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महा लक्ष्मी स्तोत्र
महा लक्ष्मी स्तोत्र
गुCदे व 'ताप से लेखनी मF Gकया वास। ल/मी HतोJ ‘चमन’ Lलखने लगा है
दास।
/ातः स@धया समय जो पढ़े मान NवOवास। उसके घर मF ल/मी सदा हR करे
Sनवास।
जय जय महा ल/मी पण
ू U क9जो काम।दे वी तेरे चरणV मF लाख लाख 'णाम ।
कमल मख
ु कमल नाLभ N'य नाम तेरा।सदा तेरे चरणV मF 'णाम मेरा।
तू Lस\]ध सध
ु ा मेघा 5\धा कहावे । तू Hवाहा Jयलोक9 पNवJ बनावे ।
सभी पाते हf सख
ु गुण तेरे गा कर।कC व@दना मF भी Lसर को झुका कर ।
दोहाः hयापक है संसार मF घट घट तेरा वास । 5ी NवWणु भगवान के रहो सदा
हR पास।
तम
ु ने हR Jयलोक को जीवन दान jदया है । महा ल/मी तम
ु ने सब का
कbयाण Gकया है ।
गह
ृ धन धा@य सkब@धी सारे पJ
ु और नारR।तेरR दया से जतलाते हf
6रOतेदारR।
कोई रोग शरRर को आकर नहRं दबाता।तेरा नाम द6रaR को धनवान बनाता।
पmनी पSत व पJ
ु सभी खश
ु हाल बना दो।कमU गSत से आने वाले कWट Lमटा
दो।
वHJ आभष
ू ण Gकसी चीज क9 कमी रहे न। Gकसी 'कार क9 ]च@ता मन मF
लगी रहे ना ।
श\
ु ]ध शील सoचाई सब गुण भर दे ती हो। ‘चमन’ कृपा तम
ु अपनी िजस पर
कर दे ती हो।
कमल नैन महा ल/मी दास पे रहो 'स@न।तेरR दया से बन सके जीवन मेरा
ध@य ।
मान रjहत होकर पढ़े HतोJ यह शतवार।. महा ल/मी उसके ‘चमन’ भर दे गी
भ3डार ।
श\
ु ध भाव से स@
ु दर मौलR क9 तार पहनाये । भोग लगा कर मेवे का Gफर
HतोJ गाये।
महा ल/मी उसके सभी Zबगड़े भाग बनाये। एक पाठ Sनmय पढ़े उठ कर 'ातः
काल ।
इसी म@J क9 Sनmय हR •यारह माला कर ले। Sन@दया HतSु त mयाग समय
कुछ मौन भी घर लF।
मनो कामना महा ल/मी करे गी परू R। कोई आशा Gफर ना उसक9 रहे अधरू R।
यहR ऋNष पराशर ने LमJV को बतलाया। यहR NवWणु परु ाण मF वेद hयास जी
गाया।
नारायण ने म@J यहR भि•त का Lसखाया। 5\धा 'ेम से ‘चमन’ जो करे गा
इसका जाप |
उस गह
ृ Hथ के घर सदा करे ल/मी वास, पढ़े जो HतोJ यह Sनसjदन कर
NवOवास।
कम‚ के अनस
ु ार हR माना सब फल पाए। Gफर भी तकदRरF बदल ह6र कृपा से
जाए।
Hवास Lमले अनमोल हf ह6र सLु मरन मF लगाओ। करो पाठ SनOचय ‘चमन’
मंह
ु मांगा फल पाओ।