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केन्द्रीम विद्मारम सॊगठन

रखनऊ सॊबाग
सत्ाॊत ऩयीऺा हे तु भॉडर प्रश्न ऩत् - 2

कऺा : ऩॊचभ अधधकतभ अॊक : 40


विषम : हहन्द्दी अिधध : 1 घॊटा
साभान्द्म ननदे श : सबी प्रश्न अननिामय है |
फहु विकल्ऩीम प्रश्न ( 10 )
अऩहठत गद्माॊश ( 5 )
"शयीय को स्िस्थ मा ननयोग यखने भें व्मामाभ का ककतना भहत्तत्ति है , इस ऩय कुछ कहने की आिश्मकता
नहीॊ है । आज की बाग-दौड़ से बयी जजॊदगी ने भनुष्म को इतना व्मस्त कय हदमा है कक िह मह बी बूर गमा है
कक इस सायी बाग-दौड़ का िह तबी तक हहस्सेदाय है जफ तक कक उसका शयीय स्िस्थ है । जो व्मजतत अऩने
शयीय की उऩेऺा कयता है िह अऩने लरए योग, फढ
ु ाऩे तथा भत्तृ मु का दयिाज़ा खोरता है । िैसे तो अच्छे
स्िास््म के लरए सॊतुलरत बोजन, स्िच्छ जर तथा शुद्ध िामु सॊमभ तथा ननमलभत जीिन सबी आिश्मक है
ककॊतु इन सफ से व्मामाभ कयने िारे व्मजतत भें कुछ ऐसी अद्भत
ु शजतत आ जाती है कक अऩने साये शयीय ऩय
उसका अधधकाय हो जाता है ।"

प्रश्न 1.अच्छे स्िास््म के लरए तमा-तमा आिश्मक है ?


क) सॊतुलरत बोजन ।
ख) स्वच्छ जर,शुद्ध वामु ।
ग) सॊमलभत एवॊ ननमलभत जीवन ।
घ) उऩयोक्त सबी ।

प्रश्न 2. इनभें से कौन - सा कायण शयीय को स्िस्थ एिॊ ननयोगी यखने के लरए आिश्मक नहीॊ है ?
क) व्मामाभ ।
ख) खेर - कूद ।
ग) असॊतुलरत आहाय ।
घ) ताज़ा पर - सब्जजमों का सेवन ।
प्रश्न 3.गद्माॊश भें ककस शब्द को 'अनोखा ' के सभानाथी शब्द के रूऩ भें लरखा गमा है ।

क) शुद्ध
ख) स्वस्थ
ग) व्मामाभ
घ) अद्भत

प्रश्न 4.गद्माॊश भें प्रमत


ु त शब्द ' स्िच्छ ' का विऩयीताथयक शब्द चन
ु ें ।

क) शद्ध

ख) दषू षत
ग) ननभमर
घ) साफ़

5. शयीय की उऩेऺा कयने से व्मजतत के शयीय ऩय तमा असय ऩड़ता है ?

(क) वह जल्दी फीभाय ऩड़ जाता है ।


(ख) उसे फुढाऩा शीघ्र आता है ।
(ग) वह हभेशा स्वस्थ यहता है ।
(घ) क औय ख दोनों।

व्माकयण ( 3 )

प्रश्न 6. सफ खाने फैठे, तो सरीभ ने अम्भी को टोका " अम्भी, ज़या अऩने दाॉत दे खखए, ऩान खाने से ककतने
गॊदे हो यहे हैं । "
"भैं तो दाॉत भाॉज चक
ु ी हूॉ, " अम्भी ने टारना चाहा !
ऊऩय दी गई ऩॊजततमों भें 'दाॉत भाॉजना' का तमा अथय होगा ?
क) दाॉतो को साफन
ु से धोना ।
ख) दातन
ू कयना ।
ग) दाॉत तेज़ कयना ।
घ) फहाना रगाना ।
प्रश्न 7. "हहभारम की दग
ु भ
य ऩियतभारा भॉह
ु उठाए चन
ु ौती दे यही थी।"
इस िातम भें ‘दग
ु भ
य ’ ककस शब्द का विरोभ शब्द है ?

क- सयर

ख-आसान

ग- सुगभ

घ- सीधा

प्रश्न 8. ‘‘याभ खेर यहा है " इस िातम भें उद्देश्म तमा है ?


क) यहा
ख) है
ग) खेर
घ) याभ

ितयनी ( 2 )

प्रश्न 9. “शुद्ध िातम” का चमन कयें ।

क) गीता अच्छा ऩुस्तकें है ।


ख) गीता अच्छा ऩुस्तक है ।
ग) गीता अच्छी ऩुस्तक है ।
घ) अ औय फ दोनों शद्ध
ु हैं।

प्रश्न 10. हदए गए विकल्ऩों भें से शद्ध


ु ितयनी िारे शब्दों के जोड़े को चन
ु े।

क) अयऩन, अहाय
ख) आशीवामद, तराफ
ग) नफाफ, फऺ

घ) दाॉत, प्रणाभ
िणायत्तभक प्रश्न (15 )

प्रश्न 11. "योज़ की तयह आज िह तय भार अऩने लरए न यख सकती थी।" आऩ ककन-ककन चीज़ों को 'तय
भार' कह सकते हो ?
उतय-
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प्रश्न 12. भानधचत् के अनस
ु ाय फताइए कक हहभारम ऩियत बायत के ककस हदशा भें है ?

उतय-
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प्रश्न13.
चरा हाट को दे खने आज चेरा,
तो दे खा िहाॉ ऩय अजफ ये र-ऩेरा।
टके सेय हल्दी, टके सेय जीया,
टके सेय ककड़ी , टके सेय खीया।

टके सेय लभरती है यफड़ी भराई,

फहुत योज़ उसने भराई उड़ाई।

सुनो औय आगे का कपय हार ताज़ा।

थी अॊधेय नगयी, था अनफझ


ू याजा।

अगय आऩ अॊधेय नगयी जैसे याज्म भें पॉस गए तो आऩ तमा कयें गे ?

उतय-
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प्रश्न 14.प्राथलभक उऩचाय फातस भें कौन-कौन सी चीज़ें हैं । ककसी एक िस्तु का उऩमोग बी लरखें ?

उतय-
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प्रश्न 15.हभ छत के रठ्ठे , शहतीय औय उसके तभाभ हहस्से उगाते हैं।


हभ घय उगाते हैं जफ ऩेड़ रगाते हैं।
कवि ऐसा तमों कहता है ?
उतय-
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प्रश्न 16. बफशन ने लशकायी की गोरी से घामर हुए तीतय की भदद की । तम्
ु हाये विचाय भें लशकाय कयना
सही है मा गरत ।

उतय-
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प्रश्न 17. 'ऩहाड़ों का जीिन फहुत कहठन होता है । ' शीषयक ऩय अऩने विचाय लरखें ।

उतय-
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प्रश्न18. “नभालभ गॊगे ऩरयमोजना” के अॊतगयत आऩको गॊगा नदी को स्िच्छ यखने के लरए तमा-तमा प्रमास
कयने चाहहए ? विचाय कयके लरखखए ।

उतय-
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प्रश्न 19. नीचे हदए गए धचत् को दे खकय अऩनी बािना व्मतत कयें ।
उतय-
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प्रश्न 20. एक झठ
ू को नछऩाने के लरए सौ झठ
ू तमों फोरने ऩड़ते हैं ?
उतय-
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प्रश्न 21. ऩानी की सभस्मा अफ हय जगह है ऩानी के सॊयऺण के लरए आऩ कौन - से भहत्तिऩण
ू य कदभ
उठाएॊगे?
उतय-
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प्रश्न 22. "कबी-कबी िे साॉझ-सकाये ननफटाकय नहाना,


छोटी- छोटी भछ्री भाये आॉचर का कय छाना।"

उऩयोतत ऩॊजततमों भें नहाना औय छाना तुकाॊत शब्द हैं, इसी प्रकाय ककन्द्ही चाय तुकाॊत शब्दों के जोड़े फनाइए

प्रश्न 23. महद हभ िऺ


ृ ायोऩण नहीॊ कयें गे , तो बविष्म भें इसका ऩरयणाभ तमा होगा?

प्रश्न 24. नदी के इस धचत् को ध्मान ऩूिक


य दे खें औय सोच कय लरखें - नहदमों की शुरुआत कहाॉ से होती होगी
औय उनभें ऩानी कहाॉ से आता होगा?
प्रश्न 25." छोटे हाथी के भयने की खफय लभरते ही चयने गए हाथी रौट आए। शि को घेय कय सायी यात िहीॊ
खड़े यहे । उनकी आॉखें आॉसू फहाती यहीॊ। िह धचॊघाड़ते , योते औय बफरखते यहे ।"
उऩयोतत िातमों को ऩढकय आऩके भन भें जो विचाय उत्तऩन्द्न हुए उन्द्हें लरखें।
भौखखक प्रश्न (15)

गनतविधध - 1 (धचत् िणयन)


प्रश्न 26. इस धचत् को ध्मान से दे खने के फाद , धचत् भें घहटत होने िारी घटनाओॊ का िणयन कीजजए ।

गनतविधध - 2 ( सस्िय िाचन )


प्रश्न 27. हभाये बफल्कुर आस - ऩास औय खफ
ू दयू दयू जो कुछ बी है उसका फहुत - सा बाग फहुत - सी चीज़ें
उसके फहुत सी फातें ऩमायियण शब्द भें सभा जाती हैं। हभें अऩने ऩमायियण के प्रनत सचेत यहना चाहहए औय
इसे बफगाड़ने की नहीॊ फजल्क सॉिायने की कोलशश कयनी चाहहए।
सबी विद्माथी ऩमायियण को फचाने हे तु उनकी ऩसॊद की कोई एक कविता तैमाय कयके सन
ु ाएॊगे।
गनतविधध - 3 ( सुनना/ फोरना )

प्रश्न 28. फच्चे ध्मान ऩूिक


य कहानी को सुनने के फाद नीचे हदए गए धचत्ों को सही क्रभ भें रगाएॊगे तथा
कहानी से प्राप्त लशऺा फताएॉगे ।

एक सभम की फात है , गलभयमों के हदनों भें एक चीॊटी फहुत प्मासी थी औय िह अऩनी प्मास फुझाने के लरए
ऩानी की तराश कय यही थी । कुछ दे य आस –ऩास तराश कयने के फाद िह एक नदी के ऩास ऩहुॊची। साभने
ऩानी था, रेककन ऩानी ऩीने के लरए िह सीधे नदी भें नहीॊ जा सकती थी, इसलरए िह एक छोटे से ऩत्तथय के
ऊऩय चढ गई। रेककन जैसे ही उसने ऩानी ऩीने की कोलशश की, िह नदी भें जा धगयी।
उसी नदी के ककनाये एक ऩेड़ था, जजसकी टहनी ऩय एक कफूतय फैठा था। उसने चीॊटी को ऩानी भें धगयते हुए
दे ख लरमा। कफूतय को उस ऩय तयस आमा औय उसने चीॊटी को फचाने की कोलशश की कफूतय ने तेजी से ऩेड़
से एक ऩत्तता तोड़कय नदी भें सॊघषय कय यही चीॊटी के ऩास पेंक हदमा ।
चीॊटी उस ऩत्तते के ऩास ऩहुॊची औय उस ऩत्तते ऩय चढ गमी । थोड़ी दे य फाद, ऩत्तता तैयता हुआ नदी ककनाये आ
गमा । चीॊटी ने ऩत्तते से छराॊग रगाई औय नीचे उतय गई । चीॊटी ने ऩेड़ की तयप दे खा औय कफूतय को
उसकी जान फचाने के लरए धन्द्मिाद ककमा ।
इस घटना के कुछ हदनों फाद, एक हदन एक लशकायी उस नदी ककनाये ऩहुॉचा औय उसने कफूतय ऩय ननशाना
साधा ।
चीॊटी िहीॊ ऩास भें सफ दे ख यही थी । चीॊटी ने कफूतय की जान फचाने की सोची औय उसने जल्दी से जाकय
लशकायी के ऩैय भें ज़ोय से काट लरमा । तेज़ ददय के कायण लशकायी ने उस जार को छोड़ हदमा औय अऩने ऩैय
को दे खने रगा । कफूतय को जार से ननकरने का मह भौका लभर गमा औय िह तेज़ी से जार से ननकर कय
उड़ गमा ।
उत्ततय कॉु जी
फहु विकल्ऩीम प्रश्न ( 10 )
अऩहठत गद्माॊश ( 5 )

प्रश्न1.
उत्तय - घ) उऩयोक्त सबी ।

प्रश्न2.
उत्तय - ग) असॊतलु रत आहाय ।

प्रश्न3.
उत्तय - घ) अद्भत
ु ।

प्रश्न4.
उत्तय - ख) दषू षत

प्रश्न5.
उत्तय - (घ) क औय ख दोनों।
व्माकयण ( 3 )

प्रश्न6.
उत्तय - ख) दातन
ु कयना

प्रश्न7.
उत्तय - ग) सुगभ

प्रश्न8.
उत्तय - घ) याभ
ितयनी ( 2 )
प्रश्न9.
उत्तय - ग) गीता अच्छी ऩस्
ु तक है ।

प्रश्न10.
उत्तय - घ) दाॉत, प्रणाभ

िणायत्तभक प्रश्न (15 )


(रेखन)

प्रश्न11.
उत्तय - तय भार उन चीज़ों को कहते हैं जो हभें फहुत ऩसॊद हो। हभ हरवा-ऩूयी, खीय, लभठाइमाॉ, ऩकवान
आदद चीज़ों को 'तय भार' कह सकते हैं।
( विद्माथी अऩनी सभझ के अनस
ु ाय लभरता - जर
ु ता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं।)
प्रश्न12.
उत्तय- दहभारम ऩवमत बायत की उत्तय ददशा भें ब्स्थत है ।

प्रश्न13.
उत्तय -
1. ऩहरे ऩूयी फात की स्ऩष्ट रूऩ से जानकायी हालसर करूॉगा।
2.भाभरे भें दोषी व्मब्क्त की जानकायी प्राप्त करूॉगा।

3.सफके साभने स्वमॊ को ननदोष साबफत करूॉगा।

4.दोषी व्मब्क्त को ऩकड़ने भें भदद करूॉगा।

(छात् इस प्रश्न का अऩने वििेक से कोई अरग उत्ततय बी दे सकते हैं।)

प्रश्न14.
उत्तय - प्राथलभक उऩचाय फॉक्स भें सेवरॉन , ऩेयालसटाभोर, फनोर, इरेक्रॉर,ऩदिमाॊ, कैंची, चचभटी,
इत्मादद चीज़ें हैं।
इनभें से ऩेयालसटाभोर का उऩमोग फुखाय एवॊ लसयददम भें ककमा जा सकता है ।
( विद्माथी अऩनी सभझ के अनुसाय लभरता - जुरता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं।)
प्रश्न15.
उत्तय - हभ घय उगाते हैं जफ ऩेड़ रगाते हैं। कषव ऐसा इसलरए कहता है क्मोंकक ऩेड़ की रकड़ी से ही हभ घयों
के दयवाज़े, खखड़ककमाॉ औय योशनदान फनाते हैं।
( विद्माथी अऩनी सभझ के अनुसाय लभरता - जुरता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं।)

प्रश्न16.
उत्तय - भेये षवचाय भें ऩशु - ऩक्षऺमों का लशकाय कयना बफल्कुर सही नहीॊ है । लशकाय के
कायण फहुत साये ऩशु - ऩऺी षवरप्ु त होते जा यहे हैं । ऩक्षऺमों को घामर कयना कामयता की
ननशानी है फहादयु ी की नहीॊ।
( विद्माथी अऩनी सभझ के अनस
ु ाय लभरता - जुरता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं।)
प्रश्न17.
उत्तय
● ऩहाड़ों भें सददम मों भें फहुत ठॊ ड होती है ।
● ऩहाड़ों के यास्ते फहुत ऊॉचे-नीचे औय टे ढे -भेढे होते हैं।
● ऩहाड़ों भें साभान को ऩैदर रेकय जाना ऩड़ता है |
● ऩहाड़ों भें जॊगरी जानवयों का बम फना यहता है ।

( विद्माथी अऩनी सभझ के अनुसाय लभरता - जुरता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं।)

प्रश्न18.
उत्तय-हभें गॊगा नदी भें कूड़ा-कयकट तथा प्राब्स्टक का साभान नहीॊ पेंकना चादहए।
* नारों का गॊदा ऩानी नददमों भें नहीॊ जाने दे ना चादहए
* नदी के ककनाये गॊदगी नहीॊ पैरानी चादहए।
( विद्माथी अऩनी सभझ के अनुसाय लभरता - जुरता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं।)

प्रश्न19.
उत्तय : मह चचत्र स्वाभी की दादी ऩाठ से लरमा गमा है जो कक स्वाभी के उसकी दादी के साथ अथक प्रेभ को
दशामता है । स्वाभी एक छोटा-सा फच्चा है । वह अऩनी दादी के साथ यहकय फहुत खश
ु है । वह दादी से फहुत
प्माय कयता है । वह अऩने दोस्त की फातें अऩनी दादी को फढा-चढा कय कय फताता है ।
( विद्माथी अऩनी सभझ के अनुसाय लभरता - जुरता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं।)

प्रश्न 20 .
उत्तय: एक झूठ को नछऩाने के लरए सौ झूठ इसलरए फोरने ऩड़ते हैं।

1. गरती कयने के फाद गरती को रोगों से नछऩाने के लरए ।


2. घय भें ऩड़ने वारी डाॉट से फचने के लरए।

3. हॉसी का ऩात्र फनने से फचने के लरए।

4. दस
ू यों की नज़यों भें चगयने से फचने के लरए।

( विद्माथी अऩनी सभझ के अनुसाय लभरता - जुरता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं।)

प्रश्न21.
उत्तय - ऩानी के सॊयऺण के लरए हभ ननम्नलरखखत भहत्वऩूणम कदभ उठाएॊगे:-

● ऩानी का ऩुनचमक्रण (यीसाइककर) मानन ऩानी को दोफाया उऩमोग भें रा कय।

● कृषष लसॊचाई ऩद्धनत भें फदराव कयके।

● गाॉवों के फाहय फड़े- ताराफ फनाकय अगय फारयश के ऩानी को एकबत्रत कय लरमा जाए तो उससे बत
ू र स्तय
सुधायने भें कापी भदद लभरेगी।

( विद्माथी अऩनी सभझ के अनस


ु ाय लभरता - जर
ु ता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं।)

प्रश्न 22.
उत्तय- तक
ु ाॊत शजदों के जोड़े इस प्रकाय हैं।
1. आना , जाना
2. चहचहाना, रहरहाना
3. चरते , गरते
4. काय , हाय

( विद्माथी अऩनी सभझ के अनुसाय लभरता - जुरता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं।)
प्रश्न23.
उत्तय - मदद हभ वऺ
ृ ायोऩण नहीॊ कयें गे तो
● बषवष्म भें वऺ
ृ ों की कभी हो जाएगी।
● ऩमामवयण प्रदष
ू ण फहुत फढ जाएगा।
● हभें शुद्ध हवा प्राप्त नहीॊ हो ऩाएगी।

● वऺ
ृ ों से प्राप्त होने वारी वस्तओ
ु ॊ की कभी हो जाएगी।

( विद्माथी अऩनी सभझ के अनुसाय लभरता - जुरता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं। )

प्रश्न24.
उत्तय - ककसी बी नदी की शुरुआत ऊॉचे स्थानों मा ऩहाड़ों से होती होगी । नदी भें ऩानी झयने से , झीर से ,
फारयश से मा कपय दहभ ् के षऩघरने से आता होगा।
( विद्माथी अऩनी सभझ के अनुसाय लभरता - जुरता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं।)

प्रश्न 25.
उत्तय - उऩयोक्त वाक्म एक फहुत ही भालभमक दृश्म प्रस्तुत कय यहे हैं । ब्जससे हभें मह एहसास होता है कक
बावनाएॉ लसपम इॊसानों भें ही नहीॊ फब्ल्क जानवयों भें बी होती हैं । वह बी एक दस
ू ये की ऩीड़ा को भहसस
ू कयते
हैं।
( विद्माथी अऩनी सभझ के अनुसाय लभरता - जुरता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं।)

भौखखक प्रश्नों के उत्ततय (15 )

प्रश्न 26.
उत्तय - मह दृश्म ककसी भहानगय के चौयाहे का है । रार फत्ती होने के कायण गाडड़माॉ रुकी हुई हैं। पुटऩाथ
ऩय एक फच्चा एक वद्ध
ृ भदहरा को सड़क ऩाय कयवा यहा है । एक व्मब्क्त अऩने स्कूटय को आधे पुटऩाथ तक
रे आमा है | मह ननमभ के षवरुद्ध है | मातामात के लरए फनाए गए ननमभों का ऩारन न कयने से ही
दघ
ु ट
म नाएॉ होती हैं। कुछ रोग हयी फत्ती होने का इॊतजाय नहीॊ कयते औय गाड़ी दौड़ाकय रे जाते हैं। ऐसा कयते
सभम गाडड़माॉ ऩयस्ऩय टकया जाती हैं औय दघ
ु ट
म ना हो जाती है । अत् वाहन चराते सभम मातामात के
ननमभों का ऩारन कयना चादहए।
( विद्माथी अऩनी सभझ के अनुसाय लभरता - जुरता कोई औय उत्ततय बी दे सकते हैं। )
प्रश्न 27
उत्तय - कविता - आओ मे सॊकल्ऩ उठाए

प्रश्न 28.

उत्तय

(षवद्माथी कहानी को माद कयके चचत्रों को क्रभ भें रगाएॊगे ।)


सीख: कय बरा, हो बरा. हभ जफ बी दस
ू यों का बरा कयते हैं, तो उसका पर हभें ज़रुय लभरता है. कफूतय ने
चीॊटी की भदद की थी औय उसी भदद के परस्वरूऩ भब्ु श्कर सभम भें चीॊटी ने कफत
ू य की जान
फचाई,इसलरए कबी बी ककसी की सहामता कयने मा अच्छा कयने से ऩीछे न हटें । जफ बी भौका लभरे, दस
ू यों
की बफना ककसी स्वाथम के भदद कयें |

(इस प्रश्न का उत्ततय प्रत्तमेक विद्माथी के लरए अरग हो सकता है । )


केन्द्रीम विद्मारम सॊगठन(रखनऊ सॊबाग)
सत्ाॊत ऩयीऺा हे तु प्रश्न ऩत् रूऩये खा
2020-2021
विषम : हहन्द्दी अधधकतभ अॊक : 40
कऺा : IV / V सभम : 1 घॊटा

फहु विकल्ऩीम प्रश्न ( 10 )

दऺताएॉ प्रश्न विियण प्रश्नों के प्रकाय कुर अॊक कुर मोग

ऩठन 5 अऩहठत गद्माॊश-5 प्रश्न 5 अनत रघु 5x1 5


उत्ततयीम प्रश्न

व्माकयण 3 व्माकयण ऩय आधारयत प्रश्न 3 3x1 3

ितयनी 2 ितयनी ऩय आधारयत प्रश्न 2 2 x1 2

िणायत्तभक प्रश्न (15 )

रेखन 15 AAC के अनुसाय ऩाठ्म ऩुस्तक 15 अनत रघु 15 x 1 15


ऩय आधारयत गद्म एिॊ ऩद्म उत्ततयीम प्रश्न

भौखखक प्रश्न (15 )

धचत् िणयन 1 ककसी धचत् का अऩने शब्दों भें 1 दीघय उत्ततयीम 5x1 5
िणयन प्रश्न

सस्िय 1 हदए गए विषम ऩय फोरना / 1 दीघय उत्ततयीम 5x1 5


िाचन कविता सुनाना / कहानी सुनाना प्रश्न

सुनना / 1 कहानी मा गद्माॊश को सुनकय 1 दीघय उत्ततयीम 5x1 5


फोरना प्रश्नों के उत्ततय दे ना | प्रश्न

कुर मोग 28 40
नोट : 1 ) फहु विकल्ऩीम एिॊ रघु उत्ततयीम प्रत्तमेक प्रश्न ( VSA ) 1 अॊक एिॊ दीघय उत्ततयीम प्रत्तमेक प्रश्न

5 अॊक के होंगे |
2 ) िणायत्तभक प्रश्न एक अथिा दो ऩॊजततमों ( अधधकतभ 50 शब्द ) के होंगे |
3 ) भौखखक ऩयीऺण 27 पयियी से ऩिू य आमोजजत ककमा जाएगा |
4 ) फहु विकल्ऩीम प्रश्नों हे तु ½ घॊटे तथा िणायत्तभक प्रश्नों हे तु ½ घॊटे का सभम ननजश्चत ककमा
गमा है |

सभन्द्िमक: श्री नीयज कुभाय गप्ु ता ( भख्


ु म अध्माऩक )

केन्द्रीम विद्मारम , ऩूिोत्ततय ये रिे , फये री

द्िाया ननलभयत : कुभायी अचयना दे िी ( प्राथलभक लशक्षऺका )

केन्द्रीम विद्मारम , ऩूिोत्ततय ये रिे , फये री

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