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आिखरत पर ईमान लाने का मतलब क्या है?

िबिस्मल्लाहीर रहमा�ीर रहीम

मुिस्लम अन उमर िबन ख�ाबरदी �रवायत के एक


िहस्से का खुलासा
आखीरत पर ईमान लाने का मतलब ये है �क
आदमी इस हक�कत को कु बूल करे �क एक ऐसा
�दन आने वाला है िजस मे इन्सानो क� िजन्दगी
के पूरे �रकाडर् क� जांच पडताल होगी, तो िजसके
करम ठीक ह�गे वह इनाम पायेगा, और िजसके
करम ठीक नही ह�गे वह सजा पायेगा.
सजा �कतनी होगी और इनाम �कतना िमलेगा
इसको बताया नही जा सकता.

ित�मर्जी अन अबू सईद खुदरीरदी �रवायत का


खुलासा
आिखरत क� खौफनाक� और उसके नजात का
ज�रया: लोग �जूर‫ ﷺ‬क� बेचैनी और �फ� को
देख कर और ज्यादा परे शान �वे और पूछा �क
जब आपका यह हाल है तो हमारा क्या हाल
होगा, बताये हम क्या करे �क उस �दन
कामयाब हो, �जूर‫ ﷺ‬ने उनको बताया �क
अल्लाह पर भरोसा रखो उसक� िनगरानी मे
िझन्दगी गुझारो, उसक� बन्दगी मे जीने वाले
कामयाब ह�गे.

ित�मर्जी अन इबने उमररदी �रवायत का खुलासा


आिखरत का मन्जर: �जूर‫ ﷺ‬ने फरमाया अगर
कोई शख्स कयामत के �दन को अपनी आंखो
देखना चाहता है तो उसे चािहये �क ये तीन
सुरते पढे, इजश शम्सु कु िव्वरत, इजस समाउन
फतरत, और इजस समाउन श�त, इन तीनो
सुरतो मे कयामत का नकशा ब�त ही
मोअिस्सर अन्दाज खीचा है.

ित�मर्जी अन अबू �रे रारदी �रवायत का खुलासा


जमीन का खुल्ला खुल्ला एलान: �जूर‫ ﷺ‬ने यह
आयत पढी “यौमइिजन तुह�ीसु अखबारहा"
(उस �दन जमीन अपने सारे हालात बयान
करे गी) और सहाबारदी से पूछा जानते हो हालात
बयान करने का मतलब क्या है? लोग� ने कहा

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अल्लाह और उसके रसूल को ही इल्म है.
�जूर‫ ﷺ‬ने फरमाया �क जमीन कयामत के �दन
गवाही देगी �क फला मदर् या फला औरत ने मेरी
पीठ पर फला �दन और फला वकत मे बुरा या
अच्छा काम �कया, यही मतलब है इस आयत
का, लोग� के इन कामो को आयत मे "अखबारा"
कहा गया है.

मु�फक अलैही अन अ�द िबन हाितम �रवायत


का खुलासा
अल्लाह के सामने पेश होने क� हालत: �जूर‫ﷺ‬
इनफाक यानी अल्लाह के दीन और अल्लाह के
बेसहारा बन्द� पर खचर् करना क� तालीम दे रहे
थे इस िलये िसफर् इसी का िजकर �कया फरमाते
है �क अगर �कसी के पास िसफर् एक खजूर है
और वह उस का आधा िहस्सा देता है तो यह
भी अल्लाह क� िनगाह मे क�मती है वह माल
क� कमी ज्यादती नह� देखता बिल्क खचर् करने
वाले के जज्बा को देखता है.

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िमश्कात अन अबू सईद खुदारीरदी �रवायत का
खुलासा
कयामत क� सखती मे मोिमन से नरम सुलक ू :
अबू सईद खुदरीरदी कहते है �क मे �जूर‫ ﷺ‬क�
िखदमत मे हािजर �वा और पूछा �क उस �दन
िजस के बारे मे अल्लाह ने फरमाया है. “य�मा
यकू मु�ासू िलरबिबल आलमीन” (तू उस �दन
को सोच जब लोग िहसाब �कताब" के िलये
संसार के मािलक के सामने खडे ह�गे) उस �दन
भला कौन लोग खडे रह सक� गे (जब�क वह एक
�दन हजार बरस के बराबर होगा)
�जूर‫ ﷺ‬ने फरमाया (उस �दन क� सख्ती
मुज�रम� और बािगय� के िलये है, उन्हे वह एक
हजार बरस का मालूम होगा, मुसीबत मे पडे
�ये आदमी का �दन लम्बा होता है, काटे नह�
कटता) वह �दन मोिमनो के िलये हल्का होगा
िसफर् हल्का ही नह� होगा बिल्क फजर् नमाज क�
तरह उसक� आंखो क� ठं डक बन जायेगा.

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मुसनदे अहमद, अन आयेशारदी �रवायत का
खुलासा
आसान िहसाब और उसके िलये दुवा: जो लोग
अल्लाह क� राह पर चलते है और बुराई क�
ताकतो से लडते रे हते है, यहां तक �क लडते
लडते उनक� िजन्दगी क� मोहलत खतम हो
जाती है तो कयामत के �दन अल्लाह उनक�
गल्तीयो को माफ कर देगा और नेक कामो क�
कदर फरमाते �वे उन्ह� ज�त मे दािखल करे गा
ले�कन िजस शख्स के छोटे छोटे कामो क�
पडताल और पूछताछ शु� हो गई तो वो अजाब
मे ज�र मुब्तला हो जायेगा.

मु�फक अलैही �रवायत का खुलासा


मोिमन के िलये आिखरत के क�मती इनाम:
�जूर‫ ﷺ‬ने फरमाया अल्लाह फरमाता है मेने
अपने नेक बन्दो के िलये वो कु छ तय्यार कर
रखा है िजसे �कसी आंख ने नही देखा है िजसके
बारे मे �कसी कान ने नही सुना, और ना कोई
इन्सान कभी उसका ख्याल कर सका.
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तुम चाहो तो ये आयत पढ लो (सुरे सजदह/१७)
तरजुमा: �फर जेसा कु छ आंखो क� ठं डक का
सामान उनके आमाल के बदले मे उनके िलये छु पा
कर रखा गया है उसक� �कसी जान को खबर नही.

मुिस्लम �रवायत का खुलासा


आिखरत के अजाब और सवाब क� हक�कत:
�जूर‫ ﷺ‬ने फरमाया दुिनया के सबसे ज्यादा
खुशहाल दोजखी को लाया जायेगा और जह�म
मे डाल �दया जायेगा, जब आग उसके पूरे िजस्म
पर अपना असर �दखयेगी तब उससे पूछा
जायेगा �क कभी तूने अच्छी हालत देखी है? तुज
पर कभी "ऐश व आराम का जमाना आया है?
वह कहेगा नह� तेरी कसम ऐ मेरे रब कभी नह�.
�फर दुिनया मे ब�त ही "तंगी(गरीबी) क� हालत
मे िजन्दगी गुजारने वाले ज�ती को लाया
जायेगा, जब उस पर ज�त क� नेमत� का खूब रं ग
चढ जायेगा तब उस से पूछा जायेगा �क तूने कभी
तंगी देखी है? कभी तुज पर क�ठनाईय� का
जमाना गुजरा है? वह कहेगा ऐ मेरे रबा मे कभी
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तंगी और गरीबी मे िग�रफ्तार नह� �वा, मे ने
क�ठनाई का कोई जमाना कभी नह� देखा.

मु�फक अलैही अन अबू �रै रारदी �रवायत का


खुलासा
कयामत के �दन �रश्तेदारी काम ना आयेगी:
अबू �रै रारदी ने फरमाया जब सूरह शुअरा क�
आयत वनिजर अशीरतकल अकरबीन (अपने
करीबी खानदान वाल� को डराआ) उतरी तो
�जूर‫ ﷺ‬ने कु रै श को जमा �कया और फरमाया,
ऐ कु रै श क� जमाअत अपने आप को जह�म क�
आग से बचाने क� �फ� करो, मे अल्लाह के
अजाब को तुमसे जरा भी नह� टाल सकता.
ऐ अब्दे मुनाफ के खानदान वालो मे तुमसे
अल्लाह के आजाब को कु छ भी नह� टाल सकता.
ऐ अब्बास िबन अब्दुल मु�िलब (हक�क� चचा)
मे अल्लाह के अजाब को तुमसे जरा भी नह�
हटा सकता.
ऐ स�फया (आप‫ )ﷺ‬क� हक�क� फू फ�, मे तुमसे
अल्लाह के अजाब को जरा भी नह� हटा सकता.
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ऐ मेरी बेटी फाितमारदी, तू मेरे माल मे से
िजतना मांगे मे दे सकता �ं ले�कन अल्लाह के
अजाब को तुज से नह� हटा सकता.
तो अपने आप को बचाने क� �फ� करो �क
ईमान और अमल ही वहा काम आय�गे.
(मु�फक अलैही �रवायत का खुलासा)
ज�त और जह�म के रास्ते: �जूर‫ ﷺ‬क� इस
हदीस का मतलब यह �क जो शख्स अपने नफस
(असितत्व) क� पूजा करे गा और दुिनया क�
ल�तो मे पडेगा उस का �ठकाना जह�म है,
और िजस को ज�त लेने क� तम�ा हो तो वह
कांटो भरी राह अपनाये अपने नफस को हरा
कर उसको हर परे शानी और हर नागवारी को
अल्लाह के िलये बरदाश्त करने पर मजबूर करे ,
जब तक कोई शख्स इस क�ठन घाटी को पार
नह� करता, आराम व सुख मे कै से प�ंचेगा.
(मु�फक अलैही �रवायत का खुलासा)
ज�त क� शान: �जूर‫ ﷺ‬ने फरमाया ज�त मे
एक कू डा रखने क� जगह दुिनया और दुिनया के
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सामान से बेहतर है. “कू डा रखने को जगह” से
मुराद वह थोडी सी जगह है जहा आदमी अपना
िबस्तर िबछा कर पडा रहता है.
मतलब यह �क अल्लाह के दीन पर चलने मे
�कसी क� दुिनया तबाह हो जाये तमाम साज व
सामान से मेह�म हो जाये और उसके बदले
ज�त क� मुख्तसर और थोडी सी जमीन िमल
जाये तो यह बडा सस्ता सौदा है, खत्म होने
चाली चीज क� कु रबानी देने के नतीजे मे
अल्लाह ने उसे वह चीज दी जो हमेशा बाक�
रहने वाली है.
ित�मर्जी, �रवायत का खुलासा
ज�त और जह�म से गा�फल ना रहे: �कसी
खतरनाक चीज को देखने के बाद आदमी क�
न�द उड जाती है वह उससे भागता है, और जब
तक सुकून ना हो जाये सोता नही, इसी तरह
िजसको अच्छी चीज क� �फकर हो जाती है तो
जब तक वह िमल ना जाये ना वह सोता है ना
चैन से बैठता है.
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अगर यह हक�कत है तो ज�त क� तम�ा करने
वाले क्य� सो रहे है? ये जह�म से भागने क�
�फकर क्य� नह� करते? िजसको �कसी चीज का
डर होता है वो बेखबर नही सोता और िजस के
अन्दर अच्छी चीज क� तडप होती है वो चैन से
नही बेठता.

मु�फक अलैही अन सहल िबन सादरदी �रवायत


का खुलासा
दीन मे नई चीजे पैदा करने वाले का अन्जाम:
हदीस के अन्दर सब से बडी खुसखबरी भी है और
ब�त बडा डर भी है, खुशखबरी ये �क �जूर‫ﷺ‬
उन लोग� का इस्तेकबाल करे गे िजन्होने आपके
लाये �वे दीन को बगैर �कसी कमी ज्यादती के
कु बूल �कया और उसपर अमल �कया.
और जो लोग जान बूजकर दीन मे नई चीज�, दीन
के नाम पर दािखल कर� गे जो दीन से टकराती है
तो ऐसै लोग �जूर‫ ﷺ‬तक प�चने और होजे
कौसर का पानी पीने से मह�म रह जाय�गे.

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बुखारी अन अबू �रै रारदी �रवायत का खुलासा
�जूर क� िसफा�रश के मुस्तािहक: �जूर‫ ﷺ‬का
यह फरमान अपने अलफाज के िहसाब से ब�त
ही मुख्तसर है ले�कन अपने मतलब के िहसाब
से ब�त बडा है मतलब यह �क िजस ने तौहीद
को नह� अपनाया िजस ने इस्लाम कु बूल न
�कया जो िशकर् क� गंदगी ही मे पडा रहा उस
को �जूर‫ ﷺ‬क� शफाअत हािसल न होगी इसी
तरह िजस ने जुबान से तो कलमा कहा और दीन
मे दािखल �वा ले�कन �दल से उसको स�ा न
माना, वह भी �जूर‫ ﷺ‬क� शफाअत से मह�म
रहेगा.
�जूर‫ ﷺ‬िसफर् उन लोग� के िलये शफाअत
फरमाय�गे जो �दल से ईमान लाये हो जो तौहीद
के हक होने पर यक�न रखते हो, जैसा �क दूसरी
हदीस मे मुस्ते�कनन िबहा कल्बु� के शब्द आये
है, �फर यह बात भी वजेह है �क यक�न, अमल,
पर उभारता है, आदमी को अपने ब�े के कु वे मे
िगरन� क� खबर िमलती है तो जैसे ही उसे उस
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खबर पर यक�न होता है उसी व� दुखी होकर
उसक� जान बचाने के िलये दौड पडता है यही
हाल �दली ईमान का है यह आदमी के अन्दर
िनजात क� �फ� पेदा करता और आमाल पर
उभारता है.
हवाला: राहे अमल िहन्दी.
मौलाना जलील अहसन नदवी रह

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