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विषय ह िं दी (ऐतिक)
कोड- 002
सामान्य निर्दे श:
● *ख
िं ड 'क' में कुल 2 प्रश्न पूछे गए ैं। दोनों प्रश्नों के कुल 20 उपप्रश्न वदए गए ैं। वदए गए वनदे र्ों का
● *ख
िं ड 'ख' में 4 प्रश्न ैं िथा इन सभी के 21 उपप्रश्न ैं। इनमें से वनदे र्ानुसार 16 उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।
● ख
िं ड 'ग' में कुल 3 प्रश्न ैं िथा 14 उपप्रश्न सविललि ैं सभी उपप्रश्नों के उत्तर दीजिए।
*इस प्रश्नपत्र में कुल 7 प्रश्न ैं िथा सभी िस्तुपरक प्रश्न पूछे गए ैं।
*सभी प्रश्नों में उपप्रश्न वदए गए ैं वदए गए वनदे र्ों का पालन करिे हुए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
ख
िं ड 'अ' अपविि गद्यांर् (10 अ
िं क)
प्रश्न 1. नीचे दो गद्यांर् वदए गए ैं। वकसी एक गद्यांर् को ध्यानपूिशक पव़िए और उस पर आधाररि प्रश्नों के
यवद आप इस गद्यांर् का चयन करिे ैं िो कृपया उत्तर पुजस्तका में लललखए वक आप प्रश्न सिंख्या 1 में वदए
पररश्रम 'कल्पिृक्ष' ै। िीिन की कोई भी अतभलाषा पररश्रम रूपी कल्पिृक्ष से पूर्णश ो सकिी ै। पररश्रम
िक विकजसि सभ्यिा और सिशत्र उन्नति पररश्रम का पररर्णाम ै। आि से लगभग पचास साल प ले कौन
वकसी देर्, राष्ट्र अथिा िाति को उस देर् के भौतिक सिंसाधन िब िक समृद्ध न ीं बना सकिे िब िक वक
ि ाँ के वनिासी उन सिंसाधनों का दो न करने के ललए अथक पररश्रम न ीं करिे। वकसी भूभाग की वमट्टी
वकिनी भी उपिाऊ क्यों न ो, िब िक वितधिि पररश्रमपूिशक उसमें िुिाई, बुआई, ससिंचाई, वनराई-गुड़ाई
न ीं ोगी, अिी फसल प्राप्त न ीं ो सकिी। वकसी वकसान को कृवष सिंबिंधी अत्याधुवनक वकिनी ी
सुविधाए
ँ उपलब्ध करा दीजिए, यवद उसके उपयोग में लाने के ललए समुतचि श्रम न ीं ोगा, उत्पादन क्षमिा
में िृद्तध सिंभि न ीं ै। पररश्रम से रेवगस्तान भी अन्न उगलने लगिे ैं मारे देर् की स्वििंत्रिा के पश्चाि मारी
प्रगति की द्रुिगति भी मारे श्रम का ी फल ै। भाखड़ा नांगल का विर्ाल बाँध ो या थुिंबा या श्री ररकोटा
के रॉकेट प्रक्षेपर्ण केंद्र, ररि क्रांति की सफलिा ो या कोविड 19 की रोकथाम के ललए टीका िैयार करना,
िो वबना श्रम वकए भोिन ग्र र्ण करिा ै, ि चोरी का अन्न खािा ै। ऐसी सफलिा मन को र्ांति देने के
बिाए उसे व्यतथि करेगी। पररश्रम से दूर र कर और सुखमय िीिन व्यिीि करने िाले विद्याथी को ज्ञान
कैसे प्राप्त ोगा? िाई वकले िो स ि ी बन िािे ैं, लेवकन िे िा के ल्के झोंके से ढ िािे ैं। मन में मधुर
कल्पनाओिं के स
ँ िोने मात्र से वकसी कायश की जसद्तध न ीं ोिी। कायश जसद्तध के ललए उद्यम और सिि
अथाि इस दुवनया में सारी चीिें ाजसल की िा सकिी ैं लेवकन िे कमश ीन व्यवि को कभी न ीं वमलिी ैं।
अगर आप भविष्य में सफलिा की फसल काटना चा िे ैं, िो आपको उसके ललए बीि आि ी बोने ोंगे..
आि बीि न ीं बोयेंगे, िो भविष्य में फ़सल काटने की उिीद कैसे कर सकिे ?ैं पूरा सिंसार कमश और फल
िाए
ँ । अपना एक-एक वमनट अपने लक्ष्य को समर्पशि कर दें । काम में िुटने से आपको र िस्तु वमलेगी िो
प्रश्न (1) गद्यांर् में पररश्रम को 'कल्पिृक्ष' के समान बिाया गया ै क्योंवक इससे
(2)गद्यांर् में अिी फ़सल प्राप्त करने के ललए क े गए कथन से स्पि ोिा ै वक -
(5) ' िाई वकले िो स ि ी बन िािे ैं, लेवकन ये िा के ल्के झोंके से ढ िािे ैं।"
(घ) स् +िििं + िा
(क) उपयुशि
(ख) उपयुि
(ग) उपभोिा
(घ) उपक्रम
अथिा
यवद आप इस गद्यांर् का चयन करिे ैं िो कृपया उत्तर पुजस्तका में लललखए वक आप प्रश्न सिंख्या 1 में वदए
नीचे वदए गए गद्द्यांर् को ध्यानपूिशक पव़िए और उस पर आधाररि प्रश्नों के उत्तर स ी विकल्प चुनकर
लललखए।
प्रगति का स्तर वनधाररि करिी ै। विज्ञान केिल सत्य, अथश और प्रकृति के बारे में उपयोग ी न ीं बलल्क
िानने के विषय में में म त्वपूर्णश और विश्िसनीय ज्ञान देिा ै। व्यवि जिस बाि पर विश्िास करिा ै ि ी
उसका ज्ञान बन िािा ै। कुछ लोगों के पास अनुतचि ज्ञान ोिा ै और ि उसी ज्ञान को सत्य मानकर
उसके अनुसार काम करिे ैं। िैज्ञावनकिा और आलोचनात्मक विचार उस समय िरूरी ोिे ैं िब ि
विश्िसनीय ज्ञान पर आधाररि ों। िैज्ञावनक और आलोचक अक्सर िकश सिंगि विचारों का प्रयोग करिे ैं।
िकश में उतचि सोचने पर प्रेररि करिे ैं। कुछ लोग िकश सिंगि विचारधारा न ीं रखिे क्योंवक उन्होंने कभी
प्रकृति िैज्ञावनक और कवि दोनों की ी उपास्या ै। दोनों ी उससे वनकटिम सिंबिंध स्थावपि करने की चेिा
करिे ै, हक
िं िु दोनों के दृविकोर्ण में अ
िं िर ै। िैज्ञावनक प्रकृति के बाह्य रूप का अिलोकन करिा ै और सत्य
की खोि करिा ै, परिंिु कवि बाह्य रूप पर मुग्ध ोकर उससे भािों का िादात्म्य स्थावपि करिा ै। िैज्ञावनक
प्रकृति की जिस िस्तु का अिलोकन करिा ै, उसका सूक्ष्म वनरीक्षर्ण भी करिा ै। चिंद्र को देखकर उसके
मजस्तष्क में अनेक विचार उििे ैं उसका िापक्रम क्या ै, वकिने िषों में ि पूर्णशि: र्ीिल ो िाएगा, ज्वार-
भाटे पर उसका क्या प्रभाि ोिा ै, वकस प्रकार और वकस गति से ि सौर मिंडल में पररक्रमा करिा ै और
वकन ित्वों से उसका वनमार्ण हुआ ै? ि अपने सूक्ष्म वनरीक्षर्ण और अनिरि चचिंिन से उसको एक लोक
ि रािा ै और उस लोक में जस्थि ज्वालामुखी पिशिों िथा िीिनधाररयों की खोि करिा ै। इसी प्रकार ि
विषयक अध्ययन िस्तुगि ोिा ै। उसकी दृवि में विश्लेषर्ण और िगश विभािन की प्रधानिा र िी ै। ि
प्रकृति के साथ अपने भािों का सिंबिंध स्थावपि करिा ै। ि उसमें मानि चेिना का अनुभि करके उसके
साथ अपनी आिंिररक भािनाओिं का समन्वय करिा ै। ि िथ्य और भािना के सिंबिंध पर बल देिा ै।उसका
िस्तुिर्णशन हृदय की प्रेरर्णा का पररर्णाम ोिा ै, िैज्ञावनक की भाँति मजस्तष्क की यांवत्रक प्रवक्रया न ीं।
कवियों द्वारा प्रकृति -तचत्रर्ण का एक प्रकार ऐसा भी ै जिसमें प्रकृति का मानिीकरर्ण कर ललया िािा ै
प्रकृति में मानिीय वक्रयाओिं का आरोपर्ण वकया िािा ै। ह िं दी में इस प्रकार का प्रकृति-तचत्रर्ण छायािादी
कवियों में पाया िािा ै। इस प्रकार के प्रकृति-तचत्रर्ण में प्रकृति सिशथा गौर्ण ो िािी ै।इसमें प्राकृतिक
(2) 'िैज्ञावनक प्रकृति के बाह्य रूप का अिलोकन करिे ैं' य कथन दर्ािा ै वक िे
(क) सूक्ष्माचारी
(ख) विज्ञानोपासक
(क) यथाथशिादी
(ख)काव्यिादी
(ग) प्रकृतििादी
(घ) विज्ञानिादी
(क) झ
िं कृि
(ख) वनि
(ग) लललि
(घ) उतचि
प्रश्न 2 नीचे दो काव्यांर् वदए गए ैं। वकसी एक काव्यांर् को ध्यानपूिशक पव़िए और उस पर आधाररि प्रश्नों
यवद आप इस काव्यांर् का चयन करिे ैं िो कृपया उत्तर पुजस्तका में लललखए वक आप प्रश्न सिंख्या 2 में वदए
बरसा करिा पल - पल पर
िग ै असार सुनिी ह
ँ
क िे ैं ोिी िािी
मेरी असफलिा के घन ।
सुख भरे सुन ले बादल
विश्िास, प्रेम, सा स ैं
(1)बरसा करिा पल-पल पर मेरे िीिन में सोना”। किवयत्री का ‘सोना’ से अतभप्राय ै-
(क) स्वर्णश
(ख) क
िं चन
(ग) आनन्द
(घ) आराम
(3) किवयत्री द्वारा विश्िास, प्रेम और सा स को अपना िीिन साथी बनाकर रखना य वनष्कषश वनकालिा ै
वक
(क) िब लोग सिंसार को साव त्य वि ीन बिािे ैं क्योंवक अब लोगों की साव त्य के प्रति रुतच पूिशिि न ीं र ी
(ख) लोगों द्वारा प्रयोिन ीनिा दर्ाए िाने पर क्योंवक सिंसार सुख से भरा हुआ ै।
(ग) िब किवयत्री विर्ाल सागर को फैले हुए देखिी ै और प्रसन्न ोिी ैं।
(घ) किवयत्री के अनुसार िीिन में केिल खुजर्याँ ी ैं क्योंवक उन्होंने कभी पीड़ा को न ीं देखा।
का समाधान कैसे वकया िा सकिा ै? कवििा में वनव ि सिंदेर् द्वारा स्पि कीजिए।
(क) मनुष्य िार् ोकर स ायिाथश समस्याओिं का ल करने का प्रयास अथक भाि से करे।
(ख) अनुप्रास
(ग) श्लेष
(घ) उपमा
(घ) परपीड़ा
यवद आप इस काव्यांर् का चयन करिे ैं िो कृपया उत्तर पुजस्तका में लललखए वक आप प्रश्न सिंख्या 2 में वदए
ब न लगिा ै
सा ब में छोड़कर िा र े ैं
रोिी ह
ँ , वगड़वगड़ािी ह
ँ
करिी ह
ँ विनिी र बार
कभी मुझे नीचे पटक देिे ैं। कभी पीछे सरका देिे ैं
और कभी-कभी िो
दबा देिे ैं
अतधकारी बार-बार अ
िं दर झाँक िािा ै
सा ब क ाँ गए ैं?
स्ताक्षर ो गए...?
प्यार से समझाया
ब न! म यू
ँ ी रोिे ैं
स्ताक्षर क ाँ रुकिे ैं
ो ी िािे ैं।
प्रश्न 3 वनम्नलललखि प्रश्नों को ध्यानपूिशक पव़िए और उत्तर देने के ललए सिातधक उपयुि विकल्प का चयन
(1) खबर की दृश्यों के अनुपलब्ध ोने की जस्थति में ररपोटशर से वमली िानकाररयों के आधार पर सूचनाए
ँ
पहु
ँ चाने िाले का सिंबिंतधि चरर्ण ै-
(2) कक्षा बार िीं का छात्र मयिंक रेवडयो सुन र ा था। अचानक कुछ र्ब्द ऐसे आ गए जिनका अथश ि न ीं
समझ पाया। िब िक उसने र्ब्दकोर् में से अथश ढूँ ़िने का प्रयास वकया िब िक समाचार समाप्त ो गए थे।
(3) श्रोिाओिं या पािकों को बांध कर रखने की जस्थति में टेलीविज़न सबसे सर्ि माध्यम ै क्योंवक य -
(क) मेलिोल
(ख) र्ब्द
(ग) अथश
(घ) अलिंकार
(5)'कवि की िैयविकिा में सामाजिकिा वमली ोिी ै' य कथन वनरूवपि करिा ै
और य कैलेंडर से मालूम था
और कवििाए
ँ प़ििे र ने से य पिा था
रिंग-रस-गिंध से लदे-फ
ँ दे दूर के विदेर् के
(1)'और कवििाए
ँ प़ििे र ने से - - - - - - - आम बौर आिेंगे' में वनव ि व्य
िं ग्य कौन से विर्ेष िगश को चयवनि
करके क ा गया ै -
(घ)पूिंिीपति िगश
(2) कवि द्वारा िसिंि पिंचमी के ोने का प्रमार्ण छुट्टी बिाया िाना इस बाि का समथशन करिा ै वक
मधुमस्त वपक भौंर आवद अपना-अपना कृतित्व अभ्यास करके वदखािेंगे '
प्रश्न 5 वनम्नलललखि पविि गद्यांर् पर आधाररि वदए गए पाँच प्रश्नों के स ी उत्तर िाले विकल्प चुवनए - (1×5
=5)
चौधरी सा ब से िो अब अिी िर पररचय ो गया था। अब उनके य ाँ मेरा िाना एक लेखक की ैजसयि
से ोिा था। म लोग उन्हें एक पुरानी चीज़ समझा करिे थे। इस पुराित्व की दृवि में प्रेम और कुिू ल का
रईस थे। िसिंि पिंचमी, ोली इत्यावद अिसरों पर उनके य ाँ खूब नाचरिंग और उत्सि हुआ करिे थे। उनकी र
र े ैं। एक छोटा-सा लड़का पान की िश्िरी ललए पीछे-पीछे लगा हुआ ै। बाि की काँट-छाँट का क्या
क ना ै! िो बािें उनके मु
ँ से वनकलिी थी, उनमें एक विलक्षर्ण िक्रिा र िी थी। उनकी बािचीि का ढिंग
उनके लेखों के ढिंग से एकदम वनराला ोिा था।नौकरों िक के साथ उनका सिंिाद सुनने लायक ोिा था।
ना ीं"।
(1) "इस पुराित्व की दृवि में प्रेम और कुिू ल का एक अद्भुि वमश्रर्ण र िा था।"
(क) प्रेम और उत्सुकिा का अद्भुि वमश्रर्ण लेखक मिंडली में वदखाई देिा था।
(ग) क
िं धों िक बालों िाले, स्वाथी
(5) गद्यांर् के अनुसार एक छोटा - सा लड़का पान की िश्िरी ललए चौधरी सा ब के पीछे पीछे लगा हुआ
ै। अनुमान के आधार पर बिाइए वक य लड़का कौन ो सकिा ै? ििशमान सिंदभश में य वकस अिस्था को
दर्ािा ै।
प्रश्न 6 वनम्नलललखि छ भागों में से वकन्ही चार प्रश्नों के स ी उत्तर िाले विकल्प चुवनए - (1×4=4)
(घ) ज़मीन का ब
ँ टिारा
(3) 'सिंिाद क िे िि बड़ी बहुररया की आँ खें छलछला आईं थीं। रगोवबन सोच र ा था वक वकस मु
ँ से ि
(ग)हक
िं किशव्यविमू़ििा एििं अनुरवि
(5) कानेललया का गीि कवििा में 'उड़िे खग' वनम्नलललखि में से वकस विर्ेष अथश की व्य
िं िना करिे ैं -
ये पत्थर ये चट्टानें
(क) प्रकृति
(ख) पररश्रम
(ग) िसिंि
(घ) बाधाए
ँ
प्रश्न 7 वनम्नलललखि पाँच भागों में से वकन्ही िीन प्रश्नों के स ी उत्तर िाले विकल्प चुवनए - (1×3 =3)
(1) 'चूल् ा ििंडा वकया ोिा िो दुश्मनों का कलेिा कैसे ििंडा ोिा' के माध्यम से सूरदास सिंकेिात्मक रूप से
वकसे तचजिि कर र ा ै?
(क)गाँि के लोगों को
(ख)िगधर को
(ग)भैंरों को
(घ)वमिु आ को