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14 Sitare
14 Sitare
Alhassanain.org/hindi
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ऩैग़म्फरे इस्ऱाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (ि.अ.व.व.)
खानदानी हाऱात
िी हुई तो आऩिे महाॊ जनाफे हाजया से हज़ये इस्भाईर ऩैदा हुए औय 90 सार िी
उम्रें जनाफे साया से हज़यते इस्हा़ ऩैदा हुए। हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) ने दोनों
छोड़ा औय हाजया िो इस्भाईर िे साथ हहजाज़ िे शहय भक्िा भें ऽुदा िे हुक्भ
से ऩहुॉचा आमे। इस्हा़ (अ.स.) िी शादी शाभ भें औय इस्भाईर (अ.स.) िी भक्िा
शाभ भें औय इस्भाईर (अ.स.) िी नस्र भक्िा भें फढ़ी। जफ हज़यते इब्राहीभ
ताभीय िी। भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि मह ताभीय हहजयते नफवी से 2793 सार
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िो ज़ज़फह ियना चाहा था ज़जसिे फदरे भें ऽुदा ने दम्
ु फा (बेड़) बेज िय फ़यभामा
कि तभ
ु ने अऩना ख़्वाफ सच िय हदखामा। इब्राहीभ सन
ु ो ! हभ ने तम्
ु हाये कफ़दमे
िहना है कि मह वाक़मा हज़यत आदभ (अ.स.) िे दनु नमा भें आने िे 3435 सार
फाद िा है । इसिे फाद चन्द फातों भें आऩिा इम्तेहान लरमा गमा ज़जसभें
िाभमाफी िे फाद आऩिो दयजाए इभाभत ऩय फ़ाएज़ किमा गमा। आऩने ख़्वाहहश
रेकिन तम्
ु हायी नस्र भें जो ज़ालरभ होंगे वह इस्से भहरूभ यहें गे। आऩिा ऱफ
आऩिी शयीमत िे फा़ी यखते िा हुक्भ हदमा गमा। आऩने 175 सार िी उम्र भें
इन्ते़ार फ़यभामा औय भ़ाभे िुद्ु़ स (ऽरीर अय यहभान) भें दफ़्न किमे गमे।
भक्िा आफाद हुआ। चाह ज़भज़भ फयाभद हुआ। हज्जे िाफा िी इफादत िी
शरू
ु आत हुई। 10 ज़ज़रहहज िो ईदे ़ुयफान िी सन्
ु नत जायी हुई। आऩ िा
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इन्ते़ार 137 सार िी आमु भें हुआ औय आऩ हहजये इस्भाईर भक्िा िे ़यीफ
दफ़्न हुए। आऩने फायह फेटे छोड़े। आऩिी वफ़ात िे फाद ऽाना ए िाफा िी
शख़्स फ़हय नाभी ऩैदा हुआ जो इन्तेहाई फा िभार था। इस फ़हय िी नस्र से
ऩैाम्फये इस्राभ ऩैदा हुए। अल्राभा तयीही िा िहना है कि इसी फ़हय मा इसिे
दादा नज़य बफन िनाना िो ़ुयै श िहा जाता है क्मो कि फहरयर हहन्द से उसने
िय भक्िा भे यख हदमा था ज़जसे रोग दे खने िे लरमे दयू दयू से आते थे। रफ़्ज़े
फ़हय इब्रानी है औय इसिे भानी ऩत्थय िे हैं औय ़ुयै श िे भानी ़दीभ अयफी भें
सौदागय िे हैं।
क़ुिई
था। लशफरी नोभानी िा िहना है कि उन्हीॊ ़ुसई िो ़ुयै श िहते हैं रेकिन भेये
उनिे फाऩ िा नाभ िराफ औय भाॊ िा नाभ पातेभा बफन्ते असद औय फीफी िा
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नाभ आतिा बफन्दे ऽालरऽ बफन रैि था। मह ननहामत ही नाभवय, फर
ु न्द हौसरा,
किमा था मह नेि चरन फा भयु व्वत, सऽी व हदरेय थे। इनिे ववचाय ऩववत्र औय
बफन्ते ऽरीर ऽेज़ाईं थीॊ। मह ऽरीर फनु ऽज़आ िा सयदाय था। इसने भयने िे
ाफशान ऽेज़ाई िे सऩ
ु द
ु क िी। उसने इस अहभ खखदभत
ु़ िो ़ुसई िे हाथो फेच
किमा गमा औय उनिी ़ब्र ज़्मायत गाह फन गई। ़ुसई अगयचे नफी मा इभाभ न
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अब्दे मनाफ
राए़ था। उन्होंने भयते सभम फड़े फेटे िो तभाभ भनालसफ लसऩद
ु क किमे रेकिन
़ुयै श िे भस्
ु सरेभस
ु सफत
ू सयदाय फन गमे। अब्दे भनाफ़ िा असरी नाभ भा
ु ैया
औय िुज़न्नमत अफू अब्दे शम्स थी औय भाॉ िा नाभ हफी बफन्ते ऽरीर था।
उन्होंने आभिा बफन्ते भयह सरेभह बफन हरार से शादी िी। उन्हें हुसनों जभार
िी वजह से ़भय िहा जाता था। हदमाये फियी िा िहना है कि अब्दे भनाफ़ िो
भा
ु ैया िहते थे। वह त़वा व लसराए यहभ िी तऱीन किमा ियते थे। फाऩ औय
अब्दे भनाफ़ िे जीते जी तो िोई झगड़ा डठा नहीॊ इनिे फाद उनिी अवराद
मा तिसीभ िा सवार किमा उन्होने इन्िाय िय हदमा। इसिे फाद जॊग िा भैदान
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़मादत फनी अब्दे भन
ु ाफ़ भें है औय रवा फयदायी िा भनसफ फनी अब्दर
ु दाय िे
हासिम
आऩ िा नाभ अम्र िुज़न्नमत अफू नाफ़रा थी। आऩिे वालरद अब्दे भनाफ़ औय
वारेदा आतिा बफनते भयह अर सरलभमा थी। आऩिो उरू भयतफा िी वजह से
तरवाय िे ज़रयमे अराहे दा किमा गमा औय फेइन्तेहा ऽून फहा ज़जस िी ताफीय
नज
ु ूलभमों ने फाहभी खॊयू े ज़ जॊग से िी जो बफल्िुर सही उतयी औय दोनो ऽानदानों
फनी अब्फास (हाशभी) औय फनी उभय्मा (शम्सी) भें ऐसी ऽॊयू े ज़ जॊग हुई ज़जसने
गुर िय हदमा। आऩ कफ़तयतन सैय चश्भ औय फ़य्माज़ थे। दौरत भन्दी भें बी फड़ी
भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि आऩ िो हालशभ इस लरमे िहते हैं कि आऩने एि
शदीद ़हत िे भौ़े ऩय अऩनी ज़ाती दौरत से शाभ जा िय फहुत िाफ़ी िेि
ऽयीदे थे औय उसे रा िय त़सीभ ियते हुए िहा कि इसे शोयफा भें तोड़ िय खा
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जाओ। हालशभ िे भानी तोड़ने िे हैं रेहाज़ा हालशभ िहे जाने रगे। आऩ ने अऩनी
शादी ऽज़यज़जमों िे एि भश्हूय ़फीरे फनी अदी इब्ने नजाय मसयफ (भदीना) िी
नजीफत
ु तयफ़ैन दख़्
ु तय से िी। उसी िे फतन से एि फा वे़ाय रड़िा ऩैदा हुआ जो
आगे चर िय अब्दर
ु भत्त
ु लरफ शेफत उर हम्द से ऩि
ु ाया गमा। अब्दर
ु भत्त
ु लरफ
अबी दध
ू ही ऩीते थे कि जनाफे हालशभ िा इन्ते़ार हो गमा। आऩिी औराद िे
भत
ु अज़ल्ऱ हज़यत ज़जफयाईर िा िहना है कि भैंने भशरय़ो भारयफ िो छान िय
दे खा है कि भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) से फेहतय िोई नहीॊ है औय फनी हालशभ
से फेहतय िोई ऽानदान नहीॊ है । जनाफे हालशभ ने 510 ई0 भें फाभ़ाभ ाज़वाए
जनाफे अिद
आऩ हज़यते हालशभ िे फड़े फेटे थे, आऩिी ववरादत 497 ई0 से ़ब्र हुई थी।
आऩ भें इन्सानी हभददी फहद्दे िभार ऩहुॉची हुई थी। फ़ऽरूद्दीन याज़ी िा फमान
खज़दभ से था) अऩनी वारेदा से िहा कि इसिे लरमे खाने िा फन्दोफस्त ियो,
उन्होंने ऩनीय औय आटा वाैया िाफ़ी लभ़दाय भें इसिे घय लबजवा िय उसे सि
ु ून
ु़
फख़्शा कपय इस वािु़ े ए से भत
ु ाअज़स्सय हो िय जनाफे हालशभ ने अहरे भक्िा िो
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जभा किमा औय इनभें नतजायत िा जज़फा व शौ़ ऩैदा किमा। असद िे भानी शेय
असद बी है । शेय बख
ू औय प्मास ऩय साबफय होता है । अल्राभा तयीही िा िहना
असद ही थीॊ जो फाद भें हज़यत अरी (अ.स.) वारेदा गगयाभी ़याय ऩामीॊ।
जनाफे अब्दऱ
ु मुत्तसऱफ
आऩ हज़यत हालशभ िे नेहामत जरीरउर ़द्र साहफज़ादे थे। 497 ई0 भें ऩैदा
चचा भत्त
ु लरफ िे िनाये आतफ़त भें अदा हुए औय ऽुश क़स्भती से आखखय
ु़ भें
अयफ िे सफ से फड़े सयदाय ़याय ऩाए। आऩिे वालरद ही िी तयह आऩिी वारेदा
िो इस शतक से भशरूत ियती थीॊ कि तौरीद िे भौ़े ऩय अऩने भैिे भें यहूगीॊ।
जनाफे अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िा एि नाभ शेफातर
ु हम्द बी था क्मों कि आऩ िी
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इनभें अराभतें दे खी जा यही थीॊ। आऩ लसने शऊय ति ऩहुॉचते ही जनाफे हालशभ
अऩने ऊऩय शयाफ हयाभ िय यखी थी औय ााये हहया भें फैठ िय इफादत ियते थे।
ऽास शेवा था। आऩ ने फाज़ ऐसे तयी़े याएज किमे जो फाद भें भज़हफी ऩ
ु ताए
से इजतेनाफ, दख़्
ु तय िशी िी भभ
ु ाननमत ऽभयो ज़ज़ना िी हुयभत औय क़तए मदे
सारय़ िे अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िा मह अज़ीभ िायनाभा है कि उन्होंने चाहे ज़भज़भ
भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि अफयहातुर अशयभ िा ईसाई फादशाह था। उसभें
भज़हफी ताअस्सफ
ु फेहद था। ऽाना ए िाफा िी अज़भत व हुयभत दे ख िय आनतशे
हसद से बड़ि उठा औय इसिे वे़ाय िो घटाने िे लरमे भ़ाभे सनआ भें एि
अज़ीभश्ु शान गगयजा फनवामा। भगय इसिी रोगों िी नज़य भें ऽाना ए िाफा वारी
बफन भ़सद
ू हफशी िी ज़ेये सय ियदगी भें एि अज़ीभ रशिय भक्िे िी तयफ़
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तैय्माय हुए रेकिन रशिय िी िसयत दे ख िय हहम्भत हाय फैठे औय भक्िे िी
तुभ से रड़ने नहीॊ आमे हभाया इयादा लसफ़क िाफा ढाने िा है । अब्दर
ु भत्त
ु लरफ ने
ऩैााभ िा जवाफ मह हदमा कि हभें बी रड़ने से िोई ायज़ नहीॊ औय इसिे फाद
अब्दर
ु भत्त
ु लरफ ने अफयाहा से लभरने िी दयख़्वास्त िी। उसने इजाज़त दी मह
दाखखरे
ु़ दयफाय हुए। अफयाहा ने ऩयु तऩाि ऽैय भ़दभ किमा औय इनिे हभयाह
िी ये हाई औय वाऩसी िा सवार किमा। उसने िहा तुभ ने अऩने आफाई भिान
िाफे िे लरमे िुछ नहीॊ िहा। उन्होंने जवाफ हदमा अना यज़ब्फर अब्र वलरर फैत
यब्फन
ु सभीनाह भैं ऊॉटों िा भालरि हूॉ अऩने ऊॉट भाॊगता हूॉ जो िाफे िा भालरि है
वाऩस आ गमे औय ़ुयै श िो ऩहाड़ड़मों ऩय बेज िय ऽुद वहीॊ ठहय गमे। ायज़ कि
अफयाहा अजीभु़ श्ु शान रश्िय रे िय ऽाना ए िाफा िी तयफ़ फढ़ा औय जफ इसिी
दीवाये नज़य आने रगीॊ तो धावा फोर दे ने िा हुक्भ हदमा। ऽुदा िा ियना दे खखए
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कि जैसे ही ास्
ु ताऽ व फेफाि रशिय ने ़दभ फढ़ामा भक्िे िे ायफी लसभत से
ऽद
ु ा वन्दे आरभ िा हवाई रशिय अफा फीर िी सयू त भें नभद
ू ाय हुआ। इन
1.सना मभन िा दारूर हुिूभत है । उसे ़दीभ ज़भाने भें उज़ारी बी िहते थे।
तभाभ अयफ भें सफ से उम्दा औय ऽूफ सयू त शहय है । अदन से 260 भीर िे
फ़ासरे ऩय एि ज़यऽेज़ वादी भें वा़े है इसिी आफो हवा भोताहदर औय ऽुश
िुल्जभ
ु से एि भज़न्ज़र िी भसाफ़त ऩय शहय ज़फ
ु द
ै वा़े है जहाॊ से नतजायत िे
भज़न्ज़र िी भस
ु ाफ़त ऩय नज़यान है ।
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चकू ि अफयाहा हाथी ऩय सवाय था औय अयफों ने इस से ऩहरे हाथी न दे खा था
नीज़ इस लरमे कि फड़े फड़े हागथमों िो छोटे छोटे ऩरयन्दों िी नन्हीॊ नन्हीॊ िॊिरयमों
से फा हुक्भे ऽद
ु ा तफाह िय िे ऽद
ु ा िे घय िो फचा लरमा इस लरमे इस वा़मे
578 ईसवी है ।
जनाफे अब्दल्
ु ऱाह
आऩ जनाफे अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िे फेटे थे। िुज़न्नमत अफू अहभद थी आऩिी
वालरदा िा नाभ पातेभा था जो उभये बफन साएद बफन उभय बफन भख़्जूभ िी
साहफ ज़ादी थी। आऩिे िई बाई थे ज़जनभें अफू तालरफ िो फड़ी अहलभमत थी।
जनाफे अब्दल्
ु राह ही वह अज़ीभर
ु भतकफत फज़
ु गुक हैं ज़जनिो हभाये नफीए ियीभ िे
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आभर औय शभ
ु ाएरे भतफू भें फ़दक थे। हयिात भौजू औय रत्ु फ़े गुफ़ताय भें अऩना
भें अब्दल्
ु राह िो ज़ब्ह ियने चरे तो रोगों ने ऩिड़ लरमा औय िहा कि आऩ
फाय अब्दल्
ु राह िे भ़
ु ाफरे भें सौ ऊॉटों ऩय ़ुया ननिरा औय अब्दल्
ु राह ज़ब्ह से
फच गमे। उसिे फाद आऩिी शादी ़फीराए ज़हया भें वहाफ इब्ने अब्दे भनाफ़ िी
भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि आऩ भक्िे से फा लसरलसराए नतजायत भदीना तशयीफ़
गमे। आऩने तयिे भें ऊॉट, फिरयमाॊ औय एि रौंड़ी छोड़ी ज़जसिा नाभ (फयित)
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हज़रत अफत
ु ासऱफ
सगे बाई थे। आऩिा असरी नाभ इभयान था िुज़न्नमत अफू तालरफ थी। आऩिी
िहना है कि आऩ अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िे अवरादे ज़िूय भें सफ से ज़्मादा फव़ाय औय
ु़
अक़्र भन्द थे। अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िे फाद ऩैाम्फये इस्राभ िी ऩयवरयश आऩने शरू
ु
िी औय ता हमात उनिी नस
ु यत व हहभामत ियते यहे । भोल्वी लशब्री िा िहना है
अऩने साथ सर
ु ाते थे औय जहाॊ जाते थे साथ रे जाते थे। िुफ़्फ़ाये ़ुयै श औय
औय अफु तालरफ से िहा कि उन्हें जल्द वाऩस वतन रे जाओ नहीॊ तो महूद इन्हें
़त्र िय डारेगें। अफू तालरफ ने अऩना साया साभाने नतजायत फेच िय िे वतन
िी याह री। भव
ु रयक ऽ दमाये फियी िा िहना है कि हज़यत भोहम्भद (स.अ.व.व.)
जनाफे अफू तालरफ िी तहयीि से जनाफे ऽदीजा िा भार फेचने िे लरमे शाभ िी
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ऽुत्फा ए ननिाह ऩढ़ा अफू तालरफ िे ऽुत्फे िी शरू
ु आत इन रफ़्ज़ों भे है ।
(अल्हम्दो लरल्राहहर रज़ी जाअल्ना लभन ज़रु यक मते इब्राहीभ) तभाभ तायीफ़ें उस
ऽद
ु ा िे लरमे हैं ज़जसने हभें ज़रु यक मते इब्राहीभ भें ़याय हदमा।
फहुत ही ऽुश हुए। अल्राभा तयही िा फा हवारा ए इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.)
िहना है कि अफू तालरफ ईभान िे ताहफ़्फ़ुज़ हैं असहाफे ़हफ़ िे भाननन्द थे।
शभशर
ु उरभा नज़ीय अहभद िा िहना है कि अब्दर
ु भत्त
ु लरफ औय अफू तालरफ
भे एि शख़्स बी भश
ु रयि नहीॊ था। ़ुयआन भजीद भें है कि ऐ नफी हभ ने तुभ
इस्राभ िो ऽद
ु ाई दीन सभझते थे। शभशर
ु उरभा लशब्री िा िहना है कि अफू
भर
ु ाहे ज़ा हैं।
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ودعوتين وزعمت انك انصحي *** ولقد صدقت وكنت مث امينا
ولقد علمت ابن دين دمحم *** من خري اداين الربية دينا
तयजभ
ु ा ऐ भोहम्भद (स.अ.व.व.) ! तभ
ु ने भझ
ु े इस्राभ िी तयफ़ दावत दी औय
भैं ऽूफ जानता हूॉ कि तुभ म़ीनन सच्चे हो क्मों कि तुभ इस अहदे नफव
ू त िे
इज़हाय से ़ब्र बी रोगों िी नज़य भें सच्चे यहे हो। भैं अच्छी तयह जाने हुए हूॉ
आऩिी फीवी पातेभा बफन्ते असद थीॊ जो सन ़् 1 फेसत भें ईभान राईं औय 4
हहजयी भें फा भ़
ु ाभ भदीना ए भन
ु व्वया इन्ते़ार फ़यभा गईं औय ऽद
ु आऩ िा
इन्ते़ार 85 सार िी उम्र भें शव्वार 10 फेसत भें हुआ। आऩिे इन्ते़ार िे
सार िो यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) ने आभर
ु हुज़्न से भौसभ
ू िय हदमा था।
जनाफे अब्फाि
आऩ जनाफे अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िे फेटे औय ऩैाम्फये इस्राभ िे चचा थे। आऩिी
़द तवीर औय फदन ऽूफ सयू त था। आऩ हहजयत से ़ब्र इस्राभ राए थे। आऩ
फड़े साएफर
ु याम थे। आऩने फ़तहे भक्िा औय ाज़वा हुनन
ै भें लशयित िी थी।
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भें इन्ते़ार फ़यभामा औय जन्नतुर फ़ी भें दफ़न किमे गमे। आऩिा भ़फया
खोद डारा गमा है रेकिन ननशाने ़ब्र अबी बी फा़ी है । भोअज़ल्रफ़ ने 1972 ई0
जनाफे हमज़ा
आऩ जनाफे अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िे साहफ ज़ादे औय आॉ हज़यत (स.अ.व.व.) िे चचा
थे। आऩिी वारदा िा नाभ हारा बफन्ते वाहफ था जो कि जनाफे आभेना िी चचा
शयीि हुए औय ज़फय दस्त नफयद आज़भाई िी। 31 िाकफ़यों िो ़त्र ियने िे
फाद आऩिा ऩाॊव कफ़सरा औय आऩ ज़भीन ऩय गगय ऩड़े। ज़जसिी वजह से ऩश्ु त से
हदन फज़ल्ि इसी वक़्त फा तयीऽ 5 शव्वार 3 हहजयी शहीद हो गमे। िाकफ़यों ने
खद
ु वाई तो शोहदा ए ओहद िी ़ब्रे खोदी गईं औय इसी लसरलसरे भें एि तैश
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हज़रत अफू तासऱफ के फेटे
अ़ीर, 3. जाफ़य, 4. हज़यत अरी (अ.स.) इनभें छोटाई फडाईु़ दस सार िी थी।
हदमा उनिी िोई औराद नहीॊ थी। अ़ीर आऩ 590 हहजयी भें ऩैदा हुए थे।
आऩिी िुज़न्नमत अफू मज़ीद थी। हुदैबफमा िे भौ़े ऩय इस्राभ ज़ाहहय किमा औय
आठ हहजयी भें भदीना आ गमे आऩने जॊगे भौतह भें बी लशयित िी थी। आऩ
भें यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) से फहुत भश
ु ाफेह थे आऩने शरू
ु ही भें ईभान जाज़ु़ हय
किमा था। आऩने हहजयत हफशा औय हहजयते भदीना दोनों भें लशयित िी थी।
आऩिो जभाहदर अव्वर 8 हहजयी भें जॊगें भौता िे लरमेम बेजा गमा। आऩने
अरभ रे िय ज़फय दस्त जॊग िी। आऩ िे दोनों हाथ िट गमे। अरभ दाॊतों से
फ़यभामा है कि उन्हें इनिे हाथों िे एवज़ ऽुदा ने जन्नत भें ज़भयु दै न ऩय अता
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फ़यभाए हैं औय आऩ फ़रयश्तों िे साथ उड़ा ियते हैं। आऩिे शहीद होते ही ऩैाम्फये
ताज़ज़मत िे लरमे गमे। आऩने हुक्भ हदमा िी जाफ़य िे घय खाना बेजो। आऩने
फेटे छोड़े। ज़जनिी भाॉ असभा बफन्ते उभैस थीॊ। मही अब्दल्
ु राह बफन जाफ़य औय
ु़
भोहम्भद बफन जाफ़य ज़्मादा नभ
ु ामा थे। मही अब्दल्
ु राह हज़यत जैनफ िे औय
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ऩैग़म्फरे इस्ऱाम अफुऱ क़ासिम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (ि.
अ.)
ज़जस दय ऩा झि
ु गई है जफीॊ आफ़ताफ िी।।
ऐ नयू िे ऩत
ु रे तझ
ु े क्मा ऽाि से नसफतॊ
इल्भे रदन्ु नी औय अफ़ज़रे िामनात ़याय हदमा गमा था। मह न लसफ़क फतने
भादय फज़ल्ि फदवे कफ़तयत भें ही नफी फनाए गमे थे ज़जन्हें ऽल्रा़े आरभ ने
अऩने नयू े अज़भत व जरार से ऩैदा किमा था। वह नयू ी थे इनिे ज़जस्भ िा सामा
न था।
21
ऽालरिे िामनात ने इनिी नफव
ू त व रयसारत िो दवाभ दे िय इस लसरलसरे
फ़ैसरे िे भत
ु ाबफ़ फाफे नफव
ू त इभाभत िा राअब्दी दयवाज़ा खोर हदमा औय फायह
आरभे इल्भे रदन्ु नी औय अफ़ज़रे िामनात ़याय हदमा है । मह हुज्जते ऽुदा बी हैं
फयस ऩहरे फा यवाएते 4- 5 राख ़ब्र हुई थी। आऩिा नयू े अ़दस असराफे
ताहे या औय अयहाभे भत
ु ाहय भें होता हुआ जफ सर
ु फे जनाफे अब्दल्
ु राह बफन अब्दर
ु
भत्त
ु लरफ ति ऩहुॉचा तो आऩिा ज़हूयो शहूद फशक्रे इन्सानी फतने जनाफे आभना
22
आॉ हज़यत (स.अ.व.व.) िी ववरादत िे वक़्त है यत अॊगेज़ वा़ेमात िा ज़हूय
आऩिी ववरादत से भत
ु ाअज़ल्ऱ फहुत से उभयू रूनभ
ु ा हुए जो है यत अॊगेज़ हैं।
वक़्त िसाफ़तों से ऩाि थीॊ। आऩ भख़्तून औय नाफ़ फयु ीदा थे। आऩिे ज़हूय
फ़यभाते ही आऩिे ज़जस्भ से ऐसा नयू साते हुआ ज़जससे सायी दनु नमा यौशन हो
गई। आऩने ऩैदा होते ही दोनों हाथों िो ज़भीन ऩय टे ि िय सज्दाए ऽालऱ अदा
भतूफ़ी 292 हह0 शैतान िो यजभ किमा गमा औय उसिा आसभान ऩय जाना फन्द
हो गमा। लसताये भस
ु रसर टूटने रगे तभाभ दनु नमा भें ऐसा ज़रज़रा आमा कि
भन्
ु हहदभ हो गमे। जाद ू औय िहानत िे भाहहय अऩनी अक़्रें खो फैठे औय उनिे
भव
ु ज़क्र भजस
ू हो गमे। ऐसे लसताये आसभान ऩय ननिर आम ज़जन्हें िबी किसी
है वह ऽुश्ि हो गई। वाहदउस सभा जो शाभ भें है औय हज़ाय सार से ऽुश्ि ऩड़ी
थी इसभें ऩानी जायी हो गमा। दजरा भें इस ़दय तगमानी हुई कि इसिा ऩानी
तभाभ इरा़ों भें पैर गमा। भहरे क़सया भें ऩानी बय गमा औय ऐसा ज़रज़रा
23
आमा कि ऐवाने किसया िे 14 िॊगूये ज़भीन ऩय गगय ऩड़े औय ता़े किसया लशााफ़
फ़ौयन फझ
ु गई। (तायीऽे अशाअत इस्राभ दे वफन्दी ऩष्ृ ठ 218 तफाअ राहौय)
थे ख़्वाफ भें दे खा कि तुन्द व सयिश औय वैहशी ऊॉट अयफी घोड़ों िो ऽीॊच यहे हैं
गवकनय नभ
ु ान बफन भन्ज़य िो िहरा बेजा कि हभाये आरभ ने एि अजीफ व
किमे औय उससे ताफीय िी ख़्वाहहश िी उसने फड़े ाौय व खौज िे फाद अज़क कि,
ऐ फादशाह शाभ भें भेया भाभॉू सतीह िाहहन यहता है वह इस फ़न िा फहुत फड़ा
नव शेयवाॊ ने अब्दर
ु भसीह िो हुक्भ हदमा कि फ़ौयन शाभ चरा जाए। चन
ु ान्चे वह
यवाना हो िय दलभश्ि ऩहुॉचा औय फा यवामत इब्ने वाज़े फाफे जाॊबफमा भें इससे इस
24
िय अऩना भद्
ु दा फमान किमा उसने िहा कि एि अज़ीभ हस्ती दनु नमा भे आ
चि
ु ी है । जफ नव शेयवाॊ िी नस्र िे 14 भदो ज़न हुिभयाॊ िॊगयू ों िे अदद िे
भत
ु ाबफ़ हुिूभत िय चि
ु े गें तो मह भल्
ु ि इस ऽानदान से ननिर जाऐगा। सम्
ु भा
फ़ज़तन फ़सहू मह िह ि यवह भय गमा। (यौज़तुर अहफाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 56, सीयते
6, फाज़ 12 फताते हैं रेकिन जम्हूये उरभा अहरे तशैय्मो औय फाज़ उल्भा अहरे
तसन्नन
ु 17 यफीउर अव्वर सन ़् 1 आभर
ु फ़ीर भत
ु ाबफ़ 570 ई0 िो सही
सभझते हैं।
शऐ
ु फ अफी तारीफ भें ऩैदा हुए हैं। इस वक़्त नव शेयवाॊ किसया िी हुिूभत िा
25
आऩका ऩाऱन ऩोषण और आऩका फचऩना
भव
ु रयक ऽ ज़ाकिय हुसन
ै लरखते हैं कि फायवामते आऩिे ऩैदा होने से ऩहरे औय
इन्ते़ार फ भ़
ु ाभे भदीना हो गमा क्मों कि वहीॊ नतजायत िे लरमे गमे थे उन्होंने
लसवाए ऩाॊच ऊॉट औय चन्द बेडों औय एि हफशी िनीज़ फयित (उम्भे ऐभन) िे
वास्ते चन्दा भव
ु ाकफ़़ न थी इस वास्ते ़यीफ िी फद्द ू औयतों भें से दध
ू वऩराने
वऩराने औय फच्चे ऩारने िी नौियी िी तराश भें आमा ियती थीॊ आखखय
ु़ हारीभा
हरीभा िे ऩास ऩयवरयश ऩाने रगे। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 32, तायीऽे अफुर
भझ
ु े इस तहयीय िे इस जुज़ से कि यसर
ू े खुदा (स.अ.व.व.) िो सबू फमा औय
हरीभा ने दध
ू वऩरामा है इत्तेफ़ा़ नहीॊ है । भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि आऩ भें नभू
िी ़ुव्वत अऩने लसन िे एतेफाय से फहुत ज़्मादा थी जफ तीन भाह िे हुए तो ऽड़े
26
होने रगे, औय जफ सात भाह िे हुमे तो चरने रगे आठवें भहीने अच्छी तयह
होती थी।
हालशमा:-
मानी जोड़ फन्द न थे। वह उठ फैठ नहीॊ सिता था, भगय ास्
ु से िे वक़्त उठ
फैठता था। उसिे फदन भें खोऩड़ी िे लसवा िोई हड्डी न थी। उसिे सयो गदक न न
थी औय भॉह
ु सीने भें था। वह जाबफमा भें यहता था। जफ उसे िहीॊ रे जाना होता
उसे झीॊझोड़ते थे कपय वह औॊधा हो िय ाैफ िी फाते फताता था। दोनों कफ़यिो िे
हमात अर ़ुरफ
ू 900 फयस िी थी। इन दानों उरभा िे फमान भें फ़य़ इस लरमे
है कि इसिी ववरादत फन्दे एयभ िे टूटने िे वक़्त हुई थी औय फन्दे एयभ टूटने
िो फाज़ भव
ु ये ऽीन साफे़ीन ने हज़यत भसीह से 302 फयस ऩहरे औय फाज़ ने
27
भजभाउर फहयीन भें है कि िाहहन िे भानी साहहय िे हैं मा फाज़ िा ख़्मार
जो हहसाफ से ताअल्ऱ
ु यखता है । फाज़ िा ख़्मार है कि शैतान जफ आसभान ऩय
जाता था तो वहाॊ से ऽफये राता था औय शैतानी अफ़याद िो फताता था। दनु नमा भें
औय थोड़े हदनों नहीॊ फज़ल्ि िाफ़ी असे ति वऩरामा था रेकिन भेये नज़दीि मह
दरू
ु स्त नहीॊ है क्मों कि मह दनु नमा िी किसी तायीऽ भे नहीॊ है कि किसी नफी िो
अन्दाज़ा रगा लरजमे कि किन ना साज़गाय हारात व वा़ेमात भें उनिी भाओॊ िो
दध
ू वऩराने िे लरमे उन ति ऩहुॉचामा गमा औय जफ ऐसा दे खा कि भाॉ िे ऩहुॉचने
28
भें दे य हो यही है तो खुद उसी फच्चे िे अगॉठ
ू े से दध
ू ऩैदा िय हदमा जैसा कि
दध
ू दस्तमाफ न हो सिे तो किसी दस
ू ये तयी़े से लशिभ सेय हो जाए। इन हारात
िय यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िो भाॉ िे अरावा किसी दस
ू यी औयत िे दध
ू वऩराने
शद
ु ा हो रहभतुर ये ज़ा िुरेहभतुर नसफ दध
ू से जो गोश्त ऩैदा होता है वह नसफ
औय दध
ू ऩीने से वह रयश्ता ना जामज़ हो जाता है जो नसफ से ना जामज़ होता
है । (भफ़रूदाते इभाभे यागाफ असफ़हानी ऩष्ृ ठ 62) औय कपय ऐसी सयू त भें जफ कि भौजूद
हज़यते भस
ू ा (स.अ.व.व.) िे लरए इयशाद फ़यभाता है कि हय भना एरैह अरभयाज़ा
भन ़फर हभने दध
ू वऩरामे जाने िे सवार से ऩहरे ही तभाभ दाईमों िे दध
ू िो
भस
ू ा (स.अ.व.व.) िे लरमे हयाभ िय हदमा था। (ऩाया 20 रूिू 4) मह िैसे भज़ु म्िन
29
ऩीने से फचाने िा इतना अहनतभाभ िये औय फ़ऽये भस
ू ा (स.अ.व.व.) िो इस तयह
नहीॊ है ।
भदीना गईं थीॊ वहाॊ उन्होंने एि भहीना ़माभ किमा जफ वावऩस आने रगीॊ तो
भ़
ु ाभ अफवा (जो कि भदीने से 22 भीर दयू भक्िा िी जाननफ वा़े है ) इन्ते़ार
फ़यभा गईं औय वहीॊ दफ़न हुईं। आऩिी ऽादे भा उम्भे ऐभन आऩिो भक्िा रे
आईं। (यौज़तुर अहफाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 67) जफ आऩिी उम्र 8 सार िी हुई तो आऩिो
दादा अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िा 120 सार िी उम्र भें इन्ते़ार हो गमा। अब्दर
ु भत्त
ु लरफ
िी वफ़ात िे फाद आऩिे फड़े चचा जनाफे अफू तालरफ औय आऩिी चची जनाफे
भत्त
ु लरफ िे फाद हज़यत अफु तालरफ बी ऽाना ए िाफा िे भह
ु ाकफ़ज़ औय भत
ु वल्री
औय सयदाये िुयै श थे। हज़यत अरी (अ.स.) फ़यभाते हैं कि िोई अयफ इस शान िा
30
सयदाय नहीॊ हुआ ज़जस शानों शौित िी सयदायी भेये ऩदये भोहतयभ िो ऽुदा ने दी
हहदायत
फाज़ भव
ु ये ऽीन ने लरखा है कि जफ हज़यत अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िा वक़्ते वफ़ात
फ़यभामा कि, ऐ अफू तालरफ मह तेये ह़ीिी बाई िा फेटा है इस दयु े मगाना िी
हहफ़ज़त ियना, इसे अऩना नयू े नज़य औय रख़्ते ज़जगय सभझना, इसिी सयु ऺा भें
िोई िभी न यखना, अऩने हाथ, ज़फान औन जान व भार से इसिी भदद ियते
हज़यत अफू तालरफ जो नतजायती सफ़य भें अक्सय जामा ियते थे जफ एि हदन
यवाना होने रगे तो आॊ हज़यत िो ज़जनिी उम्र उस वक़्त फा यवामते तफयी व इब्ने
31
असीय 9 सार औय फ यवामते अफर
ु कफ़दा व इब्ने ऽल्दन
ू 13 सार िी थी, अऩने
ियते हुमे कि भेया बतीजा मतीभ है उन्हें अऩने साथ रे लरमा औय चरते चरते
फ़ासरे ऩय वा़े है जो उस वक़्त फहुत फड़ी भन्डी थी औय वहाॊ नस्तूयी ईसाई यहते
हज़यत (स.अ.व.व.) औय अफू तालरफ (अ.स.) िी फडी ऽानतय दायी िी कपय उनभें
भौसफ़
ू ऩा िय जो उसने तौयै त औय इन्जीर औय दस
ू यी आसभानी किताफों भें ऩढ़ी
थीॊ ऩहचान लरमा कि मही ऩैाम्फये आऽेरूज़ ज़भान हैं। अबी उसने इज़हाये ख़्मार
(चभ
ू ना) लरमा औय नफव
ू त िी तसदी़ िय िे अफु तालरफ से िहा कि इस
फ़यज़न्दे अयजूभन्द िा दीन तभाभ अयफ व अजभ भें पैरेगा औय मह दनु नमा िे
32
औय अऩने अहरे वतन िो नजात हदरामेगा। ऐ अफू तालरफ इसिी फड़ी हहफ़ज़त
िहीॊ ऐसा न हो कि मह महूहदमों िे हाथ रग जाए। कपय उसने िहा कि भेयी याम
मह है कि तुभ शाभ न जाओ औय अऩना भार महीॊ फेच िय िे भक्िा वाऩस चरे
जाओ चन
ु ान्चे अफु तालरफ ने अऩना भार फाहय ननिारा वह हज़यत िी फयित से
आन्न फ़ानन फहुत ज़्मादा नफ़े ऩय फ़योख़्त हो गमा औय अफू तालरफ भक्िा वाऩस
ज़जसभें उस्भान बफन हयीय िो फड़ा दख़्र था। उसने ़ुसतुनतुनमा िे दमाये िे
33
ज़यामे से भारभ
ू िय लरमा था। आखखय
ु़ भें वह हुज़ूय िी िोलशशों से नािाभमाफ हो
गमा। अहरे कफ़यॊ ग (मयू ोवऩमन) इस फात िो भानते हैं कि ऩैाम्फये इस्राभ ने
भस
ु रभानों ऩय फड़ा एहसान किमा है ज़जसिी वजह से वह अब्दी शक्र
ु गुज़ायी िे
भस्
ु तह़ हैं। मही िुछ इब्ने ऽल्दन
ू ने बी लरखा है ।
(तऩ्ीदर
ु िराभ ऩष्ृ ठ 33)
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि फेअसते ऩैाम्फय से ऩहरे ़ुयै श ने मह फ़ैसरा किमा
िय हदमा जामे। चन
ु ान्चे इसे गगया िय उसिी ताभीय शरू
ु िय दी गई कपय जफ
इभायते हजये असवद िे नस्फ ियने िी जगह ति ऩहुॉची औय उसिे नस्फ ियने
िा सवार ऩैदा हुआ तो ़ुयै श भें शदीद इख़्तेराफ़ ऩैदा हो गमा हय ़फीरे िा
34
ायज़ कि जफ सफ
ु ह हुई तो हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) सफ से ऩहरे
कि एि भज़फत
ू चादय राई जाए औय उसभें हजये असवद िो यखा जाए औय चादय
राए, चन
ु ान्चे ऐसा ही किमा गमा।
भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) ने अऩने हाथों से उठा िय उसे नस्फ िय हदमा। हुज़ूय
जफ आऩिी उम्र 25 सार िी हुई औय आऩिे हुस्ने सीयत, आऩिी यास्त फाज़ी
िा खखताफ
ु़ हदमा जा चि
ु ा तो जनाफे ऽदीजा (स.अ.व.व.) बफन्ते ऽुवेरद ने जो
फहुत ही ऩािीज़ा नफ़्स, ऽुश इऽरा़ औय ऽानदाने ़ुयै श भें सफ से ज़्मादा दौरत
भन्द थीॊ ऐसे हार भें अऩनी शादी िा ऩैााभ ऩहुॉचामा जफ कि उनिी उम्र 40 सार
िी थी। शादी िा ऩैााभ भॊज़यू हुआ औय हज़यत अफू तालरफ (अ.स.) ने ननिाह
ऩढ़ा। (तरऽीस सीयतून नफी अल्राभा लशब्री ऩष्ृ ठ 99 राहौय 1965 ई0) भव
ु ये ऽीन इब्ने
35
वाज़ेह अरभतूफ़ी 292 ई0 िा फमान है कि हज़यत अफू तालरफ ने जो ऽुतफा ए
अरहम्दो लरल्राहहर रज़ी जाअल्ना लभन ज़या इब्राहीभ व ज़रु यक मते इस्भाईर
तभाभ तायीफ़ें उस एि ऽुदा िे लरमे हैं ज़जसने हभें नस्रे इब्राहीभ औय ज़ुरयक मते
इस्भाईर से ़याय हदमा है । (अर मा़ूफी ज़जल्द दो ऩष्ृ ठ 16 भुहद्रत नजफ़े अशयफ़)
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि हज़यत ऽदीजा (स.अ.व.व.) िा भहय 12 औॊस सोना
औय 25 ऊॉट भ़
ु यक य हुआ ज़जसे हज़यत अफू तालरफ ने उसे सभम अदा िय हदमा।
(स.अ.व.व.) िी तयफ़ से अक़्द ऩढ़ने वारे उनिे चचा अम्र बफन असद औय हज़यते
यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) िी तयफ़ से हज़यत अफू तालरफ (अ.स.) थे। (तायीऽे इस्राभ
ननिाह 595 ई0 िा है । भन
ु ाक़फ इब्ने शहये आशोफ भें है कि यसर
ू े ऽुदा
(स.अ.व.व.) िे साथ ऽदीजा िा मह ऩहरा अक़्द था। सीयते इब्ने हशशाभ ज़जल्द
36
कोहे हहरा में आॊ हज़रत (.व.व.अ.ि) की इफादत गज़
ु ारी
तायीऽ भें है कि आऩने 38 सार िी उम्र भें (िोहे हहया) ज़जसे जफरे सौय बी
िहते हैं िो अऩनी इफादत गुज़ायी िी भॊज़ज़र ़याय हदमा औय उसिे एि ााय भें
फैठ िय ज़जसिी रम्फाई 4 हाथ औय चौढ़ाई डेढ़ हाथ थी इफादत ियते औय ऽाना
वहाॊ यहा ियते थे रेकिन भाहे यभज़ान साये िा साया वहीॊ गुज़ायते थे।
आऩकी फेअित
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) इसी आरभे तनहाई भें
भशार
ू े इफादत थे कि आऩिे िानों भें आवाज़ आई मा भोहम्भद (स.अ.व.व.)
आऩने इधय उधय दे खा िोई हदखाई न हदमा, कपय आवाज़ आई कपय आऩने इधय
थे उन्होंने िहा इ़या ऩढ़ो, हुज़यू ने इयशाद फ़यभामा भाइ़या क्मा ऩढ़ूॊ? उन्होनें
अज़क िी इ़या फइस्भे यब्फेिर रज़ी ऽऱ कपय आऩने सफ िुछ ऩढ़ हदमा क्मो
आऩिी उम्र 40 सार 1 हदन िी थी। उसिे फाद ज़जब्राईर ने वज़ू औय नभाज़ िी
37
चन
ु ान्चे हुज़ूये आरा ने वज़ू किमा औय नभाज़ ऩढ़ी आऩने सफ से ऩहरे जो नभाज़
ऽदीजातर
ु िुफया औय अरी बफन अफी तालरफ से वाक़मा फमान फ़यभामा। इन
दोनों ने इज़हाये ईभान किमा औय नभाज़े अस्र इन दोनों ने फ जभाअत अदा िी।
इतनी ज़्मा यवामत व शवाहहद भौजूद है कि अगय उन्हें जभा किमा जाम तो एि
फ़यभाई है चन
ु ान्चे दाय ़त्नी ने अफू सईद हजयी से इभाभ अहभद ने हज़यत उभय
यसर
ू े ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) ने अऩनी ज़फाने भफ
ु ायि से इयशाद फ़यभामा है कि भझ
ु
ऩय ईभान राने वारों भें सफ से ऩहरे अरी (अ.स.) हैं। हज़यत अरी (अ.स.) खुद
38
हाकफ़ज़ इब्ने हजय असिरानी, तियीफ अर तहज़ीफ भहु द्रत दे हरी िे ऩष्ृ ठ 84 ऩय
िुछ अ़वार लरखने िे फाद लरखते हैं अरभयजाअनहा अव्वरीन असरभ तयजीह
इब्ने ऽल्दन
ू लरखते हैं कि हज़यत ऽदीजा िे फाद हज़यत अरी इब्ने अफी तालरफ
इख़्तेराफ़ नहीॊ, भगय इज़ख़्तराफ़ उनिे फाद भें है कि फीफी ऽदीजा (स.अ.व.व.) िे
फाद िौन ऩहरे ईभान रामा। साहे फे सीयत औय फहुत से अहरे इल्भ फमान ियते
िी है कि भैंने यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) िो नभाज़ ऩढ़ते हुए फेअसत िे फ़ौयन फाद
इस आरभ भें दे खा कि उनिे ऩीछे जनाफे ऽदीजा औय हज़यत अरी (अ.स.) खड़े
जज़यी ़यतफी ने इस्तेमाफ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 225 भहु द्रत है दयाफाद दिन भें अल्राभा
इब्ने असीय जयज़ी ने असद उरााफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 414 भहु द्रत लभस्र भें अल्राभा
इब्ने जयीय तफयी ने तायीऽे ़दीय ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 212 भहु द्रत लभस्र भें अल्राभा
39
साहे फे तफ़यीह अर अज़किमा ने सफीहतुर भहकफ़र से नक़्र किमा है कि
दोशम्फे िो यसर
ू े ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) भफऊसे रयसारत हुए हैं औय उसी हदन आखखये
ु़
भज़ु स्रभ अव्वर शहे भदाकने अरी -- इश़् या सयभामाए ईभाने अरी
उनिे फाये भें इस्राभ मा ईभान राने िा जुम्रा है इससे इज़हाये इस्राभ वा ईभान
सभझना चाहहए।
फ़यामज़ िी अदामगी फ़यभामी इसिे फाद खुरे फन्दों तफरीा िा हुक्भ आ गमा।
फ़सद अफेभह तोभय तो हुक्भ हदमा गमा है उसिी तिभीर ियो। भैं इस भ़ाभ
ऩय तायीऽ अफर
ु कफ़दा िे इश़् तयजभ
ु ा िी रफ़्ज़ फ रफ़्ज़ इफायत ऩर ियता
40
हूॉ ज़जसे भौराना ियीभ उद्दीन हनफ़ी इॊस्ऩेक्टय भद्रास ऩॊजाफ ने 1846 ई0 भें
किमा था।
अ़यफैन मानी डया अऩने िुन्फे वारों िो जो ़यीफ रयश्ते िे हैं। इस वक़्त हज़यत
औय एि फड़ा िासा दध
ू िा भेये वास्ते रा औय अब्दर
ु भत्त
ु लरफ िी औराद िो भेये
ऩास फर
ु ा िय रा ताकि भैं उससे िराभ िरूॊ औय सन
ु ाऊॉ उनिो वह हुक्भ ज़जस
आदभी िे थे फर
ु ामा, उन आदलभमों भें हज़यत िे चचा अफु तालरफ, हज़यते हभज़ा
लरमे िाफ़ी था। इसी दौयान हज़यत चाहते थे कि िुछ िहूॉ कि अफू रहफ जल्दी
41
आदभी अरग अरग हो गमे थे, चरे गमे। ऩैाम्फये ऽुद िुछ िहने न ऩामे थे मह
दे खा तन
ू े उस शख़्स ने िैसी सफ़त िी, भझ
ु िो फोरने ही न हदमा। अफ कपय
चन
ु ान्चे हज़यत अरी (अ.स.) ने दस
ू ये योज़ कपय भव
ु ाकफ़़े आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)
उस वक़्त यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) ने इयशाद किमा कि तुभ रोगों िी फहुत
अच्छी क़स्भत औय नसीफ है क्मों कि ऐसी चीज़ भैं अल्राह िी तयफ़ से रामा हूॉ
फ़यभामा है । िोई शख़्स तुभ भें से इस अम्र िा इक़्तेदा िय िे भेया बाई, वसी
िी गयदन ऩय हाथ भफ
ु ायि यख िय इयशाद फ़यभामा कि मह भेया बाई है औय
ियो। मह सन
ु िय सफ ़ौभ िे रोग भज़ा़ भें हॊ स िय खड़े हो गमे औय अफू
42
तालरफ से िहने रगे कि अऩने फेटे िी फात सन
ु औय इताअत िय मह तुझे हुक्भ
मव
ु ररा ख अफऱ
ु फ़फदा मतूफी 732 हहजरी की तहरीर ऩर मेरा वज़ाहत नोट
िी खखराफ़त
ु़ बफरा फ़सर िी फनु नमाद ़ाएभ ियती है । इस ऩय अभरे यसर
ू फ़ेरे
यसर
ू (स.अ.व.व.) औय ़ौरे यसर
ू (स.अ.व.व.) ने साबफत िय हदमा कि हज़यत
बफरा फ़स्र हैं उन्हीॊ िो उन्होंने अऩना जाॊ नशीन फनामा था ज़जसिी ज़जसिी
हदमा कि भेये फाद अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) ही भेये जानशीन औय ऽरीफ़ा
हैं।
भव
ु रयक ऽ अफू अर कफ़दा ने इस्राभ िी इस ऩहरी औय फनु नमादी दावते तफरीा
िी भन
ु ालसफ वज़ाहत फ़यभा दी है औय साफ़ रफ़्ज़ों भें वाज़े िय हदमा कि हज़यत
यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) ने हज़यत अरी (अ.स.) िो अऩना जानशीन औय ऽरीफ़ा
इसी फनु नमादी दावत िे भौ़े ऩय फना हदमा था औय रोगों िो हुक्भ दे हदमा था
43
कि फ़ इसभऊ इरहे व अतीमहू इनिी फात िान धय िय सन
ु ो औय इनिी इताअत
ियो।
िुछ िभो फेश रफ़्ज़ों िे साथ मह वा़ेमा तायीऽ तफयी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 217
106 भआ
ु लरभत
ु तनज़ीर फय हलशमा ऽाज़ज़न ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 105 ऽसाएस ननसाई
ऩष्ृ ठ 13, भसनद अहभद बफन हभफर ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 360, िनज़ुर भार ज़जल्द 6
ऩष्ृ ठ 397, सीयते इब्ने इसहा़, तफ़सीय इब्ने हानतभ, दराएर फहीिी, भन
ु ाक़फ
इभाभे अहभद, भस
ु ज़न्नफ़ अफू फिय इब्ने अफी शफीता, तायीऽे ऽभीस, तफ़सीय
इब्ने भयदम
ू ा, तफ़सीय लसयाजे भन
ु ीय, तफ़सीय लशफरी, तफ़सीये वाहे दी, हुरमतुर
भदारयज अर नफअ
ू ता अज़ारतुर ऽफ़ा तायीऽे इस्राभ अब्दर
ु हिीभ नशतय ज़जल्द
44
ज़ेहननमत िा ऩता चरता है नीज़ मह कि जयभन भें जो तायीऽे तफयी छऩी है
इसिी ज़जल्द 9 ऩष्ृ ठ 68 भें वसी व ऽरीफ़ती िे फजाम िज़ा व िज़ा दयज है
ज़जससे अहरे लभस्र िी तहयीफ़ी जद्दो जेहद िा अन्दाज़ा रगामा जा सिता है,
ऐराने नफव
ू त िे फाद अयफ िी ज़भीन औय अयफ िे आसभान मानी अऩने
ऩयामे सफ दश्ु भन हो गमे। उन दश्ु भनों भें अफू सकु फ़मान, अफू जेहर औय अफू रहफ
कि दश्ु भनों ने एि दफ़ा िम्फर उढ़ा िय भाय डारने िा इयादा िय लरमा था। इस
45
किमा भगय दश्ु भनों ने वहाॊ ऩहुॉच िय िोलशश िी कि मह रोग ठहयने न ऩाएॊ
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि इन हहजयत ियने वारों भें जाफ़ये तय्माय बी थे जो
उनभें सयफयाह िी है लसमत यखते थे। मह रोग 7 हहजयी ति वहीॊ ़माभ ियते यहे
दॉ ।ू भैं फ़तेह ऽैफय िी ऽुशी िो अहभ सभझॊू मा जाफ़ये तय्माय वाैया िी वाऩसी
िो अहलभमत दॊ ।ू
कि महाॊ िे वह फालशन्दे जो भस
ु रभान होते हैं चऩ
ु िे से हफशा चरे जाते हैं औय
वहाॊ आयाभ से फसय ियते हैं तो उनिी दश्ु भनी औय ज़ज़द व ़द औय फढ़ गमी
न बड़िा औय भस
ु रभानों िी हहभामत ियता यहा आखखयिाय
ु़ मह रोग ऽामफ व
46
हज़रते रिऱ
ू े करीम (.व.व.अ.ि) दारूऱ अरक़म में 6 फेअित
भव
ु रयक ऽ ज़ाकिय हुसन
ै फा हवारा सीयत इब्ने हश्शाभ िहते हैं कि जफ भस
ु रभान
हज़यत (स.अ.व.व.) अऩने फचे हुमे असहाफ िो साथ रे िय अय़भ बफन अफी
अय़भ बफन अब्दे भनाफ़ बफन असद िे भिान भें एि भहीने ति यहे । मह भिान
िोहे ऩष्ृ ठ िे ऊऩय वा़े था। आऩ वहाॊ रोगों िो इस्राभ िी तयफ़ दावत दे ते थे।
फेअित)
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि जफ िुफ़्फ़ाये ़ुयै श ने दे खा कि इस्राभ योज़ फ योज़
तयक़़्ी ियता चरा जा यहा है तो फहुत ऩये शान हुमे। ऩहरे तो िुछ ़ुयै श दश्ु भन
थे अफ सफ िे सफ भऽ
ु ालरफ़ हो गमे औय फा यवामते इब्ने हश्शाभ व इब्ने असीय
व तफयी, अफू जेहर बफन हश्शाभ, शेफा अतफा बफन यबफमा, नसय बफन हारयस, आस
47
साफ़ रफ़्ज़ों भें िहा कि भोहम्भद ने एि नमे भज़हफ िी शरू
ु आत िी है औय
हभाये ऽद
ु ाओॊ िो हभेशा फयु ा बरा िहा ियते हैं लरहाज़ा उन्हें हभाये हवारे िय दो,
हभ उन्हें ़त्र िय दें मा कपय आभादा फ जॊग हो जाओ। हज़यत अफू तालरफ ने
(स.अ.व.व.) अऩना िाभ फयाफय ियते यहे । िुछ हदनों िे फाद दश्ु भन कपय आमे
िहता हूॉ िहता यहूॉगा भैं किसी िी धभिी से डय नहीॊ सिता औय न भैं किसी
यख हदमा जामे तफ बी भैं अल्राह िे हुक्भ िो ऩहुॉचाने भें न रूिूगाॊ। भैं जो ियता
तालरफ ने फ़यभामा कि फेटा तुभ जो ियते हो ियते यहो भैं जफ ति ज़ज़न्दा हूॉ
तम्
ु हायी तयफ़ िोई नज़य उठा िय नहीॊ दे ख सिता। िुछ सभम िे फाद फा यवामत
तुभ फेविूफ़ी िी फातें ियते हो, मह िबी नहीॊ हो सिता। मह क्मो िय भज़ु म्िन है
48
िय दो। मह सन
ु िय उनिा ास्
ु सा औय फढ़ गमा औय उनिो सताने ऩय बयऩयू
तर
ु गमे। हज़यत अफू तालरफ (अ.स.) ने उसिे यद्दे अभर भें फनी हालशभ औय
फनी भत्त
ु लरफ से भदद चाही औय दश्ु भनों से िहरा बेजा कि िाफा व हयभ िी
िय दग
ू ाॊ। हज़यत अफू तालरफ िे इस िहने ऩय दश्ु भनों िे हदरों भें आग रग गई
िा फ़ैसरा था। तफयी भें है कि इस अहद नाभे िो भन्सयू बफन अियभा बफन
तवायीऽ भें है कि शोएफ िा दश्ु भनों ने चायों तयफ़ से बयऩयू नघयाव िय लरमा
था औय उनिो भि
ु म्भर ़ैद िय हदमा था इस ़ैद ने अहरे शोएफ ऩय फड़ी
भलु सफतें डारीॊ, ज़जसभानी औय रूहानी तिरीफ़ िे अरावा रयज़़् िी तॊगी ने उन्हें
49
ऩारि) ऩेड़ों िे ऩत्ते खाने रगे। नाते िुनफे वारे अगयचे चोयी छुऩे िुछ खाने ऩीने
फेचन
ै हो िय चीखते औय गचल्राते थे तो ऩड़ोलसमों िी नीॊद हयाभ हो जाती थी।
इस हारत भें बी आऩ ऩय वही नाज़ज़र होती यही औय हुज़ूय िाये रयसारत अॊजाभ
दे ते यहे ।
तीन सार िे फाद हश्शाभ बफन उभय बफन हयस िे हदर भें मह ख़्मार आमा कि
फच्चे बख
ू े यह यहे हैं, मह ठीि नहीॊ है । कपय उसने औय िुछ आदलभमों िो हभ
ख़्मार फना िय ़ुयै श िे जरसे भें इस सवार िो उठामा अफू जहर औय उसिी
फीवी उम्भे जभीर ज़जसे फ ज़फाने ़ुयआन हहभा रतर हतफ िहा जाता है ने
ववयोध (भऽ
ु ारेफ़त) किमा रेकिन अवाभ िे हदर ऩसीज उठे । इसी दौयान भें हज़यत
तभ
ु ने जो अहद नाभा लरखा है उसे दीभि खा गई है औय िागज़ िे उस हहस्से िे
50
हज़यत अफू तालरफ िे इस िहने ऩय अहद नाभा भॊगवामा गमा औय हज़यत
यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िा इयशाद इसिे फाये भें बफल्िुर सच साबफत हुआ
ज़जसिे फाद ़ुयै श शलभकन्दा हो गमे औय शोएफ िा नघयाव टूट गमा। उसिे फाद
हश्शाभ बफन उभय बफन हयस औय उसिे चाय साथी, ज़ुफयै बफन अफी, उभय्मा
भख़्ज़ूभी औय भत
ु अभ बफन अदी, अफर
ु फख़्तयी बफन हश्शाभ, ज़भाअ बफन असवद
बफन अर भत्त
ु लरफ बफन असद शोएफे अफू तालरफ भें गमे औय उन तभाभ रोगों िो
ु़
जो उसभें ़ैद थे उनिे घयों भें ऩहुॉचा हदमा। (तायीऽे तफयी, तायीखे िालभर, यौज़तुर
अहफाफ) भव
ु रयक ऽ इब्ने वाज़े ज़जनिा दे हाॊत 292 भें हुआ िा फमान है कि इस घटना
भस
ु रभान हो गमे। (अर मा़ूफी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 25 भुहद्रत नजफ़ 1384 हहजयी)
भव
ु ये ऽीन लरखते हैं कि 8 फेअसत भें ईयाननमों ने रूलभमों िो हया हदमा औय
चॊकू ि ईयानी आनतश ऩयस्त औय रूभी ईसाई अहरे किताफ थे इस लरमे िुफ़्फ़ाये
दख
ु िो हज़यत यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) ने अऩनी तसल्री से दयू किमा औय
51
फेअसत गुज़यने से ऩहरे रूभी ईयाननमों ऩय ाालरफ आमे इस ऩेशीन गोई िा ज़ज़क्र
ऩड़ाव डार हदमा था औय आगे फढ़ने िा ईयादा िय यहे थे लसफ़क अफनाए फ़ास़यस
तायीऽे तफयी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 360 भें है कि इस घटना िे सम्फन्ध भें ़ुयान भें
रफ़ज़ फज़ा सनीन आमा है ज़जसिे भानी दस िे हैं मानन फ़तेह दस सार िे
अन्दय होगी चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ।
भत
ु अभ िा फमान है कि श़ उर ़भय िा भोज़जज़ा िोहे अफू ़ुफैस ऩय ज़ाहहय
52
िो दो टुिड़े ियने िी ख़्वाहहश ज़ाहहय िी थी। मह वाक़मा चौहदवी यात िो हुआ
िा ज़ज़क्र तायीऽ फ़रयश्ता भें बी है । हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) फ़यभाते
वफात 10 फेअित
ग्मायह हदन फाद फेअसत भाह शव्वार भें हज़यत अफू तालरफ ने इन्ते़ार किमा।
फयवामते इब्ने वाज़े इस वक़्त इनिी उम्र 86 सार िी थी। (अर मा़ूफी ज. 2 स.
28) िशभीय तवायीऽ भें है कि इनिी वफ़ात िे तीन हदन फाद जनाफे ऽतीजतुर
िुफया ने बी इन्ते़ार फ़यभामा उस वक़्त इनिी उम्र 65 सार िी थी। (अर मा़ूफी
53
उन दो अज़ीभ हभदक दों औय भददगायों िे इन्ते़ार ऩयु भरार से हज़यत
यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िो सख़्त यॊ ज ऩहुॉचा। आऩने शदीद यॊ ज व ाभ अैय
यख हदमा।
भक्िा िे ़ब्रस्तान हजून भें एि ऩहाड़ी ऩय वा़े है । मह ़ब्रें ऩहरे गुम्फद वारी
न थीॊ। फा यवामत भव
ु रयक ऽ ज़ाकिय हुसन
ै , लभज़ाक असाय हुसन
ै , अरी फ़सीह
ियामा था।
दश्ु भनों िी ईज़ा यसाई उरूज िो ऩहुॉच गई। फायवामते तायीऽे खभीस हज़यत िी
कि ताएफ़ भें फनी स़ीफ़ यहते हैं औय वहीॊ चचा अब्फास िी ज़भीन है । ताएफ़
रे िय यवाना हो गमे। यास्ते भें फनी फिय औय फनी ़हतान भें ठहयना चाहा भगय
54
िोई सयू त नज़य न आई बफर आखखय
ु़ ताएफ़ चरे गमे जो भक्िा से सत्तय भीर िे
नहीॊ िी फज़ल्ि ऩत्थय भायते हुए फ़सीरे शहय से फाहय ननिार हदमा। आऩिे ऩाॊव
भस
ु रभान हो गमे, कपय आऩने ज़ैद िो भक्िे बेजा कि किसी भददगाय िा ऩता
बफन्ते ज़भ ़्आ से ननिाह किमा औय इसी सार हज़यत आमशा बफन्ते अफी फक्र से
55
एि यवामत भें हज़यत आमशा िा मह ़ौर लभरता है कि भेयी भाॉ भझ
ु े ििड़ी
फेअित
गगयोह भें 6 अफ़याद थे। हज़यत ने उनिे साभने ़ुयाने भजीद िी नतरावत िी
उन्होंने मसयफ भें जा िय िाफ़ी तफरीा िी औय वहाॊ िे घयों भें इस्राभ िा चचाक
हो गमा।
56
सफ़य उम्भे हानी िे घय से शरू
ु हुआ था। ऩरहे आऩ फैतुर भ़
ु द्दस तशयीफ़ रे
गमे कपय वहाॊ से आसभान िी तयफ़ यवाना हुए। भॊज़ज़रे आसभानी िो तम ियते
हुमे एि ऐसी भॊज़ज़र ऩय ऩहुॉचे ज़जसिे आगे ज़जब्राईर िा जाना ना भज़ु म्िन हो
ज़जस्भ सभेत गमे औय फ़ौयन वाऩस आमे। ़ुयान भजीद भें असया फे अब्दे ही आमा
रूहानी िे ़ामर हैं ाल्ती ऩय हैं। (शयए अ़ाएदे नस्फ़ी ऩष्ृ ठ 68) भेयाज िा इ़याय
फाऩ िी औराद थे इनिा भसिने ़दीभ (ननवास स्थान) ऩयु ाना मभन था। यसर
ू े
57
था ज्मोंही यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) वहाॊ तशयीफ़ रे गमे उसिा नाभ भदीनातुर
यसर
ू हो गमा। कपय फाद भें भदीना िहराने रगा। मह शहय भक्िा िे शभ
ु ार
सार भस
ु रभान हो िय भदीने वाऩस गमे थे ऩाॊच आदलभमों िे साथ सात 7
िा अहद किमा। मह फैअत बी उसी उ़फा िे भिान भें हुई जो भक्िे से थोड़े
ऩय फैअत हुई कि ऽुदा िा िोई शयीि न ियो, चोयी न ियो, फरात्िाय न ियो,
(तायीऽे अफर
ु कफ़दा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 52)
58
फैअते उक़फा (दि
ू री)
(स.अ.व.व.) िी खखदभत
ु़ भें उन रोगों िो ऩेश किमा वह भस
ु रभान हो चि
ु े थे
हहजरते मदीना
14 फेअसत भफ
ु ाबफ़ 622 ई0 भें हुक्भे यसर
ू (स.अ.व.व.) िे भत
ु ाबफ़
भस
ु रभान चोयी नछऩे भदीने िी तयफ़ जाने रगे औय वहाॊ ऩहुॉच िय उन्होंने अच्छा
ियना चाहहमे। किसी ने िहा भोहम्भद िो महीॊ ़त्र िय हदमा जामे ताकि उनिा
दीन ही ऽत्भ हो जामे। किसी ने िहा ज़जरा वतन िय हदमा जामे। अफू जहर ने
59
उन्हें ़त्र िय दें ताकि ़ुयै श ऽॊू फहा न रे सिें। इसी याम ऩय फात ठहय गई
घय से फाहय ननिरे औय उनिी आॊखों भें झोंिते हुए इस तयह ननिर गमे जैसे
िुफ्र से ईभान ननिर जामे। अल्राभा लशब्री लरखते हैं कि मह सख़्त ऽतये िा
िय चि
ु े हैं औय आज यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) िा बफस्तये ख़्वाफ ़त्रगाह िी
ज़भीन है रेकिन फ़ातेहे ऽैफय िे लरमे ़त्रगाह फ़शे गुर था। (सीयतुन नफी व
ऽद
ु ा ने ज़जब्राईर औय भीिाईर िो बेज हदमा था, मह दोनों सायी यात अरी िी
(स.अ.व.व.) िे यवाना होते ही हज़यत अफू फिय ने उनिा ऩीछा किमा आऩने यात
60
िे अन्धेये भें मह सभझ िय कि िोई दश्ु भन आ यहा है अऩने ़दभ तेज़ िय
है कि यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) ने अफू फिय बफन ़हाफ़ा से एि ऊॉट ऽयीदा औय
भदारयजुर नफव
ू त भें है कि हज़यत अफू फिय ने दो सौ हदयहभ भें ऽयीदी हुई
ऊॉटनी आॊ हज़यत िे हाथ 900 नौ सौ हदयहभ िी फेची इसिे फाद मह दोनों ााये
तीन भीर दक्षऺण िी तयफ़ ज़स्थत है । इस ऩहाड़ िी चोटी त़यीफन एि भीर ऊॉची
है सभन्
ु द्र वहाॊ से हदखाई दे ता है ।
(तरऽीस सीयतन
ु नफी ऩष्ृ ठ 169 व ज़य़ानी)
फफर
ू िा ऩेड़ उगा हदमा। भिड़ी ने जारा तना, िफत
ू य ने अन्डे दे हदमे औय ााय
िय वाऩस हो गमे। अजामफ अर ़सस ऩष्ृ ठ 257 भें है कि इसी भौ़े ऩय हज़यत
ने िफत
ू य िो ऽानाए िाफा ऩय आिय फसने िी इजाज़त दी। इससे ऩहरे औय
61
ााये सौय भें ऩहुॉच।े इतवाय िे हदन 4 यफीउर अव्वर ति ााय भें यहे । हज़यत अरी
(अ.स.) आऩ रोगों िे लरमे यात भें खाना ऩहुॉचाते यहे । चौथे योज ऩाॊच यफीउर
ईनाभ भें हदमे जाऐॊगे। इस ऩय सया़ा इब्ने भालरि आऩिी ऽोज रगाता हुआ ााय
ति ऩहुॉचा उसे दे ख िय हज़यत अफू फिय योने रगे तो हज़यत ने फ़यभामा योते
क्मों हो ऽुदा हभाये साथ है सया़ा ़यीफ ऩहुॉचा ही था कि उसिा घोड़ा उसिे ज़ानू
उसने भाफ़ी भाॊगी, हज़यत ने भाफ़ी दे दी। घोड़ा ज़भीन से ननिर आमा। वह जान
भोहम्भद (स.अ.व.व.) िा ऩता नहीॊ लभरता। अफ दो ही सयू तें हैं मा ज़भीन भें सभा
ऩहाड़ी है । आऩिा ऊॉट उस जगह ऽुद ही रूि गमा औय आगे न फढ़ा। आऩ उतय
62
ऩड़े। वहाॊ िे यहने वारों ने ऽुशी िे भाये नाया ए तिफीय फर
ु न्द किमा। आऩने महाॊ
सफ
ु ि
ु दोशी हालसर ियने िे फाद आॊ ऩहुॉच।े आऩिे साथ औयतें औय फच्चे थे।
औयतें औय फच्चे ऊॉटों ऩय सवाय थे औय हज़यत अरी (अ.स.) ऩैदर थे। इसी वजह
फनी सालरभ भें नभाज़ िा वक़्त आ गमा आऩने नभाज़े जुभा महीॊ अदा फ़यभाई।
मह इस्राभ भें सफ से ऩहरी नभाज़े जुभा थी। मह वही जगह है जहाॊ अफ भज़स्जदे
नफवी है ।
भज़स्जद िी फनु नमाद डारी जो फहुत सादगी िे साथ तैमाय िी गई। उसिी ज़भीन
अफू अय्मफ
ू अॊसायी ने ऽयीदी औय उसभें भज़दयू ों िी है लसमत से दस
ू ये असहाफ िे
साथ आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) बी िाभ ियते यहे । भज़स्जद िे साथ साथ हुजये बी
63
नमे भस
ु रभान ठहयामे जाते थे। उन्हीॊ रोगों िो अस्हाफे सफ़्
ु फ़ा िहा जाता था औय
ऽल्दन
ू िे अनस
ु ाय इसी सार ज़िात बी फ़ज़क िी गई।
अज़ान व अ़ाभत
ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) से बफरार (य.अ.) िो तारीभ िय दी औय वह भस्
ु तक़र
64
नज़या भें है कि वहाॊ हज़यत अफू फिय िो उभय िा तरहा िो ज़ुफयै िा, उस्भान
िो अब्दर
ु यहभान िा, हभज़ा िो इब्ने हायसा िा औय अरी (अ.स.) िो खद
ु
हज़यत अफू फिय कफ़य हज़यत उभय ने ऩैााभ बेजा। िन्ज़ुर आभार 7 ऩष्ृ ठ 113
लरमा। रयमाजर
ु ु़ नज़या ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 184 भें है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने
65
हज़यत अरी (अ.स.) से ऽुद फ़यभामा कि ऐ अरी भझ
ु से ऽुदा ने िह हदमा है कि
तहवीरे िाफा
तयफ़ भोड़ हदमा गमा। क़फरा चॊकू ि आरभे नभाज़ भें फदरा गमा इस लरमे आॊ
क़फरतैन भैं ही वह हूॊ ज़जसने एि नभाज़ फमि वक़्त (एि ही सभम) भें दो
66
जेहाद
जफ ़ुयै श िो भारभ
ू हुआ कि यसर
ू े इस्राभ (स.अ.व.व.) फऽैय व ऽूफी भदीना
आऽों भें ऽन
ू उतय आमा औय दनु नमा अॊधेय हो गमी औय वह भहदने िे महूहदमों
िे साथ लभर िय िोलशश ियने रगे कि इस फढ़ती हुई ता़त िो िुचर दें । इसिे
इस्राभ िे साथ तशयीफ़ रे गमे ऐसी भहु हभों िो ाज़वा िहते है औय ज़जन भौिों
उनिो सरयमा िहा जाता है । ाज़वात िी िुर सॊख्मा 26 है ज़जनभें फद्र, ओहद,
खन्द़ औय हुनन
ै फहुत भशहूय हैं औय सरयमों िी सॊख़्मा 36 थी ज़जनभें सफसे
जॊगे फद्र
भदीना ए भन
ु व्वया से त़यीफन 80 भीर ऩय फद्र एि गाॊव था। भदीने भें ऽफय
ऩहुॉची कि ़ुयै श फड़ी आभादगी िे साथ भदीने ऩय हभरा ियने वारे हैं औय सन्
ु ने
भें आमा कि अफू सकु फ़मान 30 सवायों िे साथ हज़ाय आदलभमों िे िाकफ़रे िो रे
67
हज़यत यसर
ू े खदा
ु ु़ (स.अ.व.व.) 313 सागथमों िे साथ यवाना हुमे औय भ़ाभे फद्र
ऩय जा उतये । िुयु़ ै श 950 आदलभमों िी टोरी िे साथ अफू ू सकु फ़मान से लभरने िे
अतफा, शैफा, वरीद बफन अतफा औय इस्राभ िे फहुत से दश्ु भन भाये गमे। इस
ऩहरी इस्रभी जॊग िे अरभ फयदाय हज़यत अरी (अ.स.) थे। ़ैहदमों भें नसय बफन
कफ़दमा (कफ़दमे िा ऩैसा) रे िय छोड़ हदमा गमा। हज़यत अफू फक्र ने इस ाज़वे भें
जॊग नहीॊ िी। ाज़वाए फद्र िे फाद िुफ़्फ़ाय िा घय घय भातभ िदा फन गमा औय
मह जॊग यभज़ान िे भहीने 2 हहजयी भें हुई। इसी 2 हहजयी भें योज़े फ़ज़क किमे
68
3 हहजरी के अहम वाकेयात
जॊगे ओहद
जॊगे फद्र िा फदरा रेने िे लरमे अफू सकु फ़मान ने तीन हज़ाय (3000) िी फ़ौज
ऽालरद बफन वरीद सयदाय था। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे साथ ऩयू े एि हज़ाय
हज़यत (स.अ.व.व.) ने भस
ु रभानों िो तािीद िय दी थी कि िाभमाफी िे फाद बी
ऽुदा औय यसर
ू (स.अ.व.व.) िे हुक्भ िी खखराफ़
ु़ वयज़ी ियिे भारे ानीभत (जॊग
जीतने ऩय प्राप्त धन दौरत) िी रारच भें अऩनी जगह से हट गमा ज़जसिे नतीजे
भें ननज़श्चत जीत हाय भें फदर गई। हज़यत हभज़ा असद उल्राह शहीद हो गमे,
भैदान भें बगदड़ ऩड़ गई, फड़े फड़े ऩहरवान औय अऩने िो फहादयु िहने वारे
भें जॊग भें छोड़ िय बाग गमे। फयवामते अर मा़ूफी िी ऩष्ृ ठ 39 िी यवामत िे
अनस
ु ाय िेवर तीन सहाफी यह गमे ज़जनभें हज़यत अरी (अ.स.) औय दो औय थे।
फऽ
ु ायी िी यवामत िे अनस
ु ाय हज़यत अफू फिय औय हज़यत उभय औय हज़यत
69
उस्भान बी बाग ननिरे। दयु े भन्शयू ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 88 िॊज़ुर आभार ज़जल्द 1
ऩष्ृ ठ 238 भें है कि हज़यत अफू फिय ऩहाड़ िी चोटी ऩय चढ़ गमे थे वह िहते हैं
कि भैं चोटी ऩय इस तयह उचि यहा था जैसे ऩहाड़ी फियी उचिती है । ़ुयाने
भझ
ु े अिेरा छोड़ िय िहाॊ जा यहे हो भगय िोई ऩरट िय नहीॊ दे खता था। (ऩाया 4
िी तयफ़ पेंिा ज़जसिी वजह से आऩिे दो दाॊत शहीद हो गमे औय भाथे ऩय िाफ़ी
एि गढ़े भें गगय ऩड़े। जफ सफ बाग यहे थे, उस सभम हज़यत अरी (अ.स.) जॊग
िय यहे थे औय यसर
ू (स.अ.व.व.) िी हहफ़ाज़त बी िय यहे थे। आखखय
ु़ िाय
थी दस
ू ये हदन सफ
ु ह िे वक़्त भदीने िो यवानगी हुई। इस जॊग भें 70 भस
ु रभान
िाकफ़य अरी िे हाथ ़त्र हुमे। इस जॊग भें बी अरभदायी िा ओहदा (ऩद) शेये
भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि हज़यत अरी (अ.स.) भहवे जॊग यहे आऩिे ज़जस्भ ऩय
सोरह ज़फे रगीॊ औय आऩिा एि हाथ टूट गमा था। आऩ फहुत ज़ख़्भी होने िे
फावजूद तरवाय चराते औय दश्ु भनों िी सफ़ों िो उरटते जाते थे। (सीयतुन नफी ज़ज0
70
1 ऩष्ृ ठ 277) इसी दौयान भें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा अरी तुभ क्मो नहीॊ
बाग जाते? अज़क िी भौरा क्मा ईभान िे फाद िुफ्र इख़्तेमाय िय रॉ ।ू (भदारयज अर
ू त) भझ
नफव ु े तो आऩ ऩय ़ुफाकन होना है । इसी भौ़े ऩय हज़यत अरी (अ.स.) िी
भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे ज़ख़्भी होते ही किसी ने मह
कफ़दाई भ़ाभे ओहद ऩय ऩहुॉचे ज़जनभें आऩिी रख़्ते ज़जगय हज़यत पातेभा
(स.अ.व.व.) बी थीॊ।
क्सीय तवायीऽ भें है कि दश्ु भनाने इस्राभ िी औयतों ने भज़ु स्रभ राशों िे साथ
फयु ा सर
ु ि
ू किमा। अभीये भाववमा िी भाॊ ने भस
ु रभान राशों िे नाि िान िाट
लरमे औय उनिा हाय फना िय अऩने गरे भें डारा औय अभीय हभज़ा िा ज़जगय
ननिार िय चफामा। इसी लरमे भादये भाववमा हहन्दा िो ज़जगय ख़्वाया (ज़जगय खाने
71
भदीना भातभ िदा फन गमा
अल्राभा लशब्री लरखते हैं कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) भदीने भें तशयीफ़ रामे
तो तभाभ भदीना भातभ िदा था। आऩ ज़जस तयफ़ से गुज़यते थे घयों से भातभ
िी आवाज़ें आती थीॊ। आऩिो इफयत हुई कि सफिे रयश्तेदाय भातभ दायी िा फ़ज़क
अदा िय यहे हैं रेकिन हभज़ा िा िोई नौहा ख़्वाॊ नहीॊ है । रयक़़्त िे जोश भें
1 ऩष्ृ ठ न0 283) मह जॊग भॊगर िे हदन 15 शव्वार 3 हहजयी भें हुई। हज़यत
72
4 हहजरी के अहम वाक़ेयात
भोहयक भ 4 हहजयी भें फनी असद ने भदीने ऩय हभरा ियना चाहा ज़जसे योिने िे
लरमे आऩने अफू सरभा िो बेजा उन्होंने दश्ु भनों िो भाय बगामा। कपय सकु फ़मान
सफ़य 4 हहजयी भें अफू फया आलभय बफन भालरि ़राफी िी दयख़्वास्त ऩय आॊ
औय एि शख़्स आलभय बफन तुफ़ैर िे ऩास बेजा उसने ़ालसद िो ़त्र िय हदमा
(स.अ.व.व.) उसिे भत
ु ालरफे िे लरमे िुछ असहाफ िे साथ फनी नज़
ु ैय िे ऩास गमे
73
उन्होंने भत
ु ालरफा तो ़ुफर
ू िय लरमा भगय आऩिो ़त्र िय दे ने िा मह ऽुकफ़मा
चन
ु ान्चे उभय बफन हज्जाश महूदी फारा ऽाने ऩय गमा हज़यत िो इसिी इत्तेरा
थे ज़जसिा नाभ ज़हया था। मह क़रा भदीने से 3 भीर िे फ़ासरे ऩय था। हज़यत
अफी खखयजी
ु़ भन
ु ाकफ़़ िे फहिाने से फात न भानी क़रे िा नघयाव िय लरमा गमा
आखखय
ु़ वह रोग 6 हदन भें वहाॊ से बाग गमे।
उनिो आगे फढ़ने से योिने िे लरमे आगे फढ़े रेकिन वह साभने न आमे औय बाग
ु कफ़दा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 88) इसी 4 हहज़यी भे ाज़वा फद्र सानी (दस
(अफर ू यी फद्र) बी ऩेश
आमा रेकिन जॊग नहीॊ हुई। इस ाज़वे भें बी हज़यत अरी (अ.स.) अरभ फयदाय
74
थे। इसी सार शाफान िे भहीने भें हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ऩैदा हुए औय उम्भे
योज़ औय सफ
ु ह शाभ भस
ु रभानों से फदरा रेने िे लरमे इसिीभे फनामा ियते थे।
ति न यहे । चन
ु ान्चे उसभें से िुछ रोग भक्िा चरे गमे औय अफू सकु फ़मान िो
फर
ु ा िय फनी ातफ़ान औय ़ैस से रयश्तए अऽव
ू त ़ाएभ िय लरमा औय एि
हभरा ियें ताकि इस्राभ िी फढ़ती हुई ता़त िा ़रा ़भा हो जाए। स्िीभ
भि
ु म्भर होने िे फाद इसिो अभरी जाभा ऩहनाने िे लरमे अफू सकु फ़मान 4 हज़ाय
75
आॊ हज़यत िो इस हभरे िी इत्तेरा ऩहरे हो चि
ु ी थी इसी लरमे आऩने भदीने
खुद बी िभारे जाॊ कफ़शानी िे साथ रगे यहे । इस जॊग भें अन्दरूनी ऽरकफ़शाय
औय भन
ु ाकफ़िो िी ये शादवाननमाॊ बी जायी यहीॊ। जरारउद्दीन स्मत
ू ी िा िहना है
बफन अफदोवद
ु जो कि रवी बफन ाालरफ िी नस्र से था औय अयफ भें एि हज़ाय
औय हर लभन भफ
ु ारयज़ िी सदा दी। अम्र बफन अफदोवद
ु िी आवाज़ सन
ु ते ही उभय
76
मानी फहुत ही फहादयु है । मह सन
ु िय भस
ु रभानों िे यहे सहे होश बी जाते यहे ।
िे भ़
ु ाफरे िी हहम्भत हदराई रेकिन एि नौजवान फहादयु िे अरावा िोई न
सनिा। तायीऽे ऽभीस यौज़तुर अहफाफ औय यौज़तुर ऩष्ृ ठ भें है कि तीन भयतफा
दी भगय हज़यत अरी (अ.स.) िे लसवा िोई न फोरा। तीसयी भयतफा आऩने अरी
तालरफ हूॉ।
ननिरने िे लरमे तैमाय किमा। आऩने ज़ेयह ऩहनाई अऩनी तरवाय िभय भें डारी,
हाथ उठा िय अज़क िी, ऽुदामा जॊगे फद्र भें उफैदा िो, जॊगे ओहद भें हभज़ा िो दे
चि
ु ा हूॉ ऩारने वारे अफ भेये ऩास अरी (अ.स.) यह गमे हैं भालरि ऐसा न हो कि
औय साथ ही साथ िहा फयज़र ईभान िुल्रहू इल्र िुफ़्र िुल्रहू आज िुल्रे ईभान
िुल्रे िुफ्र िे भ़
ु ाफरे भें जा यहा है । (हमातुर है वान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 238 व सीयते
77
अर ायज़ आऩ यवाना हो िय अम्र िे भ़
ु ाफरे भें ऩहुॉच।े अल्राभा ज़श्ब्री िा
ना भज़ु म्िन कपय फ़यभामा ! अच्छा भैदाने जॊग से वाऩस जा उसने िहा मह बी
िोई शख़्स बी भझ
ु से मह िह सिता है जो तभ
ु िह यहे हो, भगय दे खो भैं
ऩहुॉची। हज़यत अरी (अ.स.) ने जो सॊबर िय हाथ भाया तो अम्र बफन अब्दवद
ु
हय एि दआ
ु ऐॊ भाॊग यहा था। जफ अम्र से हज़यत अरी (अ.स.) रड़ यहे थे तो ऽाि
78
हो गमे। इस्राभ िी हहफ़ाज़त औय अरी (अ.स.) िी सराभती िी ऽुशी भें आऩने
एि ज़यफते अरी (अ.स.) भेयी सायी उम्भत वह चाहे ज़भीन भें फस्ती हो मा
ने फयावामत सर
ु भ
ै ान ़नदज़
ू ी, आसभान से अनाय रा िय तोहफ़ा इनामत किमा।
हज़यत अरी (अ.स.) भैदाने जॊग से िाभमाफो िाभयान वाऩस हुमे औय अम्र बफन
अब्द वद
ु िी फहन बाई िी राश ऩय ऩहुॉची औय खोदो ज़ज़यह फदस्तयू उसिे ज़जस्भ
(आदयणीम) फहादयु ने ़त्र किमा है । उसिे फाद िुछ शेय ऩढ़े ज़जनिा भतरफ मह
79
कि फ़तेह िे फाद जफ हज़यत अरी (अ.स.) वाऩस हुए तो हज़यत अफू फिय औय
ियना चाहता है । आऩने उसे योिने िे लरमे 2 शाफान 5 हहजयी िो इनिी तयफ़
फढ़े । हज़यत अरी (अ.स.) अरभदाये रशिय थे। घभासान िी जॊग हुई, भस
ु रभान
िाभमाफ हुए। वाऩसी िे भौ़े ऩय हज़यत आमशा इसी जॊगर भें यह गईं। जो फाद
ने शि
ु ू ि िा चयचा िय हदमा। फायवामत तायीऽे आइम्भा आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)
फ़यभामा भझ
ु े जहाॊ ति भारभ
ू है भैं अऩनी फीवी भें लसवाम नेिी औय बराई िुछ
नहीॊ ऩाता औय ज़जस भदक मानी सफ़वान इब्ने भाअतर िे फाये भें जो रोग चयचा
ियते हैं भैं इसभें बी किसी तयह िी ऽयाफी नहीॊ ऩाता, वह फे शि भेये घय भें
आभदो यफ़्त यखता था भगय हभेशा भेये हुज़ूय भें । (उम्भेहात अर उम्भा ऩष्ृ ठ 166)
इसी 5 हहजयी भें ाज़वाए फनी ़ुयै ज़ा, सयमा, सैफ़ अर फहय, ाज़वए फनी
80
भह
ु ीउद्दीन इब्ने अयफी इसी 5 हहजयी भें सफ़ये ऽन्द़ िे भौ़े ऩय आॊ हज़यत
(स.अ.व.व.) ने ऽद
ु अज़ान भें हय्मा अरा ऽैरयर अभर िा हुक्भ हदमा। किफरयमत
तयजुभा भज़ु स्रभ ऩष्ृ ठ 528 व िनज़ुर आभार ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 226 वाज़े हो कि
रेकिन हज़यत उभय ने उसे अऩने अहद भें अज़ान से ऽारयज (ननिार) िय हदमा।
भर
ु ाहे ज़ा हो (नीर अर वताया, इभाभे शोिानी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 339 व सही भुज़स्रभ
सर
ु ह
ै हुदैबफमा ज़ी़ाद 6 हहजयी भत
ु ाबफ़ 628 ई0 भें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.)
िी फैअत री। इसी िो फैत अर रयज़वान िहते हैं औय फैअत ियने वारों िो
असहाफे सभ
ु या से ताफीय किमा जाता है । ़ुयै श िे ऐरची उयवा ने िहा कि इस
सार हज से फाज़ आएॊ औय मह बी िहा कि भैं आऩिे हभयाह ऐसे रोग दे ख यहा
फज़यआरात चस
ू ने िी गारी दी। इसिे फाद आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) फायवामत इब्ने
81
असीय हज़यत उभय िो ़ुयै श िे ऩास इस लरमे फेजना चाहा कि वह उन्हें सभझा
फझ
ु ा िय सर
ु ह ियने ऩय याज़ी िय रें रेकिन वह ना गए औय हज़यत उस्भान िो
बेजने िी याम दी हज़यत उस्भान जो अफू सकु फ़मान िे बतीजे थे इनिे ऩास गए
ने सर
ु ह िय री। सर
ु ह नाभा हज़यत अरी (अ.स.) ने लरखा है । तयफ़ैन से शाहदते
रे री गईं। इस सर
ु ह िे फाद ़ुयै श फे खटिे भस
ु रभान होने रगे औय भक्िे भें
बफरा भज़ाहभत ़ुयान ऩढ़ा जाने रगा क्मों कि अभन ़ाएभ हो गमा औय यसर
ू
6 ऩष्ृ ठ 77 भें है कि सर
ु ह
ै हुदैबफमा िे फाद हज़यत उभय ने िहा कि भोहम्भद
(स.अ.व.व.) िी नफव
ू त भें जैसा भझ
ु े आज शि हुआ है िबी नहीॊ हुआ था। मह
इब्ने ऽल्दन
ू ऩष्ृ ठ 361)
तायीऽे इस्राभ एहसान उल्राह अब्फासी भें है कि हुदैबफमा से वाऩस होते हुए
82
ाज़वह ज़ी ़यद, सयमा दो भताउर ज़जन्दर, सयमा कफ़द़, सयमा वाहदउर ़ुया
़फीराए भज़
ु ीना िी औयत हरीभा औय उसिे शौहय िो गगयफ़्ताय िय िे आऩिी
खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य किमा आऩने लभमाॊ फीवी दोनों िो आज़ाद िय हदमा। (तायीऽे
िालभर बफन असीय ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 78 व अर य़ कफ़र इस्राभ, रेखि अती़ुय यहभान
कि भदीने भें ज़जरा वतन महूहदमों ने उनसे लभर िय उनिे हौसरे फरन्द िय हदमे
डारने िा भन्सफ
ू ा फाॊधा औय उसिे लरमे भि
ु म्भर फ़ौजे तैय्माय रीॊ। जफ आॊ
ऽत्भ ियने िे लरमे भदीने से फयाभद हुए औय ऽैफय भें ऩहुॉच िय क़रा फन्दी िय
83
री औय भस
ु रभान उन्हें घेये भें रे िय फयाफय रड़ते यहे रेकिन क़रै ़भस
ू फ़तेह
न हो सिा।
(स.अ.व.व.) ने क़रा फ़तेह ियने िे लरमे हज़यत उभय िो बेजा कपय हज़यत अफू
फिय िो यवाना किमा उसिे फाद कपय हज़यत उभय िो हुक्भे ज़जहाद हदमा रेकिन
मह हज़यात नािाभ वाऩस आमे। (तायीऽे तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 93 भें है कि तीसयी
खखदभत
ु़ भें ऩहुॉच यहा था यास्ते भें बागते हुए रश्िय वारों ने लसऩहे साराय िी
फज़
ु हदरी ऩय इजभा िय लरमा औय साराये रश्िय इन रशिरयमों िो फज़
ु हदर िह
वारा होगा औय किसी हार भें बी भैदाने जॊग से न बागे गा। वह ऽुदा व यसर
ू
फ़तेह न दे दे गा।
84
भें है कि हज़यत उभय िहते हैं कि भझ
ु े सयदायी िा है सरा आज िे योज़ से ज़्मादा
यात गज़
ु ायी औय सफ
ु ह होते ही अऩने िो आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे साभने ऩेश
अमना अरी इब्ने अफू तालरफ िी आवाज़ फरन्द हुई, रोगों ने हुज़ूय वह तो
आशोफे चश्भ भें भज़ु ब्तरा हैं, आ नहीॊ सिते। हुक्भ हुआ कि जा िय िहो कि यसर
ू े
ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) फर
ु ाते हैं। ऩैााभ ऩहुॉचाने वारे ने यसर
ू (स.अ.व.व.) िी आवाज़
रगामा आशोफे चश्भ जाता यहा। हुक्भ हुआ अरी भैदाने जॊग भें जाओ औय क़राए
़भस
ू िो फ़तेह ियो। अरी (अ.स.) ने यवाना होते ही ऩछ
ू ा हुज़यू ! िफ ति रडूॉ ु़
हुक्भे यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩा िय अरी (अ.स.) भैदान भें ऩहुॉच।े ऩत्थय ऩय अरभ
रगामा। एि महूदी ने ऩछ
ू ा आऩिा नाभ क्मा है फ़यभामा अरी इब्ने अफी तालरफ
उसने अऩनों से िहा कि (तौयै त) िी ़सभ मह शख़्स ज़रूय जीत रेगा क्मों कि
इस क़रे िे फ़ातेह िे जो लसफ़ात तौयै त भें फमान किमे गमे हैं वह बफल्िुर सही
85
हैं इसभें सफ लसफ़ात ऩाए जाते हैं। अर ायज़ हज़यत अरी (अ.स.) से भ़
ु ाफरे िे
लरमे रोग ननिर ने रगे औय फ़ना िे घाट उतय ने रगे। सफ से ऩहरे हारयस ने
गमा। हारयस चॊकू ि भयहफ िा बाई था इस लरमे भयहफ ने जोश भें आ िय यजज़
िहते हुए आऩ ऩय हभरा किमा। आऩने इसिे तीन बार वारे नैज़े िे वाय िो
ति दो टुिड़े हो गमे। भयहफ िे भयने से अगयचे हहम्भतें ऽत्भ हो गईं थीॊ रेकिन
जॊग जायी यही औय अन्तय यफी मालसय जैसे ऩहरवान भैदान भें आते औय भौत िे
फीच भें एि शख़्स ने आऩिे हाथ ऩय एि ऐसा हभरा किमा कि लसऩय छूट िय
ज़भीन ऩय गगय गई औय एि दस
ू या महूदी उसे रे बागा। हज़यत िो जरार आ
दफा हदमा। आऩिी उॊ गलरमाॊ उसिी चौखट भें इस तयह दय आईं जैसे भोभ भें
रौहा दय आता है । इसिे फाद आऩने झटिा हदमा औय ऽैफय िे क़रे िा दयवाज़ा
ज़जसे चारीस आदभी हयित न दे सिते थे, ज़जसिा वज़न फयवामत भआरयज अर
नफव
ू त आठ सौ भन औय फयवामत यौज़तुर ऩष्ृ ठ तीन हज़ाय भन था उऽड़ िय
आऩिे हाथ भें आ गमा औय आऩिे इस झटिे से क़रे भें ज़रज़रा आ गमा औय
86
इन्सानी ता़त िे फाहय था इस लरमे आऩने फ़यभामा भैंने दये क़रा ए ऽैफय िो
िूव्वते
ु़ यब्फानी से उखाड़ा है । उसिे फाद आऩने उसे लसऩय फनािय जॊग िी औय
इसी दयवाज़े िो ऩर
ु फना िय रशिये इस्राभ िो उस ऩय उताय लरमा। भदारयज
अर नफव
ू ा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 202 भें है कि जफ भि
ु म्भर फ़तेह िे फाद आऩ वाऩस
फ़रयश्तें तभ
ु से याज़ी व ऽश
ु हैं। अल्राभा शेऽ ऽन्दज़
ू ी किताफ ननमाफर
ु भोअदता
तुम्हायी ऽािे ़दभ तफरूकि सभझ िय उठा िय यखते। तायीऽ भें है कि फ़तेह
ु़
खैफय िे हदन हुज़ूय (स.अ.व.व.) िो दोहयी ऽुशी हुई थी। एि फ़तेह ऽैफय िी औय
दस
ू यी हफश से भयाजेअते जाफ़ये तैमाय िी। िहा जाता है कि इसी भौ़े ऩय एि
ु़
औयत जैनफ बफन्ते हारयस नाभी ने आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िो बन
ु े हुमे गोश्त भें
ज़हय हदमा था औय इसी जॊग से वाऩसी भें सहाफा िे भ़ाभ ऩय यजअते शम्स हुई
87
हज़रत अऱी (अ.ि.) के सऱये रजअते िम्ि
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि जफ आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) रश्िय सभेत ऽैफय से
वाऩसी भें भ़ाभे वादी अर ़या िी तयफ़ जाते हुए भ़ाभे सहाफा भें ऩहुॉचे औय
शरू
ु हुआ कि सयू ज डूफने से ऩहरे ऽत्भ न हुआ। हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.)
हज़यत अरी (अ.स.) िी गोद भें सय यखे हुए थे। जफ वही िा लसरलसरा ऽत्भ
ने नभाज़े अस्र बी ऩढ़ी मा नहीॊ? अज़क िी, भौरा ! नभाज़ िैसे ऩढ़ता, आऩिा सये
भफ
ु ायि ज़ानू ऩय था औय वही िा लसरलसरा जायी था। मह सन
ु िय हज़यत यसर
ू े
ियीभ (स.अ.व.व.) ने दआ
ु िे लरमे हाथ फरन्द किमे औय िहा कि फाये इराहा
(अ.स.) ने नभाज़े अस्र अदा िी। (हफीफ असीय, यौज़ातुर सफ़ा, यौजातु़ ुर अहफाफ, शयहे
88
आॊ िे दय आफ़ा़, गयद्द फत
ू ुयाफ।
तफऱीगी खत
ु त
ू
हज़यत िो अबी सर
ु ेह हुदमबफमा िे ज़रयमे से सि
ु ू न नसीफ हुआ ही था कि
िन्दा ियामा। इसिे फाद दनु नमा िे फादशाहों िो ऽत लरखे। इन हदनों अयफ िे
1. हुिूभते ईयान ज़जसिा असय भध्म ऐलशमा से ईया़ ति पैरा हुआ था।
3. लभस्र।
हज़यत ने फादशाहे हफश नजाशी, शाहे योभ, ़ैसय हयिुर, गवकयने लभस्र जयीह
89
आऩिे ऽुतूत िा फादशाहों ऩय अरग अरग असय हुआ। नजाशी ने इस्राभ
़ुफर
ू िय लरमा। शाहे इयान ने आऩिा ऽत ऩढ़ िय ास्
ु से िे भाये ऽत िे टुिड़े
बेज दे । उसने दो लसऩाही भदीने बेजे ताकि हुजयू ु़ िो गगयफ़्ताय ियें । हज़यत
(स.अ.व.व.) ने फ़यभामा, जाओ तुभ क्मा गगयफ़्ताय ियो गे, तुम्हें ऽफय बी है
ईयान भय चि
ु ा है । आऩिी इस ऽफय दे ने से फहुत से िाकफ़य भस
ु रभान हो गमे।
फड़ी आवबगत िी औय फहुत से तोफ़ो सभेत उसे वाऩस िय हदमा। इन तोहफ़ो भें
भारयमा क़ज़ब्तमा (आॊ हज़यत िी ऩत्नी) औय उनिी फहन शीयीॊ (जौजा ए हस्सान
बफन साबफत) एि दर
ु दर
ु नाभी घोड़ा हज़यत अरी (अ.स.) िे लरमे, माफ़ूय नाभी
हुिऱ
ू े फ़फदक़
कफ़दि ऽैफय िे इरा़े भें एि ़रयमा (गाॊव) है । फ़तेह ऽैफय िे फाद आॊ हज़यत
90
चाही कि आधी ज़भीन आॊ हज़यत िो दे दें औय आधी ऩय ऽुद ़ाबफज़ यहें । हज़यत
ने उसे भॊज़यू फ़यभामा लरमा। तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 95 भें है कि चॊकू ि मह फ़ेदि
ऩामा। दयु े भन्शयू ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ 177 भें है कि फ़ेदि िे ़ब्ज़े भें आते ही हुक्भे
ऽुदा नाज़ज़र हुआ वात ज़जर ़ुयफा हक़़्ा अऩने ़याफत दाय िो ह़ दे दो। शयह
फ़ातभा ज़ैहया (स.अ.व.व.) िो फतौये अनतमा फ़ेद़ दे हदमा। यौज़तुर ऩष्ृ ठ ज़जल्द 2
जनाफे सैय्मदा (स.अ.व.व.) िे नाभ हहफा िय दी। मही िुछ सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ
21, 22, वफ़ा अर वफ़ा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 63, फ़तावे अज़ीजी ु़ ऩष्ृ ठ 143, यौज़ातुर
रूिन 4 ऩष्ृ ठ 221, भोअजभ अर फरदान भें इस ज़भीन िो फहुत उऩजाऊ फतामा
गमा है औय िहा गमा है कि मह ज़भीन फहुत से चश्भों से सेयाफ होती थी। इसभें
िाफ़ी फागातु़ बी थे। अफू दाऊद िे किताफ ऽेयाज भें इसिी आभदनी 4000, चाय
91
एक वाकेया
इसी सार भ़ाभे सहाफा से वाऩसी भें ाज़वा वादी अर ़ुया वा़े हुआ। महूहदमों
महूदी थे। 3 सार अहदे रयसारत भें ज़ज़न्दगी फसय िी। आऩने 5304 ऩाॊच हज़ाय
तीन सौ चाय हदीसे नक़्र िी हैं। शयह भज़ु स्रभ नयू ी ऩष्ृ ठ 377, सही भज़ु स्रभ
ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 509, अरफ़ारू़ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 105, भीज़ान अर ़ूफया ज़जल्द 1
इन्हें झठ
ू ा जानते थे।
जॊगे भौता
जॊगे भौता उस भशहूय जॊग िो िहते हैं ज़जसभें इस्राभ िे तीन सयदाय एि िे
फाद एि शहीद हुए। ज़जनभें ववशेष स्थान जाफ़ये तैमाय िो हालसर था। भौता मह
ु़
शाभ िे इरा़े फल़्ा िा एि ़रयमा है । इस जॊग िा वािेमा मह है कि हुज़ूय
शाभ िे ईसाई हाकिभ शयजीर बफन अम्र ासानी िे ऩास बी बेजा। उसने हुज़ूय
92
(स.अ.व.व.) िे िालसद
ु़ हारयस इब्ने अभीय िो भौता िे भ़ाभ ऩय ़त्र िय हदमा
खखराफ़
ु़ किमा था रेहाज़ा आॉ हज़यत (स.अ.व.व.) ने तीन हज़ाय िी फ़ौज दे िय
अऩने ार
ु ाभ ज़ैद िो यवाना किमा औय मह प्रोग्राभ फना हदमा कि अगय मह ़त्र
इब्ने यवाह अरभदायी ियें (मानी सयदायी ियें ) भैदान भें ऩहुॉच िय भारभ
ू हुआ कि
भ़
ु ाफरे िे लरमे एि राख िा रश्िय आमा है । हुक्भे यसर
ू (स.अ.व.व.) था
रेहाज़ा हज़यते ज़ैद ने जॊग िी औय शहीद हो गमे। हज़यत जाफ़य ने अरभ सॊबारा
आखखयिाय
ु़ उन्होंने बी शहादत ऩाई। कपय औय एि फहादयु ने अरभ सॊबारा।
िो इस जॊग भें तीन लसऩाह सारायों िे ़त्र होने िा सख़्त भरार हुआ। जाफ़ये
तैमाय िे लरमे आऩने फ़यभामा ऽुदा ने उन्हें जन्नत भें ऩयवाज़ िे लरमे दो ज़भरूकद
93
योते दे खा। हुज़ूय ने सफिो तसल्री दी औय जाफ़ये तैमाय िे घय खाना ऩिवा िय
ज़ातर
ु सरालसर
इसी जभाहदर अव्वर 8 हहजयी भें मह सरयमा (जॊग) ज़ातुर सरालसर बी वा़े
आऩ सत
ु ून (ख्म्फे) से टे ि रगा िय ऽुतफा हदमा ियते थे। आऩिो लरमे आमशा
94
फ़तेह भक्िा
सर
ु ह
ै हुदैबफमा िी वजह से 10 सार ति आऩसी जॊगों जेदार भना होने िे
िय डारा। आखखयिाय
ु़ हारात से भजफयू हो िय फनी ऽज़ाआ ने आॊ हज़यत
िाकफ़यो भश
ु रयि है । (अफर
ु कफ़दा) कपय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िे ऩास गमा,
आऩने ऽाभोशी इख़्तेमाय िी। कपय हज़यत अरी (अ.स.) से लभरा। उन्होंने बी भॊह
ु
गमा। हज़यत भोहम्भद (स.अ.व.व.) ने ऩयू े ऩयू े ध्मान िे साथ जॊग िी ऽुकफ़मा
तैमारयमाॊ िय रीॊ भगय मह न ज़ाहहय होने हदमा कि किस तयफ़ जाने िा इयादा है ।
इसी ऽुकफ़मा तैमायी िी इस्िीभ िे तहत इस्िीभ िे तहत आऩने भक्िे आना
95
जाना बफल्िुर फन्द िय हदमा था। आऩिा ख़्मार था कि अगय भक्िे वारों िो
वक़्त से ऩहरे मह ऽफय लभर जामेगी तो िाभमाफी भज़ु श्िर हो जामेगी। भगय एि
चा
ु रऽोय सहाफी हानतफ इब्ने फरतअ् ने ज़जसिे फच्चे भक्िे भें थे, एि औयत िे
ज़रयमे से हभरे िा भि
ु म्भर हार लरख बेजा। वह तो िहहमे हज़यत िो इत्तेरा
भें फ़तेह भक्िा िे भौ़े ऩय ऩनाह रे उसे छोड़ हदमा जाम। अफू सकु फ़मान भक्िे
जो भक्िे भें भेये भिान भें ऩनाह रेगा भहफ़ूज़ यहे गा। जो हगथमाय रगामे फाैय
सी रूिावट िे फाद भक्िे ऩय ़ब्ज़ा हो गमा। सयदाये रशिय हज़यत अरी (अ.स.)
थे। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ़सवा नाभी ऊॉट ऩय सवाय हो िय भक्िे भें दाखखर
ु़
हुए औय ज़ुफयै िे रगाए हुए इस्राभी झॊडे िे ़यीफ जा िय उतये । ऽेभें रगाए
आऩ ियीभ इब्ने ियीभ हैं हभें भाफ़ फ़यभामें। आऩने भाफ़ी दी औय आऩ सात
96
भयतफा तवाफ़ िे फाद दाखखरे
ु़ हयभे िाफा हो गमे औय उन तभाभ फत
ु ों िो अऩने
फत
ु ों िो तोड़ा। उनिा मह बी फमान है कि हज़यत अरी (अ.स.) िो यसर
ू
फाद अऩने हाथों से उताया। (तायीऽे ऽभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 92 ज़ज़न्दे गानी भोहम्भद ऩष्ृ ठ
77, अजामफ अर ़स्स ऩष्ृ ठ 278 भें है कि िाफे भें तीन सौ साठ (360) फत
ु थे।
िो तफरीाे इस्राभ िे लरमे ़यीफ िी जगहों ऩय बेजा। ज़जन्भें ऽालरद बफन वरीद
इऽरािी ु़ ज़ल्
ु भ किमा। आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने जफ मह ऽफय सन
ु ी तो आऩने
97
अऩने फयी उज़ ज़ज़म्भा होने िा ऐरान किमा औय हज़यत अरी (अ.स.) िो बेज
िय हय क़स्भ िा तावान अदा किमा औय ऽॊू फहा हदमा। (तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 124)
जॊगे हुनैन
हुनन
ै भक्िे से तीन भीर िे फ़ासरे ऩय ताएफ़ िी तयफ़ एि वादी िा नाभ है ।
फ़तेह भक्िा िी ऽफय से फनी हवाज़न, फनी स़ीफ़, फनी हफशभ औय फनी सअद
हदमा औय वह अऩने साथ दयीद इब्ने सम्भा नभी 120 सार िा तजरूफे िाय
अरी (अ.स.) हभेशा िी तयह अरभदाये रशिय थे। भैदान भें ऩहुॉच िय हज़यत अफू
हुमे थे ननिर आमे औय तीयों नैजो औय ऩत्थयों से ऐसे हभरे किमे कि फज़
ु हदरों
98
िी जान िे रारे ऩड़ गमे। सफ सय ऩय ऩाॊव यख िय बागे। किसी िो यसर
ू े ऽुदा
होने से ऩहरे ही हज़यत अरी (अ.स.), हज़यते अब्फास, इब्ने हारयस औय इब्ने
भसद
ू िे अरावा सफ बाग गमे। (सीयते हरबफमा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 109) इस भौ़े ऩय अफू
वरीद बागे उनिे ऩीछे ़ुयै श िे नौ भज़ु स्रभ चरे, कपय एि एि िय िे भहज़जय व
अन्साय ने याहे फ़याय इख़्तेमाय िी। इसी दौयान भें दश्ु भनों ने आॊ हज़यत
नज़ाित िो दे ख िय यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) खुद रड़ने िे लरमे आगे फढ़े
िी आवाज़ ऩय नौ सौ (900) भस
ु रभान वाऩस आ गमे औय दश्ु भन बी सफ िे
सफ भ़
ु ाबफर हो गमे। घभासान िी जॊग शरू
ु हुई, अफू जयवर अरभदाये रशिय ने
भ़
ु ाबफर तरफ किमा। हज़यत अरी (अ.स.) अरभदाये रशिये इस्राभ भ़
ु ाफरे भें
हौसरे फढ़े औय िाभमाफ हो गमे। सीयत इब्ने हश्शाभ, ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 261 भें है
99
हज़यते अरी (अ.स.) िो हाथ से भाये गमे। इस जॊग भें ाैफी इभदाद लभरी थी
ज़जसिा ज़ज़क्र ़ुयआने भजीद भें है । इसिे फाद भ़ाभे अवतास भें जॊग हुई औय
वहाॊ बी भस
ु रभान िाभमाफ हुए। इन दोनों जॊगों भें िाफ़ी भारे ानीभत हाथा
जॊगे हुनन
ै िी फची हुई फ़ौज ताएफ़ भें ऩनाह गज़
ु ीन हो गई। आऩने शव्वार 8
हहजयी भें इसिे भोहासये िा हुक्भ हदमा औय 20 हदन ति भोहासया (नघयाव) जायी
यहा। उसिे फाद आऩ ने भोहासया उठा लरमा औय भ़ाभे जवाना ऩय चरे गमे।
इताअत ़ुफर
ू ियते हैं। आऩ हभायी औयतें भार वाऩस िय दीज़जमे। फनी हवाज़न
लसफ़ारयश िुफ
ु़ र
ू फ़यभाई।
100
9 हहजरी के अहम वाकेयात
कपलरस िी तफाही
़फीराए फनी तम ज़जसभें भशहूय स़ी हातभ ताई ऩैदा हुआ था कपलरस नाभी
फत
ु िो ऩज
ू ता था। फ़तेह भक्िा िे िुछ हदन फाद आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने 150
डेढ़ सौ सवायों सभैत यफीउर अव्वर 9 हहजयी भें उसिी तयफ़ हज़यत अरी (अ.स.)
िो बेजा। अदी अब्ने हातभ जो सयदाये ़फीरा था बाग गमा। फहुत सा भारे
ानीभत औय ़ैदी हाथ आमे। हज़यते अरी (अ.स.) ने इन्सान औय भार रशिय
भें फाॊट हदमे औय अदी िी फहन मानी हातभ ताई िी फेटी सफ़ाना भें फहुत ही
ाज़वा ए तफू़
तफ़
ू औय दलभश्ि िे फीच 12 मा 14 भॊज़ज़र ऩय था। हज़यत िो ऽफय लभरी
कि नसाया शाभ ने हय़ुर फादशाहे रूभ से चारीस हज़ाय (40, 000) फ़ौज भगा
101
यखते हुए ऩेश ़दभी िी। भदीने िा ननज़ाभ हज़यते अरी (अ.स.) िे लसऩद
ु क
छोड़े जाते हैं। क्मा तुभ इस ऩय याज़ी नहीॊ हो कि भैं उसी तयह अऩना जाॊ नशीन
थे। (सही फुऽायी किताफुर भााज़ी) ऐ अरी ऽुदा िा हुक्भ है कि भैं भदीने यहूॊ मा तुभ
यहो। (फ़तेहुर फायी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 387) ायज़ िी आऩ यवाना हो िय भॊज़ज़रे तफ़
ू
ति ऩहुॉच।े आऩने वहाॊ दश्ु भनों िा 20 हदन ति इन्तेज़ाय किमा रेकिन िोई बी
भ़
ु ाफरे िे लरमे न आमा। दौयाने ़माभ भें अयीफ ़यीफ भें दावते इस्राभ िा
िा है ।
वा़ऐ उ़फा
तफ़
ू से वाऩसी भें एि घाटी ऩड़ती थी ज़जसिा नाभ उ़फा ज़ी फ़त़ था। मह
घाटी सवायी िे लरमे इन्तेहाई ऽतयनाॊि थी। अन्दे शा मह था कि िहीॊ ऊॊट िा ऩाॊव
कपसर न जामे कि हज़यत िो चोट न रगे। इसी वजह से ऐरान िया हदमा गमा
कि यवानगी हुई हज़यत सवाय हुए। हुज़ैफ़ा ने भेहाय (ऊॉट िी यस्सी) ऩिड़ी, अम्भाय
102
हॊ िाते हुमे यवाना हुए। मह हज़यात सभझ यहे थे कि ननहामत ऩयु अभन जा यहे हैं
नागाह बफजरी चभिी औय उनिी नज़य िुछ ऐसे सवायों ऩय ऩड़ी जो चेहयों िो
भन
ु ाकफ़़ भेयी जान रेना चाहते हैं। कपय आऩने सफ िे नाभ फता हदमे औय िहा
किसी से िहना नहीॊ वयना फ़साद होगा। यौज़तुर अहफाफ भें है कि वह अिाबफय
फ़यभामा कि भझ
ु े ऽुदा िा मही हुक्भ है कि भैं जाऊॊ मा भेयी आर भें से िोई
जाए। शाह वरी उल्राह िहते हैं कि शेऽैन दोनों िे दोनों भाभयू थे भगय भाज़ूर
(फयखास्त)
ु़ किमे गमे। ़ुयक तुर एैन ऩष्ृ ठ 234 सही फख
ु ायीु़ ऩैया 2 ऩष्ृ ठ 238,
िन्ज़ुर आभार ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 126, दयु े भन्शयू ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 310, तायीऽे
ऽभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 157 से 160 ति, ऽभाएसे ननसाई ऩष्ृ ठ 61, यौज़ौर अनफ़
103
जॊगे वादीउर यभर
दे ने िा भन्सफ
ू ा तैमाय किमा। हज़यत (स.अ.व.व.) िो जैसे ही ऽफय लभरी आऩने
उनिी तयफ़ एि रशिय बेज हदमा औय अरभदायी हज़यत अफू फिय िे लसऩद
ु क
िी। उन्हें हज़ीभत (लशिस्त) हुई। कपय हज़यत उभय िो अरभदाय फनामा। वह ऽैय
भाआरयजुन नफ
ु व
ू ा)
104
वफ़ूद
नजासते भश
ु ये िीन बी नाज़ज़र हुआ।
वुसूरीए सद़ात
इसी 9 हहजयी भें फनी तम से अदी बफन हातभ ताई, फनी हॊ ज़रा से भालरि
भहीने ति इधय उधय कपयते यहे औय िोई िाभ न िय सिे। मानी उनिी तफरीा
से िोई बी भस
ु रभान न हो सिा तो हज़यत अरी (अ.स.) िो बेजा गमा। आऩने
105
हज़यत (स.अ.व.व.) िो मह शानदाय िाभमाफी भारभ
ू हुई तो आऩने सजदाए शक्र
ु
िी हासेदाना यववश
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि मभन भें ऽालरद बफन वरीद बफरिुर िाभमाफ नहीॊ
हुए कपय जफ हज़यत अरी (अ.स.) िो शानदाय िाभमाफी नसीफ हुई तो फाज़ रोगों
किताफ खखराफ़त
ु़ व इभाभत िे ऩष्ृ ठ 79 राहौय िी छऩी, भें है जफ जनाफे
अभीय तफरीाे अहरे मभन िे लरमे भाभयू किमे गमे थे औय आऩिे खखराफ़
ु़ िुछ
रोगों िी लशिामत सन
ु िय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा था कि भझ
ु से
अरी (अ.स.) िी फयु ाई न ियो। फ़ाफ़हा लभनी याआना लभन्हो व हुव्वद रैिुभ
फाअदी (अरी भझ
ु से है औय भैं अरी से हूॉ औय वह भेये फाद तम्
ु हाया हाकिभ है ।)
फाद अहादीस भें अल्फ़ाज़ वहू वरेिुभ फाअदी िे नहीॊ ऩामे जाते औय फाज़ भें वहू
भौरा िुर भोलभन व भोभेनात ऩामे जाते हैं। लशिामत मह थी िे जनाफे अभीय ने
लशिामत सन
ु िय यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा था फ़ा अन रहा कफ़र
106
ऽुम्स अक्सय लभन ज़ारेिा अरी िा हहस्सा ऽुम्स भें इससे बी ज़्मादा है । मह
है ।
इसी 10 हहजयी भें फाजानु़ हाकिभे मभन ने इन्ते़ार किमा। उसिी वफ़ात िे
सनआ िा गवकनय फाज़ान िे फेटे िो। 2. हभदान िा गवकनय आलभय इब्ने शहये
नजयान भें उभय इब्ने ऽयभ िो। 7. नजयान, जुभ ़्आ, ज़ुफद
ै िे दयलभमान, सईद
गमा।
107
असहाफ िा तायीऽी इजतेभा औय तफरीाे रयसारत िी आऽयी भॊज़ज़र
फ़यभाता है ।
وربك خيلق ما يشاء وخيتار ما كان ذلم اخلرية سبحان هللا وتعاىل عما يشركون
तुम्हाया यफ ही ऩैदा ियता है औय ज़जसिो चाहता है (नफूवत व खखराफ़त)
ु़ िे लरमे
चन
ु ता है । माद यहे इन्सान िो न चन्
ु ने िा ह़ है औय न वह इस भें ऽुदा िे
किमे हैं औय उनिा ऐरान अऩने नबफमों िे ज़रयमे से ियामा है । (यौज़तुर सफ़ा,
ु़
तायीखे िालभर, तायीखें इब्ने अर वयदी, अयाईस शाअल्फी वाैया) औय इसभें तभाभ अज़म्फमा
नहीॊ आने हदमा। अल्राभा फहाई व अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि तभाभ
अज़म्फमा ने खखराफ़त
ु़ िा ऐरान 18 ज़ज़रहहज्जा िो ही किमा है । (जाभे अब्फासी व
108
हुज्जतुर ववदा
हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) 25 ज़ज़िाद 10 हहजयी िो हज्जे आखखय
ु़ िे
आऩिी तभाभ फीफीमाॊ औय हज़यत सैय्मदा सराभ उल्राहे अरैहा थीॊ। यवानगी िे
वक़्त हज़ायों सहाफा साथ यवाना हुए औय फहुत से भक्िा ही भें जा लभरे। इस तयह
आऩिे असहाफ िी तादाद एि राख चौफीस हज़ाय हो गई। हज़यत अरी (अ.स.)
ऽुतफे सन
ु े। ज़जनभें फाज़ फातें मह थी
3. भस
ु रभान एि दस
ू ये िे बाई हैं।
4. गराभों
ु ु़ िा ख़्मार ज़रूयी है ।
109
चैफीस हज़ाय असहाफ आऩिे हभयाह थे। हज़फ़ा िे ़यीफ भ़
ु ाभे ादीय ऩय ऩहुॉचते
बफरार (य.) िो हुक्भ हदमा कि हय्मा अरा ऽैरयर अभर िह िय आवाज़ दें ।
ऽुतफा फ़यभामा ज़जसभें हम्दो सना िे फाद अऩनी फ़ज़ीरत िा इ़याय लरमा औय
फ़यभामा कि भैं तुभ भें दो गगदाॊ ़द्र चीजें छोड़ जाता हुॉ एि ़ुयआन औय दस
ू ये
उठामा औय इतना फर
ु न्द किमा कि सफ़ेदी ज़ेये फार ज़ाहहय हो गई। कपय फ़यभामा
भन िुन्तो भौरा फ़ा हाज़ा अरीउन भौरा ज़जसिा भैं भौरा हूॉ उसिा मह अरी बी
भज
ु दा सन
ु ामा। सीयतर
ु हरबफमा भें है कि मह जाॊ नशीनी 18 ज़ज़रहहज िो वा़े
हुई। नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 78 भें है कि एि शख़्स हारयस बफन नोभान फ़हयी ने
110
वाज़े हो कि इस वा़ेए ादीय िो इभाभर
ु भह
ु द्दे सीन हाकफ़ज़ इब्ने अब्दहु ने
वा़ेए भफ
ु ाहे रा
रािय भफ
ु ाहे रा ियें । चन
ु ान्चे फ़ैसरा हो गमा औय 24 ज़ज़रहहज 10 हहजयी िो
ऩॊजेतने ऩाि झट
ू ों ऩय रानत ियने िे लरमे ननिरे। नसाया िे सयदायों ने जॉ ह
ू ी
111
इनिी शिरे दे खीॊ िाऩने रगे औय भफ
ु ाहे रे से फाज़ आम। ऽेयाज़ दे ना भन्ज़ूय िय
हुज्जतर
ु ववदा से वाऩसी िे फाद आऩिी वह अरारत जो फायवाएते लभश़ात
ऽैफय भें हदमे हुए ज़हय िे ियवट रेने से उबया ियती थी, भस्
ु तलभय हो गई। आऩ
रेकिन ऽुदा ने उन्हें ज़रीर किमा। इसी दौयान भें आऩिो इत्तेरा लभरी कि हुिूभते
योभ भस
ु रभानों िो तफाह ियने िो तफाह ियने िा भन्सफ
ू ा तैमाय िय यही है ।
आऩने इस ऽतये िे ऩेश नज़य कि िहीॊ वह हभरा न िय दें । उसाभा बफन ज़ैद िी
अरावा अमाने भहाज़जय व अनसाय भें से िोई बी भदीने भें न यहे औय इसी
112
िा इन्तेज़ाय ियने रगे, रेकिन वह रोग न आमे। भदारयज अर नफव
ू त ज़जल्द 2
ऩष्ृ ठ 488 व तायीऽे िालभर ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 120, तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 188 भें है
कि न जाने वारों भें हज़यत अफू फिय व हज़यत उभय बी थे। भदारयज अर नफव
ू त
आएशा ने सभझा कि भेयी फायी भें किसी औय फीवी िे महाॊ चरे गएॊ हैं इस ऩय
औय भैं तुम्हायी अच्छी तयह तजहीज़ो तिफ़ीन ियता। उन्होंने जवाफ हदमा कि
भें है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी तीभाय दायी आऩिे अहरे फैत ियते थे। एि
यवामत भें है कि अहरे फैत िो तीभाय दायी भें ऩीछे यखने िी िोलशश िी जाती
थी।
वा़ेए क़यतास
िय चि
ु े थे। अफ आखखयी
ु़ वक़्त भें आऩने मह ज़रूयी सभझते हुए कि उसे
113
ताकि भैं तुम्हाये लरमे एि ऐसा नववश्ता लरख दॊ ू जो तुम्हें गुम्राही से हभेशा हभेशा
लरमे किताफे ऽुदा ही िाफ़ी है । (सही फुऽायी ऩैया 30 ऩष्ृ ठ 842) अल्राभा लशब्री
ऩैाम्फय साहफ िे हवास फजा नहीॊ हैं, िागज़ ़रभ दवात राना िुछ ज़रूयी नहीॊ
ऽद
ु ा जाने क्मा लरखवा दे गें। (उम्भेहातर
ु उम्भत ऩष्ृ ठ 92) इस वा़ेए से आॊ हज़यत
अल्राभा तयही लरखते हैं कि ऽाना ए िाफा भें ऩाॊच रोगों ने हज़यत अफू फिय,
114
ऩैभान किमा था कि रा नज़्
ु दो हाज़र अभयनीफ़ा फनी हालशभ ऩैाम्फय िे इन्तेिारु़
िे फाद खखराफ़त
ु़ फनी हालशभ भें न जाने दे गें। (भजभयु फहयै न) भैं िहता हूॊ िौन
यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) ने नभाज़ िी इभाभत िा हुक्भ दे हदमा होगा भेये नज़दीि
रे लरमा औय आखखय
ु़ ति सीने से लरऩटाए यहे । (ये आज़ अर नज़या ऩष्ृ ठ 180)
भव
ु रयक ऽ लरखते हैं कि जनाफे सैय्मदा (स.अ.व.व.) हसनैन (अ.स.) िो तरफ
लरमे भैंने फ़राॊ महूदी से ़यज़ लरमा था उसे अदा िय दे ना औय ऐ अरी तुम्हें भेये
फाद सख़्त सदभें ऩहुॉचेंगे तुभ सब्र ियना औय दे खो जफ अहरे दनु नमाॊ दनु नमाॊ
ऩयस्ती ियें तो तुभ दीन इख़्तेमाय किए यहना। (यौज़तुर अहफाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 559
भदारयज अर नफूवत ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 511 व तायीऽ फादाद ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 219) (स. अ.)
115
हालशमा अरी ़ायी फय हालशमा नसीभ अर रयमाज़ व भदारयज अर नफअ
ू त
सय हहन्दी भज
ु द्हद अलरफ़ सानी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 61- 62 वाैया भें है । उन्हीॊ िुतफ
ू
िे ज़भाने भें एि हदन फहुत से रोग हज़यत (स.अ.व.व.) िे ऩास जभा थे आऩने
इयशाद फ़यभामा राओ िागज़ भैं तुभ िो िुछ लरख दॊ ू ताकि तुभ भेये फाद गुभयाह
न हो जाओ, मह सन
ु िय हज़यत उभय फोरे हज़यत यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩय फऽ
ु ाय
िी तिरीफ़ िा ारफा है इसिे सफफ से ऐसा फ़यभाते हैं वसीअत नाभे िी िुछ
ज़रूयत नहीॊ हभिो ऽुदा िी किताफ िाफ़ी है । (भोहयक भ नाभा ऩष्ृ ठ 10 प्रिालशत दे हरी)
हज़यत अरी (अ.स.) से वसीमत फ़यभाने िे फाद आऩिी हारत ाैय हो गई।
था फ़यभाती हैं कि हभ रोग इन्तेहाईं ऩये शानी भें थे कि नागाह एि शख़्स ने इज़्ने
नहीॊ है इस वक़्त वाऩस चरा जा। इसने िहा भेयी वाऩसी नाभज़ु म्िन है भझ
ु े
116
दो मह भरािुर भौत है । पातेभा (स.अ.व.व.) ने इजाज़त दे दी औय वह दाखखरे
ु़
2882 व यौज़तर
ु ऩष्ृ ठ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 216 व अनवाय अर ़ुरफ
ू ऩष्ृ ठ 188)
खखरअते
ु़ हमात उताय हदमा। (भुवद्दतुर िुफु़ ाक ऩष्ृ ठ 49, 14 प्रिालशत फम्फई 310) हहजयी
अहरे फैत ियाभ भें योने िा िोहयाभ भच गमा। हज़यत अफू फिय उस वक़्त अऩने
औय फानतर भशववयों िे लरमे फनामा गमा था। (ामासुर रुाात) औय उन्हीॊ िे साथ
दे ने भें फ़ज़र इब्ने अब्फास हज़यत िा ऩैयाहन ऊॉचा ियने भें अब्फास औय ़सभ
117
उन्हीॊ छ् आदलभमों ने नभाज़े जनाज़े ऩढ़ी औय इसी हुजये भें आऩिे ज़जस्भे अतहय
िो दफ़्न िय हदमा गमा। जहाॊ आऩने वफ़ात ऩाई थी। अफू तरहा ने ़ब्र खोदी।
िी राशे भत
ु हय सऩ
ु द
ु े खाि िी जा चि
ु ी थी। िॊज़ुर आभार ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 140,
वफ़ात िे वक़्त आऩिी उम्र 63 सार िी थी। (तायीऽ अफुर कफ़दा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 152)
योए औय हज़यत आमशा ने बी भातभ किमा। (भसनदे अहभद बफन हम्फर ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ
ु़
274 व तायीऽे िालभर ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 122 व तायीखे तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 197) रेकिन जो
भारभ
ू होता है कि आऩिी वफ़ात से आरभे अरवी औय आरभे लसफ़री बी
भत्त
ु लसय हुए औय उनभें जो चीज़ें हैं उनभें बी असयात हुवद
ै ा हुए हैं। अल्राभा
राता यहा। एि हदन भैंने दे खा कि इसिे ऩत्ते झड़े हुए हैं औय भेवे गगये हुए हैं। भैं
118
है यान हुई कि नागहाॉ ऽफये वफ़ात सयवये आरभ ऩहुॉची। कपय तीस सार फाद दे खा
ज़भख़्शयी)
(अ.स.) ति सफ ही शहीद हुए हैं। िोई ज़हय से शहीद हुआ है िोई तरवाय से
हुज्जतर
ु इस्राभ इभाभ अफू हालभद भोहम्भद अर ाज़ारी िी किताफ लसरूर
119
फऽ
ु ायी शयीफ़ िी ज़जल्द 3 प्रिालशत लभस्र 1314 हहजयी िे हहस्सा अल्रदद ू ऩष्ृ ठ
(अ.स.) िी फैअत ियना चाही तो हज़यत उभय ने हज़यत अफू फिय िा हाथ ऩिड़
नहीॊ है । अल्राभा भोहलसन फ़ैज़ किताफ अरवाफ़ी िी ज़जल्द 1 िे ऩष्ृ ठ 166 भें फा
हवारा तहज़ीफर
ु एहिाभ तहयीय फ़यभाते हैं कि हुज़ूय भदीने भें ज़हय से शहीद हुए
हैं। अरऽ भझ
ु े ऐसा भारभ
ू होता है कि ऽैफय भें ज़हय ऽूयानी िी तशहीय अऽफ़ाए
अज़वाज
ग्मायह फीफीमाॊ थीॊ ज़जन भें हज़यत ऽदीजा औय ज़ैनफ बफन्ते ऽजीभह
ु़ ने आऩिी
120
1.ऽतीजातुर िुफया, 2. सद
ू ा, 3. आमशा, 4. हफ़सा, 5. ज़ैनफ बफन्ते ऽज़ीभह,
6. उम्भे सरभा, 7. ज़ैनफ बफन्ते हजश, 8. जवेरयहा बफन्ते हारयस, 9. उम्भे हफीफा,
औऱाद
2. जनाफे अब्दल्
ु राह जो ताहहय िे नाभ से भशहूय थे फेअसत से ऩहरे भक्िा भें
3. जनाफे इब्राहीभ 8 हहजयी भें ऩैदा हुए औय 10 हहजयी भें इन्ते़ार िय गए।
थीॊ। आऩिे शौहय हज़यत अरी (अ.स.) औय फेटे हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) औय
121
आऩिी औराद िो समादत िा शयफ़ हालसर हुआ औय वह ़माभत ति सय्मद
िही जामगी।
हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) इयशाद फ़यभाते हैं कि ़माभत भें भेये
लसरलसरे नसफ िे अरावा साये लसरलसरे टूट जामेगें औय किसी िा रयश्ता किसी
हैं कि तभाभ अज़म्फमा िी औराद हभेशा ़ाबफरे ताज़ीभ सभझी जाती यही है ।
हभाये नफी (स.अ.व.व.) इस लसरलसरे भें सफ से ज़्मादा ह़ दाय हैं। (यौज़ातुर शोहदा
ऩष्ृ ठ 404)
इभाभ उर भस
ु रेभीन अल्राभा जरारद्
ु दीन फ़यभाते हैं कि हज़यत हसनैन
इनिी ताज़ीभ ियती यहे । (रवामभुर तॊज़ीभ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 3, 4 असआफ़ अर यााेफीन फय
122
उम्मुऱ आइम्मा हज़रत पातेमा ज़हरा (ि.अ) खातूने जन्नत
जरवा नभ
ु ा ए शम्भे ह़ी़त हैं पातेभा।
िुरसभ
ू िी भादये गगयाभी औय नौ, (9) इभाभों िी जद्दे भाजेदा थीॊ। आऩिी
123
िुज़न्नमत उम्भे अफीहा बी थी जो भेये नज़दी़ मह उम्भे इब्नीहा है मानी हसन व
हुसन
ै िी भाॉ।
आऩ की ववऱादत
ऩहरे ऩैदा हो चि
ु ा था। अरफत्ता आऩिे ज़ाहहयी नभद
ू व शहूद िे लरए उरभा ने
20 जभादस्
ु सानी जुभे िे हदन भक्िा भोअज़्ज़भा भें ऩैदा हुईं। आऩ िा सारे
ववरादत आभर
ु फ़ीर िे लरहाज़ से 46 औय इसवी ऩ
ु तामे ननगाह से 614, 615
भेया फाईिाट िय हदमा था। भैंने ववरादत िे वक़्त हसफे दस्तूय इत्तेरा दी रेकिन
िोई न आमा। अल्राह िी यहभत शालभरे हार हुई, हूयों औय ऩाि फीफीमों ने
फक़्
ु ़ा ए नयू फन गमा।
124
आऩ का इकऱौती फेटी होना
भन
ु ाक़फ इब्ने शहय आशोफ भें है कि जनाफे ऽदीजा िे साथ जफ आॊ हज़यत
़ालसभ अब्दल्
ु रा मानी तैय्मफ व ताहहय औय पातेभा ज़हया फतने ऽदीजा से यसर
ू े
से ़ब्र िाकफ़यों अतफा, वऩसयाने अफू रहफ औय अफू आस, इब्ने यफी िे साथ
ब्माही थीॊ। जैसा कि भवाहहफे रदनु नमा ज़जल्द 1 स. 197 भहु द्रत लभस्र व भयु व्वज
उज ज़हफ भसद
ू ी ज़जल्द 2 स. 298 भहु द्रत लभस्र से वाज़े है । मह भाना नहीॊ जा
सिता कि यसर
ू े इस्राभ अऩनी रड़किमों िो िाफ़यों िे साथ ब्माह दे ते। रेहाज़ा
मह भाने फाैय चाया नहीॊ है कि मह औयतें हारा बफन्ते ऽवैरा हभशीय जनाफे
ऽदीजा िी फेहटमाॊ थीॊ। इन िे फाऩ िा नाभ अफू रहनद था। जैसा कि अल्राभा
रड़किमाॊ ज़भाना ए िुफ़्र भें हारा औय अफू रहनद भें फाहभी चऩिलरश िी वजह
फाद भत
ु ऱन उन्हीॊ िे साथ हो गईं औय ऽदीजा िी फेटी िहराईं। इसिे फाद फा
125
(स.अ.व.व.) िी फेहटमाॊ िहराईं। ज़जस तयह जनाफे ज़ैद भह
ु ावया अयफ िे भत
ु ाबफ़
यसर
ू िे फेटे िहराते थे। भेये नज़दीि इन औयतों िे शौहय भत
ु ाबफ़ दस्तयू े अयफ
िे भत
ु ाबफ़ दाभादे यसर
ू िहे जाने िा ह़ यखते हैं। मह किसी तयह नहीॊ भाना
जा सिता कि यसर
ू िी सर
ु फी फेहटमाॊ थीॊ क्मों कि हुज़ूये सयवये आरभ
औराद नहीॊ हुई औय चारीस सार िे लसन भें आऩने ऐराने नफव
ू त फ़यभामा औय
इन रड़किमों िा ननिाह भश
ु रय़ों से आऩ िी चारीस सार िी उम्र से ऩहरे हो
चि
ु ा था, औय इस दस सार िे असे भें आऩिे फ़यज़न्द िा बी ऩैदा होना औय
तीन रड़किमों िा ऩैदा होना तहयीय किमा गमा है । जैसा कि भदारयज अर नफव
ू त
भें तफ़सीर भौजूद है । बरा ाौय तो िीज़जए िी दस सार िी उभय भें चाय, ऩाॊच
गमा। क्मा मह अ़र व फ़हभ भें आने वारी फात है कि चाय सार िी रड़किमों
िा ननिाह भश
ु रय़ों से हो गमा औय हज़यत उस्भान से बी एि रड़िी िा ननिाह
126
(सवानेह हमाते सैय्मदा ऩष्ृ ठ 34)
फचऩन और तरफीयत
िी क्मा तारीभ दे सिती हूॊ। भैं तो ऽुद इस िभसीन फच्ची से तारीभें उसभ
ू
भें नभाज़ अदा फ़यभा यहे थे कि अफू जहर जो हज़यत उभय िा भाभू था। (तायीऽे
इस्भार ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 20) िी नज़य आऩ ऩय ऩड़ी तो उसने हारते सजदे भें ऊॊट िी
औझड़ी गोफय बयी ऩश्ु ते हुज़ूय ऩय यख दी, पातेभा िो ऽफय लभरी, आऩ दौड़ी हुई
यसर
ू े अियभ (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा, फेटी एि हदन दश्ु भन बी भारफ
ू होंगे औय
शादी भें जाने िो तैय्माय हुईं औय िऩड़े ऩहन्ने रगीॊ तो ऩता चरा कि जनाफे
गमा, अज़क कि भादये गगयाभी भैं ऩयु ाने िऩड़े भें ही चरॊग
ू ी, क्मों कि फाफा जान
127
फ़यभाते हैं कि भस
ु रभान रड़किमों िा सफ से फेहतय ज़ेवय हमाते त़वा है औय
पातेभा ज़हया (स.अ) िा साया फचऩन फ़क़्र फ़ा़ा औय तॊगी व भसाएफ भें
अब्फास, 5. असभा बफन्ते उभैस ज़ौजा जाफ़ये तैय्माय, 6. उम्भे हानी हम्शीया
जनाफे अफू तालरफ अ0, 7 उम्भे ऐभन, 8. सकफ़मा बफन्ते जनाफे हभज़ा।
भदारयजर
ु नफव
ू त भें है कि हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) जनाफे सैय्मदा िो
भारभ
ू नहीॊ जफ भैं भेयाज ऩय गमा था ज़जफयईर ने एि सेफ जन्नत भें हदमा था,
128
आऩकी इस्मत
इस्भत िोई ऐसी लसफ़त नहीॊ जो किसी अभर ऩय भौ़ूफ़ हो, मह ऽुदा िा
अतीमा होता है औय फदो कफ़तयत भें अता हुआ ियता है । भराएि अज़म्फमा औय
औलसमा ऽास िे अरावा मह ऩािीज़ा लसफ़त ज़जन अहभ शज़ख़्समतों िो अता हुई
ज़जस तयह एि राख चौफीस हज़ाय अज़म्फमा औय फायह इभाभ दनु नमा भें हहदामते
हज़यत भयमभ (स.अ) हज़यत पातेभा ज़हया (स.अ) तशयीफ़ रामीॊ औय मह दोनों
फीफीमाॊ भासभ
ू थीॊ औय दोंनो िी इस्भत ऩय ़ुयआन गवाह है ।
आऩ की वाऱेदा की वफात
आऩिी वारेदा जनाफे ऽदीजातुर िुफया थीॊ हज़यत पातेभा (स.अ) िो ऩाॊच सार
भाॊ िी आाोश भें तयफीमत नसीफ यही। जनाफे ऽदीजा िी अरारत से जनाफे
सैय्मदा िो फेहद दख
ु हुआ। आऩ इनिी तीभायदायी भें यात औय हदन रगी यहती
तयज़े अभर यहा कि एि हदन ऽदीजा (स.अ) ने पातेभा (स.अ) िो अऩने सीने से
129
अन्दाज़ िुछ ननयारा है फ़यभामा- फेटी ! भैं तुझसे रूऽसत हो यही हूॊ, अफ़सोस
तझ
ु े दल्
ु हन न दे ख सिी। भाॊ फेटी भें अरभनाि फात चीत हो यही थी कि भाथे ऩय
भ़फया ए हज़ून भें दफ़्न किमा गमा। ऽदीजा (स.अ) िे इन्ते़ार से पातेभा
(स.अ) िो इन्तेहाई दख
ु हुआ औय आऩ से ज़्मादा सयवये िामनात (स.अ.व.व.) िो
दख
ु हुआ। इसी वजह से आऩने इस सार िो आभ उर हुज़्न िहा है ।
सही फऽ
ु ायी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 419 भें है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) जनाफे ऽदीजा
िी माद भें गोसफ़न्द (फिया) ज़ज़ब्ह िय िे उनिी सहे लरमों िे ऩास बेजा ियते
अफत
ू ालरफ औय उनिे तीन हदन फाद हज़यत ऽदीजा िा इन्ते़ार हुआ था।
130
हहजरते पातेमा (ि.अ)
हहजयत फ़यभाई औय 16 यफीउर अव्वर जुभे िे हदन िो दाखऽरे भदीना हुए। वहाॊ
ऊॊट दे िय भक्िा िी तयफ़ यवाना किमा कि हज़यत पातेभा, पातेभा बफन्ते असद,
उम्भर
ु भोलभनीन सौदा, उम्भे ऐभन वाैया िो रे आए। चन
ु ान्चे मह फीफीमाॊ चन्द
हदनों िे फाद भदीना ऩहुॊच गमीॊ आऩ िे अक़्द भें उस वक़्त लसफ़क दो फीफीमाॊ थीॊ।
एि सौदा औय दस
ू यी आमशा। 2 हहजयी भें आऩ (स.अ.व.व.) ने उम्भे सरभा से
लसरलसरे भें अरी िे लसवा किसी िा तज़किया ति न आता रेकिन किमा क्मा
131
पातेभा (स.अ) िे लसने फर
ु ा
ू ति ऩहुॊचते ही रोगों िे ऩैााभात आने रगे। सफ से
ऩहरे अफू फिय ने कपय हज़यत उभय ने ख़्वास्गायी िी औय इनिे फाद अब्दयु
़ुफर
ू नहीॊ िी जा सिती।
यज़ाभन्दी था।
फ़यभामा कि ऐ अरी अ0 भझ
ु े ऽुदा ने फ़यभामा है कि अऩने रख़्ते जीगय िा
अक़्द तुभ से िरूॊ क्मा तुम्हें भनज़ूय है? अज़क िी जी हाॊ ! इसिे फाद शादी हो
गमी।
132
अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि ऩैााभ भहभद
ू नाभी एि फ़रयश्ता रे िय आमा
था।
फाज़ उरभा ने ज़जफयीर िा हवारा हदमा है । ायज़ हज़यत अरी (अ.स) ने 500
हदयहभ भें अऩनी ज़ज़यह उस्भान ानी िे हाथों फेची औय इसी िो भहय ़याय दे
किमा
ननिाह िे थोड़े सभम फाद 24 ज़ज़र हहज िो हज़यत सैय्मदा िी रूऽसती हुई
उसिी तफ़सीर मह है ।
2. एि भ़ना,
3. एि लसमाह िम्फर,
5. दो भोटे टाट,
133
7. आटा ऩीसने िी चक्िी,
9. एि भशि,
16. एि रोटा।
मह ज़ाहहय है कि यसर
ू (स.अ.व.व.) आरा दयजे िा जहे ज़ दे सिते थे भगय
जऱ
ु ि
ू े रूखित
फनी हालशभ नॊगी तरवाये लरमे हुए थे, भज़स्जद िा तवाफ़ ियामा औय अरी अ0
134
पातेभा (स.अ) से एि फयतन भें ऩानी भॊगामा औय िुछ दआ
ु में दभ िीॊ औय उसे
अज़क िी फाये इराह इन्हें औय इनिी औरादों िो शैतान यजीभ से तेयी ऩनाह भें
दे ता हूॊ।
दनु नमाॊ भें सफ से आरा औय अफ़ज़र है रेकिन दौरत भन्द नहीॊ है । अरी से िहा
तज़किया ए अरख़्वास लसब्ते इब्ने जौज़ी िे ऩष्ृ ठ 365 भें है कि पातेभा िे साथ
ज़जस वक़्त अरी िी शादी हुई उन िे घय भें एि चभड़ा था, यात िो बफछाते थे
िाभ अऩने हाथों से ियती थीॊ। झाड़ू दे ना, खाना ऩिाना, चयऽा िातना, चक्िी
135
ऽादभा िी फ़यभाईश िी। कपय जफ 7 हहजयी भें ऩैाम्फये ऽुदा (स.अ.व.व.) ने एि
िी हहदामत िे अनस
ु ाय सैय्मदाए आरभ कफ़ज़्ज़ा िे साथ एि िनीज़ िा सा नहीॊ,
फज़ल्ि एि अज़ीज़ यफ़ी़ िाय जैसा फयताव ियती थीॊ औय एि हदन घय िा िाभ
भत
ु ाज़स्सर ़माभ यखने औय भज़स्जद िे अन्दय घय िा दयवाज़ा होने िे फावजद
ू
भौवाएज़ िे सन
ु ने िे लरए बी भज़स्जद भें तशयीफ़ नहीॊ राईं। एि भयतफा ऩैाम्फय
फेहतय क्मा चीज़ है? मह फात जनाफे सैय्मदा (स.अ) ति ऩहुॊची, आऩने जवाफ
हदमा, औयत िे लरमे सफ से फेहतय मह फात है कि न इसिी नज़य किसी ाैय भदक
136
जनाफे िैय्यदा (ि.अ) का जजहाद
इस्राभ भें औयत िा ज़जहाद भदक से अरग है इस लरए सैय्मदा (स.अ) ने िबी
औय अरी अ0 जफ ऽन
ू भें डूफी तरवाय रे िय आते थे तो उनिी तरवाय िो
औयतों िा ज़ौहये ज़ाती शौहयों िी खऽदभत औय अभयू ऽाना दयी भें िभार
फयदायी ऩय नज़य यखी औय अगय भैं मह िहूॊ तो फेजा न होगा कि ज़जस तयह
137
ऽदीजा (स.अ) ने इस्राभ औय ऩैाम्फये इस्राभ िी खऽदभत िी, इसी तयह बफन्ते
यसर
ू (स.अ) ने इस्राभ औय अरी अ0 िी खऽदभत िी, मही वजह है कि ज़जस
तयह यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) ने ऽदीजा (स.अ) िी भौजद
ू गी भें दस
ू या अक़्द नहीॊ
ऩछ
ू ा िे पातेभा (स.अ) आऩ िी नज़य भें िैसी थीॊ? फ़यभामा ऽुदा िी ़सभ वह
जन्नत िा पूर थीॊ। दनु नमाॊ से उठ जाने िे फाद भेया हदभाा उनिी ऽुशफू से
भअ
ु त्तय है ।
िे ऩास िोई िनीज़ न थी। िनीज़ न होने िी सयू त भें घय िा साया िाभ ऽुद
ियती थीॊ, झाड़ू दे ती थीॊ, ऩानी बयती, चक्िी ऩीसती थीॊ, आटा छानती थीॊ, आटा
गॊध
ु ती थी, तनयू जरािय योटी ऩिाती थीॊ। हज़यत अरी (अ.स) सवेये उठ िय
भज़स्जद चरे जाते थे औय वहाॊ से भज़दयू ी िी कफ़क्र भें रग जाते थे। कफ़ज़्ज़ा िे
आ जाने िे फाद िाभ फाॊट लरमा गमा था। फज़ल्ि फायी फाॊट री थी। एि दफ़ा
सैय्मदा गोद भें फच्चे िो लरमे चक्िी ऩीस यही हैं, फ़यभामा फेटी एि िाभ कफ़ज़्ज़ा
138
हज़रत पातेमा (ि.अ) और फाहम गुज़ारदारी ज़ौजा व खावन्द
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़ज़भ अ0 इयशाद फ़यभाते हैं कि ज़जहाद अर भयअतर
तद
ू ी ह़ ज़ौजह, औयत अगय ऽावन्द िा ह़ अदा नहीॊ ियती तो सभझ रेना
यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) फ़यभाते हैं कि अगय ऽुदा िे अरावा किसी िो सज्दा
हज़यत पातेभा (स.अ) हु़ू़े ऽावन्द से ज़जस दजाक वाक़फ़ थीॊ िोई बी वाक़फ़
न थी। उन्होंने हय भौ़े ऩय अऩने शौहय हज़यत अरी (अ.स) िा लरहाज़ व ख़्मार
यखा। उन्होंने िबी उन से िोई ऐसा सवार नहीॊ किमा ज़जसिे ऩयू ा ियने से हज़यत
हज़यत पातेभा (स.अ) फीभाय ऩड़ीॊ तो हज़यत अरी अ0 ने उनसे फ़यभामा िुछ
हदर नहीॊ चाहता। हज़यत अरी अ0 ने इसयाय किमा तो अज़क िी भेये ऩदये
139
फज़
ु ुगव
क ाय ने भझ
ु े हहदामत िी है कि भैं आऩ से किसी चीज़ िा सवार न िरूॊ
मह तायीऽ िा भस
ु ल्रेभा अभय है कि हज़यत अरी अ0 औय हज़यत पातेभा
(स.अ) भें िबी किसी फात ऩय नायाज़गी नहीॊ हुई औय दोनों ने फाहभ हदगय
पातेभा ज़हया स. िी शादी िे वक़्त जनाफे पातेभा बफन्ते असद ज़ज़न्दा थीॊ।
भर
ु ा़ात, शादी औय ाभी भें लशयित वाैया ़याय हदमा औय अऩने ज़ज़म्भे अभयू
ऽानदायी भसरन चक्िी ऩीसना, योटी ऩिाना वाैया यख लरमा था। तायीऽ भें इन
140
आऩकी औऱाद
आऩिे तीन फेटे औय दो फेहटमाॊ ऩैदा हुईं। 15 यभज़ान 3 हहजयी िो इभाभ हसन
(इब्ने भाजा अफू दाऊद, इब्ने हजय औय असआफ़ उय यााेफीन फय हालशमा नूय उर अफसाय
आऩकी इफादत
आऩ अनगगनत नभाज़े यात औय हदन ऩढ़ा ियती थीॊ। आऩने अऩने ऩदये
फज़
ु गु व
क ाय िे साथ 10 हहजयी भें आऽयी हज फ़यभामा था।
141
पातेमा ज़हरा (ि.अ) ऩैग़म्फरे इस्ऱाम (ि.अ.व.व.) की नज़र में
ऩैाम्फये इस्राभ िे फाज़ तयज़े अभर ऩय इ़तेफ़ा ियता हूॊ। आऩिा इयशाद है कि
पातेभा जन्नत भें जाने वारी औयतों िी सयदाय हैं। तभाभ जहान िी औयतों िी
सयदाय हैं। आऩिी यज़ा से अल्राह याज़ी होता है ज़जसने आऩिो तिरीफ़ दी उसने
यसर
ू (स.अ) िो तिरीफ़ ऩहुॊचाई। ऽुदा ने आऩिी फदौरत आऩिे भानने वारों िो
जहन्नभ से छुड़वा हदमा। आऩ फ़यभाते हैं कि भदों भें फहुत रोग िालभर गुज़ये हैं
142
(भतालरफ सऊर ऩष्ृ ठ 22 भुहद्रत रखनऊ)
भऽ
ु तलरफ़ िुतुफ सहा भें भौजूद है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने फ़यभामा,
भव
ु ये ऽीन औय भह
ु द्दे सीन िा इत्तेफ़ा़ है कि नज़
ु ूर आमा ए ततहीय िे फाद सयवये
दीगाये आरभ अऩनी िनीज़े ऽास जानता था औय उनिी फेहद इज़्ज़त ियता था।
फच्चों िो झर
ू ा झर
ु ाते थे औय जफ वह ़ुयआन ऩढ़ने फैठती थीॊ तो फ़रयश्ते उनिी
143
पातेमा (ि.अ) अहदे ररिाऱत (ि.अ.व.व.) मे
भरिुर भौत बी आऩिी इजाज़त िे फाैय घय भें दाखऽर न हुमे। अल्राभा अफदर
ु
भोलभन हन्फ़ी लरखते हैं कि सयवये िामनात (स.अ.व.व.) िे वक़्ते आखऽय पातेभा
िे ज़ानू ऩय सये रयसारत भाआफ था, भरिुर भौत ने आवाज़ दी औय घय भें आने
रूि गमे रेकिन भिान भें दाखऽर होने िी ज़ज़द ियते यहे । पातेभा (स.अ) िे
फयाफय इन्िाय ऩय भरिुर भौत ने िुछ आवाज़ फदर िय आवाज़ दी। पातेभा स.
फात है? आऩ ने वाक़मा फतामा। हुक्भ हुआ?! इजाज़त दो मो भरिुर भौत हैं।
144
पातेमा ज़हरा रिऱ
ू े इस्ऱाम के फाद
दख
ु ी हुईं कि अऩनी िश्तीए हमात 75 हदन से अगधि न खें च सिीॊ। आऩिे सय
ऩय ऩट्टी फॊधी यहा ियती थी औय यात हदन अऩने फाफा िो योमा ियती थीॊ।
अच्छी तयह अॊजाभ हदमा जाता, रेकिन अफ़सोस इसिे ववऩयीत दनु नमा वारों ने
यसर
ू े इस्राभ (स.अ.व.व.) िी भय्मत िो मॊू ही घय भें छोड़ हदमा औय ऽुदा औय
यसर
ू िी भॊशे िे खऽराफ़ अऩनी हुिूभत िी फनु नमाद ़ामभ ियने िे लरमे
145
सफ से ऩहरे ज़जस चीज़ िी िोलशश शरू
ु िी वह हज़यत अरी अ0 से फैअत रेने
बफन उभय, सरभाने फ़ायसी, अफू ज़ये ाफ़्फ़ायी, अम्भाये मालसय, फया बफन आज़ज़फ,
तसरीभ न ियते थे रेहाज़ा लरहाज़ा जनाफे पातेभा (स.अ) िे घय भें गोशा नशीन
हसनैन बी भौजद
ू हैं। िहा होने होने दीज़जमे।
ननिारने िी फात होती यही। भगय अरी (अ.स) न ननिरे, पातेभा (स.अ) िे घय
दयवाज़े िे ़यीफ आईं औय फ़यभामा, अये अबी भेये फाऩ िा िफ़न बी भैरा न
146
दयवाज़ा गगया हदमा गमा ज़जसिी वजह से पातेभा (स.अ) िे ऩेट ऩय चोट रगी
अल्राभा भल्
ु रा भई
ू न िाशफ़ी लरखतें हैं कि पातेभा इसी ज़यफे उभय से ये हरत
िय गईं।
अरी (अ.स) िो गगयफ़ताय िय िे उनिे गरे भें यस्सी फाॊधी इब्ने अफीर हदीद, 3,
तम्
ु हायी गयदन भाय दें गे। यौज़तर
ु अहफाफ हज़यत अरी (अ.स) ने िहा, तभ
ु क्मा
िय यहे हो औय किस
ु़ ़ामदे औय किस फनु नमाद ऩय भझ
ु से फैअत रे यहे हो। मह
दी बफर आखखय
ु़ इफने वाज़े िे अनस
ु ाय ‘‘फ़ख़्रजत फ़ात्भत् फ़ा़ारत वल्राहुर
तजज़ ज़जन औरा िशफ़न शआयी वर अजजन इल्रराह ’’ पातेभा बफन्ते यसर
ू
फ़रयमाद िरूगीॊ।
147
तायीऽ अर मा़ूफी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 116 एि यवामत भें है कि जफ हज़यत अरी
िे फार खोर दॊ ग
ू ी। तफयी िहते हैं कि इस िहने ऩय भज़स्जदे नफवी िी दीवाय
िद्दे आदभ फर
ु न्द हो गई थी।(2) इसिे फाद हज़यत पातेभा िो सच
ू ना लभरी िे
भारभ
ू िय िे औय ज़्मादा दख
ु ी हुईं कि एि फ़यज़ी हदीस ासफे कपदि
ु़ िे जवाज़
औय इनिाये सफ
ु ह ऩय फतौये सफत
ू हज़यत अरी (अ.स), हज़यत हभाभे हसन
रेकिन सफ िी गवाहहमाॊ यद्द िय दी गईं औय िहा गमा अरी शैहय हैं हसनैन फेटे
148
ऩय हज़यत अफू फिय ने हे फा िा तस्दी़ नाभा लरख िय पातेभा (स.अ) िो दे
इसिे थोड़े हदन फाद हज़यत अफू फक्र औय हज़यत उभय, अभीरूर भोलभनीन हज़यत
नायाज़ किमा है, हभाये साथ चलरए हभ उन से भाफ़ी भाॊग रें। हज़यत अरी (अ.स)
कि दाखखरे
ु़ खाना हो जाऐॊ। हुक्भे अरी (अ.स) से इजाज़त तो दे दी रेकिन जफ
तुभ दोनों ऩय फद दआ
ु ियती यहूॊगी। ायज़ िी पातेभा ने भाफ़ न किमा औय मह
रोग भामस
ू वावऩस हो गमे। अर इभाभत वर लसमासत भअ
ु ल्रेफ़ा इब्ने अफी
़तीफा भतफ़
ू ी 276 हहजयी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 14 इभाभ फऽ
ु ायी िहते हैं कि पातेभा
149
1 यौज़ातुर अर भनाज़जय
ु़ हालसमा िालभर 11 ऩष्ृ ठ 113 32 व एहनतजाज तफयी
2 भआ
ु ़ी अर अऽफाय ऩष्ृ ठ 206 4, एनतजाज 1 ऩष्ृ ठ 112
आऩकी अऱाऱत
था औय लशिभे भफ
ु ायि ऩय ज़फक रगाई थी ज़जसिी वजह से इस्ते़ाते हभर हुआ
था। औय इसी सफफ से आऩ फीभाय हुईं औय आखखु़ ़्य भें भय गईं। अफ आऩिी
खखदभत
ु़ भें ड़डप्टी नज़ीय अहभद िी तहयीय िा एितेफास ऩेश ियते हैं। वह लरखते
साहफ ही थे औय फाऩ बी िैसे दीन औय दनु नमाॊ िे फादशाह। ऐसे फाऩ िा सामा
ऩदयी कपदि
ु़ िा दावा ियना औय भ़
ु दभा हाय जाना, इन्हीॊ दख
ु ों भें आऩ िा
फाहय फैतर
ु हुज़्न फनवामा था।
150
हारात से प्रबाववत हो िय हज़यत सैय्मदा ने अऩने वालरद फज
ु ग
ु व
क ाय िा जो
तयजभ
ु ा्- अब्फा जान आऩिे फाद भझ
ु ऩय ऐसी भस
ु ीफतें ऩड़ीॊ कि अगय वह हदनों
(नरू
ु र अफसाय ऩष्ृ ठ 46, व भदारयज ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 524)
आऩकी विीयत
भस
ु रभानों िी औयतों िी भैनमत िे रे जाने िा तयी़ा ऩसन्द नही है । मह तख़्ते
ऩय लरटा िय िऩड़ा डार िय रे जाते हैं। अस्भा ने िहा, भैं हफशा भें फहुत अच्छा
ताफत
ू दे ख आईं हूॊ, फ़यभामा इसिी ऩर फना दो। अरी (अ.स) िो फर
ु ामा औय
151
भेये फाद शादी ियना तो एि यात भेये फच्चों िे ऩास औय एि यात अऩनी फीवी िे
ऩास गज़
ु ायना।
शभशर
ु उरभा लभस्टय नज़ीय अहभद दे हरवी लरखते हैं कि, पातेभा ने अफू फक्र
ियना औय मह रोग भेये जनाज़े ऩय न आने ऩाऐॊ उम्भेहातुर उम्भत ऩष्ृ ठ 99,
न आऐॊ।
भज़ु श्िरर
ु आसाय तहावी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 48, तयजभ
ु ा सही भज़ु स्रभ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ
25, यौज़तुर अहफाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 434, अज़ारा अरऽफ़ा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 57,
फयाहीने ़ाते तयजुभा सवाऐ़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 21, अशअतुर भात ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ
480 अर ज़हया- उभय अफू नसय उदक ू तयजुभा ऩष्ृ ठ 89- जभा उर फ़वाएद ज़जल्द
152
आऩकी वफात हिरते आयात
ज़जन्दा
ु़ यह िय भय गईं। अर इभाभत वर लसमासत ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 14, अल्राभा
फहाई िा जाभऐ अब्फासी ऩष्ृ ठ 79 भें फमान है कि 100 हदन फाद इन्ते़ार हुआ।
भेये फच्चों ! तभ
ु दोनों एि घॊटा अऩने फाफा िे ऩास फैठो, अभीरूर भोलभनीन इस
वक़्त भज़स्जद भें नभाज़ ऩढ़ यहे थे, कपय वहाॊ से घय आईं औय आॊ हज़यत िी
ज़ोजा हज़यते जाफ़ये तैमाय असभा िो अवाज़ दी, असभा ने अजऱ् िी फीफी हाज़जय
ु़
घॊटा इस हुजये भें रेटना चाहती हूॊ। जफ एि घॊटा गुज़य जाए औय भैं फाहय न
153
ननिरॊू तो भझ
ु िो तीन अवाज़े दे ना, अगय भैं जवाफ दॊ ू तो अन्दय चरी आना,
अज़ाॊ यसर
ू े ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) िी जगह ऩय खड़ी हुईं औय दो यिअत नभाज़ ऩढ़ी
! ऐ यसर
ू े खुदा (स.अ.व.व.) िी फेटी ! भगय िुछ जवाफ न लभरा। तफ असभा उस
गये फान पाड़ लरमा औय घय से फाहय ननिर ऩड़ीॊ। हसन (अ.स) औय हुसन
ै (अ.स)
आ ऩहुॊच।े ऩछ
ू ा असभा हभायी अम्भा िहाॊ हैं? अज़क िी हुजये भें हैं। शहज़ादे हुजये
ऩहुॊच।े हज़यत अरी (अ.स) िो ऽफय दी, आऩ सदभे से फेहार हो गमे। कपय वहाॊ से
फहारे ऩये शान घय ऩहुॊचे दे खा कि असभा सयहाने फैठी यो यही हैं। आऩने चेहया ए
ियना, िफ़न ऩहनाना, यात िे वक़्त दफ़न ियना औय दश्ु भनों िो भेये दफ़न िी
अऩनी इन तभाभ औरादों सादात िो सराभ ियती हूॊ जो ़माभत ति ऩैदा होगी।
154
जफ यात हुई तो हज़यत अरी (अ.स) ने ास्
ु र हदमा, िफ़न ऩहनामा, नभाज़
प्रिालशत राहौय)
सही फऽ
ु ायी औय भज़ु स्रभ भे है कि हज़यत अरी (अ.स) ने पातेभा (स.अ) िो यात
सही फऽ
ु ायी हहस्सा अर ज़जहाद भें है कि हज़यत पातेभा (स.अ) हज़यत अफू फिय
जानिायी थी, वह िोलशश ियते यहे कि याज़ी हो जामें एि दफ़ा भाफ़ी भाॊगने बी
गमे। ‘‘पासताज़ना अरी फ़रभ ताज़न ’’ औय इज़ने हुज़ूयी चाहा, आऩने लभरने से
155
इन्िाय िय हदमा औय इनिे सराभ ति िा जवाफ न हदमा औय फ़यभामा
ताज़जन्दगी
ु़ तभ
ु ऩय फद्दआ
ु िरूगी औय फाफा जान से तम्
ु हायी लशिामत िरूगी।
आऩका जनाज़ा
ास्
ु र व िफ़न िे फाद हज़यत अरी (अ.स) अऩनी औराद औय अऩने रयश्तेदायों
सभेत जनाज़ा रेिय यवाना हुए। फेहारूर अनवाय किताफ अरफ़तन भें है कि यास्ता
िऩड़े ऩहने हुए थी इस साए भें चर यही थीॊ जो शभा िी वजह से ताफत
ू िे नीचे
जफ जन्नतर
ु फ़ी भें ऩहुॊचे तो एि तयफ़ से आवाज़ आई औय खद
ु ी खद
ु ाई ़ब्र
हदखाई दे गई। हज़यत अरी (अ.स) ने उसी ़ब्र भें हज़यत पातेभा (स.अ) िी राशे
भत
ु ाहय दफ़न िी औय इस तयह ज़भीन फयाफय िय दी कि ननशाने ़ब्र भारभ
ू न
हो सिे।
किताफे भन
ु तहर आभार शेऽ अब्फास ़ुम्भी ऩष्ृ ठ 139 भें है कि जफ जनाफे
156
दराएर उर इभाभत भें है कि चकू ि ़ब्रे पातेभा (स.अ) िे साथ फे अदफी िा शि
था इस लरए चारीस ़ब्रें फनाई गईं। भनाक़फ इब्ने शहय आशोफ भें है कि चारीस
अभर भें हज़यत अरी (अ.स) नगीॊ तरवाय रे िय ऩीरे िऩड़े ऩहन िय ़ब्र ऩय
व़त जनाफे सैय्मदा ताहे या (स.अ) िी उम्र 18 सार िी थी। इन्ना लरल्राहे व
नतीजा
वफ़ाते यसर
ू (स.अ.व.व.) िे फाद जनाफे सैय्मदा िे साथ जो िुछ किमा गमा
इस ऩय शभसर
ु उरभा ड़डप्टी नज़ीय अहभद एर.एर.डी. भोतयज़ज्जभ ़ुयआने
157
सख़्त अफ़सोस है कि अहरे फैते नफवी िो ऩैाम्फय साहफ िी वफ़ात िे फाद ही
ऐसे नाभर
ु ाएभ इत्तेफ़ा़ात ऩेश आए कि इनिा वह अदफ व रेहाज़ जो होना चाहहमे
वा़ेए ियफरा िी तयफ़ ज़जसिी नज़ीय तायीऽ भें नहीॊ लभरती। मह ऐसी नाराम़
हयित भस
ु रभानों से हुई है कि अगय सच ऩछ
ू ो तो दनु नमा व आऽेयत भें भॊह
ु
चे खुश फ़यभद
ू शख़्से ईं रतीफ़ा कि िुश्ता शद
ु हुसन
ै अन्दय स़ीफ़ा
अल्राभा हाकपज़
ु़ बफन अरी शहय आशोफ अर भतूफ़ी 588 हहजयी तहयीय
फ़यभाते हैं कि हज़यत पातेभा ज़हया (स.अ) िे जनाज़े भें अभीयर भोलभनीन
अफज़
ू य, भे़दाद, अम्भाय औय फयीदा शयीि थे औय उन्ही रोगों ने नभाज़े जनाज़ा
158
हज़रत पातेमा (ि.अ) का मदफन
जैसा कि उऩय गुज़या, हज़यत पातेभा (स.अ) िे जाए दफ़न भें अख़्तेराफ़ है ।
यसर
ू (स.अ.व.व.) िे अन्दय आ गई है ।
अल्राभा इब्ने शहय आशोफ लरखते हैं कि हज़यत अरी (अ.स) ने वफ़ाते सैय्मदा
(स.अ) ऩय अत्मागधि दख
ु प्रिट किमा औय फे ऩनाह ाभों अरभ िा अहसास
व़र रज़ी दन
ू े अर कपया़
ु़ ़रीर
159
दो दोस्तों िे हय इजतेभा िा नतीजा जुदाई है औय हय भस
ु ीफत हदरफयों िी
जद
ु ाई िी भस
ु ीफत से िभ है ।
हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िे तशयीफ़ रे जाने िे फाद भेयी यफ़ी़ा ए
िे फाद हज़यत अभीयर भोलभनीन (अ.स) ़ब्रे जनाफे सैय्मदा िे ऩास फैठ गमे औय
यौज़े िी ताभीय हुई। भैं िहता हूॊ कि अफ से रगबग 43 सार ऩहरे इब्ने सउद व
160
अभीये सउदी अयबफमा ने आऩिे यौज़े भफ
ु ायि िो जज़फाए वहाफीमत से भत
ु ालसय
होिय तोड़ डारा। शैऽ अर ऐया़ीन भोहम्भद यज़ा िा फमान है कि इब्ने सउद ने
161
अमीरऱ मोमेनीन हज़रत अऱी (अ.ि.)
नस
ु यते दीॊ है, अरी िा िाभ सोते जागते
भौरद
ू े िाफा हज़यत अरी (अ.स.) अफर
ु ईभान हज़यत अफू तालरफ व जनाफे
नयू , दाभाद, बाई, जानशीन औय फ़ात्भा स. िे शौहय हज़यत इभाभे हसन (अ.स.),
इभाभे हुसन
ै (अ.स.) ज़ैनफो उम्भे िुरसभ
ू िे ऩदये फज़
ु गु व
क ाय थे। आऩ ज़जस तयह
ऩैाम्फये इस्राभ िे नयू भें शयीि थे, उसी तयह िाये रयसारत भें बी शयीि थे।
162
औय क्मों न हो जफ कि आऩिा गोश्त ऩोस्त यसर
ू स. िा गोश्त ऩोस्त था औय
िे हदन फभ़
ु ाभे ऽानाए िाफा हुआ। आऩिी भाॊ फ़ात्भा बफन्ते असद औय फाऩ अफू
तालरफ थे। आऩ दोनों तयफ़ से हाशभी थे। इनतहासिायों ने आऩिे ऽाना ए िाफा
से ऩहरे िोई न ऽाना ए िाफा भें ऩैदा हुआ है न होगा। इसिे फाये भें उरेभा ने
तवातुय िा दावा बी किमा है । (भुस्तदरयि इभाभे हाकिभ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 483) तवारयऽे
ऽाना ए िाफा िे ़यीफ गईं औय उसिा तवाफ़ ियने िे फाद दीवाय से टे ि रगा
163
गईं औय दीवाय ज्मों िी त्मों हो गई। (भनाकिफ
ु़ ऩष्ृ ठ 132, वसीरतुन नजात ऩष्ृ ठ 60)
ववरादत िाफा िे अन्दय हुईं। अरी (अ.स.) ऩैदा तो हुए रेकिन उन्होने आॊख नहीॊ
खोरी। भाॊ सभझी िी शामद फच्चा फे नयू है, भगय जफ तीसये हदन सयवये
(अ.स.) ने आॊखे खोर दीॊ औय जभारे रयसारत ऩय ऩहरी नज़य डारी। सराभ िय
ज़फाने रयसारत स. से दहने इभाभत भें फायह चशभे जायी हो गमे औय अरी
हैं क्मोंकि तयववमा िे भाने सेयाफी िे हैं। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 132)
अर ायज़ हज़यत अरी (अ.स.) ऽाना ए िाफा से चौथे योज़ फाहय राए गमे औय
उसिे दयवाज़े ऩय अरी (अ.स.) िे नाभ िा फोडक रगा हदमा गमा। जो हश्शाभ इब्ने
अब्दर
ु भलरि िे ज़भाने ति रगा यहा। आऩ ऩािो ऩािीज़ा, तय्मफो ताहहय औय
भख़्तून (ऽतना शद
ु ा) ऩैदा हुए। आऩने िबी फत
ु ऩयस्ती नहीॊ िी औय आऩिी
ऩेशानी िबी फत
ु िे साभने नहीॊ झि
ु ी इसी लरए आऩिे नाभ िे साथ ियभ
अल्राह वजहा िहा जाता है । (नूरूर अब्साय, ऩष्ृ ठ 76, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 72)
164
आऩिे नाभे नाभी भोवये ऽीन िा फमान है कि आऩिा नाभ जनाफे अफू तालरफ
ने अऩने जद्दे आरा जाभए ़फाएरे अयफ ़सी िे नाभ ऩय ज़ैद औय भाॊ फ़ात्भा
नाभ ऩय अरी यखा। नाभ यखने िे फाद अफू तालरफ औय बफन्ते असद ने िहा
तालरफ)
यवामतों भें है कि जफ आऩ झर
ू े भें थे एि हदन भाॊ िही गई हुई थीॊ झर
ू े ऩय एि
है दय है ।
अफर
ु हसन औय अफू तुयाफ औय अल़्ाफ भें अभीरूर भोभेनीन, अर भत
ु ज़
क ा, असद
उल्राह, मदल्
ु राह, नफ़्सल्
ु राह, है दये ियाय, नफ़्से यसर
ू औय साकिमे
ु़ िौसय ज़्मादा
भशहूय हैं।
165
आऩकी ऩरवररि
ज़फा नदी औय दध
ू िे फजाए रोआफे दहने यसर
ू स. से सेयाफ हो िय रहभोिा
रहभी िे ह़दाय फने। (सहयते हरफीता ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 268) इसी दौयान भें जफ कि
आऩ सयवये िामनात िे ज़ेये सामा आयज़ी तौय ऩय ऩयवरयश ऩा यहे थे भक्िे भें
शदीद िहय ऩड़ा, अफू तालरफ िी चॉ कू ि औरादे ज़्मादा थीॊ इस लरमे हज़यते अब्फास
जाफ़ये तय्माय िो रे लरमा। हज़यत अरी (अ.स.) सयवये िाएनात स. िे ऩास हदन
यात यहने रगे। हुज़यू े अियभ स. ने तभाभ नेभाते इराही से फहयावय िय लरमा
औय हय किस्भ
ु़ िी तारीभात से बयऩयू फना हदमा महाॊ ति कि अरी नाभे ऽुदा
़ुव्वते फाज़ू फन िय मौभे फेसत 27 यजफ िो िुल्रे ईभान िी सयू त भें उबये औय
इज़हाये ईभान भस
ु रभानो भें अक्सय मह फहस नछड़ जाती है कि सफ से ऩहरे
जाता है हाॊराकि आऩ इस भौजूए फहस से अरग हैं क्मोंकि ज़ेये फहस वह रामे जा
सिते हैं जो मा तो भस
ु रभान ही न यहे हों औय तभाभ उम्र लशकिो फत
ु ऩयस्ती भें
गुज़ायी हो जैसे हज़यत अफू फक्र, हज़यत उभय, हज़यत उस्भान वाैया मा भस
ु रभान
166
तो यहें हों औय दीने इब्राहीभ ऩय चरते यहें हों रेकिन इस्राभ ज़ाहहय न िय सिे
(अ.स.) वाैया ऐसी सयू त भें इन हज़यात िे लरमे िहा जामेगा कि इस्राभ ़ुफर
ू
किमा औय फाद वारे ज़ैसे हज़यत अफू तालरफ (अ.स.) वाैया िे लरमे िहा जामेगा
कि इसराभ ज़ाहहय किमा। अफ यह गमे हज़यत अरी (अ.स.) मह िाफा भें कपतयते
ु़
िे दाभाद ़याय ऩामे। भैदाने जॊग भें िाभमाबफमाॊ हालसर िय िे िुल्रे ईभान फने
फ़ाज़जर
ु़ भाअसय तायीऽे आइम्भा भें लरखते हैं कि उल्भाए भोहक़़्े़ीन ने साफ़
शरू
ु से ही हज़यत यसर
ू े ऽद
ु ा स. िी किफ़ारत भें इसी तयह यहे ज़जस तयह खद
ु
हज़यत िी औरादें यहती थीॊ औय िुर भाभेरात भें हज़यत िी ऩैयवी ियते थे। इस
167
आऩिो भासभ
ू फनामा औय सीधी याह ऩय ़ामभ यखा। आऩिे लरमे इस्राभ राने
हज़यत अरी (अ.स.) फ़यभाते हैं कि भैंने उस उम्भत भें सफ से ऩहरे ऽुदा िी
सेिेन्ड िे लरमे बी िुफ्र इख़्तेमाय नहीॊ किमा। (सीयते हरबफमा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 270)
हुसऱया मुफारक
आऩिा यॊ ग गॊदभ
ु ी, आखें फड़ी सीने ऩय फार, ़द लभमाना, दाढ़ी फडी औय दोनों
शानें िोहननमा औय वऩॊडलरमाॊ ऩयु गोश्त थीॊ, आऩिे ऩाॊव िे ऩठ्ठे ज़फयदस्त थे शेय
िे िॊधो िी तयह आऩिे िॊधों िी हड्ड़डमाॊ चौड़ी थीॊ। आऩिी गयदन सयु ाही दाय
थी, आऩ खखज़ाफ
ु़ नहीॊ रगाते थे।
आऩिी शादी ऽाना आफादी आऩिी शादी 2 हहजयी भें हुज़ूये अियभ िी दख़्
ु तय
खखदभतगाय
ु़ न थे। फाहय िा िाभ आऩ खद
ु औय आऩिी वारेदा भोहतयभा ियती
थीॊ औय उभयू े ऽाना दायी िे फ़याएज़ जनाफे फ़ात्भा ज़हया स. अॊजाभ दे ती थीॊ, हो
168
सिता है कि मह रयश्ता आभ रयश्तों िी है लसमत से दे खा जाए, रेकिन दय ह़ी़त
(अ.स.) िे अरावा फ़ात्भा स. िा सायी दनु नमाॊ भें यहती दनु नमाॊ ति िफ़ो नहीॊ हो
फ़ात्भा स. िी शादी अरी (अ.स.) से िरूॊ औय इसी लसरलसरे भें इयशाद फ़यभाते
़याय दी गमी है । (सवाए़े भोहये ़ा, ऩष्ृ ठ 74) इनत भाभ अ़वार िो लभराने िे फाद
िी फ़ा औय दवाभ िे लरमे ़ामभ किमा गमा है । मही वजह है कि रोग ऩैााभे
रयश्ता दे िय िाभमाफ नहीॊ हो सिे। ज़जनिी फनु नमाद नजासते िुफ़्र ऩय इस्तेवाय
भस
ु ल्रभ है जो भदायरयजे ियभ हुज़ूये अियभ स. िो नसीभ हुए उन्हीॊ से लभरते
जुरते हज़यत अरी (अ.स.) िो बी लभरे। समादत ज़जस तयह सयवये िामनात स.
169
जफ अभीरूर भोलभनीन हुज़ूये अियभ स. िे साभने आमे तो आऩने फ़यभामा् ऐ
भस
ु रभानों िे सयदाय औय ऐ ऩयहे ज़गायों िे इभाभ तम्
ु हें जानशीनीॊ भफ
ु ायि हो।
इस इयशादे यसर
ू स. ऩय इज़हाये ख्मार ियते हुए अल्राभा भौहम्भद इब्ने तल्हा
शाफ़ेई ने भत
ु ारेफर
ु सऊ
ु र भें लरखा है कि हज़यत िी समादते भस
ु रेभीन औय
इभाभत भत्त
ु ़ीन ज़जस तयह लसफ़ते ज़ाती हैं। खुदा ने अऩना नफ़्स ़याय दे िय,
यसर
ू स. ने अऩना नफ़्स फ़यभा िय अरी (अ.स.) िी शयफ़े समादत िो फाभे
ऊरूज ऩय ऩहुॊचा हदमा क्मोकि ज़जस तयह असलरमे नफववमा भें नफ़से नफव
ू त
भशारयि है, उसी तयह असलरमे समादत भें बी नफ़्स शयीि है । इस लरमे हुज़यू े
भस
ु रेभीन फ़यभामा ियते थे। (भतालरफुर सवेर, ऩष्ृ ठ 56, 57) औय हज़यत फ़ात्भा स.
दीगय औरादे अरी (अ.स.) हैं जो फतने फ़ात्भा स. (फ़ात्भा स. िे ऩेट) से ऩैदा
नहीॊ हुए उनिी है लसमत औय है क्मों कि फनी फ़ात्भा लसरलसराए नस्रे नफव
ू त िी
ज़भानत हैं।
170
माॉ की वफात
आऩिी वारेदा भाजेदा जनाफे फ़ात्भा बफन्ते असद ने 1 फेसत भें इज़्हाये इस्राभ
इन्ते़ार िे फाद आऩने ़ब्र खोदने भें ऽुद हहस्सा लरमा। अऩनी चादय औय अऩने
िुयते िो शयीिे िफ़न किमा औय ़ब्र भें रेट िय उसिी िुशदगी िा अन्दाज़ा
किमा।
(िॊज़र
ु आभार ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 7, फ़ुसर
ू े भहभा, ऩष्ृ ठ 15 व असाफा ज़जल्द 8 ऩष्ृ ठ 160 व
फभ़ाभे भक्िा ऩैदा हुए औय वहीॊ ऩरे फढ़े , आऩिी फनु नमाद दीने कपतयत
ु़ ऩय थी।
171
यसर
ू स. िा साथ न छोड़ना। (तायीऽे िालभर, ज़जल्द ऩष्ृ ठ 60) आऩ ही िी हहदामत
हज़यत अब्दर
ु भत्त
ु ालरफ िे इन्ते़ार िे वक़्त 578 ई0 भें जफ कि यसर
ू े ियीभ
यसर
ू े ियीभ स. िी शादी जनाफे ऽदीजा िे साथ िय दी औ ऽत
ु फाए ननिाह ऽद
ु
ऩढ़ा।
(असननर भतालरफ ऩष्ृ ठ 34, लभस्र भें छऩी, तायीऽे ऽभीस भोवाहे फर
ु दनु नमा)
आऩिा इन्ते़ार 15 शव्वार 10 फेसत भें 80 सार िी उम्र भें हुआ। आऩिे
फे हद भत
ु ाअज़स्सय हुए। आऩने इन्तेहाई ताअस्सयु िी वजह से इस सार िा नाभ
आभर
ु हुज़्न यखा। हज़यत अफू तालरफ िो इस्राभी उसर
ू ऩय दफ़न किमा गमा।
हज़यत अरी (अ.स.) िी ज़ात ने इसे वाज़े िय हदमा कि भैदाने इल्भ औय भैदाने
172
जॊग दोनों ऩय ़ाफू किमा जा सिता है फशयते इन्सान भें वही सराहहमतें हों जो
वफ़ाते ऩैाम्फये इस्राभ ति नज़य डारी जाम तो अरी (अ.स.) िे जॊगी िायनाभे
अवया़े तायीऽे ऩय नज़य आमेंगे। जॊगे ओहद हो मा जॊगे फद्र, जॊगे ऽैफय हो मा
(अ.स.) िी ज़ुज़ल्प़ाय
ु़ चभिती हुई हदखाई दे ती है । तायीऽ शाहहद है कि अरी
(अ.स.) िे भ़
ु ाफरे भें िोई फहादयु हटिा ही नहीॊ। आऩिी तरवाय ने भयहफ,
से भ़
ु ाफरा ज़जस तयह इन्सान नहीॊ िय सिते थे, उसी तयह ज़जन बी आऩसे नहीॊ
रड़ सिते थे।
भनाकिफ
ु़ इब्ने आशोफ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 90 व िनज़ुर वाएज़ीन भर
ु रा सारेह
फतवस्सर
ु हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) व अफू सईद ऽदयी व हुज़ैफ़ा
से गज़
ु यें आऩने ऩछ
ू ा मह िौन सा भिाभु़ है , उम्र बफन अलभमा ज़भयी ने िहा इसे
173
वादी िसीफे अयज़़ िहते हैं। इस जगह एि िुआॊ है ज़जसभें वह ज़जन यहते हैं
ज़जन ऩय जनाफे सर
ु भ
ै ान (अ.स.) िो ़ाफू नहीॊ हालसर हो सिा। इधय से तेाे
मभानी गज़
ु या था उसिे दस हज़ाय लसऩाही इन्हीॊ ज़जनों ने भाय डारे थे। आऩने
आवाज़ दी। साया जॊगर आग िा फन गमा। धयती िाॊऩने रगी, सफ सहाफी बाग
इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) िो बेज़जमे। अरी (अ.स.) यवाना हुए, यसर
ू स. ने दस्ते
दआ
ु फरन्द किमा, अरी (अ.स.) ऩहुॉचे इफ़यीमत फयाभद हुआ औय फड़े ास्
ु से भें
यजज़ ऩढ़ने रगा। आऩने फ़यभामा भैं अरी इब्ने अफी तालरफ हूॉ। भेया शेवा भेया
174
अरी (अ.स.) िुऐॊ िी जगत ऩय चढ़ गए, औय डोर डार हदमा। िुऐॊ से डोर फाहय
जाओ। मह सन
ु िय एि इफ़यीमत फयाभद हुआ। आऩने उसे ़त्र किमा, कपय िुऐॊ
भें डोर डारा वह बी फाहय पेि हदमा गमा, ायज़ कि इसी तयह तीन फाय हुआ।
आखखय
ु़ भें आऩने असहाफ से िहा कि भैं िभय भें यस्सी फाॊध िय िुएॊ भें उतयता
हूॉ, तुभ यस्सी ऩिड़े यहो। असहाफ ने यस्सी ऩिड़ री औय अरी (अ.स.) िुएॊ भें
टूट गमा। असहाफ फहुत ऩये शान हुए औय योने रगे। इतने भें िुऐ से चीऽ ऩि
ु ाय
िी आवाज़ें आने रगीॊ। उसिे फाद मह सदा आई् अरी हभें ऩनाह दो। आऩने
फ़यभामा ़ता व फयु ीद औय ज़यफे शदीद िरभें ऩय भौिूफ़ है । िरभा ऩढ़ो, अभान
रो। ायज़ िी िरभा ऩढ़ा गमा। इसिे फाद यस्सी डारी गई औय अभीरूर
हज़ाय) ़फाएर िो भस
ु रभान फना िय िुऐॊ से फाहय आमे। असहाफ ने ऽश
ु ी िा
भफ
ु ायिफाद से हहम्भद अफ़ज़ाई फ़यभाई। कपय एि यात ़माभ िे फाद भदीने िो
यवानगी हुई। (अद्दभतुस ़् सािेफा ऩष्ृ ठ 176 ईयान भें छऩी व शवाहे दन
ु नफूवत अल्राभा जाभी
175
इस्ऱाम ऩर अऱी (अ.ि.) के एहिानात
हभ उसे इस भख़्
ु तसय भजभए
ू हारात भें लरख सिें। ताहभ भश्ु ते अज़ ऽय दाये
लरख दे ते हैं।
1. दावते ज़र
ु अशीया िे भौ़े ऩय ज़जस जगह यसर
ू े अियभ स. िो त़यीय ियने
िा भौ़ा नहीॊ लभर यहा था। आऩने ऐसी जयु क त औय हहम्भत िा भज़
ु ाहे या किमा िे
औय जान जोखभ भें डार िय ााय भें तीन योज़ खाना ऩहुॉचामा।
फेशभ
ु ाय थे। आऩने िभारे जयु क त औय हहम्भत से िाभमाफी हालसर िी।
5. िुफ़्फ़ाय ज़जनिे हदरों भें फदरे िी आग बड़ि यही थी, उभयो बफर अब्द वद
ु
176
भ़
ु ाफरे िे लरमे ननिरें रेकिन अरी (अ.स.) िे अरावा किसी ने हहम्भत न िी।
आखखय
ु़ िाय यसर
ू अल्राह स. िो िहना ऩड़ा कि आज अरी (अ.स.) िी एि
फ़यभामा।
7. भेये ख्मार िे भत
ु ाबफ़ हज़यत अरी (अ.स.) िा इस्राभ ऩय सफ से फड़ा
ु़
एहसान मह था कि, वफ़ाते यसर
ू स. िे फाद दख
ु बये वािेमात औय जान रेवा
हारात िे फावजद
ू आऩने तरवाय नहीॊ उठाई वयना इस्राभ भॊज़जरे
ु़ अव्वर ऩय ही
ऽत्भ हो जाता।
मह एि भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि हज़यत अरी (अ.स.) दनु नमा औय दनु नमा िे
दनु नमा जा भेये अरावा औय किसी िो धोखा दे । भैंने तुझे तरा़े फाइन दे दी है
ज़जसिे फाद रूजु ियने िा सवार ही ऩैदा नहीॊ होता। इब्ने तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं
दनु नमा िे लरमे है? अज़क िी भौरा, है । तो ऐसा ही आऩने फ़यभामा। जाबफय सन
ु ो
177
इन्सान िी ज़जन्दगी
ु़ िा दायो भदाय सात चीज़ो ऩय है औय मही सात चीज़ें वह हैं
ऩीने वारी चीज़ें, 3. ऩहन्ने वारी चीज़ें, 4. रज़्ज़्ते ननिाह वारी चीज़ें, 5. सवायी
ऐ जाबफय, अफ इनिी ह़ी़तों ऩय गौयु़ ियो। खाने भें फेहतयीन चीज़ शहद है,
ज़भीन ऩय भाया भाया कपयता है । फेहतयीन ऩहनने िी चीज़ दीफाज़ है, मह िीड़े िा
भ़ाभ ऩेशाफ िे भ़ाभ भें होता है, दनु नमा इसिी ज़जस चीज़ िो अच्छी ननगाह से
है जो एि जानवय िे नाफ़ िा सख
ू ा हुआ ऽून है । औय फेहतयीन सन
ु ने िी चीज़
गगना
ु़ (गाना) है जो फहुत फड़ा गन
ु ाह है । ऐ जाबफय ऐसी चीज़ों िे लरमे आकिर
ु़
क्मो ठॊ डी साॊस रे? जाबफय िहते हैं कि इस इयशाद िे फाद भैंने िबी दनु नमा िा
ख़्मार ति न किमा।
(भतारेफर
ु सउ
ू र, ऩष्ृ ठ 191)
178
किफे हऱाऱ की जद्दो जहद
आऩिे नज़दीि िसफे हरार फेहतयीन लसफ़त थी। ज़जस ऩय आऩ खुद बी अभर
(खामा) फ़यभामा। इसी तयह आऩने लभट्टी खोदने औय फाा भें ऩानी दे ने िी बी
हदन िे लरमे अरग अरग यख लरमा। इसिे फाद एि हहस्से िो ऩीस िय शाभ िे
वक़्त योहटमाॊ ऩिाईं इतने भें एि मतीभ आ गमा, औय उसने भाॊग रीॊ। कपय दस
ू ये
दी गईं, कपय तीसये हदन योहटमाॊ तय्माय हुईं आज फ़िीय ने आवाज़ दी, औय सफ
179
यहे । इसिे इनाभ भें ऽुदा ने सयू ा हर अता् नाज़जर
ु़ फ़यभामा (रयमाज़ुन नज़या ज़जल्द
आऩ फहुत ही ऽश
ु अऽरा़ थे। उरेभा ने लरखा है कि आऩ यौशन रू औय
िुशादा ऩेशानी यहा ियते थे। मतीभ नवाज़ थे। फ़ु़िीयों भें फैठ िय ऽश
ु ी भहसस
ू
ियते थे। भोलभनों भें अऩने िो ह़ीय औय दश्ु भनों भें अऩने िो फा योफ यखते थे।
भेहभानों िी खखदभत
ु़ खुद किमा ियते थे। िाये ऽैय भें सफ़त ियते थे। जॊग भें
ऩय तिफीय िहते थे। जॊग भें आऩिी आॊखे ऽून िे भानन्द होती थीॊ। इफादत खाने
यिअत नवाकपर
ु़ अदा ियते थे। अऩने फार फच्चों िे साथ घय िे िाभाॊ भें भदद
ियते थे। घय भें इस्तेभार होने वारा साया साभान ऽुद फाज़ाय से ऽयीद िय राते
थे। अऩने िऩड़ों भें ऽुद ऩेवन्द रगाते थे। अऩनी औय यसर
ू े अियभ स. िी जूती
से ऽद
ु ऽयीद िय आज़ाद ियते थे। (जन्नातर
ु ऽर ू ) किताफ अयजहुर भतालरफ
ु द
180
ऩष्ृ ठ 201 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) हुज़ूये अियभ स. िी तयह िुशादा हॊ सने
वारे औय ऽश
ु तफआ थे औय लभज़ाह (भज़ा़) बी फ़यभामा ियते थे।
2. कपय भसजद
ू े भराएि ़याय हदमा।
4. कपय अज़म्फमा िे साथ अऩनी तयफ़ से भददगाय फना िय बेजा। (हदीसे ़ुदसी
व भदीनतुर भगाहहज़
ु़ ऩष्ृ ठ 19 ईयान भें छऩी)
5. अऩने भऽसस
ू घय, ऽाना ए िाफा भें अरी (अ.स.) िो ऩैदा किमा।
8. यसर
ू े अियभ स. िा खुद जाॊ नशीन फनामा।
181
13. इल्भे रदज़ु न्न से भम्
ु ताज़ किमा।
15. भफ
ु ज़ल्राे सयू ा ए फयाअत फनामा।
16. भदहे अरी (अ.स.) भें िसीय (िाफ़ी तादाद भें ) आमात नाज़जर
ु़ फ़यभाईं।
उठाने से योिा।
21. औय साकिमे
ु़ िौसय ़याय हदमा।
भफ
ु ाहे रा 5. आमए नजवा 6. इज़्ने वामता 7. आमए अतआभ 8. आमए फज़ल्रा,
तफ़सीर िे भर
ु ाहे ज़ा हों रूह अर ़ुयआन, भोअल्रेफ़ा ह़ीय राहौय भें छऩा।
182
हज़रत अऱी (अ.ि.) रिऱ
ू े खद
ु ा की तनगाह में
सार िी थी।
6. फत
ु लशिनी िे वक़्त अरी (अ.स.) िो अऩने िन्धों ऩय सवाय किमा।
183
15. 18 ज़जज़ल्हज
ु़ िो आऩिी खखराफ़त
ु़ िा 1,24,000 (एि राख चौफीस हज़ाय)
िुफ़्फ़ा यवर भन
ु ाफ़े़ीन िी तिभीर हो सिे जो कि भेये लरमे है ।
इभाभर
ु भोहद्दे सीन अल्राभा भौहम्भद फाक़य भजलरसी, अल्राभा भौहम्भद
फा़य नजफ़ी, अल्राभा शेऽ अब्फास ़ुम्भी तहयीय फ़यभाते हैं कि यसर
ू े ियीभ स.
184
इस ऩय भौहम्भद बफन अब्दल्
ु रा िन्दा िया राओ। हज़यत अरी (अ.स.) ने उसे
फ़यभामा कि भैंने जो इफायत फताई थी तुभने वह क्मो न िन्दा िी। िन्दा ियने
वारे ने अज़क िी भौरा, आऩ इसे हुज़ूय िे ऩास रे जाइमे कपय वह जैसा इयशाद
हाज़जय
ु़ हो िय अज़क कि हुज़ूय फ़यभामा गमा है कि ऐ नफी। जो तुभने चाहा तुभने
(फेहारूर अनवाय, दभए सािेफा, सफ़ीनतुर फेहाय, लरल्द 1 ऩष्ृ ठ 376 नजफ़े अशयफ़ भें छऩी)
तनयाफते रिऱ
ू (ि.अ.व.व.)
चाहहमे। मानी जो लसफ़ात नाएफ फनाने वारे भें हो, उसी किस्भ
ु़ िी लसफ़तें नाएफ
फनने वारे भें बी होनी चाहहमे। अगय नाएफ फनाने वारा नयू से ऩैदा हो तो जाॊ
185
चाहहमे। अगय उसे ऽुदा ने फनामा हो तो, उसे बी ऽुदा िे हुक्भ से ही फनामा गमा
नब्वी िा लसफ़ात िा होना ज़रूयी था। मही वजह है कि ज़जन लसफ़ात िे हालभर
सयवये िामनात थे, उन्हीॊ लसफ़ात से हज़यत अरी (अ.स.) बी फहयावय थे।
वन्दे ियीभ िो है । मही वजह है कि उसने तभाभ अज़म्फमा िा त़रूकय खुद किमा
औय उनिे जाॊनशीन िो खद
ु भ़
ु यक य ियामा, अऩने किसी नफी ति िो मह ह़
भासभ
ू थे। मही वजह है कि खद
ु ा ने यसर
ू े ियीभ स. िा जाॊनशीन हज़यत अरी
ऩष्ृ ठ 93) ज़जसिी सॊगे फनु नमाद दावते ज़ुरअशीया िे भौ़े ऩय यखा औय आमते
ववरामत औय वाकिए
ु़ तफ़
ू (सही भुज़स्रभ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 272) से इस्तेहिाभ ऩैदा
186
किमा। कपय इज़ा फ़याता फ़ननसफ से हुक्भे ननफ़ाज़ िा फ़यभान जायी फ़यभामा
चन
ु ाॊचे यसर
ू े ियीभ स. ने मौभे जभ
ु ा 18 ज़जज़ल्हज्जा
ु़ 10 हहजयी िो फाभ़
ु ाभे
ादीय ऽुभ एि राख चौफीस हज़ाय (1,24,000) असहाफ िी भौजूदगी भें हज़यत
वह हय्मा अरा ऽैरयर अभर िे ज़रयमे से हुआ था। िुतुफे तवायीऽ व अहादीस भें
भौजद
ू है कि इस ऐरान ऩय हज़यत उभय ने बी भफ
ु ायि फाद अदा िी थी ज़जसिी
18 जजजल्हज्जा
अर इन्सो ज़जन होने िा ऐरान किमा गमा औय इसी तायीऽ 34 हहजयी भें हज़यते
उस्भान ़त्र हुए औय हज़यत अरी (अ.स.) िी फैअत िी गई। इसी तायीऽ हज़यते
भस
ू ा (अ.स.) साहहयों ऩय ाालरफ आमे औय हज़यते इब्राहीभ (अ.स.) िो आग से
187
नजात लभरी औय इसी तायीऽ िो हज़यते भस
ू ा (अ.स.) ने जनाफे मश
ू ा इब्ने नन
ू
िो, हज़यते सर
ु भ
ै ान ने जनाफे आलसफ़ इब्ने फयखखमा
ु़ िो अऩना जाॊनशीन भ़
ु यक य
(जाभेए अब्फासी मा नज़द वफाफी ऩष्ृ ठ 58, 1914 ई0 दे हरी भें छऩा व इख़्तेमायात भजलरसी
यहभतउल्राह इरैह)
दस्तावेज़े खखऱाफत
से ऐरान ियने िे फाद वफ़ात िे वक़्त मह चाहा कि उसे दस्तावेज़ी शक्र दे दें
ऽद
ु फमान है कि जफ आॊ हज़यत स. ने वक़्ते आखखय
ु़ भयज़र
ु भौत भें ह़ िो
छोड़ िय फानतर िी तयफ़ जाना चाहा तािे अरी (अ.स.) िी सयाहत िय दें तो
(तायीऽे फादाद व शयह इब्ने अबफर हदीद, ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 51 तेहयान भें छऩी)
188
इभाभें ाज़ारी फ़यभाते हैं कि यसर
ू अल्राह स. ने अऩनी वफ़ात से ऩहरे
असहाफ से िहा कि भझ
ु े ़रभ दवात औय िााज़ दे दो। रा ज़ैर अनिुभ
भर
ु ाहे ज़ा हो:-
(सेयाआरेभीन फम्फई भें छऩी, ऩष्ृ ठ 9, सतय 15 किताफ अर लशफ़ा, िाज़ी अमाज़, फये री भें
छऩी, ऩष्ृ ठ 308 व नसीभ अर रयमाज़ शयह लशफ़ा, शयह लभश़्ात, भोहद्हदस दे हरवी व भदारयजे
नफव
ू त, हफीफ अर सैय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 144, यौज़तर
ु अहफाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 550, फख
ु ायीु़ ज़जल्द
किमे जाने ऩय भि
ु म्भर यौशनी डारी है ।
189
हभ इस भौ़े ऩय लभस्टय डीवन ऩौटक िी तहयीय िा तयजुभा ऩेश ियते हैं। इन
दोनों कपय़ों
ु़ सन्
ु नी औय लशमा भें से एि ने भौहम्भद िे चचा जादु़ बाई औय
िुफ़्फ़ाय िे भज़ाि उड़ाने औय तौहीन ियने िे फावजूद अऩना ईभान ज़ाहहय किमा
था। हज़यत ने अऩनी फाहें उस जवान िे गरे भें डार िय छाती से रगामा औय
फाआवाज़े फरन्द िहा, दे खो भेये बाई, भेये वसी औय भेये ऽरीफ़ा िो।
दस
ू ये जफ आॊ हज़यत ने अऩने इन्ते़ार से िुछ भहीने ऩहरे ऽुतफा ऩढ़ा था। फा
भत
ु ाबफ़ आॊहज़यत ने अनस से िहा कि रोगों िो जभा ियें ज़जसभें आॊहज़यत िे
गाॊव िे ऩास जभा हुई ज़जसे ादीये ऽुभ िहते हैं जो नवाह शहय हजफ़ा भें भक्िे
190
626 ई0 िो आॊहज़यत एि ऊॊचे लभम्फय ऩय गमे जो वहाॊ उनिे लरमे तय्माय किमा
तभाभ हम्दो सना उस खुदाए मिता िे लरमे हैं ज़जसिे िोई दे ख नहीॊ सिता।
ज़ात िा बेद भभ
ु किनात िो भारभ
ू नहीॊ हो सिता। आफ़ताफ (सयू ज) व भहताफ
(चाॉद) औय फा़ी अजयाभे सभावी (नऺत्र) उसी िे इल्भ से अऩनी याह ऩय जो उसी
ने भ़
ु यक य िय दी है चरते हैं। फाद हम्दे ऽद
ु ा वाज़े हो िे भैं ऽद
ु ा िा लसफ़क एि
फन्दा हूॊ। भझ
ु े ऽुदा िा हुक्भ हुआ है औय भैं उसिी ताभीर भें सये ननमाज़ फा
191
तभाभ उम्भत िे इभाभ हैं औय भेये गोश्त व ऩोस्त हैं औय भेये ऐसे हैं जैसे भस
ू ा
जफ भैं इस दनु नमा से ये हरत िय जाऊॊ तो भेये ऩैयवों िो उनिी फ़यभा फयदायी ऐसी
ियनी चाहहमे जैसे इताअत भेयी ियते थे जफ कि भैं तुभ भें भौजूद था।
सन
ु ो ! ज़जसने अरी (अ.स.) िी नाफ़यभानी िी उसने दय ह़ी़त ऽुदा औय
यसर
ू स. िी नाफ़यभानी िी, ऐ दोस्तों, मह ऽुदा िे अहिाभ हैं। सफ वहीमाॊ
ऽद
ु ा ने ़ुयआन िी हय सयू त भें अरी (अ.स.) िी तायीफ़ िी है भैं दोफाया
िहता हूॉ कि अरी भेये चचा ज़ाद बाई औय भेये गोश्त औय ऽून हैं औय ऽुदा ने
उनिो ननहामत नाहदय ऽूबफमाॊ अता िी हैं। अरी (अ.स.) िे फाद उनिे फेटे हसन
(अ.स.) औय हुसन
ै (अ.स.) उनिे जाॊनशीन होंगे। इस ऽत
ु फे िे तभाभ होने ऩय अफू
औय उनिो यसर
ू स. िे ऽरीफ़ा भ़
ु यक य होने िी भफ
ु ायि फाद दी औय इ़याय
622 ई0 भें लसफ़क तीन हदन ऩहरे अऩने इन्ते़ार से आॊहज़यत स. ने कपय
192
हदमा कि आऩ िी आर से ऽुसलू समत िे साथ भोहब्फत यखें औय उनिी इज़्ज़तों
वह अरी (अ.स.) िो बी भौरा सभझे, अल्राह ताईद िये उसिी जो दोस्ती यखे
भस
ु यक ह फमानात से जो खुद यसर
ू स. िे रफों से अदा हुए थे एि वक़्त तो अभये
खखराफ़त
ु़ से शिो शब्ु हा बफल्िुर दयू यहा भगय आखखय
ु़ भें सफ िो भामस
ू ी हो गई
भरिुर भौत िे इज़न्तज़ाय भें आॊ हज़यत िा आमशा िे हुजये भें जाना चाहे
उन फेशभ
ु ाय औय फड़ी खखदभतों
ु़ िे जो उन्होंने इस्राभ िीॊ, हो सिता है कि फीफी
193
उन्हें ऽरीफ़ा फना हदमा जाए रेकिन सही मह है कि आमशा िो अरी (अ.स.) िी
दयगुज़य नहीॊ किमा, फज़ल्ि अरी (अ.स.) िो सतामा औय ऐसा इन्ते़ाभ लरमा जो
(किताफे खखराफ़त
ु़ भऩ्ूर अज़ तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 25)
़ब्ज़ा िय लरमा। (भुराहे ज़ा हो एरीभें ट्स आफ़ जनयर हहस्टीª ऩष्ृ ठ 249, 1851 ई0 भें
छऩा)
भोअज़ल्रफ़ भाना जाता तो वह फयफाद िुन झगड़े ऩैदा न होते ज़जन्होंने इस्राभ िो
भस
ु रभानों िे ऽन
ू भें डूफो हदमा। (ज़स्प्रट आफ़ इस्राभ लभस्टय सडीवाज़ तायीऽे इस्राभ
194
हज़रत अऱी (अ.ि.) के फज़ाएऱ
दी है । आऩिा इयशाद है कि, अगय तभाभ दनु नमा िे दरयमा, सभन्दय लसमाही फन
जामें औय दयख़्त ़रभ हो जामें औय ज़जन्नो इन्स लरखने औय हहसाफ ियने वारे
एि किताफ भें जभा नहीॊ किए जा सिते। अल्राभा इब्ने हजये भक्िी सवाए़े
हैं औय सवाए़ ऩष्ृ ठ 72 ऩय फ़यभाते हैं कि, फ़ज़ाएरे अरी वही ़सीयह, अज़ीताह
भशाएत् हत्ता ़ारा अहभद वभा जा राहद लभनर फ़ज़ाएर भाजर अरी फे शभ
ु ाय
हैं, फेश फहा हैं, औय भशहूय हैं। अहभद इब्ने हम्फर िा िहना है कि, अरी (अ.स.)
195
शान भें उम्दा सनदों िे साथ वह फ़ज़ाएर वारयद नहीॊ हुए जो हज़यत अरी (अ.स.)
िी शान भें वारयद हुए हैं। अल्राभा भौहम्भद इब्ने तल्हा शाफ़ेई तहयीय फ़यभाते हैं
इयशाद किमा है कि अरी िा दोस्त भेया दोस्त है औय अरी िा दश्ु भन भेया दश्ु भन
है । (भतारेफुर सुऊर ऩष्ृ ठ 57) अल्राभा हजय लरखते हैं कि ़ुयआन भजीद भें जहाॊ
मा अय्मोहर रज़ीना आभेनू आमा है वहाॊ ईभान दायों से भयु ाद लरमे जाने वारों भें
आमा है ऽैय िे साथ आमा है औय अरी (अ.स.) िी शान भें िुयु़ आने भजीद िी
ु़
तीन सौ (300) आमतें नाज़जर
ु़ हुई हैं। (सवाएिे भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 76 लभस्र भें छऩी) मही
वजह है कि इभाभ अर इन्स वर ज़जन हज़यत अरी (अ.स.) इयशाद फ़यभाते हैं,
यसर
ू स. दीन िी ननव औय म़ीन िे खम्फे हैं। (सर सफीरे फ़साहत तयजुभा नहजुर
196
इयशाद फ़यभा हदमा है कि भेयी आर भेये अरावा सायी िामनात से फेहतय औय
वन्दे आरभ ने ़ुयआने भजीद भें हदमा है औय उनिी भोहब्फत से सवार किमा
जाना भस
ु ल्रभ है । इनिे लरमे दनु नमा िी भज़स्जदें अऩने घय िे भाननन्द हैं।
(दयु े भन्शय व भतारेफुर सवेर ऩष्ृ ठ 59) अहरे फैत भें हज़यत अरी (अ.स.) िा ऩहरा
तभाभ आइम्भा भश
ु तयि हैं। आऩिो ऽद
ु ा ने ़सीभे नायो जन्नत फनामा है ।
(सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 73) आऩिे हुक्भ िे फाैय िोई जन्नत भें नही रेजा सिता।
अल्राभा हजये भक्िी तहयीय फ़यभाते हैं कि हज़यत अफू फिय ने इयशाद फ़यभामा
है कि भैंने यसर
ू अल्राह स. िो मह िहते सन
ु ा है कि, िोई शख़्स बी लसयात ऩय
ऩयवानाए जन्नत उसिे ऩास न होगा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 75 लभस्र भें छऩी) आऩिो
197
अरी (अ.स.) िो हुक्भ हदमा कि आफ़ताफ िो ऩरटा िय नभाज़ अदा ियें चन
ु ाॊचे
आफ़ताफ डूफने िे फाद ऩरटा औय अरी (अ.स.) ने नभाज़ अदा िी। इसी किताफ
जाते वक़्त जफ फ़यात िे ़यीफ ऩहुॉचे तो असहाफ िी नभाज़े अस्र ़ज़ा हो गई,
थे जो भस
ु रभान अऩनी नभाज़ भें उन ऩय दरू
ु द न बेजे उसिी नभाज़ सही नहीॊ
है ।
198
भौराना ज़फ़य अरी खाॉ ु़ भयहूभ एडीटय ज़भीॊदाय राहौय िा एि अजीफो ायीफ
शेय मह है ।
भाद्दी हैं। वह भज
ु स्सभ ईभान थे औय उन रोगों ने 38, 39, 40 सार िुफ़्र भें
फत
ु ऩयस्ती भें गुज़ाय िय इस्राभ ़ुफर
ू किमा था औश्र अगय भशअर से भयु ाद
नफव
ू त री गई है औय उसिी कियने उनिी इभाभत औय खखराफ़त
ु़ िो ़याय हदमा
है तो मह बी दरू
ु स्त नही है क्मो कि यसर
ू स. िी नफव
ू त लभन जाननफ अल्राह
थी औय उनिी खखराफ़त
ु़ िी फनु नमाद इज्भाए नाकिस
ु़ ऩय ़ामभ हुई थी। इस शेय
िे दस
ू ये लभस्रे भें चायों िो हभ भयतफा िहा गमा है औय यसर
ू स. िा माय फतामा
199
अरी (अ.स.) िा उनिे फयाफय होना मह उनिा आऩिे हभ भयतफा होना सभझ से
नसीफ नहीॊ हुआ। वह रोग आभ इन्सानों िी तयह ऽल़् हुए औय अरी लभसरे
नफी स. नयू से ऩैदा हुमे। इसिे अरावा खुद ऽुदा वन्दे आरभ ने अरी (अ.स.) िे
भर
ु ाहे ज़ा हों:-
(अहमा अर उरभ
ू , ाज़ारी सफ़सीय साअल्फी व तफ़सीये िफीय ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 283)
इन्ही ऽस
ु स
ू ीमात िी बफना ऩय अरी (अ.स.) िो भेमाये ईभान ़याय हदमा गमा
है ।
ऩहचानने िा उसर
ू फतामा है औय फाज़ ने अफ़ज़लरमते अरी (अ.स.) ऩय एते़ाद
200
ज़रूयी ़याय हदमा है औय अल्राभा अब्दर
ु फय ने एस्तेमाफ भें सहाफा, ताफईन
(एज़ारतर
ु ऽफ़ा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 256)
वाजेफर
ु वज
ु ूद ज़ात िो िहते हैं जो इल्भ व ़ुदयत से इफायत है । मह ज़ाहहय है
हज़यत अरी (अ.स.) िे लरमे मह भानी हुई चीज़ है कि आऩ दनु नमा िे तभाभ
उरभ
ू से लसफ़क वाकिफ़
ु़ ही नहीॊ फज़ल्ि उनभें भहायत यखते थे औय इल्भें रदन्ु नी से
इभाभे शफरन्जी लरखते है ् आऩिे इल्भों फ़हभ वाैया िे लरमे फहुत सी ज़जल्दें
हज़यत अरी (अ.स.) िो लभरे हैं औय दसवें भें तभाभ दनु नमा िे उरेभा शालभर हैं
201
िहते हैं कि हज़यत इल्भ अर नास बफर ़ुयआन वर सन्न थे, मानी तुभ रोगों
आऩिे इल्भी भदारयज ऩय फाय फाय यौशनी डारी है । िहीॊ अना भदीनतर
ु इल्भ व
अरीमन फाफोहा फ़यभामा, िहीॊ अना दारूर हहिभते व अरीमन फाफोहा इयशाद
फ़यभामा, किसी जगह ऩय अरभ उम्भती अरी इब्ने अफी तालरफ िहा। हज़यत
भझ
ु े इल्भ िे हज़ाय फाफ (अध्माम) तारीभ फ़यभामे हैं औय भैंने हय फाफ से हज़ाय
फाफ (अध्माम) ऩैदा िय लरमे हैं। एि भ़ाभ ऩय इयशाद फ़यभामा ज़़नी यसर
ू
तयह िफत
ू य अऩने फच्चे िो दाना बयाता है । एि भज़न्जर
ु़ ऩय िहा कि सरन
ू ी
़ब्र अन तफ़़दन
ू ी भेयी ज़जन्दगी
ु़ भें जो चाहे ऩछ
ू रो वयना कपय तुम्हें इल्भी
भारभ
ू ात से िोई फहयावय ियने वारा न लभरेगा। एि भ़ाभ ऩय फ़यभामा कि
िे यास्तो िा इल्भ है । एि हदन फ़यभामा कि अगय भेये लरमे भसन्दे ़ज़ा बफछा
दी जाए तो भैं तौयै त वारों िो तौयै त से, इन्जीर वारों िो इन्जीर से, ज़फयू वारों
उनिे उरेभा है यान यह जाऐ। एि भौ़े ऩय आऩने इयशाद फ़यभामा कि, ऽुदा िी
202
़सभ भझ
ु े इल्भ है कि ़ुयआन िी िौन सी आमत िहाॊ नाज़जर
ु़ हुई है, औय भैं
आमत नाज़जर
ु़ हुई है । िौन सी हदन भें औय िौन सी आमत यात भें नाज़जर
ु़ हुई
अरी (अ.स.) िे भ़
ु ाफरे भें ऐसा है जैसे सात सभन्
ु दयों िे भ़
ु ाफरे भें ऩानी िा
भेये सीने भें इल्भ िे ऽज़ाने हैं िाश िोई अहर लभरता कि भैं उसे तारीभ िय
दे ता।
203
भहु हफ तफयी तहयीय फ़यभाते हैं कि सयवये आरभ स. िा इयशाद है कि जो शख़्स
हज़यात सभेत दे खना चाहे फ़र मन्ज़य इरा अरी इब्ने अफी तालरफ उसे चाहहमे कि
(नरू
ू र अफसाय शयह भवाकिफ़
ु़ भतारेफर
ु सवेर, सवाए़े भोहये ़ा, श्वाहे दन
ु नफव
ू त, अफर
ु कपदा,
ु़
छऩवामा।
(भोहज़ब्फर
ु भोिारेभा ऩष्ृ ठ 104)
लभस्टय एमय ववॊग लरखते हैं, आऩ ही वह ऩहरे ऽरीफ़ा हैं ज़जन्होंने उरभ
ू व
फ़ुनन
ू िी फड़ी हहभामत फ़यभाई। आऩिो ऽद
ु बी शेय िहने िा ऩयू ा जौ़ था औय
(किताफ ऽर
ु फ़ाए यसूर ऩष्ृ ठ 178)
204
लभस्टय ओिरी लरखते हैं, तभाभ भस
ु रभानों भें फा इत्तेफ़ा़ अरी िी अक़्र व
ऩस्
ु तिारम भें आऩिे अ़वार िी एि फड़ी किताफ (नहजुर फरााह) भौजूद है ।
यहती दनु नमा ति होने वारे वा़ेमात फतराते हैं। मह आऩिे ऽानदान भें है रेकिन
ऩढ़ी नहीॊ जा सिती अर फत्ता इभाभे जाफ़ये साहद़ (अ.स.) इसिे िुछ हहस्से िी
ियें गे।
205
ऩयु भाज़ नि
ु ता सॊजी ज़यफर
ु लभसार िे ईजाद भें आऩिी फ़ेयासत फहुत ही आरा
ऩाए िी थी।
लरखते हैं। शज
ु ाअत, हहिभत, हहम्भत, अदारत, सऽावत, जोहद औय त़वा भें
(रेखि) हज़यत अरी (अ.स.) हैं। अल्राभा यशीद उद्दीन इब्ने शहये आशोफ किताफ
लशमा व फ़ुनन
ू े इस्राभ भें तहयीय फ़यभामा है कि, अव्वर लभन सनफ़ कपर
ु़
किताफ अर हुज्जत भें है कि इस किताफ भें तभाभ दनु नमा भें होने वारे वा़ेमात
206
73 लभस्र भें छऩी) किताफ आमानर
ु लशमा भें अफर
ु आइम्भा िी तारीफ़ात व
िा भजभआ
ू दीवाने अरी िे नाभ से हज़यत अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) िी
तयफ़ भन्सफ
ू है । मह किताफ नवाफ अराउद्दीन अहभद ऽाॊ फहादयु , फ़यभा यवाए
भऽ
ु तलरफ़ भल्
ु िों भें छऩ चि
ु ी है औय उसिी शयहें बी हो चि
ु ी हैं। इन किताफों िे
अरावा जनाफे अभीरूर भोभेनीन िा िराभ नीचे लरखी किताफों भें जभा किमा
गमा है ।
1. नहजुर फरााा:- इसे अल्राभा सय्मद यज़ी (अरै यहभा) ने जभा फ़यभामा है,
वह 359 हहजयी भत
ु ाबफ़ 969 ई0 भें ऩैदा हुए थे। औय उनिी वफ़ात भोहयक भ
207
404 हहजयी भत
ु ाबफ़ 1513 ई0 भें हुई है । किताफ नहजुर फरााा िी फहुत सी
ज़जरज़ज्जा
ु़ 586 हहजयी भत
ु ाबफ़ 1257 ई0 फा भ़ाभ फादाद।
2. ़वाभद्
ु दीन मस
ु फ़
ू बफन हसन, ज़जनिी वफ़ात 922 हहजयी भत
ु ाबफ़ 1516
ई0।
3. भफ़्
ु ती भौहम्भद अब्दहू लभस्र
किताफ नहजुर फराााह लभस्र िे भशहूय प्रेस दारूर िुतुफ अर अयबफमा भें छऩ
है ।
भौहम्भद बफन ताऊस जो भोहयक भ 519 हहजयी भें ऩैदा हुमे औय 5 ज़ी़ाद 668
208
8. िभार उद्दीन भीसभ बफन अरी भीसभ फहयानी।
9. िुतफ
ु उद्दीन भौहम्भद बफन हुसन
ै लसिन्दयी।
1076 हहजयी भत
ु ाबफ़ अगस्त 1664 ई0 फाभ़ाभ है दयाफाद दिन इन्ते़ार हुआ।
है ।
भें है ।
14. भल्
ु रा फ़तेह अल्राह िाशेफ़ी ज़जनिा इन्ते़ार 997 हहजयी भें हुआ मह
15. भोहकि़
ु़ हफीफ अल्राह हाशभी अर खई
ू इनिी शयह िा नाभ बी लभनहाज
उर फयाअता फ़ी नहजर
ु फरााा है मह 25 ज़जल्दों भें है । ़ुभ ऽमाफाने इयभ
हैं।
209
3. ायक अर हिभ व दयद अर िरभ ज़जसिो अब्दर
ु वाहहद बफन भौहम्भद बफन
अब्दर
ु वाहहद ने जभा किमा था।
6. किताफ भतरफ
ू िुल्रे तालरफ भन िराभे अरी बफन अफी तालरफ ज़जसिो
सर
ु भ
ै ान अरा सफ़यानई ने जभा किमा है ।
10. शेऽ भफ़
ु ीद अर यहभा ने किताफ अर इयशाद भें िुछ िराभ जभा किमा
है ।
11. नसय बफन भज़ाहभ िी किताफ लसफ़्फ़ीन भें आऩिा िराभ जभा है ।
210
आऩकी इल्मी मरकजीयत
अल्राभा इब्ने अबफर हदीद, अल्राभा इब्ने शहये आशोफ, अल्राभा इब्ने तल्हा
भऽ
ु तलरफ़ कपय़
ु़ े हैं इन्भें भोतज़रा बी है । इस कपय़
ु़ े िा फानी वालसर इब्ने अता
जो अफर
ु हसन अशअयी िी तयफ़ भन्सफ
ू है औय वह शागगकद था अफु अरी जफाई
है । तीसया कपय़ा
ु़ इभालभमा व ज़ैहदमा है । इसिा हज़यत िी तयफ़ भन्सफ
ू होना
बफल्िुर वाज़ेह है ।
इस्राभी उरभ
ू भें इल्भें कपक़्हा
ु़ बी है औय इस्राभ िा हय कपय़ा
ु़ व भज
ु तहहद
हज़यत ही िा शागगकद है । चन
ु ान्चे अहरे सन्
ु नत भें चाय कपय़
ु़ े हैं। भारिी, हन्फ़ी,
ु़
शाफ़ेई औय हम्फरी। भारिी कपयि
ु़ े िे फानी इभाभे भालरि शागगकद थे यफीअतर
ु
211
साहद़ (अ.स.) िे औय वह शागगकद थे इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िे औय
अहभद बफन हम्फर शागगकद थे, इभाभ शाफ़ेई िे इस तयह उनिा कपय़ा
ु़ बी
हज़यत अरी (अ.स.) िा शागगकद हुआ। इसिे अरावा सहाफा िे फ़ु़हा हज़यत उभय
व अब्दल्
ु राह इब्ने अब्फास थे, औय दोनों ने इल्भें कपक़्हा
ु़ हज़यत अरी (अ.स.) से
भसाएर भें जफ उनिी अक़्रो फ़हभ औय याह चायो तदफीय फन्द हो जामा ियती
अऩने अरावा दीगय सहाफा िी बी भज़ु श्िर िुशाई अरी (अ.स.) से ियामा ियते
थे। उनिा फाय फाय रौरा अरी रह़ा उभय अगय अरी (अ.स.) न होते तो उभय
इल्भी भज़ु श्िर भें भज़ु ब्तरा हो जाऊॉ औय अरी (अ.स.) भौजूद न हों। इसिे अरावा
212
(अ.स.) िी भन्
ु तही होती है । हज़यत अरी (अ.स.) ही वह हैं ज़जन्होने उस औयत िे
भ़
ु दभे भें भन
ु सेफ़ाना फ़तवा हदमा ज़जसने छ् (6) भहीने भें फच्चा जना था औय
ज़जना
ु़ िाय हाभरा औयत िे भाभरे भें तम फ़यभामा था ज़जसिे यजभ िा फ़तवा
हज़यत उभय दे चि
ु े थे।
इस्राभी उरभ
ू भें तफ़सीये ़ुयआनी िा इल्भ बी है । मह इल्भ बी हज़यत अरी
अब्दल्
ु राह इब्ने अब्फास से एि दफ़ा ऩछ
ू ा कि हज़यत अरी (अ.स.) िे इल्भ िे
भ़
ु ाफरे भें आऩिा इल्भ कितना है? फ़यभामा ज़जतना एि फहये ज़ख़्ऽाय िे
भ़
ु ाफरे भें एि छोटा ़तया हो सिता है । इस्राभी उरभ
ू भें इल्भे तयी़त व
हिी़त
ु़ औय उसर
ू े तसव्वफ़
ु बी है औय तभ
ु िो भारभ
ू होना चाहहमे कि इस फ़न
िे जभ
ु रा उरेभा व भाहे यीन अऩने िो हज़यत िी तयफ़ ही भन्सफ
ू ियते हैं औय
ने बी िी है जो कपय़ाए
ु़ सफ़
ू ीमा िे इभाभ औय ऩेशवा भाने गमे हैं। जैसे लशब्री,
जुनद
ै , लसयी, अफू मज़ीद फस्ताभी, भारूफ़ ियऽी, सफ़
ू ी ऽय़ा, सफ़
ू ी िो अरी
213
उरेभा अयबफमा भे इल्भे नज
ु ूभ बी है । दनु नमा िे भाहे यीन िो इल्भ है कि इस
उसर
ू व जवाभे िी तारीभ अफू अर अस्वद दे री िो दी औय उसिे ़वानीन
उनभें िराभ, िरभा औय एयाफ थे। आऩ ने िहा कि िराभ, इल्भे फ़ेर, हयफ़ िो
भोजेज़ात भे शभ
ु ाय ियना चाहहमे। (शयह इब्ने अबफर हदीद, ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 7, व भतारेफुस
सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 98 व िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 54 भनाकिफ
ु़ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 67)
अर खखताफत,
ु़ इल्भ अर फ़साहत व फराात, इल्भ अर शेय, इल्भ अर उरूज वर
इल्भे भज़न्त़ अर तैय वाैया भें आऩिो इन्तेहाई िभार हालसर था। (भनाकिफ
ु़
था। (नरू
ु र अफसाय ऩष्ृ ठ 760 व अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 213)
214
इब्ने शहये आशोफ ने भनाकिफ
ु़ भें हज़यत अरी (अ.स.) िे सौते नािूस िी
भश्ु तलभर हज़यत िा एि ननहामत फ़सीह व फरीा ऐसा ऽुतफा ऩर किमा है
लभस्र िे भशहूय भोवरयक ऽ अल्राभा जयजी ज़ैदान लरखते हैं कि अरी (अ.स.) िी
़ौरो फ़ेर भें ननहामत शयीफ़ व आज़ाद थे। जार, फ़ये फ, धोिा, भक्र िो आऩ
आऩने चार, हीरा, ाद्दायी वाैया िी तयफ़ ज़याक फयाफय बी रूऽ न किमा। आऩिी
ज़जन्दगी
ु़ िी लभसारों भें से एि मह बी है कि आऩने ज़जस वक़्त यसर
ू स. िी फेटी
लसवाम दम्
ु फे िी एि खार िे कि उसी ऩय दोनों शफ भें ऩड़ िय सो यहते थे औय
215
हदन िे वक़्त इसी चभड़े ऩय अऩने ऊॉट िो दाना खखराते थे। आऩिे ऩास एि
भर
ु ाज़जभ
ु़ बी न था जो आऩिी खखदभत ियता। आऩिी खखराफ़ते
ु़ ज़ाहे यी िे
ज़भाने भें एि दफ़ा असफ़हान िे (ऽेयाज) िा भार आमा तो आऩने उसिो सात
हहस्सों ऩय त़सीभ िय हदमा कपय उसभें एि योटी लभरी तो उसिे बी सात टुिड़े
सिता था। फाज़ रोगों ने आऩिो दे खा कि अऩने ओढ़ने िी चादय भें खजूयें उठा
अभीरूर भोभेनीन मह हभें दे दें तािे हभ ऩहुॉचा दें । आऩने जवाफ हदमा कि ज़जसिे
अमार हैं उन्हीॊ िो उनिा फोझ उठाना चाहहमे। आऩिे ज़यी अ़वार से मह बी है
कि भस
ु रभान िो चाहहमे कि इतना िभ खाएॊ कि बख
ू से उनिे ऩेट हल्िें यहें
(तायीऽे तभददन
ु े इस्राभी, ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 37 व तायीऽे िालभर ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 204)
हदमा वह अटर साबफत हुआ। अल्राभा इब्ने अबफर हदीद शयह नहजर
ु फरााह भें
लरखते हैं कि तभाभ रोगों से ज़्मादा हज़यत अरी (अ.स.) िी याम साएफ औय
216
भोहिभ व सही हुआ ियती थी औय आऩिी तदफीय तभाभ रोगों िी तदफीयों से
भत
ु ाबफ़ औय इस्राभ िी यौशनी भें हो मानी ारत उभयू भें आऩिा िोई भशवेया
न था।
आऩकी सियाित
अल्राभा इब्ने अबफर हदीद लरखते हैं िाना शदीद अर लसमासत खशनन फ़ी
िी लभसार हुआ ियती थी। आऩ अल्राह िी ज़ात िे फाये भें ननहामत ही सख़्त
ऽालरद इब्नर अभीय िा फमान है कि भैं अरी (अ.स.) िो तीन फातों िी वजह
से भहफफ
ू यखता हूॉ।
1. मह कि जफ वह ऽफ़ा होते थे तो भि
ु म्भर इल्भ िा इस्तेभार ियते थे।
217
2. जो फात िहते थे सच िहते थे।
भाअ़र इब्नर
ु मसाय िा फमान है कि सयवये िामनात स. ने एि हदन फ़ात्भा
ज़हया स. से फ़यभामा कि भैंने तुम्हायी शादी फहुत फड़े आलरभ औय उम्भत भें सफ
मह भस
ु ल्रभ है कि भौरा ए िामनात, भश
ु किर िुशा, आलरभ, हज़यत अरी
़ब्र अज़म्फमा (अ.स.) िी भद्द ियना, सरभाने फ़ायसी िो दश्त अयज़न भें शेय
से छुड़ाना औय ज़हूयो शहूद िे फाद एि शफ भें चारीस जगह फमि वक़्त दावत भें
लशयित ियना, दनु नमा िे हय गोशे भें आऩिे ़दभ िे ननशानात िा ऩत्थय ऩय
भौजूद होना। ााये असहाफे िहफ़ भें ननशाने ़दभ िा भौजूद होना। ़ाफर
ु भें
भज़ाये सऽी िा वजूद औय दीगय ननशानात िा भौजूद होना। तूये ऽुभ िे ़यीफ
िोटा िे यास्ते भें ़दभ िे ननशानात िा ऩामा जाना। है दयाफाद भें ़दभ गाह
भौरा अरी िा होना। आरभ भें हय शख़्स िी भज़ु श्िर िुशाई िा हो जाना। नीज़
218
फाफे ऽैफय िा उऽाड़ना। यसर
ू ियीभ स. िी आवाज़ ऩय चश्भे ज़दन भें ऩहुच
जाना। चादय ऩय फैठ िय ााये असहाफे िहफ़ ति जाना औय उनसे िराभ ियना
एि दफ़ा िा ज़जक्र
ु़ है कि हवालरमे भक्िा भें एि ननहामत ज़फय दस्त औय
तवीर अज़दहा आ गमा है औय उसने तफाही भचा दी, एि रशिय ने उसे भायने
चरा, जफ ़यीफ ऩहुॉचा, शहये भदीना भें हरचर भच गई। रोग घयों िो छोड़ िय
बागने रगे। इत्तेफ़ा़न वह अज़दहा ऽाना ए अफू तालरफ (अ.स.) भें दाखखर
ु़ हो
गमा। वहाॊ भौरा ए िाएनात गहवाये भें फ़योिश थे औय उनिी भादये गेयाभी िहीॊ
219
ज़यााभ, आजाभ वर मस ़सयू ा।।
साकिए
ु़ िौसय औय सॊगे ऽाया
यवामत भें है कि हज़यत अभीयर भोभेनीन (अ.स.) जॊगे लसफ़्फ़ीन से वाऩस जाते
इन्तेहा प्मासा हो गमा उसने हज़यत से ऩानी िी ख्वाहहश िी। आऩने सहया भें
इधय उधय नज़य दौड़ाई, एि फहुत फड़ा ऩत्थय नज़य आमा, उसिे ़यीफ तशयीफ़ रे
उस ऩय भाया, ऩत्थय दयू जा गगया। उसिे हटते ही शहद से ज़्मादा शीयीॊ औय फफ़क
से छाफने बय रीॊ। कपय आऩने ऩत्थय िो हुक्भ हदमा कि अऩनी जगह ऩय आ जभे
फयवामत इब्ने अब्फास ऩत्थय उस जगह से खुद फ खुद सयि िय अऩनी जगह ऩय
आ ऩहुॉचा औय रश्िय शि
ु ये ऽुदा ियता हुआ यवाना हो गमा।
220
भौरा अरी (अ.स.) औय इन्सान िी शक्र फदर दे ना
िी खखदभत
ु़ भें हाज़जय
ु़ हो िय िहने रगा कि भैं वह हूॉ कि ज़जसने फे शभ
ु ाय
उसिा जफ मह ताअरूफ़ सन
ु ा तो आऩिो ास्
ु सा आ गमा। आऩने फ़यभामा कि
अऽसामा ़ल्फ ऐ िुत्ते! भेये ऩास से दयू हो जा, हज़यत िे दहने अ़दस से इन
फ़यमादो फ़ुाा ियते हुए ज़भीन ऩय रोटने रगा। हज़यत िो उस ऩय यहभ आमा
औय आऩने दआ
ु िी ऽद
ु ा ने कपय उसे उसिी शक्र भें फदर हदमा।
अब्दल्
ु राह बफन मन
ू स
ु िा फमान है कि भैं एि सार हज्जे फैतुल्राह िे लरमे घय
औय उस्से ऩछ
ू ा कि क्मा तू वा़ेइ अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) से भोहब्फत
221
यखती है? उसने िहा फे शि भैं उन ऩय सद हज़ाय जान से ़ुयफान हूॉ। मह सन
ु
हदयहभ व हदनाय नहीॊ भाॊगती। भैं आॊख चाहती हूॉ कपय भैं उसिे ऩास से यवाना हो
ऩछ
ू ा कि तेया भाजया क्मा है? उसने िहा कि भैं फदस्तूय दआ
ु किमा ियती थी,
औयत दावाए भोहब्फत भें सच्ची है तो उसे फीनाई अता फ़यभा। उनिे इन अल्फ़ाज़
िे ज़फान ऩय जायी होते ही भेयी आॊखें खुर गईं, चशभे फीना लभर गई। भैं सफ
से गज़
ु य यहे थे, नागाह आऩिी ननगाह अऩने एि भोलभन ऩय ऩड़ी दे खा कि उसे
222
एि शख़्स फयु ी तयह गगयफ़्त भें लरमे हुए है । हज़यत उसिे ़यीफ गमे औय उस से
ऩछ
ू ा मह क्मा भाभेरा है? उस भोलभन ने िहा, भौरा भैं इस भदे भन
ु ाकप़
ु़ िे एि
सोने िे थे।
हज़यत ने फ़यभामा कि इसिा ़ज़ाक अदा ियने िे फाद जो फचे उसे अऩने िाभ
अब्दल्
ु राह बफन अब्फास िा फमान है कि एि योज़ नभाज़े सब्ु ह िे फाद हज़यत
यसर
ू े ियीभ स. भज़स्जदे भदीना भें फैठे हुए सरभान, अफज़
ू य, लभ़दाद औय हुज़ैफ़ा
223
आ गमे, तो हज़यत ने फ़यभामा कि अरी बफन अफी तालरफ िो फर
ु ा राओ। हुज़ैफ़ा
़ौभे आद से आमा है , भझ
ु े उनिी हाजत बी भारभ
ू है । उसिे फाद आऩ हाज़जये
ु़
खखदभते
ु़ यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) हुए। आॊ ने हज़यत अरी (अ.स.) से उनिा
बफन ऽल्जा बफन अबफर असफ़ बफन सईद बफन भम्ता बफन अरा़ बफन वहफ बफन
सअफ फता तेयी क्मा हाजत है । उसने जफ अऩना नाभ औय ऩयू ा शजया सन
ु ा तो
है यान यह गमा औय िहा कि हुज़यू भेये बाई िो लशिाय िा फड़ा शौि है । उसने
एि हदन जॊगर भें लशिाय खेरते हुए एि जानवय िे ऩीछे घोड़ा डारा औय उस ऩय
तीय चरामा, इसिे फ़ौयन फाद उसिा ननस्फ़ फदन शर हो गमा। फड़े इराज किमे
भगय िोई फ़ामदा न हुआ, आऩने फ़यभामा कि उसे भेये साभने रा। वह एि ऊॉट
भस
ु रभान हो गमे।
फ़यभामा। (भोअद्दतर
ू ़ुयफा) हज़यत अरी (अ.स.) आऩिी तजहीज़ो तिफ़ीन भें
224
भशार
ू हो गमे। हज़यत उभय अफू फिय िो हभयाह रे िय स़ीफ़ा फनी साएदा जो
किमा कि आऩने हभायी वाऩसी िा इन्तेज़ाय क्मों नहीॊ किमा। हज़यत अरी (अ.स.)
ने फ़यभामा कि यसर
ू े ियीभ स. फ भ़
ु ाभे ादीय ऽरीफ़ा भ़
ु यक य िय चि
ु े थे। आऩ
खखराफ़
ु़ एहतेजाज किमा औय फ़यभामा कि भझ
ु से फैअत िा सवार ही ऩैदा नहीॊ
िोलशश िी। भोवये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि इसी लसरलसरे भें फ़ात्भा ज़हया स. िा
घय जरामा गमा। फ़ात्भा स. िे दयु े रगाए गमे। अरी (अ.स.) िी गयदन भें यस्सी
225
गमा। इन हारात से आरे भौहम्भद स. िो ज़जतना भत
ु ाअज़स्सय होना चाहहमे
यहभते यसर
ू स. से भहरूभ हो िय भसाएफ व आराभ िी चक्िी िे दोनों ऩाटों भें
किताफ नहजुर फराााह ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 432 प्रिालशत लभस्र भें है फज़
ु ुयगाने
शज
ु ाअत औय जवाॊ भयदी िे फाएस जो ऽुदा ने भझ
ु े अता िी है भैंने जॊग िी औय
यसर
ू े ऽुदा स. िी ़ब्ज़े रूह इस हारत भें हुई कि आऩिा सये भफ
ु ायि भेये सीने
अतहय िो ास्
ु र हदमा औय फ़रयश्तों ने भेयी इस िाभ भें भदद िी। ऩस फैते नफवी
226
जाता था तो दस
ू या आ जाता था। उनिी नभाज़े जनाज़ा िा हभहभा भेये िानों से
जद
ु ा नहीॊ हुआ महाॊ ति कि आऩिो आऽयी आयाभ गाह भें यख हदमा गमा। ऩस
(तयजभ
ु ा नहजर
ु फरागा, यईस अहभद जाफ़यी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 1200 प्रिालशत राहौय)
ऽद
ु ा स. आऩिी वफ़ात से नफव
ू त, ऐहिाभे इराही औय अऽफाये आसभानी िा
लसरलसरा भन
ु ़ेता हो गमा। जो दस
ू ये ऩैाम्फायों िी वफ़ात ऩय िबी नहीॊ हुआ था।
दी क्मों कि आऩिी भस
ु ीफत हय भस
ु ीफत से फारातय है औय दनु नमा से यहरत
रफीक़ाए हयात की जद
ु ाई
यसर
ू े ियीभ स. िे इन्ते़ार ऩयु भरार िो अबी 100 हदन बी न गुज़ये थे कि
227
उभय, हज़यत आमशा िो शयीिे जनाज़ा नहीॊ होने हदमा औय शफ िे तायीि ऩदे भें
जवाफ हदमा मा अरी अना अयफ़़ फेहा लभनिा ऐ अरी आऩ घऩयामें नहीॊ भैं
ज़भीन से भऽ
ु ानतफ होने िे फाद आऩने सयवये िामनात स. िो भऽ
ु ानतफ िय िे
हो। मा यसर
ू अल्राह स. आऩिी फयगुज़ीदा फेटी िी ये हरत से भेया सब्रो शिेफ
जाता यहा। भेयी हहम्भत व तवानाई ने साथ छोड़ हदमा रेकिन आऩिी भफ़
ु ाये ़त
भझ
ु े इस भलु सफत ऩय बी सब्र ही से िाभ रेना ऩड़ेगा जफ कि भैंने अऩने हाथों से
आऩिो ़ब्र िी रहद भें उताया औय इस आरभ भें आऩिी रूह ने ऩयवाज़ िी कि
आऩिा सय भेयी गयदन औय सीने िे दयलभमान यखा हुआ था। (इन्ना लरल्राहे व
228
इन्ना इरैहे यजेऊन) अफ मह अभानत ऩरटाई गई। गगयवीॊ यखी हुई चीज़ छुड़ा री गई
मा यसर
ू अल्राह स. वह वक़्त आ गमा कि आऩिी फेटी आऩिो फताऐॊ कि किस
ऩयू े तौय ऩय ऩछ
ू ें औय तभाभ अहवार औय वायदात दयमाफ़्त ियें । मह सायी
भलु सफत इन ऩय फीत गई हाराॊ कि आऩिो गुज़ये हुए िुछ ज़्मादा अयसा नहीॊ हुआ
था औय न आऩिे तज़कियों सें ज़फाने फन्द हुईं थीॊ। आऩ दोनों ऩय भेया सराभे
बय गमा औय अगय ठहया यहूॉ तो इस लरमे नहीॊ कि भैं इस वादे से फदज़न हूॉ जो
(नहजर
ु फरााा भत
ु यजभा भफ़्
ु ती जाफ़य हुसन
ै ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 243 प्रिालशत
राहौय)
229
स्टे ज ऩय ऩहुॉचा हदमा, ज़जसिे फाद भस्
ु त़बफर िा प्रोग्राभ फनाना नागुज़ीय हो
गमा। मानी इन हारात भें हज़यत अरी (अ.स.) मह सोचने ऩय भजफयू हो गमे कि
आऩ आइन्दा ज़जन्दगी
ु़ किस असरफ
ू औय किस तयी़े से गज़
ु ायें । बफर आखखय
ु़ आऩ
चाहहमे। 2. गोशा नशीनी इख़्तेमाय िय रेना चाहहमे। 3. हत्तर भ़दयू भौजूदा सयू त
फ़यभान िी यौशनी भें भयु त्तफ फ़यभामा क्मों कि इन्हें इन हारात िी ऩयू ी इत्तेरा थी
औय उन्होंने हज़यत अरी (अ.स.) िो सफ फता हदमा था। अल्राभा इब्ने हजय
लरखते हैं इन्नल्राहा ताआरा अतरा नफीमा अरा भाम़ूना फाआदा भभा अब्तेरा
थी, ज़जसभें अरी (अ.स.) भज़ु ब्तरा हुमे। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 72) यसर
ू े ियीभ स.
किमे यहना। (यौज़ातु अहफाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 559 व भदाये जुर नफूवत ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 511)
230
मही वजह है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने तभाभ भसाएफ व आराभ ननहामत ऽन्दा
ऩेशानी से फयदाश्त किमे भगय तरवाय नहीॊ उठाई औय गोशा नशीनी इख़्तेमाय िय
ास्फे खखराफ़त
ु़ िे फाद तरवाय न उठाने िी वजह फाज़ फयादयाने इस्राभ मह
आराभ से दो चाय किमा गमा तो उन्होंने फद्रो, ओहद, ऽैफयो खन्द़ िी चरी हुई
गमे रेकिन भैं िहता हॉ ू कि अरी (अ.स.) जैसी शखखु़ ़्समत िे लरमे मह सवार ही
ऩैदा नहीॊ होता कि उन्होंने इस्राभ िे अहदे अव्वर भें जॊग क्मों नहीॊ िी। क्मों कि
था। हय भहऱे भें इस्राभ ही िे लरमे रड़े थे। अरी (अ.स.) ने इस्राभ िे लरमे
िबी अऩनी जान िी ऩयवाह नहीॊ िी थी। बरा अरी (अ.स.) से मह क्मों िय
ऩष्ृ ठ 183 प्रिालशत है दयाफाद भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) फ़यभाते हैं कि भैंने
231
औय खखराफ़त
ु़ िे फाये भें भझ
ु से िोई नज़ा न िये क्मों कि हभ ही उसिे वारयस हैं
ऩड़ जाने औय अहदे िुफ्र िे ऩरट आने िा अन्दे शा न होता तो भैं उनिी सायी
से वाज़े होता है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने इस तयह चश्भ ऩोशी िी ज़जस तयह
भव
ु ल्रेफ़तुर ़ुरफ
ू िे साथ ियते थे। िन्ज़ुर आभार ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 33 भें है कि
आॊ हज़यत भन
ु ाकपिो
ु़ िे साथ इस लरमे जॊग नहीॊ ियते थे कि रोग िहने रगें गे
356, तफ़सीये िफीय ज़जल्द 4 सफ़ा 686, तायीऽे ऽभीस ज़जल्द 2 सफ़ा 1139,
चाहहमे था।
232
ज़जल्द 6 सफ़ा 69, ऽसाएसे लसमत
ू ी ज़जल्द 2 सफ़ा 138 व यौज़तुर अहफाफ ज़जल्द
ऽत्भ हो जामेगा। भैंने तरवाय नहीॊ उठाई। मह फ़यभामा कि ऽुदा िी ़सभ भैंने
व सब्र रे लरमा था। तायीऽे आसभ िूफ़ी सफ़ा 83 प्रिालशत फम्फई भें हज़यत अरी
है । हभ उसिा तयजुभा आसभ िूफ़ी उदक ू प्रिालशत दे हरी िे सफ़ा 113 से ऩर
ऩहरे भयज़े हराित भें ऩड़ने िा बी ख़्मार न ियता। इन तभाभ तहयीयों ऩय नज़य
डारने िे फाद मह अभय योज़े यौशन िी तयह वाज़े हो जाता है कि हज़यत अरी
233
भैंने अऩनी किताफ अर ाफ़ायी िे सफ़ा 121 ऩय हज़यत अफू ज़य िे
भत
ु ाअज़ल्ऱ अभीयर भोभेनीन हज़यत अरी (अ.स.) िे इयशाद व अरा अरभन
इज्ज़ कपहा
ु़ िी शयह ियते हुए इभाभे अहरे सन्
ु नत इब्ने असीय जज़यी िी एि
यौशनी ऩड़ती है । वह मह है :-
ननहामतुर रा
ु त इब्ने असीय जज़यी िे सफ़ा 231 भें है अर एजाज़ जभा इज्ज़
इसिे फाद अल्राभा जज़यी रफ़्ज़े एजाज़ िी शयह ियते हुए हज़यत अरी (अ.स.)
िी एि हदीस ऩर फ़यभाते हैं वभन हदीस अरी रना ह़ अन नाता नाऽज़ा व
हभाया ह़ है अगय दे हदमा गमा तो रे रेगें औय अगय हभें योि हदमा मानी हभें
ति कि उसे हालसर िय रें। मही वजह है कि सरभ व सब्र अल्र ताऽीय वरभ
आखखय
ु़ ति फैठे यहे औय ऽुल्फ़ाए वक़्त से जॊग नहीॊ िी कपय जफ उन्होंने इभाभत
(खखराफ़त)
ु़ हालसर िय री तो उसे सही उसर
ू ों ऩय चराने िे लरमे ज़रूयी सभझा।
234
हज़रत अऱी (अ.ि.) का क़ुरआन ऩेि करना
नरू
ू र अफसाय इभाभ शफरन्जी भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने यसर
ू े ियीभ
था। ज़जल्द 1 सफ़ा 73, सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 76 भें है कि जफ आऩिो फैय्मते
अफू फक्र िे लरमे भजफयू किमा गमा औय िहा गमा तो आऩने फ़यभामा कि भैंने
रॉ ग
ू ा रयदा न ओढ़ूगाॊ। (एत़ाने लसमूती सफ़ा 57) हफीफ अर लसमय ज़जल्द 1 सफ़ा 4
भनाकिफ
ु़ ज़जल्द 2 सफ़ा 66 भें है कि अभीरूर भोभेनीन ने ऩयू ा ़ुयआन जभा
ियने िे फाद उसे चादय भें रऩेटा औय रे िय भज़स्जद भे ऩहुॉचे औय हज़यत अफू
(अ.स.) ने हुक्भ हदमा था कि एतभाभे हुज्जत िे लरमे ऩेश ियना। किताफ फ़सर
अर ऽत्ताफ भें है कि उन्होंने जवाफ हदमा कि इसे वाऩस रे जाओ। हभें तुम्हाये
235
इब्ने सीयीन िा ़ौर ऩर ियते हुए लरखते हैं कि अगय वह ़ुयआन ़ुफर
ू िय
मह भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि अऩने से ऩहरे ऽुरेफ़ा िो गद्दाय, ऽाईन,
िाज़जफ,
ु़ गन
ु ाहगाय सभझते थे। (सही भज़ु स्रभ ज़जल्द 2 सफ़ा 91 प्रिालशत नवर किशोय)
उस्भान, सीयते शेऽैन िी शतक िी वजह से तख़्त छोड़ना गवाया किमा था रेकिन
इस से इन्िाय नहीॊ किमा जा सिता कि हज़यत अरी (अ.स.) अऩने ज़ाती जज़फात
ऩय ऽुदा व यसर
ू स. िे जज़फात िो भ़
ु द्दभ यखते थे। अभयो बफन अब्दवद
ु ने
थी औय आऩिो ास्
ु सा आ गमा था तो आऩ सीने से उतय आए थे, तािे िाये ऽद
ु ा
नायाज़ होने िे फवजूद तहफ़्फ़ुज़े व़ाये इस्राभ िी ऽानतय ऽुरफ़ा िो अऩने भज़ीद
1. ़ैसये योभ ने दस
ू ये ऽरीफ़ा से सवार िय हदमा कि आऩिे ़ुयआन भें िौन
236
फहुत गौयो कपक्र
ु़ िे फाद हगथमाय डार हदमे। हज़यत उभय ने हज़यत अरी (अ.स.)
िो फर
ु वा बेजा औय मह सवार साभने यखा, आऩने फ़ौयन इयशाद फ़यभामा कि वह
सयू ा ए हम्द है । इस सयू े भें सात आमतें हैं औय इसभें से, जीभ, ऽे, ज़े, शीन,
2. उरभाए महूद ने दस
ू ये ऽरीफ़ा से असहाफे िहफ़ िे फाये भें चन्द सवारात
ऩशेभानी, फद
ु यू े साफ़या लसमत
ू ी भें भौजूद है ।
3. एहदे अव्वर भें नीज़ अहदे सानी िी इब्तेदा भें शयाफ ऩीने ऩय (40) चारीस
औय िसयत से शयाफ ऩी यहे हैं, हज़यत अरी (अ.स.) से भशवेया किमा, आऩने
फ़यभामा कि चारीस िे फजाम (80) अस्सी िोड़े िय हदमे जाऐ औय उसिे लरमे
अरी अर भफ़
ु तयी सभानन
ू औय इफ़तेया ियने वारों िी सज़ा अस्सी िोड़े हैं
रेहाज़ा शयाफी िो बी अस्सी िोड़े भायने चाहहमे। हज़यत उभय ने इसे तस्रीभ िय
237
ु़
4. एि हाभेरा औयत ने जेना किमा हज़यत उभय ने हुक्भ हदमा कि उसे सॊगसाय
किमा जाए। हज़यत अरी (अ.स.) ने फ़यभामा कि ज़ेना औयत ने किमा है रेकिन
वह फच्चा जो ऩेट भें है, उसिी िोई ऽता नहीॊ, रेहाज़ा औयत ऩय उस वक़्त हद
से भशवेया किमा।
से भशवेया लरमा। भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने हज़यत
उभय िो ऽुद जॊग भें जाने से योिा औय फ़यभामा कि अगय आऩ शहीद हो जामेंगे
तो िसये शाने इस्राभ होगी। हज़यत अरी (अ.स.) िे भशवेये ऩय हज़यत उभय
फहादयु ों िे भस
ु रसर ज़ोय दे ने िे फावजूद जॊग भें शयीि न हुए। भेया ख़्मार है कि
हज़यत अरी (अ.स.) ने ननहामत ही साएफ भशवेया हदमा था क्मों कि वह जॊगे फद्र
भैदान छूट जाता तो म़ीनन िसये शाने इस्राभ होती। अगय शहादत से िसये
जाते औय ज़ख़्भी होते यहे । ओहद भें तो जान ही ऽतये भें आ गई थी।
238
7. लभस्टय अभीय अरी तायीऽे इस्राभ भें लरखते हैं कि हज़यत अरी (अ.स.) िे
गमा।
से फाज़ यहे औय हज़यत उस्भान िो बी ऐसे ़ीभती भशवेये हदमे ज़जनिो अगय वह
़ुफर
ू िय रेते तो उन्हें हवाहदसों आफ़ात िा साभना न ियना ऩड़ता। उफैद उल्राह
हज़यत उभय हय फाफ भें हज़यत अरी (अ.स.) से भशवेया रेते थे। (अयजहुर भतालरफ
सफ़ा 227) लभस्टय अभीय अरी लरखते हैं कि हज़यत उभय िे अहदे हुिूभत भें
(तायीऽे इस्राभ)
239
मिवरों के अऱावा जानी इमदाद
हज़यत अरी (अ.स.) ने लसफ़क भशवेयों ही से अहदे गोशा नशीनी भें इस्राभ िी
हदमे। शैऽ भौहम्भद इब्ने भौहम्भद बफन भआज़ भम्रेिते लभस्र भें भस
ु रभानों िी
िे बतीजे औय दाभाद भज़ु स्रभ बफन अ़ीर औय उनिे बाई ज़जन्होंने भहाज़े लभस्र
औय ऐसा भारभ
ू होता था कि ऊॉट िे ज़जगय िे टूिड़े हैं। (भुराहे ज़ा हो किताफ
हहजयी भें आऩिे बतीजे भौहम्भद इब्ने जाफ़य औय औन बफन जाफ़य शहीद हुए।
240
वाकिफ़
ु़ हूॉ। हाकपज़
ु़ है दय अरी ़रन्दय सीयते अरववमा भें लरखते हैं कि जज़जमे
ु़ िा
सरयशतमे तारीभ िे िाभ भें आता था। (एहसनुर इन्तेऽाफ, सफ़ा 488 प्रिालशत रखनऊ
1351 हहजयी)
तयफ़ रफ़्ज़े फ़ी सफी लरल्राह से इशाया किमा गमा है । (शयाए अर इस्राभ प्रिालशत
ानी हीॊ क्मों न हो इभदाद दे नी ज़रूयी है । सफीर भाने यास्ते िे हैं औय इसिी
ताभीय िो बी ऽास अहलभमत हालसर है । इसी लरमे हज़यत अरी (अ.स.) ने सड़ि
241
लरमे इन वज़नी ऩत्थयों िो ज़जन्हें फड़े ़वी है ़र रोग उठा न सिते थे। हज़यत
अरी (अ.स.) ऽद
ु उठा िय रे जाते थे औय नस्फ ियते थे औय उठाने िी शान मह
फढ़ाते थे। इसी तयह तीन तीन ऩत्थय रे जा िय हय भीर ऩय सॊगे भीर नस्फ
फ़ारूऽ भें फड़े शद्दो भद से लरखा है, रेकिन हज़यत अरी (अ.स.) िी इस अहभ
रयफ़ाही खखदभत
ु़ िा िहीॊ बी िोई ज़जक्र
ु़ नहीॊ किमा हाराकि हज़यत अरी (अ.स.)
भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि हज़याते शेऽैन िी वफ़ात िे फाद भसरए खखराफ़त
ु़
कपय ज़ेये फहस रामा गमा औय हज़यत अरी (अ.स.) से िहा गमा कि आऩ सीयते
शेऽैन ऩय अभर ऩैया होने िा वामदा िीज़जमे तो आऩिो ऽरीफ़ा फना हदमा जाए।
रेकिन सीयते शेऽैन ऩय अभर नहीॊ िय सिता। (तफयी ज़जल्द 5 सफ़ा 37 व शयह
कप़हे
ु़ ु ़ुयआन सफ़ा 36 प्रिालशत जद्दा) इस फ़यभाने िे
अिफय सफ़ा 80 औय तायीखर
फाद रोगों ने इसी इ़याय िे ज़रयमे हज़यत उस्भान िो ऽरीफ़ा फना हदमा। हज़यत
242
अस्हाफे यसर
ू स. िो ज़जरा वतन किमा। फैतुर भार िे भार भें फेजा तसरूकफ़
किमा। अऩनी रड़िी िे लरमे भहय ताभीय ियामे। भयवान बफन हिभ िो अऩना
िय चि
ु े थे, औय शेऽैन ने बी इसे दाखखरे
ु़ भदीना नहीॊ होने हदमा था। कपदि
ु़
इसिे हवारे िय हदमा। फाज़ भोअज़जु़ ़्ज़ज़ सहाफा िो वऩटवामा। गुज़ये हुए अहद भें
़ुयआन न हदमे थे उन्हें भज़स्जद भे इतना वऩटवामा कि ऩसलरमाॊ टूट गईं। हज़यत
आमशा उम्भर
ु भोभेनीन िा वज़ीफ़ा फन्द िय हदमा औय हज़यत भौहम्भद इब्ने
(यौज़ातुर अहफाफ ज़जल्द 3 सफ़ा 12 -20, भजभउर बफहाय सफ़ा 372, नहामा इब्ने असीय
सफ़ा 166)
उस्भान िो ़त्र िय डारा। जफ आऩिो भक्िे भें ़त्रे उस्भान िी ऽफय लभरी
तो आऩ फहुत ऽश
ु हुईं। भव
ु ये ऽीन ने लरखा है कि आऩिे जनाज़े ऩय हज़यत अरी
243
18 ज़जज़ल्हज्जा
ु़ सन ़् 35 हहजयी मौभे जुभा 88 सार िी उम्र भें ़त्र हो िय
तख़्ते खखराफ़त
ु़ हज़यत अरी (अ.स.) िो बफरा शतक हवारे िय दे ना चाहहमे।
चन
ु ान्चे असहाफ िा एि अज़ीभ गगयोह हज़यत अरी (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़जय
ु़
अन्जाभ से हज़यत िो डयामा, तो आऩने यज़ा ज़ाहहय फ़यभाई। नहजुर फरााा भें है
244
ने लरखा है कि अरी (अ.स.) 655 ई0 भें तख़्ते खखराफ़त
ु़ ऩय बफठाए गमे। जो
जो ऩहरा ऽुतफा ऩढ़ा उसिी इब्तेदा इन रफ़्ज़ो से थी। अरहम्दो लरल्राह अरा
(अ.स.) ने खखराफ़ते
ु़ ज़ाहे यी ़ुफर
ू फ़यभाई औय 25 ज़जज़ल्हज्जा
ु़ 35 हहजयी िो
अर सफ
ु त
ू सयदाय होने िे हु़ू़ भौजूद थे रेकिन दस
ू ये तीन साहफ अफू फक्र, उभय
ऽरीफ़ा न हुमे रेकिन फादे उस्भान 656 हहजयी भें अरी (अ.स.) ऽरीफ़ा हो गमे,
िो फ़यो ियना था। ज़जन्हें फी फी आमशा ने फहिामा था। आमशा अरी (अ.स.) िी
245
िी है फत ़ामभ थी औय सच्चा दीन ़ामभ था, हज़यत अरी (अ.स.) भस
ु रभानों
िे हाकिभ भ़
ु यक य होते तो आऩिी हुिूभत औय लसमासत िहीॊ फेहतय औय आरा
साबफत होती औय आऩिे िाभों भें ज़याक फयाफय बी ज़ोफ़ ज़ाहहय न होता रेकिन
भत
ु ाअज़ल्ऱ वालरमो औय भातहतों िे हदरों भें हहयस व रारच ऩैदा हो गई थी
क्मोकि इसने अऩनी हुिूभत जभाने िे लरमे रोगों िो धोिा फ़ये फ दे िय उनिे
फ़ाज़जर
ु़ भाअसय सैय्मद इब्ने हसन जायचावी लरखते हैं कि अगय अरी (अ.स.)
यसर
ू स. िे फाद ही ऽरीफ़ा तसरीभ िय लरमे जाते तो दनु नमा लभनहाजे रयसारत
िा जुज़वे ज़जन्दगी
ु़ औय औढना बफछोना फन गमे थे, उन्होंने अरी (अ.स.) िी
ऩोज़ीशन नाहभवाय औय उनिा भौिफ़ ना इस्तेवाय फना हदमा था। वऩछरों दौय िी
ु़
गैय इस्राभी यसभों औय इज़म्तमाज़ ऩसन्द ज़ेहननमतों िी इस्राह ियने भें उनिो
246
फड़ी हदक़़्त हुई औय कपय
ु़ बी खानतय
ु़ ख़्वाह िाभमाफी हालसर न हो सिी। तफीमते
आदभ भसावात िी खग
ू य औय भाअशयती अदर से िोसों दयू हो चि
ु ी थीॊ।
हदयहभ लभरे। इस ऩय ऩेशानी ऩय लसरवटें ऩड़ने रगीॊ। फनी उभय्मा िो इस दौय भें
अऩनी दार गरते नज़य न आई। िुछ भाववमा से जा लभरे, िुछ उम्भर
ु भोभेनीन
वाऩस आ यहीॊ थीॊ कि उन्हें ़त्रे उस्भान िी ऽफय लभरी। उन्होने ननहामत
इशतेमा़ से ऩछ
ू ा कि अफ िौन ऽरीफ़ा हुआ। िहा गमा, अरी मह सन
ु िय
भज़म्भत औय अरी (अ.स.) िी तायीफ़ नहीॊ ियती थीॊ, अफ नाऽुश िा सफफ क्मा
है ? फ़यभामा आखखय
ु़ वक़्त भें उसने तौफा िय री थी। अफ उसिा ़सास चाहती
िी हभददी ियना औय ऽन
ू े उस्भान िा फदरा रेना चाहता हो औय उसिे ऩास
आमशा जो अरी (अ.स.) िी ऩयु ानी औय हभेशा िी दश्ु भन थीॊ अदावत भें इस िद्र
247
हज़यत अरी (अ.स.) िो एि दस
ू यी हदक़़्त मह दयऩेश थी कि साया आरभे
िे अहद भें भाभयू थे, अगय अरी (अ.स.) उनिो फ दस्तयू यहने दे ते तो हुिूभत िे
भानी नहीॊ िय सिते। उन्होने वह िभीनगाह (छुऩने िी जगह) तराश िी जहाॊ फैठ
िय वह दाभादे यसर
ू स.अ.व.व. ऩय तीय चरा सिें औय वह भोयचे फनाए औय वह
तरहा व ज़फ
ु यै जो ऽद
ु हुिूभत िे ख़्वाहाॊ औय खखराफ़त
ु़ िे आयज़ू भन्द थे औय
हज़यत आमशा िी हहभामत औय भदद उनिो हालसर थी। ऩहरे तो हज़यत अरी
ज़रूयत है, भदीने भें यहो औय योज़ भयाक िे िायोफाये हुिूभत भें भेयी भदद ियो।
दस ॊ टन एमयववॊग लरखता
ू ये हदन वह भक्िा जाने िी इजाज़त भाॊगने आम। वालशग
248
है , ऐसी हारत भें कि रफ ऩय त़वा औय हदर भें भक्र था। मह आमशा से जा
लभरे जो भऽ
ु ारेफ़त िे लरमे तैय्माय थीॊ। मही भव
ु रयक ऽ लरखता है । अरी (अ.स.)
िे ज़भाने भें फहुत सी फद उन्वाननमाॊ ऩैदा हो गईं थीॊ ज़जनभें इस्राह िी ज़रूयत
थी औय फहुत से सफ
ू े उन रोगों िे हाथ भें थे ज़जनिी वफ़ादायी ऩय उनिो
भत
ु ऱन एतेभाद न था। उन्होंने इस्राहे आभ िा इयादा किमा।
गवरनरों की तक़रूारी
दी। आऩने हाराते हाज़या िे ऩेशे नज़य इस ओहदे ऩय ज़्मादा उन रोगों िो फ़ाएज़
किमा ज़जन ऩय आऩिो िालभर एतेभाद था औय जो अहदे साबफ़ भें अऩने हु़ू़े
िा, सभाआ िो तहाभा िा, औन िो लभमाभा िा, ़सभ िो भक्िे िा, ़ैस िो
लभस्र िा, उस्भान बफन हनीफ़ िो फसये िा, अम्भाय िो िूफ़े िा औय सहर िो
शाभ िा गवनकय भ़
ु यक य फ़यभा हदमा। हज़यत अरी (अ.स.) िो सराह दी गई कि
वह भाववमा िो अऩनी जगह यहने दें भगय अरी (अ.स.) ने ऐसी सराहों ऩय
249
िरूॊगा। एहसान अल्राह अब्फासी तायीऽे इस्राभ भें लरखतें हैं। अरी (अ.स.) ने
भामस
ू ी हो चकु ि थी इस लरमे भाववमा िो खखराफ़त
ु़ िी आयज़ू भहज़ दनु नमावी
अायाज़ िी वजह से ऩैदा हुई। ़ुयै श िे चन्द चीदा चीदा सयदाय उनिे ऩास जभा
आलभर हटते गमे औय िुछ भाववमा िे ऩास शाभ भें औय िुछ उम्भर
ु भोभेनीन
रूऩमा रे िय बाग आम थे भारी इम्दाद दी। तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 3 सफ़ा 169
तैय्मायी ियें । उन्हीॊ ऊॉटों भें एि ननहामत उम्दा अज़ीभ उर जुस्सा ऊॉट था ज़जसिा
250
नाभ असिय था औय ज़जसिी ़ीभत फ यवामत भसद
ू ी दो सौ अशयफ़ी थी।
भव
ु रयक ऽीन िा फमान है कि इसी ऊॉट ऩय सवाय हो िय जनाफ उम्भर
ु भोभेनीन
जॊगे जमऱ
(36 हहजयी)
मह भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि हज़यत अरी (अ.स.) ़त्रे उस्भान िे फाद 18
ज़जरहहज्जा
ु़ 35 हहजयी िो तख़्ते खखराफ़त
ु़ ऩय भत
ु भज़क्िन हुमे औय आऩने अनाने
तह़ी़ात से भत
ु ाअज़ल्ऱ था। नामरा ज़वजए उस्भान अगयचे िोई शहादत न दे
सिीॊ औय किसी िा नाभ न फता सिीॊ नीज़ उनिे अरावा बी िोई चश्भ दीद
गवाह न लभर सिा, ज़जसिी वजह से फ़ौयी सज़ाएॊ दी जामें रेकिन हज़यत अरी
(अ.स.) िी ऽफय ऩाने िे फाद कपय भक्िे भें जा िय फ़योिश हो गईं थीॊ। उन्होंने
251
उस्भान िे नाभ से एि साज़जशी
ु़ तहयीि िी फनु नमाद डार दी औय ़त्रे उस्भान
औय इसिा ऐराने आभ िया हदमा कि ज़जसिे ऩास अरी (अ.स.) से रड़ने िे लरमे
ियें गे। उस वक़्त अरी (अ.स.) िे दश्ु भनों िी िभी नहीॊ थी। किसी िो आऩ से
फा
ु ज़े लरल्राही था, िोई जॊगे फद्र भें अऩने किसी अज़ीज़ िे भाये जाने से
भत
ु ाज़स्सय था, किसी िो प्रोऩेगन्डे ने भत
ु ाज़स्सय िय हदमा गमा था। ायज़ िे एि
हज़ाय अफ़याद हज़यत आमशा िी आवाज़ ऩय भक्िे भें जभा हो गमे औय प्रोग्राभ
तयफ़ यवाना हो गईं। आऩिे साथ अज़वाजे नफी भें से िोई बी फीफी नहीॊ गई।
रगे तो उम्भर
ु भोभेनीन ने ऩछ
ू ा कि मह िौन सा भ़
ु ाभ है? किसी ने िहा इसे
हवाफ िहते हैं। हज़यत आमशा ने उम्भे सरभा िी माद हदराई हुई हदीस िा
252
हवारा हो दे िय िहा कि भैं अफ अरी (अ.स.) से जॊग िे लरमे नहीॊ जाऊॉगी क्मों
कि यसर
ू अल्राह स. ने फ़यभामा था कि भेयी एि फीवी ऩय हवाफ िे िुत्ते बौिेंगे
ऩय यातो यात हभरा किमा औय चारीस आदलभमों िो भज़स्जद भें ़त्र िया हदमा
भद्द िे लरमे हिीभ इब्ने जब्रता आमे तो उन्हें बी सत्तय आदलभमों सभेत ़त्र
(तफयी)
यसर
ू स. िे खखराफ़
ु़ आऩसे रड़ने िे लरमे भक्िे से यवाना हो गई हैं, भझ
ु े
(आलसभ िूफ़ी)
253
हज़यत अरी (अ.स.) आखखय
ु़ यफीउर अव्वर 36 हहजयी भें अऩने रशिय सभेत
भत
ु ाअय्मन फ़यभामा, औय सवायों िी सयदायी अम्भाये मालसय औय वऩमादों िी
नभ
ु ाइन्दगी भौहम्भद इब्ने अफी फक्र िे हवारे िी औय भ़
ु दभा तुर जैश िा
सयदाय अब्दल्
ु राह इब्ने अब्फास िो ़याय हदमा। भ़
ु ाभे ज़ब्दा भें आऩने ़माभ
उसने फ़यभाने अरी (अ.स.) िो टार हदमा। हज़यत िो भ़ाभे ज़ी़ाया ऩय हारात
िी इत्तेरा लभरी, आऩने उसे भाज़ूद िय िे ़यज़ा इब्ने िाफ िो अभीय नाभज़द
(तफयी)
इसिे फाद इभाभ हसन (अ.स.) िे हभयाह 7000 (सात हज़ाय) िूफ़ी औय
भालरिे अशतय िे हभयाह 12000 (फायह हज़ाय) िूफ़ी 6 हदन िे अन्दय जी़ाय
ु़
254
जवाफात भें इस्िीभ िे भातहत ़त्रे उस्भान िी यट थी। इसिे फाद इभाभ हसन
(अ.स.) ने एि ऽत
ु फे भें तरहा औय ज़फ
ु यै िे ़ानतरे उस्भान होने ऩय यौशनी
आऩिी खखदभत
ु़ भें जा ऩहुॉच।े हज़यत ने उस्भान िा हार दे ख िय फेहद अफ़सोस
अरी (अ.स.) िे रशिय िी तादाद 20,000 (फीस हज़ाय) थी। सफ़ा 265 अल्राभा
जो ज़ेये ़मादत आसभ इब्ने ़रीफ अरी (अ.स.) िे ऩास फतौये सफ़ीय आमे हुए
ु़
थे औय उनिी तादाद 100 (सौ) थी, रेकिन आमशा वगैया ऩय िोई ऽास असय न
ऊॊट ऩय सवाय हो िय खुद ननिर ऩड़ीॊ। हज़यत अरी (अ.स.) ने अऩने रशिय िो
255
हुक्भ हदमा कि आमशा औय उनिे रशिय ऩय हभरा न ियें , न उनिा जवाफ दें ।
ायज़ कि वह जॊग िी िोलशश िय िे वाऩस गईं। उसिे फाद अरी (अ.स.) ने ज़ैद
इब्ने सह
ू ान िो उम्भर
ु भोभेनीन िे ऩास बेज िय जॊग न ियने िी ख़्वाहहश िी
15 जभाहदर आखखय
ु़ 36 हहजयी मौभे ऩॊजशम्फा फा वक़्ते शफ तल्हा व ज़ुफयै ने
शफऽूॉ भाय िय हज़यत अरी (अ.स.) िो सोते भें ़त्र िय डारना चाहा रेकिन
मैदाने कारज़ार
हज़यत आमशा िो तल्हा व ज़ुफयै रोहे व चभड़े से भढ़े हुमे हौदज भें फैठा िय
लसऩद
ु क िय दी। मह दे ख िय हज़यत अरी (अ.स.) यसर
ू अल्राह स. िे घोड़े दर
ु दर
ु
िहा कि तुभ रोग क्मा िय यहे हो, अफ बी सोचो औय उस ऩय ाौय ियो कि यसर
ू
अल्राह स. ने तभ
ु से क्मा िहा था। ऐ ज़फ
ु यै क्मा तम्
ु हें भझ
ु से जॊग ियने िे
256
रेकिन अऩने रड़िे अब्दल्
ु राह िे बड़िाने से आमशा िी तयफ़दायी भें नफयद
िहा:- 1. फहादयु ों लसफ़क दफ़मे दश्ु भन िी ननमत यखना। 2. इब्तेदाए जॊग न ियना।
भें न घस
ु ना।
इसिे फाद आमशा से फ़यभानो रगे, तुभ अऩयीफ ऩशेभान होगी औय अऩने
रोगों िी तयफ़ भत
ु ावज्जे हो िय िहा तुभ भें िौन ऐसा है जो ़ुयआन िे हवारे
हनकपमा
ु़ िो हुक्भ हदमा, भौहम्भद िाफ़ी रड़ िय वाऩस आमे। हज़यत अरी
257
रड़ते हैं। कपय अरभ भौहम्भद बफन हनकपमा
ु़ िे हाथ भें दे िय िहा हाॊ फेटा आगे
गमे औय ज़ुफयै भैदाने जॊग से बाग ननिरे। यास्ते भे वादीउस्सफा िे ़यीफ उभय
बफने ज़यभोज़ ने उनिा िाभ तभाभ िय हदमा। उसिे फाद हज़यते आमशा फायह
़दय तीय फयसाए कि हौदज ऩश्ु ते साही िे भाननन्द हो गमा। हज़यत आमशा ने
बेजा। भालरिे अशतय ने उसे यास्ते ही भें ़त्र िय हदमा। उसिे फाद आमशा िे
ना़े िो ऩैम िय हदमा गमा। ऊॉट हौदज सभेत गगय ऩड़ा औय रोग बाग ननिरे।
हज़यत अरी (अ.स.) ने भौहम्भद बफन अफी फक्र िो हुक्भ हदमा कि हौदज िे ऩास
हुयभते यसर
ू फयफाद िय दी। कपय भौहम्भद से फ़यभामा कि इन्हें अब्दल्
ु राह इब्ने
258
(तेयाह हज़ाय) आमशा िे औय 5,000 (ऩाॊच हज़ाय) हज़यत अरी (अ.स.) िे रशिय
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि फ़तह िे फाद अब्दर
ु यहभान इब्ने अफी फक्र ने
फायवामते यौज़तुर अहफाफ व हफीफ उस सैय व आसभ िूफ़ी, इभाभ हसन (अ.स.)
िे ज़रयमे से िहरा बेजा अगय तुभ अफ जाने भें ताऽीय ियोगी तो भैं तुम्हे
ज़वज़जमते यसर
ू स. से तरा़ दे दॉ ग
ू ा। मह सन
ु िय वह भदीने जाने िे लरमे
एि गगये हुए दश
ु भन ऩय शान हदखाता। उन्होंने इज़्ज़त दी औय चारीस आदलभमों
259
उसिे फाद हज़यत अरी (अ.स.) ने फसये िे फैतुर भार िा जामज़ा लरमा,
6,00,000 (छ् राख) दयु े आफदाय फयाभद हुमे, आऩने सफ अहरे भाये िा ऩय
ऩहुॉच िय िुछ हदनों ़माभ किमा औय दौयाने ़माभ भें िूफ़ा, ईया़, ऽुयासान,
ऽल्दयू लरखता है कि जभर िे फाद लसस्तान भें फाावत हुई, हज़यत ने यज़ी इब्ने
ऽुयासान भें यफ़ए फाावत िे लरमे अरवी फ़ौज िी जॊग औय जनाफे शहय फानों
िा राना
तयीऽे इस्राभ भें है कि अहदे उस्भानी भें अहरे फ़ायस ने फाावत व सयिशी
िय िे अब्दल्
ु राह इब्ने भोअम्भय वारीए फ़ायस िो भाय डारा औय हुदद
ू े फ़ायस से
260
ताभीरे इयशाद िी। हुदद
ू े अस्तऽा भें ज़फयदस्त जॊग हुई भस
ु रभान िाभमाफ हो
अस्तऽय िे फ़तेह होने िे फाद 31 हहजयी भें मज़द जयद भ़ाभे यै औय कपय
री। इसिे हभयाह चाय हज़ाय आदभी थे। भयव भे वह ऽा़ाने चीन िी साज़जशी
ु़
इभदाद िी वजह से भाया गमा औय शाहाने अजभ िे गोरयस्तान अस्तऽय भें दफ़्न
िय हदमा गमा।
जॊगे जभर िे फाद ईयान, ऽयु ासान िे इसी भ़ाभ भयव भें सख़्त फाावत हो
ऽत्भ ियने िे लरमे इभदादी तौय ऩय ऽरीद इब्ने ़यआ मयफोई िो यवाना किमा।
वहाॊ जॊग हुई औय हयीस इब्ने जाबफय जाफ़ी ने मज़द जयद इब्ने शहयमाय इब्ने
दस
ू यी िा नाभ िेहान फानो था। हज़यत ने शहय फानों इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो
औय िेहान फानों, भौहम्भद इब्ने अफी फक्र िो अता फ़यभाईं। (जाभेउर तवायीऽ सफ़ा
149, िशफ़र ाम्भा सफ़ा 89, भतारेफुर सेवेर सफ़ा 261, सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 120, नूरूर
अफसाय सफ़ा 126, तोहफ़ए सुरैभाननमा शयह इयशाहदमा सफ़ा 391 प्रिालशत ईयान)
261
जॊगे सिफ़्फीन
(36, 37 हहजयी)
िे दयलभमान वा़े है । (भाजभुर फरदान सफ़ा 370) इसी जगह अभीयर भोभेनीन औय
बड़िाता औय उबायता था। जॊगे जभर िे फाद हज़यते अरी (अ.स.) िे शाभ ऩय
भ़
ु यक य किमे हुए हाकिभ सह
ु ै र इब्ने हनीफ़ ने िूफ़े आ िय हज़यत िो ऽफय दी कि
ऽन
ू आरद
ू िुताक रोगों िो हदखा िय अऩना साथी फना यहा है औय मह हारत हो
चि
ु ी है कि रोगों ने ़सभे खा री हैं कि ऽूने उस्भान िा फदरा लरमे फाैय न
(1,20,000) अफ़याद ऩय भश
ु तलभर रश्िय रे िय भ़ाभे लसफ़्फ़ीन भें जा ऩहुॉचा।
262
हज़यते अरी (अ.स.) बी शव्वार 36 हहजयी भें (नऽलरमा औय भदाएन) होते हुमे
य़ा भें जा ऩहुॉच।े हज़यत िे रशिय िी तादाद नब्फे हज़ाय (90,000) थी। यास्ते
(आसभ िूफ़ी सफ़ा 212, यौज़तुर सफ़ा ज़जल्द 2 सफ़ा 392) हज़यत ने अऩने रशिय िो
सात हहस्सों भें त़सीभ किमा औय भाववमा ने बी सात टुिड़े िय हदमे। भ़ाभे
भाववमा िे भ़
ु द्दभ ने भज़ाहे भत िी औय वह लशिस्त खा िय भाववमा से जा
लरमा। भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि घाट ऩय ़ब्ज़ा ियने वारों भें इभाभ हुसन
ै
था। (ज़जिरूर
ु़ अब्फास सफ़ा 26 भोअल्रेफ़ा हिीय)ु़ हज़यत अरी (अ.स.) ने घाट ऩय
़ब्ज़ा ियने िे फाद ऐरान िया हदमा कि ऩानी किसी िे लरमे फन्द नहीॊ है ।
भतारेफस
ु सऊ
ू र भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) फाय फाय भाववमा िो दावते
263
शरू
ु हुई औय इन्फ़ेयादी तौय ऩय साये भहीने होती यही। भोहयक भ 37 हहजयी भें जॊग
छोटी छोटी रड़ाईमाॊ होती यहीॊ ज़जन्भे भाववमा िे 45,000 (ऩैंतालरस हज़ाय) आदभी
आऩने हभरे किमे तो मह रोग ज़भीन ऩय रेट िय फये हना हो गमे। हज़यते अरी
(अ.स.) ने भॉह
ु पेय लरमा, मह उठ िय बाग ननिरे। भाववमा ने अभरू आस ऩय
शाफान योज़ जॊग जायी यही। रोगों ने भाववमा िो याम दी कि अरी (अ.स.) िे
भ़
ु ाफरे भे ऽद
ु ननिरें भगय वह न भाने। एि हदन जॊग िे दौयान भें अरी
िटवा यहा है तू ऽुद साभने आजा औय हभ दोनों आऩस भें फ़ैसरा िुन जॊग िय
योज़ ति फ़यी़ैन िा ़माभ लसफ़्फ़ीन भें यहा। भाववमा िे 90,000 (नब्फे हज़ाय)
औय हज़यते अरी (अ.स.) िे 20,000 (फीस हज़ाय) लसऩाही भाये गमे। 13 सफ़य
264
37 हहजयी िो भाववमा िी चार फाज़जमों
ु़ औय अवाभ िी फाावत िे फाएस फ़ैसरा
हिभैन िे हवारे से जॊग फन्द हो गई। तवायीऽ भें है कि हज़यते अरी (अ.स.) ने
जॊगे लसफ़्फ़ीन भें िई फाय अऩना लरफास फदर िय हभरा किमा है । तीन भयतफा
इब्ने अब्फस िा लरफास ऩहना, एि फाय अब्फास इब्ने यबफमा िा बेस फदरा, एि
दफ़ा अब्फास इब्ने हारयस िा रूऩ ़् इख़्तेमाय किमा औय जफ ़यीफ इब्ने सफा हभीयी
भ़
ु ाफरे िे लरमे ननिरा तो अऩने फेटे हज़यते अब्फास (अ.स.) िा लरफास फदरा
़रभी) रड़ाई ननहामत तेज़ी से जायी थी कि अम्भाये मालसय ज़जनिी उम्र 93 सार
दस
ू ये हदर सफ
ु ह िो हज़यत अरी (अ.स.) कपय रशिये भाववमा िो भख
ु ानतफ िय
िे फ़यभामा कि रोगों सन
ु रो कि अहिाभे ऽुदा भोअत्तर िो जा यहे हैं इस लरमे
गमे।
265
ऱैऱतऱ
ु हरीर
अशतय िे ़ब्ज़े भें था। जुभे िी यात थी, सायी यात जॊग जायी यही। फयवामत
आसभ िूफ़ी 36,000 (छत्तीस हज़ाय) लसऩाही तयफ़ैन िे भाये गमे। 900 (नौ सौ)
आदभी हज़यत अरी (अ.स.) िे हाथों ़त्र हुए। रशिये भाववमा से अर ामास,
था कि, भाववमा ज़द भें आ जाऐ औय रशिय बाग खड़ा हो। नागाह उभयो बफन
हभाये औय तम्
ु हाये दयलभमान ़ुयआन है । वह रोग जो भाववमा से रयशवत खा चि
ु े
ज़ैद इब्ने हसीन ने आवाभ िो इस दयजा वयारामा कि वह रोग वही िुछ ियने
अभीये शाभ बागने िा तहय्मा िय यहा था रेकिन म़ीनी फ़तेह, फ़ौज िे जोश
266
आखखय
ु़ अवाभ ने भाववमा िी तयफ़ उभयो आस औय हज़यत िी तयफ़ से उनिी
भयज़ी िे खखराफ़
ु़ अफू भस
ू ा अशअयी िो हिभ भ़
ु यक य ियिे भाहे यभज़ान भें
फाभ़ाभ जोभतर
ु जन्दर फ़ैसरा सन
ु ाने िो तम किमा।
हकमैन का फैिऱा
बफन आस औय अफू भस
ू ा अशअयी जभा हुमे औय अऩना वह फाहभी फ़ैसरा ज़जसिी
रू से दोनों िो खखराफ़त
ु़ से भाज़ूर ियना था, सन
ु ाने िा इन्तेज़ाभ किमा। जफ
आऩ फ़यभामें। अफू भस
ू ा लभम्फय ऩय गमे औय रोगों िो भऽ
ु ानतफ िय िे िहा कि
267
छा गमा। अरी (अ.स.) ने भस
ु िुया िय अऩने तयफ़दायों से िहा कि भैं न िहता
था कि दश
ु भन फ़ये फ दे ने िी कपक्र
ु़ भें है ।
जॊगे नहरवान
तयफ़दायों ने भस्
ु तयद िय हदमा औय दोफाया आरा ऩैभाने ऩय फ़ौज िशी िा फ़ैसरा
फाावत िी इत्तेरा लभरी औय ऩता चरा कि वह रोग जो लसफ़्फ़ीन भें जॊग योिने
िे खखराफ़
ु़ थे अफ हज़यत िे सख़्त भऽ
ु ालरफ़ हो िय भ़ाभे हयवया भें आ यहे हैं।
कपय भारभ
ू हुआ कि वह रोग फादाद से चाय फ़यसऽ िे फ़ासरे ऩय फभ़
ु ाभ
सता यहे हैं। हज़यत ने भजफयू न उन ऩय चढ़ाई िी। 12,000 (फाहय हज़ाय) भें से
िुछ िूफ़े औय भदाएन चरे गमे औय िुछ ने फैमत िय री। चाय हज़ाय (4000)
असरी नाभ भोज़ज था। इसिे एि हाथ िी जगह रम्फा सा वऩस्तान फना हुआ
268
मौहम्मद इब्ने अफी फक्र की इफरत नाक मौत
भौहम्भद इब्ने अफी फक्र लभस्र िे गवनकय थे। भाववमा ने छ् हज़ाय (6,000)
भौहम्भद ने हज़यत अरी (अ.स.) िो वा़ेए िी इत्तेरा दी। आऩने फ़ौयन जनाफे
भालरिे अशतय िी यवानगी िा ऩता चरा तो उसने भ़ाभे अयीश मा भज़ु ल्जभ
ु़ िे
ज़भीॊदाय िो ऽुकपमा
ु़ लरख िय बेजा कि भालरिे अशतय लभस्र जा यहे हैं, अगय
ु़
तुभ उन्हें दावत वगैयह िे ज़रयमे से ़त्र िय दो तो भैं तुम्हाया खखयाज
ु़ 20 सार
िे लरमे भाफ़ िय दॊ ग
ू ा। उस शख़्स ने ऐसा ही किमा। जफ भालरिे अशतय ऩहुॉचे
ज़हय लभरा िय दे हदमा। जनाफे भालरिे अशतय शहीद हो गमे। (तायीऽे िालभर
ज़जल्द 3 सफ़ा 141 व तफयी ज़जल्द 6 सफ़ा 54) इधय भालरिे अशतय शहीद हुए उधय
उभयो आस ने जनाफे भौहम्भद इब्ने अफी फक्र ऩय लभस्र भें हभरा िय हदमा।
सी िय ज़जन्दा
ु़ जरा हदमा। हज़यते आमशा िो जफ इस इफयत नाि भौत िी ऽफय
हय नभाज़ िे फाद फद दआ
ु ियने िो वतीया फना लरमा। (तायीऽे िालभर ज़जल्द 3
269
सफ़ा 143, हमातुर है वान वाैया) इस वाकिमे
ु़ से अभीयर भोभेनीन िो फेहद यॊ ज ऩहुॉचा
औय भाववमा िो ऽश
ु ी हुई। (तफयी इब्ने ऽल्दन ू ी) मह वा़ेमा सफ़य 38 हहजयी
ू भसद
िा है ।
भौहम्भद बफन अफी फक्र भक्िे भदीने िे दयलभमान 10 हहजयी भें ऩैदा हुए थे।
उनिी ऩयवरयश हज़यते अरी (अ.स.) िे आाोशे ियाभत भें हुई थी। वफ़ाते अफू
फक्र िे फाद उनिी भाॊ असभा बफन्ते उभैस से हज़यत ने अक़्द िय लरमा था।
हज़यत उनिो फे हद चाहते थे। मह जॊगे जभर औय लसफ़्फ़ीन भें हज़यत अरी
(अ.स.) िे साथ थे। सन ़् 37 भें अभीयर भोभेनीन (अ.स.) ने उन्हें लभस्र िा गवनकय
भाववमा ने एि फड़ा रशिय बेज िय लभस्र ऩय हभरा िया हदमा। िाफ़ी जॊग हुई
बफर आखखय
ु़ भौहम्भद िो लशिस्त हुई। अख़्तफ़ी भौहम्भद फ़ाअयफ़ भाववमा बफन
गमे रेकिन भाववमा ने उन्हें तराश िय िे गगयफ़्ताय िय लरमा कपय उन्हें ़त्र
िय िे उन्हें जरा हदमा। फड़े ज़ाहहद थे। तायीऽे आसभ िूफ़ी िे सफ़ा 338 भें है
270
कि उन्हें गधे िी खार भें सी िय जरवा हदमा था। हज़यत भौहम्भद बफन अफी
फक्र िी शहादत िे नतीजे भें हज़यते आमशा िो बी िुएॊ भें गगया िय अभीये
भाववमा ने ऽत्भ िया हदमा था। (हफीफ उस सैय वाैया) असिी ़दये तफ़सीर आइन्दा
आमेगी।
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) की ववऱादत
ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) जनाफे शहय फानों बफन्ते मज़द जयु द इब्ने शहयमाय इब्ने
हहन्दस्
ु तान में इस्ऱाम िफ िे ऩहऱे
हज़यत अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) िे ज़रयमे से ऩहुॉचा इरा़ए लसन्ध से
अभीरूर भोभेनीन हज़यत अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) ऩय थी ज़जस तयह
ियते यहे औय उसे फ़योा दे ने भें तन, भन, धन िी फाज़ी रगाए यहे इसी तयह
271
जेहदे भस
ु रसर औय सई ऩैहभ िी औय किसी वक़्त बी उसिी तब्रीा से ाफ़रत
औय लभन्हाजे नफव
ू त ऩय िाभ शरू
ु हो गमा तफरीा िे भहदद
ू हऱे वसी हो गमे।
इभाभत खखराफ़त
ु़ िे दोश फदोश आगे फढ़ी औय इस्राभ िी यौशनी भभ
ु ालरिे ाैय
इस्राभी ताफन्दगी से भन
ु व्वय िय हदमा।
इभाभर
ु भव
ु ये ऽीन अफू भौहम्भद, अब्दल्
ु राह बफने भज़ु स्रभ इब्ने ़तीफा दीनवयी
अऩनी किताफर
ु भाअरयक फ़ िे सफ़ा 95 प्रिालशत लभस्र 1934 ई0 भे लरखते हैं
272
ियना भ़सद
ू था कि हहन्दोस्तान भें क्मों िय दाखखरा
ु़ हो सिता है । इसी भ़सद
भ़
ु यक य किमा गमा था। भव
ु रयक ऽ बफराज़यी लरखते हैं कि वह सफ़रूर हहन्द िी
उस भल्
ु ि िा क्मा हार है, िहा भैंने उस भल्
ु ि िो चर कपय िय अच्छी तयह
जफरा ने िहा् वहाॊ ऩानी िभ, पर यद्दी, चोय फेफाि, रशिय िभ हो तो ज़ामा
जामेगा, फहुत हो तो बख
ू ों भये गा। मह सन
ु िय उन्होंने िहा, ऽफय दे यहे हो मा
(तयजभ
ु ा फ़तहुर फरदान फेराज़यी लरल्द 2 सफ़ा 613)
तयफ़ फढ़ने िा ख़्मार तिक िय हदमा रेकिन हज़यत अभीरूर भोभेनीन (अ.स.)
273
ज़जनिा भ़सद फ़तूहात िी फ़हरयस्त भयु त्तफ ियना न था फज़ल्ि दीने इस्राभ
िय लरमा औय 39 हहजयी भें हज़यत अरी (अ.स.) ने हारयस बफन भयु ाक अब्दी िो
लसन्ध ऩय ़ाफू हालसर ियने िे लरमे बेजा। इसी सन ़् भें लसन्ध फ़तेह हुआ। मह
हज़यत अरी (अ.स.) िा िायनाभा है कि लसन्ध अरी बफन अफी तालरफ अ.स. िे
हाथो फ़तेह हुआ औय हुिूभते इस्रालभमा ऩहरे ऩहर उन्हीॊ िे हाथों ़ामभ हुई।
अल्राभ बफराज़यी अर भत
ु ावफ्पा 279 लरखते हैं कि आखखय
ु़ 38 हहजयी मा
अव्वर 39 हहजयी भें हारयस बफन भयु ाक अब्दी ने अरी बफन अफी तालरफ यजी ु़
एि हदन भें एि हज़ाय त़सीभ किमे गमे। हारयस औय उनिे अक्सय असहाफ
(तयजभ
ु ा फ़तहुर फरदान बफराज़यी ज़जल्द 2 सफ़ा 613 प्रिालशत ियाची)
भव
ु रयक ऽ जाकिय
ु़ हुसन
ै िा फमान है कि साहे फे यौज़तुर सफ़ा लरखते हैं कि
274
िे शरू
ु भें हारयस बफन भयाक अब्दी एि दस
ू यी फ़ौज िे साथ दारूर खखराफ़ा
ु़ से
फहुत से हहन्द ू गगयफ़्ताय किमे गमे औय िसीय भारे ानीभत हाथ आमा जो फयाहे
ार
ु ाभ ानीभत िे भार भें त़सीभ किमे गमे हारयस बफन भयु ाक भद्
ु दत ति इन
ऱाना
इसी लरमे लसन्ध फ़तेह किमा गमा। फ़तेह लसन्ध िे फाद अभीयर भोभेनीन हज़यत
अरी (अ.स.) िे इस्राभी जद्दो जेहद िे आसाय तायीख भें भौजूद हैं। भव
ु रयक ऽ
भल्
ु रा भौहम्भद ़ालसभ हहन्द ू शाह फ़यीशता ज़ेये उन्वान ज़जक्र
ु़ बफनाए शहये दे हरी
था, ़सफाए इन्द्र ऩत िे ऩहरू भें दे हरी िी फनु नमाद यखी कपय उनिे आठ
275
सल्
ु तान शाहफद्
ु दीन गा ु़ ैयी ने उनिे आखखयी
ु़ फादशाह वऩथवया िो ़त्र िय हदमा।
़ामभ िय री औय फ़यीदॉ ू से भ़
ु ाफरे शरू
ु िय हदमा। बफर आखखय
ु़ फ़यीदॉ ू ाालरफ
ज़ह
ु ा़ इस भम्रेित भें मिे फा दीगये फज़
ु गु क ़फीरा मानी फादशाह होता यहा।
इसिा ज़भाना अहदे अभीयर भोभेनीन हज़यत अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) भे
276
उद्दीन प्रिालशत िरित्ता 1864 ई0 ज़जक्र
ु़ े सरातीन शन्साननमा िे तफ़ए 7 सफ़ा
तहयीय किमा है । शन्सफ बफन हयी़ बफन नही़ इब्ने भमसी बफन वज़न बफन हुसन
ै
बफन फहयाभ बफन हफश बफन हसन बफन इब्राहीभ बफन साद बफन असद बफन शद्दाद
भल्
ु रा भौहम्भद ़ालसभ फ़हयशता लरखते हैं कि ज़जस ज़भाने भें फनी उम्भमा ने
हुआ था भगय गा ु़ ैय भें अहरे ाौय भयु तकिफ आॉ अभये शनीअ नशद
ु न्द अहरे ाौय
ने इस अभये नाभा़ूर िा इयते़ाफ नहीॊ किमा था। (औय वह इस अभर भें फनी
277
थी तो उन रोगों ने दय ़त्रे आदाए अहरे फैत त़सीय न ियद दश्ु भनाने आरे
भौहम्भद स. िे ़त्र ियने भें िोई िभी नहीॊ िी। इन तहयीयों से भारभ
ू होता है
आईना दाय है ।
भव
ु रयक ऽ अफू भौहम्भद, भौहम्भद अब्दल्
ु राह बफन भज़ु स्रभ बफन ़तीफा दे वनयी
अर भत
ु ावफ्पा 276 ई0 तहयीय फ़यभाते हैं जफ हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो
हुय ने िूफ़े िे यास्ते भें योिा तो आऩने इयशाद फ़यभामा कि तुभ अगय भेये ईया़
278
तहा ज़ैद अर शहीद इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िी एि फीवी लसन्धी थीॊ औय
उनसे हज़यत ज़ैद शहीद ऩैदा हुमे। कपय इसी किताफ िे सफ़ा 94 ऩय लरखता है ।
(हहन्दोस्तान) भें दीने इस्राभ हज़यत अरी (अ.स.) िे ज़रयमे से ऩहुॉचा औय इसी िे
साथ साथ शीईमत िी बी फनु नमाद ऩड़ी थी नीज़ मह कि हज़यत इभाभ हुसन
ै
(अ.स.) िो लसन्ध िे भस
ु रभानों ऩय बयोसा था। वह िूफ़ा व शाभ िे भस
ु रभानों
ऩय लसन्ध िे भस
ु रभानों िो तयजीह दे ते थे। मही वजह है कि आऩने िूफ़ा भें
इब्ने ज़जमाद
ु़ औय मज़ीद बफन भाववमा िे रशिय िे सयदाय हुय बफन मज़ीद बफन
भाववमा िे रशिय िे सयदाय हुय बफन मज़ीदे ये माही। (जो फाद भें हज़यत इभाभ
हुसन
ै (अ.स.) िे ़दभो भें शहीद हो िय याहहमे जन्नत हुमे थे।) से मह फ़यभामा
था कि भझ
ु े लसन्ध चरे जाने दो। इसिे अरावा आऩिे फ़यज़न्द इभाभ ज़ैनर
ु
आफेदीन (अ.स.) ने एि फीवी लसन्ध िी अऩने ऩास यखी थी ज़जस से हज़यत ज़ैद
279
शहीद ऩैदा हुए थे। मह तभाभ उभयू इस अम्र िी वज़ाहत ियते हैं कि आरे
(40 हहजयी)
शरू
ु फ़यभा दी औय लसफ़्फ़ीन व नहयवान िे फाद ही से आऩ इसिी तयफ़
भत
ु ावज्जेह हो गमे थे। महाॊ ति िी हभरे िी तैय्मारयमाॊ भि
ु म्भर हो गईं। दस
इब्ने ऽल्दन
ू लरखता है कि फ़ौज िी जो भि
ु म्भर फ़ेहरयस्त तैय्माय हुई उसभें
हदमा। भ़
ु द्दे भा नहजुर फरााा, अब्दर
ु यज़्जा़ु़ ज़जल्द 2 सफ़ा 704 भें है कि
280
भाववमा ऩय आखखयी
ु़ ज़फक रगाने िी तैय्मारयमाॊ ियने रगे। साठ हज़ाय (60,000)
फ़ौज आयास्ता हो चि
ु ी थी औय मरााय शरू
ु होने वारी थी कि एि ऽायजी अब्दर
ु
यहभान इब्ने भर
ु ज़जभ ने दाा फाज़ी से हभरा िय हदमा। हज़यत अभीयर भोभेनीन
तायीऽ अर फ़ऽयी सफ़ा 73 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) एि भयतफा फीभाय हुए
िहने रगे कि शामद अरी (अ.स.) न फचेगें। आऩने फ़यभामा अबी अरी (अ.स.)
िो भौत नहीॊ आमेगी। अरी (अ.स.) दनु नमा िे तभाभ यॊ जो ाभ उठाने िे फाद
तरवाय से शहीद होंगे। सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 80 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.)
सफ से ज़्मादा फद फख़्त होगा। शयह इब्ने अबफर हदीद जुज़ 13 सफ़ा 102 भें है
281
ियते थे। तायीऽ अफर
ु कपदा
ु़ वाैया भें है कि ऽालरद ने अहदे अफू फक्र भें भालरि
इब्ने नवेया िी फीवी से ज़ेना किमा था। तायीऽे आसभ िूफ़ी सफ़ा 34 व तायीऽे
तफयी ज़जल्द 4 सफ़ा 464 भें है कि हज़यत उभय ने ऽरीफ़ा होते ही ऽालरद िो
भाज़ूद िय हदमा था। तायीऽे तफयी ज़जल्द 6 सफ़ा 54 व िालभर वाैया भें है कि
38 हहजयी भें अभीये भाववमा ने भालरिे अशतय िो ज़हय से शहीद िया हदमा।
तायीऽे िालभर इब्ने असीय ज़जल्द 3 सफ़ा 142 भें है कि भाववमा ने हज़यत अफू
हदमा। ज़जक्र
ु़ अर अब्फास सफ़ा 51 भें भख़्
ु तलरफ़ तवायीऽ िे हवारे से भय़ूभ है
फाद इभाभ हसन (अ.स.) िो ज़हय से भाववमा ने शहीद ियामा था। िशफ़ुर ाम्भा
सफ़ा 61 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने ऩेशीन गोई फ़यभाई थी कि अभीये शाभ
आरद
ू अऩनी आॊऽों से न दे ख रेगा। किताफ तज़कियाए भौहम्भद व आरे
282
तैय्मारयमाॊ िय यहे थे इब्ने भर
ु ज़जभ िा वाय ियना मह फता यहा है कि इसिी तह
कि भाववमा ने अहदे उस्भान भें हज़यते उस्भान से ़त्रे अरी (अ.स.) िी इजाज़त
277 भें फा हवारा हदी़तुर ह़ाए़ हिीभ सनाई (य.) भय़ूभ है कि अभीयर
भैंने भाववमा िे िहने से ऐसा किमा भगय अफ़सोस िोई फ़ामदा फयाभद न
हुआ। भर
ु ाहे ज़ा हो ज़जक्र
ु़ अर अब्फास सफ़ा 20 किताफ अयजहुर भतालरफ सफ़ा
इब्ने भर
ु ज़जभ ने िूफ़ा ऩहुॉच िय एि हज़ाय हदयहभ िी एि तरवाय ऽयीदी औय
रगा। इसी दौयान भें एि हदन उसिी नज़य एि हसीन औयत ऩय जा ऩड़ी ज़जसिा
भर
ु ज़जभ उस औयत िा फे दाभ ार
ु ाभ फन गमा आय उससे लसरलसरा जुम्फानी
शरू
ु िी। बफर आखखय
ु़ फात ठहयी औय अक़्द िा फ़ैसरा हो गमा। जफ भेहय िी
सय रग
ू ीॊ क्मो कि उन्होंने इस्राभी जॊगों भें भेये फाऩ औय बाईमो िो ़त्र िय
283
हदमा है । इब्ने भर
ु ज़जभ ने जवाफ हदमा कि भझ
ु े भॊज़ूय है । ऱद ़सदत ऱतर
वामदे िा ऩास व लरहाज़ यखना चाहहमे, उसने िहा ऐसा ही होगा। इस अहदो
इभदाद िे लरमे शफीफ इब्ने फीयह अशजई बी था। यौज़तुर शोहदा सफ़ा 198 भें है
हदमे। भस्
ु तदरयि हाकिभ भें है कि ़ताभा ने ऐसा भहय भाॊगा ज़जसिी लभसार
अयफ व अजभ भें नहीॊ है । तायीऽे अहभदी सफ़ा 210 भें फ हवारा यौज़तुर अहफाफ
हदन आऩ ऽत
ु फा फ़यभा यहे थे नागाह इभाभ हसन (अ.स.) दौयाने ऽत
ु फा भें आ
ऽत्भ होने भें कितने हदन फा़ी यह गमे हैं? इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने अज़क कि फाफा
284
फ़यभामा कि अऩ्यीफ ़फीराए भयु ाद िा एि नाभयु ाद भेयी दाढ़ी िो सय िे ऽून
से यॊ गीन िये गा। (अऽफाये सहीहा भें वारयद है कि हज़यत अरी (अ.स.) िा उसर
ू
लसफ़क एि ऱ
ु भा तनावर
ु ियते थे। एि यवामत भें है कि आऩने अऩनी फेटी उम्भे
िुरसभ
ू से फ़यभामा कि भैं अऩ्यीफ तुभ रोगों से रूऽसत हो जाऊॉगा। मह सन
ु
िय वह योने रगीॊ। आऩने फ़यभामा कि भौत से किसी िो छुटिाया नहीॊ फेटी भैंने
जाओ। जम्हूये भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि ज़जस यात िी सफ
ु ह िो आऩ शहीद हुए
दे य िे फाद भस
ु ल्रे से उठ िय सहने ऽाना भें आते औय आसभान िी तयफ़ दे ख
ऽाना भें फत्तऽों ने दाभन थाभ लरमा औय शोय भचाने रगीॊ किसी ने योिा तो
फयाभद हो िय दाखखरे
ु़ भज़स्जदे िूफ़ा हुए औय गुरदस्तै अज़ान ऩय जा िय अज़ान
285
तरवाय उसी जगह रगी ज़जस जगह ऽन्द़ भें उभय बफन अब्दे वद
ु िी तरवाय रग
चि
ु ी थी। ज़फक रगते ही आसभान से आवाज़ आई अरा ़तरर अभीयर भोभेनीन
रगे औय ज़ख़्भ ऩय लभट्टी डार िय फोरे फ़ुज़तो फे यज़ब्फर िाफा ऽुदा िी ़सभ
भैंने हमाते अब्दी ऩाई औय िाभमाफ हो गमा। ज़फक रगने िे फाद इब्ने भर
ु ज़जभ
फ़यभामा फस यो चि
ु ो औय भझ
ु े घय रे चरो मह सन
ु िय हज़यत इभाभ हसन
गगरीभ भें डार िय आऩिो घय ऩहुॉचामा। किताफ अर ियाकय सफ़ा 402 भें है कि
घय ऩहुॉच िय आऩ ने सफ
ु ह िो भऽ
ु ानतफ िय िे फ़यभामा कि तू गवाह यहना कि
भझ
ु से नहीॊ हुई। तायीऽे अहभदी सफ़ा 212 भे है कि िोई इराज िायगय न हुआ
़ाज़ी भौहम्भद सर
ु भ
ै ान जज ऩहटमारा िे सफ़ा 81 भें है कि ज़ख़्भ िो ज़जस ऩय
शहादत हुई िसीय बफन उभयो सिूनी जो शाहाने ईयान िा तफीफे ऽास यह चि
ु ा था
286
उसने फतामा कि ज़ख़्भ उम्भे हदभाा ति ऩहुॉच गमा है औय अफ सेहत भोहार है ।
वसीमतें फ़यभाईं जो त़वा ऩयहे ज़ गायी, इफादत लसरए यहभ वाैया वाैय से
भत
ु ाअज़ल्ऱ थीॊ। कपय एि नववश्ता लरख िय हदमा। किताफ अऽफाये भातभ सफ़ा
ऐ दश
ु भने ऽद
ु ा तू ने अभीयर भोभेनीन िो शहीद िय हदमा, तो उसने जवाफ हदमा
तरवाय से ़त्र किमा है ज़जसे एि भाह ज़हय वऩराता यहा हूॉ। िशफ़ुर अनवाय
तयजुभा बफहाय ज़जल्द 9 सफ़ा 277 भे है कि आऩने आऽयी वक़्त अऩने सफ फेटों
िो फर
ु ा िय इभाभ हसन (अ.स.) औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी इताअत औय
मह तुम्हाया ार
ु ाभ है ियफरा भें िाभ आमेगा। किताफ अ़दर
ु फ़यीद भें है कि
287
आऩने अभये खखराफ़त
ु़ इभाभ हसन (अ.स.) िे लसऩद
ु क फ़यभामा। किताफ वसीरातुन
इभाभे फयह़ औय ऽरीफ़ा ए वक़्त ़याय ऩाए। तायीऽे िालभर इब्ने असीय,
िी औय मश
ू ा इब्ने नन
ू ने वफ़ात ऩाई। किताफ अर इभाभत वर लसमासत ज़जल्द
(अ.स.) औय अब्दल्
ु राह इब्ने जाफ़य ने ास्
ु र हदमा औय भोहम्भदे हनकपमा
ु़ ने ऩानी
डारने भें भद्द िी। िफ़न वऩनहाने िे फाद हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) ने नभाज़े
जनाज़ा ऩढ़ी। यहरा इब्ने जफीय अनदरसी सफ़ा 189 प्रिालशत लभस्र 1908 ई0 भें
हुई थी औय आऩिा जनाज़ा लसयहाने िी तयफ़ से फ़रयश्ते उठामे हुए थे। तायीऽे
अफर
ु कपदा
ु़ भें है कि आऩ नजफ़े अशयफ़ भें लसऩद
ु े ऽाि किमे गमे जो अफ बी
ज़जमायत
ु़ गाहे आरभ है । अर मािूफी ज़जल्द 2 सफ़ा 203 भें है कि शहादते अरी
288
(अ.स.) िे फाद इभाभे हसन (अ.स.) ने अऩने ऽुतफे भें फ़यभामा कि उन्होंने लसफ़क
अयजहुर भतालरफ सफ़ा 760 भें है कि ज़जस शफ भें हज़यत अरी (अ.स.) शहीद
हुमे उसिी सफ
ु ह िो फैतुर भ़
ु द्दस िा जो ऩत्थय उठामा जाता था, उसिे नीचे से
ऽूने ताज़ा फयाभद होता था। तायीऽ अर मािूफी ज़जल्द 2 सफ़ा 203 भें है कि
हज़यत अरी (अ.स.) िे दफ़्न िे फाद उनिी ़ब्र ऩय ़आ़ा बफन ज़याया ने एि
ज़जन्दगी
ु़ ऽैयो फयित िी किरीद थी, अगय रोग आऩिो सहीह तयी़े ऩय भानते
तो ऽैय ऽैय ऩाते भगय दनु नमा वारों ने दनु नमा िो दीन ऩय तयजीह दी औय ऽैय
हालसर न िय सिे। इन्शाअल्राह दनु नमा दाय जहन्नभ भें जामेंगे। किताफ
अनवारूर हुसनै नमा ज़जल्द 2 सफ़ा 36 भें है कि आऩिी ़ब्र ऩोशीदा यखी गई थी।
ज़ालरभ फनी उम्भमा िी वजह से अरी (अ.स.) िी ़ब्र छुऩाई गई। चौथी सदी भें
ज़जल्द 2 सफ़ा 187 भें है कि सफ से ऩहरे आऩिी ़ब्र िे गगदक िटै हये रगवामे
289
किताफ अब्दर
ु जरीर मस
ू फ़
ु ी जी ने आऩिी तायीऽ िे फाये भें लरखा है । गय तू
सारे शहादतश जई
ू ।
इब्ने भर
ु ज़जभ से िहना गो भैं जानता हूॉ कि त़दीय सफ ऩय ाालरफ है कि
व अव्वरन
ु नास, इस्राभन व ईभाना।
व इल्भन्
ु नास बफर ़ुयआन सभ
ु फेभा।
290
सन यसर
ू ना, शयअन वत तफैना।।
औय ़ुयआन व सन्
ु नत िे जानने भें सफ आरभ था, तन
ू े उसे ़त्र किमा है ।
इयशादे भफ़
ु ीद सफ़ा 199 व हभयाह इब्ने हज़भ व तहज़ीफर
ु असभा ज़जल्द 1 सफ़ा
149 भें है कि आऩिे फायह फेटे औय सोरह फेहटमाॊ थीॊ आऩ िी नस्र ऩाॊच फेटों से
़फीराए हनकपमा
ु़ बफन रहीभ से थीॊ, भौहम्भद बफन हनकपमा
ु़ 8 हहजयी भें ऩैदा हुए
औय ज़ोयो ़ुव्वत िी हहिामत फहुत भशहूय है । (किताफ यहभतुर लरर आरेभीन ज़जल्द
भत
ु ावफ्पा 821 ई0 तहयीय फ़यभाते हैं कि फनी हनफ़मा अदनान िे फक्र बफन
291
वाएरी से भत
ु ाअज़ल्ऱ एि ़फीरा है ज़जसिा लसरलसरा मह है । फनू हनफ़मा बफन
रहीभ, बफन साअफ बफन अरी बफन फक्र बफन वाएर मह मभाभा भें यहते थे।
292
अफु मोहम्मद हज़रत इमाम हिन (अ.ि.)
भ़सदे सर
ु हे हसन, फ़तहे दये ऽैफय भें है ।।
कि भदाहश ऽद
ु ा, यावी ऩमम्फय, भदहे िुयु़ ाॊ शद
ु ।।
भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) व भोहलसने इस्राभ हज़यत ऽदीजतुर िुफया िे
293
आऩकी ववऱादत
आऩ 15 यभज़ानर
ु भफ
ु ायि 3 हहजयी िी शफ िो भदीनाए भन
ु व्वया भें ऩैदा हुमे।
िे ज़जस्भे भफ
ु ायि िा एि टूिड़ा भेये घय भें आ ऩहुॉचा है । ख़्वाफ यसर
ू े ियीभ
रख़्ते ज़जगय फ़ात्भा िे फत्न से एि फच्चा ऩैदा होगा ज़जसिी ऩयवरयश तुभ
ियोगी। भव
ु ये खीनु़ िा फमान है कि यसर
ू (स.अ.व.व.) िे घय भें आऩिी ऩैदाईश
ववरादत िे फाद इस्भे गेयाभी हम्ज़ा तजवीज़ हो यहा था रेकिन सयवये िामनात
(स.अ.व.व.) ने फा हुक्भे खद
ु ा भस
ू ा (अ.स.) िे वज़ीय हारून (अ.स.) िे फ़यज़न्दों िे
शब्फीय व शब्फय नाभ ऩय आऩिा नाभ हसन औय फाद भें आऩिे बाई िा नाभ
हुसन
ै यखा। फेहारूर अनवाय भें है कि इभाभ हसन (अ.स.) िी ऩैदाईश िे फाद
294
अल्राभा अफर
ु हुसन
ै िा िहना है कि ऽुदा वन्दे आरभ ने दोनो शाहज़ादों िा
नाभ अन्ज़ाये आरभ से ऩोशीदा यखा था मानी इनसे ऩहरे हसन औय हुसन
ै नाभ
से िोई भोसभ
ू नहीॊ था। किताफे आरभे अरवयी िे भत
ु ाबफ़ मह नाभ बी रौहे
ज़फाने रयसारत दहने इभाभत भें अल्र शयाए भें है कि जफ इभाभ हसन (अ.स.)
तो यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) फे इन्तेहा खश
ु ु़ हुमे औय उनिे दहने भफ
ु ायि भें अऩनी
आाोश भें रे िय प्माय किमा औय दाहहने िान भें अज़ान औय फाॊए भें अ़ाभत
ऩनाह भें यखना। फाज़ रोगों िा िहना है कि इभाभ हसन (अ.स.) िो रोआफे
दहने यसर
ू (स.अ.व.व.) िभ औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो ज़्मादा चस
ू ने िा भौ़ा
गई।
295
आऩका अक़ीक़ा
मह इफायत बी थी् अल्राह हुम्भा अज़भहा फाअज़भा रहभहा, बफर हभा, दभहा
तयजभ
ु ा्
खदामा
ु ु़ इसिी हड्डी भौरद
ू िी हड्डी िे ऐवज़, इसिा गोश्त उसिे गोश्त िे
एवज़, इसिा ऽून उसिे खून िे ऐवज़, इसिा फार उसिे फार िे ऐवज़ ़याय दे
296
कुजन्नयत व अऱक़ाफ
आऩिी िुज़न्नमत लसफ़क अफू भोहम्भद थी औय आऩिे अऱाफ फहुत िसीय हैं
ज़जनभें तय्मफ, त़ी, लसब्त व सय्मद ज़्मादा भशहूय हैं। (भोहम्भद बफन तरहा
मह भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि इभाभ हसन (अ.स.) ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.)
हदमा है औय अऩने दाभन भें जा फजा आऩिे तज़किये िो जगह दी है । ऽुद सयवये
िामनात (स.अ.व.व.) ने फे शभ
ु ाय आहादीस आऩिे भत
ु ाअज़ल्ऱ इयशाद फ़यभाई हैं।
िो दोस्त यखता हूॊ औय जो उन्हें दोस्त यखे उसे बी ़द्र िी ननगाह से दे खता हूॉ।
297
आऩिी ऩश्ु त ऩय सवाय हो गमे किसी ने योिना चाहा तो हज़यत ने इशाये से भना
इभाभ हसन (अ.स.) िो फहुत ज़्मादा दोस्त यखने रगा हूॉ ज़जस हदन भैंने यसर
ू े
ियीभ (स.अ.व.व.) िी आाोश भें फैठ िय उन्हें उनिी दाढ़ी से खेरते हुए दे खा।
(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 113) एि हदन सयवये िामनात (स.अ.व.व.) इभाभ हसन (अ.स.)
िो िॊधे ऩय सवाय किमे हुए िहीॊ लरमे जा यहे थे, एि सहाफी ने िहा कि ऐ साहफ
फ़यभामा िहो कि किस ़द्र अच्छा सवाय है । (असद अर ााब्फा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 15
खुदा (स.अ.व.व.) इभाभ हसन (अ.स.) िो िाॊधे ऩय बफठाए हुए फ़यभा यहे थे
फक्र से यवामत ियते हैं कि एि हदन आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) नभाज़े जभाअत ऩढ़ा
गगयोहों भें सर
ु ह ियामेगा। इभाभ ननसाई अब्दल्
ु राह इब्ने शद्दाद से यवामत ियते
298
हैं कि एि हदन नभाज़े इशा ऩढ़ाने िे लरमे आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) तशयीफ़ रामे
आऩिी आाोश भें इभाभ हसन (अ.स.) थे आॊ हज़यत नभाज़ भें भशार
ू हो गमे
किमा गमा तो फ़यभामा कि भेया फ़यज़न्द भेयी ऩश्ु त ऩय आ गमा था, भैंने मह न
आ गमे औय हसन (अ.स.) िे ऩाॊव अफा िे दाभन भें इस तयह उरझे कि ज़भीन
ु़
ऩय गगय ऩडे, मह दे ख िय आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने ऽुतफा तिक िय हदमा औय
299
हसन (अ.स.) औय हुसन
ै (अ.स.) जवानाने फहहश्त िे सयदाय हैं औय उनिे
वालरदे फज़
ु गु व
क ाय मानी अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) इन दोनों से फेहतय हैं।
इयशाद फ़यभामा कि भझ
ु े आज ज़जब्राईर ने मह फशायत दी है कि भेये दोनों
वालरद अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) उनसे फेहतय हैं। (िन्ज़ुर आभार ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ
हज़यत अरी (अ.स.) लसफ़क सय्मद ही न थे फज़ल्ि फ़यज़न्दाने लसमादत िे फाऩ थे।
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि एि हदन अफू सकु फ़मान हज़यत अरी (अ.स.) िी
खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय िहने रगा कि आऩ आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) से
अफ उसभें फार फयाफय फ़़क न होगा। उसने इभाभ हसन (अ.स.) से लसफ़ारयश िी
उस वक़्त ऐसी जअ
ुक त िा सफत
ू हदमा ज़जसिा तज़किया ज़फाने तायीऽ ऩय है ।
300
लरखा है कि अफू सकु फ़मान िी तरफ लसफ़ारयश ऩय आऩने दौड़ िय उसिी दाढ़ी
तम्
ु हाये लरमे सफ िुछ है । मह दे ख िय अभीरूर भोभेनीन (अ.स.) भसरूय हो गमे।
वही खद
ु ियते हुए दे खॊू औय सन
ु ॊू सय्मदा (स.अ.व.व.) ने इभाभ हसन (अ.स.) िे
ऩहुॉचने िा वक़्त फता हदमा। एि हदन अभीयर भोभेनीन (अ.स.) हसन (अ.स.) से
ऩहरे दाखखरे
ु़ ऽाना हो गमे औय गोशा ऽाना भें छुऩ िय फैठ गए। इभाभ हसन
शरू
ु िय दी, रेकिन थोड़ी दे य िे फाद अज़क कि, ‘‘ मा अभाह ़द तरजरज रेसानी
ऱ
ु नत औय फमाने भ़सद भें रूिावट हो यही है भझ
ु े ऐसा भारभ
ू होता है कि
जैसे भेये फज
ु गक
ु ु़ भोहतयभ भझ
ु े दे ख यहे हों। मह सन
ु िय हज़यत अभीयर भोभेनीन
301
(अ.स.) ने दौड़ िय इभाभ हसन (अ.स.) िो आाोश भें उठा लरमा औय फोसा दे ने
करना।
इभाभ फऽ
ु ायी य़भ तयाज़ हैं कि एि हदन िुछ सद़े िी खजूयें आईं हुई थीॊ
(सही फख
ु ायी ऩाया 6 ऩष्ृ ठ 25)
इभाभ ऩय अगयचे वही नाज़ीर नहीॊ होती रेकिन उसिो इल्हाभ होता है औय वह
रौहे भहफ़ूज़ िा भत
ु ारेआ ियता है ज़जस ऩय अल्राभा इब्ने हजये अस़रानी िा
302
इभाभ हसन (अ.स.) उस वक़्त दध
ू ऩीते थे, आऩ ऩय अबी शयई ऩाफन्दी न थी आॊ
(अ.स.) औय दस
ू ये फच्चे फयाफय नहीॊ हो सिते। क्मों कि ‘‘ ’’ احملفوظ لوح يتاللع احلسن اان
लभम्फये यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩय फैठे हुमे है आऩ से यहा न गमा औय आऩ लभम्फय िे
िय वह लभम्फय से उतय आमे औय इभाभ हसन (अ.स.) िो अऩनी आाोश भें फैठा
लरमा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 105, तायीरख अर ऽोल्फ़ा ऩष्ृ ठ 55, रयमाज़ुन नज़या ऩष्ृ ठ
128)
303
इमाम हिन (अ.ि.) का फचऩन और मिाएऱे इजल्मया
मह भस
ु ल्रेभात से है कि हज़यात आइम्भा ए भासभ
ू ीन (अ.स.) िो इल्भे रदन्ु नी
हुआ ियता था। वह दनु नमा भें तहसीरे इल्भ िे भोहताज नहीॊ हुआ ियते थे। मही
दनु नमा िे आभ उरेभा अऩनी ज़ज़न्दगी िे आऽयी उम्र ति फे फहया यहते थे।
असभत िी एि भस्
ु तहिभ िड़ी थे कि फचऩन िे हारात व वा़ेमात दे खे जामें
ऩहऱा वाफ़कआ
भनाक़फ इब्ने शहये आशोफ भें फ हवारे शयह अऽफाये ़ाज़ी नोभान भय़ूभ है
भझ
ु ऩय क्मा िफ़्फ़ाया वाज़जफ उर अदा हुआ? सवार िा जवाफ चॊकू ि उनिे फस
कि इसे अब्दर
ु यहभान बफन औफ़ िे ऩास रे जाओ। जो उनसे सवार दोहयामा तो
सिते हैं। साएर हज़यत अरी (अ.स.) िी खखदभत भें रामा गमा। आऩने साएर से
फ़यभामा कि भेये दो छोटे फच्चे जो साभने नज़य आ यहे हैं उनसे दयमाफ़्त िय रे।
304
साएर इभाभे हसन (अ.स.) िी तयफ़ भत
ु वज्जे हुआ औय भसरा दोहयामा, इभाभे
खाना
ु़ िाफा िय दे । अभीयर भोभेनीन (अ.स.) ने हॊ स िय फ़यभामा कि फेटा जवाफ
ज़ामा हो जाते हैं औय िुछ फच्चे भय जाते हैं। अज़क कि फाफा जान बफल्िुर दरू
ु स्त
है , भगय ऐसा बी तो होता है कि िुछ अन्डे बी ऽयाफ औय गन्दे ननिर जाते हैं।
मह सन
ु िय साएर ऩि
ु ाय उठा कि एि भयतफा अऩने अहद भें सर
ु भ
ै ान बफन
दि
ू रा वाफ़कआ
योभ िा फ़यसतादा है । तुझे उसने भाववमा िे ऩास चन्द भसाएर दयमाफ़्त ियने िे
लरमे बेजा था औय उसने भेये ऩास बेज हदमा है । उसने िहा मा हज़यत आऩिा
305
इसिा हार ऽुदा वन्दे आरभ िे लसवा किसी िो भारभ
ू नहीॊ है, भगय आऩ फा
िी तयफ़ भत
ु वज्जे हो िय चाहता था कि सवार िये कि इभाभ हसन (अ.स.) ने
व भारयफ भें कितनी दयू ी है?. 4. िा ु़ ैस ़ज़ा क्मा चीज़ है?, 5. भऽनस किसे
दस
ू ये से सख़्त औय फ़ाए़ ऩैदा किमा है?.
सन
ु ह़ व फानतर भें चाय अॊगुश्त िा फ़़क व फ़ासरा है । अक्सय व फेशतय जो
रेता है औय िौसे ़ज़ा असर भें िौसे ऽुदा है । इस लरमे कि ़ज़ह शैतान िा
306
शभ
ु ाय िी जाती है । भऽ
ु न्नस वह है ज़जसिे भत
ु ाअज़ल्ऱ मह भारभ
ू न हो कि वह
भदक है मा औयत औय ज़जसिे ज़जस्भ भें दोनों िे आज़ा हों। इसिे हुक्भ मह है कि
ता हदे फर
ु ा
ू इन्तेज़ाय िये , अगय भोहतलरभ हो तो भदक औय हामज़ हो औय
उसिे ऩेशाफ िी धाय सीधी जाती है कि नहीॊ, अगय वह सीधी जाती है तो भदक
ज़्मादा सख़्त रौहा है जो ऩत्थय िो बी िाट दे ता है, उससे ज़्मादा सख़्त ़वी
आग िो फझ
ू ा दे ता है औय इससे ज़्मादा सख़्त ़वी अब्र है जो ऩानी िो अऩने
िॊधों ऩय उठाए कपयता है औय उससे ज़्मादा ़वी हवा है जो अब्र िो उड़ामे कपयती
सन
ु िय साएर फ़ड़ि उठा।
तीिरी वाफ़कआ
307
हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) से भऩूर है कि एि भयतफा रोगों ने
उसने िहा हाॊ। रोग उसे जसदे भ़तूर सभेत जनाफे अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िी
खखदभत
ु़ भें चरे। इतने भें एि शख़्त दौड़ता हुआ आमा औय िहने रगा कि इसे
छोड़ दों, इस भ़तूर िा ़ानतर भैं हूॉ। उन रोंगों ने उसे बी साथ रे लरमा औय
हज़यत िे ऩास रे गमे। साया क़स्सा फमान किमा गमा। आऩने ऩहरे शख़्स से
ऩछ
ू ा कि जफ तू इसिा ़ानतर नहीॊ था तो क्मा वजह है कि अऩने िो इस िा
़ानतर फमान किमा। उसने िहा भौरा भैं ़स्साफ हूॉ। गोसफ़न्द ज़ब्ह िय यहा था
कि भझ
ु े ऩेशाफ िी हाजत हुई। इस तयह ऽून आरद
ू ा छुयी लरमे हुमे उस ऽयाफे भें
चरा गमा, वहाॊ दे खा िी वह भ़तूर ताज़ा ज़ज़ब्हा किमा हुआ ऩड़ा है, इतने भें
रोग आ गमे औय भझ
ु े ऩिड़ लरमा। भैंने मह ख़्मार ियते हुमे कि इस वक़्त जफ
जान चरी जामेगी, तो हाज़ज़य हो गमा। आऩने फ़यभामा भेये फ़यज़न्द हसन िो
फर
ु ाओ वही इस भ़सद िा फ़ैसरा सन
ु ामेंगे। इभाभ हसन (अ.स.) आमे साया
क़स्सा सन
ु ा। फ़यभामा दोनों िो छोड़ दो मह ़स्साफ फे िुस
ु़ यू है औय मह शख़्स
308
अगयचे िानतर
ु़ है भगय उसने एि नफ़्स िो ़त्र किमा तो दस
ू ये नफ़्स (़स्साफ)
फचाई उसने गोमा तभाभ रोगों िी जान फचाई। रेहाज़ा उस भ़तूर िा ऽून फहा
चौथा वाफ़कआ
यवानगी अभर भें आई। मज़ीद ने वहाॊ ऩहुॉच िय शाहे योभ िी दस्त फोसी िी औय
भजस
ू ी वाैया नहीॊ हूॉ फज़ल्ि ऽालरस भस
ु रभान हूॉ। शाहे योभ ने चन्द तसावीय
सिता हूॊ कि मह किन हज़यात िी शक्रें हैं। हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) ने,
309
दे ख िय आऩ योने रगे। फादशाह ने ऩछ
ू ा मह किसी तसवीय है? फ़यभामा भेये जद्दे
नाभदाय िी। इसिे फाद फादशाह ने सवार किमा कि वह िौन से जान दाय हैं जो
अऩनी भाॊ िे ऩेट से ऩैदा नहीॊ हुए? आऩने फ़यभामा कि ऐ फादशाह, वह सात 7
इफरीस, 6. भस
ु वी अज़दहा, 7. वह िव्वा ज़जसने ़ाफीर िी दफ़्ने हाफीर िी
अल्राभा इब्ने तल्हा शाफ़ेई फा हवारा ए तफ़सीय वसीत वाहहदी लरखते हैं कि
िहा। इसिे फाद वह शख़्स इभाभ हसन (अ.स.) िे ऩास ऩहुॉचा। आऩने शाहहद से
यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) औय भशहूद से मौभे ़माभत फ़यभामा औय दरीर से
ऐ नफी हभ ने तभ
ु िो शाहहदो भफ
ु शलशय औय नज़ीय फना िय बेजा। 2. ‘‘ ज़ारेिा
मौभे भजभआ
ू रहा अन्नास व ज़ारेिा मौभे भशहूद ’’ ़माभत िा वह हदन होगा,
310
ज़जसभें तभाभ रोग एि भ़ाभ ऩय जभा िय हदमे जामेंगे औय मही मौभे भशहूय
225)
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि इभाभ हसन (अ.स.) िी उम्र जफ सात 7, सार ऩाॊच
311
मि
ु हफेहते रिऱ
ू (ि.अ.व.व.)
थे कि हसन यसर
ू े ियीभ (स. अ.) िी शक्रो शफाहत से फहुत ज़्मादा भश
ु ाफेह है ।
भोभेनीन (अ.स.) से भश
ु ाफेहत है ।
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) फ़यभाते हैं कि इभाभ हसन (अ.स.) ज़फयदस्त
ऩैदर फ़यभामा। िबी िबी ऩा फयहै ना हज िो जाते थे। आऩ अिसय भौत, अज़ाफे
312
तेया गुनाहगाय फन्दा तेयी फायगाह भें आमा है ऐ यहभानों यहीभ अऩनी अच्छाईमों
िे सद़े भें भझ
ु जैसे फयु ाई ियने वारे िो भाफ़ िय दे । आऩ जफ नभाज़े सफ
ु ह से
आऩका ज़ोहद
इभाभ शाफ़ेई लरखते हैं कि इभाभ हसन (अ.स.) ने अक्सय अऩना साया भार
याहे ऽुदा भें त़सीभ िय हदमा औय फाज़ भयतफा ननस्फ़ भार त़सीभ फ़यभामा।
आऩकी िखावत
भव
ु ये ऽीन लरखते हैं कि एि शख़्स ने हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) से िुछ
भाॊगा। दस्त सवार दयाज़ होना था कि आऩने 50,000 (ऩचास हज़ाय) हदयहभ औय
500 (ऩाॊच सौ) अशकपु़ क माॊ दे दीॊ औय फ़यभामा कि भज़दयू रा िय इसे उठा रे जा।
इसिे आऩने भज़दयू िी भज़दयू ी भें अऩना चोाा फख़्श हदमा। (भयातुर जनान 123)
313
आऩसे किसी ने ऩछ
ू ा कि आऩ तो फ़ा़ा ियते हैं रेकिन साएर िो भहरूभ
दे ने िी आदत डार यखी है, औय भैंने रोगों िो दे ने िी आदत डारी है । भैं डयता
हूॉ कि अगय अऩनी आदत फदर दॊ ू तो िहीॊ ऽुदा बी अऩनी आदत न फदर दे औय
भझ
ु े बी भहरूभ िय दे । (सफ़ा 123)
अफज़
ू ये ाफ़्फ़ायी फ़यभामा ियते थे कि भझ
ु े तवॊगयी से ज़्मादा नादायी औय सेहत से
ज़्मादा फीभायी ऩसन्द है । आऩने फ़यभामा कि ऽुदा अफू ज़य ऩय यहभ िये उनिा
िहना दरू
ु स्त है रेकिन भैं तो िहता हूॉ कि जो शख़्स िे ़ज़ा व ़द्र ऩय
अल्राभा इब्ने शहये आशोफ तहयीय फ़यभाते हैं कि एि हदन हज़यत इभाभ हसन
(अ.स.) घोड़े ऩय सवाय िहीॊ तशयीफ़ लरमे जा यहे थे, यास्ते भें भाववमा िे
314
दी। आऩने उसिा भत
ु ऱन िोई जवाफ न हदमा। जफ वह अऩनी जैसी िय चि
ु ा
भस
ु ाकफ़य है, सन
ु अगय तझ
ु े सवायी िी ज़रूयत हो, तो भैं तझ
ु े सवायी दे दॊ ।ू अगय
तू बख
ू ा हो तो खाना खखरा दॊ ।ू अगय तुझे िऩड़े दयिाय हों तो िऩड़े दे दॊ ।ू अगय
इन्तेहा शयलभन्दा हुआ औय िहने रगा कि भैं गवाही दे ता हूॉ कि आऩ ज़भीने ऽुदा
ऩय ऽरीफ़ा हैं। भौरा भैं तो आऩिो औय आऩिे फाऩ दादा िे सख़्त नफ़यत औय
गगयवीदा फना हदमा। अफ भैं आऩिे ़दभों से दयू न जाऊॊगा औय ता हमात आऩिी
खखदभत
ु़ भें यहूॉगा। (भुनाक़फ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 53 व िालभर भफरूज 2 ऩष्ृ ठ 86)
अफर
ु हसन भदाईनी िा फमान है कि एि भयतफा इभाभ हसन (अ.स.), इभाभ
हुसन
ै (अ.स.) औय अब्दल्
ु राह बफन जाफ़ये तय्माय हज िो जाते हुए बख
ू औय
प्मास िी हारत भें एि ज़ईफ़ा िे झोऩड़े भें जा ऩहुॉचे औय उससे खाने ऩीने िी
प्मास फझ
ु ाई जा सिती है, उन्होंने दध
ू ऩी लरमा रेकिन गुयसनगी से तसल्री न
315
हुई तो उससे फ़यभामा कि िुछ खाने िा फन्दो फस्त बी हो सिता है । उसने िहा
भेये ऩास तो फस मही एि फियी है रेकिन भैं ़सभ दे ती हूॉ कि आऩ इसे ज़ब्ह
िय िे तनावर
ु फ़यभा रें। फियी ज़ब्ह िी गई गोश्त बन
ू ा गमा औय सफ ने खा
होगा। ायज़ कि थोड़े ही अयसे भें उन रोगों िो ़हत िा साभना ियना ऩड़ा औय
मह सख़्त भलु सफतों भें भज़ु ब्तरा हो िय बीख भाॊगते हुए भदीने जा ऩहुॉच।े एि
ऩड़ी। आऩ ने उसे फर
ु वा िय फियी वारा वाक़मा माद हदरामा औय उसिो एि
हज़ाय फिरयमाॊ औय एि हज़ाय अशकपु़ क माॊ इनामत फ़यभा दीॊ औय उसे इभाभ हुसन
ै
(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें बेज हदमा, उन्होंने बी उसे इसी ़द्र फिरयमाॊ वाैया अता
उसे दे हदमा। वह भारा भार हो िय अऩने घय वाऩस चरी गई। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ
121 व भतारेफस
ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 229)
316
अहदे अमीरऱ मोमेनीन (अ.ि.) में इमाम हिन (अ.ि.) की इस्ऱामी
खखदमात
िे फाद भस
ु रभानों ने ऽरीफ़ाए ज़ाहहयी िी है लसमत से तसरीभ किमा औय उसिे
उयमाॊ हो चि
ु ीॊ तो अभीयर भोभेनीन (अ.स.) ने इभाभ हसन (अ.स.) औय अम्भाये
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि जॊगे जभर िे फाद जफ आमशा भदीने जाने ऩय
उन्होंने सभझा फझ
ु ा िय भदीने यवाना किमा चन
ु ान्चे वह इस सई भम्दहू भें
िाभमाफ हो गमे। फाज़ तायीखो भें है कि इभाभ हसन (अ.स.) जॊगे जभर व
317
फ़यभामे थे औय जॊगे जभर व लसफ़्फ़ीन औय नहयवान भें बी सई फरीा िी थी।
(अ.स.) िे सये भफ
ु ायि ऩय फा भ़ाभे भज़स्जदे िूफ़ा 19 यभज़ान, 40 हहजयी फा
वक़्ते सफ
ु ह अभीये भाववमा िी साज़ज़श से अब्दर
ु यहभान इब्ने भज़ु ल्जभ भयु ादी ने
ज़हय भें फझ
ु ी हुई तरवाय रगाई। ज़जसिे सदभे से आऩने 21 यभज़ानर
ु भफ
ु ायि
40 हहजयी फा वक़्ते सफ
ु ह शहादत ऩाई। इस वक़्त इभाभ हसन (अ.स.) िी उम्र 38
अब्दल्
ु राह अब्ने अब्फास िी तहयीि से फ़ौर इब्ने असीय ़ैस इब्ने सआद इफादा
12 इभाभों िी खखराफ़त
ु़ िा ज़ज़क्र फ़यभामा औय इसिी वज़ाहत िी कि आॊ हज़यत
318
(स.अ.व.व.) ने फ़यभामा है कि हभ भें हय एि मा तरवाय िे घाट उतये गा मा ज़हये
दाा से शहीद होगा। इसिे फाद आऩने ईया़, ईयान, ऽयु ासान, हहजाज़ औय मभन
फसया िा हाकिभ भ़
ु यक य फ़यभामा। भाववमा िो ज्मोही ऽफय ऩहुॉची तो फसये िे
हदमा गमा।
ऩि यही थी। ऽद
ु िूफ़े भें अशअस इब्ने ़ैस, उभय बफने हयीस, शीस इब्ने यफई
वाैया खुल्रभ खुल्रा फय सये अनाद औय आभादए फ़साद नज़य आते थे। भाववमा
ने जा फजा जासस
ू भ़
ु यक य िय हदमे थे जो भस
ु रभानों भें पूट डरवाते औय हज़यत
ु़
िे रश्िय भें इख़्तेराफ़ो इफ़तेया़ िा फीज फोते थे। उसने िूफ़े िे फडे फड़े सयदायों
से साज़ज़शी भर
ु ा़ातें िीॊ औय फड़ी फड़ी रयश्वतें दे िय उन्हें तोड़ लरमा। फेहारूर
319
अनवाय भें एल्रश्शयाए िे हवारे से भऩ्ूर है कि भाववमा ने उभय बफने हयीस,
मह ऩैााभ बेजा कि ज़जस तयह हो सिे हसन इब्ने अरी िो ़त्र िया दो, जो
हालसर ियने िे लरमे रोग शफो योज़ भौ़े िी तराश भें यहने रगे। हज़यत िो
नभाज़े जभाअत ऩढ़ाने िे लरमे फाहय ननिरते तो ज़ज़यह ऩहन िय ननिरते थे।
ईया़ ऩय एि फड़ा हभरा ियने िे लरमे बेज हदमा। जफ हभरा आवय रश्िय हुदद
ू े
ईया़ भें दयू ति आगे फढ़ आमा तो हज़यत ने अऩने रशिय िो हयित ियने िा
हुक्भ हदमा। हजय इब्ने अदी िो थोड़ी सी फ़ौज िे साथ आगे फढ़ने िे लरमे
फ़यभामा। आऩिे रश्िय भें बीड़ बाड़ तो ऽासी नज़य आने रगी थी भगय सयदाय
ऩोशी भें भसरूफ़ थे। हज़यत अरी (अ.स.) िी शहादत ने दोस्तों िे हौसरे ऩस्त
िय हदमे थे औय दश
ु भनों िो जुयअतो हहिभत हदरा दी थी।
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि भाववमा 60,000 (साठ हज़ाय) िी फ़ौज रे िय
320
अवाना िे ़यीफ वा़े है । इभाभ हसन (अ.स.) िो जफ भाववमा िी ऩेश ़दभी िा
साफात भें जा ऩहुॉचे औय फायह हज़ाय िी फ़ौज ़ैस इब्ने साअद िी भातहती भें
भाववमा िी ऩेश ़दभी योिने िे लरमे यवाना िय हदमा कपय साफात से यवाना होते
वक़्त आऩने एि ऽुतफा ऩढ़ा ज़जसभें आऩने फ़यभामा कि, ‘‘ रोगों तुभने इस शतक
ऩय भझ
ु से फैमत िी है कि सर
ु ह औय जॊग दोनों ही हारातों भें भेया साथ दोगे। भैं
फयदायी ियने िा इयादा हदर भें यखते हैं। इसी दौयान भें भाववमा ने इभाभ हसन
रोगों िो इभाभ हसन (अ.स.) िे रशिय भें औय िुछ िो ़ैस इब्ने साअद िे
िी कि उसने भाववमा से सर
ु ह िय री है औय ़ैस बफने साअद िे रशिय भें जो
साज़ज़शी घस
ु े हुए थे उन्होंने तभाभ रशियमों भें चचाक िय हदमा कि इभाभ हसन
321
(अ.स.) ने भाववमा से सर
ु ह िय री है । इभाभ हसन (अ.स.) िे दोनों रशियों भें
कि भाएर फ सर
ु ह हैं मह िहने रगा कि इभाभ हसन (अ.स.) बी अऩने फाऩ
लरमा। दोशे भफ
ु ायि ऩय से रयदा बी उताय री औय फाज़ नभ
ु ामा क़स्भ िे अफ़याद
आखखय
ु़ िाय आऩ इन फद फख़्तों से भदाएन िे गवकनय साअद मा सईद िी तयफ़
तवार ऩष्ृ ठ 393, जयाह बफने ़ैसा था, आऩिी यान ऩय िभी गाह से एि ऐसा
ऽन्जय रगामा ज़जसने हड्डी ति भहफ़ूज़ न यहने दी। आऩने भदाएन भें भ़
ु ीभ
इब्ने अलभय िी ़मादत व भातहती भें भदाएन बेज हदमा। इभाभ हसन (अ.स.)
भाववमा फहुत फड़ा रश्िय रे िय आ यहा है । भैं इभाभ हसन (अ.स.) औय उनिे
322
रश्िय से दयख़्वास्त ियता हूॊ कि भफ़
ु त भें जान न दें औय सर
ु ह िय रें। इस
दावते सर
ु ह औय ऩैााभे ऽौफ़ से रोगों िे हदर फैठ गमे, हहम्भते ऩस्त हो गईं
िुऱह
भव
ु रयक ऽ, भआलसय अल्राभा अरी ऩी लरखते हैं कि अभीये शाभ िो हज़यते
चि
ु ा था इस लरमे वह सभझते थे कि इभाभ हसन (अ.स.) िे लरमे जॊग भज़ु म्िन
नहीॊ है भगय इसिे साथ मह बी म़ीन यखते थे कि हज़यत इभाभ हसन (अ.स.)
कितने ही फेफस औय फेिस हों भगय अरी (अ.स.) व फ़ात्भा (स.अ.व.व.) िे फेटे
इसिो नज़य भें यखते हुए उन्होंने एि तयफ़ तो आऩिे सागथमों अब्दल्
ु राह इब्ने
आलभय िे ज़रयमे ऩैााभ हदरवामा कि अऩनी जान िे ऩीछे न ऩड़ो औय ऽॊयू े ज़ी न
हुसन
ै (अ.स.) िे ऩास ऩैााभ बेजा कि आऩ ज़जन शयाएत ऩय िहें उन्हीॊ शयाएत
ऩय सर
ु ह िे लरमे तय्माय हूॊ।
323
इभाभ हसन (अ.स.) म़ीनन अऩने सागथमों िी ाद्दायी दे खते हुए जॊग ियना
भन
ु ालसफ न सभझते थे रेकिन इसी िे साथ साथ मह ज़रूय ऩेशे नज़य था कि ऐसी
इससे था कि भऽऱ
ू े ऽुदा िी फेहतयी हो औय हुदद
ू े इराही िा इजया हो। अफ
ज़ाहहय िी तो अफ भस
ु ारेहत से इन्िाय ियना शख़्सी इ़तेदाय िी ख़्वाहहश िे
फ़यभाई।
आगाह यहो कि तभ
ु भें वह खॊू ये ज़ रडाईमाॊ
ु़ हो चकु ि हैं ज़जनभें फहुत रोग ़त्र
याज़ी हो तो हभ इस ऩैााभे सर
ु ह िो ़फर
ू न ियें औय उनसे अल्राह िे बयोसे
़फर
ू िय रें औय तुम्हायी भयज़ी ऩय अभर ियें । जवाभ भे रोगों ने हय तयफ़ से
324
ऩि
ु ायना शरू
ु किमा कि हभ ज़ज़न्दगी चाहते हैं। आऩ सर
ु ह िय लरज़जमे। इसी िा
नतीजा था कि आऩने सर
ु ह िे शयामत भयु त्तफ िय िे भआद िे ऩास यवाना किमे।
िराएते िुऱह
इस सर
ु ह नाभे िे शयाएत हसफे ज़ैर थे
होगा।
अभान होगी।
भार औय नाभस
ू औय औराद भहफ़ूज़ यहें गे।
325
6. मह कि जनाफे अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िी शान भें िरभाते नाज़ेफा जो
िभ अज़ िभ ज़जस भौ़े ऩय इभाभ हसन (अ.स.) भौजूद हों, उस जगह ऐसा न
किमा जामे। मह भआ
ु हे दा यफीउर अव्वर मा जभाहदउर अव्वर 41 हहजयी िो
हुआ औय सर
ु ह नाभे ऩय दोनों िे दस्तऽत हुए औय गवाहहमाॊ सब्त हुईं। (ननहामतुर
अयफ फ़ी भाये फ़तुन ननसाफ अर अयफ ऩष्ृ ठ 80) इसिे फाद भाववमा ने अऩने लरमे आभ
इस अम्र भें भझ
ु से झगड़ा किमा ज़जसिा भैं इस से ज़्मादा भस्
ु तह़ हूॊ रेकिन भैंने
326
जाम नाह़ ऩय यखा भेयी ननमत इस भाभरे भें लसफ़क उम्भत िी बराई है । महाॊ
तिभीरे सर
ु ह िे फाद इभाभ हसन (अ.स.) ने सब्र व इस्ते़रार व नफ़्स िी
सख़्ती से ़ामभ यहे , भगय इधय मह हुआ कि अभीये शाभ ने जॊग िे ऽत्भ होते
ऐरान किमा कि भेया भ़सद जॊग से मह न था कि तुभ रोग नभाज़ ऩढ़ने रगो,
योज़े यखने रगो, हज ियो मा ज़िात अदा ियो, मह सफ तुभ तो ियते ही हो भेया
िे साथ किमे हैं वह सफ भेये ऩैयों िे नीचे हैं। इनिा ऩयू ा ियना मा न ियना भेये
हाथ िी फात है । मह सन
ु िय भजभे भें एि सन्नाटा छा गमा, भगय अफ किस भें
दभ था कि उसिे खखराफ़
ु़ ज़फान खोरता।
327
िराएते िऱ
ु ह का हिर
भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि अभीये भाववमा जो भैदाने लसमासत िा खखराड़ी
भह
ु ामदा िे फाद ही सफ से भि
ु य गमा। ‘‘ वरभमफ़ रहु भावीमतारमाअ भहाआहद
अरैह ’’ तायीखे िालभर इब्ने असीय ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 162 भें है कि भाववमा ने
हसन अरी बफन भोहम्भद लरखते हैं कि जफ भाववमा िे लरमे अभये सरतनत
भें थे, मह फ़यभान बेजा कि अगय िोई शख़्स अफु तयु ाफ औय उसिे अहरे फैत िी
भल्
ु िों भें पैर गई औय रोगों िो भाववमा िा भॊशा भारभ
ू हो गमा तो तभाभ
दे ना शरू
ु िय हदमा। िूफ़े भें ज़्माद इब्ने अफीहा जो िई फयस ति हज़यत अरी
एि यहाईश औय िोनों औय गोशों भें फसने वारों िा ऩता था। इसे िूफ़े औय फसये
दोनों िा गवकनय फना हदमा गमा था। इसिे ज़ुल्भ िी हारत मह थी कि लशमाने
328
िटवा दे ता था। इस ज़ुल्भें अज़ीभ से सैिड़ों तफाह हो गमे। हज़ायों जॊगरों औय
ऩहाड़ों भें जा छुऩे। फसये भें आठ हज़ाय आदलभमों िा ़त्र वा़े हुआ ज़जनभें
कि एि फ़ज़ीरत िे एवज़ दस दस भन
ु ़सत व भज़म्भत तसनीफ़ िी जाए मह
खखराफ़त
ु़ हभवाय ियने िी ऽानतय था।
िूफ़े से भदीना िे लरमे यवाना हुए तो भाववमा ने यास्ते भें एि ऩैााभ बेजा औय
उन्होंने भेयी फैमत होते ही कपय सय ननिारा है । इभाभ हसन (अ.स.) ने जवाफ
अभीय अरी अऩनी तायीऽे इस्राभ भें लरखते हैं कि ख़्वारयज हज़यत अफू फक्र औय
329
हज़यत उभय िो भानते औय हज़यत अरी (अ.स.) औय उस्भान ानी िो नहीॊ
िऱ
ु ह हिन (अ.ि.) और उिकी वजह व अिफाफ
सर
ु ह अर हसन िे ऩष्ृ ठ 158 भें तहयीय फ़यभाते हैं
िुर अहरे फैत िी ऩारीसी एि औय लसफ़क एि थी। (ववयासत अर फैफ ऩष्ृ ठ 249) वह
इसिो ऽुद साहे फाने अ़र सभझ सिते हैं। किसी इस्तेदरार िी चन्दा ज़रूयत
नहीॊ है । महाॊ ऩय अल्राभा इब्ने असीय िी मह इफायत (ज़जसिा तयजुभा दजक किमा
जाता है ) िाबफरे
ु़ गौयु़ है ।
जफ भाववमा ने खखराफ़त
ु़ हवारे ियने िे भत
ु ाअज़ल्ऱ आऩिो ऽत लरखा उस
330
िो शाभ वारों से इस लरमे नहीॊ दफना ऩड़ यहा है कि अऩनी ह़ी़त भें िोई शि
साथ रड़ यहे थे, भगय अफ सराभत भें अदावत औय सब्र भे फ़रयमाद भख़्रत
ू िय
दनु नमा ऩय भ़
ु द्दभ था रेकिन अफ तुभ एि से हो गमे हो कि आज तुम्हायी
िे भ़तर
ू ज़जनिे ऽन
ू िा फदरा चा यहे हो। खर
ु ासा मह कि जो फा़ी है वह
अगय तभ
ु ज़ज़न्दगी चाहते हो तो जो इसने लरखा है भान लरमा जाम औय जो
तम्
ु हायी भयज़ी है वैसा हो जाम। मह सन
ु ना था कि हय तयफ़ से रोंगो ने गचल्राना
शरू
ु िय हदमा, फ़ा ऱा, सर
ु ह सर
ु ह। ’’ (तायीऽे िालभर ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 162)
है कि सर
ु ह न िये । इन फ़ौज़जमों िे फर फत
ू े ऩय (अगय ऐसों िो फ़ौज औय उनिी
़ुव्वतों िो फर फत
ू ा िहा जा सिे) रड़ाई ज़ेफा है हय गगज़ नहीॊ। ऐसे हारात भें
331
लसफ़क मही चाया था कि सर
ु ह िय िे अऩनी औय इन तभाभ रोगों िी ज़ज़न्दगी िो
सर
ु ह औय जॊग दो भत
ु ज़ात भत
ु ाफइन रफ़्ज़ हैं। सर
ु ह िा रफ़ज़ िराभे अयफ
िो िहते हैं ज़जससे नज़ा दयू हो जाम औय साहे फाने लसमासत िे नज़दी़ सर
ु ह
उसिो िहते हैं ज़जसिे फाद िुछ शयाएत ऩय रड़ाई योि दी जाम। (सवानेह इभाभ
हसन ऩष्ृ ठ 99 फा हवाराए भोअज़ज्जभ अर तालरफ ऩष्ृ ठ 555) औय जॊग उसे िहते हैं
औय जॊग इभिाने सर
ु ह िे फ़़दान ऩय होती है औय इस इम्िान औय अदभ
जॊग ऩय फेशभ
ु ाय जेहाद किमे औय हज़यत अरी (अ.स.) ने भौ़ाए सर
ु ह भें
332
ऽाभोशी औय गोशा नशीनी इख़्तेमाय िी औय भौ़ाए जॊग भें जभर औय लसफ़्फ़ीन
औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे लरमे सर
ु ह भज़ु म्िन न थी इस लरमे उन्हे ाॊने जॊग िी
औय अज़ रूए हदीस अऩने भ़ाभ ऩय दोनों अभर सहीह औय भम्दहू हुमे। قام اماما
सवारात भें फ़़क था। इभाभ हसन (अ.स.) िे ऩास उस वक़्त बफल्िुर भई
ु न व
िा सवार मह था कि खखराफ़त
ु़ छोड़ दो मा अऩनी औय अऩने भानने वारों िी
तफाही व फयफादी फयदाश्त ियो। इभाभ हसन (अ.स.) ने हारात िी यौशनी भें खखर
ु़
खखराफ़त
ु़ िो भन
ु ालसफ सभझा औय सर
ु ह िय री। आऩ इयशाद फ़यभाते थे ‘‘
भैंने खखराफ़त
ु़ जान फझ
ू िय इस लरमे तिक िय दी ताकि इस्राह व सि
ु ू न हो सिे
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे ऩास फेहतयीन जाॊ ननसाय जाॊ फाज़ भौजूद थे औय मज़ीद
333
(अ.स.) ने हारात िी यौशनी भें सय दे ने िो भन
ु ालसफ सभझा औय फैअत से इन्िाय
भददगाय होते मा न होते, क्मों कि आरे भोहम्भद (अ.स.) किसी ाैय िी फैमत
हयाभे भत
ु ऱ सभझते थे। अल्राभा जरार हुसन
ै ी लभसयी ने ‘‘अर हुसन
ै ’’ भें
फा हवाराए वा़ेए हहयाक लरखा है कि वा़ेए ियफरा िे फाद किसी हुिूभत ने आरे
फा हुक्भे ह़ िहीॊ सर
ु ह िय रेते हैं दश्ु भन से।
िहाॊ ऩय सर
ु ह होती है िहाॊ ऩय जॊग होती है ।।
मह एि भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िी जद्दो जेहद
334
फड़ा दखर है । उभवी औय अब्फासी नस्रों भें इस्राभ िी दयाभद औय अरी (अ.स.)
अल्राह हदर भें फागड़ बफल्रा मही वजह है कि नस्रों िी हय फ़दक ने फ़योा ऩाते
ही भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) औय उनिी आरे ऩाि िी भऽ
ु ारेफ़त अऩना
तायीऽे अभीय अरी) िो नहीॊ इ़तेदाय हालसर हुआ। उसने आरे भोहम्भद (अ.स.) िो
तफाह ियने िे लरमे वह तभाभ भसाएर भोहय्मा किमे ज़जनिे फाद फाननमे इस्राभ
हसन (अ.स.) िी सर
ु ह इसी िी ज़्मादनतमों िा नतीजा थीॊ भव
ु ये ऽीन िा फमान है
कि सर
ु ह हसन (अ.स.) िे फाद भाववमा भस
ु ल्रेभर
ु सफ
ु त
ू फादशाह फन गमा। कपय
खखराफ़
ु़ हदीसों िे गढ़ने औय तायीऽ िा धाया भोड़ने िी भहु हभ शरू
ु िय दी औय
335
भोहम्भद (स.अ.व.व.) व आरे भोहम्भद (अ.स.) िो फदनाभ ियने भें िोई द़ी़ा
फ़यो गश
ु ात नहीॊ किमा। इस भौ़े ऩय चन्द चीज़ों िी तयफ़ इशाया ियता हूॉ।
ऩास जाते थे। (सम्त अर शभीभ भहहफ, तफयी ज़जल्द 2, ऩष्ृ ठ 94 तफआ हरफ)
3. आऩिे हदर ऩय अक्सय ऩदे ऩड़ जामा ियते थे। (सही भुज़स्रभ व अफू दाऊद)
ऩैदावाय है । खखराफ़त
ु़ िो छोड़ने िे फवजद
ू वह इसिे दस्ते ज़ल्
ु भ से भहफ़ूज़ नहीॊ
336
यह सिे। भख़्
ु तलरफ़ क़स्भ िे इरज़ाभात उन ऩय हज़फे आदत रगते यहे औय कपय
फाद ज़या सि
ु ू न हालसर ियते ही किताफ अर इख़्फारूर भाज़ीमीन तदवीन ियाई
अभेयीिा िा भशहूय भव
ु रयक ऽ कपज़ल्ऩ िे0 हहट्टी अऩनी तसनीफ़ (तायीऽे अयफ) भें
लरखता है कि भस
ु रभान अयफ िे दो कफ़य़ जफ िबी िोई भज़हफी, लसमासी मा
भत
ु ाअद्ज़ दद झठ
ू ी हदीसों िे फनने िे फाएस हुए। इसिे अरावा उरभा िी िसीय
337
उन्होंने िभा हक़़्ा न सभझा इस लरमे इन फ़याएज़ औय हु़ू़ िो नज़य अन्दाज़
सही तायीऽी वा़ेमात िा अऽु़ ़्ज़ ियना फहुत भज़ु श्िर हो गमा।
ज़जनभें इभाभ हसन (अ.स.) जैसे भयु ताज़ इभाभ िी िसयते अज़वाज िा अफ़साना
हभें साफ़ नज़य आता है कि ऐसा वाक़मा हयगगज़ नहीॊ हुआ क्मों कि अगय ऐसा
होता तो इनत भाभ औयतों िे नाभ इल्भे रयजार िी तायीऽ िी किताफों भें ज़रूय
होते। हभें िुतुफे रयजार भें जो नाभ लभरते हैं उनिी इन्तेहा लसफ़क 9 ति होती है ।
लरखते हैं।
338
मह हज़यात आरे भोहम्भद (अ.स.) हाराते हफक, भारो ज़य लसमासी न यखते थे,
ऽर
ु फ़ा िे हदरों भे यश्ि व हसद िी आग बड़िाती थी, इनिे भज़ायाते भ़
ु द्दे सा
रगामा जाता था, हाराॊ कि मह शाही ऽानदान िे औलरमा अल्राह, दनु नमा िो
ु़
हभेशा ह़ीय सभझते थे। भलशमते इजेदी िे भत
ु ाबफ़ सये तसरीभ ऽभ ियते हुमे
दनु नमा िो ह़ीय सभझते हों उनिी तयफ़ िसयते अज़वाज औय िसयते तरा़ िा
भव
ु ये खीनु़ िा इत्तेफ़ा़ है कि इभाभ हसन (अ.स.) अगय सर
ु ह िे फाद भदीने भें
गोशा नशीन हुए थे रेकिन अभीये भाववमा आऩिे दय ऩाए आज़ाय यहे । उन्होंने फाय
फाय िोलशश िी किसी तयह इभाभ हसन (अ.स.) इस दाये फ़ानी से भल्
ु िे जावेदानी
339
हमात फा़ी थे ज़ज़न्दगी ऽत्भ न हो सिी। बफर आखखय
ु़ शाहे योभ से एि
इभाभ हसन शहीद हो जामेंगे तफ हभ तुझे एि राख हदयहभ दें गे औय तेया अक़्द
िय हराि िय हदमा। (तायीऽे भयऊजुर ज़हफ भसूदी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 303 व भ़ानतर अर
तारेफैन ऩष्ृ ठ 51, अफू अर कफ़दा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 183, यौज़तुर ऩष्ृ ठ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 7, हफीफुर
सैय, ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 18, तफयी ऩष्ृ ठ 604, इस्तेमाफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 144)
तौय ऩय फ़योिश हो गमे थे। आऩिो इत्तेरा लभरी िी फसये भें यहने वारे भहु हब्फाने
अरी (अ.स.) िे ऊऩय चन्द ऊफाशों ने शफ ऽॊू भाय िय इनिे 38 आदभी हराि
भस
ू री साअद भस
ू री जो जनाफे भख़्
ु ताय इब्ने अफी उफैदा स़फ़ी िे चचा थे वहाॊ
आऩ भस
ू र ऩहुॊचे तो फइसयाये शदीद एि दस
ू ये शख़्स िे वहाॊ भ़
ु ीभ हुए औय वह
340
हसन (अ.स.) िो ज़हय दे ने िा वामदा िय चि
ु ा था। चन
ु ान्चे दौयाने ़माभ भें
उसने तीन फाय हज़यत िो खाने भें ज़हय हदमा रेकिन आऩ फच गमे। इभाभ िे
चि
ु ा हूॊ भगय इभाभ हसन हराि नहीॊ हुए। मह भारभ
ू िय िे भाववमा ने ज़हये
म़ीनन इभाभ हसन हराि हो जामेंगे। नाभाफय ज़हय औय ऽत लरमे हुए आ यहा
था कि यास्ते भें एि दयख़्त िे नीचे खाना खा िय रेट गमा इसिे ऩेट भें ऐसा
उस तयफ़ से गुज़य हुआ। उसने ना़ा ऽत औय ज़हय से बयी हुई फोतर हालसर
ने उसे भर
ु ाहे ज़ा फ़यभा िय जा नभाज़ िे नीचे यख लरमा। हाज़ेयीन ने वा़ेमा
ऩछ
ू ा क्मा भाभेरा है? उसने रा इल्भी ज़ाहहय िी भगय उसिे उज़्र िो फावय न
किमा गमा उसिो ज़दो ़ोफ किमा गमा महा ति कि वह हराि हो गमा। उसिे
341
भदीने भें उस वक़्त भयवान बफन हिभ वारी था उसे भाववमा िा हुक्भ था कि
दल्रारा ज़जस िा नाभ अल्मसनू नमा था, िो तरफ किमा औय उससे िहा कि तू
दीनाये सख्र
ु औय ऩचास खखर
ु़ ़्अते लभस्री अता िये गा औय अऩने फेटे मज़ीद िे साथ
तेया अक़्द िय दे गा औय उसिे साथ साथ सौ दीनाय ऩद बेज हदमे। दल्रारा ने
िो फात चीत िा अच्छा ऽासा भौ़ा लभर गमा औय जोदा िो याज़ी ियने भें
(अ.स.) िो शहद भें लभरा िय दे हदमा। इभाभ (अ.स.) उसे खाते ही फीभाय हो गमे
खाना भॊगवा िय खाने रगे। थोड़े अयसे फाद आऩ जोदा िे घय तशयीफ़ रे गमे
उसने िहा भौरा हवारी भदीना से फहुत उम्दा ऽुयभें आमे हैं हुक्भ हो तो हाज़ज़य
342
िरूॊ आऩ चॊकु ि ऽुयभे फहुत ऩसन्द ियते थे। फ़यभामा रे आ। वह खुयभें जह़य
आरद
ू ऽयु भें रे िय आई औय ऩहचाने हुए खयु भें छोड़ िय खद
ु साथ खाने रगी।
फसय िी। सफ
ु ह िो यौज़ा ए यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩय जा िय दआ
ु भाॊगी औय
सेहतमाफ हुए। इभाभ हसन (अ.स.) ने फाय फाय इस क़स्भ िी तिरीफ़ उठाने िे
औय भस
ू र िे लरमे यवाना हो गमे। आऩिे हभयाह हज़यत अब्फास (अ.स.) औय
चन्द हवा ख़्वाहान बी गमे। अबी वहाॊ चन्द मौभ न गुज़ये थे कि शाभ से एि
नाफीना बेज हदमा गमा औय उसे एि ऐसा असा हदमा गमा ज़जसिे नीचे रौहा
नाफीना ज़ख़्भ रगा िय रू ऩोश हो गमा था। चौदह हदन िे फाद जफ ऩन्द्रहवे हदन
343
उसिे फाद जनाफे भख़्
ु ताय औय उनिे चचा साद भोसरी ने उसिी राश जरा दी।
गमे।
भदीनाए भन
ु व्वया भें आऩ अय्माभें हमात गुज़ाय यहे थे कि अर सोननमा दल्रारा
हराहर उसे दे िय इभाभ हसन (अ.स.) िा िाभ तभाभ ियने िी ख़्वाहहश िी।
यफ़्त फन्द थी। उसने हय चन्द िोलशश िी रेकिन भौ़ा न ऩा सिी। बफर आखखय
ु़
आऩिी ऩाइॊती िनीज़े भहवे ख़्वाफ थीॊ। जोदा उस ऩानी भें ज़हये हराहर लभरा िय
ऽाभोशी से वाऩस आईं जो इभाभ हसन (अ.स.) िे सयाहने यखा हुआ था। उसिी
ऩदये फज़
ु ुगव
क ाय औय अऩनी भादये गेयाभी िो ख़्वाफ भें दे खा है । वह फ़यभाते थे कि
ऐ हसन तुभ िर यात हभाये ऩास होगे। उसिे फाद आऩने वज़ू िे लरमे ऩानी भाॊगा
फहन ज़ैनफ ايں چه آب بود از سر حلقم ات انفم اپره شدहाम मह िैसा ऩानी है ज़जसने भेये
344
हल़् से नाफ़ ति टुिड़े टुिड़े िय हदमा है । उसिे फाद इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो
इत्तेरा दी गई वह आमे दोनों बाई फार गीय हो िय भहवे गगयमा हो गमे। उसिे
(अ.स.) िे साथ नाना िे ऩास ऩहुॉचें। इभाभ हसन (अ.स.) ने ऩानी िे फयतन िो
ज़भीन ऩय ऩरट हदमा वह चयू चयू हो गमा। यावी िा फमान है कि ज़जस ज़भीन
ऩय ऩानी गगया था वह उफरने रगी थी। अर ायज़ थोड़ी दे य िे फाद इभाभ हसन
(अ.स.) िो ऽून िी ़ै आने रगी। आऩिे ज़जगय िे सत्तय टुिड़े तख़्त भें आ गमे।
ऩछ
ू ा कि भेये चेहये िा यॊ ग िैसा है? िहा ‘‘ सब्ज़ ’’ है । आऩने फ़यभाम कि हदीसे
भेयाज िा मही भ़
ु तज़ा है । रोगों ने ऩछ
ू ा कि मह हदीसे भेयाज क्मा है?
मा़ूत िो दे खा तो ऩछ
ू ा कि ऐ ज़जब्राईर मह दोनों ़स्र किस िे लरमे हैं? उन्होंने
िह िय आऩ हुसन
ै (अ.स.) से लरऩट गमे औय दोनों बाई योने रगे औय आऩिे
उसिे फाद आऩने जोदा से िहा अफ़सोस तूने फड़ी फे वफ़ाई िी रेकिन माद यख
तूने ज़जस भ़सद िे लरमे ऐसा किमा है उसभें िाभमाफ न होगी। उसिे फाद
345
आऩने हुसन
ै (अ.स.) औय फहनों से िुछ वसीमतें िीॊ औय आॊखें फन्द फ़यभा री।
सऩ
ु द
ु क हैं कपय आॊख फन्द फ़यभा िय नाना िी खखदभत
ु़ भें ऩहुॉच गमे। इन्ना
इभाभ हसन (अ.स.) िी शहादत िे फ़ौयन फाद भयवान ने जोदा िो अऩने ऩास
फर
ु ा िय दो औयतों औय एि भदक िे साथ भाववमा िे ऩास बेज हदमा। भाववमा ने
उसे हाथ ऩैय फॊधवा िय दरयमाए नीर भें मह िह िय डरवा हदमा कि तूने जफ
इभाभ हसन (अ.स.) िे साथ वफ़ा न िी तो मज़ीद िे साथ क्मा वफ़ा िये गी।
(यौज़ातुर शोहदा ऩष्ृ ठ 220 ता 235 प्रिालशत फम्फई 1285 ई0 व ज़ज़िरूर अब्फास ऩष्ृ ठ 50
भनाने िे लरमे नायाए तिफीय फरन्द ियने रगे। उनिी आवाज़ें फ़ात्भा बफन्ते
़यज़आ िे िानों भें ऩहुॉची जो भाववमा िी फीवी थी, वो िहने रगी मह किस
346
ऽुशी भें भैंने नायाए तिफीय फरन्द िय िे सज्दाए शक्र
ु अदा किमा है । फ़ात्भा
अक़्दर
ु फ़यीद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 211, ओिरी ऩष्ृ ठ 336, यौज़तर
ु भनाज़ज़य ज़जल्द 11 ऩष्ृ ठ 133,
तायीऽे खभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 328, हमातुर है वान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 51, नूजूरुर अफयाय ऩष्ृ ठ 5,
अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 357 व अऽफारूर तवार ऩष्ृ ठ 400) इब्ने ़तीफा ने इब्ने अब्फास
िे दयफाये भाववमा भें ऩहुॉच िय इस भौ़े िी ज़फय दस्त गुफ़तगू लरखी है । (अर
इभाभत वर लसमासत)
गस्रो
ु ु़ िफ़न िा इन्तेज़ाभ फ़यभामा औय नभाज़े जनाज़ा ऩढ़ी गई। इभाभ हसन
(अ.स.) िी वसीमत िे भत
ु ाबफ़ उन्हें सयवये िामनात (स.अ.व.व.) िे ऩहरू भें
दफ़्न ियने िे लरमे अऩने िॊधों ऩय उठा िय रे चरे। अबी ऩहुॉचे ही थे कि फनी
उभय्मा ऽुसस
ू न भयवान वाैया ने आगे फढ़ िय ऩहरू यसर
ू (स.अ.व.व.) भें दफ़्न
िहने रगीॊ मह घय भेया है भैं तो हयगगज़ हसन िो अऩने घय भें दफ़्न होने न दॊ ू
गी। (तायीऽे अफुर कफ़दा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 183, यौज़तुर भनाज़ज़य ज़जल्द 11 ऩष्ृ ठ 133) मह
347
सन
ु िय फाज़ रोगों ने िहा ऐ आमशा तुम्हाया क्मा हार है । िबी ऊॉट ऩय सवाय
हो िय दाभादे यसर
ू (स.अ.व.व.) से जॊग ियती हो िबी खच्चय ऩय सवाय हो िय
फ़यज़न्दे यसर
ू (स.अ.व.व.) िे दफ़्न भें भज़ाहे भत ियती हो। तम्
ु हें ऐसा नहीॊ ियना
चाहहमे। (तफ़सीर िे लरमे भुराहे जा ु़ हों ज़ज़िरूर अब्फास ऩष्ृ ठ 51) भगय वह एि न भानी
दफ़्न िय हदमा गमा। तायीऽे िालभर ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 182 भें है कि शहादत िे
आऩने भख़्
ु तलरफ़ अव़ात भें 9 नौ फीववमाॊ िी। आऩिी औराद भें आठ फेटे
348
चरी है । इभाभ लशब्रन्जी िा िहना है कि आऩिे तीन फ़यज़न्द अब्दल्
ु राह,
जनाफे हसने भस
ु न्ना ननहामत फ़ाज़ज़र, भत्त
ु ़ी औय सद़ाते अभीयर भोभेनीन
(अ.स.) िे भत
ु वल्री थे। आऩिी शादी इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी फेटी जनाफे फ़ात्भा
भ़तर
ू ों भें तफ गमे थे। जफ सय िाटे जा यहे थे तफ उनिे भाभू अफू हसान ने
अब्दर
ु भलरि ने 97 हहजयी भें ज़हय दे हदमा था ज़जसिी वजह से आऩने 52 सार
िी उम्र भें इन्ते़ार फ़यभामा। आऩिी शहादत िे फाद आऩिी फीवी जनाफे फ़ात्भा
एि सार ति ़ब्र ऩय खेभा ज़न यहीॊ। (इयशादे भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 211 व नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ
269)
िेख अब्दऱ
ु क़ाहदर जीऱानी
जीरानी औय फयवामते इब्ने जॊगी दोस्त औय फयवामते इब्ने चॊग दोस्त सय्मद थे
349
औय इनिा नसफ जनाफे हसने भस
ु न्ना इब्ने इभाभ हसन बफन अरी (अ.स.) ति
भहन्ना अऩनी किताफ उभदतुर तालरफ प्रिालशत फम्फई िे ऩष्ृ ठ 112 ऩय लरखते
उनिे फेटों ने किमा है अरफत्ता इसिी इजाद उनिे ऩोते ़ाजी ु़ अफर
ु सारेह नालसय
दरीर राने से ़ालसय यहे हैं। महीॊ वजह है कि किसी अहरे नसफ ने आऩिा दावा
शजयतुर अर अवलरमा भें य़भ तयाज़ हैं कि तभाभ उरेभाए इन्साफ ने शेऽ
सय्मद अब्दर
ु ़ाहदय िे लसरलसराए लसमादत से इन्िाय किमा है औय किसी ने
दावा नहीॊ किमा औय उनिी ज़ज़न्दगी भें किसी औय ने बी इनिो सय्मद नहीॊ
फानतरा िो सफ से ऩहरे इनिे ऩोते नसय बफन अफी फक्र ने ज़ाहहय किमा है ।
350
3. रयसारा सफ़ी
ू ु़ जो फसय ऩयस्ती ख़्वाजा हसन ननज़ाभी भॊडी फहाउद्दीन ज़ज़रा
गज
ु यात से शामा होता था इसिे ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 6 भें लरखा है सेमभ
ु ऩीये तयी़त
ऩहुॊचता है ।
ज़जब्री िहते हैं औय जीरानी एज़ाज़ी तौय ऩय िहा जाता है । (नूरूर असाय ऩष्ृ ठ 214
िे भस
ु ज़न्नफ़ हैं। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 63)
लसफ़क मही िहना िाफ़ी है कि आऩ हज़यत अरी (अ.स.) इभाभ हसन (अ.स.)
फक्र, भोहम्भद इब्ने अफी फक्र नीज़ अब्दयु क हभान इब्ने ऽालरद इब्ने वरीद वाैयाहुभ
िे भस
ु ल्रेभर
ु सफ
ु त
ू ़ानतर हैं जैसा कि तहयीय किमा जा चि
ु ा है रेकिन इससे
351
आऩिी नस्री हारात औय आऩिे कियदाय िे हदगय ऩहरू यौशन नहीॊ होते इस
110 भें है कि ़फीराए ़ुयै श िी इब्तेदा, ़सी इब्ने ़राफ से हुई जो औरादे
हालशभ औय अब्दर
ु शम्स अब्दर
ु भनाफ़ िे फेटे थे। हालशभ िी ज़ुरयक मत से
से शयायत व नहूसत नभ
ु ामा थी उलभमा िे भानी छोटी रौंडी िे हैं। हस्सान बफन
कि खखराफ़ते
ु़ याशेदा िे फाद फनू उभय्मा िा दौये कफ़तना व बफदआत से शरू
ु होता
352
4. ननमाफर
ु भोवद्दता ऩष्ृ ठ 148 भें है कि ़फाएरे अयफ भें सफ से शयीय फनी
उभय्मा हैं।
(स.अ.व.व.) ने ख़्वाफ भें दे खा कि लभम्फय ऩय रॊगूय िूद यहे हैं ज़जससे आऩिो
फेइन्तेहाॊ सदभा हुआ ज़जससे तसल्री िे लरमे सयू ए ़द्र नाज़ज़र हुआ ज़जसभें
8. तायीऽे आसभ िूफ़ी ऩष्ृ ठ 242 भें है कि अहदे जाहहतमत भें फनी उभय्मा
जाहहरमत भें फ़ाहे शा औयतें अऩने भिानों ऩय ऩहचान िे लरमे झन्डे रगाए यहती
थीॊ।
10. नसामहे िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 110, सभयतुर अवया़ ऩष्ृ ठ 108, अफर
ु कफ़दा
ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 188, इब्ने शहना ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 134, एमय ववॊग ऩष्ृ ठ 48,
तज़कियाए ऽवास अर उम्भता ऩष्ृ ठ 117, तायीऽे आसभ िूफ़ी ऩष्ृ ठ 236 वाैया भें
353
है कि भशहूय फ़ाहे शा औयतें ज़जनिे भिानों ऩय झन्डे थे, वह चाय थीॊ, 1. ज़य़ा,
11. तायीऽे ऽुल्फ़ा ऩष्ृ ठ 218 भें है कि मह शामया औय फड़ी सॊग हदर थी।
13. नसाए ऩष्ृ ठ 83 भें है कि हस्सान इब्ने साबफत ने हहन्दा िी ज़ज़ना िायी
अशआय भर
ु ाहे ज़ा हो दीवाने हस्सान ऩष्ृ ठ 40 से 60 भें ।
रड़िी से ज़ज़ना किमा था ज़जससे ज़िवान नाभी रड़िा ऩैदा हुआ था ज़जसिी
354
16. यौज़तुर अनफ़ असाफा व िालभर औय हरफी भें ज़िवान िे ार
ु ाभे उभय्मा
लरखा है ।
जभारी शेय गोई भें भशहूय था। हहन्दा िा उस से भोअशे़ा हो गमा औय उससे
दी। भस
ु ाकफ़य िे चरे जाने िे फाद हहन्दा भ़ाभे अजमाद िी तयफ़ चरी गई औय
19. लसब्ते इब्ने जोज़ी ने तज़कियाए ऽवास अर उम्भता भें लरखा है कि हज़यत
भाववमा िो िहा, ‘‘ व़द अरभत अर फ़याश्त रज़ी दरदत इरैहे ’’ भैं उस फ़शक
िो जानता हूॉ ज़जस ऩय तू ऩैदा हुआ है । उसिे फाद इसिी तौज़ीह इब्ने जोज़ी ने
355
अर भस
ु म्भा बफर भसालरफ व़फ़त अरा भानी ़ौर अर हसन भाववमा ़द
सकु फ़मान वर अब्फास व हूरा िानू अन्दभा अफी सकु फ़मान व िाना िुर मत्तहुभ
िरफी आउम्भतन
ु नास अरी अन भाववमा लभनहा ’’ िल्फी ने िहा कि जभहूय िी
याम थी कि भाववमा भस
ु ाकफ़य इब्ने उभयो से है क्मों कि वही सफ से ज़्मादा हहन्दा
से भोहब्फत ियता था। भसालरफ इफने सभआन भें है कि ऩदये हहन्दा ने इसिा
‘‘ फ़ौज़अत भाववमा फाद सरासता अशहय ’’ ननिाह िे तीन भाह फाद फत्ने
हहन्दा से भाववमा ऩैदा हुआ। इसी लरमे ज़भहशयी ने यफीउर अफयाय भें भाववमा िो
ज़जसिा नाभ ‘‘ सब्फाह ’’ था। इसी से भाववमा िा बाई अतफा इब्ने अफू सकु फ़मान
ऩैदा हुआ। जैसा कि ननसाए िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 110 भें है ‘‘ ़ारा अर शआफी फ़़द
असा यसर
ू अल्राह अफी हहन्दा मौभे फ़तेह भक्िा फशी भन हाज़ा ’’ इभाभे शाफी
356
भक्िा िे हदन उस भौ़े ऩय इशाया फ़यभामा था जफ ज़ िवह फैमत ियने आई थी।
चीज़ ऩय फैमत िय कि आज से ज़ज़ना नहीॊ िये गी। उसने िहा कि हज़यत िहीॊ ‘‘
’’ मह सन
ु िय आऩने हज़यत उभय िी तयफ़ दे ख िय तफस्सभ
ु फ़यभामा, भर
ु ाहे ज़ा
20. तभाभ तवायीऽे इस्राभ भें है कि इसी हहन्दा ने हज़यते हम्ज़ा िो अऩने
21. भाववमा िा फाऩ जो अफू सकु फ़मान िहा जाता है वह फयवामत हमातर
ु
357
24. भाववमा दामयतुर इस्राह ऩष्ृ ठ 14 भें है कि भाववमा 17 मा 22 सार ़ब्रे
25. नहजर
ु फरााह ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 19 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने
28. तायीऽे िालभर ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 166 औय ननसाए िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 21 भें है कि
29. उसने ारत तौय ऩय भशहूय किमा कि अरी (अ.स.) ़ानतरे उस्भान हैं।
30. ननसाए िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 53 व हुरमातुर औलरमा ऩष्ृ ठ 144 भें है कि उसने
32. आसभ िूफ़ी ऩष्ृ ठ 307 भें है कि भाववमा ने मभन औय हहजाज़ भें 30,000
358
34. आसभ िूफ़ी ऩष्ृ ठ 338 भें है कि भाववमा ने भोहम्भद इब्ने अफी फक्र िो
35. इसी किताफ भें है कि जफ हज़यत आमशा िो इसिी ऽफय लभरी तो फहुत
योईं औय तहमात फद दआ
ु दे ती यहीॊ।
36. ननसाई िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 62 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) िो इसिी इत्तेरा
37. ननसाई िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 58 भें सीयते भोहम्भहदमा ऩष्ृ ठ 577 भें है कि हजय
38. ननसाई िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 43 भें है कि उभय बफन हभ़ बी हुक्भे भाववमा से
40. तायीऽे आसभ ऩष्ृ ठ 334 व ननसाए िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 70 भें है कि फसये औय
िूफ़े भें एि एि यात िो ऩाॊच ऩाॊच सौ (500) भहु हब्फाने अरी (अ.स.) ़त्र किमे
गमे।
359
41. तायीऽे िालभर इब्ने असीय ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 133 भें है कि भाववमा नभाज़ िे
हय ़ुनत
ू भें हज़यत अरी (अ.स.), इब्ने अब्फास, इभाभ हसन (अ.स.), इभाभ
हुसन
ै (अ.स.) औय भालरिे अशतय ऩय रानत ियता था।
44. भोरवी अभीय अरी अऩनी तायीऽे इस्राभ भें लरखते हैं कि इभाभ हसन
360
उभय्मा िा अव्वर ऽरीफ़ा लसमाना, भत
ु ाफ़न्नी औय सफ़्फ़ाि था। अऩना भतरफ
हराि िया दे ना उसिे फामॊ हाथ िा खेर था। ऩैाम्फये इस्राभ िे नवासे इभाभ
हसन (अ.स.) औय भालरिे अशतय िो ज़हय से हाराि िया हदमा। इसी तयह
अब्दर
ु यहभान इब्ने ऽालरद इब्ने वरीद िो 45 हहजयी भें ज़हय से तभाभ िया
हदमा। (िालभर इब्ने असीय, तफयी, अफुर कफ़दा, यौज़ातुर सफ़ा, हफीफ अर सैय) औय उम्भर
ु
भोभेनीन जनाफे आमशा िो इस तयह ज़ज़न्दा गढ़े भें दफ़्न िय हदमा कि 56 हहजयी
औय भक्िे िी तयफ़ िूच िय गमे। (हफीफ उस सैय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 85, ओिरी तायीऽे
इस्राभ यफीउर अफयाय, अवाएर लसमूती, िालभर अर सफ़ीना, हदी़ा हिीभ सनाई, भुनाक़फे
भुतज़
क वी)
लसफ़क इस जभ
ु क भें कि वह दोस्त दायाने अरी (अ.स.) भें से थे औय जफ भाववमा िा
361
46. खानदाने फनी उभय्मा िो ़ुयआन भें शजयाए भरऊना फ़यभामा है ।
47. उनिो, अरी (अ.स.) उनिी औराद औय उनिे लशमों से सख़्त दश्ु भनी थी
चन
ु ान्चे भाववमा हज़यत अरी (अ.स.) ऩय तफयाक ियता था। उसने 41 हहजयी भें
हज़यत अरी (अ.स.) ऩय तफयाक किमा ियें औय मह यस्भ 99 हहजयी ति जायी यही
ननसाई।
इभाभ ाज़ारी (य.) लरखते हैं कि हज़यत अरी (अ.स.) ऩय लशतभ व तफयाक एि
हज़ाय भाह ति जायी यहा। (इसयारूर आरेभीन ऩष्ृ ठ 10 तफआ फम्फई) अर ननसाएर
भऩसत भें झठ
ू ी हदीसे तय्माय ियें ।
362
48. इब्ने अबफर हदीद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 9 ऩय है, लशमाने अरी (अ.स.) िे भार व
49. इब्ने अबफर हदीद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 9, ननसाए िाकफ़मा ऩष्ृ ठ 70, किताफ अर
हहम्भत तदफीय उभयू े दनु नमा भें इतनी भसरूफ़ ियता कि औय सफ फातें उसिे
िहता था ऐ गराभ
ु ु़ उठा रे खाते खाते थि गमा भगय सेय नहीॊ हुआ। एि फछड़ा
बन
ू िय रामे वह एि ही भैदे िी योटी िे साथ खा गमा औय साथ भें चाय भोटे
अरग भॊह
ु भीठा किमा। इसिे आगे सौ (100) यतर फा़रानी रूतफ यखा गमा वह
सफ खा गमा।
फद दआ
ु िी थी रा अशफा उल्राह फतना ऽुदा इसिा ऩेट न बये ।
था।
363
53. ओिरी लरखता है कि वह ज़क्र फिक िऩड़े ऩहनता औय शानो शौित से
54. हसन फसयी िहते हैं कि भाववमा िी चाय फातें ऐसी हैं कि उनभें से एि ही
था। 3. तीसये अफू सकु फ़मान िे हयाभी फेटे ज़ज़माद िो शयीमत िे खखराफ़
ु़ अऩना
ियाना।
55. इभाभ शाफ़ेई फ़भाते हैं कि चाय सहाफी ऐसे हैं ज़जनिी गवाही ़ाबफरे ़ुफर
ू
नहीॊ। भाववमा, उभयो आस, भगु ाया, ज़ज़माद। हिी़त मह है कि इस्राभ िी इन्हीॊ
56. भसद
ू ी लरखता है कि अहरे शाभ भाववमा िे फ़यभा फयदाय औय इताअत
गज़
ु ाय ऐसे थे कि जॊगे लसफ़्फ़ीन िो जाते हुए भाववमा ने जभ
ु े िी नभाज़ फध
ु िो
364
फ़ामदा ऩ
ु सान िे जो उनिे आगे हो जाम उसिी भत
ु ाफे़त िय रेते थे औय ह़ो
58. भाववमा 60 हहजयी भें अरीर हुआ औय उसने मज़ीद से िहा कि जो िुछ
भाॊगना हो भाॊग रे। उसने िहा हुिूभत चाहता हूॉ ताकि उसिे ज़रयमे से जहन्नभ
ु
है ।(तायीऽे िालभर)
चन
ु ान्चे मह मज़ीद जैसे दश्ु भने इस्राभ िो ऽरीफ़ा फना िय यजफ 60 हहजयी
59. मह भस
ु ल्रेभाते तायीऽी भें से है कि भाववमा िे ह़ भें िोई एि हदीस बी
अरी ़ायी ऩष्ृ ठ 48 व फ़तेहुर फायी भें है कि भाववमा िे ह़ भें िोई बी ऽफय
गमा।
न आमेगी। चन
ु ान्चे आऽयी वक़्त नसयानी कियस्टान ने तावीज़े लशफ़ा िे नाभ से
365
उसिे गरे भें सरीफ डार दी। उसिे फाद उसिा इन्ते़ार हो गमा। म़ीन है कि
मौभर
ु ़माभा महूहदमा ’’ जो अरी (अ.स.) िो अज़ीमत दे गा वह महूदी मा
नसयानी भफऊस व भहशयू होगा। ननसाए िाकफ़मा, तायीऽुर खुरफ़ा ऩष्ृ ठ 135 भें
उसिा हज़यत अरी (अ.स.) औय इभाभ हसन (अ.स.) िा ़त्र ियना एि तयफ़।
म़ीन ियना चाहहमे कि भाववमा िी फज़ख़्शश ़तअन दश्ु वाय नाभज़ु म्िन औय
भोहार है ।
(1). सन
ु ा जाता है कि शाभ भें ज़जस जगह ऩय भाववमा िी ़ब्र थी उस जगह
366
अफु अब्दल्
ु ऱाह हज़रत इमाम हुिैन (अ.ि.) िहीदे कफाऱा
हुसन
ै तूने तहे तेा, वह किमा सजदा।
मॉह
ू ी फस तीसयी शाफान िो हुयभत चौगनी हो गई।
भझ
ु े फायह वऩरा दे , ऩाॊचवाॊ सा़ी हुआ ऩैदा।।
अफी तालरफ (अ.स.) व सय्मदज़ु न्नसाॊ हज़यत फ़ात्भातुज़ ज़हया (अ.स.) िे फ़यज़न्द
आऩिो अफर
ु आइम्भातस
ु सानी िहा जाता है क्मों कि आऩ ही िी नस्र से नौ
इभाभ भत
ु ावज़ल्रद हुए। आऩ बी अऩने ऩदये फज़
ु गु व
क ाय औय फयादये आरी व़ाय िी
तयह भासभ
ू भन्सस
ू अफ़ज़रे ज़भाना औय आलरभे इल्भे रदन्ु नी थे।
367
आऩकी ववऱादत
हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) िी ववरादत िे ऩचास यातें गुज़यी थीॊ कि हज़यत
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा ऩ
ु ता ए वजूद फतने भादय भें भस्
ु त़य हुआ था। हज़यत
इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) इयशाद फ़यभाते हैं कि ववरादते हसन (अ.स.) औय
िाट िय भेयी आाोश भें यखा गमा है । इस ख़्वाफ से वह फहुत घफयाई औय दौड़ी
हुई यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय अज़क ऩयदाज़ हुई कि
आाोश भें ऩयवरयश ऩाऐगा। आऩिे इयशाद फ़यभाने से थोड़ा ही अयसा गुज़या था
कि ऽुसस
ू ी भद्
ु दते हभर लसफ़क 6 भाह गुज़ाय िय नयू े नज़य यसर
ू (स.अ.व.व.)
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) फातायीऽ 3 शाफान सन ़् 4 हहजयी फभ़
ु ाभ भदीना ए भन
ु व्वया
ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 43 फा हवाराए साफ़ी ऩष्ृ ठ 298, व जाभए अब्फासी ऩष्ृ ठ 59 व फेहारूर अनवाय
368
व लभसफाहे तूसी व भ़तर इब्ने नम्भा ऩष्ृ ठ 2) वाैया, उम्भर
ु फ़ज़र िा फमान है कि
भैं हसफर
ु हुक्भ इनिी खखदभत
ु़ ियती यही, एि हदन भैं फच्चे िो रे िय आॊ
प्माय किमा औय आऩ योने रगे भैंने सफफ दरयमाफ़्त किमा तो फ़यभामा कि अबी
़त्रगाह िी सख
ु ऱ् लभट्टी बी दे गमे हैं। (लभशिात ज़जल्द 8 ऩष्ृ ठ 140 प्रिालशत
भल्
ु रा जाभी लरखते हैं कि उम्भे सरभा ने फमान किमा कि एि हदन यसर
ू े
फार बफखये हुए थे औय चहये ऩय गदक ऩड़ी हुई थी। भैंने इस ऩये शानी िो दे ख िय
ऩछ
ू ा कि क्मा फात है? फ़यभामा भझ
ु े अबी अबी ज़जब्राईर ईया़ िे भ़
ु ाभे ियफरा
उम्भे सरभा (अ.स.) इसे अऩने ऩास भहफ़ूज़ यखो, जफ मह ऽून आरद
ू हो जाम
369
आऩका इस्मे गेरामी
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी आॊखों भें रोआफे दहन रगामा औय अऩनी ज़फान उनिे
भॊह
ू भें दे िय फड़ी दे य ति चस
ु ामा इसिे फाद दाहहने िान भें अज़ान औय फामें भें
बी िहते हैं कि मह नाभ ऽुदा ऽुदा वन्दे आरभ िा यखा हुआ है । (अयजहुर
भतालरफ व यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 236) किताफ आराभ अर वया तफयसी भें है कि मह
नाभ बी दीगय आइम्भा िे नाभों िी तयह रौहे भहफ़ूज़ भें लरखा हुआ है ।
आऩका अक़ीक़ा
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा नाभ यखने िे फाद सयवये िामनात (स.अ.व.व.) ने
हज़यत फ़ात्भा (अ.स.) से फ़यभामा कि फेटी ज़जस तयह हसन (अ.स.) िा अ़ी़ा
किमा गमा है उसी तयह इसिे अ़ी़े िा बी इन्तेज़ाभ ियो औय इसी तयह फारों
370
फाज़ भाअसयीन ने अ़ी़े िे साथ ऽत्ने िा ज़ज़क्र किमा है जो भेये नज़दीि
है ।
कुजन्नयत व अऱक़ाफ
हैं। अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई िा फमान है कि लसब्ते औय सय्मद ऽुद
यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िे भोअय्मन ियदा अऱाफ हैं। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 321)
आऩकी रज़ाअत
उसर
ू े िाफ़ी फाफ भौरद
ू र
ु हुसन
ै (अ.स.) ऩष्ृ ठ 114 भें है कि इभाभ हुसन
ै
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) उसे चस
ू ने रगते थे। महाॊ ति कि सेयो सेयाफ हो जाते थे।
भारभ
ू होना चाहहमे कि इसी से इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा गोश्त ऩोस्त फना औय
371
िी सराहहमत िे भालरि फने। मही वजह है कि आऩ यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) से
फहुत भश
ु ाफेह थे। (नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 113)
खद
ु ा वन्दे आऱम की तरफ िे ववऱादते इमाम हुिैन (अ.ि.) की
तहतनयत व ताजज़यत
अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशेफ़ी य़भ तयाज़ हैं कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी
ववरादत ऩय भफ
ु ायि फाद दे दो औय साथ ही साथ उनिी शहादते उज़भा से बी
उन्हें भत्त
ु रा िय िे ताज़ज़मत अदा िय दो। जनाफे ज़जब्राईर फ हुक्भे यब्फे जरीर
तहननमत अदा िी। इसिे फाद अज़क ऩयदाज़ हुए कि ऐ हफीफे यब्फे ियीभ आऩिी
खखदभत
ु़ भें शाहदते हुसन
ै (अ.स.) िी ताज़ज़मत बी लभन जाननफ अल्राह अदा िी
जाती है । मह सन
ु िय सयवये िामनात िा भाथा ठन्िा औय आऩने ऩछ
ू ा कि
ज़जब्राईर भाजेया क्मा है? तहननमत िे साथ ताज़ज़मत िी तफ़सीर फमान ियो।
फ़यज़न्द ‘‘ हुसन
ै ’’ िे गुरए
ू भफ
ु ायि ऩय ऽन्जये आफदाय यखा जामेगा औय आऩिा
मह नयू े नज़य फे मायो भद्दगाय भैदाने ियफरा भें मक्िाओ तन्हा तीन हदन िा
372
बख
ू ा प्मासा शहीद होगा। मह सन
ु िय सयवये आरभ (अ.स.) भहवे गगयमा हो गमे।
आऩिे योने िी ऽफय ज्मों ही अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िो ऩहुॉची वह बी योने रगे
वह हुसन
ै िी तहननमत िे साथ साथ उसिी शहादत िी ऽफय बी दे गमे हैं हारात
(स.अ.व.व.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय अज़क कि फाफा जान मह िफ होगा?
फ़यभामा जफ न भैं हूॊगा न तुभ होगी न अरी होंगे न हसन होंगे। फ़ात्भा (अ.स.)
ने ऩछ
ू ा फाफा भेया फच्चा किस ऽता ऩय शहीद होगा? फ़यभामा फ़ात्भा (स.अ.व.व.)
बफल्िुर फे जुभक व फे ऽता लसफ़क इस्राभ िी हहभामत भें शहीद होगा। फ़ात्भा
373
एि यवामत भें है कि यसर
ू ियीभ (स.अ.व.व.) ने फ़ात्भा िे जवाफ भें मह
फ़यभामा था कि ऽद
ु ा िुछ रोगों िो हभेशा ऩैदा ियता यहे गा, ज़जसिे फढ़
ू े , फढ़
ू ों ऩय
फ़फतरूि का वाक़ेया
िी तयफ़ आ यहे थे। नागाह उनिी नज़य ज़भीन िे एि ाैय भारूफ़ तफ़े ऩय ऩड़ी,
हूॉ जो ऩहरे आसभान ऩय सत्तय हज़ाय फ़रयश्तों िी ़मादत ियता था। भेया नाभ
कफ़तरूस है । ज़जब्राईर ने ऩछ
ू ा तझ
ु े मह किस जभ
ु क िी सज़ा लभरी है? उसने अज़क
बग
ु त यहा हूॉ। फारो ऩय जर गए हैं, महाॊ िॊु जे तन्हाई भें ऩड़ा हूॉ। ऐ ज़जब्राईर
ऽुदाया भेयी िुछ भद्द ियो। अबी ज़जब्राईर जवाफ न दे ने ऩामे थे कि उसने सवार
किमा, ऐ रूहुर अभीन आऩ िहाॊ जा यहे हैं? उन्होंने फ़यभामा कि नफी आऽेरूज़
374
ज़जसिा नाभ ‘‘ हुसन
ै ’’ है । भैं ऽुदा िी तयफ़ से उसिी अदाए तहननमत िे लरमे
चरो, भझ
ु े इसी दय से लशफ़ा औय नजात लभर सिती है । ज़जब्राईर उसे साथ रे
िय हुज़ूय िी खखदभत
ु़ भें उस वक़्त ऩहुॉचे जफ कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) आाोशे
यसर
ू (स.अ.व.व.) भें जरवा फ़यभा यहे थे। ज़जब्राईर ने अज़े हार किमा। सयवये
फारो ऩय उसी तयह योईदा हो गमे ज़जस तयह ऩहरे थे। वह सेहत ऩाने िे फाद
फ़ख़्रो भफ
ु ाहात ियता हुआ अऩनी भॊज़ज़रे असरी आसभाने सेमभ
ु ऩय जा ऩहुॉचा औय
इसे हारात से आगाही हुई तो उसने फायगाहे अहहदमत भें अज़क कि ‘‘ भालरि भझ
ु े
इयशाद हुआ कि जॊग िी िोई ज़रूयत नहीॊ अरफत्ता तू सत्तय हज़ाय फ़रयश्ते रे िय
375
यहे गा। ’’ (यौज़तुर शोहदा अज़ 236 ता ऩष्ृ ठ 238 प्रिालशत फम्फई 1385 हहजयी व ानीभतुर
भल्
ु रा जाभी यहभतल्
ु राह अरैहा तहयीय फ़यभाते हैं कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो
ऽद
ु ा वन्दे आरभ ने वह हुस्न व जभार हदमा कि ज़जसिी नज़ीय नज़य नहीॊ आतीॊ
रोग आऩिे रूए यौशन से शभा ए तायी़ िा िाभ रेते थे मानी चीज़ यौशन हो
जाती थी औय रोगों िो तायीिी भें याहफयी िी ज़हभत नहीॊ होती थी। (शवाहे दन
ु
नफूवत रूिन 6 ऩष्ृ ठ 174 व यौज़तुर शोहदा फाफ 7 ऩष्ृ ठ 238) शेऽ अब्दर
ु वासेए इब्ने
हदन यसर
ू ियीभ (स.अ.व.व.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य थे महाॊ ति कि यात हो गई,
आऩने फ़यभामा भेये फच्चों अफ यात हो गई तुभ अऩनी भाॉ िे ऩास चरे जाओ।
फच्चे हसफर
ु हुक्भ यवाना हो गमे। यावी िा फमान है कि जैसे मह फच्चे घय िी
तयफ़ चरे एि यौशनी ऩैदा हो हुई जो उनिे यास्ते िी तायीिी िो दयू ियती जाती
376
फैत िो इज़्ज़त व ियाभत अता फ़यभाई है । (भुसनदे इभाभ यज़ा ऩष्ृ ठ 32 भतफुआ लभस्र
1341 हहजयी)
बफठामे हुए प्माय िय यहे थे कि नागाह ज़जब्राईर नाज़ज़र हुए औय िहने रगे
377
हिनैन(अ.ि.) की फाहमी ज़ोर आज़माई
(स.अ.व.व.) िी नज़यों िे साभने आऩस भें ज़ोय अज़भाई ियने औय िुश्ती रड़ने
रगे। जफ फाहभ एि दस
ू ये से लरऩट गए तो यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) ने इभाभ
आऩ तो फड़े फ़यज़न्द िी हहम्भत फढ़ा यहे हैं औय छोटे फेटे िी हहम्भत अफ़ज़ाई
(शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 174 व यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 239 नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 114 प्रिालशत
लभस्र)
अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते हैं कि एि हदन यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.)
एि यास्ते से गज़
ु य यहे थे आऩने दे खा कि चन्द फच्चे खेर यहे हैं। आऩ उनिे
378
ऽुसलू समत है कि आऩने इस दजाक ़द्र अफ़ज़ाई फ़यभाई है? आऩने इयशाद फ़यभामा
ऽाि उठा िय अऩनी आॊखों भें रगा यहा था। फाज़ हज़यात िा फमान है कि वह
फच्चा आॊ हज़यत ने ज़जसिो प्माय किमा था उसिा नाभ हफीफ इब्ने भज़ाहहय था।
(यौज़तर
ु शोहदा)
वऩसये भत
ु ज़
क ा, इभाभ हुसन
ै -- कि चॉ ू ऊरा न फद
ू ा दय िौनैन
भस्
ु तफ़ा ऊया िशीदा फदोश -- भत
ु ज़
क ा, ऩय वयीदा दय आाोश
किताफ िनज़र
ु ायाएफ भें है कि एि शख़्स ने सयवये िाएनात (स.अ.व.व.) िी
खखदभत
ु़ भें एि फच्चे आहू (हहयन) हहदमे भें ऩेश किमा। आऩने उसे इभाभ हसन
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने जफ इभाभ हसन (अ.स.) िे ऩास हहयन िा फच्चा दे खा तो
औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने ज़ज़द ियना शरू
ु िय हदमा औय ़यीफ था कि यो ऩड़ें,
379
नागाह एि हहयन िो आते हुए दे खा गमा ज़जसिे साथ उसिा फच्चा था। वह आहू
दस
ू ये िो भैं इस वक़्त रे िय हाज़ज़य हुआ हूॉ। उसने िहा भैं जॊगर भें था कि भेये
(स.अ.व.व.) फच्चा ए आहू िे लरमे भचरा हुआ है जल्द से जल्द अऩने फच्चे िो
यसर
ू (स.अ.व.व.) िी खखदभत
ु़ भें ऩहुॉचा। हुक्भ ऩाते ही भैं हाज़ज़य हुआ हूॉ औय
सहाबफमे यसर
ू (स.अ.व.व.) अफू हुयैया यावी ए हदीस िा फमान है कि, भैंने
हुसन
ै (अ.स.) ननहामत िभलसनी िे आरभ भें उनिे सीना ए भफ
ु ायि ऩय हैं। उनिे
हुसन
ै (अ.स.) आऩिे सीना ए भफ
ु ायि िूदने रगे उसिे फाद हुज़ूय (स.अ.व.व.) ने
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा भॊह
ू चभ
ू िय ऽद
ु ा िी फायगाह भें अज़क कि ऐ भेये ऩारने
380
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िा रोआफे दहन औय उनिी ज़फान
इस तयह चस
ू ते थे ज़जस तयह िोई खजयू चस
ू े। (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 359, ऩष्ृ ठ
361, इस्तेआफ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 144, असाफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 11 िॊज़ुर आभार ज़जल्द 7 ऩष्ृ ठ
यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िे शहज़ादे इभाभ हसन (अ.स.) औय इभाभ हुसन
ै
खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हुए। उन्होंने फ़यभामा अरी (अ.स.) िे ऩास जाओ। अरी
नयू े नज़य इसिा फ़ैसरा तो भेयी रख़्ते ज़जगय फ़ात्भा ही िये गी उसिे ऩास जाओ।
ऽफ
ू लरखा है रेकिन फच्चे न भाने औय मही िहते यहे भादये गेयाभी दोनों िो
साभने यख िय सही फ़ैसरा दीज़जमे। भाॊ ने िहा अच्छा फेटा, रो अऩना गुरू फन्द
ज़भीन ऩय दाने बफखये , फच्चों ने हाथ फढ़ाए औय तीन तीन दानों ऩय दोनों ने
381
़ब्ज़ा िय लरमा औय एि दाना जो यह गमा उसिी तयफ़ दोनों िे हाथ फयाफय से
फढ़े । हुक्भे ऽद
ु ा वन्दे आरभ हुआ ज़जब्राईर दानों िे दो टुिड़े िय दो। एि हसन
फोसे लरमे औय िहा क्मों फच्चों भैं न िहती थी कि तुभ दोनों िे ऽत अच्छे हैं
औय एि िी दस
ू ये िे ऽत ऩय तयजीह नहीॊ है । (ऽासेतुर भसाएफ ऩष्ृ ठ 335) ़ायी
अब्दर
ु वद
ु द
ू शम्स रखनवी खरफ़ भौरवी अब्दर
ु हिीभ उस्ताद भौरवी शेऽ
अब्दर
ु शिूय भद
ु ीय अर नजभ ऩाटा नारा रखनऊ, बायत, अऩने एि ़सीदे भें
लरखते हैं।
औय इन असखखमामे
ु़ आरभ िे घय भें नमे िऩड़े िा क्मा ज़ज़क्र ऩयु ाने िऩड़े फज़ल्ि
जौ िी योहटमाॊ ति नहीॊ हैं। फच्चों ने भाॊ िे गरे भें फाहें डार दीॊ। भादये गेयाभी
भदीने िे फच्चे ईद िे हदन ज़़क फ़क िऩड़े ऩहन िय ननिरेंगे औय हभाये ऩास
382
नमे िऩड़े नहीॊ हैं। हभ किस तयह ईद भनामेंगे। भाॉ ने िहा फच्चों घफयाओ नहीॊ
तम्
ु हाये िऩड़े दयज़ी रामेगा। ईद िी यात आई, फच्चों ने कपय भाॊ से िऩड़ों िा
सफ
ु ह न हो ऩाई थी कि एि शख़्स ने दयवाज़े ऩय आवाज़ दी, दयवाज़ा खटखटामा,
छोटे अम्भाभे, दो ़फाऐॊ, दो अफाऐॊ ायज़ िी तभाभ ज़रूयी िऩड़े भौजूद थे। भाॉ िा
हदर फाा फाा हो गमा। वह सभझ गईं कि मह िऩड़े जन्नत से आमे हैं रेकिन
भॉह
ु से िुछ नहीॊ िहा। फच्चों िो जगामा िऩड़े हदमे। सफ
ु ह हुई, फच्चों ने जफ
भदीने िे फच्चे यॊ गीन िऩड़े ऩहने होंगे। अम्भा जान हभें यॊ गीन िऩड़े चाहहमे। हुज़ूये
अनवय (स.अ.व.व.) िो इत्तेरा लभरी, तशयीफ़ रामे। फ़यभामा घफयाओ नहीॊ तुम्हाये
िऩड़े अबी अबी यॊ गीन हो जामेंगे। इतने भें ज़जब्राईर आफ़ताफा (एि फड़ा औय
चौड़ा फयतन) लरमे हुए आ ऩहुॉच।े उन्होंने ऩानी डारा, भोहम्भद भस्
ु तफ़ा
रगामा, फाऩ ने फोसे हदमे, नाना ने अऩनी ऩश्ु त ऩय सवाय िय िे भेहाय िे फदरे
अऩनी ज़ुल्फ़ें हाथो भें दे दीॊ औय िहा भेये नौननहारों, रयसारत िी फाग तुम्हाये
383
हाथ भें है । ज़जधय चाहो भोड़ो औय जहाॊ चाहो रे चरो। (यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 189
आवाज़ भॊह
ु से ननिारने रगे। (िशफ़ुर भहजूफ)
जा यहे थे, यास्ते भें फ़ात्भा ज़हया (अ.स.) िा घय ऩड़ा। उस घय भें से इभाभ हुसन
ै
(अ.स.) िे योने से भझ
ु े किस ़द्र तिरीफ़ औय अज़ीमत ऩहुॉचती है । (नरू
ू र अफसाय
ऩष्ृ ठ 114 व भम्फए अहतभी ज़जल्द 9 ऩष्ृ ठ 201 व ज़ऽाएय अर अ़फा ऩष्ृ ठ 123) फाज़
फच्चे हुसन
ै से फहुत लभरती है ।
384
इमाम हुिैन (अ.ि.) की िरदारीए जन्नत
हसन वर हुसन
ै सय्मदे शफाफे अहरे जन्नत् व अफु हुभा ऽेय लभन्हभा ’’ हसन व
हुसन
ै जवानाने जन्नत िे सयदाय हैं औय उनिे ऩदये फज़
ु ुगव
क ाय इन दोनों से फेहतय
नाज़ज़र हुआ है जो भेये ऩास इससे ऩहरे नहीॊ आमा था उसने भेये फच्चों िी
सयदारयमे जन्नत ऩय भफ
ु ायि फाद दी है औय िहा है कि ‘‘ अन फ़ातभा सय्मदन
ु
असाफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 12, नतलभकज़ी शयीफ़, भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 242, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ
इसिे कि हज़यत अरी (अ.स.) भें लभसरे नफी लसमादत िा ज़ाती शयफ़ भौजूद था
सय्मदर
ु भत्त
ु ़ीन, सय्मदर
ु भोभेनीन वाैया जैसे अल्फ़ाज़ से फ़यभाई है । हज़यत
385
अरी (अ.स.) सयदायाने जन्नत इभाभ हसन (अ.स.) औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) से
ऽद
ु ा ने जो शयफ़ इभाभ हसन (अ.स.) औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो अता
यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩय आरभे नभाज़ भें सवाय हो जामें तो नभाज़ भें िोई ऽरर
वा़े नहीॊ होता। अिसय ऐसा होता था कि मह नौनेहारे रयसारत ऩश्ु ते यसर
ू (स.
स.) ऩय आरभे नभाज़ भें सवाय हो जामा ियते थे औय जफ िोई भना ियना
ऩश्ु त से ऽुद न उतय आमें। आऩ फ़यभामा ियते थे, ऽुदामा भैं इन्हें दोस्त यखता
हूॉ तू बी इनसे भोहब्फत िय। िबी इयशाद होता था, ऐ दनु नमा वारों ! अगय भझ
ु े
386
हदीिे हुिैनो समन्नी
लभनर हुसन
ै ’’ हुसन
ै भझ
ु से है औय भैं हुसन
ै से हूॉ। ऽुदा उसे दोस्त यखे जो हुसन
ै
113 व सही नतलभकज़ी ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 307, भुस्तदरयि इभाभ हाकिभ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 177 व
भस्नदे अहभद ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 972 असदउर ााफता ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 91 िॊज़र
ु आभार, ज़जल्द 4
ऩष्ृ ठ 221)
शफे भेयाज जफ भैं सैये आसभानी ियता हुआ जन्नत िे ़यीफ ऩहुॉचा तो दे खा कि
फाफे जन्नत ऩय सोने िे हुरूफ़ भें लरखा हुआ है । ‘‘ रा इराहा इल्रराह भोहम्भदन
हफीफ अल्राह अरीमन वरी अल्राह व फ़ात्भा अभत अल्राह वर हसन वहर
हुसन
ै सफ़ुत अल्राह व लभनर फा
ु ज़हुभ रानत अल्राह ’’
तयजभ
ु ा् ऽद
ु ा िे लसवा िोई भाफद
ू नहीॊ, भोहम्भद (स.अ.व.व.) अल्राह िे हफीफ
हैं, अरी (अ.स.) अल्राह िे वरी हैं, फ़ात्भा (स.अ.व.व.) अल्राह िी िनीज़ हैं,
387
हसन (अ.स.) औय हुसन
ै (अ.स.) अल्राह िे फयु गुज़ीदा हैं औय उनसे फग़्जु ज़ यखने
वारों ऩय ऽद
ु ा िी रानत हैं।
मह तो भारभ
ू ही है कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा
इभाभ हसन (अ.स.) िे बाई थे औय इन्हीॊ हज़यात िो ऩॊजेतन िहा जाता है, औय
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ऩॊजेतन िे आऽयी फ़दक हैं। मह ज़ाहहय है कि आखखय
ु़ ति
388
28 सफ़य 50 हहजयी िो जफ इभाभ हसन (अ.स.) शहीद हो गमे तो इभाभ
हुसन
ै (अ.स.) लसफ़ाते हसना िे वाहहद भय़ज़ फन गए। मही वजह है कि आऩ भें
जभ
ु रा लसफ़ाते हसना भौजद
ू थे औय आऩिे तयज़े हमात भें भोहम्भद (स.अ.व.व.)
ऽेभे भें तशयीफ़ रामे तो जनाफे ज़ैनफ ने फ़यभामा था कि ऐ ऽाभेसे आरे एफा
आज तम्
ु हायी जद
ु ाई िे तसव्वयु से ऐसा भारभ
ू होता है कि भोहम्भद भस्
ु तफ़ा
(स.अ.व.व.) अरी ए भत
ु ज़
ुक ा (अ.स.) फ़ात्भा (स.अ.व.व.) हसने भज
ु तफा (अ.स.) हभ
डार चि
ु े थे रेकिन कपय बी िबी िबी ‘‘ ह़ फय ज़फान जायी ’’ िे भत
ु ाबफ़
उधय से गज़
ु य हुआ। आऩ भज़स्जद भें तशयीफ़ रे गमे औय हज़यत उभय िी तयफ़
389
भऽ
ु ानतफ हो िय फोरे ‘‘ अन्ज़र अन लभम्फय अफी ’’ भेये फाऩ िे लभम्फय ऩय से
उतय आईमे औय जाईमे अऩने फाऩ िे लभम्फय ऩय फैहठमे। हज़यत उभय ने िहा भेये
फाऩ िा तो िोई लभम्फय नहीॊ है । उसिे फाद लभम्फय ऩय से उतय िय इभाभ हुसन
ै
ज़ादे तुम्हें मह फात किसने लसखाई है तो उन्होंने फ़यभामा कि भैंने अऩने से िहा
है , भझ
ु े किसी ने नहीॊ लसखामा। उसिे फाद उन्होंने िहा भेये भाॉ फाऩ तुभ ऩय कफ़दा
हों, िबी िबी आमा ियो। आऩने फ़यभामा फेहतय है । एि हदन आऩ तशयीफ़ रे
भें एि हदन भर
ु ा़ात ऩय िहा कि आऩ वाऩस क्मों चरे आमे थे। फ़यभामा कि
390
इब्ने उमर का एतराफे िरफे हुिैनी
फैठे हुए रोगों से फातें िय यहे थे कि इतने भें हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) साभने
इब्ने अब्फास िे हाथों भें लसऩहय िाशानी लरखते हैं कि एि भयतफा हज़यत
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) घोड़े ऩय सवाय हो यहे थे। हज़यत इब्ने अब्फास सहाबफमे यसर
ू
औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो सवाय िय हदमा। मह दे ख िय किसी ने िहा कि ऐ
इब्ने अब्फास तभ
ु तो इभाभ हुसन
ै (अ.स.) से उम्र औय रयश्ते दोनों भें फड़े हो, कपय
तभ
ु ने इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी य़ाफ क्मों थाभी? आऩने गस्से
ु ु़ भें फ़यभामा कि ऐ
यसर
ू (स.अ.व.व.) हैं, इन्हीॊ िे सद़े भें नेभतों से बयऩयू औय फहयावय हूॉ अगय
391
इमाम हुिैन (अ.ि.) की गदे क़दम और जनाफे अफू हुरै रा
हदीसें गढ़ने िी स्िीभ फनाई थी तो उन्हीॊ िो इस स्िीभ िा रूहे यवाॊ ़याय हदमा
था। (भीज़ान अर फ़या इभाभ शेयानी ऩष्ृ ठ 21) आऩ िो हज़यत अरी (अ.स.) से
भव
ु रयक ऽ तफयी िा फमान है कि एि भय्मत भें इभाभ हुसन
ै (अ.स.) औय जनाफे
अफू हुयैया ने लशयित िी औय दोनों हज़यात साथ ही चर यहे थे। यास्ते भें थोड़ी दे य
िे लरमे रूि गमे तो अफू हुयैया ने झट रूभार ननिार िय हज़यत इभाभ हुसन
ै
(अ.स.) िे ऩामे भफ
ु ायि औय तूनतमों से गदक झाड़ना शरू
ु िय हदमा। इभाभ हुसन
ै
(अ.स.) ने फ़यभामा ऐ अफू हुयैया ! तुभ मह क्मा ियते हो, भेये ऩैयों औय जूनतमों से
गदक क्मों झाड़ने रगे? आऩने अज़क कि ‘‘ दाअनी लभनिा फ़रो मा रभ अरनास
392
तो मह रोग आऩिो अऩने िॊधों ऩय उठामे कपयें ’’ (तायीऽे तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 19
तफअ लभस्र)
िी दरीरे भोहिभ हैं ज़जसिे फाद किसी एतयाज़ िी गुन्जाईश नहीॊ यहती। आलसभ
थे कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा ज़ज़क्र आ गमा। हज्जाज ने िहा उनिा ज़ुरयक मते
यसर
ू (स.अ.व.व.) से िोई ताअल्ऱ
ु नहीॊ। मह सन
ु ते ही महहमा बफन माभय ने
है वह म़ीनन जरयक
ु ु़ मते यसर
ू (स.अ.व.व.) भें से हैं। मह सन
ु िय उसने िहा कि
इसिा सफ
ु त
ू ़ुयआने भजीद से ऩेश ियो। ‘‘ अवरा ़तरनिा ़तरन ’’ वयना
तुम्हें फयु ी तयह ़त्र िरूॊगा। महहमा ने िहा ़ुयआन भजीद भें है । ‘‘ व भन
आदभ भें हज़यते ईसा बी फतामे गमे हैं जो अऩनी भाॊ िी तयफ़ से शलभर हुमे हैं।
393
(स.अ.व.व.) भें हैं। हज्जाज ने िहा मह सही है रेकिन भजभें भें तुभने भेयी
उन्हें ऽयु ासान बेज हदमा। (भस्ु तदरयि सहीहीन ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 164)
इभाभ फ़ऽरूद्दीन याज़ी तफ़सीये िफीय भें ज़ेये आमत ‘‘ अर आदभ अर असभा
भाॊगना हो तो चाय क़स्भ िे रोगों से भाॊगों। 1. शयीफ़ अयफ से, 2. ियीभ हाकिभ
से, 3. हालभरे ़ुयआन से, 4. हसीन शक्र वारे से। भैं आऩभें मह जुभरा लसफ़ात
ऩाता हूॉ इस लरमे भाॊग यहा हूॉ। आऩ शयीफ़े अयफ हैं। आऩिे नाना अयफी हैं। आऩ
ियीभ हैं क्मों कि आऩिी सीयत ही ियभ है । ़ुयआने ऩाि आऩिे घय भें नाज़ज़र
भझ
ु े दे खना चाहे वह हसन व हुसन
ै िो दे खे। रेहाज़ा अज़क है कि भझ
ु े अतीमे से
सवारात िा जवाफ दे , 1. फता सफ से फेहतय अभर क्मा है? उसने िहा अल्राह
ऩय ईभान राना। 2. हराित से नजात िा ज़रयमा क्मा है? उसने िहा अल्राह ऩय
394
बयोसा ियना। 3. भयद िी ज़ीनत क्मा है? िहा ‘‘ इल्भ भम हहल्भ ’’ ऐसा इल्भ
वयभी बफर सीयते इल्हे ’’ औय एि फड़ा िीसा उसिे साभने डार हदमा। (फ़ज़ाएर
भदीने से भक्िे जाने िे लरमे ननिरे तो यास्ते भें इब्ने भतीह लभर गमे। वह उस
भर
ु तवी िय हदजीए। फ़यभामा भज़ु म्िन नहीॊ है । कपय फात ही फात भें उन्होंने अज़क
कि भैं िुआॊ खोद यहा हूॉ। अिसय इधय ऩानी खाया ननिरता है । आऩ दआ
ु िय दें
ऩानी भीठा हो औय िसीय हो। आऩने थोड़ा ऩानी जो उस वक़्त फयाभद हुआ था रे
ऐसा ही किमा। ‘‘ फ़जफ वभही ’’ उसिा ऩानी शीयीॊ (भीठा) औय िसीय हो गमा।
395
इमाम हुिैन (अ.ि.) की नि
ु रत के सऱये रिऱ
ू े करीम (ि.अ.व.व.) का
हुक्म
(स.अ.व.व.) िी गोद भें थे औय वह उनिो प्माय िय यहे थे। इसी दौयान भें
फ़यभामा ‘‘ अन अम्फी हाज़ा म़तेदा फाये ज़ैने म़ारा रहा ियफर फ़भन शोहदा
यावी िा फमान है कि असर यावी औय चश्भ दीद गवाह अनस बफन हारयस जो
कि उस वक़्त भौजद
ू थे वह इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे हभयाह ियफरा भें शहीद हो
गमे थे।
(असदर
ु ााफेआ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 123 व ऩष्ृ ठ 349, असाफा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 48, िन्ज़र
ु
आभार ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 223, ज़ऽामय अर अ़फा भुहहफ तफयी ऩष्ृ ठ 146)
उरेभा व भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ज़फयदस्त
इफादत गज़
ु ाय थे। आऩ शफो योज़ भें फेशभ
ु ाय नभाज़ें ऩढ़ते औय अनवाए अ़साभ
396
इफादत से सयफ़याज़ होते थे। आऩने अच्चीस हज ऩा वऩमादा किए औय मह तभाभ
आऩिो अभवी हॊ गाभा आयाइमों िी वजह से किसी हज िा भौ़ा नहीॊ लभर सिा।
भसनदे इभाभे यज़ा ऩष्ृ ठ 35 भें है कि सऽी दनु नमाॊ िे सयदाय औय भत्त
ु ़ी
भहसस
ू किमा कि वह फेहद यॊ जीदा हैं। ऩछ
ू ा ऐ भेये नाना िे सहाफी क्मा फात है?
‘‘वााभाहो’’ क्मों िहते हो? अज़क कि भौरा साठ हज़ाय हदयहभ िा ़ज़क दाय हूॉ।
एि दफ़ा एि दे हाती शहय भें आमा औय उसने रोगों से दयमाफ़्त किमा कि महाॊ
हाज़ज़ये खखदभत
ु़ हो िय फा ज़रयमे अशआय सवार किमा। हज़यत ने चाय हज़ाय
अशयकफ़माॊ इनामत फ़यभा दीॊ। शईफ ऽज़ाई िा िहना है कि शहादते इभाभे हुसन
ै
397
(अ.स.) िे फाद आऩिी ऩश्ु त ऩय फाय फयदायी िे घट्टे दे खे गमे। ज़जसिी वज़ाहत
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) ने मह फ़यभाई थी कि आऩ अऩनी ऩश्ु त ऩय राद
औय भतारेफस
ु सऊ
ू र भें एि अहभ वा़ेमा आऩिी लसफ़ते सऽावत िे
भत
ु ाअज़ल्ऱ तहयीय किमा है, ज़जसे हभ इभाभ हसन (अ.स.) िे हार भें लरख आमे
तयजभ
ु ा मह है कि, िभज़ोय औय ज़रीर व ह़ीय गचड़मों िे फच्चे ज़्मादा औय
लशिायी ऩरयन्दे फाज़ औय शाहीन वाैया िे फच्चे ़ुदयतन िभ होते हैं। कपय उभयो
398
आस ने ऩछ
ू ा कि हभायी भॊछ
ू ों िे फार जल्दी सफ़ैद हो जाते हैं औय आऩिे दे य भें,
उसने ऩछ
ू ा कि इसिी क्मा वजह है कि आऩ रोगों िी दाढ़ी घनी ननिरती है?
फयु ी औय ऽफीस ज़भीन से फयु ी ऩैदावाय होती है । (ऩाया 8 रूिू 14) उसिे फाद
तभ
ु तो हभाये ार
ु ाभ ज़ादे हो। इतनी फढ़ चढ़ िय क्मा फातें िय यहे हो। इस ऩय
399
अब्दल्
ु राह बफन उभय यॊ जीदा हो िय अऩने फाऩ िे ऩास गमे औय इभाभ हसन
फ़यभामा कि फेटा मह फात उन से लरख वा रेा, अगय लरख दें तो भेये िफ़न भें
िय दी कि इसे उनिे िफ़न भें यखा जाम क्मों कि भोहम्भद (स.अ.व.व.) व आरे
भोहम्भद (अ.स.) िी ार
ु ाभी फऽलशश िा ज़रयमा है ।
नालसय जरारी भद् ज़ज़ल्रहुर आरी िी वह नज़भ दजक ियता हूॉ जो उन्होंने ज़ेये
उनवान ‘‘ शाने अदफ ’’ तहयीय फ़यभाई है । ज़जसे हाकफ़ज़ शफ़ी़ अहभद नासयी
ऩाि फॊगार जहाॊगीय योड, ियाची नम्फय 5 रयसारा ‘‘ ऽून िे आॊसू ’’ भें शामा
फ़यभाते हैं
हभसयी िा है अगय, भझ
ु से तुम्हे िुछ दावा
400
भेये रूतफे से ऽफय दाय है, हय अहरे वतन
सन
ु िे मह फात हुए, इब्ने उभय सख़्त भर
ु र
ू
आज है तख़्ते खखराफ़त
ु़ ऩामही जरवा कफ़गन
कपय ार
ु ाभ इब्ने ार
ु ाभ आऩ भझ
ु े िहते हैं
401
अश्ि आॊखों भें अरभ हदर भें रफों ऩय शेवन
दे ख लरज़जमे भझ
ु इस तयह से िहते हैं हसन
भाजया सन
ु िे मह फेटे से उभय िहने रगे
सन
ु िे इयशाद किमा शाहे हसन ने कि सन
ु ो
भझ
ु िो डय है न किसी िा न किसी से है जरन
है उभय भेये ार
ु ाभ, औय भेये नाना िे
402
ास्
ु से िे जोश भें ियते थे सफ आज़ा सन सन
झभ
ू िय फ़यते भसयक त से मह इयशाद किमा
अल्राभा इब्ने शहये आशोफ औय अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ
हुसन
ै (अ.स.) एि यात िो जनाफे ऽदीजा (अ.स.) िी ़ब्र ऩय तशयीफ़ रे गमे।
403
(अ.स.) ऩय नभाज़ें ऩढ़ीॊ औय आऩ फायगाहे ऽुदावन्दी भें भहवे भन
ु ाजात हो गमे,
भन
ु ाजात भें आऩने 6 अश ़्आय ऩढ़े ज़जनभें ऩहरा शेय मह है । ‘‘ मा यफ मा यफ
तयजभ
ु ा ऐ भेये फन्दे भैं तेयी सन्
ु ने िे लरमे भौजद
ू हूॉ औय तू भेयी फायगाह भें
अगयचे भव
ु ये ऽीन िा त़यीफन इस ऩय इत्तेफ़ा़ है कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.)
अहदे अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िे हय भायिे भें भौजूद यहे रेकिन भहज़ इस
ख़्मार से कि मह यसर
ू े अियभ (स.अ.व.व.) िी ऽास अभानत हैं। उन्हें किसी जॊग
भें रड़ने िी इजाज़त नहीॊ दी गई। (अनवारूर हुसैननमा ऩष्ृ ठ 44) रेकिन अल्राभा शेऽ
लसफ़्फ़ीन भें नफदक आज़भाई फ़यभाई थी। (शजया ए तूफा, प्रिालशत नजफ़े अशयफ़ 1354
404
हहजयी व फेहायर अनवाय ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ 257 प्रिालशत ईयान) अल्राभा फा़य ऽुयासानी
आग़ाज़)
फा़ी न यहा तो आऩिा सफ़ीना ए हमात ऽुद गगयदाफे भसाएफ भें आ गमा। इभाभ
हसन (अ.स.) िी शहादत िे फाद भाववमा िी तभाभ तय जद्दो जेहद मही यही कि
ज़जस तयह हज़यत अरी (अ.स.) औय इभाभ हसन (अ.स.) िी शम्भा ए हमात फझ
ु ा
चि
ु ा है औय उसिे लरमे वह हय क़स्भ िा दाॉव ियता यहा औय इससे उसिा
आखखय
ु़ उसने 56 हहजयी भें एि हज़ाय िी जभाअत सभेत मज़ीद िे लरमे फैअत
405
वहाॊ इभाभ हुसन
ै (अ.स.) से भर
ु ा़ात हुई उसने फैएते मज़ीद िा ज़ज़क्र किमा।
आऩने साफ़ रफ़्ज़ों भें उसिी फदिायी िा हवारा दे िय इनिाय िय हदमा। भाववमा
िो आऩिा इन्िाय खरा तो फहुत ज़्मादा रेकिन चॊद उरटे लसधे अल्फ़ाज़ िहने िे
लसवा औय िुछ िय न सिा। इसिे फाद भदीना औय कपय भक्िा भें फैएते मज़ीद
अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते हैं कि भाववमा ने जफ भदीने भें फैएत िा
अब्दल्
ु राह इब्ने उभय, अब्दल्
ु राह इब्ने ज़फ
ु यै ने फैएते मज़ीद से इन्िाय िय हदमा।
उसने फड़ी िोलशश िी रेकिन मह रोग न भाने औय यफ़़् ए कफ़तना िे लरमे इभाभ
हुसन
ै (अ.स.) िे अरावा सफ भदीने से चरे गमे। भाववमा उनिे ऩीछे भक्िे ऩहुॉचा
चरा गमा। (यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 243) भाववमा फड़ी तेज़ी िे साथ फेएते मज़ीद रेता
यहा, औय फ़ौर अल्राभा इब्ने ़तीफा इस लसरलसरे भें उसने टिो भें रोगों िे
दीन बी ऽयीद लरमे। अर ायज़ यजफ 60 हहजयी भें भाववमा यख़्ते सफ़य फाॊध िय
दनु नमा से चर फसा। मजीदु़ जो अऩने फाऩ िे लभशन िो िाभमाफ ियना ज़रूयी
406
मह इन्िाय ियें तो उनिे सय िाट िय भेये ऩास बेज दे । इब्ने अ़फा ने भयवान
शख़्स अब्दल्
ु राह इब्ने उभय बफन उस्भान िो इभाभ हुसन
ै (अ.स.) औय इब्ने ज़ुफयै
िो फर
ु ाने िे लरमे बेजा। ़ालसद ज़जस वक़्त ऩहुॉचा दोनों भज़स्जद भें भहवे गुफ़्तुगू
थे। आऩने इयशाद फ़यभामा कि तुभ चरो हभ आते हैं। ़ालसद वाऩस चरा गमा
हुसन
ै (अ.स.) ने फ़यभामा कि भैंने आज एि ख़्वाफ दे खा है ज़जससे भैं सभझता हूॉ
िी भि
ु म्भर ताज़ीभ िी औय भाववमा िे भयने िी ऽफय सन
ु ा ने िे फाद फैएत िा
ज़ज़क्र किमा। आऩने फ़यभामा कि भसरा सोच ववचाय िा है तुभ रोगों िो जभा
407
ियो औय भझ
ु े बी फर
ु ा रो भैं ‘‘ अरी रूसे अर शहाद ’’ आभ भजभे भें इज़्हाये
़ब्ज़े से ननिर गमे तो कपय हाथ न आमेंगे। उनिो इसी वक़्त भजफयू िय दे औय
भारभ
ू हभ आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) हैं। फ़रयश्तें हभाये घयों भें आते जाते यहते
वरीद ने साया वा़ेमा लरख िय बेज हदमा। उसने जवाफ भें लरखा कि इस ऽत िे
हुसन
ै (अ.स.) िे ऩास बेज िय िहरा बेजा कि फ़यज़न्दे यसर
ू भैं मज़ीद िे िहने
फताना चाहता हूॉ कि मज़ीद आऩिा ऽून फहाने िे दयऩै है । इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने
408
सब्र िे साथ हारात ऩय ाौय किमा औय नाना िे यौज़े ऩय जा िय दयदे हदर फमान
(अ.स.) िी ऩेशानी िा फोसा रे यहे हैं औय फ़यभा यहे हैं कि ऐ नयू े नज़य अऩ्यीफ
फ़यभाने रगे कि अफ इसिे लसवा िोई चाया िाय नहीॊ है कि भैं भदीना छोड़ दॉ ।ू
तयिे वतन िा फ़ैसरा ियने िे फाद आऩ, इभाभ हसन (अ.स.) औय भज़ाये जनाफे
तशयीफ़ रे गमे, योते योते सो गमे, सयवये िामनात (स.अ.व.व.) ने जवाफ भें सब्र
शम्फा फ इयादा ए भक्िा यवाना हुए। अल्राभा इब्ने हजय भक्िी िा िहना है कि
भक्िे िो तशयीफ़ रे गमे। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 47) आऩिे साथ तभाभ भऽ
ु द्दे याते
409
इस्भत व तहायत औय छोटे छोटे फच्चे थे। अरफत्ता आऩिी एि सहाफज़ादी ज़जनिा
नाभ फ़ात्भा सा
ु या था औय ज़जनिी उम्र उस वक़्त 7 सार थी, फवहे अरारते
था। आऩ तीन शाफान 60 हहजयी मौभे जुभा िो भक्िे भोअज़्ज़भा ऩहुॉच गमे।
आऩिे ऩहुॉचते ही वालरमे भक्िा सईद इब्ने आस भक्िा से बाग िय भदीने चरा
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) भक्िे भोअज़्ज़भा 4 भाह शाफान, यभज़ान, शव्वार, ज़ी़ाद
भ़
ु ीभ यहे । मज़ीद जो फहय सयू त इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो ़त्र ियना चाहता था।
हैं तो भक्िा भें ़त्र हो जामें औय भक्िे से फच ननिरें तो िूफ़ा ऩहुॉच िय शहीद
भें आसानी से ़त्र किमे जा सिेंगे। न महाॊ िे फालशन्दों भें अक़दे िा सवार है
410
औय न अ़ीदत िा। मह फ़ौजी रोग हैं इनिी अक़्रें बी भोटी होती हैं। मही वजह
ऩष्ृ ठ 68) औय एि अज़ीभ रशिय भक्िे भें शहीद किमे जाने िे लरमे इयसार
भुन्तखखफ
ु़ तयीही ऽर
ु ासेतुर भसाएफ, ऩष्ृ ठ 150, ज़ज़िरूर अब्फास 122)
अब्दर
ु हभीद ऽान एडीटय भौरवी लरखते हैं कि ‘‘ इसिे अरावा एि साज़ज़श
गगयोहे हुज्जाज भें शालभर हो जामें औय जहाॊ ज़जस हार भें बी हज़यत इभाभ हुसन
ै
थे उन्हें शयई यॊ ग हदमा गमा था औय वह ऐसे रोगों िे नाभ से बेजे गमे थे ज़जनसे
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) भत
ु ारयफ़ थे। शाह अब्दर
ु अज़ीज़ भह
ु द्हदस िा िहना है कि
अल्राभा इब्ने हजय िा िहना है कि ऽुतूत बेजने वारे आभ अहरे िूफ़ा थे।
(सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 117) इब्ने जयीय िा फमान है कि इस ज़भाने भें िूफ़े भें एि
411
हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने अऩनी शयई ज़ज़म्भेदायी िो ऩयू ा ियने िे लरमे
िूफ़े िे हारात जानने िे लरमे जनाफे भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर िो िूफ़े से यवाना िय
हदमा।
हज़यत भज़ु स्रभ (अ.स.) हुक्भे इभाभ ऩाते ही सफ़य िे लरमे यवाना हो गमे।
लशिाय किमा है औय उसे छुयी से ज़ज़ब्हा िय डारा। हदर भें ख़्मार ऩैदा हुआ कि
(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हुए औय वाक़मा फमान किमा। आऩने दआ
ु मे
िाभमाफी दी औय यवानगी भें उजरत िी तयफ़ इशाया किमा। जनाफे भज़ु स्रभ
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे हाथों औय ऩैयों िा फोसा दे िय फा चश्भें गगयमा भक्िे से
यवाना हो गमे। भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर िे दो फेटे थे। भोहम्भद औय इब्राहीभ, एि
िी उम्र 7 सार दस
ू ये िी 8 सार थी। मह दोनों फेटे फायवामत भदीना ए भन
ु व्वया
भें थे। हज़यत भज़ु स्रभ भक्िे से यवाना हो िय भदीना ऩहुॉचे औय वहाॊ ऩहुॉच िय
यौज़ा ए यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩय नभाज़ अदा िी औय ज़्मायत वाैया से फ़याात
िय दो यहफयों सभैत जॊगर िे यास्ते से िूफ़ा यवाना हुए। यास्ते भें लशद्दते अतश
412
िी वजह से इन्ते़ार िय गमे। आऩ ज़जस वक़्त िूफ़ा ऩहुॉचे औय वहा जनाफे
भख़्
ु ताय इब्ने अफी उफैदा स़ाफ़ी िे भिान ऩय ़माभ फ़यभा हुए। थोड़े हदनों भें
अट्ठाया हज़ाय (18,000) िूकफ़मों ने आऩिी फैअत िय री। इसिे फाद फैअत ियने
वारों िी तादाद 30,000 (तीस हज़ाय) हो गई। इसी िे दौयान मज़ीद ने अब्दल्
ु राह
भज़ु स्रभ नाभी ऩहुॉच गमा है तू जल्द से जल्द वहाॊ ऩहुॉच िय नोभान इब्ने फशीय से
हुिूभते िूफ़ा िा चाजक रे रे औय भज़ु स्रभ िा सय भेये ऩास बेज दे । इब्ने ज़ज़माद
ने ऩि
ु ाय िय िहा कि मह इब्ने ज़ज़माद है ।
हज़यत भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर िो जफ इब्ने ज़ज़माद िी यसीदगी िूफ़े िी इत्तेरा
413
ऽुद आ गमे हैं। इब्ने ज़ज़माद ने िहा, अच्छा जो सयू त बी हो तुभ भज़ु स्रभ िो
हभाये हवारे ियो। जनाफे हानी ने जवाफ हदमा कि मह बफल्िुर ना भज़ु म्िन है । मह
सन
ु िय इब्ने ज़ज़माद ने हुक्भ हदमा कि हानी िो ़ैद िय हदमा जामे। जनाफे हानी
लसऩद
ु क न िरूॊगा। भख़्
ु तसय मह कि जनाफे हानी ज़जनिी उम्र 90 सार िी थी, िो
खम्फे भें फॊधवा िय ऩाॊच सौ (500) िोड़े भायने िा हुक्भ हदमा गमा। जनाफे हानी
हदमा गमा।
अऩने सागथमो िो रे िय फाहय ननिर गमे। दश्ु भन से घभासान जॊग हुई रेकिन
़तीय इब्ने शहाफ, भोहम्भद इब्ने अशअस, लशम्र इब्ने ज़ज़रजौशन, शीस इब्ने यफी
भोहम्भद इब्ने िसीय ने िहा कि िूफ़े िे तभाभ यास्ते फन्द हैं आऩ भेये भिान भें
जा ठहरयमे। इब्ने ज़ज़माद ने फाऩ औय फेटे दोनों िो तरफ किमा औय दयफाय भें
414
हज़यत भज़ु स्रभ िो जफ भोहम्भद िसीय िी शहादत िी इत्तेरा लभरी तो वह
उनिे घय से फाहय फयाभद हुए। भज़ु स्रभ मह चाहते थे कि िोई ऐसा यास्ता लभर
जामे कि भैं िूफ़े से फाहय चरा जाऊॉ औय इसी िोलशश भें घोड़े ऩय सवाय हो िय
भें भज़ु स्रभ िहीॊ रू ऩोश हैं। उसने ऐरान िया हदमा कि जो भज़ु स्रभ िो गगयफ़्ताय
जामेगा।
हज़यत भज़ु स्रभ ने हदन भज़स्जद भें गुज़ाया औय यात िो भज़स्जद से ननिर िय
ु़
खडे हुए। जनाफे भज़ु स्रभ िी हारत बख
ू औय प्मास से ऐसी हो गई थी कि यास्ता
चरना दब
ू य था। आऩ इसी हारत भें एि भहल्रे भें सय गयदाॊ कपय यहे थे कि
ऩानी भाॊगा। उसने ऩानी दे िय ख़्वाहहश िी कि जल्दी अऩनी याह रगें क्मों कि
(स.अ.व.व.) औय अरी ए भत
ु ज़
ुक ा िा बतीजा औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा चचा
415
जादु़ बाई हूॉ। मह सन
ु िय ‘‘तौआ” ने आऩिो अऩने घय भें जगह दी। आऩने यात
गज़
ु ायी रेकिन सफ
ु ह होते ही दश्ु भन िा रशिय आ ऩहुॉचा क्मों कि वऩसये तौआ ने
अशअस िा सगा बाई था। हज़यत भज़ु स्रभ ने जफ तीन हज़ाय घोड़ों िी टाऩों िी
आवाज़ सन
ु ी तो तरवाय रे िय घय से फाहय ननिर ऩड़े औय सैिड़ों दश्ु भनों िो
िहरा बेजा कि एि शख़्स िे लरमे तीन हज़ाय फ़ौज िैसे न िाफ़ी है । उसने
लरमे बेजा है । ाज़क कि जफ भज़ु स्रभ ऩय किसी तयह ़ाफू न ऩामा जा सिा तो
एि खस ऩोश गढ़े भें आऩिो गगया हदमा गमा, कपय गगयफ़्ताय िय िे इब्ने ज़ज़माद
इसने हुक्भ हदमा कि इन्हें िोठे से ज़भीन ऩय गगया िय इनिा सय िाट लरमा
अफा अज़ब्दल्राह ’’ िहा औय नीचे तशयीफ़ रामे। आऩिा सय िाटा गमा। उरभा
416
एि यवामत भें है कि दोनों िे ऩैयों भें यस्सी फाॊध िय फाज़ायों भें कपया यहे थे कि
़फीरा ए भज़
ु हज ने िाफ़ी जॊगो ज़जदार िय िे राशें हालसर िय रीॊ औय दफ़्न
िय हदमा। भर
ु ाहे ज़ा हो् (यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 260 से 276 ति व िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 68
व ऽर
ु ासतर
ु भसाएफ ऩष्ृ ठ 46)
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि शहादते हज़यत भज़ु स्रभ िे फाद रोगों ने इब्ने
ज़ज़माद िो जनाफे भज़ु स्रभ िे दोनों िभलसन रड़िों िे िूफ़े भें भौजद
ू होने िी
ऽफय दी ज़जनिा नाभ भोहम्भद व इब्राहीभ था। इब्ने ज़ज़माद ने इनिी गगयफ़्तायी
िा हुक्भ नाकफ़ज़ िय हदमा। वऩसयाने भज़ु स्रभ ़ाज़ी शयु ए िे घय भें ऩोशीदा थे।
तो िाफ़रा यवाना हो चि
ु ा था रेकिन इस भ़ाभ से नज़य आ यहा था। असद ने
417
फच्चों िो उसी िाफ़रे िे यास्ते ऩय रगा हदमा औय घय वाऩस आमा। िभलसन
गगयफ़्ताय िय लरमा औय उन्हें इब्ने ज़ज़माद िे ऩास ऩहुॉचा हदमा। उसने उन्हे ़ैद
ऽाने भें फन्द िय िे मज़ीद िो फच्चों िी गगयफ़्तायी िी इत्तेरा दे दी। ़ैद ऽाने
िा दयफान इत्तेफ़ा़न भहु हब्फे आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) था। उसने यात िे वक़्त
उनसे िहना कि वह तुम्हें भदीना ऩहुॉचा दें । फच्चे तो यवाना हो गमे रेकिन सफ
ु ह
गमा कि तूने भज़ु स्रभ िे फेटों िो क्मों छोड़ हदमा? उसने िहा कि ऽुशनहू दमे ऽुदा
िे लरमे। इब्ने ज़ज़माद ने ऩाॉच सौ (500) िोड़े भायने िा हुक्भ हदमा। भशिूय िी
िय सफ
ु ह िो अऩने िो िूफ़े भें ही ऩामा। सफ
ु ह हो चकु ि थी दश्ु भन िे ऽतये से
418
फाद िहा कि हभ भज़ु स्रभ िे फ़यज़न्द हैं। उस औयत ने अऩनी भरिा िो ऽफय
शौहय ‘‘ हारयस बफन उयवा ’’ सय गदाक व ऩये शान घय भें आमा तो भोलभना ने ऩछ
ू ा
कि आज फड़ी यात िय दी ऽैय तो है? उसने िहा, भशिूय दयफान ने भज़ु स्रभ िे
फेटों िो ़ैद से रयहा िय हदमा ज़जनिी तराश िे लरमे इनाभ व इियाभ इब्ने
ज़ज़माद िी तयफ़ से भ़
ु यक य किमा गमा है । भैं बी अफ ति उनिी तराश भें कपय
यहा था। हारयस खाना खा िय बफस्तय ऩय रेट गमा। अबी आॊख न रगी थी कि
तहऽाने िी तयफ़ चरा ज़जसभें नौननहाराने रयसारत जरवा अफ़योज़ थे। उसिी
आहट ऩा िय एि बाई ने दस
ू ये िो जगा िय िहा कि बय्मा अबी भोहम्भद
भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) अरी भत
ु ज़
ुक ा (अ.स.) फ़ात्भा ज़हया (स.अ.व.व.) हसने भज
ु तफा
उन्होंने फ़यभामा कि हभ तुम्हायें इन्तेज़ाय भें हैं। इतने भें हारयस अन्दय दाखखर
ु़ हो
गमा। उन्हें ऩिड़ िय िहा कि तुभ िौन हो? उन्होंने फ़यभामा कि हभ तेये नफी िी
अवराद हैं। ‘‘ हय फना लभनर सजन ’’ ़ैद ऽाने से बाग िय आमे हैं औय तेये घय
419
उसिे फाद उसने उन मतीभों िे रूऽसायों (गारों) ऩय ज़ोय से तभाचे भाये कि मह
भॊह
ु िे फर गगय ऩड़े। कपय उसने उनिे फाज़ओ
ु ॊ िो िस िय फाॊधा औय हाथ ऩाओ
फाॊध िय डार हदमा। मह फेचाये सायी यात अऩनी फेफसी औय फे िसी ऩय योते यहे ।
जफ सफ
ु ह हुई तो उन्हें नहय ऩय ़त्र ियने िे लरमे रे चरा। फीवी ने फ़रयमाद
ऩास रे चर। 2 हभें फाज़ाय भें फेच डार। 3. हभायी िभ लसनी ऩय यहभ िय। 4.
हभें दो यिअत नभाज़ ऩढ़ने िी इजाज़त दे । उसने िहा कि ़त्र िे लसवा िोई
चाया िाय नहीॊ। अरफत्ता अगय नभाज़ ऩढ़ते हो तो ऩढ़ रो रेकिन िोई फ़ामदा नहीॊ
िे लरमे हाथ उठामे। इस भरऊन ने फड़े बाई िी गयदन ऩय तरवाय रगाई। सये
भफ
ु ायि दयू जा िय गगया। छोटे बाई ने दौड़ िय सये भफ
ु ायि उठामा लरमा औय
बाई िे ऽन
ू भें रौटने रगा। इस ज़ालरभ ने फड़े बाई िी राश ऩानी भें डार दी
फारगीय हो िय डूफ गईं। यावी िा फमान है कि हारयस ने ज़जस वक़्त इब्ने ज़ज़माद
420
ऩानी भें डार हदमे जामें ज़जस जगह इनिे तन डारे गमें हैं। चन
ु ान्चे एि भहु हब्फे
आरे भोहम्भद (अ.स.) ने इन सयों िो फ़यात भें डार हदमा। िहा जाता है कि सयों
िे ऩानी भें ऩहुॉचते ही डूफे हुए ज़जस्भ सतह आफ ऩय उबय आमे औय अऩने सयों
शख़्स जो भज़ु स्रभ िे फेटों िे सयों िो ऩानी भें डार ने िे लरमे रामा था उसिा
नाभ ‘‘ भ़ानतर ’’ था। उसने दोनों सयों िो ऩानी भें डारने िे फाद हारयस भरऊन
िो भ़तूर ार
ु ाभ औय फेटे िी राशों िो फाफे फनी ऽज़ीभा भें दफ़्न िय हदमा।
(यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 276 से ऩष्ृ ठ 285 व ऽर ु भसाएफ ऩष्ृ ठ 421) अल्राभा अयफेरी
ु ासतर
लरखते हैं कि जनाफे भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर हानी इब्ने उयवा व भोहम्भद इब्ने
िसीय औय फ़यज़न्दाने भज़ु स्रभ िो हठिाने रगाने िे फाद उभय इब्ने साअद औय
भक्िा हुए थे कि महाॊ उनिी जान फच जामेगी रेकिन आऩिी जान रेने ऩय ऐसा
421
सफ़्फ़ाि दश्ु भन रगा हुआ था ज़जसने भक्िा ए भोअज़्ज़भा औय िाफा ए भोहतयभ
मह भस
ु ल्रेभात से है कि शमातीने फनी उभय्मा िे तीस ऽॊऽ
ू ाय हज िे लरफास भें
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे साथ हो गमे औय ़यीफ था कि आऩिो आरभे हज व
क्मों न ही ़त्र किमा जाऊॉ। (तायीऽे िालभर ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 20, ननमाफुर भोअद्दता ऩष्ृ ठ
ु़
236, सवाए़े भोहये ़ा) मह वािेमा है कि मज़ीद िा इयादा फहय सय
ू त इभाभ हुसन
ै
(अ.स.) िो ़त्र ियना औय इस्तेहसारे फनी फ़ात्भा था। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 87)
422
इत्तेरा वारीए भक्िा उभय बफन सआद िो हुई तो उसने ऩयू ी ता़त से वाऩस राने
एि गगयोह िे साथ आऩिो योिने िे लरमे बेज हदमा। ‘‘ फ़ा ़ारू रहू अन सयफ़ा
ननिरे जा यहे हैं फ़ौयन रौहटमे। आऩने फ़यभामा ऐसा हयगगज़ नहीॊ होगा। मह
योिना भाभर
ू ी न था ज़जसभें भाय ऩीट िी बी नौफत आई। (दभाउस सािेफा ऩष्ृ ठ
दे ख चि
ु ा था कि हुसन
ै (अ.स.) िे भदीने से सालरभ ननिर आने ऩय वारीए
भर
ु ा़ात हुई। वह िूफ़े से आ यहा था। इसयाय ऩय उसने फतामा कि चाहे रोगों िे
423
यवानगी िी वजहॊ फमान फ़यभाईं औय आऩ वहाॊ से आगे फढ़े कपय भॊज़ज़रे हाज़जज़
ऩहुॉचे औय वहाॊ से भॊज़ज़रे ज़ातुर अ़क ऩय डेया डारा। वहाॊ एि शख़्स फशीय इब्ने
ाालरफ से भर
ु ा़ात हुई उसने बी िूकफ़मों िी ाद्दायी िा तज़किया किमा। कपय
ठहया है । भारभ
ू हुआ कि ज़ोहै ये इब्ने ़ैन। आऩने उन्हें फर
ु वा बेजा। जफ वह आमे
िे साथ हो गमे। कपय आऩ वहाॊ से यवाना हो िय भॊज़ज़रे ‘‘ जफारा ’’ भें ऩहुॉचे वहाॊ
म़तय जैसे हदरेयों िी शहादत िी ऽफय लभरी। आऩने ‘‘ ननन्ना लरल्राहे व इन्ना
िभारे भोहब्फत िे साथ प्माय किमा औय फे इन्तेहा योमे। उसिे फाद फ़ौरे
िे फाद इयशाद फ़यभामा कि भेया ़त्र म़ीनी है । भैं तुभ रोगों िी गयदनों से
तौ़ै फैएत उताये रेता हूॉ। तुम्हाया ज़जधय जी चाहे चरे जाओ। दनु नमाॊ दाय तो
वाऩस हो गमे रेकिन सफ दीॊदाय साथ ही यहे । कपय वहाॊ से यवाना हो िय भॊज़ज़रे
424
़सय फनी भ़ानतर ऩय उतये । वहाॊ ऩय अब्दल्
ु राह इब्ने हजय जाफ़ेई से भर
ु ा़ात
ने योने िी वजह ऩछ
ू ी आऩने ख़्वाफ िा हवारा हदमा औय ऽानदान िी तफाही िा
असय ज़ाहहय किमा। अरी अिफय (अ.स.) ने अज़क कि फाफा हभ ह़ ऩय हैं हभें
इत्तेरा इब्ने ज़ज़माद िो दी गई। उसने एि हज़ाय मा दो हज़ाय िे रशिय सभैत हुय
दस्तूय यवाना हो गमे। यास्ते भे फनी अियभा िा एि शख़्स लभरा, उसने िहा
़ादलसमा भें ादीफ ति सायी ज़भीन रश्िय से ऩटी ऩड़ी है । आऩने उसे दआ
ु ए ऽैय
दी औय ऽद
ु आगे फढ़ िय ‘‘ भॊज़ज़रे शयाफ़ ’’ ऩय ़माभ किमा। वहाॊ आऩने
गमे।
425
हुर बफन यज़ीदे ररयाही
सफ
ु ह िा वक़्त गुज़या दोऩहय आई, रशिये हुसन
ै ी फादमा ऩैभाई िय यहा था कि
जवाफ हदमा कि भझ
ु े िूफ़े िी लसम्त ऽयु भे औय िेरे िे दयख़्त जैसे नज़य आ यहे
हैं। मह सन
ु िय रोग मह ख़्मार ियते हुए कि इस जॊगर भें दयख़्त िहाॊ, उस
तयफ़ ाौय से दे खने रगे, थोड़ी दे य भें घोड़ों िी िनौनतमाॊ नज़य आई, इभाभ
तयफ़ भड़
ु चरे। रश्िये हुसन
ै ी ने रूऽ फदरा औय रश्िये हुय ने तेज़ यफ़्तायी
डार हदमा। मह दे ख िय हज़यते अब्फास (अ.स.) आगे फढ़े औय फ़यभामा तेयी भाॉ
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि चॊकू ि रश्िये हुय प्मास से फेचन
ै था इस लरमे साक़मे
गई। उसिे फाद नभाज़े ज़ौहय िी अज़ान हुई। हुय ने इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी
़मादत भें नभाज़ अदा िी औय फतामा कि हभें आऩिी गगयफ़्तायी िे लरमे बेजा
426
कि भैं गगयफ़्ताय हो िय ऽाभोशी िे साथ िूफ़े भें ़त्र िय हदमा जाऊॊ। कपय
न हो) भें योि रॉ ।ू गुफ़्तुगू िे साथ साथ यफ़्ताय बी जायी थी कि नागाह इभाभ
हुसन
ै (अ.स.) िे घोड़े ने ़दभ योिे, आऩने रोगों से ऩछ
ू ा कि इस ज़भीन िो क्मा
िहते हैं? िहा गमा ‘‘ ियफरा ’’ आऩने अऩने सागथमों िो हुक्भ हदमा कि महीॊ ऩय
डेये डार दो औय महीॊ ऽेभे रगा दो क्मो कि ़ज़ा ए इराही महीॊ हभाये गरे
लभरेगी।
(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 117 भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 257, तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 307, िालभर
ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 26, अफुर कफ़दा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 201 व दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 330, अऽफारूर
तवार ऩष्ृ ठ 250, इब्नुर वयदी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 172, नालस़ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 219 फेहारूर अनवाय
427
करफऱा में वरू
ु द
2 भोहयक भर
ु हयाभ 61 हहजयी मौभे ऩॊज शम्फा िो इभाभ हुसन
ै (अ.स.) वारयदे
ियफरा हो गमे। (नूरूर ऐन ऩष्ृ ठ 46, हमवातुर है वान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 51 भतारेफुस सूऊर
चेहया ए भफ
ु ायि ऩय ऩये शानी िे आसाय नभ
ु ामा हो गमे। मह दे ख िय असहाफ डय
ऩष्ृ ठ 301)
साहे फे भऽज़नर
ु फि
ु ा लरखते हैं कि ियफरा िे फ़ौयन फाद जनाफे उम्भे िुरसभ
ू
ने इभाभ हुसन
ै (अ.स.) से अज़क कि बाई जान मह िैसी ज़भीन है कि इस जगह
जहाॊ हभाया ऽन
ू फहे गा। किताफ भाईन भें है कि इसी हदन एि सहाफी ने एि फेयी
िे दयख़्त से लभसवाि िे लरमे शाऽ िाटी तो उससे ऽूने ताज़ा जायी हो गमा।
428
इमाम हुिैन (अ.ि.) का खत अहऱे कूफा के नाम
ियफरा ऩहुॉचने िे फाद आऩने सफ से ऩहरे एतभाभे हुज्जत िे लरमे एहरे िूफ़ा
ु़
िे नाभ िैस इब्ने भसहय िे ज़रयमे से एि ऽत इयसार फ़यभामा, ज़जसभें आऩने
लरमे जा यहे थे कि यास्ते भें गगयफ़्ताय िय लरमे गमे औय उन्हें इब्ने ज़ज़माद िे
ज़ज़माद ने उन्हें ताज़माने (िोड़े) भाय िय शहीद िय हदमा। (यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 301,
उफैदल्
ु ऱाह इब्ने जज़याद का खत इमाम हुिैन (अ.ि.) के नाम
ऩहुॉचने िे फाद, हुय ने इब्ने ज़ज़माद िो आऩिे ियफरा ऩहुॉचने िी ऽफय दी। उसने
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो फ़ौयन एि ऽत इयसार किमा ज़जसभें लरखा कि भझ
ु े
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने इस ऽत िा जवाफ न हदमा। ‘‘ अर ़ामभन मदह ’’ औय
429
ज़रयमे से इत्तेरा दी औय तहयीय फ़यभामा कि भैंने ज़ज़न्दगी से हाथ धो लरमा है
दि
ू री मोहरा म िे नवी मोहरा म तक के मुख़्तिर वाक़ेयात
दि
ू री मोहरा मऱ
ु हराम 61 हहजरी
िो आऩ ियफरा भें वारयद हुए। आऩने अहरे िूफ़ा िे नाभ ऽत लरखा। आऩिे
नाभ इब्ने ज़ज़माद िा ऽत आमा, इसी तायीऽ िो आऩिे हुक्भ से नहये फ़ुयात िे
किनाये ऽेभे नस्फ किमे गमे। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 69 व शहीदे आज़भ ऩष्ृ ठ 111) हुय ने
योिा औय िहा कि फ़ुयात से दयू ऽेभे नस्फ िीज़जए। (नूरूर ऐन ऩष्ृ ठ 46) अब्फास
(अ.स.) ने गस्से
ु ु़ ऩय ़ाफू किमा औय फ़ौर अल्राभा असफ़याईनी 3 मा 5 भीर
िे फ़ासरे ऩय ऽेभे नस्फ किमे गमे। (नूरूर ऐन ऩष्ृ ठ 46) नस्फे ख़्माभ िे फाद अबी
आऩ इसभें दाखखर
ु़ ने हुए थे कि चॊद अशआय आऩिी ज़फान ऩय जायी हुए। जनाफे
रूऽसाय ऩय ऩानी नछड़ िय होश भें रामे। (रहूफ़ ऩष्ृ ठ 106 आसायतुर अहज़ान ऩष्ृ ठ 36)
ऩय 16 भयु ब्फा भीर ज़भीन ऽयीद िय चॊद शयामत िे उन्हीॊ िो हहफा िय दी।
430
तीिरी मोहरा मऱ
ु हराम
मौभे जभ
ु ा िो उभय इब्ने साअद 5, 6 फ़ौर अल्राभा अयफरी 22,000 (फाईस
कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) फ़यभाते हैं कि अगय अफ अहरे िूफ़ा भझ
ु े नहीॊ चाहते तो
भैं वाऩस जाने िो तैमाय हूॉ। इब्ने ज़ज़माद ने उभय बफन साद िे जवाफ भें लरखा
कि अफा जफ कि हभ ने हुसन
ै िो चॊग
ु र भें रे लरमा है तो वह छुटिाया चाहते हैं।
आईज़्ज़ा व अ़ये फा सभैत फैअते मज़ीद ियें मा ़त्र होने िे लरमे आभादा हो
जामें। भैं फैअत से ऩहरे उनिी किसी फात ऩय ाौय ियने िे लरमे तैमाय नहीॊ हूॉ।
उसने 400 (चाय सौ) िा रश्िय बेज िय उस िुभि िो रूिवा हदमा। (नासेऽर
ु
431
चौथी मोहरा मऱ
ु हराम
िो इब्ने ज़ज़माद ने भज़स्जदे जाभा भें ऽत्ु फा हदमा ज़जसभें उसने इभाभ हुसन
ै
(अ.स.) िे खखराफ़
ु़ रोगों िो बड़िा हदमा औय िहा कि हुक्भे मज़ीद से तम्
ु हाये
(चाय हज़ाय) इब्ने यिाफ िो दो हज़ाय (2000) इब्ने नभीय िो चाय हज़ाय (4000)
इब्ने यहीना िो तीन हज़ाय (3000) इब्ने हयशा िो दो हज़ाय (2000) सवाय दे िय
ऩाॉचवीॊ मोहरा मऱ
ु हराम
मौभे मिशम्फा िो शीश इब्ने यफी िो चाय हज़ाय (4000) उयवा इब्ने ़ैस िो
चाय हज़ाय (4000) लसनान इब्ने अनस िो दस हज़ाय (10,000) भोहम्भद इब्ने
छठी मोहरा मऱ
ु हराम
432
मौभे दोशम्फा िो ऽूरी इब्ने मज़ीद असफही िो दस हज़ाय (10,000) इब्नर
ु हुय
िय यवाना िय हदमा गमा। इनिे अरावा छोटे फड़े औय िई रश्िय इयसार ियने
ऩष्ृ ठ 233, दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 322 ज़जराउर ऐन ऩष्ृ ठ 197) इसी तायीऽ िो खरी
ू ु़ इब्ने
मज़ीद ने इब्ने ज़ज़माद िे नाभ एि ऽत इयसार किमा ज़जसभें उभय इब्ने साद िे
फात चीत किमा ियता है । इब्ने ज़ज़माद ने इस ऽत िो ऩाते ही उभये साद िे नाभ
एि ऽत लरखा कि भझ
ु े तेयी तभाभ हयितों िी इत्तेरा है, तू छुऩ िय फातें ियता
(नालसऽर
ु तवायीऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 236, अऽफारूर तौर ऩष्ृ ठ 256 तफयी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 212
िातवीॊ मोहरा मऱ
ु हराम
433
मौभे सह शम्फा उभय इब्ने हजाज िो ऩाॉचसो सवायों सभैत नहये फ़ुयात ऩय इस
लरमे भ़
ु यक य िय हदमा कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे ऽेभों ति ऩानी न ऩहुॉच ऩाए।
(1000) िा रशिय दे िय शीस इब्ने यवी िो यवाना किमा गमा। (भ़तर भऽननफ़
ऩष्ृ ठ 32) औय ऩानी िी फज़न्दश िय दी गईं। ऩानी फन्द होने िे फाद अब्दल्
ु राह
इब्ने हसीन ने ननहामत ियीह रफ़्ज़ों भें ताना ज़नी िी। (नूरूर ऐन ऩष्ृ ठ 31) ज़जससे
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो सख़्त सदभा ऩहुॉचा। (तज़किया ऩष्ृ ठ 121) कपय इब्ने हौशफ
ने ताना ज़नी िी ज़जसिा जवाफ हज़यत अब्फास (अ.स.) ने हदमा। (अर इभाभत वर
लसमासत ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 8) आऩने ाारेफन ताना ज़नी िे जवाफ भें ऽेभे से 19 ़दभ
अवाभ ऩष्ृ ठ 78 व आसभ िूफ़ी ऩष्ृ ठ 266) औय मह फता हदमा कि हभाये लरमे ऩानी िी
इम्तेहान दे ने आए हैं।
आठवीॊ मोहरा मऱ
ु हराम
ु़
मौभे चाय श्म्फा िी शफ िो खेभा ए आरे भोहम्म्द (अ.स.) व आरे भोहम्भद
434
फेचन
ै िय हदमा। इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने हारात िो दे ख िय हज़यत अब्फास
गमे औय फड़ी भज़ु श्िरों से ऩानी रामे। वज़रिा सभीउर अब्फास सक़्ा इसी
सक़्ाई वजह से अब्फास (अ.स.) िो सक़़्ा िहा जाता है । (अऽफारूर तवार ऩष्ृ ठ
253, ज़जराउर ऐन ऩष्ृ ठ 198 व दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 323) यात गुज़यने िे फाद जफ सफ
ु ह
सिता है कि हुसन
ै िो ऩानी दे िय हुिूभते ‘‘ यै ’’ छोड़ दॉ ।ू (नालसऽर
ु तवायीऽ ज़जल्द
3 ऩष्ृ ठ 338) इभाभ लशब्री लरखते हैं कि इब्ने हसीन औय इब्ने साद िी गुफ़्तग
ु ू िे
(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 117) इसिे फाद हज़यत अब्फास (अ.स.) िो हुक्भ हदमा कि िुएॊ
खोद िय ऩानी फयाभद ियो। आऩने िुआॊ तो खोदा रेकिन ऩानी न ननिरा।
नवीॊ मोहरा मऱ
ु हराम
गफ़्
ु तग
ु ू हुई। आऩिे हभयाह हज़यत अब्फास (अ.स.) औय अरी अिफय (अ.स.) बी
थे। आऩ ने गफ़्
ु तग
ु ू भें हय क़स्भ िी हुज्जत तभाभ िय री। (दभए सािेफा ऩष्ृ ठ
435
323) नवीॊ िी सफ
ु ह िो आऩने हज़यत अब्फास (अ.स.) िो कपय िॊु आ खोदने िा
ख़्माभ दश्ु भन िो दे ख िय फच्चे ऽभों भें जा छुऩे। कपय थोड़ी दे य फाद हज़यत
अब्फास (अ.स.) ने िॊु आ खोदा वह बी फन्द िय हदमा गमा। हत्ताहफ़या अयफन महाॊ
ऩानी फयाभद हुआ। सिीना ने िुज़ा बया औय दश्ु भन िे ऽौफ़ से ऽेभे िी तयफ़
बागीॊ तनाफे ऽेभा भें ऩाॊव उरझे औय आऩ गगय ऩड़ीॊ ऩानी जाता यहा औय दश्ु भन
उन्हें ़त्र िय िे उनिी राश ऩय घोड़ें दौड़ा दें औय अगय तुझ से मह न हो सिे
436
तो लशम्र िो चाजक दे दे हभ ने उसे हुक्भे ताभीर हुक्भे मज़ीद हदमा है । (यौज़तुर
शोहदा ऩष्ृ ठ 306 व दभ ए सािेगा ऩष्ृ ठ 323) इब्ने ज़ज़माद िा हुक्भ ऩाते ही इब्ने साद
ताभीर ऩय तैय्माय हो गमा, इसी नवीॊ तायीऽ िो लशम्र ने हज़यत अब्फास (अ.स.)
(ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 198, तफयी ऩष्ृ ठ 237 ज़जल्द 6) तफ़सीर िे लरमे भर
ु ाहे ज़ा हों
ज़ज़िरूर अब्फास ऩष्ृ ठ 176 से 182 ति। इसी नवीॊ िी शाभ आने से ऩहरे लशम्र
तशयीफ़ फ़यभा थे। आऩिो हज़यते ज़ैनफ कपय हज़यते अब्फास (अ.स.) ने कपय
ादा हुसन
ै तुभ िर भेये ऩास ऩहुॉच जाओगे। (दभए सािेफा 322) जनाफे ज़ैनफ योने
औय रड़ाई एि शफ िे लरमे भर
ु तवी हो गई। (तायीऽे इस्राभ 272 प्रिालशत गोयखऩयु
437
िफे आिूर
नवीॊ िा हदन गुज़या, आशयू िी यात आई, इरतवाए जॊग िे फाद इभाभ हुसन
ै
लरमे भैं तुम्हायी गयदनों से तौ़े फैएत उताये रेता हूॉ ॊ। तुभ यात िे अॊधेये भें
भज़ु स्रभ बफन अ़ीर, भज़ु स्रभ इब्ने औसजा, ज़ोहै य इब्ने ़ैन, साद इब्ने
अब्दल्
ु राह खड़े हो गमे औय अज़क ियने रगे, भौरा आऩने मह क्मा फ़यभामा, ‘‘
अये रानत है उस ज़ज़न्दगी ऩय जो आऩिे फाद फा़ी यहे ’’ (इब्न अर वदी ज़जल्द 1
ऩष्ृ ठ 173, इयशाद ऩष्ृ ठ 297 व दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 324 जरा उर उमन
ू 199 इन्साननमत भौत
फवजूद ऩानी न रा सिे। (तज़कियाए ख़्वास अर उम्भता ऩष्ृ ठ 141) उसिे फाद इभाभ
हुसन
ै (अ.स.) भौ़ा ए जॊग दे खने िे लरमे भैदान िी तयफ़ रे गमे। वाऩसी भें
438
इम्तेहान रे लरमा है मा नहीॊ? आऩने इज़त्भनान हदरामा। कपय हहरार इब्ने नाफ़ए
ने जनाफे ज़ैनफ िो भत
ु भईन किमा। (दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 325) जनाफे ज़ैनफ से गफ़्
ु तग
ु ू
िहा कि मह रोग भेयी जान चाहते हैं तुभ रोग अऩनी जाने न दो। मह सन
ु िय
असहाफ व रयश्तेदायो ने फड़ा हदरेयाना जवाफ हदमा। (नालसऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 227)
अल्राभा िन्तूयी लरखते हैं कि ऩानी न होने िी वजह से ऽेभे भें शदीद
िय फ़यमाद ियने रगीॊ। (भातीॊ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 318) मह हारत फयु ै य हभदानी िो
भारभ
ू हो गई। वह िुछ सागथमो िो रे िय नहय ऩय ऩहुॉच।े ज़फयदस्त जॊग हुई।
हज़यत अब्फास भदद िो बेजे गए। चॊद जाफाज़ िाभ आ गमे। ाारेफन इसी भौ़े
भॊह
ु खुर गमा, ऩानी फह गमा। फच्चों औय औयतों िे साथ फयु ै य ने बी भॊह
ु ऩीट
(स.अ.व.व.) िी प्मास न फझ
ु सिी। (भामतीन ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 316) अल्राभा िाशफ़ी
439
लरखते हैं कि ऩानी िी जद्दो जेहद िी नािाभी िे फाद इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) औय आऩिे अस्हाफ व आईज़्ज़ा भशार
ू े इफादत हैं। सफ़ैद
ए सहयी नभद
ू ाय होने िो है । ज़ज़न्दगी िी आऽयी सफ
ु ह होने वारी है । नागाह
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी आॊख रग गई, आऩने ख़्वाफ भें दे खा कि फहुत से िुत्ते
िाशफ़ी िा फमान है कि जफ सफ
ु ह िा इब्तेदाई हहस्सा ज़ाहहय हो गमा तो
फाद सफ
ु ह हो गई। (यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 312, भहीजर
ु एहज़ान ऩष्ृ ठ 102)
440
िफ
ु ह आिरू
दस भोहयक भर
ु हयाभ 61 हहजयी मौभे जभ
ु ा यात गज़
ु यी, सफ
ु ह िाज़ज़फ िा ज़ह
ु ूय
रशिय भें हभरा वय होने िे आसाय ज़ाहहय होने रगे। इभाभ (अ.स.) भस
ु ल्रे से
उठ खड़े हुए औय अऩने 72 जाॊफाज़ों ऩय भश्ु तलभर रशिय िी तॊज़ीभ मॊू फ़यभा
दी। भैभना 20 फहादयु , भैसया 20 फहादयु फा़ी ़ल्फे रश्िय। भैभना िे सयदाय
ज़ुहैये ़ैन, भैसया िे हफीफ इब्ने भज़ाहहय औय अरभदाये रशिय हज़यत अब्फास
(अ.स.) िो ़याय दे हदमा। (जरार अर उमून ऩष्ृ ठ 201, अऽफारूर तवायीऽ ऩष्ृ ठ 203)
इसिे फाद हज़यत अब्फास (अ.स.) से फ़यभामा कि जॊग नछड़ी ही चाहती है । बय्मा
जभा िय िे िुआॊ खोदो, मानी असहाफ िो ज़हभत न दो। हज़यत अब्फास (अ.स.)
िुआॊ खोदा वह बी फे सद
ू ही यहा। (दभउस सािेफा ऩष्ृ ठ 329 हाराते सुफह आशूय) इभाभ
हुसन
ै (अ.स.) ऽेभे भें थे औय फ़ौरे अब्दर
ु हभीद ऐडीटय रयसारा भौरवी दे हरी,
441
ठीि 10 फजे रश्िय वारों िो उभये साद िा अजकन्ट हुक्भ लभरता है कि हुसन
ै िो
़त्र ियने िे लरमे आगे फढ़ो, हटड्डी दर फ़ौज ने हयित िी औय तीन हदन िे
बख
ू े प्मासे थोड़े से भस
ु ाकफ़यों िो ़त्र ियने दश्ु भनाने इस्राभ आगे फढ़े । (शहीदे
आऩ असहाफ िी फ़हभाईश ियने रगे। (नालसऽ ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 245) इतने भें दश्ु भनों
ने ऽेभों िो घेय लरमा। फयु ै य इब्ने ऽज़ीय ने फाहय ननिर िय उन्हें सभझामा
फ़यभामा कि मह फता दो कि भझ
ु े किस जुभक िी बफना ऩय ़त्र ियना चाहते हो?
442
1. अल्राभा इब्ने ़तीफा लरखते हैं कि हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने इयशाद
फ़यभामा ‘‘ अन रस्तभ
ु फयाज़ैन फारूहर इया़ फ़ानतय िूनी राज़हफा अल्र लसनदह
’’ तभ
ु अगय भेये इया़ ऩहुॉचने ऩय याज़ी नहीॊ हो तो भझ
ु े छोड़ दो भैं लसन्ध (हहन्द)
भना।
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे भवाएज़ िा असय लसफ़क हुय ऩय ऩड़ा। उन्होंने इब्ने साद
हुय िो भाफ़ी दे िय जन्नत िी फशायत दी। (तफयी) दभउस सािेफा ऩष्ृ ठ 330 भें है
कि हुय िे साथ इसिा फेटा बी था। हभीद इब्ने भज़ु स्रभ िा फमान है कि उभये
शरू
ु हुई। यौज़तुर अहफाफ भें है कि जनाफे हुय िो ़सयू इब्ने िनाना औय इयशाद
भफ़
ु ीद भें है कि अय्मफ
ू भशयह ने एि िूफ़ी िी भदद से शहीद किमा। तफ़सीर िे
लरमे भर
ु ाहे ज़ा हों किताफ ‘‘ फहत्तय लसतायें ’’ भोअल्रेफ़ा ह़ीय प्रिालशत राहौय।
443
इमाम हुिैन (अ.ि.) और उनके अिहाफ व आइज़्जज़ा की अिा आफरीॊ
जॊग
अल्राभा ईसा अयफरी लरखते हैं कि जनाफे हुय िी शहादत िे फाद उभये साद
िे रश्िय से दो नाफिाय भफ
ु ायज़ तरफ हुए ज़जनिे नाभ ननसमान व सालरभ थे।
इनिे भ़
ु ाफरे िे लरमे इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे रश्िय से जनाफे हफीफ इब्ने
भज़ाहहय औय मज़ीद इब्ने हसीन फयाभद हुए औय इन दोनों िो चन्द हभरों भें
फ़ना िे घाट उताय हदमा। इसिे फाद भाक़र इब्ने मज़ीद साभने आमा। जनाफे
मज़ीद इब्ने हसीन औय फ़ौरे भजलरसी फयु ै य इब्ने ऽजीयु़ हभादानी ने उसे ़त्र
िय डारा। कपय भज़ाहहभ इब्ने हयीस साभने आमा। उसे जनाफे नाफ़े इब्ने हहरार
जॊगे मग़ऱफ
ू ा
कि इनसे इन्फ़ेयादी भ़
ु ाफरा न भज़ु म्िन है, रेहाज़ा इजतेभाई हभरे िा प्रोग्राभ
फनामा औय अऩने चीफ़ िभाडण्र िो हुक्भ हदमा कि िसीय तादाद भें िभान
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा त़यीफन तभाभ रश्िय भजरूह हो गमा। 32 मा 40 मा
444
22 मा 50 असहाफ इसी वक़्त शहीद हो गए। (भुराहे ज़ा हो तफ़सीर िे लरमे फहत्तय
जॊगे भारफ
ू ा िे फाद हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) अऩने फहादयु ों िो रे िय
रश्िये भऽ
ु ालरफ़ िे छक्िे छूट गए। ज़जस तयफ़ हभरा ियते थे सफ़ें साफ़ हो
फहादयु शेयों ने रश्िय भें ऐसी हर चर भचा दी, ज़जस से अफ़सयान ति िे हाथ
ऩष्ृ ठ 35 तफयी ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 250 फेहारूर अनवाय ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 299) उभय इब्ने साद ने
फ़ौयन 500 िभानदायों िो हसीन इब्ने नभीय िे हभयाह उयवा बफन ़ैस िी िुभि
िे िुर प्मादा हो गए। इसी दौयान उभय इब्ने साद ने आवाज़ दी कि आग रगाओ
मह क्मा फेहमाई िी जा यही है । इतने भें शफश इब्ने अयफी आ गमा औय उसने
445
भव
ु रयक ऽ इब्ने असीय औय अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि दौयाने जॊग भें नभाज़े
(अ.स.) भें अज़क कि भौरा अगयचे हभ दश्ु भनों भें नघये हुए हैं रेकिन हदर मही
दआ
ु दी औय नभाज़ िा तहय्मा फ़यभामा। तीय चॊकू ि भस
ु रसर आ यहे थे इस लरमे
13 तीय सईद िे सीने भें ऩेवस्त हो गए। नभाज़ तभाभ हुई औय जनाफे सईद बी
दनु नमाॊ से रूऽसत हो गए। (तायीऽे िालभर फेहारूर अनवाय ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ 299) जॊगे
भारफ
ू ा िे फाद जो 32 असहाफ फचे उनभें से फाज़ िे भख़्
ु तसय हारात दजक ज़ैर
जनाफे हफीफ इब्ने भज़ाहहय इब्ने ये माफ इब्ने अश्तय जनजवान इब्ने फ़़अस
इब्ने तयीफ़ इब्ने उभय बफन ़ैस हयस इब्ने साअरफा, इब्ने दवान, इब्ने असद अफू
446
़ालसभ असदी िे फेटे इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे फचऩने िे दोस्त थे। उन्हें रयसारत
भोभेनीन (अ.स.) भें बी थे औय हय जॊग भें शयीि यहे । उन्होंने िूफ़े भें हज़यत
भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर िा ऩयू ा ऩयू ा साथ हदमा औय मह शहादत िे फाद ियफरा िो
ऩहुॉच िय उन्होंने ऩयू ी िोलशश िी फनी असद से िुछ भद्द रे आमें रेकिन उभये
लरमे जफ हज़यत अब्फास (अ.स.) गए तो हफीफ बी साथ थे। नभाज़े ज़ोहय आशयू ा
िे भॊह
ु ऩय तरवाय रगाई थी कपय भैदान भें भस
ु रसर रोगों से रड़ते औय उन्हें
़त्र ियते यहे महाॊ ति कि फदीर इब्ने हयीभ अ़फ़ाई ने आऩ ऩय तरवाय रगाई
447
ज़ह
ु ै य इब्ने ़ैन
जनाफे ज़ुहैय ़ैन इब्ने ़ैस नभीयी फजल्री िे फेटे थे। मह ़ौभ िे सयदाय औय
फाज़ यखा था औय नभाज़े ज़ोहय िे लरमे सईद िे साथ ज़ुहैय ने बी इभाभ हुसन
ै
(अ.स.) िी हहफ़ाज़त िे लरमे सीना तान हदमा था। आऩने भैदान भें ज़फयदस्त जॊग
िी बफर आखखय
ु़ िसीय इब्ने अब्दल्
ु रा शए
ु फी औय भहाज़जय इब्ने औस तभीभी ने
राए औय िहा ज़ुहैय ऽुदा तुभ ऩय यहभत नाज़ज़र िये औय तुम्हाये ़ानतरों ऩय जो
जनाफे नाफ़े, हहरार इब्ने नाफ़े इब्ने जभर इब्ने साद अशीया इब्ने भद हज
जभरी िे फेटे थे। आऩ शयीफ़ुन नफ़्स सयदाये िा ु़ ैभ, फहादयु औय ़ायीए ़ुयआन
यावी उर हदीस थे। आऩ हय जॊग भें अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िे साथ यहे ।
ियफरा भें जफ हज़यत अब्फास (अ.स.) ऩानी िी जद्दो जेहद िे लरमे नहये फ़ुयात
448
ऩय तशयीफ़ रे गमे थे तो नाफ़े इब्ने हहरार आऩिे साथ थे। भैदाने भें िायज़ाय
साद िे साभने राए गए। कपय लशम्र िे हाथों ़त्र िय हदमे गए।
जनाफे भज़ु स्रभ, औसजा इब्ने साद इब्ने सआरफा इब्ने दोदान इब्ने असद इब्ने
औय सहाफी ए यसर
ू थे। अिसय इस्राभी जॊगों भें शयीि यहे । िूफ़े भें भज़ु स्रभ
बफन अ़ीर िी ऩयू ी ता़त से भद्द िी आऩिे हभयाह भदहज चाय ़फीरे तभीभ
व हभदान व िुन्दा व यफीआ थे। जनाफे हानी व भज़ु स्रभ िी शहादत िे फाद
नेहामत हदरेयी िे साथ जॊग फ़यभा यहे थे कि भज़ु स्रभ इब्ने अब्दल्
ु रा ज़ेआनी
तऊन औय अब्दल्
ु रा इब्ने ऽस्तिायह ने लभर िय आऩिो शहीद िय हदमा।
449
आबफस शाियी
जनाफे आबफस, अफू शफीफ बफन शाियी इब्ने यफीह बफन भालरि इब्ने साफ इब्ने
भाववमा बफन िसीय बफन भालरि इब्ने चश्भ इब्ने हम्दानी िे फेटे थे। आऩ
भऽ
ु लरस तयीन भानने वारे थे। आऩिे ़फीरा ए फनू शाकिय ऩय अभीयर भोभेनीन
(अ.स.) िो फड़ा एतभाद था। इसी वजह से जॊगे लसफ़्फ़ीन भे फ़यभामा था कि अगय
़फीरा ए फनी शाकिय िे एि हज़ाय अफ़याद भौजूद हों तो दनु नमाॊ भें इस्राभ िे
लसवा िोई भज़हफ फा़ी न यहे । आबफस ने िूफ़े भें जनाफे भज़ु स्रभ िा ऩयू ा साथ
आऩ भैदान भें आए औय भफ
ु ायज़ तरफी िी भगय किसी भे दभ न था कि आबफस
फयु ै य हभादानी
जनाफे फयु ै य इब्ने ऽज़ीय हम्दानी भशय़ी, फनू भशरय़ िे ़फीरा ए हम्दान िे
450
़ायीए ़ुयआन थे। इनिा शभ
ु ाय िूफ़े िे शोयफ़ा भें था। इन्होंने िूफ़े से भक्िे जा
िय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी हभयाही इख़्तेमाय िी थी औय ता हमात साथ यहे ।
शफे आशयू ऩानी राने भें इन्होंने अज़ीभ जद्दो जेहद िी थी। भैदाने जॊग भें
आऩिा भ़
ु ाफरा मज़ीद इब्ने भा़र से हुआ, आऩ ने उसे ़त्र िय हदमा। कपय
यज़ी इब्ने भऩज़ अब्दी साभने आमा। आऩने ज़भीन ऩय दे भाया। इब्ने भें ़ाअफ
इब्ने जाबफय अज़दी ने आऩिी ऩश्ु त भें नेजा ु़ भाया औय आऩने उस यज़ी िी नाि
दाॊत से िाट री। ज़जसिे सीने ऩय सवाय थे। ़आफ िा नेज़ा फयु ै य िी ऩश्ु त भें यह
अ़योफा मिे फाद दीगये भैदाने िायज़ाय भें आ िय शहीद हो गए। भेये नज़दीि
फनी हालशभ भें सफ से ऩहरे ज़जसने शयफ़े शहादत हालसर किमा वह अब्दल्
ु राह
इब्ने भज़ु स्रभ इब्ने अ़ीर थे।। आऩ हज़यत अरी (अ.स.) िी फेटी रू़य्मा बफन्ते
सहफा बफन्ते उफाद बफन्ते यबफमा बफन महहमा बफन अब्द बफन अर ़भा सअरबफमा
िे फ़यज़न्द थे। आऩ भैदान भें तशयीफ़ राए औय ऐसा शेयाना हभरा किमा कि
451
रूफाहों िी हहम्भतें ऩस्त हो गईं। आऩने तीन हभरे फ़यभाऐ औय 90 दश्ु भनों िो
कफ़न्नाय किमा। दौयाने जॊग भें उभय बफन सफीह सैदावी ने आऩिी ऩेशानी ऩय तीय
भाया। आऩने कफ़तयत िे त़ाज़े ऩय तीय ऩहुॉचने से ऩहरे अऩना हाथ ऩेशानी ऩय
कपय उसने दस
ू या तीय भाया जो साहफ ज़ादे िे हदर ऩय रगा औय आऩ ज़भीन ऩय
तशयीफ़ राए। (नूरूर ऐन तयजुभा अफसारूर हुसैन ऩष्ृ ठ 76) आऩिो ऽािो खॊू भें ारता
दे ख िय आऩिे बाई भोहम्भद बफन भज़ु स्रभ आगे फढ़े औय उन्होंने बी ज़फयदस्त
आऩिो शहीद िय हदमा। (फेहारूर अनवाय ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ 302) इनिे फाद जाफ़य बफन
अ़ीर इब्ने अफी तालरफ भैदान भें तशयीफ़ रे गए। आऩने 15 ज़फयदस्त दश्ु भनों
(िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 82) इनिे फाद जनाफे अब्दयु यहभान इब्ने अ़ीर भैदान भें
तशयीफ़ राए। आऩने ज़फयदस्त जॊग िी औय आऩिो दश्ु भनों ने घेय लरमा आखखय
ु़
िाय उस्भान बफन ऽालरद भरऊन िी ज़फे शदीद से याहीए जन्नत हुए। इनिे फाद
अब्दल्
ु राह अिफय बफन अ़ीर भैदान भें आए औय ज़फयदस्त ़ेतार िे फाद
अब्दल्
ु राह अिफय िे फाद भस
ू ा बफन अ़ीर ने भैदान लरमा औय 70 आदलभमों िो
़त्र िय िे शहीद हुए। इनिे फाद औन बफन अ़ीर औय जाफ़य बफन भोहम्भद
452
बफन अ़ीर औय अहभद बफन भोहम्भद बफन अ़ीर मिे फाद दीगये भैदान भें
हसन भस
ु न्ना भैदान भें तशयीफ़ राए। आऩने ज़फय दस्त जॊग िी औय इस दजाक
डार हदए गए। नतीजे ऩय उनिा एि रयश्ते िा भाभू असभा बफन ऽयजा भिीनी
बफन अफी हसान उन्हें उठा रे गए। इनिे फाद जनाफे ़ालसभ इब्ने हसन (अ.स.)
न हुई थी रेकिन आऩने ऐसी जॊग िी कि दश्ु भनों िी हहम्भते ऩस्त हो गईं।
आऩिे भ़
ु ाफरे भें अयज़़ शाभी आमा। आऩने उसे ऩछाड़ हदमा। इसिे फाद चायों
बफन भाद बफन उयवा बफन नफ़ीर आज़दी िी तेा से शहीद हुए। भव
ु ये ऽीन िा
िी, आऩने 14 दश्ु भानों िो तहे तेा किमा। आऩिो हानी इब्ने शीस ऽज़यभी ने
शहीद किमा। उनिे फाद अफू फक्र इब्ने हसन भैदान भें आए आऩना भैभना औय
453
आऩिो फ़ौर अल्राभा सभावी अब्दल्
ु रा इब्ने अ़फा ानवी ने शहीद किमा है
उनिे फाद अहभद बफन हसन भैदान भें आए। अगयचे आऩिी उम्र 18 सार से
िे फ दस्ते अब्दल्
ु रा बफन उ़फा ानवी शहीद हुए।
फाज़ अ़वार िे बफना ऩय उनिे फाद उभय बफन अरी (अ.स.) भैदान भें आए
औय शहीद हुए। तफयी िा फमान है मह ियफरा भें शहीद नहीॊ हुए। अिसय
भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि अब्दल्
ु राह असाय िे फाद अब्दल्
ु राह बफन अरी (अ.स.)
असाय भैदान भें तशयीफ़ राए। मह हज़यत अब्फास (अ.स.) िे ह़ी़ी बाई थे।
उनिी उभय फवक़्ते शहादत 35 सार िी थी। आऩिो हानी इब्ने सफीत खखजक
ु़ यभी
अरी (अ.स.) भैदान भें आए। आऩने यजज़ ऩढ़ा औय ज़फयदस्त जॊग िी। दौयाने
़तार भें ऽूरी इब्ने मज़ीद असफही ने ऩेशानी ऩय एि तीय भाया ज़जसिी वजह से
ने आऩिा सय िाट लरमा। शहादत िे वक़्त आऩिी उम्र 23 सार थी। इनिे फाद
हज़यत अब्फास (अ.स.) िे तीसये ह़ी़ी बाई भैदान भें तशयीफ़ राए औय फ़ौरे
454
अफर
ु पजक फदस्ते ऽूरी इब्ने मज़ीद औय फयवाएते अफू भऽन्नफ़ फा ज़यफे हानी
इब्ने सफीत अर ऽज़यभी शहीद हुए। शहादत िे वक़्त आऩिी उम्र 21 सार थी।
इनिे फाद फ़ज़र बफन अब्फास बफन अरी (अ.स.) भैदान भें तशयीफ़ राए औय
भशार
ू े िायज़ाय हो गए। आऩने 250 दश्ु भानों िो ़त्र किमा औय बफर आखखय
ु़
चायों तयफ़ से हभरा िय िे आऩिो शहीद िय हदमा गमा। इनिे फाद हज़यत
अब्फास (अ.स.) िे दस
ू ये फेटे ़ालसभ इब्ने अब्फास (अ.स.) भैदान भें तशयीफ़ राए।
आऩिी उम्र फ़ौरे इभाभ असफ़यानी 19 सार िी थी। आऩने 800 दश्ु भानों िो
आऩके मख़्
ु तिर हाऱात
455
मह हैं कि आऩ 4 शाफान 26 हहजयी भत
ु ाबफ़ 18 भई 647 ई0 मौभे सह शम्फा
िो भदीना ए भन
ु व्वया भें ऩैदा हुए। आऩ इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे भस्
ु तक़र
अरभफयदाय थे। आऩिो ियफरा भें जॊग ियने िी इजाज़त नहीॊ दी गई लसफ़क ऩानी
राने िा हुक्भ हदमा गमा था। आऩ िभारे वफ़ादायी िी वजह से नहये फ़ुयात भें
दाखखर
ु़ हो िय प्मासे फयाभद गए थे। आऩिा दाहहना हाथ ऽेभे भें ऩानी ऩहुॉचाने
ु़
िी सई भें जैद इब्ने वय़ा िी तरवाय से िट गमा था, औय फामाॊ हाथ हिीभ
इब्ने तुफ़ैर िी तरवाय से िटा, कपय एि तीय भशिीज़े ऩय रगा औय सायी ऩानी
फह गमा। कपय एि तीय आऩिे सीने भें रगा। इसिे फाद रौहे िा गज़
ु क सय ऩय
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) ने िभय थाभ िय आवाज़ दी ‘‘ अराअन अन िसया ज़हयी ’’
हाम भेयी िभय टूट गई। आऩिा ऱफ सक़़्ा औय िुज़न्नमत अफू फ़ज़र थी। आऩ
बी मौभे आशयू ा शहीद हो गए। आऩिी तायीऽे शहादत भौराना योभ ने लभसया ‘‘
हैं हभ उनिे साठ सार से उऩय हो जाने िी वजह से उनिे एतयाज़ात िा जवाफ
456
हज़रत अऱी अकफर (अ.ि.) की िहादत
हज़यत अब्फास (अ.स.) िी शहादत िे फाद हज़यत अरी अिफय (अ.स.) ने इज़्ने
िी सवायी िे घोड़े ऩय सवाय फ़यभामा ज़जसिा नाभ उ़ाफ मा भयु तज़जज़ था।
फर
ु न्द िय िे िहा ‘‘ भेये ऩारने वारे अफ तेयी याह भें भेया वह फ़यज़न्द ़ुयफान
भेये भौरा जफ भैं नाना िी ज़ज़मायत िा भश्ु ता़ होता था तो इसिी सयू त दे ख
गमा औय ऐसी ज़फयदस्त जॊग हुई कि दश्ु भनों िे दाॊतों ऩसीने आ गए। सफ़ें िी
सफ़ें उरट गईं। एि सौ फीस दश्ु भन कफ़न्नाय वस स़य हो गए। हज़यत अरी
हुए औय अज़क िी फाफा जान, प्मास भाये डारती है, ऩानी िी िोई सफीर िय
457
अिफय जैसे फेटे िी आऽयी ख़्वाहहश ऩयू ी फ़यभाते। आऩने िहा फेटा ऩानी तो थोड़ी
अिफय ने फेचन
ै ी भें अऩनी ज़फान तो भॊह
ु भें दे दी रेकिन फ़ौयन ही खें च री औय
िहा फाफा जान ‘‘ लरसानािा ऐफस भन रस्सानी ’’ आऩिी ज़फान तो भेयी ज़फान
हाकफ़ज़।
हज़यत अरी अिफय (अ.स.) दोफाया भैदान भें ऩहुॉचे तारय़ इब्ने शीस ज़जससे
(अ.स.) िे भ़
ु ाफरे भें आ गमा। आऩने िभारे जवाॊ भयदी से इस ऩय नैज़े िा वाय
किमा नैज़ा उसिे सीने ऩय रग िय ऩश्ु त भें से दो फालरश्त फाहय ननिर गमा।।
इसिे भयते ही उसिा फेटा उभय तारय़ भैदान भें आ गमा। आऩने उसे बी ़त्र
िय हदमा। कपय तल्हा इब्ने तारय़ साभने आमा आऩने इसिा गये फान ऩिड़ िय
हुक्भ हदमा। अरी अिफय (अ.स.) ने ननहामत हदरेयी से हभरे िा जवाफ हदमा औय
458
प्मास से फेचन
ै हो िय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें कपय हाज़ज़य हुए औय
यहे हैं। हज़यत अरी अिफय (अ.स.) भैदान भें वाऩस आए। दश्ु भनों ने मरू यश िय
दी, आऩने शेये गुरयसना िी तयह हभरे किमे औय थोड़ी ही दे य भें अस्सी दश्ु भनों
िो ़त्र िय डारा।
बफर आखखय
ु़ भन
ु िज़ बफन भयु ाक अब्दी औय इब्ने नभीय ने सीने भे नैज़ा भाया।
घोड़ा ज़जस तयफ़ से गुज़यता था आऩिे ज़जस्भ ऩय तरवायें रगती थीॊ। महाॊ ति
ऩहरे हज़यत ज़ैनफ ऩहुॉच गईं। उरेभा ने लरखा है कि ज़ैनफ ने वहाॊ ऩहुॉच िय
ऩहुॉचामा औय अरी अिफय िे चेहये से ऽून साफ़ किमा औय िहा कि ऐ फेटे तेये
फाद इस ज़ज़न्दगानीए दनु नमा ऩय ऽाि है कपय आऩने अरी अिफय िो ऽेभे भें रे
आखखय
ु़ फच्चों िो आवाज़ दी, फच्चों आओ भेयी भद्द ियो। चन
ु ान्चे फच्चों िी
459
असभत भे िोहयाभे अज़ीभ फयऩा हो गमा। यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 368, िशफ़ुर
ाम्भा ऩष्ृ ठ 75 अफसारूर ऐन ऩष्ृ ठ 34, अल्राभा सभावी लरखते हैं कि हज़यत
आऩिी उम्र शहादत िे वक़्त 18 सार थी। (नूरूर ऐन तयजुभा अफसारूर ऐन ऩष्ृ ठ 34)
अज़ीभ ने सआदते नस
ु यत हालसर ियने िी ख़्वाहहश िी आऩने उन्हें दआ
ु ए ऽैय
से माद फ़यभामा औय नस
ु यत ़ुफर
ू ियने से मह िहते हुए इनिाय िय हदमा कि
भझ
ु े शयफ़े शहादत हालसर ियना है औय भैंने आवाज़े इस्तेाासा इतभाभे हुज्जत िे
लरमे फर
ु न्द किमा है । भेया भ़सद मह है कि दश्ु भनाने ऽुदा व यसर
ू (स.अ.व.व.)
िे लरमे भेयी भद्द न ियने िा िोई फहाना फा़ी न यहे । अबी आऩ ज़जनों से फाते
िे फा वजूद एि असा लरमे हुए ऽेभे से फाहय ननिर आए। इभाभ हुसन
ै (अ.स.)
460
शोहदा ने आवाज़े इस्तेाासा िा असय जफ अऩने ऽेभों िे फालशन्दों ऩय दे खा तो
हुसन
ै (अ.स.) ने सीने से रगामा, रूऽसाय िा फोसा हदमा, सब्र िी तऱीन िी
िो भऽ
ु ानतफ िय िे िहा कि दे खो भैं अऩने छ भहीने िे फच्चे िो ऩानी वऩराने
भें गन
ु ाहगाय हो सिता हूॉ तो भेये इस भासभ
ू फच्चे भें गन
ु ाह िी सराहहमत नहीॊ
तो फ़ौयन हुयभर
ु ा इब्ने िाहहर अज़दी िो हुक्भ हदमा, ‘‘ अ़ता िराभर
ु हुसन
ै ’’
हुसन
ै िे िराभ िो नोिे तीय से ़ता िय दे । हुयभर
ु ा ने तीये सेह शोफा गचल्रा ए
िभान भें जोड़ा औय अरी असाय िे गरे िी तयफ़ पेंिा। तीय जो ज़हय से फझ
ु ा
461
हुआ था अरी असाय िे गरे ऩय रगा औय उसने अरी असाय िे गरे िे साथ
कि उसे ज़भीन िी तयफ़ ही पेंि दें , उधय से बी जवाफ लभर गमा। तो आऩने उसे
अऩने चेहया ए भफ
ु ायि ऩय भर लरमा औय फ़यभामा, ‘‘ हिज़ा राती जद्दी यसर
ू
अल्राह ’’ भैं इसी तयह अऩने जद्दे नाभदाय हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.)
िी खखदभत
ु़ भें ऩहुॉचग
ू ा। (अफसारूर ऐन व अनवारूर शहादत) इसिे फाद आऩने एि
नन्हीॊ सी ़ब्र खोदी औय उसभें हज़यत अरी असाय िो दफ़्न फ़यभा हदमा।
अरभदाय, अरी असाय िो नन्हीॊ सी ़ब्र खोद िय दफ़्न फ़यभाते हैं औय अिेरे
हयभ िे ऽेभों िी तयफ़ आते हैं औय अहरे फैत से रूऽसत होते हैं औय फ़यभाते हैं
462
अस्सराभ, सराभे अरववदा मह भेयी आऽयी रूऽसती है । ऐ फहनों, ऐ फीबफमों, ऐ
फेहटमों फस ऽद
ु ा हाकफ़ज़ो नालसय है औय वही हालभमों भद्दगाय है ।
ियीभ ऽारी़ िो न बर
ू ना। एनाने सब्र िो हाथ से न छोड़ना। याहे इराही भें हय
रट
ु ने िे लरमे तय्माय हो जाओ। ़ैद होने िे लरमे िभयों िो िस रो। चादयों िो
दो। अफ तौ़ो ज़जीय ऩहन्ने औय असीय होने िा वक़्त आ गमा है । फेड़ड़माॊ ऩहन्ने
औय िाॊटों ऩय ऩैदर चरने िा ज़भाना ़यीफ है । अफ जॊगर िे िाॊटों बये यास्ते हैं
औय इब्ने ज़ज़माद िे दयफाय भें लशम्र िे ताज़माने हैं औय हभाया राडरा फीभाय है ।
ऐ ज़ैनर
ु आफेदीन !
463
ऩहनो गरे भें तौ़ मह हहस्सा है आऩ िा
अफ तेयी ज़ात ऩय है । दे खना आऩिी भेहनत याएगाॊ ना जाने ऩाऐ, अन्नाने सब्र व
तहम्भर
ु हाथ से न छूटे । ियफरा से िूफ़ा औय िूफ़े से शाभ ति भाॉ फहनों िे
साथ, फेड़ड़माॊ ऩहने, तौ़ डारे, नॊगे ऩाॊव जाओ, सब्रो यज़ा ए इराही िे जौहय
हदखराओ। तौहीद िे ऽुत्फे ऩढ़ो, हहदामत िे यास्ते फताओ। हाॊ हाॊ फेटा दे खना फेड़ी
तैय्माय हैं औय तभ
ु अऩने ऩैयों से तम ियना। याहे इराही भें ऽाय दाय तौ़ िो
पूरों िो हाय सभझना औय इश़्े इराही भें रौहे िी तप्ती फेड़ड़मों िो भोहब्फते
भाॊगते हैं, ऩोशाि िे नीचे ऩहनते हैं, उन्हें बी जगह जगह से चाि फ़यभा दे ते हैं।
सफफ ऩछ
ू ा जाता है तो फ़यभाते हैं कि भेये शहीद हो जाने िे फाद मह ज़ालरभ
464
िे लसऩद
ु क किमा। ऽेभे िा ऩयदा उठा, फाहय तशयीफ़ राए, फहन ने य़ाफ थाभी,
ज़ल्
ु जना ऩय सवाय हुए औय भैदाने िायज़ाय ऩय यवाना हो गए। (नाभस
ू े इस्राभ)
चढ़ चि
ु े तो आऩ ऽद
ु अऩनी ़ुयफानी ऩेश ियने िे लरमे भैदाने िायज़ाय भें आ
ऩहुॉच।े रशिये मज़ीद जो हज़ायों िी तादाद भें था, अस्हाफे फावफ़ा औय फहादयु ाने
भैदान भें ऩहुॉचे तो दश्ु भनों िे रशिय भें से तीस हज़ाय सवाय व वऩमादे फा़ी थे
मानन लसफ़क एि प्मासे िो तीस हज़ाय दश्ु भनों से रड़ना था। (िशफ़ुर ाम्भा) भैदान
यॊ गो, तुभ जानते हो भैं तुम्हाये नफी िा नवासा हूॉ। भेये फाफा अरी (अ.स.) साबफ़े
इस्राभ हैं, भेयी भाॉ फ़ात्भा ज़हया (स.अ.व.व.) तुम्हाये नफी (स.अ.व.व.) िी फेटी हैं
हसन (अ.स.) िो सयदाये जवानाने जन्नत फ़यभामा है । अफ़सोस तुभ िैसी फयु ी
(स.अ.व.व.) से शभक है । तभ
ु अऩने नफी िी औरादों औय अऩने यसर
ू (स.अ.व.व.)
465
िी आर िा ऽून फहाते हो औय भेये ऽूने ना ह़ ऩय आभादा होते हो, हाराॊकि न
भैंने किसी िो ़त्र किमा है न किसी िा भार नछना है कि ज़जसिे फदरे भें तभ
ु
भझ
ु िो ़त्र ियते हो। भैं तो दनु नमाॊ से फे ताअल्ऱ
ु अऩने नाना यसर
ू
(स.अ.व.व.) िी ़ब्र ऩय भज
ु ाववय फना फैठा था। तुभ ने भझ
ु े हहदामत िे लरमे
फर
ु ामा औय भझ
ु े न नाना िी ़ब्र ऩय फैठने हदमा न ऽुदा िे घय भें यहने हदमा।
सन
ु ो अफ बी हो सिता है कि भझ
ु े इसिा भौ़ा दे दो कि भैं नाना िी ़ब्र ऩय
फैठूॊ मा ऽाना ए ऽुदा भें ऩनाह रे रॊ।ू इसिे फाद आऩने इतभाभे हुज्जत िे लरमे
उभये साद िो फर
ु ामा औय उससे फ़यभामा, 1. तभ
ु भेये ़त्र से फाज़ आओ। 2.
भझ
ु े ऩानी दे दो। 3. अगय मह भन्ज़ूय न हो तो कपय भेये भ़
ु ाफरे िे लरमे एि
एि शख़्स िो बेजो। उसने जवाफ हदमा आऩिी तीसयी दयख़्वास्त भन्ज़ूय िी जाती
भोहाएदे िे भत
ु ाबफ़ आऩसे रड़ने िे लरमे रश्िये शाभ से एि एि शख़्स आने
466
तादाद हदे शभ
ु ाय से फाहय हो गई। मह दे ख िय उभये साद ने रश्िय वारों िो
ऩि
ु ाय िय िहा क्मा दे खते हो सफ लभर िय मि फायगी हभरा िय दो। मह अरी
हदमा। आऩिे ऩहरे हभरे भें एि हज़ाय नौ सौ ऩचास दश्ु भन ़त्र हुए औय भैदान
कपय हभरा िय हदमा। इस तादाद भे चाय हज़ाय िभान दाय थे। अफ सयू त मह हुई
भत
ु ावानतय हभरे शरू
ु िय हदमे। इस भौ़े ऩय आऩने जो शज
ु ाअत िा जौहय
हदखामा इसिे भत
ु ाअज़ल्ऱ भव
ु ये ऽीन िा िहना है कि सय फयसने रगे, धड़ गगयने
रगे औय आसभान थयथयामा, ज़भीॊ िाॊऩी, सफ़ें उल्टीॊ, ऩये दयहभ फयहभ हो गए।
अल्राह ये हुसन
ै िा वो आऽयी ज़जहाद, हय वाय ऩय अरी ए वरी दे यहे थे दाद
िबी भैसया िो उरटते थे िबी भैभना िो तौड़ते हैं िबी ़ल्फे रश्िय भें
दयआते हैं िबी ज़जनाहे रश्िय ऩय हभरा फ़यभाते हैं। शाभी िट यहे हैं िूफ़ी गगय
यहे हैं। राशों िे ढे य रग यहे हैं। हभरे ियते हुए फ़ौजों िो बगाते हुए नहय िी
तयफ़ ऩहुॉच जाते हैं। बाई िी राश तयाई ऩय ऩड़ी नज़य आती है । आऩ ऩि
ु ाय िय
467
िहते हैं, ऐ अब्फास तुभ ने मह हभरे न दे खे, मह सफ़ आयाई न दे खी अफ़सोस
तभ
ु ने भेयी तन्हाई न दे खी।
िो इस तयह िाट िय पेंि दे ते थे ज़जस तयह तेज़ धाय आरे से खेती िटती है ।
िोशीद शयफते भगक नोशीद व फहय जाननफ कि ताऽत गगयोहे या फऽाि अन्दाख़्त ’’
िोई आऩिे अज़ीभश्ु शान हभरे िी िोई ताफ न रा सिता था, जो आऩिे साभने
भव
ु यीऽ इब्ने असीय िा फमान है कि जफ इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो मौभे आशयु ा
दाहहने औय फाऐॊ जाननफ से घेय लरमा गमा तो आऩने दाईं जाननफ हभरा िय िे
सफ िो बगा हदमा। कपय ऩरट िय फाईं जाननफ हभरा ियते हुए तो सफ िो भाय
़वी हदर, साबफत ़दभ फहादयु नहीॊ दे खा गमा जो लशिस्ता हदर हो, सदभे उठाए
हुए हो, फेटों अज़ीज़ों औय दोस्त अहफाफ िे दाा बी खाए हुए हो औय कपय हुसन
ै
468
(अ.स.) िी सी साबफत ़दभी औय फे ज़जगयी से जॊग िय सिे। फ ऽुदा दश्ु भनों िी
इज़न ऽयजता ज़ैनफ ’’ कि जनाफे ज़ैनफ ऽेभे से ननिर आईं औय फ़यभामा, िाश
औय उसने भॊह
ु पेय लरमा। इभाभ हुसन
ै (अ.स.) उस वक़्त ऽज िा झब्ु फा ऩहने हुए
(अ.स.) ने घोड़े से गगय िय बी उसी तयह जॊग फ़यभाई ज़जस तयह जॊग जू फहादयु
सवाय जॊग ियते थे, हभरों िो योिते थे औय सवायों िे ऩैयों ऩय हभरे फ़यभाते थे।
ऐ ज़ालरभों ! भेये ़त्र ऩय तुभ ने ऐिा िय लरमा है । ़सभ ऽुदा िी तुभ भेये
़त्र से ऐसा गुनाह िय यहे हो ज़जसिे फाद किसी िे ़त्र से बी इतने गुनाह
गाय न होगे। तभ
ु भझ
ु े ज़रीर िय यहे हो औय ऽद
ु ा भझ
ु े इज़्ज़त दे यहा है औय
सन
ु ो वह हदन दयू नहीॊ कि भेया ऽद
ु ा तभ
ु से अचानि फदरा रे रेगा। तम्
ु हें तफाह
िय दे गा, तुम्हाया ऽून फहाएगा, तुम्हें सख़्त अज़ाफ भें भज़ु ब्तरा िय दे गा। (तायीऽे
वा़ेए ियफरा िे हवारे से लरखते हैं कि ‘‘ दनु नमाॊ भें रूस्तभ िा नाभ फहादयु ी भे
469
भशहूय है रेकिन िई शख़्स ऐसे गुज़ये हैं कि इनिे साभने रूस्तभ िा नाभ रेने िे
़ाबफर नहीॊ। चन
ु ान्चे अव्वर दजे भें हुसन
ै इब्ने अरी (अ.स.) हैं क्मों कि भैदाने
किमा हो, उसिे साभने रूसतभ िा नाभ वही शख़्स रेता है जो तायीऽ से वाक़फ़
शज
ु ाअत औय हज़ायों खू ख़्वाय सवायों िे जवाफ दे ने औय एि एि िे हराि हो
जाने िे फाफ भें ऐसी तायीफ़ िये , जैसी होनी चाहहमे। किस िे फस िी फात है जो
इन ऩय वा़े होने वारे हारात िा तसव्वयु िय सिे। रश्िय भें नघय जाने िे फाद
हार भें मह िहा जाता है कि तुभ ने चाय तयफ़ से घेय लरमा रेकिन हुसन
ै (अ.स.)
औय फहत्तय तन िो आठ क़स्भ िे दश्ु भनों ने तॊग किमा था। चाय तयफ़ से मज़ीदी
फ़ौज जो आॊधी िी तयह तीय फयसा यही थी। ऩाॊचवा दश्ु भन अयफ िी धऩ
ू , छठा
दश्ु भन गभक ये त जो तनयू िे ज़याकत िी भाननन्द जान रेवा हयितें िय यहे थे। ऩस
ऽात्भा हो चि
ु ा, ऐेसे रोगों से फहादयु ी भें िोई फ़ौ़ीमत नहीॊ यखता। ’’ (तायीऽे चीन
470
इमाम हुिन
ै (अ.ि.) अऩने मक़तूऱ फहादरु ों को ऩक
ु ारते हुए
बख
ू औय प्मास िे आरभ भें नफदक आज़भाई िी बी िोई हद होती है । आखखय
ु़
ननमाज़ हो गए हो रेकिन सन
ु ो अफ वक़्त व हारात िा त़ाज़ा मह है कि इस
वक़्त भेयी भद्द ियो ’’ रेकिन अफ़सोस जान से गुज़य जाने वारे हमाते ज़ाहहयी से
भहरूभ क्मों िय भद्द ियते। फाज़ यवामतों भें है कि आऩिी आवाज़ ऩय ज़ाफ़य
भस्
ु तयद िय हदमा कि भैं इज़म्तहान दे ने िे लरमे आमा हूॉ औय इतभाभे हुज्जत िे
471
फारगाहे अहदीयत में इमाम हुिैन (अ.ि.) के हदऱ की अवाज़
हुसन
ै (अ.स.) मिो तन्हा, फे मायो भद्दगाय, जरती हुई ज़भीन ऩय दश्ु भनों िे
झन्
ु ड भें खड़े हैं औय नाना यसर
ू े (स.अ.व.व.) अयफी िा अभाभा ज़जसिे ऩेच िटे
हुए ऽन
ू से बया हुआ सय ऩय है, ऩै यहने अहभदी ज़ैफे तन है रेकिन तीयों से
छरनी औय ऽून से यॊ गीन है । ़फा िा दाभन अरी अिफय िे ऽून से रार, चेहया
अन्साय िी राशें साभने ऩड़ीॊ हैं, फयाफय िा फेटा िड़ड़मर जवान, शफीहे ऩमम्फय
(अ.स.) ऽन
ू िी भें हदी रगाए उरूसे भौत से हभ िनाय आयाभ िय यहा है । फहन
िा सक्िा, अरी िा शेय, ़ूव्वते फाज़,ू शाने िटाए नहय िी तयाई ऩय ऩड़ा है । 6
आवाज़ें आ यही हैं। फीफीमों िे योने औय फ़रयमाद ियने िी आवाज़ें हदर िो जरा
472
हैं चेहया शाफ़्
ु ता होता जाता है । आऩ फ़यभाते हैं, भेये ऩारने वारे भैं अऩनी
ज़ज़न्दगी से उस भौत िो ऩसन्द ियता हूॉ जो तेयी याह भें हो। भेये भौरा भझ
ु े
इसभें ऽश
ु ी भहसस
ू होती है कि भैं सत्तय भयतफा तेयी फायगाह भें शहीद किमा जाऊ
हो। इसिे फाद आऩ अज़क ियते हैं, तयितुर नास तयानी हवाि व अतीभतुर
तेयी भोहब्फत भें सफ से हाथ उठा लरमा है औय फ़़त तेये दीदाय िे शौ़ भें
अहरो अमार िो छोड़ हदमा औय फच्चों िो मतीभ फना हदमा। 2. भालरि अगय
तेये दीदाये इश़् भें भेये टुिड़े िय हदए जाएॊ तफ बी भेया हदर तेये लसवा किसी औय
िी तयफ़ झि
ु नहीॊ सिता। मह िह िय आऩने तरवाय ननमाभ भें यख री क्मों
इमाम हुिन
ै (अ.ि.) अिे ज़ीन िे फरिे ज़मीन ऩर
आऩ ऩय भस
ु रसर वाय हो यहे थे कि नागाह एि ऩत्र ऩेशाननमे अ़दस ऩय
भाया आऩने उसे ननिार िय पेंि हदमा औय ऽून ऩोछने िे लरमे आऩ अऩना
473
दाभन उठाना ही चाहते थे कि सीना ए अ़दस ऩय एि तीये सह शोफा ऩेवस्त हो
उठ खड़े हुए, वयआ इब्ने शयीि रईन ने आऩिे दामें शाने ऩय तरवाय रगाई औय
दस
ू ये भरऊन ने दाहहने तयफ़ वाय किमा। आऩ कपय ज़भीन ऩय गगय ऩड़े, इतने भें
खैंच िय दस
ू यी दफ़ा सीना ए अ़दस ऩय रगामा। कपय इसी ने एि तीय हज़यत िे
गुरू ए भफ
ु ायि ऩय भाया इन ऩैहभ ज़यफात से हज़यत िभारे फेचन
ै ी से उठ फैठे
फाद भालरि बफन नसय िन्दी रईन ने सयऩय तरवाय रगाई औय वयह इब्ने शयीि
ने शाने ऩय तरवाय िा वाय किमा। हसीन बफन नभीय ने दहने अ़दस ऩय तीय
हुसन
ै (अ.स.) िी आॊखों भें यसर
ू (स.अ.व.व.) िी तसवीय दे खी औय िाॊऩ उठा।
कपय लसनान बफन अनस आगे फढ़ा। इसिे ज़जस्भ भें याशा ऩड़ गमा। वह बी सये
474
भफ
ु ायि न िाट सिा। मह दे ख िय लशभये भरऊन ने िहा, मह िाभ लसफ़क भझ
ु से
सीना ए भफ
ु ायि ऩय सवाय हो गमा। आऩने ऩछ
ू ा तू िौन है? उसने िहा भैं लशम्र
हूॉ। फ़यभामा, तू भझ
ु े नहीॊ ऩहचानता? इसने िहा ‘‘ अच्छी तयह जानता हूॉ ’’ तुभ
कपय भझ
ु े क्मों ज़फह ियता है? इसने जवाफ हदमा इस लरमे कि भझ
ु े मज़ीद िी
अस्र अदा िय रॉ ।ू इसने इजाज़त दी, आऩ सजदे भें तशयीफ़ रे गए। (यौज़तुर शोहदा
ननिर ऩड़ीॊ, ज़भीन िाॊऩने रगी, आरभ भें तायीिी छा गई, रोगों िे फदन भें िऩ
िऩीॊ ऩड़ गई। आसभान ऽॊू िे आॊसू योने रगा। जो शफ़़ िी सयू त भें यहती
दनु नमाॊ ति ़ामभ यहे गा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 116) इसिे फाद उभये साद ने खूरी
ज़ज़माद िे ऩास बेज हदमा। (अर हुसैन अज उभय बफन नसय ऩष्ृ ठ 154) इभाभ हुसन
ै
475
अभाभा रे गमा, इस्हा़ इब्ने हशआ
ू ़भीस ऩैयाहन रे गमा। अफहय बफन ़ाफ
रे गमा। उभय बफन साद ज़ज़यह रे गमा, जभीह बफन ऽऱ अज़दी तरवाय रे
गमा। अल्राह ये ज़ुल्भ एि िभय फन्द िे लरमे जभार भरऊन ने हाथ ़ता िय
इसिे फाद दीगय शोहदा िे सय िाटे गाए, औय राशों ऩय घोड़े दौड़ाने िे लरमे
लरमे तैमाय हो गए। ज़जनिे नाभ मह है , इस्हाि बफन हवीमा, अखनस बफन
भयसद, हिीभ बफन तुफ़ैर, उभयो बफन सफीह, सालरभ बफन खसीभह, सारेह बफन
वहफ, वाएज़ बफन तााभ, हानन बफन भसफत, असीद बफन भालरि। तवायीऽ भें है
हुसन
ै (अ.स.) िी राश िो इस तयह घोड़ों िी टाऩों से ऩाभार किमा कि आऩिा
तो जॊगर से एि शेय ननिरा औय उसने राशा ऩाभार होने से फचा लरमा। (दभए
सािेफा ऩष्ृ ठ 350) अल्राभा इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ हुसन
ै
476
सरभा िो दे गए थे ऽून से रार हो गई। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 115) औय यसर
ू े
ऽद
ु ा उम्भे सरभा िे ख़्वाफ भें भदीने ऩहुॉच,े उनिी हारत मह थी कि वह फार
़त्र गाह भें था औय अऩनी आॊखों से उसे ज़फह होते हुए दे खा है । (सही नतयलभज़ी
ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 306, भुस्तदरयि हाकिभ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 19 तहज़ीफुर तहज़ीफ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ
िामे ग़रीफा
हुसन
ै (अ.स.) िे ऽून भे यॊ गीन िय िे अहरे हयभ भें ऽफये शहादत ऩहुॉचा दी थी
ज़जसिी वजह से ऽेभें भें िोहयाभे अज़ीभ फऩा ही था कि दश्ु भनों ने ऽेभों िा रूऽ
िोई फ़यमाद यस औय ऩयु साने हार न था। तभाभ फीफीमों िे सयों से चादयें छीन
उम्भे िुरसभ
ू िे िानों से गोशवाये खीॊच लरमे। सय्मदे सज्जाद (अ.स.) िे नीचे से
बफस्तय खीॊच िय उन्हें ज़भीन ऩय डार हदमा। ायज़ कि एि ऐसा हशय फयऩा िय
477
हदमा गमा जो न किसी िे हाथ िबी यवा यखा गमा था औय न इससे ़ब्र सन
ु ने
से थी एि तरवाय िा टुिड़ा रे िय इन भऽ
ु ालरफ़ों ऩय हभरावय हुई जो आरे
यसर
ू (स.अ.व.व.) िो रट
ू यहे थे। फाज़ यवाएतों भें है कि एि फच्चे िे िुते भें
आग रगी हुई थी औय वह फाहय िी तयफ़ बाग यहा था, जैसे हवा रगती थी आग
से आग फझ
ु ा दी, नौननहार ने जफ उसे अऩने ऊऩय भेहयफान ऩामा तो ऩछ
ू ने रगा
कि ऐ शेऽ नजफ़ िा यास्ता किधय है? उसने िहा ऐ फ़यज़न्द इस िभलसनी भें
साभने फ़यमाद िरूॊगा। (किताफ तौज़ीह भें मह वा़ेमा जनाफे सिीना िी तयफ़ भन्सूफ है )
िी अनी चब
ु ोई जा यही थी। जफ सफ िुछ रट
ू ा जा चि
ु ा, ऽैभे जर चि
ु े औय
हो चि
ु ी है, तायीिी छाई हुई है, तुभ सफ औयतों औय फच्चों िो एि जगह जभा
478
फीफीमों िो जभा िय लरमा रेकिन उन्हें जनाफे सिीना न लभरीॊ, आऩने जनाफे
ज़ैनफ से अज़े वाक़मा किमा, जनाफे ज़ैनफ भ़तर िी तयफ़ हज़यत सिीना िो
उन्हें ऽेभे भें रे आईं। जनाफे सिीना िा फमान है कि उस वक़्त फाफा िी िटी हुई
लशअती भा अन शयफतभ
ु , भा अज़फे फ़ाज़ िरूनी
िैफ़ा असतस़ी रत
ु फ़री फ़ा फवाअन मयहभन
ू ी
सन
ु ो भैं यसर
ू (स.अ.व.व.) िा वह भज़रभ
ू नवासा हूॉ ज़जसे बफरा जुभक व ऽता
दश्ु भनों ने ़त्र िय हदमा औय कपय ़त्र िे फाद उसिी राश ऩय घोड़े दौड़ा हदमे।
479
ऐ भेये लशमों ! िाश तुभ आज आशयू ा िे हदन होते तो मह रूह फ़यसा भनाज़ज़य
दे खते कि भैं अऩने प्मासे फच्चे अरी असाय िे लरमे किसी तयह ऩानी भाॊग यहा
छोटे छोटे फच्चे अबी योते योते सो गए हैं। ऐ सवाय अगय तुझे हभ िो ज़्मादा
रट
ू ना भ़सद
ू है तो सफ
ु ह आ जाना औय जो िुछ हभाये ऩास यह गमा है उसे बी
रट
ू रेना, रेकिन दे ख इन फच्चों िो न सता औय उन्हें सोने दे । ऽुदा िे लरमे इस
यहे । आखखय
ु़ ज़ैनफ बी शेये ऽद
ु ा िी फेटी थीॊ, उन्हें जरार आ गमा औय उन्होंने
रजाभे फ़यस ऩय फढ़ िय हाथ डार हदमा, औय िहा कि भैं क्मा िहती हूॉ औय तू
रगा िय िहने रगा, ऐ फेटी भैं तेया फाऩ अरी हूॉ, फेटी तेयी हहफ़ाज़त िे लरमे
आमा हूॉ, ऐ जाने ऩदय तू फच्चों भें जा भैं तेयी हहफ़ाज़त िरूॊगा। ज़ैनफ ने फ़रयमादो
480
फ़ुाा शरू
ु िय दी औय तभाभ वाक़मात फमान किमे। अर ायज़ जफ मह अश्र
आफ़यीॊ यात तभाभ हुई तो हुक्भे उभये साद से रशिरयमों ने आ िय आरे यसर
ू
खुरे हुए थे, फार बफखये हुए थे औय आॊखों से आॊसू जायी थे। इभाभ ज़ैनर
ु
आफेदीन (अ.स.) िी अरारत िी वजह से चॊकू ि ताफो तवाॊ न यखते थे, इस लरमे
सवाय होने से ऩये शानी थी। लशम्र ने ताज़ज़माने से अज़ीमत ऩहुॉचाई औय कफ़ज़्ज़ा ने
(असयारूर शहादत)
किमा कि इन यसर
ू ज़ाहदमों िो भ़तर िी तयफ़ से गुज़ाया। भव
ु ये ऽीन िा फमान
है कि जैसे ही मह हुसन
ै ी िाकफ़रा भ़तर भें ऩहुॉचा हश्र िा सभा ऩेश हो गमा।
ज़ैनफ ने अऩने िो ना़े से गगया हदमा औय फ़यमादों फ़ुगाॊ ियने रगीॊ। आऩने िहा
ऐ भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) ज़जन ऩय भराएिा आसभान से दरू
ु द बेजते हैं
दे खखमे मह हुसन
ै (अ.स.) ऽािो ऽन
ू भें आरद
ू ा टुिड़े टुिड़े हो िय चटीमर भैदान
481
भें ऩड़े हैं। आऩिी फेहटमाॊ औय नवालसमाॊ ़ैदी हैं। आऩ िी अवराद भ़तूर है औय
भयु तकिफ हुए हैं रेकिन अफ क्मा हो सिता था। (अर हुसैन अफू नसय ऩष्ृ ठ 155) दभ
उनिी आखों से आॊसू टऩि यहे थे। इस तयह हज़यत उम्भे िुरसभ
ू बी नौहा ओ
फ़रयमाद िय यही थीॊ औय जनाफे सिीना बी भहवे गगयमाओ भातभ थीॊ। बफर
आखखय
ु़ दश्ु भनों िे तशद्दद
ु से मह िाफ़ेरा आगे फढ़ गमा औय आरे यसर
ू िी
राशें फे गोयो िफ़न ज़भीने गभक ियफरा ऩय ऩड़ी यहीॊ। चॊद हदनों िे फाद फनी
एि हफ़्ता उन्हें िूफ़े िे ़ैद ऽाने भें यखा गमा। इसिे फाद इन ायीफों िो फायह
यफीउर अव्वर 61 हहजयी मौभे चहाय शम्फा िो शाभ ऩहुॉचा हदमा गमा औय वहाॊ
एि सार ़ैद भें यखा गमा। कपय वहाॊ से रयहाई िे फाद आरे यसर
ू (स.अ.व.व.)
482
20 सफ़य 62 हहजयी ियफरा होते हुए आठ यफीउर अव्वर 62 हहजयी वारयदे
भदीना भन
ु व्वया हुए।
इस इजभार िी भख़्
ु तसय अरफ़ाज़ भें तफ़सीर मह है कि ग्मायहवीॊ भोहयक भ
िहा कि अफ तुम्हें औयतों औय फच्चों सभैत दयफाये इब्ने ज़ज़माद भें चरना होगा
भस
ु ीफत फदाकश्त िरूॊगी।
फर
ु न्द किमा गमा औय शोहदा िे राशों िो ज़भीने गभक ऩय छोड़ िय िाफ़रा िूफ़ा
िे लरमे यवाना हो गमा। फाज़ायो िूफ़ा भें दाऽरे िे वक़्त हज़यत ज़ैनफ
उम्भे िुरसर
ू , हज़यत फ़ात्भा बफन्ते हुसन
ै औय हज़यत इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन
483
अभाया िे दयवाज़े ऩय सये भज़ु स्रभ बफन अ़ीर (अ.स.) रटिा हुआ दे खा गमा।
हहजयी चहाय शम्फा िे हदन शाभ ऩहुॉचा। जफ शाभ िी याजधानी दलभश़् भें जहाॊ
िो ‘‘ फाफ अर साअत ’’ ऩय ठहयामा गमा क्मों कि दयफाय िे सजने भें तीन हदन
मज़ीद ने हज़यते ज़ैनफ से िराभ ियना चाहा। जनाफे कफ़ज़्ज़ा ने भज़हभत िी।
233)
484
अर ायज़ मह हुसन
ै ी िाकफ़रा त़यीफन एि सार इस ़ैद ऽाने भें ऩड़ा यहा।
ऽाने भें हहन्दा ज़ौजा ए मज़ीद िे आने िा बी ऩता लभरता है । िाफ़ी वक़्त
गुज़यने िे फाद मह िाकफ़रा रयहा किमा गमा। एि ऽारी भिान भें भख़्
ु द्दे याते
़ब्रे हुसन
ै (अ.स.) िे भज
ु ाववये अव्वर थे उन्होंने फ़यमादो फ़ुाा िी हारत भें
हुसन
ै (अ.स.) ऩय अऩने िो गगया हदमा। फयावएते तीन हदन ति फ़यमादो फ़ुाा
ज़़
ू अहरे भदीना ़ाकफ़रे िे भस्
ु त़य ऩय सयो ऩा फयै हना योते ऩीटते जभा हो
485
भदीनातो जद्दे ना रा त़फरीना,
तयजभ
ु ा्- ऐ हभाये नाना िे भदीने तू हभें ़ुफर
ू न िय (क्मों कि हभ ़ुफर
ू
वाऩस आऐ हैं।
चालरस सार ज़ज़न्दा यहे औय शफो योज़ गगयमा ओ ज़ायी फ़यभाते यहे । मही हार
486
औय हज़यत अब्फास (अ.स.) व जनाफे भोहम्भदे हनकफ़मा िी अराती फहनें थीॊ। इस
लसरलसरे िे ऩेशे नज़य ज़जसिी फाराई सतह भें हज़यत हभज़ा, हज़यत जाफ़ये
अज़भत फहुत नभ
ु ामा हो जाती है ।
लभस्र व फे नज़ीय हैं इसी तयह मह दो फहने बी फे लभस्र व फे नज़ीय हैं। ऽुदा ने
कि ज़जस तयह अरी (अ.स.) व फ़ात्भा ज़हया (स.अ.व.व.) िे फ़यज़न्द रा जवाफ हैं
भासभ
ू न थीॊ रेकिन इनिे भहफ़ूज़ होने भें िोई शब्ु हा नहीॊ जो भासभ
ू िे
भत
ु याहदफ़ है । हभ ज़ैर भें दोनों फहनों िा भख़्
ु तसय अरफ़ाज़ भें अरग अरग ज़ज़क्र
ियते हैं।
भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि हज़यत ज़ैनफ बफन्ते अभीयर भोभेनीन (अ.स.) 5
अऽत अर हुसन
ै ’’ अल्राभा भोहम्भद हुसन
ै अदीफ नजफ़े अशयफ़ ऩष्ृ ठ 14 ‘‘
487
लसरलसरातुर ज़हफ ’’ ऩष्ृ ठ 19 व किताफर
ु फहये भसाएफ औय ऽसाएसे ज़ैनबफमा
सही नहीॊ। एि यवामत भें भाहे यजफ व शाफान एि भें भाहे यभज़ान िा हवारा बी
वरदत अ़ीरह ज़ैनफ कफ़र आभ अर सादस लरर हहजयत अरा भाअ तफ़़ा
अरभोये खून अरैह ज़ारेिा मौभर ऽाभस लभन शहये जभाहदर अव्वर अरऽ ’’
भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है । भेये नज़दीि मही सही है । मही िुछ अर व़ाए़ व
वक्ते ववरादत िे भत
ु ाअज़ल्ऱ जनाफे आ़ाई सय्मद नरू
ू द्दीन बफन आ़ाई सय्मद
राए औय फ़यभामा कि ऐ भेयी याहते जान, फच्ची िो भेये ऩास राओ, जफ फच्ची
यसर
ू (स.अ.व.व.) िी खखदभत
ु़ भें राई गई तो आऩने उसे सीने से रगामा औय
488
उसिे रूऽसाय ऩय रूऽसाय यख िय फे ऩनाह गगयमा किमा महाॊ ति िी आऩिी
यीशे भफ
ु ायि आॊसओ
ु ॊ से तय हो गई। जनाफे सय्मदा ने अज़क कि फाफा जान आऩिो
ऽद
ु ा िबी न रूराए, आऩ क्मों यो ऩड़े इयशाद हुआ कि ऐ जाने ऩदय, भेयी मह
जनाफे सय्मदा मह सन
ु िय फे इज़ख़्तमाय गगयमा ियने रगीॊ औय उन्होंने ऩछ
ू ा कि
इसिे भसाएफ ऩय गगयमा ियने िा क्मा सवाफ होगा? फ़यभामा वही सवाफ होगा
ज़ैनफ इफयानी रफ़्ज़ है ज़जसिे भानी फहुत ज़्मादा योने वारी हैं। एि यवामत भें है
ु़
कि मह रफ़्ज़ जैन औय अफ से भयु क्िफ है । मानी फाऩ िी ज़ीनत कपय िसयते
डा0 बफन्तुर शातभी अन्दलरसी अऩनी किताफ ‘‘फतरतै ियफरा ज़ैनफ बफन्ते अर
489
भफ
ु ायि फाद दी तो आऩ योने रगे औय आऩने उन हारात व भसाएफ िा तज़किया
फ़यभामा ज़जनसे जनाफे ज़ैनफ फाद भें दो चाय होने वारी थीॊ।
भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि हज़यत ज़ैनफ (स.अ.व.व.) जफ फचऩन जवानी औय
फढ़
ु ाऩे िी भॊज़ज़र तम ियने औय वा़े ियफरा िे भयाहहर से गुज़यने िे फाद ़ैद
भदीना िो आगाह किमा औय योने ऩीटने, नौहा व भातभ िो अऩना शारे ज़ज़न्दगी
फना लरमा। ज़जससे हुिूभत िो शदीद ऽतया रा ह़ हो गमा। ज़जसिे नतीजे भें
अफीदल्
ु राह वारीए भदीना अर भतूफ़ी 277 अऩनी किताफ अऽफारूर ज़ैनबफमा
भें लरखता है कि जनाफे ज़ैनफ भदीने भें अिसय भजलरसे अज़ा फयऩा ियती थीॊ
औय ऽद
ु ही ज़ाियी फ़यभाती थीॊ। उस वक़्त िे हुक्िाभे िो योना रूराना गवाया न
बफन सईद अशद़ वारी ए भदीना ने मज़ीद िो लरखा कि भदीने भें जनाफे ज़ैनफ
िी भौजूदगी रोगों भें है जान ऩैदा िय यही है । उन्होंने औय उनिे सागथमों ने तुझ
से ऽूने हुसन
ै (अ.स.) िे इन्ते़ाभ िी ठान री है । मज़ीद ने इत्तेरा ऩा िय फ़ौयन
490
वारी ए भदीना िो लरखा कि ज़ैनफ औय उनिे सागथमों िो भन्
ु तशय िय दे औय
उनिो भऽ
ु तलरफ़ भल्
ु िों भें बेज दे । (हमात अर ज़हया)
डा0 बफन्ते शातभी अॊदरसी अऩनी किताफ ‘‘ फतरतए ियफरा ज़ैनफ बफन्ते
ज़हया ’’ प्रिालशत फैरूत िे ऩष्ृ ठ 152 भें लरखती हैं किे हज़यत ज़ैनफ वाक़मे
ियफरा िे फाद भदीने ऩहुॉच िय मह चाहती थीॊ कि ज़ज़न्दगी िे साये फा़ी हदन
िो लरखा कि जनाफे ज़ैनफ िा भदीने भें यहना है जान ऩैदा िय यहा है । उनिी
मह सन
ु ना था कि हज़यते ज़ैनफ िो जरार आ गमा औय िहा कि ‘‘ वल्राह रा
जामेंगे चाहे हभाये ऽून फहा हदमे जामें। मह हार दे ख िय ज़ैनफ बफन्ते अ़ीर बफन
491
मही है कि हभ किसी औय शहय भें चरे जामें। ‘‘ फ़ख़्रहत ज़ैनफ भन भदीनत्
जदहा अर यसर
ू सम्
ु भा रभ हर भदीना फादे ज़ारेिा इफादन ’’ कपय हज़यत ज़ैनफ
भदीना ए यसर
ू से ननिर िय चरी गईं। उसिे फाद से कपय भदीने िी शक्र न
दे खी। वह वहाॊ से ननिर िय लभस्र ऩहुॉची रेकिन वहाॊ ज़ज़मादा हदन ठहय न सिीॊ।
‘‘ हिज़ा भन्
ु तिरेत् भन फरदारी फरद रा मतभईन फहा अल्र अज़क भिान ’’
हुसन
ै अर अदीफ अर नजफ़ी लरखते हैं ‘‘ व ़ज़त अर अ़ीरता ज़ैनफ
ज़ुल्भ हाज़ा अर इन्सान इरा यऽमा अर इन्सान ’’ कि हज़यत ज़ैनफ अऩने बाई
िी शहादत िे फाद सि
ु ू न से न यह सिीॊ वह एि शहय से दस
ू ये शहय भें सय गयदाॊ
यहीॊ। (ज़ैनफ अख्तर हुसैन ऩष्ृ ठ 44) महाॊ ति कि आऩ शाभ ऩहुॉची औय वहाॊ ़माभ
ज़हया योज़े शम्फा इतवाय िी यात 14 यजफ 62 हहजयी िो हो गमा। मही िुछ
492
़ैदे शाभ से रयहाई िे चाय भहीने फाद उम्भे िुरसभ
ू िा इन्ते़ार हुआ औय उसिे
दो भहीने फीस हदन फाद हज़यते ज़ैनफ िी वफ़ात हुई। उस वक़्त आऩिी उम्र 55
आऩ उस फाा भें तशयीफ़ रे गईं ज़जसिे एि दयख़्त भें हज़यत इभाभ हुसन
ै
भत्त
ु लसर शहय से था फाा, किमा उसभें ़माभ
493
यो यही थी मह फमाॊ िय िे जो वह दख
ु ऩाई
ऽाि ऩय गगय िे सए
ु ऽुल्द लसधायीॊ ज़ैनफ
भदफ़न मानी दफ़्न िी जगह भें इख़्तेराफ़ किमा है कि आमा भदीना है मा शाभ
मा लभस्र रेकिन तह़ी़ मह है कि वह शाभ भें दफ़्न हुई हैं औय उनिे भय़दे
अ़दस औय भज़ाये भ़
ु द्दस िी हज़ायों भस
ु रभान अ़ीदत भन्द हय सार ज़्मायत
किमा ियते हैं। ’’ (ज़ैनफ अख़्तर हुसैन ऩष्ृ ठ 50 नफा नजफ़े अशयफ़) मही िुछ भोहम्भद
494
एभ0 ए0 ने अऩनी किताफ ‘‘ ज़ैनफ यज़ी अल्राह अन्हा ’’ िे ऩष्ृ ठ 81 प्रिालशत
िे िायनाभों भें फयाफय िी शयीि थीॊ। वह तायीऽ भें अऩनी फहन िे दोश फ दोश
भदीने से अऽयाज सफ भें हज़यते ज़ैनफ िे साथ यहीॊ। उनिी ववरादत 9 हहजयी भें
हुई। उनिा अक़्द 1. भोहम्भद बफन जाफ़य बफन अफी तालरफ से हुआ। उनिी
वफ़ात हज़यत ज़ैनफ से दो भहीने 20 हदन ऩहरे हुईं। वह शाभ भें दफ़्न हैं।
(ऽसाएसे ज़ैनबफमा)
(भोअज़्ज़भ अर फरदान मािूत हम्वी ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 216) उनिा भज़ाय औय सिीना
बफन्तुर हुसन (अ.स.) िा भज़ाय शाभ भें एि ही इभायत भें वा़े है । उनिी उम्र
51 सार िी थी। इनिी औराद िा तायीऽ भें ऩता नहीॊ लभरता। अरफत्ता हज़यते
ज़ैनफ िे अब्दल्
ु राह बफन जाफ़ये तय्माय से चाय फ़यज़न्द अरी, भोहम्भद, औन,
495
अब्फास औय एि दख़्
ु तय उम्भे िुरसभ
ू िा ज़ज़क्र लभरता हैं। (ज़ैनफ अख़्तर हुसैन
भर
ु ाहे ज़ा हों भ़
ु द्दे भा अहमाउर भभात अल्राभा जरारउद्दीन लसमत
ू ी भतफआ
ू
राहौय।
496
अफु मोहम्मद हज़रत इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.)
चभ
ू ती है ज़जनिे ़दभों िो, इफादत िी जफीॊ
अन्ता ज़ैनर
ु आफेदीन आभद ननदा
भोहतयभ फ़दक हैं। आऩिे वालरदे भाज़जद शहीदे ियफरा हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.)
थे औय वारेदा भाजेदा जनाफे शाहे ज़नान उफ़क शहय फानो थीॊ। आऩ अऩने आफाओ
497
थे। उरेभा िा फमान है कि आऩ इल्भ, ज़ोहद, इफादत भें हज़यत इभाभ हुसन
ै
126)
फड़ा भत्त
ु ़ी है । इब्ने भस
ु य्मफ ने ऩछ
ू ा, तभ
ु ने इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िो
दे खा है? उसने िहा नहीॊ। उन्होंने जवाफ हदमा ‘‘ भा यामता अहदन अवया लभनहा ’’
267)
हदीस फमान ियने भें ननहामत भोतलभद इरैहे औय साहद़ुर यवामत थे। आऩ फहुत
498
आऩकी ववऱादत फा िआदत
अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि जफ जनाफे शहय फानो ईयान से भदीने
िे लरमे यवाना हो यही थीॊ तो जनाफे रयसारत भआफ (स. अ.) ने आरभे ख़्वाफ भें
ऩष्ृ ठ 256) औय जफा आऩ वारयदे भदीना हुईं तो हज़यत अरी (अ.स.) ने इभाभ
हुसन
ै (अ.स.) िे लसऩद
ु क िय िे फ़यभामा कि वह असभत ऩयवय फीवी है कि ज़जसिे
फतन से तुम्हाये फाद अफ़ज़रे अवलसमा औय अफ़ज़रे िामनात होने वारा फच्चा
ऩैदा होगा। चन
ु ान्चे हज़यत इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) ऩैदा हुए रेकिन अफ़सोस
िालभर भफ
ु यद भें है कि जनाफे शहय फानो, भारूफ़तुर नसफ औय फेहतयीन
499
शेऽ भप
ु ीदु़ तहयीय फ़यभाते हैं कि जनाफे शहय फानो, फादशाहे ईयान मज़द जयद
बफन शहयमाय बफन शेयववमा इब्ने ऩयवेज़ बफन हयभज़ बफन नौशेयवाने आहदर ‘‘
अल्राभा तयनमही तहयीय फ़यभाते हैं कि हज़यत अरी (अ.स.) ने शहय फानो से
ऩछ
ू ा कि तुम्हाया नाभ क्मा है तो उन्होंने िहा ‘‘ शाहे जहाॊ ’’ हज़यत ने फ़यभामा
औय ‘‘ अफर
ु ़ालसफ ’’ था।
नफूवत ऩष्ृ ठ 176, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 126, अर फ़या अर नाभी, नवाफ लसद्दी़ हसन ऩष्ृ ठ
158)
ऱक़फ ज़ैनऱ
ु आफेदीन की तौज़ीह
ज़ैनर
ु आफेदीन िसयते इफादत िी वजह से िहा जाता है । नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ
500
126 उरेभाए फ़यी़ैन िा इयशाद है कि हज़यत ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) एि शफ
नभाज़े तहज्जद
ु भें भशार
ू थे कि शैतान अज़दहे िी शक्र भें आऩिे ़यीफ आ
भें भन्
ु हलभि व भसरूफ़ व भशार
ू यहे बफर आखखय
ु़ वह आज़जज़ आ गमा औय
इभाभ ने अऩनी नभाज़ बी तभाभ िय री। उसिे फाद आऩने शैतान भरऊन िो
ु़
तभाचा भाय िय दयू हटा हदमा। उस वक़्त हानतफ़े गैफी ने अनत् ज़ैनर
ु आफेदीन
177)
इसी नाभ से ऩि
ु ाया जामेगा। (दएभ सािेफा ऩष्ृ ठ 426)
501
ऱक़फ िज्जाद की तौजीह
ऩड़ जाते थे कपय उन्हें िटवाना ऩड़ता था। इसी लरमे आऩिा ऱफ ‘‘ ज़ुर
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) की निफ फऱन्दी
दादी फ़ात्भातज़
ु ज़हया बफन्ते यसर
ू े ऽद
ु ा (स. अ.) हैं औय आऩिी वारेदा जनाफे
शहय फानो बफन्ते मज़द जदक इब्ने शहयमाय इब्ने किसया हैं। आऩ ऩैाम्फये इस्राभ
अहद भें ऩैदा होने ऩय सयवये िामनात (स. अ.) ने इज़हाये भसयक त फ़यभामा है । इस
लसरलसराए नसफ िे भत
ु ाअज़ल्ऱ अफर
ु असवद दवाएरी ने अऩने अशआय भें
502
उसिी वज़ाहत िी है कि इस से फेहतय औय लसरलसरा नाभज़ु म्िन है । उसिा एि
शेय मह है वा अन ार
ु ाभन, फैन क़सया व हालशभ
शेऽ सर
ु भ
ै ान िन्दज़
ू ी औय दीगय उरेभाए इस्राभ लरखते हैं कि नौशेयवाॊ आहदर
हुसन
ै (अ.स.) िी तभाभ फीवीमों भें मह शयफ़ लसफ़क जनाफे शहय फानो िो नसीफ
अल्राभा अफीदल्
ु राह फा हवारा इब्ने ऽऱान लरखते हैं कि जनाफ शहय फानो
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) ऩैदा हुए हैं। ज़जनिो ‘‘ अर ऽैयतैन ’’ िहा जाता है
आरभ ने अऩने फन्दों भें से दो गगयोह अयफ औय अजभ िो फेहतयीन ़याय हदमा
503
है औय भैंने अयफ से ़ुयै श औय आजभ से फ़ायस िो भन्
ु तऽफ िय लरमा है चॊकू ि
आऩिो इब्नर ऽैयतैन से माद किमा जाता है । (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 434)
िहा जाता है कि अहदे उभयी भें फ़तेह भदाएन िे भौ़े ऩय जनाफे शहय फानों
रशिये इस्राभ िे हाथ रगी थीॊ औय वहाॊ से अऩनी दीगय फहनों िे साथ भदीने
ज़भख़्शयी) रेकिन भेये नज़दीि मह बफल्िुर ारत है क्मों कि फ़तेह भदाएन सफ़य
भालरि हुआ। जैसा कि तायीऽे तफयी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 169, तायीऽे िालभर ज़जल्द 1
िे वक़्त उसिी उम्र 21 सार िी थी। जैसा कि तायीऽे तफयी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 81
504
तायीऽे िालभर ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 172 तायीऽ इब्ने ऽल्दन
ू ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 91,
फ़तह
ू ात इस्रालभमा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 66 भें है इस हहसाफ से फ़तेह भदाइन िे वक़्त
उसिी उम्र ज़्मादा से ज़्मादा 22 सार िी हो सिती है । भेयी सभझ भें नहीॊ आता
एि इतने िभ लसन शख़्स से ऐसी रड़िी ऩैदा हो सिे जो 16 हहजयी भें फ़तेह
भदाईन िे वक़्त शादी िे ़ाबफर हो। इस लरमे राभोहारा मह भानना ऩड़ेगा मज़द
जदक िी शादी 18, 19 सार िी उम्र भें हुई होगी। अफ ऐसी सयू त भें इसिी शादी
जनाफे शहय फानों उसिी ऩहरी औराद थीॊ भदाएन िे वक़्त जनाफे शहय फानों िी
उम्र 5, 6 सार से ज़्मादा नहीॊ हो सिती। इसिे अरावा हज़यत इभाभ हुसन
ै
(अ.स.) जो 4 हहजयी भें ऩैदा हुए हैं उनिी शादी िभ लसनी भें फाहारते नाफारीा
कपय ऐसी सयू त भें जफ कि इभाभ हसन (अ.स.) िी शादी न हुई हो जो इभाभ
ु़
हुसन
ै (अ.स.) से फडे थे, 16 हहजयी भें फ़तेह भदाएन िे फाद हज़यत अरी (अ.स.)
भव
ु रयक ऽ शहयी शभसर
ु उरभा, लशफरी नोभानी हज़यत उभय िा हार लरखते हुए
तहयीय फ़यभाते हैं कि इस भौ़े ऩय हज़यत शहय फानो िा क़स्सा जो ारत तौय
505
फ़ायस फ़तेह हुआ तो मज़द जदक शहनशाहे फ़ायस िी फेहटमाॊ गगयफ़्ताय हो िय
भदीने भें आईं हज़यत उभय ने आभ रौंड़ड़मों िी तयह फाज़ाय भें उनिे फेचने िा
हुक्भ हदमा रेकिन हज़यत अरी (अ.स.) ने भना किमा कि ऽानदाने शाही िे साथ
ऐसा सर
ु ि
ू जाइज़ नहीॊ। इन रड़किमों िी िीभत
ु़ िा अन्दाज़ा ियामा जाए। कपय
िीभत
ु़ आरा से आरा शयह ऩय रगवा री जाए। चन
ु ान्चे हज़यत अरी (अ.स.) ने
नहीॊ यफीउर अफयाय भें इसिो लरखा औय इब्ने ऽल्िानु़ िने इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन
तायीऽी भें जो ऩामा है वह ज़ाहहय है । इसिे अरावा तायीऽी ़यामन इसिे बफल्िुर
खखराफ़
ु़ हैं। हज़यत उभय िे अहद भें मज़दो जयद औय ऽानदाने शाही ऩय
भस
ु रभानों िो भत
ु ऱ ़ाफू हालसर नहीॊ हुआ। भदाएन िे भायिे भें मज़दो जदक
भस
ु रभान हवान ऩय चढ़े तो वह असफ़हान बाग गमा औय कपय ियभान वाैया से
506
टियाता कपया। भरू भें ऩहुॉच िय 30- 31 हहजयी भें जो हज़यत उस्भान िी
खखराफ़त
ु़ िा ज़भाना था भाया गमा। भझ
ु िो शब्ु हा है कि ज़ैभऽशयी िो मह बी
भारभ
ू था मा नहीॊ कि मज़दो जदक िा ़त्र किस अहद भें हुआ। इसिे अरावा
िी उम्र 12 सार थी क्मों कि जनाफे भम्दहु हहजयत िे ऩाॊचवे सार ऩैदा हुए औय
फ़ायस 17 हहजयी भें फ़तह हुआ इस लरमे मह उम्र बी किसी ़दय भस्
ु तफअद है
फसय ियते थे। ायज़ कि किसी है सीमत से इस वाक़मे िी सेहत ऩे गुभान नहीॊ हो
फ़ायस ने फाावत िय िे अफीद उल्रा बफन उभय ‘‘ वारी फ़ायस ’’ फ़ायस िो भाय
डारा औय हुदद
ू े फ़ायस से रश्िय बी ननिार हदमा। इस वक़्त फ़ायस िी रशियी
छावनी िा भ़
ु ाभ ‘‘ अस्तऽय ’’ था। ईयान िा आऽयी फादशाह ‘‘मज़द जदक ’’
चन
ु ान्चे ऐसा ही किमा गमा। हुदद
ू े अस्तऽय भें ज़फयदस्त औय घभासान िी जॊग
507
हुई औय भस
ु रभान िाभमाफ हुए। अस्तऽय फ़तेह होने िे फाद 31 हहजयी भें मज़द
जदक ‘‘ यै ’’ वहाॊ से ऽयु ासान औय कपय ऽयु ासान से भयोजा ऩहुॉचा। उसिे हभयाह
चाय हज़ाय जयाकय लसऩाही बी थे। भयोजा भें वह ऽािान चीन िी साज़ज़शी इभदाद
हुआ। इसिे फाद अहदे उस्भानी फदर गमा औय हज़यत अरी (अ.स.) शेये ऽुदा िा
ज़भाना आ गमा।
जॊगे जभर िे फाद ईयान ऽुयासान िे भ़ाभ ‘‘ भयौ ’’ भें सख़्त फाावत हुई।
गवकनय थे। हज़यत अरी (अ.स.) ने भयौ िे ़ज़ज़मा नाभयज़ज़मा िो ऽत्भ ियने िे
लरमे इभदादी तौय ऩय खुरीद इब्ने ़ुयाक मयफोई िो यवाना किमा, वहाॊ जॊग हुई औय
रशिये इस्राभ िाभमाफ हुआ। हयीस इब्ने जाबफय जाअफ़ी ने मज़द जदक इब्ने
गीहान फानों िो भोहम्भद बफन अफी फक्र िी ज़ौज़जमत भें दे हदमा। जैसा कि
ऩष्ृ ठ 292, आराभ अर वया ऩष्ृ ठ 101, उम्दतुर तालरफ ऩष्ृ ठ 171, जाभेउर
508
भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120, नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 126, तोहफ़ाए सर
ु भ
ै ाननमा, शयए इयशाद
फानों िी उम्र िाफ़ी हो चकु ि थी औय इभाभ हसन (अ.स.) िी शादी हुमे अयसा
गुज़य चि
ु ा था। हज़यत अरी (अ.स.) िी खखराफ़त
ु़ 35 हहजयी से 40 हहजयी ति
फेटा ! अफ तुम्हायी तफीमत िैसी है औय तुभ िोई चीज़ चाहते हो तो फमान ियो
अज़क कि फाफा जान अफ ऽुदा िे फ़ज़र से अच्छा हूॉ। भेयी ख़्वाहहश लसफ़क मह है
व ़दय िे खखराफ़
ु़ िोई ख़्वाहहश नहीॊ यखते। मह सन
ु िय इभाभ हुसन
ै (अ.स.)
खश
ु ु़ व भसरूय हो गमे औय फ़यभाने रगे फेटा तुभ ने फड़ा भसयक त अफ़ज़ा औय
जवाफ से लभरता जर
ु ता है । हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) िो जफ लभनजनी़ भें यख
509
िय आग िी तयफ़ पेंिा गमा था औय आऩ फ़ज़ाॊ भें होते हुए आग िी तयफ़ जा
िोई हाजत व ख़्वाहहश है? उस वक़्त उन्होंने जवाफ हदमा था, ‘‘ नाअभ इभा
आऩिी ववरादत फादशाहे दीनो ईभान हज़यत अरी (अ.स.) िे अहदे असभत भें
हुई। कपय इभाभ हसन (अ.स.) िा ज़भाना यहा, कपय फनी उभय्मा िी ऽालरस
भाववमा बफन अफी सकु फ़मान फादशाह यहा। उसिे फाद उसिा फ़ालस़ व फ़ाज़जय
फेटा मज़ीद 64 हहजयी ति हुक्भयाॊ यहा। 64 हहजयी भें भाववमा बफन मज़ीद बफन
भाववमा औय भयवान बफन हिभ हाकिभ यहे । 64 हहजयी भें वरीद बफन अब्दर
ु
510
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) का अहदे तफूसऱयत और हज्जे
फैतल्
ु ऱाह
भैं एि भयतफा हज िे लरमे जाता हुआ ़ज़ाए हाजत िी ऽानतय ़ाकफ़रे से ऩीछे
भें सफ़ये ऩाभा दे खा। उसे दे ख िय कपय ऐसी हारत भें कि वह ऩैदर चर यहा था
औय उसिे साथ िोई साभान न था औय न उसिा िोई साथी था। भैं है यान हो
भेया ज़ादे याह त़वा औय ऩयहे ज़गायी है भेयी सवायी भेये दोनों ऩैय हैं औय भेया
भ़सद
ू भेया ऩारने वारा है औय भैं हज िे लरमे जा यहा हूॉ। भैंने िहा कि आऩ
छोटे फच्चे बी भय जाते हैं इस लरमे हज िो ज़रूयी सभझता हूॉ कि िहीॊ ऐसा न
511
खाने िा क्मा इॊतेज़ाभ किमा है दे ख यहा हूॉ कि तुम्हाये साथ खाने िा िोई
हो तो खाना अऩने हभयाह रे जाते हो? भैंने िहा नहीॊ। कपय उसने फ़यभामा सन
ु ो,
भैं तो ऽुदा िा भेहभान हो िय जा यहा हूॉ खाने िा इन्तेज़ाभ उसिे ज़ज़म्भे है । भैंने
िहा इतने रम्फे सफ़य िो ऩैदर क्मो िय तम ियोगे। उसने जवाफ हदमा कि भेया
सफ़ैद लरफास ऩहने हुमे आ ऩहुॉचा औय उसने इस नौ ऽेज़ िो गरे से रगा लरमा।
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) बफन अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) हैं। मह सन
ु िय भैं उस
फाद उनसे ऩछ
ू ा कि मह खफ
ू सयू त जवान ज़जन्होंने आऩिो गरे से रगामा मह
योज़ाना हभायी ज़्मायत िे लरमे आमा ियें । उसिे फाद भैंने कपय सवार किमा औय
िहा कि आखखय
ु़ आऩ इस अज़ीभ औय तवीर सफ़य िो बफरा ज़ाद औय याहे रा
क्मों िय तम ियें गे। तो आऩने फ़यभामा कि भैं ज़ाद औय याहे रा सफ िुछ यखता हूॉ
औय वह मह चाय चीज़े हैं। 1. दनु नमा अऩनी तभाभ भौजूदात सभेत खुदा िी
512
भभरेित है । 2. सायी भख़्ऱ
ू अल्राह िे फन्दे हैं। 3. असफाफ औय अयज़ा़ ऽुदा
ऽद
ु ा िी ़सभ आऩ ही िा ज़ाद व याहे रा सही तौय ऩय भ़
ु द्दस हज़स्तमों िा
भाया।
आऩका हुसऱया ए मफ
ु ारक
था। आऩ दफ
ु रे ऩतरे क़स्भ िे इॊसान थे। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 126 व अऽफारूर
भल्
ु रा भफ
ु ीन तहयीय फ़यभाते हैं कि आऩ हुसनो जभार, सयू तो िभार भें
ननहामत ही भम्
ु ताज़ थे। आऩिे चेहये भफ
ु ायि ऩय जफ किसी िी नज़य ऩड़ती थी
513
भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई य़भतयाज़ हैं कि आऩ साफ़ िऩड़े ऩहनते थे औय
उसिी शाने इफादत िो सतेह क़यतास (़रभ से नहीॊ लरखा जा सिता) ऩय क्मों
इस लरसलसरे भें अयफाफे इल्भ औय साहे फाने ़रभ जो िुछ िह औय लरख सिे
ु़
हैं उनभें से फाज़ वािेमात व हारात मह हैं।
514
आऩकी हाऱत वज़ू के वक़्त
हालसर था। यात बय जागने िी वजह से आऩिा साया फदन ज़दक यहा ियता था
औय ऽौफ़े ऽुदा भें योते योते आऩिी आॊखें पूर जामा ियती थीॊ औय नभाज़ भें ऽड़े
घट्टे यहा ियते थे औय आऩिी नाि िा लसया ज़ख़्भी यहा ियता था। (दभए सािेफा
ऩष्ृ ठ 439)
515
अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि जफ आऩ नभाज़ िे लरमे
भस
ु ल्रे ऩय खड़े हुआ ियते थे तो रयज़ा फय अन्दाभ हो जामा ियते थे। रोगों ने
िय दे ती औय भझ
ु ऩय ऐसी हारत तायी िय दे ती है । (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 226)
था, हभ ने इतना शोय भचामा रेकिन आऩने िोई तवज्जो न फ़यभाई। आऩने
आग िी तयफ़ भत
ु वज्जे न हो सिा। (शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 177)
हालशमा ए नरू
ु र अफसाय ऩष्ृ ठ 200)
516
ु़
इब्ने तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि हज़यत इभाभ जैनरु आफेदीन (अ.स.) नभाज़े
शफ सफ़य व हज़य दोनों भें ऩढ़ा ियते थे औय िबी उसे ़ज़ा नहीॊ होने दे ते थे।
इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) िुएॊ भें गगय ऩड़े। फच्चे िे गेहये िुएॊ भें गगयने से
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) ने फच्चे िे िुएॊ भें गगयने िी िोई ऩयवाह न िी
ऩानी िी तयफ़ दे खा कपय हाथ फढ़ा िय बफरा यस्सी िे गहये िुएॊ से फच्चे िो
वक़्त न फच्चे िे िऩड़े बीगे थे औय न फदन तय था। (दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 430,
517
रगामा तो सन
ु ा कि आऩ सजदे भें फ़यभा यहे हैं, ‘‘ अब्दे िा फे फ़सनाएि
(नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 126 प्रिालशत लभस्र इयशाद भफ़
ु ीद ऩष्ृ ठ 296)
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) की िफाना रोज़ एक हज़ार रकअतें
ियते थे। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 119 भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 267) चॊकू ि आऩिे सजदों िा
िोई शभ
ु ाय न था इसी लरमे आऩिे आज़ाए सज
ु ूद ‘‘ सफ़ना फईय ’’ ऊॉट िे घट्टे
िी तयह हो जामा ियते थे औय सार भें िई भयतफा िाटे जाते थे। (अर फ़यआ अर
फाय िाटे जाते थे हय भयतफा ऩाॊच तह ननिरती थीॊ। (फेहारूर अनवाय ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ
3)
अल्राभा दभीयी भव
ु रयक ऽ इब्ने असािय िे हवारे से लरखते हैं कि दलभश़ भें
518
इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) मन्िफे इमामत ऩर फाएज़ होने िे
ऩहऱे
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िी ववरादत 38 हहजयी भें हुई जफ कि हज़यत
अरी (अ.स.) इभाभे ज़भाना थे। दो सार उनिी ज़ाहहयी ज़ज़न्दगी भें आऩने हारते
साथ नहीॊ लभरता अरफत्ता आऩिी इफादत गुज़ायी औय आऩिे इख़्रा़ी िाय नाभे
519
फाज़ किताफों भें लभरते हैं फहय सयू त हज़यत अरी (अ.स.) िे आऽयी अय्माभे
राज़भी अभय है । कपय इभाभ हसन (अ.स.) िे साथ तो 22- 23 सार गज़
ु ाये थे
म़ीनन इभाभ हसन (अ.स.) िे जुभरा भाभरात भें आऩ ने फड़े फेटे िी है लसमत
िानदार फ़करदार
यवाना हो िय भक्िा भोअज़्ज़भा ऩहुॉचे चाय भाह ़माभ िे फाद वहाॊ से यवाना हो
िय 2 भोहयक भर
ु हयाभ िो वारयदे ियफरा हुए। वहाॊ ऩहुॉचते ही मा ऩहुॉचने से ऩहरे
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी शहादत िे वक़्त इस ़ाबफर न हो सिे कि भैदान भें जा
उठ फैठे औय भैदाने भें िायज़ाय भें लशद्दते भज़क िे फावजूद जा ऩहुचने िी सईए
520
ु़
आए एि चोफा ए खेभा रे िय भैदान िा अजभ िय हदमा नागाह इभाभ हुसन
ै
अ.) िो आवाज़ दी ‘‘ फहन सय्मदे सज्जाद िो योिो वयना नस्रे भोहम्भद (स.
अ.) िा ऽातभा हो जाएगा ’’ हुक्भे इभाभ से ज़ैनफ (स. अ.) ने सय्मदे सज्जाद
(अ.स.) िो भैदान भें जाने से योि लरमा। मही वजह है कि सय्मदों िा वजद
ू नज़य
ऽेभों भें से एि ऽेभे भें फदस्तूय ऩड़े हुए थे। हभायी हज़ाय जानें ़ुफाकन हो जामें
अऩनी बफभायी बर
ू गमे। आऩसे िहा गमा कि ना़ों ऩय सफ िो सवाय ियो औय
इब्ने ज़्माद िे दयफाय भें चरो। सफ िो सवाय ियने िे फाद आरे भोहम्भद (अ.स.)
521
हारत मह थी कि औयतें औय फच्चे यस्सीमों भें फॊधे हुए औय इभाभ रोहे भें जिड़े
हुए दयफाय भें ऩहुॉच गमे। आऩ चॊकू ि ना़े िी फयै हना ऩश्ु त ऩय सॊबर न सिते थे
इस लरमे आऩिे ऩैयों िो ना़े िी ऩश्ु त से फाॊध हदमा गमा था। दयफाये िूफ़ा भें
दाखखर
ु़ होने िे फाद आऩ औय भऽ
ु द्दे याते अस्भत ़ैद ऽाने भें फन्द िय हदमे
गमे। सात योज़ िे फाद आऩ सफ िो लरमे हुए शाभ िी तयफ़ यवाना हुए औय 19
हथिड़ी, ऩैयों भें फेड़ी औय गरे भे ऽायदाय तौ़े आहनी ऩड़ा हुआ था, इस ऩय
भस्
ु तज़ाद मह कि रोग आऩ ऩय आग फयसा यहे थे। इसी लरमे आऩने फाद वा़ेम
522
गई थी। रहूफ़ भद्
ु दते ़ैद िे फाद आऩ सफ िो लरमे हुए 20 सफ़य 62 हहजयी िो
सफ़ेद हो गमे थे कि जानने वारे उन्हें ऩहचान न सिे। (अहसन अऱसस ऩष्ृ ठ 182
प्रिालशत नजफ़) रूफाफ ने साम भें फैठना छोड़ हदमा, इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.)
गगयमा फ़यभाते यहे । (जरारुर ऐन ऩष्ृ ठ 256) अहरे भदीना मज़ीद िी फैअत से
ति इस होशरूफा औय रूह फ़यसा वा़ेए भें अऩने फाऩ िे साथ यहे औय फाऩ िी
शहादत िे फाद खद
ु ु़ इस अरलभमा िे हीयो फने औय कपय जफ ति ज़ज़न्दा यहे इस
523
सानेहा िा भातभ ियते यहे । 10 भोहयक भ 61 हहजयी िा मह अन्दोह नाि हादसा
ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) भद
ु तर
ु उम्र घर
ु ता यहा औय भयते दभ ति इसिी माद
फ़याभोश न हुई औय इसिा सदभाए जाॊ िाह दयू न हुआ। आऩ मॊू तो इस वा़ेए
िे फाद चालरस सार ज़ज़न्दा यहे भगय रत्ु फ़े ज़ज़न्दगी से भहरूभ यहे औय किसी ने
लसरलसरे भें आऩने जो जाफजा ऽुत्फे इयशाद फ़यभामे हैं उनिा तयजुभा दजे ज़ैर
है ।
हुए ऽुदा िी हम्दो सना िी। हज़यत फनी सालरभ िा ज़ज़क्र किमा उन ऩय सरवात
अफी तालरफ (अ.स.) हूॉ। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिी फेहुयभती िी गई, ज़जसिा
साभान रट
ू लरमा गमा, ज़जसिे अहरो अमार ़ैद िय हदमे गमे। भैं उसिा
फ़यज़न्द हूॉ जो साहहरे फ़ुयात ऩय ज़ब्हा िय हदमा गमा औय फाैय िफ़न व दफ़न
524
छोड़ हदमा गमा औय शहादते हुसन
ै (अ.स.) हभाये फ़ख़्र िे लरमे िाफ़ी है । ऐ रोगों
! भैं तम्
ु हे ऽद
ु ा िी ़सभ दे ता हूॉ ज़या सोचो तभ
ु ने ही भेये ऩदये फज़
ु गु व
क ाय िो
ऽत लरखा औय कपय तभ
ु ने ही उनिो धोखा हदमा, तभ
ु ने ही उनिे साथ अहदो
तुम्हायी याहें किस ़द्र फयु ी हैं, तुभ किन आऽों से यसर
ू (स. अ.) िो दे खोगे। जफ
यसर
ू फाज़ ऩस
ु क ियें गे कि तभ
ु रोगों ने भेयी इतयत िो ़त्र किमा औय भेये अहरे
भ़तर अफी भऽनफ़ ऩष्ृ ठ 135, फेहारूर अनवाय ज़जल्द 10 ऩष्ृ ठ 233,
रयमाज़र
ु िुद्ु़ स ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 328 औय यौज़ातर
ु अहफाफ वाैया भें है कि जफ
हज़यत ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) अहरे हयभ सभेत दयफाये मज़ीद भें दाखखर किमे
गमे औय अज़म्फमा िी तयह शीयी ज़फान भें ननहामत फ़साहत व फराात िे साथ
अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) हूॉ। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसने हज किमे हैं
525
उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसने तवाफ़े िाफा किमा है औय सई िी है । भैं वऩसये ज़भज़भ
व ऩष्ृ ठ हूॉ भैं फ़यज़न्दे फ़ात्भा ज़हया (स. अ.) हूॉ भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ जो ऩसे
गयदन से ज़ज़ब्हा किमा गमा। भैं उस प्मासे िा फ़यज़न्द हूॉ जो प्मासा ही दनु नमा से
उठा। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जस ऩय रोगों ने ऩानी फन्द िय हदमा हाराॊ कि
तभाभ भऽऱ
ू ात ऩय ऩानी जामज़ ़याय हदमा। भैं भोहम्भदे भस्
ु तफ़ा (स. अ.) िा
फ़यज़न्द हूॉ। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ जो ियफरा भें शहीद किमा गमा। भैं उसिा
फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिे अनसाय ज़भीन भें आयाभ िी ननन्द सो गमे भैं उसिा वऩसय हूॉ
ज़जसिे अहरे हयभ ़ैद िय हदमे गमे। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिे फच्चे फाैय
जुभों ऽता ज़ज़ब्हा िय डारे गमे। भैं उसिा फेटा हूॉ ज़जसिे ऽेभों भें आग रगा दी
गई। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ जो ज़भीने ियफरा ऩय शहीद िय हदमा गमा। भैं उसिा
हयभ िी ियफरा भें फेहुयभी िी गई। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिा ज़जस्भ ज़भीने
िे कपयामा गमा। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिे इदक गगदक लसवाए दश्ु भन िे िोई
औय न था। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ ज़जसिे अहरे हयभ िो ़ैद िय िे शाभ ति
कपयामा गमा। भैं उसिा फ़यज़न्द हूॉ जो फे मायो भददगाय था। कपय इभाभ (अ.स.)
526
़सभ हभाये ही घय से फ़रयश्तों िी आभदो यफ़्त यही औय हभ ही भादने नफव
ू त व
(ऻानी) फ़़यो भफ
ु ाहात िये । 4. हभ ही लसयातर भस्
ु त़ीभ औय हहदामत िा
भयिज़ हैं औय इसिे लरमे इल्भ िा सय चश्भा हैं जो इल्भ हालसर ियना चाहे
न ियता। हय फ़ख़्र हभाये फ़ु़ख़्र िे साभने ऩस्त है । हभाये दोस्त योज़े ़माभत सेयो
सेयाफ होंगे औय हभाये दश्ु भन योज़े ़माभत फद फख़्ती भें होंगे। जफ रोगों ने
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िा िराभ सन
ु ा तो चीऽ भाय िय योने औय ऩीटने
घफया उठा कि िहीॊ िोई कफ़तना न खडा ु़ हो जामे। इसिे लरमे उसने यद्दे अभर
भन्
ु ़ता िय दे । जफ भोअज़जु़ ़्ज़न गुरदस्ता ए अज़ान ऩय गमा औय िहा ‘‘
अज़भत िा इज़हाय किमा औय जो िुछ िहा ह़ िहा। कपय भोअज़जु़ ़्ज़न ने िाह ‘‘
527
अश हदोअन रा इराहा अल्रल्राह ’’ (भैं गवाही दे ता हूॉ कि नहीॊ िोई भाफद
ू
मह सन
ु िय हज़यत अरी बफन हुसन
ै (अ.स.) यो ऩड़े औय फ़यभामा ऐ मज़ीद भैं
अहरे फैत िो शहीद किमा? मज़ीद ने िोई जवाफ नहीॊ हदमा औय अऩने भहर भें
वास्ता नहीॊ है । इसिे फाद लभन्हार बफन उभय खड़े हुए औय िहा ऐ फ़यज़न्दे यसर
ू
(अ.स.) आऩिा क्मा हार है? फ़यभामा ऐ लभन्हार ऐसे शख़्स िा क्मा हार ऩछ
ू ते
हो ज़जसिा फाऩ ननहामत फे ददी से शहीद िय हदमा गमा। ज़जसिे भद्दगाय ऽत्भ
िय हदमे गमे हों, जो अऩने चायों तयफ़ अहरे हयभ िो ़ैद दे ख यहा हो ज़जनिा न
हो कि भैं भ़
ु य्मद हूॉ, ज़रीर रूसवा किमा गमा हूॉ, ना िोई भेया नालसय है न
528
तुभ दे ख ही यहे हो हभाये दश्ु भन हभें फयु ा बरा िहते हैं औय हभ सब्ु हो शाभ भौत
िा इन्तेज़ाय ियते हैं। कपय फ़यभामा अयफ व अजभ इस ऩय फ़ख्र ियते हैं कि
ऩहाड़ टूट गमे औय हभ िो ़ैद िय िे दय फदय कपयामा गमा गोमा हभाया हसफ
चढ़े औय फज़
ु गु गकमों िे फ़यश ऩय जरवा अफ़योज़ नहीॊ हुए। आज गोमा तभाभ मज़ीद
हो गई है । मह सन
ु ना था कि हय तयफ़ से योने ऩीटने िी सदाए फर
ु न्द हो गईं।
मज़ीद फहुत ऽाएफ़ हुआ कि िोई कफ़तना न खड़ा हो जाए इसने इस शख़्स से
िहा ज़जसने इभाभ िो लभम्फय ऩय तशयीफ़ रे जाने िो गमा था, ‘‘ वमहिा अयदत
कि मह रड़िा इतनी फर
ु न्द गुफ़्तुगू िये गा। मज़ीद ने िहा ‘‘ क्मा तू नहीॊ जानता
529
क्मों शहीद किमा? भोअज़जु़ ़्ज़न िी गुफ़्तुगू सन
ु िय मज़ीद फयहभ हो गमा ‘‘ फ़भय
िाफ़रा ियफरा होता हुआ भदीना िी तयफ़ चरा तो ़यीफे भदीना ऩहुॉच िय
हम्द उस ऽुदा िी जो तभाभ दनु नमा िा ऩयवयहदगाय है, योज़े जज़ा िा भालरि
है । तभाभ भख़्ऱ
ू ात िा ऩैदा ियने वारा है जो इतना दयू है फर
ु न्द आसभान से
बी फर
ु न्द है औय इतना ़यीफ है कि साभने भौजद
ू है औय हभायी फातों िो सन
ु ता
ज़भाने िी हौरनाॊि गयहदशों, ददक नाि ाभों, ऽतयनाि आफ़तों शदीद तिरीफ़ों
खदा
ु ु़ औय लसफ़क खदा
ु ु़ िे लरमे हम्द है । हभ फड़े फड़े भसाएफ भें भफ
ु नतरा किए गए,
दीवाये इस्राभ भें फहुत फड़ा यखना (लशााफ़) ऩड़ गमा। हज़यत अफू अब्दल्
ु राह
हुसन
ै (अ.स.) औय उनिे अहरे फैत शहीद िय हदमे गमे। इनिी औयतें औय फच्चे
530
़ैद िय हदमे गमे औय रशिये मज़ीद ने इनिे सय हाम भफ
ु ायि िो फर
ु न्द नैज़ों
नहीॊ। ऐ रोगों ! तभ
ु भें से िौन भदक है जो शहादते हुसन
ै (अ.स.) िे फाद खश
ु ु़ यहे
योए। भराएि भ़
ु ये फीन औय तभाभ आसभान वारे योए। ऐ रोगों ! िौन सा ़ल्फ
है जो शहादते हुसन
ै (अ.स.) िी ऽफय सन
ु िय पट न जाए। िौन सा ़ल्फ है जो
इस्राभ भें यखना ऩड़ा, फहया न हो। ऐ रोगों ! हभायी मह हारत थी कि हभ िशाॉ
िशाॉ कपयामे जाते थे। दय फदय ठुियाए जाते थे। ज़रीर किए गमे शहयों से दयू थे
गोमा हभ िो औरादे ति
ु क दिाबफर सभझ लरमा गमा था हाराॊ कि न हभ ने िोई
जभ
ु क किमा था न किसी िी फयु ाई िा इयते़ाफ किमा था न दीवाये इस्राभ भें िोई
अजदाद से सन
ु ा था, ऽुदा िी ़सभ अगय हज़यत नफी (स. अ.) बी इन रोगों
531
भाना फज़ल्ि ज़जतना उन्होंने किमा है इस से ज़्मादा सर
ु ि
ू ियते। हभ ऽुदा िे
लरमे हैं औय खद
ु ा िी तयफ़ हभायी फशाात है ।
रौज़ा ए रिऱ
ू (ि. अ.) ऩर इमाम (अ.ि.) की फरयाद
दाखखर
ु़ हुआ तो हज़यत उम्भे िुरसभ
ू (अ.स.) गगयमाओ फि
ु ा ियती हुई भज़स्जदे
ऽफये शहादत सन
ु ाती हूॉ। मह िहना था कि ़ब्रे यसर
ू (स. अ.) गगयमे िी सदा
फर
ु न्द हुई औय तभाभ रोग योने रगे कपय हज़यत ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) अऩने
حامی ومدافع
اسريا ومالی ا
532
من الضرماالحتملو االصابع
तयजभ
ु ा:
भहफफ
ू हुसन
ै (अ.स.) शहीद िय हदमा गमा औय आऩिी नस्र तफाह व फयफाद िय
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और खाके सिफा
लभसफाह उर भज
ु तहहद भें है कि हज़यत इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िे ऩास
एि िऩड़े भें फॊधी हुई थोड़ी सी ऽािे लशफ़ा यहा ियती थी। (भुनाक़फ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ
हज़यत िे हभयाह ऽािे लशफ़ा िा हभेशा यहना तीन हार से ऽारी न था मा उसे
भह
ु ाकफ़ज़ यखते थे औय रोगों िो फताना भ़सद
ू यहता था कि ज़जसिे ऩास ऽािे
लशफ़ा हो वह जभ
ु रा भसाएफ व अराभ से भहफ़ूज़ यहता है औय इसिा भार चोयी
533
इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) और मोहम्मदे हनफ़फया के दरसमयान
आफेदीन (अ.स.) िी फड़ी इज़्ज़त ियते थे। एि हदन अफू ऽालरद िाफरी ने उनसे
इसिी वजह ऩछ
ू ी तो िहा हजये असवद ने खखराफ़त
ु़ िा इनिे ह़ भें फ़ैसरा दे
गमा। (भन
ु ाक़फ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 326)
534
िफ
ु त
ू े इमामत में इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) का कन्करी ऩर मह
ु र
ऱगाना
उसर
ू े िाफ़ी भें है कि एि औयत ज़जसिी उम्र 113 सार िी हो चि
ु ी थी एि
इभाभत रगी हुई थी। उसिे आते ही बफरा िहे हुमे आऩने फ़यभामा कि वह
िन्ियी रा ज़जस ऩय भेये आफाओ अजदाद िी भोहयें रगी हुई हैं उस ऩय भैं बी
भोहय िय दॉ ।ू चन
ु ान्चे उस ने िन्ियी दे दी। आऩने उसे भोहय िय िे वाऩस िय
दी औय उसिी जवानी बी ऩरटा दी। वह ऽुश व खुयकभ वाऩस चरी गई। (दभए
भस्
ु तनद तवायीऽ भें है कि ियफरा िे फेगन
ु ाह ़त्र ने इस्राभ भें एि तहरिा
डार हदमा। ऽस
ु स
ू न ईयान भें एि िौभी जोश ऩैदा िय हदमा ज़जसने फाद भें फनी
अब्फास िो फनी उभय्मा िे ाायत ियने भें फड़ी भद्द दी चॊकु ि मज़ीद
था, उसिी भर
ु हहदाना हयितों औय इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे शहीद ियने से भदीने
भें इस ़द्र जोश पैरा कि 62 हहजयी भें अहरे भदीना ने मज़ीद िी भोअत्तरी िा
535
ऐरान िय हदमा औय अब्दल्
ु राह बफन हनज़रा िो अऩना सयदाय फना िय मजीदु़
िे गवकनय उस्भान बफन भोहम्भद बफन अफी सकु फ़मान िो भदीने से ननिार हदमा।
स्मत
ू ी तायीऽ अर ऽर
ु फ़ा भें लरखता है कि ासीर उर भरामिा (हनज़रा) िहते
हभें मह म़ीन नहीॊ हो गमा कि आसभान से ऩत्थय फयस ऩड़ेंगे। ाज़फ है कि रोग
भाॊ फहनों औय फेहटमाॊ से ननिाह ियें , ऐराननमाॊ शयाफ वऩमें औय नभाज़ छोड़ फैठें।
मज़ीद ने भज़ु स्रभ बफन अ़फा िो जो ऽॊू ये ज़ी िी िसयत िे सफफ (भस
ु रयफ़) िे
सर
ु ोहा भोहद्हदस थे इस वाक़मे भें भक़्तूर हुए। हज़ायों रड़िे रड़किमाॊ गराभ
ु ु़
536
फनाई गईं औय फा़ी रोगों से फशते ़ुफर
ू े ार
ु ाभी मज़ीद िी फैमत री गई।
भज़स्जदे नफवी औय हज़यत िे हयभे भोहतयभ भें घोड़े फॊधवामे गए। महाॊ ति कि
रीद िा अम्फाय रग गए। मह वाक़मा जो तायीऽे इस्राभ भें वा़ेए हयाक िे नाभ
लरखता है कि िुफ्र िा दोफाया जन्भ रेना इस्राभ िे लरमे सख़्त ऽौफ़ नाि औय
अरी ए भत
ु ज़
ुक ा (अ.स.) िा भ़तफ कपय भदीना भें जायी किमा भगय मह सहया भें
थी। भदीना कपय िबी न सॊबरा। फनी उभय्मा िे अहद भें भदीना ऐसी उजडी ु़
यहनभ
ु ा िी ज़रूयत ऩड़ी। हवास िो वह भिानात फताए जहाॊ इब्तेदाई ज़भाने िे
537
फज़
ु गुक ाने इस्राभ यहा ियते थे। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 36, तायीऽे अफुर कफ़दा
ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 191, तायीऽ फ़ख़्री ऩष्ृ ठ 86, तायीऽे िालभर ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 49, सवाए़े भोहये ़ा
ऩष्ृ ठ 132)
तवायीऽ से भारभ
ू होता है कि आऩिी एि छोटी सी जगह ‘‘भन्
ु फा’’ नाभी
थी जहाॊ खेती फाड़ी िा िाभ होता था। वा़ेए हुयाक िे भौ़े ऩय शहये भदीना से
ननिर िय अऩने गाॉव चरे गमे थे। (तायीऽे िालभर ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 45) मह वही जगह
है , जहाॉ हज़यत अरी (अ.स.) ऽरीफ़ा उस्भान िे अहद भें ़माभ ऩज़ीय थे। (अ़दे
हुई है भैं जान औय औयतों िी फेहुयभती से डयता हूॉ। उन्होंने साफ़ इन्िाय िय
538
हज़यत ने मह ख़्मार किए फाैय कि मह ऽानदानी हभाया दश्ु भन है औय इसने
अल्राभा भसद
ू ी लरखते हैं कि भदीने िे इन हॊ गाभी हारात भें एि हदन भज़ु स्रभ
जाने क्मा क्मा िह डारा रेकिन अल्राह ये आऩिा योफ व जरार कि ज्मों ही
आऩ उसिे ऩास ऩहुॉचे वह फ सयो ़द ताज़ीभ िे लरमे खड़ा हो गमा। फात चीत िे
शानदाय ताज़ीभ क्मो कि उसने जवाफ हदमा, भैं ़सदन व इयादतन ऐसा नहीॊ
539
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) िे फैअत का िवाऱ न करने की वजह
भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि वा़ेए हयाक भें भदीने िा िोई शख़्स ऐसा न था जो
किताफ ‘‘ अर हुसन
ै ’’ भें लरखते हैं कि मज़ीद िा हुक्भ था कि सफ से फैअत
हुसन
ै ी कियदाय ऩेश ियें गे औय एि नमा हॊ गाभा खड़ा हो जामेगा।
दश्ु मने अज़ऱी हिीन बफन नमीर के िाथ आऩकी करम नवाज़ी
भदीने िो तफाह फयफाद ियने िे फाद भज़ु स्रभ बफन अ़फह इज़ब्तदाए 64 हहजयी
गभ
ु याह, याहहए जहन्नभ हो गमा भयते वक़्त उस ने हसीन बफन नभीय िो अऩना
जा नशीन भ़
ु यक य िय हदमा। उसने वहाॊ ऩहुॉच िय ऽाना ए िाफा ऩय सॊग फायी िी
ऩरीद वालसरे जहन्नभ हो गमा। उसिे भयने िी ऽफय से इब्ने ज़ुफयै ने ारफा
540
भदीने िे दौयान ़माभ भें इस भरऊन ने एि हदन फ वक़्ते शफ चन्द सवायों
हभयाह िुछ ऊटॉ थे ज़जन ऩय गाज़ाई साभान रदा हुआ था। उसने आऩ से वह
इसे फ़योख़्त नहीॊ िय सिते (क्मों कि भैं इसे फ़ु़याए भदीना िे रामा हूॉ) उसने
ऩछ
ू ा िी आऩिा नाभ क्मा है? आऩने फ़यभामा ‘‘ अरी इब्नर
ु हुसन
ै ’’ िहते हैं।
कपय आऩने उससे नाभ दयमाफ़्त किमा तो उसने िहा भैं हसीन बफन नभीय हूॉ।
खखराफ़त
ु़ िोई नहीॊ। आऩ भेये साथ तशयीफ़ रे चरें भैं आऩिो तख़्ते खखराफ़त
ु़ ऩय
फैठा दॊ ग
ू ा। आऩ ने फ़यभामा कि भैं ऽद
ु ा वन्दे आरभ से अहद िय चि
ु ा हूॉ कि
ज़ाहहयी खखराफ़त
ु़ ़फर
ू न िरूॊगा। मह फ़यभा िय आऩ अऩने दौरत सया िो
541
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और फुक़राऐ मदीना की फ़कफाऱत
घय ऩहुॉचामा ियते थे। उनभे फहुत ज़्मादा ऐसे घयाने थे ज़जनभें आऩ मह बी भारभ
अरावा कि वह ऽय्माती ियते थे। त़यीफन जुभरा अज़म्फमा ज़याअत किमा ियते
थे। हज़यात आइम्भाए ताहे यीन (अ.स.) िा बी मही ऩेशा यहा है रेकिन मह हज़यात
इस िाश्त िायी से ऽुद फ़ामदा नहीॊ उठाते थे फज़ल्ि इस से ायु फा, फ़ु़या औय
तमयू िे लरमे योज़ी फ़याहभ किमा ियते थे। हज़यत इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.)
542
वरहू अर फ़़ीयो जुर हाजता वरैतना वर भना अऱफयता ऽसता भन अर तैय
’’ भैं अऩना फ़ामदा हालसर ियते िे लरमे ज़याअत नहीॊ किमा ियता फज़ल्ि भैं इस
िुफ
ु़ यक हू िो योज़ी फ़याहभ िरूॉ। (सफ़ीनतुर फेहाय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 549)
वाज़े हो कि िुफ
ु़ यहू वह ताएय हैं जो अऩने भहरे इफादत भें िहा ियता है ‘‘
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और फ़फत्नाए इब्ने ज़फ
ु ैर
भव
ु रयक ऽ लभ0 ज़ाकिय हुसन
ै लरखते हैं कि अब्दल्
ु राह बफन ज़ुफयै जो आरे
भोहम्भद (स. अ.) िा शदीद दश्ु भन था 3 हहजयी भें हज़यत अफू फिय िी फड़ी
लरमे जॊगे जभर भें भैदान गयभ ियने भें उसने ऩयू ी सई से िाभ लरमा था। मह
अरावा तभाभ भभ
ु ालरिे इस्राभ भें इसिी फैअत िय री गई। अ़दर
ु फ़यीद औय
543
भरूज उज़ ज़हफ भें है कि जफ इसिी िुव्ु़ वत फहुत फढ़ गई तो उसने ऽुतफे भें
िे लरमे फर
ु ामा उन्होंने इन्िाय किमा तो फयसये लभम्फय उनिो गालरमाॊ दीॊ औय
ऽुत्फे से यसर
ू अल्राह (स. अ.) िा नाभ ननिार डारा औय जफ इसिे फाये भें इस
ऩय एनतयाज़ किमा गमा तो जवाफ हदमा कि इस से फनी हालशभ फहुत फ़ुरते हैं, भैं
हदर भें िह लरमा ियता हूॉ। इसिे फाद उस ने भोहम्भद हनकफ़मा औय इब्ने
़ैद ऽाने िे दयवाज़े ऩय गचन दीॊ औय िहा कि अगय फैअत न ियोगे तो भैं आग
रगा दॊ ग
ू ा। ज़जस तयह फनी हालशभ िे इन्िाये फैअत ऩय रिड़ड़मा गचनवा दी गई
अब्दल्
ु राह जदरी िी सय ियदगी भें बेजी थी औय उसने इन भोहतयभ रोगों िो
अफू हभज़ा शभ
ु ारी िा फमान है कि एि हदन हज़यत िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हुआ
औय चाहा कि आऩसे भर
ु ा़ात िरूॉ रेकिन चॊकू ि आऩ घय िे अन्दय थे, इस लरमे
सए
ु अदफ सभझते हुए भैंने आवाज़ न दी। थोड़ी दे य िे फाद ऽुद फाहय तशयीफ़
544
राए औय भझ
ु े हभयाह रे िय एि जाननफ यवाना हो गए। यास्ते भें आऩने एि
हदवाय िी तयफ़ इशाया ियते हुए फ़यभामा, ऐ अफू हभज़ा ! भैं एि हदन सख़्त यॊ जो
भि
ु द्दस फज़
ु ुगक साफ़ सथ
ु ये िऩड़े ऩहने हुए भेये ऩास आए औय िहने रगे आखखय
ु़
ऽद
ु ा उसिी भद्द ियता है । जो उससे तरफ ियता है वह उसे दे ता है । मह िह
िय वह भ़
ु द्दस शख़्स भेयी नज़यों से ााएफ हो गमे औय हानतफ़े ाैफी ने आवाज़
खखज्र
ु़ (अ.स.) थे। (नुरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 129, भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 264, शवाहे दन
ु नफूवत
क़ज़े िे िफ
ु क
ु दोिी
545
(अ.स.) िे ़ज़े िी अदाएगी िी कफ़क्र भें यहा ियते थे औय चाहते थे कि किसी न
िय दॊ ।ू बफर आखखय
ु़ आऩने ‘‘ चश्भए तहनस ’’ िो जो कि इभाभ हुसन
ै (अ.स.)
से सफ
ु ि
ु दोशी हालसर फ़यभाई। चशभे िे फेचने भें मह शतक थी कि शफे शम्फा िो
ऩानी रेने िा ह़ ऽयीदने वारे िो न होगा फज़ल्ि उसिी ह़दाय लसफ़क इभाभ
(फेहारूर अनवाय, वफ़ा अर वफ़ा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 249 व भनाक़फ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 114)
(अ.ि.)
मज़ीद िे भयने िे फाद उसिा फेटा अफू रैरा, भाववमा बफन मज़ीद ऽरीफ़ा ए
िो दोस्त यखता था। फा यवामत हफीफ अर सैय उसने रोगों से िहा कि भेये लरमे
खखराफ़त
ु़ सज़ावाय औय भन
ु ालसफ नहीॊ है भैं ज़रूयी सभझता हूॉ कि इस भाभरे भें
तम्
ु हायी यहफयी िरूॉ औय फता दॊ ू कि मह भन्सफ किस िे लरमे ज़ेफा है, सन
ु ो !
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) भौजद
ू हैं उन भें किसी तयह िा िोई ऐफ ननिारा
546
नहीॊ जा सिता। वह इस िे ह़ दाय औय भस्
ु तह़ हैं, तुभ रोग उनसे लभरो औय
गई औय अब्दल्
ु राह इब्ने ज़ज़माद ईया़ भें ऽरीफ़ा फन गमा।
भाववमा इब्ने मज़ीद हहल्भ व सरीभ अर फतआ जवाने सारेह था। वह अऩने
इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 37) अल्राभा भआलसय य़भ तयाज़ हैं कि 64 हहजयी भें मज़ीद
भया तो उसिा फेटा भाववमा ऽरीफ़ा फनामा गमा। उसने चारीस योज़ औय फाज़
़ौर िे भत
ु ाबफ़ 5 भाह खखराफ़त
ु़ िी। उसिे फाद ऽुद खखराफ़त
ु़ छोड़ दी औय
अऩने िो खखराफ़त
ु़ से अरग िय लरमा। इस तयह कि एि योज़ लभम्फय ऩय चढ़
रोगों िी खखराफ़त
ु़ से फड़े अज़ाफ भें भज़ु ब्तरा औय गगयफ़्ताय हूॉ औय तुभ रोग बी
547
दादा भाववमा ने इस खखराफ़त
ु़ िे लरमे उस फज़
ु ुगक से जॊगो जदर िी जो इस
खखराफ़त
ु़ िे लरमे उस से िहीॊ ज़्मादा सज़ावाय औय भस्
ु तह़ थे औय वह हज़यत
इस खखराफ़त
ु़ िे लरमे लसफ़क भाववमा ही नहीॊ फज़ल्ि दस
ू ये रोगों से बी अफ़ज़र थे
त़रूकफ हालसर था। हज़यत तभाभ सहाफा, भहाजेयीन से ज़्मादा अज़ीभ उर ़द्र,
अ.) िी सोहफत िा फ़ख्र हालसर ियने वारे थे। अरावा इन फ़ज़ाएर व भनाक़फ
मानी ऩािो ऩािीज़ा दयऽते रयसारत िे पूर थे। उनिे ऩदये फज़
ु गु व
क ाय हज़यत अरी
तुभ रोग ऽूफ जानते हो औय भेये दादा िी वजह से तुभ रोग ज़जस गुभयाही भें
ऩड़े उस से बी तुभ रोग फे ऽफय नहीॊ हो। महाॊ ति कि भेये दादा िो उसिे इयादे
भें िाभमाफी हुई औय उसिे दनु नमा िे सफ िाभ फन गए भगय जफ उसिी अजर
548
उसिे ़यीफ ऩहुॉच गई औय भौत िे ऩॊजों ने उसिो अऩने लशिॊजे भें िस लरमा तो
गुभयाही भें भेया दादा था उसी ज़रारत भें ऩड़ िय भेया फाऩ बी ऽरीफ़ा फन फैठा
औय तुभ रोगों िी हुिूभत अऩने हाथ भें रे री हाराॊ कि भेया फाऩ मज़ीद बी
इस्राभ िुश फातों दीन सोज़ हयितों औय अऩनी रूलसमाहहमो िी वजह से किसी
ज़जसिे फाद उसने दनु नमाॊ भें जो अॊधेया किमा उस से ज़भाना वाक़फ़ है कि
अल्राह से भ़
ु ाफरा औय सयिशी ियने ति ऩय आभादा हो गमा औय हज़यत
यसर
ू े ऽद
ु ा (स. अ.) से इतनी फाावत िी कि हज़यत िी औराद िा ऽन
ू फहाने
वह अऩने आभार िे भज़े चख यहा है औय अऩने गढ़े (़ब्र ़्य) से लरऩटा हुआ औय
अऩने गुनाहों िी फराओॊ भें पॊसा हुआ ऩड़ा है । अरफत्ता उसिी सफ़ाकिमों िे
नतीजे जायी औय उसिी ऽॊू ये ज़ज़मों िी अराभतें फा़ी हैं। अफ वह बी वहाॊ ऩहुॉच
549
गमा जहाॊ िे लरमे अऩने ियतूतों िा ज़ऽीया भोहय्मा किमा था औय अफ किमे ऩय
क्मा िहा गमा, क्मा वह अऩने गुनाहों िे अज़ाफ भें डार हदमा गमा औय अऩने
आभार िी सज़ा बग
ु त यहा है? भेया गुभान तो मही है कि ऐसा ही होगा। उसिे
चीऽता यहा।
कपय फोरा, अफ भैं अऩने ज़ालरभ ऽानदान फनी उभय्मा िा तीसया ऽरीफ़ा
बाईमों भैं तभ
ु रोगों िे गन
ु ाहों िे फाय उठाने िी ता़त नहीॊ यखता औय ऽद
ु ा
वह हदन बी भझ
ु े न हदखाए कि भैं तभ
ु रोगों िी गभ
ु याहहमाॊ औय फयु ाईमों िे फाय
से रदा हुआ उसिी दयगाह भें ऩहुॉचॉ ।ू अफ तुभ रोगों िो अऩनी हुिूभत िे फाये भें
इख़्तेमाय है उसे भझ
ु से रे रो औय ज़जसे ऩसन्द ियो अऩना फादशाह फना रो कि
भैंने तुभ रोगों िी गयदनों से अऩनी फैअत उठा री। वस्सराभ। ज़जस लभम्फय ऩय
भाववमा इब्ने मज़ीद ऽुत्फा दे यहा था उसिे नीचे भयवान बफन हिभ बी फैठा हुआ
550
था। ऽुत्फा ऽत्भ होने ऩय वह फोरा, क्मा हज़यत उभय िी सन्
ु नत जायी ियने िा
था तभ
ु बी इसे शयू ा िे लसऩद
ु क ियते हो। इस ऩय भाववमा फोरा, आऩ भेये ऩास से
तरखखमाॊ
ु़ फयाफय चख यहा हूॉ। जैसे रोग उभय िे ज़भाने भें थे, वैसे ही रोगों िो
लसऩद
ु क किमा औय ज़जस फज़
ु गु क हज़यत अरी (अ.स.) िी अदारत भें किसी क़स्भ
बी ऐसा ियने िी वजह से क्मा ज़ालरभ नहीॊ सभझे गमे। ऽुदा िी ़सभ अगय
खखराफ़त
ु़ िोई नफ़े िी चीज़ है तो भेये फाऩ ने उस से ऩ
ु सान उठामा औय गुनाह
भेयी नजात किसी तयह नहीॊ हो सिती। उसिे फाद फनी उभय्मा उसिे उस्ताद
551
उभय भ़सस
ू से िहने रगे कि तू ही ने भाववमा िो मह फातें लसखाई हैं औय
उसिो खखराफ़त
ु़ से अरग किमा है औय अरी (अ.स.) व औरादे अरी (अ.स.) िी
उसिी नज़य भें ऩसॊदीदा ़याय दे हदमा है ज़जस ऩय उस ने मह ऽुत्फा फमान किमा
है । भ़सस
ू ने जवाफ हदमा ऽुदा िी ़सभ भझ
ु से उसिा िोई वास्ता नहीॊ है
िय हदमा।
55, तायीऽे ऽभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 232, तायीऽे आइम्भा ऩष्ृ ठ 391)
भव
ु रयक ऽ लभस्टय ज़ाकिय हुसन
ै लरखते हैं, इसिे फाद फनी उभय्मा ने भाववमा
िा ऽात्भा हो गमा औय भयवानी शाऽ िी दाा फेर ऩड़ गई। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द
1 ऩष्ृ ठ 38) भव
ु रयक ऽ इब्नर
ु वयदी अऩनी तायीऽ भें लरखते हैं कि भाववमा इब्ने
552
मज़ीद िे भयने िे फाद शाभ भें फनी उभय्मा ने भत
ु फ़्फ़े़ा तौय ऩय भयवान बफन
भयवान िी हुिूभत लसफ़क एि सार ़ामभ यही कपय उसिे इन्ते़ार िे फाद
अब्दऱ
ु मसऱक इब्ने मरवान और इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.)
भस
ु तफद फ़ये फी औय ईभान से दयू था। वह अजीफ ़ाफलरमत िे साथ अऩनी
खखराफ़त
ु़ िो भस्
ु तहिभ ियने भें भसरूफ़ हुआ। उसिी याह भें भख़्
ु ताय बफन अफी
ने नभ
ु ामाॊ कियदाय अदा किमा था इस लरमे अब्दर
ु भलरि बफन भयवान ने उसे
553
हज्जाज ने अऩनी हहजाज़ िी गवकनयी िे ज़भाने भें भदीने िे रोगों ऩय ज़जनभें
असहाफे यसर
ू (स. अ.) बी थे फड़े फड़े ज़ल्
ु भ किमे। ईया़ भें अऩनी फीस फयस िी
लभश़ात 5,00000 ऩाॊच राख) फन्दगाने ऽुदा िा ऽून फहामा था। ज़जनभें से फहुत
रोगों ऩय झठ
ू े इल्ज़ाभ औय फोहतान रगामे गमे थे। उसिी वफ़ात िे वक़्त
50,000 (ऩचास हज़ाय) भदक व ज़न ़ैद ऽानों भें ऩड़े हुए उसिी जान िो यो यहे
ऐसे ही उसिे गवयनय, हज्जाज ईया़ भें , भेहयफान ऽुयासान भें , हश्शाभ इब्ने
भसद
ू ी लरखता है कि फे ऩयवाही से ऽन
ू फहाने भें अब्दर
ु भलरि िे आलभर इसी
िुछ किमा ियता था। अऽतर इसिे दयफाय िा भशहूय शामय औय ज़हयी भशहूय
1 ऩष्ृ ठ 42)
554
ज़हयी िा असर नाभ इभाभ अफू फिय भोहम्भद बफन भज़ु स्रभ बफन अफीद
उल्रा इब्ने शहाफ ज़हयी भदनी शाभी था। मह ताफई फ़़ीह औय भोहद्हदस था।
51 हहजयी भें ऩैदा हो िय 124 हहजयी भें फ़ौत हुआ। भदीने िे नाभी भोहद्हदसों
आऩ िो जॊजीयों भें जिड़ िय भदीने से फाहय एि ऽेभें भें ठहया हदमा गमा।
हुआ। जफ भेयी नज़य हथिड़ी औय फेड़ड़मों ऩय ऩड़ी तो भेयी आॊखों से आॊसू ननिर
ऩड़े औय भैं अज़क ऩयदाज़ हुआ कि िाश आऩिे फजाए रोहे िे ज़ेवयात भैं ऩहन
रेता औय आऩ इससे फयी हो जाते। आऩने फ़यभामा ज़हयी तुभ भेयी हथिड़ड़माॊ,
अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई फा हवारा ज़हयी लरखते हैं कि इस वा़ेए
िे फाद अब्दर
ु भलरि इब्ने भयवान िे ऩास गमा भैंने िहा कि ‘‘ ऐ अभीय, रैमसा
555
अरी इब्नर
ु हुसन
ै है स तज़न अन्दा भशगर
ू ु़ फे यब्फेही ’’ इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन
से िोई हदरचस्ऩी नहीॊ यखते वह ऽालरस अल्राह वारे हैं। कि ज़हयी िे तज़किये
ऽुसस
ू ी िे फाद अब्दर
ु भलरि इब्ने भयवान ने हज्जाज बफन मस
ू फ़
ु िो लरखा कि
वाक़मे िे फाद से औरादे अफु तालरफ हज्जाज िे हाथों से अभान भें यही। (तायीऽे
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और फतु नयादे काफा ए मोहतरम व
भसअफ बफन ज़ुफयै िो ़त्र किमा कपय 72 हहजयी भें हज्जाज बफन मस
ू फ़
ु िो एि
556
िी इब्ने ज़ुफयै ने ज़फय दस्त भ़
ु ाफरा किमा औय फहुत सी रड़ाईमाॊ हुईं, आखखय
ु़ भें
इब्ने ज़फ
ु यै भहसयू हो गए, औय हज्जाज ने इब्ने ज़फ
ु यै िो िाफे से ननिारने िे
जभाहदर आखखय
ु़ 73 हहजयी भें ़त्र हुआ। (तायीऽ इब्नुर वयदी) औय हज्जाज जो
भत
ु वज्जे हुआ।
अल्राभा सद्द़
ू किताफ एररश
ु शयाए भें लरखते हैं कि हज्जाज िे हदभे िाफा
लरमा कि इसिी िोई ऩयु ानी चीज़ फा़ी न यही। कपय हज्जाज िो ख़्मार ऩैदा हुआ
एि अज़दहा फयाभद हो िय ऐसी जगह फैठ गमा ज़जसिे हटे फाैय िाभ आगे नहीॊ
फढ़ सिता था। रोगों ने इस वाक़ए िी इत्तेरा हज्जाज िो दी, हज्जाज घफया उठा
आज िय फ़यज़न्दे यसर
ू (स. अ.) हज़यत ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) महाॊ आए हुए हैं
नहीॊ िय सिता। चन
ु ान्चे हज्जाज ने आऩिो ज़हभते तशयीफ़ आवयी दी। आऩने
557
फ़यभामा हज्जाज तूने ऽाना ए िाफा िो अऩनी भीयास सभझ लरमा। तूने तो
भत
ु अज़ल्ऱ जो शम बी किसी िे ऩास हो वह जल्द अज़ जल्द वाऩस ियें चन
ु ान्चे
ज़ालरि साय अर फैत भयतफ़अन ’’ कपय इसी फनु नमाद ऩय ऽाना ए िाफा िी
ताभीय फर
ु न्द हुई। किताफ अर ऽयाएज वर हयाए भें अल्राभा िुतफ यावन्दी
लरखते हैं कि जफ ताभीये िाफा उस भ़ाभ ति ऩहुॉची ज़जस जगह हजये असवद
नसफ ियना था मह दश
ु वायी ऩैदा हुई कि जफ िोई आलरभ, ज़ाहहद, ़ाजी ु़ उसे
भत
ु ाज़रज़ज़र औय भज़
ु तरयफ यहता औय अऩने भ़
ु ाभ ऩय ठहयता न था बफर
आखखय
ु़ इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) फर
ु ाए गए औय आऩने बफज़स्भल्राह िह िय
558
मस
ू फ़
ु ने मज़ीद बफन भाववमा ही िी तयह ऽाना ए िाफा ऩय लभनज़नी़ से ऩत्थय
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और अब्दऱ
ु मसऱक बफन मरवान का
हज
ऩहुॉच गए। भनालसिे हज िे लसरलसरे भें दोनों िा साथ हो गमा। हज़यत इभाभ
ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) आगे आगे चर यहे थे औय फादशाह ऩीछे ऩीछे चर यहे था।
अब्दर
ु भलरि िो मह फात नागवाय हुई औय उसने आऩसे िहा क्मा भैंने आऩ िे
कि ज़जसने भेये फाऩ िो ़त्र किमा है उसने अऩनी दनु नमा व आऽेयत ऽयाफ िय
री ह, ै क्मा तू बी मही हौसरा यखता है? उसने िहा नहीॊ। भेया भतरफ मह है
फ़यभामा, भझ
ु े तेये भारे दनु नमा िी ज़रूयत नहीॊ है, भझ
ु े दे ने वारा ऽुदा है । मह
559
िा ननिरना था कि रयदाए भफ
ु ायि भोनतमों से बय गई। आऩने उसे याहे ऽुदा भें
इभाभर
ु हदीस ज़हयी िा फमान है कि भैं हज िे भौ़े ऩय इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन
(अ.स.) िे ऩास भ़ाभे अयाफ़ात भें खड़ा हाज़जमों िो दे ख यहा था। दफ़तन भेये भह
ु ॊ
से ननिरा कि भौरा कितने राख हाजी हैं औय कितना ज़फयदस्त शोय भचा हुआ
िी तो भझ
ु े राखों आदलभमों भें दस हज़ाय िे एि िे तनासफ
ु से इन्सान हदखाई
औय सही अ़ीदे िे फाैय हज ियते हैं उनिा मही हश्र होता है । ऐ ज़हयी नेि
ननमत औय हभायी भोवद्दत व भोहब्फत िे फाैय साये आभार फेिाय हैं। (तफ़सीये
560
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और एक मदे फल्खी
अल्राभा शेऽ तयही औय अल्राभा भजलरसी य़भ तयाज़ हैं कि फरऽ िा यहने
आज ति तुभ िो िुछ न हदमा। उसने िहा तौफा ियो तुम्हाये लरमे मह िहना
सज़ावाय नहीॊ है, वह इभाभे ज़भाना हैं। वह भालरिे दीनो दनु नमाॊ हैं। वह फ़यज़न्दे
यसर
ू (स. अ.) हैं। वह तम्
ु हायी फातें सन
ु यहे हैं। मह सन
ु िय वह ऽाभोश हो गई।
खखदभत
ु़ भें ऩहुॉचा औय सराभ व दस्त फोसी िे फाद आऩिे ऩास फैठा तो आऩ ने
खाना तरफ फ़यभामा। हुक्भे इभाभ (अ.स.) से भजफयू हो िय उसने इभाभ (अ.स.)
धर
ु ाना चाहा। आऩने फ़यभामा तू भहभान है , मह तेया िाभ नहीॊ। उसने इसयाय
किमा औय हाथ धर
ु ाना शरू
ु िय हदमा। जफ तश्त बय गमा तो आऩने ऩछ
ू ा मह
क्मा है । उसने िहा ‘‘ ऩानी ’’ हज़यत ने फ़यभामा नहीॊ ‘‘ मा़ूते अहभय ’’ हैं। जफ
ज़भयु क दे सब्ज़ ’’ औय ‘‘ दयु े फैज़ ’’ से बय गमा। मानी तीन फाय ऐसा ही हुआ मह
561
दे ख िय वह है यान हो गमा औय आऩिे हाथों िा फोसा दे ने रगा। हज़यत ने
औय िुछ भारे दनु नमा से नहीॊ है । वह शख़्स शयलभन्दा हो िय फोरा, भौरा आऩिो
हभायी फीवी िी फात किसने फता दी? इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा हभें सफ भारभ
ू
जवाहे यात दे िय साया वा़ेमा फमान किमा। फीवी ने िहा आइन्दा सार भैं बी चर
िय ज़ज़मायत िरूॉगी। जफ दस
ू ये सार फीवी हभयाह यवाना हुई, तो यास्ते भें
खखदभत
ु़ हुई तो िहने रगी, ऽुदा िी ़सभ इन्होंने भझ
ु े भरिुर भौत से िह िय
(अर भुन्तखखफ
ु़ वर बफहाय)
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) चॊकू ि फ़यज़न्दे यसर
ू (स. अ.) थे इस लरमे आऩ
भें सीयते भोहम्भहदमा िा होना राज़भी था। अल्राभा भोहम्भद इब्ने तल्हा शाफ़ेई
562
लरखते हैं कि एि शख़्स ने आऩिो फयु ा बरा िहा, आऩने फ़यभामा, बाई भैंने तो
तेया िुछ नहीॊ बफगाड़ा अगय िोई हाजत यखता हो तो फता ताकि भैं ऩयू ी िरूॊ। वह
(भतारेफस
ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 267)
अल्राभा हजये भक्िी लरखते हैं, एि शख़्स ने आऩिी फयु ाई आऩिे भॊह
ु ऩय िी,
फात िी ऩयवाह न ियो, ऩय अभर िय यहा हूॉ। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120)
जफ वहाॊ ऩहुॉच,े तो उस से फ़यभामा बाई जो फात तूने भेये लरमे िही है, अगय भैंने
सख़्त अल्फ़ाज़ भें गालरमाॊ दे ने रगा। आऩने फ़यभामा कि अगय िोई हाजत यखता
563
नहीॊ, जो जी चाहे िहो औय अगय उसे ऩाय न िय सिॊू तो भैं इस से ज़्मादा फयु ाई
िा भस्
ु तह़ हूॉ जो तभ
ु ने िी। (नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 126- 127)
हो, अच्छा भेये साथ चरो, भेये महाॊ ़माभ ियो औय जो हाजत यखते हो फताओ
ताकि भैं ऩयू ी िरूॊ। वह शयलभन्दा हो िय चरा गमा। (हमातुर है वान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ
121)
थे कि ऽुदा तेया बरा िये कि तू भेया ज़ादे याहे आऽेयत उठाने िे लरमे आ गमा
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) सहीफ़ा ए िाभेरा भें इयशाद फ़यभाते हॊ ,ै ऽुदा
वन्दा भेया िोई दयजा न फढ़ा, भगय मह कि इतना ही खुद भेये नज़दीि भझ
ु िो
564
इमाम ज़ैनुऱ आफेदीन (अ.ि.) और िहीफा ए कामेऱा
व फ़ुनन
ू िे जौहय भौजूद हैं। मह ऩहरी सदी िी तसनीफ़ है । (भआलरभ अर उरेभा
इन्जीरे अहरेफत
ै (अ.स.) िहा है । (नेमाफर
ु भोअद्दता ऩष्ृ ठ 499 व फ़ेहरयस्त िुतफ
ु ऽाना
ऩष्ृ ठ 1) इसिी चारीस हज़ाय शयहें हैं ज़जनभें भेये नज़दीि रयमाज़ुर सारीिैन िो
फ़ौिीमत
ु़ हालसर है ।
अब्दर
ु भलरि इब्ने भयवान िा सन ़् 105 भें ऽरीफ़ा होने वारा फेटा हश्शाभ
बफन अब्दर
ु भलरि अऩने फा ऩिे अहदे हुिूभत भें एि भयतफा हज्जे फैतुल्राह िे
लरमे भक्िे भोअज़्ज़भा गमा। भनालसिे हज फजा राने िे लसरलसरे भें तवाफ़ से
फ़याात िे फाद हजये असवद िा फोसा दे ने आगे फढ़ा औय ऩयू ी िोलशश िे फवजद
ू
565
उसिे भानने वारों िा अम्फोह िसीय था। मह फैठा हुआ इन्तेज़ाय ही िय यहा था
(अ.स.) फयाभद हुए। आऩने तवाफ़ िे फाद ज्मों ही हजये असवद िी तयफ़ रूऽ
किमा भजभा पटना रगा, हाजी हटने रगे, यास्ता साफ़ हो गमा औय आऩ ़यीफ
भत
ु ारेआ िय यहा था जर बन
ु िय ऽाि हो गमा औय उसिे साथी फहये है यत भें
सभझते हुए कि अगय तअरूकफ़ िया हदमा औय इन्हें फता हदमा कि मह ऽानदाने
रयसारत िे चश्भों गचयाा हैं तो िहीॊ भेये भानने वारों िी ननगाह भेयी तयफ़ से
हयभ सफ ऩहचानते हैं औय उसिे ़दभ यखने िी जगह, ़दभ िी चाऩ िो ज़भीन
फतहा बी भहसस
ू िय रेती है । भैं इस यदीफ़ भें इस ़सीदे िा उदक ू भनजूभ
566
मह वह है जानता है भक्िा ज़जसिे नक़्शे ़दभ
ऽद
ु ा िा घय बी है, आगाह औय हहल्रो हयभ
फज़
ु गुक गमों ऩे हुई इसिी इन्तेहाए ियभ
रेकिन मह भारभ
ू होने िे फाद कि ़सीदे िे लरमे भतरा ज़रूयी होता है । उसे
ऩहरा शेय ़याय नहीॊ हदमा जा सिता, अर फत्ता मह भज़ु म्िन है कि मह सभझा
इसी शेय से िी थी औय भव
ु ये ऽीन ने इसी शेय िो ऩहरा शेय ़याय दे हदमा।
अल्राभा अब्दल्
ु राह इब्ने भोहम्भद इब्ने मस
ू फ़
ु ज़ाज़नी अर भौतफ़
ू ी 231 हहजयी
शयहे सफहे भअ
ु ल्रे़ात भें लरखते हैं कि इस ़सीदे िा ऩहरा शेय मह है ।
567
क़िीदाऐ फरज़दक़ के मत
ु ासऱक़ एक ग़ऱत फहमी और उिका इज़ाऱा
शाएय अयफ अफू अरतभाभ हफीफ अदस बफन हायस ताई आभरी शाभी फादाद िे
भयवान िी भदह भें िहे थे, साथ ही साथ मह बी लरखा है ‘‘व अरनास मयोदन
व है ारतभन यदहाफ़ह रान हाज़ा रेस भभामदहा फेही लभस्र अरी बफन अर हुसन
ै
अफमात िे भत
ु ाअज़ल्ऱ मह यवामत ियते हैं कि मह फ़यज़द़ िे हैं औय उसने
अशआय उनिे शामाने शान नहीॊ हैं वह तो अऩने वक़्त िे सफ से फड़े साहे फे
फ़ज़ीरत थे। भैं िहता हूॉ कि मह अशआय फ़यज़दि ही िे हैं क्मों कि इसे फेशभ
ु ाय
फ़हूर उरभा व भव
ु ये ऽीन ने उन्हीॊ िे अश ़्आय तसरीभ किए हैं ज़जनभें इभाभ अर
ज़दज़नी अर भौतूफ़ी 431 हहजयी व अल्राभा इब्ने हजय भक्िी व हाकफ़ज़ अफू
568
399 प्रिालशत ईयान 1303 इन उरभा िे तसरीभ ियने िे फाद किसी फ़यदे
जो चभ
ू ने हजये असवद, आए ननज़्दे हयभ
नज़य झि
ु ाए हैं सफ मह हमा है योफ से रोग
जो भस्
ु िुयाए तो आजाए, फात ियने िा दभ
569
अज़र से लरखी है, ह़ ने शयाफ़तों अज़्ज़त
खखराफ़
ु़ े वादा नहीॊ ियता, मह भफ
ु ायि ज़ात
570
भोहब्फत इसिी है ‘‘ दीन ’’ औय अदावत इसिी है िुफ़्र
शभ
ु ाय ज़ाहहदों िा हो, तो ऩेशवा महा हो
न भफ़
ु लरसी िा असय है, फ़याा दस्ती ऩय
इसी िा ज़ज़क्र भ़
ु द्दभ है फाद ज़ज़क्रे खदा
ु ु़
571
ऽुदा िो जानता है जो इसे बी जानता है
इस ़सीदे िो सन
ु िय हश्शाभ ाैज़ो ाज़फ से ऩेचो ताफ खाने रगा औय उसिा
वावऩस िय हदमा कि भैंने दनु नमावी उजयत िे लरमे ़सीदा नहीॊ िहा है इस से भैं
(अ.स.) िा मह उसर
ू है कि जो चीज़ दे दे ते हैं कपय उसे वाऩस नहीॊ रेते। तुभ इसे
भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 226, अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 403, भजालरसे अदफ, ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 254,
वसीरतुन नजात ऩष्ृ ठ 320, तायीऽे अहभदी ऩष्ृ ठ 328, तायीऽे आइम्भा ऩष्ृ ठ 369, हुरमतुर
अल्राभा इब्ने हसन जायचवी लरखते हैं कि ‘‘ हश्शाभ उनिो एि हज़ाय दीनाय
हो, कितने सार ज़ज़न्दा यहने िी उम्भीद है ? उन्होंने िहा मही फीस सार। फ़यभामा
572
भझ
ु े अफू भोहम्भद अरी इब्नर
ु हुसन
ै (अ.स.) ने बी य़भ इनामत फ़यभाने िा
िा उम्भीदवाय हूॉ।
दीनाय अता फ़यभामे औय हुआ बी ऐसी ही कि फ़यज़द़ उसिे फाद चारीस सार
औय ज़ज़न्दा यहे । (तज़किया भोहम्भद (स. .अ.) व आरे भोहम्भद (अ.स.) ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ
190)
फरज़न्दे रिऱ
ू (ि.अ.व.व.) इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) और मख़्
ु तार
आऱे मोहम्मद
अब्दर
ु भलरि बफन भयवान िे अहदे खखराफ़त
ु़ भें हज़यते भख़्
ु ताय बफन अफू
अल्राभा भसद
ू ी लरखते हैं कि इस भ़सद भें िाभमाफी हालसर ियने िे लरमे
रेने से इन्िाय िय हदमा। (भरूजुर ज़हफ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 155) अल्राभा नरू
ु ल्राह
शस्
ू तयी शहीदे सालरस तहयीय फ़यभाते हैं कि अल्राभा हहल्री ने भख़्
ु ताय िो
भ़फर
ू रोगों भें शभ
ु ाय किमा है । इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) ने उन ऩय ऩ
ु ता
573
चीनी ियने से योिा है औय इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने उनिे लरमे यहभत िी
दआ
ु िी है । (भजारेसर
ु भोभेनीन ज़जल्द 346)
(ज़जराउर उमन
ू )
ऩहरे भेहभान यखा था। आऩिो इब्ने ज़ज़माद ने आरे भोहम्भद (अ.स.) से भोहब्फत
ु़
िे जुभक भें िैद िय हदमा था। वहाॊ से छूटने िे फाद आऩ ने ऽूने हुसन
ै (अ.स.) िा
सन्
ु नत औय इन्ते़ाभे ऽूने हुसन
ै (अ.स.) ऩय फैअत रे िय फड़ी भस्
ु तैदी से
आग भें जरा हदमा, उभय बफन सअद औय उसिे फेटे हफ़स िो ़त्र किमा।
(तायीऽ अफर
ु कफ़दा)
भल्
ु रा भफ
ु ीन लरखते हैं कि लशम्र िो ़त्र िय िे उसिी राश िो उसी तयह
भफ
ु ायि िो ऩाभार किमा था। (वसीरतुन नजात) 67 हहजयी भें इब्ने ज़ज़माद िो
गगयफ़्ताय ियने िे लरमे इब्राहीभ इब्ने भालरिे अशतय िी सयियदगी भें एि फड़ा
574
रशिय भस
ू र बेजा जहाॊ िा वह उस वक़्त गवकनय था। शदीद जॊग िे फाद इब्राहीभ
अॊगूठी िे लरमे िाटी थी) िे हाथ ऩाओॊ िाटे गमे। कपय हिीभ इब्ने तुफ़ैर ऩय तीय
फायानी िी गई। उसने अरभदाये ियफरा हज़यत अब्फास (अ.स.) िो शहीद किमा
था। इसी िे साथ मज़ीद इब्ने सालरि, इभयान बफन ऽालरद, अब्दल्
ु राह बफजरी,
अब्दल्
ु राह इब्ने ़ैस ज़यआ इब्ने शयीि, सफीह शाभी औय सनान बफन अनस
तरवाय िे घाट उताये गमे। (हफीफ उर सैय) उभय बफन हज्जाज बी गगयफ़्ताय हो िय
लभन्हार बफन उभय िा िहना है कि भैं इसी दौयान भें हज िे लरमे गमा तो
िाहहर असदी िा क्मा हश्र हुआ? भैंने िहा वह तो सालरभ था। आऩने आसभान
इभाभ (अ.स.) िी फद दआ
ु िी तिभीर ऩय सजदा ए शक्र
ु अदा ियने रगे।ाज़क
कि आऩने फेशभ
ु ाय ़ातेराने हुसन
ै (अ.स.) िो तरवाय िे घाट उताय हदमा।
575
़ाज़ी भेफज़ी ने शयहे दीवाने भत
ु ज़कवी भें लरखा है कि भख़्
ु ताये आरे भोहम्भद
(स. अ.) िे हाथों से ़त्र होने वारों िी तादाद अस्सी हज़ाय तीन सौ तीन
(80,303) थी।
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि जनाफे भख़्
ु ताय िे साभने ज़जस वक़्त इब्ने ज़ज़माद
हज़यते भख़्
ु ताय ने इब्ने ज़ज़माद िा सय हज़यत इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िी
खखदभत
ु़ भें भदीना ए भन
ु व्वया बेज हदमा। ज़जस वक़्त वह सय ऩहुॉचा तो आऩने
शक्र
ु े ऽुदा अदा किमा औय भख़्
ु ताय िो दआ
ु एॊ दीॊ। भव
ु ये खीनु़ िा मह बी फमान है
कि उसी वक़्त औयतों ने फारों भें िॊघी ियनी औय सय भें तेर डारना औय आॊखों
थीॊ। (अ़दे फ़यीद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 251, नुरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 124, भजालरसे भोभेनीन, फेहारूर
िायहाम नभ
ु ामाॊ किमे। बफर आखखय
ु़ 14 यभज़ान 67 हहजयी िो आऩ िूफ़े िे
दारूर इभायाह िे फाहय शहीद िय दीमे गमे। ‘‘ इन्ना लरल्राहे व इन्ना इरैहे
याजेऊन ’’ (तफ़सीर िे लरमे भुराहे ज़ा हो किताफ भुख़्ताय आरे भोहम्भद (स. अ.)
576
इमाम ज़ैनऱ
ु आफेदीन (अ.ि.) उमर बफन अब्दऱ
ु अज़ीज़ की तनगाह में
आफेदीन (अ.स.) ही िो सफ ऩय तयजीह दी। (वफ़ा अर वफ़ा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 386) इसी
577
िो दयजा ए शहादत ऩय फ़ाएज़ हो गमे। इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) ने नभाज़े
अल्राभा लशब्रन्जी, अल्राभा इब्ने सफाा भारेिी, अल्राभा लसब्ते इब्ने जोज़ी
वक़्त है । (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 128, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120, फ़ुसूर अर भहभा, तज़कियाए
लसब्ते जौज़ी, अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 444, भनाक़फ ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 121) भल्
ु रा जाभी
तहयीय फ़यभाते हैं कि आऩिी शहादीन िे फाद आऩिा ना़ा ़ब्र ऩाय नारा व
आऩकी औऱाद
अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद फ़यभाते हैं कि उन 15 अवरादों िे नाभ मह हैं।
1. हज़यत इभाभ भोहम्भद (अ.स.) आऩिी वारेदा हज़यत इभाभ हसन (अ.स.)
2. अब्दल्
ु राह,
578
3. हसन,
4. ज़ैद,
5. उभय,
6. हुसन
ै ,
7. अब्दर
ु यहभान,
8. सर
ु भ
ै ान,
9. अरी,
11. हुसन
ै असाय
12. ऽदीजा,
13. फ़ात्भा,
14. आरीमा
है लसमत जनाफे ज़ैद शहीद िी है । आऩ 80 हहजयी भें ऩैदा हुमे। 121 हहजयी भें
579
हश्शाभ बफन अब्दर
ु भलरि से तॊग आ िय आऩ अऩने हभ नवा तराश ियने रगे
औय मिुभ सफ़य 122 हहजयी िो चारीस हज़ाय (40000) िूफ़ीमों सभैत भैदान भें
ननिर आमे। ऐन भौ़ा ए जॊग भें िूफ़ीमों ने साथ छोड़ हदमा। फाज़ भआसयीन
लरखते हैं कि िूफ़ीमों िे साथ छोड़ने िा सफफ इभाभ अफू हनीफ़ा िी निस फैअत
दयफाय भें फर
ु ा िय इभाभे आज़भ िा खखताफ
ु़ हदमा तो मह हुिूभत िे साथ हो गमे
औय उन्होंने ज़ैद िी फैअत तोड़ दी। इसी वजह से उनिे तभाभ भानने वारे उन्हें
तुभ ने भेया साथ छोड़ हदमा। इसी फ़यभाने िी वजह से िूफ़ीमों िो याफ़ज़ी िहा
उस्भान औय अभीये भाववमा िे भानने वारे थे। ायज़ िे दौयाने जॊग भें आऩिी
गुज़ाय हदमा ताकि ़ब्र िा ऩता न चर सिे रेकिन दश्ु भानों ने सयु ाग रगा िय
फदन िो सर
ू ी ऩय रटिा हदमा। चाय सार ति मह ज़जस्भ सर
ू ी ऩय रटिा यहा।
580
ऽुदा िी ़ुदयत तो दे खखमे उसने भिड़ी िो हुक्भ हदमा औय उसने आऩिे औयतैन
(ऩोशीदा भ़ाभात) ऩय घना जारा तान हदमा। (ऽभीस ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 357 व हमातर
ु
है वान) चाय सार िे फाद आऩिे ज़जस्भ िो नज़ये आतश िय िे याख दरयमाए फ़यात
शहादत िे वक़्त आऩिी उम्र 42 सार िी थी। हज़यत ज़ैद शहीदे अज़ीभ
भ़ाभ वालसत था इस लरमे फाज़ हज़यात अऩने नाभ िे साथ ज़ैदी अर वास्ती
शहये वालसत िी फनु नमाद डारी थी। जनाफे ज़ैद िे चाय फेटे थे ज़जनभें जनाफे
यसर
ू (स. अ.) भें होने िी वजह से आऩिो ़त्र ियने िी िोलशश िी गई।
आऩिा सय िाटा गमा औय हाथ ऩाओॊ िाटे गमे। उसिे फाद राशे भफ
ु ायि सर
ू ी
581
ऩय रटिा दी गई कपय एि अयसे िे फाद उसे उताय िय जरामा गमा औय हथौड़े
से िूट िूट िय ये ज़ा ये ज़ा किमा गमा कपय एि फोये भें यख िय िशती िे ज़रयमे
से एि एि भठ्
ु ठी याख दरयमाए फ़यात िी सतह ऩय नछड़ि दी गई। इस तयह इस
फ़यज़न्दे यसर
ू (स. अ.) िे साथ ज़ुल्भे अज़ीभ किमा गमा।
महीमा, 2. हुसन
ै , 3. ईसा, 4. भोहम्भद। सादाते फायाह व बफर गगयाभ िा नसफ
भोहम्भद बफन ईसा ति ऩहुॉचता है । (किताफ यहभतुर आरेभीन ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 142)
मह बी जनाफे ज़ैद शहीद िे ननहामत फहादयु साहफ ज़ादे थे। ऽरीफ़ा ए वक़्त
आऩिे बी ऽून िा प्मासा था। आऩ अऩना हसफ नसफ ज़ाहहय न िय सिते थे।
ऽरीफ़ा ए जाबफय िी वजह से रूऩोशी िी ज़ज़न्दगी गुज़ायते थे। िूफ़े भें आफ ऩाशी
िा िाभ शरू
ु िय हदमा था औय वहीॊ एि औयत से शादी िय री थी औय उस से
बी अऩना हसफ नसफ ज़ाहहय नहीॊ किमा था। इस औयत से आऩिी एि फेटी ऩैदा
582
हुई जो फड़ी हो िय शादी िे ़ाबफर हो गई। इसी दौयान भें आऩने एि भारदाय
फेहहश्ती िे वहाॊ भर
ु ाज़ेभत िय री ज़जसिे एि रड़िा था। भारदाय फेहहश्ती ने
जनाफे ईसा िी फीवी से अऩने रड़िे िा ऩैााभ हदमा। जनाफे ईसा िी फीवी फहुत
तशयीफ़ रामे तो उनिी फीवी ने िहा कि भेयी रड़िी िी त़दीय चभि उठी है
भयने ऩय नहीॊ यो यहा हूॉ भैं अऩनी इस फे फसी ऩय यो यहा हूॉ कि हारात ऐसे हैं कि
अल्राभा अफर
ु फ़यज़ असफ़हानी अर भतूफ़ी 356 हहजयी लरखते हैं कि जनाफे
ईसा बफन ज़ैद ने अऩने दोस्त से िहा था कि भैं इस हारत भें नहीॊ हूॉ कि इन
रोगों िो मह फता सिॊू ‘‘ फाना ज़ारेिा ाैय जाएज़ ’’ कि मह शादी जाएज़ नहीॊ है
583
584
अफु जाफर हज़रत इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.)
इभाभर
ु तभत्त
ु िीॊ, भन्सस
ू औय भासभ
ू आरभ भें
भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) िे ऩाॊचवें जा नशीन, हभाये ऩाॊचवें इभाभ औय लसरलसरा ए
ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) थे औय वारेदा भाजेदा उम्भे अब्दर
ु पातेभा बफन्ते हज़यत
585
नहीॊ लभरा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120 व भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 269) आऩ अऩने
मानी ऽद
ु ा िी तयफ़ से आऩ इभाभ भासभ
ू औय अऩने अहदे इभाभत भें सफ से
ु़
फडे आलरभ औय िाएनात भें सफ से अफ़ज़र थे।
अल्राभा इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि आऩ इफादत इल्भ औय ज़ोहद वाैया
भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120) अल्राभा भोहम्भद तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि आऩ इल्भ ज़ोहद,
त़वा तहायत सफ़ाए ़ल्फ औय दीगय भहालसन व फ़ज़ाउर भें इस दजाक ऩय फ़ाएज़
सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 269)
आऩिो सक़्
ु ़ा फ़़ीह लरखा है । फ़िुहु़ ा िी फड़ी जभाअत ने आऩ से यवामत िी है ।
आऩ िा झठ
ू ा सभझते हुए नहीॊ दे खा ज़जस तयह कि वह अऩने आऩिो इभाभ
586
साहफे यौज़तुर ऩष्ृ ठ िा िहना है कि हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िे
अऩने ज़भाने भें फनी हालशभ िे सयदाय थे। (तायीऽे फ़़ा ऩष्ृ ठ 179 प्रिालशत ियाची)
िे हुए तो फ़रयश्तों िी फेइन्तेहा आवाज़ें आने रगीॊ औय शफे ववरादत एि नयू साते
दस्ते भफ
ु ायि से नयू साते यहा। आऩ ऽतना ियदा, नाफ़ फयु ीदा, तभाभ अराइशों
से ऩाि औय साफ़ भत
ु वज़ल्रद हुए थे। (जरार अर उमून ऩष्ृ ठ 259)
587
इस्मे गगरामी, कुजन्नयत और अऱक़ाफ
अ.) िी ताय्मन
ु िे भआ
ु कफ़़ ‘‘ भोहम्भद ’’ था। आऩिी िुज़न्नमत ‘‘ अफू जाफ़य ’’
थी औय आऩिे अऱाफ िसीय थे ज़जनभें फाक़य, शाकिय, हादी ज़्मादा भशहूय हैं।
फाक़य फ़यह से भश
ु ति औय इसी िा इस्भ फ़ाएर है इसिे भानी शि ियने
औय वसअत दे ने िे हैं। (अरभज़न्जद ऩष्ृ ठ 41) हज़यत इभाभ भोहम्भदे फाक़य (अ.स.)
िो इस ऱफ से इस लरमे भर
ु क़़्फ किमा गमा था कि आऩने उरभ
ू व भआरयफ़
िो नभ
ु ामा फ़यभामा औय ह़ाए़ अहिाभ व हहिभत व रताएफ़ िे वह सयफस्ता
588
वजह मह बी है कि जालभय्मत इरलभमा िी वजह से आऩिो मह ऱफ हदमा गमा
है । शहीदे सालरस अल्राभा नयू उल्राह शश्ु तयी िा िहना है कि आॉ हज़यत (स.
इस तयह लशााफ़ता ियें गे ज़जस तयह ज़ेयाअत िे लरमे ज़भीन लशााफ़ता िी जाती
फादिाहाने वक़्त
आऩ 57 हहजयी भें भावीमा इब्ने अफी सकु फ़मान िे अहद भें ऩैदा हुए 60 हहजयी
भें मज़ीद बफन भावीमा ा फादशाहे वक़्त यहा 64 हहजयी भें भावीमा बफन मज़ीद औय
बफन भयवान ऽरीफ़ा ए वक़्त यहा। कपय 86 से 96 हहजयी ति वरीद बफन अब्दर
ु
भलरि ने हुक्भयानी िी। इसी ने 95 हहजयी भें आऩिे वालरदे भाज़जद िो दजकए
औय 114 हहजयी ति आऩ फ़याएज़े इभाभत अदा फ़यभाते यहे । इसी दौयान वरीद
अब्दर
ु भलरि िे फाद सरभान बफन अब्दर
ु भलरि, उभय बफन अब्दर
ु अज़ीज़,
589
वाक़ेए करफऱा में इमाम मोहम्मदे फाफ़क़र (अ.ि.) का हहस्िा
वहाॊ से ियफरा ति िी सऊफते सफ़य फयदाश्त ियना ऩड़ी। इसिे फाद वा़ेए
सार शाभ भें ़ैद यहे कपय वहाॊ से छूट िय 8 यफीउर अव्वर 62 हहजयी िो
भदीना ए भन
ु व्वया वाऩस हुए। जफ आऩिी उभय चाय सार िी हुई तो आऩ एि
हदन िॊु ए भें गगय गए। ऽुदा ने आऩिो डूफने से फचा लरमा औय जफ आऩ ऩानी से
फयाभद हुए तो आऩिे िऩड़े औय आऩिा फदन ति बीगा हुआ न था। (भन
ु ाक़फ
मह भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि हज़यत भोहम्भद (स. अ.) ने अऩनी ज़ाहे यी
590
भम्
ु ताज़ है कि आरे भोहम्भद (स. अ.) भें से िोई बी इसिी हभसयी नहीॊ िय
सिता। (भतारेफस
ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 272)
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि सयवये िाएनात (स. अ.) एि हदन अऩनी आाोशे
भफ
ु ायि भें हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो लरमे हुए प्माय िय यहे थे नागाह
भजलरस व भहकफ़र भें तराश ियते यहे औय जफ नयू े नज़य जाता यहा तो ज़फान
से ऩि
ु ायना शरू
ु िय हदमा। आऩिी ज़फान ऩय जफ हय वक़्त इभाभ भोहम्भद
फाक़य (अ.स.) िा नाभ यहने रगा तो रोग मह िहने रगे कि जाबफय िा हदभाा
जा ु़ ैफ़े ऩीयी िी वजह से अज़िाय यपता हो गमा है रेकिन फहय हार वह वक़्त आ
गए। यावी िा फमान है कि हभ जनाफे जाबफय िे ऩास फैठे हुए थे कि इतने भें
591
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) तशयीफ़ राए आऩिे हभयाह आऩिे फ़यज़न्द इभाभ
फ़ौयन ताभीर इयशाद फ़यभामा, जाबफय ने इनिो अऩने सीने से रगा लरमा औय
भस्
ु तफ़ा (स. अ.) ने सराभ फ़यभामा है । हज़यत ने िहा ऐ जाबफय इन ऩय औय तुभ
शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 181, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 14, ये जार िशी ऩष्ृ ठ 27 तायीऽ तफयी ज़जल्द
ऩष्ृ ठ 273)
592
िात िाऱ की उम्र में इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.) का हज्जे खाना
ए काफा
अल्राभा जाभी तहयीय फ़यभाते हैं कि यावी फमान ियता है कि भैं हज िे लरमे
जा यहा था, यास्ता ऩयु ऽतय औय इन्तेहाई तायीि था। जफ भैं ऱो द़ सहया भें
यहा था कि नागाह एि सात सार िा रड़िा भेये ़यीफ आ ऩहुॉचा। भैंने सराभ िा
जवाफ दे ने िे फाद उस से ऩछ
ू ा कि आऩ िौन हैं? िहाॊ से आ यहे हैं औय िहाॊ िा
तयफ़ से आ यहा हूॉ औय ऽुदा िी तयफ़ जा यहा हूॉ। भेया ज़ादे याह ‘‘ त़वा ’’ है भैं
अयफी उर नस्र, िुयै शी ऽानदान िा अरवी नजादु़ हूॉ। भेया नाभ भोहम्भद बफन
हो गए औय भझ
ु े ऩता न चर सिा कि आसभान िी तयफ़ ऩयवाज़ िय गमे मा
593
हज़रत इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.) और इस्ऱाम में सिक्के की
इब्तेदा
भव
ु रयक ऽ शहीय ज़ाकिय हुसन
ै तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 42 भें लरखते हैं कि
अब्दर
ु भलरि बफन भयवान ने 75 हहजयी भें इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िी
सराह से इस्राभी लसक्िा जायी किमा। इससे ऩहरे योभ व ईयान िा लसक्िा
ना वाक़फ़ हूॉ औय भझ
ु े नहीॊ भारभ
ू कि इनिे इजया औय ईजाद िी ज़रूयत क्मों
भहसस
ू हुई। हारून यशीद ने िहा कि फात मह है कि ज़भाना ए साबफ़ भें जो
फादशाहे रूभ िे भज़हफ ऩय थे। वहाॊ िे िागज़ ऩय जो ज़फक मानी (रे ड भािक) होता
था। उसभें फ ज़फाने योभ (अफ इब्न रूहुर ़ुदस) लरखा होता था। ‘‘ फ़रभ मज़र
मही चीज़ इस्राभ भें ज़जतने दौय गुज़ये थे सफ भें यामज थी। महाॊ ति कि जफ
594
ु़
अब्दर
ु भलरि बफन भयवान िा ज़भाना आमा तो चॊकू ि वह फड़ा जेहीन औय
तो ़ैसये योभ िो फे इन्तेहा नागवाय गुज़या। उसने तोहफ़े तवाएफ़ बेज िय अब्दर
ु
िा जवाफ ति न हदमा।
़ुफर
ू िय रो औय िागज़ से नमा भािक हटा दो। अब्दर
ु भकिर ने कपय हदीमे
वाऩस किमे औय लभसरे साबफ़ िोई जवाफ न हदमा। इसिे फाद ़ैसये योभ ने
595
न हदमा औय तौहीद िे जुभरे िागज़ से न हटाम तो भैं तुम्हाये यसर
ू िो गालरमाॊ,
यामज िरूॊगा औय तभ
ु िुछ न िय सिोगे। दे खो अफ जो भैंने लरखा है उसे ऩढ़
भैं िहता हूॉ उस ऩय अभर ियो ताकि हभाये औय तुम्हाये दयलभमान जो रयश्ताए
अब्दर
ु भलरि इब्ने भयवान ने ज़जस वक़्त इस ऽत िो ऩढ़ा उस िे ऩाओॊ तरे
से ज़भीन ननिर गई। हाथ िे तोते उड़ गमे औय नज़यो भें दनु नमा तायीि हो गई।
उसने िभारे इज़तेयाफ भें उरेभा, फ़ुज़रा, अहरे याम औय लसमासत दोनों िो फ़ौयन
जभा िय िे उनसे भशववया तरफ किमा औय िहा कि ऐसी फात सोचो िी साॊऩ बी
तोड़ िय फहुत दे य ति ाौय किमा रेकिन िोई ऐसी याम न दे सिे ज़जस ऩय
अरभ किमा जा सिता। ‘‘ फ़ल्भ महजद अन्दा अहदा लभन्हुभ यामा माभर फेही ’’
हुआ औय हदर भें िहने रगा भेये ऩारने वारे अफ क्मा िरूॊ। अबी वह इसी
तयद्दद
ु भें फैठा था कि उसिा वज़ीये आज़भ इब्ने ‘‘ ज़न्फआ ’’ फोर उठा। फादशाह
सिता है रेकिन अभदन उसिी तयफ़ रूऽ नहीॊ ियता। फादशाह ने िहा, ‘‘ वैहिा
596
भन ’’ ऽुदा तुझसे सभझे, फता तो सही वह िौन हैं? वज़ीये आज़भ ने अज़क िी ‘‘
भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िी तयफ़ इशाया िय यहा हूॉ औय वही इस आड़े वक़्त भें
़ारा सद़त ’’ िहने रगा, ऽुदा िी ़सभ तुभ ने सच िहा औय सही यहफयी िी
है ।
इसिे फाद उसी वक़्त फ़ौयन अऩने आलभरे भदीने िो लरखा कि इस वक़्त
अब्दर
ु भलरि ने दयख़्वास्त तरफी, भदीने इयसार ियने िे फाद शाहे योभ िे
597
ऩास ऩहुॉच।े चॊकु ि वह सख़्त ऩये शान था इस लरमे उसने आऩ िे इस्त़फार िे
माज़भ हाज़ा अरैिा फ़ानहु रैसा फे शैइन ’’ ऐ फादशाह घफया नहीॊ मह फहुत ही
भाभर
ू ी सी फात है । भैं इसे अबी चट
ु िी फजाते हर किए दे ता हूॉ। फादशाह सन
ु
भझ
ु े फा इल्भे इभाभत भारभ
ू है कि ऽुदामे ़ाहदयो तवाना ़ैसये योभ िो इस फ़ेरे
़फीह ऩय ़ुदयत ही न दे गा औय कपय ऐसी सयू त भें जफ कि उसने तेये हाथों भें
हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) ने फ़यभामा कि तुभ इसी वक़्त ह़ाि
औय िायीगयों िो फर
ु ाओ औय उनसे हदयहभ औय दीनाय िे लसक्िे ढरवाओ औय
भभ
ु ालरिे इस्रालभमा भें यामज िय दो। उसने ऩछ
ू ा िी उनिी क्मा शक्रो सयू त
लसक्िे िा सन ़् लरखा जाए। उसिे फाद उसिे औज़ान फतामें आऩने िहा कि
होते हैं। दस
ू ये सभयी ऽफ़ा़ जो छ् लभस़ार िे दस होते हैं। तीसये ऩाॊच
598
ऩय हालसरे त़सीभ 7 सात लभसिारु़ हुए। इसी सात लभस़ार िे दस हदयहभ
खयु दा दस हदयहभ हो। लसक्िा हदयहभ िा नक़्श चॊकू ि फ़ायसी भें है इसी लरमे इसी
फ़ायसी भें यहने हदमा जाम औय दीनाय िा लसक्िा रूभी हयफ़ों भें है रेहाज़ा उसे
रूभी ही हयफ़ों भें िन्दा ियामा जाम औय ढारने िी भशीन ‘‘ साचा ’’ शीशे िा
अब्दर
ु भलरि ने आऩिे हुक्भ िे भत
ु ाबफ़ तभाभ लसक्िे ढरवा लरमे औय सफ
िाभ दरू
ु स्त िय लरमा। इसिे फाद हज़यत िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय दयमाफ़्त
किमा कि अफ क्मा िरूॊ? ‘‘ अभयहा भोहम्भद बफन अरी ’’ आऩने हुक्भ हदमा कि
सख़्त सज़ा दी जामेगी औय फ वक़्ते ज़रूयत उसे ़त्र बी किमा जामेगा। अब्दर
ु
बफन भयवान ने ताभीरे इयशाद िे फाद सफ़ीये रूभ िो रयहा िय िे िहा कि अऩने
599
सोचता यहा। रोगों ने िहा, फादशाह तूने जो िहा था कि भैं भस
ु रभानों िे ऩैाम्फय
भेया लसक्िा ही नहीॊ चर यहा औय रेन दे न ही नहीॊ हो यहा है । (हमातुर है वान दभीयी
अर भतफ़
ू ी 808 हहजयी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 63 तफआ लभस्र 136 हहजयी)
आफरीनी
तायीऽे अफर
ु कफ़दा भें है कि हहजयी 86 भें वरीद बफन अब्दर
ु भलरि इब्ने
भयवान ऽरीफ़ा भ़
ु यक य हुआ। तायीऽे िालभर भें है कि 91 हहजयी भें उसने हज्जे
(स.अ.) ऩय ऽुत्फा दे ते हुए उसिी नज़य इभाभ हसन (अ.स.) िे फेटे हसने भस
ु न्ना
ऩय ऩड़ी हसने भस
ु न्ना ऩय ऩड़ी जो ऽाना ए सय्मदा भें फैठे हुए आमना दे ख यहे
िहा कि तुभने हसन बफन हसन (अ.स.) वाैया िो क्मों अफ ति इस भिान भें
यहने हदमा औय क्मों न उनिो महाॊ से ननिार फाहय किमा। भैं नहीॊ चाहता कि
600
लरमा जाम औय इसे ऽयीद िय भज़स्जद भें शालभर िय हदमा जाम। हसन भस
ु न्ना
इन्िाय किमा। वरीद ने हुक्भ हदमा कि भिान िो उन रोगों ऩय गगया दो। कपय
फैरूने भदीना सि
ु ू नत ऩज़ीय हुए। िुछ हदनों िे फाद इसी क़स्भ िा वाक़मा जनाफे
हफ़सा िे भिान िा बी ऩेश आमा जो औरादे हज़यत उभय िे ़ब्ज़े भें था।
चन
ु ान्चे जफ उन से िहा गमा कि घय से फाहय ननिरो तो उन्होंने भन्ज़यू न किमा
बफन अब्दर
ु भरीि िो हुई तो उसने उभय बफन अब्दर
ु अज़ीज़ आलभरे भदीना िो
लरखा कि औरादे उभय बफन ऽत्ताफ िी यज़ा जोई भें िभी न ियो औय उनिा
(किताफ जज़फर
ु ़ुरफ
ू ऩष्ृ ठ 173 व वफ़ा अर वफ़ा ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 363)
601
आऩके वासऱदे माजजद की वफात हिरते आयात
ज़हये दाा से शहीद िय हदमा। आऩने फ़याएज़े तजहीज़ो तिफ़ीन सय अॊजाभ हदमे।
ही तभाभ औरादे भें अफ़ज़र व अयफ़ा थे। उरेभा िा फमान है कि अऩने वालरदे
किसी भासभ
ू िी इल्भी है लसमत ऩय यौशनी डारना फहुत दश्ु वाय है क्मों कि
भासभ
ू औय इभाभे ज़भाना िो इल्भे रदन्ु नी होता है । वह ऽद
ु ा िी फायगाह से
इल्भी सराहहमतों से बयऩयू ऩैदा होता है हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.)
वाक़मात भें से िुछ वा़ेमात लरखता हूॉ ज़जनय उरभा ने उफयू हालसर िय सिे हैं।
602
अल्राभा इब्ने शहये आशोफ लरखते हैं कि हज़यत िा ऽुद इयशाद है कि ‘‘
अरभना भज़न्त़ अर तैयो अवतैना लभन िुल्रे शैइन ’’ हभें ताएयों ति िी ज़फान
लसखाई गई है औय हभे हय चीज़ िा इल्भ अता किमा गमा है । (भनाक़फ इब्ने शहये
आसभान व ज़भीन ’’ ऽद
ु ा िी ़सभ हभ ज़भीन औय आसभान भें ऽद
ु ा वन्दे
वही हभाये महाॊ आती यही औय फ़रयश्तें हभाये महाॊ आते यहते हैं। मही वजह है कि
दनु नमा िे ज़ाहहयी अयफाफे इ़तेदाय हभ से जरते औय हसद ियते हैं। लरसानर
ु
कि 1. भौरा िौन सा इस्राभ फेहतय है? फ़यभामा, ज़जससे अऩने फयादये भोलभन
दे ना। 3. िौन सा भोलभन िालभर है? फ़यभामा ज़जसिा इख़्रा़ फेहतय हो। 4.
िौन सा जेहाद फेहतय है? फ़यभामा, ज़जसभें अऩना ऽून फह जाऐ। 5. िौन सी
जाने भें क्मा याम है? फ़यभामा, भैं अच्छा नहीॊ सभझता। 8. ऩछ
ू ा क्मों? फ़यभामा,
603
इस लरमे िी फादशाहों िे ऩास िी आभदो यफ़्त से तीन फातें ऩैदा होती हैं, 1.
जाऊॊ? फ़यभामा, भैं तरफे दनु नमा से भना नहीॊ ियता अरफत्ता तरफे भआसी से
योिता हूॉ।
हुक्भे आदाफ वाैया भें िोई बी फ़ौ़ नहीॊ गमा। हत्ता कि आरे यसर
ू (स. अ.) भें
बी अफर
ु आइम्भा िे अरावा आऩिे फयाफय उरभ
ू िे भज़ाहहये भें िोई नहीॊ हुआ।
दनु नमाॊ है यान यह जामेगी। आराभ उर वया ऩष्ृ ठ 157, अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद,
अल्राभा लशब्रन्जी तहयीय फ़यभाते हैं कि इल्भे दीन, इल्भे अहादीस, इल्भे सन
ु न
ु़
औय तफ़सीये िुयु़ आन व इल्भ अर सीयत व उरभ
ू ो फ़ुनन
ू , अदफ वगैया िे ज़ऽीये
ज़जस ़द्र इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) से ज़ाहहय हुम इतने इभाभ हुसन
ै (अ.स.)
604
किताफ अर इयशाद ऩष्ृ ठ 286, नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 131 अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ
447, अल्राभा इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य
ज़जसिी तफीमत व तीनत फ़ालसद हो गई हो। िोई शख़्स इन्िाय नहीॊ िय सिता।
अव़ात इताअते ऽुदावन्दी भें फसय होते थे। ज़जनिे फमान ियने से वसफ़ ियने
से हैं कि उनिा फमान इस किताफ भें ना भज़ु म्िन हैं। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120)
605
अल्राभा ज़हफी लरखते हैं कि आऩ फनी हालशभ िे सयदाय औय भत
ु फहे इल्भी
िी वजह से फाक़य भशहूय थे। आऩ इल्भ िी तह ति ऩहुॉच गमे थे। आऩने इसिे
द़ाए़ िो अच्छी तयह सभझ लरमा था। (तज़िेमर हफ़्फ़ाज़ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 111)
तज़किये दनु नमा भें भशहूय हुए औय आऩिी भदहो सना भें फा िसयत शेय लरखे
तयजुभा:- जफ रोग ़ुयआने भजीद िा इल्भ हालसर ियना चाहें तो ऩयू ा ़फीरा
फ़यज़न्दे यसर
ू (स. अ.) इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िे भह
ु ॊ से िोई फात
ननिर जाम तो फे हदो हहसाफ भसाएर व तह़ी़ात िे ज़ऽीये भोहय्मा िय दें गे।
चभिते हैं औय उनिे अनवाय से रोग यास्ते ऩाते हैं। (इरतहाफ़ ऩष्ृ ठ 42 व तायीऽर
ु
अल्राभा शहये आशोफ िा फमान है कि लसफ़क एि यावी भोहम्भद बफन भज़ु स्रभ
ने आऩ से तीस हज़ाय (30,000) हदीसें यवामत िी हैं। (भनाक़फ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 11)
606
आऩके फाज़ इल्मी हहदायात व इरिादात
अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि जाबफय जाफ़ेई िा फमान है
ऐ जाबफय भैं दनु नमाॊ से बफल्िुर फेकफ़क्र हूॊ क्मों कि ज़जसिे हदर भें दीने ऽालरस
भोलभन दनु नमाॊ िी फ़ा से भज़ु त्भईन नहीॊ होता औय उसिी दे खी हुई चीज़ों िी
फेदाय यखता है ।
सन
ु ो दनु नमा एि सयाम फ़ानी है । ‘‘ नज़रत फेही दाये तहरत लभनहा ’’ इसभें
आना जाना रगा यहता है, आज आमे औय िर गमे औय दनु नमा एि ख़्वाफ है जो
फ़यभामा, तिब्फयु फहुत फयु ी चीज़ है मह ज़जस ़द्र इॊसान भें ऩैदा होगा उसी ़द्र
सभझता है ।
607
एि हज़ाय आबफदों से वह एि आलरभ फेहतय है जो अऩने इल्भ से फ़ामदा
आॊसओ
ु िी फड़ी िीभत
ु़ है योने वारा फख़्शा जाता है औय ज़जस रूऽसाय ऩय
सस्
ु ती औय ज़्मादा तेज़ी फयु ाईमों िी िॊु जी है । ऽुदा िे नज़दीि फेहतयीन इफादत
यखें ।
दआ
ु से ़ज़ा बी टर जाती है । नेिी फेहतयीन ऽैयात है ।
दस
ू यों िी आॊख िा नतन्िा नज़य न आमे। मानी अऩने फड़े गुनाह िी ऩयवाह न हो
औय दस
ू यों िे छोटे अमफ
ू उसे फड़े नज़य आमें औय खुद अभर न िये । लसफ़क दस
ू यों
िो ताभीर दे ।
जो ऽश
ु हारी भें साथ दे औय तॊग दस्ती भें दयू यहे, वह तम्
ु हाया बाई औय दोस्त
अल्राभा लशफरॊजी लरखते हैं कि, हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) ने
तिरीफ़ ऩहुॉचे तो िहो ‘‘ राहौर ववरा िुव्ु़ वता इल्राह बफल्रा ’’ औय जफ योज़ी
608
तॊग हो तो िहो ‘’ अस्ता कफ़रूल्राह ’’। हदर िो हदर से याह होती है, ज़जतनी
भोहब्फत तम्
ु हाये हदर भें होगी इतनी ही तम्
ु हाये बाई िे औय दोस्त िे हदर भें बी
होगी।
शामद ऽद
ु ा उसी से नायाज़ हो जाम।
सभझो, शामद वह वरी उल्राह हो। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 131 व इतहाफ़ ऩष्ृ ठ 93)
अहादीसे आइम्भा भें है । इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) फ़यभाते हैं, इन्सान िो
होगा।
िो फ़योा दे ते हैं।
़ुयआन भजीद िे फाये भें तुभ ज़जतना जानते हो उतना ही फमान ियो।
609
फन्दों ऩय ऽुदा िा ह़ मह है कि जो जानता हो उसे फताए औय जो न जानता
इल्भ हालसर ियने िे फाद उसे पैराओ इस लरमे कि इल्भ िो फन्द यखने से
भोअज़ल्रभ औय भत
ु ािज़ल्रभ िा सवाफ फयाफय है ।
दीनी यास्ता हदखराने वारा औय यास्ता ऩाने वारा दोनों सवाफ िी भीज़ान िे
यहे गा।
ऽद
ु ा िी ज़ात िे फाये भें फहस न ियो वयना है यान हो जाओगे।
610
उम्भते फे इभाभ िी लभसार बेड़ फियी िे उस ाल्रे िी है, ज़जसिा िोई बी
ननगयान हो।
ऩछ
ू ा तो फ़यभामा कि रुह हवा कि भाननन्द भत
ु ाहरयक ि है औय मह यीह से भश्ु ता़
भसनह
ू है औय हाहदस औय एि जगह से दस
ू यी जगह भन
ु तक़र होने वारी है । वह
भशि जैसी है ज़जसभें हवा बय दो, हवा बयने से वह पूर जामेगी रेकिन उसिे
वज़न भें इज़ाफ़ा न होगा। रूह फा़ी है औय फदन से ननिरने िे फाद फ़ना नहीॊ
आऩसे ऽद
ु ा वन्दे आरभ िे लसफ़ात िे फाये भें ऩछ
ू ा गमा तो आऩने फ़यभामा
611
अफर
ु ऽारीद ़ाफरी ने आऩसे ऩछ
ू ा कि ़ौरे ऽुदा ‘‘ फ़ाभनू बफल्राह व यसर
ू हे
नरू
ू र रज़ी अन्ज़रना ’’ भें नयू से क्मा भयु ाद है? आऩने फ़यभामा, ‘‘ वल्राहा
औराद से आइम्भा होंगे। उन्ही िी तयफ़ आमत से इशाया फ़यभामा गमा है। जो
उन्हें दोस्त यखेगा औय उनिी तसदी़ िये गा। वही नजात ऩामेगा औय जो उनिी
भऽ
ु ारेफ़त िये गा जहन्नभ भें जामेगा।
चल्
ु रू ऩीना हरार था औय उससे ज़्मादा हयाभ। ऩछ
ू ा वह िौन सा योज़ा था ज़जसभें
612
एि फाय हुक्भे ऽुदा से उढ़ िय फनी इसयाईर िे सयों ऩय आ गमा था। ऩछ
ू ा वह
हाफीर िो ़त्र किमा क्मों कि उस वक़्त चाय आदभी थे। आदभ, हव्वा, हाफीर,
़ाफीर। ऩछ
ू ा कपय नस्रे इॊसानी किस तयह फढ़ी? फ़यभामा जनाफे शीस से जो
हदीस िे भत
ु ाज़ल्ऱ फहुत सी नाहदय फातें हालसर िीॊ। लशमा सन्
ु नी दोनों ने भाना
इभाभ साहफ ने इनिे फ़यज़न्दे यशीद हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी फ़ैज़े
जाता है । (सीयतर
ु नोभान व अराभ अर भा़ेनीन ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 93) (1.)
613
अल्राभा शफादी शाफ़ेई लरखते हैं कि एि हदन हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य
़मास ियता हूॉ औय इसिी वजह हदीस व अऽफाय हैं। हज़यत ने फ़यभामा कि
अच्छा भैं चन्द सवार ियता हूॉ तुभ ़मास ियिे जवाफ दो। उन्होंने िहा
फ़यभाईमे, आऩने इयशाद फ़यभामा ़तर फड़ा गुनाह है कि ज़ज़ना अज़क िी ़त्र है
कपय क्मा वजह है कि ़तर भें लसफ़क दो गवाह िाफ़ी हैं ज़ज़ना िी शहादत भें चाय
नहीॊ। कपय आऩने फ़यभामा, नभाज़ िी अज़भत ज़्मादा है मा योज़े िी? िहा नभाज़
िी, िहा कपय क्मा वजह है कि हाएज़ औयतों िो नभाज़ िी ़ज़ा ज़रूयी नहीॊ औय
फताओ, ऩेशाफ ज़्मादा नजीस है मा भनी? उन्होंने िहा ऩेशाफ ज़्मादा नजीस है ।
हज़यत ने फ़यभामा कि कपय क्मा वजह है कि ऩेशाफ िे फाद वज़ू किमा जाता है
614
आइन्दा ़मास ियने से फाज़ यहने िा वादा ियो। चन
ु ान्चे भैंने वादा किमा तो
1. ़त्र ियने वारा एि ही शख़्स होता है, इस लरमे लसफ़क दो गवाह िाफ़ी
होते हैं औय ज़ज़ना भें दो शख़्स होते हैं इस लरमे चाय गवाह िी ज़रूयत होती है ।
़ज़ा आसान है औय नभाज़ से हय भाह साफे़ा ऩड़ता है इसिी ़ज़ा भज़ु श्िर है
न िये ।
भें गस्र
ु ु़ दश्ु वाय होता है । औय भनी साये ज़जस्भ से ननिरती है ‘‘ तहत िुरशयता
फमान है कि इस जवाफ से भझ
ु े ऩयू ी तसल्री हो गई औय हज़यत िो सराभ िय
रा
ु त ज़फी प्रिालशत लभस्र भें इस वाक़ए िो इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) से
भत
ु ाज़ल्ऱ लरखा है ।
615
अल्राभा लशफरन्जी लरखते हैं कि अराए बफन उभय बफन अफीद ने हज़यत
ज़भीन दोनों (अऩनी फ़ैज़ यसाई से) फन्द थे कपय ऽुदा ने उन्हें खोर हदमा, मानी
आसभान से ऩानी फयसने रगा औय ज़भीन से दाना उगने रगा। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ
उठामा ियते थे। यावी िा फमान है कि भैंने एि हदन फायह अजनफी अशऽास िो
आऩिे ऩास दे ख िय ऩछ
ू ा कि मह िौन रोग हैं? इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.)
ऩष्ृ ठ 182)
हज़यत इभाभ भोहम्भदे फाक़य (अ.स.) िे ियाभात हदे एहसा से फाहय हैं। इस
भ़
ु ाभ ऩय चन्द लरखे जाते हैं।
616
अल्राभा जाभेई यहभतुल्राह अरैहा लरखते हैं कि एि योज़ आऩ खच्चय ऩय
सफ़य फ़यभा यहे थे औय आऩिे हभयाह एि औय शख़्स गधे ऩय सवाय था। भक्िा
अऩनी सवायी योि री। वह ़यीफ ऩहुॉच िय गोमा हुआ, भौरा ! इस ऩहाड़ी भें भेयी
भस
ु ीफत से नजात हो जाए। आऩने दआ
ु फ़यभा दी। कपय उसने िहा कि मह दआ
ु अ
फ़यभामा भैंने दआ
ु िय दी। वह चरा गमा।
िरूॊ मा वाऩस चरा जाऊॉ। नागाह आऩने अऩनी रौंडी से फ़यभामा कि फ़ुराॉ शख़्स
फर
ु ा लरमा।
इज़ने हुज़ूयी िा तालरफ हुआ। आऩने किसी वजह से इजाज़त न दी भैं ऽाभोश
617
जाऊॉ इसी ख्मार भें घय चरा गमा। जफ यात हुई तो आऩ भेये भिान ऩय तशयीफ़
रामे औय िहने रगे किसी भज़हफ भें भत जाओ, िोई भज़हफ दरू
ु स्त नहीॊ है ।
इल्भ है, दीवाय हभायी नज़यों िे दयलभमान हाएर नहीॊ होती, आइन्दा ऐसा नहीॊ
होना चाहहमे। 6. एि शख़्स ने अऩने फारों िे सफ़ेद होने िी लशिामत िी, आऩने
भज़स्जदे नफवी भें तशयीफ़ फ़यभा थे, इतने भें भन्सयू दवाऩ्ी औय दाऊद बफन
सर
ु भ
ै ान भज़स्जद भें आए। भन्सयू आऩसे दयू फैठा औय दाऊद ़यीफ आ गमा।
उसने फ़यभामा, भन्सयू भेये ऩास क्मों नहीॊ आता? उसने िोई उज़्र फमान किमा।
618
रगा आऩिा योफ व जरार भेये ़यीफ आने से भाने था। कपय आऩने उसिी
अज़म्फमा हैं, भेयी आॊखों िी यौशनी ऩरटा दीज़जए। आऩने इसी वक़्त आॊखों ऩय हाथ
िबी जौं बी फेचता हूॉ। फ़यभामा मह बी ारत है । तू लसफ़क ऽुयभे फेचता है । उसने
िहा आऩसे मह किसने फतामा है? इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा उसी फ़रयश्ते ने जो
भेये ऩास आता है । इसिे फाद आऩने फ़यभामा कि तू फ़ुराॊ फीभायी भें तीन हदन िे
11. हज़यत इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) इयशाद फ़यभाते हैं कि भेये वालरदे
फज़
ु ुगव
क ाय इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) एि हदन भदीने भें फहुत से रोगों िे
दयलभमान फैठे हुए थे नागाह आऩने सय डार हदमा। इसिे फाद आऩने फ़यभामा, ऐ
619
अहरे भदीना आईन्दा सार महाॊ नाफ़े बफन अयज़़ चाय हज़ाय जयाकय लसऩाही रे
गुज़ये तो आऩने फ़यभामा कि मह ज़रूय िूफ़े भें ऽुरूज ियें गे औय ़त्र होंगे औय
हुआ।
(शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 185 नरू
ु फ अफसाय ऩष्ृ ठ 130)
आऩ अऩने आफाओ अजदाद िी तयह फेऩनाह इफादत ियते थे। सायी यात नभाज़े
ऩढ़नी औय साया हदन योज़े से गुज़ायना आऩिी आदत थी। आऩिी ज़ज़न्दगी
ज़ाहहदाना थी। फोयीए ऩय फैठते थे। हदामा जो आते थे उसे फ़ु़याओ भसािीन ऩय
सब्र औय शक्र
ु ारु ाभ नवाज़ी सेरह यहभ वाैया भें अऩनी आऩ नज़ीय थे। आऩिी
तभाभ आभदनी फ़ु़याओ ऩय सफ़क होती थी। आऩ फ़़ीयों िी फड़ी इज़्ज़त ियते थे
620
औय उन्हें अच्छे नाभ से माद ियते थे। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 95) आऩिे एि ार
ु ाभ
जैसे ही िाफे ऩय नज़य ऩड़ी आऩ चीऽ भाय िय योने रगे भैंने िहा कि हुज़यू सफ
रोग दे ख यहे हैं आऩ आहहस्ता से गगयमा फ़यभामें। इयशाद किमा ऐ अफ़रह शामद
ज़भीन आॉसओ
ु ॊ से तय थी। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 271)
मसऱक
(अ.स.) ऩय सफो लशतभ िी सयू त भें जायी िय यख थी। हुिभन योि हदमा। (अफुर
कफ़दा) औय रूिूभे
ु़ ऽुम्स फनी हालशभ िो दे ना शरू
ु िय हदमा। (किताफ उर ऽयाएज
अफू मुसूफ़) मह वह ज़भाना था ज़जसभें अरी (अ.स.) िे नाभ ऩय अगय किसी फच्चे
621
छोड़ा जाता था। (तदयीि अर यावी, समूती) इसिे फाद 101 हहजयी भें मज़ीद इब्ने
अब्दर
ु भलरि ऽरीफ़ा फनामा गमा। (इब्नर
ु वयदी) 105 हहजयी भें हश्शाभ इब्ने
अब्दर
ु भलरि बफन भयवान फादशाहे वक़्त भ़
ु यक य हुआ। (इब्नर
ु वयदी)
सख़्त लभज़ाज, िजयौ, ऽुद सय, हयीस, िानों िा िच्चा औय हद दयजा शक्िी था।
िबी किसी िा ऐतफाय न ियता था। अक्सय लसफ़क शब्ु हे ऩय सरतनत िे राए़
भर
ु ाज़ज़भों िो ़त्र िया दे ता था। मह ओहदों ऩय उन्हीॊ िो फ़ाएज़ ियता था जो
ऽश
ु ाभदी हों। उसने ऽालरद बफन अब्दल्
ु राह ़सयी िो 105 हहजयी से 120 हहजयी
(स. अ.) से अफ़ज़र फताता औय उसी िा प्रोऩेगन्डा किमा ियता था। (तायीऽे
िालभर ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 103) हश्शाभ आरे भोहम्भद (स. अ.) िा दश्ु भन था। इसी ने
ज़ैद शहीद िो ननहामत फयु ी तयह ़त्र किमा था। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 49)
इसी ने अऩने ज़भाना ए वरी अहदी भें फ़यज़द़ शामय िो इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन
(अ.स.) िी भदह िे जभ
ु क भें फा भ़ाभ अस़रान ़ैद किमा था। (सवाए़े भोहये ़ा)
622
फैठे हुए रोगों िो ऩन्दो नसाहे से फहयावय िय यहे हैं। मह दे ख िय हश्शाभ िी
दश्ु भनी ने ियवट री औय उसने हदर भें सोचा कि उन्हें ज़रीर ियना चाहहमे औय
हैं कि हश्र िे हदन आऽयी फ़ैसरे से ऩहरे रोग क्मा खामें औय वऩमेंगे। उसने जा
िय इभाभ (अ.स.) िे साभने ऽरीफ़ा िा सवार ऩेश किमा। आऩने फ़यभामा जहाॊ
हश्रो नश्र होगा वहाॊ भेवे दाय दयख़्त होंगे, वह रोग उन्हीॊ चीज़ों िो इस्तेभार
भलु सफतों औय ऩये शाननमों भें भब्ु तेरा होंगे, उनिो खाने ऩीने िा होश िहाॊ होगा?
नहीॊ है कि जहन्नभ िे रोग जन्नत वारों से िहें गे कि हभें ऩानी औय िुछ नेभतें
नेभतें हयाभ हैं। (ऩाया 8 रूिू 13) तो जफ जहन्नभ भें बी रोग खाना ऩीना नहीॊ
बर
ू ेंगे तो हश्रो नश्र भें िैसे बर
ू जामेंगे। ज़जसभें जहन्नभ से िभ सज़ख़्तमाॊ होंगी
हश्शाभ शलभकन्दा हो गमा। (इयशादे भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 408 व तायीऽे आइम्भा ऩष्ृ ठ 414)
623
इमाम मोहम्मद फाफ़क़र (अ.ि.) और हश्िाम की मजु श्कऱ कुिाई
िय हदमा जाए रेकिन िहठन भौ़ों ऩय अहभ भयाहहर िे लरमे उनिी भज़ु श्िर
बफन भयवान िे ज़भाने भें शाभ औय ईया़ िे आने वारे हज्जाज िो भक्िे िे
फेचन
ै ी िा ख़्मार ियिे भॊज़ज़र दो भॊज़ज़र ऩहरे से अऩना साभान जभा िय लरमा
लभरने िी वजह से इस भॊज़ज़र ऩय जाॊ फह़ तसरीभ हो जाते थे। इस भज़ु श्िर
िी लशिामत अहरे इस्राभ भें हभेशा फनी यहती थी। वहा िी ज़भीन बी हज्जाज
िी तभाभ ज़भीनों से ज़्मादा सॊगराऽ (फॊजय) थी। वहाॊ ज़भीन से ऩानी ननिारना
624
साथ उस भ़ाभ ऩय बेजा। ायज़ कि भोहिभाए ताभीयात िा सर
ु तानी इस्टाफ़
कपय अयफ भें बी किस हहस्से िी, हहजाज़ िी हदन, हदन बय िी िड़ी भेहनत िे
फाद हाथ दो हाथ ज़भीन िा खुद जाना बी ायीफ िाभ ियने वारों िे लरमे
ानीभत था। ऽुदा ऽुदा िय िे िाभ ियने वारे सतेह आफ िे ़यीफ ऩहुॉचे तो
भॊह
ु झर
ु सा दे ने वारी हवा ननिरी ज़जसने उन सफ िो हराि िय हदमा, जो उस
वक़्त िॊु ए िे अन्दय थे। िुएॊ िे ऊऩय जो दीगय िाभ ियने वारे थे उन्होंने जफ
उनिी ज़ज़न्दगी िे आसाय भफ़िूदु़ ऩाए तफ़हुस हार िे लरमे चन्द औय आदलभमों
भारभ
ू न िय सिी कि इसभें जाने वारे भय क्मों जाते हैं।
625
हश्शाभ इसी इज़्तेयाफ औय ऩये शानी भे था कि हज िा ज़भाना आ गमा, मह
ख़्मार िे यहनभ
ु ाओ िो जभा किमा औय उनिे साभने िुऐॊ वारा वा़ेमा फमान
फादशाह िी फात सन
ु िय सफ ऽाभोश हो गमे औय िाफ़ी सोचने िे फावजूद
किसी नतीजे ऩय न ऩहुॉच सिे। नागाह हज़यत इभाभ भोहम्भदे फाक़य (अ.स.) जो
भौ़ा दे ख ़् ू ागाॊ चन
ु ान्चे आऩ तशयीफ़ रे गमे औय वाऩस आिय आऩने फ़यभामा,
ऐ फादशाहे ़ौभ आदभ से जो अहरे एह़ाफ़ थे ज़जनिा ज़ज़क्र ़ुयआने भजीद भें
(हमातुर ़ुरूफ ज़जल्द 2 व भजभउर फहयै न ऩष्ृ ठ 577 व भालसये फ़य ऩष्ृ ठ 22)
यसर
ू े ियीभ (स. अ.) फ़यभाते हैं कि इन भ़
ु ाभात से जल्द दयू बागो जो भाजूफ
हो चि
ु े हैं ताकि िहीॊ ऐसा न हो कि तुभ बी भत
ु ालसय हो जाओ। (भु़दभा इब्ने
ऽरदन
ू ऩष्ृ ठ 125 प्रिालशत लभस्र)
626
अल्राभा यशीदउद्दीन अफू अब्दल्
ु राह भोहम्भद बफन अरी बफन शहय आशोफ ने
इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) ही जैसा वा़ेमा अहदे भेहदी अब्फासी भें इभाभ
भस
ू ा िाज़ज़भ (अ.स.) िे भत
ु ाअज़ल्ऱ लरखा है । (भन
ु ाक़फ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 69)
अब्दर
ु भलरि अऩने अहदे हिूभत िे आखऽयी अय्माभ भें हज्जे फैतल्
ु राह िे लरमे
भक्िा भोअज़्ज़भा ऩहुॉचा। वहाॊ हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) औय इभाभ
जाफ़य साहद़ (अ.स.) बी भौजूद थे। एि हदन इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) ने
िहा कि हभ रूए ज़भीन ऩय ऽुदा िे ऽरीफ़ा औय उसिी हुज्जत हैं, हभाया दश्ु भन
ऩहुॉचने िे फाद वारीए भदीना िो ऩैााभ बेजा कि भोहम्भद बफन अरी औय जाफ़य
हश्शाभ ने आऩिो तीन योज़ ति इज़ने हुज़ूयी नही हदमा। चौथे योज़ जफ अच्छी
627
दयफाय हुए तो आऩिो ज़रीर ियने िे लरमे आऩसे िहा हभाये तीय अन्दाज़ों िी
हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) ने फ़यभामा कि भैं ज़ईफ़ हो गमा हूॉ भझ
ु े
इस से भाफ़ यख, उसने फ ़सभ िहा मह न भज़ु म्िन है । कपय एि तीय िभान
गमा। इसिे फाद इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा, फादशाह हभ भादने रयसारत हैं हभाया
भ़
ु ाफरा किसी अभय भें िोई नहीॊ िय सिता। मह सन
ु िय हश्शाभ िो ास्
ु सा आ
गमा, वह फोरा कि आऩ रोग फहुत फड़े फड़े वादे ियते हैं आऩिे दादा अरी बफन
अफी तालरफ ने ाैफ िा दावा किमा है । आऩने फ़यभामा फादशाह ़ुयआन भजीद भें
भारभ
ू था। (ज़जराउर उमून)
दयफाय िो हुक्भ हदमा था कि भैं भोहम्भद इब्ने अरी इभाभ भोहम्भद फाक़य
आखखय
ु़ भें हज़यत ने फ़यभामा, फादशाह माद यख हभ ज़रीर ियने से ज़रीर
628
फहा अरा अरज़जस आऩिो ़ैद ियने िा हुक्भ दे हदमा चन
ु ान्चे आऩ ़ैद िय
हदमे गमे।
़ैद ऽाने भें दाखऽर होने िे फाद आऩने ़ैहदमों िे साभने एि भोज़जज़ नभ
ु ा
त़यीय िी ज़जसिे नतीजे भें ़ैद ऽाने िे अन्दय िोहयाभे अज़ीभ फयऩा हो गमा।
बफर आखखय
ु़ ़ैद खाने िे दयोगा ु़ ने हश्शाभ से िहा कि अगय भोहम्भद बफन अरी
त़यीय ़ैद ऽाने से फाहय बी असय डार यही है औय अवाभ भें इनिे ़ैद होने से
फड़ा जोश है । मह सन
ु िय हश्शाभ डय गमा औय उसने आऩिी ये हाई िा हुक्भ
प्मासे दाखखरे
ु़ भदीना हुए।
जगह हज़यत शऐ
ु फ नफी ने खड़े हो िय अज़ाफे इराही िी ऽफय दी थी औय अज़ीभ
तयीन अज़ाफ नाज़ज़र हुआ था। भेयी फात भानो औय अऩने आऩ िो अज़ाफ भें
629
भफ
ु नतरा न ियो। मह सन
ु िय सफ रोग हज़यत िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो गए
साज़ज़श िे ज़रयए इभाभ (अ.स.) िो दोफाया दलभश़् भें तरफ ियना चाहा रेकिन
आमा। उसने तफरूिाते रयसारत (स. अ.) जफयन तफर किमे औय इभाभ (अ.स.)
अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.)
किमा तो भारभ
ू हुआ कि नसाया िा एि याहहफ है जो सार भें लसफ़क एि फाय
630
भोहम्भद फाक़य (अ.स.) इस भजभे भें अवाभ िे साथ जा िय फैठ गए, याहहफ जो
हैं? इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा, भैं उम्भते भोहम्भद से हूॉ। 2. आऩ उरभा से हैं मा
लरमे आमें हैं? फ़यभामा नहीॊ। 4. जफ कि आऩ आलरभों भें से हैं क्मा भैं आऩ से
िुछ ऩछ
ू सिता हूॉ? फ़यभामा ज़रूय ऩनू छए।
मह सन
ु िय याहहफ ने सवार किमा 1. शफो योज़ भें वह िौन सा वक़्त है
ज़जसिा शभ
ु ाय न हदन भें हो न यात भें हो? फ़यभामा वह सयू ज िे तुरू से ऩहरे
िा वक़्त है ज़जसिा शभ
ु ाय हदन औय यात दोनों भें नहीॊ। वह वक़्त जन्नत िे
दक द िो सि
ु ू न होता है । जो यात बय न सो सिे उसे नीॊद आ जाती है, मह वक़्ते
अ़ीदा है कि जन्नत भें ऩेशाफ व ऩऽाना िी ज़रूयत न होगी, क्मा दनु नमा भें
इसिी िोई लभसार है । फ़यभामा फतने भादय भें जो फच्चे ऩयवरयश ऩाते हैं, इनिा
भेवा िभ न होगा इसिी महाॊ िोई लभसार है? फ़यभामा हाॉ, एि गचयाा से राखों
गचयाा जराए जाऐ तफ बी ऩहरे गचयाा िी यौशनी भें िभी न होगी। 4. वह िौन
631
से दो बाई हैं जो एि साथ ऩैदा हुए औय एि साथ भये रेकिन एि िी उभय
ऩैाम्फय हैं। मह दोनों दनु नमाॊ भें एि ही योज़ ऩैदा हुए औय एि ही योज़ भये ।
ऩैदाईश िे फाद तीस फयस ति साथ यहे कपय ऽुदा ने अज़ीज़ नफी िो भाय डारा
(ज़जसिा ज़ज़क्र ़ुयआन भजीद भें भौजूद है ) औय सौ फयस (100) िे फाद कपय
ज़ज़न्दा फ़यभामा इसिे फाद वह अऩने बाई िे साथ औय ज़ज़न्दा यहे औय कपय एि
मह सन
ु िय याहहफ अऩने भानने वारों िी तयफ़ भोतवज्जा हो िय िहने रगा
दॊ ग
ू ा। सफ िो चाहहमे कि इसी आरभे ज़भाना से सवार िये इसिे फाद वह
भस
ु रभान हो गमा।
दोशम्फा भदीना भन
ु व्वया भें इज़न्त़ार फ़यभा गए। इस वक़्त आऩिी उम्र 57 सार
632
िी थी आऩ जन्नतुर फ़ीह भें दफ़्न हुए। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 93 ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ
264 जनात अर ऽरूद ऩष्ृ ठ 26, दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 449, अनवारूर हुसैननमा ऩष्ृ ठ 48,
शवाहे दन
ु नफअ
ू त ऩष्ृ ठ 181 यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 434)
भसभभ
ू न िाफहू ’’ आऩ अऩने ऩदये फज़
ु गु व
क ाय इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) ही िी
तयह ज़हय से शहीद िय हदए गए। (नुरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 31 व सवा़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120)
आऩिी शहादत हश्शाभ िे हुक्भ से इब्राहीभ बफन वालरमे भदीना िी ज़हय ऽूयानी
िे ज़रयए वा़े हुई है । एि यवामत भें है कि ऽरीफ़ा ए वक़्त हश्शाभ बफन अब्दर
ु
शहादत से ़ब्र आऩने हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) से फहुत सी चीज़ों
िे भत
ु ाअज़ल्ऱ वसीअत फ़यभाई औय िहा कि फेटा भेये िानों भें भेये वालरदे
आऩने ास्
ु रो िफ़न िे भत
ु ाअज़ल्ऱ ऽास तौय ऩय हहदामत िी क्मों कि इभाभ
181) अल्राभा भजलरसी फ़यभाते हैं कि आऩने अऩनी वसीअतों भें मह बी िहा कि
800 हदयहभ भेयी अज़ादायी औय भेये भातभ ऩय सफ़क ियना औय ऐसा इन्तेज़ाभ
किमा जाए। (ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 264) उरभा िा फमान है कि वसीमतों भें मह बी
633
था कि भेये फन्दे िफ़न ़ब्र भें खोर दे ना औय भेयी ़ब्र चाय उॊ गर से ज़्मादा ऊॉची
न ियना। (जनात अर ऽर
ु द
ू ऩष्ृ ठ 27)
अज़वाज व औऱाद
आऩिी चाय फीफीमाॉ थीॊ औय उन्हीॊ से औराद हुई। उम्भे फ़यवा, उम्भे हिीभ,
रैरा औय एि फीफी उम्भे फ़यवा ़ालसभ बफन भोहम्भद बफन अफी फक्र ज़जन से
ज़ैनफ ऩैदा हुमे औय चौथी फीफी से उम्भे सरभा भोता वज़ल्रद हुइ। (इयशाद भुफ़ीद
अल्राभा भोहम्भद फाक़य फहबानी, अल्राभा भोहम्भद यज़ा आरे िाशेफ़ुर ाता
औय अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते हैं कि हज़यत भोहम्भद फाक़य (अ.स.)
िी नस्र लसफ़क इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) से फढ़ी है उनिे अरावा किसी िी
औरादें ज़ज़न्दा औय फा़ी नहीॊ यहीॊ। (दभए सािेफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 479 अनवारूर हुसैननमा
ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 48, यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 434 प्रिालशत रखनऊ 1284 ई0)
634
अफु अब्दल्
ु ऱाह हज़रत इमामे जाफरे िाहदक़ (अ.ि.)
है मह भौरद
ू े ज़जगय फन्द, भोहम्भद फा़य
भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) िे छठे जानशीन औय लसरलसराए अस्भत िी आठवीॊ िड़ी
हैं। आऩिे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) थे औय वालरदा
भाज़जदा जनाफे उम्भे फ़यवा बफन्ते ़ालसभ बफन भोहम्भद बफन अफी फक्र थीॊ। आऩ
635
अल्राभा हजय लरखते हैं कि हज़यत इभाभे जाफ़ये साहद़ (अ.स.) अफ़ज़र व
अिभर थे। इसी बफना ऩय आऩने अऩने फा ऩिे ऽरीफ़ा औय वसी ़याय ऩामे।
(सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120) अल्राभा इब्ने ऽल़्ान तहयीय फ़यभाते हैं कि आऩ
सादात अहरेफत
ै से थे व फ़ज़रह ‘‘ अश्हयान मज़िय ’’ इनिी अफ़ज़लरमत व
इभाभ फ़ऽरूद्दीन याज़ी िी तफ़सीय िफीय ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 429 व ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ
783 प्रिालशत लभस्र फहवारा ए आमाए ततहीय औय आरयफ़ सभदानी अरी हभदानी
िी भव
ु दतर
ु ़ुफाक ऩष्ृ ठ 34 प्रिालशत फम्फई 1310 ई0 औय शाह अब्दर
ु अज़ीज़
गुनाह नहीॊ किमा औय इसी िो भहफ़ूज़ िहे हैं। इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ऽुद
इल्भे ऽद
ु ा िे ऽज़ीनादाय औय हभ ही रोग भासभ
ू हैं। ऽद
ु ा ने हभायी इताअत िा
हुक्भ हदमा है औय हभायी भासीमत से दनु नमा वारों िो योिा है । (आराभ अर वया
ऩष्ृ ठ 169)
636
से ़ुयआन भजीद िे भानी िे चश्भे पूटते यहे हैं। आऩिे फहये इल्भ से उरभ
ू िे
हुआ। (भतारेफस
ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 173)
अल्राभा इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि उरभा ने आऩसे इस दजाक ऩरे उरभ
ू
किमा ज़जसिी िोई हद नहीॊ। आऩिा आवाज़े इल्भ तभाभ अवसाद दमाय भें पैरा
भल्
ु रा जाभी तहयीय फ़यभाते हैं कि आऩिे उरभ
ू िा अहाता व फ़हभो इदयाि से
फर
ु न्द है । (शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 180)
अल्राभा लभस्र शेऽ भोहम्भद ऽज़यी फि लरखते हैं कि इनसे इभाभ भालरि
भगय इभाभ फऽ
ु ायी, सहाए लसत्ता भें सफ से ज़्मादा भत
ु ाफरयक ि सभझी जाती है ।
वाज़े हो कि दीगय सहाह भें आरे भोहम्भद (स. अ.) से बी यवामत री गई हैं।
ज़रूयत थी कि इन सहाह िा फऽ
ु ायी से फर
ु न्द दजाक हदमा जाता भगय ऐसा नहीॊ
हुआ।
भत
ु ाबफ़ 702 ई0 मौभे दो शम्फा भदीना ए भन
ु व्वया भें ऩैदा हुए। (इयशाद भुफ़ीद
ु़
फ़ायसी ऩष्ृ ठ 413, आराभ अर वया ऩष्ृ ठ 159, जाभे अब्फासी ऩष्ृ ठ 60 वगैयाह) आऩिी
637
ववरादत िी तायीऽ िो ऽुदा वन्दे आरभ ने फड़ी इज़्ज़त दे यखी है । अहादीस भें है
इन चन्द भऽसस
ू अफ़याद भें से है ज़जसनी वजह से ऽुदा ने फन्दों ऩय एहसान
फ़यभाते थे। ववरादत िे फाद आऩने िरभाए शहादतैन ज़फान ऩय जायी फ़यभामा
तभाभ नफव
ू तों िे ऽुरासा थे।
औय आऩिे अऱाफ साहद़, फ़ाज़ज़र, ताहहय वाैया हैं। अल्राभा भजलरसी य़भ
तयाज़ हैं कि आॊ हज़यत ने अऩनी ज़ाहहयी ज़ज़न्दगी भें हज़यत जाफ़य बफन भोहम्भद
638
अल्राभा इब्ने ऽल़्ान िा िहना है कि लसद़ भ़ार िी वजह से आऩिे
105)
‘‘ जाफ़य ’’ िे भत
ु ाअज़ल्ऱ उरेभा िा फमान है कि जन्नत भें जाफ़य नाभी
जाफ़य छोटी नहय मा फड़ी वासेए (िुशादा) इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) भशहूय
नहीॊ क्मा शफ
ु हा हो गमा कि वह अऩनी सही भें इनसे यवामत नहीॊ ियते औय
महमा बफन सईद ़तान ने फड़ी फेअदफी िी है जो िहते हैं, ‘‘ फ़ी भनहू शैइनव
भजालरद अहफा इरा लभन्हा ’’ भेये हदर भें इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी तयफ़
इभाभ साहफ िे साभने क्मा रूतफा है । ऐसी ही फातों िी वजह से अहरे सन्
ु नत
फदनाभ होते हैं कि उनिो आइम्भा अहरे फैत (अ.स.) से भोहब्फत औय ऐनत़ाद
639
ख़्तान औय िई ख़्वारयज से तो उन्होंने यवाएत िी औय जाफ़ये साहद़ (अ.स.) से
जो इब्ने यसर
ू अल्राह (स.अ.व.व.) हैं इनिी यवाएत भें शब्ु हा ियते हैं। (अनवारूर
अल्राभा इब्ने हजय भक्िी अल्राभा लशब्रॊजी य़भ तयाज़ हैं कि अमाने
आइम्भा भें से एि जभाअत लभस्र महमा बफन सईद इब्ने हजय, इभाभ भालरि,
आऩसे हदीस अख़्ज़ िी, अफू हानतभ िा िौर है कि इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.)
ऐसे सक़्
ु ़ा हैं (रामस अर अन्हा भसरह) कि आऩ ऐसे शख़्सों िी ननस्फत िुछ
फे ननमाज़ थे औय हभेशा इफादत गुज़ायी भें फसय ियते यहे । उभय इब्ने भ़दाभ िा
ख़्मार होता है कि मह जौहये रयसारत (स.अ.व.व.) िी असर फनु नमाद हैं। (सवाए़े
भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 120 नूरूर अफसाय 131 हुरमतुर अफयाय, तायीऽ आईम्भा ऩष्ृ ठ 433)
फादिाहाने वक़्त
तयतीफ ऽरीफ़ा भ़
ु यक य हुए। भयवान अर हे भाय िे फाद सरतनते फनी उभय्मा िा
640
गचयाा गुर हो गमा औय फनी अब्फास िा ऩहरा फादशाह अफर
ु अब्फास, सफ़ाह
औय दस
ू या भन्सयू दवाऩी हुआ है । भर
ु ाहे ज़ा हो, (आराभ अर वया, तायीऽ इब्ने
अब्दऱ
ु मसऱक बफन मरवान के अहद में आऩका एक मनाजज़रा
अब्दर
ु भलरि इब्ने भयवान िा ज़ज़क्र है कि एि ़दरयमा भज़हफ िा भनाज़ज़य
641
(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें जफ इसिा ऽत ऩहुॉचा तो आऩने अऩने फ़यज़न्द हज़यत
भनाज़ज़ये िे लरमे शाभ चरे जाओ। हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) अऩने
ऩदये फज़
ु गुक वाय िे हस्फ उर हुक्भ भदीना से यवाना हो िय शाभ ऩहुॉच गए। अब्दर
ु
भलरि इब्ने भयवान ने जफ इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) िे फजाए इभाभ जाफ़ये
इस लरमे भन
ु ालसफ नहीॊ कि भजालरसे भनाज़ज़या कपय भन
ु ़्अक़द िी जाए। हज़यत
ने फ़यभामा, फादशाह नू घफया नहीॊ, अगय ऽुदा ने चाहा तो भैं लसफ़क चन्द लभनट
सफ िुछ है । ऽुदा िो फन्दों िे भाभरे भें िोई दऽर नहीॊ है, औय न ऽुदा िुछ
िय सिता है । मानी ऽद
ु ा िे हुक्भ औय ़ज़ा व ़द्र व इयादों िो फन्दों िे किसी
अभय भें दऽर नहीॊ। रेहाज़ा हज़यत ने इसिी ऩहर ियने िी ख़्वाहहश ऩय
ियता हूॉ औय फस तुझी से भद्द चाहता हूॉ ’’ तो आऩने फ़यभामा, ठहय जाओ औय
642
भझ
ु े इसिा जवाफ दो कि जफ ऽुदा िो तुम्हाये एते़ाद िे भत
ु ाबफ़ तुम्हाये किसी
सन
ु िय वह ऽाभोश हो गमा औय िोई जवाफ न दे सिा। बफर आखखय
ु़ भजलरसे
ऩष्ृ ठ 33)
अफु शाकिय दे सानी िा जवाफ अफु शाकिय दे सानी जो रा भज़हफ था। हज़यत से
यहफयी फ़यभा सिते हैं। आऩने एि ताऊस िा अन्डा हाथ भें रे िय फ़यभामा दे खो
इसिी फाहयी फनावट ऩय ाौय ियो, औय अन्दय िी फहती हुई ज़दी औय सफ़ैदी िो
क्मों िय ऩैदा हो जाते हैं। क्मा तुम्हायी अक़्रे सरीभ इसिो तसरीभ नहीॊ ियती
कि इस अॊडे िो अछूते अन्दाज़ भें फनाने वारा औय उससे ऩैदा ियने वारा िोई
है । मह सन
ु िय वह ऽाभोश हो गमा औय दहरयमत से फाज़ आमा। इसी दे सानी िा
ज़ज़क्र है कि उसने एि दफ़ा आऩिे साहफी हश्शाभ बफन हिभ िे ज़रयमे से सवार
किमा कि क्मा मह भज़ु म्िन है कि ऽुदा सायी दनु नमा िो एि अॊडे भें सभो दे औय
अॊडा फढे न दनु नमा घटे ? आऩने फ़यभामा फेशि वह हय चीज़ ऩय ़ाहदय है । उसने
643
इसभें सायी दनु नमाॊ सभा जाती है न ऩत
ु री फढ़ती है न दनु नमा घटती है । (उसूरे
अज़क किमा कि हिीभ बफन अमाश िल्फी आऩ रोगों िी हजो किमा ियता है ।
हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने फ़यभामा कि अगय तुझ िो उसिा िुछ
ऩािीज़ा थे। मह सन
ु िय इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने दआ
ु िी फाये इराहा
भस
ु ल्रत फ़यभा। चन
ु ान्चे उनिी दआ
ु ़ुफर
ू हुई औय हकिभ िल्फी िो याह भें शेय
भल्
ु रा जाभी तहयीय फ़यभाते हैं कि जफ हिीभ िल्फी िे हराि होने िी
ऽफय इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िो ऩहुॉची तो उन्होंने सजदे भें जा िय िहा कि
644
उस ऽुदा ए फयतय िा शि
ु रयमा है कि ज़जसने हभ से जो वामदा फ़यभामा उसे ऩयू ा
किमा। (शवाहे दन
ु नफव
ू त सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 121 व नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 147)
113, हहजयी भें इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िा हज अल्राभा इब्ने हजय
भक्िी लरखते हैं कि आऩने 113 हहजयी भें हज किमा औय वहाॊ ऽुदा से दआ
ु िी,
ऽुदा ने बफरा फ़स्र अॊगूय औय दो फेहतयीन रयदामें लबजवाईं। आऩने अॊगूय ऽुद बी
इस वाक़मे िी भख़्
ु तसय अल्फ़ाज़ भें तफ़सीर मह है कि फअस बफन सअद
उसी सन ़् भें हज िे लरमे गमे। वह नभाज़े अस्र ऩढ़ िय एि हदन िोहे अफू ़फीस
ननयक हीभ िह िय चऩ
ु हो गमा। कपय फोरा ऽुदा भझ
ु े अॊगूय चाहहमे औय भेयी रयदा
अल्फ़ाज़ अबी तभाभ न होने ऩाए थे कि एि ताज़ा अॊगयू ों से बयी हुई ज़म्फीर
(फहुत फड़ा टोिया) आ भौजूद हुई औय उस ऩय दो फेहतयीन चादयें यखी हुई थीॊ। उस
आबफद ने जफ अॊगूय खाना चाहा तो भैंने अज़क कि हुज़ूय भैं आभीन िह यहा था
भझ
ु े बी खखराईमे। उन्होंने हुक्भ हदमा, भैंने खाना शरू
ु किमा। ऽुदा िी ़सभ ऐसे
अॊगूय सायी उम्र ख़्वाफ भें बी नज़य न आमे थे। कपय आऩने एि चादय भझ
ु े दी।
645
भैंने िहा भझ
ु े ज़रूयत नहीॊ है । उसिे फाद आऩने एि चादय ऩहन री औय एि
ओढ़ री, कपय ऩहाड़ से उतय िय भ़ाभे सई िी तयफ़ गमे। भैं उनिे साथ था।
िे लरफास से आयास्ता िये गा। आऩने फ़ौयन दोनों चादयें उसिे हवारे िय दीॊ। भैंने
उस सामर से ऩछ
ू ा मह िौन हैं? उसने िहा इभाभ ज़भाना हज़यत इभाभ जाफ़ये
साहद़ (अ.स.)। मह सन
ु िय भैं उनिे ऩीछे दौड़ा कि उन से लभर िय िुछ
हज़यत इभाभ जाफ़ये साहदि (अ.स.) िे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ भोहम्भद
फाक़य (अ.स.) िो सन ़् 114 भें शहीद ियने िे फाद हश्शाभ बफन अब्दर
ु भलरि
बफन भयवान 125 हहजयी भें वालसरे जहन्नभ हुआ। उसिे भयने िे फाद वरीद
ऊफाश, इख़्रा़ी औसाफ़ से िोसों दयू , फे शभक, भज़ु न्हमात िा भयु तकिफ ननहामत
फ़ालस़ो फ़ाज़जय औय अय्माश था। भम नोशी औय रवाता भें ऽास शोहयत यखता
था। ननहामत जब्फाय औय िीना वय, ज़जस हाॊडी भें खाता उसी भे सयू ाऽ ियता।
646
जभीरा रड़िी एि ऽादे भा िे ऩास फैठी थी उसने उसे ऩिड़ लरमा औय उसिी
फि
ु ायत (इज़्ज़त रट
ू ना) ज़ामर िय दी। ऽादे भा ने िहा कि मह तो भजस
ू िा
हैं।
उसने ास्
ु से भें ़ुयआने भजीद िो पेंि हदमा, कपय उसे टाॊग िय तीयों से टुिड़े
भज़़नी अर वरीद ’’ भझ
ु े वरीद ने ऩाया ऩाया किमा है ।
एि हदन वरीद अऩनी िनीज़ िे साथ फैठा शयाफ ऩी यहा था। इतने भें अज़ान
शयाफ िे नशे औय जनाफत िी हारत भें नभाज़ ऩढ़ाने िे लरमे भज़स्जद भें बेज
हदमा औय उसने नभाज़ ऩढ़ा दी। (तायीऽे ऽभीस, हफीफ उस सैय, हज्जुर ियाभा, लसद्दी़
647
िी। तायीऽ भें है कि हज़यत ज़ैद शहीद (य. अ.) िे फेटे जनाफे महीमा िो इसी िे
अहद भें फयु ी तयह शहीद किमा गमा औय उनिा सय वरीद िे दयफाय भें रामा
48)
फ़यज़न्दे यसर
ू (स.अ.व.व.) हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) जो आरीभे
जनाफे नोभान बफन साबफत 80 हहजयी भें फा भ़ाभ िूफ़ा ऩैदा हुए। आऩिी
िुज़न्नमत अफू हनीफ़ा थी। आऩ अजभी नस्र िे थे। आऩिो हारून यशीद अब्फासी
648
आऩिो हश्शाभ बफन अब्दर
ु भलरि बफन भयवान िे ज़भाने भें ‘‘ इभाभे आज़भ
’’ िा खखताफ
ु़ लभरा। जफ कि उन्होंने 123 हहजयी भें जनाफे ज़ैद शहीद िी फैमत
िी औय हुिूभत िी भऽ
ु ारेफ़त िय िे भोआफ़े़त िी थी।
किताफ भस्
ु तफ़ा शयह भौता भें है कि अिाबफये भोहद्दे सीन लभस्र अहभद
फऽ
ु ायी, इभाभ भज़ु स्रभ, नतयलभज़ी, ननसाई, अफू दाऊद, इब्ने भाजा ने आऩिी
यवामत ऩय बयोसा नहीॊ किमा। आऩिी वफ़ात 150 हहजयी भें हुई है । (तायीऽे साीय
ऩष्ृ ठ 174)
इसी तायीऽे साीय भें फा यवामत नईभ बफन हभाद, भयवी है कि भैं सकु फ़मान
सौयी िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य था कि नागाह अफू हनीफ़ा साहफ िी वफ़ात िी ऽफय
सन
ु ी गई तो सकु फ़मान ने ऽुदा िा शक्र
ु अदा किमा औय िहा कि वह शख़्स
इस्राभ िो तोड़ िय चिना चयू ियता था। ‘‘ भा वल्द कफ़र इस्राभ अश्शाभ
मह तायीऽी भस
ु ल्रेभात से है कि जनाफे अफू हनीफ़ा हज़यत इभाभ भोहम्भद
649
ियने हुए तहयीय फ़यभामा है, ‘‘ अफू हनीफ़ा एि भद्
ु दत ति इस्तेफ़ादे िी ाज़क से
भत
ु ाअज़ल्ऱ फहुत फड़ा ज़ऽीया हज़यत भम्दहू िा फ़ैज़े सोहफत था। इभाभ साहफ
ने उनिे फ़यज़न्दे यशीद हज़यत जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी फ़ैज़े सोहफत से बी िुछ
भें उनिो हज़यत जाफ़ये साहद़ (अ.स.) से क्मा ननसफत। हदीस व कफ़़ा फज़ल्ि
अदया फेभा फ़ीहा ’’ घय वारे ही घय िी तभाभ चीज़ों से वाक़फ़ होते हैं। (सीयतुन
जनाफे अफू हनीफ़ा िा इम्तेहान तायीऽ भें है कि हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़
(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें अिसय हज़यत अफू हनीफ़ा नोभान बफन साबफत हाज़ज़य
फ़ामदा ऩहुॉचा हदमा ियते थे। एि दफ़ा िा ज़ज़क्र है कि जनाफे अफू हनीफ़ा हज़यत
िी खखदभत
ु़ भे हाज़ज़य हुए, तो आऩने ऩछ
ू ा कि ऐ अफू हनीफ़ा भैंने सन
ु ा है कि तभ
ु
650
भसाएरे दीननमा भे ‘‘ ़मास ’’ से िाभ लरमा ियते हो। अज़क कि जी हाॊ है तो
ऐसा ही। आऩने फ़यभामा कि ऐसा न किमा ियो क्मों कि ‘‘ अव्वर भन ़मास
इब्रीस ’’ दीन भें ़मास ियना इब्रीस िा िाभ है औय उसी ने ़मास िी ऩहर
िी है ।
एि दफ़ा आऩने ऩछ
ू ा कि ऐ अफू हनीफ़ा मह फताओ कि ऽुदा वन्दे आरभ ने
आखों भें नभिीनी, िानों भें तल्ऽी, नाि िे नथनों भें रूतूफत औय रफों ऩय
शीयीनी क्मों ऩैदा िी? उन्होंने फहुत ाौयो ऽौज़ िे फाद िहा, मा हज़यत इसिा
इल्भ भझ
ु े नहीॊ है । आऩने फ़यभामा, अच्छा भझ
ु से सन
ु ो, आॊखें चयफी िा ढे रा हैं,
अगय उनभें शरू यमत औय नभिीनी न होती तो वऩघर जातीॊ, िानों भें तल्ऽी इस
कपय आऩने ऩछ
ू ा कि वह िौन सा िरभा है ज़जसिा ऩहरा हहस्सा िुफ़्र औय
दस
ू या ईभान है? उन्होंने अज़क िी भझ
ु े इल्भ नहीॊ। आऩने फ़यभामा कि वह वही
ईभान है ।
कपय आऩने ऩछ
ू ा कि औयत िभज़ोय है मा भदक , नीज़ मह कि हारते हभर भें
651
िभज़ोय है रेकिन मह नहीॊ भारभ
ू कि इसे आरभे हभर भें है ज़ क्मों नहीॊ आता।
आऩने फ़यभामा कि अच्छा अगय औयत िभज़ोय है तो क्मा वजह है कि भीयास भें
भारभ
ू नहीॊ। आऩने फ़यभामा कि औयत िा नफ़़ा भदक ऩय है औय हुसर
ू े आज़ू़ा
उसी िे ज़ज़म्भे है इस लरमे उसे दोहया हदमा गमा औय औयत िो आरभे हभर भें
जाता है ।
क्मा फ़तवा दे ते हो, ज़जस ने हज िे लरमे एहयाभ फाॊधने िे फाद हहयन िे वह दाॊत
तोड़ डारे हों ज़जनिो रूफाई िहते हैं। ‘‘ फ़़ारा मा बफन यसर
ू भा आरभा भा
अनता तदाहहय वरा तारभ ’’ आऩने फ़यभामा कि इसी इल्भीमत ऩय फ़ख़्र ियते
कपय आऩने ऩछ
ू ा कि मह फताओ कि अक़्र भन्द िौन है? उन्होंने अज़क कि जो
अच्छे फयु े िी ऩहचान िये औय दोस्त दश्ु भन भें तभीज़ िय सिे। आऩने फ़यभामा
652
भायते हैं। मानी अच्छे फयु े िो जानते हैं। उन्होंने िहा कपय आऩ ही फ़यभामें। आऩने
िौन सी फयु ाई िभ औय िौन ज़्मादा है । (हमातुर है वान, दभीयी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 85, 86
तायीऽ इब्ने ऽल़्ान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 105 भनाक़फ इब्ने शहये आशोफ ऩष्ृ ठ 41 नरू
ू र अफसाय
ऩष्ृ ठ 131)
झि
ु ा हुआ ऩामे।
2. जो शख़्स किसी फयादये भोलभन िा हदर ऽुश ियता है ऽुदा वन्दे आरभ
़ब्र भें भनू नसे तन्हाई, ़माभत भें साबफत ़दभी िा फाएस, भज़न्ज़रे शफ़ाअत भें
653
5. तवाज़ो भें ताऽीय नफ़्स िा धोखा है ।
6. चाय चीज़ें ऐसी हैं ज़जनिी क़ल्रत िो िसयत सभझना चाहहए। (1) आग,
9. जफ अऩने किसी बाई िे वहाॊ जाओ तो सदये भजलरस भें फैठने िे अरावा
ज़रीर सभझे उससे ऽुद्दायी फयतो। 12. फऽलशश से योिना ऽुदा से फदज़नी है ।
उन्हें वस
ु अत दे नी चाहहमे वयना ज़वारे नेअभत िा अन्दे शा है ।
15. ज़जन चीज़ों से इज़्ज़त फढ़ती है इनभें तीन मह हैं, (1) ज़ालरभ से फदरा न
654
16. भोलभन वह है जो जादए ह़ से न हटे औय ऽुशी भें फानतर िी ऩैयवी न
िये ।
17. जो ऽद
ु ा िी दी हुई नेअभत ऩय क़नाअत िये गा, भस्
ु तानी यहे गा।
18. जो दस
ू यों िी दौरत भॊदी ऩय रल्चाई हुई नज़य डारेगा, वह हभेशा फ़़ीय
यहे गा।
19. जो याज़ी फ यज़ा ऽुदा नहीॊ वह ऽुदा ऩय इत्तेहाभ त़दीय रगा यहा है ।
23. जो किसी िे लरमे िुआॊ खोदे गा ऽुद उसभें गगये गा। ‘‘ चाह िुन या चाह
दयऩेश ’’।
26. चा
ु र ऽोयी से फचो क्मों कि मह रोगों िे हदरों भें दश्ु भनी औय अदावत
िा फीज फोती है ।
27. अच्छों से लभरो, फयु ों िे ़यीफ न जाओ क्मों कि वह ऐसे ऩत्थय हैं ज़जनभें
जोंि नहीॊ रगती, मानी उनसे फ़ामदा नहीॊ हो सिता। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 134)
655
28. जफ िोई नेअभत लभरे तो फहुत ज़्मादा शक्र
ु ियो ताकि इज़ाफ़ा हो।
िाफ़ूय हो औय ऽुशी िा वफ़ूय हो। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 274 से ऩष्ृ ठ 275)
इल्भी भारभ
ू ाती वा़ेआत से किताफें बयी ऩड़ी हैं। अल्राभा अयफरी लरखते हैं कि
अफू फसीय एि हदन हभाभ ऽाने िे लरमे अऩने घय से फयाभद हुए। यास्ते भें चन्द
ऐसे हज़यात लभरे जो इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी ज़्मायत िे लरमे जा यहे थे।
अफू फसीय साहफी सोच िय साथ हो गए कि अगय भैं हभाभ से वाऩसी भें जाऊॊगा
होना चाहहए। अफू फसीय ने भाज़यत िी औय हभाभ चरे गए। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ
97)
मन
ू स
ु बफन ज़ज़फमान िहते हैं कि हभ रोग एि हदन हज़यत िी खखदभत
ु़ भें
656
इख़्तेमाय भे हैं। मह िह िय आऩने ऩैय से ज़भीन ऩय एि ऽत खीॊचा औय एि
फालरश्त िा डब्फा उठा िय हभें हदखरामा। इसभें फेहतयीन सोने िी ईटें थीॊ। भैंने
अज़क िी भौरा, आऩिे ़ब्ज़े भें सफ िुछ है भगय आऩिे भानने वारे तिरीफ़
उठा यहे हैं। आऩने फ़यभामा उनिे लरमे जन्नत है । (तज़कियतुर भासूभीन ऩष्ृ ठ 183)
अल्राभा इब्ने शहय आशोफ तहयीय फ़यभाते हैं कि एि हदन इभाभ जाफ़य
वाऩसी भें फहुत दे य हुई तो आऩ उसिो तराश ियने िे लरमे ननिर ऩड़े, दे खा एि
जगह रेटा हुआ सो यहा है । आऩ उसे जगाने िे फजाए उसिे सयहाने फैठ गए औय
ऩॊखा झरने रगे। जफ वह फेदाय हुआ तो आऩने फ़यभामा मह तयी़ा अच्छा नहीॊ
है । यात सोने िे लरमे औय हदन िाभ िाज िे लरमे है । आइन्दा ऐसा न ियना।
अवसाफ़, ज़ज़न्दगी िे हय शोफे भें भेआयी है सीमत यखते थे। ऽास ऽास अवसाफ़
ज़जनिे भत
ु ाअज़ल्ऱ भव
ु ये ऽीन ने भख़्सस
ू तौय ऩय वा़ेमात ऩर किमे हैं। भेहभाॊ
657
नवाज़ी, ऽैयो ऽैयात, भऽफ़ी तयी़े ऩय ायु फा िी ऽफय गीयी, अज़ीज़ों िे साथ हुस्ने
सर
ु ि
ू , अफ़ो जयाएभ, सब्र व तहम्भर
ु वाैया हैं।
उसने इधय उधय दे खा किसी िो न ऩामा। एि गोशा ए भज़स्जद भें इभाभ जाफ़ये
साहद़ (अ.स.) नभाज़ ऩढ़ यहे थे। वह आऩिो बफल्िुर न ऩहचानता था। आऩिे
क्मा था? उसने िहा एि हज़ाय दीनाय। हज़यत ने फ़यभामा भेये साथ भेये भिान
दीनाय इसिे हवारे िय हदमे। वह भज़स्जद भें वाऩस चरा गमा औय अऩना असफाफ
उठाने रगा, तो ऽुद उसिे दीनायो िी थैरी असफाफ भें नज़य आई, मह दे ख िय
उज़्र ख़्वाही ियते हुए हज़ाय दीनाय वाऩस ियना चाहा। हज़यत ने फ़यभामा, हभ जो
भारभ
ू होता है कि अनाज भज़ु श्िर से लभरेगा तो ज़जसिो ज़जतना भज़ु म्िन हो वह
658
हभें इस गयानी औय ़हत िी तिरीफ़ िा िोई अन्दे शा नहीॊ है । हभाये ऩास ाल्रे
योटी न ऩिा िये , फज़ल्ि आधे गेहूॉ औय आधे जौ िी योटी ऩिाई जाए। जहाॊ ति
एि भयतफा आऩ फेरचा हाथ भें लरमे फाा भें िाभ िय यहे थे औय ऩसीने से
भैं मह खखदभत
ु़ अन्जाभ दॊ ।ू हज़यत (अ.स.) ने फ़यभामा, तरफे भाश भें धऩ
ू औय
भत
ु ााय्मय है । भैंने सफफ दयमाफ़्त किमा तो फ़यभामा भैंने भना किमा था कि िोई
659
िनीज़ जो एि फच्चे िी ऩयवरयश ऩय भत
ु अय्मन थी उसे गोद भें लरमे ज़ज़ने से
फ़यभामा, डय नहीॊ, भैंने तुभिो याहे ऽुदा भें आज़ाद िय हदमा। इसिे फाद हज़यत
फच्चे िी तजहीज़ िी तयफ़ भोतवज्जा हुए। (साहदिे आरे भोहम्भद (अ.स.) ऩष्ृ ठ
12, भन
ु ाक़फ इब्ने शहये आशोफ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 54)
इत्तेफ़ा़न प्मारा उसिे हाथ से छूट िय गगय गमा। इसिे गगयने से इभाभ (अ.स.)
औय दीगय भहभानों िे िऩड़े ऽयाफ हो गए। िनीज़ िाॊऩने रगी औय आऩने ास्
ु से
िाॊऩती है शामद मही आज़ाद ियना िफ़्फ़ाया हो जाए। कपय उसी किताफ िे सफ़े
69 भें है कि एि ार
ु ाभ आऩिा हाथ धर
ु ा यहा था कि दफ़तन रोटा छूट िय
660
किताफ तोहफ़तुर अरज़याएय अल्राभा भजलरसी भें है कि आऩिी आदात भें
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी ज़्मायत िे लरमे जाना दाखखर
ु़ था। आऩ अहदे सफ़ाह औय
शयीए साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) इसी ज़भाने से फना हुआ है । (तसवीये अज़ा 10
इम्तेआज़ हालसर नहीॊ होता। हज़यत आदभ (अ.स.) ने इल्भ िे ज़रयमे भराएिा ऩय
हो गमा कि भनसस
ू लभन अल्राह िो आलरभे जैय्मद होना राज़भी है । हज़यत
661
िाहदक़े आऱे मोहम्मद (अ.ि.) की तिानीफ
आऩिी तसानीफ़ िा शभ
ु ाय नहीॊ किमा जा सिता। तवायीऽ से भारभ
ू होता है
कि आऩ ने फेशभ
ु ाय किताफें व रयसारे औय भ़ारात से दनु नमाॊ वारों िो फ़ैज़माफ
भें लभरती हैं। आऩने इल्भें दीन, इल्भे िीलभमा, इल्भे यजज़, इल्भे फ़ार, इल्भे
फ़रसफ़ा, इल्भे तफीइमात, इल्भे है य्मत, इल्भे भज़न्त़, इल्भे नतफ, इल्भे सभीमात,
भ़ाभ ऩय लसफ़क दो किताफों िो ज़ज़क्र ियना चाहते हैं। 1. किताफे जफ़यो जाभोआ,
वहीदज़्
ु ज़भा है दयाफादी अऩनी किताफ अनवारूर रा
ु ता िे ऩाया 5 ऩष्ृ ठ 15 ऩय
लरखते हैं कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने अभीरूर भोभेनीन अरी इब्ने अफी तालरफ
‘‘एि जफ़य दस
ू यी जाभेए ’’ एि किताफ तो फियी िी खार ऩय थी, दस
ू यी
भज
ु लभरन लरखवा दी थीॊ। सय्मद शयीफ़ ने शयह भवाकफ़़ भें ऩर किमा है कि
662
जफ़य औय जाभए दो किताफें हैं जो हज़यत अरी (अ.स.) िे ऩास थीॊ। इनभें अज़
रूए ़वाएद, इल्भे हुरूफ़ व तिसीय फड़े फड़े हवाहदस िा फमान था जो ़माभत
किताफ फहये भह
ु ीत भें है कि इल्भे जफ़य औय इल्भे तिसीय एि ही हैं, मानी
ननिारना।
हमातुर है वान दभीयी लरखते हैं कि इब्ने ़तीफा ने किताफे अदफ अर िानतफ भें
लरखा है कि किताफ अर जफ़य हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी लरखी हुई
भल्
ु रा जाभी िे ऩष्ृ ठ 187 प्रिालशत रखनऊ 1905 भें बी भौजूद है । तायीऽ से
भारभ
ू होता है कि आऩ जफ़य व जाभेए िे अरावा जफ़ये अहभय व जफ़ये अफमज़
औय भस
ु हफ़े फ़ात्भा िे बी भालरि थे औय आऩ िो ऽुदा ने इल्भे ााबफय व
भज़फयू ऩ
ु त व ऩय से फहयावय फ़यभामा था। अल्राभा जाभी शवाहे दन
ु नफव
ू त
663
ऩष्ृ ठ 187 भें औय अल्राभा अयफरी िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 97 भें फ़यभातें हैं कि
हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) फ़यभामा ियते थे, हभें आईन्दा औय गज़ु ज़श्ता
गई है । भेये ख़्मार भें मही आलरभे इल्भे रदन्ु नी होने िी दरीर है जो जानशीने
साहे फे भजभाउर फैहयै न इसिी ताईद ियते हुए लरखते हैं कि जफ़य व जाभमा
फ़कताफे अऱहहऱीगचया
हहन्दस्
ु तानी फ़रसफ़ी हज़यत िी खखदभत
ु़ भे हाज़ज़य हुआ औय उसने आरीमात औय
उससे ननहामत भि
ु म्भर गुफ़्तुगू िी औय इल्भे िराभ से उसर
ू ऩय दहरयमत औय
664
इस तयह साबफत फ़यभा हदमा है कि अयफाफे अ़र िो भाने फाैय चाया नहीॊ।
तवायीऽ से भारभ
ू होता है कि हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने हहन्दी
फ़रसफ़ी से जो गफ़्
ु तग
ु ू िी थी उसे किताफ िी शक्र भें जभा िय िे फाफे अहरे
फैत िे भशहूय भत
ु ािज़ल्रभ जनाफ भफ़
ु ज़र बफन उभय अर जाफ़ी िे ऩास बेज
‘‘ ऐ भफ़
ु ज़र भैंने तुम्हाये लरमे एि किताफ लरखी है ज़जसभें भन्
ु ियीने ऽुदा
उसे हदमा था, उसी िो ़रभ फन्द िय िे तुम्हाये ऩास बेज यहा हूॉ। ’’
भज़ु म्िन है कि आईन्दा लसरलसरा ए तहयीय भें आऩिे फाज़ शागगकदों िा ज़ज़क्र
आता जाम। आभ भव
ु ये ऽीन ने फाज़ नाभों िो ऽस
ु स
ू ी तौय ऩय ऩेश िय िे आऩिी
अन्सायी, इब्ने जयीह, इभाभ भालरि इब्ने अनस, इभाभ सकु फ़मान सयू ी, सकु फ़मान
665
है । तायीऽ इब्ने ऽऱान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 130 औय ऽैरूद्दीन ज़य िरी िी अल्र
आराभ ऩष्ृ ठ 183 प्रिालशत लभस्र भोहम्भद फ़यीद वजदी िी इदाया भामफ़र
़ुयआन िी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 109 प्रिालशत लभस्र भें है ‘‘ वा िाना तरभीना अफू
भस
ू ा जाबफय बफन हय्मान अर सफ़
ू ी अर तयसस
ू ी ’’ आऩिे शागगकदों भें जाबफय बफन
हय्मान सफ़
ू ी तयसस
ू ी बी हैं। आऩिे फाज़ शागगकदों िी जरारत ़द्र औय उनिी
होने िे फवजद
ू शागगकदे इभाभ िी है लसमत से अवाभ िी नज़यों से ऩोशीदा हैं, िा
इमामऱ
ु कीसमया जनाफे जाबफर इब्ने हय्यान तरिि
ू ी
अर तयसस
ू ी अर िूफ़ी है । आऩ 742 ई0 भें ऩैदा हुए औय 803 ई0 भें इन्ते़ार
फ़यभा गए। फाज़ भोहक़़्े़ीन ने आऩिी वफ़ात 813 ई0 फताई है रेकिन इब्ने
िे यहने वारे थे। अवाएर उम्र भें इल्भे तफीआत िी तारीभ अच्छी तयह हालसर
666
िय री औय इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) इब्ने इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) िी
साहद़ (अ.स.) िी अज़भत िा एतयाफ़ ियते हुए िहा है कि सायी िामनात भें
तायीऽे आइम्भा भें हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी तसनीफ़ात िा ज़ज़क्र
िीभीमा, जफ़य यभर ऩय लरखी थी। हज़यत िे शागगकद व भशहूय भारूफ़ िीलभमा
गय जाबफय बफन हय्मान जो मयू ोऩ भें जफय िे नाभ से भशहूय हैं, ज़जनिो जाबफय
सफ़
ू ी िा ऱफ हदमा गमा था औय जुनन
ू न लभस्री िी तयह वह बी इल्भे फानतन से
ज़ौ़ यखते थे। इन जाबफय बफन हय्मान ने हज़ायों वय़ िी एि किताफ तारीफ़
किमा था। अल्राभा इब्ने ऽरिान किताफ दकफ़मात इरा अमान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ
130 प्रिालशत लभस्र भें हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िा ज़ज़क्र ियते हुए
लरखते हैं।
जफ़य व फ़ार भें भौजूद हैं औय आऩिे शागगकद थे जाबफय बफन हय्मान सफ़
ू ी
तयसस
ू ी ज़जन्होंने हज़ाय वय़ िी एि किताफ तारीफ़ िी थी ज़जसभें इभाभ जाफ़ये
667
साहद़ (अ.स.) िे ऩाॊच सौ रयसारों िो जभा किमा था। अल्राभा ऽैरूद्दीन
ज़यिरी ने बी अर आराभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 182 प्रिालशत लभस्र भें मही िुछ लरखा
नदीभ ने अऩनी फ़ेहरयस्त भें किमा है । अल्राभा भोहम्भद फ़यीद वजदी ने दामया ए
भआये फ़ुर ़ुयआन अर याफे अशय िी ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 109 प्रिालशत लभस्र भें बी
इब्ने ऽल्दन
ू ने बी भ़
ु दभा ए इब्ने ऽल्दन
ू भतफआ
ू लभस्र ऩष्ृ ठ 385 भें इल्भे
िीलभमा िा ज़ज़क्र ियते हुए जाबफय बफन हय्मान िा ज़ज़क्र किमा है औय फ़ाज़ज़र
हवारा ए भ़
ु द्दभा इब्ने ऽल्दन
ू ऩष्ृ ठ 579 प्रिालशत लभस्र लरखा है कि जाबफय
बफन हय्मान इल्भे िीलभमा िे ईजाद ियने वारों िा इभाभ है फज़ल्ि इस इल्भ िे
भव
ु रयक ऽ इब्नर
ु ़त्फ़ी लरखते हैं कि जाबफय बफन हय्मान िो इल्भे तफीआत औय
668
औय मह तभाभ िभारात से बय ऩयू होना इल्भे फानतन िी ऩैयवी िा नतीजा था।
भर
ु ाहे ज़ा हो, (तफ़ातर
ु उभभ, ऩष्ृ ठ 95 व अऽफारूर हुक्भा ऩष्ृ ठ 111 प्रिालशत लभस्र)
हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी शागगकदी िा शयफ़ हालसर था। इसिे
भत
ु ाअज़ल्ऱ जनवयी 25 ई0 भें साईंस प्रोग्रये स नवीशता ए जे0 होरभ माडक एभ0
ए0 एफ़0 आई0 सी0 आफ़ीसये आरा शोफा ए साकइॊस िफ़टे न िारेज ब्ररयस्टर ने
आता है वहाॊ भयु ाद अयफी भाहहये िीलभमा जाबफय बफन हय्मान ही है । ज़जसे जे िे
फजाम गे आसानी से सभझ भें आ जाता है, रातानी भें (जे) से लभरती जुल्ती
आवाज़ औय फाज़ इरा़ों भसरन लभस्र वाैया भें (जे) िो अफ बी फतौय (जी) मानी
गाफ़ इस्तेभार किमा जाता है । इसिे अरावा ऽरीफ़ा हारून िे ज़भाने भें साईंस
हय्मान िा ज़भाना बी िभो फेश इसी दौय भें था। वऩछरे 20, 25, सार भें
669
भफ़
ु ज़क्िय िे नाभ से भन्सफ
ू हैं। ज़जसभें भऽसस
ू 1. सभा, 2. फयफ़ेिशन, 3. डी
इन किताफों िे भत
ु ाअज़ल्ऱ अफ ति उि तर
ू ानी फहस है औय इस वक़्त ति
ु़
भफ़
ु क़्िेयीने मोयोऩ इन्हें अऩने महाॊ िी ऩैदावाय फताते हैं। इस लरमे उन्हें इसिी
ज़रूयत भहसस
ू होती है । जाबफय िो हफ़क (जी) (गाफ़) गेफय से ऩि
ु ायें औय फजाम
अयफी नस्र िे उसे मयू ोवऩमन साबफत ियें । हाॊराकि सभा िे िई प्रिालशत शद
ु ा
ऐडीशनों भें गेफय िो अयफ ही िहा गमा है । यसर िे अॊगे ़्यज़ी तयजुभे भें उसे एि
1541 ई0 भें िी नयू न फगक कि एड़डशन भें वह लसफ़क अयफ है । इसी तयह औय
फहुत से ़ल्भी नस
ु ऽे ऐसे लभर जाते हैं ज़जनभें िहीॊ उसे ईयाननमों िे फादशाह से
माद किमा गमा है किसी जगह उसे शाह फन्द िहा गमा है । इन इख़्तेराफ़ात से
सभझ भें आता है कि जाबफय फये आज़भ एलशमा से न था फज़ल्ि इस्राभी अयफ िा
ज़रयमे से जाबफय बफन हय्मान िा ऽरीफ़ा हारून यशीद िे दयफाय भें आना जाना
शरू
ु हो गमा चन
ु ान्चे उन्होंने ऽरीफ़ा िे नाभ से इल्भे िीलभमा भें एि किताफ
व ऽफ़ी ऩहरओ
ू ॊ िे भत
ु ाअज़ल्ऱ ननहामत भख़्
ु तसय तयी़े, ननहामत सथ
ु या तयी़े
670
अभर औय अजीफो ायीफ तजयफात फमान किमे। जाबफय िी वजह से ही
िुस्तन
ु तन
ु मा से दस
ू यी दफ़ा मन
ू ानी िुतफ
ु फड़ी तादात भें राई गई।
भज़न्त़ भें अल्राभा ए दहय भशहूय हो गमा औय 90 सार से िुछ ज़्मादा उम्र
भें उसने तीन हज़ाय किताफें लरखीॊ औय इन किताफों भें से वह फाज़ ऩय नाज़
ियता था। अऩनी किसी तसनीफ़ िे फाये भें उसने लरखा है कि रूए ज़भीन ऩय
फ़ाज़ज़र हॊ सवी अऩनी किताफ ‘‘ किताफ व किताफ ऽाना ’’ भें लरखते हैं कि
हो चि
ु ा है । ज़जसिो खोदने िे फाद फाज़ ़दीभी भऽतूतात बब्रहटश लभमज़ू ज़मभ भें
अरावा इन अनव
ु ादों िे लसफअईन बी हैं जो नाक़सों ना तभाभ है ।
चि
ु ा है । मह किताफ रातीनी ज़फान भें िीलभमा ऩय मयू ोऩ िी ज़फान भें सफ से
671
बी किताफें लरखीॊ। इसिी एि किताफ सभीमत ऩय बी है जो िुत्फे ऽाना ए
थे फाद ियह हुरूफ़ ने रयसारा ए भ़ततफ़ ज़जल्द 58. 59 भें शामा किमे हैं।
भर
ु ाहे ज़ा हो, (भोअज्जभुर भतफूआत अर अयबफमा अर भोअये फा ज़जल्द 3 हयफ़ जीभ ऩष्ृ ठ
665)
लरमा।
ियाओ भश
ु तकयि ने 1935 ई0 भें शामा किमा है ऐसी बी है ज़जसभें उसने तायीऽ
किमा है जो भस
ु रभानों ने किए हैं। इस किताफ िा नाभ ‘‘ एऽयाज भाकफ़र ़ूव्वत
इस ऩय भत्त
ु कफ़़ है कि जाबफय बफन हय्मान इस्राभ िा भोअज़जु़ ़्ज़ िीलभमा गय
हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िा शागगकद था। रेकिन लभस्टय प्रोफ़ेसय
यसिाय ने इल्भे िीलभमा िे फाये भें जो रयसारा शामा किमा है उसभें जाबफय इब्ने
672
हय्मान िे उन दावों िो ारत औय जारी फतामा है जो इभाभ जाफ़ये साहद़
कि भौसफ़
ू ने िोई भा़ूर वजह इन्िाय िी फमान नहीॊ फ़यभाई। तायीऽों िो सफ
ु त
ू
ऩेश ियना सफ
ु त
ू िे लरमे िाफ़ी है औय उनिे इन्िाय से अदभ शलभिंन्दगी िी
ज़ैहीन तालरफर
ु इल्भों िो ज़फानी तारीभ दी जाती है औय अगय इसी तयह तारीभ
दी हो ज़जस तयह एतेयाज़ ियने वारों िा ख़्मार है, तफ बी िोई हजक नहीॊ है ।
तारीभ फ़यभा हदमे हों औय जाबफय ने उन्हें वसअत दे दी हो। लभसार िे लरमे
भर
ु ाहे ज़ा हो, किताफ भनाक़फ भें है कि हज़यत अरी फ़यभाते हैं, अर भनी यसर
ू
हज़ाय फाफ तारीभ फ़यभामे औय भैंने हय फाफ से हज़ाय हज़ाय फाफ खुद ऩैदा किमे।
673
किताफ भतारेफस
ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 58 भें है कि हज़यत अरी (अ.स.) ने इल्भे नहो िे
उसर
ू अफु असवद दवेरी िो तारीभ फ़यभामे कपय उसने तभाभ तफ़सीरात
भि
ु म्भर किमे, हो सिता है कि इसी उसर
ू ऩय जाबफय िो तारीभ दी गई हो।
भारभ
ू होता है कि जाबफय बफन हय्मान िी उम्र 90 सार से िुछ ज़्मादा थी।
नवम्फय 1952 ई0 भें जो िुछ तहयीय किमा है उसी िो ऩर ियते हुए लभस्टय
लरखा है कि जाबफय बफन हय्मान 722 ई0 भें ऩैदा हुए औय उन्होंने 803 ई0 भें
लरखते हैं कि इब्ने नदीभ ने उनिी वफ़ात 777 ई0 भें फताई है औय भेये नज़दीि
इब्ने नदीभ िा फमान भानने राम़ नहीॊ क्मों कि अगय वह 722 ई0 भें ऩैदा हुए
थे औय 777 ई0 भें वफ़ात ऩा गमे तो गोमा उनिी उम्र लसफ़क 55 सार िी हुई जो
इतने साहे फे िभार िे लरमे ़यीने ़मास नहीॊ है । भेये नज़दी़ इन्साईकिरो
ऩीड़डमा वारे िी तह़ी़ सही है वह 90 सार से िुछ ज़्मादा उनिी उम्र फताता है
674
तसरीभ ियने िे फाद उनिी उम्र 91 सार होती है औय मह उम्र ऐसे फा िभार
िे लरमे होनी भन
ु ालसफ है ।
हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ज़जन्हें यासेऽीन कपर इल्भ भें होने िा
इल्भी फ़मज़
ू व फयिात ऩय थोड़े अवया़ भें क्मा यौशनी डार सिता हूॉ। भैंने
लरखते हैं ‘‘ भेयी आॊखों ने इल्भो फ़ज़र, वया व त़वे भें इभाभ जाफ़ये साहद़
(अ.स.) से फेहतय दे खा ही नहीॊ जैसा कि ऊऩय गुज़या वह फहुत फड़े रोगों भें से थे
औय फहुत फड़े ज़ाहहद थे। ऽुदा से फेऩनाह डयते थे। फे इन्तेहा हदीसें फमान ियते
थे, फड़ी ऩाि भजलरस वारे औय िसीरूर फ़वाएद थे। आऩसे लभर िय फे इन्तेहा
फ़ामदा उठामा जाता था। ’’ (भनाक़फ शहये आशोफ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 52 प्रिालशत फम्फई)
इल्भी फ़मज़
ू यसानी िा भौ़ा मॊू तो हभाये तभाभ आइम्भा ए अहरेफत
ै (अ.स.)
इल्भी फ़मज़
ू व फयिात से बयऩयू थे औय इल्भे अव्वरीन व आऽेयीन िे भालरि,
675
रेकिन दनु नमा वारों ने उनसे फ़ामदा उठाने िे फजाम उन्हें ़ैदो फन्द भें यख िय
उरभ
ू ो फ़ुनन
ू िे ऽज़ाने ऩय हतिड़ड़मों औय फेड़ड़मों िे नाग बफठा हदमे थे। इस
वयना आज दनु नमा किसी इल्भ भें ऽानदाने रयसारत िे अरावा किसी िी भोहताज
न होती। फ़ाज़ज़र भआलसय भौराना लसब्तुर हसन साहफ हॊ सवी लरखते हैं कि
इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) अर भतूफ़ी 148 हहजयी िा अहद भआयफ़ ऩयवयी िे
(अ.स.) िे लरमे ऩेश आमा ियती थीॊ उनभें किसी हद ति िभी थीॊ। उभवी हुिूभत
फ़ुनन
ू िी तयवीज (फ़ैराने) िा फेहतयीन भौ़ा लभरा। रोगों िो बी इन आलरभाने
यब्फानी िी तयफ़ रूजु ियने भें अफ िोई ऽास ज़हभत न थी ज़जसिी वजह से
आऩिी खखदभत
ु़ भें अरावा हहजाज़ िे दयू दयाज़ भ़ाभात लभस्रे ईया़, शाभ,
हो िय भस्
ु तफ़ीद होते थे। हज़यत िे हऱा ए दसक भें चाय हज़ाय असहाफ थे।
अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद (अ.य.) किताफे इयशाद भें फ़यभाते हैं।
फईदा िी तयफ़ रे गमे औय आऩिी शोहयत तभाभ शहयों भें फ़ैर गई औय उरेभा
676
ने अहरे फैत (अ.स.) भें किसी से बी इतने उरभ
ू व फ़ुनन
ू िो नहीॊ नक़्र किमा है
जो आऩ से यवामत ियते हैं औय ज़जनिी तादाद 4000 (चाय हज़ाय) है । ाैय अयफ
उसर
ू तैमाय िीॊ। असर से भयु ाद भजभए
ू अहादीसे अहरेफत
ै (अ.स.) िी वह
फ़राॊ िे साथ ऩर ियता ज़जसिी सनद भें औय सवाएत िी ज़रूयत हो। इस लरमे
िुनफ
ु े उसर
ू भें ऽता व ारत सहो व ननसमान िा एहतेभार फ ननसफत औय
677
दस
ू यी किताफों िे फहुत िभ है । िुतुफे उसर
ू िे ज़भाना ए तारीफ़ िा इन्हे साय
अहदे अभीयर भोभेनीन अरी इब्ने अफी तालरफ (अ.स.) से रे िय इभाभ हसन
भासभ
ू से यवामत िय िे अहादीस िो जभा किमा है मा किसी ऐसे सक़्
ु ़े यावी से
हदीसे भासभ
ू िो अऽज़ किमा है जो फयाहे यास्त भासभ
ू से यवामत ियता है । शेऽ
अफर
ु ़ालसभ जाफ़य बफन सईद अर भारूफ़ बफर भोह़़़् ज़ ि अर हरी अऩनी
किताफ अर भोतफय भें फ़यभाते हैं कि इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे जवाफात
भसाएर िो चाय सौ भस
ु न्नेफ़ीन असहाफे इभाभ ने तहयीय िय िे चाय सौ
तसानीफ़ भि
ु म्भर िी है ।
तिानीफ
अफर
ु अब्फास अहभद बफन भोहम्भद बफन सईद बफन अक़्दा 249 से 333 ने
अऩनी किताफ ये जार भें किमा है औय शेऽ अर ताएफ़ा अफू जाफ़य अर तूसी ने
678
बी इन सफ िा ज़ज़क्र अऩनी किताफ रयजार भें किमा है । भासभ
ू ीन (अ.स.) िे
अस्सी किताफें तारीफ़ िीॊ। इब्ने दवर ने सौ किताफें लरखीॊ। इसी तयह फय़ी ने
त़यीफन ऩाॊच हज़ाय तसानीफ़ िीॊ। भजभउर फैहयै न भें रफ़्ज़े जफय िे भातहत है
तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 3 भें है कि ‘‘ अब्फना बफन शारफ बफन यफाह
(अफू सईद) िूफ़ी लसफ़क इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) िी तीस हज़ाय अहादीस िे
679
भोहम्भद फा़य (अ.स.) हज़यत इभाभ जाफ़ये
ु़ साहद़ (अ.स.) िे सहाफी होने िा
था रेहाज़ा आऩने इल्भी इफ़ादात िे दरयमा फहा हदमे। आऩिो जहाॊ दीगय उरभ
ू भें
मसवा ’’ किताफ अर भन्जद िे ऩष्ृ ठ 91 प्रिालशत फैरूत भें लरखते हैं कि इल्भे
जफ़य िो इल्भे हुरूफ़ बी िहते हैं। मह ऐसा इल्भ है कि इसिे ज़रयमे से हवाहदसे
आरभ िो भारभ
ू िय लरमा जाता है । भौरवी वहीदज़्
ु ज़भाॊ अऩनी किताफ अनवारूर
रा
ु त ऩष्ृ ठ 15 फ हवारा ए फहये भह
ु ीत लरखते हैं कि इल्भे जफ़य जो इल्भे
तिसीय िा दस
ू या नाभ है इससे भयु ाद मह है कि सामर िे सवार िे हुरूफ़ भें
ताय्मयु व तफद्दर
ु िय िे हारात भारभ
ू किमे जामें। भजभउर फैहयै न भें रफ़्ज़े
भारभ
ू ियने िा नाभ इल्भे जफ़य है । तायीऽे आइम्भा फा हवारा ए तायीऽे इब्ने
680
ऽऱान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 85 भें है कि इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने एि किताफ
लशमा फ़ी सदरूर इस्राभ ’’ प्रिालशत फादाद िे ऩष्ृ ठ 36 भें लरखतें हैं कि जनाफे
जाबफय जाफ़ेई िा असरी नाभ औय लसरलसरा ए नसफ मह था। जाबफय बफन मज़ीद
‘‘ भन्सयू दवाॊ़ी ’’ िे दयफाय भें तरफ किमा गमा। फादशाह ने हज़यत से उसिी
भर
ु ा़ात ियाई। इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) ने इल्भे तशयीह अर अजसाभ औय
अऩने फ़न भें ऩयू ा िभार यखता था रेकिन जवाफ न दे सिा। बफर आखखय
ु़ िरभा
681
ऩढ़ िय भस
ु रभान हो गमा। अल्राभा इब्ने शहये आशोफ लरखते हैं कि इस तफीफ
ऩनाह इल्भ आऩने िहाॊ से हालसर फ़यभामा? आऩ ने िहा कि भैंने अऩने फाऩ
दादा से, उन्होंने हज़यत भोहम्भद (स.अ.व.व.) से उन्होंने ज़जब्राईर, उन्होंने ऽुदा
वन्दे आरभ से इसे हालसर किमा है । ज़जसने अजसाभ व अयवाह िो ऩैदा किमा है ।
‘‘ फ़़ारा अर हहन्दी सद़त ’’ उसने िहा फेशि आऩने सच फ़यभामा। इसिे फाद
अहरे ज़भाना ’’ भैं गवाही दे ता हूॉ कि आऩ अहदे हाज़ज़य िे सफ से फड़े आलरभ हैं।
भख़्
ु तसय मह है कि आऩिे इल्भी फ़मज़
ू व फयिात ऩय भफ़
ु स्सर यौशनी डारनी
तो दश्ु वाय है जैसा कि भैंने ऩहरे अज़क किमा है । अरफत्ता लसफ़क मह अज़क िय दे ना
़ौर भौजद
ू है । वह फ़यभाते हैं कि, ऽद
ु ा िी ़सभ भैं ़ुयआने भजीद िो अव्वर
से आखखय
ु़ ति इसी तयह ऩय जानता हूॉ गोमा भेये हाथ भें ज़भीन व आसभान िी
682
औय क्मों न हो जफ कि ़ुयआने भजीद भें हैं कि इस ऩय हय चीज़ अमाॊ है । एि
इल्मे नुजूम
इल्भे नज
ु भ
ू िे फाये भें अगय आऩिे िभारात दे खना हों तो िुतफ
ु े तवार िा
भत
ु ारेआ ियना चाहहमे। आऩने ननहामत जरीर उरेभा ए इल्भ अर नज
ु ूभ से
भफ
ु ाहे सा औय भन
ु ाज़ेया िय िे अॊगुश्त फदन्दाॊ िय हदमा है । फेहारूर अनवाय
भनाक़फे शहये आशोफ व दभए सािेफा वाैया भें आऩिे भनाज़ज़ये भौजूद हैं उरेभा
िा फ़ैसरा है कि इल्भे नज
ु ुभ ह़ है रेकिन उसिा सही इल्भ आइम्भा ए अहरे
फा ़ामेदा वाक़फ़ थे। जो ऩरयन्दा मा िोई जानवय आऩस भें फात चीत ियता था
उसे आऩ सभझ लरमा ियते थे औय फ वक़्ते ज़रूयत उसिी ज़फान भें तिल्रभ
ु
683
ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 113 व भआरभ अर तन्ज़ीर ऩष्ृ ठ 113, अजामफर
ु ़सस ऩष्ृ ठ
105, नरू
ू र अनवाय ऩष्ृ ठ 311 प्रिालशत ईयान भें है कि साहद़े आरे भोहम्भद
(अ.स.) ने ़फयह नाभी ऩरयन्दा ज़जसिो चिोय मा चनडोर िहते हैं कि फोरते हुए
ियने वारों ऩय रानत िय। फ़ाख़्ता िी आवाज़ ऩय आऩने िहा कि इसे घय भें न
वाैया वाैया।
हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) से इल्भे नतफ िे फाये भें सवारात ियते हुए
इन्सान िे ज़जस्भ भें वसर, 248 हड्ड़डमाॊ औय तीन सौ साठ यगें ऽल़् फ़यभाई
हैं। यगें तभाभ ज़जस्भ िो सेयाफ ियती हैं। हड्ड़डमाॊ ज़जस्भ िो, गोश्त हड्ड़डमों िो
684
िाहदक़े आऱे मोहम्मद (अ.ि.) ने जन्नत में घर फनवा हदया
मह एि भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि फेहहश्त ऩय अहरे फैते यसर
ू (स.अ.व.व.) िा
इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) यवाना ए हज होते हुए िुछ हदयहभ हदमे औय अज़क
तो आऩने फ़यभामा कि भैंने तेये लरमे जन्नत भें एि घय ऽयीद लरमा है । ज़जसिे
हुदद
ू े अयफा मह हैं। हुदद
ू े अयफा फताने िे फाद आऩने एि नववश्ता हदमा औय वह
नभद
ू फा नचे वामदा ियदा फद
ू । ’’ इस ऩयचे िी ऩश्ु त ऩय लरखा हुआ था कि
ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िी भशहूय हदीस है कि भेये अहरे फैत भेये अरावा
685
ियाभ हदखामा ियते थे वह आऩिे अहते फैत बी हदखा सिते थे। मह दस
ू यी फात
ज़रूयी था, रेकिन अहरे फैत (अ.स.) िो ऐसे भोज़जज़ात हदखराना ज़रूयी न हो,
रेकिन अगय किसी वक़्त िोई इस क़स्भ िा भोजेज़ा तरफ िये तो वह शाने
भल्
ु रा जाभी लरखते हैं कि एि शख़्स ने साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) से
ऩछ
ू ा कि हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) ने चाय जानवयों िो ज़ज़न्दा किमा था तो वह
िो सन
ु िय फ़यभामा, दे खो हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) ने इस तयह ज़ज़न्दा किमा था।
िफत
ू य महाॊ आ। मह तभाभ ऩरयन्दे हज़यत िे ऩास आ गमे। आऩने हुक्भ हदमा
इन्हें ज़ब्हा िय िे इनिे गोश्त िो ऽूफ ऩीस डारो। उसिे फाद आऩने सय हाथ भें
गमा। (शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 191 प्रिालशत रखनऊ 1905 ई 0)
686
हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने छोटी से छोटी औय फड़ी से फड़ी चीज़ों
लशब्रॊजी नरू
ू र अफसाय प्रिालशत लभस्र िे ऩष्ृ ठ 133 औय अल्राभा भजलरसी
हुरमतुर भत्त
ु ़ीन भें लरखते हैं कि साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) ने फ़यभामा है
नाभे ऩय
है स रा मसतफन
ू जाअरना अल्राह व इय्मा िुभ लभनर रज़ीना रा ऽौफ़ुन
687
़रभ फे भदाद फ नवीस मानी मह इफायत बफरा यौशनाई िे फय सय दयख़्वास्त
खत और जवाफे खत
उसर
ू े िाफ़ी ऩष्ृ ठ 690 भें है कि ‘‘ ़ारा अर साहद़ (अ.स.) यद्दे जवाफ अर
किताफ वाजेफन
ू िो जोफे यद्दे स सराभ ’’ हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.)
जवाफ दे ना वाज़जफ है ।
भव
ु ये ऽीन लरखते हैं कि जफ फनी अब्फास इस फात ऩय आभादा हो गमे कि फनी
िी दावत िा हवारा हदमे फाैय िाभ चरना भज़ु श्िर है रेहाज़ा वह इभदाद व
इन्ते़ाभे आरे भोहम्भद (अ.स.) िी तयफ़ दावत दे ने रगे औय मही तयी़ा ियते
हुए उठ खड़े हुए ज़जससे आभ तौय ऩय आरे भोहम्भद (अ.स.) मानी फनी फ़ात्भा
(अ.स.) िी भदद सभझी जाती थी। इसी वजस से लशमाने फनी फ़ात्भा िो बी
वज़ीय तजवीज़ किमे गमे थे। मानी वह गुभाश्ते िे तौय ऩय तफरीा ियते थे। उन्हें
688
भ़
ु ाफरे भें फड़ी िाभमाफी से िाभ िय यहे थे। जफ हारात ज़्मादा साज़गाय नज़य
फैअत िी जाम।
़ालसद ऩहुॉचा वह यात िा वक़्त था। ़ालसद ने अज़क कि भौरा भैं अफू सरभा िा
मह सन
ु िय हज़यत ने गचयाा तरफ किमा औय ऽत रे िय उसी वक़्त ऩढ़े
जा चि
ु ा था। (भयवजर
ु ज़हफ भसद
ू ी फय हालशमा, िालभर ज़जल्द 8 ऩष्ृ ठ 30, तायीऽर
ु ऽल्
ु फ़ा
ऩष्ृ ठ 272 हमातुर है वान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 74, तायीऽे आइम्भा ऩष्ृ ठ 433)
भव
ु रयक ऽ अफर
ु कफ़दा लरखता है कि अफर
ु अब्फास सफ़ाह बफन अब्दल्
ु राह
हहजयी भत
ु ाबफ़ 754 ई0 भें इन्ते़ार किमा औय वक़्ते वफ़ात अऩने बाई भन्सयू
689
िो अऩना वरी अहद ़याय हदमा। ज़जस वक़्त सफ़ाह ने इन्ते़ार किमा भन्सयू
हज िो गमा हुआ था। 137 हहजयी भें उसने वाऩस आ िय एनाने हुिूभत सॊबार
री।
़द्र इ़तेदाय हालसर हुआ कि दनु नमावी सरतनत जाने िे फाद बी अयसे ति
भव
ु ये ऽ ज़ाकिय हुसन
ै लरखते हैं कि भन्सयू भद
ु ज़ब्फय, भन्
ु तज़ज़भ, भगय दाा
फाज़, फे यहभ, शक्िी, वसवासी औय सफ़्फ़ाि था। ज़जस ऩय उसे ज़या बी शब्ु हा
होता था कि ज़ात मा ऽानदान िे लरमे भज़ु ज़य साबफत होगा, उसे हयगगज़ ज़ज़न्दा न
छोड़ता था। हज़यत अरी (अ.स.) िी औराद िे साथ जो ज़ुल्भ उसने किमे हैं उन्हीॊ
दे ता था। इसी लरमे उसे दवाने़ी िहते हैं। हज़यत इभाभ हसन (अ.स.) औय
था औय ख़्वाभ ख़्वाह उनिी तयफ़ से उसे खटिा रगा यहता था। मह सादात से
690
से सादात ़त्र किमे, फहुतों िो ज़ज़न्दा दीवायों भें चन
ु वा हदमा। इभाभ भालरि िो
फैअत िय री थी। कपय 150 ई0 भें उन्हें ज़हय हदरवा हदमा। ायज़ कि उसिे
ज़ज़न्दान िे ज़हयीरे फऽ
ु ायात िी वजह से भय गए। हज़यत इभाभ जाफ़य साहद़
ऩहरे आऩिे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ भोहम्भद फा़य (अ.स.) ने इसे फ इल्भे
भल्
ु रा जाभी औय इभाभ लशब्रॊजी लरखते हैं कि भॊसयू अब्फासी िा एि
भ़
ु यक फ फायगाह नाक़र है कि भैंने एि हदन भन्सयू िो भत
ु ापज़क्िय दे ख िय सफफे
हैं? भन्सयू ने िहा ‘‘ जाफ़य बफन भोहम्भद (अ.स.) ’’ भैंने अज़क कि जाफ़य इब्ने
भोहम्भद (अ.स.) तो ऐसे शख़्स हैं जो हभेशा इफादत औय मादे ऽुदा भें भशार
ू
हदर से इनिी इभाभत िा ख़्मार यखता है , भगय भैंने ़सभ खाई है कि यात होने
691
से ऩहरे ही इनिी तयफ़ से भत
ु भईन हो जाऊॊगा। मह िह िय जल्राद िो हुक्भ
हाथ यखॊू तो तू फ़ौयन उनिो ़त्र िय दे ना। थोड़ी दे य िे फाद हज़यत इभाभ
जाफ़य साहद़ (अ.स.) तशयीफ़ रामे, वह उस वक़्त िुछ ऩढ़ यहे थे। जफ भन्सयू
तिरीफ़ ियने िी क्मा वजह हुई? उन्होंने फ़यभामा तरफ किमे जाने ऩय आमा हूॉ।
फ़यभामा, मही हाजत है कि आइन्दा भेयी तरफी न हो, जफ भैं चाहूॊ आऊॉ, मह िह
िय वहाॊ से चरे गए। (शवहहद अर नफूवत ऩष्ृ ठ 188 वसीरा ए नजात नूरूर अफसाय 146
692
हज़ायों सय्मदों िो इस ज़ालरभ ने ़त्र ियामा। इनिे खन
ू ु़ िे गायों से दीवायें
फीखों औय फनु नमादों भें दफवा हदमा।। ़ैद ऽाने भें सड़ा सड़ा िय भाय हदमा। इसिे
ज़भाने भें लशमा मा सय्मदों िा शब्ु हा हो जाना ़त्र िे लरमे िाफ़ी था। सफ से
कि नाज़ुि दौय भें हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने किस ऐहनतमात से
सारहा सारसे ायीफ सादात एि अजीफ फे िसी िी हारत भें फसय िय यहे थे,
आखखय
ु़ उनिे सीनों बी हदर था औय एि फहादयु ऽानदान िा ऽून यगों भें दौड़ा
हुआ था। यफ़ता यफ़ता उनिो बी जोश आ गमा। इभाभ हसन (अ.स.) िी औराद
जाफ़य साहद़ (अ.स.) ने उनिो इस इयादे से योिना चाहा भगय उनिा जोश िय
सादाते हुसन
ै ी िी गगयफ़्तायी िे लरमे एि फ़ौज बेजी ज़जनभें सत्तय ऩछत्तय आदभी,
693
है कि जफ मह लसत्भ यसीदा िाकफ़रा भदीने से चरा तो उनिी फे िसी व भजफयू ी,
फे गन
ु ाही व फे िसयू ी िा ख़्मार िय िे हय एि अऩने भ़ाभ ऩय योता औय फेचन
ै
नज़य आता था। आह वह साहे फाने फ़ज़रो िभार जो सयू तो सीयत भें फे लभस्र फे
नज़ीय थे ज़जनिा एि एि जवान हहम्भत व हदरेयी भें तभाभ अयफ भें भशहूय था।
गरे भें तौ़ ऩहने औय हाथों भें दोहयी जॊजीयें डारें शभों हहजाफ से गयदने नीचे
थे।
खड़े थे कि भज़रभ
ू सादात िा िाफ़ेरा इधय से गुज़या। इभाभ (अ.स.) ने जफ मह
हार दे खा कि किसी िे ऩैय भें ज़न्जीय है किसी िे गरे भें तौ़, किसी िी भश्ु िें
िसी हैं किसी िे ऩैय ऊॊट िे ऩेट से फॊधे हुए हैं तो आऩ ज़ाय ज़ाय योने रगे औय
फ़यभामा ऽद
ु ा िी ़सभ आज िे फाद से हुयभते हयभे ऽद
ु ा औय यसर
ू भहफ़ूज़ न
यहे गी। ऽद
ु ा िी ़सभ ़ौभे अन्साय से जो भआ
ु हे दा हज़यत यसर
ू े ऽद
ु ा
694
त़यीफन फीस योज़ ति तऩ (फऽ
ु ाय) िी वह शदीद तिरीफ़ उठाई कि जान िे
हज़यत अब्दल्
ु राह भहज़ उस ज़भाने भें रूऩोश हो गमे थे औय सहयाई अयफों िा
जनाफे अब्दल्
ु राह भहज़ से लभरे। उन्होंने फेटों से िहा कि इस ज़ज़ल्रत िी
ज़ज़न्दगी से इज़्ज़त िी भौत फेहतय है । भन्सयू उस ज़भाने भें िूफ़े भें था। ़ैदी
उसिे साभने ऩेश हुमे। चन्द योज़ फाद ही मह रोग भयने रगे। ़माभत मह आई
कि उनिे भयु दों िो बी ़ैद ऽाने से फाहय न ननिारा गमा। वहीॊ भयते औय सड़ते
योज़ दो चाय भयने रगे। ह़ी़त मह है कि सादात िशी भें फनी अब्फास िे
भज़ालरभ फनी उभय्मा से बी िहीॊ ज़्मादा फढ़ गमे थे। फनी उभय्मा ने अगय ऐसा
ु़
किमा तो गैय हो िय ़दीभी दश्ु भन फन िय मह तो अऩने िहराते थे भारे दनु नमाॊ
हार ायीफ सादात ने इस ़ैद ऽाने भें फड़ी इफयत नाि हारत भें ज़ज़न्दगी फसय
िी रेकिन इस हारत भें बी ऽुदा िी माद से ााकफ़र न यहे । शफो योज़ नतरावते
695
िराभे ऩाि से िाभ यहता था। ़ैद ऽाने िी तायीिी भें हदन िे अव़ात िा चॊकू ि
ऩता न चरता था, इस लरमे अऩनी नतरावत िो ऩाॊच हहस्सों भें त़सीभ िय हदमा
था औय उन्हीॊ से अव़ाते नभाज़ िा ऩता रगाते थे। उनिो इस ़ैद ऽाने भें िई
िई वक़्त फ़ािे से गुज़य जाते थे औय िोई ऩयु साने हार न था फज़ल्ि खाने िा
अफ इधय िा हार सन
ु ों, भोहम्भद नफ़्से ज़किमा ने फहुत जल्द एि फ़ौज
न रा सिे आखखय
ु़ शहीद हो गमे। उनिा सय िाट िय िे भन्सयू िे ऩास बेज
उनिे फढ़
ू े फाऩ अब्दल्
ु राह भहज़ िे ऩास बेज हदमा। जनाफे अब्दल्
ु राह उस वक़्त
नभाज़ ऩढ़ यहे थे कि सय भस
ु ल्रे िे ऩास यखा गमा। नभाज़ से फ़ारया हो िय
उन्हीॊ वामदा वफ़ा ियने वारों भें से हो ज़जनिी तायीफ़ ऽुदा ने ़ुयआन भें िी है ।
फेटा तुभ ऐसे जवान थे कि तुम्हायी तरवाय ने तुभिो ज़ज़ल्रत से फचा लरमा औय
तुम्हायी ऩयहे ज़गायी ने तुभ िो गुनाहों से भहफ़ूज़ यखा। कपय सय राने वारे से िहा
कि भन्सयू से िह दे ना कि हभ तो भ़तूर हो ही चि
ु े , अफ तुम्हायी फायी है । अफ
696
हभाया औय तुम्हाया इॊसाफ़ ऽुदा िे महाॊ होगा। मह िह िे एि ठॊ डी साॊस बयी औय
दभ ननिर गमा।
अफ दस
ू ये बाई मानी इब्राहीभ िा हार सन
ु ो, मह बी भद्
ु दतों इधय उधय
घभ
ू ते कपये आखखय
ु़ उन्होंने बी एि फ़ौज जभा िय िे लभस्र िी हुिूभत हालसर िय
री। ज़जस ज़भाने भें नफ़्से ज़किमा भन्सयू से रड़ यहे थे। उन्होंने बाई िी भद्द
िो आना चाहा, भगय भन्सयू ने यास्ते फन्द िय यखे थे, भज़ु म्िन न हुआ।
मह हुई कि इब्राहीभ अऩने रशिय िो साथ लरमे िूफ़े िी तयफ़ यवाना हुए।
फ़तेह िे आसाय नभ
ु ामाॊ हो चि
ु े थे कि मिा मि भाभेरा हदगय गॉू हो गमा औय
इब्राहीभ िी फ़ौज ने बागते हुए दश्ु भन िा ऩीछा किमा भगय नेि हदर इब्राहीभ िो
खोर चि
ु े थे कि लशिस्त खाई दश्ु भन िी फ़ौज कपय रौट ऩड़ी। अफ इब्राहीभ िो
भ़
ु ाफरा ियना दश्ु वाय हो गमा। फ़ौज नततय बफतय हो गई। भजफयू न तरवाय रे
697
िय ऽुद भ़
ु ाफरे िो ननिर ऩड़े। दे य ति हाशभी शज
ु ाअत िे जौहय हदखाते यहे ।
आखखय
ु़ िहाॊ ति रड़ते। दश्ु भन ने चायों तयफ़ से घेय िय हराि िय हदमा। मह
रूऩोश यहे थे औय भन्सयू फावजूद इतनी ़ुदयतो ता़त िे किसी तयह उनिो
सादात ऩय िभ न हुए। जहाॊ ज़जसिो ऩामा बफना ़त्र किमे न छोड़ा। उस ज़भाने
भें सादात िी वह तफाही हुई कि फमान भें नहीॊ आ सिती। अल्राभा भजलरसी
औय फहुतों िो दीवाय भें गचन्वा हदमा गमा। भन्सयू उस ज़भाने भें फादाद भें भहर
फनवा यहा था। इसभें जहाॊ औयो िो ज़ज़न्दा गचनवा हदमा था एि हसीन नौजवान
िो बी चन
ु वामा, वह चॊकू ि फहुत ही हसीनों ऽूफ सयू त था। उसिे चेहये ऩय भेभाय
िी नज़य ऩड़ी तो फे साख़्ता उसिा हदर योने रगा। हुक्भ से भजफयू था। दीवाय भें
चन
ु ते चन
ु ते उसे भौ़ा लभर गमा। फोरा कि ऐ फ़यज़न्दे यसर
ू (अ.स.) आऩ
घफयामें नहीॊ, भैं साॊस िे लरमे सयू ाऽ छोड़ दे ता हूॉ औय यात िो आ िय ननिार
रॊग
ू ा। चन
ु ाॊचे वह यात िी तायीिी भें दीवाय िे ़यीफ आमा औय ईंटें हटा िय उस
698
ननशान न लभर सिे औय ऐ फ़यज़न्दे यसर
ू (अ.स.) आऩ अऩने नाना भोहम्भद
भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) से भेयी फज़ख़्शश िी लसफ़ारयश फ़यभाईमेगा।
ज़ुल्फ़ों िो तयाश रो औय किसी यात िो भेयी दखु खमा भाॊ िे ऩास फ़राॊ भहल्रे भें
जा िय उन्हें भेयी ज़ुल्फ़ें दे िय िह दें कि भैं ज़ज़न्दा हूॉ औय अऩ्यीफ लभरॊ ूगा।
ज़ज़न्दगी सन
ु ाई औय वाऩस चरा आमा। (ज़जराउर उमन
ू ऩष्ृ ठ 269 प्रिालशत ईयान व
भज़ालरभ िा ऩयू ा ज़ोय ऩैदा हो गमा था वहाॊ इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) बी
भहफ़ूज़ नहीॊ यह सिे। इभाभ शब्रन्जी लरखते हैं कि उनिो ़त्र ियाने िे फाद
भन्सयू ने इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िो तरफ किमा औय उनिी सख़्त तहदीद
699
तायीऽे हफीफस
ु लसमय भें है कि 144 हहजयी भें भन्सयू अब्फासी हज िे लरमे
(अ.स.) िो फर
ु ा िय उनसे िहा कि भझ
ु े ऐसा भारभ
ू हुआ है कि आऩ भेयी
हुिूभत िे खखराफ़
ु़ प्रोऩेगन्डा ियते औय रोगों िो उिसाते औय बड़िाते हैं। आऩने
आऩने फ़यभामा कि तन
ू े भझ
ु ऩय क्मों फोहतान फाॊधा हैं? उसने िहा कि भैंने सच
उसने िहा हाॊ, कपय उसने ऽुदा िी ़सभ खाई। आऩने िहा इस तयह नहीॊ ज़जस
से दयू हट िय अऩने बयोसे ऩय ़सभ खाता हूॉ। उसने ऩहरे तो हल्िा सा इन्िाय
किमा कपय वह ़सभ खा गमा। उसिा नतीजा मह हुआ कि उसी जगह गगय िय
700
इमाम जाफरे िाहदक़ (अ.ि.) का दरफारे मन्िरू में एक तफीफे हहन्द िे
तफादऱा ए खयाऱात
फ़यभामा है ज़जसभें भफ़
ु स्सर तौय ऩय मह वाज़े किमा गमा है कि एि तफीफ
एि फाय हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) भन्सयू दवाऩी िे दयफाय भें
तशयीफ़ फ़यभा थे। वहाॊ एि तफीफे हहन्दी नतफ िी फाते फमान िय यहा था औय
ऩछ
ू ू ॉ , भझ
ु े तुझ से ज़्मादा भारभ
ू है । तफीफ अगय मह फात है तो भैं बी िुछ सन
ु ॊ।ू
चाहहमे मानी हाय, गभक िा इराज फायद सदक से, तय िा ऽश्ु ि से, ऽश्ु ि िा तय से
701
है उसिे लभजाज़ िे भव
ु ाकफ़़ औय उसिी सेहत िा सफफ फन जाती है । तफीफ फे
इल्भ यखता है मा भैं? तफीफ भैं। इभाभ (अ.स.) अच्छा भैं चन्द सवार ियता हूॉ
उनिा जवाफ दे ।
1. आॊसओ
ु ॊ औय रूतूफतों िी जगह सय भें क्मों है?
9. भॊह
ू ऩय दो होंठ क्मों फनामे गमे हैं?
10. साभने िे दाॊत तेज़ औय दाढ़ें चौड़ी क्मों है औय उन दोनों िे फीच भें रम्फे
702
12. भदो िे दाढ़ी क्मों होती है?
13. नाऽन
ू औय फारों भें जान क्मों नहीॊ?
15. फ़ेपड़े िे दो टुिड़े क्मों हैं औय वह अऩनी जगह हयित क्मों ियता हैं?
18. घट
ु ने आगे िो झि
ु ते हैं ऩीछे िो क्मों नहीॊ झि
ु ते?
तफीफ भैं इन फातों िा जवाफ नहीॊ दे सिता। इभाभ (अ.स.) ऽुदा िे फ़ज़्र से
भैं इन सफ सवारों िा जवाफ जानता हूॉ। तफीफ ने िहा कि फयाऐ ियभ फमान
फ़यभाइमे।
1. सय अगय आॊसओ
ु ॊ औय रूतफ
ू तों िा भयिज़ न होता तो ऽश्ु िी िी वजह से
यहे औय फहुत से हदभााी अफऽये ननिरते यहें , हदभाा गभी औय सदी से भहफ़ूज़
यहे ।
703
3. ऩेशानी फारों से इस लरमे ऽारी है कि इस जगह से आॊखों भें नयू ऩहुॉचता
है ।
ज़्मादा यौशनी भें फरन्दी िी तयफ़ किसी चीज़ िो दे खना चाहता है तो हाथ आॊखों
6. नाि िो दोनों आॊखों िे फीच भें इस लरमे ़याय हदमा गमा है कि भजभा ए
सराई िे ज़रयमे से दवा, सयु भा वाैया इसभें आसानी से ऩहुॉच जामें। अगय आॊख
चिोय मा गोर होती तो सराई िा उसभें कपयना भज़ु श्िर होता। दवा उसभें फ ऽूफी
704
8. नाि िा सयू ाऽ नीचे िो इस लरमे फनामा कि हदभााी रूतूफतें आसानी से
11. अगरे दाॊत इस लरमे तेज़ हैं कि किसी चीज़ िा िाटना सहर हो औय दाढ़ों
दयलभमान रम्फे दाॊत इस लरमे फनामे कि दोनों िे इस्तेहिाभ िे फाएस हों ज़जस
12. हथेलरमों ऩय फार इस लरमे नहीॊ कि किसी चीज़ िो छूने से इसिी नयभी,
भारभ
ू होता है औय नक़्
ु सान दे ह है, अगय इन भें जान होती तो िाटने भें तिरीफ़
होती।
705
14. हदर सनोफयी शक्र मानी सय ऩतरा औय दभ
ु चौड़ी (ननचरा हहस्सा) इस
ु़
लरमे है कि आसानी से पेफ़ड़े भें दाखखर
ु़ हो सिे औय उसिी हवा से ठॊ डि ऩाता
16. ज़जगय भोहद्दफ इस लरमे हुआ कि अच्छी तयह भेदे िे ऊऩय जगह ऩिड़े
17. गद
ु ाक रोबफमे िे दाने िी शक्र िा इस लरमे हुआ कि भनी मानी नत्ु फ़ा
18. घट
ु ने ऩीछे िी तयफ़ इस लरमे नहीॊ झि
ु ते कि चरने भें आसानी हो अगय
ऐसा न होता तो आदभी चरते वक़्त गगय गगय ऩड़ता, आगे चरना आसान न
होता।
19. दोनों ऩैयों िे तरवों िे फीच भें जगह ऽारी इस लरमे है कि दोनों किनायों
ऩय फोझ ऩड़ने से आसानी से ऩैय उठ सिें अगय ऐसा न होता औय ऩयू े फदन िा
फोझ ऩेयों ऩय ऩड़ता तो साये फदन िा फोझ उठाना दश्ु वाय हो जाता।
मह जवाफात सन
ु िय हहन्दोस्तानी तफीफ (हिीभ, वैद्म) है यान यह गमा औय
िहने रगा कि आऩने मह इल्भ किससे सीखा है? फ़यभामा अऩने दादा से उन्होंने
706
यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) से हालसर किमा औय उन्होंने ऽुदा से सीखा है । उसने िहा,
भें सफ से फडे आलरभ हैं। (भनाक़फ इब्ने शहये आशोफ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 46 प्रिालशत फम्फई
मन्िफ
ू ा
ज़ाहहयी ़द्रों भन्ज़ेरत िे साथ आऩिो भदीना यवाना िय िे हाकिभे भदीना हुसन
ै
बफन ज़ैद िो हुक्भ हदमा ‘‘ अन अहय़ जाफ़य बफन भोहम्भद फ़ी दायाह ’’ इभाभ
जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िो फार फच्चों सभैत घय िे अन्दय जरा हदमा जाए। मह
707
भहवे ख़्वाफ थे, आऩिे भिान भें आग रगवा दी औय घय जरने रगा। आऩिे
शयआ, अना इब्ने इब्राहीभ अर ऽरीर ’’ ऐ आग भैं वह हूॉ ज़जसिे आफाव अजदाद
ज़भीनों आसभान िी फनु नमादों िे सफफ हैं औय भैं ऽरीरे ऽुदा इब्राहीभ नफी िा
अल्राभा लशब्रॊजी औय अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ेई य़भ तयाज़ हैं कि
147 हहजयी भें भन्सयू हज िो गमा। उसे चॊकू ि इभाभ (अ.स.) िे दश्ु भनों िी तयफ़
भऽ
ु ारेफ़त ियते यहते हैं औय तेयी हुिूभत िा तख़्ता ऩरटने िी िोलशश भें हैं।
कि उन्हें फर
ु वा। भैं िहता हूॉ कि ऽद
ु ा भझ
ु े ़त्र िये अगय भैं उन्हें ़त्र न िय
708
भौरा ! आऩिो भन्सयू फर
ु ा यहा है औय उसिे तेवय फहुत ऽयाफ हैं। भझ
ु े म़ीन है
कि वह इस भर
ु ा़ात से आऩिो ़त्र िय दे गा। हज़यत ने फ़यभामा, ‘‘ रा हौरा
आऩ ऩय ऩड़ी तो आग फफर
ू ा हो िय फोरा, ‘‘ मा अद ू अल्राह ’’ ऐ दश्ु भने ऽुदा
तुभिो अहरे ईया़ इभाभ भानते हैं औय तुम्हें ज़िात अम्वार वाैया दे ते हैं औय
भेयी तयफ़ उनिा िोई ध्मान नहीॊ। माद यखो, भैं आज तुम्हें ़त्र िय िे छोड़ूगा
बी ऩहुॉचता है तझ
ु े तो उनिी ऩैयवी राज़ज़भ है मह सन
ु िय उसिा ास्
ु सा ठॊ डा हो
गमा। (नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 132, भतारेफस
ु सऊ
ू र ऩष्ृ ठ 276)
हज़रत इमाम जाफरे िाहदक़ (अ.ि.) की दरफारे मन्िरू में िातवीॊ फार
तऱफी
ऩहुॉचा तो भश
ु ीयों ने भौ़े से इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िा ज़ज़क्र छे ड़ा। भन्सयू
709
जो इसी दौयान भें उनसे लभर िय आमा था उसने फ़ौयन हुक्भ दे हदमा कि इभाभ
भें ऩेश किमा जाम। दावत नाभा चरा गमा औय इभाभ (अ.स.) भदीने से चर िय
दयफाय भें उस वक़्त ऩहुॉचे जफ उसे एि भक्खी सता यही थी औय वह उसे फाय फाय
फोरा, कि ज़या मह फताइमे कि ऽुदा ने भक्खी िो क्मों ऩैदा किमा है? हज़यत ने
अफसाय, ऩष्ृ ठ 144, भनाक़फ इब्ने शहये आशोफ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 40)
फर
ु ाने वारा हूॉ वह जफ महाॊ ऩय आमे तो तुभ उसिे साथ िोई ऐसा ियतफ ियना
भत
ु व्वजे हो िय िहा कि अऩने फनाने वारों िो ननगर रो। वह ऩरी शेय िी
710
तस्वीयें भज
ु स्सभ हुईं औय उन्होंने सफ जादग
ू यों िो ननगर लरमा। मह दे ख िय
बी उगर दे ते। (दभए सािेफा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 513 फा हवारा ए शयह शाकफ़मा अफी फ़ायस)
इमाम जाफर िाहदक़ (अ.ि.) को दरफार में क़त्ऱ फ़कये जाने का फन्दो
फस्त
उन्हें ़त्र िय दें । प्रोग्राभ भयु त्तफ होने िे फाद यात िे वक़्त हज़यत इभाभ जाफ़ये
साहद़ (अ.स.) िो फर
ु ामा गमा। आऩ तशयीफ़ राए, हुक्भ था कि बफल्िुर तन्हा
पें ु़ि िय आऩिे ़दभों ऩय गगय ऩड़े। मह हार दे ख िय भन्सयू ने िहा, इब्ने
711
यसर
ू अल्राह आऩ यात िे वक़्त क्मों तशयीफ़ रामे हैं? आऩने फ़यभामा कि तूने
भझ
ु े गगयफ़्ताय िया िे भॊगवामा है, अफ िहता है क्मों आए हैं। उसने िहा भाअज़
भें आयाभ फ़यभामें। आऩ वाऩस चरे गमे। वहाॊ से भदीना तशयीफ़ रे गमे। इभाभ
ज़भाना हैं जो हभायी शफो योज़ ऽफय गगयी ियता है औय हभेशा हभायी अऩने फच्चों
िहीॊ मह रोग भझ
ु से इसिा फदरा न रेने रगें इसी लरमे उन्हें यात ही भें यवाना
िय हदमा। ‘‘ सभ ़त्र बफर इसभा ’’ कपय आऩिो ज़हय से शहीद िया हदमा। (दभ
आऩिो ़ैद ऽाने भें ज़हय हदमा गमा। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 100) यवामात से भारभ
ू
आखखय
ु़ आऩ इस आऽेयी ज़हय से शहीद हो गमे, जो अॊगयू िे ज़रयमे से हदमा गमा
712
(इयशादे भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 413 आराभु वुया ऩष्ृ ठ 159 नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 132 भतारेफुस सूऊर
भन्सयू ’’ भन्सयू िे ज़भाने भें आऩ ज़हय से शहीद हुए। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 121,
ााएतुर इख़्तेसाय ऩष्ृ ठ 62 सहा अर अऽफाय ऩष्ृ ठ 44, तज़किया ए ऽवासुर उम्भता, नूरूर
आऩकी औऱाद
आऩिी भख़्
ु तलरफ़ फीफीमों से दस औरादें थीॊ ज़जनभें से सात रड़िे औय तीन
713
ु ूद) अल्राभा लशब्रॊजी ने सात औराद तहयीय किमा है । ज़जन्भें लसफ़क
जन्नातुर ऽर
133)
हहजयी से 567 हहजयी ति 270 सार ़ामभ यही। उनिी तादाद 14 थी।
फात्मी खुल्फा
भव
ु रयक ऽ एहसान उल्राह अब्फासी अऩनी तायीऽे इस्राभ िे ऩष्ृ ठ 422 भें लरखते
हैं कि तीसयी सदी हहजयी िे आऽीय भें एि फड़ी ज़फय दस्त सरतनत अरववमों िी
अन्दरस ऐसी भस
ु तक़र औय ज़फय दस्त इस्राभी सरतनत असे ति अरववमों
िा एि सफ
ू ा यही।
िी बफना ऩय अरववमाॊ िो भत
ु ाअज़स्सफ लरखा है । 250 सौ फयस से िुछ ज़्मादा
714
असे ति मह ऽान दान ़ामभ यहा। चौदहवें फादशाह आज़द ऩय 567 हहजयी भें
नाभ से भशहूय हैं। मह हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी नस्र से थे।
इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे फड़े साहफ ज़ादे जनाफे इस्भाईर अऩने वालरदे
ऽल्
ु फ़ा ए फ़ात्भीन िे फज़
ु गु क थे। इसी वजह से इस ऽान दान िो इस्भाईलरमा
िहते हैं। अशना अशयी कफ़य़े िे रोग इन रोगों िो ‘‘ लशश इभाभी ’’ (छ: इभाभों
िो भानने वारे) बी िहते हैं क्मों कि मह रोग फायह इभाभों भें से लसफ़क 6 इभाभों
िो भानते हैं औय हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे फाद हज़यत इभाभ भस
ू ी
भानते फज़ल्ि जनाफे इस्भाईर िे फेटे भोहम्भद िो इभाभ भानते हैं औय इस अम्र
िे ़ामर हैं कि इभाभत जनाफे इस्भाईर ही िे औराद भें ़माभत ति यहे गी।
हहन्दस्
ु तान व ऩाकिस्तान िे ‘‘ लशमा फोहयों ’’ औय आाा ऽानी ऽोजों िा मही
भज़हफ है । भव
ु रयक ऽ ज़ाकिय हुसन
ै लरखते हैं कि 21 यफी उर अव्वर 297 हहजयी
भत
ु ाबफ़ 909 ई0 िो मह सरतनत ़ामभ हुई। इन्तेहाई उरूज िे ज़भाने िी
715
ति पैर गई थी। भशरय़ फराहदउर जज़ाएय, तून्स, तयाफरीस, फय़ा, लभस्र,
आलरभ व फ़ाज़ज़र थे। उन्होंने लभस्र भें हय क़स्भ िी ऐसी तयक़़्ी, यौऩ औय
हदन नसीफ हुआ था ना इनिे फाद हुआ। अस्टै रनरी रैन ऩोर लरखता है कि ‘‘
िी ऽुश हारी िा फाएस साबफत हुई। ’’ ज़ैर भें इस ऽान दान िे चौदह फादशाहों
िे भख़्
ु तसय हारात लरखते हैं।
भत
ु ाबफ़ 874 ई0 भें फाभ़
ु ाभ सल्भीह मा िूफ़ा ऩैदा हुए औय आऩने सरतनते
फ़ात्भीन िी फनु नमाद ़ामभ िी। 303 ई0 से 306 ई0 ति उन्होंने फनी फ़ात्भा
भज़फत
ू शहय औय भस्
ु तहिभ क़रा ताभीय ियामा औय उसिा नाभ ‘‘ भहदीमा ’’
’’ भ़
ु ाफरा िो आमा रेकिन िाभमाफी जनाफे अफीद उल्राह ही िो होई। आऩने
716
तभाभ भारयफे अ़सा (भयािू) िो भस
ु ख़्ऽय िय िे फ़ात्भी सरतनत भें शालभर
िय यहे थे कि अजर आ गई। आऩने अऩनी सरतनत अऩनी हमात ही भें फहये
स्मत
ू ी ने लरखा है कि आऩने दाद गुस्तयी औय फ़य्माज़ी िे साथ सरतनत िी।
सार भद्
ु दते उम्र 62 सार थी। आऩ शहये भहदीमा भें दफ़्न किए गए।
2. जनाफे अर ़ालसभ भोहम्भद नज़ाय ़ाएभ फेअभरयल्राह बफन भें हदी आऩिी
ियते थे।
दस्त फेड़ा तैय्माय किमा। 224 हहजयी भें भारयफ अ़सा िी फाावत फ़यो िी औय
717
फन्दयगाहों ऩय रट
ू भाय िय जामा ियते थे। इसिे यद्दे अभर भें आऩिा लसऩह
साराय जन
ु फ
ू ी इटरी िो गीटा ति तायाज ियता हुआ शहय ‘‘ जनवा ’’ ति जा
जनवा भद्
ु दत दयाज़ ति ऽुल्फ़ा ए फ़ात्भीन िे ़ब्ज़े भें यहा। इनियवा (रोभ
कफ़यॊ गगमों िो फहुत सी लशिस्तें दीॊ कपय ़य़ीलसमा िा रूऽ किमा जो शाभ िे
भारे ानीभत रे िय ‘‘ भहहदमा ’’ िी तयफ़ भयजाअत िी। 333 हहजयी भें आऩिे
हहजयी भें फा भ़
ु ाभ ़ीरूवान ऩैदा हुए औय 13 शव्वार 334 हहजयी भें सरतनते
718
सॊबारी औय शव्वार 341 हहजयी भें वफ़ात ऩाई। भद्
ु दते सरतनत सात सार 16
थे। आऩिा ऐसी हारत भें फादशाह होतना कि अफू मज़ीद िी फाावत से तभाभ
भल्
ु ि भें ादय भचा हुआ था, साहहरे फहय िे चन्द़ेरा फन्द शहयों औय भहहदमा
(ऩाए तख़्त) िे लसवा िुछ बी ़ब्ज़े भें न यह गमा था। इन्दलरस िे उभवी
बागा। यफीउर अव्वर 335 हहजयी भें उन्होंने अफू मज़ीद िा तअक़्िुफ
ु़ किमा औय
उसे दफाते चरे गए। जॊगर बफमाफान चरे गए, ऩहाड़, वादी औय दरदरों िी िुछ
ऩयवाह न िी, महाॊ ति कि उसिे ऩीछे ‘‘ बफरासौदान ’’ िे ऐसे वीयाने भें ऩहुॉचे
उसिे शय से अहरे भारयफ िो ननजात हदमा दी। वह फहुत फड़ा ज़ालरभ था। इसी
719
फादशाहे भन्सयू ने फ भ़
ु ाभ ‘‘ फ़तेह ’’ भन्सरू यमा कि ताभीय िी औय इसिे गवनकय
भफ
ु ायि 313 हहजयी भें फ भ़
ु ाभ ‘‘ भहहदमा ’’ ऩैदा हुए। शव्वार 341 हहजयी भें
उरभ
ू व फ़ुनन
ू िी ़द्र दानी िे रेहाज़ से फाज़ भोवये ऽों ने उन्हें भारयफ िा
‘‘ भाभन
ू ’’ लरखा है । भाअज़ िे अहदे हुिूभत भें शभ
ु ारी अफ़यी़ा ने आरा दजे
िी तहज़ीफ औय खश
ु ु़ हारी हालसर िी। रोग फ़ारयार
ु फारी औय ऽश
ु हारी भें
वास्ते ़वाएद व ज़वाबफत भयु वत्तफ किए। अभन ़ाएभ यखने िे लरमे फ़ौज िे
720
भव
ु रयक ऽ इब्ने ऽल्दन
ू ने लरखा है कि ‘‘ चॊकू ि भोइज़उद्दीन अल्राह नयभ
साथ अच्छा फयताव ियता था। ’’ (तायीऽे इस्राभ लभस्टय ज़ाकिय हुसैन ऩष्ृ ठ 116)
भव
ु रयक ऽ अब्फासी लरखते हैं सरतनत ने इसिे ज़भाने भें ऊरूज ऩिड़ा। लभस्र,
िय उसिी सरतनत भें शालभर हुए। शाभ ऩय बी इसिा दऽर हो गमा। ़ाहे या
ने लभस्र िो अऩना दारूर ऽेराफ़ा ़याय हदमा औय कपय फयाफय सरतनते इस्भाईरा
िा मही दारूर ऽेराफ़ा यहा। (तायीऽे इस्राभ ऩष्ृ ठ 464) इन्दरस िे उभवी ऽरीफ़ा ‘‘
ति दनु नमाॊ कि किसी सरतनत ने इतना फड़ा जहाज़ तैय्माय नहीॊ किमा था। इस
जहाज़ ने ‘‘ भाअज़द्
ु दीनउल्राह ’’ िे जहाज़ िो रट
ू लरमा तो आऩने एि ज़फय
दस्त फेड़ा तैय्माय िया िे इन्दलरस ऩय हभरा ियने िी ाज़क से यवाना िय हदमा।
ऩहरे जहाज़ िो गगयफ़्ताय िय लरमा औय ऽुश्िी भें उताय िय ़त्र व ाायत गयी
721
इसिे फाद बी मह उभवी औय फ़ात्भी फादशाह आऩस भें रड़ िय आऩनी ़ुव्वत
ज़ामा ियते यहे , वयना ऐसे ज़फय दस्त थे कि अगय इनभे इत्तेहाद होता तो इस
वक़्त तभाभ मयू ोऩ िो फ़तेह िय रेना िोई फड़ी फात न थी। 347 हहजयी िे ऽत्भ
फ़ात्भी ऽरीफ़ा िा ़ब्जा ु़ हो गमा। 352 हहजयी भें रूलभमों से सख़्त रड़ाई हुई।
भस
ु रभानों ने फ़तेह ऩाई औय फहुत से रूभी गगयफ़्ताय िय लरमे गए। 351 हहजयी
िी तयफ़ यवाना िय हदमा। जौहय िो ऩयू ी िाभमाफी नसीफ हुई। ‘‘ शहय ़ाहहयमा
जायी किमा। ‘‘ नभाज़ भें हय्मा अरा ऽैरयर अभर ’’ कपय से जायी किमा गमा
अरा अरी भत
ु ज़
ुक ा (अ.स.) व अरा फ़ातेभतुर फत
ु ूर (अ.स.) व अरा अर हसन
722
(अ.स.) व अर हुसन
ै (अ.स.) लसब्ते यसर
ू अर रज़ी अजहफ अनल्राहा अन्हुभ
भोभेनीन अरऽ ’’ ऩढ़ा जाने रगा औय अहरे फैत (अ.स.) िे फ़ज़ाएर फमान होने
ादीय ’’ लभस्र भें ऩहरी फाय िभारे शान व शौित से भनाई गई।
ऽत्ु फा भौिूफ़ ियिे फ़ात्भी फादशाह िा ऽत्ु फा जायी िय हदमा। 363 हहजयी भें
गमा।
भव
ु रयक ऽ हफीफ उस लसमय ने लरखा है कि भाअज़ ने ऐसी अदारत औय
सऽावत िे साथ सरतनत िी कि इससे ज़्मादा ख़्मार भें नहीॊ आ सिती। ऩन्द्रह
हज़ाय ऊॉट औय दस हज़ाय ऽच्चय ज़य से रदे हुए अफ्री़ा से ़ाहे या रे िय आए।
भें रा िय यखे। चन
ु ान्चे वह ऐसा ही ियता यहा। फादशाह िा हुक्भ था कि हय
भोहताज एि भठ्
ु ठी ज़य उस भें से रे रे। भ़यमज़ी ने लरखा है कि भाज़ िा
ऽुत्फा तभाभ भभालरिे भारयफ, लभस्र, शाभ, हे जाज़ औय फाज़ एया़ िे ईरा़ों भें
723
5. जनाफे अफू भन्सयू नज़ाय अज़ीज़ बफल्राह बफन भाअज़ आऩ 14 भोहयक भर
ु
हयाभ िो भहहदमा भें ऩैदा हुए। 15 यफीउस्सानी 365 हहजयी भें तख़्त नशीॊ हुए
आऩ जवाद, ियीभ, शज
ु ा, अ़ीर, हरीभ, साबफय, ऽुश इख़्रा़ औय
ईद िे हदन इन्ते़ार हो गमा तो आऩने चन्द अशआय िहे । ज़जनभें से वाज़े किमा
कि आरे भोहम्भद (अ.स.) हभेशा भसाएफ भें भज़ु ब्तरा यहे हैं। रोगों िी ईदें ऽुशी
भें गुज़यती हैं औय हभायी ईद भातभ भें। (मतीभुर अर दहय सारफी) आऩिो इभायतों
िी ताभीय िा फड़ा शौ़ था। लभस्र भें फहुत सी इभायतें आऩिी मादगाय हैं। आऩिे
अहद भें हभस, हभात, शैहज़य औय हरफ फ़तेह हो िय फ़ात्भी सरतनत भें शालभर
हुए। भस
ू र, भदाएन, िूफ़ा, अन्फाय वाैयह भें आऩिे नाभ िा ऽत्ु फा औय लसक्िा
जायी हुआ। मभन भे बी आऩिे नाभ िा ऽत्ु फा ऩढ़ा गमा। आऩिे अहद भें फ़ात्भी
तभाभ भायफी हहस्सा लभन्तहा ए मभन ति उसभें शालभर था। इन्दे लरस से फनी
724
अजदद
ु दौरा ववराफू मही से आऩने दोस्ताना भयास्रत जायी थी। आऩने 386
नि
ु सान ऩहुॉचा। भोवेऽीन ने लरखा है कि इस फादशाह िे अहद भें रोगों िे हदन
अव्वर 375 हहजयी िो ़ाहे या भें ऩैदा हुए। 28 यभज़ान 386 हहजयी िो तख़्त
फादशाह हुए। भव
ु रयक ऽ अब्फासी ने लरखा है कि मह फड़ा भत
ु शयक ह फादशाह था।
उसिे वक़्त भे इन्तेज़ाभें शहय बी अच्छा था। ़ाहे या भें भज़स्जदे अज़हय इसी ने
फनवाई। (तायीऽे इस्राभ ऩष्ृ ठ 425) इब्ने जूरा़ ने लरखा है कि ऽरीफ़ा हाकिभ
सऽी, शज
ु ा, भन
ु लसफ़, आलरभ औय साहे फे ियाभत था। साहे फे हफीफ उस लसमय ने
ऩेश िये ।
725
मह ऽरीफ़ा आरा दजे िा है लसमत दाॊ था इसिी किताफ चाय ज़जल्दों भें थी।
27 शव्वार 411 हहजयी भें एि ऩहाड़ ऩय किसी दश्ु भन ने तन्हा ऩािय हराि िय
हदमा। लभस्टय अभीय अरी ने लरखा है कि हाकिभ फड़ी फ़य्माज़ी तन्दे ही से इल्भ
औय साईंस िी तयक़़्ी भें िोलशश ियते थे। शाभ औय लभस्र भें उन्होंने फहुत सी
7. जनाफे अफू अर हसन अरी ज़ाहहय रा अज़ाज़ दीन अल्राह बफन हाकिभ
तख़्त नशीन हुए। 15 शाफान 427 हहजयी िो फ़ौत हुए। 15 सार 10 भाह
भव
ु रयक ऽ अब्फासी लरखते हैं कि मह फादशाह फड़ा नेि नाभ था। इसिी नेि
नाभी सन
ु िय अभाएद ऽुयासानी हज िय िे कपये , तो लभस्र होते हुए आए औय
वहाॊ से खखरअत
ु़ राए। भहभद
ू सफ
ु ़
ू ताीन िो इसिी ऽफय रग गई, उसने फ़ौयन
ऽरीफ़ा िो फादाद भवु त्तरा किमा। हुज्जाज लभस्र से आ िय अबी फादाद ऩहुॉचे ही
भारभ
ू होता है कि भहभद
ू िो बी फ़ात्भी ऽुरफ़ा से ऽौफ़ था औय महीॊ से मह बी
भारभ
ू होता है कि दमारभा भर
ु ि
ू ाज़नी सरजू़ी वाैया सफ ऽुरफ़ा फादाद िी
भसारेहत िे खखराफ़
ु़ जानते थे। सरातीन अरवी िो ज़ोये फाज़ू िे अरावा वह जो
726
इज़्ज़ते ऽासो आभ नज़यों भें हालसर थी वह इन ाैय ़यशी अर नस्र सरातीन िे
लरमे फहुत ज़्मादा ऩये शान िुन थी। (तायीऽे इस्राभ ऩष्ृ ठ 425)
आऩने इस्भाईर भज़हफ िो िभारे यौऩ िे साथ यवाज हदमा। 418 हहजयी
भें ़ैसय से सर
ु ह हुई औय उसने अऩने भल्
ु भ भें जनाफ ज़ाहहय िा ऽुत्फा ऩढ़ने िी
भस
ु रभानों इजाज़त दे दी। िुस्ु़ तुनतुनमा भें भज़स्जद फनाई गई औय इसभें
भोअज़जु़ ़्ज़न भ़
ु यक य किमा गमा।
भन
ु लसफ़ औय नेि सीयत थे, साहफ यौज़तस
ु अर ऩष्ृ ठ िा फमान है कि जनाफे
भें तख़्त नशीनी अभर भें आई। 18 ज़ज़रहहज िो आऩ िी वफ़ात हुई। 60 सार
भव
ु रयक ऽ अब्फासी लरखते हैं कि ़ामभ बफल्राह अब्फासी ने वारी ए अफ़यी़ा
से साज़ज़श िय िे उनिो ऩ
ु सान ऩहुॉचाना चाहा रेकिन इसिी हहिभत िायगय न
727
भें ़ैद िय िे सार बय ति भस्
ु तनसय िा नाभ फादाद िे ऽुत्फे भें ़ामभ यखा।
भस
ु तनसय िे अहद भें अब्फालसमों िा ऽातभा हो जाता रेकिन तोायर फेग ने आ
हालसर किमा। (तायीऽे इस्राभ ऩष्ृ ठ 426) 479 हहजयी भें ‘‘ हसन बफन सफाह ’’ जो
था। जनाफे भस
ु तनसय िे तीन फेटे थे। 1. नज़ाय, 2. अहभद भस्
ु तम्री, 3.
भोहम्भद।
9. जनाफे अफर
ु ़ालसभ अहभद भस्
ु तम्री बफल्राह बफन भस्
ु तनसय आऩ 20
शाफान 467 हहजयी िो ऩैदा हुए। 18 ज़ज़रहहज 487 हहजयी िो फादशाह ़याय
ऩामे। 17 सफ़य 495 हहजयी िो 28 सार िी उम्र भें वफ़ात ऩाई भद्
ु दते सरतनत
728
अगय चे जनाफे भस्
ु तज़न्सय फ अभये अल्राह अऩनी ज़ज़न्दगी भें अऩने फड़े
अहभद िो भस्
ु तम्री िे ऱफ से ऽरीफ़ा फना हदमा। जनाफे नज़ाय औय अफ़ज़र
हदमे गमे। नज़ायी इस्भाईरी िहते हैं कि जनाफे नज़ाय िे फ़यज़न्द हादी ़ैद से
ननिर िय बफरादे अजभ भें चरे गमे थे औय महाॊ जनाफे हादी से ‘‘ अर भौत ’’
वह जो भस्
ु तभरी औय उनिी औराद िो इभाभे फयह़ भानते हैं औय भस्त
भोहयक भर
ु हयाभ 490 हहजयी भत
ु ाबफ़ 1096 ई0 िो ऩैदा हुए। 17 सफ़य 495
लशभारी ईसाईमों िो अहरे कफ़यॊ ग लरखते हैं कि इस वक़्त भें शाभ भें एि
729
ऽानदान नज़ारयमा नाभ िा साहे फे हुिूभत हुआ औय चॊद भल्
ु ि अरववमों िे इस
ऽानदान िे ़ब्ज़े भें आ गमा। इसिी िोई औराद न थी इस लरमे अऩने चचा
िभार ऐश व इत्भेनान भें फसय ियते थे। लभस्र भें िोई शख़्स ज़भाने मा इफ़रास
िा शािी नहीॊ लभरता था। आऩ हाकफ़ज़े ़ुयआन बी थे। नज़ारयमा कफ़य़े िे रोग
भस्
ु तअरीमों औय उनिे इभाभों से सख़्त दश्ु भनी यखते थे औय भद्
ु दत से जनाफे
आलभय िी ताि भें थे। एि हदन 425 हहजयी भें आऩिो हराि िय हदमा।
वक़्त आ गमा है । जफ हाकफ़ज़ िी नज़य भें फ़़क दे खो उसी वक़्त भेये फ़यज़न्द िो
730
रे िय रूऩोशी इख़्तेमाय ियना औय ऐसा ही हुआ। अफ फोहये हज़यात उन इभाभ
औय मही उनिा एते़ाद है । (तायीऽे इस्राभ लभस्टय ज़ाकिय हुसैन ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 126)
हहजयी भें ऩैदा हुए। तीन ज़ज़़ाद 524 हहजयी िो तख़्त नशीन हुए औय 19 सार
इन्ते़ार िय गमे। आऩ नज़य फन्दी भें फसय ियते थे। आऩिा वज़ीय अहभद िुर
हदमा था। 15 भोहयक भ 526 हहजयी िो वज़ीय अहभद ़त्र िय हदमा गमा औय
544 हहजयी भें जनाफे हाकफ़ज़ िा इन्ते़ार हो गमा। आऩिी तभाभ उम्र वज़ीयों
भद
ु ज़ब्फय, लसमासत दाॊ, िसीरूर भद
ु ायात आरयफ़ औय इल्भे नजभ
ू भें शाए़ थे।
आऩ ऩय हहल्भ ाालरफ था। आऩिो ददे िूरजॊ िी लशिामत यहती थी। आऩिे
हाकफ़ज़ िे फाद आऩिी हस्फे वसीअत आऩिे फेटे ‘‘ अफू भन्सयू इस्भाईर ’’
फादशाह हुए।
731
12. जनाफे अफू भन्सयू इस्भाईर ज़फ़य फाअम्रअल्राह बफन हाकफ़ज़ आऩ 5
भोहयक भर
ु हयाभ 549 हहजयी िो इन्ते़ार िय गए। आऩ ज़भाना हुिूभत भें फेफस
थे। वज़ीय फादशाही ियते थे। फाावतें, य़ाफतें साज़ज़शें औय कफ़य़ा फॊहदमाॊ फ़ैर
भोहयक भ 544 हहजयी भें ऩैदा हुए। 15 भोहयक भ 549 हहजयी िो तख़्त नशीन हुए
भव
ु रयक ऽ अब्फासी लरखते हैं कि अहरे कफ़यॊ ग से इसिे वक़्त भें बी रड़ाई
ियता यहा था। वह फड़ा फ़ाज़ज़र सऽी था औय अहरे इल्भ से फड़ी भोहब्फत ियता
था। िानतफ, अदीफ औय आरा दजे िा शामय था। अज़रूए फ़ज़र व अ़र व
लसमासत व ततफीय अऩने ज़भाने िा सफ से फड़ा शख़्स था। शिर भें योफ दाय
732
लसतवत भें अज़ीभ था। नीज़ फड़ा ऩक्िा असना अशअयी था। खखराफ़ते
ु़ जनाफे
अभीय भें ज़फय दस्त किताफ लरखी। रोगों से भनाज़ये किए। वज़ीय होते ही लशमा
अल्राभा भ़ये ज़ी (अरऽत्त ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 81) भें लरखा है कि सारेह बफन
ज़ैरयि अयभनी ़ौभ िे अस्ना अशयी भज़हफ िा एि फ़िीय था। एि हदन ज़्मायते
यौज़तर
ु अभीयर भोभेनीन (अ.स.) िे लरमे नजफ़े अशयफ़ गमा। हज़यत ने उसी
नभ
ु ामा ियने िी वजह से इसिा खखताफ
ु़ ‘‘ भरि सारेह ’’ हो गमा।
शहीद दे हरवी िे इस फमान िी ताईद होती है ज़जसभें उन्होंने िहा है कि ‘‘ दनु नमाॊ
ियते हैं ’’ भर
ु ाहे ज़ा हो भौसफ़
ू िी किताफ ‘‘ लसयातर भस्
ु त़ीभ ’’
733
14. अफू भोहम्भद अल्राह आज़रद्
ु दीन अल्राह बफन मस
ु फ़
ू बफन हाकफ़ज़ आऩ
20 भोहयक भर
ु हयाभ 546 हहजयी भत
ु ाबफ़ 1151 िो ऩैदा हुए। 17 यजफ 555
भव
ु रयक ऽ अब्फासी लरखते हैं कि इसिे अहद भें अहरे कफ़यॊ ग साहहर शय़ी व
भस
ु रभानों िा लभस्र ऩय ़ाबफज़ होना ‘‘ नरू
ू द्दीन भोहम्भद ’’ वारी शाभ िो फहुत
गयाॉ गुज़या। उसने लभसरयमों िी भद्द िे लरमे फ़ौज बेजी जो अहरे कफ़यॊ ग ऩय
ाालरफ आई। शालभमों ने अहरे कफ़यॊ ग िो ननिार फाहय िय हदमा रेकिन ऽुत्फे भें
इस्भाईर िा ऽात्भा हो गमा औय फनू भेहदी िा नाभ लभट गमा। (तायीऽे इस्राभ
ऩष्ृ ठ 427)
आऩ 10 सार िी उम्र भें ऽरीफ़ा हुए। सारेह ने अऩनी फेटी उनसे ब्माह दी
औय सारेह तभाभ उभयू े सरतनत ऩय हावी यहा। भगय 19 यभज़ान 556 हहजयी
िो फेचाया ़त्र िय हदमा गमा। ऽरीफ़ा ए आज़द ने उसिी वफ़ात िे फाद अहरे
सन्
ु नत से एि शख़्स ‘‘ सराहुद्दीन मस
ू फ़
ु ’’ िो वज़ीय फना लरमा। उसने फेवफ़ाई
734
िी औय तभाभ उभयू े सरतनत ऩय हावी हो िय ऽरीफ़ा िो फे दऽर िय हदमा
वक़्त से भल्
ु िे लभस्र भें भज़हफे लशमा ऽत्भ होने रगा औय भज़हफे भारिी औय
शाफ़ई ज़ोय ऩिड़ने रगा। भोहयक भ 567 हहजयी भें सराहुद्दीन ने ऽरीफ़ा ए आज़द
फ़ात्भी ऽुरफ़ा िे अहद भें जो फयितें लभस्र िो नसीफ हुई वह किसी फादशाह िे
औ़ाफ़ा भद्
ु दतों मादगाय हैं। ‘‘ लशमा मन
ु ीवलसकटी ’’ जाभए अज़हय इसी अहद िी
यहती दनु नमाॊ ति िे लरमे मादगाय है । एि राख तीस हज़ाय किस्भ िी 16 राख
किताफों िा िुतफ
ु ऽाना इसी अहद भें भयु त्तफ हुआ था। ........ जाभा भज़स्जदें
फनवाईं गईं थी। 1. जाभा अज़हय, 2. जाभा भाज़ज़मा, 3. जाभा नयू , 4. जाभा
हाकिभ जो अऩनी शान व शौित िे लरहाज़ से फड़ी ऩयु अज़भत थी। ............
उन्हीॊ िे अहद भें ़ाहे या िी ऽास इभायत हुसनै नमा (इभाभ फाड़ा) थी ज़जसभें
735
अय्माभे अज़ा भें भजालरस भन
ु अक़द िी जाती थीॊ ज़जनभें फादशाह औय ये आमा
सफ शयीि होते थे। (तायीऽे इस्राभ लभस्टय ज़ाकिय हुसैन ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 133)
-- -- -- -- -- -- -- -- -- -- --
भभ
ु ाननमत िो ऽत्भ ियिे लशमा कफ़़ह िी किताफें शयहे रभ
ु आ व तब्सेयतूर
भत
ु ारेभीन िो दाखखरे
ु़ ननसाफ िय हदमा।
हाफ़ेहुभ ऐरा अन मस भह
ू ारभ हुदा कपर आखखरूज़
ु़ ज़भान ’’ वह मह गुभान ियते
फय हालशमा फ़तूह अर शाह वा़दी ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 118 प्रिालशत लभस्र 1386 हहजयी) भेयी
अशअयीमा अल्राभा लभज़ाक भोहम्भद ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 213, तायीऽे भज़हहफ ऩष्ृ ठ
736
462 प्रिालशत िोएटा व तायीऽे इस्राभ व तयजुभा ए सरातीने इस्राभ रैननन
737
अफुऱ हिन हज़रत इमाम मूिा काजजम अ.ि
िाज़जभे
ु़ आरे भोहम्भद िे तहम्भर
ु ऩय न जा
भादने जम्
ु रा उरभ
ू , आईनए प्रिालशत सरीभ
जाॊनशीन, हभाये सातवें इभाभ औय लसरलसराए अस्भत िी नवीॊ िड़ी हैं। आऩिे
वालरद भाज़जद हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) थे औय आऩिी वारदा भाजदा
738
भत
ु ाअज़ल्ऱ हज़यत इभाभे फा़य (अ.स.) ने इयशाद फ़यभामा है कि आऩ दनु नमा भें
(जेनातुर ऽर
ु ूद ऩष्ृ ठ 29)
(ज़जराउर उमन
ू ऩष्ृ ठ 270)
अल्राभा शहय आशोफ लरखते हैं कि जनाफे हभीदा िे वालरद भाज़जद साएद
(भनाकिफ
ु़ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 76)
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) अऩने आफाओ अजदाद िी तयह इभाभ
भन्सस
ू आरभे ज़भाना अफ़ज़रे िाएनात थे। आऩ जभ
ु रा लसफ़ात हसना से बय
ऩयू थे, आऩ दनु नमा िी तभाभ ज़फाने जानते औय इल्भें ाैफ से आगाह थे। आऩिे
भत
ु ाअज़ल्ऱ इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.)
िे इल्भ, भाये फ़त िभार औय अफ़ज़रीमत भें वारयस व जाॊनशीन थे। आऩ दनु नमा
सऽी थे। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 121) औय इब्ने तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि आऩ
739
भज
ु तहहद थे। आऩिा इजतेहाद भें नज़ीय न था। आऩ इफादत व ताअत भें भशहूय
ज़भाना औय ियाभत भें भशहूये िामनात थे। उन चीज़ों भें आऩिी िोई लभसार न
(भतारेफस
ु सऊ
ु र 308)
भन्
ु फ़रयद इभाभ औय ज़फय दस्त हुज्जते ऽद
ु ा थे। नभाज़ों िी वजह से हभेशा सायी
यात जागते थे औय हदन बय योज़ा यखते थे। (अनवारूर अख़्फाय ऩष्ृ ठ 134)
अल्राभा इब्ने सफाा भालरिी लरखते हैं कि आऩ अऩने ज़भाने िे रोगों भें सफ
फज़
ु ुगक नफ़्स थे। (फ़ुसूर भोहम्भद व अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 451)
अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते हैं कि आऩ आबफद तयीन अहरे ज़भाना
(यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 432)
इभाभत हुमे।
740
आऩकी ववऱादत फ िआदत
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) फतायीऽ 7 सफ़रूर भज़
ु फ़्फ़य 128 हहजयी
भत
ु ाबफ़ 10 नवम्फय 745 ई0 मौभे शम्फा फ भ़
ु ाभ अफवा जो भक्िा व भदीने
(अनवाये नोभाननमा ऩष्ृ ठ 126 व आराभुर वया ऩष्ृ ठ 171 व ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 269 व
शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 192 यौज़तुर शौहदा ऩष्ृ ठ 436)
अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि ऩैदा होते ही आऩने हाथों िो ज़भीन
फ़यभामा। आऩने मह अभर बफरिुर उसी तयह किमा ज़जस तयह हज़यत यसर
ू े ऽुदा
आऽेयीन से फहयावय भत
ु ावज़ल्रद हुए थे। आऩिी ववरादत से हज़यत इभाभ जाफ़ये
दावते ताअभ दी थी। (ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 270) आऩ दीगय आइम्भा िी तयह
741
इस्मे गगरामी कुजन्नयत, अल्क़ाफ
आऩिे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने ऽुदा वन्दे आरभ
िे भअ
ु य्मन िदाक नाभ भस
ू ा से भौसभ
ू किमा। अल्राभा भोहम्भद यज़ा लरखते हैं
कि भस
ू ा ़ब्ती रफ़्ज़ है औय ‘‘ भू ’’ औय ‘‘ सी ’’ से भयु क्िफ है । भू िे भानी
भौसभ
ू किमे गमे थे औय इसिी वजह मह थी कि ऽौफ़े कपयऔन
ु़ से भादये भस
ू ा ने
आऩिो उस सन्द़
ू भें यख िय दरयमा भें फहामा था जो ‘‘हफीफ नजाय’’ िा
कपयऔन
ु़ औय जफाने आलसमा ति ऩानी िे ज़रयमे से उन दयख़्तों से टियाता हुआ
जो ऽास फाा भें थे ऩहुॉचा था रेहाज़ा ऩानी औय दयख़्त िे सफफ से उनिा नाभ
भस
ू ा ़याय ऩामा था। (जन्नातुर ऽर
ु ूद ऩष्ृ ठ 29) आऩिी िुज़न्नमत अफर
ु हसन, अफू
िो है औय उसिी वजह मह है कि आऩ फद सर
ु ि
ू िे साथ एहसान ियते औय
(भतारेफस
ु सऊ
ु र ऩष्ृ ठ 273, शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 192, यौज़तर
ु शोहदा ऩष्ृ ठ 432, तायीऽे
742
ऱक़्फ फाफुऱ हवाएज की वजह
अल्राभा इब्ने तल्हा शाफ़ेई लरखते हैं कि िसयते इफादत िी वजह से अब्दे
सारेह औय ऽुदा से हाजत तरफ ियने िे ज़रयमे होने िी वजह से आऩिो फाफर
ु
131) फ़ाज़जर
ु़ भाअसय अल्राभा अरी है दय य़भ तयाज़ हैं कि हज़यत िा ऱफ
फाफे ़ज़ा अर हवाएज मानी हाजतें ऩयू ी हाने िा दयवाज़ा बी था। हज़यत िी
ज़जन्दगी
ु़ भें तो हाजतें आऩिे तवस्सर
ु से ऩयू ी होती ही थीॊ शहादत िे फाद बी मह
हुआ है कि एि अन्धा औय फढ़
ू ा सैय्मद ननहामत भफ़
ु लरसी िी हारत भें यौज़े
िी तयफ़ दौड़ा भझ
ु े फीनाई लभर गई भैं दे खने रगा हूॉ इस ऩय रोगों िा फड़ा हुजभ
ू
जभा हो गमा औय अिसय रोग इसिे िऩड़े तफरूकि िे तौय ऩय छीन झऩट िय रे
743
गए। इसिो तीन दफ़ा िऩड़े ऩहनाए गमे औय हय दफ़ा वह िऩड़े टुिड़े हो गमे।
आखखय
ु़ यौज़ाए शयीफ़ िे ऽद्
ु दाभ ने इस ख़्मार से कि िहीॊ इस फढ़
ू े सैय्मद िे
ज़जस्भ िो ऩ
ु सान न ऩहुॉचे इसिो उसिे घय ऩहुॉचा हदमा। इसिा फमान है कि भैं
फादाद िे अस्ऩतार भें अऩनी आॉख िा इराज िया यहा था बफर आखखय
ु़ सफ
डाॉक्टयों ने मह िह िय भझ
ु े अस्ऩतार से ननिार हदमा कि तेया भजऱ् रा इराज
अ़दस इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ऩय आमा महाॊ आऩिे वसीरे से ऽुदा से दआ
ु
िी ‘‘ फाये इराहा तझ
ु े इसी इभाभ भदफ़ून िा वास्ता भझ
ु े अज़सये नव फीनाई अता
इस आवाज़ िे साथ ही भैं हय चीज़ िो दे खने रगा। (अऽफाय इऩ्ेराफ राहौय, अऽफाय
अल्राभा इब्ने शहय आशोफ लरखते हैं कि ऽतीफ फादादी ने अऩनी तायीऽ भें
लरखा है कि जफ भझ
ु े िोई भज़ु श्िर दयऩेश होती है भैं इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.)
िे यौज़े ऩय चरा जाता हूॉ औय उनिी ़ब्र ऩय दोआ ियता हूॉ भेयी भज़ु श्िर हर हो
744
फादिाहाने वक़्त
आऩ 128 हहजयी भें भयवान अर हभाय उभवी िे अहद भें ऩैदा हुए। इसिे फाद
सरतनत हुआ। (हफीफ अर लसमय 169 हहजयी भें हादी अब्फासी िी फै ैअत िी गई। (इब्ने
अरवयी) 170 भें हारून यशीद अब्फासी इब्ने भहदी ऽरीफ़ा ए वक़्त हुआ (अफर
ु
कपदा)
ु़ 183 हहजयी भें हारून िे ज़हय दे ने से इभाभ (अ.स.) फ हारते भज़रभ
ू ी
निोनम
ु ा और तरफीअत
अल्राभा अरी ऩी लरखते हैं कि आऩिी उभय िे फीस फयस अऩने वालरदे
फज़
ु ुगव
क ाय हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे साए तयफीमत भें गुज़ये एि
तयफ़ ऽद
ु ा िे हदए हुए कपतयी
ु़ िभार िे जौहय दस
ू यी तयफ़ इस फाऩ िी तयबफमत
ऐसा ताज़ा िय हदमा कि उन्हें एि तयह से अऩना फना लरमा औय ज़जसिी बफना
745
जाफ़य साहद़ (अ.स.) ने अऩना जाॊ नशीन भ़
ु यक य फ़यभा हदमा। फावजूदे कि आऩिे
फज़ल्ि जाती
ु़ िभारात िो ढुॊढता है । लसरलसराए भासभ
ू ीन भें इभाभ जाफ़य साहद़
इभाभत िा भन्
ु तकिर
ु़ होना इसिा सफ
ु त
ू है कि लभमाये इभाभत भें नसफी ववयासत
मह भस
ु ल्रेभात से है कि नफी औय इभाभ तभाभ सराहहमतों से बय ऩयू
(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़जय
ु़ हो िय भस्
ु तफ़लसय हुआ कि भौरा, आऩिे फाद
इभाभत िे फ़याएज़ िौन अदा िये गा आऩने इयशाद फ़यभामा ऐ सफ़वान ! तुभ
इसी जगह फैठो औय दे खते जाओ जो ऐसा फच्चा भेये घय से ननिरे ज़जसिी हय
फात भायफ़ते ऽद
ु ा से ऩयु हो औय आभ फच्चों िी तयह रहो रआफ न ियता हो,
सभझ रेना कि ऐनाने इभाभत इसी िे लरमे सज़ावाय है । इतने भें इभाभ भस
ू ा
िाज़जभ
ु़ (अ.स.) फियी िा एि फच्चा लरमे हुए फयाभद हुए औय फाहय आ िय
746
इससे िहने रगे् अऩने ऽुदा िा सजदा िय। मह दे ख िय इभाभ जाफ़ये साहद़
क्मा भौत व हमात भेये ही इख़्तेमाय भें है । (फेहारूर अनवाय ज़जल्द 11 ऩष्ृ ठ 266)
अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि इभाभ अफू हनीफ़ा एि हदन इभाभ जाफ़य
साहद़ (अ.स.) से भसाएरे दीनीमा दरयमाफ़्त ियने िे लरमे हसफे दस्तूय हाज़जय
ु़
उम्र उस वक़्त ऩाॉच सार िी थी फयाभद हुए। इभाभ अफू हनीफ़ा ने उन्हें सराभ
सन
ु ो ! फन्दों िे अफ़आर तीन हारतों से ऽारी नहीॊ, मा इनिे अफ़आर िा फ़ाएर
लसफ़क ऽद
ु ा है मा लसफ़क फन्दा है मा दोनों िी लशयित से अफ़आर वा़े होते हैं
अगय ऩहरी सयू त है तो ऽुदा िो फन्दे ऩय अज़ाफ िा ह़ नहीॊ, अगय तीसयी सयू त
है तो बी मह इन्साफ़ िे खखराफ़
ु़ है कि फन्दे िो सज़ा दे औय अऩने िो फचा रे
747
(बफहारूर अनवाय ज़जल्द 11 ऩष्ृ ठ 185)
इभाभ अफू हनीफ़ा िहते हैं कि भैं ने उस साहफ ज़ादे िो इस तयह नभाज़ ऩढ़ते
हुए दे ख िय कि उनिे साभने से रोग फयाफय गुज़य यहे थे इभाभ जाफ़ये साहद़
िहना है कि तभ
ु नभाज़ ऩढ़ यहे थे औय रोग तम्
ु हाये साभने से गज़
ु य यहे थे।
इभाभे भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ने अजक कि फाफा जान रोगों िे गुज़यने से नभाज़ ऩय
क्मा असय ऩड़ता है वह हभाये औय ऽुदा िे दयलभमान हाएर तो नहीॊ हुए थे क्मों
एि हदन अब्दल्
ु राह इब्ने भज़ु स्रभ औय अफू हनीफ़ा दोनो वारयदे भदीना हुए।
अब्दल्
ु राह ने िहा चरो इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) से भर
ु ा़ात ियें औय उनसे
दे खा कि हज़यत िे भानने वारों िी बीड़ रगी हुई है । इतने भें इभाभ जाफ़ये
748
िे दरयमा फहाना शरू
ु किमे। अब्दल्
ु राह वाैया ने जो आऩसे िुछ दयू ी ऩय थे आऩिे
भें इभाभ अफू हनीफ़ा ने िहा कि चरो भैं उन्हें उनिे लशमों िे साभने रूसवा औय
ज़रीर ियता हूॉ। भैं उनसे ऐसा सवार िरूगाॊ कि मह जवाफ न दे सिेंगे।
अब्दल्
ु राह ने िहा, मह तुम्हाया ख़्मारे ऽाभ है वह फ़यज़न्दे यसर
ू स. हैं। अर
से ऩछ
ू ा साहफ ज़ादे मह तो फताओ कि अगय तुम्हाये शहय भें िोई भस
ु ाकपय
ु़ आ
जाए औय उसे ़ज़ाए हाजत ियनी हो तो क्मा िये औय उसिे लरमे िौन सी
जगह भन
ु ालसफ होगी? हज़यत ने फयजस्ता फ़यभामा ! भस
ु ाकपय
ु़ िो चाहहमे कि
ना किफरे
ु़ िी जाननफ भह
ु िये ना ऩीठ कपय अऩने िऩड़ों िो फचा िय जहाॉ चाहे
किस्भ
ु़ िा इल्भ हुआ ियता है ।
749
अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि एि हदन हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़
(अ.स.) भिान भें तशयीफ़ फ़यभा थे इतने भें आऩिे नयू े नज़य इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़
(अ.स.) िहीॊ फाहय से वाऩस आए। इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने फ़यभामा, फेटे
आऩने फ़ौयन लभसया रगामा। ‘‘ वभन औलरमतन हसना फ़ज़दहा ’’ फयु ी फातों से
दयू यहो औय उनिा इयादा बी न ियो। ज़जसिे साथ बराई ियो बय ऩयू ियो। कपय
हय किस्भ
ु़ िा भियो फ़ये फ िये गा, 2. जफ दश्ु भन भियो फ़ये फ िये तफ बी उसे
हज़रत इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.) की इमामत
148 हहजयी भें इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी शहादत हुई। उस वक़्त से
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) फाज़ाते ऽुद फ़याएज़े इभाभत िे ज़जम्भे
ु़ दाय
चि
ु े थे। तरवाय िे घाट उताये गमे, दीवायों भें चन
ु वामे गमे मा ़ैद यखे गमे थे।
750
ऽुद इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे खखराफ़
ु़ तयह तयह िी साज़जशें
ु़ िी जा चि
ु ी
थीॊ औय भऽ
ु तलरफ़ सयू तों से तिरीफ़ें ऩहुॉचाई गई थीॊ। महाॉ ति कि भन्सयू ही िा
बेजा हुआ ज़हय था ज़जससे आऩ दनु नमा से से रूऽसत हुए थे। इन हारात भें
उसे ज़जन्दा
ु़ न यहने दे गी। इस लरए आऩने आऽयी वक़्त एि एख़्रा़ी फोझ
भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे लसन भें फड़े बाई थे औय हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़
साबफत हुआ। चन
ु ान्चे जफ हज़यत िी वफ़ात िी इत्तेरा भन्सयू िो ऩहुॉची तो उसने
इन्ना इरैहे याजेऊन ’’ िहा औय िहा अफ बरा जाफ़य िा लभस्र िौन है? इसिे
फाद हाकिभे भदीना िो लरखा कि अगय जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ने किसी शख़्स िो
अऩना वसी भ़
ु यक य किमा हो तो उसिा सय ़रभ िय दो। हाकिभे भदीना ने
751
हैं। मह जवाफ सन
ु िय भन्सयू दे य ति ऽाभोश यहा औय सोचने िे फाद िहने
साथ भसरूफ़ यहे । मह बी था कि इस ज़भाने भें भन्सयू शहये फादाद िी ताभीय भें
भसरूफ़ था। ज़जससे 157 हहजयी मानी अऩनी भौत से लसफ़क एि सार ऩहरे
अल्राभा भ़ये ज़ी लरखते हैं कि भन्सयू िे ज़भाने भें फे इन्तेहा सादात शहीद
किमे गमे हैं औय जो फचे हैं वह वतन बाग गमे हैं। इन्हीॊ तायीिीने वतन भें
हालशभ बफन इब्राहीभ बफन इस्भाईर अर दीफाज बफन इब्राहीभ उभय बफनर
ु हसने
भस
ु न्ना इब्ने इभाभ हसन (अ.स.) बी थे। ज़जन्होने भल्
ु तान िे इरािो भें से ऽान
भें सि
ु ू नत इख़्तेमाय िय री थी।
752
फाद कपय वही फनी फ़ात्भा िी भऽ
ु ारेफ़त िा जज़फा उबया औय 164 हहजयी भें
उसी ़ैद भें यहे । कपय उसिो अऩनी ारती िा एहसास हुआ औय हज़यत िो
भेहदी िे फाद उसिा बाई हादी 169 हहजयी भें तख़्ते सरतन्त ऩय फैठा औय
कपय एि सार एि भाह ति उसने सरतन्त िी। उसिे फाद हारून नशीद िा
(सवाने इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ ऩष्ृ ठ 5)
अल्राभा भोहम्भद बफन तरहा शाफ़ेई लरखते हैं कि आऩिे ियाभात ऐसे हैं कि
753
श़ी़ फरऽी हज िे लरमे गमे। इनिा फमान है कि जफ भ़
ु ाभे ़ादलसमा भें
ऩहुॉचा तो दे खा कि एि ननहामत ऽफ
ू सयू त जवान ज़जनिा यॊ ग साॊवरा (गन्दभ
ु ग)ॊू
था वह एि अज़ीभ भजभे भें तशयीफ़ फ़यभा हैं। ज़जस्भ उनिा ज़ईफ़ है वह अऩने
िऩड़ों िे ऊऩय एि िम्फर डारे हुए हैं औय ऩैयों भें जूनतमाॉ ऩहने हुए हैं। थोड़ी दे य
सोचा कि मह सफ़
ू ी हैं औय रोगों ऩय ज़ादे याह िे लरमे फाय फनाना चाहते हैं भैं
अबी उसिो ऐसी तम्फीह िरूॊगा कि मह बी माद िये गा, ाजऱ् कि भैं इनिे ़यीफ
ियो मह अच्छा शेवा नहीॊ है । इसिे फाद वह फ़ौयन उठ िय यवाना हो गमे। भैंने
हो न हों मह िोई अब्दे सारेह हैं। फस मही सोच िय भैं उनिी तराश भें ननिरा
औय उनिा ऩीछा किमा, ख़्मार था कि वह लभर जाएॊ, भैं उनसे िुछ सवारात
िरूॊ, रेकिन न लभर सिे। इनिे चरे जाने िे फाद हभ रोग बी यवाना हो हुए।
औय उनिी आॉखों से आॉसू जायी हैं। भैं मह सोच िय उनिे ़यीफ गमा िी अफ
उनसे भाफ़ी तरफ िरूॉगा। जफ वह नभाज़ से फ़ारया हुए तो फोरे ऐ श़ी़ ऽुदा
754
िा ़ौर है कि जो तौफा ियता है भैं उसे फख़्श दे ता हूॉ। इसिे फाद कपय यवाना हो
गमे। अफ भेये हदर भें आमा कि म़ीनन मह फन्दाए आबफद िोई अफदार हैं, क्मों
ऩय ऩहॉ ुचा तो दे खा कि वही जवान एि िुएॊ िी जगत ऩय फैठे हुए हैं, उसिे फाद
उन्होंने एि िूज़ा ननिार िय िुएॊ से ऩानी रेना चाहा, नागाह उनिे हाथ से िूज़ा
छूट िय िुऐॊ भें गगय गमा, भैंने दे खा कि िूज़ा गगयने िे फाद उन्होंने आसभान िी
तयफ़ भॉह
ु िय िे फायगाहे अहहदमत भें िहा भेये ऩारने वारे जफ भैं प्मासा होता हूॉ
तू ही सेयाफ ियता है औय बख
ू ा होता हूॉ तो तू ही खाना दे ता है, खुदामा ! इस िूज़े
िे अरावा भेये ऩास औय िोई फयतन नहीॊ है, भेये भालरि! भेया िूज़ा ऩयू आफ
औय ऊऩय ति आ गमा। आऩने हाथ फढ़ा िय अऩना िूज़ा ऩानी से बया हुआ रे
लरमा औय वज़ू फ़यभा िय चाय यिअत नभाज़ ऩढ़ी। उसिे फाद आऩने ये त िी एि
भठ्
ु ठी उठाई औय ऩानी भें डार िय खाना शरू
ु किमा। मह दे ख िय भैं अज़्र ऩयदाज़
हुआ। भझ
ु े बी िुछ इनामत हो भैं बख
ू ा हूॉ। आऩने वही िूज़ा भेये हवारे िय हदमा
ज़जसभें ये त बयी थी। ऽुदा िी ़सभ। जफ भैंने उसभे से खामा तो उसे ऐसा रज़ीज़
सत्तू ऩामा जैसा भैंने खामा ही न था। कपय उस सत्तू भें एि ऽास फात मह थी कि
755
जफ भैं भक्िा भोअज़्ज़भा ऩहुॉचा तो भैंने दे खा कि एि फारू (ये त) िे टीरे िे
किनाये भशार
ू े नभाज़ हैं औय हारत आऩिी मह है कि आऩिी आॉखों से आॉसू
भशार
ू थे कि सफ
ु ह हो गई, आऩने नभाज़े सफ
ु ह अदा फ़यभाई औय उससे उठ िय
तवाफ़ िा इयादा किमा, कपय सात फाय तवाफ़ ियने िे फाद एि भ़ाभ ऩय ठहये ।
ज़्मादा कपक्र
ु़ थी कि मह भारभ
ू िरूॊ कि मह फज़
ु गु क िौन हैं? चन
ु ान्चे भैं उनिे गगदक
िहा फेशि ऐसे ियाभात जो भैंने दे खे वह इसी घयाने िे लरमे सज़ावाय हैं।
भव
ु रयक ऽ ज़ाकिय हुसन
ै लरखते हैं कि श़ी़ इब्ने इब्राहीभ फल्ऽी िा इन्ते़ार
190 हहजयी भें हुआ था। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 59)
एि सार भक्िा भें यहने िे फाद वह भदीना चरे गमे। इनिा ख़्मार था कि वहाॊ
756
़माभ किमा। भदीने भें ठहयने िे फाद उन्होंने इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) वहाॊ
फ़यभामा कि ऐ ईसा तुभ फ़ौयन अऩने भिान चरे जाओ क्मों कि तुम्हाया भिान
िोई चीज़ चोयी तो नहीॊ गई, भैंने अजऱ् कि एि तश्त नहीॊ लभरता ज़जसभें वज़ू
किमा ियता था। आऩने फ़यभामा वह चोयी नहीॊ गमा फज़ल्ि इन्हे दाभ भिान से
दीनाय हुजयू ु़ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें फतौये नज़य इयसार किमा वह
उसे रे िय भदीना ऩहुॉचा, महाॉ ऩहुॉच िय उसने सोचा कि इभाभ िे हाथों भें इसे
अभानत थे शभ
ु ाय किमा 99 थे। भैंने उनभें अऩनी तयफ़ से एि दीनाय शालभर िय
757
फ़यभामा सफ दीनाय ज़भीन ऩय डार दो। भैंने थोरी खोर िय सफ ज़भीन ऩय
ननिार हदमा। आऩने भेये फताए फाैय इसभे से भेया वही दीनाय जो भैंने लभरामा
था ननिार िय भझ
ु े दे हदमा औय फ़यभामा बेजने वारे ने अदद िा रेहाज़ नहीॊ
एि शख़्स िा िहना है कि भझ
ु े अरी बफन म़तीन ने एि ऽत दे िय इभाभ
(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें बेजा। भैंने हज़यत िी खखदभत
ु़ भें ऩहुॉच िय उनिा ऽत
(शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 195)
जा यहा था कि यास्ते भें एि शेय फयाभद हुआ, उसने आऩिे िान भें िुछ िहा,
आऩने उसिो उसी ज़फान भें जवाफ हदमा औय वह चरा गमा। हभाये सवार िे
(तज़कियतर
ु भासभ
ू ीन ऩष्ृ ठ 193)
758
अरी बफन म़तीन इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे ऽास असहाफ भें से थे।
(ये जार तस
ू ी ऩष्ृ ठ 355 प्रिालशत नजफ़ अशयफ़)
भन्सयू दवाऩी िे फाद 157 हहजयी भें भें हदी अब्फासी ऽरीफ़ा ए वक़्त ़याय
भर
ु हहदों िो ऽाि भें लभरा हदमा है । भानी जो फ़रसफ़ी था (भज़दि भुतवफ्पा चौथी
सदी िे शुरुआत से भऽरूत गुभयाह िुन अ़ीदे िी नशो नुभा ियता था) िो इसने ़त्र
िया हदमा था। इसिे अरावा वह आरे भोहम्भद िे साथ बी इसिी यववश
फज़ल्ि िोई ऐसा शख़्स बी भहफ़ूज़ न यहे जो आरे भोहम्भद स. िो दोस्त यखता
हो। तवायीऽ भें है कि उसने मा़ूफ इब्ने दाऊद िो जो ज़ैदी भज़हफ िे थे अऩना
759
साहे फे हफीफ उस सैय लरखते हैं कि मािूफु़ हभेशा से दोस्त दायाने अहरे फैत भें
ु़
से था। महहमा इब्ने जैद औय इब्राहीभ फयादये नफ़्से ज़किमा िे यफ़ी़ों भें से था।
शहादते इब्राहीभ िे फाद भन्सयू ने उसे ़ैद िय लरमा था। भें हदी ने राए़ दे ख
िय उसे वज़ीय फना लरमा था। (तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 56) जफ रोगों ने भें हदी
उनसे िहा कि भैं तुम्हें एि फाा एि रौड़ीॊ औय एि राख हदयहभ दे ता हूॉ तुभ
़ैद ऽाने भें जा िय फ़ुरा अरवी िो ़त्र िय दो। उन्होंने सफ िुछ रेने िे फाद
ु़
इस अरवी िो इसिे दो यफ़ीिो सभैत िैद ऽाने से ये हा िय हदमा औय उसे िाफ़ी
चन्द हदनों िे फाद इस िनीज़ ने जो उन्हें लभरी थी भें हदी से फता हदमा कि
उन्होंने अरवी िो ़त्र ियने िे फजाए ये हा िय हदमा औय मही नहीॊ फज़ल्ि तेये
हदमे हुए भार से उसे नवाज़ा बी है । भें हदी ने आऩिी तराशी री औय वा़ेमात
उसने उन्हें ़ैद िा हुक्भ दे हदमा। मािूफु़ ़ैद िय हदमे गमे औय भद्
ु दतर
ु उभय
अल्राभा शाफ़ेई लरखते हैं कि मा़ूफ िो भें हदी िे हुक्भ से उस िुऐॊ भें ़ैद
किमा गमा ज़जसभें यौशनी न जा सिती थी। ज़जसिे नतीजे भें वह बफल्िुर अन्धे
हो गमे। मा़ूफ उसी ़ैद ऽाने भें ऩड़े यहे महाॉ ति कि हारून यशीद िा ज़भाना
760
आमा औय उसने उन्हें ये हा िय िे भक्िा भोअज़्ज़भा बेज हदमा जहाॉ मह 187
हहजयी भें इन्ते़ार फ़यभा गमे। इन्ना लरल्राहे व इन्ना इरैहे याजेऊन।
जैसा कि भैंने ऊऩय तहयीय किमा है भें हदी चन्द हदनों से ज़्मादा आरे भोहम्भद
फर
ु ा िय उन्हें ़त्र िया दे । फहय सयू त इसी भ़सद िे ऩेशे नज़य हुक्भ ऩहुॉचा कि
आऩ फादाद हाज़जय
ु़ हों। इभाभ (अ.स.) हसफर
ु हुक्भ वहाॊ से यवाना हो गमे।
ऩहुॉचे तो आऩ से अफऽ
ू ालरद ने भर
ु ा़ात िी। अफू ऽालरद िहते हैं कि भैंने हज़यत
भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो दे खा कि आऩ उन रोगों िी हहयासत भें तशयीफ़ रा यहे
हैं जो फादाद से आऩिो राने िे लरमे बेजे गमे थे। भैं हज़यत िे ़यीफ गमा औय
रगे कि फ़राॊ फ़राॊ चीज़ें ऽयीद िय अऩने ऩास यख रेना जफ भैं वाऩस आऊॊगा तो
रे रग
ू ाॊ। भैंने अजऱ् कि फहुत फेहतय। थोड़ी दे य िे फाद आऩने फ़यभामा, अफू
761
डयता हूॉ कि जाने वह क्मा ियें । आऩने फ़यभामा, घफयाओ नहीॊ भैं इन्शा अल्राह
अल्राभा इब्ने तल्हा शाफ़ेई व अल्राभा जाभी लरखते हैं कि फादाद ऩहुॉचते ही
आऩ ़ैद िय हदमे गमे। अल्राभा भजलरसी लरखते हैं कि थोड़े हदन ़ैद यखने िे
फाद भें हदी ने आऩिो ़त्र िया दे ना चाहा औय इसी लरमे इसने हभीद इब्ने
तुभ से एि ज़रूयी िाभ रेना है क्मा तुभ उसे िय सिोगे, इसने िहा कि हाॉ ज़रूय
िरूगाॊ औय ऐ फादशाह अगय ताभीर इयशाद भें भेया भार, भेयी जान, भेयी औराद
हत्ता कि भेया ईभान बी िाभ आजाए तो ऩयवाह नहीॊ। ऽरीफ़ा भें हदी ने िहा कि
तभ
ु इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ िो सफ
ु ह होने से ऩहरे ़त्र िय दो। उसने िहा फेहतय
है । फात तम हो गई, हभीद चरा गमा। भें हदी सोने चरे गमा। अबी थोड़ी ही दे य
सोमा था कि अभीयर भोभेनीन (अ.स.) ख़्वाफ भें तशयीफ़ रामे औय उससे िहने
रगे कि क्मा तुम्हें हुिूभत इसी लरमे दी गई है कि तुभ अहरे ़याफत िो तफाह
भें हदी फेदाय हो गमा औय उसने फ़ौयन हभीद िो िहरा बेजा कि भैंने जो हुक्भ
762
हदमा है उस ऩय आज अभर न ियना। इसी ख़्वाफ िी वजह से भें हदी ने उन्हें ये हा
अल्राभा जाभी (अरैहहय़् यहभा) लरखते हैं कि इभाभ (अ.स.) वाऩस आ यहे थे
ज़फारा से यवाना हुए थे मह फड़ी भज़ु श्िरों से हदन यात िाट यहे थे। जफ वह हदन
ननिर िय फादाद िे यास्ते ऩय खड़े हो गमे। सयू ज डूफते ही उनिा हदर डूफने
रगा औय उन्हें मह शब्ु हा ऩैदा होने रगा कि शामद इभाभ (अ.स.) ऩय िोई
(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 130, दभेए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 13, फा हवाराए भनाकिफ
ु़ व फेहाय
यवाना हो िय आऩ भदीना ए भन
ु व्वया ऩहुॉचे औय फा दस्तूय फ़याएज़े इभाभत िी
763
इमाम मि
ू ा ए काजजम (अ.ि.) हादी अब्फािी की क़ैद में
तवायीऽ भें है कि भेहदी िे फाद उसिा फेटा हादी अब्फासी 22 भोहयक भ 169
हहजयी भत
ु ाबफ़ 785 ई0 भें तख़्ते खखराफ़त
ु़ ऩय फैठा। लभस्टय ज़ाकिय हुसन
ै
हादी िो आरे भोहम्भद (स. अ.) से वही फग़्जु ज़ व एनाद था जो उसिे आफाव
अजदाद िो था, उसी िी सरतन्त भें औय उसी िे अहद भें हुिूभत भें भदीने िे
गवकनय ने इभाभ हसन (अ.स.) िी औराद भें से फाज़ अफ़याद िा फादा ऽवायी िा
झठ
ू ा इल्ज़ाभ रगवा िय वऩटवामा औय उनिे गरे भें यज़स्समाॊ फॊधवा िय भदीने िे
उनिी नभ
ु ामाॊ फ़दक जनाफे हुसन
ै बफन अरी बफन हसन भस
ु ल्रस बफन हसने भस
ु न्ना
ियता यहा।
अल्राभा इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि ऽरीफ़ा हादी बफन भेहदी ने हज़यत
ु़
इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो िैद िय हदमा। फाऩ ़ैद िी भलु सफतों िो फयदाश्त
764
िय ही यहे थे कि एि शफ हज़यत अरी (अ.स.) ने उसिे साभने एि आमत ऩढ़ी
ज़जसिा तयजभ
ु ा मह है कि क्मा इसी लरमे तभ
ु हाकिभ फने हो कि फ़साद फयऩा
ियो औय ़तए यहभ ियो। इस ख़्वाफ से वह फेदाय हुआ औय उसने फ़ौयन आऩिी
ये हाई िा हुक्भ हदमा। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 122 व अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 453)
भ़
ु द्दस लसरलसरे िी एि फ़दक थे ज़जसिो ऽालऱ ने नौए इन्सान िे लरमे भेमाये
िभार ़याय हदमा था। इसी लरमे उनभें से हय एि अऩने वक़्त भें फेहतयीन
है । चन
ु ान्चे सातवें इभाभ (अ.स.) भें तहम्भर
ु व फयदाश्त औय ास्
ु सा ज़ब्त ियने
िी लसफ़ात इतनी नभ
ु ामा थी कि आऩिा ऱफ िाज़जभ
ु़ ़याय ऩा गमा। ज़जसिे
आमे।
765
भदीने िे एि हाकिभ से आऩिो सख़्त तिरीफ़े ऩहुॉची महाॊ ति कि वह जनाफे
अभीय (अ.स.) िी शान भें बी नाज़ेफा अल्फ़ाज़ इस्तेभार किमा ियता था भगय
ज़ब्त िी ताफ नहीॊ हभें उनसे इन्ते़ाभ रेने िी इजाज़त दी जाऐ तो हज़यत ने
फ़यभामा कि भैं ऽुद उसिा तदारूि िरूगाॊ। इस तयह उनिे जज़्फात भें सि
ु ू न ऩैदा
ियने िे फाद हज़यत ऽुद उस शख़्स िे ऩास उसिे ऽेभों भें तशयीफ़ रे गमे औय
हुआ औय अऩने तयज़े अभर िो फदर हदमा। हज़यत ने अऩने अस्हाफ से सयू ते
तयह तुभ रोग उसिे साथ ियना चाहते थे। सफ ने िहा म़ीनन हुज़ूय ने जो
तयी़ा इख़्तेमाय फ़यभामा वही फेहतय था। इस तयह आऩने अऩने जद्दे फज
ु ुगव
क ाय
ति नहजर
ु फरााा भें भौजद
ू है कि अऩने दश्ु भन ऩय ऐहसान िे साथ फ़तेह
766
ऽफयदाय! मह अदभ तशद्दद
ु िा तयी़ा न अहर िे साथ इख़्तेमाय न ियना वयना
उसिे तशद्दद
ु भें इज़ाफ़ा हो जामेगा।
जफ भऽ
ु ालरफ़ िी तयफ़ से िोई ऐसा अभर हो चि
ु ा हो जो उसिे साथ इन्ते़ाभी
तशद्दद
ु िा जवाज़ ऩैदा िय सिे रेकिन अगय उसिी तयफ़ िोई ए़दाभ अबी
ऐसा न हुआ हो तो मह हज़यात फहय हार उसिे साथ ऐहसान ियना ऩसन्द ियते
तराश से बी िोई उज़्र न लभर सिे बफल्िुर इसी तयह जैसे इब्ने भज़ु ल्जभ िे
अभीय (अ.स.) एहसान फ़यभाते यहे । इसी तयह भोहम्भद बफन इस्भाईर िे साथ जो
इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी जान रेने िे फाएस हुआ। आऩ एहसान फ़यभाते
किमा था। साढ़े चाय सौ दीनाय औय ऩन्द्रह सौ हदयहभ िी य़भ ऽुद हज़यत ही ने
767
चि
ु ा था। न दस
ू ये ज़याए से तफरीाो इशाअत भभ
ु किन थी। फस आऩिी ऽाभोश
गुफ़्तुगू भें इब्तेदा बी न फ़यभाते थे। इसिे फाद आऩिी इल्भी जरारत िा लसक्िा
िी वजह से अब्दे सारेह िे ऱफ से माद किमा जाता था। आऩिी सऽावत औय
गीयी फ़यभाते थे। हय नभाज़े सब्ु ह िी ता़ीफात िे फाद आफ़ताफ िे फरन्द होने
़ुयआने भजीद िी ननहामत हदरिश अन्दाज़ भें नतरावत फ़यभाते थे खुद बी योते
जाता था उसिे घय भें रूप्मा ऩैसा अशयफ़ी औय खाना, ऩानी ऩहुॉचामा ियते थे औय
768
शभ
ु ाय घयों िा आज़ू़ा चरा यहे थे औय रत्ु फ़ मह है कि उन रोगों ति िो मह
(नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 136 प्रिालशत लभस्र)
इसी किताफ िे ऩष्ृ ठ 134 भें है कि आऩ हभेशा हदन बय योज़ा यखते औय यात
बय नभाज़ें ऩढ़ा ियते थे। अल्राभा ऽतीफे फादादी लरखते हैं कि आऩ फे इन्तेहा
एि शख़्स आऩिी फयाफय बफरा वजह फयु ाईमाॊ ियता था जफ आऩिो इसिा
769
इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.) की तिनीफात
उसिी तयफ़ भत
ु वज्जेह यहे हैं। आऩिी एि तसनीफ़ ज़जसिा ज़जक्र
ु़ अल्राभा चरऩी
फा हवारा हाकपज़
ु़ अफु नईभ असफ़हानी किमा है वह भसनदे इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़
2. झठ
ू औय ऽमानत िे अरावा भोलभन हय आदत इख़्तेमाय िय सिता है ।
770
खऱीफा हारून रिीद अब्फािी और हज़रत इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.)
ऩाॊच यफीउर अव्वर 170 हहजयी िो भेहदी िा फेटा अफू जाफ़य हारून यशीद
अब्फासी ऽरीफ़ाए वक़्त फनामा गमा। उसने अऩना वज़ीये आज़भ महीमा बफन
़ाज़ी ़ज़्ज़ाता िा दयजा हदमा। फा यवामत ज़ेहनी उसने अगयचे फाज़ अच्छे िाभ
इब्ने ऽल्दन
ू िा िहना है कि मह अऩने दादा भन्सयू दवाऩी िे नक़्शे ़दभ
ऽरीफ़ा है ज़जसने याग यागनी औय भौसी़ी िो शयीफ़ ऩेशा ़याय हदमा था। उसिी
इब्राहीभ भौसरी उसिा दयफायी था। हफीफ अर सैय भें है कि मह ऩहरा इस्राभी
फादशाह है ज़जसने भैंदान भें गें द फाज़ी िी औय शतयॊ ज िे खेर िा शौ़ किमा।
अहादीस भें है कि शतयॊ ज खेरना फहुत फड़ा गुनाह है । जाभेए अर अऽफाय भें है
कि जफ इभाभे हुसन
ै (अ.स.) िा सय दयफाये मज़ीद भें ऩहुॉचा था तो वह शतयॊ ज
भदऽूरा रौंड़ी ऩय आलश़ हो गमा। उसने िहा कि भैं तुम्हाये फाऩ िे ऩास यह
चि
ु ी हूॉ तुम्हाये लरमे हरार नहीॊ हूॉ। हारून ने ़ाज़ी अफू मस
ु फ़
ू से फ़तवा तरफ
771
किमा। उन्होंने िहा आऩ इसिी फात क्मों भानते हैं मह झठ
ू बी तो फोर सिती
अल्राभा स्मत
ू ी मह बी लरखते हैं कि फादशाह हारून यशीद ने एि रौंड़ी ऽयीद
िय उसिे साथ उसी यात बफरा इस्तेफया ज़जभआ (सम्बोग) ियना चाहा। ़ाज़ी अफू
मस
ु फ़
ू ने िहा कि इसे किसी रड़िे िो हहफा िय िे इस्तेभार िय लरज़जमे।
अल्राभा स्मत
ू ी िा िहना है कि इस फ़त्वे िी उजयत ़ाज़ी अफू मस
ु फ़
ू ने एि
हारून यशीद िा दयजा सादात िुशी भें भन्सयू िे िभ न था। उसने 176 हहजयी भें
हज़यत नफ़्से ज़किमा (अर यहभा) िे बाई महीमा िो दीवाय भें ज़जन्दा
ु़ चन
ु वा हदमा
भें रा िय ़ैद िय हदमा औय 183 हहजयी भें ज़हय से हराि िय हदमा। अल्राभा
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी ़ब्र भत
ु ाहय िी ज़भीन जुतवाई थी औय ़ब्र ऩय जो फेयी
िा दयख़्त फतौये ननशान भौजूद था उसे िटवा हदमा था। ज़जराउर उमन
ू औय
772
़म़्ाभ भें फाहवारा अभारी शेऽ तूसी भय़ूभ है कि जफ इस वा़ेए िी इत्तरा
ऩहऱी गगरफ़्तारी
भोहम्भद अफर
ु कपदा
ु़ लरखता है कि एनाने हुिूभत रेने िे फाद हारून यशीद ने
उनिे ऩास हय तयफ़ से भार चरा आता है । इत्तेफ़ा़ से एि योज़ हारून यशीद
िहने रगा तुभ ही हो ज़जनसे रोग छुऩ छुऩ िय फैमत ियते है । इभाभ भस
ू ा
िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ने फ़यभामा कि हभ हदरों िे इभाभ हैं औय आऩ ज़जसभों िे। कपय
से िहते हो कि हभ यसर
ू (स.अ.व.व.) िी ज़रु यक मत हैं हाराॊकि तभ
ु अरी िी
773
औराद हो औय हय शख़्स अऩने दादा से भन्
ु तलसफ होता है नाना से भन्
ु तलसफ नहीॊ
महमा व इसा” औय ज़ाहहय है कि हज़यत ईसा फे फाऩ िे ऩैदा हुए थे तो ज़जस तयह
नाज़जर
ु़ हुई तो भफ
ु ाहे रे िे वक़्त ऩैाम्फये ऽद
ु ा (स.अ.व.व.) ने लसवा अरी (अ.स.)
अल्राभा इब्ने ऽल़्ान लरखते हैं कि हारून यशीद हज ियने िे फाद भदीना
भन
ु व्वया आमा औय ज़्मायत ियने िे लरमे यौज़ा ए भ़
ु द्दे सा नफी (स. अ.) ऩय
हाज़जय
ु़ हुआ। उस वक़्त उसिे गगदक ़ुयै श औय दीगय ़फाएरे अयफ जभा थे, नीज़
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) बी साथ थे। हारून यशीद ने हाज़ेयीन ऩय
सराभ हो आऩ ऩय ऐ यसर
ू अल्राह (स. अ.) ऐ इब्ने अभ (भेये चचा जादु़ बाई)
774
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ने फ़यभामा कि सराभ हो आऩ ऩय भेये ऩदये
फज
ु ग
ु व
क ाय मह सन
ु िय हारून िे चेहये िा यॊ ग फ़़ हो गमा औय उसने हज़यत
इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो अऩने हभयाह रे जािय ़ैद िय हदमा।
अल्राभा इब्ने शहय आशोफ तहयीय फ़यभाते हैं कि ज़जस ज़भाने भें आऩ हारून
यशीद िे ़ैद ऽाने भें थे हारून ने आऩ िा इम्तेहान ियने िे लरमे नेहामत हसीन
तौफा ऱा तो इससे तुभ ही ऽुशी हालसर ियो। उसने हारून से वाकिमा
ु़ फमान
किमा। हारून ने िहा कि इसे रे जािय वहीॊ छोड़ आओ औय इब्ने जाफ़य से िहो
कि न भैंने तम्
ु हायी भयज़ी से ़ैद किमा औय न तम्
ु हायी भयज़ी से तम्
ु हाये ऩास मह
रौंड़ी बेजी है, भैं जो हुक्भ दॉ ू तुम्हे वह ियना होगा। अर ायज़ वह रौंड़ी हज़यत
775
हारून ने हुक्भ हदमा कि उसे इसिे साभने ऩेश किमा जाए, जफ वह आई तो
भझ
ु े तेयी क्मा ज़रूयत है । भैंने जफ उस लसम्त िो नज़य िी तो दे खा कि जन्नत
गगय ऩड़ी औय इफादत ियने ऩय भजफयू हो गई। ऐ फादशाह ! भैंने वह चीज़े िबी
सोने िी हारत भें ख़्वाफ न दे खा हो। उसने िहा ऐ फादशाह! ऐसा नहीॊ है भैंने
िो किसी भहफ़ूज़ भ़
ु ाभ ऩय ऩहुॉचा हदमा औय उसिे लरमे हुक्भ हदमा कि इसिी
फमान है कि इस वाकिमे
ु़ िे फाद वह ता हमात भशार
ू े इफादत यही औय जफ िोई
उसिी नभाज़ वाैयाह िे फाये भें िुछ िहता था तो मह जवाफ भें िहती थी कि
ऩहरे फ़ौत हो गई। (भनाक़फ इब्ने शहय आशोफ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 63)
776
़ैद ऽाने से आऩिी ये हाई आऩ ़ैद खानेु़ भें तिरीफ़ से दो चाय थे औय हय
किस्भ
ु़ िी सखखु़ ़्तमाॊ आऩ ऩय िी जा यही थीॊ कि नागाह फादशाह ने एि ख़्वाफ
(एि तयह िा हगथमाय) लरमे हुए तशयीफ़ रामे हैं औय फ़यभाते हैं कि भेये फ़यज़न्द
दे खते ही उसने ये हाई िा हुक्भ दे हदमा औय िहा कि अगय आऩ महाॊ यहना चाहें
तो यहहमे औय भदीना जाना चाहते हैं तो वहाॊ तशयीफ़ रे जाइमे आऩिो इख़्तेमाय
है ।
अल्राभा भसद
ू ी िा िहना है कि इसी शफ िो हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़
भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 122 प्रिालशत लभस्र) अल्राभा जाभी लरखते हैं कि भदीने यवाना ियते
व फाावत भेये शामाने शान नहीॊ है, ऽुदा िी ़सभ भैं ऐसा हयगगज़ नहीॊ िय
सिता। (शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 192)
777
हज़रत इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.) और अऱी बफन यक़तीन फग़दादी
ए भन
ु व्वया ऩहुॉचे औय फदस्तूय अऩने फ़याएज़े इभाभत िी अदामगी भें भशार
ू हो
ज़यफफ़त िा फना हुआ चोाा था ज़जस ऩय सोने िे तायों से पूर िढ़े हुमे थे औय
इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें बेज हदमा। आऩने उनिा हहदमा ़ुफर
ू
िाभ आमेगा जफ ‘‘ जान जोखभ ’’ भें ऩड़ी होगी। उन्होंने मह ख़्मार ियते हुए कि
778
खाई औय िहा कि आऩ ने ज़जस ़दय खखरअत
ु़ उन्हें दी है उन्होंने सफ िा सफ
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो दे हदमा है औय चॊकू ि वह लशमा हैं इस
इसी हारत भें गगयफ़्ताय िय राऐॊ ज़जस हार भें वह हों। अरायज़ इब्ने म़तीन
(शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 194)
कि चा
ु री ियने वारों िो एि हज़ाय िोड़े रगाए जाऐॊ चन
ु ान्चे जल्रादो ने भायना
शरू
ु किमा औय वह ऩाॉच सौ िोड़े खा िय भय गमा।
779
(नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 130)
अल्राभा तफयसी औय अल्राभा इब्ने शहय आशोफ लरखते हैं अरी बफन म़तीन
ने हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो एि ऽत लरखा ज़जसभें तहयीय किमा
कि हभाये दयलभमान इस अभय भें फहस हो यही है कि आमा भसह िाफ से असाफा
(उॊ गलरमों) ति होना चाहहमे मा उॊ गलरमों से िाफ ति, हुज़ूय इसिी वज़ाहत
िुल्री ियो, तीन भयतफा नाि भें ऩानी डारो, तीन भयतफा भह
ु धो अऩनी दाढ़ी
अच्छी तयह लबगो, साये सय िा भसा ियो, अन्दय फाहय िानों िा भसा ियो तीन
सभझते हुए भौराई आरभा फेभा ़ारा आऩने जो िुछ हुक्भ हदमा है उसिी
गहयाई औय उसिी वजह िा अच्छी तयह आऩिो इल्भ होगा। इस ऩय अभर ियना
शरू
ु िय हदमा।
780
भऽ
ु ालरफ़ है । एि हदन फादशाह ने अऩने ऽास भश
ु ीयों से िहा कि अरी बफन
भारभ
ू िरूॉगा कि वज़ू क्मों िय ियते हैं औय नभाज़ िैसे ऩढ़ते हैं। चन
ु ान्चे उसने
भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िा ऽत अरी बफन म़तीन िे ऩास ऩहुॉचा ज़जसभें भय़ूभ
हदमा है मानी अफ उल्टा वज़ू न ियना फज़ल्ि सीधा औय सही वज़ू ियना औय
होना चाहहए।
(अ.ि.) की फहमाईि
अल्राभा हुसन
ै बफन अब्दर
ु वहाफ तहयीय फ़यभाते हैं कि भोहम्भद बफन अरी
सफ़
ू ी िा फमान है कि इब्राहीभ जभार जो हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे
781
चाहा उन्होंने वक़्त न हदमा। उसी सार वह हज िे लरमे गमे औय हज िो हज़यत
इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) बी तशयीफ़ रे गमे इब्ने म़तीन हज़यत से लभरने िे
लरमे गमे उन्होंने लभरने से इन्िाय िय हदमा इब्ने म़तीन िो फड़ा ताअज्जफ
ु
हुआ। यास्ते भर
ु ा़ात हुई तो हज़यत ने फ़यभामा कि तुभ ने इब्राहीभ से भर
ु ािातु़
न लभरग
ू ाॉ जफ ति तुभ उनसे भाफ़ी न भाॊगोगे औय उन्हें याज़ी न ियोगे। इब्ने
म़तीन ने अजऱ् िी भौरा भैं भदीने भें हूॉ औय वह िूफ़े भें है , भेयी भर
ु ा़ात है
इस ऩय सवाय हो िय िूफ़ा िे लरमे यवाना हो चश्भें ज़दन भें वहाॊ ऩहुॉच जाओगे।
चन
ु ान्चे वह गमे औय ऊॉट ऩय सवाय हो िय िूफ़ा ऩहुॉच,े इब्राहीभ िे दयवाज़े ऩय
दक़़्ुरफाफ किमा। आवाज़ आई िौन है? िहा भैं इब्ने म़तीन हूॉ। उन्होंने िहा
तुम्हाया भेये दयवाज़े ऩय क्मा िाभ है? इब्ने म़तीन ने जवाफ हदमा, सख़्त
भस
ु ीफत भें भफ
ु नतरा हूॉ, ऽद
ु ा िे लरमे लभरने िा वक़्त दो। चन
ु ान्चे उन्होंने
वा़ेमा िह सन
ु ामा। इब्राहीभ जभार ने भाफ़ी दी। कपय इसी ऊॉट ऩय सवाय हो िय
भें हाज़जय
ु़ हुए। इभाभ ने कपय भाफ़ िय हदमा औय भर
ु ा़ात िा वक़्त दे िय
गुफ़्तुगू फ़यभाई।
782
(ऐनुर भोजेज़ात ऩष्ृ ठ 122 प्रिालशत भुल्तान)
हज़रत इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.) के हुक्म िे फादऱ का एक मदे
मह भस
ु ल्रभ है कि हज़यात भोहम्भद व आरे भोहम्भद, भोज़जज़ात ियाभात
औय उभयू े ऽय़ आदात भें मिताए िाएनात थे, यजअत शभस, शक़़्ुर ़भय औय
हज़यत अरी (अ.स.) िा एि गगयोह सभेत चादय ऩय फैठ िय ााये अस्हाफे िहफ़
फमान ियते हैं कि एि हदन हारून यशीद ने एि शख़्स िो तरफ किमा था अरी
ताऱान राए थे? िहा हाॉ। इसने िहा फताओ क्मा वा़ेआ है, मह क्मों िय
हुआ? ताऱानी ने िहा कि भैं किश्ती भें सवाय था नागाह जफ भेयी िश्ती
सभन्
ु दय िे इस भ़ाभ ऩय ऩहुॉची जो सफ से ज़्मादा गहया था तो भेयी िश्ती टूट
सभन्
ु द्र िी भौजों ने भझ
ु े ऽुश्िी भें पेंि हदमा। वहाॉ नहये औय फााात भौजूद थे,
भैं एि दयख़्त िे साए भें सो गमा। इसी असना भें भैंने एि ऽौफ़नाि आवाज़
सन
ु ी, डय िे भाये फेदाय हो गमा। कपय दो घोडो िो आऩस भें रड़ते हुए दे खा। ऐसे
783
ऽूफ सयू त घोड़े िबी नहीॊ दे खे थे। उन्होंने जफ भझ
ु े दे खा, सभन्
ु दय भें चरे गमे।
गमा। ऩहाड़ िे ााय िे ़यीफ भैं दयख़्त भें छुऩे हुए इसिे ़यीफ गमा ताकि इस
भजीद िी आवाज़ सन
ु ी। भैं ााय िे ़यीफ गमा। आवाज़ दे ने वारे ने आवाज़ दी ‘‘
ऐ अरी बफन सारेह ताऱानी ’’ ऽुदा तुभ ऩय यहभ िये । ााय भें अन्दय आ
जाओ। भैं ााय िे अन्दय चरा गमा, वहाॊ एि अज़ीभ शख़्स िो दे खा। भैंने सराभ
किमा, उसने जवाफ हदमा। कपय फ़यभामा कि ऐ बफन सारेह ताऱानी तुभ भादन
उर ़नज़
ू हो। बख
ू , प्मास औय ऽौफ़ िे इम्तेहान भें ऩास हुए हो। अल्राह
ताअरा ने तुभ ऩय यहभ किमा है, तुम्हें नजात दी है । तुम्हें ऩािीज़ा ऩानी वऩरामा
तम्
ु हायी िश्ती टूट गई कितनी दयू ति भौजों िे थऩेड़े खाती यही। तभ
ु ने अऩने
आऩ िो सभन्
ु दय भें गगयाने िा इयादा किमा, अगय ऐसा ियते तो खद
ु भौत िो
दावत दे ते। फड़ी भलु सफत उठाई। भैं उस वक़्त िो बी जानता हूॉ जफ तुभ ने नजात
ऩाई औय दो ऽूफ सयू त चीज़ें दे खीॊ। तुभ ने ऩरयन्दे िा ऩीछा किमा। जफ उसने
784
अल्राह ताअरा िा वास्ता दे िय ऩछ
ू ता हूॉ मह फताओ कि भेये हारात तुभ िो
फ़यभामा कि तभ
ु बख
ू े हो। भैंने अजऱ् िी फेशि बख
ू ा हूॉ। मह सन
ु िय आऩने
जो रयज़़् हदमा है आओ उसे खाओ। भैंने खाना खामा, ऐसा ऩािीज़ा खाना िबी न
खामा था कपय भझ
ु े ऩानी वऩरामा, भैंने ऐसा रज़ीज़ औय भीठा ऩानी िबी नहीॊ
घय जाना चाहते हो, भैंने अजऱ् कि भैं वतन से फहुत दयू हूॉ (चीन िे इरा़े भें
ऩडा हूॉ) भेयी भदद िौन िय सिता है औय भैं क्मो िय महाॉ से वतन जा सिता
हूॉ? उन्होंने फ़यभामा घफयाओ नहीॊ हभ अऩने दोस्तों िी भदद किमा ियते हैं। हभ
आने रगे औय ााय िे दयवाज़े िो घेय लरमे। जफ फादर उनिे साभने आमा तो
िा इयादा है औय किस ज़भीन िे लरमे तुभ बेजे गमे हो। उसने ज़भीन िा नाभ
785
ताऱान जाने िा हुक्भ हदमा गमा है । ऐ ऽुदा ए वहदहू रा शयीि िा इताअत
गज़
ु ाय अब्र ज़जस तयह अल्राह िी दी हुई चीज़ें उड़ा िय लरमे जा यहा है इसी तयह
इस फन्दाए भोलभन िो बी रे जा। जवाफ लभरा फ सयो चश्भ (सय आॊखों ऩय) कपय
गमा, कपय भेये फाज़ू िो ऩिड़ िय उस ऩय फैठा हदमा। फादर अबी उड़ने बी न
ऩछ
ू ता हूॉ कि आऩ मह फ़यभाइमे आऩ हैं िौन? आऩ िा इस्भे गेयाभी (नाभ) क्मा
वाकिमे
ु़ िो रोगों भें फमान न िय दे औय अज़भते आरे भोहम्भद औय वाज़े न हो
जाम।
786
हज़रत इमाम मूिा काजजम (अ.ि.) और फ़पदक के हुदद
ू े अरफा
अल्राभा मस
ु फ़
ू फादादी लसब्ते इब्ने जोज़ी हनफ़ी तहयीय फ़यभाते हैं कि एि
कपदि
ु़ ’’ रेना चाहें तो भैं दे दॉ ।ू आऩने फ़यभामा कि भैं जफ उसिे हुदद
ू फताऊगाॊ
तो तू उसे दे ने ऩय याज़ी न होगा औय भैं उसी वक़्त रे सिता हूॉ जफ उसिे ऩयू े
हुदद
ू हदमे जामें। उसने ऩछ
ू ा कि उसिे हुदद
ू क्मा हैं? फ़यभामा ऩहरी हद अदन है,
दस
ू यी हद सभय िन्द है तीसयी हद अफ़यी़ा है, चौथी हद सैफ़ अर फहय है जो
औय िहने रगा कपय हभाये लरमे क्मा है? हज़यत ने फ़यभामा कि इसी लरमे तो
(ऽवास अर उम्भता अल्राभा लसब्ते इब्ने जौज़ी ऩष्ृ ठ 416 प्रिालशत राहौय)
787
जफ उसे ज़या सा सि
ु ू न हुआ तो उसने अऩने आफाई जज़फात िो फरूए िाय राने
भभ
ु किन सयू त से उन्हें तफाह व फयफाद िय हदमा।
से एि िो बी ज़जन्दा
ु़ ना छोड़ा जाए।
हभीद इब्ने ़हतफा तूसी िा एि ऽत लरखते हैं। इब्ने ़हतफा िहते हैं कि भैं इस
िे साथ जाओ औय मह भेयी तरवाय हभयाह रेते जाओ, मह जो िहे वह ियो। भैं
इसिे हुक्भ से ार
ु ाभ िे साथ हो लरमा। ार
ु ाभ भझ
ु े एि ऐसे भिान भें रे गमा
फत
ु ूर िी औराद ़ैद थी। ार
ु ाभ ने एि िभये िा दयवाज़ा खोरा औय भझ
ु से
788
िहा कि इन सफ िो ़त्र िय िे इस िुएॊ भें डार दो, भैंने उन्हें ़त्र किमा औय
़त्र िय िे िुऐॊ भें डारो, भैंने उन्हें बी ़त्र किमा। भगय तीसया िभया खोरा
औय भझ
ु से िहा कि उन्हें बी ़त्र ियो। भैंने उन्हें बी ़त्र किमा। ऐ
अब्दल्
ु राह इन सफ भ़तूरों िी तादाद साठ थी। इनभें छोटे , फड़े, फढ़
ू े , जवान औय
सबी किस्भ
ु़ िे सादात थे। ऐ अब्दल्
ु राह जफ भैं आऽयी िभये िे ़ैदी सादात िो
औय क्मा खुदा िी फायगाह भें तुझे नहीॊ जाना है? मह तू क्मा िय यहा है । इसिा
िराभ सन
ु िय भेया हदर िाॉऩ गमा औय उन ऩय भेया हाथ न उठा। इतने भें
ार
ु ाभ ने भझ
ु े डाॉट िय िहा हुक्भे अभीय भें क्मों दे य ियता है । उसिे मह िहने
ऩय भैंने उन्हें बी तरवाय िे घाट उताय हदमा। अफ भेयी नभाज़ औय भेया यौज़ा
भझ
ु े क्मा फ़ामदा ऩहुॉचा सिता है ।
हज़रत इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.) की दोफारा गगरफ़्तारी
लशफरन्जी तहयीय फ़यभाते हैं कि 169 - 70 हहजयी भें हादी िे फाद हारून तख़्ते
खखराफ़त
ु़ ऩय फैठा। सरतनत अब्फासीमा िे ़दीभ यवामत जो सादात फनी फ़ात्भा
789
(स.अ.व.व.) िी भऽ
ु ारेफ़त भे थे इसिे ऩेशे नज़य थे। खुद इसिे फाऩ भन्सयू िा
नहीॊ होने हदमा था। अफ हारून िे लरमे उनभें से िोई फात भाने नहीॊ थी तख़्ते
भदीने भहल्रा फनी हालशभ भें ़ाएभ है तोड़ने िी िोलशश िी जाए भगय एि
तयफ़ इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िा भोहतात औय ऽाभोश तयज़े अभर औय
दस
ू यी सरतनत िी अन्दरू
ु नी भज़ु श्िरात उनिी वजह से 9 फयस ति हारून यशीद
िो बी किसी खर
ु े हुऐ तशद्दद
ु िा इभाभ िे खखराफ़
ु़ भौ़ा न लभरा।
हदमे जाने िे फाद तभाभ अहदो ऩैभान िो तोड़ िय ददक नाि तयी़े ऩय ़ैद यखे
िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो किसी तयह िा सयो िाय न था फज़ल्ि वा़ेमात से साबफत
790
अदावते फनी फ़ात्भा िा जज़फा जो माहहमा बफन अब्दल्
ु राह िी भऽ
ु ारेफ़त िे
इसिे खखराफ़
ु़ मह इल्ज़ाभ ़ाएभ किमा कि मह इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे
वाकिमा
ु़ ऩैदा हुआ कि हारून यशीद हज िे इयादे से भक्िा भोअज़्ज़भा भें आमा।
जो भस
ु रभानों भें इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे भत
ु ालऱ ऩाई जाती थी। इससे
इसिे हसद िी आग बी बड़ि उठी। इसिे फाद इसभें भोहम्भद बफन इस्भाईर िी
भऽ
ु ारेफ़त ने औय इज़ाफ़ा िय हदमा वा़ेमा मे है कि इस्भाईर इभाभ जाफ़ये
गमे भगय उनिा इन्ते़ार इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे ज़भाने भें ही हो गमा
791
औय रोगों िा ख़्मार ारत साबफत हुआ कपय बी फाज़ सादा रौह असहाफ इस
भन
ु हालसय है । उन्होंने इभाभ हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी इभाभत िो
़ुफर
ू नहीॊ किमा चन
ु ान्चे इस्भाईलरमा कपयिा
ु़ ु़ फन गमा भख़्
ु तसय तादाद भें सही
भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) से एि तयह िी भऽ
ु ारेफ़त ऩहरे से यखते थे। भगय चॊकु ि
हुए थे।
ियते हुए माहहमा फय भक्िी से भशववया लरमा कि भैं चाहता हूॉ कि औरादे अफू
िरूॊ। माहहमा जो ऽद
ु अदावत फनी फ़ात्भा भें हारून से िभ न था इसने भोहम्भद
हारात भारभ
ू हो सिेंगे चन
ु ान्चे उसी वक़्त भोहम्भद बफन इस्भाईर िे नाभ ऽत
लरखा गमा।
792
शहनशाहे वक़्त िा ऽत जो भोहम्भद बफन इस्भाईर िो ऩहुॉचा तो उसने अऩनी
दनु नमाॊवी िाभमाफी िा फेहतयीन ज़रयमा सभझ िय फ़ौयन फादाद जाने िा इयादा
िय लरमा भगय इन हदनों हाथ बफल्िुर ऽारी थे, इतना रूऩमा ऩैसा भौजद
ू न था
कि साभाने सफ़य ियते भजफयू त इसी डेवढी ऩय आना ऩड़ा जहाॊ ियभ व अता भें
सफ़य िा ऩस भन्ज़य औय इसिी फनु नमाद क्मा है । हुज्जत तभाभ ियने िी ायज़
से आऩ ने सफ़य िा सफफ दयमाफ़्त किमा। उन्होंने अऩनी ऩये शान हारी फमान
ियते हुए ़ज़कदाय फहुत हो गमा हूॉ कि शामद वहाॊ जा िय िोई सयू त फसय
अव़ात िी ननिरे औय भेया ़ज़ाक अदा हो जाए। हज़यत ने फ़यभामा वहाॊ जाने िी
ज़रूयत नहीॊ है, भैं वादा ियता हूॉ कि तुम्हाया ़ज़ाक अदा िरूगाॊ औय जहाॊ ति
इसिे फाद फादाद जाने िा इयादा नहीॊ फदरा। चरते वक़्त हज़यत से रूऽसत होने
हज़यत ने फ़यभामा् फस इतना ख़्मार यखना कि भेये ऽून भें शयीि न होना औय
उसिे अरावा िुछ िहने से इन्िाय किमा। जफ वह चरने रगे तो हज़यत ने साढ़े
793
चाय सौ दीनाय औय ऩन्द्रह सौ हदयहभ उन्हें भसारयफ़े सफ़य िे लरमे अता फ़यभामें।
नतीजा वही हुआ जो हज़यत िे ऩेशे नज़य था। भोहम्भद बफन इस्भाईर फादाद
ऩहुॉचे औय वज़ीये आज़भ फय भक्िी िे भेहभान हुए। उसिे फाद महीमा िे साथ
हारून िे दयफाय भें ऩहुॉच।े भसरेहते वक़्त िी बफना ऩय फहुत ताज़ीभो तियीभ िी
उसने िहा ! कि इसिा क्मा भतरफ? भोहम्भद ने िहा कि बफल्िुर उसी तयह
आऩिे भ़
ु ाफरे िे दावे दाय हैं। उन्होंने फीस हज़ाय अशयपी िी एि ज़भीन ऽयीदी
है ज़जसिा नाभ ‘‘ सैरयमा ’’ है । (लशफरन्जी) मही फाते थीॊ ज़जनिे िहने िे लरमे
फ़ामदा उठाने िा एि हदन बी भौ़ा नहीॊ लभरा इसी शफ िो उनिे हऱ भें ददक
794
लरमे भगय भोहम्भद िी फातों िा असय उसिे हदर ऩय ऐसा जभ गमा था कि
ए यसर
ू (स.अ.व.व.) ऩय हैं। उन रोगों ने यौज़ा ए ऩैाम्फय (स.अ.व.व.) िी इज़्ज़त
भदीना ए यसर
ू (स.अ.व.व.) िे यहने वारों भें फे हहसी इसिे ऩहरे बी फहुत
दफ़ा दे खी जा चि
ु ी थी। मह बी इसिी एि लभसार थी कि यसर
ू (स. अ.) िे
(अ.स.) िो सवाय ियामा औय उसिो एि फहुत फड़े फ़ौजी दस्ते िे हल़्े भें फसये
795
यवाना किमा औय दस
ू यी भहलभर जो ऽारी थी उसे बी इतनी ही तादात िी
़ैद िी जगह िो बी भश़ूि फना हदमा जाए। मह ननहामत हसयत नाि वाकिमा
ु़
अचानि भहर सया भें लसफ़क मह इत्तेरा ऩहुॉच सिी कि हज़यत सरतनते वक़्त िी
तयफ़ से ़ैद िय लरमे गमे हैं। इससे फीववमों औय फच्चों भें िोहयाभ फयऩा हो गमा
भगय आऩिे ज़ब्तो सब्र िी ता़त िे साभने हय भज़ु श्िर आसान थी।
भारभ
ू नहीॊ कितने हे य पेय से मह यास्ता तम किमा गमा था कि ऩयू े एि भहीने
फसये भें ़ैद यहे । महाॊ िा हाकिभ हारून िा चचा ज़ाद बाई ईसा बफन जाफ़य था।
शरू
ु भें तो उसे लसफ़क फादशाह िे हुक्भ िी ताभीर भद्दे नज़य थी फाद भें उसने
भत
ु ारेआ किमा उतना उसिे हदर ऩय आऩिी फरन्दीए इऽरा़ औय हुसन
ै कियदाय
िा असय िामभ
ु़ होता गमा। अऩने इन असयात से उसने हारून िो भत्त
ु रा बी
किमा। हारून ऩय इसिा उल्टा असय हुआ। ईसा िे फाये भें फदगुभानी ऩैदा हो गई
796
इस लरमे उसने इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो फादाद भें फर
ु ा बेजा औय फ़ज़र
बफन यफी िी हहयासत भें दे हदमा औय कपय फ़ज़र िा रूझान लशअत िी तयफ़
भहसस
ू ियिे महीमा फय भक्िी िो उसिे लरमे भ़
ु यक य किमा।
भारभ
ू होता है कि इभाभ िे इख़्रा़ औय अवसाफ़ िी िलशश हय एि ऩय
(भनाक़फ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 68 व आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 180, िशफ़र ाम्भा ऩष्ृ ठ 108, नूरूर
अल्राभा लशब्रनजी लरखते हैं कि ज़जस ज़भाने भें आऩ हारून यशीद िे ़ैद
ऽाने भें सखखु़ ़्तमाॊ फयदाश्त फ़यभा यहे थे इभाभ अफू हनीफ़ा िे शागगकद यशीद अफू
मस
ु फ़
ू औय भोहम्भद बफन हसन एि शफ ़ैद ऽाने भें इस लरमे गमे कि आऩिे
797
आऊॉगा अगय िुछ भॊगाना हो तो भझ
ु से फ़यभा दीज़जमे भैं रेता आऊॉगा। आऩने
इयशाद फ़यभामा भझ
ु े किसी चीज़ िी ज़रूयत नहीॊ। जफ वह चरा गमा तो आऩने
अफू मस
ु फ़
ू वाैया से िहा कि मह फेचाया भझ
ु से िहता है कि भैं उस से अऩनी
तो सवार जवाफ िे फाैय ही वाऩस चरे आमे औय आऩस भें िहने रगे कि हभ
रगामा तो भारभ
ू हुआ कि वह नागहानी तौय ऩय यात ही भें वफ़ात िय गमा। मह
भारभ
ू ियिे इन हज़यात िो सख़्त ताअज्जुफ हुआ।
(अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें हाज़जय
ु़ हो िय अज़क ऩयदाज़ हुए कि हभें भारभ
ू था कि
आऩिो लसफ़क इल्भे हरारो हयाभ भें ही भहायत हालसर है रेकिन ़ैद ऽाने िे
भर
ु ाज़जभ
ु़ िे वाकिमे
ु़ ने वाज़े िय हदमा कि आऩ इल्भ अर भनामा औय इल्भे ाैफ
798
तारीभ हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स. अ.) ने हज़यत अरी (अ.स.) िो दी थी औय
हज़रत इमाम मि
ू ा काजजम (अ.ि.) की िहादत
अल्राभा लशब्रन्जी लरखते हैं कि जफ हारून यशीद ने फसये भें एि सार ़ैद
(इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िो ़त्र िय िे फादशाह िो उनिे वज
ु द
ू से सि
ु ून
फादशाह इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) भें भैं ने एि सार िे अन्दय िोई फयु ाई नहीॊ
िे लरमे दआ
ु ए ऽैय किमा ियते हैं औय भल्
ु ि िी फ़राह व फहफद
ू िे ख़्वाहहश
आ़ेफत बफगाड़ू।ॊ
ऐ फादशाह ! भैं उनिे ़त्र ियने भें अऩने अन्जाभ औय अऩनी आ़ेफत िी
बफन शाहि िे हवारे किमा औय इसी से आऩिो ज़हय हदरवा िय शहीद िया
799
हदमा। ज़हय खाने िे फाद आऩ तीन योज़ ति तड़ऩते यहे , महाॊ ति कि वफ़ात ऩा
गमे।
हदमा गमा है िर भेया फदन ज़दक हो जामेगा औय तीसये योज़ िारा हो जामेगा औय
(शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 193)
अल्राभा इब्ने हजये भक्िी लरखते हैं कि हारून यशीद ने आऩिो फादाद भें ़ैद
िटवाई गई। आऩिी वफ़ात हारून यशीद िे ज़हय से हुई जो उसने सन्दी इब्ने
शाहि िे ज़रयमे से हदरवामा था। जफ आऩिो खाने मा ऽयु भा भें ज़हय हदमा गमा
(अऽफारूर ऽर
ु फ़ा)
अल्राभा अफर
ु कपदा
ु़ लरखते हैं कि ़ैद खानेु़ यशीद भें आऩने वफ़ात ऩाई।
(अफुर कपदा
ु़ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 151)
800
अल्राभा दामये फियी लरखते हैं कि आऩिो हारून यशीद िे हुक्भ से महीमा
इब्ने ऽालरद फय भक्िी वज़ीये आज़भ ने ऽयु भे भें ज़हय दे िय शहीद िय हदमा।
अल्राभा जाभी लरखते हैं कि आऩिो हारून यशीद ने फादाद भें रा िय ता उम्र
(शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 193)
अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि आऩिो िई भयतफा ज़हय हदमा गमा
सख़्त फाज़ ऩस
ु क िी। (ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 173)
(भतारेफर
ु सऊ
ु र ऩष्ृ ठ 282, अराभ अर वया ऩष्ृ ठ 171 व शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 192,
ु़
नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 137 वगैयह) अऩने 14 सार हारून यशीद िे ़ैद ऽाने भें गुज़ाये ।
801
लभज़ाक दफीय िहते हैं
ज़जन्दान
ु़ भें जवानी व ऩीयी गज़
ु य गई।।
ननिार िय फादाद िे ऩर
ु ऩय डार दी गई औय नेहामत तौहीन आभेज़ अरफ़ाज़
भें आऩिे औय आऩिे भानने वारों िो माद किमा गमा रोग अगयचे फादशाह िे
ऽौफ़ से नभ
ु ामा तौय ऩय भज़हभत िी जुयअत ना ियते थे ताहभ एि गगयोह ने
ज़जसिे सयदाय सर
ु ेभान बफन जाफ़य इब्ने अफी जाफ़य थे हहम्भत िी औय नाअशे
भफ
ु ायि दश्ु भनों से छीन िय ास्
ु रों िफ़न िा फन्दो फस्त किमा। ढ़ाई हज़ाय िा
किभती
ु़ िफ़न हदमा, ज़जस ऩय ऩयू ा ़ुयआन लरखा हुआ था। नेहामत तुज़ुि व
ऩहुॉच।े हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) नभाज़ व दफ़न िे लरमे भदीना से फ ऐजाज़
ऩहुॉच चि
ु े थे। आऩने नभाज़ ऩढ़ाई औय अऩने वालरदे भाज़जद िो सऩ
ु द
ु े ऽाि
फ़यभामा।
(आराभर
ु वयु ा ऩष्ृ ठ 170 अनवाये नोभाननमा ऩष्ृ ठ 127 ज़जन्नात अर ऽरद
ू ऩष्ृ ठ 130
802
तदफ़ीन िे फाद हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) वाऩस भदीना तशयीफ़ रे गए।
(ज़जराउर उमन
ू ऩष्ृ ठ 276)
ख़्वाफ भें आगाह किमा। उसने दे खा कि भ़फये भें आग रगी हुई है औय इससे
धआ
ु ॊ फ़ैर यहा है औय फदफू पैर यही है, सफ
ु ह िो उसने फादशाहे वक़्त िो फाऽफय
तादादे औऱाद
सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 122 भें है कि आऩिे 37 औराद थीॊ। अल्राभा तफयसी,
803
1.हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.), 2. इब्राहीभ, 3. अब्फास, 4. ़ालसभ, 5. इस्भाईर,
अब्दल्
ु राह, 13. इस्हा़, 14. अफीद अल्राह, 15. ज़ैद, 16. हसन, 17. फ़ज़र,
18. हुसन
ै , 19. सर
ु भ
ै ान, 20. फ़ात्भा, 21. िुफया, 22. रू़य्मा, 23. आरीमा, 24.
रू़य्मा सा
ु या, 25. िुरसभ
ू , 26. उम्भे जाफ़य, 27. रफाह, 28. ज़ैनफ, 29.
ऽतीजा, 30. आरीहा, 31. आभना, 32. हुसना, 33. फयमह, 34. उम्भे सरभा,
35. भैभन
ू ा, 36. उम्भे िुरसभ
ू , 37. उम्भे अफीहा व ब़़ौरे उम्भे अब्दल्
ु राह व
(आराभर
ु वयु ा ऩष्ृ ठ 181 िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 103, इयशाद ऩष्ृ ठ 330, नरू
ू र
804
अफु जाफर हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.)
हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) ऩैाम्फये इस्राभ हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा
ग्मायवीॊ िड़ी थे। आऩिे वालरदे भाज़जद वरी अहदे सरतनते अब्फासीमा ायीफर
ु
ायु फा शहीदे जफ़ा इभाभ यज़ा (अ.स.) थे औय आऩिी वारदा भाजदा जनाफे
805
भायमा क़फनतमा मानी वारदा जनाफे इब्राहीभ बफन यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िी
इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) अऩने आफाओ अजदाद िी तयह, इभाभ भन्सस
ू ,
भासभ
ू , इभाभे ज़भाना औय अफ़ज़रे िाएनात थे। आऩ जुभरा लसफ़ाते हुस्ना भें
िान साीय अरसन फ़हू िफीय अर ़दय, यफ़ीह अरज़िय ’’ इभाभ (अ.स.)
फर
ु न्द तज़किया फय सये नोि ज़फान था। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 195)
अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते हैं कि ‘‘ भ़
ु ाभे वै बफसमाय फर
ु न्द अस्त
438)
फद
ू ा ’’ इल्भ व फ़ज़र, अदफ व हहिभत भें इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िो वह
िभार हालसर था जो किसी िो बी नसीफ ना था। (यौज़तुर ऩष्ृ ठ ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 16)
806
अल्राभा लशफरन्जी लरखते हैं कि इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िभ लसनी िे
फावजद
ू फ़ज़ाएर से बय ऩयू थे ‘‘ व भन
ु ़फमे िसीया ’’ औय आऩिे भनाक़फ व
भदामह फेशभ
ु ाय हैं। (नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 145)
फ़ाएज़ थे ज़जन ऩय आऩिे लसन औय उभय िे सादात औय ाैय सादात भें से िोई
फर
ु न्दी ए भन्ज़ेरत िा ज़ज़क्र ियते हुए तहयीय फ़यभाते हैं। ‘‘ भशाममऽ अहरे
फ़ज़ाएर व िभारात भें आऩिी फयाफयी नहीॊ िय सिते थे। (इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 474)
जभ
ु ा फाभ़
ु ाभ भदीना भन
ु व्वया भें भोतावज़ल्रद हुम ऐ। (यौज़ातर
ु अर ऩष्ृ ठ ज़जल्द 2
ऩष्ृ ठ 16 व शवाहे दन
ु नफूअत ऩष्ृ ठ 204 व अनवाये नोभानी ऩष्ृ ठ 127)
807
अल्राभा मगाना जनाफे शेऽ भफ़
ु ीद (य. अ.) फ़यभाते हैं, चॊकू ि हज़यत इभाभ
यज़ा (अ.स.) िे िोई औराद आऩिी ववरादत से ़ब्र न थी इस लरमे रोग ताना
इनाएत से भत
ु ाअज़ल्ऱ है उसे भझ
ु े साहे फे औराद किमा है औय अॊ़यीफ भेये महाॊ
अल्राभा तफयीसी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) ने इयशाद फ़यभामा
था कि भेये महाॊ जो फच्चा अॊ़यीफ ऩैदा होगा वह अज़ीभ फयितों िा हालभर होगा।
िय िहा कि आज तभ
ु भेये घय भें ़माभ ियो क्मों कि ऽैज़यान िे फतन से आज
यात िो ऽुदा भझ
ु े एि फ़यज़न्द अता फ़यभामेगा। भैंने ऽुशी िे साथ इस हुक्भ िी
फयु ीदा हैं। ववरादत िे फाद भैंने नहराने िे लरमे तश्त भें फैठामा। इस वक़्त जो
808
गचयाा यौशन था गुर हो गमा भगय कपय बी उस हुजये भें यौशनी फ दस्तूय यही
औय इतनी यौशनी यही कि भैंने फच्चे िो आसानी से नहरा हदमा। थोड़ी दे य भें भेये
बाई इभाभ यज़ा (अ.स.) बी वहाॊ तशयीफ़ रे आए। भैंने ननहामत उजरत िे साथ
साहफ ज़ादे िो िऩड़े भें रऩेट िय हज़यत िी आाोश भें दे हदमा। आऩने सय औय
त़ी (अ.स.) िी आॊखें फन्द यहीॊ हैं तीसये हदन जफ आॊखें खुरी तो आऩने सफ से
ऩहरे आसभान िी तयफ़ नज़य िी, कपय दाहहने फाऐ दे ख िय िरभा ए शहादतैन
वा़ेमा अऩने बाई से फमान किमा। आऩने फ़यभामा, ताअज्जुफ न ियो, मह भेया
ज़हूय ऩज़ीय हों, उनभें ताअज्जुफ क्मा। भोहम्भद बफन अरी ना़ीर हैं, हज़यत
इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे दोनों िॊधों िे दयलभमान इसी तयह भोहये इभाभत
थी ज़जस तयह दीगय आइम्भा (अ.स.) िे दोनों िॊधो िे दयलभमान भोहयें हुआ
इभाभ यज़ा (अ.स.) ने भोहम्भद यखा। आऩिी िुज़न्नमत अफु जाफ़य औय आऩिे
809
अऱाफ जवाद, िानेह, भत
ु ज़
ुक ा थे औय भशहूय तयीन ऱफ त़ी था। (यौज़तुर अर
फादिाहाने वक़्त
हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी ववरादत 195 हहजयी भें हुई। इस वक़्त
फादशाहे वक़्त, अभीन इब्ने हारून यशीद अब्फासी था। (दकफ़मात अर अमान) 198
218 हहजयी भें भोतलसभ अब्फासी ऽरीफ़ाए वक़्त ़याय ऩामा। (अफुर कफ़दा) इसी
भोतलसभ ने सन ़् 220 हहजयी भें आऩिो ज़हय से शहीद िया हदमा। (वसीरतुन
नजात)
सिा। आऩिो लसफ़क ऩाॊचवा फयस था जफ हज़यते इभाभ यज़ा (अ.स.) भदीने से
ऽुयासान िी तयफ़ सफ़य ियने ऩय भजफयू हुए। इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) उस
810
वक़्त से जो अऩने फाऩ से जुदा हुए तो कपय ज़ज़न्दगी भें भर
ु ा़ात िा भौ़ा न
(अ.स.) िी शहादत हो गई। दनु नमाॊ सभझती होगी कि इभाभ भोहम्भद त़ी
यहा इस लरमे अफ इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी इल्भी भस्नद शामद ऽारी
िे आगे एि भऽसस
ू ऽुदा वन्दी भदक सा तारीभ व तयफीअत िे ़ाएर न होते
होते हैं। उन्होंने सयवये िाएनात िी तयह िबी किसी िे साभने ज़ानए
ू तल्रभज़
ु
811
वासऱदे माजजद के िाया ए आजत्फयत िे महरूमी
मॊू तो उभभ
ू ी तौय ऩय किसी िे फाऩ िे भयने से सामा ए आनतफ़त से भहरूभी
हुआ ियती है रेकिन हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) अऩने वालरदे भाज़जद
भाज़जद हज़यते इभाभ यज़ा (अ.स.) िो अऩनी लसमासी ायज़ िे तहत भदीने से
फच्चे भदीने ही भें यहें गे। ज़जसिा नतीजा मह हुआ कि आऩ सफिो हभेशा िे लरमे
भाभन
ू यशीद िे हाथों ही शहीद हो िय दनु नमाॊ से रूऽसत हो गए।
हदर िा सि
ु ू न जाता यहा औय सफ िे सफ अऩने िो ज़ज़न्दा दय गोय सभझते यहे ।
बफर आखखय
ु़ मह नौफत ऩहुॉची कि आऩिी हभशीया जनाफे फ़ात्भा जो फाद भें
भासभ
ू ा ए ़ुभ िे नाभ से भर
ु क़़्फ हुईं इन्तेहाई फेचन
ै ी िी हारत भें घय से
किसी तयह अऩने बाई अरी यज़ा (अ.स.) से लभरें रेकिन एि यवामत िी बफना
ऩय आऩ भदीने से यवाना हो िय जफ भ़
ु ाभे वसावा भें ऩहुॉची तो अरीर हो गईं।
812
आऩने ऩछ
ू ा महाॊ से ़ुभ कितनी दयू है? रोगों ने िहा कि महाॊ से िुभ
ु़ िी
भसाफ़त दस 10 फ़यसऽ हैं। आऩने ख़्वाहहश ज़ाहहय िी किसी सयू त से वहाॊ ऩहुॉचा
दी जामें। चन
ु ान्चे आऩ आरे साद िे यईस भस
ू ा बफन ऽज़यज िी िोलशश से वहाॊ
ऩहुॉची औय उसी िे भिान भें 17 हदन फीभाय यह िय अऩने बाई िो योती ऩीटती
लरमे िारे िारे अरभों िे सामे भें लरमे जा यहे थे। आऩ ़ुभ आ िय वफ़ात ऩा
गईं। हज़यते इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) िी जुदाई
क्मा िभ थी कि उस ऩय भस्
ु तज़ाद अऩनी पुपी िे साए से बी भहरूभ हो गए।
िा भ़
ु ाफेरा ियना ऩड़ा औय आऩ सब्रो ज़ब्त िे साथ हय भस
ु ीफत िो झेरते यहे ।
मामन
ू रिीद अब्फािी और हज़रते इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) का
813
इल्ज़ाभ साबफत न हो सिे मा इस लरमे कि वह इभाभ यज़ा (अ.स.) िी वरी
कि वरी अहद िे फ़यज़न्द इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे साथ िये गा। उसे
(अ.स.) िी तयफ़ तवज्जो िी दावत दे यही थी। फहयहार जो फात बी हो। उसने
फर
ु ामा जाए। जो इभाभ यज़ा (अ.स.) िी शहादत िे फाद ऩाऐ तख़्त फनामा जा
चि
ु ा था चन
ु ान्चे दावत नाभा इयसार किमा औय उन्हें इसी तयह भजफयू िय िे
फर
ु ामा ज़जस तयह इभाभ यज़ा (अ.स.) िो फर
ु वामा था। ‘‘ हुक्भे हाकिभ भगे
इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) ज़जनिी उम्र उस वक़्त त़यीफन 9 सार िी थी।
भगय इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) अऩनी जगह ऩय खड़े यहे । जफ भाभन
ू िी
सवायी वहाॊ ऩहुॉची तो उसने इभाभ हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) से
भऽ
ु ानतफ हो िय िहा कि साहफ ज़ादे सफ रड़िे बाग गए तो तभ
ु क्मों नहीॊ बागे।
814
उन्होंने फेसाख़्ता बफरा ताअम्भर
ु जफाव हदमा भेये खड़े यहने से यास्ता तॊग न था,
हुसने ज़न है कि तभ
ु फेगन
ु ाह िो ज़यक नहीॊ ऩहुॉचाते। भाभन
ू िो हज़यत इभाभ
भोहम्भद त़ी (अ.स.) िा अन्दाज़े फमान फहुत ऩसन्द आमा। इसिे फाद भाभन
ू
वहाॊ से आगे फढ़ा। उसिे साथ लशिायी फाज़ बी थे जफ आफादी से फाहय ननिर
दे ख िय भाभन
ू फहुत भत
ु ाअज़ज्जफ हुआ। थोड़ी दे य भें जफ वह इसी तयह रौटा तो
आमा, तो भठ्
ु ठी फन्द िय िे िहने रगा, साहफ ज़ादे फताओ भेये हाथ भें क्मा है?
उन्होंने फ़यभामा अल्राह ताअरा ने अऩने दरयमा ए ़ुदयत भें छोटी भछलरमाॊ ऩैदा
अरी बफन भस
ू ा यज़ा (अ.स.) िे फ़यज़न्द हो। कपय उनिो अऩने साथ रे गमा।
815
मह वाक़मा हभायी बी फाज़ किताफों भें है , इस वाक़मे िे लसरलसरे भें ज़जन
किताफों िा हवारा हदमा है उनभें ‘‘ इन्नल्रहा ऽऱ फ़ी फहये िुदु़ यताहू सभािन
साायत ’’ भन्
ु दरयज है । अरफत्ता फाज़ िुतफ
ु भें ‘‘ फैन अर सभाआ व अर हवाअन
1. जहाॊ ति भझ
ु े इल्भ है गहये से गहये दरयमा िी इन्तेहा किसी सतह अयज़ी
ऩय है ।
2. फ़ौर अल्राभा भजलरसी दरयमा ऐसे हैं ज़जनसे अब्र छोटी भछलरमों िो उड़ा
816
़ुदयत ऽुदावन्दी से लशिाय िय िे रामा है औय आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िा
इम्तेहान रेता है ।
(अ.स.) िो वरी अहद फनामा जाना ही ना ़ाबफरे फदाकश्त था। इभाभ यजा ु़ (अ.स.)
अऩने हस्फ हदरख़्वाह तसरीभ िय लरमा गमा। इसिे अरावा इभाभ यज़ा (अ.स.)
भऽसस
ू यहे । मह सफ फातें अब्फासीमों िे म़ीन हदरा यहीॊ थी कि वह भाभन
ू ऩय
ऩयू ा ़ाफू ऩा चि
ु े हैं, भगय अफ भाभन
ू िा मह इयादा कि वह इभाभ भोहम्भद त़ी
उन्होंने साफ़ साफ़ िहा कि इभाभ यज़ा (अ.स.) िे साथ जो आऩने तयीऽा
817
इख़्तेमाय किमा, वही हभ िो ना ऩसन्द था। भगय वह ऽैय िभ अज़ िभ औसाफ़
उन िे फेटे भोहम्भद तो अबी बफल्िुर िभ लसन हैं। एि फच्चे िो फड़े फड़े उरभा,
भव
ु ज़्ज़ेज़ीन ऩय तयजीह दे ना औय इस ़दय इसिी इज़्ज़त ियना हय गगज़ ऽरीफ़ा
िे लरए ज़ेफा नहीॊ है कपय उम्भे हफीफा िा ननिाह जो इभाभ यज़ा िे साथ किमा
गमा था, उससे हभ िो क्मा फ़ामदा ऩहुॉचा जो उम्भे अफ़ज़र िा ननिाह भोहम्भद
भाभन
ू ने तभाभ त़यीय िा मह जवाफ हदमा कि भोहम्भद िभलसन ज़रूय हैं
भगय भैंने ऽूफ अन्दाज़ा िय लरमा है, औसाफ़ औय िभारात भें वह अऩने फाऩ िे
ु़
ऩयू े जानशीन हैं औय आरभे इस्राभ िे फडे फड़े उरभा ज़जनिा तुभ हवारा दे यहे
मह लसफ़क भन्
ु सेफ़ाना जवाफ ही नहीॊ, फज़ल्ि एि तयह िा चैरेन्ज था ज़जस ऩय
फड़े फड़े फ़़ीहों भें है । इस लरमे इसिा फ़ैसरा ऽुद िुछ िभ व़त न यखता था,
818
महमा बफने अक्सभ िो इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) से फहस िे लरमे भन्
ु तऽफ
किमा। भाभन
ू ने एि अज़ीभश्ु शान जरसा इस भनाज़ज़ये िे लरमे भन
ु अक़द किमा
भ़
ु ाफरे िे दे खने िा भश्ु ता़ हो गमा। ज़जस भें एि तयफ़ एि नौ फयस िा फच्चा
था औय दस
ू यी तयफ़ एि आभद
ू ािाय आयै शोया ए अफ़ा़ ़ाज़ज़उर िुज़्ज़ाज़त। इस
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि अयिाने दौरत औय भोअज़्ज़ेज़ीन िे अरावा इस
बफर ऽुसस
ू इल्भी तयक़़्ी िे ऐतफाय से ज़यी दौय था औय फादाद दारूर सरतनत
भाभन
ू ने हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे लरमे अऩने ऩहरू भें भसनद
थी। हय तयफ़ िालभर सन्नाटा था भजभा हभातन चश्भ व गोश फना हुआ गुफ़्तुगू
शरू
ु होने िे वक़्त िा भन्
ु तज़ज़य ही था ज़ िइस ऽाभोशी िो महहमा िे इस सवार
819
हज़यत ने फ़यभामा ऐ माहहमा ऐ माहहमा तुभ जो ऩछ
ू ना चाहते हो ऩछ
ू सिते
हो। महहमा ने िहा मह फ़यभाईमे कि हारते एहयाभ भें अगय िोई शख़्स लशिाय
िये तो इसिा क्मा हुक्भ है? इस सवार से अन्दाज़ा होता है कि महहमा हज़यत
अऩने ारू
ु ये इल्भ औय ज़जहारत से मह सभझता था कि मह िभलसन साहफ ज़ादे
इभाभ (अ.स.) ने इसिे जवाफ भें इस तयह सवार िे गोशों िी अरग अरग
तहरीर फ़यभाई ज़जससे फाैय िोई जवाफ अस्र भसरे िा हदए हुए आऩिे इल्भ
ऽुद बी अऩने िो सफ
ु ि
ु ऩाने रगा औय तभाभ भजभे िो बी इसिा सफ
ु ि
ु होना
भहसस
ू होने रगा। आऩने जवाफ भें फ़यभामा: महहमा तभ
ु हाया सवार बफल्िुर
भफ
ु हभ है औय भोहभर है । सवार िे ज़ैर भें मह दे खने िी ज़रूयत है कि लशिाय
हहर भें था कि हयभ भें । लशिाय ियने वारा भसरे से वाक़फ़ था मा ना वाक़फ़
था। इसने अभदन जानवय िो भाय डारा मा धोखे से ़त्र हो गमा। मा वह शख़्स
आज़ाद था मा ार
ु ाभ, िभलसन था मा फालरा, ऩहरी भयतफा ऐसा किमा था मा
820
मा फड़ा। वह अऩने फ़ेर ऩय इसयाय यखता है मा ऩशेभान है । यात िो मा ऩोशीदा
उसिी नज़य थी। इन िसीउत्ताए दाद लश़ों िे ऩैदा ही ियने से ऽूफ सभझ गमा
कि उनिा भ़
ु ाफेरा भेये लरए आसान नहीॊ है उसिे चेहये ऩय ऐसी लशिस्तगी िे
आसाय ऩैदा हुए ज़जनिा तभाभ दे खने वारों ने अन्दाज़ा िय लरमा उसिी ज़फान
भाभन
ू उसिी िैकफ़मत िा सही अन्दाज़ा िय िे उससे िुछ िहना फेिाय सभझा
ऐसा लशिाय हयभ भें किमा है तो दो फिरयमाॊ हैं औय अगय किसी छोटे ऩरयन्दे िो
हो। िफ़्फ़ाया दे गा, औय अगय हयभ भें लशिाय किमा हो तो उस ऩरयन्दे िी ़ीभत
821
औय एि दम्
ु फा िफ़्फ़ाया दे गा औय अगय वह लशिाय चौऩामा हो तो उसिी िई
हहर भें लशिाय किमा हो रेकिन अगय हयभ भें किमा हो तो मही िफ़्फ़ाये दग
ु ने
होगा। हाॊ बर
ू े से लशिाय ियने भें गुनाह नहीॊ होगा। औय आज़ाद अऩना िफ़्फ़ाया
ऽुद दे गा औय ार
ु ाभ िा िफ़्फ़ाया उसिा भालरि दे गा औय छोटे फच्चे ऩय िोई
मह तफ़सीरात सन
ु िय महहमा हक्िा फक्िा यह गमा औय साये भजभे से
अगय भन
ु ालसफ भारभ
ू हो तो आऩ महहमा से सवार फ़यभाएॊ। हज़यत ने एऽरािन
822
अऩने भत
ु ाअज़ल्ऱ किसी धोखे भें भज़ु ब्तरा न था। उसने िहा ‘‘ कि हुज़ूय
भारभ
ू िय रग
ू ाॊ ’’ हज़यत ने सवार किमा।
वक़्त हरार हो गई। फताओ एि ही हदन भें इतनी दफ़ा वह औयत उस शख़्स ऩय
किस तयह हयाभ व हरार होती यही। इभाभ (अ.स.) िी ज़फाने भोज़जज़फमान से
इस सवार िो सन
ु िय ़ाज़ज़उर ़ुज़्ज़ात महहमा बफन अ़सभ भफहूत हो गए
सफ
ु ह िे वक़्त एि अजनफी शख़्स ने नज़य िी तो वह उसिे लरमे हयाभ थी, हदन
चढ़े उसने वह रौड़ी ऽयीद री वह हरार हो गई। जौहय िे वक़्त उसिो आज़ाद
िय हदमा वह हयाभ हो गई, असय िे वक़्त उसने ननिाह िय लरमा कपय हरार हो
गई, भारयफ िे वक़्त उससे ज़हाय किमा तो कपय हयाभ हो गई, इशा िे वक़्त
823
उसिो तरा़े यजई दी, ज़जससे कपय हयाभ हो गई औय सफ
ु ह िे वक़्त उस तरा़
भसरे िा हर सन
ु िय लसफ़क महहमा ही नहीॊ फज़ल्ि साया भजभा है यान यह गमा
बी िोई भ़
ु ाफरा नहीॊ िय सिता। भजभे भें जोशो ऽयोश था सफ ने मही एि
अफू जाफ़य भोहम्भद बफने अरी (अ.स.) िा िोई लभस्र नहीॊ है । (सवाऐ़े भोहये ़ा
खुत्फा ए तनकाह
इस अज़ीभश्ु शान भनाज़या भें इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी शान दाय
िाभमाफी ने भाभन
ू िो आऩिा औय गगयवीदा फना हदमा, औय उसिी भॊज़ज़रे
824
उरभा लरखते हैं कि ‘‘ भाभन
ू ने इसिे फाद फ़ौयन ही अऩनी हदरी भयु ाद िो
भें फड़ी फ़य्माज़ी से िाभ लरमा, राखों रूऩए ऽैयो ऽैयात भें त़सीभ किए गए औय
तभाभ ये आमा िो इनाभात व अतीमा िे साथ भारा भार किमा गमा। ’’ (सफ़य
अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद औय अल्राभा लशब्रॊजी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ
औय जो भहय किमा वह भहये फ़ातभी भज़ु ब्रा ऩाॉच सौ (500) हदयहभ था। (इयशाद
होते हुए दस
ू ये ऽुत्फे िो ऩढ़ना भन
ु ालसफ नहीॊ है ।
825
अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद तहयीय फ़यभाते हैं कि शादी िे फाद शफे उरूस िी सफ
ु ह
फाद अदा ियने िे लरए आए, एि शख़्स भोहम्भद बफन अरी हाशभी बी ऩहुॉच।े
उनिा फमान है कि भझ
ु े दफ़तन सख़्त प्मास भहसस
ू हुई, भैं अबी ऩासे अदफ भें
दे य फाद कपय ऐसा ही वा़ेमा दय ऩेश हुआ। भैं हज़यत िे इस इल्भे ज़भाएय से
फहुत भत
ु ाअज़स्सय हुआ, औय भझ
ु े म़ीन हो गमा कि इभालभमा आऩिे जुभरा
उरभ
ू भें भाहहय होने िा जो अ़ीदा यखते हैं बफल्िुर दरू
ु स्त है । (इयशाद ऩष्ृ ठ 481)
उम्मऱ
ु फज़ऱ की रूखिती, इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) कर मदीने
भाभन
ू ने दौयाने ़माभ फादाद भें आऩिी इज़्ज़तो तौ़ीय भें िोई िभी नहीॊ िी।
826
उम्भर
ु फ़ज़र िो हज़यत िे साथ रूऽसत िय हदमा। अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद,
फ़यभाते हैं कि इभाभ (अ.स.) अऩनी एहलरमा िो लरए हुए भदीना तशयीफ़ लरमे
जा यहे थे, आऩ िे हभयाह फहुत से हज़यात बी थे। चरते चरते शाभ िे वक़्त
आऩ वारयदे िुफ़ा हुए। वहाॊ ऩहुॉच िय आऩने जनाफे भसीफ िे भिान ऩय ़माभ
तशयीफ़ रे गए। आऩने वज़ू िे लरमे ऩानी तरफ फ़यभामा, ऩानी आने ऩय आऩ
एि ऐसे दयख़्त िे थारे भें वज़ू ियने रगे जो बफल्िुर ऽश्ु ि था औय भद्
ु दतों से
िे भत
ु ाबफ़ वहाॊ से यवाना हो गए।
िय फे इॊतेहा ताज्जुफ किमा। (इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 479, आराभु वुया ऩष्ृ ठ 205, नूरूर
827
तफरीा व हहदामत िे अरावा आऩने इख़्रा़ िा अभरी दसक दे ना शरू
ु िय हदमा।
िी हाजत यवाई ियना भसावात औय सादगी िो हय हार भें ऩेश नज़य यखना।
ाफ
ु ाक िी ऩोशीदा तौय ऩय ऽफय रेना। दोस्त िे अरावा दश्ु भनों ति से अच्छा
सर
ु ि
ू ियते यहना। भेहभानों िी ऽानतय दायी भें इन्हे भाि औय इल्भी व भज़हफी
सरतनत िे शहनशाह िा दाभाद हो जाना, म़ीनन इसिे चार ढार, तौय तयी़े
इतरा इख़्तेराफ़ न था, ज़जनिा उनिी लसफ़ात से था। वह हभेशा इसिे दयऩए
यहते थे कि फर
ु न्दी इख़्रा़ औय भेयाजे इन्साननमत िा वह भयिज़ जो भदीना ए
भन
ु व्वया भें ़ामभ है औय जो सरतनत िे भाद्दी इ़नतदाय िे भ़
ु ाफरे भें एि
लभसारी रूहाननमत िा भयिज़ फना हुआ है, मह किसी तयह टूट जाए। इसी िे
फैअत तरफ ियना, इसी िी एि शक्र थी औय कपय इभाभ यज़ा (अ.स.) िो वरी
828
अहद फनाना इसी िा दस
ू या तयी़ा था। फ़़त ज़ाहे यी शक्र सयू त भें एि िा
अन्दाज़ा भआन्दाना औय दस
ू या तयी़ा इयादत भन्दी िे रूऩ ़् भें था। भगय असर
तो वह शहीद िय डारे गए, इसी तयह इभाभ यज़ा (अ.स.) वरी अहद होने िे
फवजूद हुिूभत िे भादीभ ़ालसद िे साथ साथ न चरे तो आऩिो ज़हय िे ज़रयए
जामेगा।
भाभन
ू यशीद अब्फासी, इभाभ यज़ा (अ.स.) िे वरी अहद िी भोहहभ भें अऩनी
नािाभी िो भामस
ू ी िा सफफ नहीॊ तसव्वयु ियता था, इस लरमे कि इभाभ यज़ा
829
लसवाए उन रोगों िे जो इन भऽसस
ू अफ़याद िे ऽुदा दाद िभारात िो जानते
दाभाद फना हदमा गमा। इस उभय भें अऩने ऽानदानी यख यखाओ औय उसर
ू िा
भस्
ु तहिभ ़ूव्वते इयादी िा अन्दाज़ा किमा जा सिता है । उभभ
ू न भारी एतफाय से
रड़िे वारे जो िुछ बी फड़ा दजाक यखते होते हैं तो वह मह ऩसन्द ियते हैं कि
जहाॊ वह यहे वहीॊ दाभाद बी यहे । इस घय भें न सही िभ अज़ िभ इसी शहय भें
इसिा ़माभ यहे , भगय इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) ने शादी िे एि सार फाद
ही भाभन
ू िो हहजाज़ वाऩस जाने िी इजाज़त ऩय भजफयू िय हदमा। म़ीनन मह
भदीना तशयीफ़ राने िे फाद डमोढ़ी िा वही आरभ यहा जो इसिे ऩहरे था, न
भर
ु ा़ानतमों िे साथ फयताओ भें िोई तफ़यी़ ज़्मादा तय नज़श्शत भज़स्जदे नफवी
830
भें यहती थी जहाॉ भस
ु रभान हज़यत िे वाज़ व नसीहत से फ़ाएदा उठाते थे।
यावीमाने हदीस, इऽफाय व अहादीस दरयमाफ़्त ियते थे। तालरफे इल्भ भसाएर
ऩछ
ू ते थे, साफ़ ज़ाहहय था कि जाफ़य साहद़ (अ.स.) ही िा जाॊ नशीन औय इभाभ
यज़ा (अ.स.) िा फ़यज़न्द है जो इसी भसनदे इल्भ ऩय फैठा हुआ हहदामत िा िाभ
अन्जाभ दे यहा है ।
आऩिे फज़
ु ुगों ने अऩनी फीफीमों िो ज़जन हुदद
ू भें यखा हुआ था उन्हीॊ हुदद
ू भें
आऩने उम्भर
ु फ़ज़र िो बी यखा आऩने इसिे भत
ु ालऱ ऩयवाह ना िी कि आऩ
िो जवाफ भें लरखा कि भैंने तुम्हाया अक़्द अफू जाफ़य िे साथ इस लरमे नहीॊ
831
लभटाई है । हभाये साभने इस िी नज़ीयें भौजूद हैं कि अगय भज़हफे है सीमत से िोई
फाएहतेयाभ ऽातन
ू हुई हैं तो इस िी ज़ज़न्दगी भें किसी दस
ू यी फीवी से ननिाह नहीॊ
किमा गमा, जैसे ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िे लरमे जनाफे ऽदीजा (अ.स.) औय
हज़यत अरी ए भत
ु ज़
ुक ा (अ.स.) िे लरमे जनाफे फ़ात्भा ज़हया (अ.स.) भगय शॊहशाहे
भह
ु ाकफ़ज़ थे। इस लरमे इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) ने इसिे खखराफ़
ु़ तज़े अभर
इख़्तेआय ियना अऩना फ़यीज़ा सभझा। (सवानेह भोहम्भद त़ी (अ.स.) ज़जल्द 2
ऩष्ृ ठ 11)
इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) अगय चे भदीना भें ़माभ फ़यभाते थे रेकिन
फ़याएज़ िी वस
ु ़्अत ने आऩिो भदीना ही िे लरमे भहदद
ू नहीॊ यखा था। आऩ
ज़रूयी नहीॊ कि ज़जसिे साथ ियभ गुस्तयी िी जाए। वह आऩिे िवाएफ़ व हारात
आसभान ही नहीॊ सायी िाएनात उनिे ताफे होती है । उन्हें इसिी ज़रूयत नहीॊ
ऩड़ती कि वह किसी सफ़य भें तम भयाहहर िे लरमे ज़भीन अऩने ़दभों से नाऩा
832
ियें , उनिे लरमे मही फस है कि जफ औय जहाॊ चाहें चश्भें ज़दन भें ऩहुॉच जाएॊ
वाक़मात ़ुयान भजीद भें बी लभरते हैं। आलसफ़ बफन ख़्मावसी जनाफे सर
ु ेभान
वाक़मा है कि आऩ भदीना भन
ु व्वया से यवाना हो िय शाभ ऩहुॉच,े एि शख़्स िो
उस भ़
ु ाभ ऩय इफादत भें भसरूफ़ व भशार
ू ऩामा ज़जस जगह इभाभ हुसन
ै
(अ.स.) िा सये भफ
ु ायि रटिामा गमा था, आऩने इससे िहा भेये हभयाह चरो वह
यवाना हुआ अबी चन्द ़दभ बी न चरा था कि िूफ़े िी भज़स्जद भें जा ऩहुॉचा,
वहीॊ नभाज़ अदा ियने िे फाद जो यवानगी हुई तो लसफ़क चन्द लभन्टों भें भदीना
भन
ु व्वया जा ऩहुॉचे औय ज़्मायत व नभाज़ से फ़याात िी गई, कपय वहाॊ से चर िय
चन्द रम्हों भें भक्िा ए भोअज़्ज़भा यसीदगी हो गई, तवाफ़ व दीगय इफादत से
फ़याात िे फाद आऩने चश्भे ज़दन भें उसे शाभ िी भज़स्जद भें ऩहुॉचा हदमा औय
ऽद
ु नज़यों से ओझर हो िय भदीना ए भन
ु व्वया जा ऩहुॉच,े कपय जफ दस
ू या सार
वाक़मा हो गमा। अफिी भयतफा उसने भज़स्जदे शाभ वाऩस ऩहुॉचते ही उनिा
833
दाभन थाभ लरमा औय ़सभ दे िय ऩछ
ू ा कि फ़यभाईमे आऩ इस ियाभात िे
भालरि िौन हैं? आऩने इयशाद फ़यभामा कि भैं भोहम्भद बफन अरी इभाभ
भोहम्भद त़ी (अ.स.) हूॉ। इसने फड़ी अ़ीदत औय ताज़ीभ व तियीभ िे भयालसभ
अदा किए। आऩिे वाऩस तशयीफ़ रे जाने िे फाद मह ऽफय बफजरी िी तयह पैर
उस आबफद ऩय भद
ु मी नफअ
ू त होने िा इल्ज़ाभ रगा िय उसे ़ैद िया हदमा औय
वहाॊ से भक्िा औय कपय वहाॊ से शाभ ऩहुॉचा सिता है । अऩनी रयहाई भें उसी िी
सख़्त तयीन ऩहये िे होते हुए ़ैद ऽाने से ााएफ हो गमा। अरी बफन ऽालरद यावी
दायान है यान व ऩये शान हैं औय िुछ ऩता नहीॊ चरता कि आबफदे शाभी ज़भीन भें
834
भसऱ िा भोतक़द हो गमा। (शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 205, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 146,
भस
ु म्भता (उम्भर
ु हसन) ने आऩसे दयख़्वास्त िी है कि अऩना िोई जाभमे िुहना
(ऩयु ाने िऩड़े) दीज़जए ताकि भैं उसे िफ़न भें यखॊ।ू आऩने फ़यभामा कि अफ जाभेम
हुआ तो भारभ
ू हुआ कि 13 14 हदन हो गए हैं वह इन्ते़ार िय चि
ु ी है ।
835
अर हुक्भ ठहय गमा, रेकिन भेये साथी हभाद बफन ईसा ने िहा कि भैंने साया
भर
ु तवी िरूॉ, मह िह िय वह यवाना हो गमा औय चरते चरते यात िो एि वादी
भें जा ऩहुॉचा औय वहीॊ ़माभ किमा, यात िे किसी हहस्से भें एि अज़ीभश्ु शान
(शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ 202)
एि हदन भदीना भन
ु व्वया भें जफ कि आऩ फहुत िभलसन थे भझ
ु से फ़यभामा कि
जा िय भझ
ु से फ़यभामा कि तुभ ठहयो भैं अबी आता हूॉ, चन
ु ान्चे आऩ नज़यों से
यहा हूॉ वहाॊ भेये वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) ज़हय से शहीद िय हदमे
5. ़ालसभ बफन अब्दयु क भान िा फमान है कि फादाद भें भैंने दे खा किसी शख़्स
िे ऩास फयाफय रोग आते जाते हैं औय भैंने दरयमाफ़्त किमा कि ज़जसिे ऩास आने
जाने िा ताता फॊधा हुआ है मह िौन है? रोगों ने िहा कि अफू जापय बफन अरी
836
(अ.स.) हैं, अबी मह फातें हो ही यहीॊ थी कि आऩ ना़े ऩय सवाय उस तयफ़ से
गज़
ु ये , ़ालसभ िहता है कि उन्हें दे ख िय भैंने हदर भें िहा कि रोग फड़े फेविूफ़
हैं जो आऩिी इभाभत िे ़ाएर हैं औय आऩिी इज़्ज़त व तौ़ीय ियते हैं, मह तो
अब्दयु क हभान ! जो शख़्स हभायी इताअत से गुयेज़ाॉ हैं वह जहन्नभ भें जामेगा।
िे इयादे िो भारभ
ू िय लरमा है । जैसे ही मह ख़्मार भेये हदर भें आमा, आऩने
फ़यभामा कि तुम्हाया ख़्मार बफल्िुर ारत है तुभ अऩने अ़ीदे िी इस्राह ियो।
मह सन
ु िय भैंने आऩिी इभाभत िा इ़याय किमा औय भझ
ु े भानना ऩड़ा कि आऩ
हुज्जतुल्राह हैं।
6. ़ालसभ इब्नर
ु हसन िा फमान है कि भैं एि सफ़य भें था, भक्िा औय
वह भेयी ऩगड़ी उड़ा रे गई। भैंने फड़ी तराश िी रेकिन वह दस्तमाफ न हुई। जफ
भैं भदीने ऩहुॉचा औय हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) से लभरने गमा तो
आऩने फ़यभामा, ऐ ़ालसभ ! तुम्हायी ऩगड़ी हवा उड़ा रे गई। भैंने अज़क कि जी
837
ऩगड़ी हाज़ज़य िी। भैंने फड़े ताज्जुफ से दरयमाफ़्त किमा कि भौरा ! मह ऩगड़ी महाॊ
ऽद
ु ा ने ़ुफर
ू फ़यभा लरमा है । ऐ ़ालसभ ! ऽद
ु ा वन्दे आरभ मह नहीॊ चाहता कि
7. उम्भर
ु फ़ज़र ने हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी लशिामत अऩने
वालरद भाभन
ू यशीद अब्फासी िो लरख िय बेजी, कि अफू जाफ़य भेये होते हुए
दस
ू यी शादी बी िय यहे हैं। उसने जवाफ हदमा कि भैंने तेयी शादी इस लरमे नहीॊ िी
कि हरारे ऽद
ु ा िो हयाभ िय दॉ ।ू उन्हें ़ानन
ू े ऽद
ु ा वन्दी इजाज़त दे ता है वह
दस
ू यी शादी ियें इसभें तेया क्मा दऽर है । आइन्दा से इस क़स्भ िी िोई
लशिामत न ियना औय सन
ु तेया फ़यीज़ा है कि तू अऩने शौहय अफू जाफ़य िो
ज़जस तयह हो याज़ी यख। इस तभाभ ऽतो किताफत िी इत्तेरा हज़यत िो हो गई।
दे खा तो भाभन
ू यशीद िो िुछ इस अन्दाज़ से िहा कि वह हज़यत िे ़त्र ऩय
आभादा हो गमा भगय ़त्र न िय सिा। (अमुनूर भोज़जज़ात ऩष्ृ ठ 154 प्रिालशत
भुरतान)
838
हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) के हहदायात व इरिादात
मह एि भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि फहुत से फज़
ु ुगक भयतफा उरेभा ने आऩसे उरभ
ू े
बफन अफी तालरफ (अ.स.) िे िसयत से ऩाए जाते हैं। जनाफे अभीय (अ.स.) िे फाद
इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे भ़ूरों िो एि ऽास दजाक हालसर है । फाज़ उरभा
फ़सर
ू र
ु ऩ भोहहभा तहयीय फ़यभाते हैं कि इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िा इयशाद
है कि 1. ऽद
ु ा वन्दे आरभ ज़जसे जो नेभत दे ता है फ इयादा दवाभ दे ता है रेकिन
फन्द िय दे ता है ।
राज़भी है ।
839
6. जो ऽुदा िे बयोसे ऩय रोगों से फेननमाज़ हो जामेगा रोग उसिे भोहताज
होंगे।
7. जो ऽद
ु ा से डये गा रोग उसे दोस्त यखेगें।
10. इन्सान िे लरमे फ़ख़्र िी ज़ीनत इफ़्फ़त है । ऽुदाई इम्तेहान िी ज़ीनत शक्र
ु
ज़ीनत हुस्ने अदफ है । ़नात िी ज़ीनत ऽन्दा ऩेशानी है । वया व ऩये हज़गायी िी
12. जो ज़ज़न्दा यहना चाहता है उसे चाहहमे कि फदाकश्त ियने िे लरमे अऩने
13. ऽुदा िी यज़ा हालसर ियने िे लरमे तीन चीज़ें होनी चाहहमें, अव्वर
14. जो जल्द फाज़ी से ऩयहे ज़ िये गा, रोगों से भशववया रेगा, अल्राह ऩय
840
15. अगय जाहहर ज़फान फन्द यखे तो इख़्तेराफ़ात न हों।
16. तीन फातों से हदर भोह लरमे जाते हैं, ि. भाशये भें इॊसाफ़, ख. भस
ु ीफत भें
17. जो किसी फयु ी फात िो अच्छी ननगाह से दे खेगा वह उसभें शयीि सभझा
जामेगा।
19. जो तुम्हाये किसी अनतए ऩय शकु क्रमा अदा िये गोमा उसने तुम्हें उससे
ज़्मादा दे हदमा।
यहते हैं औय जफ अठ्ठाया सार ऩयू े हो जाते हैं तो इस्त़रार ऩैदा हो जाता है
शक्र
ु ियने से ऩहरे उसिा नाभ शाकियों भें लरख रेता है औय जफ िोई गुनाह
841
चाहे अज़ाफ िय सिता है तो ऽुदा वन्दे आरभ उसे अस्ताफ़ाय से ़ब्र फख़्श
दे ता है ।
28. जो ऽुदा िे लरमे अऩने किसी बाई िो फ़ाएदा ऩहुॉचाए वह ऐसा है जैसे
842
35. दआ
ु िे ज़रयए हय फरा टर सिती है ।
37. जो दनु नमाॊ भें त़वा िा फीज फोएगा आऽेयत भें हदरी भयु ादों िा पर
ऩाएगा।
(नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 148 प्रिालशत लभस्र)
भव
ु रयक ऽे दलभश़् अल्राभा शम्सद्
ु दीन इब्ने तारन
ू लरखते हैं कि हज़यत इभाभ
भोहम्भद त़ी (अ.स.) ने अऩने आफाओ अजदाद से यवामत ियते हुए इयशाद
(स.अ.व.व.) ने भझ
ु े मभन िी तयफ़ बेजा था तो चन्द ऽास वसीअतें िी थीॊ
शख़्स अऩने िाभों भें इस्तेऽाया िय लरमा िये गा वह ऽाएफ मालसय न होगा औय
जो अऩने भऽ
ु लरस दोस्तों से भशववया किमा िये गा वह नाहदभो शलभकन्दा न होगा
843
मामन
ू की वफात, मोतसिम की खखऱाफत और हज़रत इमाम मोहम्मद
शादी िे फाद हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) भदीने भें ़दये ऩयु सि
ु ून
भें शहादत िा दजाक नसीफ होता यहता था। आऩिो जो तिरीफ़ थी वह उम्भर
ु
आऩिी भऽ
ु ारेफ़त िी तयफ़ भोड़ना चाहती थीॊ। भाभन
ू चॊकु ि होलशमाय औय अऩने
किए िे ननबाने िा आदी था इस लरमे उसने िोई ऩयवाह नहीॊ िी रेकिन इसिे
फाद वारे ऽरीफ़ा ने इसिो ऩयू ी अहलभमत दे िय आऩिा िाभ तभाभ िय हदमा।
िहा। अफ भाभन
ू िा बाई औय उम्भर
ु फ़ज़र िा चचा भोतलसभ जो इभाभ यज़ा
ऽत
ु त
ू िी यफ़्ताय फढ़ गई, ज़जस तयह िे उसने अऩने फाऩ भाभन
ू िो बेजे थे।
भाभन
ू ने जो तभाभ फनी अब्फासीमों िी भऽ
ु ारेफ़तों िे फवजद
ू बी अऩनी रड़िी
844
फात िी ऩच औय किए िी राज यखने िी ऽानतय उसने उन लशिामतों ऩय िोई
दी भगय भोतलसभ जो इभाभ यज़ा (अ.स.) िी वरी अहदी िा दाा अऩने सीने ऩय
लरमे हुए था औय इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िो दाभाद फनाए जाने से तभाभ
फनी अब्फास िे नभ
ु ाइन्दे िी है लसमत से ऩहरे ही इख़्तेराफ़ ियने वारों भें ऩेश
ऩेश यह चि
ु ा था। अफ उम्भर
ु फ़ज़र िे लशिामती ऽुतूत िो अहलभमत दे िय
बफना भऽ
ु ासेभत जो भोतलसभ िे फज़
ु ुगों िो इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे
फज़
ु ुगों से यह चकु ि थी वह कपय इस लसमासत िी नाभी औय भन्सफ
ू ा िी लशिस्त
िा भहसस
ू हो जाना जो इस अक़्द िा भह
ु रयक ि हुआ था ज़जसिी तशयीह ऩहरे हो
फाये भें ताक़दी ऽत लरखा भजफयू न इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) अऩने फ़यज़न्द
हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय उनिी वारेदा िो भदीने भें छोड़ िय फादाद
845
भाभन
ू िे फाद भोतलसभ ऽरीफ़ा हुआ औय उसने इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे
फ़ज़ाएर िा आवाज़ सन
ु ा तो फयाए फा
ु ज़
ु व अनाद भदीना ए भन
ु व्वया से फ
भ़
ु ाभ फादाद आऩिो तरफ िय लरमा। इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) जफ भदीने
से चरने रगे तो उन्होंने अऩने फ़यज़न्द इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो अऩना वसी
उन्हें सऩ
ु द
ु क फ़यभामा, उसिे फाद भदीने से यवाना हो िय नवीॊ भोहयक भ (9 भोहयक भ)
220 हहजयी िो फादाद ऩहुॉचे औय भोतलसभ ने उसी सार उनिो शहीद िय हदमा।
भदीना ए यसर
ू (स.अ.व.व.) से फ़यज़न्दे यसर
ू िो तरफ ियने िी ायज़ चॊकु ि
नेि नीमती ऩय भफ
ु नी न थी इस लरमे अज़ीभ शयफ़ िे फ वजूद फाऩ हुिूभते
846
शयफ़ क्मों अता फ़यभामा है । फाज़ उरभा िा िहना है कि आऩ ऩय इस ़दय
ऩच्चीस सार तीन भाह 12 मौभ िी उम्र भें ़ैद ऽाने िे अन्दय आखखय
ु़ ज़ज़़ाद
शहीद हो गए। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 121, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 123, यौज़तुर ऩष्ृ ठ ज़जल्द
3 ऩष्ृ ठ 16, आराभु वुया ऩष्ृ ठ 205, इयशाद 480, अनवाये नोभाननमा ऩष्ृ ठ 127, अनवारूर
भोतलसभ अब्फासी ने आऩिो ज़हय से शहीद किमा। (वसीरतुन नजात ऩष्ृ ठ 297)
अल्राभा इब्ने हजय भक्िी लरखते हैं कि आऩिो इभाभ यज़ा (अ.स.) िी तयह
अल्राभा हुसन
ै िाशफ़ी लरखते हैं कि ‘‘ गोमन्द फ ज़हय शहीद शद
ु ’’ िहते हैं
हदमा है । (अनवाये नोभाननमा ऩष्ृ ठ 195) मही िुछ अल्राभा तफयी ने बी तहयीय
847
फ़यभामा है । (आराभुर वया ऩष्ृ ठ 205) औय अल्राभा अब्दर
ु यज़ा ने बी मही लरखा
नवाफ लसद्दी़ हसन लरखते हैं कि भोहतलसभ अब्फासी ने आऩिो ज़हय से भाय
हदमा। (अर फ़याहुर आभी) अल्राभा लशब्रन्जी लरखते हैं कि ‘‘अना भता भसभभ
ू न ’’
भाभन
ू िे भत
ु ाबफ़ भोतलसभ िी भदद से ज़हय दे िय शहीद किमा। (नूरूर अफसाय
भाज़जद इभाभ यज़ा (अ.स.) िो उसिी फेटी ने इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िो
फ़योा फख़्शा है ।
अल्राभा भौसफ़
ू लरखते हैं कि ‘‘ दख़्रत इम्रातहा उम्भर
ु फ़ज़र अरा ़सय अर
उम्भर
ु फ़ज़र भोतलसभ िे ऩास चरी गईं। फाज़ भआसेयीन लरखते हैं कि इभाभ
हो िय भयी।
848
भख्
ु तसय मह कि शहादत िे फाद हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने आऩिी
भ़
ु ाबफय ़ुयै श भें अऩने जद्दे नाभदाय हज़यत इभाभ भलू सए िाज़ज़भ (अ.स.) िे
ऩहरू भें दफ़्न किए गए। चॊकु ि आऩिे दादा िा ऱफ िाज़ज़भ औय आऩिा ऱफ
है ।
इस भ़फया ए ़ुयै श भें ज़जसे िाज़भैन िे नाभ से माद किमा जाता है 356
हहजयी भत
ु ाबफ़ 998 ई0 भें भोअज़ उद्दौरा औय 452 हहजयी भत
ु ाबफ़ 1044 ई0
जरारद
ु दौरा शाहाने आर फोमह िे जनाज़े ऐनत़ाद भन्दी से दफ़्न किए गए।
िाज़भैन भें जो शानदाय यौज़ा फना हुआ है इस ऩय फहुत से ताभीयी दौय गुज़ये
उरभा ने लरखा है कि हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे चन्द फीवीमाॊ थीॊ
ज़जनभें उम्भर
ु फ़ज़र बफन्ते भाभन
ू यशीद अब्फासी औय सभाना ऽातन
ू मासयी
849
नभ
ु ामाॊ है सीमत यखती थीॊ। जनाफा सभाना ऽातून जो कि हज़यत अम्भाय मसीय िी
नस्र से थी िे अरावा किसी से िोई औराद नहीॊ हुई। आऩिी औराद िे फाये भें
फ़ात्भा 4. जनाफे अभाभह। (इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 493, सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 123, यौज़तुर
शोहदा ऩष्ृ ठ 438, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 147, अनवाये नोभाननमा ऩष्ृ ठ 127 िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ
ु़
116, आराभुर वया ऩष्ृ ठ 205 वगैयह।)
हज़यत इभाभ अरी यज़ा (अ.स.) िे हारात भें फहवारे इभाभ उर भोहद्दे सीन
तफयसी लरखा जा चि
ु ा है कि हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) िे नयीना फ़यज़न्द,
यज़ा (अ.स.) िी नस्र लसफ़क इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) से फढ़ी, फेटे िी औराद
850
इसी लरमे अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी, अल्राभा सय्मद नरू
ू ल्राह शस्
ू तयी
(शहीदे सालरस) अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि हज़यत इभाभ भोहम्भद
ऩी भज
ु तहीदर
ु अस्र य़भ तयाज़ हैं कि ‘‘ मह एि ह़ीित है कि ज़जतने सादात
‘‘ रयज़वी ’’ िहराते हैं वह दयअस्र त़वी हैं मानी हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी
(अ.स.) िी औराद हैं। अगय हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) िी औराद हज़यत इभाभ
(अ.स.) िी औराद अऩने िो त़वी िहती, भगय चॊकु ि इभाभ यज़ा (अ.स.) िी
नस्र इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) से चरी औय हज़यत इभाभ यज़ा (अ.स.) िी
भस
ु ल्रेभीन भें फहुत हो चि
ु ी थी, इस लरमे तभाभ औराद िो हज़यत इभाभ यज़ा
भशहूय हुए। ’’
हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी नस्र दो फेटों से फढ़ी, एि इभाभ अरी
ऩी (अ.स.) औय दस
ू ये भस
ू ा भफय़ा अरैह यहभह (किताफ यहभतुर लररअरेभीन ज़जल्द
851
भफ
ु य़े िी औराद भज़िूया वजह िी बफना ऩय अऩने िो रयज़वी िहराती है ।
जनाफे मि
ू ा बफन इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) के फरज़न्द
भत
ु ाबफ़ तहयीय सय्मद हालभद हुसन
ै ियायवी भतूफ़ी 1271 हहजयी भहूरए ‘‘
अल्राभा हुसन
ै वाएज़ िाशफ़ी लरखते हैं ‘‘ अ़फ भफ
ु य़ा अज़ सय्मद अहभद
़ौभ िे हय दाऽरी औय ऽायजी अभय भें तदफीय औय साज़गायी ऩैदा ियने वारे िे
हैं। (भजभउर फहयै न ऩष्ृ ठ 157) सादाते ियायी ज़ज़रा इराहफाद िा लसरलसरा ए नसफ
भ़
ु ाभहू, गवकनय भथयु ा फ अहदे कफ़योज़ शाह तुारि थे। सय्मद रयमाज़ुर हसन
ियायवी भ़
ु ीभ ियाची लरखते हैं कि ‘‘ आऩ ईयान से हहन्दस्
ु तान आ िय ज़ैद ऩयु
िा िभान्डय फना हदमा गमा था। आऩ फहुत फड़े फहादयु औय सऽी थे। ’’ आऩिा
852
लसरलसरा नौ वास्तों से ऩीफ अरिुभ
ु़ ति, कपय चाय वास्तों से हज़यत इभाभ
भोहम्भद त़ी (अ.स.) ति ऩहुॉचता है । आऩने 717 हहजयी भें जॊगर िाट िय ‘‘
भोअल्रेफ़ा सय्मद रयमाज़ हुसैन भयहूभ ऩष्ृ ठ 17 -18 प्रिालशत रखनऊ 1927 ई0)
सैय्मद हसाभद्
ु दीन िे िुभ
ु़ से हहन्दस्
ु तान तशयीफ़ राने िे भत
ु ाअज़ल्ऱ िहा जा
रश्िय ने ़माभत ऽेज़ तफाही भचाई थी, इसी भौ़े ऩय दीगय हज़यात िी तयह
आऩ बी हहन्दस्
ु तान तशयीफ़ राए। (तायीऽ यौज़तुर ऩष्ृ ठ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 25 ता
ऩष्ृ ठ 39 प्रिालशत रखनऊ भें है कि चॊगेज़ खाॉ िा रश्िय 615 हहजयी भें फ़तेह
ईयान िे लरमे ननिरा। इसिी हारत मह थी कि सैरे हवाहदस िी तयह ज़जस तयफ़
गज़
ु यता था तफाहो फयफाद िय छोड़ता था, किसी ने किसी िा हवारा दे ते हुए िहा
उसने ़त्रो ाायत िा लसरलसरा 621 हहजयी ति जायी यखा। मॉू तो हय जगह
हदरों िो रूही सदभा ऩहुॉचा, वह फरऽ, ऽयु ासान, सब्ज़ावाय, नेशाऩयू औय ़ुभ जैसे
853
शहय भें, फरऽ भें ऩचास हज़ाय सादात थे जो ़त्र हुए। ऽुयासान भें ियीफ सद
हज़ाय भोलभन भोवहहद शहीद साखतनद ’’ त़यीफन एि राख भोलभन ़त्र हुए।
ऩष्ृ ठ 36, सब्ज़ावाय भें सत्तय हज़ाय ़त्र किमे गए। ऩष्ृ ठ 36, नेशाऩयू भें तो
ऩानी फन्द किमा गमा औय फे दये ा ़त्र व खॊयू े ज़ी से सय ज़भीने ईयान राराज़ाय
हारात से भत
ु ालसय हो िय सादात ईयान से जान फचा िय ननिर खड़े हुए औय
िी तहयीय िे भत
ु ाबफ़ हज़यत भस
ू ा भफय़ा िी औराद बी हहन्दस्
ु तान आई। फदये
बी इसी अहद से भत
ु अज़ल्ऱ है ।
854
हज़रत इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.ि.) के फरज़न्दे अजम
ुा न्द जनाफ
मि
ू ा मफ
ु रक़ा के मख़्
ु तसिर हाऱात
हज़यत भस
ू ा भफ
ु य़ा (अ. य.) हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे फ़यज़न्द
औय हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे फयादये अज़ीज़ थे। आऩिी िुन्नीमत अफू
जाफ़य औय अफू अहभद थी। आऩ िभारे हुस्नो जभार िी वजह से हभेशा चेहये
भस्
ु तलभर होता है । आऩ फेहतयीन आलरभे दीन, सऽी औय फहादयु थे। आऩ 10
यजफर
ु भयु ज्जफ 217 हहजयी िो भदीना ए भन
ु व्वया भें ऩैदा हुए कपय 38 सार िी
उम्र भें 255 हहजयी भें िूफ़े तशयीफ़ रे गए, कपय वहाॊ से 256 हहजयी भें ़ुभ
भन्
ु तक़र हो गए। उरभा िा फमान है कि मह ऩहरे शख़्स हैं ज़जन्होंने सादाते
रयज़ववमा से िुभ
ु़ भें भस्
ु तक़र ़माभ िा इयादा किमा।
अल्राभा शेऽ अब्फास िुम्ु़ भी तहयीय फ़यभाते हैं कि जफ आऩ िूफ़े से ़ुभ ऩहुॉचे
ऩयू िोलशशे ़माभ िे फावजूद आऩिो वहाॊ हटिने न हदमा, बफर आखखय
ु़ आऩ वहाॊ
855
भ़दभ किमा औय लरफासे फ़ाऽेया ऩहना िय उनिे लरमे शानदाय घोड़े फ़याहभ
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि अहरे िाशान आऩिे वहाॊ ़माभ ियने से इन्तेहाई
इसी दौयान भें जफ ़ुभ वारों िो होश आमा औय उनिे फाज़ भोअज़जु़ ़्ज़ हज़यात
शलभकन्दा हुए औय उन रोगों िी सख़्त भज़म्भत िी ज़जनिा इनिे अख़्राज भें हाथ
ने आऩिो वाऩस राने िे लरमे एि जभीअत बेज दी, इसने उज़य व भाज़ेयत िे
इनिे लरमे एि शानदाय भिान औय फहुत सी ज़रूयी चीज़ें औय जाएदाद भें उनिो
भस्
ु तक़र ़माभ िे फाद आऩिी फहने, ज़ीनत उम्भे भोहम्भद,भैभन
ू ा वाैया बी
भ़
ु ीभ यहीॊ बफर आखखय
ु़ सफ िी सफ हज़यत भासभ
ू ा ए ़ुभ िे गगदाक गगदक दफ़्न
हुई।
856
आऩ अऩने बाई इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे ऩैयो थे औय उन्हें फेहद भानते थे
औय भसाएर िे जवाफ दे ने भें फावक़्ते ज़रूयत उन्हीॊ से भद्द लरमा ियते थे जैसा
कि महहमा इब्ने अ़सभ िे सवार िे जवाफ भें आऩिा इभाभ अरी ऩी (अ.स.)
िी तयफ़ रूजू ियने से ज़ाहहय है । (सफ़ीनतुर फेहाय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 591) आऩिे
भत
ु ाअज़ल्ऱ जो मह िहा जाता है कि आऩ इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी भज़ी िे
खखराफ़
ु़ एि दफ़ा भत
ु ावज़क्र से लभरने गए थे। ‘‘ ारत है ’’ क्मों कि इस ऽफय
‘‘ मह हवाई उसी दश्ु भन िी उड़ाई हुई है ’’ इसिी िोई अस्रीमत नहीॊ। (फदय
आऩने शफे चाय शम्फा 22 यफीउस्सानी 296 भें फ उम्र 79 सार वफ़ात ऩाई।
आऩिी नभाज़े जनाज़ा अभीये ़ुभ अब्फास बफन अभरू ानवी ने ऩढ़ाई औय आऩ
इसी भ़
ु ाभ ऩय दफ़्न हुए ज़जस जगह आऩिा यौज़ा फना हुआ है । एि यवामत िी
बफना ऩय मह वह जगह है ज़जस जगह भोहम्भद बफन अर हसन बफन अफी ऽालरद
अशयी भर
ु क़़्फ फ ‘‘ शम्फर
ू ’’ िा भिान था। (भन्थउर भार ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 351)
फ़ातेहा ख़्वानी िी है ।
857
मोअजल्ऱफ फ़कताफ (14 सितारे ) का िजरहए नस्फ
नजभर
ु हसन बफन सय्मद फ़ैज़ भोहम्भद बफन सय्मद तय्मफ हुसन
ै इब्ने सय्मद
अभीय हुसन
ै (़ाज़ी शयीअत फअहदे भरिा ववक्टोरयमा) बफन सय्मद शयीफ़ अरी सय्मद
ईसा इब्ने सय्मद भोहम्भद ़ाएभ बफन रूह उल्राह बफन सय्मद फ़ातेह उ बफन
सय्मद शयीफ़ अरी सय्मद यौशन अरी बफन सय्मद फ़ैज़ भहभद
ू बफन सय्मद
शयीफ़ भोहम्भद बफन सय्मद ईसा इब्ने सय्मद भोहम्भद ़ाएभ बफन रूह उल्राह
बफन सय्मद फ़तेह उल्राह बफन सय्मद फ़ैज़ बफन सय्मद हालशभ बफन सय्मद
िभारद्
ु दीन (छहतीभ) बफन सय्मद फदरूद्दीन बफन ताजुद्दीन (शहीद) बफन सय्मद
सय्मद अब्दल्
ु राह (ज़यफख़्श) बफन सय्मद मा़ूफ बफन अफू अब्दल्
ु राह सय्मद
अहभद (ऩीफ अर ़ुभ) बफन सय्मद अफू अरी भोहम्भद ऊरूज बफन अफू अहभद
858
859
अफुऱ हिन हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.)
यहफये दीने ऽद
ु ा हैं, मह भौहम्भद िा वऩसय
वाऱैदेन
हैं। आऩिे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ भौहम्भद त़ी (अ.स.) थे औय वारदा
भाजदा जनाफे सभाना ऽातून थीॊ। आऩ अऩने आफाओ अजदाद िी तयह इभाभ
भनसस
ू , भासभ
ू ए आरभ, ज़भाना औय अपज़र िाएनात थे। आऩ इल्भ सऽावत
860
तहायते नफ़स, फर
ु न्दी ए कियदाय औय जुभरा लसफ़ात हसना भें अऩने वालरद
(सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 123 भतारेफुस सूऊर सफ़ा 291 नूरूर अफसाय सफ़ा 149)
आऩिी वारेदा िे भत
ु ाअज़ल्ऱ उरभा ने लरखा है कि आऩ सैय्मदा उम्भर
ु
आऩ फ तायीऽ 5, यज्जफर
ु भयु ज्जफ 214 हहजयी फयोज़ सेह शम्फा फाभ़
ु ाभ
भदीना ए भन
ु व्वया भत
ु ावज़ल्रद हुए। नरू
ु र अफसाय सफ़ा 149, दभ ए सािेफा सफ़ा
120, शेऽ भफ़
ु ीद िा िहना है कि भदीने िे ़यीफ एि ़रयमा है ज़जसिा नाभ
आऩिा इस्भे गगयाभी अरी आऩिे वालरदे भाज़जद इभाभ भौहम्भद त़ी (अ.स.)
ने यखा इसे मॊू सभझना चाहहमे कि सयवये िाएनात (स.अ.व.व.) ने जो अऩने फायह
जानशीन अऩनी ज़ाहे यी हमात िे ज़भाने भें भोअमन फ़यभामे थे। उनभें से एि
आऩिी ज़ाते गगयाभी बी थी। आऩिे वालरदे भाज़जद ने उसी भोअमन नाभ से
861
भौसभ
ू िय हदमा। अल्राभा तफयसी लरखते हैं कि चौदह भासभ
ू ीन (अ.स.) िे
असभा नाभ रौहे भहफ़ूज़ भें लरखे हुए हैं। सयवये िाएनात स. ने उसी िे भत
ु ाबफ़
सफ िे नाभ भअ
ु मन फ़यभामे हैं औय हय एि िे वालरद ने उसी िी यौशनी भें
(िशफ़ुर ाम्भा सफ़ा 122 नूरूर अफसाय सफ़ा 149, भतारेफुस सूऊर सफ़ा 191)
हुआ अफर
ु कपदा
ु़ 227, हहजयी भे वालस़ इब्ने भोतालसभ ऽरीफ़ा फनामा गमा
अफर
ु कपदा
ु़ 232 हहजयी वालस़ िा इन्ते़ार हुआ औय भत
ु ावज़क्िर अब्फासी
ऽरीफ़ा भ़
ु यक य किमा गमा। अफर
ु कपदा
ु़ कपय
ु़ 247 हहजयी भें भा
ु तलसय बफन
भत
ु ावज़क्िर औय 248 हहजयी भें भस्
ु तईन औय 252 हहजयी भें ज़फ
ु ेय इब्ने
भत
ु ावज़क्िर अरभिनी व ‘‘भोताज़बफल्राह अरत तयतीफ ऽरीफ़ा फनाए गए।
862
अफर
ु कपदा
ु़ दभतुस ़् सािेफा 254 हहजयी भें भोताज़ िे ज़हय दे ने से इभाभ ऩी
(तज़कियातुर भासूभीन)
भाभन
ू यशीद िे इन्ते़ार िे फाद जफ भोतालसभ बफल्राह ऽरीफ़ा हुआ तो
उसिे हदर भें बी आरे भौहम्भद िी तयफ़ से वही जज़फात उबये जो उसिे
हदमा। इभाभ भौहम्भद त़ी (अ.स.) जो अऩने आफाओ अजदाद िी तयह ़माभत
ति िे हारात से वाकिफ़
ु़ थे। भदीने से चरते वक़्त अऩने फ़यज़न्द िो अऩना जाॊ
नशीन भ़
ु यक य िय हदमा औय वह तभाभ तफरूकिात जो इभाभ िे ऩास हुआ ियते हैं
आऩ 9 भोहयक भर
ु हयाभ 220 हहजयी िो वारयदे फादाद हुए। फादाद भे आऩिो एि
863
सार बी न गुज़या था कि भोतलसभ अब्फासी ने आऩिो फ तायीऽ 29 ज़ज़ाद
ु़ 220
उसर
ू िाफ़ी भें है कि जफ इभाभ भौहम्भद त़ी (अ.स.) िो ऩहरी फाय भदीने
से फादाद तरफ किमा गमा तो यावीमे ऽफय इस्भाइर बफन भहयान ने आऩिी
खखदभत
ु़ भें हाज़जय
ु़ हो िय िहा् भौरा। आऩिो फर
ु ाने वारा दश्ु भने आरे भौहम्भद
हाज़जय
ु़ हो िय अज़क ऩयदाज़ हुआ कि भौरा मह सफ़य िैसा यहे गा? इस सवार िा
फाद अरी ऩी िो अऩना इभाभ जानना औय सब्र ज़ब्त से िाभ रेना।
फचऩन का एक वाफ़कया
मह हभाये भस
ु ल्रेभात से है कि हभाये अइम्भा िो इल्भे रदन्ु नी होता है । मह
864
तशयीफ़ राते हैं। उन्हे किसी से इल्भ हालसर ियने िी ज़रूयत नहीॊ होती है औय
उन्होने किसी दनु नमाॊ वारे िे साभने ज़ानु ए अदफ ति नहीॊ फ़यभामा ज़ाती इल्भ
ियते यहे , मही वजह है कि इन्तेहाई िभलसनी भें बी मह दनु नमाॊ िे फड़े फड़े
भजफयू हो गमा।
अल्राभा भसद
ू ी िा फमान है कि हज़यत इभाभ भौहम्भद त़ी (अ.स.) िी
वफ़ात िे फाद इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ज़जनिी उस वक़्त उभय 6- 7 सार िी
भौहम्भद से हदरी दश्ु भनी यखते थे मह सोचने ऩय भजफयू हो गमे कि किसी तयह
इनिी भयिज़जमत
ु़ िो ऽत्भ िय हदमा जाए औय िोई ऐसा भोअज़ल्रभ इनिे साथ
साथ उनिे ऩास रोगों िे ऩहुॊचने िा सद्दे फाफ ियें । मह रोग इसी ख्मार भें थे
उभय बफन फ़जऱ् यहजी फ़यााते हज िे फाद भदीना ऩहुॊचा रोगों ने उस से अयज़
अब्दल्
ु राह जुनीदी भािूर भश
ु ाहे या ऩय रगामा गमा मह जुनीदी आरे भौहम्भद स.
865
िी दश
ु भनी भें ऽास शोहयत यखता था। अरायज़ जुनीदी िे ऩास हुिूभत ने इभाभ
सयफा भें अऩने ऩास यखा। होता मह था कि जफ यात होती थी तो दयवाज़ा फन्द
हैं। सन
ु ो भैं अऩनी ऩयू ी िोलशश िे फाद जफ अदफ िा िोई फाफ उनिे साभने ऩेश
हूॊ। रोग सभझ यहे हैं कि भैं उन्हें तारीभ दे यहा हूॊ रेकिन खद
ु ा िी ़सभ भैं
उनसे तारीभ हालसर िय यहा हूॊ। भेये फस भें मह नहीॊ कि भैं उन्हें ऩढ़ा सिॊू । खद
ु ा
िी ़सभ वह हाकपज़े
ु़ ़ुयआन ही नहीॊ वह उसिी तावीर व तन्ज़ीर िो बी जानते
हैं औय भऽ
ु तसय मह कि वह ज़भीन ऩय फसने वारों भें सफ से फेहतय औय
866
हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) के करामात और आऩका इल्मे
फाततन
आऩने इस भद्
ु दते उभय भें िई फादशाहों िा ज़भाना दे खा। त़यीफन हय एि ने
आऩिी तयफ़ रूऽ ियने से ऐहनतयाज़ किमा। मही वजह है कि आऩ उभयू े इभाभत
िो अन्जाभ दे ने भें िाभमाफ यहे । आऩ चॊकू ि अऩने आफाओ अजदाद िी तयह इल्भे
फानतन औय इल्भे ाैफ बी यखते थे। इसी लरए आऩ अऩने भानने वारों िो होने
वारे वाकिमात
ु़ से फा ऽफय फ़यभा हदमा ियते थे औय िोलशश फ़यभाते थे कि
भ़दयू ात िे अरावा िोई गज़न्द न ऩहुॊचने ऩाए इस लसरलसरे भें आऩिे ियाभात
फे शभ
ु ाय हैं ज़जनभें से हभ इस भ़ाभ ऩय किताफ िशफ़ुर ाम्
ु भा से चन्द ियाभात
(अ.स.) ने भझ
ु े तहयीय फ़यभामा कि तभ
ु अऩने तभाभ उभयू व भाभरात िो यास्त
हुक्भ आऩने क्मों हदमा रेकिन चन्द हदनी िे फाद लभस्र िी ऩलु रस भेये महाॊ आई
औय भझ
ु े गगयपताय िय िे रे गई औय भेये ऩास जो िुछ था। सफ रे लरमा औय
867
भझ
ु े ़ैद खाने भें फन्द िय हदमा। भैं आठ सार इस ़ैद खाने भें ऩडा यहा। एि
तभ
ु उस यास्ते िी तयफ़ न जाना जो भारयफ िी तयफ़ वा़े है । ऽत ऩाते ही भेयी
है यानी िी िोई हद न यही। भै सोचता यहा कि भैं तो ़ैद खाने भें हूॊ भेया तो उधय
जाना भज़ु म्िन ही नहीॊ कपय इभाभ ने क्मों मह िुछ तहयीय फ़यभामा? आऩिे ऽत
आने िो अबी दो चाय ही हदन गुज़ये थे कि भेयी ये हाई िा हुक्भ आ गमा औय भैं
उनिे हुक्भ िे भत
ु ाबफि उस तयप नही गमा कि ज़जसिो आऩने भना किमा था।
़ैद ऽाने से ये हाई िे फाद भैने इभाभ (अ.स.) िो लरखा कि हुज़यू भैं ़ैद से छूट
िया दें । आऩने उसिे जवाफ भें तहयीय फ़यभामा कि अऩ्यीफ तुम्हाया साया भार
2. एि हदन इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय अरी बफन हसीफ नाभी शख़्स दोनों
साथ ही यास्ता चर यहे थे। अरी बफन हसीफ आऩसे चन्द गाभ आगे फढ़ िय फोरे,
868
रेकिन जफ भैं फादाद वाऩस ऩहुॊचा तो वह आग रग जाने िी वजह से जर चि
ु ी
थी।
हाभेरा है, आऩ दआ
ु फ़यभाएॊ कि रड़िा ऩैदा हो। आऩ ने फ़यभामा इन्शा अल्राह
चन
ु ाॊचे रड़िा ही ऩैदा हुआ, औय उसिा नाभ भौहम्भद ही ऩैदा यखा गमा।
हुई।
6. अफू हालशभ िा फमान है कि भैं 227 हहजयी भें एि हदन हज़यत इभाभ अरी
फ़ौज गज़
ु य यही है । इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा कि ऐ अफू हालशभ चरो इन से
भर
ु ा़ात ियें । भैं हज़यत िे हभयाह हो िय रश्िरयमों ति ऩहुचा। हज़यत ने एि
ार
ु ाभ तुिी से इसिी ज़फान भें गुफ़्तगू शरू
ु फ़यभाई औय दे य ति फातें ियते यहे ।
सी चीज़ है ज़जसने तुझे इभाभ िा गगयवीदा फना हदमा? उसने िहा् इभाभ ने भझ
ु े
उस नाभ से ऩि
ु ाया ज़जसिा जानने वारा भेये फाऩ िे अरावा िोई न था।
869
7. ततहत्तर ज़फानों की ताऱीम्
आऩने भझ
ु से हहन्दी ज़फान भें गफ़
ु तगू िी ज़जसिा भैं जवाफ न दे सिा, तो
आऩने फ़यभामा कि भैं अबी अबी तुम्हें तभाभ ज़फानों िा जानने वारा फनाए दे ता
आइम्भाए ताहे यीन िे उरीर अम्र होने ऩय ़ुयान भजीद िी नस सयीह भौजूद
िहे हो जाए, जो इयादा ियें उसिी तिभीर हो जाए। अफू हालशभ िा फमान है कि
एि हदन भैनें इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी खखदभत भें अऩनी तॊग दस्ती िी
870
अफू हालशभ िहते हैं कि ऽुदा िी ़सभ जफ भैने उसे दे खा तो वह फेहतयीन
हज़यत सक़्
ु ़तुर इस्राभ अल्राभा ़ुरैनी उसर
ू े िाफ़ी भें लरखते हैं कि इभाभ
अरी ऩी (अ.स.) ने फ़यभामा, इस्भ अल्राहुर आज़भ 73 हुरूफ़ भें इनभें से लसफ़क
नौफ़री यावी ऽुदा वन्दे आरभ ने हभें इस्भे आज़भ िे 72 हुरूफ़ हदमे हैं औय
भसद
ू ी िा िहना है कि इसिे फाद इभाभ ने फ़यभामा कि ऽद
ु ा वन्दे आरभ ने
अऩनी ़ुदयत औय अऩने इज़्ने इल्भ से हभें वह चीज़े अता कि हैं जो है यत अॊगेज़
औय ताज्जुफ ऽैज़ हैं। भतरफ मह है कि इभाभ जो चाहें िय सिते हैं। उनिे लरए
(उसूरे िाफ़ी - भनाक़फ इब्ने शहय आशोफ ज़जल्द 5 सफ़ा 118 व दभतुस ़् सािेफा सफ़ा
126)
871
10. शेऽ अफू जाफ़य तूसी किताफ लभसफाह भें लरखते हैं कि इस्हा़ बफन
अब्दल्
ु राह अरवी अयीज़ी हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें फा
भ़
ु ाभ सयय्मा भदीना हाज़जय
ु़ हुए। इभाभ (अ.स.) ने उन्हें दे ख िय फ़यभामा, भैं
जानता हूॊ कि तुम्हाये फाऩ औय तुम्हाये चचा िे दयलभमान मह अभय ज़ेय फहस है
औय तुभ इसी िे भत
ु ाज़ल्ऱ भझ
ु से सवार ियने आए हो। उसने िहा ऐ भौरा
है ।
3. मौभे दहवर
ु अज़क मानी ज़जस हदन िाफे िे नीचे से ज़भीन बफछाई गई औय
सफ़ीना ए नह
ू िोह जूदी ऩय ठहया ज़जसिी तायीऽ 25 ज़ी़ाद है ।
हहज है ।
ऐ अयीज़ी जो इन हदनों भें से किसी हदन बी योज़ा यखे। उसिे साठ औय सत्तय
872
इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) और मुतावजक्कऱ की तख़्त निीनी
वाकिफ़
ु़ होते हैं ज़जनसे अवाभ उस वक़्त ति फ खफय नहीॊ होते जफ ति वह
इभाभ अरी ऩी (अ.स.) से लभरा। आऩने ऽैय ऽैरयमत दयमाफ़त ियने िे फाद
फ़यभामा कि वालस़ बफल्राह ऽरीफ़ा ए वक़्त िा क्मा हार है ? उसने िहा भैनें
उसे फ सराभत छोड़ा औय वह बफल्िुर फऽैरयमत है, भैं उसिा बेजा हुआ महाॊ
अस्फाती ने सि
ु ू त इख़्तेमाय किमा औय सभझा कि मह जो आऩने फ़यभामा है,
अच्छा मह फताओ कि इब्ने अज़मात किस हार भें है? उसने अज़क कि वह वह बी
िोई नहीॊ टार सिता औय ़रभे ़ुदयत िो िोई नहीॊ योि सिता। वालस़ िा
इन्ते़ार हो गमा है औय भत
ु ावज़क्िर तख़्त नशीने खखराफ़त
ु़ हो गमा है औय इब्ने
873
िैसे हो गमा है? भैं तो सफिो ऽैरयमत व आकपमत
ु़ भें छोड़ िय आमा हूॊ। आऩने
फ़यभामा तम्
ु हाये ईया़ से ननिरने िे छ् हदन फाद मह इऩ्ेराफ आमा है । इसिे
हदनों िे फाद भत
ु ावज़क्िर िा नाभा फय भदीना ऩहुॊचा तो बफल्िुर उन्हीॊ हारात िा
प्रिालशत लभस्र भव
ु रयक ऽ अरवदी लरखते हैं कि मह वाकिमा
ु़ 232 हहजयी िा है
़त्र होते ही भोतावज़क्िर ने अऩना वज़ीय पतेह इब्ने ऽ़ान िो फनामा जो फहुत
हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे एि सहाफी सफा बफन हभज़तुर ़ुम्भी ने
यहा है, भझ
ु े इसिा बी अन्दे शा है कि िहीॊ वह भेयी जान न रे रे। हज़यत ने
मसआ बफन हभज़ा िा फमान है कि भैनें इभाभ िे हस्फे अर हुक्भ नभाज़ सब्ु हा
874
िे फाद इस दआ
ु िी नतरावत िी ज़जसिा ऩहरे ही हदन मह नतीजा ननिरा कि
वज़ीय ऽद
ु भेये ऩास आमा भझ
ु े अऩने हभयाह रे गमा औय लरफासे फ़ऽया ऩहना
िय भझ
ु े फादशाह िे ऩहरू भें बफठा हदमा।
भव
ु रयक ऽ ननगाय भें भत
ु ावज़क्िर अब्फासी िो वही दजाक हालसर है जो फनी
उम्भमा भें मज़ीद िो हालसर था। मह दोनों अऩने ज़ाती कियदाय िे अरावा जो
िुछ आरे भौहम्भद स. िे साथ ियते यहे उससे तायीऽे इस्राभ सख़्त शलभकन्दा है ।
भत
ु ावज़क्िर िे भत
ु ाज़ल्ऱ भव
ु रयक ऽ इब्ने असीय लरखता है कि मह अरी बफन अफी
भत
ु ावज़क्िर ने शामय इब्ने स़ीमत िो इस जुभक कि उसने भत
ु ावज़क्िर िे इस
सवार िे जवाफ भें भेये फेटे भोताज़ औय भोइद फेहतय हैं मा अरी (अ.स.) िे फेटे
875
हसन (अ.स.) हुसन
ै (अ.स.) मह िहा था कि तेये फेटों िो भैं हसनैन िे ार
ु ाभ
मह फड़ा ज़ालरभ दाएभ उर ऽुम्र औय अय्माश फादशह था। इसिी चाय हज़ाय
िनीज़ें थीॊ। इन सफ से भज
ु ाभेअत िय चि
ु ा था। इसिे दयफाय भें हज़र औय
भसख़्रा ऩन फहुत होता था, जो तभसखुय भें फढ़ िय होता वही इसिा ज़्मादा ़यीफ
तफइमाॊ ियता था, िबी भजलरस भें शेय िो छुड़ा दे ता था, िबी किसी िी
आस्तीन भें साॊऩ छोड़ दे ता था, जफ वह िाटता तो तयमा़ से भदावा ियता िबी
भटिों भे बफच्छू बयवा िय उन्हें भजलरस भें तुड़वा दे ता था, वह भजलरस भें पैर
भज़हफ भोताज़जरा
ु़ िो खखराफ़े हुिूभत ़याय हदमा था। भोताज़जरमों
ु़ िो सयिायी
ओहदों से भाज़र
ू िय हदमा था। अरी (अ.स.) औय औरादे अरी (अ.स.) से दश्ु भनी
यखता था।
स्मत
ू ी लरखता है कि भत
ु ावज़क्िर नासफी था। अरी (अ.स.) औय औरादे नफी
स. िा दश्ु भन था। साहफे गुरज़ाय शाही लरखते हैं कि इसिे वक़्त भें सादात फेचाये
भस
ु ीफत िे भाये ज़जरा वतन हो गमे। ियफरा िे यौज़े जो उभय बफन अब्दर
ु
876
अज़ीज़ ने फनवामे थे औय उन योज़ों िे गगदक िे भिानात उसने लभसभाय ियवा
िे मह भन
ु ादी िया दी कि जो शख़्स वहाॊ हदखाई दे गा वह ़ैद किमा जामेगा।
भज़ु स्रभों िो ओहदों से फयतयफ़ िय हदमा था। नसाया िो हुक्भ हदमा कि गरे भें
ज़जन्नाय
ु़ न फाॊधें, घोड़े ऩय सवाय न हों, फज़ल्ि गधे औय खच्चय ऩय सवाय हों औय
य़ाफे िाठ िी यखें । 234 हहजयी भें उसने तभाभ भोहद्दे सीन िो साभयाक भें जभा
877
किमा औय इनाभ व इियाभ दे िय हुक्भ हदमा कि लसफ़ात व योमत व ऽल़्े
़ुयआन िे भत
ु ाअज़ल्ऱ हदीसे फमान ियें । चन
ु ाचे इसी लरमे अफू फिक इब्ने शीफा
िो जाभा भज़स्जद यसाफ़ा भें औय उनिे बाई उसभान िो जाभा भन्सयू भें भ़
ु यक य
किमा। इन दोनों िे वाज़ भें हय योज़ ़यीफ हज़ाय आदभी जभा होते थे। लसमत
ू ी
फादे सभभ
ू से फहुत से आदभीॊ औय जानवय हराि हुए। आसभान से लभसरे
भ़ाभे ज़खाय भे है कि भत
ु ावज़क्िर चॊकु ि हज़यत अरी (अ.स.) से दश्ु भनी
फसयक त भहसस
ू ियते थे। जैसे इब्ने जहभ शामय, उभय बफन पजकयहजी अफू अरहज़
878
िे हय वक़्त उबायने िा नतीजा मह हुआ कि हदर भें आरे भौहम्भद स. िी
दश्ु भनी ऩयू ी तयह ़ाएभ हो गई। वह चॊकु ि गाने वारी औयतों िा शाम़ था
रेहाज़ा उसने शयाफ ऩीने िे फाद एि ऐसी औयत िो तरफ किमा ज़जससे वह फहुत
ज़्मादा भानस
ू था। रोगों ने िहा कि दस
ू यी औयतें हाज़जय
ु़ हैं इनसे िाभ ननिारा
जाए वह आ जाएगी। चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ। जफ वह थोड़ी दे य फाद ऩहुॊची तो
फादशाह ने ऩछ
ू ा कि िहाॊ गई थीॊ? उसने िहा भैं हज ियने गई थी। भोतावज़क्िर
ने िहा भाहे शाफान भें िौन हज ियता है । सच फता? इसने जवाफ हदमा् इभाभ
हुसन
ै (अ.स.) िी ज़जमायत
ु़ िे लरमे चन्द औयतों िे हभयाह चरी गई थी। मह सन
ु
िय भोतावज़क्िर फहुत ाज़फ नाि हुआ औय उसे ़ैद िया हदमा। इसिा तभाभ
हदमे कि जो शख़्स ज़्मायत िो जाता हुआ ऩामा जाऐ पौयन ़ैद भें बैज हदमा
जाए। कपय एि नौ भज़ु स्रभ महूदी ज़जसिा नाभ वैरयज था िो हुक्भ हदमा कि
ियफरा जा िय हुसन
ै (अ.स.) िी ़ब्र िा ननशान लभटा दे औय उस जगह िो
जुतवा िय वहाॊ खेत फनवा दे औय ज़यीह िो किसी तयह कपिवा दे । हुक्भ ऩाते ही
879
जुत्वा डारी। जफ ़ब्रे भन
ु व्वया इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िो जोतने िे लरमे आगे फढ़ा
तो भस
ु रभानों ने ताभीरे हुक्भ से इनिाय िय हदमा औय िहा कि मह फ़यज़न्दे
यसर
ू स. हैं औय शहीद हैं। ़ुयान भजीद इन्हें ज़जन्दा
ु़ फताता है हभ हयगज़जु़ ऐसी
ऩानी पैरा हुआ था उसे हाएय िहते हैं। किताफे तस्वीये अज़ा भें फ हवारे किताफ
हाएय िे भानी ज़भीन ऩस्त िे हैं। इस जगह फहता हुआ ऩानी ऩहुॊच िय साकिन
आऩिी ़ब्र िे ननशान िो लभटाने िे लरमे ऩानी जायी किमा गमा था औय वहाॊ
लरमे इस भ़
ु ाभ िो ज़जसभें ऩानी ठहया हुआ था हाएय िहते हैं। स्मत
ू ी तायीऽ अर
880
औय ननशाने ़ब्र लभटा हदमा जाए औय उनिे भज़ाय िे इदक गगदक ज़जतने भिानात
फ़ेर से भस
ु रभानों भें सख़्त है जान ऩैदा हो गमा औय रागों ने उसिी हजो िी
औय दीवायों ऩय इसिे लरमे गालरमाॊ लरखीॊ मही िुछ किताफ हफीफ उस लसमय
तस
ू ी वाैया भें है ।
अल्राभा स्मत
ू ी लरखते हैं कि इस भौ़े ऩय ज़जन फहुत से शामयो ने अशआय
किमा है ।
881
(तायीऽ अर ऽर
ु फ़ा सफ़ा 237)
भना ियने िे लरमे ियफरा ऩहुॊचा तो वहाॊ िे रोगों ने ज़्मायत न ियने से साफ़
िे बफर भ़
ु ाबफर आिय िहा कि अगय भत
ु ावज़क्िर हभ भें से एि एि िो ़त्र
सन्
ु नते ज़्मायत िो अदा िये गी। सन
ु ों हभाये आफाओ अजदाद वही ियते चरे आए
जो हभ िय यहे हैं औय हभाये अफनामे वाहे फ़ा वही ियें गे जो हभ िय यहे हैं, फेहतय
वह शयाफ िे नशे भें ऐसी हयितें न िये औय अऩने फ़ैसरे ऩय नज़य सानी िय िे
हुक्भ वाऩस रे रे। अभीये फ़ौज वाऩस गमा औय उसने सायी दास्तान भत
ु ावज़क्िन
882
था। इसने भन्सयू दवाऩी िी तयह त़यीफन दस सार ऽाभोश यहा। मानी भन्सयू
(अ.स.) िी तयफ़ भत
ु ावज्जि न हो सिा। भत
ु ावज़क्िर बी साभया िी वजह से
िे दयलभमान वा़े हैं इसिी फनु नमाद 221 हह. भें भोतालसभ अब्फासी ने डारी थी
औय भद्
ु दतों इसिी तिभीर िा लसरलसरा जायी यहा।
हुिूभत िी तयफ़ से इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी भदीने से साभया भें तरफी
भोतावज़क्िर 232 हहजयी भें ऽरीफ़ा हुआ औय उसने 236 हहजयी भें इभाभ
हुसन
ै (अ.स.) िी ़ब्र िे साथ ऩहरी फाय फेअदफी िी रेकिन उसभें ऩयू ी िाभमाफी
883
यसर
ू इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो सताने भें िोई द़ी़ा फ़यो गुज़ाश्त न िये ।
चन
ु ान्चे इसने हुिूभत िे भन्शा िे भत
ु ाबफ़ ऩयू ी तवज्जा औय ऩयू े इन्हे भाि िे
आऩिे खखराफ़
ु़ रयिाडक िे लरमे भोतावज़क्िर िो लशिामत बेजनी शरू
ु िी।
िय आऩिो इसिे जवाफ भें लरखा िे आऩ हभाये ऩास चरे आएॊ। इसभें हाकिभें
उन्हें साभया फर
ु ा रें। ऽत भे उसने इतना नयभ रहजा इख़्तेमाय किमा था जो एि
(नरू
ु र अफसाय सफ़ा 149)
884
अल्राभा भजलरसी तहयीय फ़यभाते हैं कि भत
ु ावज़क्िर ने मह बी लरखा था कि
(ज़जराउर उमन
ू सफ़ा 292)
भज़हफी भनाज़या होता यहा। महाॊ ति कि हभ रोग एि अज़ीभश्ु शान वादी भें
ऩहुॊच,े ज़जसिे इदक गगदक भीरों िोई आफादी न थी औय वह ऐसी जगह थी जहाॊ से
885
से भनाज़या ियता चरा आ यहा था। िहने रगा ऐ िानतफ तुम्हाये इभाभ हज़यत
अरी (अ.स.) िा मह ़ौर है कि दनु नमा िी िोई ऐसी वादी न होगी ज़जसभें ़ब्र
ाालरफ िुल्रे ाालरफ िा मही इयशाद है । इसने िहा् फताओ इस ज़भीन ऩय किस
िी ़ब्र है? मा किस िी ़ब्र फन सिती है । तुम्हाये इभाभ मॊू ही िी हदमा ियते
फातें हभने सन
ु ीॊ तो हभ सफ हॊ स ऩड़े औय िानतफ शलभकन्दा हो गमा। ायज़ कि
रश्िय फढ़ता यहा औय उसी हदन भदीना ऩहुॊच गमा। वारयदे भदीना होने िे फाद
भैंने भत
ु ावज़क्िर िा ऽत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें ऩेश किमा।
दार भें िुछ िारा है । आऩने फ़यभामा ऐ इब्ने हयसभा चरने िो तैय्माय हूॊ रेकिन
उससे िहो कि भझ
ु े साभया जाना है रेहाज़ा यास्ते िे लरमे गभक िऩड़े टोवऩमाॊ
886
ज़भाना है मा जाड़े िा। इतनी शदीद गभी भें जाड़े िे िऩड़े लसरवा यहे हैं औय उसे
दरू
ु स्त फ़यभा यहे हैं औय आऩ अऩने भर
ु ाज़ेभीन से िहते जाते हैं दे खो िुराह
फायानी औय फयसाती वाैया यहने न ऩाए। सफ साथ भे फाॊध दो। इसिे फाद भझ
ु े
भन
ु ालसफ वक़्त भें यवाॊगी हो जाए। भैं वहाॊ से ननहामत फद हदर वाऩस आमा। हदर
भें सोचता था कि उन्हें क्मा हो गमा कि इस शदीद गभी िे ज़भाने भें सदी औय
किस्भ
ु़ िे साभान हभयाह रे रो। भख़्
ु तसय मह कि साभाने सफ़य दरू
ु स्त हो गमा
औय यवानगी हो गई। भेया रश्िय इभाभ (अ.स.) िो घेये भें लरए हुए जा यहा था
वादी भें ऩहुॊचना था कि ़माभत आ गई, फादर गयजने रगे, बफजरी चभिने रगी
887
एि िानतफ िो दे दो। ायज़ कि खूफ फारयश हुई हवा इतनी ठन्डी चरी कि जान
अफ़याद भेयी फ़ौज िे हराि हो गऐॊ हैं। इभाभ (अ.स.) ने फ़यभामा कि ऐ माहहमा
चन
ु ी ऩयु भी गगयवान्द फ़ा याज़े़फयू इस तयह ऽुदा वन्दे आरभ हय फक़्
ु ़ाए अज़क
िो ़ब्रों से ऩयु ियता है, इसी लरए भेये जद नाभदाय हज़यत अरी (अ.स.) ने
इयशाद फ़यभामा है कि ज़भीन िा िाई टुिड़ा ऐसा न होगा ज़जसभें िब़्र न फनी
हो। ‘‘मह सन
ु िय भैं अऩने घोड़े से उतय ऩड़ा औय इभाभ (अ.स.) िे ़यीफ जा
भस
ु रभान होता हुॉ मह िह िय भैंने इस तयह िरभा ऩढ़ा अशअदो अन रा इराहा
औय म़ीन िय लरमा कि मही हज़यत ऽुदा िी ज़भीन ऩय ऽरीफ़ा हैं औय हदर भें
होता औय अगय भझ
ु े न हदमा होता तो भेया क्मा हशय होता। कपय वहाॊ से यवाना
888
अल्राभा जाभी औय अल्राभा लशब्रन्जी लरखते हैं कि दो सौ से ज़ाएद अफ़याद
आऩिो अऩने घेये भें लरमे हुए साभया ऩहुॊच।े वहाॊ आऩिे ़माभ िा िोई इन्तेज़ाभ
फदतयीन थी वहाॊ शयु फ़ा नही जामा ियते थे। एि हदन सारेहा बफन सईद नाभी
छुऩाने िी किस ़दय िोलशश ियते हैं िहा हुज़यू िी ज़ाते अ़दस औय िहा मह
़माभ गाह। हज़यत ने फ़यभामा् ऐ सारेह तुभ हदर तॊग न हो भैं उसिी इज़्ज़त
अफ़ज़ाई िा ख़्वाहाॊ औय उनिी ियभ गुस्तयी िा जोमा हूॊ, ऽुदा वन्दे आरभ ने
छीन नहीॊ सिता। ऐ सारेह बफन सईद भैं तुम्हे ऽुश ियने िे लरमे फताना चाहता
हूॊ कि तभ
ु भझ
ु े इस भ़
ु ाभ ऩय दे ख िय ऩये शान न हो ऽद
ु ा वन्दे आरभ ने महाॊ
(शवाहे दन
ु नफूअत सफ़ा 208, नूरूर अफसाय सफ़ा 150)
889
इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी नज़य फन्दी
साथ ज़ाहहय दायी ज़रूय ियता था, रेकिन आऩिा सख़्त दश्ु भन था। उसने हीरा
भस
ु ीफतों भें भफ
ु नतरा ियने िी िोलशश ियता यहा।
भदीने से साभया ऩहुॊचने िे फाद बी आऩिो ऩास रागों िी आभद िा ताॊता फॊधा
यहा। रोग आऩसे फ़ामदे उठाते औय दीनी औय दनु नमावी उभयू भें आऩसे भदद
चाहते यहे औय आऩ हल्रे भज़ु श्िर भें उनिे िाभ आते यहे । उरभाए इस्राभ
890
जाने िे फाद एि साएर आऩिे भिान ऩय आमा, उसे मह भारभ
ू हुआ कि आऩ
फ़राॊ गाॊव भें तशयीफ़ रे गए हैं, वह वहाॊ चरा गमा औय जािय आऩसे लभरा।
आऩने ऩछ
ू ा कि तभ
ु िैसे आए हो। तम्
ु हाया क्मा िाभ है? उसने अज़क कि भौरा
भें ज़या बी भऽ
ु रेफ़त न ियना, उसने ताभीरे इयशाद िा वादा किमा। आऩने उसे
अदा िय दॊ ग
ू ा औय फ़यभामा कि िर भैं साभया ऩहुॊच जाऊॊगा ज़जस वक़्त भैं वहाॊ
उसने अज़क कि हुज़यू मह क्मों िय हो सिता है कि भैं रोगो भें आऩिी तौहीन
िी इत्तेरा लभरी तो आमाने शहय आऩसे लभरने आए। ज़जस वक़्त आऩ रोगों से
भहवे भर
ु ा़ात थे साएर भज़िूय बी ऩहुॊच गमा साएर ने हहदामत िे भत
ु ाबफ़
आऩसे य़भ िा त़ाज़ा किमा। आऩने फहुत नयभी से उसे टारने िी िोलशश िी,
891
रेकिन वह न टरा औय फ दस्तूय य़भ भाॊगता यहा। बफर आखखय
ु़ हज़यत ने उसे
बेज हदमे तीसये हदन जफ साएर आमा तो आऩने उससे फ़यभामा कि मह तीस
हज़ाय हदयहभ र रे औय अऩनी याह रग। उसने अज़क कि भौरा भेया ़ज़क तो लसफ़क
फचे उसे अऩने फच्चों ऩय सफ़क ियना। वह फहुत ऽुश हुआ औय मह ऩढ़ता हुआ कि
ऽद
ु ा ही ऽफ
ू जानता है कि रयसारत व अभानत िा िोई अहर है । अऩने घय चरा
गमा।
(नरू
ू र अफसाय सफ़ा 149, सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 123, शवाहे दन
ु नफव
ू त सफ़ा 207 अयजहुर
भत
ु ावज़क्िर िी नीमत ऽयाफ थी ही इभाभ अरी (अ.स.) िे साभयाह ऩहुचने िे
भन
ु ालसफ तयी़ों से हदर िा फऽ
ु ाय ननिारने िी तयफ़ भत
ु ावज्जा हुआ रेकिन
अल्राह ज़जसिी राठी भें आवाज़ नहीॊ उसने उसे िैफ़ये कियदाय ति ऩहुॊचा हदमा
892
भगय इसिी ज़जन्दगी
ु़ भें बी ऐसे असाय औय असयात ज़ाहहय किए ज़जससे वह बी
भव
ु रयक ऽ अज़ीभ लरखते हैं कि भत
ु ावज़क्िर िे ज़भाने भें फड़ी आफ़तें नाज़जर
ु़ हुईं
फहुत से इरा़ों भें ज़रज़रे आए, ज़भीने धस गईं, आगें रगीॊ, आसभान से
हौरनाॊि आवाज़ें सन
ु ाई दीॊ। फादे सभभ
ू से फहुत से जानवय औय आदभी हराि
आसभान से फयसे। यभज़ान 243 हहजयी भें हरफ से एि ऩरयन्दा िौवे से फड़ा आ
अल्राभा तफयसी लरखते हैं कि हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे भदीने से
साभया तशयीफ़ रे जाने िे फाद एि हदन अफू हालशभ ने िहा् भौरा भेया हदर
नहीॊ भानता कि भैं एि हदन बी आऩिी ज़जमायत से भहरूभ हूॊ, फज़ल्ि जी चाहता
तम्
ु हें िौन सी रूिावट है ? उन्होने अज़क िी भेया ़माभ फादाद है औय भेयी सवायी
893
जाऐगा औय इसिी यफ़्ताय फहुत तेज़ हो जाएगी। अफू हालशभ िा फमान है कि
नभाज़े ज़ोहय साभया िे असिय भहल्रे भें औय नभाज़े भारयफ इशा फादाद भें
ऩढ़ने रगा।
(आराभर
ु वयु ा सफ़ा 208)
घफयाओ नहीॊ वह दो भाह फाद फादाद भें न यहे गा। यावी िा फमान है कि ज्मोंही
दो भाद ऩयू े हुए िाज़ी अऩने भनसफ से भाज़ूर हो िय अऩने घय फैठ गमा।
(शवाहे दन
ु नफव
ू ा)
अल्राभा भौसफ़
ू मह बी लरखते हैं कि भत
ु ावज़क्िर िे भिान भें फहुत सी फतऽे
ऩरी हुईं थीॊ जफ िोई वहाॊ जाता तो वह इतना शोय भचामा ियती थीॊ कि िान ऩड़े
894
फात सन
ु ाई न दे ती थी रेकिन जफ इभाभ (अ.स.) तशयीफ़ रे जाते थे तो वह सफ
(शवाहे दन
ु नफूअत सफ़ा 209)
भठ्
ु ठी ऽुयभा इस तश्त से अता फ़यभामा जो आऩिे साभने यखा हुआ था। भैंने
भझ
ु े भारभ
ू हुआ कि हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) साभया तशयीफ़ राए हैं। भैं
फाद एि भठ्
ु ठी ऽुयभा भझ
ु े अता फ़यभामा, भैंने इन ऽुयभों िा शभ
ु ाय किमा तो वह
बी ऩच्चीस थे। भैंने अज़क िी भौरा क्मा िुछ ऽुयभा औय लभर सिता है? जवाफ
895
वाकिमा
ु़ इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) औय इभाभ अरी यज़ा (अ.स.) िे लरए बी
गज़
ु या है ।
भजीद नाज़जर
ु़ हुआ। इन से फेहतय न ़ुयान सभझने वारा है औय न उसिी
गमा तो उसने मह नज़य भानी कि अगय भैं अच्छा हो गमा तो याहे ऽुदा भें भारे
िसीय दग
ू ाॊ। कपय सेहत ऩाने िे फाद उसने अऩने उल्भाए इस्राभ िो जभा किमा
औय इनसे वाकिमा
ु़ फमान िय िे भारे िसीय िी तफ़्सीय भारभ
ू ियना चाही।
इसिे जवाफ भें हय एि ने अराहे दा अराहे दा फमान हदमा एि फ़़ीहे ने िहा भारे
जवाफ सन
ु ा तो तशवीश भें ऩड़ गमा औय ाौय ियने रगा कि अफ क्मा ियना
चाहहए। भत
ु ावज़क्िर अबी सोच ही यहा था कि एि दयफान साभने आमा ज़जसिा
सही जवाफ रा दॊ ।ू भत
ु ावज़क्िर ने िहा फेहतय है जवाफ राओ अगय तभ
ु सही
896
जवाफ न रा सिे तो सौ िोड़े भारूगाॊ। इसने िहा भझ
ु े भन्ज़ूय हैं। इसिे फाद
िसीय िी तफ़्सीय ऩछ
ू ने आमा है जा औय भत
ु ावज़क्िर से िह दे भारे िसीय
िसीयतह ऐ यसर
ू अल्राह स. ! ने तम्
ु हायी भद भवानतन िसीयह मानी फहुत से
भ़
ु ाभात ऩय िी है जफ हभने इन भ़
ु ाभात िा शभ
ु ाय किमा ज़जनभें ऽुदा ने
हदमा।
(भनाकिफ
ु़ इब्ने शहये आशोफ ज़जल्द 5 सफ़ा 116)
इसी किस्भ
ु़ िा एि वाकिमा
ु़ है कि भत
ु ावज़क्िर िे दयफाय भें एि नसयानी ऩेश
किमा गमा जो भस
ु रभान औयत से ज़जना
ु़ ियता हुआ ऩिड़ा गमा। जफ वह दयफाय
होता हूॉ। मह सन
ु िय िाज़ी महहमा बफन अ़सभ ने िहा कि इसे छोड़ दे ना
897
चाहहए क्मोंकि मह भस
ु रभान हो गमा है । एि फ़़ीह ने िहा कि नहीॊ हद जायी
लरखा गमा। हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने इसिे जवाफ भें तहयीय फ़यभामा
भत
ु ावज़क्िर िे दयफाय भें ऩहुॊचामा तो महहमा इब्ने अिसभ ़ाज़ी शहय औय
तो िहा कि हभ अल्राह ऩय ईभान राते हैं औय अऩने िुफ़्र से तौफा ियते हैं मह
ऩढ़ने िे फाद भत
ु ावज़क्िर ने तभाभ फ़ु़हा िे अ़वार भस्
ु तयद िय हदए औय
(दभतस
ु सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 120)
898
िाहे रोम को हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) का जवाफ
वह जन्नत भें जाएगा। इसे दे खने िे फाद भैंने तौयै त ज़फयू िा अच्छी तयह
भत
ु ारेआ किमा रेकिन इस किस्भ
ु़ िा िोई सयू ा इसभें नहीॊ लभरा। आऩ ज़या अऩने
उरभा से तह़ी़ िय िे लरखमे कि शामद मह फात आऩिे ़ुयान भजीद भें हो।
फादशाहे वक़्त ने फहुत से उरभा जभा किमे औय उनिे साभने मह चीज़ ऩेश िी
गमा तो इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी तयफ़ तवज्जा िी। जफ आऩ दयफाय भें
तशयीफ़ राए औय आऩिे साभने भसरा रामा गमा तो आऩने बफरा ताऽीय िहा,
वह सयू ा ए हम्द है । अफ जो गौयु़ किमा गमा तो बफल्िुर ठीि ऩामा गमा। फादशाहे
अगय आऩ इसिी वजह बी फताऐॊ कि मह हरूफ़ इस सयू ा भें क्मॊ ो ॊ नहीॊ राए
जहन्नभ िी तयफ़ ऽे ऽैफत मानी ऽुसयान िी तयफ़ ज़े से ज़़ूभ मानी थोहड़ िी
899
तयफ़ शीन से श़ावत िी तयफ़ ज़ो ज़ुरभत िी तयफ़ फ़े फ़ुय़त िी तयफ़ तफादये
वक़्त ने आऩिा तफ़्सीरी फमान शाहे योभ िो बेज हदमा। फादशाहे योभ ने ज्माॊही
यह।
(दभतुस सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 140 फ हवारा शया शाफ़मा अफू फ़यास)
मत
ु ावजक्कऱ के कहने िे इब्ने िकीत व इब्ने अकिम का इमाम अऱी
अफर
ु हसन से ज़या सख्त सख्त सवार ियो, इब्ने स़ीन ने ़ाफरीमत बय सवार
नहो शेय, रा
ु द िे आलरभ हो, तुम्हें भनाज़ये से क्मा हदरचस्ऩी, ठहयो भैं सवार
अऩने हभयाह यखे हुए था औय हज़यत िो दे हदमा। हज़यत ने इसिा इसी वक़्त
900
इन जवाफात िो ऩोशीदा यखा जाए वयना शीमाॊ िी हौसरा अफ़ज़ाई होगी। इन
भानफ़दत िरभात अल्राह जो हैं इसभें किन सात दरयमाओॊ िी तयफ़ इशाया है
औय िरभात अल्राह से क्मा भयु ाद है । आऩने इसिे जवाफ भें तहयीय फ़यभामा कि
न भज़ु म्िन है ।
रहनुमाई
इसिी वज़ाहत भें िोई जब्र िा ़ाएर नज़य नहीॊ आता है िोई भत
ु ऱन तफ़वीज़
ऩय ईभान यखता हुआ हदखाई दे ता है । हभाये इभाभ अरी ऩी (अ.स.) अऩने
है ।
901
(दभतुस ़् सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 134)
भैं हज़यत िा भतरफ मह सभझता हूॊ कि इन्सान असफाफ व आभार भें बफल्िुर
(अ.स.) िा इयशाद है
हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने इयशाद फ़यभामा है कि हभाये उरभा ाैफते
होंगे। इनिी लभसार लशमों िे लरमे बफल्िुर वैसी ही होगी जैसी िश्ती िे लरए न
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि 243 हहजयी भें हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.)
साभया ऩहुॊच िय नज़य फन्द हो गए, रेकिन आऩने इस हारत भें बी फ़यीज़ाए
इभाभत अदा ियने भें ज़या बी ऩसो ऩेश नहीॊ फ़यभामा औय फ़यीज़ाए भन्सफी
आलरभें अहरे ज़भाना थे इस लरए आऩिा वव़ाय रोगों िी ननगाहों भें योज़ फयोज़
902
फढ़ता गमा। आऩ रोगों िो उसर
ू े इस्राभ औय इफादत िी तारीभ फ़यभामा ियते
थे औय ऽद
ु बी शफो योज़ इफादत गज़
ु ायी भें भशार
ू यहा ियते थे। आऩ मह
तहय्मा किए हुए थे कि उभयू े सरतनत भें िोई दऽर किसी तयह से न दें गे औय
बफर आखखय
ु़ ज़ालरभ भत
ु ावज़क्िर से चा
ु री ऽाना शरू
ु िय हदमा औय इसे इस
भत
ु ावज़क्िर से चा
ु री िी कि हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे घय भे हनतमाय
वहभ हदरामा गमा कि हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) अऩने लरए अभये
खखराफ़त
ु़ िे तालरफ हैं। भत
ु ावज़क्िर ने चन्द लसऩाही भ़
ु यक य किमे कि यात िो
उन्हें गगयफ़्ताय िय राएॊ। लसऩाहीमों ने अचानि हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.)
आहहस्ता ़ुयान भजीद िी नतरावत िय यहे हैं। लसऩाहीमाॊ ने उन्हें इसी हारत भें
रे जा िय भत
ु ावज़क्िर िे साभने ऩेश किमा। भत
ु ावज़क्िर उस वक़्त शयाफ लरए
903
हुए भै नोशी िय यहा था। हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो दे ख िय इसने
वह जाभ शयाफ जो इसिे हाथों भें था हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) जाननफ
हदरचस्ऩी है । भत
ु ावज़क्िर न भाना कि ज़रूय िुछ ऩढ़ो। इभाभ ऩी (अ.स.) ने
िशाॊ िशाॊ ़ब्रों ऩय ऩहुॊचा हदमा, फाद अज़ाॊ इनिो हानतफ़ ने आवाज़ दी िे ऐ !
क्मा हुए वह नाज़ ऩयवदाक वह चेहये ज़जनिे लरए ऽेभें सया ऩदे नसफ किए जाते थे।
इस वक़्त ़ब्र ने इनिी जाननफ से जवाफ हदमा कि दनु नमा भें वह भद्
ु दत ति
िीड़े यें ग यहे हैं। अल्राभाऐ भआलसय भौराना सैय्मद अरी ऩी साहफ किब्रा
ु़ ने
904
हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे अश ़्आय िा तयजुभा इस नज़भ भें फ़यभामा
है ।
फर
ु न्द किरों
ु़ िी इज़्ज़त जो ऩस्त होिे यही
ाफ
ु ाय ज़जन ऩे िबी आने दे ते थे न हहजाफ
905
नतीजा इसिा है खुद आज फन गए वह गगज़ा।।
ु़
दाढ़ी आॊसओ
ू ॊ से तय हो गई। फाद इसने हुक्भ हदमा कि शयाफ उठा री जाए औय
(भुराहे ज़ा हो किताफ दफ़ामात अमान ज़जल्द 1 सफ़ा 322 व नूरूर अफसाय, दभतुस ़् सािेफा
भत
ु ावज़क्िर योते, योते अऩने हाथ से जाभ ज़भीन ऩय पेंि दे ता था।
भल्
ु रा जाभी लरखते हैं कि एि हदन भत
ु ावज़क्िर िे ऩास एि भशहूय हहन्दी
भेये दयफाय भें एि ननहामत शयीफ़ शख़्स अऩयीफ आने वारा है अगय तू अऩने
906
बफठा दे भैं ऐसा िरूॊगा कि सख्त शलभकन्दा होगा। मह सन
ु िय भत
ु ावज़क्िर ऽुश
फ़यभाना चाहा उसने जाद ू िे ज़ोय से उड़ाना हदमा। इसी तयह उसने तीन भयतफा
मह दे ख िय उस ़ारीन िी तयफ़ भत
ु ावज्जा हुए जो दीवाय भें रगा हुआ था औय
उस ऩय शेय िी तस्वीय फनी हुई थी। आऩने शेये ़ारीन िो हुक्भ हदमा कि
भज्
ु जसभ हो िय इस िाकपये
ु़ अज़री िो ननगर रे। शेय भज्
ु जसभ हुआ औय उसने
फढ़ िय िाकपये
ु़ हहन्दी िो भस
ु ल्रभ ननगर लरमा। इस वाकिमे
ु़ से दयफाय भें
हरचर भच गई। भत
ु ावज़क्िर सय ननगॊू हो गमा औय इभाभ (अ.स.) से दयख्वास्त
दीज़जए कि इस िाकपये
ु़ हहन्दी िो उगर दे । आऩने फ़यभामा मह हयगगज़ न होगा
भस
ू ा िे अज़दहे ने कपयऔन
ु़ िे साॊऩों िो ननगर रेने िे फाद उगर हदमा होता तो
मह शेय बी उगर दे ता। चॊकू ि उसने नहीॊ उगरा था, इस लरए मह बी नहीॊ उगरे
गा।
(शवाहे दन
ु नफूअत सफ़ा 209 दभतुस ़् सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 145)
907
हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) और अब्दरु रहमान समस्री का ज़ेहनी
इन्क़ेऱाफ
िे दयफाय िा मह हार सन
ु ा कि एि अरवी िे ़त्र िा हुक्भ हदमा गमा है तो भैं
दयवाज़े ऩय इस इन्तेज़ाय भें खड़ा हो गमा कि दे खॊू वह िौन शख़्स है ज़जसिे ़त्र
िे इन्तेज़ाभात हो यहे हैं इतने भें दे खा कि हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.)
हुआ है । भेयी नज़य ज्माॊ ही उनिे चेहये ऩय ऩड़ी, भेये हदर भें उनिी भोहब्फत
सयाएत िय गई औय भैं दआ
ु ियने रगा। ऽुदामा तू भत
ु ावज़क्िर िे शय से इस
ऩहुॊचे औय भझ
ु से बफरा जाने ऩहचाने फ़यभामा कि ऐ अब्दयु क हभान तुम्हायी दआ
ु
़ुफर
ू हो गई है औय भैं इन्शा अल्राह भहफ़ूज़ यहूॊगा। चन
ु ान्चे दयफाय भें आऩ ऩय
भारा भार हो गमा औय साहे फे औराद हो गमा। अब्दयु क हभान िहता है कि भैं इसी
908
(िश्फ़ुर ाम्भा सफ़ा 123 व दभतुस ़् सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा 125)
औय ऽफ
ू सयू त आई औय उसने आिय िहा ज़ैनफ बफन्ते अरी व फ़ात्भा हूॊ।
भत
ु ावज़क्िर ने िहा कि तू जवान है औय ज़ैनफ िो ऩैदा हुए औय वफ़ात ऩाए असाक
गुज़य गमा। अगय तुझे ज़ैनफ तस्रीभ िय लरमा जाम तो मह िैसे भाना जाए कि
(स.अ.व.व.) ने मह दआ
ु दी थी कि भैं चारीस औय ऩचास सार िे फाद जवान हो
इसे झठ
ु रा सिॊू । सफ ने अऩनी आज़जज़ी िा हवारा हदमा। फ़ता इब्ने ऽा़ान
वज़ीय भत
ु ावज़क्िर ने िहा कि इस भसरे िो इब्ने यज़ा अरी ऩी (अ.स.) िे
909
इयशाद है कि दरयन्दों ऩय भेयी औराद िा गोश्त हयाभ है । ऐ फादशाह तू इस औयत
िो दरयन्दों भें डार दे अगय मह सच्ची होगी औय इसिा ज़ैनफ होना तो दयकिनाय
फहया औय ऽारी होगी तो दरयन्दे इसे पाड़ खाऐॊगे। अबी मह गुफ़्तुगू जायी ही थी
कि दयफाय भें इशाया फाज़ी होने रगी औय दश्ु भनों ने लभर जुर िय भत
ु ावज़क्िर से
िहा कि इसिा इम्तेहान इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ही िे ज़रयमे से क्मों न लरमा
औय अगय मह फत गए तो भत
ु ावज़क्िर िी वह उरझन दयू हो जाऐगी जो ज़ैनफ
यज़ा क्मा अच्छा होता कि आऩ खुद फयितुर सफआ भें जा िय इसे साबफत िय
हो गमे। भत
ु ावज़क्िर ने अऩने फनामे हुए फयितर
ु सफआ ‘‘ शेय ऽाने’’ भें
910
छू िय आऩिे गगदक कपयने रगे। आऩ अऩनी आस्तीन उन ऩय भरते थे। कपय
दरयन्दे घट
ु ने टे ि िय फैठ गमे। भत
ु ावज़क्िर इभाभ (अ.स.) िे भत
ु ाज़ल्ऱ छत ऩय
से मह फाते दे खता यहा औय उतय आमा। कपय जनाफ सहन से फाहय तशयीफ़ रे
आमे। भत
ु ावज़क्िर ने आऩिे ऩास गयाॊ फहा लसरा बेजा। रोगों ने िहा
भत
ु ावज़क्िर तू बी ऐसा िय िे हदखरा दे । उसने िहा शामद तुभ भेयी जान रेना
चाहते हो।
िी बफना ऩय भत
ु ावज़क्िर ने उसे दरयन्दों भें डरवा िय पड़वा डारा।
(सवाए़े भोहये ़ा, सफ़ा 124, अयजहुर भतालरफ सफ़ा 461, दभ ए सािेफा ज़जल्द 3 सफ़ा
911
हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) और मत
ु ावजक्कऱ का इऱाज
अल्राभा अब्दयु क हभान जाभी तहयीय फ़यभाते हैं कि ज़जस ज़भाने भें हज़यत इभाभ
िी जगह िभय िे नीचे ज़जसभ िे वऩछरे हहस्से भें एि ज़फय दस्त ज़हयीरा पोड़ा
अगय भत
ु ावज़क्िर अच्छा हो गमा तो इब्ने यज़ा िी खखदभत भें भैं भारे िसीय
चाही, हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने फ़यभामा, िस्फे ानभ फियी िी
भें गननमाॊ रेिय गुराफ िे अय़ भें हर िय िे रगा दो, इन्शा अल्राह ठीि हो
जाऐगा। वज़ीय फ़तह इब्ने ऽा़ान ने दयफाय भें हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.)
िी तजवीज़ ऩेश िी रोग हॊ स ऩड़े औय िहने रगे इभाभ होिय क्मा दवा तजवीज़
फ़यभाई है । वज़ीय ने िहा ऐ ऽरीफ़ा तजरूफे भें क्मा हजक है । अगय हुक्भ हो तो भैं
गई औय यात बय सोमा तीन हदन िे अन्दय लशफ़ाए िालभर हो जाने िे फाद भाॊ
912
ने दस हज़ाय अशयफ़ी िी सय फ भह
ु य थैरी हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी
खखदभत
ु़ भें लबजवा दी।
(शवाहे दन
ु नफूअत सफ़ा 207 आराभु वुया सफ़ा 208)
शानदाय िाभमाफी ने दश्ु भनों िे हदरों भें हसद िी रगी हुई आग िो औय बड़िा
एहसान होने िे फजाए इभाभ िे दयऩए आज़ाय हो िय खुल्रभ खुल्रा उन्हें सताने
िी तयफ़ ऽुसस
ू ी तौय ऩय भत
ु ावज्जा हो गमा।
भल्
ु रा जाभी अरेहहयक हभा िा फमान है कि वा़ए सेहत िे चन्द ही हदनों फाद
रोगों ने भत
ु ावज़क्िर से चा
ु र खाई औय िहा कि हज़यत इभाभ अरी ऩी
फत
ू े ऩय तेयी हुिूभत िा तख़्ता उरट दे गें औय हाकिभें वक़्त फन िय तेये किमे िा
फदरा रेगें। भत
ु ावज़क्िर जो ऩहरे से आरे भौहम्भद स. िा शदीद दश्ु भन था
913
उसे भेये ऩास रे आ। सईद हाज़जफ िा फमान है कि भैं आधी यात िो हज़यत िे
हुआ था आवाज़ दी, ऐ सईद अन्धेया है, ठहयो ! भैं शभा रा यहा हूॊ। ायज़ भैंने जा
िय दे खा कि आऩ ज़भीन ऩय भस
ु ल्रा बफछा ए हुए हैं औय आऩ िे घय भें एि
(शवाहे दन
ु नफूअत सफ़ा 208, ज़जराउर उमून सफ़ा 294)
िा फमान है कि भत
ु ावज़क्िर ने आऩिे ऩास जाने ऩय भि
ु म्भर ऩाफन्दी आएद
914
हज़रत इमाम अऱी नक़ी (अ.ि.) के तिव्वरु े हुकूमत ऩर खौफे खद
ु ा
ग़ासऱफ था
हहरभ व भयु व्वत से िाभ रेना, भोहताजों औय ज़रूयत भन्दो िी इभादाद ियना
मही वह औसाफ़ हैं जो हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी सीयते ज़जन्दगी
ु़ भें
नभ
ु ामा नज़य आते हैं।
आऩने फ़यभामा भैं अऩने हदर भें भौत िा ख़्मार यखने िे लरमे मह ़ब्र अऩनी
फानतर भत
ु ारफा ए इताअत औय इस्राभ िी ह़ी़ी तारीभात कि नश्रो अशाअत
लरमे इतना तैय्माय हो िय हय वक़्त खुदी हुई ़ब्र अऩने साभने यखे। वह ज़ालरभ
915
हुिूभत से डय िय सये तस्रीभ ऽभ ियने ऩय िैसे भजफयू किमा जा सिता है ।
खखराफ़
ु़ िोई इरज़ाभ साबफत न हो सिा औय िबी सरातीने वक़्त िो िोई दरीर
आऩिे खखराफ़
ु़ िे जवाज़ िी न लभर सिी, फा वजूदे कि सरतनते अब्फालसमा िी
फनु नमादें इस वक़्त इतनी खोखरी हो यही थी कि दारूर सरतनत भें हय योज़ एि
नई साज़जश
ु़ िा कपतना
ु़ खड़ा होता था।
भत
ु ावज़क्िर ने खद
ु इसिे फेटे िी भऽ
ु ारफ़त औय उसिे इन्तेइाई अज़ीज़ गराभ
ु ु़
आखखय
ु़ भत
ु ावज़क्िर िे फेटों िो खखराफ़त
ु़ से भहरूभ ियाने िा फ़ैसरा भस्
ु तईन
िी दौये हुिूभत भें महहमा बफन उभय महहमा बफन हसीन बफन ज़ैद अरवी िा िूफ़ा
फयदायी ऩय भजफयू होना औय िुछ असे फाद भाअज़ बफल्राह िे साथ तरवाय िे
916
ऽातभा औय भोकप़
ु़ िा फसया भें ़ैद किमा जाना, इन तभाभ हगाॊभी हारात, इन
तभाभ शोरयशो, इन तभाभ फेचनै नमो औय झगड़ो भें से किसी भें बी हज़यत इभाभ
अरी ऩी (अ.स.) िी लशयित िा शब्ु हा ति न ऩैदा होना क्मा इस तज़क अभर िे
खखराफ़
ु़ नहीॊ जो ऐसे भौ़े ऩय जज़्फात से िाभ रेने वारों िा हुआ ियता है । एि
ऐसे अ़तेदाय िे भ़
ु ाफरे भें ज़जसे न लसफ़क वह ह़ व इन्साफ़ िे रू से नाजाएज़
सभझते हैं फज़ल्ि इनिे हाथों उन्हें ज़जरावतनी, ़ैद औय एहाननतों िा साभना बी
दनु नमावी हॊ गाभों औय वक़्त िे इत्तेफ़ा़ी भौिाॊ ु़ से किसी तयह िा फ़ामदा उठाना
भऽ
ु ारफ़त ऩय ऩसे ऩश्ु त हभरा ियने िो आऩने फर
ु न्द नक़्
ु ताए ननगाह औय भेमाये
अभर िे खखराफ़
ु़ जानते हुए हभेशा किनाया िश यहा।
हहजरी
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िे इन्हे दाभ िी तयफ़ भत
ु ावज्जा हुआ औय चाहा कि नेस्त व
नाफद
ू िय दे । भव
ु रयक ऽ ने लरखा है कि जफ इसे मह भारभ
ू हुआ कि ियफरा भें
917
़ब्रे हुसन
ै ी िी ज़्मायत िे लरमे एतयाफ़े आरभ से अ़ीदतभॊदों िी आभद िा ताॊता
अब्दर
ु ़ाहदय ज़जरानी सत्तय हज़ाय फ़रयश्ते आसभान से उतय िय ऽानाए िाफा िा
तवाफ़ ियने िे फाद जाते हैं वहाॊ योते हैं औय इसिी ज़्मायत ियते औय भज
ु ावयत
बेजा औय हुक्भ हदमा जो शख़्स ज़्मायत िे लरमे आए उसे ़त्र िय हदमा जाए
िाटे जामें कपय अगय फाज़ न आऐ तो ़त्र िय हदमे जाऐॊ मह एि ऐसा हुक्भ था
ऩहुॊचे वहाॊ ऩहुॊच िय हज़यत फहरोर दाना से लभरे जो उस वक़्त फ भसरेहत अऩने
िो हदवाना फनाए हुए थे। दोनाॊ भें तफादराए ख़्मारात हुआ औय दोनों ज़ज़मायते
़ब्रे भन
ु व्वय िे लरमे ियफरा यवाना हो गमे। उन्होंने आऩस भें तम किमा था कि
918
हाथ िाटे जामे तो िटवामेंगे ़त्र होने िी ज़रूयत भहसस
ू हो तो ़त्र हो जामेंगे
रेकिन ज़ज़मायत ज़रूय ियें गे। जफ मह दोंनो ियफरा ऩहुॊचे तो उन्होंने दे खा कि ़ब्र
इसी भ़
ु ाभ ऩय ही थे कि वह शख़्स इनिी तयफ़ भत
ु ावज्जा हुआ जो इन्हे दाभें ़ब्र
ऩय भत
ु ाअय्मन था। उसने ऩछ
ू ा कि तुभ क्मों आमे हो? उन रोगों ने िहा ज़ज़मायत
िे लरमे। उसने जवाफ हदमा जो ज़्मायत िो आए, भैं उसे ़त्र ियने िे लरमे
भ़
ु यक य किमा गमा हूॊ। इन हज़यात ने िहा हभ ़त्र होने िी तभन्ना भें ही आए
हैं। मह सन
ु िय वह इनिे ऩैयों ऩय गगय ऩड़ा औय अऩने अभर से ताऐफ हो िय
भत
ु ावज़क्िर िे ऩास वाऩस गमा। भत
ु ावज़क्िर ने उसे ़त्र िया िय सर
ू ी ऩय
चढ़ा हदमा। कपय ऩैयों भें यस्सी फॊधवा िय फाज़ाय भें खखॊचवामा। ज़ैद िो जफ मह
वाकिमा
ु़ भारभ
ू हुआ, फ़ौयन साभया ऩहुॊचे औय उसिी राश दफ़न िी औय उस ऩय
उठामा गमा स्माह अरभ साथ था अयिाने दौरत औय अभाएदीन सरतनत हभयाह
थे। चायों तयफ़ से योने िी आवाज़ें आ यही थीॊ। ज़ैद ने सभझा कि शामद
भत
ु ावज़क्िर िा इन्ते़ार हो गमा है । मह भारभ
ू ियने िे फाद हज़यत ज़ैद ने एि
919
आहे सदक खीॊची औय िहा अल्राह अल्राह फ़यज़न्दे यसर
ू स. इभाभ हुसन
ै (अ.स.)
एि भदे भोलभन आए हैं औय िहते हैं कि ज़ैद िो इसी वक़्त ये हा िय दे । वयना भैं
तझ
ु े अबी अबी हराि िय दॊ ग
ू ा। चन
ु ान्चे उसने उसी वक़्त ये हा िय हदमा।
मत
ु ावजक्कऱ का क़त्ऱ
भत
ु ावज़क्िर िे ज़ुल्भ व तआद्दी ने रोगों िो ज़जन्दगी
ु़ से फेज़ाय िय हदमा था।
अफ इसिी मह हारत हो चि
ू ी थी कि फयसये आभ आरे भौहम्भद स. िो गालरमाॊ
920
सािेफा सफ़ा 147 भें है कि मह वाकिमा
ु़ चाय शव्वार 247 हहजयी िा है फाज़
ियाए हैं।
ऩैदर तफ़यीह िे लरमे चरें। हुक्भ भें इभाभ (अ.स.) ऽास तौय ऩय भाभयू थे।
चन
ु ान्चे आऩ बी िई लभर ऩैदर चर िय वाऩस तशयीफ़ राए औय आऩिो इस
भत
ु ावज़क्िर िे फाद आऩ िा फेटा भस
ु तनलसय कपय भस
ु तईन कपय 252 हहजयी
सन्
ु नत िो नहीॊ छोड़ा औय हज़यत िे साथ सख़्ती ही ियता यहा। महाॊ ति कि
उसी ने आऩिो ज़हय दे हदमा। सभा अर भोताज़, अनवारूर हुसनै नमा ज़जल्द 2
921
सफ़ा 55 औय आऩ व तायीऽ 2 यजफ 254 हहजयी फयोज़ दो शम्फा इन्ते़ार
फ़यभा गए।
अल्राभा इब्ने जौज़ी तज़कियाए खास अर भता भें लरखते हैं कि आऩ भोताज़
िे ज़भाने खखराफ़त
ु़ भें शहीद किए गमे हैं आऩिी शहादत ज़हय से हुई है अल्राभा
150, अल्राभा इब्ने हजय लरखते हैं कि आऩ ज़हय से शहीद हुए हैं सवाए़े
भोहये ़ा सफ़ा 124, दभतुस ़् सािेफा सफ़ा 185 भें है कि आऩिे इन्ते़ार से ़ब्र
िे फाद इभाभ हसन अस्ियी (अ.स.) ने गये फान चाि किमा तो रोग भोतरयज़ हुए।
दफ़्न किए गमे इन्ना लरल्राहे व इन्ना इरैहे याजेउन अल्राभा भजलरसी तहयीय
(ज़जरा अर उमन
ू सफ़ा 292)
922
आऩिी अज़वाज व औराद
आऩिी िई फीवीमाॊ थीॊ उनिी िई औरादें ऩैदा हुईं ज़जनिे असभा मह हैं।
(इयशाद भफ़
ु ीद सफ़ा 602 व सवाए़े भोहये ़ा सफ़ा 129 प्रिालशत लभस्र)
हासिया
लरखते हैं कि इभाभ अरी ऩी यज़ी अल्राह अन्हो तारा िे दो फ़यज़न्द अफू
अब्दल्
ु राह जाफ़य ़ज़्ज़ाफ औय हसन अस्ियी य. से नस्र जायी है । अफू अब्दल्
ु राह
जाफ़य िे नाभ िे साथ ऱफ िज़्ज़ाफ फाज़ रोग इस लरए शालभर किमा ियते हैं
कि उन्होने अऩने बाई हसन अस्ियी य. िी वफ़ात िे फाद ऽुद इभाभ होने िा
दावा किमा था। इनिी औराद इनिो जाफ़य तव्वाफ िहती है औय अऩने आऩ िो
इल्भ नहीॊ मा उन्हें धोखा हो गमा है दय अस्र जनाफे जाफ़य एरैह यहभा िी
923
अफु मोहम्मद हज़रत इमाम हिन अिकरी (अ.ि.)
क्मों न झि
ु ें सराभ िो, फ़ौजे उरभ
ू िे ऩये
वारयसे जज़ल्फ़़ाय
ु ु़ है सल्
ु फे भें इनिी जरवा गय
आऩिे वालरदे भाज़जद हज़यत इभाभ अरी निी ु़ (अ.स.) थे औय आऩिी वारेदा
(ज़जराउर उमन
ू ऩष्ृ ठ 295)
924
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) अऩने आफाओ अजदाद िी तयह इभाभ
भन्सस
ू भासभ
ू आलरभे ज़भाना औय अफ़ज़रे िाएनात थे। (इयशाद भफ़
ु ीद ऩष्ृ ठ 502)
आऩिो हसना लसफ़ाते इल्भ व सऽावत वाैया अऩने वालरद से ववयसे भे लभरे थे।
अल्राभा भोहम्भद बफन तल्हा शाफ़ई िा फमान है कि आऩिो ऽुदा वन्दे आरभ
इनभें भि
ु ज़म्भर दवाभ भौजद
ू हैं। न वह नज़य अन्दाज़ किमे जा सिते हैं औय न
भेहदी (अ.स.) आऩ ही िे इिरौते फ़यज़न्द हैं ज़जन्हें ऩयवय हदगाये आरभ ने तवीर
भ़
ु ाभ भदीना भन
ु व्वया भत
ु वज़ल्रद हुए हैं। भर
ु ाहे ज़ा हो शवाहे दन
ु नफअ
ू त ऩष्ृ ठ
इयशाद भफ़
ु ीद ऩष्ृ ठ 502 दभ ए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 163। आऩिी ववरादत िे
925
फाद हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) िे
अस्ियी, हादी, ज़िी, खलरस, लसयाज औय इब्ने यज़ा ज़्मादा भशहूय हैं। (नरू
ू र
इब्ने शहय आशोफ ज़जल्द ऩष्ृ ठ 125) आऩिा ऱफ इसियी इस लरमे ज़्मादा भशहूय
इस भ़
ु ाभ ऩय रश्िय जभा किमा था औय ऽद
ु बी ़माभ ऩज़ीय था उसे ‘‘
िो भदीने से फर
ु वा िय महीॊ भ़
ु ीभ यहने ऩय भजफयू किमा था। नीज़ मह बी था
रशिय िा भआ
ु एना ियामा था औय आऩने अऩनी दो उॊ गलरमाॊ िे दयलभमान से
अऩने ऽद
ु ाई रशिय िा भत
ु ारा िया हदमा था। उन्हीॊ वजह िी बफना ऩय इस
भि
ु ाभु़ िा नाभ ‘‘ असिय ’’ हो गमा था जहाॉ इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय
926
(फेहारूर अनवाय ज़जल्द 12 ऩष्ृ ठ 154, दफ़मात अमान ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 145, भजभूउर फहयै न
ऩष्ृ ठ 322 दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 163, तज़कियतुर भासूभीन ऩष्ृ ठ 222)
आऩिी ववरादत 232 हहजयी भें उस वक़्त हुई जफ कि वालस़ बफल्राह बफन
भोतलसभ फादशाहे वक्त था जो 227 हहजयी भें ऽरीफ़ा फना था। (तायीऽ अफूर
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िी ज़्मायत िो जभ
ु क ़याय दी औय उनिे भज़ाय िो ऽत्भ
जफयन भदीने से सयभन याम तरफ िया लरमा। (सवाए़े भोहये ़ा) औय आऩिो
गगयफ़्ताय िया िे आऩिे भिान िी तराशी ियाई। (दफ़अनतर अमान) कपय 247
भभ
ु ताज़ बफल्रा ऽरीफ़ा हुआ। (अफुर कफ़दा) इसी ज़भाने भें अरी ऩी (अ.स.) िो
ज़हय से शहीद िय हदमा गमा। (नूरूर अफसाय) कपय 255 हहजयी भें भें हदी बफल्राह
ऽरीफ़ा फना। (तायीऽ इब्ने अर वदी) कपय 256 हहजयी भें भोतलभद बफल्रा ऽरीफ़ा
927
हुआ। (तायीऽ अफुर कफ़दा) इसी ज़भाने भें 260 हहजयी भें इभाभ हसन असियी
फयताव किमा जो आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िे साथ फयताव किए जाने िा दस्तयू
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) कि उम्र जफ चाय भाह िे ़यीफ हुई तो
आऩिे वालरद अरी ऩी (अ.स.) ने अऩने फाद िे लरमे भन्सफे इभाभत िी
वसीअत िी औय फ़यभामा कि भेये फाद मही भेये जाॊ नशीन होंगे औय इस ऩय फहुत
से रोगों िो गवाह बी िय हदमा। (इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 502 व दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ
इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी औराद भें सफ से ज़्मादा अज़ज़र अयफ़ा अरा व
अफ़ज़र थे।
भत
ु ावज़क्िर अब्फासी जो आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िा हभेशा से दश्ु भन था
928
िो जफयन 239 हहजयी भें भदीने से ‘‘ सयभन याम ’’ फर
ु ा लरमा। आऩ ही िे
हभयाह इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो बी जाना ऩड़ा। इस वक़्त आऩिी उम्र
चाय सार चन्द भाह िी थी। (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 162)
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) न जाने किस तयह अऩने घय िे िुएॊ भें
गगय गए। आऩिे गगयने से औयतों भें िोहयाभे अज़ीभ फयऩा हो गमा। सफ चीऽने
औय गचल्राने रगीॊ भगय हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) जो भहवे नभाज़ थे
भत
ु ऱ भत
ु ाअज़स्सय न हुए औय इतलभनान से नभाज़ िा एऽतेताभ किमा। उसिे
फाद आऩने फ़यभामा कि घफयाओ नहीॊ हुज्जते ऽुदा िो िोई गज़न्द न ऩहुॉचग
े ी।
इसी दौयान भें दे खा कि ऩानी फरन्द हो यहा है औय इभाभ हसन असियी (अ.स.)
ऩानी भें खेर यहे हैं। (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 179)
यहे ज़जस जगह िुछ फच्चे खेर भें भसरूफ़ थे। इत्तेफ़ा़न उधय से आरयफ़े आरे
929
भोहम्भद (स.अ.व.व.) जनाफ फहरोर दाना गुज़ये । उन्होंने मह दे ख िय कि सफ
भत
ु ावज्जे हुए औय िहा ऐ नौनेहार भझ
ु े फड़ा अफ़सोस है कि तभ
ु इस लरमे यो यहे
फवजूद फोरे, अना न सभझ। हभ खेरने िे लरमे नहीॊ ऩैदा किमे गए हैं। हभ इल्भो
ायज़े खखऱत
ु़ इल्भो इफादत है । आऩने फ़यभामा कि इसिी तयफ़ ़ुयआने भजीद
यहफयी ियता है । क्मा तुभने नहीॊ ऩढ़ा कि ऽुदा फ़यभाता है, ‘‘ अफ़सफतुभ इन्नभा
(खेर िूद) िे लरमे ऩैदा किमा है ? औय क्मा तुभ हभायी तयफ़ ऩरट िय न आओगे।
मह सन
ु िय फहरोर है यान यह गए औय मह िहने ऩय भजफयू हो गए कि ऐ
फ़यज़न्द तम्
ु हें क्मा हो गमा था कि तभ
ु यो यहे थे, तभ
ु से गन
ु ाह िा तसव्वयु तो
लरमे छोटी रिड़ड़माॊ इस्तेभार ियती हैं। भैं डयता हूॉ कि िहीॊ जहन्नभ िे फड़े
भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 124, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 150, तज़िेयतुर भासूभीन ऩष्ृ ठ 230)
930
इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) के िाथ फादिहाने वक़्त िुऱूक और
तरज़े अमऱ
सरतनत औय हुक्भयानी िी याह भें रूिावट सभझते यहे । उनिा मह ख़्मार यहा
दयू यखा जाए वयना इभिान ़वी है कि रोग उन्हें अऩना फादशाहे वक़्त तसरीभ
िय रेंगे। इसिे अरावा मह फग़्जु ज़ो हसद बी था कि इनिी इज़्ज़त फादशाहे वक़्त
िे भ़
ु ाफरे भें ज़्मादा िी जाती है औय मह कि इभाभ भेहदी (अ.स.) उन्हीॊ िी
ु़
नस्र से होंगे जो सरतनतों िा इन्िेराफ राऐॊगे। इन्ही तसव्वयु ात ने ज़जस तयह
आऩिे फज़
ु ुगों िो चैन न रेने हदमा औय हभेशा भसाएफ िी अभाजगा फनाए यखा।
इसी तयह आऩिे अहद िे फादशाहों ने बी आऩिे साथ किमा। अहदे वालस़ भें
भत
ु वज़क्िर जो आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िा जानी दश्ु भन था उसने लसपक इस
ज़ुफान गुद्दी से खखॊचवा री। (अफुर कफ़दा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 14) उसने सफ से ऩहरे तो
आऩ ऩय मह ज़ुल्भ किमा कि चाय सार िी उम्र भें तयिे वतन ियने ऩय भजफयू
931
किमा मानी इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िो जफयन भदीने से साभया फर
ु वामा ज़जनिे
हभयाह इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो राज़भन जाना ऩड़ा। कपय वहाॊ आऩिे घय
सताने िी भभ
ु किन थी, वह सफ उसने अऩने अहदे हमात भें िय डारी। उसिे फाद
भस
ु रसर िोलशश मही यही कि इन रोगों िो सि
ु ू न नसीफ न होने ऩामे। उसिे
फाद भस्
ु तईन िा जफ अहदे नव आमा तो उसने आऩिे वालरदे भाज़जद िो ़ैद
ऽाने भें यखने िे साथ साथ उसिी सई ऩैहभ िी कि किसी सयू त से इभाभ हसन
किमे।
भल्
ु रा जाभी लरखते हैं कि एि भयतफा उसने अऩने शौ़ िे भत
ु ाबफ़ एि
कि उसने फड़े फड़े रोगों िो सवायी न दी औय जो उसिे ़यीफ गमा उसिो ज़भीन
932
जामेगा, औय अगय िाभमाफ न हुए औय िुचर डारे गए तो तेया भ़सद हर हो
जामेगा। चन
ु ान्चे उसने ऐसा ही किमा रेकिन अल्राह ये शाने इभाभत जफ आऩ
उसिे ़यीफ ऩहुॉचे तो वह इस तयह बीगी बफल्री फन गमा कि जैसे िुछ जानता
कपय भस्
ु तईन िे फाद जफ भोतज़ बफल्राह ऽरीफ़ा हुआ तो उसने बी आरे
भस
ु ीफत थी कि ज़जसने इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो फे इन्तेहा भामस
ू िय
हदमा। इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी शहादत िे फाद इभाभ हसन असियी (अ.स.)
गमा था। आऩिो खटिा रगा ही था कि हुिूभत िी तयफ़ से अभर दयाभद शरू
ु
औय नज़य फन्दी भें इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो दे हदमा। उसने उनिो सताने
आऩिी इफादत गुज़ायी औय योज़ा दायी ने उस ऩय ऐसा गहया असय किमा कि उसने
933
आऩिी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय भाफ़ी भाॊग री औय आऩिो दौरत सया ति
ऩहुॉचा हदमा।
भझ
ु े एि ऽत तहयीय फ़यभामा ज़जसभें लरखा कि तुभ ऽाना नशीन हो जाओ क्मों
कि एि फहुत फड़ा कफ़तना उठने वारा है । ायज़ कि थोड़े हदनों िे फाद एि हॊ गाभा
जायी यखा औय हज़यत िो सताने भें हय क़स्भ िी िोलशश ियता यहा। एि हदन
उसने सारेह बफन वसीफ़ नाभी नासेफी िे हवारे आऩिो िय हदमा औय हुक्भ हदमा
ऽयाफ हुजया था ज़जसभें आऩ ़ैद किमे गए। सारेह फद फख़्त ने जहाॊ औय तयी़े
यहे । एि हदन उसिी फीवी ने िहा कि ऐ दश्ु भने ऽुदा मह फ़यज़न्दे यसर
ू
(स.अ.व.व.) हैं। इनिे साथ यहभ िा फयताव िय। उसने िोई तवज्जो न िी। एि
934
कि भैंने उनिे ऊऩय दो ऐसे शख़्सों िो भस
ु ल्रत िय हदमा है ज़जनिा ज़ुल्भों
तशद्दद
ु भें जवाफ नहीॊ है रेकिन भैं क्मा िरूॊ कि उनिे त़वे औय उनिी इफादत
गज़
ु ायी से वह इस दजाक भत
ु ाअज़स्सय हो गमे हैं कि ज़जसिी िोई हद नहीॊ। भैंने
रोग भामस
ू वावऩस गमे। (तज़कियतुर भासूभीन ऩष्ृ ठ 223)
िो फयाफय ़त्र ियता यहता था। एि हदन आऩिे एि साहफी अहभद बफन
तहयीय फ़यभामा कि घफयाओ नहीॊ कि भेहदी िी उम्र अफ लसफ़क ऩाॊच हदन फा़ी यह
गई है । चन
ु ान्चे छटे हदन उसे िभारे ज़ज़ल्रत व ऽवायी िे साथ ़त्र िय हदमा
इसी िे अहद भें जफ आऩ ़ैद ऽाने भें ऩहुॉचे तो ईसा बफन फ़तेह से फ़यभामा
कि तम्
ु हायी उम्र इस वक़्त 65 सार एि भाह दो मौभ िी है । उसने नोट फि
ु
ननिार िय उसिी तसदी़ िी। कपय आऩने फ़यभामा कि ऽुदा तुम्हें औरादे नयीना
अता िये गा। वह ऽुश हो िय िहने रगा भौरा! क्मा आऩिो ऽुदा फ़यज़न्द न
935
जो सायी िामनात ऩय हुिूभत िये गा औय दनु नमाॊ िो अदरो इॊसाफ़ से बय दे गा।
कपय जफ उसिे फाद भोतलभद ऽरीफ़ा हुआ तो उसने इभाभ हसन असियी
हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) ने अऩने इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी
(अ.स.) िी नस्र से थीॊ। (ज़जरा अर उमून ऩष्ृ ठ 298) इसिे फाद आऩ 3 यजफ 254
आऩिो भफ
ु ायि फाद दी औय आऩ से हय क़स्भ िा इस्तेफ़ादा शरू
ु िय हदमा।
आऩिी खखदभत
ु़ भें आभदो यफ़्त औय सवारात व जवाफात िा लसरलसरा जायी हो
जामेगी।
936
अल्राभा भल्
ु रा जाभी लरखते हैं कि एि शख़्स ने अऩने वालरद सभेत हज़यत
इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी याह भें फैठ िय मह सवार ियना चाहा कि फाऩ
िो ऩाॊच सौ हदयहभ औय फेटे िो तीन सौ हदयहभ अगय इभाभ दें तो साये िाभ हो
तुम्हें दे दॊ ।ू दोनों हभयाह हो लरमे औय य़भ भाहूद हालसर िय री। इसी तयह एि
औय शख़्स ़ैद ऽाने भें था। उसने ़ैद िी ऩये शानी िी लशिामत इभाभ (अ.स.)
अऩने भ़
ु ाभ ऩय ऩहुॉचते ही सौ हदनाय बेज दॊ ग
ू ा। चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ। इसी तयह
एि शख़्स ने आऩसे अऩनी तॊग दस्ती िी लशिामत िी। आऩने ज़भीन िुये द िय
एि अशयफ़ी िी थैरी ननिारी औय उसिे हवारे िय दी। इसभें सौ दीनाय थे। इसी
तयह एि शख़्स ने आऩिो तहयीय किमा कि लभश़ात िे भानी क्मा हैं? नीज़ मह
कि भेयी औयत हाभेरा है इससे जो फ़यज़न्द ऩैदा होगा उसिा नाभ यख दीज़जए।
आऩने जवाफ भें तहयीय फ़यभामा कि लभश़ात से भयु ाद ़ल्फे भोहम्भदे भस्
ु तफ़ा
(स.अ.व.व.) औय आखखय
ु़ भें लरख हदमा ‘‘ अज़भल्
ु राह अजयिुभ व अऽरफ़ अरैि
937
’’ ऽुदा तुम्हें अज्र दे औय नेभर
ु फदर अता िये । चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ कि उसिे
महाॊ भद
ु ाक रड़िा ऩैदा हुआ। इसिे फाद उसिी फीवी हाभरा हुई, फ़यज़न्दे नयीना
भत
ु ावज़ल्रद हुआ। भर
ु ाहे ज़ा हों। (शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 211)
अल्राभा अयफरी लरखते हैं कि हसन इब्ने ज़यीफ़ नाभी एि शख़्स ने हज़यत से
लभरिय दयमाफ़्त किमा कि ़ाएभे आरे भोहम्भद (अ.स.) ऩोशीदा होने िे फाद
िफ ज़ुहूय ियें ग?
े आऩने तहयीय फ़यभामा जफ ऽुदा िी भसरहत होगी। इसिे फाद
िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हुआ तो आऩने फ़यभामा कि इस घोड़े िी उम्र लसफ़क एि
यात फा़ी यह गई है चन
ु ान्चे वह सफ
ु ह होने से ऩहरे भय गमा। इस्भाईर बफन
दो।
938
अब्दी यवामत ियता है कि भैं अऩने फ़यज़न्द िो फसये भें बफभाय छोड़ िय
फ़यभाए ’’ ज़जस हदन मह ऽत उसे लभरा उसी हदन उसिा फ़यज़न्द इन्ते़ार िय
चि
ु ा था। भोहम्भद बफन अफ़आ िहता है कि भैंने हज़यत िी खखदभत
ु़ भें एि
जफ ऽत यवाना िय चि
ु ा तो ख़्मार हुआ कि एहतेराभ तो वसवसए शैतानी से
हुआ ियता है औय इभाभ (अ.स.) ति शैतान ऩहुॉच नहीॊ सिता। फहय हार जवाफ
आमा कि इभाभ नौभ औय फेदायी दोनों हारतों भें वसवसाए शैतानी से दयू होते हैं
जैसा कि तुम्हाये हदर भें बी ख़्मार ऩैदा हुआ है, कपय एहतेराभ क्मों िय हो
भें हाज़ज़य था, हदर भें ख़्मार आमा कि भेयी औयत जो हाभेरा है अगय उससे
फ़यज़न्दे नयीना ऩैदा हो तो फहुत अच्छा हो। आऩने फ़यभामा कि ऐ जाफ़य रड़िा
जाफ़य बफन शयीफ़ जयजानी िा फमान ियते हैं कि भैं हज से फ़याात िे फाद
939
कि भौरा ! अहरे जयजान आऩिी तशयीफ़ आवयी िे ख़्वास्त गाय औय ख़्वाहहश
ज़जस हदन तभ
ु ऩहुॉचोंगे उसी हदन शाभ िो भैं बी ऩहुॉचग
ू ा। तभ
ु उन्हें फा ऽफय िय
दे ना। चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ। भैं वतन ऩहुॉच िय रोगों िो आगाह िय चि
ु ा था कि
(अ.स.) ने सफ िो भत
ु भईन िय हदमा। इसी लसरलसरे भें नसय बफन जाबफय ने
अऩने फ़यज़न्द िो ऩेश किमा, जो नाफीना था। हज़यत ने उसिे चेहये ऩय दस्ते
भफ
ु ायि पेय िय उसे फीनाई अता कि। कपय आऩ उसी योज़ वाऩस तशयीफ़ रे गए।
सक़्
ु ़तर
ु इस्राभ अल्राभा ़ुरैनी औय इभाभे अहरे सन्
ु नत अल्राभा जाभी
य़भ तयाज़ हैं कि एि हदन हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें
940
एि ऽूफसयू त सामभेनी आमा औय उसने एि सॊग ऩाया मानी ऩत्थय िा टुिड़ा ऩेश
हज़यत ने भोहय रगा दी। आऩिा इसभे गगयाभी इस तयह िन्दा हो गमा ज़जस
अ़फा बफन सभआन इब्ने ाानभ था। मह वही सॊग ऩाया रामा था ज़जस ऩय उसिे
ऽान दान िी एि औयत उम्भे ऽानभ ने तभाभ आइम्भा ए ताहे यीन (अ.स.) से
भोहय रगवा यखी थी। उसिा तयी़ा मह था कि जफ िोई इभाभत िा दावा ियता
अभर से आज़जज़ यहा तो वह उसे नज़य अन्दाज़ िय दे ती थी चॊकू ि उसने इसी सॊग
ऩाये ऩय िई इभाभों िी भोहय रगवाई थी। इस लरमे उसिा ऱफ साहे फतुर
उससे ऩछ
ू ा गमा कि तुभ हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो ऩहरे से
ऩहचानते थे? उसने िहा नहीॊ। वा़ेमा मह हुआ कि भैं उनिा इन्तेज़ाय िय ही यहा
941
यहा। इतने भें एि नालशनास नौजवान ने भेयी नज़यों िे साभने आ िय िहा कि
यावी अफू हालशभ फमान ियता है कि जफ वह जवान आऩिे दयफाय भें आमा तो
सॊग ऩाया रामा है ज़जस ऩय भेये फाऩ दादा िी भोहयें रगी हुई हैं। चन
ु ान्चे उसने
ऩेश किमा औय आऩने भोहय रगा दी। वह शख़्स आमाए ‘‘ ज़ुरयक मते फाज़हा लभन
नफूवत ऩष्ृ ठ 211 प्रिालशत रखनऊ 1905 ई0, आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 214)
तफ़सीये ़ुयआन
मह एि भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि जफ इन्सान िो सि
ु ू न नसीफ न हो तो हदरो
हदभाा अज़िाये यफ़्ता हो जाते हैं औय उसभें इतनी सराहहमत नहीॊ यहती कि वह
िोई ाैय फ़ानी हदभााी कियदाय ऩेश िय सिे। हज़यत इभाभ हसन असियी
(अ.स.) ज़जन्हें बफर वास्ता मा बफरा वास्ता ऽुरफ़ाए अब्फालसमा िे सात ज़ालरभों
िे दस्ते इस्तेफदाद से भत
ु ाअज़स्सय होना ऩड़ा। िबी आऩिे वालरदे भाज़जद िो ़ैद
किमा गमा, िबी नज़य फन्दी िी ज़ज़न्दगी फसय ियने ऩय भजफयू किमा गमा।
942
गयज़ कि आऩिा िोई रम्हा ए हमात ऩयु सि
ु ू न नहीॊ गुज़या। कपय उम्र बी आऩने
हक़़्ा इज़हायो इन्िेशाफ़ न हो सिा। इसी बफना ऩय अल्राभा कियभानी लरखते हैं
कि आऩ दनु नमाॊ भें इतने हदनों फ ़ैदे हमात यहे ही नहीॊ कि आऩिे फ़ज़ाएर व
भनाक़फ औय उरभ
ू व हुक्भ रोगों ऩय ज़ाहहय हो सिें। (अऽफारूर दवर ऩष्ृ ठ 117)
ताहभ इन हारात भें बी आऩने अऩने इल्भे रदन्ु नी, नीज़ अऩने वालरदे फज़
ु ुगव
क ाय
से हालसर ियदा इल्भ िे सहाये तफहव्वे इल्भी िे साथ फड़े फड़े इल्भी िायनाभों से
तफ़सीय उरभ
ू े ़ुयआनी औय हुक्भे नफवी से भम्रू है । (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ
आऩिा ़रभ फयाफय चरता यहता था औय आऩ भाकफ़ज़ ज़भीय फहुक्भे ऽुदा वन्दी
सतहे क़यतास ऩय भय़ूभ होता यहता था। (फेहारूर अनवाय दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ
943
179) फहवारा ए असफात अर हदामा उय आभरी। अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद िा िहना
अल्राभा ़ुरैनी (य.अ.) िा फमान है कि हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) अऩने
आफाओ अजदाद िी तयह तभाभ ज़फानों से वाक़फ़ थे। आऩ तुिी, रूभी ायज़ कि
फ़यभामा था औय आऩ इल्भे यजार, इल्भे अन्साफ, इल्भे हवाहदस भें िभार यखते
भनाक़फे फ़ात्भा)
फ़रसफ़ी िो लशिस्त दे ना
भव
ु ये ऽीन िा फमान है कि ईया़ िे अज़ीभ फ़रसफ़ी इस्हा़ िन्दी िो ऽब्त
लरखना शरू
ु िी औय इस दजाक भन
ु हलभ़ हो गमा कि रोगों से लभरना झर
ु ना औय
944
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो जफ इसिी इत्तेरा हुई तो आऩने उसिे
हाज़ज़य हुआ। हज़यत ने फ़यभामा कि तुभ भें िोई ऐसा नहीॊ है जो इस्हा़ िन्दी
उसिा शागगकद हूॉ बरा उसिे साभने रफ िुशाई िय सिता हूॉ। आऩने फ़यभामा कि
तवज्जो से सन
ु ने रगे तो उससे िहना कि भझ
ु े एि शफ
ु हा ऩैदा हो गमा है, आऩ
उसिो दयू फ़यभा दें । जफ वह िहे कि फमान ियो तो िहना कि ‘‘ इन्ना एतािा
हज़र भत
ु ािज़ल्रभ फे हज़ारूर ़ुयआन हर मह फज़अ
ू न मिून भयु ादा फेभा
तिल्रभ
ु लभन्हा अनर भआनी अर रती ़द ज़न सतहा इन्िा ज़ेफतहा इरैहा ’’
अगय इस किताफ मानी ़ुयआन िा भालरि तुम्हाये ऩास इसे रामे तो क्मा हो
व भतालरफ िे खखराफ़
ु़ हो। ज फवह तुम्हाया मह एतेयाज़ सन
ु ेगा तो चॊकु ि ज़हीन
945
िहना कि कपय किताफ ‘‘ तना़ुज़ अर ़ुयआन ’’ लरखने से क्मा फ़ामेदा? क्मों
कि तभ
ु उसिे जो भानी सभझ िय उस ऩय जो एतेयाज़ िय यहे हो हो सिता है
ज़ िवह ऽद
ु ाई भ़सद
ू िे खखराफ़
ु़ हो। ऐसी सयू त भें तम्
ु हायी भेहनत ज़ामा औय
ऩय नही त
ॊ ो तनाक़स िहाॊ यहा? अर ायज़ वह शागगकद इस्हा़ िन्दी िे ऩास
सवार िो दोहयाओ। उसने कपय दोहयामा। इस्हा़ थोड़ी दे य िे लरमे भहवे तफ़क्िुय
रा
ु त औय फ रेहाज़े कफ़ियो तदब्फयु भज़ु म्िन है । कपय अऩने शागगकद िी तयफ़
भत
ु ावज्जे हो िय फोरा ! भैं तुम्हें ़सभ दे ता हूॉ, तुभ भझ
ु े सही सही फताओ कि
तम्
ु हें मह एतेयाज़ किसने फतामा है? उसने जवाफ हदमा, भेये शफ़ी़ उस्ताद मह
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) ने फ़यभामा था औय भैंने उन्हीॊ िे फतामे हुए
उसर
ू ऩय सवार किमा है ।
946
इस्हा़ िन्दी फोरा ‘‘ एरान जेहत फेह ’’ अफ तुभ ने सच िहा है । ऐसे ऐतयाज़
दआ
ु बफन नाय व अहय़ जीभए भा िाना अनफ़हा ’’ कपय उसने आग भॊगाई औय
(भनाक़फ इब्ने शहये आशोफ भा ज़न्दयानी ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 127 व फेहारूर अनवाय ज़जल्द 12
रोगों िा शभ
ु ाय होगा जो उसर
ू व फ़ुरू औय दीगय रवाज़ज़भ िे साथ साथ इन दस
1. शफो योज़ भें 51 यिअत नभाज़ ऩढ़ना। 2. सजदा गाहे ियफरा ऩय सजदा
भयतफा िहना। 5. अज़ान व अ़ाभत भें हय्मा अरा ऽैरयर अभर िहना। 6.
आफ़ताफ िी ज़यदी से ऩहरे नभाज़े अस्र औय तायों िे डूफ जाने से ऩहरे नभाज़े
सफ
ु ह ऩढ़ना। 9. सय औय दाढ़ी भें वसभा िा खखज़ाफ
ु़ ियना। 10. नभाज़े भय्मत भें
947
हज़रत इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) और ईदे नुहुम रफीउऱ अव्वऱ
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) चन्द अज़ीभ अस्हाफ ज़जनभें अहभद बफन
इस्हा़ ़ुम्भी बी थे। एि हदन भोहम्भद बफन अफी आरा हम्दानी औय महहमा
होने ऩय गफ़्
ु तग
ु ू हो यही थी। फात चीत िी तिभीर िे लरमे मह दोनों अहभद बफन
इस्हा़ िे भिान ऩय गए। दक़़्ुर फाफ किमा, एि ईया़ी रड़िी ननिरी, आने
िा सफफ ऩछ
ू ा, िहा अहभद से लभरना है । उसने िहा वह आभार िय यहे हैं।
उन्होंने िहा िैसा अभर है ? रड़िी ने िहा अहभद बफन इस्हा़ ने हज़यत इभाभ
िऩड़े ऩहने हुए थे। ऽुशफू रगाए हुए थे। भैंने अज़क कि इब्ने यसर
ू अल्राह
(स.अ.व.व.) आज क्मा िोई ताज़ा मौभे भसयक त है? फ़यभामा हाॊ आज 9 यफीउर
948
इभाभ (अ.स.) ने इस हदन िे मौभे ईद होने औय यसर
ू े ऽुदा (स.अ.व.व.) औय
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे ऩन्दो नसामह हुक्भ औय भवाएज़ भें से
ऩहुॉचामें।
7. वह शख़्स फदतयीन है जो दो भह
ु ा औय दो ज़फान हो, जफ दोस्त साभने आमे
तो अऩनी ज़फान से ऽश
ु िय दे औय जफ वह चरा जाए तो उसे खा जाने िी
949
तदफीय सोचे जफ उसे िुछ लभरे तो मह हसद िये औय जफ उस ऩय िोई भस
ु ीफत
8. गस्सा
ु ु़ हय फयु ाई िी िुन्जी है ।
13. जो दनु नमाॊ भें फोऐगा वही आऽेयत भें िाटे गा।
14. भौत तुम्हाये ऩीछे रगी हुई है अच्छा फोओगे तो अच्छा िाटोगे, फयु ा फोओगे
तो ननदाभत होगी।
16. एि भोलभन दस
ू ये भोलभन िे लरमे फयित है ।
18. दनु नमा िी तराश भें िोई फ़यीज़ा न गवा दे ना। 19. तहायत भें शि िी
950
20. िोई कितना ही फड़ा आदभी क्मों न हो जफ वह अ़ िो छोड़ दे गा ज़रीर
तय हो जामेगा।
21. भाभर
ू ी आदभी िे साथ ह़ हो तो वही फड़ा है ।
सभझो।
30. अऩनी बाई िी ऩोशीदा नसीहत ियनी इसिी ज़ीनत िा सफफ होता है ।
32. हय फरा औय भस
ु ीफत िे ऩस भन्ज़य भें यहभत औय नेभत होती है ।
33. भैं अऩने भानने वारों िो नसीहत ियता हूॉ कि अल्राह से डयें दीन िे फाये
951
िाकफ़य िी, अदा ियें , औय अऩने सजदों िो तूर दें औय सवारात िे शीयीॊ जवाफ
34. जो शख़्स दनु नमाॊ से हदर िा अन्धा उठे गा, आऽेयत भें बी अन्धा यहे गा।
़माभत िे हदन ज़ालरभ िहें गे ‘‘यब्फे रभा हश्रतनी आएभी व ़नत फसीयन ’’ भेये
ऩारने वारे हभ तो दनु नमाॊ भें फीना थे हभें महाॊ अन्धा क्मों उठामा है? जवाफ
लभरेगा, हभ ने जो ननशाननमाॊ बेजी थी तुभने उन्हें नज़य अन्दाज़ किमा था। रोगों!
फ़यभामा है कि नभाज़े सब्ु ह िी यक्ते अव्वर भें सयु ह ‘‘ हर अता ’’ ऩढ़ना चाहहए।
15 शाफान 255 हहजयी भें फतने जनाफे नयज़जस ऽातून से ़ाएभे आरे
भोहम्भद हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ववरादत फ सआदत हुई। इभाभ हसन
असियी (अ.स.) ने दश्ु भनों िे ऽौफ़ से आऩिी ववरादत िो ज़ाहहय होने नहीॊ
हदमा।
952
भल्
ु रा जाभी लरखते हैं कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ववरादत िे फाद हज़यते
गगरफ़्तारी
इसने हुिूभत िी िभान सॊबारते ही अऩने अफाई तज़े अभर िो इख़्तेमाय ियना
कपय बी अऩने वज़ीफ़े औय अऩने लभशन से ााकफ़र नहीॊ यहा। इसने हुक्भ हदमा
अहदे हाज़ज़य भें ऽानदाने रयसारत िी मादगाय इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो
आज़ाद फ़ेज़ा से ़ैद ऽाने भें ऩहुॉचा हदमे गए औय आऩ ऩय अरी बफन अवताश
953
नाभी एि नासफी भस
ु ल्रत िय हदमा गमा जो आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.), आरे
िी औराद होने िा िोई लरहाज़ किमा रेकिन अल्राह ये आऩिा ज़ोहदो त़वा कि
जरारत िी वजह से सय झि
ु ा िय आता व चरा जाता। महाॊ ति कि वह वक़्त
अफू हालशभ दाऊद बफन ़ालसभ िा फमान है कि भैं औय भेये हभयाह हसन बफन
िय ़ैद ऽाने भें हभाये ऩास फैठ गए औय फैठते ही एि अन्धे िी तयफ़ इशाया
954
अन्दरूनी भाभरा किमा है औय तुभ िफ रयहा होगे। रोगों ने मह सन
ु िय उस
अन्धे से िहा कि तभ
ु ज़या हभाये ऩास से चन्द लभनट िे लरमे हट जाओ चन
ु ान्चे
वह हट गमा। उसिे चरे जाने िे फाद आऩने फ़यभामा कि मह नाफीना ़ैदी नहीॊ
इसिी जासस
ू ी िा सफ
ु त
ू दे ते हैं। मह सन
ु िय रोगों ने उसिी तराशी री औय
वाक़मा बफल्िुर सही ननिरा। अफू हालशभ िहते हैं कि अय्माभ गुज़य यहे थे कि
एि हदन ार
ु ाभ खाना रामा। हज़यत ने शाभ िा खाना खाने से इन्िाय िय हदमा
औय फ़यभामा कि भैं सभझता हूॉ कि भेया अफ़्ताय ़ैद से फाहय होगा। इस लरमे
खाना न रॊग
ू ा। चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ आऩ असय िे वक़्त ़ैद खाने से फयाभद हो
वाफ़क़ए क़हत
इभाभ हसन असियी (अ.स.) ़ैद ऽाने ही भें थे कि साभया भें जो तीन सार से
955
ऐसा किमा, भगय ऩानी न फयसा। चौथे योज़ फादाद िे रसाया िी जभाअत सहया
हुआ। हत्ता कि फाज़ जाहहरों िे हदरों भें शि ऩैदा हो गमा। फज़ल्ि फाज़ उनभें से
भैदान भें आ िय दोआए फायान ियें , इन्शा अल्राह तारा भैं रोगों िे शिूि
ज़ाएर िय दॉ ग
ू ा। कपय जफ दस
ू ये हदन वह रोग भैदान भें तरफे फायाॊ िे लरमे जभा
याहहफ िे हाथ भें लभरे रे रे, उस शख़्स ने याहहफ िे हाथ भें एि हड्डी दफी हुई
956
िी। उन्होंने याहहफ से फ़यभामा कि तू हाथ उठा िय फारयश िी दआ
ु िय उसने हाथ
िभारे भत
ु ाअज़ज्जफ हुए औय ऽरीफ़ा भोतलभद ने हज़यत इभाभ हसन असियी
(अ.स.) से ऩछ
ू ा कि ऐ अफू भोहम्भद मह क्मा चीज़ है? आऩने फ़यभामा कि मह
अऩनी ़माभ गाह ऩय तशयीफ़ राए। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 124 व िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ
शेऽ शहाफद्
ु दीन ़रदन
ू ी ने किताफ ायाएफ व अजाएफ भें इस वाक़मे िो
957
फ़यभामा था जो भॊज़ूय हो गमा था औय वह रोग बी याहहफ िी हवा उखाड़ने िे
ज़जनिे हदरों भें आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िी भोअद्दत िभार िो ऩहुॉची हुई थी
(अ.स.) िी ववरादत िी भफ
ु ायि फाद ऩेश ियें रेकिन इसिा भौ़ा न लभरता था
क्मों कि मा इभाभ ़ैद भें होते मा हहयासत भें । उनसे लभरने िी किसी िो
सार ़ैद ऽाने से फाहय यहे । इसी दौयान भें रोगों ने भसाएर वाैया दयमाफ़्त किमे
958
तहननमते ववरादत हज़यते हज़यत हुज्जत (अ.स.) अदा ियना चाहते थे उन्होंने
अल्राभा भोहम्भद फा़य लरखते हैं कि 257 हहजयी भें त़यीफन 70 आदभी
भदाएन से ियफरा होते हुए साभया ऩहुॉचे औय हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.)
िी खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय तहननमत गुज़ाय हुए। हज़यत ने फ़यते भसयक त से
अ़ीदत भॊदों िी आभद िा चॊकु ि ताॊता फॊध गमा था इस लरमे ऽरीफ़ा भोतलभद
हसन असियी (अ.स.) ने ज़जन्हें हुिूभत िी ननमत िा फहुत अच्छी तयह इल्भ था
ऽाभोशी औय ग
ॊ ोशा नशीनी िी ज़ज़न्दगी फसय ियने रगे औय आऩने इसिी
959
इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) और अफीदल्
ु ऱाह वज़ीरे मोतसमद अब्फािी
आऩसे इस तयह भहवे गुफ़्तुगू यहा कि भोतलभद िा बाई भौ़फ़ दयफाय भें आमा
फमान ियते हैं। िुतुफे भोतफया भें है कि ज़जस ज़भाने भें अहभद ऽा़ान ़ुभ िा
वारी था, उसिे दयफाय भें एि हदन अरववमों िा तज़किया नछड़ गमा। वह अगयचे
दश
ु भने आरे भोहम्भद होने भें लभसारी अहलभमत यखता था रेकिन मह िहने ऩय
भजफयू हो गमा कि भेयी नज़य भें इभाभ हसन असियी (अ.स.) से फेहतय िोई
नहीॊ। उनिी जो व़अत उनिे भानने वारों औय अयािीने दौरत िी नज़य भें थी
वालरद अफीदल्
ु राह इब्ने ऽा़ान िे ऩास खड़ा हुआ था कि नागाह दयफान ने आ
िय इत्तेरा दी कि इभाभ हसन असियी (अ.स.) तशयीफ़ राए हुए हैं, वह इजाज़ते
दाखखरा
ु़ चाहते हैं। मह सन
ु िय भेये वालरद ने ऩि
ु ाय िय िहा कि हज़यत इब्नफ
ु
यज़ा िो आने दो। वालरद ने चॊकू ि िुज़न्नमत िे साथ नाभ लरमा था इस लरमे भझ
ु े
सख़्त ताअज्जुफ हुआ क्मो कि इस तयह ऽरीफ़ा मा वरी अहद िे अरावा किसी
960
िा नाभ नहीॊ लरमा जाता था। इसिे फाद ही भैंने दे खा कि एि साहफ जो सब्ज़
यॊ ग, ऽश
ु ़ाभत, ऽफ
ू सयू त, नाज़ि
ु अन्दाभ जवान थे, दाखखर
ु़ हुए। ज़जनिे चहये
से योफो जरार हुवेदा था। भेये वालरद िी नज़य ज्मों ही उनिे ऊऩय ऩड़ी वह उठ
खड़े हुए औय उनिे इस्ते़फार िे लरमे आगे फढ़े औय उन्हें सीने से रगा िय
कि भौकफ़़
ु़ िे ार
ु ाभे ऽास िो उसने अऩनी नज़यों से दे ख लरमा। उन्हें दे खने िे
किमा। भेये वालरद ने उन्हें सीने से रगामा औय दयफानों िो हुक्भ हदमा कि उन्हें
दो भि
ु म्भर सफ़ों िे दयलभमान से रे जाओ कि भौकफ़़ िी नज़य आऩ ऩय न
ऩड़े। चन
ु ान्चे हज़यत इसी अन्दाज़ से वाऩस तशयीफ़ रे गए। आऩ िे जाने िे फाद
भैंने ऽाहदभों औय ार
ु ाभों से िहा कि वाए हो तुभने िुज़न्नमत िे साथ किस िा
नाभ रे िय उसे भेये वालरद िे साभने ऩेश किमा था, ज़जसिी उसने इस दजाक
961
ताज़ीभ िी ज़जसिी भझ
ु े तवक़़्ो न थी। उन रोगों ने कपय िहा कि मह शख़्स
सादाते अरववमा भें से था। उसिा नाभ हसन बफन अरी औय िुज़न्नमत इब्नर
ु
यज़ा है । मह सन
ु िय भेये ाभ व ास्
ु से िी िोई इन्तेहाॊ न यही औय भैं हदन बय
इसी ास्
ु से भें बन
ु ता यहा कि अरवी सादात िी भेये वालरद ने इतनी इज़्ज़त व
तौक़य क्मो कि, महाॊ ति कि यात आ गई। भेये वालरद नभाज़ भें भशार
ू थे। जफ
ऩछ
ू ा, ऐ अहभद ! इस वक़्त आने िा क्मा सफफ है? भैंने अज़क िी कि इजाज़त
दीज़जए तो िुछ ऩछ
ू ू ॊ । उन्होंने फ़यभामा कि जो जी चाहे ऩछ
ू ो। भैंने िहा मह िौन
शख़्स था, जो सफ
ु ह आऩिे ऩास आमा था? ज़जसिी आऩने ज़फय दस्त ताज़ीभ िी
फ़यभामा कि ऐ फ़यज़न्द मह याफ़ज़ज़मों िे इभाभ हैं। उनिा नाभ हसन बफन अरी
चरी जाए तो इस वक़्त दनु नमाॊ भें इससे ज़्मादा इस हुिूभत िा भस्
ु तह़ िोई
नहीॊ। मह शख़्स इफ़्फ़त, ज़ोहद, िसयते इफादत, हुस्ने इऽरा़, सराह, त़वा
वाैया भें तभाभ फनी हालशभ से अफ़ज़र औय आरा हैं, औय ऐ फ़यज़न्द अगय तू
962
रेकिन वालरद से हद दजाक नाऽश
ु यहने रगा औय साथ ही साथ इब्नर
ु यज़ा िे
हारात िो भारभ
ू ियना अऩना शेवा फना लरमा। इस लसरलसरे भें भैंने फनी
जरीर उर ़द्र औय अज़ीभ ऩामा औय सफने बफर इत्तेफ़ा़ मही फमान किमा कि
इस भयतफे औय खबफमों
ू ु़ िा िोई शख़्स किसी ऽानदान भें नहीॊ है । जफ भैंने हय
भत्त
ु कफ़़ ऩामा तो भैं बी उनिा हदर से भानने वारा हो गमा औय अफ उनिी ़द्रो
गए। अरफत्ता एि शख़्स फोर उठा कि ऐ अहभद तुम्हायी नज़य भें उनिे फयादय
था, ऽफ़ीफ़ उर अक़्र था, अनवाए भराही व भनाही िा भयु तक़फ होता था।
इब्नर
ु यज़ा िे फाद जफ ऽरीफ़ा भोतलभद से उसने उनिी जा नशीनी िा सवार
किमा तो उसने उसिे कियदाय िी वजह से दयफाय से ननिरवा हदमा था। (भनाक़फ
इब्ने शहये आशोफ ज़जल्द 5 ऩष्ृ ठ 124 व इयशादे भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 505) फाज़ उरेभा ने लरखा है
शाफान 278 हहजयी िी है । (दभए सािेफा ऩष्ृ ठ 192 ज़जल्द 3 प्रिालशत नजफ़े अशयफ़)
963
इमाम हिन अिकरी (अ.ि.) की दोफारा गगरफ़्तारी
मह एि भस
ु ल्रेभा ह़ी़त है कि ऽुल्फ़ाए फनी अब्फालसमा ऽूफ जानते थे कि
दनु नमा से ऽात्भा हो जाए। इस तयह िी उनिा जा नशीन दनु नमा भें भौजूद ने हो।
मही सफफ था कि इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे लरमे नज़य फन्दी ऩय इ़तेफ़ा
नहीॊ िी गई। जो इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे लरमे ज़रूयी सभझी गई थी फज़ल्ि
आऩिे लरमे अऩने घय फाय से अरग ़ैद तन्हाई िो ज़रूयी सभझा गमा। मह औय
ु़
फात है कि ़ुदयती इन्तेज़ाभ िे भातहत दयलभमान भें इन्िेराफाते सरतनत िे
ियते थे, भगय कपय बी जो फादशाह तख़्त ऩय फैठता वह अऩने ऩेश यौ िे नज़रयमे
िे भत
ु ाबफ़ आऩिो दोफाया भ़
ु य्मद ियने ऩय तैमाय हो जाता था। इस तयह
आऩिी भख़्
ु तसय ज़ज़न्दगी जो दौये इभाभत िे फाद थी उसिा फेशतय हहस्सा ़ैदो
964
अगयचे वह लभस्र दीगय सरातीन िे आऩिे भयतफे औय हक़़्ाननमत से ऽूफ
साबफ़ िे भत
ु ाबफ़ उन्होंने ज़ज़न्दगी िी भॊज़ज़रे आखखय
ु़ ति ऩहुॉचाने िे दयऩए
ऩष्ृ ठ 214) औय अफिी भयतफा चॊकू ि ननमत बफल्िुर ऽयाफ थी इस लरमे ़ैद भें बी
ऩयू ी सख़्ती िी गई। हुक्भ था कि आऩिे साथ किसी क़स्भ िी िोई रयमामत न
िी जाए। चन
ु ान्चे मही िुछ होता यहा रेकिन उसे इससे तसल्री न हुई औय उसने
कि उन्हें तू अऩनी ननगयानी भें रे रे औय ज़जस दजाक सता सिे उन्हें ऩये शान िय।
तुम्हाया मह फयताव अच्छा नहीॊ है । उसने िहा मह क्मा है अबी तो उन्हें जानवयों
965
हुज्जते खद
ु ा दररन्दों में
चन
ु ान्दे उसने इजाज़त हालसर िय िे इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो दरयन्दों
हुज्जते ऽद
ु ा िो ऩहचान लरमा औय उन्हें पाड़ खाने िे फजाए उनिे ़दभों ऩय सय
ऩष्ृ ठ 218, िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 127, इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 514)
िा चयचा हो गमा अफ तो भत
ु ालभद िे लरमे इस िे लसवा िोई चाया न था कि
इभाभ माज़ दहुभ ग्मायहवें इभाभ हज़यत हसन असियी (अ.स.) ़ैदो फन्द िी
फ़यभाते हुए कि तभ
ु जफ अऩने सफ़ये भदाएन से ऩन्द्रह हदन िे फाद ऩरटोगे तो
भेये घय से शेवनो फि
ु ा िी आवाज़ आती होंगी। (ज़जराउर उमन
ू , ऩष्ृ ठ 299) नीज़
966
आऩिा मह फ़यभाना बी भऩ्ूर है कि 260 हहजयी भें भेये भानने वारों िे
ु़
दयलभमान इन्िेराफे अज़ीभ आमेगा। (दभए सािफे ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 177)
िय फ त फ़े भल्
ु िे जावेदानी ये हरत फ़यभा गए। ‘‘ इन्ना लरल्राहे व इन्ना इरैहे
याजेऊन’’ (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 124 व फ़ुसूर अर भहभा व अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 464
तफरूकिात लसऩद
ु क फ़यभा हदमे थे। (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 192)
शहादत िे वक़्त आऩिी उम्र 28 सार िी थी। (सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ 124)
अरावा िोई औराद नहीॊ छोड़ी। (भतारेफुस सूऊर ऩष्ृ ठ 292 व सवाए़े भोहये ़ा ऩष्ृ ठ
124, नरू
ू र अफसाय, अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 462, िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 126 व आराभर
ु वयु ा
ऩष्ृ ठ 218)
967
िहादत के फाद
आवाज़ें आने रगीॊ। हय हदर भें इज़तेयाफ िी रहये दौड़ने रगीॊ। शोयो शेवन से
भत
ु ाबफ़ जफ 15 हदन िे फाद अफर
ु अदमान दाखखरे
ु़ साभया हुए तो आऩ शहीद
हो चि
ु े थे औय शेवन व भातभ िी आवाज़ें फर
ु न्द थीॊ। (ज़जराउर उमून ऩष्ृ ठ 297)
आइम्भा ए ऽराए़ आऩिे जनाज़े भें लशयित िे लरमे दौड़ ऩड़े। सयभन याम इस
ऩष्ृ ठ 468)
968
ऩढ़ाई जाती थी। इतने भें भोतलभद िे हुक्भ से ईसा इब्ने भत
ु ावज़क्िर जो उभभ
ू न
नभाज़े भय्मत ऩढ़ामा ियता था आगे फढ़ा औय उसने चेहये से िफ़न सयिा िय
फनी हालशभ अरवी व अब्फासी औय सफ अभीयों, भज़ु न्शमों, ़ाज़ज़मों ायज़ कि िुर
अशयाफ़ों अमान िो हदखाते हुए िहा कि ‘‘ भाता हतफ़ अनफ़ा अरा फ़याशा ’’
दे खो मह अऩनी भौत से भये हैं। मानी इन्हें किसी ने िुछ खखरामा नहीॊ है ।
इसिे फाद जाफ़ये तव्वाफ नभाज़ ऩढ़ाने िे लरमे आगे फढ़े , अबी आऩ तिफीयतर
ु
(जरा उर उमून ऩष्ृ ठ 292) इस िे फाद आऩिो इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे यौज़ा ए
भफ
ु ायि भें दफ़्न िय हदमा गमा। (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 264)
969
ज़ालरभों िे ज़ुल्भ िा फदरा न लरमा जा सिे, रेकिन ऽुदा वन्दे आरभ ने अऩने
970
क़ायमे आऱे मोहम्मद अफुऱ क़ासिम हज़रत इमाम मोहम्मद
त फगयदद
ु , दय जहाॉ अदर आशिाय
चौदहवीॊ औय लसल्िे इभाभते अरववमा िी फायहवीॊ िड़ीॊ हैं। आऩिे वालरदे भाज़जद
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) औय वारेदा भाजेदा नयज़जस ऽातून1 थीॊ।
971
आऩ अऩने आफाओ अजदाद िी तयह इभाभे भन्सस
ू , भासभ
ू , आरभे ज़भाना
आऩिो ऩाॊच सार िी उम्र भें वैसी ही हहिभत दे दी गई थी जैसी हज़यते महहमा
िो लभरी थी, औय आऩ फतने भादय भें उसी तयह इभाभ ़याय हदमे गमे थे ज़जस
तयह हज़यत ईसा (अ.स.) नफी ़याय ऩामे थे। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 130)
हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) ने फेशभ
ु ाय ऩेशीन गोईमाॊ फ़यभाई हैं औय इसिी
औराद से होंगे। भर
ु ाहे ज़ा हों (जाभए साीय लसमूती ऩष्ृ ठ 160 प्रिालशत लभस्र व भसनद
अहभद बफन हम्फर ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 84 प्रिालशत लभस्र व िन्ज़ुर ह़ाए़ ऩष्ृ ठ 122 व
भस्
ु तदरयि ज़जल्द 4 ऩष्ृ ठ 520 व लभशिात शयीफ़)
ऩाया 14 ऩष्ृ ठ 399 व सही भज़ु स्रभ ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 95 सही नतलभकज़ी ऩष्ृ ठ 270 व
सही अफू दाऊद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 210 व सही इब्ने भाजा ऩष्ृ ठ 204 व ऩष्ृ ठ 209 व
जाभए साीय ऩष्ृ ठ 134 व अनवारूर ह़ाए़ ऩष्ृ ठ 90) आऩने मह बी िहा है कि
फेही िभा फ़तेह फना ज़जस तयह भेये ज़रयमे से दीने इस्राभ िा आााज़ हुआ उसी
972
तयह उनिे ज़रयमे से भह
ु ये एऽतेताभ रगा दी जामेगी। भर
ु ाहे ज़ा हो िन्ज़ुर
ह़ाए़ ऩष्ृ ठ 209। आऩने इसिी बी वज़ाहत फ़यभाई है कि इभाभ भेहदी (अ.स.)
तयह अफर
ु िालसभ
ु़ होगी। वह जफ ज़हूय ियें गे तो सायी दनु नमा िो अदर व
इन्साफ़ से उसी तयह ऩयु िय दें गे ज़जस तयह वह उस वक़्त ज़ुल्भ व जौय से बयी
होगी। भर
ु ाहे ज़ा हो, जाभए साीय ऩष्ृ ठ 104 व भस्
ु तदरयि इभाभ हाकिभ ऩष्ृ ठ
422 व 495। ज़हूय िे फाद उनिी फ़ौयन फैअत ियनी चाहहमे क्मों कि वह ऽुदा
िे ऽरीफ़ा होंगे। (सनन इब्ने भाजा उदक ू ऩष्ृ ठ 261 प्रिालशत कियाची 1377 हहजयी)
सयाह ऩष्ृ ठ425 औय अर भआत लसद्दी़ हसन ऩष्ृ ठ47 भें है कि मह रफ़्ज़
भव
ु ये ऽीन िा इत्तेफ़ा़ है कि आऩिी ववरादत फ सअदत 15 शाफान 225 हहजयी
मौभे जभ
ु ा फवक़्ते तर
ु ए
ू फ़जय वा़े हुई है । जैसा कि दफ़मातर
ु अमान, यौज़तर
ु
973
अहफाफ, तायीऽ इब्नर
ु वयदी, ननमाफर
ु भोवद्दता,, तायीऽे िालभर, तफयी, िशफ़ुर
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी पुपी जनाफे हिीभा ऽातून िा फमान
भझ
ु े आज एि वारयस अता फ़यभामेगा। भैंने िहा मह फ़यज़न्द किस िे फतन से
िहा! फेटे भैं तो नयज़जस भें िुछ बी हभर िे आसाय नहीॊ ऩाती, इभाभ (अ.स.) ने
भस
ू ा िा हभर ववरादत िे वक़्त से ऩहरे ज़ाहहय नहीॊ हुआ उसी तयह भेये फ़यज़न्द
यही। जफ आधी यात गुज़य गई तो भैं उठी औय नभाज़े तहज्जुद भें भशार
ू हो गई,
औय नयज़जस उठ िय नभाज़े तहज्जुद ऩढ़ने रगी। उसिे फाद भेये हदर भें मह
ख़्मार गुज़या कि सफ
ु ह ़यीफ है औय इभाभ हसन असियी (अ.स.) ने जो िहा था
974
वह अबी ति ज़ाहहय नहीॊ हुआ। इस ख़्मार िे हदर भें आते ही इभाभ (अ.स.) ने
नयज़जस भझ
ु े यास्ते भें ही लभरीॊ, भगय उनिी हारत उस वक़्त भत
ु ााय्मय थी। वह
रयज़ा फय अन्दाभ थीॊ औय उनिा साया ज़जस्भ िाॊऩ यहा था। (अर फशया, शयाह
भादय से फच्चे िी आवाज़ आने रगी, मानी भैं जो िुछ ऩढ़ती थी वह फच्चा बी
फतने भादय भें वही िुछ ऩढ़ता था। उसिे फाद भैंने दे खा कि तभाभ हुजया यौशन
व भन
ु व्वय हो गमा। अफ जो भैं दे खती हूॊ तो एि भौरद
ू भसऊद ज़भीन ऩय सजदे
भें ऩड़ा हुआ है । भैंने फच्चे िो उठा लरमा। हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) ने
अऩने हुजये से आवाज़ दी ऐ पुपी! भेये फ़यज़न्द िो भेये ऩास राईमे। भैं रे गई,
आऩने उसे अऩनी गोद भें बफठा लरमा औय ज़फान दय दहाने वै ़यद औय अऩनी
िी ज़जसि तयजभ
ु ा मह है, कि हभ चाहते हैं कि एहसान ियें उन रोगों ऩय जो
975
ज़भीन ऩय िभज़ोय िय हदमे गए हैं औय उनिो इभाभ फनामें औय उन्हीॊ िो रूए
इसिे फाद िुछ सब्ज़ तायों ने आिय हभें घेय लरमा, इभाभ हसन असियी
(अ.स.) ने उन भे से एि ताये िो फर
ु ामा औय फच्चे िो दे ते हुए िहा ऽदह फ़ा
हहफ़ज़हू इसिो रे जा िय इसिी हहफ़ाज़त ियो महाॊ ति कि ऽुदा इसिे फाये भें
िोई हुक्भ दे । क्मो कि ऽुदा अऩने हुक्भ िो ऩयू ा िय िे यहे गा। भैंने इभाभ हसन
असियी (अ.स.) से ऩछ
ू ा कि मह ताया िौन था औय दस
ू ये ताये िौन थे? आऩने
फ़यभामा कि मह ज़जब्राईर थे औय वह दस
ू ये फ़रयश्तगाने यहभत थे। इसिे फाद
आॊखें खुनि
ु हों औय भहजून व भाभभ
ू न हो औय मह जान रे कि ऽुदा िा वादा
ह़ है । व अिसयहुभ रा मारभन
ू रेकिन अिसय रोग इसे नहीॊ जानते इसिे फाद
इस भौरद
ू े भसऊद िो उसिी भाॉ िे ऩास ऩहुॉचा हदमा गमा। (शवाहे दन
ु नफूवत ऩष्ृ ठ
किताफ शवाहे दन
ु नफव
ू त औय वफ़मातुर अमान व यौज़ातुर अहफाफ भें है कि
आमत भन्िूश थी। जाअर अक़़्ो वा ज़ाहा़र फानतर इन्नर फातेरा िाना ज़हू़ा
976
मानी ह़ आमा औय फानतर लभट गमा औय फानतर लभटने ही िे िाबफर
ु़ था। मह
ने इस ऩय क्मा ऽफ
ू तज़भीन िी है । वह लरखते हैं
औय नहराने धर
ु ाने िे िाभों से जो भौरद
ू िे साथ होते हैं बफरिुर भस
ु तानी है ।
हिीभा ऽातून फच्चे िो इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे ऩास राईं, इभाभ ने
977
फच्चे िो लरमा औय उसिी ऩश्ु ते अ़दस औय चश्भे भफ
ु ायि ऩय हाथ पेया। अऩनी
ज़फाने भत
ु हत उनिे भॊह
ु भें डारी औय दाहहने िान भें अज़ान औय फाएॊ भें
फभ़
ु ाभ सयभन याम ‘‘साभयह भे हुई है ।
फादशाहे वक़्त ऩयू ी ता़त िे साथ आऩिी तराश भें था। इस किताफ िे ऩष्ृ ठ 192
रयसारत िा ऽात्भा िय दे ।
तायीऽे अफर
ू कफ़दा भें है कि फादशाहे वक़्त भोतज़ बफल्राह था। तज़कियए
ऽवासर
ु उम्भता भें है कि उसी िे अहद भें इभाभ अरी निी ु़ (अ.स.) िो ज़हय
खखराफ़त
ु़ भें अऩने बाई िो वरी अहदी से भाज़ूर ियने िे फाद िोड़े रगवामे थे
औय ता हमात ़ैद भें यखा था। अिसय तवायीऽ भें है कि फादशाहे वक़्त भोतलभद
बफन भत
ु ावज़क्िर था ज़जसने इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो ज़हय से शहीद
978
किमा। तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 67 भें है कि ऽरीफ़ा भोतलभद बफन
भत
ु ावज़क्िर िभज़ोय भतरन
ू लभज़ाज औय ऐश ऩसन्द था। मह अय्माशी औय
शयाफ नोशी भें फसय ियता था। इसी किताफ िे ऩष्ृ ठ 29 भें है कि भोतलभद
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो ज़हय से शहीद ियने िे फाद हज़यत
आऩिा ऩदयी नसफ नाभा मह है । भोहम्भद बफन हसन बफन अरी बफन भोहम्भद
ऩय दभ िय हदमा जाए तो उसे म़ीनन लशफ़ा हालसर होगी। (भसनद इभाभ यज़ा ऩष्ृ ठ
नयज़जस ऽातन
ू थीॊ। ज़जनिा नाभ भरीिा बी था। नयज़जस ऽातन
ू मशआ
ू िी फेटी
979
हज़यते ईसा (अ.स.) जनाफ शभऊन ति ऩहुॉचता है । 13 सार िी उम्र भे ़ैसये
िुदु़ यती हारात िी वजह से वह इस भ़सद भें िाभमाफ न हो सिा। बफर आखखय
ु़
एि ऐसा वक़्त आ गमा कि आरभे अयवाह भें हज़यते ईसा (अ.स.), जनाफे शभऊन
फ़ात्भा (स.अ.व.व.) फभ़ाभ ़सये ़ैसय जभा हुए। जनाफे सय्मदा (स. अ.) ने
हज़यत ईसा (अ.स.) जनाफे शभऊन से इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे लरमे
भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) ने एि नयू ी लभम्फय ऩय फैठ िय अक़्द ऩढ़ा औय िभारे
नयज़जस ऽातन
ू हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी खखदभत
ु़ भें आ ऩहुॉची
औय आऩिे फतने भफ
ु ायि से नयू े ऽद
ु ा िा ज़हूय हुआ। (किताफ ज़जराउर उमन
ू ऩष्ृ ठ
298 व ााएतर
ु भ़सद
ू ऩष्ृ ठ 175)
980
आऩिा नाभे नाभी व इस्भे गगयाभी भोहम्भद औय भशहूय ऱफ भेहदी है । उरेभा
अल्राभा भजलरसी इसिी ताईद ियते हुए फ़यभाते हैं कि हहिभत आन भख़्फ़ी
बय जामेगी, तो भेयी औराद भें से भेहदी िा ज़हूय होगा जो ज़ुल्भो जौय िो दयू
िय िे दनु नमा िो अदरो इन्साफ़ से बय दे गा। लशिक व िुफ़्र िो दनु नमा से नाफद
ू
िय दे गा। नाभ भोहम्भद औय ऱफ भेहदी होगा। हज़यत ईसा (अ.स.) आसभान से
उतय िय उसिी नस
ु यत ियें गे औय उसिे ऩीछे नभाज़ ऩढ़ें गे औय दज्जार िो ़त्र
ियें गे।
आऩकी कुजन्नयत
औय अफू अब्दल्
ु राह थी औय इस ऩय बी उरेभा भत्त
ु कफ़़ हैं कि अफर
ु ़ालसभ
981
िुज़न्नमत ऽुद सयवये िामनात िी तजवीज़ ियदा है । हुराहे जा ु़ हाॊ (जाभेए साीय ऩष्ृ ठ
104, तज़कियाए ऽवास अर उम्भता, ऩष्ृ ठ 204, यौज़तुर शोहदा ऩष्ृ ठ 439, सवाऐ़े भोहये ़ा
मह भस
ु ल्रेभात से है कि आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) ने इयशाद फ़यभामा है कि
भेहदी िा नाभ भेया नाभ औय उनिी िुज़न्नमत भेयी िुज़न्नमत होगी। रेकिन इस
होगा। भगय हभाये याववमों ने इसिी यवामत नहीॊ िी औय ऽुद नतयलभज़ी शयीफ़ भें
िन्जी शाफ़ेई मह िहा जा सिता है कि यवामत भें रफ़्ज़ अफीहा से भयु ाद अफू
अब्दल्
ु राह अर हुसन
ै हैं मानी इससे इस अम्र िी तयफ़ इशाया है कि इभाभ भेहदी
आऩके अऱक़ाफ
साहे फर
ु अभय वर ज़भान, अर ़ामभ, अर फा़ी औय अर भन्
ु तज़य हैं। भर
ु ाहे ज़ा
हो तज़कियाए ऽवासर
ु भता ऩष्ृ ठ 204, यौज़ातुर शोहदा ऩष्ृ ठ 439, िशफ़ुर ाम्भा
982
ऩष्ृ ठ 24 हज़यत दाननमार नफी ने हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ववरादत से
िहाॊ चरे गए। भतरफ मह है कि रोग उनिा इन्तेज़ाय िय यहे हैं। शैऽ अर
िय यहे हैं। भर
ु ाहे ज़ा हो। (अनवारूर हुसैननमा ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 57 प्रिालशत फम्फई)
किताफ अक्भारद्
ु दीन भें शेऽ सद़
ू तहयीय फ़यभाते हैं कि सयवये िाएनात
भत
ु ाअज़ल्ऱ उरभा ने लरखा है कि आऩिा यॊ ग गन्दभ
ु गून, ़द लभमाना है ।
आऩिी ऩेशानी खुरी हुई औय आऩिे अफरू घने औय फाहभ ऩेवस्ता हैं, आऩिी
नाि फायीि औय फर
ु न्द है आऩिी आॊखें फड़ी औय आऩिा चेहया नेहामत नयू ानी है ।
983
चभिता है। आऩिे दाॊत चभिदाय खुरे हुए हैं आऩिी ज़ुल्फ़ें िन्धों ति फड़ी यहती
िी भह
ु ये इभाभत सब्त है ज़जस तयह ऩश्ु ते रयसारत भाफ (स.अ.व.व.) ऩय भह
ु ये
नफअ
ू त सफत थी। (अराभ अर वया ऩष्ृ ठ 265, व ााएत अर भ़सूद ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 64,
नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 152)
हुज्जतल्
ु राह कफ़र अज़क िौन होगा। जफ साभना हुआ तो इभाभ हसन असियी
984
जवाफ तुम्हे दे ता हूॉ, मह फ़यभा िय आऩ अऩने भ़ाभ से उठे औय अन्दय जा िय
ज़ज़न्दा यहे गा औय ज़ुऱयनैन िी तयह सायी दनु नमाॊ ऩय हुिूभत िये गा। अहभद
इब्ने इसहा़ ने िहा भौरा! िोई ऐसी अराभत फता दीज़जए कि ज़जससे हदर िो
ऽुदा िी हुज्जत औय हुक्भे ऽुदा से फा़ी यहने वारा हूॉ। एि वह हदन आमेगा
भत
ु भईन हो गए। (िशफ़ुर ाम्भा ऩष्ृ ठ 138)
मा़ूफ बफन भऩूस व भोहम्भद बफन उस्भान उभयी व अफी हालशभ जाफ़यी औय
भस
ू ा बफन जाफ़य बफन वहफ फादादी िा फमान है कि हभ हज़यत इभाभ हसन
985
आऩने फ़यभामा कि भेया फ़यज़न्द भोहम्भद भेये फाद हुज्जतुल्राह कफ़र अज़क होगा।
हभ ने अज़क कि भौरा हभे उनिी ज़ज़मायत िया दीजीए। आऩने फ़यभामा वह ऩदाक
सयू त फच्चा ज़जसिी उभय ऩाॉच सार थी फयाभद हुआ औय वह आ िय इभाभ हसन
असियी (अ.स.) िी आाोश भें फैठ गमा। मही भेया फ़यज़न्द भेये फाद हुज्जतुल्राह
फ़यभामा शभ
ु ा ऊया नख़्वही दीद ाैय अज़ इभयोज़ कि अफ तुभ आज िे फाद कपय
उसे न दे ख सिोगे। चन
ु ान्चे ऐसा ही हुआ कपय ाैफत शरू
ु हो गई।। (िशफ़ुर ाम्भा
साहे फज़्
ु ज़भान िो दे खा है । ‘‘िानहू अऱभय रैरता अरफदय इनिा चेहया चौदवीॊ
986
अल्राभा तफयसी फहवारा हज़यात भासभ
ू ीन (अ.स.) तहयीय फ़यभाते हैं कि हज़यत
इभाभ भेहदी (अ.स.) भें फहुत से अज़म्फमा िे हारात व िैकफ़मात नज़य आते हैं
औय ज़जन वा़ेमात से भऽ
ु तलरफ़ अज़म्फमा िो दो चाय होना ऩड़ा वह तभाभ
वाक़मात आऩिी ज़ात सतूदा ऩेज न.त भें हदखाई दे ते हैं। लभसार िे लरए हज़यत
नह
ू (अ.स.), हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) हज़यत भस
ू ा (अ.स.) हज़यत ईसा (अ.स.)
हज़यत अय्मफ
ू (अ.स.) हज़यत मन
ु स
ू (अ.स.) हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.)
तवीर ज़ज़न्दगी नसीफ होगी। हज़यत इब्राहीभ (अ.स.) िी तयह आऩिी ववरादत
वारों िी तयह आऩिे भानने वारों िो आऩिी ाैफत िे फाद सतामा गमा। हज़यत
ईसा (अ.स.) िी तयह आऩिे फाये भें रोगों ने इख़्तेराफ़ किमा। हज़यत अय्मफ
ू
(अ.स.) िी तयह तभाभ इम्तेहानात िे फाद आऩिी फ़ज़क व िशाइश नसीफ होगी।
हज़यत मस
ु फ़
ु (अ.स.) िी तयह अवाभ व ऽवास से आऩिी ाैफत होगी। हज़यत
मन
ू स
ु (अ.स.) िी तयह ाैफत िे फाद आऩिा ज़हूय होगा। मानी ज़जस तयह वह
987
(स.अ.व.व.) िी तयह आऩ साहे फर
ु सैफ़ होंगे। (आराभु वुया ऩष्ृ ठ 264 प्रिालशत फम्फई
1312 हहजयी)
इभाभ भेहदी (अ.स.) िी उम्र अबी लसफ़क ऩाॉच सार िी हुई थी कि ऽरीफ़ा
भोतलभद बफन भत
ु ावज़क्िर अब्फासी ने भद्
ु दतों ़ैद यखने िे फाद इभाभ हसन
नभाज़ से फ़याात िे फाद आऩिो इसी भिान भें दफ़्न िय हदमा गमा ज़जस भें
988
इभाभ अरी ऩी (अ.स.) भदफ़ून थे। (नुरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 152 व तायीऽे िालभर
अल्राभा भोहम्भद फाक़य तहयीय फ़यभाते हैं कि इभाभ हसन असियी (अ.स.)
हो, (दभए सािेफा ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 192 व ज़जरा अर उमून ऩष्ृ ठ 297)
इ़फार) अल्राभा भजलरसी लरखते हैं 9 यफीउर अव्वर िो उभय बफन साद फ दस्ते
भख़्
ु ताय आरे भोहम्भद िा ़त्र हुआ। (ज़ाद अर भाद ऩष्ृ ठ 585) जो उफैदल्
ु रहा इब्ने
ज़्माद िा लसऩह साराय था, ज़जसिे ़त्र िे फाद आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) ने
ऩयू े तौय ऩय ऽुशी भनाई। (फेहारूर अनवाय भुऽताय आरे भोहम्भद) किताफ दभए सािेफा
िे ऩष्ृ ठ 192 भें है कि हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) ने 259 भें अऩनी
भेयी शहादत हो जामेगी। इसी लसन भें आऩने हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िो
जभ
ु रा तफरूिात दे हदमे थे औय इस्भें आज़भ वाैया तारीभ िय हदमा था। (दभए
989
सािेफा व ज़जरा अर उमून ऩष्ृ ठ 298) उन्हीॊ तफरूिात भें हज़यत अरी (अ.स.) िा जभा
ऽफ़ा ऩष्ृ ठ 273) भेये नज़दीि इस सन ़् भें हज़यत नयज़जस ऽातून िा इन्ते़ार हुआ
यभज़ानर
ु भफ
ु ायि 259 हहजयी िो सयदाफ भें जा िय ाामफ हो चि
ु े थे। जैसा कि
शवाहे दन
ु नफव
ू त, नरू
ु र अफसाय, दभए सािेफा, यौज़तस
ु शोहदा, भनाक़फ अर
990
उसे दस्तमाफ न हो सिे। उसने उसिे यद्दे अभर भें हज़यत इभाभ हसन असियी
िी तह़ी़ िी जामे कि आमा िोई उनभें से हाभेरा तो नहीॊ है, अगय िोई
फ़यज़न्द ज़जसिा नाभ भेहदी होगा। िामनात आरभ िे इऩ्ेराफ िा ज़ालभन होगा
औय उसे मह भारभ
ू था कि वह फ़यज़न्द इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी औराद
से ही होगा, रेहाज़ा उसने आऩिी तराश औय आऩिे ़त्र िी ऩयू ी िोलशश िी।
तायीऽे इस्राभ ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 31 भें है कि 260 हहजयी भें इभाभ हसन असियी
िे लरमे आदभी बेजे तो आऩ (सयदाफ)1 सयभन याम भें ाामफ हो गमे। फाज़
भल्
ु रा जाभी ने शवाहे दन
ु नफव
ू त भें इभाभ अब्दर
ु वहाफ शेयानी ने रवा़ेउर
अनवाय व अर मव
ू ा़ेमत वर जवाहय भें औय शेऽ अहभद भहु हउद्दीन इब्ने अयफी
991
औय इब्ने सफाा नरू
ु द्दीन अरी भारिी ने फ़सर
ू अर भहभा भें औय िभारद्
ु दीन
भें औय शेऽ सर
ु ेभान हनफ़ी ने ननमाफर
ु भोवद्दता भें औय फाज़ दीगय उरेभा ने
इन्िाय ियते हैं उनिो मह जवाफ दे ते हैं कि ऽुदा िी ़ुदयत से िुछ फईद नहीॊ है
ज़जसने आदभ (अ.स.) िो फाैय भाॉ फाऩ िे औय ईसा (अ.स.) फाैय फाऩ िे ऩैदा
ति ज़ज़न्दा भाने जाते हैं औय अगय ऽुदाए ताअरा ने आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.)
भें से एि शख़्स िो तुरे उम्र इनामत किमा तो ताअज्जुफ क्मा है ? हाराॊ कि अहरे
इस्राभ िो दज्जार िे भौजूद होने िे ़यीफे ़माभत ज़हूय ियने से इन्िाय नहीॊ
है । किताफ शवाहे दन
ु नफव
ू त ऩष्ृ ठ 68 भें है कि ऽानदाने नफव
ू त िे ग्मायवे इभाभ
हसन असियी (अ.स.) 260 हहजयी भें ज़हय से शहीद िय हदमे गमे थे उनिी
वफ़ात ऩय इनिे साहफ ज़ादे भोहम्भद ऱफ व भेहदी लशमों िे आऽयी इभाभ हुए।
औय वहाॊ उनिी वफ़ात ति उनिो नज़य फन्द यखा था कपय ज़हय से हराि िय
992
हदमा था इसी तयह भत
ु ावज़क्िर िे जाॊ नशीनों ने फदगुभानी औय हसद िे भाये
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िो ़ैद यखा था। उनिे िभलसन साहफ ज़ादे
भोहम्भद अर भेहदी (अ.स.) ज़जनिी उम्र अऩने वालरद िी वफ़ात िे वक़्त ऩाॊच
सार िी थी ऽौफ़ िे भाये अऩने घय िे ़यीफ ही एि ााय भें छुऩ गमे औय ाामफ
हो गमे। इब्ने फतूता ने अऩने सफ़य नाभे भें लरखा है कि ज़जस ााय भें इभाभ
भेहदी (अ.स.) िी ाैफय फताई जाती है उसे भैंने अऩनी आॊखों से दे खा है । (नूरूर
अफसाय ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 152) अल्राभा हजये भक्िी िा इयशाद है कि इभाभ भेहदी
(अ.स.) सयदाफ भें ाामफ हुमे थे। फ़ल्भ मायफ़ ईं ज़हफ कपय भारभ
ू नहीॊ िहाॊ
हालशमा: .1 मह सयदाफ भ़ाभ सयभन याम भें वा़े है ज़जसे असर भें साभेया
िहते हैं। साभया िी आफादी फहुत ही ़दीभी है औय दनु नमाॊ िे ़दीभ तयीन शहयों
सरतनत बी फनामा था। इसिी आफादी सात फ़यसऽ रम्फी थी। इसने इसे
ननहामत ऽफ
ू सयू त शहय फना हदमा था इस लरमे इसिा नाभ सयभन याम यख
भोहल्रा है ज़जसभें इभाभ अरी ऩी (अ.स.) नज़य फन्द थे फाद भें उन्होंने दरीर
भ़
ु द्दस वा़े है ।
993
साभया भें हभेशा ाैय लशमा आफादी यही इसी लरमे अफ ति वहाॊ लशमा आफाद
वा़े है जो हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय हज़यत इभाभ हसन असियी
हो चि
ु े हैं औय भौजूद हैं। हभ उरेभाए अहरे सन्
ु नत िे अस्भा भम उनिी किताफों
औय भख़्
ु तसय अ़वार िे दजक ियते हैं।
कि इभाभ भेहदी (अ.स.) साभया भें ऩैदा हुए जो फादाद से 20 फ़यसऽ िे फ़ासरे
ऩय है ।
भहभा भें है कि इभाभ हसन असियी (अ.स.) गमाहयवें इभाभ ने अऩने फेटे इभाभ
994
.3 अल्राभा शेऽ अब्दल्
ु राह बफन अहभद ऽसाफ िी किताफ तवायीऽ भवारीद
दनु नमाॊ ज़ुल्भो जौय से बय जामेगी तो इभाभ भेहदी (अ.स.) ज़हूय ियें गे।
भें है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) 15 शाफान 255 हहजयी भें ऩैदा हुए हैं। अफ इस
वक़्त मानी 958 हहजयी भें उनिी उम्र सात सौ छ् 706 सार) िी है । हमी
भज़भन
ू अल्राभा फदऽशानी िी किताफ लभफ़ताह अर नजाता भें बी है ।
.6 अल्राभा अब्दर
ु यहभान जाभी हनफ़ी िी किताफ शवाहे दन
ु नफव
ू त भें है कि
इभाभ भेहदी (अ.स.) साभया भें ऩैदा हुए हैं औय उनिी ववरादत ऩोशीदा यखी गई
भें है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) 15 शाफान 255 हहजयी भें ऩैदा हुए हैं। इभाभ हसन
असियी (अ.स.) ने उनिे िान भें अज़ान व इ़ाभत िही है औय थोड़े असे िे
भस
ू ा (अ.स.) फचऩने भें थे।
995
.8 अल्राभा जभार उद्दीन भोहद्हदस िी किताफ यौज़ातुर अहफाफ भें है कि
हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) 15 शाफान 255 हहजयी भें ऩैदा हुए औय ज़भानाए
भोतलभद अब्फासी भें फभ़ाभ सयभन याम अज़ नज़य फयामा ाामफ शद
ु , रोगों िी
.9 अल्राभा अब्दर
ु यहभान सफ़
ू ी िी किताफ भयाएतुर इसयाय भें है कि आऩ
हहदाएतर
ु सआदा भें है कि खखराफ़ते
ु़ यसर
ू (स.अ.व.व.) हज़यत अरी (अ.स.) िे
.11 अल्राभा नसय बफन अरी जहभनी िी किताफ भवालरदे आइम्भा भें है कि
इभाभ भेहदी (अ.स.) फायहवें इभाभ हैं। लशमो िा मह िहना ारत है कि अहरे
सन्
ु न्त अहते फैत (अ.स.) िे दश्ु भन हैं।
(अ.स.) औरादे फ़ात्भा (स.अ.व.व.) भें से हैं। वह फ़ौरे 255 हहजयी भें ऩैदा हो
996
.14 अल्राभा शेऽ हसन ईया़ी ज़जनिी तायीफ़ किताफ अर वा़ेमा भें है कि
.16 अल्राभा शेऽ सईद उद्दीन िा िहना है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) ऩैदा हो
.17 अल्राभा अरी अिफय इब्ने सआद अल्राह िी किताफ भिालशफ़ात भें है
.18 अल्राभा अहभद बफरा ज़यी अहादीस भें लरखते हैं कि आऩ ऩैदा हो िय
.19 अल्राभा शाह वरी अल्राह भोहद्हदस दे हरवी िे रयसारे नवादय भें है,
भोहम्भद बफन हसन (अ.स.) (अर भेहदी) िे फाये भें लशमों िा िहना दरू
ु स्त हैं।
किमा है ।
अर नफ़स नफ़ीस अऩनी किताफ भें लरखते है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) ाैफत िे
997
.23 अल्राभा नयू अल्राह फहवारा किताफ फमानर
ु एहसान लरखते हैं कि इभाभ
.24 अल्राभा ज़हफी अऩनी तायीऽे इस्राभ भें लरखते हैं कि इभाभ भेहदी
.25 अल्राभा इब्ने हजय भक्िी िी किताफ सवाए़े भोहये ़ा भें है कि इभाभ
भेहदी अर भन्
ु तज़य (अ.स.) ऩैदा हो िय सयदाफ भें ाामफ हो गए हैं।
.26 अल्राभा अस्र िी किताफ दफ़मातुर अमान िी ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 451 भें है
कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िी उम्र इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी वफ़ात िे वक़्त
उसी तयह ज़ज़न्दा व फा़ी हैं ज़जस तयह हज़यत ईसा (अ.स.), खखज़्र
ु़ (अ.स.),
393 भें ।
998
.31 अल्राभा लशब्रन्जी ने नरू
ू र अफसाय िे ऩष्ृ ठ 152 प्रिालशत लभस्र 1222
भें िोई शफ
ु हा नहीॊ। वह इसी तयह ज़ज़न्दा औय फा़ी हैं ज़जस तयह हज़यते ईसा
हैं। उन अल्राह वारों िे अरावा दज्जार, इफरीस बी ज़ज़न्दा हैं। जैसा कि ़ुयआने
भजीद, सही भज़ु स्रभ, तायीऽे तफयी वाैया से साबफत है रेहाज़ा रा इभतना फ़ी
िॊजी शाफ़ेई िी तसनीफ़ हैं। अल्राभा फ़ाज़ज़र योज़ फहान िी अफतार अर फानतर
भें है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िे ज़हूय िे फाद हज़यते ईसा (अ.स.) नाज़ज़र होंगे
वाैया वाैया।
999
इमाम मेहदी (अ.ि.) की ग़ैफत और आऩका वुजूद व ज़ुहूर क़ुरआने
हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ाैफत औय आऩिे भौजूद होने औय आऩिे तूरे
भत
ु ाअज़ल्ऱ 94 आमतें ़ुयआन भजीद भें भौजूद हैं ज़जनभें से अिसय दोनों फ़यी़
भर
ु ाहे ज़ा हों। ााएतर
ु भ़सद
ू व ााएतर
ु भयाभ, अल्राभा हालशभ फहयानी व
ननमाफतर
ु भोवद्दता। भैं इस भ़ाभ ऩय लसफ़क दो तीन आमतें लरखता हूॉ आऩिी
ाैफत िे भत
ु ाअज़ल्ऱ। अरीफ़ राम्भीभ। ज़ारेिर किताफो रा यै फा फ़ीहे हुदल्रीभ
भत्त
ु ़ीन। अर रज़ीना मौभेनन
ू ा बफर ाैफ है ।
भेहदी (अ.स.) िी ाैफत भयु ाद है । नेि फख़्त हैं वह रोग जो उनिी ाैफत ऩय सब्र
ियें औय भफ
ु ायिफाद िे ़ाबफर हैं, वह सभझदाय रोग जो ाैफत भे बी उनिी
भोहब्फत ऩय ़ामभ यहें गे। (नेमाफुर भोवद्दता ऩष्ृ ठ 370 प्रिालशत फम्फई) आऩिे भौजूद
औय फा़ी होने िे भत
ु ाअज़ल्ऱ जाअरहा िरभता फाक़मता फ़ी अ़फा है ।
ज़ज़न्दा यहे गा। इस िरभाए फाक़मा से इभाभ भेहदी (अ.स.) िा फा़ी यहना भयु ाद
1000
है औय वही आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) भें फा़ी हैं। (तफ़सीये हुसैनी अल्राभा हुसैन
फ़यभाएॊगे तो तभाभ दीनों ऩय ारफा हालसर िय रेंगे मानी दनु नमा भें लसवा एि
दीने इस्राभ िे िोई औय दीन न होगा। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 153 प्रिालशत लभस्र)
कफ़गन होगा। किताफ सफ़माए ऩैाम्फय िे फ़सर 3 आमत 9 भें है आऽयी ज़भाने
डन्िा फजेगा, शेय औय फियी एि जगह यहे ग,े चीता औय फाज़गारा एि साथ
औय गाम भें दोस्ती होगी। नतफ़रे शीय ख़्वाय साॊऩ िे बफर भें हाथ डारेगा औय वह
होगा तो तरवाय िे ज़रयमे तभाभ दश्ु भनों से फदरा रेगा। सहीफ़ए तनजास हयफ़े
1001
अलरफ़ भें है कि ज़हूय िे फाद सायी दनु नमा िे फत
ु लभटा हदमे जामेंगे ज़ालरभ औय
भन
ु ाकफ़़ ऽत्भ िय हदमे जामेंगे। मह ज़हूय ियने वारा िनीज़े ऽद
ु ा (नयज़जस) िा
फेटा होगा।
तौयै त िे सफ़ये अज़म्फमा भें है कि भेहदी (अ.स.) ज़हूय ियें गे। हज़यज ईसा
(अ.स.) आसभान से उतयें गे। दज्जार िो ़त्र ियें गे। इन्जीर भें है कि भेहदी
(अ.स.) औय ईसा (अ.स.) दज्जार औय शैतान िो ़त्र ियें गे। इसी तयह
भि
ु म्भर वाक़मा ज़जसभें शहादते इभाभ हुसन
ै (अ.स.) औय ज़हूये भेहदी (अ.स.)
िा इशाया हैं इन्जीर किताफ दाननमार फाफ 12 फ़सर 9 आमत 24 योमाए 2 भें
तादाद भें उनिे औलसमा बेजे। ऩैाम्फयों भें से एि राख तेहीस हज़ाय नौ सौ
1002
ननज़न्नमानवे 1,23,999) अज़म्फमा िे फाद चॊकू ि हुज़ूय यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.)
भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) भें जभा िय हदमे गमे थे औय आऩिो ऽद
ु ा ने
तभाभ अज़म्फमा िे लसफ़ात िा जरवा फयदाय फना हदमा फज़ल्ि ऽुद अऩनी ज़ात
हय क़स्भ िे िभारात से बय ऩयू िय हदमा था। हज़यत अरी (अ.स.) अऩने ज़ाती
फाद िामनाते आरभ भें लसफ़क अरी (अ.स.) िी हस्ती थी जो िभाराते अज़म्फमा
िी हालभर थी। आऩिे फाद मह िभारात अवसाफ़ भें भज़ु न्तक़र होते हुए इभाभ
भेहदी (अ.स.) ति ऩहुॉच।े फादशाहे वक़्त इभाभ भेहदी (अ.स.) िो ़त्र ियना
चाहता था। अगय वह ़त्र हो जाते तो दनु नमाॊ से अज़म्फमा व औलसमा िा नाभ व
िी भज़हय हो। .2 ऽुदा वन्दे आरभ ने ़ुयआन भजीद भें इयशाद फ़यभामा
1003
फा़ीहा ़याय दे हदमा है । नस्रे इब्राहीभ (अ.स.) दो फ़यज़न्दों से चरी है एि
इस्हा़ (अ.स.) औय दस
ू ये इस्भाईर (अ.स.)। इस्हा़ (अ.स.) िी नस्र से ऽद
ु ा
भहफ़ूज़ िय चि
ु ा था अफ मह भ़
ु तज़ाए इन्साफ़ ज़रूयी थी कि नस्रे इस्भाईर
(अ.स.) से हैं ज़भीन ऩय ज़ज़न्दा औय फा़ी यखा औय उन्हें बी इसी तयह दश्ु भन िे
शय से भहफ़ूज़ िय हदमा ज़जस तयह हज़यत ईसा (अ.स.) िो भहफ़ूज़ किमा था। .3
मह भस
ु ल्रेभाते इस्राभी से है कि ज़भीन हुज्जते ऽुदा औय इभाभे ज़भाना से
ऽारी नहीॊ यह सिती। (उसूरे िाफ़ी 103 प्रिालशत नवर किशोय) चॊकु ि हुज्जते ऽुदा उस
वक़्त इभाभ भेहदी (अ.स.) िे लसवा िोई न था, उन्हें दश्ु भन ़त्र िय दे ने ऩय
तुरे हुए थे इस लरमे उन्हे भहफ़ूज़ व भस्तूय िय हदमा गमा। हदीस भें है कि
हुज्जते ऽद
ु ा िी वजह से फायीश होती है औय उन्हीॊ िे ज़रयमे से योज़ी त़सीभ िी
जाती है । (फेहाय) .4 मह भस
ु ल्रभ है कि हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) जभ
ु रा
भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) अऩने अहदे हमात भें भन
ु ालसफ भद्
ु दत ति ााएफ
1004
यह चि
ु े थे इसी तयह मह बी ााएफ यहते। .5 ़माभत िा आना भस
ु ल्रभ है औय
इस वाक़मे ़माभत भें इभाभ भेहदी (अ.स.) िा ज़ज़क्र फताता है कि आऩिी ाैफत
भस्रहते ऽद
ु ा वन्दे आरभ िी बफना ऩय हुई है । .6 सयु ए इन्ना अन ज़ल्नाहो से
भारभ
ू होता है कि नज़
ु ूरे भराएि शफे ़दय भें होता यहता है मह ज़ाहहय है कि
नज़
ु ूरे भराएि अज़म्फमा व औलसमा ऩय ही हुआ ियता है । इभाभ भेहदी (अ.स.)
जाती है औय वही उसे त़सीभ ियते हैं। .7 हिीभ िा फ़ेर हहिभत से ऽारी नहीॊ
होता मह दस
ू यी फात है कि आभ रोग इस हहिभत व भसेरहत से वाक़फ़ न हों।
ाैफते इभाभ भेहदी (अ.स.) उसी तयह भसरेहत व हहिभते ऽुदा वन्दी िी बफना
ऩय अभर भें आई है । ज़जस तयह तवाफ़े िाफा, यभी जभयात वाैयह हैं ज़जसिी
असर भसरेहत ऽद
ु ा वन्दे आरभ िो ही भारभ
ू है ।। .8 इभाभ जाफ़ये साहद़
नफ़सही एहसताज अरी इरा सत्ताय कि ज़जसे अऩने नफ़्स औय अऩनी जान िा
1005
ऽौफ़ हो वह ऩोशीदा होने िो राज़भी जानता है । (अर भुतुजाक)ु़ .10 आऩिी ाैफत
ज़रयमे से रेगा मानी आऩ अहदे अव्वर से रेिय फनी उभय्मा औय फनी अब्फास िे
भज़ालरभों से भि
ु ज़म्भर फदरा रेंगे। (िभारुद्दीन)
है कि हभ औय भफ़
ु ज़र बफन उभय, अफू फसीय, अभान बफन तारफ एि हदन
ऩय फैठे हुए यो यहे हैं औय िहते हैं कि ऐ भोहम्भद! तुम्हायी ाैफत िी ऽफय ने
रूराए, फात क्मा है, किस लरए हुज़ूय गगयमा िुना हैं? फ़यभामा, ऐ सद
ु ीय! भैंने
है । ऐ सद
ु ीय! मह वह किताफ है ज़जसभे आभा भािाना वभामिून िा इन्दयाज है
हो जाएगें औय उनिी ाैफत नीज़ उभय फहुत तवीर होगी। उनिी ाैफत िे ज़भाने
1006
भें भोभेनीन भसाएफ भें भफ
ु नतरा होगें औय उनिे इम्तेहानात होते यहें गे औय ाैफत
भें ताऽीय िी वजह से उनिे हदरों भें शिूि ऩैदा होते होंगे, कपय फ़यभामा ऐ
सद
ु ीय! सन
ु ो इनिी ववरादत हज़यत भस
ू ा (अ.स.) िी तयह होगी औय उनिी ाैफत
भोवद्दत) इस हदीस िी भऽ
ु तसय शयह मह है कि:
एि भौरद
ू फनी इस्राईर िे ज़रयए होगा तो उसने हुक्भ जायी िय हदमा कि भल्
ु ि
भें िोई औयत हाभेरा न यहने ऩाए औय िोई फच्चा फा़ी न यखा जाए। चन
ु ान्चे
इसी लसरलसरे भें 40 हज़ाय फच्चे ज़ामा किमे गए रेकिन खुदा ने हज़यत भस
ू ा
उन्हीॊ िे हाथों से उसिी सरतनत िा तख़्ता उरट हदमा। इसी तयह इभाभ भेहदी
फावजद
ू आऩ फतने नयजीस ऽातन
ू से ऩैदा हुए औय आऩिो िोई दे ख ति न
सिा।
आऩिो सर
ू ी दे दी गई औय आऩ ़त्र किमे जा चि
ु े , रेकिन ऽुदा वन्दे आरभ ने
1007
दी गई है । मानी ऽुदा वन्दे आरभ ने अऩने ऩास फर
ु ा लरमा औय वह आसभान ऩय
अभन व अभाने ऽद
ु ा भें हैं। इसी तयह हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िे फाये भें बी
रोगों िा िहना है कि ऩैदा ही नहीॊ हुए, हाराॊ कि ऩैदा हो िय हज़यत ईसा (अ.स.)
िी तयह ााएफ हो चि
ु े हैं।
.3 हज़यत नह
ू (अ.स.) ने रोगों िी नाफ़यभानी से आज़जज़ आ िय ऽुदा िे
ऩैाम्फय औय आइम्भा (अ.स.) िी तिज़ीफ िय यहे हैं औय अवाभे भज़ु स्रभ बफरा
वजह ऐनतयाज़ात िय िे अऩनी आ़फत ऽयाफ िय यहे हैं औय शामद इसी वजह से
भशहूय है कि जफ दनु नमाॊ भें चारीस भोलभन िालभर यह जाएगें तफ आऩिा ज़हूय
होगा।
.4 हज़यते खखज्र
ु़ (अ.स.) जो ज़ज़न्दा औय फा़ी हैं औय ़माभत ति ज़ज़न्दा औय
भौजूद यहे गें। उन्हीॊ िी तयह हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) बी ज़ज़न्दा औय फा़ी हैं
1008
फा़ी यहने भें भस
ु रभानों भें िोई इख़्तेराफ़ नहीॊ है, हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.)
ग़ैफते िग़
ु रा व कुफरा और आऩके िफ
ु रा
भद्
ु दत 75 मा 73 सार थी। उसिे फाद ाैफते िुफया शरू
ु हो गई। ाैफते सा
ु या िे
ज़भाने भें आऩिा एि नाएफे ऽास होता था ज़जसिे ज़ेये एहतेभाभ हय क़स्भ िा
भ़
ु यक य किमे जाते थे।
सफ से ऩहरे ज़जन्हें नाएफे ऽास होने िी सआदत नसीफ हुई उनिा नाभे नाभी
व इस्भे गेयाभी हज़यत उस्भान बफन सईद उभयी था। आऩ हज़यत इभाभ अरी निी ु़
भें से थे। आऩ ़फीराए फनी असद से थे। आऩिी िुज़न्नमत अफू उभय थी। आऩ
साभया िे ़यीए असिय िे यहने वारे थे। वफ़ात िे फाद आऩ फादाद भें दयवाज़ा
जफरा िे ़यीफ भज़स्जद भें दफ़्न किमे गमे हैं। आऩिी वफ़ात िे फाद फहुक्भे
इभाभ (अ.स.) आऩिे फ़यज़न्द हज़यत भोहम्भद बफन उस्भान बफन सईद इस
अज़ीभ भॊज़ज़रत ऩय फ़ाएज़ हुए, आऩिी िुज़न्नमत अफू जाफ़य थी। आऩने अऩनी
1009
इस लरमे िय यहा हूॉ कि भझ
ु े इभाभ (अ.स.) ने फता हदमा है औय अऩनी तायीऽे
वफ़ात से वाक़फ़ हूॉ। आऩिी वफ़ात जभाहदर अव्वर 305 हहजयी भें वा़े हुई औय
कपय आऩिी वफ़ात िे फाद फा वास्ता भयहूभ हज़यत इभाभ (अ.स.) िे हुक्भ से
हज़यत हुसन
ै बफन यौह इस भनसफे अज़ीभ ऩय फ़ाएज़ हुए।
जाफ़य बफन भोहम्भद बफन उस्भान सईद िा िहना है कि भेये वालरद हज़यत
भनसफ िी ज़ज़म्भेदायी िे भत
ु ाअज़ल्ऱ इभाभ (अ.स.) िा ऩैााभ ऩहुॉचामा था।
हज़यत हुसन
ै बफन यौह िी िुज़न्नमत अफू ़ालसफ थी। आऩ भहल्रे नव फख़्त िे
हदमे गमे हैं। आऩिी वफ़ात शाफान 326 हहजयी भें हुई औय आऩ भहल्रे नव फख़्त
िूफ़े भें भदफ़ून हुए हैं। आऩिी वफ़ात िे फाद फहुक्भे इभाभ (अ.स.) हज़यत अरी
अफर
ु हसन थी। आऩ अऩने फ़याएज़ अॊजाभ दे यहे थे, जफ वक़्त ़यीफ आमा तो
आऩ से िहा गमा कि आऩ अऩने फाद िा क्मा इॊतेज़ाभ ियें गे? आऩने फ़यभामा
जज़ीयए खखज़या
ु़ ऩष्ृ ठ 6 व अनवारूर हुसैननमा ऩष्ृ ठ 55) भल्
ु रा जाभी अऩनी किताफ
1010
शवाहे दन
ु नफव
ू त िे ऩष्ृ ठ 214 भें लरखते हैं कि भोहम्भद अर सभयी िे इन्ते़ार
बफज़स्भल्राहहयक हभाननकयहीभ
मा अरी बफन भोहम्भद अज़भ अल्राह अजया ऽवाएनेिा फ़ी़ा फ़ाअनिा भमता
ज़हूय इरा फआद इज़न अल्राह ताआरा व ज़ारेिा फआद तूर अर आभद। ’’
तयजुभा:- ऐ अरी बफन भोहम्भद ! ऽुदा वन्दे आरभ तुम्हाये फाये भें तुम्हाये
वफ़ात ऩाने वारे हो, तुभ अऩने इन्तेज़ाभात िय रो औय आइन्दा िे लरमे अऩना
िोई ़ाएभ भ़
ु ाभ तजवीज़ व तराश न ियो। इस लरमे कि ाैफते िुफया वा़े हो
गई है औय इज़ने ऽद
ु ा िे फाैय ज़हूय न भज़ु म्िन होगा। मह ज़हूय फहुत तवीर असे
िे फाद होगा।
सभयी फतायीऽ 15 शाफान 329 हहजयी इन्ते़ार फ़यभा गए औय कपय िोई ऽुसस
ू ी
सफ़ीय भ़
ु यक य नहीॊ हुआ औय ाैफते िुफया शरू
ु हो गई।
1011
सुफ़याए उभूभी िे नाभ
भन
ु ालसफ भारभ
ू होता है कि उन सफ़
ु या िे इस्भा बी दयजे ज़ैर िय हदमे जामें
भहरूसा भऽसलू समा भें इभाभ (अ.स.) िा िाभ ियते औय हज़यत िी खखदभत
ु़ भें
बफन शादान, 8. ़सभ से अहभद बफन इस्हा़। (ााएत अर भ़सूद ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ
120)
हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ाैफत चॊकू ि ऽुदा वन्दे आरभ िी तयफ़ से
भन
ु हलभि हो गमे औय ाामफ होने िे फाद आऩने दीने इस्राभ िी खखदभत
ु़ शरू
ु
फ़यभा दी। भस
ु रभानों, भोलभनों िे ऽुतूत िे जवाफात दे ने उनिी फवक़्ते ज़रूयत
यहफयी ियने औय उन्हें याहे यास्त हदखाने िा फ़यीज़ा अदा ियना शरू
ु िय हदमा।
1012
ज़रूयी खखदभात
ु़ आऩ ज़भानाए ाैफते सा
ु या भें फ वास्ता सफ़
ु या मा बफरा वास्ता
दे ते यहें गे।
दे ना। नसफे हजय िी रोग सई िय यहे थे रेकिन वह अऩनी जगह ऩय ़याय नहीॊ
1013
वहाॊ से यवाना हुआ तो इब्ने हश्शाभ उनिे ऩीछे हो लरमे। यास्ते भें उन्होंने ऩरट
उसने भझ
ु से सवार किमा है कि वह िफ ति ज़ज़न्दा यहे गा। मह िह िय वह
नज़यों से ाामफ हो गए। इब्ने हश्शाभ ने साया वा़ेमा फादाद ऩहुॉच िय जाफ़य
बफन ़ौलरमा से फमान िय हदमा। ायज़ कि वह तीस सार िे फाद वफ़ात ऩा गमे।
(िशफ़ुर ाम्
ु भा ऩष्ृ ठ 133)
यहभान भल्
ु रा जाभी य़भ तयाज़ हैं कि एि शख़्स इस्भाईर बफन हसन हय िुरी
हय ज़भानए फहाय भें उफर आता था। ज़जसिे इराज से तभाभ दनु नमा िे हिीभ
भामस
ू शद
ु भ अज़ी भत भशहद शयीफ़ सयभन याए ियदभ ’’ जफ भैं तभाभ एतफाय
से भामस
ू हो गमा तो साभया िे सयदाफ िे ़यीफ गमा औय वहाॊ ऩय हज़यते साहे फे
अम्र िो भत
ु ावज्जे किमा। एि शफ दयमाए दजरा से ास्
ु र िय िे वाऩस आ यहा
1014
था कि चाय सवाय नज़य आए, उनभें से एि ने भेये ज़ख़्भ िे ़यीफ हाथ पेया औय
िशफ़ुर ाम्
ु भा ऩष्ृ ठ 132)
अल्राभा तफरयसी फहवारा भोहम्भद बफन मा़ूफ ़ुरैनी लरखते हैं कि इस्हा़
बफन मा़ूफ ने फज़रयमे भोहम्भद बफन उस्भान अभयी हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.)
िी खखदभत
ु़ भें एि ऽत इयसार किमा ज़जसभें िई सवारात लरखे थे। हज़यत ने
1. जो हभाया भन
ु किय है, वह हभ से नहीॊ।
फयादयाने मस
ु फ़
ु िी हैं।
1015
4. हभ तुम्हाये भार लसफ़क इस लरमे (फतौये ऽम्ु स) ़ुफर
ू ियते हैं कि तुभ ऩाि हो
ज़हूय भ़
ु यक य ियते हैं वह ारती ऩय हैं झट
ू फोरते है ।
झठ
ू े औय गुभयाह हैं।
ु़
7. तभाभ वािेए होने वारे हवाहदस भें भेये सफ़
ु या ऩय एनतभाद ियो वह भेयी
तयफ़ से तम्
ु हाये लरए हुज्जत हैं औय भैं हुज्जतल्
ु राह हूॉ।
तहयीय है ।
9. भोहम्भद बफन अरी भहयमाय अहवाज़ी िा हदर इन्शा अल्राह फहुत साफ़ हो
11. भोहम्भद बफन शादान बफन नईभ हभाये लशमों भें से हैं।
12. अफू अर ऽत्ताफ भोहम्भद बफन ज़ैनफ अजद भरऊन है औय इनिे भानने
वारे बी भरऊन हैं भैं औय भेये फाऩ दादा इस से औय इसिे फाऩ दादा से हभेशा
13. जो हभाया भार खाते हैं वह अऩने ऩेटों भें आग बयते हैं।
1016
14. ऽुम्स हभाये सादात लशमा िे लरमे हरार है ।
इसिे भत
ु ाअज़ल्ऱ सवार फेिाय है । भेये आफाओ अजदाद दनु नमाॊ वारों िे लशिन्जें
कि भेयी लभसार ाैफत भें वैसी है, जैसे अब्र भें छुऩे हुए आफ़ताफ िी। भैं लसतायों
िी भाननन्द अहरे अज़क िे लरमे अभान हूॉ। तुभ रोग ाैफत औय ज़हूय िे
भत
ु ाअज़ल्ऱ सवारात िा लसरलसरा फन्द ियो औय ऽुदा वन्दे आरभ िी फायगाह
(आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 258, भजालरसुर भोभेनीन ऩष्ृ ठ 190, िशफ़ुर ाम्
ु भा ऩष्ृ ठ 140)
मकतूफे गगरामी
अब्दल्
ु राह भोहम्भद बफन भोहम्भद बफन नेभान िे नाभ एि भितफ
ू इयसार
1017
फ़यभामा है ज़जसभें उन्होंने शेऽ भफ़
ु ीद िी भदह फ़यभाई है औय फहुत से वा़ेमात
से भौसफ़
ू िो आगाह फ़यभामा है । उनिे भितफ
ू े गगयाभी िा तयजभ
ु ा मह है :-
भें ऽुरस
ू हालसर है औय तुभ भेये फाये भें म़ीने िालभर यखते हो। हभ उस ऽुदा
भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) औय उनिी ऩाि आर ऩय। हभायी दआ
ु है कि ऽुदा
भत
ु ावज्जा यहे । तभ
ु जो हभाये फाये भें लसद़ फमानी ियते यहतें हो, ऽद
ु ा तभ
ु िो
दयू हैं जफ तफ दौरते दनु नमाॊ फ़ालस़ों िे हाथ भें यहे गी। हभ उन राज़ीशों िो
इससे अऩने चचा जाफ़य िी तयफ़ इयशाद फ़यभामा है ) उन्होंने अऩने अहदों िो ऩसे
ऩश्ु त डार हदमा गोमा वह िुछ जानते ही नहीॊ। ताहभ हभ उनिी रयवामतों िो
भस
ु ीफतें नाज़ज़र होतीॊ औय दश्ु भनों िा ारफा हालसर हो जाता, ऩस उनसे िहो कि
1018
ऽुदा से डयो औय हभाये अभय नहीॊ भन
ु िय िी हहफ़ाज़त ियो औय अल्राह अऩने
नयू िा िालभर ियने वारा है चाहे भगु श्रि िैसी ही ियाहीय्मत ियें त़य्मा िो
रोग ऽुश होंगे। रोगों िो चाहहमे कि वह ऐसे िाभ ियें ज़जनसे उनभें हभायी
फाफे तौफा फन्द हो जाऐगा औय ऽुदाई िहय से नजात न लभरेगी। ऽुदा तुभ िो
भेये ख़्मार भें मह ऽत अहदे ाैफते िुफया िा है, क्मोंकि शेऽ भकु फ़द िी
ववरादत 11 ज़ी़ाद 326 हहजयी औय वफ़ात 3 यभज़ान 413 हहजयी भें हुई औय
ाैफते सा
ु या िा ऐख़्तेताभभ 15 शाफान 329 हहजयी भें हुआ है । अल्राभा िफीय
1019
उन हज़रात के नाम जजन्होंने ज़मानए ग़ैफते िुग़रा में इमाम को दे खा
है ।
फादाद िे यहने वारों भें से, 1. अफू अर ़ालसभ बफन यईस, 2. अफू अब्दल्
ु राह
भऽतभ
ू ा, 9. अफू अर ़ालसभ बफन अफी जरैसा, 10. अफू अब्दल्
ु राह अर िन्दी,
िे फालशन्दों भें से) 16. हसन बफन हयवान, 17. अहभद बफन हयवान (अज़
ु़
असफ़हान) 18. इब्ने फाज़शारा, (अज़ जैभय) 19. ज़ैदान अज़ ़ुभ, 20. हसन बफन
नसय, 21. भोहम्भद बफन भोहम्भद, 22. अरी बफन भोहम्भद बफन इसहा़, 23.
भोहम्भद बफन इसहा़, 24. हसन बफन मा़ूफ, (अज़ यै ) 25. ़सभ बफन भस
ू ा,
अस सािा, ु़ 29. अरी बफन भोहम्भद, 30. भोहम्भद बफन मा़ूफ ़ुरैनी, 31. अफू
जाफ़य अय़ा, (अज़ िज़वीन) 32. भयवास, 33. अरी बफन अहभद, (अज़ फ़ायस)
34. अिभज़रूह (शेहज़ोय) 35. इब्ने अर जभार, (अज़ ़ुद्स) 36. भजरूह
1020
(अज़भयो) 37. साहे फे अरफ़ दीनाय, 38. साहे फे अर भार व अय़ता अर फैज़ा,
39. अफू साबफत (अज़ नेशाऩयू ) 40. भोहम्भद बफन शोऐफ बफन सारेह (अज़ मभन)
41. फ़ज़र बफन मज़ीद, 42. हसन बफन फ़ज़र, 43. जाफ़यी, 44. इब्ने अर
ज़्मायत फयाभद हुई है ज़जसभे तभाभ शोहदाए ियफरा िे नाभ औय उनिे ़ानतरों
1021
ग़ैफते कुफरा में इमाम मेहदी (अ.ि.) का मरक़जी मक़
ु ाम
इभाभ भेहदी (अ.स.) चॊकु ि उसी तयह ज़ज़न्दा औय फा़ी हैं ज़जस तयह हज़यत
भाजज
ू औय इब्रीस रईन ज़ज़न्दा औय फा़ी हैं औय उन सफ िा भय़ज़ी भ़
ु ाभ
भौजूद है । जहाॊ मह यहते हैं भसरन हज़यत ईसा चौथे आसभान ऩय (़ुयान भजीद)
भें दो ऩहाड़ों िे दयलभमान (ाामतर भ़सदू ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 74) औय इफरीस रईन,
िोई भयिज़ी भ़
ु ाभ होना ज़रूयी है जहाॊ आऩ तशयीफ़ फ़यभा हों औय वहाॊ से सायी
इसी लरमे िहा जाता है कि ज़भानाए ाैफत भें हज़यत भेहदी (अ.स.) (जज़ीयाए
खखज़या
ु़ औय फहये अफमज़) भें अऩनी औराद अऩने असहाफ सभेत ़माभ फ़यभा हैं
औय वहीॊ से फ एजाज़ तभाभ िाभ किमा ियते औय जगह ऩहुॉचा ियते हैं। मह
जज़ीयाए खखज़या
ु़ सयज़भीने ववरामत फयफय भें दयलभमान दरयमा उन्दलरस वा़े है
1022
मह जज़ीयह भाभयू व आफाद है । इस दरयमा िे साहहर भें एि भौज़ा बी है जो फ
शक्रे जज़ीया है उसे उन्दलरस वारे (जज़ीयाए यफ़ज़ा) िहते हैं क्मों कि उसभें सायी
भर
ु ाहे ज़ा हो (तायीऽ जहाॉ आया, ये आज़ उर उरभा िफ़ाएतुर भेहदी, िशफ़ुर
ु़
िेनाअ, ये आज़ अर भोभेनीन, ााएतर भ़सद
ू , रयसारा जज़ीयाए खखज़या,
ु़ फहये
ऩष्ृ ठ 439 भें इभाभ भेहदी (अ.स.) िे अ़साए बफरादे भारयफ भें होने औय उनिे
अफसाय िे ऩष्ृ ठ 152 भें इसिी तयफ़ फ हवारा किताफ जाभेए अर फ़नन
ू इशाया
भोहीत वा़े हैं। इस फहये अफमज़ व अऽज़य िा तूर 2 हज़ाय फ़यसऽ औय अज़क
1023
भेहदी (अ.स.) िा ऱफ है । अल्राभा तफयसी लरखते हैं कि आऩ ज़जस भिान भें
नाभ नभ
ु ामा तौय ऩय नज़य आता है । आऩिी भर
ु ा़ात िी तस्दी़, फ़ज़र बफन
महहमा बफन अरी ताफई िुफ़ी व शेऽ आलरभ आलरभ शेऽ शम्सद्
ु दीन नजी अरी
व शेऽ जरारद्
ु दीन, अब्दल्
ु राह इब्ने अवाभ हहल्री ने फ़यभाई है ।
जज़ीयाए खखज़या
ु़ िे ऩष्ृ ठ 1 भें है कि शेऽ अजर सईद शहीद बफन भोहम्भद
हज़यत िी ाैफत, हज़यत िा ज़ुहूय वाैया ज़जस तयह यभज़े ऽुदावन्दी औय याज़े
इराही है उसी तयह आऩिी जाए ़माभ बी एि याज़ है ज़जसिी इत्तेरा आभ ज़रूयी
1024
इमामे ग़ायफ का हर जगह हाजज़र होना
अरी (अ.स.) िे ऩोते हैं, हय भ़ाभ ऩय ऩहुॉचते औय हय जगह अऩने भानने वारों
लभरते हैं उन्हें दे खते हैं मह औय फात है कि उन्हें ऩहचान न सिें। (गाएत
ु़ ुर भ़सूद)
मह भस
ु ल्रेभात से है कि हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) हय सार िाफा िे लरमे
भक्िा भोअज़्ज़भा इसी तयह तशयीफ़ रे जाते हैं ज़जस तयह हज़यते खखज़य
ु़ व
िहाॊ से तशयीफ़ राए हैं? आऩने फ़यभामा ‘‘ अनर भेहदी व अनर ़ाएभ ’’ भैं
1025
बफन शाज़ान िा िहना है कि भैं एि दफ़ा भदीने भें दाखखर
ु़ हुआ तो हज़यत इभाभ
भेहदी (अ.स.) से भर
ु ा़ात हुई, उन्होंने भेया ऩयू ा नाभ रे िय भझ
ु े ऩि
ु ाया, चॊकु ि
अल्राभा शेऽ सर
ु ेभान ़न्दज़
ू ी फरऽी तहयीय फ़यभाते हैं कि अब्दल्
ु राह इब्ने
सारेह ने िहा भैंने ाैफते िुफया िे फाद इभाभ भेहदी (अ.स.) िो हजये असवद िे
नज़दीि इस हार भें खड़े हुए दे खा कि उन्हें रोग चायों तयफ़ से घेये हुए हैं।
(मनाबफउर भोवद्दता)
इब्राहीभ हुसन
ै िा शभ
ु ाय हरफ िे भशएऽ अज़ाभ भें था। वह फ़यभाते हैं कि भेये
लभस्री उस्ताद ने फमान किमा है कि भैंने हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िे हाथ ऩय
1026
भर
ु ा़ात होती है मह औय फात है कि भोभेनीन उन्हें भसरहते ऽुदा वन्दी िी
होता है कि इस भ़
ु ाभ ऩय भैं अऩना ख़्वाफ लरख दॉ ।ू वाक़मा है कि आज िर
जफ कि भैं इभाभे ज़भाना (अ.स.) िे हारात लरख यहा हूॉ हहदसे भज़िूय ऩय नज़य
डारने िे फाद फ़ौयन ज़हन भें मह ख़्मार ऩैदा हुआ कि भौरा सफ िो हदखाई दे ते
हैं रेकिन भझ
ु े आज ति नज़य नहीॊ आमे। इसिे फाद भैं बफस्तये इस्तेयाहत ऩय
साया हहस्सा आरभे ऩहाड़ है औय उस ऩय इभाभ भेहदी (अ.स.) तरवाय लरमे ऽड़े
ज़जस्भ दोहया है । फड़ी फड़ी सयु गभीॊ आॊखें औय चेहया इन्तेहाई यौशन है । आऩिे
ऩट्टे िटे हुए हैं औय साया लरफास सफ़ैद है औय वक़्त अस्र िा है । मह वाक़मा
है ।
1027
मल्
ु ऱा मोहम्मद फाफ़क़र दामाद का इमामे अस्र (अ.ि.) िे इस्तेफादा
करना
हभाये अज़ीभर
ु ़द्र भज
ु तहहद थे उनिे भत
ु ाअज़ल्ऱ है कि एि शफ आऩने ज़यीह
नजफ़े अशयफ़ भें एि भसरा लरख िय डारा, उसिे जवाफ भें तहयीयन िहा गमा
कि तुम्हाया इभाभे ज़भाना इस वक़्त भज़स्जदे िूफ़ा भें नभाज़ गुज़ाय है, तुभ वहाॊ
अन्दय दाखखर
ु़ हो गमे। आऩ ने भसरे िा जवाफ हालसर किमा औय आऩ भत
ु भइन
हो िय फयाभद हुए।
किताफ ़सासर
ु उरेभा भोअल्रेफ़ा अल्राभा तन्िाफनी ऩष्ृ ठ 55 भें भज
ु तहहदे
आज़भ ियफराए भोअल्रा जनाफ आ़ा सय्मद भोहम्भद भेहदी फहये उरभ
ू िे
इतने भें इभाभे अस्र (अ.स.) अऩने अफो जद िी ज़्मायत िे लरमे तशयीफ़ रामे
1028
िी िैकफ़मत तायी थी वह जाती यही। इसिे अरावा आऩिे इसी क़स्भ िे िई
वाफ़क़ए ‘‘ अनार ’’
भज़हफ िे थे औय उनिे वालरद ज़ैद मह ख़्मार यखते थे। एि हदन उनिे वालरद
अतूवाह ने िहा कि भैं सख़्त अरीर हो गमा हूॉ औय अफ फचने िी िोई उम्भीद
इख़्तेमाय िय रॊग
ू ा। मह िहने िे फाद जफ मह यात िो बफस्तय ऩय गमे तो इभाभे
हदमा औय वह भज़क जाता यहा, अतूवाह ने उसी वक़्त भज़हफे इभालभमा इख़्तेमाय
दी।
उसिा वज़ीय ऽवायजी था। वज़ीय ने फादशाह िे साभने चन्द ताज़ा अनाय ऩेश
1029
हदरामा कि हभाया भज़हफ ह़ है औय तयतीफे खखराफ़त
ु़ भन्शाए ़ुदयत िे
भत
ु ाबफ़ दरू
ु स्त है । फादशाह िे हदर भें मह फात िुछ इस तयह फैठ गई ज़ िवह
फानतर ऩय गाभज़न है । चन
ु ान्चे उसने अऩने ख़्मार िी तिभीर िे लरमे जुभरा
हदखा िय उन से िहा कि इसिी यद्द भें िोई भा़ूर दरीर राओ वयना हभ
ननसफतन भ़
ु द्दस थे औय प्रोग्राभ मह फना कि जॊगर भें एि एि आलरभ शफ भें
भद्
ु दत लभरी थी इस लरमे ऩये शानी ज़्मादा थी। ायज़ कि उरेभा ने जॊगर भें जा
आलरभ हज़यत भोहम्भद बफन अरी िी फायी आई तो आऩने फदस्तूय सहया भें
जािय भस
ु ल्रा बफछा हदमा औय नभाज़ िे फाद इभाभे ज़भाना (अ.स.) िो अऩनी
तयफ़ भत
ु वज्जे ियने िी िोलशश िी रेकिन नािाभ हो िय वाऩस आते हुए उन्हें
1030
िी इभाभे ज़भाना िी तराश है औय वह तशयीफ़ रा नहीॊ यहे हैं। उस शख़्स ने
िहो क्मा िहते हो। भोहम्भद बफन अरी ने िहा कि अगय साहे फर
ु अस्र हैं तो
आऩसे हाजत फमान ियने िी ज़रूयत क्मा? आऩिो ऽुद ही इल्भ होगा।
सन्द़
ू है उसभें लभट्टी िे िुछ साॊचे यखे हुए हैं। जफ अनाय छोटा होता है वज़ीय
फयऽास्त िय हदमा गमा। (किताफ फदाए उर अऽफाय भुल्रा इस्भाईर सफज़वायी, ऩष्ृ ठ 150
ऐन से अतशे हुसन
ै ी, सव
ु ाद से सब्रे आरे भोहम्भद भयु ाद है । आऩने फ़यभामा कि
1031
ियफरा िी इत्तेरा हुई तो वह तीन योज़ ति भस
ु रसर योते यहे । (तफ़सीये सानी ऩष्ृ ठ
279)
फाज़ भश
ु तशय़ीन व भाहे यीन आभाय िा िहना है कि ‘‘ ज़जनिे आभार व
कियदाय अच्छे होते हैं औय ज़जनिा ऩेज न.ए फानतन िालभर होता है उनिी उभयें
इन ऩय दश
ु भन िा दस्तयस न हुआ तो मह ज़ज़न्दा यह गए औय अफ ति फा़ी
भद्
ु दत उम्र भें एि ऩर िा बी तफ़ये ़ा नहीॊ हो सिता।
िाफ़ी तवीर उभये अता िी हैं। उम्र िी तवारत भसरहते ऽुदा वन्दी ऩय भब्नी है ।
इससे उसने अऩने दोस्दों औय दश्ु भनों िो नवाज़ा है । दोस्तों भें हज़यत ईसा
दश्ु भनों भें से इफरीस रईन, दज्जार व फतार, माजूज भाजूज वाैया हैं औय हो
1032
सिता है कि चॊकु ि ़माभत उसर
ू े दीने इस्राभ से है औय इसिी आभद भें इभाभ
भेहदी (अ.स.) िा ज़हूय ऽास है लसमत यखता है रेहाज़ा उनिा ज़ज़न्दा व फा़ी
ियने िे लरमे उसने फहुत से अफ़याद िी उम्रें तवीर िय दी हों। भज़िूया अफ़याद
1. ऱ
ु भान िी उम्र 3500 सार, 2. औज बफन अऩ िी उम्र 3300 सार औय
उम्र 900 सार, 5. ज़हा़ व 6. तभहूयस िी उम्रें 1000 सार, 7. ़ैनान िी उम्र
700 सार, 10. यफी बफन उम्र उफ़क सतीह िाहहन िी उम्र 600 सार, 11. हाकिभे
अयफ आलभय बफन ज़यफ िी उम्र 500 सार, 12. साभ बफन नह
ू 500 सार, 13.
हयस बफन भजाज़ ज़य हभी िी उम्र 400 सार, 14. अयभख़्शद िी उम्र 400 सार,
15. दयीद बफन ज़ैद िी उम्र 456 सार, 16. सरभान फ़ायसी िी उम्र 400 सार,
उम्र 430 सार, 19. हयस बफन ज़मास िी उम्र 400 सार, 20. िाफ बफन जभजा
िी उम्र 390 सार, 21. नसय बफन धभान बफन सरभान िी उम्र 390 सार, 22.
़ैस बफन साद िी उम्र 380 सार, 23. उभय बफन यफी िी उम्र 333 सार, 24.
1033
अक्सभ बफन ज़ैफ़ी िी उम्र 336 सार, 25. उभय बफन तफ़ीर अदवानी िी उम्र
कि ‘‘ चॊकु ि इतनी उम्र िा इॊसान नहीॊ होता, इस लरमे इभाभ भेहदी (अ.स.) िा
वजूद हभ तसरीभ नहीॊ ियते। क्मों कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िी उम्र इस वक़्त
(किताफ लरखते वक्त) 1393 हहजयी भें लसफ़क ग्मायह सौ अड़तालरस सार िी होती
उम्रों से फहुत िभ है ।
़यीफ ज़हूय ियें गे औय आऩ उसी तयह ज़भानाए ाैफत भें बी हुज्जते ऽुदा हैं ज़जस
फा़ी भौजद
ू हैं, क्मों कि ज़जस िे ऩैदा होने ऩय उरभाए इस्राभ िा इत्तेफ़ा़ हुआ
फा़ी होना भानना ऩड़ेगा। दरीर भन्त़ी से बी मही साबफत होता है रेहाज़ा
1034
इन तभाभ शवाहहद औय दराएर िी भौजूदगी भें ज़जनिा हभ ने इस किताफ भें
ख़्मार िे भत
ु ाबफ़ इभाभे भन्
ु तज़ज़य औय इभाभ भेहदी (अ.स.) वाैया िे ऩयु
औय भल्
ु रा अऽन्
ू द दयवेज़ा िा किताफ इयशाद अर तारेफीत ऩष्ृ ठ 396 भे मह
अभीना (आभना) होगी। उसिे एि रड़िा ऩैदा होगा ज़जसिा नाभ भोहम्भद होगा,
भेहदी (अ.स.) वही हैं जो इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे फ़यज़न्द हैं। ’’ हद
इभाभ भेहदी (अ.स.) हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िे फेटे हैं औय 15
भर
ु ाहे ज़ा हो, असआफ़ अर यााफैन, दफ़मातुर अमान, यौज़तुर अहफाफ, तायीऽे
इब्नर
ु वयदी, नेमाफर
ु भोअद्दता, तायीऽे िालभर, तायीऽे तफयी, नरू
ु र अफसाय,
1035
उसर
ू े िाफ़ी, िशफ़ुर ाम्भा, ज़जराउर उमन
ू , इयशाद भफ़
ु ीद, आराभर
ु वया,
खखदभत
ु़ भें हाज़ज़य हो िय अज़क ऩयदाज़ हुआ, भझ
ु े अऩने ऽुदा, अऩने दीन, अऩने
भस
ु रभान हो जाऊॊगा। हज़यत ने ननहामत फरीा औय फेहतयीन अॊदाज़ भें ऽल्रािे
आरभ िा ताअरूकफ़ ियामा। उसिे फाद दीने इस्राभ िी वज़ाहत िी, ‘‘ िारा
ु़
भझ
ु े अऩने वसी से आगाह िीज़जए औय फताइमे िी वह िौन हैं? आऩने फ़यभामा
भेये वसी अरी बफन अफी तालरफ (अ.स.) औय उनिे फ़यज़न्द हसन (अ.स.) व
हुसन
ै (अ.स.) िे सल्
ु फ से नौ (9) फेटे ़माभत ति होंगे। उसने िहा सफ िे नाभ
1036
भस
ु रभान हो गमा औय िहने रगा कि भैंने िुतुफे आसभानी भें इन फायह नाभों
किमे। ियफरा िा होने वारा वाक़मा फतामा। इभाभ भेहदी (अ.स.) िी ाैफत िी
(भज़फत
ू ) िीॊ।
हज़यत ने फ़यभामा इसी तयह हभाया फायहवाॊ जानशीन इभाभ भेहदी भोहम्भद
(ाामतर
ु भ़सद
ू ऩष्ृ ठ 134 फहवारा फ़याएद अर लसभतैन हभवीनी)
इरिादात
आखखय
ु़ भें आऩिा ज़हूय होगा। भारयफ व भशरय़ ऩय आऩिी हुिूभत होगी।
ज़भीन खुद फ खुद तभाभ दफ़ाएन (ज़भीन िे ऽज़ाने) उगर दे गी। दनु नमाॊ िी िोई
ऐसी ज़भीन न फा़ी यहे गी ज़जसिो आऩ आफाद न िय दें । अराभाते ज़हूय भें मह
चन्द हैं:
1037
1. औयतें भयदों िे भश
ु ाफेह होगीॊ। 2. भदक औयतों जैसे होगें । 3. औयतें ज़ीन
जैसी चीज़ें, घोड़े, साईकिरों, स्िूटयों, ियों वाैया ऩय सवायी ियने रगें गी। 4. नभाज़
जान फझ
ू िय ़ज़ा िी जाने रगेगी। 5. रोग ऽाहहशाते नफ़सानी िी ऩैयवी ियने
जामेगी। 13. दीन िो दनु नमा िे फदरे फेचा जामेगा। 14. अज़ीज़दायी िी ऩयवाह न
िभज़ोयी ऩय भहभर
ू किमा जामेगा। 17. ज़ुल्भ फ़ख़्र िे तौय ऩय किमा जामेगा।
दाय ऽाएन होंगे। 21. हय एि भद्दगाय ज़ुल्भ ऩयवय होगा। 22. ़ायीमाने ़ुयआन
फ़ालस़ होंगे। 23. ज़ुल्भ व जौय आभ होगा। 24. तरा़ फहुत ज़्मादा होंगी। 25.
कफ़स़ो फ़ुजयू नभ
ु ामाॉ होंगे। 26. फ़ये फी िी गवाही ़ुफर
ू िी जामेगी। 27. शयाफ
नोशी आभ होगी। 28. इाराभ फाज़ी िा ज़ोय होगा। 29. लसह़, मानी औयतें,
िो भारे ानीभत सभझा जामेगा। 31. सद़ा व ऽैयात से नाजामज़ फ़ामदा उठामा
जामेगा। 32. शयीयों िी ज़फान िे ऽौफ़ से नेि फन्दे ऽाभोश यहें गे। 33. शाभ से
सकु फ़मानी िा ऽुरूज होगा। 34. मभन से मभानी फयाभद होगा। 35. भक्िे औय
1038
भदीने िे दयलभमान फ भ़ाभ ‘‘ रद
ु ’’ ज़भीन धॊस जामेगी। 36. रूिन औय
भ़ाभ िे दयलभमान आरे भोहम्भद िी एि भोअज़जु़ ़्ज़ज़ फ़दक ़त्र होगी। (नरू
ु र
अफसाय ऩष्ृ ठ 155 भहु द्रत लभस्र) 37. फनी अब्फास भें शदीद एख़्तेराफ़ होगा। 38. 15
ज़वार िे वक़्त आफ़ताफ अस्र िे वक़्त ति ़ाएभ यहे गा। 40. भारयफ से
आफ़ताफ ननिरेगा। 41. नफ़से ज़किमा औय सत्तय (70) सारेहीन िा ़त्र। 42.
से लसमाह (िारे) झॊडे फयाभद होंगे। 44. लभस्र भें एि भाये फी िा ज़हूय होगा। 45.
तुिक जज़ीये भें होंगे। 46. योभ यभरे भें ऩहुॉच जामेंगे। 47. भशरय़ भें एि लसताया
बड़िेगी जो तीन मा सात योज़ फा़ी यहे गी औय फयवामत लशब्रन्जी ऩष्ृ ठ 21, वह
अऩने फादशाह औय हाकिभ िो ़त्र िय दें गे। 52. शाभ तफाह व फयफाद हो
जामेगा। 53. ़ैस व अयफ िे झॊड़े लभस्र ऩय रहयाएगें । 54. ऽुयासान ऩय फनी
1039
13 नफ़य औरादे अफू तालरफ से दावाए इभाभत ियें गे। 58. फनी अब्फास िा एि
अज़ीभ शख़्स फ भ़
ु ाभ हरवराद ऽाऩैन नज़ये आतश किमा जामेगा। 59.
नागहानी भौतों िा ज़्मादा होना। 64. जानो भार व सभयात (फ़रों) िी तफाही।
उगना। 67. आऩसी िुश्तो ऽून िी िसयत। 68. अऩने सयदायो से रोगों िा
नाफ़यभान होना। 69. अऩने सयदायों िो ़त्र ियना। 70. फाज़ गगयोह िा सअ
ु य
औय फन्दय िी सयू त भें भसऽ होना। 71. आसभान से एि आवाज़ िा आना ज़जसे
िान भें उसी िी ज़फान भें ऩहुॉचना। 73. फाज़ सयू तों िा भ़ाभे ऐन अर शम्स भें
ज़ाहहय होना। 74. 24, चौफीस फायीशों िा ऩै दय ऩै होना। 75. ज़भीन िा ज़ज़न्दा
जामेंगे। 79. ऽौफ़े ऽुदा हदर से ननिर जामेगा। 80. ़ुयआन िा लसफ़क ननशान यह
जामेगा। 81. भज़स्जदें आफाद भगय हहदामत से ऽारी होंगी। 82. फ़ो़हा कफ़तना
ऩयवय होंगे। 83. औयतों से भशवेया लरमा जामेगा। 84. गुनाह खुल्रभ खुल्रा
1040
किमा जामेगा। 85. फद अहदी आभ होगी। 86. औयतों िो नतजायत भें शयीि
किमा जामेगा। 87. ज़रीर तयीन शख़्स ़ौभ िा सयदाय होगा। 88. गाने वालरमों
िा ज़ोय होगा। 89. उस ज़भाने िे रोग अगरों ऩय बफरा वजह रानत ियें गे। 90.
झठ
ू ी गवाही दी जामेगी। 91. ह़ ऽत्भ हो जामेगा। 92. ़ुयआन एि िोहना
(ऩयु ानी) किताफ सभझी जामेगी। 93. दीन अन्धा िय हदमा जामेगा। 94. फदिायी
ऐरान िे साथ िी जामेगी। 95. कफ़स़ो फ़ुजूय भें ज़जसिी भदह िी जामेगी ऽुश
होगा। 96. रड़िे औयतों िी तयह उजयत ऩय इस्तेभार होंगे। 97. भालसमत ऩय
भार ऽचक ियने वारों िो टोिा न जामेगा। 98. हभसामा हभसामे िो अज़ीमत
दे गा। 99. नेिी िा हुक्भ ियने वारा ज़रीर होगा। 100. नेिी िे यास्ते छोड़ हदमे
जामेंगे। 101. फैतुल्राह भोअत्तर िय हदमा जामेगा। 102. औयतें अन्जुभनें ़ामभ
ियें गी। 103. भदक औयतों िी तयह िॊघी ियें गे। 104. भदों िो शभकगाहों िा
भआ
ु वज़ा लभरेगा। 105. भोलभन से ज़्मादा साहे फे भार िी इज़्ज़त होगी। 106.
औयतें अऩने शौहयों िो भदों िे साथ फद फ़ेरी ऩय भजफयू ियें गी। 107. औयतों िी
दरारी ियने वारे भोअज़्ज़ज़ सभझे जामेंगे। 108. भोलभन ाभगीन औय ज़रीर
होगा। 109. हयाभ िो हरार किमा जामेगा। 110. दीन भें खुदयाई िी जामेगी।
111. गुनाह िे लरमे ऩयदाए शफ िी ज़रूयत न होगी। 112. फड़े फड़े भार ऽुदा िी
भालसमत भें सफ़क होंगे। 113. हुक्िाभ दीनदायी से दयू होंगे। 114. जज फ़ैसरे भें
रयश्वत रेंगे। 115. हयाभ औयतों से ज़ज़ना किमा जामेगा, जैसे भाॉ फहनें। 116. भदक
1041
अऩनी जौजा िी हयाभ िभाई खामेगा। 117. औयतें अऩने भदों ऩय हुिूभत ियें गी।
ज़रीर सभझा जामेगा। 120. हुक्िाभ भें उसिी इज़्ज़त होगी जो आरे भोहम्भद
चा
ु रखोयी आभ होगी। 123. ाीफत िो अच्छा सभझा जामेगा। 124. हज औय
जेहाद ऽुदा िे लरमे नहीॊ दीगय भ़ालसद िे लरमे किमा जामेगा। 125. फादशाह
मानी फय सये इक़्तेदाय तफ़ा भोलभन िो िाकफ़य िे लरमे ज़रीर िये गा। 126.
वीयाना आफादी से फदर जामेगा। 127. नाऩ तोर भें िभी रोंगो िा ज़रयए भाश
होगा। 128. रोग रयमासत तरफी िे लरमे अऩने िो फदज़फानी भें भशहूय ियें गे
जामेगी। 131. भय्मत ़ब्र से ननिारीॊ जामेगी। 132. ़ब्र से िफ़न चयु ा िय फेचा
फेहमाई ियें गी। 139. ज़ज़क्रे ऽुदा रोगों ऩय फाय होगा। 140. भारे हयाभ आभ
होगा। 141. नभाज़ लसफ़क हदखावे िे लरमे ऩढ़ी जामेगी। 142. फ़़ीह दीन िे लसवा
दस
ू ये िाभों िे लरमे कफ़़ा हालसर ियें गे। 143. रोग ाालसफ िा साथ दें गे। 144.
1042
हरार योज़ी िभाने वारे िी भज़म्भत िी जामेगी। 145. तालरफे हयाभ िी भदाह
खखराफ़
ु़ होंगे। 147. आराते गाना (गाने फजाने िी चीज़ें) भक्िे व भदीने भें आभ
िी तयफ़ दे खेंगे औय अहरे शहय उनिी इक़्तेदा ियें गे चाहे वह िुछ ियें । 150.
नेिी िे यास्ते ऽारी हो जामेंगें। 151. भय्मत िा भज़हिा ु़ उड़ामा जामेगा। 152.
हय सार फयु ाईमों भे ईज़ाफ़ा होगा। 153. भजलरस भें लसफ़क भार दाय िी इज़्ज़त
ख़्वाहहशाते नफ़सानी िी आग फझ
ु ामेंगे। 157. अऩनी इज़्ज़त िे ऽौफ़ से िोई
शयीफ़ किसी िो योि टोि न सिेगा। 158. भालसमत भें भार ऽुशी से सफ़क किमा
जामेगा रेकिन ऽुदा िी याह भें बफल्िुर न हदमा जामेगा। 159. वारेदैन िी तयफ़
ननगाह भें सफ
ु ़
ु होंगे। 161. औराद अऩने वारेदैन ऩय इफ़तेया ियने भें ऽश
ु ी
भहसस
ू िये गी। 162. औयतें भल्
ु ि व हुिूभत ऩय गालरफ
ु़ हो जामेंगी। 163.
िये गा। 165. फ़यज़न्द भाॉ फा ऩिे जल्द भयने िी तभन्ना िये गा। 166. इॊसान
ज़जस हदन िोई गुनाह न िये गा उस हदन ाभगीन यहे गा। 167. फादशाह गयानी िे
1043
लरमे ाल्रा योिेगा। 168. आइज़्ज़ा िा भार फ़ये फ से त़सीभ किमा जामेगा।
169. जआ
ु खेरा जामेगा। 170. शयाफ िे ज़रयमे से भयीज़ों िा इराज किमा
जामेगा। 171. अच्छाई औय फयु ाई दोनों िी तऱीन फयाफय है लसमत यखेगी। 172.
भन
ु ाकफ़़ औय दश्ु भने ऽुदा िी हवा फॊधेगी औय अहरे ह़ भ़हूय (फे इज़्ज़त)
यहें गे। 173. उजयत रे िय अज़ान िही जामेगी औय ऐवज़ रे िय नभाज़ ऩढ़ाई
जामेगी। 174. ऽुदा से न डयने वारे भज़स्जदों ऩय ़ाबफज़ होंगे। 175. भज़स्जदों भें
न अहर जभा हो िय गाफतें ियें गे। 176. फद भस्त यसभी तौय ऩय जभाअत भें
खड़े हो िय नभाज़ ऩढ़ें गे। 177. मतीभों िा भार खाने वारे िी भदह िी जामेगी।
से ऽाइनों ऩय बयोसा ियें गे। 180. भीयास फदिायी भें सफ़क िी जामेगी। 181.
लभम्फय ऩय त़वे िा ज़ज़क्र किमा जामेगा रेकिन वाएज़ ऽुद अभर नहीॊ िये गा।
ऽश
ु नहू दमे ऽद
ु ा िे लरमे नहीॊ लसफ़क लसफ़ारयश ऩय हदमा जामेगा। 184. इन्सान िा
भ़सद
ू े हमात लसफ़क ऩेट ऩारना औय ऐश ियना होगा। 185. ह़ िी ननशाननमाॊ
लभट जामेंगी। 186. बाई बाई से हसद िये गा। 187. अऩने दोस्तों िे साथ
ऽमानत िी जामेगी। 188. हदरों भें ज़हय िी तयह तिब्फयु दौड़ जामेगा। 189.
जामेंगे। 191. उनिी उम्रें ़रीर औय उनिी तभन्नाएॊ िसीय होंगी। (फेहारूर अनवाय
1044
ज़जल्द 13 ऩष्ृ ठ 174 भुहद्रत ईयान) 192. िनीज़ों से भशववये किमे जामेंगे। 193. फच्चे
लभम्फयों ऩय फैठेंगे। 194. ऐसे हाकिभ होंगे कि जफ उनसे िोई फात िये गा तो
़त्र िय हदमा जामेगा। 195. हुक्िाभ शयु फ़ा िे भार िो अऩना भार सभझेंगे।
196. औयतों िी आफरू ये ज़ी ियें गे। 197. िुछ चीज़ें भशरय़ से औय िुछ भारयफ
से राई जामेंगी ज़जनसे उम्भत िा इम्तेहान किमा जामेगा। 198. भज़स्जद ऩशों
ननगाय से भज़
ु अय्मन िी जामेगी। 199. िुयु़ आन भजीद सजामे जामेंगे। 200.
भज़स्जदों िी लभनायें फरन्द फनाई जामेंगी। 201. भदक सोना इस्तेभार ियें गे। 202.
ज़ाहहय फज़ाहहय होगी। 205. हदे शयई न िी जामेगी। 206. शयीय अफ़याद हाकिभ
लरमे हज ियें गे। 208. ़ुयआन भजीद सयु से ऩढ़ा जामेगा। 209. वल्द अज़ ज़ेना
िी िसयत होगी। 210. ऽुशाभद फहुत ज़्मादा याएज होगी। 211. लरफास ऩय
फ़ऽयो भफ
ु ाहात किमा जामेगा। 212. उभया शतयन्ज खेरेंगे। 213. ़ारयमाने
़ुयआन औय अब्फाद एि दस
ू ये ऩय रानत ियें गे। 214. भारदाय फ़ऽीयों से दयू
लभस न होगा। 216. ज़भीने ऐनतयाफ़ से धॊस जामेंगी। (तफ़सीय अरी बफन इब्राहीभ
़ुम्भी ऩष्ृ ठ 229) 217. दरयन्दें इन्सानों से फाते ियने रगें गे। 218. रोंगो से उनिे
िोड़े औय जूते िराभ ियने रगें गे। 219. इन्सान िी याने फोरने रगें गी औय वह
1045
इसिे घय िे रोगों ने जो िुछ किमा होगा घय िे भालरि िो फताने रगेगी।
ऽरू
ु ज एि ही हदन, एि ही भहीना, एि ही सार भें होगा। 221. हुिूभते शाभ,
ज़ोय होगा। 223. वादी माबफस से ‘‘ इब्ने आ़रातुर अिफाद ’’ खुरूज ियें गे।
225. शाभ िा ‘‘ ़रयमा ’’ जाफीह ज़भीन भें धॊस जामेगा। 226. ़त्रे नफ़से
ज़किमा िे 15 हदन फाद इभाभ भेहदी (अ.स.) िा ज़हूय होगा। (आरभ अरवया
तफयसी ऩष्ृ ठ 262 भुहद्रत फम्फई 1312 हहजयी) 227. दनु नमाॊ भें झगड़े फखेड़े फेइन्तेहाॊ
होंगे। 228. नए नए कफ़तने ऩैदा होंगे। 229. आभदो यफ़्त िे यास्ते फन्द हों
लरफास भदक ऩहनने रगेगें। 235. भशरय़ भारयफ जज़ीयाए अयफ भें ज़भीन धॊस
जामेंगी। 236. मभन औय अदन से आग बड़िने रगेगी। (लभश़ात ऩष्ृ ठ 461) 237.
िी भऽ
ु ारेफ़त आभ होगी। 239. भार िे राने रे जाने वारे चोयी ियें गे। 240.
1046
जामेंगे। 243. फारयश फन्द हो जामेगी। 244. अहरे फयफय ज़दक झॊडे रे िय लभस्र
ऩय फयै हना लभरेगी। 248. एि मभनी फादशाह हसन नाभी मभन से खुरूज िये गा।
249. हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) फ़यभाते हैं ़ुयसे आफ़ताफ (सयू ज िे
िय हदमा जामेगा। 251. भदों से फदफ़ेरी िे लरमे ता़तवय गाजाएु़ खाई जामेंगी।
भें दाखखर
ु़ होगा। 254. ज़ऽीया अन्दोज़ी होगी। 255. भज़स्जदे फयासा जो जॊगे
नहयवान िे फाद हज़यत अरी (अ.स.) ने याहहफ ज़रयमे से फनाई थी, तफाह िय दी
जामेगी। 256. ़ज़वैन भें एि िाकफ़य िी अज़ीभ हुिूभत होगी। 257. तियीत से
एि शख़्स ‘‘ औफ़ सरभा ’’ नाभी ऽुरूज िये गा। 258. भ़ाभे ़यक़मा भें जॊगे
फनामे जामेंगे। (किताफ अर वसाएर अरहाज भोहम्भद अरी ऩष्ृ ठ 207 भुहद्रत फम्फई 1329
हहजयी) 262. औयतें ऊॊट िे िोहान िी तयह सय िे फार फनाएॊगी। 263. औयतें
ननिरा ियें गी। (फेहारूर अनवाय) 265. रड़िे रम्फे फार यखें गे। 266. फेविूफ़
1047
तफ़यीह िे लरमे इस्तेभार किमे जामेंगे। 267. भज़स्जदें ऽूफसयू त फनाई जामेंगी।
होंगी। 270. रोग सवारयमों से टिया िय भयें गे। 271. रोग यात भें सोमेंगे औय
सफ
ु ह िो भद
ु ाक होंगे। 272. योमते हहरार ऩय इख़्तेराफ़ होंगे। 273. रोग आराते
औय नतब्फत िी तफाही चीन िी वजह से होगी। (भनाक़फ) 275. लभस्र भें अभीय
278. दनु नमाॊ भें हफलशमों िी हुिूभत ़ामभ हो जामेंगी। 279. शाभ भें चीनी घस
ु
तिभीर िे दौयान ही भें नसाया फ़तेह भभालरिे आरभ िा इयादा िय िे उठे खड़े
होंगे औय फेशभ
ु ाय भभालरि ऩय ़ाफू हालसर ियने िे फाद उन ऩय हुक्भयानी
ियें गे। इसी ज़भाने भें अफू सकु फ़मान िी नस्र से एि ज़ालरभ ऩैदा होगा जो अयफ
व शाभ ऩय हुक्भयानी िये गा। इसिी हदरी तभन्ना मह होगी िी सादात िे वजद
ू
से भभ
ु ालरिे भीरूसा ऽारी िय हदमे जामें औय नस्रे भोहम्भदी िा एि फ़यज़न्द
1048
बी फा़ी न यहे । चन
ु ान्चे वह सादात िो ननहामत फेददी से ़त्र िये गा। कपय इसी
असना भें फादशाहे योभ िो नसाया िे एि कफ़य़े से ज़ग ियना ऩड़ेगी शाहे योभ
भऽ
ु लरफ़ िे साथ नफकद आज़भा होगा। महाॊ ति कि इस्राभ िो ज़फय दस्त फ़तेह
नसीफ होगी। फ़तेह इस्राभ िे फवजूद नसाया शोहयत दें गे कि ‘‘ सरीफ ’’ ाालरफ
आमेगी उस ऩय नसाया औय भस
ु रभानों भे जॊग होगी औय नसाया ाालरफ
अऩनी जान फचाने से आज़जज़ होंगे। उस वक़्त वह गगयोह साये आरभ भें भेहदी
(अ.स.) िो तराश ियें ग,े ताकि इस्राभ भहफ़ूज़ यह सिे औय उनिी जानें फच
भशार
ू व भसरूफ़ होंगे नागाह आऩ भक्िा ए भोअज़्ज़भा भें रूिनव भ़ाभ िे
दयलभमान से फयाभद होंगे। (़माभत नाभा ़दो तह अर भोहद्दे सीन शाह यफ़ीउद्दीन
1049
दे हरवी ऩष्ृ ठ 3 भुहद्रत ऩेशावय 1926 ई0) उरभाए फ़यी़ैन िा िहना है कि आऩ ़रयमा
हवारा अफू हुयैया फमान ियते हैं कि हज़यत सयवये िामनात (स.अ.व.व.) ने इयशाद
फ़यभामा है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) ़यमा (़यआ) (जो भदीने से फतयफ़ भक्िा
भोअज़्ज़भा से ज़हूय ियें ग,े वह भेयी ज़ज़या ऩहने होगे। भेयी तरवाय रगाए होंगे औय
भेया अभाभा फाॊधे होंगे। उनिे सय ऩय अब्र िा सामा होगा औय भरि आवाज़ दे ता
होगा मही इभाभ भेहदी (अ.स.) हैं इनिी इत्तेफा ियो। एि यवामत भें है कि
रा
ु ाते सयवयी ऩष्ृ ठ 530 भें है कि आऩ ़स्फाए ऽैयवाॉ से ज़हूय फ़यभाएॊगे।
भासभ
ू िा फ़यभान है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) िे ज़हूय िे भत
ु ाअज़ल्ऱ किसी िा
िोई वक़्त भोअय्मन ियना कफ़र ह़ी़त अऩने आऩ िो इल्भें ाैफ भें ऽुदा िा
शयीि ़याय दे ना है । वह भक्िे भें फे ऽफय ज़हूय ियें ग,े उनिे सय ऩय ज़दक यॊ ग िा
अभाभा होगा। फदन ऩय रयसारत भआफ (स.अ.व.व.) िी चादय औय ऩाॉव भें उन्हीॊ
िी नारैने भफ
ु ायि होगी। वह अऩने साभने चन्द बेड़ें यखें गे। िोई उन्हें ऩहचान न
1050
सिेगा औय उसी हारत भें मिो तन्हा फाैय किसी यफ़ी़ िे िाफातुल्राह भें आ
नवेदे इराही सन
ु ाएॊगे, कि उनिा हुक्भ तभाभ दनु नमाॊ ऩय जायी व सायी है । मह
तआरा ने रूए ज़भीन ऩय भेये ज़ाहहय होने से ऩहरे भेयी भद्द िे लरमे जभा किमा
िे ऩास जभा हो जामेंगे। मह रोग 313 होंगे औय ऩीफे इभाभ िहराएॊगे। उसी
वक़्त एि नयू ज़भीन से आसभान ति फरन्द होगा जो सफ़े दनु नमाॊ भें हय भोलभन
िे घय भें दाखखर
ु़ होगा। ज़जससे उनिी तफीमतें भसरूय हो जामेंगी भगय भोलभनीन
िो भारभ
ू न होगा कि इभाभ (अ.स.) िा ज़हूय हुआ है । सफ
ु ह इभाभ (अ.स.) भम
1051
फैमत से भश
ु यक फ़ होंगे। इनिे फाद भरामिा फैमत ियें गे। कपय भ़
ु द्दभ अर ज़ज़क्र
ऩ
ु फा 313 फैमत से भश
ु यक फ़ होंगे। इस हरचर औय इज़दे हाभ भें भक्िे भें तहरिा
सन
ु ेंगे कि ‘‘ ऐ गगयोह ऽराए़ मह भेहदी आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) हैं इनिी
फैमत ियो कपय भराएि औय 313 आदभी तसदी़ ियें गे औय दनु नमा िे हय गोशे
़ामभ हो जामेगी। इसिे फाद दस हज़ाय अफ़याद फैमत ियें गे औय िोई महूदी औय
नसयानी फा़ी न छोड़ा जामेगा लसफ़क अल्राह िा नाभ होगा औय इभाभ भेहदी
उरेभा ने लरखा है कि 27 भऽ
ु रेसीन आऩिी खखदभत
ु़ भें िूफ़े से इस क़स्भ िे
’’ मह हैं। मश
ू ा बफन नन
ू , सरभान फ़ायसी, अफू दजाना अन्सायी, लभ़दाद बफन
1052
असवद, भालरिे अशतय औय ़ौभे भस
ू ा िे 15 अफ़याद औय सात असहाफे िहफ़।
अल्राभा अब्दर
ु यहभान जाभी िा िहना है कि िुतफ, अफदार, अयफ़ा सफ
होगा तो तभाभ भस
ु रभान ऽवास औय अवाभ ऽुश व भसरूय हो जामेंगे। उनिे
िुछ वज़या होंगे जो आऩिे अहिाभ ऩय रोगों से अभर ियाऐॊगे। (नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ
हज़ल्फमा)
हभम
ू नी िा फमान है कि आऩिे ज़जस्भ िा सामा न होगा। (ाामत अर भ़सदू
ऽालरस अल्राह वारे होंगे। (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 469) औय आऩिे गगदक इस तयह
1053
रोग जभा हो जामेंगे ज़जस तयह शहद िी भक्खी अऩने ‘‘ मासफ
ू ’’ फादशाह िे
़माभत बी है । (़ुयआने भजीद) ज़हूये इभाभ भेहदी (अ.स.) चॊकू ि राज़भए ़माभत
औय िुयु़ आन से भस
ु तज़म्फत होती हैं उनभें इशाये भौजूद हैं। अल्राभा शेऽ भफ़
ु ीद,
अल्राभा सैय्मद अरी, अल्राभा तफये सी, अल्राभा लशब्रन्जी य़भ तयाज़ हैं कि
1500, 1700, 1900 मा 1000, 3000, 5000, 7000, 9000, इसी िे साथ ही
साथ आऩने फ़यभामा है कि आऩिे इस्भे गेयाभी िा ऐरान फज़रयए जनाफे ज़जब्राईर
(अ.स.) 23 तायीऽ िो िय हदमा जामेगा औय ज़हूय मौभे आशयू ा होगा ज़जस हदन
1054
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) फ भ़
ु ाभे ियफरा शहीद हुए हैं। (शयह इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 532,
ाामतूर भ़सूद ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 161, आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 262, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 155)
ज़किमा िे फाद ही नाभ िा ऐरान िय हदमा जाम कपय उसिे फाद ज़हूय हो।
भल्
ु रा जव्वाद साफाती िा िहना है कि इभाभ भेहदी (अ.स.) मौभे जभ
ु ा फवक़्ते
सफ
ु ह फतायीऽ 10 भोहयक भर
ु हयाभ 7100 हहजयी भें ज़हूय फ़यभाऐॊगे। (ााएतर
ु भ़सद
ू
भयु ाद है ।
शाह नेभत अल्राह वरी िाज़भी अर भतूफ़ी 827 हहजयी (भजालरसे भोभेनीन ऩष्ृ ठ
जाफ़य भें बी दख़्र था। आऩने अऩनी भशहूय ऩेशीन गोई भें 1380 हहजयी िा
हवारा हदमा है ज़जसिा ारत होना साबफत है क्मों कि 1393 हहजयी है । (वर इल्भ
1055
ज़हूर के वक़्त इमाम (अ.ि.) की उम्र
मौभे ववरादत से ता फा ज़हूय आऩिी क्मा उम्र होगी? इसे तो ऽुदा ही जाने,
रेकिन मह भस
ु ल्रेभात से है कि ज़जस वक़्त आऩ ज़हूय फ़यभामेंगे लभसरे हज़यते
आऩिा अरभ
औय आऩ अऩने हाथों ऩय ऽुदा िे लरमे फैमत रेंगे औय िामनात भें लसफ़क दीने
ज़हूय िे फाद
ज़हूय िे फाद हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िाफे िी दीवाय से टे ि रगा िय खडे
आती होगी ‘‘ मही इभाभ भेहदी (अ.स.) हैं ’’ इसिे फाद आऩ एि लभम्फय ऩय
सीयत होगी औय उन्हीॊ िे तयी़े ऩय अभर ऩैया होंगे। अबी आऩिा ऽुत्फा जायी
1056
होगा कि आसभान से ज़जब्राईर औय भीिाईर आ िय फैमत ियें गे। कपय भराएि
िा लसरलसरा शरू
ु होगा। दस हज़ाय अफ़याद िी फैमत िे फाद आऩ सफ से ऩहरे
िूफ़े तशयीफ़ रे जामेंगे औय दश्ु भनाने आरे भोहम्भद िा गरा ़भा ियें गे। आऩिे
आऩ वाऩस जाइमे, मह सन
ु िय तरवाय से उनिा क़स्सा ऩाि िय दें गे औय
तशयीफ़ रे जामेंगे।
1057
(आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 263 इयशाद भुफ़ीद ऩष्ृ ठ 532 नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 155)
़ुदवतुर भोहद्दे सीन शाह यफ़ीउद्दीन य़भ तयाज़ हैं कि हज़यत इभाभ भेहदी
औय औलरमा खखदभत
ु़ शयीफ़ भें हाज़ज़य होंगे औय अयफ िी फ़ौजे जभा हो जामेंगी।
भ़
ु ाभे ऽजाना
ु़ िो ‘‘ ताजुर िाफा ’’ िहते होंगे। इसी असना भें एि शख़्स
लरमे रशिये अज़ीभ इयसार िये गा रेकिन फहुक्भे ऽुदा जफ वह रशिये भक्िाए
भोअज़्ज़भा औय िाफाए भन
ु व्वया िे दयलभमान ऩहुॉचग
े ा औय ऩहाड़ भें ़माभ ियें गा
फ़ौज फ़याहभ िये गा। नसयानी औय सकु फ़मानी फ़ौज िे अस्सी ननशान होंगे औय
1058
ननशान िे नीचे 12000 िी फ़ौज होगी। उनिा दारूर खखराफ़ा
ु़ शाभ होगा। इभाभ
आऩ िा वरूदे भसऊद दलभश़ भें होगा तो दश्ु भने आरे भोहम्भद औय सकु फ़मानी
औय दश
ु भने इस्राभ नसयानी आऩ से भ़
ु ाफरे िे लरमे सफ़ आया होंगे। इस जॊग
भें फ़यी़ैन िे फे शभ
ु ाय अफ़याद ़त्र होंगे। बफर आखखय
ु़ इभाभ (अ.स.) िा फ़तेह
िालभर होगी औय एि नसयानी बी ज़भीने शाभ ऩय फा़ी न यहे गा। उसिे फाद
भदीनए भन
ु व्वया से वाऩस फर
ु ा रेगे जो नसयानी फादशाह िे ज़ल्
ु भ व जौय से
सन्
ु नत िो ़ामभ ियें गे। ननज़ाभे आरभ दरू
ु स्त ियें गे औय शहयों भें फ़ौजें इयसार
ियें गे। इन्सेयाभ व इन्तेज़ाभ िे लरमे वज़या यवाना होंगे। (आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 262
ऩष्ृ ठ 264)
1059
िाफ़ेयीन से फदरा लरमा जामे। इन ज़ज़न्दा किमे जाने वारों भें िाबफर
ु़ से रे िय
ायीफों भज़रभ
ू ों औय फे िसों ऩय जो ज़ुल्भ हुआ है उसिी, ज़ालरभ िो सज़ा दी
दज्जार दजर से भश्ु त़ है (फना है ) ज़जसिे भानी फ़ये फ िे हैं। इसिा असर
नाभ साएफ़, फाऩ िा नाभ साएद, भाॉ िा नाभ िाहे ता उफ़क ़ताभा है । मह अहदे
ऩैदाईश िे फाद आन्न फ़ान्न फढ़ यहा था उसिी दाहहनी आॉख पूटी थी औय फाई
आॉख ऩेशानी ऩय चभि यही थी। वह चन्द हदनों भें िाफ़ी फढ़ िय दावाए ऽुदाई
उसिो तफरीा ियना चाही, उसने फहुत फयु ा बरा िहा औय चाहा कि हज़यत ऩय
1060
था कि ऽुदाई िा दावा छोड़ दे औय भेयी नफव
ू त िो भान रे। उरेभा ने लरखा है
भदीना ए भन
ु व्वया वाऩस तशयीफ़ राने िा इयादा किमा। दज्जार ने एि सॊगे गयाॊ
भहफस
ू िय दे , जफ ति इसे ज़ज़न्दा यखना भ़सद
ू है । इसी दौयान भें जनाफे
भाय िय तहतर
ु शयह ति िी दो भठ्
ु ठी खािु़ रे री औय उसे तफरयस्तान भें डार
आऩिी वफ़ात से 960 सार फाद मह खािु़ आरभ भे पैरे गी औय उसी वक़्त से
394)
1061
ऩैाम्फये इस्राभ िा इयशाद है कि दज्जार िो भफहूस होने िे फाद तभीभ
उसिी भर
ु ा़ात िी तफ़सीर किताफ लसमाह अर भसाबफह, ज़हयतर
ु रयमाज़, सही
फऽ
ु ायी, सही भज़ु स्रभ भें भौजूद है ।
ज़हूय फ़यभाने िे 18 मौभ फाद ऽुरूज िये गा। (भजभऊर फहयै न ऩष्ृ ठ 560 व ाामतर
भ़ूसद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 69) ज़हूये इभाभ (अ.स.) औय खुरूजे दज्जार से ऩहरे तीन
ु़
सार ति सख़्त िहत ऩडेगा। ऩहरे सार एि फटे तीन फारयश औय एि फटे तीन
ऽत्भ हो जामेगी। तीसये सार बफल्िुर फारयश न होगी औय सायी दनु नमाॊ वारे भौत
िी आाोश भें ऩहुॉचने िे ़यीफ हो जामेंगे। दनु नमाॊ ज़ुल्भ व जौय, इज़तेयाफ व
ऩये शानी से बफल्िुर ऩयु होगी। इभाभ भेहदी (अ.स.) िे ज़हूय िे फाद 18 हदन भें
खरू
ु ज िा गर
ु ार
ु ा उठे गा। वह फयवामत अखवन्द दयवीज़ा हहन्दोस्तान िे एि
ऩहाड़ ऩय नभद
ू ाय होगा औय वहाॊ से फ आवाज़े फरन्द िहे गा ‘‘ भैं खुदाए फज़
ु ुगक हू
शाभ व ईया़ होता हुआ अस्फ़ाहान िे एि ़यमे ‘‘ महूहदमा ’’ से ऽुरूज िये गा।
1062
उसिे हभयाह फहुत फड़ा रश्िय होगा ज़जसिी तादाद 70,00,000 (सत्तय राख)
फैठी होगी। चरने भें उसिे फारों से हय क़स्भ िे फाजों िी आवाज़ आमेगी। वह
उसी गधे ऩय सवाय होगा। सवायी िे फाद जफ वह यवाना होगा तो उसिे दाहहने
तयफ़ एि ऩहाड़ होगा जो हभयाह चरता यहे गा। उसभें नहयें , भेवा जात औय हय
भैं खदा
ु ु़ हूॉ। जो भेया हुक्भ भानेगा जन्नत भें यखूगा जो न भानेगा उसे जहन्नभ
ु भें
डार दॊ ग
ू ा। इसी तयह चारीस हदन भें सायी दनु नमाॊ िा चक्िय रगा िय औय सफ
िोलशश भें ऽानाए िाफा िो गगयाना चाहे गा औय एि अज़ीभ रश्िय बेज िय िाफे
औय भदीने िो तफाह ियने ऩय भाभयू िये गा औय खुद िूफ़े िे लरमे यवाना होगा।
1063
(अ.स.) फइसतेसारे ओ फयसद ’’ रेकिन ऽुदा िा ियना दे खखमे कि जफ वह िूफ़े
िे ़यीफ ऩहुॉचग
े ा जो हज़यत इभाभ भोहम्भद भेहदी (अ.स.) ऽद
ु वहाॊ ऩहुॉच जामेंगे
औय उसे फ हुक्भे खद
ु ा जड़ से उखाड़ दें गे। ायज़ कि घभासान िी जॊग होगी औय
शाभ ति पैरे हुए रश्िय ऩय इभाभ भेहदी (अ.स.) ज़फयदस्त हभ रे ियें गे बफर
आखखय
ु़ वह भरऊन आऩिी ज़यफों िी ताफ न रा िय शाभ िे भ़ाभे ‘‘ उ़फाए
ु़
यफ़ी़ ’’ मा फभ़ाभ ‘‘ रद
ु ’’ जुभे िे हदन तीन घड़ी हदन चढे भाया जामेगा।
ज़भीन ऩय जायी यहे गा। उरेभा िा िहना है कि ़त्रे दज्जार िे फाद इभाभ
डारेंगे। उसे जो िाकफ़य ज़भीन िे किसी हहस्से भें छुऩे गा, वह आवाज़ दे गा कि
फ़राॊ िाकफ़य महाॊ छुऩा हुआ है इभाभ (अ.स.) उसे ़त्र िय दें गे। आखखय
ु़ िाय
ज़भीन ऩय िोई दज्जार िा भानने वारा न यहे गा। (इयशाद अर तारेफीन ऩष्ृ ठ 397)
ाामतर भ़सद
ू ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 71, ऐनर
ु हमात ऩष्ृ ठ 126, किताफ अर वसाएर
ऩष्ृ ठ 181, ़माभत नाभा ऩष्ृ ठ 7, भाअयफ़ुर लभल्रता ऩष्ृ ठ 328, सही भज़ु स्रभ,
फाज़ यवामात भें है कि दज्जार िो हज़यते ईसा (अ.स.) फहुक्भे हज़यते इभाभ
1064
नज़
ु ऱ
ू े हज़रते ईिा (अ.ि.)
सफ
ु ह िे वक़्त फयवामते नभाज़े अस्र िे वक़्त हज़यते ईसा (अ.स.) दो फ़रयश्तों िे
िॊधो ऩय हाथ यखे हुए दलभश़् िी जाभे भज़स्जद िे लभनायए शय़ी ऩय नज़
ु रू
आऩ नभाज़ ऩढ़ाइमे हज़यते ईसा िहें गे कि मह नाभज़ु म्िन है नभाज़ आऩिो ऩढ़ानी
होगी चन
ु ान्चे हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) इभाभत ियें गे औय हज़यत ईसा (अ.स.)
ू ऩष्ृ ठ 104 से 154, फहवाराए भज़ु स्रभ व इब्ने भाजा, लभश़ात ऩष्ृ ठ 458) उस
अर भ़सद
वक़्त हज़यते ईसा (अ.स.) िी उम्र चारीस सारा नौजवान जैसी होगी। वह इस
दनु नमाॊ भें शादी ियें गे औय उनिे दो रड़िे ऩैदा होंगे एि नाभ अहभद औय दस
ू ये
िा नाभ भस
ू ा होगा। (असआफ़ुर यााीफैन, फय हालशमा नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 135, ़माभत
नाभा, ऩष्ृ ठ 9, फहवाराए किताफुर वफ़ा इब्ने जोज़ी व लभश़ात ऩष्ृ ठ 465 व लसयाजुर िुर
ु़ ूफ
ऩष्ृ ठ 77)
1065
इमाम मेहदी (अ.ि.) और ईिा इब्ने मररयम का दौरा
इसिे फाद हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) औय हज़यते ईसा (अ.स.) फराद
भभ
ु ालरि िा दौया ियने औय हारात िा जामज़ा रेने िे लरमे फयाभद होंगे औय
हारात िो फेहतयीन सतह ऩय रामेंगे। हज़यते ईसा (अ.स.) ऽन्जीय िे ़त्र ियने,
फ़यभामेंगे। अदरे भेहदवी से फरादे आरभ भें इस्राभ िा डॊिा फजेगा औय ज़ुल्भ
व लसत्भ िा तख़्ता तफाह हो जामेगा। (़माभत नाभा ़ुदवतुर भोहद्दे सीन ऩष्ृ ठ 8
चीन ’’ ज़जसिो अयफी भें ‘‘ सीन ’’ िहते हैं इसिे फाये भें यवामत िे हवारे से
अल्राभा तयही ने भजभउर फहयै न िे ऩष्ृ ठ 615 भें लरखा है कि सीन (1) एि
1066
ऩहाड़ी है । (2) भशरय़ भें एि भभरेित है । (3) िूफ़े भें एि भौजा है । ऩता मह
िुस्तुनतुनमा िो फ़तह ियने िे लरमे यवाना होंगे औय उनिे हभयाह सत्तय हज़ाय
फनू इस्हा़ िे नौजवान होंगे उन्हें दरयमामे योभ िे किनाये शहय भें जािय उसे
फ़तेह ियने िा हुक्भ होगा। ज फवह वहाॊ ऩहुॉच िय फ़सीर िे किनाये नायाए
उसे फ़तेह िय रेंगे। िुफ़्फ़ाय ़त्र होंगे औय उस ऩय ऩयू ा ऩयू ा ़ब्ज़ा हो जामेगा।
(नरू
ू र अफसाय ऩष्ृ ठ 155 फहवाराए तफयानी, ााएतर भ़सद
ू ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 152,
़माभते सा
ु या मानी ज़हूये आरे भोहम्भद औय ़माभते िुफया िे दयलभमान
िय साये आरभ भें फ़ैर जामेंगे औय दनु नमा िे अभनो अभान िो तफाह व फयफाद
1067
माजूज, भाजूज हज़यते नह
ू (अ.स.) िे फेटे माकफ़स िी औराद से हैं। मह दोनो
चौड़े फयाफय हैं ज़जनिी लभसार फहुत फड़े हाथी से दी जाती है । तीसये वह जो अऩना
जगह ऩैदा हुमे हैं जहाॊ से ऩहरे ऩहर सयू ज ने तुरउ किमा था। ज़भानए कफ़तयत
दनु नमाॊ िो खा ऩी जाते थे मानी हाथी, घोड़ा, ऊॉट इॊसान, जानवय, खेती फाड़ी ायज़
सख़्त तॊग आ िय आज़जज़ थे। महाॊ ति कि ज़भानए कफ़तयत भें हज़यते ईसा
1068
जो दौ सौ (200) गज़ ऊॉची औय ऩचास सा साठ (50 मा 60) ाज़ चौड़ी थी फन्द
िा असर नाभ लसिन्दये आज़भ था। सद्दे लसिन्दयी िे रग जाने िे फाद उनिी
धऩ
ू रगती है तो हट जाते हैं कपय दस
ू यी यात िटी हुई दीवाय बी ऩयु हो जाती है
वक़्त िा आरभ मह होगा कि मह रोग अऩनी सायी तादाद सभैत सायी दनु नमाॊ भें
होंगी औय दनु नमाॊ िी िोई चीज़ ऐसी फा़ी न यहे गी जो खाई औय ऩी जा सिे
हो िय आसभान ति ऩहुॉच गमा है । इसी दौयान भें हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.)
1069
फीभायी बेज दे गा ज़जसिो अयफी भें ‘‘ नाफ़ ’’ िहते हैं। मह फीभायी नाि से शरू
ू
उनिे भयु दाय िो खाने िे लरमे ‘‘ उऩ्ा ’’ नाभी ऩरयन्दा ऩैदा होगा जो ज़भीन िो
(तफ़सीये साफ़ी ऩष्ृ ठ 278, लभशिात ऩष्ृ ठ 366, सही भुज़स्रभ, नतयलभज़ी, इयशाद अर तारेफैन,
ऩष्ृ ठ 398, ाामतुर भ़सूद ज़जल्द 2 ऩष्ृ ठ 76, भजभुअर फहयै न ऩष्ृ ठ 466, ़माभत नाभा ऩष्ृ ठ
8)
हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िा ऩाए तख़्त शहये िूफ़ा होगा। भक्िे भें आऩिे
नाएफ िा त़रूकय होगा। आऩिा दीवान ऽाना औय आऩिे इजयाए हुक्भ िी जगह
भनशूय, स्मूती ज़जल्द 3 ऩष्ृ ठ 23) गुनाह िा इयते़ाफ बफल्िुर फन्द होगा। तभाभ रोग
1070
दाद यसी होगी जल्भ
ु ु़ दनु नमाॊ से लभट जामेगा। इस्राभ िे िालरफ
ु़ फे जान भें रूहे
ताज़ा ऩैदा हो जामेगी। दनु नमाॊ िे तभाभ भज़ाहहफ ऽत्भ हो जामेंग,े न ईसाई होंगे
न महूदी न औय िोई भसरि होगा लसफ़क इस्राभ होगा औय उसी िा डॊिा फजता
जज़ज़मा भौ़ूफ़ होगा। ऽुदा िी जाननफ से शहय अिािे हये बये भैदान भें भेहभानी
भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) इन तभाभ उभयू भें ननगयानी िा फ़यीज़ा अदा
फ़यभाने िे लरमे जरवा अफ़योज़ होंगे। इसी दौयान भें हज़यते ईसा (अ.स.) अऩनी
भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) भें दफ़्न िय हदमा जामेगा। (हालशए लभश़ात, ऩष्ृ ठ
हज़यत अभीरूर भोभेनीन ननज़ाभे िामनात ऩय हुक्भ यानी ियें गे ज़जसिी तयफ़
1071
िुयु़ आने भजीद भें ‘‘ दाफतुर अज़क ’’ से इशाया किमा गमा है । अफ यह गमा मह कि
इख़्तेराफ़ है । इयशाद भकु फ़द िे ऩष्ृ ठ 533 भें सात सार औय ऩष्ृ ठ 537 भें 19
सार औय आराभर
ु वयु ा िे ऩष्ृ ठ 364 भें 19 सार, लभश़ात िे ऩष्ृ ठ 462 भें 7,
8, 9 सार, नरू
ू र अफसाय िे ऩष्ृ ठ 154 भें 7, 8, 9, 10 सार औय नेमाफर
ु
भोअद्दता शेऽ सर
ु ेभान ़न्दज़
ू ी फरखी ु़ िे ऩष्ृ ठ 433 भें 20 सार भय़ूभ है । भैंने
(इयशाद भुकफ़द ऩष्ृ ठ 533, नूरूर अफसाय ऩष्ृ ठ 155) ायज़ कि आऩिी वफ़ात िे फाद
भज़ीमा भें तहयीय फ़यभामा है, हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िे अहदे ज़हूय भें
़माभत से ऩहरे ज़ज़न्दा होने िो यजअत िहते हैं मह यजअत ज़रूरयमाते भज़हफे
इभालभमा से है । (भजभर
ु फहयै न ऩष्ृ ठ 422) इसिा भतरफ मह है कि ज़हूय िे फाद
हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.), आइम्भा ए ताहे यीन (अ.स.), फाज़ अज़म्फमाए
सरफ़ फयाए इज़हाय दौरते ह़िे भोहम्भदे दनु नमा भें ऩरट िय आमेंगे। (तिरीफ़
1072
इसभें ज़ालरभो िो ज़ुल्भ िा फदरा औय भज़रभ
ू ों िो इन्ते़ाभ िा भौ़ा हदमा
जामेगा। इस्राभ िो इतना फ़योा हदमा जामेगा कि ‘‘ रेज़हया अल्र दीने िुल्रह ’’
इभाभ हुसन
ै (अ.स.) िा भि
ु म्भर फदरा लरमा जामेगा। (ाामतुर भ़सूद ज़जल्द 1
़माभत भें अज़ाफे अिफय से ऩरहे यतअत भें अज़ाफे अदना िा भज़ा चखामा
िे फाद ़त्र होगा। आइम्भा ए ताहे यीन (अ.स.) िे हय अहदे हुिूभत भें अच्छे फयु े
ज़ज़न्दा किमे जामेंगे औय हज़यत इभाभ भेहदी (अ.स.) िे अहद भें जो रोग ज़ज़न्दा
होंगे उनिी तादाद चाय हज़ाय होगी (ााएतर भ़सदू ज़जल्द 1 ऩष्ृ ठ 178) शोहदा िो बी
यजअत भें ज़ाहे यी ज़ज़न्दगी दी जामेगी ताकि उसिे फाद जो भौत आमे उससे आमत
िे हुक्भ ‘‘ ’’کل نفس ذائقة ادلوتिी तिभीर हो सिे औय उन्हें भौत िा भज़ा
1073
भें ‘‘ अन्ना अयज़ मयशहा अफाहदर सारेहून ’’ व ‘‘ و نريد أن منن على الذين استضعفوا ىف
िुयु़ आने भजीद भें फ सयाहत भौजूद है । इयशाद होता है ‘‘( اخرجنا ذلم دابة من االرضऩाया
20 रूिू 1)
तफ़सीय साफ़ी अल्राभा भोहलसन फ़ैज़ उसिी तयफ़ तौये त भें बी इशाया भौजद
ू है ।
1074
वारे होंगे। वह ऩष्ृ ठ व भयवा िे दयलभमान से फयाभद होंगे। उनिे हाथ भें हज़यत
सर
ु भ
ै ान (अ.स.) िी अॊगठ
ू ी औय हज़यते भस
ू ा (अ.स.) िा असा होगा। जफ ़माभत
अर तारीफैन अऽवन्द दयवेज़ा ऩष्ृ ठ 400 व ़माभत नाभा, िुदु़ वतुर भोहद्दे सीन,
ऩष्ृ ठ 464 भें तहयीय फ़यभाते हैं कि व अफतर अज्र दोऩहय िे वक़्त ननिरेगा
हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) फ़यभाते हैं कि एि भयतफा हज़यत अरी
ज़भाना आमेगा तो ऽुदा वन्दे आरभ तुम्हें फयाभत िये गा उस वक़्त तुभ अऩने
दश
ु भनों िी ऩेशाननमों ऩय ननशान रगाओगे। (भजभउर फहयै न ऩष्ृ ठ 127)
दाफा िे भानी ऩैयों से चरने वारे िे हैं। (भजभउर फहयै न ऩष्ृ ठ 127)
1075
िसीय यवामत से भारभ
ू होता है कि आरे भोहम्भद (स.अ.व.व.) िी हुक्भयानी
यहे गी जफ ति दनु नमा िे ऽत्भ होने भें चारीस हदन फा़ी यहें गे। (इयशाद भफ़
ु ीद ऩष्ृ ठ
137 व आराभुर वुया ऩष्ृ ठ 264) इसिा भतरफ मह है कि चारीस हदन िी भद्
ु दत
़ब्रों से भद
ु ो िो ननिारने औय ़माभते िुफया िे लरमे होगी। हश्रो नश्र, हहसाफो
किताफ, सयू पॊू िना औय दीगय तवाज़ज़भे ़माभते िुफया इसी भें अदा होगे।
इसिे फाद हज़यत अरी (अ.स.) रोगों िो जन्नत िा ऩयवाना दें गे। रोग उसे रे
िय ऩर
ु े लसयात ऩय से गुज़यें गे। (सवाए़े भोहये ़ा इब्ने हजय भक्िी ऩष्ृ ठ 74 व इस ़्आपुर
(स.अ.व.व.) हौज़े िौसय ऩय होगा उसे आऩ उठा दें गे। (अयजहुर भतालरफ ऩष्ृ ठ 767)
1076
इसी लरमे हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) ने हज़यत अफू फक्र, हज़यत
अरी (अ.स.) ज़भीन औय आसभान दोनों भें भेये वज़ीय हैं अगय तभ
ु रोग खद
ु ा िो
याज़ी ियना चाहते हो तो अरी (अ.स.) िो याज़ी ियो इस लरमे िी अरी (अ.स.)
ऽुदा िी नज़य भें अच्छे रोग हैं मह ़माभत भें ऽुश होंगे औय तुम्हाये दश
ु भन
भर
ु ाहे जा ु़ हो ! (िॊज़र
ु आभार ज़जल्द 6 ऩष्ृ ठ 218 व तोफ़ए अशना अशयमा ऩष्ृ ठ 604,
वस्सराभ
1077
ववषय िच
ू ी
ऩैाम्फये इस्राभ हज़यत भोहम्भद भस्
ु तफ़ा (स.अ.व.व.) .................................. 2
़ुसई .......................................................................................................................................................... 4
हालशभ ........................................................................................................................................................ 7
जनाफे अब्दर
ु भत्त
ु लरफ ............................................................................................................................... 9
जनाफे अब्दल्
ु राह...................................................................................................................................... 13
हज़यत अफत
ु ालरफ ..................................................................................................................................... 15
हज़यत अफु तालरफ (अ.स.) िे नतजायती सफ़ये शाभ भें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी हभयाही औय फहीया
याहहफ िा वा़ेमा ..................................................................................................................................... 31
ऽाना ए िाफा भें हजये असवद िो नस्फ ियने भें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी हहिभते अभरी ........... 34
1078
िोहे हहया भें आॊ हज़यत (स.अ.व.व.) िी इफादत गज़
ु ायी ........................................................................ 37
आऩिी फेअसत......................................................................................................................................... 37
हज़यते यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) दारूर अय़भ भें 6 फेअसत ................................................................ 47
हज़यत यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) शोएफे अफी तालरफ भें (भोहयक भ 7 फेअसत) ......................................... 47
एि 1 हहजयी िे भहत्वऩण
ू क वा़ेमात ....................................................................................................... 64
2 हहजयी िे भहत्वऩण
ू क वा़ेमात .............................................................................................................. 65
जेहाद .................................................................................................................................................... 67
1079
4 हहजयी िे अहभ वा़ेमात..................................................................................................................... 73
ाज़वा ज़ातर
ु रू़ा............................................................................................................................... 74
तफरीगी ऽुतत
ू ......................................................................................................................................... 89
हुसर
ू े कफ़द़............................................................................................................................................. 90
एि वािेमा............................................................................................................................................... 92
ज़ातर
ु सरालसर ................................................................................................................................... 94
ाज़वा ए तफ़
ू ................................................................................................................................... 101
1080
तफरीाे सयू ा ए फयाअत ..................................................................................................................... 103
वस
ु र
ू ीए सद़ात ................................................................................................................................. 105
हुज्जतर
ु ववदा .................................................................................................................................... 109
वा़ेए भफ
ु ाहे रा ................................................................................................................................... 111
यसर
ू े ियीभ (स.अ.व.व.) िी शहादत .................................................................................................... 116
अज़वाज.................................................................................................................................................. 120
उम्भर
ु आइम्भा हज़यत पातेभा ज़हया (स.अ) ऽातूने जन्नत ...................... 123
1081
हहजयते पातेभा (स.अ) ........................................................................................................................... 131
जर
ु स
ू े रूऽसत ........................................................................................................................................ 134
पातेभा ज़हया (स.अ) ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िी नज़य भें .......................................................... 142
हज़यत पातेभा (स.अ) िी ़ब्र ऩय हज़यत अरी (अ.स) िा भयलसमा .................................................. 159
1082
आऩिे योज़े िा इन्हे दाभ ........................................................................................................................ 160
हुलरमा भफ
ु ायि ....................................................................................................................................... 168
ननमाफते यसर
ू (स.अ.व.व.) .................................................................................................................... 185
18 ज़जज़ल्हज्जा
ु़ ....................................................................................................................................... 187
दस्तावेज़े खखराफ़त
ु़ ................................................................................................................................ 188
1083
आऩिी इल्भी भयिजीमत ...................................................................................................................... 211
साकिए
ु़ िौसय औय सॊगे ऽाया ............................................................................................................ 220
ऐन उल्राह, अरी (अ.स.) ने िोये भादय ज़ाद िो चशभे फीना दे दी ............................................... 221
भश
ु किर िुशा िी भश
ु किर ............................................................................................................... 222
एि भशरर
ू िी लशफ़ा माफी .............................................................................................................. 223
वफ़ाते यसर
ू स. िे फाद अरी (अ.स.) िा ऽु़ुतफा ................................................................................. 226
भशवयों िे भत
ु ाअज़ल्ऱ इस्राभ िी यामें .............................................................................................. 239
हज़यत अरी (अ.स.) औय इस्राभ भें सड़िों िी ताभीयी फनु नमाद ........................................................ 240
1084
गवयनयों िी त़रूकयी .............................................................................................................................. 249
रैरतर
ु हयीय .......................................................................................................................................... 266
हहन्दस्
ु तान भें इस्राभ सफ से ऩहरे ...................................................................................................... 271
फादशाह शन्सफ बफन हरय़ िा दस्ते अभीयर भोभेनीन ऩय ईभान राना ............................................ 275
हज़यत इभाभ हुसैन (अ.स.) िी याहे िूफ़ा से लसन्ध जाने िी ख़्वाहहश ............................................... 278
इभाभे हसन (अ.स.) ऩैाम्फये इस्राभ (स.अ.व.व.) िी नज़य भें ........................................................... 297
1085
जज़फाए इस्राभ िी फ़यावानी ................................................................................................................ 300
भश
ु हफेहते यसर
ू (स.अ.व.व.) .................................................................................................................. 312
तवक्िुर िे भत
ु ाअज़ल्ऱ आऩिा इयशाद ............................................................................................. 314
अहदे अभीयर भोभेनीन (अ.स.) भें इभाभ हसन (अ.स.) िी इस्राभी खखदभात
ु़ .................................. 317
हज़यत अरी (अ.स.) िी शहादत औय इभाभ हसन (अ.स.) िी फैमत ................................................. 318
सर
ु ह ...................................................................................................................................................... 323
शयाएते सर
ु ह.......................................................................................................................................... 325
सर
ु ह नाभे ऩय दस्तऽत ........................................................................................................................ 326
शयाएते सर
ु ह िा हशय .......................................................................................................................... 328
सर
ु ह हसन (अ.स.) औय उसिी वजह व असफाफ ................................................................................ 330
सर
ु ह हसन (अ.स.) औय जॊगे हुसैन (अ.स.) ......................................................................................... 332
1086
भाववमा सजदा ए शक्र
ु भें ...................................................................................................................... 346
अफु अब्दल्
ु राह हज़यत इभाभ हुसन
ै (अ.स.) शहीदे िफकरा .......................... 367
ऽुदा वन्दे आरभ िी तयफ़ से ववरादते इभाभ हुसैन (अ.स.) िी तहननमत व ताज़ज़मत .................... 372
भितफ
ू ाते फाफे जन्नत ........................................................................................................................... 387
1087
इभाभ हुसैन (अ.स.) औय लसफ़ाते हसना िी भयिज़ीमत ..................................................................... 388
इभाभ हुसैन (अ.स.) िी गदे ़दभ औय जनाफे अफू हुयै या ................................................................... 392
इभाभ हुसैन (अ.स.) िा ज़ुरयक मते नफी भें होना ..................................................................................... 393
जॊगे लसफ़्फ़ीन भें इभाभ हुसैन (अ.स.) िी जद्दो जेहद ........................................................................ 404
हज़यत इभाभ हुसैन (अ.स.) गगयदाफे भसाएफ भें (वाक़ए ियफरा िा आााज़) ................................... 405
उफैदल्
ु राह इब्ने ज़ज़माद िा ऽत इभाभ हुसैन (अ.स.) िे नाभ ............................................................ 429
1088
दस
ू यी भोहयक भ से नवी भोहयक भ ति िे भख़्
ु तसय वा़ेमात ........................... 430
भज
ु ाहे दीने ियफरा िी आऽयी सहय ...................................................................................................... 440
सफ
ु ह आशयू ............................................................................................................................................ 441
इभाभ हुसैन (अ.स.) औय उनिे असहाफ व आइज़्ज़ा िी अशक आफ़यीॊ जॊग ......................................... 444
जॊगे भारफ
ू ा........................................................................................................................................... 444
हज़यत इभाभ हुसैन (अ.स.) िे भशहूय असहाफ औय उनिी शहादत .................................................... 446
ज़ह
ु ै य इब्ने ़ैन ................................................................................................................................... 448
फायगाहे अहदीमत भें इभाभ हुसैन (अ.स.) िे हदर िी अवाज़ ............................................................. 472
सफ
ु ह ग्मायह भह
ु यक भ ............................................................................................................................... 482
1089
हज़यत इभाभ हुसैन (अ.स.) िी फहन जनाफे ज़ैनफ व जनाफे िुरसभ
ू िे भख़्
ु तसय हारात ववरादत,
वफ़ात औय भदफ़न ................................................................................................................................ 486
ऱफ ज़ैनर
ु आफेदीन िी तौज़ीह........................................................................................................... 500
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िी नसफ फरन्दी .................................................................................. 502
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िा अहदे तफ़ूलरमत औय हज्जे फैतल्
ु राह............................................. 511
आऩिा हुलरमा ए भफ
ु ायि ...................................................................................................................... 513
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िी शफाना योज़ एि हज़ाय यिअतें ...................................................... 518
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) भन्सफे इभाभत ऩय फ़ाएज़ होने से ऩहरे ............................................. 519
1090
यौज़ा ए यसर
ू (स. अ.) ऩय इभाभ (अ.स.) िी फ़यमाद ......................................................................... 532
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय ऽािे लशफ़ा ................................................................................... 533
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय भोहम्भदे हनकफ़मा िे दयलभमान हजये असवद िा फ़ैसरा .......... 534
सफ
ु त
ू े इभाभत भें इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िा िन्ियी ऩय भह
ु य रगाना ................................... 535
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय भज़ु स्रभ बफन अ़फा ..................................................................... 539
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) से फैअत िा सवार न ियने िी वजह ................................................ 540
दश्ु भने अज़री हसीन बफन नभीय िे साथ आऩिी ियभ नवाज़ी .......................................................... 540
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय फ़ु़याऐ भदीना िी किफ़ारत ....................................................... 542
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय कफ़त्नाए इब्ने ज़फ
ु यै ....................................................................... 543
अब्दर
ु भलरि इब्ने भयवान औय इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) ......................................................... 553
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय फनु नमादे िाफा ए भोहतयभ व नसफे हजये असवद ....................... 556
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय अब्दर
ु भलरि बफन भयवान िा हज ............................................ 559
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय एि भदे फल्ऽी ............................................................................. 561
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) अऽराख िी दनु नमाॊ भे ........................................................................ 562
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय सहीफ़ा ए िाभेरा ......................................................................... 565
़सीदाऐ फ़यज़द़ िे भत
ु ालऱ एि ारत फ़हभी औय उसिा इज़ारा ................................................ 568
1091
फ़यज़न्दे यसर
ू (स.अ.व.व.) इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) औय भख़्
ु ताय आरे भोहम्भद ..................... 573
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) उभय बफन अब्दर
ु अज़ीज़ िी ननगाह भें .............................................. 577
इभाभ ज़ैनर
ु आफेदीन (अ.स.) िी शहादत ............................................................................................ 577
वा़ेए ियफरा भें इभाभ भोहम्भदे फाक़य (अ.स.) िा हहस्सा .............................................................. 590
सात सार िी उम्र भें इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िा हज्जे ऽाना ए िाफा ................................. 593
हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) औय इस्राभ भें लसक्िे िी इब्तेदा ......................................... 594
इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) औय जनाफे अफू हनीफ़ा िा इम्तेहान ................................................. 613
1092
इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) औय हश्शाभ िी भज़ु श्िर िुशाई......................................................... 624
हज़यत इभाभ भोहम्भद फाक़य (अ.स.) िी दलभश़् भें तरफी .............................................................. 627
अफु अब्दल्
ु राह हज़यत इभाभे जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ............................................................................ 635
अब्दर
ु भलरि बफन भयवान िे अहद भें आऩिा एि भनाज़ज़या ........................................................... 641
इभाभे जाफ़ये साहद़ (अ.स.) औय हिीभ इब्ने अमाश िल्फी .............................................................. 644
हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) औय जनाफे अफू हनीफ़ा नोभान बफन साबफत िूफ़ी .................... 648
हज़यत साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) िे फ़ऱ व़ाय शागगकद ................... 665
इभाभर
ु िीलभमा जनाफे जाबफय इब्ने हय्मान तयसस
ू ी ........................................................................... 666
िुतफ
ु े उसर
ू े अयफा लभमा ........................................................................................................................ 677
1093
साहद़े आरे भोहम्भद (अ.स.) िे असहाफ िी तादाद औय उनिी तसानीफ़ ....................................... 678
इल्भे नज
ु ूभ ............................................................................................................................................ 683
ऽरीफ़ा भन्सयू दवाने़ी औय हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) ..................................................... 689
इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िा दयफाये भन्सयू भें एि तफीफे हहन्द से तफादरा ए ऽमारात ........... 701
147 हहजयी भें भन्सयू िा हज औय इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िे ़त्र िा अज़भ बफर जज़भ.... 708
हज़यत इभाभ जाफ़ये साहद़ (अ.स.) िी दयफाये भन्सयू भें सातवीॊ फाय तरफी .................................... 709
इभाभ जाफ़य साहद़ (अ.स.) िो दयफाय भें ़त्र किमे जाने िा फन्दो फस्त ..................................... 711
अफर
ु हसन हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ अ.स .......................................... 738
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) ...................................................................................................... 738
1094
इस्भे गगयाभी िुज़न्नमत, अल़्ाफ ........................................................................................................... 742
रक़्फ फाफर
ु हवाएज िी वजह ............................................................................................................... 743
नशोनभ
ु ा औय तयफीअत ......................................................................................................................... 745
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी इभाभत .................................................................................. 750
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे फाज़ ियाभात .......................................................................... 753
इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी फादाद भें ़त्र िे लरमे तरफी ....................................................... 761
इभाभ भस
ू ा ए िाज़जभ
ु़ (अ.स.) हादी अब्फासी िी ़ैद भें .................................................................... 764
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे अऽरा़ व आदात ................................................................. 765
इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी तसनीफ़ात .......................................................................................... 770
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) औय अरी बफन म़तीन फादादी ................................................. 778
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िे हुक्भ से फादर िा एि भदे भोलभन िो चीन से तारे़ान
ऩहुॉचाने िा वाकिआ
ु़ ............................................................................................................................... 783
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) औय कपदि
ु़ िे हुदद
ू े अयफा .......................................................... 787
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी दोफाया गगयफ़्तायी ................................................................... 789
हज़यत इभाभ भस
ू ा िाज़जभ
ु़ (अ.स.) िी शहादत ................................................................................... 799
1095
आऩिी तायीऽे वफ़ात............................................................................................................................. 801
भाभन
ू यशीद अब्फासी औय हज़यते इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िा ऩहरा सफ़ये ईया़ ................... 813
हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) से उरभाए इस्राभ िा भनाज़ेया औय अब्फासी हालसदों िी
लशिस्ते फ़ाश ......................................................................................................................................... 817
इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे साथ उम्भे फ़ज़र िा अक़्द औय ऽु़ुत्फा ए ननिाह .......................... 824
उम्भर
ु फ़ज़र िी रूऽसती, इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िय भदीने िो वाऩसी औय हज़यत िे
इख़्रा़ो औसाफ़ आदातो ऽसाएर ........................................................................................................ 826
भाभन
ू िी वफ़ात, भोतलसभ िी खखराफ़त
ु़ औय हज़यत इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी गगयफ़्तायी . 844
इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िी नज़य फन्दी ़ैद औय शहादत .......................................................... 846
1096
जनाफे भस
ू ा बफन इभाभ भोहम्भद त़ी (अ.स.) िे फ़यज़न्द ................................................................ 852
अफर
ु हसन हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) .......................................... 860
हज़यत इभाभ भौहम्भद त़ी (अ.स.) िा सफ़ये फादाद औय हज़यत इभाभ ऩी (अ.स.) िी वरी अहदी
.............................................................................................................................................................. 863
हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे ियाभात औय आऩिा इल्भे फानतन............................................. 867
हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे आफाओ अजदाद िी ़ब्रों िे साथ भोतावकिर अब्फासी िा सर
ु ि
ू
.............................................................................................................................................................. 875
इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी हारत साभया ऩहुॊचने िे फाद ................................................................. 892
हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय ख़्वाफ िी अभरी ताफीय ........................................................... 895
1097
शाहे योभ िो हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िा जवाफ ................................................................... 899
भत
ु ावज़क्िर िे िहने से इब्ने सिीत व इब्ने अिसभ िा इभाभ अरी ऩी (अ.स.) से सवार ........ 900
़ज़ा व ़दय िे भत
ु ाअज़ल्ऱ इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी यहफयी व यहनभ
ु ाई ................................ 901
हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) औय अब्दयु यहभान लभस्री िा ज़ेहनी इऩ्ेराफ ................................ 908
हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे दौय भे निरी ज़ैनफ िा आना ................................................... 909
हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी दोफाया ऽाना तराशी .................................................................. 913
हज़यत इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िे तसव्वयु े हुिूभत ऩय ऽौफ़े ऽुदा ाालरफ था................................. 915
भत
ु ावज़क्िर िा ़त्र ............................................................................................................................ 920
इभाभ हसन असियी (अ.स.) िी ववरादत औय फचऩन िे फाज हारात .............................................. 925
मस
ू फ़
ु े आरे भोहम्भद (स. अ.) िुएॊ भें.................................................................................................. 929
इभाभ हसन असियी (अ.स.) औय िभलसनी भें उरूजे कफ़क्र ................................................................ 929
1098
इभाभ अरी ऩी (अ.स.) िी शहादत औय इभाभ हसन असियी (अ.स.) िा आााज़े इभाभत .......... 936
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) िा ईया़ िे एि अज़ीभ फ़रसफ़ी िो लशिस्त दे ना ............ 944
हज़यत इभाभ हसन असियी (अ.स.) औय ऽुसलू समाते भज़हफ ............................................................. 947
साहे फज़्
ु ज़भान .......................................................................................... 971
आऩिा हुलरमा भफ
ु ायि .......................................................................................................................... 983
1099
तीन सार िी उम्र भें हुज्जतल्
ु राह होने िा दावा ................................................................................. 984
ाैफते इभाभ भेहदी (अ.स.) जफ़य जाभए िी यौशनी भें ...................................................................... 1006
ाैफते सा
ु या व िुफया औय आऩिे सफ़
ु या............................................................................................. 1009
सफ़
ु याए उभभ
ू ी िे नाभ .................................................................................................................... 1012
307 हहजयी भें आऩिा हजये असवद नसफ ियना .............................................................................. 1013
जज़ीयाए खखज़या
ु़ भें इभाभ (अ.स.) से भर
ु ा़ात .................................................................................. 1024
ज़भानाए ाैफते िुफया भें इभाभ भेहदी (अ.स.) िी फैअत ................................................................... 1026
भल्
ु रा भोहम्भद फाक़य दाभाद िा इभाभे अस्र (अ.स.) से इस्तेफ़ादा ियना ...................................... 1028
1100
इभाभे अस्र (अ.स.) िा वाक़ए ियफरा फमान ियना ......................................................................... 1031
नज़
ु रू े हज़यते ईसा (अ.स.) ................................................................................................................... 1065
1101