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रोभड़ी कथा

रोभड़ी कथा
भाॉ हभेशा हभें गभम औय सयु क्षऺत
यखती थी. पऩता यात भें शशकाय
कयने जाते थे औय सुफह होते ही
हभाये शरए खाना रेकय आते थे.

भैं उस सभम को कबी न बूरॉ ग ू ा


जफ भैंने ऩहरी फाय अऩनी गप ु ा से
फाहय दे खा था. फाहय की हवा इतनी
ननभमर थी कक भैं दॊ ग यह गमा था.
उदम हो यहे सूमम के शरए ऩऺी गीत
गा यहे थे. वसॊत भें ननकरे नए
ऩत्तों को शीतर ऩवन हहरा यही थी.
अचानक आॉधी तेज़ हो गई
औय चीखती, चचल्राती भेयी
ओय आने रगी.

भैं रुढ़क कय, धयती के


अॊदय, अऩनी गुपा भें वाऩस
आ गमा औय अऩनी भाॉ औय
बाई-फहनों के साथ चचऩक
कय फैठ गमा.

भैंने ऩहरे बी तेज़ आॉधी को


चीखते-चचल्राते सुना था
ऩय घय के अॊदय अऩने को
भैं हभेशा सुयक्षऺत भहसूस
कयता था.
फाद भें हदन भें भाॉ हभ सफ को घय से फाहय रे गई
औय हभ सफ झाड़ड़मों की ओट भें एक साथ फैठ गमे
औय चभकीरी आॊधी को तेज़ी से जाते हुए दे खते यहे .
जफ वसॊत के फाद ग्रीष्भ ऋतु
आई, भाॉ यात के सभम हभें
घय से फाहय रे गई. आॉचधमाॉ
शाॊत थी औय चाॉद के प्रकाश
भें झझरशभराता सॊसाय खाभोश
था.

भाॉ ने हभें फतामा कक खाने


की अच्छी चीजें कहाॉ खोजी
जा सकती थीॊ. कुछ चीजें हभ
उठा सकते थे औय कुछ चीज़ों
के शरए हभें चढ़ना ऩड़ता था
औय कुछ हभें रऩक कय
ऩकड़नी ऩड़ती थीॊ! रेककन
उसने हभें सावधान ककमा कक
कबी बी आॉचधमों के यास्ते ऩय
नहीॊ जाना.
कपय, एक शाभ जफ ऩत्ते चगय
यहे थे औय धुॊध छाई हुई थी,
हभ सफ पऩता के साथ फाहय
गमे. आॉचधमाॉ तफ बी धड़धड़ाती
हुई चर यही थीॊ ऩय हभें डय न
रग यहा था क्मोंकक पऩता हभाये
साथ थे.

हभ उस जगह आ गमे जहाॉ


आॉचधमाॉ रूकती है . वह जगह
फहुत ही व्मस्त थी. हभ सफ
प्रतीऺा कयते यहे औय दे खते
यहे .

तबी पऩता के कान खड़े हो गए.


एक आदभी हभायी ओय आ यहा
था. उसे कैसे ऩता चरा कक हभ
वहाॉ थे, भैं सोचने रगा.
जफ उसने पऩता को दे खा तो
वह
भुस्कयामा औय जफ उसने हभें
दे खा तो उसकी भुस्कान फड़ी हो
गई. उसने अऩने थैरे से खाना
ननकारा; हभायी कुछ भनऩसॊद
चीज़ें. मह वह खाना था जो
पऩता कई फाय हभाये शरए घय
रामे थे. अफ भुझे सभझ आमा
कक वह खाना कहाॉ से आता था.

उस हदन के फाद पऩता हय शाभ


हभें उस आदभी के ऩास रे
जाते. हय फाय वह कोई स्वाहदष्ट
चीज़ हभें खाने के शरए दे ता.
एक शाभ जफ वह आदभी
आॉधी से उतय कय नीचे आमा,
साया सॊसाय सफ़ेद हो गमा था.
हभ उसकी प्रतीऺा कय यहे थे
रेककन भनुष्म-शावकों ने
सफ़ेद चीज़ हभ ऩय पेंकनी
शरू
ु कय दी.

उन्हें योकने के शरए वह


आदभी दौड़ा रेककन वह
कपसर कय चगय गमा. साये
भनुष्म-शावक उस ऩय हॉसने
रगे औय उसके आसऩास
इकट्ठे हो गमे. उसका थैरा
उन्होंने छीन शरमा औय उसके
बीतय टटोरने रगे. कपय
उन्होंने थैरा ज़भीन ऩय पेंक
हदए.
पऩता तेज़ी से आगे दौड़े औय हभ
उनके ऩीछे बागे. भुझे रगा पऩता
खाने की ओय जा यहे थे. रेककन
उन्होंने अऩने दाॉत हदखाए औय
वह गुयाममे. हभ ने बी वैसे ही
ककमा औय भनुष्म-शावकों को दौड़ा
कय बगा हदमा.

वह आदभी अबी बी फपम से ढकी


ज़भीन ऩय रेटा हुआ था. भैंने
उसका हाथ ऩय अऩनी जीब पेयी.
पऩता ने जीब से उसका चेहया
चाटा.

कपय एक औय आॊधी आई औय
रोग उसभें से फाहय आमे. हभ ने
अॉधेये भें नछऩ कय दे खा, उस
आदभी को उठा कय कुछ रोग
चभकती योशननमों की ओय रे गमे.
अगरी शाभ हभ उस आदभी की
प्रतीऺा कयते यहे . वह नहीॊ आमा
रेककन भैंने एक भनुष्म-शावक को
अॉधेये भें खड़े दे खा. उसके अगरी
शाभ बी वह आदभी हदखाई न हदमा,
रेककन भनुष्म-शावक अॉधेये से ननकर
कय हभायी ओय आमा.

हभनें गुयामते हुए अऩने दाॉत ननकार


कय उसे डयामा. वह रुक गमा. कपय
उसने एक थैरा जभीन ऩय यख हदमा
औय ऩीछे हट गमा. पऩता ने झऩट
कय वह थैरा उठा शरमा औय हभाये
ऩास रे आए. वह खाने से बया हुआ
था. उसके फाद वह भनष्ु म-शावक
हय शाभ आकय एक थैरा हभाये शरए
छोड़ जाता. हभ कबी बी उसके
ननकट नहीॊ गमे क्मोंकक हभ ने दे खा
था कक वह जॊगरी था.
कपय एक शाभ वह आदभी रौट
आमा. उसने अऩना हाथ हहरामा
औय हभ दौड़ कय उससे शभरने
आमे. वह हभायी भनऩसन्द चीजें
रामा था.

भैंने अॉधेये भें भनुष्म-शावक को


दे खा औय धीये -धीये उसके ऩास
आमा. उसने एक थैरा जभीन
ऩय यखा हदए औय ऩीछे हट
गमा.
अफ भैं फड़ा हो गमा हूॉ. अफ भैं अकेरे
ही शशकाय कयता हूॉ. वह आदभी अबी बी पऩता
से शभरता है औय भैं उस भनष्ु म-शावक से
शभरता हूॉ. वह अफ जॊगरी रड़कों के साथ
शशकाय नहीॊ कयता. वह भेया शभत्र फन गमा है .
हभ तायों के प्रकाश भें इकट्ठे खाते हैं
औय चभकीरी आॉचधमों को सभीऩ से जाते हुए दे खते हैं. सभाप्त

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