | बच्चे
खेलते हुए झूम ईिते हैं, मेि पर खिी औरतों के होंि कााँप ईिते हैं, वे गुनगुनाने लगती है; हलवाहों के पैर ताल से ईिने लगते हैं
| रोपनी करने वालों की ऄाँगुड़लयााँ एक ऄजीब क्रम से चलने लगती हैं | बाल गोड़बन भगत का यह संगीत है या जादू”
प्रश्न-41. ईपरोक्त पाि के लेखक का नाम ड़लड़खए |
(1) रामवृक्ष बेनीपुरी (3) स्वयं प्रकाश
(2) जयशंकर प्रसाद (4) हजारी प्रसाद
प्रश्न-42. लेखक ने ईपरोक्त ऄंश में कौन से माह का वणयन दकया है ?
(1) अषाढ़ (3) फाल्गुन
(2) कार्मतक (4) चैत्र
प्रश्न-43. बालगोड़बन भगत क्या कर रहे हैं?
(1) रोपनी (3) गुिाइ
(2) हसचाइ (4) ड़नदाइ
प्रश्न-44.बाल गोड़बन भगत के कं ि से क्या ड़नकल रहा है ?
(1) ईच्च स्वर में मधुर गीत (3) कणय कटु गीत
(2) दबे स्वर में गीत (4) रुं असे गीत
प्रश्न-45.बाल गोड़बन भगत के संगीत का लोगों पर क्या प्रभाव नहीं पि रहा है ?
(1)बच्चे झूमने लगते हैं ।
(2) ड़स्त्रयााँ गुनगुनाने लगती हैं ।
(3) हलवाहों के पैर ताल से ईिने लगते हैं ।
(4) खेतों में काम करने वाले दूर भागने लगते हैं ।

2. ड़नम्नड़लड़खत प्रश्नों के ईत्तर सही ड़वकल्प चुनकर ड़लड़खए । 1x 2 = 2


प्रश्न-46. चश्मेवाले को पानवाला क्या समझता था?

(1) कै प्टन (3) इमानदार


(2) पागल (4) गरीब

प्रश्न-47. नेताजी की मूर्मत पर सरकं डे का चश्मा दकसने लगाया होगा?


(1) पानवाले ने (3) हालदार साहब ने
(2) लेखक ने (4) दकसी बच्चे ने

पष्ृ ठ 43 of 56
9. ड़नम्नड़लड़खत पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के ड़लए सही ड़वकल्प चुनकर ड़लड़खए | 1X5=5
“मन की मन ही मांझ रही |
कड़हए जाआ कौन पे ईधौ, नाहीं परत कही |
ऄवड़ध ऄधार अस अवन की, तन मन ड़बथा सही |
ऄब आन जोग संदस
े नी सुड़न- सुड़न , ड़वरड़हनी ड़बरह दही |
चाहड़त हुती गुहाठर ड़जतहह तैं, ईत तैं धार बहीं |
सूरदास ऄब धीर धरहह क्यों, मरजादा न लहीं”
प्रश्न-48. गोड़पयों के मन की कौन सी बात मन में ही रह गइ ?
(1) ड़वयोग से ईत्पन्न पीिा संबंधी
(2) संयोग से ईत्पन्न पीिा संबंधी
(3) ड़वयोग से ईत्पन्न सुख संबंधी
(4) संयोग से ईत्पन्न सुख संबंधी
प्रश्न-49. गोड़पयााँ ऄब दकसके पास जाने का साहस नहीं कर सकती ?
(1) कृ ष्ण (3) ड़शव
(2) राम (4) शंकर
प्रश्न-50. योग के संदश
े ने गोड़पयों के हृदय पर क्या प्रभाव डाला था ?
(1) ऄपार दुःख से भर ददया ।
(2) ऄपार सुख से भर ददया ।
(3) क्षड़णक दुख से भर ददया।
(4) क्षड़णक सुख से भर ददया ।
प्रश्न-51.गोड़पयााँ दकसे ऄपनी मयायदा समझती थी ?
(1) श्रीकृ ष्ण और ईनके प्रेम । (3) श्रीकृ ष्ण का मथुरा रहना ।
(2) राम और ईनके प्रेम को । (4) राम से दूर रहना ।
प्रश्न-52 प्रस्तुत पद में दकस भाषा का प्रयोग दकया है ?

(1) ब्रज (3) सधुक्किी


(2) ऄवधी (4) राजस्थानी
10.ड़नम्नड़लड़खत प्रश्नों के ड़लए सही ड़वकल्प चुनकर ड़लड़खए | 1X2=2
प्रश्न-53.क्रोड़धत होते हुए भी परशुराम ने लक्ष्मण का वध क्यों नहीं दकया ?
(1) लक्ष्मण ने ड़शव धनुष भंग नहीं दकया था ।
(2) लक्ष्मण को कम अयु का बालक जानकर ।
(3) सभा में सब ईपड़स्थत थे ।
(4) लक्ष्मण ब्राह्मण थे ।
प्रश्न-54. ‘भ्रूगकु ु लके तु’ शब्द का प्रयोग दकसके ड़लए दकया गया है?
(1) ड़वश्वाड़मत्र (3) परशुराम
(2)वड़शष्ठ (4) जनक

पष्ृ ठ 44 of 56
प्रड़तदशय प्रश्न पत्र –4 सत्र –1 (2021-22)
ड़हन्दी पाठ्यक्रम – ऄ (कोड – 002) कक्षा – दसवीं
ड़नधायठरत समय : 90 ड़मनट ऄड़धकतम ऄंक : 40

संभाड़वत ईत्तर संकेत एवं ऄंक योजना

खंड – क
प्रश्न-1 (1) अशय को ईद्घाठटत करने का प्रयास
प्रश्न-2 (2) यथाथय के साथ एकाकार होने की ओर
प्रश्न-3 (4) ज्ञान का ऄभाव
प्रश्न-4 (1) शड़क्तप्रद ऄनुशासन पर चलना
प्रश्न-5 (2) भारतीय दशयन

प्रश्न-6. (1) जनमत की


प्रश्न-7. (2) स्वड़नर्ममत ऄथायत खुद बनाए मागय पर
प्रश्न-8. (4) साहसपूणय जीवन को
प्रश्न-9. (3) ऄके ला और मस्त रहना
प्रश्न-10.(1) कायर नहीं बन

प्रश्न-11.(4) आन सभी को
प्रश्न-12.(2) एक बेहतर जीवन जीने के संघषय में
प्रश्न-13.(3) वह ऄपने को श्रेष्ठ समझता है
प्रश्न-14.(2) वह जैसे कमय कै रगा वैसा ही ईसका पठरणाम होगा
प्रश्न-15.(3) जीवन में ड़बताए हुए दुखद क्षणों की पीिा सदैव बनी रहती है

प्रश्न-16.(3) जुझारू वीरों को


प्रश्न-17.(1) ड़वश्व में प्रलय
प्रश्न-18.(4) वह ऄमरता संदश े लेकर अया है
प्रश्न-19.(1) वीरता
प्रश्न-20.(3) रूपक

प्रश्न-21.(2) संयक्त
ु वाक्य
प्रश्न-22.(3) ड़वनीता ऐसे चल रही थी जैसे कोइ बीमार चल रहा हो ।
प्रश्न-23.(1) संयक्त
ु वाक्य से
प्रश्न-24.(1) राम अया और सब प्रसन्न हो गए।
प्रश्न-25.(2) जब मैं ऄके ला था तब मुझे चार गुड
ं ों ने पीटा।

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प्रश्न-26.(3) ईपरोक्त दोनों
प्रश्न-27.(1) थोिी देर सो ड़लया जाए ।
प्रश्न-28.(1) मैं नहीं खाता ।
प्रश्न-29.(1) क्या ईनसे ड़लखा जाएगा?
प्रश्न-30.(3) कमयवाच्य
प्रश्न-31.(1) सवयनाम, संबध ं वाचक,पुहल्लग,एकवचन
प्रश्न-32.(3) सवयनाम, पुरुषवाचक, ईत्तम पुरुष, स्त्रीहलग, एकवचन ।
प्रश्न-33.(3) ड़वशेषण, सावयनाड़मक, पुहल्लग, एकवचन, ’छात्र’ ड़वशेष्य का ड़वशेषण ।
प्रश्न-34.(3) दक्रया-ड़वशेषण, रीड़तवाचक, ’चलता हूाँ’ दक्रया ।
प्रश्न-35.(2) व्यड़क्तवाचक संज्ञा ,एकवचन,स्त्रीहलग ।
प्रश्न-36.(4) जुगप्ु सा
प्रश्न-37 (1) क्रोध
प्रश्न-38 (1) ड़वभाव, ऄनुभाव, संचारी, स्थायीभाव
प्रश्न-39.(2) वीर
प्रश्न-40.(1) रौर

प्रश्न-41.(1) रामवृक्ष बेनीपुरी


प्रश्न-42.(1) अषाढ़
प्रश्न-43.(1) रोपनी
प्रश्न-44 (1) ईच्च स्वर में मधुर गीत
प्रश्न-45.(4) खेतों में काम करने वाले दूर भागने लगते हैं ।
पठित गद्य पािों पर अधाठरत प्रश्न
प्रश्न-46.(2) पागल
प्रश्न-47.(4) दकसी बच्चे ने

प्रश्न-48.(1) ड़वयोग से ईत्पन्न पीिा संबध


ं ी
प्रश्न-49.(1) कृ ष्ण
प्रश्न-50 (1) ऄपार दुःख से भर ददया ।
प्रश्न-51.(1) श्रीकृ ष्ण और ईनके प्रेम ।
प्रश्न-52.(1) ब्रज
पठित पािों पर अधाठरत प्रश्न
प्रश्न-53.(2) लक्ष्मण को कम अयु का बालक जानकर ।
प्रश्न-54.(3) परशुराम

पष्ृ ठ 46 of 56
प्रड़तदशय प्रश्न पत्र-5
कक्षा : दसवीं
ड़वषय : ड़हन्दी(पाठ्यक्रम-ऄ)
ऄवड़ध : 90 ड़मनट पूणाांक : 40
सामान्य ड़नदेश –

 आस प्रश्न पत्र में कु ल तीन खंड हैं – खंड – क, खंड – ख और खंड – ग ।


 आस प्रश्न पत्र कु ल 10 वस्तुपरक प्रश्न पुछे गए हैं। सभी पप्रश्नों में ईपप्रश्न ददए गए हैं। ददए गए ड़नदेशों का पालन करते हुए
प्रश्नों के ईत्तर दीड़जए ।
 खंड – क में कु ल 20 प्रश्न पुछे गए हैं, ददए गए ड़नदेशों का पालन करते हुए के वल 10 प्रश्नों के ही ईत्तर दीड़जए ।
 खंड – ख में कु ल 20 प्रश्न पुछे गए हैं, ददए गए ड़नदेशों का पालन करते हुए के वल 16 प्रश्नों के ही ईत्तर दीड़जए ।
 खंड – ग में कु ल 14 प्रश्न पुछे गए हैं । सभी प्रश्न ऄड़नवायय है ।
 सही ईत्तर वाले गोले को भली प्रकार से के वल नीली या काली स्याही वाले बॉल पॉआंट पेन से ही ओ॰ एम॰ अर॰ शीट में
भरें ।

खण्ड – क
1-ड़नम्नड़लड़खत ऄपठित गद्यांश को ध्यानपूवक
य पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए। 1X5=(5)

हमारे देश को दो बातों की सबसे पहले और सबसे ज्यादा जरूरत है। एक शड़क्तबोध और दूसरा सौन्दययबोध। शड़क्तबोध का ऄथय
है-देश की शड़क्त या सामथ्यय का ज्ञान। दूसरे देशों की तुलना में ऄपने देश को हीन नहीं मानना चाड़हए। आससे देश के शड़क्तबोध
को अघात पहुाँचता है। सौन्दयय बोध का ऄथय है दकसी भी रूप में कु रुड़च की भावना को पनपने न देना। आधर-ईधर कू िा फें कने,
गंदे शब्दों का प्रयोग, आधर की ईधर लगाने, समय देकर न ड़मलना अदद से देश के सौन्दयय-बोध को अघात पहुाँचता है। देशं के
शड़क्तबोध को जगाने के ड़लए हमें चाड़हए दक हम सदा दूसरे देशों की ऄपेक्षा ऄपने देश को श्रेष्ठ समझें। ऐसा न करने से देश के
शड़क्तबोध को अघात पहुाँचता है। यह ईदाहरण आस तथ्य की पुड़ष्ट करता है-शल्य महाबली कणय का सारथी था। जब भी कणय
ऄपने पक्ष की ड़वजय की घोषणा करता, हुाँकार भरता, वह ऄजुयन की ऄजेयता का एक हल्का-सा ईल्लेख कर देता। बार-बार आस
ईल्लेख ने कणय के सघन अत्मड़वश्वास में संदह
े की तरे ि डाल दी, जो ईसके भावी पराजय की नींव रखने में सफल हो गइ।
1. परदेश की तुलना में स्वदेश के प्रड़त हीन भावना दकसे अघात पहुाँचाता है?
(1) ज्ञानबोध (2) अत्मबोध (3) शड़क्तबोध (4) सौन्दयय बोध
2. कणय की पराजय का कारण क्या था?
(1) ऄजुयन की योग्यता (2) ऄजुयन की प्रशंसा (3) कणय की हीनता (4) कणय की कायरता
3. देश में कचरा फै लाने से देश के दकसमे ह्रास होता है?

पष्ृ ठ 47 of 56
(1) सौन्दयय बोध (2) शड़क्त बोध
(3) सामथ्यय में (4) ज्ञान में

4. कु रुड़च का ड़वलोम होगा?


(1) ऄनरुड़च (2) ड़वरुड़च (3) ऄरुड़च (4) सुरुड़च
5.सारथी चलाता है?
(1) घोिा (2) बैलगािी (3) हाथी (4) रथ

ऄथवा (ऄपठित गद्यांश)

डॉ. कलाम दृढ़ आच्छाशड़क्त वाले वैज्ञाड़नक थे। वे भारत को ड़वकड़सत देश बनाने का सपना संजोए हुए थे। ईनका मानना था दक
भारतवाड़सयों को व्यापक दृड़ष्ट से सोचना चाड़हए। हमें सपने देखने चाड़हए। सपनों को ड़वचारों में बदलना चाड़हए। ड़वचारों को
काययवाही के माध्यम से हकीकत में बदलना चाड़हए। डॉ. कलाम तीसरे ऐसे वैज्ञाड़नक हैं, ड़जन्हें भारत का सवोच्च सहमान ‘भारत
रत्न’ ददया गया। ईन्हें ‘पद्मभूषण’ तथा ‘पद्मड़वभूषण’ से भी सहमाड़नत दकया गया। भारत को ईन पर गवय है। आतनी ईपलड़ब्धयााँ
प्राप्त करने के बावजूद ऄहंकार कलाम जी को छू तक नहीं पाया। वे सहज स्वभाव के एक भावुक व्यड़क्त थे। ईन्हें कड़वताएाँ
ड़लखना, वीणा बजाना तथा बच्चों के साथ रहना पसंद था। वे सादा जीवन ईच्च ड़वचार में ड़वश्वास रखते थे। कलाम साहब का
जीवन हम सभी के ड़लए प्रेरणादायक है। कलाम जी तपस्या और कमयिता की प्रड़तमूर्मत हैं। राष्ट्रपड़त पद की शपथ लेते समय ददए
गए भाषण में ईन्होंने कबीरदास जी के आस दोहे का ईल्लेख दकया था – ‘काल करे सो अज कर, अज करे सो ऄब’।
6. डॉ कलाम भारत को कै सा देश बनाना चाहते थे?
(1) प्रड़सद्ध (2) ड़वकासशील (3) प्रगड़तशील (4) ड़वकड़सत
7. ड़नम्नड़लड़खत में से सबसे बिा नागठरक सहमान कौन सा है?
(1) पद्मश्री (2) भारत-रत्न (3) पद्मभूषण (4) पद्मड़वभूषण
8. कलाम साहब के ऄनुसार सपने ड़सफय ?
(1) हकीकत में बदलने की चीज़ है। (2) ड़वचार की चीज़ है।
(3) देखने की चीज़ है। (4) काययवाही की चीज़ है।
9. कबीर के दोहे का ऄनुसरण कलाम साहब की दकसके प्रड़त प्रड़तबद्धता दशायता?
(1) ड़शक्षा (2) ड़वज्ञान (3) मातृभूड़म (4) समय
10. ड़नम्नड़लड़खत में से कलाम साहब को क्या पसंद न था?
(1) साड़हत्य (2) संगीत (3) राजनीड़त (4) बच्चों से प्रेम
2- ड़नम्नड़लड़खत ऄपठित पदयांश को ध्यानपूवक
य पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए। 1X5=(5)
जला ऄड़स्थयााँ बारी-बारी, ड़चटकाइ ड़जनमें हचगारी,
जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर, ड़लए ड़बना गदयन का मोल
कलम, अज ईनकी जय बोल।

पष्ृ ठ 48 of 56
जो ऄगड़णत लघु दीप हमारे , तूफानों में एक दकनारे ,
जल-जलाकर बुझ गए दकसी ददन, मााँगा नहीं स्नेह मुाँह खोल
कलम, अज ईनकी जय बोल।
पीकर ड़जनकी लाल ड़शखाएाँ, ईगल रही सौ लपट ददशाएं,
ड़जनके हसहनाद से सहमी, धरती रही ऄभी तक डोल
कलम, अज ईनकी जय बोल।
ऄंधा चकाचौंध का मारा, क्या जाने आड़तहास बेचारा,
साखी हैं ईनकी मड़हमा के , सूयय चन्र भूगोल खगोल
कलम, अज ईनकी जय बोल
11. पुण्य-वेदी पर चढ़नेवालों ने क्या नहीं दकया?
(1) पराक्रम (2) बड़लदान (3) दान (4) त्याग
12. कलम द्वारा जय बुलवाने का क्या तात्पयय है?
(1) आड़तहास ड़लखना (2) प्रशंसा करना’
(3) गीत ड़लखना (4) ड़वस्तृत वणयन करना
13. कड़व के ऄनुसार धरती के डोलने का क्या कारण है?
(1) डर (2) पराक्रम (3) प्रड़तशोध (4) वीरों की हुंकार
14. आड़तहास से ऄनजान रहता है....?
(1) ऐश्वयय में रहनेवाला (2) ऄंधा (3) कायर (4) ऄड़शड़क्षत
15. वीरों की गवाही ड़नम्नड़लड़खत में से कौन नहीं देता?
(1) सूयय (2) चंरमा (3) अकाश (4) खगोल

ऄथवा (ऄपठित पद्यांश)

यह हार एक ड़वराम है, जीवन महासंग्राम है


ड़तल-ड़तल ड़मटूाँगा पर दया की भीख मैं लूाँगा नहीं ।
वरदान मााँगूाँगा नहीं ।।
स्मृड़त सुखद प्रहरों के ड़लए, ऄपने खण्डहरों के ड़लए
यह जान लो मैं ड़वश्व की सहपड़त्त चाहूाँगा नहीं ।
वरदान मााँगूाँगा नहीं ।।
क् या हार में क् या जीत में, ककड़चत नहीं भयभीत मैं
संघषय पथ पर जो ड़मले यह भी सही वह भी सही ।
वरदान मााँगूाँगा नहीं ।।
चाहे हृदय को ताप दो, चाहे मुझे ऄड़भशाप दो

पष्ृ ठ 49 of 56
कु छ भी करो कत्तयव्य पथ से दकन्तु भागूाँगा नहीं ।
वरदान मााँगूाँगा नहीं ।।

16. कड़व के ऄनुसार जीवन क्या है?


(1) ड़वराम (2) संग्राम (3) पराजय (4) भीख
17. दुख और शाप ड़मलने पर भी कड़व क्या नहीं त्यागना चाहता?
(1) कतयव्यपरायणता (2) संघषय (3) पठरश्रम (4) संपड़त्त
18. कड़वता का दूसरा पद कड़व की दकस भावना का पठरचायक है?
(1) त्याग (2) स्वाथय (3) परोपकार (4) प्रड़तशोध

19. कड़व को दकस ऄवस्था में डर नहीं लगता?


(1) सुख-दुख (2) जय-पराजय (3) लाभ-हाड़न (4) यश-ऄपयश
20. सुखद का ड़वलोम है?
(1) दुखी (2) दुखांत (3) दुख (4) दुखद
खण्ड – ख
3- ड़नम्नड़लड़खत कोइ चार प्रश्न छााँठटए, ड़जनके ईत्तर ड़वकल्प पदपठरचय के अधार पर सही हों। (4)
(रे खांदकत पदों का सही ईत्तर ड़वकल्प छााँठटए)
21. मैं अपके साथ नहीं चल सकती।
(1) सवयनाम, ईत्तमपुरुष सवयनाम, एकवचन, स्त्रीहलग, कताय कारक।
(2) सवयनाम, मध्यमपुरुष सवयनाम, एकवचन, स्त्रीहलग, संबंध कारक।
(3) सवयनाम, ऄन्यपुरुष सवयनाम, एकवचन, पुहल्लग, कताय कारक।
(4) सवयनाम, ईत्तमपुरुष सवयनाम, एकवचन, पुहल्लग, कमयकारक।
22. पेि पर कु छ बंदर बैिे थे।
(1) ड़वशेषण, ऄड़नड़श्चत पठरमाणवाचक ड़वशेषण, पुहल्लग, बहुवचन, ड़वशेष्य- बंदर
(2) ड़वशेषण, ड़नड़श्चत पठरमाणवाचक ड़वशेषण, पुहल्लग, बहुवचन, ड़वशेष्य- बंदर
(3) ड़वशेषण, ड़नड़श्चत संख्यावाचक ड़वशेषण, पुहल्लग, एकवचन, ड़वशेष्य- बंदर
(4) ड़वशेषण, ऄड़नड़श्चत संख्यावाचक ड़वशेषण, पुहल्लग, बहुवचन, ड़वशेष्य- बंदर
23. ऄरे राम ! तुम ऄसफल हो गए।
(1) ऄड़वकारी शब्द, ड़वस्मयाददसूचक ऄव्यय, हषय का बोध कराता है।
(2) ऄड़वकारी शब्द, ड़वस्मयाददसूचक ऄव्यय, शोक का बोध कराता है।
(3) ऄड़वकारी शब्द, ड़वस्मयाददसूचक ऄव्यय, दुख का बोध कराता है।
(4) ऄड़वकारी शब्द, ड़वस्मयाददसूचक ऄव्यय, अनंद का बोध कराता है।

पष्ृ ठ 50 of 56
24. वह तो पूरा हरीशचन्र ड़नकला।
(1) संज्ञा, जाड़तवाचक संज्ञा, पुहल्लग, एकवचन, कताय कारक, ‘ड़नकला” दक्रया का कताय।
(2) संज्ञा, व्यड़क्तवाचक संज्ञा, पुहल्लग, एकवचन, कमय कारक, ‘ड़नकला” दक्रया का कमय।
(3) संज्ञा, भाववाचक संज्ञा, पुहल्लग, एकवचन, कमय कारक, ‘ड़नकला” दक्रया का कमय।
(4) संज्ञा, जाड़तवाचक संज्ञा, पुहल्लग, एकवचन, कमय कारक, ‘ड़नकला” दक्रया का कमय।
25. मााँ बाहर चली गयी ।
(1) दक्रया ड़वशेषण, रीड़तवाचक दक्रया ड़वशेषण, चली गयी दक्रया की ड़वशेषता बताइ जा रही है।
(2) दक्रया ड़वशेषण, स्थानवाचक दक्रया ड़वशेषण, चली गयी दक्रया की ड़वशेषता बताइ जा रही है।
(3) दक्रया ड़वशेषण, कालवाचक दक्रया ड़वशेषण, चली गयी दक्रया की ड़वशेषता बताइ जा रही है।
(4) दक्रया ड़वशेषण, पठरमाणवाचक दक्रया ड़वशेषण, चली गयी दक्रया की ड़वशेषता बताइ जा रही है
4- ड़नम्नड़लड़खत दकन्ही चार प्रश्नों के ईत्तर वाच्य के अधार पर कीड़जए? (4)
26. वाच्य के मुख्य दकतने प्रकार हैं?
(1) दो (2) तीन (3) चार (4) कोइ नहीं
27. दकस वाच्य में पठरवतयन के समय दक्रया हमेशा पुहल्लग में हो जाती है?
(1) कतृय (2) भाव (3) कमय (4) ऄकतृय
28. “मोहन बंसी बजा रहे थे” आस वाक्य का कमय वाच्य रूप है?
(1) मोहन से बंसी बजायी गयी।
(2) मोहन के द्वारा बंसी बजायी जा रही है।
(3) मोहन से बंसी बजायी जा रही थी।
(4) मोहन के द्वारा बंसी बजायी जाएगी।
29. हमारे द्वारा कचरा ईिाया जायेगा। वाक्य का ईड़चत कतृय वाच्य रूप बताआए?
(1) हम कचरा ईिा रहे है।
(2) हम कचरा ईिा रहे होंगे।
(3) हमने कचरा ईिाया।
(4) हम कचरा ईिायेंगे।
30. ड़नम्नड़लड़खत में से कौन सा वाक्य कमयवाच्य में नहीं है?
(1) कड़पल से फु टबाल खेला जाता है।
(2) दादा जी पत्र पढ़ते हैं।
(3) वृद्ध से चला नहीं गया।
(4) साड़वत्री के द्वारा पड़त को बचा ड़लया गया।
5- ड़नम्नड़लड़खत में से दकन्ही चार प्रश्नों के ईत्तर वाक्य प्रकरण के अधार पर ड़लड़खए? (4)
31. ड़नम्नड़लड़खत में से कौन सा संयुक्त वाक्य है?

पष्ृ ठ 51 of 56
(1) जैसे ही घर मैं पहुंचा वह भी अ गया। (2) मैं घर पहुाँचा और वह अ गया।
(3) मेरे घर पहुाँचते ही तुम भी अ जाना। (4) मेरे घर पहुाँचते ही वह अ गया।

32. संयक्त
ु वाक्य के रचना में दकस ऄव्यय के का प्रयोग होता है?
(1) दक्रया ड़वशेषण (2) संबध
ं बोधक (3) ड़वस्मयाददबोधक (4) समुच्चयबोधक
33. नीरज चोपिा ने स्वणय-पदक जीता। वाक्य के ऄंग के ऄनुसार रे खांदकत ऄंश है-
(1) ड़वधेय (2) सामाड़सक पद (3) पद (4) ईद्देश्य
34. मैं वह कहता दक तुम बोल पिे। ड़नम्नड़लड़खत में रे खांदकत ऄंश दकस ईपवाक्य का प्रकार है?
(1) दक्रया (2) दक्रया ड़वशेषण (3) ड़वशेषण (4) संज्ञा

35. ड़नम्नड़लड़खत में से कौन सा वाक्य ड़मश्र वाक्य नहीं है?


(1) जब देश जीत रहा था तब खुड़शयााँ मनाइ जा रही थी। (2) जो इमानदार होगा वह सच बोलेगा।
(3) कृ ष्ण माखन चुराते थे। (4) हमने ईसे बताया दक वह होड़शयार
6- ड़नम्नड़लड़खत में से दकन्ही चार प्रश्नों के ईत्तर रस के अधार पर ड़लड़खए? (4)
36. रस शब्द की सवयप्रथम दकस ग्रंथ में प्रयुक्त हुअ था?
(1) नाट्य-तरं ग (2) साड़हत्य-शास्त्र (3) नाट्य-मीमांसा (4) नाट्य-शास्त्र
37. गभयन्ह के ऄभयक दालन परसु मोर ऄड़त घोर- आसमें कौन सा रस है?
(1) भड़क्त (2) भयानक (3) रौर (4) वीर
38 ड़नम्नड़लड़खत में से कौन सा वीर रस का स्थाइ भाव है?
(1) भय (2) ईत्साह (3) रड़त (4) वात्सल्य
39. दकस रस का स्थाइ भाव जुगप्ु सा है?
(1) वीभत्स (2) हास्य (3) करुण (4) रौर
40. ड़नम्नड़लड़खत में से कौन सा भड़क्त रस का ईदाहरण है?
(1) मेरे तो ड़गरधार गोपाल दूसरों ना कोइ। (2) खूब लिी मदायनी वह तो झांसीवाली रानी थी।
(3) पायो जी मैंने राम–रतन धन पायो। (4) जशोदा हठर पालना झुलावे
खण्ड – ग
7- ड़नम्नड़लड़खत पठित गदयांश पर अधाठरत प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए? 1x5 = (5)
खेतीबारी करते, पठरवार रखते भी, बालगोड़बन भगत साधु थे- साधु की सब पठरभाषाओं में खरे ईतरनेवाले। कबीर को ‘साहब’
मानते थे, ईन्हीं के गीतों को गाते, ईन्हीं के अदेशों पर चलते। कभी झूि नहीं बोलते, खरा व्यवहार रखते। दकसी से भी दो टूक
बात करने में ज़रा संकोच नहीं करते, न दकसी से खामखाह झगिा मोल लेते। दकसी की चीज़ नहीं छू ते, न ड़बना पूछे व्यवहार में
लाते। आस ड़वषय को कभी-कभी आतनी बारीकी तक ले जाते दक लोगों को कु तूहल होता।-कभी वह दूसरे के खेत में शौच के ड़लए
नहीं बैिते। वह गृहस्थ थे, लेदकन ईनकी सब चीज़ ‘साहब’ की थी। जो कु छ खेत में पैदा होता, ड़सर पर लादकर पहले ईसे साहब

पष्ृ ठ 52 of 56
के दरबार में ले जाते- जो ईनके घर से चार कोस दूर पर था- एक कबीरपंथी मि से मतलब! वह दरबार में ‘भेंट’ रूप रख ड़लया
जाकर ‘प्रसाद’ रूप में जो ईन्हें ड़मलता, ईसे घर लाते और ईसी से गुज़र चलाते!

41. बालगोड़बन भगत के साहब कौन थे?-


(1) ग्रामप्रधान (2) जमींदार (3) ड़शव जी (4) कबीरदास
42. भगत के घर से मि की दूरी दकतनी थी?
(1) चार कोस (2) चार दक मी (3) चार हजार मीटर (4) चार मील
43. दो टूक बात करना ऄथायत-?
(1) कम बात करना (2) स्पष्ट कहना (3) काम की बात करना (4) डााँट कर बात करना
44. यह गदयांश दकस ड़वधा का ऄंश है?
(1) कहानी (2) ईपन्यास (3) रे खाड़चत्र (4) जीवनी
45. भगत ड़नम्नड़लड़खत में से कौन सा काम नहीं करते थे?
(1) गायन (2) कृ ड़ष (3) सत्य-पालन (4) वाद- ड़ववाद
8- ड़नम्नड़लड़खत में पूछे गए प्रश्नों के सही ईत्तर ड़वकल्प पहचाड़नए? 1x2 = (2)
46. हालदार साहब कस्बे का ------- दौरा करते थे।
(1) पाड़क्षक (2) माड़सक (3) साप्ताड़हक (4) त्रैमाड़सक
47. नेताजी की मूर्मत दकसने बनाइ थी?
(1) नगरपठरषद (2) नगरपाड़लका (3) मोतीलाल (4) कै प्टन
9- ड़नम्नड़लड़खत पदयांश पर अधाठरत प्रश्नों के ईत्तर ड़लड़खए? 1x5 = (5)
हमारे हठर हाठरल की लकरी।
मन करण वचन नन्द-नन्दन ईद यह दृढ़ कठर पकरी।
जागत सोवत स्वप्न ददवस-ड़नड़स, कान्ह-कान्ह जक री।
सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौं करुइ ककरी।
सु तौ ब्याड़ध हमकौं लै अए, देखी सुनी न करी।
यह तौ ‘सूर’ ड़तनहह लै सौंपौ, ड़जनके मन चकरी।?
48. आस काव्यांश में प्रयुक्त भाषा कौनसी है?
(1) खिीबोली (2) ऄवधी (3) ब्रज (4) मगही
49. गोड़पयों को योग का संदश
े दकसके समान लगता है? -
(1) किवी ककिी के समान (2) किवी बेर के समान
(3) कडवे वचन के समान (4) किवी लौकी के समान
50. पद में कौन सा शब्द रात का पयाययवाची है ?
(1) ब्याड़ध (2) ड़नड़स (3) ईद (4) कठर

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51. गोड़पयों को योग की ज़रूरत नहीं है क्योंदक वे...?
(1) सांसाठरकता में नहीं रहती (2) पड़त की सेवा करती हैं
(3) कृ ष्ण से प्रेम करती हैं (4) मेहनती हैं।
52. हाठरल कौन है?
(1) लकिी (2) पक्षी (3) गोपी (4) कृ ष्ण
10- ड़नम्नड़लड़खत में पूछे गए प्रश्नों के सही ईत्तर ड़वकल्प पहचाड़नए? 1x2 = (2)
53. राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद आस कांड से ड़लया गया है?
(1) ऄयोध्या (2) बाल (3) ऄरण्य (4) लंका।
54. आस प्रसंग में लक्ष्मण का चठरत्र कै सा दशायया गया है?
(1) ईद्दंड (2) ड़वनोदी (3) पराक्रमी (4) धीर

ईत्तरमाला प्रड़तदशय प्रश्न-पत्र -5

1.(3) शड़क्तबोध
2.(2) ऄजुन
य की प्रशंसा
3. (1) सौन्दयय बोध
4. (4) सुरुड़च
5. (4) रथ
6. (4) ड़वकड़सत
7. (2) भारत-रत्न
8. (1) हकीकत में बदलने की चीज़ है।
9. (4) समय
10. (3) राजनीड़त
11. (3) दान
12. (2) प्रशंसा करना’
13. (4) वीरों की हुंकार
14. (1) ऐश्वयय में रहनेवाला
15. (3) अकाश
16. (2) संग्राम
17. (1) कतयव्यपरायणता
18. (3) परोपकार
19. (2) जय-पराजय

पष्ृ ठ 54 of 56
20.(4) दुखद
21. (2) अपके – सवयनाम, मध्यमपुरुष सवयनाम, एकवचन, स्त्रीहलग, संबध
ं कारक।
22. (4) कु छ – ड़वशेषण, ऄड़नड़श्चत संख्यावाचक ड़वशेषण, पुहल्लग, बहुवचन, ड़वशेष्य- बंदर
23. (3) ऄरे राम! – ऄड़वकारी शब्द, ड़वस्मयाददसूचक ऄव्यय, दुख का बोध कराता है।
24.(1) हरीशचंर – संज्ञा, जाड़तवाचक संज्ञा, पुहल्लग, एकवचन, कताय कारक, ‘ड़नकला” दक्रया का कताय।
25.(2) बाहर– दक्रया ड़वशेषण, स्थानवाचक दक्रया ड़वशेषण, चली गयी दक्रया की ड़वशेषता बताइ जा रही है।
26. (2) तीन
27. (2) भाव
28. (3) मोहन से बंसी बजायी जा रही थी।
29. (4) हम कचरा ईिायेंगे।
30. (3) वृद्ध से चला नहीं गया।
31. (2) मैं घर पहुाँचा और वह अ गया।
32. (4) समुच्चयबोधक
33. (1) ड़वधेय
34. (4) संज्ञा
35. (3) कृ ष्ण माखन चुराते थे।
36. (4) नाट्य-शास्त्र
37. (2) भयानक
38. (2) ईत्साह
39. (1) वीभत्स
40. (3) पायो जी मैंने राम–रतन धन पायो।
41. (4) कबीरदास
42. (1) चार कोस
43. (2) स्पष्ट कहना
44. (3) रे खाड़चत्र
45. (4) वाद- ड़ववाद
46. (1) पाड़क्षक
47. (3) मोतीलाल
48. (3) ब्रज
49. (1) किवी ककिी के समान
50. (2) ड़नड़स
51. (1) सांसाठरकता में नहीं रहती

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52. (4) कृ ष्ण
53. (2) बाल
54. (1) ईद्दंड

पष्ृ ठ 56 of 56

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