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महा ल%मी 'तो*

क,त-न: जय नारायण 'ाण आधार ।जय महां ल/मी भरे भ3डार।

5ी ह6रं 'भु क9 'ेरणा शारदा जीभा आई। जग के तारन करने स@


ु दर भाव है
लाई।

गुCदे व 'ताप से लेखनी मF Gकया वास। ल/मी HतोJ ‘चमन’ Lलखने लगा है
दास।

/ातः स@धया समय जो पढ़े मान NवOवास। उसके घर मF ल/मी सदा हR करे
Sनवास।

जय जय महा ल/मी पण
ू U क9जो काम।दे वी तेरे चरणV मF लाख लाख 'णाम ।

सभी लोकV क9 जननी मातेOवरR । कमल सम है नेJ मां भव


ु नेOवरR ।

5ी NवWणु के वXHथल मF Zबराजे।कमल दल से नेJ कमल कर मF साजे ।

कमल मख
ु कमल नाLभ N'य नाम तेरा।सदा तेरे चरणV मF 'णाम मेरा।

तू Lस\]ध सध
ु ा मेघा 5\धा कहावे । तू Hवाहा Jयलोक9 पNवJ बनावे ।

'भा राZJ स@धया है सब ^प तेरे।NवभSू त सख


ु Vक9 भ3डारे मF तेरे।

उपासना कमU का3ड और इ@a जाला।Lशbप तकU Nव\या है तू हR कृपाला।

तू हR सरHवती dदय मF eान धरती।महाल/मी धन से भ3डार भरती ।

सभी पाते हf सख
ु गुण तेरे गा कर।कC व@दना मF भी Lसर को झुका कर ।
दोहाः hयापक है संसार मF घट घट तेरा वास । 5ी NवWणु भगवान के रहो सदा
हR पास।

तम
ु ने हR Jयलोक को जीवन दान jदया है । महा ल/मी तम
ु ने सब का
कbयाण Gकया है ।

गह
ृ धन धा@य सkब@धी सारे पJ
ु और नारR।तेरR दया से जतलाते हf
6रOतेदारR।

शJु पX तेरR कृपा से Lमट जाते है । जीव सभी लोकV के सख


ु V को पाते है ।

कोई रोग शरRर को आकर नहRं दबाता।तेरा नाम द6रaR को धनवान बनाता।

मात ल/मी भरो सदा मेरे भ3डारे । घर मF भोग सामlी हो सख


ु भोगू सारे ।

पmनी पSत व पJ
ु सभी खश
ु हाल बना दो।कमU गSत से आने वाले कWट Lमटा
दो।

वHJ आभष
ू ण Gकसी चीज क9 कमी रहे न। Gकसी 'कार क9 ]च@ता मन मF
लगी रहे ना ।

श\
ु ]ध शील सoचाई सब गुण भर दे ती हो। ‘चमन’ कृपा तम
ु अपनी िजस पर
कर दे ती हो।

दया से तेरR Zबगड़े काम सध


ु र जाते है । कृपा से तेरR ‘चमन’ भ3डारे भर जाते
है ।

दे वी िजस पर तेरR sिWट पड़ जाती है । SनOचय हR उसक9 सkपNt बढ़ जाती


है ।
दोहा:– मानयोग गुणी ध@य वहR है ब\
ु ]धमान”िजसने यह HतोJ पढ़ Gकया
तk
ु हारा uयान।

NवWणु N'या जग जननी मां कCं तk


ु हारा uयान।’चमन’ का अब Hवीका6रयो
लाख लाख 'णाम।

कमल नैन महा ल/मी दास पे रहो 'स@न।तेरR दया से बन सके जीवन मेरा
ध@य ।

महा ल/मी HतोJ को पढ़े जो करके नेम ।5\धा और NवOवास हो मन मF


सoचा 'ेम।

मान रjहत होकर पढ़े HतोJ यह शतवार।. महा ल/मी उसके ‘चमन’ भर दे गी
भ3डार ।

महा ल/मी क9 मSू तU चौक9 पर सजाए। धप


ू सग
ु ि@धत लेकर घी क9 जोत
जलाए।

गंगा जल के साथ Gफर Sतलक व पWु प चढ़ाए।मौन धारकर पढ़े या HतोJ


गाए।

श\
ु ध भाव से स@
ु दर मौलR क9 तार पहनाये । भोग लगा कर मेवे का Gफर
HतोJ गाये।

रै न jदवस शतवार हR पाठ पढ़े Sनराहार । दान प3


ु य करता रहे ‘चमन’ जो
Nवत अनस
ु ार।
लोहे को सोना करे बकUत भरे अपार । पoचीस पाठ पoचीस jदन पढ़े Zबना
अ@न खाये।

महा ल/मी उसके सभी Zबगड़े भाग बनाये। एक पाठ Sनmय पढ़े उठ कर 'ातः
काल ।

बकUत हाथ मF आएगी जेब से हो माला माल।उसके घर से ल/मी कभी न


आये बाहर।

भोजन दे Gकसी Nव' को सात मास सं{ा@त | द|Xणा दे 'स@न कर रखे


Sनज मन शांत।

चोगा ]चड़ी कबत


ू र को डाले हर बध
ु वार । Lसमरे नाम नारायण का
5\धा /ेम को धार।

पाठ पOचात गंगा जल को Sछड़के कर uयान ।ऊ 5ी 5ी आये नमः जपे म@J


करे कbयाण |

इसी म@J क9 Sनmय हR •यारह माला कर ले। Sन@दया HतSु त mयाग समय
कुछ मौन भी घर लF।

मनो कामना महा ल/मी करे गी परू R। कोई आशा Gफर ना उसक9 रहे अधरू R।

दोहाः महा ल/मी HतोJ यह Lलखवाया ह6र आप |सत


ू जी ने ऋNषयV को यह
समझाया।

यहR ऋNष पराशर ने LमJV को बतलाया। यहR NवWणु परु ाण मF वेद hयास जी
गाया।
नारायण ने म@J यहR भि•त का Lसखाया। 5\धा 'ेम से ‘चमन’ जो करे गा
इसका जाप |

उस गह
ृ Hथ के घर सदा करे ल/मी वास, पढ़े जो HतोJ यह Sनसjदन कर
NवOवास।

कम‚ के अनस
ु ार हR माना सब फल पाए। Gफर भी तकदRरF बदल ह6र कृपा से
जाए।

Hवास Lमले अनमोल हf ह6र सLु मरन मF लगाओ। करो पाठ SनOचय ‘चमन’
मंह
ु मांगा फल पाओ।

]च@ता न कर कोई भी रखवाला भगवान। महां ल/मी HतोJ पढ़ कर कुछ


हाथ से दान।

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