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MAKTABA ASHRAF |2
अल्लाह और उसके रसूल को ही इल्म है.
�जूर ﷺने फरमाया �क जमीन कयामत के �दन
गवाही देगी �क फला मदर् या फला औरत ने मेरी
पीठ पर फला �दन और फला वकत मे बुरा या
अच्छा काम �कया, यही मतलब है इस आयत
का, लोग� के इन कामो को आयत मे "अखबारा"
कहा गया है.
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िमश्कात अन अबू सईद खुदारीरदी �रवायत का
खुलासा
कयामत क� सखती मे मोिमन से नरम सुलक ू :
अबू सईद खुदरीरदी कहते है �क मे �जूर ﷺक�
िखदमत मे हािजर �वा और पूछा �क उस �दन
िजस के बारे मे अल्लाह ने फरमाया है. “य�मा
यकू मु�ासू िलरबिबल आलमीन” (तू उस �दन
को सोच जब लोग िहसाब �कताब" के िलये
संसार के मािलक के सामने खडे ह�गे) उस �दन
भला कौन लोग खडे रह सक� गे (जब�क वह एक
�दन हजार बरस के बराबर होगा)
�जूर ﷺने फरमाया (उस �दन क� सख्ती
मुज�रम� और बािगय� के िलये है, उन्हे वह एक
हजार बरस का मालूम होगा, मुसीबत मे पडे
�ये आदमी का �दन लम्बा होता है, काटे नह�
कटता) वह �दन मोिमनो के िलये हल्का होगा
िसफर् हल्का ही नह� होगा बिल्क फजर् नमाज क�
तरह उसक� आंखो क� ठं डक बन जायेगा.
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मुसनदे अहमद, अन आयेशारदी �रवायत का
खुलासा
आसान िहसाब और उसके िलये दुवा: जो लोग
अल्लाह क� राह पर चलते है और बुराई क�
ताकतो से लडते रे हते है, यहां तक �क लडते
लडते उनक� िजन्दगी क� मोहलत खतम हो
जाती है तो कयामत के �दन अल्लाह उनक�
गल्तीयो को माफ कर देगा और नेक कामो क�
कदर फरमाते �वे उन्ह� ज�त मे दािखल करे गा
ले�कन िजस शख्स के छोटे छोटे कामो क�
पडताल और पूछताछ शु� हो गई तो वो अजाब
मे ज�र मुब्तला हो जायेगा.
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बुखारी अन अबू �रै रारदी �रवायत का खुलासा
�जूर क� िसफा�रश के मुस्तािहक: �जूर ﷺका
यह फरमान अपने अलफाज के िहसाब से ब�त
ही मुख्तसर है ले�कन अपने मतलब के िहसाब
से ब�त बडा है मतलब यह �क िजस ने तौहीद
को नह� अपनाया िजस ने इस्लाम कु बूल न
�कया जो िशकर् क� गंदगी ही मे पडा रहा उस
को �जूर ﷺक� शफाअत हािसल न होगी इसी
तरह िजस ने जुबान से तो कलमा कहा और दीन
मे दािखल �वा ले�कन �दल से उसको स�ा न
माना, वह भी �जूर ﷺक� शफाअत से मह�म
रहेगा.
�जूर ﷺिसफर् उन लोग� के िलये शफाअत
फरमाय�गे जो �दल से ईमान लाये हो जो तौहीद
के हक होने पर यक�न रखते हो, जैसा �क दूसरी
हदीस मे मुस्ते�कनन िबहा कल्बु� के शब्द आये
है, �फर यह बात भी वजेह है �क यक�न, अमल,
पर उभारता है, आदमी को अपने ब�े के कु वे मे
िगरन� क� खबर िमलती है तो जैसे ही उसे उस
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खबर पर यक�न होता है उसी व� दुखी होकर
उसक� जान बचाने के िलये दौड पडता है यही
हाल �दली ईमान का है यह आदमी के अन्दर
िनजात क� �फ� पेदा करता और आमाल पर
उभारता है.
हवाला: राहे अमल िहन्दी.
मौलाना जलील अहसन नदवी रह
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