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जतिन दास drama
जतिन दास drama
सू धार - स समय सावरकर काला पानी थे, उस समय पं त राम साद ल, और चं शेखर आ द के नेतृ ,
न प कन एसो एशन अं से लोहा ले रही थी। ल, आ द, ठाकुर रोशन ह, रा ला री, अ क
उ खान जैसे जाँबा जब एक साथ आ जाएँ तो कूछ भी अस व न रहता।
रोशन ह - हमा गाँ से लूटा गया पैसा हर स ह याग प चाया जाता । र वहाँ से वो प चता और
से न रानी के यहाँ। Atharva
सू धार - जैसी योजना बनाई गयी थी वैसा ही आ। न प कन असोसीएशन के सद काकोरी के आगे पकर
ख हो गए। पु स सुर ना ले या जा रहा था। तु कारी भी ह या से लैस थे।
सरा - ऐय, खो तो आ ?
आ द- बरदार! कोई अपनी जगह से लेगा न । ए हमारी आपसे कोई नी न । हम बस अपना काम करके
कल जाएँ गे। ले न अगर सी ने ह रोकने को श तो र उसे हम छो गे न ।
पु स - your money?
ठाकुर रोशन ह - हाँ हमारा पैसा। जो तुम लोग लूट कर अपने श ले जाते हो atharva wak
(सभी लोग ब उठाते । इतने एक पाही अपनी बं कालने को श करता और कारी उस पर गोली चला
ते )
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ला री - ऐय। लो मत। (गोली चलाते )
सू धार १ - काकोरी के ने लूट ये घटना काकोरी कांड के नाम से इ हास सुनह अ द । इस घटना ने
श सा व ला कर रख दी। इस घटना शा ल एक-एक कारी को पक ने के ए श सरकार ने
ए -चोटी का र लगा या। ५००० लूट का बदला लेने के ए और का को पक ने के ए श सरकार
को दस लाख पए ख करने प ।
(घं आवा )
(सब ह गे)
जय व - (मुँह कौर लेकर थूकते ए) थू थू .. अ ये दाल या बीमारी का घर? लगता चार बासी दाल परोस दी
। Atharva wak
मद - जेलर साहब ये स तरह का खाना ? प र को पीस कर बनाई रोटी और चार न बासी दाल!!! Yuvraaj
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जेलर - रोटी तो रोटी होती खाना हो तो खाओ न तो ऐसे ही प रहो
ज न - जेलर साहब! ने सुना आपका कु भी इससे अ खाना खाता ! ये खाना तो ऐसा जानवर भी न खाए
सू धार - और इस कार लाहौर जेल के सभी ने भूख ह ताल कर दी। जेलर ने चार न कहा था ले न बीस न बीत
गए और का ने कुछ न खाया। पानी पर ही न ताते र । धी धी उनके भूख ह ताल खबर पू शहर
फैलने लगी और श सरकार प शान हो गयी।
जेलर (धी से) - ज न दास! भूखे मरना चाहते हो? खो तु एक सुनहरा मौ ता । य तुम खाना खा लेते हो तो
सरकार से तु आ दी श क गा।
जेलर - खो ज न दास, तुमसे वादा करता भूख ह ताल तो ने पर तु खाने शेष व क गा।
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(सेवक से बात कर र )
भगत - हो रहा ?
पाही २ - एक महीने हो गए आप ह ताल को। अब तो आपके भूख ह ताल खबर पू शहर फैल चु ।ब त
से घ तो चू जलना ही बंद हो गया ।
जेलर - ऐसा करो, ये ताजे फल यहाँ रखो, और ठाइयाँ भी रखो। खो अगर सी को भूख लगे तो तुम खा सकते हो।
सुख व - अ ये कर र हो भाई!!
सुख व - जाओ, अपने साहब के के ये क यहाँ से ले जाओ! और कहो उनको ये क वो अपने कु के आगे के। ह
घास खकर शे के मुँह पानी न आता।
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जेलर - पानी चा ए न ! तो खो पहले भूख ह ताल छो , ये फल खा लो। र पानी भी ल जाएगा।
शोरी लाल - न । कुछ भी हो जाए तो भी धन यूँगा। अपनी भूख ह ताल न तो गा। मुझे बस पानी चा ए
(ऐसा कहकेर लास का पानी बीमार शोरी लाल के मुँह से कुछ आगे राने लगता )
( शोरी लाल ख होकर रते ए पानी तर भागते ले न जेलर लास और र ले जाता । शोरी र जाते ।
सब स लने को आते )
जवाहर - भाइ ! ने आपके भूख ह ताल खबर सुनी। ए अब एक महीने से भी दा का समय बीत चुका ले न
सरकार आप बात न मान रही।
सुख व - नम र।
नेह - नम र
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(नेह चले जाते । तभी एक दी आकर बताता )
दी - भगत, भगत! जेलर साहब और डॉ र ने लकर ज न दास को पक कर रखा । बरद ध लाना चाहते ।
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(सभी भागकर जाते । ज न को सात लो ने पक रखा था। चार लो ने पैर पक रखे थे। दो ने दो हाथ और एक ने र
पक रखा था। उनके हाथ तीन न याँ ।उ ने दो न याँ दोनो नाक डा और एक मुँह और उनसे ध डालने लगे)
डॉ र - ले न ऐसा करना तरनाक भी हो सकता । ध अगर फेफ चला गया तो जान को तरा हो जाएगा।
Prithviraj patil
ज न - छो मुझे। छो ।
डॉ र - हमने आपको पहले ही बताया था ये तरनाक हो सकता । ऐसा लगता फेफ ध चला गया । PP
जेलर - छो इसको।
ज न - कुछ भी हो जाए, ये लोग मेरी तन तो सकते। अब तो मरते दम तक मौत के साथ ये संघ चलता र गा
ज न - खाँसने आवा
जय व - आ ज न दा!!
सेवक - अ तु तो ब त तेज बु र ।
(डॉ र आते )
डॉ र- ए इन हालत ब त ना क । इ तुरत
ं ये इं जे न ना होगा। न तो इनको बचाना मु ल हो जाएगा।
ज न - डॉ र अगर मर भी गया तो अपने बाद यहाँ आने वाले का का भला कर जाऊँगा। (खाँसते ए) मुझे
इं जे न मत दी ए। आज अकेला न । मे साथ ह शवासी भी अनशन पर बै ।
जेलर- खो, ज न तु ए एक अ खबर लाया । और मुझे स ये सुनकर तुम अपनी भूख ह ताल
र तो दोगे
(उठकर ख हो
जेलर - अ भोजन आप माँग सरकार ने मान ली । इसके साथ ही ये भी कहा गया आपको सा सुथ कम
रखा जाएगा।
(जेलर र का लेता )
जेलर - ये मे हाथ न
ज न - जेलर साहब मुझे आपसे कोई कायत न ले न हम ये भूख ह ताल अपने एन ब सभी का के
ए कर र । ये हमा आ स न ल ई ।
सू धार - खते ही खते ५१ न बीत गए। जेल सी ने कुछ न खाया था। ले न ज न दास हालत ग ने लगी।
सेवक - ज न दास, भाई, अगर तुम इसी तरह भूख से और स से चले गए तो दगी भर कुछ भी सूख से न खा पाऊँगा।
खा लो तुम .. कूच तो खा लो ये ल ई तो र भी चलती र गी।
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ज न - मेरा प वार!! ये कारी भाई ही मेरा प वार । वो जो ह शवासी आज मे साथ भूखे बै , वही मेरा
प वार । मेरी भारत माता … वं ..
ज न - सुख व, राजगु , भगत। मे जाने के बाद मेरी माँ को ये मत बताना जाते समय मेरी हालत थी। मेरी बू माँ ये
सहन न कर पाएगी। वं मातरम
राजगु - डॉ र को बुलाओ। ज
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सुख व - ज न। ये हो गया।
(सभी रोते )
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