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सं कृतम ्

सम+क् ृ तम ्

वराः
अआइईउऊऋएऐओऔ

आयोगवाहाः
अं अः
सं कृत म-

तीन पु ष
तीन लंग
तीन वचन
तीन पु ष

थम पु ष
म यम पु ष
उ म पु ष
तीन लंग

पुि लंग
ी लंग
नपुंसक लंग
तीन वचन

एकवचनम ्
ववचनम ्
बहुवचनम ्
आज हमार चचा " लंग" वषय पर है ।
कसी भी श द के लंग का बोध उस
श द के अंत से होता है ।
सामा यतः िजस श द के अंत म कोई
मा ा नह ं होती, या िजसके अंत म

"अ" शेष रहता है वे श द पिु लंग


श द होते है ।
उदाहरण के लए-
राम
इस श द के अंत म कोई
मा ा नह ं है और अंत म भी
अ ह शेष है अतः राम श द
पिु लंग श द है ।
इस अब वण व यास से समझते
है -
राम = र ् आ म ् अ
थम पाठ म इसी तरह के
"अकारांत" (िजन श द के अंत म

"अ" है ) का ह अ ययन कया


जाएगा।
सं कृत म राम को केवल राम नह ं लखा जाएगा,
इसम " वसग" (:) भी लगाया जाएगा।
जैसे रामः

राकेश महावरः
संस्कृत-अध्यापकः
09582451124

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