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फन्दय
ऐनी, हहॊदी : विदषक
की
भछॊ ें
फन्दय
की
भछॊ ें
ब्राज़ीर की रोककथा
ऐनी, हहॊदी : विदषक
मह िो जगह थी जहाॉ नारयमर के
ऩेड़ फहुत ऊॊचे थे, जहाॉ तोते फहुत शोय
भचाते थे औय जहाॉ के पर दनु नमा भें
सफसे ज्मादा रार थे.
िहाॊ के सफसे ऊॊचे नारयमर
के ऩेड़ ऩय एक फन्दय यहता था.
िो हदन बय कुछ-न-कुछ शैतानी
कयता यहता था. िो अऩनी रम्फी
ऩॉछ की भदद से एक ऩेड़ से दसये
ऩेड़ ऩय कदता यहता था. िो ऩेड़
के नीचे टहरते हुए जैगआ
ु य औय
नदी भें तैयते भगयभच्छों के ससयों
ऩय ऊऩय से नारयमर पेंकता था.
एक हदन फन्दय ने नारयमर के ऩेड़ से उतयकय
दनु नमा दे खने का अऩना भन फनामा.
नदी के भोड़ ऩय एक छोटा सा शहय था. उस शहय भें
एक नाई की दक
ु ान थी. जफ फन्दय ने अन्दय झाॉका तो
उसने नाई को एक आदभी की दाढ़ी फनाते हुए दे खा. फपय
फन्दय अऩने भन भें सोचने रगा. अगय भैं अऩनी भछ
ॊ े
भड
ुॊ िा दॊ तो फपय भैं दे खने भें कैसा रगग
ॊ ा? फपय िो झट से
नाई की कुसी ऩय जाकय फैठ गमा औय उसने जल्दी से नाई
से भछ
ॊ े उड़ाने को कहा. नाई ने उससे ऩहरे फन्दय की भछ
ॊ े
कबी काटी नहीॊ थीॊ. फपय बी उसने फन्दय की भछ
ॊ े काटीॊ.
भछ
ॊ े भड
ुॊ िाने के फाद फन्दय ने आईने भें अऩना चेहया दे खा.
ऩहरे तो उसने कुछ नहीॊ कहा, ऩय फाद भें िो नाई की कुसी ऩय
ज़ोय-ज़ोय से कदने रगा औय चीखने रगा, “भेयी भछ
ॊ े कहाॉ गमीॊ?
भेयी भछ
ॊ े फ़ौयन िावऩस कयो!”
नाई ने फहुत अदफ औय शाॊनत से फन्दय को सभझामा फक
अफ उसकी भछ
ॊ ों को िावऩस नहीॊ चचऩकामा जा सकता था. ऩय
नाई ने जजतने धैमय से सभझामा, फन्दय उतना ही उतािरा होता
गमा. अॊत भें फन्दय ने नाई से कहा, “दे खो तभ
ु ने भेयी भछें छीनी
हैं. अगय तभ
ु भझ
ु े भछ
ॊ े िावऩस नहीॊ कीॊ तो उनके फदरे भें तभ
ु
भझ
ु े अऩना उस्तया दो!”
फपय नाई को झक भायकय अऩना उस्तया फन्दय को दे ना ही
ऩड़ा. नाई को उसका फहुत द्ु ख हुआ क्मोंफक िो उसका सफसे
धायदाय औय चभकीरा उस्तया था.
उसके फाद फन्दय शहय भें उस्तये को रेकय घभता यहा.
िो भछ
ॊ ों के नछन जाने ऩय फीच-फीच भें खुद से फड़फड़ाता बी
था. तबी नदी के फकनाये ऩय उसे एक औयत भछरी साफ़ कयती
हुई हदखी. क्मोंफक औयत फहुत गयीफ थी इससरए िो एक रकड़ी
की डॊडी से भछरी के शल्क (स्केर) साफ़ कय यही थी.
“मह रो,” फन्दय ने फड़ी सभ्मता औय शारीनता से कहा,
“मह रो भेया उस्तया. उससे तभ
ु भछरी के शल्कों को
फहुत तेज़ी से साफ़ कय ऩाओगी.”
इससे ऩहरे फक औयत “धन्मिाद” कहती, फन्दय शहय के
अन्म नजायों को दे खने के सरए चम्ऩत हो गमा.
फन्दय फाद भें रौटकय आमा औय उसने औयत से कहा,
“भेया उस्तया भझ
ु े िावऩस दो.”
“तभ
ु ने भेया सन्
ु दय औय धायदाय उस्तया खो हदमा!” फन्दय
गस्
ु से भें दाॊत फकटफकटाते हुए चचल्रामा, “तफ तभ
ु भझ
ु े
अऩनी भछरी दो!”
औयत ने फहुत आयज़-सभन्नत की. उसने कहा फक िो
भछरी उसके बखे फच्चों के सरए यात का बोजन थी. ऩय
फन्दय ने औयत की एक फात नहीॊ सन
ु ी. िो अऩनी फात ऩय
अड़ा यहा औय उस्तये के फदरे भें भछरी भाॊगता यहा. कुछ
दे य फाद फन्दय के हाथ भें िो भछरी थी जजसे औयत ने कुछ
दे य ऩहरे ही ऩकामा था.
कुछ दे य फाद फन्दय को कॉफ़ी के ऩेड़ के नीचे एक आदभी
हदखाई हदमा, जो एक सखी योटी का टुकड़ा खा यहा था. योटी
ऩयु ानी, फासी औय सखी थी. आदभी के ऩास उस योटी को
ननगरने के सरए कोई यसीरी चीज़ नहीॊ थी.
“गड
ु भोननिंग,” फन्दय ने कहा. “भैं अऩनी भछरी िावऩस
रेने आमा हॉ.”
“तम्
ु हायी भछरी!” िो आदभी चचल्रामा. “कर यात भैं उसे
खा गमा.”
“भैंने तो तम्
ु हें िो भछरी उधाय दी थी, औय तभ
ु उसे खा
गए?” फन्दय चचल्रामा औय फपय गस्
ु से से ऊऩय-नीचे कदने
रगा. “फपय फदरे भें तभ
ु भझ
ु े कुछ कॉफ़ी की पसरमाॉ दो!”
जैसे ही आदभी ने फन्दय को कुछ कॉफ़ी की पसरमाॉ
दीॊ िैसे ही िो िहाॊ से चम्ऩत हो गमा.
फपय फन्दय को एक भहहरा हदखी जो अऩने घय के ऩास
आटा ऩीस यही थी.
“उस आटे के फड़े स्िाहदष्ट केक फनेंगे,” फन्दय ने भह
ुॊ दफाकय
हॉसते हुए कहा, “ऩय अगय केक के साथ भें कुछ कॉफ़ी बी होगी
तो फकतना अच्छा रगेगा, क्मों?” फपय फड़ी सभ्मता औय शारीनता
से फन्दय ने कॉफ़ी की पसरमों िारी छोटी टोकयी उस भहहरा को
थभा दी.
“तम्
ु हाया फहुत धन्मिाद!” उस भहहरा ने कहा. उसने
आज तक इतना दानी फन्दय कबी नहीॊ दे खा था.
फपय भहहरा ने कॉफ़ी को बना औय उसकी खुशफदाय कॉफ़ी
फनाई. उसने अऩने ऩड़ोससनों को कॉफ़ी ऩीने के सरए फर
ु ामा. सफ
ऩड़ोससनों ने सभरकय कॉफ़ी ऩी. जफ िो कॉफ़ी की आखखयी चस्
ु की
रे यही थीॊ तबी फन्दय िावऩस रौटा.
“भेयी कॉफ़ी की पसरमाॉ भझ
ु े िावऩस दो. अफ भेया
खुद कॉफ़ी ऩीने का भन कय यहा है ,” फन्दय ने डयािना
चेहया फनाते हुए कहा.
“तम्
ु हायी फेहटमाॊ इतनी अच्छी हैं,” फन्दय ने अऩनी फात
आगे फढ़ाते हुए कहा, “उन्हें दोऩहय को योहटमाॊ खानी चाहहए.
दे खो भेये ऩास कुछ आटा है . तभ
ु उसभें कुछ नारयमर का
ऩानी सभरा दे ना. उनसे फहुत स्िाहदष्ट भीठी योहटमाॊ फनेंगी.”