You are on page 1of 12

प्रिम प्रिद्मार्थिमों

अऩनी हहॊदी की कऺा को आगे फढ़ाते हुए हभ आज


अऩनी ऩाठ्म ऩुस्तक ‘ऻान सागय’ का ऩाठ-2 ‘असर
धन’ आयॊ ब कयते हैं
ऩाठ-2 असर धन
रेखक- अफयाद भोहससन एिॊ काभयान भोहससन

ऩाठ – ऩरयचम

‘असर धन’ नाभक ऩाठ भें दाया नाभक चयिाहे के


ऩरयश्रभी स्िबाि औय फद्
ु र्धभत्ता का िर्िन है जो अऩनी
फद्
ु र्ध के फर ऩय ईयान के शाही दयफाय भें स्थान फना
रेता है औय एक िाॊत का गिनिय फन जाता है , ऩयन्तु
अऩनी ईभानदायी नहीॊ छोड़ता है |
ईयान के ककसी गाॉि भें दाया नाभ का एक चयिाहा (बेड़ चयाने िारा)
यहता था | िह फहुत गयीफ था | फस हदन भें दो सभम रुखी-सख ू ी योटी
सभर जाती थी | ऩहनने के सरए बेड़ की ऊन से फने पटे -ऩयु ाने कऩड़े थे
औय यहने के सरए एक छोटी-सी झोऩड़ी थी जजसकी आधी छत र्गय चक ु ी
थी | गयीफ होते हुए बी गाॉि िारे उसका फहुत सम्भान कयते थे क्मोंकक
िह फड़ा ही फुद्र्धभान था | गाॉि िारे अऩनी कहठन औय जहटर
सभस्माएॉ उसके ऩास रे कय आते औय िह अऩनी फुद्र्धभता से सफ
सभस्माओॊ को सर ु झा दे ता था |
धीये -धीये उसकी फद्
ु र्धभानी के चचे ईयान के शाह (याजा) के कानों तक
ऩहुॉचे |उन हदनों शाह बी कई सभस्माओॊ का साभना कय यहा था| एक
दतू को बेजकय शाह ने अऩनी सभस्मा का सझ ु ाि भाॉगा |दाया ने अऩनी
सझ ू -फूझ से सभस्मा को सर ु झा हदमा औय शाह ने िसन्न होकय दाया को
याजभहर फर ु िा सरमा औय दाया को याज्म की सभस्माओॊ को सर ु झाने
के सरए अऩने याजससॊहासन के ऩास ही बफठाने रगा |
जैसे-जैसे शाह के दयफाय भें दाया का सम्भान फढ़ने रगा, िैसे-िैसे
दयफारयमों के भन भें उसके सरए ईर्षमाि (जरन) की बािना फढ़ने रगी |िे
दाया के खखराफ़ शाह के कान बयने रगे रेककन शाह दाया की ईभानदायी
औय फद् ु र्धभता से इतना िबाप्रित था कक िो दयफारयमों की ककसी फात
ऩय प्रिश्िास नहीॊ कयता था|
एक फाय शाह ने दाया को उत्तयी ईयान के िाॊत का गिनिय फनाकय बेजा क्मोंकक
िहाॉ का शासन बफगड़ चुका था | सयकायी अर्धकायी औय कभिचायी भ्रर्षट थे |
जान औय भार सयु क्षऺत नहीॊ था | रोग भनभानी कय यहे यहे थे औय ऩूये नगय
भें अयाजकता फ़ैरी हुई थी | चायों औय हाहाकाय भचा हुआ था | दाया नगय-
नगय जाकय दयफाय रगाता औय दोप्रिमों को सजाएॉ दे कय रोगों को न्माम
हदराता | धीये -धीये िाॊत के हारात सध
ु यने रगे |
दारा प्ाांत के अनेक स्थानों का दौरा घोड़े ऩर सवार होकर करता था | दौरे ऩर जाते समय
उसके साथ एक घोड़ा भी होता था जजसकी ऩीठ ऩर एक बड़ा-सा बक्सा रखा होता था |
दारा बक्से के बबना नगर से कभी नह ां ननकऱता था | दरबाररयों ने शाह से कहा कक
जस दारा को आऩ बुद्धधमान और ईमानदार समझते हैं वह एक बक्से को अऩने साथ
खता है और उस बक्से में प्जा से ऱूटा गया धन एकत्र करता है | शाह बड़ी उऱझन में
ऩड़ गया कक यदद दारा बेईमान है तो सांसार में कोई भी ईमानदार नह ां हो सकता | शाह
ने दत
ू भेजकर दारा को दरबार में हाजिर होने के लऱए कहा |
शाह ने क्रोर्धत होकय दाया से कहा हभने तभ
ु ऩय बयोसा ककमा, सम्भान हदमा औय
तुभने ही हभे ननयाश ककमा | दाया ने ससय झुकाकय फड़ी ही प्रिनम्रता से कहा कक इस
फक्से भें भेया असर धन है | जफ उसने फक्सा खोरा तो सफकी आॉखें आश्चमि से पैर
गई |उसके अॊदय बेड़ की ऊन से फना हुआ एक ऩुयाना कोट था, जैसा कक चयिाहे ऩहना
कयते हैं | दाया ने फतामा कक िह इसी को ऩहनकय बेड़ें चयामा कयता था औय इसे
इससरए साथ यखता है ताकक मह कोट उसे माद हदराता यहे कक िह एक गयीफ चयिाहा
था औय उसके भन भें कबी घभॊड ऩैदा न हो | सबी का ससय शभि से झक ु गमा औय
शाह फोरा “ धन्म है मह दे श जजसने दाया जैसे भहान इॊसान को जन्भ हदमा !”
ऩाठ के व्माकयखर्क बफॊद ु (जी०ओ०)
दाया की चारयबिक प्रिशेिताएॉ
शाह की चारयबिक प्रिशेिताएॉ
दयफारयमों की चारयबिक प्रिशेिताएॉ

You might also like