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अ़ब्दे मस्ु तफ़ा ऑर्गेनाइजेे़शन का तआ़रुफ़ ...................................... 3
कूड़ा क्रिके ट (Cricket)............................................................ 4
क्रिके ट क्रकया है ....................................................................... 6
फ़तावा बहरुल उ़लमू से............................................................. 7
फ़ाइदा : ................................................................................ 7
वकारुल फ़तावा से................................................................... 8
फ़ाइदा: ................................................................................. 9
फ़तावा फ़ै जर्ु र सूल से ............................................................... 10
फ़ाइदा: ............................................................................... 10
वक्रजरश के क्रलए खेले तो ........................................................... 11
फ़ाइदा: ............................................................................... 12
मोबाइल फ़ोन पर् र्गेम (Game) ................................................ 13
फ़ाइदा: ............................................................................... 15
टीवी पर् क्रिके ट मैच देखना कै सा है ? ......................................... 15
हजु र्ू ताजश्ु शर्ीअ़ह से क्रिके ट के बार्े में ग्यार्ह सवु ालात .................. 18
(1) क्रिके ट कोक्रचिंर्ग चलाना...................................................... 18
(2) क्रिके ट से पैसे कमाना........................................................ 18
फ़ाइदा: ............................................................................... 18
(3) वक्रजरश के क्रलए खेलना ...................................................... 18
फ़ाइदा: ............................................................................... 19
(4) टीवी पर् क्रिके ट देखना ...................................................... 19
(5) टीवी पर् क्रिके ट देखने वाले की इमामत का हुक्म ..................... 19
(6) क्रिके ट टीम के क्रलए दआ़ ु कर्ना........................................... 19
क्रिके ट 2
फ़ाइदा: ............................................................................... 19
(7) क्रिके ट को पेशा बनाना ...................................................... 20
(8) चदिं क्रमनट के क्रलए क्रिके ट, फूटबाल, टेक्रनस वग़ैर्ा खेलना ........... 20
(9) शम्अ़ सक्रबस्ताने र्जा में क्रिके ट का वजीफ़ा............................ 20
फ़ाइदा: ............................................................................... 20
(10) क्रिके ट और् टेक्रनस की इजाजत नहीं .................................... 21
(11) टाइम पास के क्रलए खेलना................................................ 21
फ़ाइदा: ............................................................................... 21
ख़ाक्रतमा, ख़ुलासा और् नोट...................................................... 21
लतीफ़ा : ............................................................................. 22
क्रिके ट 3
अ़ब्दे मस्ु तफ़ा ऑर्गेनाइजेे़शन सना 1435 क्रहजर्ी (2014 ई.) से कुर्आनो
सन्ु नत की तालीमात को क्ररटिं मीडीया और् क्रडक्रजटल मीडीया के जर्ीये
आ़म कर्ने के मकसद के तहत काम कर् र्ही है। हम इस के चिंद ख़ास शोबों
का क्रजि यहािं कर्ते हैं।
उ़न्वान में हमने कूड़े के साथ कर्कट नहीं बक्रकक क्रिके ट (Cricket) ही
क्रलखा है क्यों क्रक इस खेल की हैक्रसयत कूड़े से भी र्गई र्गुजर्ी है। कूड़ा
(कचर्ा) भी काम की चीज होती है लेक्रकन ये खेल “क्रिके ट” क्रकसी काम
का नहीं बक्रकक एक जम्ु ले में इस की ता’र्ीफ़ कर्ें तो “वक़्त की बबारदी,
माल की फ़ुजूल ख़ची और् ख़ुर्ाफ़ात का मज्मआ़ ू है”
हमने इस रर्साले में मख़्ु तक्रलफ़ फतावा को जमा क्रकया है जो खेल कूद और्
ख़ासकर् क्रिके ट के बार्े में उ़लमाए अहले सन्ु नत ने तहर्ीर् फ़र्माए हैं। ये
रर्साला जाक्रमउ़ल फ़तावा का एक क्रहस्सा है क्रजसमें क्रपिले सौ साल से
जाइद के अ़से में क्रलखे र्गए उदरू फ़तावा को जमअ़
् कर् क्रदया र्गया है। इस की
कुल क्रजकदों की ता’दाद क्रफ़लहाल हमें भी नहीं मा’लमू लेक्रकन एक अदिं ाजे
के मतु ाक्रबक ये सौ से जाइद होंर्गी। अकलाह तआ़ला इसे कबूल फ़र्माए।
क्रिके ट क्रकया है
हमें नहीं लर्गता क्रक क्रिके ट के बार्े में बताने की जरूर्त है क्यों क्रक लोर्ग
हमसे बहुत बेहतर् तर्ीके से इस के बार्े जानते हैं। ये र्स्मी तौर् पर् क्रलखना
पड़ र्हा है क्रक क्रिके ट एक खेल है क्रजसमें दो क्रर्गर्ोह मक
ु ाबला कर्ते हैं और्
तर्ीका ये होता है क्रक एक मैदान में बकले और् र्गेंद के साथ कई उसल ू ों के
तहत कसर्त की जाती है। इस की तार्ीख़ 200-300 साल पर्ु ानी बताई
जाती है या’नी तकर्ीबन इतने सालों पहले इस खेल का आग़ाज हुआ क्रफर्
उस के कवानीन क्रलखे र्गए और् मौजदू ा क्रिके ट हमार्े सामने है क्रक हर् मकु क
की एक टीम है और् आ़लमी सत़्हह पर् इस खेल को खेला जाता है।
बहरुल उ़लमू , हजर्ते अ़कलामा अ़ब्दल ु मन्नान आ’जमी رحمة هٰاّلل عليهसे
जाक्रमआ शमसल ु उ़लमू (घोसी, मऊ, उतर् रदेश, क्रहदिं ) के एक मतु अ़क्रकलम
ने चिंद सवु ालात क्रकए क्रजनमें एक ये था क्रक जो आजकल क्रहदिं व पाक में
क्रिके ट र्ाइज है, इस का खेलना और् देखना कै सा है? नीज उनकी इक्रक़्तदा
में नमाज पढ़ना कै सा है या’नी क्रिके ट देखने और् खेलने वाले शख़्स की
इमामत जाइज है या नहीं।
वकारुल फ़तावा से
हदीस में वाजेह तौर् पर् बता क्रदया क्रक मोक्रमन की क्रजदिं र्गी लह्वो लइ़ब के
क्रलए नहीं है। क्रलहाजा तिंदरुस्ती के क्रलए टहलना या वक्रजरश के क्रलए थोड़ा
खेलना तो जाइज है मर्गर् क्रिके ट, हाकी क्रजस तर्ह खेली जाती है, इस में
कोई मक़्सद सही नहीं है। बक्रकक कौम और् मकु क का बहुत बड़ा नक़्ु सान है।
कर्ोड़ों रुपये स्टेडीयम बनाने और् टीम तैयार् कर्ने पर् ख़चर क्रकए जाते हैं।
क्रफर् जब मल़्ु क या बैरूने मकु क पााँच र्ोजा, तीन र्ोजा और् एक र्ोजा जो
मैक्रचज (Matches) होते हैं, ऑक्रफ़स में बैठे हुए मल ु ाक्रजमीन, काम के
बजाए र्ेडीयो या टैलीक्रवजन से कमेंट्री सनु ने और् देखने में मसरूफ़ होते हैं।
इस में कौम के माल की बबारदी और् वक़्त को जाएअ़ कर्ना है। और् दीन
के नक़्ु सान का तो आलम ये है क्रक हजार्ों आदमी स्टेडीयम में बैठे क्रदन भर्
क्रिके ट 9
खेल देखते र्हते हैं, ना नमाज की पर्वाह ना अपना वक़्त जाएअ़ होने की
पर्वाह।
इस्लाम का नाम लेने वाली हक ु ू मत पर् अफ़सोस है क्रक मैच को जमु आ़
् के
क्रदन जरूर् र्खा जाता है, इस की ये मक्रस्लहत बताई जाती है क्रक जमु आ़ ् के
क्रदन आ़म िुट्टी होती है, हालाक्रिं क जमु आ़ ् के इलावा भी, क्रजस क्रदन मैच
होता है, उ़ममू न क्रबग़ैर् ऐ’लान दफ़ाक्रतर् में काम नहीं होता है। हक ु ू मत ने
अपने तौर् पर् जमु आ़ ् की िुट्टी की वजह से जुमआ़ ् को मैच का क्रदन कर्ार्
क्रदया है। मर्गर् ये ना सोचा क्रक हजार्ों लाखों आदमीयों की जमु आ़
् की नमाज
िोड़ने का र्गनु ाह हुकूमत के ऊपर् भी है। बहर् सर्ू त ये सब खेल खेलना
नाजाइजो हर्ाम हैं और् उनको देखने और् सनु ने में वक़्त जाएअ़ कर्ना भी
नाजाइज है।
(वकारुल फ़तावा, ज. 3, स. 436)
फ़ाइदा:
खेल कूद से इन्सान का क्रदल ग़ाक्रफ़ल होता है और् ये ग़फ़्लत बहुत नक़्ु सान
पहुचिं ाती है। इस के देखने और् कमेंट्री सनु ने में भी यही बात पाई जाती है।
वक्रजरश के क्रलए खेलना एक बहुत अलर्ग शै (चीज) है लेक्रकन आजकल
क्रजस तर्ह ये र्ाइज है वो हमार्े सामने है। इस में पैसे और् वक़्त दोनों की
बबारदी साफ़ क्रदखाई दे र्ही है इस के बावजु दू लोर्ग बाज नहीं आते। लोर्गों
को फ़क्रिया कहते हुए देखा जाता है क्रक मैंने फ़ुलािं मैच फ़ुलािं स्टेडीयम में
देखा हालािंक्रक ऐसा कर्ने वालों ने पर्ू ा क्रदन क्रबग़ैर् नमाज के वहािं र्गजु ार्ा
होता है ये आक्रख़र् कै से जाइज हो सकता है।
क्रिके ट 10
अ़कलामा मफ़्ु ती जलालद्दु ीन अहमद अमजदी رحمة هٰاّلل عليهसे इदिं ौर् (मध्य
रदेश से सवु ाल क्रकया र्गया क्रक वाली बाल (Volley Ball), क्रिके ट वग़ैर्ा
खेल शर्ीअ़त के नजदीक खेलना कै सा?
फ़तावा मकर ज तक्रबरयते इफ़्ता में है क्रक र्ाजस्थान (क्रहदिं ) से क्रकसी ने सवु ाल
क्रकया क्रक क्रिके ट मैच खेलना, देखना और् इस में क्रदलचस्पी र्खना कै सा
है? और् अर्गर् वक्रजरश के तौर् पर् खेलते हैं तो क्या हुक़्म है
इन इबार्ात से ये नतीजा क्रनकला क्रक मोबाइल पर् हर् वो र्गेम खेलना जाइज
है क्रजसमें दीनी या दन्ु यवी फ़ाइदा हो या बदन की तक्रक़्वयत और् क्रदमाग़ की
तर्ावट मक़्सदू हो और् इस में क्रख़लाफ़े शर्अ़ कोई अम्र जैसे जानदार् की
तस्वीर् वग़ैर्ा ना हो। और् ऐसे र्गेम क्रजसमें जानदार् की तसावीर् हो और् इस
र्गेम से कोई दन्ु यवी या दीनी फ़ाइदा भी ना हो और् ना ही इस से बदन या
क्रिके ट 15
क्रदमाग़ को ताजर्गी मयु स्सर् आए इस में अपना वक़्त जाएअ़ कर्ना ख़ाली
अज कर्ाहत नहीं।
आ’ला हजर्त फ़र्माते हैं :
हर् खेल और् अबस फे े़अ़ल क्रजसमें ना कोई ग़जे दीन ना कोई मक्रन्फ़अते
जाइजा दन्ु यवी हो सब मकरूहो बेजा है कोई कम, कोई क्रजयादा अलख़।
(फ़तावा र्जर्वय्या कदीम, ज. 9, स. 44)
फ़ाइदा:
इस से उसल ू मा’लमू हो र्गया क्रक खेल वही जाइज है क्रजससे दीनी या
दन्ु यावी फ़ाइदा मक़्सदू हो और् इसी मक़्सद की क्रमक़्दार् खेला जाए। इस में
ये भी जरूर्ी है क्रक शर्ाइत की पाबिंदी की जाए मस्लन वो खेल कोई ग़ैर्
शर्ई़ काम ना हो और् इस खेल में कोई नाजाइज काम ना कर्ना पड़े जैसे
क्रसत्रे औ़र्त का खोलना वग़ैर्ा।
हदीस में वाजेह तौर् पर् बता क्रदया क्रक मोक्रमन की क्रजदिं र्गी लह्वो लइ़ब के
क्रलए नहीं है। क्रलहाजा तिंदरुस्ती के क्रलए टहलना या वक्रजरश के क्रलए थोड़ा
खेलना तो जाइज है मर्गर् क्रिके ट वग़ैर्ा खेल क्रजस तर्ह खेले जाते हैं इस में
कोई मकसदे सही नहीं बक्रकक कौम और् मुकक का बहुत बड़ा नक़्ु सान है
इस में कौम के माल की बबारदी और् वक़्त को जाएअ़ कर्ना है और् दीन
क्रिके ट 17
के नक़्ु सान का तो आ़लम ये है क्रक हजार्ों आदमी बैठे क्रदनभर् खेल देखते
र्हते हैं ना नमाज की पर्वाह ना अपना वक़्त जाएअ़ होने की पर्वाह बहर्
सर्ू त ये खेल खेलना नाजायजो हर्ाम है और् उनको देखने और् सनु ने में
वक़्त जाएअ़ कर्ना भी नाजाइज है।
(मल
़ु ख़सन अज वकारुल फ़तावा, ज. 3, स. 436 - 437 र्र्ाची)
َواہّٰللُ َا ْع َل ُم َعزَّ َو َج َّل َو َر ُس ْولُہ َا ْعلَم َصلَّی اہّٰللُ َت َعالٰی َع َل ْی ِہ َوٰال ِٖہ َو َس َّلم
हुजर्ू ताजश्ु शर्ीअ़ह, अकलामा मफ़्ु ती अख़्तर् र्जा ख़ान बर्ेलवी َر ْح َم ُۃ اہّٰللِ َع َل ْیه
से क्रिके ट के बार्े में कई मतरबा सवु ाल क्रकया र्गया। जाक्रमअ़तर्ु र जा की
वेबसाइट पर् ऑडीयो की शक्ल में तलाश कर्ने पर् ग्यार्ह सवु ालात क्रमलते
हैं क्रजनको हम यहािं नक़्ल कर् र्हे हैं :
(1) क्रिके ट कोक्रचिंर्ग चलाना
सुवाल: क्या क्रिके ट कोक्रचिंर्ग (Cricket Coaching) चलाना या’नी
क्रिके ट खेलना क्रसखाना कै सा है? और् इस से आमदनी जाइज है या नहीं ?
जवाब: ये नाजाइज है और् आमदनी भी जाइज नहीं।
(2) क्रिके ट से पैसे कमाना
सवु ाल: क्रिके ट खेल कर् पैसे कमाना जाइज है या नाजाइज?
जवाब: इस में तफ़्सील दर्कार् है क्रक क्रिके ट क्रकस के साथ खेला और्
क्रकस ने पैसे क्रदए। (इस के बा’द जवाब क्रदया जा सकता है।)
फ़ाइदा:
ये मजु मल सवु ाल है जो तफ़्सील तलब है क्यों क्रक इस की कई सर्ू तें बन
सकती हैं। ऐसी ही अर्गर् कोई सर्ू त क्रकसी के जहन में हो तो उसे क्रकसी सन्ु नी
मफ़्ु ती साक्रहब को तफ़्सील बता कर् जवाब मा’लमू क्रकया जाए।
(3) वक्रजरश के क्रलए खेलना
सुवाल: क्रिके ट को क्रफ़टनैस (Fitness) के क्रलए खेलना कै सा है?
जवाब: कोई और् वक्रजरश की जाए।
क्रिके ट 19
फ़ाइदा:
हम पहले भी इस पर् क्रलख चक
ु े हैं क्रक वक्रजरश के नाम पर् अर्गचे थोड़ा बहुत
कभी कभार् खेल लेना जाइज है लेक्रकन बेहतर् यही है क्रक वक्रजरश के क्रलए
कोई और् जर्ीया अपनाया जाए। खेलने वालों को क्रफर् इस की आदत लर्ग
जाती है।
(4) टीवी पर् क्रिके ट देखना
सवु ाल क्रकया र्गया ऐसे शख़्स के बार्े में जो टीवी पर् क्रिके ट देखता है और्
दसू र्ों को भी क्रदखाता है।
जवाब: ऐसा शख़्स फ़ाक्रसक है और् इस का ये अ़मल नाजाइज हर्ाम है।
(5) टीवी पर् क्रिके ट देखने वाले की इमामत का हुक्म
सवाल: क्रकया र्गया क्रक टीवी पर् क्रिके ट देखने वाले की इमामत का क्या
हुक्म है?
जवाब: जो शख़्स टीवी पर् क्रिके ट देखने का शौकीन है तो उसे इमाम
बनाना जाइज नहीं।
(6) क्रिके ट टीम के क्रलए दुआ़ कर्ना
सवु ाल क्रकया र्गया क्रक क्रकसी टीम के क्रलए उस के जीतने की दआ
ु कर्ना
कै सा है? जैसा क्रक वकडर कप (World Cup) के वक़्त की जाती है।
जवाब: लह्वो लइ़ब शर्अन नाजाइजो हर्ाम है।
फ़ाइदा:
जब ये खेल कूद जाइज नहीं तो क्रफर् ऐसे काम के हक में दआ़
ु कर्ना भी
जाइज नहीं।
क्रिके ट 20
(7) क्रिके ट को पेशा बनाना
सवु ाल क्रकया र्गया क्रक क्रिके ट को पेशा बनाना कै सा है? क्या इस के जर्ीए
पैसे कमाए जा सकते हैं जब क्रक नमाज पढ़ी जाए और् क्रसत्र पोशी भी हो।
जवाब: हुजर्ू ताजश्ु शर्ीअ़ह ने ऐसे शख़्स को क्रहदायत फ़र्माई क्रक इस लह्वो
लइ़ब की सर्ू त से बचे और् कोई सजिं ीदा पेशा अपनाए और् अकलाह र्ोजी
देने वाला है। कोई शर्ाफ़त वाला काम क्रकया जाए।
(8) चिंद क्रमनट के क्रलए क्रिके ट, फूटबाल, टेक्रनस वग़ैर्ा खेलना
अग्रिं ेजी में सवु ाल क्रकया र्गया क्रक चिंद क्रमनटों के क्रलए क्रिके ट, टेक्रनस वग़ैर्ा
खेलना कै सा है?
जवाब: लह्वो लइ़ब (या’नी खेल कूद) शर्अन नाजाइज हैं। अर्गर् वक्रजरश
की क्रनयत से कभी कभार् थोड़ा खेल क्रलया जाए और् इस में क्रसत्र पोशी हो
तो हजर नहीं है।
(9) शमअ़
् सक्रबस्ताने र्जा में क्रिके ट का वजीफ़ा
सवु ाल क्रकया र्गया क्रक क्रकताब शमअ़
् सक्रबस्ताने र्जा में है क्रक आ’ला हजर्त
ने कुफ़्फ़ार् के क्रख़लाफ़ क्रिके ट जीतने का कोई वजीफ़ा इ़नायत क्रकया था,
उस की क्या हकीकत है?
जवाब : ये मो’तमद नहीं और् इस क्रकताब में कई ऐसी बातें आ’ला हजर्त
की तर्फ़ और् बजु र्गु ों की तर्फ़ मसिं बू कर् दी र्गई हैं।
फ़ाइदा:
शमअ़् सक्रबस्ताने र्जा नामी क्रकताब को बा’ज लोर्ग आ’ला हजर्त की
क्रकताब समझते हैं जो क्रक क्रबककुल ग़लत है। ये क्रकताब आ’ला हजर्त की
नहीं है। इस क्रकताब के बार्े में उ़लमाए अहले सन्ु नत ने कलाम फ़र्माया है।
क्रिके ट 21
ये मो’तबर् नहीं।
(10) क्रिके ट और् टेक्रनस की इजाजत नहीं
सवु ाल क्रकया र्गया क्रक क्या क्रिके ट और् टेक्रनस खेलने की इजाजत है?
जवाब: इजाजत नहीं है।
(11) टाइम पास के क्रलए खेलना
सवु ाल क्रकया र्गया क्रक क्रबना पैसे लर्गाए क्रसफर टाइम पास (Time Pass) के
क्रलए कै र्म (Carrom) और् क्रिके ट वग़ैर्ा खेल सकते हैं?
जवाब: नहीं खेल सकते क्यों क्रक ये खेल कूद में शमु ार् होर्गा। (मल ु ख़सन)
फ़ाइदा:
मज़्जकूर्ा सवु ालात और् उनके जवाबात से क्रबलकुल वाजेह समझ में आता
है क्रक क्रिके ट वग़ैर्ा खेलने की इजाजत नहीं और् जहािं तक इजाजत है भी
तो इस से बचना भी बेहतर् है क्यों क्रक “जक ु ाम को र्ोको ताक्रक बख़
ु ार् ना
आए” पर् अमल कर्ना चाक्रहए।
खेल कूद के मौजूअ़ पर् और् कई फ़तावा हैं क्रजन्हें हम दसू र्े उ़न्वानात के
तह़्त लाएाँर्गे। क्रमसाल के तौर् पर् शतर्िंज खेलना, ताश के पत्ते खेलना, कै र्म
बोडर का खेल और् इसी तर्ह कई खेलों की तफ़्सील हम जाक्रमउ़ल फ़तावा
के दसू र्े क्रहस्सों में पेश कर्ेंर्गे। आक्रख़र् में एक लतीफ़ा अजर कर् के इस रर्साले
को मक ु म्मल कर्ना चाहता ह।ाँ
लतीफ़ा :
शरूु से ही मझु े इस खेल से एक नफ़र्त सी है लेक्रकन इस की वजह वो नहीं
है जो में अब बताने जा र्हा ह।ाँ
मैंने अपनी क्रजिंदर्गी में एक दो मतरबा ही इस खेल को खेला होर्गा। मझु े एक
ही बार् खेलना क्रजयादा याद है जब मेर्ी उम्र तकर्ीबन 14 साल र्ही होर्गी।
क्रिके ट 23
कुि दोस्तों ने मझु े क्रिके ट खेलने के क्रलए बल ु ाया तो मैंने कहा क्रक मझु े नहीं
आता लेक्रकन वो इसर्ार् कर् के मझु े ले र्गए। उस क्रदन दो मैक्रचज (Matches)
हुए। कुल ग्यार्ह से बार्ह ही लड़के खेलने वाले थे तो दो टीम बनाने का
तर्ीका ये था क्रक जब दो लोर्ग बकलेबाजी कर् र्हे होते तो सार्े फीक्रकडिंर्ग
(Fielding) कर्ते या’नी मझु े पर्ू े खेल में दोनों तर्फ़ से फीक्रकडिंर्ग कर्नी
पड़ी। बकलेबाजी में पहले उसे ही उतार्ा जाता जो खेलने में अच्िा होता
तो इस तर्ह मझु े बकलेबाजी का मौका ही नहीं क्रमला। पहले मैच में ही थक
र्गया था क्रफर् दसू र्े मैच की िे र्गेंदों के क्रलए बकलेबाजी का मौका क्रमला
क्रजसमें ित्तीस (36) र्न बनाने थे और् जब बकले को पकड़ कर् खड़ा हुआ
तो आवाज आई क्रक "आज तुम्हें हमें जीत क्रदलानी है” क्रफर् दबु ार्ा कभी
क्रिके ट खेला हो मुझे याद नहीं।
अकलाह तआ़ला का कर्म है क्रक ऐसी चीजों से दर्ू र्खा और् अपने दीन
की इशाअत की तौफ़ीक बख़्शी। र्ब्बे कर्ीम हमार्े नौजवानों को दीने हक
की क्रख़दमत में अपनी तवानाई और् वक़्त को ख़चर कर्ने की तौफ़ीक अ़ता
फ़र्माए।