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बेरोजगार / Unemployment
2.अनै छक बेरोजगार - मबल के अंतगत आने
इं डे स/Index
वाला य य द िनयत मजदरू से कम पर भी
1बेरोजगार का अथ ?
काय करने को तैयार ह, परं तु इसके बावजूद भी उसे
2. बेरोजगार का व प ?
काम नह ं िमले,तो इस कार क बेरोजगार को
3. बेरोजगार के कार ?
अनै छक बेरोजगार कहा जाता है । यह बेरोजगार
4. बेरोजगार के कारण या है ?
गर बी से य संबंिधत होती है ।
5. बेरोजगार के भाव ?
• इसे खुली बेरोजगार भी कहा जाता है तथा यह
6. बेरोजगार का मापन कैसे होता है
वकिसत दे श तथा वकासशील दे श म अलग-
7. बेरोजगार को दरू करने हे तु सुझाव तथा सरकार
अलग कारण से उ प न होती है । जैसे
क नीितयाँ ।
• वकिसत दे श म मंद के कारण होती है ।
• वकासशील दे श म यह सम या जनसं या वृ
बेरोजगार का अथ-
से से मबल का आकार बढ़ने से होती है ।
वह अव था जसम मबल का एक भाग काम
तो वह दस
ू रा कारण आधारभूत बाधाएं होती है ।
करने क इ छा तथा यो यता तो रखता है , परं तु
जसके कारण उपल ध संसाधन का दोहन नह ं हो
उसे रोजगार ा नह ं होता, बेरोजगार कहलाती है ।
पाता है । इससे अवसर कम उ प न होते है ।
मबल - 15 से 64 वष क आयु का येक
प रणाम व प बेरोजगार क दर बढ़ती है ।
य जो काय करने क इ छा व यो यता रखता
हो, मबल कहलाता है ।
बेरोजगार के भाव -
कायबल- मबल के अंतगत आने वाला य जसे आिथक भाव -

रोजगार ा हो चुका हो, कायबल कहलाता है । 1. मानव संसाधन का अप यय होता ह- कसी भी


अथ यव था क सबसे बड़ चुनौती उपल ध
बेरोजगार के व प संसाधन का कुशलता उपयोग सुिन त करना है
और बढ़ती बेरोजगार यह दिशत करती है क हम
1. वै छक बेरोजगार - य द मबल के अंतगत उपल ध मानव संसाधन का उपयोग करने म स म
आने वाला य िनयत मजदरू पर काम करने के नह ं है ।
िलए तैयार नह ं हो।
• ऐसा तब होता है , जब य को मता अनुसार 2. कसी भी अथ यव था म य द बेरोजगार बढ़ती

काय या वेतन नह ं िमलता है । यह िश त वग से है , तो इससे भरण-पोषण क लागत भी बढ़ती है

संबंिधत होती है , अतः इसका संबंध गर बी से नह ं और इससे हमार बचत व िनवेश मशः घटते ह।

होता है । इन सभी के प रणाम व प रोजगार के अवसर


और भी कम हो जाते ह और यह बेरोजगार का
दु च अनवरत चलता रहता है ,
जो बेरोजगार को बढ़ाता है ।

Prabhat Saini Sir (SBA)


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3. गर बी क दर ती ता से बढ़ती है । जैसे कृ ष, कपड़ा उ ोग, यूस इ या द के िमक


मौसमी बेरोजगार के कारण समय वशेष म
सामा जक भाव- बेरोजगार हो जाते ह।
1.पलायन का संकट बढ़ता है ।
बेरोजगार का व प (Types)-
2. बेरोजगार से य सामा जक प से वयं को
शहर े म-
कटा हुआ महसूस करता है तथा इससे युवाओं म
तनाव व कुंठा उ प न होती है और वे आतंकवाद व 1.घषण जिनत बेरोजगार - मबल के अंतगत आने
न सलवाद जैसी सम याओं के फलने फूलने को वाला य , जब एक रोजगार को छोड़कर दस
ू रे
अवसर दान करते ह जससे अपराध म वृ होती रोजगार को ा करता है , तो बीच के समय म जब
है । वह बेरोजगार रहता है । इस बेरोजगार को घषण
3. इसी तरह बेरोजगार य अभाव तता व जिनत बेरोजगार कहते ह। ले कन यह अथ यव था
श ह नता के िशकार होते ह। जसके कारण हर के िलए गंभीर खतरा नह ं है ।
जगह उनका शोषण होता है ।

ामीण े म बेरोजगार - 2. च य बेरोजगार - अथ यव था म मांग एवं पूित


के बीच असंतुलन के कारण वशेषकर मंद क
1- य बेरोजगार - य द मबल म आने वाले प र थित म उ प न बेरोजगार , च य बेरोजगार
य को िनयत मजदरू से कम पर भी काम कहलाती है ।
उपल ध नह ं हो, तो यह य बेरोजगार कहलाती
3. अ प बेरोजगार - जब मबल के अंतगत आने
है ।
वाला य यूनतम मजदरू पर काय कर रहा हो,
मु यतः भूिमह न क सम या है अतः इसका संबध

परं तु उसे मता के अनुसार काय ा नह ं हो तो
सामा जक यव था व गर बी से भी होता है ।
इसे अ प बेरोजगार कहा जाता है ।
2. छ न बेरोजगार - इसके तहत मबल के
4. िश त बेरोजगार -जब दोषपूण िश ा णाली,
अंतगत आने वाले य को रोजगार तो ा हो
आिथक अवसर क कमी या बेहतर रोजगार क
जाता है । परं तु उसके म क सीमांत उ पादकता
तलाश म िश त युवा बेरोजगार होता है , तो इसे
शू य होती ह। ऐसा ज रत से यादा िमक के
िश त बेरोजगार कहते ह।
िनयोजन से होता है ।
5. संरचना मक बेरोजगार - अथ यव था म
यहां सीमांत उ पादकता से ता पय यह है क
संरचना मक प रवतन के कारण जो बेरोजगार
एक अित र िमक क उ पादकता शू य के
संप न होती है वह संरचना मक बेरोजगार
बराबर हो
कहलाती है ।
3. मौसमी बेरोजगार वकास के साथ-साथ अथ यव था क संरचना
जब य य को मौसम के अनुसार रोजगार ा बदलती रहती है । कसी एक े म मांग कम होती
हो तथा इसके प ात ् वे बेरोजगार हो जाते हतो इसे है तो दस
ू रे े म मांग बढ़ जाती है । संरचना म
मौसमी बेरोजगार कहां जाता है । प रवतन के साथ-साथ मांग का व प भी बदलता
रहता है ।
Prabhat Saini Sir (SBA)
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6. तकनीक बेरोजगार - उ पादन क तकनीक म बेरोजगार िनवारण के उपाय-


सुधार तथा नयी मशीन से उ पादन के कारण जो
1. उ पादन म वृ करके।
बेरोजगार उ प न होती है , वह तकनीक बेरोजगार
2. जनसं या िनयं त करके।
कहलाती है ।
3. बचत को ो सा हत करके।
बेरोजगार के कारण- 4. MSMEs को बढ़ावा दे कर।
1. ती जनसं या वृ से अवसर म कमी। 5. वरोजगार को बढ़ावा दे कर।
2. संसाधन क कमी से रोजगार सृजन क दर कम 6. शै णक सुधार करके अथात ् यावसाियक
होना। िश ण अिनवाय करके।
3. आधारभूत ढांचा कमजोर होने के कारण उ ोग 7. बेरोजगार को िमटाने के िलए मता
पया प से वकिसत नह ं हो पाए अथात ् िनमाण(Skill development) पर बल दया जाना
औ ोिगक करण का अभाव वशेषकर MSMEs का चा हए तथा उ ोग क मांग के अनुसार िश ण
वकास ना होना। दया जाना चा हए।
4. कृ ष का पछड़ापन व मानसून क वसंगित । 8. सहकार उ ोग को बढ़ावा दे कर।
5. आिथक संव ृ का धीमा होना। 9. वयं सहायता समूह के मा यम से रोजगार को
6. रोजगार वह न आिथक समृ होना। बढ़ावा दे कर।
7. वै ीकरण के कारण भारत म मशीनीकरण , 10. म आधा रत तकनीक को बढ़ावा दे कर।
आ ट फिशयल इं टेिलजस, रोबो ट स का दौर आया, 11. खा सं करण उ ोग को बढ़ावा दे कर।
जससे रोजगार सृजन म िगरावट आयी तथा 12. िनयात को बढ़ावा दे कर।
रोजगार के सम नई चुनौितयाँ ( कौशल क मांग,
तकनीक बेरोजगार ) खड़ कर द । इससे भारत म भारत म बेरोजगार का मापन-
आिथक वृ तो तेजी से बढ़ रह है , कंतु रोजगार भारत म बेरोजगार क गणना रा ीय सां यक
के अवसर सृ जत नह ं हो रहे ह। इसिलए रोजगार कायालय(NSO) ारा कया जाता है । इसक गणना
वह न वृ क अवधारणा उ प न हो रह है । तीन कार से क जाती है ।
8. L.P.G. के कारण सावजिनक सेवाओं म कमी के • सामा य थित बेरोजगार (Usual Status
कारण सरकार नौक रय म कमी आने लगी। Unemployment )
9. िश ा का तर अ य त कमजोर है , सभी लोग • सा ा हक थित बेरोजगार (Weekly Status
Unemployment )
को िश त नह ं है ।
• दै िनक थित बेरोजगार (Daily Status
10. िश ण सं थान म बाजार आधा रत कौशल
Unemployment )
उपल ध नह ं कराया जाता है , जसके कारण िश त 1. सामा य अव था बेरोजगार - उन लोग क
बेरोजगार क सम या दे खी जाती है । सं या ज ह पूरे वष भर कौशल तर के अनुसार
11. भारत म उ िमता क वृ अ यिधक कमजोर काम नह ं िमला।
है । इसिलए अिधकतर लोग जॉब िसकर(Job seeker/ • इसके अंतगत य द य 365 दन म से 183
रोजगार क मांग करने वाला) क सं या अिधक है , दन या इससे अिधक दन रोजगार म िनयो जत है ,
परं तु रोजगार दान करने वाल (Job Givers) क तो उसे मबल म माना जाता है ।
सं या बहुत कम है ।
Prabhat Saini Sir (SBA)
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• और य द वह 183 दन से रोजगाररत नह ं है तो बेरोजगार से संबंिधत सरकार योजनाएं एवं


उसे मबल से बाहर माना जाता है ।
काय म
• इस कार यह बेरोजगार द घकािलक बेरोजगार
1. धानमं ी म योगी मानधन योजना (PM-SYM)
को दिशत करती है ।
• ारं भ- फरवर 2019 म।
2. सा ा हक अव था बेरोजगार - ऐसे लोग क
• मं ालय - म एवं रोजगार मं ालय ारा ारं भ
सं या ज ह पूरे स ाह काय नह ं िमला।
क गई।
• इसके अंतगत य द य 7 दन म 1 घंटा भी
कार- यह असंग ठत े के िमक के िलए एक
काम ा करने म समथ रहता है , तो उसे रोजगार
पशन योजना है ।
म मान िलया जाता है ।
• पा ता- 18 से 40 वष क आयु समूह के घरे लू
3. दै िनक अव था बेरोजगार - उन लोग क सं या
कामगार, ट वडर, िमड डे मील िमक, िसर पर
बताती है , ज ह कसी दन 1 घंटे से अिधक एवं 4
बोझा ढोने वाले िमक, ईट-भ ठा मजदरू ,
घंटे से कम काम ा होता है , तो उसे आधे दन
चमकार,कचरा उठाने वाले, धोबी, र शा चालक,
कायरत माना जाएगा और 4 घंटे से अिधक काम
भूिमह न मजदरू , खेितहर मजदरू , िनमाण मजदरू ,
करने पर वह य पूरे दन कायरत माना जाएगा।
बीड़ बनाने वाले मजदरू , हथकरघा मजदरू , ऑ डयो-
दै िनक थित बेरोजगार , बेरोजगार क सव म
वी डयो िमक तथा इसी तरह के अ य यवसाय
माप तुत करती है ।
म संल न ऐसे िमक ह गे, जसक मािसक आय

बेरोजगार दर = बेरोजगार क सं या ÷ मबल क ₹15000 से कम है ।

सं या × 100 • पा य को नई पशन योजना, कमचार रा य


बीमा िनगम और कमचार भ व य िनिध संगठन के
कामगार जनसं या दर (Worker Population Rate) लाभ के अंतगत कवर न कया गया हो तथा उसे
= रोजगार ा करने वाले लोग क सं या ÷ आयकर दाता नह ं होना चा हए।
जनसं या × 100 • ीिमयम- इस क म का लाभ उठाने के िलए हर
मह ने एक िन त रािश (आयु के अनुसार 55
मबल भागीदार दर(Labour Force Participation
पये से लेकर 200 पये के बीच) का िनवेश करना
Rate) = मबल ÷ जनसं या ×100
होगा।
• पशन- इस योजना के अंतगत येक
बेरोजगार के आंकड़े NSO ारा 'आविधक मबल
अिभदाता(Subscriber) को 60 वष क उ पूर होने
सव ण' (Periodic Labour Force Survey-PLFS) म
के बाद ितमा यूनतम ₹3000 क िन त पशन
जार कए जाते ह।
िमलेगी।
• इस सव ण को एनएसओ जार करता है ।
• य द पशन ाि के दौरान स स ाइबर क मृ यु
• इसे अ ैल 2017 म शु कया गया।
हो जाती है , तो लाभाथ को िमलने वाली पशन क
• 2019-20 के PLFS के अनुसार बेरोजगार क दर
50% रािश फैिमली पशन के प म लाभाथ के
4.8% है ।
जीवनसाथी को िमलेगी।

Prabhat Saini Sir (SBA)


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• य द लाभाथ ने िनयिमत अंशदान कया है और िश ण दे ने के उ े य से उ ताद योजना ारं भ क


कसी कारणवश उसक मृ यु 60 वष से पहले ह हो गई।
जाती है तो लाभाथ क प ी/पित योजना म
शािमल होकर िनयिमत अंशदान करके योजना को कल इं डया
जार रख सकती/सकता है । शु आत-15 जुलाई 2015 को।
उ े य- भारत म कामगार का कौशल वकास
2. धानमं ी कमयोगी मानधन योजना(PM-KYMS) बढ़ाने हे तु तथा भारत को मता िनमाण का क
• धानमं ी कमयोगी पशन योजना क घोषणा बंद ु बनाने के िलए यह योजना ारं भ क गयी।
बजट 2019-20 के अंतगत क गई।
अहता- छोटे खुदरा यापा रय और दक
ु ानदार के पं डत द नदयाल उपा याय मेव जयते काय म-
िलए पशन योजना। भारत सरकार ारा 16 अ टू बर 2014 को मेव
• कोई भी दक
ु ानदार और खुदरा यापार जो जयते काय म ारं भ कया गया।
जीएसट के तहत पंजीकृ त है और जसका सालाना इस काय म के तहत 5 योजनाएं आरं भ क गई,
कारोबार डे ढ़ करोड़ तक है । इस योजना के तहत जनका मु य उ े य औ ोिगक वकास व यवसाय
आवेदन कर सकता है । के अनुकूल माहौल बनाना तथा िमक को उ ोग
• इस योजना म 18 से 40 आयु वग के यापार क मांग के अनुसार िश ण दे ने के िलए सरकार
शािमल हो सकते ह। सहायता को बढ़ावा दे ना है ।
• पशन - योजना के अंतगत 60 वष क आयु ा यह काय म भारत सरकार के म मं ालय ारा
करने के बाद लाभािथय को ₹3000 मािसक दए ारं भ कया गया।
जाएंगे।
महा मा गांधी रा ीय ामीण रोजगार गारं ट
• ीिमयम- इस क म का लाभ उठाने के िलए हर
अिधिनयम(MGNREGA)
मह ने एक िन त रािश (आयु के अनुसार 55 पये
इसक शु आत 2 फरवर 2006 को आं दे श से
से लेकर 200 पये के बीच) का िनवेश करना
हुई थी।जब क यह अिधिनयम संसद ारा िसतंबर
होगा।
2005 म पा रत हो गया था।
• यह एक समान पशन ीिमयम योगदान योजना
2 अ टू बर, 2009 को इसका नाम नरे गा से बदलकर
है , जसम क सरकार लाभाथ के खाते म एक
महा मा गांधी रा ीय ामीण रोजगार गारं ट
समान रािश का योगदान करे गी।
अिधिनयम (मनरे गा) कर दया गया।
• इसका या वयन भारतीय जीवन बीमा िनगम
यह कानून ाम पंचायत ारा या वत कया
करे गी।
जाता है ।

उ ताद योजना यह कानून कसी व वष म येक ामीण


प रवार को (वैसे सभी वय क सद य को) जो
शु आत-15 मई 2015 को। अकुशल म के िलए तैयार हो, 100 दन के
उ े य- अ पसं यक समुदाय म पारं प रक कला रोजगार (सूखा भा वत और जनजातीय े म
और ह तिश प से संबंिधत ह तकला को बढ़ावा दे ने 150 दन का रोजगार) क गारं ट दान करता है ।
के िलए इन समुदाय के लोग का मता वकास व
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इस कानून म यह ावधान है क लाभािथय म • इस योजना के तहत दक


ु ानदार और छोटे
कम से कम 33% म हलाएं ह गी। कारोबा रय अथवा रे हड़ -पटर व े ताओं(Street
यह कानून रोजगार पाने के कानूनी अिधकार के प Vendors) को ₹10,000 तक का कायशील पूंजी
म शु कया गया है । ऋण(Working capital loan) दान कया जाता है ।
रोजगार पाने के िलए आवेदन करने पर 15 दन के • इस पूंजी को चुकाने के िलए 1 वष का समय
भीतर रोजगार दया जाएगा । य द इस समय सीमा दया गया है ।
के भीतर रोजगार दान नह ं कया गया तो • इसके बदले कसी भी कार क जमानत या
आवेदक को बेरोजगार भ ा ा होगा। कॉलेटरल क आव यकता नह ं होगी।
रोजगार िमक के िनवास थान से 5 कलोमीटर
के भीतर उपल ध कराना होगा। गर ब क याण रोजगार अिभयान -
य द इससे अिधक दरू पर रोजगार उपल ध है , तो 20 जून 2020 को इसका शुभारं भ बहार के तेिलहार
उसे प रवहन भ ा भी दया जाएगा। गांव, खग ड़या जले से धानमं ी नर मोद ने
इसके अंतगत ामीण अवसंरचना के वकास से कया।
संबंिधत े जैसे बांध , जोहड़ , तालाब क खुदाई, इसका उ े य उन गांव या े म आजी वका के
गांव म सड़क आ द के िनमाण, पेड़ पौधे लगाना अवसर को सश करना था, जहाँ COVID-19 से
जैसे काम कए जाते ह। भा वत वासी िमक बड़ सं या म शहर से
मनरे गा से लाभ वापस लौट चुके थे।
• यह अिभयान राज थान(22 जले), बहार(32), उ र
 रोजगार म वृ । दे श(31), झारखंड(3), उड़ सा (4) और म य दे श
 म हलाओं तथा पछड़े वग का व ीय समावेशन (24) के कुल 116 जल म चलाया गया।
 यूनतम मजदरू क सुिन तता • इसके तहत 125 दन तक रोजगार संचािलत
 रहन-सहन के तर म सुधार कया गया।
 ाकृ ितक संसाधन का संर ण
धानमं ी रोजगार ो साहन योजना(Pradhan
धानमं ी विनिध योजना- Mantri Rojgar Protsahan Yojana)
1 जून 2020 को ारं भ। • यह योजना वष 2016-17 के बजट म घो षत क
मं ालय- आवासन और शहर काय मं ालय गई थी।
(Ministry of Housing and Urban Affairs) ारा ारं भ • इसका उ े य िनयो ाओं को ो सा हत करके
क गई । औपचा रक े म नए रोजगार के अवसर उपल ध
उ े य- छोटे दक
ु ानदार और फेर वाल अथात ् कराना है ।
रे हड़ -पटर व े ताओं (Street Vendors) को आिथक • इसके तहत िनयो ा ारा कमचा रय के ईपीएफ
प से सहयोग दान करने हे तु धानमं ी ट म कए जाने वाले 12% अंशदान का भुगतान भारत
वडस आ मिनभर िनिध या पीएम विनिध नामक सरकार ारा कया जा रहा है ।
योजना क शु आत क गई।

Prabhat Saini Sir (SBA)


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• इसके तहत 15000 पये ित माह से कम आय • इसक थापना 1976 म एक वतं िथंकटक के
अ जत करने वाले कमचा रय को शािमल कया प म हुई थी।
गया है । • इसका मु यालय मुंबई म है ।
• इसके ारा बेरोजगार दर के आंकड़े भी जार कए
धानमं ी रोजगार सृजन काय म(Prime Minister's जाते ह।
Employment Generation programme-PMEGP)-
यह योजना 15 अग त, 2008 को शु हुई थी।
• दे श म वरोजगार को बढ़ावा दे ने के िलए यह
योजना शु क गई।
• इस योजना के तहत विनमाण े के िलए 25
लाख एवं सेवा े के िलए 10 लाख पए क
े डट/ऋण सीमा िनधा रत है ।
• इसका बंधन सू म, लघु, म यम उ म मं ालय
ारा कया जाता है ।
• इस योजना का या वयन ामीण े म खाद
एवं ामो ोग आयोग एवं शहर े म जला
उ ोग क ारा होता है ।
अ य मह वपूण योजनाएं मेक इन इं डया, टाटअप
इं डया, टडअप इं डया आ द है ।

ओकुन का िनयम (Okun's Law)


• यह कसी दे श क वकास दर और बेरोजगार दर
के बीच संबंध बताता ह।
• इन दोन म वपर त संबंध पाया जाता है ।
ओकुन के िनयम अनुसार य द कसी दे श के सकल
घरे लू उ पाद म 3% क वृ होती है , तो उस दे श
क बेरोजगार दर म 1% क कमी होगी।
इसी कार य द कसी दे श म बेरोजगार क दर म
1% क वृ होती है , तो उस दे श क जीड पी म
लगभग 3% क कमी होगी।

सटर फॉर मॉिनट रं ग इं डयन इकोनामी


(CMIE)-

• सटर फॉर मॉिनट रं ग इं डयन इकोनामी एक मुख


यावसाियक सूचना कंपनी है ।
Prabhat Saini Sir (SBA)

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