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साताहक बानी: मौलाना मोहमद गज़ाल नदवी रहमतुलाह अलैह िजद:6

शुमारा:18

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27 श+वाल 1444 19 मई 2023

हज क: फ़ज़ीलत; और उसक: बरकत;


िज़4े अि6बया
आख़र नबी हज़रत मोहमद मसाएल माँ बाप से पहले हज करना
सललाहु अलैह वसलम (33)
ज़Aर एलान

(मोहमद फ़रद हबीब नदवी)

ईमाम बुख़ारी
रसच अकैडमी
हाथी डूबा, अमीर &नशां,अलगढ़
91 – 6396810696
िज़4े अि6बया (2)
आख़र नबी हज़रत मोहमद . आप उनके पास तशर9फ़ ले गये. ये
सललाहु अलैह वसलम (33) मद9ने से आये हुए 6 जवान थे. आपने
उनके सामने अपनी दावत पेश क+. ये लोग
(मौलाना मोहमद फ़रद हबीब नदवी) मद9ने म" यहूद क+ ज़बान से सुनते रहते थे
(1) क एक नबी आने वाला है . जब वो आ
जायेगा तो हम उसके साथ 2मल कर तुम
(रमज़ान क: वजह से “िज़4े अि6बया”
का जो DसलDसला Eक गया था, वो अब Fफर
सब का खाFमा कर डाल"गे. अब जब उHह7ने
से शुA Fकया जा रहा है ) आप सललाहु अलैह वसलम क+ बात सुनी
जब हुज़रू सललाहु अलैह तो आपस म" कहने लगे क ये तो वह9 नबी
वसलम ताएफ़ के सफ़र से मका मालम ू होते हI िजनका नाम ले कर यहूद9
मक ु र मा वापस आ गये तो फर से अपने हम" धमकाते रहते हI. ऐसा ना हो क तुम
काम म" लग गये. हज के मौक़े पर दरू दरू से पहले यहूद9 इनका दामन थाम ल".
से लोग आते थे. आप सबके पास अपना चुनाँचे ये सब लोग उसी वLत मुसलमान
पैग़ाम ले कर पहुँचते. एक साल क+ म, ु त हो गये. और आप सललाहु अलैह वसलम से
म" अलग अलग करके कई लोग इ/लाम वादा करके गये क हम ये द9न अपनी
ले आए, जो अपनी कौम म" एक ख़ास कौम पर भी पेश कर" गे.
है 2सयत रखते थे. उनम" एक नाम सव ु ैद ये लोग मद9ना पहुँच कर लोग7 म"
5बन सा2मत का है , जो एक मशहूर शायर इ/लाम क+ दावत दे ने लगे. अलाह क+
थे. दस ू रा नाम इयास 5बन मआ ु ज़ का है . मदद से कई लोग इ/लाम ले आये. चुनांचे
ये दोन7 यसरब के थे. तीसरा नाम अबू अगले साल (याNन नबु>वत के बारहव" साल)
जर 8गफ़ार9 का है जो बाद म" बड़े मशहूर मद9ने से 12 लोग आप सललाहु अलैह
सहाबी हुए. ये भी यसरब के आस पास वसलम क+ Rख़दमत म" हािज़र हुए. उनम"
रहते थे. चौथा नाम तफ ु ै ल 5बन अ< दौसी 7 लोग नए थे, जब क बाक़+ पाँच वह9 थे
का है . ये यमन के इलाक़े के थे और बड़े जो Tपछले साल भी आपसे 2मल चुके थे.
शायर थे. ये चार7 लोग नबु>वत के Tपछले साल जो 6 लोग थे, उनम" से एक
?यारहव" साल के आस पास मस ु लमान हुए. साहब इस साल नह9ं आये थे.
नबु>वत के ?यारहव" साल ह9 एक इन 12 लोग7 न" 2मना क+ घाट9 म"
ख़ास वाक़या हुआ, िजसने इ/लाम के फैलने आप सललाहु अलैह वसलम के हाथ
का रा/ता आसान कर दया. हज का ज़माना पर इ/लाम पर अमल करने क+ बैअत क+.
था. आप सललाहु अलैह वसलम लोग7 के घाट9 को अरबी म" अक़बा कहते हI.
सामने इ/लाम क+ दावत पेश कर रहे थे. एक इस2लए इसे बैअते अक़बा कहा जाता है
दन आप सललाहु अलैह वसलम हज़रत अबू और चँ ू क ये पहल9 बैअत थी, इस2लए
बकर व हज़रत अल9 के साथ 2मना क+ घाट9 इसका पूरा नाम बैअते अक़बा ऊला
से गुज़रे तो वहां कुछ लोग7 क+ आवाज़ सन ु ी (अक़बा क+ पहल9 बैअत) है ।
(4)
हज क: फ़ज़ीलत; और
क़ुरान म" है : “हज के चHद मह9ने हI
उसक: बरकत; जो फ़स हI, (यानी श>वाल से ले कर
िज़िहgजा क+ दसवीं रात तक). जो इन
(मौलाना मोहमद फ़रद हबीब नदवी)
म" (एहराम बाँध कर) अपने ऊपर हज
(3) फ़ज़ कर ले तो उसको खबरदार रहना
चाहए क हज के दौरान उस से कोई
हद9स7 म" हज और हाजीय7 क+ शहवानी अमल (यानी औरत7 से 2मलना
बहुत फ़ज़ीलत आई है . एक हद9स म" 2मलाना), गुनाह का कोई काम और
नबी (सललाहु अलैह व सलम) ने फ़रमाया: लड़ाई झगड़े क+ कोई बात सरज़द ना हो.
“हज और उमरह करने वाले अलाह और जो नेक काम तुम करते हो, अलाह
तआला के खास मेहमान हI, और जब वो उनको खूब जानते हI. हज के सफ़र के
अलाह से Yाथना करते हI, तो अलाह 2लए सफ़र का सामान साथ ले जाओ,
उनक+ Yाथना को /वीकार करता है , और और वैसे तो सबसे बेहतर सफ़र का
जब वे माफ+ मांगते हI, तो उHह" Zमा सामान तक़वा है . और ए अक़ल वाल7!
कर दे ता है ."(इ\न-ए-माजा:2892) मुझ ह9 से डरते रहो. (बकरा:197)
एक अHय हद9स म" है क ''जो इस आयत म" हज पर जाने वाल7
कोई भी हज करे , और उसम" कोई को कई बात7 क+ नसीहत क+ गयी है .
ग़लत हरकत ना कर" , और अलाह क+ इस2लए हािजय7 को चाहए क इन बात7
नाफरमानी से बचे, तो वो गुनाह7 से पर अमल कर" और हज के दौरान हर
पाक साफ़ हो कर इस तरह वापस तरह के गुनाह और नाफ़रमानी से बचे
आता है जैसा क वह अपने जHम के रह" . अगर कसी का हक़ दबाया हो तो
समय 5बकुल बेगुनाह था".(बुखार9:1521) उसको वापस कर द" या उससे माफ़+ मांग
एक और हद9स म" है क ल". और हर हाल म" तक़वा इkतेयार कर" .
"हज_ए_मबcर" (यानी वो हज जो अलाह पाक हम सबके 2लए मक़बूल हज
पाप7 और गुनाह7 से साफ हो, और दल मक़ु ,र फ़रमाए. आमीन। 
क+ सdचाई के साथ कया गया हो) तो मसाएल
जHनत ह9 उसका इनाम है )."(Nत2मज़ी:810)
एक हद9स म" है क "हज और माँ बाप से पहले हज करना ..
उमरह इस तरह गुनाह7 को साफ कर अगर माँ बाप पर हज फ़ज़ ना हो और
दे ता है , जैसे भfी लोहे , सोने और औलाद साहबे है 2सयत हो तो उस पर हज
चांद9 के मै ल को साफ और /वdछ फ़ज़ हो जाता है . वो अपने माँ बाप से पहले
कर दे ती है ". (Nत2मज़ी: 810) हज कर सकता है . इसम" कोई हरज नह9ं है ।
(5) (6)
 औरत7 से lरलेटेड कुछ
ज़Aर एलान फ़m+ मसाएल जैसे हजाब, पदा,
ईमाम बुखार9 lरसच तलाक़, एक से nयादा शाद9 वगैरा
अकैडमी, Nडलोमा इन इOलाDमक पर भी लेचर ह7गे.
(मौलाना अबू तहा बनारसी नदवी मज़ाहर)  औलाद क+ तर5बयत
Oटडीज़ के नाम से औरत7 के
2लए एक साल का ऑनलाइन और घरे लु िज़Hदगी के बारे कुछ
कोस शुc कर रह9 है . िजसम" : ज़cर9 बात" भी सेलेबस म" होगी.
 तहारत व ईबादत के  इ/लाम के 2सल2सले म"
ज़cर9 मसाएल, इसी तरह अक़+दे , चHद ग़लत फह2मय7 और एतेराज़
मामलात, अkला कयत वगैरा पर भी लेचर दए जाय"गे.
 क़ुरान क+ कुछ ज़cर9 व शतI और उसल
ू :
अहम ् सूरत7 का तरजुमा  शा2मल होने के 2लए ज़cर9 है
 40 हद9स" तरजुमे के क+ उ< 15 साल से कम ना हो.
साथ याद कराई जाएँगी. इनके  Jलास सताह म; केवल 3 दन
अलावा तक़र9बन 100 हद9स" होगी: जुमा, सनीचर और इतवार.
तरजुमे के साथ पढ़ाई जाएँगी.  कोस क+ फ़+स 700 cपए है .
 रसूले अकरम सललाहु  कोस के आRख़र म" इoतेहान
अलैह वसलम और ख़ुलफ़ा-ए- दे ना ज़cर9 है .
रा2शद9न, अnवाजे मुतहहरात और
 कोस पूरा करने वाल9 /टूड"ट को
आपक+ बेटय7 क+ िज़Hदगी का सट फकेट दया जाएगा.
wीफ इंrोडशन.  कोस  म" भी दया जाएगा.

 क़ुरान पाक व हद9स क+ कोस जून 2023 से माच
ताlरख़ और तफ़सीर व हद9स क+ 2024 तक पूरा होगा. रिज/rे शन
कुछ मशहूर कताब7 का क+ ला/ट डेट 30 मई 2023 है .
इंrोडशन . रिज/rे शन कराने के 2लए अकेडमी
 इ/लाम और हHद/ ु तानी के नoबर 6396810696 पर
ह/r9 का wीफ इंrोडशन. >हाsसप मेसेज कर" .

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