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झााँसी की रानी

ससॊहासन हहर उठे याजवॊशों ने बकटी तानी थी, ृ ु फूढे बायत भें आई फपय से नमी जवानी थी, गभी हुई आज़ादी की कीभत सफने ऩहचानी थी, ु दय फपयॊ गी को कयने की सफने भन भें ठानी थी। ू फॊुदेरे हयफोरों क भॉह हभने सनी कहानी थी, े ु ु

चभक उठी सन सत्तावन भें, वह तरवाय ऩुयानी थी, खफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। ू कानऩूय क नाना की, भुॉहफोरी फहन छफीरी थी, े

रक्ष्भीफाई नाभ, पऩता की वह सॊतान अकरी थी, े

नाना क सॉग ऩढती थी वह, नाना क सॉग खेरी थी, े े फयछी ढार, कृऩाण, कटायी उसकी मही सहे री थी। वीय सशवाजी की गाथामें उसकी माद ज़फानी थी, फॊुदेरे हयफोरों क भुॉह हभने सुनी कहानी थी, े खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। रक्ष्भी थी मा दगाा थी वह स्वमॊ वीयता की अवताय, ु दे ख भयाठे ऩुरफकत होते उसकी तरवायों क वाय, े नकरी मद्ध-व्मह की यचना औय खेरना खफ सशकाय, ु ू ू सैन्म घेयना, दगा तोडना मे थे उसक पिम खखरवाय। े ु भहायाष्टय-कर-दे वी उसकी बी आयाध्म बवानी थी, ु फॊुदेरे हयफोरों क भुॉह हभने सुनी कहानी थी, े खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। हुई वीयता की वैबव क साथ सगाई झाॉसी भें, े ब्माह हुआ यानी फन आई रक्ष्भीफाई झाॉसी भें,

याजभहर भें फजी फधाई खुसशमाॉ छाई झाॉसी भें,

सबट फुॊदेरों की पवरुदावसर सी वह आमी झाॊसी भें, ु फॊुदेरे हयफोरों क भुॉह हभने सुनी कहानी थी, े

चचत्रा ने अजुन को ऩामा, सशव से सभरी बवानी थी, ा खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। उहदत हुआ सौबाग्म, भहदत भहरों भें उजजमारी छाई, ु फकॊतु कारगतत चऩक-चऩक कारी घटा घेय राई, ु े ु े तीय चराने वारे कय भें उसे चड़डमाॉ कफ बाई, ू यानी पवधवा हुई, हाम! पवचध को बी नहीॊ दमा आई। तनसॊतान भये याजाजी यानी शोक-सभानी थी, फॊुदेरे हयफोरों क भुॉह हभने सुनी कहानी थी, े खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। फुझा दीऩ झाॉसी का तफ डरहौज़ी भन भें हयषामा, फ़ौयन पौजें बेज दगा ऩय अऩना झॊडा पहयामा, ु अश्रऩूणाा यानी ने दे खा झाॉसी हुई ब्रफयानी थी, ु फॊुदेरे हयफोरों क भह हभने सनी कहानी थी, े ुॉ ु

याज्म हडऩ कयने का उसने मह अच्छा अवसय ऩामा, रावारयस का वारयस फनकय ब्रिहटश याज्म झाॉसी आमा।

खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। अननम पवनम नहीॊ सुनती है , पवकट शासकों की भामा, ु व्माऩायी फन दमा चाहता था जफ मह बायत आमा, डरहौज़ी ने ऩैय ऩसाये , अफ तो ऩरट गई कामा, याजाओॊ नव्वाफों को बी उसने ऩैयों ठुकयामा। यानी दासी फनी, फनी मह दासी अफ भहयानी थी, फॊुदेरे हयफोरों क भुॉह हभने सुनी कहानी थी, े

खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। तछनी याजधानी हदल्री की, रखनऊ छीना फातों-फात, कद ऩेशवा था ब्रफठुय भें, हुआ नागऩुय का बी घात, ै उदै ऩुय, तॊजौय, सताया, कयनाटक की कौन ब्रफसात?

जफफक ससॊध, ऩॊजाफ िह्भ ऩय अबी हुआ था वज्र-तनऩात। फॊगारे, भद्रास आहद की बी तो वही कहानी थी, फॊुदेरे हयफोरों क भॉह हभने सनी कहानी थी, े ु ु खफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। ू यानी योमीॊ रयनवासों भें, फेगभ ग़भ से थीॊ फेज़ाय, सये आभ नीराभ छाऩते थे अॊग्रेज़ों क अखफाय, े

उनक गहने कऩडे ब्रफकते थे करकत्ते क फाज़ाय, े े 'नागऩूय क ज़ेवय रे रो रखनऊ क रो नौरख हाय'। े े मों ऩयदे की इज़्ज़त ऩयदे शी क हाथ ब्रफकानी थी, े फॊुदेरे हयफोरों क भुॉह हभने सुनी कहानी थी, े खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। कहटमों भें बी पवषभ वेदना, भहरों भें आहत अऩभान, ु वीय सैतनकों क भन भें था अऩने ऩुयखों का असबभान, े नाना धॊधूऩॊत ऩेशवा जुटा यहा था सफ साभान, ु

फहहन छफीरी ने यण-चण्डी का कय हदमा िकट आहवान। हुआ मज्ञ िायम्ब उन्हें तो सोई ज्मोतत जगानी थी, फुॊदेरे हयफोरों क भह हभने सुनी कहानी थी, े ुॉ खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।।

भहरों ने दी आग, झोंऩडी ने ज्वारा सरगाई थी, ु मह स्वतॊत्रता की चचनगायी अॊतयतभ से आई थी,

झाॉसी चेती, हदल्री चेती, रखनऊ रऩटें छाई थी, भेयठ, कानऩूय, ऩटना ने बायी धूभ भचाई थी, फॊुदेरे हयफोरों क भुॉह हभने सुनी कहानी थी, े जफरऩय, कोल्हाऩूय भें बी कछ हरचर उकसानी थी, ू ु खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। इस स्वतॊत्रता भहामज्ञ भें कई वीयवय आए काभ,

नाना धॊधऩॊत, ताॉततमा, चतय अज़ीभल्रा सयनाभ, ु ू ु ु

अहभदशाह भौरवी, ठाकय कवयससॊह सैतनक असबयाभ, ु ुॉ बायत क इततहास गगन भें अभय यहें गे जजनक नाभ। े े रेफकन आज जुभा कहराती उनकी जो कयफानी थी, ु फॊुदेरे हयफोरों क भुॉह हभने सुनी कहानी थी, े खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। इनकी गाथा छोड, चरे हभ झाॉसी क भैदानों भें, े जहाॉ खडी है रक्ष्भीफाई भदा फनी भदाानों भें, रेजटटनेंट वाकय आ ऩहुॉचा, आगे फडा जवानों भें, यानी ने तरवाय खीॊच री, हुमा द्वन्द्ध असभानों भें। ज़ख्भी होकय वाकय बागा, उसे अजफ हैयानी थी, फॊुदेरे हयफोरों क भह हभने सनी कहानी थी, े ुॉ ु खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। यानी फढी कारऩी आई, कय सौ भीर तनयॊ तय ऩाय, मभना तट ऩय अॊग्रेज़ों ने फपय खाई यानी से हाय, ु अॊग्रेज़ों क सभत्र ससॊचधमा ने छोडी यजधानी थी, े फॊुदेरे हयफोरों क भुॉह हभने सुनी कहानी थी, े

घोडा थक कय चगया बसभ ऩय गमा स्वगा तत्कार ससधाय, ू पवजमी यानी आगे चर दी, फकमा ग्वासरमय ऩय अचधकाय।

खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। पवजम सभरी, ऩय अॊग्रेज़ों की फपय सेना तघय आई थी, काना औय भॊदया सखखमाॉ यानी क सॊग आई थी, े मद्ध श्रेत्र भें उन दोनों ने बायी भाय भचाई थी। ु फॊुदेरे हयफोरों क भॉह हभने सनी कहानी थी, े ु ु

अफक जनयर जस्भथ सम्भख था, उसने भुहॉ की खाई थी, े ु

ऩय ऩीछे ह्मयोज़ आ गमा, हाम! तघयी अफ यानी थी, ू खफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। ू तो बी यानी भाय काट कय चरती फनी सैन्म क ऩाय, े घोडा अडा, नमा घोडा था, इतने भें आ गमे अवाय, यानी एक, शत्रु फहुतये, होने रगे वाय-ऩय-वाय। े घामर होकय चगयी ससॊहनी उसे वीय गतत ऩानी थी, फॊुदेरे हयफोरों क भुॉह हभने सुनी कहानी थी, े खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। यानी गई ससधाय चचता अफ उसकी हदव्म सवायी थी,

फकन्तु साभने नारा आमा, था वह सॊकट पवषभ अऩाय,

सभरा तेज से तेज, तेज की वह सच्ची अचधकायी थी, हभको जीपवत कयने आमी फन स्वतॊत्रता-नायी थी, फॊुदेरे हयफोरों क भुॉह हभने सुनी कहानी थी, े

अबी उम्र कर तेइस की थी, भनज नहीॊ अवतायी थी, ु ु हदखा गई ऩथ, ससखा गई हभको जो सीख ससखानी थी, खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। जाओ यानी माद यखेंगे मे कृतज्ञ बायतवासी,

मह तेया फसरदान जगावेगा स्वतॊत्रता अपवनासी,

होवे चऩ इततहास, रगे सच्चाई को चाहे पाॉसी, ु

हो भदभाती पवजम, सभटा दे गोरों से चाहे झाॉसी। फॊुदेरे हयफोरों क भुॉह हभने सुनी कहानी थी, े

तेया स्भायक तू ही होगी, तू खुद असभट तनशानी थी, खूफ रडी भदाानी वह तो झाॉसी वारी यानी थी।। सभद्रा करारच हानान ु ु

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