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य न दास

सू धार - स समय सावरकर काला पानी थे, उस समय पं त राम साद ल, और चं शेखर आ द के नेतृ ,
न प कन एसो एशन अं से लोहा ले रही थी। ल, आ द, ठाकुर रोशन ह, रा ला री, अ क
उ खान जैसे जाँबा जब एक साथ आ जाएँ तो कूछ भी अस व न रहता।

अ क - भारत से लने वाले लगान और हमा श को लूट कर ये अं ज अपना ना भर र ।

रोशन ह - हमा गाँ से लूटा गया पैसा हर स ह याग प चाया जाता । र वहाँ से वो प चता और
से न रानी के यहाँ। Atharva

आ द - ह चा ए हम इस ने को अब प चने ही न । ह भी अपनी कारी ग के ए धन


आव कता । Yuvraj

पं त राम साद ल - इसी ए ने तय या हम ये ना अं से छीन गे। काकोरी से आगे जब न ब ती


तो बीच एक रा सूना रहता । मेरी योजना ये काकोरी से अ कउ खान ल च जाएँ गे। काकोरी से
कलने के बाद तीस घुमाव पर हम सभी ख र गे। वहाँ प चते ही अ क चेन च गे। और र हम वो ना लूट
गे।

सू धार - जैसी योजना बनाई गयी थी वैसा ही आ। न प कन असोसीएशन के सद काकोरी के आगे पकर
ख हो गए। पु स सुर ना ले या जा रहा था। तु कारी भी ह या से लैस थे।

काकोरी से ल चली और कुछ र ..

(चेन चने और न कने आवा )

शोर आवा - who pulled the chain?

सरा - ऐय, खो तो आ ?

(तभी सभी कारी ल च जाते ।)

पु स- who are you?

आ द- बरदार! कोई अपनी जगह से लेगा न । ए हमारी आपसे कोई नी न । हम बस अपना काम करके
कल जाएँ गे। ले न अगर सी ने ह रोकने को श तो र उसे हम छो गे न ।

पु स - what do you want?

रा ला री - we want our money। Daksh

पु स - your money?

ठाकुर रोशन ह - हाँ हमारा पैसा। जो तुम लोग लूट कर अपने श ले जाते हो atharva wak

ल - चलो ज । ये ब उठाकर बाहर कालो। Shlok

(सभी लोग ब उठाते । इतने एक पाही अपनी बं कालने को श करता और कारी उस पर गोली चला
ते )

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ला री - ऐय। लो मत। (गोली चलाते )

पाही - आsss ( र जाता )

सू धार १ - काकोरी के ने लूट ये घटना काकोरी कांड के नाम से इ हास सुनह अ द । इस घटना ने
श सा व ला कर रख दी। इस घटना शा ल एक-एक कारी को पक ने के ए श सरकार ने
ए -चोटी का र लगा या। ५००० लूट का बदला लेने के ए और का को पक ने के ए श सरकार
को दस लाख पए ख करने प ।

सू धार २ - पं त राम साद ल और अ कउ खान को फाँसी दी गयी। यही वो समय था जब न


प कन असोसीएशन के अ सद भगत ह, राजगु और सुख व को भी पक या गया और उ लाहौर जेल भेज
या गया। काकोरी कांड शा ल कुछ सद भी लाहौर जेल ही भेज ए गए। बंगाल के कारी ज न दास भी इसी
जेल बंद थे।

सू धार १ - इस कार लाहौर जेल श के ब ब का का बन गया। और इसी जेल हमा आ दी के संघ


एक और ऐसी ब घटना ई सने भारत को ही न ब इं ड संसद को भी ला कर रख या था। इस
घटना को लाहौर conspiracy case के नाम से जाना जाता ।

सू धार २ - लाहौर जेल का के साथ ब त ही बुरा ब व या जा रहा था। उ प र तो ने जैसे का करने प ते


थे और सरी तर जान बूझकर ऐसा खाना या जाता था ससे या तो का त ट जाए या र वे
कमजोर होकर मर ही जाएँ । ज न दास अं ये चाल समझ र थे।

(घं आवा )

रसोईया - चलो शभ आ जाओ। खाने का समय हो गया । Daksh

सुख व - ओए! हम तो शभ ही ले न तू दो पैसे के ए श से री कर रहा ? Yuvraj

रसोईया - अ ये तु री ब ब बा मुझे समझ न आती। चलो खाना खा लो।

ज न दास - ये रोटी !! ये रोटी या प र? Deep

रसोईया - अ खा लो भाई! अभी तो जवान हो। मे जैसे होते तो दांत ट जाते।

राजगु - तु जैसे होते तो खाने रत ही न प ती। Shlok

(सब ह गे)

जय व - (मुँह कौर लेकर थूकते ए) थू थू .. अ ये दाल या बीमारी का घर? लगता चार बासी दाल परोस दी
। Atharva wak

ज न - हम ये खाना न खाएँ गे।

सभी - हाँ हाँ। हम ये खाना न खाएँ गे।

जेलर - बात ? शोर कर र हो? Pushkar

मद - जेलर साहब ये स तरह का खाना ? प र को पीस कर बनाई रोटी और चार न बासी दाल!!! Yuvraaj

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जेलर - रोटी तो रोटी होती खाना हो तो खाओ न तो ऐसे ही प रहो

शोरी लाल - तो र आप ये रोटी खाकर खाइए shlok

जेलर - तुम मुझे ये रोटी खाने को बोल र हो!!

भगत - न खा सकते! जहां तक खाने का सवाल , हमा और आप कोई रक न । Rajnish bangar

ज न - जेलर साहब! ने सुना आपका कु भी इससे अ खाना खाता ! ये खाना तो ऐसा जानवर भी न खाए

जेलर - ये जेल तु री नानी का घर न । खाना तो खाओ न तो भूखे मरो।

ज न - तो र आप भी सुन ली ए जब तक ह अ खाना न लेगा, हम खाना न खाएँ गे। आज से अनशन


क गा। भूख ह ताल

राजगु - भूख ह ताल!!? Rajwardhan

जेलर - ह! चार न अकल काने आ जाएगी।

सुख व - ज न दा, हम सब आपके साथ । Yuvraj

सू धार - और इस कार लाहौर जेल के सभी ने भूख ह ताल कर दी। जेलर ने चार न कहा था ले न बीस न बीत
गए और का ने कुछ न खाया। पानी पर ही न ताते र । धी धी उनके भूख ह ताल खबर पू शहर
फैलने लगी और श सरकार प शान हो गयी।

((जेलर आता और ज न दास को इशा से बुलाता )

जेलर (धी से) - ज न दास! भूखे मरना चाहते हो? खो तु एक सुनहरा मौ ता । य तुम खाना खा लेते हो तो
सरकार से तु आ दी श क गा।

ज न - जेलर साहब! आप मेरी आ दी ता मत ए। अ तो ये होगा हमारी तरह आप भी श को आ द


कराने ता क ।

जेलर - खो ज न दास, तुमसे वादा करता भूख ह ताल तो ने पर तु खाने शेष व क गा।

ज न - तो आपको लगता ये भूख ह ताल हम हलवा पूरी खाने के ए कर र ! ले न अ सोस आप लत ।


आप चा समझता । इसी तरह का बासी खाना लाकर आपने वासु व बलवंत फ के जी को मार डाला था। काला
पानी आप वीर सावरकर और अ का के साथ भी यही करते । ले न .. ले न इस लाहौर जेल ऐसा न
होगा।

जेलर - तो आ र तुम चाहते हो?

ज न - हम चाहते आप हम जैसे का को भी महा गांधी और जवाहर लाल नेह तरह political


prisioners अ त् राजनै क बंदी का द । ये ठीक न स पा के नेताओं को तो श सरकार जेल ,
पंखे, यहाँ तक रसोईये तक मु या करवाए और का के साथ चोर-डकैत जैसा ब व क !! हम चाहते हमा
बाद जो भी कारी जेल आए वो दा वापस लौ । और जब तक ह राजनै क बंदी का द न लता तब तक हम
अपनी ह ताल न तो गे।

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(सेवक से बात कर र )

पाही १ - तुम लोग न जानते शहर हो रहा

भगत - हो रहा ?

पाही २ - एक महीने हो गए आप ह ताल को। अब तो आपके भूख ह ताल खबर पू शहर फैल चु ।ब त
से घ तो चू जलना ही बंद हो गया ।

पाही १ - हमा लाहौर ही न ब पू न लोग भूखे रहकर का का सम न कर र । कल


मेरा भाई काशी से आया था। उसने बताया काशी भी लोग अब ज न दास और उसके भूख ह ताल का सम न कर र
। हर घर कोई न कोई उपवास रख रहा ।

(तभी जेलर और साथ दो पाही आते )

पाही - सलाम साब!!

जेलर - ऐसा करो, ये ताजे फल यहाँ रखो, और ठाइयाँ भी रखो। खो अगर सी को भूख लगे तो तुम खा सकते हो।

सुख व - अ ये कर र हो भाई!!

रसोईया - हमा साहब को तु त यत ब ता ।

भगत - तु साहब को हमा त यत न ब अपने नौकरी ता ।

सुख व - जाओ, अपने साहब के के ये क यहाँ से ले जाओ! और कहो उनको ये क वो अपने कु के आगे के। ह
घास खकर शे के मुँह पानी न आता।

(था याँ क ते । तभी शोरी लाल जो बीमार प उन आवा आती )

शोरी लाल - पानी .. पानी

(एक साथी दौ कर पानी लाने जाता )

ज न - हाँ अभी लाया। (दौ कर घ तर जाते ) अ ये ! पानी के घ तो ध भरा ।

भगत - हाँ! इस घ भी ध भरा ।

ज न -अ तो ये चाल चली इन लो ने!!

शोरी लाल - पानी, पानी

भगत - पाही, पानी लाओ। कहता पानी लाओ।

(तभी जेलर अपने हाथ पानी एक लास लेकर आता )

ज न - सुनो, ह पानी चा ए, ध न । पानी के घ पानी भरो। (ऐसा कहकर ध राने लगते )

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जेलर - पानी चा ए न ! तो खो पहले भूख ह ताल छो , ये फल खा लो। र पानी भी ल जाएगा।

शोरी लाल - न । कुछ भी हो जाए तो भी धन यूँगा। अपनी भूख ह ताल न तो गा। मुझे बस पानी चा ए

जेलर - अ ! तो खो द पानी लेकर आया तु ए। ये लो पानी। हा हा हा। लो, पानी लो

(ऐसा कहकेर लास का पानी बीमार शोरी लाल के मुँह से कुछ आगे राने लगता )

( शोरी लाल ख होकर रते ए पानी तर भागते ले न जेलर लास और र ले जाता । शोरी र जाते ।
सब स लने को आते )

शोरी - पानी, पानी।

(जेलर वहाँ से कल जाता )

पाही - सुनो, स के नेता जवाहर लाल तुम लो से लने के ए आए । Pankaj sarda

(भगत ह, सुख व जाते । ज न व क जाते )

जवाहर - भाइ ! ने आपके भूख ह ताल खबर सुनी। ए अब एक महीने से भी दा का समय बीत चुका ले न
सरकार आप बात न मान रही।

भगत - तो र आप कहते , ह करना चा ए?

नेह - तो आपको यही कहने आया आप अब अ हण कर ली ए । Sodani

भगत - नेह जी, आप और हम दोनो ही श आ दी के एल र । बस हमा रा अलग ले न मं ल तो एक


ही । ले न र भी ये श सरकार भेद भाव करती । आप जैसे नेता जब जेल जाते तब आपको पो कल
prisioner का द या जाता .. और ह ? adwait

सुख व - और सा सा क तो आपको हमा क का अंदा भी न होगा। आपको हर तरह सूख सु धा दी जाती


। आपको र, पंखे, खने को का -कलम, प ने को ता -अ बार सब कुछ ए जाते । यहाँ तक भोजन के
ए रसोईये तक अलग से ए जाते । और ह .. ह या जाता बासी खाना

भगत (बीच ) - सुख व ..

Sukhdev - न भगत। पं त जी ह आज ले । र न जाने कभी लना हो या न हो। इनको तो बताना ही प गा न


ये भूख ह ताल हम अपनी सु धा के एन कर र । हमा बाद भी ब त से कारी इन जे आएँ गे और बासी खाना
खाकर और गं कोठरी रहकर फाँसी सजा के ना ही मार डाले जाएँ गे। पं त जी, हम ये भूख ह ताल सभी
का के ए कर र । हमारी माँग हमा साथ चोर-डकैत और ह से भी बदतर वहार न या जाए और
ह भी political prisioner का द या जाए।

नेह - आप तकली समझ रहा । श आ दी के ए आपने अपने जान बा भी लगा दी । तो बस यही


उ द कर सकता श सरकार आप माँ को मान ले।

सुख व - नम र।

नेह - नम र

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(नेह चले जाते । तभी एक दी आकर बताता )

दी - भगत, भगत! जेलर साहब और डॉ र ने लकर ज न दास को पक कर रखा । बरद ध लाना चाहते ।
Pratyush

(सभी भागकर जाते । ज न को सात लो ने पक रखा था। चार लो ने पैर पक रखे थे। दो ने दो हाथ और एक ने र
पक रखा था। उनके हाथ तीन न याँ ।उ ने दो न याँ दोनो नाक डा और एक मुँह और उनसे ध डालने लगे)

जेलर- पक कर रखो। डॉ र अब आप अपना काम क ए

ज न - न । न । छो मुझे। आप इस तरह मेरी भूख ह ताल न तो सकते।

(बा सभी लो को पाही रोक लेते )

भगत - छो ज न दास को। ये अ चार । ये र नूनी ।

(ले न डॉ र बरद ध डालते । ज न खाँसते )

ज न - खाँस कर ध बाहर कालते ।

डॉ र - ये ध बाहर क रहा । Shivraj mhalaskar

जेलर - तो और न याँ लगाइए

डॉ र - ले न ऐसा करना तरनाक भी हो सकता । ध अगर फेफ चला गया तो जान को तरा हो जाएगा।
Prithviraj patil

जेलर - ता मत ए। इन जान भी ब त म बूत । इतनी आसानी से न कलने वाली। ४० न भूखे रहकर भी


दा । कूछ न होने वाला इसे।

(डॉ र बरद नली लगाकर ध डालते )

ज न - छो मुझे। छो ।

जेलर - अ , इसका चेहरा तो नीला प रहा ।

डॉ र - हमने आपको पहले ही बताया था ये तरनाक हो सकता । ऐसा लगता फेफ ध चला गया । PP

जेलर - छो इसको।

(जेलर और डॉ र चले जाते । बा लोग भागकर ज न के पास जाते )

भगत - ज न। ज न।तु री हालत ब त राब हो रही । जेलर ने ये कर या! ये डॉ र थे या ज द!

ज न - कुछ भी हो जाए, ये लोग मेरी तन तो सकते। अब तो मरते दम तक मौत के साथ ये संघ चलता र गा

गीत - सर रोशी तम अब हमा ल

सू धार - इस पूरी घटना को भगत ह ने अपनी डायरी खा । ज न दास को दो बार नली से ध ने को श


गयी थी। ले न ज न दास ऐसी तर ब लगा र थे ध पेट प चने के पहले ही वे खाँस खाँस कर बाहर क ते।
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इसी ए सरी बार तीन न याँ लगाई ग । दो ना से नाक बंद कर या गया और तीसरी नली से मुँह ध डाला
गया। ऐसा करने से ध फेफ जमा हो गया और इसके बाद ज न दास हालत नब न ग ने लगी।

ज न - खाँसने आवा

जय व - आ ज न दा!!

सेवक - अ तु तो ब त तेज बु र ।

मद - पा जी, डॉ र को बुलाइए, ज से सी डॉ र को बुलाइए। Harsh

ज न (कराहते ए) - न । न । कूछ न खाऊँगा (खाँसते ए)

(डॉ र आते )

राजगु - डॉ र साहब! आज पू ५० न हो गए । ज न दा ने कुछ न खाया।

डॉ र- ए इन हालत ब त ना क । इ तुरत
ं ये इं जे न ना होगा। न तो इनको बचाना मु ल हो जाएगा।

ज न - डॉ र अगर मर भी गया तो अपने बाद यहाँ आने वाले का का भला कर जाऊँगा। (खाँसते ए) मुझे
इं जे न मत दी ए। आज अकेला न । मे साथ ह शवासी भी अनशन पर बै ।

जेलर- खो, ज न तु ए एक अ खबर लाया । और मुझे स ये सुनकर तुम अपनी भूख ह ताल
र तो दोगे

ज न- खबर लाए जेलर साहब?

(उठकर ख हो

जेलर - अ भोजन आप माँग सरकार ने मान ली । इसके साथ ही ये भी कहा गया आपको सा सुथ कम
रखा जाएगा।

ज न - जेलर साहब। ये तो मे ए आ। ले न चाहता का को भी political prisioners (खाँसते


ए) राजनै क दी का द या जाए। हमारी इस माँग पर सरकार का कहना ?

(जेलर र का लेता )

जेलर - ये मे हाथ न

ज न - जेलर साहब मुझे आपसे कोई कायत न ले न हम ये भूख ह ताल अपने एन ब सभी का के
ए कर र । ये हमा आ स न ल ई ।

सू धार - खते ही खते ५१ न बीत गए। जेल सी ने कुछ न खाया था। ले न ज न दास हालत ग ने लगी।

सेवक - ज न दास, भाई, अगर तुम इसी तरह भूख से और स से चले गए तो दगी भर कुछ भी सूख से न खा पाऊँगा।
खा लो तुम .. कूच तो खा लो ये ल ई तो र भी चलती र गी।

पाही - अ अपने एन तो अपने प वार के बा तो सोचो। अब भी व ये ध पी लो।

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ज न - मेरा प वार!! ये कारी भाई ही मेरा प वार । वो जो ह शवासी आज मे साथ भूखे बै , वही मेरा
प वार । मेरी भारत माता … वं ..

Bhagat - त रखो ज न, त रखो।

ज न - सुख व, राजगु , भगत। मे जाने के बाद मेरी माँ को ये मत बताना जाते समय मेरी हालत थी। मेरी बू माँ ये
सहन न कर पाएगी। वं मातरम

राजगु - डॉ र को बुलाओ। ज

(डॉ र आए )

भगत - ए डॉ र साहब, ज न कुछ बोल न रहा।

(डॉ र इं जे न लेकर आगे ब ते )

डॉ र- सका डर था वही आ.. सब कुछ हो चुका

राजगु - ज न .. उठो ज न हमसे बात करो।

सुख व - ज न। ये हो गया।

एक दी - हम तु रा ब दान बेकार न जाने गे।

(सभी रोते )

End

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