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चौदह सितारे

ऱेखक् नजमुऱ हिन कराारवी

नोट् मे किताफ अरहसनैन इस्राभी नेटविक िे ज़यीऐ अऩने ऩाठिो िे


लरऐ टाइऩ ियाई गई है औय इस किताफ भे टाइऩ वाैया िी ारतीमो
ऩय िाभ किमा गमा है ।

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ऩैग़म्फरे इस्ऱाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (ि.अ.व.व.)

ऩैग़म्फरे इस्ऱाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (ि.अ.व.व.) के मुख़्तिर

खानदानी हाऱात

ऩैाम्फये इस्राभ हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) हज़यत इब्राहीभ

(स.अ.व.व.) िी नस्र से थे। हज़यत इब्राहीभ अहवाज़, फाफर


ु मा ईया़ िे एि

़यमे िोसा भें तफ़


ू ाने नह
ू से 1081 सार फाद ऩैदा हुए। जफ आऩिी उम्र 86 सार

िी हुई तो आऩिे महाॊ जनाफे हाजया से हज़ये इस्भाईर ऩैदा हुए औय 90 सार िी

उम्रें जनाफे साया से हज़यते इस्हा़ ऩैदा हुए। हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) ने दोनों

फीवीमों िो एि जगह यखना भन


ु ालसफ न सभझ िय साया िो भैम इस्हा़ शाभ भें

छोड़ा औय हाजया िो इस्भाईर िे साथ हहजाज़ िे शहय भक्िा भें ऽुदा िे हुक्भ

से ऩहुॉचा आमे। इस्हा़ (अ.स.) िी शादी शाभ भें औय इस्भाईर (अ.स.) िी भक्िा

भें ़फीराए जुयहुभ िी एि रड़िी से हुई। इस तयह इस्हा़ (अ.स.) िी नस्र

शाभ भें औय इस्भाईर (अ.स.) िी नस्र भक्िा भें फढ़ी। जफ हज़यते इब्राहीभ

(अ.स.) िी उम्र 100 सार िी हुई औय जनाफे हाजया िा इन्ते़ार बी हो गमा तो

आऩ भक्िा तशयीफ़ रामे औय इस्भाईर (अ.स.) िी भदद से ऽाना ए िाफा िी

ताभीय िी। भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि मह ताभीय हहजयते नफवी से 2793 सार

ऩहरे हुई थी। उन्होंने एि ख़्वाफ िे हवारे से फहुक्भे ऽद


ु ा अऩने फेटे (इस्भाईर)

2
िो ज़ज़फह ियना चाहा था ज़जसिे फदरे भें ऽुदा ने दम्
ु फा (बेड़) बेज िय फ़यभामा

कि तभ
ु ने अऩना ख़्वाफ सच िय हदखामा। इब्राहीभ सन
ु ो ! हभ ने तम्
ु हाये कफ़दमे

(इस्भाईर) िो ज़फहे अज़ीभ इभाभे हुसन


ै (अ.स.) से फदर हदमा है । भव
ु ये ऽीन िा

िहना है कि मह वाक़मा हज़यत आदभ (अ.स.) िे दनु नमा भें आने िे 3435 सार

फाद िा है । इसिे फाद चन्द फातों भें आऩिा इम्तेहान लरमा गमा ज़जसभें

िाभमाफी िे फाद आऩिो दयजाए इभाभत ऩय फ़ाएज़ किमा गमा। आऩने ख़्वाहहश

िी कि मह ओहदा भेयी नस्र से भस्


ु त़य िय हदमा जाम। इयशाद हुआ फेहतय है

रेकिन तम्
ु हायी नस्र भें जो ज़ालरभ होंगे वह इस्से भहरूभ यहें गे। आऩिा ऱफ

ऽरीर अल्राह था औय आऩ उरर


ु अज़्भ ऩैाम्फय थे। आऩ साहफे शयीमत थे औय

ऽुदा िी फायगाह भें आऩिा मह दयजा था कि ऽातेभर


ु अज़म्फमा (स.अ.व.व.) िो

आऩिी शयीमत िे फा़ी यखते िा हुक्भ हदमा गमा। आऩने 175 सार िी उम्र भें

इन्ते़ार फ़यभामा औय भ़ाभे िुद्ु़ स (ऽरीर अय यहभान) भें दफ़्न किमे गमे।

वफ़ात से ऩहरे आऩ ने अऩना जानशीद हज़यते इस्भाईर (अ.स.) िो ़याय हदमा।

अॊग्रेज़ इनतहासिायों िा िहना है कि हज़यते इस्भाईर िा जन्भ जनाफे भसीह से

1911 सार ऩहरे हुआ था।

हज़यत इस्भाईर (अ.स.) िे मह ऽास इभतेआज़ात हैं कि उन्हीॊ कि वजह से

भक्िा आफाद हुआ। चाह ज़भज़भ फयाभद हुआ। हज्जे िाफा िी इफादत िी

शरू
ु आत हुई। 10 ज़ज़रहहज िो ईदे ़ुयफान िी सन्
ु नत जायी हुई। आऩ िा

3
इन्ते़ार 137 सार िी आमु भें हुआ औय आऩ हहजये इस्भाईर भक्िा िे ़यीफ

दफ़्न हुए। आऩने फायह फेटे छोड़े। आऩिी वफ़ात िे फाद ऽाना ए िाफा िी

ननगयानी व दीगय खखदभात


ु़ आऩिे ऩत्र
ु ही ियते यहे । इनिे ऩत्र
ु ों भें ़ेदाय िो

ववशेष है लसमत हालसर थी ायज़ कि अवरादे हज़यत इस्भाईर (अ.स.) भक्िा

भोअज़्ज़ाभ भें फढ़ती औय नशोनभ


ु ा ऩाती यही महाॊ ति कि तीसयी सदी भें एि

शख़्स फ़हय नाभी ऩैदा हुआ जो इन्तेहाई फा िभार था। इस फ़हय िी नस्र से

ऩैाम्फये इस्राभ ऩैदा हुए। अल्राभा तयीही िा िहना है कि इसी फ़हय मा इसिे

दादा नज़य बफन िनाना िो ़ुयै श िहा जाता है क्मो कि फहरयर हहन्द से उसने

एि फहुत फड़ी भछरी लशिाय िी थी ज़जसिो ़ुयै श िहा जाता था औय उसे रा

िय भक्िा भे यख हदमा था ज़जसे रोग दे खने िे लरमे दयू दयू से आते थे। रफ़्ज़े

फ़हय इब्रानी है औय इसिे भानी ऩत्थय िे हैं औय ़ुयै श िे भानी ़दीभ अयफी भें

सौदागय िे हैं।

क़ुिई

ऩाॊचवीॊ सदी इसवी भें एि फज़


ु ुगक फ़हय िी नस्र से गुज़ये हैं ज़जनिा नाभ ़ुसई

था। लशफरी नोभानी िा िहना है कि उन्हीॊ ़ुसई िो ़ुयै श िहते हैं रेकिन भेये

नज़दी़ मे ारत है ़ुसई िा असरी नाभ ज़ैद औय िुज़न्नमत अफर


ु भा
ु ैया थी।

उनिे फाऩ िा नाभ िराफ औय भाॊ िा नाभ पातेभा बफन्ते असद औय फीफी िा

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नाभ आतिा बफन्दे ऽालरऽ बफन रैि था। मह ननहामत ही नाभवय, फर
ु न्द हौसरा,

जवाॊ भदक, अज़ीभश्ु शान फज़


ु गु क थे। उन्होंने ज़फयदस्त इज़्ज़त व इऽतेदाय हालसर

किमा था मह नेि चरन फा भयु व्वत, सऽी व हदरेय थे। इनिे ववचाय ऩववत्र औय

फेरौस थे। इनिे एऽरा़ फर


ु न्द, शाइस्ता औय भोहज़्ज़फ थे। इनिी एि फीफी हफी

बफन्ते ऽरीर ऽेज़ाईं थीॊ। मह ऽरीर फनु ऽज़आ िा सयदाय था। इसने भयने िे

सभम ऽाना ए िाफा िी तौरीमत हफी िे हवारे िय दे ना चाही, इसने अऩनी

िभज़ोयी िे हवारे से इन्िाय िय हदमा कपय उसने अऩने एि रयश्तेदाय अफू

ाफशान ऽेज़ाई िे सऩ
ु द
ु क िी। उसने इस अहभ खखदभत
ु़ िो ़ुसई िे हाथो फेच

हदमा। इस तयह ़ुसई इब्ने ़राफ इस अज़ीभ शयफ़ िे बी भालरि फन गए।

उन्होंने ऽाना ए िाफा िी भयम्भत ियाई औय फयाभदा फनवामा। रयफ़ाहे आभ िे

लसरलसरे भें अनगगनत खखदभते


ु़ िीॊ। भक्िा भें िुवाॊ खुदवामा ज़जसिा नाभ अजूर

था। ़ुसई िा दे हान्त 480 ई0 भें हुआ। भयने िे फाद उन्हें भ़


ु ाभे हजून भें दफ़्न

किमा गमा औय उनिी ़ब्र ज़्मायत गाह फन गई। ़ुसई अगयचे नफी मा इभाभ न

थे रेकिन हालभरे नयू े भोहम्भदी (स.अ.व.व.) थे। मही वजह है कि आसभाने

फ़ज़ीरत िे आफ़ताफ फन गमे।

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अब्दे मनाफ

़ुसई िे छ् फेटे थे ज़जन भें अब्दर


ु दाय सफ से फड़ा औय अब्दर
ु भन
ु ाफ़ सफ से

राए़ था। उन्होंने भयते सभम फड़े फेटे िो तभाभ भनालसफ लसऩद
ु क किमे रेकिन

अब्दे भनाफ़ ने अऩनी रेआ़त िी वजह से सफ भें लशयित हालसर िय री। मह

़ुयै श िे भस्
ु सरेभस
ु सफत
ू सयदाय फन गमे। अब्दे भनाफ़ िा असरी नाभ भा
ु ैया

औय िुज़न्नमत अफू अब्दे शम्स थी औय भाॉ िा नाभ हफी बफन्ते ऽरीर था।

उन्होंने आभिा बफन्ते भयह सरेभह बफन हरार से शादी िी। उन्हें हुसनों जभार

िी वजह से ़भय िहा जाता था। हदमाये फियी िा िहना है कि अब्दे भनाफ़ िो

भा
ु ैया िहते थे। वह त़वा व लसराए यहभ िी तऱीन किमा ियते थे। फाऩ औय

फेटे एि ही अ़ीदे ऩय थे औय उन्होंने िबी फत


ु ऩयस्ती नहीॊ िी। मह बी अऩने

फाऩ ़ुसई िी तयह भनाक़फ फेहद औय फ़ज़ाएरे फेशभ


ु ाय िे भालरि औय नयू े

भोहम्भदी िे हालभर थे। उन्होंने भल्


ु िे शाभ िे भ़ाभ ाज़वे भें इन्ते़ार किमा।

अब्दे भनाफ़ िे जीते जी तो िोई झगड़ा डठा नहीॊ इनिे फाद उनिी अवराद

ज़जनभें हालशभ, भत्त


ु लरफ अब्दे शम्स औय नौकफ़र नभ
ु ामा है लसमत यखते थे उन्भें

मह जज़फा उबय ऩड़ा कि अब्दर


ु दाय िी औराद से वह भनालसफ रे रेने चाहहमे

ज़जनिे वह अहर नहीॊ चन


ु ान्चे इन रोगों ने फनी अब्दर
ु दाय से भनालसफ िी वाऩसी

मा तिसीभ िा सवार किमा उन्होने इन्िाय िय हदमा। इसिे फाद जॊग िा भैदान

हभवाय हो गमा। बफर आखऽय इस फात ऩय सर


ु ह हो गई कि ये फ़ामदा स़ामा िी

6
़मादत फनी अब्दे भन
ु ाफ़ भें है औय रवा फयदायी िा भनसफ फनी अब्दर
ु दाय िे

ऩास यहे औय दारूर नदवा िी सदायत भश्ु तयिा हो।

हासिम

आऩ िा नाभ अम्र िुज़न्नमत अफू नाफ़रा थी। आऩिे वालरद अब्दे भनाफ़ औय

वारेदा आतिा बफनते भयह अर सरलभमा थी। आऩिो उरू भयतफा िी वजह से

अम्र अरअरा बी िहते थे। आऩ औय अब्दर


ु शम्स दोनों इस तयह जड
ु वाॉ ऩैदा हुए

थे िे इनिे ऩाॉव िा ऩन्जा अब्दर


ु शम्स िी ऩेशानी से गचऩिा हुआ था ज़जसे

तरवाय िे ज़रयमे अराहे दा किमा गमा औय फेइन्तेहा ऽून फहा ज़जस िी ताफीय

नज
ु ूलभमों ने फाहभी खॊयू े ज़ जॊग से िी जो बफल्िुर सही उतयी औय दोनो ऽानदानों

िे दयलभमान हभेशा जॊग भत


ु ावरयस यही। ज़जसिा एऽतेताभ 133 हहजयी भें हुआ।

फनी अब्फास (हाशभी) औय फनी उभय्मा (शम्सी) भें ऐसी ऽॊयू े ज़ जॊग हुई ज़जसने

फनी उभय्मा िी ़ुव्वत व ता़त औय फर


ु न्दीए इ़फार िा गचयाा हभेशा िे लरमे

गुर िय हदमा। आऩ कफ़तयतन सैय चश्भ औय फ़य्माज़ थे। दौरत भन्दी भें बी फड़ी

है लसमत िे भालरि थे हुजाज िी खखदभत


ु़ आऩ िी ज़ज़न्दगी िा िायनाभा था।

भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि आऩ िो हालशभ इस लरमे िहते हैं कि आऩने एि

शदीद ़हत िे भौ़े ऩय अऩनी ज़ाती दौरत से शाभ जा िय फहुत िाफ़ी िेि

ऽयीदे थे औय उसे रा िय त़सीभ ियते हुए िहा कि इसे शोयफा भें तोड़ िय खा

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जाओ। हालशभ िे भानी तोड़ने िे हैं रेहाज़ा हालशभ िहे जाने रगे। आऩ ने अऩनी

शादी अऩने ऽानदान िी एि रड़िी से िी ज़जससे हज़यत असद ऩैदा हुए। दस


ू यी

शादी ऽज़यज़जमों िे एि भश्हूय ़फीरे फनी अदी इब्ने नजाय मसयफ (भदीना) िी

नजीफत
ु तयफ़ैन दख़्
ु तय से िी। उसी िे फतन से एि फा वे़ाय रड़िा ऩैदा हुआ जो

आगे चर िय अब्दर
ु भत्त
ु लरफ शेफत उर हम्द से ऩि
ु ाया गमा। अब्दर
ु भत्त
ु लरफ

अबी दध
ू ही ऩीते थे कि जनाफे हालशभ िा इन्ते़ार हो गमा। आऩिी औराद िे

भत
ु अज़ल्ऱ हज़यत ज़जफयाईर िा िहना है कि भैंने भशरय़ो भारयफ िो छान िय

दे खा है कि भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) से फेहतय िोई नहीॊ है औय फनी हालशभ

से फेहतय िोई ऽानदान नहीॊ है । जनाफे हालशभ ने 510 ई0 भें फाभ़ाभ ाज़वाए

शाभ भें इन्ते़ार फ़यभामा।

जनाफे अिद

आऩ हज़यते हालशभ िे फड़े फेटे थे, आऩिी ववरादत 497 ई0 से ़ब्र हुई थी।

आऩ भें इन्सानी हभददी फहद्दे िभार ऩहुॉची हुई थी। फ़ऽरूद्दीन याज़ी िा फमान

है कि जनाफे असद ने एि हदन एि दोस्त िो सख़्त बख


ू ा ऩा िय (जो फनी

खज़दभ से था) अऩनी वारेदा से िहा कि इसिे लरमे खाने िा फन्दोफस्त ियो,

उन्होंने ऩनीय औय आटा वाैया िाफ़ी लभ़दाय भें इसिे घय लबजवा िय उसे सि
ु ून
ु़
फख़्शा कपय इस वािु़ े ए से भत
ु ाअज़स्सय हो िय जनाफे हालशभ ने अहरे भक्िा िो

8
जभा किमा औय इनभें नतजायत िा जज़फा व शौ़ ऩैदा किमा। असद िे भानी शेय

िे हैं। इब्ने ऽारववमा िा मह िहना है कि शेय िे ऩाॊच सौ नाभ हैं ज़जनभें एि

असद बी है । शेय बख
ू औय प्मास ऩय साबफय होता है । अल्राभा तयीही िा िहना

है कि शेय िी अवराद िभ होती है शामद मही वजह थी कि हज़यते असद िे

अवराद िभ थी फज़ल्ि अवरादे ज़िूय भफ़़ूद औय ाारेफन लसफ़क पातेभा बफन्ते

असद ही थीॊ जो फाद भें हज़यत अरी (अ.स.) वारेदा गगयाभी ़याय ऩामीॊ।

जनाफे अब्दऱ
ु मुत्तसऱफ

आऩ हज़यत हालशभ िे नेहामत जरीरउर ़द्र साहफज़ादे थे। 497 ई0 भें ऩैदा

हुए वालरद िा इन्ते़ार फचऩने भें ही हो चि


ु ा था। ऩयवरयश िे फ़याएज़ आऩिे

चचा भत्त
ु लरफ िे िनाये आतफ़त भें अदा हुए औय ऽुश क़स्भती से आखखय
ु़ भें

अयफ िे सफ से फड़े सयदाय ़याय ऩाए। आऩिे वालरद ही िी तयह आऩिी वारेदा

बी (ज़जनिा नाभ सरभा था) शयाफ़त व अज़भत भें इन्तेहाई फर


ु न्दी िी भालरि

थीॊ। इब्ने हालशभ िा िहना है कि वह वे़ाये ऽानदानी िी वजह से अऩने ननिाह

िो इस शतक से भशरूत ियती थीॊ कि तौरीद िे भौ़े ऩय अऩने भैिे भें यहूगीॊ।

जनाफे अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िा एि नाभ शेफातर
ु हम्द बी था क्मों कि आऩ िी

ववरादत िे वक़्त आऩिे सय ऩय सफ़ेद फार थे औय शेफ सफ़ेद सय िो िहते हैं।

हम्द से उसे भज़


ु ाफ़ इस लरमे किमा कि आगे चर िय फे इन्तेहा भम्दहू होने िी

9
इनभें अराभतें दे खी जा यही थीॊ। आऩ लसने शऊय ति ऩहुॉचते ही जनाफे हालशभ

िी तयह नाभवय औय भशहूय हो गमे। आऩने अऩने आफाओ अजदाद िी तयह

अऩने ऊऩय शयाफ हयाभ िय यखी थी औय ााये हहया भें फैठ िय इफादत ियते थे।

आऩिा दस्तय ख़्वान इतना वसी था कि इन्सानों िे अरावा ऩरयन्दों िो बी खाना

खखरामा जाता था। भस


ु ीफत ज़दों िी इभदाद औय अऩाहहजों िी ऽफय गीयी इनिा

ऽास शेवा था। आऩ ने फाज़ ऐसे तयी़े याएज किमे जो फाद भें भज़हफी ऩ
ु ताए

नज़य से इन्सानी ज़ज़न्दगी िे उसर


ू फन गमे। भसरत इफ़ाए नज़य ननिाह भेहयभ

से इजतेनाफ, दख़्
ु तय िशी िी भभ
ु ाननमत ऽभयो ज़ज़ना िी हुयभत औय क़तए मदे

सारय़ िे अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िा मह अज़ीभ िायनाभा है कि उन्होंने चाहे ज़भज़भ

िो जो भरूय ज़भाने से फन्द हो चि


ु ा था कपय ऽुदवा िय जायी किमा।

आऩिे अहद िा एि अहभ वा़ेमा िाफा ए भोअज़्ज़भा ऩय रश्िय िशी है ।

भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि अफयहातुर अशयभ िा ईसाई फादशाह था। उसभें

भज़हफी ताअस्सफ
ु फेहद था। ऽाना ए िाफा िी अज़भत व हुयभत दे ख िय आनतशे

हसद से बड़ि उठा औय इसिे वे़ाय िो घटाने िे लरमे भ़ाभे सनआ भें एि

अज़ीभश्ु शान गगयजा फनवामा। भगय इसिी रोगों िी नज़य भें ऽाना ए िाफा वारी

अज़भत न ऩैदा हो सिी तो इसने िाफे िो ढाने िा फ़ैसरा किमा औय असवद

बफन भ़सद
ू हफशी िी ज़ेये सय ियदगी भें एि अज़ीभ रशिय भक्िे िी तयफ़

यवाना िय हदमा। ़ुयै श, िनाना, ऽज़ाआ औय हज़ीर ऩहरे तो रड़ने िे लरमे

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तैय्माय हुए रेकिन रशिय िी िसयत दे ख िय हहम्भत हाय फैठे औय भक्िे िी

ऩहाड़ड़मो भें अहरो अमार सभेत जा नछऩे। अर फत्ता अब्दर


ु भत्त
ु लरफ अऩने चन्द
ु़
सागथमों सभेत ऽाना ए िाफा िे दयवाज़े भें जा खडे हुए औय िहा ! भालरि मह

तेया घय है औय लसफ़क तू ही फचाने वारा है । इसी दौयान भें रशिय िे सयदाय ने

भक्िे वारों िे खेत से भवेशी ऩिड़े ज़जनभें अब्दर


ु भत्त
ु लरफ िे 200 ऊॉट बी थे।

अरायज़ अफयाहा ने हनाते हभीयी िो भक्िे वारों िे ऩास बेजा औय िहा िे हभ

तुभ से रड़ने नहीॊ आमे हभाया इयादा लसफ़क िाफा ढाने िा है । अब्दर
ु भत्त
ु लरफ ने

ऩैााभ िा जवाफ मह हदमा कि हभें बी रड़ने से िोई ायज़ नहीॊ औय इसिे फाद

अब्दर
ु भत्त
ु लरफ ने अफयाहा से लभरने िी दयख़्वास्त िी। उसने इजाज़त दी मह

दाखखरे
ु़ दयफाय हुए। अफयाहा ने ऩयु तऩाि ऽैय भ़दभ किमा औय इनिे हभयाह

तख़्त से उतय िय फ़शक ऩय फैठा। अब्दर


ु भत्त
ु लरफ ने दौनाने गुफ्तुगू भें अऩने ऊॉटों

िी ये हाई औय वाऩसी िा सवार किमा। उसने िहा तुभ ने अऩने आफाई भिान

िाफे िे लरमे िुछ नहीॊ िहा। उन्होंने जवाफ हदमा अना यज़ब्फर अब्र वलरर फैत

यब्फन
ु सभीनाह भैं ऊॉटों िा भालरि हूॉ अऩने ऊॉट भाॊगता हूॉ जो िाफे िा भालरि है

अऩने घय िो ऽुद फचाऐगा। अब्दर


ु भत्त
ु लरफ िे ऊॉट उन िो लभर गमे औय वह

वाऩस आ गमे औय ़ुयै श िो ऩहाड़ड़मों ऩय बेज िय ऽुद वहीॊ ठहय गमे। ायज़ कि

अफयाहा अजीभु़ श्ु शान रश्िय रे िय ऽाना ए िाफा िी तयफ़ फढ़ा औय जफ इसिी

दीवाये नज़य आने रगीॊ तो धावा फोर दे ने िा हुक्भ हदमा। ऽुदा िा ियना दे खखए

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कि जैसे ही ास्
ु ताऽ व फेफाि रशिय ने ़दभ फढ़ामा भक्िे िे ायफी लसभत से

ऽद
ु ा वन्दे आरभ िा हवाई रशिय अफा फीर िी सयू त भें नभद
ू ाय हुआ। इन

ऩरयन्दों िी चोंच औय ऩन्जों भें एि एि िॊियी थी। उन्होंने मह िॊिरयमाॊ अफयाहा

िे रशिय ऩय फयसाना शरू


ु िीॊ। छोटी छोटी िॊियमों ने फड़ी फड़ी गोलरमों िा िाभ

िय िे साये रशिय िा िाभ तभाभ िय हदमा। अफयाहा जो भहभद


ू नाभी सख
ु ऱ्

हाथी ऩय सवाय था ज़ख़्भी हो िय मभन िी तयफ़ बागा रेकिन यास्ते ही भें

वालसरे जहन्नभ हो गमा। मह वा़ेमा 570 ई0 िा है ।

1.सना मभन िा दारूर हुिूभत है । उसे ़दीभ ज़भाने भें उज़ारी बी िहते थे।

तभाभ अयफ भें सफ से उम्दा औय ऽूफ सयू त शहय है । अदन से 260 भीर िे

फ़ासरे ऩय एि ज़यऽेज़ वादी भें वा़े है इसिी आफो हवा भोताहदर औय ऽुश

गवाय है । इसिे जुनफ


ू भशरय़ भें तीन हदन िी भसाफ़त ऩय शहय ़यीफ है

ज़जसिो सफा बी िहते हैं सना िे शभ


ु ार भारयफ भें 60 फ़यसऽ ऩय सयु ह है महाॊ

िा चभड़ा दयू दयाज़ भल्


ु िों भें नतजायत िो जाता है । सना िे भारयफ भें फहये

िुल्जभ
ु से एि भज़न्ज़र िी भसाफ़त ऩय शहय ज़फ
ु द
ै वा़े है जहाॊ से नतजायत िे

वास्ते िहवा अतयाफ़ भें जाता है । ज़ुफद


ै से 4 भज़न्ज़र औय सना से 6 भज़न्ज़र ऩय

फैतुर फ़़ीह वा़े है । ज़ुफद


ै िे शभ
ु ार भशरय़ भें शहय भोहज़जभ है सना से 6

भज़न्ज़र िे फ़ासरे ऩय ज़ुफद


ै िे जुनफ
ू भें क़रा ए तज़ है । सना िे शभ
ु ार भें 10

भज़न्ज़र िी भस
ु ाफ़त ऩय नज़यान है ।

12
चकू ि अफयाहा हाथी ऩय सवाय था औय अयफों ने इस से ऩहरे हाथी न दे खा था

नीज़ इस लरमे कि फड़े फड़े हागथमों िो छोटे छोटे ऩरयन्दों िी नन्हीॊ नन्हीॊ िॊिरयमों

से फा हुक्भे ऽद
ु ा तफाह िय िे ऽद
ु ा िे घय िो फचा लरमा इस लरमे इस वा़मे

िो हाथी िी तयफ़ से भन्सफ


ू किमा गमा औय इसी से सने आभर
ू फ़ीर िहा गमा।

भें हदी िा खखजा


ु़ फु़ अब्दर
ु भत्त
ु लरफ ने ईजाद किमा है । इब्ने नदीभ िा िहना है कि

आऩिे हाथ िा लरखा हुआ एि ऽत भाभन


ू यशीद िे िुतुफ ऽाने भें भौजूद था।

अल्राभा भजलरसी औय भौरवी लशब्री िा िहना है कि आऩने 82 सार िी उम्र

भें वफ़ात ऩाई औय भ़ाभे हुज़न


ू भें दफ़्न हुए। भेये नज़दीि आऩिा सने वफ़ात

578 ईसवी है ।

जनाफे अब्दल्
ु ऱाह

आऩ जनाफे अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िे फेटे थे। िुज़न्नमत अफू अहभद थी आऩिी

वालरदा िा नाभ पातेभा था जो उभये बफन साएद बफन उभय बफन भख़्जूभ िी

साहफ ज़ादी थी। आऩिे िई बाई थे ज़जनभें अफू तालरफ िो फड़ी अहलभमत थी।

जनाफे अब्दल्
ु राह ही वह अज़ीभर
ु भतकफत फज़
ु गुक हैं ज़जनिो हभाये नफीए ियीभ िे

वालरद होने िा शयफ़ हालसर हुआ। आऩ नेहामत भतीन, सॊजीदा औय शयीफ़

तफीमत िे इन्सान थे औय न लसफ़क जरारते ननसफत फज़ल्ि भि


ु ारयभें इख़्रा़ िी

वजह से तभाभ जवानाने ़ुयै श भें इज़म्तमाज़ िी नज़यों से दे खे जाते थे। भह


ु ालसने

13
आभर औय शभ
ु ाएरे भतफू भें फ़दक थे। हयिात भौजू औय रत्ु फ़े गुफ़ताय भें अऩना

नज़ीय न यखते थे। जनाफे अब्दर


ु भत्त
ु लरफ आऩिो सफ से ज़्मादा चाहते थे। एि

दफ़ा ज़ज़क्र है कि अब्दर


ु भत्त
ु लरफ ने मह नज़य भानी कि अगय ऽद
ु ा ने भझ
ु े दस

फेटे हदमे तो भैं इन भें से एि याहे ऽुदा भें ़ुफाकन िय दॊ ग


ू ा, औय इसिी तिभीर

भें अब्दल्
ु राह िो ज़ब्ह ियने चरे तो रोगों ने ऩिड़ लरमा औय िहा कि आऩ

़ुयफानी िे लरमे ़ुया डारें। चन


ु ान्चे फाय फाय अब्दल्
ु राह िे ज़ब्ह ऩय ही ़ुया

ननिरता यहा। अब्दर


ु भत्त
ु लरफ ने सख़्त इसयाय िे साथ उन्हें ज़ब्ह ियना चाहा

रेकिन ऊॉटों िी तादाद फढ़ा िय ़ुये िे लरमे सौ ति रे गमे बफर आखखय


ु़ तीन

फाय अब्दल्
ु राह िे भ़
ु ाफरे भें सौ ऊॉटों ऩय ़ुया ननिरा औय अब्दल्
ु राह ज़ब्ह से

फच गमे। उसिे फाद आऩिी शादी ़फीराए ज़हया भें वहाफ इब्ने अब्दे भनाफ़ िी

साहफ ज़ादी (आलभना) से हो गमी।। शादी िे वक़्त जनाफे अब्दल्


ु राह िी उम्र

त़यीफन 18 सार िी थी। आऩ ने 28 सार िी उम्र भें इन्ते़ार फ़यभामा।

भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि आऩ भक्िे से फा लसरलसराए नतजायत भदीना तशयीफ़

रे गमे थे वहीॊ आऩ िा इन्ते़ार हो गमा औय आऩ भ़ाभे अब्वा भें दफ़्न किमे

गमे। आऩने तयिे भें ऊॉट, फिरयमाॊ औय एि रौंड़ी छोड़ी ज़जसिा नाभ (फयित)

औय उफ़क उम्भे ऐभन था।

14
हज़रत अफत
ु ासऱफ

आऩ हज़यते हालशभ िे ऩोते, अब्दर


ु भत्त
ु लरफ िे फेटे औय जनाफे अब्दल्
ु राह िे

सगे बाई थे। आऩिा असरी नाभ इभयान था िुज़न्नमत अफू तालरफ थी। आऩिी

भादये गेयाभी पातेभा बफन्ते अम्र भऽजभ


ू ी थीॊ। शम्सर
ु उरेभा नज़ीय अहभद िा

िहना है कि आऩ अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िे अवरादे ज़िूय भें सफ से ज़्मादा फव़ाय औय
ु़
अक़्र भन्द थे। अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िे फाद ऩैाम्फये इस्राभ िी ऩयवरयश आऩने शरू

िी औय ता हमात उनिी नस
ु यत व हहभामत ियते यहे । भोल्वी लशब्री िा िहना है

कि अफू तालरफ िा मह तयी़ा ता जीस्त


ु़ यहा कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो

अऩने साथ सर
ु ाते थे औय जहाॊ जाते थे साथ रे जाते थे। िुफ़्फ़ाये ़ुयै श औय

अशयाय महूद से आऩने आॊ हज़यत िी हहफ़ाज़त िी औय उन्हें किसी क़स्भ िा

ाज़न्द नहीॊ ऩहुॉचने हदमा। भव


ु रयक ऽ इब्ने िसीय िा िहना है कि सफ़ये शाभ िे

भौ़े ऩय एि याहहफ िी नज़य आऩ ऩय ऩड़ी। उसने इन भें फज़


ु गुक ी िे आसाय दे खे

औय अफु तालरफ से िहा कि उन्हें जल्द वाऩस वतन रे जाओ नहीॊ तो महूद इन्हें

़त्र िय डारेगें। अफू तालरफ ने अऩना साया साभाने नतजायत फेच िय िे वतन

िी याह री। भव
ु रयक ऽ दमाये फियी िा िहना है कि हज़यत भोहम्भद (स.अ.व.व.)

जनाफे अफू तालरफ िी तहयीि से जनाफे ऽदीजा िा भार फेचने िे लरमे शाभ िी

तयफ़ रे जामा ियते थे। िुछ हदनों भे ऽदीजा ने शादी िी ख़्वाहहश िी औय

ननसफत ठहय गमी। जनाफे अफू तालरफ ने आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी तयफ़ से

15
ऽुत्फा ए ननिाह ऩढ़ा अफू तालरफ िे ऽुत्फे िी शरू
ु आत इन रफ़्ज़ों भे है ।

(अल्हम्दो लरल्राहहर रज़ी जाअल्ना लभन ज़रु यक मते इब्राहीभ) तभाभ तायीफ़ें उस

ऽद
ु ा िे लरमे हैं ज़जसने हभें ज़रु यक मते इब्राहीभ भें ़याय हदमा।

चाय सौ दीनाय सख्र


ु ऩय अक़्द हुआ। अक़्द ननिाह िे फाद हज़यत अफू तालरफ

फहुत ही ऽुश हुए। अल्राभा तयही िा फा हवारा ए इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.)

िहना है कि अफू तालरफ ईभान िे ताहफ़्फ़ुज़ हैं असहाफे ़हफ़ िे भाननन्द थे।

शभशर
ु उरभा नज़ीय अहभद िा िहना है कि अब्दर
ु भत्त
ु लरफ औय अफू तालरफ

दीने कफ़तयत िो भज़फत


ू ी से ऩिड़े हुए थे। अल्राभा स्मत
ू ी िा िहना है कि अन

अफर नफी रभ मिुन फ़ीहुभ भश


ु रयि आॉ हज़यत (स.अ.व.व.) िे आफाव अजदाद

भे एि शख़्स बी भश
ु रयि नहीॊ था। ़ुयआन भजीद भें है कि ऐ नफी हभ ने तुभ

िो सजदा ियने वारों िी ऩश


ु त भें यखा। अफू तालरफ िे भत
ु ाअज़ल्ऱ शभशर

उरभा नज़ीय अहभद िा िहना है कि वह हदर से ऩैाम्फय िो सच्चा ऩैाम्फय औय

इस्राभ िो ऽद
ु ाई दीन सभझते थे। शभशर
ु उरभा लशब्री िा िहना है कि अफू

तालरफ भयते वक़्त बी िरभा ऩढ़ते यहे थे रेकिन फऽ


ु ायी िी एि ऐसी भयु लसर

यवामत िी बफना ऩय ज़जसभे भस


ु य्मफ शालभर हैं उन्हें ाैय भज़ु स्रभ िहा जाता है ।

जो ़ाबफरे सेहत राए़े तसरीभ नहीॊ है । ायज़ कि आऩिे भोलभन औय भस


ु रभान

होने ऩय भज़ु न्सफ़ भव


ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है । अफू तालरफ िे दो शेय ़ाबफरे

भर
ु ाहे ज़ा हैं।

16
‫ودعوتين وزعمت انك انصحي *** ولقد صدقت وكنت مث امينا‬
‫ولقد علمت ابن دين دمحم *** من خري اداين الربية دينا‬

तयजभ
ु ा ऐ भोहम्भद (स.अ.व.व.) ! तभ
ु ने भझ
ु े इस्राभ िी तयफ़ दावत दी औय

भैं ऽूफ जानता हूॉ कि तुभ म़ीनन सच्चे हो क्मों कि तुभ इस अहदे नफव
ू त िे

इज़हाय से ़ब्र बी रोगों िी नज़य भें सच्चे यहे हो। भैं अच्छी तयह जाने हुए हूॉ

कि ऐ भोहम्भद ! तुम्हाया दीन दनु नमाॊ िे तभाभ अदमान से फेहतय है ।

आऩिी फीवी पातेभा बफन्ते असद थीॊ जो सन ़् 1 फेसत भें ईभान राईं औय 4

हहजयी भें फा भ़
ु ाभ भदीना ए भन
ु व्वया इन्ते़ार फ़यभा गईं औय ऽद
ु आऩ िा

इन्ते़ार 85 सार िी उम्र भें शव्वार 10 फेसत भें हुआ। आऩिे इन्ते़ार िे

सार िो यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) ने आभर
ु हुज़्न से भौसभ
ू िय हदमा था।

जनाफे अब्फाि

आऩ जनाफे अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िे फेटे औय ऩैाम्फये इस्राभ िे चचा थे। आऩिी

वारेदा फ़तीरा थीॊ। आऩ यसर


ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) से 2 मा 3 सार फड़े थे। आऩिा

़द तवीर औय फदन ऽूफ सयू त था। आऩ हहजयत से ़ब्र इस्राभ राए थे। आऩ

फड़े साएफर
ु याम थे। आऩने फ़तहे भक्िा औय ाज़वा हुनन
ै भें लशयित िी थी।

आऩ िे 10 फेटे औय िई फेहटमाॊ थीॊ। आखखय


ु़ उम्र भें नाफीना हो गमे थे। आऩने

77 सार िी उम्र भें फा तायीऽ 12 यजफ 32 हहजयी फा भ़


ु ाभ भदीनाए भन
ु व्वया

17
भें इन्ते़ार फ़यभामा औय जन्नतुर फ़ी भें दफ़न किमे गमे। आऩिा भ़फया

खोद डारा गमा है रेकिन ननशाने ़ब्र अबी बी फा़ी है । भोअज़ल्रफ़ ने 1972 ई0

भें फा भौ़ा हज उसे दे खा है ।

जनाफे हमज़ा

आऩ जनाफे अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िे साहफ ज़ादे औय आॉ हज़यत (स.अ.व.व.) िे चचा

थे। आऩिी वारदा िा नाभ हारा बफन्ते वाहफ था जो कि जनाफे आभेना िी चचा

जादु़ फहन थीॊ। आऩने फेसत िे छटे सार इस्राभ ़ुफर


ू किमा था। आऩने जॊगे फद्र

भें लशयित िी थी औय फड़े िायहाम नभ


ु ामा किमे थे। आऩ जॊगे ओहद भें बी

शयीि हुए औय ज़फय दस्त नफयद आज़भाई िी। 31 िाकफ़यों िो ़त्र ियने िे

फाद आऩिा ऩाॊव कफ़सरा औय आऩ ज़भीन ऩय गगय ऩड़े। ज़जसिी वजह से ऩश्ु त से

ज़ज़यह हट गई औय भौ़ा ऩय एि वैहशी नाभी हब्शी ने तीय भाय हदमा औय आऩ

हदन फज़ल्ि इसी वक़्त फा तयीऽ 5 शव्वार 3 हहजयी शहीद हो गमे। िाकफ़यों ने

आऩ िो ़त्र िय डारा औय अभीये भाववमा िी भाॉ हहन्दा ने आऩिा ज़जगय

ननिार िय चफा डारा। इसी लरमे अभीये भाववमा िो अ़ल्रत


ु अ़फाद िहते हैं।

आऩिी उम्र 57 सार िी थी नभाज़े जनाज़ा यसर


ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) ने ऩढ़ाई थी।

तायीऽ िा भशहूय वाक़मा है कि 40 हहजयी भें जफ अभीये भाववमा ने नहय

खद
ु वाई तो शोहदा ए ओहद िी ़ब्रे खोदी गईं औय इसी लसरलसरे भें एि तैश

(फेरचा) जनाफे हभज़ा िे ऩैय ऩय रगा ज़जससे ऽन


ू े ताज़ा जायी हो गमा था।

18
हज़रत अफू तासऱफ के फेटे

इब्ने ़तीफा िा िहना है कि हज़यत अफू तालरफ िे चाय फेटे थे 1. तालरफ, 2.

अ़ीर, 3. जाफ़य, 4. हज़यत अरी (अ.स.) इनभें छोटाई फडाईु़ दस सार िी थी।

दमाये फियी िा िहना है कि दो फहने बी थीॊ उम्भे हानी औय जभाना। तालरफ ने

जॊगे फद्र भें भस


ु रभानों से न रड़ने िे लरमे अऩने िो सभन्
ु द्र भें गगया िय डुफा

हदमा उनिी िोई औराद नहीॊ थी। अ़ीर आऩ 590 हहजयी भें ऩैदा हुए थे।

आऩिी िुज़न्नमत अफू मज़ीद थी। हुदैबफमा िे भौ़े ऩय इस्राभ ज़ाहहय किमा औय

आठ हहजयी भें भदीना आ गमे आऩने जॊगे भौतह भें बी लशयित िी थी। आऩ

ज़फय दस्त नस्साफ थे। आऩ भें अदाए ़यज़ िे लरमे भाववमा से भर


ु ा़ात िी थी

औय फा यवाएते इब्ने ़तीफा तीन राख अशयकफ़माॊ हालसर िय री थीॊ। आऩ फड़े

हाज़ज़य जवाफ थे। आखखयी


ु़ उम्र भें आऩ ना फीना हो गमे थें आऩ ने 96 सार िी

उम्र भें 5 हहजयी भत


ु ाबफ़ 670 ई0 भें इन्ते़ार किमा। जाफ़य आऩ सयू तो सीयत

भें यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) से फहुत भश
ु ाफेह थे आऩने शरू
ु ही भें ईभान जाज़ु़ हय

किमा था। आऩने हहजयत हफशा औय हहजयते भदीना दोनों भें लशयित िी थी।

आऩिो जभाहदर अव्वर 8 हहजयी भें जॊगें भौता िे लरमेम बेजा गमा। आऩने

अरभ रे िय ज़फय दस्त जॊग िी। आऩ िे दोनों हाथ िट गमे। अरभ दाॊतों से

सॊबारा बफर आखखय


ु़ शहीद हो गमे। आऩिे लरमे आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने

फ़यभामा है कि उन्हें इनिे हाथों िे एवज़ ऽुदा ने जन्नत भें ज़भयु दै न ऩय अता

19
फ़यभाए हैं औय आऩ फ़रयश्तों िे साथ उड़ा ियते हैं। आऩिे शहीद होते ही ऩैाम्फये

इस्राभ औय पातेभा ज़हया (स.अ.व.व.) असभा बफन्ते उभैस िे ऩास अदाए

ताज़ज़मत िे लरमे गमे। आऩने हुक्भ हदमा िी जाफ़य िे घय खाना बेजो। आऩने

41 सार िी उम्र भें शहादत ऩाई। आऩिे ज़जस्भ ऩय 90 जख़्भ थे। आऩ ने आठ

फेटे छोड़े। ज़जनिी भाॉ असभा बफन्ते उभैस थीॊ। मही अब्दल्
ु राह बफन जाफ़य औय
ु़
भोहम्भद बफन जाफ़य ज़्मादा नभ
ु ामा थे। मही अब्दल्
ु राह हज़यत जैनफ िे औय

भोहम्भद हज़यत उम्भे िुरसभ


ू बफन्ते पातेभा (स.अ.व.व.) िे शौहय थे। 4. हज़यत

अरी (अ. स.) थे।

20
ऩैग़म्फरे इस्ऱाम अफुऱ क़ासिम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (ि.

अ.)

दो टुिड़े एि इशाये भें ज़जसिे ़भय हुआ।

ज़जस दय ऩा झि
ु गई है जफीॊ आफ़ताफ िी।।

तफ़सीय उसिी ज़ुल्फ़ है वर रैर िी ननदा।

क्मा शान है, जनाफे रयसारत भआफ िी।।

ननदा िरित्तवी (ऩेशावय)

ऐ नयू िे ऩत
ु रे तझ
ु े क्मा ऽाि से नसफतॊ

एहसान तेया है जो ज़भी ऩय उतय आमा।।

ऽल्रा़े आारभ ने अऩने फन्दों िी यहफयी औय यहभानी िे लरमे एि राख

चौफीस हज़ाय हादी बेजे ज़जनभें 313 यसर


ू फा़ी नफी थे यसर
ू भें ऩाॊच उरर

अज़्भ थे इन अज़म्फमा व यसर


ू ऩय ईभान ज़रूयी है । उन्हें भासभ
ू भन्सस
ू आलरभे

इल्भे रदन्ु नी औय अफ़ज़रे िामनात ़याय हदमा गमा था। मह न लसफ़क फतने

भादय फज़ल्ि फदवे कफ़तयत भें ही नफी फनाए गमे थे ज़जन्हें ऽल्रा़े आरभ ने

अऩने नयू े अज़भत व जरार से ऩैदा किमा था। वह नयू ी थे इनिे ज़जस्भ िा सामा

न था।

21
ऽालरिे िामनात ने इनिी नफव
ू त व रयसारत िो दवाभ दे िय इस लसरलसरे

िो ऽत्भ िय हदमा रेकिन चॊकू ि लसरलसरा तऽरी़ िा जायी यहना भस


ु ल्रभ था

ज़रूयते तफरीा िी फ़ा राज़भी थी रेहाज़ा दाना व फीना ऽद


ु ा ने अऩने अज़री

फ़ैसरे िे भत
ु ाबफ़ फाफे नफव
ू त इभाभत िा राअब्दी दयवाज़ा खोर हदमा औय फायह

इभाभों िे इन असभा िी फज़फाने यसर


ू वज़ाहत िया दी रौहे भहफ़ूज़ भें लरखे हुए

थे। मह नयू ी भख्ऱ


ू बी साम से फे ननमाज़ थे। इन्हें बी खुदा ने भासभ
ू भन्सस

आरभे इल्भे रदन्ु नी औय अफ़ज़रे िामनात ़याय हदमा है । मह हुज्जते ऽुदा बी हैं

औय इभाभे ज़भाना बी उसे ऽद


ु ा ने इस्राभ िी हहफ़ाज़त दीन िी लसमानत

िामनात िी इभाभत औय यसर


ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) िी खखराफ़त
ु़ िी ज़ज़म्भेदायी

सौंऩी है औय इस लसरलसरे िो ़माभत ति िे लरमे ़ाएभ िय हदमा है ।

आॊ हज़रत की ववऱादत फिाअदत

आऩिे नयू े वजूद िी खखल़्त


ु़ फा यवाएते हज़यत आदभ िी तऽरी़ से नौ राख

फयस ऩहरे फा यवाएते 4- 5 राख ़ब्र हुई थी। आऩिा नयू े अ़दस असराफे

ताहे या औय अयहाभे भत
ु ाहय भें होता हुआ जफ सर
ु फे जनाफे अब्दल्
ु राह बफन अब्दर

भत्त
ु लरफ ति ऩहुॉचा तो आऩिा ज़हूयो शहूद फशक्रे इन्सानी फतने जनाफे आभना

बफन्ते वहफ से भक्िाए भोअज़्ज़भा भें हुआ।

22
आॉ हज़यत (स.अ.व.व.) िी ववरादत िे वक़्त है यत अॊगेज़ वा़ेमात िा ज़हूय

आऩिी ववरादत से भत
ु ाअज़ल्ऱ फहुत से उभयू रूनभ
ु ा हुए जो है यत अॊगेज़ हैं।

भसरन आऩिी वारदा भाजदा िो फाये हभर भहसस


ू नहीॊ हुआ औय वह तौरीद िे

वक़्त िसाफ़तों से ऩाि थीॊ। आऩ भख़्तून औय नाफ़ फयु ीदा थे। आऩिे ज़हूय

फ़यभाते ही आऩिे ज़जस्भ से ऐसा नयू साते हुआ ज़जससे सायी दनु नमा यौशन हो

गई। आऩने ऩैदा होते ही दोनों हाथों िो ज़भीन ऩय टे ि िय सज्दाए ऽालऱ अदा

किमा। कपय आसभान िी तयफ़ सय फर


ु न्द िय िे तिफीय िही औय रा इराहा

इररल्राहो इना यसर


ू ल्राहे ज़फान ऩय जायी किमा। फ यवामते इब्ने वाजेए अर

भतूफ़ी 292 हह0 शैतान िो यजभ किमा गमा औय उसिा आसभान ऩय जाना फन्द

हो गमा। लसताये भस
ु रसर टूटने रगे तभाभ दनु नमा भें ऐसा ज़रज़रा आमा कि

तभाभ दनु नमा िे िरीसे औय दीगय ाैय उल्राह िी इफादत ियने िे भ़


ु ाभात

भन्
ु हहदभ हो गमे। जाद ू औय िहानत िे भाहहय अऩनी अक़्रें खो फैठे औय उनिे

भव
ु ज़क्र भजस
ू हो गमे। ऐसे लसताये आसभान ऩय ननिर आम ज़जन्हें िबी किसी

ने दे खा न था। सावा िी वह झीर ज़जसिी ऩयसनतश िी जाती थी जो िाशान भें

है वह ऽुश्ि हो गई। वाहदउस सभा जो शाभ भें है औय हज़ाय सार से ऽुश्ि ऩड़ी

थी इसभें ऩानी जायी हो गमा। दजरा भें इस ़दय तगमानी हुई कि इसिा ऩानी

तभाभ इरा़ों भें पैर गमा। भहरे क़सया भें ऩानी बय गमा औय ऐसा ज़रज़रा

23
आमा कि ऐवाने किसया िे 14 िॊगूये ज़भीन ऩय गगय ऩड़े औय ता़े किसया लशााफ़

हो गमा औय फ़ायस िी वह आग जो एि हज़ाय सार से भस


ु रसर यौशन थी

फ़ौयन फझ
ु गई। (तायीऽे अशाअत इस्राभ दे वफन्दी ऩष्ृ ठ 218 तफाअ राहौय)

उसी यात िो फ़ायस िे अज़ीभ आरभ ने ज़जसे (भोफज़्ज़ाने भोफज़्ज़न) िहते

थे ख़्वाफ भें दे खा कि तुन्द व सयिश औय वैहशी ऊॉट अयफी घोड़ों िो ऽीॊच यहे हैं

औय उन्हे फरादे फ़ारयस भें भत


ु ाफ़रय़ ियतें हैं। उसने इस ख़्वाफ िा फादशाह से

ज़ज़क्र किमा। फादशाह नवशेयवाॊ किसया ने एि ़ालसद िे ज़रयए से अऩने है याह िे

गवकनय नभ
ु ान बफन भन्ज़य िो िहरा बेजा कि हभाये आरभ ने एि अजीफ व

ायीफ ख़्वाफ दे खा है तू किसी ऐसे अक़्रभन्द औय होलशमाय शख़्स िो भेये ऩास

बेज दे जो इसिी इतलभनान फख़्श ताफीय दे िय भझ


ु े भत
ु भईन िय सिे। नोभान

बफन भन्ज़य ने अब्दर


ु भसीह बफन उभय अरासानी िो जो कि फहुत राए़ था

फादशाह िे ऩास बेज हदमा। नवशेयवान ने अब्दर


ु भसीह से तभाभ वा़ेमात फमान

किमे औय उससे ताफीय िी ख़्वाहहश िी उसने फड़े ाौय व खौज िे फाद अज़क कि,

ऐ फादशाह शाभ भें भेया भाभॉू सतीह िाहहन यहता है वह इस फ़न िा फहुत फड़ा

आलरभ है वह सही जवाफ दे सिता है औय इस ख़्वाफ िी ताफीय फता सिता है ।

नव शेयवाॊ ने अब्दर
ु भसीह िो हुक्भ हदमा कि फ़ौयन शाभ चरा जाए। चन
ु ान्चे वह

यवाना हो िय दलभश्ि ऩहुॉचा औय फा यवामत इब्ने वाज़े फाफे जाॊबफमा भें इससे इस

वक़्त लभरा जफ कि वह आरभे एहनतज़ाय भें था। अब्दर


ु भसीह ने िान भें चीऽ

24
िय अऩना भद्
ु दा फमान किमा उसने िहा कि एि अज़ीभ हस्ती दनु नमा भे आ

चि
ु ी है । जफ नव शेयवाॊ िी नस्र िे 14 भदो ज़न हुिभयाॊ िॊगयू ों िे अदद िे

भत
ु ाबफ़ हुिूभत िय चि
ु े गें तो मह भल्
ु ि इस ऽानदान से ननिर जाऐगा। सम्
ु भा

फ़ज़तन फ़सहू मह िह ि यवह भय गमा। (यौज़तुर अहफाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 56, सीयते

हरबफमा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 83, हमात अर ़ुरफ


ू ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 46, अर मा़ूफी ऩष्ृ ठ 9)

आऩकी तारीखे ववऱादत

आऩिी तायीऽे ववरादत भें इख़्तेराफ़ है फाज़ भस


ु रभान 2 यफीउर अव्वर फाज़

6, फाज़ 12 फताते हैं रेकिन जम्हूये उरभा अहरे तशैय्मो औय फाज़ उल्भा अहरे

तसन्नन
ु 17 यफीउर अव्वर सन ़् 1 आभर
ु फ़ीर भत
ु ाबफ़ 570 ई0 िो सही

सभझते हैं।

अल्राभा भजलरसी (अरैरय यहभा) हमात अर ़ुरफ


ू ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 44 भें

तहयीय फ़यभाते हैं कि उरभामे इभालभमा िा इस ऩय इजभा व इत्तेफ़ा़ है कि आऩ

17 यफीउर अव्वर सन ़् 1 आभर


ु फ़ीर मौभे जुभा शफ मा फवक़्ते सफ
ु ह साहद़

शऐ
ु फ अफी तारीफ भें ऩैदा हुए हैं। इस वक़्त नव शेयवाॊ किसया िी हुिूभत िा

फमालरसवाॊ सार था।

25
आऩका ऩाऱन ऩोषण और आऩका फचऩना

भव
ु रयक ऽ ज़ाकिय हुसन
ै लरखते हैं कि फायवामते आऩिे ऩैदा होने से ऩहरे औय

फायवामते आऩ दो भाह िे बी न होने ऩाए थे कि आऩिे वालरद आब्दल्


ु राह िा

इन्ते़ार फ भ़
ु ाभे भदीना हो गमा क्मों कि वहीॊ नतजायत िे लरमे गमे थे उन्होंने

लसवाए ऩाॊच ऊॉट औय चन्द बेडों औय एि हफशी िनीज़ फयित (उम्भे ऐभन) िे

औय िुछ ववयसे भें न छोड़ा था। हज़यत आभना िो हज़यत अब्दल्


ु राह िी वफ़ात

िा इतना सदभा हुआ िी दध


ू सख
ू गमा चकॊू ि भक्िा िी आफो हवा फच्चों िे

वास्ते चन्दा भव
ु ाकफ़़ न थी इस वास्ते ़यीफ िी फद्द ू औयतों भें से दध
ू वऩराने

िे वास्ते तराश िी गई। अन्ना िे दस्तीमाफ होने ति अफू रहफ िी िनीज़

सबू फमा ने आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो तीन चाय भहीने ति दध


ू वऩरामा। अ़वाभे

फद्द ू िी आदत थी कि सार भें दो भयतफा भौसभे फहाय औय भौसभे खखज़ाॊ


ु़ भें दध

वऩराने औय फच्चे ऩारने िी नौियी िी तराश भें आमा ियती थीॊ आखखय
ु़ हारीभा

साहदमा िे नसीफ ने ज़ोय किमा औय वह आऩिो अऩने घय रे गईं औय आऩ

हरीभा िे ऩास ऩयवरयश ऩाने रगे। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 32, तायीऽे अफुर

कफ़दा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 20)

भझ
ु े इस तहयीय िे इस जुज़ से कि यसर
ू े खुदा (स.अ.व.व.) िो सबू फमा औय

हरीभा ने दध
ू वऩरामा है इत्तेफ़ा़ नहीॊ है । भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि आऩ भें नभू

िी ़ुव्वत अऩने लसन िे एतेफाय से फहुत ज़्मादा थी जफ तीन भाह िे हुए तो ऽड़े

26
होने रगे, औय जफ सात भाह िे हुमे तो चरने रगे आठवें भहीने अच्छी तयह

फोरने रगे, नवें भहीने इस फ़साहत से िराभ ियने रगे कि सन्


ु ने वारों िो है यत

होती थी।

हालशमा:-

1. सतीह एि अजीफउर खखऱत


ु़ इन्सान था। उसिे ज़जस्भ भें भफ़ालसर

मानी जोड़ फन्द न थे। वह उठ फैठ नहीॊ सिता था, भगय ास्
ु से िे वक़्त उठ

फैठता था। उसिे फदन भें खोऩड़ी िे लसवा िोई हड्डी न थी। उसिे सयो गदक न न

थी औय भॉह
ु सीने भें था। वह जाबफमा भें यहता था। जफ उसे िहीॊ रे जाना होता

था तो उसे गठयी िी तयह फाॊध रेते थे जफ उससे िुछ ऩछ


ू ना भ़सद
ू होता था तो

उसे झीॊझोड़ते थे कपय वह औॊधा हो िय ाैफ िी फाते फताता था। दोनों कफ़यिो िे

उरेभा िा फमान है कि वह िाहहन था औय िहानत िे भाने ाैफ िी ऽफय दे ने िे

हैं। फयवाएते सफ़ीनातुर बफहाय उसने हज़यत यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िी नफव
ू त

औय हज़यत अरी (अ.स.) िी खखराफ़त


ु़ औय हज़यत भें हदी (अ.स.) िी ाैफत िी

ऽफय दी थी। इसिी उम्र फ यवाएते यौज़तर


ु अहफाफ 600 फयस औय फ यवाएते

हमात अर ़ुरफ
ू 900 फयस िी थी। इन दानों उरभा िे फमान भें फ़य़ इस लरमे

है कि इसिी ववरादत फन्दे एयभ िे टूटने िे वक़्त हुई थी औय फन्दे एयभ टूटने

िो फाज़ भव
ु ये ऽीन साफे़ीन ने हज़यत भसीह से 302 फयस ऩहरे औय फाज़ ने

ऩहरी सदी भसीह िे आााज भें लरखा है ।

27
भजभाउर फहयीन भें है कि िाहहन िे भानी साहहय िे हैं मा फाज़ िा ख़्मार

है कि िाहहन िे ज़जन्न ताफे होते हैं। फाज़ िा ख़्मार है कि िहानत एि इल्भ है

जो हहसाफ से ताअल्ऱ
ु यखता है । फाज़ िा ख़्मार है कि शैतान जफ आसभान ऩय

जाता था तो वहाॊ से ऽफये राता था औय शैतानी अफ़याद िो फताता था। दनु नमा भें

दो फड़े िाहन गुज़ये हैं एि श़ दस


ू या सतीह। यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िी

ववरादत िे फाद फ़ने िहानत ऽत्भ हो गमा था।

अगयचे त़यीफन तभाभ भव


ु ये ऽीन ने सबू फमा औय हरीभा िे भत
ु ाअज़ल्ऱ मह

लरखा है कि इन औयतों ने हज़यत यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िो दध
ू वऩरामा था

औय थोड़े हदनों नहीॊ फज़ल्ि िाफ़ी असे ति वऩरामा था रेकिन भेये नज़दीि मह

दरू
ु स्त नहीॊ है क्मों कि मह दनु नमा िी किसी तायीऽ भे नहीॊ है कि किसी नफी िो

उसिी भाॉ िे अरावा किसी औय ने दध


ू वऩरामा हो। हज़यत नह
ू (स.अ.व.व.) से

हज़यत ईसा (स.अ.व.व.) ति िे हारात दे खे जाऐ िोई एि लभसार बी ऐसी न

लभरेगी ज़जससे यसर


ू े ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) िो हरीभा वाैया िे दध
ू वऩराने िी ताईद

होती हो औय हभे तो ऐसा नज़य आता है कि जैसे ़ुदयत िो इस अम्र ऩय इसयाये

शदीद था ज़ िवह अऩने नफी िो इसिी भाॉ ही िा दध


ू वऩरवाए। लभसार िे लरमे

हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) औय हज़यत भस


ू ा (अ.स.) िा वाक़मा दे ख लरजमे औय

अन्दाज़ा रगा लरजमे कि किन ना साज़गाय हारात व वा़ेमात भें उनिी भाओॊ िो

दध
ू वऩराने िे लरमे उन ति ऩहुॉचामा गमा औय जफ ऐसा दे खा कि भाॉ िे ऩहुॉचने

28
भें दे य हो यही है तो खुद उसी फच्चे िे अगॉठ
ू े से दध
ू ऩैदा िय हदमा जैसा कि

हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) िे लरमे हुआ। भतरफ मह था कि अगय फच्चे िो भाॉ िा

दध
ू दस्तमाफ न हो सिे तो किसी दस
ू ये तयी़े से लशिभ सेय हो जाए। इन हारात

से भेयी सभझ भें नहीॊ आता कि अज़म्फमाए भा साफ़ िे तयी़े औय उसर


ू से हट

िय यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िो भाॉ िे अरावा किसी दस
ू यी औयत िे दध
ू वऩराने

िो क्मों िय तस्रीभ िय हदमा जाए खुसस


ू न ऐसी सयू त भें जफ कि मह तसरीभ

शद
ु ा हो रहभतुर ये ज़ा िुरेहभतुर नसफ दध
ू से जो गोश्त ऩैदा होता है वह नसफ

िे गोश्त व ऩोस्त िे भाननन्द होता है । वमहयभ लभन ये ज़ा भा महयभा भन नसफ

औय दध
ू ऩीने से वह रयश्ता ना जामज़ हो जाता है जो नसफ से ना जामज़ होता

है । (भफ़रूदाते इभाभे यागाफ असफ़हानी ऩष्ृ ठ 62) औय कपय ऐसी सयू त भें जफ कि भौजूद

थी औय अहदे यज़ाअत िे फाद ति ज़ज़न्दा यहीॊ। भैं तो मह सभझता हूॉ कि आॉ

हज़यत (स.अ.व.व.) िो जनाफे आभना ने दध


ू वऩरामा था औय सफ
ू ीमा व हरीभा ने

उनिी ऩयवरयश व ऩयदाख़्त िी थी।

भेये इस नज़रयमे िो इससे औय त़वीमत ऩहुॉचती है कि ऽद


ु ा वन्दे आरभ

हज़यते भस
ू ा (स.अ.व.व.) िे लरए इयशाद फ़यभाता है कि हय भना एरैह अरभयाज़ा

भन ़फर हभने दध
ू वऩरामे जाने िे सवार से ऩहरे ही तभाभ दाईमों िे दध
ू िो

भस
ू ा (स.अ.व.व.) िे लरमे हयाभ िय हदमा था। (ऩाया 20 रूिू 4) मह िैसे भज़ु म्िन

है कि ऽुदा वन्दे आरभ हज़यते भस


ू ा (स.अ.व.व.) िो भाॉ िे अरावा किसी िे दध

29
ऩीने से फचाने िा इतना अहनतभाभ िये औय फ़ऽये भस
ू ा (स.अ.व.व.) िो इस तयह

नज़य अन्दाज़ िय दे कि ऐसी औयतें उन्हें दध


ू वऩराऐॊ ज़जनिा इस्राभ बी वाज़े

नहीॊ है ।

आऩकी िायाए मादरी िे महरूमी

आऩिी उभय जफ 6 सार िी हुई तो सामाए भादयी से भहरूभ हो गमे। आऩिी

वारेदा जनाफे आभना बफन्ते वहफ हज़यत अब्दल्


ु राह िी ़ब्र िी ज़्मायत िे लरमे

भदीना गईं थीॊ वहाॊ उन्होंने एि भहीना ़माभ किमा जफ वावऩस आने रगीॊ तो

भ़
ु ाभ अफवा (जो कि भदीने से 22 भीर दयू भक्िा िी जाननफ वा़े है ) इन्ते़ार

फ़यभा गईं औय वहीॊ दफ़न हुईं। आऩिी ऽादे भा उम्भे ऐभन आऩिो भक्िा रे

आईं। (यौज़तुर अहफाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 67) जफ आऩिी उम्र 8 सार िी हुई तो आऩिो

दादा अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िा 120 सार िी उम्र भें इन्ते़ार हो गमा। अब्दर
ु भत्त
ु लरफ

िी वफ़ात िे फाद आऩिे फड़े चचा जनाफे अफू तालरफ औय आऩिी चची जनाफे

पातेभा बफन्ते असद ने फ़याएज़े तयबफमत अन्जाभ हदमे औय इस शान से तयबफमत

िी कि दनु नमा ने आऩिी हभददी औय ऽुरस


ू िा रौहा भान लरमा। हज़यत अब्दर

भत्त
ु लरफ िे फाद हज़यत अफु तालरफ बी ऽाना ए िाफा िे भह
ु ाकफ़ज़ औय भत
ु वल्री

औय सयदाये िुयै श थे। हज़यत अरी (अ.स.) फ़यभाते हैं कि िोई अयफ इस शान िा

30
सयदाय नहीॊ हुआ ज़जस शानों शौित िी सयदायी भेये ऩदये भोहतयभ िो ऽुदा ने दी

थी। (मा़ूफी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 11)

हज़रत अफु तासऱफ (अ.ि.) को हज़रत अब्दऱ


ु मत्त
ु सऱफ की विीयत व

हहदायत

फाज़ भव
ु ये ऽीन ने लरखा है कि जफ हज़यत अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िा वक़्ते वफ़ात

़यीफ ऩहुॉचा तो उन्होंने आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो अऩने सीने से रगामा औय

सख़्त गगयमा किमा औय अऩने फ़यज़न्द अफु तालरफ िी तयफ़ भत


ु ावज्जे हो िय

फ़यभामा कि, ऐ अफू तालरफ मह तेये ह़ीिी बाई िा फेटा है इस दयु े मगाना िी

हहफ़ज़त ियना, इसे अऩना नयू े नज़य औय रख़्ते ज़जगय सभझना, इसिी सयु ऺा भें

िोई िभी न यखना, अऩने हाथ, ज़फान औन जान व भार से इसिी भदद ियते

यहना। (यौज़तुर अहफाफ)

हज़रत अफु तासऱफ (अ.ि.) के ततजारती िफरे िाम में आॊ हज़रत

(ि.अ.व.व.) की हमराही और फहीरा राहहफ का वाक़ेया

हज़यत अफू तालरफ जो नतजायती सफ़य भें अक्सय जामा ियते थे जफ एि हदन

यवाना होने रगे तो आॊ हज़यत िो ज़जनिी उम्र उस वक़्त फा यवामते तफयी व इब्ने

31
असीय 9 सार औय फ यवामते अफर
ु कफ़दा व इब्ने ऽल्दन
ू 13 सार िी थी, अऩने

फार फच्चों भें छोड़ हदमा औय चाहा कि यवाना हो जामें। मह दे ख िय आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) ने इसयाय किमा कि भझ


ु े अऩने साथ रेते चलरमे, आऩने मह ख्मार

ियते हुमे कि भेया बतीजा मतीभ है उन्हें अऩने साथ रे लरमा औय चरते चरते

जफ शहये फसया िे ़यमए िफ़य ऩहुॉचे जो िे शाभ िी सयहद ऩय 6 भीर िे

फ़ासरे ऩय वा़े है जो उस वक़्त फहुत फड़ी भन्डी थी औय वहाॊ नस्तूयी ईसाई यहते

थे। वहाॊ एि नस्तूयी याहहफों िे भाअफद िे ऩास ़माभ किमा। याहहफों ने आॊ

हज़यत (स.अ.व.व.) औय अफू तालरफ (अ.स.) िी फडी ऽानतय दायी िी कपय उनभें

से एि ने ज़जसिा नाभ जयजीस औय ़ुज़न्नमत अफू अदास औय ऱफ फहीया

याहहफ था आऩिे चेहया ए भफ


ु ायि से आसाये अज़भतों जरारत औय आरा दजे िे

िभाराते अ़री औय भहाभदे इऽरा़ नभ


ु ामाॊ दे ख िय औय इन लसफ़ात से

भौसफ़
ू ऩा िय जो उसने तौयै त औय इन्जीर औय दस
ू यी आसभानी किताफों भें ऩढ़ी

थीॊ ऩहचान लरमा कि मही ऩैाम्फये आऽेरूज़ ज़भान हैं। अबी उसने इज़हाये ख़्मार

न किमा था कि एि दभ फादर िो हुज़यू ऩय सामा ियते हुए दे खा, कपय शाना

खुरवा िय भोहये नफव


ू त िो दे खा उसिे फाद फ़ौयन भोहये नफव
ू त िा फोसा

(चभ
ू ना) लरमा औय नफव
ू त िी तसदी़ िय िे अफु तालरफ से िहा कि इस

फ़यज़न्दे अयजूभन्द िा दीन तभाभ अयफ व अजभ भें पैरेगा औय मह दनु नमा िे

फहुत फड़े हहस्से िा भालरि फन जामेगा। मह अऩने भल्


ु ि िो आज़ाद ियाऐगा

32
औय अऩने अहरे वतन िो नजात हदरामेगा। ऐ अफू तालरफ इसिी फड़ी हहफ़ज़त

ियना औय इसिो दश्ु भनों िे अत्माचाय से फचाने िी ऩयू ी िोलशश ियना, दे खो

िहीॊ ऐसा न हो कि मह महूहदमों िे हाथ रग जाए। कपय उसने िहा कि भेयी याम

मह है कि तुभ शाभ न जाओ औय अऩना भार महीॊ फेच िय िे भक्िा वाऩस चरे

जाओ चन
ु ान्चे अफु तालरफ ने अऩना भार फाहय ननिारा वह हज़यत िी फयित से

आन्न फ़ानन फहुत ज़्मादा नफ़े ऩय फ़योख़्त हो गमा औय अफू तालरफ भक्िा वाऩस

चरे गमे। (यौज़तुर अहफाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 71, तऩ्ीदर


ु िराभ ऩष्ृ ठ 30, एमय दॊ ग ऩष्ृ ठ 24,

तफ़यीउर अज़किमा वाैया)

आॊ हज़रत (ि.अ.व.व.) का मक्के को रूमीयों के इक़्तेदार िे फचाना

जज़स्टस अभीय अरी फा हवारा तायीऽ िासन डी0 ऩयसन


ू लरखते हैं कि हुनज़

िा िाफा दोफाया ताभीय न हो चि


ु ा था कि आऩने भक्िे भोअज़्ज़भा िो इस

ऽुकफ़मा साज़ज़श से फचा लरमा जो उसिी आजादीु़ िो लभटाने िे लरमे िी गई थी

ज़जसभें उस्भान बफन हयीय िो फड़ा दख़्र था। उसने ़ुसतुनतुनमा िे दमाये िे

दमाये ़ैसयी भें जािय दीने भसीही ़ुफर


ू िय लरमा था औय ़ैसये रूभ से भारो

ज़य रे िय हहजाज़ वाऩस आमा था। उसिी िोलशश थी कि भक्िे ऩय मन


ू ाननमों

िा इक़्तेदाय ़ामभ िया दे । वह ऽकु फ़मा िोलशशें िय यहा था रेकिन उसिा मह

याज़ खुर गमा औय उसिी वजह मह थी कि आॊ हज़यत ने उसिा भ़सद अऩने

33
ज़यामे से भारभ
ू िय लरमा था। आखखय
ु़ भें वह हुज़ूय िी िोलशशों से नािाभमाफ हो

गमा। अहरे कफ़यॊ ग (मयू ोवऩमन) इस फात िो भानते हैं कि ऩैाम्फये इस्राभ ने

अऩने भौरद व भसिन िो िुसतन


ु तन
ु मा िे फादशाहों िे ़ब्ज़े से फचा िय

भस
ु रभानों ऩय फड़ा एहसान किमा है ज़जसिी वजह से वह अब्दी शक्र
ु गुज़ायी िे

भस्
ु तह़ हैं। मही िुछ इब्ने ऽल्दन
ू ने बी लरखा है ।

(तऩ्ीदर
ु िराभ ऩष्ृ ठ 33)

खाना ए काफा में हजरे अिवद को नस्फ करने में आॊ हज़रत

(.व.व.अ.ि) की हहकमते अमऱी

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि फेअसते ऩैाम्फय से ऩहरे ़ुयै श ने मह फ़ैसरा किमा

था कि ऽाना ए िाफा िो ढा ु़ िय कपय से इसिी ताभीय िी जामे औय उसे फरन्द

िय हदमा जामे। चन
ु ान्चे इसे गगया िय उसिी ताभीय शरू
ु िय दी गई कपय जफ

इभायते हजये असवद िे नस्फ ियने िी जगह ति ऩहुॉची औय उसिे नस्फ ियने

िा सवार ऩैदा हुआ तो ़ुयै श भें शदीद इख़्तेराफ़ ऩैदा हो गमा हय ़फीरे िा

सयदाय मह चाहता था कि इस शयफ़ िो वह हालसर ियें आखखयिाय


ु़ फहुत िोलशश

िे फाद मह तम ऩामा कि िर जो सफ से ऩहरे हयभ भें दाखखर


ु़ हो उसे हिभ
ु़
(पैसरा ियने वारा) फना िय इस झगड़े िो ऽत्भ किमा जामे, वह नस्फे हजय िे

फाये भें जो फ़ैसरा दे दे उसिी ऩाफन्दी हय एि िो ियना होगी।

34
ायज़ कि जफ सफ
ु ह हुई तो हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) सफ से ऩहरे

हयभ भें दाखखर


ु़ हुए लरहाज़ा उन्हीॊ िो हिभ फना हदमा गमा। हज़यत ने फ़यभामा

कि एि भज़फत
ू चादय राई जाए औय उसभें हजये असवद िो यखा जाए औय चादय

िे गोशों िो हय ़फीरे िा सयदाय ऩिड़ िय उसे उठाए औय भ़


ु ाभे हजय ति

राए, चन
ु ान्चे ऐसा ही किमा गमा।

कपय जफ हजये असवद फैतुल्राह िे ़यीफ आ गमा तो हज़यत भोहम्भद

भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) ने अऩने हाथों से उठा िय उसे नस्फ िय हदमा। हुज़ूय

(स.अ.व.व.) िी इस हहिभते अभरी से कफ़तनाए अज़ीभ िा सद्दे फाफ हो गमा।

(तायीऽ अफुर कफ़दा, ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 26 वा मा़ूफी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 14)

जनाफे खदीजा (.व.व.अ.ि) के िाथ आऩकी िादी खाना आफादी

जफ आऩिी उम्र 25 सार िी हुई औय आऩिे हुस्ने सीयत, आऩिी यास्त फाज़ी

(सत्मता) औय दमानत िी आभ शोहयत हो गई औय आऩिो साहद़ औय अभीन

िा खखताफ
ु़ हदमा जा चि
ु ा तो जनाफे ऽदीजा (स.अ.व.व.) बफन्ते ऽुवेरद ने जो

फहुत ही ऩािीज़ा नफ़्स, ऽुश इऽरा़ औय ऽानदाने ़ुयै श भें सफ से ज़्मादा दौरत

भन्द थीॊ ऐसे हार भें अऩनी शादी िा ऩैााभ ऩहुॉचामा जफ कि उनिी उम्र 40 सार

िी थी। शादी िा ऩैााभ भॊज़यू हुआ औय हज़यत अफू तालरफ (अ.स.) ने ननिाह

ऩढ़ा। (तरऽीस सीयतून नफी अल्राभा लशब्री ऩष्ृ ठ 99 राहौय 1965 ई0) भव
ु ये ऽीन इब्ने

35
वाज़ेह अरभतूफ़ी 292 ई0 िा फमान है कि हज़यत अफू तालरफ ने जो ऽुतफा ए

ननिाह ऩढ़ा था उसिी शरू


ु आत इस तयह थी।

अरहम्दो लरल्राहहर रज़ी जाअल्ना लभन ज़या इब्राहीभ व ज़रु यक मते इस्भाईर

तभाभ तायीफ़ें उस एि ऽुदा िे लरमे हैं ज़जसने हभें नस्रे इब्राहीभ औय ज़ुरयक मते

इस्भाईर से ़याय हदमा है । (अर मा़ूफी ज़जल्द दो ऩष्ृ ठ 16 भुहद्रत नजफ़े अशयफ़)

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि हज़यत ऽदीजा (स.अ.व.व.) िा भहय 12 औॊस सोना

औय 25 ऊॉट भ़
ु यक य हुआ ज़जसे हज़यत अफू तालरफ ने उसे सभम अदा िय हदमा।

ु रभानाने आरभ ऩष्ृ ठ 38 प्रिालशत राहौय) तवायीऽ भें


(भस है कि जनाफे ऽदीजा

(स.अ.व.व.) िी तयफ़ से अक़्द ऩढ़ने वारे उनिे चचा अम्र बफन असद औय हज़यते

यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) िी तयफ़ से हज़यत अफू तालरफ (अ.स.) थे। (तायीऽे इस्राभ

ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 87 भुहद्रत राहौय 1962 ई0)

एि यवामत भें है कि शादी िे सभम जनाफे ऽदीजा फािया थीॊ, मह वाक़मा

ननिाह 595 ई0 िा है । भन
ु ाक़फ इब्ने शहये आशोफ भें है कि यसर
ू े ऽुदा

(स.अ.व.व.) िे साथ ऽदीजा िा मह ऩहरा अक़्द था। सीयते इब्ने हशशाभ ज़जल्द

1 ऩष्ृ ठ 119 भें है जफ ति ऽदीजा ज़ज़न्दा यहीॊ यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) ने िोई

अक़्द नहीॊ किमा।

36
कोहे हहरा में आॊ हज़रत (.व.व.अ.ि) की इफादत गज़
ु ारी

तायीऽ भें है कि आऩने 38 सार िी उम्र भें (िोहे हहया) ज़जसे जफरे सौय बी

िहते हैं िो अऩनी इफादत गुज़ायी िी भॊज़ज़र ़याय हदमा औय उसिे एि ााय भें

फैठ िय ज़जसिी रम्फाई 4 हाथ औय चौढ़ाई डेढ़ हाथ थी इफादत ियते औय ऽाना

ए िाफा िो दे ख िय रज़्ज़त भहसस


ू ियते थे। मू तो दो दो, चाय चाय शफाना योज़

वहाॊ यहा ियते थे रेकिन भाहे यभज़ान साये िा साया वहीॊ गुज़ायते थे।

आऩकी फेअित

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) इसी आरभे तनहाई भें

भशार
ू े इफादत थे कि आऩिे िानों भें आवाज़ आई मा भोहम्भद (स.अ.व.व.)

आऩने इधय उधय दे खा िोई हदखाई न हदमा, कपय आवाज़ आई कपय आऩने इधय

उधय दे खा, नागाह आऩिी नज़य एि नयू ानी भऽऱ


ू ऩय ऩड़ी वह जनाफे ज़जब्राईर

थे उन्होंने िहा इ़या ऩढ़ो, हुज़यू ने इयशाद फ़यभामा भाइ़या क्मा ऩढ़ूॊ? उन्होनें

अज़क िी इ़या फइस्भे यब्फेिर रज़ी ऽऱ कपय आऩने सफ िुछ ऩढ़ हदमा क्मो

कि आऩिो इल्भें ़ुयआन ऩहरे से हालसर था। ज़जब्राईर (अ.स.) िे इस तहयी़े

इ़या िा भ़सद मह था कि नज़


ु ूरे ़ुयआन िी इब्तेदा हो जाए। उस वक़्त

आऩिी उम्र 40 सार 1 हदन िी थी। उसिे फाद ज़जब्राईर ने वज़ू औय नभाज़ िी

तयफ़ इशाया किमा व अयिात िी तादाद िी तयफ़ बी हुज़ूय िो भत


ु वज्जे किमा

37
चन
ु ान्चे हुज़ूये आरा ने वज़ू किमा औय नभाज़ ऩढ़ी आऩने सफ से ऩहरे जो नभाज़

ऩढ़ी वह ज़ोहय िी थी। कपय हज़यत वहाॊ से अऩने घय तशयीफ़ रामे औय

ऽदीजातर
ु िुफया औय अरी बफन अफी तालरफ से वाक़मा फमान फ़यभामा। इन

दोनों ने इज़हाये ईभान किमा औय नभाज़े अस्र इन दोनों ने फ जभाअत अदा िी।

मह इस्राभ िी ऩहरी नभाज़े जभाअत थी ज़जसभें यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) इभाभ

औय ऽदीजा (स.अ.व.व.) औय अरी (अ.स.) भासभ


ू थे। आऩ दयजाए नफव
ू त ऩय

फदोकफ़तयत ही से फ़ामज़ थे। 27 यजफ िो भफऊसे रयसारत हुए। (हमातूर िुर


ु़ ूफ,

किताफ अरभन ु दनु नमा) इसी तायीऽ िे नज़


ु त़ा, भवाहहफर ु रू े ़ुयआन िी इब्तेदा हुई।

हालशमा हज़यत अरी बफन अफी तालरफ िे साफेिुर


ु़ इस्राभ होने िे फाये भें

इतनी ज़्मा यवामत व शवाहहद भौजूद है कि अगय उन्हें जभा किमा जाम तो एि

किताफ फन सिती है । हज़यते यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) ने खुद इसिी तसदी़

फ़यभाई है चन
ु ान्चे दाय ़त्नी ने अफू सईद हजयी से इभाभ अहभद ने हज़यत उभय

से हाकिभ ने भाअज़ से अक़्री ने हज़यत आमशा से यवामत िी है कि हज़यत

यसर
ू े ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) ने अऩनी ज़फाने भफ
ु ायि से इयशाद फ़यभामा है कि भझ

ऩय ईभान राने वारों भें सफ से ऩहरे अरी (अ.स.) हैं। हज़यत अरी (अ.स.) खुद

इयशाद फ़यभाते हैं :-

‫سبقتکم الی االسالم طفال صغيرا ما بلغت او ان حلم ی‬


भैंने तुभ सफ से ऩहरे इस्राभ िी तयफ़ फढ़ िय उसिा ऽैय भ़दभ किमा है ।

मह वाक़मा है उस वक़्त िा जफ कि भैं फालरा बी न हुआ था। शैऽ अर इस्राभ

38
हाकफ़ज़ इब्ने हजय असिरानी, तियीफ अर तहज़ीफ भहु द्रत दे हरी िे ऩष्ृ ठ 84 ऩय

िुछ अ़वार लरखने िे फाद लरखते हैं अरभयजाअनहा अव्वरीन असरभ तयजीह

उसी िो है कि आऩने सफ से ऩहरे इस्राभ ज़ाहहय किमा। अल्राभा अब्दर


ु यहभान

इब्ने ऽल्दन
ू लरखते हैं कि हज़यत ऽदीजा िे फाद हज़यत अरी इब्ने अफी तालरफ

ईभान रामे। (तायीऽ इब्ने ऽल्दन


ू ऩष्ृ ठ 295 भुहद्रत राहौय) भव
ु यीऽ अफर
ु कफ़दा लरखते

हैं कि जनाफे ऽदीजा िे अव्वर ईभान राने भें औय भस


ु रभान होने भें किसी िो

इख़्तेराफ़ नहीॊ, भगय इज़ख़्तराफ़ उनिे फाद भें है कि फीफी ऽदीजा (स.अ.व.व.) िे

फाद िौन ऩहरे ईभान रामा। साहे फे सीयत औय फहुत से अहरे इल्भ फमान ियते

हैं कि भदों भे सफ से ऩहरे हज़यत अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) 9, 10 मा 11

फयस िी उम्र भें सफ से ऩहरे भस


ु रभान हुए। अफ़ी़ िन्दी िी यवामत से बी

इसी िी तस्दी़ होती है ज़जसभें उन्होंने चशभदीद गवाह िी है लसमत से वज़ाहत

िी है कि भैंने यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) िो नभाज़ ऩढ़ते हुए फेअसत िे फ़ौयन फाद

इस आरभ भें दे खा कि उनिे ऩीछे जनाफे ऽदीजा औय हज़यत अरी (अ.स.) खड़े

थे उस वक़्त िोई ईभान न रामा था। इस यवामत िो अल्राभा बफन अब्दर


जज़यी ़यतफी ने इस्तेमाफ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 225 भहु द्रत है दयाफाद दिन भें अल्राभा

इब्ने असीय जयज़ी ने असद उरााफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 414 भहु द्रत लभस्र भें अल्राभा

इब्ने जयीय तफयी ने तायीऽे ़दीय ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 212 भहु द्रत लभस्र भें अल्राभा

इब्ने असीय ने तायीऽे िालभर ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 20 भें दजक किमा है ।

39
साहे फे तफ़यीह अर अज़किमा ने सफीहतुर भहकफ़र से नक़्र किमा है कि

दोशम्फे िो यसर
ू े ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) भफऊसे रयसारत हुए हैं औय उसी हदन आखखये
ु़

वक़्त हज़ु़यत अरी (अ.स.) भश


ु यक फ़ फा इस्राभ हुए हैं। मही िुछ यौज़तर
ु अहफाफ

ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 83 भें बी है । अल्राभा अब्दर


ु फय ने दावा किमा है कि बफर

इत्तेफ़ा़ साबफत है कि ऽदीजा िे फाद सफ से ऩहरे हज़यत अरी (अ.स.) भश


ु यक फ़ फ

इस्राभ हुए हैं। अल्राभा इ़फार िहते है ।

भज़ु स्रभ अव्वर शहे भदाकने अरी -- इश़् या सयभामाए ईभाने अरी

वाज़े हो कि हज़यत अरी (अ.स.) अज़र से ही भस


ु रभान औय भोलभन थे, उनिे

लरमे इस्राभ राने िा जुम्रा भन


ु ालसफ नहीॊ है रेहाज़ा जहाॊ िहीॊ बी तायीऽ भें

उनिे फाये भें इस्राभ मा ईभान राने िा जुम्रा है इससे इज़हाये इस्राभ वा ईभान

सभझना चाहहए।

दावते ज़ुऱ अिीरा का वाक़ेया और ऐऱाने ररिाऱत व वज़ारत

फेअसत िे फाद आऩने तीन सार ति ननहामत याज़दायी औय ऩोशीदगी िे साथ

फ़यामज़ िी अदामगी फ़यभामी इसिे फाद खुरे फन्दों तफरीा िा हुक्भ आ गमा।

फ़सद अफेभह तोभय तो हुक्भ हदमा गमा है उसिी तिभीर ियो। भैं इस भ़ाभ

ऩय तायीऽ अफर
ु कफ़दा िे इश़् तयजभ
ु ा िी रफ़्ज़ फ रफ़्ज़ इफायत ऩर ियता

40
हूॉ ज़जसे भौराना ियीभ उद्दीन हनफ़ी इॊस्ऩेक्टय भद्रास ऩॊजाफ ने 1846 ई0 भें

किमा था।

वाज़े हो िे तीन फयस ति ऩैाम्फये ऽद


ु ा (स.अ.व.व.) दावते तयफ़े इस्राभ

ऽुकफ़मा ियते यहे भगय जफ कि मह आमत नाज़ज़र हुई वा अनज़य अशीयते़र

अ़यफैन मानी डया अऩने िुन्फे वारों िो जो ़यीफ रयश्ते िे हैं। इस वक़्त हज़यत

ने फभज़ु जफ हुक्भे ऽुदा िे इज़हाय ियना दावत िा शरू


ु किमा। फाद नाज़ज़र होने

इस आमत िे ऩैाम्फये ऽुदा (स.अ.व.व.) ने अरी से इयशाद किमा कि ऐ अरी एि

ऩैभाना खाने िा भेये वास्ते तैमाय िय औय एि फियी िा ऩैय उस ऩय छुआ रे

औय एि फड़ा िासा दध
ू िा भेये वास्ते रा औय अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िी औराद िो भेये

ऩास फर
ु ा िय रा ताकि भैं उससे िराभ िरूॊ औय सन
ु ाऊॉ उनिो वह हुक्भ ज़जस

ऩय जनाफे फायी से भाभयु हुआ हूॉ चन


ु ान्चे हज़यत अरी (अ.स.) ने वह खाना एि

ऩैभाना फाभोज़जफ हुक्भ तैमाय ियिे औरादे अब्दर


ु भत्त
ु लरफ िो जो ियीफ 40

आदभी िे थे फर
ु ामा, उन आदलभमों भें हज़यत िे चचा अफु तालरफ, हज़यते हभज़ा

औय हज़यते अब्फास बी थे। उस वक़्त हज़यत अरी ने वह खाना जो तैमाय किमा

था रा िय हाज़ज़य किमा। सफ खा ऩी िय सेय हो गमे। हज़यत अरी ने इयशाद

किमा कि जो खाना इन सफ आदलभमों ने खामा है वह एि आदलभमों िी बख


ू िे

लरमे िाफ़ी था। इसी दौयान हज़यत चाहते थे कि िुछ िहूॉ कि अफू रहफ जल्दी

फोर उठा औय मह िहा कि भोहम्भद ने फड़ा जाद ू किमा है । मह सन


ु ते ही तभाभ

41
आदभी अरग अरग हो गमे थे, चरे गमे। ऩैाम्फये ऽुद िुछ िहने न ऩामे थे मह

हार दे ख िय जनाफे रयसारत भाअफ (स.अ.व.व.) ने इयशाद किमा कि ऐ अरी

दे खा तन
ू े उस शख़्स ने िैसी सफ़त िी, भझ
ु िो फोरने ही न हदमा। अफ कपय

िर िो तैमाय िय जैसा कि आज किमा था औय कपय उनिो फर


ु ा िय जभा िय।

चन
ु ान्चे हज़यत अरी (अ.स.) ने दस
ू ये योज़ कपय भव
ु ाकफ़़े आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)

खाना तैमाय िय िे सफ रोगों िो जभा किमा। जफ वह खाने से फ़याात ऩा चि


ु े

उस वक़्त यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) ने इयशाद किमा कि तुभ रोगों िी फहुत

अच्छी क़स्भत औय नसीफ है क्मों कि ऐसी चीज़ भैं अल्राह िी तयफ़ से रामा हूॉ

कि उससे तुभ िो फ़जीरत


ु़ हालसर होती है औय रे आमा हूॉ तुम्हाये ऩास दनु नमा

औय आऽेयत भें अच्छा। ऽुदा ताअरा ने भझ


ु िो तुम्हायी हहदामत िा हुक्भ

फ़यभामा है । िोई शख़्स तुभ भें से इस अम्र िा इक़्तेदा िय िे भेया बाई, वसी

औय ऽरीफ़ा फनना चाहता है, इस वक़्त सफ भौजूद थे औय हज़यत ऩय एि हुजूभ

था औय हज़यत अरी ने अज़क किमा कि मा यसर


ू अल्राह (स.अ.व.व.) भैं आऩिे

दश्ु भनों िो नैज़ा भारूॉगा औय उनिी आॉखें पोड़ दॉ ग


ू ा, ऩेट चीरूॊगा औय टाॊगें िाटूगाॊ

औय आऩिा वज़ीय हूॊगा। हज़यत (स.अ.व.व.) ने उस वक़्त हज़यत अरी ए भत


ु ज़
क ा

िी गयदन ऩय हाथ भफ
ु ायि यख िय इयशाद फ़यभामा कि मह भेया बाई है औय

भेया वसी है औय भेया ऽरीफ़ा है तुम्हाये फीच इसिी सन


ु ो औय इताअत ़ुफर

ियो। मह सन
ु िय सफ ़ौभ िे रोग भज़ा़ भें हॊ स िय खड़े हो गमे औय अफू

42
तालरफ से िहने रगे कि अऩने फेटे िी फात सन
ु औय इताअत िय मह तुझे हुक्भ

हुआ है । (अल्ऽ ऩष्ृ ठ 33 से 36 भहु द्रत राहौय)

मव
ु ररा ख अफऱ
ु फ़फदा मतूफी 732 हहजरी की तहरीर ऩर मेरा वज़ाहत नोट

आमए अनज़ेया अशीयतेिर अ़यफैन िे नज़


ु ूर िी तफ़सीर हज़यत अरी (अ.स.)

िी खखराफ़त
ु़ बफरा फ़सर िी फनु नमाद ़ाएभ ियती है । इस ऩय अभरे यसर
ू फ़ेरे

यसर
ू (स.अ.व.व.) औय ़ौरे यसर
ू (स.अ.व.व.) ने साबफत िय हदमा कि हज़यत

अरी (अ.स.) ही यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िे ऽरीफ़ा ए अव्वर औय ऽरीफ़ा ए

बफरा फ़स्र हैं उन्हीॊ िो उन्होंने अऩना जाॊ नशीन फनामा था ज़जसिी ज़जसिी

तजदीद अऩनी ज़ज़न्दगी िे भऽ


ु तलरफ़ अदवाय भें फ़यभाते यहे महाॊ ति कि नस्से

सयीह आमा ए मा अमोहर यसर


ू फज़ल्रा भा उनज़ेरा एरैिा लभन यब्फि िे ज़रयमे

से ादीये ऽुभ भें हजजे आखखय


ु़ िे भौ़े ऩय आऽयी ऐरान फ़यभामा औय वाज़े िय

हदमा कि भेये फाद अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) ही भेये जानशीन औय ऽरीफ़ा

हैं।

भव
ु रयक ऽ अफू अर कफ़दा ने इस्राभ िी इस ऩहरी औय फनु नमादी दावते तफरीा

िी भन
ु ालसफ वज़ाहत फ़यभा दी है औय साफ़ रफ़्ज़ों भें वाज़े िय हदमा कि हज़यत

यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) ने हज़यत अरी (अ.स.) िो अऩना जानशीन औय ऽरीफ़ा

इसी फनु नमादी दावत िे भौ़े ऩय फना हदमा था औय रोगों िो हुक्भ दे हदमा था

43
कि फ़ इसभऊ इरहे व अतीमहू इनिी फात िान धय िय सन
ु ो औय इनिी इताअत

ियो।

िुछ िभो फेश रफ़्ज़ों िे साथ मह वा़ेमा तायीऽ तफयी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 217

तायीऽ िालभर बफन असीय ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 122 रफ


ु ाफ अरतावीर ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ

106 भआ
ु लरभत
ु तनज़ीर फय हलशमा ऽाज़ज़न ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 105 ऽसाएस ननसाई

ऩष्ृ ठ 13, भसनद अहभद बफन हभफर ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 360, िनज़ुर भार ज़जल्द 6

ऩष्ृ ठ 397, सीयते इब्ने इसहा़, तफ़सीय इब्ने हानतभ, दराएर फहीिी, भन
ु ाक़फ

इभाभे अहभद, भस
ु ज़न्नफ़ अफू फिय इब्ने अफी शफीता, तायीऽे ऽभीस, तफ़सीय

इब्ने भयदम
ू ा, तफ़सीय लसयाजे भन
ु ीय, तफ़सीय लशफरी, तफ़सीये वाहे दी, हुरमतुर

औलरमा, ज़ऽीयतुर आभार अजरी, भख़्


ु ताये ज़ज़मा भ़
ु दसी, तहज़ीफ अर आसाय

नतफयी, इितेफ़ा आसभी, यौज़तुर अरसफ़ा, हफीफ अरसैय, भआरयज अर नफअ


ू ता

भदारयज अर नफअ
ू ता अज़ारतुर ऽफ़ा तायीऽे इस्राभ अब्दर
ु हिीभ नशतय ज़जल्द

1 ऩष्ृ ठ 44 वाैया भें भौजद


ू है । इन इसराभी किताफों िे अरावा इसिा तज़किया

अहरे कपयगॊ िी तसनीफ़ात भें बी है । भर


ु ाहे ज़ा हो अऩारोजी जान डीवन ऩोस्ट

ऩष्ृ ठ 5, िायरामर ऩष्ृ ठ 61 ऽुल्फ़ा भोहम्भद एमयववॊग ऩष्ृ ठ 3 तायीऽे गगफन

ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 499, ओिरी ऩष्ृ ठ 15।

दावते ज़ुर अशीया िे लसरलसरे भें मह अभय ़ाबफरे ज़ज़क्र है कि इस अहभ

वा़ेए िा ज़ज़क्र इभाभ फऽ


ु ायी ने अऩनी सही भें नहीॊ किमा ज़जससे उनिी

44
ज़ेहननमत िा ऩता चरता है नीज़ मह कि जयभन भें जो तायीऽे तफयी छऩी है

इसिी ज़जल्द 9 ऩष्ृ ठ 68 भें वसी व ऽरीफ़ती िे फजाम िज़ा व िज़ा दयज है

ज़जससे अहरे लभस्र िी तहयीफ़ी जद्दो जेहद िा अन्दाज़ा रगामा जा सिता है,

वाज़े हो कि दावते ज़ुर अशीया िा वा़ेमा 4 फेअसत िा है ।

हहजरते हब्िा 5 फेअित

ऐराने नफव
ू त िे फाद अयफ िी ज़भीन औय अयफ िे आसभान मानी अऩने

ऩयामे सफ दश्ु भन हो गमे। उन दश्ु भनों भें अफू सकु फ़मान, अफू जेहर औय अफू रहफ

ऽास थे। उन रोगों ने आऩ ऩय गॊदगी डारना औय आऩिो जादग


ू य औय भजनन

(ऩागर) िह िय सताना अऩना तयी़ा फना लरमा था। फाज़ भव


ु ये ऽीन िा िहना है

कि दश्ु भनों ने एि दफ़ा िम्फर उढ़ा िय भाय डारने िा इयादा िय लरमा था। इस

तयह िे भसाएफ औय ज़ल्


ु भ से जफ आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) औय आऩिे ऩैयव

ऩये शान हुए औय आऩने भहसस


ू िय लरमा कि भस
ु रभान िी है लसमत से भक्िे भें

ज़ज़न्दगी िे हदन गुज़ायना भज़ु श्िर है तो हहजयते हब्शा िा फ़ैसरा िय िे अऩने

असहाफ िो हहिभत िा हुक्भ हदमा चन


ु ान्चे 5 फेअसत भें 100 सौ भदक, औयतों ने

हहजयत िी औय हफश ऩहुॊच गमे। हफश िा फादशाह नजाशी (1) था जो नस्तूयी

कफ़य़े िा ईसाई था। उसने इन रोगों िी आओ बगत िी औय इनिा ऽैय भ़दभ

45
किमा भगय दश्ु भनों ने वहाॊ ऩहुॉच िय िोलशश िी कि मह रोग ठहयने न ऩाएॊ

रेकिन वह िाभमाफ न हुमे।

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि इन हहजयत ियने वारों भें जाफ़ये तय्माय बी थे जो

उनभें सयफयाह िी है लसमत यखते थे। मह रोग 7 हहजयी ति वहीॊ ़माभ ियते यहे

औय फ़तेह ऽैफय िे भौ़े ऩय वाऩस आमे, उनिी वाऩसी ऩय यसर


ू े ियीभ

(स.अ.व.व.) ने फ़यभामा था कि भैं है यान हूॉ कि दो ऽुलशमों भें से किस िो तयजीह

दॉ ।ू भैं फ़तेह ऽैफय िी ऽुशी िो अहभ सभझॊू मा जाफ़ये तय्माय वाैया िी वाऩसी

िो अहलभमत दॊ ।ू

अर ायज़ हहजयते हब्शा िे लसरलसरे भें िुफ़्फ़ाये भक्िा िो जफ भारभ


ू हुआ

कि महाॊ िे वह फालशन्दे जो भस
ु रभान होते हैं चऩ
ु िे से हफशा चरे जाते हैं औय

वहाॊ आयाभ से फसय ियते हैं तो उनिी दश्ु भनी औय ज़ज़द व ़द औय फढ़ गमी

औय उन्होंने फायवामते इब्ने असीय अब्दल्


ु राह बफन उभय्मा िो उभये आस (2) िे

साथ नजाशी औय अयािीने सरतनत िे वास्ते हहदमा व तहामफ़ यवाना किमा, इन

दोनों ने हफशा ऩहुॉच िय नजाशी िो भख़्


ु तलरफ़ तयी़ों से बड़िाना चाहा भग यवह

न बड़िा औय भस
ु रभानों िी हहभामत ियता यहा आखखयिाय
ु़ मह रोग ऽामफ व

ऽालसय वाऩस आमे।

46
हज़रते रिऱ
ू े करीम (.व.व.अ.ि) दारूऱ अरक़म में 6 फेअित

भव
ु रयक ऽ ज़ाकिय हुसन
ै फा हवारा सीयत इब्ने हश्शाभ िहते हैं कि जफ भस
ु रभान

हफशा िी तयफ़ भहाजेयत िय गमे तो बी यसर


ू अल्राह (स.अ.व.व.) फयाफय वाअज़

फ़यभाते यहे औय नमे नमे रोग दीने इस्राभ भें दाखखर


ु़ होते यहे , िुफ़्फ़ाय ने मह

दे ख िय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो औय ज़्मादा सताना शरू


ु िय हदमा नाचाय आॊ

हज़यत (स.अ.व.व.) अऩने फचे हुमे असहाफ िो साथ रे िय अय़भ बफन अफी

अय़भ बफन अब्दे भनाफ़ बफन असद िे भिान भें एि भहीने ति यहे । मह भिान

िोहे ऩष्ृ ठ िे ऊऩय वा़े था। आऩ वहाॊ रोगों िो इस्राभ िी तयफ़ दावत दे ते थे।

(तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 52)

हज़रत रिूऱे करीम (ि.अ.व.व.) िोएफे अफी तासऱफ में (मोहरा म 7

फेअित)

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि जफ िुफ़्फ़ाये ़ुयै श ने दे खा कि इस्राभ योज़ फ योज़

तयक़़्ी ियता चरा जा यहा है तो फहुत ऩये शान हुमे। ऩहरे तो िुछ ़ुयै श दश्ु भन

थे अफ सफ िे सफ भऽ
ु ालरफ़ हो गमे औय फा यवामते इब्ने हश्शाभ व इब्ने असीय

व तफयी, अफू जेहर बफन हश्शाभ, शेफा अतफा बफन यबफमा, नसय बफन हारयस, आस

बफन वाएर औय अ़फा बफन अफी भई


ू त एि गगयोह िे साथ यसर
ू े ऽुदा

(स.अ.व.व.) िे ़त्र ऩय िभय फाॊध िय हज़यत अफू तालरफ िे ऩास आमे औय

47
साफ़ रफ़्ज़ों भें िहा कि भोहम्भद ने एि नमे भज़हफ िी शरू
ु आत िी है औय

हभाये ऽद
ु ाओॊ िो हभेशा फयु ा बरा िहा ियते हैं लरहाज़ा उन्हें हभाये हवारे िय दो,

हभ उन्हें ़त्र िय दें मा कपय आभादा फ जॊग हो जाओ। हज़यत अफू तालरफ ने

उन्हें उस वक़्त टार हदमा औय वह रोग वाऩस चरे गमे औय यसर


ू े ियीभ

(स.अ.व.व.) अऩना िाभ फयाफय ियते यहे । िुछ हदनों िे फाद दश्ु भन कपय आमे

औय उन्होंने आ िय लशिामत िी औय हज़यत िे ़त्र ऩय ज़ोय हदमा। हज़यत अफू

तालरफ ने आॊ हज़यत से वाक़मा फमान किमा, उन्होंने फ़यभामा कि ऐ चचा भैं जो

िहता हूॉ िहता यहूॉगा भैं किसी िी धभिी से डय नहीॊ सिता औय न भैं किसी

रारच भें पॊस सिता हूॉ। अगय भेये एि हाथ ऩय आफ़ताफ औय दस


ू ये ऩय भहताफ

यख हदमा जामे तफ बी भैं अल्राह िे हुक्भ िो ऩहुॉचाने भें न रूिूगाॊ। भैं जो ियता

हूॉ अल्राह िे हुक्भ से ियता हूॉ वह भेया भह


ु ाकफ़ज़ है । मह सन
ु िय हज़यत अफू

तालरफ ने फ़यभामा कि फेटा तुभ जो ियते हो ियते यहो भैं जफ ति ज़ज़न्दा हूॉ

तम्
ु हायी तयफ़ िोई नज़य उठा िय नहीॊ दे ख सिता। िुछ सभम िे फाद फा यवामत

इब्ने हश्शाभ व इब्ने असीय िुफ़्फ़ाय ने अफू तालरफ (अ.स.) से िहा कि तभ


ु अऩने

बतीजे िो हभाये हवारे िय दो हभ उसे ़त्र िय दें औय उसिे फदरे भें एि

नवजवान हभ से फनी भऽजूभ भें से रे रो। हज़यत अफू तालरफ ने फ़यभामा कि

तुभ फेविूफ़ी िी फातें ियते हो, मह िबी नहीॊ हो सिता। मह क्मो िय भज़ु म्िन है

कि तुम्हाये रड़िे िो रे िय उसिी ऩयवरयश िरूॊ औय हभाये फेटे िो रे िय ़त्र

48
िय दो। मह सन
ु िय उनिा ास्
ु सा औय फढ़ गमा औय उनिो सताने ऩय बयऩयू

तर
ु गमे। हज़यत अफू तालरफ (अ.स.) ने उसिे यद्दे अभर भें फनी हालशभ औय

फनी भत्त
ु लरफ से भदद चाही औय दश्ु भनों से िहरा बेजा कि िाफा व हयभ िी

़सभ अगय भोहम्भद (स.अ.व.व.) िे ऩाॊव भें िाॊटा बी चब


ु ा तो भैं सफ िो ़त्र

िय दग
ू ाॊ। हज़यत अफू तालरफ िे इस िहने ऩय दश्ु भनों िे हदरों भें आग रग गई

औय वह आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे ़त्र ऩय ऩयू ी ता़त से तैय्माय हो गमे।

हज़यत अफू तालरफ ने जफ आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी जान िो ाैय भहफ़ूज़

दे खा तो फ़ौयत उन रोगों िो रेिय ज़जन्होंने हहभामत िा वामदा किमा था ज़जनिी

तादाद फयवामते हमातुर ़ुरफ


ू चारीस थी, भोहयक भ 7 फेअसत भें शोएफे अफू

तालरफ िे अन्दय चरे गमे औय उसिे ऐतयाफ़ िो भहफ़ूज़ िय हदमा।

िुफ़्फ़ाये ़ुयै श ने अफू तालरफ िे इस अभर से भत


ु ाअज़स्सय हो िय एि अहद

नाभा भयु त्तफ किमा ज़जसभें फनी हालशभ औय फनी भत्त


ु लरफ से भि
ु म्भर फाईिाट

िा फ़ैसरा था। तफयी भें है कि इस अहद नाभे िो भन्सयू बफन अियभा बफन

हालशभ ने लरखा था ज़जसिे फाद ही उसिा हाथ शर (फेिाय) हो गमा था।

तवायीऽ भें है कि शोएफ िा दश्ु भनों ने चायों तयफ़ से बयऩयू नघयाव िय लरमा

था औय उनिो भि
ु म्भर ़ैद िय हदमा था इस ़ैद ने अहरे शोएफ ऩय फड़ी

भलु सफतें डारीॊ, ज़जसभानी औय रूहानी तिरीफ़ िे अरावा रयज़़् िी तॊगी ने उन्हें

तफाही िे किनाये ऩय ऩहुॉचा हदमा औय नौफत महाॊ ति ऩहुॉची कि वह दीॊदाय (धभक

49
ऩारि) ऩेड़ों िे ऩत्ते खाने रगे। नाते िुनफे वारे अगयचे चोयी छुऩे िुछ खाने ऩीने

िी चीज़ें ऩहुचा दे ते औय उन्हें भारभ


ू हो जाता तो सख़्त सज़ाऐॊ दे ते। इसी हारत

भें तीन सार गज़


ु य गमे। एि यवामत भें है कि जफ अहरे शोएफ िे फच्चे बख
ू से

फेचन
ै हो िय चीखते औय गचल्राते थे तो ऩड़ोलसमों िी नीॊद हयाभ हो जाती थी।

इस हारत भें बी आऩ ऩय वही नाज़ज़र होती यही औय हुज़ूय िाये रयसारत अॊजाभ

दे ते यहे ।

तीन सार िे फाद हश्शाभ बफन उभय बफन हयस िे हदर भें मह ख़्मार आमा कि

हभ औय हभाये फच्चे खाते ऩीते औय ऐश ियते हैं औय फनी हालशभ औय उनिे

फच्चे बख
ू े यह यहे हैं, मह ठीि नहीॊ है । कपय उसने औय िुछ आदलभमों िो हभ

ख़्मार फना िय ़ुयै श िे जरसे भें इस सवार िो उठामा अफू जहर औय उसिी

फीवी उम्भे जभीर ज़जसे फ ज़फाने ़ुयआन हहभा रतर हतफ िहा जाता है ने

ववयोध (भऽ
ु ारेफ़त) किमा रेकिन अवाभ िे हदर ऩसीज उठे । इसी दौयान भें हज़यत

अफू तालरफ आ गमे औय उन्होंने िहा कि भोहम्भद (स.अ.व.व.) ने फतामा है कि

तभ
ु ने जो अहद नाभा लरखा है उसे दीभि खा गई है औय िागज़ िे उस हहस्से िे

लसवा ज़जस ऩय अल्राह िा नाभ है सफ ऽत्भ हो गमा है । ऐ ़ुयै श फस ज़ुल्भ िी

हद हो गई, तुभ अऩने अहद नाभे िो दे खो अगय भोहम्भद िा िहना सच हो तो

इन्साफ़ ियो औय अगय झठ


ू हो तो जो चाहे ियो।

50
हज़यत अफू तालरफ िे इस िहने ऩय अहद नाभा भॊगवामा गमा औय हज़यत

यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िा इयशाद इसिे फाये भें बफल्िुर सच साबफत हुआ

ज़जसिे फाद ़ुयै श शलभकन्दा हो गमे औय शोएफ िा नघयाव टूट गमा। उसिे फाद

हश्शाभ बफन उभय बफन हयस औय उसिे चाय साथी, ज़ुफयै बफन अफी, उभय्मा

भख़्ज़ूभी औय भत
ु अभ बफन अदी, अफर
ु फख़्तयी बफन हश्शाभ, ज़भाअ बफन असवद

बफन अर भत्त
ु लरफ बफन असद शोएफे अफू तालरफ भें गमे औय उन तभाभ रोगों िो
ु़
जो उसभें ़ैद थे उनिे घयों भें ऩहुॉचा हदमा। (तायीऽे तफयी, तायीखे िालभर, यौज़तुर

अहफाफ) भव
ु रयक ऽ इब्ने वाज़े ज़जनिा दे हाॊत 292 भें हुआ िा फमान है कि इस घटना

िे फाद अस्रभ मू भज़स्ज़हदन ऽऱ लभनन नास अज़ीभ फहुत से िाकफ़य

भस
ु रभान हो गमे। (अर मा़ूफी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 25 भुहद्रत नजफ़ 1384 हहजयी)

रूलभमों िी हाय ऩय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी िाभमाफ ऩेशीन गोई (8 फेअसत)

भव
ु ये ऽीन लरखते हैं कि 8 फेअसत भें ईयाननमों ने रूलभमों िो हया हदमा औय

चॊकू ि ईयानी आनतश ऩयस्त औय रूभी ईसाई अहरे किताफ थे इस लरमे िुफ़्फ़ाये

भक्िा िो इस वाक़मे से ऽुशी हुई औय भस


ु रभानों िो दख
ु हुआ। भस
ु रभानों िे

दख
ु िो हज़यत यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) ने अऩनी तसल्री से दयू किमा औय

उनसे फतौय ऩेशीन गोई फ़यभामा कि घफयाओ नहीॊ 3 औय 9 सार िे दयलभमान

रूभी ईयाननमों िो लशिस्त दे िय िाभमाफ हो जामेगें चन


ु ान्चे ऐसा ही हुआ 9

51
फेअसत गुज़यने से ऩहरे रूभी ईयाननमों ऩय ाालरफ आमे इस ऩेशीन गोई िा ज़ज़क्र

़ुयाने भजीद भें भौजद


ू है । भेये नज़दीि इस ऩेशीन गोई िी सेहत ने ह़ी़ते

़ुयान औय ह़ी़ते रयसारत िो उजागय िय हदमा है ।

गगफन औय दीगय ईसाई भव


ु ये ऽीन ने लरखा है कि वह रड़ाई ज़जसभें ईयाननमों ने

फ़तेह ऩाई थी 611 ई0 से 617 ई0 ति जायी यही औय ज़जसभें रूलभमों ने फ़तेह

ऩाई वह 622 ई0 से 628 ई0 ति यही। ईयाननमों ने 617 ई0 ति तभाभ एलशमाई

िोचि औय लभस्र फ़तेह िय लरमा था औय िुसतुनतुननमा से एि भीर िी दयू ी ऩय

ऩड़ाव डार हदमा था औय आगे फढ़ने िा ईयादा िय यहे थे लसफ़क अफनाए फ़ास़यस

हद्दे फ़ालसर था भगय 623 ई0 भें रूलभमों ने ईयाननमों िो बायी लशिस्त दे िय

अऩने इरा़े वावऩस रेने शरू


ु िय हदमे।

तायीऽे तफयी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 360 भें है कि इस घटना िे सम्फन्ध भें ़ुयान भें

रफ़ज़ फज़ा सनीन आमा है ज़जसिे भानी दस िे हैं मानन फ़तेह दस सार िे

अन्दय होगी चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ।

आऩका मोजजज़ा ए िक़ उऱ क़मर 9 फेअित

इब्ने अब्फास इब्ने भसद


ू अनस बफन भालरि हुज़ैफ़ा बफन उभय ज़जब्फीय बफन

भत
ु अभ िा फमान है कि श़ उर ़भय िा भोज़जज़ा िोहे अफू ़ुफैस ऩय ज़ाहहय

हुआ था जफ कि अफू जेहर ने फहुत से महूदीमों िो हभयाह रा िय हज़यत से चाॉद

52
िो दो टुिड़े ियने िी ख़्वाहहश ज़ाहहय िी थी। मह वाक़मा चौहदवी यात िो हुआ

था जफ कि आऩिो भौसभें हज भें शऐ


ु फ अफी तालरफ से ननिरने िी इजाज़त

लभर गई थी। अहरे सैय लरखते हैं कि मह वाक़मा 9 फेअसत िा है । इस भौज़जज़े

िा ज़ज़क्र तायीऽ फ़रयश्ता भें बी है । हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) फ़यभाते

हैं कि भज़ु जफ एत़ादो ़ौरेही इस भौज़जज़े िे वा़े होने ऩय ईभान वाज़जफ है ।

(सफ़ीनतुर अर फहाय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 709) इस भोज़जज़े िा ज़ज़क्र अज़ीज़ रखनवी

भयहूभ ने क्मा ऽूफ किमा है ।

भोज़जज़ा शक़़्ुर ़भय िा है भदीने से अमाॉ

भह ने श़ हो िय लरमा है दीन िो आाोश भें

हज़रत अफू तासऱफ (अ.ि.) और जनाफे खतीजातऱ


ु कुफरा (ि.) की

वफात 10 फेअित

हमातुर है वान दभीयी भें है कि शऐ


ु फ अफी तालरफ से ननिरने िे आठ भहीने

ग्मायह हदन फाद फेअसत भाह शव्वार भें हज़यत अफू तालरफ ने इन्ते़ार किमा।

फयवामते इब्ने वाज़े इस वक़्त इनिी उम्र 86 सार िी थी। (अर मा़ूफी ज. 2 स.

28) िशभीय तवायीऽ भें है कि इनिी वफ़ात िे तीन हदन फाद जनाफे ऽतीजतुर

िुफया ने बी इन्ते़ार फ़यभामा उस वक़्त इनिी उम्र 65 सार िी थी। (अर मा़ूफी

ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 28)

53
उन दो अज़ीभ हभदक दों औय भददगायों िे इन्ते़ार ऩयु भरार से हज़यत

यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िो सख़्त यॊ ज ऩहुॉचा। आऩने शदीद यॊ ज व ाभ अैय

सदभओ अरभ िे तअस्सयु भें इस सार िा नाभ आभ उर हुज़्न ाभ िा सार

यख हदमा।

भोलभन ़ुयै श हज़यत अफू तालरफ औय जनाफे खतीजातुर िुफया िी ़ब्र

भक्िा िे ़ब्रस्तान हजून भें एि ऩहाड़ी ऩय वा़े है । मह ़ब्रें ऩहरे गुम्फद वारी

न थीॊ। फा यवामत भव
ु रयक ऽ ज़ाकिय हुसन
ै , लभज़ाक असाय हुसन
ै , अरी फ़सीह

रखनवी ने तेयहवीॊ सदी िे वसत भें भोभेनीन िी भदद से इन ऩय गम्


ु फद तैमाय

ियामा था।

इसी 10 फेअसत भें अफू तालरफ िे इन्ते़ार िे फाद ़ुयै श ने मह दे ख िय

कि अफ इनिा िोई भज़फत


ू हाभी औय भददगाय नहीॊ है आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ऩय

दस्ते ज़ुल्भ व ताअद्दी औय बी ज़्मादा दयाज़ िय हदमा औय फनी हालशभ अऩने

यईस िे भय जाने से आऩिी िभा हक़़्हू हहफ़ाज़त व अमानत न िय सिे औय

दश्ु भनों िी ईज़ा यसाई उरूज िो ऩहुॉच गई। फायवामते तायीऽे खभीस हज़यत िी

मह हारत ऩहुॉच गई कि आऩने घय से ननिरना छोड़ हदमा कपय मह ख़्मार िय िे

कि ताएफ़ भें फनी स़ीफ़ यहते हैं औय वहीॊ चचा अब्फास िी ज़भीन है । ताएफ़

चरे जाने िा ़स्द िय लरमा औय अऩने ार


ु ाभ आज़ाद ज़ैद बफन हायसा िो हम्राह

रे िय यवाना हो गमे। यास्ते भें फनी फिय औय फनी ़हतान भें ठहयना चाहा भगय

54
िोई सयू त नज़य न आई बफर आखखय
ु़ ताएफ़ चरे गमे जो भक्िा से सत्तय भीर िे

फ़ासरे ऩय वा़े है । वहाॊ तवक़़्ो िे खखराफ़


ु़ सख़्त दश्ु भनी िा भज़
ु ाहे या दे खा 10

हदन औय फयवामते एि भहीना फभज़ु श्िर गज़


ु या। बफर आखखय
ु़ ार
ु ाभी िभीनों औय

ान्ु डों ने आऩ ऩय ऩथयाव िय िे आऩिो जख़्भी िय हदमा कपय इसी ऩय इिनतफ़ा

नहीॊ िी फज़ल्ि ऩत्थय भायते हुए फ़सीरे शहय से फाहय ननिार हदमा। आऩिे ऩाॊव

ज़ख़्भी हो गमे औय ज़ैद िा सय पूट गमा। एि यवामत भें है कि आऩिे सय ऩय

इतने ऩत्थय रगे थे कि आऩिे सय िा ऽून एड़ी से फह यहा था अरायज़ वहाॊ से

फइयादा ए भक्िा यवाना हो िय जफ फतने नख़्रा भें ऩहुॉचे जो भक्िा से एि यात

िी भसाफ़त ऩय ऩहरे वा़े है तो यात िो वहीॊ ़माभ किमा औय ़ुयआन ऩढ़ने

रगे नसीफ से मभन जाते हुए ज़जनों िे एि गगयोह ने िराभे ऽुदा सन


ु ा औय वह

भस
ु रभान हो गमे, कपय आऩने ज़ैद िो भक्िे बेजा कि किसी भददगाय िा ऩता

रगामें भगय िोई न लभरा, अरफत्ता भत


ु अभ बफन अदी ने हाभी बयी औय आऩ

भक्िे वाऩस आ गमे। (यौज़तर


ु अहफाफ)

इसी सन ़् 10 फेअसत भें वफ़ाते ऽदीजा िे फाद आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने सौदा

बफन्ते ज़भ ़्आ से ननिाह किमा औय इसी सार हज़यत आमशा बफन्ते अफी फक्र से

बी अक़्द फ़यभामा। भोअये ऽीन िा िहना है कि उस वक़्त हज़यत आमशा िी उम्र

6 सार िी थी इसी लरमे 1 हहजयी भें जफ कि नौ 9 सार िी हो गईं थी ज़फ़ाफ़

वा़े हुआ। (यौज़तुर अहफाफ)

55
एि यवामत भें हज़यत आमशा िा मह ़ौर लभरता है कि भेयी भाॉ भझ
ु े ििड़ी

खखराती थीॊ ताकि भैं ज़फ़ाफ़ िे िाबफर


ु़ फन जाऊॉ। (सन
ु न इब्ने भाजा, ज़जल्द 3

अनुवादि फाफुर िशा फर रूत्फ ज़जल्द 62 ऩष्ृ ठ 61)

क़फीऱाए खजरज का एक गगरोह खखदमते रिूऱ (ि.अ.व.व.) में 11

फेअित

यजफ िे भहीने भें एि हदन आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) लभना भें खड़े थे कि एि

दभ एि गगयोह एहरे मसयफ िा ़फीराए खज़यज से हज़यत िे ऩास आमा। इस

गगयोह भें 6 अफ़याद थे। हज़यत ने उनिे साभने ़ुयाने भजीद िी नतरावत िी

औय इस्राभ िे भहासनन (ननमभ ़ानन


ू ) फमान किमे। वह भस
ु रभान हो गमे औय

उन्होंने मसयफ भें जा िय िाफ़ी तफरीा िी औय वहाॊ िे घयों भें इस्राभ िा चचाक

हो गमा।

आॊ हज़रत (ि.अ.व.व.) की मेराजे जजस्मानी 12 फेअित

27 यजफ फेअसत िी यात िो ऽुदा वन्दे आरभ ने ज़जब्राईर िो बेज िय फयु ा़

िे ज़रयमे आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो िाफा िौसैन िी भॊज़ज़र ऩय फर


ु ामा औय

वहॊ ा अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) िी खखराफ़त


ु़ व इभाभत िे फाये भें हहदामत

दीॊ। (तपसीये ़ुम्भी) इसी भफ


ु ायि सफ़य औय ऊरूज िो (भेयाज) िहा जाता है । मह

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सफ़य उम्भे हानी िे घय से शरू
ु हुआ था। ऩरहे आऩ फैतुर भ़
ु द्दस तशयीफ़ रे

गमे कपय वहाॊ से आसभान िी तयफ़ यवाना हुए। भॊज़ज़रे आसभानी िो तम ियते

हुमे एि ऐसी भॊज़ज़र ऩय ऩहुॉचे ज़जसिे आगे ज़जब्राईर िा जाना ना भज़ु म्िन हो

गमा। ज़जब्राईर ने अज़क िी हुज़ूय रौदनत


ू रता राहतय़ता अफ अगय एि उॊ गर

बी आगे बढ़ूगाॊ तो जर जाऊगाॊ।

‫اگر يک سر موی برتر روم بنور جتلی بسوزد پرم‬


कपय आऩ फयु ा़ ऩय सवाय हो िय आगे फढ़े एि भ़
ु ाभ ऩय फयु ा़ रूि गमा

औय आऩ यफ़यफ़ ऩय फैठ िय आगे यवाना हो गमे। मह एि नयू ी तख़्त था जो नयू

िे दरयमा भें जा यहा था महाॊ ति कि भॊज़ज़रे भ़सद


ू ऩय आऩ ऩहुॉच गमे। आऩ

ज़जस्भ सभेत गमे औय फ़ौयन वाऩस आमे। ़ुयान भजीद भें असया फे अब्दे ही आमा

है । अब्दा िा इतरा़ ज़जस्भ औय रूह दोनों ऩय होता है । वह रोग जो भेयाजे

रूहानी िे ़ामर हैं ाल्ती ऩय हैं। (शयए अ़ाएदे नस्फ़ी ऩष्ृ ठ 68) भेयाज िा इ़याय

औय उसिा एत़ाद ज़ुरूरयमाते दीन से है । हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.)

फ़यभाते हैं कि जो भेयाज िा भज़ु न्िय हो उसिा हभ से िोई ताअल्ऱ


ु नहीॊ।

ु बफहाय ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 174) एि यवामत भें है कि ऩहरे लसफ़क दो नभाज़ें


(सफ़ीनतर

वाज़जफ थीॊ। भेयाज िे फाद ऩाॊच वक़्त िी नभाज़े भ़


ु यक य हुकइॊ।

1. मसयफ मानी भदीने भें ओस व ऽज़यज दो अयफ ़फीरे यहते थे दोनों एि

फाऩ िी औराद थे इनिा भसिने ़दीभ (ननवास स्थान) ऩयु ाना मभन था। यसर
ू े

ियीभ (स.अ.व.व.) जफ ति भदीने नहीॊ ऩहुॉचे मह शहय मसयफ िे नाभ से भशहूय

57
था ज्मोंही यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) वहाॊ तशयीफ़ रे गमे उसिा नाभ भदीनातुर

यसर
ू हो गमा। कपय फाद भें भदीना िहराने रगा। मह शहय भक्िा िे शभ
ु ार

(उत्तय) िी तयफ़ 270 भीर िी दयू ी ऩय ज़स्थत है ।

फैअते उक़फा ऊऱा

इसी सन ़् 12 फेअसत िे हज िे ज़भाने भें उन 6 आदलभमों भें से जो वऩछरे

सार भस
ु रभान हो िय भदीने वाऩस गमे थे ऩाॊच आदलभमों िे साथ सात 7

आदभी भदीने वारों भें से औय आिय भश


ु यक फ़ फ इस्राभ हुए। हज़यत िी हहभामत

िा अहद किमा। मह फैअत बी उसी उ़फा िे भिान भें हुई जो भक्िे से थोड़े

फ़ासरे ऩय उत्तय िी ओय ज़स्थत है । भोअरयक ऽ अफर


ु कफ़दा लरखता है कि इस अहद

ऩय फैअत हुई कि ऽुदा िा िोई शयीि न ियो, चोयी न ियो, फरात्िाय न ियो,

अऩनी औराद िो ़त्र न ियो जफ वह फैअत िय चि


ु े तो हज़यत ने भस
ु अफ

बफन उभैय बफन हालशभ फन


ु अब्दे भनाफ़ इब्ने अब्द अर अरा िो तारीभे ़ुयान

औय तयी़ाए इस्राभ फताने िे लरमे ननमक्


ु त किमा।

(तायीऽे अफर
ु कफ़दा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 52)

58
फैअते उक़फा (दि
ू री)

13 फेअसत िे ज़ज़ज़ल्हज्जा िे भहीने भें भस


ु अफ बफन उभैय 13 भदक औय दो

औयतों िो भदीने से रे िय भक्िे आमे औय उन्होंने भ़ाभे उ़फा ऩय यसर


ू े ियीभ

(स.अ.व.व.) िी खखदभत
ु़ भें उन रोगों िो ऩेश किमा वह भस
ु रभान हो चि
ु े थे

उन्होंने बी हज़यत िी हहभामत िा अहद किमा औय आऩिे दस्ते भफ


ु ायि ऩय

फैअत िी, उनभें (ओस औय ऽज़यज) दोनों िे रोग शालभर थे।

हहजरते मदीना

14 फेअसत भफ
ु ाबफ़ 622 ई0 भें हुक्भे यसर
ू (स.अ.व.व.) िे भत
ु ाबफ़

भस
ु रभान चोयी नछऩे भदीने िी तयफ़ जाने रगे औय वहाॊ ऩहुॉच िय उन्होंने अच्छा

स्थान प्राप्त िय लरमा। ़ुयै श िो जफ भारभ


ू हुआ कि भदीने भें इस्राभ ज़ोय

ऩिड़ यहा है तो (दारूर नदवा) भें जभा हो िय मह सोचने रगे कि अफ क्मा

ियना चाहहमे। किसी ने िहा भोहम्भद िो महीॊ ़त्र िय हदमा जामे ताकि उनिा

दीन ही ऽत्भ हो जामे। किसी ने िहा ज़जरा वतन िय हदमा जामे। अफू जहर ने

याम दी कि ववलबन्न ़फीरों िे रोग जभा हो िय एि साथ उन ऩय हभरा िय िे

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उन्हें ़त्र िय दें ताकि ़ुयै श ऽॊू फहा न रे सिें। इसी याम ऩय फात ठहय गई

औय सफ ने लभर िय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे भिान िा घेयाव िय लरमा।

ऩयवयहदगाय िी हहदामत िे अनस


ु ाय जो हज़यत ज़जब्राईर ़् िे ज़रयमे ऩहुॉची आऩने

अऩने बफस्तय ऩय हज़यत अरी (अ.स.) िे लरटा हदमा औय एि भट


ु ठी धर
ू रे िय

घय से फाहय ननिरे औय उनिी आॊखों भें झोंिते हुए इस तयह ननिर गमे जैसे

िुफ्र से ईभान ननिर जामे। अल्राभा लशब्री लरखते हैं कि मह सख़्त ऽतये िा

भौ़ा था। जनाफे अभीय िो भारभ


ू हो चि
ु ा था कि ़ुयै श आऩिे ़त्र िा इयादा

िय चि
ु े हैं औय आज यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) िा बफस्तये ख़्वाफ ़त्रगाह िी

ज़भीन है रेकिन फ़ातेहे ऽैफय िे लरमे ़त्रगाह फ़शे गुर था। (सीयतुन नफी व

भोहलसने आज़भ सन ़् 165) सफ


ु ह होते होते दश्ु भन दयवाज़ा तोड़ िय घय भें घस
ु े तो

अरी िो सोता हुआ ऩामा। ऩछ


ू ा भोहम्भद िहाॊ हैं? जवाफ हदमा जहाॊ हैं ऽुदा िी

अभान भें हैं। तफयी भें है कि अरी (अ.स.) तरवाय सॊत


ू िय खड़े हो गमे औय सफ

घय से ननिर बागे। अहमाअर ऊरभ


ू ाेज़ारी भें है कि अरी िी हहफ़ाज़त िे लरमे

ऽद
ु ा ने ज़जब्राईर औय भीिाईर िो बेज हदमा था, मह दोनों सायी यात अरी िी

ख़्वाफगाह िा ऩहया दे ते यहे । हज़यत अरी (अ.स.) िा फ़यभान है कि भझ


ु े शफे

हहजयत जैसी नीन्द आई सायी उम्र न आई थी। तफ़सीयों भें है कि इस भौ़े िे

लरमे आमत व लभन्न नासे भन मशयी नाज़ज़र हुई है । अर ायज आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) िे यवाना होते ही हज़यत अफू फिय ने उनिा ऩीछा किमा आऩने यात

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िे अन्धेये भें मह सभझ िय कि िोई दश्ु भन आ यहा है अऩने ़दभ तेज़ िय

हदमे। ऩाॊव भें ठो िय रगी ऽन


ू फहने रगा, कपय आऩने भहसस
ू किमा कि इब्ने

अफी ़हाफ़ा आ यहे हैं। आऩ खड़े हो गमे। (सही फऽ


ु ायी ज़जल्द 1 बाग 3 ऩष्ृ ठ 69) भें

है कि यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) ने अफू फिय बफन ़हाफ़ा से एि ऊॉट ऽयीदा औय

भदारयजुर नफव
ू त भें है कि हज़यत अफू फिय ने दो सौ हदयहभ भें ऽयीदी हुई

ऊॉटनी आॊ हज़यत िे हाथ 900 नौ सौ हदयहभ िी फेची इसिे फाद मह दोनों ााये

सौय ति ऩहुॉच,े मह ााय भदीने िी तयफ़ भक्िे से एि घण्टे िी याह ऩय ढ़ाई मा

तीन भीर दक्षऺण िी तयफ़ ज़स्थत है । इस ऩहाड़ िी चोटी त़यीफन एि भीर ऊॉची

है सभन्
ु द्र वहाॊ से हदखाई दे ता है ।

(तरऽीस सीयतन
ु नफी ऩष्ृ ठ 169 व ज़य़ानी)

मह हज़यात ााय भें दाखखर


ु़ हो गमे ऽुदा ने ऐसा किमा कि ााय िे भॉह
ु ऩय

फफर
ू िा ऩेड़ उगा हदमा। भिड़ी ने जारा तना, िफत
ू य ने अन्डे दे हदमे औय ााय

भें जाने िा शि न यहा। जफ दश्ु भन इस ााय ऩय ऩहुॉचे तो वह मही सफ िुछ दे ख

िय वाऩस हो गमे। अजामफ अर ़सस ऩष्ृ ठ 257 भें है कि इसी भौ़े ऩय हज़यत

ने िफत
ू य िो ऽानाए िाफा ऩय आिय फसने िी इजाज़त दी। इससे ऩहरे औय

ऩरयन्दों िी तयह िफत


ू य बी ऊऩय से गुज़य नहीॊ सिता था। भख़्
ु तसय मह कि 1

यफीउर अव्वर सन ़् 14 फेअसत (जभ


ु ेयात) िे हदन शाभ िे वक़्त ़ुयै श ने हज़यत िे

घय िा घेयाव किमा था। सफ


ु ह से िुछ ऩहरे 2 यफीउर अव्वर जभ
ु े िे हदन िो

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ााये सौय भें ऩहुॉच।े इतवाय िे हदन 4 यफीउर अव्वर ति ााय भें यहे । हज़यत अरी

(अ.स.) आऩ रोगों िे लरमे यात भें खाना ऩहुॉचाते यहे । चौथे योज ऩाॊच यफीउर

अव्वर दोशम्फे िे योज़ अब्दल्


ु राह इब्ने अयी़त औय आलभय बफन फ़हीया बी आ

ऩहुॉचे औय मह चायों शख़्स भाभर


ू ी यास्ता छोड़ िय फहये िुरजुभ िे किनाये भदीने

िी तयफ़ यवाना हुए। िुफ़्फ़ाये भदीना ने ईनाभ भ़


ु यक य िय हदमा कि जो शख़्स

उनिो ज़ज़न्दा ऩिड़ िय रामेगा मा उनिा सय िाट िय राऐगा तो 100 ऊॉट

ईनाभ भें हदमे जाऐॊगे। इस ऩय सया़ा इब्ने भालरि आऩिी ऽोज रगाता हुआ ााय

ति ऩहुॉचा उसे दे ख िय हज़यत अफू फिय योने रगे तो हज़यत ने फ़यभामा योते

क्मों हो ऽुदा हभाये साथ है सया़ा ़यीफ ऩहुॉचा ही था कि उसिा घोड़ा उसिे ज़ानू

ति ज़भीन भें धॊस गमा। उस वक़्त हज़यत यवानगी िे लरमे फाहय आ चि


ु े थे।

उसने भाफ़ी भाॊगी, हज़यत ने भाफ़ी दे दी। घोड़ा ज़भीन से ननिर आमा। वह जान

फचा िय बागा औय िाकफ़यों से िह हदमा कि भैंने फहुत तराश किमा भगय

भोहम्भद (स.अ.व.व.) िा ऩता नहीॊ लभरता। अफ दो ही सयू तें हैं मा ज़भीन भें सभा

गमे मा आसभान ऩय उड़ गमे। (1)

हज़यत िा ़फा िे स्थान ऩय ऩहुॉचना 12 यफीउर अव्वर दो शम्फा दो ऩहय िे

सभम आऩ ़फा िे स्थान ऩय ऩहुॉचे जो भदीने से दो भीर िे फ़ासरे ऩय एि

ऩहाड़ी है । आऩिा ऊॉट उस जगह ऽुद ही रूि गमा औय आगे न फढ़ा। आऩ उतय

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ऩड़े। वहाॊ िे यहने वारों ने ऽुशी िे भाये नाया ए तिफीय फर
ु न्द किमा। आऩने महाॊ

एि भज़स्जद िी फनु नमाद डारी।

इसी भ़ाभ ऩय हज़यत अरी (अ.स.) बी भक्िे से अभानतों िी अदामगी से

सफ
ु ि
ु दोशी हालसर ियने िे फाद आॊ ऩहुॉच।े आऩिे साथ औयतें औय फच्चे थे।

औयतें औय फच्चे ऊॉटों ऩय सवाय थे औय हज़यत अरी (अ.स.) ऩैदर थे। इसी वजह

से आऩिे ऩैयों ऩय वयभ था औय फ़ौर इब्ने ऽल्दन


ू आऩिे ऩैयों से ऽून जायी था।

आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी नज़य जफ अरी (अ.स.) िे ऩैयों ऩय ऩड़ी तो आऩ योने

रगे औय रोआफे दहन (थि


ू ) रगा िय अच्छा िय हदमा।

भदीने भें दाखखरा


ु़ भ़ाभें ़फा भें चाय हदन रूिने िे फाद आऩ भदीने िी तयफ़

यवाना हुए औय 16 यफीउर अव्वर जुभे िे हदन भदीने भें दाखखर


ु़ हो गमे। भहल्रे

फनी सालरभ भें नभाज़ िा वक़्त आ गमा आऩने नभाज़े जुभा महीॊ अदा फ़यभाई।

मह इस्राभ भें सफ से ऩहरी नभाज़े जुभा थी। मह वही जगह है जहाॊ अफ भज़स्जदे

नफवी है ।

भज़स्जदे नफवी िी ताभीय भदीने भें दाखखरे


ु़ िे फाद आऩने सफ से ऩहरे एि

भज़स्जद िी फनु नमाद डारी जो फहुत सादगी िे साथ तैमाय िी गई। उसिी ज़भीन

अफू अय्मफ
ू अॊसायी ने ऽयीदी औय उसभें भज़दयू ों िी है लसमत से दस
ू ये असहाफ िे

साथ आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) बी िाभ ियते यहे । भज़स्जद िे साथ साथ हुजये बी

तैमाय किमे गमे औय एि चफत


ू या ज़जसे सफ़्
ु फ़ा िहते थे, मही वह जगह थी जहाॊ

63
नमे भस
ु रभान ठहयामे जाते थे। उन्हीॊ रोगों िो अस्हाफे सफ़्
ु फ़ा िहा जाता था औय

उनिी ऩयवरयश सद़े वाैया से िी जाती थी।

नभाज़ व ज़िात िा हुक्भ भज़स्जदे नफवी िी ताभीय िे फाद नभाज़ िी यिअतों

िो बी तम िय हदमा गमा मानी ऩहरे भारयफ िे अरावा सफ नभाज़ें दो यिअती

थीॊ कपय 17 यिअतें भअ


ु य्मन िय दी गईं औय उनिे औ़ाद फता हदमे गमे। इब्ने

ऽल्दन
ू िे अनस
ु ाय इसी सार ज़िात बी फ़ज़क िी गई।

एक 1 हहजरी के महत्वऩूणा वाक़ेयात

अज़ान व अ़ाभत

एि हहजयी भें अज़ान भ़


ु यक य िी गई ज़जसे हज़यत अरी (अ.स.) ने हुक्भें यसर
ू े

ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) से बफरार (य.अ.) िो तारीभ िय दी औय वह भस्
ु तक़र

भोअज़जु़ ़्ज़न ़याय ऩामे औय अ़ाभत िा त़रूकय बी हुआ।

अक़्दे भवाऽात (बाईचाया ियाना)

हहजयत िे 5 मा 8 भहीने फाद भहाजेयीने भक्िा िी हदरफस्तगी िे लरमे आॊ

हज़यत (स.अ.व.व.) ने 50 भहाज़जय व अनसाय भें भवाऽात (बाई चायगी) ़ामभ

िय दी ज़जस तयह एि फाय भक्िा भें िय चि


ु े थे। तायीऽे ऽभीस औय रयमाज़ुर

64
नज़या भें है कि वहाॊ हज़यत अफू फिय िो उभय िा तरहा िो ज़ुफयै िा, उस्भान

िो अब्दर
ु यहभान िा, हभज़ा िो इब्ने हायसा िा औय अरी (अ.स.) िो खद

अऩना बाई फनामा था। अल्राभा लशब्री िा िहना है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)

ने इत्तेहादे भज़ा़ तफीमत औय कफ़तयत िे रेहाज़ से एि दस


ू ये िो बाई फनामा
ु़
था। भज़ािे नफव
ू त िा इत्तेहाद कफ़तयते इभाभत ही से हो सिता है इसी लरमे आॊ

हज़यत (स.अ.व.व.) ने हय भयतफा अऩना बाई अरी (अ.स.) िो ही चन


ु ा मही वजह

है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) हज़यत अरी (अ.स.) से फ़यभामा ियते थे।

‫انت اخی فی الدنيا واالخر‬


मानी दनु नमा औय आऽेयत दोनों भें भेये बाई हो।

2 हहजरी के महत्वऩूणा वाक़ेयात

जनाफे सैय्मदा (स.अ.व.व.) िा ननिाह

15 यजफ 2 हहजयी िो जनाफे सैय्मदा (स.अ.व.व.) िा अक़्द हज़यत अरी

(अ.स.) से हुआ औय 19 ज़ज़रहहज्जा िो आऩिी रूऽसती हुई। सीयतुन नफी भें है

कि जफ जनाफे सैय्मदा (स.अ.व.व.) िी शादी िी फात चरी तो सफ से ऩहरे

हज़यत अफू फिय कफ़य हज़यत उभय ने ऩैााभ बेजा। िन्ज़ुर आभार 7 ऩष्ृ ठ 113

भें है कि इन ऩैााभात से आॊ हज़यत ाज़फनाि हुमे औय उनिी तयफ़ से भॉह


ु पेय

लरमा। रयमाजर
ु ु़ नज़या ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 184 भें है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने

65
हज़यत अरी (अ.स.) से ऽुद फ़यभामा कि ऐ अरी भझ
ु से ऽुदा ने िह हदमा है कि

पातेभा (स.अ.व.व.) िी शादी तम्


ु हाये साथ िय दॊ ,ू क्मा तम्
ु हें भन्ज़यू है? अज़क कि

फेशि, अर ायज़ अक़्द हुआ औय शहनशाहे िामनात ने सय्मदए आरभमान िो

एि फान िी चायऩाई, एि चभड़े िा गद्दा, एि भशि, दो चज़क्िमाॊ, दो लभट्टी िे

घड़े वाेया दे िय रूऽसत किमा। इस वक़्त अरी (अ.स.) िी उम्र 24 सार औय

पातेभा (स.अ.व.व.) िी उम्र 10 सार थी।

तहवीरे िाफा

भाहे शाफान 2 हहजयी भें फैतुर भ़


ु द्दस िी तयफ़ से क़फरे िा रूऽ िाफे िी

तयफ़ भोड़ हदमा गमा। क़फरा चॊकू ि आरभे नभाज़ भें फदरा गमा इस लरमे आॊ

हज़यत (स.अ.व.व.) िा साथ हज़यत अरी (अ.स.) िे अरावा औय किसी ने नहीॊ

हदमा क्मों कि वह आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे हय फ़ेर मा ़ौर िो हुक्भें ऽद


ु ा

सभझते थे इसी लरमे आऩ भ़ाभे फ़ख़्र भें फ़यभामा ियते थे इन्ना भस


ु ल्री अर

क़फरतैन भैं ही वह हूॊ ज़जसने एि नभाज़ फमि वक़्त (एि ही सभम) भें दो

क़ब्रों िी तयफ़ ऩढ़ी।

66
जेहाद

जफ ़ुयै श िो भारभ
ू हुआ कि यसर
ू े इस्राभ (स.अ.व.व.) फऽैय व ऽूफी भदीना

ऩहुॉच गमे औय उनिा भज़हफ हदन दन


ू ी यात चौगनी तयक़़्ी िय यहा है तो उनिी

आऽों भें ऽन
ू उतय आमा औय दनु नमा अॊधेय हो गमी औय वह भहदने िे महूहदमों

िे साथ लभर िय िोलशश ियने रगे कि इस फढ़ती हुई ता़त िो िुचर दें । इसिे

नतीजे भें हज़यत िो भश


ु ये ़ीन ़ुयै श औय महूहदमों िे सा ाथ फहुत सी दे फ़ाई

(आत्भ यऺि) रडाईमाॊ


ु़ रड़नी ऩड़ीॊ ज़जनभें से अहभ भौ़ों ऩय हज़यत खुद फ़ौजे

इस्राभ िे साथ तशयीफ़ रे गमे ऐसी भहु हभों िो ाज़वा िहते है औय ज़जन भौिों

ऩय आऩ असहाफ भें से किसी िो फ़ौज िा सयदाय फना िय बेज हदमा ियते थे

उनिो सरयमा िहा जाता है । ाज़वात िी िुर सॊख्मा 26 है ज़जनभें फद्र, ओहद,

खन्द़ औय हुनन
ै फहुत भशहूय हैं औय सरयमों िी सॊख़्मा 36 थी ज़जनभें सफसे

भशहूय भौता है ज़जसभें हज़यते जाफ़ये तय्माय शहीद हुमे।

जॊगे फद्र

भदीना ए भन
ु व्वया से त़यीफन 80 भीर ऩय फद्र एि गाॊव था। भदीने भें ऽफय

ऩहुॉची कि ़ुयै श फड़ी आभादगी िे साथ भदीने ऩय हभरा ियने वारे हैं औय सन्
ु ने

भें आमा कि अफू सकु फ़मान 30 सवायों िे साथ हज़ाय आदलभमों िे िाकफ़रे िो रे

िय शाभ से व्माऩाय िा साभान भक्िे लरमे जा यहा है औय भदीने से गुज़ये गा।

67
हज़यत यसर
ू े खदा
ु ु़ (स.अ.व.व.) 313 सागथमों िे साथ यवाना हुमे औय भ़ाभे फद्र

ऩय जा उतये । िुयु़ ै श 950 आदलभमों िी टोरी िे साथ अफू ू सकु फ़मान से लभरने िे

लरमे यवाना हुमे। रड़ाई हुई ऽद


ु ा ने भस
ु रभानों िो भदद दी, ज़जससे इनिो जीत

हुई। 70 िुफ़्फ़ाय भाये गमे औय 70 ही गगयफ़्ताय हुए। 36 िाकफ़यों िो हज़यत अरी

(अ.स.) ने ़त्र किमा। इस रडाईु़ भें अफू जेहेर औय उसिा बाई आस औय

अतफा, शैफा, वरीद बफन अतफा औय इस्राभ िे फहुत से दश्ु भन भाये गमे। इस

ऩहरी इस्रभी जॊग िे अरभ फयदाय हज़यत अरी (अ.स.) थे। ़ैहदमों भें नसय बफन

हारयस औय ओ़फ बफन अफी भई


ू त ़त्र िय हदमे गमे औय फा़ी रोगों िो ज़ये

कफ़दमा (कफ़दमे िा ऩैसा) रे िय छोड़ हदमा गमा। हज़यत अफू फक्र ने इस ाज़वे भें

जॊग नहीॊ िी। ाज़वाए फद्र िे फाद िुफ़्फ़ाय िा घय घय भातभ िदा फन गमा औय

भयने वारों िे फदरे िा जज़फा (बावनाएॊ) भक्िे िे फढ़


ू े औय जवानों भें ऩैदा हो

गमा ज़जसिे नतीजे भें ओहद िी जॊग हुमी।

मह जॊग यभज़ान िे भहीने 2 हहजयी भें हुई। इसी 2 हहजयी भें योज़े फ़ज़क किमे

गमे। ईद उर कफ़त्र िे अहिाभ (ननमभ) रागू हुमे औय ाज़वाए फनू ़ैऩा से

वाऩसी ऩय ईद अर अज़हा िे आदे श आमे औय ऽुम्स वाज़जफ किमा गमा।

68
3 हहजरी के अहम वाकेयात

जॊगे ओहद

जॊगे फद्र िा फदरा रेने िे लरमे अफू सकु फ़मान ने तीन हज़ाय (3000) िी फ़ौज

से भदीने ऩय चढ़ाई िी। एि हहस्से िा अियभा इब्ने अफी जेहेर औय दस


ू ये िा

ऽालरद बफन वरीद सयदाय था। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे साथ ऩयू े एि हज़ाय

आदभी बी न थे। ओहद ऩय रड़ाई हुई जो भदीने से 6 भीर िी दयू ी ऩय है । आॊ

हज़यत (स.अ.व.व.) ने भस
ु रभानों िो तािीद िय दी थी कि िाभमाफी िे फाद बी

ऩश्ु त (ऩीछे ) िे तीय अॊदाज़ों िा दस्ता अऩनी जगह से न हटे , भस


ु रभानों िी जीत

होने िो थी ही कि तीय अॊदाज़ों िा वही दस्ता ज़जसिे हटने िो भना किमा था

ऽुदा औय यसर
ू (स.अ.व.व.) िे हुक्भ िी खखराफ़
ु़ वयज़ी ियिे भारे ानीभत (जॊग

जीतने ऩय प्राप्त धन दौरत) िी रारच भें अऩनी जगह से हट गमा ज़जसिे नतीजे

भें ननज़श्चत जीत हाय भें फदर गई। हज़यत हभज़ा असद उल्राह शहीद हो गमे,

भैदान भें बगदड़ ऩड़ गई, फड़े फड़े ऩहरवान औय अऩने िो फहादयु िहने वारे

भैदाने जॊग छोड़ िय बाग गमे औय किसी ने यसर


ू े इस्राभ (स.अ.व.व.) िी ओय

ध्मान न हदमा। तायीऽ भें है कि तभाभ सहाफा यसर


ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) िो भैदाने

भें जॊग भें छोड़ िय बाग गमे। फयवामते अर मा़ूफी िी ऩष्ृ ठ 39 िी यवामत िे

अनस
ु ाय िेवर तीन सहाफी यह गमे ज़जनभें हज़यत अरी (अ.स.) औय दो औय थे।

फऽ
ु ायी िी यवामत िे अनस
ु ाय हज़यत अफू फिय औय हज़यत उभय औय हज़यत

69
उस्भान बी बाग ननिरे। दयु े भन्शयू ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 88 िॊज़ुर आभार ज़जल्द 1

ऩष्ृ ठ 238 भें है कि हज़यत अफू फिय ऩहाड़ िी चोटी ऩय चढ़ गमे थे वह िहते हैं

कि भैं चोटी ऩय इस तयह उचि यहा था जैसे ऩहाड़ी फियी उचिती है । ़ुयाने

भजीद भें है कि मह सफ बाग यहे थे औय यसर


ू (स.अ.व.व.) गचल्रा यहे थे कि

भझ
ु े अिेरा छोड़ िय िहाॊ जा यहे हो भगय िोई ऩरट िय नहीॊ दे खता था। (ऩाया 4

रूिू 7 आमत 153) एि दश्ु भन ने गोफ़ने भें ऩत्थय यख िय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)

िी तयफ़ पेंिा ज़जसिी वजह से आऩिे दो दाॊत शहीद हो गमे औय भाथे ऩय िाफ़ी

चोटें आईं। तरवाये रगने िे िायण िई घाव बी हो गमे औय आऩ (स.अ.व.व.)

एि गढ़े भें गगय ऩड़े। जफ सफ बाग यहे थे, उस सभम हज़यत अरी (अ.स.) जॊग

िय यहे थे औय यसर
ू (स.अ.व.व.) िी हहफ़ाज़त बी िय यहे थे। आखखय
ु़ िाय

िुफ़्फ़ाय िो हटा िय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो ऩहाडी ु़ ऩय रे गमे। यात हो चि


ु ी

थी दस
ू ये हदन सफ
ु ह िे वक़्त भदीने िो यवानगी हुई। इस जॊग भें 70 भस
ु रभान

भाये गमे औय 70 ही ज़ख़्भी हुए औय िुफ़्फ़ाय लसफ़क 30 ़त्र हुमे ज़जनभें 12

िाकफ़य अरी िे हाथ ़त्र हुमे। इस जॊग भें बी अरभदायी िा ओहदा (ऩद) शेये

ऽुदा हज़यत अरी (अ.स.) िे ही सऩ


ु द
ु क था।

भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि हज़यत अरी (अ.स.) भहवे जॊग यहे आऩिे ज़जस्भ ऩय

सोरह ज़फे रगीॊ औय आऩिा एि हाथ टूट गमा था। आऩ फहुत ज़ख़्भी होने िे

फावजूद तरवाय चराते औय दश्ु भनों िी सफ़ों िो उरटते जाते थे। (सीयतुन नफी ज़ज0

70
1 ऩष्ृ ठ 277) इसी दौयान भें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा अरी तुभ क्मो नहीॊ

बाग जाते? अज़क िी भौरा क्मा ईभान िे फाद िुफ्र इख़्तेमाय िय रॉ ।ू (भदारयज अर

ू त) भझ
नफव ु े तो आऩ ऩय ़ुफाकन होना है । इसी भौ़े ऩय हज़यत अरी (अ.स.) िी

तरवाय टूटी थी औय जल्फ़


ु ु़ े ़ाय दस्तमाफ हुई थी। (तायीऽ तफयी ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 406 व

तायीऽे िालभर ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 58)

नादे अरी िा नज़


ु रू बी एि यवामत िी बफना ऩय इसी जॊग भें हुआ था।

भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे ज़ख़्भी होते ही किसी ने मह

ऽफय उड़ा दी कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) शहीद हो गमे। इस ऽफय से आऩिे

कफ़दाई भ़ाभे ओहद ऩय ऩहुॉचे ज़जनभें आऩिी रख़्ते ज़जगय हज़यत पातेभा

(स.अ.व.व.) बी थीॊ।

क्सीय तवायीऽ भें है कि दश्ु भनाने इस्राभ िी औयतों ने भज़ु स्रभ राशों िे साथ

फयु ा सर
ु ि
ू किमा। अभीये भाववमा िी भाॊ ने भस
ु रभान राशों िे नाि िान िाट

लरमे औय उनिा हाय फना िय अऩने गरे भें डारा औय अभीय हभज़ा िा ज़जगय

ननिार िय चफामा। इसी लरमे भादये भाववमा हहन्दा िो ज़जगय ख़्वाया (ज़जगय खाने

वारी) िहते हैं।

71
भदीना भातभ िदा फन गमा

अल्राभा लशब्री लरखते हैं कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) भदीने भें तशयीफ़ रामे

तो तभाभ भदीना भातभ िदा था। आऩ ज़जस तयफ़ से गुज़यते थे घयों से भातभ

िी आवाज़ें आती थीॊ। आऩिो इफयत हुई कि सफिे रयश्तेदाय भातभ दायी िा फ़ज़क

अदा िय यहे हैं रेकिन हभज़ा िा िोई नौहा ख़्वाॊ नहीॊ है । रयक़़्त िे जोश भें

आऩिी ज़फान से फे इख़्तेमाय ननिरा अभा हभज़ा फ़राफोवा ़ी रहा अफ़सोस

हभज़ा िो योने वारा िोई नहीॊ। अन्साय ने अल्फ़ाज़ सन


ु े तो तड़ऩ उठे । सफने जा

िय अऩनी औयतों िो हुक्भ हदमा कि वह हुज़ूय िे दौरत िदे ऩय जा िय हज़यत

हभज़ा िा भातभ ियें । आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने दे खा तो दयवाज़े ऩय ऩयदा

नशीनान िी बीड़ थी औय हभज़ा िा भातभ फरन्द था। इनिे ह़ भें दआ


ु ए ऽैय

िी औय फ़यभामा कि भैं तुम्हायी हभददी िा शक्र


ु गुज़ाय हूॉ। (सीयतुन नफी ज़जल्द न0

1 ऩष्ृ ठ न0 283) मह जॊग भॊगर िे हदन 15 शव्वार 3 हहजयी भें हुई। हज़यत

इभाभ हसन (अ.स.) ऩैदा हुए औय यसर


ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) िा ननिाह हफ़सा बफन्ते

उम्र िे साथ हुआ। औय ाज़्वाए (अहभय अर असद) िे लरमे आऩ फयाभद हुमे।

हज़यत अरी (अ.स.) अरभफयदाय थे।

72
4 हहजरी के अहम वाक़ेयात

भोहयक भ 4 हहजयी भें फनी असद ने भदीने ऩय हभरा ियना चाहा ज़जसे योिने िे

लरमे आऩने अफू सरभा िो बेजा उन्होंने दश्ु भनों िो भाय बगामा। कपय सकु फ़मान

बफन ऽालरद ने हभरे िा इयादा किमा ज़जसिे भ़


ु ाफरे िे लरमे अब्दल्
ु राह इब्ने

अनीस बेजे गमे।

वा़मे फैये भऊना

सफ़य 4 हहजयी भें अफू फया आलभय बफन भालरि ़राफी िी दयख़्वास्त ऩय आॊ

हज़यत (स.अ.व.व.) ने 70 अॊसाय िो तफरीा िे लरमे उन्हीॊ िे साथ यवाना किमा।

मह रोग भ़ाभे फैये भऊना ऩय ठहये जो भदीने से 4 भॊज़ज़र िे फ़ासरे ऩय वा़े है

औय एि शख़्स आलभय बफन तुफ़ैर िे ऩास बेजा उसने ़ालसद िो ़त्र िय हदमा

कपय एि फड़ा रश्िय बेज िय भौत िे घाट उताय हदमा।

ाज़वा फनी नज़


ु ैय

उभय बफन उभैमा ने ़फीराए आलभय िे दो आदभी ़त्र िय हदमे थे औय

उनिा ऽून फहा अफ ति फा़ी था। तफयी िी यवामत िे अनस


ु ाय आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) उसिे भत
ु ालरफे िे लरमे िुछ असहाफ िे साथ फनी नज़
ु ैय िे ऩास गमे

73
उन्होंने भत
ु ालरफा तो ़ुफर
ू िय लरमा भगय आऩिो ़त्र िय दे ने िा मह ऽुकफ़मा

प्रोग्राभ फनामा कि एि शख़्स िोठे ऩय जा िय एि बायी ऩत्थय आऩ ऩय गगया दे ।

चन
ु ान्चे उभय बफन हज्जाश महूदी फारा ऽाने ऩय गमा हज़यत िो इसिी इत्तेरा

लभर गई औय आऩ वहाॊ से भदीना तशयीफ़ रे आमे। फनी नज़


ु ैय एि क़रे भें यहते

थे ज़जसिा नाभ ज़हया था। मह क़रा भदीने से 3 भीर िे फ़ासरे ऩय था। हज़यत

ने इसिी इस ारत हयित िी वजह से ज़जरा वतनी िा हुक्भ दे हदमा। आऩने

िहरा बेजा कि 10 हदन िे अन्दय मह जगह ऽारी ियो। उन्होंने अब्दल्


ु राह बफन

अफी खखयजी
ु़ भन
ु ाकफ़़ िे फहिाने से फात न भानी क़रे िा नघयाव िय लरमा गमा

आखखय
ु़ वह रोग 6 हदन भें वहाॊ से बाग गमे।

ाज़वा ज़ातुर रू़ा

इसी 4 हहजयी जभाहदर अव्वर िे भहीने भें ़फीराए इनभायो साअरफता औय

ात्फ़न ने भदीने ऩय हभरा ियना चाहा आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) असहाफ िो रे िय

उनिो आगे फढ़ने से योिने िे लरमे आगे फढ़े रेकिन वह साभने न आमे औय बाग

ननिरे। इसी भौ़े ऩय एि शख़्स ने ़त्र िे इयादे से आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) से

तरवाय भाॊगी थी औय आऩने दे दी थी, भगय वह ़त्र िी हहम्भत न िय सिा।

ु कफ़दा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 88) इसी 4 हहज़यी भे ाज़वा फद्र सानी (दस
(अफर ू यी फद्र) बी ऩेश

आमा रेकिन जॊग नहीॊ हुई। इस ाज़वे भें बी हज़यत अरी (अ.स.) अरभ फयदाय

74
थे। इसी सार शाफान िे भहीने भें हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ऩैदा हुए औय उम्भे

सरभा (य.) िा यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िे साथ अक़्द हुआ औय पातेभा बफन्ते

असद ने वफ़ात ऩाई।

5 हहजरी के अहम वाक़ेयात

जॊगे ऽन्द़ इस जॊग िो ाज़वाए अहज़ाफ बी िहते हैं। मह जॊग ज़ीिादु़ 5

हहजयी भें वा़े हुई। इसिी तफ़सीर िे भत


ु ाऱ
ु अयफाफे तवायीऽ लरखते हैं कि

भदीने से ननिारे हुए फनी नज़


ु ैय िे महूदी जो ऽैफय भें ठहये हुए थे वह शफ व

योज़ औय सफ
ु ह शाभ भस
ु रभानों से फदरा रेने िे लरमे इसिीभे फनामा ियते थे।

वह चाहते थे िी िोई ऐसी शक्र ऩैदा हो जाए कि ज़जससे भस


ु रभानों िा तुऽभ

ति न यहे । चन
ु ान्चे उसभें से िुछ रोग भक्िा चरे गमे औय अफू सकु फ़मान िो

फर
ु ा िय फनी ातफ़ान औय ़ैस से रयश्तए अऽव
ू त ़ाएभ िय लरमा औय एि

भोआहे दे भें मह तम किमा कि हय ़फीरे िे सयू भा इिठ्ठा हो िय भदीने ऩय

हभरा ियें ताकि इस्राभ िी फढ़ती हुई ता़त िा ़रा ़भा हो जाए। स्िीभ

भि
ु म्भर होने िे फाद इसिो अभरी जाभा ऩहनाने िे लरमे अफू सकु फ़मान 4 हज़ाय

िा रश्िय रे िय भक्िा से ननिरा औय महूहदमों िे दीगय ़फाएर ने 6 हज़ाय िे

रश्िय से ऩेश ़दभी िी ायज़ कि 10 हज़ाय िी जभीमात भदीने ऩय हभरा ियने

िे इयादे से आगे फढ़ी।

75
आॊ हज़यत िो इस हभरे िी इत्तेरा ऩहरे हो चि
ु ी थी इसी लरमे आऩने भदीने

से ननिर िय िोहे लसरा िो ऩश्ु त ऩय रे लरमा औय जनाफे सरभाने फ़ायसी िी

याम से ऩाॊच गज़ चौड़ी औय ऩाॊच गज़ गहयी ऽन्दि खद


ु वाई औय ऽन्द़ खोदने भें

खुद बी िभारे जाॊ कफ़शानी िे साथ रगे यहे । इस जॊग भें अन्दरूनी ऽरकफ़शाय

औय भन
ु ाकफ़िो िी ये शादवाननमाॊ बी जायी यहीॊ। जरारउद्दीन स्मत
ू ी िा िहना है

कि अन्दरूनी हारात िी हहफ़ाज़त िे लरमे आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने अफू फिय

कपय उभय िो बेजना चाहा रेकिन इन हज़यात िे इन्िाय िय दे ने िी वजह से

हज़यत ने हुज़ैफ़ा िो बेजा।

(दयु े भन्शूय ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 185)

ऽन्द़ िी खुदाई िा िाभ 6 योज़ ति जायी यहा। ऽन्द़ तैमाय हुई ही थी कि

िुफ़्फ़ाय िा एि फड़ रश्िय आ ऩहुॉचा। रश्िय िी िसयत दे ख िय भस


ु रभान

घफया गमे। िुफ़्फ़ाय मह हहम्भत तो न िय सिे कि भस


ु रभानों िो एि दभ से

हभरा िय िे तफाह िय दे ते रेकिन इक्िा दक्


ु िा ऽन्द़ ऩय िय िे हभरा ियने

िी िोलशश ियते यहे औय मह लसरलसरा 20 हदन ति चरता यहा। एि हदन अम्र

बफन अफदोवद
ु जो कि रवी बफन ाालरफ िी नस्र से था औय अयफ भें एि हज़ाय

फहादयु ों िे फयाफय भाना जाता था ऽन्द़ पाॊद िय रश्िये इस्राभ ति आ ऩहुॉचा

औय हर लभन भफ
ु ारयज़ िी सदा दी। अम्र बफन अफदोवद
ु िी आवाज़ सन
ु ते ही उभय

बफन ऽत्ताफ ने िहा कि मह तो अिेरा एि हज़ाय डािुओॊ िा भ़


ु ाफरा ियता है

76
मानी फहुत ही फहादयु है । मह सन
ु िय भस
ु रभानों िे यहे सहे होश बी जाते यहे ।

ऩैंाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) ने इसिे चैरेंज ऩय रश्िये इस्राभ िो भऽ


ु ानतफ िय

िे भ़
ु ाफरे िी हहम्भत हदराई रेकिन एि नौजवान फहादयु िे अरावा िोई न

सनिा। तायीऽे ऽभीस यौज़तुर अहफाफ औय यौज़तुर ऩष्ृ ठ भें है कि तीन भयतफा

आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने अऩने असहाफ िो भ़


ु ाफरे िे लरमे ननिरने िी दावत

दी भगय हज़यत अरी (अ.स.) िे लसवा िोई न फोरा। तीसयी भयतफा आऩने अरी

(अ.स.) से िहा कि मह अम्र अफदवद


ु है आऩने अज़क कि भैं बी अरी इब्ने अफी

तालरफ हूॉ।

अर ायज़ आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने हज़यत अरी (अ.स.) िो भैदान भें

ननिरने िे लरमे तैमाय किमा। आऩने ज़ेयह ऩहनाई अऩनी तरवाय िभय भें डारी,

अऩना अभाभा अऩने हाथों से अरी (अ.स.) िे सय ऩय फाॊधा औय दआ


ु िे लरमे

हाथ उठा िय अज़क िी, ऽुदामा जॊगे फद्र भें उफैदा िो, जॊगे ओहद भें हभज़ा िो दे

चि
ु ा हूॉ ऩारने वारे अफ भेये ऩास अरी (अ.स.) यह गमे हैं भालरि ऐसा न हो कि

आज इनसे बी हाथ धो फैठूॊ। दआ


ु िे फाद अरी (अ.स.) िो ऩैदर यवाना किमा

औय साथ ही साथ िहा फयज़र ईभान िुल्रहू इल्र िुफ़्र िुल्रहू आज िुल्रे ईभान

िुल्रे िुफ्र िे भ़
ु ाफरे भें जा यहा है । (हमातुर है वान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 238 व सीयते

भोहम्भहदमा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 102)

77
अर ायज़ आऩ यवाना हो िय अम्र िे भ़
ु ाफरे भें ऩहुॉच।े अल्राभा ज़श्ब्री िा

िहना है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने अम्र से ऩछ


ू ा िे क्मा सच भें तेया मह ़ौर

है कि भैदाने जॊग भें अऩने भ़


ु ाबफर िी तीन फातों भें से एि फात ज़रूय ़ुफर

ियता है । उसने िहा हाॊ। आऩने फ़यभामा कि अच्छा इस्राभ ़ुफर


ू िय उसने िहा

ना भज़ु म्िन कपय फ़यभामा ! अच्छा भैदाने जॊग से वाऩस जा उसने िहा मह बी

नहीॊ हो सिता कपय फ़यभामा ! अच्छा घोड़े से उतय आ औय भझ


ु से जॊग िय वह

घोड़े से उतय ऩड़ा, रेकिन िहने रगा भझ


ु े उम्भीद न थी कि आसभान िे नीचे

िोई शख़्स बी भझ
ु से मह िह सिता है जो तभ
ु िह यहे हो, भगय दे खो भैं

तुम्हायी जान नहीॊ रेना चाहता। ायज़ जॊग शरू


ु हो गई औय सत्तय वायों िी नौफत

आई, बफर आखखय


ु़ उसिी तरवाय अरी (अ.स.) िे लसऩय िाटती हुई सय ति

ऩहुॉची। हज़यत अरी (अ.स.) ने जो सॊबर िय हाथ भाया तो अम्र बफन अब्दवद

ज़भीन ऩय रोटने रगा। भस


ु रभानों िो इस दस्त फ दस्त रड़ाई िी फड़ी कफ़क्र थी।

हय एि दआ
ु ऐॊ भाॊग यहा था। जफ अम्र से हज़यत अरी (अ.स.) रड़ यहे थे तो ऽाि

इस ़दय उड़ यही थी कि िुछ नज़य न आता था गयदो ाफ


ु ाय भें हाथों िी सफ़ाई

तो नज़य न आई हाॊ तिफीय िी आवाज़ सन


ु िय भस
ु रभान सभझे िी अरी

(अ.स.) ने फ़तेह ऩाई।

अम्र बफन अब्दवद


ु भाया गमा औय उसिे साथी ऽन्द़ िूद िय बाग ननिरे।

जफ फ़तेह िी ऽफय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ति ऩहुॉची तो आऩ ऽुशी से फाा फाा

78
हो गमे। इस्राभ िी हहफ़ाज़त औय अरी (अ.स.) िी सराभती िी ऽुशी भें आऩने

फ़यभामा ज़यफते अरी मौभर


ु ऽन्द़ अफ़ज़र लभन इफादतर
ु स़रैन आज िी

एि ज़यफते अरी (अ.स.) भेयी सायी उम्भत वह चाहे ज़भीन भें फस्ती हो मा

आसभान भें यहती हो िी तभाभ इफादतों से फेहतय है ।

फाज़ किताफों भें है कि अम्र बफन अब्द वद


ु िे सीने ऩय हज़यत अरी (अ.स.)

सवाय हो िय सय िाटना ही चाहते थे कि उसने चेहयाए अ़दस ऩय रोआफे दे हन

से फे अदफी िी हज़यत िो ास्


ु सा आ गमा, आऩ मह सोच िय फ़ौयन सीने से

उतय आमे कि िाये ऽद


ु ा भें जज़्फाए नफ़्स शालभर हो यहा था, जफ ास्
ु सा ऽत्भ

हुआ तफ सय िाटा औय ज़ज़यह उताये फाैय खखदभते


ु़ रयसारत भाआफ भें जा ऩहुॉच।े

आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने हज़यत अरी (अ.स.) िो सीने से रगा लरमा। ज़जब्राईर

ने फयावामत सर
ु भ
ै ान ़नदज़
ू ी, आसभान से अनाय रा िय तोहफ़ा इनामत किमा।

ज़जसभें हये यॊ ग िा रूभार था औय उस ऩय अरी वरी अल्राह लरखा हुआ था।

हज़यत अरी (अ.स.) भैदाने जॊग से िाभमाफो िाभयान वाऩस हुमे औय अम्र बफन

अब्द वद
ु िी फहन बाई िी राश ऩय ऩहुॉची औय खोदो ज़ज़यह फदस्तयू उसिे ज़जस्भ

ऩय दे ख िय िहा भा ़त्रहा अरा िफ़वन


ु ियीभ इसे किसी फहुत ही भोअजज़ज़ज़

(आदयणीम) फहादयु ने ़त्र किमा है । उसिे फाद िुछ शेय ऩढ़े ज़जनिा भतरफ मह

है कि ऐ अम्र ! अगय तुझे इस ़ानतर िे अरावा िोई औय ़त्र ियता तो भैं

सायी उम्र (जीवन बय) तुझ ऩय योती। भाआये जुन नफव


ू ता औय यौज़ातुर ऩष्ृ ठ भें है

79
कि फ़तेह िे फाद जफ हज़यत अरी (अ.स.) वाऩस हुए तो हज़यत अफू फिय औय

उभय ने उठ िय आऩिी ऩेशानी भफ


ु ायि िो फोसा हदमा।

ाज़वाए फनी भस्


ु तऱ औय वाकिए अफ़़

आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो इत्तेरा लभरी कि ़फीराए भस्


ु तऱ भदीने ऩय हभरा

ियना चाहता है । आऩने उसे योिने िे लरमे 2 शाफान 5 हहजयी िो इनिी तयफ़

फढ़े । हज़यत अरी (अ.स.) अरभदाये रशिय थे। घभासान िी जॊग हुई, भस
ु रभान

िाभमाफ हुए। वाऩसी िे भौ़े ऩय हज़यत आमशा इसी जॊगर भें यह गईं। जो फाद

भें एि शख़्स सफ़वान इब्ने भाअतर िे साथ ऊॉट ऩय फैठ िय आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) ति ऩहुॉची। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने इसे भहसस


ू किमा औय रोगों

ने शि
ु ू ि िा चयचा िय हदमा। फायवामत तायीऽे आइम्भा आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)

िो बी शि हो गमा था औय आऩ िुछ सभम ति िशीदा (नायाज़) यहे कपय

फ़यभामा भझ
ु े जहाॊ ति भारभ
ू है भैं अऩनी फीवी भें लसवाम नेिी औय बराई िुछ

नहीॊ ऩाता औय ज़जस भदक मानी सफ़वान इब्ने भाअतर िे फाये भें जो रोग चयचा

ियते हैं भैं इसभें बी किसी तयह िी ऽयाफी नहीॊ ऩाता, वह फे शि भेये घय भें

आभदो यफ़्त यखता था भगय हभेशा भेये हुज़ूय भें । (उम्भेहात अर उम्भा ऩष्ृ ठ 166)

इसी 5 हहजयी भें ाज़वाए फनी ़ुयै ज़ा, सयमा, सैफ़ अर फहय, ाज़वए फनी

अमान बी वा़े हुए हैं औय तमम्भभ


ु िा हुक्भ बी नाज़ज़र हुआ है औय फ़ौर

80
भह
ु ीउद्दीन इब्ने अयफी इसी 5 हहजयी भें सफ़ये ऽन्द़ िे भौ़े ऩय आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) ने ऽद
ु अज़ान भें हय्मा अरा ऽैरयर अभर िा हुक्भ हदमा। किफरयमत

अहभय फय हालशमा अर ववमाक़मत वर जवाहय, ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 43 व भोअज़ल्रभे

तयजुभा भज़ु स्रभ ऩष्ृ ठ 528 व िनज़ुर आभार ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 226 वाज़े हो कि

हय्मा अरा ऽैरयर अभर यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िी तशिीरे अजाॊ िा जुज़ है

रेकिन हज़यत उभय ने उसे अऩने अहद भें अज़ान से ऽारयज (ननिार) िय हदमा।

भर
ु ाहे ज़ा हो (नीर अर वताया, इभाभे शोिानी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 339 व सही भुज़स्रभ

भुतायज़ज्जभ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 10)

6 हहजरी के अहम वाक़ेयात

सर
ु ह
ै हुदैबफमा ज़ी़ाद 6 हहजयी भत
ु ाबफ़ 628 ई0 भें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)

हज िे इयादे से भक्िे िी तयफ़ चरे, िुयु़ ै श िो ऽफय हुई तो जाने से योिा,

हज़यत एि िुएॊ ऩय ज़जसिा हुदैबफमा नाभ था रूि गए औय असहाफ से जाॊ ननसायी

िी फैअत री। इसी िो फैत अर रयज़वान िहते हैं औय फैअत ियने वारों िो

असहाफे सभ
ु या से ताफीय किमा जाता है । ़ुयै श िे ऐरची उयवा ने िहा कि इस

सार हज से फाज़ आएॊ औय मह बी िहा कि भैं आऩिे हभयाह ऐसे रोग दे ख यहा

हूॉ जो ओफाश हैं औय जॊग से बाग ननिरेंगे मह सन


ु िय हज़यत अफू फिय ने

फज़यआरात चस
ू ने िी गारी दी। इसिे फाद आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) फायवामत इब्ने

81
असीय हज़यत उभय िो ़ुयै श िे ऩास इस लरमे फेजना चाहा कि वह उन्हें सभझा

फझ
ु ा िय सर
ु ह ियने ऩय याज़ी िय रें रेकिन वह ना गए औय हज़यत उस्भान िो

बेजने िी याम दी हज़यत उस्भान जो अफू सकु फ़मान िे बतीजे थे इनिे ऩास गए

इनिी अच्छी तयह आव बगत हुई रेकिन आखखय


ु़ भें गगयफ़्ताय हो गए औय जल्दी

छूट िय चरे गए। आखखय


ु़ अम्र ़ुयै श िी तयफ़ से ऩैााभे सर
ु ह रामा औय हज़यत

ने सर
ु ह िय री। सर
ु ह नाभा हज़यत अरी (अ.स.) ने लरखा है । तयफ़ैन से शाहदते

रे री गईं। इस सर
ु ह िे फाद ़ुयै श फे खटिे भस
ु रभान होने रगे औय भक्िे भें

बफरा भज़ाहभत ़ुयान ऩढ़ा जाने रगा क्मों कि अभन ़ाएभ हो गमा औय यसर

(स.अ.व.व.) िा नाभ रेना जुभक न यहा। एि दस


ू ये से लभरने रगे औय इस्राभ िा
ु़
नमा दौय शरू
ु हो गमा। (तायीखे ऽभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 15 औय दयु े भन्शयू ज़जल्द

6 ऩष्ृ ठ 77 भें है कि सर
ु ह
ै हुदैबफमा िे फाद हज़यत उभय ने िहा कि भोहम्भद

(स.अ.व.व.) िी नफव
ू त भें जैसा भझ
ु े आज शि हुआ है िबी नहीॊ हुआ था। मह

उन्होंने इस लरमे िहा कि वह सर


ु ह ऩय याज़ी न थे। इब्ने ऽल्दन
ू िा फमान है कि
ु़
इनिे इस तयज़े अभर से हज़यत यसर
ू े ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) सख़्त यॊ जीदा हुए। (तायीखे

इब्ने ऽल्दन
ू ऩष्ृ ठ 361)

तायीऽे इस्राभ एहसान उल्राह अब्फासी भें है कि हुदैबफमा से वाऩस होते हुए

यास्ते भे सयू ा ए इन्ना फ़तैहना रिा फ़तैहना भफ


ु ीनन नाज़ज़र हुआ। इसी सार

82
ाज़वह ज़ी ़यद, सयमा दो भताउर ज़जन्दर, सयमा कफ़द़, सयमा वाहदउर ़ुया

औय सयमा अयननमा बी वा़े हुमे हैं।

इसी 6 हहजयी भें हज़यत यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) ने ज़ैद बफन हाये सा िी ज़ेये

सय ियदगी चारीस आदलभमों िी एि जभाअत हभभ


ू िी तयफ़ यवाना िी ज़जसने

़फीराए भज़
ु ीना िी औयत हरीभा औय उसिे शौहय िो गगयफ़्ताय िय िे आऩिी

खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य किमा आऩने लभमाॊ फीवी दोनों िो आज़ाद िय हदमा। (तायीऽे

िालभर बफन असीय ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 78 व अर य़ कफ़र इस्राभ, रेखि अती़ुय यहभान

उस्भानी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 107)

7 हहजरी के अहम वाक़ेयात

जॊगे ऽैफय ऽैफय भदीनए भन


ु व्वया से त़यीफन 50 भीर िे फ़ासरे ऩय महूहदमों

िी फस्ती थी। इसिे फालशन्दे मॊह


ू ी इस्राभ िे ऊरूज व इ़फार से जर बन
ु यहे थे

कि भदीने भें ज़जरा वतन महूहदमों ने उनसे लभर िय उनिे हौसरे फरन्द िय हदमे

उन्होंने फनी असद औय फनी ातफ़ान िे बयोसे ऩय भदीने िो तफाह व फयफाद िय

डारने िा भन्सफ
ू ा फाॊधा औय उसिे लरमे भि
ु म्भर फ़ौजे तैय्माय रीॊ। जफ आॊ

हज़यत (स.अ.व.व.) िो उनिे अज़भो इयादे िी ऽफय हुई तो आऩ 14 सफ़य 7

हहजयी िो चौदह सौ (1400) ऩैदर औय दो सौ (200) सवाय रे िय कफ़तने िो

ऽत्भ ियने िे लरमे भदीने से फयाभद हुए औय ऽैफय भें ऩहुॉच िय क़रा फन्दी िय

83
री औय भस
ु रभान उन्हें घेये भें रे िय फयाफय रड़ते यहे रेकिन क़रै ़भस
ू फ़तेह

न हो सिा।

तायीऽे तफयी व ऽभीस औय शवाहे दन


ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 85 भें है कि आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) ने क़रा फ़तेह ियने िे लरमे हज़यत उभय िो बेजा कपय हज़यत अफू

फिय िो यवाना किमा उसिे फाद कपय हज़यत उभय िो हुक्भे ज़जहाद हदमा रेकिन

मह हज़यात नािाभ वाऩस आमे। (तायीऽे तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 93 भें है कि तीसयी

भयतफा जफ अरभे इस्राभ ऩयू ी हहफ़ज़त िे साथ आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी

खखदभत
ु़ भें ऩहुॉच यहा था यास्ते भें बागते हुए रश्िय वारों ने लसऩहे साराय िी

फज़
ु हदरी ऩय इजभा िय लरमा औय साराये रश्िय इन रशिरयमों िो फज़
ु हदर िह

यहा था। इन हारात िो दे खते हुए आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा! िर भैं

अरभे इस्राभ ऐसे फहादयु िो दॊ ग


ू ा जो भदक होगा औय फढ़ फढ़ िय हभरे ियने

वारा होगा औय किसी हार भें बी भैदाने जॊग से न बागे गा। वह ऽुदा व यसर

िो दोस्त यखता होगा औय खद


ु ा व यसर
ू उसिो दोस्त यखते होगें औय वह उस

वक़्त ति भैदान से न ऩरटे गा जफ ति ऽद


ु ा वन्दे आरभ उसिे दोनों हाथों ऩय

फ़तेह न दे दे गा।

ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िे इस फ़यभाने से अहरे इस्राभ भें एि ऽास

िैकफ़मत ऩैदा हो गई औय हय एि िे हदर भें मह उभॊग आ भौजूद हुई कि िर

अरभे इस्राभ किसी सयू त से भझ


ु े ही लभरना चाहहमे। (तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 93

84
भें है कि हज़यत उभय िहते हैं कि भझ
ु े सयदायी िा है सरा आज िे योज़ से ज़्मादा

िबी न हुआ था। भव


ु रयक ऽ िा फमान है कि तभाभ असहाफ ने फहुत ही फेचन
ै ी भें

यात गज़
ु ायी औय सफ
ु ह होते ही अऩने िो आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे साभने ऩेश

किमा। असहाफ िो अगयचे उम्भीद न थी रेकिन फतामे हुए लसफ़ात िा त़ाज़ा था

कि अरी (अ.स.) िो आवाज़ दी जाए, कि नागाह ज़फाने रयसारत (स.अ.व.व.) से

अमना अरी इब्ने अफू तालरफ िी आवाज़ फरन्द हुई, रोगों ने हुज़ूय वह तो

आशोफे चश्भ भें भज़ु ब्तरा हैं, आ नहीॊ सिते। हुक्भ हुआ कि जा िय िहो कि यसर
ू े

ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) फर
ु ाते हैं। ऩैााभ ऩहुॉचाने वारे ने यसर
ू (स.अ.व.व.) िी आवाज़

हज़यत अरी (अ.स.) िे िानों ति ऩहुॉचाइ औय आऩ उठ ऽड़े हुए। असहाफ िे

िॊधों िा सहाया रे िय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हुए। आऩने

अरी (अ.स.) िा सय अऩने ज़ानू ऩय यखा औय फऽ


ु ाय उतय गमा। रआ
ु फे दहन

रगामा आशोफे चश्भ जाता यहा। हुक्भ हुआ अरी भैदाने जॊग भें जाओ औय क़राए

़भस
ू िो फ़तेह ियो। अरी (अ.स.) ने यवाना होते ही ऩछ
ू ा हुज़यू ! िफ ति रडूॉ ु़

औय िफ वाऩस आऊॉ, फ़यभामा जफ ति फ़तेह न हो।

हुक्भे यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩा िय अरी (अ.स.) भैदान भें ऩहुॉच।े ऩत्थय ऩय अरभ

रगामा। एि महूदी ने ऩछ
ू ा आऩिा नाभ क्मा है फ़यभामा अरी इब्ने अफी तालरफ

उसने अऩनों से िहा कि (तौयै त) िी ़सभ मह शख़्स ज़रूय जीत रेगा क्मों कि

इस क़रे िे फ़ातेह िे जो लसफ़ात तौयै त भें फमान किमे गमे हैं वह बफल्िुर सही

85
हैं इसभें सफ लसफ़ात ऩाए जाते हैं। अर ायज़ हज़यत अरी (अ.स.) से भ़
ु ाफरे िे

लरमे रोग ननिर ने रगे औय फ़ना िे घाट उतय ने रगे। सफ से ऩहरे हारयस ने

जॊग आज़भाई िी औय एि दो वायों िी यद्दो फदर भें ही वालसरे जहन्नभ हो

गमा। हारयस चॊकू ि भयहफ िा बाई था इस लरमे भयहफ ने जोश भें आ िय यजज़

िहते हुए आऩ ऩय हभरा किमा। आऩने इसिे तीन बार वारे नैज़े िे वाय िो

योि िय िे ज़ुरफ़े़ाय िा ऐसा वाय किमा कि इससे आहनी खोद, सय औय सीने

ति दो टुिड़े हो गमे। भयहफ िे भयने से अगयचे हहम्भतें ऽत्भ हो गईं थीॊ रेकिन

जॊग जायी यही औय अन्तय यफी मालसय जैसे ऩहरवान भैदान भें आते औय भौत िे

घाट उतयते यहे । आखखय


ु़ भें बगदड़ भच गई। भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि जॊग िे

फीच भें एि शख़्स ने आऩिे हाथ ऩय एि ऐसा हभरा किमा कि लसऩय छूट िय

ज़भीन ऩय गगय गई औय एि दस
ू या महूदी उसे रे बागा। हज़यत िो जरार आ

गमा आऩ आगे फढ़े औय क़रा ऽैफय िे आहनी दय ऩय फामाॉ हाथ यख िय ज़ोय से

दफा हदमा। आऩिी उॊ गलरमाॊ उसिी चौखट भें इस तयह दय आईं जैसे भोभ भें

रौहा दय आता है । इसिे फाद आऩने झटिा हदमा औय ऽैफय िे क़रे िा दयवाज़ा

ज़जसे चारीस आदभी हयित न दे सिते थे, ज़जसिा वज़न फयवामत भआरयज अर

नफव
ू त आठ सौ भन औय फयवामत यौज़तुर ऩष्ृ ठ तीन हज़ाय भन था उऽड़ िय

आऩिे हाथ भें आ गमा औय आऩिे इस झटिे से क़रे भें ज़रज़रा आ गमा औय

सफ़ीहा बफन्ते हई इब्ने अख़्तफ भह


ु ॉ िे फर ज़भीन ऩय गगय ऩड़े। चॊकू ि मह अभर

86
इन्सानी ता़त िे फाहय था इस लरमे आऩने फ़यभामा भैंने दये क़रा ए ऽैफय िो

िूव्वते
ु़ यब्फानी से उखाड़ा है । उसिे फाद आऩने उसे लसऩय फनािय जॊग िी औय

इसी दयवाज़े िो ऩर
ु फना िय रशिये इस्राभ िो उस ऩय उताय लरमा। भदारयज

अर नफव
ू ा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 202 भें है कि जफ भि
ु म्भर फ़तेह िे फाद आऩ वाऩस

तशयीफ़ रे गमे तो ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) आऩिे इस्ते़फार िे लरमे ननिरे

औय अरी (अ.स.) िो सीने से रगा िय ऩेशानी ऩय फोसा हदमा औय फ़यभामा कि

ऐ अरी (अ.स.) खुदा औय यसर


ू (स.अ.व.व.) ज़जब्राईर व लभिाईर फज़ल्ि तभाभ

फ़रयश्तें तभ
ु से याज़ी व ऽश
ु हैं। अल्राभा शेऽ ऽन्दज़
ू ी किताफ ननमाफर
ु भोअदता

भें लरखते हैं कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने मह बी फ़यभामा था कि ऐ अरी

(अ.स.) तुम्हें ऽुदा ने वो फ़जीरत


ु़ दी है कि अगय भैं उसे फमान ियता तो रोग

तुम्हायी ऽािे ़दभ तफरूकि सभझ िय उठा िय यखते। तायीऽ भें है कि फ़तेह
ु़
खैफय िे हदन हुज़ूय (स.अ.व.व.) िो दोहयी ऽुशी हुई थी। एि फ़तेह ऽैफय िी औय

दस
ू यी हफश से भयाजेअते जाफ़ये तैमाय िी। िहा जाता है कि इसी भौ़े ऩय एि
ु़
औयत जैनफ बफन्ते हारयस नाभी ने आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो बन
ु े हुमे गोश्त भें

ज़हय हदमा था औय इसी जॊग से वाऩसी भें सहाफा िे भ़ाभ ऩय यजअते शम्स हुई

थी। (शवाहहद अर नफूवत् ऩष्ृ ठ 86, 87)

87
हज़रत अऱी (अ.ि.) के सऱये रजअते िम्ि

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि जफ आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) रश्िय सभेत ऽैफय से

वाऩसी भें भ़ाभे वादी अर ़या िी तयफ़ जाते हुए भ़ाभे सहाफा भें ऩहुॉचे औय

वहाॊ ठहये हुए थे तो एि हदन आऩ ऩय वही िे नज़


ु रू िा लसरलसरा ऐेसे वक़्त भें

शरू
ु हुआ कि सयू ज डूफने से ऩहरे ऽत्भ न हुआ। हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.)

हज़यत अरी (अ.स.) िी गोद भें सय यखे हुए थे। जफ वही िा लसरलसरा ऽत्भ

हुआ तो आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने हज़यत अरी (अ.स.) से ऩछ


ू ा कि ऐ अरी तुभ

ने नभाज़े अस्र बी ऩढ़ी मा नहीॊ? अज़क िी, भौरा ! नभाज़ िैसे ऩढ़ता, आऩिा सये

भफ
ु ायि ज़ानू ऩय था औय वही िा लसरलसरा जायी था। मह सन
ु िय हज़यत यसर
ू े

ियीभ (स.अ.व.व.) ने दआ
ु िे लरमे हाथ फरन्द किमे औय िहा कि फाये इराहा

अरी तेयी औय तेये यसर


ू (स.अ.व.व.) िी इताअत भें था इसिे लरमे सयू ज िो

ऩरटा दे ताकि मह नभाज़े अस्र अदा िय रे चन


ु ान्चे सयू ज ऩरट आमा औय अरी

(अ.स.) ने नभाज़े अस्र अदा िी। (हफीफ असीय, यौज़ातुर सफ़ा, यौजातु़ ुर अहफाफ, शयहे

शफ़ा ़ाज़ी अमाज़, तायीऽे ऽभीस) फाज़ यवामात भें है कि यसर


ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) ने

अरी (अ.स.) से फ़यभामा कि सयू ज िो हुक्भ दो वह ऩरटे गा चन


ु ान्चे अरी

(अ.स.) ने हुक्भ हदमा औय सयू ज ऩरट आमा। अल्राभा अब्दर


ु ह़ भोहद्हदस

दे हरवी लरखते हैं मह हदीस यजअते शम्स सही है सक़्


ु ़ा याववमों से भयवी है ।

अल्राभा इ़फार फ़यभाते हैं।

88
आॊ िे दय आफ़ा़, गयद्द फत
ू ुयाफ।

फाज़ गय दानद ज़े भारयफ आफ़ताफ।।

तफऱीगी खत
ु त

हज़यत िो अबी सर
ु ेह हुदमबफमा िे ज़रयमे से सि
ु ू न नसीफ हुआ ही था कि

आऩने सात 7 हहजयी भें एि भोहय फनवाई ज़जस ऩय भोहम्भद यसर


ू अल्राह

िन्दा ियामा। इसिे फाद दनु नमा िे फादशाहों िो ऽत लरखे। इन हदनों अयफ िे

इदक गगदक चाय फड़ी सरतनतें ़ामभ थीॊ।

1. हुिूभते ईयान ज़जसिा असय भध्म ऐलशमा से ईया़ ति पैरा हुआ था।

2. हुिूभते योभ ज़जसभें ऐलशमाए िोचि, कफ़लरस्तीन, शाभ औय मयू ोऩ िे फाज़

हहस्से शालभर थे।

3. लभस्र।

4. हुिूभते हफश जो लभस्री हुिूभत िे जुनफ


ू से रे िय फहये िुरजुभ िे भायफी

साहहर ऩय हहजाज़ व मभन िी तयह ़ामभ थी औय उसिा असय सहयाए आज़भ

अफ़यी़ा िे तभाभ इरा़ों ऩय था।

हज़यत ने फादशाहे हफश नजाशी, शाहे योभ, ़ैसय हयिुर, गवकयने लभस्र जयीह

इब्ने भीना क़ब्ती उफ़क भ़व़


ु श फादशाहे इयान ऽस
ु यो ऩयवेज़ औय गवकनय मभन

फाज़ान, वारी दलभश्ि हारयस वाैयह िे नाभ ऽत


ु त
ू यवाना फ़यभामे।

89
आऩिे ऽुतूत िा फादशाहों ऩय अरग अरग असय हुआ। नजाशी ने इस्राभ

़ुफर
ू िय लरमा। शाहे इयान ने आऩिा ऽत ऩढ़ िय ास्
ु से िे भाये ऽत िे टुिड़े

िय हदमे औय ऽत रे िय आने वारे िो ननिार हदमा औय गवकनये मभन िो

लरखा कि भदीने िे दीवाने आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो गगयफ़्ताय िय िे भेये ऩास

बेज दे । उसने दो लसऩाही भदीने बेजे ताकि हुजयू ु़ िो गगयफ़्ताय ियें । हज़यत

(स.अ.व.व.) ने फ़यभामा, जाओ तुभ क्मा गगयफ़्ताय ियो गे, तुम्हें ऽफय बी है

तुम्हाया फादशाह इन्ते़ार िय गमा। लसऩाही जो मभन ऩहुॉचे तो सन


ु ा िी शाहे

ईयान भय चि
ु ा है । आऩिी इस ऽफय दे ने से फहुत से िाकफ़य भस
ु रभान हो गमे।

़ैसये योभ ने आऩिे ऽत िी ताज़ज़भ िी। लभस्र िे गवकनय ने आऩिे ़ालसद िी

फड़ी आवबगत िी औय फहुत से तोफ़ो सभेत उसे वाऩस िय हदमा। इन तोहफ़ो भें

भारयमा क़ज़ब्तमा (आॊ हज़यत िी ऩत्नी) औय उनिी फहन शीयीॊ (जौजा ए हस्सान

बफन साबफत) एि दर
ु दर
ु नाभी घोड़ा हज़यत अरी (अ.स.) िे लरमे, माफ़ूय नाभी

दयाज़ गोश भाफयू नाभी ख़्वाजा सया शालभर थे।

हुिऱ
ू े फ़फदक़

कफ़दि ऽैफय िे इरा़े भें एि ़रयमा (गाॊव) है । फ़तेह ऽैफय िे फाद आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) ने अरी (अ.स.) िो फ़ेदि वारों िी तयफ़ बेजा औय हुक्भ हदमा कि

उन्हें दावते इस्राभ दे िय भस


ु रभान ियें । इन रोगों ने इस फात ऩय सर
ु ह ियनी

90
चाही कि आधी ज़भीन आॊ हज़यत िो दे दें औय आधी ऩय ऽुद ़ाबफज़ यहें । हज़यत

ने उसे भॊज़यू फ़यभामा लरमा। तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 95 भें है कि चॊकू ि मह फ़ेदि

फाैय जॊगों जेदार लभरा था इस लरमे आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी लभरकिमत ़याय

ऩामा। दयु े भन्शयू ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ 177 भें है कि फ़ेदि िे ़ब्ज़े भें आते ही हुक्भे

ऽुदा नाज़ज़र हुआ वात ज़जर ़ुयफा हक़़्ा अऩने ़याफत दाय िो ह़ दे दो। शयह

भवाक़फ़ िे ऩष्ृ ठ 735 भें है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने आताहा फ़ेदि तऽरता

फ़ातभा ज़ैहया (स.अ.व.व.) िो फतौये अनतमा फ़ेद़ दे हदमा। यौज़तुर ऩष्ृ ठ ज़जल्द 2

ऩष्ृ ठ 377, भआरयज अर नफव


ू ता ऩैया 4 ऩष्ृ ठ 221 भें है कि आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) ने तहयीयी तसदी़ नाभा मानी फज़रयमे दस्तावेज़ जामदाद फ़ेद़

जनाफे सैय्मदा (स.अ.व.व.) िे नाभ हहफा िय दी। मही िुछ सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ

21, 22, वफ़ा अर वफ़ा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 63, फ़तावे अज़ीजी ु़ ऩष्ृ ठ 143, यौज़ातुर

ऩष्ृ ठ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 135 ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 85 भारयज अर नफव


ू त भई
ु न िशफ़ी

रूिन 4 ऩष्ृ ठ 221, भोअजभ अर फरदान भें इस ज़भीन िो फहुत उऩजाऊ फतामा

गमा है औय िहा गमा है कि मह ज़भीन फहुत से चश्भों से सेयाफ होती थी। इसभें

िाफ़ी फागातु़ बी थे। अफू दाऊद िे किताफ ऽेयाज भें इसिी आभदनी 4000, चाय

हज़ाय दीनाय (अशयफ़ी) सराना लरखी है ।

91
एक वाकेया

इसी सार भ़ाभे सहाफा से वाऩसी भें ाज़वा वादी अर ़ुया वा़े हुआ। महूहदमों

से रड़ाई हुई औय फहुत सा भारे ानीभत हाथ आमा। इसी सार भस


ु रभानों िे

भशहूय हदीस गढ़ने वारे अफू हुयैया भस


ु रभान हुए। मह इस्राभ राने से ऩहरे

महूदी थे। 3 सार अहदे रयसारत भें ज़ज़न्दगी फसय िी। आऩने 5304 ऩाॊच हज़ाय

तीन सौ चाय हदीसे नक़्र िी हैं। शयह भज़ु स्रभ नयू ी ऩष्ृ ठ 377, सही भज़ु स्रभ

ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 509, अरफ़ारू़ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 105, भीज़ान अर ़ूफया ज़जल्द 1

ऩष्ृ ठ 71 भें है कि अब्दल्


ु राह बफन उभय हज़यत आमशा औय हज़यत अरी (अ.स.)

इन्हें झठ
ू ा जानते थे।

8 हहजरी के अहम वाक़ेयात

जॊगे भौता

जॊगे भौता उस भशहूय जॊग िो िहते हैं ज़जसभें इस्राभ िे तीन सयदाय एि िे

फाद एि शहीद हुए। ज़जनभें ववशेष स्थान जाफ़ये तैमाय िो हालसर था। भौता मह
ु़
शाभ िे इरा़े फल़्ा िा एि ़रयमा है । इस जॊग िा वािेमा मह है कि हुज़ूय

(स.अ.व.व.) ने इस्राभी दावत नाभा दे िय फादशाहों औय धनी रोगों िी ही तयह

शाभ िे ईसाई हाकिभ शयजीर बफन अम्र ासानी िे ऩास बी बेजा। उसने हुज़ूय

92
(स.अ.व.व.) िे िालसद
ु़ हारयस इब्ने अभीय िो भौता िे भ़ाभ ऩय ़त्र िय हदमा

चॊकू ि उसने इस्राभी तौहीन िे साथ साथ दनु नमा िे फैनर


ु अ़वाभी ़ानन
ू िे

खखराफ़
ु़ किमा था रेहाज़ा आॉ हज़यत (स.अ.व.व.) ने तीन हज़ाय िी फ़ौज दे िय

अऩने ार
ु ाभ ज़ैद िो यवाना किमा औय मह प्रोग्राभ फना हदमा कि अगय मह ़त्र

हो जामें तो जाफ़ये तैमाय औय अगय मह ़त्र हो जामें तो उनिे फाद अब्दल्


ु राह

इब्ने यवाह अरभदायी ियें (मानी सयदायी ियें ) भैदान भें ऩहुॉच िय भारभ
ू हुआ कि

भ़
ु ाफरे िे लरमे एि राख िा रश्िय आमा है । हुक्भे यसर
ू (स.अ.व.व.) था

रेहाज़ा हज़यते ज़ैद ने जॊग िी औय शहीद हो गमे। हज़यत जाफ़य ने अरभ सॊबारा

औय फहुत ही फहादयु ी औय फे ज़जगयी िे साथ वह रड़ने रगे फ़ौज भे हरचर डार

दी रेकिन सीने ऩय 90 ज़ख़्भ खा िय ताफ न रा सिे औय ज़भीन ऩय आ िय

गगये । उनिे फाद अब्दल्


ु राह इब्ने यवाह ने अरभ सॊबारा औय जॊग भें भशार
ू हुमे,

आखखयिाय
ु़ उन्होंने बी शहादत ऩाई। कपय औय एि फहादयु ने अरभ सॊबारा।

िाभमाफी िे फाद भदीना वाऩसी हुई। भस


ु रभानों ऽास िय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)

िो इस जॊग भें तीन लसऩाह सारायों िे ़त्र होने िा सख़्त भरार हुआ। जाफ़ये

तैमाय िे लरमे आऩने फ़यभामा ऽुदा ने उन्हें जन्नत भें ऩयवाज़ िे लरमे दो ज़भरूकद

िे ऩय अता किमे हैं। भव


ु ये ऽीन िा िहना है कि इसी लरमे आऩिो जाफ़ये तैमाय

िहा जाता है । तायीऽे िालभर भें है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) जफ जाफ़य िे घय

गमे तो उनिी फीवी िो योता दे ख िय अऩने घय ऩहुॉचे तो फ़ातेभा (स.अ.व.व.) िो

93
योते दे खा। हुज़ूय ने सफिो तसल्री दी औय जाफ़ये तैमाय िे घय खाना ऩिवा िय

लबजवामा। मह जॊग जभाहदर अव्वर 8 हहजयी भें वा़े हुई।

ज़ातर
ु सरालसर

इसी जभाहदर अव्वर 8 हहजयी भें मह सरयमा (जॊग) ज़ातुर सरालसर बी वा़े

हुई। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने तीन सौ लसऩाहीमों िे साथ अम्र आस िो ़फीराए

फ़ज़ाआ िे सय िुचरने िे लरमे बेजा भगय वह िाभमाफ न हो सिे तो अफू उफैदा

बफन जयाकह िो यवाना फ़यभामा उन्होंने िाभमाफी हालसर िी।

लभम्फये नफवी िी इब्तेदा

अफ से ऩहरे आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे लरमे भज़स्जद भें िोई लभम्फय न था।

आऩ सत
ु ून (ख्म्फे) से टे ि रगा िय ऽुतफा हदमा ियते थे। आऩिो लरमे आमशा

अन्सारयमा ने तीन दयजे िा लभम्फय अऩने रूभी ार


ु ाभ फा़ूभ नाभी से जो फढ़ई

िा िाभ जानता था फनवा हदमा।

94
फ़तेह भक्िा

सर
ु ह
ै हुदैबफमा िी वजह से 10 सार ति आऩसी जॊगों जेदार भना होने िे

फावजूद ़ुयै श िे दश्ु भन ़बफरे फनू फक्र ने आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे दश्ु भन

़फीरे फनू ऽज़ाआ ऩय चढ़ाई िय दी औय ़ुयै श िी भदद से उन्हें तफाह व फयफाद

िय डारा। आखखयिाय
ु़ हारात से भजफयू हो िय फनी ऽज़ाआ ने आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) से भद्द भाॊगी। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने 10 हज़ाय िा रश्िय तैमाय

िय िे भक्िे िा इयादा किमा। अफू सकु फ़मान ने जफ मह तैमायी दे खी तो मह

दयख़्वास्त ऩेश ियने िे लरमे कि सर


ु ह नाभा हुदैबफमा िी तजदीद (यीनीवर) िय

दी जाम। भदीने आमा औय अऩनी फेटी उम्भे हफीफ यसर


ू (स.अ.व.व.) िी ऩत्नी िे

घय गमा उन्होंने मह िह िय उसे बफस्तये यसर


ू (स. अ.)से हटा हदमा कि तू

िाकफ़यो भश
ु रयि है । (अफर
ु कफ़दा) कपय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे ऩास गमा,

आऩने ऽाभोशी इख़्तेमाय िी। कपय हज़यत अरी (अ.स.) से लभरा। उन्होंने बी भॊह

न रगामा। कपय हज़यत पातेभा (स.अ.व.व.) िे ऩास ऩहुॉचा औय इभाभ हसन

(अ.स.) औय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे वास्ते से अभान भाॊगी उन्होंने बी िोई सहाया

न हदमा। इसिे फाद भज़स्जद भें तजदीदे सर


ु ोह िा ऐरान िय िे वाऩस चरा

गमा। हज़यत भोहम्भद (स.अ.व.व.) ने ऩयू े ऩयू े ध्मान िे साथ जॊग िी ऽुकफ़मा

तैमारयमाॊ िय रीॊ भगय मह न ज़ाहहय होने हदमा कि किस तयफ़ जाने िा इयादा है ।

इसी ऽुकफ़मा तैमायी िी इस्िीभ िे तहत इस्िीभ िे तहत आऩने भक्िे आना

95
जाना बफल्िुर फन्द िय हदमा था। आऩिा ख़्मार था कि अगय भक्िे वारों िो

वक़्त से ऩहरे मह ऽफय लभर जामेगी तो िाभमाफी भज़ु श्िर हो जामेगी। भगय एि

चा
ु रऽोय सहाफी हानतफ इब्ने फरतअ् ने ज़जसिे फच्चे भक्िे भें थे, एि औयत िे

ज़रयमे से हभरे िा भि
ु म्भर हार लरख बेजा। वह तो िहहमे हज़यत िो इत्तेरा

लभर गई आऩने अरी (अ.स.) िो बेज िय ऽत वाऩस िया लरमा।

अरायज़ 10 यभज़ान 8 हहजयी िो आऩ अन्जान यास्तों से अचानि भक्िे ऩहुॉचे

औय भक्िे से चाय फ़यस़ िी दयू ी ऩय सया नतहयान ऩय ऩड़ाओ डारा। रश्िय िी

िसयत िा चयचा हो गमा। अफू सकु फ़मान हज़यते अब्फास से भशववये से भस


ु रभान

हो गमा। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने उसिे लरमे मह छूट िय दी कि जो उसिे घय

भें फ़तेह भक्िा िे भौ़े ऩय ऩनाह रे उसे छोड़ हदमा जाम। अफू सकु फ़मान भक्िे

वाऩस गमा औय उसने आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी तयफ़ से ऐरान िय हदमा कि

जो भक्िे भें भेये भिान भें ऩनाह रेगा भहफ़ूज़ यहे गा। जो हगथमाय रगामे फाैय

साभने आमेगा उस ऩय हाथ न उठामा जामेगा। उसिे फाद जॊग शरू


ु हुई औय थोड़ी

सी रूिावट िे फाद भक्िे ऩय ़ब्ज़ा हो गमा। सयदाये रशिय हज़यत अरी (अ.स.)

थे। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ़सवा नाभी ऊॉट ऩय सवाय हो िय भक्िे भें दाखखर
ु़

हुए औय ज़ुफयै िे रगाए हुए इस्राभी झॊडे िे ़यीफ जा िय उतये । ऽेभें रगाए

गए। आऩने ़ुयै श से फ़यभामा फताओ तुम्हाये साथ क्मा सर


ु ि
ू िरूॊ। सफने िहा

आऩ ियीभ इब्ने ियीभ हैं हभें भाफ़ फ़यभामें। आऩने भाफ़ी दी औय आऩ सात

96
भयतफा तवाफ़ िे फाद दाखखरे
ु़ हयभे िाफा हो गमे औय उन तभाभ फत
ु ों िो अऩने

हाथ से तोड़ा जो नीचे थे औय ऊॊचे फत


ु ों िो तोड़ने िे लरमे हज़यत अरी (अ.स.)

िो अऩने िॊधे ऩय चढ़ामा। अरी (अ.स.) ने तभाभ फत


ु ों िो तोड़ िय ज़भीन ऩय

पेंि हदमा गोमा ऩत्थय िे ऽुदाओॊ िो लभट्टी भे लभरा हदमा। भव


ु ये ऽीन िा फमान

है कि ज़जस जगह भोहये नफव


ू त थी औय जहाॊ भेयाज िी शफ यसर
ू (स.अ.व.व.) िे

िाॊधे ऩय हाथ यखा हुआ भहसस


ू हुआ था, उसी जगह अरी (अ.स.) ने ऩाॊव यख िय

फत
ु ों िो तोड़ा। उनिा मह बी फमान है कि हज़यत अरी (अ.स.) िो यसर

(स.अ.व.व.) ने अऩनी ऩीठ ऩय सवाय किमा औय ज़जब्राईर (अ.स.) ने फत


ु तोड़ने िे

फाद अऩने हाथों से उताया। (तायीऽे ऽभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 92 ज़ज़न्दे गानी भोहम्भद ऩष्ृ ठ

77, अजामफ अर ़स्स ऩष्ृ ठ 278 भें है कि िाफे भें तीन सौ साठ (360) फत
ु थे।

दावते फनी ऽज़ीभा

भक्िाए भोअज़्ज़ेभा फ़तेह हो जाने िे फाद आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने िुछ रोगों

िो तफरीाे इस्राभ िे लरमे ़यीफ िी जगहों ऩय बेजा। ज़जन्भें ऽालरद बफन वरीद

बी थे। मह रोग जफ फनी ऽज़ीभा िे ऩास ऩहुॉचे तो उन्होंने अऩने भस


ु रभान होने

िा म़ीन हदरामा रेकिन इब्ने वरीद ने िोई ऩयवाह न िी औय उन ऩय ाैय

इऽरािी ु़ ज़ल्
ु भ किमा। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने जफ मह ऽफय सन
ु ी तो आऩने

97
अऩने फयी उज़ ज़ज़म्भा होने िा ऐरान किमा औय हज़यत अरी (अ.स.) िो बेज

िय हय क़स्भ िा तावान अदा किमा औय ऽॊू फहा हदमा। (तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 124)

जॊगे हुनैन

हुनन
ै भक्िे से तीन भीर िे फ़ासरे ऩय ताएफ़ िी तयफ़ एि वादी िा नाभ है ।

फ़तेह भक्िा िी ऽफय से फनी हवाज़न, फनी स़ीफ़, फनी हफशभ औय फनी सअद

ने आऩस भें फ़ैसरा किमा कि सफ लभर िय भस


ु रभानों से रड़ें। उन्होंने अऩना

सयदाये रशिय भालरि इब्ने औफ़ नफ़यी औय अरभदाय अफू जयवर िो ़याय

हदमा औय वह अऩने साथ दयीद इब्ने सम्भा नभी 120 सार िा तजरूफे िाय

लसऩाही भशवेये िे लरमे ऩाॊम हज़ाय लसऩहहमों िा रशिय रे िय हुनन


ै औय ताएफ़

िे फीच भ़ाभे अवतास ऩय जभा हो गमे। जफ आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो इस

इजतेभा िी ऽफय लभरी तो आऩ फायह हज़ाय (12,000) मा (16, 000) सोरह

हज़ाय िा रशिय रे िय ज़जसभें भक्िे िे दो हज़ाय (2000) नौ भज़ु स्रभ बी

शालभर थे। 6 शव्वार 8 हहजयी िो दर


ु दर
ु ऩय सवाय भक्िे से ननिर ऩड़े। हज़यत

अरी (अ.स.) हभेशा िी तयह अरभदाये रशिय थे। भैदान भें ऩहुॉच िय हज़यत अफू

फिय ने िहा कि हभ रोग इतने ज़्मादा हैं कि आज लशिस्त नहीॊ खा सिते।

भैदाने जॊग भें इस तयह िे भॊसफ


ू े फाॊधे जा यहे थे कि वह दश्ु भन जो ऩहाड़ों भें छुऩे

हुमे थे ननिर आमे औय तीयों नैजो औय ऩत्थयों से ऐसे हभरे किमे कि फज़
ु हदरों

98
िी जान िे रारे ऩड़ गमे। सफ सय ऩय ऩाॊव यख िय बागे। किसी िो यसर
ू े ऽुदा

(स.अ.व.व.) िी ऽफय न थी, वह ऩि


ु ाय यहे थे। ऐ फैअते रयज़वान वारों ! िहाॊ जा

यहे हो, रेकिन िोई न सन


ु ता था। ायज़ कि ऐसी बगदड़ भची कि उसर
ू े जॊग शरू

होने से ऩहरे ही हज़यत अरी (अ.स.), हज़यते अब्फास, इब्ने हारयस औय इब्ने

भसद
ू िे अरावा सफ बाग गमे। (सीयते हरबफमा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 109) इस भौ़े ऩय अफू

सकु फ़मान िह यहा था कि अबी क्मा है भस


ु रभान सभन्दय ऩाय बागें गे।

हफीफ अर लसमय औय यौज़ातुर अहफाफ भें है कि सफ से ऩहरे ऽालरद इब्ने

वरीद बागे उनिे ऩीछे ़ुयै श िे नौ भज़ु स्रभ चरे, कपय एि एि िय िे भहज़जय व

अन्साय ने याहे फ़याय इख़्तेमाय िी। इसी दौयान भें दश्ु भनों ने आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) ऩय हभरा िय हदमा ज़जसे जाॊ ननसायों ने यद्द िय हदमा। हारात िी

नज़ाित िो दे ख िय यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) खुद रड़ने िे लरमे आगे फढ़े

भगय हज़यते अब्फास ने घोड़े िी रजाभ थाभ री, औय भस


ु रभानो िो ऩि
ु ाया, आऩ

िी आवाज़ ऩय नौ सौ (900) भस
ु रभान वाऩस आ गमे औय दश्ु भन बी सफ िे

सफ भ़
ु ाबफर हो गमे। घभासान िी जॊग शरू
ु हुई, अफू जयवर अरभदाये रशिय ने

भ़
ु ाबफर तरफ किमा। हज़यत अरी (अ.स.) अरभदाये रशिये इस्राभ भ़
ु ाफरे भें

तशयीफ़ रामे औय एि ही वाय भें उसे फ़ना िे घाट उताय हदमा। भस


ु रभानों िे

हौसरे फढ़े औय िाभमाफ हो गमे। सीयत इब्ने हश्शाभ, ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 261 भें है

कि इस जॊग भें चाय भस


ु रभान औय 70 िाकफ़य ़त्र हुए ज़जनभें से चालरस 40

99
हज़यते अरी (अ.स.) िो हाथ से भाये गमे। इस जॊग भें ाैफी इभदाद लभरी थी

ज़जसिा ज़ज़क्र ़ुयआने भजीद भें है । इसिे फाद भ़ाभे अवतास भें जॊग हुई औय

वहाॊ बी भस
ु रभान िाभमाफ हुए। इन दोनों जॊगों भें िाफ़ी भारे ानीभत हाथा

आमा। अवतास भें असभा बफन्ते हरीभा साबफमा बी हाथ आईं।

हरीभा साहदमा िी लसफ़ारयश

जॊगे हुनन
ै िी फची हुई फ़ौज ताएफ़ भें ऩनाह गज़
ु ीन हो गई। आऩने शव्वार 8

हहजयी भें इसिे भोहासये िा हुक्भ हदमा औय 20 हदन ति भोहासया (नघयाव) जायी

यहा। उसिे फाद आऩ ने भोहासया उठा लरमा औय भ़ाभे जवाना ऩय चरे गमे।

वहाॊ ऩाॊच ज़ज़िाद िो फनी हवाज़न िी तयफ़ से दयख़्वास्त आई कि हभ आऩिी

इताअत ़ुफर
ू ियते हैं। आऩ हभायी औयतें भार वाऩस िय दीज़जमे। फनी हवाज़न

िी लसफ़ारयश भें जनाफे हरीभा साफीमा बी आई। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने उनिी

लसफ़ारयश िुफ
ु़ र
ू फ़यभाई।

100
9 हहजरी के अहम वाकेयात

कपलरस िी तफाही

़फीराए फनी तम ज़जसभें भशहूय स़ी हातभ ताई ऩैदा हुआ था कपलरस नाभी

फत
ु िो ऩज
ू ता था। फ़तेह भक्िा िे िुछ हदन फाद आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने 150

डेढ़ सौ सवायों सभैत यफीउर अव्वर 9 हहजयी भें उसिी तयफ़ हज़यत अरी (अ.स.)

िो बेजा। अदी अब्ने हातभ जो सयदाये ़फीरा था बाग गमा। फहुत सा भारे

ानीभत औय ़ैदी हाथ आमे। हज़यते अरी (अ.स.) ने इन्सान औय भार रशिय

भें फाॊट हदमे औय अदी िी फहन मानी हातभ ताई िी फेटी सफ़ाना भें फहुत ही

इज़्ज़तो एहतेयाभ िे साथ आॊ हज़यत िी खखदभत


ु़ भे ऩहुॉचामा। उसने शयाफ़ते

ऽानदान िा हवारा दे िय यहभ िी दयख़्वास्त िी। आऩने उसे आज़ाद िय हदमा

औय कियामा दे िय उसिो उसिे बाई िे ऩास लबजवा हदमा। आऩिे इस हुस्ने

इख़्रा़ी से अदी फहुत प्रबाववत हुआ। 10 हहजयी भें आिय भस


ु रभान हो गमा।

ाज़वा ए तफू़

तफ़
ू औय दलभश्ि िे फीच 12 मा 14 भॊज़ज़र ऩय था। हज़यत िो ऽफय लभरी

कि नसाया शाभ ने हय़ुर फादशाहे रूभ से चारीस हज़ाय (40, 000) फ़ौज भगा

िय भदीने ऩय हभरा ियने िा फ़ैसरा किमा है । आऩने हहफ़ाज़त िो ध्मान भें

101
यखते हुए ऩेश ़दभी िी। भदीने िा ननज़ाभ हज़यते अरी (अ.स.) िे लसऩद
ु क

फ़यभामा औय 30,000 (तीस हज़ाय) फ़ौज रे िय शाभ िी तयफ़ यवाना हो गमे।

यवानगी िे वक़्त हज़यत अरी (अ.स.) ने अज़क िी भौरा भझ


ु े फच्चों औय औयतों भें

छोड़े जाते हैं। क्मा तुभ इस ऩय याज़ी नहीॊ हो कि भैं उसी तयह अऩना जाॊ नशीन

फना िय जाऊॊ ज़जस तयह जनाफे भस


ू ा आऩने बाई हारून िो फना िय जामा ियते

थे। (सही फुऽायी किताफुर भााज़ी) ऐ अरी ऽुदा िा हुक्भ है कि भैं भदीने यहूॊ मा तुभ

यहो। (फ़तेहुर फायी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 387) ायज़ िी आऩ यवाना हो िय भॊज़ज़रे तफ़

ति ऩहुॉच।े आऩने वहाॊ दश्ु भनों िा 20 हदन ति इन्तेज़ाय किमा रेकिन िोई बी

भ़
ु ाफरे िे लरमे न आमा। दौयाने ़माभ भें अयीफ ़यीफ भें दावते इस्राभ िा

लसरलसरा जायी यहा। बफर आखखय


ु़ वाऩस तशयीफ़ रामे। मह वा़ेमा यजफ 9 हहजयी

िा है ।

वा़ऐ उ़फा

तफ़
ू से वाऩसी भें एि घाटी ऩड़ती थी ज़जसिा नाभ उ़फा ज़ी फ़त़ था। मह

घाटी सवायी िे लरमे इन्तेहाई ऽतयनाॊि थी। अन्दे शा मह था कि िहीॊ ऊॊट िा ऩाॊव

कपसर न जामे कि हज़यत िो चोट न रगे। इसी वजह से ऐरान िया हदमा गमा

कि जफ ति हज़यत िा ऊॉट गज़


ु य न जाए िोई बी घाटी िे ़यीफ न आम। ायज़

कि यवानगी हुई हज़यत सवाय हुए। हुज़ैफ़ा ने भेहाय (ऊॉट िी यस्सी) ऩिड़ी, अम्भाय

102
हॊ िाते हुमे यवाना हुए। मह हज़यात सभझ यहे थे कि ननहामत ऩयु अभन जा यहे हैं

नागाह बफजरी चभिी औय उनिी नज़य िुछ ऐसे सवायों ऩय ऩड़ी जो चेहयों िो

िऩड़े से छुऩामे हुए थे। हज़यत ने फ़यभामा ऐ हुज़ैफ़ा तभ


ु ने ऩहचाना मह

भन
ु ाकफ़़ भेयी जान रेना चाहते हैं। कपय आऩने सफ िे नाभ फता हदमे औय िहा

किसी से िहना नहीॊ वयना फ़साद होगा। यौज़तुर अहफाफ भें है कि वह अिाबफय

(फड़े सहाफा) थे।

तफरीाे सयू ा ए फयाअत

9 हहजयी भें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने 300 (तीन सौ) आदलभमों िे साथ

हज़यते अफू फिय िो हज औय तफरीाे सयू ा ए फयाअत िे लरमे बेजा। अबी आऩ

ज़्मादा दयू न जाने ऩामे थे कि वाऩस फर


ु ा लरमे गमे औय मह सआदत हज़यत

अरी (अ. स.) िे लसऩद


ु क िय दी गई। हज़यत अफू फिय िे एि सवार िे जवाफ भें

फ़यभामा कि भझ
ु े ऽुदा िा मही हुक्भ है कि भैं जाऊॊ मा भेयी आर भें से िोई

जाए। शाह वरी उल्राह िहते हैं कि शेऽैन दोनों िे दोनों भाभयू थे भगय भाज़ूर

(फयखास्त)
ु़ किमे गमे। ़ुयक तुर एैन ऩष्ृ ठ 234 सही फख
ु ायीु़ ऩैया 2 ऩष्ृ ठ 238,

िन्ज़ुर आभार ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 126, दयु े भन्शयू ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 310, तायीऽे

ऽभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 157 से 160 ति, ऽभाएसे ननसाई ऩष्ृ ठ 61, यौज़ौर अनफ़

ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 328, तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 154, रयमाज़र


ु नज़या ऩष्ृ ठ 174।

103
जॊगे वादीउर यभर

वादीउर यभर भदीने से ऩाॊच भॊज़ज़र िे फ़ासरे ऩय वा़े है । वहाॊ अयफों िी एि

फड़ी जभीअत (ग्रुऩ) ने भदीने ऩय शफ ऽॊू (यात िे अॊधेये भें चऩ


ु िे से हभरा ियना)

भायने औय अचानि शहय ऩय ़ब्ज़ा िय िे इस्राभी ता़त िो चिना चयू िय

दे ने िा भन्सफ
ू ा तैमाय किमा। हज़यत (स.अ.व.व.) िो जैसे ही ऽफय लभरी आऩने

उनिी तयफ़ एि रशिय बेज हदमा औय अरभदायी हज़यत अफू फिय िे लसऩद
ु क

िी। उन्हें हज़ीभत (लशिस्त) हुई। कपय हज़यत उभय िो अरभदाय फनामा। वह ऽैय

से घय िो आ गमे। कपय उभय बफन आस िो यवाना किमा वह बी लशिस्त खा

गमे। जफ िा िाभमाफी किसी तयह न हुई तो आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने हज़यत

अरी (अ.स.) िो अरभ दे िय यवाना किमा। ऽुदा ने अरी (अ.स.) िो शानदाय

िाभमाफी अता िी। जफ हज़यत अरी (अ.स.) वाऩस हुए तो आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) ने खुद हज़यत अरी (अ.स.) िा इस्ते़फार किमा। (हफीफस


ु लसमय,

भाआरयजुन नफ
ु व
ू ा)

104
वफ़ूद

9 हहजयी भें वफ़ूद आना शरू


ु हुए औय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी वफ़ात से

ऩहरे त़यीफन अयफ िा फड़ा हहस्सा भस


ु रभान हो गमा। इसी हहजयी भे हुक्भे

नजासते भश
ु ये िीन बी नाज़ज़र हुआ।

वुसूरीए सद़ात

इसी 9 हहजयी भें फनी तम से अदी बफन हातभ ताई, फनी हॊ ज़रा से भालरि

इब्ने नवेया, फनी नजयान से हज़यत अरी (अ.स.) जज़ज़मा व सद़ात वस


ु र
ू ियने

गमे औय भार लबजवामा। (इब्ने ऽल्दन


ू )

10 हहजरी के अहम वाक़ेयात

मभन भें तफरीाी सयगयलभमाॊ 10 हहजयी भें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने ऽालरद

बफन वरीद िो तफरीाे दीन िे ख़्मार से मभन बेजा। मह वहाॊ जा िय छ् 6

भहीने ति इधय उधय कपयते यहे औय िोई िाभ न िय सिे। मानी उनिी तफरीा

से िोई बी भस
ु रभान न हो सिा तो हज़यत अरी (अ.स.) िो बेजा गमा। आऩने

ज़ोयो इल्भ सरी़ाए तफरीाी िी वजह से साये ़फीराए हभदान िो भस


ु रभान

िय लरमा। उसिे फाद अहरे मभन भस


ु रसर दाऽरे इस्राभ होने रगे। जफ आॊ

105
हज़यत (स.अ.व.व.) िो मह शानदाय िाभमाफी भारभ
ू हुई तो आऩने सजदाए शक्र

अदा किमा औय ़फीराए हभदान िे लरमे दआ


ु िी औय फ़यभामा ऽद
ु ा ़फीराए

हभदान ऩय सराभती नाज़ज़र िये । (तायीऽे तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 159)

मभन भें हज़यत अरी (अ.स.) िी शानदाय िाभमाफी ऩय भुऽालरफ़ों

िी हासेदाना यववश

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि मभन भें ऽालरद बफन वरीद बफरिुर िाभमाफ नहीॊ

हुए कपय जफ हज़यत अरी (अ.स.) िो शानदाय िाभमाफी नसीफ हुई तो फाज़ रोगों

ने हज़यत अरी (अ.स.) ऩय भारे ानीभत िे लसरलसरे भें ऐतेयाज़ किमा।

किताफ खखराफ़त
ु़ व इभाभत िे ऩष्ृ ठ 79 राहौय िी छऩी, भें है जफ जनाफे

अभीय तफरीाे अहरे मभन िे लरमे भाभयू किमे गमे थे औय आऩिे खखराफ़
ु़ िुछ

रोगों िी लशिामत सन
ु िय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा था कि भझ
ु से

अरी (अ.स.) िी फयु ाई न ियो। फ़ाफ़हा लभनी याआना लभन्हो व हुव्वद रैिुभ

फाअदी (अरी भझ
ु से है औय भैं अरी से हूॉ औय वह भेये फाद तम्
ु हाया हाकिभ है ।)

फाद अहादीस भें अल्फ़ाज़ वहू वरेिुभ फाअदी िे नहीॊ ऩामे जाते औय फाज़ भें वहू

भौरा िुर भोलभन व भोभेनात ऩामे जाते हैं। लशिामत मह थी िे जनाफे अभीय ने

ऽुम्स भें से एि रौंड़ी चन


ु री थी। फऽ
ु ायी िी यवामत से भारभ
ू होता है कि मह

लशिामत सन
ु िय यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा था फ़ा अन रहा कफ़र

106
ऽुम्स अक्सय लभन ज़ारेिा अरी िा हहस्सा ऽुम्स भें इससे बी ज़्मादा है । मह

हदीस बी अहरे तसन्नन


ु िी तभाभ भोतफय किताफों भें ऩाई जाती है औय इससे

जो भॊज़ज़रत जनाफे अभीय (अ.स.) िी जाहहय


ु़ होती है वह बी किसी से छुऩी नहीॊ

है ।

मभन िा ननज़ाभे हुिूभत

इसी 10 हहजयी भें फाजानु़ हाकिभे मभन ने इन्ते़ार किमा। उसिी वफ़ात िे

फाद मभन िो ववलबन्न बागों भें , ववलबन्न हाकिभों िे लसऩद


ु क किमा गमा। 1.

सनआ िा गवकनय फाज़ान िे फेटे िो। 2. हभदान िा गवकनय आलभय इब्ने शहये

हभदानी िो। 3. भआयफ िा हाकिभ अफू भस


ू ा अशअयी िो। 4. जनद िा अफ़सय

राअरी इब्ने उभैमा िो। 5. भल्


ु िो अशया भें ताहहय इब्ने अफी हारा िो। 6.

नजयान भें उभय इब्ने ऽयभ िो। 7. नजयान, जुभ ़्आ, ज़ुफद
ै िे दयलभमान, सईद

इब्ने आस िो। 8. सिासि व सि


ु ू न भें अक्िाशा इब्ने सौय िो भ़
ु यक य िय हदमा

गमा।

107
असहाफ िा तायीऽी इजतेभा औय तफरीाे रयसारत िी आऽयी भॊज़ज़र

हज़यत अरी (अ.स.) िी खखराफ़त


ु़ िा ऐरान

मह एि ह़ी़त है कि दनु नमा िे ऩैदा ियने वारे ने इन्तेऽाफे खखराफ़त


ु़ िो

अऩने लरमे भऽसस


ू यखा है औय इसभें रोगों िा दस्त यस नहीॊ होने हदमा।

फ़यभाता है ।

‫وربك خيلق ما يشاء وخيتار ما كان ذلم اخلرية سبحان هللا وتعاىل عما يشركون‬
तुम्हाया यफ ही ऩैदा ियता है औय ज़जसिो चाहता है (नफूवत व खखराफ़त)
ु़ िे लरमे

चन
ु ता है । माद यहे इन्सान िो न चन्
ु ने िा ह़ है औय न वह इस भें ऽुदा िे

शयीि हो सिते है । (सयू ऐ िसस आमत 68)

मही वजह है कि उसने अऩने तभाभ ऽुरफ़ा, आदभ से खातभ ति खुद भ़


ु यक य

किमे हैं औय उनिा ऐरान अऩने नबफमों िे ज़रयमे से ियामा है । (यौज़तुर सफ़ा,
ु़
तायीखे िालभर, तायीखें इब्ने अर वयदी, अयाईस शाअल्फी वाैया) औय इसभें तभाभ अज़म्फमा

िे कियदाय िी भवाफ़े़त िा इतना रेहाज़ यखा है कि तायीऽे ऐरान ति भें फ़िक

नहीॊ आने हदमा। अल्राभा फहाई व अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि तभाभ

अज़म्फमा ने खखराफ़त
ु़ िा ऐरान 18 ज़ज़रहहज्जा िो ही किमा है । (जाभे अब्फासी व

इख़्तेमायाते भजलरसी) इनतहासिायों िा इत्तेफ़ा़ है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने

हज्जतुर ववदा िे भौ़े ऩय 18 ज़ज़रहहज्जा िो ादीये खुभ िे स्थान ऩय ऽुदा िे

हुक्भ से हज़यत अरी (अ.स.) िे जानशीन होने िा ऐरान फ़यभामा है ।

108
हुज्जतुर ववदा

हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) 25 ज़ज़िाद 10 हहजयी िो हज्जे आखखय
ु़ िे

ईयादे से यवाना हो िय 4 ज़ज़रहहज िो भक्िा भोअज़्ज़भा ऩहुॉचें। आऩिे साथ

आऩिी तभाभ फीफीमाॊ औय हज़यत सैय्मदा सराभ उल्राहे अरैहा थीॊ। यवानगी िे

वक़्त हज़ायों सहाफा साथ यवाना हुए औय फहुत से भक्िा ही भें जा लभरे। इस तयह

आऩिे असहाफ िी तादाद एि राख चौफीस हज़ाय हो गई। हज़यत अरी (अ.स.)

मभन से भक्िा ऩहुॉच।े हुज़ूय (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा कि तुभ ़ुफाकनी औय

भनालसिे हज भें भेये शयीि हो। इस हज िे भौ़े ऩय रोगों ने अऩनी आॉखों से आॊ

हज़यत (स.अ.व.व.) िो भनालसिे हज अदा ियते हुए दे खा औय भाये िते अराया

ऽुतफे सन
ु े। ज़जनभें फाज़ फातें मह थी

1. जाहहरीमत िे ज़भाने िे दस्तयू िुचर डारने िे िाबफर


ु़ हैं।

2. अयफी िो अजभी औय अजभी िो अयफी ऩय िोई फ़ज़ीरत नहीॊ।

3. भस
ु रभान एि दस
ू ये िे बाई हैं।

4. गराभों
ु ु़ िा ख़्मार ज़रूयी है ।

5. जाहहरमत िे तभाभ ऽून भाफ़ िय हदमे गमे।

6. जाहहरमत िे तभाभ वाज़जफर


ु अदा फानतर िय हदमे गमे। ायज़ कि हज से

फ़यागत िे फाद आऩ भदीने िे इयादे से 14 ज़ज़रहहज िो यवाना हुए। एि राख

109
चैफीस हज़ाय असहाफ आऩिे हभयाह थे। हज़फ़ा िे ़यीफ भ़
ु ाभे ादीय ऩय ऩहुॉचते

ही आमए फज़ल्रा िा नज़


ु रू हुआ आऩने ऩारान शत
ु य िा लभम्फय फनामा औय

बफरार (य.) िो हुक्भ हदमा कि हय्मा अरा ऽैरयर अभर िह िय आवाज़ दें ।

भजभा लसभट िय नक्


ु ताए एनतदार ऩय आ गमा। आऩने एि फ़सीह व फरीा

ऽुतफा फ़यभामा ज़जसभें हम्दो सना िे फाद अऩनी फ़ज़ीरत िा इ़याय लरमा औय

फ़यभामा कि भैं तुभ भें दो गगदाॊ ़द्र चीजें छोड़ जाता हुॉ एि ़ुयआन औय दस
ू ये

अहरे फैत। इसिे फाद अरी (अ.स.) िो अऩने नज़दीि फर


ु ा िय दोनों हाथों से

उठामा औय इतना फर
ु न्द किमा कि सफ़ेदी ज़ेये फार ज़ाहहय हो गई। कपय फ़यभामा

भन िुन्तो भौरा फ़ा हाज़ा अरीउन भौरा ज़जसिा भैं भौरा हूॉ उसिा मह अरी बी

भौरा है । ऽुदामा अरी ज़जधय भड़


ु े ह़ िो उसी तयफ़ भोड़ दे ना। कपय अरी (अ.स.)

िे सय ऩय लसमाह अभाभा फाधाॊ, रोगों ने भफ


ु ायि फाहदमाॊ दे नी शरू
ु िीॊ। सफ

आऩिी जाॊ नशीनी से ऽुश हुए। हज़यत उभय ने बी नभ


ु ामा अल्फ़ाज़ भें भफ
ु ायि

फाद दी। ज़जब्राईर ने बी फाज़फाने ़ुयआन अिभारे दीॊ औय एनतभाभे नेभत िा

भज
ु दा सन
ु ामा। सीयतर
ु हरबफमा भें है कि मह जाॊ नशीनी 18 ज़ज़रहहज िो वा़े

हुई। नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 78 भें है कि एि शख़्स हारयस बफन नोभान फ़हयी ने

हज़यत िे अभर ादीये खुभ ऩय एनतयाज़ किमा तो उसी वक़्त आसभान से उस ऩय

एि ऩत्थय गगया औय वह भय गमा।

110
वाज़े हो कि इस वा़ेए ादीय िो इभाभर
ु भह
ु द्दे सीन हाकफ़ज़ इब्ने अब्दहु ने

एि सौ सहाफा से इस हदीसे ादीय िी यवामत िी है । इभाभे जज़यी व शाफ़ेई ने

इन्हीॊ सहाबफमों से इभाभ अहभद बफन हम्फर ने तीस सहाबफमों औय तफयी ने

ऩछत्तय सहाबफमों से यवाएत िी है अरावा इसिे तभाभ अ़ाबफय इस्राभ भसरन

ज़हफी सनाई औय अरी अर ़ायी वाैया से भशहूय औय भत


ु ावानतय भानते हैं।

भहज़ लभनहाजुर उसर


ू , लसद्दी़ हसन ऩष्ृ ठ 13 तफ़सीय साअरफी फ़तेहुर फमान

लसद्दी़ हसन ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 48।

वा़ेए भफ
ु ाहे रा

फऽयान मभन भें एि भ़


ु ाभ है वहाॊ ईसाई यहते थे औय वहाॊ एि फड़ा िरीसा

था। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने उन्हें बी दावते इस्राभ बेजी उन्होंने तह़ी़े

हारात िे लरमे एि वफ़द ज़ेये ़मादत अब्दर


ु भसीह आक़फ भदीना बेजा। वह

वफ़द भज़स्जदे नफवी िे सहन भें आ िय ठहया। हज़यत से भफ


ु ाहे सा हुआ भगय वह

़ाएर न हुए। हुक्भे ऽुदा नाज़ज़र हुआ फ़िुर


ु़ तआरो अन्दाअ अब्ना आना ऐ

ऩैाम्फय उनसे िह दो कि दोनों अऩने फेटों अऩनी औयतों औय अऩने नफ़सों िो

रािय भफ
ु ाहे रा ियें । चन
ु ान्चे फ़ैसरा हो गमा औय 24 ज़ज़रहहज 10 हहजयी िो

ऩॊजेतने ऩाि झट
ू ों ऩय रानत ियने िे लरमे ननिरे। नसाया िे सयदायों ने जॉ ह
ू ी

111
इनिी शिरे दे खीॊ िाऩने रगे औय भफ
ु ाहे रे से फाज़ आम। ऽेयाज़ दे ना भन्ज़ूय िय

लरमा। जज़ज़मा दे िय ये आमा फनाना ़ुफर


ू किमा।

(भआरयज अर इयफ़ान ऩष्ृ ठ 135, तफ़सीय फैज़ावी ऩष्ृ ठ 74)

सयवये िाऐनात िे िे आऽयी रम्हाते ज़ज़न्दगी

हुज्जतर
ु ववदा से वाऩसी िे फाद आऩिी वह अरारत जो फायवाएते लभश़ात

ऽैफय भें हदमे हुए ज़हय िे ियवट रेने से उबया ियती थी, भस्
ु तलभय हो गई। आऩ

अिसय फीभाय यहने रगे, फीभायी िी ऽफय आभ होते ही झट


ू े भद्
ु दई नफव
ू त ऩैदा

होने रगे ज़जनभें भस


ु ारभा िज़्ज़ाफ असवद अनसी तरहा सज
ु ाह ज़्मादा नभ
ु ामा थे

रेकिन ऽुदा ने उन्हें ज़रीर किमा। इसी दौयान भें आऩिो इत्तेरा लभरी कि हुिूभते

योभ भस
ु रभानों िो तफाह ियने िो तफाह ियने िा भन्सफ
ू ा तैमाय िय यही है ।

आऩने इस ऽतये िे ऩेश नज़य कि िहीॊ वह हभरा न िय दें । उसाभा बफन ज़ैद िी

सय ियदगी भें एि रशिय बेजने िा फ़ैसरा किमा औय हुक्भ हदमा कि अरी िे

अरावा अमाने भहाज़जय व अनसाय भें से िोई बी भदीने भें न यहे औय इसी

यवानगी ऩय इतना ज़ोय हदमा कि मह ति फ़यभा हदमा राअनल्राह भन

तखरफ़अनहा जो इस जॊग भें न जामेगा उस ऩय ऽद


ु ा िी रानत होगी। इसिे फाद

आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने असाभा िो अऩने हाथों से तैमाय िय िे यवाना किमा।

उन्होंने तीन लभर िे फ़ासरे ऩय भ़


ु ाभे ज़यफ़ भें िैम्ऩ रगामा औय अमाने सहाफा

112
िा इन्तेज़ाय ियने रगे, रेकिन वह रोग न आमे। भदारयज अर नफव
ू त ज़जल्द 2

ऩष्ृ ठ 488 व तायीऽे िालभर ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 120, तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 188 भें है

कि न जाने वारों भें हज़यत अफू फिय व हज़यत उभय बी थे। भदारयज अर नफव
ू त

ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 494 भें है कि आखखय


ु़ सफ़य भें जफ कि आऩिो शदीद ददे सय था।

आऩ यात िे वक़्त अहरे फ़ी िे लरमे दआ


ु िी ऽानतय तशयीफ़ रे गए। हज़यत

आएशा ने सभझा कि भेयी फायी भें किसी औय फीवी िे महाॊ चरे गएॊ हैं इस ऩय

वह तराश िे लरमे ननिरीॊ तो आऩिो फ़ीमा भें भहवे दआ


ु ऩामा। इसी लसरलसरे

भें आऩने फ़यभामा क्मा अच्छा होता ऐ आमशा कि तभ


ु भझ
ु से ऩहरे भय जाती

औय भैं तुम्हायी अच्छी तयह तजहीज़ो तिफ़ीन ियता। उन्होंने जवाफ हदमा कि

आऩ चाहते हैं भैं भय जाऊॉ तो आऩ दस


ू यी शादी िय रें। इसी किताफ िे ऩष्ृ ठ 495

भें है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी तीभाय दायी आऩिे अहरे फैत ियते थे। एि

यवामत भें है कि अहरे फैत िो तीभाय दायी भें ऩीछे यखने िी िोलशश िी जाती

थी।

वा़ेए क़यतास

हुज्जतुर ववदा से वाऩसी ऩय फाभ़


ु ाभे ादीये ऽुभ अऩनी जाॊ नशीनी िा ऐरान

िय चि
ु े थे। अफ आखखयी
ु़ वक़्त भें आऩने मह ज़रूयी सभझते हुए कि उसे

दस्तावेज़ी शक्र दे दें । असहाफ से िहा कि भझ


ु े ़रभ दवात औय िागज़ दे दो

113
ताकि भैं तुम्हाये लरमे एि ऐसा नववश्ता लरख दॊ ू जो तुम्हें गुम्राही से हभेशा हभेशा

फचाने िे लरमे िाफ़ी हो। मह सन


ु िय असहाफ भें आऩस भें चीभी गोमाॊ होने रगी

रोगों िे रूजाहनात ़रभ दवात दे दे ने िी तयफ़ दे ख िय हज़यत उभय ने िहा !

अनर यजुर रेहहजय हसफन


ु ा किताफ अल्राह मह भदक हहज़मान फि यहा है । हभाये

लरमे किताफे ऽुदा ही िाफ़ी है । (सही फुऽायी ऩैया 30 ऩष्ृ ठ 842) अल्राभा लशब्री

लरखते हैं यवामत भें हजय िा रफ़्ज़ है ज़जसिे भाने हहज़मान िे है ।

हज़यत उभय ने आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे इस इयशाद िो हहज़मान से ताफीय

किमा था। (अर फ़ारू़ ऩष्ृ ठ 61) रा


ु त भें हहज़मान िे भाने फेहूदा गफ़
ु तन मानी

फिवास िे हैं। (सयाह ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 123) शभशर


ु उरभा भौरवी नज़ीय अहभद

दे हरवी लरखते हैं ज़जन िे हदर भें तभन्नाए खखराफ़त


ु़ चट
ु किमाॊ रे यही थी उन्होंने

तो धीॊगा भश्ु ती से भन्सफ


ू ा ही चट
ु किमों भें उड़ा हदमा औय भज़हाभत िी मह

तावीर िी कि हभायी हहदामत िे लरमे ़ुयआन फस िाफ़ी है औय चॊकू ि इस वक़्त

ऩैाम्फय साहफ िे हवास फजा नहीॊ हैं, िागज़ ़रभ दवात राना िुछ ज़रूयी नहीॊ

ऽद
ु ा जाने क्मा लरखवा दे गें। (उम्भेहातर
ु उम्भत ऩष्ृ ठ 92) इस वा़ेए से आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) िो सख़्त सदभा हुआ औय आऩने झॊझ


ु रा िय फ़यभामा िूभू इन्नी भेये

ऩास से उठ िय चरे जाओ। नफी िे रूफरू शोय ार


ु इन्सानी अदफ नहीॊ है ।

अल्राभा तयही लरखते हैं कि ऽाना ए िाफा भें ऩाॊच रोगों ने हज़यत अफू फिय,

हज़यत उभय, अफु उफैदा, अब्दयु क हभान, सालरभ ार


ु ाभ हुज़ैफ़ा ने भत्त
ु कफ़िा ु़ अहदो

114
ऩैभान किमा था कि रा नज़्
ु दो हाज़र अभयनीफ़ा फनी हालशभ ऩैाम्फय िे इन्तेिारु़

िे फाद खखराफ़त
ु़ फनी हालशभ भें न जाने दे गें। (भजभयु फहयै न) भैं िहता हूॊ िौन

म़ीन िय सिता है कि जेशे उसाभा भें यसर


ू से सयताफी ियने वारों ज़जसभें

रानत ति िी गई है औय वा़ेआ क़यतास हुक्भ िो फिवास फतराने वारों िो

यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) ने नभाज़ िी इभाभत िा हुक्भ दे हदमा होगा भेये नज़दीि

इभाभते नभाज़ िी हदीस ना ़ाबफरे िुफ


ु़ र
ू है ।

हासिया अऱी क़ारी फर हासिया निीम अऱ ररयाज़

वसीमत औय एहनतज़ाय हज़यत आमशा फ़यभाती हैं कि आऽयी वक़्त आऩने

फ़यभामा भेये हफीफ िो फर


ु ाओ। भैंने अऩने फाऩ अफू फिय कपय उभय िो फर
ु ामा।

उन्होंने कपय मही फ़यभामा तो भैंने अरी िो फर


ु ा बेजा। आऩने अरी िो चादय भें

रे लरमा औय आखखय
ु़ ति सीने से लरऩटाए यहे । (ये आज़ अर नज़या ऩष्ृ ठ 180)

भव
ु रयक ऽ लरखते हैं कि जनाफे सैय्मदा (स.अ.व.व.) हसनैन (अ.स.) िो तरफ

फ़यभामा औय हज़यत अरी िो फर


ु ा िय वसीमत िी औय िहा जैश असाभह िे

लरमे भैंने फ़राॊ महूदी से ़यज़ लरमा था उसे अदा िय दे ना औय ऐ अरी तुम्हें भेये

फाद सख़्त सदभें ऩहुॉचेंगे तुभ सब्र ियना औय दे खो जफ अहरे दनु नमाॊ दनु नमाॊ

ऩयस्ती ियें तो तुभ दीन इख़्तेमाय किए यहना। (यौज़तुर अहफाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 559

भदारयज अर नफूवत ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 511 व तायीऽ फादाद ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 219) (स. अ.)

115
हालशमा अरी ़ायी फय हालशमा नसीभ अर रयमाज़ व भदारयज अर नफअ
ू त

प्रिालशत िानऩयु ऩष्ृ ठ 542 हफीफ उस लसमय ऩष्ृ ठ 78 व भितफ


ू ात शेऽ अहभद

सय हहन्दी भज
ु द्हद अलरफ़ सानी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 61- 62 वाैया भें है । उन्हीॊ िुतफ

िी योशनी भें शम्शर


ु उरभा ख़्वाजा हसन ननज़ाभी दे हरवी लरखते हैं इसी फीभायी

िे ज़भाने भें एि हदन फहुत से रोग हज़यत (स.अ.व.व.) िे ऩास जभा थे आऩने

इयशाद फ़यभामा राओ िागज़ भैं तुभ िो िुछ लरख दॊ ू ताकि तुभ भेये फाद गुभयाह

न हो जाओ, मह सन
ु िय हज़यत उभय फोरे हज़यत यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩय फऽ
ु ाय

िी तिरीफ़ िा ारफा है इसिे सफफ से ऐसा फ़यभाते हैं वसीअत नाभे िी िुछ

ज़रूयत नहीॊ हभिो ऽुदा िी किताफ िाफ़ी है । (भोहयक भ नाभा ऩष्ृ ठ 10 प्रिालशत दे हरी)

रिूऱे करीम (ि.अ.व.व.) की िहादत

हज़यत अरी (अ.स.) से वसीमत फ़यभाने िे फाद आऩिी हारत ाैय हो गई।

हज़यत पातेभा (स.अ.व.व.) ज़जनिे ज़ानू ऩय सये भफ


ु ायि रयसारत भाफ (स.अ.व.व.)

था फ़यभाती हैं कि हभ रोग इन्तेहाईं ऩये शानी भें थे कि नागाह एि शख़्स ने इज़्ने

हुज़ूयी चाहा, भैंने दाखखरे


ु़ से भना िय हदमा औय िहा ऐ शख़्स मह वक़्ते भर
ु ा़ात

नहीॊ है इस वक़्त वाऩस चरा जा। इसने िहा भेयी वाऩसी नाभज़ु म्िन है भझ
ु े

इजाज़त दीज़जए िी भैं हाज़ज़य हो जाऊॉ। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो जो ़दये

अफ़ा़ा हुआ तो आऩ (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा ऐ पातेभा (स.अ.व.व.) इजाज़त दे

116
दो मह भरािुर भौत है । पातेभा (स.अ.व.व.) ने इजाज़त दे दी औय वह दाखखरे
ु़

ऽाना हुए। ऩैाम्फय िी खखदभत


ु़ भें ऩहुॉच िय अज़क कि भौरा मह ऩहरा दयवाज़ा है

ज़जस ऩय भैंने इजाज़त भाॊगी है औय अफ आऩ (स.अ.व.व.) िे फाद किसी िे

दयवाज़े ऩय इजाज़त तरफ न िरूॊगा। (अजाएफ अर ़सस अल्राभा अब्दर


ु वाहहद ऩष्ृ ठ

2882 व यौज़तर
ु ऩष्ृ ठ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 216 व अनवाय अर ़ुरफ
ू ऩष्ृ ठ 188)

अर ायज़ भरिुर भौत ने अऩना िाभ शरू


ु किमा हुज़यू यसर
ू ियीभ

(स.अ.व.व.) ने फतायीऽ 28 सफ़य 11 हहजयी मोभे दोशम्फा फ वक्ते दो ऩहय

खखरअते
ु़ हमात उताय हदमा। (भुवद्दतुर िुफु़ ाक ऩष्ृ ठ 49, 14 प्रिालशत फम्फई 310) हहजयी

अहरे फैत ियाभ भें योने िा िोहयाभ भच गमा। हज़यत अफू फिय उस वक़्त अऩने

घय भहल्रा सऽ गए हुए थे जो भदीने से एि भीर िे फ़ासरे ऩय था। हज़यत

उभय ने वा़ेए वफ़ात िो नशय होने से योिा औय जफ हज़यत अफू फिय आ गए

तो दोनों स़ीफ़ा फनी सआदा चरे गए जो भदीने से तीन भीर िे फ़ासरे ऩय था

औय फानतर भशववयों िे लरमे फनामा गमा था। (ामासुर रुाात) औय उन्हीॊ िे साथ

अफू अफीदा बी चरे गए जो ास्सार थे। ायज कि अिसय सहाफा यसर


ू े ऽुदा

(स.अ.व.व.) िी राश छोड़ िय हॊ गाभाए खखराफ़त


ु़ भें जा शयीि हुए औय हज़यत

अरी (अ.स.) ने ास्


ु रो िफ़न िा फन्दोफस्त किमा। हज़यत अरी (अ.स.) ने ास्
ु र

दे ने भें फ़ज़र इब्ने अब्फास हज़यत िा ऩैयाहन ऊॉचा ियने भें अब्फास औय ़सभ

ियवट फदरवाने भें औय उसाभा व शियाना ऩानी डारने भें भसरूफ़ हो गए औय

117
उन्हीॊ छ् आदलभमों ने नभाज़े जनाज़े ऩढ़ी औय इसी हुजये भें आऩिे ज़जस्भे अतहय

िो दफ़्न िय हदमा गमा। जहाॊ आऩने वफ़ात ऩाई थी। अफू तरहा ने ़ब्र खोदी।

हज़यत अफू फिय व हज़यत उभय आऩिे ास्


ु रो िफ़न औय नभाज़ भें शयीि न हो

सिे क्मो कि जफ मह हज़यात स़ीफ़ा से वाऩस आए तो आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)

िी राशे भत
ु हय सऩ
ु द
ु े खाि िी जा चि
ु ी थी। िॊज़ुर आभार ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 140,

अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 670, अर भत


ु ज़ाक ऩष्ृ ठ 39 फ़तेहुरफायी ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 4,

वफ़ात िे वक़्त आऩिी उम्र 63 सार िी थी। (तायीऽ अफुर कफ़दा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 152)

वफात और िहादत का अिर

सयवये िामनात िी वफ़ात िा असय मॉू तो तभाभ रोगों ऩय हुआ असहाफ बी

योए औय हज़यत आमशा ने बी भातभ किमा। (भसनदे अहभद बफन हम्फर ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ
ु़
274 व तायीऽे िालभर ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 122 व तायीखे तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 197) रेकिन जो

सदभा हज़यत फ़ातेभा (स.अ.व.व.) िो ऩहुॉचा इसभें वह भन


ु फ़रयद थीॊ। तायीऽ से

भारभ
ू होता है कि आऩिी वफ़ात से आरभे अरवी औय आरभे लसफ़री बी

भत्त
ु लसय हुए औय उनभें जो चीज़ें हैं उनभें बी असयात हुवद
ै ा हुए हैं। अल्राभा

ज़भख़्शयी िा फमान है कि एि हदन आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने उम्भे भाअफद िे

वहाॊ ़माभ फ़यभामा। आऩिे वज़ू िे ऩानी से एि ऩेड़ ननिरा जो फेहतयीन पर

राता यहा। एि हदन भैंने दे खा कि इसिे ऩत्ते झड़े हुए हैं औय भेवे गगये हुए हैं। भैं

118
है यान हुई कि नागहाॉ ऽफये वफ़ात सयवये आरभ ऩहुॉची। कपय तीस सार फाद दे खा

गमा कि इस भें तभाभ िाॊटे उग आए थे। फाद भें भारभ


ू हुआ कि हज़यत अरी

(अ.स.) ने शहादत ऩाई। कपय भद्


ु दत भदीद िे फाद इसिी जड़ से ऽन
ू ताज़ा

उफरता हुआ दे खा गमा फाद भें भारभ


ू हुआ हज़यत इभाभे हुसन
ै (अ.स.) ने शहादत

ऩाई। इसिे फाद वह सख


ू गमा। (अजाएफ अर ़सस ऩष्ृ ठ 159 फा हवाराए यफीउर अफयाय

ज़भख़्शयी)

आॊ हज़रत (ि.अ.व.व.) की िहादत का िफफ

मह ज़ाहहय है कि चाहयदा भासभ


ू ीन (अ.स.) भें से िोई बी ऐसा नहीॊ ज़जसने

शहादत न ऩाई हो। हज़यत यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) से रेिय इभाभे हसन असियी

(अ.स.) ति सफ ही शहीद हुए हैं। िोई ज़हय से शहीद हुआ है िोई तरवाय से

शहीद हुआ। इनभें से एि औयत बी थीॊ हज़यत फ़ातेभा बफन्ते यसर


ू (स.अ.व.व.)

वह ज़फे शदीद से शहीद हुईं। इन चौदह भासभ


ू ों भें रगबग तभाभ िी शहादत िा

सफफ वाज़े है रेकिन हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) िी शहादत िे सफफ से

अिसय हज़यात न वाक़फ़ हैं इस लरमे भैं इस ऩय यौशनी डारता हूॉ।

हुज्जतर
ु इस्राभ इभाभ अफू हालभद भोहम्भद अर ाज़ारी िी किताफ लसरूर

आरभीन िे ऩष्ृ ठ 7 प्रिालशत फम्फई 1214 हहजयी औय किताफ लभश़ात शयीफ़

िे हहस्सा 3 ऩष्ृ ठ 58 से वाज़े है कि आऩिी शहादत ज़हय िे ज़रयए से हुई है औय

119
फऽ
ु ायी शयीफ़ िी ज़जल्द 3 प्रिालशत लभस्र 1314 हहजयी िे हहस्सा अल्रदद ू ऩष्ृ ठ

127 किताफ अर नतफ से भस्


ु तफ़ाद औय भस्
ु तलभफत होता है कि आॊ हज़यत िो

दवा भें लभरा िय ज़हय हदमा गमा था।

1.तायीऽे तफयी ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 436 भें है कि अन्साय ने जफ हज़यत अरी

(अ.स.) िी फैअत ियना चाही तो हज़यत उभय ने हज़यत अफू फिय िा हाथ ऩिड़

िय फैअत िय री औय िहा कि आऩ बी ़यशी हैं औय हभ भें सज़ावाय तय हैं।

भेये नज़दीि यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िे बफस्तये अरारत ऩय होने िे वक़्त िे
ु़
वा़ेआत व हारात िे ऩेशे नज़य दवा भें ज़हय लभरा िय हदमा जाना गैय भत
ु वक़़्ा

नहीॊ है । अल्राभा भोहलसन फ़ैज़ किताफ अरवाफ़ी िी ज़जल्द 1 िे ऩष्ृ ठ 166 भें फा

हवारा तहज़ीफर
ु एहिाभ तहयीय फ़यभाते हैं कि हुज़ूय भदीने भें ज़हय से शहीद हुए

हैं। अरऽ भझ
ु े ऐसा भारभ
ू होता है कि ऽैफय भें ज़हय ऽूयानी िी तशहीय अऽफ़ाए

जुभक िे लरए िी गई थी।

अज़वाज

चन्द िनीज़ों िे अरावा ज़जनभे भारयमा औय ये हाना बी शालभर थीॊ आऩिे

ग्मायह फीफीमाॊ थीॊ ज़जन भें हज़यत ऽदीजा औय ज़ैनफ बफन्ते ऽजीभह
ु़ ने आऩिी

ज़ज़न्दगी भें वफ़ात ऩाई थी औय नौ 9 फीफीमों ने आऩिी वफ़ात िे फाद इन्ते़ार

किमा। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी फीफीमों िे नाभ ननन्भलरखखत हैं:-

120
1.ऽतीजातुर िुफया, 2. सद
ू ा, 3. आमशा, 4. हफ़सा, 5. ज़ैनफ बफन्ते ऽज़ीभह,

6. उम्भे सरभा, 7. ज़ैनफ बफन्ते हजश, 8. जवेरयहा बफन्ते हारयस, 9. उम्भे हफीफा,

10. सकफ़मा, 11. भैभन


ू ा।

औऱाद

आऩिे तीन फेटे थे औय एि फेटी थी। जनाफे इब्राहीभ िे अरावा जो भारयमा

क़फनतमा िे फतन से थे सफ फच्चे हज़यत ऽतीजा िे फतन से थे हुज़यू िे औराद

िे नाभ ननम्न लरखखत हैं:-

1. हज़यत ़ालसभ तैय्मफ आऩ फेअसत से ऩहरे भक्िा भें ऩैदा हुए औय दो

सार िी उम्र भें वफ़ात ऩा गए।

2. जनाफे अब्दल्
ु राह जो ताहहय िे नाभ से भशहूय थे फेअसत से ऩहरे भक्िा भें

ऩैदा हुए औय फचऩन ही भें इन्ते़ार िय गए।

3. जनाफे इब्राहीभ 8 हहजयी भें ऩैदा हुए औय 10 हहजयी भें इन्ते़ार िय गए।

4. हज़यत फ़ातेभा ज़हया आऩ ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िी इिरौती फेटी

थीॊ। आऩिे शौहय हज़यत अरी (अ.स.) औय फेटे हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) औय

हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) थे। पातेभा ज़हया (स.अ.व.व.) िी नसर से ग्मायह

इभाभ ऩैदा हुए औय इन्हीॊ िे ज़रयए से यसर


ू (स.अ.व.व.) िी नसर फढ़ी औय

121
आऩिी औराद िो समादत िा शयफ़ हालसर हुआ औय वह ़माभत ति सय्मद

िही जामगी।

हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) इयशाद फ़यभाते हैं कि ़माभत भें भेये

लसरलसरे नसफ िे अरावा साये लसरलसरे टूट जामेगें औय किसी िा रयश्ता किसी

िे िाभ न आमेगा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 93) अल्राभा हुसन


ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते

हैं कि तभाभ अज़म्फमा िी औराद हभेशा ़ाबफरे ताज़ीभ सभझी जाती यही है ।

हभाये नफी (स.अ.व.व.) इस लसरलसरे भें सफ से ज़्मादा ह़ दाय हैं। (यौज़ातुर शोहदा

ऩष्ृ ठ 404)

इभाभ उर भस
ु रेभीन अल्राभा जरारद्
ु दीन फ़यभाते हैं कि हज़यत हसनैन

(अ.स.) वह ़माभत िी औराद िे लरमे समादत भऽसस


ू है । भदक हो मा औयत जो

बी इनिी नस्र से है वह ़माभत ति सय्मद यहे गा। वमजुफ अरा इजभा अर

ऽऱे ताज़ीभहुभ अफ अन औय सायी िामनात ऩय वाज़जफ है कि हभेशा हभेशा

इनिी ताज़ीभ ियती यहे । (रवामभुर तॊज़ीभ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 3, 4 असआफ़ अर यााेफीन फय

हालशमा नयू अर अफसाय लशफरन्जी ऩष्ृ ठ 114 प्रिालशत लभस्र)

122
उम्मुऱ आइम्मा हज़रत पातेमा ज़हरा (ि.अ) खातूने जन्नत

ऽदीजा िो लभरा फेटी, नफी िो बफज़अतो लभन्नी

हुई तिभीरे तफरीाे अभर तन्ज़ीभे ईभाॊ भें

रयसारत आभदे ज़हया ऩा, मह एरान ियती है

ियें गी पातेभा (स.अ), िाये रयसारत लसन्फ़े ननस्वाॊ भें

जरवा नभ
ु ा ए शम्भे ह़ी़त हैं पातेभा।

आइना ए िभारे नफव


ू त हैं, पातेभा।।

मह भानता हूॊ इनिो रयसारत नहीॊ लभरी।

रेकिन, शयीिे िाये रयसारत हैं पातेभा।।

हज़यत पातेभा (स.अ), ऩैाम्फये इस्भार हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.)

औय जनाफे ऽदीजातुर िुफया िी इि रौती फेटी हज़यत अरी अ0 िी यफ़ी़ा ए

हमात औय इभाभ हसन (अ.स.) व इभाभे हुसन


ै (अ.स.) जनाफे ज़ैनफ व उम्भे

िुरसभ
ू िी भादये गगयाभी औय नौ, (9) इभाभों िी जद्दे भाजेदा थीॊ। आऩिी

भशहूय िुज़न्नमत उम्भभर


ु आइम्भा, उम्भर
ु हसनैन औय इभाभ अर लसफतैन थी।

भशहूय अऱाफ ज़हया व सय्मातर


ु ननस्साॊ थे। एि यवामत भें है कि आऩिी

123
िुज़न्नमत उम्भे अफीहा बी थी जो भेये नज़दी़ मह उम्भे इब्नीहा है मानी हसन व

हुसन
ै िी भाॉ।

आऩ की ववऱादत

आऩ िा नयू े वजूद नयू े रयसारत (स.अ.व.व.) िे साथ खऽऱते िामनात से फहुत

ऩहरे ऩैदा हो चि
ु ा था। अरफत्ता आऩिे ज़ाहहयी नभद
ू व शहूद िे लरए उरभा ने

लरखा है कि आऩ भेयाजे रयसारत भआफ (स.अ.व.व.) िे फाद 5 फैअसत भें तायीऽ

20 जभादस्
ु सानी जुभे िे हदन भक्िा भोअज़्ज़भा भें ऩैदा हुईं। आऩ िा सारे

ववरादत आभर
ु फ़ीर िे लरहाज़ से 46 औय इसवी ऩ
ु तामे ननगाह से 614, 615

ई0 था। आऩिी ववरादत िे वक़्त जन्नत से हूयों औय आलसमा बफन्ते भज़ाहभ,

भयमभ बफन्ते इभयान, सफ़ूया बफन्ते शऐ


ु फ, िुल्सभ
ू हभशीया ए, भस
ू ा िा आना

किताफों से साबफत है । जनाफे ऽदीजा िा फमान है कि चॊकू ि भैंने अऩने ़फीरे िे

भनशा िे फय खऽराफ़ सयवये िाएनात से शादी िय री थी, इस लरए भेयी ़ौभ ने

भेया फाईिाट िय हदमा था। भैंने ववरादत िे वक़्त हसफे दस्तूय इत्तेरा दी रेकिन

िोई न आमा। अल्राह िी यहभत शालभरे हार हुई, हूयों औय ऩाि फीफीमों ने

़ाफरा औय दामा िा िाभ किमा फच्ची ऩैदा हुई। हुज्जतुर आरभीन िा घय

फक़्
ु ़ा ए नयू फन गमा।

(तायीऽे ऽभीस ज़जल्द 1 स. 313 व दभ ए सा़ेफा ऩष्ृ ठ 53)

124
आऩ का इकऱौती फेटी होना

भन
ु ाक़फ इब्ने शहय आशोफ भें है कि जनाफे ऽदीजा िे साथ जफ आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) िी शादी हुई तो आऩ फाियह थीॊ। मह तसरीभ शद


ु ा अभय है कि

़ालसभ अब्दल्
ु रा मानी तैय्मफ व ताहहय औय पातेभा ज़हया फतने ऽदीजा से यसर
ू े

इस्राभ िी औराद थीॊ। इस भें इख़्तेराफ़ है कि ज़ैनफ, रू़य्मा, उम्भे िुल्सभ


ू , आॊ

हज़यत िी रड़किमाॊ थीॊ मा नहीॊ, मह भस


ु ल्रभ है कि मह रड़किमाॊ ज़हूये इस्राभ

से ़ब्र िाकफ़यों अतफा, वऩसयाने अफू रहफ औय अफू आस, इब्ने यफी िे साथ

ब्माही थीॊ। जैसा कि भवाहहफे रदनु नमा ज़जल्द 1 स. 197 भहु द्रत लभस्र व भयु व्वज

उज ज़हफ भसद
ू ी ज़जल्द 2 स. 298 भहु द्रत लभस्र से वाज़े है । मह भाना नहीॊ जा

सिता कि यसर
ू े इस्राभ अऩनी रड़किमों िो िाफ़यों िे साथ ब्माह दे ते। रेहाज़ा

मह भाने फाैय चाया नहीॊ है कि मह औयतें हारा बफन्ते ऽवैरा हभशीय जनाफे

ऽदीजा िी फेहटमाॊ थीॊ। इन िे फाऩ िा नाभ अफू रहनद था। जैसा कि अल्राभा

भोतलभद फदऽशानी ने भयजा उर अनस, भें लरखा है । मह वा़ेमा है कि मह

रड़किमाॊ ज़भाना ए िुफ़्र भें हारा औय अफू रहनद भें फाहभी चऩिलरश िी वजह

से जनाफे ऽदीजा िे ज़ेये िेफ़ारत औय तहते तयफीमत यहीॊ औय हारा िे भयने िे

फाद भत
ु ऱन उन्हीॊ िे साथ हो गईं औय ऽदीजा िी फेटी िहराईं। इसिे फाद फा

ज़रयमा ए जनाफे ऽदीजा आॊ हज़यत से भन


ु सलरि हो िय उसी तयह यसर

125
(स.अ.व.व.) िी फेहटमाॊ िहराईं। ज़जस तयह जनाफे ज़ैद भह
ु ावया अयफ िे भत
ु ाबफ़

यसर
ू िे फेटे िहराते थे। भेये नज़दीि इन औयतों िे शौहय भत
ु ाबफ़ दस्तयू े अयफ

िे भत
ु ाबफ़ दाभादे यसर
ू िहे जाने िा ह़ यखते हैं। मह किसी तयह नहीॊ भाना

जा सिता कि यसर
ू िी सर
ु फी फेहटमाॊ थीॊ क्मों कि हुज़ूये सयवये आरभ

(स.अ.व.व.) िा ननिाह जफ फीफी ऽदीजा से हुआ था तो आऩिे ऐराने नफव


ू त से

ऩहरे इन रड़किमों िा ननिाह भश


ु रयिों से हो चि
ु ा था औय हुज़ूय सयिाये दो

आरभ िा ननिाह 25 सार िे लसन भें ऽदीजा से हुआ औय 30 सार ति िोई

औराद नहीॊ हुई औय चारीस सार िे लसन भें आऩने ऐराने नफव
ू त फ़यभामा औय

इन रड़किमों िा ननिाह भश
ु रय़ों से आऩ िी चारीस सार िी उम्र से ऩहरे हो

चि
ु ा था, औय इस दस सार िे असे भें आऩिे फ़यज़न्द िा बी ऩैदा होना औय

तीन रड़किमों िा ऩैदा होना तहयीय किमा गमा है । जैसा कि भदारयज अर नफव
ू त

भें तफ़सीर भौजूद है । बरा ाौय तो िीज़जए िी दस सार िी उभय भें चाय, ऩाॊच

औरादें बी ऩैदा हो गईं औय इतनी उभय बी हो गई िे ननिाह भश


ु रय़ों से हो

गमा। क्मा मह अ़र व फ़हभ भें आने वारी फात है कि चाय सार िी रड़किमों

िा ननिाह भश
ु रय़ों से हो गमा औय हज़यत उस्भान से बी एि रड़िी िा ननिाह

हारते लशिक ही भें हो गमा। जैसा कि भदारयज अर नफव


ू त भें भज़िूय है । इस

ह़ी़त ऩय ाौय ियने से भारभ


ू होता है कि रड़किमाॊ हुज़ूय िी न थीॊ फज़ल्ि हारा

ही िी थीॊ औय इस उम्र भें थीॊ कि इनिा ननिाह भश


ु रय़ों से हो गमा था।

126
(सवानेह हमाते सैय्मदा ऩष्ृ ठ 34)

फचऩन और तरफीयत

जनाफे सैय्मदा (स.अ) भें फचऩन िे वह आसाय ही न थे जो आभ रड़किमों भें

हुआ ियते हैं। उम्भे सरभा से िहा गमा कि पातेभा िो ऊसर


ू े तहज़ीफ सीखामें।

उन्होंने जवाफ हदमा कि भैं भज


ु स्सभामे अस्भत व तहायत िो अऽरा़ व आदात

िी क्मा तारीभ दे सिती हूॊ। भैं तो ऽुद इस िभसीन फच्ची से तारीभें उसभ

हालसर किमा ियती हूॊ। किताफों से भारभ


ू होता है कि आऩिा साया फचऩन इफादत

औय खऽदभते वारदै न भें गुज़या। एि भयतफा आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) सहने िाफा

भें नभाज़ अदा फ़यभा यहे थे कि अफू जहर जो हज़यत उभय िा भाभू था। (तायीऽे

इस्भार ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 20) िी नज़य आऩ ऩय ऩड़ी तो उसने हारते सजदे भें ऊॊट िी

औझड़ी गोफय बयी ऩश्ु ते हुज़ूय ऩय यख दी, पातेभा िो ऽफय लभरी, आऩ दौड़ी हुई

आमीॊ औय ऩश्ु ते रयसारत से औझड़ी हटा दी औय ऩश्ु ते भफ


ु ायि िो ऩानी से धोमा।

यसर
ू े अियभ (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा, फेटी एि हदन दश्ु भन बी भारफ
ू होंगे औय

ऽुदा भेये दीन िो इन्तेहाईं फर


ु न्द िये गा। तायीऽ भें है कि ऽदीजा (स.अ) किसी

शादी भें जाने िो तैय्माय हुईं औय िऩड़े ऩहन्ने रगीॊ तो ऩता चरा कि जनाफे

सैय्मदा िे लरए िऩड़े नहीॊ हैं, भाॊ इसी तयद्दद


ु भें थी कि फेटी िो एहसास हो

गमा, अज़क कि भादये गगयाभी भैं ऩयु ाने िऩड़े भें ही चरॊग
ू ी, क्मों कि फाफा जान

127
फ़यभाते हैं कि भस
ु रभान रड़किमों िा सफ से फेहतय ज़ेवय हमाते त़वा है औय

फेहतयीन अयाईश शभक व हमा है ।

पातेभा ज़हया (स.अ) िा साया फचऩन फ़क़्र फ़ा़ा औय तॊगी व भसाएफ भें

गुज़या। आऩिो ज़जन हज़यात से तारीभ लभरी वह मह हैं। 1.ऽदीजातुर िुफया, 2.

सयवये िाएनात (स.अ.व.व.), 3. पातेभा बफन्ते असद, 4. उम्भे अफ़ज़र ज़ौजा ए

अब्फास, 5. असभा बफन्ते उभैस ज़ौजा जाफ़ये तैय्माय, 6. उम्भे हानी हम्शीया

जनाफे अफू तालरफ अ0, 7 उम्भे ऐभन, 8. सकफ़मा बफन्ते जनाफे हभज़ा।

भदारयजर
ु नफव
ू त भें है कि हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) जनाफे सैय्मदा िो

जफ कि वह िभलसन थी अिसय अऩनी आाोश भें बफठा लरमा ियते थे औय उन

िे होठों िो फोसा दे ते थे। इस ऩय हज़यत आमशा ने िहा कि जनाफे पातेभा िे

फोसे दे ते हैं औय अऩनी ज़फान उनिे भॊह


ु भें दे ते हैं, हुज़ूय ने इयशाद फ़यभामा तुम्हें

भारभ
ू नहीॊ जफ भैं भेयाज ऩय गमा था ज़जफयईर ने एि सेफ जन्नत भें हदमा था,

भैंने उसे खामा था औय इसी से पातेभा िा नत


ु फ़ामे वज
ु द
ू ़ामभ हुआ था। ऐ

आमशा जफ भैं जन्नत िा भश


ु ता़ होता हूॊ तो पातेभा (स.अ) िी ऽश
ु फू सॊघ
ू ता हूॊ

औय दहने पातेभा से भेवा ए जन्नत िा रत्ु फ़ उठाता हूॊ।

(भदारयज 1 ऩष्ृ ठ 192)

128
आऩकी इस्मत

इस्भत िोई ऐसी लसफ़त नहीॊ जो किसी अभर ऩय भौ़ूफ़ हो, मह ऽुदा िा

अतीमा होता है औय फदो कफ़तयत भें अता हुआ ियता है । भराएि अज़म्फमा औय

औलसमा ऽास िे अरावा मह ऩािीज़ा लसफ़त ज़जन अहभ शज़ख़्समतों िो अता हुई

उनभें हज़यत पातेभा (स.अ) िो ऽास है सीमत हालसर है । उरभा िा इवत्तफ़ा़ है कि

ज़जस तयह एि राख चौफीस हज़ाय अज़म्फमा औय फायह इभाभ दनु नमा भें हहदामते

ऽल़् िे लरए बेजे गमे औय सफ भासभ


ू थे इसी तयह लसनफ़े नाज़ु़ िे लरए

हज़यत भयमभ (स.अ) हज़यत पातेभा ज़हया (स.अ) तशयीफ़ रामीॊ औय मह दोनों

फीफीमाॊ भासभ
ू थीॊ औय दोंनो िी इस्भत ऩय ़ुयआन गवाह है ।

आऩ की वाऱेदा की वफात

आऩिी वारेदा जनाफे ऽदीजातुर िुफया थीॊ हज़यत पातेभा (स.अ) िो ऩाॊच सार

भाॊ िी आाोश भें तयफीमत नसीफ यही। जनाफे ऽदीजा िी अरारत से जनाफे

सैय्मदा िो फेहद दख
ु हुआ। आऩ इनिी तीभायदायी भें यात औय हदन रगी यहती

थी औय उनिे चेहये ऩय नज़य जभाए उन्हीॊ िो दे खा ियती थीॊ। भाॊ िा चेहया

फहार दे खा तो ऽुश हो गमीॊ। भाॊ िी शिर ऩज़भद


ु ाक दे खी तो यॊ जीदा हो गमीॊ। मही

तयज़े अभर यहा कि एि हदन ऽदीजा (स.अ) ने पातेभा (स.अ) िो अऩने सीने से

रगामा औय पूट पूट िय योने रगीॊ। फेटी ने ऩछ


ू ा- अम्भा जाना आऩिे योने िा

129
अन्दाज़ िुछ ननयारा है फ़यभामा- फेटी ! भैं तुझसे रूऽसत हो यही हूॊ, अफ़सोस

तझ
ु े दल्
ु हन न दे ख सिी। भाॊ फेटी भें अरभनाि फात चीत हो यही थी कि भाथे ऩय

भौत िा ऩसीना आ गमा औय ऽदीजा (स.अ) 10 यभज़ान 10 फेअसत िो

इन्ते़ार फ़यभा गमीॊ भौत िे वक़्त आऩिी उम्र 65 सार िी थी। आऩ िो

भ़फया ए हज़ून भें दफ़्न किमा गमा। ऽदीजा (स.अ) िे इन्ते़ार से पातेभा

(स.अ) िो इन्तेहाई दख
ु हुआ औय आऩ से ज़्मादा सयवये िामनात (स.अ.व.व.) िो

दख
ु हुआ। इसी वजह से आऩने इस सार िो आभ उर हुज़्न िहा है ।

सही फऽ
ु ायी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 419 भें है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) जनाफे ऽदीजा

िी माद भें गोसफ़न्द (फिया) ज़ज़ब्ह िय िे उनिी सहे लरमों िे ऩास बेजा ियते

थे। एि भयतफा हज़यत आमशा ने िहा कि उस फढ़


ू ी औयत िो ज़जस िे भॊह
ु भें

दाॊत बी न थे। िफ ति माद ियते यहें गे मह सन


ु िय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)

ाज़फ नाि हो गमे औय फ़यभामा कि इससे फेहतय भझ


ु े िोई औयत नसीफ नहीॊ

हुई। वह उस वक़्त ईभान रामीॊ जफ कि सफ िाकफ़य थे औय वक़्त भेये लरमे भार

ऽचक किमा जफ रोग भहरूभ ियना चाहते थे। हमात अर ़ुरफ


ू भें है हज़यत

अफत
ू ालरफ औय उनिे तीन हदन फाद हज़यत ऽदीजा िा इन्ते़ार हुआ था।

130
हहजरते पातेमा (ि.अ)

10 फेसत जुभे िी यात मिुभ यफीउर अव्वर िो आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने

हहजयत फ़यभाई औय 16 यफीउर अव्वर जुभे िे हदन िो दाखऽरे भदीना हुए। वहाॊ

ऩहुॊचने िे फाद आऩने ज़ैद बफन हाये सा औय अफू याफ़मे िो 5 सौ हदयहभ औय दो

ऊॊट दे िय भक्िा िी तयफ़ यवाना किमा कि हज़यत पातेभा, पातेभा बफन्ते असद,

उम्भर
ु भोलभनीन सौदा, उम्भे ऐभन वाैया िो रे आए। चन
ु ान्चे मह फीफीमाॊ चन्द

हदनों िे फाद भदीना ऩहुॊच गमीॊ आऩ िे अक़्द भें उस वक़्त लसफ़क दो फीफीमाॊ थीॊ।

एि सौदा औय दस
ू यी आमशा। 2 हहजयी भें आऩ (स.अ.व.व.) ने उम्भे सरभा से

अक़्द किमा। उम्भे सरभा ने ननगहदाश्ते पातेभा (स.अ) िा फीड़ा उठामा औय इस

अन्दाज़ से खऽदभत गज़


ु ायी िी कि पातेभा ज़हया (स.अ) से भाॊ िो बर
ु ा हदमा।

हज़रत पातेमा ज़हरा (ि.अ) की िादी

ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) ने अरी अ0 िी ववरादत िे वक़्त अरी िो ज़फान

दे दी थी औय फाद भें फ़यभामा था कि भेयी फेटी िा िफ़ू ऽाना ज़ादे ऽद


ु ा िे िोई

नहीॊ हो सिता। (नरू


ू र अनवाय सहीफ़ामे सज्जाहदमा) हारात िा त़ाज़ा औय

नसफी वा ऽानदानी शयाफ़त िा भ़


ु तज़ा मह था कि पातेभा िी ख़्वास्तगायी िे

लसरलसरे भें अरी िे लसवा किसी िा तज़किया ति न आता रेकिन किमा क्मा

जाए कि दनु नमा इस एहलभमति िो सभझने से ़ालसय यही है । मही वजह है कि

131
पातेभा (स.अ) िे लसने फर
ु ा
ू ति ऩहुॊचते ही रोगों िे ऩैााभात आने रगे। सफ से

ऩहरे अफू फिय ने कपय हज़यत उभय ने ख़्वास्गायी िी औय इनिे फाद अब्दयु

यहभान ने ऩैााभ बेजा। हज़याते शेऽैन िे जवाफ भें यहभतर


ु लरर आरेभीन

(स.अ.व.व.) ाज़फनाि हुए औय उनिी तयफ़ से भॊह


ु पेय लरमा।

(िन्ज़ुर आभार ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ 113)

औय अब्दयु यहभान से फ़यभामा कि पातेभा िी शादी हुक्भे ऽुदा से होगी तुभ ने

जो भहय िी ज़्मादती िा हवारा हदमा है वह अफ़सोस नाि है । तुम्हायी दयख़्वास्त

़ुफर
ू नहीॊ िी जा सिती।

(बफहारुर अनवाय ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ 14)

इसिे फाद हज़यत अरी अ0 ने दयख़्वास्त िी तो आऩ (स.अ.व.व.) ने पातेभा

(स.अ) िी भयज़ी दयमाफ़्त फ़यभाई, वह चऩ


ु ही यहीॊ मह एि तयह िा इज़हाये

यज़ाभन्दी था।

(सीयतुर अर नफी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 26)

फाज़ उरभा ने लरखा है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने ऽुद अरी अ0 से

फ़यभामा कि ऐ अरी अ0 भझ
ु े ऽुदा ने फ़यभामा है कि अऩने रख़्ते जीगय िा

अक़्द तुभ से िरूॊ क्मा तुम्हें भनज़ूय है? अज़क िी जी हाॊ ! इसिे फाद शादी हो

गमी।

(ये माज़ अर नज़या ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 184 प्रिालशत लभस्र)

132
अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि ऩैााभ भहभद
ू नाभी एि फ़रयश्ता रे िय आमा

था।

(बफहारूर अनवाय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 35)

फाज़ उरभा ने ज़जफयीर िा हवारा हदमा है । ायज़ हज़यत अरी (अ.स) ने 500

हदयहभ भें अऩनी ज़ज़यह उस्भान ानी िे हाथों फेची औय इसी िो भहय ़याय दे

िय फातायीऽ 1 ज़ज़रहहज 2 हहजयी हज़यत पातेभा ज़हया (स.अ) िे साथ ननिाह

किमा

जनाफे िैय्यदा का जहे ज़

ननिाह िे थोड़े सभम फाद 24 ज़ज़र हहज िो हज़यत सैय्मदा िी रूऽसती हुई

सयवये िाएनात (स.अ.व.व.) ने अऩनी इिरौती चहीती फेटी िो जो जहे ज़ हदमा

उसिी तफ़सीर मह है ।

1.एि िभीज़ ़ीभती सात हदयहभ,

2. एि भ़ना,

3. एि लसमाह िम्फर,

4. एि बफस्तय खजयू िे ऩत्तों िा फना हुआ,

5. दो भोटे टाट,

6. चभड़े िे चाय तकिमे,

133
7. आटा ऩीसने िी चक्िी,

8. िऩड़ा धोने िी रगन,

9. एि भशि,

10. रिड़ी िा फाहदमा,

11. खजूय िे ऩत्तों िा फना हुआ एि फयतन,

12. दो लभट्टी िे आफ ऽोये ,

13. एि लभट्टी िी सयु ाही,

14. चभड़े िा फ़शक,

15. एि सफ़ेद चादय,

16. एि रोटा।

मह ज़ाहहय है कि यसर
ू (स.अ.व.व.) आरा दयजे िा जहे ज़ दे सिते थे भगय

अऩनी उम्भत िे ायु फा िे ख़्मार से इसी ऩय इ़तेफ़ा फ़यभामा।

जऱ
ु ि
ू े रूखित

खाने ऩीने िे फाद जुरस


ू यवाना हुआ। अशहफ नाभी ना़ा ऩय हज़यत पातेभा

(स.अ) सवाय थीॊ। सरभान सायफान थे, अज़वाजे यसर


ू ना़े िे आगे आगे थीॊ,

फनी हालशभ नॊगी तरवाये लरमे हुए थे, भज़स्जद िा तवाफ़ ियामा औय अरी अ0

िे घय भें पातेभा (स.अ) िो उताय हदमा इसिे फाद आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने

134
पातेभा (स.अ) से एि फयतन भें ऩानी भॊगामा औय िुछ दआ
ु में दभ िीॊ औय उसे

पातेभा औय अरी िे सय सीने औय फाज़ू ऩय नछड़िा औय फयगाहे अहदीमत भें

अज़क िी फाये इराह इन्हें औय इनिी औरादों िो शैतान यजीभ से तेयी ऩनाह भें

दे ता हूॊ।

(सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 84)

इसिे फाद पातेभा (स.अ) से िहा दे खो अरी से फेजा सवार न ियना। मह

दनु नमाॊ भें सफ से आरा औय अफ़ज़र है रेकिन दौरत भन्द नहीॊ है । अरी से िहा

कि मह भेये ज़जगय िा टुिड़ा है िोई ऐसी फात न ियना कि उसे दख


ु हो।

तज़किया ए अरख़्वास लसब्ते इब्ने जौज़ी िे ऩष्ृ ठ 365 भें है कि पातेभा िे साथ

ज़जस वक़्त अरी िी शादी हुई उन िे घय भें एि चभड़ा था, यात िो बफछाते थे

औय हदन भें उस ऩय ऊॊट िो चाया हदमा जाता था।

हज़रत पातेमा (ि.अ) का तनज़ामे अमऱ

शौहय िे घय जाने िे फाद आऩ ने ज़जस ननज़ाभे ज़ज़न्दगी िा नभन


ू ा ऩेश किमा

वह तफ़ा ए ननसवाॊ िे लरए एि लभसारी है सीमत यखता है । आऩ घय िा तभाभ

िाभ अऩने हाथों से ियती थीॊ। झाड़ू दे ना, खाना ऩिाना, चयऽा िातना, चक्िी

ऩीसना औय फच्चों िी तयफीमत ियना मह सफ िाभ औय अिेरी सय्मादा ए

आरभ, रेकिन न िबी तेवयी ऩय फर आते थे औय न िबी शौहय से भददगाय न

135
ऽादभा िी फ़यभाईश िी। कपय जफ 7 हहजयी भें ऩैाम्फये ऽुदा (स.अ.व.व.) ने एि

ऽादभा अता िी जो कफ़ज़्ज़ा िे नाभ से भशहूय हैं, तो यसर


ू अल्राह (स.अ.व.व.)

िी हहदामत िे अनस
ु ाय सैय्मदाए आरभ कफ़ज़्ज़ा िे साथ एि िनीज़ िा सा नहीॊ,

फज़ल्ि एि अज़ीज़ यफ़ी़ िाय जैसा फयताव ियती थीॊ औय एि हदन घय िा िाभ

ऽुद ियती थीॊ। दयअस्र मह भसावाते भोहम्भदी िी आरा लभसार हैं।

(सैय्मदा िी अज़भत, भुसन्नेफ़ भौराना िौसय ननमाज़ ऩष्ृ ठ 5)

पातेमा (ि.अ) और ऩदाा

आऩ ने औयतों िी भेयाज ऩदाकदायी िो फतामा है औय ऽुद बी हभेशा इस ऩय

आलभर यही हैं औय इतनी सख़्ती िे साथ कि भज़स्जदे यसर


ू (स.अ.व.व.) बफल्िुर

भत
ु ाज़स्सर ़माभ यखने औय भज़स्जद िे अन्दय घय िा दयवाज़ा होने िे फावजद

िबी अऩने वालरदे फज़


ु ुगव
क ाय िे ऩीछे नभाज़े जभाअत भें लशयित मा आऩिे

भौवाएज़ िे सन
ु ने िे लरए बी भज़स्जद भें तशयीफ़ नहीॊ राईं। एि भयतफा ऩैाम्फय

(स.अ.व.व.) ने लभम्फय ऩय मह सवार ऩेश फ़यभा हदमा कि औयत िे लरमे सफ से

फेहतय क्मा चीज़ है? मह फात जनाफे सैय्मदा (स.अ) ति ऩहुॊची, आऩने जवाफ

हदमा, औयत िे लरमे सफ से फेहतय मह फात है कि न इसिी नज़य किसी ाैय भदक

ऩय ऩड़े औय न किसी ाैय भदक िी नज़य उस ऩय ऩड़े। यसर


ू (स.अ.व.व.) िे साभने

मह जवाफ ऩेश हुआ आऩने फ़यभामा, क्मों न हो पातेभा भेया ही एि जुज़ है ।

136
जनाफे िैय्यदा (ि.अ) का जजहाद

इस्राभ भें औयत िा ज़जहाद भदक से अरग है इस लरए सैय्मदा (स.अ) ने िबी

भैदाने जॊग भें ़दभ नहीॊ यखा भगय यसर


ू (स.अ.व.व.) जफ िबी ज़ख़्भी हो िय

घय वाऩस तशयीफ़ राते थे तो ऩैाम्फय (स.अ.व.व.) िे ज़ख़्भों िो धर


ु ाने वारी,

औय अरी अ0 जफ ऽन
ू भें डूफी तरवाय रे िय आते थे तो उनिी तरवाय िो

साफ़ ियने वारी पातेभा ज़हया ही होती थीॊ। एि भयतफा नस


ु यते इस्राभ िे लरए

भैदान भें गईं भगय उस ऩयु अभन भाभरे भें जो नसाया िे भ़


ु ाफरे भें हुआ था

औय ज़जस भें लसफ़क रूहानी फ़तेह िा सवार था। इस ज़जहाद िा नाभ भफ


ु ाहे रा है

औय इस भें ऩदाक दायी िे तभाभ इभिानी त़ाज़ों िी ऩाफन्दी िे साथ सैय्मदा ए

आरभ फाऩ फेटों औय शौहय िे फीच भयिज़ी है सीमत यखती थी।

(वसाएर अर लशमा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 61)

हज़रत पातेमा (ि.अ) और उमूरे खानादारी

औयतों िा ज़ौहये ज़ाती शौहयों िी खऽदभत औय अभयू ऽाना दयी भें िभार

हालसर ियना है । पातेभा ज़हया (स.अ) ने अरी (अ.स) िी ऐसी खऽदभत िी कि

भज़ु श्िर से इसिी लभसार लभर सिेगी। हय भस


ु ीफत औय तिरीफ़ भें फ़यभा

फयदायी ऩय नज़य यखी औय अगय भैं मह िहूॊ तो फेजा न होगा कि ज़जस तयह

137
ऽदीजा (स.अ) ने इस्राभ औय ऩैाम्फये इस्राभ िी खऽदभत िी, इसी तयह बफन्ते

यसर
ू (स.अ) ने इस्राभ औय अरी अ0 िी खऽदभत िी, मही वजह है कि ज़जस

तयह यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) ने ऽदीजा (स.अ) िी भौजद
ू गी भें दस
ू या अक़्द नहीॊ

किमा हज़यत अरी अ0 ने बी पातेभा (स.अ) िी भौजूदगी भें दस


ू या अक़्द नहीॊ

किमा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 85 व भुनाक़फ ऩष्ृ ठ 8) हज़यत अरी अ0 से किसी ने

ऩछ
ू ा िे पातेभा (स.अ) आऩ िी नज़य भें िैसी थीॊ? फ़यभामा ऽुदा िी ़सभ वह

जन्नत िा पूर थीॊ। दनु नमाॊ से उठ जाने िे फाद भेया हदभाा उनिी ऽुशफू से

भअ
ु त्तय है ।

उभयू े ऽानदानी भें जनाफे सैय्मदा आऩ ही अऩनी नज़य थीॊ। 7 हहजयी ति आऩ

िे ऩास िोई िनीज़ न थी। िनीज़ न होने िी सयू त भें घय िा साया िाभ ऽुद

ियती थीॊ, झाड़ू दे ती थीॊ, ऩानी बयती, चक्िी ऩीसती थीॊ, आटा छानती थीॊ, आटा

गॊध
ु ती थी, तनयू जरािय योटी ऩिाती थीॊ। हज़यत अरी (अ.स) सवेये उठ िय

भज़स्जद चरे जाते थे औय वहाॊ से भज़दयू ी िी कफ़क्र भें रग जाते थे। कफ़ज़्ज़ा िे

आ जाने िे फाद िाभ फाॊट लरमा गमा था। फज़ल्ि फायी फाॊट री थी। एि दफ़ा

सयिाये दो आरभ (स.अ.व.व.) ऽाना ए सैय्मदा स. भें तशयीफ़ रामे। दे खा कि

सैय्मदा गोद भें फच्चे िो लरमे चक्िी ऩीस यही हैं, फ़यभामा फेटी एि िाभ कफ़ज़्ज़ा

िे हवारे िय दो। अज़क िी फाफा जान ! आज कफ़ज़्ज़ा िी फायी िा हदन नहीॊ है ।

(भनाक़फ ऩष्ृ ठ 14)

138
हज़रत पातेमा (ि.अ) और फाहम गुज़ारदारी ज़ौजा व खावन्द

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़ज़भ अ0 इयशाद फ़यभाते हैं कि ज़जहाद अर भयअतर

हसन अर तफअर, औयत िा ज़जहाद शौहय िे साथ हुस्ने सर


ु ि
ू है । (वसाएर एर

लशमा ज़जल्द 12 ऩष्ृ ठ 116) एि हदीस भें है कि, रा तूदी अरभय


ु तह ह़ अल्राह हत्ती

तद
ू ी ह़ ज़ौजह, औयत अगय ऽावन्द िा ह़ अदा नहीॊ ियती तो सभझ रेना

चाहहए कि वह अल्राह ते हु़ू़ बी अदा नहीॊ िय सिती।

(भिारयभुर अऽरा़ ऩष्ृ ठ 247)

यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) फ़यभाते हैं कि अगय ऽुदा िे अरावा किसी िो सज्दा

जाएज़ होता तो भैं औयतों िो हुक्भ दे ता कि अऩने शौहयों िो सज्दा ियें ।

(वसाएर ज़जल्द 14 ऩष्ृ ठ 114)

हज़यत पातेभा (स.अ) हु़ू़े ऽावन्द से ज़जस दजाक वाक़फ़ थीॊ िोई बी वाक़फ़

न थी। उन्होंने हय भौ़े ऩय अऩने शौहय हज़यत अरी (अ.स) िा लरहाज़ व ख़्मार

यखा। उन्होंने िबी उन से िोई ऐसा सवार नहीॊ किमा ज़जसिे ऩयू ा ियने से हज़यत

अरी अ0 आज़जज़ यहे हों। किताफ ये माहीन अर शयीअत भें है कि एि भयतफा

हज़यत पातेभा (स.अ) फीभाय ऩड़ीॊ तो हज़यत अरी अ0 ने उनसे फ़यभामा िुछ

खाने िो हदर चाहता हो तो फताओ, हज़यत सैय्मदा ने अज़क िी किसी चीज़ िो

हदर नहीॊ चाहता। हज़यत अरी अ0 ने इसयाय किमा तो अज़क िी भेये ऩदये

139
फज़
ु ुगव
क ाय ने भझ
ु े हहदामत िी है कि भैं आऩ से किसी चीज़ िा सवार न िरूॊ

भज़ु म्िन है आऩ उसे ऩयू ा न िय सिे तो आऩ िो दख


ु हो इस लरमे भैं िुछ नहीॊ

िहती। हज़यत अरी (अ.स) ने जफ ़सभ दी तो अनाय िा ज़ज़क्र किमा।

मह तायीऽ िा भस
ु ल्रेभा अभय है कि हज़यत अरी अ0 औय हज़यत पातेभा

(स.अ) भें िबी किसी फात ऩय नायाज़गी नहीॊ हुई औय दोनों ने फाहभ हदगय

ऽुशगवाय ज़ज़न्दगी गुज़ायी है ।

िाि फहू के ताअल्ऱुक़ात

पातेभा ज़हया स. िी शादी िे वक़्त जनाफे पातेभा बफन्ते असद ज़ज़न्दा थीॊ।

सास फहू िे ताअल्ऱ


ु ात अिसय फेशतय नाऽुशगवाय हो जामा ियते हैं रेकिन

पातेभा स. ने ऐसा दस्तयू औय यवैमा इज़ख्तमाय किमा कि िबी बी ताअल्ऱ


ु ात भें

तनाव ऩैदा न होने ऩामा। पातेभा बफन्ते असद िे लसऩद


ु क दोस्त व रयश्तेदायों िी

भर
ु ा़ात, शादी औय ाभी भें लशयित वाैया ़याय हदमा औय अऩने ज़ज़म्भे अभयू

ऽानदायी भसरन चक्िी ऩीसना, योटी ऩिाना वाैया यख लरमा था। तायीऽ भें इन

दोनों िी फाहभी िशीदगी िा सयु ाा नहीॊ लभरता।

140
आऩकी औऱाद

आऩिे तीन फेटे औय दो फेहटमाॊ ऩैदा हुईं। 15 यभज़ान 3 हहजयी िो इभाभ हसन

अ0 औय 3 शाफान 4 हहजयी िो इभाभ हुसन


ै अ0 औय 5 जभाहदर अव्वर 6

हहजयी भें हज़यत ज़ैनफ स. औय 9 हहजयी भें जनाफे उम्भे िुरसभ


ू औय 11 हहजयी

भें इस्ते़ाते भोहलसन हुआ। उरभा ने लरखा है कि ज़ैनफ िा ननिाह अब्दल्


ु राह

बफन जाफ़य औय उम्भे िुरसभ


ू िा ननिाह भोहम्भद बफन जाफ़य से हुआ था।

(इब्ने भाजा अफू दाऊद, इब्ने हजय औय असआफ़ उय यााेफीन फय हालशमा नूय उर अफसाय

ऩष्ृ ठ 80 भुहद्रत लभस्र)

फायवामते लसब्ते इब्ने जौज़ी हज़यत ज़ैनफ िे फतन से औन व अब्दल्


ु राह ऩैदा

हुए औय उम्भे िुरसभ


ू रा वरद भयीॊ।

(तज़किया ख्वास ऩष्ृ ठ 380)

आऩकी इफादत

आऩ अनगगनत नभाज़े यात औय हदन ऩढ़ा ियती थीॊ। आऩने अऩने ऩदये

फज़
ु गु व
क ाय िे साथ 10 हहजयी भें आऽयी हज फ़यभामा था।

141
पातेमा ज़हरा (ि.अ) ऩैग़म्फरे इस्ऱाम (ि.अ.व.व.) की नज़र में

पातेभा ज़हया (स.अ) िी फ़ज़ीरत औय इनिे भदारयज िे लसरलसरे भें ़ुयान

भजीद िी आएतें औय फेशभ


ु ाय हदीसें भौजूद हैं इस वक़्त चन्द अहादीस औय

ऩैाम्फये इस्राभ िे फाज़ तयज़े अभर ऩय इ़तेफ़ा ियता हूॊ। आऩिा इयशाद है कि

पातेभा जन्नत भें जाने वारी औयतों िी सयदाय हैं। तभाभ जहान िी औयतों िी

सयदाय हैं। आऩिी यज़ा से अल्राह याज़ी होता है ज़जसने आऩिो तिरीफ़ दी उसने

यसर
ू (स.अ) िो तिरीफ़ ऩहुॊचाई। ऽुदा ने आऩिी फदौरत आऩिे भानने वारों िो

जहन्नभ से छुड़वा हदमा। आऩ फ़यभाते हैं कि भदों भें फहुत रोग िालभर गुज़ये हैं

रेकिन औयतों भें लसफ़क चाय औयतें िालभर गज़


ु यी हैं। 1.भयमभ, 2. आसीमा 3.

ऽदीजा 4. पातेभा औय इन भें सफ से फड़ा दजाक ए िभार पातेभा िो हालसर है ।

उरभा िा फमान है कि हज़यत ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) आऩ से इन्तेहाई

भोहब्फत यखते थे औय िभार इज़्ज़त बी ियते थे। भोहब्फत िे भज़


ु ाहहयों भें से

एि मह था कि जफ किसी ाज़वे भें तशयीफ़ रे जाते थे तो सफ से आखऽय भें

पातेभा स. से रूऽसत होते थे औय जफ वावऩस आते थे तो सफ से ऩहरे पातेभा

ज़हया स. िो दे खने तशयीफ़ रे जाते थे औय इज़्ज़तो एहनतयाभ िा भज़


ु ाहे या मह

था कि जफ हज़यत पातेभा आती थीॊ तो आऩ ताज़ीभ िो खड़े हो जाते थे औय

अऩनी जगह ऩय बफठाते थे।

(नतयलभज़ी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 249 भुहद्रत लभस्र)

142
(भतालरफ सऊर ऩष्ृ ठ 22 भुहद्रत रखनऊ)

भऽ
ु तलरफ़ िुतुफ सहा भें भौजूद है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा,

पातेभा भेया जुज़ है जो उसे तिरीफ़ ऩहुॊचाएगा वह भझ


ु े तिरीफ़ ऩहुॊचाएगा।

भव
ु ये ऽीन औय भह
ु द्दे सीन िा इत्तेफ़ा़ है कि नज़
ु ूर आमा ए ततहीय िे फाद सयवये

दो आरभ दये पातेभा स. ऩय 9 भाह रगाताय फवक़्ते नभाज़े सफ


ु ह जािय आवाज़

हदमा ियते औय फ़यते भसयक त भें फ़यभामा ियते थे कि ऽद


ु ा ने तम्
ु हें हय तयह िी

गन्दगी से ऩािो ऩािीज़ा किमा है ।

(ज़ाद उर उ़फा तयजुभा भुवद्दतुर ़ुयफा भुवद्दत 11 ऩष्ृ ठ 100)

हज़रत पातेमा (ि.अ) रब्फुऱ इज़्जज़त की तनगाह मे

भोहद्दे सीन (हदीसों िे ऻाता) िा फमान है कि हज़यत पातेभा (स.अ) िो ऩयवय

दीगाये आरभ अऩनी िनीज़े ऽास जानता था औय उनिी फेहद इज़्ज़त ियता था।

दे खा गमा है कि हज़यत सैय्मदा नभाज़ भें भशार


ू होती थीॊ औय फ़रयश्ते इनिे

फच्चों िो झर
ू ा झर
ु ाते थे औय जफ वह ़ुयआन ऩढ़ने फैठती थीॊ तो फ़रयश्ते उनिी

चक्िी ऩीसा ियते थे। हज़यत यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) ने झर
ू ा झर
ु ाने वारे

फ़रयश्ते िा नाभ ज़जब्राईर औय चक्िी ऩीसने वारे िा नाभ औ़ाफीर फतामा है ।

(भनाक़फ इब्ने शहये आशोफ, ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 28, भल्


ु तान भें छऩी)

143
पातेमा (ि.अ) अहदे ररिाऱत (ि.अ.व.व.) मे

ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िी हमात भें पातेभा (स.अ) िी ़दयो भॊज़ज़रत,

इज़्ज़त व तौ़ीय िी िोई हद न थी। इन्सान तो दय किनाय भराएिा िा मह हार

था कि आसभानों भें उतय ज़भीन ऩय आते औय पातेभा (स.अ) िी खऽदभत ियते।

िबी जन्नत िे तफ़ रामे, िबी हसनैन (अ.स.) िा झर


ू ा झर
ु ा िय पातेभा िी

भदद िी। अगय उनिे भॊह


ु से ईद िे भौ़े ऩय ननिर गमा कि फच्चों तुम्हाये िऩड़े

दयज़ी रामेगा तो जन्नत िे ऽज़ानची िो दयज़ी फन िय आना ऩड़ा। हद है कि

भरिुर भौत बी आऩिी इजाज़त िे फाैय घय भें दाखऽर न हुमे। अल्राभा अफदर

भोलभन हन्फ़ी लरखते हैं कि सयवये िामनात (स.अ.व.व.) िे वक़्ते आखऽय पातेभा

िे ज़ानू ऩय सये रयसारत भाआफ था, भरिुर भौत ने आवाज़ दी औय घय भें आने

िी इजाज़त चाही, पातेभा (स.अ) ने इन्िाय िय हदमा, भरिुर भौत दयवाज़े ऩय

रूि गमे रेकिन भिान भें दाखऽर होने िी ज़ज़द ियते यहे । पातेभा (स.अ) िे

फयाफय इन्िाय ऩय भरिुर भौत ने िुछ आवाज़ फदर िय आवाज़ दी। पातेभा स.

यो ऩड़ीॊ, आऩिे आॊसू रूऽसाये रयसारत ऩय गगये । ऩैाम्फय (स.अ.व.व.) ने ऩछ


ू ा क्मा

फात है? आऩ ने वाक़मा फतामा। हुक्भ हुआ?! इजाज़त दो मो भरिुर भौत हैं।

(अजामफ अर ़स्स, ऩष्ृ ठ 282)

144
पातेमा ज़हरा रिऱ
ू े इस्ऱाम के फाद

28 सफ़य 11 हहजयी िो यसर


ू े इस्राभ िा इन्ते़ार हुआ। आऩिे इन्ते़ार िे

फाद आऩिे घय वारों ऩय ज़ुल्भ व अत्माचाय िे ऩहाड़ टूट ऩड़े औय आऩ इतना

दख
ु ी हुईं कि अऩनी िश्तीए हमात 75 हदन से अगधि न खें च सिीॊ। आऩिे सय

ऩय ऩट्टी फॊधी यहा ियती थी औय यात हदन अऩने फाफा िो योमा ियती थीॊ।

आऩिे लरमे सयवये िामनात िा सदभा ही क्मा िभ था िे उस ऩय आफ़त मह कि

दनु नमा दायों ने यसर


ू (स.अ.व.व.) िे घय िो ाभों िा अड्डा फना हदमा। होना मह

चाहहमे था कि फाऩ िे इन्ते़ार िे फाद िफ़न दफ़न िी भलु सफत से दख


ु ददक भायी

फेटी िो फे ननमाज़ िय हदमा जाता औय हुज़यू िी तदफ़ीन, तिफ़ीन िो फहुत

अच्छी तयह अॊजाभ हदमा जाता, रेकिन अफ़सोस इसिे ववऩयीत दनु नमा वारों ने

यसर
ू े इस्राभ (स.अ.व.व.) िी भय्मत िो मॊू ही घय भें छोड़ हदमा औय ऽुदा औय

यसर
ू िी भॊशे िे खऽराफ़ अऩनी हुिूभत िी फनु नमाद ़ामभ ियने िे लरमे

स़ीफ़ा फनी साएदा चरे गमे। यसर


ू े इस्राभ (स.अ.व.व.) िी भय्मत ऩड़ी यही,

बफर आखऽय आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) औय दीगय चन्द भानने वारों ने इस

फ़यीज़े िो अदा किमा। मह वा़ेमा बर


ु ाने िे ़ाबफर नहीॊ जफ िी हज़यत अफू फक्र

ऽरीफ़ा फन िय औय हज़यत उभय ऽरीफ़ा फना िय वाऩस रौटे तो सयवये

िामनात (स.अ.व.व.) िी राशे भत


ु हय सऩ
ु द
ु े ऽाि िी जा चि
ु ी थी। इन हज़यात ने

इस तयफ़ ध्मान न हदमा औय किसी ाभ व अफ़सोस िा इज़हाय न किमा औय

145
सफ से ऩहरे ज़जस चीज़ िी िोलशश शरू
ु िी वह हज़यत अरी अ0 से फैअत रेने

िी थी। हज़यत अरी (अ.स.) औय िुछ भहत्वऩण


ू क एॊव आदयणीम सहाफा ज़जन भें

िुर फनी हालशभ, ज़फ


ु यै स अतफआ बफन अफी रहफ, ऽालरद बफन सईद, लभ़दाद

बफन उभय, सरभाने फ़ायसी, अफू ज़ये ाफ़्फ़ायी, अम्भाये मालसय, फया बफन आज़ज़फ,

इब्ने अफी ़अफ, औय अफू सकु फ़मान ़ाबफरे ज़ज़क्र हैं।

(तारयऽे अफुर कफ़दा, ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 375)

मह रोग चकू िॊ खऽराफ़ते भन्सस


ू ा िे भ़
ु ाफरे भें स़ीफ़ाई खऽराफ़त िो

तसरीभ न ियते थे रेहाज़ा लरहाज़ा जनाफे पातेभा (स.अ) िे घय भें गोशा नशीन

हो गमे। इस ऩय हज़यत उभय आग औय रिड़ड़माॊ रेिय आमे औय िहा घय से

ननिरों वयना हभ घय भें आग रगा दें गे। मह सन


ु िय हज़यत पातेभा ज़हया

(स.अ) दयवाज़े िे ़यीफ आईं औय फ़यभामा कि इस घय भें यसर


ू (स.अ) िे नवासे

हसनैन बी भौजद
ू हैं। िहा होने होने दीज़जमे।

(तारयऽ तफयी, वर इभाभत वर लसमासत, ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 12)

इसिे फाद फयाफय शोय ार


ु होता यहा औय अरी (अ.स) िो घय से फाहय

ननिारने िी फात होती यही। भगय अरी (अ.स) न ननिरे, पातेभा (स.अ) िे घय

िो आग रगा दी गई।( 1) जफ शोरे फरन्द होने रगे तो पातेभा (स.अ) दौड़ िय

दयवाज़े िे ़यीफ आईं औय फ़यभामा, अये अबी भेये फाऩ िा िफ़न बी भैरा न

होने ऩामा कि मह तुभ क्मा िय यहे हो? मह सन


ु िय पातेभा (स.अ) िे उऩय

146
दयवाज़ा गगया हदमा गमा ज़जसिी वजह से पातेभा (स.अ) िे ऩेट ऩय चोट रगी

औय पातेभा (स.अ) िे ऩेट भें भोहलसन नाभ िा फच्चा शहीद हो गमा।

(किताफ अर लभरर वन्नहर शहरयस्तानी, लभस्र भें छऩी ऩष्ृ ठ 202)

अल्राभा भल्
ु रा भई
ू न िाशफ़ी लरखतें हैं कि पातेभा इसी ज़यफे उभय से ये हरत

िय गईं।

(भुराहे ज़ा हो भआरयजुन नुफूवा, ऩैया 4, बाग 3 ऩष्ृ ठ 42)

इसिे फाद मह रोग हज़यत पातेभा (स.अ) िे घय भें फेधड़ि घस


ु आमे औय

अरी (अ.स) िो गगयफ़ताय िय िे उनिे गरे भें यस्सी फाॊधी इब्ने अफीर हदीद, 3,

औय रेिय दयफाये खखराफ़त


ु़ भें ऩहुॊच,े औय िहा फैअत ियो, वयना ऽुदा िी ़सभ

तम्
ु हायी गयदन भाय दें गे। यौज़तर
ु अहफाफ हज़यत अरी (अ.स) ने िहा, तभ
ु क्मा

िय यहे हो औय किस
ु़ ़ामदे औय किस फनु नमाद ऩय भझ
ु से फैअत रे यहे हो। मह

िबी नहीॊ हो सिता। अर इभाभत वर लसमासत, ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 13 फाज़ इनतहास

िायों िा फमान है कि उन रोंगो ने सैय्मदा िे घय भें घस


ु िय धभा चौिड़ी भचा

दी बफर आखखय
ु़ इफने वाज़े िे अनस
ु ाय ‘‘फ़ख़्रजत फ़ात्भत् फ़ा़ारत वल्राहुर

तजज़ ज़जन औरा िशफ़न शआयी वर अजजन इल्रराह ’’ पातेभा बफन्ते यसर

(स.अ) सहने ऽाना भें ननिर आईं औय िहने रगीॊ ऽद


ु ा िी ़सभ घय से ननिर

जाओ वयना भैं अऩने सय िे फार खोर दॊ ग


ू ी औय ऽद
ु ा िी फायगाह भें सख़्त

फ़रयमाद िरूगीॊ।

147
तायीऽ अर मा़ूफी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 116 एि यवामत भें है कि जफ हज़यत अरी

(अ.स) िो गगयफ़ताय िय िे रे जामा जा यहा था तो हज़यत पातेभा बफन्ते यसर


(स.अ) ने फ़रयमाद ियते हुए िहा था कि अफर


ु हसन िो छोड़ दो वयना अऩने सय

िे फार खोर दॊ ग
ू ी। तफयी िहते हैं कि इस िहने ऩय भज़स्जदे नफवी िी दीवाय

िद्दे आदभ फर
ु न्द हो गई थी।(2) इसिे फाद हज़यत पातेभा िो सच
ू ना लभरी िे

आऩिी वह जामदाद ज़जसिा नाभ फ़द़ था जो फहुक्भे ऽुदा यसर


ू (स.अ.व.व.) िे

हाथों आई थी औय ज़जसिी आभदनी फ़़ीयों, अनाथों ऩय हभेशा से ऽचक होती आई

ज़जसिा भहरे व़ू भदीना भन


ु व्वया से शभ
ु ार िी तयफ़ सौ भीर है ऩय ऽरीफ़ा ए

वक़्त ने ़ब्ज़ा िय लरमा है । भोअज़जु़ ़्ज़भ अरफदान सही फऽ


ु ायी अर फ़ारूऽ ज़जल्द

2 ऩष्ृ ठ 288, मह भारभ


ू िय िे आऩ हद् दजाक ाज़फ नाि हुईं फऽ
ु ायी औय मह

भारभ
ू िय िे औय ज़्मादा दख
ु ी हुईं कि एि फ़यज़ी हदीस ासफे कपदि
ु़ िे जवाज़

भें गढ़ री है । अर ायज़ आऩ ने दयफाये खखराफ़त


ु़ भें अऩना भत
ु ारफा ऩेश किमा

औय इनिाये सफ
ु ह ऩय फतौये सफत
ू हज़यत अरी (अ.स), हज़यत हभाभे हसन

(अ.स), इभाभे हुसन


ै (अ.स), उम्भे ऐभन औय यफाह िो गवाही भें ऩेश किमा

रेकिन सफ िी गवाहहमाॊ यद्द िय दी गईं औय िहा गमा अरी शैहय हैं हसनैन फेटे

हैं उम्भे ऐभन वाैया िनीज़ व ार


ु ाभ हैं, इनिी गवाही नहीॊ भानी जा सिती।

किताफ अर िशफ़ा, इन्सान अर उमन


ू व सवाए़ ऩष्ृ ठ 32, एि यवामत िी बफना

148
ऩय हज़यत अफू फिय ने हे फा िा तस्दी़ नाभा लरख िय पातेभा (स.अ) िो दे

हदमा था वह रे िय जाने ही वारी थीॊ कि अचानि हज़यत उभय आमे, ऩछ


ू ा क्मा

है ? िहा तसदी़े हे फा नाभा, आऩ ने वह ऽत हाथ से रे िय चाि िय डारा औय

फा यवामत ज़भीन ऩय पेि िय उस ऩय थि


ू हदमा औय ऩाॊव से यगड़ डारा। (सीयते

हरबफमा ऩष्ृ ठ 185, औय भ़


ु दभा ऽारयज िया हदमा, इनसान अर उमन
ू ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 400

सफा लभस्त्र), इसी लसरलसरे भें आऩिा ऽत


ु फा रम्भा ऽास अहलभमत यखता है ।

इसिे थोड़े हदन फाद हज़यत अफू फक्र औय हज़यत उभय, अभीरूर भोलभनीन हज़यत

अरी (अ.स) िी खखदभत


ु़ भे हाज़जय
ु़ हुए औय अजऱ् िी कि हभ ने पातेभा िो

नायाज़ किमा है, हभाये साथ चलरए हभ उन से भाफ़ी भाॊग रें। हज़यत अरी (अ.स)

उनिो हभयाह रे िय आए औय फ़यभामा ऐ पातेभा मह दोनों ऩहरे आए थे औय

तुभने उन्हें अऩने भिान भें घस


ु ने नहीॊ हदमा अफ भझ
ु े रे िय आएॊ हैं इजाज़त दो

कि दाखखरे
ु़ खाना हो जाऐॊ। हुक्भे अरी (अ.स) से इजाज़त तो दे दी रेकिन जफ

मह दाखखरे खाना हुए तो पातेभा ने दीवाय िी तयफ़ भॊह


ु पेय लरमा औय सराभ

िा जवाफ ति न हदमा औय फ़यभामा ऽुदा िी ़सभ ता ज़जन्दगी


ु़ नभाज़ िे फाद

तुभ दोनों ऩय फद दआ
ु ियती यहूॊगी। ायज़ िी पातेभा ने भाफ़ न किमा औय मह

रोग भामस
ू वावऩस हो गमे। अर इभाभत वर लसमासत भअ
ु ल्रेफ़ा इब्ने अफी

़तीफा भतफ़
ू ी 276 हहजयी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 14 इभाभ फऽ
ु ायी िहते हैं कि पातेभा

ने ता हमात उन रोगों से फात नहीॊ िी औय ाज़फ नाि ही दनु नमा से उठ गईं।

149
1 यौज़ातुर अर भनाज़जय
ु़ हालसमा िालभर 11 ऩष्ृ ठ 113 32 व एहनतजाज तफयी

2 भआ
ु ़ी अर अऽफाय ऩष्ृ ठ 206 4, एनतजाज 1 ऩष्ृ ठ 112

आऩकी अऱाऱत

हभ उऩय फा हवारा अल्राभा शहय सतानी व अल्राभा भोईन िाशफ़ी लरख िय

आए हैं कि हज़यत उभय ने सैय्मदातन


ु ननसाॊ हज़यत पातेभा ऩय दयवाज़ा गगयामा

था औय लशिभे भफ
ु ायि ऩय ज़फक रगाई थी ज़जसिी वजह से इस्ते़ाते हभर हुआ

था। औय इसी सफफ से आऩ फीभाय हुईं औय आखखु़ ़्य भें भय गईं। अफ आऩिी

खखदभत
ु़ भें ड़डप्टी नज़ीय अहभद िी तहयीय िा एितेफास ऩेश ियते हैं। वह लरखते

हैं, जो आदभी यसर


ू (स.अ.व.व.) िे भयने से सफ से ज़्मादा प्रबाववत हुआ वह

पातेभा थीॊ। भाॊ ऩहरे ही भय चि


ु ी थीॊ अफ भाॊ औय फाऩ दोनो िी जगह ऩैाम्फय

साहफ ही थे औय फाऩ बी िैसे दीन औय दनु नमाॊ िे फादशाह। ऐसे फाऩ िा सामा

सय से उठना इस ऩय हज़यत अरी (अ.स) िा खखराफ़त


ु़ से भहरूभ यहना तयिे

ऩदयी कपदि
ु़ िा दावा ियना औय भ़
ु दभा हाय जाना, इन्हीॊ दख
ु ों भें आऩ िा

इन्ते़ार हो गमा। योमा ऐ साद़ा फ़सर 14, आऩ इस ़द्र योईं िी अहरे

भोहल्रा एतेयाज़ ियने रगे, आखखय


ु़ भें हज़यत अरी ने योने िे लरमे भदीने से

फाहय फैतर
ु हुज़्न फनवामा था।

(अनवारूर हुसैननमा सफ़ा 24 प्रिालशत फम्फई)

150
हारात से प्रबाववत हो िय हज़यत सैय्मदा ने अऩने वालरद फज
ु ग
ु व
क ाय िा जो

भयलसमा िहा है उसिा एि शेय मह है कि्-

सब्ु फत अरैमा भसाएफन


ु रव अन्नहाय

सब्ु फत अरर अमाभे लसयना रेमा लरमा

तयजभ
ु ा्- अब्फा जान आऩिे फाद भझ
ु ऩय ऐसी भस
ु ीफतें ऩड़ीॊ कि अगय वह हदनों

ऩय ऩड़तीॊ तो लभस्र यात िे तायीि हो जाते।

(नरू
ु र अफसाय ऩष्ृ ठ 46, व भदारयज ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 524)

आऩकी विीयत

पातेभा ज़हया (स.अ) ने अस्भा बफन्ते उभैस से फ़यभामा कि ऐ असभा भझ


ु े

भस
ु रभानों िी औयतों िी भैनमत िे रे जाने िा तयी़ा ऩसन्द नही है । मह तख़्ते

ऩय लरटा िय िऩड़ा डार िय रे जाते हैं। अस्भा ने िहा, भैं हफशा भें फहुत अच्छा

ताफत
ू दे ख आईं हूॊ, फ़यभामा इसिी ऩर फना दो। अरी (अ.स) िो फर
ु ामा औय

वसीअत िी। आऩने िहा, भझ


ु े खद
ु नहराना, िफ़न ऩहनाना, भेया जनाज़ा यात भे

उठाना, ज़जन रोगों ने भझ


ु े सतामा है उनिो भेये जनाज़े भें न शयीि होने दे ना।

151
भेये फाद शादी ियना तो एि यात भेये फच्चों िे ऩास औय एि यात अऩनी फीवी िे

ऩास गज़
ु ायना।

शभशर
ु उरभा लभस्टय नज़ीय अहभद दे हरवी लरखते हैं कि, पातेभा ने अफू फक्र

वाैया से फात ियना छोड़ दी। भयते वक़्त वसीअत िी कि भझ


ु े यात िे वक़्त दफ़न

ियना औय मह रोग भेये जनाज़े ऩय न आने ऩाऐॊ उम्भेहातुर उम्भत ऩष्ृ ठ 99,

अल्राभा अब्दयु फय लरखते हैं कि पातेभा िी वसीमत थी कि आमशा बी जनाज़े ऩय

न आऐॊ।

(इस्तेआफ ज़जल्द 2, सफ़ा 772,)

जनाफे सैय्मदा िी हज़याते शेऽैन से नायाज़गी िे लरमे भज़ीद भर


ु ाहज़ा हों।

तेस्ऩय अऱायी तयजुभा फऽ


ु ायी ज़जल्द 12 ऩष्ृ ठ 18 -21 व ऩे 17 ऩष्ृ ठ 21,

भज़ु श्िरर
ु आसाय तहावी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 48, तयजभ
ु ा सही भज़ु स्रभ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ

25, यौज़तुर अहफाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 434, अज़ारा अरऽफ़ा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 57,

फयाहीने ़ाते तयजुभा सवाऐ़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 21, अशअतुर भात ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ

480 अर ज़हया- उभय अफू नसय उदक ू तयजुभा ऩष्ृ ठ 89- जभा उर फ़वाएद ज़जल्द

2 ऩष्ृ ठ 18 प्रिालशत भेयठ।

152
आऩकी वफात हिरते आयात

दनु नमा ए इस्राभ िे ़दीभ भव


ु ये ऽीन इब्ने ़तीफा िा फमान है कि हज़यत

पातेभा हज़यते सयवये िामनात (स.अ.व.व.) िी वफ़ात िे फाद लसफ़क 75 हदन

ज़जन्दा
ु़ यह िय भय गईं। अर इभाभत वर लसमासत ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 14, अल्राभा

फहाई िा जाभऐ अब्फासी ऩष्ृ ठ 79 भें फमान है कि 100 हदन फाद इन्ते़ार हुआ।

आऩिी तायीऽे वफ़ात सोभवाय हदन 3 जभादीर सानी 11 हहजयी है ।

(अनवायरूर हुसैननमा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 29 प्रिालशत नजफ़)

आऩिी वफ़ात से सम्फज़न्धत हज़यत इब्ने अब्फास सहाफी यसर


ू िा फमान है कि

जफ पातेभा ज़हया िे इन्ते़ार िा सभम आमा तो न भासभ


ू ा िो फऽ
ु ाय आमा,

औय न ददे सय हुआ फज़ल्ि इभाभे हसन (अ.स) औय इभाभे हुसन


ै (अ.स) िे हाथ

ऩिड़े औय दोनों िो रेिय ़ब्रे यसर


ू (स.अ.व.व.) ऩय गईं औय ़ब्र औय लभम्फय िे

फीच दो यिअत नभाज़ ऩढ़ी। कपय


ु़ दोनों िो अऩने सीने से रगामा औय फ़यभामा ऐ

भेये फच्चों ! तभ
ु दोनों एि घॊटा अऩने फाफा िे ऩास फैठो, अभीरूर भोलभनीन इस

वक़्त भज़स्जद भें नभाज़ ऩढ़ यहे थे, कपय वहाॊ से घय आईं औय आॊ हज़यत िी

चादय उठाई ास्


ु र िय िे हज़यत िा फचा हुआ िफ़न, मा िऩड़े ऩहने, फाद अज़ान

ज़ोजा हज़यते जाफ़ये तैमाय असभा िो अवाज़ दी, असभा ने अजऱ् िी फीफी हाज़जय
ु़

होती हूॊ। जनाफे पातेभा ने फ़यभामा, असभा तुभ भझ


ु से अरग न होना, भै एि

घॊटा इस हुजये भें रेटना चाहती हूॊ। जफ एि घॊटा गुज़य जाए औय भैं फाहय न

153
ननिरॊू तो भझ
ु िो तीन अवाज़े दे ना, अगय भैं जवाफ दॊ ू तो अन्दय चरी आना,

वयना सभझ रेना कि भैं यसर


ू े ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) से भर
ु हह़ हो चि
ु ी हूॊ। फाद

अज़ाॊ यसर
ू े ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) िी जगह ऩय खड़ी हुईं औय दो यिअत नभाज़ ऩढ़ी

कपय रेट गईं औय अऩना भॉह


ु चादय से ढाॊऩ लरमा। फाज़ उरभा िा िहना है कि

सैय्मदा ने सजदे भे ही वफ़ात ऩाई। अर ायज़ जफ एि घॊटा गुज़य गमा तो

असभा ने जनाफे सैय्मदा िो अवाज़ दी। ऐ हसन (अ.स) औय हुसन


ै (अ.स) िी भाॊ

! ऐ यसर
ू े खुदा (स.अ.व.व.) िी फेटी ! भगय िुछ जवाफ न लभरा। तफ असभा उस

हुजये भें दाखखर


ु़ हुईं, क्मा दे खती हैं कि वह भासभ
ू ा भय चि
ु ी हैं, असभा ने अऩना

गये फान पाड़ लरमा औय घय से फाहय ननिर ऩड़ीॊ। हसन (अ.स) औय हुसन
ै (अ.स)

आ ऩहुॊच।े ऩछ
ू ा असभा हभायी अम्भा िहाॊ हैं? अज़क िी हुजये भें हैं। शहज़ादे हुजये

भे ऩहुॊचे तो दे खा कि भादये गगयाभी भय चि


ु ी हैं। शहज़ादे योते ऩीटते भज़स्जद

ऩहुॊच।े हज़यत अरी (अ.स) िो ऽफय दी, आऩ सदभे से फेहार हो गमे। कपय वहाॊ से

फहारे ऩये शान घय ऩहुॊचे दे खा कि असभा सयहाने फैठी यो यही हैं। आऩने चेहया ए

अनवय खोरा। सयहाने एि ऩचाक लभरा, ज़जसभें शहादतैन िे फाद वसीमत ऩय

अभर िा हवारा था औय ता़ीद थी कि भझ


ु े अऩने हाथों से ास्
ु र दे ना, हनत

ियना, िफ़न ऩहनाना, यात िे वक़्त दफ़न ियना औय दश्ु भनों िो भेये दफ़न िी

ऽफय न दे ना इसभें मह बी लरखा था कि भैं तुम्हें ऽुदा िे हवारे ियती हूॊ औय

अऩनी इन तभाभ औरादों सादात िो सराभ ियती हूॊ जो ़माभत ति ऩैदा होगी।

154
जफ यात हुई तो हज़यत अरी (अ.स) ने ास्
ु र हदमा, िफ़न ऩहनामा, नभाज़

ऩढ़ी, फेनाफय यवामत भशहूया जन्नतर


ु फ़ी भे रे जा िय दफ़न िय हदमा।
ु़
(ज़ाद अर ़फा तयजुभा भुवद्दतुर ़ुफाक अरी हभदानी शापेई ऩष्ृ ठ 125 ता ऩष्ृ ठ 129

प्रिालशत राहौय)

एि यवामत भें है कि आऩिो लभम्फय औय ़ब्रे यसर


ू (स.अ.व.व.) िे फीच भें

दफ़न किमा गमा।

(अनवारूर हुसैननमा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 39)

भ़ानतर किताफ भें है कि ास्


ु र िे वक़्त हज़यत अरी (अ.स) ऩश्ु त व फाज़ु ए

पातेभा (स.अ) ऩय उभय िे दयु े िा ननशान दे खा था औय चीऽ भाय िय योए थे।

सही फऽ
ु ायी औय भज़ु स्रभ भे है कि हज़यत अरी (अ.स) ने पातेभा (स.अ) िो यात

िे वक़्त दफ़न िय हदमा। ‘‘वरभ मज़


ू न फेहा अफा फक्र व सल्री अरैहा ’’ अफू

फिय वाैया िो लशयिते जनाज़ा िी इजाज़त नहीॊ दी औय दफ़न िी बी ऽफय नहीॊ

दी औय नभाज़ ऽुद ऩढ़ी। अल्राभा ऐनी शयह फऽ


ु यी लरखते हैं कि मह सफ िुछ

हज़यत अरी (अ.स) ने जनाफे पातेभा (स.अ) िी वसीअत िे अनस


ु ाय किमा था।

सही फऽ
ु ायी हहस्सा अर ज़जहाद भें है कि हज़यत पातेभा (स.अ) हज़यत अफू फिय

वाैया से नायाज़ हो गईं औय उनसे नाता तोड़ लरमा औय भयते दभ ति फेज़ाय

यही। इभाभ इब्ने ितीिा िा फमान है कि ऽुरफ़ा िो पातेभा िी नायाज़गी िी

जानिायी थी, वह िोलशश ियते यहे कि याज़ी हो जामें एि दफ़ा भाफ़ी भाॊगने बी

गमे। ‘‘पासताज़ना अरी फ़रभ ताज़न ’’ औय इज़ने हुज़ूयी चाहा, आऩने लभरने से

155
इन्िाय िय हदमा औय इनिे सराभ ति िा जवाफ न हदमा औय फ़यभामा

ताज़जन्दगी
ु़ तभ
ु ऩय फद्दआ
ु िरूगी औय फाफा जान से तम्
ु हायी लशिामत िरूगी।

(अर इभाभत वस लसमासत ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 14 प्रिालशत लभस्र)

आऩका जनाज़ा

ास्
ु र व िफ़न िे फाद हज़यत अरी (अ.स) अऩनी औराद औय अऩने रयश्तेदायों

सभेत जनाज़ा रेिय यवाना हुए। फेहारूर अनवाय किताफ अरफ़तन भें है कि यास्ता

दे खने िे लरए एि शभा साथ थी औय हज़यत ज़ैनफ जो िाफ़ी िभलसन थी िारे

िऩड़े ऩहने हुए थी इस साए भें चर यही थीॊ जो शभा िी वजह से ताफत
ू िे नीचे

ज़भीन ऩय ऩड़ यहा था। भव


ु द्दतुर ़ुफाक ऩष्ृ ठ 129 भें है कि हज़यत अरी (अ.स)

जफ जन्नतर
ु फ़ी भें ऩहुॊचे तो एि तयफ़ से आवाज़ आई औय खद
ु ी खद
ु ाई ़ब्र

हदखाई दे गई। हज़यत अरी (अ.स) ने उसी ़ब्र भें हज़यत पातेभा (स.अ) िी राशे

भत
ु ाहय दफ़न िी औय इस तयह ज़भीन फयाफय िय दी कि ननशाने ़ब्र भारभ
ू न

हो सिे।

किताफे भन
ु तहर आभार शेऽ अब्फास ़ुम्भी ऩष्ृ ठ 139 भें है कि जफ जनाफे

सैय्मदा िी राश ़ब्र भे उतायी गई तो यसर


ू े ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) िे हाथों िी तयह

दो हाथ ननिरे औय उन्होने ज़जसभे भत


ु ाहय जनाफे सैय्मदा िो सम्बार लरमा।

156
दराएर उर इभाभत भें है कि चकू ि ़ब्रे पातेभा (स.अ) िे साथ फे अदफी िा शि

था इस लरए चारीस ़ब्रें फनाई गईं। भनाक़फ इब्ने शहय आशोफ भें है कि चारीस

़ब्रें इस लरए फनाई थी कि सही ़ब्र भारभ


ू न हो सिे औय पातेभा (स.अ) िो

सताने वारा ़ब्र ऩय बी नभाज़ न ऩढ़ सिे वयना सैय्मदा िो तिरीफ़ होगी।

इसिे फावजूद रोगों ने ़ब्र खोद िय नभाज़ ऩढ़ ने िी सई िी ज़जसिे यद्दे

अभर भें हज़यत अरी (अ.स) नगीॊ तरवाय रे िय ऩीरे िऩड़े ऩहन िय ़ब्र ऩय

जा फैठे। इस वक़्त आऩ िे भॊह


ु से िफ़ ननिर यहा था। मह दे ख िय रोगों िी

हहम्भते ऩस्त हो गईं औय आगे न फढ़ सिे। नालसऽ अर तवायीऽ वाैया वफ़ात िे

व़त जनाफे सैय्मदा ताहे या (स.अ) िी उम्र 18 सार िी थी। इन्ना लरल्राहे व

इन्ना इरैहे याजेउन

नतीजा

वफ़ाते यसर
ू (स.अ.व.व.) िे फाद जनाफे सैय्मदा िे साथ जो िुछ किमा गमा

इस ऩय शभसर
ु उरभा ड़डप्टी नज़ीय अहभद एर.एर.डी. भोतयज़ज्जभ ़ुयआने

भजीद ने अऩनी किताफ ‘‘योमा ए सादे ़ा ’’ भें ननहामत भफ़


ु ज़स्सर औय भि
ु म्भर

तफलसया फ़यभामा है ज़जसिे आऽयी जुभरे मह हैं:-

157
सख़्त अफ़सोस है कि अहरे फैते नफवी िो ऩैाम्फय साहफ िी वफ़ात िे फाद ही

ऐसे नाभर
ु ाएभ इत्तेफ़ा़ात ऩेश आए कि इनिा वह अदफ व रेहाज़ जो होना चाहहमे

था इसभें ज़ोफ़ आ गमा औय शद


ु ा शद
ु ा भन
ु ज़जय
ु़ हुआ। इस ना ़ाबफरे फयदाश्त

वा़ेए ियफरा िी तयफ़ ज़जसिी नज़ीय तायीऽ भें नहीॊ लभरती। मह ऐसी नाराम़

हयित भस
ु रभानों से हुई है कि अगय सच ऩछ
ू ो तो दनु नमा व आऽेयत भें भॊह

हदखाने िे ़ाबफर न यहे ।

चे खुश फ़यभद
ू शख़्से ईं रतीफ़ा कि िुश्ता शद
ु हुसन
ै अन्दय स़ीफ़ा

हज़रत पातेमा (ि.अ) के जनाज़े मे सिरकत करने वाऱे

अल्राभा हाकपज़
ु़ बफन अरी शहय आशोफ अर भतूफ़ी 588 हहजयी तहयीय

फ़यभाते हैं कि हज़यत पातेभा ज़हया (स.अ) िे जनाज़े भें अभीयर भोलभनीन

(अ.स), इभाभे हसन (अ.स), इभाभे हुसन


ै (अ.स), अ़ीर, सरभाने फ़ायसी,

अफज़
ू य, भे़दाद, अम्भाय औय फयीदा शयीि थे औय उन्ही रोगों ने नभाज़े जनाज़ा

ऩढ़ी एि यवामत भें अब्फास, फ़ज़र, हुज़ैफ़ा औय इब्ने भसद


ू िा इज़ाफ़ा है । तफयी

भें इब्ने ज़ुफयै िा बी तज़किया है ।

(उम्दतुर भतालरफ तयजुभा भनाक़फ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 65 प्रिालशत भुल्तान)

158
हज़रत पातेमा (ि.अ) का मदफन

जैसा कि उऩय गुज़या, हज़यत पातेभा (स.अ) िे जाए दफ़न भें अख़्तेराफ़ है ।

िोई जन्नतुर फ़ी, िोई लभम्फये यसर


ू (स.अ.व.व.) िे फीच भें िोई ़ब्र औय घय

िे फीच ़ब्र फताता है । भशहूय मही है कि जन्नतर


ु फ़ी भें आऩ दफ़न हुई हैं

रेकिन अहभद बफन भोहम्भद बफन अफी नसय ने अफर


ु हसन हज़यत इभाभ यज़ा

(अ.स) से यवामत िी है , वह फ़यभाते हैं कि हज़यत पातेभा (स.अ) अऩने घय भे

भदफ़ून हैं। जफ फनी उम्भमा ने भज़स्जद िी तौसीफ़ िी तो उनिी ़ब्र यौज़ा ए

यसर
ू (स.अ.व.व.) िे अन्दय आ गई है ।

(तयजुभा भनाक़फ इब्ने शहय आशोफ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 69)

हज़रत पातेमा (ि.अ) की क़ब्र ऩर हज़रत अऱी (अ.ि) का मरसिया

अल्राभा इब्ने शहय आशोफ लरखते हैं कि हज़यत अरी (अ.स) ने वफ़ाते सैय्मदा

(स.अ) ऩय अत्मागधि दख
ु प्रिट किमा औय फे ऩनाह ाभों अरभ िा अहसास

किमा। उन्हानें जो ़ब्र ऩय भयलसमा ऩढ़ा वह मह है :-

रेिुरे इजतेभा भन ऽरीरैन फ़य़तह

व़र रज़ी दन
ू े अर कपया़
ु़ ़रीर

159
दो दोस्तों िे हय इजतेभा िा नतीजा जुदाई है औय हय भस
ु ीफत हदरफयों िी

जद
ु ाई िी भस
ु ीफत से िभ है ।

वअन इफ़ते़ादी फ़ातभ फादे अहभद

वरैरा अरी अन रामदभू ऽरीर

हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िे तशयीफ़ रे जाने िे फाद भेयी यफ़ी़ा ए

हमात पातेभा (स.अ) िा दााे कपया़ु़


ु़ दे जाना इस अभय िा सफत
ू है कि िोई

दोस्त हभेशा नहीॊ यहे गा।

अल्राभा शेऽ अब्फास ़ुम्भी लरखते हैं कि हज़यत सैय्मदा िो सऩ


ु द
ु े ऽाि ियने

िे फाद हज़यत अभीयर भोलभनीन (अ.स) ़ब्रे जनाफे सैय्मदा िे ऩास फैठ गमे औय

फे इन्तेहा योए। ‘‘ ऩस अब्फासे उभऐ


ू आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) दस्तश गगयफ़त व

अज़ सये ़ब्र उया फे फद


ु क

मह दे ख िय चचा अब्फास बफन अब्दर


ु भज़ु त्रफ ने उनिा हाथ ऩिड़ िय उन्हें

़ब्र िे ऩास से उठामा औय घय रे गमे।

(भुन्तहर आभार ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 140 प्रिालशत नजफ़े अशयफ़)

आऩके रोज़े का इन्हे दाम

आलरभों िा फमान है कि एि अयसा गज़


ु यने िे फाद आऩिी ़ब्रे भफ
ु ायि ऩय

यौज़े िी ताभीय हुई। भैं िहता हूॊ कि अफ से रगबग 43 सार ऩहरे इब्ने सउद व

160
अभीये सउदी अयबफमा ने आऩिे यौज़े भफ
ु ायि िो जज़फाए वहाफीमत से भत
ु ालसय

होिय तोड़ डारा। शैऽ अर ऐया़ीन भोहम्भद यज़ा िा फमान है कि इब्ने सउद ने

भक्िा भें 9 औय भदीना भें 19 भ़


ु द्दस भ़
ु ाभात िो भन
ु हाहदभ तोड़ ियामा था

कि ज़जनभें ऽाना ए सैय्मदा औय फैतुर हुज़्न बी थे। भर


ु ाहे ज़ा हो।

(अनवारूर हुसैननमा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 54 प्रिालशत फम्फई 1346 हहजयी)

161
अमीरऱ मोमेनीन हज़रत अऱी (अ.ि.)

नस
ु यते दीॊ है, अरी िा िाभ सोते जागते

ख़्वाफो फेदायी है मिसाॊ मह हैं ऐने कियहदगाय

इसिी फेदायी िी अज़भत िो सने हहजयी से ऩछ


ज़जसिा सोना फन गमा, तारयऽे दीॊ िी मादगाय

(साबफय थयमानी, ियाची)

भौरद
ू े िाफा हज़यत अरी (अ.स.) अफर
ु ईभान हज़यत अफू तालरफ व जनाफे

फ़ात्भा बफन्ते असद िे फेटे ऩैाम्फये इस्राभ हज़यत भौहम्भद भस्


ु तफ़ा स. सहीभे

नयू , दाभाद, बाई, जानशीन औय फ़ात्भा स. िे शौहय हज़यत इभाभे हसन (अ.स.),

इभाभे हुसन
ै (अ.स.) ज़ैनफो उम्भे िुरसभ
ू िे ऩदये फज़
ु गु व
क ाय थे। आऩ ज़जस तयह

ऩैाम्फये इस्राभ िे नयू भें शयीि थे, उसी तयह िाये रयसारत भें बी शयीि थे।

मौभे ववरादत से रे िय ऩयू ी ज़जन्दगी


ु़ ऩेाम्फये इस्राभ िे साथ उनिी भदद ियने

भें गुज़ायी। उभयू े भम्रेित हो मा भैदाने जॊग आऩ हय भौ़े ऩय ताज दाये दो

आरभ िे ऩेश ऩेश यहे । अहदे रयसारत स. िे सही फ़तूहात िा सेहया आऩ ही िे

सय यहा। इस्राभ िी ऩहरी भॊज़जर


ु़ दावते ज़र
ु अशीया से रे िय ता ववसारे यसर

स. आऩने वह िाय हाम नभ


ु ामाॊ किमे जो किसी सयू त भें बर
ू ामे नहीॊ जा सिते

162
औय क्मों न हो जफ कि आऩिा गोश्त ऩोस्त यसर
ू स. िा गोश्त ऩोस्त था औय

अरी (अ.स.) ऩैदा ही किमे गमे थे इस्राभ औय ऩैाम्फये इस्राभ िे लरमे।

आऩिी ववरादत आऩिी नयू ी तख़्री़, खखल़्ते


ु़ सयवये िामनात िे साथ साथ

ऩैदाईशे आरभ व आदभ (अ.स.) से फहुत ऩहरे हो चि


ु ी थी रेकिन इन्सानी शक्रो

सयू त भें आऩिा ज़ुहूय व नभद


ू 13 यजफ 30 आभर
ू फ़ीर, भत
ु ाबफ़ 600 ई0 जुभे

िे हदन फभ़
ु ाभे ऽानाए िाफा हुआ। आऩिी भाॊ फ़ात्भा बफन्ते असद औय फाऩ अफू

तालरफ थे। आऩ दोनों तयफ़ से हाशभी थे। इनतहासिायों ने आऩिे ऽाना ए िाफा

भें ऩैदा होने िे भत


ु ाअज़ल्ऱ िबी िोई इख़्तेराफ़ जाहहय
ु़ न किमा फज़ल्ि बफर

इत्तेफ़ा़ िहते हैं कि रभ मर


ू द किफरहा
ु़ वरा फादह भौरद
ू फ़ी फैतुर हयाभ आऩ

से ऩहरे िोई न ऽाना ए िाफा भें ऩैदा हुआ है न होगा। इसिे फाये भें उरेभा ने

तवातुय िा दावा बी किमा है । (भुस्तदरयि इभाभे हाकिभ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 483) तवारयऽे

इस्राभ भें वाकिमाए


ु़ ववरादत मॊू फमान किमा गमा है कि फ़ात्भा बफन्ते असद िो

जफ ददे ज़ेह िी तिरीफ़ भहसस


ू हुई तो आऩ यसर
ू ियीभ िे भशवये िे भत
ु ाबफ़

ऽाना ए िाफा िे ़यीफ गईं औय उसिा तवाफ़ ियने िे फाद दीवाय से टे ि रगा

िय खड़ी हो गईं औय फायगाहे ऽुदा िी तयफ़ भत


ु ावज्जे हो िय अज़क ियने रगीॊ,

ऽुदामा भैं भोभेना हूॊ तुझे इब्राहीभ फानी ए िाफा औय इस भौरद


ू िा वास्ता जो

भेये ऩेट भें है, भेयी भश


ु किर दयू िय दे । अबी दआ
ु िे जुभरे ऽत्भ न होने ऩाए थे

कि दीवाये िाफा शि (टूटना) हो गई औय फ़ात्भा बफन्ते असद िाफे भें दाखखर


ु़ हो

163
गईं औय दीवाय ज्मों िी त्मों हो गई। (भनाकिफ
ु़ ऩष्ृ ठ 132, वसीरतुन नजात ऩष्ृ ठ 60)

ववरादत िाफा िे अन्दय हुईं। अरी (अ.स.) ऩैदा तो हुए रेकिन उन्होने आॊख नहीॊ

खोरी। भाॊ सभझी िी शामद फच्चा फे नयू है, भगय जफ तीसये हदन सयवये

िामनात स. तशयीफ़ राए औय अऩनी आाोशे भफ


ु ायि भें लरमा तो हज़यत अरी

(अ.स.) ने आॊखे खोर दीॊ औय जभारे रयसारत ऩय ऩहरी नज़य डारी। सराभ िय

िे नतरावते सहीफ़ाए आसभानी शरू


ु िय दी। बाई ने गरे रगामा औय मह िह िय

कि ऐ अरी (अ.स.) जफ तुभ हभाये हो तो भैं तुम्हाया हूॊ, फ़ौयत भॊह


ू भे ज़फान दे

दी। अल्राभा अयफरी लरखते हैं वअज़ ज़फाने भफ


ु ायि दवाज़दह चश्भए िशद
ू ा शद

ज़फाने रयसारत स. से दहने इभाभत भें फायह चशभे जायी हो गमे औय अरी

(अ.स.) अच्छी तयह सेयाफ हो गमे। इसी लरए इस हदन िो मौभर


ु तयववमा िहते

हैं क्मोंकि तयववमा िे भाने सेयाफी िे हैं। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 132)

अर ायज़ हज़यत अरी (अ.स.) ऽाना ए िाफा से चौथे योज़ फाहय राए गमे औय

उसिे दयवाज़े ऩय अरी (अ.स.) िे नाभ िा फोडक रगा हदमा गमा। जो हश्शाभ इब्ने

अब्दर
ु भलरि िे ज़भाने ति रगा यहा। आऩ ऩािो ऩािीज़ा, तय्मफो ताहहय औय

भख़्तून (ऽतना शद
ु ा) ऩैदा हुए। आऩने िबी फत
ु ऩयस्ती नहीॊ िी औय आऩिी

ऩेशानी िबी फत
ु िे साभने नहीॊ झि
ु ी इसी लरए आऩिे नाभ िे साथ ियभ

अल्राह वजहा िहा जाता है । (नूरूर अब्साय, ऩष्ृ ठ 76, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 72)

164
आऩिे नाभे नाभी भोवये ऽीन िा फमान है कि आऩिा नाभ जनाफे अफू तालरफ

ने अऩने जद्दे आरा जाभए ़फाएरे अयफ ़सी िे नाभ ऩय ज़ैद औय भाॊ फ़ात्भा

बफन्ते असद ने अऩने फाऩ िे नाभ ऩय असद औय सयवये िाएनात स. ने ऽद


ु ा िे

नाभ ऩय अरी यखा। नाभ यखने िे फाद अफू तालरफ औय बफन्ते असद ने िहा

हुज़ूय हभने हानतफ़े ाैफी से मही नाभ सन


ु ा था। (यौज़ातुर शोहदा औय किफ़ामत अर

तालरफ)

आऩिा एि भशहूय नाभ है दय बी है जो आऩिी भाॊ िा यखा हुआ है । ज़जसिी

तस्दी़ इस यजज़ से होती है जो आऩने भयहफ िे भ़


ु ाफरे भें ऩढ़ा था। ज़जसिा

ऩहरा लभसया मह है अना अर रज़ी सभतनी अभी है दया इस नाभ िे भत


ु ाअज़ल्ऱ

यवामतों भें है कि जफ आऩ झर
ू े भें थे एि हदन भाॊ िही गई हुई थीॊ झर
ू े ऩय एि

साॊऩ जा चढ़ा, आऩने हाथ फढ़ा िय उसिे भॉह


ु िो ऩिड़ लरमा औय िल्रे िो चीय

पेंिा, भाॉ ने वाऩस हो िय मह भाजया दे खा तो फे साख़्ता िह उठीॊ, मह भेया फच्चा

है दय है ।

िुन्नीमत व अल़्ाफ आऩिी िुन्नीमत व अल़्ाफ फे शभ


ु ाय हैं। िुन्नीमत भें

अफर
ु हसन औय अफू तुयाफ औय अल़्ाफ भें अभीरूर भोभेनीन, अर भत
ु ज़
क ा, असद

उल्राह, मदल्
ु राह, नफ़्सल्
ु राह, है दये ियाय, नफ़्से यसर
ू औय साकिमे
ु़ िौसय ज़्मादा

भशहूय हैं।

165
आऩकी ऩरवररि

आऩिी ऩयवरयश यसर


ू े अियभ स. ने िी। ऩैदा होते ही गोद भें लरमा, भॉह
ु भें

ज़फा नदी औय दध
ू िे फजाए रोआफे दहने यसर
ू स. से सेयाफ हो िय रहभोिा

रहभी िे ह़दाय फने। (सहयते हरफीता ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 268) इसी दौयान भें जफ कि

आऩ सयवये िामनात िे ज़ेये सामा आयज़ी तौय ऩय ऩयवरयश ऩा यहे थे भक्िे भें

शदीद िहय ऩड़ा, अफू तालरफ िी चॉ कू ि औरादे ज़्मादा थीॊ इस लरमे हज़यते अब्फास

औय सयवये िामनात स. उनिे ऩास तशयीफ़ रे गमे औय उनिो याज़ी िय िे

हज़यत अरी (अ.स.) िो भस्


ु तकिर
ु़ तौय ऩय अऩने ऩास रे आमे औय अब्फास ने बी

जाफ़ये तय्माय िो रे लरमा। हज़यत अरी (अ.स.) सयवये िाएनात स. िे ऩास हदन

यात यहने रगे। हुज़यू े अियभ स. ने तभाभ नेभाते इराही से फहयावय िय लरमा

औय हय किस्भ
ु़ िी तारीभात से बयऩयू फना हदमा महाॊ ति कि अरी नाभे ऽुदा

़ुव्वते फाज़ू फन िय मौभे फेसत 27 यजफ िो िुल्रे ईभान िी सयू त भें उबये औय

हुज़ूय िी ताईद िय िे इस्राभ िा लसक्िा बफठा हदमा।

इज़हाये ईभान भस
ु रभानो भें अक्सय मह फहस नछड़ जाती है कि सफ से ऩहरे

इस्राभ िौन रामा औय इस लसरलसरे भें हज़यत अरी (अ.स.) िा नाभ बी आ

जाता है हाॊराकि आऩ इस भौजूए फहस से अरग हैं क्मोंकि ज़ेये फहस वह रामे जा

सिते हैं जो मा तो भस
ु रभान ही न यहे हों औय तभाभ उम्र लशकिो फत
ु ऩयस्ती भें

गुज़ायी हो जैसे हज़यत अफू फक्र, हज़यत उभय, हज़यत उस्भान वाैया मा भस
ु रभान

166
तो यहें हों औय दीने इब्राहीभ ऩय चरते यहें हों रेकिन इस्राभ ज़ाहहय न िय सिे

हों जैसे हज़यते हभज़ा, हज़यते जाफ़ये तय्माय औय अफर


ु ईभान हज़यत अफू तालरफ

(अ.स.) वाैया ऐसी सयू त भें इन हज़यात िे लरमे िहा जामेगा कि इस्राभ ़ुफर

किमा औय फाद वारे ज़ैसे हज़यत अफू तालरफ (अ.स.) वाैया िे लरमे िहा जामेगा

कि इसराभ ज़ाहहय किमा। अफ यह गमे हज़यत अरी (अ.स.) मह िाफा भें कपतयते
ु़

इस्राभ ऩय ऩैदा हुए। िुल्रे भौरद


ू मर
ू द अरी कपतयत
ु़ ुर इस्राभ यसर
ू े इस्राभ स.

िी गोद भें आॉख खोरी, रोआफे दहने यसर


ू स. से ऩयवरयश ऩाई, आाोशे रयसारत

भे ऩरे, फढ़े , दस सार िी उम्र भें फ वजहे ज़रू


ु यत ऐराने ईभान किमा। यसर
ू स.

िे दाभाद ़याय ऩामे। भैदाने जॊग भें िाभमाबफमाॊ हालसर िय िे िुल्रे ईभान फने

कपय अभीरूर भोभेनीन िे खखताफ


ु़ से सयफ़याज़ हुए।

फ़ाज़जर
ु़ भाअसय तायीऽे आइम्भा भें लरखते हैं कि उल्भाए भोहक़़्े़ीन ने साफ़

साफ़ लरखा है कि हज़यत अरी (अ.स.) तो िबी िाकपय


ु़ यहे ही नहीॊ क्मोकि आऩ

शरू
ु से ही हज़यत यसर
ू े ऽद
ु ा स. िी किफ़ारत भें इसी तयह यहे ज़जस तयह खद

हज़यत िी औरादें यहती थीॊ औय िुर भाभेरात भें हज़यत िी ऩैयवी ियते थे। इस

सफफ से इसिी ज़रूयत ही नहीॊ हुई कि आऩ िो इस्राभ िी तयफ़ फर


ु ामा जाता

औय ज़जसिे फाद िहा जाता कि आऩ भस


ु रभान हो जामें। (लसयते हरबफमा ज़जल्द 1

ऩष्ृ ठ 269) भसद


ू ी िहता है कि आऩ फचऩन ही से यसर
ू स. िे ताफे थे। ऽुदा ने

167
आऩिो भासभ
ू फनामा औय सीधी याह ऩय ़ामभ यखा। आऩिे लरमे इस्राभ राने

िा सवार ही नहीॊ ऩैदा होता।

(भरूजुर ज़हफ, ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 68)

हज़यत अरी (अ.स.) फ़यभाते हैं कि भैंने उस उम्भत भें सफ से ऩहरे ऽुदा िी

इफादत िी औय सफ से ऩहरे आॊ हज़यत स. िे साथ नभाज़ ऩढ़ी। (इस्तीमाफ ज़जल्द

2 ऩष्ृ ठ 472) ऩैाम्फये इस्राभ स. फ़यभाते हैं कि हज़यत अरी (अ.स.) ने एि

सेिेन्ड िे लरमे बी िुफ्र इख़्तेमाय नहीॊ किमा। (सीयते हरबफमा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 270)

हुसऱया मुफारक

आऩिा यॊ ग गॊदभ
ु ी, आखें फड़ी सीने ऩय फार, ़द लभमाना, दाढ़ी फडी औय दोनों

शानें िोहननमा औय वऩॊडलरमाॊ ऩयु गोश्त थीॊ, आऩिे ऩाॊव िे ऩठ्ठे ज़फयदस्त थे शेय

िे िॊधो िी तयह आऩिे िॊधों िी हड्ड़डमाॊ चौड़ी थीॊ। आऩिी गयदन सयु ाही दाय

औय आऩिी शक्र फहुत ही ऽूफसयू त थी। आऩिे रफों ऩय भस्


ु िुयाहट खेरा ियती

थी, आऩ खखज़ाफ
ु़ नहीॊ रगाते थे।

आऩिी शादी ऽाना आफादी आऩिी शादी 2 हहजयी भें हुज़ूये अियभ िी दख़्
ु तय

नेि अऽतय हज़यत फ़ात्भा ज़हया स. से हुई। आऩिे घय भें रौंडी, ार


ु ाभ औय

खखदभतगाय
ु़ न थे। फाहय िा िाभ आऩ खद
ु औय आऩिी वारेदा भोहतयभा ियती

थीॊ औय उभयू े ऽाना दायी िे फ़याएज़ जनाफे फ़ात्भा ज़हया स. अॊजाभ दे ती थीॊ, हो

168
सिता है कि मह रयश्ता आभ रयश्तों िी है लसमत से दे खा जाए, रेकिन दय ह़ी़त

इसभें एि अहभ ़ुदयती याज़ छुऩा हुआ है औय उसिा खर


ु ासा इस तयह हो सिता

है कि इस ऩय ाौय किमा जाए कि हुज़यू े अियभ स. िा इयशाद है कि, अरी

(अ.स.) िे अरावा फ़ात्भा स. िा सायी दनु नमाॊ भें यहती दनु नमाॊ ति िफ़ो नहीॊ हो

सिता। (नूरूर अनवाय) कपय फ़यभाते हैं कि भझ


ु े ऽुदा ने हुक्भ हदमा है कि भैं

फ़ात्भा स. िी शादी अरी (अ.स.) से िरूॊ औय इसी लसरलसरे भें इयशाद फ़यभाते

हैं कि हय नफी िी नस्र उसिे सल्


ु फ से होती है रेकिन भेयी नस्र सल्
ु फे अरी से

़याय दी गमी है । (सवाए़े भोहये ़ा, ऩष्ृ ठ 74) इनत भाभ अ़वार िो लभराने िे फाद

मह नतीजा ननिरता है कि अरी (अ.स.) औय फ़ात्भा स. िा रयै श्ता नस्रे नफव


ू त

िी फ़ा औय दवाभ िे लरमे ़ामभ किमा गमा है । मही वजह है कि रोग ऩैााभे

रयश्ता दे िय िाभमाफ नहीॊ हो सिे। ज़जनिी फनु नमाद नजासते िुफ़्र ऩय इस्तेवाय

हुई औय ज़जनिी इन्तेहा गन्दगगऐ ननफ़ा़ ऩय हुई।

सयदायी औय समादते अरी (अ.स.) िी लसफ़ते ज़ाती हैं सयवये िामनात स. से

इत्तेहादे ज़ाती औय इश्तेयािे नयू ी िी बफना ऩय हज़यत अरी (अ.स.) िी समादत

भस
ु ल्रभ है जो भदायरयजे ियभ हुज़ूये अियभ स. िो नसीभ हुए उन्हीॊ से लभरते

जुरते हज़यत अरी (अ.स.) िो बी लभरे। समादत ज़जस तयह सयवये िामनात स.

िे लरमे ज़ाती है उसी तयह हज़यत अरी (अ.स.) िे लरमे बी है । हाकपज़


ु़ अफू नईभ

ने हुरमतुर औलरमा भें लरखा है कि ादीय िे भौ़े ऩय ऽुतफे से फ़याात िे फाद

169
जफ अभीरूर भोलभनीन हुज़ूये अियभ स. िे साभने आमे तो आऩने फ़यभामा् ऐ

भस
ु रभानों िे सयदाय औय ऐ ऩयहे ज़गायों िे इभाभ तम्
ु हें जानशीनीॊ भफ
ु ायि हो।

इस इयशादे यसर
ू स. ऩय इज़हाये ख्मार ियते हुए अल्राभा भौहम्भद इब्ने तल्हा

शाफ़ेई ने भत
ु ारेफर
ु सऊ
ु र भें लरखा है कि हज़यत िी समादते भस
ु रेभीन औय

इभाभत भत्त
ु ़ीन ज़जस तयह लसफ़ते ज़ाती हैं। खुदा ने अऩना नफ़्स ़याय दे िय,

यसर
ू स. ने अऩना नफ़्स फ़यभा िय अरी (अ.स.) िी शयफ़े समादत िो फाभे

ऊरूज ऩय ऩहुॊचा हदमा क्मोकि ज़जस तयह असलरमे नफववमा भें नफ़से नफव
ू त

भशारयि है, उसी तयह असलरमे समादत भें बी नफ़्स शयीि है । इस लरमे हुज़यू े

अियभ स. हज़यत अरी (अ.स.) िो सय्मदर


ु अयफ, सय्मदर
ु भोभेनीन, सय्मदर

भस
ु रेभीन फ़यभामा ियते थे। (भतालरफुर सवेर, ऩष्ृ ठ 56, 57) औय हज़यत फ़ात्भा स.

िो सय्मदज़ु न्नसाॊ अर आरेभीन औय उनिो फ़यज़न्दों िो सय्मदे शफाफे अहरे

जन्ना िे अरफ़ाज़ से माद किमा ियते थे, भारभ


ू होना चाहहमे कि अरी (अ.स.)

औय फ़ात्भा स. िी फाहभी भनािहत व भज़ावेहत (शादी) ने लसफ़ते समादत िो

दामभी फ़योा दे हदमा मानी जो फनी फ़ात्भा स. हैं उनिा दयजा औय है औय जो

दीगय औरादे अरी (अ.स.) हैं जो फतने फ़ात्भा स. (फ़ात्भा स. िे ऩेट) से ऩैदा

नहीॊ हुए उनिी है लसमत औय है क्मों कि फनी फ़ात्भा लसरलसराए नस्रे नफव
ू त िी

ज़भानत हैं।

170
माॉ की वफात

आऩिी वारेदा भाजेदा जनाफे फ़ात्भा बफन्ते असद ने 1 फेसत भें इज़्हाये इस्राभ

किमा। आऩ 1 हहजयी भें शयफ़े हहजयत से भश


ु यक फ़ हुईं। 2 हहजयी भें आऩने अऩने

नयू े नज़य िो यसर


ू स. िी रख़्ते ज़जगय से बफमाह हदमा औय 4 हहजयी भें

इन्ते़ार फ़यभा गईं। आऩिी वफ़ात से हज़यत अरी (अ.स.) फेहद भत


ु ाअज़स्सय हुए

औय आऩसे ज़्मादा यसर


ू े अियभ स. िो यन्ज हुआ। यसर
ू े ियीभ स. हज़यत अरी

(अ.स.) िी वारेदा िो अऩनी भाॉ फ़यभाते थे औय उनिे वहाॊ जा िय यहते थे।

इन्ते़ार िे फाद आऩने ़ब्र खोदने भें ऽुद हहस्सा लरमा। अऩनी चादय औय अऩने

िुयते िो शयीिे िफ़न किमा औय ़ब्र भें रेट िय उसिी िुशदगी िा अन्दाज़ा

किमा।

(िॊज़र
ु आभार ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 7, फ़ुसर
ू े भहभा, ऩष्ृ ठ 15 व असाफा ज़जल्द 8 ऩष्ृ ठ 160 व

अज़ारतूर ऽफ़ा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 215)

आऩके वासऱदे माजजद का इन्तेक़ाऱ

आऩिे वालरदे भाज़जद अफर


ु ईभान हज़यत अफू तालरफ (अ.स.) 535 ई0 भें

फभ़ाभे भक्िा ऩैदा हुए औय वहीॊ ऩरे फढ़े , आऩिी फनु नमाद दीने कपतयत
ु़ ऩय थी।

(उभहातुर आइम्भता ऩष्ृ ठ 143) आऩने हज़यत अरी (अ.स.) िो हहदामत िी थी कि

171
यसर
ू स. िा साथ न छोड़ना। (तायीऽे िालभर, ज़जल्द ऩष्ृ ठ 60) आऩ ही िी हहदामत

से हज़यत जाफ़ये तय्माय ने हुज़यू े अियभ स. िे ऩीछे नभाज़ ऩढ़ना शरू


ु िी थी।

(असाफा ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ 113)

हज़यत अब्दर
ु भत्त
ु ालरफ िे इन्ते़ार िे वक़्त 578 ई0 भें जफ कि यसर
ू े ियीभ

स. िी उम्र आठ सार िी थी, आऩने उनिी ऩयवरयश अऩने ज़जम्भे


ु़ रे री औय 45

सार िी उम्र ति भहवे खखदभत


ु़ यहे । इसी उम्र भें ाारेफन 594 ई0 भें आऩने

यसर
ू े ियीभ स. िी शादी जनाफे ऽदीजा िे साथ िय दी औ ऽत
ु फाए ननिाह ऽद

ऩढ़ा।

(असननर भतालरफ ऩष्ृ ठ 34, लभस्र भें छऩी, तायीऽे ऽभीस भोवाहे फर
ु दनु नमा)

आऩिा इन्ते़ार 15 शव्वार 10 फेसत भें 80 सार िी उम्र भें हुआ। आऩिे

इन्ते़ार से हज़यत अरी (अ.स.) िो फेइन्तेहा यॊ ज हुआ औय यसर


ू अल्राह स. बी

फे हद भत
ु ाअज़स्सय हुए। आऩने इन्तेहाई ताअस्सयु िी वजह से इस सार िा नाभ

आभर
ु हुज़्न यखा। हज़यत अफू तालरफ िो इस्राभी उसर
ू ऩय दफ़न किमा गमा।

(तायीऽे ऽभीस, सीयते हरबफमा)

हज़रत अऱी (अ.ि.) के जॊगी कारनामे

उरेभा िा इत्तेफ़ाि है कि इल्भ औय शज


ु ाअत इिठ्ठा नहीॊ हो सिते रेकिन

हज़यत अरी (अ.स.) िी ज़ात ने इसे वाज़े िय हदमा कि भैदाने इल्भ औय भैदाने

172
जॊग दोनों ऩय ़ाफू किमा जा सिता है फशयते इन्सान भें वही सराहहमतें हों जो

िुदु़ यत िी तयफ़ से हज़यत अरी (अ.स.) िो लभरी थीॊ। 2 हहजयी से रे िय अहदे

वफ़ाते ऩैाम्फये इस्राभ ति नज़य डारी जाम तो अरी (अ.स.) िे जॊगी िायनाभे

अवया़े तायीऽे ऩय नज़य आमेंगे। जॊगे ओहद हो मा जॊगे फद्र, जॊगे ऽैफय हो मा

जॊगे ऽन्द़, जॊगे हुनन


ै मा िोई औय भाये िा हय भज़न्जर
ु़ भें हय भौकिफ़
ु़ ऩय अरी

(अ.स.) िी ज़ुज़ल्प़ाय
ु़ चभिती हुई हदखाई दे ती है । तायीऽ शाहहद है कि अरी

(अ.स.) िे भ़
ु ाफरे भें िोई फहादयु हटिा ही नहीॊ। आऩिी तरवाय ने भयहफ,

अन्तय, हारयस व उम्रो बफन अब्दवद


ु जैसे फहादयु ों िो दभे ज़दन भें फ़ना िे घाट

उताय हदमा। (जॊग िे वाकिमात


ु़ गुज़य चि
ु े हैं) माद यखना चाहहमे कि अरी (अ.स.)

से भ़
ु ाफरा ज़जस तयह इन्सान नहीॊ िय सिते थे, उसी तयह ज़जन बी आऩसे नहीॊ

रड़ सिते थे।

जॊगे फेरूऱ अऱम

भनाकिफ
ु़ इब्ने आशोफ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 90 व िनज़ुर वाएज़ीन भर
ु रा सारेह

फयाानी भें फा हवारा, इभाभर


ु भोहक़़्े़ीन अरहाज भौहम्भद त़ी अर ़यदीनी

फतवस्सर
ु हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) व अफू सईद ऽदयी व हुज़ैफ़ा

मभानी लरखते हैं कि यसर


ू े ऽद
ु ा स. जॊगे लसिायलसि से वाऩसी भें एि उजाड़ वादी

से गज़
ु यें आऩने ऩछ
ू ा मह िौन सा भिाभु़ है , उम्र बफन अलभमा ज़भयी ने िहा इसे

173
वादी िसीफे अयज़़ िहते हैं। इस जगह एि िुआॊ है ज़जसभें वह ज़जन यहते हैं

ज़जन ऩय जनाफे सर
ु भ
ै ान (अ.स.) िो ़ाफू नहीॊ हालसर हो सिा। इधय से तेाे

मभानी गज़
ु या था उसिे दस हज़ाय लसऩाही इन्हीॊ ज़जनों ने भाय डारे थे। आऩने

फ़यभामा कि अगय ऐसा है तो कपय मही ठहय जाओ। िाकपरा


ु़ ठहया, आऩने

फ़यभामा दस आदभी जा िय ज़जनों िे िुऐॊ से ऩानी रामें। जफ मह रोग िुएॊ िे

ऩास ऩहुॉचे तो एि ज़फयदस्त इफ़यीमत फयाभद हुआ औय उसने एि ज़फयदस्त

आवाज़ दी। साया जॊगर आग िा फन गमा। धयती िाॊऩने रगी, सफ सहाफी बाग

ननिरे रेकिन अफर


ु आस सहाफी ऩीछे हटने िे फजाए आगे फढ़े । औय थोड़ी दे य भें

जॊगर जर िय याख हो गमे। इतने भें ज़जब्रईर नाज़जर


ु़ हुए औय उन्होंने सयवये

िामनात स. से िहा कि किसी औय िो बेजने िे फजाम आऩ अरभ दे िय अरी

इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) िो बेज़जमे। अरी (अ.स.) यवाना हुए, यसर
ू स. ने दस्ते

दआ
ु फरन्द किमा, अरी (अ.स.) ऩहुॉचे इफ़यीमत फयाभद हुआ औय फड़े ास्
ु से भें

यजज़ ऩढ़ने रगा। आऩने फ़यभामा भैं अरी इब्ने अफी तालरफ हूॉ। भेया शेवा भेया

अभर सयिशों िी सय िोफी है । मह सन


ु िय उसने आऩ ऩय ज़फयदस्त ियतफी

हभरा किमा। आऩ ने वाय ऽारी दे िय उसे ज़ुज़ल्प़ाय


ु़ से दो टुिड़े िय डारा।

उसिे फाद आग िे शोरे औय धए


ु ॊ िे तूफ़ान िुऐॊ से फयाभद हुए औय ज़फयदस्त

शोय भचा औय फेशभ


ु ाय डयावनी शक्रें साभने आ गईं, अरी (अ.स.) ने फयदन व

सराभन िहा औय चन्द आमतें ऩढ़ीॊ। आग फझ


ु ने रगी धव
ु ाॊ हवा होने रगा। हज़यत

174
अरी (अ.स.) िुऐॊ िी जगत ऩय चढ़ गए, औय डोर डार हदमा। िुऐॊ से डोर फाहय

फ़ेंि हदमा। हज़यत अरी (अ.स.) ने यजज़ ऩढ़ा औय िहा भ़


ु ाफरे िे लरमे आ

जाओ। मह सन
ु िय एि इफ़यीमत फयाभद हुआ। आऩने उसे ़त्र किमा, कपय िुऐॊ

भें डोर डारा वह बी फाहय पेि हदमा गमा, ायज़ कि इसी तयह तीन फाय हुआ।

आखखय
ु़ भें आऩने असहाफ से िहा कि भैं िभय भें यस्सी फाॊध िय िुएॊ भें उतयता

हूॉ, तुभ यस्सी ऩिड़े यहो। असहाफ ने यस्सी ऩिड़ री औय अरी (अ.स.) िुएॊ भें

उतये , थोड़ी दे य फाद यस्सी िट गई औय अरी (अ.स.) औय असहाफ िे फीच रयश्ता

टूट गमा। असहाफ फहुत ऩये शान हुए औय योने रगे। इतने भें िुऐ से चीऽ ऩि
ु ाय

िी आवाज़ें आने रगीॊ। उसिे फाद मह सदा आई् अरी हभें ऩनाह दो। आऩने

फ़यभामा ़ता व फयु ीद औय ज़यफे शदीद िरभें ऩय भौिूफ़ है । िरभा ऩढ़ो, अभान

रो। ायज़ िी िरभा ऩढ़ा गमा। इसिे फाद यस्सी डारी गई औय अभीरूर

भोभेनीन 20,000 (फीस हज़ाय) ज़जनों िो ़त्र िय िे औय 24,000 (चौफीस

हज़ाय) ़फाएर िो भस
ु रभान फना िय िुऐॊ से फाहय आमे। असहाफ ने ऽश
ु ी िा

इज़हाय किमा औय सफ िे सफ आॊ हज़यत स. िी खखदभत


ु़ भें हाज़जय
ु़ हुए। हुज़यू े

अियभ स. ने अरी (अ.स.) िो सीने से रगामा, उनिी ऩेशानी िा फोसा हदमा औय

भफ
ु ायिफाद से हहम्भद अफ़ज़ाई फ़यभाई। कपय एि यात ़माभ िे फाद भदीने िो

यवानगी हुई। (अद्दभतुस ़् सािेफा ऩष्ृ ठ 176 ईयान भें छऩी व शवाहे दन
ु नफूवत अल्राभा जाभी

रूक्न 6 ऩष्ृ ठ 165, रखनऊ भें 1920 ई0 भें छऩी)

175
इस्ऱाम ऩर अऱी (अ.ि.) के एहिानात

इस्राभ ऩय अरी (अ.स.) िे एहसानात िी फ़हयीस्त इतनी भख़्


ु तसय नहीॊ है कि

हभ उसे इस भख़्
ु तसय भजभए
ू हारात भें लरख सिें। ताहभ भश्ु ते अज़ ऽय दाये

लरख दे ते हैं।

1. दावते ज़र
ु अशीया िे भौ़े ऩय ज़जस जगह यसर
ू े अियभ स. िो त़यीय ियने

िा भौ़ा नहीॊ लभर यहा था। आऩने ऐसी जयु क त औय हहम्भत िा भज़
ु ाहे या किमा िे

ऩैाम्फये इस्राभ स. िाभमाफ हो गमे औय आऩने इस्राभ िा डॊिा फजा हदमा।

2. शफे हहजयत फ़शे यसर


ू स. ऩय सो िय इस्राभ िी किस्भत फेदाय िय दी

औय जान जोखभ भें डार िय ााय भें तीन योज़ खाना ऩहुॉचामा।

3. जॊगे फद्र भें जफकि भस


ु रभान लसफ़क 313 (तीन सौ तेयह) औय िुफ़्फ़ाय

फेशभ
ु ाय थे। आऩने िभारे जयु क त औय हहम्भत से िाभमाफी हालसर िी।

4. जॊगे ओहद भें जफ कि भस


ु रभान सयवये आरभ स. िो भैदाने जॊग भें छोड़

िय बाग गमे थे, उस वक़्त आऩ ही ने यसर


ू े अियभ स. िी जान फचाइ औय

इस्राभ िी इज़्जत भहफ़ूज़ िय री थी।

5. िुफ़्फ़ाय ज़जनिे हदरों भें फदरे िी आग बड़ि यही थी, उभयो बफर अब्द वद

जैसे फहादयु िो रे िय भैदान भें आ ऩहुॉचे औय इस्राभ िो चौरेंज िय हदमा।

ऩैाम्फये इस्राभ स. ऩये शान थे, औय भस


ु रभानों िो फाय फाय उबाय यहे थे कि

176
भ़
ु ाफरे िे लरमे ननिरें रेकिन अरी (अ.स.) िे अरावा किसी ने हहम्भत न िी।

आखखय
ु़ िाय यसर
ू अल्राह स. िो िहना ऩड़ा कि आज अरी (अ.स.) िी एि

ज़यफत इफादते स़रैन से फेहतय है ।

6. इसी तयह ऽैफय भें िाभमाफी हालसर िय िे आऩने इस्राभ ऩय एहसान

फ़यभामा।

7. भेये ख्मार िे भत
ु ाबफ़ हज़यत अरी (अ.स.) िा इस्राभ ऩय सफ से फड़ा
ु़
एहसान मह था कि, वफ़ाते यसर
ू स. िे फाद दख
ु बये वािेमात औय जान रेवा

हारात िे फावजद
ू आऩने तरवाय नहीॊ उठाई वयना इस्राभ भॊज़जरे
ु़ अव्वर ऩय ही

ऽत्भ हो जाता।

दतु नया हज़रत अऱी (अ.ि.) की तनगाह में

मह एि भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि हज़यत अरी (अ.स.) दनु नमा औय दनु नमा िे

िाभों से हद दयजा फेज़ाय थे। आऩने दनु नमा िो भऽ


ु ानतफ िय िे फायह िहा कि ऐ

दनु नमा जा भेये अरावा औय किसी िो धोखा दे । भैंने तुझे तरा़े फाइन दे दी है

ज़जसिे फाद रूजु ियने िा सवार ही ऩैदा नहीॊ होता। इब्ने तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं

कि, एि हदन हज़यत अरी (अ.स.) ने जाबफय इब्ने अब्दल्


ु राह अन्सायी िो रम्फी

रम्फी साॊस रेते हुए दे खा तो ऩछ


ू ा ऐ जाबफय क्मा मह तम्
ु हायी ठॊ डी ठॊ डी साॊस

दनु नमा िे लरमे है? अज़क िी भौरा, है । तो ऐसा ही आऩने फ़यभामा। जाबफय सन
ु ो

177
इन्सान िी ज़जन्दगी
ु़ िा दायो भदाय सात चीज़ो ऩय है औय मही सात चीज़ें वह हैं

ज़जन ऩय रज़्ज़तों िा ऽातभा है, ज़जनिी तफ़सीर मह है 1. खाने वारी चीज़ें, 2.

ऩीने वारी चीज़ें, 3. ऩहन्ने वारी चीज़ें, 4. रज़्ज़्ते ननिाह वारी चीज़ें, 5. सवायी

वारी चीज़ें, 6. सॊघ


ू ने वारी चीज़ें 7. सन्
ु ने वारी चीज़ें।

ऐ जाबफय, अफ इनिी ह़ी़तों ऩय गौयु़ ियो। खाने भें फेहतयीन चीज़ शहद है,

मह भख्खी िा रोआफे दहन (थि


ू ) है औय फेहतयीन ऩीने िी चीज़ ऩानी है, मह

ज़भीन ऩय भाया भाया कपयता है । फेहतयीन ऩहनने िी चीज़ दीफाज़ है, मह िीड़े िा

रोआफ है औय फेहतयीन भऩ्ूहात औयत है ज़जसिी हद मह है कि ऩेशाफ िा

भ़ाभ ऩेशाफ िे भ़ाभ भें होता है, दनु नमा इसिी ज़जस चीज़ िो अच्छी ननगाह से

दे खती है वह वही है जो उसिे ज़जस्भ भें सफ से गॊदी है । औय फेहतयीन सवायी िी

चीज़ घोड़ा है जो ़त्रो कितार


ु़ िा भयिज़ है औय फेहतयीन सॊघ
ू ने िी चीज़ भश्ु ि

है जो एि जानवय िे नाफ़ िा सख
ू ा हुआ ऽून है । औय फेहतयीन सन
ु ने िी चीज़

गगना
ु़ (गाना) है जो फहुत फड़ा गन
ु ाह है । ऐ जाबफय ऐसी चीज़ों िे लरमे आकिर
ु़

क्मो ठॊ डी साॊस रे? जाबफय िहते हैं कि इस इयशाद िे फाद भैंने िबी दनु नमा िा

ख़्मार ति न किमा।

(भतारेफर
ु सउ
ू र, ऩष्ृ ठ 191)

178
किफे हऱाऱ की जद्दो जहद

आऩिे नज़दीि िसफे हरार फेहतयीन लसफ़त थी। ज़जस ऩय आऩ खुद बी अभर

ऩैया थे। आऩ योज़ी िभाने िो ऐफ नहीॊ सभझते थे औय भज़दयू ी िो फहुत ही

अच्छी ननगाह से दे खते थे। भोहद्हदस दे हरवी िा फमान है कि हज़यत अरी

(अ.स.) ने एि दफ़ा िुएॊ से ऩानी खीॊचने िी भज़दयू ी िी औय उजयत िे लरमे फ़ी

डोर एि ऽुयभे िा फ़ैसरा हुआ। आऩने 16 डोर ऩानी िे खीॊचे औय उजयत रे िय

सयवये िामनात स. िी खखदभत भें हाज़जय


ु़ हुए औय दोनों ने लभर िय तनावर

(खामा) फ़यभामा। इसी तयह आऩने लभट्टी खोदने औय फाा भें ऩानी दे ने िी बी

भज़दयू ी िी है । अल्राभा भहु हफ तफयी िा फमान है कि, एि हदन हज़यत अरी

(अ.स.) ने फाा सीॊचने िी भज़दयू ी िी औय यात बय ऩानी दे ने िे लरमे जौ िी एि

लभ़दाय (भात्रा) तम हुई। आऩने फ़ैसरे िे अनस


ु ाय सायी यात ऩानी दे िय सफ
ु ह

िी औय जौ (एि प्रिाय िा अनाज) हालसर िय िे आऩ घय तशयीफ़ रामे। जौ

फ़ात्भा ज़हया स. िे हवारे किमे। उन्होंने उस िे तीन हहस्से िय डारे औय तीन

हदन िे लरमे अरग अरग यख लरमा। इसिे फाद एि हहस्से िो ऩीस िय शाभ िे

वक़्त योहटमाॊ ऩिाईं इतने भें एि मतीभ आ गमा, औय उसने भाॊग रीॊ। कपय दस
ू ये

हदन योहटमाॊ तय्माय िी गईं, आज लभस्िीन ने सवार किमा, औय सफ योहटमाॊ दे

दी गईं, कपय तीसये हदन योहटमाॊ तय्माय हुईं आज फ़िीय ने आवाज़ दी, औय सफ

योहटमाॊ फ़िीय िो दे दी गईं। अरी (अ.स.) औय उनिे घय वारे तीनों हदन बख


ू े ही

179
यहे । इसिे इनाभ भें ऽुदा ने सयू ा हर अता् नाज़जर
ु़ फ़यभामा (रयमाज़ुन नज़या ज़जल्द

2 ऩष्ृ ठ 237) फाज़ यवामत भें है कि सय


ू ा हर अता िे फाये भें इसिे अरावा दस
ू ये
ु़
अन्दाज़ िा वािेमा लभरता है ।

हज़रत अऱी (अ.ि.) अखऱाक़ के मैदान में

आऩ फहुत ही ऽश
ु अऽरा़ थे। उरेभा ने लरखा है कि आऩ यौशन रू औय

िुशादा ऩेशानी यहा ियते थे। मतीभ नवाज़ थे। फ़ु़िीयों भें फैठ िय ऽश
ु ी भहसस

ियते थे। भोलभनों भें अऩने िो ह़ीय औय दश्ु भनों भें अऩने िो फा योफ यखते थे।

भेहभानों िी खखदभत
ु़ खुद किमा ियते थे। िाये ऽैय भें सफ़त ियते थे। जॊग भें

दौड़ िय शालभर होते थे। हय भस्


ु तह़ िी इभादाद ियते थे। हय िाकपय
ु़ िे ़त्र

ऩय तिफीय िहते थे। जॊग भें आऩिी आॊखे ऽून िे भानन्द होती थीॊ। इफादत खाने

भें इन्तेहाई ऽज़


ु ु व ऽश
ु ु िी वजह से फेहहस भारभ
ू होते थे। हय यात िो वह हज़ाय

यिअत नवाकपर
ु़ अदा ियते थे। अऩने फार फच्चों िे साथ घय िे िाभाॊ भें भदद

ियते थे। घय भें इस्तेभार होने वारा साया साभान ऽुद फाज़ाय से ऽयीद िय राते

थे। अऩने िऩड़ों भें ऽुद ऩेवन्द रगाते थे। अऩनी औय यसर
ू े अियभ स. िी जूती

ऽुद टाॊिते थे। हय योज़ दनु नमा िो तीन तरा़ दे ते थे। वह ार


ु ाभ अऩनी भज़दयू ी

से ऽद
ु ऽयीद िय आज़ाद ियते थे। (जन्नातर
ु ऽर ू ) किताफ अयजहुर भतालरफ
ु द

180
ऩष्ृ ठ 201 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) हुज़ूये अियभ स. िी तयह िुशादा हॊ सने

वारे औय ऽश
ु तफआ थे औय लभज़ाह (भज़ा़) बी फ़यभामा ियते थे।

हज़रत अऱी (अ.ि.) खल्ऱाक़े आऱम की नज़र में

1. ऽल्रा़े आरभ ने खखऱते


ु़ िामनात से ऩहरे नयू े अरवी िो नयू े नब्वी स.

िे साथ ऩैदा किमा।

2. कपय भसजद
ू े भराएि ़याय हदमा।

3. कपय ज़जब्राईर िा उस्ताद फनामा।

4. कपय अज़म्फमा िे साथ अऩनी तयफ़ से भददगाय फना िय बेजा। (हदीसे ़ुदसी

व भदीनतुर भगाहहज़
ु़ ऩष्ृ ठ 19 ईयान भें छऩी)

5. अऩने भऽसस
ू घय, ऽाना ए िाफा भें अरी (अ.स.) िो ऩैदा किमा।

6. इस्भत से फहयावय फ़यभामा।

7. आऩिी भोहब्फत दनु नमा वारों ऩय वाज़जफ ़याय दी।

8. यसर
ू े अियभ स. िा खुद जाॊ नशीन फनामा।

9. भेयाज भें अऩने हफीफ से उन्हीॊ िे रहजे भें िराभ किमा।

10. हय इस्राभी जॊग भें उनिी भदद िी।

11. आसभान से अरी (अ.स.) िे लरमे ज़ज़ु ल्प़ाय


ु़ नाज़जर
ु़ फ़यभाई।

12. अरी (अ.स.) िो अऩना नफ़्स ़याय हदमा।

181
13. इल्भे रदज़ु न्न से भम्
ु ताज़ किमा।

14. फ़ात्भा स. िे साथ अक़्द िा खद


ु हुक्भ हदमा।

15. भफ
ु ज़ल्राे सयू ा ए फयाअत फनामा।

16. भदहे अरी (अ.स.) भें िसीय (िाफ़ी तादाद भें ) आमात नाज़जर
ु़ फ़यभाईं।

17. अरी (अ.स.) ने इन्तेहाई सफयो ज़ब्त दे िय यसर


ू स. िे फाद फ़ौयी तरवाय

उठाने से योिा।

18. उनिी नस्र से ़माभत ति िे लरमे इभाभत ़याय दी।

19. ़सीभ अर नायो जन्नत् फनामा (जन्नत औय दौज़ऽ िो फाॊटने वारा)।

20. रवाएर हम्द िा भालरि फनामा।

21. औय साकिमे
ु़ िौसय ़याय हदमा।

अऱी (अ.ि.) की िान में मिहूर आयात

1. आमए तत्हीय 2. आमए सारेह अर भोभेनीन 3. आमए ववरामत 4. आमए

भफ
ु ाहे रा 5. आमए नजवा 6. इज़्ने वामता 7. आमए अतआभ 8. आमए फज़ल्रा,

तफ़सीर िे भर
ु ाहे ज़ा हों रूह अर ़ुयआन, भोअल्रेफ़ा ह़ीय राहौय भें छऩा।

182
हज़रत अऱी (अ.ि.) रिऱ
ू े खद
ु ा की तनगाह में

1. फ़ऽये भौजूदात हज़यत भौहम्भद भस्


ु तफ़ा स. ने अरी (अ.स.) िे िाफा भें

ऩैदा होते ही भॉह


ु भें अऩनी ज़फान दी।

2. अरी (अ.स.) िो अऩना रोआफे दहन चस


ू ामा।

3. ऩयवरयश व ऩयदाख़्त खुद िी।

4. दावते ज़ुरअशीया िे भौ़े ऩय जफ कि अरी (अ.स.) िी उम्र 10 मा 14

सार िी थी।

5. दाभादी िा शयफ़ फख़्शा।

6. फत
ु लशिनी िे वक़्त अरी (अ.स.) िो अऩने िन्धों ऩय सवाय किमा।

7. जॊगे खन्द़ भें आऩिे िुल्रे ईभान होने िी तस्दी़ िी।

8. इल्भो हहक्भत से फहया वय किमा।

9. अभीरूर भोभेनीन िा खखताफ


ु़ हदमा।

10. आऩिी भोहब्फत ईभान औय आऩिा फग़्जु ज़ िुफ्र ़याय हदमा।

11. अरी (अ.स.) िो अऩना नफ़्स ़याय हदमा।

12. शफे हहजयत आऩने अऩने बफस्तय ऩय जगह दी।

13. आऩ ऩय बयोसा िय िे फ़यभामा कि अभानतें वाैया तुभ अदा ियना।

14. अरी (अ.स.) िो भऽसस


ू ़याय हदमा कि वह ााय भे खाना ऩहुॉचाएॊ।

183
15. 18 ज़जज़ल्हज
ु़ िो आऩिी खखराफ़त
ु़ िा 1,24,000 (एि राख चौफीस हज़ाय)

असहाफ िे भजभे भें ादीय ऽभ


ु िे भ़ाभ ऩय एरान फ़यभामा।

16. वफ़ात िे ियीफ जाॊनशीनी िी दस्तावेज़ लरखने िी िोलशश िी।

17. आऩिी भदहो सना भें फेशभ


ु ाय अहादीस फ़यभाईं।

18. आऩिो हुक्भ हदमा कि भेये फाद फ़ौयी जॊग न ियना।

19. भौ़ा हाथ आने ऩय भन


ु ाकप़ों
ु़ से जॊग ियना तािे हुक्भे खुदा जाहद अर

िुफ़्फ़ा यवर भन
ु ाफ़े़ीन िी तिभीर हो सिे जो कि भेये लरमे है ।

अऱी (अ.ि.) की िान में मिहूर अहादीि

1. हदीसे भदीने, 2. हदीसे सफ़ीना, 3. हदीसे नयू , 4. हदीसे भज़न्जरत


ु़ 5. हदीसे

ऽैफय 6. हदसे खन्द़, 7. हदीसे तैय, 8. हदीसे स़रैन, 9. हदीसे ादीय।

(तफ़सीर िे लरमे अब़्ातुर अनवाय भुराहे ज़ा हो)

नक़्िे खातमे रिूऱ ि. और अऱी वऱी अल्ऱाह

इभाभर
ु भोहद्दे सीन अल्राभा भौहम्भद फाक़य भजलरसी, अल्राभा भौहम्भद

फा़य नजफ़ी, अल्राभा शेऽ अब्फास ़ुम्भी तहयीय फ़यभाते हैं कि यसर
ू े ियीभ स.

हज़यत अरी (अ.स.) िो एि नगीना दे िय भोहय िुन (नगीने ऩय नक़्श फनाने

वारे) िे ऩास जो अॊगूहठमों िे नगीनों ऩय िन्दा ियता था बेजा औय फ़यभामा कि

184
इस ऩय भौहम्भद बफन अब्दल्
ु रा िन्दा िया राओ। हज़यत अरी (अ.स.) ने उसे

िन्दा ियने वारे िो दे िय इयशादे यसर


ू स. िे भत
ु ाबफ़ हहदामत िय दी।

अभीरूर भोभेनीन (अ.स.) जफ शाभ िे वक़्त उसे राने िे लरमे गमे तो उस ऩय

भौहम्भद बफन अब्दल्


ु रा िे फजाम भौहम्भद यसर
ू अल्राह िन्दा था। हज़यत ने

फ़यभामा कि भैंने जो इफायत फताई थी तुभने वह क्मो न िन्दा िी। िन्दा ियने

वारे ने अज़क िी भौरा, आऩ इसे हुज़ूय िे ऩास रे जाइमे कपय वह जैसा इयशाद

फ़यभाऐगें वैसा किमा जाऐगा। हज़यत ने उसे ़ुफर


ू फ़यभा लरमा। यात गुज़यी, सफ
ु ह

िे वक़्त वजू ु़ ियते हुए दे खा कि इस ऩय भौहम्भद यसर


ू अल्राह स. िे नीचे अरी

वरी अल्राह िन्दा है । आऩ इस ऩय ाौय फ़यभा यहे थे कि ज़जब्राईर अभीन ने

हाज़जय
ु़ हो िय अज़क कि हुज़ूय फ़यभामा गमा है कि ऐ नफी। जो तुभने चाहा तुभने

लरखवामा, जो भैने चाहा भैंने लरखवा हदमा। तुम्हें इसभें तयदद


ु क्मा है ।

(फेहारूर अनवाय, दभए सािेफा, सफ़ीनतुर फेहाय, लरल्द 1 ऩष्ृ ठ 376 नजफ़े अशयफ़ भें छऩी)

तनयाफते रिऱ
ू (ि.अ.व.व.)

हय अक़्रे सरीभ मह ियने ऩय भजफयू है कि भनीफ व भनाफ भें तवाफ़ु़ होना

चाहहमे। मानी जो लसफ़ात नाएफ फनाने वारे भें हो, उसी किस्भ
ु़ िी लसफ़तें नाएफ

फनने वारे भें बी होनी चाहहमे। अगय नाएफ फनाने वारा नयू से ऩैदा हो तो जाॊ

नशीन िो बी नयू ी होना चाहहमे। अगय वह भासभ


ू हो तो, उसे बी भासभ
ू होना

185
चाहहमे। अगय उसे ऽुदा ने फनामा हो तो, उसे बी ऽुदा िे हुक्भ से ही फनामा गमा

हो। हज़यत अरी (अ.स.) हज़यत भौहम्भद भस्


ु तफ़ा िे जाॊ नशीन थे, लरहाज़ा उनभें

नब्वी िा लसफ़ात िा होना ज़रूयी था। मही वजह है कि ज़जन लसफ़ात िे हालभर

सयवये िामनात थे, उन्हीॊ लसफ़ात से हज़यत अरी (अ.स.) बी फहयावय थे।

जानशीन फनाने िा ह़ लसफ़क ऽुदा िो है ़ुयआने भजीद िे ऩाया 20, रूिू 7 -

10 भें फ सयाहत भौजूद है कि ऽरीफ़ा औय जानशीन फनाने िा ह़ लसफ़क ऽुदा

वन्दे ियीभ िो है । मही वजह है कि उसने तभाभ अज़म्फमा िा त़रूकय खुद किमा

औय उनिे जाॊनशीन िो खद
ु भ़
ु यक य ियामा, अऩने किसी नफी ति िो मह ह़

नहीॊ हदमा ववह फतौय खुद अऩना जाॊनशीन भ़


ु यक य िय दे । न कि उम्भत िो

इख़्तेमाय दे ना कि इजभा से िाभ रे िय भन्सफे इराहहमा ऩय किसी िो फ़ाएज़

िय दे । औय मह हो बी नहीॊ सिता था क्मोंकि तभाभ उम्भत ऽतािाय है ।

ऽतािायों िा इजभा न सवाफ फन सिता है औय न खानतमों िा भजभआ


ू भासभ

हो सिता है औय जाॊनशीने यसर


ू स. िा भासभ
ू होना इस लरमे ज़रूयी है कि यसर

भासभ
ू थे। मही वजह है कि खद
ु ा ने यसर
ू े ियीभ स. िा जाॊनशीन हज़यत अरी

(अ.स.) औय उनिी 11 (ग्मायह) औराद िो भ़


ु यक य फ़यभामा। (मनाबफउर भोअद्दता

ऩष्ृ ठ 93) ज़जसिी सॊगे फनु नमाद दावते ज़ुरअशीया िे भौ़े ऩय यखा औय आमते

ववरामत औय वाकिए
ु़ तफ़
ू (सही भुज़स्रभ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 272) से इस्तेहिाभ ऩैदा

186
किमा। कपय इज़ा फ़याता फ़ननसफ से हुक्भे ननफ़ाज़ िा फ़यभान जायी फ़यभामा

औय आमए फज़ल्रा िे ज़रयमे से ऐराने आभ िा हुक्भ नाकपज़


ु़ फ़यभामा।

चन
ु ाॊचे यसर
ू े ियीभ स. ने मौभे जभ
ु ा 18 ज़जज़ल्हज्जा
ु़ 10 हहजयी िो फाभ़
ु ाभे

ादीय ऽुभ एि राख चौफीस हज़ाय (1,24,000) असहाफ िी भौजूदगी भें हज़यत

अरी (अ.स.) िी खखराफ़त


ु़ िा ऐराने आभ फ़यभामा। (यौज़ातुर सफ़ा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ

215) भें है कि भजभे िो एि जगह ऩय जभा ियने िे लरमे जो ऐरान हुआ था

वह हय्मा अरा ऽैरयर अभर िे ज़रयमे से हुआ था। िुतुफे तवायीऽ व अहादीस भें

भौजद
ू है कि इस ऐरान ऩय हज़यत उभय ने बी भफ
ु ायि फाद अदा िी थी ज़जसिी

तफ़सीर फाफ 1 भें गुज़यी।

18 जजजल्हज्जा

अल्राभा जरार उद्दीन स्मत


ू ी ने लरखा है कि हज़यत उभय ने इस तायीऽ िो

मौभे ईद ़याय हदमा है । यईसर


ु उरेभा हज़यत अल्राभा फहावद्
ु दीन आभेरी तहयीय

फ़यभाते हैं कि सयवये िामनात स. िी ववरादत से 4 सार फाद 18 ज़जज़ल्हज्जा


ु़ 10

हहजयी िो हज़यत अरी (अ.स.) िी जाॊनशीनी अभर भें आई औय आऩिे इभाभ

अर इन्सो ज़जन होने िा ऐरान किमा गमा औय इसी तायीऽ 34 हहजयी भें हज़यते

उस्भान ़त्र हुए औय हज़यत अरी (अ.स.) िी फैअत िी गई। इसी तायीऽ हज़यते

भस
ू ा (अ.स.) साहहयों ऩय ाालरफ आमे औय हज़यते इब्राहीभ (अ.स.) िो आग से

187
नजात लभरी औय इसी तायीऽ िो हज़यते भस
ू ा (अ.स.) ने जनाफे मश
ू ा इब्ने नन

िो, हज़यते सर
ु भ
ै ान ने जनाफे आलसफ़ इब्ने फयखखमा
ु़ िो अऩना जाॊनशीन भ़
ु यक य

किमा औय इसी तायीऽ िो तभाभ अज़म्फमा ने अऩने जाॊनशीन भ़


ु यक य फ़यभाए।

(जाभेए अब्फासी मा नज़द वफाफी ऩष्ृ ठ 58, 1914 ई0 दे हरी भें छऩा व इख़्तेमायात भजलरसी

यहभतउल्राह इरैह)

दस्तावेज़े खखऱाफत

सयवये िामनात स. ने इब्तेदाए इस्राभ से रे िय ज़जन्दगी


ु़ िे आखखयी
ु़ हदनों

ति हज़यत अरी (अ.स.) िी जाॊनशीनी िा फाय फाय भऽ


ु तलरफ़ अन्दाज़ व उन्वान

से ऐरान ियने िे फाद वफ़ात िे वक़्त मह चाहा कि उसे दस्तावेज़ी शक्र दे दें

रेकिन हज़यत उभय ने फनी फनाई इस्िीभ िे तहत यसर


ू े ियीभ स. िो िाभमाफ

न होने हदमा औय उनिे आखखयी


ु़ फ़यभान (़रभ दवात िी तरफी) िो फिवास

औय हहज़मान से ताफीय िय िे उन्हें भामस


ू िय हदमा ज़जसिे भत
ु ाअज़ल्ऱ आऩिा

ऽद
ु फमान है कि जफ आॊ हज़यत स. ने वक़्ते आखखय
ु़ भयज़र
ु भौत भें ह़ िो

छोड़ िय फानतर िी तयफ़ जाना चाहा तािे अरी (अ.स.) िी सयाहत िय दें तो

ऽुदा िी ़सभ भैंने आॊ हज़यत स. िो भना िय हदमा औय आॊ हज़यत स. अरी

(अ.स.) िे नाभ िो तहयीयन ज़ाहहय न िय सिे।

(तायीऽे फादाद व शयह इब्ने अबफर हदीद, ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 51 तेहयान भें छऩी)

188
इभाभें ाज़ारी फ़यभाते हैं कि यसर
ू अल्राह स. ने अऩनी वफ़ात से ऩहरे

असहाफ से िहा कि भझ
ु े ़रभ दवात औय िााज़ दे दो। रा ज़ैर अनिुभ

इश़ार अर भयज़ा ज़जक्र


ु़ रिुभ लभनर भस्
ु तह़ फादी ़ारा उभया औ अर यजर

फ़ाना रेहजय तािे भैं तुम्हाये लरमे इभायत व खखराफ़त


ु़ िी भज़ु श्िरात िो तहयीयन

दयू िय दॉ ू कि भेये फाद इभायत व खखराफ़त


ु़ िा भस्
ु तह़ िौन है । भगय हज़यत

उभय ने उस वक़्त मह िह हदमा कि इस भदक िो छोड़ दो मह हहज़मान फि यहा है

औय फिवास िय यहा है । (भाअज़ अल्राह)

भर
ु ाहे ज़ा हो:-

(सेयाआरेभीन फम्फई भें छऩी, ऩष्ृ ठ 9, सतय 15 किताफ अर लशफ़ा, िाज़ी अमाज़, फये री भें

छऩी, ऩष्ृ ठ 308 व नसीभ अर रयमाज़ शयह लशफ़ा, शयह लभश़्ात, भोहद्हदस दे हरवी व भदारयजे

नफव
ू त, हफीफ अर सैय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 144, यौज़तर
ु अहफाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 550, फख
ु ायीु़ ज़जल्द

6 ऩष्ृ ठ 656, अर फ़ारू़ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 48)

खऱीफा का तक़रूार और तवारीखे फरहॊ ग

भोअये ऽीने इस्राभ िे अरावा भोअये ऽीने कपयहॊ


ु़ ग (अॊग्रेज़ इनतहासिायों) ने बी

हज़यत अरी (अ.स.) इस्तेह़ा़े खखराफ़त


ु़ औय नभ
ु ामाॊ तौय ऩय ऽरीफ़ा भ़
ु यक य

किमे जाने ऩय भि
ु म्भर यौशनी डारी है ।

189
हभ इस भौ़े ऩय लभस्टय डीवन ऩौटक िी तहयीय िा तयजुभा ऩेश ियते हैं। इन

दोनों कपय़ों
ु़ सन्
ु नी औय लशमा भें से एि ने भौहम्भद िे चचा जादु़ बाई औय

दाभाद अरी से जैसा कि भ़


ु तज़ाए इन्साफ़ व हलभमत है तो रा यखा है क्मोंकि

आॊहज़यत ऐराननमा तौय ऩय उनसे भोहब्फत व उल्फ़त यखते थे औय िई फाद

उनिो अऩना ऽरीफ़ा बी ज़ाहहय किमा था। ऽुसस


ू न दो भौ़ों ऩय एि जफ

आॊहज़यत स. ने अऩने घय भें फनी हालशभ िी दावत िी थी औय अरी (अ.स.) ने

िुफ़्फ़ाय िे भज़ाि उड़ाने औय तौहीन ियने िे फावजूद अऩना ईभान ज़ाहहय किमा

था। हज़यत ने अऩनी फाहें उस जवान िे गरे भें डार िय छाती से रगामा औय

फाआवाज़े फरन्द िहा, दे खो भेये बाई, भेये वसी औय भेये ऽरीफ़ा िो।

दस
ू ये जफ आॊ हज़यत ने अऩने इन्ते़ार से िुछ भहीने ऩहरे ऽुतफा ऩढ़ा था। फा

हुक्भे ऽुदा ज़जसिो ज़जब्राईर आॊ हज़यत िे ऩास रामे थे औय मॊू िहा था कि ऐ

ऩैाम्फय भैं ऽुदा िी तयफ़ से आऩ ऩय सरवात व यहभत रामा हूॉ औय इसिा

हुक्भ आऩिे ऩैयवों िे नाभ ज़जनिो आऩ फाैय ताऽीय िे सन


ु ा दीज़जमे औय शयीयों

से िोई ऽौफ़ न िीज़जमे। ऽद


ु ा आऩिो उनिे शय से फचाएगा। ऽद
ु ा िे हुक्भ िे

भत
ु ाबफ़ आॊहज़यत ने अनस से िहा कि रोगों िो जभा ियें ज़जसभें आॊहज़यत िे

ऩैयव व महूदी व नसयानी व भऽ


ु तलरफ़ फालशन्दे बी हाज़जय
ु़ हों। मह जीभमत एि

गाॊव िे ऩास जभा हुई ज़जसे ादीये ऽुभ िहते हैं जो नवाह शहय हजफ़ा भें भक्िे

औय भदीने िे फीच भे है । ऩहरे इस भ़ाभ िो साफ़ किमा गमा औय 2 अप्रैर

190
626 ई0 िो आॊहज़यत एि ऊॊचे लभम्फय ऩय गमे जो वहाॊ उनिे लरमे तय्माय किमा

गमा था औय जफ कि हाज़ेयीन ननहामत तवज्जोह से सन


ु ते थे। एि ऽत
ु फा हज़यत

ने फड़ी शानो शौित औय फ़साहत व फराात से ऩढ़ा, ज़जसिा खर


ु ासा मह है :-

तभाभ हम्दो सना उस खुदाए मिता िे लरमे हैं ज़जसिे िोई दे ख नहीॊ सिता।

उसिा इल्भ भाज़ी, हार औय भस्


ु त़बफर िो शालभर है औय उसिो इन्सानों िे

िुर ऩोशीदा इसयाय भारभ


ू हैं क्मों कि उस से िोई चीज़ ऩोशीदा नहीॊ यह सिती।

वह फेइन्तेहाॊ फईद औय बफल्िुर ़यीफ है । वही वह है ज़जसने आसभानों ज़भीन औय

उसिे दयलभमान िी तभाभ चीज़ों िो ऽल़् किमा। वह ाैय फ़ानी है औय जो िुछ

है सफ उसिी ़ुदयत औय उसिे इखखु़ ़्तमाय िे ताफे है । उसिी यहभत औय उसिा

फ़ज़र सफिे शालभरे हार है । वह जो ियता है भसरेहत से ियता है । वह नज़


ु ूरे

अज़ाफ भें टार भटोर ियता है । उसिा सज़ा दे ना यहभत से खारी


ु़ नहीॊ है । उसिी

ज़ात िा बेद भभ
ु किनात िो भारभ
ू नहीॊ हो सिता। आफ़ताफ (सयू ज) व भहताफ

(चाॉद) औय फा़ी अजयाभे सभावी (नऺत्र) उसी िे इल्भ से अऩनी याह ऩय जो उसी

ने भ़
ु यक य िय दी है चरते हैं। फाद हम्दे ऽद
ु ा वाज़े हो िे भैं ऽद
ु ा िा लसफ़क एि

फन्दा हूॊ। भझ
ु े ऽुदा िा हुक्भ हुआ है औय भैं उसिी ताभीर भें सये ननमाज़ फा

िभारे अदफ व ऽुज़ू झि


ु ाता हूॉ। सन
ु ो तीन फाय ज़जब्राईर भेये ऩास आ चि
ु े हैं औय

तीनों दफ़ा उन्होंने भझ


ु े हुक्भ हदमा है कि भैं अऩने तभाभ ऩैयवों से ख़्वाह वह गोये

हों मा िारे मह ज़ाहहय िय दॉ ू कि अरी (अ.स.) भेये खरीफ़ा औय भेये वसी औय

191
तभाभ उम्भत िे इभाभ हैं औय भेये गोश्त व ऩोस्त हैं औय भेये ऐसे हैं जैसे भस
ू ा

िे हारून थे औय भेयी वफ़ात िे फाद वही तम्


ु हायी हहदामत ियें गे औय हादी होंगे।

जफ भैं इस दनु नमा से ये हरत िय जाऊॊ तो भेये ऩैयवों िो उनिी फ़यभा फयदायी ऐसी

ियनी चाहहमे जैसे इताअत भेयी ियते थे जफ कि भैं तुभ भें भौजूद था।

सन
ु ो ! ज़जसने अरी (अ.स.) िी नाफ़यभानी िी उसने दय ह़ी़त ऽुदा औय

यसर
ू स. िी नाफ़यभानी िी, ऐ दोस्तों, मह ऽुदा िे अहिाभ हैं। सफ वहीमाॊ

(ज़जब्राईर िे ज़रयमे ऽुदा िे बेजे हुए साये ऩैााभात) जो वक़्तन फ़ावक़्तन भझ


ु ऩय

आई हैं अरी (अ.स.) ने भझ


ु से सीख री हैं। जो अरी (अ.स.) िा हुक्भ न भानेगा

उसिे सय ऩय अल्राह िी दाएभी रानत ज़रूय यहे गी।

ऽद
ु ा ने ़ुयआन िी हय सयू त भें अरी (अ.स.) िी तायीफ़ िी है भैं दोफाया

िहता हूॉ कि अरी भेये चचा ज़ाद बाई औय भेये गोश्त औय ऽून हैं औय ऽुदा ने

उनिो ननहामत नाहदय ऽूबफमाॊ अता िी हैं। अरी (अ.स.) िे फाद उनिे फेटे हसन

(अ.स.) औय हुसन
ै (अ.स.) उनिे जाॊनशीन होंगे। इस ऽत
ु फे िे तभाभ होने ऩय अफू

फक्र, उभय, उस्भान, अफू सकु पमान


ु़ औय दस
ू ये रोगों ने अरी (अ.स.) िे हाथ चभ
ू े

औय उनिो यसर
ू स. िे ऽरीफ़ा भ़
ु यक य होने िी भफ
ु ायि फाद दी औय इ़याय

किमा कि उनिे िुर अहिाभ िो सच्चे तौय ऩय फजा राऐॊगे।

622 ई0 भें लसफ़क तीन हदन ऩहरे अऩने इन्ते़ार से आॊहज़यत स. ने कपय

अऩने ताफेईन िो इन अ़ीदों िी भज़ीद ता़ीद िय दी औय इस फात ऩय ज़ोय

192
हदमा कि आऩ िी आर से ऽुसलू समत िे साथ भोहब्फत यखें औय उनिी इज़्ज़तों

तौ़ीय ियें । आऩने फड़े शद्दो भद से मॉू फ़यभामा कि जो भझ


ु िो भौरा भानता हो

वह अरी (अ.स.) िो बी भौरा सभझे, अल्राह ताईद िये उसिी जो दोस्ती यखे

अरी (अ.स.) से औय ाज़फनाि हो उस ऩय जो उनिा दश्ु भन हो। ऐसे भ़


ु यक य औय

भस
ु यक ह फमानात से जो खुद यसर
ू स. िे रफों से अदा हुए थे एि वक़्त तो अभये

खखराफ़त
ु़ से शिो शब्ु हा बफल्िुर दयू यहा भगय आखखय
ु़ भें सफ िो भामस
ू ी हो गई

क्मों कि अफू फिय िी फेटी औय आॊ हज़यत स. िी दस


ू यी ज़ौजा (ऩत्नी) आमशा ने

साज़ फाज़ िय िे अऩने फाऩ िो ऩहरा ऽरीफ़ा रोगों से भ़


ु यक य िया लरमा।

भरिुर भौत िे इज़न्तज़ाय भें आॊ हज़यत िा आमशा िे हुजये भें जाना चाहे

आऩिी भयज़ी से हो मा फीफी आमशा िे हुक्भ से ऽास िय िे उनिे भफ़


ु ीद

भतरफ फात हो गई कि आॊ हज़यत िा हुक्भ दोफाया खखराफ़ते


ु़ अरी (अ.स.) रोगों

िे िानों ति न ऩहुॊचने ऩाए। फस अल्र उभभ


ू मह सभझा गमा कि यसर
ू स.

फाैय अऩने ऽरीफ़ा िे भत


ु ाअज़ल्ऱ आखखयी
ु़ वसीमत किए हुए इन्ते़ार किमा

औय इस तयह मह फात हुई कि तीनों ऽरीफ़ाओॊ ने याज किमा। इससे ऩहरे कि

अरी (अ.स.) अऩने ह़ िो ऩहुॉचें ज़जसिा वह भि


ु म्भर इस्तेह़ु़ा़ यखते थे न

लसफ़क फा लरहाज़े ़याफत व ज़ौज़जमत फ़ात्भा दख़्


ु तये यसर
ू स. फज़ल्ि फा लरहाज़

उन फेशभ
ु ाय औय फड़ी खखदभतों
ु़ िे जो उन्होंने इस्राभ िीॊ, हो सिता है कि फीफी

आमशा ने अऩने फाऩ िी रड़िी होने िी वजह से उनिी मह खखदभत


ु़ िी हो कि,

193
उन्हें ऽरीफ़ा फना हदमा जाए रेकिन सही मह है कि आमशा िो अरी (अ.स.) िी

तयफ़ से ऩयु ाना फा


ु ज़ व िीना था जो वा़ए अफ़़ िे भौ़े ऩय ऩैदा हो गमा था

क्मों कि उस भौ़े ऩय अरी (अ.स.) ने याम ऩेश िी थी कि फीफी आमशा िी

तह़ी़ात ियाई जाम। फीफी आमशा इस फात िो िबी न बर


ू ीॊ औय उन्होंने

दयगुज़य नहीॊ किमा, फज़ल्ि अरी (अ.स.) िो सतामा औय ऐसा इन्ते़ाभ लरमा जो

इस्राभ भें अऩनी आऩ नज़ीय है ।

(किताफे खखराफ़त
ु़ भऩ्ूर अज़ तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 25)

आनयएबफर लभस्टय टामरय ने अऩनी किताफ भें लरखा है कि भौहम्भद स. ने

ऽुद अऩने दाभाद अरी (अ.स.) िो अऩना ऽरीफ़ा औय जाॊनशीन िय हदमा था

रेकिन आऩिे ससयु अफु फिय ने रोगों िो अऩनी साज़जश


ु़ भें रे िय खखराफ़त
ु़ ऩय

़ब्ज़ा िय लरमा। (भुराहे ज़ा हो एरीभें ट्स आफ़ जनयर हहस्टीª ऩष्ृ ठ 249, 1851 ई0 भें

छऩा)

इन्साईक्रोऩीड़डमा फयटाननिा भें है कि, यसर


ू स. िे फाद इस्राभ िी सयदायी िा

दावा अरी (अ.स.) िो ज़्मादा भन


ु ालसफ भारभ
ू होता था। लभस्टय टयमो ने लरखा है

कि अगय ़याफत (नज़दीिी) िी वजह से तख़्त नशीनी िा उसर


ू अरी (अ.स.) िे

भोअज़ल्रफ़ भाना जाता तो वह फयफाद िुन झगड़े ऩैदा न होते ज़जन्होंने इस्राभ िो

भस
ु रभानों िे ऽन
ू भें डूफो हदमा। (ज़स्प्रट आफ़ इस्राभ लभस्टय सडीवाज़ तायीऽे इस्राभ

ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 201)

194
हज़रत अऱी (अ.ि.) के फज़ाएऱ

अभीरूर भोभेनीन हज़यत अरी (अ.स.) िे फ़ज़ाएर ़रभफन्द ियना इन्सान िी

ता़त िे फाहय है । ऽुद सयवये िामनात स. ने इसिे भोहार होने ऩय नस फ़यभा

दी है । आऩिा इयशाद है कि, अगय तभाभ दनु नमा िे दरयमा, सभन्दय लसमाही फन

जामें औय दयख़्त ़रभ हो जामें औय ज़जन्नो इन्स लरखने औय हहसाफ ियने वारे

हों तफ बी अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) िे भि


ु म्भर फ़ज़ाएर नहीॊ लरखे जा

सिते। (िशफ़ुर गम्भा ऩष्ृ ठ 53 व अय हज्जुर भतालरफ) उरेभाए इस्राभ ने बी

अिसरयमत फ़ज़ाएर िा एतेयाफ़ किमा है औय अिसय ने अहातए फ़ज़ाएर से

आजेज़ी ज़ाहहय िी है । अल्राभा अब्दर


ु फय ने किताफ इज़स्तमाफ ज़जल्द 2 िे ऩष्ृ ठ

478 ऩय तहयीय फ़यभामा है फ़ज़ाएरे रा मह


ू ीत फहा किताफ आऩिे फ़ज़ाएर किसी

एि किताफ भें जभा नहीॊ किए जा सिते। अल्राभा इब्ने हजये भक्िी सवाए़े

भोहये ़ा औय भॊज भिीमा भें लरखते हैं कि भनाकिफे


ु़ अरी व फ़ज़ाएर अिसय

लभन अन तुहसा हज़यत अरी (अ.स.) िे भनाकिफ


ु़ व फ़ज़ाएर हद्दे एहसा से फाहय

हैं औय सवाए़ ऩष्ृ ठ 72 ऩय फ़यभाते हैं कि, फ़ज़ाएरे अरी वही ़सीयह, अज़ीताह

भशाएत् हत्ता ़ारा अहभद वभा जा राहद लभनर फ़ज़ाएर भाजर अरी फे शभ
ु ाय

हैं, फेश फहा हैं, औय भशहूय हैं। अहभद इब्ने हम्फर िा िहना है कि, अरी (अ.स.)

िे लरमे ज़जतने फ़ज़ाएर व भनाकिफ


ु़ भौजद हैं किसी िे लरमे नहीॊ हैं। ़ाज़ी

इस्भाईर, इभाभे ननसाई औय अफू अरी नैशाऩयू ी िा िहना है कि किसी सहाफी िी

195
शान भें उम्दा सनदों िे साथ वह फ़ज़ाएर वारयद नहीॊ हुए जो हज़यत अरी (अ.स.)

िी शान भें वारयद हुए हैं। अल्राभा भौहम्भद इब्ने तल्हा शाफ़ेई तहयीय फ़यभाते हैं

कि अरी (अ.स.) िे जो फ़ज़ाएर हैं वह किसी औय िो नसीफ नहीॊ। यसर


ू अल्राह

ने आऩिो आमतुर हुदा, भनारूर ईभान औय इभाभ अर औलरमा फ़यभामा है औय

इयशाद किमा है कि अरी िा दोस्त भेया दोस्त है औय अरी िा दश्ु भन भेया दश्ु भन

है । (भतारेफुर सुऊर ऩष्ृ ठ 57) अल्राभा हजय लरखते हैं कि ़ुयआन भजीद भें जहाॊ

मा अय्मोहर रज़ीना आभेनू आमा है वहाॊ ईभान दायों से भयु ाद लरमे जाने वारों भें

अरी (अ.स.) िा दयजा सफसे ऩहरा है । ़ुयआने भजीद भें भख़्


ु तलरफ़ भ़ाभात ऩय

असहाफ िी भज़म्भत आई है रेकिन हज़यत अरी (अ.स.) िे लरमे जफ बी ज़जक्र


ु़

आमा है ऽैय िे साथ आमा है औय अरी (अ.स.) िी शान भें िुयु़ आने भजीद िी
ु़
तीन सौ (300) आमतें नाज़जर
ु़ हुई हैं। (सवाएिे भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 76 लभस्र भें छऩी) मही

वजह है कि इभाभ अर इन्स वर ज़जन हज़यत अरी (अ.स.) इयशाद फ़यभाते हैं,

इस उम्भत भें किसी एि िा बी बीक़्मास औय भ़


ु ाफेरा आरे भौहम्भद स. से

नहीॊ किमा जा सिता औय इन रोगों िी फयाफयी ज़जनिो फयाफय नेभतें दी गईं उन

अफ़याद से नही िी जा सिती जो नेभत दे ने वारे थे औय नेभतें दे ते यहे । आरे

यसर
ू स. दीन िी ननव औय म़ीन िे खम्फे हैं। (सर सफीरे फ़साहत तयजुभा नहजुर

फरााा ऩष्ृ ठ 27) फे शि हुज़ूये ववरामत िा मह फ़यभान बफरिुर दरू


ु स्त है कि आरे

भौहम्भद स. िी फयाफयी नहीॊ िी जा सिती क्मों कि हुज़ूय यसर


ू े ियीभ स. ने

196
इयशाद फ़यभा हदमा है कि भेयी आर भेये अरावा सायी िामनात से फेहतय औय

अफ़ज़र है औय हदीसे िफ़ो फ़ात्भा स. ने इसिी वज़ाहत िय दी कि आरे यसर


स. िा दयजा अज़म्फमा से फारा तय है । इन्हीॊ हज़यात िी भोहब्फत िा हुक्भ ऽद


ु ा

वन्दे आरभ ने ़ुयआने भजीद भें हदमा है औय उनिी भोहब्फत से सवार किमा

जाना भस
ु ल्रभ है । इनिे लरमे दनु नमा िी भज़स्जदें अऩने घय िे भाननन्द हैं।

(दयु े भन्शय व भतारेफुर सवेर ऩष्ृ ठ 59) अहरे फैत भें हज़यत अरी (अ.स.) िा ऩहरा

दयजा है, औय मह भानी हुई फात है कि जो फ़ज़ीरत अरी (अ.स.) िी है इसभें

तभाभ आइम्भा भश
ु तयि हैं। आऩिो ऽद
ु ा ने ़सीभे नायो जन्नत फनामा है ।

(सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 73) आऩिे हुक्भ िे फाैय िोई जन्नत भें नही रेजा सिता।

अल्राभा हजये भक्िी तहयीय फ़यभाते हैं कि हज़यत अफू फिय ने इयशाद फ़यभामा

है कि भैंने यसर
ू अल्राह स. िो मह िहते सन
ु ा है कि, िोई शख़्स बी लसयात ऩय

से गुज़य िय जन्नत भें जा न सिेगा जफ ति अरी (अ.स.) िा हदमा हुआ

ऩयवानाए जन्नत उसिे ऩास न होगा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 75 लभस्र भें छऩी) आऩिो

ह़ िे साथ औय ह़ िो आऩिे साथ होने िी फशायत दी गकइॊ है । आऩिो यसर


ू े

अियभ स. ने भवाऽात िे भौ़े ऩय अऩना बाई ़याय हदमा है । आऩिे लरमे दो

फाय आफ़ताफ ऩरटा, शवाहे दन


ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 87 भें है कि जॊगे ऽैफय िे लसरलसरे

भें सहाफा िे भ़ाभ ऩय (वही) िा नज़ूर होने रगा औय सये भफ


ु ायिे यसर
ू स.

अरी (अ.स.) िे ज़ानू ऩय था औय आफ़ताफ ारू


ु फ हो गमा था उस वक़्त आऩने

197
अरी (अ.स.) िो हुक्भ हदमा कि आफ़ताफ िो ऩरटा िय नभाज़ अदा ियें चन
ु ाॊचे

आफ़ताफ डूफने िे फाद ऩरटा औय अरी (अ.स.) ने नभाज़ अदा िी। इसी किताफ

िे ऩष्ृ ठ 176 ऩय औय किताफ सफ़ीनातर


ु बफहाय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 57 व भजभए

फैहयै न ऩष्ृ ठ 232 भें है कि वफ़ाते यसर


ू स. िे फाद हज़यत अरी (अ.स.) फाफर

जाते वक़्त जफ फ़यात िे ़यीफ ऩहुॉचे तो असहाफ िी नभाज़े अस्र ़ज़ा हो गई,

आऩने आफ़ताफ िो हुक्भ हदमा कि ऩरट आए चन ु ाॊचे वह ऩरटा औय असहाफ ने


ु़
नभाज़े अस्र अदा िी। नसीभर
ु रयमाज़, शयह लशफ़ा ़ाज़ी अमाज़ वगैयह भें है कि

एि भयतफा आऩिा एि ज़ाकिय आऩिे ज़जक्र


ु़ भें भशार
ू था कि नभाज़े अस्र ़ज़ा

हो गई, उसने िहा कि ऐ आफ़ताफ ऩरट आ कि भैं उसिा ज़जक्र


ु़ िय यहा हूॉ

ज़जसिे लरमे तू दो फाय ऩरट चि


ु ा है चन
ु ाॊचे आफ़ताफ ऩरटा औय उसने नभाज़े

अस्र अदा िी। शवाहे दन


ु नफव
ू त िे ऩष्ृ ठ 219 भें है कि अरी (अ.स.) भज
ु स्सभ

ह़ थे औय उनिी ज़फान ऩय ह़ ही जायी होता था। इभाभे शाफ़ेई इयशाद फ़यभाते

थे जो भस
ु रभान अऩनी नभाज़ भें उन ऩय दरू
ु द न बेजे उसिी नभाज़ सही नहीॊ

है ।

मौऱाना ज़फर अऱी खाॉ का एक िेर और उिकी रद

198
भौराना ज़फ़य अरी खाॉ ु़ भयहूभ एडीटय ज़भीॊदाय राहौय िा एि अजीफो ायीफ

शेय एि दयसी किताफ (हभायी उद)ू भस


ु न्नेफ़ा हारून यशीद भें हभायी नज़य से गज़
ु या

शेय मह है ।

हैं कियनें एि ही भशर िी अफु फक्रो, उभय उस्भानो अरी।

हभ भयतफा हैं, मायाने नफी, िुछ फ़िऱ् नहीॊ इन चायों भें ।।

इस शेय भें अगय भशर से भयु ाद नफी स. िी ज़ात री गई है तो असहाफ िा

उनिी कियन होना इन्तेहाई फईद है क्मों कि वह नयू ी औय जौहयी थे औय मह

भाद्दी हैं। वह भज
ु स्सभ ईभान थे औय उन रोगों ने 38, 39, 40 सार िुफ़्र भें

गुज़ाये हैं। उन्होंने िबी फत


ु ऩयस्ती नहीॊ िी औय उन्होंने अऩने उम्र िे फड़े हहस्से

फत
ु ऩयस्ती भें गुज़ाय िय इस्राभ ़ुफर
ू किमा था औश्र अगय भशअर से भयु ाद

नफव
ू त री गई है औय उसिी कियने उनिी इभाभत औय खखराफ़त
ु़ िो ़याय हदमा

है तो मह बी दरू
ु स्त नही है क्मो कि यसर
ू स. िी नफव
ू त लभन जाननफ अल्राह

थी औय उनिी खखराफ़त
ु़ िी फनु नमाद इज्भाए नाकिस
ु़ ऩय ़ामभ हुई थी। इस शेय

िे दस
ू ये लभस्रे भें चायों िो हभ भयतफा िहा गमा है औय यसर
ू स. िा माय फतामा

गमा है । हो सिता है कि तीनों हज़यात यसर


ू स. िे माय यहे हों रेकिन हज़यत

अरी (अ.स.) हयगगज़ यसर


ू स. िे माय नहीॊ थे फज़ल्ि दाभाद औय बाई थे। अफ

यह गमा चायों िा हभ भयतफा होना मह तो हो सिता है कि तीनों हभ भयतफा हों

औय था बी कि तीनों हज़यात हय है लसमत से एि दस


ू ये िे फयाफय थे रेकिन हज़यत

199
अरी (अ.स.) िा उनिे फयाफय होना मह उनिा आऩिे हभ भयतफा होना सभझ से

फाहय है क्मों कि मह चारीस सार फत


ु ऩयस्ती िे फाद भस
ु रभान हुए थे औय अरी

(अ.स.) ऩैदा ही भोलभन औय भस


ु रभान हुए। इन रोगों ने भद्
ु दतों फत
ु ऩयस्ती िी

औय अरी (अ.स.) ने एि सेिेण्ड बी फत


ु नहीॊ ऩज
ू ा। इसी लरमे ियभ अल्राहो

वजहा िहा जाता है । मह फ़ात्भा स. िे शौहय थे। इनभें से किसी िो मह शयफ़

नसीफ नहीॊ हुआ। वह रोग आभ इन्सानों िी तयह ऽल़् हुए औय अरी लभसरे

नफी स. नयू से ऩैदा हुमे। इसिे अरावा खुद ऽुदा वन्दे आरभ ने अरी (अ.स.) िे

अफ़ज़र ही होने िी नहीॊ फज़ल्ि फेलभस्र होने िी नस (सनद) फ़यभा दी है ।

भर
ु ाहे ज़ा हों:-

(अहमा अर उरभ
ू , ाज़ारी सफ़सीय साअल्फी व तफ़सीये िफीय ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 283)

इभाभ फ़ऽरूद्दीन याज़ी ने हज़यत अरी (अ.स.) िो अज़म्फमा िे फयाफय औय

तभाभ सहाफा से अफ़ज़र तहयीय किमा है ।

(अयफईन फ़ी उसूर अर दीन, दाये हज अर भतालरफ, ऩष्ृ ठ 455)

सयवये िामनात स. ने अरी (अ.स.) िो अऩनी नज़ीय फतामा है ।

(अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 454)

इन्ही ऽस
ु स
ू ीमात िी बफना ऩय अरी (अ.स.) िो भेमाये ईभान ़याय हदमा गमा

है ।

अल्राभा नतयलभज़ी औय इभाभे नेसाई ने फा


ु ज़े अरी (अ.स.) से भन
ु ाकप़
ु़ िो

ऩहचानने िा उसर
ू फतामा है औय फाज़ ने अफ़ज़लरमते अरी (अ.स.) ऩय एते़ाद

200
ज़रूयी ़याय हदमा है औय अल्राभा अब्दर
ु फय ने एस्तेमाफ भें सहाफा, ताफईन

वाैया िी फ़ेहरयस्त ऩेश िी है जो अरी (अ.स.) िो अफ़ज़र सहाफा भानते थे औय

शामद इसिी वजह मह होगी कि तभाभ रोग जानते थे कि ऽद


ु ा वन्दे आरभ ने

अरी (अ.स.) िे लसवा किसी िे ़ल्फ िो ईभान िी िसौटी ऩय नहीॊ िसा।

(एज़ारतर
ु ऽफ़ा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 256)

हज़रत अऱी अऱैहहस्िऱाम की इल्मी है सियत

हज़यत अरी (अ.स.) िा नफ़्से अल्राह होना भस


ु ल्रेभात से है औय अल्राह उस

वाजेफर
ु वज
ु ूद ज़ात िो िहते हैं जो इल्भ व ़ुदयत से इफायत है । मह ज़ाहहय है

कि जो नफ़्से अल्राह होगा उसे कपतयतन


ु़ तभाभ उरभ
ू से फहयावय होना चाहहमे।

हज़यत अरी (अ.स.) िे लरमे मह भानी हुई चीज़ है कि आऩ दनु नमा िे तभाभ

उरभ
ू से लसफ़क वाकिफ़
ु़ ही नहीॊ फज़ल्ि उनभें भहायत यखते थे औय इल्भें रदन्ु नी से

बी भारा भार थे। तभाभ उरभ


ू िे फाये भें आऩिे ऻान िी िोई सीभा नहीॊ है ।

इभाभे शफरन्जी लरखते है ् आऩिे इल्भों फ़हभ वाैया िे लरमे फहुत सी ज़जल्दें

दयिाय हैं। भौहम्भद इब्ने तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि इभाभर


ु भफ़
ु स्सेयीन जनाफ

इब्ने अब्फास िा िहना है कि इल्भों हहिभत िे 10 (दस) दयजों भे से 9 (नौ)

हज़यत अरी (अ.स.) िो लभरे हैं औय दसवें भें तभाभ दनु नमा िे उरेभा शालभर हैं

औय इस दसवें दयजे भें बी अरी (अ.स.) िो अव्वर नम्फय हालसर है । अफर


ु कपदा
ु़

201
िहते हैं कि हज़यत इल्भ अर नास बफर ़ुयआन वर सन्न थे, मानी तुभ रोगों

से ज़्मादा उन्हें ़ुयआन व हदीस िा इल्भ था। ऽद


ु सयवये िामनात स. ने बी

आऩिे इल्भी भदारयज ऩय फाय फाय यौशनी डारी है । िहीॊ अना भदीनतर
ु इल्भ व

अरीमन फाफोहा फ़यभामा, िहीॊ अना दारूर हहिभते व अरीमन फाफोहा इयशाद

फ़यभामा, किसी जगह ऩय अरभ उम्भती अरी इब्ने अफी तालरफ िहा। हज़यत

अरी (अ.स.) ने ऽुद बी इसिा इज़हाय किमा है औय फतामा है कि इल्भी नक़्


ु ताए

नज़य से भेया दयजा क्मा है । एि भ़ाभ ऩय फ़यभामा कि यसर


ू अल्राह स. ने

भझ
ु े इल्भ िे हज़ाय फाफ (अध्माम) तारीभ फ़यभामे हैं औय भैंने हय फाफ से हज़ाय

फाफ (अध्माम) ऩैदा िय लरमे हैं। एि भ़ाभ ऩय इयशाद फ़यभामा ज़़नी यसर

अल्राह ज़़न ज़़न भझ


ु े यसर
ू अल्राह स. ने इस तयह इल्भ बयामा है ज़जस

तयह िफत
ू य अऩने फच्चे िो दाना बयाता है । एि भज़न्जर
ु़ ऩय िहा कि सरन
ू ी

़ब्र अन तफ़़दन
ू ी भेयी ज़जन्दगी
ु़ भें जो चाहे ऩछ
ू रो वयना कपय तुम्हें इल्भी

भारभ
ू ात से िोई फहयावय ियने वारा न लभरेगा। एि भ़ाभ ऩय फ़यभामा कि

आसभान िे फाये भें भझ


ु से जो चाहे ऩछ
ू ो भझ
ु े ज़भीन िे यास्तों से ज़्मादा आस्भान

िे यास्तो िा इल्भ है । एि हदन फ़यभामा कि अगय भेये लरमे भसन्दे ़ज़ा बफछा

दी जाए तो भैं तौयै त वारों िो तौयै त से, इन्जीर वारों िो इन्जीर से, ज़फयू वारों

िो ज़फयू से औय ़ुयआन वारों िो ़ुयआन से इस तयह जवाफ दे सिता हूॉ कि

उनिे उरेभा है यान यह जाऐ। एि भौ़े ऩय आऩने इयशाद फ़यभामा कि, ऽुदा िी

202
़सभ भझ
ु े इल्भ है कि ़ुयआन िी िौन सी आमत िहाॊ नाज़जर
ु़ हुई है, औय भैं

मह बी जानता हूॉ कि ऽश्ु िी भें िौन सी नाज़जर


ु़ हुई है औय तयी भें िौन सी

आमत नाज़जर
ु़ हुई है । िौन सी हदन भें औय िौन सी आमत यात भें नाज़जर
ु़ हुई

है । उरेभा ने लरखा है कि एि शफ इब्ने अब्फास ने हज़यत अरी (अ.स.) से

ख़्वाहहश िी कि बफज़स्भल्राह िी तफ़सीय फमान फ़यभामें, आऩने सायी यात तफ़सीय

फमान फ़यभाई औय जफ सब्ु ह हो गई तो फ़यभामा ऐ इब्ने अब्फास भैं इसिी

तफ़सीय इतनी फमान िय सिता हूॉ कि 70 ऊॉटों िा फाय हो जाए, फस भऽ


ु तसय

मह सभझ रो कि जो िुछ ़ुयआन भें है वह सयू ा ए हम्द भें है औय जो सयू ा ए

हम्द भें है वह बफज़स्भल्राह हहय यहभाननकयहीभ भें है औय जो बफज़स्भल्राह भें है वह

फाए बफज़स्भल्राह भें है औय जो फाए बफज़स्भल्राह भें है वह नक़्


ु ताए फाए

बफज़स्भल्राह भें है । ऐ इब्ने अब्फास भैं वही नक़्


ु ता हूॉ जो बफज़स्भल्राह िी फे िे

नीचे हदमा जाता है । शेऽ सर


ु भ
ै ान ़न्दज़
ू ी लरखते हैं कि तफ़सीये बफज़स्भल्राह सन

िय इब्ने अब्फास ने िहा कि ऽद


ु ा िी ़सभ भेया औय तभाभ सहाफा िा इल्भ

अरी (अ.स.) िे भ़
ु ाफरे भें ऐसा है जैसे सात सभन्
ु दयों िे भ़
ु ाफरे भें ऩानी िा

एि ़तया। िुभैर इब्ने ज़्माद से हज़यत अरी (अ.स.) ने फ़यभामा कि ऐ िुभैर

भेये सीने भें इल्भ िे ऽज़ाने हैं िाश िोई अहर लभरता कि भैं उसे तारीभ िय

दे ता।

203
भहु हफ तफयी तहयीय फ़यभाते हैं कि सयवये आरभ स. िा इयशाद है कि जो शख़्स

इल्भे आदभ, फ़हभे नह


ू , हहल्भे इब्राहीभ, ज़ोहदे महीमा, सौरते भस
ू ा िो इन

हज़यात सभेत दे खना चाहे फ़र मन्ज़य इरा अरी इब्ने अफी तालरफ उसे चाहहमे कि

वह अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) िे चेहया ए अनवय िो दे खे। भर


ु ाहे जा ु़ हों,।

(नरू
ू र अफसाय शयह भवाकिफ़
ु़ भतारेफर
ु सवेर, सवाए़े भोहये ़ा, श्वाहे दन
ु नफव
ू त, अफर
ु कपदा,
ु़

िशफ़ुर ाम्भा, नेमाफुर भोअद्दत, भनाकिफ


ु़ इब्ने शहये आशोफ, रयमाज़ुर नज़या, अयजहुर

भतालरफ, अनवारूर ाता) उरभाए इस्राभ िे अरावा अॊग्रेज़ इनतहासिायों ने बी

आऩिे िभारे इल्भी िा एतेयाफ़ (भान्ना) किमा है । रेखि इन्साईक्रोऩीड़डमा

फयटाननिा लरखते हैं, अरी (अ.स.) इल्भ औय अक़्र भें भश्हूय थे औय अफ ति

िुछ सॊग्रह ज़यफर


ु लभसार औय शेयों िे उनसे भन्सफ
ू हैं, ऽसस
ू न भ़ाराते अरी

ज़जसिा अॊग्रेज़ी तयजभ


ु ा (ववल्मभ ऩोर) ने 1832 ई0 भें फा भ़ाभ टोंफया

छऩवामा।

(भोहज़ब्फर
ु भोिारेभा ऩष्ृ ठ 104)

लभस्टय एमय ववॊग लरखते हैं, आऩ ही वह ऩहरे ऽरीफ़ा हैं ज़जन्होंने उरभ
ू व

फ़ुनन
ू िी फड़ी हहभामत फ़यभाई। आऩिो ऽद
ु बी शेय िहने िा ऩयू ा जौ़ था औय

आऩ िे फहुत से हिीभाना भिूरे औय ज़यफर


ु लभसार इस वक़्त ति रोगों िे

ज़फाॊज़द (माद) हैं औय भख़्


ु तलरफ़ ज़फानों भें उनिा तयजुभा बी हो गमा है ।

(किताफ ऽर
ु फ़ाए यसूर ऩष्ृ ठ 178)

204
लभस्टय ओिरी लरखते हैं, तभाभ भस
ु रभानों भें फा इत्तेफ़ा़ अरी िी अक़्र व

दानाई िी शोहयत है ज़जसिो सफ भानते हैं। आऩिे सद िरेभात अबी ति

भहफ़ूज़ हैं ज़जनिा अयफी भें तयु िी भें तयजभ


ु ा हो गमा है । इसिे अरावा आऩिे

अशआय िा दीवान बी है ज़जसिा नाभ अनवारूर अ़वार है । रोवय वडकरीन

ऩस्
ु तिारम भें आऩिे अ़वार िी एि फड़ी किताफ (नहजुर फरााह) भौजूद है ।

आऩिी भशहूय तयीन तसनीफ़ (जाफ़यो जाभा) है जो एि फईदर


ु फ़हे भ (सभझ भें न

आने वारा) ऽत भें आदादो हहन्द से (गगन्ती औय ननशानों) िे ज़रयमे से लरखा

हुआ है । मह हहन्दसे उन तभाभ अज़ीभश्ु शान वा़ेमात िो जो इब्तेदाए इस्राभ से

यहती दनु नमा ति होने वारे वा़ेमात फतराते हैं। मह आऩिे ऽानदान भें है रेकिन

ऩढ़ी नहीॊ जा सिती अर फत्ता इभाभे जाफ़ये साहद़ (अ.स.) इसिे िुछ हहस्से िी

तशयीह व तफ़सीय भें िाभमाफ हो गमे हैं औय इसिो भि


ु म्भर फायहवें इभाभ

ियें गे।

(तायीऽे अयफ ओिरी ऩष्ृ ठ 332)

भोवरयक ऽ गगफन लरखते हैं, आऩ वह ऩहरे ऽरीफ़ा हैं ज़जन्होंने इल्भों फ़न औय

किताफत िी ऩयवरयश िी औय हहिभत से भभरू अ़वार िा एि फड़ा भजभआ


आऩिे नाभ से भन्सफ


ू है । आऩिा ़ल्फ व हदभाा हय शख़्स से खखयाजे
ु़ तहसीन

हालसर ियता यहे गा। आऩिा ़ल्फो दे भाा भज


ु स्सभ नयू था। आऩिी दानाई औय

205
ऩयु भाज़ नि
ु ता सॊजी ज़यफर
ु लभसार िे ईजाद भें आऩिी फ़ेयासत फहुत ही आरा

ऩाए िी थी।

(तायीऽे अयफ ऩष्ृ ठ 286)

फम्फई हाई िोटक िे जज लभस्टय अयनोल्ड, एडवोिेट जनयर एि फ़ैसरे भें

लरखते हैं। शज
ु ाअत, हहिभत, हहम्भत, अदारत, सऽावत, जोहद औय त़वा भें

अरी (अ.स.) िा अदीरो नज़ीय तायीऽे आरभ भें िभ नज़य आता है ।

(राॉ रयऩाटक ज़जल्द 12 एजाज़ अर तन्ज़ीर ऩष्ृ ठ 166)

हज़रत अऱी (अ.ि.) की तस्नीफात

उल्भाए इस्राभ िा इस ऩय इत्तेफ़ा़ है कि इस्राभ भें सफ से ऩहरे भस


ु ज़न्नफ़

(रेखि) हज़यत अरी (अ.स.) हैं। अल्राभा यशीद उद्दीन इब्ने शहये आशोफ किताफ

भाआलरभ अर उरेभा भें औय अल्राभा भौहम्भद भोहलसन सदय ने किताफ अर

लशमा व फ़ुनन
ू े इस्राभ भें तहयीय फ़यभामा है कि, अव्वर लभन सनफ़ कपर
ु़

इस्राभ अभीयर भोभेनीन इस्राभ भे सफ से ऩहरे हज़यत अरी (अ.स.) ने तस्नीफ़

िी है । आऩिी किताफ िा नाभ (किताफे अरी) औय जालभमा था। उसर


ू े िाफ़ी

किताफ अर हुज्जत भें है कि इस किताफ भें तभाभ दनु नमा भें होने वारे वा़ेमात

व हारात लरखे हुए थे। मह बी भस


ु ल्रभ है कि सफ से ऩहरे ़ुयआन जभा ियने

वारे बी हज़यत अरी (अ.स.) हैं। भर


ु ाहे ज़ा हों (नरू
ू र अफसाय इभाभे शफरेंजी ऩष्ृ ठ

206
73 लभस्र भें छऩी) किताफ आमानर
ु लशमा भें अफर
ु आइम्भा िी तारीफ़ात व

तसनीफ़ात िी फ़ेहरयस्त इस तयह लरखी है ।

1. िुयआने भजीद िो तन्ज़ीर िे भत


ु ाबफ़ हज़यत अरी (अ.स.) ने जभा किमा

इसभे असफाफ व भ़ाभाते नज़


ु ूर आमा व सयू िा बी ज़जक्र
ु़ था।

2. किताफे अरी ज़जसभें ़ुयआने भजीद िे साठ किस्भ


ु़ िे उरभ
ू िा ज़जक्र
ु़ था।

3. किताफ जाभे, 4. किताफ अर जफ़य 5. सहीफ़ुर फ़याएज़, 6. किताफ फ़ी

ज़िात अर नअभ 7. किताफ कपर


ु़ अफवाफ अर कप़ा,
ु़ 8. किताफ कपर
ु़ कप़ा
ु़ 9.

भालरिे अशतय िे नाभ तहयीयी हहदामत, 10. भौहम्भद बफन हज़न्पमा


ु़ िे नाभ

वसीमत, 11. भसन्दे अरी (अ.स.) राफी अब्दर


ु यहभान, अहभद बफन शईफ नेसाई,

इन किताफों िे अरावा आऩिा सॊग्रह औय सहीफ़ाए अरववमा औय आऩिे अशआय

िा भजभआ
ू दीवाने अरी िे नाभ से हज़यत अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) िी

तयफ़ भन्सफ
ू है । मह किताफ नवाफ अराउद्दीन अहभद ऽाॊ फहादयु , फ़यभा यवाए

रोहायो िे हुक्भ से 1876 ई0 भें फ़ऽरूर भताफे, राहौय भें छऩी थी औय अफ

भऽ
ु तलरफ़ भल्
ु िों भें छऩ चि
ु ी है औय उसिी शयहें बी हो चि
ु ी हैं। इन किताफों िे

अरावा जनाफे अभीरूर भोभेनीन िा िराभ नीचे लरखी किताफों भें जभा किमा

गमा है ।

1. नहजुर फरााा:- इसे अल्राभा सय्मद यज़ी (अरै यहभा) ने जभा फ़यभामा है,

वह 359 हहजयी भत
ु ाबफ़ 969 ई0 भें ऩैदा हुए थे। औय उनिी वफ़ात भोहयक भ

207
404 हहजयी भत
ु ाबफ़ 1513 ई0 भें हुई है । किताफ नहजुर फरााा िी फहुत सी

शयहें लरखी गई हैं लरखने वारो भें से िुछ नाभ मह हैं।

1. इभाभे अहरे सन्


ु नत अज़ीज़ बफन अफु हालभद अब्दर
ु हभीद बफन हे मत

उल्राह बफन भौहम्भद बफन हसनैन इब्ने अबफर हदीद भदाईनी अर भत


ु ावज़ल्रद 1

ज़जरज़ज्जा
ु़ 586 हहजयी भत
ु ाबफ़ 1257 ई0 फा भ़ाभ फादाद।

2. ़वाभद्
ु दीन मस
ु फ़
ू बफन हसन, ज़जनिी वफ़ात 922 हहजयी भत
ु ाबफ़ 1516

ई0।

3. भफ़्
ु ती भौहम्भद अब्दहू लभस्र

4. अल्राभा भौहम्भद हसन नाएर अर भयसफ़ी ज़जनिा हालशमा है असर

किताफ नहजुर फराााह लभस्र िे भशहूय प्रेस दारूर िुतुफ अर अयबफमा भें छऩ

गई है । मह चायों व्माख्मािताक अहरे सन्


ु नत वर जभाअत से ताअल्ऱ
ु यखते हैं।

5. सय्मद अरी बफन नालसय मह सय्मद यज़ी िे दौय िे थे सफ से ऩहरे नहजुर

फरााा िी शयह उन्होंने ही लरखी है । उनिी शयह िा नाभ आराभे नहजर


ु फरााा

है ।

6. अल्राभा िुतुफउद्दीन यावन्दी उनिी शयह िा नाभ लभनहाजुर फयअता है ।

7. सय्मद इब्ने ताऊस, अफर


ु ़ालसभ अरी बफन भस
ू ा बफन जाफ़य बफन

भौहम्भद बफन ताऊस जो भोहयक भ 519 हहजयी भें ऩैदा हुमे औय 5 ज़ी़ाद 668

हहजयी भें इन्ते़ार हुआ।

208
8. िभार उद्दीन भीसभ बफन अरी भीसभ फहयानी।

9. िुतफ
ु उद्दीन भौहम्भद बफन हुसन
ै लसिन्दयी।

10. शेऽ हुसन


ै बफन शहाफद्
ु दीन है दय अरी आभेरी िा सफ़य िे भहीने भें

1076 हहजयी भत
ु ाबफ़ अगस्त 1664 ई0 फाभ़ाभ है दयाफाद दिन इन्ते़ार हुआ।

11. शेऽ ननज़ाभद्


ु दीन अरी बफन हुसन
ै इनिी शयह िा नाभ अनवारूर फ़साहत

है ।

12. अल्राभा लभज़ाक अराउद्दीन भौहम्भद बफन अफी तुयाफ अर हुसन


ै उनिी

शयह फहुत ही भफसत


ू है । इसिा नाभ हदाम़ुर ह़ाए़ है । मह 20 (फीस) ज़जल्दों

भें है ।

13. आ़ा शेऽ भौहम्भद यज़ा भस


ु म्भा फा दयु े नजकपमा।
ु़

14. भल्
ु रा फ़तेह अल्राह िाशेफ़ी ज़जनिा इन्ते़ार 997 हहजयी भें हुआ मह

फ़ायसी भें है औय इसिा नाभ तम्फीहुर ााफ़ेरीन है ।

15. भोहकि़
ु़ हफीफ अल्राह हाशभी अर खई
ू इनिी शयह िा नाभ बी लभनहाज

उर फयाअता फ़ी नहजर
ु फरााा है मह 25 ज़जल्दों भें है । ़ुभ ऽमाफाने इयभ

तेहयान भें लभरती है । इसिे अरावा किताफ िे िुछ भस्


ु तदयिात हैं जो छऩ चि
ु ी

हैं।

2. भामते िरभता ज़जसिो जाहहज़ ने जभा किमा था।

209
3. ायक अर हिभ व दयद अर िरभ ज़जसिो अब्दर
ु वाहहद बफन भौहम्भद बफन

अब्दर
ु वाहहद ने जभा किमा था।

4. दस्तयू े भाअरभ हक्भ ज़जसिो ़ाज़ी अफू अब्दल्


ु राह भौहम्भद बफन सराभा

ने जभा किमा था इनिा इन्ते़ार 454 हहजयी भें हुआ था।

5. नसय अरा राई ज़जसिो अफर


ु फ़ज़र अरी बफन हुसन
ै अर फतयसी साहफ

भजभउर फमान ने जभा किमा।

6. किताफ भतरफ
ू िुल्रे तालरफ भन िराभे अरी बफन अफी तालरफ ज़जसिो

अफू इस्हा़ अर वतवात अर अन्सायी ने जभा किमा है । इसिा फ़ायसी औय

जयभन ज़फान भें तयजुभा हो चि


ु ा है ।

7. ़राएद अर हिभ व फ़याएद अर ़रभ ज़जसिो ़ाज़ी अफू मस


ु फ़
ू बफन

सर
ु भ
ै ान अरा सफ़यानई ने जभा किमा है ।

8. किताफ भाअलभमाते अरी

9. इभसार अर इभाभ अरी बफन अफी तालरफ

10. शेऽ भफ़
ु ीद अर यहभा ने किताफ अर इयशाद भें िुछ िराभ जभा किमा

है ।

11. नसय बफन भज़ाहभ िी किताफ लसफ़्फ़ीन भें आऩिा िराभ जभा है ।

12. किताफ जवाहरूर भतालरफ।

210
आऩकी इल्मी मरकजीयत

अल्राभा इब्ने अबफर हदीद, अल्राभा इब्ने शहये आशोफ, अल्राभा इब्ने तल्हा

शाफ़ेई औय अल्राभा अयफरी तहयीय फ़यभातें हैं कि अशयफ़ुर उरभ


ू , उर

इराहहमात है औय मह हज़यत अरी (अ.स.) ही िे िराभ से ए़तेफास किमा गमा

है औय आऩ ही इसिी इब्तेदा औय इन्तेहाॊ हैं। अ़ाएद िे एतेफाय से इस्राभ भें

भऽ
ु तलरफ़ कपय़
ु़ े हैं इन्भें भोतज़रा बी है । इस कपय़
ु़ े िा फानी वालसर इब्ने अता

है जो अफु हालशभ िा शागगकद था औय वह अऩने फाऩ भौहम्भद बफन हज़न्पमा


ु़ िा

शागगकद था औय भौहम्भद हज़यत अरी िे शागगकद थे। दस


ू या कपय़ा
ु़ अशअरयमा है

जो अफर
ु हसन अशअयी िी तयफ़ भन्सफ
ू है औय वह शागगकद था अफु अरी जफाई

िा जो भशाएऽ भोतज़रा से था। इसिी इन्तेहा बी हज़यत अरी ति ़याय ऩाती

है । तीसया कपय़ा
ु़ इभालभमा व ज़ैहदमा है । इसिा हज़यत िी तयफ़ भन्सफ
ू होना

बफल्िुर वाज़ेह है ।

इस्राभी उरभ
ू भें इल्भें कपक़्हा
ु़ बी है औय इस्राभ िा हय कपय़ा
ु़ व भज
ु तहहद

हज़यत ही िा शागगकद है । चन
ु ान्चे अहरे सन्
ु नत भें चाय कपय़
ु़ े हैं। भारिी, हन्फ़ी,
ु़
शाफ़ेई औय हम्फरी। भारिी कपयि
ु़ े िे फानी इभाभे भालरि शागगकद थे यफीअतर

याई िे औय वह शागगकद थे अिये भा िे औय वह शागगकद थे इब्ने अब्फास िे औय

वह शागगकद थे हज़यत अरी (अ.स.) िे। दस


ू ये कपय़
ु़ े हन्फ़ी िे फानी इभाभे अफू

हनीफ़ा थे, वह शागगकद थे इभाभे भौहम्भद फा़य (अ.स.) िे औय इभाभ जाफ़ये

211
साहद़ (अ.स.) िे औय वह शागगकद थे इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िे औय

इभाभ आबफद (अ.स.) शागगकद थे इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे औय वह शागगकद थे

हज़यत अरी (अ.स.) िे। तीसये कपय़


ु़ े िे फानी इभाभ शाफ़ेई शागगकद थे इभाभ

भौहम्भद िे औय वह शागगकद थे इभाभ अफू हनीफ़ा िे। चौथे कपय़


ु़ े िे फानी इभाभ

अहभद बफन हम्फर शागगकद थे, इभाभ शाफ़ेई िे इस तयह उनिा कपय़ा
ु़ बी

हज़यत अरी (अ.स.) िा शागगकद हुआ। इसिे अरावा सहाफा िे फ़ु़हा हज़यत उभय

व अब्दल्
ु राह इब्ने अब्फास थे, औय दोनों ने इल्भें कपक़्हा
ु़ हज़यत अरी (अ.स.) से

ही सीखा। इब्ने अब्फास िा शागगकदे हज़यत अरी (अ.स.) होना तो वाज़ेह औय

भशहूय है , यहे हज़यत उभय तो उनिे फाये भें बी सफ िो इल्भ है कि फिसयत

भसाएर भें जफ उनिी अक़्रो फ़हभ औय याह चायो तदफीय फन्द हो जामा ियती

थी तो वह हज़यत अरी (अ.स.) िी तयफ़ रूजु ियते औय हज़यत अरी (अ.स.) से

ही भज़ु श्िर िुशाई िी दयख़्वास्त किमा ियते थे औय अिसय ऐसा बी हुआ है कि

अऩने अरावा दीगय सहाफा िी बी भज़ु श्िर िुशाई अरी (अ.स.) से ियामा ियते

थे। उनिा फाय फाय रौरा अरी रह़ा उभय अगय अरी (अ.स.) न होते तो उभय

हराि हो जाता, िहना औय मह फ़यभाना कि ऽुदा वह वक़्त न रामे कि भैं किसी

इल्भी भज़ु श्िर भें भज़ु ब्तरा हो जाऊॉ औय अरी (अ.स.) भौजूद न हों। इसिे अरावा

मह िहना कि जफ अरी (अ.स.) भज़स्जद भें भौजूद हों तो िोई फ़तवा दे ने िी

जुयअत न िये । मह साबफत ियता है कि हज़यत उभय िी कप़ही


ु़ हद हज़यत अरी

212
(अ.स.) िी भन्
ु तही होती है । हज़यत अरी (अ.स.) ही वह हैं ज़जन्होने उस औयत िे

भ़
ु दभे भें भन
ु सेफ़ाना फ़तवा हदमा ज़जसने छ् (6) भहीने भें फच्चा जना था औय

ज़जना
ु़ िाय हाभरा औयत िे भाभरे भें तम फ़यभामा था ज़जसिे यजभ िा फ़तवा

हज़यत उभय दे चि
ु े थे।

इस्राभी उरभ
ू भें तफ़सीये ़ुयआनी िा इल्भ बी है । मह इल्भ बी हज़यत अरी

(अ.स.) से हालसर किमा गमा है । जो शख़्स तफ़सीय िी किताफें दे खे उसे आसानी

से इस दावे िी सेहत भारभ


ू हो जाऐगी क्मों कि तफ़सीय िे भतालरफ ज़्मादा तय

हज़यत अरी (अ.स.) औय अब्दल्


ु राह इब्ने अब्फास ही से भऩ्ूर हैं औय अब्दल्
ु राह

इब्ने अब्फास िा शागगकदे अरी (अ.स.) होना भशहूय व भारूफ़ है । रोगों ने

अब्दल्
ु राह इब्ने अब्फास से एि दफ़ा ऩछ
ू ा कि हज़यत अरी (अ.स.) िे इल्भ िे

भ़
ु ाफरे भें आऩिा इल्भ कितना है? फ़यभामा ज़जतना एि फहये ज़ख़्ऽाय िे

भ़
ु ाफरे भें एि छोटा ़तया हो सिता है । इस्राभी उरभ
ू भें इल्भे तयी़त व

हिी़त
ु़ औय उसर
ू े तसव्वफ़
ु बी है औय तभ
ु िो भारभ
ू होना चाहहमे कि इस फ़न

िे जभ
ु रा उरेभा व भाहे यीन अऩने िो हज़यत िी तयफ़ ही भन्सफ
ू ियते हैं औय

हज़यत ही ति अऩने लसरलसरे िो भन्


ु तही ़याय दे ते हैं। इसिी सयाहत उन रोगों

ने बी िी है जो कपय़ाए
ु़ सफ़
ू ीमा िे इभाभ औय ऩेशवा भाने गमे हैं। जैसे लशब्री,

जुनद
ै , लसयी, अफू मज़ीद फस्ताभी, भारूफ़ ियऽी, सफ़
ू ी ऽय़ा, सफ़
ू ी िो अरी

(अ.स.) िा ही शेआय ़याय दे ते हैं।

213
उरेभा अयबफमा भे इल्भे नज
ु ूभ बी है । दनु नमा िे भाहे यीन िो इल्भ है कि इस

इल्भ िे फानी हज़यत अरी (अ.स.) हैं। आऩ ही ने इस इल्भ िी ईजाद िी है ।

आऩ ही ने इसिे ़वाएद व ज़वाबफत भदन


ू फ़यभामे हैं। आऩ ने इस इल्भ िे

उसर
ू व जवाभे िी तारीभ अफू अर अस्वद दे री िो दी औय उसिे ़वानीन

तयतीफ दे ने िा तयी़ा लसखामा हज़यत ने जो भख़्


ु तसय औय जाभे उसर
ू फतामे

उनभें िराभ, िरभा औय एयाफ थे। आऩ ने िहा कि िराभ, इल्भे फ़ेर, हयफ़ िो

िहते हैं औय िरभा भाये फ़ा औय ऩ


ु या होता है औय एयाफ, यफ़े नसफ हजय औय

जज़्भ भें भन्


ु ़लसभ होता है । हज़यत िे इन भख़्
ु तसय उसर
ू व ज़वाबफत िो आऩिे

भोजेज़ात भे शभ
ु ाय ियना चाहहमे। (शयह इब्ने अबफर हदीद, ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 7, व भतारेफुस

सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 98 व िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 54 भनाकिफ
ु़ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 67)

इसिे अरावा इल्भ अर कियअत,


ु़ इल्भ अर फ़याएज़, इल्भ अर िराभ, इल्भ

अर खखताफत,
ु़ इल्भ अर फ़साहत व फराात, इल्भ अर शेय, इल्भ अर उरूज वर

़वाफ़ी, इल्भ अर अदफ, इल्भ अर किताफत, इल्भ ताफीये ख़्वाफ, इल्भ अर

फ़रसफ़ा, इल्भ अर हहन्दसा, इल्भ अर नज


ु ूभ, इल्भ अर हहसाफ, इल्भ अर नतफ,

इल्भे भज़न्त़ अर तैय वाैया भें आऩिो इन्तेहाई िभार हालसर था। (भनाकिफ
ु़

ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 67) औय इल्भे रदन्


ु नी, इल्भे अर ाैफ भें बी आऩिो मदे तूरा हालसर

था। (नरू
ु र अफसाय ऩष्ृ ठ 760 व अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 213)

214
इब्ने शहये आशोफ ने भनाकिफ
ु़ भें हज़यत अरी (अ.स.) िे सौते नािूस िी

तफ़सीय फमान फ़यभाने िी तफ़सीर लरखी है औय अल्राभा भौहम्भद फा़य ने


ु़
दभस
ु सािे फा िे ऩष्ृ ठ 141 ऩय इब्ने अबफर हदीद िे हवारे से 33, फड़ी सतयों ऩय

भश्ु तलभर हज़यत िा एि ननहामत फ़सीह व फरीा ऐसा ऽुतफा ऩर किमा है

ज़जसभें रफ़्ज़े अलरफ़ नहीॊ है ।

आऩका ज़ोहद व तक़वा

लभस्र िे भशहूय भोवरयक ऽ अल्राभा जयजी ज़ैदान लरखते हैं कि अरी (अ.स.) िी

हारत क्मा फमान हो। ज़ोहद औय त़वे िे भत


ु ाअज़ल्ऱ आऩिे वा़ेमात फहुत

िसयत से हैं। उसर


ू े इस्राभ िी ऩाफन्दी ियने भें आऩ फहुत सख़्त औय अऩने हय

़ौरो फ़ेर भें ननहामत शयीफ़ व आज़ाद थे। जार, फ़ये फ, धोिा, भक्र िो आऩ

जानते ति न थे औय अऩनी ज़जन्दगी


ु़ िे भख़्
ु तलरफ़ ज़भानों से किसी हारत भें बी

आऩने चार, हीरा, ाद्दायी वाैया िी तयफ़ ज़याक फयाफय बी रूऽ न किमा। आऩिी

तभाभ तय तवज्जे भहज़ दीन िे भत


ु ाअज़ल्ऱ यहती थी औय आऩिा िुर एतेभाद

औय बयोसा लसफ़क सच्चाई औय ह़ ऩय था। चन


ु ान्चे आऩिे ज़ोहद औय फ़़ीयाना

ज़जन्दगी
ु़ िी लभसारों भें से एि मह बी है कि आऩने ज़जस वक़्त यसर
ू स. िी फेटी

फ़ात्भा (स.अ.) से शादी िी तो आऩिे ऩास फ़शक िी किस्भ


ु़ से िोई चीज़ नहीॊ थी

लसवाम दम्
ु फे िी एि खार िे कि उसी ऩय दोनों शफ भें ऩड़ िय सो यहते थे औय

215
हदन िे वक़्त इसी चभड़े ऩय अऩने ऊॉट िो दाना खखराते थे। आऩिे ऩास एि

भर
ु ाज़जभ
ु़ बी न था जो आऩिी खखदभत ियता। आऩिी खखराफ़ते
ु़ ज़ाहे यी िे

ज़भाने भें एि दफ़ा असफ़हान िे (ऽेयाज) िा भार आमा तो आऩने उसिो सात

हहस्सों ऩय त़सीभ िय हदमा कपय उसभें एि योटी लभरी तो उसिे बी सात टुिड़े

किमे। आऩ ऐसे िऩड़ों िा लरफास ऩहनते थे जो सदी से ज़या बी भहफ़ूज़ नहीॊ यख

सिता था। फाज़ रोगों ने आऩिो दे खा कि अऩने ओढ़ने िी चादय भें खजूयें उठा

िय खुद रा यहे हैं ज़जनिो एि हदयहभ भें खयीदा था। मह दे ख िय अज़क कि ऐ

अभीरूर भोभेनीन मह हभें दे दें तािे हभ ऩहुॉचा दें । आऩने जवाफ हदमा कि ज़जसिे

अमार हैं उन्हीॊ िो उनिा फोझ उठाना चाहहमे। आऩिे ज़यी अ़वार से मह बी है

कि भस
ु रभान िो चाहहमे कि इतना िभ खाएॊ कि बख
ू से उनिे ऩेट हल्िें यहें

औय इतना िभ वऩमें कि प्मास से उनिे ऩेट सख


ू े यहें औय खुदा िे ऽौफ़ से इतना

योमें कि उनिी आॊखें ज़ख़्भी यहें ।

(तायीऽे तभददन
ु े इस्राभी, ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 37 व तायीऽे िालभर ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 204)

आऩकी िही राय

आऩ िी याम इतनी सही थी कि िबी राज़जश


ु़ नहीॊ हुई। ज़जसिो जो भशवेया दे

हदमा वह अटर साबफत हुआ। अल्राभा इब्ने अबफर हदीद शयह नहजर
ु फरााह भें

लरखते हैं कि तभाभ रोगों से ज़्मादा हज़यत अरी (अ.स.) िी याम साएफ औय

216
भोहिभ व सही हुआ ियती थी औय आऩिी तदफीय तभाभ रोगों िी तदफीयों से

फरन्द व फयतय होती थी अरफत्ता आऩ इसी भाभरे भें याम दे ते थे जो शयीमत िे

भत
ु ाबफ़ औय इस्राभ िी यौशनी भें हो मानी ारत उभयू भें आऩिा िोई भशवेया

न था।

आऩकी सियाित

अल्राभा इब्ने अबफर हदीद लरखते हैं िाना शदीद अर लसमासत खशनन फ़ी

ज़ात अल्राह आऩ फे नज़ीय लसमासी थे। आऩ िी लसमासत उन रोगों जैसी न थी

जो दीन औय ऽुदा िो ऩहचानते नहीॊ। आऩ िी लसमासत हुक्भे खुदा व यसर


ू स.

िी लभसार हुआ ियती थी। आऩ अल्राह िी ज़ात िे फाये भें ननहामत ही सख़्त

औय शदीद अर अभर थे। इस लसरलसरे भें उन्होंने िबी अऩने बाई ति िी

ऩयवाह नहीॊ िी। अ़ीर औय इब्ने अब्फास िी नायाज़गी भशहूय है ।

(सवाए़े भोहये ़ा)

हहल्म, िदाक़त, अदऱ

ऽालरद इब्नर अभीय िा फमान है कि भैं अरी (अ.स.) िो तीन फातों िी वजह

से भहफफ
ू यखता हूॉ।

1. मह कि जफ वह ऽफ़ा होते थे तो भि
ु म्भर इल्भ िा इस्तेभार ियते थे।

217
2. जो फात िहते थे सच िहते थे।

3. जो फ़ैसरा ियते थे ऩयू े अदर िे साथ ियते थे।

भाअ़र इब्नर
ु मसाय िा फमान है कि सयवये िामनात स. ने एि हदन फ़ात्भा

ज़हया स. से फ़यभामा कि भैंने तुम्हायी शादी फहुत फड़े आलरभ औय उम्भत भें सफ

से फड़े ईभानदाय औय अज़ीभ तयीन हहल्भ ियने वारे अरी से िी है । (अयजहुर

भतालरफ ऩष्ृ ठ 202)

मौऱा ए कायनात हज़रत अऱी (अ.ि.) के फाज़ करामात

मह भस
ु ल्रभ है कि भौरा ए िामनात, भश
ु किर िुशा, आलरभ, हज़यत अरी

बफन अफी तालरफ (अ.स.) भज़हरूर अजाएफ वर ायाएफ थे। खखल़्ते


ु़ ज़ाहे यी से

़ब्र अज़म्फमा (अ.स.) िी भद्द ियना, सरभाने फ़ायसी िो दश्त अयज़न भें शेय

से छुड़ाना औय ज़हूयो शहूद िे फाद एि शफ भें चारीस जगह फमि वक़्त दावत भें

लशयित ियना, दनु नमा िे हय गोशे भें आऩिे ़दभ िे ननशानात िा ऩत्थय ऩय

भौजूद होना। ााये असहाफे िहफ़ भें ननशाने ़दभ िा भौजूद होना। ़ाफर
ु भें

भज़ाये सऽी िा वजूद औय दीगय ननशानात िा भौजूद होना। तूये ऽुभ िे ़यीफ

भज़स्जदे अरी िी ताभीय, ऩेशावय भें असाए शाहे भयदाॊ िी ज़जमायत


ु़ गाह िा होना।

िोटा िे यास्ते भें ़दभ िे ननशानात िा ऩामा जाना। है दयाफाद भें ़दभ गाह

भौरा अरी िा होना। आरभ भें हय शख़्स िी भज़ु श्िर िुशाई िा हो जाना। नीज़

218
फाफे ऽैफय िा उऽाड़ना। यसर
ू ियीभ स. िी आवाज़ ऩय चश्भे ज़दन भें ऩहुच

जाना। चादय ऩय फैठ िय ााये असहाफे िहफ़ ति जाना औय उनसे िराभ ियना

वाैया वाैया आऩिे भज़हरूर अजाएफ वर ायाएफ होने िा फय्मन सफ


ु त
ू है । हभ

ज़ैर भें किताफ (इभाभे भफ


ु ीन) से वा़ेमात िा खुरासा दजक ियते हैं।

आऩिा गहवाये भें िल्रा ए अज़दय दो ऩाया ियना

एि दफ़ा िा ज़जक्र
ु़ है कि हवालरमे भक्िा भें एि ननहामत ज़फय दस्त औय

तवीर अज़दहा आ गमा है औय उसने तफाही भचा दी, एि रशिय ने उसे भायने

िी िोलशश िी भगय िाभमाफ न हुआ। एि हदन वह अज़दहा भदीने िी तयफ़

चरा, जफ ़यीफ ऩहुॉचा, शहये भदीना भें हरचर भच गई। रोग घयों िो छोड़ िय

बागने रगे। इत्तेफ़ा़न वह अज़दहा ऽाना ए अफू तालरफ (अ.स.) भें दाखखर
ु़ हो

गमा। वहाॊ भौरा ए िाएनात गहवाये भें फ़योिश थे औय उनिी भादये गेयाभी िहीॊ

फाहय तशयीफ़ रे गईं थी। जफ वह अज़दहा गहवाये िे ़यीफ ऩहुॉचा तो मदल्


ु राह ने

उसिे दोनो जफड़ों िो ऩिड़ िय दो िय हदमा। यसर


ू े ऽुदा स. ने भसयक त िा

इज़हाय किमा, अवाभ ने दादे शज


ु ाअत दी। भाॉ ने वाऩस आिय भाजया दे खा औय

अऩने नयू े नज़य िा नाभ है दय यखा। इस नाभ िा ज़जक्र


ु़ भयहफ िे भ़
ु ाफरे भें

अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) ने ऽद


ु बी फ़यभामा है ।

अना अर रज़ी सम्भतनी अम्भी है दय।

219
ज़यााभ, आजाभ वर मस ़सयू ा।।

साकिए
ु़ िौसय औय सॊगे ऽाया

यवामत भें है कि हज़यत अभीयर भोभेनीन (अ.स.) जॊगे लसफ़्फ़ीन से वाऩस जाते

हुए एि सहयाए ऱो द़ से गुज़ये , लशद्दते गयभा िी वजह से आऩिा रशिय फे

इन्तेहा प्मासा हो गमा उसने हज़यत से ऩानी िी ख्वाहहश िी। आऩने सहया भें

इधय उधय नज़य दौड़ाई, एि फहुत फड़ा ऩत्थय नज़य आमा, उसिे ़यीफ तशयीफ़ रे

गमे औय ऩत्थय से िहा कि भैं तुझसे सन


ु ना चाहता हूॉ कि इस सहया भें ऩानी िहाॊ

है उसने फ ़ुदयते ऽुदा जवाफ हदमा कि चशभाए आफ भेये ही नीचे है । हज़यत ने

रशिय िो हुक्भ हदमा कि इस ऩत्थय िो हटाएॊ रेकिन सौ (100) आदभी

िाभमाफ न हो सिे। कपय आऩने रफे भफ


ु ायि िो हयित दी औय दस्ते ऽैफय िुशा

उस ऩय भाया, ऩत्थय दयू जा गगया। उसिे हटते ही शहद से ज़्मादा शीयीॊ औय फफ़क

से ज़्मादा सदक ऩानी िा चश्भा फयाभद हो गमा। सफ सेयाफ हुए औय सफ ने ऩानी

से छाफने बय रीॊ। कपय आऩने ऩत्थय िो हुक्भ हदमा कि अऩनी जगह ऩय आ जभे

फयवामत इब्ने अब्फास ऩत्थय उस जगह से खुद फ खुद सयि िय अऩनी जगह ऩय

आ ऩहुॉचा औय रश्िय शि
ु ये ऽुदा ियता हुआ यवाना हो गमा।

220
भौरा अरी (अ.स.) औय इन्सान िी शक्र फदर दे ना

असफा बफन नफाता िा फमान है कि एि शख़्स ़ुयै श से हज़यत अरी (अ.स.)

िी खखदभत
ु़ भें हाज़जय
ु़ हो िय िहने रगा कि भैं वह हूॉ कि ज़जसने फे शभ
ु ाय

इन्सानों िो ़त्र किमा है औय फहुत से अत्फ़ार िो मतीभ किमा है । हज़यत ने

उसिा जफ मह ताअरूफ़ सन
ु ा तो आऩिो ास्
ु सा आ गमा। आऩने फ़यभामा कि

अऽसामा ़ल्फ ऐ िुत्ते! भेये ऩास से दयू हो जा, हज़यत िे दहने अ़दस से इन

अल्फ़ाज़ िा ननिरना था कि उसिी भाहहमत औय उसिी हय्मत फदर गई। औय

वह िुत्ते िी शक्र भें हो िय दभ


ु हहराने रगा रेकिन साथ ही साथ फेताफ हो िय

फ़यमादो फ़ुाा ियते हुए ज़भीन ऩय रोटने रगा। हज़यत िो उस ऩय यहभ आमा

औय आऩने दआ
ु िी ऽद
ु ा ने कपय उसे उसिी शक्र भें फदर हदमा।

ऐन उल्राह, अरी (अ.स.) ने िोये भादय ज़ाद िो चशभे फीना दे दी

अब्दल्
ु राह बफन मन
ू स
ु िा फमान है कि भैं एि सार हज्जे फैतुल्राह िे लरमे घय

से यवाना हो िय जा यहा था। नागाह यास्ते भें एि नाफीना ज़ने हफलशमा िो दे खा

कि वह हाथों िा उठाए हुए इस तयह दआ


ु िय यही है । ऐ अल्राह फ हक़़्े अरी

बफन अफी तालरफ (अ.स.) भझ


ु े चश्भें फीना दे दे । मह दे ख िय भैं उसिे ़यीफ गमा

औय उस्से ऩछ
ू ा कि क्मा तू वा़ेइ अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) से भोहब्फत

221
यखती है? उसने िहा फे शि भैं उन ऩय सद हज़ाय जान से ़ुयफान हूॉ। मह सन

िय भैंने उसे फहुत से हदयहभ हदमे भगय उसने ़ुफर


ू न किमा औय िहा कि भैं

हदयहभ व हदनाय नहीॊ भाॊगती। भैं आॊख चाहती हूॉ कपय भैं उसिे ऩास से यवाना हो

िय भक्िे भोअज़्ज़भा ऩहुॉचा औय हज से फ़याात िे फाद कपय उसी यास्ते से वाऩस

आमा। जफ उस भ़ाभ ऩय ऩहुॉचा ज़जस भ़ाभ ऩय वह नाफीना औयत थी तो दे खा

कि वह औयत चशभे फीना िी भालरि है औय सफ िुछ दे खती है । भैंने उस से

ऩछ
ू ा कि तेया भाजया क्मा है? उसने िहा कि भैं फदस्तूय दआ
ु किमा ियती थी,

एि हदन हसफे भाभर


ू भशार
ू े दआ
ु थी नागाह एि भ़
ु द्दस तयीन शख़्स

नभू ूदाय हुए औय उन्होंने भझ


ु से ऩछ
ू ा कि क्मा तू वा़ेइ अरी िो दोस्त यखती

है ? भैंने िहा जी हाॉ, ऐसा ही है । मह सन


ु िय उन्होंने िहा कि खुदामा अगय मह

औयत दावाए भोहब्फत भें सच्ची है तो उसे फीनाई अता फ़यभा। उनिे इन अल्फ़ाज़

िे ज़फान ऩय जायी होते ही भेयी आॊखें खुर गईं, चशभे फीना लभर गई। भैं सफ

िुछ दे खने रगी। भैंने उसिे फ़ौयन फाद ़दभों ऩय गगय िय ऩछ


ू ा, हुज़यू आऩ िौन

हैं? फ़यभामा, भैं वही हूॉ ज़जसिे वास्ते से तू दआ


ु िय यही थी।

भुशकिर िुशा िी भुशकिर

िुशाई एि यवामत भें है कि एि हदन हज़यत अरी (अ.स.) भदीने िी एि गरी

से गज़
ु य यहे थे, नागाह आऩिी ननगाह अऩने एि भोलभन ऩय ऩड़ी दे खा कि उसे

222
एि शख़्स फयु ी तयह गगयफ़्त भें लरमे हुए है । हज़यत उसिे ़यीफ गमे औय उस से

ऩछ
ू ा मह क्मा भाभेरा है? उस भोलभन ने िहा, भौरा भैं इस भदे भन
ु ाकप़
ु़ िे एि

हज़ाय सात सौ (1700) दीनाय िा ़जऱ्दाय हूॉ। इसने भझ


ु े ऩिड़ यखा है औय इतनी

भोहरत बी नहीॊ दे ता कि भैं महाॉ से जा िय िोई फन्दोफस्त िरूॊ। हज़यत ने

फ़यभामा कि तू ज़भीन िी रूऽ िय औय जो ऩत्थय वाैयह इस वक़्त तेये हाथ आमें

उन्हें उठा रे। चन


ु ान्चे उसने ऐसा ही किमा, जफ उसने उठा िय दे खा तो वह सफ

सोने िे थे।

हज़यत ने फ़यभामा कि इसिा ़ज़ाक अदा ियने िे फाद जो फचे उसे अऩने िाभ

भें रा। यावी िहता है कि दस


ू ये हदन ज़जब्राईर िे िहने से हज़यत यसर
ू े ियीभ स.

ने इस वा़ेए िो असहाफ िे भजभे भें फमान फ़यभामा।

एि भशरूर िी लशफ़ा माफी

अब्दल्
ु राह बफन अब्फास िा फमान है कि एि योज़ नभाज़े सब्ु ह िे फाद हज़यत

यसर
ू े ियीभ स. भज़स्जदे भदीना भें फैठे हुए सरभान, अफज़
ू य, लभ़दाद औय हुज़ैफ़ा

से भहवे गुफ़तुगू थे कि नागाह भज़स्जद िे फाहय एि ार


ु ार
ु ा उठा, शोय सन
ु िय

रोग भज़स्जद िे फाहय गमे, तो दे खा कि चारीस आदभी खड़े हैं जो भस


ु ल्राह हैं

औय उनिे आगे एि ननहामत ऽफ


ू सयू त नौजवान शख़्स हैं। हुज़ैफ़ा ने यसर
ू े ऽद
ु ा

िो हारात से आगाह किमा, आऩने फ़यभामा कि उन रोगों िो भेये ऩास राओ। वह

223
आ गमे, तो हज़यत ने फ़यभामा कि अरी बफन अफी तालरफ िो फर
ु ा राओ। हुज़ैफ़ा

गमे, अभीरूर भोभेनीन ने फ़यभामा कि ऐ हुज़ैफ़ा भझ


ु े इल्भ है कि एि गगयोह

़ौभे आद से आमा है , भझ
ु े उनिी हाजत बी भारभ
ू है । उसिे फाद आऩ हाज़जये
ु़

खखदभते
ु़ यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) हुए। आॊ ने हज़यत अरी (अ.स.) से उनिा

साभना ियामा। हज़यत अरी (अ.स.) ने उस भयदे ऽूफरू से िहा कि ऐ हज्जाज

बफन ऽल्जा बफन अबफर असफ़ बफन सईद बफन भम्ता बफन अरा़ बफन वहफ बफन

सअफ फता तेयी क्मा हाजत है । उसने जफ अऩना नाभ औय ऩयू ा शजया सन
ु ा तो

है यान यह गमा औय िहा कि हुज़यू भेये बाई िो लशिाय िा फड़ा शौि है । उसने

एि हदन जॊगर भें लशिाय खेरते हुए एि जानवय िे ऩीछे घोड़ा डारा औय उस ऩय

तीय चरामा, इसिे फ़ौयन फाद उसिा ननस्फ़ फदन शर हो गमा। फड़े इराज किमे

भगय िोई फ़ामदा न हुआ, आऩने फ़यभामा कि उसे भेये साभने रा। वह एि ऊॉट

ऩय रामा गमा। हज़यत ने उसे हुक्भ हदमा कि उठ फैठ चन


ु ान्चे वह तन्दरूस्त हो

िय उठ फैठा। मह दे ख िय वह औय उसिे ़फीरे िे सत्तय हज़ाय (70,000) नफ़


ु ूस

भस
ु रभान हो गमे।

आऩकी िायए रहमत िे महरूमी

हज़यत भौहम्भद भस्


ु तफ़ा स. ने 28 सफ़य 11 हहजयी मौभे दोशम्फा इन्ते़ार

फ़यभामा। (भोअद्दतर
ू ़ुयफा) हज़यत अरी (अ.स.) आऩिी तजहीज़ो तिफ़ीन भें

224
भशार
ू हो गमे। हज़यत उभय अफू फिय िो हभयाह रे िय स़ीफ़ा फनी साएदा जो

भदीने से 3 भीर िे फ़ासरे ऩय वा़े है औय भशवेया हाम फानतर िे लरमे फनामा

गमा था, चरे गमे। (ामासर


ु ु ात) यस्सा िशी िे फाद हज़यत अफू फक्र िो
रा

ऽरीफ़ा फना रामे। हज़यत अरी (अ.स.) चॊकू ि यसर


ू े ियीभ स. िो इन रोगों िी

वाऩसी िे ऩहरे दफ़्न िय चि


ु े थे। इस लरमे सफ से ऩहरे उन्होंने मह सवार

किमा कि आऩने हभायी वाऩसी िा इन्तेज़ाय क्मों नहीॊ किमा। हज़यत अरी (अ.स.)

ने फ़यभामा कि यसर
ू े ियीभ स. फ भ़
ु ाभे ादीय ऽरीफ़ा भ़
ु यक य िय चि
ु े थे। आऩ

किस जवाज़ से वहाॊ गमे औय किस उसर


ू से भसराए खखराफ़त
ु़ िो ज़ेये फहस

रामे, औय क्मा वजह थी कि हभ यसर


ू स. िा राशा फे गोयो िफ़न यहने दे ते।

इसिे फाद उन्होंने फैअत िा भत


ु ारेफा किमा। हज़यत अरी (अ.स.) ने अऩना ह़

फ़ाए़ होना औय अऩने िो भन्सस


ू ऽरीफ़ा होना ज़ाहहय िय िे उनिे भत
ु ारेफे िे

खखराफ़
ु़ एहतेजाज किमा औय फ़यभामा कि भझ
ु से फैअत िा सवार ही ऩैदा नहीॊ

होता। इस ऩय उन्होंने शदीद इसयाय किमा औय आऩ से फैअत रेने िी हय भज़ु म्िन

िोलशश िी। भोवये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि इसी लसरलसरे भें फ़ात्भा ज़हया स. िा

घय जरामा गमा। फ़ात्भा स. िे दयु े रगाए गमे। अरी (अ.स.) िी गयदन भें यस्सी

फाॊधी गमी औय आऩिो ़त्र िय दे ने िी धभिी दी गई औय ववयासते यसर


ू स.

से फ़ात्भा स. औय औरादे फ़ात्भा स. िो भहरूभ िय हदमा गमा। फाा छीना गमा।

अरी (अ.स.), हसनैन (अ.स.) औय उम्भे ऐभन िो गवाही भें झठ


ू ा ़याय हदमा

225
गमा। इन हारात से आरे भौहम्भद स. िो ज़जतना भत
ु ाअज़स्सय होना चाहहमे

इसिा अन्दाज़ा हय फा फ़हभ िय सिता है । हज़यत अरी (अ.स.) जो सामाए

यहभते यसर
ू स. से भहरूभ हो िय भसाएफ व आराभ िी चक्िी िे दोनों ऩाटों भें

आ गमे। उन्होंने अऩने ऽुतफात से इस ऩय यौशनी डारी है औय अऩने हारात िी

वज़हत िी है । तफ़सीर िे लरमें भर


ु ाहे ज़ा हों ऽुतफाए श़श़मा।

वफाते रिूऱ ि. के फाद अऱी (अ.ि.) का खुतफा

किताफ नहजुर फराााह ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 432 प्रिालशत लभस्र भें है फज़
ु ुयगाने

असहाफे भौहम्भद स. ने जो हाकपज़े


ु़ ़ुयआन व सन्
ु नते नफवी थे जान लरमा था

कि भैं िबी एि साअत िे लरमे बी फ़यभाने ऽुदा औय यसर


ू स. दयू नहीॊ हुआ

औय ऩैाम्फये अियभ स. िी ऽानतय िबी अऩनी जान िी ऩयवा नहीॊ िी। जफ

हदरेयों ने याहे फ़याय इख़्तेमाय िी औय फड़े फड़े ऩहरवान ऩीछे हट आमे, इस

शज
ु ाअत औय जवाॊ भयदी िे फाएस जो ऽुदा ने भझ
ु े अता िी है भैंने जॊग िी औय

यसर
ू े ऽुदा स. िी ़ब्ज़े रूह इस हारत भें हुई कि आऩिा सये भफ
ु ायि भेये सीने

ऩय था। इनिी जान भेये ही हाथों ऩय फदन से जुदा हुई। चन


ु ान्चे भैंने अऩने हाथ

(रूह ननिरने िे फाद) अऩने चेहये ऩय भरे। भैंने ही आॊ हज़यत स. िे जसदे

अतहय िो ास्
ु र हदमा औय फ़रयश्तों ने भेयी इस िाभ भें भदद िी। ऩस फैते नफवी

औय उसिे एतयाफ़ से गगयमाओ जायीु़ िी सदा फरन्द हुई। फ़रयश्तों िा एि गगयोह

226
जाता था तो दस
ू या आ जाता था। उनिी नभाज़े जनाज़ा िा हभहभा भेये िानों से

जद
ु ा नहीॊ हुआ महाॊ ति कि आऩिो आऽयी आयाभ गाह भें यख हदमा गमा। ऩस

आॊ हज़यत िी हमात व भभात भें उनसे भेये भ़


ु ाफरे भें िौन सज़ावाय था। जो

िोई इसिा अदआ ियता है वह सही नहीॊ िहता।

(तयजभ
ु ा नहजर
ु फरागा, यईस अहभद जाफ़यी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 1200 प्रिालशत राहौय)

इसी किताफ िे ऩष्ृ ठ 1303 ऩय है कि भेये भाॉ फाऩ आऩ ऩय ़ुयफान ऐ यसर


ू े

ऽद
ु ा स. आऩिी वफ़ात से नफव
ू त, ऐहिाभे इराही औय अऽफाये आसभानी िा

लसरलसरा भन
ु ़ेता हो गमा। जो दस
ू ये ऩैाम्फायों िी वफ़ात ऩय िबी नहीॊ हुआ था।

आऩिी ऽुसलु समत मगानगत मह बी थी कि दस


ू यी भस
ु ीफतों से आऩने तसल्री दे

दी क्मों कि आऩिी भस
ु ीफत हय भस
ु ीफत से फारातय है औय दनु नमा से यहरत

फ़यभाने िी बफना ऩय आऩिो मह उभलू भमत व ऽुसलू समत हालसर है कि आऩिे

भातभ भें तभाभ रोंग मिसाॊ ददक भन्द औय सीना कपााय


ु़ हैं।

रफीक़ाए हयात की जद
ु ाई

यसर
ू े ियीभ स. िे इन्ते़ार ऩयु भरार िो अबी 100 हदन बी न गुज़ये थे कि

आऩिी यफ़ी़ा ए हमात हज़यत फ़ात्भा ज़ैहया स. अऩने ऩदये फज़


ु गु व
क ाय िी वफ़ात

िे सदभे वाैया से फतायीऽ 20 जभादस्


ु साननमा 11 हहजयी इन्ते़ार फ़यभा गईं।

हज़यत अरी (अ.स.) ने वसीमते फ़ात्भा स. िे भत


ु ाबफ़ हज़यत अफू फक्र, हज़यत

227
उभय, हज़यत आमशा िो शयीिे जनाज़ा नहीॊ होने हदमा औय शफ िे तायीि ऩदे भें

हज़यत फ़ात्भा ज़ैहया स. िो सऩ


ु द
ु े ऽाि फ़यभा हदमा। औय ज़भीन से भऽ
ु ानतफ हो

िय िहा, मा अयज़न असतो द़ा व दे मती हाज़ा बफन्ते यसर


ू अल्राह ऐ ज़भीन भैं

अऩनी अभानत तेये सऩ


ु द
ु क िय यहा हूॉ ऐ ज़भीन मह यसर
ू स. िी फेटी है । ज़भीन ने

जवाफ हदमा मा अरी अना अयफ़़ फेहा लभनिा ऐ अरी आऩ घऩयामें नहीॊ भैं

आऩसे ज़्मादा नभी िरूॊगी।

(भुअद्दतुर ़ुयफा ऩष्ृ ठ 129 तभाभ वा़ेमात िी तफ़सीर गुज़य चि


ु ी है ।)

िहादते पातेमा जहरा ऩर हज़रत अऱी (अ.ि.) का खुतफा

ज़भीन से भऽ
ु ानतफ होने िे फाद आऩने सयवये िामनात स. िो भऽ
ु ानतफ िय िे

िहा कि, मा यसर


ू अल्राह स. आऩिो भेयी जाननफ से औय आऩिी ऩड़ोस भें

उतयने वारी औय आऩ से जल्द भल्


ु ह़ होने वारी आऩिी फेटी िी तयफ़ से सराभ

हो। मा यसर
ू अल्राह स. आऩिी फयगुज़ीदा फेटी िी ये हरत से भेया सब्रो शिेफ

जाता यहा। भेयी हहम्भत व तवानाई ने साथ छोड़ हदमा रेकिन आऩिी भफ़
ु ाये ़त

िे हादसाए उज़भा औय आऩिी ये हरत िे सदभाए जाॊिह ऩय सब्र िय रेने िे फाद

भझ
ु े इस भलु सफत ऩय बी सब्र ही से िाभ रेना ऩड़ेगा जफ कि भैंने अऩने हाथों से

आऩिो ़ब्र िी रहद भें उताया औय इस आरभ भें आऩिी रूह ने ऩयवाज़ िी कि

आऩिा सय भेयी गयदन औय सीने िे दयलभमान यखा हुआ था। (इन्ना लरल्राहे व

228
इन्ना इरैहे यजेऊन) अफ मह अभानत ऩरटाई गई। गगयवीॊ यखी हुई चीज़ छुड़ा री गई

रेकिन भेया ाभ फे ऩामाॊ औय भेयी यातें फे ख़्वाफ यहें गी महाॊ ति कि ऽद


ु ा वन्दे

आरभ भेये लरमे बी इसी घय िो भन्


ु तखखफ
ु़ िये ज़जसभें आऩ यौऩ अफ़योज़ हैं।

मा यसर
ू अल्राह स. वह वक़्त आ गमा कि आऩिी फेटी आऩिो फताऐॊ कि किस

तयह आऩिी उम्भत ने उन ऩय ज़ुल्भ ढाने िे लरमे एिा िय लरमा। आऩ उनसे

ऩयू े तौय ऩय ऩछ
ू ें औय तभाभ अहवार औय वायदात दयमाफ़्त ियें । मह सायी

भलु सफत इन ऩय फीत गई हाराॊ कि आऩिो गुज़ये हुए िुछ ज़्मादा अयसा नहीॊ हुआ

था औय न आऩिे तज़कियों सें ज़फाने फन्द हुईं थीॊ। आऩ दोनों ऩय भेया सराभे

रूऽसती हो। ऐसा सराभ जो किसी भरर


ू औय हदर तॊग िी तयफ़ से होता है ।

अफ अगय भैं इस जगह से ऩरट जाऊॉ तो इस लरमे नहीॊ कि आऩ से भेया हदर

बय गमा औय अगय ठहया यहूॉ तो इस लरमे नहीॊ कि भैं इस वादे से फदज़न हूॉ जो

अल्राह ने सब्र ियने वारों से किमा है ।

(नहजर
ु फरााा भत
ु यजभा भफ़्
ु ती जाफ़य हुसन
ै ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 243 प्रिालशत

राहौय)

हज़रत अऱी (अ.ि.) की गोिा निीनी

ऩैाम्फये इस्राभ िे इन्ते़ारे ऩयु भरार औय उनिे इन्ते़ार िे फाद हारात

नीज़ फ़ात्भा ज़हया स. िी वफ़ाते हसयत आमात ने हज़यत अरी (अ.स.) िो उस

229
स्टे ज ऩय ऩहुॉचा हदमा, ज़जसिे फाद भस्
ु त़बफर िा प्रोग्राभ फनाना नागुज़ीय हो

गमा। मानी इन हारात भें हज़यत अरी (अ.स.) मह सोचने ऩय भजफयू हो गमे कि

आऩ आइन्दा ज़जन्दगी
ु़ किस असरफ
ू औय किस तयी़े से गज़
ु ायें । बफर आखखय
ु़ आऩ

इस नतीजे ऩय ऩहुॉचे कि 1. दश्ु भनाने आरे भौहम्भद िो अऩने हार ऩय छोड़ दे ना

चाहहमे। 2. गोशा नशीनी इख़्तेमाय िय रेना चाहहमे। 3. हत्तर भ़दयू भौजूदा सयू त

भें बी इस्राभ िी भल्


ु िी व ाैय भल्
ु िी खखदभत
ु़ ियते यहना चाहहमे चन
ु ान्चे आऩ

इसी ऩय िायफन्द हो गमे।

हज़यत अरी (अ.स.) ने जो प्रोग्राभ भयु त्तफ फ़यभामा वह ऩैाम्फये इस्राभ िे

फ़यभान िी यौशनी भें भयु त्तफ फ़यभामा क्मों कि इन्हें इन हारात िी ऩयू ी इत्तेरा थी

औय उन्होंने हज़यत अरी (अ.स.) िो सफ फता हदमा था। अल्राभा इब्ने हजय

लरखते हैं इन्नल्राहा ताआरा अतरा नफीमा अरा भाम़ूना फाआदा भभा अब्तेरा

फा अरी कि ऽुदा वन्दे आरभ ने अऩने नफी िो इन तभाभ उभयू से फा ऽफय िय

हदमा था जो उनिे फाद होने वारे थे औय इन हारात व हादे सात िी इत्तेरा िय दी

थी, ज़जसभें अरी (अ.स.) भज़ु ब्तरा हुमे। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 72) यसर
ू े ियीभ स.

ने फ़यभामा था कि ऐ अरी (अ.स.) भेये फाद तुभिो सख़्त सदभात ऩहुॉचग


े ,े तुम्हे

चाहहमे कि इस वक़्त तुभ तॊग हदर न हो औय सब्र िा तयी़ा इख़्तेमाय ियो औय

जफ दे खना कि भेये सहाफा ने दनु नमा इख़्तेमाय िय री है तो तुभ आऽेयत इख़्तेमाय

किमे यहना। (यौज़ातु अहफाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 559 व भदाये जुर नफूवत ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 511)

230
मही वजह है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने तभाभ भसाएफ व आराभ ननहामत ऽन्दा

ऩेशानी से फयदाश्त किमे भगय तरवाय नहीॊ उठाई औय गोशा नशीनी इख़्तेमाय िय

िे जभ ए िुयु़ आन िी तिभीर ियते यहे औय वक़्तन फ़वक़्तन अऩने भशवेयों से

इस्राभ िी िभय भज़फत


ू फ़यभाते यहे ।

ास्फे खखराफ़त
ु़ िे फाद तरवाय न उठाने िी वजह फाज़ फयादयाने इस्राभ मह

िह दे ते हैं कि जफ अरी (अ.स.) िी खखराफ़त


ु़ ास्फ िी गई औय उन्हें भसाएफ व

आराभ से दो चाय किमा गमा तो उन्होंने फद्रो, ओहद, ऽैफयो खन्द़ िी चरी हुई

तरवाय िो ननमाभ से फाहय क्मों न ननिार लरमा औय सब्र ऩय क्मों भजफयू हो

गमे रेकिन भैं िहता हॉ ू कि अरी (अ.स.) जैसी शखखु़ ़्समत िे लरमे मह सवार ही

ऩैदा नहीॊ होता कि उन्होंने इस्राभ िे अहदे अव्वर भें जॊग क्मों नहीॊ िी। क्मों कि

इब्तेदा उम्र से ता हमाते ऩैाम्फय अरी (अ.स.) ही ने इस्राभ िो ऩयवान चढ़ामा

था। हय भहऱे भें इस्राभ ही िे लरमे रड़े थे। अरी (अ.स.) ने इस्राभ िे लरमे

िबी अऩनी जान िी ऩयवाह नहीॊ िी थी। बरा अरी (अ.स.) से मह क्मों िय

भज़ु म्िन हो सिता था कि यसर


ू े ियीभ स. िे इन्ते़ार िे फाद वह तरवाय उठा

िय इस्राभ िो तफाह िय दे ते औय सयवये िामनात िी भेहनत औय अऩनी

भशक़़्त िो अऩने लरमे तफाह व फयफाद िय दे ते। इस्तेमाफ अब्दर


ु फय ज़जल्द 1

ऩष्ृ ठ 183 प्रिालशत है दयाफाद भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) फ़यभाते हैं कि भैंने

रोगों से मह िह हदमा था कि दे खो यसर


ू अल्राह स. िा इन्ते़ार हो चि
ु ा है

231
औय खखराफ़त
ु़ िे फाये भें भझ
ु से िोई नज़ा न िये क्मों कि हभ ही उसिे वारयस हैं

रेकिन ़ौभ ने भेये िहने िी ऩयवाह न िी। ऽद


ु ा ़सभ अगय दीन भें तफ़ये ़ा

ऩड़ जाने औय अहदे िुफ्र िे ऩरट आने िा अन्दे शा न होता तो भैं उनिी सायी

िायवाईमाॊ ऩरट दे ता। फ़तेहुर फायी, शयह फऽ


ु ायी ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 204 िी इफायत

से वाज़े होता है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने इस तयह चश्भ ऩोशी िी ज़जस तयह

िुफ़्र िे ऩरट आने िे ऽौफ़ से हज़यत यसर


ू े ियीभ स. भन
ु ाकप़ों
ु़ औय

भव
ु ल्रेफ़तुर ़ुरफ
ू िे साथ ियते थे। िन्ज़ुर आभार ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 33 भें है कि

आॊ हज़यत भन
ु ाकपिो
ु़ िे साथ इस लरमे जॊग नहीॊ ियते थे कि रोग िहने रगें गे

कि भौहम्भद स. ने अऩने अस्हाफ िो ़त्र िय डारा। किताफ भअ


ु ज़ल्रभर

तन्ज़ीर सफ़ा 414, अहमा अर उरभ


ू ज़जल्द4 सफ़ा 88 सीयते भोहम्भहदमा सफ़ा

356, तफ़सीये िफीय ज़जल्द 4 सफ़ा 686, तायीऽे ऽभीस ज़जल्द 2 सफ़ा 1139,

सीयते हज़ल्फमा सफ़ा 356, शवाहे दन


ु नफव
ू त औय फ़तेहुर फायी भें है कि आॊ हज़यत

ने आएशा से फ़यभामा कि ऐ आएशा रौराहद सान ़ौभिा बफर िुफ़्र रेफ़आरत

अगय तेयी िौभ ताज़ी भस


ु रभान न होती तो भैं इसिे साथ वह ियता जो ियना

चाहहमे था।

हज़यत अरी (अ.स.) औय यसर


ू े ियीभ स. िे अहद भें िुछ ज़्मादा फ़िऱ् न था

ज़जन वजूह िी बफना ऩय यसर


ू स. ने भन
ु ाकपिों
ु़ से जॊग नहीॊ िी थी। उन्हीॊ वजूह

िी बफना ऩय हज़यत अरी (अ.स.) ने बी तरवाय नहीॊ उठाई। (िन्ज़ुर अभार,

232
ज़जल्द 6 सफ़ा 69, ऽसाएसे लसमत
ू ी ज़जल्द 2 सफ़ा 138 व यौज़तुर अहफाफ ज़जल्द

1 सफ़ा 363, इज़ारतर


ु ऽफ़ा ज़जल्द 1 सफ़ा 125 वाैया भें भऽ
ु तलरफ़ तयी़े से

हज़यत िी वसीमत िा ज़जक्र


ु़ है औय इसिी वज़ाहत है कि हज़यत अरी (अ.स.) िे

साथ क्मा होना है औय अरी (अ.स.) िो उस वक़्त क्मा ियना है चन


ु ान्चे हज़यत

अरी (अ.स.) ने इस हवारे िे फाद कि भेयी जॊग से इस्राभ भज़न्जरे


ु़ अव्वर भें ही

ऽत्भ हो जामेगा। भैंने तरवाय नहीॊ उठाई। मह फ़यभामा कि ऽुदा िी ़सभ भैंने

उस वक़्त िा फहुत ज़्मादा ख़्मार यखा कि यसर


ू े ऽुदा स. ने भझ
ु से अहदे ऽाभोशी

व सब्र रे लरमा था। तायीऽे आसभ िूफ़ी सफ़ा 83 प्रिालशत फम्फई भें हज़यत अरी

(अ.स.) िी वह त़यीय भौजूद है जो आऩने खखराफ़ते


ु़ उस्भान िे भौ़े ऩय फ़यभाई

है । हभ उसिा तयजुभा आसभ िूफ़ी उदक ू प्रिालशत दे हरी िे सफ़ा 113 से ऩर

ियते हैं। ऽुदाए जरीर िी ़सभ अगय भौहम्भद यसर


ू अल्राह स. हभसे अहद न

रेते औय हभिो इस अम्र से भत्त


ु ेरा न िय चि
ु े होते जो होने वारा था तो भैं

अऩना ह़ िबी न छोड़ता औय किसी शख़्स िो अऩना ह़ न रेने दे ता। अऩने

ह़ िो हालसर ियने िे लरमे इस ़दय िोलशशे फरीा ियता कि हुसर


ू े भतरफ से

ऩहरे भयज़े हराित भें ऩड़ने िा बी ख़्मार न ियता। इन तभाभ तहयीयों ऩय नज़य

डारने िे फाद मह अभय योज़े यौशन िी तयह वाज़े हो जाता है कि हज़यत अरी

(अ.स.) ने जॊग क्मों नहीॊ िी औय सब्र व ऽाभोशी िो क्मों तयजीह दी।

233
भैंने अऩनी किताफ अर ाफ़ायी िे सफ़ा 121 ऩय हज़यत अफू ज़य िे

भत
ु ाअज़ल्ऱ अभीयर भोभेनीन हज़यत अरी (अ.स.) िे इयशाद व अरा अरभन

इज्ज़ कपहा
ु़ िी शयह ियते हुए इभाभे अहरे सन्
ु नत इब्ने असीय जज़यी िी एि

इफायत तहयीय िी है ज़जसभें हज़यत अरी (अ.स.) िी जॊग न ियने िी वजह ऩय

यौशनी ऩड़ती है । वह मह है :-

ननहामतुर रा
ु त इब्ने असीय जज़यी िे सफ़ा 231 भें है अर एजाज़ जभा इज्ज़

व हू भोऽयाशी मयीद फेहा आखखरूर


ु़ अभयू एजाज़ इज्ज़ िी जभा है ज़जसिे भानी

भोऽयशी िे हैं औय ज़जसिा भतरफ आखखय


ु़ उभयू ति ऩहुॊचने से भत
ु ाअज़ल्ऱ है ।

इसिे फाद अल्राभा जज़यी रफ़्ज़े एजाज़ िी शयह ियते हुए हज़यत अरी (अ.स.)

िी एि हदीस ऩर फ़यभाते हैं वभन हदीस अरी रना ह़ अन नाता नाऽज़ा व

अन नभनआ नय़फ एजाज़ अर फर व अन ता़ा सया आऩ फ़यभाते हैं खखराफ़त


ु़

हभाया ह़ है अगय दे हदमा गमा तो रे रेगें औय अगय हभें योि हदमा मानी हभें

न हदमा गमा तो हभ ऐजाज़े अफर ऩय सवायी ियें गे। मानी आखखय


ु़ ति अऩने इस

ह़ िे लरमे जद्दो जेहद जायी यखें गे औय उसभें भद्


ु दत िी ऩयवाह न ियें ग,े महाॊ

ति कि उसे हालसर िय रें। मही वजह है कि सरभ व सब्र अल्र ताऽीय वरभ

म़ातर व इननभा ़ातर फाद एन ़्आ़ाद अर इभाभता हदर तॊग औय सब्र िे

आखखय
ु़ ति फैठे यहे औय ऽुल्फ़ाए वक़्त से जॊग नहीॊ िी कपय जफ उन्होंने इभाभत

(खखराफ़त)
ु़ हालसर िय री तो उसे सही उसर
ू ों ऩय चराने िे लरमे ज़रूयी सभझा।

234
हज़रत अऱी (अ.ि.) का क़ुरआन ऩेि करना

नरू
ू र अफसाय इभाभ शफरन्जी भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने यसर
ू े ियीभ

स. िे ज़भाने भें ़ुयआने भजीद जभा िय िे आॊ हज़यत िी खखदभत


ु़ भें ऩेश किमा

था। ज़जल्द 1 सफ़ा 73, सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 76 भें है कि जफ आऩिो फैय्मते

अफू फक्र िे लरमे भजफयू किमा गमा औय िहा गमा तो आऩने फ़यभामा कि भैंने

़सभ खाई है कि जफ ति ़ुयआने भजीद िो भि


ु म्भर तौय ऩय जभा न िय

रॉ ग
ू ा रयदा न ओढ़ूगाॊ। (एत़ाने लसमूती सफ़ा 57) हफीफ अर लसमय ज़जल्द 1 सफ़ा 4

भें है कि अरी (अ.स.) िा ़ुयआन तन्ज़ीर िे भत


ु ाबफ़ था। फेहारूर अनवाय व

भनाकिफ
ु़ ज़जल्द 2 सफ़ा 66 भें है कि अभीरूर भोभेनीन ने ऩयू ा ़ुयआन जभा

ियने िे फाद उसे चादय भें रऩेटा औय रे िय भज़स्जद भे ऩहुॉचे औय हज़यत अफू

फक्र से िहा कि मह ़ुयआन है ज़जसे भैंने तन्ज़ीर िे भत


ु ाबफ़ जभा किमा है औय

जो आॊ हज़यत स. िी नज़य से गुज़य चि


ु ा है, इसे रे रो औय याएज िय दो।

आऩने मह बी िहा कि भैं इसे इस लरमे ऩेश िय यहा हूॉ कि भझ


ु े आॊ हज़यत

(अ.स.) ने हुक्भ हदमा था कि एतभाभे हुज्जत िे लरमे ऩेश ियना। किताफ फ़सर

अर ऽत्ताफ भें है कि उन्होंने जवाफ हदमा कि इसे वाऩस रे जाओ। हभें तुम्हाये

़ुयआन िी ज़रूयत नहीॊ है । अल्राभा स्मत


ू ी तायीऽर
ु ऽर
ु फ़ु़ा िे सफ़ा 184 भें

235
इब्ने सीयीन िा ़ौर ऩर ियते हुए लरखते हैं कि अगय वह ़ुयआन ़ुफर
ू िय

लरमा गमा होता तो रोगों िो फे इन्तेहा फ़ाएदा ऩहुॉचता।

हज़रत अऱी (अ.ि.) के मह


ु ाफ़पज़े इस्ऱाम मिवरे

मह भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि अऩने से ऩहरे ऽुरेफ़ा िो गद्दाय, ऽाईन,

िाज़जफ,
ु़ गन
ु ाहगाय सभझते थे। (सही भज़ु स्रभ ज़जल्द 2 सफ़ा 91 प्रिालशत नवर किशोय)

औय उनिी सीयत से इस दयजा फेज़ाय थे कि भौ़ाए त़रूकये खखराफ़त


ु़ हज़यत

उस्भान, सीयते शेऽैन िी शतक िी वजह से तख़्त छोड़ना गवाया किमा था रेकिन

इस से इन्िाय नहीॊ किमा जा सिता कि हज़यत अरी (अ.स.) अऩने ज़ाती जज़फात

ऩय ऽुदा व यसर
ू स. िे जज़फात िो भ़
ु द्दभ यखते थे। अभयो बफन अब्दवद
ु ने

जफ जॊगे खन्दि भें आऩिे चेहया ए भफ


ु ायि िे साथ रोआफे दहन से फे अदफी िी

थी औय आऩिो ास्
ु सा आ गमा था तो आऩ सीने से उतय आए थे, तािे िाये ऽद
ु ा

भें अऩना ज़ाती ास्


ु सा शालभर न हो जाम। मही वजह थी कि आऩ हदर तॊग औय

नायाज़ होने िे फवजूद तहफ़्फ़ुज़े व़ाये इस्राभ िी ऽानतय ऽुरफ़ा िो अऩने भज़ीद

भशवयों से नवाज़ते यहे । लभसार िे लरमे भर


ु ाहे ज़ा हों।

1. ़ैसये योभ ने दस
ू ये ऽरीफ़ा से सवार िय हदमा कि आऩिे ़ुयआन भें िौन

सा सयू ा है जो लसफ़क सात आमतों ऩय भश


ु तलभर है औय इसभें सात हुरूफ़ हुरूफ़े

तहजी िे नहीॊ हैं। इस सवार से आरभे इस्राभ भे हरचर भच गई। हुफ़्फ़ाज़ ने

236
फहुत गौयो कपक्र
ु़ िे फाद हगथमाय डार हदमे। हज़यत उभय ने हज़यत अरी (अ.स.)

िो फर
ु वा बेजा औय मह सवार साभने यखा, आऩने फ़ौयन इयशाद फ़यभामा कि वह

सयू ा ए हम्द है । इस सयू े भें सात आमतें हैं औय इसभें से, जीभ, ऽे, ज़े, शीन,

ज़ोम, फ़े नहीॊ हैं।

2. उरभाए महूद ने दस
ू ये ऽरीफ़ा से असहाफे िहफ़ िे फाये भें चन्द सवारात

किमे, आऩ उनिा जवाफ न दे सिे औय आऩ ने अरी (अ.स.) िी तयफ़ रूजु िी,

हज़यत ने ऐसा जवाफ हदमा कि वह ऩयू े तौय ऩय भत


ु भइन हो गमे। हज्रे अस्वद िे

फोसा दे ने ऩय हज़यत अरी (अ.स.) ने जो फमान हदमा है उस से हज़यत उभय िी

ऩशेभानी, फद
ु यू े साफ़या लसमत
ू ी भें भौजूद है ।

3. एहदे अव्वर भें नीज़ अहदे सानी िी इब्तेदा भें शयाफ ऩीने ऩय (40) चारीस

िोड़े भाये जाते थे। हज़यत उभय ने मह दे ख िय कि इस हद से योफ नहीॊ जभता

औय िसयत से शयाफ ऩी यहे हैं, हज़यत अरी (अ.स.) से भशवेया किमा, आऩने

फ़यभामा कि चारीस िे फजाम (80) अस्सी िोड़े िय हदमे जाऐ औय उसिे लरमे

मह दरीर ऩेश िी कि जो शयाफ ऩीता है वह नशे भें होता है औय ज़जसिो नशा

होता है वह हहज़मान फिता है औय जो हहज़मान फिता है वह इफ़तेया ियता है । व

अरी अर भफ़
ु तयी सभानन
ू औय इफ़तेया ियने वारों िी सज़ा अस्सी िोड़े हैं

रेहाज़ा शयाफी िो बी अस्सी िोड़े भायने चाहहमे। हज़यत उभय ने इसे तस्रीभ िय

लरमा। (भतारेफुस सूऊर सफ़ा 104)

237
ु़
4. एि हाभेरा औयत ने जेना किमा हज़यत उभय ने हुक्भ हदमा कि उसे सॊगसाय

किमा जाए। हज़यत अरी (अ.स.) ने फ़यभामा कि ज़ेना औयत ने किमा है रेकिन

वह फच्चा जो ऩेट भें है, उसिी िोई ऽता नहीॊ, रेहाज़ा औयत ऩय उस वक़्त हद

जायी िी जाए जफ वज़ए हभर हो चि


ु े । हज़यत उभय ने तस्रीभ िय लरमा औय

साथ ही साथ िहा् अगय अरी न होते तो उभय हराि हो जाता।

5. जॊगे रूभ भें आऩने जाने िे भत


ु ाअज़ल्ऱ हज़यत उभय ने हज़य अरी (अ.स.)

से भशवेया किमा।

6. जॊगे फ़ायस भें बी खद


ु शयीिे जॊग होने िे भत
ु ाअज़ल्ऱ हज़यत अरी (अ.स.)

से भशवेया लरमा। भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने हज़यत

उभय िो ऽुद जॊग भें जाने से योिा औय फ़यभामा कि अगय आऩ शहीद हो जामेंगे

तो िसये शाने इस्राभ होगी। हज़यत अरी (अ.स.) िे भशवेये ऩय हज़यत उभय

फहादयु ों िे भस
ु रसर ज़ोय दे ने िे फावजूद जॊग भें शयीि न हुए। भेया ख़्मार है कि

हज़यत अरी (अ.स.) ने ननहामत ही साएफ भशवेया हदमा था क्मों कि वह जॊगे फद्र

औय ऽैफय, ऽन्द़ िे वा़ेमात व हारात से वाकिफ़


ु़ थे। अगय ऽद
ु ा न ऽासता

भैदान छूट जाता तो म़ीनन िसये शाने इस्राभ होती। अगय शहादत से िसये

शाने इस्राभ िा अन्दे शा होता तो हज़यत अरी (अ.स.) सयवये िामनात स. िो बी

भशवेया दे ते कि आऩ किसी जॊग भें ऽुद न जाइमे। तायीऽ भें है कि वह फयाफय

जाते औय ज़ख़्भी होते यहे । ओहद भें तो जान ही ऽतये भें आ गई थी।

238
7. लभस्टय अभीय अरी तायीऽे इस्राभ भें लरखते हैं कि हज़यत अरी (अ.स.) िे

भशवेये से ज़भीन िी ऩैभाईश िी गई औय भार गज़


ु ायी िा तयी़ा याएज किमा

गमा।

8. आऩ ही िे भशवेये से सन ़् हहजयी ़ामभ हुआ।

मिवरों के मुताअजल्ऱक़ इस्ऱाम की रायें

अल्राभा इब्ने अबफर हदीद लरखते हैं कि जफ हज़यते उभय ने चाहा कि ऽद


जॊगे योभ व ईयान भें जामें तो हज़यत अरी (अ.स.) ही ने उनिो भफ़


ु ीद भशवेया

हदमा ज़जसिो हज़यत उभय ने शि


ु रयमे िे साथ ़ुफर
ू किमा औय वह अऩने इयादे

से फाज़ यहे औय हज़यत उस्भान िो बी ऐसे ़ीभती भशवेये हदमे ज़जनिो अगय वह

़ुफर
ू िय रेते तो उन्हें हवाहदसों आफ़ात िा साभना न ियना ऩड़ता। उफैद उल्राह

अभयतसयी लरखते हैं कि तभाभ भव


ु ये ऽीन भत्त
ु कप़
ु़ हैं कि इस्राभ भें हज़यत उभय

से ज़्मादा िोई ऽरीफ़ा भद


ु ज़ब्फय ऩैदा नहीॊ हुआ इसिी ऽास वजह मह थी कि

हज़यत उभय हय फाफ भें हज़यत अरी (अ.स.) से भशवेया रेते थे। (अयजहुर भतालरफ

सफ़ा 227) लभस्टय अभीय अरी लरखते हैं कि हज़यत उभय िे अहदे हुिूभत भें

ज़जतने िाभ ये फ़ाहे आभ िे हुमे वह सफ हज़यत अरी (अ.स.) िी सराह व भशवये

से अभर भें आमे।

(तायीऽे इस्राभ)

239
मिवरों के अऱावा जानी इमदाद

हज़यत अरी (अ.स.) ने लसफ़क भशवेयों ही से अहदे गोशा नशीनी भें इस्राभ िी

भदद नहीॊ कि फज़ल्ि जानी खखदभात


ु़ बी अन्जाभ दी है । लभसार िे लरमे अज़क है

कि जफ फ़तेह लभस्र िा भौ़ा आमा तो हज़यत अरी (अ.स.) ने अऩने ऽानदान िे

नौजवानों िो फ़ौज भें बयती ियामा औय उनिे ज़रयमे से जॊगी खखदभात


ु़ अन्जाभ

हदमे। शैऽ भौहम्भद इब्ने भौहम्भद बफन भआज़ भम्रेिते लभस्र भें भस
ु रभानों िी

फ़तूहात िे लसरलसरे भें िहते हैं कि भफ


ु ायिफाद िे ़ाबफर हैं हज़यत अरी (अ.स.)

िे बतीजे औय दाभाद भज़ु स्रभ बफन अ़ीर औय उनिे बाई ज़जन्होंने भहाज़े लभस्र

भें सख़्त जॊग िी औय इस दयजा ज़ख़्भी हुए कि ऽून उनिी ज़जयह


ु़ ऩय से जायी था

औय ऐसा भारभ
ू होता था कि ऊॉट िे ज़जगय िे टूिड़े हैं। (भुराहे ज़ा हो किताफ

ू ात, सफ़ा 64 प्रिालशत फम्फई 1286 ई0) इसी तयह फ़तेह शश


फ़तह ु तय िे भौ़े ऩय 170

हहजयी भें आऩिे बतीजे भौहम्भद इब्ने जाफ़य औय औन बफन जाफ़य शहीद हुए।

(तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 3 सफ़ा 81 फा हवारा तायीऽे िालभर व इज़स्तमाफ।)

हज़रत अऱी (अ.ि.) और इस्ऱाम में िड़कों की तामीरी फुतनयाद

हज़यत अरी (अ.स.) फज़ाते खद


ु ु़ सीयाते भस्
ु त़ीभ थे औय आऩिो यास्तो से

ज़्मादा हदरचस्ऩी थी। आऩ फ़यभाते थे कि भैं ज़भीन व आसभान िे यास्तों से

240
वाकिफ़
ु़ हूॉ। हाकपज़
ु़ है दय अरी ़रन्दय सीयते अरववमा भें लरखते हैं कि जज़जमे
ु़ िा

भार व रूऩमा रशिय िी आयास्तगी सयहद िी हहफ़ाज़त औय किरों


ु़ िी ताभीय भें

सफ़क होता था औय जो उससे फच यहता था वह सड़िो ऩर


ु ों िी तय्मायी औय

सरयशतमे तारीभ िे िाभ भें आता था। (एहसनुर इन्तेऽाफ, सफ़ा 488 प्रिालशत रखनऊ

1351 हहजयी)

इसी सीयते अरववमा िी यौशनी भें कप़ही


ु़ किताफों भें सड़ि िी ताभीय िी

तयफ़ रफ़्ज़े फ़ी सफी लरल्राह से इशाया किमा गमा है । (शयाए अर इस्राभ प्रिालशत

ईयान 1207 ई0) भें है कि फ़ी सफी लरल्राह से भय


ु ाद भऽसस
ू जॊगी एऽयाजात हैं

औय एि ़ौर है कि इसभें यास्तों औय ऩर


ु ों िी ताभीय, ज़ामयों िी इभदाद,

भज़स्जदों िी भयम्भत बी शालभर है औय भज


ु ाहहद िो चाहे वह अऩने भाभेरात भें

ानी हीॊ क्मों न हो इभदाद दे नी ज़रूयी है । सफीर भाने यास्ते िे हैं औय इसिी

इज़ाफ़त अल्राह िी तयफ़ दे ने से फाहवारा भज़िूया साबफत होता है कि सड़ि िी

ताभीय िो बी ऽास अहलभमत हालसर है । इसी लरमे हज़यत अरी (अ.स.) ने सड़ि

िी ताभीय भें ऩयू े इनहे भाि िा सफ


ु त
ू हदमा है । अल्राभा हालशभ फहयै नी किताफ

भदीनातुर भआज़जज़ िे सफ़ा 79 ऩय फाहवारा इब्ने शहये आशोफ तहयीय फ़यभाते

हैं कि हज़यत अरी (अ.स.) ने 17 भीर ति अऩने हाथों से ज़भीन हभवाय िी औय

सड़ि िी ताभीय फ़यभाई औय हय भीर ऩय ऩत्थय नस्फ िय िे उन ऩय हाज़ा भीरे

अरी तहयीय फ़यभामा चॊकू ि इस ज़भाने भे ऩरो हभर िा िोई ज़रयमा न था इस

241
लरमे इन वज़नी ऩत्थयों िो ज़जन्हें फड़े ़वी है ़र रोग उठा न सिते थे। हज़यत

अरी (अ.स.) ऽद
ु उठा िय रे जाते थे औय नस्फ ियते थे औय उठाने िी शान मह

थी कि दो ऩत्थयों िो हाथों भें रे रेते थे औय एि िो ऩैयों िी ठोियों से आगे

फढ़ाते थे। इसी तयह तीन तीन ऩत्थय रे जा िय हय भीर ऩय सॊगे भीर नस्फ

ियते थे। अल्राभा लशब्री ने हज़यत उभय िे भोहक़्भए जॊगी िी ईजाद िो अर

फ़ारूऽ भें फड़े शद्दो भद से लरखा है, रेकिन हज़यत अरी (अ.स.) िी इस अहभ

रयफ़ाही खखदभत
ु़ िा िहीॊ बी िोई ज़जक्र
ु़ नहीॊ किमा हाराकि हज़यत अरी (अ.स.)

िी मह वह फनु नमादी खखदभत


ु़ है ज़जसिा जवाफ ना भभ
ु किन है ।

हज़रते उस्मान की खखऱाफत और वफात

भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि हज़याते शेऽैन िी वफ़ात िे फाद भसरए खखराफ़त
ु़

कपय ज़ेये फहस रामा गमा औय हज़यत अरी (अ.स.) से िहा गमा कि आऩ सीयते

शेऽैन ऩय अभर ऩैया होने िा वामदा िीज़जमे तो आऩिो ऽरीफ़ा फना हदमा जाए।

आऩने फ़यभामा कि भैं खुदा व यसर


ू स. औय अऩनी साएफ याम ऩय अभर िरूॊगा

रेकिन सीयते शेऽैन ऩय अभर नहीॊ िय सिता। (तफयी ज़जल्द 5 सफ़ा 37 व शयह

कप़हे
ु़ ु ़ुयआन सफ़ा 36 प्रिालशत जद्दा) इस फ़यभाने िे
अिफय सफ़ा 80 औय तायीखर

फाद रोगों ने इसी इ़याय िे ज़रयमे हज़यत उस्भान िो ऽरीफ़ा फना हदमा। हज़यत

उस्भान ने अऩने अहदे खखराफ़त


ु़ भें ऽव
ु ेश ऩयवयी, अ़ये फा नवाज़ी िी। फड़े फड़े

242
अस्हाफे यसर
ू स. िो ज़जरा वतन किमा। फैतुर भार िे भार भें फेजा तसरूकफ़

किमा। अऩनी रड़िी िे लरमे भहय ताभीय ियामे। भयवान बफन हिभ िो अऩना

दाभाद औय वज़ीये आज़भ फना लरमा। हाराॊकि यसर


ू अल्राह स. उसे शहय फदय

िय चि
ु े थे, औय शेऽैन ने बी इसे दाखखरे
ु़ भदीना नहीॊ होने हदमा था। कपदि
ु़

इसिे हवारे िय हदमा। फाज़ भोअज़जु़ ़्ज़ज़ सहाफा िो वऩटवामा। गुज़ये हुए अहद भें

जो ़ुयआन याएज थे उन्हे जभा िय िे जरा हदमा। ज़जन असहाफ ने अऩने

़ुयआन न हदमे थे उन्हें भज़स्जद भे इतना वऩटवामा कि ऩसलरमाॊ टूट गईं। हज़यत

आमशा उम्भर
ु भोभेनीन िा वज़ीफ़ा फन्द िय हदमा औय हज़यत भौहम्भद इब्ने

अफी फक्र िो ़त्र िय दे ने िी ऩयू ी साज़जश


ु़ िी। इन्हीॊ हारात िी वजह से नतीजा

मह फयाभद हुआ कि हज़यत आमशा ने रोगों िो हुक्भ हदमा कि अ़तरू नासर

इस रम्फी दाढ़ी वारे िो ़त्र िय दो।

(यौज़ातुर अहफाफ ज़जल्द 3 सफ़ा 12 -20, भजभउर बफहाय सफ़ा 372, नहामा इब्ने असीय

सफ़ा 166)

इस फ़यभाने िे फाद आऩ हज िो तशयीफ़ रे गईं। आऩिे जाने िे फाद रोगों ने

उस्भान िो ़त्र िय डारा। जफ आऩिो भक्िे भें ़त्रे उस्भान िी ऽफय लभरी

तो आऩ फहुत ऽश
ु हुईं। भव
ु ये ऽीन ने लरखा है कि आऩिे जनाज़े ऩय हज़यत अरी

(अ.स.) भदीने भें होने िे फावजद


ू नभाज़े जनाज़ा न ऩढ़ सिे। आऩिी राश िुड़े

ऩय डार दी गई औय िुत्तो ने एि टाॊग खा री। (तायीऽे आसभ िूफ़ी) अरायज़ आऩ

243
18 ज़जज़ल्हज्जा
ु़ सन ़् 35 हहजयी मौभे जुभा 88 सार िी उम्र भें ़त्र हो िय

महूहदमों िे ़फयस्तान (ऽशे िौिफ) भें दफ़्न हुमे।

हज़रत अऱी (अ.ि.) की खखऱाफते ज़ाहे री

ऩैाम्फये इस्राभ स. िे इन्ते़ार िे फाद हज़यत अरी (अ.स.) गोशा नशीनी िे

आरभ भें फ़याएज़े भन्सफी अदा फ़यभाते यहे महाॊ ति कि खखराफ़त


ु़ िे तीन दौये

इस्राभ िी त़दीय िे चक्िय फन िय गज़


ु य गमे औय 35 ई0 भें तख़्ते खखराफ़त
ु़

ऽारी हो गमा। 23, 24 सार िी भद्


ु दते हारात िो ऩयखने औय ह़ व फानतर िे

फ़ैसरे िे लरमे िाफ़ी होती हैं। बफर आखखय


ु़ असहाफ इस नतीजे ऩय ऩहुॉचे कि

तख़्ते खखराफ़त
ु़ हज़यत अरी (अ.स.) िो बफरा शतक हवारे िय दे ना चाहहमे।

चन
ु ान्चे असहाफ िा एि अज़ीभ गगयोह हज़यत अरी (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़जय
ु़

हुआ। इस गगयोह भें ईया़, लभस्र, शाभ, हहजाज़, कपरस्तीन


ु़ औय मभन िे नभ
ु ाइन्दे

शालभर थे। उन रोगों ने खखराफ़त


ु़ ़ुफर
ू ियने िी दयख़्वास्त िी।

हज़यत अरी (अ.स.) ने फ़यभामा भझ


ु े इसिी तयफ़ याफत नहीॊ है तुभ किसी

औय िो ऽरीफ़ा फना रो। इब्ने ऽरदन


ू िा फमान है कि जफ रोगों ने इस्राभ िे

अन्जाभ से हज़यत िो डयामा, तो आऩने यज़ा ज़ाहहय फ़यभाई। नहजुर फरााा भें है

कि आऩने फ़यभामा कि भैं ऽरीफ़ा हो जाऊॊगा तो तम्


ु हे हुक्भे ऽद
ु ावन्दी भानना

ऩड़ेगा। फहय हार आऩने ज़ाहे यी खखराफ़त


ु़ ़ुफर
ू फ़यभा री। भस
ु ज़न्नफ़ बफयीफ़ सयवे

244
ने लरखा है कि अरी (अ.स.) 655 ई0 भें तख़्ते खखराफ़त
ु़ ऩय बफठाए गमे। जो

ह़ी़त िे रेहाज़ से यसर


ू स. िे फाद ही होना चाहहमे था। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 3

सफ़ा 26) यौज़ातर


ु अहफाफ भें है कि खखराफ़ते
ु़ ज़ाहहयमा ़ुफर
ू ियने िे फाद आऩने

जो ऩहरा ऽुतफा ऩढ़ा उसिी इब्तेदा इन रफ़्ज़ो से थी। अरहम्दो लरल्राह अरा

एहसाना ़द यजअर ह़ अरा भिानेह ऽुदा िा राख राख शक्र


ु औय उसिा

एहसान है कि उसने ह़ िो अऩने भयिज़ औय भिान ऩय कपय रा भौजूद किमा।

तायीऽे इस्राभ औय जाभए अब्फासी भें है कि 18 ज़जज़ल्हज्जा


ु़ िो हज़यत अरी

(अ.स.) ने खखराफ़ते
ु़ ज़ाहे यी ़ुफर
ू फ़यभाई औय 25 ज़जज़ल्हज्जा
ु़ 35 हहजयी िो

फैमते आम्भा अभर भें आई। इन्साइक्रोऩीड़डमा फयटाननिा भें है कि जफ भौहम्भद

साहफ स. ने इन्ते़ार फ़यभामा तो अरी (अ.स.) भें भज़हफे इस्राभ िे भस


ु ल्रभ

अर सफ
ु त
ू सयदाय होने िे हु़ू़ भौजूद थे रेकिन दस
ू ये तीन साहफ अफू फक्र, उभय

व उस्भान ने जामे खखराफ़त


ु़ ऩय ़ब्ज़ा िय लरमा औय अरी (अ.स.) भर
ु क़़्फ फा

ऽरीफ़ा न हुमे रेकिन फादे उस्भान 656 हहजयी भें अरी (अ.स.) ऽरीफ़ा हो गमे,

अरी (अ.स.) िे अहदे खखराफ़त


ु़ भें सफ से ऩहरा िाभ तरहा व ज़फ
ु यै िी फाावत

िो फ़यो ियना था। ज़जन्हें फी फी आमशा ने फहिामा था। आमशा अरी (अ.स.) िी

सख़्त दश्ु भन थीॊ औय ऽास उन्हीॊ िी वजह से अरी (अ.स.) अफ ति ऽरीफ़ा न

हो सिे थे। (भोहज़्ज़फ भुिारेभा, सफ़ा 34) भव


ु रयक ऽ जयजी ज़ैदान लरखते हैं कि, अगय

हज़यत उभय िे ज़भाने भें जफ रोगों िे हदरों भें नफव


ू त िी दहशत औय रयसारत

245
िी है फत ़ामभ थी औय सच्चा दीन ़ामभ था, हज़यत अरी (अ.स.) भस
ु रभानों

िे हाकिभ भ़
ु यक य होते तो आऩिी हुिूभत औय लसमासत िहीॊ फेहतय औय आरा

साबफत होती औय आऩिे िाभों भें ज़याक फयाफय बी ज़ोफ़ ज़ाहहय न होता रेकिन

इसिो क्मा किमा जाम कि आऩिे ऩास खखराफ़त


ु़ िी खखदभत
ु़ उस वक़्त आई जफ

रोगों िी ननमतें फ़ालसद हो गईं थीॊ औय इन्तेज़ाभाते भल्


ु िी औय उसर
ू ी हुिूभत िे

भत
ु ाअज़ल्ऱ वालरमो औय भातहतों िे हदरों भें हहयस व रारच ऩैदा हो गई थी

औय इन सफ से ज़्मादा रारची औय भक्िाय भाववमा इब्ने अफू सकु पमान


ु़ था

क्मोकि इसने अऩनी हुिूभत जभाने िे लरमे रोगों िो धोिा फ़ये फ दे िय उनिे

साथ भक्र व हीरा िय िे औय भस


ु रभानों िा भार फे दये ा रट
ु ा िय रोगों िो

अऩनी तयफ़ िय लरमा था। (तायीऽ अर तभद्दन


ु अर इस्राभी 4 सफ़ा 37 प्रिालशत लभस्र)

फ़ाज़जर
ु़ भाअसय सैय्मद इब्ने हसन जायचावी लरखते हैं कि अगय अरी (अ.स.)

यसर
ू स. िे फाद ही ऽरीफ़ा तसरीभ िय लरमे जाते तो दनु नमा लभनहाजे रयसारत

ऩय चरती औय याहवाये सरतनत व हुिूभत दीने ह़ िी शाहयाह ऩय सयऩट दौड़ता

भगय भसरेहत औय दयू अन्दे शी िे नाभ से जो आइन व रूसभ


ू हुिभयाॊ जभाअत

िा जुज़वे ज़जन्दगी
ु़ औय औढना बफछोना फन गमे थे, उन्होंने अरी (अ.स.) िी

ऩोज़ीशन नाहभवाय औय उनिा भौिफ़ ना इस्तेवाय फना हदमा था। वऩछरों दौय िी
ु़
गैय इस्राभी यसभों औय इज़म्तमाज़ ऩसन्द ज़ेहननमतों िी इस्राह ियने भें उनिो

246
फड़ी हदक़़्त हुई औय कपय
ु़ बी खानतय
ु़ ख़्वाह िाभमाफी हालसर न हो सिी। तफीमते

आदभ भसावात िी खग
ू य औय भाअशयती अदर से िोसों दयू हो चि
ु ी थीॊ।

टरी (अ.स.) ने फैअत िे दस


ू ये यौज़ फैतर
ु भार िा जामज़ा लरमा औय सफ िो

फयाफय त़सीभ िय हदमा। हफशी ार


ु ाभ औय ़ुयै शी सयदाय दोनों िो दो दो

हदयहभ लभरे। इस ऩय ऩेशानी ऩय लसरवटें ऩड़ने रगीॊ। फनी उभय्मा िो इस दौय भें

अऩनी दार गरते नज़य न आई। िुछ भाववमा से जा लभरे, िुछ उम्भर
ु भोभेनीन

आमशा िे ऩास भक्िे जा ऩहुॉच।े आसभ िूफ़ी िा फमान है कि आमशा हज से

वाऩस आ यहीॊ थीॊ कि उन्हें ़त्रे उस्भान िी ऽफय लभरी। उन्होने ननहामत

इशतेमा़ से ऩछ
ू ा कि अफ िौन ऽरीफ़ा हुआ। िहा गमा, अरी मह सन
ु िय

बफल्िुर ऽाभोश हुईं। अब्दल्


ु राह इब्ने सरभा ने िहा, क्मा आऩ उस्भान िी

भज़म्भत औय अरी (अ.स.) िी तायीफ़ नहीॊ ियती थीॊ, अफ नाऽुश िा सफफ क्मा

है ? फ़यभामा आखखय
ु़ वक़्त भें उसने तौफा िय री थी। अफ उसिा ़सास चाहती

हूॊ। इब्ने ऽल्दन


ू िा फमान है कि आमशा ने ऐरान ियामा कि जो शख़्स इस्राभ

िी हभददी ियना औय ऽन
ू े उस्भान िा फदरा रेना चाहता हो औय उसिे ऩास

सवायी न हो, वह आम उसे सवायी दी जामेगी। बफयीफ़ सयवे ऑफ़ हहस्री भें है कि

आमशा जो अरी (अ.स.) िी ऩयु ानी औय हभेशा िी दश्ु भन थीॊ अदावत भें इस िद्र

फढ़ गईं कि उनिे भाज़ूद िय ने िे लरमे एि फ़ौज जभा िय री।

247
हज़यत अरी (अ.स.) िो एि दस
ू यी हदक़़्त मह दयऩेश थी कि साया आरभे

इस्राभ इन उभवी आलभरो औय हाकिभों से तॊग आ गमा था जो हज़यत उस्भान

िे अहद भें भाभयू थे, अगय अरी (अ.स.) उनिो फ दस्तयू यहने दे ते तो हुिूभत िे

फवजूद जभहूय िो चैन न लभरता, औय अगय हटाते हैं तो भख


ु ालरफ़ों
ु़ िी तादाद भें

इज़ाफ़ा ियते हैं। हुक्िाभ व आलभर भद्


ु दत से ऽुदसयी िे आदी औय फैतूर भार

िो हज़भ ियने िे ऽूगय हो चि


ु े थे। अिसय उनभें ऐसे थे ज़जनिे फाऩ दादा

अज़ीज़ व अ़योफा अरी (अ.स.) िी तरवाय से भौत िे घाट उतय चि


ु े थे मा

अरी (अ.स.) िो खये औय फे रौस अदरों इन्साफ़ िा तभाशा दे ख चि


ु े थे। उनिो

नज़य आ यहा था कि अरी (अ.स.) हैं तो हभ नहीॊ यह सिते औय यहे बी तो भन

भानी नहीॊ िय सिते। उन्होने वह िभीनगाह (छुऩने िी जगह) तराश िी जहाॊ फैठ

िय वह दाभादे यसर
ू स.अ.व.व. ऩय तीय चरा सिें औय वह भोयचे फनाए औय वह

घाहटमाॊ खोदीॊ ज़जनिी आड़ भें छुऩ िय वह नई हुिूभत िो जड़ से उखाड़ सिें।

तरहा व ज़फ
ु यै जो ऽद
ु हुिूभत िे ख़्वाहाॊ औय खखराफ़त
ु़ िे आयज़ू भन्द थे औय

हज़यत आमशा िी हहभामत औय भदद उनिो हालसर थी। ऩहरे तो हज़यत अरी

(अ.स.) से फैमत िय फैठे, कपय रगे उनसे साज़जशे


ु़ ियने। एि हदन आम औय फसये

औय िूफ़े िी हुिूभत तरफ ियने रगे। हज़यत अरी अ ने िहा भझ


ु े तुम्हायी

ज़रूयत है, भदीने भें यहो औय योज़ भयाक िे िायोफाये हुिूभत भें भेयी भदद ियो।

दस ॊ टन एमयववॊग लरखता
ू ये हदन वह भक्िा जाने िी इजाज़त भाॊगने आम। वालशग

248
है , ऐसी हारत भें कि रफ ऩय त़वा औय हदर भें भक्र था। मह आमशा से जा

लभरे जो भऽ
ु ारेफ़त िे लरमे तैय्माय थीॊ। मही भव
ु रयक ऽ लरखता है । अरी (अ.स.)

ऽरीफ़ा हो गमे रेकिन दे खते थे कि उनिी हुिूभत जीभ नही है । गज़


ु शता ऽरीफ़ा

िे ज़भाने भें फहुत सी फद उन्वाननमाॊ ऩैदा हो गईं थीॊ ज़जनभें इस्राह िी ज़रूयत

थी औय फहुत से सफ
ू े उन रोगों िे हाथ भें थे ज़जनिी वफ़ादायी ऩय उनिो

भत
ु ऱन एतेभाद न था। उन्होंने इस्राहे आभ िा इयादा किमा।

गवरनरों की तक़रूारी

ऩहरी इस्राह मह थी कि गवनकय हटा हदमे जामें। रोगों ने उनिे इस अभर िी

भोअफ़े़त न िी भगय अरी (अ.स.) ने न भाना औय गवयनयों िी त़रूकयी फ़यभा

दी। आऩने हाराते हाज़या िे ऩेशे नज़य इस ओहदे ऩय ज़्मादा उन रोगों िो फ़ाएज़

किमा ज़जन ऩय आऩिो िालभर एतेभाद था औय जो अहदे साबफ़ भें अऩने हु़ू़े

सयदायी से भहरूभ यखे गमे थे। आऩने अब्दल्


ु राह िो मभन िा, सईद िो फहयै न

िा, सभाआ िो तहाभा िा, औन िो लभमाभा िा, ़सभ िो भक्िे िा, ़ैस िो

लभस्र िा, उस्भान बफन हनीफ़ िो फसये िा, अम्भाय िो िूफ़े िा औय सहर िो

शाभ िा गवनकय भ़
ु यक य फ़यभा हदमा। हज़यत अरी (अ.स.) िो सराह दी गई कि

वह भाववमा िो अऩनी जगह यहने दें भगय अरी (अ.स.) ने ऐसी सराहों ऩय

तवज्जोह न िी औय ़सभ खाई कि भैं यास्ते से भन्


ु हरयफ़ उभयू ऩय अभर न

249
िरूॊगा। एहसान अल्राह अब्फासी तायीऽे इस्राभ भें लरखतें हैं। अरी (अ.स.) ने

सीधे तौय ऩय जवाफ हदमा कि भैं उम्भते यसर


ू स. ऩय फयू े रोगों िो हुक्भयाॊ नहीॊ

यख सिता। अल्राभा जयज़ी ज़ैदान तायीऽे तभद्दन


ु े इस्राभी भें लरखते हैं, मह

अम्र ऩहरे भारभ


ू हो चि
ु ा है कि अफू सकु पमान
ु़ औय उसिी औराद ने भहज़

भजफयू ी िे आरभ भें इस्राभ ़ुफर


ू किमा था क्मों कि उनिो अऩनी िाभमाफी से

भामस
ू ी हो चकु ि थी इस लरमे भाववमा िो खखराफ़त
ु़ िी आयज़ू भहज़ दनु नमावी

अायाज़ िी वजह से ऩैदा हुई। ़ुयै श िे चन्द चीदा चीदा सयदाय उनिे ऩास जभा

हो गमे। अायाज़े नफ़सानी िी बफना ऩय भन्सफे खखराफ़त


ु़ िा ऽानदाने फनी

हालशभ भें जाना उनिो फहुत शा़ गुज़य यहा था।

आलभर हटते गमे औय िुछ भाववमा िे ऩास शाभ भें औय िुछ उम्भर
ु भोभेनीन

आमशा िे ऩास भक्िे भें जभा होते गमे। तरहा व जफै


ु ु़ य भक्िे जा िय उम्भर

भोभेनीन से लभरे औय इन्ते़ाभे उस्भान िे नाभ से एि तहयीि उठाई। अब्दल्


ु राह

इब्ने आलभय औय रैरा इब्ने उभय्मा ने जो भाज़र


ू गवनकय थे औय फैतर
ु भार िा

रूऩमा रे िय बाग आम थे भारी इम्दाद दी। तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 3 सफ़ा 169

भें है कि फा यवामते साहफे यौज़ातुर अहफाफ व इब्ने ऽरदन


ू , इब्ने असीय रैरा ने

जनाफे आमशा िो साठ हज़ाय (60,000) दीनाय जो छ् राख (6,00,000) हदयहभ

होते हैं औय छ् सौ (600) ऊॉट इस ायज़ से हदमे कि अरी (अ.स.) से रड़ने िी

तैय्मायी ियें । उन्हीॊ ऊॉटों भें एि ननहामत उम्दा अज़ीभ उर जुस्सा ऊॉट था ज़जसिा

250
नाभ असिय था औय ज़जसिी ़ीभत फ यवामत भसद
ू ी दो सौ अशयफ़ी थी।

भव
ु रयक ऽीन िा फमान है कि इसी ऊॉट ऩय सवाय हो िय जनाफ उम्भर
ु भोभेनीन

आमशा दाभादे यसर


ू स. शौहये फत
ु र
ू अरी (अ.स.) से रड़ीॊ औय इसी ऊॉट िी

सवायी िी वजह से इस रड़ाई िो जॊगे जभर िहा गमा।

जॊगे जमऱ

(36 हहजयी)

मह भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि हज़यत अरी (अ.स.) ़त्रे उस्भान िे फाद 18

ज़जरहहज्जा
ु़ 35 हहजयी िो तख़्ते खखराफ़त
ु़ ऩय भत
ु भज़क्िन हुमे औय आऩने अनाने

हुिूभत सॊबारने िे फाद सफ से ऩहरा जो िाभ किमा वह ़त्रे उस्भान िी

तह़ी़ात से भत
ु ाअज़ल्ऱ था। नामरा ज़वजए उस्भान अगयचे िोई शहादत न दे

सिीॊ औय किसी िा नाभ न फता सिीॊ नीज़ उनिे अरावा बी िोई चश्भ दीद

गवाह न लभर सिा, ज़जसिी वजह से फ़ौयी सज़ाएॊ दी जामें रेकिन हज़यत अरी

(अ.स.) तह़ी़ाते म़ीनीमा िा अज़भे सभीभ िय चि


ु े थे। अबी आऩ किसी

नतीजे ऩय न ऩहुॉचने ऩामे थे कि भक्िे भें साज़जशें


ु़ शरू
ु हो गईं। हज़यत आमशा जो

हज से फ़याात िे फाद भदीने िे लरमे यवाना हो चि


ु ी थीॊ औय खखराफ़ते
ु़ अरी

(अ.स.) िी ऽफय ऩाने िे फाद कपय भक्िे भें जा िय फ़योिश हो गईं थीॊ। उन्होंने

चाय मायान, तल्हा, ज़फ


ु यै , अब्दल्
ु राह, अफर
ु माअरी िे भशवेये से इन्ते़ाभे ऽन
ू े

251
उस्भान िे नाभ से एि साज़जशी
ु़ तहयीि िी फनु नमाद डार दी औय ़त्रे उस्भान

िा इल्ज़ाभ हज़यत अरी (अ.स.) ऩय रगा िय रोगों िो बड़िाना शरू


ु िय हदमा

औय इसिा ऐराने आभ िया हदमा कि ज़जसिे ऩास अरी (अ.स.) से रड़ने िे लरमे

भदीना जाने िे वास्ते सवायी न हो वह हभें इत्तेरा दे , हभ सवायी िा फन्दो फस्त

ियें गे। उस वक़्त अरी (अ.स.) िे दश्ु भनों िी िभी नहीॊ थी। किसी िो आऩ से

फा
ु ज़े लरल्राही था, िोई जॊगे फद्र भें अऩने किसी अज़ीज़ िे भाये जाने से

भत
ु ाज़स्सय था, किसी िो प्रोऩेगन्डे ने भत
ु ाज़स्सय िय हदमा गमा था। ायज़ िे एि

हज़ाय अफ़याद हज़यत आमशा िी आवाज़ ऩय भक्िे भें जभा हो गमे औय प्रोग्राभ

फनामा गमा कि सफ से ऩहरे फसये ऩय छाऩा भाया जाम। चन


ु ान्चे आऩ इन्हीॊ

भज़िूया चायों अफ़याद िे भैभने औय भैसये ऩय भश


ु तलभर रशिय रे िय फसये िी

तयफ़ यवाना हो गईं। आऩिे साथ अज़वाजे नफी भें से िोई बी फीफी नहीॊ गई।

हज़यत आमशा िा मह रशिय जफ भ़


ु ाभे जातुर अय़ भें ऩहुॉचा तो भग
ु ीया औय

सईद इब्ने आस ने रश्िय से भर


ु ा़ात िी औय िहा कि तभ
ु अगय ऽन
ू े उस्भान

िा फदरा रेना चाहते हो तो तल्हा औय ज़फ


ु यै से रो क्मो कि उस्भान िे सही

़ानतर मह हैं औय अफ तुम्हाये तयफ़दाय फन गमे हैं। इनतहास भें है कि यवानगी

िे फाद जफ भ़ाभे हव्वाफ ऩय हज़यत आमशा िी सवायी ऩहुॉची औय िुत्ते बौंिने

रगे तो उम्भर
ु भोभेनीन ने ऩछ
ू ा कि मह िौन सा भ़
ु ाभ है? किसी ने िहा इसे

हवाफ िहते हैं। हज़यत आमशा ने उम्भे सरभा िी माद हदराई हुई हदीस िा

252
हवारा हो दे िय िहा कि भैं अफ अरी (अ.स.) से जॊग िे लरमे नहीॊ जाऊॉगी क्मों

कि यसर
ू अल्राह स. ने फ़यभामा था कि भेयी एि फीवी ऩय हवाफ िे िुत्ते बौिेंगे

औय वह ह़ ऩय न होगी रेकिन अब्दल्


ु राह इब्ने ज़फ
ु यै िे ज़जद
ु़ ियने से आगे

फढ़ीॊ, बफर आखखय


ु़ फसये जा ऩहुॉचीॊ औय वहाॊ िे अरवी गवकनय उस्भान बफन हनीफ़

ऩय यातो यात हभरा किमा औय चारीस आदलभमों िो भज़स्जद भें ़त्र िया हदमा

औय उस्भान बफन हनीफ़ िो गगयफ़्ताय िया िे उनिे सय, डाढ़ी, भॊछ


ू , बवें औय
ु़
ऩरिों िे फार नच
ु वा डारे औय उन्हें चारीस िोडे भाय िय छोड़ हदमा। उनिी

भद्द िे लरमे हिीभ इब्ने जब्रता आमे तो उन्हें बी सत्तय आदलभमों सभेत ़त्र

िया हदमा गमा। इस िे फाद फैतुर भाय ऩय ़ब्ज़ा न दे ने िी वजह से सत्तय

आदभी औय शहीद हुए, मह वा़ेमा 25 यफीउस सानी, 36 हहजयी िा है ।

(तफयी)

हज़यत अरी (अ.स.) िो जफ इत्तेरा लभरी तो आऩने बी तैय्मायी शरू


ु िय दी,

अबी आऩ फसये िी तयफ़ यवाना न होने ऩामे थे कि भक्िे से उम्भर


ु भोभेनीन

हज़यत उम्भे सरभा िा ऽत आ गमा। ज़जसभें लरखा था कि आमशा हुक्भे ऽुदा व

यसर
ू स. िे खखराफ़
ु़ आऩसे रड़ने िे लरमे भक्िे से यवाना हो गई हैं, भझ
ु े

अफ़सोस है कि भैं औयत हूॉ, हाज़जय


ु़ नहीॊ हो सिती, अऩने फेटे उभय बफन अफी

सरभा िो बेजती हूॉ इसिी खखदभत


ु़ ़ुफर
ू फ़यभामें।

(आलसभ िूफ़ी)

253
हज़यत अरी (अ.स.) आखखय
ु़ यफीउर अव्वर 36 हहजयी भें अऩने रशिय सभेत

भदीने से यवाना हुए। आऩने रश्िय िी अरभदायी भोहम्भदे हनकपमा


ु़ िे लसऩद
ु क िी

औय भैभने ऩय इभाभ हसन (अ.स.) औय भैसये ऩय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िो

भत
ु ाअय्मन फ़यभामा, औय सवायों िी सयदायी अम्भाये मालसय औय वऩमादों िी

नभ
ु ाइन्दगी भौहम्भद इब्ने अफी फक्र िे हवारे िी औय भ़
ु दभा तुर जैश िा

सयदाय अब्दल्
ु राह इब्ने अब्फास िो ़याय हदमा। भ़
ु ाभे ज़ब्दा भें आऩने ़माभ

फ़यभामा औय वहाॊ से िूफ़े िे वारी अफू भस


ू ा अशअयी िो लरखा कि फ़ौज यवाना

िये , रेकिन चॊकु ि वह आमशा िे ऽत से ऩहरे ही भत


ु ाज़स्सय हो चि
ु ा था रेहाज़ा

उसने फ़यभाने अरी (अ.स.) िो टार हदमा। हज़यत िो भ़ाभे ज़ी़ाया ऩय हारात

िी इत्तेरा लभरी, आऩने उसे भाज़ूद िय िे ़यज़ा इब्ने िाफ िो अभीय नाभज़द

िय हदमा औय भालरिे अशतय िे ज़रये मे से दारूर इभायाह ऽारी िया लरमा।

(तफयी)

इसिे फाद इभाभ हसन (अ.स.) िे हभयाह 7000 (सात हज़ाय) िूफ़ी औय

भालरिे अशतय िे हभयाह 12000 (फायह हज़ाय) िूफ़ी 6 हदन िे अन्दय जी़ाय
ु़

ऩहुॉच गमे। इसी भ़


ु ाभ ऩय उवैसे ़यनी ने बी ऩहुॉच िय फैमत िी। इसी भ़
ु ाभ

ऩय उन ऽुतूत िे जवाफ आमे जो यफज़ा से हज़यत ने (तल्हा व ज़ुफयै ) िो लरखे थे

ज़जनभें उनिी हयितों िा तज़किया किमा था औय लरखा था कि अऩनी औयतों िो

घय भें बफठा िय नाभस


ू े यसर
ू स. िो जो दय फदय कपया यहे हो इससे फाज़ आओ।

254
जवाफात भें इस्िीभ िे भातहत ़त्रे उस्भान िी यट थी। इसिे फाद इभाभ हसन

(अ.स.) ने एि ऽत
ु फे भें तरहा औय ज़फ
ु यै िे ़ानतरे उस्भान होने ऩय यौशनी

डारी। हज़यत अबी भ़ाभे ज़ी़ाय ही भें थे कि भज़रभ


ू उस्भान बफन हनीफ़

आऩिी खखदभत
ु़ भें जा ऩहुॉच।े हज़यत ने उस्भान िा हार दे ख िय फेहद अफ़सोस

किमा औय फ़ौयन फसये िी तयफ़ यवाना हो गमे। भस


ु ज़न्नफ़ तायीऽे आइम्भा लरखते

हैं कि आमशा िे रशिय िी आऽयी तादाद 30,000 (तीस हज़ाय) औय हज़यत

अरी (अ.स.) िे रशिय िी तादाद 20,000 (फीस हज़ाय) थी। सफ़ा 265 अल्राभा

अब्फासी लरखते हैं कि हज़यत अरी (अ.स.) तरहा, ज़फ


ु यै औय आमशा िे तभाभ

हारात दे ख यहे थे रेकिन मही चाहते थे कि रडाईु़ न हो। जफ फसये िे ़यीफ आऩ

ऩहुॉचे तो ़आ़ा इब्ने उभयो िो उन रोगों िे ऩास बेजा औय सर


ु ह िी ऩेश िश

िी। ़आ़ा ने जो रयऩोट वाऩस आिय ऩहुॉचाई इससे वह रोग तो भत


ु ाज़स्सय हुए

जो ज़ेये ़मादत आसभ इब्ने ़रीफ अरी (अ.स.) िे ऩास फतौये सफ़ीय आमे हुए
ु़
थे औय उनिी तादाद 100 (सौ) थी, रेकिन आमशा वगैया ऩय िोई ऽास असय न

हुआ। आसभ वाैया ने अरी (अ.स.) िी फैमत िय री औय अऩनी ़ौभ से जा िय

िहा कि अरी (अ.स.) िी फातें नबफमों जैसी हैं। ायज़ कि दस


ू ये हदन अरी (अ.स.)

फसया ऩहुॉच गमे। उसिे फाद जभर वारे फसया से ननिर िय भ़


ु ाभे ज़ाफ़
ु ा मा

ऽयबफमा भें जा ठहये औय वहाॊ से अरी (अ.स.) िे भ़


ु ाफरे िे लरमे हज़यत आमशा

ऊॊट ऩय सवाय हो िय खुद ननिर ऩड़ीॊ। हज़यत अरी (अ.स.) ने अऩने रशिय िो

255
हुक्भ हदमा कि आमशा औय उनिे रशिय ऩय हभरा न ियें , न उनिा जवाफ दें ।

ायज़ कि वह जॊग िी िोलशश िय िे वाऩस गईं। उसिे फाद अरी (अ.स.) ने ज़ैद

इब्ने सह
ू ान िो उम्भर
ु भोभेनीन िे ऩास बेज िय जॊग न ियने िी ख़्वाहहश िी

भगय िोई नतीजा फयाभद न हुआ।

15 जभाहदर आखखय
ु़ 36 हहजयी मौभे ऩॊजशम्फा फा वक़्ते शफ तल्हा व ज़ुफयै ने

शफऽूॉ भाय िय हज़यत अरी (अ.स.) िो सोते भें ़त्र िय डारना चाहा रेकिन

अरी (अ.स.) फेदाय थे औय तहज्जुद भें भशार


ू थे। हज़यत िो हभरे िी ऽफय दी

गई, आऩने हुक्भे जॊग दे हदमा। इस तयह जॊग िा आााज़ हुआ।

मैदाने कारज़ार

हज़यत आमशा िो तल्हा व ज़ुफयै रोहे व चभड़े से भढ़े हुमे हौदज भें फैठा िय

भैदान भें रामे औय अरभदायी िा भनसफ बी उन्हीॊ िे लसऩद


ु क किमा औय उसिी

सयू त मह िी कि हौदज भें झन्डा नस्फ िय िे भेहाये ना़ा अस्िय रामरी िे

लसऩद
ु क िय दी। मह दे ख िय हज़यत अरी (अ.स.) यसर
ू अल्राह स. िे घोड़े दर
ु दर

ऩय सवाय हो िय दोंनो रश्ियों िे दयलभमान आ खड़े हुम,े औय ज़ुफयै िो फर


ु ा िय

िहा कि तुभ रोग क्मा िय यहे हो, अफ बी सोचो औय उस ऩय ाौय ियो कि यसर

अल्राह स. ने तभ
ु से क्मा िहा था। ऐ ज़फ
ु यै क्मा तम्
ु हें भझ
ु से जॊग ियने िे

लरमे भना नहीॊ किमा था। मह सन


ु िय ज़फ
ु यै शयलभन्दा हुए औय वाऩस चरे आमे

256
रेकिन अऩने रड़िे अब्दल्
ु राह िे बड़िाने से आमशा िी तयफ़दायी भें नफयद

आज़भाई से फाज़ न आमे।

अरायज़ हज़यत अरी (अ.स.) ने जफ दे खा कि मह जभर वारे ऽॉयू े ज़ी से फाज़

न आमेंगे तो अऩनी फ़ौज िो ऽुदा िी तयसी िी तऱीन फ़यभाने रगे, आऩने

िहा:- 1. फहादयु ों लसफ़क दफ़मे दश्ु भन िी ननमत यखना। 2. इब्तेदाए जॊग न ियना।

3. भ़तूरो िे िऩड़े न उतायना। 4. सर


ु ह िी ऩेशिश भान रेना औय ऩेशिश

ियने वारे िे हगथमाय न रेना। 5. बागने वारों िा ऩीछा न ियना। 6. ज़ख़्भी

फीभाय औय औयतों व फच्चों ऩय हगथमाय न उठाना। 7. फ़तेह िे फाद किसी िे घय

भें न घस
ु ना।

इसिे फाद आमशा से फ़यभानो रगे, तुभ अऩयीफ ऩशेभान होगी औय अऩने

रोगों िी तयफ़ भत
ु ावज्जे हो िय िहा तुभ भें िौन ऐसा है जो ़ुयआन िे हवारे

से जॊग ियने से फाज़ यखे। मह सन


ु िय भज़ु स्रभ नाभी एि जाॊफाज़ इस ऩय तैमाय

हुआ औय ़ुयआन रे िय उनिे भजभे भें जा घस


ु ा। तल्हा ने उसिे हाथ िटवा

हदमे, औय कपय शहीद िया हदमा।

हज़यत अरी (अ.स.) िे रशिय ऩय तीयों िी फारयश शरू


ु हो गई। फायवामत

तफयी आऩने फ़यभामा अफ इन रोगों से जॊग जामज़ है । आऩने भौहम्भद बफन

हनकपमा
ु़ िो हुक्भ हदमा, भौहम्भद िाफ़ी रड़ िय वाऩस आमे। हज़यत अरी

(अ.स.) ने अरभ रे िय एि ज़फय दस्त हभरा किमा औय िहा फेटा इस तयह

257
रड़ते हैं। कपय अरभ भौहम्भद बफन हनकपमा
ु़ िे हाथ भें दे िय िहा हाॊ फेटा आगे

फढ़ो, भौहम्भद हनकपमा


ु़ अन्साय रे िय महाॊ ति कि हौदज ति भायते हुम जा

ऩहुॉच,े बफर आखखय


ु़ सात हदन िे फाद हज़यत अरी (अ.स.) खद
ु भैदान भें ननिर

ऩड़े औय दश्ु भन िो ऩसऩा िय डारा। भयवान िे ज़हय आरद


ू तीय से तल्हा भाये

गमे औय ज़ुफयै भैदाने जॊग से बाग ननिरे। यास्ते भे वादीउस्सफा िे ़यीफ उभय

बफने ज़यभोज़ ने उनिा िाभ तभाभ िय हदमा। उसिे फाद हज़यते आमशा फायह

हज़ाय जयाकय सभेत आखखयी


ु़ हभरे िे लरमे साभने आ गईं। अरवी रशिय ने इस

़दय तीय फयसाए कि हौदज ऩश्ु ते साही िे भाननन्द हो गमा। हज़यत आमशा ने

़ाअफ इब्ने असवद िो ़ुयआन दे िय हज़यत अरी (अ.स.) िे रशिय िी तयफ़

बेजा। भालरिे अशतय ने उसे यास्ते ही भें ़त्र िय हदमा। उसिे फाद आमशा िे

ना़े िो ऩैम िय हदमा गमा। ऊॉट हौदज सभेत गगय ऩड़ा औय रोग बाग ननिरे।

हज़यत अरी (अ.स.) ने भौहम्भद बफन अफी फक्र िो हुक्भ हदमा कि हौदज िे ऩास

जा िय उसिी हहफ़ाज़त ियें । उसिे फाद ऽद


ु ऩहुॉच िय िहने रगे, आमशा तभ
ु ने

हुयभते यसर
ू फयफाद िय दी। कपय भौहम्भद से फ़यभामा कि इन्हें अब्दल्
ु राह इब्ने

हनीफ़ ऽज़ाई फसयी िे भिान भें ठहयामें। हज़यत रे िुशतों िो दफ़्न िय ने िा

हुक्भ हदमा, औय ऐराने आभ ियामा कि ज़जसिा साभान जॊग भें यह गमा हो तो

जाभेउर फसया भें आ िय रे जाम। भसद


ू ी ने लरखा है कि इस जॊग भें 13,000

258
(तेयाह हज़ाय) आमशा िे औय 5,000 (ऩाॊच हज़ाय) हज़यत अरी (अ.स.) िे रशिय

वारे भाये गमे।

(भुरूज जुज़हफ, ज़जल्द 5 सफ़ा 177)

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि फ़तह िे फाद अब्दर
ु यहभान इब्ने अफी फक्र ने

हज़यते अरी (अ.स.) िी फैमत िय री। भसद


ू ी औय आसभ िूफ़ी ने लरखा है कि

हज़यत अरी (अ.स.) ने आमशा िो भत


ु ाअदद्हद आदलभमों से िहरा बेजा कि जल्द

से जल्द भदीने वाऩस चरी जाओ, रेकिन उन्होंने एि न सन


ु ी। आखखय
ु़ भें

फायवामते यौज़तुर अहफाफ व हफीफ उस सैय व आसभ िूफ़ी, इभाभ हसन (अ.स.)

िे ज़रयमे से िहरा बेजा अगय तुभ अफ जाने भें ताऽीय ियोगी तो भैं तुम्हे

ज़वज़जमते यसर
ू स. से तरा़ दे दॉ ग
ू ा। मह सन
ु िय वह भदीने जाने िे लरमे

तैय्माय हो गईं। हज़यते अरी (अ.स.) ने चारीस (40) औयतों िो भयदों िे

लसऩाहहमाना लरफास भें हज़यते आमशा िी हहफ़ाज़त िे लरमे साथ िय हदमा, औय

खुद बी फसये िे फाहय ति ऩहुॉचाने गमे। (अरखखज़यी


ु़ ज़जल्द 2 सफ़ा 90) औय

भौहम्भद बफन अफी फक्र िो हुक्भ हदमा कि इन्हें भॊज़जरे


ु़ भ़सद
ू ति जा िय

ऩहुॉचा आओ। एमयववॊग लरखता है कि आमशा िो अरी (अ.स.) िे हाथों सख़्त

फयताव िी उम्भीद हो सिती थी रेकिन वह आरी हौसरा शख़्स ऐसा न था जो

एि गगये हुए दश
ु भन ऩय शान हदखाता। उन्होंने इज़्ज़त दी औय चारीस आदलभमों

िे साथ भदीने िे तयफ़ यवाना िय हदमा।

259
उसिे फाद हज़यत अरी (अ.स.) ने फसये िे फैतुर भार िा जामज़ा लरमा,

6,00,000 (छ् राख) दयु े आफदाय फयाभद हुमे, आऩने सफ अहरे भाये िा ऩय

त़सीभ िय हदमे औय अब्दल्


ु राह इब्ने अब्फास िो वहाॊ िा गवनकय भ़
ु यक य िय िे

फयोज़ सोभवाय 16 यजफ 36 हहजयी िो िूफ़े िी तयफ़ यवाना हो गमे औय वहाॊ

ऩहुॉच िय िुछ हदनों ़माभ किमा औय दौयाने ़माभ भें िूफ़ा, ईया़, ऽुयासान,

मभन, लभस्र औय हयभैन िा इन्तेजाभु़ किमा। ायज़ शाभ िे लसवा तभाभ भभ


ु ालरिे

इस्राभी ऩय हज़यत िा तसल्रत


ु हो गमा औय ़ब्ज़ा फैठ गमा औय इस अन्दे शे से

कि भाववमा ईया़ ऩय ़ब्ज़ा न िय रे िूफ़े िो दारूर खखराफ़ा


ु़ फना लरमा। इब्ने

ऽल्दयू लरखता है कि जभर िे फाद लसस्तान भें फाावत हुई, हज़यत ने यज़ी इब्ने

़ास अम्फयी भो बेज िय उसे फ़यो ियामा।

ऽुयासान भें यफ़ए फाावत िे लरमे अरवी फ़ौज िी जॊग औय जनाफे शहय फानों

िा राना

तयीऽे इस्राभ भें है कि अहदे उस्भानी भें अहरे फ़ायस ने फाावत व सयिशी

िय िे अब्दल्
ु राह इब्ने भोअम्भय वारीए फ़ायस िो भाय डारा औय हुदद
ू े फ़ायस से

रशिये इस्राभ से ननिार हदमा। उस वक़्त फ़ायस िी रशियी छावनी भ़ाभे

असतऽय था। ईयान िा आखखयी


ु़ फादशा मज़द जयद इब्ने शहयमाय इब्ने किसया
ु़

अहरे फ़ायस िे साथ था। हज़यत उस्भान ने अब्दल्


ु राह इब्ने आलभय िो हुक्भ

हदमा कि फसया औय अभान िे रशिय िो लभरा िय फ़ायस ऩय चढ़ाई िये । उसने

260
ताभीरे इयशाद िी। हुदद
ू े अस्तऽा भें ज़फयदस्त जॊग हुई भस
ु रभान िाभमाफ हो

गमे औय अस्तऽय फ़तेह हो गमा।

अस्तऽय िे फ़तेह होने िे फाद 31 हहजयी भें मज़द जयद भ़ाभे यै औय कपय

वहाॊ से ऽुयासान औय ऽुयासान से भयव जा ऩहुॉचा औय वहीॊ सि


ु ू नत इख़्तेमाय िय

री। इसिे हभयाह चाय हज़ाय आदभी थे। भयव भे वह ऽा़ाने चीन िी साज़जशी
ु़

इभदाद िी वजह से भाया गमा औय शाहाने अजभ िे गोरयस्तान अस्तऽय भें दफ़्न

िय हदमा गमा।

जॊगे जभर िे फाद ईयान, ऽयु ासान िे इसी भ़ाभ भयव भें सख़्त फाावत हो

गमी उस वक़्त ईयान भें फायवामत इयशाद भफ़


ु ीद व यौज़तुर सफ़ा हयस इब्ने

जाबफय जाअफ़ी गवनकय थे। हज़यते अरी (अ.स.) ने भयव िे िज़जमा


ु़ न भयज़जमा
ु़ िो

ऽत्भ ियने िे लरमे इभदादी तौय ऩय ऽरीद इब्ने ़यआ मयफोई िो यवाना किमा।

वहाॊ जॊग हुई औय हयीस इब्ने जाबफय जाफ़ी ने मज़द जयद इब्ने शहयमाय इब्ने

िसया (जो अहदे उस्भानी भें भाया जा चि


ु ा था) िी दो फेहटमाॊ आभ असीयों भें

हज़यते अरी (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें इयसार िीॊ। एि िा नाभ शहय फानो औय

दस
ू यी िा नाभ िेहान फानो था। हज़यत ने शहय फानों इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो

औय िेहान फानों, भौहम्भद इब्ने अफी फक्र िो अता फ़यभाईं। (जाभेउर तवायीऽ सफ़ा

149, िशफ़र ाम्भा सफ़ा 89, भतारेफुर सेवेर सफ़ा 261, सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 120, नूरूर

अफसाय सफ़ा 126, तोहफ़ए सुरैभाननमा शयह इयशाहदमा सफ़ा 391 प्रिालशत ईयान)

261
जॊगे सिफ़्फीन

(36, 37 हहजयी)

लसफ़्फ़ीन नाभ है उस भ़ाभ िा जो फ़ुयात िे ायफी जाननफ फय़ा औय फारस

िे दयलभमान वा़े है । (भाजभुर फरदान सफ़ा 370) इसी जगह अभीयर भोभेनीन औय

भाववमा भें ज़फयदस्त जॊग हुई थी। इस जगह िे भत


ु ाअज़ल्ऱ उरेभा व भव
ु ये ऽीन

िा फमान है कि फानीए जॊगे जभर आमशा िी भाननन्द भाववमा बी रोगों िो

़त्रे उस्भान िे फ़ज़ी अफ़साने िे हवारे से हज़यते अरी (अ.स.) िे खखराफ़


ु़

बड़िाता औय उबायता था। जॊगे जभर िे फाद हज़यते अरी (अ.स.) िे शाभ ऩय

भ़
ु यक य किमे हुए हाकिभ सह
ु ै र इब्ने हनीफ़ ने िूफ़े आ िय हज़यत िो ऽफय दी कि

भाववमा ने ऐराने फाावत िय हदमा है औय उस्भान िी िटी हुई ऊॉगलरमों औय

ऽन
ू आरद
ू िुताक रोगों िो हदखा िय अऩना साथी फना यहा है औय मह हारत हो

चि
ु ी है कि रोगों ने ़सभे खा री हैं कि ऽूने उस्भान िा फदरा लरमे फाैय न

नयभ बफस्तय ऩय सोमगें न ठॊ डा ऩानी वऩमेंगे। उभये आस वहाॊ ऩहुॉच चि


ु ा है जो

उसे भदद दे यहा है । हज़यते अरी (अ.स.) ने भाववमा िो एि ऽत भदीने से दस


ू या

िूफ़े से इयसार िय िे दावते फैमत दी रेकिन िोई नतीजा फयाभद न हुआ।

भाववमा जो जभए रशिय भें भशार


ू ो भसरूफ़ था एि राख फीस हज़ाय

(1,20,000) अफ़याद ऩय भश
ु तलभर रश्िय रे िय भ़ाभे लसफ़्फ़ीन भें जा ऩहुॉचा।

262
हज़यते अरी (अ.स.) बी शव्वार 36 हहजयी भें (नऽलरमा औय भदाएन) होते हुमे

य़ा भें जा ऩहुॉच।े हज़यत िे रशिय िी तादाद नब्फे हज़ाय (90,000) थी। यास्ते

भें रशिय सख़्त प्मासा हो गमा। एि याहहफ िे इशाये से हज़यत ने ज़भीन से एि

ऐसा चश्भा फयाभद किमा जो नफी औय वसी िे लसवा किसी िे फस िा न था।

(आसभ िूफ़ी सफ़ा 212, यौज़तुर सफ़ा ज़जल्द 2 सफ़ा 392) हज़यत ने अऩने रशिय िो

सात हहस्सों भें त़सीभ किमा औय भाववमा ने बी सात टुिड़े िय हदमे। भ़ाभे

यिा ु़ से यवाना हो िय आफे फ़यात उफयू किमा। हज़यत िे भ़


ु द्दे भातुर जैश से

भाववमा िे भ़
ु द्दभ ने भज़ाहे भत िी औय वह लशिस्त खा िय भाववमा से जा

लभरा। हज़यत िा रशिय जफ वारयदे लसफ़्फ़ीन हुआ तो भारभ


ू हुआ िी भाववमा ने

घाट ऩय ़ब्ज़ा िय लरमा है औय अरवी रशिय िो ऩानी दे ना नहीॊ चाहता। हज़यत

ने िई ऩैााम्फय बेजे औय फज़न्दशे आफ िो तोड़ने िे लरमे िहा भगय सभाअत न

िी गई। बफर आखखय


ु़ हज़यत िी फ़ौज ने ज़फय दस्त हभरा िय िे घाट छीन

लरमा। भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि घाट ऩय ़ब्ज़ा ियने वारों भें इभाभ हुसन

(अ.स.) औय हज़यते अब्फास इब्ने अरी (अ.स.) ने िभार जयु अत िा सफ


ु त
ू हदमा

था। (ज़जिरूर
ु़ अब्फास सफ़ा 26 भोअल्रेफ़ा हिीय)ु़ हज़यत अरी (अ.स.) ने घाट ऩय

़ब्ज़ा ियने िे फाद ऐरान िया हदमा कि ऩानी किसी िे लरमे फन्द नहीॊ है ।

भतारेफस
ु सऊ
ू र भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) फाय फाय भाववमा िो दावते

भसारेहत दे ते यहे रेकिन िोई असय न हुआ आखखय


ु़ िाय भाहे ज़जज़ल्हज
ु़ भें रड़ाई

263
शरू
ु हुई औय इन्फ़ेयादी तौय ऩय साये भहीने होती यही। भोहयक भ 37 हहजयी भें जॊग

फन्द यही औय मिुभ सफ़य से घभासान िी जॊग शरू


ु हो गई। एमयववॊग लरखता है

अरी (अ.स.) िो अऩनी भयज़ी िे खखराफ़


ु़ तरवाय ऽैंचना ऩड़ी। चाय भहीने ति

छोटी छोटी रड़ाईमाॊ होती यहीॊ ज़जन्भे भाववमा िे 45,000 (ऩैंतालरस हज़ाय) आदभी

िाभ आमे औय अरी (अ.स.) िी फ़ौज ने उससे आधा नि


ु सान उठामा। ज़जिरूर
ु़

अब्फास सफ़ा 27 भें है कि अभीयर भोभेनीन अऩनी यवामती फहादयु ी से दश


ु भने

इस्राभ िे छक्िे छुड़ा दे ते थे। अभरू बफन आस औय फशय इब्ने अयताता ऩय जफ

आऩने हभरे किमे तो मह रोग ज़भीन ऩय रेट िय फये हना हो गमे। हज़यते अरी

(अ.स.) ने भॉह
ु पेय लरमा, मह उठ िय बाग ननिरे। भाववमा ने अभरू आस ऩय

ताना ज़नी ियते हुमे िहा कि दय ऩनाह औयत खुद गगयीख़्ती


ु़ तूने अऩनी शभकगाह

िे सद़े भें जान फचा री। भव


ु ये ऽीन िय फमान है कि मिुभ सफ़य से सात

शाफान योज़ जॊग जायी यही। रोगों ने भाववमा िो याम दी कि अरी (अ.स.) िे

भ़
ु ाफरे भे ऽद
ु ननिरें भगय वह न भाने। एि हदन जॊग िे दौयान भें अरी

(अ.स.) ने बी मही फ़यभामा था कि ऐ ज़जगय ख़्वाया िे फेटे क्मों भस


ु रभानों िो

िटवा यहा है तू ऽुद साभने आजा औय हभ दोनों आऩस भें फ़ैसरा िुन जॊग िय

रें। फहुत सी तवायीऽ भें है कि इस जॊग भें नब्फे (90) रड़ाईमाॊ व़


ु ू भें आईं। 110

योज़ ति फ़यी़ैन िा ़माभ लसफ़्फ़ीन भें यहा। भाववमा िे 90,000 (नब्फे हज़ाय)

औय हज़यते अरी (अ.स.) िे 20,000 (फीस हज़ाय) लसऩाही भाये गमे। 13 सफ़य

264
37 हहजयी िो भाववमा िी चार फाज़जमों
ु़ औय अवाभ िी फाावत िे फाएस फ़ैसरा

हिभैन िे हवारे से जॊग फन्द हो गई। तवायीऽ भें है कि हज़यते अरी (अ.स.) ने

जॊगे लसफ़्फ़ीन भें िई फाय अऩना लरफास फदर िय हभरा किमा है । तीन भयतफा

इब्ने अब्फस िा लरफास ऩहना, एि फाय अब्फास इब्ने यबफमा िा बेस फदरा, एि

दफ़ा अब्फास इब्ने हारयस िा रूऩ ़् इख़्तेमाय किमा औय जफ ़यीफ इब्ने सफा हभीयी

भ़
ु ाफरे िे लरमे ननिरा तो अऩने फेटे हज़यते अब्फास (अ.स.) िा लरफास फदरा

औय ज़फयदस्त हभरा किमा। भर


ु ाहे ज़ा हो भन
ु ाकिफे
ु़ (एहज़फ ऽवायज़भी सफ़ा 196

़रभी) रड़ाई ननहामत तेज़ी से जायी थी कि अम्भाये मालसय ज़जनिी उम्र 93 सार

थी, भैदान भें आ ननिरे औय अट्ठाया शालभमों िो ़त्र िय िे शहीद हो गमे।

हज़यत अरी (अ.स.) ने आऩिी शहादत िो फहुत भहसस


ू किमा। एमय ववॊग लरखता

है कि अम्भाय िी शहादत िे फाद अरी (अ.स.) ने फायह हज़ाय सवायों िो रे िय

ऩयु ाज़फ हभरा किमा औय दश


ु भनो िी सफ़ें उरट दी औय भालरिे अशतय ने बी

ज़फय दस्त फेशभ


ु ाय हभरे किमे।

दस
ू ये हदर सफ
ु ह िो हज़यत अरी (अ.स.) कपय रशिये भाववमा िो भख
ु ानतफ िय

िे फ़यभामा कि रोगों सन
ु रो कि अहिाभे ऽुदा भोअत्तर िो जा यहे हैं इस लरमे

भजफयू न रड़ यहा हूॊ। इस िे फाद हभरा शरू


ु िय हदमा औय िुशतों िे ऩश्ु ते रग

गमे।

265
ऱैऱतऱ
ु हरीर

जॊग ननहामत तेज़ी िे साथ जायी थी भैभना औय भैसया अब्दल्


ु राह औय भालरिे

अशतय िे ़ब्ज़े भें था। जुभे िी यात थी, सायी यात जॊग जायी यही। फयवामत

आसभ िूफ़ी 36,000 (छत्तीस हज़ाय) लसऩाही तयफ़ैन िे भाये गमे। 900 (नौ सौ)

आदभी हज़यत अरी (अ.स.) िे हाथों ़त्र हुए। रशिये भाववमा से अर ामास,

अर ामास िी आवाज़ें फरन्द हो गईं। महाॊ ति कि सफ


ु ह हो गई औय दोऩहय ति

जॊग िा लसरलसरा जायी यहा। भालरिे अशतय दश


ु भन िे ऽेभे ति जा ऩहुॉचे ़यीफ

था कि, भाववमा ज़द भें आ जाऐ औय रशिय बाग खड़ा हो। नागाह उभयो बफन

आस ने 500 (ऩाॊच सौ) ़ुयआन नैजा ु़ ऩय फरन्द िय हदमे औय आवाज़ दी कि

हभाये औय तम्
ु हाये दयलभमान ़ुयआन है । वह रोग जो भाववमा से रयशवत खा चि
ु े

थे फ़ौयत ताईद िे लरमे खड़े हो गमे औय अशअस बफन ़ैस, भसद


ू इब्ने नद़,

ज़ैद इब्ने हसीन ने आवाभ िो इस दयजा वयारामा कि वह रोग वही िुछ ियने

ऩय आभादा हो गमे जो उस्भान िे साथ िय चि


ु े थे भजफयू न भालरिे अशतय िो

फढ़ते हुए ़दभ औय चरती हुई तरवाय योिना ऩड़ी। भव


ु रयक ऽ गगफन लरखता है कि

अभीये शाभ बागने िा तहय्मा िय यहा था रेकिन म़ीनी फ़तेह, फ़ौज िे जोश

औय नाफ़यभानी िी फदौरत अरी (अ.स.) िे हाथ से छीन री गई। ज़यजी ज़ैदान

लरखता है कि नैजा ु़ ऩय ़ुयआन शयीफ़ दे ख िय हज़यत अरी (अ.स.) िी फ़ौज िे

रोग धोखा खा गमे। नाचाय अरी (अ.स.) िो जॊग भर


ु तवी ियनी ऩड़ी। बफर

266
आखखय
ु़ अवाभ ने भाववमा िी तयफ़ उभयो आस औय हज़यत िी तयफ़ से उनिी

भयज़ी िे खखराफ़
ु़ अफू भस
ू ा अशअयी िो हिभ भ़
ु यक य ियिे भाहे यभज़ान भें

फाभ़ाभ जोभतर
ु जन्दर फ़ैसरा सन
ु ाने िो तम किमा।

हकमैन का फैिऱा

अर ायज़ भाहे यभज़ान भें फभ़


ु ाभ अज़यह चाय चाय सौ अफ़याद सभेत उभयो

बफन आस औय अफू भस
ू ा अशअयी जभा हुमे औय अऩना वह फाहभी फ़ैसरा ज़जसिी

रू से दोनों िो खखराफ़त
ु़ से भाज़ूर ियना था, सन
ु ाने िा इन्तेज़ाभ किमा। जफ

लभम्फय ऩय जा िय ऐरान ियने िा भौ़ा आमा तो अफू भस


ू ा ने उभयो बफन आस

िो िहा कि आऩ जा िय ऩहरे फमान दें । उन्होंने जवाफ हदमा, आऩ फज़


ु ुगक हैं ऩहरे

आऩ फ़यभामें। अफू भस
ू ा लभम्फय ऩय गमे औय रोगों िो भऽ
ु ानतफ िय िे िहा कि

भैं अरी (अ.स.) िो खखराफ़त


ु़ से भाज़र
ू ियता हूॊ। मह िह िय उतय आमे। उभयो

बफन आस ज़जससे फ़ैसरे िे भत


ु ाबफ़ अफू भस
ू ा िो मह तवक़़्ो थी कि वह बी

भाववमा िी भाज़ूरी िा ऐरान िय दे गा रेकिन उस भक्िाय ने इसिे फय अक्स

मह िहा कि भैं अफू भस


ू ा िी ताईद ियता हूॉ औय अरी (अ.स.) िो हुिूभत से

हटा िय भाववमा िो ऽरीफ़ा फनाता हूॉ। मह सन


ु िय अफू भस
ू ा अशअयी फहुत

ऽफ़ा हुए रेकिन तीय तयिश से ननिर चि


ु ा था। मह सन
ु िय भजभे ऩय सन्नाटा

267
छा गमा। अरी (अ.स.) ने भस
ु िुया िय अऩने तयफ़दायों से िहा कि भैं न िहता

था कि दश
ु भन फ़ये फ दे ने िी कपक्र
ु़ भें है ।

जॊगे नहरवान

हिभैन िे भोहभर औय भक्िायाना फ़ैसरे िो हज़यत अरी (अ.स.) औय उनिे

तयफ़दायों ने भस्
ु तयद िय हदमा औय दोफाया आरा ऩैभाने ऩय फ़ौज िशी िा फ़ैसरा

औय तहय्मा िय लरमा। अबी इसिी नौफत न आने ऩाई थी कि ऽवारयज िी

फाावत िी इत्तेरा लभरी औय ऩता चरा कि वह रोग जो लसफ़्फ़ीन भें जॊग योिने

िे खखराफ़
ु़ थे अफ हज़यत िे सख़्त भऽ
ु ालरफ़ हो िय भ़ाभे हयवया भें आ यहे हैं।

कपय भारभ
ू हुआ कि वह रोग फादाद से चाय फ़यसऽ िे फ़ासरे ऩय फभ़
ु ाभ

नहयवान फतायीऽ 10 शव्वार 37 हहजयी जा ऩहुॉचे हैं औय वहाॊ भस


ु रभानों िो

सता यहे हैं। हज़यत ने भजफयू न उन ऩय चढ़ाई िी। 12,000 (फाहय हज़ाय) भें से

िुछ िूफ़े औय भदाएन चरे गमे औय िुछ ने फैमत िय री। चाय हज़ाय (4000)

आभादए ऩैिाय हुमे। बफर आखखय


ु़ रडाईु़ हुई औय नौ आदलभमों िे अरावा सफ भाये

गमे। इसी जॊग भें भशहूय भन


ु ाकप़
ु़ व ऽायजी ज़ुरसहदमा बी भाया गमा ज़जसिा

असरी नाभ भोज़ज था। इसिे एि हाथ िी जगह रम्फा सा वऩस्तान फना हुआ

था इसी लरमे इसे ज़र


ु सहदमा िहा जाता था।

268
मौहम्मद इब्ने अफी फक्र की इफरत नाक मौत

भौहम्भद इब्ने अफी फक्र लभस्र िे गवनकय थे। भाववमा ने छ् हज़ाय (6,000)

फ़ौज िे साथ अभय इब्ने आस िो भौहम्भद से भ़


ु ाफरे िे लरमे लभस्र बेज हदमा।

भौहम्भद ने हज़यत अरी (अ.स.) िो वा़ेए िी इत्तेरा दी। आऩने फ़ौयन जनाफे

भालरिे अशतय िो उनिी भदद िे लरऐ लभस्र यवाना िय हदमा। भाववमा िो जफ

भालरिे अशतय िी यवानगी िा ऩता चरा तो उसने भ़ाभे अयीश मा भज़ु ल्जभ
ु़ िे

ज़भीॊदाय िो ऽुकपमा
ु़ लरख िय बेजा कि भालरिे अशतय लभस्र जा यहे हैं, अगय
ु़
तुभ उन्हें दावत वगैयह िे ज़रयमे से ़त्र िय दो तो भैं तुम्हाया खखयाज
ु़ 20 सार

िे लरमे भाफ़ िय दॊ ग
ू ा। उस शख़्स ने ऐसा ही किमा। जफ भालरिे अशतय ऩहुॉचे

तो उसने दावत दी औय आऩिे लरमे इफ़ताये सोभ िा इन्तेजाभु़ किमा, औय दध


ू भें

ज़हय लभरा िय दे हदमा। जनाफे भालरिे अशतय शहीद हो गमे। (तायीऽे िालभर

ज़जल्द 3 सफ़ा 141 व तफयी ज़जल्द 6 सफ़ा 54) इधय भालरिे अशतय शहीद हुए उधय

उभयो आस ने जनाफे भौहम्भद इब्ने अफी फक्र ऩय लभस्र भें हभरा िय हदमा।

आऩने ऩयू ा ऩयू ा भ़


ु ाफरा किमा रेकिन नतीजे ऩय गगयफ़ताय हो गमे। आऩिो

भाववमा इब्ने ऽदीज ने भाववमा इब्ने अफू सकु पमान


ु़ िे हुक्भ से गधे िी खार भें

सी िय ज़जन्दा
ु़ जरा हदमा। हज़यते आमशा िो जफ इस इफयत नाि भौत िी ऽफय

लभरी तो आऩ फे हद यॊ ज़जदा हुईं औय ता हमात भाववमा औय उभयो आस िे लरमे

हय नभाज़ िे फाद फद दआ
ु ियने िो वतीया फना लरमा। (तायीऽे िालभर ज़जल्द 3

269
सफ़ा 143, हमातुर है वान वाैया) इस वाकिमे
ु़ से अभीयर भोभेनीन िो फेहद यॊ ज ऩहुॉचा

औय भाववमा िो ऽश
ु ी हुई। (तफयी इब्ने ऽल्दन ू ी) मह वा़ेमा सफ़य 38 हहजयी
ू भसद

िा है ।

(तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 सफ़ा 216)

किताफ ननहामतुर अयफ फ़ी भाये फ़त ननसाफर


ु अयफ भोअज़ल्रफ़ा अफर
ु अब्फास

अहभद बफने अरी बफन अहभद बफन अब्दल्


ु राह, तअऱशन्दी, अर भत
ु ावफ्पा

821, हहतयी भतफआ


ु फादाद 1908 ई0 भें भत
ु ाबफ़ 299 िे फ़ुट नोट भें है कि

भौहम्भद बफन अफी फक्र भक्िे भदीने िे दयलभमान 10 हहजयी भें ऩैदा हुए थे।

उनिी ऩयवरयश हज़यते अरी (अ.स.) िे आाोशे ियाभत भें हुई थी। वफ़ाते अफू

फक्र िे फाद उनिी भाॊ असभा बफन्ते उभैस से हज़यत ने अक़्द िय लरमा था।

हज़यत उनिो फे हद चाहते थे। मह जॊगे जभर औय लसफ़्फ़ीन भें हज़यत अरी

(अ.स.) िे साथ थे। सन ़् 37 भें अभीयर भोभेनीन (अ.स.) ने उन्हें लभस्र िा गवनकय

फना हदमा। जफ जॊगे लसफ़्फ़ीन से अभीयर भोभेनीन फइयादा यवाना हो गमे तो

भाववमा ने एि फड़ा रशिय बेज िय लभस्र ऩय हभरा िया हदमा। िाफ़ी जॊग हुई

बफर आखखय
ु़ भौहम्भद िो लशिस्त हुई। अख़्तफ़ी भौहम्भद फ़ाअयफ़ भाववमा बफन

ऽदीज भ़ाना ़ब्ज़ अरैहे व ़त्रा सभ


ु हय़ा भौहम्भद इब्ने अफी फक्र रूऩोश हो

गमे रेकिन भाववमा ने उन्हें तराश िय िे गगयफ़्ताय िय लरमा कपय उन्हें ़त्र

िय िे उन्हें जरा हदमा। फड़े ज़ाहहद थे। तायीऽे आसभ िूफ़ी िे सफ़ा 338 भें है

270
कि उन्हें गधे िी खार भें सी िय जरवा हदमा था। हज़यत भौहम्भद बफन अफी

फक्र िी शहादत िे नतीजे भें हज़यते आमशा िो बी िुएॊ भें गगया िय अभीये

भाववमा ने ऽत्भ िया हदमा था। (हफीफ उस सैय वाैया) असिी ़दये तफ़सीर आइन्दा

आमेगी।

इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) की ववऱादत

इसी सार सन ़् 38 हहजयी िे जभाहदमस


ु सानी िी 15 तायीऽ िो हज़यते इभाभ

ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) जनाफे शहय फानों बफन्ते मज़द जयु द इब्ने शहयमाय इब्ने

िेसया शाह ईयान िे फत्न से ऩैदा हुमे।

हहन्दस्
ु तान में इस्ऱाम िफ िे ऩहऱे

हज़यत अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) िे ज़रयमे से ऩहुॉचा इरा़ए लसन्ध से

आरे भौहम्भद स. िा ऽुसस


ू ी इरा़ा व याफेता

मह ज़ाहहय है कि हज़यते यसर


ू े ियीभ स. िे फाद इस्राभ िी सायी ज़जम्भे
ु़ दायी

अभीरूर भोभेनीन हज़यत अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) ऩय थी ज़जस तयह

सयिाये दो आरभ अऩने अहदे नफव


ू त भें ता फा हमाते ज़ाहे यी इस्राभ िी तब्रीा

ियते यहे औय उसे फ़योा दे ने भें तन, भन, धन िी फाज़ी रगाए यहे इसी तयह

उनिे फाद अभीरूर भोभेनीन ने बी इस्राभ िो फाभे ऊरूज ति ऩहुॉचाने िे लरमे

271
जेहदे भस
ु रसर औय सई ऩैहभ िी औय किसी वक़्त बी उसिी तब्रीा से ाफ़रत

नहीॊ फयती, मह औय फात है कि ाज़फे इक़्तेदाय िी वजह से दायए अभर वसी न

हो सिा औय हऱाए असय भहदद


ू हो िय यह गमा। ताहभ फ़यीज़े िी अदामगी

इभाभत िी ऽाभोशी कपज़ा


ु़ भें जायी यही महाॊ ति िी इ़तेदाय ़दभों भें आमा

औय लभन्हाजे नफव
ू त ऩय िाभ शरू
ु हो गमा तफरीा िे भहदद
ू हऱे वसी हो गमे।

इभाभत खखराफ़त
ु़ िे दोश फदोश आगे फढ़ी औय इस्राभ िी यौशनी भभ
ु ालरिे ाैय

भें ऩहुॉचने रगी। हहन्दोस्तान जो िुफ़्रो इल्हाद औय ाैय उल्राह िी ऩयज़स्तश िा

भय़ज़ औय भरजा व भावा था अभीरूर भोभेनीन ने दीगय भभ


ु ालरि िे साथ

साथ वहाॊ बी इस्राभ िी यौशनी ऩहुॉचाने िा अज़भे भोहिभ िय लरमा औय थोड़ी

सी जद्दो जेहद िे फाद वहाॊ इस्राभ िी कियन ऩहुॉचा दी औय ज़भीने हहन्द िो

इस्राभी ताफन्दगी से भन
ु व्वय िय हदमा।

इभाभर
ु भव
ु ये ऽीन अफू भौहम्भद, अब्दल्
ु राह बफने भज़ु स्रभ इब्ने ़तीफा दीनवयी

अऩनी किताफर
ु भाअरयक फ़ िे सफ़ा 95 प्रिालशत लभस्र 1934 ई0 भे लरखते हैं

इस्राभ लसन्ध हहन्दस्


ु तान भें सफ से ऩहरे अभीयर भोभेनीन अरी इब्ने अफी

तालरफ (अ.स.) िे अहद भें ऩहुॉचा इस ऩय फहुत से वाकिमात


ु़ शाहहद हैं। हज नाभा

़रभी सफ़ा 34 भें है कि अभीयर भोभेनीन (अ.स.) ने सन ़् 38 हहजयी भें नाज़जय


ु़

बफन दावया िो सयहादाते लसन्ध िी दे ख बार िे लरमे यवाना किमा। मह यवानगी

फज़ाहहय अऩने भ़सद िे लरमे याह हभवाय ियने िी खानतय


ु़ थी औय मह भारभ

272
ियना भ़सद
ू था कि हहन्दोस्तान भें क्मों िय दाखखरा
ु़ हो सिता है । इसी भ़सद

िे लरमे इस से ़ब्र अहदे उस्भानी भें अब्दल्


ु राह बफन आलभय इब्ने िये ज़ िो

भ़
ु यक य किमा गमा था। भव
ु रयक ऽ बफराज़यी लरखते हैं कि वह सफ़रूर हहन्द िी

तयफ़ दयमाई भहु हभ ऩय यवाना हुमे। ायज़ मह थी कि इस भल्


ु ि िे हारात से

आगाही हालसर हो। अब्दल्


ु राह बफन आलभय ने हिीभ बफन ज़जब्त
ु़ ुर अदवी िी

सयदायी भें एि दस्ता सभन्


ु दय िे यास्ते यवाना किमा। वह फरगु चस्तान औय लसन्ध

िे भशरय़ी इरा़े िो दे ख िय वाऩस आमे तो अब्दल्


ु राह ने उनिो उस्भान बफन

अफ़ान िे ऩास बेज हदमा कि जो िुछ दे खा है जा िे सन


ु ा दे , उस्भान ने ऩछ
ू ा

उस भल्
ु ि िा क्मा हार है, िहा भैंने उस भल्
ु ि िो चर कपय िय अच्छी तयह

दे ख लरमा है । उस्भान ने िहा भझ


ु से उसिी िैकपमत
ु़ फमान ियो। हिीभ बफन

जफरा ने िहा् वहाॊ ऩानी िभ, पर यद्दी, चोय फेफाि, रशिय िभ हो तो ज़ामा

जामेगा, फहुत हो तो बख
ू ों भये गा। मह सन
ु िय उन्होंने िहा, ऽफय दे यहे हो मा

हजो िय यहे हो। फोरे ऐ अभीय, ऽफय दे यहा हूॊ। मह सन


ु िय उन्होंने रशिय

िशी िा ख़्मार तिक िय हदमा।

(तयजभ
ु ा फ़तहुर फरदान फेराज़यी लरल्द 2 सफ़ा 613)

हज़यत उस्भान ज़जनिा भ़सद भल्


ु ि ऩय ़ब्जा ु़ ियना औय फ़तुहवात िी

फ़ेहरयस्त फढ़ाना था, वहाॊ िे हारात सन


ु िय ऽाभोश हो गमे औय लसन्ध वाैया िी

तयफ़ फढ़ने िा ख़्मार तिक िय हदमा रेकिन हज़यत अभीरूर भोभेनीन (अ.स.)

273
ज़जनिा भ़सद फ़तूहात िी फ़हरयस्त भयु त्तफ ियना न था फज़ल्ि दीने इस्राभ

फ़ैराना था, उन्होंने नासाज़गाय हारात िे फवजद


ू आगे फढ़ने िा अज़भ बफर जज़्भ

िय लरमा औय 39 हहजयी भें हज़यत अरी (अ.स.) ने हारयस बफन भयु ाक अब्दी िो

लसन्ध ऩय ़ाफू हालसर ियने िे लरमे बेजा। इसी सन ़् भें लसन्ध फ़तेह हुआ। मह

हज़यत अरी (अ.स.) िा िायनाभा है कि लसन्ध अरी बफन अफी तालरफ अ.स. िे

हाथो फ़तेह हुआ औय हुिूभते इस्रालभमा ऩहरे ऩहर उन्हीॊ िे हाथों ़ामभ हुई।

(तायीऽे लसन्ध दारूर भुस्न्नेफ़ीन आज़भ गढ़ 1947 ई0)

अल्राभ बफराज़यी अर भत
ु ावफ्पा 279 लरखते हैं कि आखखय
ु़ 38 हहजयी मा

अव्वर 39 हहजयी भें हारयस बफन भयु ाक अब्दी ने अरी बफन अफी तालरफ यजी ु़

अल्राह अनहा से इजाज़त रे िय फा है लसमत भत


ु व्वा सयहदे हहन्द ऩय हभरा

किमा। फ़तेहमाफ हुमे, िसीय ानीभत हाथ आई, लसफ़क रौंडी ार


ु ाभ ही इतने थे िी

एि हदन भें एि हज़ाय त़सीभ किमे गमे। हारयस औय उनिे अक्सय असहाफ

अयज़े ़ै़ान भे िाभ आमे लसफ़क चन्द ज़जन्दा


ु़ फचे। मह 42 हहजयी िा वा़ेमा है ।

(तयजभ
ु ा फ़तहुर फरदान बफराज़यी ज़जल्द 2 सफ़ा 613 प्रिालशत ियाची)

भव
ु रयक ऽ जाकिय
ु़ हुसन
ै िा फमान है कि साहे फे यौज़तुर सफ़ा लरखते हैं कि

हहन्दोस्तान भें ़ालसभ िी भातहती भें एि भोतदफेह फ़ौज यवाना िी गई, जो 38

हहजयी िे अवाएर भें लसन्ध िी फ़तह


ू ात भें भसरूफ़ हुई। उसने चन्द भ़ाभाते

लसन्ध ऩय ़ब्ज़ा किमा। ़ालसभ िे फाद 38 हहजयी िे आखखय


ु़ भें मा 39 हहजयी

274
िे शरू
ु भें हारयस बफन भयाक अब्दी एि दस
ू यी फ़ौज िे साथ दारूर खखराफ़ा
ु़ से

यवाना किमा गमा औय उसने इन भभ


ु ालरि भें फहुत से भभ
ु ालरि फ़तेह किमे।

फहुत से हहन्द ू गगयफ़्ताय किमे गमे औय िसीय भारे ानीभत हाथ आमा जो फयाहे

यास्त दारूर खखराफ़ा


ु़ िो यवाना किमा गमा, औय एि हदन भें एि हज़ाय रौंडी

ार
ु ाभ ानीभत िे भार भें त़सीभ किमे गमे हारयस बफन भयु ाक भद्
ु दत ति इन

बफराद ऩय ़ाबफज़ यहे ।

(तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 3 सफ़ा 222 प्रिालशत दे हरी 1331 हहजयी)

फादिाह िन्िफ बफन हररक़ का दस्ते अमीरऱ मोमेनीन ऩर ईमान

ऱाना

हहन्दोस्तान िे लरमे फ़तेह लसन्ध िे फाद याह िा हभवाय हो जाना म़ीनी था

इसी लरमे लसन्ध फ़तेह किमा गमा। फ़तेह लसन्ध िे फाद अभीयर भोभेनीन हज़यत

अरी (अ.स.) िे इस्राभी जद्दो जेहद िे आसाय तायीख भें भौजूद हैं। भव
ु रयक ऽ

भल्
ु रा भौहम्भद ़ालसभ हहन्द ू शाह फ़यीशता ज़ेये उन्वान ज़जक्र
ु़ बफनाए शहये दे हरी

लरखते हैं कि 307 ई0 भें दादऩत्ता याजऩत


ू ने जो ताएफ़े तूयान से ताअल्ऱ
ु यखता

था, ़सफाए इन्द्र ऩत िे ऩहरू भें दे हरी िी फनु नमाद यखी कपय उनिे आठ

अफ़याद ने इस ऩय हुिूभत िी कपय ज़वारे हुिूभते तयू ान िे फाद ताएफ़ चौहान िी

हुिूभत ़ाएभ हुई। इस ताएफ़े िे 6 छ् अफ़याद ने हुिूभत िी। उसिे फाद

275
सल्
ु तान शाहफद्
ु दीन गा ु़ ैयी ने उनिे आखखयी
ु़ फादशाह वऩथवया िो ़त्र िय हदमा।

कपय ऊभये हुिूभत 588 ई0 भें भर


ु ि
ू े गा ु़ ैय िे आखखयी
ु़ फ़यभायवा ज़ह
ु ा़ ताज़ी ऩय

फादशाह फ़यीदॉ ू िा ाल्फा हो गमा औय ज़ह


ु ा़ िे ऩोते मा नवासे सयू ी औय साभ

उसिे हभयाह हो गमे। एि अयसे िे फाद इन दोनों िो फ़यीदों िी तयफ़ से अऩनी

तफाही िा वहभ ऩैदा हो गमा। चन


ु ान्चे मह दोनों नेहा चन्द चरे गमे औय हुिूभत

़ामभ िय री औय फ़यीदॉ ू से भ़
ु ाफरे शरू
ु िय हदमा। बफर आखखय
ु़ फ़यीदॉ ू ाालरफ

यहा औय उन रोगों ने खखयाज


ु़ ़ुफर
ू िय िे हुिूभत ़ामभ यखी औय जुरयक मत

ज़ह
ु ा़ इस भम्रेित भें मिे फा दीगये फज़
ु गु क ़फीरा मानी फादशाह होता यहा।

(ता फवक़्ते इस्राभ नौफत फा शन्सफ यसीद व ऊ दय ज़भाने अभीयर भोभेनीन

असद उल्राहुर ाालरफ अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) फद


ू व फय दस्ते आॊ हज़यत

ईभान आवयु दा। भन्शयू े हुिूभते ाौय फख़्ते भफ


ु ायि शाह ववरामत ऩनाह माफ़त

(तायीऽे फ़रयशता ज़जल्द 1 सफ़ा 54 भ़ारए दोउभ ज़जक्र


ु़ बफनाए दे हरी व अहवार भुरूि ाौय

प्रिालशत नवर किशोय 1281 ई0)

महाॊ ति कि दौये इस्राभ आ गमा औय नौफते शाही शन्सफ ति आ ऩहुॉची।

इसिा ज़भाना अहदे अभीयर भोभेनीन हज़यत अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) भे

आमा। उसने हज़यत अरी (अ.स.) िे हाथों ऩय ईभान ़ुफर


ू किमा औय भस
ु रभान

हुआ औय हुिूभते गा ु़ ैय िा भन्शयू हज़यत शाह ववरामत ऩनाह िे हाथों ऩय फना।

मही िुछ तफ़ाते नासयी भस


ु न्नेफ़ा अफू उभय लभनहाजउद्दीन उस्भान बफन भेयाज

276
उद्दीन प्रिालशत िरित्ता 1864 ई0 ज़जक्र
ु़ े सरातीन शन्साननमा िे तफ़ए 7 सफ़ा

29 भें बी है । तायीऽे इस्राभ जाकिय


ु़ हुसन
ै िे ज़जल्द 3 सफ़ा 222 भें है कि

शन्सफ तयु िी नसफ िा था। भव


ु रयक ऽ फ़रयशते ने शाह शन्सफ िा नसफ नाभा मॉू

तहयीय किमा है । शन्सफ बफन हयी़ बफन नही़ इब्ने भमसी बफन वज़न बफन हुसन

बफन फहयाभ बफन हफश बफन हसन बफन इब्राहीभ बफन साद बफन असद बफन शद्दाद

बफन ज़हा़ सफ़ा 54।

औऱादे िन्िफ की अमऱे फनी उम्मया िे फेज़ारी

भल्
ु रा भौहम्भद ़ालसभ फ़हयशता लरखते हैं कि ज़जस ज़भाने भें फनी उम्भमा ने

मह अन्धेया गयदी िय यखी थी कि अहरे फैते यसर


ू ऽुदा स. िो तभाभ भभ
ु ालरिे

इस्रालभमा भें लभम्फयों ऩय फयु ा बरा िहा जाता था औय वह हुक्भ फाजाहहय


ु़ ऩहुॉचा

हुआ था भगय गा ु़ ैय भें अहरे ाौय भयु तकिफ आॉ अभये शनीअ नशद
ु न्द अहरे ाौय

ने इस अभये नाभा़ूर िा इयते़ाफ नहीॊ किमा था। (औय वह इस अभर भें फनी

उम्भमा से फेज़ाय थे) तायीऽे फ़रयशता सफ़ा 54।

औऱादे िन्िफ की दश्ु मनाने आऱे मौहम्मद ि. िे जॊग

इसी तायीऽे फ़रयशता िे सफ़ा 54 भें है कि जफ अफू भज़ु स्रभ भयवज़ी ने

फादशाहे वक़्त िे खखराफ़


ु़ ऽुरूज किमा था औय उसने औरादे शन्सफ से भदद चाही

277
थी तो उन रोगों ने दय ़त्रे आदाए अहरे फैत त़सीय न ियद दश्ु भनाने आरे

भौहम्भद स. िे ़त्र ियने भें िोई िभी नहीॊ िी। इन तहयीयों से भारभ
ू होता है

कि अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िे ज़रयमे से इस्राभ िे साथ साथ लशईमत बी

हहन्दोस्तान भें ऩहुॉची थी क्मो कि औरादे शन्सफ िा तयज़े अभर शीईमत िा

आईना दाय है ।

हज़रत इमाम हुिैन (अ.ि.) की राहे कूफा िे सिन्ध जाने की ख़्वाहहि

भव
ु रयक ऽ अफू भौहम्भद, भौहम्भद अब्दल्
ु राह बफन भज़ु स्रभ बफन ़तीफा दे वनयी

अर भत
ु ावफ्पा 276 ई0 तहयीय फ़यभाते हैं जफ हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो

हुय ने िूफ़े िे यास्ते भें योिा तो आऩने इयशाद फ़यभामा कि तुभ अगय भेये ईया़

भे आने िो ऩसन्द नहीॊ ियते तो भझ


ु े छोड़ दो कि भैं लसन्ध चरा जाऊॉ। उसिे

फाद इब्ने ़तीफा लरखते है कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे इस फ़यभाने से भारभ

होता है कि इस्राभ इस वक़्त से ऩहरे भें ऩहुॉच चि


ु ा था। (भारयफ़ इब्ने ़तीफा सफ़ा

94 प्रिालशत लभस्र 1934 ई0 भहीज़ उर अहज़ान सफ़ा 163)

हज़रत इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) की एक ज़ौजा का सिन्धी होना

इस्राभ िे ़दीभ तयीन भव


ु रयक ऽ इब्ने ़तीफा अऩनी किताफे भआरयफ़ िे सफ़ा

73 ऩय लरखता है िानत ज़ौजातुर इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन लसज़न्दमा व तवल्रद

278
तहा ज़ैद अर शहीद इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िी एि फीवी लसन्धी थीॊ औय

उनसे हज़यत ज़ैद शहीद ऩैदा हुमे। कपय इसी किताफ िे सफ़ा 94 ऩय लरखता है ।

ज़ैद बफन इभाभ सज्जाद बफन इभाभ हुसन


ै िी िुन्नीमत अफर
ु हसन थीॊ औय

उनिी भाॉ लसन्धी थीॊ।

एि औय जगह लरखता है जो फीवी इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िो दी गई

वह लसन्धी थीॊ। अब्दर


ु यज़्ज़ा़ लरखते हैं कि ज़ैद शहीद इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन

(अ.स.) िी ज़जस फीवी से ऩैदा हुमे वह लसन्धी थीॊ।

(किताफ ज़ैद शहीद ऩष्ृ ठ 5 प्रिालशत नजफ़े अशयफ़)

इन जुभरा हारात ऩय नज़य ियने से मह फात वाज़ेह हो जाती है कि लसन्ध

(हहन्दोस्तान) भें दीने इस्राभ हज़यत अरी (अ.स.) िे ज़रयमे से ऩहुॉचा औय इसी िे

साथ साथ शीईमत िी बी फनु नमाद ऩड़ी थी नीज़ मह कि हज़यत इभाभ हुसन

(अ.स.) िो लसन्ध िे भस
ु रभानों ऩय बयोसा था। वह िूफ़ा व शाभ िे भस
ु रभानों

ऩय लसन्ध िे भस
ु रभानों िो तयजीह दे ते थे। मही वजह है कि आऩने िूफ़ा भें

इब्ने ज़जमाद
ु़ औय मज़ीद बफन भाववमा िे रशिय िे सयदाय हुय बफन मज़ीद बफन

भाववमा िे रशिय िे सयदाय हुय बफन मज़ीदे ये माही। (जो फाद भें हज़यत इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) िे ़दभो भें शहीद हो िय याहहमे जन्नत हुमे थे।) से मह फ़यभामा

था कि भझ
ु े लसन्ध चरे जाने दो। इसिे अरावा आऩिे फ़यज़न्द इभाभ ज़ैनर

आफेदीन (अ.स.) ने एि फीवी लसन्ध िी अऩने ऩास यखी थी ज़जस से हज़यत ज़ैद

279
शहीद ऩैदा हुए थे। मह तभाभ उभयू इस अम्र िी वज़ाहत ियते हैं कि आरे

भौहम्भद स. िो इरा़ाए लसन्ध से हदरचस्ऩी औय वह उसिे फालशन्दों िो अच्छी

ननगाह से दे खते थे औय उन ऩय ऩयू ा बयोसा ियते थे।

हज़रत अऱी (अ.ि.) की िहादत

(40 हहजयी)

लसफ़्फ़ीन िे साज़ेशी फ़ैसराए हिभैन िे फाद हज़यत अरी (अ.स.) इस नतीजे


ु़
ऩय ऩहुॉचे कि अफ एि पैसरा िुन हभरा ियना चाहहमे। चन
ु ान्चे आऩने तैय्मायी

शरू
ु फ़यभा दी औय लसफ़्फ़ीन व नहयवान िे फाद ही से आऩ इसिी तयफ़

भत
ु ावज्जेह हो गमे थे। महाॊ ति िी हभरे िी तैय्मारयमाॊ भि
ु म्भर हो गईं। दस

हज़ाय फ़ौज िा अफ़सय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िो औय दस हज़ाय फ़ौज िा सयदाय

़ैस इब्ने सआद िो औय दस हज़ाय िा अफू अय्मफ


ू अॊसायी िो भ़
ु यक य किमा।

इब्ने ऽल्दन
ू लरखता है कि फ़ौज िी जो भि
ु म्भर फ़ेहरयस्त तैय्माय हुई उसभें

चारीस हज़ाय आज़भद


ू ा िाय, सत्तय हज़ाय यॊ ग रूट औय आठ हज़ाय भज़दयू ऩेशा

शालभर थे रेकिन िूच िा हदन आने से ऩहरे इब्ने भर


ु ज़जभ ने िाभ तभाभ िय

हदमा। भ़
ु द्दे भा नहजुर फरााा, अब्दर
ु यज़्जा़ु़ ज़जल्द 2 सफ़ा 704 भें है कि

फ़ैसरा तो ढोंग ही था, भगय लसफ़्फ़ीन िी जॊग ऽत्भ हो गई औय भाववमा हतभी

तफाही से फच गमा। अफ अभीयर भोभेनीन (अ.स.) ने िूफ़े िा रूऽ किमा औय

280
भाववमा ऩय आखखयी
ु़ ज़फक रगाने िी तैय्मारयमाॊ ियने रगे। साठ हज़ाय (60,000)

फ़ौज आयास्ता हो चि
ु ी थी औय मरााय शरू
ु होने वारी थी कि एि ऽायजी अब्दर

यहभान इब्ने भर
ु ज़जभ ने दाा फाज़ी से हभरा िय हदमा। हज़यत अभीयर भोभेनीन

(अ.स.) शहीद हो गमे। इब्ने भर


ु ज़जभ िी तरवाय ने हज़यत अरी (अ.स.) िाभ

तभाभ नहीॊ किमा फज़ल्ि ऩयू ी उम्भते भस


ु रेभा िो ़त्र िय डारा, तायीऽ िा धाया

ही फदर डारा। इब्ने भर


ु ज़जभ िी तरवाय न होती तो खखराफ़त
ु़ लभनहाजे नफव
ू त

ऩय इस्तेवाय यहती। (अयजहुर भतालरफ सफ़ा 478 भें है कि ऩैाम्फये इस्राभ ने

ऩेशीन गोई फ़यभाई थी कि अरी (अ.स.) िी डाढ़ी सय िे ऽन


ू से यॊ गीन होगी।

तायीऽ अर फ़ऽयी सफ़ा 73 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) एि भयतफा फीभाय हुए

औय शैऽेन उन्हें दे खने िे लरमे गमे, तो हारत स़ीभ दे ख िय आॊ हज़यत स. से

िहने रगे कि शामद अरी (अ.स.) न फचेगें। आऩने फ़यभामा अबी अरी (अ.स.)

िो भौत नहीॊ आमेगी। अरी (अ.स.) दनु नमा िे तभाभ यॊ जो ाभ उठाने िे फाद

तरवाय से शहीद होंगे। सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 80 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.)

फ़यभाते थे कि भेये सय औय भेयी दाढ़ी िो ऽन


ू से जो यॊ गीन िये गा वह दनु नमा भे

सफ से ज़्मादा फद फख़्त होगा। शयह इब्ने अबफर हदीद जुज़ 13 सफ़ा 102 भें है

कि ऽालरद बफन वरीद फाज़ उभयू े शज


ु ाअत िी वजह से अरी (अ.स.) िो ़त्र

ियना चाहते थे। सीयते हरबफमा ज़जल्द 2 सफ़ा 199 व फऽ


ु ायी ज़जल्द 5 हाराते

ाज़वाए ताएफ़ सफ़ा 29 भें है कि यसर


ू अल्राह स. ऽालरद इब्ने वरीद ऩय तफयाक

281
ियते थे। तायीऽ अफर
ु कपदा
ु़ वाैया भें है कि ऽालरद ने अहदे अफू फक्र भें भालरि

इब्ने नवेया िी फीवी से ज़ेना किमा था। तायीऽे आसभ िूफ़ी सफ़ा 34 व तायीऽे

तफयी ज़जल्द 4 सफ़ा 464 भें है कि हज़यत उभय ने ऽरीफ़ा होते ही ऽालरद िो

भाज़ूद िय हदमा था। तायीऽे तफयी ज़जल्द 6 सफ़ा 54 व िालभर वाैया भें है कि

38 हहजयी भें अभीये भाववमा ने भालरिे अशतय िो ज़हय से शहीद िया हदमा।

तायीऽे िालभर इब्ने असीय ज़जल्द 3 सफ़ा 142 भें है कि भाववमा ने हज़यत अफू

फक्र िे फेटे भौहम्भद िो गधे िी खार भें सी िय ज़जन्दा


ु़ जरा हदमा था। ज़जसिा

हज़यत आमशा िो फहुत यॊ ज था औय भाववमा िो फद दआ


ु किमा ियती थीॊ।

तवायीऽ भे है कि भाववमा ने हज़यत आमशा िो िुएॊ भें गगया िय ज़जन्दा


ु़ दफ़्न िय

हदमा। ज़जक्र
ु़ अर अब्फास सफ़ा 51 भें भख़्
ु तलरफ़ तवायीऽ िे हवारे से भय़ूभ है

कि 28 सफ़य 50 हहजयी िो वाकिमे


ु़ शहादत हज़यत अरी (अ.स.) िे दस सार

फाद इभाभ हसन (अ.स.) िो ज़हय से भाववमा ने शहीद ियामा था। िशफ़ुर ाम्भा

सफ़ा 61 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने ऩेशीन गोई फ़यभाई थी कि अभीये शाभ

िो उस वक़्त ति भौत न आमेगी जफ ति वह भेये सय औय भेयी दाढ़ी िो ऽन


आरद
ू अऩनी आॊऽों से न दे ख रेगा। किताफ तज़कियाए भौहम्भद व आरे

भौहम्भद ज़जल्द 2 सफ़ा 288 भें है कि इब्ने भर


ु ज़जभ ऽायजी तहयी़ िी इस

जभाअत िा लभम्फय था जो किसी भज़फत


ू हाथ िे इशाये ऩय नाच यही थी। ऐन

उस वक़्त जफ हज़यत अरी (अ.स.) शाभ िे हभरे िे लरमे यवाना होने िी

282
तैय्मारयमाॊ िय यहे थे इब्ने भर
ु ज़जभ िा वाय ियना मह फता यहा है कि इसिी तह

भें फड़ी साज़जश


ु़ थी। तायीऽ अर इभाभत वर लसमासत ज़जल्द 2 सफ़ा 30 भें है

कि भाववमा ने अहदे उस्भान भें हज़यते उस्भान से ़त्रे अरी (अ.स.) िी इजाज़त

भाॊगी थी रेकिन उन्होने इन्िाय िय हदमा था। किताफ भनाकिफे


ु़ भयु तज़वी िे सफ़ा

277 भें फा हवारा हदी़तुर ह़ाए़ हिीभ सनाई (य.) भय़ूभ है कि अभीयर

भोभेनीन िे ़त्र िे इन्तेज़ाभात इब्ने भर


ु ज़जभ िे ज़रयमे से अभीये भाववमा ने

किमे थे ज़जसिा इ़याय ऽुद इब्ने भर


ु ज़जभ ने इन अल्फ़ाज़ भें किमा था।

भैंने भाववमा िे िहने से ऐसा किमा भगय अफ़सोस िोई फ़ामदा फयाभद न

हुआ। भर
ु ाहे ज़ा हो ज़जक्र
ु़ अर अब्फास सफ़ा 20 किताफ अयजहुर भतालरफ सफ़ा

753 व तफयी ज़जल्द 4 सफ़ा 599 व यौज़तुर अहफाफ भें है कि अब्दर


ु यहभान

इब्ने भर
ु ज़जभ ने िूफ़ा ऩहुॉच िय एि हज़ाय हदयहभ िी एि तरवाय ऽयीदी औय

उसे ज़हय भें फझ


ु ा लरमा औय भौ़े िी तराश भें िूफ़े िी गलरमों िे चक्िय िाटने

रगा। इसी दौयान भें एि हदन उसिी नज़य एि हसीन औयत ऩय जा ऩड़ी ज़जसिा

नाभ ़ताभा बफन्ते नजफा था औय जो भाववमा िी रयशतेदाय होती थी। इब्ने

भर
ु ज़जभ उस औयत िा फे दाभ ार
ु ाभ फन गमा आय उससे लसरलसरा जुम्फानी

शरू
ु िी। बफर आखखय
ु़ फात ठहयी औय अक़्द िा फ़ैसरा हो गमा। जफ भेहय िी

गुफ़्तुगू हुई तो उसने िहा कि तीन हज़ाय अशयकपमा


ु़ औय हज़यत अरी (अ.स.) िा

सय रग
ू ीॊ क्मो कि उन्होंने इस्राभी जॊगों भें भेये फाऩ औय बाईमो िो ़त्र िय

283
हदमा है । इब्ने भर
ु ज़जभ ने जवाफ हदमा कि भझ
ु े भॊज़ूय है । ऱद ़सदत ऱतर

अरी वभा अ़द भनी हाज़र लभस्र ाैय ज़ारेिा ऽद


ु ा िी ़सभ तू ने ऐसी चीज़

भाॊगी है ज़जसिे लरमे भैं ऽद


ु इस शहय भें बेजा गमा हूॉ, अरफत्ता तझ
ु े बी अऩने

वामदे िा ऩास व लरहाज़ यखना चाहहमे, उसने िहा ऐसा ही होगा। इस अहदो

ऩैभान वामदा वईद िे फाद इब्ने भर


ु ज़जभ तगो दौ व सई व िोलशश औय जद्दो

जेहद भें भशार


ू हो गमा। सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 80 भें है कि इब्ने भर
ु ज़जभ िी

इभदाद िे लरमे शफीफ इब्ने फीयह अशजई बी था। यौज़तुर शोहदा सफ़ा 198 भें है

कि ़ताभा ने औय फई अशऽास इसिी भद्द िे लरमे भोअय्मन औय भोहय्मा िय

हदमे। भस्
ु तदरयि हाकिभ भें है कि ़ताभा ने ऐसा भहय भाॊगा ज़जसिी लभसार

अयफ व अजभ भें नहीॊ है । तायीऽे अहभदी सफ़ा 210 भें फ हवारा यौज़तुर अहफाफ

भय़ूभ है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने ज़भानाए शहादत ़यीफ होने ऩय िई फाय

अऩनी शहादत िा इशाये औय िनामे भें ज़जक्र


ु़ फ़यभामा था। भऩ्ूर है कि एि

हदन आऩ ऽत
ु फा फ़यभा यहे थे नागाह इभाभ हसन (अ.स.) दौयाने ऽत
ु फा भें आ

गमे। हज़यत अरी (अ.स.) ने ऩछ


ू ा फेटा आज िौन सी तायीऽ है औय इस भहीने

िे कितने हदन गुज़य चि


ु े हैं? आऩने अज़क कि फाफा जान 13 हदन गुज़य गमे हैं।

कपय हज़यत ने इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी तयफ़ रूऽ िय िे ऩछ
ू ा फेटा अफ भहीने िे

ऽत्भ होने भें कितने हदन फा़ी यह गमे हैं? इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने अज़क कि फाफा

जान 17 हदन यह गमे हैं। उसिे फाद आऩ ने अऩनी यीशे भफ


ु ायि ऩय हाथ पेय िय

284
फ़यभामा कि अऩ्यीफ ़फीराए भयु ाद िा एि नाभयु ाद भेयी दाढ़ी िो सय िे ऽून

से यॊ गीन िये गा। (अऽफाये सहीहा भें वारयद है कि हज़यत अरी (अ.स.) िा उसर

मह था कि आऩ एि एि हदन अऩने फेटों िे महाॊ इफ़्ताय फ़यभामा ियते थे औय

लसफ़क एि ऱ
ु भा तनावर
ु ियते थे। एि यवामत भें है कि आऩने अऩनी फेटी उम्भे

िुरसभ
ू से फ़यभामा कि भैं अऩ्यीफ तुभ रोगों से रूऽसत हो जाऊॉगा। मह सन

िय वह योने रगीॊ। आऩने फ़यभामा कि भौत से किसी िो छुटिाया नहीॊ फेटी भैंने

आज यात िो ख़्वाफ भें सयवये आरभ िो दे खा है कि वह भेये सय से ाफ


ु ाय साफ़

िय यहे हैं औय फ़यभाते हैं कि तभ


ु तभाभ फ़याएज़ अदा िय चि
ु े अफ भेये ऩास आ

जाओ। जम्हूये भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि ज़जस यात िी सफ
ु ह िो आऩ शहीद हुए

उस यात भें आऩ सोम नहीॊ। मह यात आऩ िी इस तयह गुज़यी कि आऩ थोड़ी थोड़ी

दे य िे फाद भस
ु ल्रे से उठ िय सहने ऽाना भें आते औय आसभान िी तयफ़ दे ख

िय फ़यभाते थे कि भेये आ़ा सयवये िामनात ने सच फ़यभामा है कि भैं शहीद

किमा जाऊॉगा। लरखा है कि जफ नभाज़े सफ


ु ह िे इयादे से फाहय ननिरे, तो सहने

ऽाना भें फत्तऽों ने दाभन थाभ लरमा औय शोय भचाने रगीॊ किसी ने योिा तो

आऩने फ़यभामा भत योिो मह भझ


ु ऩय नौहा िय यहीॊ हैं। कपय आऩ दौरत सया से

फयाभद हो िय दाखखरे
ु़ भज़स्जदे िूफ़ा हुए औय गुरदस्तै अज़ान ऩय जा िय अज़ान

िहने रगे। इसिे फाद नभाज़ भें भशार


ू हो गमे। जफ आऩ सज्दाए अव्वर भें

गमे, नाभयु ाद इब्ने भर


ु ज़जभ भयु ादी ने सये अ़दस ऩय तरवाय रगा दी। मह

285
तरवाय उसी जगह रगी ज़जस जगह ऽन्द़ भें उभय बफन अब्दे वद
ु िी तरवाय रग

चि
ु ी थी। ज़फक रगते ही आसभान से आवाज़ आई अरा ़तरर अभीयर भोभेनीन

आगाह हो कि अभीयर भोभेनीन ़त्र हो गमे। इसिे फाद आऩ ज़भीन ऩय रौटने

रगे औय ज़ख़्भ ऩय लभट्टी डार िय फोरे फ़ुज़तो फे यज़ब्फर िाफा ऽुदा िी ़सभ

भैंने हमाते अब्दी ऩाई औय िाभमाफ हो गमा। ज़फक रगने िे फाद इब्ने भर
ु ज़जभ

बागा, रोगों ने ऩीछा किमा। (किताफ ज़जिरूर


ु़ अब्फास सफ़ा 40 भे है कि आऩिो

ऽून भें नहामा दे ख िय अवरादो असहाफ ने गगयमा ियना शरू


ु िय हदमा। आऩ ने

फ़यभामा फस यो चि
ु ो औय भझ
ु े घय रे चरो मह सन
ु िय हज़यत इभाभ हसन

(अ.स.) औय हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) औय हज़यते अब्फास (अ.स.) ने उि

गगरीभ भें डार िय आऩिो घय ऩहुॉचामा। किताफ अर ियाकय सफ़ा 402 भें है कि

घय ऩहुॉच िय आऩ ने सफ
ु ह िो भऽ
ु ानतफ िय िे फ़यभामा कि तू गवाह यहना कि

भैंने िबी नभाज़ ़जा ु़ नहीॊ िी, औय ऽुदा औय यसर


ू स. िी िोई भऽ
ु ारेफ़त

भझ
ु से नहीॊ हुई। तायीऽे अहभदी सफ़ा 212 भे है कि िोई इराज िायगय न हुआ

औय आऩिी वफ़ात िा वक़्त आ ऩहुॉचा। तायीऽ अर इभाभत वर लसमासत ज़जल्द

1 सफ़ा 154 भें है आऩिो ऐसी ज़हय से फझ


ु ी हुई तरवाय से ज़ख़्भी किमा गमा

था कि साये अहरे लभस्र िे लरमे िाफ़ी था। किताफ यहभतुर आरेभीन भस


ु न्नेफ़ा

़ाज़ी भौहम्भद सर
ु भ
ै ान जज ऩहटमारा िे सफ़ा 81 भें है कि ज़ख़्भ िो ज़जस ऩय

शहादत हुई िसीय बफन उभयो सिूनी जो शाहाने ईयान िा तफीफे ऽास यह चि
ु ा था

286
उसने फतामा कि ज़ख़्भ उम्भे हदभाा ति ऩहुॉच गमा है औय अफ सेहत भोहार है ।

तायीऽे िालभर इब्ने असीय भें है कि इन्ते़ार िे वक़्त आऩने नसीहतें औय

वसीमतें फ़यभाईं जो त़वा ऩयहे ज़ गायी, इफादत लसरए यहभ वाैया वाैय से

भत
ु ाअज़ल्ऱ थीॊ। कपय एि नववश्ता लरख िय हदमा। किताफ अऽफाये भातभ सफ़ा

124 भें औय फाज़ िुतुफे तवायीऽ भें है कि आऩिी खखदभत


ु़ भें शयफत ऩेश किमा

गमा तो आऩने थोड़ा सा ऩी िय ़ानतर िो बीजवा हदमा। अर अऽफाय अर

तवार सफ़ा 360 भें है कि हज़यत उम्भे िुरसभ


ू ने इब्ने भर
ु ज़जभ से िहरामा कि

ऐ दश
ु भने ऽद
ु ा तू ने अभीयर भोभेनीन िो शहीद िय हदमा, तो उसने जवाफ हदमा

कि अभीयर भोभेनीन िो नहीॊ, भैंने तुम्हाये फाऩ िो ़त्र किमा है औय ऐसी

तरवाय से ़त्र किमा है ज़जसे एि भाह ज़हय वऩराता यहा हूॉ। िशफ़ुर अनवाय

तयजुभा बफहाय ज़जल्द 9 सफ़ा 277 भे है कि आऩने आऽयी वक़्त अऩने सफ फेटों

िो फर
ु ा िय इभाभ हसन (अ.स.) औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी इताअत औय

इभादाद िा हुक्भ हदमा औय फ़यभामा कि मह फ़यज़न्दाने यसर


ू स. हैं। उसर
ू े िाफ़ी

सफ़ा 141 भे है कि ज़जन फेटों िो हहदामत दी गई उनिी तादाद फायह थी।

भय़ातुर ई़ान ज़जल्द 1 सफ़ा 40 भें है कि आऩने अऩनी तभाभ अवराद व

अज़वाज िो इभाभ हसन (अ.स.) िे लसऩद


ु क फ़यभामा। भाईतन्न सफ़ा 441 भें है

कि हज़यते अब्फास (अ.स.) िो इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे हवारे िय िे फ़यभामा कि

मह तुम्हाया ार
ु ाभ है ियफरा भें िाभ आमेगा। किताफ अ़दर
ु फ़यीद भें है कि

287
आऩने अभये खखराफ़त
ु़ इभाभ हसन (अ.स.) िे लसऩद
ु क फ़यभामा। किताफ वसीरातुन

नजात भें है कि इभाभ हसन (अ.स.) हज़यत अरी (अ.स.) िी वसीमत िे भत


ु ाबफ़

इभाभे फयह़ औय ऽरीफ़ा ए वक़्त ़याय ऩाए। तायीऽे िालभर इब्ने असीय,

फेहारूर अनवाय, आराभ अर वया, ज़जिरूर


ु़ अब्फास सफ़ा 38 भें है कि आऩने 21

यभज़ान 40 हहजयी िो इन्ते़ार फ़यभामा। किताफ जाभेए अब्फासी सफ़ा 59 औय

अर मा़ूफी भें है कि शफे 21 यभज़ान िो आऩने इन्ते़ार फ़यभामा है । इसी शफ

िो हज़यते ईसा (अ.स.) आसभान ऩय उठाए गमे। हज़यते भस


ू ा (अ.स.) ने यहरत

िी औय मश
ू ा इब्ने नन
ू ने वफ़ात ऩाई। किताफ अर इभाभत वर लसमासत ज़जल्द

1 सफ़ा 155 व इयशादे भफ़


ु ीद सफ़ा 7 भें है कि इभाभे हसन (अ.स.), इभाभे हुसन

(अ.स.) औय अब्दल्
ु राह इब्ने जाफ़य ने ास्
ु र हदमा औय भोहम्भदे हनकपमा
ु़ ने ऩानी

डारने भें भद्द िी। िफ़न वऩनहाने िे फाद हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) ने नभाज़े

जनाज़ा ऩढ़ी। यहरा इब्ने जफीय अनदरसी सफ़ा 189 प्रिालशत लभस्र 1908 ई0 भें

है कि आऩिो ज़जस जगह ास्


ु र हदमा गमा उस जगह हज़यत नह
ू (अ.स.) िी फेटी

िा घय था। सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 80 भें है कि शहादत िे वक़्त आऩ िी उम्र

63 सार थी। फाज़ तवायीऽ भें है कि आऩिी ़ब्र हज़यत नह


ू (अ.स.) िी फनाई

हुई थी औय आऩिा जनाज़ा लसयहाने िी तयफ़ से फ़रयश्ते उठामे हुए थे। तायीऽे

अफर
ु कपदा
ु़ भें है कि आऩ नजफ़े अशयफ़ भें लसऩद
ु े ऽाि किमे गमे जो अफ बी

ज़जमायत
ु़ गाहे आरभ है । अर मािूफी ज़जल्द 2 सफ़ा 203 भें है कि शहादते अरी

288
(अ.स.) िे फाद इभाभे हसन (अ.स.) ने अऩने ऽुतफे भें फ़यभामा कि उन्होंने लसफ़क

सात सौ (700) हदयहभ छोड़े हैं। भस


ु तदरयि हाकिभ औय रयमाज़न
ु नज़या औय

अयजहुर भतालरफ सफ़ा 760 भें है कि ज़जस शफ भें हज़यत अरी (अ.स.) शहीद

हुमे उसिी सफ
ु ह िो फैतुर भ़
ु द्दस िा जो ऩत्थय उठामा जाता था, उसिे नीचे से

ऽूने ताज़ा फयाभद होता था। तायीऽ अर मािूफी ज़जल्द 2 सफ़ा 203 भें है कि

हज़यत अरी (अ.स.) िे दफ़्न िे फाद उनिी ़ब्र ऩय ़आ़ा बफन ज़याया ने एि

त़यीय िी ज़जसभें ननहामत ाभों अन्दोह िे साथ िहा कि ऐ भौरा आऩिी

ज़जन्दगी
ु़ ऽैयो फयित िी किरीद थी, अगय रोग आऩिो सहीह तयी़े ऩय भानते

तो ऽैय ऽैय ऩाते भगय दनु नमा वारों ने दनु नमा िो दीन ऩय तयजीह दी औय ऽैय

हालसर न िय सिे। इन्शाअल्राह दनु नमा दाय जहन्नभ भें जामेंगे। किताफ

अनवारूर हुसनै नमा ज़जल्द 2 सफ़ा 36 भें है कि आऩिी ़ब्र ऩोशीदा यखी गई थी।

लभस्टय गगफन िी तायीऽ डी गाईन एण्ड हार अॎ ाफ़ दी योभन इम्ऩाएय भें है कि

ज़ालरभ फनी उम्भमा िी वजह से अरी (अ.स.) िी ़ब्र छुऩाई गई। चौथी सदी भें

एि ़ुब्फा यौज़ए िूफ़ा िे खन्डयों िे ऩास नभद


ू ाय हो गमा। भशहदे अरी िूफ़े से

ऩाॉच भीर औय फादाद से 120 भीर जुनफ


ू भें वा़े है । हमातुर है वान व दभीयी

ज़जल्द 2 सफ़ा 187 भें है कि सफ से ऩहरे आऩिी ़ब्र िे गगदक िटै हये रगवामे

गमे थे। किताफ सैफ़ अर भ़


ु ल्रेदीन फाफ 5 सफ़ा 274 भें है कि भस
ु ज़न्नफ़

289
किताफ अब्दर
ु जरीर मस
ू फ़
ु ी जी ने आऩिी तायीऽ िे फाये भें लरखा है । गय तू

सारे शहादतश जई
ू ।

सये भातभ चयानभी गोई।।

हज़रत अऱी (अ.ि.) की िहादत ऩर मरसिया

हज़यत अरी (अ.स.) िी शहादत ऩय फहुत से शोअया ने भयासी िहे हैं हभ इस

वक़्त किताफ यहभतर


ु लरर आरेभीन भस
ु न्नेफ़ा िाज़ी
ु़ भौहम्भद सर
ु भ
ै ान जज

ऩहटमारा िे ज़जल्द 2 सफ़ा 81 से फक्र बफन हभाद अर ़ाहे यी िे 11 अशआय भें

से लसफ़क तीन शेय भम तयजुभा ऩर ियते हैं।

़ुर रा बफन भरहजभ व अरा ़द अय ाारेफा।

हदभत वै रिा, लरर इस्राभ अयिाना।।

इब्ने भर
ु ज़जभ से िहना गो भैं जानता हूॉ कि त़दीय सफ ऩय ाालरफ है कि

िभफख़्त तूने इस्राभ िे अयिान िो ढा हदमा।

़तरत अफ़ज़र लभन मभशी अरी ़दभ।

व अव्वरन
ु नास, इस्राभन व ईभाना।

वह शख़्स जो ज़भीन ऩय चरने वारों भें सफ से अफ़ज़र था औय इस्राभ व

ईभान भें सफ से अव्वर।

व इल्भन्
ु नास बफर ़ुयआन सभ
ु फेभा।

290
सन यसर
ू ना, शयअन वत तफैना।।

औय ़ुयआन व सन्
ु नत िे जानने भें सफ आरभ था, तन
ू े उसे ़त्र किमा है ।

हज़रत अऱी (अ.ि.) की अज़वाज व औऱाद

किताफ अनवारूर हुसनै नमा ज़जल्द 2 सफ़ा 35 भें है कि आऩने दस औयतों से

ननिाह किमा औय आऩिे इन्ते़ार िे वक़्त चाय फीववमाॊ भौजद


ू थीॊ। इभाभा,

असभा, रैरा औय उम्भर


ु फनीन। आऩने दस फेटे औय अटठाया फेहटमाॊ छोड़ीॊ।

इयशादे भफ़
ु ीद सफ़ा 199 व हभयाह इब्ने हज़भ व तहज़ीफर
ु असभा ज़जल्द 1 सफ़ा

149 भें है कि आऩिे फायह फेटे औय सोरह फेहटमाॊ थीॊ आऩ िी नस्र ऩाॊच फेटों से

फढ़ी। 1. इभाभ हसन (अ.स.), 2. इभाभ हुसन


ै (अ.स.), 3. भोहम्भदे हनकपमा1,
ु़ 4.

हज़यते अब्फास (अ.स.) 5. उभय बफन अरी, भर


ु ाहे ज़ा हों। नासेऽुर तवायीऽ ज़जल्द

3 सफ़ा 707 प्रिालशत फम्फई व ज़जिरूर


ु़ अब्फास सफ़ा 44 प्रिालशत राहौय।

1.भौहम्भद िी भाॉ िा असरी नाभ ऽूरा औय ऱफ औय हनफ़ेमा था वह

़फीराए हनकपमा
ु़ बफन रहीभ से थीॊ, भौहम्भद बफन हनकपमा
ु़ 8 हहजयी भें ऩैदा हुए

औय उन्होंने मिुभ भोहयक भ 81 हहजयी िो इन्ते़ार किमा। उनिे ज़ोहद व रयमाज़द

औय ज़ोयो ़ुव्वत िी हहिामत फहुत भशहूय है । (किताफ यहभतुर लरर आरेभीन ज़जल्द

2 सफ़ा 85 प्रिालशत राहौय) अफर


ु अब्फास, अहभद बफन अरी नर शन्दी अर

भत
ु ावफ्पा 821 ई0 तहयीय फ़यभाते हैं कि फनी हनफ़मा अदनान िे फक्र बफन

291
वाएरी से भत
ु ाअज़ल्ऱ एि ़फीरा है ज़जसिा लसरलसरा मह है । फनू हनफ़मा बफन

रहीभ, बफन साअफ बफन अरी बफन फक्र बफन वाएर मह मभाभा भें यहते थे।

(ननहामतुर अयफ कपन


ु़ ननसाफ अर अयफ सफ़ा 225 प्रिालशत नजफ़े अशयफ़)

292
अफु मोहम्मद हज़रत इमाम हिन (अ.ि.)

फाऩ िी शभशीय िा हभसय है फेटे िा ़रभ।

फाज़ुए है दय िी ता़त, खाभए


ु़ शब्फय भें है ।।

फ़तेह ऽैफय भें है भज़


ु भय भ़सदे सर
ु हे हसन।

भ़सदे सर
ु हे हसन, फ़तहे दये ऽैफय भें है ।।

साबफय थयमानी (ियाची)

वरी ज़ुरभेनन, हज़यत हसन, आॉ सयवये ऽूफाॊ।

कि हय चीज़ अज़ अदभ फािुदु़ य तश भभ


ु किन ज़े इभिाॉ शद
ु ।।

ज़ेहे सौदाए फानतर, िे तवानभ, भदहे आॉ शाहे ।

कि भदाहश ऽद
ु ा, यावी ऩमम्फय, भदहे िुयु़ ाॊ शद
ु ।।

हज़यत इभाभ हसन (अ.स.), अभीयर भोभेनीन हज़यत अरी (अ.स.) व

सय्मदतुनननसाॊ हज़यत फ़ात्भा (स.अ.व.व.) िे फ़यज़न्द औय ऩैाम्फये ऽुदा हज़यत

भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) व भोहलसने इस्राभ हज़यत ऽदीजतुर िुफया िे

नवासे थे। आऩिो खदा


ु ु़ वन्दे आरभ ने भासभ
ू भन्सस
ू अफ़ज़रे िामनात आलरभे

इल्भे रदन्ु नी ़याय हदमा है ।

293
आऩकी ववऱादत

आऩ 15 यभज़ानर
ु भफ
ु ायि 3 हहजयी िी शफ िो भदीनाए भन
ु व्वया भें ऩैदा हुमे।

ववरादत से ़ब्र उम्भे अफ़ज़र ने ख़्वाफ भें दे खा कि यसर


ू े अियभ (स.अ.व.व.)

िे ज़जस्भे भफ
ु ायि िा एि टूिड़ा भेये घय भें आ ऩहुॉचा है । ख़्वाफ यसर
ू े ियीभ

(स.अ.व.व.) से फमान किमा। आऩने फ़यभामा कि इसिी ताफीय मह है कि भेये

रख़्ते ज़जगय फ़ात्भा िे फत्न से एि फच्चा ऩैदा होगा ज़जसिी ऩयवरयश तुभ

ियोगी। भव
ु ये खीनु़ िा फमान है कि यसर
ू (स.अ.व.व.) िे घय भें आऩिी ऩैदाईश

अऩनी नवैय्मत िी ऩहरी ऽुशी थी। आऩिी ववरादत ने यसर


ू (स.अ.व.व.) िे

दाभन भें भ़तर


ू न
ू ़् नसर होने िा धब्फा साफ़ िय हदमा औय दनु नमाॊ िे साभने

सयू ए िौसय िी एि अभरी औय फनु नमादी तफ़सीय ऩेश िय दी।

आऩका नामे नामी

ववरादत िे फाद इस्भे गेयाभी हम्ज़ा तजवीज़ हो यहा था रेकिन सयवये िामनात

(स.अ.व.व.) ने फा हुक्भे खद
ु ा भस
ू ा (अ.स.) िे वज़ीय हारून (अ.स.) िे फ़यज़न्दों िे

शब्फीय व शब्फय नाभ ऩय आऩिा नाभ हसन औय फाद भें आऩिे बाई िा नाभ

हुसन
ै यखा। फेहारूर अनवाय भें है कि इभाभ हसन (अ.स.) िी ऩैदाईश िे फाद

ज़जब्राईरे अभीन ने सयवये िामनात (स.अ.व.व.) िी खखदभत


ु़ भें एि सफ़ैद ये शभी

रूभार ऩेश किमा ज़जस ऩय हसन, हुसन


ै लरखा हुआ था। भाहहये इल्भ अर नसफ

294
अल्राभा अफर
ु हुसन
ै िा िहना है कि ऽुदा वन्दे आरभ ने दोनो शाहज़ादों िा

नाभ अन्ज़ाये आरभ से ऩोशीदा यखा था मानी इनसे ऩहरे हसन औय हुसन
ै नाभ

से िोई भोसभ
ू नहीॊ था। किताफे आरभे अरवयी िे भत
ु ाबफ़ मह नाभ बी रौहे

भहफ़ूज़ भें लरखा हुआ था।

ज़फाने रयसारत दहने इभाभत भें अल्र शयाए भें है कि जफ इभाभ हसन (अ.स.)

िी ववरादत हुई औय आऩ सयवये िामनात (स.अ.व.व.) िी खखदभत


ु़ भें रामे गमे

तो यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) फे इन्तेहा खश
ु ु़ हुमे औय उनिे दहने भफ
ु ायि भें अऩनी

ज़फाने अ़दस दे दी। फेहारूर अनवाय भें है कि आॊ हज़यत ने नौज़ामदा फच्चे िो

आाोश भें रे िय प्माय किमा औय दाहहने िान भें अज़ान औय फाॊए भें अ़ाभत

फ़यभाने िे फाद अऩनी ज़फान उनिे भॊह


ु भें दे दी इभाभ हसन (अ.स.) उसे चस
ू ने

रगे। इसिे फाद आऩने दआ


ु िी ऽुदामा इसिो औय इसिी औराद िो अऩनी

ऩनाह भें यखना। फाज़ रोगों िा िहना है कि इभाभ हसन (अ.स.) िो रोआफे

दहने यसर
ू (स.अ.व.व.) िभ औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो ज़्मादा चस
ू ने िा भौ़ा

दज़स्तमाफ हुआ था। इसी लरमे इभाभत नसरे इभाभ हुसन


ै (अ.स.) भें भस्
ु त़य हो

गई।

295
आऩका अक़ीक़ा

आऩिी ववरादत िे सातवें हदन सयवये िामनात ने खुद अऩने दस्ते भफ


ु ायि से

अ़ी़ा फ़यभामा औय फारों िे भॊड


ु वा िय उसिे हभ वज़न चाॊदी तसद्द़
ु िी।

(असद उर ााफेता ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 13) अल्राभा िभारद्


ु दीन िा फमान है कि अ़ी़े िे

लसरलसरे भें दम्


ु फा ज़ब्हा किमा गमा था। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 220) िाफ़ी िुरैनी

भें है कि सयवये िामनात (स.अ.व.व.) ने अ़ी़े िे वक़्त जो दआ


ु ऩढ़ी थी उसभें

मह इफायत बी थी् अल्राह हुम्भा अज़भहा फाअज़भा रहभहा, बफर हभा, दभहा

फदभहा वशअयहा, फशयाही, अल्राहा हुम्भा अज अरहा व़आ रभ हभीहदन वारेही

तयजभ
ु ा्

खदामा
ु ु़ इसिी हड्डी भौरद
ू िी हड्डी िे ऐवज़, इसिा गोश्त उसिे गोश्त िे

एवज़, इसिा ऽून उसिे खून िे ऐवज़, इसिा फार उसिे फार िे ऐवज़ ़याय दे

औय इसे भोहम्भद व आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िे लरमे हय फरा से नजात िा

ज़रयमा फना दे । इभाभे शाफ़ेई िा िहना है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने इभाभे

हसन (अ.स.) िा अ़ी़ा िय िे इसिे सन्


ु नत होने िी दाएभी फनु नमाद डार दी।

(भतारेफस ू र ऩष्ृ ठ 220) फाज़ भाआसेयीन ने लरखा है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)


ु सऊ

ने आऩिा ऽत्ना बी ियामा था रेकिन भेये नज़दीि मह सही नहीॊ है क्मो कि

इभाभत िी शान से भख़्तून ऩैदा होना बी है ।

296
कुजन्नयत व अऱक़ाफ

आऩिी िुज़न्नमत लसफ़क अफू भोहम्भद थी औय आऩिे अऱाफ फहुत िसीय हैं

ज़जनभें तय्मफ, त़ी, लसब्त व सय्मद ज़्मादा भशहूय हैं। (भोहम्भद बफन तरहा

शाफ़ेई िा फमान है कि आऩिा सय्मद ऱफ खद


ु सयवये िामनात िा अता ियदा

है । (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 221)

ज़्मायते आशयू ा से भारभ


ू होता है कि आऩिा ऱफ नासेह औय अभीन बी था।

इमामे हिन (अ.ि.) ऩैग़म्फरे इस्ऱाम (ि.अ.व.व.) की नज़र में

मह भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि इभाभ हसन (अ.स.) ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.)

िे नवासे थे रेकिन िुयु़ आने भजीद ने उन्हें फ़यज़न्दे यसर


ू (स.अ.व.व.) िा दयजा

हदमा है औय अऩने दाभन भें जा फजा आऩिे तज़किये िो जगह दी है । ऽुद सयवये

िामनात (स.अ.व.व.) ने फे शभ
ु ाय आहादीस आऩिे भत
ु ाअज़ल्ऱ इयशाद फ़यभाई हैं।

एि हदीस भें है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने इयशाद फ़यभामा है कि भैं हसनैन

िो दोस्त यखता हूॊ औय जो उन्हें दोस्त यखे उसे बी ़द्र िी ननगाह से दे खता हूॉ।

एि सहाफी िा फमान है कि भैंने यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िो इस हार भें दे खा है

कि वह एि िॊधे ऩय इभाभे हसन (अ.स.) औय एि ऩय इभाभे हुसन


ै (अ.स.) िो

बफठाए हुए लरमे जा यहे हैं औय फायी फायी दोनों िा भॊह


ु चभ
ू ते जाते हैं। एि सहाफी

िा फमान है कि एि हदन आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) नभाज़ ऩढ़ यहे थे औय हसनैन

297
आऩिी ऩश्ु त ऩय सवाय हो गमे किसी ने योिना चाहा तो हज़यत ने इशाये से भना

फ़यभामा। (असाफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 12) एि सहाफी िा फमान है कि भैं उस हदन से

इभाभ हसन (अ.स.) िो फहुत ज़्मादा दोस्त यखने रगा हूॉ ज़जस हदन भैंने यसर
ू े

ियीभ (स.अ.व.व.) िी आाोश भें फैठ िय उन्हें उनिी दाढ़ी से खेरते हुए दे खा।

(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 113) एि हदन सयवये िामनात (स.अ.व.व.) इभाभ हसन (अ.स.)

िो िॊधे ऩय सवाय किमे हुए िहीॊ लरमे जा यहे थे, एि सहाफी ने िहा कि ऐ साहफ

ज़ादे तुम्हायी सवायी किस ़द्र अच्छी है, मह सन


ु िय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने

फ़यभामा िहो कि किस ़द्र अच्छा सवाय है । (असद अर ााब्फा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 15

फाहवारा नतयलभज़ी) इभाभ फऽ


ु ायी औय इभाभ भज़ु स्रभ लरखते हैं कि एि हदन यसर
ू े

खुदा (स.अ.व.व.) इभाभ हसन (अ.स.) िो िाॊधे ऩय बफठाए हुए फ़यभा यहे थे

ऽुदामा भैं इसे दोस्त यखता हूॉ तू बी इससे भह


ु ब्फत िय। हाकफ़ज़ अफू नईभ, अफू

फक्र से यवामत ियते हैं कि एि हदन आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) नभाज़े जभाअत ऩढ़ा

यहे थे कि नागाह इभाभ हसन (अ.स.) आ गमे औय वह दौड़ िय ऩश्ु ते यसर


(स.अ.व.व.) ऩय सवाय हो गमे मह दे ख िय यसर


ू (स.अ.व.व.) ने ननहामत नयभी

िे साथ सय उठामा। इख्तेताभे नभाज़ ऩय आऩसे इसिा तज़किया किमा गमा तो

फ़यभामा मह भेया गुरे उम्भीद है ।

इब्नी हाज़ा सय्मद मह भेया फेटा सयदाय है औय दे खो मह अऩयीफ दो फड़े

गगयोहों भें सर
ु ह ियामेगा। इभाभ ननसाई अब्दल्
ु राह इब्ने शद्दाद से यवामत ियते

298
हैं कि एि हदन नभाज़े इशा ऩढ़ाने िे लरमे आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) तशयीफ़ रामे

आऩिी आाोश भें इभाभ हसन (अ.स.) थे आॊ हज़यत नभाज़ भें भशार
ू हो गमे

जफ सजदे भें गमे तो इतना तर


ू िय हदमा कि भैं मह सभझने रगा कि शामद

आऩ ऩय वही नाज़ज़र होने रगी है । इख़्तेताभे नभाज़ ऩय आऩसे इसिा तज़किया

किमा गमा तो फ़यभामा कि भेया फ़यज़न्द भेयी ऩश्ु त ऩय आ गमा था, भैंने मह न

चाहा कि उसे उस वक़्त ति ऩश्ु त से उतारूॊ जफ ति कि वह खुद न उतय जामे,

इस लरमे सजदे िो तूर दे ना ऩड़ा। हिीभ नतयलभजी ु़ औय ननसाई व अफू दाऊद ने

लरखा है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) एि हदन भहवे ऽत्ु फा थे कि हसनैन (अ.स.)

आ गमे औय हसन (अ.स.) िे ऩाॊव अफा िे दाभन भें इस तयह उरझे कि ज़भीन
ु़
ऩय गगय ऩडे, मह दे ख िय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने ऽुतफा तिक िय हदमा औय

लभम्फय से उतय िय आाोश भें उठा लरमा औय लभम्फय ऩय रे जा िय ऽुत्फा शरू


फ़यभामा। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 223)

इमाम हिन (अ.ि.) की िरदारीए जन्नत

आरे भोहम्भद (अ.स.) िी सयदायी भस


ु ल्रेभात भें से है, उरेभाए इस्राभ िा

इस ऩय इत्तेफ़ा़ है कि सयवये िामनात (स.अ.व.व.) ने इयशाद फ़यभामा है ् ‫احلسن‬

‫ومها و اجلنة اىل شباب سيدا واحلسنی‬


‫مهنما خري اب‬

299
हसन (अ.स.) औय हुसन
ै (अ.स.) जवानाने फहहश्त िे सयदाय हैं औय उनिे

वालरदे फज़
ु गु व
क ाय मानी अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) इन दोनों से फेहतय हैं।

जनाफे हुज़ैफ़ाए मभानी िा फमान है कि भैंने आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो एि हदन

फहुत ही भसरूय ऩा िय अज़क कि भौरा आज इफ़याते शादभानी िी क्मा वजह है?

इयशाद फ़यभामा कि भझ
ु े आज ज़जब्राईर ने मह फशायत दी है कि भेये दोनों

फ़यज़न्द हसन (अ.स.) व हुसन


ै (अ.स.) जवानाने फेहहशत िे सयदाय हैं औय उनिे

वालरद अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) उनसे फेहतय हैं। (िन्ज़ुर आभार ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ

107, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 117) इस हदीस से इसिी बी वज़ाहत हो गई है कि

हज़यत अरी (अ.स.) लसफ़क सय्मद ही न थे फज़ल्ि फ़यज़न्दाने लसमादत िे फाऩ थे।

जज़फाए इस्ऱाम की फरावानी

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि एि हदन अफू सकु फ़मान हज़यत अरी (अ.स.) िी

खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय िहने रगा कि आऩ आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) से

लसफ़ारयश िय िे एि ऐसा भोहामदा लरखवा दीज़जए ज़जसिे रू से भैं अऩने भ़सद

भें िाभमाफ हो सिॊू । आऩ ने फ़यभामा कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) जो िह चि


ु े हैं

अफ उसभें फार फयाफय फ़़क न होगा। उसने इभाभ हसन (अ.स.) से लसफ़ारयश िी

ख़्वाहहश िी। आऩिी उम्र अगयचे उस वक़्त लसफ़क 4 सार िी थी रेकिन आऩ ने

उस वक़्त ऐसी जअ
ुक त िा सफत
ू हदमा ज़जसिा तज़किया ज़फाने तायीऽ ऩय है ।

300
लरखा है कि अफू सकु फ़मान िी तरफ लसफ़ारयश ऩय आऩने दौड़ िय उसिी दाढ़ी

ऩिड़ री औय नाि भयोड़ िय िहा िरभा ए शहादत ज़फान ऩय जायी ियो।

तम्
ु हाये लरमे सफ िुछ है । मह दे ख िय अभीरूर भोभेनीन (अ.स.) भसरूय हो गमे।

(भनाक़फे आरे अफू तालरफ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 46)

इमाम हिन (अ.ि.) और तरजुमानी वही

अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि इभाभ हसन (अ.स.) िा मह तयीिा

था कि आऩ इन्तेहाई िभ लसनी िे आरभ भें अऩने नाना ऩय नाज़ज़र होने वारी

वही भन अन अऩनी वारेदा भाजेदा िो सन


ु ा हदमा ियते थे। एि हदन हज़यत अरी

(अ.स.) ने फ़यभामा कि ऐ बफन्ते यसर


ू भेया जी चाहता है कि हसन िो तयजुभानीए

वही खद
ु ियते हुए दे खॊू औय सन
ु ॊू सय्मदा (स.अ.व.व.) ने इभाभ हसन (अ.स.) िे

ऩहुॉचने िा वक़्त फता हदमा। एि हदन अभीयर भोभेनीन (अ.स.) हसन (अ.स.) से

ऩहरे दाखखरे
ु़ ऽाना हो गमे औय गोशा ऽाना भें छुऩ िय फैठ गए। इभाभ हसन

(अ.स.) हसफे भाभर


ू तशयीफ़ रामे औय भाॊ िी आाोश भें फैठ िय वही सन
ु ानी

शरू
ु िय दी, रेकिन थोड़ी दे य िे फाद अज़क कि, ‘‘ मा अभाह ़द तरजरज रेसानी

व िुर फमानी राअर सय्मदी मयानी ’’ भादये गेयाभी आज वही तयजभ


ु ानी भें

ऱ
ु नत औय फमाने भ़सद भें रूिावट हो यही है भझ
ु े ऐसा भारभ
ू होता है कि

जैसे भेये फज
ु गक
ु ु़ भोहतयभ भझ
ु े दे ख यहे हों। मह सन
ु िय हज़यत अभीयर भोभेनीन

301
(अ.स.) ने दौड़ िय इभाभ हसन (अ.स.) िो आाोश भें उठा लरमा औय फोसा दे ने

रगे। (फेहारूर अनवाय ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ 193)

हज़रत इमाम हिन (अ.ि.) का फचऩन में ऱौहे महफूज़ का मत


ु ाऱेआ

करना।

इभाभ फऽ
ु ायी य़भ तयाज़ हैं कि एि हदन िुछ सद़े िी खजूयें आईं हुई थीॊ

इभाभ हसन (अ.स.) इसिे ढे य से खेर यहे थे औय खेर ही िे तौय ऩय इभाभ

हसन (अ.स.) ने दहने अ़दस भें यख री, मह दे ख िय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने

फ़यभामा, ऐ हसन क्मा तम्


ु हें भारभ
ू नहीॊ है कि हभ रोगों ऩय सद़ा हयाभ है ।

(सही फख
ु ायी ऩाया 6 ऩष्ृ ठ 25)

हज़यत हुज्जतुर इस्राभ शहीदे सालरस िाज़ी


ु़ नयू उल्राह शश
ू तयी फ़यभाते हैं कि

इभाभ ऩय अगयचे वही नाज़ीर नहीॊ होती रेकिन उसिो इल्हाभ होता है औय वह

रौहे भहफ़ूज़ िा भत
ु ारेआ ियता है ज़जस ऩय अल्राभा इब्ने हजये अस़रानी िा

वह ़ौर दरारत ियता है जो उन्होंने सही फख


ु ायीु़ िी इस यवामत िी शयह भें

लरखा है ज़जसभें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने इभाभ हसन (अ.स.) िे शीयख़्वायगी िे

आरभ भें सद़े िी खजूय िे भॊह


ु भें यख रेने ऩय ऐतेयाज़ फ़यभामा था। ‘‘ िऽ

िऽ अभा ताअरभ अनर सद़त् अरैना हयाभ ’’ थि


ू ू थि
ू ू क्मा तम्
ु हें भारभ

नहीॊ कि हभ रोगों ऩय सद़ा हयाभ है औय ज़जस शख़्स ने मह ख़्मार किमा कि

302
इभाभ हसन (अ.स.) उस वक़्त दध
ू ऩीते थे, आऩ ऩय अबी शयई ऩाफन्दी न थी आॊ

हज़यत (स.अ.व.व.) ने उन ऩय क्मों एतेयाज़ किमा। इसिा जवाफ अल्राभा

अस़रानी ने अऩनी फ़तेह अरफायी शयह सही फख


ु ायीु़ भें हदमा है कि इभाभ हसन

(अ.स.) औय दस
ू ये फच्चे फयाफय नहीॊ हो सिते। क्मों कि ‘‘ ‫’’ احملفوظ لوح يتاللع احلسن اان‬

इभाभ हसन (अ.स.) शीय ख़्वायगी िे आरभ भें बी रौहे भहफ़ूज़ िा भत


ु ारेआ

किमा ियते थे। (ह़ाए़ुर ह़ ऩष्ृ ठ 127)

खऱीफाए अव्वऱ को समम्फरे रिूऱ (ि.अ.व.व.) िे उतरने का हुक्म

अल्राभा इब्ने हसय औय इभाभे लसमत


ू ी य़भतयाज़ हैं कि इभाभ हसन (अ.स.)

एि हदन भज़स्जदे यसर


ू (स.अ.व.व.) से गज़
ु ये । आऩने दे खा कि हज़यत अफू फक्र

लभम्फये यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩय फैठे हुमे है आऩ से यहा न गमा औय आऩ लभम्फय िे

़यीफ तशयीफ़ रे जा िय फ़यभाने रगे ‫ابی ممنر انزل‬

भेये फाऩ िे लभम्फये से उतय आओ, मह तम्


ु हाये फैठने िी जगह नहीॊ है, मह सन

िय वह लभम्फय से उतय आमे औय इभाभ हसन (अ.स.) िो अऩनी आाोश भें फैठा

लरमा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 105, तायीरख अर ऽोल्फ़ा ऩष्ृ ठ 55, रयमाज़ुन नज़या ऩष्ृ ठ

128)

303
इमाम हिन (अ.ि.) का फचऩन और मिाएऱे इजल्मया

मह भस
ु ल्रेभात से है कि हज़यात आइम्भा ए भासभ
ू ीन (अ.स.) िो इल्भे रदन्ु नी

हुआ ियता था। वह दनु नमा भें तहसीरे इल्भ िे भोहताज नहीॊ हुआ ियते थे। मही

वजह है कि वह फचऩन भें ही ऐसे भसाएरे इज़ल्भमा से वाक़फ़ होते थे ज़जनसे

दनु नमा िे आभ उरेभा अऩनी ज़ज़न्दगी िे आऽयी उम्र ति फे फहया यहते थे।

इभाभ हसन (अ.स.) जो ऽानवादाए रयसारत िी एि फ़दक अिभर औय लसरलसरे

असभत िी एि भस्
ु तहिभ िड़ी थे कि फचऩन िे हारात व वा़ेमात दे खे जामें

तो भेये दावे िा सफत


ू लभर सिेगा।

ऩहऱा वाफ़कआ

भनाक़फ इब्ने शहये आशोफ भें फ हवारे शयह अऽफाये ़ाज़ी नोभान भय़ूभ है

कि एि सामर हज़यत अफू फक्र िी खखदभत


ु़ भें आमा औय उसने सवार किमा कि

भैंने हाराते अहयाभ भें शत


ु य भा
ु क िे चन्द अन्डे बन
ू िय खा लरमे हैं फताइमे कि

भझ
ु ऩय क्मा िफ़्फ़ाया वाज़जफ उर अदा हुआ? सवार िा जवाफ चॊकू ि उनिे फस

िा न था, इस लरमे अय़े ननदाभत ऩेशाननमे खखराफ़त


ु़ ऩय आ गमा। इयशाद हुआ

कि इसे अब्दर
ु यहभान बफन औफ़ िे ऩास रे जाओ। जो उनसे सवार दोहयामा तो

वह बी ऽाभोश हो गमे औय िहा कि इसिा हर तो अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िय

सिते हैं। साएर हज़यत अरी (अ.स.) िी खखदभत भें रामा गमा। आऩने साएर से

फ़यभामा कि भेये दो छोटे फच्चे जो साभने नज़य आ यहे हैं उनसे दयमाफ़्त िय रे।

304
साएर इभाभे हसन (अ.स.) िी तयफ़ भत
ु वज्जे हुआ औय भसरा दोहयामा, इभाभे

हसन (अ.स.) ने जवाफ हदमा कि तन


ू े ज़जतने अन्डे खाए हैं उतनी ही ऊॊटननमाॊ रे

िय उन्हें हाभेरा िया औय उन से जो फच्चे ऩैदा हों उन्हें याहे ऽद


ु ा भें हहदमाए

खाना
ु़ िाफा िय दे । अभीयर भोभेनीन (अ.स.) ने हॊ स िय फ़यभामा कि फेटा जवाफ

तो बफल्िुर सही है रेकिन मह तो फताओ कि क्मा ऐसा नहीॊ है कि िुछ हभर

ज़ामा हो जाते हैं औय िुछ फच्चे भय जाते हैं। अज़क कि फाफा जान बफल्िुर दरू
ु स्त

है , भगय ऐसा बी तो होता है कि िुछ अन्डे बी ऽयाफ औय गन्दे ननिर जाते हैं।

मह सन
ु िय साएर ऩि
ु ाय उठा कि एि भयतफा अऩने अहद भें सर
ु भ
ै ान बफन

दाऊद ने बी मही जवाफ हदमा था जैसा कि भैंने अऩनी किताफो भें दे खा है ।

दि
ू रा वाफ़कआ

एि योज़ अभीयर भोभेनीन (अ.स.) भ़ाभे यहफा भें तशयीफ़ फ़यभा थे औय

हसनैन (अ.स.) वहाॊ भौजद


ू थे, नागाह एि शख़्स आ िय िहने रगा कि भैं

आऩिी रयमामा औय अहरे फरद (शहयी) हूॊ। हज़यत ने फ़यभामा कि तू झठ


ू फोरता

है , तू न तो भेयी रयमामा भें से है औय न भेये शहय िा शहयी है, फज़ल्ि तू फादशाहे

योभ िा फ़यसतादा है । तुझे उसने भाववमा िे ऩास चन्द भसाएर दयमाफ़्त ियने िे

लरमे बेजा था औय उसने भेये ऩास बेज हदमा है । उसने िहा मा हज़यत आऩिा

इयशाद बफल्िुर फजा है भझ


ु े भाववमा ने ऩोशीदा तौय ऩय आऩिे ऩास बेजा है औय

305
इसिा हार ऽुदा वन्दे आरभ िे लसवा किसी िो भारभ
ू नहीॊ है, भगय आऩ फा

इल्भे इभाभत सभझ गमे। आऩ ने फ़यभामा िी अच्छा अफ इन भसाएर िे

जवाफात इन दो फच्चों भें से किसी एि से बी ऩछ


ू रे। मह इभाभ हसन (अ.स.)

िी तयफ़ भत
ु वज्जे हो िय चाहता था कि सवार िये कि इभाभ हसन (अ.स.) ने

फ़यभामा कि ऐ शख़्स तू मह दरयमाफ़्त ियने आमा है कि, 1. ह़ो फानतर भें

कितना फ़ासरा है?, 2. ज़भीन व आसभान ति कितनी भसाफ़त है?, 3. भशरय़

व भारयफ भें कितनी दयू ी है?. 4. िा ु़ ैस ़ज़ा क्मा चीज़ है?, 5. भऽनस किसे

िहते हैं?, 6. वह दस चीज़ें क्मा हैं ज़जनभें से हय एि िो ऽद


ु ा वन्दे आरभ ने

दस
ू ये से सख़्त औय फ़ाए़ ऩैदा किमा है?.

सन
ु ह़ व फानतर भें चाय अॊगुश्त िा फ़़क व फ़ासरा है । अक्सय व फेशतय जो

िुछ आॊख से दे खा है औय जो िुछ िान से सन


ु ा व फानतर है । (आॊख से दे खा

हुआ म़ीनी, िान से सन


ु ा हुआ भोहताजे तह़ी़) ज़भीन औय आसभान िे

दयलभमान इतनी भसाफ़त है कि भज़रभ


ू िी आह औय आॊख िी यौशनी ऩहुॉच

जाती है । भशरय़ व भारयफ भें इतना फ़ासरा है कि सयू ज एि हदन भें तम िय

रेता है औय िौसे ़ज़ा असर भें िौसे ऽुदा है । इस लरमे कि ़ज़ह शैतान िा

नाभ है । मह फ़यावनी रयज़़् औय अहरे ज़भीन िे लरमे ा़क से अभान िी

अराभत है इस लरमे अगय मह ऽुश्िी भें नभद


ू ाय होती है तो फारयश िे अराभात

से सभझी जाती है औय फारयश भें ननिरती है तो ऽत्भे फायान िी अराभात भें से

306
शभ
ु ाय िी जाती है । भऽ
ु न्नस वह है ज़जसिे भत
ु ाअज़ल्ऱ मह भारभ
ू न हो कि वह

भदक है मा औयत औय ज़जसिे ज़जस्भ भें दोनों िे आज़ा हों। इसिे हुक्भ मह है कि

ता हदे फर
ु ा
ू इन्तेज़ाय िये , अगय भोहतलरभ हो तो भदक औय हामज़ हो औय

वऩस्तान उबय आमें तो औयत। अगय इससे भसरा हर न हो तो दे खना चाहहमे कि

उसिे ऩेशाफ िी धाय सीधी जाती है कि नहीॊ, अगय वह सीधी जाती है तो भदक

वयना औयत। औय वह दस चीज़ें ज़जनभें से एि दस


ू ये ऩय ाालरफ व ़वी हैं वह

मह हैं कि ऽुदा ने सफ से ज़्मादा सख़्त ऩत्थय िो ऩैदा किमा है भगय इस से

ज़्मादा सख़्त रौहा है जो ऩत्थय िो बी िाट दे ता है, उससे ज़्मादा सख़्त ़वी

आग है जो रोहे िो वऩघरा दे ती है औय आग से ज़्मादा सख़्त ़वी ऩानी है जो

आग िो फझ
ू ा दे ता है औय इससे ज़्मादा सख़्त ़वी अब्र है जो ऩानी िो अऩने

िॊधों ऩय उठाए कपयता है औय उससे ज़्मादा ़वी हवा है जो अब्र िो उड़ामे कपयती

है औय हवा से ज़्मादा सख़्त व ़वी फ़रयश्ता है ज़जसिी हवा भहिूभ है औय उससे

ज़्मादा सख़्त व ़वी भरिुर भौत है जो फ़रयशताए फाद िी बी रूह ़ब्ज़ िय

रेंगे औय भरिुर भौत से बी ज़्मादा सख़्त व ़वी भौत है जो भरिुर भौत िो

बी भात डारेगी औय भौत से बी ज़्मादा सख़्त ़वी हुक्भे ऽुदा है । मह जवाफात

सन
ु िय साएर फ़ड़ि उठा।

तीिरी वाफ़कआ

307
हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) से भऩूर है कि एि भयतफा रोगों ने

दे खा कि एि शख़्स िे हाथ भें खन


ू आरद
ू ा छुयी है औय उसी जगह एि शख़्स

ज़ब्ह किमा हुआ ऩड़ा है । जफ उससे ऩछ


ू ा गमा कि तन
ू े उसे ़त्र किमा है तो

उसने िहा हाॊ। रोग उसे जसदे भ़तूर सभेत जनाफे अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िी

खखदभत
ु़ भें चरे। इतने भें एि शख़्त दौड़ता हुआ आमा औय िहने रगा कि इसे

छोड़ दों, इस भ़तूर िा ़ानतर भैं हूॉ। उन रोंगों ने उसे बी साथ रे लरमा औय

हज़यत िे ऩास रे गमे। साया क़स्सा फमान किमा गमा। आऩने ऩहरे शख़्स से

ऩछ
ू ा कि जफ तू इसिा ़ानतर नहीॊ था तो क्मा वजह है कि अऩने िो इस िा

़ानतर फमान किमा। उसने िहा भौरा भैं ़स्साफ हूॉ। गोसफ़न्द ज़ब्ह िय यहा था

कि भझ
ु े ऩेशाफ िी हाजत हुई। इस तयह ऽून आरद
ू ा छुयी लरमे हुमे उस ऽयाफे भें

चरा गमा, वहाॊ दे खा िी वह भ़तूर ताज़ा ज़ज़ब्हा किमा हुआ ऩड़ा है, इतने भें

रोग आ गमे औय भझ
ु े ऩिड़ लरमा। भैंने मह ख़्मार ियते हुमे कि इस वक़्त जफ

कि ़त्र िे साये ़याएन भौजद


ू हैं भेये इन्िाय िो िौन फावय िये गा। भैंने इ़याय

िय लरमा। कपय आऩने दस


ू ये से ऩछ
ू ा कि तू इसिा ़ानतर है? उसने िहा जी हॊ ा

भैं ही उसे ़त्र िय िे चरा गमा था। जफ दे खा कि एि ़स्साफ िी ना ह़

जान चरी जामेगी, तो हाज़ज़य हो गमा। आऩने फ़यभामा भेये फ़यज़न्द हसन िो

फर
ु ाओ वही इस भ़सद िा फ़ैसरा सन
ु ामेंगे। इभाभ हसन (अ.स.) आमे साया

क़स्सा सन
ु ा। फ़यभामा दोनों िो छोड़ दो मह ़स्साफ फे िुस
ु़ यू है औय मह शख़्स

308
अगयचे िानतर
ु़ है भगय उसने एि नफ़्स िो ़त्र किमा तो दस
ू ये नफ़्स (़स्साफ)

िो फचा िय उसे हमात दी औय उसिी जान फचा री, औय हुक्भे ़ुयआन है कि !

‘‘ भन अममाहा फ़ा़ानभा अहमा अन्नास जभीअन ’’ ज़जसने एि नफ़्स िी जान

फचाई उसने गोमा तभाभ रोगों िी जान फचाई। रेहाज़ा उस भ़तूर िा ऽून फहा

फैतुरभार से दे हदमा जामे।

चौथा वाफ़कआ

अरी इब्ने इब्राहीभ ़ुम्भी ने अऩनी तफ़सीय भे लरखा कि शाहे योभ ने जफ

हज़यत अरी (अ.स.) िे भ़


ु ाफरे भें भाववमा िी चीया दज़स्तमों से आगाही हालसर

िी तो दोनों िो लरखा कि भेये ऩास एि एि नभ


ु ाइन्दा बेज दें । हज़यत अरी

(अ.स.) िी तयफ़ से इभाभ हसन (अ.स.) औय भाववमा िी तयफ़ से मज़ीद िी

यवानगी अभर भें आई। मज़ीद ने वहाॊ ऩहुॉच िय शाहे योभ िी दस्त फोसी िी औय

इभाभ हसन (अ.स.) ने जाते ही िहा कि ऽद


ु ा िा शक्र
ु है भैं महूदी, नसयानी,

भजस
ू ी वाैया नहीॊ हूॉ फज़ल्ि ऽालरस भस
ु रभान हूॉ। शाहे योभ ने चन्द तसावीय

ननिारीॊ। मज़ीद ने िहा कि भैं इन भें से एि िो बी नहीॊ ऩहचानता औय न फता

सिता हूॊ कि मह किन हज़यात िी शक्रें हैं। हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) ने,

हज़यत आदभ (अ.स.), हज़यत नह


ू (अ.स.), हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) औय शऐ
ु फ

(अ.स.) व माहीमा (अ.स.) िी तसवीयें दे ख िय शक्रें ऩहचान रीॊ औय एि तसवीय

309
दे ख िय आऩ योने रगे। फादशाह ने ऩछ
ू ा मह किसी तसवीय है? फ़यभामा भेये जद्दे

नाभदाय िी। इसिे फाद फादशाह ने सवार किमा कि वह िौन से जान दाय हैं जो

अऩनी भाॊ िे ऩेट से ऩैदा नहीॊ हुए? आऩने फ़यभामा कि ऐ फादशाह, वह सात 7

जानदाय हैं। 1. आदभ, 2. हव्वा, 3. दम्


ु फाए इब्राहीभ, 4. ना़ा ए सारेह, 5.

इफरीस, 6. भस
ु वी अज़दहा, 7. वह िव्वा ज़जसने ़ाफीर िी दफ़्ने हाफीर िी

तयफ़ यहफयी िी। फादशाह ने मह तफह्हुये इल्भी दे ख िय फड़ी इज़्ज़त िी औय

ताहएफ़ िे साथ वाऩस किमा।

इमाम हिन (अ.ि.) और तफिीरे क़ुरआन

अल्राभा इब्ने तल्हा शाफ़ेई फा हवारा ए तफ़सीय वसीत वाहहदी लरखते हैं कि

एि शख़्स ने इब्ने अब्फास औय इब्ने उभय से एि आमत से भत


ु ाअज़ल्ऱ ‘‘

शाहहद व भशहूद ’’ िे भानी दयमाफ़्त किमे। इब्ने अब्फास ने शाहहद से मौभे जभ


ु ा

औय भशहूद से मौभे अयफ़ा फतामा औय इब्ने उभय ने मौभे जुभा औय मौभर


ु नहय

िहा। इसिे फाद वह शख़्स इभाभ हसन (अ.स.) िे ऩास ऩहुॉचा। आऩने शाहहद से

यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) औय भशहूद से मौभे ़माभत फ़यभामा औय दरीर से

आमत ऩढ़ी। 1. ‘‘ मा अय्मोहन नफी अना अयसरनािा शाहहदो भफ


ु शलशयो नज़ीया ’’

ऐ नफी हभ ने तभ
ु िो शाहहदो भफ
ु शलशय औय नज़ीय फना िय बेजा। 2. ‘‘ ज़ारेिा

मौभे भजभआ
ू रहा अन्नास व ज़ारेिा मौभे भशहूद ’’ ़माभत िा वह हदन होगा,

310
ज़जसभें तभाभ रोग एि भ़ाभ ऩय जभा िय हदमे जामेंगे औय मही मौभे भशहूय

है । साएर ने सफ िे जवाफ सन्


ु ने िे फाद िहा ‘‘ फ़िाना िा ु़ ैर अर हसन अहसन

’’ इभाभ हसन (अ.स.) िा जवाफ दोनों से िहीॊ फेहतय है । (भतारेफस


ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ

225)

इमाम हिन (अ.ि.) की िाया ए रहमत िे महरूमी

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि इभाभ हसन (अ.स.) िी उम्र जफ सात 7, सार ऩाॊच

5, भाह औय तेयह 13 हदन िी हुई तो आऩिे सय से यहभतुर लरर आरेभीन िा

सामा 28 सफ़य 11 हहजयी िो उठ गमा। अबी आऩ नाना िा सोग भनाने से

फ़याात हालसर न िय सिे थे कि 3 जभाहदउस्सानी 11 हहजयी िो आऩिी वारेदा

भाजेदा हज़यत फ़ात्भा ज़हया (स.अ.व.व.) ने बी इन्ते़ार फ़यभामा। इस गाभ

फाराए ाभ ने इभाभ हसन (अ.स.) िो फे इन्तेहा सदभा ऩहुॉचामा।

311
मि
ु हफेहते रिऱ
ू (ि.अ.व.व.)

अल्राभा अरी भत्त


ु ़ी तहयीय फ़यभाते हैं कि हज़यते अरी (अ.स.) फ़यभामा ियते

थे कि हसन यसर
ू े ियीभ (स. अ.) िी शक्रो शफाहत से फहुत ज़्मादा भश
ु ाफेह है ।

अनस बफने भालरि िा फमान है कि इभाभ हसन (अ.स.) िे ज़जस्भ िा ननस्फ़

फाराई हहस्सा यसर


ू अल्राह (स.अ.व.व.) से औय ननस्फ़ हहस्सा ज़ेयी अभीयर

भोभेनीन (अ.स.) से भश
ु ाफेहत है ।

एि यवामत भें है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) फ़यभामा ियते थे कि हसन भें

ऽुदा ने है फत औय सयदायी औय हुसन


ै भें जुयकत व हहम्भत वदीअत िी है । (िन्ज़ुर

आभार ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ 107)

इमाम हिन (अ.ि.) की इफादत

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) फ़यभाते हैं कि इभाभ हसन (अ.स.) ज़फयदस्त

आबफद फेलभसार ज़ाहहद, अफ़ज़र तयीन आलरभ थे। आऩ ने जफ बी हज फ़यभामा

ऩैदर फ़यभामा। िबी िबी ऩा फयहै ना हज िो जाते थे। आऩ अिसय भौत, अज़ाफे

़ब्र, लसयात औय फेअसत व नशयू िो माद िय िे योमा ियते थे। जफ आऩ वज़ू

ियते थे तो आऩिे चेहये िा यॊ ग ज़दक हो जामा ियता था औय जफ नभाज़ िे लरमे

खड़े होते थे तो फेद िी लभस्र िाॊऩने रगते थे। आऩिा भाभर


ू था कि जफ

दयवाज़ए भज़स्जद ऩय ऩहुॉचते तो खद


ु ा िो भऽ
ु ानतफ ियिे िहते, भेये ऩारने वारे

312
तेया गुनाहगाय फन्दा तेयी फायगाह भें आमा है ऐ यहभानों यहीभ अऩनी अच्छाईमों

िे सद़े भें भझ
ु जैसे फयु ाई ियने वारे िो भाफ़ िय दे । आऩ जफ नभाज़े सफ
ु ह से

फ़ारया होते थे तो उस वक़्त ति वजाएफ़


ु़ भें भशगर
ू ु़ यहते थे जफ ति सयू ज तर
ु ू

न हो जामे। (यौज़ातुर वाएज़ीन व फेहारूर अनवाय)

आऩका ज़ोहद

इभाभ शाफ़ेई लरखते हैं कि इभाभ हसन (अ.स.) ने अक्सय अऩना साया भार

याहे ऽुदा भें त़सीभ िय हदमा औय फाज़ भयतफा ननस्फ़ भार त़सीभ फ़यभामा।

वह अज़ीभ ज़ाहहदो ऩयहे ज़गाय थे।

आऩकी िखावत

भव
ु ये ऽीन लरखते हैं कि एि शख़्स ने हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) से िुछ

भाॊगा। दस्त सवार दयाज़ होना था कि आऩने 50,000 (ऩचास हज़ाय) हदयहभ औय

500 (ऩाॊच सौ) अशकपु़ क माॊ दे दीॊ औय फ़यभामा कि भज़दयू रा िय इसे उठा रे जा।

इसिे आऩने भज़दयू िी भज़दयू ी भें अऩना चोाा फख़्श हदमा। (भयातुर जनान 123)

एि भयतफा आऩने एि साएर िो ऽद


ु ा से दआ
ु ियते हुए सन
ु ा, ऽद
ु ामा भझ
ु े दस

हज़ाय हदयहभ अता फ़यभा। आऩने घय ऩहुॉच िय भतरफ


ू ा य़भ लबजवा दी। (नरू
ू र

अफसाय ऩष्ृ ठ 122)

313
आऩसे किसी ने ऩछ
ू ा कि आऩ तो फ़ा़ा ियते हैं रेकिन साएर िो भहरूभ

वाऩस नहीॊ फ़यभाते। इयशाद फ़यभामा कि भैं खदा


ु ु़ से भाॊगने वारा हूॉ उसने भझ
ु े

दे ने िी आदत डार यखी है, औय भैंने रोगों िो दे ने िी आदत डारी है । भैं डयता

हूॉ कि अगय अऩनी आदत फदर दॊ ू तो िहीॊ ऽुदा बी अऩनी आदत न फदर दे औय

भझ
ु े बी भहरूभ िय दे । (सफ़ा 123)

तवक्कुऱ के मुताअजल्ऱक़ आऩका इरिाद

इभाभे शाफ़ेई िा फमान है कि किसी ने इभाभ हसन (अ.स.) से अज़क िी कि

अफज़
ू ये ाफ़्फ़ायी फ़यभामा ियते थे कि भझ
ु े तवॊगयी से ज़्मादा नादायी औय सेहत से

ज़्मादा फीभायी ऩसन्द है । आऩने फ़यभामा कि ऽुदा अफू ज़य ऩय यहभ िये उनिा

िहना दरू
ु स्त है रेकिन भैं तो िहता हूॉ कि जो शख़्स िे ़ज़ा व ़द्र ऩय

तवक्िर िये वह हभेशा इसी चीज़ िो ऩसन्द िये गा ज़जसे खदा


ु ु़ उसिे लरमे ऩसन्द

िये । (भयातुर जेना ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 125)

इमाम हिन (अ.ि.) हहल्म और अख़्ऱाक़ के मैदान में

अल्राभा इब्ने शहये आशोफ तहयीय फ़यभाते हैं कि एि हदन हज़यत इभाभ हसन

(अ.स.) घोड़े ऩय सवाय िहीॊ तशयीफ़ लरमे जा यहे थे, यास्ते भें भाववमा िे

तयफ़दायों िा एि शाभी साभने आ ऩड़ा। उसने हज़यत िो गालरमाॊ दे नी शरू


ु िय

314
दी। आऩने उसिा भत
ु ऱन िोई जवाफ न हदमा। जफ वह अऩनी जैसी िय चि
ु ा

तो आऩ उसिे ़यीफ गमे औय उसिो सराभ िय िे फ़यभामा कि बाई शामद तू

भस
ु ाकफ़य है, सन
ु अगय तझ
ु े सवायी िी ज़रूयत हो, तो भैं तझ
ु े सवायी दे दॊ ।ू अगय

तू बख
ू ा हो तो खाना खखरा दॊ ।ू अगय तुझे िऩड़े दयिाय हों तो िऩड़े दे दॊ ।ू अगय

तुझे यहने िो जगह चाहहमे तो भिान िा इन्तेज़ाभि य दॊ ।ू अगय दौरत िी

ज़रूयत है तो तुझे इतना दे दॊ ू कि तू ऽुश हार हो जामे। मह सन


ु िय शाभी फे

इन्तेहा शयलभन्दा हुआ औय िहने रगा कि भैं गवाही दे ता हूॉ कि आऩ ज़भीने ऽुदा

ऩय ऽरीफ़ा हैं। भौरा भैं तो आऩिो औय आऩिे फाऩ दादा िे सख़्त नफ़यत औय

हह़ायत िी नज़य से दे खता था रेकिन आज आऩिे इख़्रा़ ने भझ


ु े आऩिा

गगयवीदा फना हदमा। अफ भैं आऩिे ़दभों से दयू न जाऊॊगा औय ता हमात आऩिी

खखदभत
ु़ भें यहूॉगा। (भुनाक़फ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 53 व िालभर भफरूज 2 ऩष्ृ ठ 86)

एहिान का फदऱा एहिान

अफर
ु हसन भदाईनी िा फमान है कि एि भयतफा इभाभ हसन (अ.स.), इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) औय अब्दल्
ु राह बफन जाफ़ये तय्माय हज िो जाते हुए बख
ू औय

प्मास िी हारत भें एि ज़ईफ़ा िे झोऩड़े भें जा ऩहुॉचे औय उससे खाने ऩीने िी

चीज़ तरफ फ़यभाई। उसने अज़क िी कि भेये ऩास एि फियी है उसिा दध


ू दहू िय

प्मास फझ
ु ाई जा सिती है, उन्होंने दध
ू ऩी लरमा रेकिन गुयसनगी से तसल्री न

315
हुई तो उससे फ़यभामा कि िुछ खाने िा फन्दो फस्त बी हो सिता है । उसने िहा

भेये ऩास तो फस मही एि फियी है रेकिन भैं ़सभ दे ती हूॉ कि आऩ इसे ज़ब्ह

िय िे तनावर
ु फ़यभा रें। फियी ज़ब्ह िी गई गोश्त बन
ू ा गमा औय सफ ने खा

लरमा औय इसिे फाद ़दये आयाभ िय िे वह रोग यवाना हो गमे। जफ शाभ िो

उसिा शौहय आमा तो उस औयत ने साया वाक़मा सन


ु ामा। शौहय ने ऩछ
ू ा वह िौन

रोग थे? िहा भारभ


ू नहीॊ, जाते वक़्त मह िहा था कि हभ भदीने िे यहने वारे

है । शौहय ने िहा ऽुदा िी फन्दी मह तो फता कि अफ हभाया गुज़ाया किस तयह

होगा। ायज़ कि थोड़े ही अयसे भें उन रोगों िो ़हत िा साभना ियना ऩड़ा औय

मह सख़्त भलु सफतों भें भज़ु ब्तरा हो िय बीख भाॊगते हुए भदीने जा ऩहुॉच।े एि

गरी से गुज़य यहे थे कि नागाह इभाभ हसन (अ.स.) िी ननगाह उस औयत ऩय जा

ऩड़ी। आऩ ने उसे फर
ु वा िय फियी वारा वाक़मा माद हदरामा औय उसिो एि

हज़ाय फिरयमाॊ औय एि हज़ाय अशकपु़ क माॊ इनामत फ़यभा दीॊ औय उसे इभाभ हुसन

(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें बेज हदमा, उन्होंने बी उसे इसी ़द्र फिरयमाॊ वाैया अता

फ़यभाई कपय अब्दल्


ु राह इब्ने जाफ़य िो इत्तेरा दी गई उन्होंने बी उसी िे रगबग

उसे दे हदमा। वह भारा भार हो िय अऩने घय वाऩस चरी गई। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ

121 व भतारेफस
ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 229)

316
अहदे अमीरऱ मोमेनीन (अ.ि.) में इमाम हिन (अ.ि.) की इस्ऱामी

खखदमात

तवायीऽ भें है कि जफ हज़यत अरी (अ.स.) िो ऩच्चीस फयस िी ऽाना नशीनी

िे फाद भस
ु रभानों ने ऽरीफ़ाए ज़ाहहयी िी है लसमत से तसरीभ किमा औय उसिे

फाद जभर, लसफ़्फ़ीन औय नहयवान िी रड़ाईमाॊ हुईं तो हय एि जेहाद भें इभाभ

हसन (अ.स.) अऩने वालरदे फज़


ु गु व
क ाय िे साथ साथ ही नहीॊ यहे फज़ल्ि फाज़ भौ़ों

ऩय जॊग भें आऩने िायहाम नभ


ु ामाॊ बी किमे। सैरूर सहाफा औय यौज़ातुर ऩष्ृ ठ भें

है कि जॊगे लसफ़्फ़ीन िे लसरलसरे भें जफ अफू भस


ू ा अशअयी िी ये शा दवाननमाॊ

उयमाॊ हो चि
ु ीॊ तो अभीयर भोभेनीन (अ.स.) ने इभाभ हसन (अ.स.) औय अम्भाये

मासीय िो िूफ़ा यवाना फ़यभामा। आऩने जाभए िूफ़ा भें अफू भस


ू ा िे अफ़सन
ू िो

अऩनी त़यीय िे नतयमा़ से फे असय फना हदमा औय रोगों िो हज़यत अरी

(अ.स.) िे साथ जाने ऩय आभादा किमा। अऽफाय अर तवार िी यवामत िी बफना

ऩय नौ हज़ाय छ् सौ ऩचास (9650) िा रशिय तय्माय हो गमा।

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि जॊगे जभर िे फाद जफ आमशा भदीने जाने ऩय

आभादा न हुईं तो हज़यत अरी (अ.स.) ने इभाभे हसन (अ.स.) िो बेजा औय

उन्होंने सभझा फझ
ु ा िय भदीने यवाना किमा चन
ु ान्चे वह इस सई भम्दहू भें

िाभमाफ हो गमे। फाज़ तायीखो भें है कि इभाभ हसन (अ.स.) जॊगे जभर व

लसफ़्फ़ीन भें अरभदाये रशिय थे औय आऩने भोहामदए तहिीभ ऩय दस्तऽत

317
फ़यभामे थे औय जॊगे जभर व लसफ़्फ़ीन औय नहयवान भें बी सई फरीा िी थी।

फ़ौजी िाभों िे अरावा आऩिे लसऩद


ु क सयिायी भेहभान ऽाने िा इन्तेज़ाभ औय

शाही भेहभानों िी भदायात िा िाभ बी था। आऩ भ़


ु दभात िे फ़ैसरे बी ियते थे

औय फैतुर भार िी ननगयानी बी फ़यभाते थे।

हज़रत अऱी (अ.ि.) की िहादत और इमाम हिन (अ.ि.) की फैयत

भवये ऽीन िा फमान है कि इभाभ हसन (अ.स.) िे वालरदे फज़


ु गु व
क ाय हज़यत अरी

(अ.स.) िे सये भफ
ु ायि ऩय फा भ़ाभे भज़स्जदे िूफ़ा 19 यभज़ान, 40 हहजयी फा

वक़्ते सफ
ु ह अभीये भाववमा िी साज़ज़श से अब्दर
ु यहभान इब्ने भज़ु ल्जभ भयु ादी ने

ज़हय भें फझ
ु ी हुई तरवाय रगाई। ज़जसिे सदभे से आऩने 21 यभज़ानर
ु भफ
ु ायि

40 हहजयी फा वक़्ते सफ
ु ह शहादत ऩाई। इस वक़्त इभाभ हसन (अ.स.) िी उम्र 38

सार 6 मौभ िी थी। हज़यत अरी (अ.स.) िी तदफ़ीन व तिफ़ीन िे फाद

अब्दल्
ु राह अब्ने अब्फास िी तहयीि से फ़ौर इब्ने असीय ़ैस इब्ने सआद इफादा

अन्सायी ने इभाभे हसन (अ.स.) िी फैमत िी औय उनिे फाद तभाभ हाज़ेयीन ने


ु़
फैमत िय री ज़जनिी तादाद 40,000 (चारीस हज़ाय) थी। मह वािेमा 21 यभज़ान

40 हहजयी मौभे जुभा िा है । किफ़ाएतुर अस्र अल्राभा भजलरसी भें है कि इस

वक़्त आऩने एि फ़सीह व फरीा ऽत


ु फा ऩढ़ा। ज़जसभें आऩने हम्दो सना िे फाद

12 इभाभों िी खखराफ़त
ु़ िा ज़ज़क्र फ़यभामा औय इसिी वज़ाहत िी कि आॊ हज़यत

318
(स.अ.व.व.) ने फ़यभामा है कि हभ भें हय एि मा तरवाय िे घाट उतये गा मा ज़हये

दाा से शहीद होगा। इसिे फाद आऩने ईया़, ईयान, ऽयु ासान, हहजाज़ औय मभन

व फसया वाैया िे अम्भार िी तयफ़ तवज्जो िी औय अब्दल्


ु रा इब्ने अब्फास िो

फसया िा हाकिभ भ़
ु यक य फ़यभामा। भाववमा िो ज्मोही ऽफय ऩहुॉची तो फसये िे

हाकिभ इब्ने अब्फास भ़


ु यक य िय हदमे गमे हैं तो उसने दो जासस
ू यवाना किमे, एि

़फीरए हभीय, िूफ़े िी तयफ़ औय दस


ू या ़फीरए ़ीन िा फसये िी तयफ़। इसिा

भ़सद मह था कि रोग इभाभ हसन (अ.स.) से भन


ु हरयफ़ हो िय भेयी तयफ़ आ

जामें रेकिन वह दोनों जासस


ू गगयफ़्ताय िय लरमे गमे औय उन्हें फाद भें ़त्र िय

हदमा गमा।

ह़ी़त है कि जफ ऐनाने हुिुभत इभाभ हसन (अ.स.) िे हाथों भें आई तो

ज़भाना फड़ा ऩयु आशोफ था। हज़यत अरी (अ.स.) ज़जनिी शज


ु ाअत िी धाि साये

अयफ भें फैठी हुई थी दनु नमाॊ से िूच िय चि


ु े थे। उनिी दफ़ातन शहादत ने सोमे

हुमे कफ़तनों िो फेदाय िय हदमा था औय सायी भभरित भें साज़ज़शों िी खखचड़ी

ऩि यही थी। ऽद
ु िूफ़े भें अशअस इब्ने ़ैस, उभय बफने हयीस, शीस इब्ने यफई

वाैया खुल्रभ खुल्रा फय सये अनाद औय आभादए फ़साद नज़य आते थे। भाववमा

ने जा फजा जासस
ू भ़
ु यक य िय हदमे थे जो भस
ु रभानों भें पूट डरवाते औय हज़यत
ु़
िे रश्िय भें इख़्तेराफ़ो इफ़तेया़ िा फीज फोते थे। उसने िूफ़े िे फडे फड़े सयदायों

से साज़ज़शी भर
ु ा़ातें िीॊ औय फड़ी फड़ी रयश्वतें दे िय उन्हें तोड़ लरमा। फेहारूर

319
अनवाय भें एल्रश्शयाए िे हवारे से भऩ्ूर है कि भाववमा ने उभय बफने हयीस,

अशअस बफने ़ैस, हजय इब्नर


ु हजय शीश इब्ने यफई िे ऩास अराहे दा अराहे दा

मह ऩैााभ बेजा कि ज़जस तयह हो सिे हसन इब्ने अरी िो ़त्र िया दो, जो

भनचरा मह िाभ िय गुज़ये गा उसे दो राख हदयहभ नाद इनाभ दॉ ग


ू ा औय फ़ौज

िी सयदायी अता िरूगाॊ औय अऩनी किसी रड़िी से शादी िय दॊ ग


ू ा। मह इनाभ

हालसर ियने िे लरमे रोग शफो योज़ भौ़े िी तराश भें यहने रगे। हज़यत िो

इत्तेरा लभरी तो आऩने िऩड़ों िे नीचे ज़ज़यह ऩहनना शरू


ु िय दी। महाॊ ति िी

नभाज़े जभाअत ऩढ़ाने िे लरमे फाहय ननिरते तो ज़ज़यह ऩहन िय ननिरते थे।

भाववमा ने एि तयफ़ तो ऽुकफ़मा तोड़ जोड़ किमे, दस


ू यी तयफ़ एि फड़ा रशिय

ईया़ ऩय एि फड़ा हभरा ियने िे लरमे बेज हदमा। जफ हभरा आवय रश्िय हुदद
ू े

ईया़ भें दयू ति आगे फढ़ आमा तो हज़यत ने अऩने रशिय िो हयित ियने िा

हुक्भ हदमा। हजय इब्ने अदी िो थोड़ी सी फ़ौज िे साथ आगे फढ़ने िे लरमे

फ़यभामा। आऩिे रश्िय भें बीड़ बाड़ तो ऽासी नज़य आने रगी थी भगय सयदाय

जो लसऩाहीमों िो रडातेु़ हैं िुछ तो भाववमा िे हाथ बफि चि


ु े थे, िुछ आकफ़मत

ऩोशी भें भसरूफ़ थे। हज़यत अरी (अ.स.) िी शहादत ने दोस्तों िे हौसरे ऩस्त

िय हदमे थे औय दश
ु भनों िो जुयअतो हहिभत हदरा दी थी।

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि भाववमा 60,000 (साठ हज़ाय) िी फ़ौज रे िय

भ़ाभे भिसन भें जा उतया, जो फादाद से दस फ़यसऽ तियीत िी जाननफ

320
अवाना िे ़यीफ वा़े है । इभाभ हसन (अ.स.) िो जफ भाववमा िी ऩेश ़दभी िा

इल्भ हुआ तो आऩने बी एि फड़े रशिय िे साथ िूच िय हदमा औय िूफ़े से

साफात भें जा ऩहुॉचे औय फायह हज़ाय िी फ़ौज ़ैस इब्ने साअद िी भातहती भें

भाववमा िी ऩेश ़दभी योिने िे लरमे यवाना िय हदमा कपय साफात से यवाना होते

वक़्त आऩने एि ऽुतफा ऩढ़ा ज़जसभें आऩने फ़यभामा कि, ‘‘ रोगों तुभने इस शतक

ऩय भझ
ु से फैमत िी है कि सर
ु ह औय जॊग दोनों ही हारातों भें भेया साथ दोगे। भैं

ऽुदा िी ़सभ खा िय िहता हूॉ कि भझ


ु े किसी शख़्स से फा
ु ज व अदावत नहीॊ

है , भेये हदर भें किसी िो सताने िा ख़्मार नहीॊ है । भैं सर


ु ह िो जॊग से औय

भोहब्फत िो अदावत से िहीॊ फेहतय सभझता हूॊ।

रोगों ने हज़यत िे इस खखताफ


ु़ िा भतरफ मह सभझा कि हज़यत इभाभ हसन

(अ.स.) अभीये भाववमा से सर


ु ह ियते िी तयफ़ भाएर हैं औय खखराफ़त
ु़ से दस्त

फयदायी ियने िा इयादा हदर भें यखते हैं। इसी दौयान भें भाववमा ने इभाभ हसन

(अ.स.) िे रशिय िी िसयत से भत


ु ाज़स्सय हो िय मह भशवेया अभये आस िुछ

रोगों िो इभाभ हसन (अ.स.) िे रशिय भें औय िुछ िो ़ैस इब्ने साअद िे

रशिय भें बेज िय एि दस


ू ये िे खखराफ़
ु़ प्रोऩेगन्डा िया हदमा। इभाभ हसन

(अ.स.) िे रशिय वारे साज़ज़शमों ने ़ैस िे भत


ु ाअज़ल्ऱ मह शोहयत दे नी शरू

िी कि उसने भाववमा से सर
ु ह िय री है औय ़ैस बफने साअद िे रशिय भें जो

साज़ज़शी घस
ु े हुए थे उन्होंने तभाभ रशियमों भें चचाक िय हदमा कि इभाभ हसन

321
(अ.स.) ने भाववमा से सर
ु ह िय री है । इभाभ हसन (अ.स.) िे दोनों रशियों भें

इस ाल्त अफ़वा हिे पैर जाने से फाावत औय फद गभ


ु ानी िे जज़फात उबय

ननिरे। इभाभ हसन (अ.स.) िे रश्िय िा वह उन्सय ज़जसे ऩहरे ही से शफ


ु ह था

कि भाएर फ सर
ु ह हैं मह िहने रगा कि इभाभ हसन (अ.स.) बी अऩने फाऩ

हज़यत अरी (अ.स.) िी तयह िाकफ़य हो गमे हैं। बफर आखखय


ु़ फ़ौजी आऩिे ऽैभे

ऩय टूट ऩड़े आऩिा िुर असफाफ रट


ू लरमा। आऩिे नीचे से भस
ु ल्रा ति खीॊच

लरमा। दोशे भफ
ु ायि ऩय से रयदा बी उताय री औय फाज़ नभ
ु ामा क़स्भ िे अफ़याद

ने इभाभ हसन (अ.स.) िो भाववमा िे हवारे िय दे ने िा प्रान तय्माय किमा।

आखखय
ु़ िाय आऩ इन फद फख़्तों से भदाएन िे गवकनय साअद मा सईद िी तयफ़

यवाना हो गमे। यास्ते भें एि ऽवायजी ने ज़जसिा नाभ फा यवामतुर अऽफारूर

तवार ऩष्ृ ठ 393, जयाह बफने ़ैसा था, आऩिी यान ऩय िभी गाह से एि ऐसा

ऽन्जय रगामा ज़जसने हड्डी ति भहफ़ूज़ न यहने दी। आऩने भदाएन भें भ़
ु ीभ

यह िय इराज ियामा औय अच्छे हो गमे। तायीऽे िालभर ज़जल्द 3, ऩष्ृ ठ 161,

तायीऽे आइम्भा ऩष्ृ ठ 333, फ़तेहुरफायी।

भाववमा ने भौ़ा ानीभत जान िय 20,000 (फीस हज़ाय) िा रश्िय अब्दल्


ु राह

इब्ने अलभय िी ़मादत व भातहती भें भदाएन बेज हदमा। इभाभ हसन (अ.स.)

उससे रड़ने िे लरमे ननिरने ही वारे थे कि उसने आभ शोहयत िय दी कि

भाववमा फहुत फड़ा रश्िय रे िय आ यहा है । भैं इभाभ हसन (अ.स.) औय उनिे

322
रश्िय से दयख़्वास्त ियता हूॊ कि भफ़
ु त भें जान न दें औय सर
ु ह िय रें। इस

दावते सर
ु ह औय ऩैााभे ऽौफ़ से रोगों िे हदर फैठ गमे, हहम्भते ऩस्त हो गईं

औय इभाभ हसन (अ.स.) िी फ़ौज बागने िे लरमे यास्ता ढूॊढने रगी।

िुऱह

भव
ु रयक ऽ, भआलसय अल्राभा अरी ऩी लरखते हैं कि अभीये शाभ िो हज़यते

इभाभ हसन (अ.स.) िी फ़ौज िी हारत औय रोगों िी फेवफ़ाई िा हार भारभ


ू हो

चि
ु ा था इस लरमे वह सभझते थे कि इभाभ हसन (अ.स.) िे लरमे जॊग भज़ु म्िन

नहीॊ है भगय इसिे साथ मह बी म़ीन यखते थे कि हज़यत इभाभ हसन (अ.स.)

कितने ही फेफस औय फेिस हों भगय अरी (अ.स.) व फ़ात्भा (स.अ.व.व.) िे फेटे

औय ऩैाम्फये इस्राभ िे नवासे हैं इस लरमे वह ऐसे शयाएत ऩय हयगगज़ सर


ु ह न

ियें गे जो ह़ ऩयस्ती िे खखराफ़


ु़ हों औय ज़जनसे फानतर िी हहभामत होती हो।

इसिो नज़य भें यखते हुए उन्होंने एि तयफ़ तो आऩिे सागथमों अब्दल्
ु राह इब्ने

आलभय िे ज़रयमे ऩैााभ हदरवामा कि अऩनी जान िे ऩीछे न ऩड़ो औय ऽॊयू े ज़ी न

होनें दों इस लसरलसरे भें िुछ रोगों िो रयशवतें बी दी गई औय िुछ फज़


ु हदरों िो

अऩनी तादाद िी ज़्मादती से ऽौफ़ ज़दा किमा गमा औय दस


ू यी तयफ़ हज़यत इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) िे ऩास ऩैााभ बेजा कि आऩ ज़जन शयाएत ऩय िहें उन्हीॊ शयाएत

ऩय सर
ु ह िे लरमे तय्माय हूॊ।

323
इभाभ हसन (अ.स.) म़ीनन अऩने सागथमों िी ाद्दायी दे खते हुए जॊग ियना

भन
ु ालसफ न सभझते थे रेकिन इसी िे साथ साथ मह ज़रूय ऩेशे नज़य था कि ऐसी

सयू त ऩैदा हो कि फानतर िी त़ववमत िा धब्फा भेये दाभन ऩय न आने ऩामे। इस

ज़भाने िो हुिूभत व इ़तेदाय िी हवस तो िबी थी ही नहीॊ उन्हें तो भतरफ

इससे था कि भऽऱ
ू े ऽुदा िी फेहतयी हो औय हुदद
ू े इराही िा इजया हो। अफ

अभीये भाववमा ने जो आऩ से भॊह


ु भाॊगे शयामत ऩय सर
ु ह ियने िे लरमे आभदगी

ज़ाहहय िी तो अफ भस
ु ारेहत से इन्िाय ियना शख़्सी इ़तेदाय िी ख़्वाहहश िे

अरावा औय िुछ नहीॊ ़याय ऩा सिता था औय मह िी अभीये शाभ सर


ु ह िी

शयामत ऩय अभर न ियें गे। फात िी फात थी जफ ति सर


ु ह न होती मह अॊजाभ

साभने िहाॊ से आ सिता था औय हुज्जतें तभाभ क्मों िय हो सिती थीॊ कपय बी

आऽयी जवाफ दे ने से ़ब्र आऩने साथ वारों िो जभा िय लरमा औय त़यीय

फ़यभाई।

आगाह यहो कि तभ
ु भें वह खॊू ये ज़ रडाईमाॊ
ु़ हो चकु ि हैं ज़जनभें फहुत रोग ़त्र

हुए िुछ भ़तर


ू लसफ़्फ़ीन भें हुए ज़जनिे लरमे आज ति यो यहे हो औय िुछ

भ़तूर नहयवान िे ज़जनिा भआ


ु वेज़ा तरफ िय यहे हो। अफ अगय तुभ भौत ऩय

याज़ी हो तो हभ इस ऩैााभे सर
ु ह िो ़फर
ू न ियें औय उनसे अल्राह िे बयोसे

ऩय तरवायों से फ़ैसरा ियें औय अगय ज़ज़न्दगी िो अज़ीज़ यखते हो तो हभ उसिो

़फर
ू िय रें औय तुम्हायी भयज़ी ऩय अभर ियें । जवाभ भे रोगों ने हय तयफ़ से

324
ऩि
ु ायना शरू
ु किमा कि हभ ज़ज़न्दगी चाहते हैं। आऩ सर
ु ह िय लरज़जमे। इसी िा

नतीजा था कि आऩने सर
ु ह िे शयामत भयु त्तफ िय िे भआद िे ऩास यवाना किमे।

(तयजुभा इब्ने ऽल्दन


ू )

िराएते िुऱह

इस सर
ु ह नाभे िे शयाएत हसफे ज़ैर थे

1. मह कि भाववमा हुिूभते इस्राभ भें , किताफे ऽुदा औय सन्


ु नते यसर

(स.अ.व.व.) ऩय अभर िये गे।

2. मह कि भाववमा िो अऩने फाद किसी िो ऽरीफ़ा नाभजद ियने िा ह़ न

होगा।

3. मह कि शाभ व ईया़ व हहजाज़ व मभन सफ जगह िे रोगों िे लरमे

अभान होगी।

4. मह कि हज़यत अरी (अ.स.) िे असहाफ औय लशमा जहाॊ बी हैं उनिे जान व

भार औय नाभस
ू औय औराद भहफ़ूज़ यहें गे।

5. मह कि भाववमा हसन इब्ने अरी (अ.स.) औय उनिे बाई हुसन


ै इब्ने अरी

(अ.स.) ऽानदाने यसर


ू (स.अ.व.व.) भें से किसी िो बी िोई ऩ
ु सान मा हराि

ियने िी िोलशश न िये गे औय न ऽकु फ़मा तौय ऩय औय न ऐराननमाॊ औय उनभें से

किसी िो किसी जगह धभिामा औय डयामा न जामेगा।

325
6. मह कि जनाफे अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िी शान भें िरभाते नाज़ेफा जो

अफ ति भज़स्जदे जाभा औय िुन


ु़ त
ू े नभाज़ भें इस्तेभार होते यहे हैं वह तिक िय

हदमे जामें आखखयी


ु़ शतक िी भॊज़यू ी भें भाववमा िो उज़्र हुआ तो मह तम ऩामा कि

िभ अज़ िभ ज़जस भौ़े ऩय इभाभ हसन (अ.स.) भौजूद हों, उस जगह ऐसा न

किमा जामे। मह भआ
ु हे दा यफीउर अव्वर मा जभाहदउर अव्वर 41 हहजयी िो

अभर भें आमा।

िुऱह नामे ऩर दस्तखत

25 यफीउर अव्वर िो िूफ़े िे ़यीफ भ़


ु ाभे अम्फाये भें फ़यी़ैन िा इज्तेभा

हुआ औय सर
ु ह नाभे ऩय दोनों िे दस्तऽत हुए औय गवाहहमाॊ सब्त हुईं। (ननहामतुर

अयफ फ़ी भाये फ़तुन ननसाफ अर अयफ ऩष्ृ ठ 80) इसिे फाद भाववमा ने अऩने लरमे आभ

फैमत िा ऐरान िय हदमा औय सार िा नाभ सन्


ु नतर
ु जभाअत यखा कपय इभाभ

हसन (अ.स.) िो ऽुतफा दे ने ऩय भजफयू किमा। आऩ लभम्फय ऩय तशयीफ़ रे गमे

औय इयशाद फ़यभामा, ‘‘ ऐ रोगों ऽुदाए तआरा ने हभ भें से अव्वर िे ज़रयए से

तुम्हायी हहदामत िी औय आखखय


ु़ िे ज़रयमे से तुम्हें खॊू ये ज़ी से फचामा। भाववमा ने

इस अम्र भें भझ
ु से झगड़ा किमा ज़जसिा भैं इस से ज़्मादा भस्
ु तह़ हूॊ रेकिन भैंने

रोगों िी खॊू ये ज़ी िी ननसफत इस अम्र िा तिक िय दे ना फेहतय सभझा। तभ


ु यॊ ज

व भरार न ियों कि भैंने हुिूभत इसिे न अहद िो दे दी, औय उसिे ह़ िो

326
जाम नाह़ ऩय यखा भेयी ननमत इस भाभरे भें लसफ़क उम्भत िी बराई है । महाॊ

ति फ़यभाने ऩाम थे कि भाववमा ने िहा फस ऐ हज़यत ज़्मादा फ़यभाने िी ज़रूयत

नहीॊ है । (तायीऽे ऽभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 325)

तिभीरे सर
ु ह िे फाद इभाभ हसन (अ.स.) ने सब्र व इस्ते़रार व नफ़्स िी

फरन्दी िे साथ उन तभाभ नाऽुशगवाय हारात िे फयदाश्त किमा औय भोहामदे ऩय

सख़्ती से ़ामभ यहे , भगय इधय मह हुआ कि अभीये शाभ ने जॊग िे ऽत्भ होते

ही औय लसमासी इ़तेदाय िे भज़फत


ू होते ही ईया़ भें दाखखर
ु़ हो िय नऽीरे भें

ज़जसे िूफ़े िी सयहद सभझना चाहहमे ़माभ किमा औय जभ


ु े िे ऽत्ु फे िे फाद

ऐरान किमा कि भेया भ़सद जॊग से मह न था कि तुभ रोग नभाज़ ऩढ़ने रगो,

योज़े यखने रगो, हज ियो मा ज़िात अदा ियो, मह सफ तुभ तो ियते ही हो भेया

भ़सद तो मह था कि भेयी हुिूभत तुभ ऩय भस


ु ल्रभ हो जाम औय मह भेया

भ़सद हसन (अ.स.) िे उस भह


ु ामदे िे फाद ऩयू ा हो गमा औय फावजूद तुभ रोगो

िी नगवायी िे भैं िाभमाफ हो गमा। यह गमे वह शयामत जो भैंने हसन (अ.स.)

िे साथ किमे हैं वह सफ भेये ऩैयों िे नीचे हैं। इनिा ऩयू ा ियना मा न ियना भेये

हाथ िी फात है । मह सन
ु िय भजभे भें एि सन्नाटा छा गमा, भगय अफ किस भें

दभ था कि उसिे खखराफ़
ु़ ज़फान खोरता।

327
िराएते िऱ
ु ह का हिर

भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि अभीये भाववमा जो भैदाने लसमासत िा खखराड़ी

औय भियो जौय िी सरतनि िा ताजदाय था इभाभ हसन (अ.स.) से वादा औय

भह
ु ामदा िे फाद ही सफ से भि
ु य गमा। ‘‘ वरभमफ़ रहु भावीमतारमाअ भहाआहद

अरैह ’’ तायीखे िालभर इब्ने असीय ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 162 भें है कि भाववमा ने

किसी एि चीज़ िी बी ऩयवाह न िी औय किसी ऩय अभर न किमा। इभाभ अफर


हसन अरी बफन भोहम्भद लरखते हैं कि जफ भाववमा िे लरमे अभये सरतनत

उसतवाय हो गमा तो इस ने अऩने हाकिभों िो जो भऽ


ु तलरफ़ शहयों औय इरािों ु़

भें थे, मह फ़यभान बेजा कि अगय िोई शख़्स अफु तयु ाफ औय उसिे अहरे फैत िी

फ़ज़ीरत िी यवामत िये गा तो भै उससे फयीउज़जु़ ़्ज़म्भा हूॊ। जफ मह ऽफय तभाभ

भल्
ु िों भें पैर गई औय रोगों िो भाववमा िा भॊशा भारभ
ू हो गमा तो तभाभ

ऽतीफों ने लभम्फय ऩय से सब्फो लशतभ औय भऩसते अभीयर भोभेनीन ऩय ऽुत्फा

दे ना शरू
ु िय हदमा। िूफ़े भें ज़्माद इब्ने अफीहा जो िई फयस ति हज़यत अरी

(अ.स.) िे अहद भें उनिे अरभ भें यह चि


ु ा था वह शीआने अरी िो अच्छी तयह

से जानता था। भदक, औयतों, जवानों औय फढ़


ू ों से अच्छी तयह आगाह था इसे हय

एि यहाईश औय िोनों औय गोशों भें फसने वारों िा ऩता था। इसे िूफ़े औय फसये

दोनों िा गवकनय फना हदमा गमा था। इसिे ज़ुल्भ िी हारत मह थी कि लशमाने

अरी िो ़त्र ियता औय फाज़ों िी आॊखों िो पोड़ दे ता औय फाज़ों िे हाथ ऩाॊव

328
िटवा दे ता था। इस ज़ुल्भें अज़ीभ से सैिड़ों तफाह हो गमे। हज़ायों जॊगरों औय

ऩहाड़ों भें जा छुऩे। फसये भें आठ हज़ाय आदलभमों िा ़त्र वा़े हुआ ज़जनभें

फैमालरस हाकफ़ज़ औय ़ायीमे ़ुयआन थे। इन ऩय भोहब्फते अरी िा जभ


ु क आमद

किमा गमा था। हुक्भ मह था कि अरी (अ.स.) िे फजाम उस्भान िे फ़ज़ाएर

फमान किमे जामें औय अरी (अ.स.) िे फ़ज़ाएर िे भत


ु ाअज़ल्ऱ मह फ़यभान था

कि एि फ़ज़ीरत िे एवज़ दस दस भन
ु ़सत व भज़म्भत तसनीफ़ िी जाए मह

सफ िुछ अभीयर भोभेनीन (अ.स.) से फदरा रेने औय मज़ीद िे लरमे ज़भीने

खखराफ़त
ु़ हभवाय ियने िी ऽानतय था।

िूफ़े से इभाभ हसन (अ.स.) िी भदीने िो यवानगी सर


ु ह िे भयाहहर तम होने

िे फाद इभाभे हसन (अ.स.) अऩने बाई इभाभ हुसन


ै (अ.स.) औय अब्दल्
ु राह इब्ने

जाफ़य औय अऩने अतफ़ार व अमार िो रे िय भदीने िी तयफ़ यवाना हो गमे।

तायीऽे इस्राभ लभस्टय ज़ाकिय हुसन


ै िी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 34 भें है कि जफ आऩ

िूफ़े से भदीना िे लरमे यवाना हुए तो भाववमा ने यास्ते भें एि ऩैााभ बेजा औय

वह मह था कि आऩ ख़्वारयज से जॊग ियने िे लरमे तय्माय हो जामें क्मों कि

उन्होंने भेयी फैमत होते ही कपय सय ननिारा है । इभाभ हसन (अ.स.) ने जवाफ

हदमा कि अगय खॊयू े ज़ी भ़सद


ू होती तो भैं तुझ से क्मों सर
ु ह ियता। जज़स्टस

अभीय अरी अऩनी तायीऽे इस्राभ भें लरखते हैं कि ख़्वारयज हज़यत अफू फक्र औय

329
हज़यत उभय िो भानते औय हज़यत अरी (अ.स.) औय उस्भान ानी िो नहीॊ

तसरीभ ियते थे औय फनी उभय्मा िो भयु नतद िहते थे।

िऱ
ु ह हिन (अ.ि.) और उिकी वजह व अिफाफ

उस्ताज़ुर आराभ हज़यत अल्राभा सय्मद अदीर अख़्तय आरल्राहो भ़ाभा

ु वाएज़ीन रखनऊ) अऩनी किताफे तसिीन अर फ़तन फ़ी


(साबफ़ वप्रन्सऩर भदयसातर

सर
ु ह अर हसन िे ऩष्ृ ठ 158 भें तहयीय फ़यभाते हैं

इभाभे हसन (अ.स.) िी ऩारीसी बफल्िुर जैसा कि फाय फाय लरखा जा चि


ु ा है

िुर अहरे फैत िी ऩारीसी एि औय लसफ़क एि थी। (ववयासत अर फैफ ऩष्ृ ठ 249) वह

मह कि हुक्भे खुदा औय हुक्भे यसर


ू (स.अ.व.व.) िी ऩाफन्दी उन्हीॊ िे एहिाभ िा
ु़
इजया चाहहए हैं। इस भतरफ िे लरमे जो फयदाश्त ियना ऩडे, भज़िूया फारा

हारात भें इभाभ हसन (अ.स.) िे लरमे लसवाए सर


ु ह क्मा चाया हो सिता था।

इसिो ऽुद साहे फाने अ़र सभझ सिते हैं। किसी इस्तेदरार िी चन्दा ज़रूयत

नहीॊ है । महाॊ ऩय अल्राभा इब्ने असीय िी मह इफायत (ज़जसिा तयजुभा दजक किमा

जाता है ) िाबफरे
ु़ गौयु़ है ।

िहा गमा है कि इभाभ हसन (अ.स.) ने हुिूभत भाववमा िो इस लरमे सऩ


ु द
ुक िी

जफ भाववमा ने खखराफ़त
ु़ हवारे ियने िे भत
ु ाअज़ल्ऱ आऩिो ऽत लरखा उस

वक़्त आऩने ऽत्ु फा ऩढ़ा औय खद


ु ा िी हम्दो सना िे फाद फ़यभामा कि दे खो हभ

330
िो शाभ वारों से इस लरमे नहीॊ दफना ऩड़ यहा है कि अऩनी ह़ी़त भें िोई शि

मा ननदाभत है । फात तो फ़़त मह है कि हभ अहरे शाभ से सराभत औय सब्र िे

साथ रड़ यहे थे, भगय अफ सराभत भें अदावत औय सब्र भे फ़रयमाद भख़्रत
ू िय

दी गई है । जफ तुभ रोग लसफ़्फ़ीन िो जा यहे थे उस वक़्त तुम्हाया दीन तुम्हायी

दनु नमा ऩय भ़
ु द्दभ था रेकिन अफ तुभ एि से हो गमे हो कि आज तुम्हायी

दनु नमा तुम्हाये दीन ऩय भ़


ु द्दभ हो गई है । इस वक़्त तुम्हाये दोनों तयफ़ दो

क़स्भ िे भ़तूर हैं। एि लसफ़्फ़ीन िे भ़तूर ज़जन ऩय यो यहे हो दस


ू ये नहयवान

िे भ़तर
ू ज़जनिे ऽन
ू िा फदरा चा यहे हो। खर
ु ासा मह कि जो फा़ी है वह

साथ छोड़ने वा ारा है औय जो यो यहा है वह फदरा रेना ही चाहता है । ऽूफ सभझ

रो कि भाववमा ने हभ िो ज़जस अम्र िी दावत दी है न इसभें इज़्ज़त है औय न

इन्साफ़ रेहाज़ा अगय तुभ रोग भौत ऩय आभादा हो तो हभ इसिी दावत यद िय

दें औय हभाया इसिा फ़ैसरा खुदा िे नज़दी़ बी तरवाय िी फाढ़ से हो जामे औय

अगय तभ
ु ज़ज़न्दगी चाहते हो तो जो इसने लरखा है भान लरमा जाम औय जो

तम्
ु हायी भयज़ी है वैसा हो जाम। मह सन
ु ना था कि हय तयफ़ से रोंगो ने गचल्राना

शरू
ु िय हदमा, फ़ा ऱा, सर
ु ह सर
ु ह। ’’ (तायीऽे िालभर ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 162)

िाये ईन इॊसाफ़ फ़यभाइमे कि क्मा अफ बी इभाभ हसन (अ.स.) िे लरमे मह याम

है कि सर
ु ह न िये । इन फ़ौज़जमों िे फर फत
ू े ऩय (अगय ऐसों िो फ़ौज औय उनिी

़ुव्वतों िो फर फत
ू ा िहा जा सिे) रड़ाई ज़ेफा है हय गगज़ नहीॊ। ऐसे हारात भें

331
लसफ़क मही चाया था कि सर
ु ह िय िे अऩनी औय इन तभाभ रोगों िी ज़ज़न्दगी िो

भहफ़ूज़ यखें जो दीने यसर


ू (स.अ.व.व.) िा नाभ रेवा औय ह़ी़ी ऩैयो औ ऩाफन्द

थे। इसिे अरावा ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िी ऩेशीन गोई बी सर


ु ह िी याह

भें भशार िा िाभ िय यही थी। (फुखायी)


ु़ अल्राभा भोहम्भद फा़य लरखते हैं कि

हज़यत िो अगयचे भाववमा िी वफ़ाए सर


ु ह ऩय एतेभाद नहीॊ था रेकिन आऩने

हारात िे ऩेशे नज़य चायो नाचाय दावते सर


ु ह भॊज़ूय िय री। (अद्दभतुस ़् सािेफा)

िुऱह हिन (अ.ि.) और जॊगे हुिैन (अ.ि.)

सर
ु ह औय जॊग दो भत
ु ज़ात भत
ु ाफइन रफ़्ज़ हैं। सर
ु ह िा रफ़ज़ िराभे अयफ

भें उस वक़्त इस्तेभार होता है जफ फ़साद फा़ी न यहे औय भस


ु ारेह उस ़यायदाद

िो िहते हैं ज़जससे नज़ा दयू हो जाम औय साहे फाने लसमासत िे नज़दी़ सर
ु ह

उसिो िहते हैं ज़जसिे फाद िुछ शयाएत ऩय रड़ाई योि दी जाम। (सवानेह इभाभ

हसन ऩष्ृ ठ 99 फा हवाराए भोअज़ज्जभ अर तालरफ ऩष्ृ ठ 555) औय जॊग उसे िहते हैं

ज़जसिे दाभन भें सर


ु ह िा इम्िान न हो। सर
ु ह इम्िाने जॊग भफ़्िूद होने ऩय

औय जॊग इभिाने सर
ु ह िे फ़़दान ऩय होती है औय इस इम्िान औय अदभ

इभिान नीज़ भौ़े िे सभझने िा ह़ साहफे भाभेरा िो होता है । मही वजह है

कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने भौ़े सर


ु ह ऩय सर
ु ह हुदैबफमा किमा औय भौ़ाए

जॊग ऩय फेशभ
ु ाय जेहाद किमे औय हज़यत अरी (अ.स.) ने भौ़ाए सर
ु ह भें

332
ऽाभोशी औय गोशा नशीनी इख़्तेमाय िी औय भौ़ाए जॊग भें जभर औय लसफ़्फ़ीन

िा िायनाभा ऩेश किमा।

इभाभ हसन (अ.स.) िे लरमे जॊग भज़ु म्िन न थी इस लरमे उन्होंने सर


ु ह िी

औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे लरमे सर
ु ह भज़ु म्िन न थी इस लरमे उन्हे ाॊने जॊग िी

औय अज़ रूए हदीस अऩने भ़ाभ ऩय दोनों अभर सहीह औय भम्दहू हुमे। ‫قام اماما‬

‫ قعودا او‬मह दोनों इभाभ हसन (अ.स.) औय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) हय हार भें वाज़जफ

अर इताअत हैं चाहे जॊग ियें मा सर


ु ह। (फेहाय) मानी दोनों िे हारात औय

सवारात भें फ़़क था। इभाभ हसन (अ.स.) िे ऩास उस वक़्त बफल्िुर भई
ु न व

भददगाय न थे। जफ भाववमा ने ऽरऐ खखराफ़त


ु़ िा सवार किमा था नीज़ भाववमा

िा सवार मह था कि खखराफ़त
ु़ छोड़ दो मा अऩनी औय अऩने भानने वारों िी

तफाही व फयफादी फयदाश्त ियो। इभाभ हसन (अ.स.) ने हारात िी यौशनी भें खखर
ु़

खखराफ़त
ु़ िो भन
ु ालसफ सभझा औय सर
ु ह िय री। आऩ इयशाद फ़यभाते थे ‘‘

फ़़द तयाितोहू रभ इयादतन रे इसराहर उम्भता व ह़ दे भाअर भस


ु रेभीन ’’

भैंने खखराफ़त
ु़ जान फझ
ू िय इस लरमे तिक िय दी ताकि इस्राह व सि
ु ू न हो सिे

औय ऽून न फहे । (िालभर व फेहाय)

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे ऩास फेहतयीन जाॊ ननसाय जाॊ फाज़ भौजूद थे औय मज़ीद

िा सवार मह था कि फैअत ियो मा सय दो। (तफयी यौज़तुर सफ़ा) इभाभ हुसन


333
(अ.स.) ने हारात िी यौशनी भें सय दे ने िो भन
ु ालसफ सभझा औय फैअत से इन्िाय

िय िे जॊग िे लरमे तैय्माय हो गमे।

म़ीन ियना चाहहमे कि अगय इभाभ हसन (अ.स.) से बी फैअत िा सवार

होता तो वह बी वहीॊ िुछ ियते जो इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने किमा है । आऩिे

भददगाय होते मा न होते, क्मों कि आरे भोहम्भद (अ.स.) किसी ाैय िी फैमत

हयाभे भत
ु ऱ सभझते थे। अल्राभा जरार हुसन
ै ी लभसयी ने ‘‘अर हुसन
ै ’’ भें

फा हवाराए वा़ेए हहयाक लरखा है कि वा़ेए ियफरा िे फाद किसी हुिूभत ने आरे

भोहम्भद िे किसी अहद भें फैअत िा सवार नहीॊ किमा।

फा हुक्भे ह़ िहीॊ सर
ु ह िय रेते हैं दश्ु भन से।

िहीॊ ऩय जॊगे ऽाभोशी जवाफे सॊग होती है ।।

जमाना मह सफ़ रे फ़ात्भा िे हदर िे टुिड़ों से।

िहाॊ ऩय सर
ु ह होती है िहाॊ ऩय जॊग होती है ।।

इमाम हिन (अ.ि.) ऩर किरते अज़वाज का इल्ज़ाम

मह एि भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िी जद्दो जेहद

औय अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िी सई व िोलशश से इसराभ दनु नमा भें पैरा जो

रोग इब्तेदाए फेसत भें भस


ु रभान हुमे औय ज़जन्होंने हमाते ऩैाम्फय ति इस्राभ
ु़
़ुफर
ू किमा उनि े भज़हफी इन्िे राफ भें हज़यत अरी (अ.स.) िे दस्ते फाज़ू िा

334
फड़ा दखर है । उभवी औय अब्फासी नस्रों भें इस्राभ िी दयाभद औय अरी (अ.स.)

िी जेहादी ़ुव्वत यहीने लभन्नत है । ज़रूयत थी कि इन नस्रों िे चश्भों गचयाा

जफ आगे चर िय फ़योा ऩाते तो अरी (अ.स.) िा ़सीदा ऩढ़ते, क्मों कि उन्हीॊ

िे सद़े भें उन्हें लसयाते भस्


ु त़ीभ नसीफ हुई थी रेकिन मह होता उसी वक़्त जफ

कि फा जफयो इ़याह इस्राभ ़फर


ू न किमा होता। महाॊ हार मह था ज़फान ऩय

अल्राह हदर भें फागड़ बफल्रा मही वजह है कि नस्रों िी हय फ़दक ने फ़योा ऩाते

ही भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) औय उनिी आरे ऩाि िी भऽ
ु ारेफ़त अऩना

शेवा फना लरमा था। अभीये भाववमा जो फ़ौरे भव


ु ये ऽीन इस्राभ व कफ़यॊ ग,

लसमाना, फदननमत गुनाहों से फे ऩयवाह, खुदा से फे खौफ़ु़ था। (भहाज़याते असफ़हानी,

तायीऽे अभीय अरी) िो नहीॊ इ़तेदाय हालसर हुआ। उसने आरे भोहम्भद (अ.स.) िो

तफाह ियने िे लरमे वह तभाभ भसाएर भोहय्मा किमे ज़जनिे फाद फाननमे इस्राभ

औय उनिी आर िी इज़्ज़त व आफरू, जान भार िा तहफ़्फ़ुज़ ना भभ


ु किन सा हो

गमा। जॊगे जभर व लसफ़्फ़ीन वाैया इसिी चीया दज़स्तमों से रूनभ


ू ाॊ हुई। इभाभ

हसन (अ.स.) िी सर
ु ह इसी िी ज़्मादनतमों िा नतीजा थीॊ भव
ु ये ऽीन िा फमान है

कि सर
ु ह हसन (अ.स.) िे फाद भाववमा भस
ु ल्रेभर
ु सफ
ु त
ू फादशाह फन गमा। कपय

इसने अऩनी ता़त िे ज़ोय से भोहम्भद (स.अ.व.व.) व आरे भोहम्भद (अ.स.) िे

खखराफ़
ु़ हदीसों िे गढ़ने औय तायीऽ िा धाया भोड़ने िी भहु हभ शरू
ु िय दी औय

335
भोहम्भद (स.अ.व.व.) व आरे भोहम्भद (अ.स.) िो फदनाभ ियने भें िोई द़ी़ा

फ़यो गश
ु ात नहीॊ किमा। इस भौ़े ऩय चन्द चीज़ों िी तयफ़ इशाया ियता हूॉ।

1. ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िो भेयाजे ज़जस्भानी नहीॊ हुई। (शयह लशफ़ा)

2. आऩ भें ज़जन्सी हवस इस दजाक थी कि शफो योज़ अऩनी ग्मायह फीववमों िे

ऩास जाते थे। (सम्त अर शभीभ भहहफ, तफयी ज़जल्द 2, ऩष्ृ ठ 94 तफआ हरफ)

3. आऩिे हदर ऩय अक्सय ऩदे ऩड़ जामा ियते थे। (सही भुज़स्रभ व अफू दाऊद)

4. आऩिी चाय रड़किमाॊ थीॊ। (तवायीऽे इस्राभ)

5. आऩ िे फाऩ दादा िाकफ़य थे औय आखखय


ु़ वक़्त ति भस
ु रभान न हुमे।

6. उस्भान ानी ज़ुन्नयु यै न थे।

7. अफू तालरफ बफल्िुर भफ़


ु लरस थे।

8. अरी ने उस्भान िो ़त्र किमा।

9. अरी फहुत ज़फयदस्त डािू थे। (भयऊजे अर ज़हफ भसअवी)

10. अरी व फ़ात्भा नभाज़े सफ


ु ह नहीॊ ऩढ़ते थे। (हमातर
ु औलरमा, ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ

144 तफाअ लभस्र 1933 ई0)

11. अरी िी फेटी उम्भे िुरसभ


ू िा अक़्द ऽरीफ़ाए दोमभ से हुआ था।

12. अफ़सानए सिीना बफन्तुर हुसन


ै , इभाभ हसन िी िसयते अज़वाज औय

िसयते तरा़ िा अफ़साना बी ऐसी नस्रे फनी उभय्मा ऽस


ु स
ू न भाववमा िी

ऩैदावाय है । खखराफ़त
ु़ िो छोड़ने िे फवजद
ू वह इसिे दस्ते ज़ल्
ु भ से भहफ़ूज़ नहीॊ

336
यह सिे। भख़्
ु तलरफ़ क़स्भ िे इरज़ाभात उन ऩय हज़फे आदत रगते यहे औय कपय

इन तभाभ चीज़ों िो तवायीऽ औय अहादीस भें जगह दे ने िी सई ियता यहा उसिे

फाद ज़या सि
ु ू न हालसर ियते ही किताफ अर इख़्फारूर भाज़ीमीन तदवीन ियाई

औय इसभें उल्टी सीधी फातें लरखवा दीॊ।

उमवी अहद की तारीख के मुताअजल्ऱक़ मुितिरक़ीने यूरोऩ की राय

अभेयीिा िा भशहूय भव
ु रयक ऽ कपज़ल्ऩ िे0 हहट्टी अऩनी तसनीफ़ (तायीऽे अयफ) भें

लरखता है कि भस
ु रभान अयफ िे दो कफ़य़ जफ िबी िोई भज़हफी, लसमासी मा

सभाजी ननज़ा होती थी तो हय एि फ़यी़ अऩनी ताईद भें यसर


ू अल्राह

(स.अ.व.व.) िी हदीस ऩेश ियता, ख़्वाह वह हदीसें सही हों मा भौजूआ औय झठ


ू ी,

इस लरमे अरी (अ.स.) औय अफू फक्र िी लसमासी भऽ


ु ारेफ़त, अरी (अ.स.) औय
ु़
भाववमा िा झगड़ा, फनी अब्फास औय फनी उभय्मा िी फाहभी अदावत वगैया

भत
ु ाअद्ज़ दद झठ
ू ी हदीसों िे फनने िे फाएस हुए। इसिे अरावा उरभा िी िसीय

तादाद िे लरमे मह दौरत िभाने औय रूप्मा ऩैदा ियने िा ज़रयमा फन गमा।

प्रोफ़ेसय लसभेन किरे िैम्फये ज मन


ू ीवलसकटी भतूफ़ी 1720 ई0 अऩनी तायीऽ साया

सेनेज़ भें लरखते है ् अयफो ने तायीऽ नवीसी िा ारत तयी़ा इख़्तेमाय िय िे हभ

िो इस भसयक त औय फ़ामदे से भहरूभ िय हदमा जो हभ िो इनिी लरखी हुई

किताफों से हालसर हो सिता था। भव


ु रयक ऽ िे फ़याएज़ औय हु़ू़ क्मा होते हैं

337
उन्होंने िभा हक़़्ा न सभझा इस लरमे इन फ़याएज़ औय हु़ू़ िो नज़य अन्दाज़

िय हदमा। हभाये लरमे इनिी लरखी हुई तायीखो िा भत


ु ारेआ ियना औय उनसे

सही तायीऽी वा़ेमात िा अऽु़ ़्ज़ ियना फहुत भज़ु श्िर हो गमा।

मह इन तायीऽी किताफो िी फे एतेभादी औय उनिी िोताहहमों िा आरभ है

ज़जनभें इभाभ हसन (अ.स.) जैसे भयु ताज़ इभाभ िी िसयते अज़वाज िा अफ़साना

भयु त्तफ किमा गमा है ।

जफ हभ िसयते अज़वाज औय िसयते तरा़ िे अफ़साने ऩय ाौय ियते हैं तो

हभें साफ़ नज़य आता है कि ऐसा वाक़मा हयगगज़ नहीॊ हुआ क्मों कि अगय ऐसा

होता तो इनत भाभ औयतों िे नाभ इल्भे रयजार िी तायीऽ िी किताफों भें ज़रूय

होते। हभें िुतुफे रयजार भें जो नाभ लभरते हैं उनिी इन्तेहा लसफ़क 9 ति होती है ।

मह ह़ी़त है कि आऩने व़तन फ़ाव़तन इसी तयह नौ 9 फीववमाॊ अऩने अक़्द

भें यखीॊ। ज़जस तयह से यसर


ू अल्राह (स.अ.व.व.) िी नौ 9 फीववमाॊ थी। आऩिी

फीववमों िे नाभ मह हैं। 1. उम्भे फ़यवा, 2. खर


ू ा, 3. उम्भे फशीय, 4. स़कफ़मा,

5. यम्रा, 6. उम्भे इसहा़, 7. उम्भर


ु हसन, 8. बफन्ते उभयाउर ़ैस, 9. जोदा

बफन्ते अशअस। (सीयतुर हसन, अफसारूर ऐन)


ु़
एडवकड गगफन भशहूय भारूफ़ तायीऽ तन्ज़ीर व इनिेताए सरतनते योभ भें

लरखते हैं।

338
मह हज़यात आरे भोहम्भद (अ.स.) हाराते हफक, भारो ज़य लसमासी न यखते थे,

इस ऩय रोग इसिी इज़्ज़त, व़अत औय ताज़ीभ ियते थे। जो चीज़ हुक्भयान

ऽर
ु फ़ा िे हदरों भे यश्ि व हसद िी आग बड़िाती थी, इनिे भज़ायाते भ़
ु द्दे सा

जो भदीने, फ़यात िे किनाये औय ऽुयासान भें भौजूद हैं। अफ ति इन िे लशमों िी

ज़्मायत गाह हैं। इन फज़


ु ुगव
क ायों ऩय हभेशा फाावत औय ऽाना जॊगगमों िा इल्ज़ाभ

रगामा जाता था, हाराॊ कि मह शाही ऽानदान िे औलरमा अल्राह, दनु नमा िो
ु़
हभेशा ह़ीय सभझते थे। भलशमते इजेदी िे भत
ु ाबफ़ सये तसरीभ ऽभ ियते हुमे

औय इन्सानों िे भज़ालरभ फयदाश्त ियते हुमे उन्होंने उभयू े दीनी तारीभ व

तऱीन भें अऩनी उभयें सफ़क िय दीॊ। मह सभझने िी फात है कि जो हज़यात

दनु नमा िो ह़ीय सभझते हों उनिी तयफ़ िसयते अज़वाज औय िसयते तरा़ िा

इन्तेसाफ अफ़साने से ज़्मादा क्मा व़


ु अत हालसर िय सिता है ।

हज़रत इमाम हिन (अ.ि.) की िहादत

भव
ु ये खीनु़ िा इत्तेफ़ा़ है कि इभाभ हसन (अ.स.) अगय सर
ु ह िे फाद भदीने भें

गोशा नशीन हुए थे रेकिन अभीये भाववमा आऩिे दय ऩाए आज़ाय यहे । उन्होंने फाय

फाय िोलशश िी किसी तयह इभाभ हसन (अ.स.) इस दाये फ़ानी से भल्
ु िे जावेदानी

िो यवाना हो जामें औय इससे इनिा भ़सद मज़ीद िी खखराफ़त


ु़ िे लरमे ज़भीन

हभवाय ियना थी। चन


ु ान्चे उसने आऩिो ऩाॊच फाय ज़हय हदरवामा रेकिन अय्माभे

339
हमात फा़ी थे ज़ज़न्दगी ऽत्भ न हो सिी। बफर आखखय
ु़ शाहे योभ से एि

ज़फयदस्त क़स्भ िा ज़हय भगॊवा िय भोहम्भद इब्ने अशअस मा भयवान िे ज़रयमे

से जोदा बफन्ते अशअस िे ऩास अभीये भाववमा ने बेजा औय िहरा हदमा कि जफ

इभाभ हसन शहीद हो जामेंगे तफ हभ तुझे एि राख हदयहभ दें गे औय तेया अक़्द

अऩने फेटे मज़ीद िे साथ िय दें गे। चन


ु ान्चे इसने इभाभ हसन (अ.स.) िो ज़हय दे

िय हराि िय हदमा। (तायीऽे भयऊजुर ज़हफ भसूदी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 303 व भ़ानतर अर

तारेफैन ऩष्ृ ठ 51, अफू अर कफ़दा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 183, यौज़तुर ऩष्ृ ठ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 7, हफीफुर

सैय, ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 18, तफयी ऩष्ृ ठ 604, इस्तेमाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 144)

भफ़ज़स्सये ़ुयान साहहफे तफ़सीये हुसन


ै ी अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी य़भ

तयाज़ हैं कि इभाभ हसन (अ.स.) भस


ु ारेह भाववमा िे फाद भदीने भें भस्
ु तक़र

तौय ऩय फ़योिश हो गमे थे। आऩिो इत्तेरा लभरी िी फसये भें यहने वारे भहु हब्फाने

अरी (अ.स.) िे ऊऩय चन्द ऊफाशों ने शफ ऽॊू भाय िय इनिे 38 आदभी हराि

िय हदमे। इभाभ हसन (अ.स.) इस ऽफय से भत


ु ाज़स्सय हो िय फसये िी तयफ़

यवाना हो गमे। आऩिे हभयाह अब्दल्


ु राह इब्ने अब्फास बी थे। यास्ते भें फा भ़
ु ाभे

भस
ू री साअद भस
ू री जो जनाफे भख़्
ु ताय इब्ने अफी उफैदा स़फ़ी िे चचा थे वहाॊ

़माभ फ़यभामा। इसिे फाद वहाॊ से यवाना हो िय वह दलभश्ि से वाऩसी ऩय जफ

आऩ भस
ू र ऩहुॊचे तो फइसयाये शदीद एि दस
ू ये शख़्स िे वहाॊ भ़
ु ीभ हुए औय वह

शाख़्स भाववमा िे फ़ये फ भें आ चि


ु ा था औय भार व दौरत िी वजह से इभाभ

340
हसन (अ.स.) िो ज़हय दे ने िा वामदा िय चि
ु ा था। चन
ु ान्चे दौयाने ़माभ भें

उसने तीन फाय हज़यत िो खाने भें ज़हय हदमा रेकिन आऩ फच गमे। इभाभ िे

भहफ़ूज़ यह जाने से इस शख़्स ने भाववमा िो ऽत लरखा कि तीन फाय ज़हय दे

चि
ु ा हूॊ भगय इभाभ हसन हराि नहीॊ हुए। मह भारभ
ू िय िे भाववमा ने ज़हये

हराहर इयसार किमा औय लरखा कि अगय इसिा एि ़तया बी दे सिा तो

म़ीनन इभाभ हसन हराि हो जामेंगे। नाभाफय ज़हय औय ऽत लरमे हुए आ यहा

था कि यास्ते भें एि दयख़्त िे नीचे खाना खा िय रेट गमा इसिे ऩेट भें ऐसा

ददक उठा कि वह फयदाश्त न िय सिा नागाह एि बेड़ड़मा फयाभद हुआ औय उसे रे

िय यफ़ू चक्िय हो गमा। इत्तेफ़ा़न इभाभ हसन (अ.स.) िे एि भानने वारे िा

उस तयफ़ से गुज़य हुआ। उसने ना़ा ऽत औय ज़हय से बयी हुई फोतर हालसर

िय री औय इभाभ हसन (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें ऩेश किमा। इभाभ हसन (अ.स.)

ने उसे भर
ु ाहे ज़ा फ़यभा िय जा नभाज़ िे नीचे यख लरमा। हाज़ेयीन ने वा़ेमा

दयमाफ़्त किमा। इभाभ ने फतामा। साअद भोसरी ने भौ़ा ऩय वह ऽत जा नभाज़

िे नीचे से ननिार लरमा जो भाववमा िी तयफ़ से इभाभ िे भेज़फान िे नाभ से

बेजा गमा था। ऽत ऩढ़ िय साद भोसरी आग फफर


ू ा हो गमा औय भेज़फान से

ऩछ
ू ा क्मा भाभेरा है? उसने रा इल्भी ज़ाहहय िी भगय उसिे उज़्र िो फावय न

किमा गमा उसिो ज़दो ़ोफ किमा गमा महा ति कि वह हराि हो गमा। उसिे

फाद आऩ भदीने यवाना हो गमे।

341
भदीने भें उस वक़्त भयवान बफन हिभ वारी था उसे भाववमा िा हुक्भ था कि

ज़जस सयू त से हो सिे इभाभ हसन (अ.स.) िो हराि िय दे । भयवान ने एि रूभी

दल्रारा ज़जस िा नाभ अल्मसनू नमा था, िो तरफ किमा औय उससे िहा कि तू

जोदा बफन्ते अशअस िे ऩास जा िय उसे भेया मह ऩैााभ ऩहुॉचा दे कि अगय तू

इभाभ हसन (अ.स.) िो किसी सयू त से शहीद िय दे गी तो तुझे भाववमा एि हज़ाय

दीनाये सख्र
ु औय ऩचास खखर
ु़ ़्अते लभस्री अता िये गा औय अऩने फेटे मज़ीद िे साथ

तेया अक़्द िय दे गा औय उसिे साथ साथ सौ दीनाय ऩद बेज हदमे। दल्रारा ने

वामदा किमा औय जोदा िे ऩास जा िय उस से वामदा रे लरमा। इभाभ हसन

(अ.स.) उस वक़्त घय भें न थे औय फभ़


ु ाभे अ़ी़ गमे हुए थे इस लरमे दल्रारा

िो फात चीत िा अच्छा ऽासा भौ़ा लभर गमा औय जोदा िो याज़ी ियने भें

िाभमाफ हो गमी। अर ायज़ भयवान ने ज़हय बेजा औय जोदा ने इभाभ हसन

(अ.स.) िो शहद भें लभरा िय दे हदमा। इभाभ (अ.स.) उसे खाते ही फीभाय हो गमे

औय फ़ौयन योज़ाए यसर


ू (स.अ.व.व.) ऩय जा िय सेहत माफ हुए। ज़हय तो आऩने

खा लरमा रेकिन जोदा से फदगभ


ु ान बी हो गमे। आऩिो शब्ु हा हो गमा ज़जसिी

वजह से आऩने उसिे हाथ िा खाना ऩीना बी छोड़ हदमा औय मह भाभर


ू भ़
ु यक य

िय लरमा कि हज़यते ़ालसभ िी भाॊ मा हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे घय से

खाना भॊगवा िय खाने रगे। थोड़े अयसे फाद आऩ जोदा िे घय तशयीफ़ रे गमे

उसने िहा भौरा हवारी भदीना से फहुत उम्दा ऽुयभें आमे हैं हुक्भ हो तो हाज़ज़य

342
िरूॊ आऩ चॊकु ि ऽुयभे फहुत ऩसन्द ियते थे। फ़यभामा रे आ। वह खुयभें जह़य

आरद
ू ऽयु भें रे िय आई औय ऩहचाने हुए खयु भें छोड़ िय खद
ु साथ खाने रगी।

इभाभ ने एि तयफ़ से खाना शरू


ु किमा औय वह दाने खा गमे ज़जनभे ज़हय था।

उसिे फाद इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे घय तशयीफ़ रामे औय सायी यात तड़ऩ िय

फसय िी। सफ
ु ह िो यौज़ा ए यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩय जा िय दआ
ु भाॊगी औय

सेहतमाफ हुए। इभाभ हसन (अ.स.) ने फाय फाय इस क़स्भ िी तिरीफ़ उठाने िे

फाद अऩने बाइमों से तफदीरीए आफो हवा िे लरमे भस


ू र जाने िा भशववया किमा

औय भस
ू र िे लरमे यवाना हो गमे। आऩिे हभयाह हज़यत अब्फास (अ.स.) औय

चन्द हवा ख़्वाहान बी गमे। अबी वहाॊ चन्द मौभ न गुज़ये थे कि शाभ से एि

नाफीना बेज हदमा गमा औय उसे एि ऐसा असा हदमा गमा ज़जसिे नीचे रौहा

रगा हुआ था जो ज़हय भें फझ


ु ा हुआ था। उस नाफीना ने भस
ू र ऩहुॉच िय इभाभ

हसन (अ.स.) िे दोस्तदायान भें से अऩने िो ज़ाहहय किमा औय भौ़ा ऩा िय

उनिे ऩैय भें अऩने असा िी नोि चब


ु ो दी। ज़हय ज़जस्भ भे दौड़ गमा औय आऩ

अरीर हो गमे। जयाकह इराज िे लरमे फर


ु ामा गमा, उसने इराज शरू
ु किमा।

नाफीना ज़ख़्भ रगा िय रू ऩोश हो गमा था। चौदह हदन िे फाद जफ ऩन्द्रहवे हदन

वह ननिर िय शाभ िी तयफ़ यवाना हुआ तो हज़यते अब्फास अरभदाय (अ.स.)

िी नज़य उस ऩय जा ऩड़ी। आऩने उससे असा छीन िय उस िे सय ऩय इस ज़ोय

से भाया कि सय लशााफ़ता हो गमा औय वह अऩने िैफ़यो कियदाय िो ऩहुॉच गमा।

343
उसिे फाद जनाफे भख़्
ु ताय औय उनिे चचा साद भोसरी ने उसिी राश जरा दी।

चन्द हदनों फाद हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) भदीनाए भन


ु व्वया वाऩस तशयीफ़ रे

गमे।

भदीनाए भन
ु व्वया भें आऩ अय्माभें हमात गुज़ाय यहे थे कि अर सोननमा दल्रारा

ने कपय भयवान िे इशाये ऩय जोदा से लसरलसरा जुम्फानी शरू


ु िय दी औय ज़हये

हराहर उसे दे िय इभाभ हसन (अ.स.) िा िाभ तभाभ ियने िी ख़्वाहहश िी।

इभाभ हसन (अ.स.) चॊकू ि उससे फदगुभान हो चि


ु े थे इस लरमे उसिी आभदो

यफ़्त फन्द थी। उसने हय चन्द िोलशश िी रेकिन भौ़ा न ऩा सिी। बफर आखखय
ु़

शफे 28 सफ़य 40 ई0 िो वह उस जगह जा ऩहुॉची ज़जस भ़ाभ ऩय इभाभ हसन

(अ.स.) सो यहे थे। आऩिे ़यीफ हज़यत ज़ैनफ व उम्भे िुरसभ


ू सो यही थीॊ औय

आऩिी ऩाइॊती िनीज़े भहवे ख़्वाफ थीॊ। जोदा उस ऩानी भें ज़हये हराहर लभरा िय

ऽाभोशी से वाऩस आईं जो इभाभ हसन (अ.स.) िे सयाहने यखा हुआ था। उसिी

वाऩसी िे थोड़ी दे य फाद ही इभाभ हसन (अ.स.) िी आॊख खर


ु ी, आऩने जनाफे
ु़
जैनफ िो आवाज़ दी औय िहा कि ऐ फहन भैंने अबी अबी अऩने नाना, अऩने

ऩदये फज़
ु ुगव
क ाय औय अऩनी भादये गेयाभी िो ख़्वाफ भें दे खा है । वह फ़यभाते थे कि

ऐ हसन तुभ िर यात हभाये ऩास होगे। उसिे फाद आऩने वज़ू िे लरमे ऩानी भाॊगा

औय ऽुद अऩना हाथ फढ़ा िय सयाहने से ऩानी लरमा औय ऩी िय फ़यभामा कि ऐ

फहन ज़ैनफ ‫ ايں چه آب بود از سر حلقم ات انفم اپره شد‬हाम मह िैसा ऩानी है ज़जसने भेये

344
हल़् से नाफ़ ति टुिड़े टुिड़े िय हदमा है । उसिे फाद इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो

इत्तेरा दी गई वह आमे दोनों बाई फार गीय हो िय भहवे गगयमा हो गमे। उसिे

फाद इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने चाहा कि एि िूज़ा ऩानी खद
ु ऩी िय इभाभ हसन

(अ.स.) िे साथ नाना िे ऩास ऩहुॉचें। इभाभ हसन (अ.स.) ने ऩानी िे फयतन िो

ज़भीन ऩय ऩरट हदमा वह चयू चयू हो गमा। यावी िा फमान है कि ज़जस ज़भीन

ऩय ऩानी गगया था वह उफरने रगी थी। अर ायज़ थोड़ी दे य िे फाद इभाभ हसन

(अ.स.) िो ऽून िी ़ै आने रगी। आऩिे ज़जगय िे सत्तय टुिड़े तख़्त भें आ गमे।

आऩ ज़भीन ऩय तड़ऩने रगे। जफ हदन चढ़ा तो आऩने इभाभ हुसन


ै (अ.स.) से

ऩछ
ू ा कि भेये चेहये िा यॊ ग िैसा है? िहा ‘‘ सब्ज़ ’’ है । आऩने फ़यभाम कि हदीसे

भेयाज िा मही भ़
ु तज़ा है । रोगों ने ऩछ
ू ा कि मह हदीसे भेयाज क्मा है?

फ़भयभामा कि शफे भेयाज भेये नाना ने आसभान ऩय दो ़स्र एि ज़भरूकद िो एि

मा़ूत िो दे खा तो ऩछ
ू ा कि ऐ ज़जब्राईर मह दोनों ़स्र किस िे लरमे हैं? उन्होंने

अज़क कि एह हसन िे लरमे औय दस


ू या हुसन
ै िे लरमे। ऩछ
ू ा दोनों िे यॊ ग भें फ़़क

क्मो है? िहा हसन ज़हय से शहीद होंगे औय हुसन


ै तरवाय से शहादत ऩामेंगे। मह

िह िय आऩ हुसन
ै (अ.स.) से लरऩट गमे औय दोनों बाई योने रगे औय आऩिे

साथ दयो दीवाय बी योने रगे।

उसिे फाद आऩने जोदा से िहा अफ़सोस तूने फड़ी फे वफ़ाई िी रेकिन माद यख

तूने ज़जस भ़सद िे लरमे ऐसा किमा है उसभें िाभमाफ न होगी। उसिे फाद

345
आऩने हुसन
ै (अ.स.) औय फहनों से िुछ वसीमतें िीॊ औय आॊखें फन्द फ़यभा री।

कपय थोड़ी दे य िे फाद आॊख खोर िय फ़यभामा ऐ हुसन


ै भेये फार फच्चें तम्
ु हाये

सऩ
ु द
ु क हैं कपय आॊख फन्द फ़यभा िय नाना िी खखदभत
ु़ भें ऩहुॉच गमे। इन्ना

लरल्राहे व इन्ना इरेहै याजेऊन

इभाभ हसन (अ.स.) िी शहादत िे फ़ौयन फाद भयवान ने जोदा िो अऩने ऩास

फर
ु ा िय दो औयतों औय एि भदक िे साथ भाववमा िे ऩास बेज हदमा। भाववमा ने

उसे हाथ ऩैय फॊधवा िय दरयमाए नीर भें मह िह िय डरवा हदमा कि तूने जफ

इभाभ हसन (अ.स.) िे साथ वफ़ा न िी तो मज़ीद िे साथ क्मा वफ़ा िये गी।

(यौज़ातुर शोहदा ऩष्ृ ठ 220 ता 235 प्रिालशत फम्फई 1285 ई0 व ज़ज़िरूर अब्फास ऩष्ृ ठ 50

प्रिालशत राहौय 1956 ई0)

माववया िजदा ए िक्र


ु में

भयवान हाकिभे भदीना ने जोदा बफन्ते अशअस िे ज़रयए से अऩनी िाभमाफी िी

इत्तेरा भाववमा िो दी। भाववमा ऽफये शहादत ऩाते ही ऽश


ु ी िे भाये अल्राहो

अिफय िह िय सजदे भें गगय ऩडा ु़ औय उस िे दे खा दे खी साये दयफाय वारे ऽश


ु ी

भनाने िे लरमे नायाए तिफीय फरन्द ियने रगे। उनिी आवाज़ें फ़ात्भा बफन्ते

़यज़आ िे िानों भें ऩहुॉची जो भाववमा िी फीवी थी, वो िहने रगी मह किस

चीज़ िी ऽुशी है? भाववमा ने जवाफ हदमा इभाभ हसन िी शहादत हो गई है । इस

346
ऽुशी भें भैंने नायाए तिफीय फरन्द िय िे सज्दाए शक्र
ु अदा किमा है । फ़ात्भा

फेइन्तेहा यॊ जीदा हुई औय िहने रगीॊ अफ़सोस फ़यज़न्दे यसर


ू (स.अ.व.व.) ़त्र

किमा जामे औय दयफाय भें ऽश


ु ी भनाई जामे। (तायीऽ अफर
ु कफ़दा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 182,

अक़्दर
ु फ़यीद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 211, ओिरी ऩष्ृ ठ 336, यौज़तर
ु भनाज़ज़य ज़जल्द 11 ऩष्ृ ठ 133,

तायीऽे खभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 328, हमातुर है वान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 51, नूजूरुर अफयाय ऩष्ृ ठ 5,

अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 357 व अऽफारूर तवार ऩष्ृ ठ 400) इब्ने ़तीफा ने इब्ने अब्फास

िे दयफाये भाववमा भें ऩहुॉच िय इस भौ़े िी ज़फय दस्त गुफ़तगू लरखी है । (अर

इभाभत वर लसमासत)

इमाम हिन (अ.ि.) की तजहीज़ों तकफीन

अर ायज़ इभाभ हसन (अ.स.) िी शहादत िे फाद इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने

गस्रो
ु ु़ िफ़न िा इन्तेज़ाभ फ़यभामा औय नभाज़े जनाज़ा ऩढ़ी गई। इभाभ हसन

(अ.स.) िी वसीमत िे भत
ु ाबफ़ उन्हें सयवये िामनात (स.अ.व.व.) िे ऩहरू भें

दफ़्न ियने िे लरमे अऩने िॊधों ऩय उठा िय रे चरे। अबी ऩहुॉचे ही थे कि फनी

उभय्मा ऽुसस
ू न भयवान वाैया ने आगे फढ़ िय ऩहरू यसर
ू (स.अ.व.व.) भें दफ़्न

होने से योिा औय हज़यत आमशा बी एि खच्चय ऩय सवाय हो िय आ ऩहुॉची औय

िहने रगीॊ मह घय भेया है भैं तो हयगगज़ हसन िो अऩने घय भें दफ़्न होने न दॊ ू

गी। (तायीऽे अफुर कफ़दा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 183, यौज़तुर भनाज़ज़य ज़जल्द 11 ऩष्ृ ठ 133) मह

347
सन
ु िय फाज़ रोगों ने िहा ऐ आमशा तुम्हाया क्मा हार है । िबी ऊॉट ऩय सवाय

हो िय दाभादे यसर
ू (स.अ.व.व.) से जॊग ियती हो िबी खच्चय ऩय सवाय हो िय

फ़यज़न्दे यसर
ू (स.अ.व.व.) िे दफ़्न भें भज़ाहे भत ियती हो। तम्
ु हें ऐसा नहीॊ ियना

चाहहमे। (तफ़सीर िे लरमे भुराहे जा ु़ हों ज़ज़िरूर अब्फास ऩष्ृ ठ 51) भगय वह एि न भानी

औय ज़ज़द ऩय अड़ी यही महाॊ ति कि फात फढ़ गई। आऩ िे हवाऽवाहों ने आरे

भोहम्भद (अ.स.) ऩय तीय फयसाए। किताफ यौज़ातुर ऩष्ृ ठ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 7 भे है

कि िई तीय इभाभ हसन (अ.स.) िे ताफत


ू भें ऩेवस्त हो गमे। किताफ ज़ज़िरूर

अब्फास ऩष्ृ ठ 51 भें है कि ताफत


ू भें सत्तय तीय ऩेवस्त हुए थे। तायीऽे इस्राभ

ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 28 भें है कि नाचाय राशे भफ


ु ायि िो जन्नतुर फ़ी भें रा िय

दफ़्न िय हदमा गमा। तायीऽे िालभर ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 182 भें है कि शहादत िे

वक़्त आऩिी उम्र 47 सार िी थी।

आऩकी अज़वाज और औऱाद

आऩने भख़्
ु तलरफ़ अव़ात भें 9 नौ फीववमाॊ िी। आऩिी औराद भें आठ फेटे

औय सात फेहटमाॊ थीॊ। मही तादाद इयशादे भफ़


ु ीद ऩष्ृ ठ 208 औय नरू
ू र अफसाय

ऩष्ृ ठ 112 प्रिालशत लभस्र भें है । अल्राभा तल्हा शाफ़ेई भतारेफस


ु सऊ
ू र िे ऩष्ृ ठ
ु़
239 ऩय लरखते हैं कि इभाभ हसन (अ.स.) िी नस्र जैद औय हसने भस
ु न्ना से

348
चरी है । इभाभ लशब्रन्जी िा िहना है कि आऩिे तीन फ़यज़न्द अब्दल्
ु राह,

़ालसभ औय उभयो ियफरा भें शहीद हुए हैं। (नरू


ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 112)

जनाफे ज़ैद फड़े जरीरर


ु ़द्र औय सद़ाते यसर
ू (स.अ.व.व.) िे भत
ु ावल्री थे

उन्होंने 120 हहजयी भें 90 सार िी उम्र भें इन्ते़ार फ़यभामा।

जनाफे हसने भस
ु न्ना ननहामत फ़ाज़ज़र, भत्त
ु ़ी औय सद़ाते अभीयर भोभेनीन

(अ.स.) िे भत
ु वल्री थे। आऩिी शादी इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी फेटी जनाफे फ़ात्भा

से हुई थी। आऩने ियफरा िी जॊग भें लशयित िी थी औय फेइॊतेहाॊ ज़ख़्भी हो िय

भ़तर
ू ों भें तफ गमे थे। जफ सय िाटे जा यहे थे तफ उनिे भाभू अफू हसान ने

आऩिो ज़ज़न्दा ऩा िय उभये साद से रे लरमा था। आऩिो ऽरीफ़ा सर


ु भ
ै ान बफन

अब्दर
ु भलरि ने 97 हहजयी भें ज़हय दे हदमा था ज़जसिी वजह से आऩने 52 सार

िी उम्र भें इन्ते़ार फ़यभामा। आऩिी शहादत िे फाद आऩिी फीवी जनाफे फ़ात्भा

एि सार ति ़ब्र ऩय खेभा ज़न यहीॊ। (इयशादे भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 211 व नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ

269)

िेख अब्दऱ
ु क़ाहदर जीऱानी

फयादयाने अहरे सन्


ु नत िे अवाभ िा ख़्मार है कि शेऽ सय्मद अब्दर
ु िाहदय
ु़

जीरानी औय फयवामते इब्ने जॊगी दोस्त औय फयवामते इब्ने चॊग दोस्त सय्मद थे

349
औय इनिा नसफ जनाफे हसने भस
ु न्ना इब्ने इभाभ हसन बफन अरी (अ.स.) ति

ऩहुॉचता है रेकिन उनिे उरेभा इस से इनिाय ियते हैं।

1. इभाभ उर अन्साफ अहभद बफन अरी बफन अर हुसन


ै बफन अरी, बफन

भहन्ना अऩनी किताफ उभदतुर तालरफ प्रिालशत फम्फई िे ऩष्ृ ठ 112 ऩय लरखते

हैं कि खुद शेऽ अब्दर


ु ़ाहदय ने अऩनी लसमादत िा दावा नहीॊ किमा औय न

उनिे फेटों ने किमा है अरफत्ता इसिी इजाद उनिे ऩोते ़ाजी ु़ अफर
ु सारेह नालसय

बफन अफी फक्र बफन अब्दर


ु ़ाहदय ने फ़यभाई है रेकिन अऩने दावे िे सफ
ु त
ू भें वह

दरीर राने से ़ालसय यहे हैं। महीॊ वजह है कि किसी अहरे नसफ ने आऩिा दावा

तसरीभ नहीॊ किमा।

2. अल्राभाए दौयाॊ ने सय्मद अहभद बफन भोहम्भद अर हुसन


ै ी ननसफे किताफ

शजयतुर अर अवलरमा भें य़भ तयाज़ हैं कि तभाभ उरेभाए इन्साफ ने शेऽ

सय्मद अब्दर
ु ़ाहदय िे लसरलसराए लसमादत से इन्िाय किमा है औय किसी ने

बी इनिे सादात होने िो ऩर नहीॊ किमा औय ऽद


ु उन्होंने बी सय्मद होने िा

दावा नहीॊ किमा औय उनिी ज़ज़न्दगी भें किसी औय ने बी इनिो सय्मद नहीॊ

िहा। ‘‘ अन अव्वर भन अज़हय हाज़ा अर दाआ अर फातरता हु अनसया इब्ने

अफी फक्र बफन अर शेऽ अब्दर


ु ़ाहदय ’’ भारभ
ू होना चाहहमे कि इस दावाए

फानतरा िो सफ से ऩहरे इनिे ऩोते नसय बफन अफी फक्र ने ज़ाहहय किमा है ।

350
3. रयसारा सफ़ी
ू ु़ जो फसय ऩयस्ती ख़्वाजा हसन ननज़ाभी भॊडी फहाउद्दीन ज़ज़रा

गज
ु यात से शामा होता था इसिे ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 6 भें लरखा है सेमभ
ु ऩीये तयी़त

हज़यत ख़्वाजा भहु हउद्दीन अब्दर


ु ़ाहदय जीरानी हैं। वरहदमत आऩिी ़दभ

फ़दभ हज़यत ईसा िे है लसरलसरा नसफ आऩिा हज़यत उभय फ़ारूऽ ति

ऩहुॊचता है ।

इभाभ लशब्रन्जी िा इयशाद है कि आऩिी ववरादत 470 ई0 भें औय वफ़ात

561 ई0 भें हुई है । आऩ हम्फरीउर भज़हफ थे। आऩिी वारेदा उम्भर


ु ऽैय भ़ाभे

जफार इरा़ए तफरयस्तान िी यहने वारी थीॊ। इस लरमे आऩिो अब्दर


ु ़ाहदय

ज़जब्री िहते हैं औय जीरानी एज़ाज़ी तौय ऩय िहा जाता है । (नूरूर असाय ऩष्ृ ठ 214

व इ़तेफासुर अनवाय ऩष्ृ ठ 72) आऩ दो किताफों ानीमतुर तारेफन


ै औय फ़तूहुर ाैफ

िे भस
ु ज़न्नफ़ हैं। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 63)

माववया इब्ने अफू िुफ़फयान का तारीखी तााअरूफ

अभीये भाववमा िे ताकअरूफ़ औय आऩिे कियदाय िी आईना दायी िे लरमे अगयचे

लसफ़क मही िहना िाफ़ी है कि आऩ हज़यत अरी (अ.स.) इभाभ हसन (अ.स.)

अम्भाये मालसय, भालरिे अशतय औय उम्भर


ु भोभेनीन हज़यत आमशा बफन्ते अफी

फक्र, भोहम्भद इब्ने अफी फक्र नीज़ अब्दयु क हभान इब्ने ऽालरद इब्ने वरीद वाैयाहुभ

िे भस
ु ल्रेभर
ु सफ
ु त
ू ़ानतर हैं जैसा कि तहयीय किमा जा चि
ु ा है रेकिन इससे

351
आऩिी नस्री हारात औय आऩिे कियदाय िे हदगय ऩहरू यौशन नहीॊ होते इस

लरमे ज़रूयत है कि िुतफे भोतफय िे हवारे से चन्द चीज़ें ननहामत भख़्


ु तसय रफ़्ज़ों

भें ऩेश िय दी जाऐ। फनाफयीॊ अज़क है कि 1. नसामह िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 95 व ऩष्ृ ठ

110 भें है कि ़फीराए ़ुयै श िी इब्तेदा, ़सी इब्ने ़राफ से हुई जो औरादे

़अफ इब्ने रवी से थे ़सी िे चाय फेटों भें से एि िा नाभ अब्दर


ु भनाफ़ था।

हालशभ औय अब्दर
ु शम्स अब्दर
ु भनाफ़ िे फेटे थे। हालशभ िी ज़ुरयक मत से

भोहम्भद व आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) भें जो हाशभी िहराते हैं औय अब्दर


शम्स िी तयफ़ भन्सफ


ू हैं जो ऩसता ़द, चन्
ु धा, ियॊ जा, फदशक्र था ज़जसिे चेहये

से शयायत व नहूसत नभ
ु ामा थी उलभमा िे भानी छोटी रौंडी िे हैं। हस्सान बफन

साबफत ने इसिे औराद व अब्दर


ु शम्स होने से इन्िाय किमा है । दे खो दीवाने

हस्सान ऩष्ृ ठ 91,

2. अरहुरयक मत पीरु़ इस्राभ भस


ु न्नेफ़ा अफर
ु िराभ अज़ादा िे ऩष्ृ ठ 26 भें है

कि खखराफ़ते
ु़ याशेदा िे फाद फनू उभय्मा िा दौये कफ़तना व बफदआत से शरू
ु होता

है ज़जन्होंने ननज़ाभे हुिूभते इस्राभी िी फनु नमादॊ भत


ु ाज़रज़ज़र िय दीॊ।

3. ततहीय उर ज़जनान ऩष्ृ ठ 142 नसरहे िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 106 भें है कि आॊ

हज़यत (स.अ.व.व.) ने इयशाद फ़यभामा है कि हभाया सफ से फड़ा दश


ु भन ़फीराए

फनी उभय्मा है।

352
4. ननमाफर
ु भोवद्दता ऩष्ृ ठ 148 भें है कि ़फाएरे अयफ भें सफ से शयीय फनी

उभय्मा हैं।

5. तहयीरूर जेनान ऩष्ृ ठ 148 भें है कि हय शै िे लरमे एि आफ़त है औय दीने

इस्राभ िी आफ़त फनी उभय्मा हैं।

6. तायीऽ उर ऽुल़्फ़ा ऩष्ृ ठ 8 औय तफ़सीये नैशा ऩयु ी भें है कि आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) ने ख़्वाफ भें दे खा कि लभम्फय ऩय रॊगूय िूद यहे हैं ज़जससे आऩिो

फेइन्तेहाॊ सदभा हुआ ज़जससे तसल्री िे लरमे सयू ए ़द्र नाज़ज़र हुआ ज़जसभें

फ़यभामा गमा है कि शफे ़द्र भद्


ु दते हुिूभत फनी उभय्मा से फेहतय है ।

7. यौज़तुर भनाज़ज़य फय हालशमा िालभर ज़जल्द ऩष्ृ ठ 85 भें है कि शाजयाए

भरउना कफ़र ़ुयान से फयु ाद फनी उभय्मा हैं।

8. तायीऽे आसभ िूफ़ी ऩष्ृ ठ 242 भें है कि अहदे जाहहतमत भें फनी उभय्मा

कि गाज़ा हटड्डी औय भयु दाय थी।

9. फ़तेहुरफायी इब्ने हजय अस़रानी ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 65 भें है कि ज़भानाए

जाहहरमत भें फ़ाहे शा औयतें अऩने भिानों ऩय ऩहचान िे लरमे झन्डे रगाए यहती

थीॊ।

10. नसामहे िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 110, सभयतुर अवया़ ऩष्ृ ठ 108, अफर
ु कफ़दा

ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 188, इब्ने शहना ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 134, एमय ववॊग ऩष्ृ ठ 48,

तज़कियाए ऽवास अर उम्भता ऩष्ृ ठ 117, तायीऽे आसभ िूफ़ी ऩष्ृ ठ 236 वाैया भें

353
है कि भशहूय फ़ाहे शा औयतें ज़जनिे भिानों ऩय झन्डे थे, वह चाय थीॊ, 1. ज़य़ा,

2. नाफेाा, उभयो आस िी भाॊ, 3. हभाभा, अभीये भाववमा िी दादी, 4. हहन्दा,

अभीये भाववमा िी भाॊ। औय हहन्दा िे भत


ु ाअज़ल्ऱ आसभ िूफ़ी ऩष्ृ ठ 236 भें है

कि मह तभाभ ऐफों िी ऽज़ीना दाय थीॊ।

11. तायीऽे ऽुल्फ़ा ऩष्ृ ठ 218 भें है कि मह शामया औय फड़ी सॊग हदर थी।

इसिे एि शेय अहवारे भाभन


ू यशीद भें दजक है ज़जसिा तयजुभा मह है । हभ

ऽूफसयू ती भें लसतायए सफ


ु ह साहद़ िी फेहटमाॊ है । नभक बफस्तयों ऩय हभ किसी िे

साथ मॊू लभरते हैं जैसे भज


ु ाभेअत ियने वारा भस्त चिोय चाॊद िे गगदक घभ
ू ता है ।

(भुतऽेफुर रुाात व सयाह)

13. नसाए ऩष्ृ ठ 83 भें है कि हस्सान इब्ने साबफत ने हहन्दा िी ज़ज़ना िायी

अऩने अशआय भें फमान िी है औय आॊ हज़यत िो सन


ु ामा हज़यत ऽाभोश यहे ।

अशआय भर
ु ाहे ज़ा हो दीवाने हस्सान ऩष्ृ ठ 40 से 60 भें ।

14. इब्ने ़तीफा ने लरखा है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने उ़फा िो भ़ाभे

सफ़ोरयमा (शाभ) िा महूदी फ़यभामा है ।

15. ननसाम िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 110 भें है कि उभय्मा ने सफ़ोरयमा िी एि महूदन

रड़िी से ज़ज़ना किमा था ज़जससे ज़िवान नाभी रड़िा ऩैदा हुआ था ज़जसिी

िुज़न्नमत अफू उभयो भ़


ु यक य िी गई थी। मही अफू उभयो अ़फा िा दादा है ।

354
16. यौज़तुर अनफ़ असाफा व िालभर औय हरफी भें ज़िवान िे ार
ु ाभे उभय्मा

लरखा है ।

17. आााफ़ी अफर


ु फ़यह असफ़हानी 48ध ़्8 तयजभ
ु ा भस
ु ाकफ़य भें है कि उभय्मा

िे फाद ज़िवान ने अऩनी भाॊ से ननिाह िय लरमा था।

18. अााफ़ी अफर


ु फ़याह असफ़हानी ननसाए िाकफ़मा हालशमा ऩष्ृ ठ 84 तज़कियए

लसब्ते अब्ने जौज़ी भें है कि इसी अफू उभय िा फेटा भस


ु ाकफ़य था जो सऽावत औय

जभारी शेय गोई भें भशहूय था। हहन्दा िा उस से भोअशे़ा हो गमा औय उससे

हाभेरा हो गई जफ हभर ज़ाहहय हो गमा तो उसने भस


ु ाकफ़य से िहा कि तू किसी

तयफ़ चरा जा। चन


ु ान्चे वह हीया िो चरा गमा। उसिे फाद हहन्दा अफू सकु फ़मान

िे तसरूकफ़ भें आ गई। जफ भस


ु ाकफ़य िो ऩता रगा तो उसने फ़ेया़ भें जान दे

दी। भस
ु ाकफ़य िे चरे जाने िे फाद हहन्दा भ़ाभे अजमाद िी तयफ़ चरी गई औय

वहीॊ फच्चा जना।

19. लसब्ते इब्ने जोज़ी ने तज़कियाए ऽवास अर उम्भता भें लरखा है कि हज़यत

आमशा ने उम्भे हफीफा ख़्वाहये भाववमा िो िहा, ‘‘ ़ानतर अल्राह अब्नतर


याहता ’’ ऽुदा रानत िये दख़्


ु तये ज़ने ज़ज़ना िाय ऩय, औय इभाभ हसन (अ.स.) ने

भाववमा िो िहा, ‘‘ व़द अरभत अर फ़याश्त रज़ी दरदत इरैहे ’’ भैं उस फ़शक

िो जानता हूॉ ज़जस ऩय तू ऩैदा हुआ है । उसिे फाद इसिी तौज़ीह इब्ने जोज़ी ने

मह िी है ‘‘ ़ारा अर सभीई वर हशाभ इब्ने भोहम्भद अर िल्फी फ़ी किताफ

355
अर भस
ु म्भा बफर भसालरफ व़फ़त अरा भानी ़ौर अर हसन भाववमा ़द

अलरभतो अर फ़याशत रज़ी वरदत इरहै अन भाववमा िानामा अर अनाह लभन्नी

अयफता लभन िुयै श ाभायता इब्ने वरीद व भस


ु ाकफ़य इब्ने अफी उभयो व अफी

सकु फ़मान वर अब्फास व हूरा िानू अन्दभा अफी सकु फ़मान व िाना िुर मत्तहुभ

फेहहन्द ’’ मानी असभई औय हश्शाभ ने िहा है कि इभाभ हसन (अ.स.) िे ़ौर

िे मह भानी हैं कि, भाववमा, अफु सकु फ़मान, उभयो अब्फास औय भस


ु ाकफ़य चाय

आदलभमों िी तयफ़ भन्सफ


ू है । ‘‘ अभा भस
ु ाकफ़य बफन अफी उभयो फ़़ारा अर

िरफी आउम्भतन
ु नास अरी अन भाववमा लभनहा ’’ िल्फी ने िहा कि जभहूय िी

याम थी कि भाववमा भस
ु ाकफ़य इब्ने उभयो से है क्मों कि वही सफ से ज़्मादा हहन्दा

से भोहब्फत ियता था। भसालरफ इफने सभआन भें है कि ऩदये हहन्दा ने इसिा

ननिाह ‘‘ रोअदा ’’ भारे िसीय अफू सकु फ़मान से किमा।

‘‘ फ़ौज़अत भाववमा फाद सरासता अशहय ’’ ननिाह िे तीन भाह फाद फत्ने

हहन्दा से भाववमा ऩैदा हुआ। इसी लरमे ज़भहशयी ने यफीउर अफयाय भें भाववमा िो

चाय मायी लरखा है । फयवामत हहन्दा िा ताअल्ऱ


ु एि ऽफ
ू सयू त डोभ से बी था

ज़जसिा नाभ ‘‘ सब्फाह ’’ था। इसी से भाववमा िा बाई अतफा इब्ने अफू सकु फ़मान

ऩैदा हुआ। जैसा कि ननसाए िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 110 भें है ‘‘ ़ारा अर शआफी फ़़द

असा यसर
ू अल्राह अफी हहन्दा मौभे फ़तेह भक्िा फशी भन हाज़ा ’’ इभाभे शाफी

िा फमान है कि हहन्दा िी ज़ज़ना िायी िी तयफ़ आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने फ़तेह

356
भक्िा िे हदन उस भौ़े ऩय इशाया फ़यभामा था जफ ज़ िवह फैमत ियने आई थी।

हहन्दा ने िहा कि भैं किस चीज़ ऩय फैमत िरूॊ? हज़यत ने फ़यभामा कि तू उस

चीज़ ऩय फैमत िय कि आज से ज़ज़ना नहीॊ िये गी। उसने िहा कि हज़यत िहीॊ ‘‘

हुयाक ’’ आज़ाद औयतें ज़ज़ना ियती हैं। ‘‘ भन्ज़य यसर


ू अल्राह इरा उभये तफस्सभ

’’ मह सन
ु िय आऩने हज़यत उभय िी तयफ़ दे ख िय तफस्सभ
ु फ़यभामा, भर
ु ाहे ज़ा

हो। (भाववमा दामयतुर इस्राह ऩष्ृ ठ 8)

अल्राभा भजलरसी हमातुर ़ुरफ


ू ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 437 ऩय लरखते हैं कि हज़यत

उभय ज़भानए जाहहरमत िे अभरी शाहहद थे। इसी लरमे यसर


ू अल्राह

(स.अ.व.व.) उनिी तयफ़ दे ख िय भस्


ु िुयाए थे।

20. तभाभ तवायीऽे इस्राभ भें है कि इसी हहन्दा ने हज़यते हम्ज़ा िो अऩने

एि आलश़ हब्शी नाभी से शहीद िया िे उनिा ज़जगय चफाना चाहा था औय

िान, नाि वाैया िाट िय अऩने गरे िा हाय फनामा था।

21. भाववमा िा फाऩ जो अफू सकु फ़मान िहा जाता है वह फयवामत हमातर

है वान ‘‘ तेरी ’’ था।

22. आसभ िूफ़ी ऩष्ृ ठ 236 भें है कि मह शयाफी था।

23. हमातुर ़ुरफ


ू औय नहजुर फराााह ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 131 भें है कि अफू

सकु फ़मान ने फ जब्रो इ़याह इस्राभ ़ुफर


ू किमा था।

357
24. भाववमा दामयतुर इस्राह ऩष्ृ ठ 14 भें है कि भाववमा 17 मा 22 सार ़ब्रे

हहजयत हहन्दा िे लशिभ भें ऩैदा हुआ।

25. नहजर
ु फरााह ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 19 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने

भाववमा िो नसी़ फ़यभामा है ज़जसिे भानी भवु त्तहभन


ु नसफ है ।

26. जनातुर ऽुरद


ू भें है कि भाववमा िा ़द रम्फा औय आॊखें सब्ज़ थीॊ।

27. तायीऽुर ऽुरफ़ा ऩष्ृ ठ 132 भें है कि इसिी सयू त डयावनी है ।

28. तायीऽे िालभर ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 166 औय ननसाए िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 21 भें है कि

भोहम्भद इब्ने अफी फक्र ने भाववमा िो रईन इब्ने रईन िहा है ।

29. उसने ारत तौय ऩय भशहूय किमा कि अरी (अ.स.) ़ानतरे उस्भान हैं।

(आसभ िूफ़ी ऩष्ृ ठ 169)

30. ननसाए िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 53 व हुरमातुर औलरमा ऩष्ृ ठ 144 भें है कि उसने

ारत शोहयत दी कि भाज़अल्राह अरी (अ.स.) नभाज़ नहीॊ ऩढ़ते।

31. ननसाए िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 53 भें है कि भाववमा िे हुक्भ से उफैदल्


ु राह इब्ने

अब्फास िे दो िभलसन फच्चे भाॊ िी गोद भें ज़ज़ब्ह किमे गमे।

32. आसभ िूफ़ी ऩष्ृ ठ 307 भें है कि भाववमा ने मभन औय हहजाज़ भें 30,000

(तीस हज़ाय) भहु हब्फाने अरी (अ.स.) िो ़त्र किमा।

33. ननसाए िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 61 भें है कि भाववमा ने भालरिे अशतय िो ज़हय से

शहीद िया हदमा।

358
34. आसभ िूफ़ी ऩष्ृ ठ 338 भें है कि भाववमा ने भोहम्भद इब्ने अफी फक्र िो

गधे िी खार भें लसरवा िय जरवा हदमा।

35. इसी किताफ भें है कि जफ हज़यत आमशा िो इसिी ऽफय लभरी तो फहुत

योईं औय तहमात फद दआ
ु दे ती यहीॊ।

36. ननसाई िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 62 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) िो इसिी इत्तेरा

लभरी तो फ़ा फ़आ शदीदन फहुत योम।

37. ननसाई िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 58 भें सीयते भोहम्भहदमा ऩष्ृ ठ 577 भें है कि हजय

इब्ने अदी सहाबफए यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) भोहब्फते अरी (अ.स.) भें ़त्र किमे

गमे औय अब्दयु क हभान इब्ने हस्सान ज़ज़न्दा दफ़्न किमे गमे।

38. ननसाई िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 43 भें है कि उभय बफन हभ़ बी हुक्भे भाववमा से

शहीद किमे गमे।

39. तफयी औय ननसाई िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 52 भें है कि भाववमा िे एि आलभर

सभयता ने आठ हज़ाय आदलभमों िो शहीद किमा।

40. तायीऽे आसभ ऩष्ृ ठ 334 व ननसाए िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 70 भें है कि फसये औय

िूफ़े भें एि एि यात िो ऩाॊच ऩाॊच सौ (500) भहु हब्फाने अरी (अ.स.) ़त्र किमे

गमे।

359
41. तायीऽे िालभर इब्ने असीय ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 133 भें है कि भाववमा नभाज़ िे

हय ़ुनत
ू भें हज़यत अरी (अ.स.), इब्ने अब्फास, इभाभ हसन (अ.स.), इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) औय भालरिे अशतय ऩय रानत ियता था।

42. ननसाए िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 170 भें है कि भाववमा भोअल्रेफ़ुर ़ुरफ


ू भें था

उसिा िानतफे वही होना ारत है ।

43. तायीऽे आसभ ऩष्ृ ठ 46 भें है कि भाववमा ने शोहदाम ओहद िी ़ब्रों ऩय

नहय जायी ियाई औय राशों िो दस


ू यी जगह दफ़्न िया हदमा। राशों िे ननिारने

भें एि फेरचा हज़यते हम्ज़ा िे ऩैय भें रग गमा ज़जससे ऽन


ू े ताज़ा जायी हो गमा।

44. भोरवी अभीय अरी अऩनी तायीऽे इस्राभ भें लरखते हैं कि इभाभ हसन

(अ.स.) िे तयिे खखराफ़त


ु़ िे फाद भाववमा ह़ीित भें ही फादशाहे इस्राभ फन
ु़
गमा। इस तयफ़ ज़भाने िे अजीफो ायीफ इन्िेराफ से हज़यते भोहम्भदे भस्
ु तुफ़ा

(स.अ.व.व.) िे दश्ु भानें ने उनिी औराद िा भौरूसी ह़ ाज़्फ िय लरमा औय फत


ऩयस्ती िे हाभी उन जनाफ िे भज़हफ औय सरतन्त िे सयदाय औय ऩेशवा फन

गमे। दारूर खखराफ़ा


ु़ जो हज़यत अरी (अ.स.) ने िूफ़े भें भ़
ु यक य किमा था अफ

दलभश़् भें भन्


ु तक़र हो गमा जहाॊ भाववमा ईयानी औय मन
ू ानी शानो शौित िे

साथ यहा ियता था। वह अक्सय अऩने दश्ु भनों मा भऽ


ु ालरफ़ों िा ज़हय मा तरवाय

से िाभ तभाभ िय दे ता था। रयश्तेदायी मा खखदभते


ु़ इस्राभ बी उसिे सफ़्फ़ाि

हाथों से फचा न सिती थी औय कपय भव


ु रयक ऽ ओफसयन ने ऩर किमा है कि फनी

360
उभय्मा िा अव्वर ऽरीफ़ा लसमाना, भत
ु ाफ़न्नी औय सफ़्फ़ाि था। अऩना भतरफ

ननिारने िे लरमे किसी जभ


ु क िे इयते़ाफ से न डयता था। जफय दस्त ानीभ िो

हराि िया दे ना उसिे फामॊ हाथ िा खेर था। ऩैाम्फये इस्राभ िे नवासे इभाभ

हसन (अ.स.) औय भालरिे अशतय िो ज़हय से हाराि िया हदमा। इसी तयह

अब्दर
ु यहभान इब्ने ऽालरद इब्ने वरीद िो 45 हहजयी भें ज़हय से तभाभ िया

हदमा। (िालभर इब्ने असीय, तफयी, अफुर कफ़दा, यौज़ातुर सफ़ा, हफीफ अर सैय) औय उम्भर

भोभेनीन जनाफे आमशा िो इस तयह ज़ज़न्दा गढ़े भें दफ़्न िय हदमा कि 56 हहजयी

भें आ िय एि भिान भें गढ़ा खद


ु वा िय उसिो ऽस ऩोश िय िे आफनस
ू िी

िुसी बफछवाई औय आमशा िो दावत भें फर


ु वा िय उस ऩय बफठामा, आमशा फैठते

ही उस गढ़े भें जा ऩड़ीॊ। भाववमा ने इस गढ़े िो ऩत्थय औय चन


ू े से फॊद िया हदमा

औय भक्िे िी तयफ़ िूच िय गमे। (हफीफ उस सैय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 85, ओिरी तायीऽे

इस्राभ यफीउर अफयाय, अवाएर लसमूती, िालभर अर सफ़ीना, हदी़ा हिीभ सनाई, भुनाक़फे

भुतज़
क वी)

45. 51 ई0 भें हजय इब्ने अदी िो जो ननहामत भत्त


ु ़ी व ऩयहे ज़गाय औय

इफादत गुज़ाय थे औय उनिे छ़ हभयाहहमों िो औय उभय इब्ने हभ़ सहाफी िो

लसफ़क इस जभ
ु क भें कि वह दोस्त दायाने अरी (अ.स.) भें से थे औय जफ भाववमा िा

गवकनय िूफ़े िे लभम्फय ऩय अरी (अ.स.) ऩय रानत ियता तो मह योिते औय अरी

(अ.स.) िी हहभामत ियते थे, ़त्र िया हदमा।

361
46. खानदाने फनी उभय्मा िो ़ुयआन भें शजयाए भरऊना फ़यभामा है ।

47. उनिो, अरी (अ.स.) उनिी औराद औय उनिे लशमों से सख़्त दश्ु भनी थी

चन
ु ान्चे भाववमा हज़यत अरी (अ.स.) ऩय तफयाक ियता था। उसने 41 हहजयी भें

हुक्भ हदमा कि भभालरिे भहरूसा िी भज़स्जदों भे ऽतीफ लभम्फय ऩय फैठ िय

हज़यत अरी (अ.स.) ऩय तफयाक किमा ियें औय मह यस्भ 99 हहजयी ति जायी यही

जफ कि उभय बफन अब्दर


ु अज़ीज़ ने ऽुतफे भें से इस तफयाक िो ननिरवा िय

आमए् ‫واالحسان ابلعدل يعمر هللا ان‬

औय ऽुरफ़ाए अयबफमा िे नाभ दाखखर


ु़ ियामे। भर
ु ाहे ज़ा हो, सही भज़ु स्रभ,

नतलभकज़ी, लभनहाजुर सन्


ु नता, अक़्दर
ु फ़यीद, अफर
ु कफ़दा, िालभर इब्ने असीय,

तफयी, तायीऽ अर खरफ़ा,


ु ु़ फ़तावाए अज़ीज़ी, तफ़यीह उर अहफाफ, ऽसाएस

ननसाई।

इभाभ ाज़ारी (य.) लरखते हैं कि हज़यत अरी (अ.स.) ऩय लशतभ व तफयाक एि

हज़ाय भाह ति जायी यहा। (इसयारूर आरेभीन ऩष्ृ ठ 10 तफआ फम्फई) अर ननसाएर

िाकफ़मा िे ऩष्ृ ठ 9 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) ऩय सत्तय हज़ाय लभम्फयों ऩय

सफफो लशतभ िी जाती थी। भाववमा ने अफू हुयैया, उभये आस, भा


ु ीया इब्ने शेफा

औय उयवा इब्ने ज़फ


ु यै िो इस अम्र ऩय भाभयू किमा था कि अरी (अ.स.) िी

भऩसत भें झठ
ू ी हदीसे तय्माय ियें ।

362
48. इब्ने अबफर हदीद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 9 ऩय है, लशमाने अरी (अ.स.) िे भार व

भता ज़ब्त िय लरमे गमे वो ़त्र किमे गमे औय इस ़दय उन ऩय ज़ल्


ु भ किमे

गमे कि िोई अऩने िो लशमा न िह सिता था।

49. इब्ने अबफर हदीद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 9, ननसाए िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 70, किताफ अर

फ़ख़्री भें है कि भाववमा उभयू े दनु नमा भें इस ़द्र भन


ु हलभि यहता औय अऩनी

हहम्भत तदफीय उभयू े दनु नमा भें इतनी भसरूफ़ ियता कि औय सफ फातें उसिे

साभने हे च सभझता था।

50. हदन भें ऩाॊच भयतफा खाता था औय आऽयी दफ़ा सफ से ज़्मादा खा िय

िहता था ऐ गराभ
ु ु़ उठा रे खाते खाते थि गमा भगय सेय नहीॊ हुआ। एि फछड़ा

बन
ू िय रामे वह एि ही भैदे िी योटी िे साथ खा गमा औय साथ भें चाय भोटे

भोटे गुदे। एि गभक बेड़ िा फच्चा औय एि ठन्डे बेड़ िा फच्चा औय खजूयों से

अरग भॊह
ु भीठा किमा। इसिे आगे सौ (100) यतर फा़रानी रूतफ यखा गमा वह

सफ खा गमा।

51. इभाभ ननसाई फ़यभाते हैं कि यसर


ू अल्राह (स.अ.व.व.) ने उनिे ह़ भें

फद दआ
ु िी थी रा अशफा उल्राह फतना ऽुदा इसिा ऩेट न बये ।

52. भाववमा अऩना भतरफ ननिारने भें खॊयू े ज़ी िे भत


ु ाअज़ल्ऱ ऩयवाह न ियता

था।

363
53. ओिरी लरखता है कि वह ज़क्र फिक िऩड़े ऩहनता औय शानो शौित से

फसय ियता औय हभेशा शयाफ ऩीता था।

54. हसन फसयी िहते हैं कि भाववमा िी चाय फातें ऐसी हैं कि उनभें से एि ही

उसिी हराित िे लरमे िाफ़ी है । 1. अव्वर भस्


ु तह़ीने खखराफ़त
ु़ िो भहरूभ

ियिे ज़फय दस्ती खखराफ़त


ु़ ऩय ़ब्ज़ा ियना। 2, दस
ू ये मज़ीद िो वरी अहद

फनाना जो फद अतवाय, शयाफी, हयीय ऩहनने वारा, गाना फजाना सन


ु ने िा शौिीन

था। 3. तीसये अफू सकु फ़मान िे हयाभी फेटे ज़ज़माद िो शयीमत िे खखराफ़
ु़ अऩना

बाई फनाना। 4. चौथे हजय औय उनिे असहाफ ऩय ज़ल्


ु भ ियना औय उनिो ़त्र

ियाना।

55. इभाभ शाफ़ेई फ़भाते हैं कि चाय सहाफी ऐसे हैं ज़जनिी गवाही ़ाबफरे ़ुफर

नहीॊ। भाववमा, उभयो आस, भगु ाया, ज़ज़माद। हिी़त मह है कि इस्राभ िी इन्हीॊ

चाय कफ़तना ायों ने िभय तोड़ी है ।

56. भसद
ू ी लरखता है कि अहरे शाभ भाववमा िे फ़यभा फयदाय औय इताअत

गज़
ु ाय ऐसे थे कि जॊगे लसफ़्फ़ीन िो जाते हुए भाववमा ने जभ
ु े िी नभाज़ फध
ु िो

ऩढ़ा दी औय रोगों ने ऩढ़ री।

57. कपय भसद


ू ी लरखता है कि फनी उभय्मा िे अहद भें आभ रोगों िे इख़्रा़

भें मह फात दाखखर


ु़ हो गई थी कि सय्मद िो सयदाय न फनामें। फनी उभय्मा फाैय

आलरभ होने िे इल्भ िी फात िहते थे बफरा तभीज़ फ़ाज़ीर व भफ़जर


ू ु़ औय

364
फ़ामदा ऩ
ु सान िे जो उनिे आगे हो जाम उसिी भत
ु ाफे़त िय रेते थे औय ह़ो

फानतर भें तभीज़ न ियते थे।

58. भाववमा 60 हहजयी भें अरीर हुआ औय उसने मज़ीद से िहा कि जो िुछ

भाॊगना हो भाॊग रे। उसने िहा हुिूभत चाहता हूॉ ताकि उसिे ज़रयमे से जहन्नभ

से नजात हालसर िय रॉ ।ू उसने मज़ीद िा भॊह


ु चभ
ू लरमा औय िहा भझ
ु े भॊज़ूय

है ।(तायीऽे िालभर)

चन
ु ान्चे मह मज़ीद जैसे दश्ु भने इस्राभ िो ऽरीफ़ा फना िय यजफ 60 हहजयी

भें याहीए दाय उर फवाय हो गमा।

(तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 33)

59. मह भस
ु ल्रेभाते तायीऽी भें से है कि भाववमा िे ह़ भें िोई एि हदीस बी

वारयद न हुई औय उसिे बफदआत फे शभ


ु ाय हैं। ततहहरूर ज़जनान, भौज़आ
ू ते भल्
ु रा

अरी ़ायी ऩष्ृ ठ 48 व फ़तेहुर फायी भें है कि भाववमा िे ह़ भें िोई बी ऽफय

सही वारयद नहीॊ मही वजह है कि सही फऽ


ु ायी भें उसिे लरमे िोई फाफ नहीॊ किमा

गमा।

60. भफ़रूदात इभाभ यागाफ असफ़हानी भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने

फ़यभामा था कि भाववमा िे गरे भें जफ तफ ईसाईमों िी सरीफ न ऩड़ेगी उसे भौत

न आमेगी। चन
ु ान्चे आऽयी वक़्त नसयानी कियस्टान ने तावीज़े लशफ़ा िे नाभ से

365
उसिे गरे भें सरीफ डार दी। उसिे फाद उसिा इन्ते़ार हो गमा। म़ीन है कि

भाववमा नसयानी व ईसाई भहशयू होगा। क्मों कि मह अरी (अ.स.) िा दश्ु भन औय

उनिो अज़ीमत दे ने वारा था, औय हदीस भें है कि ‘‘ भन अज़ी अरीमन फाएस

मौभर
ु ़माभा महूहदमा ’’ जो अरी (अ.स.) िो अज़ीमत दे गा वह महूदी मा

नसयानी भफऊस व भहशयू होगा। ननसाए िाकफ़मा, तायीऽुर खुरफ़ा ऩष्ृ ठ 135 भें

है कि भाववमा ने चारीस सार हुिूभत िी। 77 सार िी उम्र ऩाई औय 60 हहजयी

भें इन्ते़ार किमा औय दलभश़् (शाभ) भें दफ़्न किमा गमा।(1)

भैं िहता हूॉ कि भाववमा िे जभ


ु रा अभर व कियदाय िे नताएज एि तयफ़ औय

उसिा हज़यत अरी (अ.स.) औय इभाभ हसन (अ.स.) िा ़त्र ियना एि तयफ़।

म़ीन ियना चाहहमे कि भाववमा िी फज़ख़्शश ़तअन दश्ु वाय नाभज़ु म्िन औय

भोहार है ।

(1). सन
ु ा जाता है कि शाभ भें ज़जस जगह ऩय भाववमा िी ़ब्र थी उस जगह

चड़ू ड़मा फनाने िी बट्टी फनी हुई है ।

366
अफु अब्दल्
ु ऱाह हज़रत इमाम हुिैन (अ.ि.) िहीदे कफाऱा

हुसन
ै तूने तहे तेा, वह किमा सजदा।

कि फ़ख़्र ियती है ताअत बी इस इताअत ऩय।।

न अज़ब्दमत िो फ़़त, इफ़्तेऽाय है भौरा।

उरहू हमत बी है नाज़ाॊ, तेयी इफादत ऩय।।

साबफय थयमानी (ियाची)

मॉह
ू ी फस तीसयी शाफान िो हुयभत चौगनी हो गई।

भझ
ु े फायह वऩरा दे , ऩाॊचवाॊ सा़ी हुआ ऩैदा।।

न क्मों िय, ऐसे फेटे हों नाज़ाॊ सा़ीए िौसय।

ननहाॊ हैं ज़जसभें नौ िौसय मह वह इस्भत िा है दरयमा।।

हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) अफर
ु आइम्भा अभीयर भोभेनीन हज़यत अरी इब्ने

अफी तालरफ (अ.स.) व सय्मदज़ु न्नसाॊ हज़यत फ़ात्भातुज़ ज़हया (अ.स.) िे फ़यज़न्द

औय ऩैाम्फये इस्राभ हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) व जनाफे ऽदीजातुर

िुफया िे नवासे औय शहीदे भज़रभ


ू इभाभ हसन (अ.स.) िे िुव्ु़ वते फाज़ू थे।

आऩिो अफर
ु आइम्भातस
ु सानी िहा जाता है क्मों कि आऩ ही िी नस्र से नौ

इभाभ भत
ु ावज़ल्रद हुए। आऩ बी अऩने ऩदये फज़
ु गु व
क ाय औय फयादये आरी व़ाय िी

तयह भासभ
ू भन्सस
ू अफ़ज़रे ज़भाना औय आलरभे इल्भे रदन्ु नी थे।

367
आऩकी ववऱादत

हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) िी ववरादत िे ऩचास यातें गुज़यी थीॊ कि हज़यत

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा ऩ
ु ता ए वजूद फतने भादय भें भस्
ु त़य हुआ था। हज़यत

इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) इयशाद फ़यभाते हैं कि ववरादते हसन (अ.स.) औय

इस्ते़याये इभाभ हुसन


ै (अ.स.) भें तोहय िा फ़ासरा था। (असाफा नज़रर
ु अफयाय

वा़ेदी) अबी आऩिी ववरादत न होने ऩाई थी कि फा यवामते उम्भर


ु फ़ज़र बफन्ते

हारयस ने ख़्वाफ भें दे खा कि यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िे ज़जस्भ िा एि टुिड़ा

िाट िय भेयी आाोश भें यखा गमा है । इस ख़्वाफ से वह फहुत घफयाई औय दौड़ी

हुई यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय अज़क ऩयदाज़ हुई कि

हुज़ूय आज एि फहुत फयु ा ख़्वाफ दे खा है । हज़यत ने ख़्वाफ सन


ु िय भस्
ु िुयाते हुए

फ़यभामा कि मह ख़्वाफ तो ननहामत ही उम्दा है । ऐ उम्भर


ु फ़ज़र इसिी ताफीय

मह है कि भेयी फेटी फ़ात्भा िे फतन से अऩ्यीफ एि फच्चा ऩैदा होगा जो तुम्हायी

आाोश भें ऩयवरयश ऩाऐगा। आऩिे इयशाद फ़यभाने से थोड़ा ही अयसा गुज़या था

कि ऽुसस
ू ी भद्
ु दते हभर लसफ़क 6 भाह गुज़ाय िय नयू े नज़य यसर
ू (स.अ.व.व.)

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) फातायीऽ 3 शाफान सन ़् 4 हहजयी फभ़
ु ाभ भदीना ए भन
ु व्वया

फतने भादय से आाोशे भादय भें आ गमे। (शवाहे दन


ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 13 व अनवाये हुसैननमा

ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 43 फा हवाराए साफ़ी ऩष्ृ ठ 298, व जाभए अब्फासी ऩष्ृ ठ 59 व फेहारूर अनवाय

368
व लभसफाहे तूसी व भ़तर इब्ने नम्भा ऩष्ृ ठ 2) वाैया, उम्भर
ु फ़ज़र िा फमान है कि

भैं हसफर
ु हुक्भ इनिी खखदभत
ु़ ियती यही, एि हदन भैं फच्चे िो रे िय आॊ

हज़यत (स.अ.व.व.) िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हुई। आऩने आाोशे भोहब्फत भें रे िय

प्माय किमा औय आऩ योने रगे भैंने सफफ दरयमाफ़्त किमा तो फ़यभामा कि अबी

अबी ज़जब्राईर भेये ऩास आए थे वह फतरा गए हैं कि मह फच्चा उम्भत िे हाथों

ननहामत ज़ुल्भों लसतभ िे साथ शहीद होगा औय ऐ उम्भर


ु फ़ज़र वह भझ
ु े इसिी

़त्रगाह िी सख
ु ऱ् लभट्टी बी दे गमे हैं। (लभशिात ज़जल्द 8 ऩष्ृ ठ 140 प्रिालशत

राहौय औय भसनद इभाभ यज़ा ऩष्ृ ठ 38 भें है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने

फ़यभामा दे खो मह वा़ेमा फ़ात्भा (अ.स.) से िोई न फतराए वयना वह सख़्त

ऩये शान होंगी।

भल्
ु रा जाभी लरखते हैं कि उम्भे सरभा ने फमान किमा कि एि हदन यसर
ू े

ऽुदा (स.अ.व.व.) भेये घय इस हार भें तशयीफ़ राए कि आऩ िे सये भफ


ु ायि िे

फार बफखये हुए थे औय चहये ऩय गदक ऩड़ी हुई थी। भैंने इस ऩये शानी िो दे ख िय

ऩछ
ू ा कि क्मा फात है? फ़यभामा भझ
ु े अबी अबी ज़जब्राईर ईया़ िे भ़
ु ाभे ियफरा

रे गमे थे वहाॊ भैंने जाम ़त्रे हुसन


ै (अ.स.) दे खी है औय मह लभट्टी रामा हूॉ। ऐ

उम्भे सरभा (अ.स.) इसे अऩने ऩास भहफ़ूज़ यखो, जफ मह ऽून आरद
ू हो जाम

तो सभझना कि भेया हुसन


ै शहीद हो गमा। (शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 174)

369
आऩका इस्मे गेरामी

इभाभ लशब्रन्जी लरखते हैं कि ववरादत िे फाद सयवये िामनात (स.अ.व.व.) ने

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी आॊखों भें रोआफे दहन रगामा औय अऩनी ज़फान उनिे

भॊह
ू भें दे िय फड़ी दे य ति चस
ु ामा इसिे फाद दाहहने िान भें अज़ान औय फामें भें

अ़ाभत िही कपय दआ


ु ए ऽैय फ़यभा िय हुसन
ै नाभ यखा। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 113)

उरेभा िा फमान है कि मह नाभ इस्राभ से ऩहरे किसी िा बी नहीॊ था। वह मह

बी िहते हैं कि मह नाभ ऽुदा ऽुदा वन्दे आरभ िा यखा हुआ है । (अयजहुर

भतालरफ व यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 236) किताफ आराभ अर वया तफयसी भें है कि मह

नाभ बी दीगय आइम्भा िे नाभों िी तयह रौहे भहफ़ूज़ भें लरखा हुआ है ।

आऩका अक़ीक़ा

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा नाभ यखने िे फाद सयवये िामनात (स.अ.व.व.) ने

हज़यत फ़ात्भा (अ.स.) से फ़यभामा कि फेटी ज़जस तयह हसन (अ.स.) िा अ़ी़ा

किमा गमा है उसी तयह इसिे अ़ी़े िा बी इन्तेज़ाभ ियो औय इसी तयह फारों

िे हभ वज़न चाॊदी तसद्द़


ु ियो ज़जस तयह हसन (अ.स.) िे लरमे िय चि
ु ी हो।

अर ायज एि भें ढा भॊगवामा गमा औय यस्भे अ़ी़ा अदा िय दी गई। (भतारेफुस

सूऊर सुनन 241)

370
फाज़ भाअसयीन ने अ़ी़े िे साथ ऽत्ने िा ज़ज़क्र किमा है जो भेये नज़दीि

़तअन ना ़ाबफरे ़ुफर


ू है क्मों कि इभाभ िा भख़्तन
ू ऩैदा होना भस
ु ल्रेभात से

है ।

कुजन्नयत व अऱक़ाफ

आऩिी िुज़न्नमत लसफ़क अफु अब्दल्


ु राह थी अर फत्ता अऱाफ आऩिे फे शभ
ु ाय हैं

ज़जनभें सय्मद, लसब्ते असाय, शहीदे अिफय औय सय्मदश


ु शोहदा ज़्मादा भशहूय

हैं। अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई िा फमान है कि लसब्ते औय सय्मद ऽुद

यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िे भोअय्मन ियदा अऱाफ हैं। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 321)

आऩकी रज़ाअत

उसर
ू े िाफ़ी फाफ भौरद
ू र
ु हुसन
ै (अ.स.) ऩष्ृ ठ 114 भें है कि इभाभ हुसन

(अ.स.) ने ऩैदा होने िे फाद न हज़यत फ़ात्भा ज़हया (अ.स.) िा शीये भफ


ु ायि नोश

किमा औय न किसी दाई िा दध


ू वऩमा। होता मह था कि जफ आऩ बख
ू े होते तो

सयवये िामनात तशयीफ़ रा िय ज़फाने भफ


ु ायि दहने अ़दस भें दे दे ते थे औय

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) उसे चस
ू ने रगते थे। महाॊ ति कि सेयो सेयाफ हो जाते थे।

भारभ
ू होना चाहहमे कि इसी से इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा गोश्त ऩोस्त फना औय

रोआफे दहने रयसारत से हुसन


ै (अ.स.) ऩयवरयश ऩा िय िाये रयसारत अॊजाभ दे ने

371
िी सराहहमत िे भालरि फने। मही वजह है कि आऩ यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) से

फहुत भश
ु ाफेह थे। (नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 113)

खद
ु ा वन्दे आऱम की तरफ िे ववऱादते इमाम हुिैन (अ.ि.) की

तहतनयत व ताजज़यत

अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशेफ़ी य़भ तयाज़ हैं कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी

ववरादत िे फाद ऽल्रा़े आरभ ने ज़जब्राईर िो हुक्भ हदमा कि ज़भीन ऩय जा

िय भेये हफीफ भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) िो भेयी तयफ़ से हुसन
ै (अ.स.) िी

ववरादत ऩय भफ
ु ायि फाद दे दो औय साथ ही साथ उनिी शहादते उज़भा से बी

उन्हें भत्त
ु रा िय िे ताज़ज़मत अदा िय दो। जनाफे ज़जब्राईर फ हुक्भे यब्फे जरीर

ज़भीन ऩय वारयद हुए औय उन्होंने आॊ हज़यत (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें ऩहुॉच िय

तहननमत अदा िी। इसिे फाद अज़क ऩयदाज़ हुए कि ऐ हफीफे यब्फे ियीभ आऩिी

खखदभत
ु़ भें शाहदते हुसन
ै (अ.स.) िी ताज़ज़मत बी लभन जाननफ अल्राह अदा िी

जाती है । मह सन
ु िय सयवये िामनात िा भाथा ठन्िा औय आऩने ऩछ
ू ा कि

ज़जब्राईर भाजेया क्मा है? तहननमत िे साथ ताज़ज़मत िी तफ़सीर फमान ियो।

ज़जब्राईर (अ.स.) ने अज़क िी एि वह हदन होगा ज़जस हदन आऩिे इस चहहते

फ़यज़न्द ‘‘ हुसन
ै ’’ िे गुरए
ू भफ
ु ायि ऩय ऽन्जये आफदाय यखा जामेगा औय आऩिा

मह नयू े नज़य फे मायो भद्दगाय भैदाने ियफरा भें मक्िाओ तन्हा तीन हदन िा

372
बख
ू ा प्मासा शहीद होगा। मह सन
ु िय सयवये आरभ (अ.स.) भहवे गगयमा हो गमे।

आऩिे योने िी ऽफय ज्मों ही अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िो ऩहुॉची वह बी योने रगे

आरभे गगयमा भें दाखखरे


ु़ ऽाना ए सय्मदा हो गए। जनाफे सय्मदा (अ.स.) ने जो

हज़यत अरी (अ.स.) िो योता दे खा तो हदर फेचन


ै हो गमा। अज़क कि अफर
ु हसन

योने िा सफफ क्मा है ? फ़यभामा बफन्ते यसर


ू (अ.स.) अबी ज़जब्राईर आमे हैं औय

वह हुसन
ै िी तहननमत िे साथ साथ उसिी शहादत िी ऽफय बी दे गमे हैं हारात

से फा ऽफय होने िे फाद फ़ात्भा िा गगयमा गुरग


ू ीय हो गमा। आऩने हुज़ूय

(स.अ.व.व.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय अज़क कि फाफा जान मह िफ होगा?

फ़यभामा जफ न भैं हूॊगा न तुभ होगी न अरी होंगे न हसन होंगे। फ़ात्भा (अ.स.)

ने ऩछ
ू ा फाफा भेया फच्चा किस ऽता ऩय शहीद होगा? फ़यभामा फ़ात्भा (स.अ.व.व.)

बफल्िुर फे जुभक व फे ऽता लसफ़क इस्राभ िी हहभामत भें शहीद होगा। फ़ात्भा

(स.अ.व.व.) ने अज़क कि फाफा जान जफ हभ भें से िोई न होगा तो इस ऩय गगयमा

िौन िये गा औय उसिी सफ़े भातभ िौन बफछामेगा।

यावी िा फमान है कि इस सवार िा हज़यत यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) अबी

जवाफ न दे ने ऩामे थे कि हानतफ़े ामफी िी आवाज़ आई, ऐ फ़ात्भा ाभ न ियो,

तुम्हाये इस फ़यज़न्द िा ाभ अब्द उर आफाद ति भनामा जामेगा औय इसिा

भातभ ़माभत ति जायी यहे गा।

373
एि यवामत भें है कि यसर
ू ियीभ (स.अ.व.व.) ने फ़ात्भा िे जवाफ भें मह

फ़यभामा था कि ऽद
ु ा िुछ रोगों िो हभेशा ऩैदा ियता यहे गा, ज़जसिे फढ़
ू े , फढ़
ू ों ऩय

औय जवान जवानों ऩय औय फच्चे फच्चों ऩय औय औयतें औयतों ऩय गगयमा व ज़ायी

ियते यहें गे।

फ़फतरूि का वाक़ेया

अल्राभा भज़िूय फाहवाराए हज़यत शेऽ भफ़


ु ीद अर यहभा य़भ तयाज़ हैं कि

इसी तहननमत िे लसरलसरे भें जनाफे ज़जब्राईर फे शभ


ु ाय फ़रयश्तों िे साथ ज़भीन

िी तयफ़ आ यहे थे। नागाह उनिी नज़य ज़भीन िे एि ाैय भारूफ़ तफ़े ऩय ऩड़ी,

दे खा कि एि फ़रयश्ता ज़भीन ऩय ऩड़ा हुआ ज़ायो ़ताय यो यहा है । आऩ उसिे

़यीफ गए औय आऩने उससे भाजया ऩछ


ू ा। उसने िहा ऐ ज़जब्राईर भैं वही फ़रयश्ता

हूॉ जो ऩहरे आसभान ऩय सत्तय हज़ाय फ़रयश्तों िी ़मादत ियता था। भेया नाभ

कफ़तरूस है । ज़जब्राईर ने ऩछ
ू ा तझ
ु े मह किस जभ
ु क िी सज़ा लभरी है? उसने अज़क

िी, भयज़ीए भाफद


ू िे सभझने भें एि ऩर िी दे यी िी थी, ज़जसिी मह सज़ा

बग
ु त यहा हूॉ। फारो ऩय जर गए हैं, महाॊ िॊु जे तन्हाई भें ऩड़ा हूॉ। ऐ ज़जब्राईर

ऽुदाया भेयी िुछ भद्द ियो। अबी ज़जब्राईर जवाफ न दे ने ऩामे थे कि उसने सवार

किमा, ऐ रूहुर अभीन आऩ िहाॊ जा यहे हैं? उन्होंने फ़यभामा कि नफी आऽेरूज़

ज़भाॊ हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) िे महाॊ एि फ़यज़न्द ऩैदा हुआ है

374
ज़जसिा नाभ ‘‘ हुसन
ै ’’ है । भैं ऽुदा िी तयफ़ से उसिी अदाए तहननमत िे लरमे

जा यहा हूॉ। कफ़तरूस ने अज़क कि ऐ ज़जब्राईर ऽद


ु ा िे लरमे भझ
ु े अऩने हभयाह रेते

चरो, भझ
ु े इसी दय से लशफ़ा औय नजात लभर सिती है । ज़जब्राईर उसे साथ रे

िय हुज़ूय िी खखदभत
ु़ भें उस वक़्त ऩहुॉचे जफ कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) आाोशे

यसर
ू (स.अ.व.व.) भें जरवा फ़यभा यहे थे। ज़जब्राईर ने अज़े हार किमा। सयवये

िामनात (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा कि कफ़तरूस िे ज़जस्भ िो हुसन


ै (अ.स.) िे

ज़जस्भ से भस िय दो, लशफ़ा हो जामेगी। ज़जब्राईर ने ऐसा किमा औय कफ़तरूस िे

फारो ऩय उसी तयह योईदा हो गमे ज़जस तयह ऩहरे थे। वह सेहत ऩाने िे फाद

फ़ख़्रो भफ
ु ाहात ियता हुआ अऩनी भॊज़ज़रे असरी आसभाने सेमभ
ु ऩय जा ऩहुॉचा औय

लभसरे साबफ़ सत्तय हज़ाय फ़रयश्तों िी ़मादत ियने रगा।

फाद अज़ शहादते हुसन


ै (अ.स.) चॉ ू फयाॊ ़ज़ज़मा भतरा शद
ु ’’

महाॊ ति कि वह ज़भाना आमा ज़जसभें इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने शहादत ऩाई औय

इसे हारात से आगाही हुई तो उसने फायगाहे अहहदमत भें अज़क कि ‘‘ भालरि भझ
ु े

इजाज़त दी जाम कि भैं ज़भीन ऩय जा िय दश्ु भनाने हुसन


ै (अ.स.) से जॊग िरूॊ।

इयशाद हुआ कि जॊग िी िोई ज़रूयत नहीॊ अरफत्ता तू सत्तय हज़ाय फ़रयश्ते रे िय

ज़भीन ऩय चरा जा औय उनिी ़ब्रे भफ


ु ायि ऩय सफ
ु ह व शाभ गगयमा ओ भातभ

किमा िय औय इसिा जो सवाफ हो उसे उनिे योने वारों ऩय हहफा िय दे । चन


ु ान्चे

कफ़तरूस ज़भीने ियफरा ऩय जा ऩहुॉचा औय ता ़माभ ़माभत शफो योज़ योता

375
यहे गा। ’’ (यौज़तुर शोहदा अज़ 236 ता ऩष्ृ ठ 238 प्रिालशत फम्फई 1385 हहजयी व ानीभतुर

तारेफीन शेऽ अब्दर


ु ़ाहदय जीरानी)

इमाम हुिैन (अ.ि.) का चमकता चेहरा

भल्
ु रा जाभी यहभतल्
ु राह अरैहा तहयीय फ़यभाते हैं कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो

ऽद
ु ा वन्दे आरभ ने वह हुस्न व जभार हदमा कि ज़जसिी नज़ीय नज़य नहीॊ आतीॊ

आऩिे रूए ताफाॊ िा मह हार था कि जफ आऩ जाम तायीि भें फैठ जाते थे तो

रोग आऩिे रूए यौशन से शभा ए तायी़ िा िाभ रेते थे मानी चीज़ यौशन हो

जाती थी औय रोगों िो तायीिी भें याहफयी िी ज़हभत नहीॊ होती थी। (शवाहे दन

नफूवत रूिन 6 ऩष्ृ ठ 174 व यौज़तुर शोहदा फाफ 7 ऩष्ृ ठ 238) शेऽ अब्दर
ु वासेए इब्ने

महीमा वासेई लरखते हैं कि इभाभ हसन (अ.स.) औय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) एि

हदन यसर
ू ियीभ (स.अ.व.व.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य थे महाॊ ति कि यात हो गई,

आऩने फ़यभामा भेये फच्चों अफ यात हो गई तुभ अऩनी भाॉ िे ऩास चरे जाओ।

फच्चे हसफर
ु हुक्भ यवाना हो गमे। यावी िा फमान है कि जैसे मह फच्चे घय िी

तयफ़ चरे एि यौशनी ऩैदा हो हुई जो उनिे यास्ते िी तायीिी िो दयू ियती जाती

थी, महाॊ ति कि फच्चे अऩनी भाॉ िी खखदभत


ु़ भें जा ऩहुॉच।े ऩैाम्फये इस्राभ

(स.अ.व.व.) जो इस यौशनी िो दे ख यहे थे इयशाद फ़यभाने रगे। ‘‘ अर हम्दो

लरल्राहहर रज़ी अियाभना अहल्र फैत ’’ ऽुदा िा शक्र


ु है कि उसने हभ अहरे

376
फैत िो इज़्ज़त व ियाभत अता फ़यभाई है । (भुसनदे इभाभ यज़ा ऩष्ृ ठ 32 भतफुआ लभस्र

1341 हहजयी)

जनाफे इब्राहीम का इमाम हुिैन (अ.ि.) ऩर क़ुरफान होना

उरेभा िा फमान है कि एि योज़ हज़यत यसर


ू े ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) इभाभ हुसन

(अ.स.) िो दाहहने ज़ानू ऩय औय अऩने फेटे जनाफे इब्राहीभ िो फामें ज़ानू ऩय

बफठामे हुए प्माय िय यहे थे कि नागाह ज़जब्राईर नाज़ज़र हुए औय िहने रगे

इयशादे ऽुदा वन्दी है कि दो भें से एि अऩने ऩास यखो। ऩैाम्फये इस्राभ

(स.अ.व.व.) ने इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िो इब्राहीभ ऩय तयजीह दी औय अऩने

फ़यज़न्द इब्राहीभ िो हुसन


ै (अ.स.) ऩय कफ़दा िय दे ने िे लरमे िहा। चन
ु ान्चे

इब्राहीभ अरीर हो िय तीन मौभ भें इन्ते़ार िय गमे। यावी िा फमान है कि इस

वाक़मे िे फाद से जफ इभाभ हुसन


ै (अ.स.) आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे साभने आते

थे तो आऩ उन्हें आाोश भें बफठा िय फ़यभाते थे कि मह वह है ज़जस ऩय भैंने

अऩने फेटे इब्राहीभ िो ़ुयफान िय हदमा है । (शवाहे दन


ु नफूवत ऩष्ृ ठ 174 व तायीऽे

फादाद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 204)

377
हिनैन(अ.ि.) की फाहमी ज़ोर आज़माई

इब्नर ऽशाफ शेऽ िभारउद्दीन औय भल्


ु रा जाभी लरखते हैं कि एि भयतफा

इभाभ हसन (अ.स.) औय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िभलसनी िे आरभ भें यसर
ू े ऽुदा

(स.अ.व.व.) िी नज़यों िे साभने आऩस भें ज़ोय अज़भाई ियने औय िुश्ती रड़ने

रगे। जफ फाहभ एि दस
ू ये से लरऩट गए तो यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) ने इभाभ

हसन (अ.स.) से िहना शरू


ु किमा, हाॊ फेटा ‘‘ हसन फगीय, हुसन
ै या ’’ हुसन
ै िो

गगया दे औय चीत िय दे । फ़ात्भा (स.अ.व.व.) ने आगे फढ़ िय अज़क कि फाफा जान

आऩ तो फड़े फ़यज़न्द िी हहम्भत फढ़ा यहे हैं औय छोटे फेटे िी हहम्भत अफ़ज़ाई

नहीॊ ियते। आऩने फ़यभामा कि ऐ फेटी मह तो दे खो ज़जब्राईर खड़े हुए हुसन


ै से

िह यहे हैं ‘‘ फगीय हसन या ’’ ऐ हुसन


ै तभ
ु हसन िो गगया दो, औय गचत िय दो।

(शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 174 व यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 239 नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 114 प्रिालशत

लभस्र)

खाके क़दमे हुिैन (अ.ि.) और हफीफ इब्ने मज़ाहहर

अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते हैं कि एि हदन यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.)

एि यास्ते से गज़
ु य यहे थे आऩने दे खा कि चन्द फच्चे खेर यहे हैं। आऩ उनिे

़यीफ गए औय उनभें से एि फच्चे िो उठा िय अऩनी आाोश भें फैठा लरमा औय

आऩ उसिी ऩेशानी िे फोसे दे ने रगे। एि साहफी ने ऩछ


ू ा, हुज़ूय इस फच्चे भें क्मा

378
ऽुसलू समत है कि आऩने इस दजाक ़द्र अफ़ज़ाई फ़यभाई है? आऩने इयशाद फ़यभामा

कि भैंने इस एि हदन इस हार भें दे खा कि मह भेये फच्चे हुसन


ै िे ़दभों िी

ऽाि उठा िय अऩनी आॊखों भें रगा यहा था। फाज़ हज़यात िा फमान है कि वह

फच्चा आॊ हज़यत ने ज़जसिो प्माय किमा था उसिा नाभ हफीफ इब्ने भज़ाहहय था।

(यौज़तर
ु शोहदा)

वऩसये भत
ु ज़
क ा, इभाभ हुसन
ै -- कि चॉ ू ऊरा न फद
ू ा दय िौनैन

भस्
ु तफ़ा ऊया िशीदा फदोश -- भत
ु ज़
क ा, ऩय वयीदा दय आाोश

अक़्र दय फन्द अहदो ऩैभाईश -- फद


ू ा ज़जब्राईर,भहद जुम्फाननश

इमाम हुिैन (अ.ि.) के सऱये हहरन के फच्चे का आना

किताफ िनज़र
ु ायाएफ भें है कि एि शख़्स ने सयवये िाएनात (स.अ.व.व.) िी

खखदभत
ु़ भें एि फच्चे आहू (हहयन) हहदमे भें ऩेश किमा। आऩने उसे इभाभ हसन

(अ.स.) िे हवारे िय हदमा क्मों कि आऩ फय वक़्त हाज़ज़ये खखदभत


ु़ हो गमे थे।

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने जफ इभाभ हसन (अ.स.) िे ऩास हहयन िा फच्चा दे खा तो

अऩने नाना से िहने रगे, नाना जान आऩ भझ


ु े बी हहयन िा फच्चा दीज़जए।

सयवये िामनात (स.अ.व.व.) इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िो तसल्री दे ने रगे रेकिन

िभलसनी िा आरभ था कफ़तयते इॊसानी ने इज़हाये फ़ज़ीरत िे लरमे ियवट री

औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने ज़ज़द ियना शरू
ु िय हदमा औय ़यीफ था कि यो ऩड़ें,

379
नागाह एि हहयन िो आते हुए दे खा गमा ज़जसिे साथ उसिा फच्चा था। वह आहू

(हहयन) सीधा खखदभत


ु़ भें आमा औय उसने फा ज़फाने फ़सीह िहा, हुज़यू भेये दो

फच्चे थे एि िो सय्माद ने लशिाय िय िे आऩिी खखदभत


ु़ भें ऩहुॉचा हदमा औय

दस
ू ये िो भैं इस वक़्त रे िय हाज़ज़य हुआ हूॉ। उसने िहा भैं जॊगर भें था कि भेये

िानों भें एि आवाज़ आई ज़जसिा भतरफ मह था कि नाज़ ऩयवयदा ए यसर


(स.अ.व.व.) फच्चा ए आहू िे लरमे भचरा हुआ है जल्द से जल्द अऩने फच्चे िो

यसर
ू (स.अ.व.व.) िी खखदभत
ु़ भें ऩहुॉचा। हुक्भ ऩाते ही भैं हाज़ज़य हुआ हूॉ औय

हहदमा ऩेशे खखदभत


ु़ है । आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने आहू िो दआ
ु ए ऽैय दी औय

फच्चे िो इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे हवारे िय हदमा। (यौज़तुर शोहदा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 220)

इमाम हुिैन (अ.ि.) िीना ए रिूऱ (ि.अ.व.व.) ऩर

सहाबफमे यसर
ू (स.अ.व.व.) अफू हुयैया यावी ए हदीस िा फमान है कि, भैंने

अऩनी आॊखों से मह दे खा कि यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) रेटे हुए हैं औय इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) ननहामत िभलसनी िे आरभ भें उनिे सीना ए भफ
ु ायि ऩय हैं। उनिे

दोनों हाथों िो ऩिड़े हुए फ़यभाते हैं, ऐ हुसन


ै तू भेये सीने ऩय िूद चन
ु ान्चे इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) आऩिे सीना ए भफ
ु ायि िूदने रगे उसिे फाद हुज़ूय (स.अ.व.व.) ने

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा भॊह
ू चभ
ू िय ऽद
ु ा िी फायगाह भें अज़क कि ऐ भेये ऩारने

वारे भैं इसे फेहद चाहता हूॉ, तू बी इसे भहफफ


ू यख। एि यवामत भें है कि हज़यत

380
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िा रोआफे दहन औय उनिी ज़फान

इस तयह चस
ू ते थे ज़जस तयह िोई खजयू चस
ू े। (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 359, ऩष्ृ ठ

361, इस्तेआफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 144, असाफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 11 िॊज़ुर आभार ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ

104, िॊज़ुर अर ह़ाए़ ऩष्ृ ठ 59)

हिनैन (अ.ि.) में खि


ु नवीिी का मक़
ु ाफऱा

यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िे शहज़ादे इभाभ हसन (अ.स.) औय इभाभ हुसन

(अ.स.) ने एि तहयीय लरखी कपय दोनों आऩस भें भ़


ु ाफरा ियने रगे कि किसिा

ऽत अच्छा है । जफ फाहभी फ़ैसरा न हो सिा तो फ़ात्भा ज़हया (स.अ.व.व.) िी

खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हुए। उन्होंने फ़यभामा अरी (अ.स.) िे ऩास जाओ। अरी

(अ.स.) ने िहा यसर


ू अल्राह से फ़ैसरा ियाओ। यसर
ू े ियीभ ने इयशाद किमा, ऐ

नयू े नज़य इसिा फ़ैसरा तो भेयी रख़्ते ज़जगय फ़ात्भा ही िये गी उसिे ऩास जाओ।

फच्चे दौड़े हुए कपय भाॊ िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हुए। भाॊ ने गरे रगा लरमा औय

िहा ऐ भेये हदर िी उम्भीद तभ


ु दोनों िा ऽत फेहतयीन है औय दोनों ने फहुत

ऽफ
ू लरखा है रेकिन फच्चे न भाने औय मही िहते यहे भादये गेयाभी दोनों िो

साभने यख िय सही फ़ैसरा दीज़जमे। भाॊ ने िहा अच्छा फेटा, रो अऩना गुरू फन्द

तोड़ती हूॉ उसिे दाने चन


ु ो, फ़ैसरा ऽुदा िये गा। सात दानों िा गुरू फॊद टूटा,

ज़भीन ऩय दाने बफखये , फच्चों ने हाथ फढ़ाए औय तीन तीन दानों ऩय दोनों ने

381
़ब्ज़ा िय लरमा औय एि दाना जो यह गमा उसिी तयफ़ दोनों िे हाथ फयाफय से

फढ़े । हुक्भे ऽद
ु ा वन्दे आरभ हुआ ज़जब्राईर दानों िे दो टुिड़े िय दो। एि हसन

(अ.स.) ने रे लरमा औय एि हुसन


ै (अ.स.) ने उठा लरमा। भाॊ ने फढ़ िय दोनों िे

फोसे लरमे औय िहा क्मों फच्चों भैं न िहती थी कि तुभ दोनों िे ऽत अच्छे हैं

औय एि िी दस
ू ये िे ऽत ऩय तयजीह नहीॊ है । (ऽासेतुर भसाएफ ऩष्ृ ठ 335) ़ायी

अब्दर
ु वद
ु द
ू शम्स रखनवी खरफ़ भौरवी अब्दर
ु हिीभ उस्ताद भौरवी शेऽ

अब्दर
ु शिूय भद
ु ीय अर नजभ ऩाटा नारा रखनऊ, बायत, अऩने एि ़सीदे भें

लरखते हैं।

दोनों बाई एि हदन, भादय से मह िहने रगे।

आऩ फ़यभाएॊ कि लरखना किसिो फेहतय आ गमा।।

सात भोती यख िे फ़यभामा, कि जो ज़ाएद उठामे।

एि भोती, दो हुआ, हहस्सा फयाफय हो गमा।।

जन्नत िे कऩड़े और फरज़न्दाने रिऱ


ू (ि.अ.व.व.) की ईद

इभाभ हसन (अ.स.) औय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िा फचऩन है । ईद आने िो है

औय इन असखखमामे
ु़ आरभ िे घय भें नमे िऩड़े िा क्मा ज़ज़क्र ऩयु ाने िऩड़े फज़ल्ि

जौ िी योहटमाॊ ति नहीॊ हैं। फच्चों ने भाॊ िे गरे भें फाहें डार दीॊ। भादये गेयाभी

भदीने िे फच्चे ईद िे हदन ज़़क फ़क िऩड़े ऩहन िय ननिरेंगे औय हभाये ऩास

382
नमे िऩड़े नहीॊ हैं। हभ किस तयह ईद भनामेंगे। भाॉ ने िहा फच्चों घफयाओ नहीॊ

तम्
ु हाये िऩड़े दयज़ी रामेगा। ईद िी यात आई, फच्चों ने कपय भाॊ से िऩड़ों िा

त़ाज़ा किमा। भाॉ ने वही जवाफ दे िय नौननहारों िो ऽाभोश िय हदमा। अबी

सफ
ु ह न हो ऩाई थी कि एि शख़्स ने दयवाज़े ऩय आवाज़ दी, दयवाज़ा खटखटामा,

कफ़ज़्ज़ा दयवाज़े ऩय गईं। एि शख़्स ने एि गठयी लरफास िी दी। कफ़ज़्ज़ा ने उसे

सय्मदा ए आरभ िी खखदभत


ु़ भें ऩेश किमा। अफ जो खोरा तो उसभें दो छोटे

छोटे अम्भाभे, दो ़फाऐॊ, दो अफाऐॊ ायज़ िी तभाभ ज़रूयी िऩड़े भौजूद थे। भाॉ िा

हदर फाा फाा हो गमा। वह सभझ गईं कि मह िऩड़े जन्नत से आमे हैं रेकिन

भॉह
ु से िुछ नहीॊ िहा। फच्चों िो जगामा िऩड़े हदमे। सफ
ु ह हुई, फच्चों ने जफ

िऩड़ों िे यॊ ग िी तयफ़ नज़य िी तो िहा भादये गेयाभी मह तो सफ़ैद िऩड़े हैं।

भदीने िे फच्चे यॊ गीन िऩड़े ऩहने होंगे। अम्भा जान हभें यॊ गीन िऩड़े चाहहमे। हुज़ूये

अनवय (स.अ.व.व.) िो इत्तेरा लभरी, तशयीफ़ रामे। फ़यभामा घफयाओ नहीॊ तुम्हाये

िऩड़े अबी अबी यॊ गीन हो जामेंगे। इतने भें ज़जब्राईर आफ़ताफा (एि फड़ा औय

चौड़ा फयतन) लरमे हुए आ ऩहुॉच।े उन्होंने ऩानी डारा, भोहम्भद भस्
ु तफ़ा

(स.अ.व.व.) िे इयादे से िऩड़े सब्ज़ औय सख


ु ऱ् हो गमे। सब्ज़ (हया) जोड़ा हसन
ु़
(अ.स.) ने ऩहना औय सख
ु ऱ् जोड़ा हुसन
ै (अ.स.) ने जेगे तन किमा। भाॉ ने गरे

रगामा, फाऩ ने फोसे हदमे, नाना ने अऩनी ऩश्ु त ऩय सवाय िय िे भेहाय िे फदरे

अऩनी ज़ुल्फ़ें हाथो भें दे दीॊ औय िहा भेये नौननहारों, रयसारत िी फाग तुम्हाये

383
हाथ भें है । ज़जधय चाहो भोड़ो औय जहाॊ चाहो रे चरो। (यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 189

फेहारूर अनवाय) फाज़ उरेभा िा िहना है कि सयवये िामनात फच्चों िो ऩश्


ु त ऩय

बफठा िय दोनों हाथो ऩैयों से चरने रगे औय फच्चों िी फ़यभाईश ऩय ऊॊट िी

आवाज़ भॊह
ु से ननिारने रगे। (िशफ़ुर भहजूफ)

गगरया ए हुिैनी और िदमा ए रिूऱ (ि.अ.व.व.)

इभाभ लशफरॊजी औय अल्राभा फदख़्शी लरखते हैं कि ज़ैद इब्ने ज़ज़माद िा

फमान है कि एि हदन आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ऽाना ए आमशा से ननिर िय िहीॊ

जा यहे थे, यास्ते भें फ़ात्भा ज़हया (अ.स.) िा घय ऩड़ा। उस घय भें से इभाभ हुसन

(अ.स.) िे योने िी आवाज़ फयाभद हुई। आऩ घय भें दाखखर


ु़ हो गए औय फ़यभामा

ऐ फ़ात्भा ‘‘ अरभ तारभी अन फ़ायाह मज़


ू ीनी ’’ क्मा तुम्हें भारभ
ू नहीॊ कि हुसन

(अ.स.) िे योने से भझ
ु े किस ़द्र तिरीफ़ औय अज़ीमत ऩहुॉचती है । (नरू
ू र अफसाय

ऩष्ृ ठ 114 व भम्फए अहतभी ज़जल्द 9 ऩष्ृ ठ 201 व ज़ऽाएय अर अ़फा ऩष्ृ ठ 123) फाज़

उरभा िा फमान है कि एि हदन यसर


ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) िहीॊ जा यहे थे। यास्ते भें

एि भदयसे िी तयफ़ से गुज़य हुआ। एि फच्चे िी आवाज़ िान भें आई जो हुसन


(अ.स.) िी आवाज़ से फहुत ज़्मादा लभरती थी। आऩ दाखखरे


ु़ भदयसा हुए औय

उस्ताद िो हहदामत िी कि इस फच्चे िो न भाया ियो क्मों कि इसिी आवाज़ भेये

फच्चे हुसन
ै से फहुत लभरती है ।

384
इमाम हुिैन (अ.ि.) की िरदारीए जन्नत

ऩैाम्फये इस्राभ िी मह हदीस भस


ु ल्रेभात औय भत
ु ावातेयात भें से है कि ‘‘ अर

हसन वर हुसन
ै सय्मदे शफाफे अहरे जन्नत् व अफु हुभा ऽेय लभन्हभा ’’ हसन व

हुसन
ै जवानाने जन्नत िे सयदाय हैं औय उनिे ऩदये फज़
ु ुगव
क ाय इन दोनों से फेहतय

हैं। (इब्ने भाजा) सहाफी ए यसर


ू जनाफे हुज़ैफ़ा मभानी िा फमान है कि भैंने एि

हदन सयवये िामनात (स.अ.व.व.) िो फेइन्तेहा ऽश


ु दे ख िय ऩछ
ू ा, हुज़यू इफ़याते

भसयक त िी क्मा वजह है? आऩ ने फ़यभामा ऐ हुज़ैफ़ा ! आज एि ऐसा भरि

नाज़ज़र हुआ है जो भेये ऩास इससे ऩहरे नहीॊ आमा था उसने भेये फच्चों िी

सयदारयमे जन्नत ऩय भफ
ु ायि फाद दी है औय िहा है कि ‘‘ अन फ़ातभा सय्मदन

ननसाए अहरे जन्नत् व अनर हसन वर हुसन


ै सय्मदे शफाफे अहरे जन्नत् ’’

फ़ात्भा जन्नत िी औयतों िी सयदाय औय हसनैन जन्नत िे भयदों िे सयदाय हैं।

(िन्ज़ुर आभार ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ 107, तायीऽर


ु ऽोरफ़ा ऩष्ृ ठ 132, असदउर ााफा ऩष्ृ ठ 12,

असाफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 12, नतलभकज़ी शयीफ़, भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 242, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ

114) इस हदीस से लसमादते अरववमा िा भसरा बी हर हो गमा। ़तए नज़य

इसिे कि हज़यत अरी (अ.स.) भें लभसरे नफी लसमादत िा ज़ाती शयफ़ भौजूद था

औय ऽुद सयवये िामनात ने फाय फाय आऩिी लसमादत िी तसदी़ सय्मदर


ु अयफ,

सय्मदर
ु भत्त
ु ़ीन, सय्मदर
ु भोभेनीन वाैया जैसे अल्फ़ाज़ से फ़यभाई है । हज़यत

385
अरी (अ.स.) सयदायाने जन्नत इभाभ हसन (अ.स.) औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) से

फेहतय होना वाज़ेह ियता है कि आऩिी लसमादत भस


ु ल्रभ ही नहीॊ फज़ल्ि फहुत

फरन्द दयजा यखती है । मही वजह है कि भेये नज़दीि जभ


ु रा अवरादे अरी

(अ.स.) सय्मद हैं। मह औय फात है कि फनी फ़ात्भा िे फयाफय नहीॊ हैं।

इमाम हुिैन (अ.ि.) आऱमे नमाज़ में ऩुश्ते रिूऱ (ि.अ.व.व.) ऩर

ऽद
ु ा ने जो शयफ़ इभाभ हसन (अ.स.) औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो अता

फ़यभामा है वह औरादे यसर


ू (स.अ.व.व.) िे लसवा किसी िो नसीफ नहीॊ। इन

हज़यात िी ज़ज़क्र इफादत औय उनिी भोहब्फत इफादत मह हज़यात अगय ऩश्ु ते

यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩय आरभे नभाज़ भें सवाय हो जामें तो नभाज़ भें िोई ऽरर

वा़े नहीॊ होता। अिसय ऐसा होता था कि मह नौनेहारे रयसारत ऩश्ु ते यसर
ू (स.

स.) ऩय आरभे नभाज़ भें सवाय हो जामा ियते थे औय जफ िोई भना ियना

चाहता था तो आऩ इशाये से योि हदमा ियते थे औय िबी ऐसा बी होता था कि

आऩ सजदे भें उस वक़्त ति भशार


ू े ज़ज़क्र यहा ियते थे जफ ति फच्चे आऩिी

ऩश्ु त से ऽुद न उतय आमें। आऩ फ़यभामा ियते थे, ऽुदामा भैं इन्हें दोस्त यखता

हूॉ तू बी इनसे भोहब्फत िय। िबी इयशाद होता था, ऐ दनु नमा वारों ! अगय भझ
ु े

दोस्त यखते हो तो भेये फच्चों से बी भोहब्फत ियो। (असाफा ऩष्ृ ठ 12 ज़जल्द 2,

भुसतदरयि इभाभ हाकिभ व भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 223)

386
हदीिे हुिैनो समन्नी

सयवये िामनात (स.अ.व.व.) ने इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे फाये भें इयशाद फ़यभामा

है कि ऐ दनु नमा वारों ! फस भख़्


ु तसय मह सभझ रो कि, ‘‘ हुसन
ै ो लभन्नी व अना

लभनर हुसन
ै ’’ हुसन
ै भझ
ु से है औय भैं हुसन
ै से हूॉ। ऽुदा उसे दोस्त यखे जो हुसन

िो दोस्त यखे। (भतारेफस


ु सऊ
ू र, ऩष्ृ ठ 242, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 114, नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ

113 व सही नतलभकज़ी ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 307, भुस्तदरयि इभाभ हाकिभ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 177 व

भस्नदे अहभद ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 972 असदउर ााफता ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 91 िॊज़र
ु आभार, ज़जल्द 4

ऩष्ृ ठ 221)

मकतूफाते फाफे जन्नत

सयवये िामनात हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) इयशाद फ़यभाते हैं कि

शफे भेयाज जफ भैं सैये आसभानी ियता हुआ जन्नत िे ़यीफ ऩहुॉचा तो दे खा कि

फाफे जन्नत ऩय सोने िे हुरूफ़ भें लरखा हुआ है । ‘‘ रा इराहा इल्रराह भोहम्भदन

हफीफ अल्राह अरीमन वरी अल्राह व फ़ात्भा अभत अल्राह वर हसन वहर

हुसन
ै सफ़ुत अल्राह व लभनर फा
ु ज़हुभ रानत अल्राह ’’

तयजभ
ु ा् ऽद
ु ा िे लसवा िोई भाफद
ू नहीॊ, भोहम्भद (स.अ.व.व.) अल्राह िे हफीफ

हैं, अरी (अ.स.) अल्राह िे वरी हैं, फ़ात्भा (स.अ.व.व.) अल्राह िी िनीज़ हैं,

387
हसन (अ.स.) औय हुसन
ै (अ.स.) अल्राह िे फयु गुज़ीदा हैं औय उनसे फग़्जु ज़ यखने

वारों ऩय ऽद
ु ा िी रानत हैं।

(अयजहुर भतालरफ फाफ 3 ऩष्ृ ठ 313 प्रिालशत राहौय 1251 ई0)

इमाम हुिैन (अ.ि.) और सिफाते हिना की मरकज़ीयत

मह तो भारभ
ू ही है कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा

(स.अ.व.व.) िे नवासे हज़यत अरी (अ.स.) व फ़ात्भा (स.अ.व.व.) िे फेटे औय

इभाभ हसन (अ.स.) िे बाई थे औय इन्हीॊ हज़यात िो ऩॊजेतन िहा जाता है, औय

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ऩॊजेतन िे आऽयी फ़दक हैं। मह ज़ाहहय है कि आखखय
ु़ ति

यहने वारे औय हय दौय से गुज़यने वारे िे लरमे इ़तेसाफ लसफ़ाते हसना िे

इम्िानात ज़्मादा होते हैं। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) 3 शाफान 4 हहजयी िो ऩैदा हो िय

सयवये िामनात (स.अ.व.व.) िी ऩयवरयश व ऩयदाख़्त औय आाोशे भादय भें यहे

औय िसफे लसफ़ात ियते हये । 28 सफ़य 11 हहजयी िो जफ आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)

शहादत ऩा गमे औय 3 जभाहदउस्सानी िो भाॊ िी फयितों से भहरूभ हो गमे तो

हज़यत अरी (अ.स.) ने तालरभाते इराहहमा औय लसफ़ाते हसना से फहयावय किमा।

21 यभज़ान 40 हहजयी िो आऩिी शहादत िे फाद इभाभ हसन (अ.स.) िे सय ऩय

ज़ज़म्भेदायी आमद हुई। इभाभ हसन (अ.स.) हय क़स्भ िी इस्तेभदाद व इस्तेमानते

ऽानदानी औय फ़ैज़ाने फायी भें फयाफय िे शयीि यहे ।

388
28 सफ़य 50 हहजयी िो जफ इभाभ हसन (अ.स.) शहीद हो गमे तो इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) लसफ़ाते हसना िे वाहहद भय़ज़ फन गए। मही वजह है कि आऩ भें

जभ
ु रा लसफ़ाते हसना भौजद
ू थे औय आऩिे तयज़े हमात भें भोहम्भद (स.अ.व.व.)

व अरी (अ.स.), फ़ात्भा (स.अ.व.व.) औय हसन (अ.स.) िा कियदाय नभ


ु ामाॊ था

औय आऩने जो िुछ किमा ़ुयआन औय हदीस िी यौशनी भें किमा। िुतुफे

भ़ानतर भें है कि ियफरा भें जफ इभाभ हुसन


ै (अ.स.) रूख़्सते आखखय
ु़ िे लरमे

ऽेभे भें तशयीफ़ रामे तो जनाफे ज़ैनफ ने फ़यभामा था कि ऐ ऽाभेसे आरे एफा

आज तम्
ु हायी जद
ु ाई िे तसव्वयु से ऐसा भारभ
ू होता है कि भोहम्भद भस्
ु तफ़ा

(स.अ.व.व.) अरी ए भत
ु ज़
ुक ा (अ.स.) फ़ात्भा (स.अ.व.व.) हसने भज
ु तफा (अ.स.) हभ

से जुदा हो यहे हैं।

हज़रत उमर का एतेराफे िरफे आऱे मोहम्मद (ि.अ.व.व.)

अहदे उभयी भें अगय चे ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िी आॊखें फन्द हो चि


ु ी थीॊ

औय रोग भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) िी खखदभत
ु़ औय तालरभात िो ऩसे ऩश्ु त

डार चि
ु े थे रेकिन कपय बी िबी िबी ‘‘ ह़ फय ज़फान जायी ’’ िे भत
ु ाबफ़

अवाभ सच्ची फातें सन


ु ही लरमा ियते थे। एि भयतफा िा ज़ज़क्र है कि हज़यत

उभय लभम्फये यसर


ू ऩय ऽत्ु फा फ़यभा यहे थे। नागाह हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा

उधय से गज़
ु य हुआ। आऩ भज़स्जद भें तशयीफ़ रे गमे औय हज़यत उभय िी तयफ़

389
भऽ
ु ानतफ हो िय फोरे ‘‘ अन्ज़र अन लभम्फय अफी ’’ भेये फाऩ िे लभम्फय ऩय से

उतय आईमे औय जाईमे अऩने फाऩ िे लभम्फय ऩय फैहठमे। हज़यत उभय ने िहा भेये

फाऩ िा तो िोई लभम्फय नहीॊ है । उसिे फाद लभम्फय ऩय से उतय िय इभाभ हुसन

(अ.स.) िो अऩने हभयाह अऩने घय रे गमे औय वहाॊ ऩहुॉच िय ऩछ


ू ा कि साहफ

ज़ादे तुम्हें मह फात किसने लसखाई है तो उन्होंने फ़यभामा कि भैंने अऩने से िहा

है , भझ
ु े किसी ने नहीॊ लसखामा। उसिे फाद उन्होंने िहा भेये भाॉ फाऩ तुभ ऩय कफ़दा

हों, िबी िबी आमा ियो। आऩने फ़यभामा फेहतय है । एि हदन आऩ तशयीफ़ रे

गमे तो हज़यत उभय िो भाववमा से तनहाई भें भहवे गफ़्


ु तग
ु ू ऩा िय वाऩस चरे

गमे। जफ इसिी इत्तेरा हज़यत उभय िो हुई तो उन्होंने भहसस


ू किमा औय यास्ते

भें एि हदन भर
ु ा़ात ऩय िहा कि आऩ वाऩस क्मों चरे आमे थे। फ़यभामा कि

आऩ भहवे गुफ़्तुगू थे, इस लरमे भैं अब्दल्


ु राह इब्ने उभय िे हभयाह वाऩस आमा।

हज़यत उभय ने िहा फ़यज़न्दे यसर


ू (स.अ.व.व.) भेये फेटे से ज़्मादा तुम्हाया ह़ है ।

‘‘ फ़ा अन्नभा अन्ता भातयी फ़ी दो सना अल्राह सभ


ु अनतभ
ु ’’ इस से इन्िाय

नहीॊ किमा जा सिता कि भेया वज


ु द
ू तम्
ु हाये सद़े भें है ।

(असाफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 25 िनज़र


ु आभार ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ 107 व इज़ारतर
ु ऽफ़ा ज़जल्द 3

ऩष्ृ ठ 80 व तायीऽे फादाद ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 141)

390
इब्ने उमर का एतराफे िरफे हुिैनी

इब्ने हयीफ यावी हैं कि एि हदन अब्दल्


ु राह इब्ने उभय ऽाना ए िाफा िे साम भें

फैठे हुए रोगों से फातें िय यहे थे कि इतने भें हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) साभने

से आते हुए हदखाई हदमे इब्ने उभय ने रोगों िी तयफ़ भऽ


ु ानतफ हो िय िहा कि

मह शख़्स मानी इभाभ हुसन


ै (अ.स.) अहरे आसभान िे नज़दीि तभाभ अहरे

ज़भीन से ज़्मादा भहफफ


ू हैं। (असाफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 15)

इमाम हुिैन (अ.ि.) की रक़ाफ

इब्ने अब्फास िे हाथों भें लसऩहय िाशानी लरखते हैं कि एि भयतफा हज़यत

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) घोड़े ऩय सवाय हो यहे थे। हज़यत इब्ने अब्फास सहाबफमे यसर

(स.अ.व.व.) िी नज़य आऩ ऩय ऩड़ी तो आऩ ने दौड़ िय हज़यत िी य़ाफ थाभ री

औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो सवाय िय हदमा। मह दे ख िय किसी ने िहा कि ऐ

इब्ने अब्फास तभ
ु तो इभाभ हुसन
ै (अ.स.) से उम्र औय रयश्ते दोनों भें फड़े हो, कपय

तभ
ु ने इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी य़ाफ क्मों थाभी? आऩने गस्से
ु ु़ भें फ़यभामा कि ऐ

िभफख़्त तुझे क्मा भारभ


ू कि मह िौन हैं औय इनिा शयफ़ क्मा है । मह फ़यज़न्दे

यसर
ू (स.अ.व.व.) हैं, इन्हीॊ िे सद़े भें नेभतों से बयऩयू औय फहयावय हूॉ अगय

भैंने इनिी यिाफ थाभ री तो क्मा हुआ। (नासेऽर


ु तवायीऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 45)

391
इमाम हुिैन (अ.ि.) की गदे क़दम और जनाफे अफू हुरै रा

िौन है जो जनाफे अफू हुयैया िे नाभ से वाक़फ़ न हो आऩ ही वह हैं ज़जन ऩय

साबफ़ िी हुिूभतों िो फड़ा एतभाद था औय आऩ ऩय एतभाद िी मह हद थी कि

भाववमा ने जफ अभीयर भोभेनीन अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) िे खखराफ़


ु़

हदीसें गढ़ने िी स्िीभ फनाई थी तो उन्हीॊ िो इस स्िीभ िा रूहे यवाॊ ़याय हदमा

था। (भीज़ान अर फ़या इभाभ शेयानी ऩष्ृ ठ 21) आऩ िो हज़यत अरी (अ.स.) से

अ़ीदत बी थी आऩ नभाज़ हज़यत अरी (अ.स.) िे ऩीछे ऩढ़ते थे औय खाना

भाववमा िे दस्तयख़्वान ऩय खाते थे। आऩ फ़यभाते थे कि इफादत िा रत्ु फ़ अरी

(अ.स.) िे साथ औय खाने िा भज़ा भाववमा िे साथ है ।

भव
ु रयक ऽ तफयी िा फमान है कि एि भय्मत भें इभाभ हुसन
ै (अ.स.) औय जनाफे

अफू हुयैया ने लशयित िी औय दोनों हज़यात साथ ही चर यहे थे। यास्ते भें थोड़ी दे य

िे लरमे रूि गमे तो अफू हुयैया ने झट रूभार ननिार िय हज़यत इभाभ हुसन

(अ.स.) िे ऩामे भफ
ु ायि औय तूनतमों से गदक झाड़ना शरू
ु िय हदमा। इभाभ हुसन

(अ.स.) ने फ़यभामा ऐ अफू हुयैया ! तुभ मह क्मा ियते हो, भेये ऩैयों औय जूनतमों से

गदक क्मों झाड़ने रगे? आऩने अज़क कि ‘‘ दाअनी लभनिा फ़रो मा रभ अरनास

लभनिा भा अरभ रहभरि


ू अरा अवा त़ाहुभ ’’ ‘‘ भौरा भझ
ु े भना न किजीमे,

आऩ इसी ़ाबफर हैं कि भैं आऩिी गदे ़दभ साफ़ िरूॊ। भझ


ु े म़ीन है कि अगय

रोगों िो आऩिे फ़ज़ाएर औय आऩिी वह फढ़ाई भारभ


ू हो जाम जो भैं जानता हूॉ

392
तो मह रोग आऩिो अऩने िॊधों ऩय उठामे कपयें ’’ (तायीऽे तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 19

तफअ लभस्र)

इमाम हुिैन (अ.ि.) का ज़ुररा यते नफी में होना

हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) औय हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे ज़रु यक मते नफी

भें होने ऩय आमते भफ


ु ाहे रा गवाह है । यसर
ू े ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) ने अफनअना िी

ताभीर व तिभीर हसनैन (अ.स.) ही से िी थी। मह उनिे फ़यज़न्दाने यसर


ू होने

िी दरीरे भोहिभ हैं ज़जसिे फाद किसी एतयाज़ िी गुन्जाईश नहीॊ यहती। आलसभ

बफन फहदे रा िहते हैं कि एि हदन हभ रोग हज्जाज बफन मस


ु फ़
ू िे ऩास फैठे हुए

थे कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा ज़ज़क्र आ गमा। हज्जाज ने िहा उनिा ज़ुरयक मते

यसर
ू (स.अ.व.व.) से िोई ताअल्ऱ
ु नहीॊ। मह सन
ु ते ही महहमा बफन माभय ने

िहा ‘‘ िुन्फत अहहय्मा अर अभीय ’’ अभीय मह फात बफल्िुर ारत है औय झठ


है वह म़ीनन जरयक
ु ु़ मते यसर
ू (स.अ.व.व.) भें से हैं। मह सन
ु िय उसने िहा कि

इसिा सफ
ु त
ू ़ुयआने भजीद से ऩेश ियो। ‘‘ अवरा ़तरनिा ़तरन ’’ वयना

तुम्हें फयु ी तयह ़त्र िरूॊगा। महहमा ने िहा ़ुयआन भजीद भें है । ‘‘ व भन

ज़रु यक मते दाऊदो सर


ु भ
ै ान .... व ज़ियमा व महहमा व ईसा ’’ इस आमत भें ज़रु यक मते

आदभ भें हज़यते ईसा बी फतामे गमे हैं जो अऩनी भाॊ िी तयफ़ से शलभर हुमे हैं।

फस इसी तयह इभाभ हुसन


ै (अ.स.) बी अऩनी भाॊ िी तयफ़ से ज़ुरयक मते यसर

393
(स.अ.व.व.) भें हैं। हज्जाज ने िहा मह सही है रेकिन भजभें भें तुभने भेयी

त़ज़ीफ (फे इज़्ज़ती) िी है रेहाज़ा तम्


ु हें शहय फदय किमा जाता है । इसिे फाद

उन्हें ऽयु ासान बेज हदमा। (भस्ु तदरयि सहीहीन ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 164)

करमे हुिैनी की एक समिाऱ

इभाभ फ़ऽरूद्दीन याज़ी तफ़सीये िफीय भें ज़ेये आमत ‘‘ अर आदभ अर असभा

िुल्रेहा ’’ लरखते हैं कि एि एयाफी ने खखदभते


ु़ इभाभ हुसन
ै (अ.स.) भें हाज़ज़य हो

िय िुछ भाॊगा औय िहा कि भैंने आऩिे जद्दे नाभदाय से सन


ु ा है कि जफ िुछ

भाॊगना हो तो चाय क़स्भ िे रोगों से भाॊगों। 1. शयीफ़ अयफ से, 2. ियीभ हाकिभ

से, 3. हालभरे ़ुयआन से, 4. हसीन शक्र वारे से। भैं आऩभें मह जुभरा लसफ़ात

ऩाता हूॉ इस लरमे भाॊग यहा हूॉ। आऩ शयीफ़े अयफ हैं। आऩिे नाना अयफी हैं। आऩ

ियीभ हैं क्मों कि आऩिी सीयत ही ियभ है । ़ुयआने ऩाि आऩिे घय भें नाज़ज़र

हुआ है । आऩ सफीह व हसीन हैं। यसर


ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) िा इयशाद है कि जो

भझ
ु े दे खना चाहे वह हसन व हुसन
ै िो दे खे। रेहाज़ा अज़क है कि भझ
ु े अतीमे से

सयफ़याज़ फ़यभाईमे। आऩने फ़यभामा कि जद्दे नाभदाय ने फ़यभामा है कि ‘‘ अर

भारूफ़ फे ़दये अर भायफ़ते ’’ भायफ़त िे भत


ु ाबफ़ अनतमा दे ना चाहहमे। तू भेये

सवारात िा जवाफ दे , 1. फता सफ से फेहतय अभर क्मा है? उसने िहा अल्राह

ऩय ईभान राना। 2. हराित से नजात िा ज़रयमा क्मा है? उसने िहा अल्राह ऩय

394
बयोसा ियना। 3. भयद िी ज़ीनत क्मा है? िहा ‘‘ इल्भ भम हहल्भ ’’ ऐसा इल्भ

ज़जसिे साथ हहल्भ हो, आऩने फ़यभामा दरू


ु स्त है । उसिे फाद आऩ हॊ स ऩड़े। ‘‘

वयभी बफर सीयते इल्हे ’’ औय एि फड़ा िीसा उसिे साभने डार हदमा। (फ़ज़ाएर

उर ऽभसते लभन सहामलसत्ता ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 268)

इमाम हुिैन (अ.ि.) की एक करामत

तफा़ात इब्ने सआद ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 107 भें है कि जफ इभाभ हुसन


ै (अ.स.)

भदीने से भक्िे जाने िे लरमे ननिरे तो यास्ते भें इब्ने भतीह लभर गमे। वह उस

वक़्त िुआॊ खोद यहे थे। ऩछ


ू ा भौरा िहाॊ िा इयादा है? फ़यभामा भक्िे जा यहा हूॉ,

शामद भें या आऽयी सफ़य हो। मह सन


ु िय उन्होंने अज़क िी भौरा इस सफ़य िो

भर
ु तवी िय हदजीए। फ़यभामा भज़ु म्िन नहीॊ है । कपय फात ही फात भें उन्होंने अज़क

कि भैं िुआॊ खोद यहा हूॉ। अिसय इधय ऩानी खाया ननिरता है । आऩ दआ
ु िय दें

ऩानी भीठा हो औय िसीय हो। आऩने थोड़ा ऩानी जो उस वक़्त फयाभद हुआ था रे

िय चखा औय उसभें िुल्री िय िे िहा कि इसे िुएॊ भें डार दो। चन


ु ान्चे उन्होंने

ऐसा ही किमा। ‘‘ फ़जफ वभही ’’ उसिा ऩानी शीयीॊ (भीठा) औय िसीय हो गमा।

395
इमाम हुिैन (अ.ि.) की नि
ु रत के सऱये रिऱ
ू े करीम (ि.अ.व.व.) का

हुक्म

अनस बफन हारयस जो सहाफी ए यसर


ू औय असहाफे सफ़
ु फ़ा भें से भें थे, िा

फमान ियते है, भैंने दे खा है कि हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) एि हदन यसर
ू े ऽुदा

(स.अ.व.व.) िी गोद भें थे औय वह उनिो प्माय िय यहे थे। इसी दौयान भें

फ़यभामा ‘‘ अन अम्फी हाज़ा म़तेदा फाये ज़ैने म़ारा रहा ियफर फ़भन शोहदा

ज़ारेिा फ़र मनसेयहा ’’ कि भेया मह फ़यज़न्द ‘‘ हुसन


ै ’’ उस ज़भीन ऩय ़त्र

किमा जामेगा ज़जसिा नाभ ियफरा है । दे खो तुभ भें से उस वक़्त जो बी भौजूद

हो उसिे लरमे ज़रूयी है कि उसिी भद्द िये ।

यावी िा फमान है कि असर यावी औय चश्भ दीद गवाह अनस बफन हारयस जो

कि उस वक़्त भौजद
ू थे वह इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे हभयाह ियफरा भें शहीद हो

गमे थे।

(असदर
ु ााफेआ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 123 व ऩष्ृ ठ 349, असाफा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 48, िन्ज़र

आभार ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 223, ज़ऽामय अर अ़फा भुहहफ तफयी ऩष्ृ ठ 146)

इमाम हुिैन (अ.ि.) की इफादत

उरेभा व भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ज़फयदस्त

इफादत गज़
ु ाय थे। आऩ शफो योज़ भें फेशभ
ु ाय नभाज़ें ऩढ़ते औय अनवाए अ़साभ

396
इफादत से सयफ़याज़ होते थे। आऩने अच्चीस हज ऩा वऩमादा किए औय मह तभाभ

हज ज़भाना ए ़माभे भदीने भन


ु व्वया भें फ़यभाए थे। इया़ भें ़माभ िे दौयान

आऩिो अभवी हॊ गाभा आयाइमों िी वजह से किसी हज िा भौ़ा नहीॊ लभर सिा।

(असद उर ााफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 27)

इमाम हुिैन (अ.ि.) की िखावत

भसनदे इभाभे यज़ा ऩष्ृ ठ 35 भें है कि सऽी दनु नमाॊ िे सयदाय औय भत्त
ु ़ी

आऽेयत िे रोगों िे सयदाय होते हैं। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) सऽी ऐसे थे ज़जनिी

लभसार नहीॊ। उरभा िा फमान है कि उसाभा इब्ने ज़ैद सहाबफए यसर


ू (स.अ.व.व.)

फीभाय थे, इभाभ हुसन


ै (अ.स.) उन्हे दे खने िे लरमे तशयीफ़ रे गमे तो आऩने

भहसस
ू किमा कि वह फेहद यॊ जीदा हैं। ऩछ
ू ा ऐ भेये नाना िे सहाफी क्मा फात है?

‘‘वााभाहो’’ क्मों िहते हो? अज़क कि भौरा साठ हज़ाय हदयहभ िा ़ज़क दाय हूॉ।

आऩने फ़यभामा घफयाओ नहीॊ उसे भैं उसे अदा िय दॊ ग


ू ा। चन
ु ान्चे आऩने अऩनी

ज़ज़न्दगी भें ही उन्हें ़यज़े िे फाय से सफ


ु ि
ु दोश फ़यभा हदमा।

एि दफ़ा एि दे हाती शहय भें आमा औय उसने रोगों से दयमाफ़्त किमा कि महाॊ

सफ से ज़्मादा सऽी िौन है? रोगों ने इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िा नाभ लरमा। उसने

हाज़ज़ये खखदभत
ु़ हो िय फा ज़रयमे अशआय सवार किमा। हज़यत ने चाय हज़ाय

अशयकफ़माॊ इनामत फ़यभा दीॊ। शईफ ऽज़ाई िा िहना है कि शहादते इभाभे हुसन

397
(अ.स.) िे फाद आऩिी ऩश्ु त ऩय फाय फयदायी िे घट्टे दे खे गमे। ज़जसिी वज़ाहत

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) ने मह फ़यभाई थी कि आऩ अऩनी ऩश्ु त ऩय राद

िय अशयकफ़माॊ औय ाल्रों िे फोये फेवाओॊ औय मतीभो िे घय यात िे वक़्त

ऩहुॊचामा ियते थे। किताफों भें है कि आऩिे एि ाैय भासभ


ू फ़यज़न्द िो अब्दर

यहभान सरभा ने सयु ा ए हम्द िी तारीभ दी, आऩने एि हज़ाय अशयकफ़माॊ औय

एि हज़ाय ़ीभती ऽरअतें इनामत फ़यभाई।

(भनाक़फ इब्ने शहये आशोफ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 74)

इभाभ लशब्रॊजी औय अल्राभा इब्ने भोहम्भद तल्हा शाफ़ेई ने नरू


ू र अफसाय

औय भतारेफस
ु सऊ
ू र भें एि अहभ वा़ेमा आऩिी लसफ़ते सऽावत िे

भत
ु ाअज़ल्ऱ तहयीय किमा है, ज़जसे हभ इभाभ हसन (अ.स.) िे हार भें लरख आमे

हैं क्मों कि इस वाक़मे सऽावत भें वह बी शयीि थे।

इमाम हुिैन (अ.ि.) का अम्रे आि को जवाफ

एि भयतफा भाववमा, उभयो आस औय हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) एि भ़ाभ

ऩय फैठे हुए थे। उभयो आस ने ऩछ


ू ा क्मा वजह है कि हभाये अवराद ज़्मादा होती

है औय आऩ हज़यात िे िभ? हज़यत ने उसिे जवाफ भें एि शेय ऩढ़ा, ज़जसिा

तयजभ
ु ा मह है कि, िभज़ोय औय ज़रीर व ह़ीय गचड़मों िे फच्चे ज़्मादा औय

लशिायी ऩरयन्दे फाज़ औय शाहीन वाैया िे फच्चे ़ुदयतन िभ होते हैं। कपय उभयो

398
आस ने ऩछ
ू ा कि हभायी भॊछ
ू ों िे फार जल्दी सफ़ैद हो जाते हैं औय आऩिे दे य भें,

इसिी वजह क्मा है? आऩने फ़यभामा कि तम्


ु हायी औयते गन्दा दहन होती हैं, फा

वक़्ते भ़ायफत उनिे फऽ


ु ायात से तम्
ु हायी भछ
ू ों िे फार सफ़ैद हो जाते हैं। कपय

उसने ऩछ
ू ा कि इसिी क्मा वजह है कि आऩ रोगों िी दाढ़ी घनी ननिरती है?

आऩने फ़यभामा कि इसिा जवाफ तो ़ुयआन भें भौजद


ू है । उसिे फाद आऩने एि

आमत ऩढ़ी, ज़जसिा तयजुभा मह है । अच्छी ज़भीन से अच्छा सब्ज़ा उगता है औय

फयु ी औय ऽफीस ज़भीन से फयु ी ऩैदावाय होती है । (ऩाया 8 रूिू 14) उसिे फाद

भाववमा ने उभयो आस िो भज़ीद सवार ियने से योि हदमा। तफ आऩने अयफी िे

शेय ऩढ़े , ज़जसिा फ़ायसी भें तयजुभा मह है ।

नैश अ़यफ न अज़ ऩैए िीॊ अस्त --- भक़्


ु तज़ाए तफीअतश ईं अस्त (भनाक़फ

इब्ने शहये आशोफ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 75 व फेहाय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 148)

हज़रत उमर की विीयत फ़क िनदे गऱामी


ु ए अहऱे फैत का नवविता

मेरे कफन में रखा जाऐ

उल्भाए अहरे सन्


ु नत िा फमान है कि एि हदन भॊज़ज़रे भनाऽेयत भें अब्दल्
ु राह

बफन उभय इभाभ हसन (अ.स.) औय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे साभने फ़ऽयो

इफ़तेऽाय िी फातें ियने रगे। मह सन


ु िय इभाभ हसन (अ.स.) ने फ़यभामा कि

तभ
ु तो हभाये ार
ु ाभ ज़ादे हो। इतनी फढ़ चढ़ िय क्मा फातें िय यहे हो। इस ऩय

399
अब्दल्
ु राह बफन उभय यॊ जीदा हो िय अऩने फाऩ िे ऩास गमे औय इभाभ हसन

(अ.स.) ने जो िुछ िहा था उसे फमान किमा। मह सन


ु िय हज़यत उभय ने

फ़यभामा कि फेटा मह फात उन से लरख वा रेा, अगय लरख दें तो भेये िफ़न भें

यख दे ना। एि यवामत भें है कि उन्होंने लरख हदमा औय हज़यत उभय ने वसीमत

िय दी कि इसे उनिे िफ़न भें यखा जाम क्मों कि भोहम्भद (स.अ.व.व.) व आरे

भोहम्भद (अ.स.) िी ार
ु ाभी फऽलशश िा ज़रयमा है ।

मह यवामत इस दजाक भशहूय है कि शोअया ने बी इसे नज़भ किमा है । इस

भ़ाभ ऩय यहफये शयीमत व तयी़त हज़यत फ़ाज़ज़र भऽदभू सय्मद भोहम्भद

नालसय जरारी भद् ज़ज़ल्रहुर आरी िी वह नज़भ दजक ियता हूॉ जो उन्होंने ज़ेये

उनवान ‘‘ शाने अदफ ’’ तहयीय फ़यभाई है । ज़जसे हाकफ़ज़ शफ़ी़ अहभद नासयी

ऩाि फॊगार जहाॊगीय योड, ियाची नम्फय 5 रयसारा ‘‘ ऽून िे आॊसू ’’ भें शामा

किमा है अगय चे इसिे फाज़ भन


ु दयजात से भझ
ु े इत्तेफ़ा़ नहीॊ है । वह तहयीय

फ़यभाते हैं

एि हदन इब्ने उभय से मह हसन िहने रगे

जानते हो भेये नाना थे, शहन शाहे ज़भन

हभसयी िा है अगय, भझ
ु से तुम्हे िुछ दावा

साफ़ िहता हूॉ कि मह अभय नहीॊ भस्


ु तहसन

जानता हूॉ भैं तुम्हें तुभ हो ार


ु ाभ इब्ने गराभ
ु ु़

400
भेये रूतफे से ऽफय दाय है, हय अहरे वतन

सन
ु िे मह फात हुए, इब्ने उभय सख़्त भर
ु र

ज़यहदमे रूऽ से अमाॊ हो गई हदर िी उरझन

दे य ति ऩहरे तो ऽाभोश यहे है यत से

कपय िहा फ़यते खखज़ारत


ु़ से झि
ु ा िय गयदन

आऩ अऩनी ज़फाॊ से ज़जसे िहते हैं ार


ु ाभ

है वह फ़यज़न्दे उभय िौन उभय फ़ऽय ज़भन

आज हैं अहरे अयफ उन्हीॊ िी सयदायी भें

आज है तख़्ते खखराफ़त
ु़ ऩामही जरवा कफ़गन

नाभ से उनिे रयज़ जाते हैं हदर शाहों िे

िाभ से उनिे एमवाने अयफ यशिे चभन

भेयी तौ़ीय व शयाफ़त िी है दनु नमा ़ामभ

भेयी आज़ाहदमे अज़भत है जहाॊ ऩय यौशन

कपय ार
ु ाभ इब्ने ार
ु ाभ आऩ भझ
ु े िहते हैं

ाौय िीज़जए है मही अहदे वफ़ा यसभे िोहन

जािे दयफाये खखराफ़त


ु़ भें िरूॊगा फ़रयमाद

है िराभ आऩिा दय असर फहुत सब्र लशिन

आमे इस हार भें नज़हदिे उभय इब्ने उभय

401
अश्ि आॊखों भें अरभ हदर भें रफों ऩय शेवन

दाद ख़्वाना तयी़े से मह कपय अज़क किमा

दे ख लरज़जमे भझ
ु इस तयह से िहते हैं हसन

भाजया सन
ु िे मह फेटे से उभय िहने रगे

सच तेये साथ हसन िा है मही तयज़े सऽ


ु न

मॉू तेयी फात िा िफ हदर िो म़ीॊ आता है

हाॉ अगय शाहे हसन लरख दें मह फातें भनो अन

आमे कपय ऩेशे हसन इब्ने उभय औय िहा

है ऽरीफ़ा िा मह फ़यभान फा आदाफे हसन

आऩ लरख दीज़जए िााज़ ऩय भन


ु ालसफ है मही

साफ़ वह फात कि ज़जससे है भझ


ु े यॊ जो भेहन

सन
ु िे इयशाद किमा शाहे हसन ने कि सन
ु ो

भझ
ु िो डय है न किसी िा न किसी से है जरन

राओ िााज़ िी अबी तभ


ु िो नववश्ता दे दॉ ू

किज़्फ िे िाॊटों भें उरझा नहीॊ भेया दाभन

है उभय भेये ार
ु ाभ, औय भेये नाना िे

एि िााज़ ऩा हदमा लरख िे मह फे हीना व फ़न

रामे क़यतासे हसन, ऩेशे उभय इब्ने उभय

402
ास्
ु से िे जोश भें ियते थे सफ आज़ा सन सन

सय भें सौदा था कि अफ होगी हसन िो ताजीयु़

वहभ था होंगे गगयफ़्ताय, हसन िे दश्ु भन

औय था हारे उभय मह कि ऩढ़ा जफ िााज़

फर न अफरू ऩा ऩड़े आई जफीॊ ऩय न लशिन

झभ
ू िय फ़यते भसयक त से मह इयशाद किमा

फाये एहसाने हसन से नहीॊ उठती गयदन

दस्ते अ़दस से हदमा लरख िे ार


ु ाभी नाभा

भेयी उम्भीद िे िाॊटों िो फनामा गुरशन

लभर गई अहभदे भयु सर से गराभी


ु ु़ िी सनद

हो गमा ऩयु दयु े भ़सद


ू से भेया दाभन

दीनो दनु नमाॊ भें भेये वास्ते है फाएसे फ़ख़्र

इसे यखना मह वसीमत है भेये ज़ेये िफ़न

इमाम हुिैन (अ.ि.) की मन


ु ाजात और खद
ु ा की तरफ िे जवाफ

अल्राभा इब्ने शहये आशोफ औय अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) एि यात िो जनाफे ऽदीजा (अ.स.) िी ़ब्र ऩय तशयीफ़ रे गमे।

आऩिे हभयाह अनस इब्ने भालरि सहाबफए यसर


ू बी थे। आऩने भज़ाये ऽदीजा

403
(अ.स.) ऩय नभाज़ें ऩढ़ीॊ औय आऩ फायगाहे ऽुदावन्दी भें भहवे भन
ु ाजात हो गमे,

भन
ु ाजात भें आऩने 6 अश ़्आय ऩढ़े ज़जनभें ऩहरा शेय मह है । ‘‘ मा यफ मा यफ

अन्ता भौरा - फ़ा यहभ अफीदन इरैिा भरजाहा ’’ तयजभ


ु ा ऐ भेये यफ ऐ भेये यफ,

तू ही भेया भौरा औय आ़ा है । ऐ भालरि तू अऩने ऐसे फन्दे ऩय यहभ फ़यभा

ज़जसिी फाज़ गश्त लसफ़क तेयी ही तयफ़ है । अबी आऩिी भन


ु ाजात तभाभ न होने
ु़
ऩाई थी कि हानतफ़े गैफी िी भनजूभ आवाज़ आई। ज़जसिा ऩहरा शेय है कि

रब्फैि अब्दी वा अन्ता फ़ी िन्फ़ी, व िरभा ़रत ़द अरभनहा

तयजभ
ु ा ऐ भेये फन्दे भैं तेयी सन्
ु ने िे लरमे भौजद
ू हूॉ औय तू भेयी फायगाह भें

आमा हुआ है । तूने जो िुछ िहा है भैंने अच्छी तयह से सन


ु लरमा है । (भनाक़फ

ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 78 व फेहाय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 144)

जॊगे सिफ़्फीन में इमाम हुिैन (अ.ि.) की जद्दो जेहद

अगयचे भव
ु ये ऽीन िा त़यीफन इस ऩय इत्तेफ़ा़ है कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.)

अहदे अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िे हय भायिे भें भौजूद यहे रेकिन भहज़ इस

ख़्मार से कि मह यसर
ू े अियभ (स.अ.व.व.) िी ऽास अभानत हैं। उन्हें किसी जॊग

भें रड़ने िी इजाज़त नहीॊ दी गई। (अनवारूर हुसैननमा ऩष्ृ ठ 44) रेकिन अल्राभा शेऽ

भेहदी भाज़ नदयानी िी तह़ी़ िे भत


ु ाबफ़ आऩने फज़न्दशे आफ तोड़ने िे लरमेम

लसफ़्फ़ीन भें नफदक आज़भाई फ़यभाई थी। (शजया ए तूफा, प्रिालशत नजफ़े अशयफ़ 1354

404
हहजयी व फेहायर अनवाय ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ 257 प्रिालशत ईयान) अल्राभा फा़य ऽुयासानी

लरखते हैं कि इस भौ़े ऩय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे हभयाह हज़यते अब्फास बी थे।

(किफरयमत अर अहभय ऩष्ृ ठ 25 व ज़ज़िरूर अब्फास ऩष्ृ ठ 26)

हज़रत इमाम हुिैन (अ.ि.) गगरदाफे मिाएफ में (वाफ़क़ए करफऱा का

आग़ाज़)

हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) जफ ऩैाम्फये इस्राभ हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा

(स.अ.व.व.) िी ज़ज़न्दगी िे आऽयी रम्हात से रे िय इभाभ हसन (अ.स.) िी

हमात िे आऽयी अय्माभ ति फहये भसाएफ व आराभ िे साहहर से खेरते हुए

ज़ज़न्दगी िे इस अहद भें दाखखर


ु़ हुए ज़जसिे फाद आऩिे अरावा ऩॊजेतन भें िोई

फा़ी न यहा तो आऩिा सफ़ीना ए हमात ऽुद गगयदाफे भसाएफ भें आ गमा। इभाभ

हसन (अ.स.) िी शहादत िे फाद भाववमा िी तभाभ तय जद्दो जेहद मही यही कि

किसी तयह इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िा गचयााे ज़ज़न्दगी बी इसी तयह गुर िय दें

ज़जस तयह हज़यत अरी (अ.स.) औय इभाभ हसन (अ.स.) िी शम्भा ए हमात फझ
ु ा

चि
ु ा है औय उसिे लरमे वह हय क़स्भ िा दाॉव ियता यहा औय इससे उसिा

भ़सद मह था कि मज़ीद िी खखराफ़त


ु़ िे भनसफ
ू े िो ऩयवान चढ़ामे। बफर

आखखय
ु़ उसने 56 हहजयी भें एि हज़ाय िी जभाअत सभेत मज़ीद िे लरमे फैअत

रेने िी ायज़ से हहजाज़ िा सफ़य इख़्तेमाय किमा औय भदीना ए भन


ु व्वया ऩहुॉचा।

405
वहाॊ इभाभ हुसन
ै (अ.स.) से भर
ु ा़ात हुई उसने फैएते मज़ीद िा ज़ज़क्र किमा।

आऩने साफ़ रफ़्ज़ों भें उसिी फदिायी िा हवारा दे िय इनिाय िय हदमा। भाववमा

िो आऩिा इन्िाय खरा तो फहुत ज़्मादा रेकिन चॊद उरटे लसधे अल्फ़ाज़ िहने िे

लसवा औय िुछ िय न सिा। इसिे फाद भदीना औय कपय भक्िा भें फैएते मज़ीद

रे िय शाभ िो वाऩस चरा गमा।

अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते हैं कि भाववमा ने जफ भदीने भें फैएत िा

सवार उठामा तो हुसन


ै बफन अरी (अ.स.) अब्दर
ु यहभान बफन अफी फक्र,

अब्दल्
ु राह इब्ने उभय, अब्दल्
ु राह इब्ने ज़फ
ु यै ने फैएते मज़ीद से इन्िाय िय हदमा।

उसने फड़ी िोलशश िी रेकिन मह रोग न भाने औय यफ़़् ए कफ़तना िे लरमे इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) िे अरावा सफ भदीने से चरे गमे। भाववमा उनिे ऩीछे भक्िे ऩहुॉचा

औय वहाॊ उन ऩय दफाव डारा रेकिन िाभमाफ न हुआ। आखखय


ु़ िाय शाभ वाऩस

चरा गमा। (यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 243) भाववमा फड़ी तेज़ी िे साथ फेएते मज़ीद रेता

यहा, औय फ़ौर अल्राभा इब्ने ़तीफा इस लसरलसरे भें उसने टिो भें रोगों िे

दीन बी ऽयीद लरमे। अर ायज़ यजफ 60 हहजयी भें भाववमा यख़्ते सफ़य फाॊध िय

दनु नमा से चर फसा। मजीदु़ जो अऩने फाऩ िे लभशन िो िाभमाफ ियना ज़रूयी

सभझता था। सफ से ऩहरे भदीने िी तयफ़ भत


ु वज्जे हो गमा औय उसने वहाॊ िे

वारी वरीद बफन उ़फा िो लरखा कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.), अब्दयु यहभान इब्ने

अफी फक्र, अब्दल्


ु राह इब्ने उभय औय इब्ने ज़ुफयै से भेयी फैएत रे रे, औय अगय

406
मह इन्िाय ियें तो उनिे सय िाट िय भेये ऩास बेज दे । इब्ने अ़फा ने भयवान

से भशववया किमा उसने िहा कि सफ फैएत िय रेंगे रेकिन इभाभ हुसन


ै (अ.स.)

हयगगज़ फैएत न ियें गे औय तझ


ु े उनिे साथ ऩयू ी सख़्ती िा फयताव ियना ऩड़ेगा।

साहे फे तफ़सीये हुसन


ै ी अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते हैं कि वरीद ने एि

शख़्स अब्दल्
ु राह इब्ने उभय बफन उस्भान िो इभाभ हुसन
ै (अ.स.) औय इब्ने ज़ुफयै

िो फर
ु ाने िे लरमे बेजा। ़ालसद ज़जस वक़्त ऩहुॉचा दोनों भज़स्जद भें भहवे गुफ़्तुगू

थे। आऩने इयशाद फ़यभामा कि तुभ चरो हभ आते हैं। ़ालसद वाऩस चरा गमा

औय मह दोनों आऩस भें फर


ु ाने िे सफफ ऩय तफादरा ए ख़्मार ियने रगे। इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) ने फ़यभामा कि भैंने आज एि ख़्वाफ दे खा है ज़जससे भैं सभझता हूॉ

कि भाववमा ने इन्ते़ार किमा औय मह हभें फैएते मज़ीद िे लरमे फर


ु ा यहा है ।

अबी मह हज़यात जाने न ऩामे थे कि ़ालसद कपय आ गमा औय उसने िहा कि

वरीद आऩ हज़यात िे इन्तेज़ाय भें है । इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने फ़यभामा कि जल्दी

क्मा है जा िय िह दे कि हभ थोड़ी दे य भें आ जामेंगे। इसिे फाद इभाभ हुसन


(अ.स.) दौरत सया भें तशयीफ़ रामे औय 30 फहादयु ों िो हभयाह रे िय वरीद से

लभरने िा ़स्द फ़यभामा, आऩ दाखखरे


ु़ दयफाय हो गमे औय फहादयु ाने फनी हालशभ

फैरूने ऽाना दयफायी हारात िा भत


ु ारेआ ियते यहे । वरीद ने इभाभ हुसन
ै (अ.स.)

िी भि
ु म्भर ताज़ीभ िी औय भाववमा िे भयने िी ऽफय सन
ु ा ने िे फाद फैएत िा

ज़ज़क्र किमा। आऩने फ़यभामा कि भसरा सोच ववचाय िा है तुभ रोगों िो जभा

407
ियो औय भझ
ु े बी फर
ु ा रो भैं ‘‘ अरी रूसे अर शहाद ’’ आभ भजभे भें इज़्हाये

ख़्मार िरूॊगा। वरीद ने िहा फेहतय है । कपय िर तशयीफ़ राइमेगा। अबी आऩ

जवाफ न दे ने ऩामे थे कि भयवान फोर उठा, ऐ वरीद ! अगय हुसन


ै इस वक़्त तेये

़ब्ज़े से ननिर गमे तो कपय हाथ न आमेंगे। उनिो इसी वक़्त भजफयू िय दे औय

अबी फैएत रे रे, औय अगय मह इन्िाय ियें तो हुक्भे मज़ीद िे भत


ु ाबफ़ सय तन

से उताय रे। मह सन्


ु ना था कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो जरार आ गमा। आऩने

फ़यभामा ‘‘ मब्ने ज़य़ा ’’ किस्भें दभ है जो हुसन


ै िो हाथ रगा सिे, तुझे नहीॊ

भारभ
ू हभ आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) हैं। फ़रयश्तें हभाये घयों भें आते जाते यहते

हैं। हभें क्मों िय भजफयू किमा जा सिता है कि हभ मज़ीद जैसे फ़ालस़ व

फ़ाज़जय औय शयाफी िी फैएत िय रें। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी आवाज़ फर
ु न्द होना

था कि फहादयु ाने फनी हालशभ दाखखरे


ु़ दयफाय हो गमे औय ़यीफ था कि ज़फय दस्त

हॊ गाभा फयऩा िय दें रेकिन इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने उन्हें सभझा फझ
ु ा िय ऽाभोश

िय हदमा। इसिे फाद इभाभ हुसन


ै (अ.स.) वाऩस दौरत सया तशयीफ़ रे गमे।

वरीद ने साया वा़ेमा लरख िय बेज हदमा। उसने जवाफ भें लरखा कि इस ऽत िे

जवाफ भें इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िा सय बेज दो। वरीद ने मज़ीद िा ऽत इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) िे ऩास बेज िय िहरा बेजा कि फ़यज़न्दे यसर
ू भैं मज़ीद िे िहने

ऩय किसी सयू त से अभर नहीॊ िय सिता, रेकिन आऩ िो फा ऽफय ियता हूॉ औय

फताना चाहता हूॉ कि मज़ीद आऩिा ऽून फहाने िे दयऩै है । इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने

408
सब्र िे साथ हारात ऩय ाौय किमा औय नाना िे यौज़े ऩय जा िय दयदे हदर फमान

किमा औय फेइन्तेहा योमे। सफ


ु ह साहद़ िे ़यीफ भिान वाऩस आमे औय दस
ू यी

यात िो कपय यौज़ा ए यसर


ू (स.अ.व.व.) ऩय तशयीफ़ रे गमे औय भन
ु ाजात िे फाद

योते योते सो गमे। ख़्वाफ भें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो दे खा कि आऩ हुसन


(अ.स.) िी ऩेशानी िा फोसा रे यहे हैं औय फ़यभा यहे हैं कि ऐ नयू े नज़य अऩ्यीफ

उम्भत तुम्हें शहीद िय दे गी। फेटा तुभ बख


ू े औय प्मासे होंगे, तुभ फ़यमाद ियते

होंगे औय िोई तुम्हायी फ़रयमाद यसी न िये गा। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी आॊख खुर

गई, आऩ दौरत सया वाऩस तशयीफ़ रामे औय अऩने आइज़्ज़ा िो जभा िय िे

फ़यभाने रगे कि अफ इसिे लसवा िोई चाया िाय नहीॊ है कि भैं भदीना छोड़ दॉ ।ू

तयिे वतन िा फ़ैसरा ियने िे फाद आऩ, इभाभ हसन (अ.स.) औय भज़ाये जनाफे

सय्मदा (स.अ.व.व.) ऩय तशयीफ़ रे गमे। बाई से रूऽसत हुए औय भाॊ िो सराभ

किमा ़ब्र से जवाफे सराभ आमा। नाना िे यौज़े ऩय रूख़्सते आखखय


ु़ िे लरमे

तशयीफ़ रे गमे, योते योते सो गमे, सयवये िामनात (स.अ.व.व.) ने जवाफ भें सब्र

िी तऱीन िी औय फ़यभामा फेटा हभ तम्


ु हाये इन्तेज़ाय भें हैं।

उरेभा िा फमान है कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) 28 यजफ 60 हहजयी मौभे सेह

शम्फा फ इयादा ए भक्िा यवाना हुए। अल्राभा इब्ने हजय भक्िी िा िहना है कि

‘‘ नफ़रूर भिता ऽौफ़न अरा नफ़सहू ’’ इभाभ हुसन


ै (अ.स.) जान िे ऽौफ़ से

भक्िे िो तशयीफ़ रे गमे। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 47) आऩिे साथ तभाभ भऽ
ु द्दे याते

409
इस्भत व तहायत औय छोटे छोटे फच्चे थे। अरफत्ता आऩिी एि सहाफज़ादी ज़जनिा

नाभ फ़ात्भा सा
ु या था औय ज़जनिी उम्र उस वक़्त 7 सार थी, फवहे अरारते

शदीद हभयाह न जा सिीॊ। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने आऩिी तीभाय दायी िे लरमे

हज़यत अब्फास िी भाॊ जनाफे उम्भर


ु फनीन िो भदीने ही भें छोड़ हदमा था औय

िुछ फ़रयज़ा ए खखदभत


ु़ उम्भर
ु भोभेनीन जनाफे उम्भे सरभा िे लसऩद
ु क िय हदमा

था। आऩ तीन शाफान 60 हहजयी मौभे जुभा िो भक्िे भोअज़्ज़भा ऩहुॉच गमे।

आऩिे ऩहुॉचते ही वालरमे भक्िा सईद इब्ने आस भक्िा से बाग िय भदीने चरा

गमा औय वहाॊ से मज़ीद िो भक्िे िे तभाभ हारात लरखे औय फतामा कि रोगों

िा रूझान इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी तयफ़ तेज़ी से फढ़ यहा है कि ज़जसिा जवाफ

नहीॊ। मज़ीद ने मह ऽफय ऩाते ही भक्िे भें ़त्रे हुसन


ै (अ.स.) िी साज़ज़श ऩय

ाौय ियना शरू


ु िय हदमा।

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) भक्िे भोअज़्ज़भा 4 भाह शाफान, यभज़ान, शव्वार, ज़ी़ाद

भ़
ु ीभ यहे । मज़ीद जो फहय सयू त इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो ़त्र ियना चाहता था।

उसने मह ख़्मार ियते हुए कि हुसन


ै (अ.स.) अगय भदीने से फच िय ननिर गमे

हैं तो भक्िा भें ़त्र हो जामें औय भक्िे से फच ननिरें तो िूफ़ा ऩहुॉच िय शहीद

हो सिें। मह इन्तेज़ाभ किमा कि िूफ़े से 12,000 (फायह हज़ाय) ऽुतूत दौयाने

़माभ भक्िे भें ऩहुॉचवामे क्मों कि दश्ु भनों िो म़ीन था कि हुसन


ै (अ.स.) िूफ़े

भें आसानी से ़त्र किमे जा सिेंगे। न महाॊ िे फालशन्दों भें अक़दे िा सवार है

410
औय न अ़ीदत िा। मह फ़ौजी रोग हैं इनिी अक़्रें बी भोटी होती हैं। मही वजह

है कि शहादते इभाभ हुसन


ै (अ.स.) से ़ब्र जफ ति ज़जतने अफ़सय बेजे गमे वह

भहज़ इस ाज़क से बेजे जाते यहे कि हुसन


ै (अ.स.) िो िूफ़े रे जामें। (िशफ़ुर ाम्भा

ऩष्ृ ठ 68) औय एि अज़ीभ रशिय भक्िे भें शहीद किमे जाने िे लरमे इयसार

किमा औय तीस 30 ख़्वायज़जमों िो हाज़जमों िे लरफास भें ऽास तौय ऩय लबजवा

हदमा ज़जसिा ़ामद उभय इब्ने साअद था। (नासेऽर


ु तवायीऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 21,

भुन्तखखफ
ु़ तयीही ऽर
ु ासेतुर भसाएफ, ऩष्ृ ठ 150, ज़ज़िरूर अब्फास 122)

अब्दर
ु हभीद ऽान एडीटय भौरवी लरखते हैं कि ‘‘ इसिे अरावा एि साज़ज़श

मह बी िी गई कि अय्माभे हज भें 300 शालभमों िो बेज हदमा गमा कि वह

गगयोहे हुज्जाज भें शालभर हो जामें औय जहाॊ ज़जस हार भें बी हज़यत इभाभ हुसन

(अ.स.) िो ऩामें ़त्र िय डारें। ’’ (शहीदे आज़भ ऩष्ृ ठ 71) ऽुतत


ू जो िूफ़े से आमे

थे उन्हें शयई यॊ ग हदमा गमा था औय वह ऐसे रोगों िे नाभ से बेजे गमे थे ज़जनसे

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) भत
ु ारयफ़ थे। शाह अब्दर
ु अज़ीज़ भह
ु द्हदस िा िहना है कि

मह ऽुतूत ‘‘ भन िुर तामफ़त् व जभा अता हय तामफ़ा ’’ औय जभाअत िी

तयफ़ से बीजवाए गमे थे। (इसयारूमर शहादतैन ऩष्ृ ठ 27)

अल्राभा इब्ने हजय िा िहना है कि ऽुतूत बेजने वारे आभ अहरे िूफ़ा थे।

(सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 117) इब्ने जयीय िा फमान है कि इस ज़भाने भें िूफ़े भें एि

घय िे अरावा िोई लशमा न था। (तफयी)

411
हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने अऩनी शयई ज़ज़म्भेदायी िो ऩयू ा ियने िे लरमे

िूफ़े िे हारात जानने िे लरमे जनाफे भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर िो िूफ़े से यवाना िय

हदमा।

हज़रत मुजस्ऱम इब्ने अक़ीऱ

हज़यत भज़ु स्रभ (अ.स.) हुक्भे इभाभ ऩाते ही सफ़य िे लरमे यवाना हो गमे।

शहय से फाहय ननिरते ही आऩने दे खा कि एि सय्मद ने एि आहू (हहयन) िा

लशिाय किमा है औय उसे छुयी से ज़ज़ब्हा िय डारा। हदर भें ख़्मार ऩैदा हुआ कि

इस वा़ेए िो इभाभ हुसन


ै (अ.स.) से फमान िरूॊ तो फेहतय होगा। इभाभ हुसन

(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हुए औय वाक़मा फमान किमा। आऩने दआ
ु मे

िाभमाफी दी औय यवानगी भें उजरत िी तयफ़ इशाया किमा। जनाफे भज़ु स्रभ

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे हाथों औय ऩैयों िा फोसा दे िय फा चश्भें गगयमा भक्िे से

यवाना हो गमे। भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर िे दो फेटे थे। भोहम्भद औय इब्राहीभ, एि

िी उम्र 7 सार दस
ू ये िी 8 सार थी। मह दोनों फेटे फायवामत भदीना ए भन
ु व्वया

भें थे। हज़यत भज़ु स्रभ भक्िे से यवाना हो िय भदीना ऩहुॉचे औय वहाॊ ऩहुॉच िय

यौज़ा ए यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩय नभाज़ अदा िी औय ज़्मायत वाैया से फ़याात

हालसर िय िे अऩने घय वारयद हुए। यात गज़


ु यी सफ
ु ह िे वक़्त अऩने फच्चों िो रे

िय दो यहफयों सभैत जॊगर िे यास्ते से िूफ़ा यवाना हुए। यास्ते भें लशद्दते अतश

412
िी वजह से इन्ते़ार िय गमे। आऩ ज़जस वक़्त िूफ़ा ऩहुॉचे औय वहा जनाफे

भख़्
ु ताय इब्ने अफी उफैदा स़ाफ़ी िे भिान ऩय ़माभ फ़यभा हुए। थोड़े हदनों भें

अट्ठाया हज़ाय (18,000) िूकफ़मों ने आऩिी फैअत िय री। इसिे फाद फैअत ियने

वारों िी तादाद 30,000 (तीस हज़ाय) हो गई। इसी िे दौयान मज़ीद ने अब्दल्
ु राह

इब्ने ज़ज़माद िो फसया लरखा कि िूफ़े भें इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िा एि बाई

भज़ु स्रभ नाभी ऩहुॉच गमा है तू जल्द से जल्द वहाॊ ऩहुॉच िय नोभान इब्ने फशीय से

हुिूभते िूफ़ा िा चाजक रे रे औय भज़ु स्रभ िा सय भेये ऩास बेज दे । इब्ने ज़ज़माद

ऩहरी फ़ुयसत भें िूफ़े ऩहुॉच गमा। इसने दाखखरे


ु़ िे वक़्त ऐसी शक्र फनाई कि

रोग सभझे कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) आ गमे हैं रेकिन भज़ु स्रभ इब्ने उभय फहारी

ने ऩि
ु ाय िय िहा कि मह इब्ने ज़ज़माद है ।

हज़यत भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर िो जफ इब्ने ज़ज़माद िी यसीदगी िूफ़े िी इत्तेरा

लभरी तो आऩ ऽाना ए भख़्


ु ताय से हट िय हानी इब्ने उयवा िे भिान भें चरे

गमे। इब्ने ज़ज़माद ने भाक़र नाभी ार


ु ाभ िे ज़रयए जनाफे भज़ु स्रभ िी ़माभ

गाह िा ऩता रगा लरमा। उसे जफ मह भारभ


ू हुआ कि भज़ु स्रभ हानन बफन उयवा

िे भिान भें हैं तो हानी िो फर


ु वा बेजा औय ऩछ
ू ा कि तुभने भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर

िी हहभामत िा बफड़ा उठामा है औय वह तुम्हाये घय भें हैं? जनाफे हानी ने ऩहरे

तो इन्िाय िय हदमा रेकिन जफ भाक़र जासस


ू साभने रामा गमा तो आऩने

फ़यभामा कि ऐ अभीय ! हभ भज़ु स्रभ िो अऩने घय फर


ु ा िय नहीॊ रामे फज़ल्ि वह

413
ऽुद आ गमे हैं। इब्ने ज़ज़माद ने िहा, अच्छा जो सयू त बी हो तुभ भज़ु स्रभ िो

हभाये हवारे ियो। जनाफे हानी ने जवाफ हदमा कि मह बफल्िुर ना भज़ु म्िन है । मह

सन
ु िय इब्ने ज़ज़माद ने हुक्भ हदमा कि हानी िो ़ैद िय हदमा जामे। जनाफे हानी

ने फ़यभामा कि भैं हय भलु सफत िो फदाकश्त िरूॊगा रेकिन भेहभान िो तुम्हाये

लसऩद
ु क न िरूॊगा। भख़्
ु तसय मह कि जनाफे हानी ज़जनिी उम्र 90 सार िी थी, िो

खम्फे भें फॊधवा िय ऩाॊच सौ (500) िोड़े भायने िा हुक्भ हदमा गमा। जनाफे हानी

फेहोश हो गमे। उसिे फाद उनिा सय िाट िय तने भफ


ु ायि िो दाय ऩय रटिा

हदमा गमा।

जफ हज़यत भज़ु स्रभ िो जनाफे हानी िी गगयफ़्तायी िा इल्भ हुआ तो आऩ

अऩने सागथमो िो रे िय फाहय ननिर गमे। दश्ु भन से घभासान जॊग हुई रेकिन

़तीय इब्ने शहाफ, भोहम्भद इब्ने अशअस, लशम्र इब्ने ज़ज़रजौशन, शीस इब्ने यफी

िे फहिाने औय ऽौफ़ हदराने से सफ डय गमे। महाॊ ति कि नभाज़े भायफैन भें

आऩिे हभयाह लसफ़क 30 आदभी थे औय जफ आऩने नभाज़ तभाभ िी तो िोई बी

साथ न था। आऩने चाहा कि िूफ़े से फाहय जा िय िहीॊ यात गज़


ु ाय रें, भगय

भोहम्भद इब्ने िसीय ने िहा कि िूफ़े िे तभाभ यास्ते फन्द हैं आऩ भेये भिान भें

जा ठहरयमे। इब्ने ज़ज़माद ने फाऩ औय फेटे दोनों िो तरफ किमा औय दयफाय भें

ननहामत सख़्त औय सस्


ु त िहा। उस वक़्त उनिे साथी भोहम्भद इब्ने िसीय औय

दयफारयमों भें सख़्त जॊग हुई। बफर आखखय


ु़ मह फाऩ औय फेटे दोनों शहीद हो गमे।

414
हज़यत भज़ु स्रभ िो जफ भोहम्भद िसीय िी शहादत िी इत्तेरा लभरी तो वह

उनिे घय से फाहय फयाभद हुए। भज़ु स्रभ मह चाहते थे कि िोई ऐसा यास्ता लभर

जामे कि भैं िूफ़े से फाहय चरा जाऊॉ औय इसी िोलशश भें घोड़े ऩय सवाय हो िय

िूफ़े िे हय दयवाज़े ऩय गमे रेकिन किसी दयवाज़े से यास्ता न लभरा, क्मों कि हय

जगह दो दो हज़ाय लसऩाहहमों िा ऩहया था, नागाह सफ


ु ह हो गई औय भज़ु स्रभ

नाचाय अऩना घोड़ा शायए आभ ऩय छोड़ िय एि िूचे भें घस


ु गमे औय वहाॊ िी

एि फोलसदा भज़स्जद भें छुऩे यहे । इब्ने ज़ज़माद िो जैसे मह भारभ


ू था कि िूफ़े ही

भें भज़ु स्रभ िहीॊ रू ऩोश हैं। उसने ऐरान िया हदमा कि जो भज़ु स्रभ िो गगयफ़्ताय

िय िे रामेगा मा उनिा सय दयफाय भें ऩहुॉचामेगा तो उसे िाफ़ी भार हदमा

जामेगा।

हज़यत भज़ु स्रभ ने हदन भज़स्जद भें गुज़ाया औय यात िो भज़स्जद से ननिर िय
ु़
खडे हुए। जनाफे भज़ु स्रभ िी हारत बख
ू औय प्मास से ऐसी हो गई थी कि यास्ता

चरना दब
ू य था। आऩ इसी हारत भें एि भहल्रे भें सय गयदाॊ कपय यहे थे कि

आऩिी नज़य एि ज़ईफ़ा (फढ़


ू ी औयत) ऩय ऩड़ी, आऩ उसिे ़यीफ गमे औय उससे

ऩानी भाॊगा। उसने ऩानी दे िय ख़्वाहहश िी कि जल्दी अऩनी याह रगें क्मों कि

महाॊ कफ़ज़ा फहुत भि


ु द्दय है । आऩने फ़यभामा कि ऐ ‘‘ तौआ ’’ ज़जसिा िोई घय न

हो वह िहाॊ जामे। उसने ऩछ


ू ा कि आऩ िौन हैं? फ़यभामा भोहम्भद भस्
ु तफ़ा

(स.अ.व.व.) औय अरी ए भत
ु ज़
ुक ा िा बतीजा औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा चचा

415
जादु़ बाई हूॉ। मह सन
ु िय ‘‘तौआ” ने आऩिो अऩने घय भें जगह दी। आऩने यात

गज़
ु ायी रेकिन सफ
ु ह होते ही दश्ु भन िा रशिय आ ऩहुॉचा क्मों कि वऩसये तौआ ने

भाॉ से ऩोलशदा इब्ने ज़ज़माद से चा


ु र ऽोयी िय दी थी। रशिय िा सयदाय

भोहम्भद बफन अशअस था जो इभाभ हसन (अ.स.) िी ़ातेरा जादा बफन्ते

अशअस िा सगा बाई था। हज़यत भज़ु स्रभ ने जफ तीन हज़ाय घोड़ों िी टाऩों िी

आवाज़ सन
ु ी तो तरवाय रे िय घय से फाहय ननिर ऩड़े औय सैिड़ों दश्ु भनों िो

तहे तेा िय हदमा। बफर आखखय


ु़ इब्ने अशअस ने औय फ़ौज भाॊगी। इब्ने ज़ज़माद ने

िहरा बेजा कि एि शख़्स िे लरमे तीन हज़ाय फ़ौज िैसे न िाफ़ी है । उसने

जवाफ हदमा कि शामद तूने मह सभझा है कि किसी फननमे फक़़्ार से रड़ने िे

लरमे बेजा है । ाज़क कि जफ भज़ु स्रभ ऩय किसी तयह ़ाफू न ऩामा जा सिा तो

एि खस ऩोश गढ़े भें आऩिो गगया हदमा गमा, कपय गगयफ़्ताय िय िे इब्ने ज़ज़माद

िे साभने ऩेश िय हदमा।

इसने हुक्भ हदमा कि इन्हें िोठे से ज़भीन ऩय गगया िय इनिा सय िाट लरमा

जाऐ। आऩने िुछ वसीमतें िी औय िोठे से गगयते वक़्त ‘‘ अस्सराभो अरैिा मा

अफा अज़ब्दल्राह ’’ िहा औय नीचे तशयीफ़ रामे। आऩिा सय िाटा गमा। उरभा

िा फमान है कि आऩिा औय हानी िा सय िाट िय दलभश़् बेज हदमा गमा औय

तन फाज़ाये ़साफा भें दाय ऩय रटिा हदमा गमा।

416
एि यवामत भें है कि दोनों िे ऩैयों भें यस्सी फाॊध िय फाज़ायों भें कपया यहे थे कि

़फीरा ए भज़
ु हज ने िाफ़ी जॊगो ज़जदार िय िे राशें हालसर िय रीॊ औय दफ़्न

िय हदमा। भर
ु ाहे ज़ा हो् (यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 260 से 276 ति व िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 68

व ऽर
ु ासतर
ु भसाएफ ऩष्ृ ठ 46)

आऩिी शहादत 9 ज़ज़ज़ल्हज 60 हहजयी िो वा़े हुई है ।

(अनवारूर भजालरस फाफ 9 भजालरस 2 प्रिालशत ईयान)

मोहम्मद और इब्राहीम की िहादत

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि शहादते हज़यत भज़ु स्रभ िे फाद रोगों ने इब्ने

ज़ज़माद िो जनाफे भज़ु स्रभ िे दोनों िभलसन रड़िों िे िूफ़े भें भौजद
ू होने िी

ऽफय दी ज़जनिा नाभ भोहम्भद व इब्राहीभ था। इब्ने ज़ज़माद ने इनिी गगयफ़्तायी

िा हुक्भ नाकफ़ज़ िय हदमा। वऩसयाने भज़ु स्रभ ़ाज़ी शयु ए िे घय भें ऩोशीदा थे।

सयिायी ऐरान िे फाद ़ाज़ी ने फच्चों से िहा कि हभायी औय तुम्हायी दोनों िी

जान अफ ऽतये भें है फेहतय मह है कि तम्


ु हें किसी सयू त से भदीने ऩहुॉचा हदमा

जाम। फच्चों ने इसे ़ुफर


ू किमा। ़ाज़ी ने अऩने फेटे असद िो हुक्भ हदमा कि

इन फच्चों िो दयवाज़े अया़ेन िे फाहय जो िाफ़रा भदीना जाने िे लरमे ठहया

हुआ है उसभें छोड़ आ। असद उन फच्चों िो रे िय जफ यात िे वक़्त वहाॊ ऩहुॉचा

तो िाफ़रा यवाना हो चि
ु ा था रेकिन इस भ़ाभ से नज़य आ यहा था। असद ने

417
फच्चों िो उसी िाफ़रे िे यास्ते ऩय रगा हदमा औय घय वाऩस आमा। िभलसन

फच्चे थोड़ी दयू चरे थे कि िाफ़रा नज़यों से ाामफ हो गमा औय सफ


ु ह हो गई।

फच्चे है यान व सयगयदान कपय यहे थे कि नागाह सयिायी आदलभमों ने उन्हें

गगयफ़्ताय िय लरमा औय उन्हें इब्ने ज़ज़माद िे ऩास ऩहुॉचा हदमा। उसने उन्हे ़ैद

ऽाने भें फन्द िय िे मज़ीद िो फच्चों िी गगयफ़्तायी िी इत्तेरा दे दी। ़ैद ऽाने

िा दयफान इत्तेफ़ा़न भहु हब्फे आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) था। उसने यात िे वक़्त

फच्चों िो छोड़ हदमा औय याहे ़ादलसमा ऩय रगा िय एि अॊगूठी दी औय िहा कि

़ादलसमा भें भेये बाई से लभरना औय इस अॊगठ


ू ी िे ज़रयमे से ताअरूकफ़ िे फाद

उनसे िहना कि वह तुम्हें भदीना ऩहुॉचा दें । फच्चे तो यवाना हो गमे रेकिन सफ
ु ह

होते ही दयफान ज़जसिा नाभ ‘‘ भशिूय ’’ था ़त्र िय हदमा गमा। उससे ऩछ


ू ा

गमा कि तूने भज़ु स्रभ िे फेटों िो क्मों छोड़ हदमा? उसने िहा कि ऽुशनहू दमे ऽुदा

िे लरमे। इब्ने ज़ज़माद ने ऩाॉच सौ (500) िोड़े भायने िा हुक्भ हदमा। भशिूय िी

शहादत िे फाद उसे उभय इब्ने अर हारयस ने दफ़्न िय हदमा।

वऩसयाने भज़ु स्रभ बफन अ़ीर, भशिूय िी भेहयफानी से रयहा हो िय ़ादलसमा

जा यहे थे। हुदद


ू े िूफ़ा िे अन्दय ही यास्ता बर
ू गमे औय सायी यात चक्िय रगा

िय सफ
ु ह िो अऩने िो िूफ़े भें ही ऩामा। सफ
ु ह हो चकु ि थी दश्ु भन िे ऽतये से

दोनों एि दयख़्त ऩय चढ़ गमे। इत्तेफ़ा़न एि औयत उस जगह ऩानी बयने आई

उसने ऩानी भें ऩयछाई दे ख िय ऩछ


ू ा कि तुभ िौन हो? उन्होंने इतभेनान ियने िे

418
फाद िहा कि हभ भज़ु स्रभ िे फ़यज़न्द हैं। उस औयत ने अऩनी भरिा िो ऽफय

दी। वह सयो ऩा फयहै ना दौड़ िय आई औय इन फच्चों िो रे गईं औय भिान िी

एि ऽारी जगह ऩय इनिो ठहया हदमा। थोड़ी यात गज़


ु यी थी कि इस भोलभना िा

शौहय ‘‘ हारयस बफन उयवा ’’ सय गदाक व ऩये शान घय भें आमा तो भोलभना ने ऩछ
ू ा

कि आज फड़ी यात िय दी ऽैय तो है? उसने िहा, भशिूय दयफान ने भज़ु स्रभ िे

फेटों िो ़ैद से रयहा िय हदमा ज़जनिी तराश िे लरमे इनाभ व इियाभ इब्ने

ज़ज़माद िी तयफ़ से भ़
ु यक य किमा गमा है । भैं बी अफ ति उनिी तराश भें कपय

यहा था। हारयस खाना खा िय बफस्तय ऩय रेट गमा। अबी आॊख न रगी थी कि

फच्चों िी साॊस िी आवाज़ िो भहसस


ू िय िे उठ खड़ा हुआ, बफवी से ऩछ
ू ा कि

मह किस िे साॊस िी आवाज़ आती है? उसने िोई जवाफ न हदमा। मह उस

तहऽाने िी तयफ़ चरा ज़जसभें नौननहाराने रयसारत जरवा अफ़योज़ थे। उसिी

आहट ऩा िय एि बाई ने दस
ू ये िो जगा िय िहा कि बय्मा अबी भोहम्भद

भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) अरी भत
ु ज़
ुक ा (अ.स.) फ़ात्भा ज़हया (स.अ.व.व.) हसने भज
ु तफा

(अ.स.) औय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) औय भेये फाफा ख़्वाफ भें तशयीफ़ रामे थे औय

उन्होंने फ़यभामा कि हभ तुम्हायें इन्तेज़ाय भें हैं। इतने भें हारयस अन्दय दाखखर
ु़ हो

गमा। उन्हें ऩिड़ िय िहा कि तुभ िौन हो? उन्होंने फ़यभामा कि हभ तेये नफी िी

अवराद हैं। ‘‘ हय फना लभनर सजन ’’ ़ैद ऽाने से बाग िय आमे हैं औय तेये घय

भें ऩनाह री है । उसने िहा कि तुभ ़ैद से बाग िय भौत िे भॊह


ु भें आ गमे हो।

419
उसिे फाद उसने उन मतीभों िे रूऽसायों (गारों) ऩय ज़ोय से तभाचे भाये कि मह

भॊह
ु िे फर गगय ऩड़े। कपय उसने उनिे फाज़ओ
ु ॊ िो िस िय फाॊधा औय हाथ ऩाओ

फाॊध िय डार हदमा। मह फेचाये सायी यात अऩनी फेफसी औय फे िसी ऩय योते यहे ।

जफ सफ
ु ह हुई तो उन्हें नहय ऩय ़त्र ियने िे लरमे रे चरा। फीवी ने फ़रयमाद

िी, उसे एि तरवायी भायी। गराभ


ु ु़ ने योिा तो उसे ़त्र िय हदमा। फेटे ने भना

किमा तो उसे बी ़त्र िय हदमा। अरायज़ नहये फ़ुयात ऩय रे जा िय ़त्र

ियना ही चाहा था कि फच्चों ने िहा कि ऐ शेऽ 1. हभें ज़ज़न्दा इब्ने ज़ज़माद िे

ऩास रे चर। 2 हभें फाज़ाय भें फेच डार। 3. हभायी िभ लसनी ऩय यहभ िय। 4.

हभें दो यिअत नभाज़ ऩढ़ने िी इजाज़त दे । उसने िहा कि ़त्र िे लसवा िोई

चाया िाय नहीॊ। अरफत्ता अगय नभाज़ ऩढ़ते हो तो ऩढ़ रो रेकिन िोई फ़ामदा नहीॊ

है । अर ायज़ फच्चों ने वज़


ु ू किमा औय दो दो यिअत नभाज़ अदा कि औय दआ

िे लरमे हाथ उठामे। इस भरऊन ने फड़े बाई िी गयदन ऩय तरवाय रगाई। सये

भफ
ु ायि दयू जा िय गगया। छोटे बाई ने दौड़ िय सये भफ
ु ायि उठामा लरमा औय

बाई िे ऽन
ू भें रौटने रगा। इस ज़ालरभ ने फड़े बाई िी राश ऩानी भें डार दी

औय छोटे िा सय बी िाट लरमा। जफ दोनों राशें ऩानी भें ऩहुॉची तो फाहभ

फारगीय हो िय डूफ गईं। यावी िा फमान है कि हारयस ने ज़जस वक़्त इब्ने ज़ज़माद

िे साभने फ़यज़न्दे भज़ु स्रभ िे सय ऩेश किमे ‘‘ ़ाभ सभ


ु ़दो फ़र ज़ारेिा

सरासन ’’ तो वह तीन भयतफा उठा औय फैठा। कपय हुक्भ हदमा कि मह सय उसी

420
ऩानी भें डार हदमे जामें ज़जस जगह इनिे तन डारे गमें हैं। चन
ु ान्चे एि भहु हब्फे

आरे भोहम्भद (अ.स.) ने इन सयों िो फ़यात भें डार हदमा। िहा जाता है कि सयों

िे ऩानी भें ऩहुॉचते ही डूफे हुए ज़जस्भ सतह आफ ऩय उबय आमे औय अऩने सयों

सभैत तह नशीन हो गमे। अल्राभा हुसन


ै वाएज़ िाशफ़ी तहयीय फ़यभाते हैं कि वह

शख़्स जो भज़ु स्रभ िे फेटों िे सयों िो ऩानी भें डार ने िे लरमे रामा था उसिा

नाभ ‘‘ भ़ानतर ’’ था। उसने दोनों सयों िो ऩानी भें डारने िे फाद हारयस भरऊन

िो भ़तूर ार
ु ाभ औय फेटे िी राशों िो फाफे फनी ऽज़ीभा भें दफ़्न िय हदमा।

(यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 276 से ऩष्ृ ठ 285 व ऽर ु भसाएफ ऩष्ृ ठ 421) अल्राभा अयफेरी
ु ासतर

लरखते हैं कि जनाफे भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर हानी इब्ने उयवा व भोहम्भद इब्ने

िसीय औय फ़यज़न्दाने भज़ु स्रभ िो हठिाने रगाने िे फाद उभय इब्ने साअद औय

इब्ने ज़ज़माद िे भाफैन ‘‘ यै ’’ िा भोहमदा हो गमा औय तम ऩामा कि हुय इब्ने

मज़ीद रयमाही िो सफ से ऩहरे दो हज़ाय सवायों सभैत यवाना िय िे इभाभ हुसन


(अ.स.) िो गगयफ़्ताय ियामा जाए औय उन्हें िूफ़े रा िय ़त्र ि य हदमा जाम।

(िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 68)

मक्के मोअज़्जज़मा में इमाम हुिैन (अ.ि.) की जान फच न िकी

मह वा़ेमा है कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) भदीना ए भन
ु व्वया से इस लरमे आज़ज़भे

भक्िा हुए थे कि महाॊ उनिी जान फच जामेगी रेकिन आऩिी जान रेने ऩय ऐसा

421
सफ़्फ़ाि दश्ु भन रगा हुआ था ज़जसने भक्िा ए भोअज़्ज़भा औय िाफा ए भोहतयभ

भें बी आऩिो भहफ़ूज़ न यहने हदमा औय वह वक़्त आ गमा कि इभाभ हुसन


(अ.स.) भ़ाभे अभन िो भहरे ऽौफ़ सभझ िय भक्िा ए भोअज़्ज़भा छोड़ने ऩय

भजफयू हो गमे औय भजफयू ी इस हद ति फढ़ गई कि आऩ हज ति न िय सिे।

मह भस
ु ल्रेभात से है कि शमातीने फनी उभय्मा िे तीस ऽॊऽ
ू ाय हज िे लरफास भें

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे साथ हो गमे औय ़यीफ था कि आऩिो आरभे हज व

तवाफ़ भें ़त्र िय दें । इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िो जैसे ही साज़ज़श िा ऩता रगा

आऩने फ़ौयन हज िो उभये भें फदरा औय आठ ज़ज़ज़ल्हज 60 हहजयी िो जनाफे

भज़ु स्रभ िे ऽत ऩय बयोसा िय िे आज़ज़भे िूफ़ा हो गमे। अबी आऩ यवाना न

होने ऩामे थे कि अज़ीज़ व अ़ये फा ने िभारे हभददी िे साथ िूफ़े िे सफ़य िो न

ियने िी दयख़्वास्त िी। आऩने फ़यभामा कि अगय भैं चॊट


ू ी िे बफर भें बी छुऩ

जाऊॉ तो बी ़त्र ज़रूय किमा जाऊॉगा औय सन


ु ो भेये नाना ने फ़यभामा है कि

हुयभते भक्िा एि दम्


ु फे िे ़त्र से फयफाद होगी। भैं डयता हूॉ कि वह दम्
ु फा भैं ही

न ़याय ऩाऊॉ। भेयी ख़्वाहहश है कि भैं भक्िा से फाहय चाहे एि ही फालरश्त ऩय

क्मों न ही ़त्र किमा जाऊॉ। (तायीऽे िालभर ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 20, ननमाफुर भोअद्दता ऩष्ृ ठ
ु़
236, सवाए़े भोहये ़ा) मह वािेमा है कि मज़ीद िा इयादा फहय सय
ू त इभाभ हुसन

(अ.स.) िो ़त्र ियना औय इस्तेहसारे फनी फ़ात्भा था। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 87)

मही वजह है कि जफ इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे भक्िे भोअज़्ज़भा से यवाना होने िी

422
इत्तेरा वारीए भक्िा उभय बफन सआद िो हुई तो उसने ऩयू ी ता़त से वाऩस राने

िी सई िी औय इसी लसरलरसे भें उसने महहमा बफन सईद इब्ने अर आस िो

एि गगयोह िे साथ आऩिो योिने िे लरमे बेज हदमा। ‘‘ फ़ा ़ारू रहू अन सयफ़ा

अमना तज़हफ ’’ इन रोगों ने आऩिो योिा औय िहा कि आऩ महाॊ से िहाॊ

ननिरे जा यहे हैं फ़ौयन रौहटमे। आऩने फ़यभामा ऐसा हयगगज़ नहीॊ होगा। मह

योिना भाभर
ू ी न था ज़जसभें भाय ऩीट िी बी नौफत आई। (दभाउस सािेफा ऩष्ृ ठ

316) भ़सद मह है कि वालरमे भक्िा मह नहीॊ चाहता था कि इभाभ हुसन


(अ.स.) इसिे हुदद


ू े इक़्तेदाय से ननिर जामें औय मज़ीद िे भन्शा िो ऩयू ा न िय

सिें क्मों कि उसिे ऩेशे नज़य वारीए भदीना िी फयतयफ़ी मा तअत्तर


ु था। वह

दे ख चि
ु ा था कि हुसन
ै (अ.स.) िे भदीने से सालरभ ननिर आने ऩय वारीए

भदीना फय तयफ़ िय हदमा गमा था।

इमाम हुिैन (अ.ि.) की मक्के िे रवानगी

अर ायज़ इभाभ हुसन


ै (अ.स.) अऩने जुभरा आईज़्ज़ा औय अ़ये फा व अनसाये

जाॊ ननसाय िो हभयाह रे िय ज़जनिी तादाद फ़ौर इभाभ लशब्री 72 थी भक्िे से

यवाना हो गमे। आऩ ज़जस वक़्त भॊज़ज़रे ऩष्ृ ठ ऩय ऩहुॉचे तो फ़यज़द़ शामय से

भर
ु ा़ात हुई। वह िूफ़े से आ यहा था। इसयाय ऩय उसने फतामा कि चाहे रोगों िे

हदर आऩिे साथ हों रेकिन इनिी तरवायें आऩिे खखराफ़


ु़ हैं। आऩने अऩनी

423
यवानगी िी वजहॊ फमान फ़यभाईं औय आऩ वहाॊ से आगे फढ़े कपय भॊज़ज़रे हाज़जज़

िे एि चश्भे ऩय उतये औय वहाॊ अब्दल्


ु राह इब्ने भत
ु ी से भर
ु ा़ात हुई उन्होंने बी

िूकफ़मों िी फे वफ़ाई िा ज़ज़क्र किमा, इसिे फाद आऩ भॊज़ज़रे फतन अर यहभा

ऩहुॉचे औय वहाॊ से भॊज़ज़रे ज़ातुर अ़क ऩय डेया डारा। वहाॊ एि शख़्स फशीय इब्ने

ाालरफ से भर
ु ा़ात हुई उसने बी िूकफ़मों िी ाद्दायी िा तज़किया किमा। कपय

आऩ वहाॊ से आगे फढ़े । एि भ़ाभ ऩय एि ऽेभा नस्फ दे खा। ऩछ


ू ा इस जगह िौन

ठहया है । भारभ
ू हुआ कि ज़ोहै ये इब्ने ़ैन। आऩने उन्हें फर
ु वा बेजा। जफ वह आमे

तो आऩने अऩनी हहभामत िा ज़ज़क्र किमा। उन्होंने ़ुफर


ू िय िे अऩनी फीवी िो

फा यवामत अऩने बाई िे साथ घय यवाना िय हदमा औय ऽुद इभाभ हुसन


ै (अ.स.)

िे साथ हो गमे। कपय आऩ वहाॊ से यवाना हो िय भॊज़ज़रे ‘‘ जफारा ’’ भें ऩहुॉचे वहाॊ

आऩिो हज़यते भज़ु स्रभ व हानी औय भोहम्भद बफन िसीय औय अब्दल्


ु राह बफन

म़तय जैसे हदरेयों िी शहादत िी ऽफय लभरी। आऩने ‘‘ ननन्ना लरल्राहे व इन्ना

इरैहे याजेऊन ’’फ़यभाम औय दाखखरे


ु़ ऽेभा हो िय हज़यत भज़ु स्रभ िी फज़च्चमों िो

िभारे भोहब्फत िे साथ प्माय किमा औय फे इन्तेहा योमे। उसिे फाद फ़ौरे

अल्राभा अयफरी, आऩने फ वक़्ते शफ एि ऽुतफा हदमा ज़जसभें हारात िी वज़ाहत

िे फाद इयशाद फ़यभामा कि भेया ़त्र म़ीनी है । भैं तुभ रोगों िी गयदनों से

तौ़ै फैएत उताये रेता हूॉ। तुम्हाया ज़जधय जी चाहे चरे जाओ। दनु नमाॊ दाय तो

वाऩस हो गमे रेकिन सफ दीॊदाय साथ ही यहे । कपय वहाॊ से यवाना हो िय भॊज़ज़रे

424
़सय फनी भ़ानतर ऩय उतये । वहाॊ ऩय अब्दल्
ु राह इब्ने हजय जाफ़ेई से भर
ु ा़ात

हुई। आऩिे इसयाय िे फवजद


ू वह फ़ौरे वाएज़ िाशफ़ी आऩिे साथ न हुआ। कपय

आऩ भॊज़ज़रे साअरबफमा ऩय ऩहुॉचे वहाॊ जनाफे ज़ैनफ िी आाोश भें सय यख िय

सो गमे। ख़्वाफ भें यसर


ू े ऽुदा िो दे खा कि फर
ु ा यहे हैं। आऩ यो ऩड़े उम्भे िुरसभ

ने योने िी वजह ऩछ
ू ी आऩने ख़्वाफ िा हवारा हदमा औय ऽानदान िी तफाही िा

असय ज़ाहहय किमा। अरी अिफय (अ.स.) ने अज़क कि फाफा हभ ह़ ऩय हैं हभें

भौत से िोई डय नहीॊ। उसिे फाद आऩ ने भॊज़ज़रे ़त़ताननमा ऩय ऽुतफा हदमा

औय वहाॊ से यवाना हो िय ़फीरा ए फनी सि


ु ू न भें ठहये । आऩिी महाॊ सि
ु ू नत िी

इत्तेरा इब्ने ज़ज़माद िो दी गई। उसने एि हज़ाय मा दो हज़ाय िे रशिय सभैत हुय

बफन मज़ीदे रयहाइ िो इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी गगयफ़्तायी िे लरमे यवाना िय

हदमा। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) अऩनी ़माभ गाह से ननिर िय िूफ़े िी तयफ़ फ

दस्तूय यवाना हो गमे। यास्ते भे फनी अियभा िा एि शख़्स लभरा, उसने िहा

़ादलसमा भें ादीफ ति सायी ज़भीन रश्िय से ऩटी ऩड़ी है । आऩने उसे दआ
ु ए ऽैय

दी औय ऽद
ु आगे फढ़ िय ‘‘ भॊज़ज़रे शयाफ़ ’’ ऩय ़माभ किमा। वहाॊ आऩने

भोहयक भ 61 हहजयी िा चाॊद दे खा औय आऩ यात गुज़ाय िय फहुत सवेये यवाना हो

गमे।

425
हुर बफन यज़ीदे ररयाही

सफ
ु ह िा वक़्त गुज़या दोऩहय आई, रशिये हुसन
ै ी फादमा ऩैभाई िय यहा था कि

नागाह एि साहाबफमे हुसन


ै (अ.स.) ने तिफीय िही। रोगों ने वजह ऩछ
ू ी, उसने

जवाफ हदमा कि भझ
ु े िूफ़े िी लसम्त ऽयु भे औय िेरे िे दयख़्त जैसे नज़य आ यहे

हैं। मह सन
ु िय रोग मह ख़्मार ियते हुए कि इस जॊगर भें दयख़्त िहाॊ, उस

तयफ़ ाौय से दे खने रगे, थोड़ी दे य भें घोड़ों िी िनौनतमाॊ नज़य आई, इभाभ

(अ.स.) ने फ़यभामा कि दश्ु भन आ यहे हैं। रेहाज़ा भॊज़ज़रे ज़ुऽशफ मा जूहसभ िी

तयफ़ भड़
ु चरे। रश्िये हुसन
ै ी ने रूऽ फदरा औय रश्िये हुय ने तेज़ यफ़्तायी

इख़्तेमाय िी। बफर आखखय


ु़ साभने आ ऩहुॉचा औय फ यवामते रजाभे फ़यस ऩय हाथ

डार हदमा। मह दे ख िय हज़यते अब्फास (अ.स.) आगे फढ़े औय फ़यभामा तेयी भाॉ

तेये ाभ भें फैठे। ‘‘ भातयीद ’’ क्मा चाहता है ? (भातईन ऩष्ृ ठ 183)

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि चॊकू ि रश्िये हुय प्मास से फेचन
ै था इस लरमे साक़मे

़ौसय िे फ़यज़न्द ने अऩने फहादयु ों िो हुक्भ हदमा कि हुय िे सवायों औय सवायी

िे जानवयों िो अच्छी तयह सेयाफ िय दो। चन


ु ान्चे अच्छी तयह सेयाफी िय दी

गई। उसिे फाद नभाज़े ज़ौहय िी अज़ान हुई। हुय ने इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी

़मादत भें नभाज़ अदा िी औय फतामा कि हभें आऩिी गगयफ़्तायी िे लरमे बेजा

गमा है औय हभाये लरमे मह हुक्भ है कि हभ आऩिो इब्ने ज़ज़माद िे दयफाय भें

हाज़ज़य ियें । इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने फ़यभामा कि भेये जीते जी मह ना भज़ु म्िन है

426
कि भैं गगयफ़्ताय हो िय ऽाभोशी िे साथ िूफ़े भें ़त्र िय हदमा जाऊॊ। कपय

उसने तन्हाई भें याम दी कि चऩ


ु िे से यात िे वक़्त किसी तयफ़ ननिर जामें।

आऩने उसिी याम िो ऩसन्द किमा औय एि यास्ते ऩय आऩ चर ऩड़े। जफ सफ


ु ह

हुई तो कपय हुय िो ऩीछा ियते दे खा औय ऩछ


ू ा कि अफ क्मा फात है? उसने िहा

भौरा किसी जासस


ू ने इब्ने ज़ज़माद से भऽ
ु बफयी िय दी है । चन
ु ान्चे अफ उसिा

हुक्भ मह आ गमा है कि भैं आऩ िो फे आफो गगमाह जॊगर (जहाॊ ऩानी औय सामा

न हो) भें योि रॉ ।ू गुफ़्तुगू िे साथ साथ यफ़्ताय बी जायी थी कि नागाह इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) िे घोड़े ने ़दभ योिे, आऩने रोगों से ऩछ
ू ा कि इस ज़भीन िो क्मा

िहते हैं? िहा गमा ‘‘ ियफरा ’’ आऩने अऩने सागथमों िो हुक्भ हदमा कि महीॊ ऩय

डेये डार दो औय महीॊ ऽेभे रगा दो क्मो कि ़ज़ा ए इराही महीॊ हभाये गरे

लभरेगी।

(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 117 भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 257, तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 307, िालभर

ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 26, अफुर कफ़दा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 201 व दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 330, अऽफारूर

तवार ऩष्ृ ठ 250, इब्नुर वयदी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 172, नालस़ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 219 फेहारूर अनवाय

ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ 286)

427
करफऱा में वरू
ु द

2 भोहयक भर
ु हयाभ 61 हहजयी मौभे ऩॊज शम्फा िो इभाभ हुसन
ै (अ.स.) वारयदे

ियफरा हो गमे। (नूरूर ऐन ऩष्ृ ठ 46, हमवातुर है वान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 51 भतारेफुस सूऊर

ु ीदु़ व दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 321) अल्राभा हुसन


ऩष्ृ ठ 250, इयशादे भप ै वाएज़ िाशफ़ी औय

अल्राभा अयफरी िा फमान है कि जैसे ही इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने ज़भीने ियफरा

ऩय ़दभ यखा ज़भीने ियफरा ज़दक हो गई औय एि ऐसा ाफ


ु ाय उठा ज़जससे आऩिे

चेहया ए भफ
ु ायि ऩय ऩये शानी िे आसाय नभ
ु ामा हो गमे। मह दे ख िय असहाफ डय

गमे औय जनाफे उम्भे िुरसभ


ू योने रगीॊ। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 69 व यौज़तुर शोहदा

ऩष्ृ ठ 301)

साहे फे भऽज़नर
ु फि
ु ा लरखते हैं कि ियफरा िे फ़ौयन फाद जनाफे उम्भे िुरसभ

ने इभाभ हुसन
ै (अ.स.) से अज़क कि बाई जान मह िैसी ज़भीन है कि इस जगह

हभाया हदर दहर यहा है । इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने फ़यभामा फस मह वही भ़ाभ है

जहाॊ फाफा जान ने लसफ़्फ़ीन िे सफ़य भें ख़्वाफ दे खा था मानी मह वह जगह है

जहाॊ हभाया ऽन
ू फहे गा। किताफ भाईन भें है कि इसी हदन एि सहाफी ने एि फेयी

िे दयख़्त से लभसवाि िे लरमे शाऽ िाटी तो उससे ऽूने ताज़ा जायी हो गमा।

428
इमाम हुिैन (अ.ि.) का खत अहऱे कूफा के नाम

ियफरा ऩहुॉचने िे फाद आऩने सफ से ऩहरे एतभाभे हुज्जत िे लरमे एहरे िूफ़ा
ु़
िे नाभ िैस इब्ने भसहय िे ज़रयमे से एि ऽत इयसार फ़यभामा, ज़जसभें आऩने

तहयीय फ़यभामा था कि तम्


ु हायी दावत ऩय भैं ियफरा ति आ गमा हूॉ। ़ैस ऽत

लरमे जा यहे थे कि यास्ते भें गगयफ़्ताय िय लरमे गमे औय उन्हें इब्ने ज़ज़माद िे

साभने िूफ़े रे जा िय ऩेश िय हदमा गमा। इब्ने ज़ज़माद ने ऽत भाॊगा ़ैस ने फा

यवामते चाि िय िे पेंि हदमा औय फा यवामते इस ऽत िो खा लरमा। इब्ने

ज़ज़माद ने उन्हें ताज़माने (िोड़े) भाय िय शहीद िय हदमा। (यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 301,

िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 66)

उफैदल्
ु ऱाह इब्ने जज़याद का खत इमाम हुिैन (अ.ि.) के नाम

अल्राभा इब्ने तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे ियफरा

ऩहुॉचने िे फाद, हुय ने इब्ने ज़ज़माद िो आऩिे ियफरा ऩहुॉचने िी ऽफय दी। उसने

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो फ़ौयन एि ऽत इयसार किमा ज़जसभें लरखा कि भझ
ु े

मज़ीद ने हुक्भ हदमा है कि भैं आऩ से उसिे लरमे फैएत रे रॉ ,ू मा ़त्र िय दॊ ।ू

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने इस ऽत िा जवाफ न हदमा। ‘‘ अर ़ामभन मदह ’’ औय

उसे ज़भीन ऩय पेंि हदमा। (भतारेफस


ु सऊ ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 117) इसिे
ू र ऩष्ृ ठ 257 व नरू

फाद आऩने भोहम्भद बफन हनकफ़मा िो अऩने ियफरा ऩहुॉचने िी एि ऽत िे

429
ज़रयमे से इत्तेरा दी औय तहयीय फ़यभामा कि भैंने ज़ज़न्दगी से हाथ धो लरमा है

औय अऩ्यीफ उरूसे भौत से हभिनाय हो जाऊॊगा। (ज़जराउर उमन


ू ऩष्ृ ठ 196)

दि
ू री मोहरा म िे नवी मोहरा म तक के मुख़्तिर वाक़ेयात

दि
ू री मोहरा मऱ
ु हराम 61 हहजरी

िो आऩ ियफरा भें वारयद हुए। आऩने अहरे िूफ़ा िे नाभ ऽत लरखा। आऩिे

नाभ इब्ने ज़ज़माद िा ऽत आमा, इसी तायीऽ िो आऩिे हुक्भ से नहये फ़ुयात िे

किनाये ऽेभे नस्फ किमे गमे। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 69 व शहीदे आज़भ ऩष्ृ ठ 111) हुय ने

योिा औय िहा कि फ़ुयात से दयू ऽेभे नस्फ िीज़जए। (नूरूर ऐन ऩष्ृ ठ 46) अब्फास

इब्ने अरी (अ.स.) िो ास्


ु सा आ गमा। (शहीदे आज़भ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 371) इभाभ हुसन

(अ.स.) ने गस्से
ु ु़ ऩय ़ाफू किमा औय फ़ौर अल्राभा असफ़याईनी 3 मा 5 भीर

िे फ़ासरे ऩय ऽेभे नस्फ किमे गमे। (नूरूर ऐन ऩष्ृ ठ 46) नस्फे ख़्माभ िे फाद अबी

आऩ इसभें दाखखर
ु़ ने हुए थे कि चॊद अशआय आऩिी ज़फान ऩय जायी हुए। जनाफे

ज़ैनफ ने ज्मों ही अश ़्आय िो सन


ु ा इस दजाक योईं कि फेहोश हो गईं। इभाभ (अ.स.)

रूऽसाय ऩय ऩानी नछड़ िय होश भें रामे। (रहूफ़ ऩष्ृ ठ 106 आसायतुर अहज़ान ऩष्ृ ठ 36)

कपय आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) दाखखरे


ु़ ऽेभा हुए। उसिे फाद 60 हज़ाय हदयहभ

ऩय 16 भयु ब्फा भीर ज़भीन ऽयीद िय चॊद शयामत िे उन्हीॊ िो हहफा िय दी।

(िशिोर फहाई ऩष्ृ ठ 91 ज़ज़िरूर अब्फास ऩष्ृ ठ 144)

430
तीिरी मोहरा मऱ
ु हराम

मौभे जभ
ु ा िो उभय इब्ने साअद 5, 6 फ़ौर अल्राभा अयफरी 22,000 (फाईस

हज़ाय सवाय) व वऩमादे रे िय ियफरा ऩहुॉचा औय उसने इभाभ हुसन


ै (अ.स.) से

तफादराए ख़्मारात िी ख़्वाहहश िी। हज़यत ने इयादा ए िूफ़े िा सफफ फमान

फ़यभामा। उसने इब्ने ज़ज़माद िो गुफ़्तुगू िी तफ़सीर लरख दी। औय मह बी लरखा

कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) फ़यभाते हैं कि अगय अफ अहरे िूफ़ा भझ
ु े नहीॊ चाहते तो

भैं वाऩस जाने िो तैमाय हूॉ। इब्ने ज़ज़माद ने उभय बफन साद िे जवाफ भें लरखा

कि अफा जफ कि हभ ने हुसन
ै िो चॊग
ु र भें रे लरमा है तो वह छुटिाया चाहते हैं।

‘‘ रात हीना भनास ’’ मह हयगगज़ नहीॊ होगा। इन से िह दो कि मह अऩने तभाभ

आईज़्ज़ा व अ़ये फा सभैत फैअते मज़ीद ियें मा ़त्र होने िे लरमे आभादा हो

जामें। भैं फैअत से ऩहरे उनिी किसी फात ऩय ाौय ियने िे लरमे तैमाय नहीॊ हूॉ।

ु शोहदा) इसी तीसयी तायीऽ िी शाभ िो हफीफ इब्ने भज़ाहहय


(नालसऽ व यौज़तर

़फीरा ए फनी असद भें गमे औय उनभें से 90 जाॊफाज़ इभदादे हुसन


ै ी िे लरमे

तैमाय किमे। वह उन्हें रा यहे थे कि किसी ने इब्ने ज़ज़माद िो इत्तेरा िय दी।

उसने 400 (चाय सौ) िा रश्िय बेज िय उस िुभि िो रूिवा हदमा। (नासेऽर

तवायीऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 235)

431
चौथी मोहरा मऱ
ु हराम

िो इब्ने ज़ज़माद ने भज़स्जदे जाभा भें ऽत्ु फा हदमा ज़जसभें उसने इभाभ हुसन

(अ.स.) िे खखराफ़
ु़ रोगों िो बड़िा हदमा औय िहा कि हुक्भे मज़ीद से तम्
ु हाये

लरमे ऽज़ानों िे भॊह


ु खोर हदमे गमे हैं। तुभ उसिे दश्ु भन इभाभ हुसन
ै (अ.स.) से

रड़ने िे लरमे आभादा हो जाओ। उसिे िहने से फेशभ


ु ाय रोग आभादा ए ियफरा

हो गमे औय सफ से ऩहरे लशम्र ने यवानगी िी दयख़्वास्त िी। चन


ु ान्चे लशम्र 4000

(चाय हज़ाय) इब्ने यिाफ िो दो हज़ाय (2000) इब्ने नभीय िो चाय हज़ाय (4000)

इब्ने यहीना िो तीन हज़ाय (3000) इब्ने हयशा िो दो हज़ाय (2000) सवाय दे िय

ियफरा यवाना िय हदमा। (दभएस सािेफा ऩष्ृ ठ 322)

ऩाॉचवीॊ मोहरा मऱ
ु हराम

मौभे मिशम्फा िो शीश इब्ने यफी िो चाय हज़ाय (4000) उयवा इब्ने ़ैस िो

चाय हज़ाय (4000) लसनान इब्ने अनस िो दस हज़ाय (10,000) भोहम्भद इब्ने

अशअस िो एि हज़ाय (1000) अब्दल्


ु राह इब्ने हसीन िो एि हज़ाय िा रश्िय दे

िय यवाना िय हदमा। (नालसऽर


ु तवायीऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 233 दभउस सािेफा ऩष्ृ ठ 322)

छठी मोहरा मऱ
ु हराम

432
मौभे दोशम्फा िो ऽूरी इब्ने मज़ीद असफही िो दस हज़ाय (10,000) इब्नर
ु हुय

िो तीन हज़ाय (3000) हज्जाज इब्ने हुय िो एि हज़ाय (1000) िा रशिय दे

िय यवाना िय हदमा गमा। इनिे अरावा छोटे फड़े औय िई रश्िय इयसार ियने

िे फाद इब्ने ज़ज़माद ने उभय इब्ने साद िो लरख िय बेजा कि अफ ति तुझे

अस्सी हज़ाय िा िूफ़ी रश्िय बेज चि


ु ा हूॉ इनभें हे जाज़ी औय शाभी शालभर नहीॊ

हैं। तुझे चाहहमे कि बफना हहरा हवारा हुसन


ै िो ़त्र िय दे । (नालसऽर
ु ज़जल्द 6

ऩष्ृ ठ 233, दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 322 ज़जराउर ऐन ऩष्ृ ठ 197) इसी तायीऽ िो खरी
ू ु़ इब्ने

मज़ीद ने इब्ने ज़ज़माद िे नाभ एि ऽत इयसार किमा ज़जसभें उभय इब्ने साद िे

लरमे लरखा कि मह इभाभ हुसन


ै (अ.स.) से यात िो छुऩ िय लभरता है औय इनसे

फात चीत किमा ियता है । इब्ने ज़ज़माद ने इस ऽत िो ऩाते ही उभये साद िे नाभ

एि ऽत लरखा कि भझ
ु े तेयी तभाभ हयितों िी इत्तेरा है, तू छुऩ िय फातें ियता

है । दे ख भेया ऽत ऩाते ही हुसन


ै ऩय ऩानी फन्द िय दे औय उन्हें जल्द से जल्द

भौत िे घाट उतायने िी िोलशश िय।

(नालसऽर
ु तवायीऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 236, अऽफारूर तौर ऩष्ृ ठ 256 तफयी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 212

अरफयाता व अनहानतमा ज़जल्द 8 ऩष्ृ ठ 175)

िातवीॊ मोहरा मऱ
ु हराम

433
मौभे सह शम्फा उभय इब्ने हजाज िो ऩाॉचसो सवायों सभैत नहये फ़ुयात ऩय इस

लरमे भ़
ु यक य िय हदमा कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे ऽेभों ति ऩानी न ऩहुॉच ऩाए।

ु तवायीऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 236) कपय भज़ीद


(तायीऽे तफयी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 313 व नालसऽर

अहतीमात िे लरमे चाय हज़ाय (4000) िा रशिय दे िय हजय िो एि हज़ाय

(1000) िा रशिय दे िय शीस इब्ने यवी िो यवाना किमा गमा। (भ़तर भऽननफ़

ऩष्ृ ठ 32) औय ऩानी िी फज़न्दश िय दी गईं। ऩानी फन्द होने िे फाद अब्दल्
ु राह

इब्ने हसीन ने ननहामत ियीह रफ़्ज़ों भें ताना ज़नी िी। (नूरूर ऐन ऩष्ृ ठ 31) ज़जससे

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो सख़्त सदभा ऩहुॉचा। (तज़किया ऩष्ृ ठ 121) कपय इब्ने हौशफ

ने ताना ज़नी िी ज़जसिा जवाफ हज़यत अब्फास (अ.स.) ने हदमा। (अर इभाभत वर

लसमासत ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 8) आऩने ाारेफन ताना ज़नी िे जवाफ भें ऽेभे से 19 ़दभ

िे फ़ासरे ऩय जाननफे क़फरा एि ज़फक तीशा से चश्भा जायी िय हदमा। (भ़तरे

अवाभ ऩष्ृ ठ 78 व आसभ िूफ़ी ऩष्ृ ठ 266) औय मह फता हदमा कि हभाये लरमे ऩानी िी

िभी नहीॊ है रेकिन हभ इस भ़


ु ाभ ऩय भोज़जज़ा हदखाने िे लरमे नहीॊ आए फज़ल्ि

इम्तेहान दे ने आए हैं।

आठवीॊ मोहरा मऱ
ु हराम
ु़
मौभे चाय श्म्फा िी शफ िो खेभा ए आरे भोहम्म्द (अ.स.) व आरे भोहम्भद

(स.अ.व.व.) से ऩानी बफल्िुर ााएफ हो गमा। इस प्मास िी लशद्दत ने फच्चों िो

434
फेचन
ै िय हदमा। इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने हारात िो दे ख िय हज़यत अब्फास

(अ.स.) िो ऩानी राने िा हुक्भ हदमा। आऩ चन्द सवायों िो रे िय तशयीफ़ रे

गमे औय फड़ी भज़ु श्िरों से ऩानी रामे। वज़रिा सभीउर अब्फास सक़्ा इसी

सक़्ाई वजह से अब्फास (अ.स.) िो सक़़्ा िहा जाता है । (अऽफारूर तवार ऩष्ृ ठ

253, ज़जराउर ऐन ऩष्ृ ठ 198 व दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 323) यात गुज़यने िे फाद जफ सफ
ु ह

हुई तो मज़ीद इब्ने हसीन सहयाई ने फ इजाज़त इभाभ हुसन


ै (अ.स.), इब्ने साद

िो फ़हभाईश िी रेकिन िोई नतीजा फयाभद न हुआ। इसने िहा मह िैसे हो

सिता है कि हुसन
ै िो ऩानी दे िय हुिूभते ‘‘ यै ’’ छोड़ दॉ ।ू (नालसऽर
ु तवायीऽ ज़जल्द

3 ऩष्ृ ठ 338) इभाभ लशब्री लरखते हैं कि इब्ने हसीन औय इब्ने साद िी गुफ़्तग
ु ू िे

फाद इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने अऩने ऽेभे िे गगदक ऽन्द़ खोदने िा हुक्भ हदमा।

(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 117) इसिे फाद हज़यत अब्फास (अ.स.) िो हुक्भ हदमा कि िुएॊ

खोद िय ऩानी फयाभद ियो। आऩने िुआॊ तो खोदा रेकिन ऩानी न ननिरा।

(भ़तर अफी भऽनफ़ ऩष्ृ ठ 27)

नवीॊ मोहरा मऱ
ु हराम

मौभे ऩॊज शम्फा िी शफ िो इभाभ हुसन


ै (अ.स.) औय उभये साद भें आऽयी

गफ़्
ु तग
ु ू हुई। आऩिे हभयाह हज़यत अब्फास (अ.स.) औय अरी अिफय (अ.स.) बी

थे। आऩ ने गफ़्
ु तग
ु ू भें हय क़स्भ िी हुज्जत तभाभ िय री। (दभए सािेफा ऩष्ृ ठ

435
323) नवीॊ िी सफ
ु ह िो आऩने हज़यत अब्फास (अ.स.) िो कपय िॊु आ खोदने िा

हुक्भ हदमा रेकिन ऩानी फयाभद न हुआ। (नालसऽर


ु तवायीऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 245) थोड़ी

दे य िे फाद इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने फच्चों िी हारत िे ऩेशे नज़य कपय हज़यत

अब्फास (अ.स.) से िुआॊ खोदने िी फ़यभाईश िी। आऩने सई फरीा शरू


ु िय दी।

जफ फच्चों ने िॊु आ खुदता हुआ दे खा तो सफ िुज़े रे िय आ ऩहुॉच।े अबी ऩानी

ननिरने न ऩामा था कि दश्ु भन ने आ िय उसे फन्द िय हदमा। फ़हय फत अतफ़ारे

ख़्माभ दश्ु भन िो दे ख िय फच्चे ऽभों भें जा छुऩे। कपय थोड़ी दे य फाद हज़यत

अब्फास (अ.स.) ने िॊु आ खोदा वह बी फन्द िय हदमा गमा। हत्ताहफ़या अयफन महाॊ

ति कि चाय िॊु ए खोदे औय ऩानी हालसर न िय सिे। फ यवाएते ऩाॊचवीॊ भयतफा

ऩानी फयाभद हुआ। सिीना ने िुज़ा बया औय दश्ु भन िे ऽौफ़ से ऽेभे िी तयफ़

बागीॊ तनाफे ऽेभा भें ऩाॊव उरझे औय आऩ गगय ऩड़ीॊ ऩानी जाता यहा औय दश्ु भन

ने िॊु आ फन्द िय हदमा, सिीना प्मासी िी प्मासी यहीॊ। (ऽर


ु ासेतुर भसाएफ ऩष्ृ ठ 112

प्रिालशत नवर किशोय ऩष्ृ ठ 1876) इसिे फाद इभाभ हुसन


ै (अ.स.) एि ना़े ऩय सवाय

हो िय दश्ु भन िे ़यीफ गए औय अऩना ताअरूकफ़ ियामा रेकिन िुछ न फना।

(िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 70) भव


ु ये ऽीन लरखते हैं कि नवीॊ तायीऽ िो लशम्र िूफ़ा वाऩस

गमा औय उसने उभये साद िी लशिामत िय िे इब्ने ज़ज़माद से एि सख़्त हुक्भ

हालसर किमा ज़जसिा भ़सद मह था कि अगय हुसन


ै (अ.स.) फैअत नहीॊ ियते तो

उन्हें ़त्र िय िे उनिी राश ऩय घोड़ें दौड़ा दें औय अगय तुझ से मह न हो सिे

436
तो लशम्र िो चाजक दे दे हभ ने उसे हुक्भे ताभीर हुक्भे मज़ीद हदमा है । (यौज़तुर

शोहदा ऩष्ृ ठ 306 व दभ ए सािेगा ऩष्ृ ठ 323) इब्ने ज़ज़माद िा हुक्भ ऩाते ही इब्ने साद

ताभीर ऩय तैय्माय हो गमा, इसी नवीॊ तायीऽ िो लशम्र ने हज़यत अब्फास (अ.स.)

औय उनिे बाईमों िो अभान िी ऩेशिश िी उन्होंने फड़ी दे य से उसे ठुिया हदमा।

(ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 198, तफयी ऩष्ृ ठ 237 ज़जल्द 6) तफ़सीर िे लरमे भर
ु ाहे ज़ा हों

ज़ज़िरूर अब्फास ऩष्ृ ठ 176 से 182 ति। इसी नवीॊ िी शाभ आने से ऩहरे लशम्र

िी तहयीि से इब्ने साद ने हभरे िा हुक्भ दे हदमा। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ऽेभे भें

तशयीफ़ फ़यभा थे। आऩिो हज़यते ज़ैनफ कपय हज़यते अब्फास (अ.स.) ने कपय

दश्ु भन िे आने िी इत्तेरा दी। हज़यत ने फ़यभामा भझ


ु े अबी ननॊद सी आ गई थी,

भैंने आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो ख़्वाफ भें दे खा उन्होंने फ़यभामा कि अनिा तयो

ादा हुसन
ै तुभ िर भेये ऩास ऩहुॉच जाओगे। (दभए सािेफा 322) जनाफे ज़ैनफ योने

रगीॊ औय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने हज़यते अब्फास से फ़यभामा कि बय्मा तुभ जा

िय उन दश्ु भनों से एि शफ िी भोहरत रे रो। हज़यत अब्फास तशयीफ़ रे गए

औय रड़ाई एि शफ िे लरमे भर
ु तवी हो गई। (तायीऽे इस्राभ 272 प्रिालशत गोयखऩयु

1931 ई0) जॊग िे योिने िी ायज़ क्मा थी उसिे लरमे भर


ु ाहे ज़ा हो ज़ज़िरूर

अब्फास ऩष्ृ ठ 186)

437
िफे आिूर

नवीॊ िा हदन गुज़या, आशयू िी यात आई, इरतवाए जॊग िे फाद इभाभ हुसन

(अ.स.) िो ज़जस चीज़ िी ज़्मादा कफ़क्र थी वह मह थी कि अऩने असहाफ िो भौत

से फचा रें। आऩने यात िे वक़्त अऩने असहाफ औय रयश्तेदायों िो जभा िय िे

फ़यभामा, इसभें शि नहीॊ कि तुभ से फेहतय रयश्तेदाय औय असहाफ किसी िो

नसीफ नहीॊ हुए रेकिन दे खो चॊकू ि मह लसफ़क भझ


ु ी िो ़त्र ियना चाहते हैं इस

लरमे भैं तुम्हायी गयदनों से तौ़े फैएत उताये रेता हूॉ ॊ। तुभ यात िे अॊधेये भें

अऩनी जाने फचा िय ननिर जाओ, मह सन्


ु ना था कि हज़यते अब्फास, फ़यज़न्दाने

भज़ु स्रभ बफन अ़ीर, भज़ु स्रभ इब्ने औसजा, ज़ोहै य इब्ने ़ैन, साद इब्ने

अब्दल्
ु राह खड़े हो गमे औय अज़क ियने रगे, भौरा आऩने मह क्मा फ़यभामा, ‘‘

अये रानत है उस ज़ज़न्दगी ऩय जो आऩिे फाद फा़ी यहे ’’ (इब्न अर वदी ज़जल्द 1

ऩष्ृ ठ 173, इयशाद ऩष्ृ ठ 297 व दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 324 जरा उर उमन
ू 199 इन्साननमत भौत

िे दयवाज़े ऩय ऩष्ृ ठ 72)

ऽुत्फे िे फाद आऩने हज़यते अब्फास िो ऩानी राने िा हुक्भ हदमा। आऩ 30

सवायों औय 20 प्मादों सभेत नहय ऩय तशयीफ़ रे गए औय फड़ी दे य जॊग ियने िे

फवजूद ऩानी न रा सिे। (तज़कियाए ख़्वास अर उम्भता ऩष्ृ ठ 141) उसिे फाद इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) भौ़ा ए जॊग दे खने िे लरमे भैदान िी तयफ़ रे गमे। वाऩसी भें

ऽैभा ए जनाफे ज़ैनफ भें गए, जनाफे ज़ैनफ ने ऩछ


ू ा बय्मा आऩने असहाफ िा

438
इम्तेहान रे लरमा है मा नहीॊ? आऩने इज़त्भनान हदरामा। कपय हहरार इब्ने नाफ़ए

ने जनाफे ज़ैनफ िो भत
ु भईन किमा। (दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 325) जनाफे ज़ैनफ से गफ़्
ु तग
ु ू

िे फाद आऩने कपय एि ऽत्ु फा फ़यभामा औय आइज़्ज़ा व असहाफ से लभस्रे साबफ़

िहा कि मह रोग भेयी जान चाहते हैं तुभ रोग अऩनी जाने न दो। मह सन
ु िय

असहाफ व रयश्तेदायो ने फड़ा हदरेयाना जवाफ हदमा। (नालसऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 227)

इसिे फाद इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने अऩने असहाफ िो जन्नत हदखरा दी। (वसाएरे

भुज़फ़्फ़यी ऩष्ृ ठ 394)

अल्राभा िन्तूयी लरखते हैं कि ऩानी न होने िी वजह से ऽेभे भें शदीद

इज़तेयाफ ऩैदा हो गमा औय जनाफे ज़ैनफ िे गगदक 20 रड़िे औय रड़किमाॊ जभा हो

िय फ़यमाद ियने रगीॊ। (भातीॊ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 318) मह हारत फयु ै य हभदानी िो

भारभ
ू हो गई। वह िुछ सागथमो िो रे िय नहय ऩय ऩहुॉच।े ज़फयदस्त जॊग हुई।

हज़यत अब्फास भदद िो बेजे गए। चॊद जाफाज़ िाभ आ गमे। ाारेफन इसी भौ़े

ऩय हज़यत अब्फास (अ.स.) िे एि बाई अब्फास अर असाय बी शहीद हुए हैं।

(नालसऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 289) अर ाज़क फय


ु ै य हभदानी फहुत भज़ु श्िर से एि भश़् ऽेभे

ति रे ही आमे। फच्चे फेताफी िी वजह से इस भश़् ऩय जा गगयें औय भश़् िा

भॊह
ु खुर गमा, ऩानी फह गमा। फच्चों औय औयतों िे साथ फयु ै य ने बी भॊह
ु ऩीट

लरमा औय इन्तेहाई हसयत औय अफ़सोस िे साथ िहा, हाम आरे भोहम्भद

(स.अ.व.व.) िी प्मास न फझ
ु सिी। (भामतीन ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 316) अल्राभा िाशफ़ी

439
लरखते हैं कि ऩानी िी जद्दो जेहद िी नािाभी िे फाद इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने

हुक्भ हदमा कि सफ अऩने अऩने ऽेभों भें जा िय इफादत भें भशार


ू हो जामें।

(यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 312)

मुजाहे दीने करफऱा की आखरी िहर

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) औय आऩिे अस्हाफ व आईज़्ज़ा भशार
ू े इफादत हैं। सफ़ैद

ए सहयी नभद
ू ाय होने िो है । ज़ज़न्दगी िी आऽयी सफ
ु ह होने वारी है । नागाह

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी आॊख रग गई, आऩने ख़्वाफ भें दे खा कि फहुत से िुत्ते

आऩ ऩय हभरा आवय हैं औय इन िुत्तों भें ए अफऱ भफरूस िुत्ता है जो फहुत ही

सख़्ती िय यहा है । (दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 326)

अल्राभा दभीयी लरखते हैं कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िो लशम्र ने शहीद किमा है

जो भफरूस था। (हमातुर है वान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 51)

िाशफ़ी िा फमान है कि जफ सफ
ु ह िा इब्तेदाई हहस्सा ज़ाहहय हो गमा तो

आसभान से आवाज़ आई मा ऽरीर उल्राह अय़फी, ऐ अल्राह िे फहादयु

लसऩाहहमों तैय्माय हो जाओ, भौ़ा ए इम्तेहान औय वक़्ते भौत आ यहा है । उसिे

फाद सफ
ु ह हो गई। (यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 312, भहीजर
ु एहज़ान ऩष्ृ ठ 102)

440
िफ
ु ह आिरू

(तुरूए सुफहे भहशय थी तुरूए सुफह आशूया)

दस भोहयक भर
ु हयाभ 61 हहजयी मौभे जभ
ु ा यात गज़
ु यी, सफ
ु ह िाज़ज़फ िा ज़ह
ु ूय

हुआ तो मज़ीदी िाज़ज़फो औय झठ


ू ों ने अऩने रश्िय िी तयतीफ दे री औय सफ
ु ह

साहद़ िा तुरू हुआ तो साद़ैन ने नभाज़े सफ


ु ह िा तहय्मा किमा। हज़यत अरी

अिफय (अ.स.) ने अज़ान िही औय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने नभाज़े जभाअत

ऩढ़ाई। अल्राह िे सच्चे फन्दे अबी भस्


ु से ऩय ही थे कि अस्सी हज़ाय 80,000 िे

रशिय भें हभरा वय होने िे आसाय ज़ाहहय होने रगे। इभाभ (अ.स.) भस
ु ल्रे से

उठ खड़े हुए औय अऩने 72 जाॊफाज़ों ऩय भश्ु तलभर रशिय िी तॊज़ीभ मॊू फ़यभा

दी। भैभना 20 फहादयु , भैसया 20 फहादयु फा़ी ़ल्फे रश्िय। भैभना िे सयदाय

ज़ुहैये ़ैन, भैसया िे हफीफ इब्ने भज़ाहहय औय अरभदाये रशिय हज़यत अब्फास

(अ.स.) िो ़याय दे हदमा। (जरार अर उमून ऩष्ृ ठ 201, अऽफारूर तवायीऽ ऩष्ृ ठ 203)

इसिे फाद हज़यत अब्फास (अ.स.) से फ़यभामा कि जॊग नछड़ी ही चाहती है । बय्मा

एि दफ़ा ऩानी िी औय िोशीश िय रो, औय सन


ु ो लसफ़क अऩने बाई बतीजों िो

जभा िय िे िुआॊ खोदो, मानी असहाफ िो ज़हभत न दो। हज़यत अब्फास (अ.स.)

ने िभारे जाकपशानी से िुआॊ खोदा रेकिन िोई नतीजा न ननिरा, कपय दस


ू या

िुआॊ खोदा वह बी फे सद
ू ही यहा। (दभउस सािेफा ऩष्ृ ठ 329 हाराते सुफह आशूय) इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) ऽेभे भें थे औय फ़ौरे अब्दर
ु हभीद ऐडीटय रयसारा भौरवी दे हरी,

441
ठीि 10 फजे रश्िय वारों िो उभये साद िा अजकन्ट हुक्भ लभरता है कि हुसन
ै िो

़त्र ियने िे लरमे आगे फढ़ो, हटड्डी दर फ़ौज ने हयित िी औय तीन हदन िे

बख
ू े प्मासे थोड़े से भस
ु ाकफ़यों िो ़त्र ियने दश्ु भनाने इस्राभ आगे फढ़े । (शहीदे

आज़भ ऩष्ृ ठ 166 प्रिालशत दे हरी) हज़यत ने घोड़ों िी टाऩों िी आवाज़ सन


ु ी। यसर
ू े

ऽुदा (स.अ.व.व.) िी ज़ज़यह ज़ेफ तन िी औय खन्दि भें आग दे ने िा हुक्भ दे िय

आऩ असहाफ िी फ़हभाईश ियने रगे। (नालसऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 245) इतने भें दश्ु भनों

ने ऽेभों िो घेय लरमा। फयु ै य इब्ने ऽज़ीय ने फाहय ननिर िय उन्हें सभझामा

रेकिन िोई फ़ामदा न हुआ। कपय आऩ ऽद


ु दश्ु भनों िे साभने आए औय अऩना

ताअरूकफ़ ियामा औय फयवाएते मह बी फ़यभामा कि भझ


ु े छोड़ दो, भैं महाॊ से हहन्द

(1) मा किसी औय तयफ़ चरा जाऊॉ। भगय उन्होंने एि न सन


ु ीॊ, कपय आऩने

फ़यभामा कि मह फता दो कि भझ
ु े किस जुभक िी बफना ऩय ़त्र ियना चाहते हो?

उन्होंने जवाफ हदमा ऩ तऱ फा


ु ज़न रे अफीिा हभ तुम्हें तुम्हाये फाऩ िी

दश्ु भनी भें ़त्र िय यहे हैं। (नमाफर


ु भोवद्दता ऩष्ृ ठ 246) कपय आऩने ़ुयआन भजीद

िो हिभ ़याय हदमा। रेकिन उन्होंने एि न भानी। (नालसऽर


ु तवायीऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ

250) कपय आऩने फायगाहे ऽुदा वन्दी भें दस्ते दआ


ु फरन्द किमा औय आखखय
ु़ भें

फयवामते ‘‘ दभउस सािेफा ऩष्ृ ठ 328 ’’ अज़क िी अल्रा हुम्भा सरता ार


ु ाभसिीफ़

ऽुदामा इन ऩय ़फीरा ए स़ीफ़ु़ िे एि ार


ु ाभ (भख़्
ु ताय) िो भस
ु ल्रत िय िे

उन्हें ज़ुल्भ आफ़यीनी िा भज़ा चखाए।

442
1. अल्राभा इब्ने ़तीफा लरखते हैं कि हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने इयशाद

फ़यभामा ‘‘ अन रस्तभ
ु फयाज़ैन फारूहर इया़ फ़ानतय िूनी राज़हफा अल्र लसनदह

’’ तभ
ु अगय भेये इया़ ऩहुॉचने ऩय याज़ी नहीॊ हो तो भझ
ु े छोड़ दो भैं लसन्ध (हहन्द)

चरा जाऊॉ। तफ़सीर िे लरमे दे खें, भख़्


ु ताये आरे भोहम्भद प्रिालशत राहौय 12

भना।

जनाफे हुर की आमद

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे भवाएज़ िा असय लसफ़क हुय ऩय ऩड़ा। उन्होंने इब्ने साद

िे ऩास जा िय आऽयी इयादह भारभ


ू किमा कपय अऩने घोड़े िो ऐड़ दी औय

इभाभ (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हो गए। (तायीऽे तफयी) इसिे फाद घोड़े से

उतय िय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी य़ाफ िो फोसा हदमा। (यौज़ातुर अहफाफ) इभाभ ने

हुय िो भाफ़ी दे िय जन्नत िी फशायत दी। (तफयी) दभउस सािेफा ऩष्ृ ठ 330 भें है

कि हुय िे साथ इसिा फेटा बी था। हभीद इब्ने भज़ु स्रभ िा फमान है कि उभये

साद ने रश्िये हुसन


ै ी ऩय सफ से ऩहरे तीय चरामा। इसिे फाद तीयों िी फारयश

शरू
ु हुई। यौज़तुर अहफाफ भें है कि जनाफे हुय िो ़सयू इब्ने िनाना औय इयशाद

भफ़
ु ीद भें है कि अय्मफ
ू भशयह ने एि िूफ़ी िी भदद से शहीद किमा। तफ़सीर िे

लरमे भर
ु ाहे ज़ा हों किताफ ‘‘ फहत्तय लसतायें ’’ भोअल्रेफ़ा ह़ीय प्रिालशत राहौय।

443
इमाम हुिैन (अ.ि.) और उनके अिहाफ व आइज़्जज़ा की अिा आफरीॊ

जॊग

अल्राभा ईसा अयफरी लरखते हैं कि जनाफे हुय िी शहादत िे फाद उभये साद

िे रश्िय से दो नाफिाय भफ
ु ायज़ तरफ हुए ज़जनिे नाभ ननसमान व सालरभ थे।

इनिे भ़
ु ाफरे िे लरमे इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे रश्िय से जनाफे हफीफ इब्ने

भज़ाहहय औय मज़ीद इब्ने हसीन फयाभद हुए औय इन दोनों िो चन्द हभरों भें

फ़ना िे घाट उताय हदमा। इसिे फाद भाक़र इब्ने मज़ीद साभने आमा। जनाफे

मज़ीद इब्ने हसीन औय फ़ौरे भजलरसी फयु ै य इब्ने ऽजीयु़ हभादानी ने उसे ़त्र

िय डारा। कपय भज़ाहहभ इब्ने हयीस साभने आमा। उसे जनाफे नाफ़े इब्ने हहरार

ने ़त्र िय हदमा। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 71)

जॊगे मग़ऱफ
ू ा

उभय इब्ने साद ने जनाफे हुसन


ै ी फहादयु ों िी शाने शज
ु ाअत दे खी तो सभझ गमा

कि इनसे इन्फ़ेयादी भ़
ु ाफरा न भज़ु म्िन है, रेहाज़ा इजतेभाई हभरे िा प्रोग्राभ

फनामा औय अऩने चीफ़ िभाडण्र िो हुक्भ हदमा कि िसीय तादाद भें िभान

अन्दाज़ों िो रा िय मि फायगी तीय फायानी िय दो। ज़जसिा नतीजा मह हुआ कि

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा त़यीफन तभाभ रश्िय भजरूह हो गमा। 32 मा 40 मा

444
22 मा 50 असहाफ इसी वक़्त शहीद हो गए। (भुराहे ज़ा हो तफ़सीर िे लरमे फहत्तय

लसतायें भोअल्रेफ़ा ह़ीय)

जॊगे भारफ
ू ा िे फाद हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) अऩने फहादयु ों िो रे िय

ज़जनिी िुर तादाद 32 थी भैदान भें ननिर आए औय इस फे ज़जगयी से रड़े कि

रश्िये भऽ
ु ालरफ़ िे छक्िे छूट गए। ज़जस तयफ़ हभरा ियते थे सफ़ें साफ़ हो

जाती थीॊ औय हभरे भें फेशभ


ु ाय दश्ु भन भौत िे घाट उताय हदए। इन बख
ू े प्मासे

फहादयु शेयों ने रश्िय भें ऐसी हर चर भचा दी, ज़जस से अफ़सयान ति िे हाथ

ऩाॊव पुरा हदए। बफर आखखय


ु़ रश्िये िूफ़ा िे िभानीय उयवा बफन ़ैस ने उभय

इब्ने साद िो िहरा बेजा कि जल्द रश्िय औय ऽुसस


ू न तीय अन्दाज़ बेजो क्मों

कि इन थोड़े से अरवी फहादयु ों ने हभायी दयु गत फना दी है । (तायीऽे िालभर ज़जल्द 4

ऩष्ृ ठ 35 तफयी ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 250 फेहारूर अनवाय ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 299) उभय इब्ने साद ने

फ़ौयन 500 िभानदायों िो हसीन इब्ने नभीय िे हभयाह उयवा बफन ़ैस िी िुभि

भें बेज हदमा। इन रूफाहों ने ऩहुॉचते ही तीय फायानी शरू


ु िय दी औय इसिा नतीजा

मह हुआ कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे िई फहादयु िाभ आ गए औय त़यीफन िुर

िे िुर प्मादा हो गए। इसी दौयान उभय इब्ने साद ने आवाज़ दी कि आग रगाओ

हभ ऽेभों िो जराऐॊगें। मह दे ख िय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने लशम्र िो ऩि
ु ाया कि

मह क्मा फेहमाई िी जा यही है । इतने भें शफश इब्ने अयफी आ गमा औय उसने

हयिते नाशाइस्ता से फाज़ यखा। (फेहारूर अनवाय ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ 299)

445
भव
ु रयक ऽ इब्ने असीय औय अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि दौयाने जॊग भें नभाज़े

ज़ौहय िा वक़्त आ गमा तो अफू सभ


ु ाभा सभदी मा सैदावी ने खखदभते
ु़ इभाभ हुसन

(अ.स.) भें अज़क कि भौरा अगयचे हभ दश्ु भनों भें नघये हुए हैं रेकिन हदर मही

चाहता है कि नभाज़े ज़ोहय अदा िय री जाए। इभाभ (अ.स.) ने अफू सभाभा िो

दआ
ु दी औय नभाज़ िा तहय्मा फ़यभामा। तीय चॊकू ि भस
ु रसर आ यहे थे इस लरमे

ज़ुहैय इब्ने ़ैन औय साद इब्ने अब्दल्


ु राह इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे साभने खड़े हो

िय तीयों िो सीनों ऩय रेने रगे। महाॊ ति कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने नभाज़

तभाभ फ़यभा री। भव


ु ये ऽीन लरखते हैं कि तरवायों औय नेज़ों िे ज़ख़्भ िे अरावा

13 तीय सईद िे सीने भें ऩेवस्त हो गए। नभाज़ तभाभ हुई औय जनाफे सईद बी

दनु नमाॊ से रूऽसत हो गए। (तायीऽे िालभर फेहारूर अनवाय ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ 299) जॊगे

भारफ
ू ा िे फाद जो 32 असहाफ फचे उनभें से फाज़ िे भख़्
ु तसय हारात दजक ज़ैर

किमे जाते हैं।

हज़रत इमाम हुिैन (अ.ि.) के मिहूर अिहाफ और उनकी िहादत

हफीफ इब्ने भज़ाहहय

जनाफे हफीफ इब्ने भज़ाहहय इब्ने ये माफ इब्ने अश्तय जनजवान इब्ने फ़़अस

इब्ने तयीफ़ इब्ने उभय बफन ़ैस हयस इब्ने साअरफा, इब्ने दवान, इब्ने असद अफू

446
़ालसभ असदी िे फेटे इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे फचऩने िे दोस्त थे। उन्हें रयसारत

भाफ (स.अ.व.व.) िे सहाफी होने िा बी शयफ़ हालसर था। मह असहाफे अभीयर

भोभेनीन (अ.स.) भें बी थे औय हय जॊग भें शयीि यहे । उन्होंने िूफ़े भें हज़यत

भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर िा ऩयू ा ऩयू ा साथ हदमा औय मह शहादत िे फाद ियफरा िो

ऩा वऩमादा यवाना हो िय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें ऩहुॉचे थे। ियफरा

ऩहुॉच िय उन्होंने ऩयू ी िोलशश िी फनी असद से िुछ भद्द रे आमें रेकिन उभये

साद िे रशिय ने यास्ते भें भज़ाहे भत िी। शफे आशयू एि शफ िी भोहरत िे

लरमे जफ हज़यत अब्फास (अ.स.) गए तो हफीफ बी साथ थे। नभाज़े ज़ोहय आशयू ा

िे भौ़े ऩय हसीन इब्ने नभीय िी फद िराभी िा जवाफ हफीफ ही ने हदमा था

औय उसिे िहने ऩय ‘‘ हुसन


ै िी नभाज़ िुफ
ु़ र
ू न होगी ’’ हफीफ ने फढ़ िय घोड़े

िे भॊह
ु ऩय तरवाय रगाई थी कपय भैदान भें भस
ु रसर रोगों से रड़ते औय उन्हें

़त्र ियते यहे महाॊ ति कि फदीर इब्ने हयीभ अ़फ़ाई ने आऩ ऩय तरवाय रगाई

औय फनी तभीभ िे एि शख़्स ने नैज़ा भाया औय हसीन बफन नभीय ने सय िाट

लरमा। हफीफ िी शहादत िे फाद इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने इन्तेहाई ददक अॊगेज़ रहजे

भें िहा, ऐ हफीफ भैं तुभ िो औय अऩने असहाफ िो ऽुदा से रॊग


ू ा।

447
ज़ह
ु ै य इब्ने ़ैन

जनाफे ज़ुहैय ़ैन इब्ने ़ैस नभीयी फजल्री िे फेटे थे। मह ़ौभ िे सयदाय औय

यईस थे। 60 हहजयी भें इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे साथ हुए। शफे आशयू जफ हज़यत

अब्फास (अ.स.) एि शफ िी भोहरत िे लरमे आगे फढ़े तो आऩिे हभयाह ज़ह


ु ै य बी

थे। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी ज़ज़न्दगी भें जफ लशम्र ने ऽेभे िे ऩास आ िय उसे

जराना चाहा था तो जनाफे जहै


ु ु़ य ही ने इस से भ़
ु ाफरा िय िे इसे इस इयादे से

फाज़ यखा था औय नभाज़े ज़ोहय िे लरमे सईद िे साथ ज़ुहैय ने बी इभाभ हुसन

(अ.स.) िी हहफ़ाज़त िे लरमे सीना तान हदमा था। आऩने भैदान भें ज़फयदस्त जॊग

िी बफर आखखय
ु़ िसीय इब्ने अब्दल्
ु रा शए
ु फी औय भहाज़जय इब्ने औस तभीभी ने

आऩ िो शहीद िय हदमा। शहादत िे फाद इभाभ हुसन


ै (अ.स.) राश ऩय तशयीफ़

राए औय िहा ज़ुहैय ऽुदा तुभ ऩय यहभत नाज़ज़र िये औय तुम्हाये ़ानतरों ऩय जो

फन्दयों औय यीछों िी तयह भसऽ हो गए हैं रानत िये ।

नाफ़े इब्ने हहरार

जनाफे नाफ़े, हहरार इब्ने नाफ़े इब्ने जभर इब्ने साद अशीया इब्ने भद हज

जभरी िे फेटे थे। आऩ शयीफ़ुन नफ़्स सयदाये िा ु़ ैभ, फहादयु औय ़ायीए ़ुयआन

यावी उर हदीस थे। आऩ हय जॊग भें अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िे साथ यहे ।

ियफरा भें जफ हज़यत अब्फास (अ.स.) ऩानी िी जद्दो जेहद िे लरमे नहये फ़ुयात

448
ऩय तशयीफ़ रे गमे थे तो नाफ़े इब्ने हहरार आऩिे साथ थे। भैदाने भें िायज़ाय

ियफरा भें नाफ़े इब्ने हहरार ने 12 दश्ु भनों िो ज़हय से फझ


ु े हुए तीय से ़त्र

किमा कपय जफ तीय ऽत्भ हो गए तो तरवाय से रड़ने रगे। बफर आखखय


ु़ तीय

फायानी िी गई औय आऩिे दोनों फाज़ू टूट गए औय आऩ गगयफ़्ताय हो िय इब्ने

साद िे साभने राए गए। कपय लशम्र िे हाथों ़त्र िय हदमे गए।

भुज़स्रभ इब्ने औसजा

जनाफे भज़ु स्रभ, औसजा इब्ने साद इब्ने सआरफा इब्ने दोदान इब्ने असद इब्ने

हज़ीभा अफू हजर असदीसादी िे फेटे थे। मह शयीफ़ तयीन भदक भ


ु , आबफदो ज़ाहहद

औय सहाफी ए यसर
ू थे। अिसय इस्राभी जॊगों भें शयीि यहे । िूफ़े भें भज़ु स्रभ

बफन अ़ीर िी ऩयू ी ता़त से भद्द िी आऩिे हभयाह भदहज चाय ़फीरे तभीभ

व हभदान व िुन्दा व यफीआ थे। जनाफे हानी व भज़ु स्रभ िी शहादत िे फाद

अऩने फार फच्चों सभेत ियफरा आ ऩहुॉचे औय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे ़दभों भें

शयफ़े शहादत से सयफ़याज़ हुऐ भव


ु ये ऽीन िा फमान है कि भज़ु स्रभ इब्ने औसजा

नेहामत हदरेयी िे साथ जॊग फ़यभा यहे थे कि भज़ु स्रभ इब्ने अब्दल्
ु रा ज़ेआनी

तऊन औय अब्दल्
ु रा इब्ने ऽस्तिायह ने लभर िय आऩिो शहीद िय हदमा।

449
आबफस शाियी

जनाफे आबफस, अफू शफीफ बफन शाियी इब्ने यफीह बफन भालरि इब्ने साफ इब्ने

भाववमा बफन िसीय बफन भालरि इब्ने चश्भ इब्ने हम्दानी िे फेटे थे। आऩ

ननहामत फहादयु , यईस, आबफद शफ ज़ज़न्दह दाय औय अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िे

भऽ
ु लरस तयीन भानने वारे थे। आऩिे ़फीरा ए फनू शाकिय ऩय अभीयर भोभेनीन

(अ.स.) िो फड़ा एतभाद था। इसी वजह से जॊगे लसफ़्फ़ीन भे फ़यभामा था कि अगय

़फीरा ए फनी शाकिय िे एि हज़ाय अफ़याद भौजूद हों तो दनु नमाॊ भें इस्राभ िे

लसवा िोई भज़हफ फा़ी न यहे । आबफस ने िूफ़े भें जनाफे भज़ु स्रभ िा ऩयू ा साथ

हदमा औय जफ जनाफे भज़ु स्रभ िूफ़ा ऩहुॉचे तो आऩने सफ से ऩहरे ताअउन िा

म़ीन हदरामा था। आऩ िूफ़े से जनाफे भज़ु स्रभ िा ऽत रे िय भक्िा गए थे

औय वहीॊ से इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे साथ हो गए औय मौभे आशयू ा शहीद हो गए।

आऩ भैदान भें आए औय भफ
ु ायज़ तरफी िी भगय किसी भे दभ न था कि आबफस

से रड़ता बफर आखखय


ु़ इन ऩय इजतेभाई तौय ऩय ऩथयाव किमा कपय फेशभ
ु ाय

अफ़याद ने लभर िय उन्हें शहीद िय िे सय िाट लरमा।

फयु ै य हभादानी

जनाफे फयु ै य इब्ने ऽज़ीय हम्दानी भशय़ी, फनू भशरय़ िे ़फीरा ए हम्दान िे

एि भोअम्भय ताफेई थे। मह ननहामत फहादयु आबफद औय ज़ाहहद औय फेलभस्र

450
़ायीए ़ुयआन थे। इनिा शभ
ु ाय िूफ़े िे शोयफ़ा भें था। इन्होंने िूफ़े से भक्िे जा

िय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी हभयाही इख़्तेमाय िी थी औय ता हमात साथ यहे ।

शफे आशयू ऩानी राने भें इन्होंने अज़ीभ जद्दो जेहद िी थी। भैदाने जॊग भें

आऩिा भ़
ु ाफरा मज़ीद इब्ने भा़र से हुआ, आऩ ने उसे ़त्र िय हदमा। कपय

यज़ी इब्ने भऩज़ अब्दी साभने आमा। आऩने ज़भीन ऩय दे भाया। इब्ने भें ़ाअफ

इब्ने जाबफय अज़दी ने आऩिी ऩश्ु त भें नेजा ु़ भाया औय आऩने उस यज़ी िी नाि

दाॊत से िाट री। ज़जसिे सीने ऩय सवाय थे। ़आफ िा नेज़ा फयु ै य िी ऩश्ु त भें यह

गमा औय उसने तरवाय से फयु ै य िो शहीद िय हदमा।

इमाम हुिैन (अ.ि.) के आइज़्जज़ा व अक़रे फा और औऱाद की िहादत

असहाफे फावफ़ा औय अन्सायाने फासफ़ा िी शहादत िे फाद आऩिे आइज़्ज़ा व

अ़योफा मिे फाद दीगये भैदाने िायज़ाय भें आ िय शहीद हो गए। भेये नज़दीि

फनी हालशभ भें सफ से ऩहरे ज़जसने शयफ़े शहादत हालसर किमा वह अब्दल्
ु राह

इब्ने भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर थे।। आऩ हज़यत अरी (अ.स.) िी फेटी रू़य्मा बफन्ते

सहफा बफन्ते उफाद बफन्ते यबफमा बफन महहमा बफन अब्द बफन अर ़भा सअरबफमा

िे फ़यज़न्द थे। आऩ भैदान भें तशयीफ़ राए औय ऐसा शेयाना हभरा किमा कि

451
रूफाहों िी हहम्भतें ऩस्त हो गईं। आऩने तीन हभरे फ़यभाऐ औय 90 दश्ु भनों िो

कफ़न्नाय किमा। दौयाने जॊग भें उभय बफन सफीह सैदावी ने आऩिी ऩेशानी ऩय तीय

भाया। आऩने कफ़तयत िे त़ाज़े ऩय तीय ऩहुॉचने से ऩहरे अऩना हाथ ऩेशानी ऩय

यख लरमा औय हाथ ऩेशानी से इस तयह ऩेवस्त हो गमा कि कपय जुदा न हुआ।

कपय उसने दस
ू या तीय भाया जो साहफ ज़ादे िे हदर ऩय रगा औय आऩ ज़भीन ऩय

तशयीफ़ राए। (नूरूर ऐन तयजुभा अफसारूर हुसैन ऩष्ृ ठ 76) आऩिो ऽािो खॊू भें ारता

दे ख िय आऩिे बाई भोहम्भद बफन भज़ु स्रभ आगे फढ़े औय उन्होंने बी ज़फयदस्त

जॊग िी। बफर आखखय


ु़ अफू जयहभ अज़वी औय ऱीत औय इब्ने अमास जहभी ने

आऩिो शहीद िय हदमा। (फेहारूर अनवाय ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ 302) इनिे फाद जाफ़य बफन

अ़ीर इब्ने अफी तालरफ भैदान भें तशयीफ़ रे गए। आऩने 15 ज़फयदस्त दश्ु भनों

िो फ़ना िे घाट उताया। आखखय


ु़ भें फशय बफन खोत ने आऩिो शहीद िय हदमा।

(िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 82) इनिे फाद जनाफे अब्दयु यहभान इब्ने अ़ीर भैदान भें

तशयीफ़ राए। आऩने ज़फयदस्त जॊग िी औय आऩिो दश्ु भनों ने घेय लरमा आखखय
ु़

िाय उस्भान बफन ऽालरद भरऊन िी ज़फे शदीद से याहीए जन्नत हुए। इनिे फाद

अब्दल्
ु राह अिफय बफन अ़ीर भैदान भें आए औय ज़फयदस्त ़ेतार िे फाद

उस्भान बफन ऽालरद िे हाथों शहीद हुए। अफू भऽनफ़ िे िहने िे भत


ु ाबफ़

अब्दल्
ु राह अिफय िे फाद भस
ू ा बफन अ़ीर ने भैदान लरमा औय 70 आदलभमों िो

़त्र िय िे शहीद हुए। इनिे फाद औन बफन अ़ीर औय जाफ़य बफन भोहम्भद

452
बफन अ़ीर औय अहभद बफन भोहम्भद बफन अ़ीर मिे फाद दीगये भैदान भें

तशयीफ़ राए औय िाय हाए नभ


ु ामा िय िे दजाकए शहादत हालसर किमा। इनिे

फाद औन बफन अब्दल्


ु राह बफन जाफ़य भैदान भें आए औय 30 सवाय 8 वऩमादों िो

़त्र ियने िे फाद अब्दल्


ु राह इब्ने फत िे हाथों शहीद हुए। आऩिे फाद जनाफे

हसन भस
ु न्ना भैदान भें तशयीफ़ राए। आऩने ज़फय दस्त जॊग िी औय इस दजाक

ज़ख़्भी हो गए कि जाॊ फय होने िा िोई इम्िान न था। बफर आखखय


ु़ भ़तूरन
ै भें

डार हदए गए। नतीजे ऩय उनिा एि रयश्ते िा भाभू असभा बफन ऽयजा भिीनी

बफन अफी हसान उन्हें उठा रे गए। इनिे फाद जनाफे ़ालसभ इब्ने हसन (अ.स.)

भैदान भें तशयीफ़ राए। अगयचे आऩिी उम्र अबी नाफारगी ु़ िी हद से भत


ु ाजाववज़

न हुई थी रेकिन आऩने ऐसी जॊग िी कि दश्ु भनों िी हहम्भते ऩस्त हो गईं।

आऩिे भ़
ु ाफरे भें अयज़़ शाभी आमा। आऩने उसे ऩछाड़ हदमा। इसिे फाद चायों

तयफ़ से हभरे शरू


ु हो गए। आऩने 70 दश्ु भनों िो ़त्र किमा आखखय
ु़ िाय अभय

बफन भाद बफन उयवा बफन नफ़ीर आज़दी िी तेा से शहीद हुए। भव
ु ये ऽीन िा

फमान है कि आऩिा ज़जस्भे भफ


ु ायि ज़ज़न्दगी ही भे ऩाभारे सभ
ु े अस्ऩाॉ हो गमा

था। उनिे फाद अब्दल्


ु राह इब्ने हसन (अ.स.) भैदान भें आए औय ज़फयदस्त जॊग

िी, आऩने 14 दश्ु भानों िो तहे तेा किमा। आऩिो हानी इब्ने शीस ऽज़यभी ने

शहीद किमा। उनिे फाद अफू फक्र इब्ने हसन भैदान भें आए आऩना भैभना औय

भैसये िो तफाह िय हदमा। आऩ 80 दश्ु भानों िो ़त्र िय िे शहीद हो गए।

453
आऩिो फ़ौर अल्राभा सभावी अब्दल्
ु रा इब्ने अ़फा ानवी ने शहीद किमा है

उनिे फाद अहभद बफन हसन भैदान भें आए। अगयचे आऩिी उम्र 18 सार से

िभ थी रेकिन आऩने मादगाय जॊग िी औय 60 सवायों िो ़त्र िय िे दजाक ए

शहादत हालसर किमा। उनिे फाद अब्दल्


ु राह असाय भैदान भें आए। आऩ हज़यत

अरी (अ.स.) िे फेटे थे आऩिी वारेदा रैरा बफन्ते भसद


ू तभीभी थीॊ। आऩने ज़फय

दस्त जॊग िी औय दजाक ए शहादत हालसर किमा। आऩ 21 दश्ु भनों िो ़त्र िय

िे फ दस्ते अब्दल्
ु रा बफन उ़फा ानवी शहीद हुए।

फाज़ अ़वार िे बफना ऩय उनिे फाद उभय बफन अरी (अ.स.) भैदान भें आए

औय शहीद हुए। तफयी िा फमान है मह ियफरा भें शहीद नहीॊ हुए। अिसय

भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि अब्दल्
ु राह असाय िे फाद अब्दल्
ु राह बफन अरी (अ.स.)

असाय भैदान भें तशयीफ़ राए। मह हज़यत अब्फास (अ.स.) िे ह़ी़ी बाई थे।

उनिी उभय फवक़्ते शहादत 35 सार िी थी। आऩिो हानी इब्ने सफीत खखजक
ु़ यभी

ने शहीद किमा। उनिे फाद हज़यत अब्फास (अ.स.) िे दस


ू ये बाई उस्भान बफन

अरी (अ.स.) भैदान भें आए। आऩने यजज़ ऩढ़ा औय ज़फयदस्त जॊग िी। दौयाने

़तार भें ऽूरी इब्ने मज़ीद असफही ने ऩेशानी ऩय एि तीय भाया ज़जसिी वजह से

आऩ ज़भीन ऩय आ गए। कपय एि शख़्स जो ़फीरा ए अफानबफन दारयभ िा था

ने आऩिा सय िाट लरमा। शहादत िे वक़्त आऩिी उम्र 23 सार थी। इनिे फाद

हज़यत अब्फास (अ.स.) िे तीसये ह़ी़ी बाई भैदान भें तशयीफ़ राए औय फ़ौरे

454
अफर
ु पजक फदस्ते ऽूरी इब्ने मज़ीद औय फयवाएते अफू भऽन्नफ़ फा ज़यफे हानी

इब्ने सफीत अर ऽज़यभी शहीद हुए। शहादत िे वक़्त आऩिी उम्र 21 सार थी।

इनिे फाद फ़ज़र बफन अब्फास बफन अरी (अ.स.) भैदान भें तशयीफ़ राए औय

भशार
ू े िायज़ाय हो गए। आऩने 250 दश्ु भानों िो ़त्र किमा औय बफर आखखय
ु़

चायों तयफ़ से हभरा िय िे आऩिो शहीद िय हदमा गमा। इनिे फाद हज़यत

अब्फास (अ.स.) िे दस
ू ये फेटे ़ालसभ इब्ने अब्फास (अ.स.) भैदान भें तशयीफ़ राए।

आऩिी उम्र फ़ौरे इभाभ असफ़यानी 19 सार िी थी। आऩने 800 दश्ु भानों िो

फ़ना िे घाट उताय हदमा। इसिे फाद इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य

हो िय ऩानी भाॊगा। ऩानी न लभरने ऩय आऩ कपय वाऩस गए औय 20 सवायों िो

़त्र िय िे शहीद हो गए।

अऱमदारे करफऱा हज़रते अब्फाि (अ.ि.) की िहादत

इन फनी हालशभ िे फहादयु नौ ननहारो िी शहादत िे फाद हज़यते अब्फास

(अ.स.) अरभदाय भैदान भें हुसर


ू े आफ िे लरमे तशयीफ़ राए औय िाये नभ
ु ामाॊ िय

िे शहीद हो गए। आऩिे तफ़सीरी हारात िे लरमे भर


ु ाहे ज़ा हो किताफे ज़ज़िरूर

अब्फास 1 भोवल्रेफ़ा नजभर


ु हसन ियायवी, भतफआ
ु राहौय।

आऩके मख़्
ु तिर हाऱात

455
मह हैं कि आऩ 4 शाफान 26 हहजयी भत
ु ाबफ़ 18 भई 647 ई0 मौभे सह शम्फा

िो भदीना ए भन
ु व्वया भें ऩैदा हुए। आऩ इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे भस्
ु तक़र

अरभफयदाय थे। आऩिो ियफरा भें जॊग ियने िी इजाज़त नहीॊ दी गई लसफ़क ऩानी

राने िा हुक्भ हदमा गमा था। आऩ िभारे वफ़ादायी िी वजह से नहये फ़ुयात भें

दाखखर
ु़ हो िय प्मासे फयाभद गए थे। आऩिा दाहहना हाथ ऽेभे भें ऩानी ऩहुॉचाने
ु़
िी सई भें जैद इब्ने वय़ा िी तरवाय से िट गमा था, औय फामाॊ हाथ हिीभ

इब्ने तुफ़ैर िी तरवाय से िटा, कपय एि तीय भशिीज़े ऩय रगा औय सायी ऩानी

फह गमा। कपय एि तीय आऩिे सीने भें रगा। इसिे फाद रौहे िा गज़
ु क सय ऩय

ऩड़ा औय आऩ ज़भीन ऩय आ गए। आऩने इभाभा हुसन


ै (अ.स.) िो आवाज़ दी,

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने िभय थाभ िय आवाज़ दी ‘‘ अराअन अन िसया ज़हयी ’’

हाम भेयी िभय टूट गई। आऩिा ऱफ सक़़्ा औय िुज़न्नमत अफू फ़ज़र थी। आऩ

बी मौभे आशयू ा शहीद हो गए। आऩिी तायीऽे शहादत भौराना योभ ने लभसया ‘‘

सय दीॊ या फयु ीद फे दीने ’’ से ननिारी है । शहादत िे वक़्त आऩिी उम्र 34 सार

चन्द भाह थी।

1. ियाची िे एि भौरवी साहफ ने अऩने एि रयसारे भें जो हज़यत अब्फास

(अ.स.) िे हारात ऩय भश्ु तलभर है ज़ज़िरूर अब्फास ऩय फे सयो ऩा एतयाज़ात किए

हैं हभ उनिे साठ सार से उऩय हो जाने िी वजह से उनिे एतयाज़ात िा जवाफ

दे ना ऩसन्द नहीॊ ियते।

456
हज़रत अऱी अकफर (अ.ि.) की िहादत

हज़यत अब्फास (अ.स.) िी शहादत िे फाद हज़यत अरी अिफय (अ.स.) ने इज़्ने

ज़जहाद िी सई फरीा िी। बफर आखखय


ु़ आऩ िाभमाफ हो िय भैदाने ियफरा भें

तशयीफ़ राए। आऩिो इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने अऩने हाथों से आयास्ता किमा,

हज़यत अरी (अ.स.) िी तरवाय हहभाएर िी ज़ज़यह ऩहनाई औय ऩैाम्फये इस्राभ

िी सवायी िे घोड़े ऩय सवाय फ़यभामा ज़जसिा नाभ उ़ाफ मा भयु तज़जज़ था।

आऩिी यवानगी िे वक़्त इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने फायगाहे अहहदमत भें हाथों िो

फर
ु न्द िय िे िहा ‘‘ भेये ऩारने वारे अफ तेयी याह भें भेया वह फ़यज़न्द ़ुयफान

होने जा यहा है जो सयू त औय सीयत भें तेये यसर


ू (स.अ.व.व.) से फहुत भश
ु ाफेह है ।

भेये भौरा जफ भैं नाना िी ज़ज़मायत िा भश्ु ता़ होता था तो इसिी सयू त दे ख

लरमा ियता था, भालरि इसिी तू ही भदद फ़यभाना ’’ उरभा ने लरखा है कि

भैदान भें ऩहुॉचने िे फाद हज़यत अरी अिफय ने यजज़ ऩढ़ी औय भ़


ु ाफरा शरू
ु हो

गमा औय ऐसी ज़फयदस्त जॊग हुई कि दश्ु भनों िे दाॊतों ऩसीने आ गए। सफ़ें िी

सफ़ें उरट गईं। एि सौ फीस दश्ु भन कफ़न्नाय वस स़य हो गए। हज़यत अरी

अिफय (अ.स.) जो तीन हदन िे बख


ू े औय प्मासे थे फाऩ िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य

हुए औय अज़क िी फाफा जान, प्मास भाये डारती है, ऩानी िी िोई सफीर िय

दीज़जए। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे ऩास ऩानी िहाॊ था जो ज़ख़्भों से चयू अरी

457
अिफय जैसे फेटे िी आऽयी ख़्वाहहश ऩयू ी फ़यभाते। आऩने िहा फेटा ऩानी तो थोड़ी

ही दे य भें नाना जान वऩरामेंगे अरफत्ता अऩनी ज़फान भेये भॊह


ु भें दे दो। अरी

अिफय ने फेचन
ै ी भें अऩनी ज़फान तो भॊह
ु भें दे दी रेकिन फ़ौयन ही खें च री औय

िहा फाफा जान ‘‘ लरसानािा ऐफस भन रस्सानी ’’ आऩिी ज़फान तो भेयी ज़फान

से बी ज़्मादा ऽुश़् है कपय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िी

एि अॊगूठी अरी अिफय (अ.स.) िे भॊह


ु भे दी औय फ़यभामा फेटा जाओ ऽुदा

हाकफ़ज़।

हज़यत अरी अिफय (अ.स.) दोफाया भैदान भें ऩहुॉचे तारय़ इब्ने शीस ज़जससे

उभये साद ने हुिूभते ‘‘ यै ’’ औय ‘‘ भस


ू र ’’ िा वामदा किमा था अरी अिफय

(अ.स.) िे भ़
ु ाफरे भें आ गमा। आऩने िभारे जवाॊ भयदी से इस ऩय नैज़े िा वाय

किमा नैज़ा उसिे सीने ऩय रग िय ऩश्ु त भें से दो फालरश्त फाहय ननिर गमा।।

इसिे भयते ही उसिा फेटा उभय तारय़ भैदान भें आ गमा। आऩने उसे बी ़त्र

िय हदमा। कपय तल्हा इब्ने तारय़ साभने आमा आऩने इसिा गये फान ऩिड़ िय

उसे ऩछाड़ हदमा। मह दे ख िय उभये साद ने लभसरा इब्ने ाालरफ िो भ़


ु ाफरे िा

हुक्भ हदमा वह अरी अिफय (अ.स.) िे साभने आ िय दो टुिड़े हो गमा। उसिे

़त्र होने से हर चर भच गई। उभये साद ने भोहिभ इब्ने तुफ़ैर... औय इब्ने

नौकफ़र िो दो हज़ाय सवायों िे साथ अरी अिफय (अ.स.) ऩय हभरा ियने िा

हुक्भ हदमा। अरी अिफय (अ.स.) ने ननहामत हदरेयी से हभरे िा जवाफ हदमा औय

458
प्मास से फेचन
ै हो िय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें कपय हाज़ज़य हुए औय

ऩानी िा सवार किमा, आऩने फ़यभामा फेटा अफ तम्


ु हें सा़ीए िौसय ही सेयाफ

ियें गे। नयू े नज़य जाने ऩदय जल्द जाओ, यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) इन्तेज़ाय फ़यभा

यहे हैं। हज़यत अरी अिफय (अ.स.) भैदान भें वाऩस आए। दश्ु भनों ने मरू यश िय

दी, आऩने शेये गुरयसना िी तयह हभरे किमे औय थोड़ी ही दे य भें अस्सी दश्ु भनों

िो ़त्र िय डारा।

बफर आखखय
ु़ भन
ु िज़ बफन भयु ाक अब्दी औय इब्ने नभीय ने सीने भे नैज़ा भाया।

आऩिे हाथ से ऐनाने लसऩय छूट गई औय आऩ घोड़े िी गगयदन से लरऩट गए।

घोड़ा ज़जस तयफ़ से गुज़यता था आऩिे ज़जस्भ ऩय तरवायें रगती थीॊ। महाॊ ति

कि आऩिा ज़जस्भ ऩाया ऩाया हो गमा। आऩने आवाज़ दी ‘‘ मा अफाताहो अदरयिनी

’’ फाफा जान ऽफय लरज़जए। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) दौड़ िय ऩहुॉचे रेकिन आऩ से

ऩहरे हज़यत ज़ैनफ ऩहुॉच गईं। उरेभा ने लरखा है कि ज़ैनफ ने वहाॊ ऩहुॉच िय

अऩने िो अरी अिफय ऩय गगया हदमा था। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने उन्हें ऽेभे भें

ऩहुॉचामा औय अरी अिफय िे चेहये से ऽून साफ़ किमा औय िहा कि ऐ फेटे तेये

फाद इस ज़ज़न्दगानीए दनु नमा ऩय ऽाि है कपय आऩने अरी अिफय िो ऽेभे भें रे

जाने िी िोलशश िी रेकिन हय क़स्भ िे ज़ौफ़ ने िाभमाफ न होने हदमा, बफर

आखखय
ु़ फच्चों िो आवाज़ दी, फच्चों आओ भेयी भद्द ियो। चन
ु ान्चे फच्चों िी

इभदाद से अरी अिफय िा राशा ऽेभे िे ़यीफ रामा गमा औय भऽ


ु द्दे याते

459
असभत भे िोहयाभे अज़ीभ फयऩा हो गमा। यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 368, िशफ़ुर

ाम्भा ऩष्ृ ठ 75 अफसारूर ऐन ऩष्ृ ठ 34, अल्राभा सभावी लरखते हैं कि हज़यत

अरी अिफय िा असरी नाभ अरी ऱफ अिफय औय िुज़न्नमत अफर


ु हसन थी।

आऩिी उम्र शहादत िे वक़्त 18 सार थी। (नूरूर ऐन तयजुभा अफसारूर ऐन ऩष्ृ ठ 34)

हज़रत अऱी अिग़र (अ.ि.) की िहादत

अल्राभा अयफरी लरखते हैं कि जफ इभाभ हुसन


ै (अ.स.) फे मायो भद्दगाय हो

गए तो आऩ ऽुद फा ़स्दे शहादत भैदान िे लरमे चरे औय वहाॊ ऩहुॉच िय आऩने

‘‘ हर लभन नासेरयन मनसेयना ’’ िी आवाज़ फरन्द िी। ज़जनों िे एि गगयोहे

अज़ीभ ने सआदते नस
ु यत हालसर ियने िी ख़्वाहहश िी आऩने उन्हें दआ
ु ए ऽैय

से माद फ़यभामा औय नस
ु यत ़ुफर
ू ियने से मह िहते हुए इनिाय िय हदमा कि

भझ
ु े शयफ़े शहादत हालसर ियना है औय भैंने आवाज़े इस्तेाासा इतभाभे हुज्जत िे

लरमे फर
ु न्द किमा है । भेया भ़सद मह है कि दश्ु भनाने ऽुदा व यसर
ू (स.अ.व.व.)

िे लरमे भेयी भद्द न ियने िा िोई फहाना फा़ी न यहे । अबी आऩ ज़जनों से फाते

िय यहे थे कि नागाह हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) अऩनी िभारे अरारत

िे फा वजूद एि असा लरमे हुए ऽेभे से फाहय ननिर आए। इभाभ हुसन
ै (अ.स.)

ने जनाफे उम्भे िुरसभ


ू िो आवाज़ दी, फहन फ़ौयन आबफदे बफभाय िो योिो, िहीॊ

ऐसा न हो कि सादात िा लसरलसरा ए नसर व नस्फ ही ऽत्भ हो जाए। सय्मदश


460
शोहदा ने आवाज़े इस्तेाासा िा असय जफ अऩने ऽेभों िे फालशन्दों ऩय दे खा तो

फ़ौयन वाऩस तशयीफ़ रा िय सफिो सभझामा औय अऩनी भौत िा हवारा दे िय

इसयाये इभाभत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िे लसऩद
ु क फ़यभामा। आऩ यवाना

होना ही चाहते थे कि फा यवामत जनाफे सिीना घोड़े िे सभ


ु से लरऩट गईं। इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) ने सीने से रगामा, रूऽसाय िा फोसा हदमा, सब्र िी तऱीन िी

औय जनाफे ज़ैनफ िो सिीना िी ननगाह दाश्त िी हहदामत फ़यभाई। उसिे फाद

हज़यत अरी असाय िो ज़जन्होंने अऩने िो झर


ू े से गगया हदमा था इभाभ हुसन

(अ.स.) ने फढ़ िय अऩनी आाोश भें लरमा औय भ़तर िी तयफ़ यवाना हो गमे।

भैदान भे ऩहुॉच िय आऩ एि टीरे ऩय फर


ु न्द हुए औय आऩने ़ौभे अशक़मा

िो भऽ
ु ानतफ िय िे िहा कि दे खो भैं अऩने छ भहीने िे फच्चे िो ऩानी वऩराने

रामा हूॉ। इसिी भाॉ िा दध


ू ऽुश्ि हो गमा औय इसिी ज़फान सख
ू गई है, ऽुदाया

इसे ऩानी वऩरा िय इसिी जान फचा रो, औय सन


ु ो अगय भैं तुम्हायें ज़ौभे नाक़स

भें गन
ु ाहगाय हो सिता हूॉ तो भेये इस भासभ
ू फच्चे भें गन
ु ाह िी सराहहमत नहीॊ

हैं। मह तो फे ऽता है इस सदाए ऩयु तासीय िा असय मह हुआ कि रशिय िा

लभजाज़ बफगड़ने रगा, श़ीउर ़ल्फ रशियी यो ऩड़े। उभये साद ने जफ मह दे खा

तो फ़ौयन हुयभर
ु ा इब्ने िाहहर अज़दी िो हुक्भ हदमा, ‘‘ अ़ता िराभर
ु हुसन
ै ’’

हुसन
ै िे िराभ िो नोिे तीय से ़ता िय दे । हुयभर
ु ा ने तीये सेह शोफा गचल्रा ए

िभान भें जोड़ा औय अरी असाय िे गरे िी तयफ़ पेंिा। तीय जो ज़हय से फझ
ु ा

461
हुआ था अरी असाय िे गरे ऩय रगा औय उसने अरी असाय िे गरे िे साथ

साथ इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िा फाज़ू बी छे द हदमा। इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने फच्चे

िो सीने से रगा िय उसिे ऽन


ू से चल्
ु रू बय लरमा औय चाहा कि आसभान िी

तयफ़ पेंिें, आसभान से जवाफ आमा, मह ऽूने ना ह़ है इसे इस तयफ़ न पेकिमे

वयना ़माभत ति िे लरमे फारयश िा लसरलसरा फन्द हो जामेगा। आऩने चाहा

कि उसे ज़भीन िी तयफ़ ही पेंि दें , उधय से बी जवाफ लभर गमा। तो आऩने उसे

अऩने चेहया ए भफ
ु ायि ऩय भर लरमा औय फ़यभामा, ‘‘ हिज़ा राती जद्दी यसर

अल्राह ’’ भैं इसी तयह अऩने जद्दे नाभदाय हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.)

िी खखदभत
ु़ भें ऩहुॉचग
ू ा। (अफसारूर ऐन व अनवारूर शहादत) इसिे फाद आऩने एि

नन्हीॊ सी ़ब्र खोदी औय उसभें हज़यत अरी असाय िो दफ़्न फ़यभा हदमा।

नन्हीॊ सी ़ब्र खोद िे असाय िो गाड़ िे

शब्फीय, उठ खड़े हुए, दाभन िो झाड़ िे

इमाम हुिैन (अ.ि.) की रूखिती

हज़यत अरी असाय िी शहादत िे फाद न सयिाय है न दयफाय न रशिय है न

अरभदाय, अरी असाय िो नन्हीॊ सी ़ब्र खोद िय दफ़्न फ़यभाते हैं औय अिेरे

हयभ िे ऽेभों िी तयफ़ आते हैं औय अहरे फैत से रूऽसत होते हैं औय फ़यभाते हैं

ऐ ज़ैनफ, ऐ उम्भे िुरसभ


ू , ऐ रू़य्मा, ऐ यफाफ, ऐ सिीना अरैिुभ लभन्नी

462
अस्सराभ, सराभे अरववदा मह भेयी आऽयी रूऽसती है । ऐ फहनों, ऐ फीबफमों, ऐ

फेहटमों फस ऽद
ु ा हाकफ़ज़ो नालसय है औय वही हालभमों भद्दगाय है ।

फहन ज़ैनफ दे खो, हय भस


ु ीफत भें हय फरा भें ऽद
ु ा िो माद यखना, अऩने यहीभो

ियीभ ऽारी़ िो न बर
ू ना। एनाने सब्र िो हाथ से न छोड़ना। याहे इराही भें हय

एि यॊ ज व भलु सफत िो याहत सभझना। यस्सी से हाथ फॊधे तो उफ़ न ियना,

चादय नछने तो ाभ न खाना। अम्भा िे सब्र औय फाफा िे हहल्भ िे जौहय

हदखराना। नाना यसर


ू (स.अ.व.व.) तुम्हाये भद्दगाय औय ऽुदा तुम्हाया हाभी है । हाॊ

रट
ु ने िे लरमे तय्माय हो जाओ। ़ैद होने िे लरमे िभयों िो िस रो। चादयों िो

अच्छी तयह से ओढ़ रो। भ़नों िो भज़भत


ू ी से फाॊध रो। ऐ फहन ज़ैनफ मह

मतीभ फच्चे, मह असीयाने अहरेफत


ै (अ.स.) िा िाफ़रा फस तुम्हाये साथ है ।

फीभाये ियफरा सय्मदे सज्जाद ज़ैनर


ु आफेदीन िो ाश से जगा दो, होलशमाय िय

दो। अफ तौ़ो ज़जीय ऩहन्ने औय असीय होने िा वक़्त आ गमा है । फेड़ड़माॊ ऩहन्ने

औय िाॊटों ऩय ऩैदर चरने िा ज़भाना ़यीफ है । अफ जॊगर िे िाॊटों बये यास्ते हैं

औय सहया नवयदी है । िबी िूफ़ा व शाभ िे फाज़ाय हैं औय रोगों िा हुजभ


ू है,

तभाशईमों िा भजभा है, भाॊ फहनों िे नॊगे सय हैं औय ज़ैनर


ु आफदीन हैं। मज़ीद

औय इब्ने ज़ज़माद िे दयफाय भें लशम्र िे ताज़माने हैं औय हभाया राडरा फीभाय है ।

ऐ ज़ैनर
ु आफेदीन !

प्मासा गरा िटामा मह ओहदा है फाऩ िा

463
ऩहनो गरे भें तौ़ मह हहस्सा है आऩ िा

फस हभाये फाद दनु नमाॊ िे इभाभ तभ


ु हो। ऐ जाने ऩदय इस िश्ती िी भल्राही

अफ तेयी ज़ात ऩय है । दे खना आऩिी भेहनत याएगाॊ ना जाने ऩाऐ, अन्नाने सब्र व

तहम्भर
ु हाथ से न छूटे । ियफरा से िूफ़ा औय िूफ़े से शाभ ति भाॉ फहनों िे

साथ, फेड़ड़माॊ ऩहने, तौ़ डारे, नॊगे ऩाॊव जाओ, सब्रो यज़ा ए इराही िे जौहय

हदखराओ। तौहीद िे ऽुत्फे ऩढ़ो, हहदामत िे यास्ते फताओ। हाॊ हाॊ फेटा दे खना फेड़ी

ऩहन िय लसरलसरा ए सब्र छूट न जाए। फस हभ याहे यज़ा सय से ़ता ियने िो

तैय्माय हैं औय तभ
ु अऩने ऩैयों से तम ियना। याहे इराही भें ऽाय दाय तौ़ िो

पूरों िो हाय सभझना औय इश़्े इराही भें रौहे िी तप्ती फेड़ड़मों िो भोहब्फते

ऽुदा िी जॊजीये जनाना। मह फ़यभाने िे फाद इभाभ हुसन


ै (अ.स.) पटे ऩयु ाने िऩड़े

भाॊगते हैं, ऩोशाि िे नीचे ऩहनते हैं, उन्हें बी जगह जगह से चाि फ़यभा दे ते हैं।

सफफ ऩछ
ू ा जाता है तो फ़यभाते हैं कि भेये शहीद हो जाने िे फाद मह ज़ालरभ

श़ी भेया लरफास बी रट


ू ें गें औय िऩड़े बी उतायें गे। शामद मह पटे ऩयु ाने िऩड़े

नीचे दे ख िय छोड़ दें औय इस तयह भेयी राश फयहनगी से फच जाए। (तायीऽे

िालभर ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 40 व तफयी ऩष्ृ ठ 34)

फहन िे रूऽसत फ़यभा िय, फीफीमों िो अरववदा िह िय, भाॉ िी िनीज़

कफ़ज़्ज़ा, ऩारने वारी िो बी सराभ िय िे फारी सिीना सीने ऩय सोने वारी

राडरी फेटी िो छाती से रगा िय भह


ु चभ
ू ते औय फ़यभाते थे, फेटी तभ
ु िो ऽद
ु ा

464
िे लसऩद
ु क किमा। ऽेभे िा ऩयदा उठा, फाहय तशयीफ़ राए, फहन ने य़ाफ थाभी,

ज़ल्
ु जना ऩय सवाय हुए औय भैदाने िायज़ाय ऩय यवाना हो गए। (नाभस
ू े इस्राभ)

हज़रत इमाम हुिैन (अ.ि.) मैदाने जॊग में

जफ आऩिे 72 असहाफ व अन्साय औय फनी हालशभ ़ुयफान गाहे इस्राभ ऩय

चढ़ चि
ु े तो आऩ ऽद
ु अऩनी ़ुयफानी ऩेश ियने िे लरमे भैदाने िायज़ाय भें आ

ऩहुॉच।े रशिये मज़ीद जो हज़ायों िी तादाद भें था, अस्हाफे फावफ़ा औय फहादयु ाने

फनी हालशभ िे हाथों वासीरे जहन्नभ हो चि


ु ा था। इभाभ हुसन
ै (अ.स.) जफ

भैदान भें ऩहुॉचे तो दश्ु भनों िे रशिय भें से तीस हज़ाय सवाय व वऩमादे फा़ी थे

मानन लसफ़क एि प्मासे िो तीस हज़ाय दश्ु भनों से रड़ना था। (िशफ़ुर ाम्भा) भैदान

ऩहुॉचने िे फाद आऩने सफ से ऩहरे दश्ु भनों िो भऽ


ु ानतफ िय िे एि ऽुत्फा इयशाद

फ़यभामा। आऩने िहा, ऐ ज़ालरभों ! भेये ़त्र से फाज़ आओ, भेये ऽन


ू से हाथ न

यॊ गो, तुभ जानते हो भैं तुम्हाये नफी िा नवासा हूॉ। भेये फाफा अरी (अ.स.) साबफ़े

इस्राभ हैं, भेयी भाॉ फ़ात्भा ज़हया (स.अ.व.व.) तुम्हाये नफी (स.अ.व.व.) िी फेटी हैं

औय तुभ जानते हो कि भेये नाना यसर


ू अल्राह (स.अ.व.व.) ने भझ
ु े औय भेये बाई

हसन (अ.स.) िो सयदाये जवानाने जन्नत फ़यभामा है । अफ़सोस तुभ िैसी फयु ी

़ौभ औय िैसी फयु ी उम्भत हो कि न तभ


ु िो ऽद
ु ा िा ऽौफ़ है न यसर

(स.अ.व.व.) से शभक है । तभ
ु अऩने नफी िी औरादों औय अऩने यसर
ू (स.अ.व.व.)

465
िी आर िा ऽून फहाते हो औय भेये ऽूने ना ह़ ऩय आभादा होते हो, हाराॊकि न

भैंने किसी िो ़त्र किमा है न किसी िा भार नछना है कि ज़जसिे फदरे भें तभ

भझ
ु िो ़त्र ियते हो। भैं तो दनु नमाॊ से फे ताअल्ऱ
ु अऩने नाना यसर

(स.अ.व.व.) िी ़ब्र ऩय भज
ु ाववय फना फैठा था। तुभ ने भझ
ु े हहदामत िे लरमे

फर
ु ामा औय भझ
ु े न नाना िी ़ब्र ऩय फैठने हदमा न ऽुदा िे घय भें यहने हदमा।

सन
ु ो अफ बी हो सिता है कि भझ
ु े इसिा भौ़ा दे दो कि भैं नाना िी ़ब्र ऩय

फैठूॊ मा ऽाना ए ऽुदा भें ऩनाह रे रॊ।ू इसिे फाद आऩने इतभाभे हुज्जत िे लरमे

उभये साद िो फर
ु ामा औय उससे फ़यभामा, 1. तभ
ु भेये ़त्र से फाज़ आओ। 2.

भझ
ु े ऩानी दे दो। 3. अगय मह भन्ज़ूय न हो तो कपय भेये भ़
ु ाफरे िे लरमे एि

एि शख़्स िो बेजो। उसने जवाफ हदमा आऩिी तीसयी दयख़्वास्त भन्ज़ूय िी जाती

है औय आऩसे रड़ने िे लरमे एि एि शख़्स भ़


ु ाफरे भें आएगा। (यौज़तुर शोहदा)

इमाम हुिैन (अ.ि.) की नफदा आज़माई

भोहाएदे िे भत
ु ाबफ़ आऩसे रड़ने िे लरमे रश्िये शाभ से एि एि शख़्स आने

रगा औय आऩ उसे फ़ना िे घाट उतायने रगे। सफ से ऩहरे जो शख़्स भ़


ु ाफरे िे

लरमे ननिरा वह ऽभीभ इब्ने ़हतफा था आऩने इस ऩय फय़ ऽानतफ़ िी तयह

हभरा किमा औय उसे तफाह व फयफाद िय डारा। मह लसरलसरा ए जॊग थोड़ी दे य

जायी यहा औय भद्


ु दते ़रीर भें िुश्तों िे ऩश्ु ते रग गए औय भ़तर
ू ीन िी

466
तादाद हदे शभ
ु ाय से फाहय हो गई। मह दे ख िय उभये साद ने रश्िय वारों िो

ऩि
ु ाय िय िहा क्मा दे खते हो सफ लभर िय मि फायगी हभरा िय दो। मह अरी

िा शेय है इससे इनफ़ेयादी भ़


ु ाफरे भें िाभमाफी ़त ़्अन न भज़ु म्िन है । उभये साद

िी इस आवाज़ ने रश्िय िे हौसरे फर


ु न्द िय हदमे औय सफ ने लभर िय मि

फायगी हभरे िा फ़ैसरा किमा। आऩने रश्िय िे भैभना औय भैसया िो तफाह िय

हदमा। आऩिे ऩहरे हभरे भें एि हज़ाय नौ सौ ऩचास दश्ु भन ़त्र हुए औय भैदान

ऽारी हो गमा। अबी आऩ सि


ु ू न न रेने ऩाए थे कि अठ्ठाइस हज़ाय दश्ु भनों ने

कपय हभरा िय हदमा। इस तादाद भे चाय हज़ाय िभान दाय थे। अफ सयू त मह हुई

कि सवाय प्मादे औय िभान दायों ने हभ आहॊ ग व हभ हभर हो िय भस


ु रसर

भत
ु ावानतय हभरे शरू
ु िय हदमे। इस भौ़े ऩय आऩने जो शज
ु ाअत िा जौहय

हदखामा इसिे भत
ु ाअज़ल्ऱ भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि सय फयसने रगे, धड़ गगयने

रगे औय आसभान थयथयामा, ज़भीॊ िाॊऩी, सफ़ें उल्टीॊ, ऩये दयहभ फयहभ हो गए।

अल्राह ये हुसन
ै िा वो आऽयी ज़जहाद, हय वाय ऩय अरी ए वरी दे यहे थे दाद

िबी भैसया िो उरटते थे िबी भैभना िो तौड़ते हैं िबी ़ल्फे रश्िय भें

दयआते हैं िबी ज़जनाहे रश्िय ऩय हभरा फ़यभाते हैं। शाभी िट यहे हैं िूफ़ी गगय

यहे हैं। राशों िे ढे य रग यहे हैं। हभरे ियते हुए फ़ौजों िो बगाते हुए नहय िी

तयफ़ ऩहुॉच जाते हैं। बाई िी राश तयाई ऩय ऩड़ी नज़य आती है । आऩ ऩि
ु ाय िय

467
िहते हैं, ऐ अब्फास तुभ ने मह हभरे न दे खे, मह सफ़ आयाई न दे खी अफ़सोस

तभ
ु ने भेयी तन्हाई न दे खी।

अल्राभा असफ़यानी िा िहना है कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) दश्ु भनों ऩय हभरा

ियते थे तो रशिय इस तयह से बागता था ज़जस तयह से हटड्ड़डमाॊ भन्


ु तलशय हो

जाती हैं। नरू


ू र एैन भें एि भ़
ु ाभ ऩय लरखा है कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) फहादयु

शेय िी तयह हभरा फ़यभाते औय सफ़ों िो दयहभ फयहभ िय दे ते थे औय दश्ु भनों

िो इस तयह िाट िय पेंि दे ते थे ज़जस तयह तेज़ धाय आरे से खेती िटती है ।

अल्राभा अयफरी लरखते हैं कि ‘‘ आॉ हज़यत हभरागयाॊ अफ़गन्द हय कि फाद

िोशीद शयफते भगक नोशीद व फहय जाननफ कि ताऽत गगयोहे या फऽाि अन्दाख़्त ’’

िोई आऩिे अज़ीभश्ु शान हभरे िी िोई ताफ न रा सिता था, जो आऩिे साभने

आता था शयफते भगक से सेयाफ होता था औय आऩ ज़जस जाननफ हभरा ियते थे

गगयोह िे गगयोह िो ऽाि भें लभरा दे ते थे। (िशफ़ुर ाम्भा)

भव
ु यीऽ इब्ने असीय िा फमान है कि जफ इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो मौभे आशयु ा

दाहहने औय फाऐॊ जाननफ से घेय लरमा गमा तो आऩने दाईं जाननफ हभरा िय िे

सफ िो बगा हदमा। कपय ऩरट िय फाईं जाननफ हभरा ियते हुए तो सफ िो भाय

िय हटा हदमा। ऽुदा िी ़सभ। हुसन


ै (अ.स.) से फढ़ िय किसी शख़्स िो ऐसा

़वी हदर, साबफत ़दभ फहादयु नहीॊ दे खा गमा जो लशिस्ता हदर हो, सदभे उठाए

हुए हो, फेटों अज़ीज़ों औय दोस्त अहफाफ िे दाा बी खाए हुए हो औय कपय हुसन

468
(अ.स.) िी सी साबफत ़दभी औय फे ज़जगयी से जॊग िय सिे। फ ऽुदा दश्ु भनों िी

फ़ौज िे सवाय औय प्मादे हुसन


ै (अ.स.) िे साभने इस तयह बागते थे ज़जस तयह

बेड़ फिरयमों िे ाल्रे शेय िे हभरे से बागते हैं। हुसन


ै (अ.स.) जॊग िय यहे थे ‘‘

इज़न ऽयजता ज़ैनफ ’’ कि जनाफे ज़ैनफ ऽेभे से ननिर आईं औय फ़यभामा, िाश

आसभान ज़भीन ऩय गगय ऩड़ता। ऐ उभये साद तू दे ख यहा है औय अफू अब्दल्


ु राह

़त्र किमे जा यहे हैं। मह सन


ु िय उभये साद यो ऩड़ा। आॊसू दाढ़ी ऩय फहने रगे

औय उसने भॊह
ु पेय लरमा। इभाभ हुसन
ै (अ.स.) उस वक़्त ऽज िा झब्ु फा ऩहने हुए

थे, सय ऩय अभाभा फॊधा हुआ था औय वसभा िा खखज़ाफ


ु़ रगाए हुए थे। हुसन

(अ.स.) ने घोड़े से गगय िय बी उसी तयह जॊग फ़यभाई ज़जस तयह जॊग जू फहादयु

सवाय जॊग ियते थे, हभरों िो योिते थे औय सवायों िे ऩैयों ऩय हभरे फ़यभाते थे।

ऐ ज़ालरभों ! भेये ़त्र ऩय तुभ ने ऐिा िय लरमा है । ़सभ ऽुदा िी तुभ भेये

़त्र से ऐसा गुनाह िय यहे हो ज़जसिे फाद किसी िे ़त्र से बी इतने गुनाह

गाय न होगे। तभ
ु भझ
ु े ज़रीर िय यहे हो औय ऽद
ु ा भझ
ु े इज़्ज़त दे यहा है औय

सन
ु ो वह हदन दयू नहीॊ कि भेया ऽद
ु ा तभ
ु से अचानि फदरा रे रेगा। तम्
ु हें तफाह

िय दे गा, तुम्हाया ऽून फहाएगा, तुम्हें सख़्त अज़ाफ भें भज़ु ब्तरा िय दे गा। (तायीऽे

िालभर ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 40)

लभस्टय जेम्स िायियन इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी फहादयु ी िा ज़ज़क्र ियते हुए

वा़ेए ियफरा िे हवारे से लरखते हैं कि ‘‘ दनु नमाॊ भें रूस्तभ िा नाभ फहादयु ी भे

469
भशहूय है रेकिन िई शख़्स ऐसे गुज़ये हैं कि इनिे साभने रूस्तभ िा नाभ रेने िे

़ाबफर नहीॊ। चन
ु ान्चे अव्वर दजे भें हुसन
ै इब्ने अरी (अ.स.) हैं क्मों कि भैदाने

ियफरा भें गभक ये त ऩय औय बख


ू िे आरभ भें ज़जस शख़्स ने ऐसा ऐसा िाभ

किमा हो, उसिे साभने रूसतभ िा नाभ वही शख़्स रेता है जो तायीऽ से वाक़फ़

नहीॊ है । किसिे ़रभ िो ़ुदयत है कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िा हार लरखे,

किसिी ज़फान भे ता़त है कि इन फहत्तय फज़


ु ुगव
क ायों िी साबफत ़दभी औय तेवये

शज
ु ाअत औय हज़ायों खू ख़्वाय सवायों िे जवाफ दे ने औय एि एि िे हराि हो

जाने िे फाफ भें ऐसी तायीफ़ िये , जैसी होनी चाहहमे। किस िे फस िी फात है जो

इन ऩय वा़े होने वारे हारात िा तसव्वयु िय सिे। रश्िय भें नघय जाने िे फाद

से शहादत ति िे हारात अजीफ व ायीफ क़स्भ िी फहादयु ी िो ऩेश ियते हैं। मह

सच है कि एि िी दवा, दो भश्हूय हैं औय भफ


ु ाराा िी मही हद है कि जफ किसी

हार भें मह िहा जाता है कि तुभ ने चाय तयफ़ से घेय लरमा रेकिन हुसन
ै (अ.स.)

औय फहत्तय तन िो आठ क़स्भ िे दश्ु भनों ने तॊग किमा था। चाय तयफ़ से मज़ीदी

फ़ौज जो आॊधी िी तयह तीय फयसा यही थी। ऩाॊचवा दश्ु भन अयफ िी धऩ
ू , छठा

दश्ु भन गभक ये त जो तनयू िे ज़याकत िी भाननन्द जान रेवा हयितें िय यहे थे। ऩस

ज़जन्होंने ऐसे भायिे भें हज़ायों िाकफ़यों िा भ़


ु ाफरा किमा हो इन ऩय फहादयु ी िा

ऽात्भा हो चि
ु ा, ऐेसे रोगों से फहादयु ी भें िोई फ़ौ़ीमत नहीॊ यखता। ’’ (तायीऽे चीन

दफ़्तय दोभ फाफ 16 ज़जल्द 2)

470
इमाम हुिन
ै (अ.ि.) अऩने मक़तूऱ फहादरु ों को ऩक
ु ारते हुए

बख
ू औय प्मास िे आरभ भें नफदक आज़भाई िी बी िोई हद होती है । आखखय
ु़

िाय जफ इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िा ज़जस्भे भफ
ु ायि तीयों से लभस्रे साही हो गमा

औय आऩ फे हद ज़ख़्भी हो गए तो आऩ अऩने फहादयु भ़तूरों िी तयफ़ भत


ु वज्जा

हो िय फ़यभाने रगे, ‘‘ ऐ फहादयु शेयो उठो औय हुसन


ै िी भद्द ियो, फेशि तुभ

ने फड़ी भद्द िी औय तुभ भेयी हहभामत भें सय से गुज़य गए हो, जान से फे

ननमाज़ हो गए हो रेकिन सन
ु ो अफ वक़्त व हारात िा त़ाज़ा मह है कि इस

वक़्त भेयी भद्द ियो ’’ रेकिन अफ़सोस जान से गुज़य जाने वारे हमाते ज़ाहहयी से

भहरूभ क्मों िय भद्द ियते। फाज़ यवामतों भें है कि आऩिी आवाज़ ऩय ज़ाफ़य

ज़जन ने रब्फैि िही औय इभदाद िी दयख़्वास्त िी। आऩने मह िह िय उसे

भस्
ु तयद िय हदमा कि भैं इज़म्तहान दे ने िे लरमे आमा हूॉ औय इतभाभे हुज्जत िे

लरमे सदाए इम्दाद फर


ु न्द िी है वयना भझ
ु े भद्द िी ज़रूयत नहीॊ है । एि यवामत

भें है कि कपय फ़रयश्तों ने भदद ियना चाही उन्हें बी जवाफ दे हदमा। एि औय

यवामत भें है कि हुसन


ै (अ.स.) िी इस आऽयी ऩि
ु ाय ऩय िटी हुई गयदनों से

रब्फैि िी आवाज़ आई।

471
फारगाहे अहदीयत में इमाम हुिैन (अ.ि.) के हदऱ की अवाज़

हुसन
ै (अ.स.) मिो तन्हा, फे मायो भद्दगाय, जरती हुई ज़भीन ऩय दश्ु भनों िे

झन्
ु ड भें खड़े हैं औय नाना यसर
ू े (स.अ.व.व.) अयफी िा अभाभा ज़जसिे ऩेच िटे

हुए ऽन
ू से बया हुआ सय ऩय है, ऩै यहने अहभदी ज़ैफे तन है रेकिन तीयों से

छरनी औय ऽून से यॊ गीन है । ़फा िा दाभन अरी अिफय िे ऽून से रार, चेहया

ए अनवय अरी असाय िे ऽून से गुरनाय है, ऩेशानी भफ


ु ायि से ऽून टऩि यहा है

औय अब्फास (अ.स.) िे ाभ से िभय टूट चि


ु ी है । प्मास से िरेजा पुि यहा है,

अन्साय िी राशें साभने ऩड़ीॊ हैं, फयाफय िा फेटा िड़ड़मर जवान, शफीहे ऩमम्फय

सीने ऩय फछी खाए ऽन


ू से नाहाए सो यहा है । बाई िी ननशानी ़ालसभ इब्ने हसन

(अ.स.) ऽन
ू िी भें हदी रगाए उरूसे भौत से हभ िनाय आयाभ िय यहा है । फहन

िे राडरे दाा दे िय चरे जा चि


ु े हैं। रश्िय िी ज़ीनत, फच्चों िी ढायस, सिीना

िा सक्िा, अरी िा शेय, ़ूव्वते फाज़,ू शाने िटाए नहय िी तयाई ऩय ऩड़ा है । 6

भाह िी जान तीये सेह शोफा िी नज़य हो चि


ु ी है । ़त्र गाह भेना िा नक़्शा ऩेश

िय यहा है, ख़्माभ से बख


ू े प्मासे फच्चों िे योने बफर बफराने िी ज़जगय सोज़

आवाज़ें आ यही हैं। फीफीमों िे योने औय फ़रयमाद ियने िी आवाज़ें हदर िो जरा

यही हैं रेकिन अल्राह ये हुसन


ै (अ.स.) िा जज़्फा ए ़ुफाकनी, मह इश़्े ऽुदा िा

भतवारा, इस्राभ िा फ़ये फ़ता, तौहीद िा शेफ़ता, सब्रो यज़ा िा भज


ु स्सभा, मादे

ऽुदा भें भहो औय भन


ु ाजात भें भशार
ू है । जैसे जैसे भसाएफ व आराभ फढ़ते जाते

472
हैं चेहया शाफ़्
ु ता होता जाता है । आऩ फ़यभाते हैं, भेये ऩारने वारे भैं अऩनी

ज़ज़न्दगी से उस भौत िो ऩसन्द ियता हूॉ जो तेयी याह भें हो। भेये भौरा भझ
ु े

इसभें ऽश
ु ी भहसस
ू होती है कि भैं सत्तय भयतफा तेयी फायगाह भें शहीद किमा जाऊ

औय इस ़त्र ऩय फ़ख़्र ियता हूॊ ज़जस भें तेये दीन िी नस


ु यत िा याज़ भज़
ु लभय

हो। इसिे फाद आऩ अज़क ियते हैं, तयितुर नास तयानी हवाि व अतीभतुर

अमार रिी अयाि 1. भेये भालरि तू जानता है औय फेहतय जानता है कि भैंने

तेयी भोहब्फत भें सफ से हाथ उठा लरमा है औय फ़़त तेये दीदाय िे शौ़ भें

अहरो अमार िो छोड़ हदमा औय फच्चों िो मतीभ फना हदमा। 2. भालरि अगय

तेये दीदाये इश़् भें भेये टुिड़े िय हदए जाएॊ तफ बी भेया हदर तेये लसवा किसी औय

िी तयफ़ झि
ु नहीॊ सिता। मह िह िय आऩने तरवाय ननमाभ भें यख री क्मों

कि सदा ए आसभानी आ गई थी कि ‘‘ अऩना वादा ए नतफ़री ऩयू ा ियो ’’ आऩिे

हाथों िा रूिना था कि साया रश्िय भस


ु रसर हभरे ऩय आभादा हो गमा औय

चारीस हज़ाय अफ़याद ने आऩिो घेये भें रे िय वाय ियना शरू


ु िय हदमा।

इमाम हुिन
ै (अ.ि.) अिे ज़ीन िे फरिे ज़मीन ऩर

आऩ ऩय भस
ु रसर वाय हो यहे थे कि नागाह एि ऩत्र ऩेशाननमे अ़दस ऩय

रगा इसिे फ़ौयन फाद अफवार हतूफ़ जाफ़ई भरऊन ने जफीने भफ


ु ायि ऩय तीय

भाया आऩने उसे ननिार िय पेंि हदमा औय ऽून ऩोछने िे लरमे आऩ अऩना

473
दाभन उठाना ही चाहते थे कि सीना ए अ़दस ऩय एि तीये सह शोफा ऩेवस्त हो

गमा, जो ज़हय भें फझ


ु ा हुआ था। इसिे फाद सारेह इब्ने वहफ रईन ने आऩिे

ऩहरू ऩय अऩनी ऩयू ी ता़त से एि नेज़ा भाया ज़जसिी ताफ न रा िय आऩ

ज़भीने गभक ऩय दाहहने रूऽसाय िे बर गगये , ज़भीन ऩय गगयने िे फाद आऩ कपय

उठ खड़े हुए, वयआ इब्ने शयीि रईन ने आऩिे दामें शाने ऩय तरवाय रगाई औय

दस
ू ये भरऊन ने दाहहने तयफ़ वाय किमा। आऩ कपय ज़भीन ऩय गगय ऩड़े, इतने भें

लसनान बफन अनस ने हज़यत िे ‘‘ तयिूह ’’ हसरी ऩय नैज़ा भाया औय उसिो

खैंच िय दस
ू यी दफ़ा सीना ए अ़दस ऩय रगामा। कपय इसी ने एि तीय हज़यत िे

गुरू ए भफ
ु ायि ऩय भाया इन ऩैहभ ज़यफात से हज़यत िभारे फेचन
ै ी से उठ फैठे

औय आऩने तीय िो अऩने हाथो से खीॊचा औय ऽून यीशे भफ


ु ायि ऩय भरा। इसिे

फाद भालरि बफन नसय िन्दी रईन ने सयऩय तरवाय रगाई औय वयह इब्ने शयीि

ने शाने ऩय तरवाय िा वाय किमा। हसीन बफन नभीय ने दहने अ़दस ऩय तीय

भाया। अफू अय्मफ


ू ानवी ने हऱ ऩय हभरा किमा। नसय बफन हयशा ने ज़जस्भ

ऩय तरवाय रगाई इब्ने वहफ ने सीना ए भफ


ु ायि ऩय नैज़ा भाया। मह दे ख िय

उभये साद ने आवाज़ दी अफ दे य क्मा है इनिा सय फ़ौयन िाट रो। सय िाटने िे

लरमे शीस इब्ने यफी फढ़ा। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने इसिे चेहये ऩय नज़य िी उसने

हुसन
ै (अ.स.) िी आॊखों भें यसर
ू (स.अ.व.व.) िी तसवीय दे खी औय िाॊऩ उठा।

कपय लसनान बफन अनस आगे फढ़ा। इसिे ज़जस्भ भें याशा ऩड़ गमा। वह बी सये

474
भफ
ु ायि न िाट सिा। मह दे ख िय लशभये भरऊन ने िहा, मह िाभ लसफ़क भझ
ु से

हो सिता है औय वह ऽन्जय लरमे हुए इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे ़यीफ आ िय

सीना ए भफ
ु ायि ऩय सवाय हो गमा। आऩने ऩछ
ू ा तू िौन है? उसने िहा भैं लशम्र

हूॉ। फ़यभामा, तू भझ
ु े नहीॊ ऩहचानता? इसने िहा ‘‘ अच्छी तयह जानता हूॉ ’’ तुभ

अरी व फ़ात्भा िे फेटे औय भोहम्भद (स.अ.व.व.) िे नवासे हो। आऩने फ़यभामा

कपय भझ
ु े क्मों ज़फह ियता है? इसने जवाफ हदमा इस लरमे कि भझ
ु े मज़ीद िी

तयफ़ से भारो दौरत लभरेगा। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 79)

इसिे फाद आऩने अऩने दोस्तों िो माद फ़यभामा औय सराभे आऽयी िे जभ


ु रे

अदा किमे। ऐ लशम्र भझ


ु े इजाज़त दे दे कि भैं अऩने ऽालऱ िी आऽयी नभाज़े

अस्र अदा िय रॉ ।ू इसने इजाज़त दी, आऩ सजदे भें तशयीफ़ रे गए। (यौज़तुर शोहदा

ऩष्ृ ठ 277) औय लशम्र ने आऩिे गुरू ए भफ


ु ायि िो िुन्द ऽन्जय िी फायह ज़फों से

़ता िय िे सये अ़दस िो नैज़े ऩय फर


ु न्द िय हदमा। हज़यत ज़ैनफ ऽैभे से

ननिर ऩड़ीॊ, ज़भीन िाॊऩने रगी, आरभ भें तायीिी छा गई, रोगों िे फदन भें िऩ

िऩीॊ ऩड़ गई। आसभान ऽॊू िे आॊसू योने रगा। जो शफ़़ िी सयू त भें यहती

दनु नमाॊ ति ़ामभ यहे गा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 116) इसिे फाद उभये साद ने खूरी

बफन मज़ीद औय हभीद बफन भज़ु स्रभ िे हाथों सये भफ


ु ायि ियफरा से िूफ़े इब्ने

ज़ज़माद िे ऩास बेज हदमा। (अर हुसैन अज उभय बफन नसय ऩष्ृ ठ 154) इभाभ हुसन

(अ.स.) िे सये फरु यदा िे फाद आऩिा लरफास रट


ू ा गमा। अखखनस
ु़ बफन भयु लसद

475
अभाभा रे गमा, इस्हा़ इब्ने हशआ
ू ़भीस ऩैयाहन रे गमा। अफहय बफन ़ाफ

ऩैजाभा रे गमा। असवद बफन ऽालरद नारैन रे गमा, अब्दल्


ु राह बफन असीद

िुराह रे गमा, फज़दर बफन सरीभ अॊगश


ु तयी रे गमा। ़ैस बफन अशअस ऩटिा

रे गमा। उभय बफन साद ज़ज़यह रे गमा, जभीह बफन ऽऱ अज़दी तरवाय रे

गमा। अल्राह ये ज़ुल्भ एि िभय फन्द िे लरमे जभार भरऊन ने हाथ ़ता िय

हदमा। एि अॊगूठी िे लरमे फज़


ु हदर ने उॊ गरी िाट डारी।

इसिे फाद दीगय शोहदा िे सय िाटे गाए, औय राशों ऩय घोड़े दौड़ाने िे लरमे

उभये साद ने रशिरयमों िो हुक्भ हदमा दस अफ़याद इस अहभ जभ


ु क खद
ु ाई िे

लरमे तैमाय हो गए। ज़जनिे नाभ मह है , इस्हाि बफन हवीमा, अखनस बफन

भयसद, हिीभ बफन तुफ़ैर, उभयो बफन सफीह, सालरभ बफन खसीभह, सारेह बफन

वहफ, वाएज़ बफन तााभ, हानन बफन भसफत, असीद बफन भालरि। तवायीऽ भें है

कि ‘‘ फ़रा सवाअर हुसन


ै फ हवाफ़य ऽैवराहुभ हत्ती यजू अज़हया वहभदहू ’’ इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) िी राश िो इस तयह घोड़ों िी टाऩों से ऩाभार किमा कि आऩिा

सीना औय ऩश्ु त टुिड़े टुिड़े हो गई। फाज़ भव


ु ये ऽीन िा िहना है कि जफ इन

रोगों ने चाहा कि ज़जस्भ िो इस तयह ऩाभार िय दें कि बफल्िुर ना ऩैद हो जाए

तो जॊगर से एि शेय ननिरा औय उसने राशा ऩाभार होने से फचा लरमा। (दभए

सािेफा ऩष्ृ ठ 350) अल्राभा इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ हुसन

(अ.स.) िी शहादत िे फ़ौयन फाद, जो लभट्टी यसर


ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) जनाफे उम्भे

476
सरभा िो दे गए थे ऽून से रार हो गई। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 115) औय यसर
ू े

ऽद
ु ा उम्भे सरभा िे ख़्वाफ भें भदीने ऩहुॉच,े उनिी हारत मह थी कि वह फार

बफखया ए हुए, सय ऩय ऽाि डारे हुए थे। उम्भे सरभा ने ऩछ


ू ा कि आऩ िा मह

क्मा हार है फ़यभामा ‘‘ शहादता ़तरन हुसन


ै ा अनफ़ा ’’ भैं अबी अबी हुसन
ै िे

़त्र गाह भें था औय अऩनी आॊखों से उसे ज़फह होते हुए दे खा है । (सही नतयलभज़ी

ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 306, भुस्तदरयि हाकिभ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 19 तहज़ीफुर तहज़ीफ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ

356 ज़ऽाएरूर ओ़फा ऩष्ृ ठ 148)

िामे ग़रीफा

शहादते इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे फाद अस्ऩे वफ़ा दाय ने अऩनी ऩेशानी इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) िे ऽून भे यॊ गीन िय िे अहरे हयभ भें ऽफये शहादत ऩहुॉचा दी थी

ज़जसिी वजह से ऽेभें भें िोहयाभे अज़ीभ फऩा ही था कि दश्ु भनों ने ऽेभों िा रूऽ

किमा औय ऩहुॉचते ही ऽैभों भें आग रगा दी औय साभान रट


ू ना शरू
ु िय हदमा।

अहरे फैते यसर


ू (स.अ.व.व.) फ़रयमादों फ़ुााॊ िी आवाज़े फरन्द िय यहे थे औय

िोई फ़यमाद यस औय ऩयु साने हार न था। तभाभ फीफीमों िे सयों से चादयें छीन

रीॊ। फ़ात्भा बफन्ते हुसन


ै (अ.स.) िे ऩैयों से छागरें उताय रीॊ औय हज़यत ज़ैनफ व

उम्भे िुरसभ
ू िे िानों से गोशवाये खीॊच लरमे। सय्मदे सज्जाद (अ.स.) िे नीचे से

बफस्तय खीॊच िय उन्हें ज़भीन ऩय डार हदमा। ायज़ कि एि ऐसा हशय फयऩा िय

477
हदमा गमा जो न किसी िे हाथ िबी यवा यखा गमा था औय न इससे ़ब्र सन
ु ने

भें आमा था। इन हारात िो दे ख िय एि औयत जो ़फीरा ए फिय इब्ने वाएर

से थी एि तरवाय िा टुिड़ा रे िय इन भऽ
ु ालरफ़ों ऩय हभरावय हुई जो आरे

यसर
ू (स.अ.व.व.) िो रट
ू यहे थे। फाज़ यवाएतों भें है कि एि फच्चे िे िुते भें

आग रगी हुई थी औय वह फाहय िी तयफ़ बाग यहा था, जैसे हवा रगती थी आग

बड़ि जाती थी, मह हार दे ख िय एि दश्ु भन ने तयस खामा, औय फढ़ िय दाभन

से आग फझ
ु ा दी, नौननहार ने जफ उसे अऩने ऊऩय भेहयफान ऩामा तो ऩछ
ू ने रगा

कि ऐ शेऽ नजफ़ िा यास्ता किधय है? उसने िहा ऐ फ़यज़न्द इस िभलसनी भें

नजफ़ िा यास्ता क्मों ऩछ


ू ते हो? फ़यभामा भैं अऩने नाना िे ऩास जा िय उनिे

साभने फ़यमाद िरूॊगा। (किताफ तौज़ीह भें मह वा़ेमा जनाफे सिीना िी तयफ़ भन्सूफ है )

अर ायज ज़ल्भों जौय िी इन्तेहा हो यही थी किसी फीफी िी ऩश्ु त ऩय ताज़माने


ु़
रगाए जा यहे थे किसी िे रूऽसाय ऩय तभाचे रगा यहे थे किसी िी ऩीठ ऩय नैज़े

िी अनी चब
ु ोई जा यही थी। जफ सफ िुछ रट
ू ा जा चि
ु ा, ऽैभे जर चि
ु े औय

शाभ आ गई तो वहीॊ िे जरे बन


ु े ाल्रे िे दानों से औय फ यवाएते हुय िी फीवी

दाना ऩानी राई औय फ़ा़ा लशिनी िी गई।

इसिे फाद हज़यत ज़ैनफ ने जनाफे उम्भे िुरसभ


ू से फ़यभामा कि फहन अफ यात

हो चि
ु ी है, तायीिी छाई हुई है, तुभ सफ औयतों औय फच्चों िो एि जगह जभा

ियो, उनिी हहफ़ाज़त भें भैं यात बय ऩहया दॊ ग


ू ी। हज़यत उम्भे िुरसभ
ू ने सफ

478
फीफीमों िो जभा िय लरमा रेकिन उन्हें जनाफे सिीना न लभरीॊ, आऩने जनाफे

ज़ैनफ से अज़े वाक़मा किमा, जनाफे ज़ैनफ भ़तर िी तयफ़ हज़यत सिीना िो

तराश ियने िे लरमे ननिरीॊ। एि नशेफ से सिीना िे योने िी आवाज़ आई, जा

िय दे खा कि सिीना फाऩ िे सीने से लरऩटी हुई गगयमा िय यही है । जनाफे ज़ैनफ

उन्हें ऽेभे भें रे आईं। जनाफे सिीना िा फमान है कि उस वक़्त फाफा िी िटी हुई

गयदन से मह आवाज़ आ यही थी

लशअती भा अन शयफतभ
ु , भा अज़फे फ़ाज़ िरूनी

औ सभअतुभ फेायीफ ओ शहीद फ़ानद फन


ू ी

व अनर लसब्तर रज़ी, भन ाैये जुलभकन ़तरन


ू ी

व भजब्र द्दर ऽल्र फाअदर ़त्र सह़ूनी

रैतािुभ फ़ी मौभे आशयू ा, जभीआ तन्ज़रूनी

िैफ़ा असतस़ी रत
ु फ़री फ़ा फवाअन मयहभन
ू ी

तयजुभा् ऐ भेये लशमों ! जफ ठन्डा ऩानी ऩीना तो भझ


ु े माद ियना औय जफ

किसी ायफी मा शहीद िे वा़ेआत सन


ु ना तो भझ
ु ऩय गगयमा ियना। ऐ भेये दोस्तों

सन
ु ो भैं यसर
ू (स.अ.व.व.) िा वह भज़रभ
ू नवासा हूॉ ज़जसे बफरा जुभक व ऽता

दश्ु भनों ने ़त्र िय हदमा औय कपय ़त्र िे फाद उसिी राश ऩय घोड़े दौड़ा हदमे।

479
ऐ भेये लशमों ! िाश तुभ आज आशयू ा िे हदन होते तो मह रूह फ़यसा भनाज़ज़य

दे खते कि भैं अऩने प्मासे फच्चे अरी असाय िे लरमे किसी तयह ऩानी भाॊग यहा

था औय मह सॊग हदर किस हदरेयी औय फे फािी से इन्िाय िय यहे थे।

ायज़ कि हज़यत ज़ैनफ जनाफे सिीना िो फाऩ िे सीने से सभझा फझ


ु ा िय उठा

राईं औय उन्हें जनाफे उम्भे िुरसभ


ू िे लसऩद
ु क िय िे नतरामा कपयना शरू
ु िय

हदमा। (दभए सािेफा)

यात िा िाफ़ी हहस्सा गुज़यने िे फाद जनाफे ज़ैनफ ने दे खा कि एि सवाय घोड़ा

फढ़ामे चरा आ यहा है । आऩने फढ़ िय उससे िहा कि हभ आरे यसर


ू (स.अ.व.व.)

हैं हभाये छोटे फड़े, फढ़


ू े , जवान जफ आज ही ़त्र किमे जा चि
ु े हैं। अफ हभाये

छोटे छोटे फच्चे अबी योते योते सो गए हैं। ऐ सवाय अगय तुझे हभ िो ज़्मादा

रट
ू ना भ़सद
ू है तो सफ
ु ह आ जाना औय जो िुछ हभाये ऩास यह गमा है उसे बी

रट
ू रेना, रेकिन दे ख इन फच्चों िो न सता औय उन्हें सोने दे । ऽुदा िे लरमे इस

वक़्त चरा जा, रेकिन सवाय ने एि न सन


ु ी औय घोड़े िे ़दभ फयाफय फढ़ते ही

यहे । आखखय
ु़ ज़ैनफ बी शेये ऽद
ु ा िी फेटी थीॊ, उन्हें जरार आ गमा औय उन्होंने

रजाभे फ़यस ऩय फढ़ िय हाथ डार हदमा, औय िहा कि भैं क्मा िहती हूॉ औय तू

क्मा ियता है । मह हार दे ख िय सवाय घोड़े से उतय ऩड़ा औय ज़ैनफ िो सीने से

रगा िय िहने रगा, ऐ फेटी भैं तेया फाऩ अरी हूॉ, फेटी तेयी हहफ़ाज़त िे लरमे

आमा हूॉ, ऐ जाने ऩदय तू फच्चों भें जा भैं तेयी हहफ़ाज़त िरूॊगा। ज़ैनफ ने फ़रयमादो

480
फ़ुाा शरू
ु िय दी औय तभाभ वाक़मात फमान किमे। अर ायज़ जफ मह अश्र

आफ़यीॊ यात तभाभ हुई तो हुक्भे उभये साद से रशिरयमों ने आ िय आरे यसर

(स.अ.व.व.) िो घेय लरमा औय बफरा भहलभर व िजावे िे ना़ों ऩय सवाय होने

िो िहा। चायो नाचाय यसर


ू ज़ाहदमाॊ ना़ों ऩय सवाय हुईं। हार मह था कि सय

खुरे हुए थे, फार बफखये हुए थे औय आॊखों से आॊसू जायी थे। इभाभ ज़ैनर

आफेदीन (अ.स.) िी अरारत िी वजह से चॊकू ि ताफो तवाॊ न यखते थे, इस लरमे

सवाय होने से ऩये शानी थी। लशम्र ने ताज़ज़माने से अज़ीमत ऩहुॉचाई औय कफ़ज़्ज़ा ने

दौड़ िय इभाभ (अ.स.) िो भदद दी औय आऩ ना़े ऩय सवाय हो गए रेकिन

ता़त न होने िी वजह से ना़े िी ऩश्ु त ऩय सॊबरना दश्ु वाय था इस लरमे

दश्ु भनाने इस्राभ ने आऩ िे ऩैयों िो ना़े िे ऩेट से लभरा िय फाॊध हदमा।

(असयारूर शहादत)

कपय उसिे फाद उस िाकफ़रे िो रे िय िूफ़े िे लरमे यवाना हुए औय ाज़फ मह

किमा कि इन यसर
ू ज़ाहदमों िो भ़तर िी तयफ़ से गुज़ाया। भव
ु ये ऽीन िा फमान

है कि जैसे ही मह हुसन
ै ी िाकफ़रा भ़तर भें ऩहुॉचा हश्र िा सभा ऩेश हो गमा।

ज़ैनफ ने अऩने िो ना़े से गगया हदमा औय फ़यमादों फ़ुगाॊ ियने रगीॊ। आऩने िहा

ऐ भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) ज़जन ऩय भराएिा आसभान से दरू
ु द बेजते हैं

दे खखमे मह हुसन
ै (अ.स.) ऽािो ऽन
ू भें आरद
ू ा टुिड़े टुिड़े हो िय चटीमर भैदान

481
भें ऩड़े हैं। आऩिी फेहटमाॊ औय नवालसमाॊ ़ैदी हैं। आऩ िी अवराद भ़तूर है औय

हवा उन ऩय खाि उड़ा यही है ।

मह ददक नाि भयलसमा सन


ु िय दोस्त व दश्ु भन िोई ऐसा न था जो योने न रगा

हो। उस वक़्त उन रोगों िो भहसस


ू हुआ कि वह किस ़द्र शदीद गुनाह िे

भयु तकिफ हुए हैं रेकिन अफ क्मा हो सिता था। (अर हुसैन अफू नसय ऩष्ृ ठ 155) दभ

उस सािेफा भें है कि जनाफे ज़ैनफ िी फ़रयमाद से जानवय बी योने रगे औय

उनिी आखों से आॊसू टऩि यहे थे। इस तयह हज़यत उम्भे िुरसभ
ू बी नौहा ओ

फ़रयमाद िय यही थीॊ औय जनाफे सिीना बी भहवे गगयमाओ भातभ थीॊ। बफर

आखखय
ु़ दश्ु भनों िे तशद्दद
ु से मह िाफ़ेरा आगे फढ़ गमा औय आरे यसर
ू िी

राशें फे गोयो िफ़न ज़भीने गभक ियफरा ऩय ऩड़ी यहीॊ। चॊद हदनों िे फाद फनी

असद ने उन ऩय नभाज़ें ऩढ़ीॊ औय उन्हें लसऩद


ु े ऽाि िय हदमा।

िुफह ग्यारह मुहरा म

वा़ेमा मह है कि अरी (अ.स.) िी फेहटमाॊ यसर


ू (स.अ.व.व.) िी नवालसमाॊ फे

भहलभर व अभायी िे ना़ों ऩय सवाय िय िे दयफाये िूफ़ा भें दाखखर


ु़ िी गईं, कपय

एि हफ़्ता उन्हें िूफ़े िे ़ैद ऽाने भें यखा गमा। इसिे फाद इन ायीफों िो फायह

यफीउर अव्वर 61 हहजयी मौभे चहाय शम्फा िो शाभ ऩहुॉचा हदमा गमा औय वहाॊ

एि सार ़ैद भें यखा गमा। कपय वहाॊ से रयहाई िे फाद आरे यसर
ू (स.अ.व.व.)

482
20 सफ़य 62 हहजयी ियफरा होते हुए आठ यफीउर अव्वर 62 हहजयी वारयदे

भदीना भन
ु व्वया हुए।

इस इजभार िी भख़्
ु तसय अरफ़ाज़ भें तफ़सीर मह है कि ग्मायहवीॊ भोहयक भ

मौभे शम्फा िो लशम्र बफन ज़ज़रजौशन ने हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) से

िहा कि अफ तुम्हें औयतों औय फच्चों सभैत दयफाये इब्ने ज़ज़माद भें चरना होगा

जो िूफ़े भे है । इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) ने फ़यभामा कि भैं सानीमे ज़हया से

अज़क ियता हूॉ। चन


ु ान्चे उन्होंने पूपी से अज़क कि। ज़ैनफ बफन्ते अरी (अ.स.) िो

जरार आ गमा। फ़ौयन बाई िी वसीअत माद आ गई सय झि


ु ा िय िहा, फेटा हय

भस
ु ीफत फदाकश्त िरूॊगी।

कपय यवानगी िा फन्दो फस्त शरू


ु हो गमा फे भहलभर व अभायी िे ना़ों ऩय

सय फयै हना भख़्


ु दे याते अस्भत व तहायत सवाय िी गईं। सयों िो फ यवामते नैजों ऩय

फर
ु न्द किमा गमा औय शोहदा िे राशों िो ज़भीने गभक ऩय छोड़ िय िाफ़रा िूफ़ा

िे लरमे यवाना हो गमा। फाज़ायो िूफ़ा भें दाऽरे िे वक़्त हज़यत ज़ैनफ

(स.अ.व.व.) िी फ़रयमादी आवाज़ िो भानन्द ियने िे लरमे फाजों िी आवाज़ तेज़

िया दी गई। फ यवामते हज़यत ज़ैनफ ने भातभ शरू


ु िय हदमा कपय इनिे हाथ ऩसे

गयदन से फाॊध हदमे गए। िूफ़े भें दाखखरा


ु़ हुआ। फाज़ाये िूफ़ा भें हज़यत ज़ैनफ व

उम्भे िुरसर
ू , हज़यत फ़ात्भा बफन्ते हुसन
ै औय हज़यत इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन

(अ.स.) ने ज़फय दस्त त़यीय िी औय वाक़मे ऩय बयऩयू यौशनी डारी। दारूर

483
अभाया िे दयवाज़े ऩय सये भज़ु स्रभ बफन अ़ीर (अ.स.) रटिा हुआ दे खा गमा।

इब्ने ज़ज़माद ने भख़्


ु ताय िो ़ैद ऽाने से फर
ु ामा औय सये हुसन
ै (अ.स.) तश्ते नतरा

भें यख िय उनिे साभने रामा गमा, कपय छड़ी से दनदाने भफ


ु ायि इभाभ हुसन

(अ.स.) िे साथ फे अदफी िी गई। एि हफ़्ता िूफ़े िे ़ैद ऽाने भें भऽ


ु द्दे याते

अस्भत व तहायत िो ़ैद यखने िे फाद हुसन


ै ी िाफ़रे िो शाभ िे लरमे यवाना

िय हदमा गमा। जो फ यवामते 36 हदन भें औय फ यवाएते 16 यफीउर अव्वर 61

हहजयी चहाय शम्फा िे हदन शाभ ऩहुॉचा। जफ शाभ िी याजधानी दलभश़् भें जहाॊ

मज़ीद िा दयफाय रगता था दाऽरे िा भौ़ा आमा तो तीन हदन ति इस िाफ़रे

िो ‘‘ फाफ अर साअत ’’ ऩय ठहयामा गमा क्मों कि दयफाय िे सजने भें तीन हदन

िी ज़रूयत फा़ी थी। कपय दयफाय भें दाखखरा


ु़ हुआ। हज़ायों िुसी नशीन आरे

भोहम्भद (स.अ.व.व.) िी भख़्


ु दद्दे यात (औयतों) िा तभाशा दे खने िे लरमे जभा थे।

मज़ीद ने हज़यते ज़ैनफ से िराभ ियना चाहा। जनाफे कफ़ज़्ज़ा ने भज़हभत िी।

कपय मज़ीद िी ताना ज़नी ऩय बफन्ते अरी ने दख


ु ददक से बये हुए अरफ़ाज़ भें

ज़फयदस्त त़यीय िी। दयफाय भें हरचर भची औय भख़्


ु द्दे याते असभत व तहायत

िो ऐसे ़ैद खाने भें बेज हदमा गमा ज़जसभें धऩ


ू औय औस से फचाव िा िोई

इन्तेज़ाभ न था कपय इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) ने भज़स्जदे दलभश़् भें मादगाय

ऽुतफा हदमा जो अज़ान िे ज़रयए से भन


ु ़ेता िय हदमा गमा। (बफहाय ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ

233)

484
अर ायज़ मह हुसन
ै ी िाकफ़रा त़यीफन एि सार इस ़ैद ऽाने भें ऩड़ा यहा।

इसी दौयान भें हज़यत सिीना िा इन्ते़ार बी हो गमा। ़ुतफ


ू े भ़ानतर से ़ैद

ऽाने भें हहन्दा ज़ौजा ए मज़ीद िे आने िा बी ऩता लभरता है । िाफ़ी वक़्त

गुज़यने िे फाद मह िाकफ़रा रयहा किमा गमा। एि ऽारी भिान भें भख़्
ु द्दे याते

तहायत ने एि हफ़्ता नौहा व भातभ किमा औय शाभ िी औयतों से ताज़ीमत ़ुफर


िी। कपय फशीय बफन जज़रभ िी यहनभ


ु ाई भें मह िाकफ़रा 20 सफ़य 62 हहजयी

िो ियफरा ऩहुॉचा। हज़यत जाबफय बफन अब्दल्


ु राह अन्सायी जो सहाबफमे यसर
ू औय

़ब्रे हुसन
ै (अ.स.) िे भज
ु ाववये अव्वर थे उन्होंने फ़यमादो फ़ुाा िी हारत भें

इन्तेहाई यॊ जो ाभ िे साथ इस िाकफ़रे िा इस्त़फार किमा। ज़ैनफ ने ़ब्रे इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) ऩय अऩने िो गगया हदमा। फयावएते तीन हदन ति फ़यमादो फ़ुाा

औय नौहा भातभ िे फाद मह िाफ़रा भदीना ए भन


ु व्वया िो यवाना हुआ। ़यीफे

भदीना िाकफ़रा ठहया। फशीय ने ऽफये ाभ अहरे भदीना ति ऩहुॉचाई, ज़ू़ दय

ज़़
ू अहरे भदीना ़ाकफ़रे िे भस्
ु त़य ऩय सयो ऩा फयै हना योते ऩीटते जभा हो

गए। भोहम्भद हनकफ़मा बी आए, अब्दल्


ु राह बफन जाफ़य बी आए औय उम्भे

सरभा बी आईं। उम्भे सरभा िे एि हाथ भें फ़ात्भा सा


ु या िा हाथ था औय एि

हाथ भें वह शीशी थी जो यसर


ू े ऽुदा दे गए थे औय इसभें ियफरा िी लभट्टी ऽून

हो गई थी। िाकफ़रा दाखखरे


ु़ भदीना हुआ। हज़यत उम्भे िुरसभ
ू ने भयलसमा ऩढ़ा

ज़जसिा ऩहरा शेय मह है ।

485
भदीनातो जद्दे ना रा त़फरीना,

फ़फर हसयाते वाएहज़ान जैना

तयजभ
ु ा्- ऐ हभाये नाना िे भदीने तू हभें ़ुफर
ू न िय (क्मों कि हभ ़ुफर

किए जाने िे ़ाबफर नहीॊ हैं) हभ महाॊ हसयतों भस


ु ीफतों औय अन्दोह ाभ िे साथ

वाऩस आऐ हैं।

भदीने भें दाखखरे


ु़ िे फाद यौज़ा ए यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩय फेऩनाह फ़यमादो फ़ुााॊ

िी गई 15 शफाना योज़ फनी हालशभ िे घयों भें चल्


ु हा नहीॊ जरा औय इनिे घयो
ु़
से धआ
ु ॊ नहीॊ उठा। इस वािे ए हार िे फाद हज़यत इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.)

चालरस सार ज़ज़न्दा यहे औय शफो योज़ गगयमा ओ ज़ायी फ़यभाते यहे । मही हार

हज़यत ज़ैनफ, उम्भे िुरसभ


ू औय हज़यत फ़ात्भा नीज़ दीगय तभाभ शयु िाए

गगयदाफ व भसाएफ िा यहा ता ज़ज़न्दगी इनिे आॊसू सख


ू े नहीॊ।

हज़रत इमाम हुिैन (अ.ि.) की फहन जनाफे ज़ैनफ व जनाफे कुऱिूम

के मुख़्तिर हाऱात ववऱादत, वफात और मदफन

जनाफे ज़ैनफ व उम्भे िुरसभ


ू हज़यत यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) औय जनाफे

ऽदीजतुर िुफया (स.अ.व.व.) िी नवासीमाॊ, हज़यत अफू तालरफ (अ.स.) व फ़ात्भा

बफन्ते असद (स.अ.व.व.) िी ऩोनतमाॊ हज़यत अरी (अ.स.) व फ़ात्भा ज़हया

(स.अ.व.व.) िी फेहटमाॊ इभाभ हसन (अ.स.) व इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी हिीिी
ु़ ु़

486
औय हज़यत अब्फास (अ.स.) व जनाफे भोहम्भदे हनकफ़मा िी अराती फहनें थीॊ। इस

लसरलसरे िे ऩेशे नज़य ज़जसिी फाराई सतह भें हज़यत हभज़ा, हज़यत जाफ़ये

तैय्माय, हज़यत अब्दर


ु भत्त
ु लरफ औय हज़यत हालशभ बी हैं। इन दोनों फहनों िी

अज़भत फहुत नभ
ु ामा हो जाती है ।

मह वा़ेमा है कि ज़जस तयह इनिे आफाओ अजदाद, भाॉ फाऩ औय बाई फे

लभस्र व फे नज़ीय हैं इसी तयह मह दो फहने बी फे लभस्र व फे नज़ीय हैं। ऽुदा ने

इन्हें ज़जन ऽानदानी सेफ़ात से नवाज़ा है इसिा भ़


ु तज़ा मह है कि भैं मह िहूॊ

कि ज़जस तयह अरी (अ.स.) व फ़ात्भा ज़हया (स.अ.व.व.) िे फ़यज़न्द रा जवाफ हैं

इसी तयह इनिी दख़्


ु तयान रा जवाफ हैं, फेशि जनाफे ज़ैनफ व उम्भे िुरसभ

भासभ
ू न थीॊ रेकिन इनिे भहफ़ूज़ होने भें िोई शब्ु हा नहीॊ जो भासभ
ू िे

भत
ु याहदफ़ है । हभ ज़ैर भें दोनों फहनों िा भख़्
ु तसय अरफ़ाज़ भें अरग अरग ज़ज़क्र

ियते हैं।

हज़रत ज़ैनफ की ववऱादत

भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि हज़यत ज़ैनफ बफन्ते अभीयर भोभेनीन (अ.स.) 5

जभाहदर अव्वर 6 हहजयी िो भदीना भन


ु व्वया भें ऩैदा हुईं जैसा कि ‘‘ ज़ैनफ

अऽत अर हुसन
ै ’’ अल्राभा भोहम्भद हुसन
ै अदीफ नजफ़े अशयफ़ ऩष्ृ ठ 14 ‘‘

फतारता ियफरा ’’ डा0 बफन्ते अशाती अन्दरसी ऩष्ृ ठ 27 प्रिालशत फैरूत ‘‘

487
लसरलसरातुर ज़हफ ’’ ऩष्ृ ठ 19 व किताफर
ु फहये भसाएफ औय ऽसाएसे ज़ैनबफमा

इब्ने भोहम्भद जाफ़य अर जज़ायी से ज़ाहहय है । लभस्टय ऐजाज़यु क हभान एभ0 ए0


ु़
राहौय ने किताफ ‘‘ जैनफ ’’ िे ऩष्ृ ठ 7 ऩय 5 हहजयी लरखा है जो भेये नज़दीि

सही नहीॊ। एि यवामत भें भाहे यजफ व शाफान एि भें भाहे यभज़ान िा हवारा बी

लभरता है । अल्राभा भहभद


ू र
ु हुसन
ै अदीफ िी इफायत िा भतन मह है । ‘‘ फ़़द

वरदत अ़ीरह ज़ैनफ कफ़र आभ अर सादस लरर हहजयत अरा भाअ तफ़़ा

अरभोये खून अरैह ज़ारेिा मौभर ऽाभस लभन शहये जभाहदर अव्वर अरऽ ’’

हज़यत ज़ैनफ (स.अ.व.व.) जभादीर अव्वर 6 हहजयी भें ऩैदा हुईं। इस ऩय

भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है । भेये नज़दीि मही सही है । मही िुछ अर व़ाए़ व

अर हवाहदस ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 113 प्रिालशत ़ुभ 1341 ई0 भें बी है ।

हज़यत ज़ैनफ िी ववरादत ऩय हज़यत यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िा ताअस्सयु

वक्ते ववरादत िे भत
ु ाअज़ल्ऱ जनाफे आ़ाई सय्मद नरू
ू द्दीन बफन आ़ाई सय्मद

भोहम्भद जाफ़य अर जज़ाएयी ऽसाएस ज़ैनबफमा भें तहयीय फ़यभाते हैं कि जफ

हज़यत ज़ैनफ (स.अ.व.व.) भत


ु ावज़ल्रद हुईं औय उसिी ऽफय हज़यत यसर
ू े ियीभ

(स.अ.व.व.) िो ऩहुॉची तो हुज़ूय जनाफे फ़ात्भा ज़हया (स.अ.व.व.) िे घय तशयीफ़

राए औय फ़यभामा कि ऐ भेयी याहते जान, फच्ची िो भेये ऩास राओ, जफ फच्ची

यसर
ू (स.अ.व.व.) िी खखदभत
ु़ भें राई गई तो आऩने उसे सीने से रगामा औय

488
उसिे रूऽसाय ऩय रूऽसाय यख िय फे ऩनाह गगयमा किमा महाॊ ति िी आऩिी

यीशे भफ
ु ायि आॊसओ
ु ॊ से तय हो गई। जनाफे सय्मदा ने अज़क कि फाफा जान आऩिो

ऽद
ु ा िबी न रूराए, आऩ क्मों यो ऩड़े इयशाद हुआ कि ऐ जाने ऩदय, भेयी मह

फच्ची तेये फाद भत


ु ाअद्हद तिरीफ़ों औय भऽ
ु तलरफ़ भसाएफ भें भफ
ु नतरा होगी।

जनाफे सय्मदा मह सन
ु िय फे इज़ख़्तमाय गगयमा ियने रगीॊ औय उन्होंने ऩछ
ू ा कि

इसिे भसाएफ ऩय गगयमा ियने िा क्मा सवाफ होगा? फ़यभामा वही सवाफ होगा

जो भेये फेटे हुसन


ै िे भसाएफ िे भत
ु ालसय होने वारे िा होगा इसिे फाद आऩने

इस फच्ची िा नाभ ज़ैनफ यखा। (इभाभ भफ


ु ीन ऩष्ृ ठ 164 प्रिालशत राहौय) फयवाएते

ज़ैनफ इफयानी रफ़्ज़ है ज़जसिे भानी फहुत ज़्मादा योने वारी हैं। एि यवामत भें है
ु़
कि मह रफ़्ज़ जैन औय अफ से भयु क्िफ है । मानी फाऩ िी ज़ीनत कपय िसयते

इस्तेभार से ज़ैनफ हो गमा। एि यवामत भें है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने मह

नाभ फ हुक्भे यब्फे जरीर यखा था जो फ ज़रयए ज़जब्राईर ऩहुॉचा था।

ववऱादते ज़ैनफ ऩर अऱी बफन अफी तासऱफ (अ.ि.) का ताअस्िरु

डा0 बफन्तुर शातभी अन्दलरसी अऩनी किताफ ‘‘फतरतै ियफरा ज़ैनफ बफन्ते अर

ज़हया ’’ प्रिालशत फैरूत िे ऩष्ृ ठ 29 ऩय य़भ तयाज़ हैं कि हज़यत ज़ैनफ िी

ववरादत ऩय जफ जनाफे सरभाने फ़ायसी ने असद उल्राह हज़यत अरी (अ.स.) िो

489
भफ
ु ायि फाद दी तो आऩ योने रगे औय आऩने उन हारात व भसाएफ िा तज़किया

फ़यभामा ज़जनसे जनाफे ज़ैनफ फाद भें दो चाय होने वारी थीॊ।

हज़रत ज़ैनफ की वफात

भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि हज़यत ज़ैनफ (स.अ.व.व.) जफ फचऩन जवानी औय

फढ़
ु ाऩे िी भॊज़ज़र तम ियने औय वा़े ियफरा िे भयाहहर से गुज़यने िे फाद ़ैद

ऽाना ए शाभ से छुट िय भदीने ऩहुॉची तो आऩने वा़ेमाते ियफरा से अहरे

भदीना िो आगाह किमा औय योने ऩीटने, नौहा व भातभ िो अऩना शारे ज़ज़न्दगी

फना लरमा। ज़जससे हुिूभत िो शदीद ऽतया रा ह़ हो गमा। ज़जसिे नतीजे भें

वाक़मे ‘‘ हयाक ’’ अभर भें आमा। बफर आखखय


ु़ आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िो

भदीने से ननिार हदमा गमा।

अफीदल्
ु राह वारीए भदीना अर भतूफ़ी 277 अऩनी किताफ अऽफारूर ज़ैनबफमा

भें लरखता है कि जनाफे ज़ैनफ भदीने भें अिसय भजलरसे अज़ा फयऩा ियती थीॊ

औय ऽद
ु ही ज़ाियी फ़यभाती थीॊ। उस वक़्त िे हुक्िाभे िो योना रूराना गवाया न

था कि वाक़मे ियफरा खुल्रभ खुल्रा तौय ऩय फमान किमा जाम। चन


ु ान्चे उयवा

बफन सईद अशद़ वारी ए भदीना ने मज़ीद िो लरखा कि भदीने भें जनाफे ज़ैनफ

िी भौजूदगी रोगों भें है जान ऩैदा िय यही है । उन्होंने औय उनिे सागथमों ने तुझ

से ऽूने हुसन
ै (अ.स.) िे इन्ते़ाभ िी ठान री है । मज़ीद ने इत्तेरा ऩा िय फ़ौयन

490
वारी ए भदीना िो लरखा कि ज़ैनफ औय उनिे सागथमों िो भन्
ु तशय िय दे औय

उनिो भऽ
ु तलरफ़ भल्
ु िों भें बेज दे । (हमात अर ज़हया)

डा0 बफन्ते शातभी अॊदरसी अऩनी किताफ ‘‘ फतरतए ियफरा ज़ैनफ बफन्ते

ज़हया ’’ प्रिालशत फैरूत िे ऩष्ृ ठ 152 भें लरखती हैं किे हज़यत ज़ैनफ वाक़मे

ियफरा िे फाद भदीने ऩहुॉच िय मह चाहती थीॊ कि ज़ज़न्दगी िे साये फा़ी हदन

महीॊ गुज़ायें रेकिन वह जो भसाएफे ियफरा फमान ियती थीॊ वह फे इन्तेहा

भोअज़स्सय साबफत हुआ औय भदीने िे फालशन्दों ऩय इसिा फे हद असय हुआ। ‘‘

फ़़तफ वरैहुभ बफर भदीनता इरा मज़ीद अन वज


ु द
ू हाफैन अहलरर भदीनता

भहीज अर ऽवानतय ’’ इन हारात से भत


ु ाअज़स्सय हो िय वारीए भदीना ने मज़ीद

िो लरखा कि जनाफे ज़ैनफ िा भदीने भें यहना है जान ऩैदा िय यहा है । उनिी

त़यीयों से अहरे भदीना भें फाावत ऩैदा हो जाने िा अन्दे शा है । मज़ीद िो जफ

वारीए भदीना िा ऽत लभरा तो उसने हुक्भ हदमा कि इन सफ िो भभ


ु ालरिो

अम्साय भें भन्


ु तलशय िय हदमा जाम। इसिे हुक्भ आने िे फाद वारीए भदीना ने

हज़यते ज़ैनफ से िहरा बेजा कि आऩ जहाॊ भन


ु ालसफ सभझें महाॊ से चरी जामें।

मह सन
ु ना था कि हज़यते ज़ैनफ िो जरार आ गमा औय िहा कि ‘‘ वल्राह रा

ऽयजन व अन अय म़त दभामना ’’ ऽुदा िी ़सभ हभ हयगगज़ महाॊ से न

जामेंगे चाहे हभाये ऽून फहा हदमे जामें। मह हार दे ख िय ज़ैनफ बफन्ते अ़ीर बफन

अफी तालरफ ने अज़क कि ऐ भेयी फहन ास्


ु से से िाभ रेने िा वक़्त नहीॊ है फेहतय

491
मही है कि हभ किसी औय शहय भें चरे जामें। ‘‘ फ़ख़्रहत ज़ैनफ भन भदीनत्

जदहा अर यसर
ू सम्
ु भा रभ हर भदीना फादे ज़ारेिा इफादन ’’ कपय हज़यत ज़ैनफ

भदीना ए यसर
ू से ननिर िय चरी गईं। उसिे फाद से कपय भदीने िी शक्र न

दे खी। वह वहाॊ से ननिर िय लभस्र ऩहुॉची रेकिन वहाॊ ज़ज़मादा हदन ठहय न सिीॊ।

‘‘ हिज़ा भन्
ु तिरेत् भन फरदारी फरद रा मतभईन फहा अल्र अज़क भिान ’’

इसी तयह वह ाैय भत


ु भईन हारात भें ऩये शान शहय फा शहय कपयती यहीॊ औय

किसी एि जगह भिान भें सि


ु ू नत इख़्तेमाय न िय सिीॊ। अल्राभा भोहम्भद अर

हुसन
ै अर अदीफ अर नजफ़ी लरखते हैं ‘‘ व ़ज़त अर अ़ीरता ज़ैनफ

हमातहाफाद अऽमहा भन्


ु त़रेत भन भल्दारी फरद तिस अरन्नास हना व हनाि

ज़ुल्भ हाज़ा अर इन्सान इरा यऽमा अर इन्सान ’’ कि हज़यत ज़ैनफ अऩने बाई

िी शहादत िे फाद सि
ु ू न से न यह सिीॊ वह एि शहय से दस
ू ये शहय भें सय गयदाॊ

कपयती यहीॊ औय हय जगह ज़ुल्भे मज़ीद िो फमान ियती यहीॊ औय ह़ व फानतर

िी वज़ाहत फ़यभाती यहीॊ औय शहादते हुसन


ै (अ.स.) ऩय तफ़सीरी यौशनी डारती

यहीॊ। (ज़ैनफ अख्तर हुसैन ऩष्ृ ठ 44) महाॊ ति कि आऩ शाभ ऩहुॉची औय वहाॊ ़माभ

किमा क्मों कि फा यवामते आऩिे शौहय अब्दल्


ु राह बफन जाफ़ये तय्माय िी वहाॊ

जामदाद थी वहीॊ आऩिा इन्ते़ार फ यवामते अऽफारूर ज़ैनबफमा व हमात अर

ज़हया योज़े शम्फा इतवाय िी यात 14 यजफ 62 हहजयी िो हो गमा। मही िुछ

किताफ ‘‘ फतरतए ियफरा ’’ िे ऩष्ृ ठ 155 भें है । फा यवाएते ऽसाएसे ज़ैनबफमा

492
़ैदे शाभ से रयहाई िे चाय भहीने फाद उम्भे िुरसभ
ू िा इन्ते़ार हुआ औय उसिे

दो भहीने फीस हदन फाद हज़यते ज़ैनफ िी वफ़ात हुई। उस वक़्त आऩिी उम्र 55

सार िी थी। आऩिी वफ़ात मा शहादत िे भत


ु ाअज़ल्ऱ भशहूय है कि एि हदन

आऩ उस फाा भें तशयीफ़ रे गईं ज़जसिे एि दयख़्त भें हज़यत इभाभ हुसन

(अ.स.) िा सय टाॊगा गमा था। इस फाा िो दे ख िय आऩ फेचन


ै हो गईं। हज़यत

ज़ुहूय जायज ऩयू ी भ़


ु ीभ राहौय लरखते हैं।

ियवाॊ शाभ िी सयहद भें जो ऩहुॉचा सये शाभ

भत्त
ु लसर शहय से था फाा, किमा उसभें ़माभ

दे ख िय फाा िो, योने रगी हभशीये इभाभ

वा़ेमा ऩहरी असीयी िा जो माद आमा तभाभ

हार ताईय हुआ, फ़ात्भा िी जाई िा

शाभ भें रटिा हुआ दे खा था सय बाई िा

बफन्ते है दय गई, योती हुई नज़दीिे शजय

हाथ उठा िय मह िहा, ऐ शजये फय आवय

तेया एहसान है, मह बफन्ते अरी िे सय ऩय

तेयी शाऽों से फॊधा था, भेये भाजामे िा सय

ऐ शजय तुझिो ऽफय है कि वह किस िा था

भालरिे फााे ज़जनाॊ, ताजे सये तूफा था

493
यो यही थी मह फमाॊ िय िे जो वह दख
ु ऩाई

फााफाॊ फाा भें था, एि शिी ु़ ए अज़री

फेरचा रेिे चरा, दश्ु भने औरादे नफी

सय ऩे इस ज़ोय से भाया, ज़भीॊ िाॊऩ गई

सय िे टुिड़े हुए योई न ऩि


ु ायी ज़ैनफ

ऽाि ऩय गगय िे सए
ु ऽुल्द लसधायीॊ ज़ैनफ

हज़रत ज़ैनफ का मदफन

अल्राभा भोहम्भद अर हुसन


ै अर अदीफ अर नजफ़ी तहयीय फ़यभाते हैं। ‘‘ ़द

अऽतरफ़ अर भयु खून फ़ी भहर व फ़नहा फैनर भदीनता वश शाभ व लभस्र व

अरी फेभा मारफ अन तन वर तह़ी़ अरैहा अन्नहा भदफ़नता कफ़श शाभ व

भय़दहा भज़ाय अरा रौफ़ लभनर भस


ु रेभीन फ़ी िुर आभ ’’ ‘‘ भव
ु ये ऽीन उनिे

भदफ़न मानी दफ़्न िी जगह भें इख़्तेराफ़ किमा है कि आमा भदीना है मा शाभ

मा लभस्र रेकिन तह़ी़ मह है कि वह शाभ भें दफ़्न हुई हैं औय उनिे भय़दे

अ़दस औय भज़ाये भ़
ु द्दस िी हज़ायों भस
ु रभान अ़ीदत भन्द हय सार ज़्मायत

किमा ियते हैं। ’’ (ज़ैनफ अख़्तर हुसैन ऩष्ृ ठ 50 नफा नजफ़े अशयफ़) मही िुछ भोहम्भद

अब्फास एभ0 ए0 जोआईट एडीटय ऩीसा अऽफाय ने अऩनी किताफ ‘‘ भशहहये

ननसवाॊ ’’ प्रिालशत राहौय 1902 ई0 िे ऩष्ृ ठ 621 भे औय लभमा एजाज़ुर यहभान

494
एभ0 ए0 ने अऩनी किताफ ‘‘ ज़ैनफ यज़ी अल्राह अन्हा ’’ िे ऩष्ृ ठ 81 प्रिालशत

राहौय 1958 ई0 भें लरखा है ।

शाभ भें जहाॊ जनाफे ज़ैनफ िा भज़ाये भ़


ु द्दस है उसे ‘‘ ज़ैनबफमा ’’ िहते हैं।

नाचीज़ िो शयफ़े ज़ज़मायत 1966 ई0 भें नसीफ हुआ।

हज़रत उम्मे कुऱिूम की ववऱादत, वफात और उनका मदफन

तायीऽ िे औया़ शाहीद हैं कि हज़यते उम्भे िुरसभ


ू अऩनी फहन हज़यते ज़ैनफ

िे िायनाभों भें फयाफय िी शयीि थीॊ। वह तायीऽ भें अऩनी फहन िे दोश फ दोश

नज़य आती हैं वह भदीने िी ज़ज़न्दगी, ियफरा िे वा़ेमात, दोफाया गगयफ़्तायी औय

भदीने से अऽयाज सफ भें हज़यते ज़ैनफ िे साथ यहीॊ। उनिी ववरादत 9 हहजयी भें

हुई। उनिा अक़्द 1. भोहम्भद बफन जाफ़य बफन अफी तालरफ से हुआ। उनिी

वफ़ात हज़यत ज़ैनफ से दो भहीने 20 हदन ऩहरे हुईं। वह शाभ भें दफ़्न हैं।

(ऽसाएसे ज़ैनबफमा)

(भोअज़्ज़भ अर फरदान मािूत हम्वी ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 216) उनिा भज़ाय औय सिीना

बफन्तुर हुसन (अ.स.) िा भज़ाय शाभ भें एि ही इभायत भें वा़े है । उनिी उम्र

51 सार िी थी। इनिी औराद िा तायीऽ भें ऩता नहीॊ लभरता। अरफत्ता हज़यते

ज़ैनफ िे अब्दल्
ु राह बफन जाफ़ये तय्माय से चाय फ़यज़न्द अरी, भोहम्भद, औन,

495
अब्फास औय एि दख़्
ु तय उम्भे िुरसभ
ू िा ज़ज़क्र लभरता हैं। (ज़ैनफ अख़्तर हुसैन

ऩष्ृ ठ 55 व सफ़ीनतुर फेहाय ज़जल्द 8 ऩष्ृ ठ 558)

हालशमा 1. हज़यत उम्भे िुरसभ


ू िे साथ उभय बफन ऽत्ताफ िे अक़्द िा फ़साना

तौहीने आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िा एि हदर सोज़ फाफ है । इसिी यद िे लरमे

भर
ु ाहे ज़ा हों भ़
ु द्दे भा अहमाउर भभात अल्राभा जरारउद्दीन लसमत
ू ी भतफआ

राहौय।

496
अफु मोहम्मद हज़रत इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.)

फन िे सज्जादे िी ज़ीनत आमे सज्जाद हज़ीॊ

चभ
ू ती है ज़जनिे ़दभों िो, इफादत िी जफीॊ

दोस्त िा क्मा ज़ज़क्र है भज़


ू ी िो मह िहना ऩड़ा
ु़
अनता ज़ैनर
ु आफे द ीन, व अनता जै नर
ु आफेदीन

(साबफय थयमानी, ियाचीॊ)

लभसारे जद ऽुद इभाभे अवलरमा

चॉ ू ऩदय भशहूय, दय सफये यज़ा

दय इफादत ईं ़दय सय गभक फद


अन्ता ज़ैनर
ु आफेदीन आभद ननदा

हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) ऩैाम्फये इस्राभ हज़यत भोहम्भद (स. अ.)

िे चोथे जाॊ नशीन, हभाये चौथे इभाभ औय चाहयदा भासभ


ू ीन (अ.स.) िी छटे

भोहतयभ फ़दक हैं। आऩिे वालरदे भाज़जद शहीदे ियफरा हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.)

थे औय वारेदा भाजेदा जनाफे शाहे ज़नान उफ़क शहय फानो थीॊ। आऩ अऩने आफाओ

अजदाद िी तयह इभाभे भन्सस


ू , भासभ
ू , आरभे ज़भाना औय अफ़ज़रे िामनात

497
थे। उरेभा िा फमान है कि आऩ इल्भ, ज़ोहद, इफादत भें हज़यत इभाभ हुसन

(अ.स.) िी जीती जागती तस्वीय थे। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 119)

इभाभ ज़हयी इब्ने अमननमा औय इब्ने भस


ु य्मफ िा फमान है कि हभ ने आऩसे

ज़्मादा किसी िो अफ़ज़रे इफादत ाज़


ु ाय औय फ़़ीह नहीॊ दे खा। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ

126)

एि शख़्स ने सईद बफन भस


ु य्मफ से किसी िा ज़ज़क्र ियते हुए िहा कि वह

फड़ा भत्त
ु ़ी है । इब्ने भस
ु य्मफ ने ऩछ
ू ा, तभ
ु ने इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िो

दे खा है? उसने िहा नहीॊ। उन्होंने जवाफ हदमा ‘‘ भा यामता अहदन अवया लभनहा ’’

भैंने उनसे ज़्मादा भत्त


ु ़ी औय ऩयहे ज़गाय किसी िो नहीॊ दे खा। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ

267)

इब्ने अफी शेफा िा िहना है कि ‘‘ असहा इरासा नीद ’’ वह यवामत है जो

ज़हयी इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) भन्सफ
ू िये । (तफ़ात अर हफ़्फ़ाज़ ज़हफी अयजहुर

भतालरफ ऩष्ृ ठ 435) अल्राभा दभीयी फ़यभाते हैं कि इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.)

हदीस फमान ियने भें ननहामत भोतलभद इरैहे औय साहद़ुर यवामत थे। आऩ फहुत

फड़े आलरभ औय कफ़़हे अहरेफत


ै भें फे लभस्र व फे नजीयु़ थे। (हमातुर है वान ज़जल्द

1 ऩष्ृ ठ 121 तायीऽ इब्ने ऽल्िान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 320) आऩ ऐसे ऩय


ु जरार व जभार थे

कि जो बी आऩिो दे खता था ताज़ीभ ियने ऩय भजफयू हो जाता था। (वसीरतुन

नजात ऩष्ृ ठ 319)

498
आऩकी ववऱादत फा िआदत

आऩ फतायीऽ 15 जभाहदउस सानी 38 हहजयी मौभे जुभा फ़ौरे 15 जभाहदर

अव्वर 38 हहजयी मौभे ऩन्चशम्फा फा भ़ाभ भदीनाए भन


ु व्वया ऩैदा हुए। (आराभुर

वुया ऩष्ृ ठ 141 व भनाक़फ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 131)

अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि जफ जनाफे शहय फानो ईयान से भदीने

िे लरमे यवाना हो यही थीॊ तो जनाफे रयसारत भआफ (स. अ.) ने आरभे ख़्वाफ भें

उनिा अक़्द हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे साथ भें ऩढ़ हदमा था। (ज़जराउर उमून

ऩष्ृ ठ 256) औय जफा आऩ वारयदे भदीना हुईं तो हज़यत अरी (अ.स.) ने इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) िे लसऩद
ु क िय िे फ़यभामा कि वह असभत ऩयवय फीवी है कि ज़जसिे

फतन से तुम्हाये फाद अफ़ज़रे अवलसमा औय अफ़ज़रे िामनात होने वारा फच्चा

ऩैदा होगा। चन
ु ान्चे हज़यत इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) ऩैदा हुए रेकिन अफ़सोस

मह है कि आऩ अऩनी भाॊ िी आाोश भें ऩयवरयश ऩाने िा रत्ु फ़ उठा न सिे। ‘‘

भातत फ़ी नफ़ासहा फेही ’’ आऩिे ऩैदा होते ही ‘‘ भद्


ु दते नेफ़ास ’’ भें जनाफे शहय

फानो िी वफ़ात हो गई। (़भ़ाभ जरार अर उमन


ू , उमन
ू अख़्फाये यज़ा, दभए सािेफा

ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 426)

िालभर भफ
ु यद भें है कि जनाफे शहय फानो, भारूफ़तुर नसफ औय फेहतयीन

औयतों भें थीॊ।

499
शेऽ भप
ु ीदु़ तहयीय फ़यभाते हैं कि जनाफे शहय फानो, फादशाहे ईयान मज़द जयद

बफन शहयमाय बफन शेयववमा इब्ने ऩयवेज़ बफन हयभज़ बफन नौशेयवाने आहदर ‘‘

किसया ’’ िी फेटी थीॊ। (इयशाद ऩष्ृ ठ 391 व फ़ज़रर


ु ऽत्ताफ)

अल्राभा तयनमही तहयीय फ़यभाते हैं कि हज़यत अरी (अ.स.) ने शहय फानो से

ऩछ
ू ा कि तुम्हाया नाभ क्मा है तो उन्होंने िहा ‘‘ शाहे जहाॊ ’’ हज़यत ने फ़यभामा

नहीॊ अफ ‘‘ शहय फानो ’’ है । (भजभउर फहयै न ऩष्ृ ठ 570)

नाम, कुजन्नयत, अल्क़ाफ

आऩिा इस्भे गेयाभी ‘‘ अरी ’’ िुज़न्नमत ‘‘ अफू भोहम्भद ’’ ‘‘ अफर


ु हसन ’’

औय ‘‘ अफर
ु ़ालसफ ’’ था।

आऩिे अल्िाफु़ फेशभ


ु ाय थे ज़जनभें ज़ैनर
ु आफेदीन, सय्मदस
ु साजेदीन, जुर

शफ़नात, सज्जाद व आबफद ज़्मादा भशहूय हैं। (भतारेफस


ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 261, शवाहे दन

नफूवत ऩष्ृ ठ 176, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 126, अर फ़या अर नाभी, नवाफ लसद्दी़ हसन ऩष्ृ ठ

158)

ऱक़फ ज़ैनऱ
ु आफेदीन की तौज़ीह

अल्राभा लशब्रन्जी िा फमान है कि इभाभ भालरि िा िहना है कि आऩिो

ज़ैनर
ु आफेदीन िसयते इफादत िी वजह से िहा जाता है । नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ

500
126 उरेभाए फ़यी़ैन िा इयशाद है कि हज़यत ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) एि शफ

नभाज़े तहज्जद
ु भें भशार
ू थे कि शैतान अज़दहे िी शक्र भें आऩिे ़यीफ आ

गमा औय आऩिे ऩाए भफ


ु ायि िे अॊगठ
ू े िो भॊह
ु भें रे िय िाटना शरू
ु किमा,

इभाभ जो अभातन भशार


ू े इफादत थे औय आऩिा रूजहाने िालभर फायगाहे ईज़दी

िी तयफ़ था। वह ज़या बी उसिे अभर से भत


ु ाअज़स्सय न हुए औय फदस्तूय नभाज़

भें भन्
ु हलभि व भसरूफ़ व भशार
ू यहे बफर आखखय
ु़ वह आज़जज़ आ गमा औय

इभाभ ने अऩनी नभाज़ बी तभाभ िय री। उसिे फाद आऩने शैतान भरऊन िो
ु़
तभाचा भाय िय दयू हटा हदमा। उस वक़्त हानतफ़े गैफी ने अनत् ज़ैनर
ु आफेदीन

िी तीन फाय आवाज़ दी औय िहा फे शि तुभ इफादत गुज़यों िी जीनत


ु़ हो। उसी

वक़्त से आऩिा मह ऱफ हो गमा। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 262 शवाहे दन


ु नफूवत ऩष्ृ ठ

177)

अल्राभा शहये आशोफ लरखते हैं कि इस अजदहे िे दस सय थे औय उसिे दाॊत

फहुत तेज़ औय उसिी आॊखें सख


ु ऱ् थीॊ औय वह भस
ु ल्रे िे ़यीफ से ज़भीन पाड़ िे

ननिरा था। (भनाक़फ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 108)

एि यवामत भें इसिी वजह मह बी फमान कि गई है कि ़माभत भें आऩिो

इसी नाभ से ऩि
ु ाया जामेगा। (दएभ सािेफा ऩष्ृ ठ 426)

501
ऱक़फ िज्जाद की तौजीह

ज़हफी ने तफ़ात उर हफ़ाज़ भें इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िे हवारे से

लरखा है कि हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िो सज्जाद इस लरमे िहा

जाता है कि आऩ त़यीफन हय िाये ऽैय ऩय सजदा फ़यभामा ियते थे। जफ आऩ

ऽुदा िी किसी नेभत िा ज़ज़क्र ियते थे तो सजदा ियते। जफ िराभे खुदा िी

आमते ‘‘ सजदा ’’ ऩढ़ते तो सजदा ियते। जफ दो शख़्सों भें सर


ु ह ियाते तो सजदा

ियते इसी िा नतीजा था आऩिे भवाज़े सज


ु ूद ऩय ऊॊट िे घट्टों िी तयह घट्टे

ऩड़ जाते थे कपय उन्हें िटवाना ऩड़ता था। इसी लरमे आऩिा ऱफ ‘‘ ज़ुर

शफ़नास ’’ मानी घट्टे वारे बी था। (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 434)

इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) की निफ फऱन्दी

नसफ औय नस्र फाऩ औय भाॊ िी तयफ़ से दे खे जाते हैं। इभाभ (अ.स.) िे

वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) औय दादा हज़यत अरी (अ.स.) औय

दादी फ़ात्भातज़
ु ज़हया बफन्ते यसर
ू े ऽद
ु ा (स. अ.) हैं औय आऩिी वारेदा जनाफे

शहय फानो बफन्ते मज़द जदक इब्ने शहयमाय इब्ने किसया हैं। आऩ ऩैाम्फये इस्राभ

(स. अ.) िे ऩोते औय नौशेयवाने आहदर िे नवासे हैं। मह वह फादशाह है ज़जसिे

अहद भें ऩैदा होने ऩय सयवये िामनात (स. अ.) ने इज़हाये भसयक त फ़यभामा है । इस

लसरलसराए नसफ िे भत
ु ाअज़ल्ऱ अफर
ु असवद दवाएरी ने अऩने अशआय भें

502
उसिी वज़ाहत िी है कि इस से फेहतय औय लसरलसरा नाभज़ु म्िन है । उसिा एि

शेय मह है वा अन ार
ु ाभन, फैन क़सया व हालशभ

रा ियभ भन मनतत, अरैहे अर तभाएभ

इस फ़यज़न्द से फरन्द नसफ िोई औय नहीॊ हो सिता जो नौशेयवाने आहदर

औय फ़ख़्रे िामनात हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स. अ.) िे दादा हालशभ िी नसर

से हो। (उसूरे िाफ़ी ऩष्ृ ठ 255)

शेऽ सर
ु भ
ै ान िन्दज़
ू ी औय दीगय उरेभाए इस्राभ लरखते हैं कि नौशेयवाॊ आहदर

िी फयित तो दे खो कि उसी नस्र िो आरे भोहम्भद (स. अ.) िे नयू िी हालभर

़याय हदमा औय आइम्भा ए ताहे यीन (अ.स.) िी एि अज़ीभ फ़दक िो उस रड़िी

से ऩैदा किमा जो नौशेयवाॊ िी तयफ़ भन्सफ


ू है । कपय तहयीय ियते हैं कि इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) िी तभाभ फीवीमों भें मह शयफ़ लसफ़क जनाफे शहय फानो िो नसीफ

हुआ जो हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िी वारेदा भाजेदा हैं। (ननमाफुर

भोअद्दता ऩष्ृ ठ 315 व फ़स्र अर ऽताफ ऩष्ृ ठ 261)

अल्राभा अफीदल्
ु राह फा हवारा इब्ने ऽऱान लरखते हैं कि जनाफ शहय फानो

शाहाने फ़ायस िे आऽयी फादशाह ‘‘ मज़द जदक ’’ िी फेटी थीॊ औय आऩ ही से

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) ऩैदा हुए हैं। ज़जनिो ‘‘ अर ऽैयतैन ’’ िहा जाता है

क्मों कि हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) फ़यभामा ियते थे कि खद
ु ा वन्दे

आरभ ने अऩने फन्दों भें से दो गगयोह अयफ औय अजभ िो फेहतयीन ़याय हदमा

503
है औय भैंने अयफ से ़ुयै श औय आजभ से फ़ायस िो भन्
ु तऽफ िय लरमा है चॊकू ि

अयफ औय अजभ िा इज्तेभा इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) भें है इसी लरमे

आऩिो इब्नर ऽैयतैन से माद किमा जाता है । (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 434)

अल्राभा शहये आशोफ लरखते हैं कि जनाफे शहय फानों िो ‘‘ सय्मदन


ु ननसाॊ ’’

िहा जाता है । (भनाक़फ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 131)

जनाफे िहर फानों की तिरीफ आवरी की फहि

िहा जाता है कि अहदे उभयी भें फ़तेह भदाएन िे भौ़े ऩय जनाफे शहय फानों

रशिये इस्राभ िे हाथ रगी थीॊ औय वहाॊ से अऩनी दीगय फहनों िे साथ भदीने

ऩहुॉच िय हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी ज़ौज़जमत से भश
ु यक फ़ हुईं। (यफीउर अफयाय,

ज़भख़्शयी) रेकिन भेये नज़दीि मह बफल्िुर ारत है क्मों कि फ़तेह भदाएन सफ़य

16, 17 हहजयी भें हुई है जैसा कि तायीऽ अफर


ु कफ़दा, ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 116,

तायीऽे िालभर ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 197, भोअज़्ज़भर


ु फरदान ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ 413 व

फ़तहुर आज़भ ऩष्ृ ठ 160, तायीऽे इब्ने ऽल्दन


ू ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 100 भें है औय

मज़द जदक जनाफे शहय फानों िा फाऩ था 14 हहजयी िे शरू


ु भें एनाने हुक्भयानीिा

भालरि हुआ। जैसा कि तायीऽे तफयी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 169, तायीऽे िालभर ज़जल्द 1

ऩष्ृ ठ 178 व तायीऽे अफर


ु कफ़दा ज़जल्द अव्वर ऩष्ृ ठ 56 भें है औय तख़्त नशीनी

िे वक़्त उसिी उम्र 21 सार िी थी। जैसा कि तायीऽे तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 81

504
तायीऽे िालभर ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 172 तायीऽ इब्ने ऽल्दन
ू ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 91,

फ़तह
ू ात इस्रालभमा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 66 भें है इस हहसाफ से फ़तेह भदाइन िे वक़्त

उसिी उम्र ज़्मादा से ज़्मादा 22 सार िी हो सिती है । भेयी सभझ भें नहीॊ आता

कि एि अजभी जो गयभ भल्


ु ि िा फालशन्दा न हो वह ायीफों िी तयह इतनी

थोड़ी उम्र भें क्मों िय भफ


ु ाशेयत िे िाबफर
ु़ फन सिता है मानी मह भज़ु म्िन है कि

एि इतने िभ लसन शख़्स से ऐसी रड़िी ऩैदा हो सिे जो 16 हहजयी भें फ़तेह

भदाईन िे वक़्त शादी िे ़ाबफर हो। इस लरमे राभोहारा मह भानना ऩड़ेगा मज़द

जदक िी शादी 18, 19 सार िी उम्र भें हुई होगी। अफ ऐसी सयू त भें इसिी शादी

18, 19 सार िी उम्र भें तसरीभ िी जाए औय मह बी भान लरमा जाए कि

जनाफे शहय फानों उसिी ऩहरी औराद थीॊ भदाएन िे वक़्त जनाफे शहय फानों िी

उम्र 5, 6 सार से ज़्मादा नहीॊ हो सिती। इसिे अरावा हज़यत इभाभ हुसन

(अ.स.) जो 4 हहजयी भें ऩैदा हुए हैं उनिी शादी िभ लसनी भें फाहारते नाफारीा

कपय ऐसी सयू त भें जफ कि इभाभ हसन (अ.स.) िी शादी न हुई हो जो इभाभ
ु़
हुसन
ै (अ.स.) से फडे थे, 16 हहजयी भें फ़तेह भदाएन िे फाद हज़यत अरी (अ.स.)

क्मों िय सिते हैं।

भव
ु रयक ऽ शहयी शभसर
ु उरभा, लशफरी नोभानी हज़यत उभय िा हार लरखते हुए

तहयीय फ़यभाते हैं कि इस भौ़े ऩय हज़यत शहय फानो िा क़स्सा जो ारत तौय

ऩय भशहूय हो गमा है इसे ज़ज़क्र ियना ज़रूयी है । आभ तौय ऩय भशहूय है कि जफ

505
फ़ायस फ़तेह हुआ तो मज़द जदक शहनशाहे फ़ायस िी फेहटमाॊ गगयफ़्ताय हो िय

भदीने भें आईं हज़यत उभय ने आभ रौंड़ड़मों िी तयह फाज़ाय भें उनिे फेचने िा

हुक्भ हदमा रेकिन हज़यत अरी (अ.स.) ने भना किमा कि ऽानदाने शाही िे साथ

ऐसा सर
ु ि
ू जाइज़ नहीॊ। इन रड़किमों िी िीभत
ु़ िा अन्दाज़ा ियामा जाए। कपय

मह रड़किमाॊ किस िे एहनतभाभ औय सऩ


ु द
ु क गी भें दी जामॊ औय उससे उनिी

िीभत
ु़ आरा से आरा शयह ऩय रगवा री जाए। चन
ु ान्चे हज़यत अरी (अ.स.) ने

ऽुद उनिो अऩने एहनतभाभ भें लरमा औय एि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िो एि

भोहम्भद बफन अफू फक्र िो एि अब्दल्


ु राह बफन उभय िो इनाएत िी। इस ारत

क़स्से िी ह़ी़त मह है कि ज़ैहभऽशयी ने ज़जसिो फ़ने तायीऽ से िुछ वास्ता

नहीॊ यफीउर अफयाय भें इसिो लरखा औय इब्ने ऽल्िानु़ िने इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन

(अ.स.) िे हार भें मह यवामत उसिे हवारे से ऩर िय दी रेकिन मह भहज़

ारत है । अव्वरन तो ज़ैहभऽशयी िे लसवा तफयी इब्ने असीय, मािूफी


ु़ बफराज़यी

इब्ने ़तीफा वाैया किसी ने इस वाक़मा िो नहीॊ लरखा औय ज़हभऽशयी िा फ़न

तायीऽी भें जो ऩामा है वह ज़ाहहय है । इसिे अरावा तायीऽी ़यामन इसिे बफल्िुर

खखराफ़
ु़ हैं। हज़यत उभय िे अहद भें मज़दो जयद औय ऽानदाने शाही ऩय

भस
ु रभानों िो भत
ु ऱ ़ाफू हालसर नहीॊ हुआ। भदाएन िे भायिे भें मज़दो जदक

भम तभाभ अहरो अमार िे दारूर सरतनत से ननिरा औय हवान ऩहुॉचा। जफ

भस
ु रभान हवान ऩय चढ़े तो वह असफ़हान बाग गमा औय कपय ियभान वाैया से

506
टियाता कपया। भरू भें ऩहुॉच िय 30- 31 हहजयी भें जो हज़यत उस्भान िी

खखराफ़त
ु़ िा ज़भाना था भाया गमा। भझ
ु िो शब्ु हा है कि ज़ैभऽशयी िो मह बी

भारभ
ू था मा नहीॊ कि मज़दो जदक िा ़त्र किस अहद भें हुआ। इसिे अरावा

ज़जस वक़्त िा मह वा़ेमा फमान किमा जाता है उस वक़्त इभाभ हुसन


ै (अ.स.)

िी उम्र 12 सार थी क्मों कि जनाफे भम्दहु हहजयत िे ऩाॊचवे सार ऩैदा हुए औय

फ़ायस 17 हहजयी भें फ़तह हुआ इस लरमे मह उम्र बी किसी ़दय भस्
ु तफअद है

कि हज़यत अरी (अ.स.) ने उनिे नागारगी ु़ भें उन ऩय इस क़स्भ िी इनामत िी

होगी इसिे अरावा वह एि शहनशाह िी अवराद िी ़ीभत ननहामत गयाॊ ़याय

ऩाई होगी औय हज़यत अरी (अ.स.) ननहामत ज़ाहहदाना औय फ़़ीयाना ज़ज़न्दगी

फसय ियते थे। ायज़ कि किसी है सीमत से इस वाक़मे िी सेहत ऩे गुभान नहीॊ हो

सिता। (अर फ़ारू़ ऩष्ृ ठ 172)

भैंने तवायीऽ से जो इस्तेभफात किमा है वह मह है कि अहदे उसभानी भें अहरे

फ़ायस ने फाावत िय िे अफीद उल्रा बफन उभय ‘‘ वारी फ़ायस ’’ फ़ायस िो भाय

डारा औय हुदद
ू े फ़ायस से रश्िय बी ननिार हदमा। इस वक़्त फ़ायस िी रशियी

छावनी िा भ़
ु ाभ ‘‘ अस्तऽय ’’ था। ईयान िा आऽयी फादशाह ‘‘मज़द जदक ’’

अहरे फ़ायस िे साथ था। हज़यत उस्भान ने अब्दल्


ु राह बफन आलभय िो हुक्भ

हदमा फसया औय अम्भान भें रशिय िो लभरा िय फ़ायस ऩय चढ़ाई िय दो।

चन
ु ान्चे ऐसा ही किमा गमा। हुदद
ू े अस्तऽय भें ज़फयदस्त औय घभासान िी जॊग

507
हुई औय भस
ु रभान िाभमाफ हुए। अस्तऽय फ़तेह होने िे फाद 31 हहजयी भें मज़द

जदक ‘‘ यै ’’ वहाॊ से ऽयु ासान औय कपय ऽयु ासान से भयोजा ऩहुॉचा। उसिे हभयाह

चाय हज़ाय जयाकय लसऩाही बी थे। भयोजा भें वह ऽािान चीन िी साज़ज़शी इभदाद

िी वजह से भाया गमा औय शहान अजभ िे गोरयस्तान ‘‘ अस्तऽय ’’ भें दफ़्न

हुआ। इसिे फाद अहदे उस्भानी फदर गमा औय हज़यत अरी (अ.स.) शेये ऽुदा िा

ज़भाना आ गमा।

जॊगे जभर िे फाद ईयान ऽुयासान िे भ़ाभ ‘‘ भयौ ’’ भें सख़्त फाावत हुई।

उस वक़्त ईयान भें फयावामत इयशाद भफ़


ु ीद व यौज़ातर
ु ऩष्ृ ठ हयीस इब्ने वजअफ़ी

गवकनय थे। हज़यत अरी (अ.स.) ने भयौ िे ़ज़ज़मा नाभयज़ज़मा िो ऽत्भ ियने िे

लरमे इभदादी तौय ऩय खुरीद इब्ने ़ुयाक मयफोई िो यवाना किमा, वहाॊ जॊग हुई औय

रशिये इस्राभ िाभमाफ हुआ। हयीस इब्ने जाबफय जाअफ़ी ने मज़द जदक इब्ने

शहयमाय इब्ने क़सया जो अहदे उस्भानी भें भाया जा चि


ु ा था कि दो फेहटमो शहय

फानों औय गीहान फानों िो आभ असीयों िे साथ हज़यत अरी (अ.स.) िी खखदभत


ु़

भें बेजा। शेये ऽद


ु ा अरी (अ.स.) ने शहय फानों िो इभाभ हुसन
ै (अ.स.) औय

गीहान फानों िो भोहम्भद बफन अफी फक्र िी ज़ौज़जमत भें दे हदमा। जैसा कि

यौज़तुर ऩष्ृ ठ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 9 प्रिालशत ननवर किशोय, इयशादे भफ़


ु ीद ज़जल्द 2

ऩष्ृ ठ 292, आराभ अर वया ऩष्ृ ठ 101, उम्दतुर तालरफ ऩष्ृ ठ 171, जाभेउर

तवायीऽ ऩष्ृ ठ 149, िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 89, भतारेफस


ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 261, सवाए़े

508
भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120, नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 126, तोहफ़ाए सर
ु भ
ै ाननमा, शयए इयशाद

ऩष्ृ ठ 391 भें भौजद


ू है उस वक़्त इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी उम्र औय जनाफे शहय

फानों िी उम्र िाफ़ी हो चकु ि थी औय इभाभ हसन (अ.स.) िी शादी हुमे अयसा

गुज़य चि
ु ा था। हज़यत अरी (अ.स.) िी खखराफ़त
ु़ 35 हहजयी से 40 हहजयी ति

यही। जनाफे शहय फानों से 38 हहजयी भें इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) औय

गगहान फानों से ़ालसभ बफन भोहम्भद ऩैदा हुए।

इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) के फचऩन का एक वाकेया

अल्राभा भजलरसी य़भतयाज़ है कि एि हदन इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.)

जफ कि आऩिा फचऩन था फीभाय हुमे। हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने फ़यभामा,

फेटा ! अफ तुम्हायी तफीमत िैसी है औय तुभ िोई चीज़ चाहते हो तो फमान ियो

ताकि भैं तम्


ु हायी ख़्वाहहश िे भत
ु ाबफ़ उसे फ़याहभ ियने िी िोलशश िरूॉ। आऩ ने

अज़क कि फाफा जान अफ ऽुदा िे फ़ज़र से अच्छा हूॉ। भेयी ख़्वाहहश लसफ़क मह है

कि ऽुदा वन्दे आरभ भेया शभ


ु ाय उन रोगों भें िये जो ऩयवयहदगाये आरभ िे ़ज़ा

व ़दय िे खखराफ़
ु़ िोई ख़्वाहहश नहीॊ यखते। मह सन
ु िय इभाभ हुसन
ै (अ.स.)

खश
ु ु़ व भसरूय हो गमे औय फ़यभाने रगे फेटा तुभ ने फड़ा भसयक त अफ़ज़ा औय

भाये फ़त ऽेज़ जवाफ हदमा है । तम्


ु हाया जवाफ बफल्िुर हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) िे

जवाफ से लभरता जर
ु ता है । हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) िो जफ लभनजनी़ भें यख

509
िय आग िी तयफ़ पेंिा गमा था औय आऩ फ़ज़ाॊ भें होते हुए आग िी तयफ़ जा

यहे थे तो हज़यत ज़जब्राईर (अ.स.) ने आऩ से ऩछ


ू ा था ‘‘ हल्रि हाजत् ’’ आऩिी

िोई हाजत व ख़्वाहहश है? उस वक़्त उन्होंने जवाफ हदमा था, ‘‘ नाअभ इभा

इरैिा फ़रा ’’ फेशि भझ


ु े हाजत है रेकिन तुभ से नहीॊ, अऩने ऩारने वारे से है ।

(फेहारूर अनवाय ज़जल्द 11 ऩष्ृ ठ 21 प्रिालशत ईयान)

आऩके अहदे हयात के फादिाहाने वक़्त

आऩिी ववरादत फादशाहे दीनो ईभान हज़यत अरी (अ.स.) िे अहदे असभत भें

हुई। कपय इभाभ हसन (अ.स.) िा ज़भाना यहा, कपय फनी उभय्मा िी ऽालरस

दनु नमावी हुिूभत हो गई। सर


ु ेह इभाभ हसन (अ.स.) िे फाद कपय 60 हहजयी ति

भाववमा बफन अफी सकु फ़मान फादशाह यहा। उसिे फाद उसिा फ़ालस़ व फ़ाज़जय

फेटा मज़ीद 64 हहजयी ति हुक्भयाॊ यहा। 64 हहजयी भें भाववमा बफन मज़ीद बफन

भाववमा औय भयवान बफन हिभ हाकिभ यहे । 64 हहजयी भें वरीद बफन अब्दर

भलरि ने हुक्भयानी िी औय उसी ने 94 हहजयी भें हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन
ु़
(अ.स.) िो ज़हये दाा से शहीद िय हदमा। (तायीखे आइम्भा ऩष्ृ ठ 392 व सवाए़े

भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 12 व नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 128)

510
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) का अहदे तफूसऱयत और हज्जे

फैतल्
ु ऱाह

अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि इब्राहीभ बफन अदहभ िा फमान है कि

भैं एि भयतफा हज िे लरमे जाता हुआ ़ज़ाए हाजत िी ऽानतय ़ाकफ़रे से ऩीछे

यह गमा। अबी थोड़ी ही दे य गज़


ु यी थी कि भैंने एि नौ उम्र रड़िे िो इस जॊगर

भें सफ़ये ऩाभा दे खा। उसे दे ख िय कपय ऐसी हारत भें कि वह ऩैदर चर यहा था

औय उसिे साथ िोई साभान न था औय न उसिा िोई साथी था। भैं है यान हो

गमा फ़ौयन उसिी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हो िय अज़क ऩयदाज़ हुआ। ‘‘ साहफ ज़ादे ’’

मह ऱो द़ सहया औय तुभ बफल्िुर तने तन्हा, मह भाभेरा क्मा है ज़या भझ


ु े

फताओ? तो सही कि तम्


ु हाया ज़ादे याह औय तम्
ु हाया याहे रा िहाॊ है औय तभ
ु िहाॊ

जा यहे हो? इस नौ ऽेज़ ने जवाफ हदमा।

ज़ादी त़वा व याहरती यजारी व ़सादी भौरामा

भेया ज़ादे याह त़वा औय ऩयहे ज़गायी है भेयी सवायी भेये दोनों ऩैय हैं औय भेया

भ़सद
ू भेया ऩारने वारा है औय भैं हज िे लरमे जा यहा हूॉ। भैंने िहा कि आऩ

तो बफल्िुर िभलसन हैं, हज आऩ ऩय वाज़जफ नहीॊ है । उस नौ ऽेज़ ने जवाफ

हदमा। फेशि तम्


ु हाया िहना दरू
ु स्त है रेकिन ऐ शेऽ भैं दे खता हूॉ कि भझ
ु से छोटे

छोटे फच्चे बी भय जाते हैं इस लरमे हज िो ज़रूयी सभझता हूॉ कि िहीॊ ऐसा न

हो कि इस फ़यीज़े िी अदाएगी से ऩहरे भय जाऊॉ। भैंने ऩछ


ू ा ऐ साहफ ज़ादे तुभ ने

511
खाने िा क्मा इॊतेज़ाभ किमा है दे ख यहा हूॉ कि तुम्हाये साथ खाने िा िोई

इन्तेज़ाभ नहीॊ है । उसने जवाफ हदमा। ऐ शेऽ जफ तभ


ु किसी िे महाॊ भेहभान जाते

हो तो खाना अऩने हभयाह रे जाते हो? भैंने िहा नहीॊ। कपय उसने फ़यभामा सन
ु ो,

भैं तो ऽुदा िा भेहभान हो िय जा यहा हूॉ खाने िा इन्तेज़ाभ उसिे ज़ज़म्भे है । भैंने

िहा इतने रम्फे सफ़य िो ऩैदर क्मो िय तम ियोगे। उसने जवाफ हदमा कि भेया

िाभ िोलशश ियना है औय ऽुदा िा िाभ भॊज़ज़रे भ़सद


ू ति ऩहुॉचाना है ।

हभ अबी फाहभी गुफ़्तुगू भें ही भसरूफ़ थे कि नागाह एि ऽूफ सयू त जवान

सफ़ैद लरफास ऩहने हुमे आ ऩहुॉचा औय उसने इस नौ ऽेज़ िो गरे से रगा लरमा।

मह दे ख िय भैंने उस जवाने याना से दयमाफ़्त किमा मह नौ उम्र फ़यज़न्द िौन

है ? उस नौजवान ने िहा कि मह हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) बफन

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) बफन अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) हैं। मह सन
ु िय भैं उस

जवाने याना िे ऩास से इभाभ िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हुआ औय भाज़ेयत ख़्वाही िे

फाद उनसे ऩछ
ू ा कि मह खफ
ू सयू त जवान ज़जन्होंने आऩिो गरे से रगामा मह

िौन हैं? उन्होंने फ़यभामा मह हज़यते खखज्र


ु़ नफी (अ.स.) हैं। उनिा फ़ज़क है कि

योज़ाना हभायी ज़्मायत िे लरमे आमा ियें । उसिे फाद भैंने कपय सवार किमा औय

िहा कि आखखय
ु़ आऩ इस अज़ीभ औय तवीर सफ़य िो बफरा ज़ाद औय याहे रा

क्मों िय तम ियें गे। तो आऩने फ़यभामा कि भैं ज़ाद औय याहे रा सफ िुछ यखता हूॉ

औय वह मह चाय चीज़े हैं। 1. दनु नमा अऩनी तभाभ भौजूदात सभेत खुदा िी

512
भभरेित है । 2. सायी भख़्ऱ
ू अल्राह िे फन्दे हैं। 3. असफाफ औय अयज़ा़ ऽुदा

िे हाथ भें हैं। 4. ़ज़ाए खद


ु ा हय ज़भीन भें नाकफ़ज़ है । मह सन
ु िय भैंने िहा

ऽद
ु ा िी ़सभ आऩ ही िा ज़ाद व याहे रा सही तौय ऩय भ़
ु द्दस हज़स्तमों िा

साभाने सफ़य है । (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 437)

उरेभा िा फमान है कि आऩने सायी उम्र भें 25 (ऩच्चीस) हज ऩा वऩमादा किमे

हैं। आऩने सवायी ऩय जफ बी सफ़य किमा है अऩने जानवय िो एि िोड़ा बी नहीॊ

भाया।

आऩका हुसऱया ए मफ
ु ारक

इभाभ लशब्रॊजी लरखते हैं कि आऩिा यॊ ग गन्दभ


ु गॉू (साॊवरा) औय ़द लभमाना

था। आऩ दफ
ु रे ऩतरे क़स्भ िे इॊसान थे। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 126 व अऽफारूर

अव्वर ऩष्ृ ठ 109)

भल्
ु रा भफ
ु ीन तहयीय फ़यभाते हैं कि आऩ हुसनो जभार, सयू तो िभार भें

ननहामत ही भम्
ु ताज़ थे। आऩिे चेहये भफ
ु ायि ऩय जफ किसी िी नज़य ऩड़ती थी

तो वह आऩिा एहतेयाभ ियने औय आऩिी ताज़ीभ ियने ऩय भजफयू हो जाता था।

(वसीरतुन नजात ऩष्ृ ठ 219)

513
भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई य़भतयाज़ हैं कि आऩ साफ़ िऩड़े ऩहनते थे औय

जफ यास्ता चरते थे तो ननहामत ऽश


ु ू िे साथ याह यवी भें आऩिे हाथ ज़ानू से

फाहय नहीॊ जाते थे। (भतारेफस


ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 226 व ऩष्ृ ठ 264)

हज़रत इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) की िाने इफादत

ज़जस तयह आऩिी इफादत गज़


ु ायी भें ऩैयवी ना भज़ु म्िन है इसी तयह आऩिी

शाने इफादत िी य़भतयाजी ु़ बी दश्ु वाय है । एि वह हस्ती ज़जसिा भ़सद भाफद


िी इफादत औय ऽालरि िी भाये फ़त हो औय जो अऩनी हमात िा भ़सद इताअते

ऽुदा वन्दी ही िो सभझता हो औय इल्भो भाये फ़त भें हद दयजा िभार यखता हो

उसिी शाने इफादत िो सतेह क़यतास (़रभ से नहीॊ लरखा जा सिता) ऩय क्मों

िय रामा जा सिता है औय ज़फाने ़रभ इसिी तयजुभानी भें किस तयह

िाभमाफी हालसर िय सिती है । मही वजह है कि उरेभा िी फे इन्तेहा िाहहशो

िाववश िे फा वजूद आऩिी शाने इफादत िा भज़


ु ाहे या नहीॊ हो सिा। ‘‘ ़द फलरा

लभनर इफादत् भअरभ फरीा् अहादो ’’ आऩ इफादत िी उस भॊज़ज़र ऩय फ़ामज़

थे ज़जस ऩय िोई बी फ़ामज़ नहीॊ हुआ। (दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 439)

इस लरसलसरे भें अयफाफे इल्भ औय साहे फाने ़रभ जो िुछ िह औय लरख सिे
ु़
हैं उनभें से फाज़ वािेमात व हारात मह हैं।

514
आऩकी हाऱत वज़ू के वक़्त

वज़ू नभाज़ िे लरमे भ़


ु द्दभे िी है लसमत यखता है औय इसी ऩय नभाज़ िा

दायो भदाय होता है । इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) ज़जस वक़्त वज़ू िा इयादा

फ़यभाते थे आऩिे यगो ऩै भें ऽौफ़े ऽद


ु ा िे असयात नभ
ु ामाॊ हो जाते थे। अल्राभा

भोहम्भद तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि जफ आऩ वज़ू िा ़ज़्द फ़यभाते थे औय वज़ू

िे लरमे फैठते थे तो आऩिे चेहये भफ


ु ायि िा यॊ ग ज़दक हो जामा ियता था। मह

हारत फाय फाय दे खने िे फाद उनिे घय वारों ने ऩछ


ू ा कि वज़ू िे वक़्त आऩिे

चेहये िा यॊ ग ज़दक क्मों ऩड़ जाता है तो आऩने फ़यभामा कि उस वक़्त भेया तसव्वयु े

िालभर अऩने ऽालऱ व भाफद


ू िी तयफ़ होता है । इस लरमे उसिी जरारत िे

योफ से भेया मह हार हो जामा ियता है । (भतारेफस


ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 262)

आऱमे नमाज़ में आऩकी हाऱत

अल्राभा तफये सी लरखते हैं कि आऩिो इफादत गज़


ु ायी भें इज़म्तमाज़े िालभज

हालसर था। यात बय जागने िी वजह से आऩिा साया फदन ज़दक यहा ियता था

औय ऽौफ़े ऽुदा भें योते योते आऩिी आॊखें पूर जामा ियती थीॊ औय नभाज़ भें ऽड़े

ऽड़े आऩिे ऩाॊव सज


ू जामा ियते थे। (आराभ अर वया ऩष्ृ ठ 153) औय ऩेशानी ऩय

घट्टे यहा ियते थे औय आऩिी नाि िा लसया ज़ख़्भी यहा ियता था। (दभए सािेफा

ऩष्ृ ठ 439)

515
अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि जफ आऩ नभाज़ िे लरमे

भस
ु ल्रे ऩय खड़े हुआ ियते थे तो रयज़ा फय अन्दाभ हो जामा ियते थे। रोगों ने

फदन भें िऩिऩी औय ज़जस्भ भें थयथयी िा सफफ ऩछ


ू ा तो इयशाद फ़यभामा कि भैं

उस वक़्त ऽुदा िी फायगाह भें होता हूॉ औय उसिी जरारत भझ


ु े अज़ खुद यफ़ता

िय दे ती औय भझ
ु ऩय ऐसी हारत तायी िय दे ती है । (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 226)

एि भयतफा आऩिे घय भें आग रग गई औय आऩ नभाज़ भें भशगर


ू ु़ थे। अहरे

भहल्रा औय घय वारों ने फे हद शोय भचामा औय हज़यत िो ऩि


ु ाया ‘‘ हुज़ूय आग

रगी हुई है ’’ भगय आऩने सये ननमाज़ सजदे फे ननमाज़ से न उठामा। आग फझ


ु ा

दी गई। नभाज़ ऽत्भ होने ऩय रोगों ने आऩ से ऩछ


ू ा कि हुज़ूय आग िा भाभेरा

था, हभ ने इतना शोय भचामा रेकिन आऩने िोई तवज्जो न फ़यभाई। आऩने

इयशाद फ़यभामा ‘‘ हाॉ ’’ भगय जहन्नभ िी आग िे डय से नभाज़ तोड़ िय उस

आग िी तयफ़ भत
ु वज्जे न हो सिा। (शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 177)

अल्राभा शेऽ सब्फान भारिी लरखते हैं कि जफ आऩ वज़ू िे लरमे फैठते थे तफ

िी से िाॊऩने रगते थे औय जफ तेज़ हवा चरती थी तो आऩ ऽौफ़े ऽद


ु ा से रााय

हो जाने िी वजह से गगय िय फेहोश हो जामा ियते थे। (असआफ़ अर यााेफीन फय

हालशमा ए नरू
ु र अफसाय ऩष्ृ ठ 200)

516
ु़
इब्ने तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि हज़यत इभाभ जैनरु आफेदीन (अ.स.) नभाज़े

शफ सफ़य व हज़य दोनों भें ऩढ़ा ियते थे औय िबी उसे ़ज़ा नहीॊ होने दे ते थे।

(भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 263)

अल्राभा भोहम्भद फा़य फेहारूर अनवाय िे हवारे से तहयीय फ़यभाते हैं कि


ु़
इभाभ जैनरु आफेदीन (अ.स.) एि हदन नभाज़ भें भसरूफ़ व भशार
ू थे कि

इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) िुएॊ भें गगय ऩड़े। फच्चे िे गेहये िुएॊ भें गगयने से

उनिी भाॊ फेचन


ै हो िय योने रगीॊ औय िुएॊ िे गगदक ऩीट ऩीट िय चक्िय रगाने

रगीॊ औय िहने रगीॊ इब्ने यसर


ू (अ.स.) भोहम्भद फा़य (अ.स.) ा़क हो गमे हैं।

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) ने फच्चे िे िुएॊ भें गगयने िी िोई ऩयवाह न िी

औय इतभीनान से नभाज़ तभाभ फ़यभाई। उसिे फाद आऩ िुएॊ िे ़यीफ आए औय

ऩानी िी तयफ़ दे खा कपय हाथ फढ़ा िय बफरा यस्सी िे गहये िुएॊ से फच्चे िो

ननिार लरमा। फच्चा हॊ सता हुआ फयाभद हुआ। िुदु़ यते ऽद


ु ा वन्दी दे खखमे उस

वक़्त न फच्चे िे िऩड़े बीगे थे औय न फदन तय था। (दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 430,

भनाक़फ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 109)

इभाभ लशब्रन्जी तहयीय फ़यभाते हैं कि ताऊस यावी िा फमान है कि भैंने एि

शफ हजये असवद िे ़यीफ जा िय दे खा कि इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.)

फायगाहे ऽालऱ भें भस


ु रसर सजदा ये ज़ी िय यहे हैं। भैं उसी जगह ऽडा ु़ हो गमा।

भैंने दे खा कि आऩने एि सजदे िो फे हद तूर दे हदमा है, मह दे ख िय भैंने िान

517
रगामा तो सन
ु ा कि आऩ सजदे भें फ़यभा यहे हैं, ‘‘ अब्दे िा फे फ़सनाएि

लभसिीनेिा फेफ़ासनाए़ साएरेिा फेफ़नाएि फ़़ीये िा फेफ़नाएि ’’ मह सन


ु िय

भैंने बी इन्ही िरेभात िे ज़रयए मे दआ


ु भाॉगनी शरू
ु िय दी, फ़वा अल्राह। ऽद
ु ा

िी ़सभ भैंने जफ बी उन िराभात िे ज़रयमे से दआ


ु भाॊगी फ़ौयन ़ुफर
ू हुई।

(नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 126 प्रिालशत लभस्र इयशाद भफ़
ु ीद ऩष्ृ ठ 296)

इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) की िफाना रोज़ एक हज़ार रकअतें

उरेभा िा फमान है कि आऩ शफो योज़ भें एि हज़ाय यिअतें अदा फ़यभामा

ियते थे। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 119 भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 267) चॊकू ि आऩिे सजदों िा

िोई शभ
ु ाय न था इसी लरमे आऩिे आज़ाए सज
ु ूद ‘‘ सफ़ना फईय ’’ ऊॉट िे घट्टे

िी तयह हो जामा ियते थे औय सार भें िई भयतफा िाटे जाते थे। (अर फ़यआ अर

नाभी ऩष्ृ ठ 158 व दभए सािेफा, िशफ़र ाभ ऩष्ृ ठ 90)

अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि आऩिे भ़ाभाते सज


ु ूद िे घट्टे सार भें दो

फाय िाटे जाते थे हय भयतफा ऩाॊच तह ननिरती थीॊ। (फेहारूर अनवाय ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ

3)

अल्राभा दभीयी भव
ु रयक ऽ इब्ने असािय िे हवारे से लरखते हैं कि दलभश़ भें

हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िे नाभ से भौसभ
ू एि भज़स्जद है ज़जसे ‘‘

जाभेए दलभश़ ’’ िहते हैं। (हमातुर है वान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 121)

518
इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) मन्िफे इमामत ऩर फाएज़ होने िे

ऩहऱे

अगयचे हभाया अ़ीदा मह है कि इभाभ फतने भादय से इभाभत िी तभाभ

सराहहमतों से बय ऩयू आता है । ताहभ फ़याएज़ िी अदाएगी िी ज़ज़म्भेदायी इसी

वक़्त होती है जफ वह इभाभे ज़भाना िी है लसमत से िाभ शरू


ु ियें , मानी ऐसा

वक़्त आजाए जफ िाएनाती अयज़ी ऩय िोई बी उस से अफ़ज़र व इल्भ भें फयतय

व अिभर न हो। इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) अगयचे वक़्ते ववरादत ही से

इभाभ थे रेकिन फ़याएज़ िी अदाएगी िी ज़ज़म्भेदायी आऩ ऩय उस वक़्त आएद हुई

जफ आऩिे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) दजकए शहादत ऩय फ़ाएज़

हो िय हमाते ज़ाहे यी से भहरूभ हो गए।

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िी ववरादत 38 हहजयी भें हुई जफ कि हज़यत

अरी (अ.स.) इभाभे ज़भाना थे। दो सार उनिी ज़ाहहयी ज़ज़न्दगी भें आऩने हारते

तफ़ूलरमत भें अय्माभे हमात गज़


ु ाये कपय 50 हहजयी ति इभाभे हसन (अ.स.) िा

ज़भाना यहा कपय आशयु ा 61 हहजयी ति इभाभ हुसन


ै (अ.स.) फ़याएज़े इभाभत िी

अॊजाभ दे ही फ़यभाते यहे । आशयू िी दो ऩहय िे फाद सायी ज़ज़म्भेदायी आऩ ऩय

आएद हो गईं। इस अज़ीभ ज़ज़म्भेदायी से ़ब्र िे वा़ेमात िा ऩता सयाहत िे

साथ नहीॊ लभरता अरफत्ता आऩिी इफादत गुज़ायी औय आऩिे इख़्रा़ी िाय नाभे

519
फाज़ किताफों भें लभरते हैं फहय सयू त हज़यत अरी (अ.स.) िे आऽयी अय्माभे

हमात िे वा़ेमात औय इभाभ हसन (अ.स.) िे हारात से भत


ु ाअज़स्सय होता एि

राज़भी अभय है । कपय इभाभ हसन (अ.स.) िे साथ तो 22- 23 सार गज़
ु ाये थे

म़ीनन इभाभ हसन (अ.स.) िे जुभरा भाभरात भें आऩ ने फड़े फेटे िी है लसमत

से साथ हदमा ही होगा रेकिन भ़सदे हुसन


ै (अ.स.) िे फ़योा दे ने भें आऩने अऩने

अहदे इभाभत िे आगाज़ु़ होने ऩय इन्तेहाई िभार िय हदमा।

वाक़ेए करफऱा के सिऱसिऱे में इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) का

िानदार फ़करदार

28 यज़फ 60 हहजयी िो आऩ हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे हभयाह भदीने से

यवाना हो िय भक्िा भोअज़्ज़भा ऩहुॉचे चाय भाह ़माभ िे फाद वहाॊ से यवाना हो

िय 2 भोहयक भर
ु हयाभ िो वारयदे ियफरा हुए। वहाॊ ऩहुॉचते ही मा ऩहुॉचने से ऩहरे

आऩ अरीर हो गए औय आऩिी अरारत ने इतनी लशद्दत एऽनतमाय िी आऩ

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी शहादत िे वक़्त इस ़ाबफर न हो सिे कि भैदान भें जा

िय दजकए शहादत हालसर ियते। ताहभ हय अहभ भौ़े ऩय आऩने जज़फाते नस


ु यत

िो फरूए िाय राने िी सई िी। जफ िोई आवाज़े इस्तेाासा िान भें आई आऩ

उठ फैठे औय भैदाने भें िायज़ाय भें लशद्दते भज़क िे फावजूद जा ऩहुचने िी सईए

फरीा िी। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे इस्तेाासा ऩय तो आऩ ऽेभे से फाहय ननिर

520
ु़
आए एि चोफा ए खेभा रे िय भैदान िा अजभ िय हदमा नागाह इभाभ हुसन

(अ.स.) िी नज़य आऩ ऩय ऩड़ गई औय उन्होंने जॊगाह से फ़ौरे हज़यते ज़ैनफ (स.

अ.) िो आवाज़ दी ‘‘ फहन सय्मदे सज्जाद िो योिो वयना नस्रे भोहम्भद (स.

अ.) िा ऽातभा हो जाएगा ’’ हुक्भे इभाभ से ज़ैनफ (स. अ.) ने सय्मदे सज्जाद

(अ.स.) िो भैदान भें जाने से योि लरमा। मही वजह है कि सय्मदों िा वजद
ू नज़य

आ यहा है । अगय इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) अरीर हो िय शहीद होने से न

फच जाते तो नस्रे यसर


ू (स. अ.) लसफ़क इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) भें भहदद

यह जाती। इभाभ सारफी लरखते हैं कि भज़क औय अरारत िी वजह से आऩ दजकए

शहादत ऩय फ़ाएज़ न हो सिे। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 126)

शहादते इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे फाद जफ खेभों भें आग रगाई तो आऩ उन्हीॊ

ऽेभों भें से एि ऽेभे भें फदस्तूय ऩड़े हुए थे। हभायी हज़ाय जानें ़ुफाकन हो जामें

हज़यत ज़ैनफ बफन्ते अरी (अ.स.) ऩय कि उन्होंने अहद फ़याएज़ िी अदाएगी िे

लसरलसरे भें सफ से ऩहरा फ़यीज़ा इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िे तहफ़्फ़ुज़ िा

अदा फ़यभामा औय इभाभ िो फचा लरमा। अरायज़ यात गज़


ु यी औय सफ
ु ह नभद
ू ाय

हुई, दश्ु भनों ने इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िो इस तयह खझॊझोड़ा कि आऩ

अऩनी बफभायी बर
ू गमे। आऩसे िहा गमा कि ना़ों ऩय सफ िो सवाय ियो औय

इब्ने ज़्माद िे दयफाय भें चरो। सफ िो सवाय ियने िे फाद आरे भोहम्भद (अ.स.)

िा साये फान पूकपमों, फहनों औय तभाभ भऽ


ु द्दे यात िो लरमे दाखखरे
ु़ दयफाय हुआ।

521
हारत मह थी कि औयतें औय फच्चे यस्सीमों भें फॊधे हुए औय इभाभ रोहे भें जिड़े

हुए दयफाय भें ऩहुॉच गमे। आऩ चॊकू ि ना़े िी फयै हना ऩश्ु त ऩय सॊबर न सिते थे

इस लरमे आऩिे ऩैयों िो ना़े िी ऩश्ु त से फाॊध हदमा गमा था। दयफाये िूफ़ा भें

दाखखर
ु़ होने िे फाद आऩ औय भऽ
ु द्दे याते अस्भत ़ैद ऽाने भें फन्द िय हदमे

गमे। सात योज़ िे फाद आऩ सफ िो लरमे हुए शाभ िी तयफ़ यवाना हुए औय 19

भॊज़ज़रे तम िय िे त़यीफन 36 मौभ (हदनों) भें वहाॊ ऩहुॉच।े

िालभर फहाई भें है कि 16 यफीउर अव्वर 61 हहजयी िो आऩ दलभश़् ऩहुॉचे हैं।

अल्राह ये सब्रे इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) फहनों औय पुकपमों िा साथ औय

रफे लशिवा ऩय सिूत िी भोहय हुदद


ू े शाभ िा एि वा़ेमा मह है आऩिे हाथों भें

हथिड़ी, ऩैयों भें फेड़ी औय गरे भे ऽायदाय तौ़े आहनी ऩड़ा हुआ था, इस ऩय

भस्
ु तज़ाद मह कि रोग आऩ ऩय आग फयसा यहे थे। इसी लरमे आऩने फाद वा़ेम

ियफरा एि सवार िे जवाफ भें ‘‘ अश्शाभ, अश्शाभ, अश्शाभ ’’ फ़यभामा था।

(तहफ़्फ़ुज़े हुसैननमा अल्राभा फसताभी)

शाभ ऩहुॉचने िे िई घन्टों मा हदनों िे फाद आऩ आरे भोहम्भद (अ.स.) िो

लरमे हुए सयहाम शोहदा सभेत दाखखरे


ु़ दयफाय हुए कपय ़ैद ऽाने भें फन्द िय हदमे

गमे। त़यीफन एि सार ़ैद िी भशक़़्तें झेरीॊ। ़ैद खाना


ु़ बी ऐसा था कि

ज़जसभें तभाज़ते आफ़ताफी िी वजह से इन रोगों िे चेहयों िी खारें भत


ु ााय्मय हो

522
गई थी। रहूफ़ भद्
ु दते ़ैद िे फाद आऩ सफ िो लरमे हुए 20 सफ़य 62 हहजयी िो

वारयदे ियफरा हुए। आऩिे हभयाह सये हुसन


ै (अ.स.) बी िय हदमा गमा था।

आऩने उसे ऩदये फज


ु गक
ु ु़ वाय िे ज़जस्भें भफ
ु ायि से भर
ु ह़ किमा (नालसऽर

तवायीऽ) 8 यफीउर अव्वर 62 हहजयी िो आऩ इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िा रट
ु ा हुआ

िाकफ़रा लरए हुए, भदीने भन


ु व्वया ऩहुॉच,े वहाॊ िे रोगों ने आहो जायीु़ औय िभारो

यॊ ज से आऩिा इस्ते़फार किमा। 15 शाफाना योज़ नौहा व भातभ होता यहा।

(तफ़सीरी वा़ेआत िे लरमे िुतुफ भ़ानतर व सैय भुराहे ज़ा किज़जए)

इस अज़ीभ वा़ेमा िा असय मह हुआ िी ज़ैनफ (अ.स.) िे फार इस तयह

सफ़ेद हो गमे थे कि जानने वारे उन्हें ऩहचान न सिे। (अहसन अऱसस ऩष्ृ ठ 182

प्रिालशत नजफ़) रूफाफ ने साम भें फैठना छोड़ हदमा, इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.)

गगयमा फ़यभाते यहे । (जरारुर ऐन ऩष्ृ ठ 256) अहरे भदीना मज़ीद िी फैअत से

अराहे दा हो िय फााी हुए बफर आखखय


ु़ वा़ेए हयाक िी नौफत आ गई।

वाक़ेए करफऱा और हज़रत इमाम ज़ैनऱ


ु आफेदीन (अ.ि.) के खत
ु फात

भायिाए ियफरा िी ाभगीन दास्तान तायीऽे इस्राभ ही नहीॊ तायीऽे आरभ िा

अफ़सोस नाि सानेहा है । हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) अव्वर से आखखय
ु़

ति इस होशरूफा औय रूह फ़यसा वा़ेए भें अऩने फाऩ िे साथ यहे औय फाऩ िी

शहादत िे फाद खद
ु ु़ इस अरलभमा िे हीयो फने औय कपय जफ ति ज़ज़न्दा यहे इस

523
सानेहा िा भातभ ियते यहे । 10 भोहयक भ 61 हहजयी िा मह अन्दोह नाि हादसा

ज़जसभें 18 फनी हालशभ औय 72 असहाफ व अनसाय िाभ आए। हज़यत इभाभ

ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) भद
ु तर
ु उम्र घर
ु ता यहा औय भयते दभ ति इसिी माद

फ़याभोश न हुई औय इसिा सदभाए जाॊ िाह दयू न हुआ। आऩ मॊू तो इस वा़ेए

िे फाद चालरस सार ज़ज़न्दा यहे भगय रत्ु फ़े ज़ज़न्दगी से भहरूभ यहे औय किसी ने

आऩिो फशशाशा औय फ़यहानाि न दे खा। इस जान िा वा़ेए ियफरा िे

लसरलसरे भें आऩने जो जाफजा ऽुत्फे इयशाद फ़यभामे हैं उनिा तयजुभा दजे ज़ैर

है ।

कूफे में आऩका खत्ु फा

किताफ रहूफ़ ऩष्ृ ठ 68 भें है कि िू ूफ़ा ऩहुॉचने िे फाद इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन

(अ.स.) ने रोगों िो ऽाभोश यहने िा इशाया किमा, सफ ऽाभोश हो गमे, आऩ खड़े

हुए ऽुदा िी हम्दो सना िी। हज़यत फनी सालरभ िा ज़ज़क्र किमा उन ऩय सरवात

बेजी कपय इयशाद फ़यभामा, ऐ रोगों ! जो भझ


ु े ऩहचानता है वह तो ऩहचानता ही

है , जो नहीॊ ऩहचानता उसे भैं फताता हूॉ। भैं अरी इब्नर


ु हुसन
ै बफन अरी बफन

अफी तालरफ (अ.स.) हूॉ। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिी फेहुयभती िी गई, ज़जसिा

साभान रट
ू लरमा गमा, ज़जसिे अहरो अमार ़ैद िय हदमे गमे। भैं उसिा

फ़यज़न्द हूॉ जो साहहरे फ़ुयात ऩय ज़ब्हा िय हदमा गमा औय फाैय िफ़न व दफ़न

524
छोड़ हदमा गमा औय शहादते हुसन
ै (अ.स.) हभाये फ़ख़्र िे लरमे िाफ़ी है । ऐ रोगों

! भैं तम्
ु हे ऽद
ु ा िी ़सभ दे ता हूॉ ज़या सोचो तभ
ु ने ही भेये ऩदये फज़
ु गु व
क ाय िो

ऽत लरखा औय कपय तभ
ु ने ही उनिो धोखा हदमा, तभ
ु ने ही उनिे साथ अहदो

ऩैभान किमा औय उनिी फैअत िी औय कपय तुभ ने ही उनिो शहीद िय हदमा।

तुम्हाया फयु ा हो कि तुभ ने अऩने लरमे हराित िा साभान इिठ्ठा िय लरमा,

तुम्हायी याहें किस ़द्र फयु ी हैं, तुभ किन आऽों से यसर
ू (स. अ.) िो दे खोगे। जफ

यसर
ू फाज़ ऩस
ु क ियें गे कि तभ
ु रोगों ने भेयी इतयत िो ़त्र किमा औय भेये अहरे

हयभ िो ज़रीर किमा ‘‘ इस लरमे तभ


ु भेयी उम्भत से नहीॊ ’’।

मजस्जदे दसमश्क़ (िाम) में आऩका खत्ु फा

भ़तर अफी भऽनफ़ ऩष्ृ ठ 135, फेहारूर अनवाय ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ 233,

रयमाज़र
ु िुद्ु़ स ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 328 औय यौज़ातर
ु अहफाफ वाैया भें है कि जफ

हज़यत ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) अहरे हयभ सभेत दयफाये मज़ीद भें दाखखर किमे

गमे औय उनिो लभम्फय ऩय जाने िा भौ़ा लभरा तो आऩ लभम्फय ऩय तशयीफ़ रे

गमे औय अज़म्फमा िी तयह शीयी ज़फान भें ननहामत फ़साहत व फराात िे साथ

ऽुत्फा इयशाद फ़यभामा। ऐ रोगों ! जो भझ


ु े ऩहचानता है वह तो ऩहचानता ही है,

जो नहीॊ ऩहचानता उसे भैं फताता हूॉ कि भैं िौन हूॉ सन


ु ो भैं अरी बफन हुसन
ै बफन

अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) हूॉ। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसने हज किमे हैं

525
उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसने तवाफ़े िाफा किमा है औय सई िी है । भैं वऩसये ज़भज़भ

व ऩष्ृ ठ हूॉ भैं फ़यज़न्दे फ़ात्भा ज़हया (स. अ.) हूॉ भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ जो ऩसे

गयदन से ज़ज़ब्हा किमा गमा। भैं उस प्मासे िा फ़यज़न्द हूॉ जो प्मासा ही दनु नमा से

उठा। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जस ऩय रोगों ने ऩानी फन्द िय हदमा हाराॊ कि

तभाभ भऽऱ
ू ात ऩय ऩानी जामज़ ़याय हदमा। भैं भोहम्भदे भस्
ु तफ़ा (स. अ.) िा

फ़यज़न्द हूॉ। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ जो ियफरा भें शहीद किमा गमा। भैं उसिा

फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिे अनसाय ज़भीन भें आयाभ िी ननन्द सो गमे भैं उसिा वऩसय हूॉ

ज़जसिे अहरे हयभ ़ैद िय हदमे गमे। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिे फच्चे फाैय

जुभों ऽता ज़ज़ब्हा िय डारे गमे। भैं उसिा फेटा हूॉ ज़जसिे ऽेभों भें आग रगा दी

गई। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ जो ज़भीने ियफरा ऩय शहीद िय हदमा गमा। भैं उसिा

फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिो न ास्


ु र हदमा गमा औय न िफ़न। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ

ज़जसिा सय नोिे नैज़ा ऩय फर


ु न्द किमा गमा। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिे अहरे

हयभ िी ियफरा भें फेहुयभी िी गई। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिा ज़जस्भ ज़भीने

ियफरा ऩय छोड़ हदमा गमा औय सय दस


ू ये भ़ाभात ऩय नोिे नैज़ा ऩय फर
ु न्द िय

िे कपयामा गमा। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिे इदक गगदक लसवाए दश्ु भन िे िोई

औय न था। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिे अहरे हयभ िो ़ैद िय िे शाभ ति

कपयामा गमा। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ जो फे मायो भददगाय था। कपय इभाभ (अ.स.)

ने फ़यभामा रोगों ऽुदा ने हभ िो ऩाॉच चीजो से फ़ज़ीरत फख़्शी है । 1. ऽुदा िी

526
़सभ हभाये ही घय से फ़रयश्तों िी आभदो यफ़्त यही औय हभ ही भादने नफव
ू त व

रयसारत हैं। 2. हभायी ही शान भें ़ुयआन िी आमतें नाज़ज़र िीॊ औय हभ ने

रोगों िी हहदामत िी। 3. शज


ु ाअत हभाये ही घय िी िनीज़ है , हभ िबी किसी

िी ़ुव्वत व ता़त से नहीॊ डये औय फ़साहत हभाया ही हहस्सा है । जफ फ़सहा

(ऻानी) फ़़यो भफ
ु ाहात िये । 4. हभ ही लसयातर भस्
ु त़ीभ औय हहदामत िा

भयिज़ हैं औय इसिे लरमे इल्भ िा सय चश्भा हैं जो इल्भ हालसर ियना चाहे

औय दनु नमाॊ िे भोभेनीन िे हदरों भें हभयी भोहब्फत है । 5. हभाये ही भयतफे

आसभानों औय ज़भीनों भें फर


ु न्द हैं। अगय हभ न होते तो ऽद
ु ा दनु नमा ही िो ऩैदा

न ियता। हय फ़ख़्र हभाये फ़ु़ख़्र िे साभने ऩस्त है । हभाये दोस्त योज़े ़माभत सेयो

सेयाफ होंगे औय हभाये दश्ु भन योज़े ़माभत फद फख़्ती भें होंगे। जफ रोगों ने

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िा िराभ सन
ु ा तो चीऽ भाय िय योने औय ऩीटने

रगे औय उनिी आवाज़ें फे साख़्ता फर


ु न्द होने रगीॊ। मह हार दे ख िय मज़ीद

घफया उठा कि िहीॊ िोई कफ़तना न खडा ु़ हो जामे। इसिे लरमे उसने यद्दे अभर

भें फ़ौयन भोअज़जु़ ़्ज़न िो हुक्भ हदमा कि अज़ान शरू


ु िय िे इभाभ िे ऽत्ु फे िो

भन्
ु ़ता िय दे । जफ भोअज़जु़ ़्ज़न गुरदस्ता ए अज़ान ऩय गमा औय िहा ‘‘

अल्राहो अिफय ’’ (ऽुदा िी ज़ात सफ से फज़


ु ुगक व फयतय है) इभाभ (अ.स.) ने

फ़यभामा तुने एि फड़ी ज़ात िी फढ़ाई फमान िी एि अज़ीभश्ु शान ज़ात िी

अज़भत िा इज़हाय किमा औय जो िुछ िहा ह़ िहा। कपय भोअज़जु़ ़्ज़न ने िाह ‘‘

527
अश हदोअन रा इराहा अल्रल्राह ’’ (भैं गवाही दे ता हूॉ कि नहीॊ िोई भाफद

लसवाए अल्रा िे) इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा कि भैं बी इस भ़सद िी हय गवाह

िे साथ गवाही दे ता हूॉ औय हय इन्िाय ियने वारे िे खखराफ़


ु़ इ़याय ियता हूॉ।

कपय भोअज़जु़ ़्ज़न ने िहा ‘‘ अश हदो अन्ना भोहम्भदन यसर


ू अल्राह ’’ (भैं गवाही

दे ता हूॉ कि भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स. अ.) अल्राह िे यसर
ू हैं) ‘‘ फ़फिा अरीउन ’’

मह सन
ु िय हज़यत अरी बफन हुसन
ै (अ.स.) यो ऩड़े औय फ़यभामा ऐ मज़ीद भैं

तुझे ऽुदा िा वास्ता दे िय ऩछ


ू ता हूॉ फता हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स. अ.) भेये

नाना थे मा तेये? मज़ीद ने िहा आऩिे। आऩने फ़यभामा, कपय क्मों तन


ू े उनिे

अहरे फैत िो शहीद किमा? मज़ीद ने िोई जवाफ नहीॊ हदमा औय अऩने भहर भें

मह िहता हुआ चरा गमा ‘‘ रा हाजत् री बफर सरवात् ’’ भझ


ु े नभाज़ से िोई

वास्ता नहीॊ है । इसिे फाद लभन्हार बफन उभय खड़े हुए औय िहा ऐ फ़यज़न्दे यसर

(अ.स.) आऩिा क्मा हार है? फ़यभामा ऐ लभन्हार ऐसे शख़्स िा क्मा हार ऩछ
ू ते

हो ज़जसिा फाऩ ननहामत फे ददी से शहीद िय हदमा गमा। ज़जसिे भद्दगाय ऽत्भ

िय हदमे गमे हों, जो अऩने चायों तयफ़ अहरे हयभ िो ़ैद दे ख यहा हो ज़जनिा न

ऩयदा यह गमा न चादयें यह गई, ज़जनिा न िोई भद्दगाय है । तुभ तो दे ख ही यहे

हो कि भैं भ़
ु य्मद हूॉ, ज़रीर रूसवा किमा गमा हूॉ, ना िोई भेया नालसय है न

भद्दगाय भैं औय भेये अहरे फैत लरफासे िुहना भें भरफस


ू हैं, हभ ऩय नमे लरफास

हयाभ िय हदमे गमे हैं। अफ जो भेया हार ऩछ


ू ते हो तो भैं तुम्हाये साभने भौजूद हूॉ

528
तुभ दे ख ही यहे हो हभाये दश्ु भन हभें फयु ा बरा िहते हैं औय हभ सब्ु हो शाभ भौत

िा इन्तेज़ाय ियते हैं। कपय फ़यभामा अयफ व अजभ इस ऩय फ़ख्र ियते हैं कि

हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स. अ.) इन भें से थे औय ़ुयै श अयफ ऩय इस लरमे

फ़ख़्र ियते हैं कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ़ुयै श थे औय हभ इन िे अहरे फैत हैं

रेकिन हभ िो ़त्र किमा गमा, हभ ऩय ज़ुल्भ किमा गमा, हभ ऩय भस


ु ीफतों िे

ऩहाड़ टूट गमे औय हभ िो ़ैद िय िे दय फदय कपयामा गमा गोमा हभाया हसफ

फहुत गगया हुआ है औय फहुत ज़रीर है, गोमा हभ इज़्ज़तों िी फर


ु न्दी ऩय नहीॊ

चढ़े औय फज़
ु गु गकमों िे फ़यश ऩय जरवा अफ़योज़ नहीॊ हुए। आज गोमा तभाभ मज़ीद

औय इसिे रशिय िा हो गमा आरे भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) मज़ीद िी अदना ार
ु ाभ

हो गई है । मह सन
ु ना था कि हय तयफ़ से योने ऩीटने िी सदाए फर
ु न्द हो गईं।

मज़ीद फहुत ऽाएफ़ हुआ कि िोई कफ़तना न खड़ा हो जाए इसने इस शख़्स से

िहा ज़जसने इभाभ िो लभम्फय ऩय तशयीफ़ रे जाने िो गमा था, ‘‘ वमहिा अयदत

फसअव दह ज़वारी भरिी ’’ तेया फयु ा हो तू इनिो लभम्फय ऩय बफठा िय भेयी

सरतनत ऽत्भ ियना चाहता है । इसने जवाफ हदमा, फ खदा


ु ु़ भैं मह न जानता था

कि मह रड़िा इतनी फर
ु न्द गुफ़्तुगू िये गा। मज़ीद ने िहा ‘‘ क्मा तू नहीॊ जानता

कि मह अहरे फैते नफव


ू त औय भादने रयसारत िी एि फ़यद है ’’ मह सन
ु िय

भोअज़जु़ ़्ज़न से न यहा गमा औय उसने िहा कि ऐ मज़ीद ! ‘‘ अज़िान िज़ारिा

फ़रम्भा ़रत अफाह ’’ जफ तू मह जानता था तो तूने इनिे ऩदये फज़


ु ुगव
क ाय िो

529
क्मों शहीद किमा? भोअज़जु़ ़्ज़न िी गुफ़्तुगू सन
ु िय मज़ीद फयहभ हो गमा ‘‘ फ़भय

फज़य अऩह ’’ औय भोअज़जु़ ़्ज़न िी गयदन भाय दे ने िा हुक्भ हदमा।

मदीने के क़रीफ ऩहुॉच कर आऩका खत्ु फा

भ़तर अफी भऽनफ़ ऩष्ृ ठ 88 भें है कि एि सार ति ़ैद खानेु़ शाभ िी

सऊफत फयदाश्त ियने िे फाद जफ अहरे फैते यसर


ू (अ.स.) िी रयहाई हुई औय मह

िाफ़रा ियफरा होता हुआ भदीना िी तयफ़ चरा तो ़यीफे भदीना ऩहुॉच िय

इभाभ (अ.स.) ने रोगों िो ऽाभोश हो जाने िा इशाया किमा सफ िे सफ ऽाभोश

हो गमे, आऩने फ़यभामा:

हम्द उस ऽुदा िी जो तभाभ दनु नमा िा ऩयवयहदगाय है, योज़े जज़ा िा भालरि

है । तभाभ भख़्ऱ
ू ात िा ऩैदा ियने वारा है जो इतना दयू है फर
ु न्द आसभान से

बी फर
ु न्द है औय इतना ़यीफ है कि साभने भौजद
ू है औय हभायी फातों िो सन
ु ता

है । हभ ऽुदा िी तायीफ़ ियते हैं औय उसिा शक्र


ु फजा राते हैं। अज़ीभ हादसों,

ज़भाने िी हौरनाॊि गयहदशों, ददक नाि ाभों, ऽतयनाि आफ़तों शदीद तिरीफ़ों

औय ़ल्फो ज़जगय िो हहरा दे ने वारी भस


ु ीफतों िे नाज़ज़र होने िे वक़्त ऐ रोगों !

खदा
ु ु़ औय लसफ़क खदा
ु ु़ िे लरमे हम्द है । हभ फड़े फड़े भसाएफ भें भफ
ु नतरा किए गए,

दीवाये इस्राभ भें फहुत फड़ा यखना (लशााफ़) ऩड़ गमा। हज़यत अफू अब्दल्
ु राह

हुसन
ै (अ.स.) औय उनिे अहरे फैत शहीद िय हदमे गमे। इनिी औयतें औय फच्चे

530
़ैद िय हदमे गमे औय रशिये मज़ीद ने इनिे सय हाम भफ
ु ायि िो फर
ु न्द नैज़ों

ऩय यख िय शहयों भें कपयामा। मह वह भस


ु ीफत है ज़जसिे फयाफय िोई भस
ु ीफत

नहीॊ। ऐ रोगों ! तभ
ु भें से िौन भदक है जो शहादते हुसन
ै (अ.स.) िे फाद खश
ु ु़ यहे

मा िौन सा हदर है जो शहादते हुसन


ै (अ.स.) से ाभगीन न हो मा िौन सी आॊख

है जो आॊसू िो योि सिे। शहादते हुसन


ै (अ.स.) ऩय सातों आसभान योए। सभन्दय

औय उसिी भौजे योईं, आसभान औय उसिे अयिान योए, ज़भीन औय उसिे

अतयाफ़ योए। दयख़्त औय उसिी शाऽें योईं, भछलरमाॊ औय सभन्दय िे गगयदाफ

योए। भराएि भ़
ु ये फीन औय तभाभ आसभान वारे योए। ऐ रोगों ! िौन सा ़ल्फ

है जो शहादते हुसन
ै (अ.स.) िी ऽफय सन
ु िय पट न जाए। िौन सा ़ल्फ है जो

भहज़ून न हो। िौन सा िान है जो इस भस


ु ीफत िो सन
ु िय ज़जससे दीवाये

इस्राभ भें यखना ऩड़ा, फहया न हो। ऐ रोगों ! हभायी मह हारत थी कि हभ िशाॉ

िशाॉ कपयामे जाते थे। दय फदय ठुियाए जाते थे। ज़रीर किए गमे शहयों से दयू थे

गोमा हभ िो औरादे ति
ु क दिाबफर सभझ लरमा गमा था हाराॊ कि न हभ ने िोई

जभ
ु क किमा था न किसी िी फयु ाई िा इयते़ाफ किमा था न दीवाये इस्राभ भें िोई

यखना डारा था औय न इन चीज़ों िे खखराफ़


ु़ किमा था जो हभ ने अऩने आफाओ

अजदाद से सन
ु ा था, ऽुदा िी ़सभ अगय हज़यत नफी (स. अ.) बी इन रोगों

(रशिये मज़ीद) िो हभ से जॊग ियने िे लरमे भना ियते तो मह न भानते जैसे

कि हज़यत नफी (स. अ.) ने हभायी वसीअत िा ऐरान किमा औय इन रोगों ने न

531
भाना फज़ल्ि ज़जतना उन्होंने किमा है इस से ज़्मादा सर
ु ि
ू ियते। हभ ऽुदा िे

लरमे हैं औय खद
ु ा िी तयफ़ हभायी फशाात है ।

रौज़ा ए रिऱ
ू (ि. अ.) ऩर इमाम (अ.ि.) की फरयाद

भ़तर अफी भऽनफ़ ऩष्ृ ठ 143 भें है कि मह रट


ु ा हुआ िाकफ़रा भदीने भें

दाखखर
ु़ हुआ तो हज़यत उम्भे िुरसभ
ू (अ.स.) गगयमाओ फि
ु ा ियती हुई भज़स्जदे

नफवी भें दाखखर


ु़ हुईं औय अज़क कि, ऐ नाना आऩ ऩय भेया सराभ हो ‘‘ अनी

नाऐतहू अरैिा वरदि अर हुसन


ै ’’ भैं आऩिो आऩिे फ़यज़न्द हुसन
ै (अ.स.) िी

ऽफये शहादत सन
ु ाती हूॉ। मह िहना था कि ़ब्रे यसर
ू (स. अ.) गगयमे िी सदा

फर
ु न्द हुई औय तभाभ रोग योने रगे कपय हज़यत ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) अऩने

नाना िी ़फे ़्य भफ


ु ायि ऩय तशयीफ़ राए औय अऩने रूऽसाय ़फे ़्य भत
ु ाहय से

यगड़ते हुए मॉू फ़यमाद ियने रगे।

‫اانجيک ايجداه ايخريمرسل‬


‫اانجيک حمزوانعليک موجال‬

‫سبيناکماتسبی االماء ومسنا‬


‫حبيبک مقتول ونسلک ضائع‬

‫حامی ومدافع‬
‫اسريا ومالی ا‬

532
‫من الضرماالحتملو االصابع‬

तयजभ
ु ा:

भैं आऩसे फ़यमाद ियता हूॉ ऐ नाना, ऐ तभाभ यसर


ू ों भें सफ से फेहतय आऩिा

भहफफ
ू हुसन
ै (अ.स.) शहीद िय हदमा गमा औय आऩिी नस्र तफाह व फयफाद िय

दी गई। ऐ नाना हभ सफ िो इस तयह ़ैद किमा गमा ज़जस तयह रावारयस


ु़
िनीज़ों िो िैद किमा जाता है । ऐ नाना हभ ऩय इतने भसाएफ ढाए गए जो

उॊ गलरमों ऩय गगने नहीॊ जा सिते।

इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और खाके सिफा

लभसफाह उर भज
ु तहहद भें है कि हज़यत इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िे ऩास

एि िऩड़े भें फॊधी हुई थोड़ी सी ऽािे लशफ़ा यहा ियती थी। (भुनाक़फ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ

329 प्रिालशत भुरतान)

हज़यत िे हभयाह ऽािे लशफ़ा िा हभेशा यहना तीन हार से ऽारी न था मा उसे

तफरूकि सभझते थे मा उस ऩय नभाज़ भें सजदा ियते थे मा उसे फ है सीमत

भह
ु ाकफ़ज़ यखते थे औय रोगों िो फताना भ़सद
ू यहता था कि ज़जसिे ऩास ऽािे

लशफ़ा हो वह जभ
ु रा भसाएफ व अराभ से भहफ़ूज़ यहता है औय इसिा भार चोयी

नहीॊ होता जैसा कि अहादीस से वाज़े है ।

533
इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) और मोहम्मदे हनफ़फया के दरसमयान

हजरे अिवद का फैिऱा

आरे भोहम्भद (अ.स.) िे भदीने ऩहुॉचने िे फाद इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.)

िे चचा भोहम्भद हनकफ़मा ने फयावमते अहरे इस्राभ से ख़्वाहहश िी कि भझ


ु े

तफरूकिाते इभाभत दे दो कि भैं फज़


ु गक ऽानदान औय इभाभत िा अहर व ह़दाय

हूॉ। आऩने फ़यभामा कि हजये असवद िे ऩास चरो वह फ़ैसरा िय दे गा। जफ मह

हज़यत उसिे ऩास ऩहुॉचे तो वह फ हुक्भे ऽद


ु ा मॊू फोरा, ‘‘ इभाभत ज़ैनर
ु आफेदीन

िा ह़ है ’’ इस फ़ैसरे िो दोनों ने तसरीभ िय लरमा। (शवाहे दन


ु नफूअत ऩष्ृ ठ 176)

िालभर भफयद भें है कि इस वाक़मे िे फाद से भोहम्भद हनकफ़मा इभाभ ज़ैनर


आफेदीन (अ.स.) िी फड़ी इज़्ज़त ियते थे। एि हदन अफू ऽालरद िाफरी ने उनसे

इसिी वजह ऩछ
ू ी तो िहा हजये असवद ने खखराफ़त
ु़ िा इनिे ह़ भें फ़ैसरा दे

हदमा है औय मह इभाभे ज़भाना हैं मह सन


ु िय वह भज़हफे इभाभ िा ़ाएर हो

गमा। (भन
ु ाक़फ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 326)

534
िफ
ु त
ू े इमामत में इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) का कन्करी ऩर मह
ु र

ऱगाना

उसर
ू े िाफ़ी भें है कि एि औयत ज़जसिी उम्र 113 सार िी हो चि
ु ी थी एि

हदन इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िे ऩास आई उसिे ऩास वह िन्ियी थी ज़जस

ऩय हज़यत अरी (अ.स.) इभाभ हसन (अ.स.) इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी भोहये

इभाभत रगी हुई थी। उसिे आते ही बफरा िहे हुमे आऩने फ़यभामा कि वह

िन्ियी रा ज़जस ऩय भेये आफाओ अजदाद िी भोहयें रगी हुई हैं उस ऩय भैं बी

भोहय िय दॉ ।ू चन
ु ान्चे उस ने िन्ियी दे दी। आऩने उसे भोहय िय िे वाऩस िय

दी औय उसिी जवानी बी ऩरटा दी। वह ऽुश व खुयकभ वाऩस चरी गई। (दभए

सािेफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 436)

वाक़ेए हुराा और इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.)

भस्
ु तनद तवायीऽ भें है कि ियफरा िे फेगन
ु ाह ़त्र ने इस्राभ भें एि तहरिा

डार हदमा। ऽस
ु स
ू न ईयान भें एि िौभी जोश ऩैदा िय हदमा ज़जसने फाद भें फनी

अब्फास िो फनी उभय्मा िे ाायत ियने भें फड़ी भद्द दी चॊकु ि मज़ीद

ताये िुस्सरात औय शयाफी था औय फेटी फहन से ननिाह ियता औय िुत्तों से खेरता

था, उसिी भर
ु हहदाना हयितों औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे शहीद ियने से भदीने

भें इस ़द्र जोश पैरा कि 62 हहजयी भें अहरे भदीना ने मज़ीद िी भोअत्तरी िा

535
ऐरान िय हदमा औय अब्दल्
ु राह बफन हनज़रा िो अऩना सयदाय फना िय मजीदु़

िे गवकनय उस्भान बफन भोहम्भद बफन अफी सकु फ़मान िो भदीने से ननिार हदमा।

स्मत
ू ी तायीऽ अर ऽर
ु फ़ा भें लरखता है कि ासीर उर भरामिा (हनज़रा) िहते

हैं कि हभ ने उस वक़्त ति मज़ीद िी खखराफ़त


ु़ से इन्िाय नहीॊ किमा जफ ति

हभें मह म़ीन नहीॊ हो गमा कि आसभान से ऩत्थय फयस ऩड़ेंगे। ाज़फ है कि रोग

भाॊ फहनों औय फेहटमाॊ से ननिाह ियें , ऐराननमाॊ शयाफ वऩमें औय नभाज़ छोड़ फैठें।

मज़ीद ने भज़ु स्रभ बफन अ़फा िो जो ऽॊू ये ज़ी िी िसयत िे सफफ (भस
ु रयफ़) िे

नाभ से भशहूय है फ़ौजे िसीय दे िय अहरे भदीना िी सयिोफी िो यवाना किमा।

अहरे भदीना ने फाफ अर तैफा िे ़यीफ भ़ाभे ‘‘ हुयाक ’’ ऩय शालभमों िा भ़


ु ाफरा

किमा। घभासान िा यन ऩड़ा, भस


ु रभानों िी तादाद शालभमों से फहुत िभ थी इस

िे फावजूद उन्होंने दादे भयदानगी दी भगय आखखय


ु़ लशिस्त खाई। भदीने िे चीदा

चीदा फहादयु यसर


ू अल्राह (स. अ.) िे फड़े फड़े सहाफी, अन्साय व भहाज़जय इस

हॊ गाभे आफ़त भें शहीद हुए। शाभी घयों भें घस


ु गमे। भज़ायात िो उनिी ज़ीनत

औय आयाईश िी ऽानतय लभसभाय िय हदमा। हज़ायों औयतों से फदिायी िी। हज़ायों

फािया रड़किमों िा फिायत (फरात्िाय) िय डारा। शहय िो रट


ू लरमा। तीन हदन

़त्रे आभ ियामा दस हज़ाय से ज़्मादा फालशन्दगाने भदीना ज़जन भें सात सौ

भहाज़जय औय अन्साय औय इतने ही हाभेरान व हाफ़ेज़ाने ़ुयआन व उरेभा व

सर
ु ोहा भोहद्हदस थे इस वाक़मे भें भक़्तूर हुए। हज़ायों रड़िे रड़किमाॊ गराभ
ु ु़

536
फनाई गईं औय फा़ी रोगों से फशते ़ुफर
ू े ार
ु ाभी मज़ीद िी फैमत री गई।

भज़स्जदे नफवी औय हज़यत िे हयभे भोहतयभ भें घोड़े फॊधवामे गए। महाॊ ति कि

रीद िा अम्फाय रग गए। मह वाक़मा जो तायीऽे इस्राभ भें वा़ेए हयाक िे नाभ

से भशहूय है 27 ज़ज़रहहज 63 हहजयी िो हुआ था। इस वाक़मे ऩय भौरवी अभीय

अरी लरखते हैं कि िुफ़्र व फत


ु ऩयस्ती ने कपय ारफा ऩामा। एि कफ़यॊ गी भोवरयऽ

लरखता है कि िुफ्र िा दोफाया जन्भ रेना इस्राभ िे लरमे सख़्त ऽौफ़ नाि औय

तफाही फख़्श साबफत हुआ। फ़ीमा तभाभ भदीने िो मज़ीद िा ार


ु ाभ फनामा

गमा। ज़जसने इन्िाय किमा उसिा सय उताय लरमा। इस रूसवाई से लसफ़क दो

आदभी फचे ‘‘ अरी बफन हुसन


ै (अ.स.) औय अरी बफन अब्दल्
ु राह इब्ने अब्फास ’’

इन से मज़ीद िी फैमत बी नहीॊ री गई। भदारयस लशफ़ाऽाने औय दीगय ये फ़ाहे

आभ िी इभायतें जो ऽुल्फ़ा िे ज़भाने भें फनाई गईं थीॊ फन्द िय दी गईं मा

लभस्भाय िय दी गईं औय अयफ कपय एि वीयाना फन गमा। इसिे चन्द भद्


ु दत फाद

अरी बफन हुसन


ै (अ.स.) िे ऩोते जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने अऩने जद्दे भाज़जद

अरी ए भत
ु ज़
ुक ा (अ.स.) िा भ़तफ कपय भदीना भें जायी किमा भगय मह सहया भें

लसफ़क एि ही सच्चा नऽलरस्तान था इसिे चायों तयफ़ जल्भत


ु ु़ व ज़रारत छाई हुई

थी। भदीना कपय िबी न सॊबरा। फनी उभय्मा िे अहद भें भदीना ऐसी उजडी ु़

फस्ती हो गमा कि जफ भन्सयू े अब्फासी ज़्मायत िो भदीने भें आमा तो उसे एि

यहनभ
ु ा िी ज़रूयत ऩड़ी। हवास िो वह भिानात फताए जहाॊ इब्तेदाई ज़भाने िे

537
फज़
ु गुक ाने इस्राभ यहा ियते थे। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 36, तायीऽे अफुर कफ़दा

ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 191, तायीऽ फ़ख़्री ऩष्ृ ठ 86, तायीऽे िालभर ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 49, सवाए़े भोहये ़ा

ऩष्ृ ठ 132)

वाक़ेए हुराा और आऩकी क़याम गाह

तवायीऽ से भारभ
ू होता है कि आऩिी एि छोटी सी जगह ‘‘भन्
ु फा’’ नाभी

थी जहाॊ खेती फाड़ी िा िाभ होता था। वा़ेए हुयाक िे भौ़े ऩय शहये भदीना से

ननिर िय अऩने गाॉव चरे गमे थे। (तायीऽे िालभर ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 45) मह वही जगह

है , जहाॉ हज़यत अरी (अ.स.) ऽरीफ़ा उस्भान िे अहद भें ़माभ ऩज़ीय थे। (अ़दे

फ़यीद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 216)

खानदानी दश्ु मन मरवान के िाथ आऩकी करम गुस्तरी

वा़ेए हुयाक िे भौ़े ऩय जफ भयवान ने अऩनी औय अऩने अहरो अमार िी

तफाही औय फयफादी िा म़ीन िय लरमा तो अब्दल्


ु राह इब्ने उभय िे ऩास जा िय

िहने रगा कि हभायी भह


ु ाफ़ज़त ियो। हुिूभत िी नज़य भेयी तयफ़ से बी कपयी

हुई है भैं जान औय औयतों िी फेहुयभती से डयता हूॉ। उन्होंने साफ़ इन्िाय िय

हदमा। उस वह इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िे ऩास आमा औय उसने अऩनी औय

अऩने फच्चों िी तफाही व फयफादी िा हवारा दे िय हहफ़ाज़त िी दयख़्वास्त िी

538
हज़यत ने मह ख़्मार किए फाैय कि मह ऽानदानी हभाया दश्ु भन है औय इसने

वा़ेए ियफरा िे लसरलसरे भें ऩयू ी दश्ु भनी िा भज़


ु ाहे या किमा है । आऩने फ़यभामा

फेहतय है कि अऩने फच्चों िो भेये ऩास फभ़


ु ाभ भन
ु फा बेज दो, जहाॊ ऩय भेये फच्चे

यहें गे तुम्हाये बी यहें गे। चन


ु ान्चे वह अऩने फार फच्चों िो ज़जन भें हज़यत उसभान

िी फेटी आमशा बी थी आऩिे ऩास ऩहुॉचा गमा औय आऩने सफ िी भि


ु म्भर

हहफ़ाज़त फ़यभाई। (तायीऽे िालभर ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 45)

इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) और मुजस्ऱम बफन अक़फा

अल्राभा भसद
ू ी लरखते हैं कि भदीने िे इन हॊ गाभी हारात भें एि हदन भज़ु स्रभ

बफन अ़फा ने इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िो फर
ु ा बेजा। अबी वह ऩहुॉचे न थे

कि उसने अऩने ऩास िे फैठने वारों से आऩिी ऽानदानी फयु ाई शरू


ु िी औय न

जाने क्मा क्मा िह डारा रेकिन अल्राह ये आऩिा योफ व जरार कि ज्मों ही

आऩ उसिे ऩास ऩहुॉचे वह फ सयो ़द ताज़ीभ िे लरमे खड़ा हो गमा। फात चीत िे

फाद जफ आऩ तशयीफ़ रे गमे तो किसी ने भज़ु स्रभ से िहा कि तूने इतनी

शानदाय ताज़ीभ क्मो कि उसने जवाफ हदमा, भैं ़सदन व इयादतन ऐसा नहीॊ

किमा फज़ल्ि उनिे योफ व जरार िी वजह से भजफयू न ऐसा किमा है ।

(भरूजुर ज़हफ भसउदी फय हालशमा तायीऽे िालभर ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 106)

539
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) िे फैअत का िवाऱ न करने की वजह

भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि वा़ेए हयाक भें भदीने िा िोई शख़्स ऐसा न था जो

मज़ीद िी फैअत न िये औय ़त्र होने से फच जाए रेकिन इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन

(अ.स.) फैअत न ियने िे फावजद


ू भहफ़ूज़ यहे , फज़ल्ि उसे मॊू िहा जाए कि आऩ

से फैअत तरफ ही नहीॊ िी गई। अल्राभा जरारउद्दीन हुसन


ै ी लभसयी अऩनी

किताफ ‘‘ अर हुसन
ै ’’ भें लरखते हैं कि मज़ीद िा हुक्भ था कि सफ से फैअत

रेना। अरी इब्नर


ु हुसन
ै िो (अ.स.) िो न छे ड़ना वयना वह बी सवारे फैअत ऩय

हुसन
ै ी कियदाय ऩेश ियें गे औय एि नमा हॊ गाभा खड़ा हो जामेगा।

दश्ु मने अज़ऱी हिीन बफन नमीर के िाथ आऩकी करम नवाज़ी

भदीने िो तफाह फयफाद ियने िे फाद भज़ु स्रभ बफन अ़फह इज़ब्तदाए 64 हहजयी

भें भदीने से भक्िा िो यवाना हो गमा। इत्तेफ़ा़न याह भें फीभाय हो िय वह

गभ
ु याह, याहहए जहन्नभ हो गमा भयते वक़्त उस ने हसीन बफन नभीय िो अऩना

जा नशीन भ़
ु यक य िय हदमा। उसने वहाॊ ऩहुॉच िय ऽाना ए िाफा ऩय सॊग फायी िी

औय उस भें आग रगा दी, उसिे फाद भि


ु ज़म्भर भह
ु ासया िय िे अब्दल्
ु राह बफन

ज़ुफयै िो ़त्र ियना चाहा। इस भह


ु ासये िो चारीस हदन गुज़ये थे कि मज़ीद

ऩरीद वालसरे जहन्नभ हो गमा। उसिे भयने िी ऽफय से इब्ने ज़ुफयै ने ारफा

हालसर िय लरमा औय मह वहाॊ से बाग िय भदीना जा ऩहुॉचा।

540
भदीने िे दौयान ़माभ भें इस भरऊन ने एि हदन फ वक़्ते शफ चन्द सवायों

िो रे िय फ़ौज िे गाज़ाई साभान िी फ़याहभी िे लरमे एि गाॉव िी याह ऩिड़ी।

यास्ते भें उसिी भर


ु ा़ात हज़यत इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) से हो गई, आऩिे

हभयाह िुछ ऊटॉ थे ज़जन ऩय गाज़ाई साभान रदा हुआ था। उसने आऩ से वह

ाल्रा ऽयीदना चाहा, आऩने फ़यभामा कि अगय तुझे ज़रूयत है तो मॊू ही रे रे हभ

इसे फ़योख़्त नहीॊ िय सिते (क्मों कि भैं इसे फ़ु़याए भदीना िे रामा हूॉ) उसने

ऩछ
ू ा िी आऩिा नाभ क्मा है? आऩने फ़यभामा ‘‘ अरी इब्नर
ु हुसन
ै ’’ िहते हैं।

कपय आऩने उससे नाभ दयमाफ़्त किमा तो उसने िहा भैं हसीन बफन नभीय हूॉ।

अल्राह ये आऩिी ियभ नवाज़ी, आऩने मह जानने िे फावजूद कि मह भेये फाऩ िे

़ानतरों भें से है उसे साया ाल्रा दे हदमा (औय फ़ु़या िे लरमे दस


ू या फन्दो फस्त

फ़यभामा) उसने जफ आऩिी मह ियभ गुस्तयी दे खी औय अच्छी तयह ऩहचान बी

लरमा तो िहने रगा कि मज़ीद िा इन्ते़ार हो चि


ु ा है आऩसे ज़्मादा भस्
ु तह़े

खखराफ़त
ु़ िोई नहीॊ। आऩ भेये साथ तशयीफ़ रे चरें भैं आऩिो तख़्ते खखराफ़त
ु़ ऩय

फैठा दॊ ग
ू ा। आऩ ने फ़यभामा कि भैं ऽद
ु ा वन्दे आरभ से अहद िय चि
ु ा हूॉ कि

ज़ाहहयी खखराफ़त
ु़ ़फर
ू न िरूॊगा। मह फ़यभा िय आऩ अऩने दौरत सया िो

तशयीफ़ रे गमे। (तयीऽे तफयी फ़ायसी ऩष्ृ ठ 644)

541
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और फुक़राऐ मदीना की फ़कफाऱत

अल्राभा इब्ने तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि हज़यत ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.)

फ़ु़याए भदीना िे 100 घयों िी किफ़ारत फ़यभाते थे औय साया साभान उन िे

घय ऩहुॉचामा ियते थे। उनभे फहुत ज़्मादा ऐसे घयाने थे ज़जनभें आऩ मह बी भारभ

न होने दे ते थे कि मह साभान ऽुयदोनोश यात िो िौन दे जाता है । आऩिा उसर


मह था कि फोरयमाॉ ऩश्ु त ऩय राद िय घयों भें योटी औय आटा वाैया ऩहुॉचाते थे

औय मह लसरलसरा ता फहमात जायी यहा। फाज़ भोअज़्ज़ेज़ीन िा िहना है कि

हभने अहरे भदीना िो मह िहते सन


ु ा है कि इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िी

ज़ज़न्दगी ति हभ ऽकु फ़मा गाज़ाई यसद से भहरूभ नहीॊ हुए। (भतारेफस


ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ

265, नुरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 126)

हज़रत इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) और खेती

अहादीस भें है कि ज़याअत (खेती) व िाश्त िायी सन्


ु नत है । हज़यत इदयीस िे

अरावा कि वह ऽय्माती ियते थे। त़यीफन जुभरा अज़म्फमा ज़याअत किमा ियते

थे। हज़यात आइम्भाए ताहे यीन (अ.स.) िा बी मही ऩेशा यहा है रेकिन मह हज़यात

इस िाश्त िायी से ऽुद फ़ामदा नहीॊ उठाते थे फज़ल्ि इस से ायु फा, फ़ु़या औय

तमयू िे लरमे योज़ी फ़याहभ किमा ियते थे। हज़यत इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.)

फ़यभाते हैं ‘‘ भाअजया अरज़या रतारफ अरफ़ज़र फ़ीह वभाअज़या अरारैतना

542
वरहू अर फ़़ीयो जुर हाजता वरैतना वर भना अऱफयता ऽसता भन अर तैय

’’ भैं अऩना फ़ामदा हालसर ियते िे लरमे ज़याअत नहीॊ किमा ियता फज़ल्ि भैं इस

लरमे ज़याअत ियता हूॉ कि इस से ायीफों, फ़़ीयों भोहताजों औय ताएयों ऽस


ु स
ू न

िुफ
ु़ यक हू िो योज़ी फ़याहभ िरूॉ। (सफ़ीनतुर फेहाय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 549)

वाज़े हो कि िुफ
ु़ यहू वह ताएय हैं जो अऩने भहरे इफादत भें िहा ियता है ‘‘

अल्राह हुम्भा राअन भफाज़ी आरे भोहम्भद ’’ ऽुदामा उन रोगों ऩय रानत िय

जो आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) से फग़्जु ज़ यखते हैं। (रफाफ अर तावीर फावी)

इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और फ़फत्नाए इब्ने ज़फ
ु ैर

भव
ु रयक ऽ लभ0 ज़ाकिय हुसन
ै लरखते हैं कि अब्दल्
ु राह बफन ज़ुफयै जो आरे

भोहम्भद (स. अ.) िा शदीद दश्ु भन था 3 हहजयी भें हज़यत अफू फिय िी फड़ी

साहफ ज़ादी असभा िे फतन से ऩैदा हुआ, इसे खखराफ़त


ु़ िी फड़ी कफ़क्र थी। इसी

लरमे जॊगे जभर भें भैदान गयभ ियने भें उसने ऩयू ी सई से िाभ लरमा था। मह

शख़्स इन्तेहाई िन्जूस औय फनी हालशभ िा सख़्त दश्ु भन था औय उन्हें फहुत

सताता था। फयवाएते भसद


ू ी उसने जाफ़य बफन अब्फास से िहा कि भैं चारीस फयस

से तुभ फनी हालशभ से दश्ु भनी यखता हूॉ। इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी शहादत िे फाद

61 हहजयी भें भक्िा भें औय यजफ 64 हहजयी भें भल्


ु िे शाभ िे फाज़ इरा़ों िे

अरावा तभाभ भभ
ु ालरिे इस्राभ भें इसिी फैअत िय री गई। अ़दर
ु फ़यीद औय

543
भरूज उज़ ज़हफ भें है कि जफ इसिी िुव्ु़ वत फहुत फढ़ गई तो उसने ऽुतफे भें

हज़यत अरी (अ.स.) िी भज़म्भत िी औय चारीस योज़ ति ऽत्ु फे भें दरू


ु द नहीॊ

ऩढ़ा औय भोहम्भद हनकफ़मा औय इब्ने अब्फास औय दीगय फनी हालशभ िो फैअत

िे लरमे फर
ु ामा उन्होंने इन्िाय किमा तो फयसये लभम्फय उनिो गालरमाॊ दीॊ औय

ऽुत्फे से यसर
ू अल्राह (स. अ.) िा नाभ ननिार डारा औय जफ इसिे फाये भें इस

ऩय एनतयाज़ किमा गमा तो जवाफ हदमा कि इस से फनी हालशभ फहुत फ़ुरते हैं, भैं

हदर भें िह लरमा ियता हूॉ। इसिे फाद उस ने भोहम्भद हनकफ़मा औय इब्ने

अब्फास िो हब्से फेजा भें भम 15 फनी हालशभ िे ़ैद िय हदमा औय रिड़ड़मा

़ैद ऽाने िे दयवाज़े ऩय गचन दीॊ औय िहा कि अगय फैअत न ियोगे तो भैं आग

रगा दॊ ग
ू ा। ज़जस तयह फनी हालशभ िे इन्िाये फैअत ऩय रिड़ड़मा गचनवा दी गई

थीॊ। इतने भें वह फ़ौज वहाॊ ऩहुॉच गई ज़जसे भख़्


ु ताय ने उनिी भदद िे लरमे

अब्दल्
ु राह जदरी िी सय ियदगी भें बेजी थी औय उसने इन भोहतयभ रोगों िो

फचा लरमा औय वहाॊ से ताएफ़ ऩहुॉचा हदमा। (अ़दे फ़यीद व भसदू ी)

उन्हीॊ हारात िी बफना ऩय हज़यत ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) अिसय कफ़त्नाए इब्ने

ज़ुफयै िा ज़ज़क्र फ़यभाते थे। आलरभे अहरे सन्


ु न्त अल्राभा लशफरी लरखते हैं कि

अफू हभज़ा शभ
ु ारी िा फमान है कि एि हदन हज़यत िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हुआ

औय चाहा कि आऩसे भर
ु ा़ात िरूॉ रेकिन चॊकू ि आऩ घय िे अन्दय थे, इस लरमे

सए
ु अदफ सभझते हुए भैंने आवाज़ न दी। थोड़ी दे य िे फाद ऽुद फाहय तशयीफ़

544
राए औय भझ
ु े हभयाह रे िय एि जाननफ यवाना हो गए। यास्ते भें आऩने एि

हदवाय िी तयफ़ इशाया ियते हुए फ़यभामा, ऐ अफू हभज़ा ! भैं एि हदन सख़्त यॊ जो

अरभ भें इस दीवाय से टे ि रगाए खड़ा था औय सोच यहा था कि इब्ने ज़फ


ु यै िे

कफ़तने से फनी हालशभ िो क्मों िय फचामा जाए। इतने भें एि शयीफ़ औय

भि
ु द्दस फज़
ु ुगक साफ़ सथ
ु ये िऩड़े ऩहने हुए भेये ऩास आए औय िहने रगे आखखय
ु़

क्मों ऩये शान खड़े हैं? भैंने िहा भझ


ु े कफ़तनाए इब्ने ज़ुफयै िा ाभ औय उसिी कफ़क्र

है । वह फोरे, ऐ अरी इब्नर


ु हुसन
ै (अ.स.) ! घफयाओ नहीॊ जो ऽुदा से डयता है,

ऽद
ु ा उसिी भद्द ियता है । जो उससे तरफ ियता है वह उसे दे ता है । मह िह

िय वह भ़
ु द्दस शख़्स भेयी नज़यों से ााएफ हो गमे औय हानतफ़े ाैफी ने आवाज़

दी। ‘‘ हाज़र खखज़्र


ु़ ना हफा़ा ’’ कि मह जो आऩसे फातें िय यहे थे वह जनाफे

खखज्र
ु़ (अ.स.) थे। (नुरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 129, भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 264, शवाहे दन
ु नफूवत

ऩष्ृ ठ 178) वाज़े हो कि मह यवामत फयादयाने अहरे सन्


ु नत िी है । हभाये नज़दीि

इभाभ िामनात िी हय चीज़ से वाक़फ़ होता है ।

हज़रत इमाम ज़ैनऱ


ु आफेदीन (अ.ि.) की अऩने ऩदरे फज़
ु ग
ु व
ा ार के

क़ज़े िे िफ
ु क
ु दोिी

उरेभा िा फमान है कि हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) ़ैद ऽाना ए शाभ

से छूट िय भदीने ऩहुॉचने िे फाद से अऩने ऩदये फज़


ु ुगव
क ाय हज़यत इभाभ हुसन

545
(अ.स.) िे ़ज़े िी अदाएगी िी कफ़क्र भें यहा ियते थे औय चाहते थे कि किसी न

किसी सयू त से 75 हज़ाय दीनाय जो हज़यत सय्मदश


ु शोहदा िा ़ज़ाक है भैं अदा

िय दॊ ।ू बफर आखखय
ु़ आऩने ‘‘ चश्भए तहनस ’’ िो जो कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.)

िा फाभ़ाभ ‘‘ ज़ी ऽशफ ’’ फनवामा हुआ था फ़योख़्त िय िे ़यज़े िी अदाएगी

से सफ
ु ि
ु दोशी हालसर फ़यभाई। चशभे िे फेचने भें मह शतक थी कि शफे शम्फा िो

ऩानी रेने िा ह़ ऽयीदने वारे िो न होगा फज़ल्ि उसिी ह़दाय लसफ़क इभाभ

(अ.स.) िी हभशीया होंगी।

(फेहारूर अनवाय, वफ़ा अर वफ़ा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 249 व भनाक़फ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 114)

माववया इब्ने यज़ीद की तख़्त निीनी और इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन

(अ.ि.)

मज़ीद िे भयने िे फाद उसिा फेटा अफू रैरा, भाववमा बफन मज़ीद ऽरीफ़ा ए

वक़्त फना हदमा गमा। वह इस ओहदे िो ़फर


ू ियने ऩय याज़ी न था क्मों कि वह

कफ़तयतन हज़यत अरी (अ.स.) िी भोहब्फत ऩय ऩैदा हुआ था औय उनिी औराद

िो दोस्त यखता था। फा यवामत हफीफ अर सैय उसने रोगों से िहा कि भेये लरमे

खखराफ़त
ु़ सज़ावाय औय भन
ु ालसफ नहीॊ है भैं ज़रूयी सभझता हूॉ कि इस भाभरे भें

तम्
ु हायी यहफयी िरूॉ औय फता दॊ ू कि मह भन्सफ किस िे लरमे ज़ेफा है, सन
ु ो !

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) भौजद
ू हैं उन भें किसी तयह िा िोई ऐफ ननिारा

546
नहीॊ जा सिता। वह इस िे ह़ दाय औय भस्
ु तह़ हैं, तुभ रोग उनसे लभरो औय

उन्हें याज़ी ियो अगयचे भैं जानता हूॉ कि वह इसे ़ुफर


ू न ियें गे।

लभस्टय ज़ाकिय हुसन


ै लरखते हैं कि 64 हहजयी भें मज़ीद िे भयते ही भाववमा

बफन मज़ीद िी फैअत शाभ भें , अब्दल्


ु राह इब्ने ज़ुफयै िी हहजाज़ औय मभन भें हो

गई औय अब्दल्
ु राह इब्ने ज़ज़माद ईया़ भें ऽरीफ़ा फन गमा।

भाववमा इब्ने मज़ीद हहल्भ व सरीभ अर फतआ जवाने सारेह था। वह अऩने

ऽानदान िी ऽताओॊ औय फयु ाईमों िो नफ़यत िी नज़य से दे खता औय अरी

(अ.स.) औय औरादे अरी (अ.स.) िो भस्


ु तह़े खखराफ़त
ु़ सभझता था। (तायीऽे

इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 37) अल्राभा भआलसय य़भ तयाज़ हैं कि 64 हहजयी भें मज़ीद

भया तो उसिा फेटा भाववमा ऽरीफ़ा फनामा गमा। उसने चारीस योज़ औय फाज़

़ौर िे भत
ु ाबफ़ 5 भाह खखराफ़त
ु़ िी। उसिे फाद ऽुद खखराफ़त
ु़ छोड़ दी औय

अऩने िो खखराफ़त
ु़ से अरग िय लरमा। इस तयह कि एि योज़ लभम्फय ऩय चढ़

िय दे य ति ऽाभोश फैठा यहा कपय िहा, ‘‘ रोगों ! ’’ भझ


ु े तभ
ु रोगों ऩय हुिूभत

ियने िी ख़्वाहहश नहीॊ है क्मों कि भैं तभ


ु रोगों िी ज़जस फात (गभ
ु याही औय फे

ईभानी) िो ना ऩसन्द ियता हूॉ वह भाभर


ू ी दयजे िी नहीॊ फज़ल्ि फहुत फड़ी है औय

मह बी जानता हूॉ कि तुभ रोग बी भझ


ु े ना ऩसन्द ियते हो इस लरमे कि भैं तुभ

रोगों िी खखराफ़त
ु़ से फड़े अज़ाफ भें भज़ु ब्तरा औय गगयफ़्ताय हूॉ औय तुभ रोग बी

भेयी हुिूभत िे सफफ भभ


ु याही िी सख़्त भस
ु ीफत भें ऩड़े हो। ‘‘ सन
ु रो ’’ कि भेये

547
दादा भाववमा ने इस खखराफ़त
ु़ िे लरमे उस फज़
ु ुगक से जॊगो जदर िी जो इस

खखराफ़त
ु़ िे लरमे उस से िहीॊ ज़्मादा सज़ावाय औय भस्
ु तह़ थे औय वह हज़यत

इस खखराफ़त
ु़ िे लरमे लसफ़क भाववमा ही नहीॊ फज़ल्ि दस
ू ये रोगों से बी अफ़ज़र थे

इस सफफ से कि हज़यत िो हज़यत यसर


ू े ऽुदा (स. अ.) से ़याफते ़यीबफमा

हालसर थी। हज़यत िे फ़जाएर


ु़ फहुत थे। ऽुदा िे महाॊ हज़यत िो सफ से ज़्मादा

त़रूकफ हालसर था। हज़यत तभाभ सहाफा, भहाजेयीन से ज़्मादा अज़ीभ उर ़द्र,

सफ से ज़्मादा फहादयु , सफ से ज़्मादा साहे फे इल्भ, सफ से ऩहरे ईभान रोने वारे,

सफ से आरा अशयफ़ दजाक यखने वारे औय सफ से ऩहरे हज़यत यसर


ू े ऽद
ु ा (स.

अ.) िी सोहफत िा फ़ख्र हालसर ियने वारे थे। अरावा इन फ़ज़ाएर व भनाक़फ

िे वह जनाफे हज़यत यसर


ू े ऽुदा (स. अ.) िे चचा ज़ाद बाई, हज़यत िे दाभाद

औय हज़यत िे दीनी बाई थे ज़जनसे हज़यत ने िई फाय भवाऽात फ़यभाई। जनाफे

हसनैन (अ.स.) जवानाने अहरे फेहहश्त िे सयदाय औय इस उम्भत भें सफ से

अफ़ज़र औय ऩयवयदए यसर


ू (स. अ.) औय फ़ात्भा फत
ु र
ू (स. अ.) िे दो रार

मानी ऩािो ऩािीज़ा दयऽते रयसारत िे पूर थे। उनिे ऩदये फज़
ु गु व
क ाय हज़यत अरी

(अ.स.) ही थे। ऐसे फज़


ु ुगक से भेया दादा ज़जस तयह सयिशी ऩय आभादा हुआ उसिो

तुभ रोग ऽूफ जानते हो औय भेये दादा िी वजह से तुभ रोग ज़जस गुभयाही भें

ऩड़े उस से बी तुभ रोग फे ऽफय नहीॊ हो। महाॊ ति कि भेये दादा िो उसिे इयादे

भें िाभमाफी हुई औय उसिे दनु नमा िे सफ िाभ फन गए भगय जफ उसिी अजर

548
उसिे ़यीफ ऩहुॉच गई औय भौत िे ऩॊजों ने उसिो अऩने लशिॊजे भें िस लरमा तो

वह अऩने आभार भें इस तयह गगयफ़्ताय हो िय यह गमा कि अऩनी ़ब्र भें

अिेरा ऩड़ा है औय जो ज़ल्


ु भ िय चि
ु ा था उन सफ िो अऩने साभने ऩा यहा है

औय जो शैतनत व कफ़यऔननमत उसने इख़्तेमाय िय यखी थी उन सफ िो अऩनी

आऽों से दे ख यहा है । कपय मह खखराफ़त


ु़ भेये फाऩ मज़ीद िे लसऩद
ु क हुई तो ज़जस

गुभयाही भें भेया दादा था उसी ज़रारत भें ऩड़ िय भेया फाऩ बी ऽरीफ़ा फन फैठा

औय तुभ रोगों िी हुिूभत अऩने हाथ भें रे री हाराॊ कि भेया फाऩ मज़ीद बी

इस्राभ िुश फातों दीन सोज़ हयितों औय अऩनी रूलसमाहहमो िी वजह से किसी

तयह उसिा अहर न था कि हज़यत यसर


ू े ियीभ (स. अ.) िी उम्भत िा ऽरीफ़ा

औय उनिा सयदाय फन सिे, भगय वह अऩनी नफ़्स ऩयस्ती िी वजह से इस

गुभयाही ऩय आभादा हो गमा औय उसने अऩने ारत िाभों िो अच्छा सभझा

ज़जसिे फाद उसने दनु नमाॊ भें जो अॊधेया किमा उस से ज़भाना वाक़फ़ है कि

अल्राह से भ़
ु ाफरा औय सयिशी ियने ति ऩय आभादा हो गमा औय हज़यत

यसर
ू े ऽद
ु ा (स. अ.) से इतनी फाावत िी कि हज़यत िी औराद िा ऽन
ू फहाने

ऩय िभय फाॊध री, भगय उसिी भद्


ु दत िय यही औय उसिा ज़ुल्भ ऽत्भ हो गमा।

वह अऩने आभार िे भज़े चख यहा है औय अऩने गढ़े (़ब्र ़्य) से लरऩटा हुआ औय

अऩने गुनाहों िी फराओॊ भें पॊसा हुआ ऩड़ा है । अरफत्ता उसिी सफ़ाकिमों िे

नतीजे जायी औय उसिी ऽॊू ये ज़ज़मों िी अराभतें फा़ी हैं। अफ वह बी वहाॊ ऩहुॉच

549
गमा जहाॊ िे लरमे अऩने ियतूतों िा ज़ऽीया भोहय्मा किमा था औय अफ किमे ऩय

नाहदभ हो यहा है । भगय िफ? जफ किसी ननदाभत िा िोई फ़ामदा नहीॊ औय वह

इस अज़ाफ भें ऩड़ गमा कि हभ रोग उसिी भौत िो बर


ू गमे औय उसिी जद
ु ाई

ऩय हभें अफ़सोस नहीॊ होता फज़ल्ि उसिा ाभ है कि अफ वह किस आफ़त भें

गगयफ़्ताय है, िाश भारभ


ू हो जाता कि वहाॊ उसने क्मा उज़्र तयाशा औय कपय उससे

क्मा िहा गमा, क्मा वह अऩने गुनाहों िे अज़ाफ भें डार हदमा गमा औय अऩने

आभार िी सज़ा बग
ु त यहा है? भेया गुभान तो मही है कि ऐसा ही होगा। उसिे

फाद गगयमा उसिे गर


ु ग
ू ीय हो गमा औय वह दे य ति योता यहा औय ज़ोय ज़ोय से

चीऽता यहा।

कपय फोरा, अफ भैं अऩने ज़ालरभ ऽानदान फनी उभय्मा िा तीसया ऽरीफ़ा

फनामा गमा हूॉ हाराॊ कि जो रोग भझ


ु ऩय भेये दादा औय फाऩ िे ज़ुल्भों िी वजह

से ाज़फ नाि हैं उनिी तादाद उन रोगों से िहीॊ ज़्मादा है जो भझ


ु से याज़ी हैं।

बाईमों भैं तभ
ु रोगों िे गन
ु ाहों िे फाय उठाने िी ता़त नहीॊ यखता औय ऽद
ु ा

वह हदन बी भझ
ु े न हदखाए कि भैं तभ
ु रोगों िी गभ
ु याहहमाॊ औय फयु ाईमों िे फाय

से रदा हुआ उसिी दयगाह भें ऩहुॉचॉ ।ू अफ तुभ रोगों िो अऩनी हुिूभत िे फाये भें

इख़्तेमाय है उसे भझ
ु से रे रो औय ज़जसे ऩसन्द ियो अऩना फादशाह फना रो कि

भैंने तुभ रोगों िी गयदनों से अऩनी फैअत उठा री। वस्सराभ। ज़जस लभम्फय ऩय

भाववमा इब्ने मज़ीद ऽुत्फा दे यहा था उसिे नीचे भयवान बफन हिभ बी फैठा हुआ

550
था। ऽुत्फा ऽत्भ होने ऩय वह फोरा, क्मा हज़यत उभय िी सन्
ु नत जायी ियने िा

इयादा है कि ज़जस तयह उन्होंने अऩने फाद खखराफ़त


ु़ िो ‘‘ शयू ा ’’ िे हवारे किमा

था तभ
ु बी इसे शयू ा िे लसऩद
ु क ियते हो। इस ऩय भाववमा फोरा, आऩ भेये ऩास से

तशयीफ़ रे जामें, क्मा आऩ भझ


ु े बी भेये दीन भें धोखा दे ना चाहते हैं। ऽुदा िी

़सभ भैं तुभ रोगों िी खखराफ़त


ु़ िा िोई भज़ा नहीॊ ऩाता अरफत्ता इसिी

तरखखमाॊ
ु़ फयाफय चख यहा हूॉ। जैसे रोग उभय िे ज़भाने भें थे, वैसे ही रोगों िो

भेये ऩास बी राओ। इसिे अरावा ज़जस तायीऽ से उन्होंने खखराफ़त


ु़ िो शयू ा िे

लसऩद
ु क किमा औय ज़जस फज़
ु गु क हज़यत अरी (अ.स.) िी अदारत भें किसी क़स्भ

िा शब्ु हा किसी िो हो बी नहीॊ सिता, इसिो उस से हटा हदमा। उस वक़्त से वह

बी ऐसा ियने िी वजह से क्मा ज़ालरभ नहीॊ सभझे गमे। ऽुदा िी ़सभ अगय

खखराफ़त
ु़ िोई नफ़े िी चीज़ है तो भेये फाऩ ने उस से ऩ
ु सान उठामा औय गुनाह

ही िा ज़ऽीया भोहय्मा किमा औय अगय खखराफ़त


ु़ िोई औय वफार िी चीज़ है तो

भेये फाऩ िो उस से ज़जस ़द्र फयु ाई हालसर हुई वही िाफ़ी है ।

मह िह िय भाववमा उतय आमा, कपय उसिी भाॉ औय दस


ू ये रयश्ते दाय उसिे

ऩास गमे तो दे खा कि वह यो यहा है । उसिी भाॊ ने िहा कि िाश तू है ज़ ही भें

ऽत्भ हो जाता औय इस हदन िी नौफत न आती। भाववमा ने िहा ऽुदा िी ़सभ

भैं बी मही तभन्ना ियता हूॉ कपय िहा भेये यफ ने भझ


ु ऩय यहभ नहीॊ किमा तो

भेयी नजात किसी तयह नहीॊ हो सिती। उसिे फाद फनी उभय्मा उसिे उस्ताद

551
उभय भ़सस
ू से िहने रगे कि तू ही ने भाववमा िो मह फातें लसखाई हैं औय

उसिो खखराफ़त
ु़ से अरग किमा है औय अरी (अ.स.) व औरादे अरी (अ.स.) िी

भोहब्फत उसिे हदर भें यालसऽ िय दी है । ाज़क उसने हभ रोगों िे जो अमफ


ू व

भज़ालरभ फमान किमे उन सफ िा फाएस तू ही है औय तू ही ने इन बफदअतों िो

उसिी नज़य भें ऩसॊदीदा ़याय दे हदमा है ज़जस ऩय उस ने मह ऽुत्फा फमान किमा

है । भ़सस
ू ने जवाफ हदमा ऽुदा िी ़सभ भझ
ु से उसिा िोई वास्ता नहीॊ है

फज़ल्ि वह फचऩन ही से हज़यत अरी (अ.स.) िी भोहब्फत ऩय ऩैदा हुआ है रेकिन

उन रोगों ने फेचाये िा िोई उज्र नहीॊ सन


ु ा औय ़ब्र खोद िय उसे ज़ज़न्दा दफ़्न

िय हदमा।

(तहयीय अर शहादतैन ऩष्ृ ठ 102, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 122, हमातर


ु है वान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ

55, तायीऽे ऽभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 232, तायीऽे आइम्भा ऩष्ृ ठ 391)

भव
ु रयक ऽ लभस्टय ज़ाकिय हुसन
ै लरखते हैं, इसिे फाद फनी उभय्मा ने भाववमा

बफन मज़ीद िो बी ज़हय से शहीद िय हदमा। उसिी उम्र 21 सार 18 हदन िी

थी। उसिी खखराफ़त


ु़ िा ज़भाना चाय भहीने औय फा यवामते चारीस मौभ शभ
ु ाय

किमा जाता है । भाववमा सानी िे साथ फनी उभय्मा िी सफ़


ु मानी शाऽ िी हुिूभत

िा ऽात्भा हो गमा औय भयवानी शाऽ िी दाा फेर ऩड़ गई। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द

1 ऩष्ृ ठ 38) भव
ु रयक ऽ इब्नर
ु वयदी अऩनी तायीऽ भें लरखते हैं कि भाववमा इब्ने

552
मज़ीद िे भयने िे फाद शाभ भें फनी उभय्मा ने भत
ु फ़्फ़े़ा तौय ऩय भयवान बफन

हिभ िो ऽरीफ़ा फना लरमा।

भयवान िी हुिूभत लसफ़क एि सार ़ामभ यही कपय उसिे इन्ते़ार िे फाद

उसिा रड़िा अब्दर


ु भलरि इब्ने भयवान ऽरीफ़ाए वक़्त ़याय हदमा गमा।

अब्दऱ
ु मसऱक इब्ने मरवान और इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.)

65 हहजयी भें भयवान िे भयने िे फाद उसिा फेटा अब्दर


ु भलरि लभस्त्र व शाभ

िा फादशाह तसरीभ किमा गमा। मह फनी उभय्मा िा असरन नभन


ू ा था चॊकू ि

भस
ु तफद फ़ये फी औय ईभान से दयू था। वह अजीफ ़ाफलरमत िे साथ अऩनी

खखराफ़त
ु़ िो भस्
ु तहिभ ियने भें भसरूफ़ हुआ। उसिी याह भें भख़्
ु ताय बफन अफी

उफैदा स़पी औय अब्दल्


ु रा इब्ने ज़ुफयै रूिावट थे। उनिे फाद जभादस्
ु साननमा 73

हहजयी भें अब्दर


ु भलरि इब्ने भयवान तभाभ भभ
ु ालरिे इस्राभ िा अिेरा

फादशाह फन गमा। इब्ने ज़ुफयै से रड़ने भें चॊकू ि हज्जाज बफन मस


ू फ़
ु अभवी जयनर

ने नभ
ु ामाॊ कियदाय अदा किमा था इस लरमे अब्दर
ु भलरि बफन भयवान ने उसे

हहजाज़ िा गवकनय फना हदमा था।

75 हहजयी भें अब्दर


ु भलरि ने इसे अऩनी भशरय़ी सरतनत, ईया़, फ़ायस

औय लसस्तान, कियभान औय ऽयु ासान िा ज़जसभें िाफर


ु औय िुछ हहस्सा भावया

अर नहय िा बी शालभर था वामस याम फना हदमा।

553
हज्जाज ने अऩनी हहजाज़ िी गवकनयी िे ज़भाने भें भदीने िे रोगों ऩय ज़जनभें

असहाफे यसर
ू (स. अ.) बी थे फड़े फड़े ज़ल्
ु भ किमे। ईया़ भें अऩनी फीस फयस िी

गवकनयी िे दौयान भें उसने त़यीफन डेढ़ राख (1,50000 औय फा यवामत

लभश़ात 5,00000 ऩाॊच राख) फन्दगाने ऽुदा िा ऽून फहामा था। ज़जनभें से फहुत

रोगों ऩय झठ
ू े इल्ज़ाभ औय फोहतान रगामे गमे थे। उसिी वफ़ात िे वक़्त

50,000 (ऩचास हज़ाय) भदक व ज़न ़ैद ऽानों भें ऩड़े हुए उसिी जान िो यो यहे

थे। फे सऽफ़ (फाैय छत) ़ैद ऽाना उसी िी ईजाद है ।

इब्ने ऽल़्ान लरखता है कि अब्दर


ु भलरि फड़ा ज़ालरभ औय सफ़्फ़ाि था औय

ऐसे ही उसिे गवयनय, हज्जाज ईया़ भें , भेहयफान ऽुयासान भें , हश्शाभ इब्ने

इस्भाईर हहजाज़ औय भाये फी अयफ भें औय उसिा फेटा अब्दल्


ु राह लभस्त्र भें ,

हस्सान बफन नोभान भारयफ भें, हज्जाज िा बाई भोहम्भद बफन मस


ू फ़
ु मभन भें ,

भोहम्भद बफन भयवान जज़ीये भें, मह सफ िे सफ ज़ालरभ औय सफ़्फ़ाि थे। औय

भसद
ू ी लरखता है कि फे ऩयवाही से ऽन
ू फहाने भें अब्दर
ु भलरि िे आलभर इसी

िे नक़्शे ़दभ ऩय चरते थे भव


ु ये ऽीन लरखते हैं कि मह िॊजस
ू , फे यहभ,

सफ़्फ़ाि, वामदा खखराफ़,


ु़ दाा फाज़ फे ईभान था। मह भतरफ फयायी िे लरमे सफ

िुछ किमा ियता था। अऽतर इसिे दयफाय िा भशहूय शामय औय ज़हयी भशहूय

भोहद्हदस था ज़जसने सफ से अव्वर हदीस िी किताफ लरखी। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द

1 ऩष्ृ ठ 42)

554
ज़हयी िा असर नाभ इभाभ अफू फिय भोहम्भद बफन भज़ु स्रभ बफन अफीद

उल्रा इब्ने शहाफ ज़हयी भदनी शाभी था। मह ताफई फ़़ीह औय भोहद्हदस था।

51 हहजयी भें ऩैदा हो िय 124 हहजयी भें फ़ौत हुआ। भदीने िे नाभी भोहद्हदसों

औय फ़िीहोु़ भें था, अब्दर


ु भरि औय हश्शाभ ऽुल्फ़ा फनी उभय्मा िी सोहफत भें

यहा। इभाभ भालरि िा उस्ताद औय इल्भे हदीस िा भदन


ू था।

(तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 79 ऩष्ृ ठ 19, 20)

फहुत से उरभा ने लरखा है कि अब्दर


ु भरि बफन भयवान ने हुक्भ दे हदमा था

कि अरी इब्ने हुसन


ै (अ.स.) िो गगयफ़्ताय िय िे शाभ ऩहुॉचा हदमा जाए। चन
ु ाॊचे

आऩ िो जॊजीयों भें जिड़ िय भदीने से फाहय एि ऽेभें भें ठहया हदमा गमा।

ज़हयी िा फमान है कि भैं उन्हें रूऽसत ियने िे लरमे उनिी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य

हुआ। जफ भेयी नज़य हथिड़ी औय फेड़ड़मों ऩय ऩड़ी तो भेयी आॊखों से आॊसू ननिर

ऩड़े औय भैं अज़क ऩयदाज़ हुआ कि िाश आऩिे फजाए रोहे िे ज़ेवयात भैं ऩहन

रेता औय आऩ इससे फयी हो जाते। आऩने फ़यभामा ज़हयी तुभ भेयी हथिड़ड़माॊ,

फेड़ी औय भेये तौ़े गयाॊ फाय िो दे ख िय घफया यहे हो सन


ु ों ! भझ
ु े इसिी िोई

ऩयवाह नहीॊ है । (शवाहे दन


ु नफूवत ऩष्ृ ठ 177 व अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 422 हमातुर औलरमा

ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 135 प्रिालशत लभस्त्र)

अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई फा हवारा ज़हयी लरखते हैं कि इस वा़ेए

िे फाद अब्दर
ु भलरि इब्ने भयवान िे ऩास गमा भैंने िहा कि ‘‘ ऐ अभीय, रैमसा

555
अरी इब्नर
ु हुसन
ै है स तज़न अन्दा भशगर
ू ु़ फे यब्फेही ’’ इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन

(अ.स.) ऩय किसी क़स्भ िा िोई इल्ज़ाभ नहीॊ है । वह तेयी हुिूभत िे भाभेरात

से िोई हदरचस्ऩी नहीॊ यखते वह ऽालरस अल्राह वारे हैं। कि ज़हयी िे तज़किये

ऽुसस
ू ी िे फाद अब्दर
ु भलरि इब्ने भयवान ने हज्जाज बफन मस
ू फ़
ु िो लरखा कि

‘‘ अन मजूतनेफा दे भा फनी अब्दर


ु भत्त
ु लरफ ’’ फनी हालशभ िो सताने औय उनिे

ऽून फहाने से इज्तेनाफ ियें । (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 119)

अल्राभा लशफरी लरखते हैं कि फादशाह ने हज्जाज िो इज्तेनाफ िी वजह बी

लरखी थी औय वह मह थी कि फनी उभय्मा िे अिसय फादशाह उन्हें सतािय जल्द

तफाह हो गए हैं। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 127) ायज़ अब्दर


ु भलरि िे ज़भाने भें इस

वाक़मे िे फाद से औरादे अफु तालरफ हज्जाज िे हाथों से अभान भें यही। (तायीऽे

इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 141)

इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और फतु नयादे काफा ए मोहतरम व

निफे हजरे अिवद

71 हहजयी भें अब्दर


ु भलरि बफन भयवान ने ईया़ ऩय रशिय िशी िय िे

भसअफ बफन ज़ुफयै िो ़त्र किमा कपय 72 हहजयी भें हज्जाज बफन मस
ू फ़
ु िो एि

अज़ीभ रशिय िे साथ अब्दल्


ु राह इब्ने ज़फ
ु यै िो ़त्र ियने िे लरमे भक्िे

भोअज़्ज़भा यवाना किमा। (अफर


ु कफ़दा) वहीॊ ऩहुॉच िय हज्जाज ने इब्ने ज़फ
ु यै से जॊग

556
िी इब्ने ज़ुफयै ने ज़फय दस्त भ़
ु ाफरा किमा औय फहुत सी रड़ाईमाॊ हुईं, आखखय
ु़ भें

इब्ने ज़फ
ु यै भहसयू हो गए, औय हज्जाज ने इब्ने ज़फ
ु यै िो िाफे से ननिारने िे

लरमे िाफे ऩय सॊग फायी शरू


ु िय दी मही नहीॊ फज़ल्ि उसे खद
ु वा डारा। इब्नु ज़फ
ु यै

जभाहदर आखखय
ु़ 73 हहजयी भें ़त्र हुआ। (तायीऽ इब्नुर वयदी) औय हज्जाज जो

ऽाना ए िाफा िी फनु नमाद ति ऽयाफ िय चि


ु ा था, इसिी ताभीय िी तयफ़

भत
ु वज्जे हुआ।

अल्राभा सद्द़
ू किताफ एररश
ु शयाए भें लरखते हैं कि हज्जाज िे हदभे िाफा

िे भौ़े ऩय रोग उसिी लभट्टी ति उठा िय रे गए औय िाफा िो इस तयह रट


लरमा कि इसिी िोई ऩयु ानी चीज़ फा़ी न यही। कपय हज्जाज िो ख़्मार ऩैदा हुआ

कि इसिी ताभीय ियानी चाहहए। चन


ु ान्चे उस ने ताभीय िा प्रोग्राभ भयु त्तफ िय

लरमा औय िाभ शरू


ु िया हदमा। िाभ िी अबी बफल्िुर इब्तेदाई भॊज़ज़र थी कि

एि अज़दहा फयाभद हो िय ऐसी जगह फैठ गमा ज़जसिे हटे फाैय िाभ आगे नहीॊ

फढ़ सिता था। रोगों ने इस वाक़ए िी इत्तेरा हज्जाज िो दी, हज्जाज घफया उठा

औय रोगों िो जभा िय िे उन से भशववया किमा कि अफ क्मा ियना चाहहए। जफ

रोग इसिा हर ननिारने से िालसय


ु़ यहे तो एि शख़्स ने खड़े हो िय िहा कि

आज िय फ़यज़न्दे यसर
ू (स. अ.) हज़यत ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) महाॊ आए हुए हैं

फेहतय होगा कि उन से दयमाफ़्त ियामा जाए मह भसरा उनिे अरावा िोई हर

नहीॊ िय सिता। चन
ु ान्चे हज्जाज ने आऩिो ज़हभते तशयीफ़ आवयी दी। आऩने

557
फ़यभामा हज्जाज तूने ऽाना ए िाफा िो अऩनी भीयास सभझ लरमा। तूने तो

फेनाए इब्राहीभ (अ.स.) उखड़वा िय यास्ते भें डरवा हदमा। ‘‘ सन


ु ! तझ
ु े ऽद
ु ा उस

वक़्त ति िाफे िी ताभीय भें िाभमाफ न होने दे गा जफ ति तू िाफे िा रट


ू ा

हुआ साभान वाऩस न भॊगाएगा। मह सन


ु िय ऐरान किमा कि िाफे से

भत
ु अज़ल्ऱ जो शम बी किसी िे ऩास हो वह जल्द अज़ जल्द वाऩस ियें चन
ु ान्चे

रोगों ने ऩत्थय लभट्टी वाैया जभा िय दी। जफ सफ िुछ जभा हो गमा तो आऩ

उस अज़दहे िे ़यीफ गए औय वह हट िय एि तयफ़ हो गमा। आऩने उसिी

फनु नमाद इस्तेवाय िी औय हज्जाज से फ़यभामा कि इसिे ऊऩय ताभीय ियो ‘‘ फ़र

ज़ालरि साय अर फैत भयतफ़अन ’’ कपय इसी फनु नमाद ऩय ऽाना ए िाफा िी

ताभीय फर
ु न्द हुई। किताफ अर ऽयाएज वर हयाए भें अल्राभा िुतफ यावन्दी

लरखते हैं कि जफ ताभीये िाफा उस भ़ाभ ति ऩहुॉची ज़जस जगह हजये असवद

नसफ ियना था मह दश
ु वायी ऩैदा हुई कि जफ िोई आलरभ, ज़ाहहद, ़ाजी ु़ उसे

नस्फ ियता था तो ‘‘ मताज़र ज़रव मज़तयफ वरा मसत़य ’’ हजये असवद

भत
ु ाज़रज़ज़र औय भज़
ु तरयफ यहता औय अऩने भ़
ु ाभ ऩय ठहयता न था बफर

आखखय
ु़ इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) फर
ु ाए गए औय आऩने बफज़स्भल्राह िह िय

उसे नसफ िय हदमा, मह दे ख िय रोगों ने अल्राहो अिफय िा नाया रगामा।

(दभए सािेफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 437) उल्भा व भव


ु ये ऽीन िा फमान है कि हज्जाज बफन

558
मस
ू फ़
ु ने मज़ीद बफन भाववमा ही िी तयह ऽाना ए िाफा ऩय लभनज़नी़ से ऩत्थय

वाैया कपिवाए थे।

इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और अब्दऱ
ु मसऱक बफन मरवान का

हज

फादशाहे दनु नमा अब्दर


ु भलरि बफन भयवान अऩने अहदे हुिूभत भें अऩने ऩामे

तख़्त से हज िे लरमे यवाना हो िय भक्िे भोअज़्ज़भा ऩहुॉचा औय फादशाहे दीन

हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) बी भदीना ए भन
ु व्वया से यवाना हो िय

ऩहुॉच गए। भनालसिे हज िे लसरलसरे भें दोनों िा साथ हो गमा। हज़यत इभाभ

ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) आगे आगे चर यहे थे औय फादशाह ऩीछे ऩीछे चर यहे था।

अब्दर
ु भलरि िो मह फात नागवाय हुई औय उसने आऩसे िहा क्मा भैंने आऩ िे

फाऩ िो ़त्र किमा है जो आऩ भेयी तयफ़ भत


ु वज्जे नहीॊ होते? आऩने फ़यभामा

कि ज़जसने भेये फाऩ िो ़त्र किमा है उसने अऩनी दनु नमा व आऽेयत ऽयाफ िय

री ह, ै क्मा तू बी मही हौसरा यखता है? उसने िहा नहीॊ। भेया भतरफ मह है

कि आऩ भेये ऩास आमें ताकि भैं आऩसे िुछ भारी सर


ु ि
ू िरूॉ। आऩने इयशाद

फ़यभामा, भझ
ु े तेये भारे दनु नमा िी ज़रूयत नहीॊ है, भझ
ु े दे ने वारा ऽुदा है । मह

िह िय आऩने उसी जगह ज़भीन ऩय रयदाए भफ


ु ायि डार दी औय िाफे िी तयफ़

इशाया िय िे िहा, भेये भालरि इसे बय दे । इभाभ (अ.स.) िी ज़फान से अल्फ़ाज़

559
िा ननिरना था कि रयदाए भफ
ु ायि भोनतमों से बय गई। आऩने उसे याहे ऽुदा भें

दे हदमा। (दभए सािेफा, जन्नातर


ु ऽर
ु द
ू ऩष्ृ ठ 23)

फद फ़करदार और ररया कार हाजजयों की िक्ऱ

इभाभर
ु हदीस ज़हयी िा फमान है कि भैं हज िे भौ़े ऩय इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन

(अ.स.) िे ऩास भ़ाभे अयाफ़ात भें खड़ा हाज़जमों िो दे ख यहा था। दफ़तन भेये भह
ु ॊ

से ननिरा कि भौरा कितने राख हाजी हैं औय कितना ज़फयदस्त शोय भचा हुआ

है । हज़यत ने फ़यभामा कि भेये ़यीफ आओ। जफ भैं बफल्िुर नज़ीद हुआ तो

आऩने भेये चेहये ऩय हाथ पेय िय फ़यभामा, ‘‘ अफ दे खो ’’ जफ भैं ने कपय नज़य

िी तो भझ
ु े राखों आदलभमों भें दस हज़ाय िे एि िे तनासफ
ु से इन्सान हदखाई

हदमे फा़ी सफ िे सफ फन्दय, िुत्ते, सअ


ु य, बेड़ड़मे औय इसी तयह िे जानवय नज़य

आमे। मह दे ख िय भैं है यान यह गमा। आऩने फ़यभामा कि सन


ु ो ! जो सही ननमत

औय सही अ़ीदे िे फाैय हज ियते हैं उनिा मही हश्र होता है । ऐ ज़हयी नेि

ननमत औय हभायी भोवद्दत व भोहब्फत िे फाैय साये आभार फेिाय हैं। (तफ़सीये

इभाभ हसन असियी व दभए सािेफा, ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 438)

560
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और एक मदे फल्खी

अल्राभा शेऽ तयही औय अल्राभा भजलरसी य़भ तयाज़ हैं कि फरऽ िा यहने

वारा एि दोस्त दाये आरे भोहम्भद (अ.स.) हभेशा हज किमा ियता था औय जफ

हज िो आता था तो भदीने जा िय इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िी ज़ज़मायत िा

शयफ़ बी हालसर किमा ियता था। एि भयतफा हज से रौटा तो उसिी फीवी ने

िहा कि तुभ हभेशा अऩने इभाभ िी खखदभत


ु़ भे तोहफ़े रे जाते हो भगय उन्होंने

आज ति तुभ िो िुछ न हदमा। उसने िहा तौफा ियो तुम्हाये लरमे मह िहना

सज़ावाय नहीॊ है, वह इभाभे ज़भाना हैं। वह भालरिे दीनो दनु नमाॊ हैं। वह फ़यज़न्दे

यसर
ू (स. अ.) हैं। वह तम्
ु हायी फातें सन
ु यहे हैं। मह सन
ु िय वह ऽाभोश हो गई।

अगरे सार जफ वह हज से फ़याात िय िे इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िी

खखदभत
ु़ भें ऩहुॉचा औय सराभ व दस्त फोसी िे फाद आऩिे ऩास फैठा तो आऩ ने

खाना तरफ फ़यभामा। हुक्भे इभाभ (अ.स.) से भजफयू हो िय उसने इभाभ (अ.स.)

िे साथ खाना खामा। जफ दोनों खाना खा चि


ु े तो इभाभ िे दोस्त फरऽी ने हाथ

धर
ु ाना चाहा। आऩने फ़यभामा तू भहभान है , मह तेया िाभ नहीॊ। उसने इसयाय

किमा औय हाथ धर
ु ाना शरू
ु िय हदमा। जफ तश्त बय गमा तो आऩने ऩछ
ू ा मह

क्मा है । उसने िहा ‘‘ ऩानी ’’ हज़यत ने फ़यभामा नहीॊ ‘‘ मा़ूते अहभय ’’ हैं। जफ

उसने ाौय से दे खा तो वह तश्त ‘‘ मािूते सख


ु क ’’ से बया हुआ था। इसी तयह ‘‘

ज़भयु क दे सब्ज़ ’’ औय ‘‘ दयु े फैज़ ’’ से बय गमा। मानी तीन फाय ऐसा ही हुआ मह

561
दे ख िय वह है यान हो गमा औय आऩिे हाथों िा फोसा दे ने रगा। हज़यत ने

फ़यभामा इसे रेते जाओ औय अऩनी फीवी िो दे दे ना औय िहना कि हभाये ऩास

औय िुछ भारे दनु नमा से नहीॊ है । वह शख़्स शयलभन्दा हो िय फोरा, भौरा आऩिो

हभायी फीवी िी फात किसने फता दी? इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा हभें सफ भारभ

हो जाता है । उसिे फाद वह इभाभ (अ.स.) से रूऽसत हो िय फीवी िे ऩास ऩहुॉचा।

जवाहे यात दे िय साया वा़ेमा फमान किमा। फीवी ने िहा आइन्दा सार भैं बी चर

िय ज़ज़मायत िरूॉगी। जफ दस
ू ये सार फीवी हभयाह यवाना हुई, तो यास्ते भें

इन्ते़ार िय गई। वह शख़्स हज़यत िी खखदभत


ु़ भें योता ऩीटता हाज़ज़य हुआ।

हज़यत ने दो यिअत नभाज़ ऩढ़ िय फ़यभामा, जाओ तुम्हायी फीवी बी ज़ज़न्दा हो

गई है । उस ने ़माभ गाह ऩय रौट िय फीवी िो ज़ज़न्दा ऩामा। जफ वह हाज़ज़ये

खखदभत
ु़ हुई तो िहने रगी, ऽुदा िी ़सभ इन्होंने भझ
ु े भरिुर भौत से िह िय

ज़ज़न्दा किमा था औय उस से िहा था कि मह भेयी ज़ामया है । भैंने इसिी उम्र

तीस सार फढ़वा री है ।

(अर भुन्तखखफ
ु़ वर बफहाय)

इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) अखऱाख की दतु नयाॊ मे

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) चॊकू ि फ़यज़न्दे यसर
ू (स. अ.) थे इस लरमे आऩ

भें सीयते भोहम्भहदमा िा होना राज़भी था। अल्राभा भोहम्भद इब्ने तल्हा शाफ़ेई

562
लरखते हैं कि एि शख़्स ने आऩिो फयु ा बरा िहा, आऩने फ़यभामा, बाई भैंने तो

तेया िुछ नहीॊ बफगाड़ा अगय िोई हाजत यखता हो तो फता ताकि भैं ऩयू ी िरूॊ। वह

शयलभन्दा हो िय आऩिे अऽराख िा िरभा ऩढ़ने रगा।

(भतारेफस
ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 267)

अल्राभा हजये भक्िी लरखते हैं, एि शख़्स ने आऩिी फयु ाई आऩिे भॊह
ु ऩय िी,

आऩने उस से फे तवज्जीही फयती। उसने भऽ


ु ानतफ िय िे िहा भैं तभ
ु िो िह यह

हूॉ। आऩ ने फ़यभामा भैं हुक्भे ऽद


ु ा ‘‘ वा अज़क अनारन जाहे रीन ’’ जाहहरों िी

फात िी ऩयवाह न ियो, ऩय अभर िय यहा हूॉ। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120)

अल्राभा लशब्रन्जी लरखते हैं कि एि शख़्स ने आऩ से आ िय िहा कि फ़राॊ

शख़्स आऩिी फयु ाई िय यहा था। आऩने फ़यभामा कि भझ


ु े उसिे ऩास रे चरो,

जफ वहाॊ ऩहुॉच,े तो उस से फ़यभामा बाई जो फात तूने भेये लरमे िही है, अगय भैंने

ऐसा किमा हो तो खदा


ु ु़ भझ
ु े फख़्शे औय अगय नहीॊ किमा तो ऽद
ु ा तझ
ु े फख़्शे कि

तूने फोहतान रगामा।

एि यवामत भें है कि आऩ भज़स्जद से ननिर िय चरे तो एि शख़्श आऩिो

सख़्त अल्फ़ाज़ भें गालरमाॊ दे ने रगा। आऩने फ़यभामा कि अगय िोई हाजत यखता

है तो भैं ऩयू ी िरूॉ, ‘‘ अच्छा रे ’’ मह ऩाॊच हज़ाय हदयहभ। वह शयलभन्दा हो गमा।

एि यवामत भें है कि एि शख़्स ने आऩ ऩय फोहतान फाॊधा। आऩने फ़यभामा भेये

औय जहन्नभ िे दयलभमान एि खाई है अगय भैंने उसे तम िय लरमा तो ऩयवाह

563
नहीॊ, जो जी चाहे िहो औय अगय उसे ऩाय न िय सिॊू तो भैं इस से ज़्मादा फयु ाई

िा भस्
ु तह़ हूॉ जो तभ
ु ने िी। (नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 126- 127)

अल्राभा दभीयी लरखते हैं कि एि शाभी हज़यत अरी (अ.स.) िो गालरमाॊ दे

यहा था। इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) ने फ़यभामा, बाई तुभ भस
ु ाकफ़य भारभ
ू होते

हो, अच्छा भेये साथ चरो, भेये महाॊ ़माभ ियो औय जो हाजत यखते हो फताओ

ताकि भैं ऩयू ी िरूॊ। वह शयलभन्दा हो िय चरा गमा। (हमातुर है वान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ

121)

अल्राभा तफरयसी लरखते हैं कि एि शख़्स ने आऩसे फमान किमा कि फ़राॊ

शख़्स आऩिो गुभयाह औय बफदअती िहता है । आऩने फ़यभामा अफ़सोस है कि तुभ

ने उसिी हभ नशीनी औय दोस्ती िा िोई ख़्मार न यखा औय उसिी फयु ाई भझ


ु से

फमान िय दी। दे खो मह ाीफत है अफ ऐसा िबी न ियना। (एहतेजाज ऩष्ृ ठ 304)

जफ िोई सामर आऩिे ऩास आता तो ऽश


ु व भसरूय हो जाते थे औय फ़यभाते

थे कि ऽुदा तेया बरा िये कि तू भेया ज़ादे याहे आऽेयत उठाने िे लरमे आ गमा

है । (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 263)

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) सहीफ़ा ए िाभेरा भें इयशाद फ़यभाते हॊ ,ै ऽुदा

वन्दा भेया िोई दयजा न फढ़ा, भगय मह कि इतना ही खुद भेये नज़दीि भझ
ु िो

घटा औय भेये लरमे िोई ज़ाहहयी इज़्ज़त न ऩैदा िय भगय मह कि ऽद


ु भेये

नज़दीि इतनी ही फातनी रज़्ज़त ऩैदा िय दे ।

564
इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) और िहीफा ए कामेऱा

किताफ सहीफ़ा ए िाभेरा आऩिी दआ


ु ओॊ िा भजभआ
ू है । इसभें फेशभ
ु ाय उरभ

व फ़ुनन
ू िे जौहय भौजूद हैं। मह ऩहरी सदी िी तसनीफ़ है । (भआलरभ अर उरेभा

ऩष्ृ ठ 1 तफआ ईयान) इसे उरेभा ए इस्राभ ने ज़ुफय


ू े आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) औय

इन्जीरे अहरेफत
ै (अ.स.) िहा है । (नेमाफर
ु भोअद्दता ऩष्ृ ठ 499 व फ़ेहरयस्त िुतफ
ु ऽाना

ए तेहयान ऩष्ृ ठ 36) औय उसिी फ़साहत व फराात भआनी िो दे ख िय उसे िुतफ


ु े

सभाववमा औय सहफ़े रौहहमा व अयलशमा िा दयजा हदमा गमा है । (रयमाज़ुर सारी़ैन

ऩष्ृ ठ 1) इसिी चारीस हज़ाय शयहें हैं ज़जनभें भेये नज़दीि रयमाज़ुर सारीिैन िो

फ़ौिीमत
ु़ हालसर है ।

हश्शाभ बफन अब्दर


ु भलरि औय ़सीदा ए फ़यज़द़

अब्दर
ु भलरि इब्ने भयवान िा सन ़् 105 भें ऽरीफ़ा होने वारा फेटा हश्शाभ

बफन अब्दर
ु भलरि अऩने फा ऩिे अहदे हुिूभत भें एि भयतफा हज्जे फैतुल्राह िे

लरमे भक्िे भोअज़्ज़भा गमा। भनालसिे हज फजा राने िे लसरलसरे भें तवाफ़ से

फ़याात िे फाद हजये असवद िा फोसा दे ने आगे फढ़ा औय ऩयू ी िोलशश िे फवजद

हाज़जमों िी िसयत िी वजह से हजये असवद िे ऩास न ऩहुॉच सिा। आखखय


ु़ िाय

एि िुसी ऩय फैठ िय भजभे िे छटने िा इन्तेज़ाय ियने रगा। हश्शाभ िे गगदक

565
उसिे भानने वारों िा अम्फोह िसीय था। मह फैठा हुआ इन्तेज़ाय ही िय यहा था

कि नागाह एि तयफ़ से फ़यज़न्दे यसर


ू (स. अ.) हज़यत इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन

(अ.स.) फयाभद हुए। आऩने तवाफ़ िे फाद ज्मों ही हजये असवद िी तयफ़ रूऽ

किमा भजभा पटना रगा, हाजी हटने रगे, यास्ता साफ़ हो गमा औय आऩ ़यीफ

ऩहुॉच िय त़फीर फ़यभाने रगे। हश्शाभ जो िुसी ऩय फैठा हुआ था हारात िा

भत
ु ारेआ िय यहा था जर बन
ु िय ऽाि हो गमा औय उसिे साथी फहये है यत भें

ा़क हो गमे। एि भॊह


ु चढ़े ने हश्शाभ से ऩछ
ू ा, हुज़ूय मह िौन हैं? हश्शाभ ने मह

सभझते हुए कि अगय तअरूकफ़ िया हदमा औय इन्हें फता हदमा कि मह ऽानदाने

रयसारत िे चश्भों गचयाा हैं तो िहीॊ भेये भानने वारों िी ननगाह भेयी तयफ़ से

कपय िय उनिी तयफ़ भड़


ु न जामे। तजाहुरे आयोफ़ाना िे तौय ऩय िहने रगा, ‘‘

भआ अयफ़ा ’’ भैं नहीॊ ऩहचानता। मह सन


ु िय शामये दयफाय जनाफ फ़यज़द़ से न

यहा गमा औय उन्होंने शालभमों िी तयफ़ भऽ


ु ानतफ हो िय िहा, ‘‘ अना अयाफ़ा ’’

इसे भैं जानता हूॉ कि मह िौन हैं, ‘‘ भझ


ु से सन
ु ो ’’ मह िह िय उन्होंने

इयतेजारन औय कफ़र फदीहा एि अज़ीभ उश्शान ़सीदा ऩढ़ना शरू


ु िय हदमा

ज़जसिा ऩहरा शेय मह है तयजुभा मह वह शख़्स है ज़जस िो खाना ए िाफा हहल्रो

हयभ सफ ऩहचानते हैं औय उसिे ़दभ यखने िी जगह, ़दभ िी चाऩ िो ज़भीन

फतहा बी भहसस
ू िय रेती है । भैं इस यदीफ़ भें इस ़सीदे िा उदक ू भनजूभ

तयजुभा दजक ज़ैर ियता हूॉ।

566
मह वह है जानता है भक्िा ज़जसिे नक़्शे ़दभ

ऽद
ु ा िा घय बी है, आगाह औय हहल्रो हयभ

जो फेहतयीन ऽराए़ है उस िा है फ़यज़न्द

है ऩाि व ज़ाहहद व ऩािीज़ा व फर


ु न्द हशभ

िुयु़ ै श लरखते हैं जफ, इसे तू िहते हैं

फज़
ु गुक गमों ऩे हुई इसिी इन्तेहाए ियभ

इस ़सीदे िे तभाभ ना़ेरीन ने ऩहरा शेय मह लरखा है ।

हाज़र रज़ी ताअयरूप अर फतहा व तातहू

वाअर फैतमा अयफ़हू वाअरहरव अरहयभ

रेकिन मह भारभ
ू होने िे फाद कि ़सीदे िे लरमे भतरा ज़रूयी होता है । उसे

ऩहरा शेय ़याय नहीॊ हदमा जा सिता, अर फत्ता मह भज़ु म्िन है कि मह सभझा

जाए कि शामय ने भौ़े िे रेहाज़ से अऩने ़सीदे िी इस वक़्त ऩढ़ने िी इब्तेदा

इसी शेय से िी थी औय भव
ु ये ऽीन ने इसी शेय िो ऩहरा शेय ़याय दे हदमा।

अल्राभा अब्दल्
ु राह इब्ने भोहम्भद इब्ने मस
ू फ़
ु ज़ाज़नी अर भौतफ़
ू ी 231 हहजयी

शयहे सफहे भअ
ु ल्रे़ात भें लरखते हैं कि इस ़सीदे िा ऩहरा शेय मह है ।

मा साएरी एन हर अरजद ू व अर ियभ

अन्दी फमान अज़ा, तराफहा ़दभ

567
क़िीदाऐ फरज़दक़ के मत
ु ासऱक़ एक ग़ऱत फहमी और उिका इज़ाऱा

इभाभे अहरे सन्


ु नत भोहम्भद अब्दर
ु ़ाहदय सईद अरयाफ़ई ने 1927 ई0 भें

शाएय अयफ अफू अरतभाभ हफीफ अदस बफन हायस ताई आभरी शाभी फादाद िे

िीवान ‘‘ हभासह ’’ िे लभस्र प्रिालशत ियामा है । इसिी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 284 ऩय

इस ़सीदे िे इब्तेदाई 6 अश ़्आय िो ऩर िय िे लरखा है कि मह अश ़्आय ‘‘

हज़ीन अर िनानी ’’ िे हैं। इसने उन्हें अब्दल्


ु राह बफन अब्दर
ु भलरि बफन

भयवान िी भदह भें िहे थे, साथ ही साथ मह बी लरखा है ‘‘व अरनास मयोदन

हाज़ह अर फमात अरऩ फ़यज़ो़ मभदह फहा अरी इफनर


ु हुसन
ै बफन अफी तालरफ

व है ारतभन यदहाफ़ह रान हाज़ा रेस भभामदहा फेही लभस्र अरी बफन अर हुसन

व रहभन अर फ़ज़र अरफा हयभारैसा रा हद फ़ी व़तहू ’’ औय रोग जो इन

अफमात िे भत
ु ाअज़ल्ऱ मह यवामत ियते हैं कि मह फ़यज़द़ िे हैं औय उसने

उन्हें भदहे ‘‘ इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) ‘‘ भें िहा है ारत है क्मों कि मह

अशआय उनिे शामाने शान नहीॊ हैं वह तो अऩने वक़्त िे सफ से फड़े साहे फे

फ़ज़ीरत थे। भैं िहता हूॉ कि मह अशआय फ़यज़दि ही िे हैं क्मों कि इसे फेशभ
ु ाय

फ़हूर उरभा व भव
ु ये ऽीन ने उन्हीॊ िे अश ़्आय तसरीभ किए हैं ज़जनभें इभाभ अर

भोह़े़ीन अल्राभा शेऽ भफ़


ु ीद अरै हहय यहभा भौतूफ़ी 413 हहजयी व इभाभ

ज़दज़नी अर भौतूफ़ी 431 हहजयी व अल्राभा इब्ने हजय भक्िी व हाकफ़ज़ अफू

नईभ औय साहे फे भज़ा कपर अदफ शालभर हैं। भर


ु ाहे ज़ा हो इयशाद भफ़
ु ीद ऩष्ृ ठ

568
399 प्रिालशत ईयान 1303 इन उरभा िे तसरीभ ियने िे फाद किसी फ़यदे

वाहहद िे इनिाय से िोई असय नहीॊ ऩड़ा।

ऩहुॉच गमा है मह इज़्ज़त िी उस फर


ु न्दी ऩय

जहाॊ ऩय जा सिे इस्राभ िे अयफ व अजभ

मह चाहता है कि रे हाथों हाथ रूिने हतीभ

जो चभ
ू ने हजये असवद, आए ननज़्दे हयभ

छड़ी है हाथ भें, ज़जसिे भहिती है ऽुशफू

व्ह हाथ जो नहीॊ इज़्ज़त भें औय शान भें िभ

नज़य झि
ु ाए हैं सफ मह हमा है योफ से रोग

जो भस्
ु िुयाए तो आजाए, फात ियने िा दभ

जफीॊ िे नयू े हहदामत से, िुफ्र घटता है मॉू

ज़ज़माए भहय से तायीकिमाॉ, हों जैसे िभ

फ़ज़ीरत औय नफीमो िी इसिे जद से है ऩस्त

तभाभ उम्भतें , उम्भत से इसिे रूतफे भें िभ

मह वह दयख़्त है ज़जसिी है जड़ खुदा िा यसर


इसी से कफ़तयत व आदात बी हैं ऩाि फहभ

मह फ़ात्भा िा है, फ़यज़न्द ‘‘ तू नहीॊ वाक़फ़ ’’

इसी िे जद से नबफमों िा फढ़ सिा न ़दभ

569
अज़र से लरखी है, ह़ ने शयाफ़तों अज़्ज़त

चरा इसी िे लरमे रौह ऩय खदा


ु ु़ िा ़रभ

जो िोई ाैज़ हदरा दे , तो शेय से फढ़ जाए

लसतभ िये िोई इस ऩय तो भौत िा नहीॊ ाभ

ज़यक न होगा उसे त,ू फने हज़ाय अन्जान

इसे तो जानते हैं सफ अयफ तभाभ अजभ

फयसते हब्र हैं हाथ इसिे ज़जनिा फ़ैज़ है आभ

वह फयसा ियते हैं, मिसाॉ िबी नहीॊ हुए िभ

वह नयभ है, कि डय जल्द फाज़ज़मों िा नहीॊ

है हुसने ऽुल्ि, इसी िी तो ज़ीनते फाहभ

भलु सफतों भें ़फीरों िे, फाय उठाता है

हैं ज़जतने खूफ शभाएर, हैं इतने खूफ ियभ

िबी न उसने िहा ‘‘ रा ’’ फजज़


ु तशहुद िे

अगय न होता तशहुद तो होता ‘‘ रा ’’ बी नअभ

खखराफ़
ु़ े वादा नहीॊ ियता, मह भफ
ु ायि ज़ात

है भेज़ फान बी, अ़र व इयादह बी है फहभ

तभाभ ऽऱ ऩे एहसाने आभ है इसिा

इसी से उठ गमा अफ़रासो यॊ जो फ़क्रा ़दभ

570
भोहब्फत इसिी है ‘‘ दीन ’’ औय अदावत इसिी है िुफ़्र

है ़ुयफा इसिा, ननजातो ऩनाह िा आरभ

शभ
ु ाय ज़ाहहदों िा हो, तो ऩेशवा महा हो

कि फेहतयीन ऽराए़, इसीिो िहते है हभ

ऩहुॉचना इसिी सऽावत, ाैय भज़ु म्िन है

सऽी हों राख न ऩाॊएगे इसिी गयदे ़दभ

जो ़हत िी हो मह अफये फायाॊ हैं

जो बड़िे जॊग िी आनतश मह शेय से नहीॊ िभ

न भफ़
ु लरसी िा असय है, फ़याा दस्ती ऩय

कि इसिो ज़य िी ऽुशी है न फेज़यी िा अरभ

इसी िी चाह से जाती है आफ़त औय फदी

इसी िी वजह से आती है नेिी औय ियभ

इसी िा ज़ज़क्र भ़
ु द्दभ है फाद ज़ज़क्रे खदा
ु ु़

इसी िे नाभ से हय फात ऽत्भ ियते हैं हभ

भज़म्भत आने से इसिे ़यीफ बागती है

ियीभे ऽऱ हैं होती नहीॊ सऽावत िभ

ऽुदा फन्दों भें है िौन ऐसा ज़जसिा सय

इसी घयाने िे एहसान से हुआ न हो ऽभ

571
ऽुदा िो जानता है जो इसे बी जानता है

इसी िे घय से लभरा उम्भतों िो दीन फहभ

इस ़सीदे िो सन
ु िय हश्शाभ ाैज़ो ाज़फ से ऩेचो ताफ खाने रगा औय उसिा

नाभ दयफायी शोअया िी फ़ेहयीस्त से ननिार िय उसे फभ़


ु ाभ असफ़ान ़ैद िय

हदमा। हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िो जफ इसिी ़ैद िा हार भारभ

हुआ तो आऩने फायह हज़ाय हदयहभ उसिे ऩास बेजा। फ़यज़द़ ने मह िह िय

वावऩस िय हदमा कि भैंने दनु नमावी उजयत िे लरमे ़सीदा नहीॊ िहा है इस से भैं

़सदे सवाफ िा इयादा यखता हूॉ। हज़यत ने फ़यभामा कि हभ आरे भोहम्भद

(अ.स.) िा मह उसर
ू है कि जो चीज़ दे दे ते हैं कपय उसे वाऩस नहीॊ रेते। तुभ इसे

रे रो। खुदा तुम्हायी ननमत िा अजये अज़ीभ दे गा, वह सफ िुछ जानता है । ‘‘ फ़ा

़फरहर फ़यज़द़ ’’ फ़यज़द़ ने उसे ़ुफर


ू िय लरमा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120

भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 226, अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 403, भजालरसे अदफ, ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 254,

वसीरतुन नजात ऩष्ृ ठ 320, तायीऽे अहभदी ऩष्ृ ठ 328, तायीऽे आइम्भा ऩष्ृ ठ 369, हुरमतुर

अवलरमा हाकफ़ज़ अफू नईभ रयसारा ह़ाएि रऽनऊ)

अल्राभा इब्ने हसन जायचवी लरखते हैं कि ‘‘ हश्शाभ उनिो एि हज़ाय दीनाय

साराना हदमा ियता था जफ उसने मह य़भ फन्द िय दी तो मह फहुत ऩये शान

हुए। भाववमा बफने अब्दल्


ु राह इब्ने जाफ़ये तय्माय ने िहा, फ़यज़द़ घफयाते क्मों

हो, कितने सार ज़ज़न्दा यहने िी उम्भीद है ? उन्होंने िहा मही फीस सार। फ़यभामा

कि मह फीस हज़ाय दीनाय रे रो औय हश्शाभ िा ख़्मार छोड़ दो। उन्होंने िहा

572
भझ
ु े अफू भोहम्भद अरी इब्नर
ु हुसन
ै (अ.स.) ने बी य़भ इनामत फ़यभाने िा

इयादा किमा था भगय भैंने ़फर


ू नहीॊ किमा। भैं दनु नमा िा नहीॊ आऽेयत िे अज्र

िा उम्भीदवाय हूॉ।

फेहारूर अनवाय भें है कि हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) ने चारीस

दीनाय अता फ़यभामे औय हुआ बी ऐसी ही कि फ़यज़द़ उसिे फाद चारीस सार

औय ज़ज़न्दा यहे । (तज़किया भोहम्भद (स. .अ.) व आरे भोहम्भद (अ.स.) ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ

190)

फरज़न्दे रिऱ
ू (ि.अ.व.व.) इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और मख़्
ु तार

आऱे मोहम्मद

अब्दर
ु भलरि बफन भयवान िे अहदे खखराफ़त
ु़ भें हज़यते भख़्
ु ताय बफन अफू

उफैदा स़पी ़ातेराने हुसन


ै से फदरा रेने िे लरमे भैदान भें ननिर आमे।

अल्राभा भसद
ू ी लरखते हैं कि इस भ़सद भें िाभमाफी हालसर ियने िे लरमे

उन्होंने इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िी फैअत ियनी चाही भगय आऩने फैअत

रेने से इन्िाय िय हदमा। (भरूजुर ज़हफ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 155) अल्राभा नरू
ु ल्राह

शस्
ू तयी शहीदे सालरस तहयीय फ़यभाते हैं कि अल्राभा हहल्री ने भख़्
ु ताय िो

भ़फर
ू रोगों भें शभ
ु ाय किमा है । इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) ने उन ऩय ऩ
ु ता

573
चीनी ियने से योिा है औय इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने उनिे लरमे यहभत िी

दआ
ु िी है । (भजारेसर
ु भोभेनीन ज़जल्द 346)

अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) ने

उनिी िाय गुज़ायी िे लरसलसरे भें ऽुदा िा शक्र


ु अदा किमा है ।

(ज़जराउर उमन
ू )

आऩ िूफ़े िे यहने वारे थे। जनाफे भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर िो आऩ ही ने सफ से

ऩहरे भेहभान यखा था। आऩिो इब्ने ज़ज़माद ने आरे भोहम्भद (अ.स.) से भोहब्फत
ु़
िे जुभक भें िैद िय हदमा था। वहाॊ से छूटने िे फाद आऩ ने ऽूने हुसन
ै (अ.स.) िा

फदरा रेने िा अज़भे बफर जज़भ िय लरमा था। चन


ु ान्चे 26 हहजयी भें एि फड़ी

जभाअत िे साथ फयाभद हो िय िूफ़े िे हाकिभ फन फैठे औय आऩने किताफ,

सन्
ु नत औय इन्ते़ाभे ऽूने हुसन
ै (अ.स.) ऩय फैअत रे िय फड़ी भस्
ु तैदी से

इन्ते़ाभ रेना शरू


ु िय हदमा। लशम्र िो ़त्र िय हदमा, ऽर
ू ी िो ़त्र िय िे

आग भें जरा हदमा, उभय बफन सअद औय उसिे फेटे हफ़स िो ़त्र किमा।

(तायीऽ अफर
ु कफ़दा)

भल्
ु रा भफ
ु ीन लरखते हैं कि लशम्र िो ़त्र िय िे उसिी राश िो उसी तयह

घोड़ों िी टाऩों से ऩाभार िय हदमा ज़जस तयह उसने इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी राशे

भफ
ु ायि िो ऩाभार किमा था। (वसीरतुन नजात) 67 हहजयी भें इब्ने ज़ज़माद िो

गगयफ़्ताय ियने िे लरमे इब्राहीभ इब्ने भालरिे अशतय िी सयियदगी भें एि फड़ा

574
रशिय भस
ू र बेजा जहाॊ िा वह उस वक़्त गवकनय था। शदीद जॊग िे फाद इब्राहीभ

ने उसे ़त्र किमा औय उसिा सय भख़्


ु ताय िे ऩास बेज िय फा़ी फदन नज़ये
ु़
आतश िय हदमा। (अफर
ु कफ़दा) कपय भख़्
ु ताय िे हु क्भ से ि ै स इब्ने अशअस िी

गयदन भायी गई। फजदर इब्ने सरीभ (ज़जसने इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी उॊ गरी एि

अॊगूठी िे लरमे िाटी थी) िे हाथ ऩाओॊ िाटे गमे। कपय हिीभ इब्ने तुफ़ैर ऩय तीय

फायानी िी गई। उसने अरभदाये ियफरा हज़यत अब्फास (अ.स.) िो शहीद किमा

था। इसी िे साथ मज़ीद इब्ने सालरि, इभयान बफन ऽालरद, अब्दल्
ु राह बफजरी,

अब्दल्
ु राह इब्ने ़ैस ज़यआ इब्ने शयीि, सफीह शाभी औय सनान बफन अनस

तरवाय िे घाट उताये गमे। (हफीफ उर सैय) उभय बफन हज्जाज बी गगयफ़्ताय हो िय

़त्र हुआ। (यौज़तुर सफ़ा)

लभन्हार बफन उभय िा िहना है कि भैं इसी दौयान भें हज िे लरमे गमा तो

हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) से भर
ु ा़ात हुई। आऩने ऩछ
ू ा हुयभर
ु ा बफन

िाहहर असदी िा क्मा हश्र हुआ? भैंने िहा वह तो सालरभ था। आऩने आसभान

िी तयफ़ हाथ उठा िय फ़यभामा, ऽद


ु ामा उसे आतशे तेा िा भज़ा चखा। जफ भैं

िूफ़े वाऩस आमा औय भख़्


ु ताय से लभरा औय उन से वा़ेमा फमान किमा तो वह

इभाभ (अ.स.) िी फद दआ
ु िी तिभीर ऩय सजदा ए शक्र
ु अदा ियने रगे।ाज़क

कि आऩने फेशभ
ु ाय ़ातेराने हुसन
ै (अ.स.) िो तरवाय िे घाट उताय हदमा।

575
़ाज़ी भेफज़ी ने शयहे दीवाने भत
ु ज़कवी भें लरखा है कि भख़्
ु ताये आरे भोहम्भद

(स. अ.) िे हाथों से ़त्र होने वारों िी तादाद अस्सी हज़ाय तीन सौ तीन

(80,303) थी।

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि जनाफे भख़्
ु ताय िे साभने ज़जस वक़्त इब्ने ज़ज़माद

भरऊन िा सय यखा गमा था तो एि साॊऩ आ िय उसिे भॊह


ु भें घस
ु िय नाि से

ननिरने रगा। इसी तयह दे य ति आता जाता यहा। वह मह बी लरखते हैं कि

हज़यते भख़्
ु ताय ने इब्ने ज़ज़माद िा सय हज़यत इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िी

खखदभत
ु़ भें भदीना ए भन
ु व्वया बेज हदमा। ज़जस वक़्त वह सय ऩहुॉचा तो आऩने

शक्र
ु े ऽुदा अदा किमा औय भख़्
ु ताय िो दआ
ु एॊ दीॊ। भव
ु ये खीनु़ िा मह बी फमान है

कि उसी वक़्त औयतों ने फारों भें िॊघी ियनी औय सय भें तेर डारना औय आॊखों

भें सयु भा रगाना शरू


ु किमा जो वा़ेए ियफरा िे फाद से इन चीज़ों िो छोड़े हुमे

थीॊ। (अ़दे फ़यीद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 251, नुरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 124, भजालरसे भोभेनीन, फेहारूर

अनवाय) ाज़क कि जनाफे भख़्


ु ताय ने इन्ते़ाभे ऽन
ू े शोहदा रेने िे लसरलसरे भें

िायहाम नभ
ु ामाॊ किमे। बफर आखखय
ु़ 14 यभज़ान 67 हहजयी िो आऩ िूफ़े िे

दारूर इभायाह िे फाहय शहीद िय दीमे गमे। ‘‘ इन्ना लरल्राहे व इन्ना इरैहे

याजेऊन ’’ (तफ़सीर िे लरमे भुराहे ज़ा हो किताफ भुख़्ताय आरे भोहम्भद (स. अ.)

भोअल्रेफ़ा ह़ीय भतफआ


ू राहौय)

576
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) उमर बफन अब्दऱ
ु अज़ीज़ की तनगाह में

86 हहजयी भें अब्दर


ु भलरि इब्ने भयवान िे इन्ते़ार िे फाद उसिा फेटा

वरीद बफन अब्दर


ु भलरि ऽरीफ़ा फनामा गमा। मह हज्जाज बफन मस
ू फ़
ु िी तयह

ननहामत ज़ालरभों जाबफय था। इसिे अहदे ज़ल्


ु भत भें उभय बफन अब्दर
ु अज़ीज़ जो

कि चचा ज़ाद बाई था, हहजाज़ िा गवकनय भ़


ु यक य हुआ। मह फड़ा भन
ु लसफ़ लभजाज़

औय फ़य्माज़ था। उसी िे अहदे गवकनयी िा एि वा़ेमा मह है कि 87 हहजयी भें

सयवये िामनात िे यौज़े िी एि दीवाय गगय गई थी। जफ उसिी भयम्भत िा

सवार ऩैदा हुआ औय उसिी ज़रूयत भहसस


ू हुई कि किसी भ़
ु द्दस हस्ती िे हाथ

से इसिी इब्तेदा िी जाम तो उभय बफन अब्दर


ु अज़ीज़ ने हज़यत इभाभ ज़ैनर

आफेदीन (अ.स.) ही िो सफ ऩय तयजीह दी। (वफ़ा अर वफ़ा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 386) इसी

ने कफ़दि वाऩस किमा था औय अभीयर भोभेनीन (अ.स.) ऩय से तफयाक िी वह

बफदअत जो भाववमा ने जायी िी थी फन्द ियाई थी।

इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) की िहादत

आऩ अगय चे गोशा नशीनी िी ज़ज़न्दगी फसय फ़यभा यहे थे रेकिन आऩ िे

रूहानी इ़तेदाय िी वजह से फादशाहे वक़्त वरीद बफन अब्दर


ु भलरि ने आऩिो

ज़हय हदमा औय आऩ फतायीऽ 25 भोहयक भर


ु हयाभ 95 हहजयी भत
ु ाबफ़ 714 ई0

577
िो दयजा ए शहादत ऩय फ़ाएज़ हो गमे। इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) ने नभाज़े

जनाज़े ऩढ़ाई औय आऩ भदीने िे जन्नतर


ु फ़ी भें दफ़्न िय हदमे गमे।

अल्राभा लशब्रन्जी, अल्राभा इब्ने सफाा भारेिी, अल्राभा लसब्ते इब्ने जोज़ी

तहयीय फ़यभाते हैं कि ‘‘ व अनर रज़ी सभआ अर वरीद बफन अब्दर


ु भलरि ’’

ज़जसने आऩिो ज़हय दे िय शहीद किमा वह वरीद बफन अब्दर


ु भलरि ऽरीफ़ा ए

वक़्त है । (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 128, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120, फ़ुसूर अर भहभा, तज़कियाए

लसब्ते जौज़ी, अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 444, भनाक़फ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 121) भल्
ु रा जाभी

तहयीय फ़यभाते हैं कि आऩिी शहादीन िे फाद आऩिा ना़ा ़ब्र ऩाय नारा व

फ़रयमाद ियता हुआ तीन योज़ भें भय गमा। (शवाहे दन


ु नफूवत ऩष्ृ ठ 179) शहादत िे

वक़्त आऩिी उम्र 57 सार िी थी।

आऩकी औऱाद

उरेभा ए फ़यी़ैन िा इत्तेफ़ा़ है कि आऩने ग्मायह रड़िे औय चाय रड़किमाॊ

छोड़ीॊ। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120 व अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 444)

अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद फ़यभाते हैं कि उन 15 अवरादों िे नाभ मह हैं।

1. हज़यत इभाभ भोहम्भद (अ.स.) आऩिी वारेदा हज़यत इभाभ हसन (अ.स.)

िी फेटी अम्भे अब्दल्


ु राह जनाफे फ़ात्भा थीॊ।

2. अब्दल्
ु राह,

578
3. हसन,

4. ज़ैद,

5. उभय,

6. हुसन
ै ,

7. अब्दर
ु यहभान,

8. सर
ु भ
ै ान,

9. अरी,

10. भोहम्भद असाय,

11. हुसन
ै असाय

12. ऽदीजा,

13. फ़ात्भा,

14. आरीमा

15. उम्भे िुल्सभ


ू ।

(इयशाद भुफ़ीद फ़ायसी ऩष्ृ ठ 401)

जनाफे ज़ैद िहीद

आऩिी औराद भें हज़यत इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) िे फाद सफ से नभ


ु ामा

है लसमत जनाफे ज़ैद शहीद िी है । आऩ 80 हहजयी भें ऩैदा हुमे। 121 हहजयी भें

579
हश्शाभ बफन अब्दर
ु भलरि से तॊग आ िय आऩ अऩने हभ नवा तराश ियने रगे

औय मिुभ सफ़य 122 हहजयी िो चारीस हज़ाय (40000) िूफ़ीमों सभैत भैदान भें

ननिर आमे। ऐन भौ़ा ए जॊग भें िूफ़ीमों ने साथ छोड़ हदमा। फाज़ भआसयीन

लरखते हैं कि िूफ़ीमों िे साथ छोड़ने िा सफफ इभाभ अफू हनीफ़ा िी निस फैअत

है क्मों कि उन्होंने ऩहरे जनाफे ज़ैद िी फैअत िी थी कपय जफ हश्शाभ ने आऩिो

दयफाय भें फर
ु ा िय इभाभे आज़भ िा खखताफ
ु़ हदमा तो मह हुिूभत िे साथ हो गमे

औय उन्होंने ज़ैद िी फैअत तोड़ दी। इसी वजह से उनिे तभाभ भानने वारे उन्हें

छोड़ िय अरग हो गमे। उस वक़्त आऩने फ़यभामा ‘‘ यफ़ज़त भन


ू ी ’’ ऐ िूपीमों
ु़ !

तुभ ने भेया साथ छोड़ हदमा। इसी फ़यभाने िी वजह से िूफ़ीमों िो याफ़ज़ी िहा

जाता है । जहाॊ उस वक़्त चॊद अफ़याद िे लसवा िोई बी लशमा न था सफ हज़यते

उस्भान औय अभीये भाववमा िे भानने वारे थे। ायज़ िे दौयाने जॊग भें आऩिी

ऩेशानी ऩय एि तीय रगा ज़जसिी वजह से आऩ ज़भीन ऩय तशयीफ़ रामे मह दे ख

िय आऩिा एि ऽाहदभ आगे फढ़ा औय उसने आऩिो उठा िय एि भिान भें

ऩहुॉचा हदमा। ज़ख़्भ िायी था, िाफ़ी इराज िे फवजद


ू जाॊ फय न हो सिे कपय

आऩिे ऽाहदभों ने ऽुकफ़मा तौय ऩय आऩ िो दफ़्न िय हदमा औय ़ब्र ऩय से ऩानी

गुज़ाय हदमा ताकि ़ब्र िा ऩता न चर सिे रेकिन दश्ु भानों ने सयु ाग रगा िय

राश ़ब्र से ननिार री औय सय िाट िय हश्शाभ िे ऩास बेजने िे फाद आऩिे

फदन िो सर
ू ी ऩय रटिा हदमा। चाय सार ति मह ज़जस्भ सर
ू ी ऩय रटिा यहा।

580
ऽुदा िी ़ुदयत तो दे खखमे उसने भिड़ी िो हुक्भ हदमा औय उसने आऩिे औयतैन

(ऩोशीदा भ़ाभात) ऩय घना जारा तान हदमा। (ऽभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 357 व हमातर

है वान) चाय सार िे फाद आऩिे ज़जस्भ िो नज़ये आतश िय िे याख दरयमाए फ़यात

भें फहा दी गई। (उभदतुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 248)

शहादत िे वक़्त आऩिी उम्र 42 सार िी थी। हज़यत ज़ैद शहीदे अज़ीभ

भनाक़फ व फ़ज़ाएर िे भालरि थे। आऩिो ‘‘ हरीफ़ अर ़ुयआन ’’ िहा जाता

था। आऩ ही िी औराद िो ज़ैदी िहा जाता है औय चॊकू ि आऩिा ़माभ फा

भ़ाभ वालसत था इस लरमे फाज़ हज़यात अऩने नाभ िे साथ ज़ैदी अर वास्ती

लरखते हैं। तायीऽ इब्नर


ु वयदी भें है कि 38 हहजयी भें हज्जाज बफन मस
ू फ़
ु ने

शहये वालसत िी फनु नमाद डारी थी। जनाफे ज़ैद िे चाय फेटे थे ज़जनभें जनाफे

माहमा बफन ज़ैद िी शज


ु ाअत िे िायनाभे तायीऽ िे अवयाऽ भें सोने िे हु ुरूफ़ से

लरखे जाने िे ़ाबफर हैं। आऩ दादहहमार िी तयफ़ से हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.)

औय नाननहार िी तयफ़ से जनाफे भोहम्भद बफन हनकफ़मा िी मादगाय थे। आऩिी

वारेदा िा नाभ ‘‘ ये ता ’’ था जो भोहम्भद बफन हनकफ़मा िी ऩोती थीॊ। नसरे

यसर
ू (स. अ.) भें होने िी वजह से आऩिो ़त्र ियने िी िोलशश िी गई।

आऩने जान िे तहफ़्फ़ुज़ िे लरमे मादगाय जॊग िी। बफर आखखय


ु़ 125 हहजयी भें

आऩ शहीद हो गमे। कपय वरीद बफन मज़ीद बफन अब्दर


ु भलरि िे हुक्भ से

आऩिा सय िाटा गमा औय हाथ ऩाओॊ िाटे गमे। उसिे फाद राशे भफ
ु ायि सर
ू ी

581
ऩय रटिा दी गई कपय एि अयसे िे फाद उसे उताय िय जरामा गमा औय हथौड़े

से िूट िूट िय ये ज़ा ये ज़ा किमा गमा कपय एि फोये भें यख िय िशती िे ज़रयमे

से एि एि भठ्
ु ठी याख दरयमाए फ़यात िी सतह ऩय नछड़ि दी गई। इस तयह इस

फ़यज़न्दे यसर
ू (स. अ.) िे साथ ज़ुल्भे अज़ीभ किमा गमा।

1. उन्होंने सरतनते हश्शाभ भें दावा ए खखराफ़त


ु़ किमा था फहुत से रोगों ने

फैअत िय री थी। तदाएन, फसया, वास्ता, भस


ू र, ऽुयासान, यै , जयजान िे अरावा

लसफ़क िूफ़े ही िे 15 हज़ाय शख़्स थे। जफ मस


ू फ़
ु स़फ़ी उनिे भ़
ु ाफरे भें आमा

तो मह सफ रोग उन्हें छोड़ िय बाग गमे। ज़ैद शहीद ने फ़यभामा ‘‘ ज़फ़ज़य अर

मौभ ’’ उस हदन से याफ़ज़ी िा रफ़्ज़ ननिारा...... इनिे चाय फ़यज़न्द थे। 1.

महीमा, 2. हुसन
ै , 3. ईसा, 4. भोहम्भद। सादाते फायाह व बफर गगयाभ िा नसफ

भोहम्भद बफन ईसा ति ऩहुॉचता है । (किताफ यहभतुर आरेभीन ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 142)

ईिा बफन ज़ैद

मह बी जनाफे ज़ैद शहीद िे ननहामत फहादयु साहफ ज़ादे थे। ऽरीफ़ा ए वक़्त

आऩिे बी ऽून िा प्मासा था। आऩ अऩना हसफ नसफ ज़ाहहय न िय सिते थे।

ऽरीफ़ा ए जाबफय िी वजह से रूऩोशी िी ज़ज़न्दगी गुज़ायते थे। िूफ़े भें आफ ऩाशी

िा िाभ शरू
ु िय हदमा था औय वहीॊ एि औयत से शादी िय री थी औय उस से

बी अऩना हसफ नसफ ज़ाहहय नहीॊ किमा था। इस औयत से आऩिी एि फेटी ऩैदा

582
हुई जो फड़ी हो िय शादी िे ़ाबफर हो गई। इसी दौयान भें आऩने एि भारदाय

फेहहश्ती िे वहाॊ भर
ु ाज़ेभत िय री ज़जसिे एि रड़िा था। भारदाय फेहहश्ती ने

जनाफे ईसा िी फीवी से अऩने रड़िे िा ऩैााभ हदमा। जनाफे ईसा िी फीवी फहुत

ऽुश हुई कि भारदाय घयाने से रड़िी िा रयश्ता आमा है जफ जनाफे ईसा घय

तशयीफ़ रामे तो उनिी फीवी ने िहा कि भेयी रड़िी िी त़दीय चभि उठी है

क्मों कि भारदाय घयाने से ऩैााभ आमा है मह सन


ु ना था कि जनाफे ईसा सख़्त

ऩये शान हुमें बफर आखखय


ु़ खुदा से दआ
ु िी, फाये इराहा सैदानी ाैये सय्मद से

बफहाई जा यही है भालरि भेयी रड़िी िो भौत दे दे । रड़िी फीभाय हुई औय

दफ़अतन उसी हदन इन्ते़ार िय गई। उसिे इन्ते़ार ऩय आऩ यो यहे थे उनिे

एि दोस्त ने िहा कि इतने फहादयु हो िय आऩ योते हैं उन्होंने फ़यभामा कि इसिे

भयने ऩय नहीॊ यो यहा हूॉ भैं अऩनी इस फे फसी ऩय यो यहा हूॉ कि हारात ऐसे हैं कि

भैं इस से मह ति नहीॊ फता सिा कि भैं सय्मद हूॉ औय मह सय्मद ज़ादी है ।

(उभदतुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 278, लभनहाज अर नदवा ऩष्ृ ठ 57)

अल्राभा अफर
ु फ़यज़ असफ़हानी अर भतूफ़ी 356 हहजयी लरखते हैं कि जनाफे

ईसा बफन ज़ैद ने अऩने दोस्त से िहा था कि भैं इस हारत भें नहीॊ हूॉ कि इन

रोगों िो मह फता सिॊू ‘‘ फाना ज़ारेिा ाैय जाएज़ ’’ कि मह शादी जाएज़ नहीॊ है

इस लरमे कि मह रड़िा हभाये िफ़ो िा नहीॊ है । (भ़ानतर अर तारेफैन ऩष्ृ ठ 271,

भतफुआ नजफ़े अशयफ़ 1385 हहजयी)

583
584
अफु जाफर हज़रत इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.)

फा़ये आरे भोहम्भद औय ज़ैनर


ु आफेदीन

किस तयह ज़ज़न्दा यहे गोमा है याज़े किफरयमा

ियफरा िी हय फरा हय इब्तेरा िो झेर िय

ज़ज़न्दगी इनिी ह़ी़त भें है ज़ज़न्दा भोजेज़ा

साबफय थयमानी (ियाची)

हुआ ऩैदा जहाॊ भें , आज वह हभनाभे ऩैाम्फय

ऱफ फाक़य है ज़जसिा औय िुज़न्नमत अफु जाफ़य

इभाभर
ु तभत्त
ु िीॊ, भन्सस
ू औय भासभ
ू आरभ भें

नफी िा ऩाॊचवाॊ नामफ, हभाया ऩाॊचवाॊ यहफय

हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) ऩैाम्फये इस्राभ हज़यत भोहम्भद

भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) िे ऩाॊचवें जा नशीन, हभाये ऩाॊचवें इभाभ औय लसरलसरा ए

अस्भत िी सातवीॊ िड़ी थे। आऩिे वालरदे भाज़जद सय्मदस


ु साजेदीन हज़यत इभाभ

ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) थे औय वारेदा भाजेदा उम्भे अब्दर
ु पातेभा बफन्ते हज़यत

इभाभ हसन (अ.स.) थीॊ। उरभा िा इत्तेफ़ा़ है कि आऩ फाऩ औय भाॊ दोनों िी

तयफ़ से अरवी औय नजीफत


ु तयफ़ैन हाशभी थे। नसफ िा मह शयफ़ किसी िो बी

585
नहीॊ लभरा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120 व भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 269) आऩ अऩने

आफाओ िी तयह इभाभ भन्सस


ू , भासभ
ू , इल्भे ज़भाना औय अफ़ज़रे िाएनात थे

मानी ऽद
ु ा िी तयफ़ से आऩ इभाभ भासभ
ू औय अऩने अहदे इभाभत भें सफ से
ु़
फडे आलरभ औय िाएनात भें सफ से अफ़ज़र थे।

अल्राभा इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि आऩ इफादत इल्भ औय ज़ोहद वाैया

भें हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िी जीती जागती तस्वीय थे। (सवाए़े

भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120) अल्राभा भोहम्भद तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि आऩ इल्भ ज़ोहद,

त़वा तहायत सफ़ाए ़ल्फ औय दीगय भहालसन व फ़ज़ाउर भें इस दजाक ऩय फ़ाएज़

थे कि मह लसफ़ात खुद इनिी तयफ़ इन्तेसाफ से भम्


ु ताज़ ़याय ऩामा। (भतारेफुस

सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 269)

अल्राभा इब्ने साद िा िहना है कि आऩ ताफेईन िे तीसये तफ़े भें से थे औय

फहुत फड़े आरभ, आबफद औय सक़्


ु ़ा थे। इब्ने शाहफ ज़हयी औय इभाभ ननसाई ने

आऩिो सक़्
ु ़ा फ़़ीह लरखा है । फ़िुहु़ ा िी फड़ी जभाअत ने आऩ से यवामत िी है ।

अता िा फमान है कि उरभा िो अज़रूए इल्भ किसी िे साभने इस ़दय अऩने

आऩ िा झठ
ू ा सभझते हुए नहीॊ दे खा ज़जस तयह कि वह अऩने आऩिो इभाभ

भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िे रू फ रू सभझते थे। भैंने हाकिभ जैसे आलरभ िो

उनिे साभने लसऩय अन्दाख़्ता दे खा है । (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 446)

586
साहफे यौज़तुर ऩष्ृ ठ िा िहना है कि हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िे

फ़ज़ाएर लरखने िे लरमे एि अराहे दा किताफ दयिाय है । ख़्वाजा भोहम्भद ऩायसा

लरखते हैं कि ‘‘ इभाभ फायआ भजभए


ु जरारहू व िभारहू ’’ आऩ अज़ीभश्ु शान

इभाभ व ऩेशवा औय जाभेए सफ़ात जरार व िभार थे। (फ़सर अर ऽताफ)

अल्राभा शेऽ भोहम्भद खखज़यी


ु़ लरखते हैं कि इभाभ भोहम्भदे फाक़य (अ.स.)

अऩने ज़भाने भें फनी हालशभ िे सयदाय थे। (तायीऽे फ़़ा ऩष्ृ ठ 179 प्रिालशत ियाची)

आऩकी ववऱादत फा िआदत

हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) फ तायीऽ मिुभ यजफर


ु भयु ज्जफ 57

हहजयी मौभे जुभा भदीना ए भन


ु व्वया भें ऩैदा हुए। (अल्राभा अरवयी ऩष्ृ ठ 155 व

जरार उर उमून ऩष्ृ ठ 26 व जनातुर ऽरूद ऩष्ृ ठ 25)

अल्राभा भजलरसी फ़यभाते हैं कि जफ आऩ फतने भादय भें तशयीफ़ राए तो


ु़
आफाओ अजदाद िी तयह आऩिे घय भें आवाज़े गैफी आने रगी औय जफ नौ भाह

िे हुए तो फ़रयश्तों िी फेइन्तेहा आवाज़ें आने रगीॊ औय शफे ववरादत एि नयू साते

हुआ। ववरादत िे फाद क़फरा रूऽ हो िय आसभान िी तयफ़ रूऽ फ़यभामा औय

(आदभ िी भाननन्द) तीन फाय छीॊिने िे फाद हम्दे खद


ु ा फजा राए, एि शफाना योज़

दस्ते भफ
ु ायि से नयू साते यहा। आऩ ऽतना ियदा, नाफ़ फयु ीदा, तभाभ अराइशों

से ऩाि औय साफ़ भत
ु वज़ल्रद हुए थे। (जरार अर उमून ऩष्ृ ठ 259)

587
इस्मे गगरामी, कुजन्नयत और अऱक़ाफ

आऩिा इस्भे गगयाभी ‘‘ रौहे भहफ़ूज़ ’’ िे भत


ु ाबफ़ औय सयवये िाएनात (स.

अ.) िी ताय्मन
ु िे भआ
ु कफ़़ ‘‘ भोहम्भद ’’ था। आऩिी िुज़न्नमत ‘‘ अफू जाफ़य ’’

थी औय आऩिे अऱाफ िसीय थे ज़जनभें फाक़य, शाकिय, हादी ज़्मादा भशहूय हैं।

(भतारेफुस सूऊर शवाहे दन


ु नफूअत ऩष्ृ ठ 181)

फाफ़क़र की वजह तिसमया

फाक़य फ़यह से भश
ु ति औय इसी िा इस्भ फ़ाएर है इसिे भानी शि ियने

औय वसअत दे ने िे हैं। (अरभज़न्जद ऩष्ृ ठ 41) हज़यत इभाभ भोहम्भदे फाक़य (अ.स.)

िो इस ऱफ से इस लरमे भर
ु क़़्फ किमा गमा था कि आऩने उरभ
ू व भआरयफ़

िो नभ
ु ामा फ़यभामा औय ह़ाए़ अहिाभ व हहिभत व रताएफ़ िे वह सयफस्ता

ऽज़ाने ज़ाहहय फ़यभाए जो रोगों ऩय ज़ाहहयो हुवद


ै ा न थे। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 10,

भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 269, शवाहे दन


ु नफूअत ऩष्ृ ठ 181)

जौहयी ने अऩनी सहाह भें लरखा है कि ‘‘ तवससमा कफ़र इल्भ ’’ िो फ़यह

िहते है । इसी लरमे इभाभ भोहम्भद बफन अरी िो फाक़य से भर


ु क़़्फ किमा

जाता है । अल्राभा लसब्ते इब्ने जौज़ी िा िहना है कि िसयते सज


ु ूद िी वजह से

चॊकु ि आऩिी ऩेशानी वसी थी इस लरमे आऩिो फाक़य िहा जाता है औय एि

588
वजह मह बी है कि जालभय्मत इरलभमा िी वजह से आऩिो मह ऱफ हदमा गमा

है । शहीदे सालरस अल्राभा नयू उल्राह शश्ु तयी िा िहना है कि आॉ हज़यत (स.

अ.) ने इयशाद फ़यभामा है कि इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) उरभ


ू ो भारयफ़ िो

इस तयह लशााफ़ता ियें गे ज़जस तयह ज़ेयाअत िे लरमे ज़भीन लशााफ़ता िी जाती

है । (भजालरस अर भोभेनीन ऩष्ृ ठ 117)

फादिाहाने वक़्त

आऩ 57 हहजयी भें भावीमा इब्ने अफी सकु फ़मान िे अहद भें ऩैदा हुए 60 हहजयी

भें मज़ीद बफन भावीमा ा फादशाहे वक़्त यहा 64 हहजयी भें भावीमा बफन मज़ीद औय

भयवान बफन हिभ फादशाह यहे । 65 हहजयी से 86 हहजयी ति अब्दल्


ु र भलरि

बफन भयवान ऽरीफ़ा ए वक़्त यहा। कपय 86 से 96 हहजयी ति वरीद बफन अब्दर

भलरि ने हुक्भयानी िी। इसी ने 95 हहजयी भें आऩिे वालरदे भाज़जद िो दजकए

शहादत ऩय फ़ाएज़ िय हदमा। इसी 95 हहजयी से आऩिी इभाभत िा आााज़ हुआ

औय 114 हहजयी ति आऩ फ़याएज़े इभाभत अदा फ़यभाते यहे । इसी दौयान वरीद

अब्दर
ु भलरि िे फाद सरभान बफन अब्दर
ु भलरि, उभय बफन अब्दर
ु अज़ीज़,

मज़ीद इब्ने अब्दर


ु भलरि औय हश्शाभ बफन अब्दर
ु भलरि फादशाहे वक़्त यहे ।

(अराभ अर वया ऩष्ृ ठ 156)

589
वाक़ेए करफऱा में इमाम मोहम्मदे फाफ़क़र (अ.ि.) का हहस्िा

आऩिी उभय अबी ढाई सार िी थी कि आऩिो हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िे

हम्राह वतने अज़ीज़ भदीना ए भन


ु व्वया छोड़ना ऩड़ा। कपय भदीना से भक्िा औय

वहाॊ से ियफरा ति िी सऊफते सफ़य फयदाश्त ियना ऩड़ी। इसिे फाद वा़ेए

ियफरा िे भसाएफ दे ख,े िूफ़ाओ शाभ िे फाज़ायों औय दयफायों िा हार दे खा। एि

सार शाभ भें ़ैद यहे कपय वहाॊ से छूट िय 8 यफीउर अव्वर 62 हहजयी िो

भदीना ए भन
ु व्वया वाऩस हुए। जफ आऩिी उभय चाय सार िी हुई तो आऩ एि

हदन िॊु ए भें गगय गए। ऽुदा ने आऩिो डूफने से फचा लरमा औय जफ आऩ ऩानी से

फयाभद हुए तो आऩिे िऩड़े औय आऩिा फदन ति बीगा हुआ न था। (भन
ु ाक़फ

ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 109)

हज़रत इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.) और जाबफर बफन अब्दल्


ु ऱाह

अॊिारी की फाहमी मुऱाक़ात

मह भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि हज़यत भोहम्भद (स. अ.) ने अऩनी ज़ाहे यी

ज़ज़न्दगी िे एख़्तेभाभ ऩय इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िी ववरादत से त़यीफन

46 सार ऩहरे जाबफय बफन अब्दल्


ु राह अन्सायी िे ज़रयए से इभाभ भोहम्भद

फाक़य (अ.स.) िो सराभ िहरामा था। इभाभ (अ.स.) िा मह शयफ़ इस दयजे

590
भम्
ु ताज़ है कि आरे भोहम्भद (स. अ.) भें से िोई बी इसिी हभसयी नहीॊ िय

सिता। (भतारेफस
ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 272)

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि सयवये िाएनात (स. अ.) एि हदन अऩनी आाोशे

भफ
ु ायि भें हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो लरमे हुए प्माय िय यहे थे नागाह

आऩिे साहफी ए ऽास जाबफय बफन अब्दल्


ु राह हाज़ज़य हुए। हज़यत ने जाबफय िो

दे ख िय फ़यभामा ऐ जाबफय भेये इस फ़यज़न्द िी नस्र से एि फच्चा ऩैदा होगा

जो इल्भो हहिभत से बय ऩयू होगा। ऐ जाबफय ! तुभ उसिा ज़भाना ऩाओगे औय

उस वक़्त ति ज़ज़न्दा यहोगे जफ ति वह सतहे अज़क ऩय न आ जामे। ऐ जाबफय !

दे खो जफ तुभ उस से लभरना तो उसे भेया सराभ िह दे ना। जाबफय ने इस ऽफय

औय इस ऩेशीनगोई िो िभारे भसयक त िे साथ सन


ु ा औय उसी वक़्त से इस

फहज़त आफ़यीॊ साअत िा इन्तेज़ाय ियना शरू


ु िय हदमा। महाॊ ति कि चश्भे

इॊतेज़ाय ऩत्थया गई औय आॊखों िा नयू जाता यहा। जफ ति आऩ फीना थे हय

भजलरस व भहकफ़र भें तराश ियते यहे औय जफ नयू े नज़य जाता यहा तो ज़फान

से ऩि
ु ायना शरू
ु िय हदमा। आऩिी ज़फान ऩय जफ हय वक़्त इभाभ भोहम्भद

फाक़य (अ.स.) िा नाभ यहने रगा तो रोग मह िहने रगे कि जाबफय िा हदभाा

जा ु़ ैफ़े ऩीयी िी वजह से अज़िाय यपता हो गमा है रेकिन फहय हार वह वक़्त आ

ही गमा कि आऩ ऩैााभे अहभदी औय सराभे भोहम्भदी ऩहुॉचाने भें िाभमाफ हो

गए। यावी िा फमान है कि हभ जनाफे जाबफय िे ऩास फैठे हुए थे कि इतने भें

591
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) तशयीफ़ राए आऩिे हभयाह आऩिे फ़यज़न्द इभाभ

भोहम्भद फाक़य (अ.स.) बी थे। इभाभ (अ.स.) ने अऩने फ़यज़न्द अयजभ


ु न्द से

फ़यभामा कि चचा जाबफय बफन अब्दल्


ु राह अनसायी िे सय िा फोसा दो। उन्होंने

फ़ौयन ताभीर इयशाद फ़यभामा, जाबफय ने इनिो अऩने सीने से रगा लरमा औय

िहा कि इब्ने यसर


ू (अ.स.) आऩिो आऩिे जद्दे नाभ दाय हज़यत भोहम्भद

भस्
ु तफ़ा (स. अ.) ने सराभ फ़यभामा है । हज़यत ने िहा ऐ जाबफय इन ऩय औय तुभ

ऩय भेयी तयफ़ से बी सराभ हो। इसिे फाद जाबफय इब्ने अब्दल्


ु राह अनसायी ने

आऩ से शफ़ाअत िे लरमे ज़भानत िी दयख़्वास्त िी। आऩने उसे भनज़यू फ़यभामा

औय िहा कि भैं तुम्हाये जन्नत भें जाने िा ज़ालभन हूॉ।

(सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120 वसीरा अर नजात ऩष्ृ ठ 338 भतारेफस


ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 373

शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 181, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 14, ये जार िशी ऩष्ृ ठ 27 तायीऽ तफयी ज़जल्द

3 ऩष्ृ ठ 96 भजालरस अर भोभेनीन ऩष्ृ ठ 117)

अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई िा फमान है कि आॉ हज़यत ने मह बी

फ़यभामा था कि ‘‘ अन फिायि फादा यौमते ही मसया ’’ कि ऐ जाबफय भेया ऩैााभ

ऩहुॉचाने िे फाद फहुत थोड़ा ज़ज़न्दा यहोगे चन


ु ान्चे ऐसा ही हुआ। (भतारेफस
ु सऊ
ू र

ऩष्ृ ठ 273)

592
िात िाऱ की उम्र में इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.) का हज्जे खाना

ए काफा

अल्राभा जाभी तहयीय फ़यभाते हैं कि यावी फमान ियता है कि भैं हज िे लरमे

जा यहा था, यास्ता ऩयु ऽतय औय इन्तेहाई तायीि था। जफ भैं ऱो द़ सहया भें

ऩहुॉचा तो एि तयफ़ से िुछ यौशनी िी कियन नज़य आई भैं उसिी तयफ़ दे ख ही

यहा था कि नागाह एि सात सार िा रड़िा भेये ़यीफ आ ऩहुॉचा। भैंने सराभ िा

जवाफ दे ने िे फाद उस से ऩछ
ू ा कि आऩ िौन हैं? िहाॊ से आ यहे हैं औय िहाॊ िा

इयादा है औय आऩिे ऩास ज़ादे याह क्मा है ? उसने जवाफ हदमा, सन


ु ो भें ऽुदा िी

तयफ़ से आ यहा हूॉ औय ऽुदा िी तयफ़ जा यहा हूॉ। भेया ज़ादे याह ‘‘ त़वा ’’ है भैं

अयफी उर नस्र, िुयै शी ऽानदान िा अरवी नजादु़ हूॉ। भेया नाभ भोहम्भद बफन

अरी बफन हुसन


ै बफन अरी बफन अफी तालरफ है । मह िह िय वह नज़यों से ाामफ

हो गए औय भझ
ु े ऩता न चर सिा कि आसभान िी तयफ़ ऩयवाज़ िय गमे मा

ज़भीन भें सभा गमे। (शवाहे दन


ु नफूवत ऩष्ृ ठ 183)

593
हज़रत इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.) और इस्ऱाम में सिक्के की

इब्तेदा

भव
ु रयक ऽ शहीय ज़ाकिय हुसन
ै तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 42 भें लरखते हैं कि

अब्दर
ु भलरि बफन भयवान ने 75 हहजयी भें इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िी

सराह से इस्राभी लसक्िा जायी किमा। इससे ऩहरे योभ व ईयान िा लसक्िा

इस्राभी भभालरि भें बी जायी था।

इस वाक़मे िी तफ़सीर अल्राभा दभीयी िे हवारे से मह है कि एि हदन

अल्राभा किसाई से ऽरीफ़ा हारून यशीद अब्फासी ने ऩछ


ू ा कि इस्राभ भें हदयहभ

व दीनाय िे लसक्िे िफ औय क्मों िय याएज हुए? उन्होंने िहा कि लसक्िों िा

इजया ऽरीफ़ा अब्दर


ु भलरि बफन भयवान ने किमा है रेकिन इसिी तफ़सीर से

ना वाक़फ़ हूॉ औय भझ
ु े नहीॊ भारभ
ू कि इनिे इजया औय ईजाद िी ज़रूयत क्मों

भहसस
ू हुई। हारून यशीद ने िहा कि फात मह है कि ज़भाना ए साबफ़ भें जो

िागज़ वाैया भभालरिे इस्राकिमा भें भस्


ु तलभर होते थे वह लभस्र भें तैय्माय हुआ

ियते थे जहाॊ उस वक़्त नसयाननमो िी हुिूभत थी औय वह तभाभ िे तभाभ

फादशाहे रूभ िे भज़हफ ऩय थे। वहाॊ िे िागज़ ऩय जो ज़फक मानी (रे ड भािक) होता

था। उसभें फ ज़फाने योभ (अफ इब्न रूहुर ़ुदस) लरखा होता था। ‘‘ फ़रभ मज़र

ज़ारेिा िज़ारेिा फ़ी सदरूर इस्राभ िल्राह फेभआनी अरेहा िाना अरैहा ’’ औय

मही चीज़ इस्राभ भें ज़जतने दौय गुज़ये थे सफ भें यामज थी। महाॊ ति कि जफ

594
ु़
अब्दर
ु भलरि बफन भयवान िा ज़भाना आमा तो चॊकू ि वह फड़ा जेहीन औय

होलशमाय था रेहाज़ा उसने तयजभ


ु ा िया िे गवकनये लभस्र िो लरखा कि तभ
ु रूभी

रे ड भािक िो भौिूफ़ व भतरूि िय दो मानी िागज़ िऩड़े वाैया जो अफ तय्माय

हों उनभें मह ननशान न रगने दो फज़ल्ि उन ऩय मह लरखवाओ ‘‘ शहद अल्राह

अन्हा रा इराहा इरा हनो ’’ चन


ु ान्चे इस अभर ऩय अभर दयाभद किमा गमा।

जफ इन नमे भािक िे िागज़ों िा ज़जन ऩय िरभाए तौहीद सब्त था यवाज ऩामा

तो ़ैसये योभ िो फे इन्तेहा नागवाय गुज़या। उसने तोहफ़े तवाएफ़ बेज िय अब्दर

भलरि बफन भयवान ऽरीफ़ा ए वक़्त िो लरखा कि िागज़ वाैया ऩय जो भािक

ऩहरे था वही फदस्तूय जायी ियो। अब्दर


ु भलरि ने हहदमे रेने से इन्िाय िय

हदमा औय सफ़ीय िो तोहफ़ों औय हदामा सभैत वाऩस बेज हदमा औय उसिे ऽत

िा जवाफ ति न हदमा।

़ैसये योभ ने तहाएफ़ िो दग


ु ना िय िे बेजा औय लरखा कि तुभने भेये तहाएफ़

िभ सभझ िय वाऩस िय हदमा इस लरमे अफ इज़ाफ़ा िय िे बेज यहा हूॉ इसे

़ुफर
ू िय रो औय िागज़ से नमा भािक हटा दो। अब्दर
ु भकिर ने कपय हदीमे

वाऩस किमे औय लभसरे साबफ़ िोई जवाफ न हदमा। इसिे फाद ़ैसये योभ ने

तीसयी भयतफा ऽत लरखा औय तहाएफ़ व हदामा बेजे औय ऽत भें लरखा कि तुभ

ने भेये ऽतों िे जवाफात नहीॊ हदमे औय न भेयी फात ़ुफर


ू िी। अफ भैं ़सभ खा

िय िहता हूॉ कि अगय तुभ ने अफ बी रूभी ‘‘ रे ड भािक ’’ िो अज़ सये नौ यवाज

595
न हदमा औय तौहीद िे जुभरे िागज़ से न हटाम तो भैं तुम्हाये यसर
ू िो गालरमाॊ,

लसक्िा ए हदयहभ व दीनाय ऩय नक़्श िया िे तभाभ भभालरिे इस्रालभमा भें

यामज िरूॊगा औय तभ
ु िुछ न िय सिोगे। दे खो अफ जो भैंने लरखा है उसे ऩढ़

िय ‘‘ अय फ़स जबफनेिा अय़न ’’ अऩनी ऩेशानी िा ऩसीना ऩोछ डारो औय जो

भैं िहता हूॉ उस ऩय अभर ियो ताकि हभाये औय तुम्हाये दयलभमान जो रयश्ताए

भोहब्फत ़ामभ है फदस्तयू फा़ी यहे ।

अब्दर
ु भलरि इब्ने भयवान ने ज़जस वक़्त इस ऽत िो ऩढ़ा उस िे ऩाओॊ तरे

से ज़भीन ननिर गई। हाथ िे तोते उड़ गमे औय नज़यो भें दनु नमा तायीि हो गई।

उसने िभारे इज़तेयाफ भें उरेभा, फ़ुज़रा, अहरे याम औय लसमासत दोनों िो फ़ौयन

जभा िय िे उनसे भशववया तरफ किमा औय िहा कि ऐसी फात सोचो िी साॊऩ बी

भय जाम औय राठी बी न टूटे मा सयासय इस्राभ िाभमाफ हो जाम। सफ ने सय

तोड़ िय फहुत दे य ति ाौय किमा रेकिन िोई ऐसी याम न दे सिे ज़जस ऩय

अरभ किमा जा सिता। ‘‘ फ़ल्भ महजद अन्दा अहदा लभन्हुभ यामा माभर फेही ’’

जफ फादशाह उनिी किसी याम से भत


ु भईन न हो सिा तो औय ज़्मादा ऩये शान

हुआ औय हदर भें िहने रगा भेये ऩारने वारे अफ क्मा िरूॊ। अबी वह इसी

तयद्दद
ु भें फैठा था कि उसिा वज़ीये आज़भ इब्ने ‘‘ ज़न्फआ ’’ फोर उठा। फादशाह

तू म़ीनन जानता है कि इस अहभ भौ़े ऩय इस्राभ िी भज़ु श्िर िुशाई िौन िय

सिता है रेकिन अभदन उसिी तयफ़ रूऽ नहीॊ ियता। फादशाह ने िहा, ‘‘ वैहिा

596
भन ’’ ऽुदा तुझसे सभझे, फता तो सही वह िौन हैं? वज़ीये आज़भ ने अज़क िी ‘‘

एरैिा बफर फाक़य लभन अहरे फैतन


ु नफी ’’ भैं फ़यज़न्दे यसर
ू (स. अ.) इभाभ

भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िी तयफ़ इशाया िय यहा हूॉ औय वही इस आड़े वक़्त भें

िाभ आ सिते हैं। अब्दर


ु भलरि बफन भयवान ने ज्मों ही आऩिा नाभ सन
ु ा ‘‘

़ारा सद़त ’’ िहने रगा, ऽुदा िी ़सभ तुभ ने सच िहा औय सही यहफयी िी

है ।

इसिे फाद उसी वक़्त फ़ौयन अऩने आलभरे भदीने िो लरखा कि इस वक़्त

इस्राभ ऩय एि सख़्त भलु सफत आ गई है , औय इसिा दफ़आ होना इभाभ

भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िे फाैय ना भभ


ु किन है, रेहाज़ा ज़जस तयह हो सिे उन्हें

याज़ी िय िे भेये ऩास बेज दो, दे खो इस लसरलसरे भें जो भसारयफ़ होंगे, वह

हुिूभत िे ज़ज़म्भे होंगे।

अब्दर
ु भलरि ने दयख़्वास्त तरफी, भदीने इयसार ियने िे फाद शाहे योभ िे

सफ़ीय िो नज़य फन्द िय हदमा औय हुक्भ हदमा कि जफ ति भैं इस भसरे िो

हर न िय सिॉू इसे याजधानी से जाने न दे ना।

हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें अब्दर
ु भलरि बफन

भयवान िा ऩैााभ ऩहुॉचा औय आऩ फ़ौयन आज़ज़भे सफ़य हो गमे औय अहरे भदीना

से फ़यभामा कि चॊकू ि इस्राभ िा िाभ है रेहाज़ा भैं अऩने तभाभ िाभों ऩय इस

सफ़य िो तयजीह दे ता हूॉ। अरायज़ आऩ वहाॊ से यवाना हो िय अब्दर


ु भकिर िे

597
ऩास ऩहुॉच।े चॊकु ि वह सख़्त ऩये शान था इस लरमे उसने आऩ िे इस्त़फार िे

फ़ौयन फाद अज़े भद्


ु दआ िय हदमा। इभाभ (अ.स.) ने भस्
ु िुयाते हुए फ़यभामा, ‘‘ रा

माज़भ हाज़ा अरैिा फ़ानहु रैसा फे शैइन ’’ ऐ फादशाह घफया नहीॊ मह फहुत ही

भाभर
ू ी सी फात है । भैं इसे अबी चट
ु िी फजाते हर किए दे ता हूॉ। फादशाह सन

भझ
ु े फा इल्भे इभाभत भारभ
ू है कि ऽुदामे ़ाहदयो तवाना ़ैसये योभ िो इस फ़ेरे

़फीह ऩय ़ुदयत ही न दे गा औय कपय ऐसी सयू त भें जफ कि उसने तेये हाथों भें

उस से ओहदा फय होने िी ता़त दे यखी है । फादशाह ने अज़क किमा, मब्ना यसर


अल्राह (स. अ.) वह िौन सी ता़त है जो भझ


ु े नसीफ है औय ज़जसिे ज़रयमे से

भैं िाभमाफी हालसर िय सिता हूॉ?

हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) ने फ़यभामा कि तुभ इसी वक़्त ह़ाि

औय िायीगयों िो फर
ु ाओ औय उनसे हदयहभ औय दीनाय िे लसक्िे ढरवाओ औय

भभ
ु ालरिे इस्रालभमा भें यामज िय दो। उसने ऩछ
ू ा िी उनिी क्मा शक्रो सयू त

होगी औय वह किस तयह ढरेंगे? इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा कि लसक्िे िे एि

तयफ़ िरभा ए तौहीद दस


ू यी तयफ़ ऩैाम्फये इस्राभ िा नाभे ऩसभी औय ज़फक

लसक्िे िा सन ़् लरखा जाए। उसिे फाद उसिे औज़ान फतामें आऩने िहा कि

हदयहभ िे तीन लसक्िे इस वक़्त जायी हैं एि फारी जो दस लभस़ार िे दस

होते हैं। दस
ू ये सभयी ऽफ़ा़ जो छ् लभस़ार िे दस होते हैं। तीसये ऩाॊच

लभस़ार िे दस मह िुर 21 लभस़ार होते हैं। इसिो तीन ऩय त़सीभ ियने

598
ऩय हालसरे त़सीभ 7 सात लभसिारु़ हुए। इसी सात लभस़ार िे दस हदयहभ

फनवाॊ औय इसी सात लभस़ार िी ़ीभत िे सोने िे दीनाय तैय्माय िय ज़जसिा

खयु दा दस हदयहभ हो। लसक्िा हदयहभ िा नक़्श चॊकू ि फ़ायसी भें है इसी लरमे इसी

फ़ायसी भें यहने हदमा जाम औय दीनाय िा लसक्िा रूभी हयफ़ों भें है रेहाज़ा उसे

रूभी ही हयफ़ों भें िन्दा ियामा जाम औय ढारने िी भशीन ‘‘ साचा ’’ शीशे िा

फनामा जाम ताकि सफ हभ वज़न तैय्माय हो सिें।

अब्दर
ु भलरि ने आऩिे हुक्भ िे भत
ु ाबफ़ तभाभ लसक्िे ढरवा लरमे औय सफ

िाभ दरू
ु स्त िय लरमा। इसिे फाद हज़यत िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय दयमाफ़्त

किमा कि अफ क्मा िरूॊ? ‘‘ अभयहा भोहम्भद बफन अरी ’’ आऩने हुक्भ हदमा कि

इन लसक्िों िो तभाभ भभालरिे इस्रालभमा भें यामज िय दे औय साथ ही एि

हुक्भ नाकफ़ज़ िय दे ज़जसभें मह हो कि इसी लसक्िे िो इस्तेभार किमा जाम औय

रूभी लसक्िे खखराफ़


ु़ े ़ानन
ू ़याय हदमे गमे। अफ जो खखराफ़
ु़ वयज़ी िये गा उसे

सख़्त सज़ा दी जामेगी औय फ वक़्ते ज़रूयत उसे ़त्र बी किमा जामेगा। अब्दर

बफन भयवान ने ताभीरे इयशाद िे फाद सफ़ीये रूभ िो रयहा िय िे िहा कि अऩने

फादशाह से िहना कि हभने अऩने लसक्िे ढरवा िय यामज िय हदमे औय तुम्हाये

लसक्िे िो ाैय ़ानन


ू ी ़याय दे हदमा। अफ तुभ से जो हो सिे िय रो।

सफ़ीये योभ महाॊ से रयहा हो िय जफ अऩने ़ैसय िे ऩास ऩहुॉचा औय उस से

सायी दास्तान फताई तो वह है यान यह गमा औय सय डार िय दे य ति खाभोश


ु़ फैठा

599
सोचता यहा। रोगों ने िहा, फादशाह तूने जो िहा था कि भैं भस
ु रभानों िे ऩैाम्फय

िो लसक्िों ऩय गालरमाॊ िन्दा िय दॊ ग


ू ा। अफ इस ऩय अभर क्मों नहीॊ ियते?

उसने िहा अफ गालरमाॊ िन्दा िय िे क्मा िय रग


ू ाॊ। अफ तो उनिे भभालरि भें

भेया लसक्िा ही नहीॊ चर यहा औय रेन दे न ही नहीॊ हो यहा है । (हमातुर है वान दभीयी

अर भतफ़
ू ी 808 हहजयी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 63 तफआ लभस्र 136 हहजयी)

वऱीद बफन अब्दऱ


ु मसऱक की आऱे मोहम्मद (अ.ि.) ऩर ज़ल्
ु म

आफरीनी

तायीऽे अफर
ु कफ़दा भें है कि हहजयी 86 भें वरीद बफन अब्दर
ु भलरि इब्ने

भयवान ऽरीफ़ा भ़
ु यक य हुआ। तायीऽे िालभर भें है कि 91 हहजयी भें उसने हज्जे

िाफा अदा किमा। भव


ु ये ऽीने इस्राभ िा फमान है कि जफ वरीद बफन अब्दर

भलरि हज से फ़ारया हो िय भदीना ए भन


ु व्वया आमा तो एि हदन लभम्फये यसर

(स.अ.) ऩय ऽुत्फा दे ते हुए उसिी नज़य इभाभ हसन (अ.स.) िे फेटे हसने भस
ु न्ना

ऩय ऩड़ी हसने भस
ु न्ना ऩय ऩड़ी जो ऽाना ए सय्मदा भें फैठे हुए आमना दे ख यहे

थे। ऽुत्फे से फ़याात िे फाद उसने उभय बफन अब्दर


ु अज़ीज़ िो तरफ िय िे

िहा कि तुभने हसन बफन हसन (अ.स.) वाैया िो क्मों अफ ति इस भिान भें

यहने हदमा औय क्मों न उनिो महाॊ से ननिार फाहय किमा। भैं नहीॊ चाहता कि

आइन्दा कपय इन रोगों िो महाॊ दे खॊ।ू ज़रूयत है कि मह भिान इन से ऽारी िया

600
लरमा जाम औय इसे ऽयीद िय भज़स्जद भें शालभर िय हदमा जाम। हसन भस
ु न्ना

औय पातेभा बफन्ते इभाभ हुसन


ै (अ.स.) औय उनिी औराद ने घय छोड़ने से

इन्िाय किमा। वरीद ने हुक्भ हदमा कि भिान िो उन रोगों ऩय गगया दो। कपय

रोगों ने ज़फय दस्ती असफाफ ननिार िय पेिना औय उसे उजाड़ना शरू


ु िय हदमा।
ु़
भजफयू न मह हज़यात भऽ
ु द्दे याते आलरमात सभैत योजे यौशन भें घय से ननिर िय

फैरूने भदीना सि
ु ू नत ऩज़ीय हुए। िुछ हदनों िे फाद इसी क़स्भ िा वाक़मा जनाफे

हफ़सा िे भिान िा बी ऩेश आमा जो औरादे हज़यत उभय िे ़ब्ज़े भें था।

चन
ु ान्चे जफ उन से िहा गमा कि घय से फाहय ननिरो तो उन्होंने भन्ज़यू न किमा

औय उसिी क़भत बी ़ुफर


ू न िी। हज्जाज बफन मस
ू फ़
ु उस वक़्त भदीने भें

भौजूद था उसने चाहा कि भिान िो गगया दे भगय जफ इस फात िी इत्तेरा वरीद

बफन अब्दर
ु भरीि िो हुई तो उसने उभय बफन अब्दर
ु अज़ीज़ आलभरे भदीना िो

लरखा कि औरादे उभय बफन ऽत्ताफ िी यज़ा जोई भें िभी न ियो औय उनिा

एहतेयाभ भल्हूफ़े ऽानतय यखो। अगय वह भिान फ़योख़्त ियने ऩय याज़ी न हो तो

उनिे यहने िे लरमे भिान िा एि हहस्सा छोड़ दो औय उनिी आभदो यफ़्त िे

लरमे भज़स्जद िी जाननफ एि दयवाज़ा बी यहने दो।

(किताफ जज़फर
ु ़ुरफ
ू ऩष्ृ ठ 173 व वफ़ा अर वफ़ा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 363)

601
आऩके वासऱदे माजजद की वफात हिरते आयात

जफ आऩिी उम्र त़यीफन 38 सार िी हुई तो वरीद बफन अब्दर


ु भलरि ने

आऩिे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िो 95 हहजयी भें

ज़हये दाा से शहीद िय हदमा। आऩने फ़याएज़े तजहीज़ो तिफ़ीन सय अॊजाभ हदमे।

आऩ ही ने नभाज़ ऩढ़ाई। भल्


ु रा जाभी लरखते हैं कॊ ि हज़यत इभाभ ज़ैनर

अफेदीन (अ.स.) ने अऩने फाद आऩिो अऩना वसी भ़


ु यक य फ़यभामा क्मों कि आऩ

ही तभाभ औरादे भें अफ़ज़र व अयफ़ा थे। उरेभा िा फमान है कि अऩने वालरदे

भाज़जद िी ज़ाहहयी वफ़ात िे फाद इभाभ इभाभे ज़भाना ़याय ऩा ाए आय आऩ

दयजाए इभाभत िे फ़याएज़ िी अदामगी िी ज़ज़म्भेदायी आमद हो गई।

हज़रत इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.) की इल्मी है सियत

किसी भासभ
ू िी इल्भी है लसमत ऩय यौशनी डारना फहुत दश्ु वाय है क्मों कि

भासभ
ू औय इभाभे ज़भाना िो इल्भे रदन्ु नी होता है । वह ऽद
ु ा िी फायगाह से

इल्भी सराहहमतों से बयऩयू ऩैदा होता है हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.)

चॊकू ि इभाभे ज़भाना भासभ


ू े अज़री थे इस लरमे आऩिे इल्भी िभारात, इल्भी

िायनाभे औय आऩिी इल्भी है लसमत िी वज़ाहत नाभज़ु म्िन है । ताहभ भैं उन

वाक़मात भें से िुछ वा़ेमात लरखता हूॉ ज़जनय उरभा ने उफयू हालसर िय सिे हैं।

602
अल्राभा इब्ने शहये आशोफ लरखते हैं कि हज़यत िा ऽुद इयशाद है कि ‘‘

अरभना भज़न्त़ अर तैयो अवतैना लभन िुल्रे शैइन ’’ हभें ताएयों ति िी ज़फान

लसखाई गई है औय हभे हय चीज़ िा इल्भ अता किमा गमा है । (भनाक़फ इब्ने शहये

आशोफ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 11)

यौज़ातुर ऩष्ृ ठ भें है कि ‘‘ फा ऽुदा सौगन्द कि भाऽाजनाने खुदाएभ दय

आसभान व ज़भीन ’’ ऽद
ु ा िी ़सभ हभ ज़भीन औय आसभान भें ऽद
ु ा वन्दे

आरभ िे ऽाज़ज़ने इल्भ हैं औय हभ ही शजयाए नफव


ू त औय भादने हहिभत हैं।

वही हभाये महाॊ आती यही औय फ़रयश्तें हभाये महाॊ आते यहते हैं। मही वजह है कि

दनु नमा िे ज़ाहहयी अयफाफे इ़तेदाय हभ से जरते औय हसद ियते हैं। लरसानर

वाएज़ीन भें है कि अफू भयीमभ अब्दर


ु ाफ़्फ़ाय िा िहना है कि भैं एि हदन

हज़यत भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हो िय अज़क ऩयदाज़ हुआ

कि 1. भौरा िौन सा इस्राभ फेहतय है? फ़यभामा, ज़जससे अऩने फयादये भोलभन

िो तिरीफ़ न ऩहुॉच।े 2. िौन सा ऽुल़् फेहतय है? फ़यभामा, सब्र औय भाफ़ िय

दे ना। 3. िौन सा भोलभन िालभर है? फ़यभामा ज़जसिा इख़्रा़ फेहतय हो। 4.

िौन सा जेहाद फेहतय है? फ़यभामा, ज़जसभें अऩना ऽून फह जाऐ। 5. िौन सी

नभाज़ फेहतय है? फ़यभामा, ज़जसिा ़ुनत


ू तवीर हो। 6. िौन सा सद़ा फेहतय

है ? फ़यभामा, ज़जससे नाफ़यभानी से ननजात लभरे। 7. फादशाहाने दनु नमा िे ऩास

जाने भें क्मा याम है? फ़यभामा, भैं अच्छा नहीॊ सभझता। 8. ऩछ
ू ा क्मों? फ़यभामा,

603
इस लरमे िी फादशाहों िे ऩास िी आभदो यफ़्त से तीन फातें ऩैदा होती हैं, 1.

भोहब्फते दनु नमा, 2. फ़याभोलशए भगक, 3. क़ल्रते यज़ाए ऽद


ु ा। 9. ऩछ
ू ा कपय भैं न

जाऊॊ? फ़यभामा, भैं तरफे दनु नमा से भना नहीॊ ियता अरफत्ता तरफे भआसी से

योिता हूॉ।

अल्राभा तफयीसी लरखते हैं कि मह भस


ु ल्रेभा ह़ी़त है औय इसिी शोहयते

आम्भा कि आऩ इल्भो ज़ोहद औय शयफ़ भें सायी दनु नमा से फ़ौिीमत


ु़ रे गमे।

आऩसे इल्भे ़ुयआन इल्भे इर आसाय, इल्भे अर सन


ु न औय हय क़स्भ िे उरभ
ू ,

हुक्भे आदाफ वाैया भें िोई बी फ़ौ़ नहीॊ गमा। हत्ता कि आरे यसर
ू (स. अ.) भें

बी अफर
ु आइम्भा िे अरावा आऩिे फयाफय उरभ
ू िे भज़ाहहये भें िोई नहीॊ हुआ।

फड़े फड़े सहाफा औय नभ


ु ामाॊ ताफेईन औय अज़ीभर
ु ़द्र फ़ु़हा आऩिे साभने ज़ानए

अदफ तह ियते यहे । आऩिो आॊ हज़यत (स.अ.) ने जाबफय बफन अब्दल्


ु राह अन्सायी

िे ज़रयए से सराभ िहरामा था औय इसिी ऩेशीन गोई फ़यभाई थी कि मह भेया

फ़यज़न्द ‘‘ फे़ारूर उरभ


ू ’’ होगा। इल्भ िी गज़ु त्थमों िो इस तयह सर
ु झामेगा कि

दनु नमाॊ है यान यह जामेगी। आराभ उर वया ऩष्ृ ठ 157, अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद,

अल्राभा लशब्रन्जी तहयीय फ़यभाते हैं कि इल्भे दीन, इल्भे अहादीस, इल्भे सन
ु न
ु़
औय तफ़सीये िुयु़ आन व इल्भ अर सीयत व उरभ
ू ो फ़ुनन
ू , अदफ वगैया िे ज़ऽीये

ज़जस ़द्र इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) से ज़ाहहय हुम इतने इभाभ हुसन
ै (अ.स.)

औय इभाभ हसन (अ.स.) िी औनाद भें से किसी से ज़ाहहय नहीॊ हुए। भर


ु ाहे ज़ा हो

604
किताफ अर इयशाद ऩष्ृ ठ 286, नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 131 अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ

447, अल्राभा इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य

(अ.स.) िे इल्भी फ़मज़


ू व फयिात औय िभारात व एहसानात से उस शख़्स िे

अरावा ज़जसिी फसीयत ज़ाइर हो गई हो, ज़जसिा हदभाा ऽयाफ हो गमा हो औय

ज़जसिी तफीमत व तीनत फ़ालसद हो गई हो। िोई शख़्स इन्िाय नहीॊ िय सिता।

इसी वजह से आऩिे फाये भें िहा जाता है कि आऩ ‘‘ फा़रूर उरभ


ू ’’ इल्भ िे

पैराने वारे औय जाभेउर उरभ


ू हैं। आऩ ही उरभ
ू े भआरयफ़ भें शोहयते आम्भा

हालसर ियने औय उसिे भदारयज फर


ु न्द ियने वारे हैं। आऩिा हदर साफ़, इल्भो

अभर यौशन व ताबफन्दा, नफ़्स ऩाि औय खखल़्त


ु़ शयीफ़ थी। आऩिे िुर

अव़ात इताअते ऽुदावन्दी भें फसय होते थे। ज़जनिे फमान ियने से वसफ़ ियने

वारों िी ज़फानें गॊग


ू ी औय आज़जजा ु़ भाॊदा हैं। आऩिे ज़ोहद व त़वा आऩिे उरभ
ू ो

भआरयफ़ आऩिे इफादात व रयमाज़ात औय आऩिे हहदामात व िभारात इस िसयत

से हैं कि उनिा फमान इस किताफ भें ना भज़ु म्िन हैं। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120)

अल्राभा इब्ने ऽल्दन


ू लरखते हैं कि इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) अल्राभा

ज़भान औय सयदाये िफीय उस शान थे। आऩ उरभ


ू भें फड़े तवाहुय औय वसीउर

इत्तेरा थे। (वफ़मात उर अमान, ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 450)

605
अल्राभा ज़हफी लरखते हैं कि आऩ फनी हालशभ िे सयदाय औय भत
ु फहे इल्भी

िी वजह से फाक़य भशहूय थे। आऩ इल्भ िी तह ति ऩहुॉच गमे थे। आऩने इसिे

द़ाए़ िो अच्छी तयह सभझ लरमा था। (तज़िेमर हफ़्फ़ाज़ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 111)

अल्राभा शफयावी लरखते हैं कि इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िे इल्भी

तज़किये दनु नमा भें भशहूय हुए औय आऩिी भदहो सना भें फा िसयत शेय लरखे

गमे। भालरि ज़ेहनी ने मह तीन शेय लरखे हैं।

तयजुभा:- जफ रोग ़ुयआने भजीद िा इल्भ हालसर ियना चाहें तो ऩयू ा ़फीरा

ए ़ुयै श उसिे फताने से आज़जज़ यहे गा क्मों कि वह खद


ु भोहताज हैं औय अगय

फ़यज़न्दे यसर
ू (स. अ.) इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िे भह
ु ॊ से िोई फात

ननिर जाम तो फे हदो हहसाफ भसाएर व तह़ी़ात िे ज़ऽीये भोहय्मा िय दें गे।

मह हज़यात वह लसताये हैं जो हय क़स्भ िी तायीकिमों भें चरने वारों िे लरमे

चभिते हैं औय उनिे अनवाय से रोग यास्ते ऩाते हैं। (इरतहाफ़ ऩष्ृ ठ 42 व तायीऽर

आइम्भा ऩष्ृ ठ 413)

अल्राभा शहये आशोफ िा फमान है कि लसफ़क एि यावी भोहम्भद बफन भज़ु स्रभ

ने आऩ से तीस हज़ाय (30,000) हदीसें यवामत िी हैं। (भनाक़फ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 11)

606
आऩके फाज़ इल्मी हहदायात व इरिादात

अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि जाबफय जाफ़ेई िा फमान है

कि एि हदन हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) से लभरा तो आऩने फ़यभामा,

ऐ जाबफय भैं दनु नमाॊ से बफल्िुर फेकफ़क्र हूॊ क्मों कि ज़जसिे हदर भें दीने ऽालरस

हो वह दनु नमाॊ िो िुछ नहीॊ सभझता औय तुम्हें भारभ


ू होना चाहहमे कि दनु नमा

छोड़ी हुई सवायी, उताया हुआ िऩड़ा औय इस्तेभार िी हुई औयत है ।

भोलभन दनु नमाॊ िी फ़ा से भज़ु त्भईन नहीॊ होता औय उसिी दे खी हुई चीज़ों िी

वजह से नयू े ऽुदा उससे ऩोलशदा नहीॊ होता।

भोलभन िो त़वा इख़्तेमाय ियना चाहहमे कि वह हय वक़्त उसे भत


ु ानब्फे औय

फेदाय यखता है ।

सन
ु ो दनु नमा एि सयाम फ़ानी है । ‘‘ नज़रत फेही दाये तहरत लभनहा ’’ इसभें

आना जाना रगा यहता है, आज आमे औय िर गमे औय दनु नमा एि ख़्वाफ है जो

िभार िे भानन्द दे खी जाती है औय जफ जाग उठो तो िुछ नहीॊ ............ आऩने

फ़यभामा, तिब्फयु फहुत फयु ी चीज़ है मह ज़जस ़द्र इॊसान भें ऩैदा होगा उसी ़द्र

उसिी अ़र घटे गी।

िभीने शख़्स िा हयफा गालरमाॊ फिना है ।

एि आलरभ िी भौत िो इफरीस नब्फे (90) आबफदों िे भयने से फेहतय

सभझता है ।

607
एि हज़ाय आबफदों से वह एि आलरभ फेहतय है जो अऩने इल्भ से फ़ामदा

ऩहुॊचा यहा हो।

भेये भानने वारे वह हैं जो अल्राह िी इताअत ियें ।

आॊसओ
ु िी फड़ी िीभत
ु़ है योने वारा फख़्शा जाता है औय ज़जस रूऽसाय ऩय

आॊसू जायी हों वह ज़रीर नहीॊ होता।

सस्
ु ती औय ज़्मादा तेज़ी फयु ाईमों िी िॊु जी है । ऽुदा िे नज़दीि फेहतयीन इफादत

ऩाि दाभनी है । इनसान िो चाहहमे कि अऩने ऩेट औय अऩनी शभकगाहों िो भहफ़ूज़

यखें ।

दआ
ु से ़ज़ा बी टर जाती है । नेिी फेहतयीन ऽैयात है ।

फदतयीन ऐफ मह है कि इन्सान िो अऩनी आॊख िी शहतीय हदखाई न दे औय

दस
ू यों िी आॊख िा नतन्िा नज़य न आमे। मानी अऩने फड़े गुनाह िी ऩयवाह न हो

औय दस
ू यों िे छोटे अमफ
ू उसे फड़े नज़य आमें औय खुद अभर न िये । लसफ़क दस
ू यों

िो ताभीर दे ।

जो ऽश
ु हारी भें साथ दे औय तॊग दस्ती भें दयू यहे, वह तम्
ु हाया बाई औय दोस्त

नहीॊ है । (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 272)

अल्राभा लशफरॊजी लरखते हैं कि, हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) ने

फ़यभामा कि जफ िोई नेभत लभरे तो िहो अरहम्दो लरल्राह औय जफ िोई

तिरीफ़ ऩहुॉचे तो िहो ‘‘ राहौर ववरा िुव्ु़ वता इल्राह बफल्रा ’’ औय जफ योज़ी

608
तॊग हो तो िहो ‘’ अस्ता कफ़रूल्राह ’’। हदर िो हदर से याह होती है, ज़जतनी

भोहब्फत तम्
ु हाये हदर भें होगी इतनी ही तम्
ु हाये बाई िे औय दोस्त िे हदर भें बी

होगी।

तीन चीज़ें ऽुदा ने तीन चीज़ों भें ऩोशीदा यखी है ।

1. अऩनी यज़ा अऩनी इताअत भे किसी फ़यभा फयदायी िो ह़ीय न सभझो।

शामद इसी भें खुदा िी यज़ा हो।

2. अऩनी नायाज़ु़ी अऩनी भाअसीमत भें - किसी गुनाह िो भाभर


ू ी न जानों

शामद ऽद
ु ा उसी से नायाज़ हो जाम।

3. अऩनी दोस्ती मा अऩने वरी - भऽऱ


ू ात भें किसी शख़्स िो ह़ीय न

सभझो, शामद वह वरी उल्राह हो। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 131 व इतहाफ़ ऩष्ृ ठ 93)

अहादीसे आइम्भा भें है । इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) फ़यभाते हैं, इन्सान िो

ज़जतनी अक़्र दी गई है उसी िे भत


ु ाबफ़ उससे ़माभत भें हहसाफ व किताफ

होगा।

एि नफ़ा ऩहुॉचाने वारा आलरभ सत्तय हज़ाय आबफदों से फेहतय है ।

ऽुदा उन उरभा ऩय यहभ व ियभ फ़यभाए जो अहमाए इल्भ ियते औय त़वा

िो फ़योा दे ते हैं।

इल्भ िी ज़िात मह है कि भऽरि


ू े ऽुदा िो तारीभ दी जाम।

़ुयआन भजीद िे फाये भें तुभ ज़जतना जानते हो उतना ही फमान ियो।

609
फन्दों ऩय ऽुदा िा ह़ मह है कि जो जानता हो उसे फताए औय जो न जानता

हो उसिे जवाफ भें ऽाभोश हो जाए।

इल्भ हालसर ियने िे फाद उसे पैराओ इस लरमे कि इल्भ िो फन्द यखने से

शैतान िा ारफा होता है ।

भोअज़ल्रभ औय भत
ु ािज़ल्रभ िा सवाफ फयाफय है ।

ज़जस तारीभ िी ायज़ मह हो कि वह उरभा से फहस िये , जोहरा ऩय योफ

जभाए औय रोगों िो अऩनी तयफ़ भाएर िये वह जहन्नभी है ।

दीनी यास्ता हदखराने वारा औय यास्ता ऩाने वारा दोनों सवाफ िी भीज़ान िे

लरहाज़ से फयाफय हैं।

जो दीननमात भें ारत िहता हो उसे सही फता दो।

ज़ाते इराही वह है जो अ़रे इॊसानी भें सभा न सिे औय हुदद


ू भें भहदद
ू न हो

सिे। इसिी ज़ात फ़हभ व अदयाि से फारा तय है । ऽुदा हभेशा से है औय हभेशा

यहे गा।

ऽद
ु ा िी ज़ात िे फाये भें फहस न ियो वयना है यान हो जाओगे।

अज़र िी दो क़स्भे हैं, एि अज़र भहतूभ, दस


ू ये अज़र भौिूफ़, दस
ू यी से ऽुदा

िे लसवा िोई वाक़फ़ नहीॊ।

ज़भीने हुज्जते ऽुदा िे फाैय फा़ी नहीॊ यह सिती।

610
उम्भते फे इभाभ िी लभसार बेड़ फियी िे उस ाल्रे िी है, ज़जसिा िोई बी

ननगयान हो।

इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) से रूह िी ह़ी़त औय भाहीमत िे फाये भें

ऩछ
ू ा तो फ़यभामा कि रुह हवा कि भाननन्द भत
ु ाहरयक ि है औय मह यीह से भश्ु ता़

है , हभ ज़जन्स होने िी वजह से उसे रुह िहा जाता है । मह रुह जो जानदायों िी

ज़ात िे साथ भऽसस


ू है , वह तभाभ रूहों से ऩािीज़ा तय है । रूह भऽऱ
ू औय

भसनह
ू है औय हाहदस औय एि जगह से दस
ू यी जगह भन
ु तक़र होने वारी है । वह

ऐसी रतीफ़ शै है ज़जसभें न किसी क़स्भ िी गयानी औय सगीनी है न सफ


ु िी, वह

एि फायीि एि य़ी़ शै है जो ़ालरफे ़सीफ़ भें ऩोशीदा है । इसिी लभसार इस

भशि जैसी है ज़जसभें हवा बय दो, हवा बयने से वह पूर जामेगी रेकिन उसिे

वज़न भें इज़ाफ़ा न होगा। रूह फा़ी है औय फदन से ननिरने िे फाद फ़ना नहीॊ

होती। मह सयू पॊु िने िे वक़्त फ़ना होगी।

आऩसे ऽद
ु ा वन्दे आरभ िे लसफ़ात िे फाये भें ऩछ
ू ा गमा तो आऩने फ़यभामा

कि, वह सभी फसीय है औय आराए सभा व फसय िे फाैय सन


ु ता औय दे खता है ।

यईसे भोतज़रा उभय बफन अफीद ने आऩसे ऩछ


ू ा कि ‘‘ भन महार अरैहा

ाज़फनी ’’ से िौन सा ाज़फ भयु ाद है? फ़यभामा उ़ाफ औय अज़ाफ िी तयफ़

इशाया फ़यभामा गमा है ।

611
अफर
ु ऽारीद ़ाफरी ने आऩसे ऩछ
ू ा कि ़ौरे ऽुदा ‘‘ फ़ाभनू बफल्राह व यसर
ू हे

नरू
ू र रज़ी अन्ज़रना ’’ भें नयू से क्मा भयु ाद है? आऩने फ़यभामा, ‘‘ वल्राहा

अरन नयू अर आइम्भते लभन आरे भोहम्भद ’’ ऽद


ु ा िी ़सभ नयू से हभ आरे

भोहम्भद भयु ाद हैं।

आऩ से दयमाफ़्त किमा गमा कि ‘‘ मौभे नदउ िुल्रे उनालसभ फे इभाभेहहभ ’’ से

िौन रोग भयु ाद हैं? आऩने फ़यभामा वह यसर


ू अल्राह हैं औय उनिे फाद उनिी

औराद से आइम्भा होंगे। उन्ही िी तयफ़ आमत से इशाया फ़यभामा गमा है। जो

उन्हें दोस्त यखेगा औय उनिी तसदी़ िये गा। वही नजात ऩामेगा औय जो उनिी

भऽ
ु ारेफ़त िये गा जहन्नभ भें जामेगा।

एि भयतफा ताऊसे मभानी ने हज़यत िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हो िय मह सवार

किमा कि वह िौन सी चीज़ है ज़जसिा थोड़ा इस्तेभार हरार था, औय ज़्मादा

इस्तेभार हयाभ? आऩने फ़यभामा िी नहये तारत


ू िा ऩानी था, ज़जसिा लसफ़क एि

चल्
ु रू ऩीना हरार था औय उससे ज़्मादा हयाभ। ऩछ
ू ा वह िौन सा योज़ा था ज़जसभें

ऽाना ऩीना जामज़ था? फ़यभामा वह जनाफे भयमभ िा ‘‘ सभ


ु त ’’ था ज़जसभें

लसफ़क न फोरने िा योज़ा था, खाना ऩीना हरार था। ऩछ


ू ा वह िौन सी शै है जो

सफ़क ियने से िभ होती है फढ़ती नहीॊ? फ़यभामा िी वह उम्र है । ऩछ


ू ा वह िौन सी

शै है जो फढ़ती है घटती है नहीॊ? फ़यभामा वह सभद्र


ु िा ऩानी है । ऩछ
ू ा वह िौन

सी चीज़ है जो लसफ़क एि फाय उड़ी औय कपय न उड़ी? फ़यभामा वह िोहे तूय है जो

612
एि फाय हुक्भे ऽुदा से उढ़ िय फनी इसयाईर िे सयों ऩय आ गमा था। ऩछ
ू ा वह

िौन रोग हैं ज़जनिी सच्ची गवाही ऽद


ु ा न झट
ू ी ़याय दी? फ़यभामा वह भन
ु ाकफ़़ों

िी तसदी़े रयसारत है जो हदर से न थी। ऩछ


ू ा फनी आदभ िा 1/3 हहस्सा िफ

हराि हुआ? फ़यभामा ऐसा िबी नहीॊ हुआ। तुभ मह ऩछ


ू ो िी इन्सान िा 1 /4

हहस्सा िफ हराि हुआ तो भैं तुम्हें फताऊॊ कि मह उस वक़्त हुआ जफ ़ाफीर ने

हाफीर िो ़त्र किमा क्मों कि उस वक़्त चाय आदभी थे। आदभ, हव्वा, हाफीर,

़ाफीर। ऩछ
ू ा कपय नस्रे इॊसानी किस तयह फढ़ी? फ़यभामा जनाफे शीस से जो

़त्रे हाफीर िे फाद फतने हव्वा से ऩैदा हुए।

इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.) और जनाफे अफू हनीफा का इम्तेहान

अल्राभा लशफरी नोभानी औय अल्राभा अऱीभ लरखते हैं कि इभाभ अफू


ु़
हनीफ़ा एि भद्
ु दत ति हज़यत िी ख खदभत
ु़ भें हाज़ज़य यहे औय उन्हीॊ से पे ़हा

हदीस िे भत
ु ाज़ल्ऱ फहुत सी नाहदय फातें हालसर िीॊ। लशमा सन्
ु नी दोनों ने भाना

है कि अफू हनीफ़ा िी भारभ


ू ात िा फड़ा ज़ऽीया हज़यत ही िा फ़ैज़े सोहफत था।

इभाभ साहफ ने इनिे फ़यज़न्दे यशीद हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी फ़ैज़े

सोहफत से बी फहुत िुछ फ़ामदा उठामा ज़जसिा ज़ज़क्र उभभ


ू न तायीऽों भें ऩामा

जाता है । (सीयतर
ु नोभान व अराभ अर भा़ेनीन ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 93) (1.)

613
अल्राभा शफादी शाफ़ेई लरखते हैं कि एि हदन हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य

(अ.स.) ने इभाभ अफू हनीफ़ा से फ़यभामा कि भैंने सन


ु ा है कि तभ
ु ़मास ियने भें

ज़भीन व आसभान िे िुराफे लभराते हो। मह सच है? उन्होंने िहा भैं फे शि

़मास ियता हूॉ औय इसिी वजह हदीस व अऽफाय हैं। हज़यत ने फ़यभामा कि

अच्छा भैं चन्द सवार ियता हूॉ तुभ ़मास ियिे जवाफ दो। उन्होंने िहा

फ़यभाईमे, आऩने इयशाद फ़यभामा ़तर फड़ा गुनाह है कि ज़ज़ना अज़क िी ़त्र है

कपय क्मा वजह है कि ़तर भें लसफ़क दो गवाह िाफ़ी हैं ज़ज़ना िी शहादत भें चाय

गवाह तरफ होते हैं? उन्होंने सि


ु ू त इख़्तेमाय किमा इसाय ऩय मॉू फोरे भझ
ु े इल्भ

नहीॊ। कपय आऩने फ़यभामा, नभाज़ िी अज़भत ज़्मादा है मा योज़े िी? िहा नभाज़

िी, िहा कपय क्मा वजह है कि हाएज़ औयतों िो नभाज़ िी ़ज़ा ज़रूयी नहीॊ औय

योज़े िी िज़ा राज़भी है । उन्होंने िहा भझ


ु े भारभ
ू नहीॊ। कपय हज़यत ने फ़यभामा

फताओ, ऩेशाफ ज़्मादा नजीस है मा भनी? उन्होंने िहा ऩेशाफ ज़्मादा नजीस है ।

हज़यत ने फ़यभामा कि कपय क्मा वजह है कि ऩेशाफ िे फाद वज़ू किमा जाता है

औय भनी िे फाद गस्र


ु ु़ वाज़जफ है? िहा भझ
ु े इल्भ नहीॊ।

इभाभ अफू हनीफ़ा िा फमान है कि इन सवारात िे फाद आऩ दस


ू ये िाभों भें

रग गए तो भैंने अज़क कि ऐ फ़यज़न्दे यसर


ू (स. अ.) इन सफ भसाएर िे फाये भें

भेयी तशफ़फ़ी फ़यभाएॊ। आऩने फ़यभामा कि भैं इस शतक से फताऊॊगा कि तुभ

614
आइन्दा ़मास ियने से फाज़ यहने िा वादा ियो। चन
ु ान्चे भैंने वादा किमा तो

आऩने इयशाद फ़यभामा, सन


ु ो !

1. ़त्र ियने वारा एि ही शख़्स होता है, इस लरमे लसफ़क दो गवाह िाफ़ी

होते हैं औय ज़ज़ना भें दो शख़्स होते हैं इस लरमे चाय गवाह िी ज़रूयत होती है ।

2. हाएज़ िो सार भें एि ही भयतफा योज़े से दो चाय होना ऩड़ता है । इसिी

़ज़ा आसान है औय नभाज़ से हय भाह साफे़ा ऩड़ता है इसिी ़ज़ा भज़ु श्िर है

इस लरमे ऽुदा ने मह सहूलरमत दी है कि योज़े िी ़ज़ा ियें औय नभाज़ िी ़ज़ा

न िये ।

3. ऩेशाफ लसफ़क भसाने से ननिरता है औय हदन भें िई भयतफा ननिरता है इस

भें गस्र
ु ु़ दश्ु वाय होता है । औय भनी साये ज़जस्भ से ननिरती है ‘‘ तहत िुरशयता

जनाफता ’’ फज़ल्ि मॉू सभझो कि हय फन


ु े भू से ननिरती है औय िबी िबी

ननिरती है इस लरमे ास्


ु र ियना आसान होता है । रेहाज़ा इसिे भहल्रे इख़्राज

िा रेहाज़ ियते हुए गस्र


ु ु़ ज़रूयी ़याय हदमा गमा है । इभाभ अफू हनीफ़ा िा

फमान है कि इस जवाफ से भझ
ु े ऩयू ी तसल्री हो गई औय हज़यत िो सराभ िय

िे घय वाऩस आमा। (इताफ़ ऩष्ृ ठ 88)

अल्राभा दभेयी ने अऩनी किताफ हमातुर है वान िी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 86 तहतुर

रा
ु त ज़फी प्रिालशत लभस्र भें इस वाक़ए िो इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) से

भत
ु ाज़ल्ऱ लरखा है ।

615
अल्राभा लशफरन्जी लरखते हैं कि अराए बफन उभय बफन अफीद ने हज़यत

इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) से ऩछ


ू ा, ‘‘ इन अरसभावाता वर अज़ाक िानता

यत़ापपत़ना हभा ’’ िा क्मा भतरफ है ? आऩने इयशाद फ़यभामा, आसभान व

ज़भीन दोनों (अऩनी फ़ैज़ यसाई से) फन्द थे कपय ऽुदा ने उन्हें खोर हदमा, मानी

आसभान से ऩानी फयसने रगा औय ज़भीन से दाना उगने रगा। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ

130 व इतहाफ़ ऩष्ृ ठ 53 व िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 54)

अल्राभा जाभी लरखते हैं कि इन्सानों िी तयह आऩ से ज़जन बी इल्भी फ़ामदा

उठामा ियते थे। यावी िा फमान है कि भैंने एि हदन फायह अजनफी अशऽास िो

आऩिे ऩास दे ख िय ऩछ
ू ा कि मह िौन रोग हैं? इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.)

ने फ़यभामा मह ज़जन हैं, भेये ऩास भसाएर शयई ऩछ


ू ने आते हैं। (शवाहे दन
ु नफूवत

ऩष्ृ ठ 182)

1. इसिी तफ़सीर िे लरमे भर


ु ाहे ज़ा हों ‘‘ तायीऽे इस्राभ ’’ ज़जल्द 1

भोअल्रेफ़ा ह़ीय भतफआ


ू इभालभमा िुतुफ ऽाना भा
ु र हवेरी राहौय।

इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.) के फाज़ करामात

आइम्भा ए अहरे फैत (अ.स.) िा साहे फे ियाभत होना भस


ु ल्रेभात भें से है ।

हज़यत इभाभ भोहम्भदे फाक़य (अ.स.) िे ियाभात हदे एहसा से फाहय हैं। इस

भ़
ु ाभ ऩय चन्द लरखे जाते हैं।

616
अल्राभा जाभेई यहभतुल्राह अरैहा लरखते हैं कि एि योज़ आऩ खच्चय ऩय

सफ़य फ़यभा यहे थे औय आऩिे हभयाह एि औय शख़्स गधे ऩय सवाय था। भक्िा

औय भदीना िे दयलभमान ऩहाड़ से एि बेड़ड़मा फयाभद हुआ आऩने उसे दे ख िय

अऩनी सवायी योि री। वह ़यीफ ऩहुॉच िय गोमा हुआ, भौरा ! इस ऩहाड़ी भें भेयी

भादा है औय उसे सख़्त ददे ज़ेह आरयज़ है आऩ दआ


ु फ़यभा दीज़जए िी इस

भस
ु ीफत से नजात हो जाए। आऩने दआ
ु फ़यभा दी। कपय उसने िहा कि मह दआ
ु अ

िीज़जए कि ‘‘ अज़नस्र भन ऩय शीआए तौ भफ़स्तर न गगयदाना ’’ भेयी नस्र भें

से किसी िो बी आऩिे लशओॊ ऩय ारफा व तसल्रत न हालसर होने दे । आऩने

फ़यभामा भैंने दआ
ु िय दी। वह चरा गमा।

2. एि शफ एि शख़्स शदीद फारयश िे दौयान भें आऩिे दौरत िदे ऩय जा िय

ऽाभोश खड़ा हो गमा औय सोचने रगा कि इस न भन


ु ालसफ वक़्त भें दक़़्ुरफाफ

िरूॊ मा वाऩस चरा जाऊॉ। नागाह आऩने अऩनी रौंडी से फ़यभामा कि फ़ुराॉ शख़्स

भक्िे से आ िय भेये दयवाज़े ऩय खड़ा है उसे फर


ु ा रो। उसने दयवाज़ा खोर िय

फर
ु ा लरमा।

3. यावी िा फमान है कि भैं एि हदन आऩिे दौरत िदे ऩय हाज़ज़य हो िय

इज़ने हुज़ूयी िा तालरफ हुआ। आऩने किसी वजह से इजाज़त न दी भैं ऽाभोश

खड़ा यहा। इतने भें दे खा कि फहुत से आदभी आए औय गए। मह हार दे ख िय भैं

फहुत ही यॊ जीदा हुआ औय दे य ति सोचने रगा कि किसी औय भज़हफ भें चरा

617
जाऊॉ इसी ख्मार भें घय चरा गमा। जफ यात हुई तो आऩ भेये भिान ऩय तशयीफ़

रामे औय िहने रगे किसी भज़हफ भें भत जाओ, िोई भज़हफ दरू
ु स्त नहीॊ है ।

आओ भेये साथ चरो, मह िह िय भझ


ु े अऩने हभयाह रे गए।

4. एि शख़्स ने आऩ से िहा ऽुदा ऩय भोलभन िा क्मा ह़ है? आऩने इसिे

जवाफ से ऐयाज़ किमा। जफ वह न भाना तो फ़यभामा कि इस दयख़्त िो अगय िह

हदमा जाम कि चरा आ, तो वह चरा आऐगा, मह िहना था कि वह अऩने भ़ाभ

से यवाना हो गमा, कपय आऩने हुक्भ हदमा वह वाऩस चरा गमा।

5. एि शख़्स ने आऩिे भिान िे साभने िोई हयित िी, आऩने फ़यभामा भझ


ु े

इल्भ है, दीवाय हभायी नज़यों िे दयलभमान हाएर नहीॊ होती, आइन्दा ऐसा नहीॊ

होना चाहहमे। 6. एि शख़्स ने अऩने फारों िे सफ़ेद होने िी लशिामत िी, आऩने

उसे अऩने हाथों से भस िय हदमा, वह लसमाह हो गमे।

7. ज़जस ज़भाने भें इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िा इन्ते़ार हुआ था। आऩ

भज़स्जदे नफवी भें तशयीफ़ फ़यभा थे, इतने भें भन्सयू दवाऩ्ी औय दाऊद बफन

सर
ु भ
ै ान भज़स्जद भें आए। भन्सयू आऩसे दयू फैठा औय दाऊद ़यीफ आ गमा।

उसने फ़यभामा, भन्सयू भेये ऩास क्मों नहीॊ आता? उसने िोई उज़्र फमान किमा।

हज़यत ने फ़यभामा इससे िह दो तू अऩ्यीफ फादशाहे वक़्त होगा औय शय़ व

ाफक िा भालरि होगा। मह सन


ु िय दवाऩ्ी आऩिे ़यीफ आ गमा औय िहने

618
रगा आऩिा योफ व जरार भेये ़यीफ आने से भाने था। कपय आऩने उसिी

हुिूभत िी तफ़सीर फमान फ़यभाई, चन


ु ान्चे वैसा ही हुआ।

8. अफू फसीय िी आॊखें जाती यही थीॊ, उन्होंने एि हदन कि आऩ तो वारयसे

अज़म्फमा हैं, भेयी आॊखों िी यौशनी ऩरटा दीज़जए। आऩने इसी वक़्त आॊखों ऩय हाथ

पेय िय उन्हें बफना फना हदमा।

9. एि िूफ़ी ने आऩसे िहा कि भैंने सन


ु ा है कि आऩिे ताफे फ़रयश्ते हैं जो
ु़
आऩिो लशमा औय गैय लशमा फता हदमा ियते हैं। आऩने ऩछ
ू ा तू क्मा िाभ ियता

है ? उसने िहा गन्दभ


ु फ़योशी। आऩने फ़यभामा ारत है । कपय उसने फ़यभामा िबी

िबी जौं बी फेचता हूॉ। फ़यभामा मह बी ारत है । तू लसफ़क ऽुयभे फेचता है । उसने

िहा आऩसे मह किसने फतामा है? इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा उसी फ़रयश्ते ने जो

भेये ऩास आता है । इसिे फाद आऩने फ़यभामा कि तू फ़ुराॊ फीभायी भें तीन हदन िे

अन्दय वफ़ात िय जामेगा। चन


ु ान्चे ऐसा ही हुआ।

10. यावी िहता है कि भैं एि हदन हज़यत िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हुआ तो क्मा

दे खा, आऩ फ ज़फाने सयु मानी भन


ु ाजात ऩढ़ यहे हैं। भेये सवार िे जवाफ भें

फ़यभामा कि मह फ़ुराॊ नफी िी भन


ु ाजात है ।

11. हज़यत इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) इयशाद फ़यभाते हैं कि भेये वालरदे

फज़
ु ुगव
क ाय इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) एि हदन भदीने भें फहुत से रोगों िे

दयलभमान फैठे हुए थे नागाह आऩने सय डार हदमा। इसिे फाद आऩने फ़यभामा, ऐ

619
अहरे भदीना आईन्दा सार महाॊ नाफ़े बफन अयज़़ चाय हज़ाय जयाकय लसऩाही रे

िय आमेगा औय तीन शफाना योज़ शदीद भ़


ु ाफरा व भ़
ु ातेरा िये गा, औय तभ

अऩना तहफ़्फ़ुज़ न िय सिोगे। सन


ु ो जो िुछ भैं िह यहा हूॉ ‘‘ हवा िाएन रामद

भनहू ’’ वह होिे यहे गा चन


ु ान्चे आइन्दा सार (िान अर अभय अरा भ़ार) वही हुआ

जो आऩने फ़यभामा था।


ु़
12. जैद बफन आज़भ िा फमान है कि एि हदन ज़ैद शहीद आऩिे साभने से

गुज़ये तो आऩने फ़यभामा कि मह ज़रूय िूफ़े भें ऽुरूज ियें गे औय ़त्र होंगे औय

इनिा सय दमाय फ दमाय कपयामा जामेगा। (फ़िान िभािार) चन


ु ान्चे वही िुछ

हुआ।

(शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 185 नरू
ु फ अफसाय ऩष्ृ ठ 130)

आऩकी इफादत गुज़ारी और आऩके आम हाऱात

आऩ अऩने आफाओ अजदाद िी तयह फेऩनाह इफादत ियते थे। सायी यात नभाज़े

ऩढ़नी औय साया हदन योज़े से गुज़ायना आऩिी आदत थी। आऩिी ज़ज़न्दगी

ज़ाहहदाना थी। फोयीए ऩय फैठते थे। हदामा जो आते थे उसे फ़ु़याओ भसािीन ऩय

त़सीभ िय दे ते थे। ायीफों ऩय फे हद शफ़क़़्त फ़यभाते थे। तवाज़े औय फ़योतनी,

सब्र औय शक्र
ु ारु ाभ नवाज़ी सेरह यहभ वाैया भें अऩनी आऩ नज़ीय थे। आऩिी

तभाभ आभदनी फ़ु़याओ ऩय सफ़क होती थी। आऩ फ़़ीयों िी फड़ी इज़्ज़त ियते थे

620
औय उन्हें अच्छे नाभ से माद ियते थे। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 95) आऩिे एि ार
ु ाभ

अफ़रह िा फमान है कि एि हदन आऩ िाफे िे ़यीफ तशयीफ़ रे गए, आऩिी

जैसे ही िाफे ऩय नज़य ऩड़ी आऩ चीऽ भाय िय योने रगे भैंने िहा कि हुज़यू सफ

रोग दे ख यहे हैं आऩ आहहस्ता से गगयमा फ़यभामें। इयशाद किमा ऐ अफ़रह शामद

ऽुदा बी उन्हीॊ रोगों िी तयह भेयी तयफ़ दे ख रे औय भेयी फज़ख़्शश िा सहाया हो

जाम। इसिे फाद आऩ सजदे भें तशयीफ़ रे गमे औय जफ सय उठामा तो सायी

ज़भीन आॉसओ
ु ॊ से तय थी। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 271)

हज़रत इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.) और हश्िाम बफन अब्दऱ


मसऱक

तवायीऽ भें है कि 96 हहजयी भें वरीद बफन अब्दर


ु भलरि फ़ौत हुआ (अफुर

कफ़दा) औय उसिा बाई सर


ु भ
ै ान बफन अब्दर
ु भलरि ऽरीफ़ा भ़
ु यक य किमा गमा।

(इब्ने वया) 99 हहजयी भें उभय बफन अब्दर


ु अज़ीज़ ऽरीफ़ा हुआ। (इब्नर
ु वया) उसने

ऽरीफ़ा होते ही इस बफदअत िो जो 41 हहजयी भें फनी उभय्मा ने हज़यत अरी

(अ.स.) ऩय सफो लशतभ िी सयू त भें जायी िय यख थी। हुिभन योि हदमा। (अफुर

कफ़दा) औय रूिूभे
ु़ ऽुम्स फनी हालशभ िो दे ना शरू
ु िय हदमा। (किताफ उर ऽयाएज

अफू मुसूफ़) मह वह ज़भाना था ज़जसभें अरी (अ.स.) िे नाभ ऩय अगय किसी फच्चे

िा नाभ होता था तो वह ़त्र िय हदमा जाता था औय किसी िो बी ज़ज़न्दा न

621
छोड़ा जाता था। (तदयीि अर यावी, समूती) इसिे फाद 101 हहजयी भें मज़ीद इब्ने

अब्दर
ु भलरि ऽरीफ़ा फनामा गमा। (इब्नर
ु वयदी) 105 हहजयी भें हश्शाभ इब्ने

अब्दर
ु भलरि बफन भयवान फादशाहे वक़्त भ़
ु यक य हुआ। (इब्नर
ु वयदी)

हश्शाभ बफन अब्दर


ु भलरि चस्
ु त, चाराि, िॊजूस, भत
ु ाअज़स्सफ, चार फाज़,

सख़्त लभज़ाज, िजयौ, ऽुद सय, हयीस, िानों िा िच्चा औय हद दयजा शक्िी था।

िबी किसी िा ऐतफाय न ियता था। अक्सय लसफ़क शब्ु हे ऩय सरतनत िे राए़

भर
ु ाज़ज़भों िो ़त्र िया दे ता था। मह ओहदों ऩय उन्हीॊ िो फ़ाएज़ ियता था जो

ऽश
ु ाभदी हों। उसने ऽालरद बफन अब्दल्
ु राह ़सयी िो 105 हहजयी से 120 हहजयी

ति ईया़ िा गवकनय यखा। ़सयी िा हार मह था कि हश्शाभ िो यसर


ू अल्राह

(स. अ.) से अफ़ज़र फताता औय उसी िा प्रोऩेगन्डा किमा ियता था। (तायीऽे

िालभर ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 103) हश्शाभ आरे भोहम्भद (स. अ.) िा दश्ु भन था। इसी ने

ज़ैद शहीद िो ननहामत फयु ी तयह ़त्र किमा था। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 49)

इसी ने अऩने ज़भाना ए वरी अहदी भें फ़यज़द़ शामय िो इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन

(अ.स.) िी भदह िे जभ
ु क भें फा भ़ाभ अस़रान ़ैद किमा था। (सवाए़े भोहये ़ा)

हश्िाम का िवाऱ और उिका जवाफ

तख़्ते सरतनत ऩय फैठने िे फाद हश्शाभ बफन अब्दर


ु भलरि हज िे लरमे

गमा। वहाॊ उस ने इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िो दे खा कि भज़स्जदर


ु हयाभ भें

622
फैठे हुए रोगों िो ऩन्दो नसाहे से फहयावय िय यहे हैं। मह दे ख िय हश्शाभ िी

दश्ु भनी ने ियवट री औय उसने हदर भें सोचा कि उन्हें ज़रीर ियना चाहहमे औय

इसी इयादे से उसने एि शख़्स से िहा कि जा िय उनसे िहो कि ऽरीफ़ा ऩछ


ू यहे

हैं कि हश्र िे हदन आऽयी फ़ैसरे से ऩहरे रोग क्मा खामें औय वऩमेंगे। उसने जा

िय इभाभ (अ.स.) िे साभने ऽरीफ़ा िा सवार ऩेश किमा। आऩने फ़यभामा जहाॊ

हश्रो नश्र होगा वहाॊ भेवे दाय दयख़्त होंगे, वह रोग उन्हीॊ चीज़ों िो इस्तेभार

ियें गे। फादशाह ने जवाफ सन


ु िय िहा मह बफल्िुर ारत है क्मों कि हश्र भें रोग

भलु सफतों औय ऩये शाननमों भें भब्ु तेरा होंगे, उनिो खाने ऩीने िा होश िहाॊ होगा?

़ालसद ने फादशाह िा जुभरा नक़्र िय हदमा। हज़यत ने ़ालसद से फ़यभामा कि

जाओ औय फादशाह से िहो कि तुभने ़ुयआन बी ऩढ़ा है मा नहीॊ। ़ुयआन भें मह

नहीॊ है कि जहन्नभ िे रोग जन्नत वारों से िहें गे कि हभें ऩानी औय िुछ नेभतें

दे दो कि ऩी औय खा रें। उस वक़्त वह जवाफ दें गे कि िाकफ़यों ऩय जन्नत िी

नेभतें हयाभ हैं। (ऩाया 8 रूिू 13) तो जफ जहन्नभ भें बी रोग खाना ऩीना नहीॊ

बर
ू ेंगे तो हश्रो नश्र भें िैसे बर
ू जामेंगे। ज़जसभें जहन्नभ से िभ सज़ख़्तमाॊ होंगी

औय वह उम्भीदो फीभ औय जन्नत व दोज़ऽ िे दयलभमान होंगे। मह सन


ु िय

हश्शाभ शलभकन्दा हो गमा। (इयशादे भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 408 व तायीऽे आइम्भा ऩष्ृ ठ 414)

623
इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.) और हश्िाम की मजु श्कऱ कुिाई

मह औय फात है कि आरे भोहम्भद (स. अ.) िो दीदा व दाननस्ता नज़य अन्दाज़

िय हदमा जाए रेकिन िहठन भौ़ों ऩय अहभ भयाहहर िे लरमे उनिी भज़ु श्िर

िुशाई िे फाैय िोई चाया िाय ही न था।

अल्राभा भजलरसी (अरैहहय यहभा) लरखते हैं ‘‘ हश्शाभ बफन अब्दर


ु भलरि

बफन भयवान िे ज़भाने भें शाभ औय ईया़ िे आने वारे हज्जाज िो भक्िे िे

यास्ते भें एि भॊज़ज़र ऩय ऩानी न लभरने िी वजह से सख़्त भस


ु ीफत िा साभना

हुआ ियता था। ायीफ हज्जाज उस भॊज़ज़र िी फे आफी औय अऩने इज़तेयाफ औय

फेचन
ै ी िा ख़्मार ियिे भॊज़ज़र दो भॊज़ज़र ऩहरे से अऩना साभान जभा िय लरमा

ियते थे ताकि उस भॊज़ज़र ति किफ़ामत िय सिें, भगय फाज़ औ़ात मह

इन्तेज़ाभात बी नािाफ़ी साबफत हो जाते थे औय फहुत से ायीफ हज्जाज ऩानी न

लभरने िी वजह से इस भॊज़ज़र ऩय जाॊ फह़ तसरीभ हो जाते थे। इस भज़ु श्िर

िी लशिामत अहरे इस्राभ भें हभेशा फनी यहती थी। वहा िी ज़भीन बी हज्जाज

िी तभाभ ज़भीनों से ज़्मादा सॊगराऽ (फॊजय) थी। वहाॊ ज़भीन से ऩानी ननिारना

गोमा आसभान से ऩानी राना था। आखखय


ु़ िाय हज्जाज िी इस ना़ाबफरे फदाकश्त

भलु सफत ऩय सरतनत ने तवज्जो िी औय एि फहुत फड़ा िुआॊ खोदने िा फॊदोफस्त

किमा। हश्शाभ ने इस िुएॊ िी ताभीय िा एहतेभाभ ऽुद अऩने ज़ज़म्भे लरमा औय

अऩने भीये इभायत िो भज़दयू ों औय िाभ ियने वारों िी एि फड़ी जभाअत िे

624
साथ उस भ़ाभ ऩय बेजा। ायज़ कि भोहिभाए ताभीयात िा सर
ु तानी इस्टाफ़

उस भ़ाभ ऩय ऩहुॉच िय अऩने िाभ भें भसरूफ़ हुआ वह अयफ िी ज़भीन औय

कपय अयफ भें बी किस हहस्से िी, हहजाज़ िी हदन, हदन बय िी िड़ी भेहनत िे

फाद हाथ दो हाथ ज़भीन िा खुद जाना बी ायीफ िाभ ियने वारों िे लरमे

ानीभत था। ऽुदा ऽुदा िय िे िाभ ियने वारे सतेह आफ िे ़यीफ ऩहुॉचे तो

मिामि उसिी जाननफ से एि सयू ाऽ ऩैदा हो गमा। उससे एि ननहामत गयभ औय

भॊह
ु झर
ु सा दे ने वारी हवा ननिरी ज़जसने उन सफ िो हराि िय हदमा, जो उस

वक़्त िॊु ए िे अन्दय थे। िुएॊ िे ऊऩय जो दीगय िाभ ियने वारे थे उन्होंने जफ

उनिी ज़ज़न्दगी िे आसाय भफ़िूदु़ ऩाए तफ़हुस हार िे लरमे चन्द औय आदलभमों

िो िुएॊ भें उताया वह बी जा िय वाऩस न आए।

जफ तभाभ इस्टाफ़ िे दो नतहाई िायिुन ज़ामा हो चि


ु े औय उनिी हारत िी

िोई वजह भारभ


ू न हो सिी तो भीये इभायत ने भजफयू हो िय िाभ फन्द िय

हदमा औय हश्शाभ िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हो िय अज़क ऩयदाज़ हुआ औय साया

वाक़मा इससे फमान किमा। इस ऽफये वहशत असय िे सन


ु ते ही तभाभ दयफाय भें

सन्नाटा छा गमा औय हय एि अऩनी अऩनी इस्तेदाद औय है लसमत िे भत


ु ाबफ़

इसिे असफाफ औय फवाएस ढ़ूॊढ़ने रगा। आखखय


ु़ िाय हश्शाभ ने एि तह़ी़ाती

जभाअत िो भयु त्तफ िय िे भौ़े ऩय बेजा भगय वह बी न िाभ यही औय मह

भारभ
ू न िय सिी कि इसभें जाने वारे भय क्मों जाते हैं।

625
हश्शाभ इसी इज़्तेयाफ औय ऩये शानी भे था कि हज िा ज़भाना आ गमा, मह

दलभश़् से चर िय भक्िा भोअज़्ज़भा ऩहुॉचा औय वहाॊ ऩहुॉच िय उसने हय भितफे

ख़्मार िे यहनभ
ु ाओ िो जभा किमा औय उनिे साभने िुऐॊ वारा वा़ेमा फमान

किमा औय उनिी भज़ु श्िर िुशाई िी ख़्वाहहश िी।

फादशाह िी फात सन
ु िय सफ ऽाभोश हो गमे औय िाफ़ी सोचने िे फावजूद

किसी नतीजे ऩय न ऩहुॉच सिे। नागाह हज़यत इभाभ भोहम्भदे फाक़य (अ.स.) जो

फादशाह िी तयफ़ से भदऊ थे आ ऩहुॉचे औय आऩने हारात सन


ु िय फ़यभामा भैं

भौ़ा दे ख ़् ू ागाॊ चन
ु ान्चे आऩ तशयीफ़ रे गमे औय वाऩस आिय आऩने फ़यभामा,

ऐ फादशाहे ़ौभ आदभ से जो अहरे एह़ाफ़ थे ज़जनिा ज़ज़क्र ़ुयआने भजीद भें

है , मह जगह उन्हीॊ िे भोअज़्ज़फ होने िी है । मह यह अ़ीभ जो ज़भीन िे सातवें

तफ़े से ननिर यही है मह किसी िो बी ज़ज़न्दा न छोड़े गी, रेहाज़ा इस जगह िो

फ़ौयन फन्द िया दे औय फ़राॉ भ़ाभ ऩय िुआॉ खुदवा, चन


ु ान्चे फादशाह ने ऐसा ही

किमा। आऩिे इयशाद से रोगों िी जानें बी फच गईं औय िुआॉ बी तैमाय हो गमा।

(हमातुर ़ुरूफ ज़जल्द 2 व भजभउर फहयै न ऩष्ृ ठ 577 व भालसये फ़य ऩष्ृ ठ 22)

यसर
ू े ियीभ (स. अ.) फ़यभाते हैं कि इन भ़
ु ाभात से जल्द दयू बागो जो भाजूफ

हो चि
ु े हैं ताकि िहीॊ ऐसा न हो कि तुभ बी भत
ु ालसय हो जाओ। (भु़दभा इब्ने

ऽरदन
ू ऩष्ृ ठ 125 प्रिालशत लभस्र)

626
अल्राभा यशीदउद्दीन अफू अब्दल्
ु राह भोहम्भद बफन अरी बफन शहय आशोफ ने

इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) ही जैसा वा़ेमा अहदे भेहदी अब्फासी भें इभाभ

भस
ू ा िाज़ज़भ (अ.स.) िे भत
ु ाअज़ल्ऱ लरखा है । (भन
ु ाक़फ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 69)

हज़रत इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.) की दसमश्क़ में तऱफी

अल्राभा भजलरसी औय सय्मद इब्ने ताऊस य़भतयाज़ हैं कि हश्शाभ बफन

अब्दर
ु भलरि अऩने अहदे हिूभत िे आखऽयी अय्माभ भें हज्जे फैतल्
ु राह िे लरमे

भक्िा भोअज़्ज़भा ऩहुॉचा। वहाॊ हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) औय इभाभ

जाफ़य साहद़ (अ.स.) बी भौजूद थे। एि हदन इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) ने

भजभाए आभ भें एि ऽुतफा इयशाद फ़यभामा ज़जसभें औय फातों िे अरावा मह बी

िहा कि हभ रूए ज़भीन ऩय ऽुदा िे ऽरीफ़ा औय उसिी हुज्जत हैं, हभाया दश्ु भन

जहन्नभ भें जामेगा, औय हभाया दोस्त नेभाते जन्नत से भत


ु भइन होगा। इस

ऽुतफे िी इत्तेरा हश्शाभ िो दी गई, वह वहाॊ तो खाभोश


ु़ यहा रेकिन दलभश़्

ऩहुॉचने िे फाद वारीए भदीना िो ऩैााभ बेजा कि भोहम्भद बफन अरी औय जाफ़य

बफन भोहम्भद िो भेये ऩास बेज दो। चन


ु ान्चे आऩ हज़यात दलभश़् ऩहुॉचे वहाॊ

हश्शाभ ने आऩिो तीन योज़ ति इज़ने हुज़ूयी नही हदमा। चौथे योज़ जफ अच्छी

तयह दयफाय िो सजा लरमा तो आऩिो फर


ु ावा बेजा। आऩ हज़यात जफ दाखखरे
ु़

627
दयफाय हुए तो आऩिो ज़रीर ियने िे लरमे आऩसे िहा हभाये तीय अन्दाज़ों िी

तयह आऩ बी तीय अन्दाज़ी ियें ।

हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) ने फ़यभामा कि भैं ज़ईफ़ हो गमा हूॉ भझ
ु े

इस से भाफ़ यख, उसने फ ़सभ िहा मह न भज़ु म्िन है । कपय एि तीय िभान

आऩिो हदरवा दी आऩने ठीि ननशाने ऩय तीय रगाए, मह दे ख िय वह है यान यह

गमा। इसिे फाद इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा, फादशाह हभ भादने रयसारत हैं हभाया

भ़
ु ाफरा किसी अभय भें िोई नहीॊ िय सिता। मह सन
ु िय हश्शाभ िो ास्
ु सा आ

गमा, वह फोरा कि आऩ रोग फहुत फड़े फड़े वादे ियते हैं आऩिे दादा अरी बफन

अफी तालरफ ने ाैफ िा दावा किमा है । आऩने फ़यभामा फादशाह ़ुयआन भजीद भें

सफ िुछ भौजूद है औय हज़यत अरी (अ.स.) इभाभे भफ


ु ीन थे, उन्हे क्मा नहीॊ

भारभ
ू था। (ज़जराउर उमून)

सक़़्तुर इस्राभ अल्राभा ़ुरैनी तहयीय फ़यभाते हैं कि हश्शाभ ने अहरे

दयफाय िो हुक्भ हदमा था कि भैं भोहम्भद इब्ने अरी इभाभ भोहम्भद फाक़य

(अ.स.) िो सये दयफाय ज़रीर िरूॊगा तभ


ु रोग मह ियना कि जफ भैं ऽाभोश हो

जाऊॊ तो उन्हें िरभाते न सज़ा िहना चन


ु ान्चे ऐसा ही किमा गमा।

आखखय
ु़ भें हज़यत ने फ़यभामा, फादशाह माद यख हभ ज़रीर ियने से ज़रीर

नहीॊ हो सिते, ऽुदा वन्दे आरभ ने हभें जो इज़्ज़त दी है उसभें हभ भन्


ु फ़रयद हैं।

माद यख आ़फत िी शाही भत्त


ु ़ीन िे लरमे है । मह सन
ु िय हश्शाभ ने फ़ाभय

628
फहा अरा अरज़जस आऩिो ़ैद ियने िा हुक्भ दे हदमा चन
ु ान्चे आऩ ़ैद िय

हदमे गमे।

़ैद ऽाने भें दाखऽर होने िे फाद आऩने ़ैहदमों िे साभने एि भोज़जज़ नभ
ु ा

त़यीय िी ज़जसिे नतीजे भें ़ैद ऽाने िे अन्दय िोहयाभे अज़ीभ फयऩा हो गमा।

बफर आखखय
ु़ ़ैद खाने िे दयोगा ु़ ने हश्शाभ से िहा कि अगय भोहम्भद बफन अरी

ज़्मादा हदनों ़ैद यहे तो तेयी भभरेित िा ननज़ाभ भन्


ु ़लरफ हो जामेगा। इनिी

त़यीय ़ैद ऽाने से फाहय बी असय डार यही है औय अवाभ भें इनिे ़ैद होने से

फड़ा जोश है । मह सन
ु िय हश्शाभ डय गमा औय उसने आऩिी ये हाई िा हुक्भ

हदमा औय साथ ही मह बी ऐरान िया हदमा कि न आऩिो िोई भदीने ऩहुॉचाने

जाम औय न यास्ते भें िोई आऩिो खाना ऩानी दे , चन


ु ान्चे आऩ तीन योज़ बख
ू े

प्मासे दाखखरे
ु़ भदीना हुए।

वहाॊ ऩहुॉच िय आऩने खाने ऩीने िी सई िी रेकिन किसी ने िुछ न हदमा।

फाज़ाय हश्शाभ िे हुक्भ से फन्द थे मह हार दे ख िय आऩ एि ऩहाड़ी ऩय गए

औय आऩने उस ऩय खड़े हो िय अज़ाफे इराही िा हवारा हदमा। मह सन


ु िय एि

ऩीय भदक फाज़ाय भें खड़ा हो िय िहने रगा बाईमों ! सन


ु ो, मही वह जगह है ज़जस

जगह हज़यत शऐ
ु फ नफी ने खड़े हो िय अज़ाफे इराही िी ऽफय दी थी औय अज़ीभ

तयीन अज़ाफ नाज़ज़र हुआ था। भेयी फात भानो औय अऩने आऩ िो अज़ाफ भें

629
भफ
ु नतरा न ियो। मह सन
ु िय सफ रोग हज़यत िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो गए

औय आऩिे लरए होटरों िे दयवाज़े खोर हदमे। (उसर


ू े िाफ़ी)

अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि इस वा़ऐ िे फाद हश्शाभ ने वारी भदीना

इब्राहीभ बफन अब्दर


ु भलरि िो लरखा कि इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िो

ज़हय से शहीद िय दे । (ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 262)

किताफ अर ऽयाएज व अर फहयाएज़ भें अल्राभा यवन्दी लरखते हैं कि इस

वा़ेए िे फाद हश्शाभ बफन अब्दर


ु भलरि ने ज़ैद बफन हसन िे साथ फाहभी

साज़ज़श िे ज़रयए इभाभ (अ.स.) िो दोफाया दलभश़् भें तरफ ियना चाहा रेकिन

वालरमे भदीना िी हभनवाई हालसर न होने िी वजह से अऩने इयादे से फाज़

आमा। उसने तफरूिाते रयसारत (स. अ.) जफयन तफर किमे औय इभाभ (अ.स.)

ने फयवाएते इयसार फ़यभा हदमे।

दसमश्क़ िे रवानगी और एक राहहफ का मुिऱमान होना

अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.)

़ैद ऽाना ए दलभश़् से रयहा हो िय भदीने िो तशयीफ़ लरमे जा यहे थे कि

नागाह यास्ते भें एि भ़


ु ाभ ऩय भजभए िसीय नज़य आमा। आऩने तफ़ाहुसे हार

किमा तो भारभ
ू हुआ कि नसाया िा एि याहहफ है जो सार भें लसफ़क एि फाय

अऩने भाअफद से ननिरता है । आज इसिे ननिरने िा हदन है । हज़यत इभाभ

630
भोहम्भद फाक़य (अ.स.) इस भजभे भें अवाभ िे साथ जा िय फैठ गए, याहहफ जो

इन्तेहाई ज़ईफ़ था, भ़


ु ये या वक़्त ऩय फयाभद हुआ। उसने चायों तयफ़ नज़य दौड़ाने

िे फाद इभाभ (अ.स.) िी तयफ़ भऽ


ु ानतफ हो िय फोरा, 1. क्मा आऩ हभ भें से

हैं? इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा, भैं उम्भते भोहम्भद से हूॉ। 2. आऩ उरभा से हैं मा

जोहरा से? फ़यभामा भैं जाहहर नहीॊ हूॉ। 3. आऩ भझ


ु से िुछ दरयमाफ़्त ियने िे

लरमे आमें हैं? फ़यभामा नहीॊ। 4. जफ कि आऩ आलरभों भें से हैं क्मा भैं आऩ से

िुछ ऩछ
ू सिता हूॉ? फ़यभामा ज़रूय ऩनू छए।

मह सन
ु िय याहहफ ने सवार किमा 1. शफो योज़ भें वह िौन सा वक़्त है

ज़जसिा शभ
ु ाय न हदन भें हो न यात भें हो? फ़यभामा वह सयू ज िे तुरू से ऩहरे

िा वक़्त है ज़जसिा शभ
ु ाय हदन औय यात दोनों भें नहीॊ। वह वक़्त जन्नत िे

अव़ात भें से है औय ऐसा भत


ु ाफरयक ि है कि इसभें फीभायों िो होश आ जाता है ।

दक द िो सि
ु ू न होता है । जो यात बय न सो सिे उसे नीॊद आ जाती है, मह वक़्ते

आऽयत िी तयह याफत यखने वारों िे लरमे ऽास उर ऽास है । 2. आऩिा

अ़ीदा है कि जन्नत भें ऩेशाफ व ऩऽाना िी ज़रूयत न होगी, क्मा दनु नमा भें

इसिी िोई लभसार है । फ़यभामा फतने भादय भें जो फच्चे ऩयवरयश ऩाते हैं, इनिा

फ़ुज़रा ऽारयज नहीॊ होता। 3. भस


ु रभानों िा अ़ीदा है कि खाने से फहहश्त िा

भेवा िभ न होगा इसिी महाॊ िोई लभसार है? फ़यभामा हाॉ, एि गचयाा से राखों

गचयाा जराए जाऐ तफ बी ऩहरे गचयाा िी यौशनी भें िभी न होगी। 4. वह िौन

631
से दो बाई हैं जो एि साथ ऩैदा हुए औय एि साथ भये रेकिन एि िी उभय

ऩचास सार िी हुई दस


ू ये िी डेढ़ सौ सार िी हुई? फ़यभामा उज़ैय औय अज़ीज़

ऩैाम्फय हैं। मह दोनों दनु नमाॊ भें एि ही योज़ ऩैदा हुए औय एि ही योज़ भये ।

ऩैदाईश िे फाद तीस फयस ति साथ यहे कपय ऽुदा ने अज़ीज़ नफी िो भाय डारा

(ज़जसिा ज़ज़क्र ़ुयआन भजीद भें भौजूद है ) औय सौ फयस (100) िे फाद कपय

ज़ज़न्दा फ़यभामा इसिे फाद वह अऩने बाई िे साथ औय ज़ज़न्दा यहे औय कपय एि

योज़ दोनों ने इन्ते़ार किमा।

मह सन
ु िय याहहफ अऩने भानने वारों िी तयफ़ भोतवज्जा हो िय िहने रगा

कि जफ ति मह शख़्स शाभ िे हुद ू भें भौजद


ू है भैं किसी िे सवार िा जवाफ न

दॊ ग
ू ा। सफ िो चाहहमे कि इसी आरभे ज़भाना से सवार िये इसिे फाद वह

भस
ु रभान हो गमा।

(जरार उर उमून ऩष्ृ ठ 261 प्रिालशत ईयान 1301 हहजयी)

इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.) की िहादत

आऩ अगयचे अऩने इल्भी फ़ैज़ व फयिात िी वजह से इस्राभ िो फयाफय फ़योा

दे यहे थे रेकिन इसिे फावजद


ू हश्शाभ बफन अब्दर
ु भलरि ने आऩिो ज़हय िे

ज़रयए से शहीद िया हदमा औय आऩ फतायीऽ 7 ज़ज़ज़ल्हज्जा 114 हहजयी मौभे

दोशम्फा भदीना भन
ु व्वया भें इज़न्त़ार फ़यभा गए। इस वक़्त आऩिी उम्र 57 सार

632
िी थी आऩ जन्नतुर फ़ीह भें दफ़्न हुए। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 93 ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ

264 जनात अर ऽरूद ऩष्ृ ठ 26, दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 449, अनवारूर हुसैननमा ऩष्ृ ठ 48,

शवाहे दन
ु नफअ
ू त ऩष्ृ ठ 181 यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 434)

अल्राभा लशफरॊजी औय अल्राभा इब्ने हजय भक्िी फ़यभाते हैं, ‘‘ भात

भसभभ
ू न िाफहू ’’ आऩ अऩने ऩदये फज़
ु गु व
क ाय इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) ही िी

तयह ज़हय से शहीद िय हदए गए। (नुरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 31 व सवा़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120)

आऩिी शहादत हश्शाभ िे हुक्भ से इब्राहीभ बफन वालरमे भदीना िी ज़हय ऽूयानी

िे ज़रयए वा़े हुई है । एि यवामत भें है कि ऽरीफ़ा ए वक़्त हश्शाभ बफन अब्दर

भलरि िी भयु सरा ज़हय आरद


ू ज़ीन िे ज़रयए से वा़े हुई थी। (जनात अर खर
ु ूद

व दभए सािेफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 478)

शहादत से ़ब्र आऩने हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) से फहुत सी चीज़ों

िे भत
ु ाअज़ल्ऱ वसीअत फ़यभाई औय िहा कि फेटा भेये िानों भें भेये वालरदे

भाज़जद िी आवाज़ आ यही है । वह भझ


ु े जल्द फर
ु ा यहे हैं। (नुरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 131)

आऩने ास्
ु रो िफ़न िे भत
ु ाअज़ल्ऱ ऽास तौय ऩय हहदामत िी क्मों कि इभाभ

याज़जज़ इभाभ नशवेद, इभाभ िो इभाभ ही ास्


ु र दे सिता है । (शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ

181) अल्राभा भजलरसी फ़यभाते हैं कि आऩने अऩनी वसीअतों भें मह बी िहा कि

800 हदयहभ भेयी अज़ादायी औय भेये भातभ ऩय सफ़क ियना औय ऐसा इन्तेज़ाभ

ियना कि दस सार ति लभना भें फ ज़भानए हज भेयी भज़रलू भमत िा भातभ

किमा जाए। (ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 264) उरभा िा फमान है कि वसीमतों भें मह बी

633
था कि भेये फन्दे िफ़न ़ब्र भें खोर दे ना औय भेयी ़ब्र चाय उॊ गर से ज़्मादा ऊॉची

न ियना। (जनात अर ऽर
ु द
ू ऩष्ृ ठ 27)

अज़वाज व औऱाद

आऩिी चाय फीफीमाॉ थीॊ औय उन्हीॊ से औराद हुई। उम्भे फ़यवा, उम्भे हिीभ,

रैरा औय एि फीफी उम्भे फ़यवा ़ालसभ बफन भोहम्भद बफन अफी फक्र ज़जन से

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) औय अब्दल्


ु राह अफ़तह ऩैदा हुए औय उम्भे

बफन्ते असद बफन भोाैया श़फ़ी से इब्राहीभ व अब्दल्


ु राह औय रैरा से अरी औय

ज़ैनफ ऩैदा हुमे औय चौथी फीफी से उम्भे सरभा भोता वज़ल्रद हुइ। (इयशाद भुफ़ीद

ऩष्ृ ठ 294 भनाक़फ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 19 व नुरूर अफसाय सफ़ु़ा 131)

अल्राभा भोहम्भद फाक़य फहबानी, अल्राभा भोहम्भद यज़ा आरे िाशेफ़ुर ाता

औय अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते हैं कि हज़यत भोहम्भद फाक़य (अ.स.)

िी नस्र लसफ़क इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) से फढ़ी है उनिे अरावा किसी िी

औरादें ज़ज़न्दा औय फा़ी नहीॊ यहीॊ। (दभए सािेफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 479 अनवारूर हुसैननमा

ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 48, यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 434 प्रिालशत रखनऊ 1284 ई0)

634
अफु अब्दल्
ु ऱाह हज़रत इमामे जाफरे िाहदक़ (अ.ि.)

इसी इजभार िी हैं शयह, गोमा जाफ़ये साहद़

ऱफ ज़जसिा किताफ अल्राह भें ऽत्भे नफव


ू त है

फनामे सफ से ऩहरे, कफ़़हा िे आईन भौरा ने

इन्हीॊ िे दभ से ़ामभ आज इस्राभी शयीअत है

साबफय थयमानी ‘‘ ियाची ’’

साहद़ आरे भोहम्भद, वह इभाभे सादस

ज़ेफे सय ज़जसिे इभाभत िा है भौरूसी ताज

है मह भौरद
ू े ज़जगय फन्द, भोहम्भद फा़य

ऽाना ए हस्ती, ज़जदअत िो िये गा तायाज

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ऩैाम्फये इस्राभ हज़यत भोहम्भद

भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) िे छठे जानशीन औय लसरलसराए अस्भत िी आठवीॊ िड़ी

हैं। आऩिे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) थे औय वालरदा

भाज़जदा जनाफे उम्भे फ़यवा बफन्ते ़ालसभ बफन भोहम्भद बफन अफी फक्र थीॊ। आऩ

अऩने आफाओ अजदाद िी तयह इभाभ भन्सस


ू , भासभ
ू , आलरभें ज़भाना औय

अफ़ज़रे िाएनात थे।

635
अल्राभा हजय लरखते हैं कि हज़यत इभाभे जाफ़ये साहद़ (अ.स.) अफ़ज़र व

अिभर थे। इसी बफना ऩय आऩने अऩने फा ऩिे ऽरीफ़ा औय वसी ़याय ऩामे।

(सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120) अल्राभा इब्ने ऽल़्ान तहयीय फ़यभाते हैं कि आऩ

सादात अहरेफत
ै से थे व फ़ज़रह ‘‘ अश्हयान मज़िय ’’ इनिी अफ़ज़लरमत व

ियभ भोहताज फमान नहीॊ। (दफ़ामात अर अमान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 105)

इभाभ फ़ऽरूद्दीन याज़ी िी तफ़सीय िफीय ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 429 व ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ

783 प्रिालशत लभस्र फहवारा ए आमाए ततहीय औय आरयफ़ सभदानी अरी हभदानी

िी भव
ु दतर
ु ़ुफाक ऩष्ृ ठ 34 प्रिालशत फम्फई 1310 ई0 औय शाह अब्दर
ु अज़ीज़

िी अश्रमा ताअन 13 ऩष्ृ ठ 439 प्रिालशत रखनऊ 1309 िी इफायत से भस्


ु तफ़ाद

होता है कि आऩ बी अऩने आफाओ अजदाद िी तयह भासभ


ू औय भहफ़ूज़ थी।

वयासतु रफीव ऩष्ृ ठ 200 भें है कि आऩने इज़ब्तदा ए उम्र से आखखय


ु़ ति िोई

गुनाह नहीॊ किमा औय इसी िो भहफ़ूज़ िहे हैं। इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ऽुद

इयशाद फ़यभाते हैं कि (नहन ़ौभ भासभ


ू न) हभ हैं वही ऽद
ु ा िे तयजभ
ु ान, हभ हैं

इल्भे ऽद
ु ा िे ऽज़ीनादाय औय हभ ही रोग भासभ
ू हैं। ऽद
ु ा ने हभायी इताअत िा

हुक्भ हदमा है औय हभायी भासीमत से दनु नमा वारों िो योिा है । (आराभ अर वया

ऩष्ृ ठ 169)

अल्राभा इब्ने तल्हा शाफ़ई लरखते हैं कि आऩ अहरे फैत औय रयसारत िी

अज़ीभ तयीन फ़दक थे औय आऩ भख़्


ु तलरफ़ क़स्भ िे उरभ
ू से बय ऩयू थे। आऩ ही

636
से ़ुयआन भजीद िे भानी िे चश्भे पूटते यहे हैं। आऩिे फहये इल्भ से उरभ
ू िे

भोती योरे जाते हैं। आऩ ही से इल्भी अजाएफ व िभारात िा ज़हूय व इन्िेशाफ़

हुआ। (भतारेफस
ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 173)

अल्राभा इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि उरभा ने आऩसे इस दजाक ऩरे उरभ

किमा ज़जसिी िोई हद नहीॊ। आऩिा आवाज़े इल्भ तभाभ अवसाद दमाय भें पैरा

हुआ था। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120)

भल्
ु रा जाभी तहयीय फ़यभाते हैं कि आऩिे उरभ
ू िा अहाता व फ़हभो इदयाि से

फर
ु न्द है । (शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 180)

अल्राभा लभस्र शेऽ भोहम्भद ऽज़यी फि लरखते हैं कि इनसे इभाभ भालरि

बफन अन्स, इभाभ अफू हनीफ़ा औय अिसय उरेभा ए भदीना ने यवामत िी है

भगय इभाभ फऽ
ु ायी, सहाए लसत्ता भें सफ से ज़्मादा भत
ु ाफरयक ि सभझी जाती है ।

वाज़े हो कि दीगय सहाह भें आरे भोहम्भद (स. अ.) से बी यवामत री गई हैं।

ज़रूयत थी कि इन सहाह िा फऽ
ु ायी से फर
ु न्द दजाक हदमा जाता भगय ऐसा नहीॊ

हुआ।

फयीॊ अ़र व दाननश फेफामद गगयीस्त

आऩिी ववरादत फ सआदत आऩ फतायीऽ 17 यफीउर अव्वर 83 हहजयी

भत
ु ाबफ़ 702 ई0 मौभे दो शम्फा भदीना ए भन
ु व्वया भें ऩैदा हुए। (इयशाद भुफ़ीद
ु़
फ़ायसी ऩष्ृ ठ 413, आराभ अर वया ऩष्ृ ठ 159, जाभे अब्फासी ऩष्ृ ठ 60 वगैयाह) आऩिी

637
ववरादत िी तायीऽ िो ऽुदा वन्दे आरभ ने फड़ी इज़्ज़त दे यखी है । अहादीस भें है

कि इस तायीऽ िो योज़ा यखना एि सार िे योज़े िे फयाफय है । ववरादत िे फाद

एि हदन हज़यत इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) ने फ़यभामा कि भेया मह फ़यज़न्द

इन चन्द भऽसस
ू अफ़याद भें से है ज़जसनी वजह से ऽुदा ने फन्दों ऩय एहसान

फ़यभामा औय मही भेये फाद भेया जानशीन होगा। (जन्नात अर ऽर


ु ूद ऩष्ृ ठ 27)

अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि जफ आऩ फतने भादय भें थे तफ िराभ

फ़यभाते थे। ववरादत िे फाद आऩने िरभाए शहादतैन ज़फान ऩय जायी फ़यभामा

आऩ बी नाफ़ फयु ीदा औय ऽतना शद


ु ा ऩैदा हुए हैं। (ज़जरा अर उमन
ू ऩष्ृ ठ 265) आऩ

तभाभ नफव
ू तों िे ऽुरासा थे।

इस्मे गगरामी, कुजन्नयत, अऱक़ाफ

आऩिा इस्भें गेयाभी जाफ़य, आऩिी िुज़न्नमत अफू अब्दल्


ु राह, अफू इस्भाईर

औय आऩिे अऱाफ साहद़, फ़ाज़ज़र, ताहहय वाैया हैं। अल्राभा भजलरसी य़भ

तयाज़ हैं कि आॊ हज़यत ने अऩनी ज़ाहहयी ज़ज़न्दगी भें हज़यत जाफ़य बफन भोहम्भद

िो ऱफ साहद़ से भौसभ


ू व भर
ु क़़्फ फ़यभामा था औय इसिी वजह फज़ाहहय

मह थी कि अहरे आसभान िे नज़दी़ आऩिा ऱफ ऩहरे ही से ‘‘ साहद़ ’’ था।

(ज़जरा अर उमून ऩष्ृ ठ 264)

638
अल्राभा इब्ने ऽल़्ान िा िहना है कि लसद़ भ़ार िी वजह से आऩिे

नाभे नाभी िा जज़


ु ो ‘‘ साहद़ ’’ ़याय ऩामा है । (वफ़मात उर अमान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ

105)

‘‘ जाफ़य ’’ िे भत
ु ाअज़ल्ऱ उरेभा िा फमान है कि जन्नत भें जाफ़य नाभी

एि शीयी नहय है इसी िी भन


ु ालसफत से आऩिा मह ऱफ यखा गमा है चॊकू ि

आऩिा फ़ैज़े आभ नहये जायी िी तयह था इसी लरमे ऱफ से भर


ु क़़्फ हुए।

(अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 361 फहवारा तज़कियातुर उर ख़्वास उर उम्भता)

इभाभे अहरे सन्


ु नत अल्राभा वहीदज़्
ु ज़भा है दयाफादी तहयीय फ़यभाते हैं कि

जाफ़य छोटी नहय मा फड़ी वासेए (िुशादा) इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) भशहूय

नाभ हैं। फायह इभाभों भें से औय फड़े सक़्


ु ़ा औय फ़़ीह औय हाकफ़ज़ थे। इभाभ

भालरि औय इभाभे अफू हनीफ़ा िे शेऽ (हदीस) हैं औय इभाभ फऽ


ु ायी िो भारभ

नहीॊ क्मा शफ
ु हा हो गमा कि वह अऩनी सही भें इनसे यवामत नहीॊ ियते औय

महमा बफन सईद ़तान ने फड़ी फेअदफी िी है जो िहते हैं, ‘‘ फ़ी भनहू शैइनव

भजालरद अहफा इरा लभन्हा ’’ भेये हदर भें इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी तयफ़

से ऽलरश है । भैं इनसे फेहतय भजालरद िो सभझता हूॉ हाराॊकि भजालरद िो

इभाभ साहफ िे साभने क्मा रूतफा है । ऐसी ही फातों िी वजह से अहरे सन्
ु नत

फदनाभ होते हैं कि उनिो आइम्भा अहरे फैत (अ.स.) से भोहब्फत औय ऐनत़ाद

नहीॊ। अल्राह ताअरा इभाभ फऽ


ु ायी ऩय यहभ न िये कि भयवान औय इभयान बफन

639
ख़्तान औय िई ख़्वारयज से तो उन्होंने यवाएत िी औय जाफ़ये साहद़ (अ.स.) से

जो इब्ने यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) हैं इनिी यवाएत भें शब्ु हा ियते हैं। (अनवारूर

अरख़्ता ऩाया ऩष्ृ ठ 47 प्रिालशत है दयाफाद दिन)

अल्राभा इब्ने हजय भक्िी अल्राभा लशब्रॊजी य़भ तयाज़ हैं कि अमाने

आइम्भा भें से एि जभाअत लभस्र महमा बफन सईद इब्ने हजय, इभाभ भालरि,

इभाभ शैफ़ान सयू ी, सफ़


ु मान बफन ऐननमा, अफू हनीफ़ा, अय्मफ
ू सजसतानी ने

आऩसे हदीस अख़्ज़ िी, अफू हानतभ िा िौर है कि इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.)

ऐसे सक़्
ु ़ा हैं (रामस अर अन्हा भसरह) कि आऩ ऐसे शख़्सों िी ननस्फत िुछ

तह़ी़ औय इस्तेफ़साय व तफ़हुस िी ज़रूयत ही नहीॊ। आऩ रयमासत िी तरफ से

फे ननमाज़ थे औय हभेशा इफादत गुज़ायी भें फसय ियते यहे । उभय इब्ने भ़दाभ िा

िहना है कि जफ भैं इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िो दे खता हूॉ तो भझ


ु े भाअन

ख़्मार होता है कि मह जौहये रयसारत (स.अ.व.व.) िी असर फनु नमाद हैं। (सवाए़े

भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120 नूरूर अफसाय 131 हुरमतुर अफयाय, तायीऽ आईम्भा ऩष्ृ ठ 433)

फादिाहाने वक़्त

आऩिी ववरादत 83 हहजयी भें हुई है इस वक़्त अब्दर


ु भलरि बफन भयवान

फादशाहे वक़्त था कपय वरीद सर


ु ेभान उभय बफन अब्दर
ु मज़ीद बफन अब्दर

भलरि, मज़ीद अर नाक़स, इब्राहीभ इब्ने वरीद औय भयवान अर हे भाय, अल्र

तयतीफ ऽरीफ़ा भ़
ु यक य हुए। भयवान अर हे भाय िे फाद सरतनते फनी उभय्मा िा

640
गचयाा गुर हो गमा औय फनी अब्फास िा ऩहरा फादशाह अफर
ु अब्फास, सफ़ाह

औय दस
ू या भन्सयू दवाऩी हुआ है । भर
ु ाहे ज़ा हो, (आराभ अर वया, तायीऽ इब्ने

अरवयी व तायीऽे आइम्भा ऩष्ृ ठ 336) इसी भन्सय


ू ने अऩनी हुिूभत िे दो सार गज़
ु यने

िे फाद इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िो ज़हय से शहीद िय हदमा। (अनवारूर

हुसनै नमा ज़जल्द ऩष्ृ ठ 50)

अब्दऱ
ु मसऱक बफन मरवान के अहद में आऩका एक मनाजज़रा

हज़यत इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) ने फे शभ


ु ाय इल्भी भनाज़ज़ये फ़यभाए हैं

आऩने दहहयमों, ़दरयमों िाकफ़य औय महूदी व नसाया िो हभेशा लशिस्ते फ़ाश दी

है । किसी एि भनाज़ज़ये भें बी आऩ ऩय िोई ारफा हालसर न िय सिा। अहदे

अब्दर
ु भलरि इब्ने भयवान िा ज़ज़क्र है कि एि ़दरयमा भज़हफ िा भनाज़ज़य

इसिे दयफाय भें आ िय उरभा से भनाज़ज़ये िा ख़्वाहहश भन्द हुआ। फादशाह ने

हसफे आदत अऩने उरभा िो तरफ किमा औय उनसे िहा कि इस ़दरयमे

भनाज़ज़य से भनाज़ज़या ियो। उरभा ने उस से िाफ़ी ज़ोय आज़भाई िी भगय वह

भैदाने भनाज़ज़ये िा खखराड़ी इन से न हाय सिा औय तभाभ उरभा आज़जज़ आ

गए। इस्राभ िी लशिस्त होते हुए दे ख िय अब्दर


ु भलरि इब्ने भयवान ने फ़ौयन

एि ऽत इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें भदीना यवाना िय हदमा

औय उसभें तािीद िी कि आऩ ज़रूय तशयीफ़ रामें। हज़यत भोहम्भद फा़य

641
(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें जफ इसिा ऽत ऩहुॉचा तो आऩने अऩने फ़यज़न्द हज़यत

इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) से फ़यभामा कि फेटा भैं ज़ईफ़ हो चि


ु ा हूॉ तभ

भनाज़ज़ये िे लरमे शाभ चरे जाओ। हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) अऩने

ऩदये फज़
ु गुक वाय िे हस्फ उर हुक्भ भदीना से यवाना हो िय शाभ ऩहुॉच गए। अब्दर

भलरि इब्ने भयवान ने जफ इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) िे फजाए इभाभ जाफ़ये

साहद़ (अ.स.) िो दे खा तो िहने रगा कि आऩ अबी िभलसन हैं औय वह फड़ा

ऩयु ाना भनाज़ज़य है, हो सिता है कि आऩ बी औय उरभा िी तयह लशिस्त खाॊए

इस लरमे भन
ु ालसफ नहीॊ कि भजालरसे भनाज़ज़या कपय भन
ु ़्अक़द िी जाए। हज़यत

ने फ़यभामा, फादशाह नू घफया नहीॊ, अगय ऽुदा ने चाहा तो भैं लसफ़क चन्द लभनट

भें भनाज़ज़या ऽत्भ िय दॊ ग


ू ा। आऩिे इयशाद िी ताईद दयफारयमों ने बी िी औय

भौ़ा ए भनाज़ज़ये ऩय फ़यी़ैन आ गए। चॊकू ि ़दरयमों िा एते़ाद है कि फन्दा ही

सफ िुछ है । ऽुदा िो फन्दों िे भाभरे भें िोई दऽर नहीॊ है, औय न ऽुदा िुछ

िय सिता है । मानी ऽद
ु ा िे हुक्भ औय ़ज़ा व ़द्र व इयादों िो फन्दों िे किसी

अभय भें दऽर नहीॊ। रेहाज़ा हज़यत ने इसिी ऩहर ियने िी ख़्वाहहश ऩय

फ़यभामा कि भैं तुभ से लसफ़क एि फात िहना चाहता हूॉ औय वह मह है कि तुभ ‘‘

सयू ा ए हम्द ऩढ़ो ’’ उसने ऩढ़ना शरू


ु किमा। ज फवह ‘‘ इय्मा िा नाब्दो व

इय्मािा तस्तेईन ’’ ऩय ऩहुॉचा, ज़जसिा तयजुभा मह है कि ‘‘ भैं लसफ़क तेयी इफादत

ियता हूॉ औय फस तुझी से भद्द चाहता हूॉ ’’ तो आऩने फ़यभामा, ठहय जाओ औय

642
भझ
ु े इसिा जवाफ दो कि जफ ऽुदा िो तुम्हाये एते़ाद िे भत
ु ाबफ़ तुम्हाये किसी

भाभरे भें दख़्र दे ने िा ह़ नही तो कपय तभ


ु उससे भद्द क्मों भाॊगते हो। मह

सन
ु िय वह ऽाभोश हो गमा औय िोई जवाफ न दे सिा। बफर आखखय
ु़ भजलरसे

भनाज़ेया फयख़्वास्त हो गई औय फादशाह फेहद ऽुश हुआ। (तफ़सीये फुयहान ज़जल्द 1

ऩष्ृ ठ 33)

अफु शाकिय दे सानी िा जवाफ अफु शाकिय दे सानी जो रा भज़हफ था। हज़यत से

िहने रगा कि क्मा आऩ ऽद


ु ा िा ताअरूकफ़ िया सिते हैं औय उसिी तयफ़ भेयी

यहफयी फ़यभा सिते हैं। आऩने एि ताऊस िा अन्डा हाथ भें रे िय फ़यभामा दे खो

इसिी फाहयी फनावट ऩय ाौय ियो, औय अन्दय िी फहती हुई ज़दी औय सफ़ैदी िो

फहुत ाौय से दे खो औय उस ऩय तवज्जो दो कि इसभें यॊ ग बफयॊ ग िे तामय (ऩऺी)

क्मों िय ऩैदा हो जाते हैं। क्मा तुम्हायी अक़्रे सरीभ इसिो तसरीभ नहीॊ ियती

कि इस अॊडे िो अछूते अन्दाज़ भें फनाने वारा औय उससे ऩैदा ियने वारा िोई

है । मह सन
ु िय वह ऽाभोश हो गमा औय दहरयमत से फाज़ आमा। इसी दे सानी िा

ज़ज़क्र है कि उसने एि दफ़ा आऩिे साहफी हश्शाभ बफन हिभ िे ज़रयमे से सवार

किमा कि क्मा मह भज़ु म्िन है कि ऽुदा सायी दनु नमा िो एि अॊडे भें सभो दे औय

अॊडा फढे न दनु नमा घटे ? आऩने फ़यभामा फेशि वह हय चीज़ ऩय ़ाहदय है । उसने

िहा िोई लभसार? फ़यभामा लभसार िे लरमे आॊख िी छोटी ऩत


ु री िाफ़ी है ।

643
इसभें सायी दनु नमाॊ सभा जाती है न ऩत
ु री फढ़ती है न दनु नमा घटती है । (उसूरे

िाफ़ी ऩष्ृ ठ 433 जाभए उर अऽफाय)

इमामे जाफरे िाहदक़ (अ.ि.) और हकीम इब्ने अयाि कल्फी

हश्शाभ बफन अब्दर


ु भलरि बफन भयवान िे अहदे हमात िा एि वा़ेमा है कि

हज़यत इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें एि शख़्स ने हाज़ज़य हो िय

अज़क किमा कि हिीभ बफन अमाश िल्फी आऩ रोगों िी हजो किमा ियता है ।

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने फ़यभामा कि अगय तुझ िो उसिा िुछ

िराभ माद हो तो फमान िय। उसने दो शेय सन


ु ामे, ज़जसिा हालसर मह है कि

हभने ज़ैद िो शाऽे दयख़्ते ऽुयभा ऩय सर


ू ी दे दी, हाराॊ कि हभ ने नहीॊ दे खा िोई

भेहदी दाय ऩय चढ़ामा गमा हो औय तुभ ने अऩनी फे विूफ़ी से अरी (अ.स.) िो

उस्भान िे साथ ़मास िय लरमा हाराॊ कि अरी (अ.स.) उस्भान से फेहतय औय

ऩािीज़ा थे। मह सन
ु िय इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने दआ
ु िी फाये इराहा

अगय मह हिीभ िल्फी झठ


ू ा है तो इस ऩय अऩनी भख़्ऱ
ू भें से किसी दरयन्दे िो

भस
ु ल्रत फ़यभा। चन
ु ान्चे उनिी दआ
ु ़ुफर
ू हुई औय हकिभ िल्फी िो याह भें शेय

ने हराि िय हदमा। (असाफा इब्ने हजय, अस़रानी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 80)

भल्
ु रा जाभी तहयीय फ़यभाते हैं कि जफ हिीभ िल्फी िे हराि होने िी

ऽफय इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िो ऩहुॉची तो उन्होंने सजदे भें जा िय िहा कि

644
उस ऽुदा ए फयतय िा शि
ु रयमा है कि ज़जसने हभ से जो वामदा फ़यभामा उसे ऩयू ा

किमा। (शवाहे दन
ु नफव
ू त सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 121 व नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 147)

113, हहजयी भें इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िा हज अल्राभा इब्ने हजय

भक्िी लरखते हैं कि आऩने 113 हहजयी भें हज किमा औय वहाॊ ऽुदा से दआ
ु िी,

ऽुदा ने बफरा फ़स्र अॊगूय औय दो फेहतयीन रयदामें लबजवाईं। आऩने अॊगूय ऽुद बी

खामा औय रोगों िो बी खखरामा औय रयदामें एि साएर िो दे दीॊ।

इस वाक़मे िी भख़्
ु तसय अल्फ़ाज़ भें तफ़सीर मह है कि फअस बफन सअद

उसी सन ़् भें हज िे लरमे गमे। वह नभाज़े अस्र ऩढ़ िय एि हदन िोहे अफू ़फीस

ऩय गए, वहाॊ ऩहुॉच िय दे खा कि एि ननहामत भ़


ु द्दस शख़्स भशार
ू े नभाज़ है ।

कपय नभाज़ िे फाद वह सज्दे भें गमा औय मा यफ मा यफ िह िय ऽाभोश हो

गमा। कपय मा हय्मो मा हय्मो िहा औय चऩ


ु हो गमा। कपय मा अय यहभान

ननयक हीभ िह िय चऩ
ु हो गमा। कपय फोरा ऽुदा भझ
ु े अॊगूय चाहहमे औय भेयी रयदा

फोलसदा हो गई है, दो रयदाए चाहहमे हैं। यावी ए हदीस फाअस िहता है कि मह

अल्फ़ाज़ अबी तभाभ न होने ऩाए थे कि एि ताज़ा अॊगयू ों से बयी हुई ज़म्फीर

(फहुत फड़ा टोिया) आ भौजूद हुई औय उस ऩय दो फेहतयीन चादयें यखी हुई थीॊ। उस

आबफद ने जफ अॊगूय खाना चाहा तो भैंने अज़क कि हुज़ूय भैं आभीन िह यहा था

भझ
ु े बी खखराईमे। उन्होंने हुक्भ हदमा, भैंने खाना शरू
ु किमा। ऽुदा िी ़सभ ऐसे

अॊगूय सायी उम्र ख़्वाफ भें बी नज़य न आमे थे। कपय आऩने एि चादय भझ
ु े दी।

645
भैंने िहा भझ
ु े ज़रूयत नहीॊ है । उसिे फाद आऩने एि चादय ऩहन री औय एि

ओढ़ री, कपय ऩहाड़ से उतय िय भ़ाभे सई िी तयफ़ गमे। भैं उनिे साथ था।

यास्ते भें एि सामर ने िहा, भौरा ! भझ


ु े चादय दे दीज़जमे, ऽद
ु ा आऩिो जन्नत

िे लरफास से आयास्ता िये गा। आऩने फ़ौयन दोनों चादयें उसिे हवारे िय दीॊ। भैंने

उस सामर से ऩछ
ू ा मह िौन हैं? उसने िहा इभाभ ज़भाना हज़यत इभाभ जाफ़ये

साहद़ (अ.स.)। मह सन
ु िय भैं उनिे ऩीछे दौड़ा कि उन से लभर िय िुछ

इस्तेफ़ादा िरूॊ रेकिन कपय वह भझ


ु े न लभर सिे। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 121 व

िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 66, भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 277)

वऱीद बफन यज़ीद और िाहदक़े आऱे मोहम्मद (अ.ि.)

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहदि (अ.स.) िे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ भोहम्भद

फाक़य (अ.स.) िो सन ़् 114 भें शहीद ियने िे फाद हश्शाभ बफन अब्दर
ु भलरि

बफन भयवान 125 हहजयी भें वालसरे जहन्नभ हुआ। उसिे भयने िे फाद वरीद

बफन मज़ीद बफन अब्दर


ु भलरि बफन भयवान ऽरीफ़ा ए फनामा गमा। मह ऽरीफ़ा

ऊफाश, इख़्रा़ी औसाफ़ से िोसों दयू , फे शभक, भज़ु न्हमात िा भयु तकिफ ननहामत

फ़ालस़ो फ़ाज़जय औय अय्माश था। भम नोशी औय रवाता भें ऽास शोहयत यखता

था। ननहामत जब्फाय औय िीना वय, ज़जस हाॊडी भें खाता उसी भे सयू ाऽ ियता।

मह अऩने फाऩ िी िनीज़ों िो बी इस्तेभार किमा ियता था। एि हदन उसिी

646
जभीरा रड़िी एि ऽादे भा िे ऩास फैठी थी उसने उसे ऩिड़ लरमा औय उसिी

फि
ु ायत (इज़्ज़त रट
ू ना) ज़ामर िय दी। ऽादे भा ने िहा कि मह तो भजस
ू िा

िाभ है । उसने जवाफ हदमा कि भराभत िा ख़्मार ियने वारे भाभभ


ू भय जाते

हैं।

एि हदन हज िे ज़भाने भें मह ऽाना ए िाफा िी छत ऩय भम नोशी िे लरमे

बी गमा था। तायीऽ िा मह भशहूय वा़ेमा है कि एि हदन उसने ़ुयआने भजीद

से फ़ार खोरी, उसभें आमत ‘‘ ऽाफा िर जब्फाय अनीद ’’ ननिरा मह दे ख िय

उसने ास्
ु से भें ़ुयआने भजीद िो पेंि हदमा, कपय उसे टाॊग िय तीयों से टुिड़े

टुिड़े िय डारा औय िहा ऐ ़ुयआन ! जफ ऽुदा िे ऩास जाना तो िह दे ना ‘‘

भज़़नी अर वरीद ’’ भझ
ु े वरीद ने ऩाया ऩाया किमा है ।

एि हदन वरीद अऩनी िनीज़ िे साथ फैठा शयाफ ऩी यहा था। इतने भें अज़ान

िी अवाज़ िान भें आई। मह फ़ौयन भफ


ु ाशेयत (सम्बोग) भें भशार
ू हो गमा। जफ

रोगों ने नभाज़ ऩढ़ाने िे लरमे िहा तो उस िनीज़ िो अऩना लरफास ऩहना िय

शयाफ िे नशे औय जनाफत िी हारत भें नभाज़ ऩढ़ाने िे लरमे भज़स्जद भें बेज

हदमा औय उसने नभाज़ ऩढ़ा दी। (तायीऽे ऽभीस, हफीफ उस सैय, हज्जुर ियाभा, लसद्दी़

हसन) मह ज़ाहहय है कि जो दीनो ईभान, नभाज़ व भज़स्जद व ़ुयआने भजीद िा

एहतेयाभ न ियता हो वह आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िा क्मा एहतेयाभ िय सिता

है । मही वजह है कि उसने अऩने भख़्


ु तसय अहद भें उनिे साथ िोई रयमामत नहीॊ

647
िी। तायीऽ भें है कि हज़यत ज़ैद शहीद (य. अ.) िे फेटे जनाफे महीमा िो इसी िे

अहद भें फयु ी तयह शहीद किमा गमा औय उनिा सय वरीद िे दयफाय भें रामा

गमा औय ज़जस्भ ऽयु ासान भें सर


ू ी ऩय रटिामा गमा। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ

48)

हज़रत इमाम जाफरे िाहदक़ (अ.ि.) और जनाफे अफू हनीफा नोमान

बफन िाबफत कूफी

फ़यज़न्दे यसर
ू (स.अ.व.व.) हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) जो आरीभे

इल्भे रदन्ु नी थे। आऩिे फ़ैज़े सोहफत से अयफाफे अ़र ने उरभ


ू हालसर किमे।

आऩिी ही एि िनीज़ ‘‘ हुसनै नमा ’’ िा ज़ज़क्र ज़फान ज़द ख़्वासो आभ है कि

उसने फादशाहे वक़्त िे दयफाय भें चारीस उरेभा ए इस्राभ िो चऩ


ु िय िे दभ फा

खुद िय हदमा था। आऩ ही िे फ़ैज़े सोहफत से जनाफे नोभान बफन साबफत ने

इल्भी भदारयज हालसर किमे थे औय आऩिे लरमे भऩफते अज़ीभ है । (हदाए़ उर

हनकफ़मा ऩष्ृ ठ 18 प्रिालशत रखनऊ 1906 ई0)

जनाफे नोभान बफन साबफत 80 हहजयी भें फा भ़ाभ िूफ़ा ऩैदा हुए। आऩिी

िुज़न्नमत अफू हनीफ़ा थी। आऩ अजभी नस्र िे थे। आऩिो हारून यशीद अब्फासी

िे अहद भें िाफ़ी उरूज हालसर हुआ। (तायीऽे साीय फऽ


ु ायी सन ़् 174 व सीयतन
ु नोभान,

लशब्री ऩष्ृ ठ 17)

648
आऩिो हश्शाभ बफन अब्दर
ु भलरि बफन भयवान िे ज़भाने भें ‘‘ इभाभे आज़भ

’’ िा खखताफ
ु़ लभरा। जफ कि उन्होंने 123 हहजयी भें जनाफे ज़ैद शहीद िी फैमत

िी औय हुिूभत िी भऽ
ु ारेफ़त िय िे भोआफ़े़त िी थी।

किताफ भस्
ु तफ़ा शयह भौता भें है कि अिाबफये भोहद्दे सीन लभस्र अहभद

फऽ
ु ायी, इभाभ भज़ु स्रभ, नतयलभज़ी, ननसाई, अफू दाऊद, इब्ने भाजा ने आऩिी

यवामत ऩय बयोसा नहीॊ किमा। आऩिी वफ़ात 150 हहजयी भें हुई है । (तायीऽे साीय

ऩष्ृ ठ 174)

इसी तायीऽे साीय भें फा यवामत नईभ बफन हभाद, भयवी है कि भैं सकु फ़मान

सौयी िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य था कि नागाह अफू हनीफ़ा साहफ िी वफ़ात िी ऽफय

सन
ु ी गई तो सकु फ़मान ने ऽुदा िा शक्र
ु अदा किमा औय िहा कि वह शख़्स

इस्राभ िो तोड़ िय चिना चयू ियता था। ‘‘ भा वल्द कफ़र इस्राभ अश्शाभ

लभन्हा ’’ इस्राभ भें इस्से ज़्मादा शभ


ू िोई ऩैदा नहीॊ हुआ।

इमाम अफू हनीफा की िागगादी का मिऱा

मह तायीऽी भस
ु ल्रेभात से है कि जनाफे अफू हनीफ़ा हज़यत इभाभ भोहम्भद

फा़य (अ.स.) औय इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे शागगकद थे रेकिन अल्राभा

त़ीउद्दीन इब्ने तैलभमा ने हभ असय होने िी वजह से इसभें िुन्िेयाना शब्ु हा

ज़ाहहय किमा है । इनिे शब्ु हे िो शम्सर


ु उरेभा अल्राभा लशब्री नोभानी ने यद

649
ियने हुए तहयीय फ़यभामा है, ‘‘ अफू हनीफ़ा एि भद्
ु दत ति इस्तेफ़ादे िी ाज़क से

इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य यहे औय कफ़़ा व हदीस िे

भत
ु ाअज़ल्ऱ फहुत फड़ा ज़ऽीया हज़यत भम्दहू िा फ़ैज़े सोहफत था। इभाभ साहफ

ने उनिे फ़यज़न्दे यशीद हज़यत जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी फ़ैज़े सोहफत से बी िुछ

फ़ामदा उठामा, ज़जसिा ज़ज़क्र उभभ


ू न तायीऽों भें ऩामा जाता है । ’’ इब्ने तैलभमा ने

इससे इन्िाय किमा है औय उसिी वजह मह ख़्मार है कि इभाभ अफू हनीफ़ा

इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे भाअसय औय हभ असय थे। इस लरमे उनिी

शागगकदी क्मों िय इख़्तेमाय ियते रेकिन इब्ने तैलभमा िी गस्


ु ताऽी औय ऽीया

चश्भी है । इभाभ अफू हनीफ़ा राख भज


ु तहहद औय फ़़ीह हों रेकिन फ़ज़रो िभार

भें उनिो हज़यत जाफ़ये साहद़ (अ.स.) से क्मा ननसफत। हदीस व कफ़़ा फज़ल्ि

तभाभ भज़हफी उरभ


ू े अहरे फैत (अ.स.) िे घय से ननिरे हैं। ‘‘ वा साहे फर
ु फैत

अदया फेभा फ़ीहा ’’ घय वारे ही घय िी तभाभ चीज़ों से वाक़फ़ होते हैं। (सीयतुन

नोभान ऩष्ृ ठ 45 तफआ आगया)

जनाफे अफू हनीफ़ा िा इम्तेहान तायीऽ भें है कि हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़

(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें अिसय हज़यत अफू हनीफ़ा नोभान बफन साबफत हाज़ज़य

हुआ ियते थे औय मह होता यहता था कि आऩ उनिा इम्तेहान रे िय उन्हें

फ़ामदा ऩहुॉचा हदमा ियते थे। एि दफ़ा िा ज़ज़क्र है कि जनाफे अफू हनीफ़ा हज़यत

िी खखदभत
ु़ भे हाज़ज़य हुए, तो आऩने ऩछ
ू ा कि ऐ अफू हनीफ़ा भैंने सन
ु ा है कि तभ

650
भसाएरे दीननमा भे ‘‘ ़मास ’’ से िाभ लरमा ियते हो। अज़क कि जी हाॊ है तो

ऐसा ही। आऩने फ़यभामा कि ऐसा न किमा ियो क्मों कि ‘‘ अव्वर भन ़मास

इब्रीस ’’ दीन भें ़मास ियना इब्रीस िा िाभ है औय उसी ने ़मास िी ऩहर

िी है ।

एि दफ़ा आऩने ऩछ
ू ा कि ऐ अफू हनीफ़ा मह फताओ कि ऽुदा वन्दे आरभ ने

आखों भें नभिीनी, िानों भें तल्ऽी, नाि िे नथनों भें रूतूफत औय रफों ऩय

शीयीनी क्मों ऩैदा िी? उन्होंने फहुत ाौयो ऽौज़ िे फाद िहा, मा हज़यत इसिा

इल्भ भझ
ु े नहीॊ है । आऩने फ़यभामा, अच्छा भझ
ु से सन
ु ो, आॊखें चयफी िा ढे रा हैं,

अगय उनभें शरू यमत औय नभिीनी न होती तो वऩघर जातीॊ, िानों भें तल्ऽी इस

लरमे है कि िीड़े भिोड़े न घस


ु जामें। नाि भें रूतूफत इस लरमे है कि साॊस िी

आभदो यफ़्त भें सहूलरमत हो औय ऽुशफू औय फदफू भहसस


ू हो, रफों भें शीयीनी

इस लरमे है कि खाने ऩीने भे रज़्ज़त आमे।

कपय आऩने ऩछ
ू ा कि वह िौन सा िरभा है ज़जसिा ऩहरा हहस्सा िुफ़्र औय

दस
ू या ईभान है? उन्होंने अज़क िी भझ
ु े इल्भ नहीॊ। आऩने फ़यभामा कि वह वही

िरभा है जो तुभ यात भें ऩढ़ा ियते हो, सन


ु ो ! रा इराहा िुफ्र औय इल्रल्राह

ईभान है ।

कपय आऩने ऩछ
ू ा कि औयत िभज़ोय है मा भदक , नीज़ मह कि हारते हभर भें

औयत िो ऽूने है ज़ क्मों नहीॊ आता? उन्होंने िहा कि मह तो भारभ


ू है कि औयत

651
िभज़ोय है रेकिन मह नहीॊ भारभ
ू कि इसे आरभे हभर भें है ज़ क्मों नहीॊ आता।

आऩने फ़यभामा कि अच्छा अगय औयत िभज़ोय है तो क्मा वजह है कि भीयास भें

उसिो एि हहस्सा औय भदक िो दो हहस्सा हदमा जाता है । उन्होंने जवाफ हदमा भझ


ु े

भारभ
ू नहीॊ। आऩने फ़यभामा कि औयत िा नफ़़ा भदक ऩय है औय हुसर
ू े आज़ू़ा

उसी िे ज़ज़म्भे है इस लरमे उसे दोहया हदमा गमा औय औयत िो आरभे हभर भें

ऽूने है ज़ इस लरमे नहीॊ आता कि वह फच्चे िे ऩेट भें दाखखर


ु़ हो िय गाज़ा फन

जाता है ।

इब्ने ऽल़्ान लरखते हैं कि एि हदन हज़यत िी खखदभत


ु़ भें जनाफे अफू हनीफ़ा

साहफ तशयीफ़ रामे तो आऩने ऩछ


ू ा, ऐ अफू हनीफ़ा तुभ इस भज
ु रयभ िे फाये भें

क्मा फ़तवा दे ते हो, ज़जस ने हज िे लरमे एहयाभ फाॊधने िे फाद हहयन िे वह दाॊत

तोड़ डारे हों ज़जनिो रूफाई िहते हैं। ‘‘ फ़़ारा मा बफन यसर
ू भा आरभा भा

फ़ीहा ’’ अज़क िी फ़यज़न्दे यसर


ू (अ.स.) भझ
ु े इसिा हुक्भ भारभ
ू नहीॊ ‘‘ फ़़ारा

अनता तदाहहय वरा तारभ ’’ आऩने फ़यभामा कि इसी इल्भीमत ऩय फ़ख़्र ियते

औय रोगों िो धोिा दे तो हो, तम्


ु हें मह ति भारभ
ू नहीॊ कि हहयन िे रूफाईमा होते

ही नहीॊ। (अर भसाएद ऩष्ृ ठ 202)

कपय आऩने ऩछ
ू ा कि मह फताओ कि अक़्र भन्द िौन है? उन्होंने अज़क कि जो

अच्छे फयु े िी ऩहचान िये औय दोस्त दश्ु भन भें तभीज़ िय सिे। आऩने फ़यभामा

कि मह लसफ़त औय तभीज़ तो जानवयों भें बी होती है । वह बी प्माय ियते औय

652
भायते हैं। मानी अच्छे फयु े िो जानते हैं। उन्होंने िहा कपय आऩ ही फ़यभामें। आऩने

इयशाद किमा कि अक़्र भन्द वह है जो दो नेकिमों औय दो फयु ाईमों भें मह

इज़म्तमाज़ िय सिे कि िौन सी नेिी तयजीह दे ने िे ़ाबफर औय दो फयु ाईमों भें

िौन सी फयु ाई िभ औय िौन ज़्मादा है । (हमातुर है वान, दभीयी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 85, 86

तायीऽ इब्ने ऽल़्ान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 105 भनाक़फ इब्ने शहये आशोफ ऩष्ृ ठ 41 नरू
ू र अफसाय

ऩष्ृ ठ 131)

इमामे जाफरे िाहदक़ (अ.ि.) के फाज़ निीहते व इरिादात

अल्राभा लशब्री तहयीय फ़यभाते है ्

1. सईद वह है जो तन्हाई भें अऩने िो रोगों से फे ननमाज़ औय ऽद


ु ा िी तयफ़

झि
ु ा हुआ ऩामे।

2. जो शख़्स किसी फयादये भोलभन िा हदर ऽुश ियता है ऽुदा वन्दे आरभ

उसिे लरमे एि फ़रयश्ता ऩैदा ियता है जो उसिी तयफ़ से इफादत ियता है औय

़ब्र भें भनू नसे तन्हाई, ़माभत भें साबफत ़दभी िा फाएस, भज़न्ज़रे शफ़ाअत भें

औय जन्नत भें ऩहुॉचाने भें यहफय होगा।

3. नेिी िा तिभेरा मानी िभार मह है कि इसभें जल्दी ियो औय उसे िभ

सभझो औय छुऩा िे ियो।

4. अभरे ऽैय नेि नीमती से ियने िो सआदत िहते हैं।

653
5. तवाज़ो भें ताऽीय नफ़्स िा धोखा है ।

6. चाय चीज़ें ऐसी हैं ज़जनिी क़ल्रत िो िसयत सभझना चाहहए। (1) आग,

(2) दश्ु भनी, (3) फ़़ीयी, (4) भज़क।

7. किसी िे साथ फीस हदन यहना अज़ीज़दायी िे भत


ु ायाहदफ़ है ।

8. शैतान िे ाल्फे से फचने िे लरमे रोगों ऩय एहसान ियो।

9. जफ अऩने किसी बाई िे वहाॊ जाओ तो सदये भजलरस भें फैठने िे अरावा

इसिी हय नेि ख़्वाहहश िो भान रो।

10. रड़िी यहभत नेिी औय रड़िा नेअभत है । ऽद


ु ा हय नेिी ऩय सवाफ दे ता है

औय नेअभत ऩय सवार िये गा।

11. जो तुम्हें इज़्ज़त िी ननगाह से दे खे तो तुभ बी उसिी इज़्ज़त ियो, जो

ज़रीर सभझे उससे ऽुद्दायी फयतो। 12. फऽलशश से योिना ऽुदा से फदज़नी है ।

13. दनु नमाॊ भें रोग फाऩ दादा िे ज़रयमे से भत


ु अरयक फ़ होते हैं औय आऽेयत भें

आभार िे ज़रयमे से ऩहचाने जामेंगे।

14. इन्सान िे फार फच्चे उसिे असीय औय ़ैदी हैं नेअभत िी वस


ु अत ऩय

उन्हें वस
ु अत दे नी चाहहमे वयना ज़वारे नेअभत िा अन्दे शा है ।

15. ज़जन चीज़ों से इज़्ज़त फढ़ती है इनभें तीन मह हैं, (1) ज़ालरभ से फदरा न

रो। (2) उस ऩय ियभ गुस्तयी जो भऽ


ु ालरफ़ हो। (3) जो इसिा हभदक द न हो

उसिे साथ हभददी िये ।

654
16. भोलभन वह है जो जादए ह़ से न हटे औय ऽुशी भें फानतर िी ऩैयवी न

िये ।

17. जो ऽद
ु ा िी दी हुई नेअभत ऩय क़नाअत िये गा, भस्
ु तानी यहे गा।

18. जो दस
ू यों िी दौरत भॊदी ऩय रल्चाई हुई नज़य डारेगा, वह हभेशा फ़़ीय

यहे गा।

19. जो याज़ी फ यज़ा ऽुदा नहीॊ वह ऽुदा ऩय इत्तेहाभ त़दीय रगा यहा है ।

20. जो अऩनी राज़ज़श िो नज़य अन्दाज़ िये गा वह दस


ू यों िी राज़ज़श िो बी

नज़य भें न रामेगा।

21. जो किसी िो फे ऩदाक ियने िी सई िये गा ऽुद फयहना हो जामेगा।

22. जो किसी ऩय ना ह़ तरवाय खीॊचग


े ा तो नतीजे भें ऽुद भ़तूर होगा।

23. जो किसी िे लरमे िुआॊ खोदे गा ऽुद उसभें गगये गा। ‘‘ चाह िुन या चाह

दयऩेश ’’।

24. जो शख़्स फे विूफ़ों से याह यस्भ यखेगा ज़रीर होगा।

25. ह़ गोई ियनी चाहहमे ख़्वाह वह अऩने लरमे भफ़


ु ीद हो मा भज़ु ज़य।

26. चा
ु र ऽोयी से फचो क्मों कि मह रोगों िे हदरों भें दश्ु भनी औय अदावत

िा फीज फोती है ।

27. अच्छों से लभरो, फयु ों िे ़यीफ न जाओ क्मों कि वह ऐसे ऩत्थय हैं ज़जनभें

जोंि नहीॊ रगती, मानी उनसे फ़ामदा नहीॊ हो सिता। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 134)

655
28. जफ िोई नेअभत लभरे तो फहुत ज़्मादा शक्र
ु ियो ताकि इज़ाफ़ा हो।

29. जफ योज़ी तॊग हो तो अस्ताफ़ाय ज़्मादा ियो कि अब्वाफे रयज़़् खर


ु जाएॊ।

30. जफ हुिूभत मा ाैय हुिूभत िी तयफ़ से िोई यॊ ज ऩहुॉचे तो ‘‘ रा हौर वरा

़ुव्वता इल्रा बफल्राहहर अरीअर अज़ीभ ’’ ज़्मादा िहो कि यॊ ज दयू हो, ाभ

िाफ़ूय हो औय ऽुशी िा वफ़ूय हो। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 274 से ऩष्ृ ठ 275)

आऩके फाज़ करामात

हज़यत इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) िे ियाभात औय ख्वारय़ आदात औय

इल्भी भारभ
ू ाती वा़ेआत से किताफें बयी ऩड़ी हैं। अल्राभा अयफरी लरखते हैं कि

अफू फसीय एि हदन हभाभ ऽाने िे लरमे अऩने घय से फयाभद हुए। यास्ते भें चन्द

ऐसे हज़यात लभरे जो इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी ज़्मायत िे लरमे जा यहे थे।

अफू फसीय साहफी सोच िय साथ हो गए कि अगय भैं हभाभ से वाऩसी भें जाऊॊगा

तो सआदते ज़ज़मायत भें ऩीछे यह जाऊॊगा। जफ वहाॊ ऩहुॉचे तो इभाभ (अ.स.) ने

इशायतन फ़यभामा कि नफी औय इभाभ िे घय भें हारते जनाफत भें दाखखर


ु़ नहीॊ

होना चाहहए। अफू फसीय ने भाज़यत िी औय हभाभ चरे गए। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ

97)

मन
ू स
ु बफन ज़ज़फमान िहते हैं कि हभ रोग एि हदन हज़यत िी खखदभत
ु़ भें

हाज़ज़य हुए तो आऩने दौयाने गफ़्


ु तग
ु ू भें फ़यभामा कि ज़भीन िे ऽज़ाने हभाये

656
इख़्तेमाय भे हैं। मह िह िय आऩने ऩैय से ज़भीन ऩय एि ऽत खीॊचा औय एि

फालरश्त िा डब्फा उठा िय हभें हदखरामा। इसभें फेहतयीन सोने िी ईटें थीॊ। भैंने

अज़क िी भौरा, आऩिे ़ब्ज़े भें सफ िुछ है भगय आऩिे भानने वारे तिरीफ़

उठा यहे हैं। आऩने फ़यभामा उनिे लरमे जन्नत है । (तज़कियतुर भासूभीन ऩष्ृ ठ 183)

आऩका अख़्ऱाक़ और आदात व औिाफ

अल्राभा इब्ने शहय आशोफ तहयीय फ़यभाते हैं कि एि हदन इभाभ जाफ़य

साहद़ (अ.स.) ने अऩने एि ार


ु ाभ िो किसी िाभ से फाज़ाय बेजा। जफ उसिी

वाऩसी भें फहुत दे य हुई तो आऩ उसिो तराश ियने िे लरमे ननिर ऩड़े, दे खा एि

जगह रेटा हुआ सो यहा है । आऩ उसे जगाने िे फजाए उसिे सयहाने फैठ गए औय

ऩॊखा झरने रगे। जफ वह फेदाय हुआ तो आऩने फ़यभामा मह तयी़ा अच्छा नहीॊ

है । यात सोने िे लरमे औय हदन िाभ िाज िे लरमे है । आइन्दा ऐसा न ियना।

(भनाक़फ इब्ने शहय आशोफ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 52)

अल्राभा भआलसय भौराना अरी ऩी भज


ु तहहदर
ु असय य़भ तयाज़ हैं, आऩ

इसी लसरलसरा ए असभत िी एि िड़ी थे ज़जसे ऽुदा वन्दे आरभ ने नवए

इन्सानी िे लरए नभन


ू ा ए िालभर फना िय ऩैदा किमा। उनिे इख़्रा़ व

अवसाफ़, ज़ज़न्दगी िे हय शोफे भें भेआयी है सीमत यखते थे। ऽास ऽास अवसाफ़

ज़जनिे भत
ु ाअज़ल्ऱ भव
ु ये ऽीन ने भख़्सस
ू तौय ऩय वा़ेमात ऩर किमे हैं। भेहभाॊ

657
नवाज़ी, ऽैयो ऽैयात, भऽफ़ी तयी़े ऩय ायु फा िी ऽफय गीयी, अज़ीज़ों िे साथ हुस्ने

सर
ु ि
ू , अफ़ो जयाएभ, सब्र व तहम्भर
ु वाैया हैं।

एि भयतफा एि हाजी भदीने भें वारयद हुआ औय भज़स्जदे यसर


ू (स.अ.व.व.) भें

सो गमा आॊख खुरी तो उसे शफ


ु ा हुआ कि उसिी एि हज़ाय िी थैरी भौजूद नहीॊ।

उसने इधय उधय दे खा किसी िो न ऩामा। एि गोशा ए भज़स्जद भें इभाभ जाफ़ये

साहद़ (अ.स.) नभाज़ ऩढ़ यहे थे। वह आऩिो बफल्िुर न ऩहचानता था। आऩिे

ऩास आ िय िहने रगा कि भेयी थैरी तुभ ने रे री है । हज़यत ने ऩछ


ू ा उसभें

क्मा था? उसने िहा एि हज़ाय दीनाय। हज़यत ने फ़यभामा भेये साथ भेये भिान

ति आओ, वह आऩिे साथ हो गमा। फैत उस शयफ़ भें तशयीफ़ रा िय एि हज़ाय

दीनाय इसिे हवारे िय हदमे। वह भज़स्जद भें वाऩस चरा गमा औय अऩना असफाफ

उठाने रगा, तो ऽुद उसिे दीनायो िी थैरी असफाफ भें नज़य आई, मह दे ख िय

फहुत शलभकन्दा हुआ औय दौड़ता हुआ कपय इभाभ (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें आमा,

उज़्र ख़्वाही ियते हुए हज़ाय दीनाय वाऩस ियना चाहा। हज़यत ने फ़यभामा, हभ जो

िुछ दे दे ते हैं वह कपय वाऩस नहीॊ रेते।

भौजूदा ज़भाने भें मह हारात सबी िी आॊखों से दे खे हुए हैं कि जफ मह अन्दे शा

भारभ
ू होता है कि अनाज भज़ु श्िर से लभरेगा तो ज़जसिो ज़जतना भज़ु म्िन हो वह

अनाज ऽयीद िय यख रेता है भगय इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे कियदाय िा

एि वा़ेमा मह है कि एि भयतफा आऩ से आऩिे एि विीर भाक़फ ने िहा कि

658
हभें इस गयानी औय ़हत िी तिरीफ़ िा िोई अन्दे शा नहीॊ है । हभाये ऩास ाल्रे

िा इतना ज़ऽीया है जो फहुत असे ति िे लरमे िाफ़ी होगा। हज़यत ने फ़यभामा

मह तभाभ ाल्रा फ़योख़्त िय डारो इसिे फाद जो हार सफ िा होगा वह हभाया

बी होगा, औय जफ ाल्रा फ़योख़्त िय हदमा गमा तो फ़यभामा अफ ऽालरस गेहूॉ िी

योटी न ऩिा िये , फज़ल्ि आधे गेहूॉ औय आधे जौ िी योटी ऩिाई जाए। जहाॊ ति

भज़ु म्िन हो हभें ायीफों िा साथ दे ना चाहहमे।

आऩिा ़ामदा था कि आऩ भारदायों से ज़्मादा ायीफों िी इज़्ज़त ियते थे।

भज़दयू ों िी फड़ी ़दय फ़यभाते थे। ऽद


ु बी नतजायत फ़यभाते थे औय अिसय अऩने

फााों भें फ नफ़्से नफ़ीस भेहनत बी ियते थे।

एि भयतफा आऩ फेरचा हाथ भें लरमे फाा भें िाभ िय यहे थे औय ऩसीने से

तभाभ ज़जस्भ तय हो गमा था। किसी ने िहा मे फेरचा भझ


ु े इनामत फ़यभाइमे कि

भैं मह खखदभत
ु़ अन्जाभ दॊ ।ू हज़यत (अ.स.) ने फ़यभामा, तरफे भाश भें धऩ
ू औय

गभी िी तिरीफ़ सहना ऐफ िी फात नहीॊ। ार


ु ाभों औय िनीज़ों ऩय वही भेहयफानी

यहती थी जो इस घयाने िी इम्तेआज़ी लसफ़त थी। इसिा एि है यत अॊगेज़ नभन


ू ा

मह है कि ज़जसे सफ़मान सयू ी ने फमान किमा है कि भैं एि भयतफा इभाभ जाफ़ये

साहद़ (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हुआ दे खा कि चेहया ए भफ
ु ायि िा यॊ ग

भत
ु ााय्मय है । भैंने सफफ दयमाफ़्त किमा तो फ़यभामा भैंने भना किमा था कि िोई

भिान िे िोठे ऩय न चढ़े इस वक़्त जो भैं घय आमा तो क्मा दे खा कि एि

659
िनीज़ जो एि फच्चे िी ऩयवरयश ऩय भत
ु अय्मन थी उसे गोद भें लरमे ज़ज़ने से

ऊऩय जा यही थी। भझ


ु े दे खा तो ऐसा ऽौफ़ तायी हुआ कि फद हवासी भें फच्चा

उसिे हाथ से छूट गमा औय इस सदभे से जान फाह़ तसरीभ हो गमा। भझ


ु े

फच्चे िे भयने िा इतना सदभा नहीॊ ज़जतना इसिा यॊ ज है कि इस िनीज़ ऩय

इतना योफ हे यास क्मों तायी हुआ। कपय हज़यत ने इस िनीज़ िो ऩि


ु ाय िय

फ़यभामा, डय नहीॊ, भैंने तुभिो याहे ऽुदा भें आज़ाद िय हदमा। इसिे फाद हज़यत

फच्चे िी तजहीज़ िी तयफ़ भोतवज्जा हुए। (साहदिे आरे भोहम्भद (अ.स.) ऩष्ृ ठ

12, भन
ु ाक़फ इब्ने शहये आशोफ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 54)

किताफ भजानी अर अदफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 67 भें है कि हज़यत िे महाॊ िुछ

भहभान आए थे। हज़यत ने खाने िे भौ़े ऩय अऩनी िनीज़ िो खाना राने िा

हुक्भ हदमा। वह सारन िा फड़ा प्मारा रे िय जफ दस्तयख़्वान िे ़यीफ ऩहुॉची तो

इत्तेफ़ा़न प्मारा उसिे हाथ से छूट िय गगय गमा। इसिे गगयने से इभाभ (अ.स.)

औय दीगय भहभानों िे िऩड़े ऽयाफ हो गए। िनीज़ िाॊऩने रगी औय आऩने ास्
ु से

िे फजाए उसे याहे ऽद


ु ा भें मह िह िय आज़ाद िय हदमा कि तू जो भेये ऽौफ़ से

िाॊऩती है शामद मही आज़ाद ियना िफ़्फ़ाया हो जाए। कपय उसी किताफ िे सफ़े

69 भें है कि एि ार
ु ाभ आऩिा हाथ धर
ु ा यहा था कि दफ़तन रोटा छूट िय

तश्त भें गगया औय ऩानी उड़ िय हज़यत िे भॊह


ु ऩय ऩड़ा। ार
ु ाभ घफया उठा हज़यत

ने फ़यभामा डय नहीॊ जा भैंने तुझे याहे ऽुदा भें आज़ाद िय हदमा।

660
किताफ तोहफ़तुर अरज़याएय अल्राभा भजलरसी भें है कि आऩिी आदात भें

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी ज़्मायत िे लरमे जाना दाखखर
ु़ था। आऩ अहदे सफ़ाह औय

ज़भानाए भन्सयू भें बी ज़ज़मायत िे लरमे तशयीफ़ रे गए थे। ियफरा िी आफादी

से त़यीफन चाय सौ ़दभ शभ


ु ार िी जाननफ, नहये अऱभा िे किनाये फााों भें

शयीए साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) इसी ज़भाने से फना हुआ है । (तसवीये अज़ा 10

ऩष्ृ ठ 60 प्रिालशत दे हरी 1919 ई0)

इमाम जाफरे िाहदक़ (अ.ि.) की इल्मी फऱ


ु न्दी

मह ज़ाहहय है कि इल्भ ही इन्सान िा वह जौहये फ़ानी है ज़जसिे फाैय ह़ी़ी

इम्तेआज़ हालसर नहीॊ होता। हज़यत आदभ (अ.स.) ने इल्भ िे ज़रयमे भराएिा ऩय

फ़ज़ीरत हालसर िी औय आऩिे इस तयज़े अभर िे ना ाज़


ु ीय तौय ऩय मह वाज़े

हो गमा कि भनसस
ू लभन अल्राह िो आलरभे जैय्मद होना राज़भी है । हज़यत

इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) चॊकू ि सही तौय ऩय भनसस


ू थे रेहाज़ा आऩिा आरभे

ज़भाना होना राज़भी था औय मही वजह है कि आऩ इल्भ िे उन भदारयज ऩय

फ़ाएज़ थे ज़जनिे अशक ए फर


ु न्द िे ऩाए िो ऩरयन्दा ऩय नहीॊ भाय सिता था।

661
िाहदक़े आऱे मोहम्मद (अ.ि.) की तिानीफ

आऩिी तसानीफ़ िा शभ
ु ाय नहीॊ किमा जा सिता। तवायीऽ से भारभ
ू होता है

कि आऩ ने फेशभ
ु ाय किताफें व रयसारे औय भ़ारात से दनु नमाॊ वारों िो फ़ैज़माफ

फ़यभामा है । आऩ चॊकू ि उरभ


ू भें ाैय भहदद
ू थे। इस लरमे आऩिी किताफें हय इल्भ

भें लभरती हैं। आऩने इल्भें दीन, इल्भे िीलभमा, इल्भे यजज़, इल्भे फ़ार, इल्भे

फ़रसफ़ा, इल्भे तफीइमात, इल्भे है य्मत, इल्भे भज़न्त़, इल्भे नतफ, इल्भे सभीमात,

इल्भे तशयीह अर अजसाभ व अफ़आर अर आज़ा, इल्भ अर हमात वभा फाद

अर तफमात वाैया वाैया ऩय ऽाभा फ़यसाई िी है औय रेक्चय हदमे हैं। हभ इस

भ़ाभ ऩय लसफ़क दो किताफों िो ज़ज़क्र ियना चाहते हैं। 1. किताफे जफ़यो जाभोआ,

2. किताफ अहरे लरज़जमा।

फ़कताफ जफर व जामेअ

किताफ जफ़यो जाभोआ िे भत


ु ाअज़ल्ऱ उरेभा िे फमानात भख़्
ु तलरफ़ हैं। भौरवी

वहीदज़्
ु ज़भा है दयाफादी अऩनी किताफ अनवारूर रा
ु ता िे ऩाया 5 ऩष्ृ ठ 15 ऩय

लरखते हैं कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने अभीरूर भोभेनीन अरी इब्ने अफी तालरफ

(अ.स.) िो दो किताफें लरखवा दीॊ थीॊ।

‘‘एि जफ़य दस
ू यी जाभेए ’’ एि किताफ तो फियी िी खार ऩय थी, दस
ू यी

बेड़ िी खार ऩय औय उसभे ़माभत ति ज़जतनी फातें होने वारी थीॊ वह सफ

भज
ु लभरन लरखवा दी थीॊ। सय्मद शयीफ़ ने शयह भवाकफ़़ भें ऩर किमा है कि

662
जफ़य औय जाभए दो किताफें हैं जो हज़यत अरी (अ.स.) िे ऩास थीॊ। इनभें अज़

रूए ़वाएद, इल्भे हुरूफ़ व तिसीय फड़े फड़े हवाहदस िा फमान था जो ़माभत

ति होने वारे थे औय आऩिी औराद भे जो इभाभ गज़


ु ये वह इन्हीॊ किताफों िो

दे ख िय अिसय उभयू िी ऽफय दे ते थे।

किताफ फहये भह
ु ीत भें है कि इल्भे जफ़य औय इल्भे तिसीय एि ही हैं, मानी

सामर िे सवार िे हुरूफ़ भें तसरूकफ़ औय ताय्मयु िय िे सवार िा जवाफ

ननिारना।

अल्राभा लशब्रॊजी अऩनी किताफ नरू


ू र अफसाय िे ऩष्ृ ठ 133 ऩय फा हवारा

हमातुर है वान दभीयी लरखते हैं कि इब्ने ़तीफा ने किताफे अदफ अर िानतफ भें

लरखा है कि किताफ अर जफ़य हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी लरखी हुई

है । इसभें वह तभाभ चीज़ें हैं जो ़माभत ति दनु नमाॊ भें रूनभ


ू ा होंगी।

अल्राभा इब्ने तल्हा शाफ़ेई अऩनी किताफ भतारेफस


ु सऊ
ू र िे ऩष्ृ ठ 214 भें

किताफ अर जफ़य िा ज़ज़क्र ियते हुए लरखते हैं कि ‘‘ होआभन िराभेह ’’ मह

किताफ आऩ ही िी तसनीफ़ है । मही इफायत बफल्िुर इसी तयह शवाहे दन


ु नफव
ू त

भल्
ु रा जाभी िे ऩष्ृ ठ 187 प्रिालशत रखनऊ 1905 भें बी भौजूद है । तायीऽ से

भारभ
ू होता है कि आऩ जफ़य व जाभेए िे अरावा जफ़ये अहभय व जफ़ये अफमज़

औय भस
ु हफ़े फ़ात्भा िे बी भालरि थे औय आऩ िो ऽुदा ने इल्भे ााबफय व

भज़फयू ऩ
ु त व ऩय से फहयावय फ़यभामा था। अल्राभा जाभी शवाहे दन
ु नफव
ू त

663
ऩष्ृ ठ 187 भें औय अल्राभा अयफरी िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 97 भें फ़यभातें हैं कि

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) फ़यभामा ियते थे, हभें आईन्दा औय गज़ु ज़श्ता

िा इल्भ औय इल्हाभ िी सराहहमत औय भरामिा िी फातें सन्


ु ने िी ता़त दी

गई है । भेये ख़्मार भें मही आलरभे इल्भे रदन्ु नी होने िी दरीर है जो जानशीने

ऩैाम्फय (स.अ.व.व.) होने िे सफ


ु त
ू भें ऩेश किमा जा सिता है ।

साहे फे भजभाउर फैहयै न इसिी ताईद ियते हुए लरखते हैं कि जफ़य व जाभमा

भें ़माभत ति होने वारे साये वा़ेमात भन्


ु दरयज हैं। महाॊ ति कि इस भें ऽयाश

रग जाने िी बी सज़ा िा ज़ज़क्र है औय एि ताज़माना फज़ल्ि आधा ताज़माना

(िोड़ा) िा बी हुक्भ भौजूद है ।

फ़कताफे अऱहहऱीगचया

अल्राभा भजलरसी ने किताफ फेहारूर अनवाय िी ज़जल्द 2 भें हज़यत इभाभ

जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी किताफ अरहहरीगचमा िो भि


ु म्भर तौय ऩय ऩर

फ़यभामा है । इस किताफ िे तसनीफ़ ियने िी ज़रूयत मॊू भहसस


ू हुई कि एि

हहन्दस्
ु तानी फ़रसफ़ी हज़यत िी खखदभत
ु़ भे हाज़ज़य हुआ औय उसने आरीमात औय

भा फादत तफीआत ऩय हज़यत से तफादरा ए ख़्मारात ियना चाहा। हज़यत ने

उससे ननहामत भि
ु म्भर गुफ़्तुगू िी औय इल्भे िराभ से उसर
ू ऩय दहरयमत औय

भादीमत िो फ़ना िय छोड़ा, उसे आखखय


ु़ भें िहना ऩड़ा कि आऩने अऩने दावे िो

664
इस तयह साबफत फ़यभा हदमा है कि अयफाफे अ़र िो भाने फाैय चाया नहीॊ।

तवायीऽ से भारभ
ू होता है कि हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने हहन्दी

फ़रसफ़ी से जो गफ़्
ु तग
ु ू िी थी उसे किताफ िी शक्र भें जभा िय िे फाफे अहरे

फैत िे भशहूय भत
ु ािज़ल्रभ जनाफ भफ़
ु ज़र बफन उभय अर जाफ़ी िे ऩास बेज

हदमा था औय मह लरखा था कि,

‘‘ ऐ भफ़
ु ज़र भैंने तुम्हाये लरमे एि किताफ लरखी है ज़जसभें भन्
ु ियीने ऽुदा

िी यद िी है औय उसिे लरखने िी वजह मह हुई कि भेये ऩास हहन्दस्


ु तान से एि

तफीफ (फ़रसफ़ी) आमा था औय उसने भझ


ु से भफ
ु ाहे सा किमा था। भैंने जो जवाफ

उसे हदमा था, उसी िो ़रभ फन्द िय िे तुम्हाये ऩास बेज यहा हूॉ। ’’

हज़रत िाहदक़े आऱे मोहम्मद (अ.ि.) के फऱक़ वक़ार िागगाद

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे शागगकदों िा शभ


ु ाय भज़ु श्िर है । फहुत

भज़ु म्िन है कि आईन्दा लसरलसरा ए तहयीय भें आऩिे फाज़ शागगकदों िा ज़ज़क्र

आता जाम। आभ भव
ु ये ऽीन ने फाज़ नाभों िो ऽस
ु स
ू ी तौय ऩय ऩेश िय िे आऩिी

शागगकदी िी लसल्ि भें वऩयो िय उन्हें भोअज़्ज़ज़ फतामा है । भतारेफस


ु सऊ
ू र,

सवाए़े भोहये ़ा, नरू


ू र अफसाय वाैया भें इभाभ अफू हनीफ़ा, महीमा बफन सईद

अन्सायी, इब्ने जयीह, इभाभ भालरि इब्ने अनस, इभाभ सकु फ़मान सयू ी, सकु फ़मान

बफन अमननमा, अय्मफ


ू सज़जस्तानी वाैया िा आऩिे शागगकदों भें ऽास तौय ऩय ज़ज़क्र

665
है । तायीऽ इब्ने ऽऱान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 130 औय ऽैरूद्दीन ज़य िरी िी अल्र

आराभ ऩष्ृ ठ 183 प्रिालशत लभस्र भोहम्भद फ़यीद वजदी िी इदाया भामफ़र

़ुयआन िी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 109 प्रिालशत लभस्र भें है ‘‘ वा िाना तरभीना अफू

भस
ू ा जाबफय बफन हय्मान अर सफ़
ू ी अर तयसस
ू ी ’’ आऩिे शागगकदों भें जाबफय बफन

हय्मान सफ़
ू ी तयसस
ू ी बी हैं। आऩिे फाज़ शागगकदों िी जरारत ़द्र औय उनिी

तसानीफ़ औय इल्भी खखदभात


ु़ ऩय यौशनी डारनी तो फे इन्तेहा दश
ु वाय है । इस

लरमे इस भ़ाभ ऩय लसफ़क जाबफय बफन हय्मान तयसस


ू ी जो कि इन्तेहाई फा िभार

होने िे फवजद
ू शागगकदे इभाभ िी है लसमत से अवाभ िी नज़यों से ऩोशीदा हैं, िा

ज़ज़क्र किमा जाता है ।

इमामऱ
ु कीसमया जनाफे जाबफर इब्ने हय्यान तरिि
ू ी

आऩिा ऩयू ा नाभ अफू भस


ू ा जाबफय बफन हय्मान बफन अब्दर
ु सभद अर सफ़
ू ी

अर तयसस
ू ी अर िूफ़ी है । आऩ 742 ई0 भें ऩैदा हुए औय 803 ई0 भें इन्ते़ार

फ़यभा गए। फाज़ भोहक़़्े़ीन ने आऩिी वफ़ात 813 ई0 फताई है रेकिन इब्ने

नदीभ ने 777 ई0 लरखा है ।

इन्साईकिरो ऩीड़डमा आफ़ इस्रालभि हहस्र भें है कि उस्तादे आज़भ जाबफय बफन

हय्मान बफन अब्दल्


ु राह, अब्दर
ु सभद िूफ़ै भें ऩैदा हुए। वह तूसी उर नस्र थे

औय आज़ाद नाभी ़फीरे से ताअल्ऱ


ु यखते थे, ख़्मारात भें सफ़
ू ी थे औय मभन

िे यहने वारे थे। अवाएर उम्र भें इल्भे तफीआत िी तारीभ अच्छी तयह हालसर

666
िय री औय इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) इब्ने इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) िी

फ़ैज़े सोहफत से इभाभ उर फ़न हो गए।

तायीऽ िे दे खने से भारभ


ू होता है कि जाबफय बफन हय्मान ने इभाभ जाफ़ये

साहद़ (अ.स.) िी अज़भत िा एतयाफ़ ियते हुए िहा है कि सायी िामनात भें

िोई ऐसा नहीॊ जो इभाभ िी तयह साये उरभ


ू ऩय फोर सिे।

तायीऽे आइम्भा भें हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी तसनीफ़ात िा ज़ज़क्र

ियते हुए लरखा है कि हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने एि किताफ

िीभीमा, जफ़य यभर ऩय लरखी थी। हज़यत िे शागगकद व भशहूय भारूफ़ िीलभमा

गय जाबफय बफन हय्मान जो मयू ोऩ भें जफय िे नाभ से भशहूय हैं, ज़जनिो जाबफय

सफ़
ू ी िा ऱफ हदमा गमा था औय जुनन
ू न लभस्री िी तयह वह बी इल्भे फानतन से

ज़ौ़ यखते थे। इन जाबफय बफन हय्मान ने हज़ायों वय़ िी एि किताफ तारीफ़

िी थी ज़जसभें हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे ऩाॊच सौ रयसारों िो जभा

किमा था। अल्राभा इब्ने ऽरिान किताफ दकफ़मात इरा अमान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ

130 प्रिालशत लभस्र भें हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िा ज़ज़क्र ियते हुए

लरखते हैं।

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे भ़ारात इल्भे िीलभमा औय इल्भे

जफ़य व फ़ार भें भौजूद हैं औय आऩिे शागगकद थे जाबफय बफन हय्मान सफ़
ू ी

तयसस
ू ी ज़जन्होंने हज़ाय वय़ िी एि किताफ तारीफ़ िी थी ज़जसभें इभाभ जाफ़ये

667
साहद़ (अ.स.) िे ऩाॊच सौ रयसारों िो जभा किमा था। अल्राभा ऽैरूद्दीन

ज़यिरी ने बी अर आराभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 182 प्रिालशत लभस्र भें मही िुछ लरखा

है । इसिे फाद तहयीय किमा है कि उनिी फेशभ


ु ाय तसानीफ़ हैं ज़जनिा ज़ज़क्र इब्ने

नदीभ ने अऩनी फ़ेहरयस्त भें किमा है । अल्राभा भोहम्भद फ़यीद वजदी ने दामया ए

भआये फ़ुर ़ुयआन अर याफे अशय िी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 109 प्रिालशत लभस्र भें बी

लरखा है कि जाबफय बफन हय्मान ने इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे ऩाॊच सौ

यसामर िो जभा िय िे एि किताफ हज़ाय सफ़हे िी तारीफ़ िी थी। अल्राभा

इब्ने ऽल्दन
ू ने बी भ़
ु दभा ए इब्ने ऽल्दन
ू भतफआ
ू लभस्र ऩष्ृ ठ 385 भें इल्भे

िीलभमा िा ज़ज़क्र ियते हुए जाबफय बफन हय्मान िा ज़ज़क्र किमा है औय फ़ाज़ज़र

हॊ सवी ने अऩनी ज़ऽीभ तसनीफ़ किताफ औय किताफ ऽाना ाैय भतफआ


ू भें फा

हवारा ए भ़
ु द्दभा इब्ने ऽल्दन
ू ऩष्ृ ठ 579 प्रिालशत लभस्र लरखा है कि जाबफय

बफन हय्मान इल्भे िीलभमा िे ईजाद ियने वारों िा इभाभ है फज़ल्ि इस इल्भ िे

भाहे यीन ने इसिो जाबफय से इस हद ति भऽसस


ू िय हदमा है कि इस इल्भ िा

नाभ ‘‘ इल्भे जाबफय ’’ यख हदमा है । (अर जव्वाद शभ


ु ाया 11 ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 9)

भव
ु रयक ऽ इब्नर
ु ़त्फ़ी लरखते हैं कि जाबफय बफन हय्मान िो इल्भे तफीआत औय

िीलभमा भें त़द्दभ


ु हालसर है । इन उरभ
ू भें उसने शोहया ए आफ़ा़ किताफें

तारीफ़ िी हैं। इनिे अरावा उरभ


ू े फ़रसफ़ा वाैया भें शयफ़े िभार ऩय फ़ाएज़ थे

668
औय मह तभाभ िभारात से बय ऩयू होना इल्भे फानतन िी ऩैयवी िा नतीजा था।

भर
ु ाहे ज़ा हो, (तफ़ातर
ु उभभ, ऩष्ृ ठ 95 व अऽफारूर हुक्भा ऩष्ृ ठ 111 प्रिालशत लभस्र)

ऩमाभे इस्राभ ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ 15 भें है कि वही ऽश


ु क़स्भत भस
ु रभान है ज़जसे

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी शागगकदी िा शयफ़ हालसर था। इसिे

भत
ु ाअज़ल्ऱ जनवयी 25 ई0 भें साईंस प्रोग्रये स नवीशता ए जे0 होरभ माडक एभ0

ए0 एफ़0 आई0 सी0 आफ़ीसये आरा शोफा ए साकइॊस िफ़टे न िारेज ब्ररयस्टर ने

लरखा है कि इल्भे िीलभमा िे भत


ु अज़ल्ऱ ज़भाना ए वस्ता िी अिसय तसानीफ़

लभरती हैं। ज़जसभें ‘‘ गेफय ’’ िा ज़ज़क्र आता है औय आभ तौय ऩय गेफय मा जेफय

दय अस्र ‘‘ जाबफय ’’ हैं। चन


ु ान्चे जहाॊ िहीॊ बी रातीनी िुतुफ भें गेफय िा ज़ज़क्र

आता है वहाॊ भयु ाद अयफी भाहहये िीलभमा जाबफय बफन हय्मान ही है । ज़जसे जे िे

फजाम गे आसानी से सभझ भें आ जाता है, रातानी भें (जे) से लभरती जुल्ती

आवाज़ औय फाज़ इरा़ों भसरन लभस्र वाैया भें (जे) िो अफ बी फतौय (जी) मानी

गाफ़ इस्तेभार किमा जाता है । इसिे अरावा ऽरीफ़ा हारून िे ज़भाने भें साईंस

िभेस्री वाैया िा चयचा फहुत हो चि


ु ा है औय इस इल्भ िे जानने वारे दनु नमा िे

गोशे गोशे से खखॊच िय दयफाये खखराफ़त


ु़ से भन्
ु सलरि हो यहे थे। जाबफय इब्ने

हय्मान िा ज़भाना बी िभो फेश इसी दौय भें था। वऩछरे 20, 25, सार भें

इॊगलरस्तान औय जभकनी भें जाबफय िे भत


ु अज़ल्ऱ फहुत सी तह़ी़ात हुई हैं।

रातीनी ज़फाना भें इल्भे िीलभमा िे भत


ु ाअज़ल्ऱ चॊद िुतुफ सैिड़ों सार से इस

669
भफ़
ु ज़क्िय िे नाभ से भन्सफ
ू हैं। ज़जसभें भऽसस
ू 1. सभा, 2. फयफ़ेिशन, 3. डी

इन्वेस्टीगेशन ऩयफ़ेक्शन, 4. डी इन्वेस्टीगेशन वय टे रेक्स, 5. टीटा फहन, रेकिन

इन किताफों िे भत
ु ाअज़ल्ऱ अफ ति उि तर
ू ानी फहस है औय इस वक़्त ति
ु़
भफ़
ु क़्िेयीने मोयोऩ इन्हें अऩने महाॊ िी ऩैदावाय फताते हैं। इस लरमे उन्हें इसिी

ज़रूयत भहसस
ू होती है । जाबफय िो हफ़क (जी) (गाफ़) गेफय से ऩि
ु ायें औय फजाम

अयफी नस्र िे उसे मयू ोवऩमन साबफत ियें । हाॊराकि सभा िे िई प्रिालशत शद
ु ा

ऐडीशनों भें गेफय िो अयफ ही िहा गमा है । यसर िे अॊगे ़्यज़ी तयजुभे भें उसे एि

भशहूय अयफी शाहज़ादा औय भन्त़ी िहा गमा है ।

1541 ई0 भें िी नयू न फगक कि एड़डशन भें वह लसफ़क अयफ है । इसी तयह औय

फहुत से ़ल्भी नस
ु ऽे ऐसे लभर जाते हैं ज़जनभें िहीॊ उसे ईयाननमों िे फादशाह से

माद किमा गमा है किसी जगह उसे शाह फन्द िहा गमा है । इन इख़्तेराफ़ात से

सभझ भें आता है कि जाबफय फये आज़भ एलशमा से न था फज़ल्ि इस्राभी अयफ िा

एि चभिता लसताया था।

इन्साईकिरो ऩीड़डमा आफ़ इस्रालभि िैलभस्री िे भत


ु ाबफ़ जाफ़य फय भक्िी िे

ज़रयमे से जाबफय बफन हय्मान िा ऽरीफ़ा हारून यशीद िे दयफाय भें आना जाना

शरू
ु हो गमा चन
ु ान्चे उन्होंने ऽरीफ़ा िे नाभ से इल्भे िीलभमा भें एि किताफ

लरखी ज़जसिा नाभ ‘‘ शग


ु ूफ़ा ’’ यखा। इस किताफ भें उसने इल्भे िीलभमा िे जरी

व ऽफ़ी ऩहरओ
ू ॊ िे भत
ु ाअज़ल्ऱ ननहामत भख़्
ु तसय तयी़े, ननहामत सथ
ु या तयी़े

670
अभर औय अजीफो ायीफ तजयफात फमान किमे। जाबफय िी वजह से ही

िुस्तन
ु तन
ु मा से दस
ू यी दफ़ा मन
ू ानी िुतफ
ु फड़ी तादात भें राई गई।

भज़न्त़ भें अल्राभा ए दहय भशहूय हो गमा औय 90 सार से िुछ ज़्मादा उम्र

भें उसने तीन हज़ाय किताफें लरखीॊ औय इन किताफों भें से वह फाज़ ऩय नाज़

ियता था। अऩनी किसी तसनीफ़ िे फाये भें उसने लरखा है कि रूए ज़भीन ऩय

हभायी इस किताफ िे लभस्र एि किताफ बी नहीॊ है न आज ति ऐसी किताफ

लरखी गई है औय न ़माभत ति लरखी जामेगी। (सयफ़याज़ 2 हदसम्फय 1952 ई0)

फ़ाज़ज़र हॊ सवी अऩनी किताफ ‘‘ किताफ व किताफ ऽाना ’’ भें लरखते हैं कि

जाबफय िे इन्ते़ार िे दो फयस फाद इज़्ज़ उद दौरा इब्ने भइ


ु ज़्ज़ उद दौरा िे

अहद भें िूफ़े िे शाये ह फाफश


ु शाभ िे ़यीफ जाबफय िी तजरूफे गाह िा इन्िेशाफ़

हो चि
ु ा है । ज़जसिो खोदने िे फाद फाज़ ़दीभी भऽतूतात बब्रहटश लभमज़ू ज़मभ भें

अफ ति भौजूद हैं। ज़जनभें से किताफ उर ऽवास ़ाबफरे ज़ज़क्र है । इसी तयह

फ़ुस्ते वस्ता भें फाज़ किताफों िा तयजभ


ु ा रातीनी भें किमा गमा। इन किताफों िे

अरावा इन अनव
ु ादों िे लसफअईन बी हैं जो नाक़सों ना तभाभ है ।

‘‘ इसी तयह अर फहस अनर िभार ’’ िा तयजुभा बी रातीनी भें किमा जा

चि
ु ा है । मह किताफ रातीनी ज़फान भें िीलभमा ऩय मयू ोऩ िी ज़फान भें सफ से

ऩहरी किताफ है । इसी तयह औय दस


ू यी किताफें बी अनव
ु ाहदत हुई हैं। जाबफय ने

िीलभमा िे अरावा तफीमात, है य्मत इल्भे योमा, भज़न्त़, नतफ औय दस


ू ये उरभ
ू ऩय

671
बी किताफें लरखीॊ। इसिी एि किताफ सभीमत ऩय बी है जो िुत्फे ऽाना ए

तैभरू यमा ़ाहे या लभस्र भें भौजद


ू है । इनभें चन्द ऐसे भ़ारात िो जो फहुत भफ़
ु ीद

थे फाद ियह हुरूफ़ ने रयसारा ए भ़ततफ़ ज़जल्द 58. 59 भें शामा किमे हैं।

भर
ु ाहे ज़ा हो, (भोअज्जभुर भतफूआत अर अयबफमा अर भोअये फा ज़जल्द 3 हयफ़ जीभ ऩष्ृ ठ

665)

जबफय फ है लसमत एि तफीफी िे िाभ ियता था रेकिन इसिी नतब्फी तसानीफ़

हभ ति न ऩहुॊच सिीॊ। हाराॊ कि इस भ़ारे िा लरखने वारा मानी डाक्टय भाक्स

भी मयहाफ़ ने जाबफय िी किताफ िो जो सभू ूभ ऩय है हार ही भें भारभ


ू िय

लरमा।

जाबफय िी एि किताफ ज़जसिो भम भतन अयफी औय तयजुभा फ़्रानसीसी ऩोर

ियाओ भश
ु तकयि ने 1935 ई0 भें शामा किमा है ऐसी बी है ज़जसभें उसने तायीऽ

इन्तेशाय आयाद अ़ाएद व अफ़िाय हहन्दी मन


ू ानी औय इन ताय्मयू ात िा ज़ज़क्र

किमा है जो भस
ु रभानों ने किए हैं। इस किताफ िा नाभ ‘‘ एऽयाज भाकफ़र ़ूव्वत

इल्र फ़ेर ’’ है । (अर जवाद ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ 9 प्रिालशत फनायस)

प्रोफ़ेसय यसिाय िी यद भेये फमान से मह म़ीनन वाज़ेह हो गमा कि भव


ु ये ऽीन

इस ऩय भत्त
ु कफ़़ है कि जाबफय बफन हय्मान इस्राभ िा भोअज़जु़ ़्ज़ िीलभमा गय

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िा शागगकद था। रेकिन लभस्टय प्रोफ़ेसय

यसिाय ने इल्भे िीलभमा िे फाये भें जो रयसारा शामा किमा है उसभें जाबफय इब्ने

672
हय्मान िे उन दावों िो ारत औय जारी फतामा है जो इभाभ जाफ़ये साहद़

(अ.स.) िी शागगकदी िी तयफ़ भन्सफ


ू है । इसिी दरीर मह है कि इभाभ जाफ़ये

साहद़ (अ.स.) िो इल्भे िीलभमा औय साईंस से क्मा वास्ता औय इभाभ जाफ़ये

साहद़ (अ.स.) िी है लसमत िा इभाभ ऩाये , गन्धि, खटाई औय पुिनी िे

इस्तेभार भें भसरूफ़ हो मह िैसे हो सिता है । भैं भौसफ़


ू िे जवाफ भें िहता हूॉ

कि भौसफ़
ू ने िोई भा़ूर वजह इन्िाय िी फमान नहीॊ फ़यभाई। तायीऽों िो सफ
ु त

ऩेश ियना सफ
ु त
ू िे लरमे िाफ़ी है औय उनिे इन्िाय से अदभ शलभिंन्दगी िी

दरीर नहीॊ ़ामभ िी जा सिती। मह िफ ज़रू


ु यी है कि जाबफय बफन हय्मान जैसे

ज़िी व ज़ेहीन शागगकद िो फच्चों िी तयह फैठ िय अभर िय िे हदखामा हो।

ज़ैहीन तालरफर
ु इल्भों िो ज़फानी तारीभ दी जाती है औय अगय इसी तयह तारीभ

दी हो ज़जस तयह एतेयाज़ ियने वारों िा ख़्मार है, तफ बी िोई हजक नहीॊ है ।

इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) जैसा उस्ताद उरभ


ू िो फ़ैराने िे लरमे ऩाया औय

गन्धि, खटाई औय पुिनी भें िुछ दे य भसरूफ़ यह सिता है औय मह िोई

एतेयाज़ िी फात नहीॊ हो सिती, भज़ु म्िन है कि हज़यत ने जभ


ु रा उरभ
ू िे उसर

तारीभ फ़यभा हदमे हों औय जाबफय ने उन्हें वसअत दे दी हो। लभसार िे लरमे

भर
ु ाहे ज़ा हो, किताफ भनाक़फ भें है कि हज़यत अरी फ़यभाते हैं, अर भनी यसर

अल्राह (स.अ.व.व.) अरीफ़ फाफ, आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने भझ


ु े उरभ
ू िे एि

हज़ाय फाफ तारीभ फ़यभामे औय भैंने हय फाफ से हज़ाय हज़ाय फाफ खुद ऩैदा किमे।

673
किताफ भतारेफस
ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 58 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने इल्भे नहो िे

उसर
ू अफु असवद दवेरी िो तारीभ फ़यभामे कपय उसने तभाभ तफ़सीरात

भि
ु म्भर किमे, हो सिता है कि इसी उसर
ू ऩय जाबफय िो तारीभ दी गई हो।

जाबफय बफन हय्मान िी वफ़ात इन्साईकिरो ऩीड़डमा आफ़ इस्रालभि िैलभस्री से

भारभ
ू होता है कि जाबफय बफन हय्मान िी उम्र 90 सार से िुछ ज़्मादा थी।

लभस्टय जाफ़य फायहवी ने उनिी ववरादत औय वफ़ात िे फाये भें सयफ़याज़ 17

नवम्फय 1952 ई0 भें जो िुछ तहयीय किमा है उसी िो ऩर ियते हुए लभस्टय

़भय यज़ा ने ऩमाभे इस्राभ ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ 15, 16, 26 जर


ु ाई 1953 ई0 भें

लरखा है कि जाबफय बफन हय्मान 722 ई0 भें ऩैदा हुए औय उन्होंने 803 ई0 भें

इन्ते़ार किमा औय फाज़ िा िहना है कि 813 ई0 ति ज़ज़न्दा यहे । इसिे फाद

लरखते हैं कि इब्ने नदीभ ने उनिी वफ़ात 777 ई0 भें फताई है औय भेये नज़दीि

मही ठीि है । भेयी सभझ भें नहीॊ आता कि भौसफ़


ू ने इब्ने नदीभ िे फ़ैसरे िो

क्मों िय तसरीभ िय लरमा, इस लरमे कि अगय ववरादत िा सन ़् सही है तो कपय

इब्ने नदीभ िा फमान भानने राम़ नहीॊ क्मों कि अगय वह 722 ई0 भें ऩैदा हुए

थे औय 777 ई0 भें वफ़ात ऩा गमे तो गोमा उनिी उम्र लसफ़क 55 सार िी हुई जो

इतने साहे फे िभार िे लरमे ़यीने ़मास नहीॊ है । भेये नज़दी़ इन्साईकिरो

ऩीड़डमा वारे िी तह़ी़ सही है वह 90 सार से िुछ ज़्मादा उनिी उम्र फताता है

जो हहसाफ िे एतेफाय से सही है क्मों कि ववरादत 722 ई0 औय वफ़ा 813 ई0 भें

674
तसरीभ ियने िे फाद उनिी उम्र 91 सार होती है औय मह उम्र ऐसे फा िभार

िे लरमे होनी भन
ु ालसफ है ।

िाहदक़े आऱे मोहम्मद (अ.ि.) के इल्मी फुयज़


ू व फरकात

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ज़जन्हें यासेऽीन कपर इल्भ भें होने िा

शयफ़ हालसर है औय जो इल्भे अव्वरीन व आऽेयीन से आगाह औय दनु नमा िी

तभाभ ज़फानों से वाक़फ़ हैं। जैसा कि भव


ु ये ऽीन ने लरखा है , भैं उनिे तभाभ

इल्भी फ़मज़
ू व फयिात ऩय थोड़े अवया़ भें क्मा यौशनी डार सिता हूॉ। भैंने

आऩिे हारात िी छान फीन बी िी है औय म़ीन यखता हूॉ कि अगय भझ


ु े फ़ुयसत

लभरे तो त़यीफन 6 भहीने भें आऩिे उरभ


ू औय फ़ज़ाएरो िभारात िा िाफ़ी

ज़ऽीया जभा किमा जा सिता है । आऩिे भत


ु ाअज़ल्ऱ इभाभ भालरि बफन अनस

लरखते हैं ‘‘ भेयी आॊखों ने इल्भो फ़ज़र, वया व त़वे भें इभाभ जाफ़ये साहद़

(अ.स.) से फेहतय दे खा ही नहीॊ जैसा कि ऊऩय गुज़या वह फहुत फड़े रोगों भें से थे

औय फहुत फड़े ज़ाहहद थे। ऽुदा से फेऩनाह डयते थे। फे इन्तेहा हदीसें फमान ियते

थे, फड़ी ऩाि भजलरस वारे औय िसीरूर फ़वाएद थे। आऩसे लभर िय फे इन्तेहा

फ़ामदा उठामा जाता था। ’’ (भनाक़फ शहये आशोफ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 52 प्रिालशत फम्फई)

इल्भी फ़मज़
ू यसानी िा भौ़ा मॊू तो हभाये तभाभ आइम्भा ए अहरेफत
ै (अ.स.)

इल्भी फ़मज़
ू व फयिात से बयऩयू थे औय इल्भे अव्वरीन व आऽेयीन िे भालरि,

675
रेकिन दनु नमा वारों ने उनसे फ़ामदा उठाने िे फजाम उन्हें ़ैदो फन्द भें यख िय

उरभ
ू ो फ़ुनन
ू िे ऽज़ाने ऩय हतिड़ड़मों औय फेड़ड़मों िे नाग बफठा हदमे थे। इस

लरमे इन हज़यात िे इल्भी िभारात िभा हक़़्ा भॊज़ये आभ ऩय न आ सिे।

वयना आज दनु नमा किसी इल्भ भें ऽानदाने रयसारत िे अरावा किसी िी भोहताज

न होती। फ़ाज़ज़र भआलसय भौराना लसब्तुर हसन साहफ हॊ सवी लरखते हैं कि

इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) अर भतूफ़ी 148 हहजयी िा अहद भआयफ़ ऩयवयी िे

लरहाज़ से एि ज़यी अहद था। वह रूिावटें जो आऩ से ऩहरे आइम्भा अहरेफत


(अ.स.) िे लरमे ऩेश आमा ियती थीॊ उनभें किसी हद ति िभी थीॊ। उभवी हुिूभत

िी तफाही औय अब्फासी सरतनत िा इस्तेहिाभ आऩिे लरमे सि


ु ू न व अभन िा

सफफ फना। इस लरमे हज़यत िो भज़हफे अहरेफत


ै (अ.स.) िी इशाअत औय उरभ
ू व

फ़ुनन
ू िी तयवीज (फ़ैराने) िा फेहतयीन भौ़ा लभरा। रोगों िो बी इन आलरभाने

यब्फानी िी तयफ़ रूजु ियने भें अफ िोई ऽास ज़हभत न थी ज़जसिी वजह से

आऩिी खखदभत
ु़ भें अरावा हहजाज़ िे दयू दयाज़ भ़ाभात लभस्रे ईया़, शाभ,

ऽयु ासान, िाफर


ु , लसन्ध औय फरादे योभ, कफ़यहॊ ग िे तल्
ु फा शाए़ीने इल्भ हाज़ज़य

हो िय भस्
ु तफ़ीद होते थे। हज़यत िे हऱा ए दसक भें चाय हज़ाय असहाफ थे।

अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद (अ.य.) किताफे इयशाद भें फ़यभाते हैं।

तयजुभा रोगों ने आऩिे उरभ


ू िो ऩर किमा ज़जन्हें तेज़ सवाय भनाज़ज़र

फईदा िी तयफ़ रे गमे औय आऩिी शोहयत तभाभ शहयों भें फ़ैर गई औय उरेभा

676
ने अहरे फैत (अ.स.) भें किसी से बी इतने उरभ
ू व फ़ुनन
ू िो नहीॊ नक़्र किमा है

जो आऩ से यवामत ियते हैं औय ज़जनिी तादाद 4000 (चाय हज़ाय) है । ाैय अयफ

तारेफान इल्भ से एि रूभी नसफ फज़


ु गु क ज़याय बफन ऐन भतफ़
ू ी 150 हहजयी भें

़ाबफरे ज़ज़क्र है । ज़जनिे दादा सन


ु सन
ु बफरा दयदभ िे एि भ़
ु द्दस याहहफ

(छवदा) थे। ज़याया अऩनी खखदभाते


ु़ इज़ल्भमा िे एतेफाय से इस्राभी दनु नमाॊ भें

िाफ़ी शोहयत यखते थे औय साहे फे तसानीफ़ थे। किताफ अर इस्तेताअत वर

जफयान िी भशहूय तसनीफ़ है । (ऽर


ु ासतुर अ़वार अल्राभा जल्री ऩष्ृ ठ 38, लभन्हाजुर

भ़ार ऩष्ृ ठ 142 व भोअल्रेफ़ा लशमा फ़ी सदरूर इस्राभ ऩष्ृ ठ 51)

कुतुफे उिूऱे अरफा समया

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे चाय सौ ऐसे भस


ु न्नेफ़ीन थे ज़जन्होंने

अरावा दीगय उरभ


ू व फ़ुनन
ू िे िराभे भासभ
ू िो ज़ब्त िय िे चाय सौ िुतुफ

उसर
ू तैमाय िीॊ। असर से भयु ाद भजभए
ू अहादीसे अहरेफत
ै (अ.स.) िी वह

किताफें हैं ज़जनभें जाभे ने ऽुद फयाहे यास्त भासभ


ू से यवामत िय िे अहादीस िो

ज़ब्ते तहयीय किमा है मा ऐसे यावी से सन


ु ा है जो ऽुद भासभ
ू से यवामत ियता है ।

इस क़स्भ िी किताफ भें जाभे िी दस


ू यी किताफ मा यवामत से अन फ़राॊ अन

फ़राॊ िे साथ ऩर ियता ज़जसिी सनद भें औय सवाएत िी ज़रूयत हो। इस लरमे

िुनफ
ु े उसर
ू भें ऽता व ारत सहो व ननसमान िा एहतेभार फ ननसफत औय

677
दस
ू यी किताफों िे फहुत िभ है । िुतुफे उसर
ू िे ज़भाना ए तारीफ़ िा इन्हे साय

अहदे अभीयर भोभेनीन अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) से रे िय इभाभ हसन

असियी (अ.स.) िे ज़भाने ति है ज़जसभें असहाफे भासभ


ू ीन ने बफर भश
ु ाफ़ा

भासभ
ू से यवामत िय िे अहादीस िो जभा किमा है मा किसी ऐसे सक़्
ु ़े यावी से

हदीसे भासभ
ू िो अऽज़ किमा है जो फयाहे यास्त भासभ
ू से यवामत ियता है । शेऽ

अफर
ु ़ालसभ जाफ़य बफन सईद अर भारूफ़ बफर भोह़़़् ज़ ि अर हरी अऩनी

किताफ अर भोतफय भें फ़यभाते हैं कि इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे जवाफात

भसाएर िो चाय सौ भस
ु न्नेफ़ीन असहाफे इभाभ ने तहयीय िय िे चाय सौ

तसानीफ़ भि
ु म्भर िी है ।

िाहदक़े आऱे मोहम्मद (अ.ि.) के अिहाफ की तादाद और उनकी

तिानीफ

आगे चर िय फ़ाज़ज़र भाअसय अर जव्वाद भें फा हवारा ए किताफ व िुतफ


ऽाना लरखते हैं िुतफ


ु ये जार भें असहाफे आइम्भा िे हारात व तयाज़जभ भज़िूय

हैं। उनिी भजभई


ू तादाद चाय हज़ाय ऩाॊच सौ असहाफ है । ज़जनभें से लसफ़क चाय

हज़ाय असहाफ हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे हॊ ै। सफ िा तज़किया

अफर
ु अब्फास अहभद बफन भोहम्भद बफन सईद बफन अक़्दा 249 से 333 ने

अऩनी किताफ ये जार भें किमा है औय शेऽ अर ताएफ़ा अफू जाफ़य अर तूसी ने

678
बी इन सफ िा ज़ज़क्र अऩनी किताफ रयजार भें किमा है । भासभ
ू ीन (अ.स.) िे

तभाभ असहाफ भें से भस


ु न्नेफ़ीन िी जभ
ु रा तादाद एि हज़ाय तीन सौ से ज़्मादा

नहीॊ है । ज़ज़न्होंने सैिड़ो िी तादाद भें िुतफ


ु े उसर
ू औय हज़यों िी तादाद भें दस
ू यी

किताफें तारीफ़ औय तसनीफ़ िी हैं ज़जनभें से फाज़ भस


ु न्नेफ़ीन असहाफे आइम्भा

तो ऐसे थे ज़जन्होंने तन्हा सैिड़ों किताफें लरखीॊ। फ़ज़र बफन शाज़ान ने एि सो

अस्सी किताफें तारीफ़ िीॊ। इब्ने दवर ने सौ किताफें लरखीॊ। इसी तयह फय़ी ने

बी त़यीफन सौ किताफें लरखीॊ। इब्ने अफी अभीय ने 90 नब्फे किताफें लरखीॊ औय

अक्सय असहाफे आइम्भा ऐसे थे ज़जन्होंने तीस मा चारीस से ज़्मादा किताफें

तारीफ़ िीॊ। ायज़ िी एि हज़ाय तीन सौ भस


ु न्नेफ़ीन असहाफे आइम्भा ने

त़यीफन ऩाॊच हज़ाय तसानीफ़ िीॊ। भजभउर फैहयै न भें रफ़्ज़े जफय िे भातहत है

कि लसफ़क जाबफय अर जाफ़ेई इभाभ साहद़ (अ.स.) िे सत्तय हज़ाय अहादीस िे

हाकफ़ज़ थे। (अभीयर भोभेनीन, किताफ भ़तर अर हुसैन ज़्मादा भशहूय है ।)

तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 3 भें है कि ‘‘ अब्फना बफन शारफ बफन यफाह

(अफू सईद) िूफ़ी लसफ़क इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) िी तीस हज़ाय अहादीस िे

हाकफ़ज़ थे। ’’ उनिी तसानीफ़ भें तफ़सीय ायीफर


ु ़ुयआन, किताफ अर भफ़
ु यद,

किताफ अर फ़ज़ाएर, किताफ अर लसफ़्फ़ीन ़ाबफरे ज़ज़क्र हैं। मह ़ायी फ़़ीह

रावी भोहद्दीस थे। इन्हें हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) औय हज़यत इभाभ

679
भोहम्भद फा़य (अ.स.) हज़यत इभाभ जाफ़ये
ु़ साहद़ (अ.स.) िे सहाफी होने िा

शयफ़ हालसर था। 141 हहजयी भें इन्ते़ार किमा।

हज़रत िाहदक़े आऱे मोहम्मद (अ.ि.) और इल्मे जफर

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िो चॊकू ि नशये उरभ


ू िा भौ़ा लभर गमा

था रेहाज़ा आऩने इल्भी इफ़ादात िे दरयमा फहा हदमे। आऩिो जहाॊ दीगय उरभ
ू भें

िभार था औय आऩने भख़्


ु तलरफ़ उरभ
ू िे नशय भें िोलशश िी है । इल्भे जफ़य भें

बी आऩ मिताए ज़भाना थे औय इस इल्भ भें बी आऩिी तसानीफ़ हैं।

इल्भे जफ़य किसे िहते हैं इसिे भत


ु ाअज़ल्ऱ ‘‘ अराफ रौरैस भारफ़
ू अर

मसवा ’’ किताफ अर भन्जद िे ऩष्ृ ठ 91 प्रिालशत फैरूत भें लरखते हैं कि इल्भे

जफ़य िो इल्भे हुरूफ़ बी िहते हैं। मह ऐसा इल्भ है कि इसिे ज़रयमे से हवाहदसे

आरभ िो भारभ
ू िय लरमा जाता है । भौरवी वहीदज़्
ु ज़भाॊ अऩनी किताफ अनवारूर

रा
ु त ऩष्ृ ठ 15 फ हवारा ए फहये भह
ु ीत लरखते हैं कि इल्भे जफ़य जो इल्भे

तिसीय िा दस
ू या नाभ है इससे भयु ाद मह है कि सामर िे सवार िे हुरूफ़ भें

ताय्मयु व तफद्दर
ु िय िे हारात भारभ
ू किमे जामें। भजभउर फैहयै न भें रफ़्ज़े

जफ़य िे भातहत लरखा है कि इल्भ अर हुरूफ़ िे उसर


ू ऩय हवाहदसे आरभ िे

भारभ
ू ियने िा नाभ इल्भे जफ़य है । तायीऽे आइम्भा फा हवारा ए तायीऽे इब्ने

680
ऽऱान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 85 भें है कि इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने एि किताफ

िीलभमा औय जफ़य औय यभर ऩय लरखी थी।

1 अल्राभा सय्मद अब्दर


ु हुसन
ै शयफ़उद्दीन अऩनी किताफ ‘‘ भोअल्रेफ़ा अर

लशमा फ़ी सदरूर इस्राभ ’’ प्रिालशत फादाद िे ऩष्ृ ठ 36 भें लरखतें हैं कि जनाफे

जाबफय जाफ़ेई िा असरी नाभ औय लसरलसरा ए नसफ मह था। जाबफय बफन मज़ीद

बफन हयस बफन अब्दर


ु ाौस बफन ़आफ बफन अर हयस बफन भाववमा बफन वाएर

अर जाएफ़ी अर िूफ़ी था। उनिी तसानीफ़ भें किताफ अर तफ़सीय, किताफ अर

नवादय, किताफ अर फ़ज़ाएर, किताफ अर जभर, किताफ अर लसफ़्फ़ीन, किताफ

अर नहयवान, किताफ भ़तर अभीयर भोभेनीन, किताफ भ़तर अर हुसन


ै ,

ज़्मादा भशहूय हैं।

हज़रत िाहदक़े आऱे मोहम्मद (अ.ि.) और इल्मे ततफ

अल्राभा इब्ने फाफम


ू ा अर नफ़भी किताफ ऽसाएर ज़जल्द 2 फाफ 19 ऩष्ृ ठ 97

से 99 प्रिालशत ईयान भें तहयीय फ़यभाते हैं कि हहन्दस्


ु तान िा एि भशहूय तफीफ

‘‘ भन्सयू दवाॊ़ी ’’ िे दयफाय भें तरफ किमा गमा। फादशाह ने हज़यत से उसिी

भर
ु ा़ात ियाई। इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) ने इल्भे तशयीह अर अजसाभ औय

अफ़आर उरा आज़ा िे भत


ु ाअज़ल्ऱ उससे उन्नीस सवारात किमे। वह अगयचे

अऩने फ़न भें ऩयू ा िभार यखता था रेकिन जवाफ न दे सिा। बफर आखखय
ु़ िरभा

681
ऩढ़ िय भस
ु रभान हो गमा। अल्राभा इब्ने शहये आशोफ लरखते हैं कि इस तफीफ

से हज़यत ने 20 सवारात किमे थे औय अन्दाज़े से ऩयु अज़ भारभ


ू ात त़यीय

फ़यभाई कि वह फोर उठा ‘‘ लभन एना रिा हाज़ा अर इल्भ ’’ ऐ हज़यत मह फे

ऩनाह इल्भ आऩने िहाॊ से हालसर फ़यभामा? आऩ ने िहा कि भैंने अऩने फाऩ

दादा से, उन्होंने हज़यत भोहम्भद (स.अ.व.व.) से उन्होंने ज़जब्राईर, उन्होंने ऽुदा

वन्दे आरभ से इसे हालसर किमा है । ज़जसने अजसाभ व अयवाह िो ऩैदा किमा है ।

‘‘ फ़़ारा अर हहन्दी सद़त ’’ उसने िहा फेशि आऩने सच फ़यभामा। इसिे फाद

कपय उसने िरभा ऩढ़ िय इस्राभ ़ुफर


ू िय लरमा औय िहा, ‘‘ इन्निा आरभ

अहरे ज़भाना ’’ भैं गवाही दे ता हूॉ कि आऩ अहदे हाज़ज़य िे सफ से फड़े आलरभ हैं।

(भनाक़फ इब्ने शहये आशोफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 45 प्रिालशत फम्फई)

हज़रत िाहदक़े आऱे मोहम्मद (अ.ि.) का इल्मुऱ क़ुरआन

भख़्
ु तसय मह है कि आऩिे इल्भी फ़मज़
ू व फयिात ऩय भफ़
ु स्सर यौशनी डारनी

तो दश्ु वाय है जैसा कि भैंने ऩहरे अज़क किमा है । अरफत्ता लसफ़क मह अज़क िय दे ना

चाहता हूॉ कि इल्भर


ु ़ुयआन िे फाये भें दभ ए सािेफा ऩष्ृ ठ 478 ऩय आऩिा

़ौर भौजद
ू है । वह फ़यभाते हैं कि, ऽद
ु ा िी ़सभ भैं ़ुयआने भजीद िो अव्वर

से आखखय
ु़ ति इसी तयह ऩय जानता हूॉ गोमा भेये हाथ भें ज़भीन व आसभान िी

ऽफयें हैं औय वह ऽफये बी हैं जो हो चि


ु ी हैं औय हो यही हैं औय होने वारी हैं,

682
औय क्मों न हो जफ कि ़ुयआने भजीद भें हैं कि इस ऩय हय चीज़ अमाॊ है । एि

भ़ाभ ऩय आऩने फ़यभामा है कि हभ अज़म्फमा औय यसर


ू ों िे उरभ
ू िे वारयस हैं।

(दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 488)

इल्मे नुजूम

इल्भे नज
ु भ
ू िे फाये भें अगय आऩिे िभारात दे खना हों तो िुतफ
ु े तवार िा

भत
ु ारेआ ियना चाहहमे। आऩने ननहामत जरीर उरेभा ए इल्भ अर नज
ु ूभ से

भफ
ु ाहे सा औय भन
ु ाज़ेया िय िे अॊगुश्त फदन्दाॊ िय हदमा है । फेहारूर अनवाय

भनाक़फे शहये आशोफ व दभए सािेफा वाैया भें आऩिे भनाज़ज़ये भौजूद हैं उरेभा

िा फ़ैसरा है कि इल्भे नज
ु ुभ ह़ है रेकिन उसिा सही इल्भ आइम्भा ए अहरे

फैत िे अरावा किसी िो नसीफ नहीॊ। मह दस


ू यी फात है कि हल़्ा फगोशान

भोअद्दते नयू े हहदामत से िसफे ज़ज़मा िय रें।

इल्मे मजन्तक़ुत तैर


ु़
साहदिे आरे भोहम्भद (अ.स.) दीगय आइम्भा िी तयह भज़न्त़ अर तैय से बी

फा ़ामेदा वाक़फ़ थे। जो ऩरयन्दा मा िोई जानवय आऩस भें फात चीत ियता था

उसे आऩ सभझ लरमा ियते थे औय फ वक़्ते ज़रूयत उसिी ज़फान भें तिल्रभ

फ़यभामा ियते थे। लभसार िे लरमे भर


ु ाहे ज़ा हों किताफ तफ़सीये रफ
ु ाफ अर तावीर

683
ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 113 व भआरभ अर तन्ज़ीर ऩष्ृ ठ 113, अजामफर
ु ़सस ऩष्ृ ठ

105, नरू
ू र अनवाय ऩष्ृ ठ 311 प्रिालशत ईयान भें है कि साहद़े आरे भोहम्भद

(अ.स.) ने ़फयह नाभी ऩरयन्दा ज़जसिो चिोय मा चनडोर िहते हैं कि फोरते हुए

असहाफ से फ़यभामा कि तुभ जानते हो मह क्मा िहता है? असहाफ ने सयाहत िी

ख़्वाहहश िी तो फ़यभामा मह िहता है ‘‘ अल्राहुम्भा राअन भफाज़ी भोहम्भद व

आरे भोहम्भद ’’ ऽुदामा भोहम्भद (स.अ.व.व.) व आरे भोहम्भद (अ.स.) से फग़्जु ज़

ियने वारों ऩय रानत िय। फ़ाख़्ता िी आवाज़ ऩय आऩने िहा कि इसे घय भें न

यहने दो मह िहती है कि ‘‘ फ़क़्द तभ


ु फ़क़्द तभ
ु ’’ ऽद
ु ा तम्
ु हें नेस्तो नाफद
ू िये ,

वाैया वाैया।

हज़रत इमाम जाफरे िाहदक़ (अ.ि.) और इल्मुऱ अजिाम

भनाक़फे शहये आशोफ औय फेहारूर अनवाय ज़जल्द 14 भें है कि एि ईसाई ने

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) से इल्भे नतफ िे फाये भें सवारात ियते हुए

ज़जस्भे इन्सानी िी तफ़सीर ऩछ


ू ी। आऩने इयशाद फ़यभामा कि ऽुदा वन्दे आरभ ने

इन्सान िे ज़जस्भ भें वसर, 248 हड्ड़डमाॊ औय तीन सौ साठ यगें ऽल़् फ़यभाई

हैं। यगें तभाभ ज़जस्भ िो सेयाफ ियती हैं। हड्ड़डमाॊ ज़जस्भ िो, गोश्त हड्ड़डमों िो

औय आसाफ गोश्त िो योिे यखते हैं।

684
िाहदक़े आऱे मोहम्मद (अ.ि.) ने जन्नत में घर फनवा हदया

मह एि भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि फेहहश्त ऩय अहरे फैते यसर
ू (स.अ.व.व.) िा

ऩयू ा ऩयू ा ह़ व इक़्तेदाय है । भल्


ु रा जाभी लरखते हैं कि एि शख़्स ने हज़यत

इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) यवाना ए हज होते हुए िुछ हदयहभ हदमे औय अज़क

िी कि भैं हज िो जाता हूॉ भेहयफानी फ़यभा िय भेयी वाऩसी ति एि भिान भेयी

यहाईश िा फनवा दीज़जए गा मा ऽयीद फ़यभा दीज़जए गा। जफ वह रौट िय आमा

तो आऩने फ़यभामा कि भैंने तेये लरमे जन्नत भें एि घय ऽयीद लरमा है । ज़जसिे

हुदद
ू े अयफा मह हैं। हुदद
ू े अयफा फताने िे फाद आऩने एि नववश्ता हदमा औय वह

घय चर गमा। वहाॊ ऩहुॉच िय फीभाय हुआ औय भयने रगा िी कि नववश्ता भेये

िफ़न भें यखा जाम। चन


ु ान्चे रोगों ने यख हदमा। जफ दस
ू या हदन हुआ तो ़ब्र ऩय

वही ऩयचा लभरा। ‘‘ व फय ऩश्ु त दे नववश्ता ’’ कि ‘‘ जाफ़य बफन भोहम्भद वफ़ा

नभद
ू फा नचे वामदा ियदा फद
ू । ’’ इस ऩयचे िी ऩश्ु त ऩय लरखा हुआ था कि

साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) ने जो वामदा किमा था, दरू


ु स्त ननिरा औय भझ
ु े

भिान लभर गमा। (शवाहे दन


ु नफूवत ऩष्ृ ठ 192)

दस्ते िाहदक़ (अ.ि.) में एजाज़े इब्राहीमी

ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िी भशहूय हदीस है कि भेये अहरे फैत भेये अरावा

तभाभ अज़म्फमा से फेहतय हैं। इसिा भतरफ मह हुआ कि जो भोज़जज़ात अज़म्फमा

685
ियाभ हदखामा ियते थे वह आऩिे अहते फैत बी हदखा सिते थे। मह दस
ू यी फात

है कि उन्हें तहद्दी िे तौय ऩय असफाते नफव


ू त िे लरमे दनु नमा वारों िो हदखाना

ज़रूयी था, रेकिन अहरे फैत (अ.स.) िो ऐसे भोज़जज़ात हदखराना ज़रूयी न हो,

रेकिन अगय किसी वक़्त िोई इस क़स्भ िा भोजेज़ा तरफ िये तो वह शाने

इस्राभ हदखराने िे लरमे भोजेज़ा हदखरा हदमा ियते थे।

भल्
ु रा जाभी लरखते हैं कि एि शख़्स ने साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) से

ऩछ
ू ा कि हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) ने चाय जानवयों िो ज़ज़न्दा किमा था तो वह

ऩरयन्दे हभ ज़जन्स थे मा भख़्


ु तलरफ़ अजनास िे थे। हज़यत ने ताअज्जफ
ु ाना सवार

िो सन
ु िय फ़यभामा, दे खो हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) ने इस तयह ज़ज़न्दा किमा था।

मह फ़यभा िय आऩने आवाज़ दी ताऊस महाॊ आ। ायाफ महाॊ आ। फाज़ महाॊ आ।

िफत
ू य महाॊ आ। मह तभाभ ऩरयन्दे हज़यत िे ऩास आ गमे। आऩने हुक्भ हदमा

इन्हें ज़ब्हा िय िे इनिे गोश्त िो ऽूफ ऩीस डारो। उसिे फाद आऩने सय हाथ भें

रे िय एि एि िो आवाज़ दी। आवाज़ िे साथ गोश्त उड़ा औय अऩने अऩने सय

से जा रगा औय ऩहयन्दा कपय भि


ु म्भर हो गमा। मह दे ख िय सामर है यान यह

गमा। (शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 191 प्रिालशत रखनऊ 1905 ई 0)

खतो फ़कताफत और दरख़्वास्त के फारे में आऩकी हहदायत

बफजस्मल्ऱाह के सऱखने का तरीक़ा

686
हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने छोटी से छोटी औय फड़ी से फड़ी चीज़ों

िे फाये भें हहदामत फ़यभाई है । उसर


ू े िाफ़ी ऩष्ृ ठ 690 प्रिालशत ईयान भें है कि

जफ िुछ बी लरखो तो ‘‘ बफज़स्भल्राह अय यहभान अय यहीभ ’’ से शरू


ु ियो औय

दे खो बफज़स्भल्राह िो दन्दाने वारे ‘‘ सीन ’’ से लरखना, मानी फे फाद सीन इय

तयह लरखना। (सीन)

दरख़्वास्त सऱखने का तरीक़ा

आऩ फ़यभाते हैं कि दाहे नी तयफ़ दवात यख िय दयख़्वास्त लरखो। इभाभ

लशब्रॊजी नरू
ू र अफसाय प्रिालशत लभस्र िे ऩष्ृ ठ 133 औय अल्राभा भजलरसी

हुरमतुर भत्त
ु ़ीन भें लरखते हैं कि साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) ने फ़यभामा है

कि जफ िोई दयख़्वास्त दो, औय चाहो कि वह ज़रूय भन्ज़ूय हो जाम तो उसिे सय

नाभे ऩय

बफज़स्भल्राह हहयक यहभाननकयहीभ

‘‘ वआदअल्राह अर साफेयीन अर भऽयज लभम्भा मियाहून वर रयज़़् लभन

है स रा मसतफन
ू जाअरना अल्राह व इय्मा िुभ लभनर रज़ीना रा ऽौफ़ुन

अरैहहभ वरा हुभ मह ज़नन


ू ’’ अल्राभा अयफरी किताफ िशफ़ुर ाम्भा िे ऩष्ृ ठ

97 ऩय इसी तयी़ा ए तहयीय िो लरखते िे फाद लरखते हैं कि फय सये रू़ा फ

687
़रभ फे भदाद फ नवीस मानी मह इफायत बफरा यौशनाई िे फय सय दयख़्वास्त

लरखनी चाहहमे। (तहज़ीफर


ु इस्राभ, तयजभ
ु ा हहल्मतर
ु भत्त
ु ़ीन ऩष्ृ ठ 185 प्रिालशत ियाची)

खत और जवाफे खत

उसर
ू े िाफ़ी ऩष्ृ ठ 690 भें है कि ‘‘ ़ारा अर साहद़ (अ.स.) यद्दे जवाफ अर

किताफ वाजेफन
ू िो जोफे यद्दे स सराभ ’’ हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.)

फ़यभाते हैं कि ऽत िा जवाफ दे ना इसी तयह वाज़जफ है ज़जस तयह सराभ िा

जवाफ दे ना वाज़जफ है ।

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी अन्जाभ फीनी औय दयू अन्दे शी

भव
ु ये ऽीन लरखते हैं कि जफ फनी अब्फास इस फात ऩय आभादा हो गमे कि फनी

उभय्मा िो ऽत्भ िय दें तो उन्होंने मह ख़्मार किमा कि आरे यसर


ू (स.अ.व.व.)

िी दावत िा हवारा हदमे फाैय िाभ चरना भज़ु श्िर है रेहाज़ा वह इभदाद व

इन्ते़ाभे आरे भोहम्भद (अ.स.) िी तयफ़ दावत दे ने रगे औय मही तयी़ा ियते

हुए उठ खड़े हुए ज़जससे आभ तौय ऩय आरे भोहम्भद (अ.स.) मानी फनी फ़ात्भा

(अ.स.) िी भदद सभझी जाती थी। इसी वजस से लशमाने फनी फ़ात्भा िो बी

उनसे हभददी ऩैदा हो गमी थी औय वह उनिे भद्दगाय हो गए थे औय इसी

लसरलसरे भें अफू सरभा जाफ़य बफन सर


ु भ
ै ान िूफ़ी आरे भोहम्भद िी तयफ़ से

वज़ीय तजवीज़ किमे गमे थे। मानी वह गुभाश्ते िे तौय ऩय तफरीा ियते थे। उन्हें

इभाभे वक़्त िी तयफ़ से िोई इजाज़त हालसर न थी। मह फनी उभय्मा िे

688
भ़
ु ाफरे भें फड़ी िाभमाफी से िाभ िय यहे थे। जफ हारात ज़्मादा साज़गाय नज़य

आमे तो उन्होंने इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) औय अफू भोहम्भद अब्दल्


ु राह इब्ने

हसन िो अरग अरग एि एि ऽत लरखा कि आऩ महाॊ आ जामें ताकि आऩिी

फैअत िी जाम।

़ालसद अऩने अऩने खत


ु ु़ ूत रे िय भॊज़ज़र ति ऩहुॉच,े भदीने भें ज़जस वक़्त

़ालसद ऩहुॉचा वह यात िा वक़्त था। ़ालसद ने अज़क कि भौरा भैं अफू सरभा िा

ऽत रामा हूॉ। हुज़ूय उसे भर


ु ाहे ज़ा फ़यभा िय जवाफ इनामत फ़यभामें।

मह सन
ु िय हज़यत ने गचयाा तरफ किमा औय ऽत रे िय उसी वक़्त ऩढ़े

फाैय नज़ये आनतश िय हदमा औय ़ालसद से फ़यभामा कि अफू सरभा से िहना

कि तुम्हाये ऽत िा मही जवाफ था।

अबी वह ़ालसद भदीने ऩहुॉचा बी न था कि 3 यफीउर अव्वर 132 हहजयी

िो जुभे िे हदन हुिूभत िा फ़ैसरा हो गमा औय सफ़ाह अब्फासी ऽरीफ़ा फनामा

जा चि
ु ा था। (भयवजर
ु ज़हफ भसद
ू ी फय हालशमा, िालभर ज़जल्द 8 ऩष्ृ ठ 30, तायीऽर
ु ऽल्
ु फ़ा

ऩष्ृ ठ 272 हमातुर है वान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 74, तायीऽे आइम्भा ऩष्ृ ठ 433)

खऱीफा मन्िूर दवानेक़ी और हज़रत इमाम जाफरे िाहदक़ (अ.ि.)

भव
ु रयक ऽ अफर
ु कफ़दा लरखता है कि अफर
ु अब्फास सफ़ाह बफन अब्दल्
ु राह

अब्फासी ने चाय सार छ् भाह (4 सार 6 भहीने) हुिूभत िय िे ज़ज़ज़ल्हज्जा 136

हहजयी भत
ु ाबफ़ 754 ई0 भें इन्ते़ार किमा औय वक़्ते वफ़ात अऩने बाई भन्सयू

689
िो अऩना वरी अहद ़याय हदमा। ज़जस वक़्त सफ़ाह ने इन्ते़ार किमा भन्सयू

हज िो गमा हुआ था। 137 हहजयी भें उसने वाऩस आ िय एनाने हुिूभत सॊबार

री।

जज़स्टस अभीय अरी लरखते हैं कि भन्सयू फनी अब्फासी िा वह फादशाह है

ज़जसिी आ़ेफत अन्दे शी औय दयू फीनी से इस ऽानदान िो इतना ़माभ औय इस

़द्र इ़तेदाय हालसर हुआ कि दनु नमावी सरतनत जाने िे फाद बी अयसे ति

ऽानदानी व़ाय फा़ी यहा।

भव
ु ये ऽ ज़ाकिय हुसन
ै लरखते हैं कि भन्सयू भद
ु ज़ब्फय, भन्
ु तज़ज़भ, भगय दाा

फाज़, फे यहभ, शक्िी, वसवासी औय सफ़्फ़ाि था। ज़जस ऩय उसे ज़या बी शब्ु हा

होता था कि ज़ात मा ऽानदान िे लरमे भज़ु ज़य साबफत होगा, उसे हयगगज़ ज़ज़न्दा न

छोड़ता था। हज़यत अरी (अ.स.) िी औराद िे साथ जो ज़ुल्भ उसने किमे हैं उन्हीॊ

ने अब्फासी तायीऽ िे सफ़ों िो सफ से ज़्मादा लसमाह किमा है । उसी ने अरववमों

औय अब्फालसमों भें अदावत िी फीज फोमा। फड़ा िॊजस


ू था। एि एि दाॊग ऩय जान

दे ता था। इसी लरमे उसे दवाने़ी िहते हैं। हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) औय

हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी औराद अगयचे जुम्रा दनु नमावी उभयू से किनाया

िश थी रेकिन उनिा रूहानी इ़तेदाय भन्सयू िे लरमे ननहामत ही तिरीफ़ दे ह

था औय ख़्वाभ ख़्वाह उनिी तयफ़ से उसे खटिा रगा यहता था। मह सादात से

ऩयू ी दश्ु भनी ियता था। उसने फनी हुसन


ै (अ.स.) िी जामदातें ज़ब्त िीॊ औय फहुत

690
से सादात ़त्र किमे, फहुतों िो ज़ज़न्दा दीवायों भें चन
ु वा हदमा। इभाभ भालरि िो

इसी लरमे ताज़माने रगवामे िी उन्होंने एि भौ़े ऩय सादात िी हहभामत िी थी।


ु़
इभाभ अफू हनीफ़ा िो इसी लरमे ़ैद किमा कि उन्होंने इब्तेदा भें जैद शहीद िी

फैअत िय री थी। कपय 150 ई0 भें उन्हें ज़हय हदरवा हदमा। ायज़ कि उसिे

ज़भाने भें फेशभ


ु ाय सादात ़त्र हुए औय फहुत से ़ैद ऽाने भें सड़ गए औय

ज़ज़न्दान िे ज़हयीरे फऽ
ु ायात िी वजह से भय गए। हज़यत इभाभ जाफ़य साहद़

(अ.स.) िे साथ बी उसिा यवय्मा इसी अन्दाज़ िा था हाराॊकि आऩने औय आऩसे

ऩहरे आऩिे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) ने इसे फ इल्भे

इभाभत हाकिभ होने िी ऽुश ऽफयी दी थी औय उस वक़्त उसने उनिी भदह

सयाई िी थी। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 121)

भल्
ु रा जाभी औय इभाभ लशब्रॊजी लरखते हैं कि भॊसयू अब्फासी िा एि

भ़
ु यक फ फायगाह नाक़र है कि भैंने एि हदन भन्सयू िो भत
ु ापज़क्िय दे ख िय सफफे

तफ़क्िुय दयमाफ़्त किमा, भन्सयू ने िहा कि भैंने अरववमों िी जभाअते िसीय िो

फ़ना िय हदमा रेकिन उनिे ऩेशवा िो अफ ति फा़ी यखा है । भैंने ऩछ


ू ा वह िौन

हैं? भन्सयू ने िहा ‘‘ जाफ़य बफन भोहम्भद (अ.स.) ’’ भैंने अज़क कि जाफ़य इब्ने

भोहम्भद (अ.स.) तो ऐसे शख़्स हैं जो हभेशा इफादत औय मादे ऽुदा भें भशार

यहते हैं दनु नमाॊ से िुछ ताअल्ऱ


ु नहीॊ यखते। भन्सयू ने िहा जानता हूॉ कि तू

हदर से इनिी इभाभत िा ख़्मार यखता है , भगय भैंने ़सभ खाई है कि यात होने

691
से ऩहरे ही इनिी तयफ़ से भत
ु भईन हो जाऊॊगा। मह िह िय जल्राद िो हुक्भ

हदमा कि जफ जाफ़य बफन भोहम्भद िो रोग हाज़ज़य ियें औय भैं अऩने सय ऩय

हाथ यखॊू तो तू फ़ौयन उनिो ़त्र िय दे ना। थोड़ी दे य िे फाद हज़यत इभाभ

जाफ़य साहद़ (अ.स.) तशयीफ़ रामे, वह उस वक़्त िुछ ऩढ़ यहे थे। जफ भन्सयू

िी नज़य उन ऩय ऩड़ी तो िाॊऩने रगा औय इस्ते़फार िय िे उनिो अऩनी

भसनद ऩय बफठा लरमा उसिे फाद ऩछ


ू ा कि मा बफन यसर
ू अल्राह(अ.स.) आऩिे

तिरीफ़ ियने िी क्मा वजह हुई? उन्होंने फ़यभामा तरफ किमे जाने ऩय आमा हूॉ।

भन्सयू ने िहा कि अगय िोई हाजत हो तो फमान िीज़जमे। हज़यत (अ.स.) ने

फ़यभामा, मही हाजत है कि आइन्दा भेयी तरफी न हो, जफ भैं चाहूॊ आऊॉ, मह िह

िय वहाॊ से चरे गए। (शवहहद अर नफूवत ऩष्ृ ठ 188 वसीरा ए नजात नूरूर अफसाय 146

भजानी अदफ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 182, इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 415)

मन्िरू अब्फािी की िादात किी

जफ फनी उभय्मा िी सरतनत िा ज़भाना ऽत्भ हुआ, तो फनी अब्फास िी

हुिूभत िा दौय चरा। मह रोग फनी उभय्मा से बी ज़्मादा सादात िे दश्ु भन

साबफत हुए। इनिे ज़भाने भें तो सादात ऩय वह तफाही आई कि इसिे फमान से

फदन ऩय यौंगटे ऽड़े होते हैं। इस लसरलसरा ए अब्फालसमा िा दस


ू या फादशाह

भन्सयू अब्फासी हुआ है । ऽुदा िी ऩनाह इसिे भज़ालरभ िा क्मा हठिाना है ।

692
हज़ायों सय्मदों िो इस ज़ालरभ ने ़त्र ियामा। इनिे खन
ू ु़ िे गायों से दीवायें

ताभीय ियाईं मही नहीॊ फज़ल्ि फहुत से फेगन


ु ाहों िो दीवायों भें ज़ज़न्दा गचनवा हदमा।

फीखों औय फनु नमादों भें दफवा हदमा।। ़ैद ऽाने भें सड़ा सड़ा िय भाय हदमा। इसिे

ज़भाने भें लशमा मा सय्मदों िा शब्ु हा हो जाना ़त्र िे लरमे िाफ़ी था। सफ से

ज़्मादा तफाही इस ज़ालरभ िे दौये सरतनत भें हुसन


ै ी सादात ऩय आई। ख़्मार ियो

कि नाज़ुि दौय भें हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने किस ऐहनतमात से

अऩनी ज़ज़न्दगी फसय िी होगी। ज़ुल्भ िे फदाकश्त ियने िी बी िोई हद होती है ।

सारहा सारसे ायीफ सादात एि अजीफ फे िसी िी हारत भें फसय िय यहे थे,

आखखय
ु़ उनिे सीनों बी हदर था औय एि फहादयु ऽानदान िा ऽून यगों भें दौड़ा

हुआ था। यफ़ता यफ़ता उनिो बी जोश आ गमा। इभाभ हसन (अ.स.) िी औराद

भें उनिे ऩोते जनाफे अब्दल्


ु राह भहज़ एि फड़े नेि हदर औय जोशीरे सय्मद थे।

उन्होंने चाहा कि सादात िो अब्फालसमों िे भज़ालरभ से किस तयह छुड़ामें। इभाभ

जाफ़य साहद़ (अ.स.) ने उनिो इस इयादे से योिना चाहा भगय उनिा जोश िय

नहीॊ हुआ औय रोगों िो भन्सयू िे खखराफ़


ु़ उबायने रगे। उनिे दो फेटे थे। एि िा

नाभ भोहम्भद नफ़से ज़किमा औय दस


ू ये िा इब्राहीभ था। इन दोनों ने इस िोलशश

भें ऩयू ा हहस्सा लरमा। भन्सयू िो जफ उनिे इयादों िा हार भारभ


ू हुआ तो उसने

सादाते हुसन
ै ी िी गगयफ़्तायी िे लरमे एि फ़ौज बेजी ज़जनभें सत्तय ऩछत्तय आदभी,

िभलसन फच्चे, नौजवान औय फढ़


ू े सफ शालभर थे, गगयफ़्ताय िय लरमे गमे। लरखा

693
है कि जफ मह लसत्भ यसीदा िाकफ़रा भदीने से चरा तो उनिी फे िसी व भजफयू ी,

फे गन
ु ाही व फे िसयू ी िा ख़्मार िय िे हय एि अऩने भ़ाभ ऩय योता औय फेचन

नज़य आता था। आह वह साहे फाने फ़ज़रो िभार जो सयू तो सीयत भें फे लभस्र फे

नज़ीय थे ज़जनिा एि एि जवान हहम्भत व हदरेयी भें तभाभ अयफ भें भशहूय था।

गरे भें तौ़ ऩहने औय हाथों भें दोहयी जॊजीयें डारें शभों हहजाफ से गयदने नीचे

किमे रााय ऊॊटों िी ऩीठों ऩय फैठे हुए भदीना ए यसर


ू (स.अ.व.व.) से ननिर यहे

थे।

तायीऽे िालभर भें है कि जफ इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िो िुन्फे िी

गगयफ़्तायी िा हार भारभ


ू हुआ तो फेचन
ै हो गमे। भज़स्जदे यसर
ू िे दयवाज़े ऩय

खड़े थे कि भज़रभ
ू सादात िा िाफ़ेरा इधय से गुज़या। इभाभ (अ.स.) ने जफ मह

हार दे खा कि किसी िे ऩैय भें ज़न्जीय है किसी िे गरे भें तौ़, किसी िी भश्ु िें

िसी हैं किसी िे ऩैय ऊॊट िे ऩेट से फॊधे हुए हैं तो आऩ ज़ाय ज़ाय योने रगे औय

फ़यभामा ऽद
ु ा िी ़सभ आज िे फाद से हुयभते हयभे ऽद
ु ा औय यसर
ू भहफ़ूज़ न

यहे गी। ऽद
ु ा िी ़सभ ़ौभे अन्साय से जो भआ
ु हे दा हज़यत यसर
ू े ऽद
ु ा

(स.अ.व.व.) ने लरमा था मानी उनिी औराद औय उनिी हहफ़ाज़त िो वह बर


गमे। ऽुदा वन्दा तू अन्साय से सख़्त भआ


ु ऽेज़ा ियना। हज़यत िी ऩये शानी िा उस

वक़्त मह आरभ था कि रयदामे भफ


ु ायि दोशे अ़दस से गगय गई थी। इस वाक़मे

िा आऩ ऩय इतना गहया असय ऩड़ा कि आऩ उसी योज़ से फीभाय ऩड़ गमे औय

694
त़यीफन फीस योज़ ति तऩ (फऽ
ु ाय) िी वह शदीद तिरीफ़ उठाई कि जान िे

रारे ऩड़ गमे। हज़यत ने चाहा कि अऩने चचा हज़यते अब्दल्


ु राह भहज़ ति जामें

औय तसल्री व हदरासा दें भगय एि सॊगहदर ने वहाॊ ति न जाने हदमा।

मोहम्मद नफिे ज़फ़कया व इब्राहीम

हज़यत अब्दल्
ु राह भहज़ उस ज़भाने भें रूऩोश हो गमे थे औय सहयाई अयफों िा

बेस फदर िय यहने रगे थे। चन


ु ान्चे उसी बेस भें वह छुऩ िय एि भॊज़ज़र ऩय

जनाफे अब्दल्
ु राह भहज़ से लभरे। उन्होंने फेटों से िहा कि इस ज़ज़ल्रत िी

ज़ज़न्दगी से इज़्ज़त िी भौत फेहतय है । भन्सयू उस ज़भाने भें िूफ़े भें था। ़ैदी

उसिे साभने ऩेश हुमे। चन्द योज़ फाद ही मह रोग भयने रगे। ़माभत मह आई

कि उनिे भयु दों िो बी ़ैद ऽाने से फाहय न ननिारा गमा। वहीॊ भयते औय सड़ते

यहे । इससे वहाॊ िी हवा औय ज़्मादा गन्दी हो गई औय एि ऐसी वफा पैरी कि हय

योज़ दो चाय भयने रगे। ह़ी़त मह है कि सादात िशी भें फनी अब्फास िे

भज़ालरभ फनी उभय्मा से बी िहीॊ ज़्मादा फढ़ गमे थे। फनी उभय्मा ने अगय ऐसा
ु़
किमा तो गैय हो िय ़दीभी दश्ु भन फन िय मह तो अऩने िहराते थे भारे दनु नमाॊ

िी तभा औय हुिूभत िी हहसक ने उनिी आखों ऩय ऐसा ऩयदा डारा कि नेि व फद

िी तभीज़ फा़ी न यही औय दनु नमाॊ िे ऩीछे आऽेयत िो बफल्िुर बर


ू गमे। फहय

हार ायीफ सादात ने इस ़ैद ऽाने भें फड़ी इफयत नाि हारत भें ज़ज़न्दगी फसय

िी रेकिन इस हारत भें बी ऽुदा िी माद से ााकफ़र न यहे । शफो योज़ नतरावते

695
िराभे ऩाि से िाभ यहता था। ़ैद ऽाने िी तायीिी भें हदन िे अव़ात िा चॊकू ि

ऩता न चरता था, इस लरमे अऩनी नतरावत िो ऩाॊच हहस्सों भें त़सीभ िय हदमा

था औय उन्हीॊ से अव़ाते नभाज़ िा ऩता रगाते थे। उनिो इस ़ैद ऽाने भें िई

िई वक़्त फ़ािे से गुज़य जाते थे औय िोई ऩयु साने हार न था फज़ल्ि खाने िा

क्मा ज़ज़क्र ऩानी बी ज़रूयत बय न लभरता था।

अफ इधय िा हार सन
ु ों, भोहम्भद नफ़्से ज़किमा ने फहुत जल्द एि फ़ौज

फ़याहभ िय िे भन्सयू ऩय चढ़ाई िी औय भदीने ऩय ़ब्ज़ा िय लरमा भगय चन्द

ही योज़ फाद भन्सयू िी फ़ौजों ने कपय आ घेया। भोहम्भद उनिे भ़


ु ाफरे िी ताफ

न रा सिे आखखय
ु़ शहीद हो गमे। उनिा सय िाट िय िे भन्सयू िे ऩास बेज

हदमा गमा। इस ज़ालरभ ने इस सय िो एि ़ैद ऽाने भें यख िय ़ैद ऽाने भें

उनिे फढ़
ू े फाऩ अब्दल्
ु राह भहज़ िे ऩास बेज हदमा। जनाफे अब्दल्
ु राह उस वक़्त

नभाज़ ऩढ़ यहे थे कि सय भस
ु ल्रे िे ऩास यखा गमा। नभाज़ से फ़ारया हो िय

जफ दे खा तो जवान फेटे िा सय यखा हुआ है । फे साख़्ता एि आह सीने से

ननिरी, सय िो छाती से रगा लरमा औय िहने रगे फेटा, शाफाश तभ


ु फे शि

उन्हीॊ वामदा वफ़ा ियने वारों भें से हो ज़जनिी तायीफ़ ऽुदा ने ़ुयआन भें िी है ।

फेटा तुभ ऐसे जवान थे कि तुम्हायी तरवाय ने तुभिो ज़ज़ल्रत से फचा लरमा औय

तुम्हायी ऩयहे ज़गायी ने तुभ िो गुनाहों से भहफ़ूज़ यखा। कपय सय राने वारे से िहा

कि भन्सयू से िह दे ना कि हभ तो भ़तूर हो ही चि
ु े , अफ तुम्हायी फायी है । अफ

696
हभाया औय तुम्हाया इॊसाफ़ ऽुदा िे महाॊ होगा। मह िह िे एि ठॊ डी साॊस बयी औय

दभ ननिर गमा।

अफ दस
ू ये बाई मानी इब्राहीभ िा हार सन
ु ो, मह बी भद्
ु दतों इधय उधय

घभ
ू ते कपये आखखय
ु़ उन्होंने बी एि फ़ौज जभा िय िे लभस्र िी हुिूभत हालसर िय

री। ज़जस ज़भाने भें नफ़्से ज़किमा भन्सयू से रड़ यहे थे। उन्होंने बाई िी भद्द

िो आना चाहा, भगय भन्सयू ने यास्ते फन्द िय यखे थे, भज़ु म्िन न हुआ।

भोहम्भद ऩय फ़तेह ऩाने िे फाद भन्सयू ने इब्राहीभ िा बी ऽात्भा िय हदमा। सयू त

मह हुई कि इब्राहीभ अऩने रशिय िो साथ लरमे िूफ़े िी तयफ़ यवाना हुए।

भ़ाभ ‘‘ अर अहभया ’’ भें ऽेभा ज़न थे कि भन्सयू िा रशिय बी वहाॊ ऩहुॉच

गमा। दोनों रशियों भें सख़्त भ़


ु ाफरा हुआ। सैिड़ों आदभी भाये गमे। इब्राहीभ िी

फ़तेह िे आसाय नभ
ु ामाॊ हो चि
ु े थे कि मिा मि भाभेरा हदगय गॉू हो गमा औय

इब्राहीभ िी फ़ौज ने बागते हुए दश्ु भन िा ऩीछा किमा भगय नेि हदर इब्राहीभ िो

उनिी तफाह हारत ऩय यहभ आ गमा, अऩने लसऩाहहमों िो ताअक़्िुफ


ु़ से योि

हदमा। भन्सयू िे सयदाय ‘‘ ऐनी ’’ ने इस भौ़े से फ़ामदा उठामा औय अऩनी नततय

बफतय ़ुव्वत िो जभा िय िे कपय एि दभ हभरा िय हदमा। इब्राहीभ िी फ़ौज

िो इस फराए नागहानी िी क्मा ऽफय थी। वह अऩनी फ़तेह दे ख िय अऩनी िभये

खोर चि
ु े थे कि लशिस्त खाई दश्ु भन िी फ़ौज कपय रौट ऩड़ी। अफ इब्राहीभ िो

भ़
ु ाफरा ियना दश्ु वाय हो गमा। फ़ौज नततय बफतय हो गई। भजफयू न तरवाय रे

697
िय ऽुद भ़
ु ाफरे िो ननिर ऩड़े। दे य ति हाशभी शज
ु ाअत िे जौहय हदखाते यहे ।

आखखय
ु़ िहाॊ ति रड़ते। दश्ु भन ने चायों तयफ़ से घेय िय हराि िय हदमा। मह

वा़ेमा 25 ज़ज़़ादा 145 हहजयी िा है । इब्राहीभ वह शख़्स थे कि ऩयू े ऩाॊच फयस

रूऩोश यहे थे औय भन्सयू फावजूद इतनी ़ुदयतो ता़त िे किसी तयह उनिो

गगयफ़्ताय न िय सिा था।

इब्राहीभ औय नफ़से ज़किमा िे ़त्र होने िे फाद बी भन्सयू िे भज़ालरभ

सादात ऩय िभ न हुए। जहाॊ ज़जसिो ऩामा बफना ़त्र किमे न छोड़ा। उस ज़भाने

भें सादात िी वह तफाही हुई कि फमान भें नहीॊ आ सिती। अल्राभा भजलरसी

लरखते हैं कि भन्सयू िे ज़भाने भें फे शभ


ु ाय औरादे अरी (अ.स.) शहीद किमे गमे

औय फहुतों िो दीवाय भें गचन्वा हदमा गमा। भन्सयू उस ज़भाने भें फादाद भें भहर

फनवा यहा था। इसभें जहाॊ औयो िो ज़ज़न्दा गचनवा हदमा था एि हसीन नौजवान

िो बी चन
ु वामा, वह चॊकू ि फहुत ही हसीनों ऽूफ सयू त था। उसिे चेहये ऩय भेभाय

िी नज़य ऩड़ी तो फे साख़्ता उसिा हदर योने रगा। हुक्भ से भजफयू था। दीवाय भें

चन
ु ते चन
ु ते उसे भौ़ा लभर गमा। फोरा कि ऐ फ़यज़न्दे यसर
ू (अ.स.) आऩ

घफयामें नहीॊ, भैं साॊस िे लरमे सयू ाऽ छोड़ दे ता हूॉ औय यात िो आ िय ननिार

रॊग
ू ा। चन
ु ाॊचे वह यात िी तायीिी भें दीवाय िे ़यीफ आमा औय ईंटें हटा िय उस

ना जवान फााे रयसारत िो दीवाय से ननिार हदमा औय िहा कि आऩ लसफ़क इतना

िीज़जमे कि इस तयह ज़ज़न्दा फच िय किसी तयफ़ चरे जाइमे कि आऩिा ऩता

698
ननशान न लभर सिे औय ऐ फ़यज़न्दे यसर
ू (अ.स.) आऩ अऩने नाना भोहम्भद

भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) से भेयी फज़ख़्शश िी लसफ़ारयश फ़यभाईमेगा।

उन्होंने शकु क्रमा अदा किमा औय िहा ऐ शेऽ अगय तभ


ु से हो सिे तो भेयी

ज़ुल्फ़ों िो तयाश रो औय किसी यात िो भेयी दखु खमा भाॊ िे ऩास फ़राॊ भहल्रे भें

जा िय उन्हें भेयी ज़ुल्फ़ें दे िय िह दें कि भैं ज़ज़न्दा हूॉ औय अऩ्यीफ लभरॊ ूगा।

इस भेभाय िा फमान है कि भैं उनिी ख़्वाहहश िे भत


ु ाबफ़ उनिे भिान ऩय ऩहुॉचा

तो उनिी भाॉ फैठी यो यही थीॊ। भैंने उन्हें सफ


ु त
ू े हमात िे लरमे ज़ुल्फ़ें दे िय नवेदे

ज़ज़न्दगी सन
ु ाई औय वाऩस चरा आमा। (ज़जराउर उमन
ू ऩष्ृ ठ 269 प्रिालशत ईयान व

सवानेह उभयी चहायदा भासूभीन हहस्सा 2 ऩष्ृ ठ 7)

तवायीऽ भें है कि जनाफे नफ़्से ज़किमा िे शहीद होने िे फाद से जहाॊ

भज़ालरभ िा ऩयू ा ज़ोय ऩैदा हो गमा था वहाॊ इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) बी

भहफ़ूज़ नहीॊ यह सिे। इभाभ शब्रन्जी लरखते हैं कि उनिो ़त्र ियाने िे फाद

भन्सयू ने इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िो तरफ किमा औय उनिी सख़्त तहदीद

िी औय ़त्र िी खुरे अल्फ़ाज़ भे धभिी दी। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 133)

भन्सयू िा हज औय इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ऩय फोहतान तयाज़ी हारात िी

यौशनी भें हय फा फ़हभ इसिा अन्दाज़ा िय सिता है कि हज़यत इभाभ जाफ़ये

साहद़ (अ.स.) िी ज़ज़न्दगी किस दौय से गज़


ु य यही थी औय भन्सयू किस ताि भें

था औय किस तयह फहाना तराश िय यहा था।

699
तायीऽे हफीफस
ु लसमय भें है कि 144 हहजयी भें भन्सयू अब्फासी हज िे लरमे

गमा। भन्सयू ने हज से फ़याात िी तो एि शख़्स ने उससे िहा कि इभाभ जाफ़ये

साहद़ (अ.स.) तम्


ु हाये खखराफ़
ु़ रोगों िो बड़िाते औय उिसाते हैं। उसने इभाभ

(अ.स.) िो फर
ु ा िय उनसे िहा कि भझ
ु े ऐसा भारभ
ू हुआ है कि आऩ भेयी

हुिूभत िे खखराफ़
ु़ प्रोऩेगन्डा ियते औय रोगों िो उिसाते औय बड़िाते हैं। आऩने

इयशाद फ़यभामा, ऐ फादशाह ! मह बफल्िुर ारत है औय तूझे भेये िहने ऩय

म़ीन न आमे तो तू उस शख़्स िो भेये साभने तरफ िय। भन्सयू ने उसे फर


ु ामा।

आऩने फ़यभामा कि तन
ू े भझ
ु ऩय क्मों फोहतान फाॊधा हैं? उसने िहा कि भैंने सच

िहा है । इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा कि क्मा तू ़सभ खा िय िह सिता है?

उसने िहा हाॊ, कपय उसने ऽुदा िी ़सभ खाई। आऩने िहा इस तयह नहीॊ ज़जस

तयह भैं िहूॉ उस तयह ़सभ खा। चन


ु ान्चे आऩने फ़यभामा कि अऩनी ज़फान से

मह िह िय ़सभ खा ‘‘ फयत लभन हौर अल्राह ’’ भैं ऽुदा िी ़ुव्वत व ता़त

से दयू हट िय अऩने बयोसे ऩय ़सभ खाता हूॉ। उसने ऩहरे तो हल्िा सा इन्िाय

किमा कपय वह ़सभ खा गमा। उसिा नतीजा मह हुआ कि उसी जगह गगय िय

हराि हो गमा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120 प्रिालशत लभस्र)

700
इमाम जाफरे िाहदक़ (अ.ि.) का दरफारे मन्िरू में एक तफीफे हहन्द िे

तफादऱा ए खयाऱात

अल्राभा यशीद उद्दीन अफू अब्दल्


ु राह भोहम्भद बफन अरी इब्ने शहये आशोफ

भाज़न्द्रानी अर भतूफ़ी 588 हहजयी ने दयफाये भन्सयू िा एि अहभ वा़ेमा ऩर

फ़यभामा है ज़जसभें भफ़
ु स्सर तौय ऩय मह वाज़े किमा गमा है कि एि तफीफ

ज़जसिो अऩनी ़ाफलरमत ऩय फड़ा बयोसा औय ारू


ु य था वह इभाभ जाफ़ये साहद़

(अ.स.) िे साभने किस तयह लसऩय अन्दाख़्ता हो िय आऩिे िभारात िा

भोतरयफ़ हो गमा। हभ भौसफ़


ू िी अयफी इफायत िा तयजुभा अऩने फ़ाज़ज़र भआसय

िे अल्फ़ाज़ भें ऩेश ियते हैं।

एि फाय हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) भन्सयू दवाऩी िे दयफाय भें

तशयीफ़ फ़यभा थे। वहाॊ एि तफीफे हहन्दी नतफ िी फाते फमान िय यहा था औय

हज़यत ऽाभोश फैठे सन


ु यहे थे। जफ वह िह चि
ु ा तो हज़यत से भऽ
ु ानतफ हो िय

िहने रगा। अगय िुछ ऩछ


ू ना चाहें तो शो़ से ऩछ
ू ें । आऩने फ़यभामा, भैं क्मा

ऩछ
ू ू ॉ , भझ
ु े तुझ से ज़्मादा भारभ
ू है । तफीफ अगय मह फात है तो भैं बी िुछ सन
ु ॊ।ू

इभाभ (अ.स.) जफ किसी भज़क िा ारफा हो तो उसिा इराज ज़ज़द से ियना

चाहहमे मानी हाय, गभक िा इराज फायद सदक से, तय िा ऽश्ु ि से, ऽश्ु ि िा तय से

औय हय हारत भें अऩने ऽद


ु ा ऩय बयोसा यखे। माद यख भेदा तभाभ बफभारयमों िा

घय है औय ऩयहे ज़ सौ दवाओॊ िी एि दवा है । ज़जस चीज़ िा इॊसान आदी हो जाता

701
है उसिे लभजाज़ िे भव
ु ाकफ़़ औय उसिी सेहत िा सफफ फन जाती है । तफीफ फे

शि आऩने जो फमान फ़यभामा है असरी नतफ मही है । इभाभ (अ.स.) मह न

सभझना चाहहमे कि भैंने जो फमान किमा है मह नतफ िी किताफें ऩढ़ िय हालसर

किमा है फज़ल्ि मह उरभ


ू भझ
ु िो ऽुदा िी तयफ़ से लभरे हैं। अफ फता तू ज़्मादा

इल्भ यखता है मा भैं? तफीफ भैं। इभाभ (अ.स.) अच्छा भैं चन्द सवार ियता हूॉ

उनिा जवाफ दे ।

1. आॊसओ
ु ॊ औय रूतूफतों िी जगह सय भें क्मों है?

2. सय ऩय फार क्मों हैं?

3. ऩेशानी फारों से खारी क्मों है?

4. ऩेशानी ऩय ऽत औय लशिन क्मों हैं?

5. दोनों ऩल्िें आॊखों िे ऊऩय क्मों हैं?

6. नाि दोनों आॊखों िे दयलभमान क्मों है?

7. आॊखें फादाभी शक्र िी क्मों हैं?

8. नाि िा सयू ाऽ नीचे िी तयफ़ क्मो है?

9. भॊह
ू ऩय दो होंठ क्मों फनामे गमे हैं?

10. साभने िे दाॊत तेज़ औय दाढ़ें चौड़ी क्मों है औय उन दोनों िे फीच भें रम्फे

दाॊत क्मों हैं?

11. दोनों हथेलरमाॊ फारों से ऽारी क्मों हैं?

702
12. भदो िे दाढ़ी क्मों होती है?

13. नाऽन
ू औय फारों भें जान क्मों नहीॊ?

14. हदर सनोफयी शक्र िा क्मों है?

15. फ़ेपड़े िे दो टुिड़े क्मों हैं औय वह अऩनी जगह हयित क्मों ियता हैं?

16. ज़जगय िी शक्र भोहद्दफ क्मों है?

17. गुदे िी शक्र रोबफमे िे दाने िी तयह क्मों होती है?

18. घट
ु ने आगे िो झि
ु ते हैं ऩीछे िो क्मों नहीॊ झि
ु ते?

19. दोनों ऩावों िे तरवे फीच से ऽारी क्मों होते हैं?

तफीफ भैं इन फातों िा जवाफ नहीॊ दे सिता। इभाभ (अ.स.) ऽुदा िे फ़ज़्र से

भैं इन सफ सवारों िा जवाफ जानता हूॉ। तफीफ ने िहा कि फयाऐ ियभ फमान

फ़यभाइमे।

इभाभ (अ.स.) ने पयभामा्

1. सय अगय आॊसओ
ु ॊ औय रूतफ
ू तों िा भयिज़ न होता तो ऽश्ु िी िी वजह से

टुिड़े टुिड़े हो जाता।

2. फार इस लरमे सय ऩय हैं कि उनिी जड़ों से तेर वाैया हदभाा ति ऩहुॉचता

यहे औय फहुत से हदभााी अफऽये ननिरते यहें , हदभाा गभी औय सदी से भहफ़ूज़

यहे ।

703
3. ऩेशानी फारों से इस लरमे ऽारी है कि इस जगह से आॊखों भें नयू ऩहुॉचता

है ।

4. ऩेशानी भें रिीयें इस लरमे हैं कि सय से जो ऩसीना गगये वह आॊखों भें न जा


ु़
ऩामे। जफ लशिनों भें ऩसीना जभा हो तो इॊसान उसे ऩोंछ िय पेि दे ज़जस तयह

ज़भीन ऩय ऩानी जायी होता है तो गढ़ों भें जभा हो जाता है ।

5. ऩरिें इस लरमे आॊखों ऩय ़याय दी गई हैं कि आफ़ताफ िी यौशनी इतनी

उन ऩय ऩड़े ज़जतनी ज़रूयत है औय फ वक़्ते ज़रूयत फन्द हो िय आॊखों िी

हहफ़ाज़त िय सिे औय सोने भें भद्द दे सिें। तभ


ु ने दे खा होगा िी जफ इॊसान

ज़्मादा यौशनी भें फरन्दी िी तयफ़ किसी चीज़ िो दे खना चाहता है तो हाथ आॊखों

िे ऊऩय यख िय सामा िय रेता है ।

6. नाि िो दोनों आॊखों िे फीच भें इस लरमे ़याय हदमा गमा है कि भजभा ए

नयू से यौशनी त़सीभ हो िय फयाफय दोनों आॊखों िो ऩहुॉच।े

7. आॊखों िो फदाभी शक्र िा इस लरमे फनामा गमा है कि फा वक़्ते ज़रूयत

सराई िे ज़रयमे से दवा, सयु भा वाैया इसभें आसानी से ऩहुॉच जामें। अगय आॊख

चिोय मा गोर होती तो सराई िा उसभें कपयना भज़ु श्िर होता। दवा उसभें फ ऽूफी

न ऩहुॉच सिती औय फीभायी दफ़ा न होती।।

704
8. नाि िा सयू ाऽ नीचे िो इस लरमे फनामा कि हदभााी रूतूफतें आसानी से

ननिर सिें अगय ऊऩय िो होता तो मह फात न होती औय हदभाा ति किसी बी

चीज़ िी फू जल्दी से न ऩहुॉच सिती।

9. होंठ इस लरमे भॊह


ु ऩय रगामे गमे कि जो रूतूफतें हदभाा से भॊह
ु भे आमें वह

रूिी यहें औय खाना बी इॊसान िे इज़ख़्तमाय भें यहे , जफ चाहे पेिें औय थि


ू दे ।

10. दाढ़ी भदों िो इस लरमे दी कि भदक औय औयत भें तभीज़ हो जाम।

11. अगरे दाॊत इस लरमे तेज़ हैं कि किसी चीज़ िा िाटना सहर हो औय दाढ़ों

िो चौड़ा इस लरमे फनामा कि गाज़ा ऩीसना औय चफाना आसान हो। इन दोनों िे

दयलभमान रम्फे दाॊत इस लरमे फनामे कि दोनों िे इस्तेहिाभ िे फाएस हों ज़जस

तयह भिान िी भज़फत


ू ी िे फाएस सत
ु ून (खम्फे) होते हैं।

12. हथेलरमों ऩय फार इस लरमे नहीॊ कि किसी चीज़ िो छूने से इसिी नयभी,

सख़्ती, गभी औय सदी वाैया आसानी से भारभ


ू हो जाम। फारों िी सयू त भें मह

फात हालसर न होती।

13. फार औय नाऽन


ू ों भें जान इस लरमे नहीॊ कि इन चीज़ों िा फढ़ना फयु ा

भारभ
ू होता है औय नक़्
ु सान दे ह है, अगय इन भें जान होती तो िाटने भें तिरीफ़

होती।

705
14. हदर सनोफयी शक्र मानी सय ऩतरा औय दभ
ु चौड़ी (ननचरा हहस्सा) इस
ु़
लरमे है कि आसानी से पेफ़ड़े भें दाखखर
ु़ हो सिे औय उसिी हवा से ठॊ डि ऩाता

यहे ताकि उसिे फऽ


ु ायात हदभाा िी तयफ़ चढ़ िय फीभारयमाॊ ऩैदा न ियें ।
ु़
15. पेफ़ड़े िे दो टुिड़े इस लरमे हुए कि हदर उनिे दयलभमान यहे औय वह

उसिो हवा दें ।

16. ज़जगय भोहद्दफ इस लरमे हुआ कि अच्छी तयह भेदे िे ऊऩय जगह ऩिड़े

औय अऩनी गयानी व गभी से गाज़ा िो हज़भ िये ।

17. गद
ु ाक रोबफमे िे दाने िी शक्र िा इस लरमे हुआ कि भनी मानी नत्ु फ़ा

इॊसानी ऩश्ु त िी जाननफ से इसभें आता है औय उसिे फ़ैरने औय सि


ु ड़ने िी वजह

से आहहस्ता आहहस्ता ननिरना है जो सफफे रज़्ज़त है ।

18. घट
ु ने ऩीछे िी तयफ़ इस लरमे नहीॊ झि
ु ते कि चरने भें आसानी हो अगय

ऐसा न होता तो आदभी चरते वक़्त गगय गगय ऩड़ता, आगे चरना आसान न

होता।

19. दोनों ऩैयों िे तरवों िे फीच भें जगह ऽारी इस लरमे है कि दोनों किनायों

ऩय फोझ ऩड़ने से आसानी से ऩैय उठ सिें अगय ऐसा न होता औय ऩयू े फदन िा

फोझ ऩेयों ऩय ऩड़ता तो साये फदन िा फोझ उठाना दश्ु वाय हो जाता।

मह जवाफात सन
ु िय हहन्दोस्तानी तफीफ (हिीभ, वैद्म) है यान यह गमा औय

िहने रगा कि आऩने मह इल्भ किससे सीखा है? फ़यभामा अऩने दादा से उन्होंने

706
यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) से हालसर किमा औय उन्होंने ऽुदा से सीखा है । उसने िहा,

‘‘ इन्ना अशहदो अन रा इराहा इरल्राह व अन भोहम्भदन यसर


ू अल्राह व

अब्दहू ’’ भैं गवाही दे ता हूॉ कि ऽद


ु ा एि है औय भोहम्भद (स.अ.व.व.) उसिे यसर

औय अब्दे ऽास हैं। ‘‘ व इन्निा आरभो अहरे ज़भाना ’’ औय आऩ अऩने ज़भाने

भें सफ से फडे आलरभ हैं। (भनाक़फ इब्ने शहये आशोफ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 46 प्रिालशत फम्फई

व सवानेह चहायदा भासूभीन हहस्सा 2 ऩष्ृ ठ 25)

इमाम जाफरे िाहदक़ (अ.ि.) को फाऱ फच्चों िमेत जऱा दे ने का

मन्िफ
ू ा

तफीफे हहन्दी से गुफ़्तुगू िे फाद इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िा आभ शोहया हो

गमा औय रोगों िे ़ुरफ


ू ऩहरे से ज़्मादा आऩिी तयफ़ भाएर हो गमे। दोस्त औय

दश्ु भन आऩिे इल्भी िभारात िा ज़ज़क्र ियने रगे। मह दे ख िय भन्सयू िे हदर

भें आग रग गई औय वह अऩनी शयायत िे त़ाज़ों से भजफयू हो िय मह भन्सफ


ू ा

फनाने रगा कि अफ जल्द से जल्द इन्हें हराि िय दे ना चाहहमे। चन


ु ान्चे उसने

ज़ाहहयी ़द्रों भन्ज़ेरत िे साथ आऩिो भदीना यवाना िय िे हाकिभे भदीना हुसन

बफन ज़ैद िो हुक्भ हदमा ‘‘ अन अहय़ जाफ़य बफन भोहम्भद फ़ी दायाह ’’ इभाभ

जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िो फार फच्चों सभैत घय िे अन्दय जरा हदमा जाए। मह

हुक्भ ऩा िय वालरमे भदीना चन्द ान्ु डों िे ज़रयमे से यात िे वक़्त जफ कि सफ

707
भहवे ख़्वाफ थे, आऩिे भिान भें आग रगवा दी औय घय जरने रगा। आऩिे

असहाफ अगयचे उसे फझ


ु ाने िी ऩयू ी िोलशश िय यहे थे रेकिन आग फझ
ु ने िो न

आती थी। बफर आखखय


ु़ आऩ उन्हीॊ शोरों भें िहते हुए कि ‘‘ अना इब्ने ईया़ अर

शयआ, अना इब्ने इब्राहीभ अर ऽरीर ’’ ऐ आग भैं वह हूॉ ज़जसिे आफाव अजदाद

ज़भीनों आसभान िी फनु नमादों िे सफफ हैं औय भैं ऽरीरे ऽुदा इब्राहीभ नफी िा

फ़यज़न्द हूॉ। ननिर ऩड़े औय अऩनी अफा िे दाभन से आग फझ


ु ा दी। (तज़कियतुर

भासूभीन ऩष्ृ ठ 181 फ हवारा उसूरे िाफ़ी आ़ा ए ़ुरैनी अय यहभा)

147 हहजरी में मन्िरू का हज और इमाम जाफरे िाहदक़ (अ.ि.) के

क़त्ऱ का अज़म बफऱ जज़म

अल्राभा लशब्रॊजी औय अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई य़भ तयाज़ हैं कि

147 हहजयी भें भन्सयू हज िो गमा। उसे चॊकू ि इभाभ (अ.स.) िे दश्ु भनों िी तयफ़

से फयाफय मह ऽफय दी जा चकु ि थी कि इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) तेयी

भऽ
ु ारेफ़त ियते यहते हैं औय तेयी हुिूभत िा तख़्ता ऩरटने िी िोलशश भें हैं।

रेहाज़ा उसने हज से फ़याात िे फाद भदीने िा ़स्द किमा औय वहाॊ ऩहुॉच िय

अऩने ऽास हभददक ‘‘ यफी ’’ से िहा कि जाफ़य बफन भोहम्भद िो फर


ु वा दो। यफी

ने वामदे िे फ वजूद टार भटोर िी। उसने कपय दस


ू ये हदन सख़्ती िे साथ िहा

कि उन्हें फर
ु वा। भैं िहता हूॉ कि ऽद
ु ा भझ
ु े ़त्र िये अगय भैं उन्हें ़त्र न िय

सिॉू । यफी ने इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हो िय अज़क कि

708
भौरा ! आऩिो भन्सयू फर
ु ा यहा है औय उसिे तेवय फहुत ऽयाफ हैं। भझ
ु े म़ीन है

कि वह इस भर
ु ा़ात से आऩिो ़त्र िय दे गा। हज़यत ने फ़यभामा, ‘‘ रा हौरा

वरा ़ुव्वता इल्रा बफल्राहहर अरी उर अज़ीभ ’’ मह इस दफ़ा न भज़ु म्िन है ।

ायज़ कि यफी हज़यत िो रे िय हाज़ज़ये दयफाय हुआ। भन्सयू िी नज़य जैसे ही

आऩ ऩय ऩड़ी तो आग फफर
ू ा हो िय फोरा, ‘‘ मा अद ू अल्राह ’’ ऐ दश्ु भने ऽुदा

तुभिो अहरे ईया़ इभाभ भानते हैं औय तुम्हें ज़िात अम्वार वाैया दे ते हैं औय

भेयी तयफ़ उनिा िोई ध्मान नहीॊ। माद यखो, भैं आज तुम्हें ़त्र िय िे छोड़ूगा

औय इसिे लरमे भैंने ़सभ खा री है । मह यॊ ग दे ख िय इभाभ जाफ़ये साहद़

(अ.स.) ने इयशाद फ़यभामा। ऐ अभीय, जनाफे सर


ु ेभान (अ.स.) िो अज़ीभ

सरतनत दी गई तो उन्होंने शक्र


ु किमा। जनाफे अय्मफ
ू िो फरा भें भज़ु ब्तरा किमा

गमा तो उन्होंने सब्र किमा। जनाफे मस


ू फ़
ु ऩय ज़ुल्भ किमा गमा तो उन्होंने ज़ालरभों

िो भाफ़ िय हदमा। ऐ फादशाह मे सफ अज़म्फमा थे औय उन्हीॊ िी तयफ़ तेया नसफ

बी ऩहुॉचता है तझ
ु े तो उनिी ऩैयवी राज़ज़भ है मह सन
ु िय उसिा ास्
ु सा ठॊ डा हो

गमा। (नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 132, भतारेफस
ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 276)

हज़रत इमाम जाफरे िाहदक़ (अ.ि.) की दरफारे मन्िरू में िातवीॊ फार

तऱफी

147 हहजयी भें हज से फ़याात िे फाद जफ भन्सयू अऩने दारूर खखराफ़ा


ु़ भें

ऩहुॉचा तो भश
ु ीयों ने भौ़े से इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िा ज़ज़क्र छे ड़ा। भन्सयू

709
जो इसी दौयान भें उनसे लभर िय आमा था उसने फ़ौयन हुक्भ दे हदमा कि इभाभ

जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी तरफी िी जाम औय उन्हें फर


ु ा िय भेये साभने दयफाय

भें ऩेश किमा जाम। दावत नाभा चरा गमा औय इभाभ (अ.स.) भदीने से चर िय

दयफाय भें उस वक़्त ऩहुॉचे जफ उसे एि भक्खी सता यही थी औय वह उसे फाय फाय

हिॊ ा यहा था। वह भॊह


ु ऩय फैठी थी औय भन्सयू उसे दफ़ा ियता था रेकिन वह

फाज़ न आती थी। भन्सयू इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी तयफ़ भत


ु ावज्जे हो िय

फोरा, कि ज़या मह फताइमे कि ऽुदा ने भक्खी िो क्मों ऩैदा किमा है? हज़यत ने

फ़यभामा ! ‘‘ रैज़र फेही अर जब्फायता ’’ कि ऽद


ु ा ने भक्खी इस लरमे ऩैदा िी है

कि उसिे ज़रयमे से जाबफयों िो ज़रीर िये व सय िशों िा सय झि


ु ामे। (नूरूर

अफसाय, ऩष्ृ ठ 144, भनाक़फ इब्ने शहये आशोफ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 40)

इमाम जाफरे िाहदक़ (अ.ि.) और दरफार के िेर

एि हदन िा ज़ज़क्र है कि भन्सयू ने फाफर


ु से सत्तय जादग
ू यों िो फर
ु ा िय दयफाय

भें फैठामे हुए था औय उनसे िह हदमा था कि भैं अऩ्यीफ अऩने एि दश्ु भन िो

फर
ु ाने वारा हूॉ वह जफ महाॊ ऩय आमे तो तुभ उसिे साथ िोई ऐसा ियतफ ियना

ज़जससे वह ज़रीर हो जाम। वहाॊ ऩहुॉच िय अऩने दे खा कि सत्तय भसनवी शेय

दयफाय भें फैठे हुए हैं। आऩिो ास्


ु सा आ गमा औय आऩने उन शेयों िी तयफ़

भत
ु व्वजे हो िय िहा कि अऩने फनाने वारों िो ननगर रो। वह ऩरी शेय िी

710
तस्वीयें भज
ु स्सभ हुईं औय उन्होंने सफ जादग
ू यों िो ननगर लरमा। मह दे ख िय

भन्सयू िाॊऩने रगा, कपय थोड़ी दे य िे फाद फोरा, ऐ इब्ने यसर


ू अल्राह (अ.स.)

इन शेयों िो हुक्भ दीज़जमे कि इन जादग


ू यों िो उगर दें । आऩने फ़यभामा मह नहीॊ

हो सिता। अगय असाए भस


ू ा ने साॊऩों िो उगर हदमा होता तो म़ीन है कि मह

बी उगर दे ते। (दभए सािेफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 513 फा हवारा ए शयह शाकफ़मा अफी फ़ायस)

इमाम जाफर िाहदक़ (अ.ि.) को दरफार में क़त्ऱ फ़कये जाने का फन्दो

फस्त

अल्राभा दहय शती फ हवारा ए किताफ भशारयिो अनवाय अल्राभा तफयीसी

य़भ तयाज़ हैं कि भन्सयू अब्फासी जफ आऩिी रूहाननमत से आज़जज़ आ गमा

औय किसी भयतफा ़त्र ियने भें िाभमाफी न हालसर िय सिा तो उसने

सवालरमे अफ़याद तराश किमे जो िुछ जानते औय ऩहचानते ही न थे, बफल्िुर

अल्रढ़ औय िुन्दा ए ना तयाश थे। उसने भारो दौरत दे िय इस अम्र ऩय याज़ी

किमा कि जफ इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) िी तयफ़ इशाया किमा जाम तो वह

उन्हें ़त्र िय दें । प्रोग्राभ भयु त्तफ होने िे फाद यात िे वक़्त हज़यत इभाभ जाफ़ये

साहद़ (अ.स.) िो फर
ु ामा गमा। आऩ तशयीफ़ राए, हुक्भ था कि बफल्िुर तन्हा

तशयीफ़ रामें। आऩ अिेरे आमे। जफ आऩ दयफाय भें दाखखर


ु़ हुए औय उन रोगों

िी नज़ये आऩ ऩय ऩड़ीॊ जो तरवायें सत


ू े हुए खड़े थे तो वह सफ िे सफ तरवायें

पें ु़ि िय आऩिे ़दभों ऩय गगय ऩड़े। मह हार दे ख िय भन्सयू ने िहा, इब्ने

711
यसर
ू अल्राह आऩ यात िे वक़्त क्मों तशयीफ़ रामे हैं? आऩने फ़यभामा कि तूने

भझ
ु े गगयफ़्ताय िया िे भॊगवामा है, अफ िहता है क्मों आए हैं। उसने िहा भाअज़

अल्राह िहीॊ मह बी हो सिता है । आऩ तशयीफ़ तशयीफ़ रे जामें औय ़माभ गाह

भें आयाभ फ़यभामें। आऩ वाऩस चरे गमे। वहाॊ से भदीना तशयीफ़ रे गमे। इभाभ

(अ.स.) िे चरे जाने िे फाद उन रोगों से ऩछ


ू ा गमा कि तुभने खखराफ़
ु़ वयज़ी क्मों

िी औय उन्हें ़त्र क्मों नहीॊ किमा? उन्होंने जवाफ हदमा कि मह तो वह इभाभे

ज़भाना हैं जो हभायी शफो योज़ ऽफय गगयी ियता है औय हभेशा हभायी अऩने फच्चों

िी तयह ऩयवरयश ियते हैं। मह सन


ु िय भन्सयू डय गमा औय उसे ख़्मार हुआ कि

िहीॊ मह रोग भझ
ु से इसिा फदरा न रेने रगें इसी लरमे उन्हें यात ही भें यवाना

िय हदमा। ‘‘ सभ ़त्र बफर इसभा ’’ कपय आऩिो ज़हय से शहीद िया हदमा। (दभ

ए सािेफा ऩष्ृ ठ 481 ज़जल्द 2 प्रिालशत नजफ़) अल्राभा अयफरी िा िहना है कि

आऩिो ़ैद ऽाने भें ज़हय हदमा गमा। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 100) यवामात से भारभ

होता है कि आऩिो िई भयतफा ज़हय हदमा गमा। (जन्नातर


ु ऽर ू ऩष्ृ ठ 28) बफर
ु द

आखखय
ु़ आऩ इस आऽेयी ज़हय से शहीद हो गमे, जो अॊगयू िे ज़रयमे से हदमा गमा

था। (ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 268)

हज़रत इमाम जाफरे िाहदक़ (अ.ि.) की िहादत

उरेभा ए फ़यी़ैन िा इत्तेफ़ा़ है कि फ तायीऽ 15 शव्वार 148 हहजयी 65

सार िी उम्र भें आऩने इस दाये फ़ानी से फ तयफ़े भल्


ु िे जावेदानी ये हरत फ़यभाई।

712
(इयशादे भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 413 आराभु वुया ऩष्ृ ठ 159 नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 132 भतारेफुस सूऊर

ऩष्ृ ठ 277) मौभे वफ़ात दोशम्फा था औय भ़ाभे दफ़्न जन्नतुर फ़ी है ।

अल्राभा इब्ने हजय अल्राभा लसब्ते इब्ने जौज़ी अल्राभा लशब्रन्जी

अल्राभा इब्ने तल्हा शाफ़ेई तहयीय फ़यभाते हैं कि ‘‘ भाता भस्भभ


ू न अय्माभर

भन्सयू ’’ भन्सयू िे ज़भाने भें आऩ ज़हय से शहीद हुए। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 121,

ााएतुर इख़्तेसाय ऩष्ृ ठ 62 सहा अर अऽफाय ऩष्ृ ठ 44, तज़किया ए ऽवासुर उम्भता, नूरूर

अफसाय ऩष्ृ ठ 133, अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 450)

उरेभा ए अहरे तशीम िा इत्तेफ़ा़ है कि आऩिो भन्सयू दवाऩी ने ज़हय

से शहीद ियामा था औय नभाज़ हज़यत इभाभ भस


ू ी ए िाज़ज़भ (अ.स.) ने ऩढ़ाई

थी। अल्राभा ़ुरैनी औय अल्राभा भजलरसी िा इयशाद है कि आऩिो ननहामत

़ीभती िफ़न हदमा गमा औय आऩिे भ़ाभे वफ़ात ऩय हय शफ चयाा जरामा

जाता यहा। (किताफ िाफ़ी व ज़जराउर उमून भजलरसी ऩष्ृ ठ 269)

आऩकी औऱाद

आऩिी भख़्
ु तलरफ़ फीफीमों से दस औरादें थीॊ ज़जनभें से सात रड़िे औय तीन

रड़किमाॊ थीॊ। रड़िों िे नाभ मह हैं। 1. जनाफे इस्भाईर, 2. हज़यत भस


ू ी ए

िाज़ज़भ (अ.स.), 3. अब्दल्


ु राह, 4. इस्हा़, 5. भोहम्भद, 6. अब्फास, 7. अरी,

औय रड़किमों िे नाभ मह हैं। 1. उम्भे फ़यवा, 2. असभा, 3. फ़ात्भा। (इयशाद व

713
ु ूद) अल्राभा लशब्रॊजी ने सात औराद तहयीय किमा है । ज़जन्भें लसफ़क
जन्नातुर ऽर

एि रड़िी िा हवारा हदमा है ज़जसिा नाभ उम्भे फ़यवा था। (नरू


ू र अफसाय ऩष्ृ ठ

133)

आऩिी ही औराद से ऽुल्फ़ा ए फ़ाज़त्भमा गुज़ये हैं ज़जनिी सरतनत 267

हहजयी से 567 हहजयी ति 270 सार ़ामभ यही। उनिी तादाद 14 थी।

फात्मी खुल्फा

भव
ु रयक ऽ एहसान उल्राह अब्फासी अऩनी तायीऽे इस्राभ िे ऩष्ृ ठ 422 भें लरखते

हैं कि तीसयी सदी हहजयी िे आऽीय भें एि फड़ी ज़फय दस्त सरतनत अरववमों िी

भारयफ भें ़ामभ हुई। फनू उभय्मा औय अब्फालसमों िे फाद हुदद


ू े आयाजी िे

हहसाफ से नीज़ इस एतेफाय से कि असे ति फादशाहत ़ामभ यही। अरवी

सरतनत तीसये दजे भें शभ


ु ाय होती है । फादाद से ऩनछचभ अन्दरस ति अरववमों

िी फादशाहत थी। िुछ हदनों ति शाभ, भक्िा औय भदीने भें बी अरववमों िा

ज़ोय था। सार बय ति ऽुत्फा ए फादाद भें भस


ु तलसय अरवी िा नाभ लरमा गमा।

अन्दरस ऐसी भस
ु तक़र औय ज़फय दस्त इस्राभी सरतनत असे ति अरववमों

िा एि सफ
ू ा यही।

सरातीने अरववमा फा एतेफाय ऽल्


ु फ़ा ए अब्फालसमा ज़्मादा ऩाफन्दे अहिाभे

शरयमा थे। रहो राफ से उनिो ऩयहे ज़ था। इस लरमे ईसाई भव


ु रयकऽों ने ताअस्सफ

िी बफना ऩय अरववमाॊ िो भत
ु ाअज़स्सफ लरखा है । 250 सौ फयस से िुछ ज़्मादा

714
असे ति मह ऽान दान ़ामभ यहा। चौदहवें फादशाह आज़द ऩय 567 हहजयी भें

इसिा ऽात्भा हुआ।

अल्राभा अरी है दय लरखते हैं कि मही सरातीने अरववमा ऽल्


ु फ़ा ए फ़ात्भीन िे

नाभ से भशहूय हैं। मह हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी नस्र से थे।

इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे फड़े साहफ ज़ादे जनाफे इस्भाईर अऩने वालरदे

भाज़जद िी ज़ज़न्दगी भें इन्ते़ार फ़यभा गमे थे भगय आऩिी शादी हो चि


ु ी थी

ज़जनसे उनिे फेटे हुसन


ै अर त़ी औय उनिे फेटे अब्दल्
ु राह अर भेहदी हुए जो

ऽल्
ु फ़ा ए फ़ात्भीन िे फज़
ु गु क थे। इसी वजह से इस ऽान दान िो इस्भाईलरमा

िहते हैं। अशना अशयी कफ़य़े िे रोग इन रोगों िो ‘‘ लशश इभाभी ’’ (छ: इभाभों

िो भानने वारे) बी िहते हैं क्मों कि मह रोग फायह इभाभों भें से लसफ़क 6 इभाभों

िो भानते हैं औय हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे फाद हज़यत इभाभ भस
ू ी

ए िाज़ज़भ (अ.स.) िो हुक्भे ऽुदा औय यसर


ू (स.अ.व.व.) िे खखराफ़
ु़ इभाभ नहीॊ

भानते फज़ल्ि जनाफे इस्भाईर िे फेटे भोहम्भद िो इभाभ भानते हैं औय इस अम्र

िे ़ामर हैं कि इभाभत जनाफे इस्भाईर ही िे औराद भें ़माभत ति यहे गी।

हहन्दस्
ु तान व ऩाकिस्तान िे ‘‘ लशमा फोहयों ’’ औय आाा ऽानी ऽोजों िा मही

भज़हफ है । भव
ु रयक ऽ ज़ाकिय हुसन
ै लरखते हैं कि 21 यफी उर अव्वर 297 हहजयी

भत
ु ाबफ़ 909 ई0 िो मह सरतनत ़ामभ हुई। इन्तेहाई उरूज िे ज़भाने िी

सरतनत फहये ज़ुल्भात से सहयाए शाभ ति औय फहये योभ से सहया ए अफ़यी़ा

715
ति पैर गई थी। भशरय़ फराहदउर जज़ाएय, तून्स, तयाफरीस, फय़ा, लभस्र,

शाभ, मभन जज़ीया ए स़ीरह औय फहये योभ िे फाज़ औय जज़ीया ए इसभें

शालभर थे फज़ल्ि फादाद व भस


ू र ति एि सार ति इनिे नाभ िा ऽत्ु फा ऩढ़ा

गमा। इन फादशाहों िो उरभ


ू व फ़नन
ू िा बी िभार शौ़ था। ऽुद बी फड़े

आलरभ व फ़ाज़ज़र थे। उन्होंने लभस्र भें हय क़स्भ िी ऐसी तयक़़्ी, यौऩ औय

यौशनी पैराई जो उन्हीॊ िे ज़भाने भें भऽसस


ू थी। ना इनसे ऩहरे लभस्र िो मह

हदन नसीफ हुआ था ना इनिे फाद हुआ। अस्टै रनरी रैन ऩोर लरखता है कि ‘‘

ऽानदाने फ़ाज़त्भमा िी दौरत व हशभत, शान व शौित औय नतजायत, फहये योभ

िी ऽुश हारी िा फाएस साबफत हुई। ’’ ज़ैर भें इस ऽान दान िे चौदह फादशाहों

िे भख़्
ु तसय हारात लरखते हैं।

1. जनाफे अफू भोहम्भद अफीद उल्राह उर भेहदी बफल्राह आऩ 260 हहजयी

भत
ु ाबफ़ 874 ई0 भें फाभ़
ु ाभ सल्भीह मा िूफ़ा ऩैदा हुए औय आऩने सरतनते

फ़ात्भीन िी फनु नमाद ़ामभ िी। 303 ई0 से 306 ई0 ति उन्होंने फनी फ़ात्भा

िो ऽायज़जमों िे हाथ से भहफ़ूज़ यखने िी ायज़ से ‘‘ ़ीयोवान ’’ िे ़यीफ एि

भज़फत
ू शहय औय भस्
ु तहिभ क़रा ताभीय ियामा औय उसिा नाभ ‘‘ भहदीमा ’’

यख िय कियदाय अर हुिूभत ़याय हदमा। ़ीरूवान औय तयाफस िो फ़तेह िय िे

लभस्र िी तयफ़ आए। मही ऽरीफ़ा भ़


ु तदय अब्फासी िी तयफ़ से ‘‘ भनू नस ऽाहदभ

’’ भ़
ु ाफरा िो आमा रेकिन िाभमाफी जनाफे अफीद उल्राह ही िो होई। आऩने

716
तभाभ भारयफे अ़सा (भयािू) िो भस
ु ख़्ऽय िय िे फ़ात्भी सरतनत भें शालभर

िय लरमा। भारयफे अ़सा िी फ़तह िे फाद आऩ इन्दरस फ़तेह ियने िी तदफीयें

िय यहे थे कि अजर आ गई। आऩने अऩनी सरतनत अऩनी हमात ही भें फहये

ज़ुल्भात औय जज़ाएय ऽारदात (िज़ीय) ति औय फहये योभ से सहयाए अज़ीभ

अफ़यी़ा ति फ़ैराई थी। आऩिी खखराफ़त


ु़ ज़फयदस्त औय भस्
ु तएदाना थी।

स्मत
ू ी ने लरखा है कि आऩने दाद गुस्तयी औय फ़य्माज़ी िे साथ सरतनत िी।

रोग आऩिी तयफ़ झि


ु े हुए थे। आऩिा अहदे जुरस
ू यफीउर अव्वर 297 हहजयी

था। आऩिी तायीऽे वफ़ात 15 यफी उर अव्वर 322 हहजयी भद्


ु दते सरतनत 24

सार भद्
ु दते उम्र 62 सार थी। आऩ शहये भहदीमा भें दफ़्न किए गए।

2. जनाफे अर ़ालसभ भोहम्भद नज़ाय ़ाएभ फेअभरयल्राह बफन भें हदी आऩिी

तायीऽे ववरादत भोहयक भ 280 हहजयी भत


ु ाबफ़ 893 ई0 तायीऽ जुरस
ू 15 यफी उर

अव्वर 322 हहजयी भद्


ु दते सरतनत 12 सार 7 भाह औय भद्
ु दते उम्र 54 सार

9 भाह थी। आऩ फड़े जॊग आज़भद


ू ह थे। अक्सय जॊगों भें ऽद
ु फ़ौज रे िय जामा

ियते थे।

लभस्टय अभीय अरी ने लरखा है कि मह ऩहरे फ़ात्भी ऽरीफ़ा हैं ज़जन्होंने

फहये योभ ऩय हुिूभत व ए़नतदाय हालसर ियने िी ायज़ से जहाज़ों िा एि ज़फय

दस्त फेड़ा तैय्माय किमा। 224 हहजयी भें भारयफ अ़सा िी फाावत फ़यो िी औय

‘‘ यीफ़ ’’ िे फनों इदयीस िो भत


ु ीम किमा। इटरी िे डािू फ़ात्भी ऽरीफ़ा िे

717
फन्दयगाहों ऩय रट
ू भाय िय जामा ियते थे। इसिे यद्दे अभर भें आऩिा लसऩह

साराय जन
ु फ
ू ी इटरी िो गीटा ति तायाज ियता हुआ शहय ‘‘ जनवा ’’ ति जा

ऩहुॉचा। इसने शहय िो फ़तेह िय िे फहुत से फालशन्दों िो गगयफ़्ताय िय लरमा।

जनवा भद्
ु दत दयाज़ ति ऽुल्फ़ा ए फ़ात्भीन िे ़ब्ज़े भें यहा। इनियवा (रोभ

फयीडी) िा एि हहस्सा बी ़ब्ज़े भें आ गमा। म़ीन है कि अगय आऩिी अऩनी

सरतनत भें फाावत न शरू


ु हो जाती तो आऩ ऩयू े भल्
ु ि ‘‘ इटरी ’’ िो फ़तेह िय

रेते। आऩिे इस फेड़े ने वाऩसी िे भौ़े ऩय ‘‘ सायडेना ’’ ऩय हभरा िय िे

कफ़यॊ गगमों िो फहुत सी लशिस्तें दीॊ कपय ़य़ीलसमा िा रूऽ किमा जो शाभ िे

साहहर ऩय वा़े है । महाॊ इसने अब्फालसमों िे जहाज़ िो जरा हदमा औय फहुत सा

भारे ानीभत रे िय ‘‘ भहहदमा ’’ िी तयफ़ भयजाअत िी। 333 हहजयी भें आऩिे

ऽाहदभ ‘‘ ज़ैदान ’’ ने इसिनदयमा फ़तेह िय लरमा। कपय अहरे स़लरमा ने

फाावत िी औय शाहे ़ुस्तुनतुननमा िे फेड़े िो अऩनी भद्द िे लरमे फर


ु ा लरमा।

स़लरमा िे फ़ात्भी गवयनय ने ़ेरा ‘‘ अफू असय ’’ औय ़ेरा ‘‘ फरत


ू ’’ फ़तेह

िय िे जय जन्नत िा भोहासेया िय लरमा औय आऩिे फेड़े ने रूभी फेड़े िो तफाह

िय डारा। आऩिे ज़भाने भें अफू मज़ीद खायजी ने फाावत िी जो भद्


ु दत दयाज़

ति जायी यही। इसी दौयान भें फआलभयल्राह ने फीभाय हो िय इन्ते़ार किमा।

3. जनाफे अफू ताहहय इस्भाईरी भन्सयू बफल्राह बफन अर ़ामभ आऩ 302

हहजयी भें फा भ़
ु ाभ ़ीरूवान ऩैदा हुए औय 13 शव्वार 334 हहजयी भें सरतनते

718
सॊबारी औय शव्वार 341 हहजयी भें वफ़ात ऩाई। भद्
ु दते सरतनत सात सार 16

मौभ थी। आऩिी उम्र 39 सार थी।

आऩ फड़े फहादयु , अक़्रभन्द, भस्


ु तइद, भस्
ु तक़र लभजाज़, ऽश
ु ऽल्
ु ़,

अदीफ रफीफ, शामय,भ़


ु रयक , फरीा औय ननहामत भज़ु न्तज़भ थे। आऩ ऩहरे से सोचे

फाैय ऽुत्फा शरू


ु ियते थे औय दरयमा िी यवानी िी तयह फमान ियते चरे जाते

थे। आऩिा ऐसी हारत भें फादशाह होतना कि अफू मज़ीद िी फाावत से तभाभ

भल्
ु ि भें ादय भचा हुआ था, साहहरे फहय िे चन्द़ेरा फन्द शहयों औय भहहदमा

(ऩाए तख़्त) िे लसवा िुछ बी ़ब्ज़े भें न यह गमा था। इन्दलरस िे उभवी

ऽरीफ़ा नालसय ने भारयफे अक़्सा ऩय ़ब्ज़ा िय लरमा था। सरतनत िा सॊबारना

औय अऩने तभाभ आफाई भल्


ु िों ऩय दोफायह ़ब्ज़ा िय रेना उन्ही िा िाभ था।

आऩने फादशाह होते ही अफू मज़ीद से ऐसी जॊग िी कि वह फद हवास हो िय

बागा। यफीउर अव्वर 335 हहजयी भें उन्होंने अफू मज़ीद िा तअक़्िुफ
ु़ किमा औय

उसे दफाते चरे गए। जॊगर बफमाफान चरे गए, ऩहाड़, वादी औय दरदरों िी िुछ

ऩयवाह न िी, महाॊ ति कि उसिे ऩीछे ‘‘ बफरासौदान ’’ िे ऐसे वीयाने भें ऩहुॉचे

जहाॊ ऩानी िी एि भश्ि एि अशयफ़ी िो लभरती थी। ायज़ कि सख़्त रड़ाई िे

फाद अफू मज़ीद भाया गमा।

साहे फे अख़्फाय अर ह़ाए़ख ़् लरखते हैं कि अफू मज़ीद भर


ु हद था। ऽुदा ने

उसिे शय से अहरे भारयफ िो ननजात हदमा दी। वह फहुत फड़ा ज़ालरभ था। इसी

719
फादशाहे भन्सयू ने फ भ़
ु ाभ ‘‘ फ़तेह ’’ भन्सरू यमा कि ताभीय िी औय इसिे गवनकय

‘‘ हसन ’’ ने शहय ‘‘ ये ओ ’’ िे वस्त भें भज़स्जद फनवाई।

4. जनाफे अफू तभी भोअज़रउद्दीन अल्राह बफन भन्सयू आऩ 11 यभज़ानर


भफ
ु ायि 313 हहजयी भें फ भ़
ु ाभ ‘‘ भहहदमा ’’ ऩैदा हुए। शव्वार 341 हहजयी भें

सरतनत सॊबारी। 15 यफीउर आखखय


ु़ 356 हहजयी िो ़ाहे या भें वफ़ात ऩाई। 23

सार 6 भाह हुिूभत िी, 45 सार 7 भाह आऩिी उम्र थी।

आऩ ननहामत ज़ैरयि औय फाहोश फादशाह थे। भऽ


ु ालरफ़ों ने बी आऩिो

फादशाह दाना, भस्


ु तइद, फहादयु , सऽी, भन
ु लसफ़, आहदर, ियीभउर एऽरा़,

साइन्स व फ़रसफ़े भें भाहहय, उरभ


ू व फ़नन
ू िा फड़ा भयु ब्फी, साहे फे अयाए अभयू

भम्रेित से आगाह, इल्भे नज


ु ूभ व हय्मत िा शाए़ व भाहहय लरखा है ।

उरभ
ू व फ़ुनन
ू िी ़द्र दानी िे रेहाज़ से फाज़ भोवये ऽों ने उन्हें भारयफ िा

‘‘ भाभन
ू ’’ लरखा है । भाअज़ िे अहदे हुिूभत भें शभ
ु ारी अफ़यी़ा ने आरा दजे

िी तहज़ीफ औय खश
ु ु़ हारी हालसर िी। रोग फ़ारयार
ु फारी औय ऽश
ु हारी भें

फसय ियते थे। फादशाह ने भल्


ु ि िे अन्दरूनी फ़साद औय हॊ गाभें सख़्ती से फ़यो

किए। इन्तेज़ाभ असरी उसर


ू िी फनु नमाद ऩय ़ाएभ किमा। तभाभ िाभों िे

वास्ते ़वाएद व ज़वाबफत भयु वत्तफ किए। अभन ़ाएभ यखने िे लरमे फ़ौज िे

साथ भरेलशमा बी ़याय हदमा। फ़ौज औय फेड़े िो अज़सये नव तयतीफ हदमा औय

नतजायत व सनत व हहयफ़त िो बी ऩयू ा फ़योा हदमा।

720
भव
ु रयक ऽ इब्ने ऽल्दन
ू ने लरखा है कि ‘‘ चॊकू ि भोइज़उद्दीन अल्राह नयभ

लभजाज़ औय यहभ हदर थे औय ऽद


ु ा ने एि अजीफ व ायीफ शऊय व लरमा़त

इनिो अता िी थी। वह सयदाय बी जो उनिे आफाओ अजदाद िे ऽन


ू िे प्मासे

थे वह चाहे हदर से ना हों रेकिन फा ज़ाहहय उस ऩय जान दे ते थे। भाअज़ उनिे

साथ अच्छा फयताव ियता था। ’’ (तायीऽे इस्राभ लभस्टय ज़ाकिय हुसैन ऩष्ृ ठ 116)

भव
ु रयक ऽ अब्फासी लरखते हैं सरतनत ने इसिे ज़भाने भें ऊरूज ऩिड़ा। लभस्र,

इस्िन्दरयमा, भक्िा औय भदीना तभाभ भ़


ु ाभात अब्फालसमों िे तसरूकफ़ से ननिर

िय उसिी सरतनत भें शालभर हुए। शाभ ऩय बी इसिा दऽर हो गमा। ़ाहे या

इसिा आफाद किमा हुआ शहय अफ ति लभस्र िा दारूर ऽेराफ़ा है । इस फादशाह

ने लभस्र िो अऩना दारूर ऽेराफ़ा ़याय हदमा औय कपय फयाफय सरतनते इस्भाईरा

िा मही दारूर ऽेराफ़ा यहा। (तायीऽे इस्राभ ऩष्ृ ठ 464) इन्दरस िे उभवी ऽरीफ़ा ‘‘

नालसयउद्दीन अल्राह ’’ ने एि ऐसा फड़ा नतजायती जहाज़ फनवामा कि इस वक़्त

ति दनु नमाॊ कि किसी सरतनत ने इतना फड़ा जहाज़ तैय्माय नहीॊ किमा था। इस

जहाज़ ने ‘‘ भाअज़द्
ु दीनउल्राह ’’ िे जहाज़ िो रट
ू लरमा तो आऩने एि ज़फय

दस्त फेड़ा तैय्माय िया िे इन्दलरस ऩय हभरा ियने िी ाज़क से यवाना िय हदमा।

उस फेड़े ने ‘‘ भयमह ’’ िी रॊगय गाह भें घस


ु िय तभाभ जहाज़ों िो फ़ॊू ि हदमा।

ऩहरे जहाज़ िो गगयफ़्ताय िय लरमा औय ऽुश्िी भें उताय िय ़त्र व ाायत गयी

िा फाज़ाय गयभ िय हदमा औय फहुत िुछ भारे ानीभत रे िय वाऩस ऩरटा।

721
इसिे फाद बी मह उभवी औय फ़ात्भी फादशाह आऩस भें रड़ िय आऩनी ़ुव्वत

ज़ामा ियते यहे , वयना ऐसे ज़फय दस्त थे कि अगय इनभे इत्तेहाद होता तो इस

वक़्त तभाभ मयू ोऩ िो फ़तेह िय रेना िोई फड़ी फात न थी। 347 हहजयी िे ऽत्भ

होते होते हुदद


ू े लभस्र से साहहर फहय उ़मानस
ू ति कपय तभाभ भभालरि ऩय

फ़ात्भी ऽरीफ़ा िा ़ब्जा ु़ हो गमा। 352 हहजयी भें रूलभमों से सख़्त रड़ाई हुई।

भस
ु रभानों ने फ़तेह ऩाई औय फहुत से रूभी गगयफ़्ताय िय लरमे गए। 351 हहजयी

से 352 ति जज़ीया ए स़लरमा से रूलभमों िी सरतनत बफल्िुर नीस्त व नाफद


िय दी गई। 359 हहजयी भें मयू ोऩ िी फ़ौजों ने जन


ु फ
ू ी इटरी िे भस
ु रभानों ऩय

चढ़ाई िी भगय सफ िोलशश फेसद


ू साबफत हुईं। 357 हहजयी भें अहरे लभस्र िी

दयख़्वास्त ऩय इनिी फ़रयमाद यसी ियने िे लरमे ‘‘ अफू अर हसन जौहय ’’ िो

एि राख से ज़्मादा सवाय औय फायह सौ से ज़्मादा भार िे सन्द़


ू दे िय लभस्र

िी तयफ़ यवाना िय हदमा। जौहय िो ऩयू ी िाभमाफी नसीफ हुई। ‘‘ शहय ़ाहहयमा

भाज़ज़मा ’’ िो आफाद ियिे दारूर हुिूभत फना हदमा। लभस्र से अब्फालसमों िा

लसक्िा औय ऽत्ु फा भौिूफ़ िय िे भाजरदै न उल्राह िे नाभ िा लसक्िा व ऽत्ु फा

जायी किमा। ‘‘ नभाज़ भें हय्मा अरा ऽैरयर अभर ’’ कपय से जायी किमा गमा

नभाज़ भें ‘‘ बफज़स्भज़ल्राह हहयक यहभान ननयक हीभ ’’ फा आवाज़े फर


ु न्द ऩढ़ने रगा औय

औय ऽुत्फे िे फाद ‘‘ अल्राह हुम्भा सल्रे अरा भोहम्भदे भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) व

अरा अरी भत
ु ज़
ुक ा (अ.स.) व अरा फ़ातेभतुर फत
ु ूर (अ.स.) व अरा अर हसन

722
(अ.स.) व अर हुसन
ै (अ.स.) लसब्ते यसर
ू अर रज़ी अजहफ अनल्राहा अन्हुभ

रयजस व तहय हुम्भा ततहीया व सल्रेअरा आइम्भतत


ु ताहे यीन अफनाआ अभीयर

भोभेनीन अरऽ ’’ ऩढ़ा जाने रगा औय अहरे फैत (अ.स.) िे फ़ज़ाएर फमान होने

रगे। इसिे फाद जौहय ने फादशाह िे हुक्भ से ‘‘ जाभए अज़हय ’’ ताभीय िी जो

इस वक़्त अहरे इस्राभ िी सफ से फड़ी मन


ू ीवसीटी है । 364 हहजयी भें ‘‘ ईदे

ादीय ’’ लभस्र भें ऩहरी फाय िभारे शान व शौित से भनाई गई।

जौहय ने लभस्र फ़तेह ियने िे फाद शाभ फ़तेह िय लरमा औय अब्फालसमों िा

ऽत्ु फा भौिूफ़ ियिे फ़ात्भी फादशाह िा ऽत्ु फा जायी िय हदमा। 363 हहजयी भें

भक्िा औय भदीना भें बी भाअज़ िे नाभ िा ऽुत्फा भस्


ु तक़र तौय ऩय जायी हो

गमा।

भव
ु रयक ऽ हफीफ उस लसमय ने लरखा है कि भाअज़ ने ऐसी अदारत औय

सऽावत िे साथ सरतनत िी कि इससे ज़्मादा ख़्मार भें नहीॊ आ सिती। ऩन्द्रह

हज़ाय ऊॉट औय दस हज़ाय ऽच्चय ज़य से रदे हुए अफ्री़ा से ़ाहे या रे िय आए।

उन्होंने ऽज़ान्ची िो हुक्भ दे यखा था कि वह हय योज़ चन्द सन्द़


ू ऩयु ज़य दयफाय

भें रा िय यखे। चन
ु ान्चे वह ऐसा ही ियता यहा। फादशाह िा हुक्भ था कि हय

भोहताज एि भठ्
ु ठी ज़य उस भें से रे रे। भ़यमज़ी ने लरखा है कि भाज़ िा

ऽुत्फा तभाभ भभालरिे भारयफ, लभस्र, शाभ, हे जाज़ औय फाज़ एया़ िे ईरा़ों भें

ऩढ़ा जाता था।

723
5. जनाफे अफू भन्सयू नज़ाय अज़ीज़ बफल्राह बफन भाअज़ आऩ 14 भोहयक भर

हयाभ िो भहहदमा भें ऩैदा हुए। 15 यफीउस्सानी 365 हहजयी भें तख़्त नशीॊ हुए

औय 28 यभज़ान 386 हहजयी भें इन्ते़ार िय गए। आऩिी सरतनत िी भद्


ु दत

21 सार 5 -6 भाह औय आऩिी उम्र 42 सार 8- 9 भाह थी।

आऩ जवाद, ियीभ, शज
ु ा, अ़ीर, हरीभ, साबफय, ऽुश इख़्रा़ औय

िसीरूर अफ़ू थे। दश


ु भन ऩय यहभ ियते थे औय उसे भार व ज़य दे ते थे। आऩ

आलरभ व फ़ाज़ज़र औय ज़फय दस्त अदीफ व शामय थे। आऩिे एि फ़यज़न्द िा

ईद िे हदन इन्ते़ार हो गमा तो आऩने चन्द अशआय िहे । ज़जनभें से वाज़े किमा

कि आरे भोहम्भद (अ.स.) हभेशा भसाएफ भें भज़ु ब्तरा यहे हैं। रोगों िी ईदें ऽुशी

भें गुज़यती हैं औय हभायी ईद भातभ भें। (मतीभुर अर दहय सारफी) आऩिो इभायतों

िी ताभीय िा फड़ा शौ़ था। लभस्र भें फहुत सी इभायतें आऩिी मादगाय हैं। आऩिे

अहद भें हभस, हभात, शैहज़य औय हरफ फ़तेह हो िय फ़ात्भी सरतनत भें शालभर

हुए। भस
ू र, भदाएन, िूफ़ा, अन्फाय वाैयह भें आऩिे नाभ िा ऽत्ु फा औय लसक्िा

जायी हुआ। मभन भे बी आऩिे नाभ िा ऽत्ु फा ऩढ़ा गमा। आऩिे अहद भें फ़ात्भी

सरतनत दरयमा ए फ़ुयात िे किनाये फहये ज़ुल्भात ति फ़ैरी हुई थी औय अयफ िा

तभाभ भायफी हहस्सा लभन्तहा ए मभन ति उसभें शालभर था। इन्दे लरस से फनी

उभय्मा ने जो फाज़ इरा़े भारयफ अ़सा िे दफा लरमे थे आऩने इन सफ िो

वावऩस रे लरमा औय 371 हहजयी भें इससे सफ रोगों िो फयतयफ़ िय हदमा।

724
अजदद
ु दौरा ववराफू मही से आऩने दोस्ताना भयास्रत जायी थी। आऩने 386

हहजयी भें वफ़ात ऩाई ज़जससे फ़ात्भी ऽर


ु फ़ा िी अज़भत व शौित िो फड़ा

नि
ु सान ऩहुॉचा। भोवेऽीन ने लरखा है कि इस फादशाह िे अहद भें रोगों िे हदन

ईद औय यात शफे फायात िी तयह गुज़य यहे थे।

6. अफू अरी भन्सयू हाकिभ फ अभय अल्राह बफन अज़ीज़ आऩ 23 यफीउर

अव्वर 375 हहजयी िो ़ाहे या भें ऩैदा हुए। 28 यभज़ान 386 हहजयी िो तख़्त

नशीन हुए। 27 शव्वार 411 हहजयी िो इन्ते़ार फ़यभामा। 25 सार 29 हदन

ति सरतनत िी औय 36 सार 7 भाह िी उम्र ऩाई। आऩ 11 सार िी उम्र भें

फादशाह हुए। भव
ु रयक ऽ अब्फासी ने लरखा है कि मह फड़ा भत
ु शयक ह फादशाह था।

उसने औयतों िे लरमे ऩदे भें सख़्ती िी, भस्


ु ियात िी ऽयीद फ़योख़्त फन्द िी।

उसिे वक़्त भे इन्तेज़ाभें शहय बी अच्छा था। ़ाहे या भें भज़स्जदे अज़हय इसी ने

फनवाई। (तायीऽे इस्राभ ऩष्ृ ठ 425) इब्ने जूरा़ ने लरखा है कि ऽरीफ़ा हाकिभ

सऽी, शज
ु ा, भन
ु लसफ़, आलरभ औय साहे फे ियाभत था। साहे फे हफीफ उस लसमय ने

लरखा है कि फादशाह आहदर औय ऽद


ु ा तयस था। उसने भदयसे फनवाए। उनिे

लरमे जागीय वक़्फ़ िी औय उनभें आलरभ व फ़़ीह भ़


ु यक य किए। हुक्भ था कि

ऽरीफ़ा िे वास्ते ज़भीन फोसी न िी जाए। न सराभ िे वक़्त हाथ चभ


ू ा जाए।

आभ इजाज़त थी कि ज़जसिा हदर चाहे फादशाह से लभर िय फयाहे यास्त लशिामत

ऩेश िये ।

725
मह ऽरीफ़ा आरा दजे िा है लसमत दाॊ था इसिी किताफ चाय ज़जल्दों भें थी।

27 शव्वार 411 हहजयी भें एि ऩहाड़ ऩय किसी दश्ु भन ने तन्हा ऩािय हराि िय

हदमा। लभस्टय अभीय अरी ने लरखा है कि हाकिभ फड़ी फ़य्माज़ी तन्दे ही से इल्भ

औय साईंस िी तयक़़्ी भें िोलशश ियते थे। शाभ औय लभस्र भें उन्होंने फहुत सी

भज़स्जदे , िालरज औय यसद ऽाने ताभीय ियाए।

7. जनाफे अफू अर हसन अरी ज़ाहहय रा अज़ाज़ दीन अल्राह बफन हाकिभ

आऩ 10 यभज़ान 395 हहजयी फभ़


ु ाभ ़ाहे या ऩैदा हुए। 4 ज़ी़ाद 411 हहजयी िो

तख़्त नशीन हुए। 15 शाफान 427 हहजयी िो फ़ौत हुए। 15 सार 10 भाह

सरतनत िी औय 22 सार िी उम्र ऩाई।

भव
ु रयक ऽ अब्फासी लरखते हैं कि मह फादशाह फड़ा नेि नाभ था। इसिी नेि

नाभी सन
ु िय अभाएद ऽुयासानी हज िय िे कपये , तो लभस्र होते हुए आए औय

वहाॊ से खखरअत
ु़ राए। भहभद
ू सफ
ु ़
ू ताीन िो इसिी ऽफय रग गई, उसने फ़ौयन

ऽरीफ़ा िो फादाद भवु त्तरा किमा। हुज्जाज लभस्र से आ िय अबी फादाद ऩहुॉचे ही

थे कि ऽरीफ़ा ने उनसे फाज़ ऩस


ु क िी औय उनिी खखरअत
ु़ जरा हदए। इससे

भारभ
ू होता है कि भहभद
ू िो बी फ़ात्भी ऽुरफ़ा से ऽौफ़ था औय महीॊ से मह बी

भारभ
ू होता है कि दमारभा भर
ु ि
ू ाज़नी सरजू़ी वाैया सफ ऽुरफ़ा फादाद िी

ऽानतय इस लरमे बी ियते थे कि फ़ात्भी ऽुरफ़ा से दफ


ू द ू भ़
ु ाफेरा ियने िो

भसारेहत िे खखराफ़
ु़ जानते थे। सरातीन अरवी िो ज़ोये फाज़ू िे अरावा वह जो

726
इज़्ज़ते ऽासो आभ नज़यों भें हालसर थी वह इन ाैय ़यशी अर नस्र सरातीन िे

लरमे फहुत ज़्मादा ऩये शान िुन थी। (तायीऽे इस्राभ ऩष्ृ ठ 425)

आऩने इस्भाईर भज़हफ िो िभारे यौऩ िे साथ यवाज हदमा। 418 हहजयी

भें ़ैसय से सर
ु ह हुई औय उसने अऩने भल्
ु भ भें जनाफ ज़ाहहय िा ऽुत्फा ऩढ़ने िी

भस
ु रभानों इजाज़त दे दी। िुस्ु़ तुनतुनमा भें भज़स्जद फनाई गई औय इसभें

भोअज़जु़ ़्ज़न भ़
ु यक य किमा गमा।

साहे फे हफीफ उस सैय लरखते हैं कि आऩ अऩने आफाओ अजदाद िी तयह

भन
ु लसफ़ औय नेि सीयत थे, साहफ यौज़तस
ु अर ऩष्ृ ठ िा फमान है कि जनाफे

ज़ाहहय िी फ़यते लसमासत औय िभारे िमासत िी वजह से तभाभ कफ़तने फ़यो हो

गए औय दीन दनु नमाॊ िे उभयू भस्


ु त़ीभ हो गए रेकिन आऩ ही िे अहद से

फ़ात्भी सरतनत िा इनहे तात (ज़वार) शरू


ु हो गमा।

8. जनाफे अफू तभीभ भाअद भस्


ु तनलसय फ अम्र अल्राह बफन ज़ाहहय आऩ

जभाहदउस्सानी 420 हहजयी भें फाभ़


ु ाभ ़ाहे या ऩैदा हुए। 15 शाफान 427 हहजयी

भें तख़्त नशीनी अभर भें आई। 18 ज़ज़रहहज िो आऩ िी वफ़ात हुई। 60 सार

4 भाह हुिूभत िय िे 67 सार िी उम्र भें दनु नमाॊ से ये हरत िी।

भव
ु रयक ऽ अब्फासी लरखते हैं कि ़ामभ बफल्राह अब्फासी ने वारी ए अफ़यी़ा

से साज़ज़श िय िे उनिो ऩ
ु सान ऩहुॉचाना चाहा रेकिन इसिी हहिभत िायगय न

हुई औय इसिे फदरे भें भस


ु तनसय िे इशाये से ‘‘ फसासीयी ’’ ने ़ाएभ िो फादाद

727
भें ़ैद िय िे सार बय ति भस्
ु तनसय िा नाभ फादाद िे ऽुत्फे भें ़ामभ यखा।

भस
ु तनसय िे अहद भें अब्फालसमों िा ऽातभा हो जाता रेकिन तोायर फेग ने आ

िय ‘‘ फसा सैयी ’’ िो भारफ


ू िय हदमा औय ़ामभ बफल्राह िो फड़े एज़ाज़ िे

साथ कपय तख़्त ऩय बफठा हदमा इसी सर


ु ोह भें अऩने लरमे रूिनि
ु दीन िा खखताफ
ु़

हालसर किमा। (तायीऽे इस्राभ ऩष्ृ ठ 426) 479 हहजयी भें ‘‘ हसन बफन सफाह ’’ जो

फाद भें नजरयमा इस्भाईरीमों िे ऩेशवा हुए, ताज़जयो िे लरफास भें भस


ु तनसय िे

ऩास आए। सात सार ति लभस्र भें यहे कपय भस


ु तनसय िी तयफ़ से ऽुयासान व

बफरादे अजभ दाई भ़


ु यक य हुए। हसन ने ऩहरे भख़्फ़ी तौय ऩय कपय एराननमा

बफरादे अजभ भें इस्भाईरी दावत फ़ैराना शरू


ु िय दी औय क़रों ऩय ़ब्ज़ा िय िे

हुिूभत ़ामभ िय री। रूख़्सत होते वक़्त उन्होंने भस्


ु तनसय से ऩछ
ू ा था कि

आऩिे फाद भेया इभाभ िौन है? भस


ु तनसय ने अऩने साहफज़ादे नजायु़ िो फतामा

था। जनाफे भस
ु तनसय िे तीन फेटे थे। 1. नज़ाय, 2. अहभद भस्
ु तम्री, 3.

भोहम्भद।

9. जनाफे अफर
ु ़ालसभ अहभद भस्
ु तम्री बफल्राह बफन भस्
ु तनसय आऩ 20

शाफान 467 हहजयी िो ऩैदा हुए। 18 ज़ज़रहहज 487 हहजयी िो फादशाह ़याय

ऩामे। 17 सफ़य 495 हहजयी िो 28 सार िी उम्र भें वफ़ात ऩाई भद्
ु दते सरतनत

7 सार 3 भाह थी।

728
अगय चे जनाफे भस्
ु तज़न्सय फ अभये अल्राह अऩनी ज़ज़न्दगी भें अऩने फड़े

फेटे जनाफे नज़ाय िो वरी अहद भ़


ु यक य किमा था भगय वज़ीये आज़भ अफ़ु़ज़र भें

औय उनभें आऩसी दश्ु भनी थी इस लरमे अफ़ज़र ने नज़ाय िो हटा िय जनाफे

अहभद िो भस्
ु तम्री िे ऱफ से ऽरीफ़ा फना हदमा। जनाफे नज़ाय औय अफ़ज़र

भें जॊग नछड़ गई। बफर आखखय


ु़ नज़ाय गगयफ़्ताय हो िय भस्
ु तभरी िे हवारे िय

हदमे गमे। नज़ायी इस्भाईरी िहते हैं कि जनाफे नज़ाय िे फ़यज़न्द हादी ़ैद से

ननिर िय बफरादे अजभ भें चरे गमे थे औय महाॊ जनाफे हादी से ‘‘ अर भौत ’’

िे इस्भाईरी इभाभ ऩैदा हुए। उस वक़्त से इस्भाईलरमों िे दो कफ़य़े हो गमे। एि

नज़ाय, मह जो जनाफे नज़ाय औय उनिी औराद िो इभाभे फयह़ भानता है वह

हसन बफन लसमाह िे भ़


ु ज़ल्रद औय हहन्द ऩाि िे आाा ऽानी ऽोजे हैं। दस
ू यी

वह जो भस्
ु तभरी औय उनिी औराद िो इभाभे फयह़ भानते हैं औय भस्त

अरववमा िहराते हैं। वह लशमा फोहये हैं।

10. अफू अरी भन्सयू अम्र फा अहिाभ अल्राह बफन भस्


ु तभरी आऩ 13

भोहयक भर
ु हयाभ 490 हहजयी भत
ु ाबफ़ 1096 ई0 िो ऩैदा हुए। 17 सफ़य 495

हहजयी िो तख़्त नशीन हुए औय 29 सार 8 भाह हुिूभत िय िे 34 सार िी उम्र

भें 3 ज़ी़ाद 524 हहजयी िो वफ़ात ऩा गमे। भव


ु रयक ऽ अब्फासी लरखते हैं कि इसिे

अहद भें लशभारी ईसाई से फड़ी रड़ाई हुई औय भस


ु रभान ाालरफ आमे। इन

लशभारी ईसाईमों िो अहरे कफ़यॊ ग लरखते हैं कि इस वक़्त भें शाभ भें एि

729
ऽानदान नज़ारयमा नाभ िा साहे फे हुिूभत हुआ औय चॊद भल्
ु ि अरववमों िे इस

ऽानदान िे ़ब्ज़े भें आ गमा। इसिी िोई औराद न थी इस लरमे अऩने चचा

हाकफ़ज़ िो उसने वरी अहद भ़


ु यक य किमा। (तायीऽे इस्राभ ऩष्ृ ठ 426) आऩने जवान

हो िय वज़ीये आज़भ अफ़ज़र िो ़त्र िय हदमा। आऩ ियीभ औय जवाद थे,

आऩिे ज़भाने भें आऩिी औय आऩिे भत


ु ाअल्रे़ीन िी िसयते जूदो अता से रोग

िभार ऐश व इत्भेनान भें फसय ियते थे। लभस्र भें िोई शख़्स ज़भाने मा इफ़रास

िा शािी नहीॊ लभरता था। आऩ हाकफ़ज़े ़ुयआन बी थे। नज़ारयमा कफ़य़े िे रोग

भस्
ु तअरीमों औय उनिे इभाभों से सख़्त दश्ु भनी यखते थे औय भद्
ु दत से जनाफे

आलभय िी ताि भें थे। एि हदन 425 हहजयी भें आऩिो हराि िय हदमा।

भस्तअरीमों (फोहयों) िा एते़ाद है कि जनाफे अम्र ने 2 सार चन्द भाह िे एि

साहफ ज़ादे अफर


ु ़ालसभ तय्मफ िो छोड़ िय इन्ते़ार किमा ा औय अऩने चचा

ज़ाद बाई अब्दर


ु भजीद भम्मन
ू बफन अफीर ़ालसभ भस्
ु तज़न्सय िो हाकफ़जद्दीन
ु ु़

अल्राह िे ऱफ से उनिा ननगयाॊ भ़


ु यक य किमा था कि खखराफ़ते
ु़ ज़ाहे रयमा िा

इन्तेज़ाभ ियें औय जफ तय्मफ राम़ हो जाम तो खखराफ़त


ु़ उनिे लसऩद
ु क िय दें

भगय दो सार िे फाद हाकफ़ज़ ऽुद ऽरीफ़ा फन गए औय जनाफे तय्मफ ने रूऩोशी

इख़्तेमाय िय री। इस अम्र िी ऽफय ऩहरे से इभाभ अम्र ने अऩने अिाबफय ‘‘

दाअता ’’ िो दे दी थी औय हुक्भ हदमा था कि शम्से इभाभत िे सतय भें जाने िा

वक़्त आ गमा है । जफ हाकफ़ज़ िी नज़य भें फ़़क दे खो उसी वक़्त भेये फ़यज़न्द िो

730
रे िय रूऩोशी इख़्तेमाय ियना औय ऐसा ही हुआ। अफ फोहये हज़यात उन इभाभ

तय्मफ िी नस्र दय नस्र इभाभ िा हय ज़भाने भें वजद


ू होना वाज़जफ जानते हैं

औय मही उनिा एते़ाद है । (तायीऽे इस्राभ लभस्टय ज़ाकिय हुसैन ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 126)

10. जनाफे अब्दर


ु भजीद भम्मन
ू हाकफ़ज़उद्दीन अल्राह आऩ भोहयक भ 467

हहजयी भें ऩैदा हुए। तीन ज़ज़़ाद 524 हहजयी िो तख़्त नशीन हुए औय 19 सार

7 भाह हुिूभत िय िे 77 सार िी उम्र भें 5 जभाहदर आखखय


ु़ 544 हहजयी िो

इन्ते़ार िय गमे। आऩ नज़य फन्दी भें फसय ियते थे। आऩिा वज़ीय अहभद िुर

उभयू े सरतनत ऩय हावी था मह अज़ीभ अशना अशयी था औय फ यवामत कियभानी

हाकफ़ज़ ने बी भज़हफे इसना अशअयी िा इज़हाय िय हदमा था। वज़ीय अहभद ने

फायहवें इभाभ भोहम्भद भेहदी (अ.स.) िे नाभ िा लसक्िा औय िुत्फा बी जायी िय

हदमा था। 15 भोहयक भ 526 हहजयी िो वज़ीय अहभद ़त्र िय हदमा गमा औय

544 हहजयी भें जनाफे हाकफ़ज़ िा इन्ते़ार हो गमा। आऩिी तभाभ उम्र वज़ीयों

िी हुिूभत भें गज़


ु यी जो वह चाहते िया रेत।े भ़ये ज़ी ने लरखा है कि हाकफ़ज़

भद
ु ज़ब्फय, लसमासत दाॊ, िसीरूर भद
ु ायात आरयफ़ औय इल्भे नजभ
ू भें शाए़ थे।

आऩ ऩय हहल्भ ाालरफ था। आऩिो ददे िूरजॊ िी लशिामत यहती थी। आऩिे

तफीफ ने एि तफर फन वामा था ज़जसिी आवाज़ से उन्हें फ़ाएदा ऩहुॉचा था।

हाकफ़ज़ िे फाद आऩिी हस्फे वसीअत आऩिे फेटे ‘‘ अफू भन्सयू इस्भाईर ’’

फादशाह हुए।

731
12. जनाफे अफू भन्सयू इस्भाईर ज़फ़य फाअम्रअल्राह बफन हाकफ़ज़ आऩ 5

यफीउस्सानी 527 हहजयी िो ऩैदा हुए औय 5 जभाहदउस्सानी 544 हहजयी िो तख़्त

नशीन हुए औय 4 सार 7 भाह हुिूभत िय िे 21 सार 9 भाह िी उम्र भें 15

भोहयक भर
ु हयाभ 549 हहजयी िो इन्ते़ार िय गए। आऩ ज़भाना हुिूभत भें फेफस

थे। वज़ीय फादशाही ियते थे। फाावतें, य़ाफतें साज़ज़शें औय कफ़य़ा फॊहदमाॊ फ़ैर

गईं थी। भोहयक भ 549 हहजयी भें आऩ ़त्र िय हदमे गए।

13. जनाफे अफू अर ़ालसभ ईसा फ़ाएज़ फ नस्रअल्राह बफन जाफ़य


ु़ आऩ 21

भोहयक भ 544 हहजयी भें ऩैदा हुए। 15 भोहयक भ 549 हहजयी िो तख़्त नशीन हुए

औय 6 सार 6 भाह फयाए नाभ हुिूभत िय िे 11 सार 6 भाह िी उम्र भें 15

यजफ 555 हहजयी िो इन्ते़ार िय गए।

भव
ु रयक ऽ अब्फासी लरखते हैं कि अहरे कफ़यॊ ग से इसिे वक़्त भें बी रड़ाई

यही। फेरादे ायफी ऩय अहरे कफ़यॊ ग िा जो ़ब्ज़ा हो चि


ु ा था वह भस
ु तहिभ हुआ

औय िुछ हहस्सा भल्


ु ि उसने वाऩस बी रे लरमा। (तायीऽे इस्राभ ऩष्ृ ठ 427) आऩ

तभाभ उम्र भज़क सयह भें भज़ु ब्तरा यहे ।

सारेह बफन ज़ैरयि उनिा वज़ीय था जो उस अहद भें दय अस्र फादशाही

ियता यहा था। वह फड़ा फ़ाज़ज़र सऽी था औय अहरे इल्भ से फड़ी भोहब्फत ियता

था। िानतफ, अदीफ औय आरा दजे िा शामय था। अज़रूए फ़ज़र व अ़र व

लसमासत व ततफीय अऩने ज़भाने िा सफ से फड़ा शख़्स था। शिर भें योफ दाय

732
लसतवत भें अज़ीभ था। नीज़ फड़ा ऩक्िा असना अशअयी था। खखराफ़ते
ु़ जनाफे

अभीय भें ज़फय दस्त किताफ लरखी। रोगों से भनाज़ये किए। वज़ीय होते ही लशमा

भज़हफ िा इज़हाय किमा। नेहामत ऽफ


ू ी से हुिूभत िी। आखखय
ु़ उम्र ति कफ़यॊ गगमों

से रड़ता यहा। तभाभ भभ


ु ालरि िे अहरे इल्भ इसिे ऩास आते दयु े भ़सद
ू से

दाभन बय िय वाऩस जाते थे।

अल्राभा भ़ये ज़ी (अरऽत्त ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 81) भें लरखा है कि सारेह बफन

ज़ैरयि अयभनी ़ौभ िे अस्ना अशयी भज़हफ िा एि फ़िीय था। एि हदन ज़्मायते

यौज़तर
ु अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िे लरमे नजफ़े अशयफ़ गमा। हज़यत ने उसी

शफ यौज़े िे ऽाहदभ ‘‘ सय्मद इब्ने भासभ


ू ’’ से ख़्वाफ भें फ़यभामा कि तरामा

बफन ज़यीि हभाये भहफफ


ू ों भें से हैं उससे िह दो कि वह लभस्र चरा जाए। भैंने उसे

लभस्र िा वारी फना हदमा है । सय्मद ने तराए िो फर


ु ा िय ख़्वाफ फमान किमा वह

फ़ौयन लभस्र ऩहुॉच िय सल्तनत िा भर


ु ाज़ज़भ हो गमा। कपय चन्द हदनों भें लभस्र
ु़
िा फादशाह हो गमा। इसिा असरी नाभ तरामा बफन जैरयि था। लभस्र भें िाये

नभ
ु ामा ियने िी वजह से इसिा खखताफ
ु़ ‘‘ भरि सारेह ’’ हो गमा।

(भोअज़ल्रफ़) भैं िहता हूॉ कि भ़ये ज़ी िे इस फमान से सय्मद इस्भाईर

शहीद दे हरवी िे इस फमान िी ताईद होती है ज़जसभें उन्होंने िहा है कि ‘‘ दनु नमाॊ

िे तभाभ फादशाहों िा त़यरूय औय तनज़्ज़ुर अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.)

ियते हैं ’’ भर
ु ाहे ज़ा हो भौसफ़
ू िी किताफ ‘‘ लसयातर भस्
ु त़ीभ ’’

733
14. अफू भोहम्भद अल्राह आज़रद्
ु दीन अल्राह बफन मस
ु फ़
ू बफन हाकफ़ज़ आऩ

20 भोहयक भर
ु हयाभ 546 हहजयी भत
ु ाबफ़ 1151 िो ऩैदा हुए। 17 यजफ 555

हहजयी िो तख़्त नशीन हुए औय 11 सार 6 भाह फयाए नाभ हुिूभत िी औय 21

सार िी उम्र भें 10 भोहयक भर


ु हयाभ 567 हहजयी भें इन्ते़ार िय गए।

भव
ु रयक ऽ अब्फासी लरखते हैं कि इसिे अहद भें अहरे कफ़यॊ ग साहहर शय़ी व

ायफी से आते आते लभस्र ति ऩहुॉच गए औय लभस्र ऩय ़ाबफज़ हो गए। ाैय

भस
ु रभानों िा लभस्र ऩय ़ाबफज़ होना ‘‘ नरू
ू द्दीन भोहम्भद ’’ वारी शाभ िो फहुत

गयाॉ गुज़या। उसने लभसरयमों िी भद्द िे लरमे फ़ौज बेजी जो अहरे कफ़यॊ ग ऩय

ाालरफ आई। शालभमों ने अहरे कफ़यॊ ग िो ननिार फाहय िय हदमा रेकिन ऽुत्फे भें

आज़ज़द िे फजाए ‘‘ भस्तज़ी फाअल्राह ’’ अब्फासी िा नाभ दाखखर


ु़ िय हदमा।

इसी ज़भाने भें ‘‘ आज़ज़द ’’ बी भय गमा औय इसिे साथ ही सरातीने अरववमा

इस्भाईर िा ऽात्भा हो गमा औय फनू भेहदी िा नाभ लभट गमा। (तायीऽे इस्राभ

ऩष्ृ ठ 427)

आऩ 10 सार िी उम्र भें ऽरीफ़ा हुए। सारेह ने अऩनी फेटी उनसे ब्माह दी

औय सारेह तभाभ उभयू े सरतनत ऩय हावी यहा। भगय 19 यभज़ान 556 हहजयी

िो फेचाया ़त्र िय हदमा गमा। ऽरीफ़ा ए आज़द ने उसिी वफ़ात िे फाद अहरे

सन्
ु नत से एि शख़्स ‘‘ सराहुद्दीन मस
ू फ़
ु ’’ िो वज़ीय फना लरमा। उसने फेवफ़ाई

734
िी औय तभाभ उभयू े सरतनत ऩय हावी हो िय ऽरीफ़ा िो फे दऽर िय हदमा

औय लशमा ़ाज़ज़मों िो भाज़र


ू िय तभाभ भल्
ु ि भें शाफ़ई ़ाज़ी भ़
ु यक य किए। इस

वक़्त से भल्
ु िे लभस्र भें भज़हफे लशमा ऽत्भ होने रगा औय भज़हफे भारिी औय

शाफ़ई ज़ोय ऩिड़ने रगा। भोहयक भ 567 हहजयी भें सराहुद्दीन ने ऽरीफ़ा ए आज़द

ऽुत्फा बी लभस्र से फन्द िय िे भस्


ु तज़ी अब्फासी िा ऽुत्फा जायी िय हदमा।

ऽरीफ़ा आज़ज़दउद्दीन अल्राह ने आशयू भोहयक भ 567 हहजयी िो इन्ते़ार किमा।

आऩिी वफ़ात से सरतनते फ़ात्भीन िा लसताया जो भभ


ु ालरिे अफ़यी़ा व लभस्र भें

270 सार से चभि यहा था बफल्िुर ारू


ु फ हो गमा।

फ़ात्भी ऽुरफ़ा िे अहद भें जो फयितें लभस्र िो नसीफ हुई वह किसी फादशाह िे

अहद भें नहीॊ हुए। उरभ


ू फ़नन
ू नतजायत व हहयफ़त सफिो िभारे तयक़़्ी हुई।

शफ़ाऽाने, भदयसे, भज़स्जदें औय ये फ़ाह आभ िी दस


ू यी फेशभ
ु ाय इभायतें औय

औ़ाफ़ा भद्
ु दतों मादगाय हैं। ‘‘ लशमा मन
ु ीवलसकटी ’’ जाभए अज़हय इसी अहद िी

यहती दनु नमाॊ ति िे लरमे मादगाय है । एि राख तीस हज़ाय किस्भ िी 16 राख

किताफों िा िुतफ
ु ऽाना इसी अहद भें भयु त्तफ हुआ था। ........ जाभा भज़स्जदें

फनवाईं गईं थी। 1. जाभा अज़हय, 2. जाभा भाज़ज़मा, 3. जाभा नयू , 4. जाभा

हाकिभ जो अऩनी शान व शौित िे लरहाज़ से फड़ी ऩयु अज़भत थी। ............

उन्हीॊ िे अहद भें ़ाहे या िी ऽास इभायत हुसनै नमा (इभाभ फाड़ा) थी ज़जसभें

735
अय्माभे अज़ा भें भजालरस भन
ु अक़द िी जाती थीॊ ज़जनभें फादशाह औय ये आमा

सफ शयीि होते थे। (तायीऽे इस्राभ लभस्टय ज़ाकिय हुसैन ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 133)

-- -- -- -- -- -- -- -- -- -- --

1. मह अम्र ़ाबफरे ज़ज़क्र है कि खखराफ़ते


ु़ फ़ात्भीमा िे ऽत्भ होते ही जाभए

अज़हय भें लशमों िा दाऽरा भभनआ


ू ़याय दे हदमा गमा था ज़जसिा लसरलसरा

अफ ति फा़ी यहा रेकिन अहदे जभार अब्दर


ु नालसय भें डा0 शरतूत ने इस

भभ
ु ाननमत िो ऽत्भ ियिे लशमा कफ़़ह िी किताफें शयहे रभ
ु आ व तब्सेयतूर

भत
ु ारेभीन िो दाखखरे
ु़ ननसाफ िय हदमा।

अर ईज़ा इभाभ शय़ावी लरखते हैं कि ऽुल्फ़ा ए फनी उभय्मा 14 ऽुरफ़ा

ए फनी अब्फास 37 औय ऽुल्फ़ा ए फनी फ़ात्भा 15 थे औय वह मह बी लरखते हैं

कि फ़ात्भी ऽुल्फ़ा भें 650 हहजयी ति खखराफ़य


ु़ यही ‘‘ िाना मज़अन फ़ाए

हाफ़ेहुभ ऐरा अन मस भह
ू ारभ हुदा कपर आखखरूज़
ु़ ज़भान ’’ वह मह गुभान ियते

थे कि मह हुिूभत उन्हीॊ भें उस वक़्त ति यहे गी जफ ति ज़हुये ़ामभे आरे

भोहम्भद न होगा। उनिे ज़हुय िे फाद उसे उनिे लसऩद


ु क िय दे गें। (तोहफ़तर
ु नाज़ेयीन

फय हालशमा फ़तूह अर शाह वा़दी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 118 प्रिालशत लभस्र 1386 हहजयी) भेयी

नज़दीि इभाभ शय़ावी िा ऽुल्फ़ा ए फनी फ़ात्भा िी तादाद 15 फताना दरू


ु स्त

नहीॊ है । तभाभ िुतुफे भत


ु फया भें 14 ही िी तादाद है । भर
ु ाहे ज़ा हो नज़यह असना

अशअयीमा अल्राभा लभज़ाक भोहम्भद ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 213, तायीऽे भज़हहफ ऩष्ृ ठ

736
462 प्रिालशत िोएटा व तायीऽे इस्राभ व तयजुभा ए सरातीने इस्राभ रैननन

ऩोर ऩष्ृ ठ 89 प्रिालशत राहौय)

737
अफुऱ हिन हज़रत इमाम मूिा काजजम अ.ि

िाज़जभे
ु़ आरे भोहम्भद िे तहम्भर
ु ऩय न जा

हाकिभे ज़ालरभ मह जाने है दयो ज़हया हैं दे ख

दौरतो हशभत िे नशे भें ना इतना सय उठा

ऐ फनी अब्फास िे कपयऔन


ु़ मह भस
ू ा हैं दे ख

(साबफय थयमानी ‘‘ियाची ’’)

भऽज़ने जुम्रा फ़ुनन


ू आऩिा ़ल्फे यौशन

भादने जम्
ु रा उरभ
ू , आईनए प्रिालशत सरीभ

आस्ताने दये हज़यत िा अगय दे ख रे औज

सयू ते चखऱ् ऩमे फोसा, झि


ु े अयशे अज़ीभ

हज़रत इमाम मूिा काजजम (अ.ि.)

ऩैाम्फये इस्राभ यसर


ू े ियीभ हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) िे सातवें

जाॊनशीन, हभाये सातवें इभाभ औय लसरलसराए अस्भत िी नवीॊ िड़ी हैं। आऩिे

वालरद भाज़जद हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) थे औय आऩिी वारदा भाजदा

जनाफे हभीदा ऽातून जो फयफय मा इन्दलरस िी यहने वारी थीॊ। आऩिे

738
भत
ु ाअज़ल्ऱ हज़यत इभाभे फा़य (अ.स.) ने इयशाद फ़यभामा है कि आऩ दनु नमा भें

हभीदा औय आऽेयत भें भहभद


ू ा हैं।

(शवाहहद अर नफूवत ऩष्ृ ठ 186)

अल्राभा भोहम्भद यज़ा लरखते हैं कि आऩ साहे फे जभार िभार औय ननहामत

हदमानत दाय थीॊ।

(जेनातुर ऽर
ु ूद ऩष्ृ ठ 29)

अल्राभा भजलरसी िा िहना है कि वह हय ननसवानी आराईश से ऩाि थीॊ।

(ज़जराउर उमन
ू ऩष्ृ ठ 270)

अल्राभा शहय आशोफ लरखते हैं कि जनाफे हभीदा िे वालरद भाज़जद साएद

फसयी थे। हभीदा ऽातन


ू िी िुज़न्नमत रोरो (भोती) थी।

(भनाकिफ
ु़ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 76)

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) अऩने आफाओ अजदाद िी तयह इभाभ

भन्सस
ू आरभे ज़भाना अफ़ज़रे िाएनात थे। आऩ जभ
ु रा लसफ़ात हसना से बय

ऩयू थे, आऩ दनु नमा िी तभाभ ज़फाने जानते औय इल्भें ाैफ से आगाह थे। आऩिे

भत
ु ाअज़ल्ऱ इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.)

िे इल्भ, भाये फ़त िभार औय अफ़ज़रीमत भें वारयस व जाॊनशीन थे। आऩ दनु नमा

िे आबफदों भें से सफ से फड़े इफादत गुज़ाय सफ से फड़े आलरभ औय सफ से फड़े

सऽी थे। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 121) औय इब्ने तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि आऩ

फहुत फड़ी इज़्ज़त व ़द्र िे भालरि इभाभ औय इन्तेहाई शान व शौित िे

739
भज
ु तहहद थे। आऩिा इजतेहाद भें नज़ीय न था। आऩ इफादत व ताअत भें भशहूय

ज़भाना औय ियाभत भें भशहूये िामनात थे। उन चीज़ों भें आऩिी िोई लभसार न

लभरती थी। आऩ सायी यात रूिु व सज


ु द
ू औय ़माभ व ़मद
ू भें गज़
ु ायते औय

साया हदन सद़ा औय योज़े भें फसय ियते थे।

(भतारेफस
ु सऊ
ु र 308)

अल्राभा लशब्री लरखते हैं कि आऩ फहुत फड़ी ़द्र व भॊज़जरत


ु़ िे दनु नमा भें

भन्
ु फ़रयद इभाभ औय ज़फय दस्त हुज्जते ऽद
ु ा थे। नभाज़ों िी वजह से हभेशा सायी

यात जागते थे औय हदन बय योज़ा यखते थे। (अनवारूर अख़्फाय ऩष्ृ ठ 134)

अल्राभा इब्ने सफाा भालरिी लरखते हैं कि आऩ अऩने ज़भाने िे रोगों भें सफ

से ज़्मादा आबफद औय सफ से ज़्मादा इल्भ वारे औय सफ से ज़्मादा सऽी औय

फज़
ु ुगक नफ़्स थे। (फ़ुसूर भोहम्भद व अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 451)

अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते हैं कि आऩ आबफद तयीन अहरे ज़भाना

औय ियीभ तयीन अहरे आलरभ थे। आऩिे फ़ज़ाएर व ियाभात फे शभ


ु ाय हैं।

(यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 432)

किताफ यौज़तुर अहफाफ भें है कि आऩ व रूए ़द्र भॊज़जरत


ु़ फज़
ु ुगक तयीन अहरे

आलरभ थे औय अऩने ऩदये फज़


ु गु व
क ाय िी नस िे भत
ु ाबफ़ उनिे फाद वरी अभये

इभाभत हुमे।

740
आऩकी ववऱादत फ िआदत

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) फतायीऽ 7 सफ़रूर भज़
ु फ़्फ़य 128 हहजयी

भत
ु ाबफ़ 10 नवम्फय 745 ई0 मौभे शम्फा फ भ़
ु ाभ अफवा जो भक्िा व भदीने

िे फीच वा़े है ऩैदा हुए।

(अनवाये नोभाननमा ऩष्ृ ठ 126 व आराभुर वया ऩष्ृ ठ 171 व ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 269 व

शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 192 यौज़तुर शौहदा ऩष्ृ ठ 436)

अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि ऩैदा होते ही आऩने हाथों िो ज़भीन

ऩय टे ि िय आसभान िी तयफ़ रूऽ किमा औय िरभाए शहादतैन ज़फान ऩय जायी

फ़यभामा। आऩने मह अभर बफरिुर उसी तयह किमा ज़जस तयह हज़यत यसर
ू े ऽुदा

स. ने ववरादत िे फाद किमा था। आऩिे दाहहने फाज़ू ऩय ‘‘ िरभाए तम्भत

िल्भता यब्फेिा सद़ा व अदरन ’’ लरखा हुआ था। आऩ इल्भे अव्वरीन व

आऽेयीन से फहयावय भत
ु ावज़ल्रद हुए थे। आऩिी ववरादत से हज़यत इभाभ जाफ़ये

साहद़ (अ.स.) िो फे हद भसयक त हुई थी आऩने भदीना जा िय अहरे भदीना िो

दावते ताअभ दी थी। (ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 270) आऩ दीगय आइम्भा िी तयह

भऽतून औय नाफ़ फयु ीदा भत


ु ावज़ल्रद हुमे थे।

741
इस्मे गगरामी कुजन्नयत, अल्क़ाफ

आऩिे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने ऽुदा वन्दे आरभ

िे भअ
ु य्मन िदाक नाभ भस
ू ा से भौसभ
ू किमा। अल्राभा भोहम्भद यज़ा लरखते हैं

कि भस
ू ा ़ब्ती रफ़्ज़ है औय ‘‘ भू ’’ औय ‘‘ सी ’’ से भयु क्िफ है । भू िे भानी

ऩानी आय सी िे भानी दयख़्त है । इस नाभ से सफ से ऩहरे हज़यत िरीभ अल्राह

भौसभ
ू किमे गमे थे औय इसिी वजह मह थी कि ऽौफ़े कपयऔन
ु़ से भादये भस
ू ा ने

आऩिो उस सन्द़
ू भें यख िय दरयमा भें फहामा था जो ‘‘हफीफ नजाय’’ िा

फनामा हुआ था औय फाद भें ताफत


ू े सिीना ़याय ऩामा तो वह सन्दि
ू फह िय

कपयऔन
ु़ औय जफाने आलसमा ति ऩानी िे ज़रयमे से उन दयख़्तों से टियाता हुआ

जो ऽास फाा भें थे ऩहुॉचा था रेहाज़ा ऩानी औय दयख़्त िे सफफ से उनिा नाभ

भस
ू ा ़याय ऩामा था। (जन्नातुर ऽर
ु ूद ऩष्ृ ठ 29) आऩिी िुज़न्नमत अफर
ु हसन, अफू

इब्राहीभ, अफु अरी, अफु अब्दल्


ु राह थी औय आऩिे अल़्ाफ िाज़जभ,
ु़ अब्दे सारेह,

नफ़्से ज़किमा, साबफय, अभीन, फाफर


ु हवाएज वाैयह थे। शोहयते आम्भा िाज़जभ
ु़

िो है औय उसिी वजह मह है कि आऩ फद सर
ु ि
ू िे साथ एहसान ियते औय

सताने वारे िो भाफ़ फ़यभाते औय ास्


ु से िो ऩी जाते थे। फड़े हरीभ फद
ु क फाय औय

अऩने ऩय ज़ुल्भ ियने वारे िो भाफ़ िय हदमा ियते थे।

(भतारेफस
ु सऊ
ु र ऩष्ृ ठ 273, शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 192, यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 432, तायीऽे

ऽभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 32)

742
ऱक़्फ फाफुऱ हवाएज की वजह

अल्राभा इब्ने तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि िसयते इफादत िी वजह से अब्दे

सारेह औय ऽुदा से हाजत तरफ ियने िे ज़रयमे होने िी वजह से आऩिो फाफर

हवाएज िहा जाता है । िोई बी हाजत हो जफ आऩिे वास्ते से तरफ िी जाती थी

तो ज़रूय ऩयू ी होती थी। भर


ु ाहे ज़ा हो। (भतारेफर
ु सऊ
ु र ऩष्ृ ठ 278, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ

131) फ़ाज़जर
ु़ भाअसय अल्राभा अरी है दय य़भ तयाज़ हैं कि हज़यत िा ऱफ

फाफे ़ज़ा अर हवाएज मानी हाजतें ऩयू ी हाने िा दयवाज़ा बी था। हज़यत िी

ज़जन्दगी
ु़ भें तो हाजतें आऩिे तवस्सर
ु से ऩयू ी होती ही थीॊ शहादत िे फाद बी मह

लसरलसरा जायी ही यहा औय अफ बी है । (अऽफाय ऩामननमय इराहाफाद भोअये ऽा

10 अगस्त 1928 ई0 भें ज़ेये उन्वान इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे यौज़े ऩय एि

अन्धे िो फीनाई लभर गई। ऽफय शामा हुई है ज़जसिा तयजभ


ु ा मह है कि हार ही

भें यौज़ा ए िाज़भैन शयीफ़ ऩय जो शहय फादाद से फाहय है एि भोजेज़ा ज़ाहहय

हुआ है कि एि अन्धा औय फढ़
ू ा सैय्मद ननहामत भफ़
ु लरसी िी हारत भें यौज़े

शयीफ़ िे अन्दय दाखखर


ु़ हुआ औय जैसे ही उसने इभाभ भस
ू ी ए िाज़जभ
ु़ (अ.स.)

िी यौज़े िी ज़यीहे अ़दस िो हाथ से भस किमा वह फ़ौयन गचल्राता हुआ फाहय

िी तयफ़ दौड़ा भझ
ु े फीनाई लभर गई भैं दे खने रगा हूॉ इस ऩय रोगों िा फड़ा हुजभ

जभा हो गमा औय अिसय रोग इसिे िऩड़े तफरूकि िे तौय ऩय छीन झऩट िय रे

743
गए। इसिो तीन दफ़ा िऩड़े ऩहनाए गमे औय हय दफ़ा वह िऩड़े टुिड़े हो गमे।

आखखय
ु़ यौज़ाए शयीफ़ िे ऽद्
ु दाभ ने इस ख़्मार से कि िहीॊ इस फढ़
ू े सैय्मद िे

ज़जस्भ िो ऩ
ु सान न ऩहुॉचे इसिो उसिे घय ऩहुॉचा हदमा। इसिा फमान है कि भैं

फादाद िे अस्ऩतार भें अऩनी आॉख िा इराज िया यहा था बफर आखखय
ु़ सफ

डाॉक्टयों ने मह िह िय भझ
ु े अस्ऩतार से ननिार हदमा कि तेया भजऱ् रा इराज

हो गमा है अफ इसिा इराज ना भज़ु म्िन है । तफ भैं भामस


ू हो िय यौज़ा ए

अ़दस इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ऩय आमा महाॊ आऩिे वसीरे से ऽुदा से दआ

िी ‘‘ फाये इराहा तझ
ु े इसी इभाभ भदफ़ून िा वास्ता भझ
ु े अज़सये नव फीनाई अता

िय दे । मह िह िय जैसे ही भैंने यौज़े िी ज़यी िो भस किमा भेयी आॉऽों िे

साभने यौशनी नभद


ू ान हुई औय आवाज़ आई जा तुझे कपय से यौशनी दे दी गई ’’

इस आवाज़ िे साथ ही भैं हय चीज़ िो दे खने रगा। (अऽफाय इऩ्ेराफ राहौय, अऽफाय

अहरे हदीस अभयतसय भोवरयक ऽा 24 अगस्त 1928 ई0)

अल्राभा इब्ने शहय आशोफ लरखते हैं कि ऽतीफ फादादी ने अऩनी तायीऽ भें

लरखा है कि जफ भझ
ु े िोई भज़ु श्िर दयऩेश होती है भैं इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.)

िे यौज़े ऩय चरा जाता हूॉ औय उनिी ़ब्र ऩय दोआ ियता हूॉ भेयी भज़ु श्िर हर हो

जाती है । (भनाक़फ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 125 प्रिालशत भुल्तान)

744
फादिाहाने वक़्त

आऩ 128 हहजयी भें भयवान अर हभाय उभवी िे अहद भें ऩैदा हुए। इसिे फाद

132 हहजयी भें ऩष्ृ ठ अब्फासी ऽरीफ़ा हुआ (अफुर कपदा)


ु़ 136 हहजयी भें भन्सयू

दवानी़ी अब्फासी ऽरीफ़ा फना (अफर


ु कपदा)
ु़ 158 हहजयी भें भहदी बफन भालरिे

सरतनत हुआ। (हफीफ अर लसमय 169 हहजयी भें हादी अब्फासी िी फै ैअत िी गई। (इब्ने

अरवयी) 170 भें हारून यशीद अब्फासी इब्ने भहदी ऽरीफ़ा ए वक़्त हुआ (अफर

कपदा)
ु़ 183 हहजयी भें हारून िे ज़हय दे ने से इभाभ (अ.स.) फ हारते भज़रभ
ू ी

़ैदऽाने भें शहीद हुए। (सवाए़े भोहये ़ा अऽफाय अर ऽर


ु फ़ा इब्ने याई)

निोनम
ु ा और तरफीअत

अल्राभा अरी ऩी लरखते हैं कि आऩिी उभय िे फीस फयस अऩने वालरदे

फज़
ु ुगव
क ाय हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे साए तयफीमत भें गुज़ये एि

तयफ़ ऽद
ु ा िे हदए हुए कपतयी
ु़ िभार िे जौहय दस
ू यी तयफ़ इस फाऩ िी तयबफमत

ज़जसने ऩैाम्फय िे फताए हुए भिाये भर


ु अख़्रा़ िी माद िो बर
ू ी हुई दनु नमाॉ भें

ऐसा ताज़ा िय हदमा कि उन्हें एि तयह से अऩना फना लरमा औय ज़जसिी बफना

ऩय लभल्रते जाफ़यी नाभ हो गमा। इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ने फचऩना औय

जवानी िा िाफ़ी हहस्सा इसी भ़


ु द्दस आगोश भें गुज़ाया महाॉ ति कि तभाभ

दनु नमा िे साभने आऩिे ज़ाती िभारात व फ़ज़ाएर यौशन हो गए औय इभाभ

745
जाफ़य साहद़ (अ.स.) ने अऩना जाॊ नशीन भ़
ु यक य फ़यभा हदमा। फावजूदे कि आऩिे

फड़े बाई बी भौजद


ू थे भगय ऽद
ु ा िी तयफ़ िा भन्सफ भीयास िा तयिा नहीॊ है

फज़ल्ि जाती
ु़ िभारात िो ढुॊढता है । लसरलसराए भासभ
ू ीन भें इभाभ जाफ़य साहद़

(अ.स.) भें फजाए फ़यज़न्दे अिफय िे इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी तयफ़

इभाभत िा भन्
ु तकिर
ु़ होना इसिा सफ
ु त
ू है कि लभमाये इभाभत भें नसफी ववयासत

िो भद्दे नज़य नहीॊ यखा गमा है ।

(सवानेह भूसा िाज़जभ


ु़ ऩष्ृ ठ 4)

आऩके फचऩन के फाज़ वाक़ेआत

मह भस
ु ल्रेभात से है कि नफी औय इभाभ तभाभ सराहहमतों से बय ऩयू

भोतवज़ल्रद होते हैं। जफ हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी उभय तीन सार

िी थी एि शख़्स ज़जसिा नाभ सफ़वान जम्भार था हज़यत इभाभ जाफ़य साहदि

(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़जय
ु़ हो िय भस्
ु तफ़लसय हुआ कि भौरा, आऩिे फाद

इभाभत िे फ़याएज़ िौन अदा िये गा आऩने इयशाद फ़यभामा ऐ सफ़वान ! तुभ

इसी जगह फैठो औय दे खते जाओ जो ऐसा फच्चा भेये घय से ननिरे ज़जसिी हय

फात भायफ़ते ऽद
ु ा से ऩयु हो औय आभ फच्चों िी तयह रहो रआफ न ियता हो,

सभझ रेना कि ऐनाने इभाभत इसी िे लरमे सज़ावाय है । इतने भें इभाभ भस
ू ा

िाज़जभ
ु़ (अ.स.) फियी िा एि फच्चा लरमे हुए फयाभद हुए औय फाहय आ िय

746
इससे िहने रगे् अऩने ऽुदा िा सजदा िय। मह दे ख िय इभाभ जाफ़ये साहद़

(अ.स.) ने उसे सीने से रगा लरमा। (तज़कियतर


ु भासभ
ू ीन ऩष्ृ ठ 192)

सफ़वान िहता है मह दे ख िय भैं ने इभाभ भस


ू ा (अ.स.) से िहा साहफ जादेु़ !

इस फच्चे िो िहहए िी भय जाए। आऩ ने इयशाद फ़यभामा कि वाए हो तुभ ऩय,

क्मा भौत व हमात भेये ही इख़्तेमाय भें है । (फेहारूर अनवाय ज़जल्द 11 ऩष्ृ ठ 266)

अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि इभाभ अफू हनीफ़ा एि हदन इभाभ जाफ़य

साहद़ (अ.स.) से भसाएरे दीनीमा दरयमाफ़्त ियने िे लरमे हसफे दस्तूय हाज़जय
ु़

हुए। इत्तेफ़ा़न आऩ आयाभ फ़यभा यहे थे। भौसफ़


ू इस इन्तेज़ाय भें फैठ गमे कि

आऩ फेदाय हों तो अजक भद्


ु दआ िरूॊ। इतने भें इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ज़जनिी

उम्र उस वक़्त ऩाॉच सार िी थी फयाभद हुए। इभाभ अफू हनीफ़ा ने उन्हें सराभ

िय िे िहा, ऐ साहफ ज़ादे फताओ कि इन्सान फ़ाएर भख़्


ु ताय है मा इनिे फ़ेर िा

ऽुदा फ़ाएर है? मह सन


ु िय आऩ ज़भीन ऩय दो ज़ानू फैठ गमे औय फ़यभाने रगे,

सन
ु ो ! फन्दों िे अफ़आर तीन हारतों से ऽारी नहीॊ, मा इनिे अफ़आर िा फ़ाएर

लसफ़क ऽद
ु ा है मा लसफ़क फन्दा है मा दोनों िी लशयित से अफ़आर वा़े होते हैं

अगय ऩहरी सयू त है तो ऽुदा िो फन्दे ऩय अज़ाफ िा ह़ नहीॊ, अगय तीसयी सयू त

है तो बी मह इन्साफ़ िे खखराफ़
ु़ है कि फन्दे िो सज़ा दे औय अऩने िो फचा रे

क्मो कि इयते़ाफ दोनों िी लशयित से हुआ है । अफ रा भोहारा दस


ू यी सयू त होगी

वह मह िी फन्दा ऽुदा फ़ाएर हो औय इयनत़ाफे ़फीह ऩय ऽुदा उसे सज़ा दे ।

747
(बफहारूर अनवाय ज़जल्द 11 ऩष्ृ ठ 185)

इभाभ अफू हनीफ़ा िहते हैं कि भैं ने उस साहफ ज़ादे िो इस तयह नभाज़ ऩढ़ते

हुए दे ख िय कि उनिे साभने से रोग फयाफय गुज़य यहे थे इभाभ जाफ़ये साहद़

(अ.स.) से अज़क किमा कि आऩ िे साहफ ज़ादे भस


ू ा िाज़जभ
ु़ नभाज़ ऩढ़ यहे थे औय

रोग उनिे साभने से गुज़य यहे थे। हज़यत ने इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो

आवाज़ दी, वह हाज़जय


ु़ हुए, आऩने फ़यभामा फेटा ! अफू हनीफ़ा क्मा िहते हैं उनिा

िहना है कि तभ
ु नभाज़ ऩढ़ यहे थे औय रोग तम्
ु हाये साभने से गज़
ु य यहे थे।

इभाभे भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ने अजक कि फाफा जान रोगों िे गुज़यने से नभाज़ ऩय

क्मा असय ऩड़ता है वह हभाये औय ऽुदा िे दयलभमान हाएर तो नहीॊ हुए थे क्मों

कि वह तो यगे जान से बी ज़्मादा ़यीफ है । मह सन


ु िय आऩने उन्हें गरे से

रगा लरमा औय फ़यभामा कि इस फच्चे िो असयाये शयीअत अता हो चि


ु े हैं।

(भनाक़फ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 69)

एि हदन अब्दल्
ु राह इब्ने भज़ु स्रभ औय अफू हनीफ़ा दोनो वारयदे भदीना हुए।

अब्दल्
ु राह ने िहा चरो इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) से भर
ु ा़ात ियें औय उनसे

िुछ इस्तेफ़ादा ियें । मह दोनों हज़यत िे दये दौरत ऩय हाज़जय


ु़ हुए। महाॉ ऩहुॉच िय

दे खा कि हज़यत िे भानने वारों िी बीड़ रगी हुई है । इतने भें इभाभ जाफ़ये

साहद़ (अ.स.) िे फजाए इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) फयाभद हुए। रोगो ने सयो

़द ताज़ीभ िी, अगयचे आऩ उस वक़्त फहुत ही िभ लसन थे रेकिन आऩने उरभ


748
िे दरयमा फहाना शरू
ु किमे। अब्दल्
ु राह वाैया ने जो आऩसे िुछ दयू ी ऩय थे आऩिे

़यीफ जाते हुए आऩिी इज़्ज़त व भॊज़जरत


ु़ िा आऩस भें तज़किया किमा। आखखय
ु़

भें इभाभ अफू हनीफ़ा ने िहा कि चरो भैं उन्हें उनिे लशमों िे साभने रूसवा औय

ज़रीर ियता हूॉ। भैं उनसे ऐसा सवार िरूगाॊ कि मह जवाफ न दे सिेंगे।

अब्दल्
ु राह ने िहा, मह तुम्हाया ख़्मारे ऽाभ है वह फ़यज़न्दे यसर
ू स. हैं। अर

ायज़ दोनों हाज़जये


ु़ खखदभत
ु़ हुए इभाभ अफू हनीफ़ा ने इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.)

से ऩछ
ू ा साहफ ज़ादे मह तो फताओ कि अगय तुम्हाये शहय भें िोई भस
ु ाकपय
ु़ आ

जाए औय उसे ़ज़ाए हाजत ियनी हो तो क्मा िये औय उसिे लरमे िौन सी

जगह भन
ु ालसफ होगी? हज़यत ने फयजस्ता फ़यभामा ! भस
ु ाकपय
ु़ िो चाहहमे कि

भिानों िी दीवायों िे ऩीछे छुऩे, हभसामों िी ननगाहों से फचे, नहयों िे किनायों से

ऩयहे ज़ िये ज़जन भ़


ु ाभात ऩय दयख़्तों िे पर गगयते हों उस जगह से ऩयहे ज़ िये ।

भिानों िे सहन से अरहदा, शाहयाहो औय यास्तों से अरग भज़स्जदों िो छोड़ िय,

ना किफरे
ु़ िी जाननफ भह
ु िये ना ऩीठ कपय अऩने िऩड़ों िो फचा िय जहाॉ चाहे

यफ़मे हाजत िये । मह सन


ु िय इभाभ अफू हनीफ़ा है यान यह गमे औय अब्दल्
ु राह

िहने रगे कि भैं न िहता था कि मह फ़यज़न्दे यसर


ू स. हैं इन्हें फचऩन ही भें हय

किस्भ
ु़ िा इल्भ हुआ ियता है ।

(बफहाय, भनाक़फ व एहनतजाज)

749
अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि एि हदन हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़

(अ.स.) भिान भें तशयीफ़ फ़यभा थे इतने भें आऩिे नयू े नज़य इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़

(अ.स.) िहीॊ फाहय से वाऩस आए। इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने फ़यभामा, फेटे

ज़या इस लभसये ऩय लभसया रगाओ। ‘‘तन्नहाि अन अऱफीह वर अभस्तोदा’’

आऩने फ़ौयन लभसया रगामा। ‘‘ वभन औलरमतन हसना फ़ज़दहा ’’ फयु ी फातों से

दयू यहो औय उनिा इयादा बी न ियो। ज़जसिे साथ बराई ियो बय ऩयू ियो। कपय

फ़यभामा इस ऩय लभसया रगाओ। ‘‘ सतऱी लभन अदि


ू ा िुर िैद ’’ आऩने

लभसया रगामा ‘‘ अज़ािा वर अदो परा तिदा ’’ तयजभ


ु ा 1. तभ
ु हाया दश्ु भन

हय किस्भ
ु़ िा भियो फ़ये फ िये गा, 2. जफ दश्ु भन भियो फ़ये फ िये तफ बी उसे

फयु ाई िे ़यीफ नहीॊ जाना चाहहमे।

(बफहारूर अनवाय ज़जल्द 11 ऩष्ृ ठ 36)

हज़रत इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.) की इमामत

148 हहजयी भें इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी शहादत हुई। उस वक़्त से

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) फाज़ाते ऽुद फ़याएज़े इभाभत िे ज़जम्भे
ु़ दाय

हुए। उस वक़्त सरतनते अब्फालसमा िे तख़्त ऩय भन्सयू दवानिी ु़ फादशाह था। मह

वही ज़ालरभ फादशाह था ज़जसिो हाथों रा तादाद सादात भजालरभ


ु़ िा ननशाना फन

चि
ु े थे। तरवाय िे घाट उताये गमे, दीवायों भें चन
ु वामे गमे मा ़ैद यखे गमे थे।

750
ऽुद इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे खखराफ़
ु़ तयह तयह िी साज़जशें
ु़ िी जा चि
ु ी

थीॊ औय भऽ
ु तलरफ़ सयू तों से तिरीफ़ें ऩहुॉचाई गई थीॊ। महाॉ ति कि भन्सयू ही िा

बेजा हुआ ज़हय था ज़जससे आऩ दनु नमा से से रूऽसत हुए थे। इन हारात भें

आऩिो अऩने जानशीन िे भत


ु ाअज़ल्ऱ मह ़तई अन्दे शा था कि हुिूभते वक़्त

उसे ज़जन्दा
ु़ न यहने दे गी। इस लरए आऩने आऽयी वक़्त एि एख़्रा़ी फोझ

हुिूभत िे िाॊधो ऩय यख दे ने िे लरमे मह सयू त एखखु़ ़्तमाय फ़यभाई कि अऩनी

जामदाद औय घय फाय िे इन्तेज़ाभात िे लरमे ऩाॉच शख़्सों िी एि जभाअत भ़


ु यक य

फ़यभाई। ज़जसभें ऩहरा शख़्स खद


ु ऽलरफ़ाए वक़्त भन्सयू अब्फासी था। इसिे

अरावा भोहम्भद बफन सर


ु भ
ै ान हाकिभे भदीना औय अब्दल्
ु राह अफ़ताह जो इभाभ

भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे लसन भें फड़े बाई थे औय हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़

(अ.स.) औय उनिी वारेदा भअ


ु ज़्ज़भा हभीदा ऽातून।

इभाभ (अ.स.) िा अन्दे शा बफल्िुर सही था औय आऩ िा तहफ़्फ़ुज़ बी िाभमाफ

साबफत हुआ। चन
ु ान्चे जफ हज़यत िी वफ़ात िी इत्तेरा भन्सयू िो ऩहुॉची तो उसने

ऩहरे तो लसमासी भसरेहत से इज़हाये यॊ ज किमा। तीन भयतफा ‘‘ इन्ना लरल्राहे व

इन्ना इरैहे याजेऊन ’’ िहा औय िहा अफ बरा जाफ़य िा लभस्र िौन है? इसिे

फाद हाकिभे भदीना िो लरखा कि अगय जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने किसी शख़्स िो

अऩना वसी भ़
ु यक य किमा हो तो उसिा सय ़रभ िय दो। हाकिभे भदीना ने

जवाफ भें लरखा कि उन्होंने तो ऩाॉच वसी भ़


ु यक य किमे हैं ज़जनभें से ऩहरे आऩ खुद

751
हैं। मह जवाफ सन
ु िय भन्सयू दे य ति ऽाभोश यहा औय सोचने िे फाद िहने

रगा कि इस सयू त भें तो मह रोग ़त्र नहीॊ किमे जा सिते। इस िे फाद दस

फयस भन्सयू ज़जन्दा


ु़ यहा रेकिन इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) से िोई ताअयरूज न

किमा औय आऩ भज़हफी फ़याएज़े इभाभत िी अन्जाभ दे ही भें अभनो सि


ु ू न िे

साथ भसरूफ़ यहे । मह बी था कि इस ज़भाने भें भन्सयू शहये फादाद िी ताभीय भें

भसरूफ़ था। ज़जससे 157 हहजयी मानी अऩनी भौत से लसफ़क एि सार ऩहरे

फ़याात हुई। इस लरमे वह इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे भत
ु ाअज़ल्ऱ किसी

ईज़ा यसानी िी तयफ़ भत


ु ावज्जेह नहीॊ हुआ। भगय इस अहद से ़ब्र वह सादात

िुशी भे िभार हदखा चि


ु ा था।

अल्राभा भ़ये ज़ी लरखते हैं कि भन्सयू िे ज़भाने भें फे इन्तेहा सादात शहीद

किमे गमे हैं औय जो फचे हैं वह वतन बाग गमे हैं। इन्हीॊ तायीिीने वतन भें

हालशभ बफन इब्राहीभ बफन इस्भाईर अर दीफाज बफन इब्राहीभ उभय बफनर
ु हसने

भस
ु न्ना इब्ने इभाभ हसन (अ.स.) बी थे। ज़जन्होने भल्
ु तान िे इरािो भें से ऽान

भें सि
ु ू नत इख़्तेमाय िय री थी।

(अर ननज़ा व अर तऽासभ ऩष्ृ ठ 74 प्रिालशत लभस्र)

158 हहजयी िे आखखय


ु़ भें भन्सयू दवाॊ़ी दनु नमा से रूऽसत हुआ औय उसिा

फेटा भेहदी तख़्ते सरतन्त ऩय फैठा। शरू


ु भें तो उसने बी इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़

(अ.स.) िे इज़्ज़तो एहतेयाभ िे खखराफ़


ु़ िोई फयताव नहीॊ किमा भगय चन्द सार

752
फाद कपय वही फनी फ़ात्भा िी भऽ
ु ारेफ़त िा जज़फा उबया औय 164 हहजयी भें

जफ वह हज िे नाभ से हहजाज़ िी तयफ़ गमा तो इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो
ु़
अऩने साथ भक्िे से फादाद रे गमा औय िैद िय हदमा। एि सार ति हज़यत

उसी ़ैद भें यहे । कपय उसिो अऩनी ारती िा एहसास हुआ औय हज़यत िो

भदीने िी तयफ़ वाऩसी िा भौ़ा हदमा गमा।

भेहदी िे फाद उसिा बाई हादी 169 हहजयी भें तख़्ते सरतन्त ऩय फैठा औय

कपय एि सार एि भाह ति उसने सरतन्त िी। उसिे फाद हारून नशीद िा

ज़भाना आमा ज़जसभें इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो आज़ादी िी साॊस रेना

नसीफ नहीॊ हुई।

(सवाने इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ ऩष्ृ ठ 5)

अल्राभा तफये सी तहयीय फ़यभाते हैं कि जफ आऩ दयजाए इभाभत ऩय फ़ाएज़ हुए

उस वक़्त आऩिी उम्र 20 सार िी थी।

(आराभुरवुया ऩष्ृ ठ 171)

हज़रत इमाम मूिा काजजम (अ.ि.) के फाज़ करामात

वाफ़कयाऐ िक़ीक़ फऱखी

अल्राभा भोहम्भद बफन तरहा शाफ़ेई लरखते हैं कि आऩिे ियाभात ऐसे हैं कि

इनिो दे ख िय अक़्रें चिया जाती हैं लभसार िे लरए भर


ु ाहे ज़ा हों 149 हहजयी भें

753
श़ी़ फरऽी हज िे लरमे गमे। इनिा फमान है कि जफ भ़
ु ाभे ़ादलसमा भें

ऩहुॉचा तो दे खा कि एि ननहामत ऽफ
ू सयू त जवान ज़जनिा यॊ ग साॊवरा (गन्दभ
ु ग)ॊू

था वह एि अज़ीभ भजभे भें तशयीफ़ फ़यभा हैं। ज़जस्भ उनिा ज़ईफ़ है वह अऩने

िऩड़ों िे ऊऩय एि िम्फर डारे हुए हैं औय ऩैयों भें जूनतमाॉ ऩहने हुए हैं। थोड़ी दे य

फाद वह भजभें से हट िय एि अराहे दा भ़ाभ ऩय जा िय फैठ गए भैंने हदर भें

सोचा कि मह सफ़
ू ी हैं औय रोगों ऩय ज़ादे याह िे लरमे फाय फनाना चाहते हैं भैं

अबी उसिो ऐसी तम्फीह िरूॊगा कि मह बी माद िये गा, ाजऱ् कि भैं इनिे ़यीफ

गमा। जैसे ही भैं उनिे ़यीफ ऩहुॉचा, वह फोरे ऐ, श़ी़ फदगभ


ु ानी भत किमा

ियो मह अच्छा शेवा नहीॊ है । इसिे फाद वह फ़ौयन उठ िय यवाना हो गमे। भैंने

ख़्मार किमा कि मह भाभरा क्मा है । उन्होंने भेया नाभ रे िय भझ


ु े भऽ
ु ानतफ

किमा औय भेये हदर िी फात जान री। इस वाकिए


ु़ से भैं इस नतीजे ऩय ऩहुॉचा कि

हो न हों मह िोई अब्दे सारेह हैं। फस मही सोच िय भैं उनिी तराश भें ननिरा

औय उनिा ऩीछा किमा, ख़्मार था कि वह लभर जाएॊ, भैं उनसे िुछ सवारात

िरूॊ, रेकिन न लभर सिे। इनिे चरे जाने िे फाद हभ रोग बी यवाना हो हुए।

चरते चरते जफ हभ वाहदए कपजा


ु़ ु़ भें ऩहुॉचे तो हभने दे खा कि वही जवान सारेह

महाॊ नभाज़ भें भशार


ू हैं औय उनिे आज़ा व जवाये फेद िी भाननन्द िाॉऩ ़् यहे हैं

औय उनिी आॉखों से आॉसू जायी हैं। भैं मह सोच िय उनिे ़यीफ गमा िी अफ

उनसे भाफ़ी तरफ िरूॉगा। जफ वह नभाज़ से फ़ारया हुए तो फोरे ऐ श़ी़ ऽुदा

754
िा ़ौर है कि जो तौफा ियता है भैं उसे फख़्श दे ता हूॉ। इसिे फाद कपय यवाना हो

गमे। अफ भेये हदर भें आमा कि म़ीनन मह फन्दाए आबफद िोई अफदार हैं, क्मों

कि दो फाया मह भेये इयादे से अऩनी वा़कपमत


ु़ ज़ाहहय िय चि
ु ा है । भैंने हय चन्द

कपय उनसे लभर ने िी सई िी रेकिन वह न लभर सिे। जफ भैं भॊज़जरे


ु़ जफारा

ऩय ऩहॉ ुचा तो दे खा कि वही जवान एि िुएॊ िी जगत ऩय फैठे हुए हैं, उसिे फाद

उन्होंने एि िूज़ा ननिार िय िुएॊ से ऩानी रेना चाहा, नागाह उनिे हाथ से िूज़ा

छूट िय िुऐॊ भें गगय गमा, भैंने दे खा कि िूज़ा गगयने िे फाद उन्होंने आसभान िी

तयफ़ भॉह
ु िय िे फायगाहे अहहदमत भें िहा भेये ऩारने वारे जफ भैं प्मासा होता हूॉ

तू ही सेयाफ ियता है औय बख
ू ा होता हूॉ तो तू ही खाना दे ता है, खुदामा ! इस िूज़े

िे अरावा भेये ऩास औय िोई फयतन नहीॊ है, भेये भालरि! भेया िूज़ा ऩयू आफ

फयाभद िय दे । उस जवान सारेह िा मह िहना था कि िुऐ िा ऩानी फर


ु न्द हुआ

औय ऊऩय ति आ गमा। आऩने हाथ फढ़ा िय अऩना िूज़ा ऩानी से बया हुआ रे

लरमा औय वज़ू फ़यभा िय चाय यिअत नभाज़ ऩढ़ी। उसिे फाद आऩने ये त िी एि

भठ्
ु ठी उठाई औय ऩानी भें डार िय खाना शरू
ु किमा। मह दे ख िय भैं अज़्र ऩयदाज़

हुआ। भझ
ु े बी िुछ इनामत हो भैं बख
ू ा हूॉ। आऩने वही िूज़ा भेये हवारे िय हदमा

ज़जसभें ये त बयी थी। ऽुदा िी ़सभ। जफ भैंने उसभे से खामा तो उसे ऐसा रज़ीज़

सत्तू ऩामा जैसा भैंने खामा ही न था। कपय उस सत्तू भें एि ऽास फात मह थी कि

जफ ति सफ़य भें यहा, बख


ू ा नहीॊ हुआ। इसिे फाद आऩ नज़यों से ाामफ हो गमे।

755
जफ भैं भक्िा भोअज़्ज़भा ऩहुॉचा तो भैंने दे खा कि एि फारू (ये त) िे टीरे िे

किनाये भशार
ू े नभाज़ हैं औय हारत आऩिी मह है कि आऩिी आॉखों से आॉसू

जायी हैं औय फदन ऩय ऽश


ु ू व ऽज़
ु ू िे आसाय नभ
ु ामा हैं आऩ नभाज़ ही भें

भशार
ू थे कि सफ
ु ह हो गई, आऩने नभाज़े सफ
ु ह अदा फ़यभाई औय उससे उठ िय

तवाफ़ िा इयादा किमा, कपय सात फाय तवाफ़ ियने िे फाद एि भ़ाभ ऩय ठहये ।

भैंने दे खा कि आऩिे गगदक फेशभ


ु ाय हज़यात हैं औय सफ फेइन्तेहाॊ ताज़ीभ व तियीभ

िय यहे हैं। भैं चॊकु ि एि ही सफ़य भें ियाभात दे ख चि


ु ा था इस लरमे भझ
ु े फहुत

ज़्मादा कपक्र
ु़ थी कि मह भारभ
ू िरूॊ कि मह फज़
ु गु क िौन हैं? चन
ु ान्चे भैं उनिे गगदक

जो रोग जभा थे उनिे ़यीफ गमा औय भैंने ऩछ


ू ा कि मह साहफे ियाभात िौन हैं,

उन्होंने िहा कि मह फ़यज़न्दे यसर


ू हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) हैं, भैंने

िहा फेशि ऐसे ियाभात जो भैंने दे खे वह इसी घयाने िे लरमे सज़ावाय हैं।

(भतारेफुर सुऊर ऩष्ृ ठ 279, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 135 व शवाहे दन


ु नफूवत ऩष्ृ ठ 193 सवाहे ़े

भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 121, अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 452)

भव
ु रयक ऽ ज़ाकिय हुसन
ै लरखते हैं कि श़ी़ इब्ने इब्राहीभ फल्ऽी िा इन्ते़ार

190 हहजयी भें हुआ था। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 59)

इभाभ लशफरी लरखते हैं कि एि भयतफा ईसा भदाएनी हज िे लरमे गए औय

एि सार भक्िा भें यहने िे फाद वह भदीना चरे गमे। इनिा ख़्मार था कि वहाॊ

बी एि सार गुजायेु़ गें , भदीना ऩहुॉच िय उन्होंने जनाफे अफज़


ू य िे भिान भें

756
़माभ किमा। भदीने भें ठहयने िे फाद उन्होंने इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) वहाॊ

आना जाना शरू


ु किमा। भदाईनी िा फमान है कि एि शफ िो फारयश हो यही थी

भैं उस वक़्त इभाभ (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें हाज़जय
ु़ था। थोड़ी दे य िे फाद आऩने

फ़यभामा कि ऐ ईसा तुभ फ़ौयन अऩने भिान चरे जाओ क्मों कि तुम्हाया भिान

तुम्हाये असासे ऩय गगय गमा है औय रोग साभान ननिार यहे हैं। मह सन


ु िय भैं

फ़ौयन भिान िी तयफ़ गमा, दे खा कि घय गगय चि


ु ा है औय रोग भिान से

साभान ननिार यहे हैं। दस


ू ये हदन जफ हाज़जय
ु़ हुआ तो इभाभ (अ.स.) ने ऩछ
ू ा कि

िोई चीज़ चोयी तो नहीॊ गई, भैंने अजऱ् कि एि तश्त नहीॊ लभरता ज़जसभें वज़ू

किमा ियता था। आऩने फ़यभामा वह चोयी नहीॊ गमा फज़ल्ि इन्हे दाभ भिान से

़ब्र तुभ उसे फैतुर ऽरा भें यख िय बर


ू गमे हो, तुभ जाओ औय भालरि िी

रड़िी से िहो वह रा दे गी। चन


ु ान्चे भैंने ऐसा ही किमा औय तश्त लभर गमा।

(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 135)

अल्राभा जाभी तहयीय फ़यभाते हैं कि एि शख़्स ने एि सहाफी िे हभयाह 100

दीनाय हुजयू ु़ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें फतौये नज़य इयसार किमा वह

उसे रे िय भदीना ऩहुॉचा, महाॉ ऩहुॉच िय उसने सोचा कि इभाभ िे हाथों भें इसे

जाना है रेहाज़ा ऩाि िय रेना चाहहमे। वह िहता है कि भैंने इन दीनायों िो जो

अभानत थे शभ
ु ाय किमा 99 थे। भैंने उनभें अऩनी तयफ़ से एि दीनाय शालभर िय

िे 100 ऩयू ा िय हदमा। जफ भैं हज़यत िी खखदभत


ु़ भें हाज़जय
ु़ हुआ तो आऩने

757
फ़यभामा सफ दीनाय ज़भीन ऩय डार दो। भैंने थोरी खोर िय सफ ज़भीन ऩय

ननिार हदमा। आऩने भेये फताए फाैय इसभे से भेया वही दीनाय जो भैंने लभरामा

था ननिार िय भझ
ु े दे हदमा औय फ़यभामा बेजने वारे ने अदद िा रेहाज़ नहीॊ

किमा फज़ल्ि वज़न िा रेहाज़ किमा है जो ऩयू ा 99 होता है ।

एि शख़्स िा िहना है कि भझ
ु े अरी बफन म़तीन ने एि ऽत दे िय इभाभ

(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें बेजा। भैंने हज़यत िी खखदभत
ु़ भें ऩहुॉच िय उनिा ऽत

हदमा, उन्होंने उसे ऩढ़े फाैय आस्तीन से एि ऽत ननिार िय भझ


ु े दे हदमा औय

िहा कि उन्होंने जो िुछ लरखा है उसिा मह जवाफ है ।

(शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 195)

अफू फसीय िा िहना है कि इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) हदर िी फाते जानते थे

औय हय सवार िा जवाफ यखते थे हय जानदाय िी ज़फान से वाकिफ़


ु़ थे।

(यवाहर भुस्तफ़ा ऩष्ृ ठ 162)

अफू हभज़ा फताऐनी िा िहना है कि भैं एि भयतफा हज़यत िे साथ हज िो

जा यहा था कि यास्ते भें एि शेय फयाभद हुआ, उसने आऩिे िान भें िुछ िहा,

आऩने उसिो उसी ज़फान भें जवाफ हदमा औय वह चरा गमा। हभाये सवार िे

जवाफ भें आऩने फ़यभामा कि उसने अऩनी शेयनी िी तिरीफ़ िे लरमे दआ


ु िी

ख़्वाहहश िी, भैंने दआ


ु िय दी औय वह वाऩस चरा गमा।

(तज़कियतर
ु भासभ
ू ीन ऩष्ृ ठ 193)

758
अरी बफन म़तीन इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे ऽास असहाफ भें से थे।

121 हहजयी भें फ भ़


ु ाभ िूफ़ा ऩैदा हुए औय 182 हहजयी भें फ भ़
ु ाभ फादाद फ

उम्र 57 सार फ़ौत हुए। उन्होंने िई किताफें बी लरखी हैं।

(ये जार तस
ू ी ऩष्ृ ठ 355 प्रिालशत नजफ़ अशयफ़)

खऱीफा में हदी अब्फािी और हज़रत इमाम मूिा काजजम (अ.ि.)

भन्सयू दवाऩी िे फाद 157 हहजयी भें भें हदी अब्फासी ऽरीफ़ा ए वक़्त ़याय

ऩामा। उसने अऩनी ज़जन्दगी


ु़ भें िुछ अच्छे िाभ बी किए हैं। उसने फहुत से

भर
ु हहदों िो ऽाि भें लभरा हदमा है । भानी जो फ़रसफ़ी था (भज़दि भुतवफ्पा चौथी

सदी िे शुरुआत से भऽरूत गुभयाह िुन अ़ीदे िी नशो नुभा ियता था) िो इसने ़त्र

िया हदमा था। इसिे अरावा वह आरे भोहम्भद िे साथ बी इसिी यववश

भोतहदर थी रेकिन मह ऐनतदार फहुत हदनों फा़ी नहीॊ यहा औय मह अऩने

आफाओ अजदाद िे जादे ऩय फहुत थोड़े ही असे चर ननिरा औय इस अम्र िी

िोलशश ियने रगा कि आरे भोहम्भद स. िा िोई भोअज़ज़जज़


ु़ फ़दक यहने न ऩामे

फज़ल्ि िोई ऐसा शख़्स बी भहफ़ूज़ न यहे जो आरे भोहम्भद स. िो दोस्त यखता

हो। तवायीऽ भें है कि उसने मा़ूफ इब्ने दाऊद िो जो ज़ैदी भज़हफ िे थे अऩना

वज़ीये आज़भ फना िय ये फ़ाहे आभ िे तभाभ िाभ इनसे लरए औय मह भारभ


होने िे फाद कि मह दोस्तदाये आरे भोहम्भद हैं उन्हे ़ैद िय हदमा।

759
साहे फे हफीफ उस सैय लरखते हैं कि मािूफु़ हभेशा से दोस्त दायाने अहरे फैत भें
ु़
से था। महहमा इब्ने जैद औय इब्राहीभ फयादये नफ़्से ज़किमा िे यफ़ी़ों भें से था।

शहादते इब्राहीभ िे फाद भन्सयू ने उसे ़ैद िय लरमा था। भें हदी ने राए़ दे ख

िय उसे वज़ीय फना लरमा था। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 56) जफ रोगों ने भें हदी

िो फावय िया हदमा कि मह आरे भोहम्भद स. िा ऽास हदरदादा है तो उस ने

उनसे िहा कि भैं तुम्हें एि फाा एि रौड़ीॊ औय एि राख हदयहभ दे ता हूॉ तुभ

़ैद ऽाने भें जा िय फ़ुरा अरवी िो ़त्र िय दो। उन्होंने सफ िुछ रेने िे फाद
ु़
इस अरवी िो इसिे दो यफ़ीिो सभैत िैद ऽाने से ये हा िय हदमा औय उसे िाफ़ी

भार दे िय इससे िहा कि महाॉ से चरे जाओ। चन


ु ान्चे वह किसी तयफ़ चरे गमे।

चन्द हदनों िे फाद इस िनीज़ ने जो उन्हें लभरी थी भें हदी से फता हदमा कि

उन्होंने अरवी िो ़त्र ियने िे फजाए ये हा िय हदमा औय मही नहीॊ फज़ल्ि तेये

हदमे हुए भार से उसे नवाज़ा बी है । भें हदी ने आऩिी तराशी री औय वा़ेमात

िा ऩता बी रगामा वा़ेमा चॊकू ि सही था इस वजह से वह फेयहभ हो गमा औय

उसने उन्हें ़ैद िा हुक्भ दे हदमा। मािूफु़ ़ैद िय हदमे गमे औय भद्
ु दतर
ु उभय

़ैद भें यहे ।

अल्राभा शाफ़ेई लरखते हैं कि मा़ूफ िो भें हदी िे हुक्भ से उस िुऐॊ भें ़ैद

किमा गमा ज़जसभें यौशनी न जा सिती थी। ज़जसिे नतीजे भें वह बफल्िुर अन्धे

हो गमे। मा़ूफ उसी ़ैद ऽाने भें ऩड़े यहे महाॉ ति कि हारून यशीद िा ज़भाना

760
आमा औय उसने उन्हें ये हा िय िे भक्िा भोअज़्ज़भा बेज हदमा जहाॉ मह 187

हहजयी भें इन्ते़ार फ़यभा गमे। इन्ना लरल्राहे व इन्ना इरैहे याजेऊन।

(भयातुर जेनान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 419 प्रिालशत है दयाफाद दक्िन)

इमाम मूिा काजजम (अ.ि.) की फग़दाद में क़त्ऱ के सऱये तऱफी

जैसा कि भैंने ऊऩय तहयीय किमा है भें हदी चन्द हदनों से ज़्मादा आरे भोहम्भद

स. िा तयफ़ दाय नहीॊ यहा। आखखय


ु़ वह वक़्त आ गमा कि उसने इभाभ (अ.स.)

िो भदीने से फादाद तरफ िय लरमा। इस तरफी िा भ़सद मह था कि वहाॊ

फर
ु ा िय उन्हें ़त्र िया दे । फहय सयू त इसी भ़सद िे ऩेशे नज़य हुक्भ ऩहुॉचा कि

आऩ फादाद हाज़जय
ु़ हों। इभाभ (अ.स.) हसफर
ु हुक्भ वहाॊ से यवाना हो गमे।

अल्राभा लशफरॊजी औय अल्राभा जाभी लरखते हैं कि आऩ भॊज़जरे


ु़ ज़फारा ऩय

ऩहुॉचे तो आऩ से अफऽ
ू ालरद ने भर
ु ा़ात िी। अफू ऽालरद िहते हैं कि भैंने हज़यत

भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो दे खा कि आऩ उन रोगों िी हहयासत भें तशयीफ़ रा यहे

हैं जो फादाद से आऩिो राने िे लरमे बेजे गमे थे। भैं हज़यत िे ़यीफ गमा औय

भैंने सराभ किमा, भझ


ु े दे ख िय इभाभ (अ.स.) ऽुश हो गमे औय भझ
ु से फ़यभाने

रगे कि फ़राॊ फ़राॊ चीज़ें ऽयीद िय अऩने ऩास यख रेना जफ भैं वाऩस आऊॊगा तो

रे रग
ू ाॊ। भैंने अजऱ् कि फहुत फेहतय। थोड़ी दे य िे फाद आऩने फ़यभामा, अफू

ऽालरद यॊ ज़जदा क्मों हो? भैंने अजऱ् कि, भौरा आऩ दश


ु भनों िे भॉह
ु भें जा यहे हैं,

761
डयता हूॉ कि जाने वह क्मा ियें । आऩने फ़यभामा, घफयाओ नहीॊ भैं इन्शा अल्राह

वाऩस आऊगाॊ औय अफू ऽालरद सन


ु ो तभ
ु फ़राॊ तायीऽ फ वक़्त शाभ भेया इन्तेज़ाय

ियना, मह फ़यभा िय आऩ यवाना हो गमे औय फादाद जा ऩहुॉच।े

अल्राभा इब्ने तल्हा शाफ़ेई व अल्राभा जाभी लरखते हैं कि फादाद ऩहुॉचते ही

आऩ ़ैद िय हदमे गमे। अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि थोड़े हदन ़ैद यखने िे

फाद भें हदी ने आऩिो ़त्र िया दे ना चाहा औय इसी लरमे इसने हभीद इब्ने

़हतफा िो आधी यात िे वक़्त फर


ु ा बेजा औय उस से िहा कि भेये औय तुम्हाये

फाऩ औय बाई िे दयलभमान कितने अच्छे ताअल्ऱ


ु ात थे औय सन
ु ों इस वक़्त भझ
ु े

तुभ से एि ज़रूयी िाभ रेना है क्मा तुभ उसे िय सिोगे, इसने िहा कि हाॉ ज़रूय

िरूगाॊ औय ऐ फादशाह अगय ताभीर इयशाद भें भेया भार, भेयी जान, भेयी औराद

हत्ता कि भेया ईभान बी िाभ आजाए तो ऩयवाह नहीॊ। ऽरीफ़ा भें हदी ने िहा कि

ऽुदा तुम्हाया बरा िये , भझ


ु े तुभसे इसी िी तवक़़्ो थी। दे खो िाभ मह है कि

तभ
ु इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ िो सफ
ु ह होने से ऩहरे ़त्र िय दो। उसने िहा फेहतय

है । फात तम हो गई, हभीद चरा गमा। भें हदी सोने चरे गमा। अबी थोड़ी ही दे य

सोमा था कि अभीयर भोभेनीन (अ.स.) ख़्वाफ भें तशयीफ़ रामे औय उससे िहने

रगे कि क्मा तुम्हें हुिूभत इसी लरमे दी गई है कि तुभ अहरे ़याफत िो तफाह

िय दो, होश भें आओ औय अऩने इयादाऐ नज़जस से फाज़ आओ। मह दे ख िय

भें हदी फेदाय हो गमा औय उसने फ़ौयन हभीद िो िहरा बेजा कि भैंने जो हुक्भ

762
हदमा है उस ऩय आज अभर न ियना। इसी ख़्वाफ िी वजह से भें हदी ने उन्हें ये हा

िय िे भदीने बेज हदमा।

अल्राभा जाभी (अरैहहय़् यहभा) लरखते हैं कि इभाभ (अ.स.) वाऩस आ यहे थे

औय अफू ऽालरद ज़फावरी िा हार मह था कि ज़जस हदन से इभाभ (अ.स.)

ज़फारा से यवाना हुए थे मह फड़ी भज़ु श्िरों से हदन यात िाट यहे थे। जफ वह हदन

आमा ज़जस हदन इभाभ (अ.स.) ने ऩहुॉचने िा वामदा फ़यभामा था मह घय से

ननिर िय फादाद िे यास्ते ऩय खड़े हो गमे। सयू ज डूफते ही उनिा हदर डूफने

रगा औय उन्हें मह शब्ु हा ऩैदा होने रगा कि शामद इभाभ (अ.स.) ऩय िोई

भलु सफत आ गई है । नागाह दे खा कि ईया़ िी तयफ़ से ाफ


ु ाय नभद
ू ाय हुआ औय

उस िे आगे इभाभ (अ.स.) ऽच्चय ऩय सवाय चरे आ यहे हैं। मह दे ख िय अफू

ऽालरद भसरूय हो गमे औय इस्ते़फाद िे लरमे दौड़ ऩड़े। इभाभ (अ.स.) ने

फ़यभामा ऐ अफू खालरद अऩने िहने िे भत


ु ाबफ़ वाऩस आ गमा हूॉ रेकिन एि

भौ़ा ऐसा बी आने वारा है कि फादाद जा िय वाऩस न आ सिूगाॊ।

(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 130, दभेए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 13, फा हवाराए भनाकिफ
ु़ व फेहाय

ु नफूवत ऩष्ृ ठ 193, भतारेफुर सुऊर ऩष्ृ ठ 278) कपय वहाॊ से


ज़जल्द 9 ऩष्ृ ठ 64, शवाहे दन

यवाना हो िय आऩ भदीना ए भन
ु व्वया ऩहुॉचे औय फा दस्तूय फ़याएज़े इभाभत िी

अदाएगी भें भसरूफ़ हो गमे।

763
इमाम मि
ू ा ए काजजम (अ.ि.) हादी अब्फािी की क़ैद में

तवायीऽ भें है कि भेहदी िे फाद उसिा फेटा हादी अब्फासी 22 भोहयक भ 169

हहजयी भत
ु ाबफ़ 785 ई0 भें तख़्ते खखराफ़त
ु़ ऩय फैठा। लभस्टय ज़ाकिय हुसन

लरखते हैं कि हादी फड़ा खद


ु सय, खद
ु याम, ज़जद्दी,
ु़ ऽॊऽ
ू ाय औय फे यहभ था। शयाफ

ऩीता औय रहो आफ भें भसरूफ़ यहता था।

हादी िो आरे भोहम्भद (स. अ.) से वही फग़्जु ज़ व एनाद था जो उसिे आफाव

अजदाद िो था, उसी िी सरतन्त भें औय उसी िे अहद भें हुिूभत भें भदीने िे

गवकनय ने इभाभ हसन (अ.स.) िी औराद भें से फाज़ अफ़याद िा फादा ऽवायी िा

झठ
ू ा इल्ज़ाभ रगवा िय वऩटवामा औय उनिे गरे भें यज़स्समाॊ फॊधवा िय भदीने िे

िूचे व फाज़ाय भें तशहीय ियामा औय िई सौ फनी हसन िो ़त्र ियामा औय

उनिी नभ
ु ामाॊ फ़दक जनाफे हुसन
ै बफन अरी बफन हसन भस
ु ल्रस बफन हसने भस
ु न्ना

िा सय िटवा िय फादाद लबजवा हदमा औय ऩयू ी ता़त से सादात ऩय ज़ुल्भ

ियता यहा।

(तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 7)

हादी ने हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे साथ वही िुछ किमा जो इभाभ

िे आफाव अजदाद िे साथ ियते आम थे।

अल्राभा इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि ऽरीफ़ा हादी बफन भेहदी ने हज़यत
ु़
इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो िैद िय हदमा। फाऩ ़ैद िी भलु सफतों िो फयदाश्त

764
िय ही यहे थे कि एि शफ हज़यत अरी (अ.स.) ने उसिे साभने एि आमत ऩढ़ी

ज़जसिा तयजभ
ु ा मह है कि क्मा इसी लरमे तभ
ु हाकिभ फने हो कि फ़साद फयऩा

ियो औय ़तए यहभ ियो। इस ख़्वाफ से वह फेदाय हुआ औय उसने फ़ौयन आऩिी

ये हाई िा हुक्भ हदमा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 122 व अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 453)

हज़रत इमाम मूिा काजजम (अ.ि.) के अखऱाक़ व आदात

अल्राभा अरी ऩी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) उस

भ़
ु द्दस लसरलसरे िी एि फ़दक थे ज़जसिो ऽालऱ ने नौए इन्सान िे लरमे भेमाये

िभार ़याय हदमा था। इसी लरमे उनभें से हय एि अऩने वक़्त भें फेहतयीन

इऽरा़ व औसाफ़ िा भयु क़़्ा था। फे शि मह एि ह़ी़त है कि फाज़ अफ़याद

भें फाज़ लसफ़ात इतने भम्


ु ताज़ नज़य आते हैं कि सफ से ऩहरे उन ऩय नज़य ऩड़ती

है । चन
ु ान्चे सातवें इभाभ (अ.स.) भें तहम्भर
ु व फयदाश्त औय ास्
ु सा ज़ब्त ियने

िी लसफ़ात इतनी नभ
ु ामा थी कि आऩिा ऱफ िाज़जभ
ु़ ़याय ऩा गमा। ज़जसिे

भानी ही हैं ास्


ु से िो ऩीने वारा। आऩिो िबी किसी ने तुशक रूई औय सख़्ती िे

साथ फात ियते नहीॊ दे खा औय इन्तेहाई नागवाय हारात भें बी भस्


ु िुयाते हुमे नज़य

आमे।

765
भदीने िे एि हाकिभ से आऩिो सख़्त तिरीफ़े ऩहुॉची महाॊ ति कि वह जनाफे

अभीय (अ.स.) िी शान भें बी नाज़ेफा अल्फ़ाज़ इस्तेभार किमा ियता था भगय

हज़यत ने अऩने असहाफ िो हभेशा उसिे जवाफ दे ने से योिा।

जफ अस्हाफ ने उसिी ास्


ु ताखखमों
ु़ िी फहुत लशिामत िी औय िहा कि अफ हभें

ज़ब्त िी ताफ नहीॊ हभें उनसे इन्ते़ाभ रेने िी इजाज़त दी जाऐ तो हज़यत ने

फ़यभामा कि भैं ऽुद उसिा तदारूि िरूगाॊ। इस तयह उनिे जज़्फात भें सि
ु ू न ऩैदा

ियने िे फाद हज़यत ऽुद उस शख़्स िे ऩास उसिे ऽेभों भें तशयीफ़ रे गमे औय

िुछ ऐसा एहसान औय हुसने सर


ु ि
ू फ़यभामा कि वह अऩनी ास्
ु ताखखमों
ु़ ऩय नाहदभ

हुआ औय अऩने तयज़े अभर िो फदर हदमा। हज़यत ने अऩने अस्हाफ से सयू ते

हार फमान फ़यभा िय ऩछ


ू ा कि जो भैंने उसिे साथ किमा वह अच्छा था मा ज़जस

तयह तुभ रोग उसिे साथ ियना चाहते थे। सफ ने िहा म़ीनन हुज़ूय ने जो

तयी़ा इख़्तेमाय फ़यभामा वही फेहतय था। इस तयह आऩने अऩने जद्दे फज
ु ुगव
क ाय

हज़यत अभीय (अ.स.) िे उस इयशाद िो अभर भें रा िय हदख रामा जो आज

ति नहजर
ु फरााा भें भौजद
ू है कि अऩने दश्ु भन ऩय ऐहसान िे साथ फ़तेह

हालसर ियो क्मों कि मह दो किस्भ


ु़ िी फ़तेह भें ज़्मादा ऩयु रत्ु फ़े िाभमाफी है ।

फेशि इस लरमे फ़यी़े भऽ


ु ालरफ़ िे ज़फ़क िा सही अन्दाज़ा ज़रूयी है औय इसी

लरमे हज़यत अरी (अ.स.) ने इन अल्फ़ाज़ िे साथ मह बी फ़यभामा है कि

766
ऽफयदाय! मह अदभ तशद्दद
ु िा तयी़ा न अहर िे साथ इख़्तेमाय न ियना वयना

उसिे तशद्दद
ु भें इज़ाफ़ा हो जामेगा।

म़ीनन ऐसे अदभ तशद्दद


ु िे भौ़े िो ऩहचानने िे लरमे ऐसी ही फारीा

ननगाह िी ज़रूयत है जैसी इभाभ (अ.स.) िो हालसर थी भगय मह उस वक़्त भें है

जफ भऽ
ु ालरफ़ िी तयफ़ से िोई ऐसा अभर हो चि
ु ा हो जो उसिे साथ इन्ते़ाभी

तशद्दद
ु िा जवाज़ ऩैदा िय सिे रेकिन अगय उसिी तयफ़ िोई ए़दाभ अबी

ऐसा न हुआ हो तो मह हज़यात फहय हार उसिे साथ ऐहसान ियना ऩसन्द ियते

थे ताकि उसिे खखराफ़


ु़ हुज्जत ़ामभ हो औय उसे ऐसे जाये हाना ए़दाभ िे लरमे

तराश से बी िोई उज़्र न लभर सिे बफल्िुर इसी तयह जैसे इब्ने भज़ु ल्जभ िे

साथ जनाफ अभीय (अ.स.) िो शहीद ियने वारा था आखखय


ु़ वक़्त ति जनाफे

अभीय (अ.स.) एहसान फ़यभाते यहे । इसी तयह भोहम्भद बफन इस्भाईर िे साथ जो

इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी जान रेने िे फाएस हुआ। आऩ एहसान फ़यभाते

यहे महाॊ ति कि इस सफ़य िे लरमे जो उसने भदीने से फादाद िी जाननफ

ऽरीफ़ा अब्फासी िे ऩास इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी लशिामतें ियने िे लरमे

किमा था। साढ़े चाय सौ दीनाय औय ऩन्द्रह सौ हदयहभ िी य़भ ऽुद हज़यत ही ने

अता फ़यभाई थी ज़जसिो वह रे िय यवाना हुआ था।

आऩिो ज़भाना फहुत ना साज़गाय लभरा था न उस वक़्त वह इल्भी दयफाय

़ामभ यह सिता था जो इभाभे जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे ज़भाने भें ़ामभ यह

767
चि
ु ा था। न दस
ू ये ज़याए से तफरीाो इशाअत भभ
ु किन थी। फस आऩिी ऽाभोश

सीयत ही थी जो दनु नमा िो आरे भोहम्भद (अ.स.) िी तारीभात से रूशेनास फना

सिती थी। आऩ अऩने भजभओ


ू भें बी अिसय बफरिुर ऽाभोश यहे थे। महाॊ ति

कि जफ ति आऩसे किसी अभय िे भत


ु ाअज़ल्ऱ िोई सवार न किमा जाम आऩ

गुफ़्तुगू भें इब्तेदा बी न फ़यभाते थे। इसिे फाद आऩिी इल्भी जरारत िा लसक्िा

दोस्त औय दश्ु भन सफ िे हदर ऩय ़ामभ था औय आऩिी सीयत िी फरन्दी िो

बी सफ भानते थे। इसी लरमे आभ तौय ऩय आऩिो इफादत औय शफ ज़जन्दा


ु़ दायी

िी वजह से अब्दे सारेह िे ऱफ से माद किमा जाता था। आऩिी सऽावत औय

फ़य्माज़ी िा बी शोहया था औय फ़ो़याए भदीना िी अिसय ऩोशीदा तौय ऩय ऽफय

गीयी फ़यभाते थे। हय नभाज़े सब्ु ह िी ता़ीफात िे फाद आफ़ताफ िे फरन्द होने

िे फाद से ऩेशानी सजदे भें यख दे ते थे औय ज़वार िे वक़्त सय उठाते थे।

़ुयआने भजीद िी ननहामत हदरिश अन्दाज़ भें नतरावत फ़यभाते थे खुद बी योते

जाते थे औय ऩास फैठने वारे बी आऩिी आवाज़ से भत


ु ाअज़स्सय हो िय योते थे।

(सवानेह भूसा िाज़जभ


ु़ ऩष्ृ ठ 8 व आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 178)

अल्राभा लशफरॊजी लरखते हैं कि हज़यत भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िा मह तयी़ा

औय वतीया था कि आऩ फ़िीयोंु़ िो ढ़ूॊढा ु़ ियते थे औय जो फ़़ीय आऩिो लभर

जाता था उसिे घय भें रूप्मा ऩैसा अशयफ़ी औय खाना, ऩानी ऩहुॉचामा ियते थे औय

मह अभर आऩिा यात िे वक़्त होता था। इस तयह आऩ फ़ु़याए भदीना िे फे

768
शभ
ु ाय घयों िा आज़ू़ा चरा यहे थे औय रत्ु फ़ मह है कि उन रोगों ति िो मह

ऩता न था कि हभ ति साभान ऩहुॉचाने वारा िौन है । मह याज़ उस वक़्त खर


ु ा

जफ आऩ दनु नमा से ये हरत फ़यभा गमे।

(नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 136 प्रिालशत लभस्र)

इसी किताफ िे ऩष्ृ ठ 134 भें है कि आऩ हभेशा हदन बय योज़ा यखते औय यात

बय नभाज़ें ऩढ़ा ियते थे। अल्राभा ऽतीफे फादादी लरखते हैं कि आऩ फे इन्तेहा

इफादत व रयमाज़त फ़यभामा ियते थे औय ताअते ऽद


ु ा भें इस दयजा लशद्दत

फयदाश्त किमा ियते थे ज़जसिी िोई हद न थी।

एि दफ़ा भज़स्जदे नफवी भें आऩिो दे खा गमा कि आऩ सजदे भें भन


ु ाजात

फ़यभा यहे हैं औय इस दयजा सजदे िो तूर हदमा कि सफ


ु ह हो गई।

(दफ़मात अर अमान ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 131)

एि शख़्स आऩिी फयाफय बफरा वजह फयु ाईमाॊ ियता था जफ आऩिो इसिा

इल्भ हुआ तो आऩने एि हज़ाय दीनाय (अशयफ़ी) उसिे घय ऩय फतौय इनाभ

लबजवा हदमा ज़जसिे नतीजे भें वह अऩनी हयित से फाज़ आ गमा।

(यवाएह अर भुस्तफ़ा ऩष्ृ ठ 264)

769
इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.) की तिनीफात

आऩिो अगयचे तसनीफ़ात िा भौिा ु़ ही नहीॊ नसीफ हुआ रेकिन कपय बी आऩ

उसिी तयफ़ भत
ु वज्जेह यहे हैं। आऩिी एि तसनीफ़ ज़जसिा ज़जक्र
ु़ अल्राभा चरऩी

फा हवारा हाकपज़
ु़ अफु नईभ असफ़हानी किमा है वह भसनदे इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़

है । (िशफ़ुर ज़नून ऩष्ृ ठ 433 व अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 454)

आऩकी ररवायत की हुई हदीिे

आऩसे फहुत सी हदीसें भयवी हैं ज़जनभें िी दो मह हैं

1. आॊ हज़यत (स. अ.) फ़यभाते हैं कि रड़िे िा अऩने वारेदैन िे चेहयों ऩय

नज़य ियना इफादत है ।

2. झठ
ू औय ऽमानत िे अरावा भोलभन हय आदत इख़्तेमाय िय सिता है ।

(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 134)

अहभद बफन हम्फर िा िहना है कि आऩिा लसरलसराए यवामत इतना अहभ है

कि ‘‘ रौ ़दी अल्रर भजनन


ू रा फ़ा़ेहा ’’ मानी अगय भजनन
ू ऩय ऩढ़ िय दभ

िय हदमा जाम तो उसिा जुनन


ू जाता यहे ।

(भनाक़फ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 73)

770
खऱीफा हारून रिीद अब्फािी और हज़रत इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.)

ऩाॊच यफीउर अव्वर 170 हहजयी िो भेहदी िा फेटा अफू जाफ़य हारून यशीद

अब्फासी ऽरीफ़ाए वक़्त फनामा गमा। उसने अऩना वज़ीये आज़भ महीमा बफन

ऽालरद फय भक्िी िो फनामा औय इभाभ अफू हनीफ़ा िे शागगदक अफू मस


ू फ़
ु िो

़ाज़ी ़ज़्ज़ाता िा दयजा हदमा। फा यवामत ज़ेहनी उसने अगयचे फाज़ अच्छे िाभ

बी किमे हैं रेकिन रहो राफ औय हुसर


ू े रज़्ज़ाते भम्नआ
ु भें भन्
ु फ़यीद था।

इब्ने ऽल्दन
ू िा िहना है कि मह अऩने दादा भन्सयू दवाऩी िे नक़्शे ़दभ

ऩय चरता था फ़िऱ् इतना था कि वह फऽीर था औय मह सऽी। मह ऩहरा

ऽरीफ़ा है ज़जसने याग यागनी औय भौसी़ी िो शयीफ़ ऩेशा ़याय हदमा था। उसिी

ऩेशानी ऩय बी सादात िुशी िा नभ


ु ामाॊ दाा है । इल्भे भौसी़ी भाहहय अफू इस्हा़

इब्राहीभ भौसरी उसिा दयफायी था। हफीफ अर सैय भें है कि मह ऩहरा इस्राभी

फादशाह है ज़जसने भैंदान भें गें द फाज़ी िी औय शतयॊ ज िे खेर िा शौ़ किमा।

अहादीस भें है कि शतयॊ ज खेरना फहुत फड़ा गुनाह है । जाभेए अर अऽफाय भें है

कि जफ इभाभे हुसन
ै (अ.स.) िा सय दयफाये मज़ीद भें ऩहुॉचा था तो वह शतयॊ ज

खेर यहा था। तायीऽ अर ऽल्


ु फ़ा स्मत
ू ी भें है कि हारून यशीद अऩने फाऩ िी

भदऽूरा रौंड़ी ऩय आलश़ हो गमा। उसने िहा कि भैं तुम्हाये फाऩ िे ऩास यह

चि
ु ी हूॉ तुम्हाये लरमे हरार नहीॊ हूॉ। हारून ने ़ाज़ी अफू मस
ु फ़
ू से फ़तवा तरफ

771
किमा। उन्होंने िहा आऩ इसिी फात क्मों भानते हैं मह झठ
ू बी तो फोर सिती

है । इस फ़तवे िे सहाये से उसने उसिे साथ फद फ़ेरी (फरात्िाय) िी।

अल्राभा स्मत
ू ी मह बी लरखते हैं कि फादशाह हारून यशीद ने एि रौंड़ी ऽयीद

िय उसिे साथ उसी यात बफरा इस्तेफया ज़जभआ (सम्बोग) ियना चाहा। ़ाज़ी अफू

मस
ु फ़
ू ने िहा कि इसे किसी रड़िे िो हहफा िय िे इस्तेभार िय लरज़जमे।

अल्राभा स्मत
ू ी िा िहना है कि इस फ़त्वे िी उजयत ़ाज़ी अफू मस
ु फ़
ू ने एि

राख हदयहभ री थी।

अल्राभा इब्ने ऽल़्ान िा िहना है कि अफू हनकपमा


ु़ िे शागगकदों भें अफू मस
ु फ़

िी नज़ीय न थी। अगय मह न होते तो इभाभ अफू हनीफ़ा िा ज़जक्र


ु़ बी न होता।

तायीऽे इस्राभ लभस्टय जाकिय


ु़ हुसन
ै भे फ हवारा सहाह अर अऽफाय भें है कि

हारून यशीद िा दयजा सादात िुशी भें भन्सयू िे िभ न था। उसने 176 हहजयी भें

हज़यत नफ़्से ज़किमा (अर यहभा) िे बाई महीमा िो दीवाय भें ज़जन्दा
ु़ चन
ु वा हदमा

था। उसी ने इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो इस अन्दे शे से कि िहीॊ वह वरी

अल्राह भेये खखराफ़


ु़ अरभे फाावत फरन्द न िय दें अऩने साथ हहजाज़ से ईया़

भें रा िय ़ैद िय हदमा औय 183 हहजयी भें ज़हय से हराि िय हदमा। अल्राभा

भजलरसी तहफ़्फ़ुज़े ज़ाएय भें लरखते हैं कि हारून यशीद ने दस


ू यी सदी हहजयी भें

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी ़ब्र भत
ु ाहय िी ज़भीन जुतवाई थी औय ़ब्र ऩय जो फेयी

िा दयख़्त फतौये ननशान भौजूद था उसे िटवा हदमा था। ज़जराउर उमन
ू औय

772
़म़्ाभ भें फाहवारा अभारी शेऽ तूसी भय़ूभ है कि जफ इस वा़ेए िी इत्तरा

जयीय इब्ने अब्दर


ु हभीद िो हुई तो उन्होंने िहा कि यसर
ू े ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) िी

हदीस ‘‘ अराअन अल्राह ़ातेअ अर लसदयता ’’ फेयी िे दयख़्त िाटने वारे ऩय

ऽुदा िी रानत, िा भतरफ अफ वाज़े हुआ।

(तस्वीये ियफरा ऩष्ृ ठ 61 प्रिालशत दे हरी ऩष्ृ ठ 1338)

हारून रिीद का ऩहऱा हज और इमाम मि


ू ा काजजम (अ.ि.) की

ऩहऱी गगरफ़्तारी

भोहम्भद अफर
ु कपदा
ु़ लरखता है कि एनाने हुिूभत रेने िे फाद हारून यशीद ने

173 हहजयी भे ऩहरा हज किमा।

अल्राभा इब्ने हजय भक्िी तहयीय फ़यभाते हैं कि ‘‘ कि जफ हारून यशीद हज

िो आमा तो रोगों ने इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे फाये भें चा
ु री खाई कि

उनिे ऩास हय तयफ़ से भार चरा आता है । इत्तेफ़ा़ से एि योज़ हारून यशीद

ऽानाए िाफा िे नज़दीि हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) से भर
ु ा़ी हुआ औय

िहने रगा तुभ ही हो ज़जनसे रोग छुऩ छुऩ िय फैमत ियते है । इभाभ भस
ू ा

िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ने फ़यभामा कि हभ हदरों िे इभाभ हैं औय आऩ ज़जसभों िे। कपय

हारून यशीद ने हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) से ऩछ
ू ा कि तभ
ु किस दरीर

से िहते हो कि हभ यसर
ू (स.अ.व.व.) िी ज़रु यक मत हैं हाराॊकि तभ
ु अरी िी

773
औराद हो औय हय शख़्स अऩने दादा से भन्
ु तलसफ होता है नाना से भन्
ु तलसफ नहीॊ

होता। हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ने फ़यभामा कि ऽद
ु ा ए ियीभ ़ुयान

भजीद भें इयशाद ियता है ‘‘वभन ज़भयु ै त दाऊद सर


ु भ
ै ान व अमफ
ू ा व ज़ियमा व

महमा व इसा” औय ज़ाहहय है कि हज़यत ईसा फे फाऩ िे ऩैदा हुए थे तो ज़जस तयह

भहज़ अऩनी वारेदा िी ननस्फत से ज़ुरयक मत अज़म्फमा भें भल्


ु ह़ हुए उसी तयह हभ

बी अऩनी भादये गगयाभी जनाफे फ़ात्भा (स.अ.व.व.) िी ननस्फत से जनाफे यसर


ू े

खुदा (स.अ.व.व.) िी ज़ुरयक मत भें ठहये । कपय फ़यभामा कि जफ आमत भफ


ु ाहे रा

नाज़जर
ु़ हुई तो भफ
ु ाहे रे िे वक़्त ऩैाम्फये ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) ने लसवा अरी (अ.स.)

औय फ़ात्भा (स.अ.व.व.) औय हसन हुसन


ै (अ.स.) िे किसी िो नहीॊ फर
ु ामा इस

लरहाज़ से हज़यत हसन (अ.स.) व हज़यत हुसन


ै (अ.स.) ही यसर
ू अल्राह (स. अ.)

िे फेटे ़याय ऩाए।


ु़
(सवाएिे भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 122, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 134 अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 452)

अल्राभा इब्ने ऽल़्ान लरखते हैं कि हारून यशीद हज ियने िे फाद भदीना

भन
ु व्वया आमा औय ज़्मायत ियने िे लरमे यौज़ा ए भ़
ु द्दे सा नफी (स. अ.) ऩय

हाज़जय
ु़ हुआ। उस वक़्त उसिे गगदक ़ुयै श औय दीगय ़फाएरे अयफ जभा थे, नीज़

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) बी साथ थे। हारून यशीद ने हाज़ेयीन ऩय

अऩना फ़ख़्र ज़ाहहय ियने िे लरमे ़ब्रे भफ


ु ायि िी तयफ़ भऽ
ु ानतफ हो िय िहा,

सराभ हो आऩ ऩय ऐ यसर
ू अल्राह (स. अ.) ऐ इब्ने अभ (भेये चचा जादु़ बाई)

774
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ने फ़यभामा कि सराभ हो आऩ ऩय भेये ऩदये

फज
ु ग
ु व
क ाय मह सन
ु िय हारून िे चेहये िा यॊ ग फ़़ हो गमा औय उसने हज़यत

इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो अऩने हभयाह रे जािय ़ैद िय हदमा।

(दफ़ामात अर अमान ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 131 व तायीऽे अहभदी ऩष्ृ ठ 349)

अल्राभा इब्ने शहय आशोफ तहयीय फ़यभाते हैं कि ज़जस ज़भाने भें आऩ हारून

यशीद िे ़ैद ऽाने भें थे हारून ने आऩ िा इम्तेहान ियने िे लरमे नेहामत हसीन

जभीर रड़िी, आऩिी खखदभत


ु़ ियने िे लरमे ़ैद ऽाने भें बेज दी। हज़यत ने

जफ उसे दे खा तो राने वारे से फ़यभामा कि हारून से जा िय िह दे ना कि उन्होंने

मह हहदमा वाऩस हदमा हैं। ‘‘ फर अन्तुभ फहदमातिभ तपय हूना ’’ वह अताए

तौफा ऱा तो इससे तुभ ही ऽुशी हालसर ियो। उसने हारून से वाकिमा
ु़ फमान

किमा। हारून ने िहा कि इसे रे जािय वहीॊ छोड़ आओ औय इब्ने जाफ़य से िहो

कि न भैंने तम्
ु हायी भयज़ी से ़ैद किमा औय न तम्
ु हायी भयज़ी से तम्
ु हाये ऩास मह

रौंड़ी बेजी है, भैं जो हुक्भ दॉ ू तुम्हे वह ियना होगा। अर ायज़ वह रौंड़ी हज़यत

िे ऩास छोड़ दी गई।

चन्द हदनों िे फाद हारून ने एि शख़्स िो हुक्भ हदमा कि जा िय ऩता रगाए

कि इस रौंड़ी िा क्मा यहा। उस ने जो ़ैद ऽाने भें जा िय दे खा तो वह है यान यह

गमा। वह बागा हुआ हारून िे ऩास आ िय िहने रगा कि वह रौंड़ी तो ज़भीन

ऩय सजदे भें ऩड़ी हुई सब्ु फह


ू ु न ़ुद्दस
ू न
ु िह यही है औय इसिा अजफ हार है ।

775
हारून ने हुक्भ हदमा कि उसे इसिे साभने ऩेश किमा जाए, जफ वह आई तो

बफल्िुर भफहूस थी। हारून ने ऩछ


ू ा कि फात क्मा है? उसने िहा कि जफ हज़यत

िे ऩास गई औय उनसे िहा कि भैं आऩिी खखदभत


ु़ िे लरमे हाज़जय
ु़ हुईं हूॉ तो

आऩने एि तयफ़ इशाया िय िे फ़यभामा कि मह रोग जफ कि भेये ऩास भौजूद हैं

भझ
ु े तेयी क्मा ज़रूयत है । भैंने जफ उस लसम्त िो नज़य िी तो दे खा कि जन्नत

आयास्ता है औय हूयो गगरभान


ु़ भौजूद हैं, उनिा हुस्नों जभार दे ख िय भैं सज्दे भें

गगय ऩड़ी औय इफादत ियने ऩय भजफयू हो गई। ऐ फादशाह ! भैंने वह चीज़े िबी

नहीॊ दे खीॊ जो ़ैद ऽाने भें भेयी नज़य से गज़


ु यीॊ। फादशाह ने िहा कि िहीॊ तन
ू े

सोने िी हारत भें ख़्वाफ न दे खा हो। उसने िहा ऐ फादशाह! ऐसा नहीॊ है भैंने

आरभे फेदायी भें फचश्भे ऽुद सफ िुछ दे खा है । मह सन


ु िय फादशाह ने उस औयत

िो किसी भहफ़ूज़ भ़
ु ाभ ऩय ऩहुॉचा हदमा औय उसिे लरमे हुक्भ हदमा कि इसिी

ननगयानी िी जाम ताकि मह किसी से मह वा़ेमा फमान न ियने ऩाम। यावी िा

फमान है कि इस वाकिमे
ु़ िे फाद वह ता हमात भशार
ू े इफादत यही औय जफ िोई

उसिी नभाज़ वाैयाह िे फाये भें िुछ िहता था तो मह जवाफ भें िहती थी कि

भैंने अब्दे सारेह हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो इसी तयह ियते दे खा है ।

मह ऩाि फाज़ औयत हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी वफ़ात से िुछ हदनों

ऩहरे फ़ौत हो गई। (भनाक़फ इब्ने शहय आशोफ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 63)

776
़ैद ऽाने से आऩिी ये हाई आऩ ़ैद खानेु़ भें तिरीफ़ से दो चाय थे औय हय

किस्भ
ु़ िी सखखु़ ़्तमाॊ आऩ ऩय िी जा यही थीॊ कि नागाह फादशाह ने एि ख़्वाफ

दे खा ज़जससे भजफयू हो िय उसने आऩिो ये हा िय हदमा।

अल्राभा इब्ने हजय भक्िी फहवारा अल्राभा भसद


ू ी लरखते हैं कि एि शफ िो

हारून यशीद ने हज़यत अरी (अ.स.) िो ख़्वाफ भें इस तयह दे खा कि वह एि तेशा

(एि तयह िा हगथमाय) लरमे हुए तशयीफ़ रामे हैं औय फ़यभाते हैं कि भेये फ़यज़न्द

िो ये हा िय दे वयना भैं अबी तुझे िैफ़ये कियदाद ति ऩहुॉचा दॉ ग


ू ा। इस ख़्वाफ िो

दे खते ही उसने ये हाई िा हुक्भ दे हदमा औय िहा कि अगय आऩ महाॊ यहना चाहें

तो यहहमे औय भदीना जाना चाहते हैं तो वहाॊ तशयीफ़ रे जाइमे आऩिो इख़्तेमाय

है ।

अल्राभा भसद
ू ी िा िहना है कि इसी शफ िो हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़

(अ.स.) ने हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.) िो ख़्वाफ भें दे खा था। (सवाए़े

भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 122 प्रिालशत लभस्र) अल्राभा जाभी लरखते हैं कि भदीने यवाना ियते

वक़्त हारून ने आऩ से ऽरू


ु ज िा शफ
ु हा जाहहय
ु़ किमा। आऩने फ़यभामा कि ऽरू
ु ज

व फाावत भेये शामाने शान नहीॊ है, ऽुदा िी ़सभ भैं ऐसा हयगगज़ नहीॊ िय

सिता। (शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 192)

777
हज़रत इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.) और अऱी बफन यक़तीन फग़दादी

़ैद ऽाना ए यशीद से छूटने िे फाद हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) भदीना

ए भन
ु व्वया ऩहुॉचे औय फदस्तूय अऩने फ़याएज़े इभाभत िी अदामगी भें भशार
ू हो

गमे। आऩ चॊकू ि इभाभे ज़भाना थे इस लरमे आऩिो ज़भाने िे तभाभ हवाहदस िी

इत्तेरा थी। एि भयतफा हारून यशीद ने अरी बफन म़तीन बफन भस


ू ा िूफ़ी

फादादी िो जो कि हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे ऽास भानने वारे थे

औय अऩनी िाय ियहदगी िी वजह से हारून यशीद िे भ़


ु ये फीन भें से थे। फहुत

सी चीज़ें दीॊ ज़जनभें ऽेरअते फ़ाऽेया औय एि फहुत उभदा किस्भ


ु़ िा लसमाह

ज़यफफ़त िा फना हुआ चोाा था ज़जस ऩय सोने िे तायों से पूर िढ़े हुमे थे औय

ज़जसे लसफ़क ऽल्


ु फ़ा औद फादशाह ऩहना ियते थे। अरी बफन म़तीन ने अज़ याहे

त़रूकफ व अ़ीदत उस साभान भें औय फहुत सी चीज़ों िा इज़ाफ़ा िय िे हज़यत

इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें बेज हदमा। आऩने उनिा हहदमा ़ुफर

िय लरमा रेकिन उसभें से इस लरफास भऽसस


ू िो वाऩस िय हदमा जो ज़यफफ़त

िा फना हुआ था औय फ़यभामा कि उसे अऩने ऩास यखो मह तुम्हाये उस वक़्त

िाभ आमेगा जफ ‘‘ जान जोखभ ’’ भें ऩड़ी होगी। उन्होंने मह ख़्मार ियते हुए कि

इभाभ ने न जाने किस वाकिमे


ु़ िी तयफ़ इशाया फ़यभामा हो उसे अऩने ऩास यख

लरमा। थोड़े हदनों िे फाद इब्ने म़तीन अऩने एि ार


ु ाभ से नायाज़ हो गमे औय

उसे अऩने घय से ननिार हदमा। इसने जा िय यशीद ऽरीफ़ा से इनिी चा


ु री

778
खाई औय िहा कि आऩ ने ज़जस ़दय खखरअत
ु़ उन्हें दी है उन्होंने सफ िा सफ

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो दे हदमा है औय चॊकू ि वह लशमा हैं इस

लरमे इभाभ िो फहुत भानते हैं। फादशाह ने जैसे ही मह फात सन


ु ी वह आग फफर
ू ा

हो गमा औय उसने फ़ौयन लसऩाहहमों िो हुक्भ हदमा कि अरी बफन म़तीन िो

इसी हारत भें गगयफ़्ताय िय राऐॊ ज़जस हार भें वह हों। अरायज़ इब्ने म़तीन

राए गमे, फादशाह ने ऩछ


ू ा भेया हदमा हुआ चोाा िहाॉ है? उन्होंने िहा फादशाह भेये

ऩास है । इसने िहा भैं दे खना चाहता हूॉ औय सन


ु ों ! अगय तुभ इस वक़्त उसे न

हदखा सिे तो भैं तम्


ु हायी गयदन भाय दॉ ग
ू ा। उन्होंने िहा फादशाह भैं अबी ऩेश

ियता हूॉ। मह िह िय उन्होंने एि शख़्स से िहा कि भेये भिान भें जा िय भेये

फ़ुराॊ िभये से भेया सन्दि


ू उठा रा। जफ वह फतामा हुआ सन्दि
ू रे आमा तो

आऩने उसिी भोहय तोड़ी औय चोाा ननिार िय उसिे साभने यख हदमा। जफ

फादशाद ने अऩनी आॊखों से चोाा दे ख लरमा तो उसिा ास्


ु सा ठन्डा हुआ औय ऽुश

हो िय िहने रगा कि अफ भैं तम्


ु हाये फाये भें किसी िी िोई फात न भानॉग
ू ा।

(शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 194)

अल्राभा लशफरन्जी लरखते हैं कि कपय उसिे फाद यशीद ने औय फहुत सा

अनतमा दे िय उन्हें इज़्ज़त व ऐहतयाभ िे साथ वाऩस िय हदमा औय हुक्भ हदमा

कि चा
ु री ियने वारों िो एि हज़ाय िोड़े रगाए जाऐॊ चन
ु ान्चे जल्रादो ने भायना

शरू
ु किमा औय वह ऩाॉच सौ िोड़े खा िय भय गमा।

779
(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 130)

अऱी बफन यक़तीन को उऱटा वज़ू करने का हुक्म

अल्राभा तफयसी औय अल्राभा इब्ने शहय आशोफ लरखते हैं अरी बफन म़तीन

ने हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो एि ऽत लरखा ज़जसभें तहयीय किमा

कि हभाये दयलभमान इस अभय भें फहस हो यही है कि आमा भसह िाफ से असाफा

(उॊ गलरमों) ति होना चाहहमे मा उॊ गलरमों से िाफ ति, हुज़ूय इसिी वज़ाहत

फ़यभामें। हज़यत ने उस ऽत िा एि अजीफ व ायीफ जवाफ तहयीय फ़यभामा,

आऩने लरखा कि भेया ऽत ऩाते ही तुभ इस तयह वज़ू शरू


ु ियो तीन भयतफा

िुल्री ियो, तीन भयतफा नाि भें ऩानी डारो, तीन भयतफा भह
ु धो अऩनी दाढ़ी

अच्छी तयह लबगो, साये सय िा भसा ियो, अन्दय फाहय िानों िा भसा ियो तीन

भयतफा ऩाॉव धो औय दे खो भेये इस हुक्भ िे खखराफ़


ु़ हयगगज़ हयगगज़ ना ियना।

अरी बफन म़तीन ने जफ इस ऽत िो ऩढ़ा तो वह है यान यह गमे रेकिन मह

सभझते हुए भौराई आरभा फेभा ़ारा आऩने जो िुछ हुक्भ हदमा है उसिी

गहयाई औय उसिी वजह िा अच्छी तयह आऩिो इल्भ होगा। इस ऩय अभर ियना

शरू
ु िय हदमा।

यावी िा फमान है कि अरी बफन म़तीन िी भख


ु ारेु़ फ़त फयाफय दयफाय भें हुआ

ियती थी औय रोग फादशाह से िहा ियते थे कि मह लशमा हैं औय तुम्हाये

780
भऽ
ु ालरफ़ है । एि हदन फादशाह ने अऩने ऽास भश
ु ीयों से िहा कि अरी बफन

म़तीन िी लशिामत फहुत हो चि


ु ी है अफ भैं ऽद
ु छुऩ िय दे ऽग
ॉू ा औय मह

भारभ
ू िरूॉगा कि वज़ू क्मों िय ियते हैं औय नभाज़ िैसे ऩढ़ते हैं। चन
ु ान्चे उसने

छुऩ िय आऩिे हुजये भें नज़य डारी तो दे खा कि वह अहरे सन्


ु नत िे उसर
ू औय

तयी़े ऩय वज़ू िय यहे हैं। मह दे ख िय उनसे भत


ु भईन हो गमा औय उसिे फाद से

किसी िे िहने िो फावय नहीॊ किमा। इस वाकिमे


ु़ िे फ़ौयन फाद हज़यत इभाभ

भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िा ऽत अरी बफन म़तीन िे ऩास ऩहुॉचा ज़जसभें भय़ूभ

था कि ऽदशा दयू हो गमा अफ तभ


ु इसी तयह वज़ू ियो ज़जस तयह ऽद
ु ा ने हुक्भ

हदमा है मानी अफ उल्टा वज़ू न ियना फज़ल्ि सीधा औय सही वज़ू ियना औय

तुम्हाये सवार िा जवाफ मह है कि उॊ गलरमों िे सय से िाफेईन ति ऩाॉव िा भसा

होना चाहहए।

(आराभुर वया ऩष्ृ ठ 170, भनाक़फ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 58)

वज़ीरे आज़म अऱी बफन यक़तीन का हज़रत इमाम मि


ू ा काजजम

(अ.ि.) की फहमाईि

अल्राभा हुसन
ै बफन अब्दर
ु वहाफ तहयीय फ़यभाते हैं कि भोहम्भद बफन अरी

सफ़
ू ी िा फमान है कि इब्राहीभ जभार जो हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे

सहाफी थे, ने एि हदन अफर


ु हसन अरी बफन म़तीन से भर
ु ा़ात िे लरमे वक़्त

781
चाहा उन्होंने वक़्त न हदमा। उसी सार वह हज िे लरमे गमे औय हज िो हज़यत

इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) बी तशयीफ़ रे गमे इब्ने म़तीन हज़यत से लभरने िे

लरमे गमे उन्होंने लभरने से इन्िाय िय हदमा इब्ने म़तीन िो फड़ा ताअज्जफ

हुआ। यास्ते भर
ु ा़ात हुई तो हज़यत ने फ़यभामा कि तुभ ने इब्राहीभ से भर
ु ािातु़

ियने से इन्िाय किमा था इस लरमे भैं बी तुभ से नहीॊ लभरा औय उस वक़्त ति

न लभरग
ू ाॉ जफ ति तुभ उनसे भाफ़ी न भाॊगोगे औय उन्हें याज़ी न ियोगे। इब्ने

म़तीन ने अजऱ् िी भौरा भैं भदीने भें हूॉ औय वह िूफ़े भें है , भेयी भर
ु ा़ात है

िैसे हो सिती है? फ़यभामा तभ


ु तन्हा फ़ी भें जाओ, एि ऊॉट तय्माय लभरेगा

इस ऩय सवाय हो िय िूफ़ा िे लरमे यवाना हो चश्भें ज़दन भें वहाॊ ऩहुॉच जाओगे।

चन
ु ान्चे वह गमे औय ऊॉट ऩय सवाय हो िय िूफ़ा ऩहुॉच,े इब्राहीभ िे दयवाज़े ऩय

दक़़्ुरफाफ किमा। आवाज़ आई िौन है? िहा भैं इब्ने म़तीन हूॉ। उन्होंने िहा

तुम्हाया भेये दयवाज़े ऩय क्मा िाभ है? इब्ने म़तीन ने जवाफ हदमा, सख़्त

भस
ु ीफत भें भफ
ु नतरा हूॉ, ऽद
ु ा िे लरमे लभरने िा वक़्त दो। चन
ु ान्चे उन्होंने

इजाज़त दी। इब्ने म़तीन ने ़दभों ऩय सय यख िय भाफ़ी भाॊगी औय साया

वा़ेमा िह सन
ु ामा। इब्राहीभ जभार ने भाफ़ी दी। कपय इसी ऊॉट ऩय सवाय हो िय

चश्भें ज़दन भें भदीने ऩहुॉचे औय हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी खखदभत
ु़

भें हाज़जय
ु़ हुए। इभाभ ने कपय भाफ़ िय हदमा औय भर
ु ा़ात िा वक़्त दे िय

गुफ़्तुगू फ़यभाई।

782
(ऐनुर भोजेज़ात ऩष्ृ ठ 122 प्रिालशत भुल्तान)

हज़रत इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.) के हुक्म िे फादऱ का एक मदे

मोसमन को चीन िे ताऱेक़ान ऩहुॉचाने का वाफ़कआ

हारून रिीद का एक िवाऱ और उिका जवाफ

मह भस
ु ल्रभ है कि हज़यात भोहम्भद व आरे भोहम्भद, भोज़जज़ात ियाभात

औय उभयू े ऽय़ आदात भें मिताए िाएनात थे, यजअत शभस, शक़़्ुर ़भय औय

हज़यत अरी (अ.स.) िा एि गगयोह सभेत चादय ऩय फैठ िय ााये अस्हाफे िहफ़

ति सफ़य ियना उसिे शवाहे द हैं।

अल्राभा भोहम्भद इब्ने शहय आशोफ तहयीय फ़यभाते हैं कि ‘‘ खालरद


ु़ बफन सभा

फमान ियते हैं कि एि हदन हारून यशीद ने एि शख़्स िो तरफ किमा था अरी

बफन सारेह ताऱानी, ऩछ


ू ा तुभ ही वह हो ज़जसिो फादर चीन से उठा िय

ताऱान राए थे? िहा हाॉ। इसने िहा फताओ क्मा वा़ेआ है, मह क्मों िय

हुआ? ताऱानी ने िहा कि भैं किश्ती भें सवाय था नागाह जफ भेयी िश्ती

सभन्
ु दय िे इस भ़ाभ ऩय ऩहुॉची जो सफ से ज़्मादा गहया था तो भेयी िश्ती टूट

गई। तीन योज़ भैं तख़्तों ऩय ऩड़ा यहा औय भौजें भझ


ु े थऩेड़े रगाती यहीॊ, कपय

सभन्
ु द्र िी भौजों ने भझ
ु े ऽुश्िी भें पेंि हदमा। वहाॉ नहये औय फााात भौजूद थे,

भैं एि दयख़्त िे साए भें सो गमा। इसी असना भें भैंने एि ऽौफ़नाि आवाज़

सन
ु ी, डय िे भाये फेदाय हो गमा। कपय दो घोडो िो आऩस भें रड़ते हुए दे खा। ऐसे

783
ऽूफ सयू त घोड़े िबी नहीॊ दे खे थे। उन्होंने जफ भझ
ु े दे खा, सभन्
ु दय भें चरे गमे।

भैंने इसी असना भें एि अजीफ अर खखल़्त


ु़ ऩरयन्दे िो दे खा जो आ िय फैठ

गमा। ऩहाड़ िे ााय िे ़यीफ भैं दयख़्त भें छुऩे हुए इसिे ़यीफ गमा ताकि इस

िो अच्छी तयह दे ख सिॉू । ऩरयन्दे ने जफ भझ


ु े दे खा तो उड़ गमा। भैं उसिे ऩीछे

चर ऩड़ा। ााय िे ़यीफ भैंने तसफीह व तहरीर तिफीय औय नतरावते ़ुयआने

भजीद िी आवाज़ सन
ु ी। भैं ााय िे ़यीफ गमा। आवाज़ दे ने वारे ने आवाज़ दी ‘‘

ऐ अरी बफन सारेह ताऱानी ’’ ऽुदा तुभ ऩय यहभ िये । ााय भें अन्दय आ

जाओ। भैं ााय िे अन्दय चरा गमा, वहाॊ एि अज़ीभ शख़्स िो दे खा। भैंने सराभ

किमा, उसने जवाफ हदमा। कपय फ़यभामा कि ऐ बफन सारेह ताऱानी तुभ भादन

उर ़नज़
ू हो। बख
ू , प्मास औय ऽौफ़ िे इम्तेहान भें ऩास हुए हो। अल्राह

ताअरा ने तुभ ऩय यहभ किमा है, तुम्हें नजात दी है । तुम्हें ऩािीज़ा ऩानी वऩरामा

है । भैं उस वक़्त िो जानता हूॉ जफ तुभ िश्ती ऩय सवाय हुए औय सभन्


ु दय भें यहे ,

तम्
ु हायी िश्ती टूट गई कितनी दयू ति भौजों िे थऩेड़े खाती यही। तभ
ु ने अऩने

आऩ िो सभन्
ु दय भें गगयाने िा इयादा किमा, अगय ऐसा ियते तो खद
ु भौत िो

दावत दे ते। फड़ी भलु सफत उठाई। भैं उस वक़्त िो बी जानता हूॉ जफ तुभ ने नजात

ऩाई औय दो ऽूफ सयू त चीज़ें दे खीॊ। तुभ ने ऩरयन्दे िा ऩीछा किमा। जफ उसने

तुम्हे दे खा तो आसभान िी तयफ़ उड़ गमा। अल्राह ताअरा तुभ ऩय यहभ ियें ,

आओ महाॉ फैठ जाओ। जफ भैंने उस शख़्स िी फात सन


ु ी तो उस से िहा, भैं तुम्हें

784
अल्राह ताअरा िा वास्ता दे िय ऩछ
ू ता हूॉ मह फताओ कि भेये हारात तुभ िो

किसने फताऐ? फ़यभामा उस ज़ात ने जो ज़ाहहयो फानतन िी जानने वारी है । कपय

फ़यभामा कि तभ
ु बख
ू े हो। भैंने अजऱ् िी फेशि बख
ू ा हूॉ। मह सन
ु िय आऩने

अऩने रफों िो हयित दी औय एि दस्तयख़्वान रूभार से ढ़िा हुआ हाज़जय


ु़ हो

गमा। उन्होंने दस्तयख़्वान से रूभार िो उठा लरमा। फ़यभामा अल्राह ताअरा ने

जो रयज़़् हदमा है आओ उसे खाओ। भैंने खाना खामा, ऐसा ऩािीज़ा खाना िबी न

खामा था कपय भझ
ु े ऩानी वऩरामा, भैंने ऐसा रज़ीज़ औय भीठा ऩानी िबी नहीॊ

वऩमा था। कपय उन्होंने दो यिअत नभाज़ ऩढ़ी औय भझ


ु से फ़यभामा कि ऐ अरी

घय जाना चाहते हो, भैंने अजऱ् कि भैं वतन से फहुत दयू हूॉ (चीन िे इरा़े भें

ऩडा हूॉ) भेयी भदद िौन िय सिता है औय भैं क्मो िय महाॉ से वतन जा सिता

हूॉ? उन्होंने फ़यभामा घफयाओ नहीॊ हभ अऩने दोस्तों िी भदद किमा ियते हैं। हभ

तुम्हायी भदद ियें गे। कपय उन्होंने दआ


ु िे लरमे हाथ उठामा, नागाह फादर िे टुिड़े

आने रगे औय ााय िे दयवाज़े िो घेय लरमे। जफ फादर उनिे साभने आमा तो

उसने फाहुक्भे ऽदा सराभ किमा ‘‘ ऐ अल्राह िे वरी औय उसिी हुज्जत आऩ

ऩय सराभ हो। उन्होंने जवाफे सराभ हदमा। कपय फादर िे एि टूिड़े से ऩछ


ू ा िहाॊ

िा इयादा है औय किस ज़भीन िे लरमे तुभ बेजे गमे हो। उसने ज़भीन िा नाभ

लरमे औय वह चरा गमा। कपय अब्र िा एि टुिड़ा साभने आमा औय आ िय

सराभ किमा। उन्होंने जवाफ हदमा। ऩछ


ू ा िहाॊ जाने िे लरमे आमा है? िहा

785
ताऱान जाने िा हुक्भ हदमा गमा है । ऐ ऽुदा ए वहदहू रा शयीि िा इताअत

गज़
ु ाय अब्र ज़जस तयह अल्राह िी दी हुई चीज़ें उड़ा िय लरमे जा यहा है इसी तयह

इस फन्दाए भोलभन िो बी रे जा। जवाफ लभरा फ सयो चश्भ (सय आॊखों ऩय) कपय

उन्होंने फादर िो हुक्भ हदमा कि ज़भीन ऩय फयाफय हो जा, वह ज़भीन ऩय आ

गमा, कपय भेये फाज़ू िो ऩिड़ िय उस ऩय फैठा हदमा। फादर अबी उड़ने बी न

ऩामा था कि भैंने उनिी खखदभत


ु़ भें अजऱ् िी, भैं आऩिो अल्राभ ताअरा िी

़सभ औय भोहम्भद (स. अ.) औय आइम्भा ए ताहे यीन (अ.स.) िा वास्ता दे िय

ऩछ
ू ता हूॉ कि आऩ मह फ़यभाइमे आऩ हैं िौन? आऩ िा इस्भे गेयाभी (नाभ) क्मा

है ? इयशाद फ़यभामा ! ऐ अरी बफन सारेह ताऱानी भैं ज़भीन ऩय अल्राह िी

हुज्जत हूॉ औय भेया नाभ भस


ू ा बफन जाफ़य (भस
ू ा िाज़जभ)
ु़ है । कपय भैंने उनिे

आफाव हजदाद िी इभाभत िा ज़जक्र


ु़ किमा औय उन्होंने फादर िो हुक्भ हदमा औय

वह फरन्द हो िय हवा िे दोश ऩय चर ऩड़ा। ऽुदा िी ़सभ न भझ


ु े िोई

तिरीफ़ ऩहुॉची औय न ऽौफ़ रा ह़ हुआ। भैं थोडी ु़ दे य भें वतन ‘‘ तऱान ’’ जा

ऩहुॉचा औय ठीि उस सड़ि ऩय उतया ज़जस ऩय भेया भिान था। मह सन


ु िय हारून

यशीद ने जल्रादों िो हुक्भ दे िय उसे इस लरमे ़त्र िया हदमा कि वह िहीॊ इस

वाकिमे
ु़ िो रोगों भें फमान न िय दे औय अज़भते आरे भोहम्भद औय वाज़े न हो

जाम।

(भनाक़फ इब्ने शहय आशोफ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 121 प्रिालशत भुल्तान)

786
हज़रत इमाम मूिा काजजम (अ.ि.) और फ़पदक के हुदद
ू े अरफा

अल्राभा मस
ु फ़
ू फादादी लसब्ते इब्ने जोज़ी हनफ़ी तहयीय फ़यभाते हैं कि एि

हदन हारून यशीद ने हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) से िहा कि आऩ ‘‘

कपदि
ु़ ’’ रेना चाहें तो भैं दे दॉ ।ू आऩने फ़यभामा कि भैं जफ उसिे हुदद
ू फताऊगाॊ

तो तू उसे दे ने ऩय याज़ी न होगा औय भैं उसी वक़्त रे सिता हूॉ जफ उसिे ऩयू े

हुदद
ू हदमे जामें। उसने ऩछ
ू ा कि उसिे हुदद
ू क्मा हैं? फ़यभामा ऩहरी हद अदन है,

दस
ू यी हद सभय िन्द है तीसयी हद अफ़यी़ा है, चौथी हद सैफ़ अर फहय है जो

ऽज़यक औय आयभीननमा िे ़यीफ है । मह सन


ु िय हारून यशीद आग फफर
ू ा हो गमा

औय िहने रगा कपय हभाये लरमे क्मा है? हज़यत ने फ़यभामा कि इसी लरमे तो

भैंने रेने से इन्िाय किमा था। इस वाकिमे


ु़ िे फाद ही से हारून यशीद हज़यत िे

दयऩए ़त्र हो गमा।

(ऽवास अर उम्भता अल्राभा लसब्ते इब्ने जौज़ी ऩष्ृ ठ 416 प्रिालशत राहौय)

हारून रिीद अब्फािी की िादात कुिी

हमीद बफन क़हतफा और उिका वाक़ेआ

तवायीऽ भें है कि हारून यशीद ताभीये फादाद औय दीगय भल्


ु िी भसरूकपमात
ु़

िी वजह से थोड़े असे ति सादात िुशी िी तयफ़ भत


ु वज्जा न हो सिा रेकिन

787
जफ उसे ज़या सा सि
ु ू न हुआ तो उसने अऩने आफाई जज़फात िो फरूए िाय राने

िा तहय्मा िय लरमा औय इसिी सई शरू


ु िय दी कि ज़भीन ऩय आरे भोहम्भद

िा िोई फीज बी फा़ी न यहने ऩाए, चन


ु ान्चे उसने ऩयू ा हौसरा ननिारा औय हय

भभ
ु किन सयू त से उन्हें तफाह व फयफाद िय हदमा।

उरभा िा िहना है कि उसने ान्ु ड़ों िे गगयोह ़त्रे सादात िे लरए भ़


ु यक य िय

हदमे थे औय ऽुद अऩनी हुिूभत िे आरा हुक्िाभ िो ऽुसस


ू ी हुक्भ बेज हदमा था

कि सरतनत व हुिूभत िो ऩयू ी ता़त से सादात िी तराश िी जाए औय इनभें

से एि िो बी ज़जन्दा
ु़ ना छोड़ा जाए।

अल्राभा भजलरसी ‘‘ अब्दल्


ु राह फज़ाय नेशाऩयु ी िे हवारे से ’’ हाकिभ ईयान

हभीद इब्ने ़हतफा तूसी िा एि ऽत लरखते हैं। इब्ने ़हतफा िहते हैं कि भैं इस

लरमे यौज़ा नभाज़ नहीॊ ियता कि भझ


ु े इल्भ है कि भैं फख़्शा नहीॊ जा सिता औय

फहय सयू त जहन्नभ


ु भें जाऊॉगा। ऐ अब्दल्
ु राह! तुभ से क्मा फताऊॉ अबी थोड़े असे

िी फात है कि हारून यशीद ने भझ


ु े यात िे वक़्त जफ कि वह तस
ू आमा हुआ था

औय भैं बी इत्तेफ़ा़न आ गमा, फर


ु ामा औय भझ
ु े हुक्भ हदमा कि तभ
ु इस ार
ु ाभ

िे साथ जाओ औय मह भेयी तरवाय हभयाह रेते जाओ, मह जो िहे वह ियो। भैं

इसिे हुक्भ से ार
ु ाभ िे साथ हो लरमा। ार
ु ाभ भझ
ु े एि ऐसे भिान भें रे गमा

ज़जसभें फ़ात्भा बफन्ते असद यसर


ू अल्राह (स. अ.) औय अरी (अ.स.) िी ज़ौजा

फत
ु ूर िी औराद ़ैद थी। ार
ु ाभ ने एि िभये िा दयवाज़ा खोरा औय भझ
ु से

788
िहा कि इन सफ िो ़त्र िय िे इस िुएॊ भें डार दो, भैंने उन्हें ़त्र किमा औय

िुएॊ भें डार हदमा। कपय दस


ू या िभया खोरा औय भझ
ु से िहा कि इन सफ िो

़त्र िय िे िुऐॊ भें डारो, भैंने उन्हें बी ़त्र किमा। भगय तीसया िभया खोरा

औय भझ
ु से िहा कि उन्हें बी ़त्र ियो। भैंने उन्हें बी ़त्र किमा। ऐ

अब्दल्
ु राह इन सफ भ़तूरों िी तादाद साठ थी। इनभें छोटे , फड़े, फढ़
ू े , जवान औय

सबी किस्भ
ु़ िे सादात थे। ऐ अब्दल्
ु राह जफ भैं आऽयी िभये िे ़ैदी सादात िो

़त्र ियने रगा तो आखखय


ु़ भें एि नेहामत नयू ानी फज
ु ुगक फयाभद हुए औय भझ
ु से

िहने रगे, ऐ ज़ालरभ ! क्मा यसर


ू अल्राह (स.अ.व.व.) िो भॉह
ु नहीॊ हदखाना है?

औय क्मा खुदा िी फायगाह भें तुझे नहीॊ जाना है? मह तू क्मा िय यहा है । इसिा

िराभ सन
ु िय भेया हदर िाॉऩ गमा औय उन ऩय भेया हाथ न उठा। इतने भें

ार
ु ाभ ने भझ
ु े डाॉट िय िहा हुक्भे अभीय भें क्मों दे य ियता है । उसिे मह िहने

ऩय भैंने उन्हें बी तरवाय िे घाट उताय हदमा। अफ भेयी नभाज़ औय भेया यौज़ा

भझ
ु े क्मा फ़ामदा ऩहुॉचा सिता है ।

हज़रत इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.) की दोफारा गगरफ़्तारी

अल्राभा इब्ने शहय आशोफ, अल्राभा तफयसी, अल्राभा अयफरी, अल्राभा

लशफरन्जी तहयीय फ़यभाते हैं कि 169 - 70 हहजयी भें हादी िे फाद हारून तख़्ते

खखराफ़त
ु़ ऩय फैठा। सरतनत अब्फासीमा िे ़दीभ यवामत जो सादात फनी फ़ात्भा

789
(स.अ.व.व.) िी भऽ
ु ारेफ़त भे थे इसिे ऩेशे नज़य थे। खुद इसिे फाऩ भन्सयू िा

यवय्मा जो इभाभे जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे खखराफ़


ु़ था उसे भारभ
ू था। उसिा

मह इयादा िी जाफ़ये साहद़ िे जानशीन िो ़त्र िय डारा जाए म़ीनन उसिे

फेटे हारून िो भारभ


ू हो चि
ू ा होगा वह तो इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी

हािीभाना वसीमत िा इख़्रा़ी दफाव था ज़जसने भन्सयू िे हाथ फाॊध हदमे थे औय

कपय शहय फादाद िी ताभीय िी भसरूफ़ीमत थी ज़जसने उसे उस जाननफ भत


ु ावज्जे

नहीॊ होने हदमा था। अफ हारून िे लरमे उनभें से िोई फात भाने नहीॊ थी तख़्ते

सरतनत ऩय फैठ िय अऩने अख़्तेदाय िो भज़फत


ू ियने िे यखने िे लरमे सफ से

ऩहरे मह ही तसव्वय ऩैदा हो सिता था कि इस रूहाननमत िे भय़ज़ िो जो

भदीने भहल्रा फनी हालशभ भें ़ाएभ है तोड़ने िी िोलशश िी जाए भगय एि

तयफ़ इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िा भोहतात औय ऽाभोश तयज़े अभर औय

दस
ू यी सरतनत िी अन्दरू
ु नी भज़ु श्िरात उनिी वजह से 9 फयस ति हारून यशीद

िो बी किसी खर
ु े हुऐ तशद्दद
ु िा इभाभ िे खखराफ़
ु़ भौ़ा न लभरा।

इसी दौयान भें अब्दल्


ु राह इब्ने हसन िे फ़यज़न्द माहहमा दयऩेश हुआ वह अभान

हदमे जाने िे फाद तभाभ अहदो ऩैभान िो तोड़ िय ददक नाि तयी़े ऩय ़ैद यखे

गमे औय कपय ़त्र किमे गए फावजूद कि माहहमा िे भाभरात से इभाभ भस


ू ा

िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो किसी तयह िा सयो िाय न था फज़ल्ि वा़ेमात से साबफत

होता है कि हज़यत उनिो हुिूभते वक़्त िी भऽ


ु ारफ़त से भना फ़यभाते थे। भगय

790
अदावते फनी फ़ात्भा िा जज़फा जो माहहमा बफन अब्दल्
ु राह िी भऽ
ु ारेफ़त िे

फहाने से उबय गमा था इसिी ज़द से हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) बी

भहफ़ूज़ न सिे। इधय माहहमा बफन खालरद


ु़ फय भक्िी जो वज़ीये आज़भ था अभीन

(फ़यज़न्द हारून यशीद) िे अतालऱ तापयबफन भोहम्भद अशअस िी य़ाफत भें

इसिे खखराफ़
ु़ मह इल्ज़ाभ ़ाएभ किमा कि मह इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे

लशमों भें से है औय इनिे इ़नतदाय िा ख़्वाह है ।

फयाह यास्त उस िा भ़सद हारून िो जाफ़य से फयाश्ता ियना था रेकिन बफर

वास्ता इसिा ताअल्ऱ


ु हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे साथ बी था इस

लरमे हारून िो हज़यत िी ज़यय यसानी िी कपक्र


ु़ ऩैदा हो गई इस दौयान भें मह

वाकिमा
ु़ ऩैदा हुआ कि हारून यशीद हज िे इयादे से भक्िा भोअज़्ज़भा भें आमा।

इत्तेफ़ा़ से इसी सार हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) बी हज िो तशयीफ़

राए हुए थे। हारून ने अऩनी आॉख से इस अज़भत व भयजीमत िा भश


ु ाहे दा किमा

जो भस
ु रभानों भें इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे भत
ु ालऱ ऩाई जाती थी। इससे

इसिे हसद िी आग बी बड़ि उठी। इसिे फाद इसभें भोहम्भद बफन इस्भाईर िी

भऽ
ु ारेफ़त ने औय इज़ाफ़ा िय हदमा वा़ेमा मे है कि इस्भाईर इभाभ जाफ़ये

साहद़ (अ.स.) िे फड़े फ़यज़न्द थे औय इस लरमे उनिी ज़जन्दगी


ु़ भें आभ तौय ऩय

रोगों िा ख़्मार मह था कि वह इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे ़ामभ भ़


ु ाभ हो

गमे भगय उनिा इन्ते़ार इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे ज़भाने भें ही हो गमा

791
औय रोगों िा ख़्मार ारत साबफत हुआ कपय बी फाज़ सादा रौह असहाफ इस

ख़्मार ऩय ़ामभ यहे कि जा नलशनी िा ह़ इस्भाईर औय औरादे इस्भाईर भें

भन
ु हालसय है । उन्होंने इभाभ हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी इभाभत िो

़ुफर
ू नहीॊ किमा चन
ु ान्चे इस्भाईलरमा कपयिा
ु़ ु़ फन गमा भख़्
ु तसय तादाद भें सही

अफ दनु नमा भें भौजूद थे। भोहम्भद इन ही इस्भाईर िे फ़यज़न्द थे औय इस लरमे

भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) से एि तयह िी भऽ
ु ारेफ़त ऩहरे से यखते थे। भगय चॊकु ि

इनिे भानने वारों िी तादाद फहुत ही िभ थी औय वह हज़यात िोई नभ


ु ामा

है लसमत न यखते थे इस लरमे ज़ाहहयी तौय ऩय इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे महाॊ

आभदो नफ़्त यखते थे औय ज़ाहहयी तौय ऩय ़याफत दायी िे ताऱ


ु ात ़ाएभ किए

हुए थे।

हारून यशीद ने इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी भख
ु ारफ़त िी सयू तों ऩय ाौय

ियते हुए माहहमा फय भक्िी से भशववया लरमा कि भैं चाहता हूॉ कि औरादे अफू

तालरफ भें से किसी िो फर


ु ा िय इससे भस
ू ा इब्ने जाफ़य िे ऩयू े हारात दयमाफ़्त

िरूॊ। माहहमा जो ऽद
ु अदावत फनी फ़ात्भा भें हारून से िभ न था इसने भोहम्भद

बफन इस्भाईर िा ऩता हदमा कि आऩ इनिो फर


ु ा िय दयमाफ़्त ियें तो सही

हारात भारभ
ू हो सिेंगे चन
ु ान्चे उसी वक़्त भोहम्भद बफन इस्भाईर िे नाभ ऽत

लरखा गमा।

792
शहनशाहे वक़्त िा ऽत जो भोहम्भद बफन इस्भाईर िो ऩहुॉचा तो उसने अऩनी

दनु नमाॊवी िाभमाफी िा फेहतयीन ज़रयमा सभझ िय फ़ौयन फादाद जाने िा इयादा

िय लरमा भगय इन हदनों हाथ बफल्िुर ऽारी थे, इतना रूऩमा ऩैसा भौजद
ू न था

कि साभाने सफ़य ियते भजफयू त इसी डेवढी ऩय आना ऩड़ा जहाॊ ियभ व अता भें

दोस्त व दश्ु भन िी तफ़यी़ न थी। इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे ऩास आ िय

फादाद जाने िा इयादा ज़ाहहय किमा। हज़यत ऽूफ सभझते थे कि इस फादाद िे

सफ़य िा ऩस भन्ज़य औय इसिी फनु नमाद क्मा है । हुज्जत तभाभ ियने िी ायज़

से आऩ ने सफ़य िा सफफ दयमाफ़्त किमा। उन्होंने अऩनी ऩये शान हारी फमान

ियते हुए ़ज़कदाय फहुत हो गमा हूॉ कि शामद वहाॊ जा िय िोई सयू त फसय

अव़ात िी ननिरे औय भेया ़ज़ाक अदा हो जाए। हज़यत ने फ़यभामा वहाॊ जाने िी

ज़रूयत नहीॊ है, भैं वादा ियता हूॉ कि तुम्हाया ़ज़ाक अदा िरूगाॊ औय जहाॊ ति

होगा। तुम्हाये ज़रूयमाते ज़जन्दगी


ु़ बी ऩयू ी ियता यहूॉगा। अफ़सोस है कि भोहम्भद ने

इसिे फाद फादाद जाने िा इयादा नहीॊ फदरा। चरते वक़्त हज़यत से रूऽसत होने

रगे तो अज्र किमा कि भझ


ु े वहाॊ िे भत
ु ाअज़ल्ऱ िुछ हहदामत फ़यभाई जाएॊ,

हज़यत ने उसिा िुछ जवाफ न हदमा। जफ उन्होंने िई भयतफा इस्राय किमा तो

हज़यत ने फ़यभामा् फस इतना ख़्मार यखना कि भेये ऽून भें शयीि न होना औय

भेये फच्चों िी मतीभी िे फाएस न फनना। िुछ औय हहदामत फ़यभाइमे, हज़यत ने

उसिे अरावा िुछ िहने से इन्िाय किमा। जफ वह चरने रगे तो हज़यत ने साढ़े

793
चाय सौ दीनाय औय ऩन्द्रह सौ हदयहभ उन्हें भसारयफ़े सफ़य िे लरमे अता फ़यभामें।

नतीजा वही हुआ जो हज़यत िे ऩेशे नज़य था। भोहम्भद बफन इस्भाईर फादाद

ऩहुॉचे औय वज़ीये आज़भ फय भक्िी िे भेहभान हुए। उसिे फाद महीमा िे साथ

हारून िे दयफाय भें ऩहुॉच।े भसरेहते वक़्त िी बफना ऩय फहुत ताज़ीभो तियीभ िी

गई। गुफ़्तुगू िे दौयान हारून ने भदीने िे हारात दयमाफ़्त किमे। भोहम्भद ने

इन्तेहाईं ारत फमाननमो िे साथ वहाॊ िे हारात िा तज़किया किमा औय मह बी

िहा कि भैंने आज ति नहीॊ दे खा औय न सन


ु ा कि एि भल्
ु ि भें दो फादशाह हों।

उसने िहा ! कि इसिा क्मा भतरफ? भोहम्भद ने िहा कि बफल्िुर उसी तयह

जैसे आऩ फादाद भें सरतनत िय यहे हैं भस


ू ा िाज़जभ
ु़ भदीने भें अऩनी सरतनत

़ामभ किमे हुए हैं, अतयाफ़ भल्


ु ि से उनिे ऩास खखयाज
ु़ ऩहुॉचता है औय वह

आऩिे भ़
ु ाफरे िे दावे दाय हैं। उन्होंने फीस हज़ाय अशयपी िी एि ज़भीन ऽयीदी

है ज़जसिा नाभ ‘‘ सैरयमा ’’ है । (लशफरन्जी) मही फाते थीॊ ज़जनिे िहने िे लरमे

महीमा फय भक्िी ने भोहम्भद िो भन्


ु तखखफ
ु़ किमा था। हारून िा ाैज़ो ाज़फ

इन्तेहाई इशतेआर िे दयजे ति ऩहुॉच गमा उसने भोहम्भद िो दस हज़ाय दीनाय

अता िय िे रूऽसत किमा। ऽुदा िा ियना मह कि भोहम्भद िो इस य़भ से

फ़ामदा उठाने िा एि हदन बी भौ़ा नहीॊ लभरा इसी शफ िो उनिे हऱ भें ददक

ऩैदा हुआ ाारेफन ‘‘ ऽन्नाि ’’ हो गमा औय सफ


ु ह होते होते वह दनु नमा से

रूऽसत हो गमे। हारून िो मह ऽफय ऩहुॉची तो अशयकपमों


ु़ िे तोड़े वाऩस भॊगवा

794
लरमे भगय भोहम्भद िी फातों िा असय उसिे हदर ऩय ऐसा जभ गमा था कि

उसने मह तम िय लरमा कि इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िा नाभ सफ़हे हसती से

लभटा हदमा जाम। चन


ु ान्चे 169 हहजयी भें कपय हारून यशीद ने भक्िए भोअज़्ज़भा

िा सफ़य किमा औय वहाॊ से भदीना ए भन


ु व्वया गमा। दो एि योज़ ़माभ िे फाद

िुछ रोग इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो गगयफ़्ताय ियने िे लरमे यवाना किमे।

जफ मह रोग इभाभ (अ.स.) िे भिान ऩय ऩहुॉचे तो भारभ


ू हुआ कि हज़यत यौज़ा

ए यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩय हैं। उन रोगों ने यौज़ा ए ऩैाम्फय (स.अ.व.व.) िी इज़्ज़त

िा बी ख़्मार न किमा। हज़यत उस वक़्त ़ब्रे यसर


ू (स.अ.व.व.) िे नज़दीि

नभाज़ भें भशार


ू थे। फे यहभ दश्ु भनों ने आऩिो नभाज़ िी ही हारत भें ़ैद िय

लरमा औय हारून िे ऩास रे गमे।

भदीना ए यसर
ू (स.अ.व.व.) िे यहने वारों भें फे हहसी इसिे ऩहरे बी फहुत

दफ़ा दे खी जा चि
ु ी थी। मह बी इसिी एि लभसार थी कि यसर
ू (स. अ.) िे

फ़यज़न्द यौज़ा ए यसर


ू (स.अ.व.व.) से इस तयह गगयफ़्ताय िय िे रे जामा जा यहा

था भगय नाभ नेहाद भस


ु रभानों भें एि बी ऐसा न था जो किसी तयह िी आवाज़े

एहतेजाज फरन्द ियता। मह 20 शव्वार 179 हहजयी िा वाकिमा


ु़ है ।

हारून इस अन्दे शे से कि िोई जभाअत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो रयहा

ियाने िी िोलशश न िये दो भहलभरे तैय्माय ियाईं। एि भें इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़

(अ.स.) िो सवाय ियामा औय उसिो एि फहुत फड़े फ़ौजी दस्ते िे हल़्े भें फसये

795
यवाना किमा औय दस
ू यी भहलभर जो ऽारी थी उसे बी इतनी ही तादात िी

हहफ़ाज़त भें फादाद यवाना किमा। भ़सद मह था कि आऩिे भहरे ़माभ औय

़ैद िी जगह िो बी भश़ूि फना हदमा जाए। मह ननहामत हसयत नाि वाकिमा
ु़

था कि इभाभ िे अहरे हयभ औय फच्चे वक़्ते रूऽसत आऩिो दे ख बी न सिे औय

अचानि भहर सया भें लसफ़क मह इत्तेरा ऩहुॉच सिी कि हज़यत सरतनते वक़्त िी

तयफ़ से ़ैद िय लरमे गमे हैं। इससे फीववमों औय फच्चों भें िोहयाभ फयऩा हो गमा

औय म़ीनन इभाभ िे हदर ऩय बी जो इसिा सदभा हो सिता है वह ज़ाहहय है

भगय आऩिे ज़ब्तो सब्र िी ता़त िे साभने हय भज़ु श्िर आसान थी।

भारभ
ू नहीॊ कितने हे य पेय से मह यास्ता तम किमा गमा था कि ऩयू े एि भहीने

सत्तयह योज़ िे फाद 7 ज़जज़ल्हज्जा


ु़ िो आऩ फसये ऩहुॉचामे गमे। एि सार ति आऩ

फसये भें ़ैद यहे । महाॊ िा हाकिभ हारून िा चचा ज़ाद बाई ईसा बफन जाफ़य था।

शरू
ु भें तो उसे लसफ़क फादशाह िे हुक्भ िी ताभीर भद्दे नज़य थी फाद भें उसने

ाौय ियना शरू


ु किमा कि आखखय
ु़ उनिे ़ैद किमे जाने िा सफफ क्मा है ।

इस लसरलसरे भें उसिो इभाभ (अ.स.) िे हारात औय सीयते ज़जन्दगी


ु़ इऽरा़ो

अवसाफ़ िी जुस्तुजू िा भौ़ा बी लभरा औय ज़जतना उसने इभाभ िी सीयत िा

भत
ु ारेआ किमा उतना उसिे हदर ऩय आऩिी फरन्दीए इऽरा़ औय हुसन
ै कियदाय

िा असय िामभ
ु़ होता गमा। अऩने इन असयात से उसने हारून िो भत्त
ु रा बी

किमा। हारून ऩय इसिा उल्टा असय हुआ। ईसा िे फाये भें फदगुभानी ऩैदा हो गई

796
इस लरमे उसने इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो फादाद भें फर
ु ा बेजा औय फ़ज़र

बफन यफी िी हहयासत भें दे हदमा औय कपय फ़ज़र िा रूझान लशअत िी तयफ़

भहसस
ू ियिे महीमा फय भक्िी िो उसिे लरमे भ़
ु यक य किमा।

भारभ
ू होता है कि इभाभ िे इख़्रा़ औय अवसाफ़ िी िलशश हय एि ऩय

अऩना असय डारती थी इस लरमे ज़ालरभ फादशाह िो ननगयानों िी तफदीरी िी

ज़रूयत ऩड़ती थी। सफ से आखखय


ु़ भें इभाभ (अ.स.) लसन्दी बफन शाहि िे ़ैद

ऽाने भें यखे गमे, मह फहुत ही फे यहभ औय सख़्त हदर था। भर


ु ाहे ज़ा हो।

(भनाक़फ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 68 व आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 180, िशफ़र ाम्भा ऩष्ृ ठ 108, नूरूर

अफसाय ऩष्ृ ठ 136, सवानेह भस


ू ा िाज़जभ
ु़ ऩष्ृ ठ 15)

इमाम (अ.ि.) का क़ैद खाने में इम्तेहान और इल्मे ग़ैफ का मज़


ु ाहे रा

अल्राभा लशब्रनजी लरखते हैं कि ज़जस ज़भाने भें आऩ हारून यशीद िे ़ैद

ऽाने भें सखखु़ ़्तमाॊ फयदाश्त फ़यभा यहे थे इभाभ अफू हनीफ़ा िे शागगकद यशीद अफू

मस
ु फ़
ू औय भोहम्भद बफन हसन एि शफ ़ैद ऽाने भें इस लरमे गमे कि आऩिे

फहये इल्भ िी थाह भारभ


ू ियें औय दे खें कि आऩ इल्भ िे कितने ऩानी भें है । वहाॊ

ऩहुॉच िय उन रोगों ने सराभ किमा, इभाभ (अ.स.) ने जवाफे सराभ इनामत

फ़यभामा। अबी मह हज़यात िुछ ऩछ


ू ने ना ऩाम थे कि एि भर
ु ाज़जभ
ु़ डमट
ू ी ऽत्भ

िय िे घय जाते हुए आऩिी खखदभत


ु़ भें अजक ऩयदाज़ हुआ कि भैं िर वाऩस

797
आऊॉगा अगय िुछ भॊगाना हो तो भझ
ु से फ़यभा दीज़जमे भैं रेता आऊॉगा। आऩने

इयशाद फ़यभामा भझ
ु े किसी चीज़ िी ज़रूयत नहीॊ। जफ वह चरा गमा तो आऩने

अफू मस
ु फ़
ू वाैया से िहा कि मह फेचाया भझ
ु से िहता है कि भैं उस से अऩनी

हाजत फमान िरूॊ ताकि मह िर उसिी तिभीर व ताभीर िय दे रेकिन उसे

ऽफय नहीॊ कि मह आज यात िो वफ़ात ऩा जामेगा। इन हज़यात ने जो मह सन


ु ा

तो सवार जवाफ िे फाैय ही वाऩस चरे आमे औय आऩस भें िहने रगे कि हभ

इन से हरारो हयाभ, वाज़जफो सन्


ु नत िे भत
ु ाअज़ल्ऱ सवारात ियना चाहते थे। ‘‘

फ़ा अऽाज़ा मतिरभ भाआना इल्भ अर ाैफ ’’ भगय मह तो हभसे इल्भें ाैफ िी

फाते िय यहे हैं। उसिे फाद उन दोनों हज़यात ने उस भर


ु ाज़जभ
ु़ िे हारात िा ऩता

रगामा तो भारभ
ू हुआ कि वह नागहानी तौय ऩय यात ही भें वफ़ात िय गमा। मह

भारभ
ू ियिे इन हज़यात िो सख़्त ताअज्जुफ हुआ।

(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 146)

अल्राभा अयफरी लरखते हैं कि इस वाकिमे


ु़ िे फाद मह हज़यात कपय इभाभ

(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़जय
ु़ हो िय अज़क ऩयदाज़ हुए कि हभें भारभ
ू था कि

आऩिो लसफ़क इल्भे हरारो हयाभ भें ही भहायत हालसर है रेकिन ़ैद ऽाने िे

भर
ु ाज़जभ
ु़ िे वाकिमे
ु़ ने वाज़े िय हदमा कि आऩ इल्भ अर भनामा औय इल्भे ाैफ

बी जानते हैं। आऩने इयशाद फ़यभामा कि मह इल्भ हभाये लरमे भख़्सस


ू है । इसिी

798
तारीभ हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स. अ.) ने हज़यत अरी (अ.स.) िो दी थी औय

उनसे मह इल्भ हभ ति ऩहुॉचा है ।

हज़रत इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.) की िहादत

अल्राभा लशब्रन्जी लरखते हैं कि जफ हारून यशीद ने फसये भें एि सार ़ैद

यखने िे फाद ईसा इब्ने जाफ़य वालरमे फसया िो लरखा कि भस


ू ा बफन जाफ़य

(इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो ़त्र िय िे फादशाह िो उनिे वज
ु द
ू से सि
ु ून

दे दे तो उसने अऩने हभदक दों से भशवेये िे फाद हारून यशीद िो लरखा कि ऐ

फादशाह इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) भें भैं ने एि सार िे अन्दय िोई फयु ाई नहीॊ

दे खी मह शफो योज़ नभाज़ योज़े भें भसरूफ़ व भशार


ू यहते हैं अवाभ औय हुिूभत

िे लरमे दआ
ु ए ऽैय किमा ियते हैं औय भल्
ु ि िी फ़राह व फहफद
ू िे ख़्वाहहश

भन्द हैं बरा भझ


ु से क्मों िय हो सिता है कि भैं उन्हें ़त्र िय िे अऩनी

आ़ेफत बफगाड़ू।ॊ

ऐ फादशाह ! भैं उनिे ़त्र ियने भें अऩने अन्जाभ औय अऩनी आ़ेफत िी

तफाही दे ख यहा हूॉ औय सख़्त हयज भहसस


ू ियता हूॉ रेहाज़ा तू भझ
ु े इस गुनाहे

अज़ीभ िे इयते़ाफ से भाफ़ िय फज़ल्ि भझ


ु े हुक्भ दे दे कि भैं उन्हें ़ैदे भशक़़्त

से रयहा िरूॊ। इस ऽत िो ऩाने िे फाद हारून यशीद ने आखखय


ु़ भें मह िाभ सन्दी

बफन शाहि िे हवारे किमा औय इसी से आऩिो ज़हय हदरवा िय शहीद िया

799
हदमा। ज़हय खाने िे फाद आऩ तीन योज़ ति तड़ऩते यहे , महाॊ ति कि वफ़ात ऩा

गमे।

(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 137)

अल्राभा जाभी लरखते हैं कि ज़हय खाते ही आऩने फ़यभामा कि आज भझ


ु े ज़हय

हदमा गमा है िर भेया फदन ज़दक हो जामेगा औय तीसये योज़ िारा हो जामेगा औय

उसी हदन भैं इस दनु नमाॊ से रूऽसत हो जाऊॉगा। चन


ु ान्चे ऐसा ही हुआ।

(शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 193)

अल्राभा इब्ने हजये भक्िी लरखते हैं कि हारून यशीद ने आऩिो फादाद भें ़ैद

िय हदमा औय ता-हमात ़ैद यखा। आऩिी वफ़ात िे फाद हथिड़ी औय फेड़ी

िटवाई गई। आऩिी वफ़ात हारून यशीद िे ज़हय से हुई जो उसने सन्दी इब्ने

शाहि िे ज़रयमे से हदरवामा था। जफ आऩिो खाने मा ऽयु भा भें ज़हय हदमा गमा

तो आऩ तीन योज़ ति तड़ऩ ते यहे । महाॊ ति कि इन्ते़ार हो गमा।

(सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 132, अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 454)

अल्राभा इब्ने अर साई अरी बफन अर नजफ फादादी लरखते हैं कि आऩ िो

ज़हय से इन्तेहाई भज़रभ


ू ी िी हारत भें शहीद िय हदमा गमा।

(अऽफारूर ऽर
ु फ़ा)

अल्राभा अफर
ु कपदा
ु़ लरखते हैं कि ़ैद खानेु़ यशीद भें आऩने वफ़ात ऩाई।

(अफुर कपदा
ु़ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 151)

800
अल्राभा दामये फियी लरखते हैं कि आऩिो हारून यशीद िे हुक्भ से महीमा

इब्ने ऽालरद फय भक्िी वज़ीये आज़भ ने ऽयु भे भें ज़हय दे िय शहीद िय हदमा।

(तायीऽे ऽभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 320)

अल्राभा जाभी लरखते हैं कि आऩिो हारून यशीद ने फादाद भें रा िय ता उम्र

़ैद यखा आखखय


ु़ भें अऩने वज़ीये आज़भ महीमा इब्ने ऽालरद फय भक्िी िे ज़रयमे

से ़ैद ऽाने भें ज़हय हदरवा हदमा औय आऩ वफ़ात ऩा गमे।

(शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 193)

अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि आऩिो िई भयतफा ज़हय हदमा गमा

रेकिन आऩ हय फाय भहफ़ूज़ यहे । एि भयतफा आऩने वह ऽुयभा उठा िय ज़जसभें

ज़हय था ज़भीन ऩय फ़ेंि हदमा ज़जसे हारून िे िुत्ते ने खा लरमा औय वह भय गमा

िुत्ते िे भयने िी ऽफय से हारून यशीद िो शदीद यॊ ज हुआ औय उसने ऽाहदभ से

सख़्त फाज़ ऩस
ु क िी। (ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 173)

आऩकी तारीखे वफात

आऩ िी वफ़ात हसयत आमात फतायीऽ 25 यजफर


ु भयु ज्जफ 183 हहजयी मौभें

जुभा वा़े हुई। आऩिी उम्र उस वक़्त 55 सार िी थी।

(भतारेफर
ु सऊ
ु र ऩष्ृ ठ 282, अराभ अर वया ऩष्ृ ठ 171 व शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 192,
ु़
नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 137 वगैयह) अऩने 14 सार हारून यशीद िे ़ैद ऽाने भें गुज़ाये ।

801
लभज़ाक दफीय िहते हैं

भौरा ऩय इन्तेहाए असीयी गज़


ु य गई।

ज़जन्दान
ु़ भें जवानी व ऩीयी गज़
ु य गई।।

वफ़ात िे फाद आऩिी नाअशे भफ


ु ायि ़ैद ऽाने से हथिड़ी औय फेड़ी सभेत

ननिार िय फादाद िे ऩर
ु ऩय डार दी गई औय नेहामत तौहीन आभेज़ अरफ़ाज़

भें आऩिे औय आऩिे भानने वारों िो माद किमा गमा रोग अगयचे फादशाह िे

ऽौफ़ से नभ
ु ामा तौय ऩय भज़हभत िी जुयअत ना ियते थे ताहभ एि गगयोह ने

ज़जसिे सयदाय सर
ु ेभान बफन जाफ़य इब्ने अफी जाफ़य थे हहम्भत िी औय नाअशे

भफ
ु ायि दश्ु भनों से छीन िय ास्
ु रों िफ़न िा फन्दो फस्त किमा। ढ़ाई हज़ाय िा

किभती
ु़ िफ़न हदमा, ज़जस ऩय ऩयू ा ़ुयआन लरखा हुआ था। नेहामत तुज़ुि व

एहनतशाभ से जनाज़ा रे िय चरे इन रोगों िे गये फान ाभें इभाभे भज़रभ


ू भें

चाि थे मह इन्तेहाई ाभ व अरभ िे साथ जनाज़े िो रे िय भ़फया ़ुयै श भें

ऩहुॉच।े हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) नभाज़ व दफ़न िे लरमे भदीना से फ ऐजाज़

ऩहुॉच चि
ु े थे। आऩने नभाज़ ऩढ़ाई औय अऩने वालरदे भाज़जद िो सऩ
ु द
ु े ऽाि

फ़यभामा।

(आराभर
ु वयु ा ऩष्ृ ठ 170 अनवाये नोभाननमा ऩष्ृ ठ 127 ज़जन्नात अर ऽरद
ू ऩष्ृ ठ 130

ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 275)

802
तदफ़ीन िे फाद हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) वाऩस भदीना तशयीफ़ रे गए।

भदीने वारों िो जफ आऩिी शहादत िी इवत्तरा लभरी तो िोहयाभ फयऩा हो गमा।

भातभ औय अदाए ताज़ीमत िा लसरलसरा भद्


ु दतों जायी यहा।

(ज़जराउर उमन
ू ऩष्ृ ठ 276)

अल्राभा भोहम्भद बफन तरह शाफ़ेई लरखते हैं कि आऩ िी तदफ़ीन िे एि

असे फाद अमान भल्


ु ि से एि शख़्स ने वफ़ात िी, रोगों िी ख़्वाहहश ऩय उसे

आऩ ही िे भ़फये भें दफ़न िय हदमा गमा। एि शफ उसने अऩने ऽाहदभ िो

ख़्वाफ भें आगाह किमा। उसने दे खा कि भ़फये भें आग रगी हुई है औय इससे

धआ
ु ॊ फ़ैर यहा है औय फदफू पैर यही है, सफ
ु ह िो उसने फादशाहे वक़्त िो फाऽफय

किमा, फादशाह ने ़ब्र ऽुदवाई तो आग िे आसाय भौजूद थे औय ़ब्र भें भैय्मत

िा वजूद ना था वह जर िय ऽाि स्तय हो गई थी।

(भतालरफुर सुऊर ऩष्ृ ठ 281)

तादादे औऱाद

सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 122 भें है कि आऩिे 37 औराद थीॊ। अल्राभा तफयसी,

अल्राभा अयफरी औय हज़यत शैऽ भफ़


ु ीद लरखते हैं कि आऩ िे 19 रड़िे 18

रड़किमाॉ थी ज़जनिे नाभ मह हैं।

803
1.हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.), 2. इब्राहीभ, 3. अब्फास, 4. ़ालसभ, 5. इस्भाईर,

6. जाफ़य, 7. हारून, 8. हसन, 9.अहभद, 10. भोहम्भद, 11. हभज़ा, 12.

अब्दल्
ु राह, 13. इस्हा़, 14. अफीद अल्राह, 15. ज़ैद, 16. हसन, 17. फ़ज़र,

18. हुसन
ै , 19. सर
ु भ
ै ान, 20. फ़ात्भा, 21. िुफया, 22. रू़य्मा, 23. आरीमा, 24.

रू़य्मा सा
ु या, 25. िुरसभ
ू , 26. उम्भे जाफ़य, 27. रफाह, 28. ज़ैनफ, 29.

ऽतीजा, 30. आरीहा, 31. आभना, 32. हुसना, 33. फयमह, 34. उम्भे सरभा,

35. भैभन
ू ा, 36. उम्भे िुरसभ
ू , 37. उम्भे अफीहा व ब़़ौरे उम्भे अब्दल्
ु राह व

फ़ौरे उम्भे असभा।

(आराभर
ु वयु ा ऩष्ृ ठ 181 िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 103, इयशाद ऩष्ृ ठ 330, नरू
ू र

अफसाय ऩष्ृ ठ 137 आऩिी मह औरादें भऽ


ु तलरफ़ फीफीमों से थे।

804
अफु जाफर हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.)

हदमे जवाफ त़ी (अ.स.) ने,वह फय सये दयफाय।

कि दॊ ग थे उरभा, नतफ़र िी फसीयत से।।

हदखाए इल्भ िे जौहय वह इब्ने अक्सभ िो।

कि वाफ़़ीह बी, वाक़फ़ हुमे इभाभत से।।

साबफय थनमानी ‘‘ ियाची ’’

तयिे दनु नमाॊ भें नहीॊ, भश़े रयमाज़त भें नहीॊ

िसयते इल्भ भें तौफ़ी़, फसीयत भें नही

हदर िी एि िैफ़ीमते, ऽास है त़वा फानो

तयज़ ऩोलशश भें नहीॊ शक्रो, शफाहत भें नहीॊ

हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) ऩैाम्फये इस्राभ हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा

(स.अ.व.व.) िे नवे जानशीन औय हभाये नवे इभाभ औय लसरलसरा ए अस्भत िी

ग्मायवीॊ िड़ी थे। आऩिे वालरदे भाज़जद वरी अहदे सरतनते अब्फासीमा ायीफर

ायु फा शहीदे जफ़ा इभाभ यज़ा (अ.स.) थे औय आऩिी वारदा भाजदा जनाफे

ऽैज़यान उफ़क सिीना थीॊ। उरभा िा फमान है कि आऩ उम्भर


ु भोभेनीन जनफा

805
भायमा क़फनतमा मानी वारदा जनाफे इब्राहीभ बफन यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िी

नस्र से थीॊ। (शवाहहद अर नफव


ू त ऩष्ृ ठ 204, यौज़तर
ु ऩष्ृ ठ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 16)

इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) अऩने आफाओ अजदाद िी तयह, इभाभ भन्सस
ू ,

भासभ
ू , इभाभे ज़भाना औय अफ़ज़रे िाएनात थे। आऩ जुभरा लसफ़ाते हुस्ना भें

मगाना योज़गाय औय भम्


ु ताज़ थे। अल्राभा बफन तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं, ‘‘ वइन

िान साीय अरसन फ़हू िफीय अर ़दय, यफ़ीह अरज़िय ’’ इभाभ (अ.स.)

अगयचे तभाभ भासभ


ू ीन भें सफ से िभ लसन औय छोटे थे रेकिन आऩिी ़दयो

भन्ज़ेरत आऩिे आफाओ अजदाद िी तयह ननहामत ही अज़ीभ थी औय आऩिा

फर
ु न्द तज़किया फय सये नोि ज़फान था। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 195)

अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते हैं कि ‘‘ भ़
ु ाभे वै बफसमाय फर
ु न्द अस्त

’’ आऩिी भज़न्ज़रत औय आऩिी हस्ती नेहामत ही फर


ु न्द थी। (यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ

438)

अल्राभा ऽववन्द शाह लरखते हैं ‘‘ दय िभार फ़ज़र व इल्भ औय हहिभत

इभाभ जवाद फा भयतफाफद


ू ह कि ’’ हे च िसया अज़ आज़भे सादात आन भयतफा ना

फद
ू ा ’’ इल्भ व फ़ज़र, अदफ व हहिभत भें इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िो वह

िभार हालसर था जो किसी िो बी नसीफ ना था। (यौज़तुर ऩष्ृ ठ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 16)

806
अल्राभा लशफरन्जी लरखते हैं कि इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िभ लसनी िे

फावजद
ू फ़ज़ाएर से बय ऩयू थे ‘‘ व भन
ु ़फमे िसीया ’’ औय आऩिे भनाक़फ व

भदामह फेशभ
ु ाय हैं। (नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 145)

अल्राभा तफयसी लरखते हैं कि ‘‘ िान ़द फरा फ़ी िभार अर अ़र वर

फ़ज़र वा आरेभ व अर हिभ वा अरदाफ व रयफ़अते भाज़रतेही तभ मसा व

फ़ीहा अहद भन ज़ी अरलसन भन अरसादात वाैय हहभ ’’ आऩ िभारे अ़र औय

फ़ज़र औय इल्भ व हहक्भ व आदाफ व फर


ु न्दी भनज़ज़रत भें इन भदारयज ऩय

फ़ाएज़ थे ज़जन ऩय आऩिे लसन औय उभय िे सादात औय ाैय सादात भें से िोई

बी फ़ामज़ न था। (अराभ अर वया ऩष्ृ ठ 202) अल्राभा शेऽ भफ़


ु ीद (य. अ.) आऩिी

फर
ु न्दी ए भन्ज़ेरत िा ज़ज़क्र ियते हुए तहयीय फ़यभाते हैं। ‘‘ भशाममऽ अहरे

ज़फान फा उभसावी दयफ़ज़र न फर


ु न्द ’’ ज़ िइस अहद भें दनु नमाॊ िे फड़े फड़े रोग

फ़ज़ाएर व िभारात भें आऩिी फयाफयी नहीॊ िय सिते थे। (इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 474)

इमाम (अ.ि.) की ववऱादत फा िआदत

उरभा िा फमान है कि इभाभ अर भत्त


ु ़ीन हज़यज इभाभ भोहम्भद त़ी

(अ.स.) फा तायीऽ 10 यजफर


ु भयु ज्जफ 195 हहजयी भें फा भत
ु ाबफ़ 811 ई0 मौभे

जभ
ु ा फाभ़
ु ाभ भदीना भन
ु व्वया भें भोतावज़ल्रद हुम ऐ। (यौज़ातर
ु अर ऩष्ृ ठ ज़जल्द 2

ऩष्ृ ठ 16 व शवाहे दन
ु नफूअत ऩष्ृ ठ 204 व अनवाये नोभानी ऩष्ृ ठ 127)

807
अल्राभा मगाना जनाफे शेऽ भफ़
ु ीद (य. अ.) फ़यभाते हैं, चॊकू ि हज़यत इभाभ

यज़ा (अ.स.) िे िोई औराद आऩिी ववरादत से ़ब्र न थी इस लरमे रोग ताना

ज़नी ियते हुए िहते थे कि लशमों िे इभाभ भन


ु ़ता उर नस्र हैं। मह सन
ु िय

हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) ने इयशाद फ़यभामा कि औराद िा होना ऽुदा िी

इनाएत से भत
ु ाअज़ल्ऱ है उसे भझ
ु े साहे फे औराद किमा है औय अॊ़यीफ भेये महाॊ

भस्नदे इभाभत िा वारयस ऩैदा होगा। चन


ु ाॊचे आऩिी ववरादत फा साअदत हुई।

(इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 473)

अल्राभा तफयीसी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) ने इयशाद फ़यभामा

था कि भेये महाॊ जो फच्चा अॊ़यीफ ऩैदा होगा वह अज़ीभ फयितों िा हालभर होगा।

(अराभुर वया ऩष्ृ ठ 200) वा़ए ववरादत िे भत


ु ाअज़ल्ऱ लरखा है कि इभाभ यज़ा

(अ.स.) िी फहन हिीभा ऽातून फ़यभाती हैं कि एि हदन भेये बाई ने भझ


ु े फर
ु ा

िय िहा कि आज तभ
ु भेये घय भें ़माभ ियो क्मों कि ऽैज़यान िे फतन से आज

यात िो ऽुदा भझ
ु े एि फ़यज़न्द अता फ़यभामेगा। भैंने ऽुशी िे साथ इस हुक्भ िी

ताभीर िी। जफ यात आई तो हभसामा औय चन्द औयतें बी फर


ु ाई गईं, ननस्फ़

शफ से ज़्मादा गुज़यने ऩय मिा मि वाज़ेह हभर िे आसाय नभद


ू ाय हुए। मह हार

दे ख िय भैं ऽैज़यान िो हुजये भें रे गई औय भैंने गचयाा यौशन िय हदमा। थोड़ी

दे य भें इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) ऩैदा हुए। भैंने दे खा कि वह भऽतन


ू औय नाफ़

फयु ीदा हैं। ववरादत िे फाद भैंने नहराने िे लरमे तश्त भें फैठामा। इस वक़्त जो

808
गचयाा यौशन था गुर हो गमा भगय कपय बी उस हुजये भें यौशनी फ दस्तूय यही

औय इतनी यौशनी यही कि भैंने फच्चे िो आसानी से नहरा हदमा। थोड़ी दे य भें भेये

बाई इभाभ यज़ा (अ.स.) बी वहाॊ तशयीफ़ रे आए। भैंने ननहामत उजरत िे साथ

साहफ ज़ादे िो िऩड़े भें रऩेट िय हज़यत िी आाोश भें दे हदमा। आऩने सय औय

आॊखों ऩय फोसा दे िय कपय भझ


ु े वाऩस िय हदमा। दो हदन ति इभाभ भोहम्भद

त़ी (अ.स.) िी आॊखें फन्द यहीॊ हैं तीसये हदन जफ आॊखें खुरी तो आऩने सफ से

ऩहरे आसभान िी तयफ़ नज़य िी, कपय दाहहने फाऐ दे ख िय िरभा ए शहादतैन

ज़फान ऩय जायी किमा। भैं मह दे ख िय सख़्त भत


ु अज़जफ हुई औय भैंने साया

वा़ेमा अऩने बाई से फमान किमा। आऩने फ़यभामा, ताअज्जुफ न ियो, मह भेया

फ़यज़न्द हुज्जते ऽुदा औय वसीए यसर


ू (स.अ.व.व.) हादी है । इस से जो अजाएफात

ज़हूय ऩज़ीय हों, उनभें ताअज्जुफ क्मा। भोहम्भद बफन अरी ना़ीर हैं, हज़यत

इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे दोनों िॊधों िे दयलभमान इसी तयह भोहये इभाभत

थी ज़जस तयह दीगय आइम्भा (अ.स.) िे दोनों िॊधो िे दयलभमान भोहयें हुआ

ियती थीॊ। (भन


ु ाक़फ)

नाम कुजन्नयत और अऱक़ाफ

आऩिा इसभे गगयाभी रौहे भहफ़ूज़ िे भत


ु ाबफ़ उनिे वालरदे भाज़जद हज़यत

इभाभ यज़ा (अ.स.) ने भोहम्भद यखा। आऩिी िुज़न्नमत अफु जाफ़य औय आऩिे

809
अऱाफ जवाद, िानेह, भत
ु ज़
ुक ा थे औय भशहूय तयीन ऱफ त़ी था। (यौज़तुर अर

ऩष्ृ ठ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 96, शवाहे दन


ु नफूअत ऩष्ृ ठ 202 आराभु वुया ऩष्ृ ठ 199)

फादिाहाने वक़्त

हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी ववरादत 195 हहजयी भें हुई। इस वक़्त

फादशाहे वक़्त, अभीन इब्ने हारून यशीद अब्फासी था। (दकफ़मात अर अमान) 198

हहजयी भें भाभन


ू यशीद अब्फासी फादशाहे वक़्त हुआ। (तायीऽे ऽभीस व अफुर कफ़दा)

218 हहजयी भें भोतलसभ अब्फासी ऽरीफ़ाए वक़्त ़याय ऩामा। (अफुर कफ़दा) इसी

भोतलसभ ने सन ़् 220 हहजयी भें आऩिो ज़हय से शहीद िया हदमा। (वसीरतुन

नजात)

इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) की निो नुमा और तरफीअत

मह एि हसयत नाि वाक़मा है कि इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िो ननहामत

िभलसनी ही िे ज़भाने भें भसाएफ औय ऩये शाननमों िा भ़


ु ाफरा ियने िे लरमे

तैय्माय हो जाना ऩड़ा। उन्हें फहुत ही िभ इतभेनान औय सि


ु ू न िे रभहात भें फाऩ

िी भोहब्फत औय शफ़़तो तयफीअत िे साए भें ज़ज़न्दगी गुज़ायने िा भौ़ा लभर

सिा। आऩिो लसफ़क ऩाॊचवा फयस था जफ हज़यते इभाभ यज़ा (अ.स.) भदीने से

ऽुयासान िी तयफ़ सफ़य ियने ऩय भजफयू हुए। इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) उस

810
वक़्त से जो अऩने फाऩ से जुदा हुए तो कपय ज़ज़न्दगी भें भर
ु ा़ात िा भौ़ा न

लभरा। इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) से जद


ु ा होने िे तीसये सार इभाभ यज़ा

(अ.स.) िी शहादत हो गई। दनु नमाॊ सभझती होगी कि इभाभ भोहम्भद त़ी

(अ.स.) िे लरमे इल्भी औय अभरी फरज़न्दमों ति ऩहुॉचने िा िोई ज़रयमा नहीॊ

यहा इस लरमे अफ इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी इल्भी भस्नद शामद ऽारी

नज़य आए भगय ऽऱे ऽुदा िी है यत िी इन्तेहा न यही जफ इस िभ लसन फच्चे

िो थोड़े हदन फाद भाभन


ू िे ऩहरू भें फैठ िय फड़े फड़े उरभा से कफ़़ा व हदीस व

तफ़सीय औय िराभ ऩय भनाज़ये ियते औय उन सफिो ़ाएर हो जाते दे खा।

उनिी है यत उस वक़्त ति दयू होना भभ


ु किन न थी जफ ति वह भद्दी असफाफ

िे आगे एि भऽसस
ू ऽुदा वन्दी भदक सा तारीभ व तयफीअत िे ़ाएर न होते

ज़जसिे फाैय मह भोअम्भा न हर हुआ औय न िबी हर हो सिता है । (सवाने

इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) ऩष्ृ ठ 4) भ़सद मह है कि इभाभ िो इल्भे रदन्ु नी

होता है मह अज़म्फमा िी तयह ऩढ़े लरखे औय तभाभ सराहहमतों से बय ऩयू ऩैदा

होते हैं। उन्होंने सयवये िाएनात िी तयह िबी किसी िे साभने ज़ानए
ू तल्रभज़

नहीॊ तह किमा औय न िय सिते थे। मह इसिे बी भोहताज नहीॊ होते थे कि

आफाओ अजदाद उन्हें तारीभ दें । मह औय फात है कि इज़हदमाद व इल्भ शयफ़ िे

लरमे ऐसा िय हदमा जाम मा उरभ


ू े भऽसस
ू ा िी तारीभ दे दी जाए।

811
वासऱदे माजजद के िाया ए आजत्फयत िे महरूमी

मॊू तो उभभ
ू ी तौय ऩय किसी िे फाऩ िे भयने से सामा ए आनतफ़त से भहरूभी

हुआ ियती है रेकिन हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) अऩने वालरदे भाज़जद

िे सामा ए आनतफ़त से उनिी ज़ज़न्दगी ही भें भहरूभ हो गए थे। अबी आऩ िी

उम्र छ् सार िी बी न हो ऩाई थी कि आऩ अऩने ऩदये फज़


ु ुगव
क ाय िी शफ़़तों

अतूफ़त से भहरूभ िय हदमे गए औय भाभन


ू यशीद अब्फासी ने आऩिे वालरदे

भाज़जद हज़यते इभाभ यज़ा (अ.स.) िो अऩनी लसमासी ायज़ िे तहत भदीने से

ऽुयासान तरफ िय लरमा औय साथ ही मह शतक बी रगा दी कि आऩ िे फार

फच्चे भदीने ही भें यहें गे। ज़जसिा नतीजा मह हुआ कि आऩ सफिो हभेशा िे लरमे

ऽैय फाद िह िय ऽयु ासान तशयीफ़ रे गए औय वहीॊ आरभें गयफत


ु ु़ भें सफ से जद
ु ा

भाभन
ू यशीद िे हाथों ही शहीद हो िय दनु नमाॊ से रूऽसत हो गए।

आऩिे भदीने से तशयीफ़ रे जाने िा असय ऽानदान ऩय मह चढ़ा कि सफ िे

हदर िा सि
ु ू न जाता यहा औय सफ िे सफ अऩने िो ज़ज़न्दा दय गोय सभझते यहे ।

बफर आखखय
ु़ मह नौफत ऩहुॉची कि आऩिी हभशीया जनाफे फ़ात्भा जो फाद भें

भासभ
ू ा ए ़ुभ िे नाभ से भर
ु क़़्फ हुईं इन्तेहाई फेचन
ै ी िी हारत भें घय से

ननिर िय ऽुयासान िी तयफ़ यवाना हो गईं। उनिे हदर भें जज़फात मह थे कि

किसी तयह अऩने बाई अरी यज़ा (अ.स.) से लभरें रेकिन एि यवामत िी बफना

ऩय आऩ भदीने से यवाना हो िय जफ भ़
ु ाभे वसावा भें ऩहुॉची तो अरीर हो गईं।

812
आऩने ऩछ
ू ा महाॊ से ़ुभ कितनी दयू है? रोगों ने िहा कि महाॊ से िुभ
ु़ िी

भसाफ़त दस 10 फ़यसऽ हैं। आऩने ख़्वाहहश ज़ाहहय िी किसी सयू त से वहाॊ ऩहुॉचा

दी जामें। चन
ु ान्चे आऩ आरे साद िे यईस भस
ू ा बफन ऽज़यज िी िोलशश से वहाॊ

ऩहुॉची औय उसी िे भिान भें 17 हदन फीभाय यह िय अऩने बाई िो योती ऩीटती

दनु नमाॊ से रूऽसत हो गईं औय भ़ाभे फाफर


ू ान ़ुभ भें दफ़्न हुई। मह वाक़मा

201 हहजयी िा है । (अनवारूर हुसैननमा ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 53) औय एि रयवामत िी बफना

ऩय आऩ उस वक़्त ऽुयासान ऩहुॉची जफ बाई शहीद हो चि


ु ा था औय रोग दफ़्न िे

लरमे िारे िारे अरभों िे सामे भें लरमे जा यहे थे। आऩ ़ुभ आ िय वफ़ात ऩा

गईं। हज़यते इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) िी जुदाई

क्मा िभ थी कि उस ऩय भस्
ु तज़ाद अऩनी पुपी िे साए से बी भहरूभ हो गए।

हभाये इभाभ िे लरमे िभ लसनी भें मह दोनों सदभे इन्तेहाई तिरीफ़ दे ह औय

यन्ज यसा थे रेकिन भशीमते ऐज़दी भें चाया नहीॊ। आखखय


ु़ आऩिो तभाभ भयाहहर

िा भ़
ु ाफेरा ियना ऩड़ा औय आऩ सब्रो ज़ब्त िे साथ हय भस
ु ीफत िो झेरते यहे ।

मामन
ू रिीद अब्फािी और हज़रते इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) का

ऩहऱा िफरे ईराक़

अब्फासी ऽरीफ़ा भाभन


ू यशीद अब्फासी हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) िी शहादत

से फ़याात िे फाद मा इस लरमे िी उस ऩय इभाभ यज़ा (अ.स.) िे ़त्र िा

813
इल्ज़ाभ साबफत न हो सिे मा इस लरमे कि वह इभाभ यज़ा (अ.स.) िी वरी

अहदी िे भौ़े ऩय अऩनी रड़िी उम्भे हफीफा िी शादी िा ऐरान बी िय चि


ु ा था

कि वरी अहद िे फ़यज़न्द इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे साथ िये गा। उसे

ननबाने िे लरमे मा इस लरमे िी अबी उस िी लसमासी ज़रूयत उसे भोहम्भद त़ी

(अ.स.) िी तयफ़ तवज्जो िी दावत दे यही थी। फहयहार जो फात बी हो। उसने

मह फ़ैसरा िय लरमा कि इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िो भदीने से फादाद

फर
ु ामा जाए। जो इभाभ यज़ा (अ.स.) िी शहादत िे फाद ऩाऐ तख़्त फनामा जा

चि
ु ा था चन
ु ान्चे दावत नाभा इयसार किमा औय उन्हें इसी तयह भजफयू िय िे

फर
ु ामा ज़जस तयह इभाभ यज़ा (अ.स.) िो फर
ु वामा था। ‘‘ हुक्भे हाकिभ भगे

भफ़ाजात ’’ बफर आखखय


ु़ इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िो फादाद आना ऩड़ा।

फाज़ और मछऱी का वाफ़क़या

इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) ज़जनिी उम्र उस वक़्त त़यीफन 9 सार िी थी।

एि हदन फादाद िे किसी गजयगाह


ु ु़ भें खड़े हुए थे औय चन्द रड़िे वहाॊ खेर यहे

थे कि नागाह ऽरीफ़ा भाभन


ू िी सवायी हदखाई दी, सफ रड़िे डय िय बाग गए

भगय इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) अऩनी जगह ऩय खड़े यहे । जफ भाभन
ू िी

सवायी वहाॊ ऩहुॉची तो उसने इभाभ हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) से

भऽ
ु ानतफ हो िय िहा कि साहफ ज़ादे सफ रड़िे बाग गए तो तभ
ु क्मों नहीॊ बागे।

814
उन्होंने फेसाख़्ता बफरा ताअम्भर
ु जफाव हदमा भेये खड़े यहने से यास्ता तॊग न था,

जो हट जाने से वसी हो जाता औय न िोई जभ


ु क किमा था कि डयता नीज़ भेया

हुसने ज़न है कि तभ
ु फेगन
ु ाह िो ज़यक नहीॊ ऩहुॉचाते। भाभन
ू िो हज़यत इभाभ

भोहम्भद त़ी (अ.स.) िा अन्दाज़े फमान फहुत ऩसन्द आमा। इसिे फाद भाभन

वहाॊ से आगे फढ़ा। उसिे साथ लशिायी फाज़ बी थे जफ आफादी से फाहय ननिर

गमा तो उसने एि फाज़ िो एि चिोय ऩय छोड़ा। फाज़ नज़यों से ओझर हो गमा

औय जफ वाऩस आमा तो उसिी चोच भें एि छोटी सी ज़ज़न्दा भछरी थी ज़जसिो

दे ख िय भाभन
ू फहुत भत
ु ाअज़ज्जफ हुआ। थोड़ी दे य भें जफ वह इसी तयह रौटा तो

उसने हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िो दस


ू ये रड़िों िे साथ वहीॊ दे खा जहाॊ

वह ऩहरे थे। रड़िे भाभन


ू िी सवायी दे ख िय कपय बागे रेकिन हज़यत इभाभ

भोहम्भद त़ी (अ.स.) फदस्तूय साबफ़ वहीॊ खड़े यहे । जफ भाभन


ू उनिे ़यीफ

आमा, तो भठ्
ु ठी फन्द िय िे िहने रगा, साहफ ज़ादे फताओ भेये हाथ भें क्मा है?

उन्होंने फ़यभामा अल्राह ताअरा ने अऩने दरयमा ए ़ुदयत भें छोटी भछलरमाॊ ऩैदा

िी हैं औय सरातीन अऩने फाज़ से उन भछलरमों िा लशिाय िय िे अहरे फैते

रयसारत िे इल्भ िा इम्तेहान रेते हैं। मह सन


ु िय भाभन
ू फोरा, फे शि तुभ

अरी बफन भस
ू ा यज़ा (अ.स.) िे फ़यज़न्द हो। कपय उनिो अऩने साथ रे गमा।

(सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 123, भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 290, शवाहे दन


ु नफूअत ऩष्ृ ठ 204 नुरूर

अफसाय ऩष्ृ ठ 145, अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 459)

815
मह वाक़मा हभायी बी फाज़ किताफों भें है , इस वाक़मे िे लसरलसरे भें ज़जन

किताफों िा हवारा हदमा है उनभें ‘‘ इन्नल्रहा ऽऱ फ़ी फहये िुदु़ यताहू सभािन

साायत ’’ भन्
ु दरयज है । अरफत्ता फाज़ िुतफ
ु भें ‘‘ फैन अर सभाआ व अर हवाअन

’’ लरखा है । अव्वर उज़ ज़ज़क्र िे भत


ु ाअज़ल्ऱ तवीर िा सवार ही ऩैदा नहीॊ होता

क्मों कि हय दरयमा ऽुदा िी ़ुदयत से जायी है औय भज़िूया वाक़मे भें इभिान

़वी है कि फाज़ ऐसी ज़भीन ऩय जो दरयमा हैं उनभें से किसी एि से लशिाय िय

िे रामा होगा। अरफत्ता अखखय


ु़ उज़ ज़ज़क्र िे भत
ु अज़ल्ऱ िहा जा सिता है ।

1. जहाॊ ति भझ
ु े इल्भ है गहये से गहये दरयमा िी इन्तेहा किसी सतह अयज़ी

ऩय है ।

2. फ़ौर अल्राभा भजलरसी दरयमा ऐसे हैं ज़जनसे अब्र छोटी भछलरमों िो उड़ा

िय ऊऩय रे जाते हैं।

3. 1932 ई0 िे अऽफाय भें मह शामा हो चि


ु ा है कि अभयीिा िी नहय ऩनाभा

भें जो सन्डफोर फन्दयगाह िे ़यीफ है भछलरमो िी फारयश हुई है ।

4. आसभान औय हवा िे दयलभमान फहये भत


ु रानतभ से भयु ाद कफ़ज़ा िी वह

िैकफ़मत हों जो दरयमा िी तयह ऩैदा होते हैं।

5. िहा जाता है कि इल्भ है वान भें मह साबफत है कि भछरी दरयमा से एि सौ

ऩचास गज़ ति फाज़ हारात भें फर


ु न्द हो जाती हैं। फहय हार इन्हीॊ गहयाईमों िी

यौशनी भें फ़यज़न्दे यसर


ू (स.अ.व.व.) ने भाभन
ू से फ़यभामा कि फादशाहे फहये

816
़ुदयत ऽुदावन्दी से लशिाय िय िे रामा है औय आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िा

इम्तेहान रेता है ।

हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) िे उऱमाए इस्ऱाम का मनाज़ेरा

और अब्फािी हासिदों की सिकस्ते फाि

उरभाए इस्राभ िा फमान है कि फनी अब्फास िो भाभन


ू िी तयफ़ इभाभ यज़ा

(अ.स.) िो वरी अहद फनामा जाना ही ना ़ाबफरे फदाकश्त था। इभाभ यजा ु़ (अ.स.)

िी वफ़ात से एि हद ति उन्हें इतभीनान हालसर हुआ था औय उन्होंने भाभन


ू से

अऩने हस्फ हदरख़्वाह तसरीभ िय लरमा गमा। इसिे अरावा इभाभ यज़ा (अ.स.)

िी वरी अहदी िे ज़भाने भें अब्फासीमों िा भऽसस


ू शभ
ु ाय मानी िारा लरफास

तिक हो िय जो सब्ज़ लरफास िा यवाज हो यहा था उसे भन्सऽ


ू ियिे कपय स्माह

लरफास िी ऩाफन्दी आएद िय दी गई ताकि फनी अब्फास िे यवामाते ़दीभ

भऽसस
ू यहे । मह सफ फातें अब्फासीमों िे म़ीन हदरा यहीॊ थी कि वह भाभन
ू ऩय

ऩयू ा ़ाफू ऩा चि
ु े हैं, भगय अफ भाभन
ू िा मह इयादा कि वह इभाभ भोहम्भद त़ी

(अ.स.) िो अऩना दाभाद फनाऐ। उन रोगों िे लरमे तशवीश िा फाएस फना औय

इस हद ति फना कि वह अऩने हदरी रूझान िो हदर भें न यख सिे औय एि

वफ़द िी शक्र भें भाभन


ू िे ऩास आ िय अऩने जज़फात िा इज़हाय िय हदमा।

उन्होंने साफ़ साफ़ िहा कि इभाभ यज़ा (अ.स.) िे साथ जो आऩने तयीऽा

817
इख़्तेमाय किमा, वही हभ िो ना ऩसन्द था। भगय वह ऽैय िभ अज़ िभ औसाफ़

व िभारात िे रेहाज़ से ना ़ाबफरे इज़्ज़त बी सभझे जा सिते थे, भगय मह

उन िे फेटे भोहम्भद तो अबी बफल्िुर िभ लसन हैं। एि फच्चे िो फड़े फड़े उरभा,

भव
ु ज़्ज़ेज़ीन ऩय तयजीह दे ना औय इस ़दय इसिी इज़्ज़त ियना हय गगज़ ऽरीफ़ा

िे लरए ज़ेफा नहीॊ है कपय उम्भे हफीफा िा ननिाह जो इभाभ यज़ा िे साथ किमा

गमा था, उससे हभ िो क्मा फ़ामदा ऩहुॉचा जो उम्भे अफ़ज़र िा ननिाह भोहम्भद

बफन अरी िे साथ किमा जा यहा है ।

भाभन
ू ने तभाभ त़यीय िा मह जवाफ हदमा कि भोहम्भद िभलसन ज़रूय हैं

भगय भैंने ऽूफ अन्दाज़ा िय लरमा है, औसाफ़ औय िभारात भें वह अऩने फाऩ िे
ु़
ऩयू े जानशीन हैं औय आरभे इस्राभ िे फडे फड़े उरभा ज़जनिा तुभ हवारा दे यहे

हो वह इल्भ भें उनिा भ़


ु ाफरा नहीॊ िय सिते। अगय तुभ चाहो तो इम्तेहान रे
ु़
िय दे ख रो कपय तुम्हे बी फ़ैसरे से भत्त
ु कफ़़ होना ऩडेगा।

मह लसफ़क भन्
ु सेफ़ाना जवाफ ही नहीॊ, फज़ल्ि एि तयह िा चैरेन्ज था ज़जस ऩय

भजफयू न उन रोगों िो भनाज़ज़या िी दावत भॊज़यू ियनी ऩड़ी हाराॊकि ऽद


ु भाभन

तभाभ सरातीन फनी अब्फास भें मह ऽुसस


ू ीमत यखता है कि भोवेऽीन इसिे लरमे

मह अल्फ़ाज़ लरख दे ते हैं। ‘‘ िाना मादा भन िफायर फ़ु़ाहा ’’ मानी इनिा शभ


ु ाय

फड़े फड़े फ़़ीहों भें है । इस लरमे इसिा फ़ैसरा ऽुद िुछ िभ व़त न यखता था,

भगय इन रोगों ने इस ऩय इक़्तेफ़ा नहीॊ िी फज़ल्ि फादाद िे सफ से फड़े आालरभ

818
महमा बफने अक्सभ िो इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) से फहस िे लरमे भन्
ु तऽफ

किमा। भाभन
ू ने एि अज़ीभश्ु शान जरसा इस भनाज़ज़ये िे लरमे भन
ु अक़द किमा

औय आभ ऐरान िया हदमा। हय शख़्स इस अजीफ औय फज़ाहहय ाैय भत


ु ावाज़ज़न

भ़
ु ाफरे िे दे खने िा भश्ु ता़ हो गमा। ज़जस भें एि तयफ़ एि नौ फयस िा फच्चा

था औय दस
ू यी तयफ़ एि आभद
ू ािाय आयै शोया ए अफ़ा़ ़ाज़ज़उर िुज़्ज़ाज़त। इस

िा नतीजा था कि हय तयफ़ से ऽराए़ िा हुजूभ हो गमा।

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि अयिाने दौरत औय भोअज़्ज़ेज़ीन िे अरावा इस

जरसे भें नव सौ िुलसकमाॊ फ़़त उरभा व फ़ुज़रा िे लरमे भऽसस


ू थीॊ औय इसभें

िोई ताज्जुफ बी नहीॊ इस लरमे कि मह ज़भाना अब्फासी सरतनत िे शफाफ औय

बफर ऽुसस
ू इल्भी तयक़़्ी िे ऐतफाय से ज़यी दौय था औय फादाद दारूर सरतनत

था जहाॊ तभाभ अतयाफ़े भख़्


ु तलरफ़ उरभ
ू औय फ़ुनन
ू िे भाहे यीन खखॊच िय जभा हो

गए थे। इस ऐतफाय से मह तादात किसी भफ


ु ाराे ऩय भफ
ु नी नहीॊ होती।

भाभन
ू ने हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे लरमे अऩने ऩहरू भें भसनद

बफछवाई थी औय हज़यत िे साभने महमा बफने अ़सभ िे लरमे फैठने िी जगह

थी। हय तयफ़ िालभर सन्नाटा था भजभा हभातन चश्भ व गोश फना हुआ गुफ़्तुगू

शरू
ु होने िे वक़्त िा भन्
ु तज़ज़य ही था ज़ िइस ऽाभोशी िो महहमा िे इस सवार

ने तोड़ हदमा जो उसने भाभन


ू िी तयफ़ भऽ
ु ानतफ हो िय किमा था आऩ इजाज़त

दे ते हैं भैं आऩसे िुछ दयमाफ़्त िरूॉ।

819
हज़यत ने फ़यभामा ऐ माहहमा ऐ माहहमा तुभ जो ऩछ
ू ना चाहते हो ऩछ
ू सिते

हो। महहमा ने िहा मह फ़यभाईमे कि हारते एहयाभ भें अगय िोई शख़्स लशिाय

िये तो इसिा क्मा हुक्भ है? इस सवार से अन्दाज़ा होता है कि महहमा हज़यत

इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी इल्भी ऩाफन्दी से बफल्िुर वाक़फ़ न था। वह

अऩने ारू
ु ये इल्भ औय ज़जहारत से मह सभझता था कि मह िभलसन साहफ ज़ादे

तो हैं ही योज़भयाक िे योज़े नभाज़ िे भसाएर से वाक़फ़ हों तो हों। भगय हज

वाैया िे अहिाभ औय हारते अहयाभ भें ज़जन चीज़ों िी भभ


ु ाननमत है उनिे

िफ़्फ़ायों से बरा िहाॊ वाक़फ़ होंगे।

इभाभ (अ.स.) ने इसिे जवाफ भें इस तयह सवार िे गोशों िी अरग अरग

तहरीर फ़यभाई ज़जससे फाैय िोई जवाफ अस्र भसरे िा हदए हुए आऩिे इल्भ

िी गहयाईमों िा महहमा औय तभाभ अहरे भहकफ़र िो अन्दाज़ा हो गमा। महहमा

ऽुद बी अऩने िो सफ
ु ि
ु ऩाने रगा औय तभाभ भजभे िो बी इसिा सफ
ु ि
ु होना

भहसस
ू होने रगा। आऩने जवाफ भें फ़यभामा: महहमा तभ
ु हाया सवार बफल्िुर

भफ
ु हभ है औय भोहभर है । सवार िे ज़ैर भें मह दे खने िी ज़रूयत है कि लशिाय

हहर भें था कि हयभ भें । लशिाय ियने वारा भसरे से वाक़फ़ था मा ना वाक़फ़

था। इसने अभदन जानवय िो भाय डारा मा धोखे से ़त्र हो गमा। मा वह शख़्स

आज़ाद था मा ार
ु ाभ, िभलसन था मा फालरा, ऩहरी भयतफा ऐसा किमा था मा

इसिे ऩहरे बी ऐसा िय चि


ु ा था। लशिाय ऩरयन्द िा था मा िोई औय, छोटा था

820
मा फड़ा। वह अऩने फ़ेर ऩय इसयाय यखता है मा ऩशेभान है । यात िो मा ऩोशीदा

तयी़े ऩय उसने मह लशिाय किमा मा हदन दहाड़े औय एराननमाॉ। एहयाभ उभये िा

था मा हज िा। जफ ति मह तभाभ तफ़सीरात न फताए जाएॊ इस भसरे िा िोई

भोअय्मन हुक्भ नहीॊ फतामा जा सिता।

महहमा कितना ही नाक़स क्मों न होता। फहयहार कफ़़ही भसाएर ऩय िुछ

उसिी नज़य थी। इन िसीउत्ताए दाद लश़ों िे ऩैदा ही ियने से ऽूफ सभझ गमा

कि उनिा भ़
ु ाफेरा भेये लरए आसान नहीॊ है उसिे चेहये ऩय ऐसी लशिस्तगी िे

आसाय ऩैदा हुए ज़जनिा तभाभ दे खने वारों ने अन्दाज़ा िय लरमा उसिी ज़फान

ऽाभोश थी औय वह िुछ जवाफ न दे ता था।

भाभन
ू उसिी िैकफ़मत िा सही अन्दाज़ा िय िे उससे िुछ िहना फेिाय सभझा

औय हज़यत से अज़क किमा कि कपय आऩ तभाभ लशिों िे एहिाभ फमान फ़यभा

दीज़जए ताकि हभ सफ िो इस्तेफ़ादे िा भौ़ा लभर सिे। इभाभ (अ.स.) ने

तफ़सीर िे साथ तभाभ सयू तो से जद


ु ागाना जो एहिाभ थे फ़यभा हदमे। आऩने

फ़यभामा कि ‘‘ अगय एहयाभ फाॊधने िे फाद ‘‘ हहर ’’ भें लशिाय िये औय वह

लशिाय ऩरयन्दा हो औय फड़ा बी हो तो उस ऩय िफ़्फ़ाया एि फियी है औय अगय

ऐसा लशिाय हयभ भें किमा है तो दो फिरयमाॊ हैं औय अगय किसी छोटे ऩरयन्दे िो

हहर भें लशिाय किमा है तो दम्


ु फे िा एि फच्चा जो अऩनी भाॊ िा दध
ू छोड़ चि
ु ा

हो। िफ़्फ़ाया दे गा, औय अगय हयभ भें लशिाय किमा हो तो उस ऩरयन्दे िी ़ीभत

821
औय एि दम्
ु फा िफ़्फ़ाया दे गा औय अगय वह लशिाय चौऩामा हो तो उसिी िई

क़स्भें हैं। अगय वह वहशी गधा है तो एि गाम औय अगय शत


ु यु भा
ु क है तो एि

ऊॊट औय अगय हहयन है तो एि फियी िफ़्फ़ाया दे गा। मह िफ़्फ़ाया तो जफ है कि

हहर भें लशिाय किमा हो रेकिन अगय हयभ भें किमा हो तो मही िफ़्फ़ाये दग
ु ने

दे ने होंगे औय उन जानवयों िो ज़जन्हें िफ़्फ़ाये भें दे गा, अगय एहयाभ उभये िा था

तो ऽाना ए िाफा ति ऩहुॉचामेगा औय भक्िे भें ़ुफाकनी िये गा औय अहयाभ हज

िा था तो लभना भें ़ुफाकनी िये गा औय इन िफ़्फ़ायों भें आलरभ व जाहहर दोनों

फयाफय हैं औय इयादे से लशिाय ियने भें िफ़्फ़ाया दे ने िे अरावा गन


ु ाहगाय बी

होगा। हाॊ बर
ू े से लशिाय ियने भें गुनाह नहीॊ होगा। औय आज़ाद अऩना िफ़्फ़ाया

ऽुद दे गा औय ार
ु ाभ िा िफ़्फ़ाया उसिा भालरि दे गा औय छोटे फच्चे ऩय िोई

िफ़्पाया नहीॊ है औय फालरा ऩय िफ़्फ़ाया दे ना वाज़जफ है औय जो शख़्स अऩने इस

फ़ेर ऩय नाहदभ हो आऽेयत िे अज़ाफ से फच जामेगा रेकिन अगय इस फ़ेर ऩय

इसयाय िये गा तो आऽेयत भें बी इस ऩय अज़ाफ होगा। ’’

मह तफ़सीरात सन
ु िय महहमा हक्िा फक्िा यह गमा औय साये भजभे से

अहसन्त अहसन्त िी आवाज़ फर


ु न्द होने रगी। भाभन
ू िो बी ़द थी कि वह

महहमा िी रूसवाई िो इन्तेहाई दजे ति ऩहुॉचा दे । उसने इभाभ से अज़क िी कि

अगय भन
ु ालसफ भारभ
ू हो तो आऩ महहमा से सवार फ़यभाएॊ। हज़यत ने एऽरािन

महहमा से दरयमाफ़्त फ़यभामा कि क्मा भैं बी तुभ से िुछ ऩछ


ू सिता हूॉ। महहमा

822
अऩने भत
ु ाअज़ल्ऱ किसी धोखे भें भज़ु ब्तरा न था। उसने िहा ‘‘ कि हुज़ूय

दरयमाफ़्त फ़यभामें ! अगय भझ


ु े भारभ
ू होगा तो अज़क िरूगाॊ वयना खद
ु बी हुज़यू से

भारभ
ू िय रग
ू ाॊ ’’ हज़यत ने सवार किमा।

उस शख़्स िे फाये भें क्मा िहते हो ज़जसने सफ


ु ह िो एि औयत िी तयफ़ नज़य

िी वह उस ऩय हयाभ थी। हदन चढ़े हरार हो गई, ारू


ु फे आफ़ताफ ऩय कपय हयाभ

हो गई। असय िे वक़्त कपय हरार हो गई, आधी यात िो हयाभ हो गई सफ


ु ह िे

वक़्त हरार हो गई। फताओ एि ही हदन भें इतनी दफ़ा वह औयत उस शख़्स ऩय

किस तयह हयाभ व हरार होती यही। इभाभ (अ.स.) िी ज़फाने भोज़जज़फमान से

इस सवार िो सन
ु िय ़ाज़ज़उर ़ुज़्ज़ात महहमा बफन अ़सभ भफहूत हो गए

औय जवाफ न दे सिे, बफर आखखय


ु़ इन्तेहाई आजज़ी िे साथ िहा फ़यज़न्दे यसर

आऩ ही इसिी वज़ाहत फ़यभा दें औय भसरे िो हर िय दें ।

इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा, सन


ु ो ! वह औयत किसी िी रौंड़ी थी। उसिी तयफ़

सफ
ु ह िे वक़्त एि अजनफी शख़्स ने नज़य िी तो वह उसिे लरमे हयाभ थी, हदन

चढ़े उसने वह रौड़ी ऽयीद री वह हरार हो गई। जौहय िे वक़्त उसिो आज़ाद

िय हदमा वह हयाभ हो गई, असय िे वक़्त उसने ननिाह िय लरमा कपय हरार हो

गई, भारयफ िे वक़्त उससे ज़हाय किमा तो कपय हयाभ हो गई, इशा िे वक़्त

ज़हाय िा िफ़्फ़ाया दे हदमा, तो कपय हरार हो गई, आधी यात िो उस शख़्स ने

823
उसिो तरा़े यजई दी, ज़जससे कपय हयाभ हो गई औय सफ
ु ह िे वक़्त उस तरा़

से रूजू िय लरमा ‘’ हरार हो गई ’’

भसरे िा हर सन
ु िय लसफ़क महहमा ही नहीॊ फज़ल्ि साया भजभा है यान यह गमा

औय सफ भें भसकयत िी रहय दौड़ गई। भाभन


ू िो अऩनी फात िे ऊॉचा यहने िी

ऽुशी थी, उसने भजभे िी तयफ़ भऽ


ु ानतफ हो िय िहा भैं न िहता था कि मह वह

घयाना है जो ़ुदयत िी तयफ़ से भालरि ़याय हदमा गमा है । महाॊ िे फच्चों िा

बी िोई भ़
ु ाफरा नहीॊ िय सिता। भजभे भें जोशो ऽयोश था सफ ने मही एि

ज़फान हो िय िहा कि फेशि जो आऩिी याम है वह बफल्िुर ठीि है औय म़ीनन

अफू जाफ़य भोहम्भद बफने अरी (अ.स.) िा िोई लभस्र नहीॊ है । (सवाऐ़े भोहये ़ा

ऩष्ृ ठ 122 यवाहहर भस्


ु तफ़ा 191 नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 142 शया इयशाद 478 से

479, तायीऽे आइम्भा 485, सवानह भोहम्भद त़ी (अ.स.) ऩष्ृ ठ 6)

इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) के िाथ उम्मे फज़ऱ का अक़्द और

खुत्फा ए तनकाह

इस अज़ीभश्ु शान भनाज़या भें इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी शान दाय

िाभमाफी ने भाभन
ू िो आऩिा औय गगयवीदा फना हदमा, औय उसिी भॊज़ज़रे

एतयाफ़ भें इन्तेहाई फर


ु न्दी ऩैदा हो गई, इसिे हय क़स्भ िे हुस्ने ज़न भें म़ीन

िी रूह दौड़ गई।

824
उरभा लरखते हैं कि ‘‘ भाभन
ू ने इसिे फाद फ़ौयन ही अऩनी हदरी भयु ाद िो

अभरी जाभा ऩहनाने िा तहय्मा िय लरमा औय ज़या बी ताऽीय भन


ु ालसफ न

सभझते हुए इसी जरसे भें इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) ने ऽत


ु फा औय ननिाह

ऩढ़ा औय मह त़यीफ ऩयू ी िाभमाफी िे साथ अन्जाभ ऩज़ीय हुई, भाभन


ू ने ऽुशी

भें फड़ी फ़य्माज़ी से िाभ लरमा, राखों रूऩए ऽैयो ऽैयात भें त़सीभ किए गए औय

तभाभ ये आमा िो इनाभात व अतीमा िे साथ भारा भार किमा गमा। ’’ (सफ़य

नाभा हज व ज़्मायत ऩष्ृ ठ 434 प्रिालशत ऩेशावय 1972 ई0)

अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद औय अल्राभा लशब्रॊजी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ

भोहम्भद त़ी (अ.स.) ने जो ऽुत्फा ए ननिाह ऩढ़ा वह मह था। ‘‘ अरहम्दो

लरल्राह अ़याय अब्नाहताह व आराल्राहा अख़्रासन रौहदा नैहतेही अरऽ. ’’

औय जो भहय किमा वह भहये फ़ातभी भज़ु ब्रा ऩाॉच सौ (500) हदयहभ था। (इयशाद

भफ़ ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 146) भारभ


ु ीद ऩष्ृ ठ 477 नरू ू होना चाहहमे इभाभ भोहम्भद त़ी

(अ.स.) ने जो ऽुत्फा ए ननिाह अऩनी ज़फाने भफ


ु ायि ऩय जायी किमा था वह वही

है जो इस वक़्त बी ननिाह िे भौ़े ऩय ऩढ़ा जाता है । भेयी नज़य भें इस ऽुत्फे िे

होते हुए दस
ू ये ऽुत्फे िो ऩढ़ना भन
ु ालसफ नहीॊ है ।

अल्राभा लशफरन्जी िा फमान है कि हय क़स्भ िी ऽुश्फू िी फास भें अ़दे

ननिाह हुआ, औय हाज़ेयीन िी हरवे से तवाज़ो िी गई। (नरू


ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 146,

सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 123 शवाहे दन


ु नफूवत ऩष्ृ ठ 204, यौज़तुर ऩष्ृ ठ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 17,

इयशाद ऩष्ृ ठ 477, िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 116)

825
अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद तहयीय फ़यभाते हैं कि शादी िे फाद शफे उरूस िी सफ
ु ह

िो जहाॊ औय रोग हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें भफ
ु ायि

फाद अदा ियने िे लरए आए, एि शख़्स भोहम्भद बफन अरी हाशभी बी ऩहुॉच।े

उनिा फमान है कि भझ
ु े दफ़तन सख़्त प्मास भहसस
ू हुई, भैं अबी ऩासे अदफ भें

ऩानी भाॊगने न ऩामा था कि आऩने हुक्भ हदमा औय आफे खन


ु ि आ गमा, थोड़ी

दे य फाद कपय ऐसा ही वा़ेमा दय ऩेश हुआ। भैं हज़यत िे इस इल्भे ज़भाएय से

फहुत भत
ु ाअज़स्सय हुआ, औय भझ
ु े म़ीन हो गमा कि इभालभमा आऩिे जुभरा

उरभ
ू भें भाहहय होने िा जो अ़ीदा यखते हैं बफल्िुर दरू
ु स्त है । (इयशाद ऩष्ृ ठ 481)

उम्मऱ
ु फज़ऱ की रूखिती, इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) कर मदीने

को वाऩिी और हज़रत के इख़्ऱाक़ो औिाफ आदातो खिाएऱ

इस शादी िा ऩस भॊज़य जो बी हो रेकिन भाभन


ू ने ननहामत अछूते अन्दाज़ से

अऩनी रख़्ते ज़जगय उम्भर


ु फ़ज़र िो इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे हफरए

ननिाह भें दे हदमा। त़यीफन एि सार ति इभाभ (अ.स.) फादाद भें भ़


ु ीभ यहे ,

भाभन
ू ने दौयाने ़माभ फादाद भें आऩिी इज़्ज़तो तौ़ीय भें िोई िभी नहीॊ िी।

‘‘ इरा अन तवज्जो फेज़ैवजता उम्भर


ु फ़ज़र इरल्र भदीनता अरभश
ु यफ़ता ’’ महाॊ
ु़
ति आऩ अऩनी ज़ौजा उम्भर
ु फ़ज़र सभेत भदीना ए भश
ु येक फ़ा तशयीफ़ रे आए।

(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 146) भाभन


ू ने फहुत ही इन्तेज़ाभ औय एहनतभाभ िे साथ

826
उम्भर
ु फ़ज़र िो हज़यत िे साथ रूऽसत िय हदमा। अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद,

अल्राभा तफयसी, अल्राभा लशब्रन्जी, अल्राभा जाभी अरैहहभ अरयहभता तहयीय

फ़यभाते हैं कि इभाभ (अ.स.) अऩनी एहलरमा िो लरए हुए भदीना तशयीफ़ लरमे

जा यहे थे, आऩ िे हभयाह फहुत से हज़यात बी थे। चरते चरते शाभ िे वक़्त

आऩ वारयदे िुफ़ा हुए। वहाॊ ऩहुॉच िय आऩने जनाफे भसीफ िे भिान ऩय ़माभ

फ़यभामा औय नभाज़े भारयफ ऩढ़ने िे लरमे एि ननहामत ़दीभ भज़स्जद भें

तशयीफ़ रे गए। आऩने वज़ू िे लरमे ऩानी तरफ फ़यभामा, ऩानी आने ऩय आऩ

एि ऐसे दयख़्त िे थारे भें वज़ू ियने रगे जो बफल्िुर ऽश्ु ि था औय भद्
ु दतों से

सय सब्ज़ी औय शादाफी से भहरूभ था। इभाभ (अ.स.) ने उस जगह वज़ू किमा,

कपय आऩ नभाज़े भारयफ ऩढ़ िय वहाॊ से वाऩस तशयीफ़ राए औय अऩने प्रोग्राभ

िे भत
ु ाबफ़ वहाॊ से यवाना हो गए।

इभाभ (अ.स.) तो तशयीफ़ रे गए रेकिन एि अज़ीभ ननशानी छोड़ गए औय वह

मह थी कि ज़जस ऽश्ु ि दयख़्त िे थारे भें आऩने वज़ू फ़यभामा था वह सय सब्ज़

शादाफ हो गमा, औय यात ही बय भें तैय्माय परों से रद गमा। रोगों ने उसे दे ख

िय फे इॊतेहा ताज्जुफ किमा। (इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 479, आराभु वुया ऩष्ृ ठ 205, नूरूर

ु नफूअत ऩष्ृ ठ 205) िूफ़े से यवाना हो िय तम भयाहे र व


अफसाय ऩष्ृ ठ 147, शवाहे दन

़ता भनाज़ज़र ियते हुए आऩ भदीने भन


ु व्वया ऩहुॉच।े वहाॊ ऩहुॉच िय आऩ अऩने

फ़याएज़े भन्सफी िी अदाएगी भें भन


ु हलभ़ व भशार
ू हो गए। ऩन्दो नसाए,

827
तफरीा व हहदामत िे अरावा आऩने इख़्रा़ िा अभरी दसक दे ना शरू
ु िय हदमा।

ऽानदानी तयु क ए इम्तेमाज़ िे फाभोज़जफ हय एि से झि


ु िय लभरना, ज़रूयत भन्दों

िी हाजत यवाई ियना भसावात औय सादगी िो हय हार भें ऩेश नज़य यखना।

ाफ
ु ाक िी ऩोशीदा तौय ऩय ऽफय रेना। दोस्त िे अरावा दश्ु भनों ति से अच्छा

सर
ु ि
ू ियते यहना। भेहभानों िी ऽानतय दायी भें इन्हे भाि औय इल्भी व भज़हफी

प्मासों िे लरमे फ़ैज़ िे चश्भे जायी यखना, आऩिी सीयते ज़ज़न्दगी िा नभ


ु ामा ऩहरू

था। अहरे दनु नमाॊ जो आऩिी फर


ु न्दीमे नफ़्स िा ज़्मादा अन्दाज़ा न यखते थे उन्हें

मह तस्वय ज़रूय होता था कि एि िभलसन फच्चे िा अज़ीभश्ु शान भस


ु रभान

सरतनत िे शहनशाह िा दाभाद हो जाना, म़ीनन इसिे चार ढार, तौय तयी़े

िो फदर दे गा औय उसिी ज़ज़न्दगी दस


ू ये साॊचे भें ढर जामेगी। ह़ी़त भें मह

एि फहुत फड़ा भ़सद हो सिता है जो भाभन


ू िी िोता ननगाह िे साभने बी था।

फनी उभय्मा मा फनी अब्फास िे फादशाहों िो आरे यसर


ू (स.अ.व.व.) िी ज़ात से

इतरा इख़्तेराफ़ न था, ज़जनिा उनिी लसफ़ात से था। वह हभेशा इसिे दयऩए

यहते थे कि फर
ु न्दी इख़्रा़ औय भेयाजे इन्साननमत िा वह भयिज़ जो भदीना ए

भन
ु व्वया भें ़ामभ है औय जो सरतनत िे भाद्दी इ़नतदाय िे भ़
ु ाफरे भें एि

लभसारी रूहाननमत िा भयिज़ फना हुआ है, मह किसी तयह टूट जाए। इसी िे

लरमे घफया घफया िय वह भख़्


ु तरीफ़ तदफीयें ियते यहे । इभाभ हुसन
ै (अ.स.) से

फैअत तरफ ियना, इसी िी एि शक्र थी औय कपय इभाभ यज़ा (अ.स.) िो वरी

828
अहद फनाना इसी िा दस
ू या तयी़ा था। फ़़त ज़ाहे यी शक्र सयू त भें एि िा

अन्दाज़ा भआन्दाना औय दस
ू या तयी़ा इयादत भन्दी िे रूऩ ़् भें था। भगय असर

ह़ी़त दोनों सयू तों िी एि थी, ज़जस तयह इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ने फैअत न िी,

तो वह शहीद िय डारे गए, इसी तयह इभाभ यज़ा (अ.स.) वरी अहद होने िे

फवजूद हुिूभत िे भादीभ ़ालसद िे साथ साथ न चरे तो आऩिो ज़हय िे ज़रयए

से हभेशा िे लरमे ऽाभोश िय हदमा गमा, अफ भाभन


ू िे ऩ
ु ता ए नज़य से मह

भौ़ा इन्तेहाई ़ीभती था कि इभाभ यज़ा (अ.स.) िा जा नशीन एि आठ नौ

फयस िा फच्चा है जो तीन चाय फयस ऩहरे ही फाऩ से छुड़ा लरमा जा चि


ु ा था।

हुिूभते वक़्त िी लसमसी सझ


ू फझ
ू िह यही थी कि इस फच्चे िो अऩने तयी़े ऩय

राना ननहामती आसान है औय इसिे फाद वह भयिज़ जो हुिूभते वक़्त िे खखराफ़


ु़

साकिन औय ऽाभोश भगय इन्तेहाई ऽतयनाि ़ाएभ है हभेशा िे लरमे ऽत्भ हो

जामेगा।

भाभन
ू यशीद अब्फासी, इभाभ यज़ा (अ.स.) िे वरी अहद िी भोहहभ भें अऩनी

नािाभी िो भामस
ू ी िा सफफ नहीॊ तसव्वयु ियता था, इस लरमे कि इभाभ यज़ा

(अ.स.) िी ज़ज़न्दगी एि उसर


ू ऩय ़ाएभ यह चि
ु ी थी, इभसें तफदीरी नहीॊ हुई

तो मह ज़रूयी नहीॊ कि इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) जो आठ नौ फयस िे लसन से

़सये हुिूभत भें नशोनभ


ु ा ऩा िय फढे वह बी बफल्िुर अऩने फज़
ु ुगों िे उसर
ू े

ज़ज़न्दगी ऩय फय़याय हैं।

829
लसवाए उन रोगों िे जो इन भऽसस
ू अफ़याद िे ऽुदा दाद िभारात िो जानते

थे इस वक़्त िा हय शख़्स म़ीनन भाभन


ू ही िा हभ ख़्मार होगा, भगय दनु नमाॊ

िो है यत हो गई, जफ मह दे खा कि नौ फयस िा फच्चा जैसे शहॊ शाहे इस्राभ िा

दाभाद फना हदमा गमा। इस उभय भें अऩने ऽानदानी यख यखाओ औय उसर
ू िा

इन्तेहाई ऩा फन्द है कि वह शादी िे फाद भहरे शाही भें ़माभ से इन्िाय िय

दे ता है, औय इस वक़्त बी जफ फादाद भें ़माभ यहता है तो एि अराहदा भिान

कियाए ऩय रे िय इसभें ़माभ फ़यभाते हैं। इसी से बी इभाभ (अ.स.) िी

भस्
ु तहिभ ़ूव्वते इयादी िा अन्दाज़ा किमा जा सिता है । उभभ
ू न भारी एतफाय से

रड़िे वारे जो िुछ बी फड़ा दजाक यखते होते हैं तो वह मह ऩसन्द ियते हैं कि

जहाॊ वह यहे वहीॊ दाभाद बी यहे । इस घय भें न सही िभ अज़ िभ इसी शहय भें

इसिा ़माभ यहे , भगय इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) ने शादी िे एि सार फाद

ही भाभन
ू िो हहजाज़ वाऩस जाने िी इजाज़त ऩय भजफयू िय हदमा। म़ीनन मह

अभय एि चाहने वारे फाऩ औय भाभन


ू ऐसे फ इ़नतदाय िे लरमे इन्तेहाई ना

गवाय था। भगय उसे रड़िी िी जद


ु ाई गवाया ियना ऩड़ी औय इभाभ भम उम्भर

फ़ज़र िे भदीना तशयीफ़ रे गए।

भदीना तशयीफ़ राने िे फाद डमोढ़ी िा वही आरभ यहा जो इसिे ऩहरे था, न

ऩहये दाय न िोई ऽास योि टोि, न तुज़ुि व एहनतशाभ, न औ़ाते भर


ु ा़ात, न

भर
ु ा़ानतमों िे साथ फयताओ भें िोई तफ़यी़ ज़्मादा तय नज़श्शत भज़स्जदे नफवी

830
भें यहती थी जहाॉ भस
ु रभान हज़यत िे वाज़ व नसीहत से फ़ाएदा उठाते थे।

यावीमाने हदीस, इऽफाय व अहादीस दरयमाफ़्त ियते थे। तालरफे इल्भ भसाएर

ऩछ
ू ते थे, साफ़ ज़ाहहय था कि जाफ़य साहद़ (अ.स.) ही िा जाॊ नशीन औय इभाभ

यज़ा (अ.स.) िा फ़यज़न्द है जो इसी भसनदे इल्भ ऩय फैठा हुआ हहदामत िा िाभ

अन्जाभ दे यहा है ।

उमूरे खाना दारी और अज़वाजी जज़न्दगी में

आऩिे फज़
ु ुगों ने अऩनी फीफीमों िो ज़जन हुदद
ू भें यखा हुआ था उन्हीॊ हुदद
ू भें

आऩने उम्भर
ु फ़ज़र िो बी यखा आऩने इसिे भत
ु ालऱ ऩयवाह ना िी कि आऩ

िी फीवी एि शहनशाहे वक़्त िी फेटी है । चन


ु ान्चे उम्भर
ु फ़ज़र िे होते हुए

आऩने हज़यत अम्भाय मालसय िी नस्र से एि भोहतयभ ऽातून िे साथ अक़्द बी

फ़यभामा औय ़ुदयत िो नस्रे इभाभत इसी ऽातन


ू से फा़ी यखना भन्ज़यू थी।

मही इभाभ ऩी (अ.स.) िी भाॉ हुईं। उम्भर


ु फ़ज़र ने इसिी लशिामत अऩने फाऩ

िे ऩास लरख िय बेजी, भाभन


ू िे हदर िे लरमे बी मह िुछ िभ तिरीफ़ दे ह

अभय न था, भगय अफ उसे अऩने किए िो ननबाना था इस लरमे उम्भर


ु फ़ज़र

िो जवाफ भें लरखा कि भैंने तुम्हाया अक़्द अफू जाफ़य िे साथ इस लरमे नहीॊ

किमा कि उन ऩय किसी हरारे ऽद


ु ा िो हयाभ िरूॊ। ऽफयदाय ! भझ
ु से अफ इस

क़स्भ िी लशिामत न ियना। मह जवाफ दे िय ह़ी़त भें उसने अऩनी खखफ़्फ़त


ु़

831
लभटाई है । हभाये साभने इस िी नज़ीयें भौजूद हैं कि अगय भज़हफे है सीमत से िोई

फाएहतेयाभ ऽातन
ू हुई हैं तो इस िी ज़ज़न्दगी भें किसी दस
ू यी फीवी से ननिाह नहीॊ

किमा गमा, जैसे ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िे लरमे जनाफे ऽदीजा (अ.स.) औय

हज़यत अरी ए भत
ु ज़
ुक ा (अ.स.) िे लरमे जनाफे फ़ात्भा ज़हया (अ.स.) भगय शॊहशाहे

दनु नमाॊ िी फेटी िो मह इम्तेआज़े दनु नमाॊ लसफ़क इस लरमे कि वह एि फादशाह िी

फेटी हैं। इस्राभ िी उस रूह िे खखराफ़


ु़ था ज़जसिे आरे भोहम्भद (अ.स.)

भह
ु ाकफ़ज़ थे। इस लरमे इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) ने इसिे खखराफ़
ु़ तज़े अभर

इख़्तेआय ियना अऩना फ़यीज़ा सभझा। (सवानेह भोहम्भद त़ी (अ.स.) ज़जल्द 2

ऩष्ृ ठ 11)

इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) और तैयऱ


ु अज़ा

इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) अगय चे भदीना भें ़माभ फ़यभाते थे रेकिन

फ़याएज़ िी वस
ु ़्अत ने आऩिो भदीना ही िे लरमे भहदद
ू नहीॊ यखा था। आऩ

भदीना भें यह िय अतयाफ़े आरभ िे अ़ीदत भन्दों िी ऽफय गीयी फ़यभाते थे मह

ज़रूयी नहीॊ कि ज़जसिे साथ ियभ गुस्तयी िी जाए। वह आऩिे िवाएफ़ व हारात

से बी आगाह हो। अ़ीदे िा ताअल्ऱ


ु हदर िी गहयाई से है कि ज़भीनों

आसभान ही नहीॊ सायी िाएनात उनिे ताफे होती है । उन्हें इसिी ज़रूयत नहीॊ

ऩड़ती कि वह किसी सफ़य भें तम भयाहहर िे लरमे ज़भीन अऩने ़दभों से नाऩा

832
ियें , उनिे लरमे मही फस है कि जफ औय जहाॊ चाहें चश्भें ज़दन भें ऩहुॉच जाएॊ

औय मह अ़रन भोहार बी नहीॊ है । ऐसे ऽासाने ऽद


ु ा िे लरमे इस क़स्भ िे

वाक़मात ़ुयान भजीद भें बी लभरते हैं। आलसफ़ बफन ख़्मावसी जनाफे सर
ु ेभान

(अ.स.) िे लरए उरभा ने इस क़स्भ िे वाक़मे िा हवारा हदमा है । उनभें से एि

वाक़मा है कि आऩ भदीना भन
ु व्वया से यवाना हो िय शाभ ऩहुॉच,े एि शख़्स िो

उस भ़
ु ाभ ऩय इफादत भें भसरूफ़ व भशार
ू ऩामा ज़जस जगह इभाभ हुसन

(अ.स.) िा सये भफ
ु ायि रटिामा गमा था, आऩने इससे िहा भेये हभयाह चरो वह

यवाना हुआ अबी चन्द ़दभ बी न चरा था कि िूफ़े िी भज़स्जद भें जा ऩहुॉचा,

वहीॊ नभाज़ अदा ियने िे फाद जो यवानगी हुई तो लसफ़क चन्द लभन्टों भें भदीना

भन
ु व्वया जा ऩहुॉचे औय ज़्मायत व नभाज़ से फ़याात िी गई, कपय वहाॊ से चर िय

चन्द रम्हों भें भक्िा ए भोअज़्ज़भा यसीदगी हो गई, तवाफ़ व दीगय इफादत से

फ़याात िे फाद आऩने चश्भे ज़दन भें उसे शाभ िी भज़स्जद भें ऩहुॉचा हदमा औय

ऽद
ु नज़यों से ओझर हो िय भदीना ए भन
ु व्वया जा ऩहुॉच,े कपय जफ दस
ू या सार

आमा तो आऩ फदस्तयू े शाभ िी भज़स्जद भें तशयीफ़ रे गए औय उस आबफद से

िहा भेये हभ याह चरो चन


ु ान्चे वह चर ऩड़ा, आऩने चन्द रम्हों भें उसे सारे

गुज़ज़श्ता ा िी तयह तभाभ भ़


ु द्दस भ़ाभात िी ज़्मायत िया दी। ऩहरे ही सार

िे वाक़मे से वह शख़्स फेइन्तेहा भत्त


ु अज़स्सय था ही कि दस
ू ये सार बी ऐसा ही

वाक़मा हो गमा। अफिी भयतफा उसने भज़स्जदे शाभ वाऩस ऩहुॉचते ही उनिा

833
दाभन थाभ लरमा औय ़सभ दे िय ऩछ
ू ा कि फ़यभाईमे आऩ इस ियाभात िे

भालरि िौन हैं? आऩने इयशाद फ़यभामा कि भैं भोहम्भद बफन अरी इभाभ

भोहम्भद त़ी (अ.स.) हूॉ। इसने फड़ी अ़ीदत औय ताज़ीभ व तियीभ िे भयालसभ

अदा किए। आऩिे वाऩस तशयीफ़ रे जाने िे फाद मह ऽफय बफजरी िी तयह पैर

गई। जफ वालरमे शाभ भोहम्भद अब्दर


ु भलरि िो इसिी इत्तेरा लभरी औय मह

बी ऩता चरा कि रोग इस वाक़मे से इन्तेहाई भत


ु ाअज़स्सय हो गए हैं तो आऩने

उस आबफद ऩय भद
ु मी नफअ
ू त होने िा इल्ज़ाभ रगा िय उसे ़ैद िया हदमा औय

कपय शाभ से भन्


ु तक़र िय िे ईया़ लबजवा हदमा। उसने वारी िो ़ैद ऽाने से

एि ऽत बेजा ज़जसभें लरखा िी भैं फे ऽता हूॉ भझ


ु े रयहा किमा जाए, तो उसने

ऽत िी ऩश्ु त ऩय लरखा कि जो शख़्स तूझे शाभ से िूफ़े औय िूफ़े से भदीने औय

वहाॊ से भक्िा औय कपय वहाॊ से शाभ ऩहुॉचा सिता है । अऩनी रयहाई भें उसी िी

तयफ़ रूजू िय। इस जवाफ िे दस


ू ये हदन मह शख़्स भि
ु म्भर सख़्ती िे फवजूद

सख़्त तयीन ऩहये िे होते हुए ़ैद ऽाने से ााएफ हो गमा। अरी बफन ऽालरद यावी

िा फमान है कि जफ भैं ़ैद ऽाने िे पाटि ऩय ऩहुॉचा तो दे खा िी तभाभ ज़ज़म्भे

दायान है यान व ऩये शान हैं औय िुछ ऩता नहीॊ चरता कि आबफदे शाभी ज़भीन भें

सभा गमा मा आसभान ऩय उठा लरमा गमा। अल्राभा भफ़


ु ीद (अ. य.) लरखते हैं

कि इस वाक़मे से अरी बफन ऽालरद जो दस


ू ये भज़हफ िा ऩैयो था, इभालभमा

834
भसऱ िा भोतक़द हो गमा। (शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 205, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 146,

आराभु वुया ऩष्ृ ठ 731, इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 481)

हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) के फाज़ करामात

साहफे तफ़सीय हुसन


ै ी अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी िा फमान है कि हज़यत

इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे ियाभात फेशभ


ु ाय हैं। (यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 438) भें

फाज़ तज़िेया भख़्


ु तलरफ़ िुतुफ से ियता हूॉ।

अल्राभ अब्दयु यक हभान जाभी तहयीय फ़यभाते हैं कि 1. भाभन


ू यशीद िे इन्ते़ार

िे फाद हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) ने इयशाद फ़यभामा कि अफ तीस

भाह फाद भेया बी इन्ते़ार होगा, चन


ु ान्चे ऐसा ही हुआ।

2. एि शख़्स ने आऩिी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हो िय अज़क किमा कि एि

भस
ु म्भता (उम्भर
ु हसन) ने आऩसे दयख़्वास्त िी है कि अऩना िोई जाभमे िुहना

(ऩयु ाने िऩड़े) दीज़जए ताकि भैं उसे िफ़न भें यखॊ।ू आऩने फ़यभामा कि अफ जाभेम

िुहना िी ज़रूयत नहीॊ है । यावी िा फमान है कि भैं वह जवाफ रे िय जफ वाऩस

हुआ तो भारभ
ू हुआ कि 13 14 हदन हो गए हैं वह इन्ते़ार िय चि
ु ी है ।

3. एि शख़्स उभय्मा बफन अरी िहता है कि भैं औय हभाद बफन ईसा एि

सफ़य भें जाते हुए हज़यत िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हुए ताकि एि से रूऽसत हो रें,

आऩने इयशाद फ़यभामा कि, तुभ आज अऩना सफ़य भर


ु तवी ियो, चन
ु ान्चे हस्फे

835
अर हुक्भ ठहय गमा, रेकिन भेये साथी हभाद बफन ईसा ने िहा कि भैंने साया

साभाने सफ़य घय से ननिार यखा है अफ अच्छा नहीॊ भारभ


ू होता है कि सफ़य

भर
ु तवी िरूॉ, मह िह िय वह यवाना हो गमा औय चरते चरते यात िो एि वादी

भें जा ऩहुॉचा औय वहीॊ ़माभ किमा, यात िे किसी हहस्से भें एि अज़ीभश्ु शान

सेराफ आ गमा औय वह तभाभ रोगों िे साथ हभाद िो बी फहा रे गमा।

(शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 202)

4. अल्राभा अयफरी तहयीय फ़यभाते हैं कि लभम्फय बफन ऽराद िा फमान है कि

एि हदन भदीना भन
ु व्वया भें जफ कि आऩ फहुत िभलसन थे भझ
ु से फ़यभामा कि

चरो भेये हभयाह, चन


ु ान्चे भैं साथ हो गमा, हज़यत ने भदीने से फाहय एि वादी भें

जा िय भझ
ु से फ़यभामा कि तुभ ठहयो भैं अबी आता हूॉ, चन
ु ान्चे आऩ नज़यों से

ाामफ हो गए औय थोड़ी दे य फाद वाऩस हुए, वाऩसी ऩय आऩ फेइन्तेहा भरर


ू औय

यॊ जीदा थे, भैंने ऩछ


ू ा फ़यज़न्दे यसर
ू (स.अ.व.व.) आऩिे चेहया ए भफ
ु ायि से आसाये

हुज़न व भरार हुवद


ै ा हैं। इयशाद फ़यभामा ! कि इसी वक़्त फादाद से वाऩस आ

यहा हूॉ वहाॊ भेये वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) ज़हय से शहीद िय हदमे

गए हैं, भैं उन ऩय नभाज़ वाैया अदा ियने गमा था।

5. ़ालसभ बफन अब्दयु क भान िा फमान है कि फादाद भें भैंने दे खा किसी शख़्स

िे ऩास फयाफय रोग आते जाते हैं औय भैंने दरयमाफ़्त किमा कि ज़जसिे ऩास आने

जाने िा ताता फॊधा हुआ है मह िौन है? रोगों ने िहा कि अफू जापय बफन अरी

836
(अ.स.) हैं, अबी मह फातें हो ही यहीॊ थी कि आऩ ना़े ऩय सवाय उस तयफ़ से

गज़
ु ये , ़ालसभ िहता है कि उन्हें दे ख िय भैंने हदर भें िहा कि रोग फड़े फेविूफ़

हैं जो आऩिी इभाभत िे ़ाएर हैं औय आऩिी इज़्ज़त व तौ़ीय ियते हैं, मह तो

फच्चे हैं औय भेये हदर भे इनिी िोई व़त भहसस


ू नहीॊ होती। भैं अऩने हदर भे

मही सोच यहा था कि आऩ ने ़यीफ आ िय फ़यभामा कि, ऐ ़ालसभ बफन

अब्दयु क हभान ! जो शख़्स हभायी इताअत से गुयेज़ाॉ हैं वह जहन्नभ भें जामेगा।

आऩिे इस फ़यभाने ऩय भैंने ख़्मार किमा कि मह जादग


ू य हैं कि इन्होंने भेये हदर

िे इयादे िो भारभ
ू िय लरमा है । जैसे ही मह ख़्मार भेये हदर भें आमा, आऩने

फ़यभामा कि तुम्हाया ख़्मार बफल्िुर ारत है तुभ अऩने अ़ीदे िी इस्राह ियो।

मह सन
ु िय भैंने आऩिी इभाभत िा इ़याय किमा औय भझ
ु े भानना ऩड़ा कि आऩ

हुज्जतुल्राह हैं।

6. ़ालसभ इब्नर
ु हसन िा फमान है कि भैं एि सफ़य भें था, भक्िा औय

भदीना िे दयलभमान एि भफ़ऱ


ू ु र हार ने भझ
ु से सवार किमा, भैंने उसे योटी िा

एि टुिड़ा दे हदमा। अबी थोड़ी दे य गज़


ु यी थी कि एि ज़फय दस्त आॊधी आई औय

वह भेयी ऩगड़ी उड़ा रे गई। भैंने फड़ी तराश िी रेकिन वह दस्तमाफ न हुई। जफ

भैं भदीने ऩहुॉचा औय हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) से लभरने गमा तो

आऩने फ़यभामा, ऐ ़ालसभ ! तुम्हायी ऩगड़ी हवा उड़ा रे गई। भैंने अज़क कि जी

हुज़ूय। आऩने अऩने ार


ु ाभ िो हुक्भ हदमा कि इनिी ऩगड़ी रे आओ। ार
ु ाभ ने

837
ऩगड़ी हाज़ज़य िी। भैंने फड़े ताज्जुफ से दरयमाफ़्त किमा कि भौरा ! मह ऩगड़ी महाॊ

िैसे ऩहुॉची? आऩने फ़यभामा तभ


ु ने जो याहे ऽद
ु ा भें योटी िा टुिड़ा हदमा था, उसे

ऽद
ु ा ने ़ुफर
ू फ़यभा लरमा है । ऐ ़ालसभ ! ऽद
ु ा वन्दे आरभ मह नहीॊ चाहता कि

जो उसिी याह भें सद़ा दे वह उसे ऩ


ु सान ऩहुॉचने दे ।

7. उम्भर
ु फ़ज़र ने हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी लशिामत अऩने

वालरद भाभन
ू यशीद अब्फासी िो लरख िय बेजी, कि अफू जाफ़य भेये होते हुए

दस
ू यी शादी बी िय यहे हैं। उसने जवाफ हदमा कि भैंने तेयी शादी इस लरमे नहीॊ िी

कि हरारे ऽद
ु ा िो हयाभ िय दॉ ।ू उन्हें ़ानन
ू े ऽद
ु ा वन्दी इजाज़त दे ता है वह

दस
ू यी शादी ियें इसभें तेया क्मा दऽर है । आइन्दा से इस क़स्भ िी िोई

लशिामत न ियना औय सन
ु तेया फ़यीज़ा है कि तू अऩने शौहय अफू जाफ़य िो

ज़जस तयह हो याज़ी यख। इस तभाभ ऽतो किताफत िी इत्तेरा हज़यत िो हो गई।

(िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 120)

अल्राभा शेऽ हुसन


ै बफन अब्दर
ु वहाफ तहयीय फ़यभाते हैं कि एि हदन उम्भर

फ़ज़र ने हज़यत (अ.स.) िी एि फीवी िो जो अम्भाय मासीय िी नस्र से थीॊ,

दे खा तो भाभन
ू यशीद िो िुछ इस अन्दाज़ से िहा कि वह हज़यत िे ़त्र ऩय

आभादा हो गमा भगय ़त्र न िय सिा। (अमुनूर भोज़जज़ात ऩष्ृ ठ 154 प्रिालशत

भुरतान)

838
हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) के हहदायात व इरिादात

मह एि भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि फहुत से फज़
ु ुगक भयतफा उरेभा ने आऩसे उरभ
ू े

अहरे फैत िी तारीभ हालसर िी। आऩिे ऐसे भख़्


ु तलसय हाकिभाना भ़ूरों िा बी

एि ज़ऽीया है । जैसे आऩिे जद्दे फज़


ु गु व
क ाय हज़यत अभीयर भोभेनीन इभाभ अरी

बफन अफी तालरफ (अ.स.) िे िसयत से ऩाए जाते हैं। जनाफे अभीय (अ.स.) िे फाद

इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे भ़ूरों िो एि ऽास दजाक हालसर है । फाज़ उरभा

ने आऩिे भ़ूरों िी तादाद िई हज़ाय फताई है । अल्राभा लशफरन्जी फ हवारा ए

फ़सर
ू र
ु ऩ भोहहभा तहयीय फ़यभाते हैं कि इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िा इयशाद

है कि 1. ऽद
ु ा वन्दे आरभ ज़जसे जो नेभत दे ता है फ इयादा दवाभ दे ता है रेकिन

उस से वह उस वक़्त ज़ाएर हो जाती है जफ वह रोगों मानी भस्


ु तह़ीन िा दे ना

फन्द िय दे ता है ।

2. हय नेभते ऽुदा वन्दी भें भऽऱ


ू िा हहस्सा है । जफ ऽुदा किसी िो अज़ीभ
ु़
नेभतें दे ता है तो रोगों िी हाजतें बी िसीय हो जाती हैं। इस भौिे ऩय अगय

साहे फे नेअभत (भारदाय) ओहदे फयआ हो सिा तो ऽैय ने नेअभत िा ज़वार

राज़भी है ।

3. जो किसी िो फड़ा सभझता है उस से डयता है ।

4. ज़जसिी ख़्वाहहशात ज़्मादा होंगी उसिा ज़जस्भ भोटा होगा।

5. सहीफ़ा ए हमाते भज़ु स्रभ िा सय नाभा हुस्ने ऽल़् है ।

839
6. जो ऽुदा िे बयोसे ऩय रोगों से फेननमाज़ हो जामेगा रोग उसिे भोहताज

होंगे।

7. जो ऽद
ु ा से डये गा रोग उसे दोस्त यखेगें।

8. इन्सान िी तभाभ ऽुफीमों िा भयिज़ ज़फान है ।

9. इन्सान िे िभारात िा दायो भदाय अ़र िे िभार ऩय है ।

10. इन्सान िे लरमे फ़ख़्र िी ज़ीनत इफ़्फ़त है । ऽुदाई इम्तेहान िी ज़ीनत शक्र

है । हसफ िी ज़ीनत तवाज़ो औय फ़योतनी है । िराभ िी ज़ीनत फ़साहत है ।

यवामत िी ज़ीनत हाफ़ेज़ा है । इल्भ िी ज़ीनत इन्िेसाय है । वया औय त़वा िी

ज़ीनत हुस्ने अदफ है । ़नात िी ज़ीनत ऽन्दा ऩेशानी है । वया व ऩये हज़गायी िी

ज़ीनत तभाभ भाभेरात से िनाया िशी है ।


ु़
11. ज़ालरभ औय ज़ालरभ िे भद्दगाय औय ज़ालरभ िे पेर िो सयाहने वारे

एि ही ज़ुभये भें हैं मानी सफ िा दजाक फयाफय है ।

12. जो ज़ज़न्दा यहना चाहता है उसे चाहहमे कि फदाकश्त ियने िे लरमे अऩने

हदर िो सब्र अज़भा फना रे।

13. ऽुदा िी यज़ा हालसर ियने िे लरमे तीन चीज़ें होनी चाहहमें, अव्वर

अस्ताफ़ाय, दोभ, नयभी औय फ़योतनी, सौभ, िसयते सद़ा।

14. जो जल्द फाज़ी से ऩयहे ज़ िये गा, रोगों से भशववया रेगा, अल्राह ऩय

बयोसा यखेगा वह िबी शलभकन्दा नहीॊ होगा।

840
15. अगय जाहहर ज़फान फन्द यखे तो इख़्तेराफ़ात न हों।

16. तीन फातों से हदर भोह लरमे जाते हैं, ि. भाशये भें इॊसाफ़, ख. भस
ु ीफत भें

हभददी, ग. ऩये शान ऽातयी भें तसल्री।

17. जो किसी फयु ी फात िो अच्छी ननगाह से दे खेगा वह उसभें शयीि सभझा

जामेगा।

18. िुफ़याने नेअभत ियने वारा ऽुदा िी नायाज़गी िो दावत दे ता है ।

19. जो तुम्हाये किसी अनतए ऩय शकु क्रमा अदा िये गोमा उसने तुम्हें उससे

ज़्मादा दे हदमा।

20. जो अऩने बाई िो ऩोशीदा तौय ऩय नसीहत िये वह उसिा भोहलसन है औय

जो एराननमा नसीहत िये गोमा उसिे साथ फयु ाई िी।

21. अ़रभन्दी औय हहभा़त जवानी िे ़यीफ ति एि दस


ू ये ऩय ारफा ियते

यहते हैं औय जफ अठ्ठाया सार ऩयू े हो जाते हैं तो इस्त़रार ऩैदा हो जाता है

औय याह भोअय्मन हो जाती है ।

22. जफ किसी फन्दे ऩय नेअभत िा नज़


ु रू हो वह इस नेअभत से भत
ु ाअज़स्सय

हो िय मह सभझे कि मह ऽुदा िी इनामत औय भेहयफानी है तो ऽुदा वन्दे आरभ

शक्र
ु ियने से ऩहरे उसिा नाभ शाकियों भें लरख रेता है औय जफ िोई गुनाह

ियने िे फाद मह भहसस


ू िये कि भैं ऽुदा िे हाथ भें हूॉ वह जफ औय ज़जस तयह

841
चाहे अज़ाफ िय सिता है तो ऽुदा वन्दे आरभ उसे अस्ताफ़ाय से ़ब्र फख़्श

दे ता है ।

23. शयीफ़ वह है जो आलरभ है औय अक़्रभन्द वह है जो भत्त


ु ़ी है ।

24. जल्द फाज़ी िय िे किसी अम्र िो शोहयत न दो जफ ति तिभीर न हो

जाए। 25. अऩनी ख़्वाहहशात िो इतना न फढ़ाओ कि हदर तॊग हो जाओ।

26. अऩने ज़ईफ़ों ऩय यहभ ियो औय उन ऩय यहभ िे ज़रयए से अऩने लरमे

यहभ िी ऽुदा से दयख़्वास्त ियो।

27. आभ भौत से फयू ी भौत वह है जो गन


ु ाह िे ज़रयए से हो, औय आभ

ज़ज़न्दगी से ऽैयो फयित िे साथ वारी ज़ज़न्दगी फेहतय है ।

28. जो ऽुदा िे लरमे अऩने किसी बाई िो फ़ाएदा ऩहुॉचाए वह ऐसा है जैसे

उसने अऩने लरमे जन्नत भें घय फना लरमा।

29. जो ऽुदा ऩय एतभाद यखे औय उस ऩय तवक़्िुर


ु़ औय बयोसा िये खदा
ु ु़ उसे

हय फयु ाई से फचाता है औय उसिी हय क़स्भ िे दश्ु भन से हहफ़ाज़त ियता है ।

30. दीन इज़्ज़त है, इल्भ ऽज़ाना है औय ऽाभोशी नयू है ।

31. ज़ोहद कि इन्तेहा वया औय त़वा है ।

32. दीन िो तफाह िय दे ने वारी चीज़ बफदअत है ।

33. इन्सान िो फादफाद ियने वारी चीज़ रारच है ।

34. हाकिभ िी सराहहमत ऩय ये आमा िी ऽुशहारी िा दायो भदाय है ।

842
35. दआ
ु िे ज़रयए हय फरा टर सिती है ।

36. जो सब्रो ज़ब्त िे साथ भैदान भें आ जाए वह िाभमाफ होगा।

37. जो दनु नमाॊ भें त़वा िा फीज फोएगा आऽेयत भें हदरी भयु ादों िा पर

ऩाएगा।

(नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 148 प्रिालशत लभस्र)

हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) की एक रवायत

भव
ु रयक ऽे दलभश़् अल्राभा शम्सद्
ु दीन इब्ने तारन
ू लरखते हैं कि हज़यत इभाभ

भोहम्भद त़ी (अ.स.) ने अऩने आफाओ अजदाद से यवामत ियते हुए इयशाद

फ़यभामा है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने फमान फ़यभामा है कि जफ आॊ हज़यत

(स.अ.व.व.) ने भझ
ु े मभन िी तयफ़ बेजा था तो चन्द ऽास वसीअतें िी थीॊ

ज़जनभें एि मह थी ‘‘ मा अरी भाऽाफा भन इस्तेऽायो रानदभ भन इस्तेशाय ’’ जो

शख़्स अऩने िाभों भें इस्तेऽाया िय लरमा िये गा वह ऽाएफ मालसय न होगा औय

जो अऩने भऽ
ु लरस दोस्तों से भशववया किमा िये गा वह नाहदभो शलभकन्दा न होगा

......... भन इस्तेफ़ादा िाकफ़ल्राह फ़़त इस्तेफ़ाद फैतन कपर जन्नत जो अऩने

बाई िो फ़ी सफीलरल्राह फ़ाएदा ऩहुॉचाएगा वह जन्नत भें अऩना घय फनवा रेगा।

(अर भता अर असना अशय ऩष्ृ ठ 103 प्रिालशत फैरूत)

843
मामन
ू की वफात, मोतसिम की खखऱाफत और हज़रत इमाम मोहम्मद

तक़ी (अ.ि.) की गगरफ़्तारी

शादी िे फाद हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) भदीने भें ़दये ऩयु सि
ु ून

ज़ज़न्दगी फसय िय यहे थे मानी आऩिो वह ऽदशा न था जो हुिूभते वक़्त िी

तयफ़ से आऩिे आफाओ अजदाद िो हय वक़्त रगा यहता था औय ज़जसिे नतीजे

भें शहादत िा दजाक नसीफ होता यहता था। आऩिो जो तिरीफ़ थी वह उम्भर

फ़ज़र िे लशिामती ऽुतूत िी थी ज़जनिे ज़रयए से वह भाभन


ू िी अनाने तवज्जा

आऩिी भऽ
ु ारेफ़त िी तयफ़ भोड़ना चाहती थीॊ। भाभन
ू चॊकु ि होलशमाय औय अऩने

किए िे ननबाने िा आदी था इस लरमे उसने िोई ऩयवाह नहीॊ िी रेकिन इसिे

फाद वारे ऽरीफ़ा ने इसिो ऩयू ी अहलभमत दे िय आऩिा िाभ तभाभ िय हदमा।

अल्राभा अरी ऩी लरखते हैं कि 218 हहजयी भें भाभन


ू ने दनु नमाॊ िो ऽैय फाद

िहा। अफ भाभन
ू िा बाई औय उम्भर
ु फ़ज़र िा चचा भोतलसभ जो इभाभ यज़ा

(अ.स.) िे फाद वरी अहद फनामा जा चि


ु ा था तख़्ते सरतनत ऩय फैठा औय

भोतलसभ बफल्राह अब्फासी िे नाभ से भशहूय हुआ, इसिे फैठते ही इभाभ

भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे भत


ु ाअज़ल्ऱ उम्भर
ु फ़ज़र िे इसी तयह िे लशिामती

ऽत
ु त
ू िी यफ़्ताय फढ़ गई, ज़जस तयह िे उसने अऩने फाऩ भाभन
ू िो बेजे थे।

भाभन
ू ने जो तभाभ फनी अब्फासीमों िी भऽ
ु ारेफ़तों िे फवजद
ू बी अऩनी रड़िी

िा ननिाह इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे साथ िय हदमा था इस लरमे अऩनी

844
फात िी ऩच औय किए िी राज यखने िी ऽानतय उसने उन लशिामतों ऩय िोई

तवज्जोह नही दी फज़ल्ि भामस


ू िय दे ने वारे जवाफ से फेटी िी ज़फान फन्द िय

दी भगय भोतलसभ जो इभाभ यज़ा (अ.स.) िी वरी अहदी िा दाा अऩने सीने ऩय

लरमे हुए था औय इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िो दाभाद फनाए जाने से तभाभ

फनी अब्फास िे नभ
ु ाइन्दे िी है लसमत से ऩहरे ही इख़्तेराफ़ ियने वारों भें ऩेश

ऩेश यह चि
ु ा था। अफ उम्भर
ु फ़ज़र िे लशिामती ऽुतूत िो अहलभमत दे िय

अऩने इस इख़्तेराफ़ िो जो इस ननिाह से था ह़ फा जाननफ ियना चाहता था।

कपय सफ से ज़्मादा इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी इल्भी भयजीमत आऩिे

इऽरा़ी असय िा शोहया जो हहजाज़ से फढ़ िय ईया़ ति ऩहुॉचा हुआ था, वह

बफना भऽ
ु ासेभत जो भोतलसभ िे फज़
ु ुगों िो इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे

फज़
ु ुगों से यह चकु ि थी वह कपय इस लसमासत िी नाभी औय भन्सफ
ू ा िी लशिस्त

िा भहसस
ू हो जाना जो इस अक़्द िा भह
ु रयक ि हुआ था ज़जसिी तशयीह ऩहरे हो

चकु ि है । मह तभाभ फातें थीॊ कि भोतलसभ भऽ


ु ारेफ़त िे लरमे अभादा हो गमा।

उसने अऩनी सरतनत िे दस


ू ये ही सार इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िो भदीने

से फादाद िी तयफ़ जफयन फर


ु वा बेजा। हाकिभे भदीना अब्दर
ु भलरि िो इस

फाये भें ताक़दी ऽत लरखा भजफयू न इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) अऩने फ़यज़न्द

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय उनिी वारेदा िो भदीने भें छोड़ िय फादाद

िी तयफ़ यवाना हो गए। भल्


ु रा भोहम्भद भफ
ु ीन कपयॊ गी भहरी िहते हैं कि जफ

845
भाभन
ू िे फाद भोतलसभ ऽरीफ़ा हुआ औय उसने इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे

फ़ज़ाएर िा आवाज़ सन
ु ा तो फयाए फा
ु ज़
ु व अनाद भदीना ए भन
ु व्वया से फ

भ़
ु ाभ फादाद आऩिो तरफ िय लरमा। इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) जफ भदीने

से चरने रगे तो उन्होंने अऩने फ़यज़न्द इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो अऩना वसी

औय ऽरीफ़ा ़याय दे िय िुतुफे उरभ


ू े इराही औय असाये जनाफे रयसारत ऩनाही

उन्हें सऩ
ु द
ु क फ़यभामा, उसिे फाद भदीने से यवाना हो िय नवीॊ भोहयक भ (9 भोहयक भ)

220 हहजयी िो फादाद ऩहुॉचे औय भोतलसभ ने उसी सार उनिो शहीद िय हदमा।

(वसीराए नजात ऩष्ृ ठ 260)

इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) की नज़र फन्दी क़ैद और िहादत

भदीना ए यसर
ू (स.अ.व.व.) से फ़यज़न्दे यसर
ू िो तरफ ियने िी ायज़ चॊकु ि

नेि नीमती ऩय भफ
ु नी न थी इस लरमे अज़ीभ शयफ़ िे फ वजूद फाऩ हुिूभते

वक़्त िी किसी रयमामत िे ़ाबफर नहीॊ भतसव्वयु हुए। भोतलसभ ने फादाद फर


ु वा

िय आऩिो ़ैद िय हदमा।

अल्राभा अयफरी लरखते हैं कि चॊकू ि भोतलसभ फ खखराफ़त


ु़ फानश्त आॉ हज़यत

या अज़ भदीना ए तय्मफा फ दारूर खखराफ़ा फादाद आवयदा जरस फ़यभद


ू ा

(िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 112) एि सार ति आऩने ़ैद िी सज़ख़्तमाॊ लसफ़क इस जभ


ु क भें

फदाकश्त िीॊ कि आऩ िभाराते इभाभत िे हालभर क्मों हैं औय आऩिो ऽुदा ने मह

846
शयफ़ क्मों अता फ़यभामा है । फाज़ उरभा िा िहना है कि आऩ ऩय इस ़दय

सज़ख़्तमाॊ थीॊ औय इतनी िड़ी ननगयानी औय नज़य फन्दी थी कि आऩ अक्सय

अऩनी ज़ज़न्दगी से फेज़ाय हो जाते थे। फहयहार वह वक़्त आ गमा कि आऩ लसफ़क

ऩच्चीस सार तीन भाह 12 मौभ िी उम्र भें ़ैद ऽाने िे अन्दय आखखय
ु़ ज़ज़़ाद

(फ तायीऽ 29 ज़ज़़ादा सन ़् 220 हहजयी मौभे सह शम्फा) भोतलसभ िे ज़हय से

शहीद हो गए। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 121, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 123, यौज़तुर ऩष्ृ ठ ज़जल्द

3 ऩष्ृ ठ 16, आराभु वुया ऩष्ृ ठ 205, इयशाद 480, अनवाये नोभाननमा ऩष्ृ ठ 127, अनवारूर

हुसैननमा ऩष्ृ ठ 54) आऩिी शहादत िे भत


ु ाअज़ल्ऱ भल्
ु रा भफ
ु ीन िहते हैं कि

भोतलसभ अब्फासी ने आऩिो ज़हय से शहीद किमा। (वसीरतुन नजात ऩष्ृ ठ 297)

अल्राभा इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि आऩिो इभाभ यज़ा (अ.स.) िी तयह

ज़हय से शहीद किमा गमा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 123)

अल्राभा हुसन
ै िाशफ़ी लरखते हैं कि ‘‘ गोमन्द फ ज़हय शहीद शद
ु ’’ िहते हैं

कि ज़हय से शहीद हुए हैं। (यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 438) भल्


ु रा जाभी िी किताफ भें है ‘‘

़ीरा भता भसभभ


ू न ’’ िहा जाता है कि आऩिी वफ़ात ज़हय से हुई। (शवाहे दन

नफूवत ऩष्ृ ठ 204)

अल्राभा नेभत उल्रा जज़ामयी लरखते हैं ‘‘ भाता भसभभ


ू न ़द सभेउर

भोतलसभ ’’ आऩ ज़हय से शहीद हुए हैं औय म़ीनन भोतलसभ ने आऩिो ज़हय

हदमा है । (अनवाये नोभाननमा ऩष्ृ ठ 195) मही िुछ अल्राभा तफयी ने बी तहयीय

847
फ़यभामा है । (आराभुर वया ऩष्ृ ठ 205) औय अल्राभा अब्दर
ु यज़ा ने बी मही लरखा

है । (अनवारूर हुसैननमा ऩष्ृ ठ 54)

नवाफ लसद्दी़ हसन लरखते हैं कि भोहतलसभ अब्फासी ने आऩिो ज़हय से भाय

हदमा। (अर फ़याहुर आभी) अल्राभा लशब्रन्जी लरखते हैं कि ‘‘अना भता भसभभ
ू न ’’

आऩ ज़हय से शहीद हुए है । ‘‘ म़ार इन उम्भर


ु फ़ज़र बफनतुर भाभन
ू सख़्तहू फे

भयू ाफीहा’’ िहा जाता है कि आऩिो आऩिी फीवी उम्भर


ु फ़ज़र ने अऩने फाऩ

भाभन
ू िे भत
ु ाबफ़ भोतलसभ िी भदद से ज़हय दे िय शहीद किमा। (नूरूर अफसाय

ऩष्ृ ठ 147, अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 460)

भतरफ मह हुआ कि भाभन


ू यशीद ने इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे वालरदे

भाज़जद इभाभ यज़ा (अ.स.) िो उसिी फेटी ने इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िो

फ़ौरे लशब्रन्जी शहीद िय िे अऩने वतीये भस्


ु तभायता औय उसर
ू े ऽानदानी िो

फ़योा फख़्शा है ।

अल्राभा भौसफ़
ू लरखते हैं कि ‘‘ दख़्रत इम्रातहा उम्भर
ु फ़ज़र अरा ़सय अर

भोतलसभ ’’ कि इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िो शहीद िय िे उनिी फीवी

उम्भर
ु फ़ज़र भोतलसभ िे ऩास चरी गईं। फाज़ भआसेयीन लरखते हैं कि इभाभ

(अ.स.) ने शहादत िे वक़्त उम्भर


ु फ़ज़र िे फदतयीन भस्
ु त़बफर िा ज़ज़क्र

फ़यभामा था ज़जसिे नतीजे भें उसिे नासयू हो गमा था औय वह आखखय


ु़ भें दीवानी

हो िय भयी।

848
भख्
ु तसय मह कि शहादत िे फाद हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने आऩिी

तजहीज़ व तिफ़ीन भें लशयित िी औय नभाज़े जनाज़ा ऩढ़ाई औय इसिे फाद आऩ

भ़
ु ाबफय ़ुयै श भें अऩने जद्दे नाभदाय हज़यत इभाभ भलू सए िाज़ज़भ (अ.स.) िे

ऩहरू भें दफ़्न किए गए। चॊकु ि आऩिे दादा िा ऱफ िाज़ज़भ औय आऩिा ऱफ

जवाद बी था इस लरमे उस शहय िो आऩिी लशयित से ‘‘ िाज़भैन ’’ औय वहाॊ

िे इस्टे शन िो आऩिे दादा िी लशयित िी रयआमत से ‘‘ जवादीन ’’ िहा जाता

है ।

इस भ़फया ए ़ुयै श भें ज़जसे िाज़भैन िे नाभ से माद किमा जाता है 356

हहजयी भत
ु ाबफ़ 998 ई0 भें भोअज़ उद्दौरा औय 452 हहजयी भत
ु ाबफ़ 1044 ई0

जरारद
ु दौरा शाहाने आर फोमह िे जनाज़े ऐनत़ाद भन्दी से दफ़्न किए गए।

िाज़भैन भें जो शानदाय यौज़ा फना हुआ है इस ऩय फहुत से ताभीयी दौय गुज़ये

रेकिन इसिी ताभीयी तिभीर शाह इस्भाईर सफ़वी ने 966 हहजयी भत


ु ाबफ़

1520 ई0 भें ियाई। 1255 हहजयी भत


ु ाबफ़ 1856 भें भोहम्भद शाह ़ाचाय ने

उसे जवाहे यात से भयु स्सा किमा।

आऩकी अज़वाज और औऱाद

उरभा ने लरखा है कि हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे चन्द फीवीमाॊ थीॊ

ज़जनभें उम्भर
ु फ़ज़र बफन्ते भाभन
ू यशीद अब्फासी औय सभाना ऽातन
ू मासयी

849
नभ
ु ामाॊ है सीमत यखती थीॊ। जनाफा सभाना ऽातून जो कि हज़यत अम्भाय मसीय िी

नस्र से थी िे अरावा किसी से िोई औराद नहीॊ हुई। आऩिी औराद िे फाये भें

उरभा िा इत्तेफ़ा़ है कि दो नयीना औय दो ाैय नयीना थीॊ ज़जसिे असभा मह हैं

1. हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) 2. जनाफे भस


ू ा भफ
ु ये ़ा (अ.स.) 3. जनाफे

फ़ात्भा 4. जनाफे अभाभह। (इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 493, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 123, यौज़तुर

शोहदा ऩष्ृ ठ 438, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 147, अनवाये नोभाननमा ऩष्ृ ठ 127 िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ
ु़
116, आराभुर वया ऩष्ृ ठ 205 वगैयह।)

सिऱसिऱा ए िादाते ररज़ववया

हज़यत इभाभ अरी यज़ा (अ.स.) िे हारात भें फहवारे इभाभ उर भोहद्दे सीन

हुज्जतुर इस्राभ हज़यत अल्राभा शेऽ भफ़


ु ीद (अ. य.) व अल्राभा भोतलभद

तफयसी लरखा जा चि
ु ा है कि हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) िे नयीना फ़यज़न्द,

हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) थे। इन हज़यात िी तह़ी़ ऩय ऐनतभाद व

एनत़ाद ियने िे फाद मह म़ीनी तौय ऩय िहा जा सिता है कि हज़यत इभाभ

यज़ा (अ.स.) िी नस्र लसफ़क इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) से फढ़ी, फेटे िी औराद

िा दादा िी तयफ़ इन्तेसाफ ऽुसस


ू न ऐसी हारत भें जफ कि फाऩ िे अरावा दादा

िे िोई औय औराद न हो नेहामत भन


ु ालसफ है ।

850
इसी लरमे अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी, अल्राभा सय्मद नरू
ू ल्राह शस्
ू तयी

(शहीदे सालरस) अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि हज़यत इभाभ भोहम्भद

त़ी (अ.स.) िी औराद िो ‘‘ रयज़वी ’’ िहा जाता है । (यौज़तर


ु शोहदा ऩष्ृ ठ 438,

भजालरस अर भोभेनीन व फेहारूर अनवाय) अल्राभा भआलसय भौराना सय्मद अरी

ऩी भज
ु तहीदर
ु अस्र य़भ तयाज़ हैं कि ‘‘ मह एि ह़ीित है कि ज़जतने सादात

‘‘ रयज़वी ’’ िहराते हैं वह दयअस्र त़वी हैं मानी हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी

(अ.स.) िी औराद हैं। अगय हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) िी औराद हज़यत इभाभ

भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे अरावा किसी औय फ़यज़न्द िे ज़रयए से बी होती तो

इम्तेआज़ िे वह अऩने िो ‘‘ रयज़वी ’’ िहराती औय इभाभ भोहम्भद त़ी

(अ.स.) िी औराद अऩने िो त़वी िहती, भगय चॊकु ि इभाभ यज़ा (अ.स.) िी

नस्र इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) से चरी औय हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) िी

शख़्सी शोहयत सरतनते अब्फासीमा िे वरी अहद होने िी वजह से जम्हूये

भस
ु ल्रेभीन भें फहुत हो चि
ु ी थी, इस लरमे तभाभ औराद िो हज़यत इभाभ यज़ा

(अ.स.) िी तयफ़ भन्सफ


ू िय िे तारूफ़ किमा जाने रगा औय रयज़वी िे नाभ से

भशहूय हुए। ’’

हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी नस्र दो फेटों से फढ़ी, एि इभाभ अरी

ऩी (अ.स.) औय दस
ू ये भस
ू ा भफय़ा अरैह यहभह (किताफ यहभतुर लररअरेभीन ज़जल्द

2 ऩष्ृ ठ 145) इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी औराद अऩने िो ऩवी औय भस


ू ा

851
भफ
ु य़े िी औराद भज़िूया वजह िी बफना ऩय अऩने िो रयज़वी िहराती है ।

जनाफे मि
ू ा बफन इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) के फरज़न्द

भत
ु ाबफ़ तहयीय सय्मद हालभद हुसन
ै ियायवी भतूफ़ी 1271 हहजयी भहूरए ‘‘

रताएफ़ुश शयफ़ ’’ तीन थे।

अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते हैं ‘‘ अ़फ भफ
ु य़ा अज़ सय्मद अहभद

अस्त व अ़फ अहभद अज़ भोहम्भद अयज अस्त ’’ (यौज़तर


ु शोहदा ऩष्ृ ठ 438)

सय्मद अहभद िे तीन फेटे थे 1. सय्मद सारेह 2. सय्मद जरीर 3. सय्मद

भोहम्भद अयज भोहम्भद अयज िे फ़यज़न्द अफू अब्दल्


ु राह सय्मद अहभद ‘‘

ऩीफ अरिुभ ’’ थे ज़जसिे भानी यईसे आज़भ, ननगयाने आरा, सयफयाह औय

़ौभ िे हय दाऽरी औय ऽायजी अभय भें तदफीय औय साज़गायी ऩैदा ियने वारे िे

हैं। (भजभउर फहयै न ऩष्ृ ठ 157) सादाते ियायी ज़ज़रा इराहफाद िा लसरलसरा ए नसफ

आऩ ही िी वसातत से इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) औय इभाभ अरी यज़ा

(अ.स.) ति ऩहुॉचता है । सादाते ियायी िे भरू यसे आरा सय्मद हसाभद्


ु दीन आल्राह

भ़
ु ाभहू, गवकनय भथयु ा फ अहदे कफ़योज़ शाह तुारि थे। सय्मद रयमाज़ुर हसन

ियायवी भ़
ु ीभ ियाची लरखते हैं कि ‘‘ आऩ ईयान से हहन्दस्
ु तान आ िय ज़ैद ऩयु

ज़ज़रा फाया फॊिी भें सि


ु ू नत ऩज़ीय हुए थे। आऩिो ऩहरे सफ
ू े िा गवकनय कपय फ़ौज

िा िभान्डय फना हदमा गमा था। आऩ फहुत फड़े फहादयु औय सऽी थे। ’’ आऩिा

852
लसरलसरा नौ वास्तों से ऩीफ अरिुभ
ु़ ति, कपय चाय वास्तों से हज़यत इभाभ

भोहम्भद त़ी (अ.स.) ति ऩहुॉचता है । आऩने 717 हहजयी भें जॊगर िाट िय ‘‘

ियायी ’’ िो आफाद किमा जो त़यीफन आढ़ाई सौ भवाज़ेआत ऩय भश्ु तलभर है,

ज़जन ऩय आऩिी औराद ़ाबफज़ औय भत


ु ासरयफ़ है । (किताफ शजयह सादात ियायी

भोअल्रेफ़ा सय्मद रयमाज़ हुसैन भयहूभ ऩष्ृ ठ 17 -18 प्रिालशत रखनऊ 1927 ई0)

सैय्मद हसाभद्
ु दीन िे िुभ
ु़ से हहन्दस्
ु तान तशयीफ़ राने िे भत
ु ाअज़ल्ऱ िहा जा

सिता है कि चॊगेज़ ऽाॉ ने जफ ईयान फ़तेह ियने िे लरमे रश्िय बेजा औय उस

रश्िय ने ़माभत ऽेज़ तफाही भचाई थी, इसी भौ़े ऩय दीगय हज़यात िी तयह

आऩ बी हहन्दस्
ु तान तशयीफ़ राए। (तायीऽ यौज़तुर ऩष्ृ ठ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 25 ता

ऩष्ृ ठ 39 प्रिालशत रखनऊ भें है कि चॊगेज़ खाॉ िा रश्िय 615 हहजयी भें फ़तेह

ईयान िे लरमे ननिरा। इसिी हारत मह थी कि सैरे हवाहदस िी तयह ज़जस तयफ़

गज़
ु यता था तफाहो फयफाद िय छोड़ता था, किसी ने किसी िा हवारा दे ते हुए िहा

है कि ‘‘ आभदन ़् दव िन्दन्द व सोऽतन्द व िुश्तन्द व फयु दन्द ’’ कि रश्िय

वारे आए, उखाड़ा वछाड़ जरामा पूिा, ़त्र किमा औय सफ रट


ू िय रे गए।

ऩष्ृ ठ 2 चॊगेज़ ऽाॉ िे दस्त फयु द से ईयान िा िोई शहय नभ


ु ामा ़रयमा नहीॊ फचा।

उसने ़त्रो ाायत िा लसरलसरा 621 हहजयी ति जायी यखा। मॉू तो हय जगह

तफाही हुई औय सफ ही ़त्र हुए रेकिन वह भ़


ु ाभात ज़जनिी तफाही से हभाये

हदरों िो रूही सदभा ऩहुॉचा, वह फरऽ, ऽयु ासान, सब्ज़ावाय, नेशाऩयू औय ़ुभ जैसे

853
शहय भें, फरऽ भें ऩचास हज़ाय सादात थे जो ़त्र हुए। ऽुयासान भें ियीफ सद

हज़ाय भोलभन भोवहहद शहीद साखतनद ’’ त़यीफन एि राख भोलभन ़त्र हुए।

ऩष्ृ ठ 36, सब्ज़ावाय भें सत्तय हज़ाय ़त्र किमे गए। ऩष्ृ ठ 36, नेशाऩयू भें तो

भ़तूरीन िी इतनी िसयत थी कि फायह हदन ति राशों िा शभ


ु ाय होता यहा।

हे यात भें बी शदीद अन्धेय गदी थी, फेशभ


ु ाय सादात ़त्र किमे गए। इन हॊ गाभों भें

नेहामत फयफरयमत िा सफत


ू हदमा गमा, आग रगाई गई। अस्भतदयी िी गई,

ऩानी फन्द किमा गमा औय फे दये ा ़त्र व खॊयू े ज़ी से सय ज़भीने ईयान राराज़ाय

फनाई गई। फाज़ भ़


ु ाभात िे तज़किये भें भज़िूय है कि ज़ालरभ मह िहते थे कि

याफ़्ज़ी रोग हैं इनिा ़त्र ियना ‘‘ एैन सवाफ व भस्


ु तरज़ज़भ सवाफ अस्त ’’

नेहामत सही अभर है औय फे हद सवाफ िा भोज़जफ है । ऩष्ृ ठ 30, फहय हार

हारात से भत
ु ालसय हो िय सादात ईयान से जान फचा िय ननिर खड़े हुए औय

एतयाफ़े आरभ जहाॉ ज़जसिो सझ


ू ा वहाॊ जा ठहया ऩष्ृ ठ 39 साहफे उम्दतूर तालरफ

िी तहयीय िे भत
ु ाबफ़ हज़यत भस
ू ा भफय़ा िी औराद बी हहन्दस्
ु तान आई। फदये

भशअशा ऩष्ृ ठ 31 जहाॉ ति भैं सभझता हूॉ सैय्मद हुसाभद्


ु दीन िा तशयीफ़ राना

बी इसी अहद से भत
ु अज़ल्ऱ है ।

854
हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) के फरज़न्दे अजम
ुा न्द जनाफ

मि
ू ा मफ
ु रक़ा के मख़्
ु तसिर हाऱात

हज़यत भस
ू ा भफ
ु य़ा (अ. य.) हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे फ़यज़न्द

औय हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे फयादये अज़ीज़ थे। आऩिी िुन्नीमत अफू

जाफ़य औय अफू अहभद थी। आऩ िभारे हुस्नो जभार िी वजह से हभेशा चेहये

ऩय ऩाफ डारे यहते थे। इसी लरमे आऩिे नाभ िे साथ ‘‘ भफ


ु य़ा ’’ बी

भस्
ु तलभर होता है । आऩ फेहतयीन आलरभे दीन, सऽी औय फहादयु थे। आऩ 10

यजफर
ु भयु ज्जफ 217 हहजयी िो भदीना ए भन
ु व्वया भें ऩैदा हुए कपय 38 सार िी

उम्र भें 255 हहजयी भें िूफ़े तशयीफ़ रे गए, कपय वहाॊ से 256 हहजयी भें ़ुभ

भन्
ु तक़र हो गए। उरभा िा फमान है कि मह ऩहरे शख़्स हैं ज़जन्होंने सादाते

रयज़ववमा से िुभ
ु़ भें भस्
ु तक़र ़माभ िा इयादा किमा।

अल्राभा शेऽ अब्फास िुम्ु़ भी तहयीय फ़यभाते हैं कि जफ आऩ िूफ़े से ़ुभ ऩहुॉचे

तो वहा िे यऊसा ने आऩिे भस्


ु तक़र ़माभ िी भऽ
ु ारेफ़त िी औय आऩिी बय

ऩयू िोलशशे ़माभ िे फावजूद आऩिो वहाॊ हटिने न हदमा, बफर आखखय
ु़ आऩ वहाॊ

से यवाना हो िय ‘‘ िाशान ’’ ऩहुॉच,े आऩिी नस्री अज़भत औय तफरीाी सय

गलभकमों िी शोहयत िी वजह से वहाॊ िे फालशन्दों ने आऩिी फड़ी आओ बगत िी

औय ऩयू ी इज़्ज़त व तौ़ीय िे साथ इनिो अऩनी आॊखों ऩय जगह दी, चन


ु ान्चे

इनिे सयफयाह अहभद बफन अब्दर


ु अज़ीज़ बफन दल्फ़ अजरी ने हदरो जान से ऽैय

855
भ़दभ किमा औय लरफासे फ़ाऽेया ऩहना िय उनिे लरमे शानदाय घोड़े फ़याहभ

किमे औय एि हज़ाय लभस़ार सोना, साराना उनिे लरमे भ़


ु यक य किमा।

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि अहरे िाशान आऩिे वहाॊ ़माभ ियने से इन्तेहाई

ऽुश थे औय आऩिे ़माभ िो साये िाशान िी ऽुश क़स्भती सभझते थे रेकिन

इसी दौयान भें जफ ़ुभ वारों िो होश आमा औय उनिे फाज़ भोअज़जु़ ़्ज़ हज़यात

जो कि फाहय थे जैसे ‘‘ अफू अर सय्मद बफन अर हुसन


ै बफन अरी बफन आदभ ’’

जफ ़ुभ वाऩस ऩहुॉचे औय उन्हें इस हादसे अऽयाज िा हुक्भ हुआ तो वह फेहद

शलभकन्दा हुए औय उन रोगों िी सख़्त भज़म्भत िी ज़जनिा इनिे अख़्राज भें हाथ

था। ‘‘ फ़ाय सल्वा यऊसा अर अयफ ’’ कपय इन भोअज़्ज़ेज़ीन औय अयफ िे यऊसा

ने आऩिो वाऩस राने िे लरमे एि जभीअत बेज दी, इसने उज़य व भाज़ेयत िे

फाद आऩिो ़ुभ वाऩस तशयीफ़ राने ऩय आभादा िय लरमा। चन


ु ान्चे आऩ

ननहामत इज़्ज़त व एहनतयाभ िे साथ ़ुभ वाऩस तशयीफ़ राए, इन हज़यात ने

इनिे लरमे एि शानदाय भिान औय फहुत सी ज़रूयी चीज़ें औय जाएदाद भें उनिो

वाकफ़य हहस्सा हदमा औय फीस हज़ाय हदयहभ से ऩद खखदभत


ु़ िी आऩिे ़ुभ भें

भस्
ु तक़र ़माभ िे फाद आऩिी फहने, ज़ीनत उम्भे भोहम्भद,भैभन
ू ा वाैया बी

ऩहुॉच गई औय आऩिी रड़िी फये ह बी जा ऩहुॉची। मह फीबफमाॊ भस्


ु तक़र वहीॊ

भ़
ु ीभ यहीॊ बफर आखखय
ु़ सफ िी सफ हज़यत भासभ
ू ा ए ़ुभ िे गगदाक गगदक दफ़्न

हुई।

856
आऩ अऩने बाई इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे ऩैयो थे औय उन्हें फेहद भानते थे

औय भसाएर िे जवाफ दे ने भें फावक़्ते ज़रूयत उन्हीॊ से भद्द लरमा ियते थे जैसा

कि महहमा इब्ने अ़सभ िे सवार िे जवाफ भें आऩिा इभाभ अरी ऩी (अ.स.)

िी तयफ़ रूजू ियने से ज़ाहहय है । (सफ़ीनतुर फेहाय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 591) आऩिे

भत
ु ाअज़ल्ऱ जो मह िहा जाता है कि आऩ इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी भज़ी िे

खखराफ़
ु़ एि दफ़ा भत
ु ावज़क्र से लभरने गए थे। ‘‘ ारत है ’’ क्मों कि इस ऽफय

िी यवामत मा़ूफ बफन मालसय ने िी है औय वह भोवज़क्िर िा आदभी था मानी

‘‘ मह हवाई उसी दश्ु भन िी उड़ाई हुई है ’’ इसिी िोई अस्रीमत नहीॊ। (फदय

भशअशा अल्राभा नूयी व सफ़ीनतुर अर फहाय 2 ऩष्ृ ठ 652)

आऩने शफे चाय शम्फा 22 यफीउस्सानी 296 भें फ उम्र 79 सार वफ़ात ऩाई।

आऩिी नभाज़े जनाज़ा अभीये ़ुभ अब्फास बफन अभरू ानवी ने ऩढ़ाई औय आऩ

इसी भ़
ु ाभ ऩय दफ़्न हुए ज़जस जगह आऩिा यौज़ा फना हुआ है । एि यवामत िी

बफना ऩय मह वह जगह है ज़जस जगह भोहम्भद बफन अर हसन बफन अफी ऽालरद

अशयी भर
ु क़़्फ फ ‘‘ शम्फर
ू ’’ िा भिान था। (भन्थउर भार ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 351)

याक़भ अर हुरूफ़ ने 1966 ई0 भें आऩिे भज़ाये भ़


ु द्दस ऩय हाज़यी दी औय

फ़ातेहा ख़्वानी िी है ।

857
मोअजल्ऱफ फ़कताफ (14 सितारे ) का िजरहए नस्फ

भोवलरफ़ किताफ औय याक़भ अर हुरूफ़ िा शजयह ए नस्फ मह है । सय्मद

नजभर
ु हसन बफन सय्मद फ़ैज़ भोहम्भद बफन सय्मद तय्मफ हुसन
ै इब्ने सय्मद

अभीय हुसन
ै (़ाज़ी शयीअत फअहदे भरिा ववक्टोरयमा) बफन सय्मद शयीफ़ अरी सय्मद

यौशन अरी बफन सय्मद फ़ैज़ भहभद


ू बफन सय्मद शयीफ़ भोहम्भद बफन सय्मद

ईसा इब्ने सय्मद भोहम्भद ़ाएभ बफन रूह उल्राह बफन सय्मद फ़ातेह उ बफन

सय्मद शयीफ़ अरी सय्मद यौशन अरी बफन सय्मद फ़ैज़ भहभद
ू बफन सय्मद

शयीफ़ भोहम्भद बफन सय्मद ईसा इब्ने सय्मद भोहम्भद ़ाएभ बफन रूह उल्राह

बफन सय्मद फ़तेह उल्राह बफन सय्मद फ़ैज़ बफन सय्मद हालशभ बफन सय्मद

मा़ूफ बफन सय्मद इभाभद्


ु दीन बफन सय्मद है दय बफन सय्मद भोहम्भद बफन

सय्मद कफ़योज़ बफन सय्मद िुतुफद्


ु दीन बफन सय्मद इभाभद्
ु दीन बफन सय्मद

फ़ख़्रूद्दीन बफन सय्मद हुसाभद्


ु दीन (भरू यसे आरा सादात ियायी) बफन सय्मद

िभारद्
ु दीन (छहतीभ) बफन सय्मद फदरूद्दीन बफन ताजुद्दीन (शहीद) बफन सय्मद

महहमा बफन सय्मद अब्दर


ु अज़ीज़ बफन सय्मद इब्राहीभ बफन सय्मद भहभद
ू बफन

सय्मद अब्दल्
ु राह (ज़यफख़्श) बफन सय्मद मा़ूफ बफन अफू अब्दल्
ु राह सय्मद

अहभद (ऩीफ अर ़ुभ) बफन सय्मद अफू अरी भोहम्भद ऊरूज बफन अफू अहभद

सय्मद अफू अर भिायभ बफन सय्मद भस


ू ा भफ
ु य़ा बफन हज़यत इभाभ भोहम्भद

त़ी (अ.स.) बफन हज़यत इभाभ अरी यज़ा (अरैहहस्सराभ)

858
859
अफुऱ हिन हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.)

अरी िा नाभ औय खुऱे हसन रेिय भौहम्भद िा

ऩी दनु नमा भें आमे, दीन है भहवे, सना ख्वानी

लसताया औज ऩय है, दसवीॊ भज़न्जर


ु़ िा इभाभत िा

त़ी िे घय भें नाज़जर


ु़ हो यहा है नयू े मज़दानी

(साबफय थयमानी ियाची)

आज दसवाॊ नाएफे ऽैरूर फशय ऩैदा हुआ

हैं ऱफ हादी, ऩी, ज़जसिे अरी है ज़जसिा नाभ

यहफये दीने ऽद
ु ा हैं, मह भौहम्भद िा वऩसय

इतयते अतहाय भें चौथा अरी आरी भ़ाभ

वाऱैदेन

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ऩैाम्फये इस्राभ भौहम्भद (स.अ.व.व.) िे

दसवें जानशीन औय हभाये दसवें इभाभ औय लसरलसरा ए भासभ


ू ीन िी फायवीॊ िड़ी

हैं। आऩिे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ भौहम्भद त़ी (अ.स.) थे औय वारदा

भाजदा जनाफे सभाना ऽातून थीॊ। आऩ अऩने आफाओ अजदाद िी तयह इभाभ

भनसस
ू , भासभ
ू ए आरभ, ज़भाना औय अपज़र िाएनात थे। आऩ इल्भ सऽावत

860
तहायते नफ़स, फर
ु न्दी ए कियदाय औय जुभरा लसफ़ात हसना भें अऩने वालरद

भाज़जद िी जीती जागती तस्वीय थे।

(सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 123 भतारेफुस सूऊर सफ़ा 291 नूरूर अफसाय सफ़ा 149)

आऩिी वारेदा िे भत
ु ाअज़ल्ऱ उरभा ने लरखा है कि आऩ सैय्मदा उम्भर

फ़ज़र िे नाभ से भशहूय थीॊ।

(भनाक़फ ज़जल्द 5 सफ़ा 116)

इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) की ववऱादते फािआदत

आऩ फ तायीऽ 5, यज्जफर
ु भयु ज्जफ 214 हहजयी फयोज़ सेह शम्फा फाभ़
ु ाभ

भदीना ए भन
ु व्वया भत
ु ावज़ल्रद हुए। नरू
ु र अफसाय सफ़ा 149, दभ ए सािेफा सफ़ा

120, शेऽ भफ़
ु ीद िा िहना है कि भदीने िे ़यीफ एि ़रयमा है ज़जसिा नाभ

सयमा है, आऩ वहाॊ ऩैदा हुए।

इस्मे गगरामी, कुन्नीयत और अऱक़ाफ

आऩिा इस्भे गगयाभी अरी आऩिे वालरदे भाज़जद इभाभ भौहम्भद त़ी (अ.स.)

ने यखा इसे मॊू सभझना चाहहमे कि सयवये िाएनात (स.अ.व.व.) ने जो अऩने फायह

जानशीन अऩनी ज़ाहे यी हमात िे ज़भाने भें भोअमन फ़यभामे थे। उनभें से एि

आऩिी ज़ाते गगयाभी बी थी। आऩिे वालरदे भाज़जद ने उसी भोअमन नाभ से

861
भौसभ
ू िय हदमा। अल्राभा तफयसी लरखते हैं कि चौदह भासभ
ू ीन (अ.स.) िे

असभा नाभ रौहे भहफ़ूज़ भें लरखे हुए हैं। सयवये िाएनात स. ने उसी िे भत
ु ाबफ़

सफ िे नाभ भअ
ु मन फ़यभामे हैं औय हय एि िे वालरद ने उसी िी यौशनी भें

अऩने फ़यज़न्द िो भौसभ


ू किमा है । अल्राभा अर वया सफ़ा 225, किताफ िशपुर

ाम्भा सफ़ा 4 भें है कि आॊ हज़यत ने सफ िे नाभ हज़यत आमशा िो लरखवा

हदमे थे। आऩिी िुज़न्नमत अफर


ु हसन थी। आऩिे अऱाफ फहुत ज़्मादा हैं।

ज़जनभें ऩी, नासेह, भोतावज़क्िर, भत


ु ज़
ुक ा औय असियी ज़्मादा भशहूय हैं।

(िशफ़ुर ाम्भा सफ़ा 122 नूरूर अफसाय सफ़ा 149, भतारेफुस सूऊर सफ़ा 191)

आऩके अहदे हयात और फादिाहाने वक़्त

आऩ जफ 214, हहजयी भें ऩैदा हुए तो उस वक़्त फादशहाने वक़्त भाभन


ू यशीद

अब्फासी था। 218 ई0 भें भाभन


ू यशीद ने इन्ते़ार किमा औय भोतालसभ ऽरीफ़ा

हुआ अफर
ु कपदा
ु़ 227, हहजयी भे वालस़ इब्ने भोतालसभ ऽरीफ़ा फनामा गमा

अफर
ु कपदा
ु़ 232 हहजयी वालस़ िा इन्ते़ार हुआ औय भत
ु ावज़क्िर अब्फासी

ऽरीफ़ा भ़
ु यक य किमा गमा। अफर
ु कपदा
ु़ कपय
ु़ 247 हहजयी भें भा
ु तलसय बफन

भत
ु ावज़क्िर औय 248 हहजयी भें भस्
ु तईन औय 252 हहजयी भें ज़फ
ु ेय इब्ने

भत
ु ावज़क्िर अरभिनी व ‘‘भोताज़बफल्राह अरत तयतीफ ऽरीफ़ा फनाए गए।

862
अफर
ु कपदा
ु़ दभतुस ़् सािेफा 254 हहजयी भें भोताज़ िे ज़हय दे ने से इभाभ ऩी

(अ.स.) शहीद हुए।

(तज़कियातुर भासूभीन)

हज़रत इमाम मौहम्मद तक़ी (अ.ि.) का िफरे फग़दाद और हज़रत

इमाम नक़ी (अ.ि.) की वऱी अहदी

भाभन
ू यशीद िे इन्ते़ार िे फाद जफ भोतालसभ बफल्राह ऽरीफ़ा हुआ तो

उसने बी अऩने अफाई कियदाय िो सयाहा औय ऽानदानी यवमे िा इत्तेफा किमा।

उसिे हदर भें बी आरे भौहम्भद िी तयफ़ से वही जज़फात उबये जो उसिे

आफाओ अजदाद िे हदरों भें उबय चि


ु े थे, उसने बी चाहा कि आरे भौहम्भद स.

िी िोई फ़दक ज़भीन ऩय फा़ी न यहे । चन


ु ाचे उसने तख़्त नशीॊ हाते ही हज़यत

इभाभ भौहम्भद त़ी (अ.स.) िो भदीने से फादाद तरफ िय िे नज़य फन्द िय

हदमा। इभाभ भौहम्भद त़ी (अ.स.) जो अऩने आफाओ अजदाद िी तयह ़माभत

ति िे हारात से वाकिफ़
ु़ थे। भदीने से चरते वक़्त अऩने फ़यज़न्द िो अऩना जाॊ

नशीन भ़
ु यक य िय हदमा औय वह तभाभ तफरूकिात जो इभाभ िे ऩास हुआ ियते हैं

आऩने इभाभ ऩी (अ.स.) िे लसऩद


ु क िय हदए। भदीने भन
ु व्वया से यवाना हो िय

आऩ 9 भोहयक भर
ु हयाभ 220 हहजयी िो वारयदे फादाद हुए। फादाद भे आऩिो एि

863
सार बी न गुज़या था कि भोतलसभ अब्फासी ने आऩिो फ तायीऽ 29 ज़ज़ाद
ु़ 220

हहजयी भे ज़हय से शहीद िय हदमा।

(नूरूर अफसाय सफ़ा 147)

उसर
ू िाफ़ी भें है कि जफ इभाभ भौहम्भद त़ी (अ.स.) िो ऩहरी फाय भदीने

से फादाद तरफ किमा गमा तो यावीमे ऽफय इस्भाइर बफन भहयान ने आऩिी

खखदभत
ु़ भें हाज़जय
ु़ हो िय िहा् भौरा। आऩिो फर
ु ाने वारा दश्ु भने आरे भौहम्भद

है । िहीॊ ऐसा न हो कि हभ फे इभाभ हों जामें। आऩने फ़यभामा कि हभिो इल्भ है

तुभ घफयाओ नहीॊ इस सफ़य भें ऐसा न होगा।

इस्भाईर िा फमान है कि जफ दोफाया आऩिो भोतालसभ ने फर


ु ामा तो कपय भैं

हाज़जय
ु़ हो िय अज़क ऩयदाज़ हुआ कि भौरा मह सफ़य िैसा यहे गा? इस सवार िा

जवाफ आऩने आसओ


ु ें िे ताय से हदमा औय फ चश्भें नभ िहा कि ऐ इस्भाईर भेये

फाद अरी ऩी िो अऩना इभाभ जानना औय सब्र ज़ब्त से िाभ रेना।

(तज़कियातुर भासूभीन सफ़ा 217)

इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) का इल्मे ऱदन्ु नी

फचऩन का एक वाफ़कया

मह हभाये भस
ु ल्रेभात से है कि हभाये अइम्भा िो इल्भे रदन्ु नी होता है । मह

खुदा िी फायगाह से इल्भ व हहिभत रे िय िालभर औय भि


ु ज़म्भर दनु नमाॊ भें

864
तशयीफ़ राते हैं। उन्हे किसी से इल्भ हालसर ियने िी ज़रूयत नहीॊ होती है औय

उन्होने किसी दनु नमाॊ वारे िे साभने ज़ानु ए अदफ ति नहीॊ फ़यभामा ज़ाती इल्भ

व हहिभत िे अरावा भज़ीद शयफ़े िभार िी तहसीर अऩने आफाओ अजदाद से

ियते यहे , मही वजह है कि इन्तेहाई िभलसनी भें बी मह दनु नमाॊ िे फड़े फड़े

आलरभों िो इल्भी लशिस्त दे ने भें हभेशा िालभमाफ यहे औय जफ किसी ने फ़यद से

भािूफ़ सभझा तो ज़रीर हो िय यह गमा, कपय सये ऽभ तसरीभ ियने ऩय

भजफयू हो गमा।

अल्राभा भसद
ू ी िा फमान है कि हज़यत इभाभ भौहम्भद त़ी (अ.स.) िी

वफ़ात िे फाद इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ज़जनिी उस वक़्त उभय 6- 7 सार िी

थी भदीने भें भयजए ऽराए़ फन गए थे, मह दे ख ि यवह रोग जो आरे

भौहम्भद से हदरी दश्ु भनी यखते थे मह सोचने ऩय भजफयू हो गमे कि किसी तयह

इनिी भयिज़जमत
ु़ िो ऽत्भ िय हदमा जाए औय िोई ऐसा भोअज़ल्रभ इनिे साथ

रगा हदमा जो उन्हें तारीभ बी दे औय इनिी अऩने उसर


ू ऩय तयफीमत ियने िे

साथ उनिे ऩास रोगों िे ऩहुॊचने िा सद्दे फाफ ियें । मह रोग इसी ख्मार भें थे

उभय बफन फ़जऱ् यहजी फ़यााते हज िे फाद भदीना ऩहुॊचा रोगों ने उस से अयज़

किमा, बफर आखखय


ु़ हुिूभत िे दफाव से ऐसा इन्तेज़ाभ हो गमा कि हज़यत इभाभ

अरी ऩी (अ.स.) िो तारीभ दे ने िे लरए ईया़ िा सफ से फड़ा आरभ, आबफद

अब्दल्
ु राह जुनीदी भािूर भश
ु ाहे या ऩय रगामा गमा मह जुनीदी आरे भौहम्भद स.

865
िी दश
ु भनी भें ऽास शोहयत यखता था। अरायज़ जुनीदी िे ऩास हुिूभत ने इभाभ

अरी ऩी (अ.स.) िो यख हदमा औय जन


ु ीदी िो ऽास तौय ऩय इस अभय िी

हहदामत िय दी कि उनिे ऩास यवाकपज़


ु़ न ऩहुॊचने ऩाएॊ। जन
ु ीदी ने आऩिो ़सय

सयफा भें अऩने ऩास यखा। होता मह था कि जफ यात होती थी तो दयवाज़ा फन्द

िय हदमा जाता था औय हदन भें बी लशमों िो लभरने िी इजाज़त न थी। इसी

तयह आऩिे भानने वारों िा लसरलसरा भन


ु ़ता हो गमा औय आऩिा फ़ैज़े जायी

फन्द हो गमा रोग आऩिी ज़जमायत


ु़ औय आऩसे इस्तेफ़ादे से भहरूभ हो गमे। यावी

िा फमान है कि भैने एि हदन जन


ु ीदी से िहा, ार
ु ाभ हाशभी िा क्मा हार है?

उसने ननहामत फयु ी सयू त फना िय िहा, उन्हें ार


ु ाभ हाशभी न िहो, वह यईसे

हाशभी हैं। खुदा िी ़सभ वह इस िभलसनी भें भझ


ु से िहीॊ ज़्मादा इल्भ यखते

हैं। सन
ु ो भैं अऩनी ऩयू ी िोलशश िे फाद जफ अदफ िा िोई फाफ उनिे साभने ऩेश

ियता हूॉ तो वह उसिे भत


ु ाज़ल्ऱ ऐसे अफवाफ खोर दे ते हैं कि भैं है यान यह जाता

हूॊ। रोग सभझ यहे हैं कि भैं उन्हें तारीभ दे यहा हूॊ रेकिन खद
ु ा िी ़सभ भैं

उनसे तारीभ हालसर िय यहा हूॊ। भेये फस भें मह नहीॊ कि भैं उन्हें ऩढ़ा सिॊू । खद
ु ा

िी ़सभ वह हाकपज़े
ु़ ़ुयआन ही नहीॊ वह उसिी तावीर व तन्ज़ीर िो बी जानते

हैं औय भऽ
ु तसय मह कि वह ज़भीन ऩय फसने वारों भें सफ से फेहतय औय

िाएनात भें सफ से अफ़ज़र हैं।

(असफात उर वसीमत दभतुस ़् सािेफा सफ़ा 121)

866
हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) के करामात और आऩका इल्मे

फाततन

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) त़यीफन 29 सार भदीना भन


ु व्वया ़माभ ऩज़ीय यहे ।

आऩने इस भद्
ु दते उभय भें िई फादशाहों िा ज़भाना दे खा। त़यीफन हय एि ने

आऩिी तयफ़ रूऽ ियने से ऐहनतयाज़ किमा। मही वजह है कि आऩ उभयू े इभाभत

िो अन्जाभ दे ने भें िाभमाफ यहे । आऩ चॊकू ि अऩने आफाओ अजदाद िी तयह इल्भे

फानतन औय इल्भे ाैफ बी यखते थे। इसी लरए आऩ अऩने भानने वारों िो होने

वारे वाकिमात
ु़ से फा ऽफय फ़यभा हदमा ियते थे औय िोलशश फ़यभाते थे कि

भ़दयू ात िे अरावा िोई गज़न्द न ऩहुॊचने ऩाए इस लसरलसरे भें आऩिे ियाभात

फे शभ
ु ाय हैं ज़जनभें से हभ इस भ़ाभ ऩय किताफ िशफ़ुर ाम्
ु भा से चन्द ियाभात

तहयीय ियते हैं।

1. भौहम्भद इब्ने पयज यहजी िा फमान है कि हज़यत इभाभ अरी ऩी

(अ.स.) ने भझ
ु े तहयीय फ़यभामा कि तभ
ु अऩने तभाभ उभयू व भाभरात िो यास्त

औय ननज़ाभे ऽाना िो दरू


ु स्त िय रो औय अऩने असरहों िो सम्बार रो। भैंने

उनिे हुक्भ िे फाभोज़जफ तभाभ दरू


ु स्त िय लरमा रेकिन मह न सभझ सिा मह

हुक्भ आऩने क्मों हदमा रेकिन चन्द हदनी िे फाद लभस्र िी ऩलु रस भेये महाॊ आई

औय भझ
ु े गगयपताय िय िे रे गई औय भेये ऩास जो िुछ था। सफ रे लरमा औय

867
भझ
ु े ़ैद खाने भें फन्द िय हदमा। भैं आठ सार इस ़ैद खाने भें ऩडा यहा। एि

हदन इभाभ (अ.स.) िा खत ऩहुॊचा, ज़जसभें भय़ूभ था कि ऐ भौहम्भद बफन फ़जऱ्,

तभ
ु उस यास्ते िी तयफ़ न जाना जो भारयफ िी तयफ़ वा़े है । ऽत ऩाते ही भेयी

है यानी िी िोई हद न यही। भै सोचता यहा कि भैं तो ़ैद खाने भें हूॊ भेया तो उधय

जाना भज़ु म्िन ही नहीॊ कपय इभाभ ने क्मों मह िुछ तहयीय फ़यभामा? आऩिे ऽत

आने िो अबी दो चाय ही हदन गुज़ये थे कि भेयी ये हाई िा हुक्भ आ गमा औय भैं

उनिे हुक्भ िे भत
ु ाबफि उस तयप नही गमा कि ज़जसिो आऩने भना किमा था।

़ैद ऽाने से ये हाई िे फाद भैने इभाभ (अ.स.) िो लरखा कि हुज़यू भैं ़ैद से छूट

िय घय आ गमा हूॊ। अफ आऩ खुदा से दआ


ु फ़यभाऐॊ कि भेया भार भासफ
ू ा वाऩस

िया दें । आऩने उसिे जवाफ भें तहयीय फ़यभामा कि अऩ्यीफ तुम्हाया साया भार

तुम्हें वाऩस लभर जाएगा चन


ु ाॊचे ऐसा ही हुआ।

2. एि हदन इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय अरी बफन हसीफ नाभी शख़्स दोनों

साथ ही यास्ता चर यहे थे। अरी बफन हसीफ आऩसे चन्द गाभ आगे फढ़ िय फोरे,

आऩ बी ़दभ फढ़ा िय जल्द आजाएॊ हज़यत ने फ़यभामा कि ऐ इब्ने हसीफ तम्


ु हें

ऩहरे जाना है । तुभ जाओ इस वाकिए


ु़ िे चाय हदन फाद इब्ने हसीफ फ़ौत हो गए।

3. एि शख़्स भौहम्भद बफन फ़ज़र फादादी नाभी िा फमान है कि भैंने हज़यत

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो लरखा कि भेये ऩास एि दि


ु ान है भैं उसे फेचना

चाहता हूॊ आऩने उसिा जवाफ न हदमा। जवाफ न लभरने ऩय भझ


ु े अफ़सोस हुआ।

868
रेकिन जफ भैं फादाद वाऩस ऩहुॊचा तो वह आग रग जाने िी वजह से जर चि
ु ी

थी।

4. एि शख्स अफू अय्मफ


ू नाभी ने इभाभ (अ.स.) िो लरखा कि भेयी ज़ौजा

हाभेरा है, आऩ दआ
ु फ़यभाएॊ कि रड़िा ऩैदा हो। आऩ ने फ़यभामा इन्शा अल्राह

उसिे रड़िा ही ऩैदा होगा औय जफ ऩैदा हो तो उसिा नाभ भौहम्भद यखना।

चन
ु ाॊचे रड़िा ही ऩैदा हुआ, औय उसिा नाभ भौहम्भद ही ऩैदा यखा गमा।

5. महहमा बफन ज़िरयमा िा फमान है कि भैंने इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो

लरखा कि भेयी फीवी हाभेरा है आऩ दआ


ु फ़यभाऐ कि रड़िा ऩैदा हो। आऩने जवाफ

भें तहयीय फ़यभामा कि फाज़ रड़किमाॊ रड़िों से फेहतय होती हैं, चन


ु ाॊचे रड़िी ऩैदा

हुई।

6. अफू हालशभ िा फमान है कि भैं 227 हहजयी भें एि हदन हज़यत इभाभ अरी

ऩी (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें हाज़जय
ु़ था कि किसी ने आिय िहा कि तुिो िी

फ़ौज गज़
ु य यही है । इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा कि ऐ अफू हालशभ चरो इन से

भर
ु ा़ात ियें । भैं हज़यत िे हभयाह हो िय रश्िरयमों ति ऩहुचा। हज़यत ने एि

ार
ु ाभ तुिी से इसिी ज़फान भें गुफ़्तगू शरू
ु फ़यभाई औय दे य ति फातें ियते यहे ।

उस तुिी लसऩाही ने आऩिे ़दभों िा फोसा हदमा। भैंने उस से ऩछ


ू ा कि वह िौन

सी चीज़ है ज़जसने तुझे इभाभ िा गगयवीदा फना हदमा? उसने िहा् इभाभ ने भझ
ु े

उस नाभ से ऩि
ु ाया ज़जसिा जानने वारा भेये फाऩ िे अरावा िोई न था।

869
7. ततहत्तर ज़फानों की ताऱीम्

अफू हालशभ िहते हैं कि भैं एि हदन हज़यत िी खखदभत


ु़ भें हाज़जय
ु़ हुआ तो

आऩने भझ
ु से हहन्दी ज़फान भें गफ़
ु तगू िी ज़जसिा भैं जवाफ न दे सिा, तो

आऩने फ़यभामा कि भैं अबी अबी तुम्हें तभाभ ज़फानों िा जानने वारा फनाए दे ता

हूॊ। मह िह िय आऩने एि सॊग ये ज़ा उठामा औय उसे अऩने भह


ु ॊ भें यख लरमा

उसिे फाद उस सॊग ये ज़े िो भझ


ु े दे ते हुए फ़यभामा कि इसे चस
ु ो। भैने भॉह
ु भें यख

िय उसे अच्छी तयह चस


ू ा, उसिा नतीजा मह हुआ कि भैं तेहत्तय ज़फानों िा

आलरभ फन गमा। ज़जनभें हहन्दी बी शालभर थी। इसिे फाद से कपय भझ


ु े किसी

ज़फान िे सभझने औय फोरने भें हदक़्ित न हुई। ऩेज न. 122 से 125

8. इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) के हाथों में रे त का िोने मे फदऱ जाना

आइम्भाए ताहे यीन िे उरीर अम्र होने ऩय ़ुयान भजीद िी नस सयीह भौजूद

है । इनिे हाथों औय ज़फान भें खुदा वन्दे आरभ ने मह ता़त दी है कि वह जो

िहे हो जाए, जो इयादा ियें उसिी तिभीर हो जाए। अफू हालशभ िा फमान है कि

एि हदन भैनें इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी खखदभत भें अऩनी तॊग दस्ती िी

लशिामत िी। आऩने फ़यभामा फड़ी भाभर


ू ी फात है तुम्हायी तक्रीफ़ दयू हो जाएगी।

उसिे फाद आऩने यभर मानी ये त िी एिे भठ्


ु ठी ज़भीन से उठा िय भेये दाभन भें

ड़ार दी औय फ़यभामा इसे ाौय से दे खो औय इसे फ़योख्त िय िे िाभ ननिारो।

870
अफू हालशभ िहते हैं कि ऽुदा िी ़सभ जफ भैने उसे दे खा तो वह फेहतयीन

सोना था, भैंने उसे फाज़ाय रे जा िय फ़योख्त िय हदमा।

(भनाक़फ इब्ने शहय आशोफ ज़जल्द 6 सफ़ा 119)

9. इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) और इस्मे आज़म

हज़यत सक़्
ु ़तुर इस्राभ अल्राभा ़ुरैनी उसर
ू े िाफ़ी भें लरखते हैं कि इभाभ

अरी ऩी (अ.स.) ने फ़यभामा, इस्भ अल्राहुर आज़भ 73 हुरूफ़ भें इनभें से लसफ़क

एि हयफ़ आलसफ़ फयखखमा


ु़ वसी सर
ु ेभान िो हदमा गमा था ज़जसिे ज़रयए से

उन्होंने चश्भे ज़दन भें भल्


ु िे सफा िे तख्ते बफऱीस भॊगवा लरमा था औय इस

भॊगवाने भें मह हुआ था कि ज़भीन लसभट िय तख्त िो ़यीफ रे आई थी, ऐ

नौफ़री यावी ऽुदा वन्दे आरभ ने हभें इस्भे आज़भ िे 72 हुरूफ़ हदमे हैं औय

अऩने लरमे लसफ़क एि हयफ़ भहफ़ूज़ यखा है जो इल्भे ाैफ से भत


ु ाअज़ल्ऱ है ।

भसद
ू ी िा िहना है कि इसिे फाद इभाभ ने फ़यभामा कि ऽद
ु ा वन्दे आरभ ने

अऩनी ़ुदयत औय अऩने इज़्ने इल्भ से हभें वह चीज़े अता कि हैं जो है यत अॊगेज़

औय ताज्जुफ ऽैज़ हैं। भतरफ मह है कि इभाभ जो चाहें िय सिते हैं। उनिे लरए

िोई रूिावट नहीॊ हो सिती।

(उसूरे िाफ़ी - भनाक़फ इब्ने शहय आशोफ ज़जल्द 5 सफ़ा 118 व दभतुस ़् सािेफा सफ़ा

126)

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय सार िे चाय अहभ योज़े

871
10. शेऽ अफू जाफ़य तूसी किताफ लभसफाह भें लरखते हैं कि इस्हा़ बफन

अब्दल्
ु राह अरवी अयीज़ी हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें फा

भ़
ु ाभ सयय्मा भदीना हाज़जय
ु़ हुए। इभाभ (अ.स.) ने उन्हें दे ख िय फ़यभामा, भैं

जानता हूॊ कि तुम्हाये फाऩ औय तुम्हाये चचा िे दयलभमान मह अभय ज़ेय फहस है

कि सार िे वह िौन से योज़े है कि ज़जनिा यखना फहुत ज़्मादा सवाफ यखता है

औय तुभ इसी िे भत
ु ाज़ल्ऱ भझ
ु से सवार ियने आए हो। उसने िहा ऐ भौरा

फस मही फात है कि आऩने फ़यभामा सन


ु ो वह चाय योज़े हैं ज़जनिे यखने िी तािीद

है ।

1. मौभे ववरादत हज़यत ऩैाम्फये इस्राभ स. 17 यफीउर अव्वर।

2. मौभे फैसत व भेयाज 27 यजफर


ु भयु ज्जफ।

3. मौभे दहवर
ु अज़क मानी ज़जस हदन िाफे िे नीचे से ज़भीन बफछाई गई औय

सफ़ीना ए नह
ू िोह जूदी ऩय ठहया ज़जसिी तायीऽ 25 ज़ी़ाद है ।

4. मानी मौभें अर ादीय ज़जस हदन हज़यत यसर


ू े ऽद
ु ा स. ने हज़यत अरी

(अ.स.) िो अऩने जानशीन होने िा ऐरान आभ फ़यभामा ज़जसिी तायीऽ 18 ज़जर


ु़

हहज है ।

ऐ अयीज़ी जो इन हदनों भें से किसी हदन बी योज़ा यखे। उसिे साठ औय सत्तय

सारा गुनाह फऽशे जाते हैं।

(किताफ भनाक़फ ज़जल्द 5 सफ़ा 123 व दभ ए सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 123)

872
इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) और मुतावजक्कऱ की तख़्त निीनी

मह भानी हुई फात है कि भौहम्भद स. व आरे भौहम्भद स. उन तभाभ उभयू से

वाकिफ़
ु़ होते हैं ज़जनसे अवाभ उस वक़्त ति फ खफय नहीॊ होते जफ ति वह

भन्ज़ये आभ ऩय न आजामें। इभाभ लशफरन्जी लरखते हैं कि वालस़ िा एि भह


ु ॊ

चढ़ा यफ़ी़ अस्फाती एि हदन ईया़ से भदीना भन


ु व्वया ऩहुचाॊ औय वहाॊ जा िय

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) से लभरा। आऩने ऽैय ऽैरयमत दयमाफ़त ियने िे फाद

फ़यभामा कि वालस़ बफल्राह ऽरीफ़ा ए वक़्त िा क्मा हार है ? उसने िहा भैनें

उसे फ सराभत छोड़ा औय वह बफल्िुर फऽैरयमत है, भैं उसिा बेजा हुआ महाॊ

आमा हूॊ। आऩने फ़यभामा रोग िहते हैं कि वह फ़ौत हो गमा है । मह सन


ु िय

अस्फाती ने सि
ु ू त इख़्तेमाय किमा औय सभझा कि मह जो आऩने फ़यभामा है,

फइल्भे इभाभत फ़यभामा है कि हो सिता है कि दरू


ु स्त हो। कपय आऩने िहा

अच्छा मह फताओ कि इब्ने अज़मात किस हार भें है? उसने अज़क कि वह वह बी

अच्छा ऽासा है । बफल्िुर ऽैरयमत से है । इस वक़्त उसी िा तूती फोरती है औय

इसी िा हुक्भ चरता है । आऩने इयशाद फ़यभामा् ऐ अस्फाती सन


ु ों हुक्भें ऽुदा िो

िोई नहीॊ टार सिता औय ़रभे ़ुदयत िो िोई नहीॊ योि सिता। वालस़ िा

इन्ते़ार हो गमा है औय भत
ु ावज़क्िर तख़्त नशीने खखराफ़त
ु़ हो गमा है औय इब्ने

अज़मात ़त्र िय हदमा गमा है । अस्फाती ने चौंि िय ऩछ


ू ा् मा हज़यत मह सफ

873
िैसे हो गमा है? भैं तो सफिो ऽैरयमत व आकपमत
ु़ भें छोड़ िय आमा हूॊ। आऩने

फ़यभामा तम्
ु हाये ईया़ से ननिरने िे छ् हदन फाद मह इऩ्ेराफ आमा है । इसिे

फाद अस्फाती आऩ से रूऽसत हो िय शहय भें किसी भ़


ु ाभ ऩय जा ठहया। चन्द

हदनों िे फाद भत
ु ावज़क्िर िा नाभा फय भदीना ऩहुॊचा तो बफल्िुर उन्हीॊ हारात िा

इन्िेशाफ़ हुआ ज़जनिी ऽफय इभाभे ज़भाना दे चि


ु े थे। नरू
ु र अफसाय सफ़ा 149,

प्रिालशत लभस्र भव
ु रयक ऽ अरवदी लरखते हैं कि मह वाकिमा
ु़ 232 हहजयी िा है

तायीऽे इस्राभ लभस्टय ज़ाकिय हुसन


ै भें है कि इब्ने अरज़्मायत वज़ीय था उसिे

़त्र होते ही भोतावज़क्िर ने अऩना वज़ीय पतेह इब्ने ऽ़ान िो फनामा जो फहुत

ज़ेहीन व ज़िी था।

(फ़ेहरयस्त इब्ने नदीभ सफ़ा 175)

हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) और िहीफा ए कामेऱा की एक दआ


हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे एि सहाफी सफा बफन हभज़तुर ़ुम्भी ने

एि िो तहयीय किमा कि भौरा भझ


ु े ऽरीफ़ा भोतालसभ वज़ीय से फहुत दख
ु ऩहुॊच

यहा है, भझ
ु े इसिा बी अन्दे शा है कि िहीॊ वह भेयी जान न रे रे। हज़यत ने

इसिे जवाफ भें तहयीय फ़यभामा कि घफयाओ नही औय दआ


ु ए सहीफ़ा ए िाभेरा

माभन तहरो फेहा अ़दा अरभिायाहा अरऽ, ऩढ़ो भस


ु ीफत से नजात ऩाओगे।

मसआ बफन हभज़ा िा फमान है कि भैनें इभाभ िे हस्फे अर हुक्भ नभाज़ सब्ु हा

874
िे फाद इस दआ
ु िी नतरावत िी ज़जसिा ऩहरे ही हदन मह नतीजा ननिरा कि

वज़ीय ऽद
ु भेये ऩास आमा भझ
ु े अऩने हभयाह रे गमा औय लरफासे फ़ऽया ऩहना

िय भझ
ु े फादशाह िे ऩहरू भें बफठा हदमा।

हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) के आफाओ अजदाद की क़ब्रों के

िाथ मोतावफ़कऱ अब्फािी का िऱ


ु क

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) भदीने ही भें थे कि ज़जरहहज


ु़ 222 हहजयी भें

अफू अर फ़ज़र जाफ़य भत


ु ावज़क्िर अब्फासी तख़्ते खखराफ़त
ु़ ऩय भत
ु ाभज़क्िन होने

िे फाद इसने वह हयितें शरू


ु िीॊ ज़जन्होने ज़ाये दलभश़् मज़ीद िो बी शभाक हदमा।

भव
ु रयक ऽ ननगाय भें भत
ु ावज़क्िर अब्फासी िो वही दजाक हालसर है जो फनी

उम्भमा भें मज़ीद िो हालसर था। मह दोनों अऩने ज़ाती कियदाय िे अरावा जो

िुछ आरे भौहम्भद स. िे साथ ियते यहे उससे तायीऽे इस्राभ सख़्त शलभकन्दा है ।

भत
ु ावज़क्िर िे भत
ु ाज़ल्ऱ भव
ु रयक ऽ इब्ने असीय लरखता है कि मह अरी बफन अफी

तालरफ (अ.स.) औय उनिे अहरे फैत से सख्त फा


ु ज़ यखता था।

दभेयी िा िहना है कि भोतावज़क्िर हज़यत अरी (अ.स.) से फा


ु ज़ शदीद यखता

था औय उनिी भऩसत किमा ियता था। तायीऽ अफर


ु कपदा
ु़ भें है कि

भत
ु ावज़क्िर ने शामय इब्ने स़ीमत िो इस जुभक कि उसने भत
ु ावज़क्िर िे इस

सवार िे जवाफ भें भेये फेटे भोताज़ औय भोइद फेहतय हैं मा अरी (अ.स.) िे फेटे

875
हसन (अ.स.) हुसन
ै (अ.स.) मह िहा था कि तेये फेटों िो भैं हसनैन िे ार
ु ाभ

़म्फय िे फयाफय बी नहीॊ सभझता। भोतावज़क्िर ने उनिी ज़फान गद्


ु दी से

खखचवा री थी, भोतावज़क्िर िी ज़जन्दगी


ु़ िा एि फदतयीन औय लसमाह ज़भाना

आरे भौहम्भद स. िी ़ब्रों िो लभसभाय ियना है । इसिे आभ हारात मह हैं कि

मह फड़ा ज़ालरभ दाएभ उर ऽुम्र औय अय्माश फादशह था। इसिी चाय हज़ाय

िनीज़ें थीॊ। इन सफ से भज
ु ाभेअत िय चि
ु ा था। इसिे दयफाय भें हज़र औय

भसख़्रा ऩन फहुत होता था, जो तभसखुय भें फढ़ िय होता वही इसिा ज़्मादा ़यीफ

होता था। वह भहकपरे


ु़ फज़भ भें भस
ु ाहे फों औय नदीभों िे साथ तिरीफ़ औय ऽश

तफइमाॊ ियता था, िबी भजलरस भें शेय िो छुड़ा दे ता था, िबी किसी िी

आस्तीन भें साॊऩ छोड़ दे ता था, जफ वह िाटता तो तयमा़ से भदावा ियता िबी

भटिों भे बफच्छू बयवा िय उन्हें भजलरस भें तुड़वा दे ता था, वह भजलरस भें पैर

जाते किसी िो हयित ियने िा माया न होता। उसने एि फ़यभान िी रू से

भज़हफ भोताज़जरा
ु़ िो खखराफ़े हुिूभत ़याय हदमा था। भोताज़जरमों
ु़ िो सयिायी

ओहदों से भाज़र
ू िय हदमा था। अरी (अ.स.) औय औरादे अरी (अ.स.) से दश्ु भनी

यखता था।

स्मत
ू ी लरखता है कि भत
ु ावज़क्िर नासफी था। अरी (अ.स.) औय औरादे नफी

स. िा दश्ु भन था। साहफे गुरज़ाय शाही लरखते हैं कि इसिे वक़्त भें सादात फेचाये

भस
ु ीफत िे भाये ज़जरा वतन हो गमे। ियफरा िे यौज़े जो उभय बफन अब्दर

876
अज़ीज़ ने फनवामे थे औय उन योज़ों िे गगदक िे भिानात उसने लभसभाय ियवा

हदमे औय रोगों िो ज़जमायत


ु़ से भना किमा। साहफे हफीफ अस लसमय लरखते हैं कि

236 हहजयी भें भत


ु ावज़क्िर ने हुक्भ हदमा कि िोई भज़ाये है दये ियाय औय उनिी

औराद िी ज़्मायत िो न जामा ियें औय हुक्भ हदमा कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) औय

शोहदाए ियफरा िे यौज़े िो हभवाय िय िे उन ऩय ज़याअत िे लरमे ऩानी छोड़ दें

औय तायीऽ गुज़ीदा औय तायीऽे िालभर भें है कि भत


ु ावज़क्िर ने हुक्भ हदमा कि
ु़
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे भज़ाय औय उसिे गगदक िे भिानात वगैयह भन् ु हहदभ िय

िे वहाॊ ज़याअत िी जाए औय रोगों िो उस भ़ाभ ति जाने िी भभ


ु ानीमत िय

िे मह भन
ु ादी िया दी कि जो शख़्स वहाॊ हदखाई दे गा वह ़ैद किमा जामेगा।

तवायीऽ भें है कि हय चन्द फ़यभा फयों ने िोलशश िी भगय ऩानी इभाभ औय

तभाभ शोहदा ए इतयते ताहे या िी ़ब्रों ऩय जायी न हुआ ज़जस से खखऱत


ु़ िो

सख़्त है यत हुई औय उस वक़्त से औय इसी सफफ से उस भशहदे भ़


ु द्दस िो

हामय िहने रगे। भत


ु ावज़क्िर िी इस हयित से भस
ु रभानों िो सख़्त सदभा

हुआ। अहरे फादाद ने भज़स्जदों औय घयों िी हदवायों ऩय उसे गालरमाॊ लरखी औय


ु़
हुजूभें अशआय िहे । इस फनी फ़ातेभा से फागे कपदि
ु़ बी छीन लरमा था। ाैय

भज़ु स्रभों िो ओहदों से फयतयफ़ िय हदमा था। नसाया िो हुक्भ हदमा कि गरे भें

ज़जन्नाय
ु़ न फाॊधें, घोड़े ऩय सवाय न हों, फज़ल्ि गधे औय खच्चय ऩय सवाय हों औय

य़ाफे िाठ िी यखें । 234 हहजयी भें उसने तभाभ भोहद्दे सीन िो साभयाक भें जभा

877
किमा औय इनाभ व इियाभ दे िय हुक्भ हदमा कि लसफ़ात व योमत व ऽल़्े

़ुयआन िे भत
ु ाअज़ल्ऱ हदीसे फमान ियें । चन
ु ाचे इसी लरमे अफू फिक इब्ने शीफा

िो जाभा भज़स्जद यसाफ़ा भें औय उनिे बाई उसभान िो जाभा भन्सयू भें भ़
ु यक य

किमा। इन दोनों िे वाज़ भें हय योज़ ़यीफ हज़ाय आदभी जभा होते थे। लसमत
ू ी

लरखता है कि भोतावज़क्िर वह ऩहरा ऽरीफ़ा है ज़जसने शाफ़ेई भज़हफ इख़्तेमाय

किमा। भोतावज़क्िर िे ज़भाने भें फड़ी फड़ी आफ़तें नाज़जर


ु़ हुईं। फहुत से इरा़ों भे

ज़रज़रे आए, ज़भीनें दस गईं, आग रगीॊ, आसभान से हौरनाि अवाज़ें सन


ु ाई दीॊ।

फादे सभभ
ू से फहुत से आदभीॊ औय जानवय हराि हुए। आसभान से लभसरे

हटडड़डमों िे ताये टूटे । दस दस यतर िे ऩत्थय आसभान से फयसे।

(तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 सफ़ा 65)

भ़ाभे ज़खाय भे है कि भत
ु ावज़क्िर चॊकु ि हज़यत अरी (अ.स.) से दश्ु भनी

यखता था इसिा भस्


ु तकिर
ु़ यवय्मा मह था कि वह ऐसे रोगों िो अऩने ऩास

यखता था जो अभीरूर भोलभनीन से फग़्जु ज़ व अनाद यखते थे औय उनिी तौहीन भें

फसयक त भहसस
ू ियते थे। जैसे इब्ने जहभ शामय, उभय बफन पजकयहजी अफू अरहज़

इब्ने अतयजा, अफू अर अफय मह रोग भोतावज़क्िर िो हभेशा औरादे अरी िे

़त्र िी तयफ़ भोतावज्जा ियते थे औय इससे िहते थे कि अगय तन


ू े उन्हें फा़ी

यहने हदमा तो मह एि न एि हदन तेयी सरतनत ऩय ़ब्ज़ा िय रेगें। इन रोगों

878
िे हय वक़्त उबायने िा नतीजा मह हुआ कि हदर भें आरे भौहम्भद स. िी

दश्ु भनी ऩयू ी तयह ़ाएभ हो गई। वह चॊकु ि गाने वारी औयतों िा शाम़ था

रेहाज़ा उसने शयाफ ऩीने िे फाद एि ऐसी औयत िो तरफ किमा ज़जससे वह फहुत

ज़्मादा भानस
ू था। रोगों ने िहा कि दस
ू यी औयतें हाज़जय
ु़ हैं इनसे िाभ ननिारा

जाए वह आ जाएगी। चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ। जफ वह थोड़ी दे य फाद ऩहुॊची तो

फादशाह ने ऩछ
ू ा कि िहाॊ गई थीॊ? उसने िहा भैं हज ियने गई थी। भोतावज़क्िर

ने िहा भाहे शाफान भें िौन हज ियता है । सच फता? इसने जवाफ हदमा् इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) िी ज़जमायत
ु़ िे लरमे चन्द औयतों िे हभयाह चरी गई थी। मह सन

िय भोतावज़क्िर फहुत ाज़फ नाि हुआ औय उसे ़ैद िया हदमा। इसिा तभाभ

भार असफाफ ज़ब्त िय लरमा औय रोगों िो ज़ज़मायते ियफरा से योि हदमा औय

तीन योज़ िे फाद भनादी िय दी कि जो शख़्स हुसन


ै (अ.स.) िी ज़्मायत िो

जामेगा ़ैद किमा जामेगा औय हय तयफ़ एि एि भीर िे फ़ासरे से ऩहये बफठा

हदमे कि जो शख़्स ज़्मायत िो जाता हुआ ऩामा जाऐ पौयन ़ैद भें बैज हदमा

जाए। कपय एि नौ भज़ु स्रभ महूदी ज़जसिा नाभ वैरयज था िो हुक्भ हदमा कि

ियफरा जा िय हुसन
ै (अ.स.) िी ़ब्र िा ननशान लभटा दे औय उस जगह िो

जुतवा िय वहाॊ खेत फनवा दे औय ज़यीह िो किसी तयह कपिवा दे । हुक्भ ऩाते ही

नौ भज़ु स्रभ महूदी ज़जसे इस्राभ औय इस्राभ िे फानीमों िा सही ताअरूकफ़ बी न

था ताभीर िे लरमा यवाना हो गमा औय वहाॊ ऩहुॊच िय दो सौ जयीफ ज़भीन उसने

879
जुत्वा डारी। जफ ़ब्रे भन
ु व्वया इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो जोतने िे लरमे आगे फढ़ा

तो भस
ु रभानों ने ताभीरे हुक्भ से इनिाय िय हदमा औय िहा कि मह फ़यज़न्दे

यसर
ू स. हैं औय शहीद हैं। ़ुयान भजीद इन्हें ज़जन्दा
ु़ फताता है हभ हयगज़जु़ ऐसी

नाजामज़ हयित नहीॊ िय सिते। मह सन


ु िय ववयज ने महूहदमों से भदद री,

भगय िाभमाफ न हुआ। उसिे फाद नहय िाट िय ़ब्रे भन


ु व्वया िो ज़ेये आफ

ियना चाहा। ऩानी नहय भें चर िय जफ ़ब्र िे ़यीफ ऩहुॊचा तो उस ऩय यवाॊ न

हुआ फज़ल्ि इसिे इदक गगदक जायी हो गमा। ़ब्रे भफ


ु याि ऽुश्ि ही यही। इस महूदी

ने फड़ी िोलशश िी, रेकिन िाभमाफी हालसर न िय सिा। वह ज़भीन जहाॊ ति

ऩानी पैरा हुआ था उसे हाएय िहते हैं। किताफे तस्वीये अज़ा भें फ हवारे किताफ

सयाएय भय़ूभ है इस ज़भीन िो हाएय इस सफफ से िहते हैं कि रा


ु ते अयफ भें

हाएय िे भानी ज़भीन ऩस्त िे हैं। इस जगह फहता हुआ ऩानी ऩहुॊच िय साकिन

औय है यान हो जाता है क्मोंकि फहने िा यास्ता नहीॊ ऩाता।

शैऽ शहीद अरैहा यहभता िा िहना है कि ज़भाना ए भोतावज़क्िर भें चकु ि

आऩिी ़ब्र िे ननशान िो लभटाने िे लरमे ऩानी जायी किमा गमा था औय वहाॊ

ऩहुॊच िय फ एजाज़े हुसन


ै ी है यान यह गमा था औय उस ऩय जायी नहीॊ हो सिा इस

लरमे इस भ़
ु ाभ िो ज़जसभें ऩानी ठहया हुआ था हाएय िहते हैं। स्मत
ू ी तायीऽ अर

ऽुरफ़ा भें लरखता है कि मह वाकिमा


ु़ इन्हे दाभे ़ब्रे इभाभ हुसन
ै (अ.स.) 236

हहजयी िा है उसने हुक्भ हदमा था कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी ़ब्र ढा दी जाए

880
औय ननशाने ़ब्र लभटा हदमा जाए औय उनिे भज़ाय िे इदक गगदक ज़जतने भिानात

हैं उन्हें बी लभस्भाय िय िे उस भ़


ु ाभ िो एि सहया िी शक्र दे दी जाए औय

वहाॊ ऩय खेती िी जाए औय रागों िो ज़ज़मायते इभाभ हुसन


ै (अ.स.) से ़तअन

योि हदमा। इसिे फाद स्मत


ू ी लरखता है भत
ु ावज़क्िर फड़ा नासफी था उसिे इस

फ़ेर से भस
ु रभानों भें सख़्त है जान ऩैदा हो गमा औय रागों ने उसिी हजो िी

औय दीवायों ऩय इसिे लरमे गालरमाॊ लरखीॊ मही िुछ किताफ हफीफ उस लसमय

तायीऽे इस्राभ, तायीऽे िालभर, ज़जराउर उमन


ू , ़ुभ ़ाभ ज़खाये , अभारी शैऽ

तस
ू ी वाैया भें है ।

अल्राभा स्मत
ू ी लरखते हैं कि इस भौ़े ऩय ज़जन फहुत से शामयो ने अशआय

लरखे उनभे से एि शामय ने िई शेय िहें हैं ज़जनिा तयजुभा मह है ।

1. ऽुदा िी ़सभ फनी उभय्मा ने अऩने नफी िे नवासे िो ियफरा भें बख


ू ा

औय प्मासा ज़ुल्भो जौय िे साथ ़त्र िय हदमा।

2. तो फनी अब्फास जो यसर


ू िे चचा िी औराद हैं उन्होंने बी उन ऩय ज़ल्
ु भ

भें िभी नही िी औय उनिी ़ब्र खद


ु वा िय उसी किस्भ
ु़ िे ज़ल्
ु भ िा इयते़ाफ

किमा है ।

3. फनी अब्फास िो इस किस्भ


ु़ िा सदभा था कि वह ़त्रे हुसन
ै (अ.स.) भें

शयीि न हो सिे तो उन्होंने इस सदभें िी आग िो फझ


ु ाने िे लरमे हज़यत िी

हडड़डमों ऩय धावा फोर हदमा।

881
(तायीऽ अर ऽर
ु फ़ा सफ़ा 237)

अभारी शैऽ तूसी भें है कि भत


ु ावज़क्िर िा कपयस्तादा
ु़ वह जफ ज़जमायत
ु़ से

भना ियने िे लरमे ियफरा ऩहुॊचा तो वहाॊ िे रोगों ने ज़्मायत न ियने से साफ़

इन्िाय िय हदमा औय िहा कि अगय भोतावज़क्िर सफ िो ़त्र िय दे तफ ही

मह लसरलसरा फन्द हो सिता है । उसने वाऩस जािय भत


ु ावज़क्िर से वाकिमा
ु़

फमान किमा तो 247 हहजयी ति िे लरमे ऽाभोश हो गमा।

तवायीऽ भें है कि ऽरीफ़ा िे हुक्भ िे भत


ु ाबफ़ अभीये फ़ौज ने ियफरा वारों

िो ज़ज़मायते इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ियने से योिना चाहा तो उन रोगों ने फ़ौज से

भयऊफ होने िे फजाए भ़


ु ाफरे िा प्रोग्राभ फना लरमा औय अऩनी जानों ऩय खेर

िय अतयाफ़ व जवाननफ से दस हज़ाय अफ़याद जभा िय लरमे औय सयिायी फ़ौज

िे बफर भ़
ु ाबफर आिय िहा कि अगय भत
ु ावज़क्िर हभ भें से एि एि िो ़त्र

िय डारे तफ बी मह लसरलसरा फन्द न होगा। हभायी औरादें हभायी नस्रें इस

सन्
ु नते ज़्मायत िो अदा िये गी। सन
ु ों हभाये आफाओ अजदाद वही ियते चरे आए

जो हभ िय यहे हैं औय हभाये अफनामे वाहे फ़ा वही ियें गे जो हभ िय यहे हैं, फेहतय

होगा कि तुभ हभें फाज़ यखने िी िोलशश न ियो औय भत


ु ावज़क्िर से िह दो कि

वह शयाफ िे नशे भें ऐसी हयितें न िये औय अऩने फ़ैसरे ऩय नज़य सानी िय िे

हुक्भ वाऩस रे रे। अभीये फ़ौज वाऩस गमा औय उसने सायी दास्तान भत
ु ावज़क्िन

िे साभने दोहय दी। भत


ु ावज़क्िर चॊकु ि उन हदनों साभया िी तभिीर भें भशार

882
था। इसने भन्सयू दवाऩी िी तयह त़यीफन दस सार ऽाभोश यहा। मानी भन्सयू

दवाऩी जो ताभीये फादाद िी वजह से दस सार ति इभाभ जाफ़ये साहद़

(अ.स.) िी तयफ़ भत
ु ावज्जि न हो सिा। भत
ु ावज़क्िर बी साभया िी वजह से

त़यीफन इतनी ही भद्


ु दत िे लरमे ऽाभोश हो गमा। इभाभ लशफरन्जी लरखते हैं

कि साभया एि ज़फयदस्त शहय है जो दजरा िे भशरय़ भे तियीमत औय फादाद

िे दयलभमान वा़े हैं इसिी फनु नमाद 221 हह. भें भोतालसभ अब्फासी ने डारी थी

औय भद्
ु दतों इसिी तिभीर िा लसरलसरा जायी यहा।

(नुरूर अफसाय सफ़ा 149 व तायीऽ कियभानी ़रभी)

इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) की मदीने िे िामरा तऱफी

हुिूभत िी तयफ़ से इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी भदीने से साभया भें तरफी

औय यास्ते िा अहभ वाकिमा


ु़

भोतावज़क्िर 232 हहजयी भें ऽरीफ़ा हुआ औय उसने 236 हहजयी भें इभाभ

हुसन
ै (अ.स.) िी ़ब्र िे साथ ऩहरी फाय फेअदफी िी रेकिन उसभें ऩयू ी िाभमाफी

न हालसर होने ऩय अऩने कपतयी


ु़ फा
ु ज़ िी वजह से जो आरे भौहम्भद स. िे साथ

था वह हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी तयफ़ भत


ु ावज्जा हुआ। भत
ु ावज़क्िर

243 हहजयी भे इभाभ ऩी (अ.स.) िो सताने िी तयफ़ भत


ु ावज्जे हुआ औय इसने

हाकिभे भदीना अब्दल्


ु रा बफन भौहम्भद िो ऽुकपमा
ु़ हुक्भ दे िय बेजा कि फ़यज़न्दे

883
यसर
ू इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो सताने भें िोई द़ी़ा फ़यो गुज़ाश्त न िये ।

चन
ु ान्चे इसने हुिूभत िे भन्शा िे भत
ु ाबफ़ ऩयू ी तवज्जा औय ऩयू े इन्हे भाि िे

साथ अऩना िाभ शरू


ु िय हदमा। ऽद
ु ज़जस ़दय सता सिा उसने सतामा औय

आऩिे खखराफ़
ु़ रयिाडक िे लरमे भोतावज़क्िर िो लशिामत बेजनी शरू
ु िी।

अल्राभा लशफरन्जी लरखते हैं कि इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो मह भारभ


ू हो

गमा कि हाकिभे भदीना ने आऩिे खखराफ़


ु़ ये शा दवानाइमाॊ शरू
ु िय दी हैं औय इस

लसरलसरे भें इसने भोतावज़क्िर िो आऩिी लशिामत बेजनी शरू


ु िय दी हैं तो

आऩने बी एि तफ़सीरी ऽत लरखा ज़जसभें हाकिभें भदीना िी फे एनतदारी औय

ज़ुल्भ आफ़यीनी िा ऽास तौय से ज़जक्र


ु़ किमा। भोतावज़क्िर ने आऩिा ऽत ऩढ़

िय आऩिो इसिे जवाफ भें लरखा िे आऩ हभाये ऩास चरे आएॊ। इसभें हाकिभें

भदीना िे अभर िी भाज़ेयत बी थी, मानी जो िुछ वह िय यहा है अच्छा नहीॊ

ियता, हभ इसिी तयफ़ से भाज़ेयत ख्वाह हैं भतरफ मह था कि इसी फहाने से

उन्हें साभया फर
ु ा रें। ऽत भे उसने इतना नयभ रहजा इख़्तेमाय किमा था जो एि

फादशाह िी तयफ़ से नहीॊ हुआ ियता, मह सफ हीरा साज़ी थी औय ायज़ भहज़

मह थी कि आऩ भदीना छोड़ िय साभया ऩहुॊच जामें।

(नरू
ु र अफसाय सफ़ा 149)

884
अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि भत
ु ावज़क्िर ने मह बी लरखा था कि

भैं आऩिी ऽानतय से अब्दल्


ु रा इब्ने भौहम्भद िो भाजर
ू िय िे इसिी जगह ऩय

भौहम्भद बफन फ़ज़र िो भ़


ु यक य िय यहा हूॊ।

(ज़जराउर उमन
ू सफ़ा 292)

अल्राभा अयफरी लरखते हैं कि भत


ु ावज़क्िर ने लसफ़क मही नही किमा कि अरी

ऩी (अ.स.) िो ऽत लरखा हो कि आऩ साभया चरे आइमे फज़ल्ि इसने तीन सौ

िा रश्िय महहमा इब्ने हयसभा िी ़मादत भें भदीना बेज िय उन्हें फर


ु ाना चाहा

महहमा इब्ने हयसभा िा फमान है कि भैं हुक्भे भत


ु ावज़क्िर ऩा िय इभाभ (अ.स.)

िो राने िे लरमे फ इयादा भदीना भन


ु व्वया यवाना हो गमा, भेये हभयाह तीन सौ

िा रश्िय था औय इसभें एि िानतफ बी था जो इभालभमा भज़हफ यखता था। हभ

रोग अऩने यास्ते ऩय जा यहे थे औय इस िोलशश भें थे कि किसी तयह जल्द से

जल्द भदीना ऩहुॊच िय इभाभ (अ.स.) िो रे आऐ औय भत


ु ावज़क्िर िे साभने ऩेश

ियें । हभयाह जो एि लशमा िानतफ था उससे एि रश्िय िे अफ़सय से यास्ते बय

भज़हफी भनाज़या होता यहा। महाॊ ति कि हभ रोग एि अज़ीभश्ु शान वादी भें

ऩहुॊच,े ज़जसिे इदक गगदक भीरों िोई आफादी न थी औय वह ऐसी जगह थी जहाॊ से

इन्सान िा भज़ु श्िर से गज़


ु य होता था बफल्िुर जॊगर औय खश्ु ि सहया था। जफ

हभाया रश्िय वहाॊ ऩहुॊचा तो उस अफ़सय ने ज़जसिा नाभ शादी था औय जो िानतफ

885
से भनाज़या ियता चरा आ यहा था। िहने रगा ऐ िानतफ तुम्हाये इभाभ हज़यत

अरी (अ.स.) िा मह ़ौर है कि दनु नमा िी िोई ऐसी वादी न होगी ज़जसभें ़ब्र

न हो मा अऩयीफ ़ब्र न फन जाए। िानतफ ने िहा फेशि हभाये इभाभ (अ.स.)

ाालरफ िुल्रे ाालरफ िा मही इयशाद है । इसने िहा् फताओ इस ज़भीन ऩय किस

िी ़ब्र है? मा किस िी ़ब्र फन सिती है । तुम्हाये इभाभ मॊू ही िी हदमा ियते

हैं। इब्ने हयसभा िा िहना है कि भैं चॊकू ि हश्वी ख़्मार िा था रेहाज़ा जफ मह

फातें हभने सन
ु ीॊ तो हभ सफ हॊ स ऩड़े औय िानतफ शलभकन्दा हो गमा। ायज़ कि

रश्िय फढ़ता यहा औय उसी हदन भदीना ऩहुॊच गमा। वारयदे भदीना होने िे फाद

भैंने भत
ु ावज़क्िर िा ऽत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें ऩेश किमा।

इभाभ (अ.स.) उसे भर


ु ाहे ज़ा फ़यभा िय रश्िय ऩय नज़य डारी औय सभझ गमे कि

दार भें िुछ िारा है । आऩने फ़यभामा ऐ इब्ने हयसभा चरने िो तैय्माय हूॊ रेकिन

एि दो योज़ िी भोहरस ज़रूयी है । भैंने अज़क कि हुज़ूय ऽुशी से जफ हुक्भ हो

फ़यभामें भैं हाज़जय


ु़ हो जाऊॊ औय यवानगी हो जाए। इब्ने हयसभा िा फमान है कि

इभाभ (अ.स.) ने भेये साभने भर


ु ाज़ेभीन िो से िहा कि दयज़ी िो फर
ु ा दो औय

उससे िहो कि भझ
ु े साभया जाना है रेहाज़ा यास्ते िे लरमे गभक िऩड़े टोवऩमाॊ

जल्दी से तैय्माय िय दे । भैं वहाॊ से रूऽसत हो िय अऩने ़माभ गाह ऩय ऩहुॊचा

औय यास्ते बय मह सोचता यहा कि इभाभीमा िैसे फेविूफ़ हैं कि एि शख़्स िो

इभाभ भानते हैं ज़जसे भाज़ा अल्राह मह ति तभीज़ नहीॊ है कि मह गभी िा

886
ज़भाना है मा जाड़े िा। इतनी शदीद गभी भें जाड़े िे िऩड़े लसरवा यहे हैं औय उसे

हभयाह रे जाना चाहते हैं। अरायज़ भैं दस


ू ये हदन इनिी खखदभत
ु़ भें हाज़जय
ु़ हुआ

तो दे खा कि जाड़े िे फहुत से िऩड़े लसरे हुए यखे हैं औय आऩ साभाने सफ़य

दरू
ु स्त फ़यभा यहे हैं औय आऩ अऩने भर
ु ाज़ेभीन से िहते जाते हैं दे खो िुराह

फायानी औय फयसाती वाैया यहने न ऩाए। सफ साथ भे फाॊध दो। इसिे फाद भझ
ु े

िहा ऐ माहहमा इब्ने हयसभा जाओ तुभ बी अऩना साभान दरू


ु स्त ियो ताकि

भन
ु ालसफ वक़्त भें यवाॊगी हो जाए। भैं वहाॊ से ननहामत फद हदर वाऩस आमा। हदर

भें सोचता था कि उन्हें क्मा हो गमा कि इस शदीद गभी िे ज़भाने भें सदी औय

फयसात िा साभान हभयाह रे यहे हैं औय भझ


ु े बी हुक्भ दे ते हैं कि तुभ बी इस

किस्भ
ु़ िे साभान हभयाह रे रो। भख़्
ु तसय मह कि साभाने सफ़य दरू
ु स्त हो गमा

औय यवानगी हो गई। भेया रश्िय इभाभ (अ.स.) िो घेये भें लरए हुए जा यहा था

कि नागाह इसी वादी भें जा ऩहुॊच,े ज़जसिे भत


ु अज़ल्ऱ िानतफ इभालभमा औय

अफ़सय शाही भें मह गफ़


ु तगू हुई थी कि महाॊ ऩय किसिी ़ब्र है मा होगी। इस

वादी भें ऩहुॊचना था कि ़माभत आ गई, फादर गयजने रगे, बफजरी चभिने रगी

औय दोऩहय िे वक़्त इस ़दय तायीिी छाई कि एि दस


ू ये िो दे ख न सिता था,

महाॊ ति कि फारयश शरू


ु हुई औय ऐसी भस
ु राधाय फारयश हुई कि उभय बय न दे खी

थी इभाभ (अ.स.) ने आसाय िे ऩैदा होते ही भर


ु ाज़भीन िो हुक्भ हदमा कि

फयसाती औय फायानी टोऩीमाॊ ऩहन रो औय एि फयसाती माहहमा इब्ने हयसभा औय

887
एि िानतफ िो दे दो। ायज़ कि खूफ फारयश हुई हवा इतनी ठन्डी चरी कि जान

िे रारे ऩड़ गए। जफ फारयश थभी औय औय फादर छटे तो भैंने दे खा कि अस्सी

अफ़याद भेयी फ़ौज िे हराि हो गऐॊ हैं। इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा कि ऐ माहहमा

इब्ने हयसभा अऩने भद


ु ो िो दफ़न ियो औय मह जान रो कि ऽुदाए तारा हभ

चन
ु ी ऩयु भी गगयवान्द फ़ा याज़े़फयू इस तयह ऽुदा वन्दे आरभ हय फक़्
ु ़ाए अज़क

िो ़ब्रों से ऩयु ियता है, इसी लरए भेये जद नाभदाय हज़यत अरी (अ.स.) ने

इयशाद फ़यभामा है कि ज़भीन िा िाई टुिड़ा ऐसा न होगा ज़जसभें िब़्र न फनी

हो। ‘‘मह सन
ु िय भैं अऩने घोड़े से उतय ऩड़ा औय इभाभ (अ.स.) िे ़यीफ जा

िय ऩा फोस हुआ औय उनिी खखदभत


ु़ भे अज़क िी भौरा भैं आज आऩिे साभने

भस
ु रभान होता हुॉ मह िह िय भैंने इस तयह िरभा ऩढ़ा अशअदो अन रा इराहा

इल्ल्राह व अशअदो अन भौहम्भद अफदहू व इनिुभ ऽुराफ़ा अरा फ़ीअय है ना ’’

औय म़ीन िय लरमा कि मही हज़यत ऽुदा िी ज़भीन ऩय ऽरीफ़ा हैं औय हदर भें

सोचने रगा कि अगय इभाभ (अ.स.) ने जाड़े औय फयसात िा साभान न लरमा

होता औय अगय भझ
ु े न हदमा होता तो भेया क्मा हशय होता। कपय वहाॊ से यवाना

हो िय अस्िय ऩहुॊचा औय आऩिी इभाभत िा ़ाएर यह िय ज़जन्दा


ु़ यहा औय

ताहमात आऩिे जद्दे नाभदाय िा िरभा ऩढ़ता यहा।

(िशफ़ुर ाम्भा सफ़ा 124)

888
अल्राभा जाभी औय अल्राभा लशब्रन्जी लरखते हैं कि दो सौ से ज़ाएद अफ़याद

आऩिो अऩने घेये भें लरमे हुए साभया ऩहुॊच।े वहाॊ आऩिे ़माभ िा िोई इन्तेज़ाभ

नहीॊ किमा गमा था औय हुक्भ था कि भत


ु ावज़क्िर िा कि इन्हें फ़़ीयो िे ठहयाने

िी जगह उताया जाए चन


ु ान्चे आऩिो ऽनर
ु सारेआ भें उताया गमा वह जगह

फदतयीन थी वहाॊ शयु फ़ा नही जामा ियते थे। एि हदन सारेहा बफन सईद नाभी

एि शऽ जो आऩिे भानने वारे थे आऩिी खखदभत


ु़ भें हाज़जय
ु़ हुए औय िहने रगे

भौरा मह रोग आऩिी ़दयो भज़न्जरत


ु़ ऩय ऩदाक डार यहे हैं औय नयू े ऽुदा िो

छुऩाने िी किस ़दय िोलशश ियते हैं िहा हुज़यू िी ज़ाते अ़दस औय िहा मह

़माभ गाह। हज़यत ने फ़यभामा् ऐ सारेह तुभ हदर तॊग न हो भैं उसिी इज़्ज़त

अफ़ज़ाई िा ख़्वाहाॊ औय उनिी ियभ गुस्तयी िा जोमा हूॊ, ऽुदा वन्दे आरभ ने

आरे भौहम्भद स. िो जो दजाक हदमा है औय जो भ़


ु ाभ अता फ़यभामा है उसे िोई

छीन नहीॊ सिता। ऐ सारेह बफन सईद भैं तुम्हे ऽुश ियने िे लरमे फताना चाहता

हूॊ कि तभ
ु भझ
ु े इस भ़
ु ाभ ऩय दे ख िय ऩये शान न हो ऽद
ु ा वन्दे आरभ ने महाॊ

बी भेये लरमे फेहहश्त जैसा फन्दो फस्त फ़यभामा है मह िह िय आऩने उॊ गरी से


ु़
इशाया किमा औय सारेह िी नज़य भें फेहतयीन फाा फेहतयीन नहय वगैयह नज़य

आने रगीॊ। सारेह िा फमान है कि मह दे ख िय भझ


ु े ़दये तसल्री हो गई।

(शवाहे दन
ु नफूअत सफ़ा 208, नूरूर अफसाय सफ़ा 150)

889
इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी नज़य फन्दी

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो धोिे से फर


ु ाने िे फाद ऩहरे तो ऽान अर

सआरेि भें कपय इसिे फाद एि दस


ू ये भ़ाभ भें आऩिो नज़य फन्द िय हदमा औय

ताहमात इसी भें ़ैद यखा। इभाभ लशब्रन्जी लरखते हैं कि भत


ु ावज़क्िर आऩिे

साथ ज़ाहहय दायी ज़रूय ियता था, रेकिन आऩिा सख़्त दश्ु भन था। उसने हीरा

साज़ी औय धोिा फाज़ी से आऩिो फर


ु ामा औय दयऩदाक सताने औय तफाह ियने औय

भस
ु ीफतों भें भफ
ु नतरा ियने िी िोलशश ियता यहा।

(नूरूर अफसाय सफ़ा 150)

अल्राभा इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि भत


ु ावज़क्िर ने आऩिो जफयन फर
ु ा

िय साभया भे नज़य फन्द िय हदमा औय ता ज़जन्दगी


ु़ फाहय न ननिरने हदमा।

(सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 124)

इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) का जज़फा ए हमददी

भदीने से साभया ऩहुॊचने िे फाद बी आऩिो ऩास रागों िी आभद िा ताॊता फॊधा

यहा। रोग आऩसे फ़ामदे उठाते औय दीनी औय दनु नमावी उभयू भें आऩसे भदद

चाहते यहे औय आऩ हल्रे भज़ु श्िर भें उनिे िाभ आते यहे । उरभाए इस्राभ

लरखते हैं कि साभया ऩहुॊचने िे फाद जफ आऩिी नज़य फन्दी भे सख़्ती औय

लशद्दत न थी, एि हदन आऩ साभया िे एि ़यमे भें तशयीफ़ रे गमे। आऩिे

890
जाने िे फाद एि साएर आऩिे भिान ऩय आमा, उसे मह भारभ
ू हुआ कि आऩ

फ़राॊ गाॊव भें तशयीफ़ रे गए हैं, वह वहाॊ चरा गमा औय जािय आऩसे लभरा।

आऩने ऩछ
ू ा कि तभ
ु िैसे आए हो। तम्
ु हाया क्मा िाभ है? उसने अज़क कि भौरा

ायीफ आदभी हूॊ। भझ


ु ऩय दस हज़ाय हदयहभ ़ज़क हो गमा है औय इसिी अदाएगी

िी िोई सफीर नहीॊ। भौरा ऽुदा िे लरमे भझ


ु े इस फरा से ननजात हदराईमे।

हज़यत ने फ़यभामा घफयाओ नहीॊ। इन्शाअल्राह तुम्हाये ़ज़क िी अदाएगी िा फन्दो

फस्त हो जाएगा। वह साएर यात िो आऩिे हभयाह भ़


ु ीभ यहा, सफ
ु ह िे वक़्त

आऩने इस से िहा कि भैं तम्


ु हे जो िहूॊ उसिी ताभीर ियना औय दे खो इस अभय

भें ज़या बी भऽ
ु रेफ़त न ियना, उसने ताभीरे इयशाद िा वादा किमा। आऩने उसे

एि ऽत लरख िय हदमा ज़जसभें मह भय़ूभ था कि ‘‘ भैं दस हज़ाय हदयहभ इसिे

अदा िय दॊ ग
ू ा औय फ़यभामा कि िर भैं साभया ऩहुॊच जाऊॊगा ज़जस वक़्त भैं वहाॊ

िें फड़े फड़े रोगो िे दयलभमान फैठा हूॊ तो तुभ भझ


ु से रूऩमाॊ िा त़ाज़ा ियना

उसने अज़क कि हुज़यू मह क्मों िय हो सिता है कि भैं रोगो भें आऩिी तौहीन

िरूॊ। हज़यत ने फ़यभामा िोई हजक नहीॊ भैं तभ


ु से जो िहूॊ वह ियो। ायज़ कि

साएर चरा गमा औय जफ आऩ साभया वाऩस हुए औय रोगो िो आऩिी वाऩसी

िी इत्तेरा लभरी तो आमाने शहय आऩसे लभरने आए। ज़जस वक़्त आऩ रोगों से

भहवे भर
ु ा़ात थे साएर भज़िूय बी ऩहुॊच गमा साएर ने हहदामत िे भत
ु ाबफ़

आऩसे य़भ िा त़ाज़ा किमा। आऩने फहुत नयभी से उसे टारने िी िोलशश िी,

891
रेकिन वह न टरा औय फ दस्तूय य़भ भाॊगता यहा। बफर आखखय
ु़ हज़यत ने उसे

तीन हदन भें अदाएगी िा वादा फ़यभामा औय वह चरा गमा। मह ऽफय जफ

फादशाहे वक़्त िो ऩहुॊची तो उसने भफ


ु लरा तीस हज़ाय हदयहभ आऩिी खखदभत
ु़ भें

बेज हदमे तीसये हदन जफ साएर आमा तो आऩने उससे फ़यभामा कि मह तीस

हज़ाय हदयहभ र रे औय अऩनी याह रग। उसने अज़क कि भौरा भेया ़ज़क तो लसफ़क

दस हज़ाय है आऩ तीस हज़ाय दे यहे हैं। आऩने फ़यभामा जो ़ज़क िी अदाएगी से

फचे उसे अऩने फच्चों ऩय सफ़क ियना। वह फहुत ऽुश हुआ औय मह ऩढ़ता हुआ कि

ऽद
ु ा ही ऽफ
ू जानता है कि रयसारत व अभानत िा िोई अहर है । अऩने घय चरा

गमा।

(नरू
ू र अफसाय सफ़ा 149, सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 123, शवाहे दन
ु नफव
ू त सफ़ा 207 अयजहुर

भतालरफ सफ़ा 461)

इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) की हाऱत िामरा ऩहुॊचने के फाद

भत
ु ावज़क्िर िी नीमत ऽयाफ थी ही इभाभ अरी (अ.स.) िे साभयाह ऩहुचने िे

फाद उसने अऩनी नीमत िा भज़


ु ाहया अभर से शरु
ु किमा औय आऩिे साथ न

भन
ु ालसफ तयी़ों से हदर िा फऽ
ु ाय ननिारने िी तयफ़ भत
ु ावज्जा हुआ रेकिन

अल्राह ज़जसिी राठी भें आवाज़ नहीॊ उसने उसे िैफ़ये कियदाय ति ऩहुॊचा हदमा

892
भगय इसिी ज़जन्दगी
ु़ भें बी ऐसे असाय औय असयात ज़ाहहय किए ज़जससे वह बी

जान रे कि वह जो िुछ िय यहा था ऽद


ु ावन्द उसे ऩसन्द नहीॊ ियता।

भव
ु रयक ऽ अज़ीभ लरखते हैं कि भत
ु ावज़क्िर िे ज़भाने भें फड़ी आफ़तें नाज़जर
ु़ हुईं

फहुत से इरा़ों भें ज़रज़रे आए, ज़भीने धस गईं, आगें रगीॊ, आसभान से

हौरनाॊि आवाज़ें सन
ु ाई दीॊ। फादे सभभ
ू से फहुत से जानवय औय आदभी हराि

हुए। आसभान से लभस्र हटड्डी िे िसयत से लसताये टूटे , दस दस यसर िे ऩत्थय

आसभान से फयसे। यभज़ान 243 हहजयी भें हरफ से एि ऩरयन्दा िौवे से फड़ा आ

िय फैठा औय वह शोय भचामा ‘‘मा अय्मोहन नास इत्त़ूल्राह’’ चारीस दफ़ा

मह आवाज़ रगा िय उड़ गमा दो हदन ऐसा ही हुआ।

(तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 सफ़ा 65)

हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) और िवारी की तेज़रफ़्तारी

अल्राभा तफयसी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे भदीने से

साभया तशयीफ़ रे जाने िे फाद एि हदन अफू हालशभ ने िहा् भौरा भेया हदर

नहीॊ भानता कि भैं एि हदन बी आऩिी ज़जमायत से भहरूभ हूॊ, फज़ल्ि जी चाहता

है कि हय योज़ आऩिी खखदभत


ु़ भें हाज़जय
ु़ हुआ िरूॊ। हज़यत ने ऩछ
ू ा इसिे लरए

तम्
ु हें िौन सी रूिावट है ? उन्होने अज़क िी भेया ़माभ फादाद है औय भेयी सवायी

िभज़ोय है । हज़यत ने फ़यभामा् जाओ अफ तम्


ु हायी सवायी िा जानवय ता़तवय हो

893
जाऐगा औय इसिी यफ़्ताय फहुत तेज़ हो जाएगी। अफू हालशभ िा फमान है कि

हज़यत िे इस इयशाद िे फाद से ऐसा हो गमा कि भैं योज़ाना नभाज़े सब्ु ह व

नभाज़े ज़ोहय साभया िे असिय भहल्रे भें औय नभाज़े भारयफ इशा फादाद भें

ऩढ़ने रगा।

(आराभर
ु वयु ा सफ़ा 208)

दो माह ऩहऱे ऩहऱे काज़ी की मौत की खफर

अल्राभा जाभी यहभतुय अल्राह तहयीय फ़यभाते हैं कि आऩ से एि भानने वारे

ने अऩनी तिरीफ़ फमान ियते हुए फादाद िे िाज़ी शहय िी लशिामत िी औय

िहा कि भौरा वह फड़ा ज़ालरभ है हभ रोगों िो फेहद सताता है आऩने फ़यभामा

घफयाओ नहीॊ वह दो भाह फाद फादाद भें न यहे गा। यावी िा फमान है कि ज्मोंही

दो भाद ऩयू े हुए िाज़ी अऩने भनसफ से भाज़ूर हो िय अऩने घय फैठ गमा।

(शवाहे दन
ु नफव
ू ा)

आऩका एहततराम जानवरों की नज़र में

अल्राभा भौसफ़
ू मह बी लरखते हैं कि भत
ु ावज़क्िर िे भिान भें फहुत सी फतऽे

ऩरी हुईं थीॊ जफ िोई वहाॊ जाता तो वह इतना शोय भचामा ियती थीॊ कि िान ऩड़े

894
फात सन
ु ाई न दे ती थी रेकिन जफ इभाभ (अ.स.) तशयीफ़ रे जाते थे तो वह सफ

ऽाभोश हो जाती थीॊ औय जफ ति आऩ वहाॊ तशयीफ़ यखते थे, वह चऩ


ु यहती थीॊ।

(शवाहे दन
ु नफूअत सफ़ा 209)

हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) और ख़्वाफ की अमऱी ताफीर

अहभद बफन ईसा अर िानतफ िा फमान है कि भैंने एि शफ ख़्वाफ भें दे खा कि

हज़यत भौहम्भद भस्


ु तफ़ा स. तशयीफ़ फ़यभा हैं औय भैं उनिी खखदभत
ु़ भें हाज़जय
ु़

हूॊ। हज़यत ने भेयी तयफ़ नज़य उठा िय दे खा औय अऩने दस्ते भफ


ु ायि से एि

भठ्
ु ठी ऽुयभा इस तश्त से अता फ़यभामा जो आऩिे साभने यखा हुआ था। भैंने

उन्हें गगना तो वह ऩच्चीस थे। इस ख़्वाफ िो अबी ज़्मादा हदन न गुज़ये थे कि

भझ
ु े भारभ
ू हुआ कि हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) साभया तशयीफ़ राए हैं। भैं

उनिी ज़्मायत िे लरए हाज़जय


ु़ हुआ तो भैंने दे खा कि उनिे साभने एि तश्त यखा

है ज़जसभें ऽुयभें है । भैंने हज़यत िो सराभ किमा। हज़यत ने जवाफे सराभ दे ने िे

फाद एि भठ्
ु ठी ऽुयभा भझ
ु े अता फ़यभामा, भैंने इन ऽुयभों िा शभ
ु ाय किमा तो वह

बी ऩच्चीस थे। भैंने अज़क िी भौरा क्मा िुछ ऽुयभा औय लभर सिता है? जवाफ

भें फ़यभामा ! अगय ख़्वाफ भें तम्


ु हें यसर
ू े ऽद
ु ा स. ने इससे ज़्मादा हदमा होता तो

भैं बी इज़ाफ़ा िय दे ता। दभतस


ु ़् सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 124 इसी किस्भ
ु़ िा

895
वाकिमा
ु़ इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) औय इभाभ अरी यज़ा (अ.स.) िे लरए बी

गज़
ु या है ।

हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) और फुक़हाए मस्


ु ऱेमीन

मह तो भानी हुई फात है कि आरे भौहम्भद स. ही वह है ज़जनिे घय भें ़ुयान

भजीद नाज़जर
ु़ हुआ। इन से फेहतय न ़ुयान सभझने वारा है औय न उसिी

तफ़्सीय जानने वारा है । उरभा िा फमान है कि जफ भोतावज़क्िर िो ज़हय हदमा

गमा तो उसने मह नज़य भानी कि अगय भैं अच्छा हो गमा तो याहे ऽुदा भें भारे

िसीय दग
ू ाॊ। कपय सेहत ऩाने िे फाद उसने अऩने उल्भाए इस्राभ िो जभा किमा

औय इनसे वाकिमा
ु़ फमान िय िे भारे िसीय िी तफ़्सीय भारभ
ू ियना चाही।

इसिे जवाफ भें हय एि ने अराहे दा अराहे दा फमान हदमा एि फ़़ीहे ने िहा भारे

़सीय से एि हज़ाय हदयहभ दस


ू ये फ़़ीह ने दस हज़ाय हदयहभ, तीसये ने िहा एि

राख हदयहभ भयु ाद रेना चाहहए। भोतावज़क्िर ने जफ हय फ़़ीह से अराहे दा

जवाफ सन
ु ा तो तशवीश भें ऩड़ गमा औय ाौय ियने रगा कि अफ क्मा ियना

चाहहए। भत
ु ावज़क्िर अबी सोच ही यहा था कि एि दयफान साभने आमा ज़जसिा

नाभ हसन था औय अज़क ियने रगा कि हुज़ूय अगय भझ


ु े हुक्भ हो तो भैं इसिा

सही जवाफ रा दॊ ।ू भत
ु ावज़क्िर ने िहा फेहतय है जवाफ राओ अगय तभ
ु सही

जवाफ राए तो दस हज़ाय हदयहभ तभ


ु िो इनाभ दग
ू ाॊ औय अगय तसल्री फख़्श

896
जवाफ न रा सिे तो सौ िोड़े भारूगाॊ। इसने िहा भझ
ु े भन्ज़ूय हैं। इसिे फाद

दयफान हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें गमा। इभाभ (अ.स.) जो

नज़य फन्द ज़जन्दगी


ु़ फसय िय यहे थे दयफान िो दे ख िय फोरे अच्छा अच्छा भारे

िसीय िी तफ़्सीय ऩछ
ू ने आमा है जा औय भत
ु ावज़क्िर से िह दे भारे िसीय

अस्सी हदयहभ भयु ाद हैं दयफान ने भत


ु ावज़क्िर से मही िह हदमा। भत
ु ावज़क्िर ने

िहा जा िय दरीर भारभ


ू िय। वह वाऩस आमा हज़यत ने फ़यभामा कि ़ुयान

भजीद भें आॊ हज़यत स. िे लरए आमा है कि ऱद नसयिुभलु रल्राह फ़ी भवानतन

िसीयतह ऐ यसर
ू अल्राह स. ! ने तम्
ु हायी भद भवानतन िसीयह मानी फहुत से

भ़
ु ाभात ऩय िी है जफ हभने इन भ़
ु ाभात िा शभ
ु ाय किमा ज़जनभें ऽुदा ने

आऩिी भद्द फ़यभाई है तो वह हहसाफ से अस्सी होते हैं। भारभ


ू हुआ िी रफ़्ज़े

िसीय िा इतरा़ अस्सी ऩय होता है । मह सन


ु िय भत
ु ावज़क्िर ऽुश हो गमा

औय उसने अस्सी हदयहभ सद़ा ननिार िय दस हज़ाय हदयहभ दयफान िो इनाभ

हदमा।

(भनाकिफ
ु़ इब्ने शहये आशोफ ज़जल्द 5 सफ़ा 116)

इसी किस्भ
ु़ िा एि वाकिमा
ु़ है कि भत
ु ावज़क्िर िे दयफाय भें एि नसयानी ऩेश

किमा गमा जो भस
ु रभान औयत से ज़जना
ु़ ियता हुआ ऩिड़ा गमा। जफ वह दयफाय

भें आमा तो िहने रगा भझ


ु ऩय हद जायी न किमा जाए। भैं इस वक़्त भस
ु रभान

होता हूॉ। मह सन
ु िय िाज़ी महहमा बफन अ़सभ ने िहा कि इसे छोड़ दे ना

897
चाहहए क्मोंकि मह भस
ु रभान हो गमा है । एि फ़़ीह ने िहा कि नहीॊ हद जायी

होना चाहहए ायज़ कि पो़हाए भस


ु रेभीन भें इख़्तेराफ़ हो गमा। भत
ु ावज़क्िर ने

जफ मह दे खा कि भसरा हर होता नज़य नहीॊ आता तो हुक्भ हदमा कि इभाभ

अरी ऩी (अ.स.) िो ऽत लरख िय इनसे जवाफ भगामा जाए। चन


ु ान्चे भसरा

लरखा गमा। हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने इसिे जवाफ भें तहयीय फ़यभामा

मज़यफ हत्त मभत


ू ा कि उसे इतने भायना चाहहए कि भय जाए। जफ मह जवाफ

भत
ु ावज़क्िर िे दयफाय भें ऩहुॊचामा तो महहमा इब्ने अिसभ ़ाज़ी शहय औय

फ़़ीह सरतनत नीज़ दीगय फ़ु़हा ने िहा इसिा िोई सफत


ू ़ुयान भजीद भें नहीॊ

है फयाए भेहयफानी इसिी वज़ाहत फ़यभामें। आऩने ऽत भर


ु ाहे ज़ा फ़यभा िय एि

आमत तहयीय फ़यभाई ज़जसिा तयजुभा मह है । जफ िाकपयों


ु़ ने हभायी सख़्ती दे खी

तो िहा कि हभ अल्राह ऩय ईभान राते हैं औय अऩने िुफ़्र से तौफा ियते हैं मह

उनिा िहना उनिे लरए भकु पद


ु़ न हुआ औय न ईभान राना िाभ आमा आमत

ऩढ़ने िे फाद भत
ु ावज़क्िर ने तभाभ फ़ु़हा िे अ़वार भस्
ु तयद िय हदए औय

नसयानी िे लरए हुक्भ दे हदमा कि इस ़दय भाया जाए कि भय जाए।

(दभतस
ु सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 120)

898
िाहे रोम को हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) का जवाफ

अल्राभा भौहम्भद फा़य नजफ़ी लरखते है कि फादशाहे योभ ने ऽरीफ़ाए वक़्त

िो लरखा कि भैंने इन्जीर भें ऩढ़ा है कि जो शख़्स इस सयू े िी नतरावत िये

ज़जसभें मह सात रफ़्ज़ न हों 1. से 2. जीभ 3. ऽे 4. ज़े 5. शीन 6. ज़ो 7. फ़े।

वह जन्नत भें जाएगा। इसे दे खने िे फाद भैंने तौयै त ज़फयू िा अच्छी तयह

भत
ु ारेआ किमा रेकिन इस किस्भ
ु़ िा िोई सयू ा इसभें नहीॊ लभरा। आऩ ज़या अऩने

उरभा से तह़ी़ िय िे लरखमे कि शामद मह फात आऩिे ़ुयान भजीद भें हो।

फादशाहे वक़्त ने फहुत से उरभा जभा किमे औय उनिे साभने मह चीज़ ऩेश िी

सफने फहुत दे य ति ाौय किमा रेकिन िोई इस नतीजे ऩय न ऩहुॊच सिा कि

तसल्री फख़्श जवाफ दे सिे। जफ ऽरीफ़ा ए वक़्त तभाभ उरभा से भामस


ू हो

गमा तो इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी तयफ़ तवज्जा िी। जफ आऩ दयफाय भें

तशयीफ़ राए औय आऩिे साभने भसरा रामा गमा तो आऩने बफरा ताऽीय िहा,

वह सयू ा ए हम्द है । अफ जो गौयु़ किमा गमा तो बफल्िुर ठीि ऩामा गमा। फादशाहे

इस्राभ ऽरीफ़ा ए वक़्त ने अज़क कि, मब्ना यसर


ू अल्राह स. क्मा अच्छा होता

अगय आऩ इसिी वजह बी फताऐॊ कि मह हरूफ़ इस सयू ा भें क्मॊ ो ॊ नहीॊ राए

गमे। आऩने फ़यभामा मह सयू ा यहभत व फयित िा है इसभें मह हुरूफ़ इस लरए

नहीॊ राए गए कि से सफयू हराित तफाही, फयफादी िी तयफ़, जीभ से जेहीभ

जहन्नभ िी तयफ़ ऽे ऽैफत मानी ऽुसयान िी तयफ़ ज़े से ज़़ूभ मानी थोहड़ िी

899
तयफ़ शीन से श़ावत िी तयफ़ ज़ो ज़ुरभत िी तयफ़ फ़े फ़ुय़त िी तयफ़ तफादये

ज़ेहनी होता है औय मह तभाभ चीज़ें यहभत व फयित िे भन


ु ाफ़ी हैं। ऽरीफ़ा ए

वक़्त ने आऩिा तफ़्सीरी फमान शाहे योभ िो बेज हदमा। फादशाहे योभ ने ज्माॊही

उसे ऩढ़ा भसरूय हो गमा औय उसी वक़्त इस्राभ रामा औय ता हमात भस


ु रभान

यह।

(दभतुस सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 140 फ हवारा शया शाफ़मा अफू फ़यास)

मत
ु ावजक्कऱ के कहने िे इब्ने िकीत व इब्ने अकिम का इमाम अऱी

नक़ी (अ.ि.) िे िवाऱ

उरभा िा फमान है कि एि हदन भत


ु ावज़क्िर अऩने दयफाय भें फैठा हुआ था

दीगय िाभों से फ़याात िे फाद इब्ने सिीत िी तयफ़ भत


ु ावज्जा हो िय फोरा

अफर
ु हसन से ज़या सख्त सख्त सवार ियो, इब्ने स़ीन ने ़ाफरीमत बय सवार

किए। इभाभ (अ.स.) ने तभाभ सवारात िे भफ़


ु स्सर औय भि
ु म्भर जवाफ हदए।

मह दे ख िय महहमा इब्ने अ़सभ ़ाज़ी सरतनत ने िहा ऐ इब्ने सिीत तुभ

नहो शेय, रा
ु द िे आलरभ हो, तुम्हें भनाज़ये से क्मा हदरचस्ऩी, ठहयो भैं सवार

ियता हूॊ। मह िह िय उसने एि सवार नाभा ननिारा जो ऩहरे से लरख िय

अऩने हभयाह यखे हुए था औय हज़यत िो दे हदमा। हज़यत ने इसिा इसी वक़्त

जवाफ लरखना शरू


ु िय हदमा कि ़ाज़ी शहय िो भत
ु ावज़क्िर से िहना ऩड़ा कि

900
इन जवाफात िो ऩोशीदा यखा जाए वयना शीमाॊ िी हौसरा अफ़ज़ाई होगी। इन

सवारात भें एि सवार मह बी था कि ़ुयान भजीद भें सफता अरफहय औय

भानफ़दत िरभात अल्राह जो हैं इसभें किन सात दरयमाओॊ िी तयफ़ इशाया है

औय िरभात अल्राह से क्मा भयु ाद है । आऩने इसिे जवाफ भें तहयीय फ़यभामा कि

सात दरयमा मह हैं 1 ऐन अरकिफयीमत 2 ऐन अरभैन 3 ऐन अरफयहूत 4 ऐन

अरफतयमा 5 ऐन अरसैदान 6 ऐन अर फ़यी़ 7 ऐन अर माहुयान मह िरभात

से हभ भौहम्भद स. व आरे भौहम्भद (अ.स.) भयु ाद हैं ज़जनिे फ़ज़एर िा एहसा

न भज़ु म्िन है ।

(भनाक़फ ज़जल्द 5 सफ़ा 117)

क़ज़ा व क़दर के मुताअजल्ऱक़ इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) की रहफरी व

रहनुमाई

़ज़ा व ़दय िे फाये भें त़यीफन तभाभ कपय़


ु़ े जादए ऐनतदार से हटे हुए हैं

इसिी वज़ाहत भें िोई जब्र िा ़ाएर नज़य नहीॊ आता है िोई भत
ु ऱन तफ़वीज़

ऩय ईभान यखता हुआ हदखाई दे ता है । हभाये इभाभ अरी ऩी (अ.स.) अऩने

आफाओ अजदाद िी तयह ़ज़ाओ ़दय िी वज़ाहत इन रफ़्ज़ों भें फ़यभाई है ् न

इन्सान बफल्िुर भजफयू है न बफल्िुर आज़ाद है फज़ल्ि दोनो हारातों िे दयलभमान

है ।

901
(दभतुस ़् सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 134)

भैं हज़यत िा भतरफ मह सभझता हूॊ कि इन्सान असफाफ व आभार भें बफल्िुर

आज़ाद है औय नतीजे िी फयाभदगी भें ऽुदा िा भोहताज है ।

उरभाए इभालभमा िी ज़जम्भे


ु़ दायीमों िे भत
ु ालऱ हज़यत इभाभ अरी ऩी

(अ.स.) िा इयशाद है

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने इयशाद फ़यभामा है कि हभाये उरभा ाैफते

़ाएभ आरे भौहम्भद स. िे ज़भाने भें भह


ु ाकपज़े
ु़ दीन औय यहफये इल्भ व म़ीन

होंगे। इनिी लभसार लशमों िे लरमे बफल्िुर वैसी ही होगी जैसी िश्ती िे लरए न

ऽुदा िी होती है । वह हभाये ज़ईफ़ों िो तसल्री दें गे। वह अफ़जर उन नास औय

़ाएदे लभल्रत होंगे।

(दभतुस ़् सािेफा ज़जल्द 2 सफ़ा 137)

हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) की खाना तऱािी

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि 243 हहजयी भें हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.)

साभया ऩहुॊच िय नज़य फन्द हो गए, रेकिन आऩने इस हारत भें बी फ़यीज़ाए

इभाभत अदा ियने भें ज़या बी ऩसो ऩेश नहीॊ फ़यभामा औय फ़यीज़ाए भन्सफी

तफरीाे दीने इस्राभ फयाफय फ़यभाते यहे चॊकू ि आऩ फ़यज़न्दे यसर


ू स. औय

आलरभें अहरे ज़भाना थे इस लरए आऩिा वव़ाय रोगों िी ननगाहों भें योज़ फयोज़

902
फढ़ता गमा। आऩ रोगों िो उसर
ू े इस्राभ औय इफादत िी तारीभ फ़यभामा ियते

थे औय ऽद
ु बी शफो योज़ इफादत गज़
ु ायी भें भशार
ू यहा ियते थे। आऩ मह

तहय्मा किए हुए थे कि उभयू े सरतनत भें िोई दऽर किसी तयह से न दें गे औय

अऩने िो हय वक़्त भशार


ू े ह़ यखेगें औय मही िुछ यहे रेकिन दनु नमा वारे िफ

किसी अल्राह वारे िो चैन रेने दे ते हैं। वह रोग मह बी फदाकश्त न िय सिे कि

इभाभ इज़्ज़त व वव़ाय औय सि


ु ू न व इतलभनाने ज़ाहे यी िी ज़जन्दगी
ु़ फसय ियें ।

बफर आखखय
ु़ ज़ालरभ भत
ु ावज़क्िर से चा
ु री ऽाना शरू
ु िय हदमा औय इसे इस

दजाक बड़िामा कि वह आऩिी है सीमत से ़ता नज़य िय िे आऩिी ऽाना तराशी

ऩय आभादा हो गमा। अल्राभा इब्ने ऽऱान लरखते हैं कि फाज़ रोगों ने

भत
ु ावज़क्िर से चा
ु री िी कि हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे घय भे हनतमाय

औय ऽुतूत वाैया इनिे लशमों िे बेजे हुए जभा हैं। नीज़ भत


ु ावज़क्िर िो मह बी

वहभ हदरामा गमा कि हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) अऩने लरए अभये

खखराफ़त
ु़ िे तालरफ हैं। भत
ु ावज़क्िर ने चन्द लसऩाही भ़
ु यक य किमे कि यात िो

उन्हें गगयफ़्ताय िय राएॊ। लसऩाहीमों ने अचानि हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.)

िे घय भें ऩहुॊच िय दे खा कि वह फारों िा िुताक ऩहने सौफ़ िी चादय ओढ़े तन्हा

अऩने हुजये भें ये ग औय सॊग ये ज़ों िे फ़शक ऩय रू फा किब्रा


ु़ फैठे हुए आहहस्ता

आहहस्ता ़ुयान भजीद िी नतरावत िय यहे हैं। लसऩाहीमाॊ ने उन्हें इसी हारत भें

रे जा िय भत
ु ावज़क्िर िे साभने ऩेश किमा। भत
ु ावज़क्िर उस वक़्त शयाफ लरए

903
हुए भै नोशी िय यहा था। हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो दे ख िय इसने

ताज़ीभ िी औय उनिो अऩने ऩहरू भे फैठा लरमा। लसऩाहीमों ने फमान किमा कि

इनिे घय भें िोई शै अज़ किस्भ


ु़ िुतफ
ु वाैया नहीॊ लभरी औय न िोई ऐसी फात

ऩाई गई ज़जससे इन ऩय शि व इल्ज़ाभ ़ामभ हो, मह सन


ु िय भत
ु ावज़क्िर ने

वह जाभ शयाफ जो इसिे हाथों भें था हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) जाननफ

फढ़ामा। उन्होंने फ़यभामा भेया गोश्त व ऽून िबी शयाफ से आरद


ू ा नहीॊ हुआ। भझ
ु े

इससे भाफ़ यख। भत


ु ावज़क्िर ने िहा कि अगय शयाफ न वऩमो तो िुछ अश ़्आय

ऩढ़ूॊ। हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने फ़यभामा कि भझ


ु े अश ़्आय से िभ

हदरचस्ऩी है । भत
ु ावज़क्िर न भाना कि ज़रूय िुछ ऩढ़ो। इभाभ ऩी (अ.स.) ने

भजफयू हो िय चन्द शेय इयशाद फ़यभामे, ज़जनिा हालसरे भ़सद मह है कि ज़जन

रोगों ने अऩनी हहफ़ाज़त िी ायज़ से ऩहाड़ों िी चोहटमों ऩय सि


ु ू त इख़्तेमाय िी

इनिो बी भौत ने न छोड़ा औय इज़्ज़त िी फर


ु न्दी से ऽािे ज़जल्रत
ु़ ऩय गगय िय

िशाॊ िशाॊ ़ब्रों ऩय ऩहुॊचा हदमा, फाद अज़ाॊ इनिो हानतफ़ ने आवाज़ दी िे ऐ !

़ब्र वारों िहाॊ गऐ तम्


ु हाये तख्त ताज औय िहाॊ हैं तम्
ु हाये लरफासे नफ़ीस औय

क्मा हुए वह नाज़ ऩयवदाक वह चेहये ज़जनिे लरए ऽेभें सया ऩदे नसफ किए जाते थे।

इस वक़्त ़ब्र ने इनिी जाननफ से जवाफ हदमा कि दनु नमा भें वह भद्
ु दत ति

खाते ऩीते यहे आखखय


ु़ िाय खुद रक़्
ु भाए हशयातुर अज़क हो गमे औय अफ इन ऩय

िीड़े यें ग यहे हैं। अल्राभाऐ भआलसय भौराना सैय्मद अरी ऩी साहफ किब्रा
ु़ ने

904
हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे अश ़्आय िा तयजुभा इस नज़भ भें फ़यभामा

है ।

यहे ऩहाड़ों िी चोटी ऩय ऩहये बफठरा िय

फहादयु ों िी हयासत भें फच न सिे भगय

फर
ु न्द किरों
ु़ िी इज़्ज़त जो ऩस्त होिे यही

तो िुन्ज ़ब्र भें भज़न्जर


ु़ बी क्मा फयु ी ऩाई

सदा मे उनिो दी हानतफ़ ने फादे दफ़ने रहद

िहाॊ हैं वह तख्त व ताज औय वह लरफासे जस्द

िहाॊ वह चेहये हैं जो थे हभेशा ज़ेये ऩाफ

ाफ
ु ाय ज़जन ऩे िबी आने दे ते थे न हहजाफ

ज़फाने हार से फोरे जवाफ भें भदफ़न

वह रूऽ ज़भीन िे िीड़ों िा फन गए भसिन

ाेजाएॊु़ खाईं शयाफें जो ऩी थीॊ हद से लसवा

905
नतीजा इसिा है खुद आज फन गए वह गगज़ा।।
ु़

जफ हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने मह अशआय ऩढ़े तो भत


ु ावज़क्िर औय

हाज़ेयीन ऩय िभारे रयक़़्त तायी हुई औय भत


ु ावज़क्िर इस ़दय योमा कि इसिी

दाढ़ी आॊसओ
ू ॊ से तय हो गई। फाद इसने हुक्भ हदमा कि शयाफ उठा री जाए औय

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो उनिे घय ऩहुॊचा हदमा जाए।

(भुराहे ज़ा हो किताफ दफ़ामात अमान ज़जल्द 1 सफ़ा 322 व नूरूर अफसाय, दभतुस ़् सािेफा

ज़जल्द 3 सफ़ा 142)

अल्राभा लशफरन्जी ने इन अश ़्आय िे चाय इब्तेदाई अश ़्आय सैफ़ बफन ज़ीमज़

हभीयी िे ़स्त्र ऩय लरखे हुए दे खे गए हैं। िॊज़र


ु फ़वाएद िन्ज़र
ु भदफ़ून भें है कि

भत
ु ावज़क्िर योते, योते अऩने हाथ से जाभ ज़भीन ऩय पेंि दे ता था।

हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) और िेरे क़ाऱीन

भल्
ु रा जाभी लरखते हैं कि एि हदन भत
ु ावज़क्िर िे ऩास एि भशहूय हहन्दी

शोफदे फाज़ आमा औय उसने फहुत से ियतफ हदखाराए। भत


ु ावज़क्िर ने उससे िहा

भेये दयफाय भें एि ननहामत शयीफ़ शख़्स अऩयीफ आने वारा है अगय तू अऩने

ियतफ से उसे शलभकन्दा िय दे तो भैं तुझे एि हज़ाय अशयफ़ी इनाभ दग


ू ाॊ। उसने

िहा ऐ फादशाह ज फवह आजाए तो खाने िा फन्दोफस्त िय औय भझ


ु े ऩहरू भें

906
बफठा दे भैं ऐसा िरूॊगा कि सख्त शलभकन्दा होगा। मह सन
ु िय भत
ु ावज़क्िर ऽुश

हो गमा औय जफ आऩ तशयीफ़ राए तो खाना रामा गमा औय सफ खाने िे लरमे

फैठे। हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने ज्मों ही ऱ


ु भा उठामा औय तनावर

फ़यभाना चाहा उसने जाद ू िे ज़ोय से उड़ाना हदमा। इसी तयह उसने तीन भयतफा

ऐसा किमा, आखखय


ु़ मह साया भजभा हॊ स ऩड़ा। हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.)

मह दे ख िय उस ़ारीन िी तयफ़ भत
ु ावज्जा हुए जो दीवाय भें रगा हुआ था औय

उस ऩय शेय िी तस्वीय फनी हुई थी। आऩने शेये ़ारीन िो हुक्भ हदमा कि

भज्
ु जसभ हो िय इस िाकपये
ु़ अज़री िो ननगर रे। शेय भज्
ु जसभ हुआ औय उसने

फढ़ िय िाकपये
ु़ हहन्दी िो भस
ु ल्रभ ननगर लरमा। इस वाकिमे
ु़ से दयफाय भें

हरचर भच गई। भत
ु ावज़क्िर सय ननगॊू हो गमा औय इभाभ (अ.स.) से दयख्वास्त

ियने रगा कि इस शेये ़ारीन िो जो कपय अऩनी हारत ऩय आ गमा है । हुक्भ

दीज़जए कि इस िाकपये
ु़ हहन्दी िो उगर दे । आऩने फ़यभामा मह हयगगज़ न होगा

औय उठ िय चरे गए। एि रयवामत िी बफना ऩय आऩने जवाफ हदमा कि अऩय

भस
ू ा िे अज़दहे ने कपयऔन
ु़ िे साॊऩों िो ननगर रेने िे फाद उगर हदमा होता तो

मह शेय बी उगर दे ता। चॊकू ि उसने नहीॊ उगरा था, इस लरए मह बी नहीॊ उगरे

गा।

(शवाहे दन
ु नफूअत सफ़ा 209 दभतुस ़् सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 145)

907
हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) और अब्दरु रहमान समस्री का ज़ेहनी

इन्क़ेऱाफ

अल्राभा अयफरी लरखते हैं कि एि हदन भत


ु ावज़क्िर ने फयसये दयफाय हज़यत

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो ़त्र िय दे ने िा फ़ैसरा िय िे आऩिो दयफाय भें

तरफ किमा आऩ सवायी ऩय तशयीफ़ राए।

अब्दयु क यहभान लभस्री िा फमान है कि भैं साभया गमा हुआ था औय भत


ु ावज़क्िर

िे दयफाय िा मह हार सन
ु ा कि एि अरवी िे ़त्र िा हुक्भ हदमा गमा है तो भैं

दयवाज़े ऩय इस इन्तेज़ाय भें खड़ा हो गमा कि दे खॊू वह िौन शख़्स है ज़जसिे ़त्र

िे इन्तेज़ाभात हो यहे हैं इतने भें दे खा कि हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.)

तशयीफ़ रा यहे हैं। भझ


ु े किसी ने फतामा कि इसी अरवी िे ़त्र िा फन्दो फस्त

हुआ है । भेयी नज़य ज्माॊ ही उनिे चेहये ऩय ऩड़ी, भेये हदर भें उनिी भोहब्फत

सयाएत िय गई औय भैं दआ
ु ियने रगा। ऽुदामा तू भत
ु ावज़क्िर िे शय से इस

शयीफ़ अरवी िो फचाना। भैं हदर भें दआ


ु िय ही यहा था कि आऩ नज़दीि आ

ऩहुॊचे औय भझ
ु से बफरा जाने ऩहचाने फ़यभामा कि ऐ अब्दयु क हभान तुम्हायी दआ

़ुफर
ू हो गई है औय भैं इन्शा अल्राह भहफ़ूज़ यहूॊगा। चन
ु ान्चे दयफाय भें आऩ ऩय

िोई हाथ उठा न सिा औय आऩ भहफ़ूज़ यहे । कपय आऩने भझ


ु े दआ
ु दी औय भैं

भारा भार हो गमा औय साहे फे औराद हो गमा। अब्दयु क हभान िहता है कि भैं इसी

वक़्त आऩिी इभाभत िा ़ाएर हो िय लशमा हो गमा।

908
(िश्फ़ुर ाम्भा सफ़ा 123 व दभतुस ़् सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 125)

हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) के दौर मे नकऱी ज़ैनफ का आना

उरभा िा फमान है कि एि हदन भत


ु ावज़क्िर िे दयफाय भें एि औयत जवान

औय ऽफ
ू सयू त आई औय उसने आिय िहा ज़ैनफ बफन्ते अरी व फ़ात्भा हूॊ।

भत
ु ावज़क्िर ने िहा कि तू जवान है औय ज़ैनफ िो ऩैदा हुए औय वफ़ात ऩाए असाक

गुज़य गमा। अगय तुझे ज़ैनफ तस्रीभ िय लरमा जाम तो मह िैसे भाना जाए कि

ज़ैनफ इतनी उभय ति जवान यह सिती हैं। इसने िहा कि भझ


ु े यसर
ू े ऽुदा

(स.अ.व.व.) ने मह दआ
ु दी थी कि भैं चारीस औय ऩचास सार िे फाद जवान हो

जाऊॊगी इस लरमे भैं जवान हूॊ। भत


ु ावज़क्िर ने उरभाए दयफाय िो जभा िय िे

उनिे साभने इस भसरे िो ऩेश किमा। सफ ने िहा मह झठ


ू ी हैं। ज़ैनफ िे

इन्ते़ार िो असाक हो गमा है । भत


ु ावज़क्िर ने िहा िोई ऐसी दरीर दो कि भैं

इसे झठ
ु रा सिॊू । सफ ने अऩनी आज़जज़ी िा हवारा हदमा। फ़ता इब्ने ऽा़ान

वज़ीय भत
ु ावज़क्िर ने िहा कि इस भसरे िो इब्ने यज़ा अरी ऩी (अ.स.) िे

लसवा िोई हर नहीॊ िय सिता। रेहाज़ा उन्हें फर


ु ामा जाए। भत
ु ावज़क्िर ने हज़यत

िो ज़हभते तशयीफ़ आवयी दी। जफ आऩ दयफाय भें ऩहुॊचे भत


ु ावज़क्िर ने सयू ते

भसरा ऩेश िी। इभाभ ने फ़यभामा झठ


ू ी है , भत
ु ावज़क्िर ने िहा िोई ऐसी दरीर

दीज़जऐ कि भैं इसे झठ


ू ी साबफत िय सिॊू । आऩने फ़यभामा भेये जद्दे नाभदाय िा

909
इयशाद है कि दरयन्दों ऩय भेयी औराद िा गोश्त हयाभ है । ऐ फादशाह तू इस औयत

िो दरयन्दों भें डार दे अगय मह सच्ची होगी औय इसिा ज़ैनफ होना तो दयकिनाय

अगय मह सय्मदा बी होगी तो जानवय इसे न छे ड़ेंगे औय अगय सय्मदा से बी फे

फहया औय ऽारी होगी तो दरयन्दे इसे पाड़ खाऐॊगे। अबी मह गुफ़्तुगू जायी ही थी

कि दयफाय भें इशाया फाज़ी होने रगी औय दश्ु भनों ने लभर जुर िय भत
ु ावज़क्िर से

िहा कि इसिा इम्तेहान इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ही िे ज़रयमे से क्मों न लरमा

जाए औय दे खा जाए कि आमा दरयन्दे सय्मदों िो खाते हैं मा नहीॊ। भतरफ मह था

कि अगय उन्हें जानवयों ने पाड़ खामा तो भत


ु ावज़क्िर िा भन्शा ऩयू ा हो जाएगा

औय अगय मह फत गए तो भत
ु ावज़क्िर िी वह उरझन दयू हो जाऐगी जो ज़ैनफ

िाज़ेफा ने डार यखी है । ायज़ कि भत


ु ावज़क्िर ने इभाभ (अ.स.) से िहा ऐ इब्नर

यज़ा क्मा अच्छा होता कि आऩ खुद फयितुर सफआ भें जा िय इसे साबफत िय

दीज़जऐ कि आरे यसर


ू स. िा गोश्त दरयन्दों ऩय हयाभ है । इभाभ (अ.स.) तैय्माय

हो गमे। भत
ु ावज़क्िर ने अऩने फनामे हुए फयितर
ु सफआ ‘‘ शेय ऽाने’’ भें

आऩिो डरवा िय पाटि फन्द ियवा हदमा औय खद


ु भिान िे फारा ऽाने ऩय

चरा गमा ताकि वहाॊ से इभाभ िे हारात िा भत


ु ारेआ िये । अल्राभा हजय भक्िी

लरखते हैं कि जफ दरयन्दाॊ ने दयवाज़ा खुरने िी आवाज़ सन


ु ी तो ऽाभोश हो गमे।

जफ आऩ सहन भें ऩहुॊच िय सीढ़ी ऩय चढ़ने रगे तो दरयन्दे आऩ िी तयफ़ फढ़े

ज़जनभें तीन औय फारयवामते दभे सािेफा 6 शेय बी थे, औय ठहय गमे औय आऩ िो

910
छू िय आऩिे गगदक कपयने रगे। आऩ अऩनी आस्तीन उन ऩय भरते थे। कपय

दरयन्दे घट
ु ने टे ि िय फैठ गमे। भत
ु ावज़क्िर इभाभ (अ.स.) िे भत
ु ाज़ल्ऱ छत ऩय

से मह फाते दे खता यहा औय उतय आमा। कपय जनाफ सहन से फाहय तशयीफ़ रे

आमे। भत
ु ावज़क्िर ने आऩिे ऩास गयाॊ फहा लसरा बेजा। रोगों ने िहा

भत
ु ावज़क्िर तू बी ऐसा िय िे हदखरा दे । उसने िहा शामद तुभ भेयी जान रेना

चाहते हो।

अल्राभा भौहम्भद फा़य लरखते हैं कि ज़ैनफे िज़्ज़ाफा ने जफ इन हारात िो

अऩनी आॊखों से दे खा तो फ़ौयन अऩनी किज़्फ फमानी िा एतेयाफ़ िय लरमा। एि

यवामत िी बफना ऩय उसे तौफा िी हहदामत िय िे छोड़ हदमा गमा। दस


ू यी यवामत

िी बफना ऩय भत
ु ावज़क्िर ने उसे दरयन्दों भें डरवा िय पड़वा डारा।

(सवाए़े भोहये ़ा, सफ़ा 124, अयजहुर भतालरफ सफ़ा 461, दभ ए सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा

145, जरा रर उमून, सफ़ा 293, यौज़ातुर सफ़ा, फ़सर अर ऽत्ताफ।)

अल्राभा इब्ने हजय िा िहना है कि इस किस्भ


ु़ िा वाकिमा
ु़ अहदे यशीद

अब्फासी भें जनाफे महहमा बफन अब्दल्


ु राह बफन हसने भस
ु न्ना इब्ने इभाभ हसन

(अ.स.) िे साथ बी हुआ है ।

911
हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) और मत
ु ावजक्कऱ का इऱाज

अल्राभा अब्दयु क हभान जाभी तहयीय फ़यभाते हैं कि ज़जस ज़भाने भें हज़यत इभाभ

अरी ऩी (अ.स.) नज़य फन्दी िी ज़जन्दगी


ु़ फसय िय यहे थे। भत
ु ावज़क्िर िे फैठने

िी जगह िभय िे नीचे ज़जसभ िे वऩछरे हहस्से भें एि ज़फय दस्त ज़हयीरा पोड़ा

ननिर आमा। हय चन्द िोलशश िी गई भगय किसी सयू त से लशफ़ा िी उम्भीद न

हुई। जफ जान ऽतये भें ऩड़ गई तो भत


ु ावज़क्िर िी भाॊ ने भन्नत भान री कि

अगय भत
ु ावज़क्िर अच्छा हो गमा तो इब्ने यज़ा िी खखदभत भें भैं भारे िसीय

नज़य िरूॊगी औय फ़तह बफन ऽ़ान ने भत


ु ावज़क्िर से दयख्वास्त िी कि अगय

आऩिा हुक्भ हो तो भैं भज़क िी िैकपमत


ु़ अफर
ु हसन से फमान िय िे िोई दवा

तजवीज़ ियवा राऊॊ। भत


ु ावज़क्िर ने इजाज़त दी औय इब्ने ऽ़ान हज़यत िी

खखदभत भें हाज़जय


ु़ हुए। उन्होंने साना वाकिमा
ु़ फमान िय िे दवा िी तजवीज़

चाही, हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने फ़यभामा, िस्फे ानभ फियी िी

भें गननमाॊ रेिय गुराफ िे अय़ भें हर िय िे रगा दो, इन्शा अल्राह ठीि हो

जाऐगा। वज़ीय फ़तह इब्ने ऽा़ान ने दयफाय भें हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.)

िी तजवीज़ ऩेश िी रोग हॊ स ऩड़े औय िहने रगे इभाभ होिय क्मा दवा तजवीज़

फ़यभाई है । वज़ीय ने िहा ऐ ऽरीफ़ा तजरूफे भें क्मा हजक है । अगय हुक्भ हो तो भैं

इन्तेज़ाभ िरूॊ। ऽरीफ़ा ने हुक्भ हदमा, दवा रगाई गई, भत


ु ावज़क्िर िी आॊख खुर

गई औय यात बय सोमा तीन हदन िे अन्दय लशफ़ाए िालभर हो जाने िे फाद भाॊ

912
ने दस हज़ाय अशयफ़ी िी सय फ भह
ु य थैरी हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी

खखदभत
ु़ भें लबजवा दी।

(शवाहे दन
ु नफूअत सफ़ा 207 आराभु वुया सफ़ा 208)

हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) की दोफारा खाना तऱािी

दयज़न्दों िी जब्ु फा साई औय भत


ु ावज़क्िर िे इराज भें इभाभ (अ.स.) िी

शानदाय िाभमाफी ने दश्ु भनों िे हदरों भें हसद िी रगी हुई आग िो औय बड़िा

हदमा ज़जसिा नतीजा मह हुआ कि जान आऩ ही िे इराज से फची थी वह भभनन


ू े

एहसान होने िे फजाए इभाभ िे दयऩए आज़ाय हो िय खुल्रभ खुल्रा उन्हें सताने

िी तयफ़ ऽुसस
ू ी तौय ऩय भत
ु ावज्जा हो गमा।

भल्
ु रा जाभी अरेहहयक हभा िा फमान है कि वा़ए सेहत िे चन्द ही हदनों फाद

रोगों ने भत
ु ावज़क्िर से चा
ु र खाई औय िहा कि हज़यत इभाभ अरी ऩी

(अ.स.) िे घय भें असराह जॊग जभा हैं औय अन ़यीफ अऩने जभानतमों िे फर

फत
ू े ऩय तेयी हुिूभत िा तख़्ता उरट दे गें औय हाकिभें वक़्त फन िय तेये किमे िा

फदरा रेगें। भत
ु ावज़क्िर जो ऩहरे से आरे भौहम्भद स. िा शदीद दश्ु भन था

रोगों िे िहने से कपय बड़ि उठा औय उसने सईद िो फर


ु ा िय हुक्भ हदमा कि

ज़जनिी नज़य फन्दी भें इस वक़्त आऩ थे, भत


ु ावज़क्िर ने हुक्भ हदमा कि तू आधी

यात िो दफ़तन ‘‘इभाभ िे भिान भें जा िय तराशी रे औय जो चीज़ फयाभद हो

913
उसे भेये ऩास रे आ। सईद हाज़जफ िा फमान है कि भैं आधी यात िो हज़यत िे

भिान भें िोठे िी तयफ़ से गमा भझ


ु े यास्ता न लभरा था, क्मोंकि सख़्त तायीिी

थी। हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने अऩने भस


ु ल्रे ऩय से जो अन्दय बफछा

हुआ था आवाज़ दी, ऐ सईद अन्धेया है, ठहयो ! भैं शभा रा यहा हूॊ। ायज़ भैंने जा

िय दे खा कि आऩ ज़भीन ऩय भस
ु ल्रा बफछा ए हुए हैं औय आऩ िे घय भें एि

शभा िे लसवा िोई असराह नहीॊ है औय एि वह थैरी है जो भत


ु ावज़क्िर िी भाॊ

ने बेजी थी। भैंने इन चीज़ों िो भत


ु ावज़क्िर िे साभने ऩेश िय हदमा। इसने उन्हें

वाऩस किमा औय वह अऩने भ़


ु ाभ ऩय शलभकन्दा हुआ।

(शवाहे दन
ु नफूअत सफ़ा 208, ज़जराउर उमून सफ़ा 294)

अल्राभा भजलरसी िा फमान है कि भत


ु ावज़क्िर ने आऩ ऩय ऩयू ी सख़्ती शरू

िय दी औय आऩ िो ़ैद िय हदमा। ऩहरे ज़याफ़ी िी ़ैद भें यखा औय ज़याफ़ी िी

़ैद भें भहफस


ू यखा। ‘‘ज़जराउर उमन
ू सफ़ा 293’’ अल्राभा भौहम्भद फा़य नजफ़ी

िा फमान है कि भत
ु ावज़क्िर ने आऩिे ऩास जाने ऩय भि
ु म्भर ऩाफन्दी आएद

िय दी ‘‘दभतुस ़् सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 121’’ औय हुक्भ हदमा कि िोई बी आऩिे

़यीफ ति न जाने ऩाए।

(िशफ़ुर ाम्भा सफ़ा 124)

914
हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) के तिव्वरु े हुकूमत ऩर खौफे खद
ु ा

ग़ासऱफ था

हज़यत िी सीयते ज़जन्दगी


ु़ औय अऽरा़ व िभारात वही थे जो इस लसरलसरे

असभत िी हय फ़दक िे अऩने दौय भें इम्तेआज़ी तौय ऩय भश


ु ाहहदे भें आते यहे थे,

़ैद खाने औय नज़य फन्दी िा आरभ हो मा आज़ादी िा ज़भाना हय वक़्त हय

हार भें मादे इराही, इफादत, ऽऱे खद


ु ा से इस्ताना सफाते ़दभ सब्र

इस्त़रार, भसाएफ िे हुजूभ भें भाथे ऩय लशिन िा न होना, दश्ु भन िे साथ

हहरभ व भयु व्वत से िाभ रेना, भोहताजों औय ज़रूयत भन्दो िी इभादाद ियना

मही वह औसाफ़ हैं जो हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी सीयते ज़जन्दगी
ु़ भें

नभ
ु ामा नज़य आते हैं।

़ैद िे ज़भाने भें जहाॊ बी आऩ यहे आऩ िे भस


ु ल्रे िे साभने एि ़ब्र खद
ु ी

तैय्माय यहती थी। दे खने वारों ने जफ इस ऩय है यत व दहशत िा इज़हाय किमा तो

आऩने फ़यभामा भैं अऩने हदर भें भौत िा ख़्मार यखने िे लरमे मह ़ब्र अऩनी

ननगाहों िे साभने तैय्माय यखता हूॊ। ह़ी़त भे मह जालरभ


ु़ ता़त िो इसिे

फानतर भत
ु ारफा ए इताअत औय इस्राभ िी ह़ी़ी तारीभात कि नश्रो अशाअत

िे तिक िय दे ने िी ख़्वाहहश िा एि अभरी जवाफ था। मानी ज़्मादा से ज़्मादा

सरातीने वक़्त िे साथ जो िुछ है वह जान िा रेना। भगय जो शख़्स भौत िे

लरमे इतना तैय्माय हो िय हय वक़्त खुदी हुई ़ब्र अऩने साभने यखे। वह ज़ालरभ

915
हुिूभत से डय िय सये तस्रीभ ऽभ ियने ऩय िैसे भजफयू किमा जा सिता है ।

भगय इसिे साथ दनु नमावी साज़जशो


ु़ भें लशयित मा हुिूभते वक़्त िे खखराफ़
ु़ किसी

फे भहर अ़दाभ िी तैय्मायी से सख्त तयीन जासस


ू ी इन्तेज़ाभ िे िबी आऩिे

खखराफ़
ु़ िोई इरज़ाभ साबफत न हो सिा औय िबी सरातीने वक़्त िो िोई दरीर

आऩिे खखराफ़
ु़ िे जवाज़ िी न लभर सिी, फा वजूदे कि सरतनते अब्फालसमा िी

फनु नमादें इस वक़्त इतनी खोखरी हो यही थी कि दारूर सरतनत भें हय योज़ एि

नई साज़जश
ु़ िा कपतना
ु़ खड़ा होता था।

भत
ु ावज़क्िर ने खद
ु इसिे फेटे िी भऽ
ु ारफ़त औय उसिे इन्तेइाई अज़ीज़ गराभ
ु ु़

फााय रूभी िी इससे दश्ु भनी भत


ु न्तसय िे फाद उभयाए हुिूभत िा इन्तेशाय औय

आखखय
ु़ भत
ु ावज़क्िर िे फेटों िो खखराफ़त
ु़ से भहरूभ ियाने िा फ़ैसरा भस्
ु तईन

िी दौये हुिूभत भें महहमा बफन उभय महहमा बफन हसीन बफन ज़ैद अरवी िा िूफ़ा

भें ऽुरूज औय हसन बफन ज़ैद अर भन


ु क़़्फ फ दाई अरह़ िा एरा़ए

तफयस्तान ऩय िब्ज़ा िय रेना औय भस


ु तकिर
ु़ सरतनत ़ाएभ िय रेना कपय

दारूर सरतनत भें तयु िी ार


ु ाभाॊ िी फाावत भस्
ु तईन िा साभया िो छोड़ िय

फादाद िी तयफ़ बागना औय किरा


ु़ फन्द हो जाना, आखखय
ु़ िो हुिूभत से दस्त

फयदायी ऩय भजफयू होना औय िुछ असे फाद भाअज़ बफल्राह िे साथ तरवाय िे

घाट, कपय भाज़ बफल्राह िे दौय भें रूलभमों िा भऽ


ु ारफ़त ऩय तैय्माय यहना। भाज़

बफल्राह िो खुद अऩने बाईमों से ऽतया भहसस


ू होना औय भोवीद िी ज़जन्दगी
ु़ िा

916
ऽातभा औय भोकप़
ु़ िा फसया भें ़ैद किमा जाना, इन तभाभ हगाॊभी हारात, इन

तभाभ शोरयशो, इन तभाभ फेचनै नमो औय झगड़ो भें से किसी भें बी हज़यत इभाभ

अरी ऩी (अ.स.) िी लशयित िा शब्ु हा ति न ऩैदा होना क्मा इस तज़क अभर िे

खखराफ़
ु़ नहीॊ जो ऐसे भौ़े ऩय जज़्फात से िाभ रेने वारों िा हुआ ियता है । एि

ऐसे अ़तेदाय िे भ़
ु ाफरे भें ज़जसे न लसफ़क वह ह़ व इन्साफ़ िे रू से नाजाएज़

सभझते हैं फज़ल्ि इनिे हाथों उन्हें ज़जरावतनी, ़ैद औय एहाननतों िा साभना बी

ियना ऩड़ता है भगय वह जज़्फात से फर


ु न्द औय अज़भते नफ़्स िे िालभर भज़हय

दनु नमावी हॊ गाभों औय वक़्त िे इत्तेफ़ा़ी भौिाॊ ु़ से किसी तयह िा फ़ामदा उठाना

अऩनी फेरौस हक़़्ाननमत औय िोह से गयाॊ सदा़त िे खखराफ़


ु़ सभझता है औय

भऽ
ु ारफ़त ऩय ऩसे ऩश्ु त हभरा ियने िो आऩने फर
ु न्द नक़्
ु ताए ननगाह औय भेमाये

अभर िे खखराफ़
ु़ जानते हुए हभेशा किनाया िश यहा।

(दसवें इभाभ सफ़ा 9)

क़ब्रे हुिैन (अ.ि.) के िाथ मत


ु ावजक्कऱ की दोफारा फेअदफी 247

हहजरी

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो ़ैद ियने िे फाद कपय


ु़ भत
ु ावज़क्िर ़ब्रे

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे इन्हे दाभ िी तयफ़ भत
ु ावज्जा हुआ औय चाहा कि नेस्त व

नाफद
ू िय दे । भव
ु रयक ऽ ने लरखा है कि जफ इसे मह भारभ
ू हुआ कि ियफरा भें

917
़ब्रे हुसन
ै ी िी ज़्मायत िे लरमे एतयाफ़े आरभ से अ़ीदतभॊदों िी आभद िा ताॊता

फॊधा हुआ है औय फेशभ


ु ाय हज़यात ज़्मायत िो आते हैं तो भत
ु ावज़क्िर िी आनतशे

हसद बड़ि उठी औय इसने इस लसरलसरे िो फन्द ियने िा तैहय्मा िय लरमा

औय मह बी न सोचा कि मह वही ़ब्र है ज़जस ऩय हस्फे तह़ी़ ऩीयाने ऩीय शेऽ

अब्दर
ु ़ाहदय ज़जरानी सत्तय हज़ाय फ़रयश्ते आसभान से उतय िय ऽानाए िाफा िा

तवाफ़ ियने िे फाद जाते हैं वहाॊ योते हैं औय इसिी ज़्मायत ियते औय भज
ु ावयत

िे फ़याएज़ योज़ाना अदा ियते हैं।

(ानीमतुर तारफैन सफ़ा 374, भजभाउर फहयै न सफ़ा 502)

आभारी शेऽ तूसी औय ज़जराउर उमन


ू भें है कि भत
ु ावज़क्िर ने अऩनी फ़ौज िे

दस्ते िो ज़्मायत िे योिने औय नहये अऱभा िो िाट िे ़ब्र ऩय से गुज़ायने िो

बेजा औय हुक्भ हदमा जो शख़्स ज़्मायत िे लरमे आए उसे ़त्र िय हदमा जाए

औय फाज़ उरभा िे फमान िे भत


ु ाबफ़ मह बी हुक्भ हदमा गमा कि ऩहरे हाथ

िाटे जामें कपय अगय फाज़ न आऐ तो ़त्र िय हदमे जाऐॊ मह एि ऐसा हुक्भ था

ज़जसने भोत़ेदीन िो फेचन


ै िय हदमा। हज़यत ज़ैद भजनन
ू िो दोस्त दायाने आरे

भौहम्भद स. भें से थे, मह ऽफय सन


ु िय ज़्मायत िे लरमे लभस्र से चर िय िुफ़े

ऩहुॊचे वहाॊ ऩहुॊच िय हज़यत फहरोर दाना से लभरे जो उस वक़्त फ भसरेहत अऩने

िो हदवाना फनाए हुए थे। दोनाॊ भें तफादराए ख़्मारात हुआ औय दोनों ज़ज़मायते

़ब्रे भन
ु व्वय िे लरमे ियफरा यवाना हो गमे। उन्होंने आऩस भें तम किमा था कि

918
हाथ िाटे जामे तो िटवामेंगे ़त्र होने िी ज़रूयत भहसस
ू हो तो ़त्र हो जामेंगे

रेकिन ज़ज़मायत ज़रूय ियें गे। जफ मह दोंनो ियफरा ऩहुॊचे तो उन्होंने दे खा कि ़ब्र

िी तयफ़ नहय िा ऩानी ़ब्र ऩय गज़


ु यने िी फे अदफी नहीॊ ियता। ऩानी ़ब्र ति

ऩहुॊच िय पट जाता है औय ़तया िय एतयाफ़ व जाननफे ़ब्र िा फोसा रेता हुआ

गुज़यता है । मह हार दे ख िय इनिा जज़्फाए भोहब्फत औय उबय गमा, मह अबी

इसी भ़
ु ाभ ऩय ही थे कि वह शख़्स इनिी तयफ़ भत
ु ावज्जा हुआ जो इन्हे दाभें ़ब्र

ऩय भत
ु ाअय्मन था। उसने ऩछ
ू ा कि तुभ क्मों आमे हो? उन रोगों ने िहा ज़ज़मायत

िे लरमे। उसने जवाफ हदमा जो ज़्मायत िो आए, भैं उसे ़त्र ियने िे लरमे

भ़
ु यक य किमा गमा हूॊ। इन हज़यात ने िहा हभ ़त्र होने िी तभन्ना भें ही आए

हैं। मह सन
ु िय वह इनिे ऩैयों ऩय गगय ऩड़ा औय अऩने अभर से ताऐफ हो िय

भत
ु ावज़क्िर िे ऩास वाऩस गमा। भत
ु ावज़क्िर ने उसे ़त्र िया िय सर
ू ी ऩय

चढ़ा हदमा। कपय ऩैयों भें यस्सी फॊधवा िय फाज़ाय भें खखॊचवामा। ज़ैद िो जफ मह

वाकिमा
ु़ भारभ
ू हुआ, फ़ौयन साभया ऩहुॊचे औय उसिी राश दफ़न िी औय उस ऩय

़ुयान भजीद ऩढ़ा।

अबी हज़यत ज़ैद साभया भें ही थे कि एि हदन फड़े धभ


ू धाभ से एि जनाज़ा

उठामा गमा स्माह अरभ साथ था अयिाने दौरत औय अभाएदीन सरतनत हभयाह

थे। चायों तयफ़ से योने िी आवाज़ें आ यही थीॊ। ज़ैद ने सभझा कि शामद

भत
ु ावज़क्िर िा इन्ते़ार हो गमा है । मह भारभ
ू ियने िे फाद हज़यत ज़ैद ने एि

919
आहे सदक खीॊची औय िहा अल्राह अल्राह फ़यज़न्दे यसर
ू स. इभाभ हुसन
ै (अ.स.)

ियफरा भें तीन योज़ िे बि


ु े प्मासे शहीद िय हदमे गमे। इन ऩय िोई योने वारा

नहीॊ था फज़ल्ि उनिी ़ब्र िे ननशानात लभटाने िे बी रोग दयऩए हैं औय एि

भन्हूस िनीज़ िा मह एहनतयाभ है इसिे फाद इसी किस्भ


ु़ िे भज़ाभीन ऩय

भश्ु तलभर चन्द अश ़्आय लरख िय हज़यत ज़ैद भजनन


ू ने भत
ु ावज़क्िर िे ऩास

लबजवा हदमा, उसने उन्हें भ़


ु य्मद िय हदमा। भत
ु ावज़क्िर ने ख़्वाफ भें दे खा कि

एि भदे भोलभन आए हैं औय िहते हैं कि ज़ैद िो इसी वक़्त ये हा िय दे । वयना भैं

तझ
ु े अबी अबी हराि िय दॊ ग
ू ा। चन
ु ान्चे उसने उसी वक़्त ये हा िय हदमा।

मत
ु ावजक्कऱ का क़त्ऱ

भत
ु ावज़क्िर िे ज़ुल्भ व तआद्दी ने रोगों िो ज़जन्दगी
ु़ से फेज़ाय िय हदमा था।

अफ इसिी मह हारत हो चि
ू ी थी कि फयसये आभ आरे भौहम्भद स. िो गालरमाॊ

दे ने रगा था। एि हदन उसने अऩने फेटे भस्


ु तनसय िे साभने हज़यत फ़ात्भा ज़हया

स. िे लरए नासाज़ अरफ़ाज़ इस्तेभार किए। भन्


ु तसाय से दयमाफ़्त किमा कि जो

शख़्स ऐसे अल्फ़ाज़ बफन्ते यसर


ू स. िे लरऐ इस्तेभार िये उसिे लरए क्मा हुक्भ

है । उरभा ने िहा वह वाजेफर


ु ़त्र है । तायीऽ अफर
ु कपदा
ु़ भें है कि भन
ु तालसय

ने यात िे वक़्त फहारते ऽरवत फहुत से आदलभमों िी भदद से भत


ु ावज़क्िर िो

़त्र िय हदमा। हादी अर तवायीऽ, तायीऽे इस्राभ, ज़जल्द 1 सफ़ा 66 दभतस


ु ़्

920
सािेफा सफ़ा 147 भें है कि मह वाकिमा
ु़ चाय शव्वार 247 हहजयी िा है फाज़

भासयीन लरखते हैं भत


ु ावज़क्िर ने अऩने अहदे सरतनत भें िई राख लशमा ़त्र

ियाए हैं।

इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) को ऩैदऱ चऱने का हुक्म

अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि ़त्रे भत


ु ावज़क्िर से तीन चाय हदन

़ब्र इसी ज़ालरभ भत


ु ावज़क्िर ने हुक्भ हदमा कि भेयी सवायी िे साथ तभाभ रोग

ऩैदर तफ़यीह िे लरमे चरें। हुक्भ भें इभाभ (अ.स.) ऽास तौय ऩय भाभयू थे।

चन
ु ान्चे आऩ बी िई लभर ऩैदर चर िय वाऩस तशयीफ़ राए औय आऩिो इस

दजे तअफ तिरीफ़ हुआ कि आऩ सख़्त अरीर हो गमे।

(ज़जरा अर उमून सफ़ा 292)

हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) की िहादत

भत
ु ावज़क्िर िे फाद आऩ िा फेटा भस
ु तनलसय कपय भस
ु तईन कपय 252 हहजयी

भें भाज़ बफल्राह ऽरीफ़ा हुआ भोनतज़ इब्ने भत


ु ावज़क्िर ने बी अऩने फाऩ िी

सन्
ु नत िो नहीॊ छोड़ा औय हज़यत िे साथ सख़्ती ही ियता यहा। महाॊ ति कि

उसी ने आऩिो ज़हय दे हदमा। सभा अर भोताज़, अनवारूर हुसनै नमा ज़जल्द 2

921
सफ़ा 55 औय आऩ व तायीऽ 2 यजफ 254 हहजयी फयोज़ दो शम्फा इन्ते़ार

फ़यभा गए।

(दभतुस ़् सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 149)

अल्राभा इब्ने जौज़ी तज़कियाए खास अर भता भें लरखते हैं कि आऩ भोताज़

िे ज़भाने खखराफ़त
ु़ भें शहीद किए गमे हैं आऩिी शहादत ज़हय से हुई है अल्राभा

लशफरन्जी लरखते हैं कि आऩिो ज़हय से शहीद किमा गमा। नरू


ू र अफसाय सफ़ा

150, अल्राभा इब्ने हजय लरखते हैं कि आऩ ज़हय से शहीद हुए हैं सवाए़े

भोहये ़ा सफ़ा 124, दभतुस ़् सािेफा सफ़ा 185 भें है कि आऩिे इन्ते़ार से ़ब्र

इभाभ हसन अस्ियी (अ.स.) िो भवारयस अज़म्फमा वाैया सऩ


ु द
ु क फ़यभाते थे। वफ़ात

िे फाद इभाभ हसन अस्ियी (अ.स.) ने गये फान चाि किमा तो रोग भोतरयज़ हुए।

आऩने फ़यभामा कि मह सन्


ु नते अज़म्फमा है । हज़यत भस
ू ा ने वफ़ाते हज़यत हारून

ऩय अऩना गये फान पाड़ा था।

(दभतुस ़् सािेफा सफ़ा 185, ज़जरा अर उमून सफ़ा 294)

आऩ ऩय इभाभ हसन अस्ियी (अ.स.) ने नभाज़ ऩढ़ी औय आऩ साभया ही भें

दफ़्न किए गमे इन्ना लरल्राहे व इन्ना इरैहे याजेउन अल्राभा भजलरसी तहयीय

फ़यभाते हैं कि आऩिी वफ़ात इन्तेहाई िसभा ऩस


ु ी िी हारत भें हुई इन्ते़ार िे

वक़्त आऩिे ऩास िोई बी न था।

(ज़जरा अर उमन
ू सफ़ा 292)

922
आऩिी अज़वाज व औराद

आऩिी िई फीवीमाॊ थीॊ उनिी िई औरादें ऩैदा हुईं ज़जनिे असभा मह हैं।

इभाभ हसन अस्ियी (अ.स.) 2. हुसन


ै बफन अरी 3. भौहम्भद बफन अरी 4.

जाफ़य बफन अरी 5. दख़्


ु तय भासभ
ू ा आमशा बफन्ते अरी।

(इयशाद भफ़
ु ीद सफ़ा 602 व सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 129 प्रिालशत लभस्र)

हासिया

अल्राभा ़ाज़ी भौहम्भद सर


ु भ
ै ान भन्सयू ऩयू ी रयटामकड जज रयमासत ऩटमारा

लरखते हैं कि इभाभ अरी ऩी यज़ी अल्राह अन्हो तारा िे दो फ़यज़न्द अफू

अब्दल्
ु राह जाफ़य ़ज़्ज़ाफ औय हसन अस्ियी य. से नस्र जायी है । अफू अब्दल्
ु राह

जाफ़य िे नाभ िे साथ ऱफ िज़्ज़ाफ फाज़ रोग इस लरए शालभर किमा ियते हैं

कि उन्होने अऩने बाई हसन अस्ियी य. िी वफ़ात िे फाद ऽुद इभाभ होने िा

दावा किमा था। इनिी औराद इनिो जाफ़य तव्वाफ िहती है औय अऩने आऩ िो

रयज़वी िहराती है । सादाते अभयोहा इन्हीॊ िी नस्र से हैं। किताफ यहभतुरज़ल्र

आरभीन ज़जल्द 2 ऩेज न. 146 प्रिालशत राहौय भेये नज़दीि भस


ु ज़न्नफ़ िो मा तो

इल्भ नहीॊ मा उन्हें धोखा हो गमा है दय अस्र जनाफे जाफ़य एरैह यहभा िी

औराद िो ऩवी िहा जाता है ।

923
अफु मोहम्मद हज़रत इमाम हिन अिकरी (अ.ि.)

क्मों न झि
ु ें सराभ िो, फ़ौजे उरभ
ू िे ऩये

फज़्भे निी ु़ भें जौ ु़ कफ़शाॉ आज है नयू े असियी

वारयसे जज़ल्फ़़ाय
ु ु़ है सल्
ु फे भें इनिी जरवा गय

ज़ात है इनिी भज़


ु दा ए, आभद दौये है दयी

साबफय थयमानी ‘‘ ियाची ’’

फू भोहम्भद इभाभ माज़ दहुभ

जाॊ नशीने यसर


ू अशक भ़ाभ

ज़जसिे जद वजहे खखऱते


ु़ आरभ

ज़जसिे फ़यज़न्द से जहाॊ िो ़माभ

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) ऩैाम्फये इस्राभ हज़यत भोहम्भद

(स.अ.व.व.) िे ग्मायहवें जाॊ नशीन औय लसरलसरा ए इस्भत िे 13 वीॊ िड़ी हैं।

आऩिे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ अरी निी ु़ (अ.स.) थे औय आऩिी वारेदा

भाजेदा हदीसा ऽातन


ू थीॊ। भोहतयभा िे भत
ु ाअज़ल्ऱ अल्राभा भजलरसी लरखते हैं

कि आऩ अफ़ीफ़ा, ियीभा, ननहामत सॊजीदा औय वया व त़वा से बय ऩयू थीॊ।

(ज़जराउर उमन
ू ऩष्ृ ठ 295)

924
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) अऩने आफाओ अजदाद िी तयह इभाभ

भन्सस
ू भासभ
ू आलरभे ज़भाना औय अफ़ज़रे िाएनात थे। (इयशाद भफ़
ु ीद ऩष्ृ ठ 502)

आऩिो हसना लसफ़ाते इल्भ व सऽावत वाैया अऩने वालरद से ववयसे भे लभरे थे।

(अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 461)

अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ई िा फमान है कि आऩिो ऽुदा वन्दे आरभ

ने ज़जन फ़ज़ाएर व भनाक़फ औय िभारात औय फर


ु न्दी से सयफ़याज़ किमा है

इनभें भि
ु ज़म्भर दवाभ भौजद
ू हैं। न वह नज़य अन्दाज़ किमे जा सिते हैं औय न

इनभें िुहनगी आ सिती है औय आऩिा एि अहभ शयफ़ मह बी है कि इभाभ

भेहदी (अ.स.) आऩ ही िे इिरौते फ़यज़न्द हैं ज़जन्हें ऩयवय हदगाये आरभ ने तवीर

उम्र अता िी है । (भतालरफ उर सुऊर ऩष्ृ ठ 292)

इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) की ववऱादत और फचऩन के फाज हाऱात

उरभाए फ़यी़ैन िी अक्सयीमत िा इत्तेफ़ा़ है कि आऩ फातायीऽ 10

यफीउस्सानी 232 हहजयी मौभे जुभा फ वक़्ते सफ


ु ह फतने जनाफे हदीसा ऽातून से फ

भ़
ु ाभ भदीना भन
ु व्वया भत
ु वज़ल्रद हुए हैं। भर
ु ाहे ज़ा हो शवाहे दन
ु नफअ
ू त ऩष्ृ ठ

210 सवाए़े भोहये ़ ऩष्ृ ठ 124 नरू


ू र अफसाय 110. ज़जराउर उमन
ू ऩष्ृ ठ 295,

इयशाद भफ़
ु ीद ऩष्ृ ठ 502 दभ ए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 163। आऩिी ववरादत िे

925
फाद हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) िे

यखे हुए नाभ ‘‘ हसन बफन अरी ’’ से भौसभ


ू किमा। (ननहाफर
ु भोवद्दता)

आऩकी कुजन्नयत और आऩके अल्क़ाफ

आऩिी िुज़न्नमत ‘‘ अफू भोहम्भद ’’ थी औय आऩिे अल़्ाफ फेशभ


ु ाय थे। ज़जनभें

अस्ियी, हादी, ज़िी, खलरस, लसयाज औय इब्ने यज़ा ज़्मादा भशहूय हैं। (नरू
ू र

अफसाय ऩष्ृ ठ 150, शवाहे दन


ु नफूअत ऩष्ृ ठ 210, दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 122 व भुनाक़फ

इब्ने शहय आशोफ ज़जल्द ऩष्ृ ठ 125) आऩिा ऱफ इसियी इस लरमे ज़्मादा भशहूय

हुआ कि आऩ ज़जस भहल्रे भें फ भ़


ु ाभ ‘‘ सयभन याम ’’ यहते थे उसे असिय

िहा जाता था औय फ ज़ाहहय इसिी वजह मह थी जफ ऽरीफ़ा भोतलसभ बफल्रा ने

इस भ़
ु ाभ ऩय रश्िय जभा किमा था औय ऽद
ु बी ़माभ ऩज़ीय था उसे ‘‘

असिय ’’ िहने रगे थे, औय ऽरीफ़ा भत


ु ावज़क्िर ने इभाभ अरी ऩी (अ.स.)

िो भदीने से फर
ु वा िय महीॊ भ़
ु ीभ यहने ऩय भजफयू किमा था। नीज़ मह बी था

कि एि भयतफा ऽरीफ़ा ए वक़्त ने इभाभे ज़भाना िो इसी भ़


ु ाभ ऩय नव्वे हज़ाय

रशिय िा भआ
ु एना ियामा था औय आऩने अऩनी दो उॊ गलरमाॊ िे दयलभमान से

अऩने ऽद
ु ाई रशिय िा भत
ु ारा िया हदमा था। उन्हीॊ वजह िी बफना ऩय इस

भि
ु ाभु़ िा नाभ ‘‘ असिय ’’ हो गमा था जहाॉ इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय

इभाभ हसन असियी (अ.स.) भद्


ु दतो भ़
ु ीभ यह िय असियी भशहूय हो गए।

926
(फेहारूर अनवाय ज़जल्द 12 ऩष्ृ ठ 154, दफ़मात अमान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 145, भजभूउर फहयै न

ऩष्ृ ठ 322 दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 163, तज़कियतुर भासूभीन ऩष्ृ ठ 222)

आऩके अहदे हयात और फादिहाने वक़्त

आऩिी ववरादत 232 हहजयी भें उस वक़्त हुई जफ कि वालस़ बफल्राह बफन

भोतलसभ फादशाहे वक्त था जो 227 हहजयी भें ऽरीफ़ा फना था। (तायीऽ अफूर

कफ़दा) कपय 233 हहजयी भें भत


ु ावज़क्िर ऽरीफ़ा फना (तायीऽ इब्नुर वया) जो हज़यत

अरी (अ.स.) औय उनिी औराद से सख़्त फा


ु ़् ु़ज़ व िीना यखता था औय उनिी

भऩस्त किमा ियता था। (हमातर


ु है वान व तायीऽे िालभर) इसी ने 236 हहजयी भें

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी ज़्मायत िो जभ
ु क ़याय दी औय उनिे भज़ाय िो ऽत्भ

ियने िी सई िी। (तायीऽे िालभर) औय इसी ने इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो

जफयन भदीने से सयभन याम तरफ िया लरमा। (सवाए़े भोहये ़ा) औय आऩिो

गगयफ़्ताय िया िे आऩिे भिान िी तराशी ियाई। (दफ़अनतर अमान) कपय 247

हहजयी भें भन्


ु तसय बफन भत
ु ावज़क्िर ऽरीफ़ा ए वक़्त हुआ। (तायीऽे अफर
ु कफ़दा)

कपय 248 हहजयी भें भोतस्तईन ऽरीफ़ा फना। (अफर


ू कफ़दा) कपय 252 हहजयी भें

भभ
ु ताज़ बफल्रा ऽरीफ़ा हुआ। (अफुर कफ़दा) इसी ज़भाने भें अरी ऩी (अ.स.) िो

ज़हय से शहीद िय हदमा गमा। (नूरूर अफसाय) कपय 255 हहजयी भें भें हदी बफल्राह

ऽरीफ़ा फना। (तायीऽ इब्ने अर वदी) कपय 256 हहजयी भें भोतलभद बफल्रा ऽरीफ़ा

927
हुआ। (तायीऽ अफुर कफ़दा) इसी ज़भाने भें 260 हहजयी भें इभाभ हसन असियी

(अ.स.) ज़हय से शहीद हुए। (तायीऽे िालभर) इन तभाभ खल्


ु फ़ा ने आऩिे साथ वही

फयताव किमा जो आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िे साथ फयताव किए जाने िा दस्तयू

चरा आ यहा था।

चार माह की उम्र में मनिफे इमामत

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) कि उम्र जफ चाय भाह िे ़यीफ हुई तो

आऩिे वालरद अरी ऩी (अ.स.) ने अऩने फाद िे लरमे भन्सफे इभाभत िी

वसीअत िी औय फ़यभामा कि भेये फाद मही भेये जाॊ नशीन होंगे औय इस ऩय फहुत

से रोगों िो गवाह बी िय हदमा। (इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 502 व दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ

193 फहवारा ए उसूरे िाफ़ी)

अल्राभा इब्ने हजय भक्िी िा िहना है कि इभाभ हसन असियी (अ.स.)

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी औराद भें सफ से ज़्मादा अज़ज़र अयफ़ा अरा व

अफ़ज़र थे।

चार िाऱ की उम्र में आऩका िफरे ईराक़

भत
ु ावज़क्िर अब्फासी जो आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िा हभेशा से दश्ु भन था

उसने इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे वालरदे फज़


ु ुगव
क ाय इभाभ अरी ऩी (अ.स.)

928
िो जफयन 239 हहजयी भें भदीने से ‘‘ सयभन याम ’’ फर
ु ा लरमा। आऩ ही िे

हभयाह इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो बी जाना ऩड़ा। इस वक़्त आऩिी उम्र

चाय सार चन्द भाह िी थी। (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 162)

यूिुफे आऱे मोहम्मद (ि. अ.) कुएॊ में

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) न जाने किस तयह अऩने घय िे िुएॊ भें

गगय गए। आऩिे गगयने से औयतों भें िोहयाभे अज़ीभ फयऩा हो गमा। सफ चीऽने

औय गचल्राने रगीॊ भगय हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) जो भहवे नभाज़ थे

भत
ु ऱ भत
ु ाअज़स्सय न हुए औय इतलभनान से नभाज़ िा एऽतेताभ किमा। उसिे

फाद आऩने फ़यभामा कि घफयाओ नहीॊ हुज्जते ऽुदा िो िोई गज़न्द न ऩहुॉचग
े ी।

इसी दौयान भें दे खा कि ऩानी फरन्द हो यहा है औय इभाभ हसन असियी (अ.स.)

ऩानी भें खेर यहे हैं। (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 179)

इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) और कमसिनी में उरूजे फ़फक्र

आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) जो तदब्फयु े ़ुयआनी औय उये जे कफ़क्र भें ऽास

भ़ाभ यखते हैं उनभें से एि फरन्द भ़ाभ फज़


ु गु क हज़यत इभाभ हसन असियी

(अ.स.) हैं। उरभा ए फ़यी़ैन ने लरखा है कि एि हदन आऩ एि ऐसी जगह खड़े

यहे ज़जस जगह िुछ फच्चे खेर भें भसरूफ़ थे। इत्तेफ़ा़न उधय से आरयफ़े आरे

929
भोहम्भद (स.अ.व.व.) जनाफ फहरोर दाना गुज़ये । उन्होंने मह दे ख िय कि सफ

फच्चे खेर यहे हैं औय एि ऽफ


ू सयू त सख
ु ऱ् व सफ़ैद फच्चा खड़ा यो यहा है । उधय

भत
ु ावज्जे हुए औय िहा ऐ नौनेहार भझ
ु े फड़ा अफ़सोस है कि तभ
ु इस लरमे यो यहे

हो कि तुम्हाये ऩास वह खखरौने नहीॊ जो इन फच्चों िे ऩास हैं। सन


ु ो ! भैं अबी

अबी तुम्हाये लरमे खखरौने रे िय आता हूॉ। मह िहना था कि आऩ िभलसनी िे

फवजूद फोरे, अना न सभझ। हभ खेरने िे लरमे नहीॊ ऩैदा किमे गए हैं। हभ इल्भो

इफादत िे लरमे ऽल़् हुए हैं। उन्होंने ऩछ


ू ा कि तुम्हें मह क्मों िय भारभ
ू हुआ कि

ायज़े खखऱत
ु़ इल्भो इफादत है । आऩने फ़यभामा कि इसिी तयफ़ ़ुयआने भजीद

यहफयी ियता है । क्मा तुभने नहीॊ ऩढ़ा कि ऽुदा फ़यभाता है, ‘‘ अफ़सफतुभ इन्नभा

ऽऱना िुभ अफसा ’’ क्मा तुभ ने मह सभझ लरमा है कि हभ ने तुभ िो अफस

(खेर िूद) िे लरमे ऩैदा किमा है ? औय क्मा तुभ हभायी तयफ़ ऩरट िय न आओगे।

मह सन
ु िय फहरोर है यान यह गए औय मह िहने ऩय भजफयू हो गए कि ऐ

फ़यज़न्द तम्
ु हें क्मा हो गमा था कि तभ
ु यो यहे थे, तभ
ु से गन
ु ाह िा तसव्वयु तो

हो ही नहीॊ सिता क्मों कि तभ


ु फहुत िभलसन हो। आऩने फ़यभामा कि िभलसनी

से क्मा होता है, भैंने अऩनी वारेदा िो दे खा है कि फड़ी रिड़ड़मों िो जराने िे

लरमे छोटी रिड़ड़माॊ इस्तेभार ियती हैं। भैं डयता हूॉ कि िहीॊ जहन्नभ िे फड़े

ईंधन िे लरमे हभ छोटे औय िभलसन रोग इस्तेभार न किमे जाऐ। (सवाए़े

भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 124, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 150, तज़िेयतुर भासूभीन ऩष्ृ ठ 230)

930
इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) के िाथ फादिहाने वक़्त िुऱूक और

तरज़े अमऱ

ज़जस तयह आऩिे आफाओ अजदाद िे वज


ु ूद िो उनिे अहद िे फादशाह अऩनी

सरतनत औय हुक्भयानी िी याह भें रूिावट सभझते यहे । उनिा मह ख़्मार यहा

कि दनु नमाॊ िे ़ुरफ


ू उनिी तयफ़ भाएर हैं क्मों कि मह फ़यज़न्दे यसर

(स.अ.व.व.) औय आभारे सारेह िे ताजदाय हैं रेहाज़ा उनिो आवाभ िी नज़यों से

दयू यखा जाए वयना इभिान ़वी है कि रोग उन्हें अऩना फादशाहे वक़्त तसरीभ

िय रेंगे। इसिे अरावा मह फग़्जु ज़ो हसद बी था कि इनिी इज़्ज़त फादशाहे वक़्त

िे भ़
ु ाफरे भें ज़्मादा िी जाती है औय मह कि इभाभ भेहदी (अ.स.) उन्हीॊ िी
ु़
नस्र से होंगे जो सरतनतों िा इन्िेराफ राऐॊगे। इन्ही तसव्वयु ात ने ज़जस तयह

आऩिे फज़
ु ुगों िो चैन न रेने हदमा औय हभेशा भसाएफ िी अभाजगा फनाए यखा।

इसी तयह आऩिे अहद िे फादशाहों ने बी आऩिे साथ किमा। अहदे वालस़ भें

आऩिी ववरादत हुई औय अहदे भत


ु वज़क्िर िे िुछ अय्माभ भें फचऩना गज़
ु ाया।

भत
ु वज़क्िर जो आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िा जानी दश्ु भन था उसने लसपक इस

जुभक भें कि आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िी तायीफ़ िी है इब्ने सिीत शामय िी

ज़ुफान गुद्दी से खखॊचवा री। (अफुर कफ़दा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 14) उसने सफ से ऩहरे तो

आऩ ऩय मह ज़ुल्भ किमा कि चाय सार िी उम्र भें तयिे वतन ियने ऩय भजफयू

931
किमा मानी इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो जफयन भदीने से साभया फर
ु वामा ज़जनिे

हभयाह इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो राज़भन जाना ऩड़ा। कपय वहाॊ आऩिे घय

िे रोगों िे िहने सन्


ु ने से तराशी ियाई औय आऩिे वालरदे भाज़जद िो जानवयों

से पड़वा डारने िी िोलशश िी। ायज़ कि जो सई आरे भोहम्भद (अ.स.) िो

सताने िी भभ
ु किन थी, वह सफ उसने अऩने अहदे हमात भें िय डारी। उसिे फाद

उसिा फेटा भस्


ु तनसय ऽरीफ़ा हुआ। मह बी अऩने फाऩ िे नक्शे ़दभ ऩय चर

िय आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िो सताने िी सन्


ु नत अदा ियता यहा औय इसिी

भस
ु रसर िोलशश मही यही कि इन रोगों िो सि
ु ू न नसीफ न होने ऩामे। उसिे

फाद भस्
ु तईन िा जफ अहदे नव आमा तो उसने आऩिे वालरदे भाज़जद िो ़ैद

ऽाने भें यखने िे साथ साथ उसिी सई ऩैहभ िी कि किसी सयू त से इभाभ हसन

असियी (अ.स.) िो ़त्र िया दे औय इसिे लरमे उसने भख़्


ु तलरफ़ यास्ते तराश

किमे।

भल्
ु रा जाभी लरखते हैं कि एि भयतफा उसने अऩने शौ़ िे भत
ु ाबफ़ एि

ननहामत ज़फयदस्त घोड़ा ऽयीदा रेकिन इत्तेफ़ा़ से वह इस दजाक सयिश ननिरा

कि उसने फड़े फड़े रोगों िो सवायी न दी औय जो उसिे ़यीफ गमा उसिो ज़भीन

ऩय दे भाया औय टाऩों से िुचर डारा। एि हदन ऽरीफ़ा भस्


ु तईन बफल्राह िे एि

दोस्त ने याम दी कि इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो फर


ु ा िय हुक्भ हदमा जाम

कि वह इस ऩय सवायी ियें , अगय वह इस ऩय िाभमाफ हो गमे तो घोड़ा ठीि हो

932
जामेगा, औय अगय िाभमाफ न हुए औय िुचर डारे गए तो तेया भ़सद हर हो

जामेगा। चन
ु ान्चे उसने ऐसा ही किमा रेकिन अल्राह ये शाने इभाभत जफ आऩ

उसिे ़यीफ ऩहुॉचे तो वह इस तयह बीगी बफल्री फन गमा कि जैसे िुछ जानता

ही न हो। फादशाह मह दे ख िय है यान यह गमा औय उसिे ऩास इसिे लसवा िोई

चाया न था कि घोड़ा हज़यत िे हवारे िय दे । (शवाहे दन


ु नफूवत ऩष्ृ ठ 210)

कपय भस्
ु तईन िे फाद जफ भोतज़ बफल्राह ऽरीफ़ा हुआ तो उसने बी आरे

भोहम्भद (स.अ.व.व.) िो सताने िी सन्


ु नत जायी यखी औय इसिी िोलशश ियता

यहा कि अहदे हाज़ज़य िे इभाभ ज़भाना औय फ़यज़न्दे यसर


ू (स.अ.व.व.) इभाभ

अरी ऩी (अ.स.) िो दयजा ए शहादत ऩय फ़ाएज़ िय दे । चन


ु ान्चे मही हुआ औय

उसने 254 ई0 भें आऩिे वालरदे फज़


ु ुगव
क ाय िो ज़हय से शहीद िया हदमा। मह एि

भस
ु ीफत थी कि ज़जसने इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो फे इन्तेहा भामस
ू िय

हदमा। इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी शहादत िे फाद इभाभ हसन असियी (अ.स.)

ऽतयात भें भहसयू हो गमे, क्मो कि हुिूभत िा रूऽ अफ आऩ ही िी तयफ़ यह

गमा था। आऩिो खटिा रगा ही था कि हुिूभत िी तयफ़ से अभर दयाभद शरू

हो गमा। भोतज़ ने एि श़ीए अज़री औय नासफे अब्दी इब्ने मारयश िी हहयासत

औय नज़य फन्दी भें इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो दे हदमा। उसने उनिो सताने

भें िोई द़ी़ा नहीॊ छोड़ा रेकिन आखखय


ु़ भें वह आऩिा भोतक़द फन गमा।

आऩिी इफादत गुज़ायी औय योज़ा दायी ने उस ऩय ऐसा गहया असय किमा कि उसने

933
आऩिी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय भाफ़ी भाॊग री औय आऩिो दौरत सया ति

ऩहुॉचा हदमा।

अरी बफन भोहम्भद ज़ज़माद िा फमान है कि इभाभ हसन असियी (अ.स.) ने

भझ
ु े एि ऽत तहयीय फ़यभामा ज़जसभें लरखा कि तुभ ऽाना नशीन हो जाओ क्मों

कि एि फहुत फड़ा कफ़तना उठने वारा है । ायज़ कि थोड़े हदनों िे फाद एि हॊ गाभा

ए अज़ीभ फयऩा हुआ औय हुज्जाज बफन सफ़


ु मान ने भोतज़ िो ़त्र िय हदमा।

(िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 127)

कपय जफ भेहदी बफल्राह िा अहद आमा तो उसने बी फदस्तूय अऩना अभर

जायी यखा औय हज़यत िो सताने भें हय क़स्भ िी िोलशश ियता यहा। एि हदन

उसने सारेह बफन वसीफ़ नाभी नासेफी िे हवारे आऩिो िय हदमा औय हुक्भ हदमा

कि हय भज़ु म्िन तयी़े से आऩिो सतामे। सारेह िे भिान िे ़यीफ एि फहुत

ऽयाफ हुजया था ज़जसभें आऩ ़ैद किमे गए। सारेह फद फख़्त ने जहाॊ औय तयी़े

से सतामा एि तयी़ा मह बी था कि आऩिो खाना औय ऩानी से बी है यान औय

तॊग यखता था। आखखय


ु़ ऐसा होता यहा कि आऩ तमम्भभ
ु से नभाज़ अदा फ़यभाते

यहे । एि हदन उसिी फीवी ने िहा कि ऐ दश्ु भने ऽुदा मह फ़यज़न्दे यसर

(स.अ.व.व.) हैं। इनिे साथ यहभ िा फयताव िय। उसने िोई तवज्जो न िी। एि

हदन िा ज़ज़क्र है, फनी अब्फालसमा िे एि गगयोह ने सारेह से जा िय दयख़्वास्त

िी कि हसन असियी ऩय ज़ज़मादा ज़ल्


ु भ किमा जाना चाहहमे। उसने जवाफ हदमा

934
कि भैंने उनिे ऊऩय दो ऐसे शख़्सों िो भस
ु ल्रत िय हदमा है ज़जनिा ज़ुल्भों

तशद्दद
ु भें जवाफ नहीॊ है रेकिन भैं क्मा िरूॊ कि उनिे त़वे औय उनिी इफादत

गज़
ु ायी से वह इस दजाक भत
ु ाअज़स्सय हो गमे हैं कि ज़जसिी िोई हद नहीॊ। भैंने

उनसे जवाफ तरफी िी तो उन्होंने ़ल्फी भजफयू ी ज़ाहहय िी। मह सन


ु िय वह

रोग भामस
ू वावऩस गमे। (तज़कियतुर भासूभीन ऩष्ृ ठ 223)

ायज़ कि भेहदी िा ज़ुल्भ तशदद्दद


ु ज़ोयो ऩय था औय मही नहीॊ कि वह इभाभ

हसन असियी (अ.स.) ऩय सख़्ती ियता था फज़ल्ि मह कि वह उनिे भानने वारों

िो फयाफय ़त्र ियता यहता था। एि हदन आऩिे एि साहफी अहभद बफन

भोहम्भद ने एि अयीज़े िे ज़रयमे से उसिे ज़ुल्भ िी लशिामत िी तो आऩने

तहयीय फ़यभामा कि घफयाओ नहीॊ कि भेहदी िी उम्र अफ लसफ़क ऩाॊच हदन फा़ी यह

गई है । चन
ु ान्चे छटे हदन उसे िभारे ज़ज़ल्रत व ऽवायी िे साथ ़त्र िय हदमा

गमा। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 126)

इसी िे अहद भें जफ आऩ ़ैद ऽाने भें ऩहुॉचे तो ईसा बफन फ़तेह से फ़यभामा

कि तम्
ु हायी उम्र इस वक़्त 65 सार एि भाह दो मौभ िी है । उसने नोट फि

ननिार िय उसिी तसदी़ िी। कपय आऩने फ़यभामा कि ऽुदा तुम्हें औरादे नयीना

अता िये गा। वह ऽुश हो िय िहने रगा भौरा! क्मा आऩिो ऽुदा फ़यज़न्द न

दे गा? आऩने फ़यभामा ऽुदा िी ़सभ अऩ्यीफ भझ


ु े भालरि ऐसा फ़यज़न्द दे गा

935
जो सायी िामनात ऩय हुिूभत िये गा औय दनु नमाॊ िो अदरो इॊसाफ़ से बय दे गा।

(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 101)

कपय जफ उसिे फाद भोतलभद ऽरीफ़ा हुआ तो उसने इभाभ हसन असियी

(अ.स.) ऩय ज़ुल्भो जौयो लसतभ व इस्तेफदाद िा ऽात्भा िय हदमा।

इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) की िहादत और इमाम हिन अिकरी

(अ.ि.) का आग़ाज़े इमामत

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने अऩने इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी

शादी नयज़जस ऽातून से िय दी जो ़ैसये योभ िी ऩोती औय शभऊन वसी ए ईसा

(अ.स.) िी नस्र से थीॊ। (ज़जरा अर उमून ऩष्ृ ठ 298) इसिे फाद आऩ 3 यजफ 254

ई0 िो दयजा ए शहादत ऩय फ़ाएज़ हुए। आऩिी शहादत िे फाद हज़यत इभाभ

हसन असियी (अ.स.) िी इभाभत िा आााज़ हुआ। आऩिे तभाभ भोत़दीन ने

आऩिो भफ
ु ायि फाद दी औय आऩ से हय क़स्भ िा इस्तेफ़ादा शरू
ु िय हदमा।

आऩिी खखदभत
ु़ भें आभदो यफ़्त औय सवारात व जवाफात िा लसरलसरा जायी हो

गमा। आऩने जवाफात भें ऐसे है यत अॊगेज़ भारभ


ू ात िा इन्िेशाफ़ फ़यभामा कि

रोग दॊ ग यह गए। आऩने इल्भे ाैफ औय इल्भे बफरभौत ति िा सफत


ू ऩेश

फ़यभामा औय इसिी बी वज़ाहत िी कि फ़राॊ शख़्स िो इतने हदनों भें भौत आ

जामेगी।

936
अल्राभा भल्
ु रा जाभी लरखते हैं कि एि शख़्स ने अऩने वालरद सभेत हज़यत

इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी याह भें फैठ िय मह सवार ियना चाहा कि फाऩ

िो ऩाॊच सौ हदयहभ औय फेटे िो तीन सौ हदयहभ अगय इभाभ दें तो साये िाभ हो

जाऐ, महाॊ ति कि इभाभ हसन असियी (अ.स.) इस यास्ते ऩय आ ऩहुॉच।े इत्तेफ़ा़

मह दोनों इभाभ (अ.स.) िो ऩहचानते न थे। इभाभ (अ.स.) ऽुद इन दोनों िे

़यीफ गए औय उन से िहा कि तुम्हें आठ सौ हदयहभ िी ज़रूयत है । आओ भैं

तुम्हें दे दॊ ।ू दोनों हभयाह हो लरमे औय य़भ भाहूद हालसर िय री। इसी तयह एि

औय शख़्स ़ैद ऽाने भें था। उसने ़ैद िी ऩये शानी िी लशिामत इभाभ (अ.स.)

िो लरख िय बेजी औय तॊग दस्ती िा ज़ज़क्र शभक िी वजह से न किमा। आऩने

तहयीय फ़यभामा कि तुभ आज ही ़ैद ऽाने से रयहा हो जाओगे औय तुभ ने जो

शभक से तॊग दस्ती िा ज़ज़क्र नहीॊ किमा, इसिे भत


ु ाअज़ल्ऱ भारभ
ू ियो कि भैं

अऩने भ़
ु ाभ ऩय ऩहुॉचते ही सौ हदनाय बेज दॊ ग
ू ा। चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ। इसी तयह

एि शख़्स ने आऩसे अऩनी तॊग दस्ती िी लशिामत िी। आऩने ज़भीन िुये द िय

एि अशयफ़ी िी थैरी ननिारी औय उसिे हवारे िय दी। इसभें सौ दीनाय थे। इसी

तयह एि शख़्स ने आऩिो तहयीय किमा कि लभश़ात िे भानी क्मा हैं? नीज़ मह

कि भेयी औयत हाभेरा है इससे जो फ़यज़न्द ऩैदा होगा उसिा नाभ यख दीज़जए।

आऩने जवाफ भें तहयीय फ़यभामा कि लभश़ात से भयु ाद ़ल्फे भोहम्भदे भस्
ु तफ़ा

(स.अ.व.व.) औय आखखय
ु़ भें लरख हदमा ‘‘ अज़भल्
ु राह अजयिुभ व अऽरफ़ अरैि

937
’’ ऽुदा तुम्हें अज्र दे औय नेभर
ु फदर अता िये । चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ कि उसिे

महाॊ भद
ु ाक रड़िा ऩैदा हुआ। इसिे फाद उसिी फीवी हाभरा हुई, फ़यज़न्दे नयीना

भत
ु ावज़ल्रद हुआ। भर
ु ाहे ज़ा हों। (शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 211)

अल्राभा अयफरी लरखते हैं कि हसन इब्ने ज़यीफ़ नाभी एि शख़्स ने हज़यत से

लभरिय दयमाफ़्त किमा कि ़ाएभे आरे भोहम्भद (अ.स.) ऩोशीदा होने िे फाद

िफ ज़ुहूय ियें ग?
े आऩने तहयीय फ़यभामा जफ ऽुदा िी भसरहत होगी। इसिे फाद

लरखा कि तुभ तऩ यफआ िा सवार ियना बर


ू गए ज़जसे तुभ भझ
ु से ऩछ
ू ना चाहते

हो, तो दे खो ऐसा ियो कि जो इसभें भफ


ु नतरा हो उसिे गरे भें आमत ‘‘ मा नाय

िूनी फयदन सराभन अरा इब्राहीभ ’’ लरख िय रटिा दो लशफ़ामाफ हो जामेगा।

अरी बफन ज़ैद इब्ने हुसन


ै िा िहना है कि भैं एि घोड़े ऩय सवाय हो िय हज़यत

िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हुआ तो आऩने फ़यभामा कि इस घोड़े िी उम्र लसफ़क एि

यात फा़ी यह गई है चन
ु ान्चे वह सफ
ु ह होने से ऩहरे भय गमा। इस्भाईर बफन

भोहम्भद िा िहना है कि भैं हज़यत िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हुआ औय भैंने उनसे

़सभ खा िय िहा कि भेये ऩास एि हदयहभ बी नहीॊ है । आऩने भस्


ु िुया िय

फ़यभामा कि ़सभ भत खाओ तुम्हाये घय दो सौ दीनाय भदफ़ून हैं। मह सन


ु िय

वह है यान यह गमा। कपय हज़यत ने गराभ


ु ु़ िो हुक्भ हदमा कि उन्हें अशयकफ़माॊ दे

दो।

938
अब्दी यवामत ियता है कि भैं अऩने फ़यज़न्द िो फसये भें बफभाय छोड़ िय

साभया गमा औय वहाॊ हज़यत िो तहयीय किमा कि भेये फ़यज़न्द िे लरमा दआ


ु ए

लशफ़ा फ़यभाएॊ। आऩने जवाफ भें तहयीय फ़यभामा ‘‘ ऽद


ु ा उस ऩय यहभत नाज़ज़र

फ़यभाए ’’ ज़जस हदन मह ऽत उसे लभरा उसी हदन उसिा फ़यज़न्द इन्ते़ार िय

चि
ु ा था। भोहम्भद बफन अफ़आ िहता है कि भैंने हज़यत िी खखदभत
ु़ भें एि

अयज़ी िे ज़रयमे से सवार किमा कि ‘‘ क्मा आइम्भा िो बी एहतेराभ होता है? ’’

जफ ऽत यवाना िय चि
ु ा तो ख़्मार हुआ कि एहतेराभ तो वसवसए शैतानी से

हुआ ियता है औय इभाभ (अ.स.) ति शैतान ऩहुॉच नहीॊ सिता। फहय हार जवाफ

आमा कि इभाभ नौभ औय फेदायी दोनों हारतों भें वसवसाए शैतानी से दयू होते हैं

जैसा कि तुम्हाये हदर भें बी ख़्मार ऩैदा हुआ है, कपय एहतेराभ क्मों िय हो

सिता है । जाफ़य बफन भोहम्भद िा िहना है कि भैं एि हदन हज़यत िी खखदभत


ु़

भें हाज़ज़य था, हदर भें ख़्मार आमा कि भेयी औयत जो हाभेरा है अगय उससे

फ़यज़न्दे नयीना ऩैदा हो तो फहुत अच्छा हो। आऩने फ़यभामा कि ऐ जाफ़य रड़िा

नहीॊ रड़िी ऩैदा होगी। चन


ु ान्चे ऐसा ही हुआ। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 128)

अऩने अक़ीदत मन्दों में हज़रत का दौरा

जाफ़य बफन शयीफ़ जयजानी िा फमान ियते हैं कि भैं हज से फ़याात िे फाद

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हुआ औय उनसे अज़क

939
कि भौरा ! अहरे जयजान आऩिी तशयीफ़ आवयी िे ख़्वास्त गाय औय ख़्वाहहश

भन्द हैं। आऩने फ़यभामा तभ


ु आज से 190 हदन िे फाद जयजान ऩहुॉचोगे औय

ज़जस हदन तभ
ु ऩहुॉचोंगे उसी हदन शाभ िो भैं बी ऩहुॉचग
ू ा। तभ
ु उन्हें फा ऽफय िय

दे ना। चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ। भैं वतन ऩहुॉच िय रोगों िो आगाह िय चि
ु ा था कि

इभाभ (अ.स.) िी तशयीफ़ आवयी हुई। आऩने सफ से भर


ु ा़ात िी औय सफ ने

शयफ़े ज़ज़मायत हालसर किमा। कपय रोगों ने अऩनी भश


ु िीरात ऩेश िी। इभाभ

(अ.स.) ने सफ िो भत
ु भईन िय हदमा। इसी लसरलसरे भें नसय बफन जाबफय ने

अऩने फ़यज़न्द िो ऩेश किमा, जो नाफीना था। हज़यत ने उसिे चेहये ऩय दस्ते

भफ
ु ायि पेय िय उसे फीनाई अता कि। कपय आऩ उसी योज़ वाऩस तशयीफ़ रे गए।

(िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 128) एि शख़्स ने आऩिो एि ऽत बफरा यौशनाई िे ़रभ से

लरखा। आऩने उसिा जवाफ भयहभत फ़यभामा औय साथ ही लरखने वारे िा औय

उसिे फाऩ िा नाभ बी तहयीय फ़यभामा हदमा। मह ियाभात दे ख िय वह शख़्स

है यान हो गमा औय इस्राभ रामा औय आऩिी इभाभत िा भोतक़द फना गमा।

(दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 172)

इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) का ऩत्थर ऩर मोहर ऱगाना

सक़्
ु ़तर
ु इस्राभ अल्राभा ़ुरैनी औय इभाभे अहरे सन्
ु नत अल्राभा जाभी

य़भ तयाज़ हैं कि एि हदन हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें

940
एि ऽूफसयू त सामभेनी आमा औय उसने एि सॊग ऩाया मानी ऩत्थय िा टुिड़ा ऩेश

िय िे ख़्वाहहश िी कि आऩ इस ऩय अऩनी इभाभत िी तसदी़ भें भोहय िय दें ।

हज़यत ने भोहय रगा दी। आऩिा इसभे गगयाभी इस तयह िन्दा हो गमा ज़जस

तयह भोभ ऩय रगाने से िन्दा होता है ।

एि सवार िे जवाफ भें िहा गमा कि आने वारा भजभए


ू इब्नर
ु सरत बफन

अ़फा बफन सभआन इब्ने ाानभ था। मह वही सॊग ऩाया रामा था ज़जस ऩय उसिे

ऽान दान िी एि औयत उम्भे ऽानभ ने तभाभ आइम्भा ए ताहे यीन (अ.स.) से

भोहय रगवा यखी थी। उसिा तयी़ा मह था कि जफ िोई इभाभत िा दावा ियता

था तो वह उसिो रे िय उसिे ऩास चरी जाती थी अगय उस भद्


ु दई ने ऩत्थय ऩय

भोहय रगा दी तो उसने सभझ लरमा कि मह इभाभे ज़भाना हैं औय अगय वह इस

अभर से आज़जज़ यहा तो वह उसे नज़य अन्दाज़ िय दे ती थी चॊकू ि उसने इसी सॊग

ऩाये ऩय िई इभाभों िी भोहय रगवाई थी। इस लरमे उसिा ऱफ साहे फतुर

साअता हो गमा था।

अल्राभा जाभी लरखते हैं कि जफ भजभए


ू बफन सरत ने भोहय रगवाई तो

उससे ऩछ
ू ा गमा कि तुभ हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो ऩहरे से

ऩहचानते थे? उसने िहा नहीॊ। वा़ेमा मह हुआ कि भैं उनिा इन्तेज़ाय िय ही यहा

था कि आऩ तशयीफ़ रामे रेकिन भैं चॊकू ि ऩहचानता न था इस लरमे ऽाभोश फैठा

941
यहा। इतने भें एि नालशनास नौजवान ने भेयी नज़यों िे साभने आ िय िहा कि

मह हसन बफन अरी हैं।

यावी अफू हालशभ फमान ियता है कि जफ वह जवान आऩिे दयफाय भें आमा तो

भेये हदर भें मह आमा कि िाश भझ


ु े भारभ
ू होता कि मह िौन हैं। हदर भें इस

ख़्मार िा आना था कि इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा कि भोहय रगवाने िे लरमे वह

सॊग ऩाया रामा है ज़जस ऩय भेये फाऩ दादा िी भोहयें रगी हुई हैं। चन
ु ान्चे उसने

ऩेश किमा औय आऩने भोहय रगा दी। वह शख़्स आमाए ‘‘ ज़ुरयक मते फाज़हा लभन

फाअज़ ’’ ऩढ़ता हुआ चरा गमा। (उसर


ू े िाफ़ी व दभए सािेफा, ऩष्ृ ठ 164, शवाहे दन

नफूवत ऩष्ृ ठ 211 प्रिालशत रखनऊ 1905 ई0, आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 214)

इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) के इल्मी खखदमात

तफ़सीये ़ुयआन

मह एि भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि जफ इन्सान िो सि
ु ू न नसीफ न हो तो हदरो

हदभाा अज़िाये यफ़्ता हो जाते हैं औय उसभें इतनी सराहहमत नहीॊ यहती कि वह

िोई ाैय फ़ानी हदभााी कियदाय ऩेश िय सिे। हज़यत इभाभ हसन असियी

(अ.स.) ज़जन्हें बफर वास्ता मा बफरा वास्ता ऽुरफ़ाए अब्फालसमा िे सात ज़ालरभों

िे दस्ते इस्तेफदाद से भत
ु ाअज़स्सय होना ऩड़ा। िबी आऩिे वालरदे भाज़जद िो ़ैद

किमा गमा, िबी नज़य फन्दी िी ज़ज़न्दगी फसय ियने ऩय भजफयू किमा गमा।

942
गयज़ कि आऩिा िोई रम्हा ए हमात ऩयु सि
ु ू न नहीॊ गुज़या। कपय उम्र बी आऩने

लसफ़क 28 सार िी ऩाई थी। इन्ही वजह


ू से आऩिे िभाराते इज़ल्भमा िा िभा

हक़़्ा इज़हायो इन्िेशाफ़ न हो सिा। इसी बफना ऩय अल्राभा कियभानी लरखते हैं

कि आऩ दनु नमाॊ भें इतने हदनों फ ़ैदे हमात यहे ही नहीॊ कि आऩिे फ़ज़ाएर व

भनाक़फ औय उरभ
ू व हुक्भ रोगों ऩय ज़ाहहय हो सिें। (अऽफारूर दवर ऩष्ृ ठ 117)

ताहभ इन हारात भें बी आऩने अऩने इल्भे रदन्ु नी, नीज़ अऩने वालरदे फज़
ु ुगव
क ाय

से हालसर ियदा इल्भ िे सहाये तफहव्वे इल्भी िे साथ फड़े फड़े इल्भी िायनाभों से

रोगों िो है यान िय हदमा। आऩने भऽ


ु ारेफ़ीने इस्राभ औय अज़ीभ जाॊ शरी़ों से

अहभ भनाज़ज़ये किमे औय इल्भ व हुक्भ िे दयमा फहामे हैं।

आऩिे इल्भी िायनाभों भें एि अहभ िायनाभा ़ुयआने भजीद िी तफ़सीय है ।

जो तफ़सीये इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे नाभ से भौसभ


ू व भशहूय है । मह

तफ़सीय उरभ
ू े ़ुयआनी औय हुक्भे नफवी से भम्रू है । (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ

164) भेये नज़दीि इसिा इन्तेसाफ तशना ए तह़ी़ है ।

आऩने अऩनी ़रभी सराहहमत िो भहरे इफ़्तेऽाय भें ज़ज़क्र फ़यभामा है ।

आऩिा िहना है कि हभ वह हैं ज़जन्हें साहे फे ़रभ ़याय हदमा है । उरेभा िा

फमान है कि जफ आऩ लरखते लरखते नभाज़ िे लरमे चरे जामा ियते थे तो

आऩिा ़रभ फयाफय चरता यहता था औय आऩ भाकफ़ज़ ज़भीय फहुक्भे ऽुदा वन्दी

सतहे क़यतास ऩय भय़ूभ होता यहता था। (फेहारूर अनवाय दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ

943
179) फहवारा ए असफात अर हदामा उय आभरी। अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद िा िहना

है कि आऩ इल्भ फ़ज़र, ज़ोहदो त़वा अक़्रो असभत, शज


ु ाअतो ियभ आभारो

इफादत भें अफ़ज़र अहरे ज़भाना थे। (इयशाद भफ़


ु ीद ऩष्ृ ठ 502) सक़्
ु ़तर
ु इस्राभ

अल्राभा ़ुरैनी (य.अ.) िा फमान है कि हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) अऩने

आफाओ अजदाद िी तयह तभाभ ज़फानों से वाक़फ़ थे। आऩ तुिी, रूभी ायज़ कि

हय ज़फान भें तिल्रभ


ु किमा ियते थे। ऽुदा ने आऩिो हय ज़फान से फहयावय

फ़यभामा था औय आऩ इल्भे यजार, इल्भे अन्साफ, इल्भे हवाहदस भें िभार यखते

थे। (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 177, फहवारा उसर


ू े िाफ़ी) अब्दल्
ु राह इब्ने भोहम्भद िा

फमान है कि भैंने हज़यत िो बेड़ड़मे से फात चीत ियते हुए ऽुद सन


ु ा है । (किताफ

भनाक़फे फ़ात्भा)

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िा ईया़ िे एि अज़ीभ

फ़रसफ़ी िो लशिस्त दे ना

भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि ईया़ िे अज़ीभ फ़रसफ़ी इस्हा़ िन्दी िो ऽब्त

सवाय हुआ कि ़ुयआन भजीद भें तना़ज़ साबफत िये औय मह फता दे कि

़ुयआने भजीद िी एि आमत दस


ू यी आमत से औय एि भज़भन
ू दस
ू ये भज़भन
ू से

टियाता है । उसने इस भ़सद िी तिभीर िे लरमे किताफ ‘‘ तना़ुज़े िुयु़ आन ’’

लरखना शरू
ु िी औय इस दजाक भन
ु हलभ़ हो गमा कि रोगों से लभरना झर
ु ना औय

िहीॊ आना जाना सफ तिक िय हदमा।

944
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो जफ इसिी इत्तेरा हुई तो आऩने उसिे

ऽब्त िो दयू ियने िा इयादा फ़यभामा। आऩिा ख़्मार था कि उस ऩय िोई ऐसा

एतयाज़ िय हदमा जामे कि ज़जसिा वह जवाफ न दे सिे औय भजफयू न अऩने इयादे

से फाज़ आ जामे। इत्तेफ़ा़न एि हदन आऩिी खखदभत


ु़ भें उसिा एि शागगकद

हाज़ज़य हुआ। हज़यत ने फ़यभामा कि तुभ भें िोई ऐसा नहीॊ है जो इस्हा़ िन्दी

िो ‘‘ तनािुज़ अर ़ुयआन ’’ लरखने से फाज़ यख सिे। उसने अज़क कि भौरा ! भैं

उसिा शागगकद हूॉ बरा उसिे साभने रफ िुशाई िय सिता हूॉ। आऩने फ़यभामा कि

अच्छा मह तो िय सिते हो कि जो भैं िहूॉ वह उस ति ऩहुॉचा दो। उसने िहा

िय सिता हूॉ। हज़यत ने फ़यभामा कि ऩहरे तो तुभ उस से भवानस्त ऩैदा ियो

औय उस ऩय एतेफाय जभाओ। जफ वह तुभ से भानस


ू हो जामे औय तुम्हायी फात

तवज्जो से सन
ु ने रगे तो उससे िहना कि भझ
ु े एि शफ
ु हा ऩैदा हो गमा है, आऩ

उसिो दयू फ़यभा दें । जफ वह िहे कि फमान ियो तो िहना कि ‘‘ इन्ना एतािा

हज़र भत
ु ािज़ल्रभ फे हज़ारूर ़ुयआन हर मह फज़अ
ू न मिून भयु ादा फेभा

तिल्रभ
ु लभन्हा अनर भआनी अर रती ़द ज़न सतहा इन्िा ज़ेफतहा इरैहा ’’

अगय इस किताफ मानी ़ुयआन िा भालरि तुम्हाये ऩास इसे रामे तो क्मा हो

सिता है कि इस िराभ से जो भतरफ उसिा हो वह तुम्हाये सभझे हुए भआनी

व भतालरफ िे खखराफ़
ु़ हो। ज फवह तुम्हाया मह एतेयाज़ सन
ु ेगा तो चॊकु ि ज़हीन

आदभी है फ़ौयन िहे गा फेशि ऐसा हो सिता है । जफ वह मह िहे तो तुभ उससे

945
िहना कि कपय किताफ ‘‘ तना़ुज़ अर ़ुयआन ’’ लरखने से क्मा फ़ामेदा? क्मों

कि तभ
ु उसिे जो भानी सभझ िय उस ऩय जो एतेयाज़ िय यहे हो हो सिता है

ज़ िवह ऽद
ु ाई भ़सद
ू िे खखराफ़
ु़ हो। ऐसी सयू त भें तम्
ु हायी भेहनत ज़ामा औय

फयफाद हो जामेगी। क्मों कि तनाक़ज़ तो जफ हो सिता है कि तुम्हाया सभझा

हुआ भतरफ सही औय भ़सद


ू े ऽुदा वन्दी िे भत
ु ाबफ़ हो औय ऐसा म़ीनी तौय

ऩय नही त
ॊ ो तनाक़स िहाॊ यहा? अर ायज़ वह शागगकद इस्हा़ िन्दी िे ऩास

गमा औय उसने इभाभ (अ.स.) िे फताए हुए उसर


ू ऩय उससे भज़िूया सवार

किमा। इस्हा़ िन्दी मह एतेयाज़ सन


ु िय है यान यह गमा औय िहने रगा कि

सवार िो दोहयाओ। उसने कपय दोहयामा। इस्हा़ थोड़ी दे य िे लरमे भहवे तफ़क्िुय

हो गमा औय हदर भें िहने रगा कि फे शि इस क़स्भ िा एहतेभार फ एतेफाये

रा
ु त औय फ रेहाज़े कफ़ियो तदब्फयु भज़ु म्िन है । कपय अऩने शागगकद िी तयफ़

भत
ु ावज्जे हो िय फोरा ! भैं तुम्हें ़सभ दे ता हूॉ, तुभ भझ
ु े सही सही फताओ कि

तम्
ु हें मह एतेयाज़ किसने फतामा है? उसने जवाफ हदमा, भेये शफ़ी़ उस्ताद मह

भेये ही ज़हन िी ऩैदावाय है । इस्हा़ ने िहा हयगगज़ नहीॊ, मह तम्


ु हाये जैसे इल्भ

वारे िे फस िी चीज़ नहीॊ है । तुभ सच िहो कि तुम्हें किसने फतामा औय इस

एतेयाज़ िी तयफ़ किसने यहफयी िी है? शागगकद ने िहा सच तो मह है कि भझ


ु े

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) ने फ़यभामा था औय भैंने उन्हीॊ िे फतामे हुए

उसर
ू ऩय सवार किमा है ।

946
इस्हा़ िन्दी फोरा ‘‘ एरान जेहत फेह ’’ अफ तुभ ने सच िहा है । ऐसे ऐतयाज़

औय ऐसी अहभ फातें ऽानादाने रयसारत ही से फयाभद हो सिती हैं। ‘‘ सभ


ु अनह

दआ
ु बफन नाय व अहय़ जीभए भा िाना अनफ़हा ’’ कपय उसने आग भॊगाई औय

किताफ ‘‘ तना़ज़ अर ़ुयआन ’’ िा साया भसवेदा नज़ये आतश िय हदमा।

(भनाक़फ इब्ने शहये आशोफ भा ज़न्दयानी ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 127 व फेहारूर अनवाय ज़जल्द 12

ऩष्ृ ठ 172 दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 183 ज़जल्द 3)

हज़रत इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) और खुिूसियाते मज़हफ

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िा इयशाद है कि हभाये भज़हफ भें उन

रोगों िा शभ
ु ाय होगा जो उसर
ू व फ़ुरू औय दीगय रवाज़ज़भ िे साथ साथ इन दस

चीज़ों िे ़ामर फज़ल्ि उन ऩय आलभर हों।

1. शफो योज़ भें 51 यिअत नभाज़ ऩढ़ना। 2. सजदा गाहे ियफरा ऩय सजदा

ियना। 3. दाहहने हाथ भें अॊगूठी ऩहन्ना। 4. अज़ान व अ़ाभत िे जुभरे दो दो

भयतफा िहना। 5. अज़ान व अ़ाभत भें हय्मा अरा ऽैरयर अभर िहना। 6.

नभाज़ भें बफज़स्भज़ल्राह ज़ोय से ऩढ़ना। 7. हय दस


ू यी यिअत भें ़ुनत
ू ऩढ़ना। 8.

आफ़ताफ िी ज़यदी से ऩहरे नभाज़े अस्र औय तायों िे डूफ जाने से ऩहरे नभाज़े

सफ
ु ह ऩढ़ना। 9. सय औय दाढ़ी भें वसभा िा खखज़ाफ
ु़ ियना। 10. नभाज़े भय्मत भें

ऩाॊच तिफीये िहना। (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 172)

947
हज़रत इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) और ईदे नुहुम रफीउऱ अव्वऱ

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) चन्द अज़ीभ अस्हाफ ज़जनभें अहभद बफन

इस्हा़ ़ुम्भी बी थे। एि हदन भोहम्भद बफन अफी आरा हम्दानी औय महहमा

बफन भोहम्भद बफन जयीह फादादी िे दयलभमान 9 यफीउर अव्वर िे मौभे ईद

होने ऩय गफ़्
ु तग
ु ू हो यही थी। फात चीत िी तिभीर िे लरमे मह दोनों अहभद बफन

इस्हा़ िे भिान ऩय गए। दक़़्ुर फाफ किमा, एि ईया़ी रड़िी ननिरी, आने

िा सफफ ऩछ
ू ा, िहा अहभद से लभरना है । उसने िहा वह आभार िय यहे हैं।

उन्होंने िहा िैसा अभर है ? रड़िी ने िहा अहभद बफन इस्हा़ ने हज़यत इभाभ

अरी ऩी (अ.स.) से यवामत िी है कि 9 यफीउर अव्वर मौभे ईद है औय हभायी

फड़ी ईद है, औय हभाये दोस्तों िी ईद है । अर ायज़ वह अहभद से लभरे। उन्होंने

िहा कि भैं अबी ास्


ु रे ईद से फ़ारया हुआ हूॉ औय आज ईदे नहुभ 9 है । कपय

उन्होंने िहा कि भैं आज ही हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें

हाज़ज़य हुआ हूॉ। उनिे महाॊ अॊगीठी सर


ू ग यही थी औय तभाभ घय िे रोग अच्छे

िऩड़े ऩहने हुए थे। ऽुशफू रगाए हुए थे। भैंने अज़क कि इब्ने यसर
ू अल्राह

(स.अ.व.व.) आज क्मा िोई ताज़ा मौभे भसयक त है? फ़यभामा हाॊ आज 9 यफीउर

अव्वर है । हभ अहरे फैत औय हभाये भानने वारों िे लरमे मौभे ईद है । कपय

948
इभाभ (अ.स.) ने इस हदन िे मौभे ईद होने औय यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) औय

अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िे तयज़े अभर िी ननशान दे ही फ़यभाई।

हज़रत इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) के अक़वाऱ

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे ऩन्दो नसामह हुक्भ औय भवाएज़ भें से

िुछ नीचे लरखे जा यहे हैं।

1. दो फेहतयीन आदतें मह हैं कि अल्राह ऩय ईभान यखे औय रोगों िो फ़ामदे

ऩहुॉचामें।

2. अच्छों िो दोस्त यखने भें सवाफ है ।

3. तवाज़ो औय फ़योतनी मह है कि जफ किसी िे ऩास से गुज़ये तो सराभ ियें

औय भजलरस भें भाभर


ू ी जगह फैठें।

4. बफरा वजह हॊ सना ज़जहारत िी दरीर है ।

5. ऩड़ोलसमों िी नेिी िो छुऩाना औय फयु ाईमों िो उछारना हय शख़्स िे लरमे

िभय तोड़ दे ने वारी भस


ु ीफत औय फेचायगी है ।

6. मह इफादत नहीॊ है कि नभाज़ योज़े अदा ियता यहे , फज़ल्ि मह बी अहभ

इफादत है कि ऽुदा िे फाये भें सोच ववचाय िये ।

7. वह शख़्स फदतयीन है जो दो भह
ु ा औय दो ज़फान हो, जफ दोस्त साभने आमे

तो अऩनी ज़फान से ऽश
ु िय दे औय जफ वह चरा जाए तो उसे खा जाने िी

949
तदफीय सोचे जफ उसे िुछ लभरे तो मह हसद िये औय जफ उस ऩय िोई भस
ु ीफत

आ जाए तो ़यीफ न पटिे।

8. गस्सा
ु ु़ हय फयु ाई िी िुन्जी है ।

9. हसद ियने औय िीना यखने वारे िो बी सि


ु ू ने ़ल्फ नसीफ नहीॊ होता।

10. ऩयहे ज़गाय वह है जो शफ िे वक़्त तविुफ़ व तदब्फयु से िाभ रे औय हय

अभय से भोहतात यहे ।

11. फेहतयीन इफादत गुज़ाय वह है जो फ़याएज़ अदा ियता यहे ।

12. फेहतयीन सईद औय ज़ाहहय वह है जो गन


ु ाह भत
ु ऱन छोड़ दे ।

13. जो दनु नमाॊ भें फोऐगा वही आऽेयत भें िाटे गा।

14. भौत तुम्हाये ऩीछे रगी हुई है अच्छा फोओगे तो अच्छा िाटोगे, फयु ा फोओगे

तो ननदाभत होगी।

15. हहयस औय रारच से िोई फ़ाएदा नहीॊ जो लभरना है वही लभरेगा।

16. एि भोलभन दस
ू ये भोलभन िे लरमे फयित है ।

17. फेविूफ़ िा हदर उसिे भॊह


ु भें होता है औय अ़र भन्द िा भॊह
ु उसिे

हदर भें होता है ।

18. दनु नमा िी तराश भें िोई फ़यीज़ा न गवा दे ना। 19. तहायत भें शि िी

वजह से ज़्मादती ियना ाैय भम्दहू है ।

950
20. िोई कितना ही फड़ा आदभी क्मों न हो जफ वह अ़ िो छोड़ दे गा ज़रीर

तय हो जामेगा।

21. भाभर
ू ी आदभी िे साथ ह़ हो तो वही फड़ा है ।

22. जाहहर िी दोस्ती भस


ु ीफत है ।

23. ाभगीन िे साभने हॊ सना फे अदफी औय फद अभरी है ।

24. वह चीज़ भौत से फदतय है जो तुम्हें भौत से फेहतय नज़य आए।

25. वह चीज़ ज़ज़न्दगी से फेहतय है ज़जसिी वजह से तुभ ज़ज़न्दगी िो फयु ा

सभझो।

26. जाहहर िी दोस्ती औय इसिे साथ गुज़ाया ियना भोज़जज़े िे भाननन्द है ।

27. किसी िी ऩड़ी हुई आदत िो छुड़ाना ऐजाज़ िी है सीमत यखता है ।

28. तवाज़े ऐसी नेभत है ज़जस ऩय हसद नहीॊ किमा जा सिता।

29. इस अन्दाज़ से किसी िी ताज़ीभ न ियो ज़जसे वह फयु ा सभझे।

30. अऩनी बाई िी ऩोशीदा नसीहत ियनी इसिी ज़ीनत िा सफफ होता है ।

31. किसी िी ऐराननमा नसीहत ियना फयु ाई िा ऩेश ऽेभा है ।

32. हय फरा औय भस
ु ीफत िे ऩस भन्ज़य भें यहभत औय नेभत होती है ।

33. भैं अऩने भानने वारों िो नसीहत ियता हूॉ कि अल्राह से डयें दीन िे फाये

भें ऩये हगायी िो शआय फना रें ऽुदा िे भत


ु ाअज़ल्ऱ ऩयू ी सई ियें औय उसिे

अहिाभ िी ऩैयवी भें िभी न ियें । सच फोरें, अभानतें चाहे भोलभन िी हो मा

951
िाकफ़य िी, अदा ियें , औय अऩने सजदों िो तूर दें औय सवारात िे शीयीॊ जवाफ

दें । नतरावते िुयु़ आने भजीद किमा ियें भौत औय ऽद


ु ा िे ज़ज़क्र से ााकफ़र न हों।

34. जो शख़्स दनु नमाॊ से हदर िा अन्धा उठे गा, आऽेयत भें बी अन्धा यहे गा।

हदर िा अन्धा होना हभायी भव


ु द्दत से ााकफ़र यहना है । ़ुयआन भजीद भें है कि

़माभत िे हदन ज़ालरभ िहें गे ‘‘यब्फे रभा हश्रतनी आएभी व ़नत फसीयन ’’ भेये

ऩारने वारे हभ तो दनु नमाॊ भें फीना थे हभें महाॊ अन्धा क्मों उठामा है? जवाफ

लभरेगा, हभ ने जो ननशाननमाॊ बेजी थी तुभने उन्हें नज़य अन्दाज़ किमा था। रोगों!

अल्राह िी नेभत अल्राह िी ननशाननमाॊ हभ आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) हैं। एि

यवामत भें है कि आऩने दो शम्फे िे शय व नहूसत से फचने िे लरमे इयशाद

फ़यभामा है कि नभाज़े सब्ु ह िी यक्ते अव्वर भें सयु ह ‘‘ हर अता ’’ ऩढ़ना चाहहए।

नीज़ मह फ़यभामा है कि नहाय भॊह


ु ऽयफज़
ु ा नहीॊ खाना चाहहमे क्मो कि इससे

फ़ालरज िा अन्दे शा है । (फेहाय अर अनवाय ज़जल्द 14)

इमाम मेहदी (अ.ि.) की ववऱादत फा िआदत

15 शाफान 255 हहजयी भें फतने जनाफे नयज़जस ऽातून से ़ाएभे आरे

भोहम्भद हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ववरादत फ सआदत हुई। इभाभ हसन

असियी (अ.स.) ने दश्ु भनों िे ऽौफ़ से आऩिी ववरादत िो ज़ाहहय होने नहीॊ

हदमा।

952
भल्
ु रा जाभी लरखते हैं कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ववरादत िे फाद हज़यते

ज़जब्राईर उन्हें ऩयवरयश व ऩयदाख़्त िे लरमे उठा िय रे गए। (शवाहे दन


ु नफव
ू त)

अल्राभा अयफरी लरखते हैं कि आऩ तीन सार िी उम्र भें दे खे गए औय आऩने

हुज्जतुल्राह होने िा इज़हाय किमा। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 138)

मोतसमद अब्फािी की खखऱाफत और इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) की

गगरफ़्तारी

गय ़रभ दय दस्ते ाद्दाये फद


ू , रा जभ
ु क भन्सयू , फयदाये फद

256 हहजयी भें भोतलभद अब्फासी खखराफ़त


ु़ भिफज़
ू ा तख़्त ऩय भत
ु भज़क्िन हुआ

इसने हुिूभत िी िभान सॊबारते ही अऩने अफाई तज़े अभर िो इख़्तेमाय ियना

औय जद्दी कियदाय िो ऩेश ियना शरू


ु िय हदमा औय हदर से सई शरू
ु िय दी कि

आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िे वजूद से ज़भीन ऽारी हो जाए। मह अगयचे हुिूभत

िी फाग डोय अऩने हाथों भें रेते ही भल्


ु िी फाावत िा लशिाय हो गमा था रेकिन

कपय बी अऩने वज़ीफ़े औय अऩने लभशन से ााकफ़र नहीॊ यहा। इसने हुक्भ हदमा

अहदे हाज़ज़य भें ऽानदाने रयसारत िी मादगाय इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो

़ैद िय हदमा जाए औय उन्हें ़ैद भें किसी क़स्भ िा सि


ु ू न न हदमा जाए। हुक्भे

हाकिभ भयगे भफ़ाजात आखखय


ु़ इभाभ हसन असियी (अ.स.) बफरा जुभो ऽता

आज़ाद फ़ेज़ा से ़ैद ऽाने भें ऩहुॉचा हदमे गए औय आऩ ऩय अरी बफन अवताश

953
नाभी एि नासफी भस
ु ल्रत िय हदमा गमा जो आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.), आरे

अफी तालरफ (अ.स.) िा सख़्त तयीन दश्ु भन था औय उससे िह हदमा गमा कि जो

जी चाहे ियो तम्


ु से िोई ऩछ
ू ने वारा नहीॊ है । इब्ने औतश ने असफे हहदामत आऩ

ऩय तयह तयह िी सज़ख़्तमाॊ शरू


ु िय दीॊ। इसने न ऽुदा िा ऽौफ़ किमा न ऩैाम्फय

िी औराद होने िा िोई लरहाज़ किमा रेकिन अल्राह ये आऩिा ज़ोहदो त़वा कि

दो चाय ही मौभ भें दश्ु भन िा हदर भोभ हो गमा औय वह हज़यत िे ऩैयों ऩय ऩड़

गमा। आऩिी इफादत गुज़ायी औय त़वा व तहायत दे ख िय वह इतना भत


ु ाअज़स्सय

हुआ कि हज़यत िी तयफ़ नजय उठा िय दे ख न सिता था। आऩिी अज़भतो व

जरारत िी वजह से सय झि
ु ा िय आता व चरा जाता। महाॊ ति कि वह वक़्त

आ गमा कि दश्ु भन फसीयत आगे फन िय आऩिा भोतरयफ़ औय भानने वारा हो

गमा। (आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 218)

अफू हालशभ दाऊद बफन ़ालसभ िा फमान है कि भैं औय भेये हभयाह हसन बफन

भोहम्भद अऱतफ़ी व भोहम्भद बफन इब्राहीभ उभय औय दीगय फहुत से हज़यात

इस ़ैद ऽाने भें आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िी भोहब्फत िे जभ


ु क िी सज़ा बग
ु त

यहे थे कि नागाह हभें भारभ


ू हुआ कि हभाये इभाभे ज़भाना हज़यत इभाभ हसन

असियी (अ.स.) बी रा यहे हैं। हभ ने उनिा इस्ते़फार किमा वह तशयीफ़ रा

िय ़ैद ऽाने भें हभाये ऩास फैठ गए औय फैठते ही एि अन्धे िी तयफ़ इशाया

ियते हुए फ़यभामा कि अगय मह शख़्स न होता तो भैं तुम्हें मह फता दे ता कि

954
अन्दरूनी भाभरा किमा है औय तुभ िफ रयहा होगे। रोगों ने मह सन
ु िय उस

अन्धे से िहा कि तभ
ु ज़या हभाये ऩास से चन्द लभनट िे लरमे हट जाओ चन
ु ान्चे

वह हट गमा। उसिे चरे जाने िे फाद आऩने फ़यभामा कि मह नाफीना ़ैदी नहीॊ

है तुम्हाये लरमे हुिूभत िा जासस


ू है । इसिी जेफ भें ऐसे िागज़ात भौजूद हैं जो

इसिी जासस
ू ी िा सफ
ु त
ू दे ते हैं। मह सन
ु िय रोगों ने उसिी तराशी री औय

वाक़मा बफल्िुर सही ननिरा। अफू हालशभ िहते हैं कि अय्माभ गुज़य यहे थे कि

एि हदन ार
ु ाभ खाना रामा। हज़यत ने शाभ िा खाना खाने से इन्िाय िय हदमा

औय फ़यभामा कि भैं सभझता हूॉ कि भेया अफ़्ताय ़ैद से फाहय होगा। इस लरमे

खाना न रॊग
ू ा। चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ आऩ असय िे वक़्त ़ैद खाने से फयाभद हो

गए। (आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 214)

इस्ऱाम ऩर इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) का एहिाने अज़ीम

वाफ़क़ए क़हत

इभाभ हसन असियी (अ.स.) ़ैद ऽाने ही भें थे कि साभया भें जो तीन सार से

़हत ऩड़ा हुआ था उसने लशद्दत इख़्तेमाय िय री औय रोगों िा हार मह हो

गमा कि भयने िे ़यीफ ऩहुॉच गए। बख


ू औय प्मास िी लशद्दत ने ज़ज़न्दगी से

आज़जज़ िय हदमा। मह हार दे ख िय ऽरीफ़ा भोतलभद अब्फासी ने रोगों िो हुक्भ

हदमा कि तीन हदन ति फाहय ननिर िय नभाज़े इसतेस़्ा ऩढ़ें । चन


ु ान्चे सफ ने

955
ऐसा किमा, भगय ऩानी न फयसा। चौथे योज़ फादाद िे रसाया िी जभाअत सहया

भें आई औय इनभें से एि याहहफ ने आसभान िी जाननफ अऩना हाथ फर


ु न्द

किमा, उसिा हाथ फर


ु न्द होना था कि फादर छा गए औय ऩानी फयसना शरू
ु हुआ।

इसी तयह उस याहहफ ने दस


ू ये हदन बी अभर किमा औय फदस्तूय उस हदन बी

फायाने यहभत िा नज़


ु ूर हुआ। मह हारत दे ख िय सफ िो ननहामत ताअज्जुफ

हुआ। हत्ता कि फाज़ जाहहरों िे हदरों भें शि ऩैदा हो गमा। फज़ल्ि फाज़ उनभें से

इसी वक़्त भयु नतद हो गए।

मह वाक़मा ऽरीफ़ा ऩय फहुत शाि गज़


ु या औय उसने इभाभ हसन असियी

(अ.स.) िो तरफ िय िे िहा, अफू भोहम्भद अऩने जद िे िरभे गोमों िी ऽफय

रो औय उनिो हराित मानी गुभयाही से फचाओ। हज़यत इभाभ हसन असियी

(अ.स.) ने फ़यभामा कि अच्छा याहहफों िो हुक्भ हदमा जाए कि िर कपय वह

भैदान भें आ िय दोआए फायान ियें , इन्शा अल्राह तारा भैं रोगों िे शिूि

ज़ाएर िय दॉ ग
ू ा। कपय जफ दस
ू ये हदन वह रोग भैदान भें तरफे फायाॊ िे लरमे जभा

हुए तो इस याहहफ ने भाभर


ू िे भत
ु ाबफ़ आसभान िी तयफ़ हाथ फर
ु न्द किमा

नागाह आसभान ऩय अब्र नभद


ू ाय हुआ औय भेह फयसने रगा। मह दे ख िय इभाभ

हसन असियी (अ.स.) ने एि शख़्स से िहा कि याहहफ िे हाथ ऩिड़ िय जो चीज़

याहहफ िे हाथ भें लभरे रे रे, उस शख़्स ने याहहफ िे हाथ भें एि हड्डी दफी हुई

ऩाई औय उससे रे िय हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें ऩेश

956
िी। उन्होंने याहहफ से फ़यभामा कि तू हाथ उठा िय फारयश िी दआ
ु िय उसने हाथ

उठामा तो फजाए फारयश होने िे भतरा साफ़ हो गमा औय धऩ


ू ननिर आई, रोग

िभारे भत
ु ाअज़ज्जफ हुए औय ऽरीफ़ा भोतलभद ने हज़यत इभाभ हसन असियी

(अ.स.) से ऩछ
ू ा कि ऐ अफू भोहम्भद मह क्मा चीज़ है? आऩने फ़यभामा कि मह

एि नफी िी हड्डी है ज़जसिी वजह से याहहफ अऩनी भद्


ु दोआ भें िाभमाफ होता

यहा। क्मों कि नफी िी हड्डी िा मह असय है कि जफ जफ वह ज़ेये आसभान खोर

दी जामेगी तो फायाने यहभत ज़रूय नाज़ज़र होगा। मह सन


ु िय रोगों ने इस हड्डी

िा इम्तेहान किमा तो उसिी वही तासीय दे खी जो हज़यत इभाभ हसन असियी

(अ.स.) ने िी थी। इस वाक़मे से रोगों िे हदरों िे शिूि ज़ाएर हो गए जो

ऩहरे ऩैदा हो गए थे। कपय इभाभ हसन असियी (अ.स.) इस हड्डी िो रे िय

अऩनी ़माभ गाह ऩय तशयीफ़ राए। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 124 व िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ

129) कपय आऩने इस हड्डी िो िऩड़े भे रऩेट िय दफ़्न िय हदमा। (अऽफाय अर

दवर ऩष्ृ ठ 117)

शेऽ शहाफद्
ु दीन ़रदन
ू ी ने किताफ ायाएफ व अजाएफ भें इस वाक़मे िो

सकू फ़मों िी ियाभत िे लसरलसरे भें लरखा है फाज़ किताफों भ


ॊ ें है कि हड्डी िी

गगयफ़्त िे फाद आऩने नभाज़ अदा िी औय दआ


ु फ़यभाई। ऽुदा वन्दे आरभ ने

इतनी फारयश िी कि जर थर हो गमा औय ़हत जाता यहा। मह बी भय़ूभ है

कि इभाभ (अ.स.) ने ़ैद से ननिरते वक़्त अऩने सागथमों िी रयहाई िा भत


ु ारेफा

957
फ़यभामा था जो भॊज़ूय हो गमा था औय वह रोग बी याहहफ िी हवा उखाड़ने िे

लरमे हभयाह थे। (नरू


ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 151)

एि यवामत भें है कि जफ आऩने दआ


ु ए फायान िी औय अब्र आमा तो आऩने

फ़यभामा कि फ़राॊ भल्


ु ि िे लरमे है औय वह वहीॊ चरा गमा। इसी तयह िई फाय

हुआ कपय वहाॊ फयसा।

वाक़ीयाए क़हत के फाद

256 हहजयी िे आखखय


ु़ भें वाक़ए ़हत िे फाद हज़यत इभाभ हसन असियी

(अ.स.) िा चचाक तभाभ आरभ भें पैर गमा। अफ क्मा था भव


ु ाकफ़़ व भऽ
ु ालरफ़

सफ ही िा भैरान व रूझान आऩिी तयफ़ होने रगा। आऩिे वह नए भानने वारे

ज़जनिे हदरों भें आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िी भोअद्दत िभार िो ऩहुॉची हुई थी

वह मह चाहते थे कि किसी सयू त से इभाभ (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें इभाभ भेहदी

(अ.स.) िी ववरादत िी भफ
ु ायि फाद ऩेश ियें रेकिन इसिा भौ़ा न लभरता था

क्मों कि मा इभाभ ़ैद भें होते मा हहयासत भें । उनसे लभरने िी किसी िो

इजाज़त न होती थी रेकिन ़हत िे वाक़मे से इतना हुआ कि आऩ त़यीफन एि

सार ़ैद ऽाने से फाहय यहे । इसी दौयान भें रोगों ने भसाएर वाैया दयमाफ़्त किमे

औय जो रोग ज़्मायत िे भश्ु ता़ थे उन्होंने ज़ज़मायत िी औय जो ऽुकफ़मा

958
तहननमते ववरादत हज़यते हज़यत हुज्जत (अ.स.) अदा ियना चाहते थे उन्होंने

तहननमत अदा िी।

अल्राभा भोहम्भद फा़य लरखते हैं कि 257 हहजयी भें त़यीफन 70 आदभी

भदाएन से ियफरा होते हुए साभया ऩहुॉचे औय हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.)

िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय तहननमत गुज़ाय हुए। हज़यत ने फ़यते भसयक त से

आॊखों भें आॊसू बय िय उनिा इस्ते़फार किमा औय उनिे सवारात िे जवाफात

हदमे। (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 172)

अ़ीदत भॊदों िी आभद िा चॊकु ि ताॊता फॊध गमा था इस लरमे ऽरीफ़ा भोतलभद

ने आऩिे हारात िी ननगयानी िे लरमे फेशभ


ु ाय जासस
ू भ़
ु यक य िय हदमे। इभाभ

हसन असियी (अ.स.) ने ज़जन्हें हुिूभत िी ननमत िा फहुत अच्छी तयह इल्भ था

ऽाभोशी औय ग
ॊ ोशा नशीनी िी ज़ज़न्दगी फसय ियने रगे औय आऩने इसिी

एहतीमात फयती कि भल्


ु िी भाभेरात ऩय िोई तफसेया न किमा जाम औय लसफ़क

दीनी उभयू से फहस िी जाम। चन


ु ान्चे 257 हहजयी िे आखखय
ु़ ति मही िुछ होता

यहा रेकिन ऽरीफ़ा भत


ु भईन न हुआ औय उसने हसफे आदत योि टोि शरू
ु िी

औय सफ से ऩहरे उसने ऽुम्स िी आभद िी फज़न्दश िय दी।

959
इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) और अफीदल्
ु ऱाह वज़ीरे मोतसमद अब्फािी

इसी ज़भाने भें एि हदन हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) भत


ु वज़क्िर िे

वज़ीय फ़तेह इब्ने ऽािान िे फेटे अफीदल्


ु राह इब्ने ऽा़ान जो कि भोतलभद िा

वज़ीय था लभरने िे लरमे तशयीफ़ रे गए। उसने आऩिी फेइन्तेहाॊ ताज़ीभ िी औय

आऩसे इस तयह भहवे गुफ़्तुगू यहा कि भोतलभद िा बाई भौ़फ़ दयफाय भें आमा

तो उसने िोई ऩयवाह न िी। मह हज़यत िी जरारत औय ऽुदा िी दी हुई इज़्ज़त

िा नतीजा था। हभ इस वाक़मे िो अफीदल्


ु राह िे फेटे अहभद ऽा़ान िी ज़फानी

फमान ियते हैं। िुतुफे भोतफया भें है कि ज़जस ज़भाने भें अहभद ऽा़ान ़ुभ िा

वारी था, उसिे दयफाय भें एि हदन अरववमों िा तज़किया नछड़ गमा। वह अगयचे

दश
ु भने आरे भोहम्भद होने भें लभसारी अहलभमत यखता था रेकिन मह िहने ऩय

भजफयू हो गमा कि भेयी नज़य भें इभाभ हसन असियी (अ.स.) से फेहतय िोई

नहीॊ। उनिी जो व़अत उनिे भानने वारों औय अयािीने दौरत िी नज़य भें थी

वह उनिे अहद भें किसी िो बी नसीफ नहीॊ हुई। सन


ु ो! एि भयतफा भैं अऩने

वालरद अफीदल्
ु राह इब्ने ऽा़ान िे ऩास खड़ा हुआ था कि नागाह दयफान ने आ

िय इत्तेरा दी कि इभाभ हसन असियी (अ.स.) तशयीफ़ राए हुए हैं, वह इजाज़ते

दाखखरा
ु़ चाहते हैं। मह सन
ु िय भेये वालरद ने ऩि
ु ाय िय िहा कि हज़यत इब्नफ

यज़ा िो आने दो। वालरद ने चॊकू ि िुज़न्नमत िे साथ नाभ लरमा था इस लरमे भझ
ु े

सख़्त ताअज्जुफ हुआ क्मो कि इस तयह ऽरीफ़ा मा वरी अहद िे अरावा किसी

960
िा नाभ नहीॊ लरमा जाता था। इसिे फाद ही भैंने दे खा कि एि साहफ जो सब्ज़

यॊ ग, ऽश
ु ़ाभत, ऽफ
ू सयू त, नाज़ि
ु अन्दाभ जवान थे, दाखखर
ु़ हुए। ज़जनिे चहये

से योफो जरार हुवेदा था। भेये वालरद िी नज़य ज्मों ही उनिे ऊऩय ऩड़ी वह उठ

खड़े हुए औय उनिे इस्ते़फार िे लरमे आगे फढ़े औय उन्हें सीने से रगा िय

उनिे चेहये औय सीने िा फोसा हदमा औय अऩने भस


ु ल्रे ऩय उनिो बफठा लरमा

औय िभारे अदफ से उनिी तयफ़ भऽ


ु ानतफ यहे औय थोड़ी थोड़ी दे य िे फाद िहते

थे, भेयी जान आऩ ऩय ़ुयफान ऐ फ़यज़न्दे यसर


ू (स.अ.व.व.)। इसी असना भें

दयफान ने आ िय इत्तेरा दी कि ऽरीफ़ा िा बाई भौकफ़़ आमा है । भेये वालरद ने

िोई तवज्जो न िी हाराॊकि उसिा उभभ


ू न मह एज़ाज़ यहता था कि जफ ति

वाऩस न चरा जाए, दयफाय िे रोग दो योमा सय झि


ु ाम खड़े यहते थे। महाॊ ति

कि भौकफ़़
ु़ िे ार
ु ाभे ऽास िो उसने अऩनी नज़यों से दे ख लरमा। उन्हें दे खने िे

फाद भेये वालरद ने िहा मा इब्ने यसर


ू अल्राह (स.अ.व.व.) अगय इजाज़त हो तो

भौकफ़़ से िुछ फातें िय रॊ।ू हज़यत ने वहाॊ से उठ िय यवाना हो जाने िा इयादा

किमा। भेये वालरद ने उन्हें सीने से रगामा औय दयफानों िो हुक्भ हदमा कि उन्हें

दो भि
ु म्भर सफ़ों िे दयलभमान से रे जाओ कि भौकफ़़ िी नज़य आऩ ऩय न

ऩड़े। चन
ु ान्चे हज़यत इसी अन्दाज़ से वाऩस तशयीफ़ रे गए। आऩ िे जाने िे फाद

भैंने ऽाहदभों औय ार
ु ाभों से िहा कि वाए हो तुभने िुज़न्नमत िे साथ किस िा

नाभ रे िय उसे भेये वालरद िे साभने ऩेश किमा था, ज़जसिी उसने इस दजाक

961
ताज़ीभ िी ज़जसिी भझ
ु े तवक़़्ो न थी। उन रोगों ने कपय िहा कि मह शख़्स

सादाते अरववमा भें से था। उसिा नाभ हसन बफन अरी औय िुज़न्नमत इब्नर

यज़ा है । मह सन
ु िय भेये ाभ व ास्
ु से िी िोई इन्तेहाॊ न यही औय भैं हदन बय

इसी ास्
ु से भें बन
ु ता यहा कि अरवी सादात िी भेये वालरद ने इतनी इज़्ज़त व

तौक़य क्मो कि, महाॊ ति कि यात आ गई। भेये वालरद नभाज़ भें भशार
ू थे। जफ

वह फ़यीज़ा ए इशा से फ़ारया हुए तो भैं उनिी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हुआ। उन्होंने

ऩछ
ू ा, ऐ अहभद ! इस वक़्त आने िा क्मा सफफ है? भैंने अज़क िी कि इजाज़त

दीज़जए तो िुछ ऩछ
ू ू ॊ । उन्होंने फ़यभामा कि जो जी चाहे ऩछ
ू ो। भैंने िहा मह िौन

शख़्स था, जो सफ
ु ह आऩिे ऩास आमा था? ज़जसिी आऩने ज़फय दस्त ताज़ीभ िी

औय हय फात भें अऩने िो औय अऩने फाऩ िो उस ऩय से कफ़दा ियते थे। उन्होंने

फ़यभामा कि ऐ फ़यज़न्द मह याफ़ज़ज़मों िे इभाभ हैं। उनिा नाभ हसन बफन अरी

औय उनिी भशहूय िुज़न्नमत इब्नर


ु यज़ा है । मह फ़यभा िय वह थोड़ी दे य चऩ
ु यहे ।

कपय फोरे ऐ फ़यज़न्द मह वह िालभर इॊसान हैं कि अगय अब्फासीमों से सरतन

चरी जाए तो इस वक़्त दनु नमाॊ भें इससे ज़्मादा इस हुिूभत िा भस्
ु तह़ िोई

नहीॊ। मह शख़्स इफ़्फ़त, ज़ोहद, िसयते इफादत, हुस्ने इऽरा़, सराह, त़वा

वाैया भें तभाभ फनी हालशभ से अफ़ज़र औय आरा हैं, औय ऐ फ़यज़न्द अगय तू

उनिे फाऩ िो दे खता तो है यान यह जाता, वह इतने साहफे ियभ औय फ़ाज़ज़र थे

कि उनिी लभसार बी नहीॊ थी। मह सफ फातें सन


ु िय भैं ऽाभोश तो हो गमा

962
रेकिन वालरद से हद दजाक नाऽश
ु यहने रगा औय साथ ही साथ इब्नर
ु यज़ा िे

हारात िो भारभ
ू ियना अऩना शेवा फना लरमा। इस लसरलसरे भें भैंने फनी

हालशभ, उभया, रशिय, भज़ु न्शमाने दफ़्तये ़ज़्ज़ाता औय फ़ु़हा औय अवाभन


ु नास

से हज़यत िे हारात िा इस्तेफ़साय किमा। सफ िे नज़दीि हज़यत इब्नर


ु यज़ा िो

जरीर उर ़द्र औय अज़ीभ ऩामा औय सफने बफर इत्तेफ़ा़ मही फमान किमा कि

इस भयतफे औय खबफमों
ू ु़ िा िोई शख़्स किसी ऽानदान भें नहीॊ है । जफ भैंने हय

दोस्त औय दश्ु भन िो हज़यत िे फमाने इख़्रा़ औय इज़हाये भिायभे इख़्रा़ भें

भत्त
ु कफ़़ ऩामा तो भैं बी उनिा हदर से भानने वारा हो गमा औय अफ उनिी ़द्रो

भॊज़ज़रत भेये नज़दी़ फे इन्तेहा है । मह सन


ु िय तभाभ अहरे दयफाय ऽाभोश हो

गए। अरफत्ता एि शख़्स फोर उठा कि ऐ अहभद तुम्हायी नज़य भें उनिे फयादय

जाफ़य िी क्मा है लसमत है? अहभद ने िहा उनिे भ़


ु ाफरे भें उसिा क्मा ज़ज़क्र

ियते हो वह तो ऐराननमा कफ़स़् व फ़ुजूय िा इयते़ाफ ियता था। दाएभर


ु ऽुभय

था, ऽफ़ीफ़ उर अक़्र था, अनवाए भराही व भनाही िा भयु तक़फ होता था।

इब्नर
ु यज़ा िे फाद जफ ऽरीफ़ा भोतलभद से उसने उनिी जा नशीनी िा सवार

किमा तो उसने उसिे कियदाय िी वजह से दयफाय से ननिरवा हदमा था। (भनाक़फ

इब्ने शहये आशोफ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 124 व इयशादे भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 505) फाज़ उरेभा ने लरखा है

कि मह गुफ़्तुगू इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी शहादत िे 18 सार फाद भाहे

शाफान 278 हहजयी िी है । (दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 192 ज़जल्द 3 प्रिालशत नजफ़े अशयफ़)

963
इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) की दोफारा गगरफ़्तारी

मह एि भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि ऽुल्फ़ाए फनी अब्फालसमा ऽूफ जानते थे कि

लसरलसरा ए आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िे वह अफ़याद जो यसर


ू अल्राह

(स.अ.व.व.) िी सही जा नशीनी िे लभसदा़ व ह़दाय हो सिते हैं वह वही

अफ़याद हैं ज़जनभें से ग्मायहवीॊ हस्ती इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी है । इस

लरमे उनिा फ़यज़न्द वह हो सिता है ज़जसिे फाये भें यसर


ू अल्राह (स.अ.व.व.)

िी ऩेशीन गोई सही ़याय ऩा सिे। रेहाज़ा िोलशश मह थी कि उनिी ज़ज़न्दगी िा

दनु नमा से ऽात्भा हो जाए। इस तयह िी उनिा जा नशीन दनु नमा भें भौजूद ने हो।

मही सफफ था कि इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे लरमे नज़य फन्दी ऩय इ़तेफ़ा

नहीॊ िी गई। जो इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे लरमे ज़रूयी सभझी गई थी फज़ल्ि

आऩिे लरमे अऩने घय फाय से अरग ़ैद तन्हाई िो ज़रूयी सभझा गमा। मह औय
ु़
फात है कि ़ुदयती इन्तेज़ाभ िे भातहत दयलभमान भें इन्िेराफाते सरतनत िे

वा़ए आऩिी ़ैदे भस


ु रसर िे फीच भें ़हयी रयहाई िे साभान ऩैदा िय हदमा

ियते थे, भगय कपय बी जो फादशाह तख़्त ऩय फैठता वह अऩने ऩेश यौ िे नज़रयमे

िे भत
ु ाबफ़ आऩिो दोफाया भ़
ु य्मद ियने ऩय तैमाय हो जाता था। इस तयह

आऩिी भख़्
ु तसय ज़ज़न्दगी जो दौये इभाभत िे फाद थी उसिा फेशतय हहस्सा ़ैदो

फन्द भें ही गज़


ु या। इस ़ैद िी सख़्ती भोतलभद िे ज़भाने भें फहुत फढ़ गई थी।

964
अगयचे वह लभस्र दीगय सरातीन िे आऩिे भयतफे औय हक़़्ाननमत से ऽूफ

वाक़फ़ था रेकिन कपय बी वह फग़्जु ज़े लरल्राही िो छोड़ न सिा औय दस्तयू े

साबफ़ िे भत
ु ाबफ़ उन्होंने ज़ज़न्दगी िी भॊज़ज़रे आखखय
ु़ ति ऩहुॉचाने िे दयऩए

यहा। मही वहज है कि वह नज़य फज़न्दमों से भत


ु भईन न हो सिा औय उसने 258

हहजयी भें इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो कपय भ़


ु य्मद िय हदमा। (आराभुर वुया

ऩष्ृ ठ 214) औय अफिी भयतफा चॊकू ि ननमत बफल्िुर ऽयाफ थी इस लरमे ़ैद भें बी

ऩयू ी सख़्ती िी गई। हुक्भ था कि आऩिे साथ किसी क़स्भ िी िोई रयमामत न

िी जाए। चन
ु ान्चे मही िुछ होता यहा रेकिन उसे इससे तसल्री न हुई औय उसने

अऩने एि ज़ालरभ खखदभतगाय


ु़ ज़जसिा नाभ ‘‘ नऽयीय ’’ था िो फर
ु ा िय िहा

कि उन्हें तू अऩनी ननगयानी भें रे रे औय ज़जस दजाक सता सिे उन्हें ऩये शान िय।

नऽयीय ने हुक्भ ऩाते ही तशद्दद


ु शरू
ु िय हदमा। इभाभ (अ.स.) िो हदन िी

यौशनी औय ऩानी िी फ़यावानी ति से भहरूभ िय हदमा। आऩिो हदन औय यात

िा ऩता सयू ज िी यौशनी से न चरता था लसफ़क तायीिी ही यहती थी। एि हदन

उसिी फीवी ने उससे दयख़्वास्त िी िे फ़यज़न्दे यसर


ू (स.अ.व.व.) है उसिे साथ

तुम्हाया मह फयताव अच्छा नहीॊ है । उसने िहा मह क्मा है अबी तो उन्हें जानवयों

से पड़वा डारना फािी ु़ है ।

965
हुज्जते खद
ु ा दररन्दों में

चन
ु ान्दे उसने इजाज़त हालसर िय िे इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो दरयन्दों

भे डार हदमा। शेय औय दीगय दरयन्दों िी नज़य जफ आऩ ऩय ऩड़ी तो उन्होंने

हुज्जते ऽद
ु ा िो ऩहचान लरमा औय उन्हें पाड़ खाने िे फजाए उनिे ़दभों ऩय सय

यख हदमा इभाभ हसन असियी (अ.स.) ने उनिे दयलभमान भस


ु ल्रा बफछा िय

नभाज़ ऩढ़ना शरू


ु िय हदमा दश्ु भनों ने एि फर
ु न्द भ़ाभ से मह हार दे खा औय

सख़्त शलभकन्दा हो िय इभाभ (अ.स.) िी फ़ज़ीरत िा एतेयाफ़ किमा। (आराभुर वुया

ऩष्ृ ठ 218, िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 127, इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 514)

इस वाक़मे ने आऩ िी दफी हुई फ़ज़ीरत िो उबाय हदमा रोगों भें इस ियाभत

िा चयचा हो गमा अफ तो भत
ु ालभद िे लरमे इस िे लसवा िोई चाया न था कि

उन्हें जल्द से जल्द इस दाये फ़ानी से रूऽसत िय दे चन


ु ान्चे उसने एि ऐसे ़ैद

ऽाने भें आऩिो भ़


ु य्मद िय हदमा ज़जसभें यह िय ज़ज़न्दा यहने से भौत फेहतय है ।

इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) की िहादत

इभाभ माज़ दहुभ ग्मायहवें इभाभ हज़यत हसन असियी (अ.स.) ़ैदो फन्द िी

ज़ज़न्दगी गुज़ायने िे दौयान भें एि हदन अऩने ऽाहदभ अफर


ु अदमान से इयशाद

फ़यभाते हुए कि तभ
ु जफ अऩने सफ़ये भदाएन से ऩन्द्रह हदन िे फाद ऩरटोगे तो

भेये घय से शेवनो फि
ु ा िी आवाज़ आती होंगी। (ज़जराउर उमन
ू , ऩष्ृ ठ 299) नीज़

966
आऩिा मह फ़यभाना बी भऩ्ूर है कि 260 हहजयी भें भेये भानने वारों िे
ु़
दयलभमान इन्िेराफे अज़ीभ आमेगा। (दभए सािफे ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 177)

अर ायज़ इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो फातायीऽ 1 यफीउर अव्वर 260

हहजयी िो भोतलभद अब्फासी ने ज़हय हदरवा हदमा औय आऩ 8 यफीउर अव्वर

260 हहजयी िो जुभे िे हदन फ वक़्ते नभाज़े सफ


ु ह खखरअते
ु़ हमाते ज़ाहे यी उताय

िय फ त फ़े भल्
ु िे जावेदानी ये हरत फ़यभा गए। ‘‘ इन्ना लरल्राहे व इन्ना इरैहे

याजेऊन’’ (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 124 व फ़ुसूर अर भहभा व अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 464

ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 296, अनवारूर हुसैननमा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 56)

उरेभा िा फमान है कि वफ़ात से ़ब्र आऩने इभाभ भेहदी (अ.स.) िो

तफरूकिात लसऩद
ु क फ़यभा हदमे थे। (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 192)

शहादत िे वक़्त आऩिी उम्र 28 सार िी थी। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 124)

उरभाए फ़यी़ैन िा इत्तेफ़ा़ है कि आऩने हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िे

अरावा िोई औराद नहीॊ छोड़ी। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 292 व सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ

124, नरू
ू र अफसाय, अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 462, िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 126 व आराभर
ु वयु ा

ऩष्ृ ठ 218)

967
िहादत के फाद

वाक़ए ़हत, दरयन्दों िी सजदा ये ज़ी औय आऩिी भज़रलू भमत िी वजह से हय

एि िे हदर भें आऩ िी व़अत, आऩिी भोहब्फत जा गुज़ी हो चि


ु ी थी। मही

वजह है कि आऩिी शहादत िी ऽफय िा शोहयत ऩाना था कि हय घय से योने िी

आवाज़ें आने रगीॊ। हय हदर भें इज़तेयाफ िी रहये दौड़ने रगीॊ। शोयो शेवन से

साभया िी गलरमाॊ ़माभत िा भन्ज़य ऩेश ियने रगीॊ।

अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे इयशाद िे

भत
ु ाबफ़ जफ 15 हदन िे फाद अफर
ु अदमान दाखखरे
ु़ साभया हुए तो आऩ शहीद

हो चि
ु े थे औय शेवन व भातभ िी आवाज़ें फर
ु न्द थीॊ। (ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 297)

इभाभ लशब्रन्जी लरखते हैं कि आऩिे इन्ते़ार िी ऽफय िे भशहूय होते ही

तभाभ साभया भें हर चर भच गई औय हय तयफ़ योने ऩीटने िा शोय फर


ु न्द हो

गमा। फाज़ायों भें हयतार हो गई, दि


ु ानें फन्द हो गईं। कपय तभाभ फनी हालशभ

औय हाकिभाने ़सास, अयिाने अदारत, अमाने हुिूभत, भन्


ु शी, ़ाज़ी औय

आइम्भा ए ऽराए़ आऩिे जनाज़े भें लशयित िे लरमे दौड़ ऩड़े। सयभन याम इस

हदन ़माभत िा नभन


ू ा था। (नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 168, पुसर
ू भहू हम्भा, अयजहुर भतालरफ

ऩष्ृ ठ 468)

ायज़ कि ननहामत तुज़ुि व एहतेशाभ औय ज़ाहे यी शानो शौित िे साथ आऩिा

जनाज़ा उठामा गमा औय उस भ़


ु ाभ ऩय रे जा िय यखा गमा ज़जस जगह नभाज़

968
ऩढ़ाई जाती थी। इतने भें भोतलभद िे हुक्भ से ईसा इब्ने भत
ु ावज़क्िर जो उभभ
ू न

नभाज़े भय्मत ऩढ़ामा ियता था आगे फढ़ा औय उसने चेहये से िफ़न सयिा िय

फनी हालशभ अरवी व अब्फासी औय सफ अभीयों, भज़ु न्शमों, ़ाज़ज़मों ायज़ कि िुर

अशयाफ़ों अमान िो हदखाते हुए िहा कि ‘‘ भाता हतफ़ अनफ़ा अरा फ़याशा ’’

दे खो मह अऩनी भौत से भये हैं। मानी इन्हें किसी ने िुछ खखरामा नहीॊ है ।

(तज़कियतुर भासूभीन ऩष्ृ ठ 229)

इसिे फाद जाफ़ये तव्वाफ नभाज़ ऩढ़ाने िे लरमे आगे फढ़े , अबी आऩ तिफीयतर

हयाभ न िहने ऩाए थे कि भोहम्भद इब्ने हसन अर ़ामभ अर भेहदी (अ.स.)

फयाभद हो िय साभने आ गए औय आऩने चचा िो हटा िय नभाज़े जनाज़ा ऩढ़ाई।

(जरा उर उमून ऩष्ृ ठ 292) इस िे फाद आऩिो इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे यौज़ा ए

भफ
ु ायि भें दफ़्न िय हदमा गमा। (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 264)

मह आऩिी ऽानदानी ियाभत है कि आऩिे यौज़े ऩय ताएय फीट नहीॊ ियते।

(दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 179 प्रिालशत नजफ़े अशयफ़)

अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी तदफ़ीन िे

फाद इभाभ भेहदी (अ.स.) िे तजस्सस


ु भें आऩिे घय िी तराशी री गई औय

आऩिी औयतों िो गगयफ़्ताय किमा गमा। भ़सद मह था कि इभाभ भेहदी (अ.स.)

िो गगयफ़्ताय िय िे ़त्र िय हदमा जाए ताकि ऽानदाने रयसारत िा ऽात्भा हो

जाए औय ़माभत िे ़यीफ अदरो इन्साफ़ िी फस्ती न फसाई जा सिे औय

969
ज़ालरभों िे ज़ुल्भ िा फदरा न लरमा जा सिे, रेकिन ऽुदा वन्दे आरभ ने अऩने

वादे ‘‘ वल्राह भतभ नयू ा ’’ िे भत


ु ाबफ़ उन्हें इस ज़ालरभ भोतलभद िे दस्त यस

से भहफ़ूज़ िय हदमा। अफ इन्शा अल्राह जफ हुक्भे ऽद


ु ा होता तो आऩ ज़हूय

फ़यभामेंगे। (अजल्राह तआरा फ़याजहू)

970
क़ायमे आऱे मोहम्मद अफुऱ क़ासिम हज़रत इमाम मोहम्मद

मेहदी (अ.ि.) िाहे फज़्ज


ु ज़मान

है मही ऽालऱ िी अदारत िा त़ाज़ा दभ फ दभ

जान रेवा है अगय िोई, तो जाॊ ऩयवय बी हो

छुऩ िे जफ जफ ऩयदे भें फहिाता है इफरीसे रईं

है त़ाज़ा अद्र िा, ऩयदे भें एि यहफय बी हो।।

साबफय थयमानी ‘‘ियाची’’

मा इराही भेहहदमभ, अज़ ाैफ आय

त फगयदद
ु , दय जहाॉ अदर आशिाय

इभाभे ज़भाना हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) लसरलसरए अस्भते भोहम्भहदमा िी

चौदहवीॊ औय लसल्िे इभाभते अरववमा िी फायहवीॊ िड़ीॊ हैं। आऩिे वालरदे भाज़जद

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) औय वारेदा भाजेदा नयज़जस ऽातून1 थीॊ।

971
आऩ अऩने आफाओ अजदाद िी तयह इभाभे भन्सस
ू , भासभ
ू , आरभे ज़भाना

औय अफ़ज़रे िामनात हैं। आऩ फचऩन ही भें इल्भों हहिभत से बय ऩयू थे।

(सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 124)

आऩिो ऩाॊच सार िी उम्र भें वैसी ही हहिभत दे दी गई थी जैसी हज़यते महहमा

िो लभरी थी, औय आऩ फतने भादय भें उसी तयह इभाभ ़याय हदमे गमे थे ज़जस

तयह हज़यत ईसा (अ.स.) नफी ़याय ऩामे थे। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 130)

आऩ अज़म्फमा से फेहतय हैं। (एसआफ़ुर यााेफीन ऩेज न 128) आऩिे भत


ु ाअज़ल्ऱ

हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) ने फेशभ
ु ाय ऩेशीन गोईमाॊ फ़यभाई हैं औय इसिी

वज़ाहत िी है कि आऩ हुज़ूय िी इतयत औय हज़यत फ़ात्भा ज़हया (स.अ.व.व.) िी

औराद से होंगे। भर
ु ाहे ज़ा हों (जाभए साीय लसमूती ऩष्ृ ठ 160 प्रिालशत लभस्र व भसनद

अहभद बफन हम्फर ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 84 प्रिालशत लभस्र व िन्ज़ुर ह़ाए़ ऩष्ृ ठ 122 व

भस्
ु तदरयि ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 520 व लभशिात शयीफ़)

आऩने मह बी फ़यभामा कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िा ज़ुहूय आखखय


ु़ ज़भाने भें

होगा औय हज़यते ईसा (अ.स.) उनिे ऩीछे नभाज़ ऩढ़ें गे। भर


ु ाहे जा ु़ हो सही फऽ
ु ायी

ऩाया 14 ऩष्ृ ठ 399 व सही भज़ु स्रभ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 95 सही नतलभकज़ी ऩष्ृ ठ 270 व

सही अफू दाऊद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 210 व सही इब्ने भाजा ऩष्ृ ठ 204 व ऩष्ृ ठ 209 व

जाभए साीय ऩष्ृ ठ 134 व अनवारूर ह़ाए़ ऩष्ृ ठ 90) आऩने मह बी िहा है कि

इभाभ भेहदी (अ.स.) भेये ऽरीफ़ा िी है लसमत से ज़हूय ियें गे औय मऽतभद्


ु दीन

फेही िभा फ़तेह फना ज़जस तयह भेये ज़रयमे से दीने इस्राभ िा आााज़ हुआ उसी

972
तयह उनिे ज़रयमे से भह
ु ये एऽतेताभ रगा दी जामेगी। भर
ु ाहे ज़ा हो िन्ज़ुर

ह़ाए़ ऩष्ृ ठ 209। आऩने इसिी बी वज़ाहत फ़यभाई है कि इभाभ भेहदी (अ.स.)

िा असर नाभ भेये नाभ िी तयह भोहम्भद औय िुज़न्नमत भेयी िुज़न्नमत िी

तयह अफर
ु िालसभ
ु़ होगी। वह जफ ज़हूय ियें गे तो सायी दनु नमा िो अदर व

इन्साफ़ से उसी तयह ऩयु िय दें गे ज़जस तयह वह उस वक़्त ज़ुल्भ व जौय से बयी

होगी। भर
ु ाहे ज़ा हो, जाभए साीय ऩष्ृ ठ 104 व भस्
ु तदरयि इभाभ हाकिभ ऩष्ृ ठ

422 व 495। ज़हूय िे फाद उनिी फ़ौयन फैअत ियनी चाहहमे क्मों कि वह ऽुदा

िे ऽरीफ़ा होंगे। (सनन इब्ने भाजा उदक ू ऩष्ृ ठ 261 प्रिालशत कियाची 1377 हहजयी)

हालशमा: .1 नयज़जस एि मभनी फट


ू ी िो िहते हैं ज़जसिे पूर िी शोअया आॊखों

से तशफीह दे ते हैं। (अर भुॊजद ऩष्ृ ठ 835) भन्


ु तहुर अदफ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 2227 भें है

कि मह जुभरा दऽीर औय भआयफ मानी किसी दस


ू यी ज़फान से रामा गमा है ।

सयाह ऩष्ृ ठ425 औय अर भआत लसद्दी़ हसन ऩष्ृ ठ47 भें है कि मह रफ़्ज़

नयज़जस, नयगगस से भआयफ है जो कि फ़ायसी है । रयसारा आजिर रखनऊ िे

सारनाभा 1947 ई. िे ऩष्ृ ठ 118 भें है कि मह रफ़्ज़ मन


ू ानी नयिोस से भआयफ

है । ज़जसे रातीनी भें नयिसस औय अॊग्रेज़ी भें नयसेलसस िहते हैं।

हज़रत इमाम मेहदी (अ.ि.) की ववऱादत फ िआदत

भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि आऩिी ववरादत फ सअदत 15 शाफान 225 हहजयी

मौभे जभ
ु ा फवक़्ते तर
ु ए
ू फ़जय वा़े हुई है । जैसा कि दफ़मातर
ु अमान, यौज़तर

973
अहफाफ, तायीऽ इब्नर
ु वयदी, ननमाफर
ु भोवद्दता,, तायीऽे िालभर, तफयी, िशफ़ुर

ाम्भा, ज़जराउर उमन


ू , उसर
ू े िाफ़ी,, नरू
ू र अफसाय, इयशाद, जाभए अब्फासी,

आराभु वयु ा औय अनवारूर हुसनै नमा वाैया भें भौजद


ू है ।

फाज़ उरेभा िा िहना है कि ववरादत िा सन ़् 256 हहजयी औय भाद्दए तायीऽ

नयू है । मानी आऩ शफे फयाअत िे एऽतेताभ ऩय फवक़्ते सफ


ु हे साहद़ आरभे ज़हूय

व शहूद भें तशयीफ़ रामे हैं।

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी पुपी जनाफे हिीभा ऽातून िा फमान

है कि एि योज़ भैं हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे ऩास गई तो आऩने

फ़यभामा कि ऐ पुपी आऩ आज हभाये ही घय भें यहहमे, क्मों कि ऽुदा वन्दे आरभ

भझ
ु े आज एि वारयस अता फ़यभामेगा। भैंने िहा मह फ़यज़न्द किस िे फतन से

होगा? आऩने फ़यभामा कि फतने नयज़जस से भत


ु ावज़ल्रद हो गा। जनाफे हिीभा ने

िहा! फेटे भैं तो नयज़जस भें िुछ बी हभर िे आसाय नहीॊ ऩाती, इभाभ (अ.स.) ने

फ़यभामा कि ऐ पुपी नयज़जस िी लभसार भादये भस


ू ा जैसी है, ज़जस तयह हज़यते

भस
ू ा िा हभर ववरादत िे वक़्त से ऩहरे ज़ाहहय नहीॊ हुआ उसी तयह भेये फ़यज़न्द

िा हभर बी फय वक़्त ज़ाहहय होगा। ायज़ कि इभाभ िे फ़यभाने से उस वक़्त वहीॊ

यही। जफ आधी यात गुज़य गई तो भैं उठी औय नभाज़े तहज्जुद भें भशार
ू हो गई,

औय नयज़जस उठ िय नभाज़े तहज्जुद ऩढ़ने रगी। उसिे फाद भेये हदर भें मह

ख़्मार गुज़या कि सफ
ु ह ़यीफ है औय इभाभ हसन असियी (अ.स.) ने जो िहा था

974
वह अबी ति ज़ाहहय नहीॊ हुआ। इस ख़्मार िे हदर भें आते ही इभाभ (अ.स.) ने

अऩने हुजये से आवाज़ दी, ऐ पुपी! जल्दी न किज़जमे, हुज्जते ऽद


ु ा िे ज़हूय िा

वक़्त बफरिुर ़यीफ है । मह सन


ु िय भैं नयज़जस िे हुजये िी तयफ़ ऩरटी,

नयज़जस भझ
ु े यास्ते भें ही लभरीॊ, भगय उनिी हारत उस वक़्त भत
ु ााय्मय थी। वह

रयज़ा फय अन्दाभ थीॊ औय उनिा साया ज़जस्भ िाॊऩ यहा था। (अर फशया, शयाह

भोअद्दतुर ़ुयफा ऩष्ृ ठ 139)

भैंने मह दे ख िय उनिो अऩने सीने से लरऩटा लरमा औय सयू ा ए ़ुर हो

वल्राह, इन्ना अनज़रना व आमतर िुयसी ऩढ़ िय उन ऩय दभ किमा। फतने

भादय से फच्चे िी आवाज़ आने रगी, मानी भैं जो िुछ ऩढ़ती थी वह फच्चा बी

फतने भादय भें वही िुछ ऩढ़ता था। उसिे फाद भैंने दे खा कि तभाभ हुजया यौशन

व भन
ु व्वय हो गमा। अफ जो भैं दे खती हूॊ तो एि भौरद
ू भसऊद ज़भीन ऩय सजदे

भें ऩड़ा हुआ है । भैंने फच्चे िो उठा लरमा। हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) ने

अऩने हुजये से आवाज़ दी ऐ पुपी! भेये फ़यज़न्द िो भेये ऩास राईमे। भैं रे गई,

आऩने उसे अऩनी गोद भें बफठा लरमा औय ज़फान दय दहाने वै ़यद औय अऩनी

ज़फान फच्चे िे भॉह


ू भें दे दी औय िहा कि ऐ फ़यज़न्द, ऽुदा िे हुक्भ से फात

ियो, फच्चे ने इस आमत बफज़स्भल्राह हहय यहभाननय यहीभ व नय मदान नभन

अल्र रज़ीना असतज़अफ़या कफ़र अज़क व नजअर हुभ अर वायीसैन िी नतरावत

िी ज़जसि तयजभ
ु ा मह है, कि हभ चाहते हैं कि एहसान ियें उन रोगों ऩय जो

975
ज़भीन ऩय िभज़ोय िय हदमे गए हैं औय उनिो इभाभ फनामें औय उन्हीॊ िो रूए

ज़भीन िा वारयस ़याय दें ।

इसिे फाद िुछ सब्ज़ तायों ने आिय हभें घेय लरमा, इभाभ हसन असियी

(अ.स.) ने उन भे से एि ताये िो फर
ु ामा औय फच्चे िो दे ते हुए िहा ऽदह फ़ा

हहफ़ज़हू इसिो रे जा िय इसिी हहफ़ाज़त ियो महाॊ ति कि ऽुदा इसिे फाये भें

िोई हुक्भ दे । क्मो कि ऽुदा अऩने हुक्भ िो ऩयू ा िय िे यहे गा। भैंने इभाभ हसन

असियी (अ.स.) से ऩछ
ू ा कि मह ताया िौन था औय दस
ू ये ताये िौन थे? आऩने

फ़यभामा कि मह ज़जब्राईर थे औय वह दस
ू ये फ़रयश्तगाने यहभत थे। इसिे फाद

फ़यभामा कि ऐ पुपी इस फ़यज़न्द िो उसिी भाॉ िे ऩास रे आओ ताकि उसिी

आॊखें खुनि
ु हों औय भहजून व भाभभ
ू न हो औय मह जान रे कि ऽुदा िा वादा

ह़ है । व अिसयहुभ रा मारभन
ू रेकिन अिसय रोग इसे नहीॊ जानते इसिे फाद

इस भौरद
ू े भसऊद िो उसिी भाॉ िे ऩास ऩहुॉचा हदमा गमा। (शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ

212 प्रिालशत रखनऊ 1905 ई0)

अल्राभा हामयी लरखते हैं कि ववरादत िे फाद आऩिो ज़जब्राईर ऩयवरयश िे

लरमे उड़ा रे गमे। (ाामतुर भ़सूद ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 75)

किताफ शवाहे दन
ु नफव
ू त औय वफ़मातुर अमान व यौज़ातुर अहफाफ भें है कि

जफ आऩ ऩैदा हुए तो भख़्तन


ू औय नाफ़ फयु ीदा थे औय आऩिे दाहहने फाज़ू ऩय मह

आमत भन्िूश थी। जाअर अक़़्ो वा ज़ाहा़र फानतर इन्नर फातेरा िाना ज़हू़ा

976
मानी ह़ आमा औय फानतर लभट गमा औय फानतर लभटने ही िे िाबफर
ु़ था। मह

़ुदयती तौय ऩय फहये भत


ु ा़ारयफ िे दो लभसये फन गमे हैं। हज़यत नसीभ अभयोहवी

ने इस ऩय क्मा ऽफ
ू तज़भीन िी है । वह लरखते हैं

चश्भो, चयाा दीदए नयज़जस

ऐने ऽुदा िी आॉख िा ताया

फदये िभार, नीभए शाफान

चौदहवाॊ अख़्तय औज फ़ा िा

हालभए लभल्रत भाहहए बफदअत

िुफ्र लभटाने ऽल़् भें आमा

वक़्ते ववरादत भाशा अल्राह

िुयु़ आन सयू त दे ख िे फोरा

जाअर अक़़्ो वर हक़़्ुर फानतर

इन्नर फातेरा िाना ज़हु़ा

भोहद्हदस दे हरवी शेऽ अब्दर


ु ह़ अऩनी किताफ भनाक़फे आइम्भा अतहाय भें

लरखते हैं कि हिीभा ऽातून जफ नयज़जस िे ऩास आईं तो दे खा कि एि भौरद


ऩैदा हुआ है । जो भऽतून औय भफ़रूा भॊह


ु है मानी ज़जसिा ऽतना किमा हुआ है

औय नहराने धर
ु ाने िे िाभों से जो भौरद
ू िे साथ होते हैं बफरिुर भस
ु तानी है ।

हिीभा ऽातून फच्चे िो इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे ऩास राईं, इभाभ ने

977
फच्चे िो लरमा औय उसिी ऩश्ु ते अ़दस औय चश्भे भफ
ु ायि ऩय हाथ पेया। अऩनी

ज़फाने भत
ु हत उनिे भॊह
ु भें डारी औय दाहहने िान भें अज़ान औय फाएॊ भें

अ़ाभत िही। मही भज़भन


ू फ़सर अर ऽत्ताफ औय फेहारूर अनवाय भें बी है ।

किताफ यौज़तुर अहफाफ औय ननमाफर


ु भोवद्दता भें है कि आऩिी ववरादत

फभ़
ु ाभ सयभन याम ‘‘साभयह भे हुई है ।

किताफ िशफ़र ाम्भा ऩष्ृ ठ 120 भें है कि आऩिी ववरादत नछऩाई गई औय

ऩयू ी सई िी गई कि आऩिी ऩैदाईश किसी िो भारभ


ू न हो सिे। किताफ दभए

सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 194 भें है कि आऩिी ववरादत इस लरमे नछऩाई गई कि

फादशाहे वक़्त ऩयू ी ता़त िे साथ आऩिी तराश भें था। इस किताफ िे ऩष्ृ ठ 192

भें है कि इसिा भ़सद मह था कि हज़यते हुज्जत िो ़त्र िय िे नस्रे

रयसारत िा ऽात्भा िय दे ।

तायीऽे अफर
ू कफ़दा भें है कि फादशाहे वक़्त भोतज़ बफल्राह था। तज़कियए

ऽवासर
ु उम्भता भें है कि उसी िे अहद भें इभाभ अरी निी ु़ (अ.स.) िो ज़हय

हदमा गमा था। भोतज़ िे फाये भें भव


ु ये ऽीन िी याम िुछ अच्छी नहीॊ है । तयजभ
ु ा

तायीऽ अर खुरफ़ा अल्राभा लसमत


ू ी िे ऩष्ृ ठ 363 भें है कि उसने अऩनी

खखराफ़त
ु़ भें अऩने बाई िो वरी अहदी से भाज़ूर ियने िे फाद िोड़े रगवामे थे

औय ता हमात ़ैद भें यखा था। अिसय तवायीऽ भें है कि फादशाहे वक़्त भोतलभद

बफन भत
ु ावज़क्िर था ज़जसने इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो ज़हय से शहीद

978
किमा। तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 67 भें है कि ऽरीफ़ा भोतलभद बफन

भत
ु ावज़क्िर िभज़ोय भतरन
ू लभज़ाज औय ऐश ऩसन्द था। मह अय्माशी औय

शयाफ नोशी भें फसय ियता था। इसी किताफ िे ऩष्ृ ठ 29 भें है कि भोतलभद

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो ज़हय से शहीद ियने िे फाद हज़यत

इभाभ भेहदी (अ.स.) िो ़त्र ियने िे दयऩए हो गमा था।

आऩका निफ नामा

आऩिा ऩदयी नसफ नाभा मह है । भोहम्भद बफन हसन बफन अरी बफन भोहम्भद

बफन अरी इब्ने भस


ू ा इब्ने जाफ़य बफन भोहम्भद बफन अरी बफन हुसन
ै बफन अरी

व फ़ात्भा बफन्ते यसर


ू अल्राह (स.अ.व.व.) मानी आऩ फ़यज़न्दे यसर
ू (स.अ.व.व.),

हदर फन्दे अरी (अ.स.) औय नयू े नज़य फत


ु ूर (स.अ.व.व.) हैं। इभाभ अहभद बफन

हम्फर िा िहना है कि इस लसरलसराए नसफ िे असभा िो अगय किसी भजनन


ऩय दभ िय हदमा जाए तो उसे म़ीनन लशफ़ा हालसर होगी। (भसनद इभाभ यज़ा ऩष्ृ ठ

7) आऩिा लसरलसराए नसफ भाॊ िी तयफ़ से हज़यत शभऊन बफन हभन


ू अर

सफ़आ वसी हज़यत ईसा ति ऩहुॉचता है ।

अल्राभा भजलरसी औय अल्राभा तफयी लरखते हैं कि आऩिी वारेदा जनाफ

नयज़जस ऽातन
ू थीॊ। ज़जनिा नाभ भरीिा बी था। नयज़जस ऽातन
ू मशआ
ू िी फेटी

थीॊ जो याभ िे फादशाह ़ैसय िे फ़यज़न्द थे लसनिा लसरलसराए नसफ वसीए

979
हज़यते ईसा (अ.स.) जनाफ शभऊन ति ऩहुॉचता है । 13 सार िी उम्र भे ़ैसये

योभ ने चाहा था कि नयज़जस िा अक़्द अऩने बतीजे से िय दे रेकिन फाज़ ़ुदयती

िुदु़ यती हारात िी वजह से वह इस भ़सद भें िाभमाफ न हो सिा। बफर आखखय
ु़

एि ऐसा वक़्त आ गमा कि आरभे अयवाह भें हज़यते ईसा (अ.स.), जनाफे शभऊन

हज़यते भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) जनाफे अभीयर भोभेनीन (अ.स.) औय जनाफे

फ़ात्भा (स.अ.व.व.) फभ़ाभ ़सये ़ैसय जभा हुए। जनाफे सय्मदा (स. अ.) ने

नयज़जस ऽातून िो इस्राभ िी तऱीन िी औय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) फतवस्सत


हज़यत ईसा (अ.स.) जनाफे शभऊन से इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे लरमे

नयज़जस ऽातून िी ख़्वास्गायी िी, ननस्फत िी तिभीर िे फाद हज़यत भोहम्भद

भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) ने एि नयू ी लभम्फय ऩय फैठ िय अक़्द ऩढ़ा औय िभारे

भसयक त िे साथ मह भहकफ़रे ननशात फयख़्वास्त हो गई। ज़जसिी इत्तेरा जनाफे

नयज़जस िो ख़्वाफ िे तौय ऩय हुई। बफर आखखय


ु़ वह वक़्त आमा कि जनाफे

नयज़जस ऽातन
ू हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें आ ऩहुॉची

औय आऩिे फतने भफ
ु ायि से नयू े ऽद
ु ा िा ज़हूय हुआ। (किताफ ज़जराउर उमन
ू ऩष्ृ ठ

298 व ााएतर
ु भ़सद
ू ऩष्ृ ठ 175)

आऩिा इस्भे गगयाभी

980
आऩिा नाभे नाभी व इस्भे गगयाभी भोहम्भद औय भशहूय ऱफ भेहदी है । उरेभा

िा िहना है कि आऩिा नाभ ज़फान ऩय जायी ियने िी भभ


ु ाननअत है ।

अल्राभा भजलरसी इसिी ताईद ियते हुए फ़यभाते हैं कि हहिभत आन भख़्फ़ी

अस्त इसिी वजह ऩोशीदा औय ाैय भारभ


ू है । (ज़जराउर उमून)

उरेभा िा फमान है कि आऩिा मह नाभ खुद हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा

(स.अ.व.व.) ने यखा था। भर


ु ाहे ज़ा हो योज़ातुर अहफाफ व ननमाफर
ु भोअद्दता।
ु़
भव
ु रयक ऽे आज़भ लभस्टय जाकिय
ु़ हुसन
ै तायीखे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 31 भें

लरखते हैं कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा कि भेये फाद फायह 12 ऽरीफ़ा

़ुयै श से होंगे। आऩने फ़यभामा कि आखखयी


ु़ ज़भाने भें जफ दनु नमा ज़ुल्भो जौय से

बय जामेगी, तो भेयी औराद भें से भेहदी िा ज़हूय होगा जो ज़ुल्भो जौय िो दयू

िय िे दनु नमा िो अदरो इन्साफ़ से बय दे गा। लशिक व िुफ़्र िो दनु नमा से नाफद

िय दे गा। नाभ भोहम्भद औय ऱफ भेहदी होगा। हज़यत ईसा (अ.स.) आसभान से

उतय िय उसिी नस
ु यत ियें गे औय उसिे ऩीछे नभाज़ ऩढ़ें गे औय दज्जार िो ़त्र

ियें गे।

आऩकी कुजन्नयत

इस ऩय उरभाए फ़यी़ैन िा इत्तेफ़ा़ है कि आऩिी िुज़न्नमत अफर


ु िालसभ
ु़

औय अफू अब्दल्
ु राह थी औय इस ऩय बी उरेभा भत्त
ु कफ़़ हैं कि अफर
ु ़ालसभ

981
िुज़न्नमत ऽुद सयवये िामनात िी तजवीज़ ियदा है । हुराहे जा ु़ हाॊ (जाभेए साीय ऩष्ृ ठ

104, तज़कियाए ऽवास अर उम्भता, ऩष्ृ ठ 204, यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 439, सवाऐ़े भोहये ़ा

ऩष्ृ ठ 134, शवाहे दन


ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 312, िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 130, ज़जराउर उमन
ू ऩष्ृ ठ 298)

मह भस
ु ल्रेभात से है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने इयशाद फ़यभामा है कि

भेहदी िा नाभ भेया नाभ औय उनिी िुज़न्नमत भेयी िुज़न्नमत होगी। रेकिन इस

यवामत भें फाज़ अहरे इस्राभ ने मह इज़ाफ़ा किमा है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)

ने मह बी फ़यभामा है कि भेहदी िे फाऩ िा नाभ भेये वालरदे भोहतयभ िा नाभ

होगा। भगय हभाये याववमों ने इसिी यवामत नहीॊ िी औय ऽुद नतयलभज़ी शयीफ़ भें

बी इस्भे अफीहा इस्भे अफी नहीॊ है । ताहभ फ़ौर साहे फर


ु भनाक़फ अल्राभा

िन्जी शाफ़ेई मह िहा जा सिता है कि यवामत भें रफ़्ज़ अफीहा से भयु ाद अफू

अब्दल्
ु राह अर हुसन
ै हैं मानी इससे इस अम्र िी तयफ़ इशाया है कि इभाभ भेहदी

(अ.स.) हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) िी औराद से हैं।

आऩके अऱक़ाफ

आऩिे अऱाफ भेहदी, हुज्जत उल्राह, ऽरफ़े अरसारेह, साहे फर


ु असय व

साहे फर
ु अभय वर ज़भान, अर ़ामभ, अर फा़ी औय अर भन्
ु तज़य हैं। भर
ु ाहे ज़ा

हो तज़कियाए ऽवासर
ु भता ऩष्ृ ठ 204, यौज़ातुर शोहदा ऩष्ृ ठ 439, िशफ़ुर ाम्भा

ऩष्ृ ठ 131 सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 124, भतारेफस


ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 294, आराभु वयु ा

982
ऩष्ृ ठ 24 हज़यत दाननमार नफी ने हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ववरादत से

1420 सार ऩहरे आऩ िा ऱफ भन्


ु तज़ज़य ़याय हदमा है । भर
ु ाहे ज़ा हो किताफ व

दाननमार फाफ 12 आएत 12। अल्राभा इब्ने हजय भक्िी अर भन्


ु तज़ज़य िी शयह

ियते हुए लरखते हैं कि उन्हें भन्


ु तज़ज़य मानी ज़जसिा इन्तेज़ाय किमा जाए इस

लरमे िहते हैं कि वह सयदाफ भें गाएफ


ु़ हो गए हैं औय मह भारभ
ू नहीॊ होता कि

िहाॊ चरे गए। भतरफ मह है कि रोग उनिा इन्तेज़ाय िय यहे हैं। शैऽ अर

ऐया़ैन अल्राभा शैऽ अब्दर


ु यसा तहयीय फ़यभाते हैं कि आऩिो भन्
ु तज़य इस

लरमे िहते हैं कि आऩ िी ाैफत िी वजह से आऩिे भऽ


ु लरस आऩिा इन्तेज़ाय

िय यहे हैं। भर
ु ाहे ज़ा हो। (अनवारूर हुसैननमा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 57 प्रिालशत फम्फई)

आऩका हुसऱया मुफारक

किताफ अक्भारद्
ु दीन भें शेऽ सद़
ू तहयीय फ़यभाते हैं कि सयवये िाएनात

(स.अ.व.व.) िा इयशाद है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) शक्र व शफाहत ऽल़् व

ऽऱ ऽसाएर, अ़वार व अफ़आर भें भेये भश


ु ाफे होंगे। आऩिे हुलरमे िे

भत
ु ाअज़ल्ऱ उरभा ने लरखा है कि आऩिा यॊ ग गन्दभ
ु गून, ़द लभमाना है ।

आऩिी ऩेशानी खुरी हुई औय आऩिे अफरू घने औय फाहभ ऩेवस्ता हैं, आऩिी

नाि फायीि औय फर
ु न्द है आऩिी आॊखें फड़ी औय आऩिा चेहया नेहामत नयू ानी है ।

आऩिे दाहहने रूऽसाय ऩय एि नतर है िानहू िौिफ दयु जो लसताये िी भाननन्द

983
चभिता है। आऩिे दाॊत चभिदाय खुरे हुए हैं आऩिी ज़ुल्फ़ें िन्धों ति फड़ी यहती

हैं। आऩिा सीना चौड़ा औय आऩिे िन्धे खर


ु े हुए हैं। आऩिी ऩश्ु त ऩय इसी तयह

िी भह
ु ये इभाभत सब्त है ज़जस तयह ऩश्ु ते रयसारत भाफ (स.अ.व.व.) ऩय भह
ु ये

नफअ
ू त सफत थी। (अराभ अर वया ऩष्ृ ठ 265, व ााएत अर भ़सूद ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 64,

नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 152)

तीन िाऱ की उम्र में हुज्जतल्


ु ऱाह होने का दावा

किताफ तवायीऽ व सैय से भारभ


ू होता है कि आऩ िी ऩयवरयश िा िाभ जनाफे

ज़जब्राईर (अ.स.) िे लसऩद


ु क था औय वही आऩिी ऩयवरयश व ऩयदाख्त ियते थे।

ज़ाहहय है कि जो फच्चा ववरादत िे वक़्त िराभ िय चि


ु ा हो औय ज़जसिी

ऩयवरयश ज़जब्राईर जैसे भ़


ु यक फ फ़रयश्ते िे लसऩद
ु क हो वह म़ीनन दनु नमाॊ भें चन्द

हदन गुज़ायने िे फाद फहये सयू त इस सराहहमत िा भालरि हो सिता है कि वह

अऩनी ज़फान से हुज्जतुल्राह होने िा दावा िय सिे।

अल्राभा अयफरी लरखते हैं अहभद इब्ने इसहा़ औय साद अर अशियी एि

हदन हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हुए औय उन्होंने

ख़्मार किमा कि आज इभाभ (अ.स.) से मह दयमाफ़्त ियें गे कि आऩ िे फाद

हुज्जतल्
ु राह कफ़र अज़क िौन होगा। जफ साभना हुआ तो इभाभ हसन असियी

(अ.स.) ने फ़यभामा कि ऐ अहभद! तुभ जो हदर भें रे िय आमे हो भैं उसिा

984
जवाफ तुम्हे दे ता हूॉ, मह फ़यभा िय आऩ अऩने भ़ाभ से उठे औय अन्दय जा िय

मॊू वाऩस आमे कि आऩ िे िॊधे ऩय एि नेहामत ऽफ


ू सयू त फच्चा था ज़जसिी उम्र

तीन सार िी थी। आऩने फ़यभामा ऐ अहभद! भेये फाद हुज्जते ऽद


ु ा मह होगा।

इसिा नाभ भोहम्भद औय इसिी िुज़न्नमत अफर


ु ़ालसभ है मह खखज़्र
ु़ िी तयह

ज़ज़न्दा यहे गा औय ज़ुऱयनैन िी तयह सायी दनु नमाॊ ऩय हुिूभत िये गा। अहभद

इब्ने इसहा़ ने िहा भौरा! िोई ऐसी अराभत फता दीज़जए कि ज़जससे हदर िो

इत्भीनाने िालभर हो जाए। आऩने इभाभ भेहदी (अ.स.) िी तयफ़ भत


ु ावज्जा हो

िय फ़यभामा, फेटा इसिो तभ


ु जवाफ दो। इभाभ भेहदी (अ.स.) ने िभलसनी िे

फवजूद फज़फाने फ़सीह फ़यभामा अना हुज्जतुल्राह व अना फ़ीमतुल्राह भैं ही

ऽुदा िी हुज्जत औय हुक्भे ऽुदा से फा़ी यहने वारा हूॉ। एि वह हदन आमेगा

ज़जसभे भैं दश्ु भनाने ऽुदा से फदरा रॊग


ू ा, मह सन
ु िय अहभद ऽुश व भसरूम व

भत
ु भईन हो गए। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 138)

ऩाॊच सार िी उम्र भे ऽासर


ु ऽास असहाफ से आऩिी भर
ु ा़ात

मा़ूफ बफन भऩूस व भोहम्भद बफन उस्भान उभयी व अफी हालशभ जाफ़यी औय

भस
ू ा बफन जाफ़य बफन वहफ फादादी िा फमान है कि हभ हज़यत इभाभ हसन

असियी (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हुए औय हभ ने अज़क कि भौरा! आऩिे

फाद अभये इभाभत किस िे सऩ


ु द
ु क होगा औय िौन हुज्जते ऽुदा ़याय ऩाऐगा।

985
आऩने फ़यभामा कि भेया फ़यज़न्द भोहम्भद भेये फाद हुज्जतुल्राह कफ़र अज़क होगा।

हभ ने अज़क कि भौरा हभे उनिी ज़ज़मायत िया दीजीए। आऩने फ़यभामा वह ऩदाक

जो साभने आवेख़्ता है उसे उठाओ। हभ ने ऩदाक उठामा तो उस से एि नेहामत ऽफ


सयू त फच्चा ज़जसिी उभय ऩाॉच सार थी फयाभद हुआ औय वह आ िय इभाभ हसन

असियी (अ.स.) िी आाोश भें फैठ गमा। मही भेया फ़यज़न्द भेये फाद हुज्जतुल्राह

होगा। भोहम्भद बफन उस्भान िा िहना है कि हभ इस वक़्त चारीस अफ़याद थे

औय हभ सफ ने उनिी ज़ज़मायत िी। इभाभ हसन असियी (अ.स.) ने अऩने

फ़यज़न्द इभाभ भेहदी (अ.स.) िो हुक्भ हदमा कि वह अन्दय चरे जाएॊ औय हभ से

फ़यभामा शभ
ु ा ऊया नख़्वही दीद ाैय अज़ इभयोज़ कि अफ तुभ आज िे फाद कपय

उसे न दे ख सिोगे। चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ कपय ाैफत शरू
ु हो गई।। (िशफ़ुर ाम्भा

ऩष्ृ ठ 139 व शवाहे दन


ु नफूअत ऩष्ृ ठ 213)

अल्राभा तफयसी किताफ आराभर


ु वयु ा िे ऩष्ृ ठ 243 भें तहयीय फ़यभाते हैं कि

आइम्भा िे नज़दीि भोहम्भद औय उसभान उभयी दोनों स़


ु ह हैं। कपय इसी सफ़ह

ऩय तहयीय फ़यभाते हैं कि अफू हारून िा िहना है कि भैंने फचऩन भें

साहे फज़्
ु ज़भान िो दे खा है । ‘‘िानहू अऱभय रैरता अरफदय इनिा चेहया चौदवीॊ

यात िे चाॊद िी तयह चभिता था।

इभाभ भेहदी (अ.स.) नफव


ू त िे आईने भें

986
अल्राभा तफयसी फहवारा हज़यात भासभ
ू ीन (अ.स.) तहयीय फ़यभाते हैं कि हज़यत

इभाभ भेहदी (अ.स.) भें फहुत से अज़म्फमा िे हारात व िैकफ़मात नज़य आते हैं

औय ज़जन वा़ेमात से भऽ
ु तलरफ़ अज़म्फमा िो दो चाय होना ऩड़ा वह तभाभ

वाक़मात आऩिी ज़ात सतूदा ऩेज न.त भें हदखाई दे ते हैं। लभसार िे लरए हज़यत

नह
ू (अ.स.), हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) हज़यत भस
ू ा (अ.स.) हज़यत ईसा (अ.स.)

हज़यत अय्मफ
ू (अ.स.) हज़यत मन
ु स
ू (अ.स.) हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.)

िो रे रीज़जए औय उनिे हारात ऩय ाौय िीज़जए। आऩिो हज़यत नह


ू (अ.स.) िी

तवीर ज़ज़न्दगी नसीफ होगी। हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) िी तयह आऩिी ववरादत

नछऩाई गई औय रोगों से किनाया िश हो िय रूऩोश होना ऩड़ा। हज़यत भस


ू ा

(अ.स.) िी तयप हुज्जत िे ज़भीन से उठ जाने िा ऽौफ़ रा ह़ हुआ औय उन्ही

कि ववरादत िी तयह आऩिी ववरादत बी ऩोशीदा यखी गई औय उन्हीॊ िे भानने

वारों िी तयह आऩिे भानने वारों िो आऩिी ाैफत िे फाद सतामा गमा। हज़यत

ईसा (अ.स.) िी तयह आऩिे फाये भें रोगों ने इख़्तेराफ़ किमा। हज़यत अय्मफ

(अ.स.) िी तयह तभाभ इम्तेहानात िे फाद आऩिी फ़ज़क व िशाइश नसीफ होगी।

हज़यत मस
ु फ़
ु (अ.स.) िी तयह अवाभ व ऽवास से आऩिी ाैफत होगी। हज़यत

मन
ू स
ु (अ.स.) िी तयह ाैफत िे फाद आऩिा ज़हूय होगा। मानी ज़जस तयह वह

अऩनी ़ौभ से ााएफ हो िय फढ़


ु ाऩे िे फावजूद नौजवान थे उसी तयह आऩिा जफ

ज़हूय होगा तो आऩ चारीस सार िे जवान होंगे औय हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा

987
(स.अ.व.व.) िी तयह आऩ साहे फर
ु सैफ़ होंगे। (आराभु वुया ऩष्ृ ठ 264 प्रिालशत फम्फई

1312 हहजयी)

इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) की िहादत

इभाभ भेहदी (अ.स.) िी उम्र अबी लसफ़क ऩाॉच सार िी हुई थी कि ऽरीफ़ा

भोतलभद बफन भत
ु ावज़क्िर अब्फासी ने भद्
ु दतों ़ैद यखने िे फाद इभाभ हसन

असियी (अ.स.) िो ज़हय दे हदमा ज़जसिी वजह से आऩ फतायीऽ 8 यफीउर

अव्वर 260 हहजयी भत


ु ाबफ़ 873 फ उम्र 28 सार ये हरत फ़यभा गए। वऽर भन

अरववदा फनहूभोहम्भदन औय आऩने औराद भें लसफ़क इभाभ भेहदी (अ.स.) िो

छोड़ा। (नुरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 53, दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 191)

अल्राभा लशब्रन्जी लरखते हैं कि जफ आऩिी शहादत िी ऽफय भशहूय हुई तो

साये शहय साभया भें हरचर भच गई। फ़यमादो फ़ुााॊ िी आवाज़ फर


ु न्द हो गई,

साये शहय भें हड़तार िय दी गई मानी सायी दि


ु ाने फन्द हो गईं रोगों ने अऩने

ियोफाय छोड़ हदमे। तभाभ फनी हालशभ हुक्िाभे दौरत, भन्


ु शी िाज़ी अयिान

अदारत, अमान हुिूभत औय आभ ऽराए़ हज़यत िे जनाज़े िे लरमे दौड़ ऩड़े।

हारत मह थी कि शहय साभया ़माभत िा भन्ज़य ऩेश िय यहा था। तजहीज़ औय

नभाज़ से फ़याात िे फाद आऩिो इसी भिान भें दफ़्न िय हदमा गमा ज़जस भें

988
इभाभ अरी ऩी (अ.स.) भदफ़ून थे। (नुरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 152 व तायीऽे िालभर

सवाए़े भोहये ़ा व फ़सूर भहभा, ज़जरा अर उमून ऩष्ृ ठ 296)

अल्राभा भोहम्भद फाक़य तहयीय फ़यभाते हैं कि इभाभ हसन असियी (अ.स.)

िी वफ़ात िे फाद नभाज़े जनाज़ा हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) ने ऩढ़ाई। भर


ु ाहे ज़ा

हो, (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 192 व ज़जरा अर उमून ऩष्ृ ठ 297)

अल्राभा तफयसी लरखते हैं कि नभाज़ िे फाद आऩ िो फहुत से रोगों ने दे खा

औय आऩिे हाथों िा फोसा हदमा। (आराभर


ु वयु ा ऩष्ृ ठ 242) अल्राभा इब्ने ताऊस िा

इयशाद है कि 8 यफीउर अव्वर िो इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी वफ़ात वा़ेए

हुई औय 9 यफीउर अव्वर से हज़यत हुज्जत (अ.स.) िी इभाभत िा आााज़ हुआ।

हभ 9 यफीउर अव्वर िो जो ऽुशी भनाते हैं इसिी एि वजह मह बी है । (किताफ

इ़फार) अल्राभा भजलरसी लरखते हैं 9 यफीउर अव्वर िो उभय बफन साद फ दस्ते

भख़्
ु ताय आरे भोहम्भद िा ़त्र हुआ। (ज़ाद अर भाद ऩष्ृ ठ 585) जो उफैदल्
ु रहा इब्ने

ज़्माद िा लसऩह साराय था, ज़जसिे ़त्र िे फाद आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) ने

ऩयू े तौय ऩय ऽुशी भनाई। (फेहारूर अनवाय भुऽताय आरे भोहम्भद) किताफ दभए सािेफा

िे ऩष्ृ ठ 192 भें है कि हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) ने 259 भें अऩनी

वारेदा िो हज िे लरमे बेज हदमा था औय फ़यभा हदमा था कि 260 हहजयी भें

भेयी शहादत हो जामेगी। इसी लसन भें आऩने हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िो

जभ
ु रा तफरूिात दे हदमे थे औय इस्भें आज़भ वाैया तारीभ िय हदमा था। (दभए

989
सािेफा व ज़जरा अर उमून ऩष्ृ ठ 298) उन्हीॊ तफरूिात भें हज़यत अरी (अ.स.) िा जभा

किमा हुआ वह ़ुयान बी था जो तयतीफ नज़


ु रू ऩय सयवये िाएनात िी ज़ज़न्दगी भें

भयु त्तफ किमा गमा था। (तायीऽ अर ऽर


ु फ़ा व अनफ़ान) औय ज़जसे हज़यत अरी

(अ.स.) ने अऩने अहदे खखराफ़त


ु़ भें बी इस लरमे याएज न किमा था कि इस्राभ

भें दो ़ुयआन यवाज ऩा जामेंगे औय इस्राभ भें तफ़ये ़ा ऩड़ जामेगा। (अज़ाता अर

ऽफ़ा ऩष्ृ ठ 273) भेये नज़दीि इस सन ़् भें हज़यत नयज़जस ऽातून िा इन्ते़ार हुआ

है औय इसी सन ़् भें हज़यत ने ाैफत इख़्तेमाय फ़यभाई है ।

हज़रत इमाम मेहदी (अ.ि.) की ग़ैफत और उिकी ज़रूरत

फादशाहे वक़्त ऽरीफ़ा भोतलभद बफन भत


ु ावज़क्िर अब्फासी जो अऩने आफाव

अजदाद िी तयह ज़ुल्भ िा ऽूगय औय आरे भोहम्भद (अ.स.) िा जानी दश्ु भन था

उसिे िानों भें भेहदी (अ.स.) िी ववरादत िी बनि ऩड़ चि


ु ी थी। उसने हज़यत

इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी शहादत िे फाद तिफ़ीन व तदफ़ीन से ऩहरे

फ़ौर अल्राभा भजलरसी हज़यत िे घय ऩय ऩलु रस िा छाऩा डरवामा औय चाहा

कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िो गगयफ़्ताय िया रे रेकिन चकु ि वह फहुक्भे ऽुदा 23

यभज़ानर
ु भफ
ु ायि 259 हहजयी िो सयदाफ भें जा िय ाामफ हो चि
ु े थे। जैसा कि

शवाहे दन
ु नफव
ू त, नरू
ु र अफसाय, दभए सािेफा, यौज़तस
ु शोहदा, भनाक़फ अर

आइम्भा, अनवारूर हुसनै नमा वाैया से भु ुस्तफ़ाद भस्


ु तफज़ होता है इसी लरमे वह

990
उसे दस्तमाफ न हो सिे। उसने उसिे यद्दे अभर भें हज़यत इभाभ हसन असियी

(अ.स.) िी तभाभ फीफीमों िो गगयफ़्ताय िया लरमा औय हुक्भ हदमा कि इस अभय

िी तह़ी़ िी जामे कि आमा िोई उनभें से हाभेरा तो नहीॊ है, अगय िोई

हाभेरा हो तो उसिा हभर ज़ामा िय हदमा जाए। क्मों कि वह हज़यते सयवये

िामनात (स.अ.व.व.) िी ऩेशीन गोई से ऽाएफ़ था कि आऽयी ज़भाने भें भेया एि

फ़यज़न्द ज़जसिा नाभ भेहदी होगा। िामनात आरभ िे इऩ्ेराफ िा ज़ालभन होगा

औय उसे मह भारभ
ू था कि वह फ़यज़न्द इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी औराद

से ही होगा, रेहाज़ा उसने आऩिी तराश औय आऩिे ़त्र िी ऩयू ी िोलशश िी।

तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 31 भें है कि 260 हहजयी भें इभाभ हसन असियी

(अ.स.) िी शहादत िे फाद जफ भोतलभद ऽरीफ़ए अब्फासी ने आऩिे ़त्र ियने

िे लरमे आदभी बेजे तो आऩ (सयदाफ)1 सयभन याम भें ाामफ हो गमे। फाज़

अिाबफय उरेभाए अहरे सन्


ु नत बी इस अभय भें लशमों िे हभ ज़फान हैं। चन
ु ान्चे

भल्
ु रा जाभी ने शवाहे दन
ु नफव
ू त भें इभाभ अब्दर
ु वहाफ शेयानी ने रवा़ेउर

अनवाय व अर मव
ू ा़ेमत वर जवाहय भें औय शेऽ अहभद भहु हउद्दीन इब्ने अयफी

ने फ़तूहाते भक्िीमा भें औय ख़्वाजा ऩायसा ने फ़सरर


ु खखताफ
ु़ भोहद्हदस दे हरवी

ने रयसारा आइम्भाए ताहे यीन भें औय जभारद्


ु दीन भोहद्हदस ने यौज़तुर अहफाफ

भें , अफू अब्दल्


ु राह शाभी साहफ किफ़ातुर तालरफ ने किताफ अर नतफमान फ़ी

अऽफाय साहे फज़्


ु ज़भान भें औय लसब्ते इब्ने जौज़ी ने तज़कियाए ख़्वास अर भता,

991
औय इब्ने सफाा नरू
ु द्दीन अरी भारिी ने फ़सर
ू अर भहभा भें औय िभारद्
ु दीन

इब्ने तरहा शाफ़ेई ने भतारेफस


ु सऊ
ू र भें औय शाह वरी उल्राह फ़ज़र अर भफ
ु ीन

भें औय शेऽ सर
ु ेभान हनफ़ी ने ननमाफर
ु भोवद्दता भें औय फाज़ दीगय उरेभा ने

बी ऐसा ही लरखा है औय जो रोग इन हज़यत िे तवीर उम्र भें ताअज्जुफ िय िे

इन्िाय ियते हैं उनिो मह जवाफ दे ते हैं कि ऽुदा िी ़ुदयत से िुछ फईद नहीॊ है

ज़जसने आदभ (अ.स.) िो फाैय भाॉ फाऩ िे औय ईसा (अ.स.) फाैय फाऩ िे ऩैदा

किमा, तभाभ अहरे इस्राभ ने हज़यत खखज़्र


ु़ (अ.स.) िो अफ ति ज़ज़न्दा भाना

हुआ है । इदयीस (अ.स.) फेहहशत भें औय हज़यत ईसा (अ.स.) आसभान ऩय अफ

ति ज़ज़न्दा भाने जाते हैं औय अगय ऽुदाए ताअरा ने आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.)

भें से एि शख़्स िो तुरे उम्र इनामत किमा तो ताअज्जुफ क्मा है ? हाराॊ कि अहरे

इस्राभ िो दज्जार िे भौजूद होने िे ़यीफे ़माभत ज़हूय ियने से इन्िाय नहीॊ

है । किताफ शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 68 भें है कि ऽानदाने नफव
ू त िे ग्मायवे इभाभ

हसन असियी (अ.स.) 260 हहजयी भें ज़हय से शहीद िय हदमे गमे थे उनिी

वफ़ात ऩय इनिे साहफ ज़ादे भोहम्भद ऱफ व भेहदी लशमों िे आऽयी इभाभ हुए।

भौरवी अभीय लरखते हैं कि ऽानदाने रयसारत िे इन इभाभों िे हारात ननहामत

ददक नाि हैं। ज़ालरभ भत


ु ावज़क्िर ने हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे

वालरदे भाज़जद इभाभ अरी निी ु़ (अ.स.) िो भदीने से साभया ऩिड़ फर


ु ामा था

औय वहाॊ उनिी वफ़ात ति उनिो नज़य फन्द यखा था कपय ज़हय से हराि िय

992
हदमा था इसी तयह भत
ु ावज़क्िर िे जाॊ नशीनों ने फदगुभानी औय हसद िे भाये

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो ़ैद यखा था। उनिे िभलसन साहफ ज़ादे

भोहम्भद अर भेहदी (अ.स.) ज़जनिी उम्र अऩने वालरद िी वफ़ात िे वक़्त ऩाॊच

सार िी थी ऽौफ़ िे भाये अऩने घय िे ़यीफ ही एि ााय भें छुऩ गमे औय ाामफ

हो गमे। इब्ने फतूता ने अऩने सफ़य नाभे भें लरखा है कि ज़जस ााय भें इभाभ

भेहदी (अ.स.) िी ाैफय फताई जाती है उसे भैंने अऩनी आॊखों से दे खा है । (नूरूर

अफसाय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 152) अल्राभा हजये भक्िी िा इयशाद है कि इभाभ भेहदी

(अ.स.) सयदाफ भें ाामफ हुमे थे। फ़ल्भ मायफ़ ईं ज़हफ कपय भारभ
ू नहीॊ िहाॊ

तशयीफ़ रे गमे। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 124)

हालशमा: .1 मह सयदाफ भ़ाभ सयभन याम भें वा़े है ज़जसे असर भें साभेया

िहते हैं। साभया िी आफादी फहुत ही ़दीभी है औय दनु नमाॊ िे ़दीभ तयीन शहयों

भें से एि शहय है । इसे साभ बफन नह


ू ने आफाद किमा था औय इसी िो दारूर

सरतनत बी फनामा था। इसिी आफादी सात फ़यसऽ रम्फी थी। इसने इसे

ननहामत ऽफ
ू सयू त शहय फना हदमा था इस लरमे इसिा नाभ सयभन याम यख

हदमा था मानी वह शहय ज़जसे जो बी दे खे ऽुश हो जाए, असियी इसी िा एि

भोहल्रा है ज़जसभें इभाभ अरी ऩी (अ.स.) नज़य फन्द थे फाद भें उन्होंने दरीर

बफन मा़ूफ नसयानी से एि भिान ऽयीद लरमा था ज़जसभें अफ बी आऩिा भज़ाय

भ़
ु द्दस वा़े है ।

993
साभया भें हभेशा ाैय लशमा आफादी यही इसी लरमे अफ ति वहाॊ लशमा आफाद

नहीॊ हैं वहाॊ िे जभ


ु रा ऽद्
ु दाभ बी ाैय लशमा हैं।

हज़यत हुज्जत (अ.स.) िे ााएफ होने िा सयदाफ वहीॊ एि भज़स्जद िे किनाये

वा़े है जो हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय हज़यत इभाभ हसन असियी

(अ.स.) िे भज़ाये अ़दस िे ़यीफ है ।

ग़ैफते इमाम मेहदी (अ.ि.) ऩर उऱेमाए अहऱे िुन्नत का इजमा

जम्हूये उरेभाए इस्राभा इभाभ भेहदी (अ.स.) िे वज


ु ूद िो तसरीभ ियते हैं।

इसभें लशमा सन्


ु नी िा सवार नहीॊ हय कफ़य़े िे उरेभा मह भानते हैं कि आऩ ऩैदा

हो चि
ु े हैं औय भौजूद हैं। हभ उरेभाए अहरे सन्
ु नत िे अस्भा भम उनिी किताफों

औय भख़्
ु तसय अ़वार िे दजक ियते हैं।

.1 अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई किताफ भतारेफस


ु सऊ
ू र भें फ़यभाते हैं

कि इभाभ भेहदी (अ.स.) साभया भें ऩैदा हुए जो फादाद से 20 फ़यसऽ िे फ़ासरे

ऩय है ।

.2 अल्राभा अरी बफन भोहम्भद बफन सफाा भारिी िी किताफ फ़ुसर


ू अर

भहभा भें है कि इभाभ हसन असियी (अ.स.) गमाहयवें इभाभ ने अऩने फेटे इभाभ

भेहदी (अ.स.) िी ववरादत फादशाहे वक़्त से ऽौफ़ से ऩोशीदा यखी।

994
.3 अल्राभा शेऽ अब्दल्
ु राह बफन अहभद ऽसाफ िी किताफ तवायीऽ भवारीद

भें है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िा नाभ भोहम्भद औय िुज़न्नमत अफर


ु ़ालसभ है ।

आऩ आऽयी ज़भाने भें ज़हूय व ऽरू


ु ज ियें गे।

.4 अल्राभा भहु हउद्दीन इब्ने अयफी हम्फरी िी किताफ फ़तूहात भें है कि जफ

दनु नमाॊ ज़ुल्भो जौय से बय जामेगी तो इभाभ भेहदी (अ.स.) ज़हूय ियें गे।

.5 अल्राभा शेऽ अब्दर


ु वहाफ शेयानी िी किताफ अर मव
ू ाक़मात वर जवाहय

भें है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) 15 शाफान 255 हहजयी भें ऩैदा हुए हैं। अफ इस

वक़्त मानी 958 हहजयी भें उनिी उम्र सात सौ छ् 706 सार) िी है । हमी

भज़भन
ू अल्राभा फदऽशानी िी किताफ लभफ़ताह अर नजाता भें बी है ।

.6 अल्राभा अब्दर
ु यहभान जाभी हनफ़ी िी किताफ शवाहे दन
ु नफव
ू त भें है कि

इभाभ भेहदी (अ.स.) साभया भें ऩैदा हुए हैं औय उनिी ववरादत ऩोशीदा यखी गई

है । वह इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी भौजूदगी भें ााएफ हो गए हैं। इसी

किताफ भें ववरादत िा ऩयू ा वा़ेमा हिीभा ऽातन


ू िी ज़फानी लरखा है ।

.7 अल्राभा शेऽ अब्दर


ु ह़ भोहद्हदस दे हरवी िी किताफ भना़ेफर
ु आइम्भा

भें है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) 15 शाफान 255 हहजयी भें ऩैदा हुए हैं। इभाभ हसन

असियी (अ.स.) ने उनिे िान भें अज़ान व इ़ाभत िही है औय थोड़े असे िे

फाद आऩने फ़यभामा कि वह उस भालरि िे सऩ


ु द
ु क हो गमे हैं ज़जनिे ऩास हज़यते

भस
ू ा (अ.स.) फचऩने भें थे।

995
.8 अल्राभा जभार उद्दीन भोहद्हदस िी किताफ यौज़ातुर अहफाफ भें है कि

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) 15 शाफान 255 हहजयी भें ऩैदा हुए औय ज़भानाए

भोतलभद अब्फासी भें फभ़ाभ सयभन याम अज़ नज़य फयामा ाामफ शद
ु , रोगों िी

नज़य से सयदाफ भें ाामफ हो गमे।

.9 अल्राभा अब्दर
ु यहभान सफ़
ू ी िी किताफ भयाएतुर इसयाय भें है कि आऩ

फतने नयज़जस से 15 शाफान 255 हहजयी भें ऩैदा हुए।

.10 अल्राभा शहाफद्


ु दीन दौरताफादी साहे फे तफ़सीय फहये भवाज िी किताफ

हहदाएतर
ु सआदा भें है कि खखराफ़ते
ु़ यसर
ू (स.अ.व.व.) हज़यत अरी (अ.स.) िे

वास्ते से इभाभ भेहदी (अ.स.) ति ऩहुॉची आऩ ही आऽयी इभाभ हैं।

.11 अल्राभा नसय बफन अरी जहभनी िी किताफ भवालरदे आइम्भा भें है कि

इभाभ भेहदी (अ.स.) नयज़जस ऽातून िे फतन से ऩैदा हुए हैं।

.12 अल्राभा भल्


ु रा अरी ़ायी िी किताफ भय़ात शयह लभश़ात भें है कि

इभाभ भेहदी (अ.स.) फायहवें इभाभ हैं। लशमो िा मह िहना ारत है कि अहरे

सन्
ु न्त अहते फैत (अ.स.) िे दश्ु भन हैं।

.13 अल्राभा जवाद साफती िी किताफ फयाहीन साफतीमा भे है कि इभाभ भेहदी

(अ.स.) औरादे फ़ात्भा (स.अ.व.व.) भें से हैं। वह फ़ौरे 255 हहजयी भें ऩैदा हो

िय एि असे िे फाद ाामफ हो गमे हैं।

996
.14 अल्राभा शेऽ हसन ईया़ी ज़जनिी तायीफ़ किताफ अर वा़ेमा भें है कि

उन्होंने इभाभ भेहदी (अ.स.) से भर


ु ा़ात िी है ।

.15 अल्राभा अरी ऽवास ज़जनिे भत


ु ाअज़ल्ऱ शेयानी ने अर मव
ू ाक़मत भें

लरखा है कि उन्होंने इभाभ भेहदी (अ.स.) से भर


ु ा़ात िी है ।

.16 अल्राभा शेऽ सईद उद्दीन िा िहना है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) ऩैदा हो

िय ाामफ हो गए हैं। दौये आखखय


ु़ ज़भाना आशिाय गयदद औय वह आखखय
ु़ ज़भाने

भें ज़ाहहय होंगे। जैसा कि किताफ भज़स्जदे अ़सा भें है ।

.17 अल्राभा अरी अिफय इब्ने सआद अल्राह िी किताफ भिालशफ़ात भें है

कि आऩ ऩैदा हो िय िुतुफ हो गमे हैं।

.18 अल्राभा अहभद बफरा ज़यी अहादीस भें लरखते हैं कि आऩ ऩैदा हो िय

भहज़ूफ हो गमे हैं।

.19 अल्राभा शाह वरी अल्राह भोहद्हदस दे हरवी िे रयसारे नवादय भें है,

भोहम्भद बफन हसन (अ.स.) (अर भेहदी) िे फाये भें लशमों िा िहना दरू
ु स्त हैं।

.20 अल्राभा शम्सद्


ु दीन जज़यी ने फहवारा भस
ु रसेरात बफराज़यी ने एतेयाफ़

किमा है ।

.21 अल्राभा अराउद्दौरा अहभद सभनानी साहफ तायीऽे ऽभीस दय अहवारी

अर नफ़स नफ़ीस अऩनी किताफ भें लरखते है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) ाैफत िे

फाद एफदार कपय िुत


ु़ ुफ हो गमे।

997
.23 अल्राभा नयू अल्राह फहवारा किताफ फमानर
ु एहसान लरखते हैं कि इभाभ

भेहदी (अ.स.) तिभीरे लसफ़ात िे लरमे ाामफ हुमे हैं।

.24 अल्राभा ज़हफी अऩनी तायीऽे इस्राभ भें लरखते हैं कि इभाभ भेहदी

(अ.स.) 256 हहजयी भें ऩैदा हो िय भादभ


ू हो गमे हैं।

.25 अल्राभा इब्ने हजय भक्िी िी किताफ सवाए़े भोहये ़ा भें है कि इभाभ

भेहदी अर भन्
ु तज़य (अ.स.) ऩैदा हो िय सयदाफ भें ाामफ हो गए हैं।

.26 अल्राभा अस्र िी किताफ दफ़मातुर अमान िी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 451 भें है

कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िी उम्र इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी वफ़ात िे वक़्त

5 सार िी थी। वह सयदाफ भें ााएफ हो िय कपय वाऩस नहीॊ हुए।

.27 अल्राभा लसब्ते इब्ने जौज़ी िी किताफ तज़कियाए ऽवास अर आम्भा िे

ऩष्ृ ठ 204 भें है कि आऩिा ऱफ अर ़ामभ, अर भन्


ु तज़ज़य, अर फा़ी है ।

.28 अल्राभा अफीद उल्राह अभयतसयी िी किताफ अय हज्जुर भतालरफ िे

ऩष्ृ ठ 377 भें फहवारा किताफर


ु फमान फ़ी अऽफाय साहे फज़्
ु ज़ान भय़ूभ है कि आऩ

उसी तयह ज़ज़न्दा व फा़ी हैं ज़जस तयह हज़यत ईसा (अ.स.), खखज़्र
ु़ (अ.स.),

इरमास (अ.स.) वाैया ज़ज़न्दा औय फा़ी हैं।

.29 अल्राभा शेऽ सर


ु भ
ै ान तभन दोज़ी ने किताफ ननमाफर
ु भोवद्दता ऩष्ृ ठ

393 भें ।

.30 अल्राभा इब्ने ऽशाफ ने किताफ भवालरद अररे फैत भें ।

998
.31 अल्राभा लशब्रन्जी ने नरू
ू र अफसाय िे ऩष्ृ ठ 152 प्रिालशत लभस्र 1222

हहजयी भें फहवारा किताफर


ु फमान लरखा है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) ाामफ होने

िे फाद अफ ति ज़ज़न्दा औय फा़ी हैं औय उनिे वजद


ू िे फा़ी औय ज़ज़न्दा होने

भें िोई शफ
ु हा नहीॊ। वह इसी तयह ज़ज़न्दा औय फा़ी हैं ज़जस तयह हज़यते ईसा

(अ.स.), हज़यते खखज़्र


ु़ (अ.स.) औय हज़यत इरमास (अ.स.) वाैया ज़ज़न्दा औय फा़ी

हैं। उन अल्राह वारों िे अरावा दज्जार, इफरीस बी ज़ज़न्दा हैं। जैसा कि ़ुयआने

भजीद, सही भज़ु स्रभ, तायीऽे तफयी वाैया से साबफत है रेहाज़ा रा इभतना फ़ी

फ़ामा उनिे फा़ी औय ज़ज़न्दा होने भें िोई शि व शफ


ु हे िी गन्
ु जाईश नहीॊ है ।

.32 अल्राभा चरऩी किताफ िशफ़ुर जुनन


ू िे ऩष्ृ ठ 208 भें लरखते हैं कि

किताफ अर फमान फ़ी अऽफाय साहे फज़्


ु ज़भान अफू अब्दल्
ु राह भोहम्भद बफन मस
ू फ़

िॊजी शाफ़ेई िी तसनीफ़ हैं। अल्राभा फ़ाज़ज़र योज़ फहान िी अफतार अर फानतर

भें है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) ़ामभ व भन्


ु तज़ज़य हैं। वह आफ़ताफ िी भाननन्द

ज़ाहहय हो िय दनु नमा िी तायीिी, िुफ़्र ज़ाएर िय दें गे।

.33 अल्राभा अरी भत्त


ु ़ी िी किताफ िॊज़र
ु आभार िी ज़जल्द 7 िे ऩष्ृ ठ 114

भें है कि आऩ ाामफ हैं ज़ुहूय िय िे 9 सार हुिूभत ियें गे।

.34 अल्राभा जरार उद्दीन लसमत


ू ी िी किताफ दयु े भन्शयू ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 23

भें है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िे ज़हूय िे फाद हज़यते ईसा (अ.स.) नाज़ज़र होंगे

वाैया वाैया।

999
इमाम मेहदी (अ.ि.) की ग़ैफत और आऩका वुजूद व ज़ुहूर क़ुरआने

मजीद की रौिनी में

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ाैफत औय आऩिे भौजूद होने औय आऩिे तूरे

उम्र नीज़ आऩिे ज़ुहूय व शहूद औय ज़हूय िे फाद साये दीन िो एि िय दे ने िे

भत
ु ाअज़ल्ऱ 94 आमतें ़ुयआन भजीद भें भौजूद हैं ज़जनभें से अिसय दोनों फ़यी़

ने तसरीभ किमा है । इसी तयह फेशभ


ु ाय ऽुसस
ू ी अहादीस बी हैं। तफ़सीर िे लरमे

भर
ु ाहे ज़ा हों। ााएतर
ु भ़सद
ू व ााएतर
ु भयाभ, अल्राभा हालशभ फहयानी व

ननमाफतर
ु भोवद्दता। भैं इस भ़ाभ ऩय लसफ़क दो तीन आमतें लरखता हूॉ आऩिी

ाैफत िे भत
ु ाअज़ल्ऱ। अरीफ़ राम्भीभ। ज़ारेिर किताफो रा यै फा फ़ीहे हुदल्रीभ

भत्त
ु ़ीन। अर रज़ीना मौभेनन
ू ा बफर ाैफ है ।

हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) फ़यभाते हैं कि ईभान बफर ाैफ से इभाभ

भेहदी (अ.स.) िी ाैफत भयु ाद है । नेि फख़्त हैं वह रोग जो उनिी ाैफत ऩय सब्र

ियें औय भफ
ु ायिफाद िे ़ाबफर हैं, वह सभझदाय रोग जो ाैफत भे बी उनिी

भोहब्फत ऩय ़ामभ यहें गे। (नेमाफुर भोवद्दता ऩष्ृ ठ 370 प्रिालशत फम्फई) आऩिे भौजूद

औय फा़ी होने िे भत
ु ाअज़ल्ऱ जाअरहा िरभता फाक़मता फ़ी अ़फा है ।

इब्राहीभ (अ.स.) िी नस्र भें िरभा फक़मा िो ़याय हदमा है जो फा़ी औय

ज़ज़न्दा यहे गा। इस िरभाए फाक़मा से इभाभ भेहदी (अ.स.) िा फा़ी यहना भयु ाद

1000
है औय वही आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) भें फा़ी हैं। (तफ़सीये हुसैनी अल्राभा हुसैन

वाएज़ िाशफ़ी ऩष्ृ ठ 226) नम्फय 3, आऩिे ज़हूय औय ारफे िे भत


ु ाअज़ल्रित्र

मनज़हयहू अरद्दीने िुल्राह जफ इभाभ भेहदी (अ.स.) फ हुक्भे ऽद


ु ा ज़हूय

फ़यभाएॊगे तो तभाभ दीनों ऩय ारफा हालसर िय रेंगे मानी दनु नमा भें लसवा एि

दीने इस्राभ िे िोई औय दीन न होगा। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 153 प्रिालशत लभस्र)

इमाम मेहदी (अ.ि.) का जज़क्र कुतुफे आिमानी में

हज़यत दाऊद (अ.स.) िी ज़फयू िी आमत 4 भयभज़


ू 97 भें है कि आऽयी

ज़भाने भें जो इन्साफ़ िा भज


ु स्सेभा इन्सान आमेगा, उसिे सय ऩय अब्र सामा

कफ़गन होगा। किताफ सफ़माए ऩैाम्फय िे फ़सर 3 आमत 9 भें है आऽयी ज़भाने

भें तभाभ दनु नमा भोवहहद हो जामेगी। किताफ ज़फयू भयभज़


ू 120 भें है, जो

आऽेरूज़्ज़भान आमेगा उस ऩय आफ़ताफ असय अन्दाज़ न होगा। सहीफ़ए शैमा

ऩैाम्फय िे फ़सर 11 भे है कि जफ नयू े ऽुदा ज़हूय िये गा तो अदरो इन्साफ़ िा

डन्िा फजेगा, शेय औय फियी एि जगह यहे ग,े चीता औय फाज़गारा एि साथ

चयें गे। शेय औय गौसारा एि साथ यहें ग,े गोसारा औय भा


ु क एि साथ होंगे। शेय

औय गाम भें दोस्ती होगी। नतफ़रे शीय ख़्वाय साॊऩ िे बफर भें हाथ डारेगा औय वह

िाटे गा नहीॊ। कपय इसी सफ़हे िे फ़सर 27 भें है कि मह नयू े ऽद


ु ा जफ ज़ाहहय

होगा तो तरवाय िे ज़रयमे तभाभ दश्ु भनों से फदरा रेगा। सहीफ़ए तनजास हयफ़े

1001
अलरफ़ भें है कि ज़हूय िे फाद सायी दनु नमा िे फत
ु लभटा हदमे जामेंगे ज़ालरभ औय

भन
ु ाकफ़़ ऽत्भ िय हदमे जामेंगे। मह ज़हूय ियने वारा िनीज़े ऽद
ु ा (नयज़जस) िा

फेटा होगा।

तौयै त िे सफ़ये अज़म्फमा भें है कि भेहदी (अ.स.) ज़हूय ियें गे। हज़यज ईसा

(अ.स.) आसभान से उतयें गे। दज्जार िो ़त्र ियें गे। इन्जीर भें है कि भेहदी

(अ.स.) औय ईसा (अ.स.) दज्जार औय शैतान िो ़त्र ियें गे। इसी तयह

भि
ु म्भर वाक़मा ज़जसभें शहादते इभाभ हुसन
ै (अ.स.) औय ज़हूये भेहदी (अ.स.)

िा इशाया हैं इन्जीर किताफ दाननमार फाफ 12 फ़सर 9 आमत 24 योमाए 2 भें

भौजूद है । (किताफ अर वसाएर ऩष्ृ ठ 129 प्रिालशत फम्फई 1339 हहजयी)

इमाम मेहदी (अ.ि.) की ग़ैफत की वजह

भज़िूया फारा तहयीयों से उरेभाए इस्राभ िा एतेयाफ़ साबफत हो चि


ु ा मानी

वाज़े हो गमा कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िे भत


ु ाअज़ल्ऱ जो अ़ाएद लशमो िे हैं

वही भज़ु न्सफ़ लभज़ाज औय ाैय भत


ु ाअज़स्सफ अहरे तसन्नन
ु िे उरेभा िे बी हैं

औय भ़सदे असर िी ताईद ़ुयआन िी आमतों ने बी िय दी। अफ यही ाैफते

इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ज़रूयत उसिे भत


ु ाअज़ल्ऱ अज़क है कि, .1 ऽल्रा़े

आरभ ने हहदामते ऽल़् िे लरमे एि राख चौफीस हज़ाय ऩैाम्फय औय िसीय

तादाद भें उनिे औलसमा बेजे। ऩैाम्फयों भें से एि राख तेहीस हज़ाय नौ सौ

1002
ननज़न्नमानवे 1,23,999) अज़म्फमा िे फाद चॊकू ि हुज़ूय यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.)

तशयीफ़ रामे थे रेहाज़ा उनिे जभ


ु रा लसफ़ात व िभारात व भोजेज़ात हज़यत

भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) भें जभा िय हदमे गमे थे औय आऩिो ऽद
ु ा ने

तभाभ अज़म्फमा िे लसफ़ात िा जरवा फयदाय फना हदमा फज़ल्ि ऽुद अऩनी ज़ात

िा भज़हय ़याय हदमा था औय चॊकू ि आऩिो बी इस दनु नमाए फ़ानी से ज़ाहहयी

तौय ऩय जाना था इस लरमे आऩने अऩनी ज़ज़न्दगी ही भे हज़यत अरी (अ.स.) िो

हय क़स्भ िे िभारात से बय ऩयू िय हदमा था। हज़यत अरी (अ.स.) अऩने ज़ाती

िभारात िे अरावा नफवी िभारात से बी भम्


ु ताज़ हो गमे थे। सयवये िामनात िे

फाद िामनाते आरभ भें लसफ़क अरी (अ.स.) िी हस्ती थी जो िभाराते अज़म्फमा

िी हालभर थी। आऩिे फाद मह िभारात अवसाफ़ भें भज़ु न्तक़र होते हुए इभाभ

भेहदी (अ.स.) ति ऩहुॉच।े फादशाहे वक़्त इभाभ भेहदी (अ.स.) िो ़त्र ियना

चाहता था। अगय वह ़त्र हो जाते तो दनु नमाॊ से अज़म्फमा व औलसमा िा नाभ व

ननशान लभट जाता औय सफ िी मादगाय फमि ज़फक शभशीय ऽत्भ हो जाती औय

चॊकु ि उन्हें अज़म्फमा िे ज़रयमे से ऽद


ु ा वन्दे आरभ भत
ु ाअरयफ़ हुआ था रेहाज़ा

उसिा बी ज़ज़क्र ऽत्भ हो जाता। इस लरमे ज़रूयी था कि ऐसी हस्ती िो भहफ़ूज़

यखा जाए जो जुभरा अज़म्फमा औय अवलसमा िी मादगाय औय तभाभ िे िभारात

िी भज़हय हो। .2 ऽुदा वन्दे आरभ ने ़ुयआन भजीद भें इयशाद फ़यभामा

वाजाराहा िभातह फा़ीमता फ़ी अ़फे इब्राहीभ (अ.स.) िी नस्र भे िरभा

1003
फा़ीहा ़याय दे हदमा है । नस्रे इब्राहीभ (अ.स.) दो फ़यज़न्दों से चरी है एि

इस्हा़ (अ.स.) औय दस
ू ये इस्भाईर (अ.स.)। इस्हा़ (अ.स.) िी नस्र से ऽद
ु ा

वन्दे आरभ जनाफे ईसा (अ.स.) िो ज़ज़न्दा व फा़ी ़याय दे िय आसभान ऩय

भहफ़ूज़ िय चि
ु ा था अफ मह भ़
ु तज़ाए इन्साफ़ ज़रूयी थी कि नस्रे इस्भाईर

(अ.स.) से बी किसी एि िो फा़ी यखे औय वह बी ज़भीन ऩय क्मो िय आसभान

ऩय एि फा़ी भौजूद था रेहाज़ा इभाभ भेहदी (अ.स.) िो जो नस्रे इस्भाईर

(अ.स.) से हैं ज़भीन ऩय ज़ज़न्दा औय फा़ी यखा औय उन्हें बी इसी तयह दश्ु भन िे

शय से भहफ़ूज़ िय हदमा ज़जस तयह हज़यत ईसा (अ.स.) िो भहफ़ूज़ किमा था। .3

मह भस
ु ल्रेभाते इस्राभी से है कि ज़भीन हुज्जते ऽुदा औय इभाभे ज़भाना से

ऽारी नहीॊ यह सिती। (उसूरे िाफ़ी 103 प्रिालशत नवर किशोय) चॊकु ि हुज्जते ऽुदा उस

वक़्त इभाभ भेहदी (अ.स.) िे लसवा िोई न था, उन्हें दश्ु भन ़त्र िय दे ने ऩय

तुरे हुए थे इस लरमे उन्हे भहफ़ूज़ व भस्तूय िय हदमा गमा। हदीस भें है कि

हुज्जते ऽद
ु ा िी वजह से फायीश होती है औय उन्हीॊ िे ज़रयमे से योज़ी त़सीभ िी

जाती है । (फेहाय) .4 मह भस
ु ल्रभ है कि हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) जभ
ु रा

अज़म्फमा िे भज़हय थे इस लरमे ज़रूयत थी कि उन्हीॊ िी तयह उनिी ाैफत बी

होती मानी ज़जस तयह फादशाहे वक़्त िे भज़ालरभ िी वजह से हज़यत नह


ू (अ.स.),

हज़यत इब्राहीभ (अ.स.), हज़यत भस


ू ा (अ.स.), हज़यत ईसा (अ.स.) औय हज़यत

भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) अऩने अहदे हमात भें भन
ु ालसफ भद्
ु दत ति ााएफ

1004
यह चि
ु े थे इसी तयह मह बी ााएफ यहते। .5 ़माभत िा आना भस
ु ल्रभ है औय

इस वाक़मे ़माभत भें इभाभ भेहदी (अ.स.) िा ज़ज़क्र फताता है कि आऩिी ाैफत

भस्रहते ऽद
ु ा वन्दे आरभ िी बफना ऩय हुई है । .6 सयु ए इन्ना अन ज़ल्नाहो से

भारभ
ू होता है कि नज़
ु ूरे भराएि शफे ़दय भें होता यहता है मह ज़ाहहय है कि

नज़
ु ूरे भराएि अज़म्फमा व औलसमा ऩय ही हुआ ियता है । इभाभ भेहदी (अ.स.)

िो इस लरमे भौजूद औय फा़ी यखा गमा है ताकि नज़


ु ूरे भराएि िी भयिज़ी

ायज़ ऩयू ी हो सिे औय शफे ़द्र भें उन्हीॊ ऩय नज़


ु ूरे भराएि हो सिे। हदीस भें है
ु़
कि शफे ़द्र भें सार बय िी योज़ी वगैयह इभाभ भेहदी (अ.स.) ति ऩहुॉचा दी

जाती है औय वही उसे त़सीभ ियते हैं। .7 हिीभ िा फ़ेर हहिभत से ऽारी नहीॊ

होता मह दस
ू यी फात है कि आभ रोग इस हहिभत व भसेरहत से वाक़फ़ न हों।

ाैफते इभाभ भेहदी (अ.स.) उसी तयह भसरेहत व हहिभते ऽुदा वन्दी िी बफना

ऩय अभर भें आई है । ज़जस तयह तवाफ़े िाफा, यभी जभयात वाैयह हैं ज़जसिी

असर भसरेहत ऽद
ु ा वन्दे आरभ िो ही भारभ
ू है ।। .8 इभाभ जाफ़ये साहद़

(अ.स.) िा फ़यभान है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िो इस लरमे ाामफ किमा जामेगा

ताकि ऽुदा वन्दे आरभ अऩनी सायी भऽऱ


ू ात िा इम्तेहान िय िे मह जाॊचे कि

नेि फन्दे िौन हैं औय फानतर ऩयस्त िौन रोग है । (इिभारद्


ु दीन) .9 चॊकू ि

आऩिो अऩनी जान िा ऽौफ़ था औय मह तम शद


ु ा है कि भन ऽाप अरी

नफ़सही एहसताज अरी इरा सत्ताय कि ज़जसे अऩने नफ़्स औय अऩनी जान िा

1005
ऽौफ़ हो वह ऩोशीदा होने िो राज़भी जानता है । (अर भुतुजाक)ु़ .10 आऩिी ाैफत

इस लरमे वा़े हुई है कि ऽद


ु ा वन्दे आरभ एि वक़्ते भोइय्मन भें आरे भोहम्भद

(स.अ.व.व.) ऩय जो भज़ालरभ किमे गए हैं इनिा फदरा इभाभ भेहदी (अ.स.) िे

ज़रयमे से रेगा मानी आऩ अहदे अव्वर से रेिय फनी उभय्मा औय फनी अब्फास िे

भज़ालरभों से भि
ु ज़म्भर फदरा रेंगे। (िभारुद्दीन)

ग़ैफते इमाम मेहदी (अ.ि.) जफर जामए की रौिनी में

अल्राभा शेऽ ़न्दज़


ू ी फरऽी हनफ़ी य़भतयाज़ हैं कि सद
ु ीय सैयफ़ी िा फमान

है कि हभ औय भफ़
ु ज़र बफन उभय, अफू फसीय, अभान बफन तारफ एि हदन

साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हुए तो दे खा कि आऩ ज़भीन

ऩय फैठे हुए यो यहे हैं औय िहते हैं कि ऐ भोहम्भद! तुम्हायी ाैफत िी ऽफय ने

भेया हदर फेचन


ै िय हदमा है । भैंने अज़क कि हुज़यू , ऽद
ु ा िी आॊखों िो िबी न

रूराए, फात क्मा है, किस लरए हुज़ूय गगयमा िुना हैं? फ़यभामा, ऐ सद
ु ीय! भैंने

आज किताफ जाफ़य जाभे भें फवक़्ते सफ


ु ह इभाभ भेहदी िी ाैफत िा भत
ु ारा किमा

है । ऐ सद
ु ीय! मह वह किताफ है ज़जसभे आभा भािाना वभामिून िा इन्दयाज है

औय जो िुछ ़माभत ति होने वारा है सफ इसभें लरखा हुआ है । ऐ सद


ु ीय! भैंने

इस किताफ भें मह दे खा है कि हभायी नस्र से इभाभ भेहदी होगें । कपय वह ाामफ

हो जाएगें औय उनिी ाैफत नीज़ उभय फहुत तवीर होगी। उनिी ाैफत िे ज़भाने

1006
भें भोभेनीन भसाएफ भें भफ
ु नतरा होगें औय उनिे इम्तेहानात होते यहें गे औय ाैफत

भें ताऽीय िी वजह से उनिे हदरों भें शिूि ऩैदा होते होंगे, कपय फ़यभामा ऐ

सद
ु ीय! सन
ु ो इनिी ववरादत हज़यत भस
ू ा (अ.स.) िी तयह होगी औय उनिी ाैफत

ईसा (अ.स.) िी भाननन्द होगी औय उनिे ज़हूय िा हार हज़यत नह


ू (अ.स.) िे

भाननन्द होगा औय उनिी उम्र हज़यते खखज़्र


ु़ (अ.स.) िी उम्र जैसी होगी। (नेमाफुर

भोवद्दत) इस हदीस िी भऽ
ु तसय शयह मह है कि:

.1 तायीऽ भें है कि जफ कफ़यऔन िो भारभ


ू हुआ कि भेयी सरतनत िा ज़वार

एि भौरद
ू फनी इस्राईर िे ज़रयए होगा तो उसने हुक्भ जायी िय हदमा कि भल्
ु ि

भें िोई औयत हाभेरा न यहने ऩाए औय िोई फच्चा फा़ी न यखा जाए। चन
ु ान्चे

इसी लसरलसरे भें 40 हज़ाय फच्चे ज़ामा किमे गए रेकिन खुदा ने हज़यत भस
ू ा

(अ.स.) िो कफ़यऔन िी तभाभ तयिीफों िे फवजूद ऩैदा किमा, फा़ी यखा औय

उन्हीॊ िे हाथों से उसिी सरतनत िा तख़्ता उरट हदमा। इसी तयह इभाभ भेहदी

(अ.स.) िे लरमे हुआ कि तभाभ फनी उभय्मा औय फनी अब्फास िी सई फरीा िे

फावजद
ू आऩ फतने नयजीस ऽातन
ू से ऩैदा हुए औय आऩिो िोई दे ख ति न

सिा।

.2 हज़यत ईसा (अ.स.) िे फाये भें तभाभ महूदी औय नसयानी भत्त


ु कफ़़ हैं कि

आऩिो सर
ू ी दे दी गई औय आऩ ़त्र किमे जा चि
ु े , रेकिन ऽुदा वन्दे आरभ ने

उसिी यद्द फ़यभा दी औय िह हदमा कि वह न ़त्र हुए हैं औय न उनिो सर


ू ी

1007
दी गई है । मानी ऽुदा वन्दे आरभ ने अऩने ऩास फर
ु ा लरमा औय वह आसभान ऩय

अभन व अभाने ऽद
ु ा भें हैं। इसी तयह हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िे फाये भें बी

रोगों िा िहना है कि ऩैदा ही नहीॊ हुए, हाराॊ कि ऩैदा हो िय हज़यत ईसा (अ.स.)

िी तयह ााएफ हो चि
ु े हैं।

.3 हज़यत नह
ू (अ.स.) ने रोगों िी नाफ़यभानी से आज़जज़ आ िय ऽुदा िे

अज़ाफ िे नज़ूर िी दयख़्वास्त िी। ऽुदा वन्दे आरभ ने फ़यभामा कि ऩहरे एि

दयख़्त रगाओ वह पर राएगा, तफ अज़ाफ िरूगाॊ। इसी तयह नह


ू (अ.स.) ने सात

भयतफा किमा बफर आखखय


ु़ इस ताऽीय िे वजह से आऩिे तभाभ दोस्त व भवारी

औय इभानदाय िाकफ़य हो गए औय लसफ़क 70 भोलभन यह गए। इसी तयह ाैफते

इभाभ भेहदी (अ.स.) औय ताऽीये ज़हूय िी वजह से हो यहा है । रोग फ़याभीने

ऩैाम्फय औय आइम्भा (अ.स.) िी तिज़ीफ िय यहे हैं औय अवाभे भज़ु स्रभ बफरा

वजह ऐनतयाज़ात िय िे अऩनी आ़फत ऽयाफ िय यहे हैं औय शामद इसी वजह से

भशहूय है कि जफ दनु नमाॊ भें चारीस भोलभन िालभर यह जाएगें तफ आऩिा ज़हूय

होगा।

.4 हज़यते खखज्र
ु़ (अ.स.) जो ज़ज़न्दा औय फा़ी हैं औय ़माभत ति ज़ज़न्दा औय

भौजूद यहे गें। उन्हीॊ िी तयह हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) बी ज़ज़न्दा औय फा़ी हैं

औय ़माभत ति भौजूद यहें गे औय जफ कि हज़यते खखज़्र


ु़ (अ.स.) िे ज़ज़न्दा औय

1008
फा़ी यहने भें भस
ु रभानों भें िोई इख़्तेराफ़ नहीॊ है, हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.)

िे ज़ज़न्दा औय फा़ी यहने भें बी िोई इख़्तेराफ़ िी वजह नहीॊ हैं।

ग़ैफते िग़
ु रा व कुफरा और आऩके िफ
ु रा

आऩिी ाैफत िी दो है लसमतें थीॊ, एि सा


ु या औय दस
ू यी िुफया। ाैफते सा
ु या िी

भद्
ु दत 75 मा 73 सार थी। उसिे फाद ाैफते िुफया शरू
ु हो गई। ाैफते सा
ु या िे

ज़भाने भें आऩिा एि नाएफे ऽास होता था ज़जसिे ज़ेये एहतेभाभ हय क़स्भ िा

ननज़ाभ चरता था। सवार व जवाफ, ऽुम्स व ज़िात औय लसफ़ारयश से सफ़


ु या

भ़
ु यक य किमे जाते थे।

सफ से ऩहरे ज़जन्हें नाएफे ऽास होने िी सआदत नसीफ हुई उनिा नाभे नाभी

व इस्भे गेयाभी हज़यत उस्भान बफन सईद उभयी था। आऩ हज़यत इभाभ अरी निी ु़

(अ.स.) औय इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे भोतलभदे ऽास औय असहाफे ऽल्रस

भें से थे। आऩ ़फीराए फनी असद से थे। आऩिी िुज़न्नमत अफू उभय थी। आऩ

साभया िे ़यीए असिय िे यहने वारे थे। वफ़ात िे फाद आऩ फादाद भें दयवाज़ा

जफरा िे ़यीफ भज़स्जद भें दफ़्न किमे गमे हैं। आऩिी वफ़ात िे फाद फहुक्भे

इभाभ (अ.स.) आऩिे फ़यज़न्द हज़यत भोहम्भद बफन उस्भान बफन सईद इस

अज़ीभ भॊज़ज़रत ऩय फ़ाएज़ हुए, आऩिी िुज़न्नमत अफू जाफ़य थी। आऩने अऩनी

वफ़ात से दो भाह ़ब्र अऩनी ़ब्र खद


ु वा दी थी। आऩिा िहना था कि भैं मह

1009
इस लरमे िय यहा हूॉ कि भझ
ु े इभाभ (अ.स.) ने फता हदमा है औय अऩनी तायीऽे

वफ़ात से वाक़फ़ हूॉ। आऩिी वफ़ात जभाहदर अव्वर 305 हहजयी भें वा़े हुई औय

आऩ भाॉ िे ़यीफफ फभ़ाभ दयवाज़ा िूफ़ा लसये याह दफ़्न हुमे।

कपय आऩिी वफ़ात िे फाद फा वास्ता भयहूभ हज़यत इभाभ (अ.स.) िे हुक्भ से

हज़यत हुसन
ै बफन यौह इस भनसफे अज़ीभ ऩय फ़ाएज़ हुए।

जाफ़य बफन भोहम्भद बफन उस्भान सईद िा िहना है कि भेये वालरद हज़यत

भोहम्भद बफन उस्भान ने भेये साभने हज़यत हुसन


ै बफन यौह िो अऩने फाद इस

भनसफ िी ज़ज़म्भेदायी िे भत
ु ाअज़ल्ऱ इभाभ (अ.स.) िा ऩैााभ ऩहुॉचामा था।

हज़यत हुसन
ै बफन यौह िी िुज़न्नमत अफू ़ालसफ थी। आऩ भहल्रे नव फख़्त िे

यहने वारे थे। आऩ ऽुकफ़मा तौय ऩय जुभरा भभ


ु ालरिे इस्रालभमा िा दौया किमा

ियते थे। आऩ दोनों कफ़य़ों िे नज़दीि भोतलभद, सक़्


ु ़ा, सारेह औय अभीन ़याय

हदमे गमे हैं। आऩिी वफ़ात शाफान 326 हहजयी भें हुई औय आऩ भहल्रे नव फख़्त

िूफ़े भें भदफ़ून हुए हैं। आऩिी वफ़ात िे फाद फहुक्भे इभाभ (अ.स.) हज़यत अरी

बफन भोहम्भद अर सभयी इस ओहदाए जरीरा ऩय फ़ाएज़ हुए। आऩिी िुज़न्नमत

अफर
ु हसन थी। आऩ अऩने फ़याएज़ अॊजाभ दे यहे थे, जफ वक़्त ़यीफ आमा तो

आऩ से िहा गमा कि आऩ अऩने फाद िा क्मा इॊतेज़ाभ ियें गे? आऩने फ़यभामा

कि अफ आइन्दा मह लसरलसरा ़ाएभ न यहे गा। (भजारेसुर भोभेनीन, ऩष्ृ ठ 89 व

जज़ीयए खखज़या
ु़ ऩष्ृ ठ 6 व अनवारूर हुसैननमा ऩष्ृ ठ 55) भल्
ु रा जाभी अऩनी किताफ

1010
शवाहे दन
ु नफव
ू त िे ऩष्ृ ठ 214 भें लरखते हैं कि भोहम्भद अर सभयी िे इन्ते़ार

से 6 मौभ ़ब्र इभाभ (अ.स.) िा एि फ़यभाने नाहहमा भ़


ु द्दे सा से फयाभद हुआ

ज़जसभें उनिी वफ़ात िा ज़ज़क्र औय लसरलसराए लसफ़ायत िे ऽत्भ होने िा

लसरलसरा था। इभाभ भेहदी (अ.स.) िे ऽत िे उमन


ू अल्फ़ाज़ मह हैं।

बफज़स्भल्राहहयक हभाननकयहीभ

मा अरी बफन भोहम्भद अज़भ अल्राह अजया ऽवाएनेिा फ़ी़ा फ़ाअनिा भमता

भा फैनिा व फैने सन्


ु नता अय्माभ फ़ा अज़भा अभये िा वरा तयज़ इरा अहद

मािौभु़ भ़ाभेिा फाअद वफ़ातेिा फ़़त व़अत अर ाैफता अर ताभता फ़रा

ज़हूय इरा फआद इज़न अल्राह ताआरा व ज़ारेिा फआद तूर अर आभद। ’’

तयजुभा:- ऐ अरी बफन भोहम्भद ! ऽुदा वन्दे आरभ तुम्हाये फाये भें तुम्हाये

बाईमों औय दोस्तों िो अजये जभीर अता िये । तुम्हें भारभ


ू हो कि तुभ 6 मौभ भें

वफ़ात ऩाने वारे हो, तुभ अऩने इन्तेज़ाभात िय रो औय आइन्दा िे लरमे अऩना

िोई ़ाएभ भ़
ु ाभ तजवीज़ व तराश न ियो। इस लरमे कि ाैफते िुफया वा़े हो

गई है औय इज़ने ऽद
ु ा िे फाैय ज़हूय न भज़ु म्िन होगा। मह ज़हूय फहुत तवीर असे

िे फाद होगा।

ायज़ कि 6 हदन गुज़यने िे फाद हज़यत अफर


ु हसन अरी बफन भोहम्भद अर

सभयी फतायीऽ 15 शाफान 329 हहजयी इन्ते़ार फ़यभा गए औय कपय िोई ऽुसस
ू ी

सफ़ीय भ़
ु यक य नहीॊ हुआ औय ाैफते िुफया शरू
ु हो गई।

1011
सुफ़याए उभूभी िे नाभ

भन
ु ालसफ भारभ
ू होता है कि उन सफ़
ु या िे इस्भा बी दयजे ज़ैर िय हदमे जामें

जो उन्हें नब्वाफे ऽास िे ज़रयए औय लसफ़ारयश से फहुक्भे इभाभ (अ.स.) भभ


ु ालरिे

भहरूसा भऽसलू समा भें इभाभ (अ.स.) िा िाभ ियते औय हज़यत िी खखदभत
ु़ भें

हाज़ज़य होने यहते थे।

1.फादाद से हाज़जज़, बफरारी, अत्ताय 2. िूफ़े से आसभी, 3. अहवाना से

भोहम्भद बफन इब्राहीभ बफन भेहयमाय, 4. हभदान से भोहम्भद इब्ने सारेह, 5. यै

से फसाभी व असदी 6. आज़य फैजान से ़सभ बफन अरा, 7. नैशाऩयू से भोहम्भद

बफन शादान, 8. ़सभ से अहभद बफन इस्हा़। (ााएत अर भ़सूद ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ

120)

हज़रत इमाम मेहदी (अ.ि.) की ग़ैफत के फाद

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ाैफत चॊकू ि ऽुदा वन्दे आरभ िी तयफ़ से

फतौये रत्ु फ़े ऽास अभर भें आई थी। इस लरमे आऩ ऽद


ु ाई खखदभत
ु़ भें हभतन

भन
ु हलभि हो गमे औय ाामफ होने िे फाद आऩने दीने इस्राभ िी खखदभत
ु़ शरू

फ़यभा दी। भस
ु रभानों, भोलभनों िे ऽुतूत िे जवाफात दे ने उनिी फवक़्ते ज़रूयत

यहफयी ियने औय उन्हें याहे यास्त हदखाने िा फ़यीज़ा अदा ियना शरू
ु िय हदमा।

1012
ज़रूयी खखदभात
ु़ आऩ ज़भानाए ाैफते सा
ु या भें फ वास्ता सफ़
ु या मा बफरा वास्ता

औय ज़भानए िुफया भें बफरा वास्ता अन्जाभ दे ते यहे औय ़माभत ति अन्जाभ

दे ते यहें गे।

307 हहजरी में आऩका हजरे अिवद निफ करना

अल्राभा अयफरी लरखते हैं कि ज़भानाए ननमाफत भें फाद हुसन


ै बफन यौह, अफर

़ालसभ, जाफ़य बफन भोहम्भद, िौलरमा हज िे इयादे से फादाद गमे औय वह

भक्िे भोअज़्ज़भा ऩहुॉच िय हज ियने िा फ़ैसरा किमे हुए थे रेकिन वह फादाद

ऩहुॉच िय सख़्त अरीर हो गमे। इसी दौयान भें आऩने सन


ु ा कि ़याभता ने हजये

असवद िो ननिार लरमा है औय वह उसे िुछ दरू


ु स्त िय िे अय्माभे हज भें कपय

नसफ ियें गे। किताफों भें चॊकू ि ऩढ़ चि


ु े थे कि हजये असवद लसफ़क इभाभे ज़भाना ही

नसफ िय सिता है जैसा कि ऩहरे हज़यत भोहम्भद (स.अ.व.व.) ने नसफ किमा

था। कपय ज़भानाए हज भें इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) ने नसफ किमा था। इसी

बफना ऩय उन्होंने अऩने एि ियभ फ़यभा ‘‘ इब्ने हश्शाभ ’’ िे ज़रयए से एि ऽत

इयसार किमा औय उसे िह हदमा कि जो हजये असवद नसफ िये उसे मह ऽत दे

दे ना। नसफे हजय िी रोग सई िय यहे थे रेकिन वह अऩनी जगह ऩय ़याय नहीॊ

रेता था कि इतने भें एि ऽफ


ू सयू त नौ जवान एि तयफ़ से साभने आमा औय

उसने उसे नसफ िय हदमा औय वह अऩनी जगह ऩय भस


ु त़य हो गमा। जफ वह

1013
वहाॊ से यवाना हुआ तो इब्ने हश्शाभ उनिे ऩीछे हो लरमे। यास्ते भें उन्होंने ऩरट

िय िहा ऐ इब्ने हश्शाभ, तू जाफ़य बफन भोहम्भद िा ऽत भझ


ु े दे दे । दे ख उस भें

उसने भझ
ु से सवार किमा है कि वह िफ ति ज़ज़न्दा यहे गा। मह िह िय वह

नज़यों से ाामफ हो गए। इब्ने हश्शाभ ने साया वा़ेमा फादाद ऩहुॉच िय जाफ़य

बफन ़ौलरमा से फमान िय हदमा। ायज़ कि वह तीस सार िे फाद वफ़ात ऩा गमे।

(िशफ़ुर ाम्
ु भा ऩष्ृ ठ 133)

इसी क़स्भ िे िई वा़ेमात किताफे भज़िूया भें भौजद


ू हैं। अल्राभा अब्दर

यहभान भल्
ु रा जाभी य़भ तयाज़ हैं कि एि शख़्स इस्भाईर बफन हसन हय िुरी

जो नवाही हहल्रा भें भ़


ु ीभ था उसिी यान ऩय एि ज़ख़्भ नभद
ू ाय हो गमा था जो

हय ज़भानए फहाय भें उफर आता था। ज़जसिे इराज से तभाभ दनु नमा िे हिीभ

आज़जज़ औय ़ालसय हो गमे थे। वह एि हदन अऩने फेटे शम्सद्


ु दीन िो हभयाह रे

िय सय्मद यज़ी उद्दीन अरी बफन ताऊस िी खखदभत


ु़ भें गमा। उन्होंने ऩहरे तो

फड़ी सई िी रेकिन िोई चाया िाय न हुआ। हय तफीफ मह िहता था कि मह

पोड़ा ‘‘ यगे एिहर ’’ ऩय है अगय इसे नशतय हदमा तो जान िा ऽतया है इस

लरमे इसिा इराज न भज़ु म्िन है । इस्भाईर िा फमान है कि ‘‘ चन


ू अज़ अत्तफा

भामस
ू शद
ु भ अज़ी भत भशहद शयीफ़ सयभन याए ियदभ ’’ जफ भैं तभाभ एतफाय

से भामस
ू हो गमा तो साभया िे सयदाफ िे ़यीफ गमा औय वहाॊ ऩय हज़यते साहे फे

अम्र िो भत
ु ावज्जे किमा। एि शफ दयमाए दजरा से ास्
ु र िय िे वाऩस आ यहा

1014
था कि चाय सवाय नज़य आए, उनभें से एि ने भेये ज़ख़्भ िे ़यीफ हाथ पेया औय

भैं बफल्िुर अच्छा हो गमा। भैं अबी अऩनी सेहत ऩय ताअज्जफ


ु ही िय यहा था कि

इनभें से एि सवाय ने जो सफ़ेद यीश (सफ़ैद दाढ़ी) थे िहा कि ताअज्जफ


ु क्मा है ।

तुझे लशफ़ा दे ने वारे इभाभ भेहदी (अ.स.) हैं। मह सन


ु िय भैंने उनिे ़दभों िा

फोसा हदमा औय वह रोग नज़यों से ाामफ हो गमे। (शवाहे दन


ु नफूवत ऩष्ृ ठ 214 व

िशफ़ुर ाम्
ु भा ऩष्ृ ठ 132)

इस्हाक़ बफन याक़ूफ के नाम इमामे अस्र (अ.ि.) का खत

अल्राभा तफरयसी फहवारा भोहम्भद बफन मा़ूफ ़ुरैनी लरखते हैं कि इस्हा़

बफन मा़ूफ ने फज़रयमे भोहम्भद बफन उस्भान अभयी हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.)

िी खखदभत
ु़ भें एि ऽत इयसार किमा ज़जसभें िई सवारात लरखे थे। हज़यत ने

ऽुद खत िा जवाफ तहयीय फ़यभामा औय तभाभ सवारात िे जवाफात तहयीय

इनामत फ़यभा हदमे ज़जसिे अजज़ा मह हैं:

1. जो हभाया भन
ु किय है, वह हभ से नहीॊ।

2. भेये अज़ीज़ों भें से जो भऽ


ु ारेफ़त ियते हैं, उनिी लभसार इब्ने नह
ू औय

फयादयाने मस
ु फ़
ु िी हैं।

3. पुक्िाहु़ मानी जौ िी शयाफ िा ऩीना हयाभ है ।

1015
4. हभ तुम्हाये भार लसफ़क इस लरमे (फतौये ऽम्ु स) ़ुफर
ू ियते हैं कि तुभ ऩाि हो

जाओ औय अज़ाफ से ननजात हालसर िय सिो।

5. भेये ज़हूय ियने औय न ियने िा ताल्ऱ


ु लसफ़क ऽद
ु ा से है जो रोग वक़्ते

ज़हूय भ़
ु यक य ियते हैं वह ारती ऩय हैं झट
ू फोरते है ।

6. जो रोग मह िहते हैं कि इभाभ हुसन


ै (अ.स.) ़त्र नहीॊ हुए वह िाकफ़य

झठ
ू े औय गुभयाह हैं।
ु़
7. तभाभ वािेए होने वारे हवाहदस भें भेये सफ़
ु या ऩय एनतभाद ियो वह भेयी

तयफ़ से तम्
ु हाये लरए हुज्जत हैं औय भैं हुज्जतल्
ु राह हूॉ।

8. भोहम्भद बफन उस्भान ’’ अभीन औय सक़्


ु ़ह हैं औय उनिी तहयीय भेयी

तहयीय है ।

9. भोहम्भद बफन अरी भहयमाय अहवाज़ी िा हदर इन्शा अल्राह फहुत साफ़ हो

जामेगा औय उन्हें िोई शि न यहे गा।

10. गाने वारे िी उजयत व ़ीभत हयाभ है ।

11. भोहम्भद बफन शादान बफन नईभ हभाये लशमों भें से हैं।

12. अफू अर ऽत्ताफ भोहम्भद बफन ज़ैनफ अजद भरऊन है औय इनिे भानने

वारे बी भरऊन हैं भैं औय भेये फाऩ दादा इस से औय इसिे फाऩ दादा से हभेशा

फेज़ाय यहे हैं।

13. जो हभाया भार खाते हैं वह अऩने ऩेटों भें आग बयते हैं।

1016
14. ऽुम्स हभाये सादात लशमा िे लरमे हरार है ।

15. जो रोग दीने ऽद


ु ा भें शि ियते हैं वह अऩने खद
ु ज़ज़म्भेदाय हैं।

16. भेयी ाैफत क्मो वा़ेए हुई है मह फात ऽद


ु ा िी भसरहत से भत
ु ाअज़ल्ऱ है

इसिे भत
ु ाअज़ल्ऱ सवार फेिाय है । भेये आफाओ अजदाद दनु नमाॊ वारों िे लशिन्जें

भें हभेशा यहे हैं रेकिन ऽुदा ने भझ


ु े इस लशिन्जे से फचा लरमा है जफ भैं ज़हूय

िरूगाॊ बफल्िुर आज़ाद हूॊगा।

17. ज़भानाए ाैफत भें भझ


ु से फ़ामदा क्मा है इसिे भत
ु ाअज़ल्ऱ मह सभझ रो

कि भेयी लभसार ाैफत भें वैसी है, जैसे अब्र भें छुऩे हुए आफ़ताफ िी। भैं लसतायों

िी भाननन्द अहरे अज़क िे लरमे अभान हूॉ। तुभ रोग ाैफत औय ज़हूय िे

भत
ु ाअज़ल्ऱ सवारात िा लसरलसरा फन्द ियो औय ऽुदा वन्दे आरभ िी फायगाह

भें दोआ ियो औ वह जल्द भेये ज़हूय िा हुक्भ दे दे । ऐ इस्हा़ ! तुभ ऩय औय

उन रोगों ऩय भेया सराभ जो हहदामत िी इब्तेदा ियते हैं।

(आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 258, भजालरसुर भोभेनीन ऩष्ृ ठ 190, िशफ़ुर ाम्
ु भा ऩष्ृ ठ 140)

िेख मोहम्मद बफन मोहम्मद के नाम इमामे ज़माना (अ.ि.) का

मकतूफे गगरामी

डरभा िा फमान है कि हज़यत इभाभे अस्र (अ.स.) ने जनाफे शेऽ भफ़


ु ीद अफू

अब्दल्
ु राह भोहम्भद बफन भोहम्भद बफन नेभान िे नाभ एि भितफ
ू इयसार

1017
फ़यभामा है ज़जसभें उन्होंने शेऽ भफ़
ु ीद िी भदह फ़यभाई है औय फहुत से वा़ेमात

से भौसफ़
ू िो आगाह फ़यभामा है । उनिे भितफ
ू े गगयाभी िा तयजभ
ु ा मह है :-

भेये नेि फयादय औय राए़ भोहहफ, तभ


ु ऩय भेया सराभ हो। तम्
ु हें दीनी भाभरे

भें ऽुरस
ू हालसर है औय तुभ भेये फाये भें म़ीने िालभर यखते हो। हभ उस ऽुदा

िी तायीफ़ ियते हैं ज़जसिे लसवा िोई भाफद


ू नहीॊ है । हभ दरू
ु द बेजते हैं हज़यत

भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) औय उनिी ऩाि आर ऩय। हभायी दआ
ु है कि ऽुदा

तुम्हायी तौफ़ी़ाते दीनी हभेशा ़ाएभ यखे औय तुम्हें नस


ु यते ह़ िी तयफ़ हभेशा

भत
ु ावज्जा यहे । तभ
ु जो हभाये फाये भें लसद़ फमानी ियते यहतें हो, ऽद
ु ा तभ
ु िो

इसिा अज्र अता फ़यभाए। तुभ ने जो हभ से ऽत व किताफत िा लसरलसरा जायी

यखा औय दोस्तों िो फ़ामदा ऩहुॉचामा, वह िाबफरे


ु़ भदह व सताईश है । हभायी दोआ

है कि ऽुदा तुभ िो दश्ु भनों िे भ़


ु ाफरे भें िाभमाफ यखे। अफ ज़या ठहय जाओ,

औय जैसा हभ िहते हैं उस ऩय अभर ियो। अगयचे हभ ज़ालरभों िे इभिानात से

दयू हैं जफ तफ दौरते दनु नमाॊ फ़ालस़ों िे हाथ भें यहे गी। हभ उन राज़ीशों िो

जानते हैं जो रोगों से अऩने नेि असराफ़ िे खखराफ़


ु़ जाहहय
ु़ हो यही हैं। (शामद

इससे अऩने चचा जाफ़य िी तयफ़ इयशाद फ़यभामा है ) उन्होंने अऩने अहदों िो ऩसे

ऩश्ु त डार हदमा गोमा वह िुछ जानते ही नहीॊ। ताहभ हभ उनिी रयवामतों िो

छोड़ने वारे नहीॊ औय न उनिे ज़ज़क्र बर


ू ने वारें हैं अगय ऐसा होता तो इन ऩय

भस
ु ीफतें नाज़ज़र होतीॊ औय दश्ु भनों िा ारफा हालसर हो जाता, ऩस उनसे िहो कि

1018
ऽुदा से डयो औय हभाये अभय नहीॊ भन
ु िय िी हहफ़ाज़त ियो औय अल्राह अऩने

नयू िा िालभर ियने वारा है चाहे भगु श्रि िैसी ही ियाहीय्मत ियें त़य्मा िो

ऩिड़े यहो। भैं उसिी ननजात िा ज़ालभन हूॉ जो ऽद


ु ा िी भयज़ी िा यास्ता चरेगा।

इस सार जभादीर अव्वर िा भहीना आमेगा तो इसिे वाक़मात से इफयत हालसर

ियना तुम्हाये लरए आसभान व ज़भीन से यौशन आएतें ज़ाहहय होगीॊ। भस


ु रभानों

िे गगयोह हुज़न व ़ऱ भें फाभ़


ु ाभ एया़ पॊस जाएगें औय उनिी फद

आभालरमों िी वजह से रयज़़् भें तगीॊ हो जाऐगी। कपय मह ज़ज़ल्रत व भस


ु ीफत

शयीयों िी हराित िे फाद दयू हो जामेगी। उनिी हराित से नेि औय भत्त


ु ़ी

रोग ऽुश होंगे। रोगों िो चाहहमे कि वह ऐसे िाभ ियें ज़जनसे उनभें हभायी

भोहब्फत ज़्मादा हो। मह भारभ


ू होना चाहहए कि जफ भौत मिामि आएगी तो

फाफे तौफा फन्द हो जाऐगा औय ऽुदाई िहय से नजात न लभरेगी। ऽुदा तुभ िो

नेिी ऩय ़ाएभ यखे औय तुभ ऩय यहभत नाज़ज़र िये । ’’

भेये ख़्मार भें मह ऽत अहदे ाैफते िुफया िा है, क्मोंकि शेऽ भकु फ़द िी

ववरादत 11 ज़ी़ाद 326 हहजयी औय वफ़ात 3 यभज़ान 413 हहजयी भें हुई औय

ाैफते सा
ु या िा ऐख़्तेताभभ 15 शाफान 329 हहजयी भें हुआ है । अल्राभा िफीय

हज़यत शहीदे सालरस अल्राभा नयू उल्राह शस्


ू तयी भजालरस अर भोभेनीन िे

ऩष्ृ ठ 206 भें लरखते हैं कि शेऽ भफ़


ु ीद िे भयने िे फाद हज़यत इभाभे इस्र (अ.स.)

ने तीन शेय इयसार फ़यभाए थे जो भयहूभ िी ़ब्र ऩय िन्दा हैं।

1019
उन हज़रात के नाम जजन्होंने ज़मानए ग़ैफते िुग़रा में इमाम को दे खा

है ।

चायों विरमे ऽुसस


ू ी औय सात विराए उभभ
ू ी िे अरावा वह ज़जन रोगों ने

हज़यत इभाभे अस्र (अ.स.) िो दे खा है उनिे इसभाए फाज़ िे नाभ मह हैं:-

फादाद िे यहने वारों भें से, 1. अफू अर ़ालसभ बफन यईस, 2. अफू अब्दल्
ु राह

इब्ने फ़याऽ, 3. भसरूय अर तफाऽ, 4., 5. अहभद व भोहम्भद वऩसयाने हसन, 6.

इसहा़ िानतफ अज़नू फख़्त, 7. साहे गे अर फ़याए, 8. साहे फे असयतह अर

भऽतभ
ू ा, 9. अफू अर ़ालसभ बफन अफी जरैसा, 10. अफू अब्दल्
ु राह अर िन्दी,

11. अफू अब्दल्


ु राह अर जन्दी, 12. हारून अर फ़याज़, 13. अर नैरा, (हभदान

िे फालशन्दों भें से) 16. हसन बफन हयवान, 17. अहभद बफन हयवान (अज़
ु़
असफ़हान) 18. इब्ने फाज़शारा, (अज़ जैभय) 19. ज़ैदान अज़ ़ुभ, 20. हसन बफन

नसय, 21. भोहम्भद बफन भोहम्भद, 22. अरी बफन भोहम्भद बफन इसहा़, 23.

भोहम्भद बफन इसहा़, 24. हसन बफन मा़ूफ, (अज़ यै ) 25. ़सभ बफन भस
ू ा,

26. फ़यज़न्द ़सीभ बफन भस


ू ा, 27. इब्ने भोहम्भद बफन हारून, 28. साहे फे अर

अस सािा, ु़ 29. अरी बफन भोहम्भद, 30. भोहम्भद बफन मा़ूफ ़ुरैनी, 31. अफू

जाफ़य अय़ा, (अज़ िज़वीन) 32. भयवास, 33. अरी बफन अहभद, (अज़ फ़ायस)

34. अिभज़रूह (शेहज़ोय) 35. इब्ने अर जभार, (अज़ ़ुद्स) 36. भजरूह

1020
(अज़भयो) 37. साहे फे अरफ़ दीनाय, 38. साहे फे अर भार व अय़ता अर फैज़ा,

39. अफू साबफत (अज़ नेशाऩयू ) 40. भोहम्भद बफन शोऐफ बफन सारेह (अज़ मभन)

41. फ़ज़र बफन मज़ीद, 42. हसन बफन फ़ज़र, 43. जाफ़यी, 44. इब्ने अर

अजभी, 45. शभशाती (अज़ लभस्र) 46. साहे फे अर भौरद


ू ै न, 47. साहे फे अर भार,

48. अफू यहाए, (अज़ नसीफैन) 50. अर हुसन


ै ी (ाामतर भ़सूद ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 121)

ज़्जयारते नाहहया और उिूऱे काफी

िहते हैं कि इसी ज़भानाए ाैफते सा


ु या भें नाहहमा भ़
ु द्दे सा से एि ऐसी

ज़्मायत फयाभद हुई है ज़जसभे तभाभ शोहदाए ियफरा िे नाभ औय उनिे ़ानतरों

िे असभा हैं इसे ‘‘ ज़्मायते नाहहमा ’’ िे नाभ से भौसभ


ू किमा जाता है ।

इसी तयह मह बी िहा जाता है कि उसर


ू े िाफ़ी जो कि हज़यत स़
ु तुर इस्राभ

अल्राभा ़ुरैनी अर भतफ़


ू ी 328 हहजयी िी 20 सारा तसनीफ़ है । वह जफ इभाभे

अस्र (अ.स.) िी खखदभत


ु़ भें ऩेश हुई तो आऩने फ़यभामा ‘‘ हाज़ ़ाफ़े राशैतना ’’

मह हभाये लशमो िे लरमे िाफ़ी है ।

ज़्मायते नाहहमा िी तौसी़ फहुत से उरभा ने िी है ज़जनभें अल्राभा तफयसी

औय भजलरसी बी हैं। दोआए सफासफ आऩ ही से भयवी है ।

1021
ग़ैफते कुफरा में इमाम मेहदी (अ.ि.) का मरक़जी मक़
ु ाम

इभाभ भेहदी (अ.स.) चॊकु ि उसी तयह ज़ज़न्दा औय फा़ी हैं ज़जस तयह हज़यत

ईसा (अ.स.), हज़यत खखज्र


ु़ (अ.स.) हज़यत इरमास नीज़ दज्जार, फतार, माजूज

भाजज
ू औय इब्रीस रईन ज़ज़न्दा औय फा़ी हैं औय उन सफ िा भय़ज़ी भ़
ु ाभ

भौजूद है । जहाॊ मह यहते हैं भसरन हज़यत ईसा चौथे आसभान ऩय (़ुयान भजीद)

हज़यत इदयीस जन्नत भें (़ुयान भजीद) हज़यत खखज़्र


ु़ औय इरमास भजभउर फहयै न

मानी दरयमाए फ़ायस व योभ िे दयलभमान ऩानी िे ़सय भें (अजाएफ अर ़स

ु वाहहद ऩष्ृ ठ 176) औय दज्जार व फतार तफयस्तान जज़ीयाए भारयफ


अल्राभा अब्दर

भें (किताफ ाामतर ू ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 102) औय माजज


ु भ़सद ू भाजज
ू फहये योभ िे अ़फ

भें दो ऩहाड़ों िे दयलभमान (ाामतर भ़सदू ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 74) औय इफरीस रईन,

इस्तेभाये अयज़ी िे वक़्त वारे ऩाएतख़्त भल्


ु तान भें (किताफ इयशाद उत तारेफीन

ू द दयवीज़ा ऩष्ृ ठ 243) तो रा भह


अल्राभा अऽन् ु ारा हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िा बी

िोई भयिज़ी भ़
ु ाभ होना ज़रूयी है जहाॊ आऩ तशयीफ़ फ़यभा हों औय वहाॊ से सायी

िाएनात भें अऩने फ़याएज़ अॊजाभ दे ते हों।

इसी लरमे िहा जाता है कि ज़भानाए ाैफत भें हज़यत भेहदी (अ.स.) (जज़ीयाए

खखज़या
ु़ औय फहये अफमज़) भें अऩनी औराद अऩने असहाफ सभेत ़माभ फ़यभा हैं

औय वहीॊ से फ एजाज़ तभाभ िाभ किमा ियते औय जगह ऩहुॉचा ियते हैं। मह

जज़ीयाए खखज़या
ु़ सयज़भीने ववरामत फयफय भें दयलभमान दरयमा उन्दलरस वा़े है

1022
मह जज़ीयह भाभयू व आफाद है । इस दरयमा िे साहहर भें एि भौज़ा बी है जो फ

शक्रे जज़ीया है उसे उन्दलरस वारे (जज़ीयाए यफ़ज़ा) िहते हैं क्मों कि उसभें सायी

आफादी लशमों िी है । इस तभाभ आफादी िी ऽयु ाि वाैया जज़ीयाए खखज़या


ु़ से

फयाह फहये अफमज़ सार भें दो फाय इयसार िी जाती है ।

भर
ु ाहे ज़ा हो (तायीऽ जहाॉ आया, ये आज़ उर उरभा िफ़ाएतुर भेहदी, िशफ़ुर
ु़
िेनाअ, ये आज़ अर भोभेनीन, ााएतर भ़सद
ू , रयसारा जज़ीयाए खखज़या,
ु़ फहये

अफमज़ औय भजालरस अर भोभेनीन, अल्राभा नयू उल्राह शस्


ू तयी व फेहारूर

अनवाय, अल्राभा भजलरसी किताफ यौज़तर


ु शौहदा अल्राभा हुसन
ै वाज़ेए िाशफ़ी

ऩष्ृ ठ 439 भें इभाभ भेहदी (अ.स.) िे अ़साए बफरादे भारयफ भें होने औय उनिे

शहयों ऩय तसरूकफ़ यखने औय साहफे औराद वाैया होने िा हवारा है ।

इभाभ लशब्रन्जी अल्राभा अब्दर


ु अर भोलभन ने बी अऩनी किताफ नरू
ू र

अफसाय िे ऩष्ृ ठ 152 भें इसिी तयफ़ फ हवारा किताफ जाभेए अर फ़नन
ू इशाया

किमा है ामास अर ाास िे ऩष्ृ ठ 72 भें है कि मह वह दरयमा है ज़जसिे जाननफे

भशरय़ चीन, जाननफे ायफी मभन, जाननफे शभ


ु ारी हहन्द, जाननफे जन
ु फ
ू ी दरयमाए

भोहीत वा़े हैं। इस फहये अफमज़ व अऽज़य िा तूर 2 हज़ाय फ़यसऽ औय अज़क

ऩाॉच सौ फ़यसऽ है । इसभें फहुत से जज़ीये आफाद हैं ज़जनभें एि सयान्दीफ बी है

इस किताफ िे ऩष्ृ ठ 295 भें है कि आऩ कि ‘‘ साहे फज़्


ु ज़भान ’’ हज़यत इभाभ

1023
भेहदी (अ.स.) िा ऱफ है । अल्राभा तफयसी लरखते हैं कि आऩ ज़जस भिान भें

यहते हैं उसे ‘‘ फैतर


ु हम्द ’’ िहते हैं। (आराभर
ु वयु ा ऩष्ृ ठ 263)

जज़ीराए खखज़रा में इमाम (अ.ि.) िे मऱ


ु ाक़ात

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ़माभ गाह जज़ीयाए खखज़या


ु़ भें जो रोग ऩहुॉचे

हैं उनभें से शेऽ सारेह, शेऽ ज़ैनर


ु आब्दीन अरी बफन फ़ाज़ज़र भाज़न्दे यानी िा

नाभ नभ
ु ामा तौय ऩय नज़य आता है । आऩिी भर
ु ा़ात िी तस्दी़, फ़ज़र बफन

महहमा बफन अरी ताफई िुफ़ी व शेऽ आलरभ आलरभ शेऽ शम्सद्
ु दीन नजी अरी

व शेऽ जरारद्
ु दीन, अब्दल्
ु राह इब्ने अवाभ हहल्री ने फ़यभाई है ।

अल्राभा भजलरसी ने आऩिे सफ़य िी सायी रूदाद एि रयसारे िी सयू त भें

ज़ब्त किमा है ज़जसिा भस


ु रसर ज़ज़क्र फेहारूर अनवाय भें भौजूद है । रयसारा

जज़ीयाए खखज़या
ु़ िे ऩष्ृ ठ 1 भें है कि शेऽ अजर सईद शहीद बफन भोहम्भद

भक्िी औय भीय शम्सद्


ु दीन भोहम्भद असद उल्राह शस्
ु तयी ने बी तसदी़ िी है ।

भोअज़ल्रफ़ किताफे रयसारा जज़ीयाए खखज़या


ु़ िहता है कि हज़यत िी ववरादत

हज़यत िी ाैफत, हज़यत िा ज़ुहूय वाैया ज़जस तयह यभज़े ऽुदावन्दी औय याज़े

इराही है उसी तयह आऩिी जाए ़माभ बी एि याज़ है ज़जसिी इत्तेरा आभ ज़रूयी

नहीॊ है । वाज़े हो कि िोरम्फस िे इदयाि से बी ़ब्र अभयीिा िा वजद


ू था।

1024
इमामे ग़ायफ का हर जगह हाजज़र होना

अहादीस से साबफत है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) जो कि भज़हरूर अजाएफ हज़यत

अरी (अ.स.) िे ऩोते हैं, हय भ़ाभ ऩय ऩहुॉचते औय हय जगह अऩने भानने वारों

िे िाभ आते हैं। उरभा ने लरखा है कि आऩ फ वक़्ते ज़रूयी भज़हफी रोगों से

लभरते हैं उन्हें दे खते हैं मह औय फात है कि उन्हें ऩहचान न सिें। (गाएत
ु़ ुर भ़सूद)

इमाम मेहदी (अ.ि.) और हज्जे काफा

मह भस
ु ल्रेभात से है कि हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) हय सार िाफा िे लरमे

भक्िा भोअज़्ज़भा इसी तयह तशयीफ़ रे जाते हैं ज़जस तयह हज़यते खखज़य
ु़ व

इरमास (अ.स.) जाते हैं। (लसयाज अर ़ुरूफ ऩष्ृ ठ 77)

अहभद िूफ़ी िा फमान है कि भैं तवाफ़े िाफा भें भसरूफ़ व भशार


ू था कि

भेयी नज़य एि ननहामत ऽूफ सयू त नवजवान ऩय ऩड़ी भैंने ऩछ


ू ा आऩ िौन हैं औय

िहाॊ से तशयीफ़ राए हैं? आऩने फ़यभामा ‘‘ अनर भेहदी व अनर ़ाएभ ’’ भैं

भेहदी आऽरूज़ ज़भा औय ़ाएभे आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) हूॉ।

ाानभ हहन्दी िा फमान है कि भैं इभाभ भेहदी (अ.स.) िी तराश भें एि

भयतफा फादाद गमा, एि ऩर


ु से गुज़यते हुए भझ
ु े एि साहफ लभरे वह भझ
ु े एि

फाा भें रे गए औय उन्होंने भझ


ु से हहन्दी ज़फान भें िराभ किमा औय फ़यभामा

कि तुभ इस सार हज िे लरमे ना जाओ वयना ऩ


ु सान ऩहुॉच जाऐगा। भोहम्भद

1025
बफन शाज़ान िा िहना है कि भैं एि दफ़ा भदीने भें दाखखर
ु़ हुआ तो हज़यत इभाभ

भेहदी (अ.स.) से भर
ु ा़ात हुई, उन्होंने भेया ऩयू ा नाभ रे िय भझ
ु े ऩि
ु ाया, चॊकु ि

ऩयू े नाभ से िोई वाक़फ़ न था इस लरमे भझ


ु े ताज्जफ
ु हुआ। भैंने ऩछ
ू ा आऩ िौन

हैं? फ़यभामा इभाभे ज़भान हूॉ।

अल्राभा शेऽ सर
ु ेभान ़न्दज़
ू ी फरऽी तहयीय फ़यभाते हैं कि अब्दल्
ु राह इब्ने

सारेह ने िहा भैंने ाैफते िुफया िे फाद इभाभ भेहदी (अ.स.) िो हजये असवद िे

नज़दीि इस हार भें खड़े हुए दे खा कि उन्हें रोग चायों तयफ़ से घेये हुए हैं।

(मनाबफउर भोवद्दता)

ज़मानाए ग़ैफते कुफरा में इमाम मेहदी (अ.ि.) की फैअत

हज़यत शेऽ अब्दर


ु रतीफ़ हरफी हनफ़ी िा िहना है कि भेये वालरद शेऽ

इब्राहीभ हुसन
ै िा शभ
ु ाय हरफ िे भशएऽ अज़ाभ भें था। वह फ़यभाते हैं कि भेये

लभस्री उस्ताद ने फमान किमा है कि भैंने हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िे हाथ ऩय

फैअत िी है । (ननमाफुर भोवद्दता फाफ 85 ऩष्ृ ठ 392)

इमाम मेहदी (अ.ि.) की मोमेनीन िे मुऱाक़ात

रयसारए जज़ीयए खखज़या


ु़ िे ऩष्ृ ठ 16 भें फ हवारा अहादीसे आरे भोहम्भद

(स.अ.व.व.) भय़ूभ है कि हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) से हय भोलभन िी

1026
भर
ु ा़ात होती है मह औय फात है कि भोभेनीन उन्हें भसरहते ऽुदा वन्दी िी

बफना ऩय इस तयह न ऩहचान सिें ज़जस तयह ऩहचान्ना चाहहमे। भन


ु ालसफ भारभ

होता है कि इस भ़
ु ाभ ऩय भैं अऩना ख़्वाफ लरख दॉ ।ू वाक़मा है कि आज िर

जफ कि भैं इभाभे ज़भाना (अ.स.) िे हारात लरख यहा हूॉ हहदसे भज़िूय ऩय नज़य

डारने िे फाद फ़ौयन ज़हन भें मह ख़्मार ऩैदा हुआ कि भौरा सफ िो हदखाई दे ते

हैं रेकिन भझ
ु े आज ति नज़य नहीॊ आमे। इसिे फाद भैं बफस्तये इस्तेयाहत ऩय

गमा औय सोने िे इयादे से रेटा। अबी नीॊद ना आई थी औय ़तई तौय ऩय नीभ

फेदायी (ान ू गी) िी हारत थी कि नागाह भैंने दे खा कि भेये भिान से भशरय़ िी


ु द

जाननफ ता फा हद्दे नज़य एि ़ौसी ऽत ऩड़ा हुआ है मानी शभ


ु ार िी जाननफ िा

साया हहस्सा आरभे ऩहाड़ है औय उस ऩय इभाभ भेहदी (अ.स.) तरवाय लरमे ऽड़े

हैं औय मह िहते हुए कि ‘‘ ननस्फ़ दनु नमा आज ही फ़तह िय रॊग


ू ा ’’ शभ
ु ार िी

जाननफ एि ऩाॊव फढ़ा यहे हैं। आऩिा ़द आभ इॊसानों िे ़द से डेमोढ़ा औय

ज़जस्भ दोहया है । फड़ी फड़ी सयु गभीॊ आॊखें औय चेहया इन्तेहाई यौशन है । आऩिे

ऩट्टे िटे हुए हैं औय साया लरफास सफ़ैद है औय वक़्त अस्र िा है । मह वाक़मा

30 नवम्फय 1958 ई0 शफे मि शम्फा (यवीवाय िी यात) फ वक़्त 4.30 फजे शफ िा

है ।

1027
मल्
ु ऱा मोहम्मद फाफ़क़र दामाद का इमामे अस्र (अ.ि.) िे इस्तेफादा

करना

हभाये अिसय उरेभा इल्भी भसाएर औय भज़हफी व भआशयती भयाहहर हज़यत

इभाभे ज़भाना (अ.स.) ही से तम ियते आमे हैं। भल्


ु रा भोहम्भद फाक़य दाभाद जो

हभाये अज़ीभर
ु ़द्र भज
ु तहहद थे उनिे भत
ु ाअज़ल्ऱ है कि एि शफ आऩने ज़यीह

नजफ़े अशयफ़ भें एि भसरा लरख िय डारा, उसिे जवाफ भें तहयीयन िहा गमा

कि तुम्हाया इभाभे ज़भाना इस वक़्त भज़स्जदे िूफ़ा भें नभाज़ गुज़ाय है, तुभ वहाॊ

जाओ। वह वहा जा ऩहुॉच।े खुद फ खुद भज़स्जद िा दयवाज़ा खुद गमा औय आऩ

अन्दय दाखखर
ु़ हो गमे। आऩ ने भसरे िा जवाफ हालसर किमा औय आऩ भत
ु भइन

हो िय फयाभद हुए।

जनाफ फहरूऱ उऱम


ू का इमामे ज़माना (अ.ि.) िे मऱ
ु ाकात करना

किताफ ़सासर
ु उरेभा भोअल्रेफ़ा अल्राभा तन्िाफनी ऩष्ृ ठ 55 भें भज
ु तहहदे

आज़भ ियफराए भोअल्रा जनाफ आ़ा सय्मद भोहम्भद भेहदी फहये उरभ
ू िे

तज़किये भें भय़ूभ है कि एि शफ आऩ नभाज़ भें अन्दरू


ू ने हयभ भशार
ू थे कि

इतने भें इभाभे अस्र (अ.स.) अऩने अफो जद िी ज़्मायत िे लरमे तशयीफ़ रामे

ज़जसिी वजह से उनिी ज़फान भें रि


ु नत हुई औय फदन भें एि क़स्भ िा याशा

ऩैदा हो गमा कपय जफ वह वाऩस तशयीफ़ रे गमे तो उन ऩय जो एि ऽास क़स्भ

1028
िी िैकफ़मत तायी थी वह जाती यही। इसिे अरावा आऩिे इसी क़स्भ िे िई

वा़ेमात किताफ भज़िूया भें लरखे हैं।

इमाम मेहदी (अ.ि.) का हहमायते मज़हफ फरमाना

वाफ़क़ए ‘‘ अनार ’’

किताफ िशफ़ुर ाम्


ु भा ऩष्ृ ठ 133 भें है कि सय्मद फा़ी बफन अतव
ू ाह इभालभमा

भज़हफ िे थे औय उनिे वालरद ज़ैद मह ख़्मार यखते थे। एि हदन उनिे वालरद

अतूवाह ने िहा कि भैं सख़्त अरीर हो गमा हूॉ औय अफ फचने िी िोई उम्भीद

नहीॊ। हय क़स्भ िे हिीभों िा इराज िय चि


ु ा हूॉ। ऐ नयू े नज़य भैं तुभसे वामदा

ियता हूॉ कि अगय भझ


ु े तुम्हाये इभाभ ने लशफ़ा दे दी तो भैं भज़हफे इभालभमा

इख़्तेमाय िय रॊग
ू ा। मह िहने िे फाद जफ मह यात िो बफस्तय ऩय गमे तो इभाभे

ज़भाना िा उन ऩय ज़हूय हुआ, इभाभ ने भ़ाभे भज़क िो अऩने हाथ से भस िय

हदमा औय वह भज़क जाता यहा, अतूवाह ने उसी वक़्त भज़हफे इभालभमा इख़्तेमाय

िय लरमा औय यात ही भें जा िय अऩने फ़यज़न्द फा़ी अतूवाह िो ऽुश ऽफयी दे

दी।

इसी तयह किताफ जवाहरूर फमान भें है कि फहयै न िा वारी नसयानी औय

उसिा वज़ीय ऽवायजी था। वज़ीय ने फादशाह िे साभने चन्द ताज़ा अनाय ऩेश

किमे ज़जन ऩय ऽल्


ु फ़ा िे नाभ अल्र तयतीफ िन्दा थे औय फादशाह िो म़ीन

1029
हदरामा कि हभाया भज़हफ ह़ है औय तयतीफे खखराफ़त
ु़ भन्शाए ़ुदयत िे

भत
ु ाबफ़ दरू
ु स्त है । फादशाह िे हदर भें मह फात िुछ इस तयह फैठ गई ज़ िवह

मह सभझने ऩय भजफयू हो गमा कि वज़ीय िा भज़हफ ह़ है औय इभालभमा याहे

फानतर ऩय गाभज़न है । चन
ु ान्चे उसने अऩने ख़्मार िी तिभीर िे लरमे जुभरा

उरेभाए इभालभमा िो जो उसिे अहदे हुिूभत भें थे फर


ु ा बेजा औय उन्हें अनाय

हदखा िय उन से िहा कि इसिी यद्द भें िोई भा़ूर दरीर राओ वयना हभ

तुम्हें ़त्र िय िे तभाभ भज़हफ िो जड़ से उखाड़ु़ दें गे। इस वाक़ए ने उरेभाए

ियाभ भें एि अजीफ क़स्भ िा है ज़ान ऩैदा िय हदमा। बफरा आखखय


ु़ सफ उरेभा

आऩस भें भशवये िे फाद ऐसे दस उरेभा ऩय भत्त


ु कफ़़ हो गमे जो उन भें

ननसफतन भ़
ु द्दस थे औय प्रोग्राभ मह फना कि जॊगर भें एि एि आलरभ शफ भें

जा िय इभाभे ज़भाना (अ.स.) से इस्तेआनत िये , चॊकू ि एि शफ िी भोहरत व

भद्
ु दत लभरी थी इस लरमे ऩये शानी ज़्मादा थी। ायज़ कि उरेभा ने जॊगर भें जा

िय इभाभे ज़भाना (अ.स.) से फ़रयमाद िा लसरलसरा शरू


ु किमा। दो आलरभ

अऩनी अऩनी भद्


ु दते फ़यमादो फ़ुगाॊ ऽत्भ होने ऩय जफ वाऩस आमे औय तीसये

आलरभ हज़यत भोहम्भद बफन अरी िी फायी आई तो आऩने फदस्तूय सहया भें

जािय भस
ु ल्रा बफछा हदमा औय नभाज़ िे फाद इभाभे ज़भाना (अ.स.) िो अऩनी

तयफ़ भत
ु वज्जे ियने िी िोलशश िी रेकिन नािाभ हो िय वाऩस आते हुए उन्हें

एि शख़्स यास्ते भें लभरा, उसने ऩछ


ू ा क्मा फात है क्मों ऩये शान हो? आऩने अज़क

1030
िी इभाभे ज़भाना िी तराश है औय वह तशयीफ़ रा नहीॊ यहे हैं। उस शख़्स ने

िहा ‘‘ अना साहे फर


ु अस्र फ़ा ज़ज़क्र हाजतेिा ’’ भैं ही तम्
ु हाया इभाभे ज़भाना हूॉ।

िहो क्मा िहते हो। भोहम्भद बफन अरी ने िहा कि अगय साहे फर
ु अस्र हैं तो

आऩसे हाजत फमान ियने िी ज़रूयत क्मा? आऩिो ऽुद ही इल्भ होगा।

इसिे जवाफ भें उन्होंने फ़यभामा कि सन


ु ो ! वज़ीय िे िभये भें एि रिड़ी िा

सन्द़
ू है उसभें लभट्टी िे िुछ साॊचे यखे हुए हैं। जफ अनाय छोटा होता है वज़ीय

उस ऩय साॊचा चढ़ा दे ता है औय जफ वह फढ़ता है तो उस ऩय नाभ िन्दा हो जाते

हैं। जो साॊचे भें िन्दा हैं। भोहम्भद बफन अरी ! तभ


ु फादशाह िो अऩने हभयाह रे

जािय वज़ीय िे दजर व फ़ये फ िो वाज़े िय दो। वह अऩने इयादे से फाज़ आ

जामेगा औय वज़ीय िो सज़ा दे गा। चन


ु ान्चे ऐसा ही किमा गमा औय वज़ीय

फयऽास्त िय हदमा गमा। (किताफ फदाए उर अऽफाय भुल्रा इस्भाईर सफज़वायी, ऩष्ृ ठ 150

व सफ़ीनतुर फेहाय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 536 भुहद्रत नजफ़े अशयफ़)

इमामे अस्र (अ.ि.) का वाफ़क़ए करफऱा फयान करना

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) से ऩछ


ू ा गमा कि ‘‘‫ ’’كهيعص‬िा क्मा भतरफ है । तो

फ़यभामा कि इसभें िाफ़ से ियफरा है, हे से हरािते इतयत, मे से मज़ीद भरऊन,

ऐन से अतशे हुसन
ै ी, सव
ु ाद से सब्रे आरे भोहम्भद भयु ाद है । आऩने फ़यभामा कि

आमत भें जनाफे ज़िरयमा िा ज़ज़क्र किमा गमा है । जफ ज़िरयमा िो वाक़ए

1031
ियफरा िी इत्तेरा हुई तो वह तीन योज़ ति भस
ु रसर योते यहे । (तफ़सीये सानी ऩष्ृ ठ

279)

हज़रत इमाम मेहदी (अ.ि.) के तूऱे उम्र की फहि

फाज़ भश
ु तशय़ीन व भाहे यीन आभाय िा िहना है कि ‘‘ ज़जनिे आभार व

कियदाय अच्छे होते हैं औय ज़जनिा ऩेज न.ए फानतन िालभर होता है उनिी उभयें

तवीर होती हैं। मही वजह है कि उरभा फ़ु़हा औय सर


ु हा िी उभयें अिसय तवीर

दे खी गई हैं औय हो सिता है कि तवीर उभय इभाभ भेहदी (अ.स.) िी मह बी

वजह हो, इन से ़ब्र जो आइम्भा (अ.स.) गुज़ये वह शहीद िय हदमे गए औय

इन ऩय दश
ु भन िा दस्तयस न हुआ तो मह ज़ज़न्दा यह गए औय अफ ति फा़ी

हैं। रेकिन भेये नज़दी़ उम्र िा त़रूकय व तअय्मन


ु दस्त एज़ज़दी भें है उसे

इख़्तेमाय है कि किसी िी उम्र िभ यखे किसी िी ज़्मादा। उसिी भोअय्मन ियदा

भद्
ु दत उम्र भें एि ऩर िा बी तफ़ये ़ा नहीॊ हो सिता।

तवायीऽ व अहादीस से भारभ


ू होता है कि ऽुदा वन्दे आरभ ने फाज़ रोगों िो

िाफ़ी तवीर उभये अता िी हैं। उम्र िी तवारत भसरहते ऽुदा वन्दी ऩय भब्नी है ।

इससे उसने अऩने दोस्दों औय दश्ु भनों िो नवाज़ा है । दोस्तों भें हज़यत ईसा

(अ.स.), हज़यत इदयीस (अ.स.), हज़यत खखज़्र


ु़ (अ.स.), हज़यत इरमास (अ.स.) औय

दश्ु भनों भें से इफरीस रईन, दज्जार व फतार, माजूज भाजूज वाैया हैं औय हो

1032
सिता है कि चॊकु ि ़माभत उसर
ू े दीने इस्राभ से है औय इसिी आभद भें इभाभ

भेहदी (अ.स.) िा ज़हूय ऽास है लसमत यखता है रेहाज़ा उनिा ज़ज़न्दा व फा़ी

यहना भ़सद यहा हो औय उनिे तवीरे उम्र िे ऐनतयाज़ िो यद औय यफ़ा दफ़ा

ियने िे लरमे उसने फहुत से अफ़याद िी उम्रें तवीर िय दी हों। भज़िूया अफ़याद

िो जाने दीज़जए। आभ इॊसानों िी उम्रों िो दे खखए फहुत से ऐसे रोग लभरेंगे

ज़जनिी उम्रे िाफ़ी तवीर यही है । लभसार िे लरमे भर


ु ाहे ज़ा हों:-

1. ऱ
ु भान िी उम्र 3500 सार, 2. औज बफन अऩ िी उम्र 3300 सार औय

फ़ौरे 3600 सार, 3. ज़र


ु ़यनैन िी उम्र 3000 सार, 4. हज़यत नह
ू (अ.स.) िी

उम्र 900 सार, 5. ज़हा़ व 6. तभहूयस िी उम्रें 1000 सार, 7. ़ैनान िी उम्र

900 सार, 8. भहराइर िी उम्र 800 सार, 9. नफ़ीस बफन अब्दल्


ु राह िी उम्र

700 सार, 10. यफी बफन उम्र उफ़क सतीह िाहहन िी उम्र 600 सार, 11. हाकिभे

अयफ आलभय बफन ज़यफ िी उम्र 500 सार, 12. साभ बफन नह
ू 500 सार, 13.

हयस बफन भजाज़ ज़य हभी िी उम्र 400 सार, 14. अयभख़्शद िी उम्र 400 सार,

15. दयीद बफन ज़ैद िी उम्र 456 सार, 16. सरभान फ़ायसी िी उम्र 400 सार,

17. उभय बफन दस


ू ी िी उम्र 400 सार, 18. ज़ुहैय बफन जनाफ बफन अब्दल्
ु राह िी

उम्र 430 सार, 19. हयस बफन ज़मास िी उम्र 400 सार, 20. िाफ बफन जभजा

िी उम्र 390 सार, 21. नसय बफन धभान बफन सरभान िी उम्र 390 सार, 22.

़ैस बफन साद िी उम्र 380 सार, 23. उभय बफन यफी िी उम्र 333 सार, 24.

1033
अक्सभ बफन ज़ैफ़ी िी उम्र 336 सार, 25. उभय बफन तफ़ीर अदवानी िी उम्र

200 सार थी। (ााएतरभ ़सदू ऩष्ृ ठ 103 आराभर


ु वयु ा ऩष्ृ ठ 270)

इन रोगों िी तवीर उम्रों िो दे खने िे फाद मह हयगगज़ नहीॊ िहा जा सिता

कि ‘‘ चॊकु ि इतनी उम्र िा इॊसान नहीॊ होता, इस लरमे इभाभ भेहदी (अ.स.) िा

वजूद हभ तसरीभ नहीॊ ियते। क्मों कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िी उम्र इस वक़्त

(किताफ लरखते वक्त) 1393 हहजयी भें लसफ़क ग्मायह सौ अड़तालरस सार िी होती

है जो भज़िूया उम्रों भें है ऱ


ु भान हिीभ औय ज़ुऱयनैन जैसे भ़
ु द्दस रोगों िी

उम्रों से फहुत िभ है ।

अरायज़ िुयु़ आने भजीद, अ़वारे उरभाए इस्राभ औय अहादीस से मह साबफत

होता है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) ऩैदा हो िय ाामफ हो गए हैं औय ़माभत िे

़यीफ ज़हूय ियें गे औय आऩ उसी तयह ज़भानाए ाैफत भें बी हुज्जते ऽुदा हैं ज़जस

तयह फाज़ अज़म्फमा अऩने अहदे नफव


ू त भें ाामफ होने िे दौयान भें बी हुज्जत थे।

(अजाएफ अर ़सस ऩष्ृ ठ 191) औय अ़र बी मही िहती है कि आऩ ज़ज़न्दा औय

फा़ी भौजद
ू हैं, क्मों कि ज़जस िे ऩैदा होने ऩय उरभाए इस्राभ िा इत्तेफ़ा़ हुआ

औय वफ़ात िा िोई एि बी ाैय भत


ु अलसफ आलरभ ़ाएर न हुआ औय तवीर उर

उम्र इन्सानों िे होने िी लभसारें बी भौजूद हों तो रा भह


ु ारा उसिा भौजूद औय

फा़ी होना भानना ऩड़ेगा। दरीर भन्त़ी से बी मही साबफत होता है रेहाज़ा

इभाभ भेहदी (अ.स.) ज़ज़न्दा औय फा़ी हैं।

1034
इन तभाभ शवाहहद औय दराएर िी भौजूदगी भें ज़जनिा हभ ने इस किताफ भें

ज़ज़क्र किमा है भौरवी भोहम्भद अभीन लभस्री िा रयसारा ‘‘ तर


ू े इस्राभ ’’ ियाची

ज़जल्द 14 ऩष्ृ ठ 45 व ऩष्ृ ठ 94 भें मह िहना कि, ‘‘ लशमों िो इब्तेदाअन रूए

ज़भीन ऩय िोई ज़ाहे यी भभरेित िाएभ


ु़ ियने भें िाभमाफी न हो सिी इनिो

तिरीफ़ें दी गईं औय ऩयागन्दा औय भन्


ु तलशय िय हदमा गमा तो उन्होंने हभाये

ख़्मार िे भत
ु ाबफ़ इभाभे भन्
ु तज़ज़य औय इभाभ भेहदी (अ.स.) वाैया िे ऩयु

उम्भीद अ़ाएद ईजाद िय लरमे ताकि अवाभ िी ढायस फन्धी यहे ।

औय भल्
ु रा अऽन्
ू द दयवेज़ा िा किताफ इयशाद अर तारेफीत ऩष्ृ ठ 396 भे मह

फ़यभाना कि, ‘‘ हहन्दस्


ु तान भें एि शख़्स अब्दल्
ु राह नाभी ऩैदा होगा ज़जसिी फीवी

अभीना (आभना) होगी। उसिे एि रड़िा ऩैदा होगा ज़जसिा नाभ भोहम्भद होगा,

वही िूफ़े जा िय हुिूभत िये गा। रोगों िा मह िहना दरू


ु स्त नहीॊ कि इभाभ

भेहदी (अ.स.) वही हैं जो इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे फ़यज़न्द हैं। ’’ हद

दयजा भज़ह़ा ऽेज़, अफ़सोसनाि औय है यत अॊगेज़ है क्मों कि उरेभाए फ़यी़ैन

िा इत्तेफ़ा़ है कि ‘‘ अर भेहदी भन वरद अर इभाभ अर हसन अर असियी ’’

इभाभ भेहदी (अ.स.) हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे फेटे हैं औय 15

शाफान 255 हहजयी भें ऩैदा हो चि


ु े हैं।

भर
ु ाहे ज़ा हो, असआफ़ अर यााफैन, दफ़मातुर अमान, यौज़तुर अहफाफ, तायीऽे

इब्नर
ु वयदी, नेमाफर
ु भोअद्दता, तायीऽे िालभर, तायीऽे तफयी, नरू
ु र अफसाय,

1035
उसर
ू े िाफ़ी, िशफ़ुर ाम्भा, ज़जराउर उमन
ू , इयशाद भफ़
ु ीद, आराभर
ु वया,

जाभाए अब्फासी, सवाए़े भोहये ़ा, भतारेफस


ु सऊ
ू र, शवाहे दन
ु नफव
ू त, अय हज्जर

भतालरफ, फेहारूर अनवाय, भनाक़फ वाैया।

हदीिे नअिऱ और इमामे अस्र (अ.ि.)

नअसर एि महूदी था ज़जससे हज़यत आमशा हज़यत उस्भान िो तशफीह हदमा

ियती थीॊ औय यसर


ू े इस्राभ (स.अ.व.व.) िे फाद फ़यभामा ियती थीॊ इस नअसरे

इस्राभी उस्भान िो ़त्र िय दो। भर


ु ाहे ज़ा हो, (ननहामत अर रुाता अल्राभा इब्ने

असीय जज़यी ऩष्ृ ठ 321) मही नअसर एि हदन हुज़ूय यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िी

खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय अज़क ऩयदाज़ हुआ, भझ
ु े अऩने ऽुदा, अऩने दीन, अऩने

ऽुरफ़ा िा ताअरूकफ़ ियाईमे अगय भैं आऩिे जवाफ से भत


ु भईन हो गमा तो

भस
ु रभान हो जाऊॊगा। हज़यत ने ननहामत फरीा औय फेहतयीन अॊदाज़ भें ऽल्रािे

आरभ िा ताअरूकफ़ ियामा। उसिे फाद दीने इस्राभ िी वज़ाहत िी, ‘‘ िारा
ु़

सद़त ’’ नअसर ने िहा आऩने बफल्िुर दरू


ु स्त फ़यभामा कपय उसने अज़क कि

भझ
ु े अऩने वसी से आगाह िीज़जए औय फताइमे िी वह िौन हैं? आऩने फ़यभामा

भेये वसी अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) औय उनिे फ़यज़न्द हसन (अ.स.) व

हुसन
ै (अ.स.) िे सल्
ु फ से नौ (9) फेटे ़माभत ति होंगे। उसने िहा सफ िे नाभ

फताइमे। आऩने फायह इभाभों िे नाभ फताए। नाभों िो सन


ु ने िे फाद वह

1036
भस
ु रभान हो गमा औय िहने रगा कि भैंने िुतुफे आसभानी भें इन फायह नाभों

िो इसी ज़फान िे अरफ़ाज़ भें दे खा है । कपय उसने हय वसी िे हारात फमान

किमे। ियफरा िा होने वारा वाक़मा फतामा। इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ाैफत िी

ऽफय दी औय िहा कि हभाये फायह इस्फात भें से रादी बफन फयखखमा


ु़ ाामफ हो गमे

थे। कपय भद्


ु दतों िे फाद ज़ाहहय हुमे औय अज़ सये नौ दीन िी फनु नमादें इस्तेवाय

(भज़फत
ू ) िीॊ।

हज़यत ने फ़यभामा इसी तयह हभाया फायहवाॊ जानशीन इभाभ भेहदी भोहम्भद

बफन हसन (अ.स.) तवीर भद्


ु दत ति ाामफ यह िय ज़हूय िये गा औय दनु नमाॊ िो

अदरो इन्साफ़ से बय दे गा।

(ाामतर
ु भ़सद
ू ऩष्ृ ठ 134 फहवारा फ़याएद अर लसभतैन हभवीनी)

अऱामते ज़हूरे मेहदी (अ.ि.) के मुताअजल्ऱक़ अरफाफे अस्मत के

इरिादात

इभाभ भेहदी (अ.स.) िे ज़हूय से ऩहरे फेशभ


ु ाय अराभात ज़ाहहय होंगे। कपय

आखखय
ु़ भें आऩिा ज़हूय होगा। भारयफ व भशरय़ ऩय आऩिी हुिूभत होगी।

ज़भीन खुद फ खुद तभाभ दफ़ाएन (ज़भीन िे ऽज़ाने) उगर दे गी। दनु नमाॊ िी िोई

ऐसी ज़भीन न फा़ी यहे गी ज़जसिो आऩ आफाद न िय दें । अराभाते ज़हूय भें मह

चन्द हैं:

1037
1. औयतें भयदों िे भश
ु ाफेह होगीॊ। 2. भदक औयतों जैसे होगें । 3. औयतें ज़ीन

जैसी चीज़ें, घोड़े, साईकिरों, स्िूटयों, ियों वाैया ऩय सवायी ियने रगें गी। 4. नभाज़

जान फझ
ू िय ़ज़ा िी जाने रगेगी। 5. रोग ऽाहहशाते नफ़सानी िी ऩैयवी ियने

रगें गे। 6. ़त्र ियना भाभर


ू ी चीज़ सभझा जामेगा। 7. सद
ू िा ज़ोय होगा। 8.

ज़ज़ना आभ होगा। 9. अच्छी अच्छी इभायतें फहुत फनेगीॊ। 10. झठ


ू फोरना हरार

सभझा जामेगा। 11. रयश्वत आभ होगी। 12. शहवते नफ़सानी िी ऩैयवी िी

जामेगी। 13. दीन िो दनु नमा िे फदरे फेचा जामेगा। 14. अज़ीज़दायी िी ऩयवाह न

होगी। 15. अहभ़ों िो आलभर फनामा जामेगा। 16. फद


ु क फायी िो फज़
ु हदरी व

िभज़ोयी ऩय भहभर
ू किमा जामेगा। 17. ज़ुल्भ फ़ख़्र िे तौय ऩय किमा जामेगा।

18. फादशाह व उभया फ़ालस़ो फ़ाज़जय होंगे। 19. वज़ीय झठ


ू फोरेंगे। 20. अभानत

दाय ऽाएन होंगे। 21. हय एि भद्दगाय ज़ुल्भ ऩयवय होगा। 22. ़ायीमाने ़ुयआन

फ़ालस़ होंगे। 23. ज़ुल्भ व जौय आभ होगा। 24. तरा़ फहुत ज़्मादा होंगी। 25.

कफ़स़ो फ़ुजयू नभ
ु ामाॉ होंगे। 26. फ़ये फी िी गवाही ़ुफर
ू िी जामेगी। 27. शयाफ

नोशी आभ होगी। 28. इाराभ फाज़ी िा ज़ोय होगा। 29. लसह़, मानी औयतें,

औयतों िे ज़रयए शहवत िी आग फझ


ु ाएॊगी। 30. भारे ऽुदा व यसर
ू (स.अ.व.व.)

िो भारे ानीभत सभझा जामेगा। 31. सद़ा व ऽैयात से नाजामज़ फ़ामदा उठामा

जामेगा। 32. शयीयों िी ज़फान िे ऽौफ़ से नेि फन्दे ऽाभोश यहें गे। 33. शाभ से

सकु फ़मानी िा ऽुरूज होगा। 34. मभन से मभानी फयाभद होगा। 35. भक्िे औय

1038
भदीने िे दयलभमान फ भ़ाभ ‘‘ रद
ु ’’ ज़भीन धॊस जामेगी। 36. रूिन औय

भ़ाभ िे दयलभमान आरे भोहम्भद िी एि भोअज़जु़ ़्ज़ज़ फ़दक ़त्र होगी। (नरू
ु र

अफसाय ऩष्ृ ठ 155 भहु द्रत लभस्र) 37. फनी अब्फास भें शदीद एख़्तेराफ़ होगा। 38. 15

शाफान िो सयू ज गयहन औय इसी भाह िे आखखय


ु़ भें चाॉद गयहन होगा। 39.

ज़वार िे वक़्त आफ़ताफ अस्र िे वक़्त ति ़ाएभ यहे गा। 40. भारयफ से

आफ़ताफ ननिरेगा। 41. नफ़से ज़किमा औय सत्तय (70) सारेहीन िा ़त्र। 42.

भज़स्जदे िूफ़ा िी दीवाय ऽयाफ व फयफाद िय दी जामेगी। 43. ऽुयासान िी जाननफ

से लसमाह (िारे) झॊडे फयाभद होंगे। 44. लभस्र भें एि भाये फी िा ज़हूय होगा। 45.

तुिक जज़ीये भें होंगे। 46. योभ यभरे भें ऩहुॉच जामेंगे। 47. भशरय़ भें एि लसताया

ननिरेगा ज़जसिी यौशनी भारयफ ति फ़ैरेगी। 48. एि सयु खी ज़ाहहय होगी जो

आसभान औय सयू ज ऩय गालरफ


ु़ आ जामेगी। 49. भशरय़ से एि ज़फयदस्त आग

बड़िेगी जो तीन मा सात योज़ फा़ी यहे गी औय फयवामत लशब्रन्जी ऩष्ृ ठ 21, वह

आग भारयफ ति पैर िय आरभ िो तहस नहस िय दे गी। 50. अयफ भऽ


ु तलरफ़

फराद ऩय ़ाफू ऩा रेंगे औय अजभ िे फादशाह िो भारफ


ू िय दे गें। 51. लभस्री

अऩने फादशाह औय हाकिभ िो ़त्र िय दें गे। 52. शाभ तफाह व फयफाद हो

जामेगा। 53. ़ैस व अयफ िे झॊड़े लभस्र ऩय रहयाएगें । 54. ऽुयासान ऩय फनी

िन्दा िा ऩयचभ रहयामेगा। 55. फ़यात िा ऩानी इस दयजा चढ़ जामेगा कि िूफ़े

िे गरी िूचों भें ऩानी होगा। 56. 60, अद्द भद्


ु दीमाने नफव
ू त ज़ाहहय होंगे। 57.

1039
13 नफ़य औरादे अफू तालरफ से दावाए इभाभत ियें गे। 58. फनी अब्फास िा एि

अज़ीभ शख़्स फ भ़
ु ाभ हरवराद ऽाऩैन नज़ये आतश किमा जामेगा। 59.

फादाद भें ऽय़ जैसा ऩर


ु फनामा जामेगा। 60. लसमाह आॊधी िा आना। 61.

ज़रज़रों िा आना। 62. अिसय भ़ाभात ऩय ज़भीन िा धॊस जाना। 63.

नागहानी भौतों िा ज़्मादा होना। 64. जानो भार व सभयात (फ़रों) िी तफाही।

65. चीॊटीमों औय हटड्ड़डमों िी िसयत जो खेती िो खा जामें। 66. ाल्रे िा िभ

उगना। 67. आऩसी िुश्तो ऽून िी िसयत। 68. अऩने सयदायो से रोगों िा

नाफ़यभान होना। 69. अऩने सयदायों िो ़त्र ियना। 70. फाज़ गगयोह िा सअ
ु य

औय फन्दय िी सयू त भें भसऽ होना। 71. आसभान से एि आवाज़ िा आना ज़जसे

तभाभ अहरे ज़भीन सन


ु ेंगे। 72. आसभानी आवाज़ िा हय ज़फान फोरने वारे िे

िान भें उसी िी ज़फान भें ऩहुॉचना। 73. फाज़ सयू तों िा भ़ाभे ऐन अर शम्स भें

ज़ाहहय होना। 74. 24, चौफीस फायीशों िा ऩै दय ऩै होना। 75. ज़भीन िा ज़ज़न्दा

हो िय अऩने तभाभ भारभ


ू ात ज़ाहहय ियना। (िशफ़र ाम्भा ऩष्ृ ठ 134) 76. अच्छाई

औय फयु ाई एि नज़य से दे खी जामेगी। 77. फयु ाई िा हुक्भ अऩनी औराद िो हदमा

जामेगा औय अच्छाई से योिा जामेगा। 78. रारच िी वजह से फानतन ऽयाफ हो

जामेंगे। 79. ऽौफ़े ऽुदा हदर से ननिर जामेगा। 80. ़ुयआन िा लसफ़क ननशान यह

जामेगा। 81. भज़स्जदें आफाद भगय हहदामत से ऽारी होंगी। 82. फ़ो़हा कफ़तना

ऩयवय होंगे। 83. औयतों से भशवेया लरमा जामेगा। 84. गुनाह खुल्रभ खुल्रा

1040
किमा जामेगा। 85. फद अहदी आभ होगी। 86. औयतों िो नतजायत भें शयीि

किमा जामेगा। 87. ज़रीर तयीन शख़्स ़ौभ िा सयदाय होगा। 88. गाने वालरमों

िा ज़ोय होगा। 89. उस ज़भाने िे रोग अगरों ऩय बफरा वजह रानत ियें गे। 90.

झठ
ू ी गवाही दी जामेगी। 91. ह़ ऽत्भ हो जामेगा। 92. ़ुयआन एि िोहना

(ऩयु ानी) किताफ सभझी जामेगी। 93. दीन अन्धा िय हदमा जामेगा। 94. फदिायी

ऐरान िे साथ िी जामेगी। 95. कफ़स़ो फ़ुजूय भें ज़जसिी भदह िी जामेगी ऽुश

होगा। 96. रड़िे औयतों िी तयह उजयत ऩय इस्तेभार होंगे। 97. भालसमत ऩय

भार ऽचक ियने वारों िो टोिा न जामेगा। 98. हभसामा हभसामे िो अज़ीमत

दे गा। 99. नेिी िा हुक्भ ियने वारा ज़रीर होगा। 100. नेिी िे यास्ते छोड़ हदमे

जामेंगे। 101. फैतुल्राह भोअत्तर िय हदमा जामेगा। 102. औयतें अन्जुभनें ़ामभ

ियें गी। 103. भदक औयतों िी तयह िॊघी ियें गे। 104. भदों िो शभकगाहों िा

भआ
ु वज़ा लभरेगा। 105. भोलभन से ज़्मादा साहे फे भार िी इज़्ज़त होगी। 106.

औयतें अऩने शौहयों िो भदों िे साथ फद फ़ेरी ऩय भजफयू ियें गी। 107. औयतों िी

दरारी ियने वारे भोअज़्ज़ज़ सभझे जामेंगे। 108. भोलभन ाभगीन औय ज़रीर

होगा। 109. हयाभ िो हरार किमा जामेगा। 110. दीन भें खुदयाई िी जामेगी।

111. गुनाह िे लरमे ऩयदाए शफ िी ज़रूयत न होगी। 112. फड़े फड़े भार ऽुदा िी

भालसमत भें सफ़क होंगे। 113. हुक्िाभ दीनदायी से दयू होंगे। 114. जज फ़ैसरे भें

रयश्वत रेंगे। 115. हयाभ औयतों से ज़ज़ना किमा जामेगा, जैसे भाॉ फहनें। 116. भदक

1041
अऩनी जौजा िी हयाभ िभाई खामेगा। 117. औयतें अऩने भदों ऩय हुिूभत ियें गी।

118. भदक अऩनी जोजा औय रोंडी िो कियामे ऩय चढ़ामेगा। 119. शयीफ़ िो

ज़रीर सभझा जामेगा। 120. हुक्िाभ भें उसिी इज़्ज़त होगी जो आरे भोहम्भद

(स.अ.व.व.) िो फयु ा िहे गा। 121. िुयु़ आन ऩढ़ना औय सन्


ु ना फाय होगा। 122.

चा
ु रखोयी आभ होगी। 123. ाीफत िो अच्छा सभझा जामेगा। 124. हज औय

जेहाद ऽुदा िे लरमे नहीॊ दीगय भ़ालसद िे लरमे किमा जामेगा। 125. फादशाह

मानी फय सये इक़्तेदाय तफ़ा भोलभन िो िाकफ़य िे लरमे ज़रीर िये गा। 126.

वीयाना आफादी से फदर जामेगा। 127. नाऩ तोर भें िभी रोंगो िा ज़रयए भाश

होगा। 128. रोग रयमासत तरफी िे लरमे अऩने िो फदज़फानी भें भशहूय ियें गे

ताकि ऽौफ़ िे भाये हुिूभत उनिे लसऩद


ु क िय दी जामे। 129. नभाज़ बफल्िुर

हरिी औय फेअहलभमत िय दी जामेगी। 130. भारे िसीय िे फावजूद ज़िात न दी

जामेगी। 131. भय्मत ़ब्र से ननिारीॊ जामेगी। 132. ़ब्र से िफ़न चयु ा िय फेचा

जामेगा। 133. इन्सान सफ


ु ह शाभ नशे भें होगा। 134. चोऩामो िे साथ फदफ़ेरी

िी जामेगी। 135. चौऩाए चौऩामों िो पाड़ खामेंगे। 136. रोग जानभाज़ ऩय

फयहै ना जामेंगे। 137. रोगों िे ़ुरफ


ू सख़्त हो जामेंगे। 138. रोगों िी आॊखें

फेहमाई ियें गी। 139. ज़ज़क्रे ऽुदा रोगों ऩय फाय होगा। 140. भारे हयाभ आभ

होगा। 141. नभाज़ लसफ़क हदखावे िे लरमे ऩढ़ी जामेगी। 142. फ़़ीह दीन िे लसवा

दस
ू ये िाभों िे लरमे कफ़़ा हालसर ियें गे। 143. रोग ाालसफ िा साथ दें गे। 144.

1042
हरार योज़ी िभाने वारे िी भज़म्भत िी जामेगी। 145. तालरफे हयाभ िी भदाह

िी जामेगी। 146. हयभैन शयीफ़ैन भें ऐसे अभर होंगे जो भन्शाए ऽद


ु ा वन्दी िे

खखराफ़
ु़ होंगे। 147. आराते गाना (गाने फजाने िी चीज़ें) भक्िे व भदीने भें आभ

हों जामेंगी। 148. ह़ िी हहदामत िो भना किमा जामेगा। 149. रोग एि दस


ू ये

िी तयफ़ दे खेंगे औय अहरे शहय उनिी इक़्तेदा ियें गे चाहे वह िुछ ियें । 150.

नेिी िे यास्ते ऽारी हो जामेंगें। 151. भय्मत िा भज़हिा ु़ उड़ामा जामेगा। 152.

हय सार फयु ाईमों भे ईज़ाफ़ा होगा। 153. भजलरस भें लसफ़क भार दाय िी इज़्ज़त

िी जामेगी। 154. फ़़ीयों िो भज़ह़े िे तौय ऩय भार हदमा जामेगा। 155.

आसभानी भऽादफ़ से िोई ऽौफ़ न खामेगा। 156. भदक औय औयतें सफ िे साभने

ख़्वाहहशाते नफ़सानी िी आग फझ
ु ामेंगे। 157. अऩनी इज़्ज़त िे ऽौफ़ से िोई

शयीफ़ किसी िो योि टोि न सिेगा। 158. भालसमत भें भार ऽुशी से सफ़क किमा

जामेगा रेकिन ऽुदा िी याह भें बफल्िुर न हदमा जामेगा। 159. वारेदैन िी तयफ़

से औराद िो आ़ ियना आभ हो जामेगा। 160. वारेदैन अऩनी औराद िी

ननगाह भें सफ
ु ़
ु होंगे। 161. औराद अऩने वारेदैन ऩय इफ़तेया ियने भें ऽश
ु ी

भहसस
ू िये गी। 162. औयतें भल्
ु ि व हुिूभत ऩय गालरफ
ु़ हो जामेंगी। 163.

फ़यज़न्द अऩने फाऩ ऩय फोहतान फाॊधेगा। 164. रड़िा भाॉ फाऩ ऩय फद दआ


िये गा। 165. फ़यज़न्द भाॉ फा ऩिे जल्द भयने िी तभन्ना िये गा। 166. इॊसान

ज़जस हदन िोई गुनाह न िये गा उस हदन ाभगीन यहे गा। 167. फादशाह गयानी िे

1043
लरमे ाल्रा योिेगा। 168. आइज़्ज़ा िा भार फ़ये फ से त़सीभ किमा जामेगा।

169. जआ
ु खेरा जामेगा। 170. शयाफ िे ज़रयमे से भयीज़ों िा इराज किमा

जामेगा। 171. अच्छाई औय फयु ाई दोनों िी तऱीन फयाफय है लसमत यखेगी। 172.

भन
ु ाकफ़़ औय दश्ु भने ऽुदा िी हवा फॊधेगी औय अहरे ह़ भ़हूय (फे इज़्ज़त)

यहें गे। 173. उजयत रे िय अज़ान िही जामेगी औय ऐवज़ रे िय नभाज़ ऩढ़ाई

जामेगी। 174. ऽुदा से न डयने वारे भज़स्जदों ऩय ़ाबफज़ होंगे। 175. भज़स्जदों भें

न अहर जभा हो िय गाफतें ियें गे। 176. फद भस्त यसभी तौय ऩय जभाअत भें

खड़े हो िय नभाज़ ऩढ़ें गे। 177. मतीभों िा भार खाने वारे िी भदह िी जामेगी।

178. ़ाज़ी हुक्भे ऽुदा िे खखराफ़


ु़ फ़ैसरा िये गा। 179. हुक्िाभ रारच िी वजह

से ऽाइनों ऩय बयोसा ियें गे। 180. भीयास फदिायी भें सफ़क िी जामेगी। 181.

लभम्फय ऩय त़वे िा ज़ज़क्र किमा जामेगा रेकिन वाएज़ ऽुद अभर नहीॊ िये गा।

182. नभाज़ िे अव़ात िी ऩयवाह न िी जामेगी। 183. सद़ा व ऽैयात

ऽश
ु नहू दमे ऽद
ु ा िे लरमे नहीॊ लसफ़क लसफ़ारयश ऩय हदमा जामेगा। 184. इन्सान िा

भ़सद
ू े हमात लसफ़क ऩेट ऩारना औय ऐश ियना होगा। 185. ह़ िी ननशाननमाॊ

लभट जामेंगी। 186. बाई बाई से हसद िये गा। 187. अऩने दोस्तों िे साथ

ऽमानत िी जामेगी। 188. हदरों भें ज़हय िी तयह तिब्फयु दौड़ जामेगा। 189.

ज़ोहद ऽत्भ हो जामेगा। 190. रोगों िी शक्रें इन्सानी औय हदर शैतानी हो

जामेंगे। 191. उनिी उम्रें ़रीर औय उनिी तभन्नाएॊ िसीय होंगी। (फेहारूर अनवाय

1044
ज़जल्द 13 ऩष्ृ ठ 174 भुहद्रत ईयान) 192. िनीज़ों से भशववये किमे जामेंगे। 193. फच्चे

लभम्फयों ऩय फैठेंगे। 194. ऐसे हाकिभ होंगे कि जफ उनसे िोई फात िये गा तो

़त्र िय हदमा जामेगा। 195. हुक्िाभ शयु फ़ा िे भार िो अऩना भार सभझेंगे।

196. औयतों िी आफरू ये ज़ी ियें गे। 197. िुछ चीज़ें भशरय़ से औय िुछ भारयफ

से राई जामेंगी ज़जनसे उम्भत िा इम्तेहान किमा जामेगा। 198. भज़स्जद ऩशों

ननगाय से भज़
ु अय्मन िी जामेगी। 199. िुयु़ आन भजीद सजामे जामेंगे। 200.

भज़स्जदों िी लभनायें फरन्द फनाई जामेंगी। 201. भदक सोना इस्तेभार ियें गे। 202.

ये शभी िऩड़े ऩहनेगें। 203. चीते िी खार िा फ़शक फनामेंगे। 204. सद


ू ऽोयी

ज़ाहहय फज़ाहहय होगी। 205. हदे शयई न िी जामेगी। 206. शयीय अफ़याद हाकिभ

होंगे। 207. भारदाय तफ़यीह िे लरमे, ायीफ हदखाने िे लरमे भत


ु वलसत नतजायत िे

लरमे हज ियें गे। 208. ़ुयआन भजीद सयु से ऩढ़ा जामेगा। 209. वल्द अज़ ज़ेना

िी िसयत होगी। 210. ऽुशाभद फहुत ज़्मादा याएज होगी। 211. लरफास ऩय

फ़ऽयो भफ
ु ाहात किमा जामेगा। 212. उभया शतयन्ज खेरेंगे। 213. ़ारयमाने

़ुयआन औय अब्फाद एि दस
ू ये ऩय रानत ियें गे। 214. भारदाय फ़ऽीयों से दयू

बागें गे। 215. भल्


ु िी नज़्भ व नस़् भें वह रोग दऽीर होंगे ज़जनिो उससे हहस व

लभस न होगा। 216. ज़भीने ऐनतयाफ़ से धॊस जामेंगी। (तफ़सीय अरी बफन इब्राहीभ

़ुम्भी ऩष्ृ ठ 229) 217. दरयन्दें इन्सानों से फाते ियने रगें गे। 218. रोंगो से उनिे

िोड़े औय जूते िराभ ियने रगें गे। 219. इन्सान िी याने फोरने रगें गी औय वह

1045
इसिे घय िे रोगों ने जो िुछ किमा होगा घय िे भालरि िो फताने रगेगी।

ु भोवद्दता ऩष्ृ ठ 431 फहवारा नतयलभज़ी) 220. सफ़


(ननमाफर ु मानी, ऽयु ासानी, मभानी िा

ऽरू
ु ज एि ही हदन, एि ही भहीना, एि ही सार भें होगा। 221. हुिूभते शाभ,

हभस भहतसिीन, अयदन िफ़ससयीन ऩय ाालरफ आ जामेगी। 222. तूफ़ान िा

ज़ोय होगा। 223. वादी माबफस से ‘‘ इब्ने आ़रातुर अिफाद ’’ खुरूज ियें गे।

224. भोभेनीन िा इम्तेहान ऽौफ़, जू अन्िस अभवार, ऩश, सभयात से होगा।

225. शाभ िा ‘‘ ़रयमा ’’ जाफीह ज़भीन भें धॊस जामेगा। 226. ़त्रे नफ़से

ज़किमा िे 15 हदन फाद इभाभ भेहदी (अ.स.) िा ज़हूय होगा। (आरभ अरवया

तफयसी ऩष्ृ ठ 262 भुहद्रत फम्फई 1312 हहजयी) 227. दनु नमाॊ भें झगड़े फखेड़े फेइन्तेहाॊ

होंगे। 228. नए नए कफ़तने ऩैदा होंगे। 229. आभदो यफ़्त िे यास्ते फन्द हों

जामेंगे। 230. रोग एि दस


ू ये िो रट
ू ने रगेगें। (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 472) 231.

भदों िी िभी औय औयतों िी ज़्मादती होगी। 232. हे जाज़ से आग ननिरेगी।

233. भज़स्जदों से (राऊड स्ऩीिय वाैया िे ज़रयमे से) आवाज़ें फर


ु न्द होंगी। 234. ये शभी

लरफास भदक ऩहनने रगेगें। 235. भशरय़ भारयफ जज़ीयाए अयफ भें ज़भीन धॊस

जामेंगी। 236. मभन औय अदन से आग बड़िने रगेगी। (लभश़ात ऩष्ृ ठ 461) 237.

अच्छे रोग ऽत्भ हो जामेंगे औय फयु ों िी िसयत होगी। 238. भ़


ु द्दे याते इराही

िी भऽ
ु ारेफ़त आभ होगी। 239. भार िे राने रे जाने वारे चोयी ियें गे। 240.

हयाभ ऽोयी आभ होगी। 241. गयानी हद से फढ़ जाएगी। 242. दरयमा ऽुश्ि हो

1046
जामेंगे। 243. फारयश फन्द हो जामेगी। 244. अहरे फयफय ज़दक झॊडे रे िय लभस्र

ऩहुॉच जामेंगे। 245. सऽय िी औराद से एि शख़्स खरू


ु ज िये गा। 246. फय सये

आभ औयतों िी छानतमों से खेरा जामेगा। 247. सफ़ेद वऩॊडलरमों िी औयतें सड़िों

ऩय फयै हना लभरेगी। 248. एि मभनी फादशाह हसन नाभी मभन से खुरूज िये गा।

249. हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) फ़यभाते हैं ़ुयसे आफ़ताफ (सयू ज िे

गोरे) िे ़यीफ आसभान ऩय एि हाथ ज़ाहहय होगा। 250. हज िा यास्ता फन्द

िय हदमा जामेगा। 251. भदों से फदफ़ेरी िे लरमे ता़तवय गाजाएु़ खाई जामेंगी।

252. दौरत िे ज़ोय से हुिूभत हालसर िी जामेगी। 253. झठ


ू ी ़सभ खाना फ़ैशन

भें दाखखर
ु़ होगा। 254. ज़ऽीया अन्दोज़ी होगी। 255. भज़स्जदे फयासा जो जॊगे

नहयवान िे फाद हज़यत अरी (अ.स.) ने याहहफ ज़रयमे से फनाई थी, तफाह िय दी

जामेगी। 256. ़ज़वैन भें एि िाकफ़य िी अज़ीभ हुिूभत होगी। 257. तियीत से

एि शख़्स ‘‘ औफ़ सरभा ’’ नाभी ऽुरूज िये गा। 258. भ़ाभे ़यक़मा भें जॊगे

अज़ीभ होंगी। 259. ति


ु क भैदाने जॊग भें उतय आमेंगे। 260. अहरे ना़ूस नसाया

िी हुिूभते आरभ ऩय छा जामेंगे। 261. इस्राभी भभ


ु ालरि भें फेशभ
ु ाय िरीसे

फनामे जामेंगे। (किताफ अर वसाएर अरहाज भोहम्भद अरी ऩष्ृ ठ 207 भुहद्रत फम्फई 1329

हहजयी) 262. औयतें ऊॊट िे िोहान िी तयह सय िे फार फनाएॊगी। 263. औयतें

ऐसे िऩड़े ऩहनेंगी कि फयै हना भारभ


ू होंगी। 264. औयतें ज़ीनत िय िे फाहय

ननिरा ियें गी। (फेहारूर अनवाय) 265. रड़िे रम्फे फार यखें गे। 266. फेविूफ़

1047
तफ़यीह िे लरमे इस्तेभार किमे जामेंगे। 267. भज़स्जदें ऽूफसयू त फनाई जामेंगी।

268. फड़ी फड़ी इभायतें फनाई जामेंगी। 269. ़हवे िी भख़्


ु तलरफ़ क़स्भें इस्तेभार

होंगी। 270. रोग सवारयमों से टिया िय भयें गे। 271. रोग यात भें सोमेंगे औय

सफ
ु ह िो भद
ु ाक होंगे। 272. योमते हहरार ऩय इख़्तेराफ़ होंगे। 273. रोग आराते

गाना जेफ भें यख िय घभ


ू ा ियें गे। 274. हहन्द नतब्फत िी वजह से तफाह होगा

औय नतब्फत िी तफाही चीन िी वजह से होगी। (भनाक़फ) 275. लभस्र भें अभीय

अर आभया िा ़माभ होगा। 276. अयफो िी हुिूभत नछन जामेगी। (िशफ़ुर

ाम्भा) 277. अदन िी गहयाई से आग ननिरेगी। (रयसाराए ाैफत तस


ू ी ऩष्ृ ठ 281)

278. दनु नमाॊ भें हफलशमों िी हुिूभत ़ामभ हो जामेंगी। 279. शाभ भें चीनी घस

जामेंगे तफ ज़हूय होगा। (इरजाभु़ अर ननसाफ ऩष्ृ ठ 183)

हज़रत इमाम मेहदी (अ.ि.) का ज़हूर मौफूरुऱ िुरूर

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िे ज़हूय से ऩहरे जो अराभात जाहहय


ु़ होंगी उनिी

तिभीर िे दौयान ही भें नसाया फ़तेह भभालरिे आरभ िा इयादा िय िे उठे खड़े

होंगे औय फेशभ
ु ाय भभालरि ऩय ़ाफू हालसर ियने िे फाद उन ऩय हुक्भयानी

ियें गे। इसी ज़भाने भें अफू सकु फ़मान िी नस्र से एि ज़ालरभ ऩैदा होगा जो अयफ

व शाभ ऩय हुक्भयानी िये गा। इसिी हदरी तभन्ना मह होगी िी सादात िे वजद

से भभ
ु ालरिे भीरूसा ऽारी िय हदमे जामें औय नस्रे भोहम्भदी िा एि फ़यज़न्द

1048
बी फा़ी न यहे । चन
ु ान्चे वह सादात िो ननहामत फेददी से ़त्र िये गा। कपय इसी

असना भें फादशाहे योभ िो नसाया िे एि कफ़य़े से ज़ग ियना ऩड़ेगी शाहे योभ

एि कफ़य़े िो हभवाय फना िय दस


ू ये कफ़य़े से जॊग िये गा औय शहय

़ुसतुनतुनमाॊ ऩय ़ब्ज़ा िय रेगा। ़ुसतुनतुननमाॊ िा फादशाह वहाॊ से बाग िय

शाभ भें ऩनाह रेगा, कपय वह नसाया िे दस


ू ये कफ़य़े िी भव
ु ावनत से कफ़य़मे

भऽ
ु लरफ़ िे साथ नफकद आज़भा होगा। महाॊ ति कि इस्राभ िो ज़फय दस्त फ़तेह

नसीफ होगी। फ़तेह इस्राभ िे फवजूद नसाया शोहयत दें गे कि ‘‘ सरीफ ’’ ाालरफ

आमेगी उस ऩय नसाया औय भस
ु रभानों भे जॊग होगी औय नसाया ाालरफ

आजामगें । फादशाहे इस्राभ ़त्र हो जामेगा औय भल्


ु िे शाभ ऩय बी नसाया िा

झॊडा रहयाने रगेगा औय भस


ु रभानों िा ़त्रे आभ होगा। भस
ु रभान अऩनी जान

फचा िय भदीने िी तयफ़ िूच ियें गे औय नसाया अऩनी हुिूभत िो वस


ु ़्अत दे ते

हुए ऽैफय ति ऩहुॉचेंगे। इस्रालभमाॊ आरभ िे लरमे िोई ऩनाह न होगी। भस


ु रभान

अऩनी जान फचाने से आज़जज़ होंगे। उस वक़्त वह गगयोह साये आरभ भें भेहदी

(अ.स.) िो तराश ियें ग,े ताकि इस्राभ भहफ़ूज़ यह सिे औय उनिी जानें फच

सिें औय अवाभ ही नहीॊ भल्


ु ि िे िुतुफ, अफदार औय औलरमा, जुस्तजू भें

भशार
ू व भसरूफ़ होंगे नागाह आऩ भक्िा ए भोअज़्ज़भा भें रूिनव भ़ाभ िे

दयलभमान से फयाभद होंगे। (़माभत नाभा ़दो तह अर भोहद्दे सीन शाह यफ़ीउद्दीन

1049
दे हरवी ऩष्ृ ठ 3 भुहद्रत ऩेशावय 1926 ई0) उरभाए फ़यी़ैन िा िहना है कि आऩ ़रयमा

‘‘ ़यआ ’’ से यवाना हो िय भक्िए भोअज़्ज़भा से ज़हूय फ़यभाएॊगे।

(ााएतर भ़सूद ऩष्ृ ठ 165, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 154)

अल्राभा िुन्जी शाफ़ई औय अरी बफन भोहम्भद साहफ किफ़ामतुर अस्र िा फ

हवारा अफू हुयैया फमान ियते हैं कि हज़यत सयवये िामनात (स.अ.व.व.) ने इयशाद

फ़यभामा है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) ़यमा (़यआ) (जो भदीने से फतयफ़ भक्िा

तीस भीर िे फ़ासरे ऩय वा़े है (भजभअ


ु र फहयै न ऩष्ृ ठ 435) ननिर िय भक्िा ए

भोअज़्ज़भा से ज़हूय ियें ग,े वह भेयी ज़ज़या ऩहने होगे। भेयी तरवाय रगाए होंगे औय

भेया अभाभा फाॊधे होंगे। उनिे सय ऩय अब्र िा सामा होगा औय भरि आवाज़ दे ता

होगा मही इभाभ भेहदी (अ.स.) हैं इनिी इत्तेफा ियो। एि यवामत भें है कि

ज़जब्राईर आवाज़ दे गें औय ‘‘ हवा ’’ इसिो सायी िामनात भें ऩहुॉचा दे गी औय

रोग आऩिी खखदभत


ु़ भे हाज़ज़य होंगे। (ााएतर
ु भ़सद
ू ऩष्ृ ठ 165)

रा
ु ाते सयवयी ऩष्ृ ठ 530 भें है कि आऩ ़स्फाए ऽैयवाॉ से ज़हूय फ़यभाएॊगे।

भासभ
ू िा फ़यभान है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िे ज़हूय िे भत
ु ाअज़ल्ऱ किसी िा

िोई वक़्त भोअय्मन ियना कफ़र ह़ी़त अऩने आऩ िो इल्भें ाैफ भें ऽुदा िा

शयीि ़याय दे ना है । वह भक्िे भें फे ऽफय ज़हूय ियें ग,े उनिे सय ऩय ज़दक यॊ ग िा

अभाभा होगा। फदन ऩय रयसारत भआफ (स.अ.व.व.) िी चादय औय ऩाॉव भें उन्हीॊ

िी नारैने भफ
ु ायि होगी। वह अऩने साभने चन्द बेड़ें यखें गे। िोई उन्हें ऩहचान न

1050
सिेगा औय उसी हारत भें मिो तन्हा फाैय किसी यफ़ी़ िे िाफातुल्राह भें आ

जामेंगे। ज़जस वक़्त आरभ लसमाहहए शफ िी चादय ओढ़ रेगा औय रोग सो जामेंगे

उस वक़्त भराएिा सफ़ फ सफ़ उतयें गे औय हज़यत ज़जब्राईर व भीिाईर उन्हें

नवेदे इराही सन
ु ाएॊगे, कि उनिा हुक्भ तभाभ दनु नमाॊ ऩय जायी व सायी है । मह

फशायत ऩाते ही इभाभ भेहदी (अ.स.) शक्र


ु े ऽुदा फजा राऐॊगे औय रूिने हजये

असवद औय भ़ाभे इब्राहीभ िे दयलभमान खड़े हो िय फा आवाज़े फर


ु न्द ननदा दें गे

कि ऐ वह गगयोह जो भेये भऽसस


ू ों औय फज़
ु ुगों से हो औय वह रोग ज़जनिो ह़

तआरा ने रूए ज़भीन ऩय भेये ज़ाहहय होने से ऩहरे भेयी भद्द िे लरमे जभा किमा

है ‘‘ आजाओ ’’ मह ननदा हज़यत िे उन रोगों ति ख़्वाह वह भशरय़ भें हैं मा

भारयफ भें ऩहुॉच जामेगी, औय वह रोग मह आवाज़ सन


ु िय चश्भे ज़दन भें हज़यत

िे ऩास जभा हो जामेंगे। मह रोग 313 होंगे औय ऩीफे इभाभ िहराएॊगे। उसी

वक़्त एि नयू ज़भीन से आसभान ति फरन्द होगा जो सफ़े दनु नमाॊ भें हय भोलभन

िे घय भें दाखखर
ु़ होगा। ज़जससे उनिी तफीमतें भसरूय हो जामेंगी भगय भोलभनीन

िो भारभ
ू न होगा कि इभाभ (अ.स.) िा ज़हूय हुआ है । सफ
ु ह इभाभ (अ.स.) भम

उन 313 अशऽास (रोगों) िे जो यात िो उन िे ऩास जभा हो गमे थे िाफे भें

खड़े होंगे औय दीवाय से तकिमा रगा िय अऩना हाथ खोरेंगे जो भस


ू ा (अ.स.) िे

मदे फैज़ा िे भाननन्द होगा औय िहें गे कि जो िोई इस हाथ ऩय फैमत िये गा वह

ऐसा है गोमा उसने ‘‘ मद अल्राह ’’ ऩय फैमत िी। सफ से ऩहरे ज़जब्राईर शयफ़े

1051
फैमत से भश
ु यक फ़ होंगे। इनिे फाद भरामिा फैमत ियें गे। कपय भ़
ु द्दभ अर ज़ज़क्र

ऩ
ु फा 313 फैमत से भश
ु यक फ़ होंगे। इस हरचर औय इज़दे हाभ भें भक्िे भें तहरिा

भच जामेगा औय रोग है यत ज़दा हो िय हय लसम्त से इस्तेफ़साय ियें गे कि मह

िौन शख़्स है । मह तभाभ वा़ेमात तुरए


ू आफ़ताफ से ऩहरे सय अन्जाभ हो

जामेंगे कपय जफ सयू ज चढ़े गा तो िुयु़ से आफ़ताफ िे साभने एि भन


ु ादी ियने वारा

ज़ाहहय होगा औय फाआवाज़े फरन्द िहे गा ज़जसिो सािेनाने ज़भीनो आसभान

सन
ु ेंगे कि ‘‘ ऐ गगयोह ऽराए़ मह भेहदी आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) हैं इनिी

फैमत ियो कपय भराएि औय 313 आदभी तसदी़ ियें गे औय दनु नमा िे हय गोशे

से ज़ूि दय ज़ूि आऩिी ज़्मायत िे लरमे यवाना हो जामेंगे औय आरभ ऩय हुज्जत

़ामभ हो जामेगी। इसिे फाद दस हज़ाय अफ़याद फैमत ियें गे औय िोई महूदी औय

नसयानी फा़ी न छोड़ा जामेगा लसफ़क अल्राह िा नाभ होगा औय इभाभ भेहदी

(अ.स.) िा िाभ होगा। जो भऽ


ु ारेफ़त िये गा उस ऩय आसभान से आग फयसे गी

औय उसे ऽाि इसतय िय दे गी। (नरू


ू र अफसाय, इभाभ लशब्रन्जी, शाफ़ेई ऩष्ृ ठ 155,

आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 264)

उरेभा ने लरखा है कि 27 भऽ
ु रेसीन आऩिी खखदभत
ु़ भें िूफ़े से इस क़स्भ िे

ऩहुॉच जामेंगे जो हाकिभ फनाए जामेंगे। ज़जनिे असभा, किताफ ‘‘ भन्


ु तऽफ फसाएय

’’ मह हैं। मश
ू ा बफन नन
ू , सरभान फ़ायसी, अफू दजाना अन्सायी, लभ़दाद बफन

1052
असवद, भालरिे अशतय औय ़ौभे भस
ू ा िे 15 अफ़याद औय सात असहाफे िहफ़।

(आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 264, इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 216)

अल्राभा अब्दर
ु यहभान जाभी िा िहना है कि िुतफ, अफदार, अयफ़ा सफ

आऩिी फैमत ियें गे। आऩिी जानवयों िी ज़फान से बी वाक़फ़ होंगे औय आऩ

इॊसानों व ज़जनों भें अदर व इॊसाफ़ ियें गे। (शवाहे दन


ु नफूवत ऩष्ृ ठ 216)

अल्राभा तफयीसी िा िहना है कि आऩ हज़यते दाऊद (अ.स.) िे उसर


ू ऩय

अहिाभ जायी ियें गे। आऩिो गवाह िी ज़रूयत न होगी। आऩ हय एि िे अभर से

फ इल्हाभे ऽुदा वन्दी वाक़फ़ होंगे। (आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 264)

इभाभ लशब्रन्जी शाफ़ेई िा फमान है कि जफ इभाभ भेहदी (अ.स.) िा ज़हूय

होगा तो तभाभ भस
ु रभान ऽवास औय अवाभ ऽुश व भसरूय हो जामेंगे। उनिे

िुछ वज़या होंगे जो आऩिे अहिाभ ऩय रोगों से अभर ियाऐॊगे। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ

153 फहवारा फ़तूहाते भज़क्िमा)

अल्राभ हल्फी िा िहना है कि असहाफे िहफ़ आऩ िे वज़या होंगे। (सीयते

हज़ल्फमा)

हभम
ू नी िा फमान है कि आऩिे ज़जस्भ िा सामा न होगा। (ाामत अर भ़सदू

ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 150)

हज़यत अरी (अ.स.) िा फ़यभान है कि अन्साय व असहाफ इभाभ भेहदी (अ.स.)

ऽालरस अल्राह वारे होंगे। (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 469) औय आऩिे गगदक इस तयह

1053
रोग जभा हो जामेंगे ज़जस तयह शहद िी भक्खी अऩने ‘‘ मासफ
ू ’’ फादशाह िे

गगदक जभा हो जाती हैं। (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 469)

एि यवामत भें है कि ज़हूय िे फाद आऩ सफ से ऩहरे िूफ़े तशयीफ़ रे जामेंगे

औय वहाॊ िे िसीय अफ़याद ़त्र ियें गे।

इमाम मेहदी (अ.ि.) का सिने ज़हूर

ऽल्रा़े आरभ ने ऩाॊच चीजो िा इल्भ अऩने लरमे भऽसस


ू यखा है ज़जनभें एि

़माभत बी है । (़ुयआने भजीद) ज़हूये इभाभ भेहदी (अ.स.) चॊकू ि राज़भए ़माभत

से है रेहाज़ा इसिा इल्भ बी ऽुदा ही िो है कि आऩ िफ ज़हूय फ़यभाऐॊगे। िौन

सी तायीऽ होगी, िौन सा सन ़् होगा। ताहभ अहादीसे भासभ


ू ीन (अ.स.) जो इल्हाभ

औय िुयु़ आन से भस
ु तज़म्फत होती हैं उनभें इशाये भौजूद हैं। अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद,

अल्राभा सैय्मद अरी, अल्राभा तफये सी, अल्राभा लशब्रन्जी य़भ तयाज़ हैं कि

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने इसिी वज़ाहत फ़यभाई है कि आऩ ता़

सन ़् भें ज़हूय फ़यभाऐॊगे जो 1, 3, 5, 7, 9, से लभर िय फनेगा भसरन 1300,

1500, 1700, 1900 मा 1000, 3000, 5000, 7000, 9000, इसी िे साथ ही

साथ आऩने फ़यभामा है कि आऩिे इस्भे गेयाभी िा ऐरान फज़रयए जनाफे ज़जब्राईर

(अ.स.) 23 तायीऽ िो िय हदमा जामेगा औय ज़हूय मौभे आशयू ा होगा ज़जस हदन

1054
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) फ भ़
ु ाभे ियफरा शहीद हुए हैं। (शयह इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 532,

ाामतूर भ़सूद ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 161, आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 262, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 155)

भेये नज़दी़ ज़ज़ज़ल्ज्जा िी 23 तायीऽ होगी क्मो कि नफ़से ज़किमा िे ़त्र

औय ज़हूय भें 15 यातों िा फ़ासरा होना भस


ु ल्रभ है । इभिान है कि ़त्रे नफ़से

ज़किमा िे फाद ही नाभ िा ऐरान िय हदमा जाम कपय उसिे फाद ज़हूय हो।

भल्
ु रा जव्वाद साफाती िा िहना है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) मौभे जभ
ु ा फवक़्ते

सफ
ु ह फतायीऽ 10 भोहयक भर
ु हयाभ 7100 हहजयी भें ज़हूय फ़यभाऐॊगे। (ााएतर
ु भ़सद

ऩष्ृ ठ 161 फ हवारा फयाहीने साफतीमा)

इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िा इयशाद है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िा ज़हूय

फवक़्ते अस्र होगा औय वही असयाम ‘‘ वर अस्र इन्नर इॊसाना रफ़ी ऽस


ु रयन ’’ से

भयु ाद है ।

शाह नेभत अल्राह वरी िाज़भी अर भतूफ़ी 827 हहजयी (भजालरसे भोभेनीन ऩष्ृ ठ

276) जो शामय होने िे अरावा आलरभ औय भन


ु ज़ज्जभ बी थे। आऩिो इल्भे

जाफ़य भें बी दख़्र था। आऩने अऩनी भशहूय ऩेशीन गोई भें 1380 हहजयी िा

हवारा हदमा है ज़जसिा ारत होना साबफत है क्मों कि 1393 हहजयी है । (वर इल्भ

इन्दज़ल्राह) (़माभत नाभा ़ुदवतर


ु भोहद्दे सीन शाह यफ़ीउद्दीन ऩष्ृ ठ 38)

1055
ज़हूर के वक़्त इमाम (अ.ि.) की उम्र

मौभे ववरादत से ता फा ज़हूय आऩिी क्मा उम्र होगी? इसे तो ऽुदा ही जाने,

रेकिन मह भस
ु ल्रेभात से है कि ज़जस वक़्त आऩ ज़हूय फ़यभामेंगे लभसरे हज़यते

ईसा (अ.स.) आऩ चारीस सारा जवान िी है लसमत भें होंगे। (आराभर


ु वयु ा ऩष्ृ ठ 265

व ाामतुर भ़सूद ऩष्ृ ठ 76 ऩष्ृ ठ 119)

आऩिा अरभ

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िे अरभ ऩय ‘‘ अर फिीमतुल्राह ’’ लरखा होगा

औय आऩ अऩने हाथों ऩय ऽुदा िे लरमे फैमत रेंगे औय िामनात भें लसफ़क दीने

इस्राभ िा ऩयचभ रहयामेगा। (मनाबफउर भोवद्दता ऩष्ृ ठ 434)

ज़हूय िे फाद

ज़हूय िे फाद हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िाफे िी दीवाय से टे ि रगा िय खडे

होंगे। अब्र (फादर) िा सामा आऩिे सये भफ


ु ायि ऩय होगा। आसभान से आवाज़

आती होगी ‘‘ मही इभाभ भेहदी (अ.स.) हैं ’’ इसिे फाद आऩ एि लभम्फय ऩय

जरवा अफ़योज़ होंगे। रोगो िो ऽद


ु ा िी तयफ़ दावत दें गे औय दीने ह़ िी तयफ़

आने िी सफ िो हहदामत फ़यभामेंगे। आऩिी तभाभ सीयत ऩैाम्फये इस्राभ िी

सीयत होगी औय उन्हीॊ िे तयी़े ऩय अभर ऩैया होंगे। अबी आऩिा ऽुत्फा जायी

1056
होगा कि आसभान से ज़जब्राईर औय भीिाईर आ िय फैमत ियें गे। कपय भराएि

ए आसभानी िी आभ फैमत होगी। हज़ायों भराएिा िी फैमत िे फाद वह 313

भोभेनीन फैमत ियें गे जो आऩिी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य हो चि
ु े होंगे। कपय आभ फैमत

िा लसरलसरा शरू
ु होगा। दस हज़ाय अफ़याद िी फैमत िे फाद आऩ सफ से ऩहरे

िूफ़े तशयीफ़ रे जामेंगे औय दश्ु भनाने आरे भोहम्भद िा गरा ़भा ियें गे। आऩिे

हाथ भें असाए भस


ू ा होगा। जो अज़दहे िा िाभ िये गा औय तरवाय हे भाएर होगी।

(अमनुर हमात भजलरसी ऩष्ृ ठ 92)

तवायीऽ भें है कि जफ आऩ िूफ़े ऩहुॉचेंगे तो िई हज़ाय िा एि गगयोह आऩिी


ु़
भऽ
ु ारफ़त िे लरमे ननिर ऩडेगा औय िहे गा हभें फनी फ़ात्भा िी ज़रूयत नहीॊ,

आऩ वाऩस जाइमे, मह सन
ु िय तरवाय से उनिा क़स्सा ऩाि िय दें गे औय

किसी िो बी ज़ज़न्दा न छोड़ेंगे। जफ िोई बी दश्ु भनें आरे भोहम्भद औय भन


ु ाकफ़़

वहाॊ फािी ु़ न यहे गा तो आऩ एि लभम्फय ऩय तशयीफ़ रे जामेंगेि औय वाक़मा ए

ियफरा िा ज़ज़क्र ियें गे मानी भजलरसे हुसन


ै (अ.स.) ऩढ़ें गे। उस वक़्त रोग भहवे

गगयमा हो जामेंगे औय िई घॊटे ति योने िा लसरलसरा जायी यहे गा। कपय आऩ

हुक्भ दें गे कि भशहदे हुसन


ै (अ.स.) ति नहये फ़ुयात िाट िय राई जामे औय एि

भज़स्जद िी ताभीय िी जामे, ज़जसिे एि हज़ाय दय हों चन


ु ान्चे ऐसा ही किमा

जामेगा। इसिे फाद आऩ ज़्मायते सयवये िामनात िे लरमे भदीनए भन


ु व्वया

तशयीफ़ रे जामेंगे।

1057
(आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 263 इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 532 नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 155)

़ुदवतुर भोहद्दे सीन शाह यफ़ीउद्दीन य़भ तयाज़ हैं कि हज़यत इभाभ भेहदी

(अ.स.) जो इल्भे रदन्ु नी से बय ऩयू होंगे जफ भक्िे से आऩिा ज़हूय होगा औय

उस ज़हूय िी शोहयत अतयाफ़ व अिनाफ़े आरभ भें पैरेगी तो अफ़वाज़ भदीना व

भक्िा आऩिी खखदभत


ु़ भें हाज़ज़य होगी औय शाभ व ईया़ व मभन िे अब्दार

औय औलरमा खखदभत
ु़ शयीफ़ भें हाज़ज़य होंगे औय अयफ िी फ़ौजे जभा हो जामेंगी।

आऩ उन तभाभ रोगों िो उस ऽज़ाने से भार दें गे जो िाफे से फयाभद होगा औय

भ़
ु ाभे ऽजाना
ु़ िो ‘‘ ताजुर िाफा ’’ िहते होंगे। इसी असना भें एि शख़्स

ऽुयासानी अज़ीभ फ़ौज रे िय हज़यत िी भदद िे लरमे भक्िे भोअज़्ज़भा िो

यवाना होगा। यास्ते भें इस रशिये ऽुयासानी िे भ़


ु द्दे भा अर जैश िे िभान्डय

भन्सयू से नसयानी फ़ौज िी टक्िय होगी औय ऽुयासानी रशिय नसयानी फ़ौज िो

ऩसऩा िय िे हज़यत िी खखदभत


ु़ भें ऩहुॉच जामेगा।

इसिे फाद एि शख़्स सकु फ़मानी जो फनी िल्फ से होगा हज़यत से भ़


ु ाफरे िे

लरमे रशिये अज़ीभ इयसार िये गा रेकिन फहुक्भे ऽुदा जफ वह रशिये भक्िाए

भोअज़्ज़भा औय िाफाए भन
ु व्वया िे दयलभमान ऩहुॉचग
े ा औय ऩहाड़ भें ़माभ ियें गा

जो ज़भीन भें वहीॊ धॊस जामेगा। कपय सकु फ़मानी जो दश


ु भनों आरे भोहम्भद होगा

नसाया से साज़ फाज़ िय िे इभाभ भेहदी (अ.स.) से भ़


ु ाफरे िे लरमे ज़फय दस्त

फ़ौज फ़याहभ िये गा। नसयानी औय सकु फ़मानी फ़ौज िे अस्सी ननशान होंगे औय

1058
ननशान िे नीचे 12000 िी फ़ौज होगी। उनिा दारूर खखराफ़ा
ु़ शाभ होगा। इभाभ

भेहदी (अ.स.) बी भदीनाए भन


ु व्वया होते हुए जल्द से जल्द शाभ ऩहुॉचेंगे। जफ

आऩ िा वरूदे भसऊद दलभश़ भें होगा तो दश्ु भने आरे भोहम्भद औय सकु फ़मानी

औय दश
ु भने इस्राभ नसयानी आऩ से भ़
ु ाफरे िे लरमे सफ़ आया होंगे। इस जॊग

भें फ़यी़ैन िे फे शभ
ु ाय अफ़याद ़त्र होंगे। बफर आखखय
ु़ इभाभ (अ.स.) िा फ़तेह

िालभर होगी औय एि नसयानी बी ज़भीने शाभ ऩय फा़ी न यहे गा। उसिे फाद

इभाभ (अ.स.) अऩने रशिरयमों भें इनाभ त़सीभ ियें गे औय उन भस


ु रभानों िो

भदीनए भन
ु व्वया से वाऩस फर
ु ा रेगे जो नसयानी फादशाह िे ज़ल्
ु भ व जौय से

आज़जज़ आ िय शाभ से हहजयत िय गमे थे। (़माभत नाभा ऩष्ृ ठ 4)

इसिे फाद आऩ भक्िाए भोअज़्ज़भा वाऩस तशयीफ़ रे जामेंगे औय भज़स्जदे

सहरा भें ़माभ फ़यभामेंगे। (इयशाद ऩष्ृ ठ 533)

इसिे फाद भज़स्जदर


ु हयाभ िो अज़ सये नो फनामेंगे औय दनु नमा िी तभाभ

भसाज़जद िो शयई उसर


ू ऩय िय दें गे, हय बफदअत िो ऽत्भ िय दें गे औय हय

सन्
ु नत िो ़ामभ ियें गे। ननज़ाभे आरभ दरू
ु स्त ियें गे औय शहयों भें फ़ौजें इयसार

ियें गे। इन्सेयाभ व इन्तेज़ाभ िे लरमे वज़या यवाना होंगे। (आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 262

ऩष्ृ ठ 264)

इसिे फाद आऩ भोभेनीन, िाभेरीन औय िाफ़यीन िो ज़ज़न्दा ियें गे औय इस

ज़ज़न्दगी िा भ़सद मह होगा कि भोभेनीन इस्राभी उरूज से ऽश


ु हों औय

1059
िाफ़ेयीन से फदरा लरमा जामे। इन ज़ज़न्दा किमे जाने वारों भें िाबफर
ु़ से रे िय

उम्भते भोहम्भहदमा िे फ़याना ति ज़ज़न्दा किमे जामेंगे औय उनिे किमे िा ऩयू ा

ऩयू ा फदरा उन्हें हदमा जामेगा। जो जो ज़ल्


ु भ उन्हीॊ ने किमे उनिा भज़ा चखें गे।

ायीफों भज़रभ
ू ों औय फे िसों ऩय जो ज़ुल्भ हुआ है उसिी, ज़ालरभ िो सज़ा दी

जामेगी। सफ से ऩहरे जो वाऩस रामा जामेगा वह मज़ीद बफन भाववमा भरऊन

होगा औय इभाभ हुसन


ै (अ.स.) तशयीफ़ रामेंगे। (ाामत अर भ़सूद)

दज्जाऱ और उिका खुरूज

दज्जार दजर से भश्ु त़ है (फना है ) ज़जसिे भानी फ़ये फ िे हैं। इसिा असर

नाभ साएफ़, फाऩ िा नाभ साएद, भाॉ िा नाभ िाहे ता उफ़क ़ताभा है । मह अहदे

रयसारत भाआफ (स.अ.व.व.) भें फभ़ाभे तौहा जो भदीना ए भन


ु व्वया से तीन भीर

िे फ़ासरे ऩय वा़े है चहाय शम्फे िे हदन फवक़्ते ारू


ु फे आफ़ताफ ऩैदा हुआ है ।

ऩैदाईश िे फाद आन्न फ़ान्न फढ़ यहा था उसिी दाहहनी आॉख पूटी थी औय फाई

आॉख ऩेशानी ऩय चभि यही थी। वह चन्द हदनों भें िाफ़ी फढ़ िय दावाए ऽुदाई

ियने रगा। सयवये िामनात (स.अ.व.व.) जो हारात से फयाफय भत्त


ु रा हो यहे थे

उन्होंने सरभाने फ़ायसी औय चन्द असहाफ िो लरमा औय फभ़ाभे तीहा जा िय

उसिो तफरीा ियना चाही, उसने फहुत फयु ा बरा िहा औय चाहा कि हज़यत ऩय

हभरा िय दे , रेकिन आऩ िे असहाफ ने भदाफ़ेअत िी, आऩने उससे मह फ़यभामा

1060
था कि ऽुदाई िा दावा छोड़ दे औय भेयी नफव
ू त िो भान रे। उरेभा ने लरखा है

कि दज्जार िी ऩेशानी ऩय फ ऽत्ते मज़दानी ‘‘ अर िाकफ़य बफल्राह ’’ लरखा हुआ

था औय आॉख िे ढे रे ऩय बी (िाफ़, फ़े, ये ) भय़ूभ था। ायज़ कि आऩने वहाॊ से

भदीना ए भन
ु व्वया वाऩस तशयीफ़ राने िा इयादा किमा। दज्जार ने एि सॊगे गयाॊ

(फहुत फड़ा ऩत्थय) जो ऩहाड़ िे भाननन्द था हज़यत िी याह भें यख हदमा। मह दे ख

िय हज़यत ज़जब्राईर (अ.स.) आसभान से आमे औय उसे हटा हदमा। अबी आऩ

भदीने ऩहुॉचे ही थे कि दज्जार रशिये अज़ीभ रे िय भदीने िे ़यीफ जा ऩहुॉचा।

हज़यत ने फायगाहे अहहदमत भें अज़क िी, ऽद


ु ामा इसे उस वक़्त ति िे लरमे

भहफस
ू िय दे , जफ ति इसे ज़ज़न्दा यखना भ़सद
ू है । इसी दौयान भें जनाफे

ज़जब्राईर आमे औय उन्होंने दज्जार िी गयदन िो ऩश्ु त िी तयफ़ से ऩिड़ िय

उठा लरमा औय उसे रे जा िय जज़ीया ए तफरयस्तान भें भहफस


ू (़ैद) िय हदमा।

रतीफ़ा मह है कि ज़जब्राईर उसे रे िय जाने रगे तो उसने ज़भीन ऩय दोनो हाथ

भाय िय तहतर
ु शयह ति िी दो भठ्
ु ठी खािु़ रे री औय उसे तफरयस्तान भें डार

हदमा। ज़जब्राईर (अ.स.) ने सयवये िामनात (स.अ.व.व.) िे जवाफ भें िहा कि

आऩिी वफ़ात से 960 सार फाद मह खािु़ आरभ भे पैरे गी औय उसी वक़्त से

आसाये ़माभत शरू


ु हो जामेंगे। (ाामतर भ़सूद ऩष्ृ ठ 64, इयशाद अर तारेफैन ऩष्ृ ठ

394)

1061
ऩैाम्फये इस्राभ िा इयशाद है कि दज्जार िो भफहूस होने िे फाद तभीभ

दायभी ने जो ऩहरे नसयानी था जज़ीया ए तफरयस्तान भें फ चश्भे खद


ु दे खा है ।

उसिी भर
ु ा़ात िी तफ़सीर किताफ लसमाह अर भसाबफह, ज़हयतर
ु रयमाज़, सही

फऽ
ु ायी, सही भज़ु स्रभ भें भौजूद है ।

ायज़ कि अिसय यवामात िे भत


ु ाबफ़ दज्जार हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िे

ज़हूय फ़यभाने िे 18 मौभ फाद ऽुरूज िये गा। (भजभऊर फहयै न ऩष्ृ ठ 560 व ाामतर

भ़ूसद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 69) ज़हूये इभाभ (अ.स.) औय खुरूजे दज्जार से ऩहरे तीन
ु़
सार ति सख़्त िहत ऩडेगा। ऩहरे सार एि फटे तीन फारयश औय एि फटे तीन

ज़याएत ऽत्भ हो जामेगी। दस


ू ये सार आसभान व ज़भीन िी फयित व यहभत

ऽत्भ हो जामेगी। तीसये सार बफल्िुर फारयश न होगी औय सायी दनु नमाॊ वारे भौत

िी आाोश भें ऩहुॉचने िे ़यीफ हो जामेंगे। दनु नमाॊ ज़ुल्भ व जौय, इज़तेयाफ व

ऩये शानी से बफल्िुर ऩयु होगी। इभाभ भेहदी (अ.स.) िे ज़हूय िे फाद 18 हदन भें

िामनात ननहामत अच्छी सहत ऩय ऩहुॉची हो गी कि नागाह दज्जार भरऊन िे

खरू
ु ज िा गर
ु ार
ु ा उठे गा। वह फयवामत अखवन्द दयवीज़ा हहन्दोस्तान िे एि

ऩहाड़ ऩय नभद
ू ाय होगा औय वहाॊ से फ आवाज़े फरन्द िहे गा ‘‘ भैं खुदाए फज़
ु ुगक हू

’’ भेयी इताअत ियो। मह आवाज़ भशरय़ व भारयफ भें ऩहुॉचग


े ी। उसिे फाद तीन

मौभ मा फयवामत 40 मौभ इसी भ़


ु ाभ ऩय यह िय रश्िय तैमाय िये गा। कपय

शाभ व ईया़ होता हुआ अस्फ़ाहान िे एि ़यमे ‘‘ महूहदमा ’’ से ऽुरूज िये गा।

1062
उसिे हभयाह फहुत फड़ा रश्िय होगा ज़जसिी तादाद 70,00,000 (सत्तय राख)

भय़ूभ है । ज़जन, दे व, ऩयी, शैतान इनिे अरावा होंगे। वह एह गधे ऩय सवाय

होगा। जो अफऱ यॊ ग िा होगा। उसिे ज़जस्भ िा फाराई हहस्सा सऽ


ु ,क हाथ ऩाॉव

ताज़ा नौ लसमाह उसिे फाद से सभ


ु ति सफ़ैद होगा। उसिे दोनों िानों िे

दयलभमान 40 भीर िा फ़ासरा होगा। वह 21 भीर ऊॉचा औय 90 भीर रम्फा


ु़
होगा। उसिा हय ़दभ एि भीर िा होगा। उसिे दोनों िानों भें ऽल्िे िसीय

फैठी होगी। चरने भें उसिे फारों से हय क़स्भ िे फाजों िी आवाज़ आमेगी। वह

उसी गधे ऩय सवाय होगा। सवायी िे फाद जफ वह यवाना होगा तो उसिे दाहहने

तयफ़ एि ऩहाड़ होगा जो हभयाह चरता यहे गा। उसभें नहयें , भेवा जात औय हय

क़स्भ िी नेभते होंगी, औय फाईं जाननफ एि ऩहाड़ होगा ज़जसभें हय क़स्भ िे

साॊऩ बफच्छू होंगे। वह रोगों िो उन्हीॊ चीज़ों िे ज़रयमे से फहिामेगा औय िहे गा कि

भैं खदा
ु ु़ हूॉ। जो भेया हुक्भ भानेगा जन्नत भें यखूगा जो न भानेगा उसे जहन्नभ
ु भें

डार दॊ ग
ू ा। इसी तयह चारीस हदन भें सायी दनु नमाॊ िा चक्िय रगा िय औय सफ

िो फहिा िय इभाभ भेहदी (अ.स.) िी इस्िीभ िो नािाभमाफ फनाने िी सई

िोलशश भें ऽानाए िाफा िो गगयाना चाहे गा औय एि अज़ीभ रश्िय बेज िय िाफे

औय भदीने िो तफाह ियने ऩय भाभयू िये गा औय खुद िूफ़े िे लरमे यवाना होगा।

उसिा भ़सद मह होगा कि िूफ़ा जो इभाभ भेहदी (अ.स.) िी आभाजगाह है उसे

तफाह िय दे । ‘‘ चॉ ू आन रईन नज़दी़ िूफ़ा फयसदे इभाभ भोहम्भद भेहदी

1063
(अ.स.) फइसतेसारे ओ फयसद ’’ रेकिन ऽुदा िा ियना दे खखमे कि जफ वह िूफ़े

िे ़यीफ ऩहुॉचग
े ा जो हज़यत इभाभ भोहम्भद भेहदी (अ.स.) ऽद
ु वहाॊ ऩहुॉच जामेंगे

औय उसे फ हुक्भे खद
ु ा जड़ से उखाड़ दें गे। ायज़ कि घभासान िी जॊग होगी औय

शाभ ति पैरे हुए रश्िय ऩय इभाभ भेहदी (अ.स.) ज़फयदस्त हभ रे ियें गे बफर

आखखय
ु़ वह भरऊन आऩिी ज़यफों िी ताफ न रा िय शाभ िे भ़ाभे ‘‘ उ़फाए
ु़
यफ़ी़ ’’ मा फभ़ाभ ‘‘ रद
ु ’’ जुभे िे हदन तीन घड़ी हदन चढे भाया जामेगा।

उसिे भयने िे फाद दस भीर ति दज्जार औय उसिे गधे औय रश्िय िा ऽून

ज़भीन ऩय जायी यहे गा। उरेभा िा िहना है कि ़त्रे दज्जार िे फाद इभाभ

(अ.स.) उसिे रशिरयमों ऩय एि ज़फयदस्त हभरा ियें गे औय सफ िो ़त्र िय

डारेंगे। उसे जो िाकफ़य ज़भीन िे किसी हहस्से भें छुऩे गा, वह आवाज़ दे गा कि

फ़राॊ िाकफ़य महाॊ छुऩा हुआ है इभाभ (अ.स.) उसे ़त्र िय दें गे। आखखय
ु़ िाय

ज़भीन ऩय िोई दज्जार िा भानने वारा न यहे गा। (इयशाद अर तारेफीन ऩष्ृ ठ 397)

ाामतर भ़सद
ू ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 71, ऐनर
ु हमात ऩष्ृ ठ 126, किताफ अर वसाएर

ऩष्ृ ठ 181, ़माभत नाभा ऩष्ृ ठ 7, भाअयफ़ुर लभल्रता ऩष्ृ ठ 328, सही भज़ु स्रभ,

रभ ़्आते शयह लभश़ात अब्दर


ु ह़, भय़ात, शयह लभश़ात भजभउर फेहाय)

फाज़ यवामात भें है कि दज्जार िो हज़यते ईसा (अ.स.) फहुक्भे हज़यते इभाभ

भेहदी (अ.स.) ़त्र ियें गे।

1064
नज़
ु ऱ
ू े हज़रते ईिा (अ.ि.)

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) सन्


ु नत िे िामभ
ु़ ियने औय बफदअत िे लभटाने

नीज़ इनसेयाभ व इन्तेज़ाभे आरभ भें भशार


ू व भसरूफ़ होंगे कि एि हदन नभाज़े

सफ
ु ह िे वक़्त फयवामते नभाज़े अस्र िे वक़्त हज़यते ईसा (अ.स.) दो फ़रयश्तों िे

िॊधो ऩय हाथ यखे हुए दलभश़् िी जाभे भज़स्जद िे लभनायए शय़ी ऩय नज़
ु रू

फ़यभामेगें। हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) उनिा इस्ते़फार ियें गे औय फ़यभामेंगे कि

आऩ नभाज़ ऩढ़ाइमे हज़यते ईसा िहें गे कि मह नाभज़ु म्िन है नभाज़ आऩिो ऩढ़ानी

होगी चन
ु ान्चे हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) इभाभत ियें गे औय हज़यत ईसा (अ.स.)

उनिे ऩीछे नभाज़ ऩढ़ें गे औय उनिी तसदी़ ियें गे। (नरू


ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 154 ाामत

ू ऩष्ृ ठ 104 से 154, फहवाराए भज़ु स्रभ व इब्ने भाजा, लभश़ात ऩष्ृ ठ 458) उस
अर भ़सद

वक़्त हज़यते ईसा (अ.स.) िी उम्र चारीस सारा नौजवान जैसी होगी। वह इस

दनु नमाॊ भें शादी ियें गे औय उनिे दो रड़िे ऩैदा होंगे एि नाभ अहभद औय दस
ू ये

िा नाभ भस
ू ा होगा। (असआफ़ुर यााीफैन, फय हालशमा नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 135, ़माभत

नाभा, ऩष्ृ ठ 9, फहवाराए किताफुर वफ़ा इब्ने जोज़ी व लभश़ात ऩष्ृ ठ 465 व लसयाजुर िुर
ु़ ूफ

ऩष्ृ ठ 77)

1065
इमाम मेहदी (अ.ि.) और ईिा इब्ने मररयम का दौरा

इसिे फाद हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) औय हज़यते ईसा (अ.स.) फराद

भभ
ु ालरि िा दौया ियने औय हारात िा जामज़ा रेने िे लरमे फयाभद होंगे औय

दज्जार भरऊन िे ऩहुॉचामे हुमे ऩ


ु सानात औय उसिे ऩैदा किमे हुमे फदतयीन

हारात िो फेहतयीन सतह ऩय रामेंगे। हज़यते ईसा (अ.स.) ऽन्जीय िे ़त्र ियने,

सरीफों िो तोड़ने औय रोगों िे इस्राभ ़ुफर


ू ियने िा इन्सेयाभ व फन्दोफस्त

फ़यभामेंगे। अदरे भेहदवी से फरादे आरभ भें इस्राभ िा डॊिा फजेगा औय ज़ुल्भ

व लसत्भ िा तख़्ता तफाह हो जामेगा। (़माभत नाभा ़ुदवतुर भोहद्दे सीन ऩष्ृ ठ 8

फहवारा सही भुज़स्रभ)

हज़रत इमाम मेहदी (अ.ि.) का कुस्तुनतुनया को फतेह करना

यवामत भें है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िुसतन


ु तन
ु मा, चीन औय जफरे दे रभ िो

फ़तेह ियें गे। मह वही िुस


ु़ तुनतुनमा है ज़जसे अस्तम्फोर िहते हैं औय ज़जस ऩय

उस ज़भाने भें नसाया िा ़ब्ज़ा होगा औय उनिा ़ब्ज़ा बी भस


ु रभान फादशाह िो

़त्र ियने िे फाद होगा। चीन औय जफरे दे रभ ऩय बी नसाया िा ़ब्ज़ा होगा

औय वह हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) से भ़


ु ाफरे िा ऩयू ा इन्तेज़ाभात ियें गे। ‘‘

चीन ’’ ज़जसिो अयफी भें ‘‘ सीन ’’ िहते हैं इसिे फाये भें यवामत िे हवारे से

अल्राभा तयही ने भजभउर फहयै न िे ऩष्ृ ठ 615 भें लरखा है कि सीन (1) एि

1066
ऩहाड़ी है । (2) भशरय़ भें एि भभरेित है । (3) िूफ़े भें एि भौजा है । ऩता मह

चरता है कि सायी चीज़ें फ़तेह िी जामेंगी। इनिे अरावा लसन्ध औय हहन्द िे

भिानात िी तयफ़ बी इशाया है । फहय हार इभाभ भेहदी (अ.स.) शहये

िुस्तुनतुनमा िो फ़तह ियने िे लरमे यवाना होंगे औय उनिे हभयाह सत्तय हज़ाय

फनू इस्हा़ िे नौजवान होंगे उन्हें दरयमामे योभ िे किनाये शहय भें जािय उसे

फ़तेह ियने िा हुक्भ होगा। ज फवह वहाॊ ऩहुॉच िय फ़सीर िे किनाये नायाए

तिफीय रगामेंगे तो खुद फ खुद यास्ता ऩैदा हो जामेगा औय मह दाखखर


ु़ हो िय

उसे फ़तेह िय रेंगे। िुफ़्फ़ाय ़त्र होंगे औय उस ऩय ऩयू ा ऩयू ा ़ब्ज़ा हो जामेगा।

(नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 155 फहवाराए तफयानी, ााएतर भ़सद
ू ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 152,

फहवाराए अफू नईभ, आराभर


ु वयु ा, फहवारए इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ऩष्ृ ठ

264 ़माभत नाभा फहवाराए सही भज़ु स्रभ)

याजूज माजूज और उनका खुरूज

़माभते सा
ु या मानी ज़हूये आरे भोहम्भद औय ़माभते िुफया िे दयलभमान

दज्जार िे फाद माजूज औय भाजूज िा ऽुरूज होगा मह सद्दे लसिन्दयी से ननिर

िय साये आरभ भें फ़ैर जामेंगे औय दनु नमा िे अभनो अभान िो तफाह व फयफाद

िय दे ने भें ऩयू ी िोलशश ियें गे।

1067
माजूज, भाजूज हज़यते नह
ू (अ.स.) िे फेटे माकफ़स िी औराद से हैं। मह दोनो

चाय सौ ़फीरों औय उम्भतों िे सयदाय औय सयफय आवयु दा हैं। उनिी िसयत िा

िोई अन्दाज़ा नहीॊ रगामा जा सिता। भऽऱ


ू ात भें भराएिा िे फाद उन्हें िसयत

दी गई है । इनभें िोई ऐसा नहीॊ ज़जसिे एि एि हज़ाय औराद न हो। मानी मह

उस वक़्त भयते ही नहीॊ जफ ति एि हज़ाय फहादयु ऩैदा न िय रें। मह तीन

क़स्भ िे रोग हैं, एि वह जो ताड़ से ज़्मादा रम्फे हैं, दस


ू ये वह जो रम्फे औय

चौड़े फयाफय हैं ज़जनिी लभसार फहुत फड़े हाथी से दी जाती है । तीसये वह जो अऩना

एि िान बफछाते हैं औय दस


ू या ओढ़ते हैं। इनिे साभने रोहा, ऩत्थय, ऩहाड़ तो

िोई चीज़ नहीॊ है । मह हज़यते नह


ू (अ.स.) िे ज़भाने भें दनु नमा िे आखखय
ु़ भें उस

जगह ऩैदा हुमे हैं जहाॊ से ऩहरे ऩहर सयू ज ने तुरउ किमा था। ज़भानए कफ़तयत

से ऩहरे मह रोग अऩनी जगह से ननिर ऩड़ते थे औय अऩने ़यीफ िी सायी

दनु नमाॊ िो खा ऩी जाते थे मानी हाथी, घोड़ा, ऊॉट इॊसान, जानवय, खेती फाड़ी ायज़

कि जो िुछ साभने आता था सफ िो हज़भ िय जाते थे। वहाॊ िे रोग उन से

सख़्त तॊग आ िय आज़जज़ थे। महाॊ ति कि ज़भानए कफ़तयत भें हज़यते ईसा

(अ.स.) िे फाद फयवामते जफ ‘‘ ज़ुऱयनैन ’’ उस भॊज़ज़र ति ऩहुॉचे तो उन्हें वहाॊ

िा साया वाक़मा भारभ


ू हुआ औय वहाॊ िी भख़्ऱ
ू ने उनसे दयख़्वास्त िी कि

हभे इस फराए फे दयभा माजूज, भाजूज से फचाइमे चन


ु ान्चे उन्होंने दो ऩहाड़ों िे

उस दयलभमानी यास्ते िो ज़जससे वह आमा ियते थे फहुक्भे ऽुदा रौहे िी दीवाय से

1068
जो दौ सौ (200) गज़ ऊॉची औय ऩचास सा साठ (50 मा 60) ाज़ चौड़ी थी फन्द

िय हदमा। इसी दीवाय िो ‘‘ सद्दे लसिन्दयी ’’ िहते हैं क्मो कि ‘‘ जऱयनै


ु ु़ न ’’

िा असर नाभ लसिन्दये आज़भ था। सद्दे लसिन्दयी िे रग जाने िे फाद उनिी

ऽुयाि साॊऩ ़याय दी गई जो आसभान से फयसते हैं। मह ता फा ज़हूय इभाभ भेहदी

(अ.स.) इसी भें भहसयू यहें गे। उनिा उसर


ू औय तयी़ा मह है कि मह रोग अऩनी

ज़फान से सद्दे लसिन्दयी िो सायी यात चाट िय िाटते हैं जफ सफ


ु ह होती है औय

धऩ
ू रगती है तो हट जाते हैं कपय दस
ू यी यात िटी हुई दीवाय बी ऩयु हो जाती है

औय वह कपय उसे िाटने भें रग जाते हैं। फहुक्भे ऽद


ु ा मह रोग इभाभ भेहदी

(अ.स.) िे ज़भाने भें खरूज


ु ु़ ियें गे दीवाय िट जामेगी औय मह ननिर ऩड़ेंगे। उस

वक़्त िा आरभ मह होगा कि मह रोग अऩनी सायी तादाद सभैत सायी दनु नमाॊ भें

पैर िय ननज़ाभे आरभ िो दयहभ फयहभ ियना शरू


ु िय दें गे। राखों जाने जामा
ु़

होंगी औय दनु नमाॊ िी िोई चीज़ ऐसी फा़ी न यहे गी जो खाई औय ऩी जा सिे

औय मह उस ऩय तसरूकफ़ न ियें । मह फरा िे जॊगजू रोग होंगे। दनु नमा िो भाय

िय खा जामेंगे औय अऩने तीय आसभान िी तयफ़ पेंि िय आसभानी भऽऱ


ू िो

भायने िा हौसरा ियें गे औय जफ उधय से फहुक्भे ऽुदा तीय ऽून आरद


ू आमेगा तो

मह फहुत खुश होंगे औय आऩस भें िहें गे कि अफ हभाया इ़तेदाय ज़भीन से फर


ु न्द

हो िय आसभान ति ऩहुॉच गमा है । इसी दौयान भें हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.)

िी फयित औय हज़यते ईसा (अ.स.) िी दआ


ु िी वजह से ऽुदा वन्दे आरभ एि

1069
फीभायी बेज दे गा ज़जसिो अयफी भें ‘‘ नाफ़ ’’ िहते हैं। मह फीभायी नाि से शरू

हो िय ताऊन िी तयह एि ही शफ भें उन सफ िा िाभ तभाभ िय दे गी। कपय

उनिे भयु दाय िो खाने िे लरमे ‘‘ उऩ्ा ’’ नाभी ऩरयन्दा ऩैदा होगा जो ज़भीन िो

उनिी गॊदगी से साफ़ िय दे गा औय इॊसान उनिे तीयो िभान औय जर सिने

वारी चीज़ो औय आराते हफक (रड़ाई िे असरहों) िो सात सार ति जरामेंगे।

(तफ़सीये साफ़ी ऩष्ृ ठ 278, लभशिात ऩष्ृ ठ 366, सही भुज़स्रभ, नतयलभज़ी, इयशाद अर तारेफैन,

ऩष्ृ ठ 398, ाामतुर भ़सूद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 76, भजभुअर फहयै न ऩष्ृ ठ 466, ़माभत नाभा ऩष्ृ ठ

8)

इमाम मेहदी (अ.ि.) की मद्


ु दते हुकूमत और खातमाए दतु नया

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िा ऩाए तख़्त शहये िूफ़ा होगा। भक्िे भें आऩिे

नाएफ िा त़रूकय होगा। आऩिा दीवान ऽाना औय आऩिे इजयाए हुक्भ िी जगह

भज़स्जदे िूफ़ा होगी। फैतर


ु भार भज़स्जदे सहरा ़याय दी जामेगी औय खखरवत
ु़

िदा नजफ़े अशयफ़ होगा। (हक़़्ुर म़ीन ऩष्ृ ठ 145)

आऩिे अहदे हुिूभत भें भि


ु म्भर अभनो सि
ु ू न होगा। फियी औय बेड़, गाम

औय शेय, इॊसान औय साॊऩ, ज़म्फीर औय चह


ू ें सफ एि दस
ू ये से फे खौफ़ु़ होंगे। (दयु े

भनशूय, स्मूती ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 23) गुनाह िा इयते़ाफ बफल्िुर फन्द होगा। तभाभ रोग

ऩाि फाज़ हो जामेंगे। जेहर, जफन, फख


ु र िाफ़ुय हो जामेंगे। आज़जजो, ज़ईफ़ों िी

1070
दाद यसी होगी जल्भ
ु ु़ दनु नमाॊ से लभट जामेगा। इस्राभ िे िालरफ
ु़ फे जान भें रूहे

ताज़ा ऩैदा हो जामेगी। दनु नमाॊ िे तभाभ भज़ाहहफ ऽत्भ हो जामेंग,े न ईसाई होंगे

न महूदी न औय िोई भसरि होगा लसफ़क इस्राभ होगा औय उसी िा डॊिा फजता

होगा। आऩ दावत बफर सैफ़ दें गे जो आऩिे खखराफ़


ु़ होगा ़त्र िय हदमा जामेगा।

जज़ज़मा भौ़ूफ़ होगा। ऽुदा िी जाननफ से शहय अिािे हये बये भैदान भें भेहभानी

होगी। सायी िामनात भसयक तों से भभरह


ू होगी। ायज़ कि अदरो इॊसाफ़ से दनु नमा

बय जामेगी दनु नमाॊ िे तभाभ भज़रभ


ू फर
ु ामे जामेंगे औय उन ऩय ज़ुल्भ ियने वारे

हाज़ज़य किमे जामेंगे। हत्ता िी आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) तशयीफ़ रामेंगे औय उन

ऩय ज़ुल्भ िे ऩहाड़ तोड़ने वारे फर


ु ामे जामेंगे। हज़यत इभाभ (अ.स.) भज़रभ
ू िी

दाद यसी फ़यभामेंगे औय ज़ालरभ िो िैफ़यो कियदाय ति ऩहुॉचामेंगे। हज़यत

भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) इन तभाभ उभयू भें ननगयानी िा फ़यीज़ा अदा

फ़यभाने िे लरमे जरवा अफ़योज़ होंगे। इसी दौयान भें हज़यते ईसा (अ.स.) अऩनी

साफे़ा अयज़ी 33 सारा ज़ज़न्दगी भें 7 सारा भौजद


ू ा अयज़ी ज़ज़न्दगी िा इज़ाफ़ा

िय िे चारीस सार िी उम्र भें इन्ते़ार िय जामेंगे औय आऩिो यौज़ाए हज़यत

भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) भें दफ़्न िय हदमा जामेगा। (हालशए लभश़ात, ऩष्ृ ठ

463, लसयाज अर ़ुरफ


ू ऩष्ृ ठ 77, अजाएफर
ु ़सस ऩष्ृ ठ 23)

इसिे फाद हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी हुिूभत िा ऽात्भा हो जामेगा औय

हज़यत अभीरूर भोभेनीन ननज़ाभे िामनात ऩय हुक्भ यानी ियें गे ज़जसिी तयफ़

1071
िुयु़ आने भजीद भें ‘‘ दाफतुर अज़क ’’ से इशाया किमा गमा है । अफ यह गमा मह कि

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी भद्


ु दते हुिूभत क्मा होगी? इसिे फाये भे सख़्त

इख़्तेराफ़ है । इयशाद भकु फ़द िे ऩष्ृ ठ 533 भें सात सार औय ऩष्ृ ठ 537 भें 19

सार औय आराभर
ु वयु ा िे ऩष्ृ ठ 364 भें 19 सार, लभश़ात िे ऩष्ृ ठ 462 भें 7,

8, 9 सार, नरू
ू र अफसाय िे ऩष्ृ ठ 154 भें 7, 8, 9, 10 सार औय नेमाफर

भोअद्दता शेऽ सर
ु ेभान ़न्दज़
ू ी फरखी ु़ िे ऩष्ृ ठ 433 भें 20 सार भय़ूभ है । भैंने

हारात हदीस, अ़वारे उरेभा से इस्तेम्फात िय िे फीस सार िो तयजीह दी है ।

हो सिता है कि एि सार दस सार िे फयाफय हों।

(इयशाद भुकफ़द ऩष्ृ ठ 533, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 155) ायज़ कि आऩिी वफ़ात िे फाद

हज़यत इभाभ हुसन


ै (अ.स.) आऩिो ास्
ु रो िफ़न दें गे औय नभाज़ ऩढ़ा िय दफ़्न

फ़यभामेंगे। जैसा कि अल्राभा सैय्मद अरी बफन अब्दर


ु हभीद ने किताफ अनवारूर

भज़ीमा भें तहयीय फ़यभामा है, हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िे अहदे ज़हूय भें

़माभत से ऩहरे ज़ज़न्दा होने िो यजअत िहते हैं मह यजअत ज़रूरयमाते भज़हफे

इभालभमा से है । (भजभर
ु फहयै न ऩष्ृ ठ 422) इसिा भतरफ मह है कि ज़हूय िे फाद

फहुक्भे ऽुदा शदीद तयीन िाकफ़य औय भन


ु ाकफ़़ औय िालभर तयीन भोभेनीन

हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.), आइम्भा ए ताहे यीन (अ.स.), फाज़ अज़म्फमाए

सरफ़ फयाए इज़हाय दौरते ह़िे भोहम्भदे दनु नमा भें ऩरट िय आमेंगे। (तिरीफ़

अर भुिल्रेफ़ीन पी उसूर अर दीन ऩष्ृ ठ 25)

1072
इसभें ज़ालरभो िो ज़ुल्भ िा फदरा औय भज़रभ
ू ों िो इन्ते़ाभ िा भौ़ा हदमा

जामेगा। इस्राभ िो इतना फ़योा हदमा जामेगा कि ‘‘ रेज़हया अल्र दीने िुल्रह ’’

दनु नमाॊ भें लसफ़क एि इस्राभ यह जामेगा। (भआरयफ़ अर लभल्रता अर नाज़जमा वर

नारयमा ऩष्ृ ठ 380)

इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा भि
ु म्भर फदरा लरमा जामेगा। (ाामतुर भ़सूद ज़जल्द 1

ऩष्ृ ठ 186 फहवारा तफ़सीय अमाशी) औय दश


ु भनाने आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िो

़माभत भें अज़ाफे अिफय से ऩरहे यतअत भें अज़ाफे अदना िा भज़ा चखामा

जामेगा। (हक़़्ुर मिीनु़ ऩष्ृ ठ 147, फहवारा ़ुयआने भजीद)

शैतान सयवये िामनात (स.अ.व.व.) िे हाथों से नहये फ़यात ऩय एि अज़ीभ जॊग

िे फाद ़त्र होगा। आइम्भा ए ताहे यीन (अ.स.) िे हय अहदे हुिूभत भें अच्छे फयु े

ज़ज़न्दा किमे जामेंगे औय हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िे अहद भें जो रोग ज़ज़न्दा

होंगे उनिी तादाद चाय हज़ाय होगी (ााएतर भ़सदू ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 178) शोहदा िो बी

यजअत भें ज़ाहे यी ज़ज़न्दगी दी जामेगी ताकि उसिे फाद जो भौत आमे उससे आमत

िे हुक्भ ‘‘‫ ’’کل نفس ذائقة ادلوت‬िी तिभीर हो सिे औय उन्हें भौत िा भज़ा

नसीफ हो जामे। (ाामतर


ु भ़सद
ू ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 173)

इसी यजअत भें वादाए ़ुयआनी िे हहसाफ से आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िो

हुिूभते आइम्भा ए आरभ दी जामेगी औय ज़भीन िा िोई गोशा न होगा ज़जस ऩय

आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िी हुिूभत न हो। इसिे भत


ु ाअज़ल्ऱ िुयआने भजीद

1073
भें ‘‘ अन्ना अयज़ मयशहा अफाहदर सारेहून ’’ व ‘‘ ‫و نريد أن منن على الذين استضعفوا ىف‬

ّ ‫ ’’األرض و جنعلهم‬भौजूद है।


‫أئمة و جنعلهم الوارثنی‬ (हक़्िुर
ु़ म़ीन ऩष्ृ ठ 146)

अफ यह गमा मह कि िामनात िी जाहेु़ यी हुिूभत व ववयासते आरे भोहम्भद

(स.अ.व.व.) िे ऩास िफ ति यहे गी उसिे भत


ु ाअज़ल्ऱ एि यवामत 8000 (आठ

हज़ाय) सार िा हवारा दे यही है औय ऩता मह चरता है कि अभीयर भोभेनीन

(अ.स.) हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) िे ज़ेये ननगयानी हुिूभत ियें गे औय

दीगय आइम्भा ए ताहे यीन उनिे वज़या औय सफ़


ु या िी है लसमत से भभ
ु ालरिे आरभ

भें इन्तेज़ाभ व इन्सेयाभ फ़यभामेंगे। एि यवामत भे मह बी है कि हय इभाभ

तयतीफ से हुिूभत ियें गे। (हक़़्ुर म़ीन व ाामतुर भ़सूद)

हज़यत अरी (अ.स.) िे ज़हूय औय ननज़ाभे आरभ ऩय हुक्भयानी िे भत


ु ाअज़ल्ऱ

िुयु़ आने भजीद भें फ सयाहत भौजूद है । इयशाद होता है ‘‘‫( اخرجنا ذلم دابة من االرض‬ऩाया

20 रूिू 1)

उरभाए फ़यी़ैन मानी लशमा व सन्


ु नी िा इत्तेफ़ा़ है कि इस आमत से भयु ाद

हज़यत अरी (अ.स.) हैं। भर


ु ाहे ज़ा हो ! भीज़ान अर एतेदार, अल्राभा ज़ेहफी व

भोआलरभ अर तनज़ीर, अल्राभा फावी व हक़़्ुर म़ीन अल्राभा भजलरसी व

तफ़सीय साफ़ी अल्राभा भोहलसन फ़ैज़ उसिी तयफ़ तौये त भें बी इशाया भौजद
ू है ।

(तज़कियतुर भासूभीन ऩष्ृ ठ 246) आऩिा िाभ मह होगा कि आऩ ऐसे रोंगे िी

तसदी़ न ियें गे जो ऽुदा िे भऽ


ु ालरफ़ औय उसिी आमतों ऩय मिीनु़ न यखने

1074
वारे होंगे। वह ऩष्ृ ठ व भयवा िे दयलभमान से फयाभद होंगे। उनिे हाथ भें हज़यत

सर
ु भ
ै ान (अ.स.) िी अॊगठ
ू ी औय हज़यते भस
ू ा (अ.स.) िा असा होगा। जफ ़माभत

़यीफ होगी तो आऩ असा व अॊगश


ू तयी से हय भोलभन व िाकफ़य िी ऩेशानी ऩय

ननशान रगामेंगे। भोलभन िी ऩेशानी ऩय ‘‘ हाज़ा भोलभन ह़ा ’’ औय िाकफ़य िी

ऩेशानी ऩय ‘‘ हाज़ा िाकफ़य ह़ा ’’ तहयीय हो जामेगा। भर


ु ाहे जा ु़ हो (किताफ इयशाद

अर तारीफैन अऽवन्द दयवेज़ा ऩष्ृ ठ 400 व ़माभत नाभा, िुदु़ वतुर भोहद्दे सीन,

अल्राभा यफ़ीउद्दीन ऩष्ृ ठ 10, अल्राभा फावी किताफ लभश़ात अर भसाफीह िे

ऩष्ृ ठ 464 भें तहयीय फ़यभाते हैं कि व अफतर अज्र दोऩहय िे वक़्त ननिरेगा

औय जफ इस दाफतुर अज़क िा अभर दयाभद शरू


ु हो जामेगा तो फाफे तौफा फन्द

हो जामेगा औय उस वक़्त किसी िा ईभान राना िायगय न होगा।

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) फ़यभाते हैं कि एि भयतफा हज़यत अरी

(अ.स.) भज़स्जद भें सो यहे थे इतने भें हज़यत यसर


ू े ियीभ (स.अ.व.व.) तशयीफ़

रामे औय आऩने फ़यभामा ‘‘ ़ुभ मा दाफतल्


ु राह ’’ इसिे फाद एि हदन फ़यभामा !

‘‘ मा अरी अज़ािान अऽयज िुल्राहा ’’ ऐ अरी (अ.स.) जफ दनु नमाॊ िा आखखयी


ु़

ज़भाना आमेगा तो ऽुदा वन्दे आरभ तुम्हें फयाभत िये गा उस वक़्त तुभ अऩने

दश
ु भनों िी ऩेशाननमों ऩय ननशान रगाओगे। (भजभउर फहयै न ऩष्ृ ठ 127)

आऩने मह बी फ़यभामा कि अरी ‘‘ व अफता अर जन्नता ’’ हैं रा


ु त भें है कि

दाफा िे भानी ऩैयों से चरने वारे िे हैं। (भजभउर फहयै न ऩष्ृ ठ 127)

1075
िसीय यवामत से भारभ
ू होता है कि आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िी हुक्भयानी

ज़जसे साहे फे अय हज्जर


ु भतालरफ ने फादशाही लरखा है । उस वक़्त ति ़ाएभ

यहे गी जफ ति दनु नमा िे ऽत्भ होने भें चारीस हदन फा़ी यहें गे। (इयशाद भफ़
ु ीद ऩष्ृ ठ

137 व आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 264) इसिा भतरफ मह है कि चारीस हदन िी भद्
ु दत

़ब्रों से भद
ु ो िो ननिारने औय ़माभते िुफया िे लरमे होगी। हश्रो नश्र, हहसाफो

किताफ, सयू पॊू िना औय दीगय तवाज़ज़भे ़माभते िुफया इसी भें अदा होगे।

(आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 264)

इसिे फाद हज़यत अरी (अ.स.) रोगों िो जन्नत िा ऩयवाना दें गे। रोग उसे रे

िय ऩर
ु े लसयात ऩय से गुज़यें गे। (सवाए़े भोहये ़ा इब्ने हजय भक्िी ऩष्ृ ठ 74 व इस ़्आपुर

यााेफीन ऩष्ृ ठ 75, फय हालशमा नूरूर अफसाय)

कपय आऩ हौज़े िौसय िी ननगयानी ियें गे जो दश


ु भनाने आरे भोहम्भद

(स.अ.व.व.) हौज़े िौसय ऩय होगा उसे आऩ उठा दें गे। (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 767)

कपय आऩ ‘‘ रवा अर हम्द ’’ मानी भोहम्भदी झन्डा रे िय जन्नत िी तयफ़

चरेंगे औय ऩैाम्फये इस्राभ (अ.स.) आगे आगे होंगे। अज़म्फमा व शोहदा व

सारेहीन औय दीगय आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िे भानने वारे ऩीछे होंगे।

ु भतालरफ ऩष्ृ ठ 774) कपय आऩ जन्नत


(भनाक़फ अऽतफ ऽवायज़भी, िल्भी व अय हज्जर

िे दयवाज़े ऩय जामेंगे औय अऩने दोस्तों िो फाैय हहसाफ दाखखरे


ु़ जन्नत ियें गे
ु़
औय दश
ु भनों िे जहन्नभ भें झोंि दें गे। (किताफ लशफ़ा ़ाज़ी अमाज़ व सवाएिे भोहये ़ा)

1076
इसी लरमे हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) ने हज़यत अफू फक्र, हज़यत

उभय, हज़यत उस्भान औय फहुत से असहाफ िो जभा िय िे फ़यभा हदमा था कि

अरी (अ.स.) ज़भीन औय आसभान दोनों भें भेये वज़ीय हैं अगय तभ
ु रोग खद
ु ा िो

याज़ी ियना चाहते हो तो अरी (अ.स.) िो याज़ी ियो इस लरमे िी अरी (अ.स.)

िी यज़ा खुदा िी यज़ा औय अरी (अ.स.) िा ाज़फ ऽुदा िा ाज़फ है । (भोवद्दतुर

़ुयफा ऩष्ृ ठ 55 से 62)

अरी (अ.स.) िी भोहब्फत िे फाये भें तभ


ु सफ िो ऽद
ु ा िे साभने जवाफ दे ना

ऩड़ेगा औय तुभ अरी (अ.स.) िी भयज़ी िे फाैय जन्नत भें न जा सिोगे औय

अरी (अ.स.) से िह हदमा कि तुभ औय तुम्हाये लशमा ‘‘ ऽैरूर फरयक मा ’’ मानी

ऽुदा िी नज़य भें अच्छे रोग हैं मह ़माभत भें ऽुश होंगे औय तुम्हाये दश
ु भन

नाशादो नाभयु ाद यहें गे।

भर
ु ाहे जा ु़ हो ! (िॊज़र
ु आभार ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 218 व तोफ़ए अशना अशयमा ऩष्ृ ठ 604,

तफ़सीय फ़तहुर फमान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 323)

वस्सराभ

1077
ववषय िच
ू ी
ऩैाम्फये इस्राभ हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) .................................. 2

ऩैाम्फये इस्राभ हज़यत भोहम्भद भस्


ु तफ़ा (स.अ.व.व.) िे भख़्
ु तसय ऽानदानी हारात ............................ 2

़ुसई .......................................................................................................................................................... 4

अब्दे भनाफ़ ............................................................................................................................................... 6

हालशभ ........................................................................................................................................................ 7

जनाफे असद ............................................................................................................................................... 8

जनाफे अब्दर
ु भत्त
ु लरफ ............................................................................................................................... 9

जनाफे अब्दल्
ु राह...................................................................................................................................... 13

हज़यत अफत
ु ालरफ ..................................................................................................................................... 15

जनाफे अब्फास .......................................................................................................................................... 17

जनाफे हभज़ा ............................................................................................................................................ 18

हज़यत अफू तालरफ िे फेटे ....................................................................................................................... 19

ऩैाम्फये इस्राभ अफर


ु ़ालसभ हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स. अ.) ................ 21

आॊ हज़यत िी ववरादत फसाअदत ........................................................................................................... 22

आऩिी तायीऽे ववरादत ........................................................................................................................... 25

आऩिा ऩारन ऩोषण औय आऩिा फचऩना.............................................................................................. 26

आऩिी सामाए भादयी से भहरूभी ............................................................................................................ 30

हज़यत अफु तालरफ (अ.स.) िो हज़यत अब्दर


ु भत्त
ु लरफ िी वसीमत व हहदामत.................................... 31

हज़यत अफु तालरफ (अ.स.) िे नतजायती सफ़ये शाभ भें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी हभयाही औय फहीया
याहहफ िा वा़ेमा ..................................................................................................................................... 31

आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िा भक्िे िो रूभीमों िे इक़्तेदाय से फचाना ..................................................... 33

ऽाना ए िाफा भें हजये असवद िो नस्फ ियने भें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी हहिभते अभरी ........... 34

जनाफे ऽदीजा (स.अ.व.व.) िे साथ आऩिी शादी ऽाना आफादी............................................................ 35

1078
िोहे हहया भें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी इफादत गज़
ु ायी ........................................................................ 37

आऩिी फेअसत......................................................................................................................................... 37

दावते ज़ुर अशीया िा वा़ेमा औय ऐराने रयसारत व वज़ायत .............................................................. 40

हहजयते हब्शा 5 फेअसत........................................................................................................................... 45

हज़यते यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) दारूर अय़भ भें 6 फेअसत ................................................................ 47

हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) शोएफे अफी तालरफ भें (भोहयक भ 7 फेअसत) ......................................... 47

आऩिा भोज़जज़ा ए श़ उर ़भय 9 फेअसत......................................................................................... 52

हज़यत अफू तालरफ (अ.स.) औय जनाफे ऽतीजातर


ु िुफया (स.) िी वफ़ात 10 फेअसत ........................ 53

़फीराए ऽजयज िा एि गगयोह खखदभते


ु़ यसर
ू (स.अ.व.व.) भें 11 फेअसत.......................................... 56

आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी भेयाजे ज़जस्भानी 12 फेअसत ........................................................................ 56

फैअते उ़फा ऊरा..................................................................................................................................... 58

फैअते उ़फा (दस


ू यी)................................................................................................................................. 59

हहजयते भदीना ......................................................................................................................................... 59

एि 1 हहजयी िे भहत्वऩण
ू क वा़ेमात ....................................................................................................... 64

अज़ान व अ़ाभत ............................................................................................................................... 64

अक़्दे भवाऽात (बाईचाया ियाना) ........................................................................................................ 64

2 हहजयी िे भहत्वऩण
ू क वा़ेमात .............................................................................................................. 65

जनाफे सैय्मदा (स.अ.व.व.) िा ननिाह................................................................................................ 65

तहवीरे िाफा ........................................................................................................................................ 66

जेहाद .................................................................................................................................................... 67

जॊगे फद्र ................................................................................................................................................ 67


ु़
3 हहजयी िे अहभ वािेमात ..................................................................................................................... 69

जॊगे ओहद ............................................................................................................................................ 69

भदीना भातभ िदा फन गमा ............................................................................................................... 72

1079
4 हहजयी िे अहभ वा़ेमात..................................................................................................................... 73

वा़मे फैये भऊना ................................................................................................................................. 73

ाज़वा फनी नज़


ु ैय ................................................................................................................................. 73

ाज़वा ज़ातर
ु रू़ा............................................................................................................................... 74

5 हहजयी िे अहभ वा़ेमात ..................................................................................................................... 75

ाज़वाए फनी भस्


ु तऱ औय वाकिए अफ़़ ......................................................................................... 80

6 हहजयी िे अहभ वा़ेमात..................................................................................................................... 81

7 हहजयी िे अहभ वा़ेमात ..................................................................................................................... 83

हज़यत अरी (अ.स.) िे लरमे यजअते शम्स............................................................................................ 88

तफरीगी ऽुतत
ू ......................................................................................................................................... 89

हुसर
ू े कफ़द़............................................................................................................................................. 90

एि वािेमा............................................................................................................................................... 92

8 हहजयी िे अहभ वा़ेमात..................................................................................................................... 92

जॊगे भौता ............................................................................................................................................. 92

ज़ातर
ु सरालसर ................................................................................................................................... 94

लभम्फये नफवी िी इब्तेदा ..................................................................................................................... 94

फ़तेह भक्िा ......................................................................................................................................... 95

दावते फनी ऽज़ीभा............................................................................................................................... 97

जॊगे हुनैन ............................................................................................................................................. 98

हरीभा साहदमा िी लसफ़ारयश............................................................................................................. 100


ु़
9 हहजयी िे अहभ वािेमात................................................................................................................... 101

कपलरस िी तफाही.............................................................................................................................. 101

ाज़वा ए तफ़
ू ................................................................................................................................... 101

वा़ऐ उ़फा ....................................................................................................................................... 102

1080
तफरीाे सयू ा ए फयाअत ..................................................................................................................... 103

जॊगे वादीउर यभर ............................................................................................................................. 104

वफ़ूद ................................................................................................................................................... 105

वस
ु र
ू ीए सद़ात ................................................................................................................................. 105

10 हहजयी िे अहभ वा़ेमात ................................................................................................................. 105

मभन भें हज़यत अरी (अ.स.) िी शानदाय िाभमाफी ऩय भऽ


ु ालरफ़ों िी हासेदाना यववश................ 106

मभन िा ननज़ाभे हुिूभत .................................................................................................................. 107

असहाफ िा तायीऽी इजतेभा औय तफरीाे रयसारत िी आऽयी भॊज़ज़र........................................... 108

हज़यत अरी (अ.स.) िी खखराफ़त


ु़ िा ऐरान ................................................................................... 108

हुज्जतर
ु ववदा .................................................................................................................................... 109

वा़ेए भफ
ु ाहे रा ................................................................................................................................... 111

सयवये िाऐनात िे िे आऽयी रम्हाते ज़ज़न्दगी ................................................................................ 112

वा़ेए क़यतास................................................................................................................................... 113

यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िी शहादत .................................................................................................... 116

वफ़ात औय शहादत िा असय ................................................................................................................ 118

आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी शहादत िा सफफ ....................................................................................... 119

अज़वाज.................................................................................................................................................. 120

औराद .................................................................................................................................................... 121

उम्भर
ु आइम्भा हज़यत पातेभा ज़हया (स.अ) ऽातूने जन्नत ...................... 123

आऩ िी ववरादत ................................................................................................................................... 124

आऩ िा इिरौती फेटी होना .................................................................................................................. 125

फचऩन औय तयफीमत ............................................................................................................................. 127

आऩिी इस्भत........................................................................................................................................ 129

आऩ िी वारेदा िी वफ़ात ..................................................................................................................... 129

1081
हहजयते पातेभा (स.अ) ........................................................................................................................... 131

हज़यत पातेभा ज़हया (स.अ) िी शादी .................................................................................................. 131

जनाफे सैय्मदा िा जहे ज़........................................................................................................................ 133

जर
ु स
ू े रूऽसत ........................................................................................................................................ 134

हज़यत पातेभा (स.अ) िा ननज़ाभे अभर .............................................................................................. 135

पातेभा (स.अ) औय ऩदाक ........................................................................................................................ 136

जनाफे सैय्मदा (स.अ) िा ज़जहाद .......................................................................................................... 137

हज़यत पातेभा (स.अ) औय उभयू े ऽानादायी........................................................................................... 137

हज़यत पातेभा (स.अ) औय फाहभ गज़


ु ायदायी ज़ौजा व ऽावन्द............................................................. 139

सास फहू िे ताअल्ऱ


ु ात ....................................................................................................................... 140

आऩिी औराद ....................................................................................................................................... 141

आऩिी इफादत ....................................................................................................................................... 141

पातेभा ज़हया (स.अ) ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िी नज़य भें .......................................................... 142

हज़यत पातेभा (स.अ) यब्फर


ु इज़्ज़त िी ननगाह भे.............................................................................. 143

पातेभा (स.अ) अहदे रयसारत (स.अ.व.व.) भे ....................................................................................... 144

पातेभा ज़हया यसर


ू े इस्राभ िे फाद...................................................................................................... 145

आऩिी अरारत ..................................................................................................................................... 150

आऩिी वसीमत ...................................................................................................................................... 151

आऩिी वफ़ात हसयते आमात ................................................................................................................ 153

आऩिा जनाज़ा ....................................................................................................................................... 156

नतीजा .................................................................................................................................................... 157

हज़यत पातेभा (स.अ) िे जनाज़े भे लशयित ियने वारे ...................................................................... 158

हज़यत पातेभा (स.अ) िा भदफ़न ......................................................................................................... 159

हज़यत पातेभा (स.अ) िी ़ब्र ऩय हज़यत अरी (अ.स) िा भयलसमा .................................................. 159

1082
आऩिे योज़े िा इन्हे दाभ ........................................................................................................................ 160

अभीयर भोभेनीन हज़यत अरी (अ.स.) .................................................... 162

आऩिी ऩयवरयश ..................................................................................................................................... 166

हुलरमा भफ
ु ायि ....................................................................................................................................... 168

भाॉ िी वफ़ात ......................................................................................................................................... 171

आऩिे वालरदे भाज़जद िा इन्ते़ार ...................................................................................................... 171

हज़यत अरी (अ.स.) िे जॊगी िायनाभे .................................................................................................. 172

जॊगे फेरूर अरभ.................................................................................................................................... 173

इस्राभ ऩय अरी (अ.स.) िे एहसानात ................................................................................................. 176

दनु नमा हज़यत अरी (अ.स.) िी ननगाह भें............................................................................................ 177

िसफे हरार िी जद्दो जहद................................................................................................................. 179

हज़यत अरी (अ.स.) अऽरा़ िे भैदान भें .......................................................................................... 180

हज़यत अरी (अ.स.) ऽल्रा़े आरभ िी नज़य भें ............................................................................... 181

अरी (अ.स.) िी शान भें भशहूय आमात .............................................................................................. 182

हज़यत अरी (अ.स.) यसर


ू े ऽुदा िी ननगाह भें ..................................................................................... 183

अरी (अ.स.) िी शान भें भशहूय अहादीस ............................................................................................ 184

नक़्शे ऽातभे यसर


ू स. औय अरी वरी अल्राह.................................................................................... 184

ननमाफते यसर
ू (स.अ.व.व.) .................................................................................................................... 185

18 ज़जज़ल्हज्जा
ु़ ....................................................................................................................................... 187

दस्तावेज़े खखराफ़त
ु़ ................................................................................................................................ 188

ऽरीफ़ा िा त़रूकय औय तवायीऽे फ़यहॊ ग .............................................................................................. 189

हज़यत अरी (अ.स.) िे फ़ज़ाएर ........................................................................................................... 195

हज़यत अरी अरैहहस्सराभ िी इल्भी है लसमत ...................................................................................... 201

हज़यत अरी (अ.स.) िी तस्नीफ़ात ....................................................................................................... 206

1083
आऩिी इल्भी भयिजीमत ...................................................................................................................... 211

आऩिा ज़ोहद व त़वा.......................................................................................................................... 215

आऩिी सही याम .................................................................................................................................... 216

आऩिी लसमासत .................................................................................................................................... 217

हहल्भ, सदा़त, अदर ........................................................................................................................... 217

भौरा ए िामनात हज़यत अरी (अ.स.) िे फाज़ ियाभात ..................................................................... 218

आऩिा गहवाये भें िल्रा ए अज़दय दो ऩाया ियना .......................................................................... 219

साकिए
ु़ िौसय औय सॊगे ऽाया ............................................................................................................ 220

भौरा अरी (अ.स.) औय इन्सान िी शक्र फदर दे ना ..................................................................... 221

ऐन उल्राह, अरी (अ.स.) ने िोये भादय ज़ाद िो चशभे फीना दे दी ............................................... 221

भश
ु किर िुशा िी भश
ु किर ............................................................................................................... 222

एि भशरर
ू िी लशफ़ा माफी .............................................................................................................. 223

आऩिी सामए यहभत से भहरूभी........................................................................................................... 224

वफ़ाते यसर
ू स. िे फाद अरी (अ.स.) िा ऽु़ुतफा ................................................................................. 226

यफ़ी़ाए हमात िी जुदाई....................................................................................................................... 227

शहादते पातेभा जहया ऩय हज़यत अरी (अ.स.) िा ऽुतफा ................................................................... 228

हज़यत अरी (अ.स.) िी गोशा नशीनी .................................................................................................. 229

हज़यत अरी (अ.स.) िा ़ुयआन ऩेश ियना ........................................................................................ 235

हज़यत अरी (अ.स.) िे भह


ु ाकपज़े
ु़ इस्राभ भशवये ................................................................................ 236

भशवयों िे भत
ु ाअज़ल्ऱ इस्राभ िी यामें .............................................................................................. 239

भशवयों िे अरावा जानी इभदाद ........................................................................................................... 240

हज़यत अरी (अ.स.) औय इस्राभ भें सड़िों िी ताभीयी फनु नमाद ........................................................ 240

हज़यते उस्भान िी खखराफ़त


ु़ औय वफ़ात.............................................................................................. 242

हज़यत अरी (अ.स.) िी खखराफ़ते


ु़ ज़ाहे यी ............................................................................................. 244

1084
गवयनयों िी त़रूकयी .............................................................................................................................. 249

जॊगे जभर.............................................................................................................................................. 251

भैदाने िायज़ाय ....................................................................................................................................... 256

जॊगे लसफ़्फ़ीन ......................................................................................................................................... 262

रैरतर
ु हयीय .......................................................................................................................................... 266

हिभैन िा फ़ैसरा ................................................................................................................................. 267

जॊगे नहयवान.......................................................................................................................................... 268

भौहम्भद इब्ने अफी फक्र िी इफयत नाि भौत ..................................................................................... 269

हहन्दस्
ु तान भें इस्राभ सफ से ऩहरे ...................................................................................................... 271

फादशाह शन्सफ बफन हरय़ िा दस्ते अभीयर भोभेनीन ऩय ईभान राना ............................................ 275

औरादे शन्सफ िी अभरे फनी उम्भमा से फेज़ायी ................................................................................. 277

औरादे शन्सफ िी दश्ु भनाने आरे भौहम्भद स. से जॊग....................................................................... 277

हज़यत इभाभ हुसैन (अ.स.) िी याहे िूफ़ा से लसन्ध जाने िी ख़्वाहहश ............................................... 278

हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िी एि ज़ौजा िा लसन्धी होना ................................................ 278

हज़यत अरी (अ.स.) िी शहादत ........................................................................................................... 280

हज़यत अरी (अ.स.) िी शहादत ऩय भयलसमा ...................................................................................... 290

हज़यत अरी (अ.स.) िी अज़वाज व औराद ......................................................................................... 291

अफु भोहम्भद हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) ............................................... 293

आऩिी ववरादत ..................................................................................................................................... 294

आऩिा नाभे नाभी ................................................................................................................................. 294

आऩिा अ़ी़ा ...................................................................................................................................... 296

िुज़न्नमत व अऱाफ ............................................................................................................................. 297

इभाभे हसन (अ.स.) ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िी नज़य भें ........................................................... 297

इभाभ हसन (अ.स.) िी सयदायीए जन्नत ............................................................................................ 299

1085
जज़फाए इस्राभ िी फ़यावानी ................................................................................................................ 300

इभाभ हसन (अ.स.) औय तयजभ


ु ानी वही.............................................................................................. 301

हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) िा फचऩन भें रौहे भहफ़ूज़ िा भत


ु ारेआ ियना। .................................... 302

ऽरीफ़ाए अव्वर िो लभम्फये यसर


ू (स.अ.व.व.) से उतयने िा हुक्भ.................................................... 303

इभाभ हसन (अ.स.) िा फचऩन औय भसाएरे इज़ल्भमा........................................................................ 304

इभाभ हसन (अ.स.) औय तफ़सीये ़ुयआन ........................................................................................... 310

इभाभ हसन (अ.स.) िी सामा ए यहभत से भहरूभी ............................................................................ 311

भश
ु हफेहते यसर
ू (स.अ.व.व.) .................................................................................................................. 312

इभाभ हसन (अ.स.) िी इफादत ............................................................................................................ 312

आऩिा ज़ोहद ......................................................................................................................................... 313

आऩिी सऽावत ..................................................................................................................................... 313

तवक्िुर िे भत
ु ाअज़ल्ऱ आऩिा इयशाद ............................................................................................. 314

इभाभ हसन (अ.स.) हहल्भ औय अख़्रा़ िे भैदान भें ........................................................................ 314

अहदे अभीयर भोभेनीन (अ.स.) भें इभाभ हसन (अ.स.) िी इस्राभी खखदभात
ु़ .................................. 317

हज़यत अरी (अ.स.) िी शहादत औय इभाभ हसन (अ.स.) िी फैमत ................................................. 318

सर
ु ह ...................................................................................................................................................... 323

शयाएते सर
ु ह.......................................................................................................................................... 325

सर
ु ह नाभे ऩय दस्तऽत ........................................................................................................................ 326

शयाएते सर
ु ह िा हशय .......................................................................................................................... 328

सर
ु ह हसन (अ.स.) औय उसिी वजह व असफाफ ................................................................................ 330

सर
ु ह हसन (अ.स.) औय जॊगे हुसैन (अ.स.) ......................................................................................... 332

इभाभ हसन (अ.स.) ऩय िसयते अज़वाज िा इल्ज़ाभ ......................................................................... 334

उभवी अहद िी तायीऽ िे भत


ु ाअज़ल्ऱ भस
ु तशय़ीने मयू ोऩ िी याम .................................................. 337

हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) िी शहादत................................................................................................ 339

1086
भाववमा सजदा ए शक्र
ु भें ...................................................................................................................... 346

इभाभ हसन (अ.स.) िी तजहीज़ों तिफ़ीन........................................................................................... 347

आऩिी अज़वाज औय औराद ................................................................................................................ 348

भाववमा इब्ने अफू सकु फ़मान िा तायीऽी ताकअरूफ़.................................................................................. 351

अफु अब्दल्
ु राह हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) शहीदे िफकरा .......................... 367

आऩिी ववरादत ..................................................................................................................................... 368

आऩिा इस्भे गेयाभी ............................................................................................................................... 370

आऩिा अ़ी़ा ...................................................................................................................................... 370

िुज़न्नमत व अऱाफ ............................................................................................................................. 371

आऩिी यज़ाअत ...................................................................................................................................... 371

ऽुदा वन्दे आरभ िी तयफ़ से ववरादते इभाभ हुसैन (अ.स.) िी तहननमत व ताज़ज़मत .................... 372

इभाभ हुसैन (अ.स.) िा चभिता चेहया ................................................................................................ 376

जनाफे इब्राहीभ िा इभाभ हुसैन (अ.स.) ऩय ़ुयफान होना ................................................................... 377

हसनैन(अ.स.) िी फाहभी ज़ोय आज़भाई................................................................................................ 378

ऽािे ़दभे हुसैन (अ.स.) औय हफीफ इब्ने भज़ाहहय ............................................................................. 378

इभाभ हुसैन (अ.स.) िे लरमे हहयन िे फच्चे िा आना ........................................................................ 379

इभाभ हुसैन (अ.स.) सीना ए यसर


ू (स.अ.व.व.) ऩय ............................................................................ 380

हसनैन (अ.स.) भें ऽुशनवीसी िा भ़


ु ाफरा .......................................................................................... 381

जन्नत से िऩड़े औय फ़यज़न्दाने यसर


ू (स.अ.व.व.) िी ईद................................................................. 382

गगयमा ए हुसैनी औय सदभा ए यसर


ू (स.अ.व.व.) ................................................................................ 384

इभाभ हुसैन (अ.स.) िी सयदायीए जन्नत ............................................................................................ 385

इभाभ हुसैन (अ.स.) आरभे नभाज़ भें ऩश्ु ते यसर


ू (स.अ.व.व.) ऩय ..................................................... 386

हदीसे हुसैनो लभन्नी ............................................................................................................................... 387

भितफ
ू ाते फाफे जन्नत ........................................................................................................................... 387

1087
इभाभ हुसैन (अ.स.) औय लसफ़ाते हसना िी भयिज़ीमत ..................................................................... 388

हज़यत उभय िा एतेयाफ़े शयफ़े आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) .................................................................. 389

इब्ने उभय िा एतयाफ़े शयफ़े हुसैनी ....................................................................................................... 391

इभाभ हुसैन (अ.स.) िी य़ाफ .............................................................................................................. 391

इभाभ हुसैन (अ.स.) िी गदे ़दभ औय जनाफे अफू हुयै या ................................................................... 392

इभाभ हुसैन (अ.स.) िा ज़ुरयक मते नफी भें होना ..................................................................................... 393

ियभे हुसैनी िी एि लभसार ................................................................................................................. 394

इभाभ हुसैन (अ.स.) िी एि ियाभत ................................................................................................... 395

इभाभ हुसैन (अ.स.) िी नस


ु यत िे लरमे यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िा हुक्भ ...................................... 396

इभाभ हुसैन (अ.स.) िी इफादत ............................................................................................................ 396

इभाभ हुसैन (अ.स.) िी सऽावत .......................................................................................................... 397

इभाभ हुसैन (अ.स.) िा अम्रे आस िो जवाफ ...................................................................................... 398

हज़यत उभय िी वसीमत कि सनदे गराभी


ु ु़ ए अहरे फैत िा नववशता भेये िफ़न भें यखा जाऐ......... 399

इभाभ हुसैन (अ.स.) िी भन


ु ाजात औय ऽुदा िी तयफ़ से जवाफ......................................................... 403

जॊगे लसफ़्फ़ीन भें इभाभ हुसैन (अ.स.) िी जद्दो जेहद ........................................................................ 404

हज़यत इभाभ हुसैन (अ.स.) गगयदाफे भसाएफ भें (वाक़ए ियफरा िा आााज़) ................................... 405

हज़यत भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर.................................................................................................................. 412

भोहम्भद औय इब्राहीभ िी शहादत ........................................................................................................ 417

भक्िे भोअज़्ज़भा भें इभाभ हुसैन (अ.स.) िी जान फच न सिी......................................................... 421

इभाभ हुसैन (अ.स.) िी भक्िे से यवानगी ........................................................................................... 423

हुय बफन मज़ीदे रयमाही ........................................................................................................................... 426

ियफरा भें वरू


ु द ..................................................................................................................................... 428

इभाभ हुसैन (अ.स.) िा ऽत अहरे िूफ़ा िे नाभ ............................................................................... 429

उफैदल्
ु राह इब्ने ज़ज़माद िा ऽत इभाभ हुसैन (अ.स.) िे नाभ ............................................................ 429

1088
दस
ू यी भोहयक भ से नवी भोहयक भ ति िे भख़्
ु तसय वा़ेमात ........................... 430

शफे आशयू .............................................................................................................................................. 438

भज
ु ाहे दीने ियफरा िी आऽयी सहय ...................................................................................................... 440

सफ
ु ह आशयू ............................................................................................................................................ 441

जनाफे हुय िी आभद.............................................................................................................................. 443

इभाभ हुसैन (अ.स.) औय उनिे असहाफ व आइज़्ज़ा िी अशक आफ़यीॊ जॊग ......................................... 444

जॊगे भारफ
ू ा........................................................................................................................................... 444

हज़यत इभाभ हुसैन (अ.स.) िे भशहूय असहाफ औय उनिी शहादत .................................................... 446

हफीफ इब्ने भज़ाहहय ........................................................................................................................... 446

ज़ह
ु ै य इब्ने ़ैन ................................................................................................................................... 448

नाफ़े इब्ने हहरार ............................................................................................................................... 448

भज़ु स्रभ इब्ने औसजा ........................................................................................................................ 449

आबफस शाियी .................................................................................................................................... 450

फयु ै य हभादानी ..................................................................................................................................... 450

इभाभ हुसैन (अ.स.) िे आइज़्ज़ा व अ़ये फा औय औराद िी शहादत ................................................. 451

अरभदाये ियफरा हज़यते अब्फास (अ.स.) िी शहादत.......................................................................... 455

हज़यत अरी अिफय (अ.स.) िी शहादत ............................................................................................... 457

हज़यत अरी असाय (अ.स.) िी शहादत............................................................................................... 460

इभाभ हुसैन (अ.स.) िी रूऽसती .......................................................................................................... 462

हज़यत इभाभ हुसैन (अ.स.) भैदाने जॊग भें ........................................................................................... 465

इभाभ हुसैन (अ.स.) िी नफदक आज़भाई................................................................................................ 466

फायगाहे अहदीमत भें इभाभ हुसैन (अ.स.) िे हदर िी अवाज़ ............................................................. 472

शाभे ायीफा ............................................................................................................................................ 477

सफ
ु ह ग्मायह भह
ु यक भ ............................................................................................................................... 482

1089
हज़यत इभाभ हुसैन (अ.स.) िी फहन जनाफे ज़ैनफ व जनाफे िुरसभ
ू िे भख़्
ु तसय हारात ववरादत,
वफ़ात औय भदफ़न ................................................................................................................................ 486

हज़यत उम्भे िुरसभ


ू िी ववरादत, वफ़ात औय उनिा भदफ़न ............................................................ 495

अफु भोहम्भद हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) ................................. 497

आऩिी ववरादत फा सआदत .................................................................................................................. 499

नाभ, िुज़न्नमत, अल़्ाफ ....................................................................................................................... 500

ऱफ ज़ैनर
ु आफेदीन िी तौज़ीह........................................................................................................... 500

ऱफ सज्जाद िी तौजीह ...................................................................................................................... 502

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िी नसफ फरन्दी .................................................................................. 502

जनाफे शहय फानों िी तशयीफ़ आवयी िी फहस .................................................................................... 504


ु़
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िे फचऩन िा एि वािेमा.................................................................... 509

आऩिे अहदे हमात िे फादशाहाने वक़्त ................................................................................................ 510

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िा अहदे तफ़ूलरमत औय हज्जे फैतल्
ु राह............................................. 511

आऩिा हुलरमा ए भफ
ु ायि ...................................................................................................................... 513

हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िी शाने इफादत ........................................................................ 514

आऩिी हारत वज़ू िे वक़्त ................................................................................................................... 515

आरभे नभाज़ भें आऩिी हारत ............................................................................................................ 515

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िी शफाना योज़ एि हज़ाय यिअतें ...................................................... 518

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) भन्सफे इभाभत ऩय फ़ाएज़ होने से ऩहरे ............................................. 519

वा़ेए ियफरा िे लसरलसरे भें इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िा शानदाय कियदाय ........................... 520

वा़ेए ियफरा औय हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िे ऽुतफात ................................................ 523

िूफ़े भें आऩिा ऽुत्फा ............................................................................................................................ 524

भज़स्जदे दलभश़् (शाभ) भें आऩिा ऽत्ु फा ............................................................................................. 525

भदीने िे ़यीफ ऩहुॉच िय आऩिा ऽुत्फा .............................................................................................. 530

1090
यौज़ा ए यसर
ू (स. अ.) ऩय इभाभ (अ.स.) िी फ़यमाद ......................................................................... 532

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय ऽािे लशफ़ा ................................................................................... 533

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय भोहम्भदे हनकफ़मा िे दयलभमान हजये असवद िा फ़ैसरा .......... 534

सफ
ु त
ू े इभाभत भें इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िा िन्ियी ऩय भह
ु य रगाना ................................... 535

वा़ेए हुयाक औय इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) ..................................................................................... 535

वा़ेए हुयाक औय आऩिी ़माभ गाह ...................................................................................................... 538

ऽानदानी दश्ु भन भयवान िे साथ आऩिी ियभ गस्


ु तयी....................................................................... 538

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय भज़ु स्रभ बफन अ़फा ..................................................................... 539

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) से फैअत िा सवार न ियने िी वजह ................................................ 540

दश्ु भने अज़री हसीन बफन नभीय िे साथ आऩिी ियभ नवाज़ी .......................................................... 540

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय फ़ु़याऐ भदीना िी किफ़ारत ....................................................... 542

हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) औय खेती .................................................................................. 542

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय कफ़त्नाए इब्ने ज़फ
ु यै ....................................................................... 543

हज़यत इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) िी अऩने ऩदये फज़
ु ुगव
क ाय िे ़ज़े से सफ
ु ि
ु दोशी ..................... 545

भाववमा इब्ने मज़ीद िी तख़्त नशीनी औय इभाभ ज़ैनर


ु आफेदीन (अ.स.) ......................................... 546

अब्दर
ु भलरि इब्ने भयवान औय इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) ......................................................... 553

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय फनु नमादे िाफा ए भोहतयभ व नसफे हजये असवद ....................... 556

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय अब्दर
ु भलरि बफन भयवान िा हज ............................................ 559

फद कियदाय औय रयमा िाय हाज़जमों िी शक्र...................................................................................... 560

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय एि भदे फल्ऽी ............................................................................. 561

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) अऽराख िी दनु नमाॊ भे ........................................................................ 562

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय सहीफ़ा ए िाभेरा ......................................................................... 565

हश्शाभ बफन अब्दर


ु भलरि औय ़सीदा ए फ़यज़द़....................................................................... 565

़सीदाऐ फ़यज़द़ िे भत
ु ालऱ एि ारत फ़हभी औय उसिा इज़ारा ................................................ 568

1091
फ़यज़न्दे यसर
ू (स.अ.व.व.) इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय भख़्
ु ताय आरे भोहम्भद ..................... 573

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) उभय बफन अब्दर
ु अज़ीज़ िी ननगाह भें .............................................. 577

इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िी शहादत ............................................................................................ 577

आऩिी औराद ....................................................................................................................................... 578

जनाफे ज़ैद शहीद ................................................................................................................................... 579

ईसा बफन ज़ैद......................................................................................................................................... 582

अफु जाफ़य हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) .................................... 585

आऩिी ववरादत फा सआदत .................................................................................................................. 587

इस्भे गगयाभी, िुज़न्नमत औय अऱाफ .................................................................................................. 588

फाक़य िी वजह तसलभमा ..................................................................................................................... 588

फादशाहाने वक़्त ..................................................................................................................................... 589

वा़ेए ियफरा भें इभाभ भोहम्भदे फाक़य (अ.स.) िा हहस्सा .............................................................. 590

हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) औय जाबफय बफन अब्दल्


ु राह अॊसायी िी फाहभी भर
ु ा़ात ...... 590

सात सार िी उम्र भें इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िा हज्जे ऽाना ए िाफा ................................. 593

हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) औय इस्राभ भें लसक्िे िी इब्तेदा ......................................... 594

वरीद बफन अब्दर


ु भलरि िी आरे भोहम्भद (अ.स.) ऩय ज़ुल्भ आफ़यीनी ......................................... 600

आऩिे वालरदे भाज़जद िी वफ़ात हसयते आमात ................................................................................... 602

हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िी इल्भी है लसमत ................................................................... 602

आऩिे फाज़ इल्भी हहदामात व इयशादात .............................................................................................. 607

इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) औय जनाफे अफू हनीफ़ा िा इम्तेहान ................................................. 613

इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िे फाज़ ियाभात ................................................................................. 616

आऩिी इफादत गज़


ु ायी औय आऩिे आभ हारात ................................................................................... 620

हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) औय हश्शाभ बफन अब्दर


ु भलरि ............................................ 621

हश्शाभ िा सवार औय उसिा जवाफ .................................................................................................... 622

1092
इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) औय हश्शाभ िी भज़ु श्िर िुशाई......................................................... 624

हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िी दलभश़् भें तरफी .............................................................. 627

दलभश़् से यवानगी औय एि याहहफ िा भस


ु रभान होना...................................................................... 630

इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िी शहादत .......................................................................................... 632

अज़वाज व औराद ................................................................................................................................. 634

अफु अब्दल्
ु राह हज़यत इभाभे जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ............................................................................ 635

इस्भे गगयाभी, िुज़न्नमत, अऱाफ ......................................................................................................... 638

फादशाहाने वक़्त ................................................................................... 640

अब्दर
ु भलरि बफन भयवान िे अहद भें आऩिा एि भनाज़ज़या ........................................................... 641

इभाभे जाफ़ये साहद़ (अ.स.) औय हिीभ इब्ने अमाश िल्फी .............................................................. 644

वरीद बफन मज़ीद औय साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) ........................................................................ 646

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) औय जनाफे अफू हनीफ़ा नोभान बफन साबफत िूफ़ी .................... 648

इभाभ अफू हनीफ़ा िी शागगकदी िा भसरा ............................................................................................ 649

इभाभे जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे फाज़ नसीहते व इयशादात ................................................................. 653

आऩिे फाज़ ियाभात.............................................................................................................................. 656

आऩिा अख़्रा़ औय आदात व औसाफ़ ............................................................................................... 657

इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी इल्भी फर


ु न्दी ................................................................................... 661

साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) िी तसानीफ़ ........................................................................................ 662

किताफ जफ़य व जाभेअ ......................................................................................................................... 662

हज़यत साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) िे फ़ऱ व़ाय शागगकद ................... 665

इभाभर
ु िीलभमा जनाफे जाबफय इब्ने हय्मान तयसस
ू ी ........................................................................... 666

साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) िे इल्भी फ़ुमज़


ू व फयिात .................................................................. 675

िुतफ
ु े उसर
ू े अयफा लभमा ........................................................................................................................ 677

1093
साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) िे असहाफ िी तादाद औय उनिी तसानीफ़ ....................................... 678

हज़यत साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) औय इल्भे जफ़य ....................................................................... 680

हज़यत साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) औय इल्भे नतफ......................................................................... 681

हज़यत साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) िा इल्भर


ु ़ुयआन .................................................................. 682

इल्भे नज
ु ूभ ............................................................................................................................................ 683

इल्भे भज़न्त़ुत तैय ................................................................................................................................ 683

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) औय इल्भर


ु अजसाभ ................................................................. 684

साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) ने जन्नत भें घय फनवा हदमा.............................................................. 685

दस्ते साहद़ (अ.स.) भें एजाज़े इब्राहीभी .............................................................................................. 685

ऽतो किताफत औय दयख़्वास्त िे फाये भें आऩिी हहदामत ................................................................... 686

ऽरीफ़ा भन्सयू दवाने़ी औय हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ..................................................... 689

भन्सयू अब्फासी िी सादात िशी ........................................................................................................... 692

इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िा दयफाये भन्सयू भें एि तफीफे हहन्द से तफादरा ए ऽमारात ........... 701

इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िो फार फच्चों सभेत जरा दे ने िा भन्सफ


ू ा .......................................... 707

147 हहजयी भें भन्सयू िा हज औय इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे ़त्र िा अज़भ बफर जज़भ.... 708

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी दयफाये भन्सयू भें सातवीॊ फाय तरफी .................................... 709

इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) औय दयफाय िे शेय ................................................................................. 710

इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) िो दयफाय भें ़त्र किमे जाने िा फन्दो फस्त ..................................... 711

हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी शहादत.................................................................................. 712

आऩिी औराद ....................................................................................................................................... 713

फ़ात्भी ऽुल्फ़ा ......................................................................................................................................... 714

अफर
ु हसन हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ अ.स .......................................... 738

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ...................................................................................................... 738

आऩिी ववरादत फ सआदत ................................................................................................................... 741

1094
इस्भे गगयाभी िुज़न्नमत, अल़्ाफ ........................................................................................................... 742

रक़्फ फाफर
ु हवाएज िी वजह ............................................................................................................... 743

फादशाहाने वक़्त ..................................................................................................................................... 745

नशोनभ
ु ा औय तयफीअत ......................................................................................................................... 745

आऩिे फचऩन िे फाज़ वा़ेआत ........................................................................................................... 746

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी इभाभत .................................................................................. 750

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे फाज़ ियाभात .......................................................................... 753

ऽरीफ़ा भें हदी अब्फासी औय हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ........................................................ 759

इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी फादाद भें ़त्र िे लरमे तरफी ....................................................... 761

इभाभ भस
ू ा ए िाज़जभ
ु़ (अ.स.) हादी अब्फासी िी ़ैद भें .................................................................... 764

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे अऽरा़ व आदात ................................................................. 765

इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी तसनीफ़ात .......................................................................................... 770

आऩिी रयवामत िी हुई हदीसे ............................................................................................................... 770

ऽरीफ़ा हारून यशीद अब्फासी औय हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) .............................................. 771

हारून यशीद िा ऩहरा हज औय इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी ऩहरी गगयफ़्तायी ............................ 773

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) औय अरी बफन म़तीन फादादी ................................................. 778

अरी बफन म़तीन िो उरटा वज़ू ियने िा हुक्भ ............................................................................... 780

वज़ीये आज़भ अरी बफन म़तीन िा हज़यत इभाभ भस


ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी फ़हभाईश ................... 781

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे हुक्भ से फादर िा एि भदे भोलभन िो चीन से तारे़ान
ऩहुॉचाने िा वाकिआ
ु़ ............................................................................................................................... 783

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) औय कपदि
ु़ िे हुदद
ू े अयफा .......................................................... 787

हारून यशीद अब्फासी िी सादात िुशी .................................................................................................. 787

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी दोफाया गगयफ़्तायी ................................................................... 789

इभाभ (अ.स.) िा ़ैद ऽाने भें इम्तेहान औय इल्भे ाैफ िा भज़


ु ाहे या ................................................. 797

हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी शहादत ................................................................................... 799

1095
आऩिी तायीऽे वफ़ात............................................................................................................................. 801

तादादे औराद ......................................................................................................................................... 803

अफु जाफ़य हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) ...................................... 805

इभाभ (अ.स.) िी ववरादत फा सआदत ................................................................................................ 807

नाभ िुज़न्नमत औय अऱाफ................................................................................................................. 809

फादशाहाने वक़्त ..................................................................................................................................... 810

इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी नशो नभ


ु ा औय तयफीअत ................................................................. 810

वालरदे भाज़जद िे सामा ए आज़त्फ़मत से भहरूभी................................................................................. 812

भाभन
ू यशीद अब्फासी औय हज़यते इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िा ऩहरा सफ़ये ईया़ ................... 813

फाज़ औय भछरी िा वाक़मा ................................................................................................................ 814

हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) से उरभाए इस्राभ िा भनाज़ेया औय अब्फासी हालसदों िी
लशिस्ते फ़ाश ......................................................................................................................................... 817

इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे साथ उम्भे फ़ज़र िा अक़्द औय ऽु़ुत्फा ए ननिाह .......................... 824

उम्भर
ु फ़ज़र िी रूऽसती, इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िय भदीने िो वाऩसी औय हज़यत िे
इख़्रा़ो औसाफ़ आदातो ऽसाएर ........................................................................................................ 826

उभयू े ऽाना दायी औय अज़वाजी ज़ज़न्दगी भें .......................................................................................... 831

इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) औय तैमर


ु अज़क ..................................................................................... 832

हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे फाज़ ियाभात ........................................................................ 835

हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे हहदामात व इयशादात............................................................ 839

हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी एि यवामत .......................................................................... 843

भाभन
ू िी वफ़ात, भोतलसभ िी खखराफ़त
ु़ औय हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी गगयफ़्तायी . 844

इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी नज़य फन्दी ़ैद औय शहादत .......................................................... 846

आऩिी अज़वाज औय औराद ................................................................................................................ 849

लसरलसरा ए सादाते रयज़ववमा ............................................................................................................... 850

1096
जनाफे भस
ू ा बफन इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे फ़यज़न्द ................................................................ 852

हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे फ़यज़न्दे अजभ


ुक न्द जनाफ भस
ू ा भफ
ु य़ा िे भख़्
ु तलसय हारात
.............................................................................................................................................................. 855

भोअज़ल्रफ़ किताफ (14 लसताये ) िा शजयहए नस्फ .............................................................................. 858

अफर
ु हसन हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) .......................................... 860

वारैदेन ................................................................................................................................................... 860

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी ववरादते फासआदत ................................................................................ 861

इस्भे गगयाभी, िुन्नीमत औय अऱाफ .................................................................................................. 861

आऩिे अहदे हमात औय फादशाहाने वक़्त ............................................................................................. 862

हज़यत इभाभ भौहम्भद त़ी (अ.स.) िा सफ़ये फादाद औय हज़यत इभाभ ऩी (अ.स.) िी वरी अहदी
.............................................................................................................................................................. 863

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िा इल्भे रदन्ु नी .......................................................................................... 864

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे ियाभात औय आऩिा इल्भे फानतन............................................. 867

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय भत


ु ावज़क्िर िी तख़्त नशीनी ............................................................. 873

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय सहीफ़ा ए िाभेरा िी एि दआ


ु ............................................... 874

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे आफाओ अजदाद िी ़ब्रों िे साथ भोतावकिर अब्फासी िा सर
ु ि

.............................................................................................................................................................. 875

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी भदीने से साभया तरफी .......................................................................... 883

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िा जज़फा ए हभददी.................................................................................... 890

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी हारत साभया ऩहुॊचने िे फाद ................................................................. 892

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय सवायी िी तेज़यफ़्तायी .............................................................. 893

दो भाह ऩहरे ऩहरे िाज़ी िी भौत िी ऽफय ....................................................................................... 894

आऩिा एहनतयाभ जानवयों िी नज़य भें ................................................................................................. 894

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय ख़्वाफ िी अभरी ताफीय ........................................................... 895

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय फ़ु़हाए भस्


ु रेभीन .................................................................... 896

1097
शाहे योभ िो हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िा जवाफ ................................................................... 899

भत
ु ावज़क्िर िे िहने से इब्ने सिीत व इब्ने अिसभ िा इभाभ अरी ऩी (अ.स.) से सवार ........ 900

़ज़ा व ़दय िे भत
ु ाअज़ल्ऱ इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी यहफयी व यहनभ
ु ाई ................................ 901

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी ऽाना तराशी .............................................................................. 902

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय शेये ़ारीन ............................................................................... 906

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय अब्दयु यहभान लभस्री िा ज़ेहनी इऩ्ेराफ ................................ 908

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे दौय भे निरी ज़ैनफ िा आना ................................................... 909

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय भत


ु ावज़क्िर िा इराज ............................................................ 912

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी दोफाया ऽाना तराशी .................................................................. 913

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे तसव्वयु े हुिूभत ऩय ऽौफ़े ऽुदा ाालरफ था................................. 915

़ब्रे हुसैन (अ.स.) िे साथ भत


ु ावज़क्िर िी दोफाया फेअदफी 247 हहजयी ............................................. 917

भत
ु ावज़क्िर िा ़त्र ............................................................................................................................ 920

इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो ऩैदर चरने िा हुक्भ............................................................................. 921

हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी शहादत ....................................................................................... 921

हालशमा ................................................................................................................................................... 923

अफु भोहम्भद हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) ................................... 924

इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी ववरादत औय फचऩन िे फाज हारात .............................................. 925

आऩिी िुज़न्नमत औय आऩिे अल़्ाफ.................................................................................................. 926

आऩिे अहदे हमात औय फादशहाने वक़्त .............................................................................................. 927

चाय भाह िी उम्र भें भनसफे इभाभत .................................................................................................... 928

चाय सार िी उम्र भें आऩिा सफ़ये ईया़ ............................................................................................. 928

मस
ू फ़
ु े आरे भोहम्भद (स. अ.) िुएॊ भें.................................................................................................. 929

इभाभ हसन असियी (अ.स.) औय िभलसनी भें उरूजे कफ़क्र ................................................................ 929

इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे साथ फादशहाने वक़्त सर


ु ि
ू औय तयज़े अभर ................................. 931

1098
इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी शहादत औय इभाभ हसन असियी (अ.स.) िा आााज़े इभाभत .......... 936

अऩने अ़ीदत भन्दों भें हज़यत िा दौया............................................................................................... 939

इभाभ हसन असियी (अ.स.) िा ऩत्थय ऩय भोहय रगाना ................................................................... 940

इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे इल्भी खखदभात..................................................................................


ु़ 942

तफ़सीये ़ुयआन ................................................................................................................................. 942

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िा ईया़ िे एि अज़ीभ फ़रसफ़ी िो लशिस्त दे ना ............ 944

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) औय ऽुसलू समाते भज़हफ ............................................................. 947

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) औय ईदे नह


ु ु भ यफीउर अव्वर.................................................... 948

हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे अ़वार ................................................................................. 949

इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ववरादत फा सआदत ...................................................................................... 952

भोतलभद अब्फासी िी खखराफ़त


ु़ औय इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी गगयफ़्तायी.............................. 953

इस्राभ ऩय इभाभ हसन असियी (अ.स.) िा एहसाने अज़ीभ ............................................................. 955

इभाभ हसन असियी (अ.स.) औय अफीदल्


ु राह वज़ीये भोतलभद अब्फासी ............................................. 960

इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी दोफाया गगयफ़्तायी.............................................................................. 964

हुज्जते ऽुदा दरयन्दों भें .......................................................................................................................... 966

इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी शहादत ............................................................................................. 966

शहादत िे फाद....................................................................................................................................... 968

़ामभे आरे भोहम्भद अफर


ु ़ालसभ हज़यत इभाभ भोहम्भद भेहदी (अ.स.)

साहे फज़्
ु ज़भान .......................................................................................... 971

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ववरादत फ सआदत ........................................................................... 973

आऩिा नसफ नाभा ................................................................................................................................ 979

आऩिी िुज़न्नमत ................................................................................................................................... 981

आऩिे अऱाफ ...................................................................................................................................... 982

आऩिा हुलरमा भफ
ु ायि .......................................................................................................................... 983

1099
तीन सार िी उम्र भें हुज्जतल्
ु राह होने िा दावा ................................................................................. 984

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ाैफत औय उसिी ज़रूयत................................................................... 990

ाैफते इभाभ भेहदी (अ.स.) ऩय उरेभाए अहरे सन्


ु नत िा इजभा ........................................................ 994

इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ाैफत औय आऩिा वज


ु द
ू व ज़ह
ु ू य ़ुयआने भजीद िी यौशनी भें ................ 1000

इभाभ भेहदी (अ.स.) िा ज़ज़क्र िुतफ


ु े आसभानी भें ............................................................................ 1001

इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ाैफत िी वजह ............................................................................................ 1002

ाैफते इभाभ भेहदी (अ.स.) जफ़य जाभए िी यौशनी भें ...................................................................... 1006

ाैफते सा
ु या व िुफया औय आऩिे सफ़
ु या............................................................................................. 1009

सफ़
ु याए उभभ
ू ी िे नाभ .................................................................................................................... 1012

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ाैफत िे फाद ................................................................................... 1012

307 हहजयी भें आऩिा हजये असवद नसफ ियना .............................................................................. 1013

इस्हा़ बफन मा़ूफ िे नाभ इभाभे अस्र (अ.स.) िा ऽत .................................................................. 1015

शेऽ भोहम्भद बफन भोहम्भद िे नाभ इभाभे ज़भाना (अ.स.) िा भितफ


ू े गगयाभी ............................ 1017

उन हज़यात िे नाभ ज़जन्होंने ज़भानए ाैफते सा


ु या भें इभाभ िो दे खा है । ....................................... 1020

ज़्मायते नाहहमा औय उसर


ू े िाफ़ी ........................................................................................................ 1021

ाैफते िुफया भें इभाभ भेहदी (अ.स.) िा भय़जी ु़ भ़


ु ाभ................................................................... 1022

जज़ीयाए खखज़या
ु़ भें इभाभ (अ.स.) से भर
ु ा़ात .................................................................................. 1024

इभाभे ाामफ िा हय जगह हाज़ज़य होना .............................................................................................. 1025

इभाभ भेहदी (अ.स.) औय हज्जे िाफा ................................................................................................ 1025

ज़भानाए ाैफते िुफया भें इभाभ भेहदी (अ.स.) िी फैअत ................................................................... 1026

इभाभ भेहदी (अ.स.) िी भोभेनीन से भर


ु ा़ात .................................................................................. 1026

भल्
ु रा भोहम्भद फाक़य दाभाद िा इभाभे अस्र (अ.स.) से इस्तेफ़ादा ियना ...................................... 1028

जनाफ फहरूर उरभ


ू िा इभाभे ज़भाना (अ.स.) से भर
ु ािातु़ ियना ................................................... 1028

इभाभ भेहदी (अ.स.) िा हहभामते भज़हफ फ़यभाना ............................................................................ 1029

1100
इभाभे अस्र (अ.स.) िा वाक़ए ियफरा फमान ियना ......................................................................... 1031

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िे तर


ू े उम्र िी फहस............................................................................. 1032

हदीसे नअसर औय इभाभे अस्र (अ.स.) .............................................................................................. 1036

अराभते ज़हूये भेहदी (अ.स.) िे भत


ु ाअज़ल्ऱ अयफाफे अस्भत िे इयशादात ...................................... 1037

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िा ज़हूय भौफ़ूरुर सरू


ु य ......................................................................... 1048

इभाभ भेहदी (अ.स.) िा लसने ज़हूय .................................................................................................... 1054

ज़हूय िे वक़्त इभाभ (अ.स.) िी उम्र ................................................................................................. 1056

आऩिा अरभ ................................................................................................................................... 1056

ज़हूय िे फाद .................................................................................................................................... 1056

दज्जार औय उसिा ऽुरूज .................................................................................................................. 1060

नज़
ु रू े हज़यते ईसा (अ.स.) ................................................................................................................... 1065

इभाभ भेहदी (अ.स.) औय ईसा इब्ने भरयमभ िा दौया ....................................................................... 1066

हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िा िुस्तन


ु तन
ु मा िो फ़तेह ियना ......................................................... 1066

माजूज भाजूज औय उनिा ऽुरूज ........................................................................................................ 1067

इभाभ भेहदी (अ.स.) िी भद्


ु दते हुिूभत औय ऽातभाए दनु नमा ......................................................... 1070

1101

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