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A PART OF

अ लाह के नाम से शु जो बहत महेरबान र मत वाला।


َ َّ َ
َ ّ َ َ ‫ﻋﻠﯿِﻪ َ ٰواِﻟٖﻪ‬
ْ َ َ ‫ﺗﻌﺎﱄ‬
ٰ ََ‫ﷲ‬
ُ ‫ﺻﲇ‬
और बेशमार
ु दु दो सलाम रसल ू के सरदार मु मद ‫وﺳﻠﻢ‬ पर।

मरिु बः दे मु तफ़ा मु मद सािबर क़ािदरी


नािशरः दे मु तफ़ा पि लके श ज़्

तारीख़े इशा त: िदसबर


ं 2023 ई.
कल
ु सफ़ ात: 27
िकताब न बर: AMPBN441

कवर िडजाइऩ और फामिटग:


ं योर सु नी ािफ स

All rights reserved.


Copyright © 2023 by Abde Mustafa Publications
क्रिके ट 1

Contents
अ़ब्दे मस्ु तफ़ा ऑर्गेनाइजेे़शन का तआ़रुफ़ ...................................... 3
कूड़ा क्रिके ट (Cricket)............................................................ 4
क्रिके ट क्रकया है ....................................................................... 6
फ़तावा बहरुल उ़लमू से............................................................. 7
फ़ाइदा : ................................................................................ 7
वकारुल फ़तावा से................................................................... 8
फ़ाइदा: ................................................................................. 9
फ़तावा फ़ै जर्ु र सूल से ............................................................... 10
फ़ाइदा: ............................................................................... 10
वक्रजरश के क्रलए खेले तो ........................................................... 11
फ़ाइदा: ............................................................................... 12
मोबाइल फ़ोन पर् र्गेम (Game) ................................................ 13
फ़ाइदा: ............................................................................... 15
टीवी पर् क्रिके ट मैच देखना कै सा है ? ......................................... 15
हजु र्ू ताजश्ु शर्ीअ़ह से क्रिके ट के बार्े में ग्यार्ह सवु ालात .................. 18
(1) क्रिके ट कोक्रचिंर्ग चलाना...................................................... 18
(2) क्रिके ट से पैसे कमाना........................................................ 18
फ़ाइदा: ............................................................................... 18
(3) वक्रजरश के क्रलए खेलना ...................................................... 18
फ़ाइदा: ............................................................................... 19
(4) टीवी पर् क्रिके ट देखना ...................................................... 19
(5) टीवी पर् क्रिके ट देखने वाले की इमामत का हुक्म ..................... 19
(6) क्रिके ट टीम के क्रलए दआ़ ु कर्ना........................................... 19
क्रिके ट 2
फ़ाइदा: ............................................................................... 19
(7) क्रिके ट को पेशा बनाना ...................................................... 20
(8) चदिं क्रमनट के क्रलए क्रिके ट, फूटबाल, टेक्रनस वग़ैर्ा खेलना ........... 20
(9) शम्अ़ सक्रबस्ताने र्जा में क्रिके ट का वजीफ़ा............................ 20
फ़ाइदा: ............................................................................... 20
(10) क्रिके ट और् टेक्रनस की इजाजत नहीं .................................... 21
(11) टाइम पास के क्रलए खेलना................................................ 21
फ़ाइदा: ............................................................................... 21
ख़ाक्रतमा, ख़ुलासा और् नोट...................................................... 21
लतीफ़ा : ............................................................................. 22
क्रिके ट 3

अ़ब्दे मस्ु तफ़ा ऑर्गेनाइजेे़शन का तआ़रुफ़

अ़ब्दे मस्ु तफ़ा ऑर्गेनाइजेे़शन सना 1435 क्रहजर्ी (2014 ई.) से कुर्आनो
सन्ु नत की तालीमात को क्ररटिं मीडीया और् क्रडक्रजटल मीडीया के जर्ीये
आ़म कर्ने के मकसद के तहत काम कर् र्ही है। हम इस के चिंद ख़ास शोबों
का क्रजि यहािं कर्ते हैं।

• अ़ब्दे मस्ु तफ़ा पक्रब्लके शन्ज् (Abde Mustafa Publications)


ये हमार्ा सबसे ख़ास शोबा है जहािं मुख़्तक्रलफ़ मौजआ ू त पर् क्रकताबें शाया
की जाती हैं। ये क्रकताबें मुख़्तक्रलफ़ जबानों में होती हैं क्रजनमें उद,रू क्रहन्दी,
अिंग्रेजी और् र्ोमन उदरू वग़ैर्ा शाक्रमल हैं। तमाम शाया कर्दा क्रकताबों को
हमार्ी वेबसाइट पर् मल ु ाक्रहजा फ़र्माए:िं
www.abdemustafa.org

• ई क्रनकाह सक्रवरस (E Nikah Service)


ये एक मैट्रीमोक्रनयल सक्रवरस है जो ख़ास अहले सन्ु नत व जमाअ़त के क्रलए
शरू ु की र्गई है। इस के जर्ीये आसानी से सन्ु नी रर्श्ते तलाश क्रकए जा सकते
हैं। र्क्रजस्टर् कर्ने के क्रलए हमार्ी इस वेबसाइट पर् जाएिंंः
www.enikah.in

मजीद मअ़लमू ात हाक्ऱिल कर्ने के क्रलए हमसे र्ाबता कर्ें।

अ़ब्दे मस्ु तफ़ा ऑर्गेनाइजेे़शन


क्रिके ट 4

कूड़ा क्रिके ट (Cricket)

उ़न्वान में हमने कूड़े के साथ कर्कट नहीं बक्रकक क्रिके ट (Cricket) ही
क्रलखा है क्यों क्रक इस खेल की हैक्रसयत कूड़े से भी र्गई र्गुजर्ी है। कूड़ा
(कचर्ा) भी काम की चीज होती है लेक्रकन ये खेल “क्रिके ट” क्रकसी काम
का नहीं बक्रकक एक जम्ु ले में इस की ता’र्ीफ़ कर्ें तो “वक़्त की बबारदी,
माल की फ़ुजूल ख़ची और् ख़ुर्ाफ़ात का मज्मआ़ ू है”

अफ़सोस तो सबसे क्रजयादा इस बात का है क्रक काक्रफ़र्ों ने जहािं इस खेल


कूद को अपना मक़्सदे क्रजिंदर्गी बना र्खा है वहीं हमार्ी कौम ने भी इसे अपने
सर्ों पर् चढ़ा र्खा है। क्रदल उस वक़्त और् ग़मर्गीन होता है जब मसु लमानों
के उ़लमा मदर्सों में बच्चों को पढ़ाने के बजाए क्रिके ट देख र्हे होते हैं और्
उन्हें ना जाने इस फ़ालतू काम से कौन सा फ़ाइदा हाक्रसल होता है। ये बातें
क्रबककुल जाक्रहर् हैं क्रक क्रकसी से ढकी क्रिपी नहीं। हमार्े नौजवानों को देखें
तो क्रिके ट की तार्ीख़ बड़े अच्िे से जानते हैं लेक्रकन अपने दीन और् इस्लाम
की तार्ीख़ से कोई ख़ास लेना देना नहीं है। एक-एक खेलने वाले को जानते
हैं और् उनके खेलने के अिंदाज को जानते हैं और् ये तक याद कर् के र्खते
हैं क्रक कौन सा क्रखलाड़ी माजी में क्रकस तर्ह खेला था।

अब तो चलो सब के पास अपना-अपना मोबाइल फ़ोन है क्रक जो जहािं है


वहीं से क्रिके ट देख र्हा होता है लेक्रकन पहले भी लोर्गों को इतना शौक था
क्रक इस के क्रलए टीवी बक्रकक सड़कों के क्रकनार्े पदार लर्गा कर् उस पर् क्रिके ट
की वीडीयो चलाया कर्ते थे और् आज भी कई जर्गहों पर् ऐसा होता है।
अभी क्रजन बढ़ू ों के पास (मकटीमीक्रडया) मोबाइल फ़ोन या’नी स्माटरफोन
नहीं है वो भी जवानों को पकड़ पकड़ कर् मा’लूमात लेते क्रदखाई देते हैं क्रक
क्रिके ट 5
कौन कौन सी टीम खेल र्ही है और् क्रकतने र्न (Run) हुए हैं और् क्रकतने
क्रवके ट (Wicket) क्रर्गर्े हैं। इस कद्र दीवानापन हमार्ी समझ से बाहर् है।

इस और् इस जैसी फ़ालतू चीजों में पड़ कर् ही लोर्गों ने अपना मक़्सदे


क्रजदिं र्गी भल
ु ा र्खा है। इतनी तवानाई, वक़्त और् शौक कहीं और् क्रदखाते तो
अपनी और् अपनी कौम की हालत को अच्िा कर् पाते और् दक्रु नया व
आक्रख़र्त में कामयाब होते।

हमने इस रर्साले में मख़्ु तक्रलफ़ फतावा को जमा क्रकया है जो खेल कूद और्
ख़ासकर् क्रिके ट के बार्े में उ़लमाए अहले सन्ु नत ने तहर्ीर् फ़र्माए हैं। ये
रर्साला जाक्रमउ़ल फ़तावा का एक क्रहस्सा है क्रजसमें क्रपिले सौ साल से
जाइद के अ़से में क्रलखे र्गए उदरू फ़तावा को जमअ़
् कर् क्रदया र्गया है। इस की
कुल क्रजकदों की ता’दाद क्रफ़लहाल हमें भी नहीं मा’लमू लेक्रकन एक अदिं ाजे
के मतु ाक्रबक ये सौ से जाइद होंर्गी। अकलाह तआ़ला इसे कबूल फ़र्माए।

अ़ब्दे मस्ु तफ़ा


महु म्मद साक्रबर् काक्रदर्ी
20 नवबिं र्, 2023
क्रिके ट 6

क्रिके ट क्रकया है

हमें नहीं लर्गता क्रक क्रिके ट के बार्े में बताने की जरूर्त है क्यों क्रक लोर्ग
हमसे बहुत बेहतर् तर्ीके से इस के बार्े जानते हैं। ये र्स्मी तौर् पर् क्रलखना
पड़ र्हा है क्रक क्रिके ट एक खेल है क्रजसमें दो क्रर्गर्ोह मक
ु ाबला कर्ते हैं और्
तर्ीका ये होता है क्रक एक मैदान में बकले और् र्गेंद के साथ कई उसल ू ों के
तहत कसर्त की जाती है। इस की तार्ीख़ 200-300 साल पर्ु ानी बताई
जाती है या’नी तकर्ीबन इतने सालों पहले इस खेल का आग़ाज हुआ क्रफर्
उस के कवानीन क्रलखे र्गए और् मौजदू ा क्रिके ट हमार्े सामने है क्रक हर् मकु क
की एक टीम है और् आ़लमी सत़्हह पर् इस खेल को खेला जाता है।

हमार्े मकु क क्रहदिं स्ु तान में इस खेल को ग़ैर् मा’मल


ू ी अहक्रमय्यत दी जाती है।
हर् शहर् में एक मैदान देखने को क्रमल जाता है क्रजसे ख़ास इसी खेल के क्रलए
बनाया र्गया है। इस खेल पर् कर्ोड़ों अर्बों रुपये ख़चर क्रकए जाते हैं और्
दसू र्ी तर्फ़ इस खेल के नाम पर् जएु का एक बड़ा बाजार् चलता है और्
बड़ी-बड़ी र्कम लोर्ग दाओ िं पर् लर्गा देते हैं और् वो भी क्रसफ़र इतनी बात पर्
क्रक फ़ुलािं टीम जीत जाएर्गी।

इस मुख़्तसर् तआरुफ़ के बा’द अब हम क्रिके ट के ताअ़कलुक से उ़लमाए


अहले सन्ु नत के फ़तावा को नक़्ल कर्ेंर्गे।
क्रिके ट 7

फ़तावा बहरुल उ़लमू से

बहरुल उ़लमू , हजर्ते अ़कलामा अ़ब्दल ु मन्नान आ’जमी ‫ رحمة هٰاّلل عليه‬से
जाक्रमआ शमसल ु उ़लमू (घोसी, मऊ, उतर् रदेश, क्रहदिं ) के एक मतु अ़क्रकलम
ने चिंद सवु ालात क्रकए क्रजनमें एक ये था क्रक जो आजकल क्रहदिं व पाक में
क्रिके ट र्ाइज है, इस का खेलना और् देखना कै सा है? नीज उनकी इक्रक़्तदा
में नमाज पढ़ना कै सा है या’नी क्रिके ट देखने और् खेलने वाले शख़्स की
इमामत जाइज है या नहीं।

आप ‫ رحمة هٰاّلل عليه‬जवाब में क्रलखते हैं क्रक :


खेल की ग़जर से जो अफ़्आ़ल क्रकए जाएिं शर्ीअ़त में हर्ामो नाजाइज हैं।
हदीस शर्ीफ़ में है:
‫ام اِ لَٰا ثَل َاث َ ٌة‬ ُٰ ُ ‫ک‬
ٌ ‫ل َل ْھ ِو ال ُْم ْسلِم َح َر‬
(या’नी मसु लमानों के क्रलए तीन के क्रसवा सब खेल हर्ाम हैं।)
[इन तीन खेलों की तफ़्सील आइन्दा सफ़हात में बयान की जाएर्गी।]
क्रबलख़सु ूस आजकल क्रिके ट जो बेशुमार् बर्ु ाईयों का जर्ीआ़ है, इस खेल
के आक्रदयों (आदत बनाने वालों) के पीिे नमाज जरूर् मकरूह है, चाहे
खेलने वाले हों या देखने वाले हों।
(फ़तावा बहरुल उ़लमू , ज 5, स 589)
फ़ाइदा :
इस से मा’लमू हुआ क्रक क्रिके ट एक ऐसा खेल है जो बेशुमार् बर्ु ाईयों का
मज्मआ़ ू है और् इस का खेलने और् देखने वाला शर्ई़ तौर् पर् काक्रबले
क्रर्गरर्फ़्त है हत्ता क्रक उस की इमामत जाइज नहीं और् उस के पीिे नमाज
मकरूह है।
क्रिके ट 8

वकारुल फ़तावा से

मफ़्ु ती-ए-आ’जम पाक्रकस्तान, वकार्े क्रमकलत, अ़कलामा मफ़्ु ती वकारुद्दीन


कादर्ी ‫ رحمة هٰاّلل عليه‬से सवु ाल क्रकया र्गया क्रक हॉकी (Hockey), क्रिके ट
और् फूटबाल (Football) वग़ैर्ा देखना और् कमेंट्री (Commentary)
सनु ना कै सा है? जबक्रक देखने और् सनु ने से क्रदल उस की तर्फ़ माइल होता
है, आपसे र्गजु ारर्श है क्रक कुर्आनो हदीस की र्ोशनी में इस मसअले का
तफ़सीली जवाब इ़नायत फ़र्माएिं ।

आप ‫ رحمة هٰاّلل عليه‬जवाब में क्रलखते हैं क्रक


इब्ने माजा में ये हदीस है क्रक “ हर् वो शैय क्रजससे कोई मसु लमान ग़फ़्लत
में पड़ जाए (वो) बाक्रतल है मर्गर् कमान से तीर् अिंदाजी कर्ना, अपने घोड़े
को क्रसखाना और् अपनी बीवी से मल ु ाइ़बत (खेल कूद) कर्ना, ये तीन काम
हक हैं ”

हदीस में वाजेह तौर् पर् बता क्रदया क्रक मोक्रमन की क्रजदिं र्गी लह्वो लइ़ब के
क्रलए नहीं है। क्रलहाजा तिंदरुस्ती के क्रलए टहलना या वक्रजरश के क्रलए थोड़ा
खेलना तो जाइज है मर्गर् क्रिके ट, हाकी क्रजस तर्ह खेली जाती है, इस में
कोई मक़्सद सही नहीं है। बक्रकक कौम और् मकु क का बहुत बड़ा नक़्ु सान है।
कर्ोड़ों रुपये स्टेडीयम बनाने और् टीम तैयार् कर्ने पर् ख़चर क्रकए जाते हैं।
क्रफर् जब मल़्ु क या बैरूने मकु क पााँच र्ोजा, तीन र्ोजा और् एक र्ोजा जो
मैक्रचज (Matches) होते हैं, ऑक्रफ़स में बैठे हुए मल ु ाक्रजमीन, काम के
बजाए र्ेडीयो या टैलीक्रवजन से कमेंट्री सनु ने और् देखने में मसरूफ़ होते हैं।
इस में कौम के माल की बबारदी और् वक़्त को जाएअ़ कर्ना है। और् दीन
के नक़्ु सान का तो आलम ये है क्रक हजार्ों आदमी स्टेडीयम में बैठे क्रदन भर्
क्रिके ट 9
खेल देखते र्हते हैं, ना नमाज की पर्वाह ना अपना वक़्त जाएअ़ होने की
पर्वाह।
इस्लाम का नाम लेने वाली हक ु ू मत पर् अफ़सोस है क्रक मैच को जमु आ़
् के
क्रदन जरूर् र्खा जाता है, इस की ये मक्रस्लहत बताई जाती है क्रक जमु आ़ ् के
क्रदन आ़म िुट्टी होती है, हालाक्रिं क जमु आ़ ् के इलावा भी, क्रजस क्रदन मैच
होता है, उ़ममू न क्रबग़ैर् ऐ’लान दफ़ाक्रतर् में काम नहीं होता है। हक ु ू मत ने
अपने तौर् पर् जमु आ़ ् की िुट्टी की वजह से जुमआ़ ् को मैच का क्रदन कर्ार्
क्रदया है। मर्गर् ये ना सोचा क्रक हजार्ों लाखों आदमीयों की जमु आ़
् की नमाज
िोड़ने का र्गनु ाह हुकूमत के ऊपर् भी है। बहर् सर्ू त ये सब खेल खेलना
नाजाइजो हर्ाम हैं और् उनको देखने और् सनु ने में वक़्त जाएअ़ कर्ना भी
नाजाइज है।
(वकारुल फ़तावा, ज. 3, स. 436)
फ़ाइदा:
खेल कूद से इन्सान का क्रदल ग़ाक्रफ़ल होता है और् ये ग़फ़्लत बहुत नक़्ु सान
पहुचिं ाती है। इस के देखने और् कमेंट्री सनु ने में भी यही बात पाई जाती है।
वक्रजरश के क्रलए खेलना एक बहुत अलर्ग शै (चीज) है लेक्रकन आजकल
क्रजस तर्ह ये र्ाइज है वो हमार्े सामने है। इस में पैसे और् वक़्त दोनों की
बबारदी साफ़ क्रदखाई दे र्ही है इस के बावजु दू लोर्ग बाज नहीं आते। लोर्गों
को फ़क्रिया कहते हुए देखा जाता है क्रक मैंने फ़ुलािं मैच फ़ुलािं स्टेडीयम में
देखा हालािंक्रक ऐसा कर्ने वालों ने पर्ू ा क्रदन क्रबग़ैर् नमाज के वहािं र्गजु ार्ा
होता है ये आक्रख़र् कै से जाइज हो सकता है।
क्रिके ट 10

फ़तावा फ़ैजर्ु रसल


ू से

अ़कलामा मफ़्ु ती जलालद्दु ीन अहमद अमजदी ‫ رحمة هٰاّلل عليه‬से इदिं ौर् (मध्य
रदेश से सवु ाल क्रकया र्गया क्रक वाली बाल (Volley Ball), क्रिके ट वग़ैर्ा
खेल शर्ीअ़त के नजदीक खेलना कै सा?

आप जवाब में क्रलखते हैं क्रक :


खेल की क्रजतनी भी क्रकस्में हैं सब बाक्रतल हैं क्रसफर तीन क्रकस्म के खेल की
हदीस में इजाजत है। बीवी से खेल कर्ना, घोड़े की सवु ार्ी और् तीर् अदिं ाजी
कर्ना, ऐसा ही दर्ु े मुख़्तार् में भी है। और् दौड़ में मक
ु ाबला कर्ना भी जाइज
है बशते क्रक जएु के साथ ना हो। इसी तर्ह कुश्ती लड़ना अर्गर् लह्वो लइ़ब
के तौर् पर् ना हो बक्रकक क्रजस्म में कुव्वत लाने और् कुफ़्फ़ार् से लड़ने की
क्रनयत हो तो जाइज मस्ु तह़्सन बक्रकक कार्े सवाब है बशते क्रक क्रसत्र पोशी
के साथ हो। (बहार् शर्ीअ़त)
(फ़तावा फ़ै जऱ्ु र सल
ू , ज. 2, स. 546)
फ़ाइदा:
क्रजन तीन खेलों की हदीस में इजाजत दी र्गई है उनमें फ़ाइदे हैं। उनके इलावा
भी कुि खेल क्रसत्र पोशी और् अच्िी क्रनयत के साथ जाइज हैं जैसे - दौड़
का मक ु ाबला और् कुश्ती लड़ना लेक्रकन क्रिके ट वग़ैर्ा क्रजस तर्ह आजकल
खेले जाते हैं उनमें ऐसी कोई ख़ैर् की बात नहीं बक्रकक कई क्रकस्म की बर्ु ाईयािं
पाई जाती हैं क्रलहाजा उस की इजाजत नहीं है ।
क्रिके ट 11

वक्रजरश के क्रलए खेले तो

फ़तावा मकर ज तक्रबरयते इफ़्ता में है क्रक र्ाजस्थान (क्रहदिं ) से क्रकसी ने सवु ाल
क्रकया क्रक क्रिके ट मैच खेलना, देखना और् इस में क्रदलचस्पी र्खना कै सा
है? और् अर्गर् वक्रजरश के तौर् पर् खेलते हैं तो क्या हुक़्म है

अल जवाब: क्रिके ट या इस तर्ह का कोई खेल अर्गर् लह्वो लइ़ब के तौर्


पर् खेले तो हर्ामो र्गनु ाह है और् इस से इक्रज्तनाब वाक्रजब, कुर्आने कर्ीम
फ़र्माता है:
‫اّلل ِب َغیْ ِر عِل ْم َٰو‬ َٰ ‫ث لِ ُی ِض‬
ِ ٰ‫ل َع ْن َس ِب ْي ِل ه‬ ْ ‫اس َم ْن ی َٰ ْشتَ ِر‬
ِ ‫ی َل ْھ َو ال َْح ِد ْی‬ ِ ‫ِن ال َٰن‬
َ ‫َو م‬
‫اب ُٰم ِھ ْی ٌن‬
ٌ َ‫ك َل ُھ ْم عَذ‬ َ ‫ااُول ه ٰٓ ٕى‬- ‫یَ َٰت ِخذَ َها ُه ُز ًو‬
तजरमु ा : और् कुि लोर्ग खेल की बात ख़र्ीदते हैं क्रक अकलाह की र्ाह से
बहका दें बेसमझे और् उसे हिंसी बना लें उन के क्रलए क्रजकलत का अजाब
है। (सर्ू ए लक़्ु मान, आयत 6)
इस आयत की तफ़्सीर् में इमाम नसफ़ी ‫ رحمة هٰاّلل عليه‬फ़र्माते हैं :
‫اب عباس انہ قال ھلو احلدیث لک ھلو و لعب روت ننات وفضول الکم قولہ‬
‫عن ن‬
‫بغی عمل ای بال حۃ وال‬ ‫لیضل عن سبیل ہللا ای لیعرف الناس عن ر ن‬
‫دب ہللا ر‬
ٰ ‫تھان ویتخذھا ھزوا أولئك ن‬
‫یعن یستھزی بکتاب اّلل‬
क्रजस तर्ह खेलना हर्ाम है वैसे ही देखना भी हर्ाम है, चनु ािंचे इमाम सदर्
शहीद हुस्सामद्दु ीन समर्किंदी एक हदीस नक़्ल फ़र्माते हैं :
‫عن رسول ہللا صیل ہللا علیہ وسمل انہ قال ر‬
‫اسمتع املالیھ معصیۃ واحللوس‬
‫عندھا فسق والتلذذ بھا کفر اھ‬
क्रिके ट 12
ऐसा ही काफ़ी में है।
क्रतक्रमरजी शर्ीफ़ में है:
‫لک ما یلھو بہ الرجل املسمل بطل اال بقوس و ربدیبہ فرسہ ومالعبتہ اھہل‬
‫فانھن من احلق‬
(ज. 1, स. 293)

और् अर्गर् वक्रजरश की क्रनयत से खेलें तो चिंद शर्ाइत की पाबिंदी के साथ


जाइज है :
(1) नमाज के अवकात में ना खेलें।
(2) अपने दीनी मशाक्रग़ल नीज तलबे इ़कम से ग़ाक्रफ़ल हो कर् खेल में ही
इक्रन्हमाक ना हो।
(3) टूनारमेंट (Tournament) मैं क्रहस्सा ना ले ।
(4) र्ान और् दसू र्े आ’जा क्रजनको िुपाना वाक्रजब है ना खोले। ‫واللہ اعلم‬
(फ़तावा मर्र ज तर्बरयते इफ़्ता, ज. 2, स. 489)
फ़ाइदा:
वक्रजरश के क्रलए खेलने का ये मतलब नहीं क्रक र्ोजाना घटिं ों का वक़्त इस में
लर्गाया जाए। आज कल वक्रजरश के नाम पर् लोर्ग अपना मतलब पर्ू ा कर्ना
चाहते हैं उन्हें समझना चाक्रहए क्रक वक्रजरश के क्रलए थोड़ा बहुत खेला जाता
है। और् क्रफर् इस में भी शर्ाइत का क्रलहाज कर्ना जरूर्ी है। एक बात ये भी
काक्रबले ग़ौर् है क्रक शरू
ु आ़त वक्रजरश के नाम पर् की जाती है लेक्रकन खेलते
खेलते क्रदल ऐसा लर्ग जाता है क्रक क्रफर् वक़्त र्गुजर्ने का एहसास नहीं होता
और् क्रफर् ऐसा भी होता है क्रक टूनारमेंट में क्रहस्सा ले क्रलया जाता है या मकामी
नौजवानों को जमअ़ ् कर् के टूनारमेंट शुरूअ़ कर् क्रदया जाता है। इन बातों से
ये नतीजा क्रनकालने में दश ु वार्ी नहीं होती क्रक वक्रजरश के क्रलए भी इसे खेलना
क्रिके ट 13
ख़तर्नाक है। वक्रजरश के क्रलए दसू र्े कई काम क्रकए जा सकते हैं। क्रिके ट में
वक्रजरश का नाम लेकर् आने वाले इसी में डूब जाते हैं।
अकलाह तआ़ला मसु लमानों को इस फ़ुजल ू काम से बचने की तौफ़ीक
अ़ता फ़र्माए।

मोबाइल फ़ोन पर् र्गेम (Game)

हजर्ते अ़कलामा मफ़्ु ती जक्रु कफ़कार् ख़ान नई़मी साक्रहब से जाक्रमअ़तर्ु र जा के


एक मतु अक्रकलम ने मोबाइल फ़ोन के ताअ़कलक ु से कई मसाइल दर्याफ़्त
क्रकए क्रजनमें एक ये भी था क्रक मोबाइल फ़ोन पर् र्गेम (खेल) खेलना कै सा
है

आप जवाब में क्रलखते हैं :


हदीस में है :
‫لک ما یلھو بہ الرجل املسمل بطل اال بقوس و ربدیبہ فرسہ ومالعبتہ اھہل‬
(202 ‫ ص‬،‫الرم ن رف سبیل ہللا‬ ‫ی‬ ‫نن‬
‫فانھن من احلق (سن النسائ بب ر‬
हर् वो खेल क्रजससे मसु लमान आदमी खेलता है बाक्रतल है मर्गर् उस का
अपनी कमान से तीर् अिंदाजी कर्ना और् अपने घोड़े को तक्रबरयत देना और्
अपनी बीवी से िे ड़-िाड़ पस ये खेल हक हैं।
मकु ला अली कार्ी इस हदीस की शर्ह कर्ते हुए र्कम तर्ाज हैं :
‫وف معناھا لک ما ر ن‬
‫یعن عیل احلق من العمل والعمل اذا اكن من االمور املباحة‬ ‫ن‬
‫ر‬
‫لتیه عیل قصد تقویة البدن‬ ‫واحلیل واالبل والتمشیة ن ن‬
‫اك املسابقة بلرجل ن‬
‫وتطریة الدماغ‬
क्रिके ट 14
हदीस में बयान कदार खेलों में हर् वो खेल दाक्रख़ल है जो इ़कमो अ़मल के
क्रलए मुआक्रवन बनता हो और् फ़ीनक्रससही जाइज कामों में इस का शुमार्
होता हो जैसा क्रक पैदल दौड़, घोड़ दौड़, ऊिंटों की दौड़, या बदन की
तक्रक़्वयत और् क्रदमाग़ की तर्ावट के इर्ादा से चहलकदमी।
(र्मर्कातल
़ु मफ़ार्तह 396/7)
हजु र्ू आ’ला हजर्त ‫ رحمة هٰاّلل عليه‬फ़र्माते हैं : लज़्जजते लइ़ब शर्अ़ कर्ीमो
अक़्ले सलीम के नज़्जदीक फ़ाइदा मो’तद बहा नहीं मर्गर् जबक्रक लह्व मबु ाह
हुआ और् ता’ब के बा’द इस से तर्वीज ककब मकसदू अब ना वो अबस
र्हे ना हकीकत लइ़ब अर्गचे सूर्त लइ़ब हो।
वक्रलहाजा हदीस में है, हुजर्ू सक्रय्यदे अकर्म ‫ صلی اللهٰہ عليہ وسلم‬फ़र्माते हैं :
‫ن‬ ‫ن‬
‫البي ر رق رف شعب ر‬
‫االنان‬ ‫ن‬
‫ رواه ر‬،‫العبوافائ ا کره ان رتم رف دینمك غلظة‬ ‫اھلـواو‬
खेलो कुदो क्रक में इस को नापसिंद कर्ता हाँ क्रक कोई तम्ु हार्े दीन में सख़्ती
देखे इस हदीस को बैहकी ने शो’बल ु ईमान में रर्वायत क्रकया है ।
इमाम इब्ने हजर् मक्की कफ़रर्रआ़अ़ क्रफर् सक्रय्यद आ़रर्फ़ क्रबकलाह हदीका
नक्रदय्यह में फ़र्माते हैं :
‫اللهو املباح ماذون فیه منه ﷺ‬
जाइज खेल की नबीए कर्ीम ‫ ﷺ‬की जाक्रनब से इजाजत है
(फ़तावा र्जर्वय्या कदीम, ज. 201)

इन इबार्ात से ये नतीजा क्रनकला क्रक मोबाइल पर् हर् वो र्गेम खेलना जाइज
है क्रजसमें दीनी या दन्ु यवी फ़ाइदा हो या बदन की तक्रक़्वयत और् क्रदमाग़ की
तर्ावट मक़्सदू हो और् इस में क्रख़लाफ़े शर्अ़ कोई अम्र जैसे जानदार् की
तस्वीर् वग़ैर्ा ना हो। और् ऐसे र्गेम क्रजसमें जानदार् की तसावीर् हो और् इस
र्गेम से कोई दन्ु यवी या दीनी फ़ाइदा भी ना हो और् ना ही इस से बदन या
क्रिके ट 15
क्रदमाग़ को ताजर्गी मयु स्सर् आए इस में अपना वक़्त जाएअ़ कर्ना ख़ाली
अज कर्ाहत नहीं।
आ’ला हजर्त फ़र्माते हैं :
हर् खेल और् अबस फे े़अ़ल क्रजसमें ना कोई ग़जे दीन ना कोई मक्रन्फ़अते
जाइजा दन्ु यवी हो सब मकरूहो बेजा है कोई कम, कोई क्रजयादा अलख़।
(फ़तावा र्जर्वय्या कदीम, ज. 9, स. 44)
फ़ाइदा:
इस से उसल ू मा’लमू हो र्गया क्रक खेल वही जाइज है क्रजससे दीनी या
दन्ु यावी फ़ाइदा मक़्सदू हो और् इसी मक़्सद की क्रमक़्दार् खेला जाए। इस में
ये भी जरूर्ी है क्रक शर्ाइत की पाबिंदी की जाए मस्लन वो खेल कोई ग़ैर्
शर्ई़ काम ना हो और् इस खेल में कोई नाजाइज काम ना कर्ना पड़े जैसे
क्रसत्रे औ़र्त का खोलना वग़ैर्ा।

टीवी पर् क्रिके ट मैच देखना कै सा है ?

सवु ाल: टीवी पर् क्रिके ट मैच देख सकते हैं ?


‫ِب ْس ِم اہّٰللِ الرَّ ْح ٰم ِن الرَّح ِ ْی ِم‬
‫اب‬ ِ َّ‫اب ِب َع ْو ِن ال َْمل ِکِ ا ْل َوھ‬
ِ ‫اب اَل ّٰل ُھ َّم ھِ َدا َی َۃ ا ْل َح ِّق َوالصَّ َو‬ ُ ‫َا ْل َج َو‬
अव्वलन ये जहन नशीन र्हे क्रक कोई भी खेल बतौर्े खेल खेलना लह्वो
लइ़ब होने की वजह से मम्नअ़ ू है और् मर्ु व्वजा क्रिके ट लह्वो लइ़ब के तौर्
पर् ही खेली जाती है, तो जब इस तर्ह खेलना मनअ़ ् है तो इनको देखने की
भी इजाजत नहीं।
क्रफर् ये क्रक टी वी, मोबाइल, कम्पयटू र् वग़ैर्ा क्रकसी भी स्िीन पर् क्रिके ट
का मैच देखने में इस के इलावा मतु अ़क्रद्दद क्रख़लाफ़े शर्अ़ कामों का
क्रिके ट 16
इक्रतरकाब पाया जाता है, मस्लन मैच के दौर्ान बेपदरर्गी पर् मश्ु तक्रमल मनाक्रजर्
क्रदखाए जाते हैं, क्रफर् ऐसे इक्रश्तहार्ात भी चलाए जाते हैं, क्रजनमें बेपदार और्तें
होती हैं। यहिंू ी बर्ाहे र्ास्त मैच देखने में भी क्रख़लाफ़े शर्अ़ उमर्ू का इक्रतरकाब
मक्रु म्कन है, मस्लन मदों और्तों का इक्रख़्तलात, म्यक्रू जक का सनु ना वग़ैर्ा,
इसी तर्ह क्रकतनों की नमाजें कजा हो जाती हैं और् ख़ास तौर् पर् जमाअ़त
का एक्रततमाम तो बहुत मक्रु श्कल हो जाता है, तो क्रजस काम में भी क्रख़लाफ़े
शर्अ़ उमर्ू का इक्रतरकाब पाया जाए, ख़्वाह वो क्रिके ट खेलना हो, या देखना
या उनके इलावा कोई काम, वो नाजाइजो हर्ाम और् र्गनु ाह है ।

मफ़्ु तीए आ’जमे पाक्रकस्तान अ़कलामा मौलाना महु म्मद वकारुउद्दीन


ٰ‫ رحمة ه‬से सव
‫اّلل عليه‬ ु ाल क्रकया र्गया क्रक क्रिके ट खेलना और् देखना कै सा
है? तो आप ‫ رحمة هٰاّلل عليه‬ने इर्शाद फ़र्माया हदीसे मबु ार्का में है :
‫ی‬
‫لک ما یلھو بہ املرء املسمل بطل إال رمیہ بقوسہ و ربدیبہ فرسہ ومالعبتہ امرأتہ‬
‫فإنھن من احلق‬
या’नी हर् वो शै क्रजससे कोई मसु लमान ग़फ़्लत में पड़ जाए बाक्रतल है मर्गर्
कमान से तीर्-अदिं ाजी कर्ना, अपने घोड़े को क्रसखाना, और् अपनी बीवी
से मल
ु ाइबत (खेल कूद) कर्ना ये तीन काम हक हैं।
(सऩु न् इब्ने माजा, स. 202 मतबआ
ू : र्र्ाची)

हदीस में वाजेह तौर् पर् बता क्रदया क्रक मोक्रमन की क्रजदिं र्गी लह्वो लइ़ब के
क्रलए नहीं है। क्रलहाजा तिंदरुस्ती के क्रलए टहलना या वक्रजरश के क्रलए थोड़ा
खेलना तो जाइज है मर्गर् क्रिके ट वग़ैर्ा खेल क्रजस तर्ह खेले जाते हैं इस में
कोई मकसदे सही नहीं बक्रकक कौम और् मुकक का बहुत बड़ा नक़्ु सान है
इस में कौम के माल की बबारदी और् वक़्त को जाएअ़ कर्ना है और् दीन
क्रिके ट 17
के नक़्ु सान का तो आ़लम ये है क्रक हजार्ों आदमी बैठे क्रदनभर् खेल देखते
र्हते हैं ना नमाज की पर्वाह ना अपना वक़्त जाएअ़ होने की पर्वाह बहर्
सर्ू त ये खेल खेलना नाजायजो हर्ाम है और् उनको देखने और् सनु ने में
वक़्त जाएअ़ कर्ना भी नाजाइज है।
(मल
़ु ख़सन अज वकारुल फ़तावा, ज. 3, स. 436 - 437 र्र्ाची)
‫َواہّٰللُ َا ْع َل ُم َعزَّ َو َج َّل َو َر ُس ْولُہ َا ْعلَم َصلَّی اہّٰللُ َت َعالٰی َع َل ْی ِہ َوٰال ِٖہ َو َس َّلم‬

मजु ीब : अबू हफ़्स महु म्मद इर्फ़ान मदनी अ़त्तार्ी


फ़तवा निंबर् : WAT-1258
तार्ीख़ इजर्ा : 18 र्बीउ़स्सानी 1444 ह./14 नवबिं र् 2022 ई.
दारुल इफ़्ता अहले सन्ु नत (दा’वते इस्लामी)
क्रिके ट 18

हुजर्ू ताजश्ु शर्ीअ़ह से क्रिके ट के बार्े में ग्यार्ह सवु ालात

हुजर्ू ताजश्ु शर्ीअ़ह, अकलामा मफ़्ु ती अख़्तर् र्जा ख़ान बर्ेलवी ‫َر ْح َم ُۃ اہّٰللِ َع َل ْیه‬
से क्रिके ट के बार्े में कई मतरबा सवु ाल क्रकया र्गया। जाक्रमअ़तर्ु र जा की
वेबसाइट पर् ऑडीयो की शक्ल में तलाश कर्ने पर् ग्यार्ह सवु ालात क्रमलते
हैं क्रजनको हम यहािं नक़्ल कर् र्हे हैं :
(1) क्रिके ट कोक्रचिंर्ग चलाना
सुवाल: क्या क्रिके ट कोक्रचिंर्ग (Cricket Coaching) चलाना या’नी
क्रिके ट खेलना क्रसखाना कै सा है? और् इस से आमदनी जाइज है या नहीं ?
जवाब: ये नाजाइज है और् आमदनी भी जाइज नहीं।
(2) क्रिके ट से पैसे कमाना
सवु ाल: क्रिके ट खेल कर् पैसे कमाना जाइज है या नाजाइज?
जवाब: इस में तफ़्सील दर्कार् है क्रक क्रिके ट क्रकस के साथ खेला और्
क्रकस ने पैसे क्रदए। (इस के बा’द जवाब क्रदया जा सकता है।)
फ़ाइदा:
ये मजु मल सवु ाल है जो तफ़्सील तलब है क्यों क्रक इस की कई सर्ू तें बन
सकती हैं। ऐसी ही अर्गर् कोई सर्ू त क्रकसी के जहन में हो तो उसे क्रकसी सन्ु नी
मफ़्ु ती साक्रहब को तफ़्सील बता कर् जवाब मा’लमू क्रकया जाए।
(3) वक्रजरश के क्रलए खेलना
सुवाल: क्रिके ट को क्रफ़टनैस (Fitness) के क्रलए खेलना कै सा है?
जवाब: कोई और् वक्रजरश की जाए।
क्रिके ट 19
फ़ाइदा:
हम पहले भी इस पर् क्रलख चक
ु े हैं क्रक वक्रजरश के नाम पर् अर्गचे थोड़ा बहुत
कभी कभार् खेल लेना जाइज है लेक्रकन बेहतर् यही है क्रक वक्रजरश के क्रलए
कोई और् जर्ीया अपनाया जाए। खेलने वालों को क्रफर् इस की आदत लर्ग
जाती है।
(4) टीवी पर् क्रिके ट देखना
सवु ाल क्रकया र्गया ऐसे शख़्स के बार्े में जो टीवी पर् क्रिके ट देखता है और्
दसू र्ों को भी क्रदखाता है।
जवाब: ऐसा शख़्स फ़ाक्रसक है और् इस का ये अ़मल नाजाइज हर्ाम है।
(5) टीवी पर् क्रिके ट देखने वाले की इमामत का हुक्म
सवाल: क्रकया र्गया क्रक टीवी पर् क्रिके ट देखने वाले की इमामत का क्या
हुक्म है?
जवाब: जो शख़्स टीवी पर् क्रिके ट देखने का शौकीन है तो उसे इमाम
बनाना जाइज नहीं।
(6) क्रिके ट टीम के क्रलए दुआ़ कर्ना
सवु ाल क्रकया र्गया क्रक क्रकसी टीम के क्रलए उस के जीतने की दआ
ु कर्ना
कै सा है? जैसा क्रक वकडर कप (World Cup) के वक़्त की जाती है।
जवाब: लह्वो लइ़ब शर्अन नाजाइजो हर्ाम है।
फ़ाइदा:
जब ये खेल कूद जाइज नहीं तो क्रफर् ऐसे काम के हक में दआ़
ु कर्ना भी
जाइज नहीं।
क्रिके ट 20
(7) क्रिके ट को पेशा बनाना
सवु ाल क्रकया र्गया क्रक क्रिके ट को पेशा बनाना कै सा है? क्या इस के जर्ीए
पैसे कमाए जा सकते हैं जब क्रक नमाज पढ़ी जाए और् क्रसत्र पोशी भी हो।
जवाब: हुजर्ू ताजश्ु शर्ीअ़ह ने ऐसे शख़्स को क्रहदायत फ़र्माई क्रक इस लह्वो
लइ़ब की सर्ू त से बचे और् कोई सजिं ीदा पेशा अपनाए और् अकलाह र्ोजी
देने वाला है। कोई शर्ाफ़त वाला काम क्रकया जाए।
(8) चिंद क्रमनट के क्रलए क्रिके ट, फूटबाल, टेक्रनस वग़ैर्ा खेलना
अग्रिं ेजी में सवु ाल क्रकया र्गया क्रक चिंद क्रमनटों के क्रलए क्रिके ट, टेक्रनस वग़ैर्ा
खेलना कै सा है?
जवाब: लह्वो लइ़ब (या’नी खेल कूद) शर्अन नाजाइज हैं। अर्गर् वक्रजरश
की क्रनयत से कभी कभार् थोड़ा खेल क्रलया जाए और् इस में क्रसत्र पोशी हो
तो हजर नहीं है।
(9) शमअ़
् सक्रबस्ताने र्जा में क्रिके ट का वजीफ़ा
सवु ाल क्रकया र्गया क्रक क्रकताब शमअ़
् सक्रबस्ताने र्जा में है क्रक आ’ला हजर्त
ने कुफ़्फ़ार् के क्रख़लाफ़ क्रिके ट जीतने का कोई वजीफ़ा इ़नायत क्रकया था,
उस की क्या हकीकत है?
जवाब : ये मो’तमद नहीं और् इस क्रकताब में कई ऐसी बातें आ’ला हजर्त
की तर्फ़ और् बजु र्गु ों की तर्फ़ मसिं बू कर् दी र्गई हैं।
फ़ाइदा:
शमअ़् सक्रबस्ताने र्जा नामी क्रकताब को बा’ज लोर्ग आ’ला हजर्त की
क्रकताब समझते हैं जो क्रक क्रबककुल ग़लत है। ये क्रकताब आ’ला हजर्त की
नहीं है। इस क्रकताब के बार्े में उ़लमाए अहले सन्ु नत ने कलाम फ़र्माया है।
क्रिके ट 21
ये मो’तबर् नहीं।
(10) क्रिके ट और् टेक्रनस की इजाजत नहीं
सवु ाल क्रकया र्गया क्रक क्या क्रिके ट और् टेक्रनस खेलने की इजाजत है?
जवाब: इजाजत नहीं है।
(11) टाइम पास के क्रलए खेलना
सवु ाल क्रकया र्गया क्रक क्रबना पैसे लर्गाए क्रसफर टाइम पास (Time Pass) के
क्रलए कै र्म (Carrom) और् क्रिके ट वग़ैर्ा खेल सकते हैं?
जवाब: नहीं खेल सकते क्यों क्रक ये खेल कूद में शमु ार् होर्गा। (मल ु ख़सन)
फ़ाइदा:
मज़्जकूर्ा सवु ालात और् उनके जवाबात से क्रबलकुल वाजेह समझ में आता
है क्रक क्रिके ट वग़ैर्ा खेलने की इजाजत नहीं और् जहािं तक इजाजत है भी
तो इस से बचना भी बेहतर् है क्यों क्रक “जक ु ाम को र्ोको ताक्रक बख़
ु ार् ना
आए” पर् अमल कर्ना चाक्रहए।

ख़ाक्रतमा, ख़ुलासा और् नोट

क्रिके ट के ताअ़कलक ु से हमने यहािं जो फ़तावा नक़्ल क्रकए वो इस मसअले


की तफ़्सील के क्रलए काफ़ी मा’लमू होते हैं। मज़्जकूर्ा पर्ू ी बेहस से ये बातें
समझ में आती हैं:
1. क्रिके ट खेलना नाजाइज है बक्रकक कई नाजाइज कामों का मज्मआ़ ू है।
2. लह्वो लइ़ब या’नी खेल कूद इस्लाम में जाइज नहीं क्यों क्रक इन्सान की
पैदाइश का ये मक़्सद नहीं और् ये चीजें इन्सान को ग़फ़्लत में डाल देती हैं।
ये देखा भी र्गया है क्रक इन कामों में पड़ने वाले क्रकसी काम के नहीं र्हते और्
क्रिके ट 22
अपनी दक्रु नया के साथ साथ अपनी आक्रख़र्त को भी फ़र्ामोश क्रकए बैठे
होते हैं।
3. नौजवानों का इस में इस कद्र दीवानापन कौम के क्रलए बहुत
अफ़सोसनाक और् मस्ु तक्रक़्बल के क्रलए ख़तर्नाक है।
4. वक्रजरश के नाम पर् अपनी तक्रबय्यत की बात मनवाने और् नाजाइज सर्ू त
को भी जाइज समझना बहुत बुर्ी बात है।
5. वक्रजरश के क्रलए जो इजाजत है वो बहुत ख़ास है और् इस से बचना भी
बेहतर् है। वक्रजरश कर्ने के बेशमु ार् तर्ीके हैं क्रक जहािं बदिं ा अके ले वक्रजरश
कर् सकता है। ये क्या बात हुई क्रक बिंदा ख़दु वक्रजरश कर्ने के क्रलए एक
जमाअ़त बना ले और् सब का वक़्त जाएअ़ कर्े। ये सब हीले बहाने कर्ने
से बचना चाक्रहए और् मक ु म्मल इस खेल कूद की सर्ू त से पर्हेज कर्ना
चाक्रहए।
6. इस के नाम पर् जआ ु खेलना भी तबाही का बाइ़स है। ये कई हर्ाम कामों
को एक साथ कर्ने के बर्ाबर् है।

खेल कूद के मौजूअ़ पर् और् कई फ़तावा हैं क्रजन्हें हम दसू र्े उ़न्वानात के
तह़्त लाएाँर्गे। क्रमसाल के तौर् पर् शतर्िंज खेलना, ताश के पत्ते खेलना, कै र्म
बोडर का खेल और् इसी तर्ह कई खेलों की तफ़्सील हम जाक्रमउ़ल फ़तावा
के दसू र्े क्रहस्सों में पेश कर्ेंर्गे। आक्रख़र् में एक लतीफ़ा अजर कर् के इस रर्साले
को मक ु म्मल कर्ना चाहता ह।ाँ
लतीफ़ा :
शरूु से ही मझु े इस खेल से एक नफ़र्त सी है लेक्रकन इस की वजह वो नहीं
है जो में अब बताने जा र्हा ह।ाँ
मैंने अपनी क्रजिंदर्गी में एक दो मतरबा ही इस खेल को खेला होर्गा। मझु े एक
ही बार् खेलना क्रजयादा याद है जब मेर्ी उम्र तकर्ीबन 14 साल र्ही होर्गी।
क्रिके ट 23
कुि दोस्तों ने मझु े क्रिके ट खेलने के क्रलए बल ु ाया तो मैंने कहा क्रक मझु े नहीं
आता लेक्रकन वो इसर्ार् कर् के मझु े ले र्गए। उस क्रदन दो मैक्रचज (Matches)
हुए। कुल ग्यार्ह से बार्ह ही लड़के खेलने वाले थे तो दो टीम बनाने का
तर्ीका ये था क्रक जब दो लोर्ग बकलेबाजी कर् र्हे होते तो सार्े फीक्रकडिंर्ग
(Fielding) कर्ते या’नी मझु े पर्ू े खेल में दोनों तर्फ़ से फीक्रकडिंर्ग कर्नी
पड़ी। बकलेबाजी में पहले उसे ही उतार्ा जाता जो खेलने में अच्िा होता
तो इस तर्ह मझु े बकलेबाजी का मौका ही नहीं क्रमला। पहले मैच में ही थक
र्गया था क्रफर् दसू र्े मैच की िे र्गेंदों के क्रलए बकलेबाजी का मौका क्रमला
क्रजसमें ित्तीस (36) र्न बनाने थे और् जब बकले को पकड़ कर् खड़ा हुआ
तो आवाज आई क्रक "आज तुम्हें हमें जीत क्रदलानी है” क्रफर् दबु ार्ा कभी
क्रिके ट खेला हो मुझे याद नहीं।

अकलाह तआ़ला का कर्म है क्रक ऐसी चीजों से दर्ू र्खा और् अपने दीन
की इशाअत की तौफ़ीक बख़्शी। र्ब्बे कर्ीम हमार्े नौजवानों को दीने हक
की क्रख़दमत में अपनी तवानाई और् वक़्त को ख़चर कर्ने की तौफ़ीक अ़ता
फ़र्माए।

अ़ब्दे मस्ु तफ़ा


महु म्मद साक्रबर् काक्रदर्ी
20 नविंबर्, 2023 ई.

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