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कौन रोएगा

आपक मृ यु पर?
‘ द मंक सो ड हज़ फ़रारी’ से जीवन के उपदे श

Who Will Cry When You Die?

रॉ बन शमा
काशक
जयको प ल शग हाउस
ए-2 जश चबस, 7-ए, सर फ़रोज़शाह मेहता रोड
फोट, मु बई- 400 001
jaicopub@jaicobooks.com
www.jaicobooks.com

हापर कॉ ल स प लशस ल मटे ड,


टोरंटो, कनाडा के सहयोग से

© रॉ बन शमा

WHO WILL CRY WHEN YOU DIE?


कौन रोएगा आपक मृ यु पर?
ISBN 978-81-8495-114-1

अनुवादक: डॉ. वीना ीवा तव

पहला जयको सं करण: 2010


इ क सवां जयको सं करण: 2016

बना काशक क ल खत अनुम त के इस पु तक का कोई भी भाग, कसी भी कार से


इ तेमाल नह कया जा सकता, न कॉपी कराई जा सकती है, न रका डग और न ही
क यूटर या कसी अ य मा यम से टोर कया जा सकता है।
शंसा के कुछ श द
‘ द मंक सो ड हज़ फ़रारी’ के लए

“ दल पर छा जाने वाली एक कहानी जो सीख के साथ खुशी दे ती है।” पाउलो कोयलो ‘ द


एलके म ट’ के लेखक।
“सनसनीदार से कम नह । यह कताब आपके जीवन म वरदान सा बत होगी।” माक व टर
हैनसन, सह लेखक, चकन सूप फॉर द सोल।
“रॉ बन शमा ने एक ऐसी आकषक कहानी रची है जो ाचीन तरीक को सरल जीवन दशन
म पा त रत करती है। एक हषवधक पु तक जो आपका जीवन बदल दे गी।” इलेन सट
जे स, स प लफाई यूअर लाइफ और इनर स प ल सट के लेखक।
‘यह मनोरंजक, मन को हरने वाली का प नक श का अपने गत वकास, गत
भावशीलता और गत स ता के े म योग है। इसम ान क दौलत है जो हर
इ सान के जीवन को बेहतर और ग तशील बना सकती है।” ायन े सी, मै समम
एचीवमट क ले खका।
“रॉ बन शमा के पास हम सबके लए एक मह वपूण स दे श है। वह जो हमारे जीवन को
बदल सकता है। उ ह ने अपने तरह क एक अलग कताब लखी है जो इस भागदौड़ के युग
म हम गत स तु दे ती है।” कॉट डी गारमो, पूव काशक, स सेस मैगज़ीन।
“जीवन के मह वपूण पर काश डालती है।” द एडम टन जनरल।
“ द मंक सो ड हज़ फ़रारी” एक तालमेल वाली, लाभदायक और पढ़ने लायक पु तक
है। यह वा तव म पाठक को जीवन क इस दौड़ का सामना करना सखाती है।” द
कग टन वग टै डड।
“एक शानदार पु तक। रॉ बन शमा अगले ऑग मैनडीनो ह।” डौट वॉ टस, पीक ए ड ो
रच के लेखक।
“साधारण ववेक जससे हर को लाभ मल सकता है।” द कैलगेरी हेरा ड।
“इस पु तक को ‘ द वे द बाबर’ जो गत वकास से स बं धत है क ेणी म रखा जा
सकता है। इसके अ त ान से प रपूण स दे श जीवन म बेहतर स तुलन, संयम और
भावशीलता लाने म सहायक स होगा।” इ वे टमे ट ए ज़ी यू टव।
“एक स प – एक समृ और श शाली तरीका जससे वा त वक सफलता और खुशी
पाई जा सकती है। रॉ बन शमा ने युग के ान को सम वत करके उसे इस संघषपूण काल
के लायक बनाया है। यह म भी नह कर पाया था। जो टाई, नेवर फयर और नेवर वट के
लेखक।
“अपने साम य तक प ँचने के सरल तरीके।” द हैडीफै स डेली यूज़।
“एक अ त कहानी जसके पाठ से आप जीवन को समृ ता से पूण कर सकते ह।” केन
वेगोट क , लेखक, द अ ट मेट पावर।
“एक अ य त उ दा तरीके से बनाई गयी कहानी जो सरल तरीको से आ यजनक प से
कसी के भी जीवन म सुधार ला सकती है। म इस ब मू य पु तक को पढ़ने क सलाह
अपने सब मु व कल को दे रहा ँ।” जॉज व लय स, े सडट, कैरेट क सल टग
इ टरनेशनल।
“रॉ बन शमा आ या म क उँची राह के साथ-साथ गत स तु भी दान करते ह।” द
ओटावा स टज़न।
“रॉ बन पूव और वतमान के ान को पाठक क पस द के हसाब से स हत करते ह।
अपने आप करने वाली पु तका सव च को ट क गत उपल ध का एक-एक कदम
नधा रत करती है। सफलता के रह य म शारी रक वा य और मान सक स तुलन भी
शा मल है। रॉ बन का स दे श इतना श शाली है क यह एक तेज काशवान करण क
तरह है। उनके श द जा ई ह।” - द ह ।
“रॉ बन शमा के े स ेषण चातुय ने उ ह नया के सफलतम अ णय वचारक क
ेणी म खड़ा कर दया है जनक वचारधारा वसाय म नेतृ व और जीवन से संबं धत
है।” द टाइ स ऑफ इं डया।
“हर कोई नेता है … काय े म नेतृ व के नये आयाम आपको बेहतर स मान और काय
करने का एक सकारा मक अनुभव दगे। रॉ बन जीवन के हर मह वपूण े म स तुलन
हा सल करने म व ास रखते ह। उनक कताब मश र खला ड़य और नामी हॉ लवुड
सतार ने पस द क है।” द इकोनो मक टाइ स।
“उनक श ण शालाएँ मैने जग डायरे ट् रस, फ मी सतार से लेकर डायरे ट् रस और
अ धका रय तक को लुभाते ह। द पक चोपड़ा एक आ य मक लेखक ह जब क रॉ बन
यादा वहा रक प से जीवन दशन को सरलता दान करते ह।” द इ डयन ए स ेस।
‘रॉ बन शमा आज एक अ तरा ीय सवा धक बकने वाले लेखक ह। वह श जसका
भरोसा कया जा सकता है।” सट इ डयन ए स ेस।
“एक हँसमुख व, मु कुराता चेहरा और गत संबंध था पत करने क ाकृ तक
काब लयत के साथ रॉ बन के लए श ण गु बनना मु कल नह था। वह उपा ध जसे
मानने से वे इ कार करते ह। द ेस जरनल।
“पु तक सादगी से भरी ई पर तु ेरणा से प रपूण एक सफल वक ल क कहानी है जो
जीवन क बेहतर स तु के लए सबकुछ छोड़ दे ता है। एक महान उ े य क भावना,
स ता और स तोष क अ भलाषा इसम चुरता म नज़र आती है।” डी एन ए।
“रॉ बन अपनी अ य पु तक क तरह इसम भी सकारा मक उजा क करण फैलाकर
वसाय और आ म सहयोग दोन दशा म अपनी पस द दशाते ह। रॉ बन का वा तव म
व ास है क उनके अनुभव ने ब त से लोग क मदद क है वशेषकर जब वे संगठन के
स लेते ह।” द ए शयन एज़।
“रॉ बन से मलने के बाद हर इ सान इस भावना के साथ वापस आता है क वह आदमी
स चा है।” डेकन हेरा ड।
“मश र आ म सहायता के गु रॉ बन शमा को पढ़ने वाल क सू च म पूव इज़रायली
धानमं ी और नोबल ाइज़ वजेता समौन पयस मशैल योह और रक मा टन जैसे लोग
शा मल ह।” वजय टाइ स।
“शमा पाठक को ान के काश क ओर ले जाते ह।” द ो नकल हेरा ड।
“वे एक फलदायक नाम ह पर तु ेरणादायक व ा के े म वे गु कहलाना पस द नह
करते ह। वह जायज़ भी है य क एक संगठन के श क के नाते भारतीय नेता के
ारा वे अपनी क पना और लयाकत के लए पहली पस द ह जो एक व तर के संगठन
को सही ढर पर ला सकता है।” द यू इ डयन ए स ेस।
शंसा के कुछ श द
‘लीडर शप वज़डम ॉम द मंक सो ड हज़ फ़रारी’

“साल क सव े वसा यक पु तक म से एक” ॉ फट मैगज़ीन।


“अ य त सूचनावधक, पढ़ने म आसान और अ य त सहायतापूण… हमने इसक तयाँ
अपनी मैनेजमट ट म और टोर ऑपरे्टस म बाँट ह। प रणाम अ यंत सकारा मक रहे।”
डे वड लूम, सी.ई.ओ, शॉपस ग माट।
“रॉ बन शमा के पास व छ और वा त वक तरीके ह जनके ज़ रए वे आज के युग के
संघषपूण नेतृ व ववाद का अ यंत पु समाधान दशाते ह। यह इतना ताज़गी से भरा आ है
जब क वसा यक अ धकारी इतनी नरथक बात को सुन रहे ह।” ईआन टनर, मैनेजर,
सले टका ल नग सटर।
“यह पु तक बु म ा और साधारण ान के प म सोने क खदान के समान है।” डीन
लैरी टै प, रचड आइवी कूल ऑफ बज़नेस, यू नव सट ऑफ वे टन ऑनटे रयो।
“एक बेहतरीन कताब जो कसी भी वसा यक को आगे बढ़ने और जीवन को और
भावशाली तरीके से जीने म मदद करेगी।” जम ओ नील, डायरे टर ऑफ ऑपरेश स्,
ड ट से स ड वज़न, ल डन लाइफ।
“मंक वसाय म संतुलन क राह दखाता है … कताब असरदार है।” द टोरो टो टार।
“लीडर शप वज़डम ॉम द मंक सो ड हज़ फ़रारी” सव े कताब क सू च म उ च
थान हण करेगी।” इ वे टमट ए ज़ी यू टव।
“शमा का उ े य पाठक को अ त दान करके एक क पनाशील नेता बनाना है और
उनक मदद करके उनके संगठन को इस प रवतन के युग म बदलाव लाकर वक सत करना
है।” से स मोशन मैगज़ीन।
“शमा ने पूव और प म के महान दाश नक के ान का सम वय करके उसका वसाय
क नया म योग कया है।” द लबरल।
“शमा पूव गु क श ा पर काश डालकर रा ता दखाते ह क कस तरह हम इस
प रवतनशील, मशीनी युग क च ता का सामना कर सक।” द रेड डयर एडवोकेट।
म यह पु तक अपने पाठक को सम पत करता ।ँ काश आप इसम खोजे ए जीवन के इन
पाठ को अपने आस-पास के लोग के जीवन म सुधार लाने के य न म अपनी स पूण
तभा का दशन कर सक।
यह कताब मेरे ब च को बी और बया का को भी सम पत है जो क मेरे जीवन के दो
महानतम श क सा बत ए ह। म इनसे अ य त ेम करता ँ।
जीवन क ासद मृ यु म नह ब क जीते जी अपने अ तमन को मार दे ने म है।

-नॉमन क ज़न्स
वषय-सू च
तावना
1.  अपना ल य खो जए
2.   त दन कसी एक अजनबी पर उपकार क जए
3.  अपना क ण बनाये र खये
4.   ढ़ ेम का अ यास क रए
5.  दै नक प का बनाएं
6.  ईमानदारी के म का वकास क रए
7.  अपने अतीत का आदर क रए
8.  अपने दन क अ छ शु आत क रए
9.   श ता के साथ न बोलना सी खए
10.  सा ता हक व ाम ली जए
11.  खुद से वातालाप क रए
12.   च ता करने का समय नधा रत क रए
13.  ब च को आदश बनाइए
14.  याद र खए, तभा 99 तशत ेरणा होती है
15.  म दर क हफ़ाजत क रए
16.  शा त रहना सी खए
17.  अपने आदश पड़ोस के बारे म सो चए
18.  सुबह ज द उठ
19.  अपनी परेशा नय को आशीवाद सम झए
20.  ब तायत म हँ सए
21.  एक दन बना घड़ी के बताइए
22.   यादा जो खम ली जए
23.  जीवन जओ
24.  चल च से सी खए
25.  अपने धन को आश वाद द जए
26.  यो यता पर यान द जए
27.  ध यवाद क ट पणी ल खए
28.  हमेशा अपने साथ एक कताब र खए
29.   यार का बहीखाता बनाइए
30.  ल ग के आँख क पुतली के पीछे जाइए
31.  अपनी परेशा नय क सूची बनाइए
32.  काय स पादन क आदत डा लए
33.  अपने ब च को एक उपहार सम झए
34.  रा ते का आन द ली जए न क पुर कार का
35.  याद र खए क प रवतन के पहले जाग कता आती है
36.  ‘ ूज़डेज वद मौरी’ प ढ़ए
37.  अपने समय के वामी ब नए
38.  अपने को शा त र खए
39.   नदे शक क प रषद क भत क जए
40.  अपने अ थर दमाग का इलाज क रए
41.   पूछने म न हचक
42.  अपने पेशे म उ च अथ ढूं ढ़ए
43.  अपने पु तकालय म महापु ष क पु तक र खए
44.  अपनी तभा का वकास क रए
45.   कृ त से स ब ध जो ड़ए
46.  रा ते के समय का उपयोग क रए
47.  समाचार का त र खए
48.  अपने उ े य को ग भीरता से ल
49.  21 का नयम याद र खए
50.   मादान कर
51.  ताजे फल का रस पी जए
52.  प र कृत वातावरण का सृजन क रए
53.  जंगल क ओर मण को जाएं
54.  एक गु बनाएं
55.  एक छोटा अवकाश ल
56.  एक वयंसेवी ब नए
57.  पृथकता के छः कदम को चु नए
58.   त दन संगीत सु नए
59.  धरोहर के प म वा य ल खए
60.  तीन महान म बनाइए
61.  ‘ द आ ट ट् स वे’ प ढ़ए
62.   यान लगाना सी खए
63.  जी वत रहते अ तम सं कार क जए
64.   शकायत छोड़कर जीना शु क रए
65.  अपना मह व बढ़ाइये
66.  एक अ छे अ भभावक बन
67.  द कयानूसी न रह
68.  अपने ल य का प र खए
69.  अपने संवेग पर नय ण रख
70.  साधारण का वाद ली जए
71.  भ सना करना ब द क रए
72.  अपने दन म पूरी ज़ दगी दे खए
73.   भु व के र ते का सृजन कर
74.  अपने वहार क दनचया बनाइए
75.  एक समृ वा त वकता क क पना क रए
76.  अपने जीवन के सी.ई.ओ. ब नए
77.   वन ब नए
78.  हर पु तक को पढ़कर समा त मत क जए
79.  अपने साथ कठोरता का वहार न कर
80.  शा त रहने क त ा क जए
81.  फोन पर घ ट बजने पर हर बार फोन न उठाएं
82.  याद र खए मनोरंजन म सृजन का थान होना चा हए
83.  का बल वरोधी चु नए
84.  कम सोइए
85.  प रवार के खाने का समय र खए
86.  छद्मवेष धारण क रए
87.  सावज नक वातालाप का श ण ली जए
88.  छोट बात को मत सो चए
89.  उन बात के लए च तत न ह ज ह आप बदल नह सकते
90.  चलना सी खए
91.  अपने जीवन क कहानी दोबारा ल खए
92.  वृ उगाइए
93.  अपनी शां त के लए जगह ढूं ढ़ए
94.   यादा त वीर ली जए
95.  साहसी बन
96.  तनाव से छु टकारा पा कर घर आइए
97.  अपनी मूल वृ य का आदर क रए
98.   ेरक उ रण को एक त क रए
99.  अपने काम से ेम क रए
100.   वाथहीन सेवा क रए
101.  प रपूण जीवन जएं जससे आप स ता के साथ मृ यु ा त कर
तावना

म इस पु तक का चुनाव करने के लए आपका स मान करता ं। ऐसा करके आपने


अपने जीवन को अ धक सावधानी, स ता और स पूणता से जीने का नणय ले लया है।
आपने अपने जीवन को भा य के भरोसे या एक भूल क तरह जीने के बजाए अपनी पस द
और क पनानुसार जीने का न य कर लया है। और इसके लए म आपक शंसा करता
ं।
जब म ‘ द मंक सो ड हज फ़रारी’ क ृंखला के पूव दो पु तक लख रहा था। मुझे
पाठक के अन गनत प मले जनके जीवन उस ान को पाकर बदल गये। उन पु ष और
य के ने मुझे ेरणा द और मेरे दय को छू लया। ब त से प ने मुझे ‘आट
ऑफ ल वग’ के पाठ का सार नकालने के लए े रत कया। और यही वजह है क वे सब
बात जनके बार म मुझे व ास है क वे आपके जीवन म सकारा मक बदलाव ला सकती
ह, म उ ह इक ा करने मे जुट गया।
आगे के पृ म जो भी लखा है वे दल से महसूस क गई चीज है और इस आशा के
साथ लखी गई ह क आप न सफ उस ववेक के साथ जुड़ेगे पर तु उस पर अमल करके
अपने जीवन म थायी सुधार भी लायगे। अपने खुद के अनुभव से मैने सीखा क सफ यह
जानना आव यक नह है क हम या करना है पर तु उस ान का उपयोग हम अपने जीवन
म करना चा हए तभी हम अपनी इ छा के अनुसार जीवन बता सकते ह।
और जैसे ही आप ‘ द मंक सो ड हज फ़रारी’ क ृंखला क इस तीसरी पु तक के
पृ पलटगे मुझे आशा है क आप ान के उस भ डार को खोज लगे जो आपके जीवन के
वसा यक, गत और आ या मक वल णता क चुरता को बढ़ाएगा। कृपया मुझे
लख, ई-मेल भेजे या मेरी कसी कायशाला म मुझसे सा ा कार करके मुझे आप उन
अनुभव से अवगत कराएं जो आपने इस पु तक को पढ़कर सं हत कये ह। म आपके प
के गत प से जवाब दे ने क पूरी को शश क ं गा। म आपको शुभकामना दे ता ं क
आपको अन त शा त मले, आप महान ग त हा सल कर और आप अपना अ धकतर
समय कसी मह वपूण उ े य क ा त म बताएं।

-रॉ बन एस. शमा


पाठक के लए टोल- मा यम: 1-888 R-SHARMA
ई-मेल: wisdom@robinsharma.com
इ टरनेट: www.robinsharma.com
अ याय 1

अपना ल य खो जए

जब म बड़ा हो रहा था तो मेरे पता ने मुझसे कुछ ऐसा कहा जो म कभी नह भूल
सकता, “बेटा तुम जब पैदा ए तो तुम रोए जबक पूरी नया ने ज मनाया। अपना
जीवन ऐसे जयो क तु हारी मौत पर पूरी नया रोए जब क तुम ज मनाओ।” हम उस
काल म जी रहे ह जहाँ हम जीवन का अथ भूल गए ह। हम ब त आसानी से इ सान को
च मा पर भेज रहे ह पर हमारे लए सड़क पार करके अपने पड़ोसी से मलना मु कल हो
रहा है। हम एक बा द मसाइल को बना कसी चूक के नया के आर-पार दाग सकते ह
पर तु अपने ब च को पु तकालय ले जाने का समय नकालने से चूक जाते ह। हमारे पास
ई-मेल, फै स मशीन और ड जटल फोन जैसे साधन ह जनके ारा हम ब त आसानी से
जुड़े रह सकते ह फर भी हम उस व म रह रहे ह जसम हम आपस म सबसे कम जुड़े ए
ह। हमने अपनी मानवता को खो दया है। हम अपने जीवन का उ े य भूल गए ह। हमने
जीवन क सबसे अहम बात को व मृत कर दया है।
और अब जब आप यह पु तक पढ़ने जा रहे, है म आदरपूवक आपसे पूछना चा ंगा क
ऐसा कौन है जो आपक मौत के बाद रोने वाला है। आप कतने जीवन पर अपनी छाप
डालगे जब क आपको इस ह पर चलने का मौका मला है। आने वाली पी ढ़य पर आपके
जीवन का या असर होगा। और आपने अपने अ तम पड़ाव से पहले या धरोहर छोड़ी।
एक सीख जो मने अपने जीवन से ली है वह यह है क अगर हम अपने जीवन का नय ण
अपने हाथ म नह लेते ह तो जीवन हम नय त करने लगता है। दन ह त म बीत जाते ह
ह ते महीन म और महीने साल म। सब कुछ इतना ज द ख म हो जाता है क हम सफ
जीवन को पूणता के साथ न जी पाने का अफ़सोस करते रह जाते ह। जाज बनाड शॉ क
मृ यु-शै या पर उनसे पूछा गया, “अगर आपको यह जीवन दोबारा जीने का मौका दया
जाए तो आप या करगे?” उ ह ने एक ल बी सांस लेकर कहा, “म वह इ सान बनना
चा ंगा जो म बन सकता था पर तु नह बना।” आपके साथ भी ऐसा न हो इस लए म यह
कताब लख रहा ं।
एक वसा यक व ा होने के नाते म अपने काम के सल सले म अपना अ धकतर
समय उ र अमरीका के पार अपने भाषण और स मेलन म तीत करता ं। एक शहर से
सरे शहर म वसाय क नया म नायक व के बारे म अपनी अ त और वचार को
व भ ल ग म बांटता ं। हांला क वे लोग जीवन के अलग-अलग रा त से आते ह पर तु
घूम फर कर उनके सफ एक बात पर के त रहते ह क वे कस कार अपने जीवन
का बेहतर अथ ढूँ ढ़ सकते ह। कस कार वे अपने काय ारा एक थायी सहयोग दान कर
सकते ह और इसके पहले क ब त दे र हो जाए वे अपने जीवन के सफर को आसान
बनाकर उसका आन द ले सक।
मेरा उ र हमेशा इसी तरह शु होता है: अपना ल य ढूं ढये। मुझे व ास है क सबम
व श गुण होते ह जो इस इ तजार म रहते ह क उनको कसी उ चत उ े य म उपयोग
कया जाए। हम सब यहाँ कसी अनूठे ल य के लए ह, एक ऐसा महान उ े य जो हम
अपनी मानवता के सव च गुण को उजागर करने म मदद दे सके और साथ ही हमारे आस-
पास के लोग के जीवन म कुछ अथ जोड़ सके। अपने ल य को खोजने का यह मतलब नह
है क आप वतमान के काय को छोड़ द। इसका अ य त सरल मायने है क आपको अपने
काम म उन चीज पर यादा यान दे ना चा हए जो आप सबसे ब ढ़या तरीके से कर सक
और अपनी छाप छोड़ सक। इसका मतलब है क आपको जस प रवतन क आशा है उसे
वा त वक प दे ने के लए सरे ल गो क त ा न कर और जैसा क महा मा गांधी ने
कहा था “उस बदलाव को वयं लाने क को शश क रए जो नया म दे खना चाहते ह।”
और जैसे ही आप यह करगे जीवन बदल जाएगा।
अ याय 2

त दन कसी एक अजनबी पर उपकार क जए

अपनी मृ यु-शै या पर एैलड् स ह सले ने अपने पूरे जीवन क श ा पर अपने वचार


कये और उसका सार सफ इन श द म दया, “हम एक सरे के लए दया भाव
रखना चा हए।” ब त बार हम सोचते ह क एक प रपूण जीवन जीने के लए हम कुछ
महान काय या शानदार अ भयान करना चा हए जो हमारा नाम अखबार और प का के
मु य पृ पर ला सके। स य से बढ़कर कुछ भी नह है। एक अथपूण जीवन त दन के
शालीन और दयालु काय का सम वय होता है जो क धीरे-धीरे एक त होकर जीवन धारा
को महान बना दे ते ह।
हर एक जससे आप जीवन म मलते ह वह या तो आपको कोई सीख दे ता है
और उसक अपनी कोई कहानी होती है। हर वह इ सान जससे हम अपने दन के ण म
मलते ह, वह हम अपनी भावना और आदर को चुर मा ा म कट करने का अवसर
दान करता है जो क हमारी मानवता को प रभा षत करता है। य नह आप अपने
व को खोए बना पूरा दन ऐसा काय करते ए बताएं जो आपके आस-पास क
नया को सुशो भत कर सके? मेरे अनुसार अगर आप एक दन म एक भी इ सान के चेहरे
पर मु कान ला सक या कसी अजनबी के मन को ो सा हत कर सक तो आपका जीवन
एक उपयोगी जीवन है। सरल भाषा म हम कह सकते ह क दयाभाव वह कराया है जो हम
इस ह पर रहने के लए कराए व प दे ना चा हए।
अपनी दयालुता को अजन बय पर कट करने के लए आपको अ धक सृजना मक
होने क आव यकता है। आपके पीछे वाली कार क चुंगी का भुगतान अदा करना, पगड डी
पर चलने वाले कसी असहाय को अपनी जगह दान कर दे ना और सर से पहले उनका
अ भवादन करना जैसे कई ब ढ़या तरीके ह जनसे शु आत क जा सकती है। हाल ही म
‘ द मंक सो ड हज़ फ़रारी’ क एक पा ठका ने मुझे वा शगटन टे ट से एक प लखा।
उसने लखा था, “मेरा उसूल है क म अपनी कमाई का दसवां ह सा उन लोग के साथ
बांटती ं ज ह ने मेरे अ या मक पथ पर मेरी मदद क है। कृपया 100 डॉलर के इस चेक
को मेरी शुभकामना और आश वाद के साथ वीकार कर।” मने तुर त उनक उदारता के
बदले म अपने एक काय म का ऑ डयो टे प उ र व प भेज दया जससे उ ह अपनी
भेजी ई भट का उपयु मू य ा त हो जाए। उनक यह भावना दयालुता और न कपट
वभाव क मह ा क श ा दे ती है।
अ याय 3

अपना क ण बनाये र खये

एक पुरानी कहानी के अनुसार एक दन एक को अ पताल के कमरे म कसी


ग भीर बीमारी के साथ लाया गया जहां एक और मरीज़ खड़क के पास क शै या पर
आराम कर रहा था। धीरे-धीरे उनम दो ती हो गई और खड़क के पास वाला रोगी रोज
खड़क से बाहर दे खता और उसके बाद कुछ घ टे वह अपने बीमार साथी को बाहर क
नया क सजीव ा या करते ए बताता। कसी दन वह अ पताल के सरी तरफ के
बगीचे म लगे ए वृ के हवा के झ को के साथ झूमने क सु दरता के बारे म बताता था।
कसी और दन वह अपने दो त का मनोरंजन उन लोग क एक एक बात बताकर करता जो
अ पताल के सामने से नकल रहे होते थे। जैस-े जैसे समय बीतता गया वह रोगी जो ब तर
से ब कुल नह उठ पाता था वह अपने दो त के ारा बतलाए जाने वाले अद्भुत य को
न दे ख पाने क असमथता से वच लत हो उठा। प रणाम व प वह उसे नापस द करने लगा
और धीरे-धीरे उसक नफरत ती घृणा म बदल गई।
एक रात खड़क के पास वाले मरीज को खांसी का दौरा पड़ा और उसने सांस लेना बंद
कर दया। सहायता बुलाने के लए बटन दबाने के बजाए सरा मरीज पड़ा रहा। सरी सुबह
वह रोगी जसने अपने म को खड़क से झांकते ए य का यौरा दे कर ब त सी खुशी
द थी, को मृत घो षत कर दया गया और अ पताल के उस कमरे से बाहर भेज दया गया।
सरे मरीज ने ज द ही अपना ब तर खड़क के पास लगाने का नवेदन कया जस पर
अ पताल क से वका ने तुर त अमल कया। पर तु जैसे ही उसने खड़क के बाहर के
य को दे खा बाहर के य ने उसे हला कर रख दया। खड़क के सामने ट क बनी ई
ठोस द वार थी। मृत म ने उसके मु कल समय को थोड़ा खुशहाल बनाने के लए
का प नक य का एक जाल बुना था जो क उसके दयालु वभाव को दशाता है। उसका
यह आचरण उसके वाथहीन ेम का सबूत है।
यह कहानी, म जतनी बार इसके बारे म सोचता ं मेरे अपने क ण को एक नई
दशा म ले जाती है। अ धक प रपूण और स जीवन जीने के लए हम मु कल प र थ त
म अपने कोण को लगातार प रव तत करने क को शश करनी चा हए, “ या इस
नकारा मक थ त का सामना करने का इससे बेहतर और ववेकपूण तरीका हो सकता है।”
नया म भौ तक शा ी ट वन हॉ कग के अनुसार हम एक अ य त छोटे तारे के एक छोटे
से ह पर रह रहे ह जो खरब तारापु ज से घरा आ है। तो इस कोण के लए आपक
या राय है? इस सूचना के बाद या आपको लगता है क आपक वह परेशा नयां जो आप
झेल चुके ह और जन चुनौ तय का सामना आप फलहाल कर रहे ह या वे सही म उतनी
ग भीर ह जतना आप सोच रहे ह। हम इस ह पर ब त कम समय के लए आते ह। अगर
पूरी तरह दे खा जाए तो हमारी ज द गयां अन तकाल क कायनात पर कुछ बूंदो के समान
ह। अतः ववेकपूण तरीके से इसका वाद लेकर इस सफर को आन ददायक बनाइए।
अ याय 4

ढ़ ेम का अ यास क रए

आ म अनुशासन उ च सफलता और अथपूण जीवन क सुनहरी कड़ी है। अनुशासन


हमसे वह बाते करवाता है ज ह हम दल से जानते ह क हम करना चा हए पर हमारा मन
उ ह करने नह दे ता। आ म अनुशासन के बना न आपके ल य प हो पांऐगे, न आप
समय का उपयु तरीके से योग कर पाएंगे, न लोगो से अ छा वहार कर पाएंग,े न
मुसीबत के पल का सामना कर पाएंग,े न आप अपने वा य का यान रख पाएंगे और न
ही सकारा मक क ण अपना पाएंग।
म आ म अनुशासन क आदत को ढ़ अनुराग के नाम से बुलाता ं य क अपने आप
से स ती करना वा तव म अ धक ेम क भावना है। खुद से स ती करके आप वै छक
प से जीवन तीत करगे। आप अपना जीवन अपनी बनाई ई शत पर जएंगे और उस
प े क तरह त या नह करगे जो बहते पानी और हवा क दशा का ख ले लेता है।
जैसा क अपने ा यान म बताता ं क आप जतनी यादा स ती अपने साथ दखाएंगे
जीवन आपको उतना ही आसान लगेगा। आपके जीवन क उ मता आपके चुनाव और
नणय पर नभर करती है, इस ेणी म यह भी शा मल है क आप कस नौकरी म जाना
चाहते ह, आप कौन सी कताब पढ़ते ह आप कतने बजे उठते ह और वे वचार जन पर
आप सोच वचार करते है। जब हम अपनी सम त मान सक श को अपने सही चुनाव क
ओर जुटा दे ते ह और आसान चुनाव क उपे ा करते ह ओर तो यही हमारे जीवन क
बागडोर का नयं ण हमारे हाथ म दे दे ता है। स म और स पूण लोग आसान और
आरामदायक काम करने म अपना समय बरबाद नह करते ह। उनम अपने दल क आवाज
सुनने क ह मत और उसे करने क बु म ा होती है। यह आदत उ ह महानता का दजा
दे ती है।
“एक सफल इ सान क मंशा वह सब करने क होती है जसे असफल इ सान नह
करना चाहता है।” नब धकार और वचारक ई. एम. े के अनुसार “वे उ ह ज री होने पर
भी नह करना चाहते ह। उनक नापस दगी उनके ल य क कमजोरी के अधीन होती है।”
उ ीसव सद के अं ेजी लेखक थॉमस हेनरी ह सले ने यही न कष दया है, “शायद श ा
का सबसे अ धक मू यवान प रणाम उस यो यता म है जो हमसे वह करवाती है जो हम
करना चा हए चाहे हम उसे पस द करे या न कर।” और अर तु ने इस ववेकपूण बात को
सरे ढ़ं ग से कहा है, “हम जो भी सीखते ह वह वा तव म वयं अनुभव करके सीखते ह
उदाहरण के लए इमारत बनाने क कारीगरी इमारत बनाने से आती है। वीणा बजाने के
अ यास से वीणा वादक बनते ह। उसी कार स य का पालन करने से हम न प बनते ह।
अनुदेश के पालन से हम आ म अनुशासन सीखते ह और साहस के काय करके हम वीर
बनते ह।
अ याय 5

दै नक प का बनाएं

अपनी दनचया का रोज़नामचा बनाना अपने आप म आ म उ त का सबसे ब ढ़या


तरीका है। रोजमरा के आपके वे अनुभव जनसे आपने कुछ सीखा है वे आपको हर दन के
साथ अ धक अ लमंद बनाते ह। आपम आ म सजगता का वकास होगा और आप कम
ग तयां करग। दै नक प का आपके अ भ ाय प करती है, जनसे आप वा तव म
मह वपूण बात पर अपना यान के त कर सक।
दै नक सा रणी रोज़ आपको अपने आपसे वातालाप करने का मौका दे ती है। आपको
इस नया म कुछ ग भीर च तन करने पर मजबूर करती ह जो क वह या है जसे दे खने
को हम आजकल तरस जाते ह। यह आपक वचारधारा को प ता दान करेगी और
आपको और अ धक वे छक और चेतन प से जीने म मदद दे गी। इसके अलावा यह
आपको एक के थान दे ती है जहां आप अपने मह वपूण वषय पर अपने अ त नरी ण
का कागज़ी माण रख सकते ह और सफलता के उन ज़ री म को लख सकते ह जो
क आपके लए उपयोगी सा बत ए ह, और उ च तर के वसा यक, गत और
आ या मक जीवन को ा त करने के लए मह वपूण बात पर अमल करने का वादा कर
सकते ह। यह गत रोज़नामचा आपको अपनी क पना को उड़ान दे ने और अपने सपनो
को प रभाषा दे ने के लए नजी थान दान करता है।
दै नक कायका रणी और दै न दनी म फक होता है। दै न दनी म आप घटना का
ववरण लखते ह और दै नक सा रणी म आप घटना का व ेषण करके उनका
मू यांकन करते ह। रोज़नामचा आपको यह सोचने के लए े रत करता है क आप या
करने जा रहे ह य करने जा रहे ह और जो आप कर चुके ह उससे आपने या सीखा है।
दै नक सा रणी म लखना आपके आ म वकास और ववेक को श ा दे ता है जससे आप
अपने अतीत के अनुभव का अपने बेहतर भ व य के नमाण म स पयोग कर सक।
च क सा वभाग के शोधकता न यह पाया है क एक नजी रोज़नामचे म 15 मनट भी
त दन लखना आपके वा य को बेहतर बनाता है, आपके शरीर क रोग से लड़ने क
श और अ भवृ को बरकरार रखता है। याद र खए क अगर आपक ज़दगी वचार
करने के का बल है तो वह लखने के का बल भी है।
अ याय 6

ईमानदारी के म का वकास क रए

हम झूठे वाद क नया म रह रहे ह। हम उस व से गुज़र रहे ह जब लोग अपने ही


दए ए वचन को ह के प से लेने लगे ह। हम यह जानते ए भी क हमारे पास समय नह
है फर भी अपने म को खाने पर बुलाने का ताव रखते ह। हम सहयोगी को नई कताब
पढ़ने के लए दे ने का वादा करते ह यह जानते ए भी क हम अपनी पु तक कसी को
उधार नह दे ते। और हम अपने आप से वादा करते ह क हम इस वष अपने आपको उ चत
प म ढालगे, अपने जीवन को सरल बनाएंगे और अपने जीने के ढ़ं ग म कोई आव यक
बदलाव लाए बना इस ल य को पाने क को शश करग।
ऐसी बात कहना जो सही मायने म कोई मह व नह रखती ह बोलते रहने से यह हमारी
आदत का ह सा बन जाती है। मगर असली परेशानी तो तब होती है जब आप अपना वचन
तोड़ते ह तो आप सर का व ास भी खो दे ते ह। जब आप अपनी साख खोते ह तो
व ास का धागा भी टू ट जाता है। और व ास के ब धन को तोड़ना टू टे ए र त क ओर
ले जाता है।
एक ईमानदारी के त व ान का वकास करने के लए आपको उन झूठ का हसाब
रखना शु कर दे ना चा हए जो आप एक ह ते के समय म बोलते ह। आप अगले सात दन
के लए स य का त र खए और कसम खाइए के सर के साथ अपने कारोबार म आप
स य का पालन करग और साथ ही खुद के साथ भी ईमानदार रहगे। हर बार जब आप सही
काम करने से चूक जाते ह तो आप अपने गलत काम करने क आदत को बढ़ावा दे ते ह। हर
बार जब आप सच नह बोलते ह तो आप झूठ बोलने को बढ़ावा दे ते ह। अपना दया आ
वादा अव य पूरा क रए। अपनी बात पर अटल रहने वाला ब नए न क सफ ‘बात
और काय नह ’ जैसा क मदर टे रेसा ने कहा है, “बातचीत कम होनी चा हए, उपदे श दे ने
और समा जक मेल-जोल का एक ही थान नह हो सकता।” फर आप या कर? एक झाड
उठाइए और कसी का घर साफ क रए। वही अपने आप म एक अ छ शु आत है।
अ याय 7

अपने अतीत का आदर क रए

आप हर पल अपने अतीत म रहते ह जो आपने अपने भ व य से चुराया होता है। हर ण


जब आप अपनी परेशा नय पर अ धक यान दे ते ह तो वे आपको उनके नवारण से र ले
जाती ह। जीवन म आप जो चाहते थे पर नह आ उसके बारे म सोचते रहने से आप अपने
जीवन म उन बात को होने से रोकते ह जनक आपको हमेशा से चाह थी। यह परम स य है
क आप जस बारे म हर व सोचते ह वही बनते ह। अत: बीती ई घटना और ग तय
के बारे म च तत होने का फायदा तब ही है अगर आप उ ह फर से अनुभव करना चाहते
ह। इसके बजाए आपको अपने अतीत से श ा लेकर ान के और काश के एक नए
धरातल पर आने का य न करना चा हए। जीवन क सबसे खद घटनाएं जीवन के सबसे
बेहतरीन अवसर का रा ता खोलती ह। एक ाचीन वचारक यूरीपाइड् स ने कहा है,
“बद क मती म खुशनुमा बदलाव के अद्भुत अवसर छपे होते ह। अगर आपके ह से म
अ य धक परेशा नयां आई ह तो शायद इस बात का ोतक है क आप को कसी महान
काय के लए तैयार कया जा रहा है। इन परेशा नय का सामना करके आपके उस काम के
लए बेहतर ान और साम य होगा। अपने भ व य क उ त के लए जीवन क इस सीख
का धन क तरह उपयोग करना चा हए। यह हमेशा याद र खए क जीवन म स लोग ने
भी कई बार अ स ल ग से यादा परेशा नयां झेली होती ह। फक सफ इतना है क उ ह
उन सं मरण को अपने जीवन को प रपूण बनाने क दशा म ढ़ालना आता है।
और यह भी याद र खए क अगर आप सर क तुलना म यादा असफल ए ह तो
अपे त है क आपका जीवन अ धक प से स पूण है। जो लोग यादा खतरे मोल लेते ह
और सर से यादा ह मत रखते ह वे वभा वक प से यादा असफलताएं भी झेलते ह।
पर तु मेरी राय म शायद ह मत करके कुछ को शश करके असफल होना कोई भी य न न
करने से बेहतर है। म अपने जीवन के दन असंभव लगने वाली चीज़ को स भव बनाने म
बताना पस द क ं गा। म सुखी, सुर त और साधारण जीवन जीने के बजाए अपना जीवन
मानवीय सीमा का सार करके अस भव को स भव बनाने क चे ा म बताना चा ंगा।
यह जीवन क असली सफलता का सार है। जैसा क हरोडोट् स ने बु म ा के साथ कहा
है “कायरता और अन गनत असुर ा के साथ बैठे रहकर कुछ न करने से यादा अ छा
होगा क नभ कता के साथ उन खतर क चुनौती को वीकार कर जो हमारे पूवानुमान के
हसाब से आधे भी नह होते ह।” या जैसा क बुकर ट वा शगटन ने कहा है “मैने यह सीखा
है क सफलता का मापद ड वह थान नह है जहां तक कोई प ंचता है ब क वह बाधाएं है
ज ह जीतकर वह उस सफलता तक प ंचता है।”
अ याय 8

अपने दन क अ छ शु आत क रए

जस तरह से आप अपने दन क शु आत करते ह वह यह नधा रत करता है क


आपका दन कैसा बीतेगा। जागने के बाद के पहले 30 मनट को म ‘ लै टनम 30’ बुलाता
ं य क वे वा तव म आपके दन के सबसे मह वपूण ण होते ह और आगे आने वाले
पल क े ता पर अ य त गहन भाव डालते ह। अगर आपके पास यह करने का ववेक
और ान है तो इस मुख समय म आप सफ प व वचार को मन म लाएं और सव म
काय कर। आप महसूस करग क आपका दन एक शानदार शु आत के साथ अनेक
सव े दशा को लेकर आएगा।
हाल ही म अपने दो छोटे ब च को सनसनीखेज आइमै स फ म ‘एवरे ट’ दखाने ले
गया। सांस रोक दे ने वाले य और वीरता के खूबसूरत दशन के अलावा एक और बात
जो मेरे यान म रह गई वह यह है क पवत क ऊँचाई तक प ँचने के लए एक अ छे बेस
कप क आव यकता होती है। अगर धरातल के कप म वराम, व ा त और शरण न मलती
तो उनके लए चोट तक प ँचना अस भव था। जब वे सरे कै प म प ंचे फर वे कुछ
ह त के लए अपनी ताकत को वापस लाने के लए बेस कै प म वापस आ गए। जैसे ही वे
तीसरे कै प पर प ंचे वे ज द ही चौथे कै प पर प चने क तैयारी करने बेस कै प म वापस
आ गए। और जब वे पाँचवे कै प पर प ँचे तब वे फर से पवत के नीचे अपने शरणालय म
आ गए जससे वे अपने आपको पवत के शखर तक प ँचने के लए तैयार कर सके। उसी
तरीके से म सोचता ं क हम सबको गत ऊँचाइय तक प ंचने के लए और अपनी
दै नक चुनौ तय पर वजय ा त करने के लए इस ‘ ले टनम 30’ के समय म अपने बेस
कै प जाने क को शश करनी चा हए। हम वापस उस जगह पर जाने क आव यकता होती
है जहां हम फर से अपने जीवन के येय के साथ स ब धत हो जाते ह, अपना नवीनीकरण
कर सकते ह और दोबारा उन बात पर यान के त कर सकते ह जो सबसे यादा
आव यक है।
अपने वयं के जीवन म मैने एक ब त ही असरदायक ातःकालीन प त का वकास
कया है जो मेरे दन क एक शा त और स ता से भरी ई शु आत करती है। म अपने
नजी शरणालय म बैठकर बना कसी व न के उन नवीनीकरण के उपाय का अ यास
करता ं। इसके बाद म प ह मनट का समय मौन मनन म तीत करता ं। अपने जीवन
क सब अ छ बात पर यान के त करके यह सोचता ं क आने वाला दन या नया
लेकर आने वाला है। इसके बारे म अपने ानवधक सा ह य से कोई पु तक उठाता ं जो क
अप र चत स य से जुड़े ए उन सफल लोग के बारे म है ज ह इस तेज र तार वाले जीवन
म लोग भूल रहे ह। उदाहरण के लए रोमन दाश नक माफस ऑरे लयस क लखी ई
पु तक ‘मे डटे श स’, ‘ द ऑटोबायो ाफ ऑफ बै जा मन क लन’ और हेनरी डे वड
थो रयू क लखी ई ‘वॉ डन’। इन पु तक के पाठ मुझे उन चीज पर के त करते ह जो
मेरे लए वा तव म ज री ह मेरी मदद करते ह क म अपने दन क शु आत सही कदम
उठाकर कर सकूँ। और जस ान का पाठ म उस अनमोल सुबह के समय करता ं वह मेरे
दन के बचे ए पल को काश से सराबोर कर दे ते ह। अतः अपने दन क अ छ शु आत
क जए। आप ज द ही एक बदले ए व के वामी होग।
अ याय 9

श ता के साथ न बोलना सी खए

आपके लए अपने सामने आने वाले हर अनुरोध के लए हामी भरना तब आसान होता है
जब आपके जीवन क ाथ मकताएं धुंधली होती है। जब आपके दन ेरक और प रपूण
कोण के बना भ व य का मागदशन करते ह तब उसका अ तम प रणाम इस प म
हमारे सामने आएगा क आपके आस पास काम करने वाले लोग के लए उनक
ाथ मकताएँ आपके काय पर हावी करना क ठन नह होगा। जैसा क मैने ‘लीडर शप
वज़डम ॉम द मंक सो ड हज फ़रारी’ म लखा है, “अगर आपके दै नक काय म म
आपक धानताएँ आपक सा रणी का ह सा नह बनती ह तो सर क ाथ मकताएँ
उनका थान ले लगी। इसका उपाय सफ यह है क आपको अपने जीवन के उ चतम उ े य
के बारे म ढ़ बनना है और श ता के साथ नह बोलना सीखना है।
एक चीनी धमा मा वा ग सू ने एक आदमी क कहानी सुनाई थी जो एक महाराजा के
लए तलवार गढ़ता था। न बे साल क उ मे भी वह अपना काम अ य त साम य और
बखूबी से करता था। चाहे जतनी भी ज द म कया जाए पर उसके काम म ग ती नह
होती थी। एक दन महाराजा ने उस वृ से पूछा “यह एक वभा वक गुण है या कोई
अनोखी तकनीक जसक वजह से तुम इतना ब ढ़या काम करते हो?” “आव यक बात पर
यान दे ना ज़ री होता है,” तलवार गढ़ने वाले कारीगर ने कहा, “मने तलवार बनाने का
काम इ क स साल क उ म शु कया था। फर म कसी और चीज़ क फ नह करता
था। मैने तलवार के अलावा न तो कभी कसी व तु क ओर दे खा और न ही यान दया।
तलवार गढ़ना मेरा उ े य और मेरी चाहत बन गई। मैने स पूण श य को कसी और दशा
म जाने के बजाए सफ अपनी कला क दशा म नद शत कर दया। यही मेरी े ता का
राज है।”
सबसे यादा स म लोग अपनी उस ‘सव चता के े ’ पर यान दे ते ह जन बात म
वे सव े ह और अपनी भावकारी ग त व धय से अपने जीवन को आगे क दशा म बढ़ा
सकते ह। अपनी सव च मह वपूण चीज़ क चुरता के कारण कुछ यून मह व वाली चीज़
हमारा यान आक षत करके व न डाल सकती ह उ ह नकारा जा सकता है। माइकल
जॉडन जो बा केट बॉल के इ तहास म सबसे अ छा खलाड़ी माना जाता है वह न तो अपने
ल खत समझौत को तय करता था, न ही अपनी पोशाक क डज़ाइन बनाता था, और न
ही अपनी या ा क तैयारी करता था। वह अपने समय और श य को पूरी तरह से बा केट
बॉल के खेल पर के त कर दे ता था जसम वह सव म था, बाक के काम क ज मेदारी
उसके ब धक करते थे। जैज़ के महान कलाकार लुई आम ांग ने अपना समय कभी भी
टकट बेचने म या ोता क कु सयाँ लगाने म न नह कया। उसने अपने यान का के
ब अपनी कला पर रखा जो क तुरही बजाने म थी। अनाव यक बात को अ वीकार करने
से आप उन चीज़ पर यादा समय दे सकते है जससे हमारे जीवन को संवारने और बेहतर
बनाने म मदद मलती है और साथ ही सहायता भी मलती है क हम उस धरोहर को छोड़
सके जसके उ े य को पूरा करने के लए हम पैदा ए ह।
अ याय 10

सा ता हक व ाम ली जए

ाचीन काल म ह ते का सातवाँ दन धा मक व ाम का दन माना जाता था। जीवन के


वे सबसे मह वपूण वषय जनक साधारणत: हम अवहेलना कर दे ते ह जनम प रवार के
साथ समय तीत करना, वह समय जसम हम गहन चतन करते ह और अपने नूतनीकरण
पर यान दे ते ह, यह मेहनती लोग को अपनी श नवीनीकरण करने म और जीवन का
एक दन और स तु ता के साथ जीने का अवसर दे ता है। पर तु जैसे जीवन क भाग दौड़
बढ़ अनेक ग त व धय ने लोग का यान ख चना शु कर दया और वल ण लाभ वाली
यह अ त पर परा खो कर रह गई।
तनाव अपने आप म कोई बुरी चीज नह है। हम अ सर इसक वजह से अपना काय
संपादन सव म तरीके से करते ह और अपनी सीमा से बाहर नकल कर उन चीज़ को
हा सल कर पाते ह जो खुद भी आ यच कत कर दे ती ह। कसी भी ब ढ़या खलाड़ी से
पू छए। असली परेशानी इस बात म है क व ापी तनाव के युग म हम अपनी च ता
से छु टकारा नह मल पाता है। अत: अपने आपको पुनजी वत करने के लए और अपने
अ तमन को पो षत करने के लए ह ते का कुछ समय शा त के लए र खए। एक
सा ता हक व ाम जसम आप जीवन क छोट खु शय तक प ँच सक। वे खु शयां ज ह
आप अपने जीवन क तता तथा ज टलता के कारण छोड़ दया था। यह आसान
तरीका तनाव को कम करेगा, आपक सृजना मकता के साथ जुड़ेगा, और आप अपने
जीवन के हर कत का पालन अ धक स ता के साथ करगे। आपका सा ता हक व ाम
पूरे दन इसके लए हो यह आव यक नह है। आपको सफ कुछ घंटे अपने लए अलग
चा हए शायद र ववार क शा त सुबह इसके लए ठ क रहेगी, जब आप अपना कुछ समय
अपनी पस द क चीज करने म तीत कर सकते ह। इसम अपनी पस द दा कताब क
कान म समय तीत करना, सूय दय को दे खना, समु के कनारे एका त म टहलना और
अपनी दै नक ववर णका म लखना, जैसी बात भी शा मल ह। अपने जीवन को इस कार
संग ठत करना जससे आप खुद को स ता दे ने वाली चीज़े ब तायत म कर सक, यह
आपके आ म सुधार क ओर पहला कदम है। इस बात क फ न कर अगर सरे लोग यह
नह समझते ह क आप सा ता हक व ाम को अपने जीवन का आव यक ह सा बनाकर
या हा सल करने वाले ह। अपने लए यह क जए य क आप इसके लायक ह। थौर के
श द म, “अगर एक अपने सा थय के साथ कदम मलाकर नह चलता तो इसका
अथ है क वह कसी और ढ़ोल क आवाज़ सुन रहा है। उसे उस संगीत म वेश करने
द जए जो वह सुन रहा है चाहे वह जतना भी धीमा हो और र से आ रहा हो।”
अ याय 11

खुद से वातालाप क रए

साल पहले जब म अदालत म वकालत करता था और भौ तक सफलता के चंगुल म


फँसा आ था तब मेरे पास आ त रक शा त क कमी थी। मैने जे स ऐैलन क लखी ई
एक कताब पढ़ जसका नाम था ‘एज़ अ मैन थ कैथ’। इस कताब म इ सान के दमाग
क अप र मत श जसे हम वा त वक प दे सकते ह और उस महान स ता और उ त
का ववेचन है जो आपके जीवन को आक षत करती ह। उस पु तक म श द और भाषा के
गहन भाव का भी ज है जसका योग हम त दन करते ह और उस ग तशील
वचारधारा के पथ पर जाने के लए यु कया जा सकता है।
इससे आक षत होकर मैने यादा से यादा ववेकपूण और आ म नभरता के सा ह य
को पढ़ना शु कया। ऐसा करने पर म श द के दै नक स ेषण और जीवन क उ मता पर
भाव और उसके मह व को खोज पाया। इसके ान ने मुझे उस आ मक वातालाप से
अवगत कराया जो त दन, हर घ टे और मनट, हमारे अ दर चलता रहता है और साथ ही
मैने खुद से बातचीत करने के वषय व तु को सुधारने का ण भी कया। इसे हा सल करने
के लए मैने ाचीन साधु के ारा करीब पाँच हजार वष पूव तरीके को अपनाना शु कर
दया।
यह व ध आसान है और इसम आपको सफ एक वा य का चुनाव करना है जो आपके
मन को पूरे दन अलग अलग समय पर के त करने के लए श त कर सके। सफ इसे
आपक जाग कता पर हावी नह होना चा हए और न ही हमारी वभा वकता म बदलाव
लाना चा हए। अगर आपको आ त रक शा त और सुकुन क खोज है तो आपका वा य या
म ऐसा हो सकता है “मुझे खुशी है क इसम पूण व ास और असी मत ह मत है।”
अगर आपको भौ तक सुख क खोज है तो आप कह सकते ह, “म एहसानम द ं क मेरा
जीवन धन और अवसर भरपूर है।”
अपने म को धीरे धीरे सांस लेते ए, काम पर जाते ए, कतार म ती ा करते ए,
या बतन को धोते ए भी हरा सकते ह। वे काय जो अ यथा नररथक है उ ह इन
श शाली सुधारक ताकत से अथपूण बनाया जा सकता है। आप अपने नजी वा य को
चार ह त तक कम से कम दो सौ बार रोज बोलने क को शश कर। इसके प रणाम अ य त
गहन होग। आप अपने जीवन के लए आव यक शा त, उ त और ल य क ा त के लए
एक बड़ा कदम उठा रह ह जैसा क हज़रत इनायत खान ने कहा है “वे श द जो आ मा को
का शत कर द वे ब मू य र न से भी बढ़कर ह।”
अ याय 12

च ता करने का समय नधा रत क रए

मेरे पास ‘ द मंक सो ड हज़ फ़रारी’ के बाद उन पाठक के प क बाढ़ सी आ गई


ज ह ने तनावपूण जीवन म भी इसक सीख से अ धक स ता, शा त और स तु ता को
हा सल कया है। यादातर प उन लोग के आए जनके काय े का जीवन इतना त
हो गया है क वे अपना खाली समय भी उन चीज़ के बारे म च ता करने म बता दे ते ह
ज ह द तर म छोड़कर आना चा हए। वे अपने प रवार के सांथ हंसना, यार से रहना और
उनके साथ स ता बाँटना भूल गए ह य क काम क चुनौ तय ने उ ह नगल डाला है।
अ धकतर लोग अपने जीवन के सव म काल को हर समय च ता करने म बता दे ते
ह। वे अपनी नौकरी, रसीद , वातावरण और ब च के लए परेशान रहते ह। जैसा क हम
सब अपने दल म जानते ह क यादातर बात जनके बारे म हम फ करते ह वे घटती ही
नह है। यह माक के उस कथन क तरह है, “मेरे जीवन म ब त सी क ठनाइयां आई और
उनम से कई सही म घट भी।” मेरे ानी पता जनका मेरे जीवन पर ब त गहरा भाव था,
ने एक बार मुझे बताया था क सं कृत च ह म चता और च ता म ब त समानता है। जब
मैने आ य कट कया तो उनका उ र था क मुझे च कत नह होना चा हए। उ होने कहा
“एक मृतक को जलाती है और सरी जी वत को जलाती है।
म जानता ं कस नाटक य ढ़ं ग से च ता क आदत कसी के जीवन क वशेषता को
ख म कर दे ती है। म अपने बाद के बीसव साल म क थत सफलता के रा ते पर था। दे श के
सबसे ब ढ़या व ध शा व ालय से दो ड यां हा सल क और एक मु य यायाधीश के
पास ल पक क नौकरी क जहां मैने अ य धक ज टल मुकदम को स भाला। पर तु अ सर
म ब त क ठन प र म कर रहा था और उतना ही अ धक परेशान हो रहा था। म सोमवार
क सुबह अपने अ दर डू बती ई भावना और एक गहन वचार के साथ उठता था क मेरे
अपने वे गुण उन काय को करते ए लु त हो रहे ह जनके लए म नह बना था। तब मैने
अपने जीवन म सुधार लाने क को शश म सबसे पहले आ म नभरता और जीवन म नेतृ व
सखाने वाले सा ह य का सहारा लया जसम मने एक बेहतर स तु लत, शा तदायक और
अथपूण अ त व क श ा क दौलत पाई।
एक अ य त सरल व ध जो मैने च ता करने क आदत को जीतने के लए सीखी वह
थी एक समय नधा रत करके च ता करना जसम म च ता करने का अ तराल बुलाता ं।
अगर हम कसी परेशानी का सामना कर रहे ह तो दन के सारे समय अपना यान उस उस
परेशानी पर के त करना ब त आसान होगा। इसके बजाए म आपको सलाह ं गा क
आप अपना च ता करने का समय नधा रत क जए जैसे क शाम के व आधा घ टा।
अपने इस च ता क सभा म आप अपनी परेशा नय म डू ब सकते ह और अपनी क ठना य
पर खी हो सकते ह पर तु जब वह व समा त हो जाता है उसके प ात आपको अपने को
श त करने क आव यकता है जससे आप अपनी मु कल को पीछे छोड़कर
प रणामदायक काय कर सक जैसे क कसी ाकृ तक वातावरण म घूमना, कोई ेरक
कताब पढ़ना या कसी य म के साथ गु तगू करना। अगर दन म कसी और व
आपको लगता है क मनन क आव यकता है तो अपनी पु तका म लख ली जए जसके
बारे म आप अपने अगले च ता के समय म भी वचार कर सकते ह। यह साधारण पर तु
श शाली व ध आपको धीरे-धीरे अपने च ता करने के समय को कम करने म मदद करेगी
और धीरे-धीरे आपको अपनी इस आदत से हमेशा के लए मु मल जाएगी।
अ याय 13

ब च को आदश बनाइए

कुछ समय पहले म अपने चार वष के पु को बी को दोपहर के भोजन के लए इटै लयन


रे टोरट म ले गया। वह शरद ऋतु का एक सु दर दन था और हमेशा क तरह मेरा पु ऊजा
और स ता से भरा आ था। हम दोनो ने मु य भोजन के प म पा ता मंगवाया और
उसके बाद वेटर ारा लाई ई ताज़ी डबलरोट के मज़े लेने शु कर दए। मुझे ज़रा सा भी
एहसांस नह था क को बी अपने पता को जीवन कला का एक और पाठ सखाने जा रहा
है। डबलरोट को पूरा खाने के बजाए, जैसा क सब बड़े करते ह, को बी ने एक सरे और
बेहतर सृजना मक तरीके का योग कया। उसने रोट का गरम और मुलायम भाग नकाल
कर पहले खाया और कड़ा भाग पड़ा रहने दया। सरे श द म यह बु म ा थी क वह
डबलरोट के सबसे ब ढ़या ह से पर यान के त करके बाक को छोड़ सके। कसी ने
मुझसे एक से मनार म कहा था, “ब चे बड़ से यादा बेहतर तरीके से हम वह श ा दे ते ह
जो हम सीखने क आव यकता है।” और उस सु दर दन म मेरे छोटे ब चे ने यह याद दला
दया क हम बड़े लोग अपना ब त सारा समय पूरे दन क अ छ बात को छोड़कर जीवन
के ऊपरी प पर यान दे ने म बता दे ते ह। हम अपने काय े क चुनौ तय , उन बल के
ग र पर जो हम भरने ह, और समय क कमी जसका हम सामना करते ह पर यान दे ते ह
फर भी इन काय को पूरा नह कर पाते ह। हमाने वचार हमारे संसार का नमाण करते ह
और हम जैसा सोचते ह वही हमारे जीवन म वक सत होता है। जस पर हम अपना यान
के त करते ह वह हमारी क मत को नधा रत करता है। इसी कारण हम अ छ बात पर
यान दे ना चा हए।
आगे के ह त म अपने बाल वभाव को उजागर करने क को शश क रए और अपने
अ दर के बालक के साथ स ब धत होने क को शश क रए। ब च के सकारा मक गुण को
समझने का य न करके उनक फू तदायक, सृजना मक और, हर ण पूण प से जीने
क का ब लयत को अपना आदश बनाने क को शश क रए। जब आप ऐसा करगे लओ
रौ टोन के श द को याद क रएगा जसम लखा है,
“आप यादातर लोग को बेहतर समझ सकते ह और उनसे र ता बना सकते ह, चाहे
वे जतने भी भावशाली ह अगर आप उ ह ब च क तरह समझ। य क हम म से
यादातर लोग वा त वक प से क नह होते है सफ कद म ल बे हो जाते ह। और
इसका माण दे ने के लए हम कम हंसते ह, कम खेलते ह, और बड़े होने का
असु वधाजनक प धारण करते ह पर तु उस मुखौटे के पीछे एक ब चा होता है जसक
ज़ रत सरल होती है और जसका हर दन अभी भी परी कथा को बयान करता है।
अ याय 14

याद र खए, तभा 99 तशत ेरणा होती है

महान अ व कारक थॉमस ए डसन को इस के लए जाना जाता है, “ तभा 1


तशत ेरणा और 99 तशत मेहनत होती है।” जब क म व ास करता ं क क ठन
प र म वा त वक सफलता और स तोष के लए आव यक होता है, मेरा यह भी सोचना है
क गहन ेरणा और इस नया म बदलाव लाने का ढ़ संक प इससे भी यादा मह वपूण
गुण ह।
नया के सबसे महान तभाशाली लोग सर क ज द गय को समृ बनाने क
अ भलाषा से े रत होते ह। अगर आप उनके जीवन का अ ययन करगे तो पाएंगे क यह
इ छा उनके जीवन क ज़ रत बन गई थी। उनक यह इ छा उनके अ त व का ह सा बन
गई और उनके दमाग क हर को षका उस येय को पाने म जुट गई। ए डसन अपनी उस
क पना को वा त वक प म साकार करने के लए उ सुक थे। जोनास सॉ क ज होने
पो लयो के ट के क खोज क वह सर को इस खतरनाक बीमारी से सत होने से बचा
सक। नोबेल पुर कार वजेता महान वै ा नक मैरी यूरी मानव जा त क सेवा म अपनी
रे डयम क खोज से करना चाहती थी। जैसा क वुडरो व सन ने कहा है, “आप यहाँ सफ
ज दा रहने के लए नही ह। आप यहाँ इस नया म जीवन को भरपूर तरह से जीने म समथ
बनाने के लए ह जो बेहतर कोण, आशा क कोमल भावना और उपल ध के साथ
जया जा सके। आप नया को प रपूण बनाने के लए ह और आप कमजोर सा बत होएंगे
अगर आप इस उ े य को भूल जाते ह।
आप अपने वयं के जीवन म कतनी उमंग से भरे ए ह। या आप सोमवार क सुबह
ब तर से फू त के साथ उठते ह या फर चुपचाप खालीपन क भावना म डू बे ए पड़े रहते
ह। अगर आपको ऐसा लगता है क आपक ेरणा का तर जैसा होना चा हए उससे नीचे है
तो कोई आ म सहायता क पु तक प ढ़ये या कसी ेरणादायक काय म का कैसेट सु नए।
कसी के सावज नक भाषण म जाइए जससे आप भा वत हो सकते ह या कुछ घ टे
अपने पस द दा वीर या आदश व के बारे म पढ़ने म लगाइये। ऐसे लोग के साथ
समय तीत क रए जो अपने काय को दल से करते ह और ज ह ने अपना जीवन सव म
काय म लगाने क दशा म सम पत कर दया है। ेरणा क पौ क खुराक से आप अपने
जीवन को ब त ज द जीने के एक नए धरातल पर ले आएंग।े
अ याय 15

म दर क हफ़ाज़त क रए

कुछ महीने पहले म अपने सहकम के साथ दोपहर का भोजन कर रहा था। जब हम इस
बारे म बात कर रहे थे क हम अपने जीवन म तता के बावजूद कैसे के त और
स तु लत रह सकते ह, उसने एक श शाली ट पणी क , “रॉ बन, अ धकांश लोग रोज़
गरजा या म दर जाते ह जससे वह के त और यथाथ पर रह सक। म थोड़ा फक ं। म
ायामशाला जाता ं वह मेरा म दर है।” उसने कहा क वह चाहे कतना भी त य न
हो पर 5:30 बजे शाम को अपना द तर ब द करके वह अपनी त दन क तीथया ा जो
क अपनी ायामशाला क ओर है पर नकल पड़ता है। जहां वह े ड मल पर कुछ मील
दौड़ता है। उसे कोई भी ताकत इस वा य और स ता के नधा रत समय से नह रोक
सकती।
मेरे म के इस तक ने मुझे एक ाचीन रोमन कथन को याद दला दया जो मैने अपनी
पहली पु तक ‘मेगा ल वग’ म लखा है जो लै टन भाषा म है और जसका अथ है “एक
व थ शरीर म ही एक व थ मन रहता है।” इसने मुझे यह भी महसूस कराया क अगर एक
संतु और स पूण जीवन जीना चाहते ह तो हम अपने शरीर को एक म दर के समान प व
समझना चा हए। त दन ायाम न सफ आपका वा य सुधारेगा ब क यह आपको
प ता के साथ वचार करने म और आपक सृजना मक वशेषता को भी आगे बढ़ाने म
मदद करेगा। साथ ही आपको इस नदयी तनाव से भी छु टकारा दलाएगा जो आजकल हम
सबके ऊपर हावी होने लगा है। शोधकाय ने यह स कया है क ायाम न सफ आपक
उ को जीवन से भर दे ता है ब क आपके जीवन म उ जोड़ दे ता है। हावड के 18,000
पुराने व ा थय ने यह पाया क वह हर घ टा जो कसरत के लए दया जाता है वह उन
लोग के जीवन म तीन घ ट क बढ़ो री कर दे ता है। और याद र खए क “जो लोग
ायाम के लए समय नह नकालते उ ह बीमा रय के लए समय नकालना पड़ता है।”
मेरे अपने जीवन के लए मैने न त कया है क म ह ते म पांच बार तैरने जाऊंगा।
तैरने क या म कस तरह का नवजीवन दे ने क श है उसक ा या म नह करना
चाहता। काश! म यह कह सकता क म हर ह ते इस ल य को ा त करता ं पर तु ऐसा
नह है। फर भी इतना ऊंचा ल य मुझे इस बात पर के त रखता है क मेरे लए अपने
आपको शारी रक मता के शखर पर रखने के लए और मेरे स पूण वा य तथा ब ढ़या
जीवन के लए यह कतना आव यक है। हर बार का अ यास एक से कामयाब प रणाम
लाता है वह यह है क म फू त, शा त, संतुलन और स ता क भावना से भर जाता ं।
मेरे ायाम का स मेरे लए एक अनमोल चीज़ लेकर आता है और वह है मेरा कोण।
मेरी चालीस मनट क तैराक के बाद मेरे जीवन क संघष से भरी ई कोई भी चुनौ तयां
मुझे छोट लगती ह, और कसी भी कार क परेशा नयां मुझे मामूली लगती ह। म अपने
आपको अपने वतमान म पूण प से जीता आ पाता ं। अपने शरीर के म दर के दे खभाल
करने क या मुझे याद दलाती है क जीवन क सबसे बड़ी खु शयां अ सर साधारण
और सरल होती ह।
अ याय 16

शा त रहना सी खए

व लयम वड् सवथ ने अ य त साधु भाव के साथ लखा है “जब हम एक ल बे समय तक


अपने आप से र होकर इस नया क ती र तार और बात से सत हो जाते ह तो और
इसक खु शय से थक जाते ह तब एका त कतना सुकून दे ता है।” पछली बार ऐसा कब
आ था जब आपने चुप और थर रहने के लए समय नकाला था? कब ऐसा आ जब
अतीत म आपने अपने आपको समेटने, सहेजने, पुनजी वत करने और फर से अपने यान
को के त करने के लए एका त क श का आन द उठाने के लए समय नकाला था।
नया क सब महान ववेकपूण पर पराएं सफ एक न कष तक प ंचती ह क हम अपने
वयं के बारा जुड़ने और उस गौरव के बारे म जानने क आव यकता है जो हमारे अ तमन
म छपा आ है। इसके लए आपको त दन एका त के लए समय नकालने क
आव यकता है। न:संदेह! आप त ह। पर तु जैसा थौर ने कहा है “ सफ त होना
काफ नह है, वह तो च टयां भी होती है। यह उठता है क आप या करने म त
थे?”
एका त का मह व मुझे एक लाइट हाउस के बूढ़े कमचारी के बारे म सोचने पर मजबूर
करता है। उस आदमी के पास अपनी मशाल जलाने के लए ब त कम मा ा म तेल बचा था
जससे वह आते जाते जहाज को च ानी समु तट से बचाने के लए आगाह कर पाता। एक
रात पास म रहने वाले एक आदमी को इस ब मू य व तु क आव यकता अपना घर
का शत करने के लए पड़ी तो लाइट हाउस के कम ने अपने पास से थोड़ा सा तेल उसे दे
दया। एक और रात को एक या ी ने अनुरोध करके थोड़ा सा तेल मांगा जससे वह अपनी
या ा जारी रख सके। लाइट हाउस के कमचारी ने उसक भी ाथना वीकार करके उसे
उसक ज रत क मा ा दे द । अगली रात उसक न द एक माँ के दरवाजा खटखटाने से
खुली। उसने थोड़े से तेल क ाथना क जससे क वह अपने घर म रोशनी कर सके और
अपने प रवार को खाना खला सके। कमचारी ने फर से मान लया। ज द ही पूरा तेल
समा त हो गया और उसक मशाल बुझ गई। कई जहाज डू ब गए और ब त सी
ज दगा नयां ख म हो ग य क लाइट हाउस का र क अपनी धानता को भूल गया
था। उसने अपने सबसे ाथ मक कत क अवहेलना क जसका उसे ब त बड़ा मू य
चुकाना पड़ा।
एका त का अनुभव अगर दन म कुछ मनट के लए भी कया जाए तो वह आपको
अपना यान अपने जीवन क सव च धानता पर के त करने म मदद करेगा जससे
हम जीवन के कसी भी काम म असावधानी न बरत।
और यह कहना क आपके पास नय मत प से एका त म बैठने का समय नह है तो
वह यह कहने के समान है क आप गाड़ी चलाने म इस लए त ह य क आपको गैस
भरवानी है, आ खर म यह आप पर हावी हो जाएगा।
अ याय 17

अपने आदश पड़ोस के बारे म सो चए

अपने आ म ान क खोज के साथ एक और काम मैने कया वह है उन लोग क सूची


बनाना जनके बारे म म कामना करता ं क वे मेरे पड़ोसी होते। इसम अतीत और वतमान
के वे सब पु ष और म हलाएं ह जनके साथ म कभी कभार अपनी खुशी बांटना चा ँगा।
अपने ‘आदश पड़ोसी’ क सूची बनाना आपको ब त से ऐसे और गुण के साथ
जोड़ेगा जसक वजह से आप उन अ धकाँश लोग का आदर करते ह। ऐसा करने से आपके
लए अपने आप को समझना आसान हो जाएगा। यह भी अपने जीवन को 30 मनट के
लए मज़ेदार तरीके से बताने का ढ़ं ग है।
यहां मेरी सूची म यह लोग ह :-

- नामन व सट पील, द पावर ऑफ थ कग’ के मश र लेखक।


- हेनरी डे वड थॉरो, अमरीका के महान दाश नक और ‘वॉ डन’ के लेखक, मेरी
पस द दा पु तक म से एक।
- ब तासार े शयन, जे यूट व ान जो पेन के लेखक म से एक थे।
- बली हॉ लडे, महान जैज़ गायक।
- ने सन म डेला, ा तकारी।
- औग मैनडोनी, आ म उ थान के लेखक जनके सा ह य म ‘अ बेटर वे टू लव’ और
‘यू नव सट ऑफ स सेस’ जैसे सा ह य शा मल ह।
- मदर टे रेसा, आदरणीय मानव परोपकारी।
- रचड ै सन, टश ापारी और साह सक कायकता।
- पअरे इ लयट ट डयू, कनाडा के रंग मज़ाज़ धानमं ी।
- माइ स डे वस, व यात तुरही वादक।
- मुह मद अली, नया का महारथी बॉ सर।
- बै जा मन ै क लन, व यात राजनी त ।

ब कुल अभी समय नका लए और उन लोग के नाम ल खए ज ह आप चाहते ह क


आपके घर वाली सड़क पर रहते ह । फर इन लोग के गुण के बारे म सो चए जनक वजह
से आप उनक सराहना करते ह और कस कार इन वशेषता को आप अपने जीवन म
ढ़ालना चाहगे। अपने जीवन के दशन को वा त वकता म लाने का पहला कदम उसका अथ
समझना है। और जैसे हम बनना चाहते ह उसके लए सबसे पहला कदम है उन लोग के
गुण को पहचानना जनक तरह हम बनना चाहते ह।
अ याय 18

सुबह ज द उठ

सुबह ज द उठने क आदत एक तोहफ़ा है जो आप अपने आपको दे ते ह। कुछ नयम


आपके जीवन को एक नया प दे दे ते ह उनम से एक है ज द उठने का नयम। ात:काल
के कुछ ाथक मक घ टे अपने आप म व श होते है। ऐसा लगता है क समय म यम ग त
से बढ़ रहा है और शा त क महान भावना जैसे आपके वातावरण म भर जाती है। अगर
आप ‘5 बजे क मह फल’ म शा मल जाएंगे तो यह आपको अपने दन का नय ण लेना
सखाएगा बजाए इसके क दन आपको नय त करने लगे। ‘ ब तर के साथ जंग’ को
जीतकर, ‘मन को ग े ’ के मज़े से ऊपर लाकर, और ज द उठकर आप अपने आपको कम
से कम एक घ टे क शा त का समय दे सकते ह जो अ य त मह वपूण है और वह है दन
क शु आत! अगर समझदारी से बताया जाए तो बाक दन अपने आप म अ त होगा।
‘ द मंक सो ड हज़ फरारी’ म मने अपने पाठक को चुनौती द थी क ‘सूय दय के
साथ उठो’ और उनको अनेक वक प दए थे जससे उ ह इस नए अनुशासन को वक सत
करने म मदद मल सके। मुझे अनेक प , ई-मेल और फै स मले है ज होने अपने जीवन
को 5 बजे सुबह उठकर सुधारा है। इनके ारा म यह कहते ए सुर त महसूस करता ं क
यह सफलता का ऐसा म है जो वा तव म अपने जीवन म एकब करने लायक है। ऐसा
करके आप उन भावशाली लोग क उ च ेणी म शा मल हो जाएंगे जैसे क महा मा
गांधी, थॉमस ए डसन, ने सन म डेला, टे ड टनर और मेरी के एैश।
‘द मंक’ क एक पा ठका, एक व य अ धकारी ने मुझे लखा क उनका तनाव
नाटक य ढ़ं ग से घट गया जबसे उ ह ने ज द उठना शु कया और उनके द तर के लोग ने
पेपरवेट दया जस पर लखा था, “हमारे एम. आई. पी. (मो ट इ ू ड लेयर) के लए।”
आप जो भी कर रही ह करती रह। आप हमारे लए ेरणा व प है।” जो हमेशा दे र से
उठती थी उसने कसम खाई क वह सोना ब द करके अपने उस खोए ए व को जो उसने
क बल के नीचे सोते ए गुज़ारा है क तपू त करेगी। अत: उसने पहले 6 बजे सुबह उठना
शु कया जब उसका प रवार सो रहा होता था फर 5:30 बजे और उसके बाद 5 बजे।
अपने लए उपल ध कए गए उस फुरसत के समय म उसने वह सब करना शु कर दया
जो काय उसे पस द थे पर तु उसे कभी समय नह मल पाया। शा ीय संगीत को यान से
सुनना, प लखना, सा ह य पढ़ना और मण करना जैसी कुछ याएं ज हे वह अपने
अ तमन को पुनजी वत करने और अपने आप से जुड़ने के लए यु करती थी और ज हे
वह शायद खो चुक थी। ज द उठने से उसने फर से अपनी फ रखनी शु कर द । और
ऐसा करने से वह एक अ छ मां, प नी और कामकाजी म हला हर प म बेहतर बन गई।
ज द उठने क आदत का वकास करने के लए पहली बात जो याद रखनी चा हए वह
है क आपक न द को प रमाणा मक न होकर गुणा मक होना चा हए। छ: घ टे क बना
व न क न द दस घ टे क बना आराम क और बीच म उचटने वाली न द से बेहतर है।
यहां चार तरीके दए जा रहे ह जनके ारा आप अ छ न द ले पाएंगे :-

- अपने पूरे दन क या को सोते समय दोहराने क को शश मत क जए।


- आठ बजे के बाद कुछ मत खाइए (कुछ खाना भी है तो सूप लया जा सकता है।)
- सोने से पहले समाचार मत दे खए।
- ब तर पर लेट कर मत प ढ़ए।

अपने आपको कुछ ह ते द जए जसम आप इस आदत को डाल सक। ऐसा कहना क


आपने ज द उठने क को शश क पर तु बीच म छोड़ दया य क यह ब त क ठन था
उसी बात के समान है क आपने एक ह ते े च सीखने क को शश क पर बीच म छोड़ द
य क आप उस भाषा को बोलना नह सीख पाए। जीवन म बदलाव लाने के लए समय,
संक प और संयम क आव यकता होती है। पर तु आप इसके बेहतरीन प रणाम को
दे खकर शु आत म अनुभव होने वाली परेशा नय को भुला दगे।
अ याय 19

अपनी परेशा नय को आशीवाद सम झए

जीवन म नायक व के ऊपर कुछ श ा शाला म म अ सर शा मल होने वाले लोग से


यह पूछता ं, “कौन लोग मेरी इस बात से सहमत ह क हम अपने सबसे क ठन
अनुभव से सीखते ह?” अ नवाय प से कमरे म हर हाथ उठ जाता है। म अ सर यह
सोचता ं क हम इ सान अपना अ धकांश समय अपने जीवन के क ठन अनुभव के
नकारा कमक पहलू पर यान दे ने म बता दे ते ह यह दे खने के बजाए क वे वा तव म हमारे
महानतम श क होते ह।
आपके पास ववेक और ान नह होता जो आज आपके पास है अगर जीवन क
ास दय को न झेला होता, परेशा नय को न सहन कया होता और ग तयां न क होती।
हम यह समझ लेना चा हए क दद एक गु है और नाकामयाबी सफलता क चौड़ी सड़क।
आप गटार बजाना नह सीख सकते जब तक आप कुछ तार को गलत नह बजाते ह और
आप कभी भी नाव चलाना नह सीखगे अगर आपक नाव कुछ बार न पलटे । अपनी
परेशा नय को एक आश वाद क तरह समझना चा हए। अपने लड़खड़ाते कदम को अपना
पहला कदम सम झए और वचनब होइए क अपनी चोट को ान के प म बदल दे ग।
जैसे जैसे म जीवन के पथ पर आगे बढ़ा मने भी अपने ह से के ख का सामना कया।
पर तु म हमेशा अपने को याद दलाता ं क हमारे च र का नमाण हमारे अनुभव से नह
ब क जीवन के क ठन अनुभव से होता है। जीवन के सबसे मु कल व के दौरान ही हम
यह खोजते ह क हम वा तव म कौन ह और हमम उन कौन सी असी मत श य का
नवास है। अगर आप वतमान म इस कार क चुनौ तय से गुजर रहे ह तो पूरे आदर के
साथ म रेनर मा रया के श द अ पत करना चा ंगा जसने मेरी जीवन के टे ढ़े रा त पर हमेशा
मदद क है।
हर उस बात पर संयम रखे जसका हल आपके अ तर म नह है। उन को भी ब द
कमर या उन कताब क तरह ेम करना सी खए जो वदे शी भाषा म लखी गई ह।
फलहाल आप उ र क अपे ा मत क जए। वे आपको नह मल सकते य क अभी
आपने उस जीवन को जया नह है। यह है हर चीज़ को वयं अनुभव करने का। अभी
आपको सफ के साथ जीना है। शायद आपका यान बना धीरे धीरे आप वयं इन
का उ र पा जाएंग।े
अ याय 20

ब तायत म हँ सए

एक अ ययन के अनुसार एक चार साल का ब चा औसतन एक दन म करीब तीन सौ


बार हँसता है और एक वय क करीब प ह बार। अपने पूरे दन के सब दा य व , तनाव
और या के बोझ से हम हँसना भूल गये ह। रोज़ हँसना हमारे च को उ त करता है,
सृजना मकता को उजागर करता है, हम यादा ऊजा दान करता है। ऐसा सुना गया है क
हा य अ भनेता ट व मा टन हर सुबह अपने रस के बहाव के आर भ के लए और अपने
दन क एक ओज वी शु आत करने के लए हर सुबह पाँच मनट तक हँसते ह। हंसी क
च क सा का अनेक बीमा रय और ग भीर रोग का इलाज करने के लए योग कया गया
है। जैसे क आधु नक मनो व ान के पता व लयम जे स का कहना है, “हम इस लए नह
हसते ह क हम खुश ह ब क इस लए हम खुश होते ह य क हम हँसते ह।”
मेरा एक दो त अपनी बु म ा के लए जाना जाता है उसने अपने नए साल म यादा
हँसने का संक प लया हर ह ते वह अपने वी डयो क कान से या तो कराए पर ‘ ी
टू जेस’ क फ म लाता था या तो कोई हा य क नई कताब खरीदता था जसे वह दन म
फुरसत के समय म पढ़ता। वह शु आत से ही सकारा मक था, पर तु उसने यह
महसूस करना शु कया क वह पहले से भी अ धक स बन गया। और इस आ म
वकास के तरीके क शु आत के बाद से वह यादा हँसने लगा है। इस खुशी के वातावरण
ने उसके इद गद एक नई जाग कता पैदा कर द और उसके जीवन को सरल बना दया।
अपनी नौकरी से स ब धत उसके जो भी तनाव थे उनम भी अ त प से कमी आ गई। इस
साधारण प त ने उसे एक स पूण प से जीने के नए धरातल और भावशीलता क
ऊँचाईय पर प ँचा दया।
जस कार मेरे म ने शु आत करी उसी कार आप भी अपने पास क व डयो क
कान पर एक नई मज़ेदार फ म ली जए। फर कुछ कताब उठाइए उदाहरण व प गैरी
लॉरसन क ‘फार साइड’ क ंखला या ब त ारा पढ़ जाने वाली डलबट के काटू न जो
आपक हँसने क आदत को े रत कर सके। अपने खुशहाल अ तमन के साथ जुड़ने क
को शश क रए और पेट म हँस हँस कर बल पड़ जाए ऐसी अ त हंसी के मजे ली जए।
अ याय 21

एक दन बना घड़ी के बताइए

पछले कुछ दन मैने ऐसा कया जो मैने ब त साल से नह कया था, मैने अपनी घड़ी
घर छोड़ द और पूरा दन बना समय पर यान दए बताया। घड़ी के हसाब से जीने और
उस दन क योजना बनाने के बजाए मैने सफ वह कया जो मेरा मन आ और उस ण के
लए जया। म एक समय क कठपुतली बने रहने के बजाए एक वा त वक इ सान बन गया।
ात: काल के समय म जंगल म र तक मण के लए गया जो मुझे ब त य है।
अपने साथ म ‘वॉ डन’ क एक पुरानी त ले गया जो सामा जक दाश नक हेनरी थौरो के
ारा लखी गई है। यह वह कताब है जो मुझे अ य धक पस द है। बैठकर पढ़ने के लए
एक सु दर थान ढूं ढकर मने सामा ज य के उन ण का अनुभव कया जहां प रपूणता
ब कुल सही समय पर घटती है। मैने पु तक को न े य प से खोला और तुत
अनु छे द को अपने सामने पाया।
“म जगंल म गया य क म अपने जीवन को अ छ तरह सोच वचार कर जीना चाहता
था। म यह नह चाहता क मरने से पहले मुझे यह पता चले क म जीवन भर सफ
अ नवायता का सामना करता रहा और म वह वयं ही नह सीख पाया जो म सर को
सखाने वाला था। म वैसा जीवन नही जीना चाहता था जो वा तव म जीवन नह था। जीवन
क ठन अव य है पर तु इसका यह मतलब कतई नह था क म याग का जीवन जीना
चाहता था जब तक ऐसा ज़ री न हो जाता। म एक ऐसे गहन जीवन क तलाश म था
जससे उसका सार नकाल सकूं और एक यो ा क तरह इस जीवन के यु े म उस सब
को हरा सकूं जो असली जीवन नह है।”
मैने इस महान के श द पर मनन च तन कया और अपने आस पास फैली ई
जा ई सु दरता से अपने आप को सराबोर कर लया। बाक दन मैने एक कताब क कान
पर, अपने ब च के साथ ‘टॉय टोरी’ दे खते ए, आंगन म अपने प रवार के साथ आराम
करते ए और अपनी पस द का संगीत सुनते ए गुजारा। न तो यह महंगा है न ज टल बस
सफ आन द से प रपूण है।
अ याय 22

यादा जो खम ली जए

म यह वादा आपसे कर सकता ं क अपनी मृ यु शै या पर जब आपका जीवन रोशनी के


अ तम कगार पर होगा आपको अपने जीवन म जो खम का सामना करने के लए ज़रा भी
अफसोस नह होगा। ब क आपको खेद और :ख उन खतर के लए होगा जो आपने
वीकार नह कए, उन अवसर के लए होगा जो आपने हाथ से जाने दए, और उन डर को
जनका सामना आपने नह कया। याद र खए क डर के सरी ओर आज़ाद का नवास है
और सफलता के इस अख ड स ा त को के ब बना कर र खए क, “जीवन अंको के
खेल के सवाय कुछ भी नह है। आप जतना जो खम उठाएंग उतना ही अ धक फल
मलेगा। या सोफो लै स के श द म, “भा य कमजोर दल वाले लोग क क मत म नह
होता है।”
अपना जीवन भरपूर जीने के लए जो खम झेलना शु क रए और वह चीज करना शु
क रए जनसे आपको डर लगता है। असु वधा के साथ नाता जोड़ ली जए और आसान,
बना कसी बाधा के रा त से मुख मोड़ ली जए। अव य, ऐसा स भव है, क आपके पैर पर
चोट लगेगी अगर आप नए रा ते पर चलगे पर तु यही एक रा ता है जसके ारा आप कसी
भी म जल तक प चगे। मेरी ानी मां हमेशा कहती है, “आप कसी भी तीसरी जगह अपने
एक पैर को सरे पर रखकर नह प ंच सकते।” या जैसे ए े गाइड ने कहा है, “हम नई
नया को तब तक नह खोज सकते जब तक हम काफ समय तक कनारे के नज़ारे से र
नह होते।”
चुरता के जीवन का रह य इसम है क आप अपने दन सुर ा क खोज म बरबाद
करना बंद कर द और उस समय को जीवन के अवसर के लए उपयोग करने म लाएं।
अव य ही आपके ह से म परेशा नयां भी आएंगी अगर आप सोच समझ कर और
भावना के साथ जीना शु करगे। पर तु असफलता वजयी होने क दशा म एक श ा
है। या जैसा क मेरे पताजी ने बोला, “रॉ बन, पेड़ क मु य डाली के लए यह जो खमपूण
होता है पर तु सारे फल भी वही लगते ह।”
जैसा क मैने पछले एक पाठ म लखा है क जीवन सफ वक प का नाम है। गहन
स पूणता और उ च प से वा त वकता से जुड़े ए लोग साधारणत: सर क तुलना म
अ धक ववेकपूण चुनाव करते ह। आप या तो यह चुनाव कर सकते ह क या तो जीवन के
तट पर पूरी सुर ा के साथ बैठ रहे और या गहरे समु म डु बक लगा कर उन मो तय को
ढूं ढ कर लाएं जो कसी असली साह सक क त ा म पड़े ए ह। अपने आपको
इस बात पर के त और े रत रखने के लए क जैसे जैसे जीवन के दन आगे जाएंगे म
गत सीमा के घेरे को बढाने का यास करता र ंगा, मैने अपने अ ययन म थराडोर
ज़वे ट के श द का वणन कया है :-
“ कसी भी थ त म आलोचक मह वपूण नह है, और न ही वह जो यह बताता
है क कोई मज़बूत इ सान कहां लड़खड़ाया, या वह कहां अपना काम बेहतर कर सकता
था। असली श सा उस क है जो वा तव म मैदान म है, जसका चेहरा पसीने और
खून से भरा आ है और जो वीरता के साथ को शश कर रहा है पर तु थोड़ी सी कमी के
कारण वह अपने जो ल य के पास आते आते रह जाता है। उसम महान उ साह है, और वह
अपना जीवन एक यो य तरीके से बता रहा है, जसे सबसे अ छ तरह उ च उपल ध क
जीत के बारे म जानकारी है और वह यह भी जानता है क अगर वह हारा तो कम से कम
वह महान ह मत का दशन करके हारेगा जसक उन डरपोक य ने को शश भी नह
क और जो वजय और पराजय दोनो से अन भ ह।”
अ याय 23

जीवन जओ

जब फ म टार के वन कॉ टनर से उसके पेशे के उतार चढ़ाव के बारे म पूछा गया तो


उसका जवाब था, “म जीवन को जी रहा ।ं ” मुझे यह उ र अ य त व तापूण लगा। अपने
अनुभव और घटना के बारे म अ छा या बुरा होने का नणय लेते ए समय न करने के
बजाए उसने एक तट थ रहने का तरीका अपना लया और सादगी के साथ उ ह उसी प म
वीकार करने का फैसला कर लया जस प म वह रा ते म आते ह।
हम सब अपनी आ खरी म जल तक प ंचने के लए अनेक रा त पर चलते ह। हम म
से कुछ लोग के रा ते सर से यादा पथरीले होते ह। पर तु कोई भी अपने ल य तक बना
परेशा नयाँ झेले नह प ँचता है। अत: उससे लड़ाई करने के बजाए य नह हम उ ह अपने
जीवन का प समझ कर वीकार कर ल। य न आप अपने आपको प रणाम से अलग
करके सफलता और स पूणता के साथ सफ उन प र थत का अनुभव कर जो आपके
जीवन म वेश करती है। दद को महसूस क रए और स ता का वाद ली जए। जब तक
आपने कभी कसी घाट के दशन नह कए ह तब तक कसी पहाड़ क ऊँचाईय का य
आपको सांस को रोकने वाला नह लगेगा। याद र खए जीवन म सफ प रणाम होते ह न क
नाका मया बयां। सफ सीख होती है न क पाठ। वा तव म परेशा नयां कुछ भी नह वे सफ
अवसर होते ह जो क समाधान का प लेने के लए बु मान इ सान के इ तज़ार म होते ह।
अ याय 24

चल च से सी खए

मुझे जब भी अवसर मले तो फ म दे खना ब त य है। म अ सर अपनी बेट बया का


और बेटे को बी को बॉ स ऑ फस पर कसी सफल और सजीव फ म के लए जाता ं
जहां हम पॉपकान खाते ए इसके मज़े लेते ह। हम हमेशा अपने चेहर पर एक मु कुराहट
के साथ बाहर आते ह और साथ म उन सारे च र के साथ जनक हम अपने खेल के समय
नकल कर सकते ह। जब म ा यान दे ने क या ा पर होता ं तब चाहे म कसी भी शहर
म ं पर थोड़ा समय नकालकर कसी थयेटर म जाकर कोई अ छ फ म ज र दे खता ं।
मुझे वह फ म सफ आराम नह दे ती है ब क मुझे एक सरी नया म ले जाकर जीवन
क अन त स भावना के बारे म सोचने क ेरणा दे ती है। मेरा सोचना है क फ म मेरी
क पना को पनाह दे ती है।
कुछ दन पहले मैने एक इटै लयन फ म दे खी थी जसका नाम था ‘लाइफ इज़
यूट फुल’। हांलां क उसम वातालाप पद पर आ रहे थे पर तु फर भी उस फ म ने मुझे तीन
घ टे के लए जकड़ कर रख दया। इस तरह से हला दया क शायद ऐसा जोरदार असर
काफ दन बाद आ था। कहानी का एक बड़ा भाग ेम से भरे ए पता और उसके युवा
बेटे के र ते के बारे म है। आर भ मे दोन आपस म ब त अ छा समय बताते ह और उनको
एक सरे से अलग करना मु कल है। अचानक एक दोपहर दोन को उनके घर से नकाल
कर आउस वट् स क रेलगाड़ी म बठा दया जाता है जो बदनाम नाज़ी कै प क ओर जा
रही थी। बाक फ म यह दखाती है क पता न सफ अपने बेटे क जान बचाने के लए
ब क साथ ही इस भयावनी अ नपरी ा के दौरान उसे भी खुश रखने के लए अ व सीय
आयाम को छू ता है। हाँला क पता अंत म अपनी जान क बाज़ी लगा दे ता है। लाइफ इज़
यूट फुल एक श शाली संदेश है क जीवन एक उपहार है और हम अपना हर दन
सव म तरीके से बताना चा हए।
एक अ छा चल च आपके कोण को नवीनता दे ता है, आपको अपनी मह वपूण
चीज़ से जोड़ता है और आपके जीवन म फू त भर दे ता है। और जैसा क रै फ वॉ डो
इमसन का कहना है, “कोई भी महान उपल ध बना उ साह के हा सल नह होती।”
अ याय 25

अपने धन को आश वाद द जए

अगर कभी आपको इं लड म लंदन जाने का मौका मले तो आप ‘फौइ स’ म अव य


जाएँ जो क शहर क सबसे पुरानी कान म से है। मने इस कान म धूल से भरी ई
अ मा रय म पड़ी ई कताब को दे खते ए जन र न को ढू ढ़ा है वह शायद नया क
कसी भी और कान म नह मलेग। और मेरे जैसे व ाथ जसे आ म उ थान के सा ह य
म च है के लए साधारणत: कान का वह भाग एक चु बक क तरह काम करता है। म
हमेशा उन लेखक क तरफ यान दे ता ं जो यादा मश र नह है पर फर भी वे मुझे
जीवन क कला, और अपने जीवन म सुधार लाने क दशा म अ त दान कर सकते ह
और ‘फौइ स’ म म यह हमेशा पा लेता ।ं
कुछ वष पहले मुझे एक पु तक मली थी जसका नाम था ‘ ग आउट द मै जक इन
योअर माइ ड’। यह करीब तीस साल पहले एक अल कोरान नाम के आदमी ारा लखी गई
थी जो उन दन नया का महानतम मान सक जा गर था। एक अ याय म जसका नाम है
‘धन का रह य’ उ होन यह लखा है, “जब आप अपना पैसा कसी चीज़ के लए दे दे ते ह
तो याद से उसे हमेशा आश वाद द जए। उससे क हए क वह अपने हर छू नेवाले को ध य
करे। उसे नदश द जए क वह भूख को खाना दे और फर कई गुना बढ़कर आपके पास
वापस आए। इसे ह के ढ़ं ग से मत ली जए। म ग भीरता से ऐसा कह रहा ।ं
आगे के कुछ दन आप अल कोरान क सलाह को मानकर दे ख क या होता है। जब
आप अपने राशन के सामान के लए पैसे का भुगतान करते ह तो चुपचाप सबको ध यवाद
द जए ज होने आप तक यह खाना प ंचाने म मदद क है। वह कसान, ज होने इसे
उपजाया है, वे लोग, ज होने इसे यहां तक प ंचाया और वे संर क ज होने इसे सं चत
करके रखा। अगर आप अपने ब च क श ा से स ब धत चेक लख रहे ह तो य न
चुपचाप आप उन सब श क क शंसा क रए जो अपना समय आपके ब च के भ व य
को संवारने क दशा म तीत कर रहे ह और उन सब लोग को भी जो इस काय म उनक
मदद कर रहे ह। जब आप कसी कान से कोई प का खरीदते ह तो उस इ सान को
आश वाद द जए जो पूरे दन काउ टर के पीछे खड़ा रहकर मेहनत करता है और कामना
क जए क यह पैसा उसके जीवन को बेहतर बनाए। जैसा क यह अख ड स य कहता है,
“जो हाथ दे ता है वही हाथ बटोरता है।”
अ याय 26

यो यता पर यान द जए

कुछ समय पहले मेरे द तर म फेडै स से एक पासल आया। उसके अ दर एक लफाफा


था जस पर सुनहरी मुहर लगी ई थी और तह के ऊपर मेरा नाम सावधानी से लखा आ
था। मैने ज द से उसे खोला और अ दर के प को पढ़ने लगा। यह प एक ब त बड़ी
क पनी के सी.ई.ओ. के पास से आया था जसने मेरी कताब ‘लीडर शप वसडम ॉम द
मंक सो ड हज़ फरारी’ क एक त अपनी यूरोप क वासा यक या ा के दौरान
वमान थल से खरीद थी। उ होने कहा क वे जीवन पय त के लए नेतृ व के वषय के
व ाथ रहे पर तु कताब के नाम से थोड़ा उलझन म है हांलां क यह बोलते ए उनके चेहरे
पर मु कुराहट उमड़ पड़ी थी।
यह अ धकारी अ य धक तनाव क थ त म था जसका कारण उसके ऊपर आने वाले
दबाव थे और वह अपने नेतृ व क का ब लयत को इस कदर भावशाली बनाना चाहता था
जससे वह अपने वसा यक और गत नया म उस पहलू पर यान दे सके जो
यादा ज़ री है। अपने प म उसने लखा था, “जब मने इस आदमी क कहानी पढ़
जसका जीवन अ य त ज टल और नय ण के बाहर जा चुका था तब मने अपने आपको
अपने उस ह से से जोड़ना शु कया जससे म ब त समय से र हो चुका था। मैने उन
लोग के बारे म सोचना शु कया जो लोग मुझसे मागदशन और ेरणा क अपे ा करते ह।
मने अपनी प नी के बारे म सोचना शु कया जो पछले पाँच साल से मुझसे उसे छु पर
ले जाने क गुहार कर रही थी। और मैने उन तीन ब च के बारे म सोचा ज होने अपने पता
को उनके सबसे बेहतरीन साल म सफ सफलता क का प नक सीढ़ पर चढ़ते दे खा था।
म अपने आपको एक श शाली इ सान समझता ं पर तु जैसे जैसे म आपक कताब
पढ़ता रहा, मेरी सस कयाँ नकलने लगी म रोने लगा पहले हौले से फर मेरा रोना नय ण
के बाहर हो गया। इतना ती क मेरे प रचारक को अ दर आ कर मुझसे पूछना पड़ा क मेरे
साथ सब कुछ ठ क था।
सी. ई. ओ. बोलता रहा,
वह ण मुझे जगाने वाला समय था, वह अनुभव जसको म अपने साथ तब तक रखूंगा
जब तक म मर नह जाता। मुझे मालूम था क जस कार म नेतृ व कर रहा ं और जस
कार म जीवन जी रहा ं उसम मुझम ग भीर प रवतन लाने क आव यकता है अत: इस
उड़ान म 35000 फ ट आसमान क ऊँचाइय म नया से ऊपर मने अपने आपसे एक
वादा कया क म इस बात का पूरी न ा से पालन क ं गा क सफ जीवन क बु नयाद
बात पर यान ं और अपने जीवन म आने वाले उन अन गनत व न को हराते ए सफ
अपने आपको उन या पर के त क ं जनम वह श है जो मेरे काम करने के ढ़ं ग म
प रवतन ला सके। मैने वचन लया क म रोज़ छ: समाचार प नह पढूं गा, और अपने आए
ए हर प वहार को नह दे खूंगा, और वे भोज जसका बुलावा आता है उनका नम ण
वीकार नह क ं गा। मेरे पास आपका अ याय जो गत भावशीलता पर है जसको
आप सट क प से ‘फोकस ऑन द वद ’ बुलाते ह को मैने एक धातु पर लखवा कर अपनी
मेज पर रखा है वह मुझे याद दलाने के लए क जो सब कुछ करने क को शश
करता है वह अ त म कुछ भी नह कर पाता है। म आपको बता नह सकता क तब से मेरा
जीवन कतना बेहतर हो गया है जब मैने इस सरल फलसफे के साथ जीना शु कया है।
ध यवाद।
समय आपके उपभोग क सबसे आव यक व तु है फर भी लोग इस कार जीते ह जैसे
हमारे पास समय क चुरता है। अपने जीवन का नय ण हाथ म लेने के लए आव यक है
क अपना यान वापस अपने उ े य पर के त कर सक। चीज को करने का असली रह य
इस बात को जानने म है क या नह करना चा हए। एक बार आप अपने दन का समय उन
उ च काय के स पादन म लगाएंगे और ाथ मकता दे ग तो वह आपके जीवन के उ े य
और धरोहर को पूरा करने म सहायता दे गी और आपके जीवन को बदल दे गी। इ तहास के
बड़े वचारक भी इसी न कष पर प ँचे ह। महान ानी क यूशस का कहना है, “एक
इ सान जो दो खरगोश के पीछे भागता है वह एक को भी नह पकड़ पाता है।” रोमन
दाश नक मा स ऑरे लयस ने कहा था, “आप अपनी तताएं कम कर द जए अगर
आपको जीवन म शा त क तलाश है।” पीटर कर ने ान के ब के प म एक सरे ही
तरीके से लखा है, “ जस काय को करने क आव यकता नह है उसे पूरी मता के साथ
करने से यादा नरथक कुछ भी नह है।”
अ याय 27

ध यवाद क ट पणी ल खए

जो चीज़ करना आसान होता है वही चीज न करना भी उतना ही आसान होता है। जैसे
जैसे हमारे जीवन क ग त बढ़ती जाती है वैसे वैसे इन सरल भाव का उन ल गो पर ब त
भाव पड़ता है जो इसके यो य ह। और मेरी सरल भाव क सू च म सबसे ऊपर के थान म
एक भूली ई लखने क कला है जसे ऋण प कहते ह शा मल है जसके प रणाम गहन
होते ह।
हर कसी को प मलने पर खुशी होती है। यह मानव क स चाई है। हम सबके दय म
मह वपूण महसूस होने क इ छा छु पी ई है। म वा तव म अ य त स होता ं जब मुझे
उन लोग के प मलते ह ज होने मेरी पु तके पढ़ ह और मेरी श ा को अपने जीवन म
सकारा मक बदलाव लाने के लए यु कया है। ऐसी ब त कम चीज़े ह जो मुझे उतनी
खुशी दे पाती ह जो मुझे इन च य के मलने से होती है, जो वे पु ष और यां भेजते ह
ज होने मेरी श ाशाला म उप थत होकर लाभ उठाया है, और अपने पेशे तथा गत
जदगी म सुधार पाया है। और यह जानते ए क मुझे वंय इससे कतनी खुशी मलती है
जब मुझे सर के प मलते ह, म पूरी को शश करता ं क हर प का जवाब एक
ध यवाद के साथ ं ।
वे लोग चाहे जो ह जनके साथ मेरा रोज़मरा क ज दगी म काम पड़ता है, या वे
अ धकारी जो मुझे बोलने के लए नयु करते ह, या लोग जो मेरे गत श ण के
काय म म आते ह, या वे प कार जो मेरा सा ा कार लेना चाहते है और या वे उ ोगप त
जो मुझे नए अवसर के बुलाते ह – म हर मुलाकात का एक कृत ता प के साथ अनुसरण
करने क को शश करता ।ं यह अव य ही काफ समय लेता है और मेरे काय का भार बढ़
जाता है पर तु कुछ त याएं ऐसी होती ह जनम र त को बनाने और जोड़ने क श
होती है जैसे क दल से महसूस कया गया एक ध यवाद प । यह दशाता है क आप
फ म द, समझदार तथा मानवीय ह। तो इस ह ते बाहर जाइए और ध यवाद के काड का
एक पैकट खरीद लाइए या जो ढे र क सं या म आपके गोदाम म ा य ह गे और लखना
शु क जए। आप और वे सारे लोग जनके साथ आप काम करते ह आपके इस काय से
खुश ह गे।
अ याय 28

हमेशा अपने साथ एक कताब र खए

‘यू एस यूज’ और ‘व ड रपोट’ के अनुसार अपने जीवन क दौड़ म हम आठ महीने


अपनी’ जंक मेल’ खोलने म, दो वष फोन क गलत कॉल का जवाब दे ने म और पाँच वष
कतार म खड़े रहने म तीत कर दे ते ह। इस आ यजनक स चाई के बाद सबसे साधारण
पर तु बु म ा से समय का सही उपयोग करने का तरीका है क आप जहाँ भी जाए वहां
कसी पु तक के न जाएं जब सरे लोग कतार म इ तजार करते ए अस तोष कट करते ह
वह आप अपने आपको उ त करने क या म लगे होते ह और अपने दमाग को उस
महान कताब म दए ए ब मू य वचार से पोषण दे रहे होते ह।
“जब तक आप ज दा है तब तक जीने का तरीका सीखते र हए।” रोमन दाश नक
सेनेका ने कहा था। फर भी यादातर लोग अपने कूल क औपचा रक श ा के अलावा
गनती क कताब पढ़ते ह। इस शी ता से बदलती नया म वचार ही सफलता क कुंजी
है। सफ आव यकता है क सही कताब से उन वचार ारा अपने च र का पुन नमाण,
या अपने र त को एक नया प दे न,े या अपने जीवन म एक ा त लाने क दशा म
यु करना चा हए। एक ब ढ़या कताब आपके जीने का तरीका बदल सकती है जैसा क
दाश नक हेनरी डे वड थौर ने ‘वा डन’ म लखा है, “शायद कुछ ऐसे श द होते ह जो
हमारी थ त को अचूक तरीके से बयान करते ह ज ह अगर हम सही म सुन और समझ
सकते तो वह शायद सुबह और शरद ऋतु से यादा प व होगा और स भवत: हमारे रा ते
म आने वाली चीज़ को एक नई दशा दे गा। ऐसे कतने लोग ह ज ह ने अपने जीवन म एक
कताब पढ़ने के बाद एक नए युग का अनुभव कया है। कताब हम संयोगवश मलती ह जो
हमारे चम कार क ा या करती ह और नई आ यजनक चीज़ के बारे म बताती ह।”
आप जीवन म कतनी उ त करगे यह सफ आपके प र म पर नह ब क इस बात
पर भी नभर करता है क आप कतनी अ छ सोच रखते ह। जैसा क म अपने नेतृ व के
भाषण म कहता ं, “इस नई अथ व था म सबसे महान वचारक ही सबसे महान नेता
होएंगे।” और आप पाँच वष के बाद कस कार का होने वाले ह और यह दो तरह के
ाथ मक भाव पर नभर करता है वह यह क आप कन लोग के साथ मलते जुलते ह
और आप कौन सी पु तक पढ़ते ह। म अ सर अपनी श ाशाला क जनता से मज़ाक
करता ं क म ‘ स ेला टे नस’ खेलता ं। म पूरी को शश करता ं पर तु गद तक नह
प ँच पाता ं। पर जब अपनी तुलना म कसी बेहतर खलाड़ी के साथ खेलता ँ तो मेरे
खेल पर कुछ जा सा हो जाता है। म ऐसी बाज़ी चलता ं जो मैने पहले कभी नह द । पूरी
कुशलता के साथ हवा म उड़ान भरते ए इतनी सरलता के साथ क कोई भी ब ढ़या
खलाड़ी मेरे सामने पानी भरे। अ छ कताब पढ़ने क आदत ऐसी ही धारणा का सृजन
करती है। जब आप अपने म त क को महानतम व के वचार के सामने लाते ह जो
इस ह पर पहले कदम रख चुके ह आपके खेल म सुधार आता है, आपके मनन क गहराई
बढ़ती है और आप बु म ा के नए धरातल क ऊँचाईय तक प ंच जाते ह।
गहन पाठ आपको चौबीस घ टे इस नया के सव च सृजना मक, ानी और ेरक
य के साथ स ब धत रखता है। अर तू इमरसन, सेनेका, गांधी, थौरो, डोरो थया ै डी
और अनेक बु मान पु ष और यां जो हमारे ह क सु दरता बढ़ा रहे ह वे सफ इस
त ा म ह क आप उनका ान उनक पु तक के मा यम से उनके सांथ बांट सके। आप
ऐसे अवसर को अपने हाथ म जब भी संभव हो लेते रह। अगर आज आपने कुछ नह पढ़ा
है तो आज के दन आप जए भी नह ह। और पढ़ना आते ए भी अगर आप पढ़ने म
नाकामयाब होते ह तो यह उसी समान है जैसे जसको पढ़ना नह आता है पर पढ़ना चाहता
है।
अ याय 29

यार का बहीखाता बनाइए

एक बार मदर टे रेसा ने कहा था, “कोई काय महान नह होता। सफ छोटे काय होते ह जो
महान ेम के साथ कए जाते ह।” ऐसे कौन से छोटे काय ह जो आप खुद अपने लए और
आपके जीवन म मह वपूण लोग के बीच का र ता मज़बूत करने के लए आज कर सकते
ह? ऐसे कौन से न े य दयालुता और बना वाथ के सु दर काय ह जो आप कसी के दन
को थोड़ा अ छा बनाने के लए कर सकते ह? संवेदनशील होने क सबसे बड़ी वड बना है
क दे ने क या अपने बारे म अ छा महसूस करने पर मज़बूर करती है।
सर के लए ेम क भावना से प रपूण होने का अ यास करने के लए एक यार का
बहीखाता बनाइए। हर दन उसम कुछ नाम जमा क जए जैसे अपने आस पास वाले कसी
के लए कोई ऐसा छोटा सा काय करना जो उसके जीवन म खुशी भर सके। अपने
सहकम के लए बना कारण फूल ले जाना, अपने म को अपनी पस द दा कताब क
त भेजना और समय नकाल कर अपने ब च को बताना क आप उनके बारे म या
अ छा महसूस करते ह आ द जैसी बात शु आत करने के अ छे तरीके ह।
एक चीज़ जो मैने जीवन म सीखी है वह यह है क छोट बात ही जीवन क जीवन क
बड़ी बात होती ह। त दन आपके यार के खाते म यह छोट धरोहर आपको अपने बक म
जमा धन से यादा स ता दे गी। जैसा क इमरसन ने कहा है, “ बना एक धनवान दय के,
धन एक बदसूरत भखारी के समान है।” या जैसा टॉल टाय ने लखा है, “खुशी बटोरने के
लए हम अपने आपको एक मकड़ी क तरह अपने ेम का जाल हर दशा म बुनना होगा
जससे जो भी उसम आए फंसकर वापस न जा पाए।”
अ याय 30

ल ग के आँख क पुतली के पीछे जाइए

मानवीय जीवन क सबसे बड़ी लालसा है क हम लोग समझ, यार कर और हमारा


आदर कर। फर भी इस तगामी ग त से भागती ई ज दगी म ब त से लोग ऐसा व ास
करते ह क सुनने क या सफ सरे के चुप होने का इ तजार करना है। थ त
और खराब हो जाती है अगर कोई हमसे बात करता है और हम अ धकतर समय वंय के
उ र को तैयार करने म लगा दे ते ह बजाय इसके क हम उसक बात को सम वत करने
क को शश कर।
वा तव म सर के नज रए को समझने के लए समय नकालना यह कट करता है क
आपके मन म उस के यालात का मह व है तथा आप उस क फ करते ह।
अगर आप उस जो आपसे बात कर रहा है, क आँख क पुतली के पीछे जाकर
उसके नज़ रए से नया दे खने क को शश करगे तो ऐसा करने से आप उसके साथ एक
गहन र ता बना लगे और यह एक ऐसे ब धन म ढलेगा जो उ च तर के थायी व ास को
जगह दे गा।
हमारे दो कान और एक मुंह होने का कारण है – हम जो बात करते ह उसे दो बार सुन
सक। और एक अ छा ोता होने क श ता होने का एक और लाभ है य क अगर आप
बात नह कर रह ह तो पूरे व सीख रह ह आप उस सूचना तक प ंच रह ह जो अगर आप
खुद वातालाप करते तो आपको मलने से चूक जाती।
यहां कुछ वहा रक तरीके दए जा रहे ह जसके ारा आप वण कला म वीण हो
जाएंगे -

- अगर आप बोल रहे ह और वह जसके साथ आप वातालाप कर रहे ह अगर


पछले साठ सेक ड से नह बोला है तो इसका मतलब है क आपक बात पर यान
नह दया जा रहा है और यह व चुप हो जाने का है।
- बीच म बोलने के लालच से अपने को रो कए अपने आपको ऐसा करने से पहले ही
पकड़ ली जए और जस वषय पर सरा बात कर रहा है उस पर यान
द जए।
- अगर कसी वसा यक समूह म कोई बोल रहा है तो यह द शत क रए क
आप वा तव म उसके वातालाप से सीखना चाहते ह। इसके लए आप ज़ री
ट प णय को उसी समय ल खए अचानक पु तका नकालकर लखने के बजाए।
- जब सरा अपने वचार जा हर कर चुके जो तुर त या करने के बजाए
पहले उस पर सोच वचार क रए जो आपने सुना है। ऐसा कहना क, “म सफ यह
जानना चाहता ं क मने आपक बात को पूरी तरह से समझा क नह , या आप
यह कह रह........।” और पूरी स चाई के साथ ऐसा करने से आप उन लोग के और
नकट आ जाते ह जनके साथ त दन आपका वहार होता है।
अ याय 31

अपनी परेशा नय क सूची बनाइए

चा स कैट रग ने कहा है, “वह सम या जसक ा या सही तरीके से हो चुक है तो उस


सम या का आधा हल भी नकल चुका है। अगर आप अपनी हर परेशानी को कागज़ म
लखकर उसक सूची बनाएंगे तो ज़ र कुछ व श घटता है।” इसका असर कुछ वैसा ही
है क जैसे आप अपने य म को अपनी सम या के बारे म बताने के बाद जस शा त का
अनुभव करते ह। आपके क ध से बोझ हट जाता है। आप ह का, शा त और वत
अनुभव करते ह।
मने यह पाया है क हमारा दमाग हमारा सबसे अ छा दो त बनने के साथ साथ सबसे
बुरा मन भी बन सकता है। अगर आप अपनी परेशा नय के बारे म लगातार सोचते रहगे
तो थोड़ा समय बाद यह पाएंगे क आप उनके अलावा कुछ और भी नह सोच रहे ह। मन
एक आ यजनक जीव है आप जस बात को याद रखना चाहते ह वह भूल जाता है और वह
जो भूलना चाहते ह वह यह याद रखता है। मेरी श ाशाला म ऐसे ब त से लोग आते ह जो
अभी भी कसी इ सान क उस हरकत पर नाराज़ ह जो उसने प ह पहले क थी या अभी
भी उस व े ता से गु सा ह जसने पहले महीने उनसे तरीके से बात करी थी।
अपने उन दमागी कोलाहल से जो हमारी क ठनाईय को बढ़ा रहे ह, से छु टकारा पाने
के लए अपनी सारी क ठनाइय क एक सू च बनाइएं। अगर आप ऐसा करते ह तो वे
आपके मन को कुं ठत नह करगी और न ही आपको श हीन बनाएंगी। यह सरल अ यास
आपको यह भी अनुम त दे गा क अपनी परेशा नय को एक कोण म रख और उनको
तरीके से मानुसार और योजनानुसार सुलझा सक। अनेक सफल लोग ज होने इस प त
का योग कया है उनमे से माशल कला के गु ूस ली और व सटन च चल जैसे लोग भी
ह ज होने कहा है, “करीब आधा दजन परेशा नयाँ जो मुझे च तत कर रही ह को लख
कर रखना अपने आप म फायदे म द सा बत होता है। दो सम याएं अपने आप गायब हो
जाती ह, दो के बारे म कुछ कया नह जा सकता और उनके बारे म सोचने का कोई फायदा
नह है और दो को शायद सुलझाया जा सकता है।”
अ याय 32

काय स पादन क आदत डा लए

“बु म ा यह जानने म है क हम आगे या करना है, काय कुशलता इसम है क कैसे


करना है और व श ता उसे करने म है।” डे वड टार जॉडन का यह कहना था। हम म से
यादातर लोग को यह मालूम है क हम अ धक खुश रहने, व थ रहने और प रपूण जीवन
जीने के लए कस चीज़ क आव यकता है। वा त वक परेशानी इस बात म है क हम इस
बात से अन भ होते ह क हम या जानते ह। मैने अनेक व ा को बोलते ए सुना है,
ान म बल है।” म इनसे असहमत ं। ान म श नह है। ान सफ ठोस बल है। यह
श म तब बदलता है जैसे ही हम नणायक प से इसे या म ढ़ाल लेते ह।
एक बलवान च र का मापद ड सफ चीज़ को मज़े के लए करने म या आसान चीज
करने म नह है। एक गहन नै तक भु व उस इ सान म द शत होता है जो लगातार वह
करता है जो उसके लए ज री है और उसे करना चा हए न क जो उसका मन कहता है।
एक ईमानदार च र का इ सान अपना समय सही चीज करने म बताता है। ऐसे इ सान म
अपने पूरे दन क थकान के बाद तीन घ टे टे ल वज़न दे खने के बजाए यह ह मत होती है
क वह सोफे के आराम से उठकर अपने ब च को कुछ पढ़कर सुनाएं। उन स दय क ठ डी
सुबह म ऐसा अपने आ म अनुशासन क वभा वक सं चत श य का योग करके
ब तर से उठकर दौड़ने के लए जाता है। और जैसे क या एक आदत है जतनी ही
सकारा मक याएं हम करगे उतनी ही इसक आदत बनती जाएगी।
अनेक बार हम अपने सामने एक आदश रा ते के आने का इ तजार करते रहते ह। हम
भूल जाते ह क रा ते चलने से बनते जाते ह इ तजार करने से नह । सपने दे खना अ छा है
पर तु सफ बड़ी चीज के बारे म सोचना बड़ी योजनाएं शु नह कर सकता, आपके बल
का भुगतान नह कर सकता और न ही आपको वह बना सकता है जो आपका दल
जानता है क आप बन सकते ह। थॉमस कार रल के श द म, “इ सान का अ तम येय
कम म है वचार म नह , चाहे वचार कतने भी तेज वी य न ह बना स पादन के थ
है।” छोटे काय हमेशा बड़े इराद से बेहतर होते ह।
अ याय 33

अपने ब च को एक उपहार सम झए

मेरा बेटा को बी ‘फादस डे’ के दन अपने व ालय से एक हाथ से बना आ काड लेकर
आया। उसके ऊपर मेरे बेटे के हाथ क छाप थी और काड के अ दर उसक फोटो के ऊपर
यह पं यां थी, “आप कभी कभी हताश हो जाते ह य क म छोटा ं और हमेशा अपने
हाथ के च ह फन चर तथा द वार पर छोड़ दे ता ं। पर तु हर दन म बड़ा हो रहा ं और
एक दन म पूरा बड़ा हो जाऊंगा और वे छोटे हाथ के सब नशान कह गुम जाएंग।े अत:
आपके लए एक अ तम छाप है जससे आप याद कर सकगे क जब म छोटा था तो मेरे
हाथ असली म कैसे दखते थे। यार, को बी।”
ब चे कतनी ज द बड़े होते ह। ऐसा लगता है क यह कल क बात है क म श य क
के बाहर अपने बेटे के ज म का इ तजार कर रहा था और फर दो वष बाद अपनी बेट
बया का के ज म का अपने आप से यह वादा करना ब त आसान है क आप ब च के
साथ यादा समय गुजारगे जब आपका काय थोड़ा कम हो जाएगा, या जब आपक
पदो त होएगी, या अगले साल जब आपको थोड़ा और समय मलेगा। पर तु अगर आप
अपने जीवन क बागडोर अपने हाथ म नह लेगे तो जीवन आपके ऊपर हावी हो जाएगा।
ह त को महीन म और महीन को साल म बदलते दे र नह लगती और जब तक आप इसे
समझ पाते ह वह छोटा सा ब चा एक वय क के प म वंय अपने प रवार के साथ खड़ा
मलता है। सबसे बड़ा तोहफ़ा जो आप अपने ब च को दे सकते ह वह है आपका समय।
और सबसे बड़ा उपहार जो आप अपने ब च को दे सकते ह वह है अपने ब च को असली
प म दे ख कर आन द लेना। ब चे हमारे जीवन क वल ण भट ह।
‘ द ोफेट’ म ख लल ज ान मे मुझ से यादा ब ढ़या तरीके से इस वचार क ा या
क है, “आपके ब चे सफ ब चे नह ह। वे बेटा और बेट के प म जीवन क अ भलाषा
और लालसा ह।”
अ याय 34

रा ते का आन द ली जए न क पुर कार का

मेरे काय का एक भाग यह भी है क मुझे अ सर लोग को अपना ल य नधा रत करने,


और अपने मुकाम को पाने का श ण भी दे ना पड़ता है। जब म अपने ोता से पूछता
ं “यह य ज़ री है क आप अपने उ े य तक प ंचे?” उनका अ धकतर यह जवाब होता
है, “ य क जो म चाहता ं अगर मुझे मल जाए तो मुझे खुशी होगी।” हांला क इसके
जवाब म एक स चाई का अंश है। अगर हम अपनी चाही ई चीज़ मल जाए जो वह हमारे
जीवन म अ य धक खुशी लाती है जसको नापा नह जा सकता है।” अपने उ े य न त
करने और उन तक प ंचने का असली मह व इसम नह है क आपको उसके बदले म या
पा रतो षक मला है ब क उस मं जल तक प ंचने म आपको जो अनुभव ए और आपने
उनसे जो सीखा वह यादा मह वपूण है। इस सरल म ने मुझे जीवन क या ा का आन द
लेने म मेरी मदद क और साथ ही मुझे अपने गत उ े य पर के त रखा।
जैसा क मेरे मनपस द दाश नक रै फ वॉ डो इमरसन ने लखा है, “ कसी काय को
अ छ तरह करने का पुर कार उसे संपूण करने म है।” जब आप अपने ल य को ा त करते
ह तो वह ल य चाहे बेहतर नेता बनने का हो या बेहतर अ भभावक बनने का, आप इस
या म एक तरह क प रप वता का अनुभव करते ह। अ सर आपको इस वकास क
या का पता नह चलता है पर तु यह न त प से थान ले चुक होती है। अत: जो
पुर कार आपको अपनी उपल ध पर मलते ह सफ उनका वाद लेने के बजाए आपको
उस या का ज मनाना चा हए जसके ारा आप उस म जल तक प ंचे और जसने
आपको एक बेहतर इ सान बना दया है। आपने आ म अनुशासन का नमाण, अपने
वल ण गुण क खोज, और अपनी का ब लयत का सफल दशन कया है। यह अपने
आपम सबसे बड़ा पा रतो षक है।
अ याय 35

याद र खए क प रवतन के पहले जाग कता आती


है

आप कभी भी उस कमज़ोरी को ख म नह कर सकते जब तक आप उसके बारे म जानेगे


नह । अपनी नकारा मक आदत से छु टकारा पाने का सबसे पहला कदम है उसक ओर
जाग कता। एक बार अगर आप यह समझ जाते ह क आपको अपने वहार म या
बदलाव लाना है तो आप अपने आप ही उस दशा क ओर नद शत हो जाते है। जो आपके
लए बेहतर सा बत होगी।
एक लेखक के प म मुझे अ सर रे डयो और रदशन के बातचीत के काय म म
बुलाया जाता है। जब मने शु आत म इन काय म म ह सा लेना शु कया जो मुझे लगा
क म वाभा वक प म था। मुझे मज़ा आता था काय म के मेजबान से, अपनी अ त
का व नमय करने वाले और मेरी पु तक के वचार पर बात करने वाले लोग से मलने म।
यह व था जब मने अपने काय म को रकाड करना शु कया और एक चीज़ जससे म
अन भ था वह यह क म ब त ज द ज द बोलता था। यही वजह है क कई बार म
इतनी तेजी के साथ बोलता था क वे मु य ट प णयां जो म बताना चाहता था वह श द के
उस हम पात म गुम हो जाती थी जो म अपने ोता के ऊपर फक दे ता था। इस
कमजोरी के बारे म जानना मेरे लए इससे नज़ात पाने का पहला कदम था।
इसके बाद म अपनी य कताब क कान पर गया और मने पाँच कताब भावशाली
वातालाप के तरीक पर खरीद । इसके साथ मने नया के सबसे उ दा व ा के भाषण
के कैसेट खरीदे । मने रा ीय व ा संघ क सद यता भी ले ली। आ खरी प म मने फोन
करके उन प कार को दोपहर के खाने के लए बुलाया जनके बारे म म सोचता था क म
उनसे कुछ सीखता था। कसी ने भी मेरा ताव अ वीकार नह कया। कुछ ही ह त के
समय म मने अपने आपको ट वी और रे डयो पर ा यान दे ने के लए श त कर लया
जससे म अपना संदेश यादा भावशाली तरीके से सर तक प ंचा सकूं।
मैने यह भी पाया क अपनी कमजोरी क ओर जाग कता जो क उसक तरफ यान
दे ने से आती है अपने साथ अनेको हल लेकर आती ह। उदाहरण के लए जैसे ही मुझे पता
चला क मुझे बेहतर स ेषण दे ने के लए थोड़ा धीरे बोलने क ज रत है मने श ण
शाला के व ापन म उनका वषय दे खना शु कया। मैने यह भी पाया क उपयु
कताब और पर सही श ण क मदद मुझे वंय ढूं ढ़ने पर मल ग अत: अगले कुछ ह त
म अपनी कमजो रय पर मनन क रए और वचनब होइए क उ ह अपनी ताकत म
प रव तत करने का य न करग जो आपके जीवन के तरीके म समृ और उ थान करेगी।
अ याय 36

‘ ूज़डेज वद मौरी’ प ढ़ए

‘ द मंक सो ड हज़ फरारी’ के लए अमरीकन पु तक क दशनी के व म जब


डेवनर थानक म था, म घर के लए हवाई जहाज़ पकड़ने के लए हवाई अ े क कताब
क कान पर प ंच गयां। जब म सबसे यादा बकने वाली नई पु तक को दे ख रहा था तब
मेरा यान एक साधारण से दखने वाले मुखपृ वाली छोट सी पु तक पर गया। उसका नाम
था- ‘ ूजडेस वद मौरी, एन ओ ड मैन, लाइ स ेटे ट लेसन। यह वह कताब थी जसके
बारे म कम से कम एक दजन पु तक व े ता ने इस या ा के दौरान मुझे सलाह द थी क
म खरी ं य क यह मेरी नवीनतम पु तक से काफ मलती जुलती है और मैने उसे खरीद
लया।
जहाज के उड़ान भरने के बाद मैने सोचा था क म इस पु तक को सफ कुछ समय
सरसरी नगाह से दे खूंगा और फर न द का एक झ का लूंगा जसक मुझे ब त आव यकता
थी पर तु आ कुछ और ही, वह कुछ मनट घ ट म बदल गए और जब हमारे जहाज ने
जमीन को छु आ तब म उस पु तक का आ खरी पृ पढ़ रहा था और मेरी आंख म आंसू भरे
ए थे। यह पु तक एक ऐसे इ सान के बारे म थी जो अपने व व ालय को छोड़ने के बाद
अपने वसाय म लग जाता है और काफ समय बाद अपने सबसे य अ यापक मौरी से
मलता है जो बीमारी क हालत म अपने जीवन के अ तम समय के इ तजार म है। हर
मंगलवार को वह पूव श य अपने मृ यु शै या पर पड़े ए गु के पास जाता है, उस
से कुछ और नए पाठ पढ़ने जो अपना जीवन अ य त पूणता और समृ के साथ जी चुका
है।
जीवन का एक वा त वक च ण, मौरी हर मंगलवार के स म जन पाठ का ान दे ता
है उनम पछतावे के जीवन को कैसे यागा जाए, पा रवा रक जीवन का मह व, माफ क
ब मू यता और मृ यु का अथ आ द शा मल ह। वहां वह एक श शाली व दे ता है,
“एक बार अगर आप मृ यु का सामना करना सीख जांए तो आप जीना भी सीख जाएंग।े ”
यह अ त सु दर छोट सी पु तक आपको अपने जीवन क अ छ चीज़ का मू य समझाती
है और वह ववेक वक सत करने के बारे म बताती है जससे हम अपने जीवन क छोट से
छोट खुशी का आदर करना सीख चाहे जीवन कतना भी त य न हो जाए। एक
धरोहर जो म अपने ब च के लए छोड़कर जाऊंगा वह है मेरा पु तकालय जो उन पु तक
से भरा होगा ज होने मुझे जीवन म ेरणा द है और मेरे दय को छू लया है। और
‘ ूज़डेज़ वद मौरी’ उनम सबसे ऊपर होगी।
अ याय 37

अपने समय के वामी ब नए

यह मुझे अ य त हा यजनक लगता है जब म लोग को यह कहते ए सुनता ं क अगर


उनके पास थोड़ा और समय होता तो वे व को पाने के लए कुछ भी कर सकते ह और
ऐसा करते ए वे अपना बचा खुचा समय भी इसी तरह न कर दे ते ह। समय जीवन म
महान संतुलन लाता है हम सबको एक दन के चौबीस घ ट का समय एक समान मला
आ है। महान लोग का जीवन एक साधारण दौड़ म शा मल होने वाले लोग के जीवन से
भ होता है य क वे अपना संपूण समय का सद्पयोग करते ह।
हमम से अ धकतर लोग ऐसे जीते ह जैसे काय हम एक उ े यपूण जीवन जीने के लए
करना चाहते ह उसके लए हमारे पास असी मत समय है। इसी वजह से हम अपने सपन
को हा सल करने क या को ती ा म रख कर, अपनी रोज़मरा क दनचया को पूरा
करने म त रहते ह। अगर आप ऐसा करते रहे तो जीवन म अव य पछतावा करग। एक
उप यासकार पॉल बाउ स ने लखा था :-
“ य क हम नह मालूम होता है क हम कब मरग हम सोचने लगते ह क यह जीवन
कभी ख म नह होने वाली अ तहीन या है। इस लए जो कुछ भी होता है वह ब त कम
बार होता है। कतनी बार आपको अपने जीवन क वह दोपहर याद होगी जसक याद के
बना आप अपने बचपन क क पना भी नह कर सकते? शायद चार या पाँच बार भी नह ।
कतनी बार जीवन म ऐसा होगा क आप पूरे चांद को दे ख सक शायद सफ बीस बार? फर
भी हम ऐसा लगता है समय असी मत है।”
अपने आप से वादा क रए क आप पूरी तरह से सद्पयोग करगे। अपने आप म समय
के मह व के बारे म एक ती ण जाग कता का वकास क जए। कसी भी को इस
सबसे ब मू य व तु को बरबाद न करने द और उ ह त या म लगाएं जो वा तव म
करना ज री है।
अ याय 38

अपने को शा त र खए

“कोई भी गु सा हो सकता है गु सा होना सबसे आसान चीज़ है। पर तु नाराज़ होने के


लए सही , सही मा ा, सही उ े य और सही तरीका नधा रत करना आसान नह है,”
ऐसा अर तू का कहना था। जीवन क परेशा नयां और तनाव को म े नजर रखते ए हम
थोड़ी सी उ ेजना से भी ो धत होकर गु से के आवेग म आ सकते ह। हम जब थकान से
भरे ए दन के बाद घर जाने क ज द म होते ह तो कई बार अपने सामने धीम गाड़ी चलाने
वाले पर च लाते ह य क उसके पास समय क कोई कमी नह है। जब हम कराने क
कान पर लासा ना के मसाले ढूं ढ़ रहे होते ह और व े ता हम कान के कसी और भाग म
भेज दे ता है तो हम उस पर ो धत हो उठते ह। जब हम रात का खाना खा रहे होते ह और
फोन पर कोई ब चारक शा त को भंग करके अपनी नवीनतम व तु क जानकारी
दे ने क को शश करता है तो भी हम अपना आपा खो दे ते ह।
असली सम या यह है क हर बात पर गु सा होना हमारी आदत बन जाती है। और
बाक आदत क तरह यह हमारा सरा अ त व बन जाती है। नजी स ब ध उलझने लगते
ह, ापार क साझेदारी टू टने लगते ह। भावशाली लोग स तु लत और व सनीय होते ह।
संघष के समय शा त इ सान क आव यकता होती है और ऐसे लोग हम न ल और तट थ
रहते ह चाहे कतनी भी च ता य न हो। अपने आपको परेशानी के समय म शा त रखना
हम आगे लाने वाले दद और सुख से बचाता है। ु अव था म अपनी जबान पर लगाम
दए बना यु कए गए खदायक श द अनेक टू टे ए र त का कारण बने ह। श द तीर
क तरह होते ह जो एक बार मुंह से नकल गए तो उनको वापस लेना असंभव है। अत:
अपने श द का ब त सावधानी से चुनाव क रए।
अपने गु से पर नय ण रखने का सबसे अ छा तरीका है क जस इ सान ने आपको
ो धत कया है उस पर अपनी त या जा हर करने से पहले सौ तक क गनती गन।
सरी प त म ‘तीन दरवाज क व ध’ कहता ं को भी यु कया जा सकता है।
ाचीन साधु-महा मा अपने श द तक नह बोलते थे जब तक वे उ ह तीन दरवाज से बाहर
नह नकाल लेते थे। पहले वेश ार क अव था म वे अपने आपसे पूछते थे क या वे
श द स चाई पर आधा रत ह? अगर हां तो वे सरे ार पर जाते थे और पूछते थे क या वे
श द सही म आव यक ह?
अगर हां तो तीसरे ार पर वे अपने आपसे पूछते थे क वे श द न तापूण ह अगर हां
तब ही वे अपने ह ठ से उन श द को नकाल कर नया तक प ंचने दे ते थे। “ल ग के
साथ यह समझ कर वहार क जए क वे वैसे ही ह जैसा उ ह होना चा हए था। उनक
सफ मदद क जए क वे अपनी का ब लयत के अनुसार अपनी सही जगह हा सल कर
सक।” ऐसा जमन क व जोहान वू फ गग फॉन गोयथे ने कहा था। ये वे ववेकपूण श द है
जो हमेशा ज दा रहगे।
अ याय 39

नदे शक क प रषद क भत क जए

आज के गदन तोड़ने वाले प रवतन के समय म क प नयां अ सर एक नदे शक क


प रषद बनाती है जो उनक मदद करती है क वे यादा भावशाली नणय ले सक और
उनके क ठनाई के समय म उनको सही नदश द सक। ये संगठन ान के भ डार इन पु ष
और य से सलाह लेते ह, कम से कम ग तयां करते ह और क पनी को यादा
भावकारी बनाकर बाजार म उसक साख को बढ़ाते ह।
मेरी मुव कल का इस बारे म सोचने का ढ़ं ग का थोड़ा फक ह एक अनुभवी उ ोगप त
और मेरे मा सक जीवन श ण म उप थत रहने वाली इस म हला ने मुझे बताया क वे
एका त मनन के समय म एक पृ और लेखनी लेकर बैठती ह और उस परेशा नय को
लखती ह जसका वो सामना कर रही है। कभी वह कसी र ते क परेशानी के प म होता
है, या इसका स ब ध आ थक क ठनाई से होता है, या ऐसा संघष जो वभाव म
आ या मक भी हो सकता है।
अपने गहन व ाम क अव था म वे अपने नजी नदे शक को अपनी परेशानी का हल
नकालने के लए बुलाती ह। पर तु उनक प रषद के लोग ज दा नह बचे ह। अपनी
क पना म वह इ तहास के प से महानतम वचारक क सलाह मांगती है। जब कोई
परेशानी जसका कोई सृजना मक हल चा हए तो वह लयोनाद द व सी से पूछती ह,
“आप इसका हल कैसे नकालते?” कोई ऐसी क ठनाई जसम उसको अ धक ह मत क
ज़ रत है तो वह वायुयान के अ त अमी लया इअरहाट से पूछती ह, “आप इस परेशानी से
कैसे नकलते? “और जब चुनौती आ थक मामले से जुड़ी हो तो वह वग य अरबप त सैम
वॉ टन जो क अपने साधारण ान के लए मश र थे पूछती, “सैम आप ऐसे म या
करते?” इस प त ने उ ह अनोखे प रणाम दए और उनक का प नक वचारधारा क
यो यता को बढ़ाया और उसके जीवन म उसको शा त रखा।
आप अपने का प नक नदे शक क प रषद म कसे रखना चाहगे? यहां कुछ उन ल ग
क सू च है ज हे म अपनी प रषद म रखना चा ंगा :-

- बेन क लन च र से स ब धत मामल म माग दशन के लए


- अ बट ाइ ज़र मुझे सर क सेवा करने का मह व दलाने के लए
- महा मां गांधी और ने सन म डेला नेतृ व के मामल म सलाह लेने के लए
- ूस ली आ म अनुशासन क राय दे ने के लए
- मैरी यूरी से नवीन प रवतन के मागदशन के लए
- व टर ै क लन एक च ड अ नका ड का स उ रजीवी जससे वप के
समय अपनी ह मत बरकरार रखने क नी त को सीखा जा सकता है।
अ याय 40

अपने अ थर दमाग का इलाज क रए

अपने जीवन से सव म पाने के लए आपको येक दन के हर घ टे और हर मनट म


मान सक प से पूरी तरह से उप थत रहना पड़ेगा। जैसा क अ बट कैमस ने लखा है,
“भ व य क दशा म सबसे बड़ी उदारता यह होगी क हम अपना सब कुछ अपने वतमान
को दे सक। फर भी यादातर दन ऐसा होता है क हमारा दमाग एक ही समय पर अनेक
जगह पर वचरण कर रहा होता है। अपने काम पर जाते व उस रा ते का मज़ा लेने के
बजाए हम यह सोच रहे होते ह क हमारा अ धकारी हमसे द तर म प ंचने के बाद या
बोलने वाला है, या हम दोपहर म या खाने वाले ह या हमारे ब चे कूल म या करने वाले
ह। जैसा पूव दशा म बोला जाता है क हमारा मन इधर-उधर भागते ए छोटे प ले क
तरह है या उन छू टे ए ब दर क तरह है जो एक जगह से सरी जगह बना जरा भी आराम
कए दौड़ते रहते ह।
वतमान के ण क जाग कता का वकास और मान सक एका ता क चुरता आपके
जीवन म शा त लाएगी ब क आपको अपने मन क यो यता को स पूण प से उज़ागर
करने म भी मदद करेगी। जब ब त सारी बात हमारे यान म व न डालती ह तो हमारे मन
क श वभा जत हो जाती है जसको वा तव म एक लेज़र क के त ऊजा क तरह
होना चा हए। अ छ बात यह है क आप अपना यान वतमान पर के त करना सीख
सकते ह और इस कला का वकास काफ ज द कया जा सकता है।
अपने अ थर दमाग का इलाज करने के लए एक प त है जसे म ‘के त पढ़ना’
कहता ं। हर बार जब आपका यान अपने पढ़ने वाले प े से भटकता है तो आप दा हनी
तरफ के हा शए म एक नशान लगाइए। यह साधारण या आपको अपनी एका ता म
असमथता दे गी और जैसा क यह जाग कता प रवतन क ओर पहला कदम है यह आपको
प और शा त दमाग क नपुणता बढ़ाने म मदद करती है।
अ याय 41

पूछने म न हचक

“वह जो पूछता है सफ पांच मनट के लए अ ानी हो सकता है पर तु जो


नह पूछता वह पूरी ज़ दगी मूख रहता है।” यह एक पुरानी चीनी कहावत है। यह मुझे
फलहाल म पढ़े ए एक व ापन के बारे म याद दलाती है जसम लखा था, “उस
खूबसूरत म हला के लए जो भूरे रंग के कोट म दवा क कान ( दया आ पता) पर
श नवार 28 नव बर को 4 बजे शाम को दखी थी। आप प का के वभाग म मुझसे
टकराई थ । म आपसे मलना और बात करना चा ंगा।” जस ने यह व ापन दया
था उसने अपना फोन न बर भी दया था। भा य ने उसे एक और मौका दया था क वह
अपने सपन क इस म हला से मल सके पर उसने उस अवसर को खो दया था। तब न
पूछने का पछतावा करने के बाद ही उसे नराश होकर यह व ापन अखबार म दे ने का
सहारा लेना पड़ा। आप जतना यादा मांगते ह उतना ही यादा पाते ह पर तु इसका अ छा
अ यास करना पड़ता है। सफलता एक आंकड़ का खेल है। जैसा क बौ साधु का
कहना था, “हर वह तीर जो नशाने पर लगता है कम से कम सौ चूके ए नशान का
प रणाम होता है।” आगे के ह त म अपनी ‘ कता मांसपे शय ’ को लचीला बनाइए।
आपके पस द दा रे टोरे ट म यादा अ छ मेज़ के लए पूछ कर, या आइस म क कान
म एक मु त अ त र मा ा मांगकर, या हवाई या ा के दौरान श सा व प ऊंचे दज म
सफर क सु वधा का अनुरोध करके आप पूछने से न हच कचाएं। आपको आ य होगा क
आपके जीवन म प रपूणता और चुरता का बहाव होने लगेगा अगर आप सफ वह पूछना
शु करगे जो आप स चाई के साथ चाहते ह। याद र खए क अगर एक वह मांगता है
जो उसको चा हए जो कम से कम उसे यह आशा होती है क शायद उसक मांगी ई चीज़
उसे मल जाए। पर तु जो नह मांगता उसके लए तो आशा क कोई भी करण नह
होती है। क श के बारे म एक सबसे ब ढ़या कताब ‘ द एलाडीन फै टर’ जो मेरे
म और सहकम माक व टर है सन ने आ म स मान वशेष जैक कैनफ ड के साथ
लखी है। इस पु तक म वहा रक वचार और सरल व धय के अलावा अ य त
ेरणादायक वा य भी दए ए ह जैसे क एक सॉमरसेट मॉम का लखा आ उदाहरण
“जीवन भी काफ अ त है। अगर आप सव म से नीचे कुछ भी नह वीकार करते ह तो
अ सर वह आपको मलता भी है।”
अ याय 42

अपने पेशे म उ च अथ ढूं ढ़ए

‘फा ट क पनी’ मेरी सबसे यादा पस द दा प का म से है। यह नई नया के लोग


से स ब धत एक ताज़गी भरा मानवीय नज़ रया दे ती है। इसके नए सं करण म जॉन सीली
ाउन ने कुछ ऐसा कहा है जसने मुझे सोचने पर मजबूर कर दया, “नेतृ व का अथ सफ
धन बटोरना नही ब क अ भ ाय जोड़ना है।”
पुराने ज़माने म हम म से यादातर लोग सफ ऐसी नौकरी करके खुश थे जससे मले
पैस से वे अपने खच उठा सक। पर तु अब हम अपनी नौकरी से ब त कुछ चाहते ह। हम
स तोष, सृजना मक चुनौ तयां, वकास, खुशी और एक ऐसी भावना क हम अपने अलावा
भी कुछ करने के लए जी रह ह, क अपे ा रखते ह। एक श द म बोला जाए तो हम अपने
काम म अथ ढं ढ़ते ह। एक सबसे अ छा तरीका जससे हम अपने काम का उ च मतलब ढढ़
सक वह है सृजना मक पूछने का जससे हम यह पता चल सकता है क हमारे काम का
आस पास नया पर या भाव पड़ रहा है। अपने आपसे पू छए क आ खर म वे कौन
लोग ह जो मेरी क पनी म बनी ई व तु के उपभोग से लाभ उठाते ह या मेरे रोजमरा के
य न से नया पर या असर होता है। एक बार आप ऐसा करते ह तो आप दे खगे क
आपके पेशे और आपक मानवीय अ भ म स ब ध जुड़ जाएगा।
उदाहरण के लए अगर आप श क ह तो अपने पेशे म अनेक बड़े प रवतन के बारे म
न सोचकर आप क ा म घुसते समय सफ यह सोच क आपके पास युवा मन को ठोस
आकार दे ने क वशेषता है। ब त से ब चे और प रवार आपके ऊपर भरोसा करते ह। अगर
आप आ थक वशेष ह तो को शश क जए क आपक मदद से लोग को रटायर होने म
आसानी हो, उनको अपने मनपस द घर बनाने म मदद मल सके, और उनके सपने पूरे हो
सक। अगर आप बीमा के पेशे म ह तो यह याद र खए क आपका काम लोग को जीवन म
सुर ा दान करना है और उनक ज़ रत के व म उनके काम आना है। अगर आप एक
व े ता ह तो यह सो चए क कस कार आप अपने काय से लोग क सेवा करते ह और
जो माल आप बेचते ह वह कस कार उनके जीवन म खु शयाँ ला रहा है।
अपने काय क मह वपूणता और आपके सहयोग क सर के लए उपयो गता पर
अ धक यान दे कर आप अपने स तोष और ेरणा क मा ा म आव यक चुरता दे खगे।
कुछ चीज़ मानव क आ मा को लोग के जीवन म प रवतन लाने क महा वाकां ा से यादा
े रत करती ह। महा मा गांधी यह जानते थे। ने सन म डेला और मदर टे रेसा को भी यह
पता था। वचार म एक साधारण सा बदलाव जसक म आपको ेरणा दे रहा ं आपके
जीवन म खुशी क एक नई चेतना ला सकता है।
अ याय 43

अपने पु तकालय म महापु ष क पु तक र खए

मुझे सबसे यादा खुशी कसी ऐसे से मलकर होती है जसने मेरी कताब पढ़ ह
या मेरे टे प सुने ह और मुझसे कहता है, “आपके वषय वशेष ने मुझे इतना े रत करा और
हला कर रख दया क उनको पढ़ने के बाद मने बाहर जाकर दस और पु तक जीवन को
सुधारने के लए खरीद और सब पढ़ डाली। और उ होने मुझे पूरी तरह बदल कर रख दया
है।”
म सफ जीवन के नेतृ व क पु तक नह लखता ं पर तु उनका सम पत श य भी ं।
जैसा क मने एक पुराने पाठ म बताया है क म कताब क कान पर उनक अलमा रय
के सामने नवीनतम सं करण को जो मुझे श ा दे कर जागृ त दे सकते ह उलटते पलटते
घ ट बता दे ता ं। म पुरानी पु तक क कान पर भी अ सर जाता रहता ं जहां से मने
अपनी कुछ सबसे ब मू य पु तक सफ कुछ डॉलस म (पुरानी कताब क ेणी म
मै सवेल मॉ ट् स के सा ह य से साइको-साइबरने ट स’ नामक पु तक मेरी मेज पर है जस
पर अभी भी 2.95 डॉलर का मू य छपा आ है। मेरे पास सेनेका क ‘लेटस ाम टॉइक’
क भी एक त है जो क एक ब मू य पु तक है और जसे मेरे पता ने 1.95 डॉलर म
खरीदा था।)
चूँ क कोई भी पाठन आपके मन को सुधारता है तो इस नया म जहां ब त कुछ करने
के लए है आप जो भी पु तक पढ़े उसके लए उनका चुनाव सही होना चा हए। इस लए म
आपको सुझाव ं गा क आप जैसा क थौरो ने कहा है अपना यादातर समय ‘ द हीरोइक
बु स’ को पढ़ने म गुजार वे कताब जो सबसे यादा तेज वी वचार क स म लत करती
ह। अपने म त क को ए प टे टस और क यूशस जैसे महान दाश नक के वचार से घोट
ली जए। सबसे बु मान क वय क क वताएं प ढ़ए जैसा क लॉड अ े ड टे नसन,
ए म ल ड क सन, जॉन क ट् स और लओ टॉल टाय, हरमन हैस और ो ट् स के उप यास
प ढ़ए। महा मा गांधी, अलबट आइ सटाइन और मदर टे रेसा के लेख प ढ़य इन काय को
करने म अगर दन म कुछ मनट भी दए जाए तो आपको अपने जीवन के सच पर के त
रखेगा और आ खर म आपके च र पर गहन असर डालेगा। एक बातचीत के काय म म
जब सव च फ म सतारे लैरी कग से पूछा गया क जीवन म उसे कस बात का पछतावा
है तो उसने कहा था, “मुझे महान पु तको क जड़ तक जाना चा हए था।”
यहां कुछ उन भावशाली पु तक के नाम ह ज होने मुझे मेरा जीवन बदलने म मदद
क और मुझे वह ववेक और ेरणा द क म स पूणता तथा सावधानी के साथ जी सकूं।
अगर आप ये सारी पु तक पढ़ लगे और उन श ा पर दए अनुसार अमल करगे तो आप
सफ अपनी प र थ तय म सुधार लाएंगे।

- लेटस ॉम अ टॉइक, सेनेका


- द मैसेज ऑफ अ मा टर, जॉन मैकडोना ड
- मे डटे श स, माकस ऑरे लयस
- द ऑटोबायो ाफ ऑफ बे जा मन क लन
- यू नव सट ऑफ स सज, ऑग मैन डनो
- द मै जक ऑफ बली वग, लाउड सल
- स ाथ, हमन हैस
- साइको साइबरनै ट स, मै सवेल मा ट् स
- द पावर ऑफ योर सबकॉ शस माइ ड, जोसफ मफ
- एज़ अ मैन थकेथ, जे स एलैन
- लो, महाली ज़कजे ट महालयी
- थक ए ड ो रच, नैपो लयन हल
- लाइफ इज़ े मे ड् स, चाल े मे ड् स जो स

तकनीक नया के आ य के ारा आप मेरी वेबसाइट www.robinsharma.com


पर मेरी य पु तक क सू च दे ख सकते ह।
अ याय 44

अपनी तभा का वकास क रए

नॉमन क ज़ स ने लखा है, “जीवन क ासद मौत म नह है पर तु जीते जी अपने


अ तमन को मारने म है।” कुछ इसी तरह क बात ऐशले मौ टै गू ने लखा था, “सबसे बड़ी
मानवीय हार उस भेद पर नभर करती है क आप या बनने के लायक थे पर तु
वा त वकता म या बन गए ह। सफ जदा रहने म और अस लयत म जीवन जीने म ब त
फक है। साधारण जीवन म और समृ जीवन म भी भ ता है। सबसे :ख क बात यह है
क अ धकतर लोग अपने इन मानवीय गुण को नज़र दाज कर दे ते ह जो एक उपहार क
तरह हमारे अ दर नवास करते ह और हम अपने जीवन के सबसे मह वपूण वष को
टे ली वजन दे खने और उस जैसी अनेक चीज़ पर न कर दे ते ह।
अपने भाषण म नीचे द ई ाचीन भारतीय पौरा णक कथा का योग करता ं
ोता को यह याद दलाने के लए क हम सब म तभा और का ब लयत क चुरता है
जो जा त होने के लए सफ इस बात का इ तजार कर रही है क वह सुबह क रौशनी दे ख
सके। हज़ार वष के पहले ऐसा व ास कया जाता था क हर कोई जो पृ वी पर आता है
वह भगवान होता था। पर तु इ सान ने उस असी मत श का पयोग कया जससे
परमे र ने नणय लया क वे ई र व वाला सर छपा दगे जो क इन सब गुण का ोत
है। फर यह उठा क यह चीज कहाँ छु पाई जा सकती है। पहले परामशकता ने सलाह
द क इसे नीचे जमीन म छु पा दया जाए जसके बदले म भगवान ने कहा, “नह कोई
गहराई तक खोदकर इसे नकाल लेगा।” सरे सलाहकार ने परामश द , “कैसा रहेगा अगर
हम ई र व के सर को समु क गहराईय म रख द।” जसके जवाब म सव र ने कहा,
“नह वहां भी कोई गोताखोरी करके इसे बाहर ले आएगा।” तब तीसरा सलाहकार बोला,
य न हम इसे पहाड़ क ऊँचाइय पर रख द।” पर तु तुर त ई र का जवाब था, “नह , म
जानता ं क कोई पहाड़ क चोट पर चढ़कर इसे ढूं ढ़ लेगा।” थोड़ी दे र बाद सोचकर
परमे र ने इसका हल ढूं ढ़ लया और कहा, “म इस मानवीय श , साम य और उ े य के
ोत को इस गृह के हर पु ष और ी और ब चे के दय म रख ं गा य क वे उसको वहां
ढूं ढ़ने का य न कभी नह करगे।”
मेरे अपने काम के दौरान जब म उ र अमे रका के अनेक सगंठन म काम करने वाले
कमचा रय से मला तो मैने सब जगह एक ही बात पायी क अ धकतर लोग अपना यान
सफ अपनी कमजो रय पर के त करते ह बजाए इसके क वे अपनी श य का वकास
करे। अपनी क मय पर यान दे ने क को शश म वे अपने गुण क भी उपे ा करते ह।
सबसे महान लोग जो हमारे पहले जा चुके ह ये वे लोग थे जो वंय को अ छ तरह जानते थे
और इसी स चाई ने उनक सफलता को न त कया था। वे लोग अपनी असली तभा के
बारे म मनन करते थे, वे व श गुण जनके कारण वे सर से भ और अनुपम थे और
बाक क ज दगी को उ होने अपनी लयाकत को बढ़ाने और प र कृत करने म लगा दया
था। हम सब म सव म बनने का साम य है। शायद आपने जरा भी समय दे ने क को शश
नह क है क अपने नज़ी गुण को दे ख सक, और उ ह तराश कर अपनी े ता के धरातल
तक ला सक।
या आप अपने अ दर के सव च गुण का पूण साम य के साथ उपयोग कर रहे ह?
अगर नह तो आप न सफ अपने साथ नाइ साफ कर रहे ह ब क पूरी नया के उन लोग
के साथ कर रहे ह जो आपक व श तभा से लाभा वत हो सकते ह। र कन ने कुछ इस
तरह से कहा है, “हमम से सबसे कमजोर म भी कोई न कोई गुण होता है, चाहे वह
दे खने म कतना भी तु छ लगे पर तु वह वल ण होता है, और उसका सही योग मानव
जा त के लए उपयोगी सा बत हो सकता है।”
अ याय 45

कृ त से स ब ध जो ड़ए

हम एक अन गनत सूचना के युग म रह रहे ह। यूयॉक टाइ स के सा ता हक सं करण


म जतने समाचार होते ह वे स हव शता द के इं लै ड के कसी आम को पूरी
ज दगी म मलने वाले अनुभव से यादा होते ह। अनेक साल के बाद मने पाया क सफ
ाकृ तक वातावरण म समय तीत करना ही मुझे इस ापक व से जोड़ पाता है और
इस तगामी युग म मेरे उ साह को कायम रखता है।
अपने बातचीत के काय म क कताब म ह ता र और प कार के साथ सा ा कार
क तता के बाद एक ाकृ तक बगीचे म बैठकर प य के बीच से नकलकर बहती ई
हवा के झोक क आवाज़ मुझे श और अमन क भावना से भर दे ती है। मेरे जीवन क
ाथ मकताएँ प हो जाती ह; मेरे कत मुझे कम दबाव दे ते है और मेरा मन थर हो
जाता है। कृ त के साथ यह साम ज य अपनी सृजनता को उजागर करने का एक उ कृ
तरीका है और नए वचार को उ प करता है। यूटन ने गु वाकषण का नयम उस समय
ईज़ाद कया जब वे सेब के पेड़ के नीचे आराम कर रहे थे। इसी तरह से वीट् जरलड वासी
डज़ाइनर जॉज डी मे ल ने वे ो का अ व कार तब कया जब उ होने उन फूल का
नरी ण कया जो उनके कु े के शरीर से पहाड़ी पर घूमते ए चपक गए थे। ाकृ तक
वातावरण हमारे मन के कोलहाल को शा त करके हमारी व श ता को उड़ान भरने के लए
ेरणा दे ता है। जब आप अपना समय कृ त का आन द उठाने म तीत कर रहे होते ह तब
आप अपने वातावरण का पूरे यान से नरी ण क जए। एक फूल क ज टल संरचना का
अ ययन क जए, या कसी कार एक वाह झरने का प बन जाता है इसे जानने क
को शश क रए, अपने जूते उतारकर अपने पैर के नीचे आनेवाली घास को महसूस क रए
और मूक ध यवाद द जए क आपके पास कृ त के इन व श उपहार का आन द लेने
का मौका है। ब त से लोग इसका फायदा नह उठाते ह। जैसा क महा मा गांधी ने कहा था,
“जब म सूया त के क र मे या च मा क खूबसूरती क शंसा करता ं तो मेरी इस सृ के
रच यता क आराधना म लीन हो जाती है।”
अ याय 46

रा ते के समय का उपयोग क रए

अगर आप रोज़ अपने द तर जाने के लए एक तरफ से तीस मनट का समय दे ते ह तो


एक वष के बाद आप छ: ह त का समय अपनी कार मे बता चुके ह गे। या आपके लए
यह स भव है क आप पूरे समय कार क खड़क से बाहर दे खते रह और खोए रह जब क
नकारा मक समाचार कार के रे डयो से गजन कर रहे ह ?
वह सारे सफल और ानी लोग जनको म जानता ं उन सब म एक आदत समान है
वह यह है क वे कार म कैसेट सुनते ह। ऐसा करके वे अपने चालन के समय को सीखने के
समय म प रव तत कर दे ते ह और अपनी गाड़ी को चलता फरता व व ालय बना दे ते ह।
अपनी कार को एक ‘प हय पर व ालय’ म बनाने म आप अपने जीवन का सबसे बड़ा
नवेश करगे। अपने काय के लए थके हारे, नराश और न सा त होकर प ँचने से अ छा
है क आप श ण स ब धी कैसेट को सुनकर अपना रा ता आन ददायक बना ल और
अपने आस पास के असी मत अवसर के लए ेरणा से पूण, के त और सतक बन जाए।
सबसे अ छा तरीका यह जानने का क कौन वा तव म आ म सुधार के लए य न कर
रहा है यह पूछकर कया जा सकता है क उसक कार का रे डयो चल रहा है क नह । जो
भावशाली जीवन के वा त वक श य होते ह उ ह इसके बारे म पता होगा यो क वे अपने
चालन के हर मनट टे प सुनने म त रहत ह। मेरे साथ ऐसा ब त बार आ है क म कसी
स तु और सफल पु ष क कार क पछली सीट पर बैठा और मने वहाँ कैसेट का छोटा-
सा पहाड़ पाया जो उस सीट क काफ जगह घेर रहा था जहां म बैठा था। यादातर नई
कताब टे प पर मल जाती ह जनम सबसे ब ढ़या तरह के ेरणादायक काय म जो क
जीवन म नेतृ व पर आधा रत होते ह पाए जाते ह। म पूरी को शश करता ं क म कम से
कम पांच नए टे प को हर महीने सुनूं जो ापार के नवीनतम सं करण से लेकर समय के
बाद, सृजना मक वचार, शारी रक वा य और आ या मक स तोष पर आधा रत होते ह।
अ याय 47

समाचार का त र खए

नकारा मक समाचार बकते ह। हमारे समाज म यादातर लोग एक स इ सान के


जुम का मुकदमा दे खना कसी वा तव म महान इ सान क जीवनी दे खने से यादा पस द
करते ह। एक समाचार प जसक मु य खबर कसी नवीनतम :खद घटना का खुलासा
कर रही है उसक तयां उस खबर से जो एक नवीनतम वै ा नक खोज के बारे म बता रही
है, से यादा बकगी। असली परेशानी यह है क नकारा मक खबर सुनने और दे खने का
नशा बड़ी आसानी से हो जाता है। म ऐसे ब त से लोग को जानता ं जनके दन क
शु आत सफ अपराध, घटना और दे र रात को ई सनसनीखेज खबर से होती है
जनसे कसी च र नमाण क अपे ा नह क जा सकती।
म समाचार प और रदशन के व हर गज़ नह ं दे खा जाए तो मुझे कई समाचार
प के ज रए अ य त उ म क म क सूचनाएं और खबर मली ह तथा मैने अनेक ट .वी.
काय म से भी ब त सी बु म ा क बाते सीखी है ज ह म कई वष से दे खता आ रहा
ं। म एक सरल बात कहना चाह रहा ँ क आप जस समाचार पर अपने म त क का
यान के त कर रहे ह उसका चुनाव करने क आव यकता है। सुबह इससे पहले क आप
सुबह का अखबार पढ़े आपके दमाग म एक उ े य होना चा हए। इसको आप सफ समय
काटने का साधन नह ब क सूचना साधन क तरह उपयोग कर जो आपको यादा
समझदार बनाएगा।
अपने को समाचार के नश से र करने के लए आप सात दन के लए समाचार के त
का अनुसरण कर और कसम खाएँ क आप समाचार प क एक भी नकारा मक कहानी
नही पढ़गे या एक भी नकारा मक खबर टे ली वजन पर नह दे खगे। आप दो बात पर यान
द। पहली चीज़ वा तव म सूचना का ान न होने से हम कसी भी तरह का नुकसान नह
होता है। आप इसके बाद भी उन अ य धक मह वपूण खबर के बारे म अपने द तर और घर
म लोग से मलकर जान जाएंग।े सरी चीज़ आप ब त शा त और न छल महसूस करगे।
इसके अलावा सात दन का समाचार का उपवास एक और फायदा दे ता है वह है अपने
जीवन को बेहतर बनाने के लए समय का लाभ।
अ याय 48

अपने उ े य को ग भीरता से ल

अनेक व ा और लेखक आपको अपने ल य साधने के लए ो सा हत करते ह पर तु


वह यह नह बताते क ल य का होना अपने आप म इतना श शाली नणय य है। यह
कहने क आव यकता नह है जब भी हम कागज पर अपने ल य के बारे म लखते ह तो
कुछ चम कार सा हो जाता है। मेरी राय म जीवन के सम त े म प उ े य को
नधा रत करके हम तीन चीज़ पाते ह। पहला फायदा यह है क आपके जीवन म एका ता
का संचय होता है उस नया म जो अनेक वक प के साथ ज टल हो चुक है। हम जस
युग म रह रहे ह उसम साधारण तौर पर एक ही समय पर ब त से काय को करने के
वक प ह। हमारा यान बाँटने के लए अनेक आकषण ह। ल य हमारी इ छा को प
करते ह और हम उन या पर यान दे ने म मदद दे ते ह जससे हम अपनी चाही ई चीज़
पा सक।
अपने प उ े य नधारण से आपको यादा ब ढ़या वक प को चुनने का मौका
मलता है। अगर आपको सही तरीके से मालूम है क आप कहां जा रहे ह तो उन या
को जानना आसान हो जाता है जो हम अपने ल य तक प चाती ह। अपने मुकाम तक
प ंचने के लए उनको लखना आपक मंशा को प कर दे ता है और अपने व को पूरा
करने के लए पहले कदम के समान होता है। जैसा क उप यासकार सॉल बेल ने लखा था,
“एक प योजना हम चुनाव के स ताप से बचाती है।” या जैसा लेखक लेन लै ड ने
लखा है, “ल य और योजनाएं हमारे जीवन से च ता र कर दे ते ह। “अगर आप अपने
उ े य को नधा रत कर लेते ह तो आपक याएं आपक भावना के बजाए आपके
ल य पर आधा रत ह गी। ल य नधारण का सरा लाभ यह है क वह आपको अपने सामने
आने वाले अवसर के लए सहायता दे ता है जनक हम अपनी गत, वसा यक और
अ या मक जीवन म इ छा करते ह। और तीसरा फायदा ल य नधारण का यह है क
आपक प प रभाषा वाले उ े य के साथ आप अपने कत का नवाह भी उसी दशा म
करते है। वे आपको ेरणा दे ते ह क आप अपनी ाथ मकता के हसाब से वहार कर
और चीज का इ तजार करने के बजाए उ ह वयं करने क को शश कर य क सफ
ती ा से कुछ नह मलता है। आपको उन ल य का चुनाव करना चा हए जो आपको
ेरणा दे कर त रखते ह और आपको अपने नजी कत का पालन करने क फू त दे
सक और आपके दल को नई श दे सक। अत: ऊँचे ल य का नधारण क रए। आप
मान सक और आ या मक प से उतने ही समृ ह जतने आपके व । और या जैसा
व ापन गु डे वड ऑ ग वी लखते ह “ सफ गद को ठोकते मत र हए। अखाड़े से बाहर
आइए और अपना ल य अमर य का संगी बनने का बनाइए।”
अ याय 49

21 का नयम याद र खए

जैसा क मैने ‘ द मंक सो ड हज़ फरारी’ म लखा है क एक नई आदत को वक सत


करने म कम से कम 21 दन लगते ह उसके बाद भी यादातर लोग कुछ ही दन के अ दर
वह सकारा मक प रवतन लाने म ह मत हार जाते ह जब उ ह इससे जुड़े ए तनाव और
दद को महसूस करना पड़ता है जो उ ह पुरानी आदत को तोड़कर नई आदत बनाने म
सहना पड़ता है। नई आदत एक जूते क तरह होती ह पहले कुछ दन असु वधाजनक होती
ह पर तु फर भी आप अगर उनको पहनते रहते ह तो वे ब कुल आपके नाप के हो जाते ह।
एक मानव होने के नाते हम सब आनुवां शक प से इस तरह सुचा लत होते ह क हम
प रवतन नापस द होता है और हम अपनी पूव थ त को बनाए रखना चाहते ह। इस थ त
को ‘हो मओ टै टस’ कहते ह जो वभा वक प से समय के साथ घटता रहता है और यह
तरीका इस आधार पर काय करता है क कुछ भी बदलाव नह होना चा हए चाहे उससे
बेहतर संभावनाएं भी हमारे सम ह और यही कारण है क हम नई आदत हण करने म
क ठनाई का सामना करना पड़ता है और इसक चु बक य श हम ऊँचाइय पर जाने से
रोकती है।
पर तु जस कार एक रॉकेट शु आत के कुछ मनट आगे आने वाले दन क तुलना म
यादा धन य करता है जब क आगे के दन म उसे करीब पचास करोड़ मील क री
तय करनी होती है। शु म जब आप 21 दन को पार कर लेते ह तब आपको महसूस होगा
क आपको अपनी नई आदत सु वधाजनक लगने लगेगी। थोड़ा समय नकाल कर अपनी
नजी आदत का अ ययन क जए और वादा क रए क आव यक बदलाव लाएंगे। आपके
जीवन का मह व काफ हद तक आपक आदत नधा रत करती ह। जॉन ायडेन ने लखा
है, “हम पहले आदत का नमाण करते ह फर आदत हमारा नमाण करती है।” जैसे क
व ज नया वू फ ने लखा है, “आदत का कंकाल ही इ सान के ढ़ाचे को बनाता है।” अत:
प का इरादा क रए क आदत आपक बाधा बनने के बजाए आपक ग त म मदद करे।
समय क सीमा के पार पबलीलीयस सायरस के श द म, “आदत का सा ा य वा तव म
अ य त श शाली है।”
अ याय 50

मादान कर

कसी ऐसे को मा करना जसने आपके साथ गलत वहार कया है वा तव म


एक वाथ वहार है न क वाथर हत। माफ दे कर आप अपने अ दर क श ुता और
घृणा क भावना से छु टकारा पा जाते ह और यह या मादान पाने वाले से यादा लाभ
आपको दे ती है। जैसा क म अपने जीवन क श ा के काय म म सखाता ं क जब
आपका कसी से बैर होता है तो वह बोझ अपनी पीठ पर उठाए ए उस के बोझ के
समान होता है जसे आप लगातार ढ़ो रहे होते है। वह आपक श , उ साह और मन क
शा त सब नचोड़ लेता है पर तु जैसे ही आप उसको माफ कर दे ते ह वह बोझ आपक पीठ
से हट जाता है और आप न त प से अपने जीवन म आगे बढ़ सकते ह।
माक ट् वेन ने लखा है “माफ़ उस खुशबू के समान है जो बनफशे का फूल उस पैर को
दे ता है जसने उसे कुचला था।” मादान भावना मक और नजी बलता का महान
आचरण है। यह एक सबसे अ छा तरीका है जसके ारा अपने जीवन को ऊँचाइय तक
लाया जा सकता है। मैने यह पाया है क हर मनट उस के बारे म सोचकर जसने
आपका बुरा कया है, आप अपने अ य त मह वपूण समय को न कर रहे ह। वह अनमोल
समय जसे कसी उपयोगी काय म लगाया जा सकता है जैसे उन लोग का यान अपनी
ओर आक षत करना जो हमारी मदद कर सकते ह।
अ याय 51

ताजे फल का रस पी जए

जो खाना हम खाते ह उसका असर हमारे संवेग और वचार क प ता पर होता है।


यही कारण है क ाचीनकाल म साधु स त सफ ह का भोजन करते थे। वे जानते थे क
इससे यादा खाना उनके स पूण शा त मन, जसका वकास करने के लए उ होन क ठन
प र म कया था, को अस तु लत कर दे गा और उनके स य क खोज क तलाश म भी
वधान डालेगा।
अगर आपके पास एक महंगी फॉमूला वन रे सग कार है, तो उसम आप ी मयम ेड से
कम धन नह भरना चाहगे। कोई भी और धन इसके लए स पादन म कमी लाएगा। तो
आप भी य न अपने शरीर को वही भोजन द जो आपके शरीर के लए सव म है, वह
शरीर जो एक ब मू य गाड़ी के समान है। गलत खाना, बड़ी मा ा म खाकर आप अपनी
ऊजा म कमी लाते ह, आपका वा य खराब होता है और आपके मन को पूरी मता के
साथ काम करने से रोकता है यह जानकर क हर तैलीय भोजन जो आप खा रहे ह वह
आपक भावशीलता और ेरणा के तर म कमी लाता है आप अपने खाने क आदत को
थोड़ा और नय मत करने के बारे म सोच सकते ह।
एक व ध जो म आपको बताना चा ंगा जो आपक फू त और संवेग के दोन के तर
को ऊपर लेकर आती है। वह है, रोज ताजे फल का रस पीना। मेरी रसोई क एक अलमारी
म मेरी एक ब मू य चीज़ रखी है और वह है मेरी जूस मशीन जसने मेरी उ म साल और
मेरे जीवन म उ जोड़ द है। एक जूसर खरीदने म पैसे लगाना और जीवन दे य रस के
मह व को जानना एक समझदारी का कदम है। फल के रस आपको ब ढ़या महसूस कराते
ह और आप सुबह काम पर जाने से पहले अगर एक गलास बेर और सेब या स तरे और
अंगूर का रस पीना शु कर द तो इनसे होने वाले फायद का बखान म नह करना चा ंगा।
सबसे ब ढ़या कताब जो मुझे रस के वषय म मली वह है जो कॉ डश क लखी ई
पु तक ‘ द जूसमै स पावर ऑफ जू सग’। जन उ म नु ख के बारे म का डश ने लखा है
वे न त प से पु तक के मू य के लायक ह।
अ याय 52

प र कृत वातावरण का सृजन क रए

सफल जीवन को जीने का एक अख ड स य जो सादगी से बयान कया जा सकता है वह


यह है -आपके वचार आपक नया का नमाण करते ह। आप जस व तु पर वशेष यान
दे ते ह उसका वकास होता है। जसके बारे म आप सोचते ह वह व तृत होता है, और
जसम आप त रहते ह वह आपक क मत नधा रत करता है।
जीवन अपने आप म एक आ म स क भ व यवाणी है। यह आपको ब कुल वही
दे ता है जसक आप अपे ा करते ह। जैसे क हैलन केलर ने कहा था, “ कसी भी
नकारा मक तक न तो सतार के रह य को खोजा है, न ही नई नया खोजने के
लए या ा क है और न ही मानवीय उ साह के नए वग के दरवाज को खोलने का य न
कया है। इस स ा त के अनुसार यादा स , शा त बनने के लए आपको अपने
वचार को संग ठत करके अपनी वचारधारा को प र कृत करना पड़ेगा। एक सबसे ब ढ़या
तरीका आपके सामने इस आ त रक सुधार क राह म यह है क आप अपने नजी वातावरण
को बेहतर बनाने का य न कर।
सेन ां स को म एक बड़ी सभा म मेरे भाषण के बाद एक बुजुग म हला धीरे से मेरे
तक आई और मेरा हाथ पकड़कर मेरी आंख म दे खते ए बोली, “ ी शमा मने पछले एक
घ टे आपक अ त के बारे म सुना जसे आप बेहतर जीने के लए मह वपूण समझते ह
और म आपके वचार के साथउ पूण प से सहमत ं। ब त साल पहले मने समझा क
हमारा वातावरण हमारी भावना , वचार और क पना को प दे ता है। यही वजह है
क अपने हर कमरे म म एक ताजे फूल का गुलद ता अव य रखती ं। म अमीर नह ं
पर तु यह मेरा ऐसा महंगा शौक है जसके बना म गुज़ारा नह कर सकती। इस म हला का
यह मालुम था क उ म वातावरण एक खचा नह नवेश है।
अपने आस पास कड़ी नजर से दे खए। आपके वचार उन लोग क संगत म ढ़लते ह
जनके साथ आप रहते ह जो कताब आप पढ़ते ह और जो श द आप बोलते ह और साथ
ही आपके आस पास के भौ तक वातावरण का भाव भी उन पर पड़ता है। या आप
अपना समय नराशावाद लोग के साथ बता रहे ह। अगर ऐसा है तो वे आपको
नकारा मक और चड़ चड़ा बनाएंगे। या आप घर पर हसा मक ट वी काय म और बना
अ भ ाय वाले वी डयो दे ख रहे ह। अगर हां तो आपका दमाग अशा त और शोर से भर
जाएगा। या आप जस े और रहने के वातावरण म सुधार लाने क को शश करग। आप
जतना ज द हो सकता है सुधार लाने के तरीके ढू ढ़गे जो आपक सोच, भावना और
या को बेहतर बनाने म मदद करेग।
अ याय 53

जंगल क ओर मण को जाएं

आप कृ त का आन द लेते ए समय बताने म कभी भी गलत नह हो सकते। जंगल


क ओर मण करने म एक व श ता है। आपको अपने कदम ह के लगगे, एक महान
शा त क भावना आपके शरीर म वेश करेगी और आपक सृजना मकता ग तशील हो
जाएगी। जैसा क इटली के मश र च कार और वा तुकार लयोनाद द व सी ने कहा था,
“अपने आंख क खड़क के ारा आ म नया क खूबसूरती का आ ान करती है, यह
कौन व ास करेगा क एक छोटा सा ाकृ तक य स पूण सृ का त ब ब हो सकता
है?”
मेरा पस द दा मौसम शरद ऋतु है। पेड़ पर लगी ई प यां मौसम के चमक ले रंग को
उज़ागर करती है। और यह सबसे अ छा समय होता है जब आप जंगल क ओर ल बे मण
क ओर जाते ह। शहर के शोर शराबे से र मेरे वो आदश ज ह म अपने दय के करीब
पाता ं उ ह बेहतर प से वक सत होने का थान मलता है और म जीवन क उन कुछ
बड़ी सम या के बारेम मनन कर सकता ं जनका जवाब मुझे अपनी रोजमरा के तनाव
से भरे ए जीवन म कभी भी नह मलता। म एक छोटे झरने के पास क सकता ं या एक
काई से भरी ई च ान पर आराम कर सकता ं या उस खुशबू को सांस म समा सकता ं
जो सफ उन लोग को अनुभव होती है जो कृ त क गोद म मण करने म व ास रखते
ह।
म कृ त के इस म यान को एक नई चेतना और व के साथ छोड़ता ं। म
यादा सावधान यादा फुत ला और सचेत महसूस करता ं। अनेक ववेकपूण पर पराएँ
कृ त क ओट म मण को अपनी श य को सं चत करने का एक श शाली औजार
मानते ह। यह जीवनदा यनी नयम अनेक लाभदायक प रणाम लेकर आता है।
अ याय 54

एक गु बनाएं

अपने गत और वसा यक भावशीलता का उ थान करने के लए और उसे


उ मता क नई ऊँचाइय तक लाने के लए हमारे जीवन म एक गु का थान अ त
आव यक है। अपने वसाय और जीवन दोन म सफलता एक ‘ ब को जोड़ने क
या है। आपको सफ उन आदत , नयम और योजना क खोज करने क आव यकता
है ज ह सरे लोग ने सफलता के प रणाम पाने के लए यु कया था और उन
या को दोहरा कर आप इन ब से जुड़ सकते ह। जस कार उन लोग ने
इसका अनुसरण कया अगर आप भी करगे तो आपको भी समान नतीजा मलेगा। एक
नजी गु आपके रा ते को काशवान कर सकता है, आपको क ठन समय म ो सा हत
कर सकता है, और आपके सीखने क व रेखा को छोटा कर सकता है।
म अपनी नजी ज दगी म भा यवान ं क मुझे अनेक मागदशक मले ह। जब भी म
जीवन के दोराहे पर खड़ा था तब लोग ने मुझे भावशाली जीवन का नदशन दया। मुझे
इस कार के अ धकांश परामशकता उन लोग मे मले जनक म सराहना करता ं और
जनके सामने मैने अं ेजी भाषा का सबसे श शाली रखा, “ या आप मेरी मदद
करग?” जतने भी लोग के पास म गया उनम से कसी ने भी मुझे अपने ान क भट और
अनुभव के लाभ को दे ने से इ कार नह कया। मेरे अनेक सलाहकार मेरे अनमोल म बन
गए ह अपने जीवन म इनक मदद के बना यह वह नह होता जो म आज ं।
मागदशन आज गत और वसा यक उ मता का मूलत व बन चुका है। जीवन के
हर े से आने वाले लोग ने इसे अपने जीवन मे उ साहजनक प रवतन और थायी
प रणाम लाने के तरीके के प म मा यता द है। जीवन मागदशन के मेरे मा सक काय म
ज ह म दे श के व भ शहर म स पा दत करता ं वहां के एक अ धकारी ने कहा, “ ेरक
कताब ने मुझे अपने सपन को अथ दे ने म सहायता क । आपके गत मागदशन के
काय म ने मुझे बारीक से दखाया क म उ ह कैसे हा सल कर सकता ं और कस कार
अपने जीवन म साम ज य था पत कर सकता ं।”
अ याय 55

एक छोटा अवकाश ल

अगर आप ल बे अवकाश पर हर ह ते नह जा सकते ह तो एक छोटा अवकाश अव य


ले सकते ह। एक छोटे अवकाश का मतलब है क अपने द तर का दरवाजा ब द कर, सारी
मुलाकात को रोक द और अपनी कुस पर आराम कर। इसके प ात अपनी आंख को ब द
कर और गहरी सांसे ल। जब एक बार आपको गहन शा त का अनुभव होने लगे तब आप
यह सोचना शु क रए क आप अपने य थान पर ह। उन रंग क सजीवता को दे खए,
उन आवाज को सु नए और उन भाषा को महसूस क जए जो यह पस द दा जगह
उजागर करती है। इस कुछ मनट के मान सक पलायन से आपको नव जीवन मलेगा और
आप आगे के दन के लए तैयार हो जाएंग।े
जब म छोटा अवकाश लेता ं म अपने आपको एक पहाड़ के बीच के चौराह म से
नकलता आ पाता ं। म यह क पना करता ं क मेरे पैर ओस म डू बी ई घास को छू रहे
ह और साथ ही म बफ से भरे ए पहाड़ क चो टय , जो इस य को और भी मनभावन
कर दे ती ह, क शोभा का भी आन द उठाता ं। आस पास से मुझे झरने के पानी क
आवाज सुनाई पड़ती है और म उन फूल क खुशबू क क पना करता ं जो इस थान पर
खले होते ह। हमारे म त क ब त ही समथ साधन है। हमारा अधचेतन मन हमारी क पना
और वा त वकता म भेद नह बता सकता। अतः छोट सी प त इसको धोखा दे ती है क
हम अपनी दनचया से यह छोटा अवकाश ले रहे ह जो हमारे जीवन म वही आ यजनक
लाभ लेकर आता है जो असली अवकाश से मलता है।
अ याय 56

एक वयंसेवी ब नए

मुझे इस पुरानी फारसी कवदं ती म एक महान बु म ा नजर आती है, “म इस बात पर


तब तक रोया क मेरे पास जूते नह है जब तक मैने ऐसे इ सान को नह दे खा जसके पैर
नह थे।” अपनी परेशा नय को बढ़ा कर दे खना और उन अ छ चीज़ को नजरअ दाज
करना जो हम भा य से मली ई ह ब त आसान ह। अगर हम अपने समय को एक भट क
तरह समझ और वयंसेवक बनकर उन लोग क सहायता कर जो हमारे जतने भा यवान
नह ह तो वह एक उ म तरीका होगा हमारे जीवन क चुरता और उ मता क याद दलाने
का। मेरे एक अ य त मह वपूण भाषण जो नेतृ व के ऊपर था और एक बड़ी बीमा क पनी
को दया था, जब समा त आ तो एक आदमी मेरे पास आया और बोला क वह उस
क पनी का एक उ च दज का उ पादक है। उसक सफलता के अनेक प म से एक प
यह भी है क वह हर ह ते म कुछ घ टे उन उन लोग क मदद म लगाता था जो उससे कम
भा यवान थे। सर के पास या नह है यह दे खकर मेरे पास जो है म उसके मह व को
समझ पाता ं। यह मुझे जीवन म हर चीज़ को असावधानी से लेने से बचाता है और इससे
से भी यादा ज री है क मेरी सहायता करता है क म उन लोग क मदद क ं जनके
जीवन को सही म मेरी आव यकता है।
ांस के च क सक अ बट ाइ जर ने लखा है “मुझे पता नह क आपक क मत म
या है पर एक चीज़ मुझे ज़ र पता है। आप लोग म से सफ वे लोग जीवन म खुश रहने
वाले ह ज ह ने यह खोज नकाला है क सर क सेवा कैसे क जाती है।” एन मौरो
ल डबग ने लखा है, “आप सफ कृत होकर ऋण नह चुका सकते ह इसे सफ कसी
ठोस प म चुकाया जा सकता है। वयंसेवा के ारा आपको सर क मदद करने का और
उन लोग का कज़ा चुकाने का मौका मलता है जो लोग कभी हमारे जीवन म काम आए।”
अ याय 57

पृथकता के छः कदम को चु नए

जॉन वैर्स के नाटक ‘ स स ड ीज़ ऑफ सेपेरेशन’ के पा ऑइसा का वातालाप


अपनी बेट टे स के साथ है जसम वह उसे न न ल खत अ त दान करती है,
“मैने कह पढ़ा है क इस ह पर हर सफ छः लोग से पृथक है। छः ड ी क
भ ता हम दोन म और हर कोई जो इस ह पर रह रहा है, के बीच है। चाहे वह अमरीका
का रा प त हो या वे नस का गो डो लयर। यहां नाम को भ रए। मुझे पता लगा क (अ)
अ य त आरामदायक है क हम पास ह। (ब) चीन के पानी क ासद क तरह पास है
य क हम इस स ब ध को बनाने के लए छः लोग चा हए। यह एक गहन वचार है क
कस कार हर इ सान का एक नया वेश ार होता है एक नई नया का। छः भाग का
फक मुझम और सरे लोग म है जो इस ह पर रह ह पर वे सही छः लोग ढूँ ढ़ना मु कल
काम है। ऑयसा सही थी। उसका यह सोचना ठ क है क म और आप एक सरे से इस ह
पर सफ छः लोग के ारा भ ह। वह इस वा त वक चुनौती के बारे म सही है क वे छः
सही लोग ढूं ढ़ना जो आपको उस इ सान से जोड़ सक जसे आपको जानना चा हए।
एक चीज जो मने अपने जीवन म क है वह यह है क मने एक सू च बनाई है जसे म
हीरो सूची बुलाता ं। इस सूची म एक सौ पु ष और यां जनको म अपनी मौत से पहले
मलना चा ंगा के नाम लखे ह। चूं क आकषण का नयम यह बताता है क हम अपने
जीवन म वह आक षत करते ह जस पर हम यान के त करते ह और यह सू च एक
ज़ रया है मुझे उन लोग से जोड़ने का जनक म सबसे यादा श सा करता ं। एक से
यादा अवसर पर छः कदम क भ ता के स ांत ने मेरी सहायता क है जससे म सही
य को पा सकूं। ज होने मुझे उन लोग से मलवाया जनसे म हमेशा मलना चाहता
था और म लगातार आ यच कत ं क मेरी सूची के कतने लोग जो स उ ोगप त और
कुछ वसा यक व ा ह अनेक बार हवाई अ े पर मेरे सामने से नकलते ह, या उसी
कॉ े स म बोलते ह जसम मुझे बोलना होता है, या वे वही खाना खा रहे होते ह जहां म
खा रहा होता ं। अपने नायक क सू च बनाने का यह तरीका एक उ च जाग कता क
भावना का सृजन करता है जो मेरी मदद करता है क म उनको जगह जगह पर अपने ब त
पास पाता ं।
अ याय 58

त दन संगीत सु नए

‘जेरी मैग्आयर’ जो क एक उ कृ फ म है उसके एक यादगार य म जो क टॉम


ू ज ने अ भनीत कया है और एक क ठन चालन के खेल के अ भकता के प म उसने बस
अभी अभी एक कॉ े ट लया है।
जैसे ही वह उस खलाड़ी के घर से एक अ य त खुशी क भावना के साथ नकलता है
और वह संय मत होकर रे डयो पर एक टे शन से सरे टे शन को उस तरह का गाना ढूं ढ़ने
क को शश करता है जसे वह अपनी पूरी खुली आवाज म गा सके। आ खर म उसक खुशी
का ठकाना नह रहता है जब वह टॉम पैट का मश र गाना फा लग’ ढूं ढ़ लेता है और
अपने दल भावना को श द म उतार दे ता है।
या आपको कोई ऐसा समय याद है जब आपने सही व पर सही गाना सुना हो। जेरी
मैग्आयर क तरह या आपने भी जोर से गाया या बे फ होकर नाचे? या आपने उन
ण को अपनी पूरी श और खुशी के साथ जया? और यह सब सफ कुछ तार और
श द के सही सम वय के कारण आ। पर तु संगीत आपके साथ ऐसा कर सकता है।
संगीत आपक मनः थ त को ो सा हत कर सकता है आपके चेहरे पर मु कुराहट वापस
ला सकता है और आपके जीवन को अप र मत प से गुणा मक बना सकता है।
ेरणा दे ने वाले संगीत को सुनने क आदत को ग भीरता से ल। अपनी पसंद क धुन
का एक सं ह बनाइए और जो संगीत आपके दय को खुशी से भर दे उसे ह ते के हर दन
सु नए। मुझे खुद के लए, अपने च को ठ क रखने के लए मन को तस ली दे ने वाला
शा ीय संगीत या कोई ह का जैज संगीत सुनना पस द है। उदाहरण के लए जब म कोई
नई कताब लखता ं तो म अ धकांशत: जोहान पै वेवेल का ‘कैनन इन डी’ या जैज के
महागु चेट बेकर का ‘राउ ड मडनाइट’ को सुनना पस द करता ।ं अगर आप मेरी
श ाशाला म आए ह तो आपने दे खा होगा क म टे ज पर आऊं उसके पहले लोक य
संगीत बजता है। जब म दौरे पर होता ं तब भी अपना वॉकमैन ज़ र अपने साथ रखता ं।
हवाई जहाज म ेरणादायक संगीत सुनने के साथ फ म जैसे ‘ ेव हाट ए ड एवरे ट’ क
कहानी का साउंड ै क भी सुनता ं। त दन चाहे थोड़े समय के लए ही पर तु अगर संगीत
सुना जाए तो अपनी मनः थ त को उ म थ त म रखने म मदद करता है और यह सरल
पर तु अ य त श शाली तरीका है।
अ याय 59

धरोहर के प म वा य ल खए

कसी ने मुझसे कहा था क जीवन के शु के पचास वष हम वै ता सा बत करने म


सम पत करने पड़ते ह और बाद के पचास साल अपनी धरोहर बनाने म। यह कतना सही
है। हमम से अनेक लोग अपने जीवन का पहला भाग कुछ हा सल करने के संघष म या
आदर पाने के लए प र म करने म बता दे ते ह। जब हमारी वै ता कायम हो जाती है तो
यह चाहे त ा के प म आए या भौ तक स प के प म ज द ही हम यह समझ म आ
जाता है क कुछ कमी है। और हम अपने जीवन के बचे ए दन वह करने म बताते ह जसे
शु आत से ही करना चा हए था और वह है एक धरोहर बनाना।
एक दन मेरे पताजी ने हमारे ज के दरवाजे पर एक क वता चपका द । यह सं कृत
से अनुवा दत थी और सादगी के साथ कहती थी, “वस त ऋतु गई, ी म ऋतु गई, अब
शरद ऋतु आ चुक है। जो गाना म गाना चाहता ं वह अभी तक नह गा पाया। मने अपने
जीवन के दन सफ अपनी वीणा के तार को कोसने म बता दए।” यह श द उस ने
लखे थे जसके दय म अपने जीवन को अ छ तरह न जी पाने के लए प ाताप था।
अपनी उस मधुर धुन जो उसक तकद र म लखी थी को गाने के बजाए उसने अपने दन
सफ अपनी वीणा के तार को कोसने और ढ़ ला करने म और समय के इ तजार म बता
दए। उसी के श द म उसके जीवन म वह दन कभी नह आ पाया जब वह अपना
पस द दा गीत गा पाता।
अपनी धरोहर को बनाने का समय आज से ही है न क दस साल बाद जब आपके पास
यादा समय होगा, य क ऐसा व आपके जीवन म कभी नह आएगा। इस व पर
वचार क जए क आप अपने जीवन म या नमाण करना चाह रहे ह और उससे भी यादा
यह मह वपूण है क आप जब इस नया म नह होएंगे तो अपनी पीढ़ के लए या
छोड़कर जाएंगे। महानता इस बात म है क हम ऐसी चीज़ क शु आत कर जो हम पर नह
ख म होती हो। मने अपना एक धरोहर लखा है जो मुझे अपने जीवन क जमापूंजी
को दे खने म मदद करेगा। मेरे साथ काम करने वाले जो भी कॉरपोरेट अ धकारी ह वे अपनी
नजी उ े यपूण वा य रखते ह और कुछ लोग अपने वचार को धरोहर के प म भी
लखकर रख दे ते ह। जैसा क पहले वाला तरीका हमारी क पना को दशाता है तो सरा
तरीका यह बताता है क हम अपने मरने के बाद या छोड़कर जाना चाहते ह। इन दोनो म
फक है। अगर आप सोच तो आपको जीवन क अ तम कगार पर प ँचकर ःख और
नराशा क भावना से सत होकर प ाताप नह करना पड़ेगा सफ यह सोचकर क आप
इस नया म या छोड़कर जा सकते थे पर कया नह ।
अ याय 60

तीन महान म बनाइए

अ छ दो ती के स ब ध बनाना स ता और खुशी का एक प का रा ता है। हाल के


अ ययन बताते ह क जन लोगो के म ो और र तेदार का एक बड़ा दायरा होता है वे
यादा ल बा जीवन जीते ह, यादा हंसते ह और कम च ता करते ह। पर तु म ता बाक
अ छ चीज़ क तरह समय, श और कत न ता मांगती है। पर ऐसी कुछ ही चीज
होग जो इससे बेहतर पा रतो षक दे ती ह । जैसा क एक दाश नक ने कई शता दय पहले
लखा था, “ नया म दो ती से यादा अनमोल कुछ भी नह है। जो लोग इसको जीवन से
र रखते ह वह उसी कार ह जैसे पृ वी को सूय से अलग कर दया जाए य क कृ त क
अनमोल दे न से यह सवा धक खूबसूरत और स तादायक है।”
म जैसे जैसे बड़ा आ मेरे पता अ सर मुझसे कहा करते थे क कोई भी जसके
तीन दो त ह वह वा तव म एक धनी इ सान है। म कभी भी इस परामश को नह भूला और
आपको भी इसे दल से महसूस करने के लए ो साहन ं गा। गहन म ता था पत करने के
लए आपको अपने सु वधाजनक दायरे से नकलकर उन लोग से बात करने क न कपट
गमजोशी के साथ पहल करनी पड़ेगी ज ह शायद आप अ छ तरह जानते भी न ह और
आप अगर म ता के बीज बोएंगे तो आपको अव य ही उ म दो ती क फसल का लाभ
ा त होगा। रात क कॉकटे ल पाट म ह मत दखाकर उस इ सान तक जाइए, बात क रए
जसको आप जानना चाहगे और अपने से मलवाना चाहेग। हर इ सान म ेम का एक गहन
भाव होता है और लोग खुश होते ह अगर आप खुद शु आत करते ह। अगर वे त या
नह करते ह तो भी या फक पड़ता है। इसको उपे ा समझकर नह ब क यह सो चए क
इसम उनका ही नुकसान है और बड़ी वन ता से अगले इ सान क तरफ आगे बढ़ जसको
आपके गुण से फायदा हो सकता है।
कुछ समय पहले मेरी माँ क कार का टायर पंचर हो गया जब वे कसी दै नक काय के
लए रा ते म जा रह थी। उ होन एक अजनबी म हला जो अपने घर के समाने बगीचे म
पानी दे रही थी से पूछा क अगर वे अपनी कार को उनके गैरेज म खड़ा कर सक और फर
पास के गैस टे शन से मदद मागं सके। उस म हला ने कहा क उसे कोई आ ेप नह था।
अपनी कार का टायर सुधरवाने के बाद मेरी मां वापस उस म हला के घर तक गई और उनके
दयालु वभाव के लए गमजोशी के साथ उ ह ध यवाद दया। उन म हला ने मेरी मां को चाय
पीने का बुलावा दया। एक घ टे के अ दर उ ह ने पाया क वे दोन एक ही शहर म पली बढ़
थ , एक ही व ालय म पढ़ थ और एक सरे को जानने वाले अनेक लोग को जानती थ ।
एक महान म ता क शु आत हो गई य क मेरी मां ने एक नई दो ती बनाने क पहल क ।
अ याय 61

‘ द आ ट ट् स वे’ प ढ़ए

हम सब सृजना मक लोग ह। जब मैन पहली बार ‘ द आ ट ट् स वे’ अपने पस द दा


कताब क कान पर कई साल पहले दे खी तब म वकालत करता था। पर मैन वह नह
खरीद । उस व मेरा व ास था क यह पु तक सफ कलाकार के लए है और मेरे लए
लाभदायक सा बत नह होगी। काफ समय बाद समझ म आया क अ तमन म सृजनता का
एक असी मत ोत होता है। और हम सबको आव यकता है क हम इस संरचना का
रोज़मरा क ज दगी म उपयोग कर चाहे हम वक ल ह , या श क, उ ोगप त, क व या
संगीतकार। इस सोच ने क म एक वक ल होकर भी सृजनकार ं, ने मुझे एक नई
जाग कता करी।
मने उन श ण शाला म जाना शु कया जो सृजना मकता के बारे म सखाती थी।
मने अनेक पु तक इस वषय पर पढ़ और उन तरीक को ढू ढ़ने क को शश करी जो मेरी
वभा वक सृजना मक वृ को द शत करने म मदद करते और मेरे गत,
वसा यक और आ या मक जीवन म सुधार ला सकते थे। आ खर म मेरी खोज ने मुझे
अपनी थम पु तक लखने के लए े रत कया।
‘ द आ ट ट् स वे’ प ढ़ए और यह आ म अनुशासन र खए क आप ले खका जू लया
कैमरान के नदशन के आधार पर सभी अ यास का सोच वचार कर पालन करगे। अपनी
सृजन श को ब द थान से नकालकर आप अपनी आ म खोज क राह क ऊँचाइय को
छू ने के लए नकल पड़ेग और अपना हर दन स पूणता के साथ भर दगे।
अ याय 62

यान लगाना सी खए

ांस के ग णत लेज पा कल ने लखा है, “हर इ सान क परेशा नयां अपने कमरे म
चुपचाप न बैठ पाने के कारण आती ह। हम अपने जीवन को शोर शराबे क या से
भरने के आद हो चुके ह। हम रे डयो क ती आवाज के साथ उठते ह और टे ली वज़न के
समाचार के साथ तैयार होते ह। हम जब काम पर जाते ए गाड़ी चलाते ह तो भी हम
ापार क नवीनतम रपोट सुन रहे होते ह और अगले आठ घ टे हम द तर के कोलाहाल म
बता दे ते ह। जब हम दन ख म होने पर घर आते ह तब हम फर से अपनी शाम क
या म त हो जाते ह जहां पीछे से टे ली वज़न क आवाज, फोन क घ टयां,
क यूटर क भन भनाहट हमारा पीछा नह छोड़ती है। पा कल ने सही लखा था क हमारी
यादातर च ता क शु आत इस बात से होती है क हम सबने हर दन थोड़ी दे र के लए
भी अपने जीवन म शांत रहने के मह व को भुला दया है।
बना यान पी गुण के स पूण और प रपूण जीवन क क पना नह क जा सकती।
अगर आप एक या पर लगातार अपना यान के त नह कर पाते ह तो आप कभी भी
अपने ल य को पा सकग और न ही अपने व बना पाएंगे और न ही रोजमरा के जीवन का
आन द ले पाएंग।े बना मान सक अनुशासन के तु छ वचार और च ताएं आपका पीछा
करगी और आप म कभी भी अपने आपको अ धक अथपूण या म शा मल होने का
मौका नह मल पाएगा। बना गहन मनोयोग के आपका दमाग आपका मा लक बनकर
आपको गुलाम बना लेगा।
जस दन से मने अपना यान के त करना सीखा उसी दन से मेरे जीवन म बदलाव
आया। मनोयोग कोई नए जमाने का अ यास नह है जो सफ पहाड़ पर रहने वाले साधु
तक सी मत है। इसके वपरीत यान एक अ य त पुरानी प त है जसका वकास नया
के कुछ सव च प से बु मान लोग ने अपने मन का पूण प से नय ण अपने हाथ म
लेने के लए कया था जसके ारा उपयोगी काय म पूरे साम य को लगाया जा सके।
मनोयोग वह या है जो आपके म त क को वह काय करने के लए श त करती है
जसके लए वह बनाया गया है। और इससे यह मूलभूत लाभ है : जो शा त और न छलता
आपको हर रोज बीस मनट के यान से मलेगी वह आपके हर मनट को ेरणा से भर दे गी।
आप सर के साथ अपने स ब ध म कायम रखग द तर म यादा थर और एकांत म
यादा खुश रहगे। मनोयोग आपको एक बेहतर माता, पता, जीवन साथी, वसा यक
या म म प रव तत करता ह आपको इस मन को अनुशासन सखाने वाली पाँच
हज़ार साल पुरानी श क खोज करने म जरा भी वं चत नह रहना चा हए।
अ याय 63

जी वत रहते अ तम सं कार क जए

जब म ‘ द मंक सो ड हज़ फरारी’ के लए शोध कर रहा था मुझे एक भारतीय


महाराजा क कहानी के बारे म पता चला जो एक अजीब तरह क व ध का अ यास करता
था : हर दन उठने के तुर त बाद वह अपना खुद का अ तम सं कार पूरे फूल और संगीत
के साथ करता था। पूरे समय वह यह जाप करता था, “मने स पूण प से जीवन जी लया।
मने स पूण प से जीवन जी लया। मने स पूण प से जीवन जी लया।”
जब मने इसके बारे म पढ़ा तो इस इ सान के इस व ध वधान का अथ समझ म नह
आया अत: मने अपने पताजी से इसका अथ पूछा। उनका उ र था “बेटा यह महाराजा
ऐसा त दन करके त दन अपना स ब ध जीवन क न रता के साथ जोड़ता है और
अपना हर दन इस कार जीता है जैसे वह उसका आ खरी दन हो। उसका यह धा मक
कृ य ब त ही समझदारी दखाता है और उसे इस स य क याद दलाता है क समय हमारे
हाथ से रेत क तरह फसल जाता है और जीवन को प प से सफ आज वतमान म
जया सकता ह न क आने वाले कल म।” इ सान म अपनी न रता क चेतना अपने आप
म एक बड़ी बु म ा का ोत है।
लैटो क मृ युशै या पर उनके एक म ने उनसे उनके जीवन के महानतम काय ‘ द
डायलॉग्स’ को सं त प म बताने के लए कहा। काफ मनन के बाद उ ह ने सफ दो
श द का जवाब दया “मरने का अ यास क रए।” ाचीन वचारक का कहना है क लैटो
के इस वचार को एक सरे कार से भी लया जा सकता है।” मौत युवा लोगो क आंखो म
भी उतनी रहनी चा हए जतनी वृ लोग क आंख म होती है। हर दन हम व थत
करना चा हए और उसे पाल पोस कर अपने जीवन को स पूण करने के लए योग करना
चा हए। अपनी जी वत अव था म दाह सं कार क या आपको इस स चाई से जोड़ेगी
क समय एक अनमोल धरोहर है और सव े तरीके से समृ , बु म ा और यादा
प रपूण जीवन क शु आत सफ वतमान म होती है।
अ याय 64

शकायत छोड़कर जीना शु क रए

यह शकायत करना छोड़ द जए क आपके पास समय क कमी है और एक घ टा


ज द उठना शु क रए। आपके पास वक प है तो य न उसका उपयोग कर। इस बात
क अस तु ता कट करना छो ड़ए क आपको अपनी तता के कारण ायाम का
समय नह मलता। अगर हर रोज आप सात घ टे क न द लेते ह और आठ घ टे काम करते
ह आपके पास उसके बाद भी तरसठ घ टे का खाली समय हर ह ते होता है जसम आप
जो भी चाह वह कर सकते ह। इसका मतलब दो सौ बावन घ टे हर महीने और तीन हज़ार
चौ बस घ टे तवष हम मलते ह जसे हम अपने जीवन के बाक काय के लए यु कर
सकते ह। आपको यह समझना चा हए क नया के इ तहास म इससे यादा बेहतर समय
कभी नह आ है जो इन अप र मत स भावना को हर दन हमारे सामने अवसर के प म
लाता है।
जैसा आप अपने आपको रखना चाहते है पर वैसे खुश, समृ और शा त नह है तो
इसके लए अपने माता पता, अथ व था या अपने बॉस को ज मेदार ठहराना छोड़कर
अपनी प र थ तय का पूरा दा य व अपने ऊपर ली जए। यह पहला कदम होगा जसके
अनुसार आप अपने जीवन को एक नवीन प म दे खना शु करगे और वह आपके बेहतर
जीवन क शु आत का ब होगा। जैसा क जाज बनाड शॉ ने कहा है, “इस नया म वे
ही लोग आगे जाते ह जो समय के साथ चलते ह और आगे बढ़ते ह और उन प र थ तय
को ढूं ढ़ते ह जनक उ ह तलाश है और अगर वे उ ह नह खोज पाते ह तो उनका सृजन
करने क को शश करते ह।”
आप अपने मन म वेश करने वाले वचार , अपनी अ भवृ य , अपनी दनचया और
अपने समय के बारे म सावधानी से चुनाव क रए क आप उसे कैसे बताने वाले ह शकायत
छोड़कर जीना शु क रए। क व डयाड कप लग के श द म, “अगर आप अपनी
शकायत का एक मनट साठ सेक ड म दौड़कर तय क ई री से भर सक यह नया और
इसक हर चीज़ आपक हो जाएगी।”
अ याय 65

अपना मह व बढ़ाइये

नई नया म आप यह पाएंगे क आपका मू यांकन इस बात से नह होगा क आप


कतनी मेहनत करते ह पर तु इस बात से होगा क आप अपने आस पास क नया म
कतना मू य जोड़ सकते है। इस बारे म सो चए क अगर आपको फलहाल बीस डॉलर
त घ टा तन वाह मलती है तो यह पैसा आपको सफ अपनी मेज पर साठ मनट बैठने
के लए नह मलते ह ब क इस लए मलता है य क आपने उन साठ मनट म बीस
डॉलर के लायक दखाई दे ने वाला मू य जोड़ा है। अतः धन स ब धी पुर कार इस बात से
नह नधा रत होता है क हम कतनी दे र काम करते ह ब क इस बात से होता है क हमने
उतने समय म कतना मू य जोड़ा है।
यही वजह है क म त क के श य च क सक को एक मैकडोना ड म काम करने वाले
से यादा पैसा मलता है। या म त क का श य च क सक यादा प र मी है? शायद
नह । या म त क का यादा प र मी है? शायद नह । या वह मान सक श य च क सक
यादा तेज तरार है? या पता? पर तु एक बात न त है क मान सक श य च क सक ने
मैक डोना ड के कमचारी क अपे ा अपने ान और पेशे के े म यादा वीणता हा सल
क है।
ऐसे ब त कम लोग होग जो वह कर सकते ह जो एक म त क का श य च क सक
कर सकता है। इसी लए एक म त क श य च क सक को वसा यक े म सर क
तुलना म यादा का बल माना जाता है। यही कारण है क एक म त क श य च क सक
को एक बगर सकने वाले से कम से कम दस गुना यादा तन वाह मलती है। पैसे सफ एक
सांके तक च ह ह यह मू यांकन करने का क हर ने इस नया म अपनी व श ता
से या योगदान दया है। और सबसे ब ढ़या तरीका जससे हम नया मे मु य जोड़ सक,
के लए ज़ री है क हम अपनी का ब लयत बढ़ाएं। ऐसे गुण को बढ़ाएं जो कसी के पास
न ह । ऐसी कताब पढ़े जो कोई न पढ़ता हो। ऐसे वचार पर मनन कर जो कोई न सोच
और इसको सरी तरह से कह सकते ह क आप जो चाहते ह वह नह मलेगा अगर आप
वही बने रहगे जो आप ह। जीवन से यादा हा सल करने के लए हम जीवन म यादा
स य होना पड़ता है।
अ याय 66

एक अ छे अ भभावक बन

जस तरह से आप अपने ब च को पालते ह वही नणायक होता है क आप कस कार


अपने आने वाली पीढ़ को संवारते ह। चूं क शायद ही ऐसे लोग ह गे ज ह ने ब च को
पालने क औपचा रक श ा ली हो और इसी कारणवश हमम से अ धकांश लोग अपने
ब च के साथ वैसा ही वहार करते ह जैसा हमारे माता पता ने हमारे साथ कया होता है।
हम और कोई तरीका नह आता है।
य प अ भभावक होना आप म एक महान खुशी का ोत है पर तु यह एक ऐसा
वशेषा धकार है जसम अ य धक ज मेदारी शा मल है। म अपने ब च के लए कुछ भी
कर सकता ं पर तु सफ त परता ही काफ नह है ब क हम अपने आप म सव म
अ भभावक होने के गुण का वकास करना चा हए। हम यह आशा नह कर सकते ह क
जस कार हम अपने ब च का पालन पोषण कर रहे ह वही सही तरीका है और हम
ाथना करनी चा हए क हमारी क मत अ छ हो क हमारे ब चे समझदार, फ म द और
बु मान वय क बन। हम अपनी तरफ से अपनी बाल वकास और पालन पोषण क कला
को संवारने के लए श ण शाला म जाना चा हए, कताब पढ़नी चा हए और बड़े बड़े
वचारक के कैसेट्स सुनने चा हए जो उ ह ने इस वषय पर लख ह। इसके अलावा हमम
ह मत होनी चा हए क हम जीवन क योगशाला म ए अपने अनुभव को और अपने
माता पता होने के वजूद को सव म तरीके से अपने प रवार के लए यु कर।
मुझे मालुम ह क आपका जीवन त है और ब त कम समय म अनेक काम नपटाने
ह। पर तु आपके बेट और बे टय के जीवन म बचपन दोबारा लौट कर नह आने वाला।
अगर आप सव म अ भभावक बनने के लए समय पर य न नह करते ह जब क यह
जानते भी ह क आप बन सकते ह तो एक दन आप इस अवसर को हमेशा के लए खो दे ने
का प ाताप करगे। जैसे क एक पता ने टोरे टो मे जो मेरे एक से मनार म उप थत था,
कहा, “जब मेरा बेटा बड़ा हो रहा था वह हमेशा मुझसे उसे मेरी पीठ पर बैठने क ज़द
करता था। हांलां क मुझे पता था क उसे इसम कतना मजा आता है पर म हमेशा इतना
त था क मेरे पास उसके साथ खेलने का समय नह था। या तो मेरे पास पढ़ने के लए
रपोट होती थी या कसी मी टग म जाना होता या फोन पर बात करनी होती थी। अब जब
वह बड़ा हो चुका है और हमारा घर छोड़कर जा चुका है मैने एक चीज़ महसूस क क म
उस छोटे ब चे को पीठ पर बैठाकर घुमाने के लए कोई भी मू य चुकाने को तैयार ं।
अ याय 67

द कयानूसी न रह

स ने लखा था, “आप अपनी वचारधारा को रवाज के व ले जाइए और आप


जीवन म ज़ र अ छा करग।” एपल क यूटर का चमक ला व ापन जो हम ेरणा दे ता है
कहता है ‘ भ सो चए’ या फर जैसा क म अपने नेतृ व के भाषण म अपने ोता से
कहता ं, “अगर आप भीड़ के पीछे जाएंगे तो आ खर म शायद उसके बाद बाहर जाने के
ार तक ही प ंच पाएंगे।” एक प रपूण और संतु जीवन जीने के लए यह ब त आव यक
है क आप अपनी दौड़ खुद दौ ड़ए। अपनी व श ता का छोड़कर सामा जक दबाव क
मांग के सामने झु कए मत। जब आप नया के सबसे भावशाली और बु मान लोग क
जीवनी पढ़ग तो आप पाएंगे क उन लोगो ने इस बात क कभी फ नह क क सरे लोग
उनके बारे म या सोचते ह। इसके बजाए क सावज नक राय उनक तभा पर असर
डाले उनम यह ह मत थी क वे अपने दय क बताई दशा म चल सक। और उस पथ पर
चलने म जसम कम लोग चल पाते ह उ ह ने उस सफलता को अपने कदम को चूमता आ
पाया जो उनक क पना के बाहर थी।
सबसे अ छ पं यां जो आधु नक होने के मह व के बारे म लखी ह वह ह टोफर
मॉरली के श द, “हर रोज वह प ढ़ए जो हर कोई नह पढ़ता है। हर दन कुछ ऐसा सो चए
जो कोई और नह सोचता है। यह अ छा इमरसन का है, “इस नया म अगर इस
नया क राय के साथ रहा जाए तो जीवन आसान है। एका त म हमारे लए अपनी खुद क
दे खभाल करना आसान है पर तु महापु ष वह है जो भीड़ के बीच भी स पूण मधुरता के
साथ च ता से वतं होता है।”
अगले कुछ महीने आप जो कुछ भी करगे उसके बारे म दोबारा सो चए। चीज़ सफ
इस लए मत क जए य क हर सरा इ सान वह कर रहा है। वही क जए जो आपके लए
सही है। अपने सही कारण के लए अगर सर से भ आ जाए तो जीने का सही तरीका
है। अगर आप चाह ता आइ सटाईन, पकासो, गैले लओ या बथोवन से पूछ ली जए।
अ याय 68

अपने ल य का प र खए

अनेक बार मने यह पाया क अ य धक भावशीलता के साथ काय करने वाले पु ष


और यां अपने साथ एक छोटा ल य का प अपने पस म रखते ह जसे वे अपने शा त
समय म फर से दे ख सक। यह छोटा सा प उनके जीवन के कुछ उ च उ े य क एक
सूची के प म होती है जसम वे उनको पूरा करने के नधा रत समय को भी लखते ह अपने
जीवन क सव च ाथ मकता के साथ दोबारा गत, वसा यक या आ या मक
प से जुड़ने का य न अपने आप म एक अ छा कदम है।
मा टे न ने कहा है, “इ सान का महानतम और गौरवपूण प उसके के त तरीके से
जीने म है।” जीवन का यह ान कतने सु दर और सं त प म बखान कया गया है।
फर भी हमम से अनेक लोग अपना जीवन एक हवाई कवायद क तरह जीते ह ओर ऐसी
या म पूरे दन त रहते ह जो हम उस ण मह वपूण लगती ह पर तु जीवन म
उनका मह व ब त कम होता है। जैसा क मने अपनी पु तक ‘लीडर शप वज़डम ॉम द
मंक सो ड हज़ फ़रारी’ म लखा है क जो इ सान सब कुछ करने क को शश करता है
वह कुछ भी नह ा त करता है। एक ल य प को रखना और उसे दन म तीन-चार बार
पढ़ना आपका यान उन वषय पर के त रखेगा जो वा तव म मह वपूण ह। यह आपके
आ म नय ण का वकास करेगा और आपको सफ उन या पर के त करेगा
जसक आव यकता आपको अपने उ े य म आगे बढ़ने और अपने सारे आराम के लए
नह बोलने का अनुशासन लाने म लगेगी। ऐसा करने से आप अपने यान का नवीनीकरण
कर सकते ह। म आपसे वादा करता ं क अगर आप अपने जीवन म सफ उन बात पर
यान द जो क सही म यो य ह यह न त है क आप अ त म सव च आन द क ा त
करेग।
अ याय 69

अपने संवेग पर नय ण रख

काफ समय तक म जीवन म यह व ास करता रहा क मेरे वचार मेरे नय ण के बाहर


ह। वे सफ सहज तरीके से मेरे दमाग म वेश कर जाते ह और जो मन होता है वह करते
ह। उससे भी बुरी चीज़ है क मैने सोचा क म और मेरे वचार एक ही ह। आ खर म मुझे
समझ म आया क स चाई से यादा बड़ा कुछ नह है। हम अपने वचार से अलग ह। हम
वा तव म अपने वचार को सोचने वाले मा यम ह। हम उन वचार के रच यता ह जो हमारे
म त क मे उमड़ रहे होते ह। इस स चाई के साथ अगर हम चाह तो अपने वचार का
चुनाव कर सकते ह।
यह अ त मेरे लए ई रीय स दे श के समान थी। म ज द ही अपने उन वचार के
बारे म अ धक जाग क बन गया ज ह म अपने मन म वेश करने दे ता ं और वह आ मक
वातालाप जो हम सब के अ तमन मे अपने सुबह उठने के बाद थान साथ लेता है। मने
अपने वचार के गुणा मक प पर यान दे ना शु कया। यह जाग कता उ ह प रव तत
करने क ओर पहला कदम था। कुछ महीन के बाद मने अपने मन को सफ सकारा मक
ेरक और ानवधक वचार क ओर के त करना शु कर दया। और ऐसा करके मने
पाया क म अपनी बा य प र थ त को भी बदल पाने म समथ था।
जस कार से हम अगर वचार नह तो अपना च भी नह है। हम अपनी थ त क
संरचना अपने अनुभव के आधार पर करते ह। वे भाव जो आप एक ण म बदल सकते ह।
मगर आप वयं चुनाव कर तो आप तनाव के समय शा त, अवसाद के समय स ता और
थकान के फू त का अनुभव कर सकते ह।
अ याय 70

साधारण का वाद ली जए

कोई भी इ सान अपनी मृ यु के बाद अपनी संप अपने साथ नह ले जाता है। मैने आज
तक कसी गाड़ी को दाह सं कार के लए अथ के पीछे जाते नह दे खा है। अपने जीवन के
आ खरी ण म हम अपने साथ सफ उन याद को ले जा सकते ह जो हमारे अनुभव थे
और ज ह ने हमारे जीवन को और अथपूण बना दया था। इसके अनुसार म अपने दन ऐसे
काय करने म बताना चा ंगा जो मुझे स ता क याद दे गा न क भौ तक स प क । मने
यह पाया है क मेरे सबसे यादगार ण जीवन क साधारण बात ने दए ह। जस दन मेरी
बेट बया का ने चलना सीखा मेरे बेटे को बी का पहला समस गायन (जहां उसने अपना
यादा समय गाने म न दे कर अपने गव से भरे ए पता क ओर हाथ हलाने म लगाया),
जस दन हमारे प रवार ने बा रश म खेला और वह पूणमासी क शाम जब हमने हॉट डॉग
को सक कर खाया।
डेल कानजी ने लखा है, “जीवन क सबसे बड़ी वड बना है क हम लोग अपने जीवन
को तरीके से नह जीते ह। हम सब उस व लोक म जा ई गुलाब के इ तजार म र
तज क ओर नहारते रहते ह और अपनी खड़क के बाहर खलने वाले गुलाब क
शंसा से वं चत रह जाते ह। समझदार बनकर साधारण चीज़ म खु शयां ढूं ढ़ए। जो अ त
मरण यह लेकर आते ह वे हमारे जीवन के ण को इतना ब मू य बना दे ते ह क उनके
आगे कोई भी भौ तक खलौना इतनी खुशी नह दे सकता जसके पीछे भागते ए हम अपने
जीवन क श य को ख म कर सक। जैसा क एमा गो डन ने लखा है, “म अपने गले म
हीर के हार के बजाए अपनी मेज पर गुलाब को पस द क ं गी।”
अ याय 71

भ सना करना ब द क रए

शकायत करने क बुरी आदत क तरह जसका ज़ हम पहले कर चुके ह सर को


अपराधी ठहराने क आदत के भी लोग आसानी से शकार बन जाते ह और अ धकतर उन
लोग के साथ हम ब त यार करते ह। हम इस बात क आलोचना करते ह क कौन कैसे
खा रहा है और कौन कस कार बात कर रहा है। हम अ य त तु छ बात पर यान दे ते ह
और असाथक चीज़ म ग तयां नकालते ह। पर तु हम जस पर यान दे ते ह वह बढ़ती है।
और अगर हम सर क छोट छोट क मयां पर यान दे ते रहेग जो हमारे दमाग म पनपती
रहती ह और ज द ही एक बड़ी च ता का कारण बन जाती है।
या आप वा तव म ऐसी नया म रहना चाहते ह जहां पर हर कोई वैसा दखे, काय
करे और सोचे जैसा क आप चाहते ह। फर यह ब त ही अ चकर होगा। एक खुश और
अशा त जीवन जीने के लए आप समाज क उस समृ ता को दे खना शु कर जो इसक
भ ता से आती है। जीवन म आपके र ते, समाज और दे श को महान आपक समानता
नह ब क व भ ता बनाती है जो आपने आप म व श होती है। अपने आस पास के
लोगो क आलोचना करने के बजाए य न हम उन असमानता का आदर करना सीख।
ायः हम सर म उन क मय को दे खते ह जो हम खुद म सुधारनी होती है। सर को
अपराधी ठहराना और उनक भ सना करना छो ड़ए। पूरी ज मेदारी के साथ चीज को जैसी
ह वैसे ही वीकार करना सी खए और यह न य ली जए क आप अपने काय े म सर
म बदलाव लाने के बजाए पहले अपने आप म प रवतन लाएंगे। यह उ च च र क के
इ सान का सबसे वा त वक मू यांकन है। जैसा क ऐ रका जो ग ने कहा है “अपने जीवन
क बागडोर को अपने हाथ म ली जए और दे खए या होता है? प रणाम यह होगा क आप
कसी पर अ भयोग नह लगा सकते ह।”
अ याय 72

अपने दन म पूरी ज़ दगी दे खए

“हमारे दन एक पदानशीन आकृ तय के समान हमारे सामने आते और जाते रहते ह।


एक दो ती का हाथ बढ़ाते ए बना कुछ बोले पर तु जो भट लेकर आते ह अगर हम उनको
वीकार नह करते ह तो वे उनको चुपचाप वापस लेकर चले जाते ह।” इमसन का यह
कहना था। जस कार आप अपने दन जीते ह उसी कार आप अपना जीवन भी जी लगे।
यह सोचना ब त आसान है और एक जंगल म फंसने के समान है, जब हम यह सोचते ह क
इस दन का यादा मह व नह है और हमारे आगे आने वाले दन अ धक अथपूण होएंगे।
पर तु एक महान जीवन एक ंखला के समान है जो बेहतरीन और संतु जीवन के दन को
आपस म परोकर एक खूबसूरत मो तय क माला क तरह तीत होता है तो सफ आज
का दन अ तम प रणाम म गुणा मक प से जुड़ता जाता है। अतीत जा चुका है, भ व य
एक क पना है तो सफ आज का दन ही है, जो आपका अपना है। इसका नवेश बु म ा
से क रए।
आपका जीवन एक पूवा यास नह है। हाथ से नकले ए अवसर मु कल से वापस
आते ह। आज आप अपने जीने क चाह को बढ़ाइए और अपने कत को आगे आने वाले
दन के लए गना करने का फैसला क जए। अनेक लोग सोचते ह क अपने जीवन म
प रवतन लाने के लए महीन और साल लग जाते ह ऐसी धारणा वाले लोग से म असहमत
ं आप अपने जीवन को उसी समय बदल दे ते ह जस पल आप अपने दल क गहराइय से
बेहतर और कत न इ सान बनने का नणय लेते ह। महीने और साल सफ उन को शश
म लग जाते ह जो आप को अपने नणय को बनाए रखने के लए करनी पड़ती ह। और
जीवन को बदलने का सबसे अ छा नणय जो आप ले सकते ह वह यह है क आप अपने
दन के हर पल को पूणता के साथ जएं। जैसा क गो फ के ऐ तहा सक खलाड़ी बेन
होगान का कहना है, “जैसे जैसे आप जीवन क राह म आगे बढ़गे आपको रा ते के गुलाब
को ज़ र सूंघना चा हए य क यह बाज़ी सफ एक बार आपके हाथ आई है।”
अ याय 73

भु व के र ते का सृजन कर

अपनी अ त कताब ‘ थक ए ड ो रच’ म आ म सुधार के अ त नेपो लयन हल


पाठक को सलाह दे ते ह क वे एक ‘ भु व म त क’ वाला समूह बनाएं मगर उनका
म त अपने जीवन का तर ऊँचा करके वह पाना हो जो वे चाहते ह। वह इस भु व के
र ते क प रभाषा इस कार दे ते ह, “ ान और य न म साम ज य जसम उ साह क
अनु पता हो, दो लोग से अ धक जो कसी एक उ े य को हा सल करना चाह रहे ह ।”
हल का कहना है, कोई भी दो म त क एक सरे के पास तब तक नह आते ह जब तक
उनम आपसी तालमेल न हो और वे फर समान उ े य के साथ एक अ य और अ पृ य
ताकत का सृजन करते ह जो एक तीसरे म त क के समान होती है।”
ऐसे अनेक लोग जनको म नजी प से श त करता ं या ज ह म से मनार म
मलता ं तो उ ह ने मुझे बताया क जो सबसे अ छ चीज़ उ ह ने करी है जससे वे अपने
ापार और नजी ज दगी म वह पा सक ह जो वे चाहते थे वह है क उ होने एक भु व
का समूह बनाया। ऐसा करने के लए उ ह ने न सफ एक गत म ता क सहायता का
ताना बाना बनाया ब क कुछ वशेष के साथ उस ान का अजन कया जसको वे
साधारण प से हा सल कर सकते थे। अपने भु व के समूह को बनाने के लए आपको
तीन या चार लोग को ढूं ढ़ने क आव यकता है जनको आप समझते ह क आप उनसे
सीख सकते ह और जो समूह म सर के साथ भी ताल मेल रख सकगे। यह र ता एक
आपसी लाभ का र ता है जसम आप उतना ही दे ते ह जतना आपको मलता है। अपने
भावी सद य तक प ँचने क को शश क रए और यह व था क रए क ह ते म एक बार
मल सक हमेशा ातःकाल क सभाएं अ छ रहती ह य क वे हर सद य को इस बात के
लए बा य करती ह क वह अपनी कत न ा का दशन कर सक। तकनीक ग त के
साथ यह आव यक नह है क आप एक सरे से आमने सामने मल हालांक इसक ज़ रत
अ सर पड़ती रहेगी। टे लीफोन का े स पर बात करना, इले ॉ नक स ेषण और फै स
भी यह काम कर सकते ह। नधा रत समय पर अपनी चुनौ तय पर बातचीत क रए, जनका
सामना आप कर रहे ह और अपने समूह के उन स ांत और जीवन क उन सीख के बार
म वाद ववाद क रए जससे उनक भावशीलता बार बार सा बत ई है और साथ ही एक
बेहतर स तु लत, प रपूण और आ त रक शा त के जीवन को जानने क को शश क रए।
एक भु व समूह न सफ आपके जीवन के खेल म सीखने क व रेखा को घटाएगा ब क
आपक मदद करेगा जससे आप इसका आन द भी ले सक।
अ याय 74

अपने वहार क दनचया बनाइए

अपने जीवन को ऐसे प े क तरह जीना जो हवा के झ के क दशा मे उड़ जाता है, ब त


आसान है। अपने जीवन को उ म तरीके से जीने के लए आव यक है क हम अपना जीवन
अ धक सोच वचार करके अ भ ाय और चाहत के साथ जएं जससे हम उसे सर क
नह ब क अपनी शत पर जी सक। सबसे असली चुनौती यह है क हमारे पास इतना कुछ
करने के लए है क हमारे लए यह आसान होगा अगर हम अपने जीवन को अपना नयं ण
लेने द और सफ दे खते रह क कस कार हमारे दन ह त म महीन और फर अ तम प
से साल म बीत जाते ह। पर तु मेरे पास एक हल है।
अपने वयं के जीवन म मैने एक आचरण क दनचया बनाई है। इसम सफ साधारण
तीन ग ांश ह जो उन स ांत , साम य और संक प को करते ह। मैने काफ सोच
वचार के बाद नणय लया क अपने जीवन म प रपूणता लाने के लए यह मेरे लए
आव यक है। उदाहरण के लए पहले अनु छे द के एक भाग म लखा है, “म अगले चौबीस
घ ट को सराहने का वादा करता ं य क वा त वकता म मेरे पास सफ यही है और
इसका हर पल म पूणता और ववेक के साथ बताना चाहता ं। अपने जीवन क कायसूची
को आगे बढ़ाने के लए ब त कुछ कया जा सकता है और म अपनी धरोहर को पूरा कर
सकता ।ं म पूरे दन यह याद रखूंगा क मेरा यह दन मेरे जीवन का आ खरी दन हो
सकता है और कोई भी महान इ सान अपने अ तर के संगीत को सुने बना नह मरा है। मेरी
सं हता मेरे सबसे य मू य तथा संक प के बारे म बताती है य क वे मेरे प रवार मेरे
समुदाय और मुझसे स ब धत है।
अपनी रोज़मरा क आचरण सं हता को रोज़ सुबह सबसे पहले पढ़ना जसे म ‘बेस
कै प’ क अव ध बुलाता ं और पहले के पाठ म ज कर चुका ं मुझे उन चीज क याद
दलाती है जो मेरे जीवन म आव यक ह और मुझे मेरी सव च ाथ मकता के साथ
जोड़ती ह। वे ाथ मकताएं जो रोजमरा के जीवन म धुंधली पड़ जाती ह। अपनी सं हता को
पढ़कर म श वान, कत न और पूरी कमठता के साथ इस जीवन म एक नवीन ल य
के साथ वेश करना चाहता ं। अपनी वयं क आचरण सं हता को बनाने से आपके ऊपर
भी समान भाव होगा।
अ याय 75

एक समृ वा त वकता क क पना क रए

अ बट कैमस ने लखा था, “शरद ऋतु के बीच मैने पाया क मेरे अ दर एक अजेय ी म
ऋतु थी।” हम लोग वा तव म अपने भीतर क श और लचीलेपन को तब तक नह खोज
पाते ह तब तक हम कोई खदाई प र थ त का सामना नह करते ह जो हमारे दमाग को
च ता से और दल को दद से भर दे ती है। तब हम यह समझ म आता है क हम सब म
अपने अ दर श और साम य है जससे हम जीवन क असंग तय का सामना कर सकते
ह।
अनेक पु ष और ी जो मेरे नेतृ व क श ण शाला म उप थत होते ह स के बाद
मेरे पास आते ह और उन चुनौ तय के बारे म बात करते ह जनका सामना वे अपनी ज़दगी
म कर रहे ह। कुछ लोग अपनी इस परेशानी का ज करते ह क वे अ न त समय क
वजह से अपने कमचा रय को आव यकतानुसार ेरणा नह दे पा रहे ह। सरे लोग अपनी
आ त रक चाहत क ववेचना करते ह जो अपने जीवन के काय े म एक बेहतर अथ और
प रपूणता चाहते ह। और कुछ लोग मुझसे पूछते ह क वे अपनी गत ज़दगी म
साम ज य कैसे रख। मेरी त या हमेशा उसी पाठ से शु होती है : अपने जीवन को
बेहतर बनाएं और सबसे पहले अपने वचार को अ छा कर। जैसा क एक पुरानी कहावत
है “हम नया को जैसा है वैसा नह दे खते ह ब क जैसे हम खुद ह वैसा दे खते ह।”
हमारी सबसे बड़ी महान मानवीय न ध हमारी यो यता म है जसके बल पर हम कसी
भी क ठन प र थ त क दोबारा संरचना करके उसको एक बेहतर और ानवधक तरीके से
हल कर सकते ह। कु े यह नह कर सकते, ब लयां यह नह कर सकती न ही ब दर ऐसा
कर सकते ह। यह गुण सफ इ सान के पास है और उन वशेषता मे से एक है जो हम
इ सान बनाती है। अपनी प र थ तय को अपराधी ठहराना सफ बहाना ढूं ढ़ना है। कसी भी
परेशानी का सामना करने के लए हमम यह साहस होना चा हए क हम अपनी ज मेदारी
अपने ऊपर ले सक। फर चाहे हम जस भी प र थ त म ह और हम यह समझना चा हए
क हमम वह यो यता है क इस क ठन या खद अव था को अपना लाभ समझकर यु
कर सक। हमेशा जीवन क सबसे खदायी प र थ तयां हमारे लए अ य त भा यशाली
सा बत होती ह।
अ याय 76

अपने जीवन के सी.ई.ओ. ब नए

“अगर ऐसा होगा तो वह मेरे कारण होगा।” यह एक अ त म है। मने फलहाल


समाचार प म पढ़ा क करीब दस तशत जनसं या इस बात क शत लगा रही है क वे
लाटरी जीत कर नौकरी से अवकाश लेने के बाद अपने आपको आ थक सहायता दे सकगे।
ब त सारे लोग अपने भ व य क बेहतरीन अव था को अपने चुनाव नह ब क
प र थ तय पर छोड़ दे ते ह। यह मुझे अपने भाई क एक बचपन क आदत के बारे म याद
दलाता है। जब भी वह दे खता क एक गलास कसी रैक से नीचे गरने वाला होता तो वह
दौड़कर उसे पकड़ कर बचाने के बजाए अपने कान ब द कर लेता था जससे उसे टू टने क
आवाज न सुनाई पड़े। उसके बाद वह बड़ा हो गया और हावड म श त ने च क सक
बना और इस वशेष आदत का उसक ग त पर कोई भाव नह पड़ा। इस वृता त का
सरल ान न सफ यही है क हम अपने आंख और कान जीवन क वा त वकता क ओर
खोल कर रखने चा हए। हम जीवन जैसे जैसे घट रहा है उसके हसाब से या करनी
चा हए मगर हम या सफ कसी प र थ त को बचाने के लए करग तो उसका उ टा
असर होगा और शायद हम उसके वां छत प रणाम न मल। यह एक वाभा वक नयम है
जसने मानवता पर हज़ार वष से शासन कया है। आगे के ह त म अ धक ग तशील
होने के लए आप खुद को अपने भा य के चीफ ए जी यू टव अफसर के प म म दे खना
शु कर द जए, अपने जीवन का सी.ई.ओ.। सारे भावशाली सी.ई.ओ. यह समझते ह क
जो भी होगा तो उनके ऊपर नभर होगा। अपने सपन को पाने के लए एक नणायक क
तरह वहार क जए। अतः अगर आप कुछ करना चाहते ह तो भा य के भरोसे बैठे रहने के
बजाए तुर त उस पल पर अमल करना शु कर द। अगर आपको ऐसा लगता है क कोई
ऐसा है जो आपक परेशा नय को र कर दे गा या आप कोई अवसर खोना नह चाहते ह तो
तुर त फोन उठाकर बात क रए। याद र खए आप या तो बहाना बना सकते ह और या ग त
कर सकते ह पर तु एक ही व म आप दोनो नह कर सकते।
जन दन म वकालत करता था उन दन म रोज़ अपने द तर तक पता लस मनट क
या ा एक रेल से करता था। मेरा द तर शहर के बाहर एक इमारत म था। हर दन मुझे रेल म
एक मलता था जो सही प से हमारे सै ां तक जीवन के सी.ई.ओ. बनने के लायक
था। रेल म सरे अनेक लोग क तरह सोने या दवा व म डू बे रहने के बजाए इस इ सान ने
यह सोचा क इस पता लस मनट म वह ायाम करेगा। जस पल से वह रेल म बैठता था
उस पल से वह जब तक टे शन नह प च पाता था तब तक अपने हांथ को ख चना, गले
को घुमाना और इसके अलावा भी अनेक क ठन ायाम वह व थ रहने के लए करता था।
और ऐसे लोग के साथ न मल कर जो शकायत करते थे क उनके पास ायाम करने का
समय नही है उसने यह काम अपने हाथ म ले लया और मौके का सद्पयोग करने लगा।
हांलां क वह थोड़ा अजीब लगता था। पर तु आपको इस बात क फ नह करनी चा हए
क लोग या कहगे अगर आप जानते ह क जो आप कर रहे ह वह सही है।
अपने आपको खुद के जीवन का सी.ई.ओ. बनाकर आप अपने जीवन के कोण म
एक बु नयाद प रवतन ला सकते ह। अपने जीवन म सफ एक या ी बने रहने के बजाए
अपने जहाज का क तान ब नए और समय के वाह के साथ गलत दशा म जाने के बजाए
उसे अपनी मनचाही दशा म मोड़ द जए। और जैसे जैसे आप अपने जीवन का बल
नय ण अपने हाथ म लेते ह तो उसका असर व लय स जे स के इन ेरक श द से पता
चलता है, “इ सान क सहज भावना क वा त वकता ने हमेशा नया को अ नवाय प से
एक वीरता का मंच बनाया है, “इ सान क सहज भावना क वा त वकता ने हमेशा नया
को अ नवाय प से एक वीरता का मंच बनाया है।”
अ याय 77

वन ब नए

एक गुण जसको कसी भी इ सान म सबसे यादा आदर करता ं वह है वन ता।” वह


वृ जमीन तक झुका होता है जस पर सबसे यादा फल होते ह।” मेरे पताजी ने मुझे
सखाया था जब म बड़ा हो रहा था। मने अपने खुद के अनुभव से यह सीखा है क जो लोग
सबसे यादा ानी होते ह, या जनक जीवन म सबसे यादा उपल ध होती है, और
ज ह ने जीवन पूरी पूणता के साथ जया है ऐसे लोग हमेशा धरातल पर रहते ह और एक
श द म वन होते ह।
ऐसा जो वन है उसक उप थत काफ व श होती है। वनय भाव का
अ यास करने वाले लोग यह दशाते ह क वे सर का आदर करते ह और हम याद दलाते ह
क अभी भी कतना कुछ सीखने के लए बाक है। यह गुण आपके आस पास के लोग को
स दे श दे ता है क आप उनके ान के भ डार को वीकार करने और उनक बात सुनने के
लए त पर ह।
मेरे अपने जीवन म मुझे अनेक स लोग से मलने का मौका मला। मेरी सबसे
यादा रोमांचक भट थी संसार के महारथी बॉ सर मुह मद अली के साथ। प का रता क
नया म उसका जो घम डी और अस य होने का च ण कया गया था उसके वपरीत वह
एक स चाई, स यता क मू त नकले। जब बड़ी क मत से म उनसे लॉस ऐ जलीस म
मला तो उ होन मुझसे मेरे बारे म यादा पूछे बजाए इसके क म उनसे उनके बारे म
पूछता। उ ह ने मुझसे अ य त कोमलता के साथ बात करी और उनके पास से शालीनता क
एक आभा का वाह हो रहा था। मुह मद अली ने मुझे सखाया क आप एक इ सान के प
म जतना स पूण होते ह आपको अपने आपको सा बत करने क उतनी ही कम
आव यकता होती है।
अ याय 78

हर पु तक को पढ़कर समा त मत क जए

जस भी पु तक को हम पढ़ना शु करते ह उसे ख म करने के लए हम ववश हो जाते


ह। एक अपराध भावना से मन भर उठता है अगर हम उस पु तक क समा त तक नह
प ंचते ह जसको खरीदने म हमने अपनी मेहनत क कमाई खच क होती है। पर तु हर
पु तक इस लए नह होती ह क उसे संपूण प से पढ़कर ख म कर दया जाए। जैसा क
ा सस बेकन का कहना है, “कुछ पु तक वाद लेने के लए होती ह, कुछ नगलने के लए
और कुछ चबाने और पचाने के लए।” जसका अथ है क कुछ पु तक के कुछ भाग पढ़े
जाते ह, कुछ और पु तक पूरी पढ़ जाती ह पर उ सुकता के साथ नह और कुछ पु तक पूरे
यान और च से पढ़ जाती ह।
म भी जस पु तक को पढ़ना शु क ं और अगर उसे समा त न कर पाऊं तो अपराध
भावना से त होने पर ववश था। मने ज द ही पाया क अपनी पु तक का ग र
संभालना मेरे लए मु कल हो गया और मेरे खाली समय म पु तक पढ़ने के आन द म कमी
आ गई। जब मने एक बार नणय लया क म सफ उन पु तक का चुनाव क ं गा जो मुझे
पूरी पढ़नी है तो मने पाया क न सफ म यादा पढ़ पाया ब क मने हर पु तक से यादा
सीखा भी।
अगर आपको लगता है क पहले तीन अ याय पढ़कर भी न तो आपको कोई उपयोगी
सूचना मली है, न ही आप कुछ हा सल कर पाए और न ही आप उस पर अपना यान
के त कर पा रहे ह, तो अपने आप पर एक एहसान क जए और ऐसी कताब को कनारे
रखकर अपने समय का बेहतर उपयोग करने क को शश कर। जैसे अपने सं ह से अगली
पु तक उठाकर पढ़ना शु करना।
अ याय 79

अपने साथ कठोरता का वहार न कर

अपने अतीत क ग तय क रेढ़ पीटकर समय बताना ब त आसान है। हम व ेषण


करके नदयता के साथ उन बात पर गौर करते ह जनके कारण कई र ते असफल हो गए,
या हम वसा यक नणय के बारे म सोचते ह जन पर हमने अ य धक पैसा खच कर दया
है या हमारा दमाग उन बात पर घूमता है जो हम शायद ठ क से कर सकते थे। अपने आप
के साथ नदयता का वहार करना छोड़ द जए। आप एक इ सान ह और इ सान ही
ग तयां करते ह। अगर आप अपनी ग तय को दोहराते नह ह और फैसला लेकर अतीत
से सीख लेते ह तो इसका अथ है क आप सही राह पर ह। उ ह वीकार क जए और आगे
ब ढ़ए। जैसा माक ट् वेन ने कहा है, “हम कसी भी अनुभव से उतना ही ान का अजन
करना चा हए जो उसम है अ यथा हम उस ब ली क तरह बन जाएंगे जो एक बार गम चू हे
के ढ कन पर बैठती है उससे सीख लेकर वह बारा कभी भी गम चू हे पर नह बैठेगी वह
तो ठ क है पर वह ठ डे चू हे पर भी नह बैठेगी।
इस बात क वा त वकता हम आ ासन दे ती है क जीवन म हम सब ग तयां करते ह
पर तु वे हमारे वकास और ग त के लए आव यक है। पूणतः नद ष होने क ज़ रत को
छोड़कर एक समझदारी के कोण के साथ अपने जीवन को दे खना शु करते ह। हम
अपने जीवन का बहाव एक पहाड़ी झरने क तरह कर सकते ह जो पड़ पौध से भरे ए
जंगल से बलता के साथ बहता रहता है। हम सफ वा त वक वभाव के साथ ही असली
शा त पा सकते ह।
एक तरीका जो को ट क जाग कता और नजी ान को बढ़ाता है वह यह है क आप
अपने जीवन म करी ई दस भूल को अपने र ज टर म बांई तरफ के प े पर ल खए। फर
दा हनी तरफ के प े पर उन लाभ का वणन क जए जो आपक हर भूल ने आपको
सखाए ह और कस कार उनके प रणाम आपके जीवन म स म लत हो गए ह ज ह हम
असफलता समझ रहे थे। आपको ज द ही यह एहसास होगा क हमारा जीवन हमारी पूव
ग तय के बना रंगहीन हो जाएगा। अतः अपने साथ स ावना का सलूक क रए और
जीवन को उसके वा त वक प म ही ली जए जैसा हम मला है, वह है एक आ म खोज,
नजी वकास और जीवन पय त का श ण।
अ याय 80

शा त रहने क त ा क जए

बौ भ ु क सबसे इ प त जसके ारा वे इ छा श को बढ़ाते ह और जसका


योग व भ सं कृ तय म आ त रक श और संक प श को बढ़ाने के लए हजार
वष से कया जा रहा है, वह है एका त का संक प। थोड़े समय के लए चुप रहना आप म
इ छा श और आ म संतुलन को पैदा करता है य क आप अपने बात करने क वृ
पर दबाव डालकर उसको नयं त करते ह।
अ धकतर लोग आव यकता से अ धक बात करते ह। अपनी बात को सं त करके
सफ वही बताने के बजाए जो आव यक है, लोग बस बोलते जाते ह। यह अपने खुद के
अनुशासन क कमी को दशाता है। अनुशासन वह है जो यह बताता है क सफ ज़ रत क
बात कर और अपनी ब मू य श को आव यकता से अ धक बात न करके बचा कर रख।
नाप तौल कर कही गई सं त बातचीत शु वचार और शा त दमाग का तीक है।
एक तरीका जो आप अपने नजी अनुशासन को सुधारने के लए अपना सकते ह वह है
संक प लेना क आप अगले सात दन तक रोज एक घ टे का मौन रखगे। उस मौन के
समय म ब कुल बात मत क रए। अगर आपका बात करना ज़ री है तो सफ य , प
और सट क उ र द जए न क पछली रात के ट वी काय म क पूरी कहानी से लेकर
आपक अगली गम क छु क योजना क बकवास सुनने तक। मौन को वन ता और
गमजोशी के साथ हण कया जा सकता है। इसका उ े य आपको बलवान बनाने और
अपनी इ छा श को बढ़ाने के लए है न क आपके र त म बाधा डालने के लए। कुछ
ही दन म आप एक गु व क भावना को महसूस करेग और अपनी ताकत को बढ़ता आ
पाएंग।े इसका नणय आप इसके प रणाम से ले सकते ह।
अ याय 81

फोन पर घ ट बजने पर हर बार फोन न उठाएं

टे लीफोन आपक खुशी के लए है न क उन लोग के आराम के लए जो आपको फोन


करते ह। फर भी जैसे ही हम फोन क घ ट सुनते ह हम ऐसा बताव करते ह जैसे हम
अ नशमन वभाग के कमचारी ह और आग के खतरे क आवाज पर दौड़ रहे ह हम इस
कार दौड़कर फोन को उठाते ह जैसे हमारा जीवन सफ इस पर नभर है। मने लोग को
अपने शा तपूवक भोज, पढ़ने के समय और अपने यान लगाने के समय फोन को सुनने के
लए कावट डालते दे खा है जसम से अनेक फोन ऐसे होते ह जो बाद म भी सुने जा सकते
थे।
वॉइस मेल हांला क उतनी पूण नह फर भी कई कार से म उसे आधु नक युग का एक
आश वाद समझता ं। यह आपको वतं ता दे ती है क जब भी आपको सु वधाजनक लगे
तब आप फोन का उ र दे सकते ह। आप अपने जीवन क मह वपूण चीज़ पर बना फोन
क घ ट के व न के समय बता सकते ह। हर घ ट के बजने के साथ फोन उठाना एक ऐसी
आदत है जसको तोड़ना क ठन है जैसा क मैने अपने अनुभव से सीखा है। हमारे लए
दौड़कर इसे उठाना आसान है य क हम जानना चाहते ह क कसका फोन है। अ सर
फोन क घ ट पर उसे तुर त उठाना एक तरीका है उस काम से छु टकारा पाने का जसे हम
पहले से कर रहे थे पर अस लयत म उसे करना नह चाह रहे थे। पर अगर एक बार आप यह
सीख ल क आप अपने कए जाने वाले काय पर ही यान के त रखगे चाहे वह कताब
पढ़ना हो या अपने जीवनसाथी के साथ अ तरंग वातालाप या ब च के साथ मजे करना चाहे
घ ट बजती रहे तब आप इस बात पर आ य करगे क पहले आपको फोन उठाने क ज द
य रहती थी।
अ याय 82

याद र खए मनोरंजन म सृजन का थान होना


चा हए

एक थकान से भरे ए दन के बाद यह कतना आसान है क हम ब तर पर घुसकर


अगले तीन या चार घ टे टे ली वज़न दे ख। इसक वड बना यह है क अगर आप और लोग
क तरह ह तो आप ट वी दे खकर पहले से यादा थकान महसूस करगे।
मनोरंजन जीवन म स तुलन लाने के लए अ य त आव यक है। पर तु मनोरंजन से
आपम नवीनीकरण भी होना चा हए। मनोरंजन से आपको नया जीवन मलना चा हए और
आपक श का संचय होना चा हए। असली मनोरंजन आपको नई फू त और आशा के
साथ भर दे गा। वा त वक मनोरंजन आपको सव च और सव म के साथ जोड़कर आपके
अ दर क चगारी को वा लत करता है। जैसा क लैटो ने कहा है, “म इसम व ास नह
करता क अ छा शरीर क ह अ छे शारी रक गुण क वजह से आ मा का उ थान करता
है। पर तु इसके वपरीत एक अ छ आ मा अपने गुण के कारण शरीर म सुधार लाती है।”
भावकारी मनोरंजन म कुछ ऐसी याएं होनी चा हए जो आपक आ मा का पोषण कर
सक।
अ याय 83

का बल वरोधी चु नए

मैने फलहाल म यह पढ़ा है क ओल पक खेल म भाग लेने वाले खलाड़ी जब वापस


घर आते ह तो उनम से कुछ लोग पी.ओ.डी. या पो ट ओल पक ड ेशन से पी ड़त हो जाते
ह। ल बे समय तक पूरी नया क नजर म रहने के बाद और साल के श ण जससे वे
सव े बन सक, के लए वे खलाड़ी कठोर मेहनत करते ह। पर तु जब वे वापस घर प ंचते
ह तो अवसाद क अव था म आ जाते है तब उ ह अपनी पुरानी दनचया नभानी होती है।
ऐसा लगता है क सफलता का सव च थान पाने के बाद उनम उससे बड़ा कोई उ े य नह
रह जाता है और उनका जीवन बेमानी हो जाता है। समान तरह का अनुभव ‘अपोलो’ के
अ त र या य के साथ आ था जो चांद पर चले थे। उस म जल क ऊंचाइय तक
प ंचने के बाद उनम एक उदासहीनता छा गई यह सोचकर क अब जीवन का शायद ही
कोई और अनुभव उनक अ त र या ा से यादा उ साहपूण को पाए।
अपने जीवन म आशा और भावना के बीच एक संतुलन लाना आव यक है और इसके
लए आपको अपने हर ल य क ऊँचाई को पछली बार से बढ़ाना पड़ेगा। एक म जल पाने
के बाद हो या गत यह आव यक है क आप तुर त ही सरा ब बना ल। इस या
म जहां बड़ी ग त, यादा त रखने वाले ल य ह गे उसके लए आपको अपने से यादा
का बल वरोधी क आव यकता है। जब म वकालत म त था। तब मेरा यादातर समय
यायालय म बीतता था और म सफ अपने मुव कल के लाभ के बारे म सोचता था। कई
साल म मने सीखा क जब म अपने का बल वरो धय के सामने होता था म अपने ान का
सबसे ब ढ़या दशन करता था। वे बु मान और उ चको ट के लोग जो असाधारण प से
अपने वषय म के त थे उ होने मुझे े रत कया क म मुकदम क तह तक जाकर अपने
तक को सं त और भावशाली बना सकूं। मेरे सबसे का बल तवा दय ने मुझे अपने
आप से सव च तर का दशन करने के लए बा य कया और मुझे पहले से भी बेहतर बना
दया।
उसी कार अ नवाय ल य आपके वशेष गुण के लए एक रा ता खोल दे ते ह। याद
र खए हीरे को तराशने के लए भी दबाव क आव यकता होती है। अतः यह नधा रत
क जए क आपके ल य आपके लायक ह। यह भी न त क रए क आपके ल य म
चुनौ तयां स म लत ह जो आपको अपने दय तक प ंचाएंगे और आपको इस या म
ग त क ओर ले जाएंग।े अपनी नजी श ण शाला म मैने पाया क उसम भाग लेने
वाले अनेक लोग पहले से अपने पेशे और गत ज दगी म सफलता पा चुके ह। वे उ च
प से आदरणीय और भावशाली लोग ह, अपनी गत ज दगी म भी प रपूण ह और
एक संतु लत जीवन जी रहे ह। उसके प ात भी वे मेरे काय म म भाग लेते ह य क कही
दल क गहराइय म वे जानते ह क वे इससे भी यादा कुछ कर सकते ह और जीवन कसी
बेहतर पुर कार के साथ उनक त ा कर रहा है। वे समझते ह क उनके मानवीय व श
गुण के वा त वक दशन के लए और जीवन म धरोहर छोड़ सकने के लए आव यक है
क वे अपने कम के मापद ड को ऊंचा रख और उसे वंय ही आगे क ऊँचाइय तक बढ़ाते
रह। इस नर तर सुधार क अ भ के साथ जीवन भी हम बेहतर अवसर और
पा रतो षक दे ता है।
अ याय 84

कम सोइए

थॉमस ए डसन क जीवनी पढ़ने का बल है। अतीत के व दश , थोड़ा भा य, थोड़ी


तभा के साथ वह एक उ जवल अ व कारक थे ज ह ने इस ह पर अपने समय का
सबसे ब ढ़या तरीके से स पयोग कया। जब क उ होने सफ छः महीने क औपचा रक
श ा ली पी पर तु फर भी ‘ द ड लाइन ए ड फॉल ऑफ रोमन ए पायर’ जैसा सा ह य
आठ साल क उ म पढ़ा था और उ होने आवाज को रकाड म बांधकर फोनो ाम का
अ व कार कया जब वे सफ तीस वष के थे। वे आशावाद के गु थे और अपने आ खरी
दन म जब वे करीब करीब अपने सुनने क श खो चुके थे तो कसी ने उनसे पूछा क
उ ह ने कान क मशीन का अ व कार य नह कया तो उनका जवाब था, “आपने अपने
चौबीस घ ट म ऐसा या सुना जसके बना आप काम नह चला सकते ह।” उ होने मु कुरा
कर कहा, “एक इ सान जसे च लाना पड़े वह कभी झूठ नह बोलता।” पर एक चीज़ जो
इस वशेष क म कभी भूल नह सकता वह था उनका सफ चार घ टे क न द पर
नभर रहने का अपूण गुण। “न द एक नशे के समान है।” उनका कहना था “अगर एक
समय म यादा ली जाए तो वह आपको मूख रहने बना दे ती है। आप समय, ताकत और
अवसर खो दे ते ह।” हम म से यादातर लोग आव यकता से अ धक सोते ह। हम अपने
आप को तस ली दे ते ह क हम अ छ तरह काम करने के लए कम से आठ घ टे क न ा
क ज़ रत होती है। हम इससे कम न द के बना आगे नह बढ़ सकते ह और इसके याल
को भी झटक दे ते ह। फर भी जैसा मने अपने पछले पाठ म लखा है क वह न द क
अव ध नह जो आव यक है। जो असली म मह वपूण है वह है न द क चुरता और
अपूवता।
सफ वह व याद क रए जब आपके जीवन म सब कुछ ठ क चल रहा था। आप अपने
द तर म पनप रहे थे, अपने प रपूण र त से स थे और अपने आ त रक जीवन म
वक सत हो रहे थे। आपको उ ेजना दे ने के लए आपके जीवन म श और भावना क
चुरता हर पल थी। अगर आप अ धकतर लोग क तरह ह तो आपको याद आएगा क उन
दन आप कम न द म भी गुजारा कर लेते थे। अस लयत म उन दन आपके जीवन म
इतना कुछ आपको उ ेजना दे ने के लए था क आप सोकर अपना समय न नह करना
चाहते थे। अब जीवन क उन बात पर वचार क जए जब प र थ तयां ठ क नह थी।
आपक नौकरी थकान वाली थी, आपके जीवन म लोग आपको पागल कए दे रहे थे और
आपके पास अपने लए कोई समय नह था। उन दन शायद आपके सोने क अव ध बढ़
गई थी। शायद आप श नवार और इतवार को दो बजे दोपहर तक सोते थे (हम अ सर न द
को अपनी क ठनाईय से बचने का सहारा बनाते ह) पर तु आपको आ खर म उठकर कैसा
लगा? अ थर, न सा हत और थकान से भरा आ। अतः के ब यह है क न द के
घ टे नह पर तु हमारे शरीर को न द क सफ उतनी मा ा क आव यकता है जो हमारे
शरीर को नया जीवन दे सके। ब तर पर कम समय र हए पर को शश क जए क एक और
गहरी न द आ सके। यह सम झए क थकान एक मान सक संरचना है जो उस बात से पैदा
होती है जो करना हम पस द नह है। और हेनरी वड् सवथ के वे ववेकपूण श द याद र खए,
“वह ऊँचाईयाँ जो महान य ने पाई,
वे उनके पास उड़कर नह आई,
जब उनके संगी आराम से सोते थे
तब वे लगन से काम कर रहे होते थे।”
अ याय 85

प रवार के खाने का समय र खए

जब म बड़ा हो रहा था तब मेरी आदरणीय माँ के ारा जो कई प रवा रक रवाज़ बनाए


गए थे उनम से एक यह था क घर के सब सद य खाना एक साथ हण कर। चाहे कसी भी
तरह के काय म हम त हो पर मेरे पता, मेरे भाई और म खुद इस फज़ से बंधे ए थे क
हम रात का खाना साथ म खाना होता था, जहां हम सब आपस म अपने पूरे दन क कहानी
एक सरे को सुनाकर अपनी दनचया का व नमय करते थे।
मेरे पताजी अ सर खाने क मेज पर हमसे पूछते थे क हम एक सरे को बताएं क
हमने कौन सी नई चीज सीखी या वे खुद कोई से अखबार क एक पुच जसम कोई चकर
खबर होती थी जसे उ ह ने शट क जेब म रखा आ होता था उसे नकाल कर उस पर कुछ
मजेदार ववेचन करते थे। इस सबके साथ खाना खाने क व श पर परा ने हमारे प रवार
को जोड़कर रखा और मुझे अनेक खुशहाल याद द है। यह वह पर परा है जसका म अपने
प रवार के साथ भी पालन कर रहा ं और आशा करता ं क मेरे ब चे भी इसको जारी
रखगे।
आपका पा रवा रक भोजन ज़ री नह क रात का खाना ही हो। हम तता का जीवन
जी रहे ह। हमारे अन गनत नजी कत ह। हमारे ब चे सॉकर के अ यास के लए जाते ह,
पयानो और बैले सीखने क ा म जाते ह जो शायद शाम को शा त के साथ भोजन
करना मु कल कर द। आपका पा रवा रक भोज आपका सुबह का ना ता या दोपहर का
खाना भी हो सकता है जो भी आपक दनचया करने क अनुम त दे । यह दन के अ त म
एक साथ कुक ज़ के साथ ध पीना भी हो सकता है। मह वपूण बात यह है क आप समय
नकालकर उन लोग के साथ रोट तोड़ रहे ह जनको आप सबसे यादा यार करते ह और
जनक समृ और अ धक अथपूण पा रवा रक जीवन के लए आप लगातार को शश कर
रहे ह।
अ याय 86

छद्मवेष धारण क रए

अनुसंधान यह दशाते ह क जस कार से हम वहार करते ह वह हमारे वचार को


भा वत करता है। अगर आप जमीन पर दे खगे, झुककर रहगे और अगर अपने को एक
अवसादपूण के प म द शत करगे तो धीरे धीरे आप वैसा ही महसूस करने लगगे
और उदासीन वृ के बन जाएंगे। अगर सरी तरफ आप मु कुराएंग,े हंसगे तन के सीधे
अपना सर ऊपर करके खड़े होएंगे तो आपको ज द ही लगेगा क आप अ छा महसूस कर
रहे ह चाहे आप पूरे दन अ छे मन: थ त म न रह हो तो भी।
इस तरीके का योग करके आप जब तक सही म वैसे न बन जाएं तब तक आप इसका
अ भनय कर सकते ह। सरे श द म आप उस जैसा बनने का दखावा कर सकते ह
जैसा आप बनना चाहते ह। लगातार एक उ साहपूण जो पूरी तरह आ म व ासी है
के जैसा होने का अ भनय करने से आप आ खर म वैसे ही गत गुण को अपने म
वलय कर लगे।
जसके जैसा आप बनना चाहते ह उसके जैसा अ भनय क रए। इस श शाली व ध
का दशन एक अ ययन के आधार पर टै नफोड व व ालय के मनोवै ा नक ने एक
समूह लेकर जसम भावना मक प से सश कॉलेज के व ा थय को दो छोटे समूह म
बांटा गया और उनको जेल क प र थ त पी उ ेजना म रखा गया। पहले समूह को नदश
दए गए क वे जेल के स त रय क तरह अ भनय कर और सरे समूह को जेल के कै दय
क तरह वहार करने के लए बोला गया। इन समूह के सद य का वहार इस कदर
नाटक य ढ़ं ग से भा वत आ क मनोवै ा नक को छः दन बाद ही अपना योग ब द
करना पड़ा। ‘कैद ’ गंभीर प से उदासीन होकर पागल क तरह रोने लगे और ‘स तरी’
अपने वहार म ू र और कठोर बताव करने लगे। जैसा क यह अ ययन बताता है क
‘अ भनय जैसे क’ प त अ य त भावकारी तरीका है जससे वहार को बदलकर अपने
आपको वैसे इ सान म बदला जा सकता है जैसा हम बनना चाहते ह।
अ याय 87

सावज नक वातालाप का श ण ली जए

एक वसा यक व ा होने और नेतृ व, गत भावशीलता और जीवन म सुधार


लाने के वशेष होने के नाते मुझे ऐसे अनेक अवसर मलते ह उन काय म म आने के जो
नया के कुछ सव च प से द लोग को दशाते ह जैसे ायन े सी, मश र ेरणादायक
व ा ोफेसर जान कॉटर एक आदरणीय आ थक वशेष , मश र अ भनेता टोफर रीव
और महान संगीत यूल। म एक वष म करीब पचह र बड़ी सभा म मु य स बोधन
दे ता ं और बड़ी सं या म ोता को उ र अमरीका, कैरी बयन और ए शया म भाषण
दे ता ं फर भी ब त कम लोग को यह मालूम है क मेरे जीवन का सबसे बड़ा डर
सावज नक स बोधन था।
जब म कूल म था तब म ऐसे हर मौके को हाथ से जाने दे ता था जहां मुझे लोग के
सामने बोलना होता था य क मुझे असफलता का डर था। अगर कोई श क मुझे मौ खक
प से कुछ क ा के सम बोलने के लए कहते तो म हमेशा इसे न करने का कोई न कोई
बहाना ढूं ढ़ लेता था। मेरा सावज नक प से बातचीत करने का डर मेरे आ म व ास पर
असर डालने लगा और ऐसी कई चीज़ को करने से रोकने लगा जो मुझे लगता था क म कर
सकता ं। यह तब तक रहा जब तब तक मैने डेल कारनेजी सं थान से बातचीत का कोस
नह कया। और एक बार यह कहने के बाद मेरे सामने एक नई नया का आगमन आ।
तब मुझे समझ म आया क म इस डर का सामना करने वाला अकेला नह ं।
ऐसा पाया गया है क यादातर लोग जनता के सामने बोलने म मौत से यादा डरते ह। जब
हम एक बड़े समूह से बात कर रहे होते ह तो वह हम अपनी सुर ा के घेरे से बाहर कर दे ता
है जसम हम साधारणतः रहते ह और हम पर दबाव डालता है एक पूणतः बा अनुभव
का। पर दो बात आपके लोग के सामने बोलने के के भय को कम कर सकती ह (इसके
साथ सरे डर को भी) तैयारी और अ यास। एक सावज नक बोलने का श ण आपको
समूह के सामने बोलने के लए तैयार करेगा और आपको एक थायी े दे गा जससे आप
ज द ही अपने डर को व थत करके और धीरे धीरे इस कला म वीण हो जाएंग।े
अ याय 88

छोट बात को मत सो चए

टश राजनी त बे जा मन डज़रायली ने एक बार कहा था, “अपने दमाग को महान


वचार से पो षत क रए य क आप अपने वचार के ऊपर नह जा सकते।” उनके श द
ग भीर ह और उनके ान का संकेत ब कुल प है। आप जो जीवन म नह है वह आपको
पीछे नह रोकता है ब क रोकता आपको वह है जो आप सोचते ह क आप नह है वह
आपके अ तमन म चल रहा है और वह आपको अपनी इ छा क चीज़ पाने से रोक रहा है।
जस पल आप इस अ त के बारे म समझ जाते ह और अपने मन का उन सी मत करने
वाले वचार से छु टकारा दलाना चाहते ह तो आप अव य ही अपनी नजी प र थ तय म
एक ता का लक सुधार पाएंग।े
अपने ेरणा मक से मनार म म अपने ोता को बताता ं, “अगर आप अपने सपन
का अनुसरण नह कर रहे ह तो आप अपनी संक णता को धन दे रहे ह।” मेरे भाई जो एक
अ तरा ीय ने श य च क सक ह ने मुझे एक बार च क सा स ब धी थ त के बारे म
बताया जसे एम लायो पया कहते ह वह कसी छोटे ब चे क व थ आंख म एक चक े के
प म आ जाता है। जब उस दाग को नकाला जाता है तो उस ब चे क आंख क रोशनी
पूरी तरह चली जाती है। आंख को अगर ढ़ककर रखा जाए तो वह उसके वकास को रोकता
है और अ धेपन का कारण बनता है हमम से अनेक लोग एक सरे तरह के एम लायो पया
से पी ड़त ह। हम पूरी ज दगी आंख पर प बांधकर जीते ह। बड़े व दे खने से डरते ह
और कुछ भी करने से डरते ह। प रणाम हमेशा वही होते ह जो उस बमार ब चे के साथ
आ। हम आ खर म अपनी खो दे ते ह और बची ई ज दगी एक संकु चत दायरे म
बताते ह।
ब त सारे लोग छोटा जीवन जीते ह। हमम से ब त से लोग बीस साल क उ म ही मर
जाते ह पर उनका दाहसं कार अ सी साल म होता है। याद र खए क कोई भी ताकत ऐसे
इ सान को नह रोक सकती जो कने से मना कर दे ता है। यादातर लोग असफल नह होते
ह सफ को शश करना ब द कर दे ते ह। और यादातर सीमाएं जो हम अपने सपन को पूरा
करने से रोकती ह वे हमारे खुद क बनाई ई होती ह अतः छोटा सोचने क बे ड़या तोड़कर
ह मत के साथ बड़ा सो चए और वीकार क जए क असफलता आपका वक प नह है।
जैसा क सेनेका ने लखा है “ऐसा नह है क प र थ तयां क ठन ह जसक वजह से हम
ह मत नह करते ह ब क चूं क हम साहस नह करते ह इस लए वे क ठन ह।
अ याय 89

उन बात के लए च तत न ह ज ह आप बदल
नह सकते

जब भी म अपनी खुद क ज दगी म कसी चुनौती का सामना करता ं तो म राइनहो ड


नी र क “ द सरे न ट ेयर” क ओर चला जाता ं “ई र हम वह श ता दो हम शा त
के साथ उस थ त को वीकार करने दे जो हम बदल नह सकते, वह ह मत दो जससे हम
उन चीज़ को बदल सक जो बदलना चा हए, और वह ान दो जससे हम इन दोन म भेद
कर सक।”
एक वसा यक अ धकारी जसने एक अ यास जो क मेरे नेतृ व काय म का एक
भाग है, म पाया क उसक 54 तशत च ताएं उन चीज़ से जुड़ी होती ह जो कभी नह
घटगी, 26 तशत अतीत से जुड़ी ह ज ह वह बदल नह सकता 8 तशत उन लोग क
राय से स ब धत ह जसका उस पर कोई असर नह होगा 4 तशत वा य से जुड़ी ई
चीज़ जो उसने पहले से ठ क कर ली थी और सफ 6 तशत ऐसी च ताएं थी जो वा तव
म इस लायक थी जन पर यान दया जा सके। च ता को जान कर भी वह उनके बारे म
कुछ नह कर सकता था और सफ अपनी श का नाश कर रहा था। यह सोचकर इस
इ सान ने अपनी 94 तशत परेशा नयां ख म कर द ज ह ने उसका जीवन भर कया
आ था।
अ याय 90

चलना सी खए

करीब 10 वष पहले मुझे अपने पता से एक पासल मला। उसके अ दर एक पुरानी


कताब नकली जसके मु य पृ पर यह श द लखे ए थे, “ य रॉ बन, कुछ दन पहले
मैने यह कताब एक टोर से खरीद है जो पुरानी कताब बेचता है। हांलां क यह ब त स ती
कताब है पर तु यह ब मू य है। मुझे इसे पढ़ने के बाद ब त आन द आया और आशा है
तुम भी इसका वाद उठाओगे। यार से, तु हारा पता।
यह कताब 1946 क छपी ई थी जसका नाम ‘ग टग द मो ट आउट ऑफ लाइफ’
था और वह आज मेरे ंथालय का ह सा है जहां मेरी ान सा ह य और आ म सहायता क
कताब रखी ह। म वापस उन छोटे नब ध पर प ंच गया जो इस पु तक म है और जीवन
के व तृत े म सुधार लाने के बारे म बताते ह जनके शीषक जैसे ‘वेक अप ए ड लव’
‘ द बज़नेस ऑफ ल वग अ लॉ ग टाइम’ और ‘हाउ टू लव ऑन 24 आस अ डे’ को मने
बार बार पढ़ा है और कुछ सीखा है। यह वा तव म एक अनमोल स पदा है।
फलहाल म एक बा रश के दन मने वह पु तक नकाली और उसके व भ अ याय के
प े पलटने लगा जब तक म इस शीषक को नह पा गया क ‘ मण कैसे कया जाए’।
इसके लेखक ऐलन डीवो ने अपने वचार दए ह क मण से हम या लाभ हो सकते ह।
सबसे पहले वे सलाह दे ते ह क मण का कोई खास उ े य नह होना चा हए। अपनी
म ज़ल तक प ंचने के बजाए आपको अपने आपको मण क खूबसूरती म ल त कर
लेना चा हए। सरी चीज़ यह है क घूमने जाते समय आपको कभी भी अपनी च ताएं साथ
म नह ले जाना चा हए। उ ह घर पर ही छोड़ द। अगर आप ऐसा नह करेग तो जब तक
आपका मण अ तम कगार तक प ंचेगा तब तक आपक परेशा नयां आप पर हावी हो
जाएंगी। अपने आपको श त कर क आप , आवाज और सूंघने क श पर पूण
यान दे सक। पेड़ क प य , बादल क खूबसूरती, और फल क खुशबू का अवलोकन
क रए। जैसा क वह न कष दे ते ह, “यह संसार इतना सहनशील नह है क एक इ सान को
इतना मौका मल सके क वह इसको दे ख सके, सूंघ सके, इसके बा व प को छू सके
और इसके साथ अकेले रह सके। संसार के साथ यह पहचान और इस जा ई स ता का
नवीनीकरण और आ य इससे पहले आपको तब महसूस होगा जब आप ब चे थे। मण
का यही उ े य है।
अ याय 91

अपने जीवन क कहानी दोबारा ल खए

समय के बारे म सबसे आ यजनक चीज़ यह स चाई है क आप इसे पहले से न नह


कर सकते ह। चाहे आपने कतना भी समय अतीत म य कया हो पर तु आगे का व जो
आपके सामने आने वाला है वह आपके लए सव म होगा और इस बात के लए तैयार
होगा क आप इसे सबसे अ छा बना सक। अतीत म आपके साथ चाहे जो भी आ हो
पर तु आपका भ व य बेदाग होगा। यह समझने क को शश क जए क हर सुबह अपने
साथ एक नया अवसर लेकर आती है जससे आप नए जीवन क शु आत कर सक। अगर
आप ऐसा करते ह तो आने वाला कल वह दन हो सकता है जब आप ज द उठने लग,
यादा पढ़ने लगे, अ छ तरह खाने लग और कम च तत रहने लग। अनेक पल ऐसे होते ह
जब म जैसा चा ंगा वैसा इ सान बन सकूं पर तु म कौन सा ण इसके लए चुनूं?
आपको कोई भी एक पु तक नकालकर एक कोरे प े पर दोबारा अपनी कहानी
लखने से कोई नह रोक रहा है। इस ण म आप मु य पा को बदलकर एक नया प
और अ त दे सकते ह। मेरा सफ यह है क या आप यह चुनाव करगे? याद र खए क
जैसा हम हमेशा बनना चाहते थे वैसा बनने म अभी दे र नह ई है।
अ याय 92

वृ उगाइए

ाचीन पूव दशा के अनुसार एक स पूण जीवन जीने के लए आपको तीन चीज़ करनी
चा हए। आपका एक पु होना चा हए, एक कताब ल खए और एक पौधा लगाइए। ऐसा
करके यह माना जाता था क आप तीन धरोहर छोड़कर जाएंगे जो आपके मरने के बाद भी
जी वत रहेगी।
हांलां क और भी अनेक त व ह जो स और प रपूण जीवन दान कर सकते ह (म
एक बेट के होने क खुशी म इसम जोड़ना चा ंगा) पर तु एक पेड़ लगाना ब त ही ब ढ़या
वचार है। एक पेड़ को एक छोटे से पौधे से बढ़ता आ और ऊंचे बलूत के पेड़ म बदलते ए
दे खना आपको अपने रोज के समय के अ तराल और कृ त के च से जुड़ा रखेगा। जस
कार वृ बड़ा और प रप व होता है उसी कार आप अपने गत अ तराल और एक
मानवीय वकास पर गौरव महसूस कर पाएंगे।
अगर आपके ब चे ह तो आप शायद हर कसी के नाम से वृ लगाना चाह। जैसे जैसे
पेड़ बड़े ह आप उनके तन पर अनक अलग अलग उ लख सकते ह। हर पेड़ जीवन क
व भ अव था का एक जीव त उदाहरण बन जाता है। अपने घर के हर ब चे के नाम से
एक पेड़ उगाना एक अ य त सृजना मक और अद्भुत काय है और इसक आपके ब चे
आने वाले वष म याद रखगे।
अ याय 93

अपनी शां त के लए जगह ढूं ढ़ए

हर इ सान को एक आ य या एक ‘शां त के शरणालय’ क आव यकता होती है जहां


वह चुपचाप और शांत रह सके। यह वशेष थान इस तनाव से भरी नया म एक म यान
क तरह होता है। यह वह जगह होगी जहां आप रोज क दनचया जो आपके समय, श
और यान क मांग करती है से छु टकारा पाकर यहां शरण ले सकते ह। आपके शरण थल
के लए यह आव यक नह है क वह अ य त सु दर जगह हो। घर म ऐसा सोने का कमरा
जसका योग नह होता है या अपने घर का एक कोना जहां मेज पर थोड़े से ताजे फूल पड़े
ह तो भी चलेगा। आपके य पाक म लकड़ी क कुस भी आपक शा त क जगह ले
सकती है।
जब आप यह महसूस करते ह क आपको अपने लए थोड़ा एका त चा हए तो इस
शरण थल पर जाइए और कुछ ऐसी आंत रक वकास क याएं क रए जनक बड़ी
आसानी से एक त दन म उपे ा हो जाती है। अपनी दै न दनी म ल खए या कोई मन
को सुकून दे ने वाला शा ीय संगीत सु नए। अपनी आंखे ब द क रए और अपने आदश दन
क क पना क जए। उस पु तक को प ढ़ए जो आपक मां आपको हमेशा पढ़ने के लए
बोलती थी या कसी और ानवधक कताब को प ढ़ए। या तीस मनट तक कुछ भी मत
क रए और हमेशा एका त क शा त क श को अपने अ दर एका होने द जए।
अपने लए थोड़ा समय नकालना वाथ नह है। अपनी आ त रक सं चत श य का
पोषण करने से आप सर और अपने लए ब त कुछ कर सकते ह। अपने लए समय
नकालकर आप अपने मन और भावना को स तु लत, उ सा हत और युवा रख पाएंग।े और
जैसे एल. एफ. फ लन ने एक बार कहा था, “युवाव था जीवन का एक काल नह है ब क
एक मान सक अव था है। वही लोग बूढ़े होते ह जो अपने आदश को छोड़ दे ते ह और यह
सोचते ह क वे युवाव था को पार कर चुके ह। साल वचा पर झु रयां ले जाते ह पर तु
उ साह को छोड़ दे ना आ मा म झु रयां डाल दे ता है। आप अपनी शंका अपने भय और
अपनी नराशा जतने ही बूढ़े होते ह। अपने आप को युवा रखने के लए आपको अपना
व ास भी युवा रखना होगा। अपने आ म व ास को युवा र खए, और अपनी आशा को
युवा र खए।
अ याय 94

यादा त वीर ली जए

हर जीवन जीने लायक होता है। यह मानी ई बात है क हर जीवन अ भले खत करने के
का बल होता है। ऐसा अ सर होता है क मेरा भाई म मुझे कसी सांस रोक दे ने वाले
खूबसूरत य जो उसने अपनी फलहाल क छु य म दे खा था या कुछ ऐसा मजेदार जो
उसके ब च ने समस के कॉनसट म कया था या कोई मश र जससे वे मले थे के
बारे म बताता है। “ या आपने उसक फोटो ली” म पूछता ं “म उन त वीर को दे खना
पस द क ं गा” “अगली बार” ऐसा जवाब आता है “मुझे नई रील खरीदने का समय नह
मला पर तु मुझे को शश करके बताने दो क या आ था।”
एक त वीर हज़ार श द के बराबर है। त वीर जीवन के महानतम पल को अपने आप
म कैद कर लेती ह जससे जैसे जैसे समय आगे बढ़ता है हम उनको फर से जी सक। जैस-े
जैसे म बड़ा होता गया मेरे पता लगातार पूरे प रवार क त वीर ख चते रहते थे। चाहे वह
पा रवा रक वन भोज हो या जब मने उनक मोटर पहली बार चलाई या म के साथ एक
साधारण सभा वे हमेशा फोटो ख चते रहते थे। अ सर जब वे हमसे कैमरे के सामने
मु कुराने को बोलते थे तो म धैय खो दे ता था और न ता के साथ उ ह ज द से त वीर लेने
को बोलता था। आपको इतनी त वीर ख चने क आव यकता नह है पताजी” म कहता
था, “हम इनके साथ या करग।”
अब जब इतना समय नकल गया है म जानता ं क मुझे इन त वीर के साथ या
करना है। वे उन एलबम का भाग बन गई ह जो मेरे जीवन के सफ़र का बखान करती ह। वे
मेरे ब च के अन गनत घ ट के मनोरंजन का साधन बन जाती ह और पूरे प रवार को एक
अ त रा ता दखाती ह क वे उन साधारण बात पर यान द सक जो हमारे लए महान
अथ रखती थ ।
यादा त वीर ख चए। अपने सव म समय को बांध ली जए। उन त वीर को इक ा
क जए ज होन आपको हंसाया या लाया है या इस नया क नयामत को ध यवाद
दलाया है। जब भी आप कसी या ा पर जाएं हमेशा एक या दो कैमरे अपनी कार म ज़ र
रख। आपको आ य होगा क जब आप ब त साल बाद इन त वीर को दे खते ह तो
कतना अ छा लगता है।
अ याय 95

साहसी बन

श क पहाड़ चढ़ रहे ह। उ ोगी ‘हॉट एअर बलून’ उड़ा रहे ह दा दयां और ना नयां
मैरॉथन दौड़ रही ह और घर म रहने वाली म हलाएं कराटे सीख रही ह। जतना ही हमारी
जदगी सफ दनचया रह जाती है उतनी ही आव यकता है क हम इसे सनसनीखेज बनाएं।
जतनी यादा ज मेदा रयां हमारा यान ख चती ह हमारे लए उतना ही ज़ री हो जाता है
क हम अपने आ म स तोष के यान को तोड़ द और अपने दल को कसी नए साह सक
अ भयान के लए तैयार कर।
“इ सान को अपनी घड़ी और कैले डर को ब कुल भी इस बात क अनुम त नह दे नी
चा हए क वह इस बात पर पदा डाल दे क जीवन का हर एक ण एक चम कार और
रह य है।” टश उप यासकार एच. वी. वे स ने लखा था। अपने वयं के जीवन के
चम कार और रह य से गहन स ब ध था पत करने के लए यह वचन द जए क आप
अपने रोमांच क भावना को सं चत रखगे वैसे ही जैसे क आप अपने बचपन म थे। आप
बारह ऐसी बात क सूची बनाइए जो आप जानते ह क वे आपक साधारण दनचया म
उ च ेणी क भावना और फू त लाएंगी और अगले वष तक हर महीने आप एक या को
कर सकते ह। ऐसा करने से आप अ य त भावकारी तरीके से अपने जीने के तरीके को
फर से खोजते ह।
अ याय 96

तनाव से छु टकारा पा कर घर आइए

द तर के तनाव और च ता के बाद हम म से यादातर लोग चड़ चड़ाते ए, थकान के


साथ और न सा हत अव था म घर प ंचते ह। हमने अपनी सब अ छाई अपने सा थय
और ाहक को दे द और ःख क बात यह है क हमारे पास उन लोग के लए जनको
हम सबसे यादा यार करते ह जैसे हमारे जीवन साथी, ब चे और म को दे ने के लए
कुछ भी नह बचता है। ऐसे यो ा क तरह जो शायद अभी अभी अपने जीवन क लड़ाई
जीतकर आ रहा हो, हम थक हालत म अपनी पस द क आरामकुस क ओर कदम बढ़ाते
ह और अपने प रवार के सद य को हम अकेला छोड़ दे ने के लए बोलते ह जब तक हम
दोबारा अपनी मान सक थरता क थ त म वापस न प ंच जांए।
सफ दस मनट दे कर आप अपनी सब च ता को झटक द जए इसके पहले क
आप अपने घर के वेश ार म घुसे। इस या से आप अपने आप को इस य क
दनचया से बचा लगे। अपना काय छोड़कर कार चलाकर घर आना और ज दबाजी म घर म
घुसने के बजाए म आपको सलाह ं गा क आप कुछ मनट अपनी कार म बैठे र हए जब क
आप उसे पा कग म खड़ा करते ह। इस समय को आराम करने म उपयोग क रए और मनन
क रए क अगले कुछ घ टे आप अपने प रवार के साथ कैसे बताने वाले ह। अपने आप को
याद दलाइए क आपके साथी और ब च को आपक कतनी आव यकता है और आप
कतनी सारी मनोरंजक चीज़ उनके साथ कर सकते ह। अपने आपको इससे आगे भी तनाव
मु करने के लए आप ज द से घूमने के लए अपने घर के आस पास जा सकते ह या
कसी शा ीय संगीत कर पस द दा धुन को सुन सकते ह इससे पहले क आप दरवाजा
खोल और अपने प रवार का वागत कर। अपने दबाव को कम करने के लए सृजना मक
तरीक का योग कर और इसको एक ऐसे अवसर क तरह समझ जो आपका नवीनीकरण
कर सके और आपको ऐसी नई फू त से भर दे क आप वैसा ही बन जैसा आपका प रवार
आपको दे खना चाहता है।
अ याय 97

अपनी मूल वृ य का आदर क रए

यह सुनना आसान नह है जसे वेकर के सद य “एक थर, छोट अ दर क आवाज”


बुलाते ह। वह आ त रक मागदशक जो आपके ान का नजी ोत होता है। यह अ सर
मु कल होता है क हम अपने ही बनाए ए म क धुन पर परेड कर और इस नया के
तानाशाही पी दबाव पर यान न दे कर अपनी सहज वृ य के नदश का पालन कर।
फर भी वह प रपूणता और प रप वता जसक हम तलाश है के लए हम अपनी
सहजता और भावना को सुनना चा हए जो उस व हमारे मन म आती ह या जब भी
हम उनक आव यकता होती है।
जैसे जैसे मेरी उ बढ़ रही है म उतना ही यादा अपनी सहज वृ य का आदर करने
लगा ं और मूल वृ के उस ाकृ तक ोत का जो एक अचेतन अव था म हम सबके
अ दर नवास करता है। जब भी म कसी इ सान से पहली बार मलता ं मेरे मन म उसक
एक धारणा बनती है या ान का वह आ त रक ोत जो हौले से मुझे सही दशा दखाता
दे ता है जब म कसी मु कल म होता ।ं इस सहज भावना ने मेरे काय े और जीवन
दोनो े म एक मह वपूण भाग अदा कया है। ऐसा लगता है क उ म बड़े होने के साथ
साथ हम सब म एक यो यता का वकास हो जाता है, जो हम म अपनी मूल वृ य पर
व ास करने का तालमेल पैदा करती है।
मैने यह भी पाया है क मेरी सहज वृ यां उस समय और बल हो जाती है जब म
कसी उ े य के साथ जी रहा होता ।ं इसका मतलब है क मेरे दन क याए मुझे
अपनी धरोहर छोड़ने के लए आगे बढ़ने म मदद करती ह। जब आप सही चीज़ कर रहे ह
और उस तरह से जी रहे ह जैसे क कृ त आप से अपे ा करती है और आप उन
वशेषता को जान जाते ह जनका आपको पता नह था तब आप अपने आपको अपनी
वा त वकता क स पूणता से आजाद कर दे ते ह।
जब आप कसी महान उ े य को पूरा करने के लए े रत होते ह, आपके सामने कोई
असाधारण योजना होती है तब आपके सब वचार अपनी बाधा को तोड़ दे ते ह आपका
म त क सारी सीमाएं तोड़ दे ता है, आपक चेतना हर दशा म वक सत होने लगती ह और
अपने आप को एक नई, महान और अ त नया म पाते ह। आपक न कय श यां,
आपके वशेष गुण और आपक बलताएं जीव त हो जाती ह और आप अपने आपको एक
ऐसे बेहतरीन इ सान के प म पाते ह जसके बारे म आपने व म भी नह सोचा था।
अ याय 98

ेरक उ रण को एक त क रए

अगर आपने ‘ द मंक सो ड हज़ फ़रारी’ या मेरी और कोई पु तक पढ़ है तो आपको


ात होगा क मुझे नया के महान वचारक के उ रण योग करना अ य त य है। मुझे
यह तब तक समझ म नह आया जब तक क मेरे एक मागदशक ने मेरे लेखक को नह
पढ़ा। उ होन लखा था “रॉ बन, तुमको उ रण उसी वजह से अ छे लगते ह जसक वजह
से मुझे लगते ह। एक महान उ रण क एक पं म ान का भ डार होता है।”
कतनी बार जब म पढ़ रहा होता ं तो म ब कुल सही उ रण को पाता ं जसम मुझे
अपना सामना करने वाले चुनौ तय का आदश जवाब मल जाता है। और मेरे मागदशक का
कहना सही था। एक महान उ रण का मह व इस वा त वकता म होता है क इसम ान क
नया छु पी होती है। वह ान, जस तक प ंचने के लए और उसे एक या दो पं य म
करने म लेखक ने कई साल लगा दए होग।
अगले कुछ ह त म अपने अवतरण को एक त करना शु क रए वे श द जनको
आप बार बार पढ़ सकते ह जब आपको तुर त कसी ेरणा या सलाह क आव यकता है
और आप जीवन क परेशा नयां जो आपके पथ म आ गई ह उनका सामना कैसे करगे। एक
और भावशाली तरीका जो म अवतरण के लए यु करता ं वह है उनको उन जगह
पर चपका दे ना जहां पूरे दन उ ह दे ख सकूं जैसे मेरे बाथ म के शीशे पर, रे जरेटर के
दरवाजे पर, मेरी कार के डैशबोड पर और मेरे द तर म हर थान पर। यह साधारण नयम
मुझे अपने त समय पर अपनी चीज पर यान के त करना, परेशानी के समय म
आशावाद रहना और असली सफलता के स ांत क ओर स तु लत रहना सखाता है। मेरे
नजी क यूटर पर मने अभी तक महान नेता , वचारक , क वय , दाश नक के सैकड़
उ रण वषय जैसे भा य, जीवन का अथ, आ म उ थान का मह व, सर क सहायता
का मह व, अपने वचार क श और उ च च र क आव यकता पर एक त कए ह।
अ याय 99

अपने काम से ेम क रए

अपने जीवन को स ता से जीने का एक और गूढ़ रह य है अपने काम से यार करना।


एक सुनहरा स य जो हम इ तहास के प े पलटने से मलता है वह यह है क सबसे यादा
स तु लोग वे थे जो अपनी जी वका के लए अपनी पस द का काम करते थे। जब
मनोवै ा नक वेग जॉन टाइनर ने करीब सौ सृजनकार से सा ा कार लया तो पाया क उन
सब म एक बात समान थी, अपने काय के त गहन ेम। अपना समय ऐसे काय म बताना
जो आपको लाभकारी, बौ क एवं मनोरंजक प से चुनौतीपूण लगते ह वे आपके उ साह
को ऊंचा रखने और आपके दय को लीन करने म नया क कसी भी छु य से यादा
ब ढ़या असर डाल सकते ह। थॉमस ए डसन वह इ सान जसके 1,093 अ व कार का
अ भलेख है, फोनो ाफ से शु होकर चमकते ब ब और फ म के माइ ोफोन तक के
अ व कारक का कहना था, “मैने जीवन म एक भी दन काम नह कया, ब क सफ
आन द लया है।”
जब आप अपने पेशे से ेम करते ह आपको यह पता लग जाता है क आपको अगले
दन काम नह करना पड़ेगा आपका काम सफ ड़ा के समान होगा और समय हाथ से
ऐसे नकलेगा जैसे आया था। जैसा क उप यासकार जे स मशेनेर ने लखा है, आट ऑफ
ल वग का गु अपने काम और ड़ा, अपने प र म और वला सता, अपने मन और
शरीर, अपनी सूचना और मनोरंजन और अपने जीवन और धम म ब त कम अ तर रखता
है। उसको इसम फक नह मालूम होता है। वह सरलता के साथ अपने असाधारण कोण
क राह पर चलता रहता है और यह नणय सर पर छोड़ दे ता है क वह काम कर रहा है
या खेल रहा है। उसके लए वह हर समय दोनो कर रहा है।
अ याय 100

वाथहीन सेवा क रए

अ बट ाइट् जर ने कहा, “मानवीय सेवा से यादा बड़ा कोई धम नह है। जन हत के


लए काम करना सबसे बड़ा धा मक मत है।” और ाचीन चीनी व ास करते थे क “थोड़ी
सी खुशबू उस हाथ म ज़ र रह जाती है जो सर को गुलाब दे ता है।” एक स तु जीवन के
लए यह आव यक है क हम सफलता का पीछा करना छोड़कर एक अथपूण जीवन क
तलाश म सम पत कर द। और सबसे ब ढ़या तरीका अथ जोड़ने का है अपने आप से एक
साधारण पूछना, “म कस कार सेवा कर सकता ं?”
सारे महान नेता , वचारक और समाज सुधारक ने अपने वाथ जीवन को याग कर
वाथहीन जीवन जया और ऐसा करके उ होने पूण स ता, चुरता और स तु का जीवन
अपनी क पनानुसार पा लया। वे सब समझ चुके ह क जीवन क सबसे बड़ी मानवीय
स चाई है क आप सफलता के पीछे भागकर उसे नह पा सकते ह। सफलता एक प रणाम
है यह वभा वक और अ नवाय प से आपके जीवन का ह सा बन जाती है, अगर आप
अपना जीवन लोग क सेवा म लगा दे ते ह और नया मे कुछ मह वपूण योगदान दे ते ह।
महा मा गांधी ने सेवा क नी त को सर से बेहतर समझा था। उनके जीवन क कुछ
यादगार कहा नय म से एक है क वे भारत म रेलगाड़ी से या ा कर रहे थे। वे जैसे ही उस
कार से नकले जसम वे बैठकर आए थे उनका एक जूता सड़क पर ऐसी जगह गर गया जो
उनक प ंच से बाहर था। जूता वापस मलने के बारे म च तत होने के बजाए उ होने कुछ
ऐसा कया जसने उनके सह या य को च का दया। उ ह ने अपना सरा जूता भी उसी
जगह फक दया जहां पहला गर गया था। जब उनसे पूछा गया क उ ह ने ऐसा य कया
तो गांधी जी ने मु कुराकर जवाब दया, “वह गरीब इ सान जसको पहला वाला जूता
मलेगा उसे अब कम से कम उसक जोड़ी मल जाएगी जसे वह पहन सकेगा।”
अ याय 101

प रपूण जीवन जएं जससे आप स ता के साथ


मृ यु ा त कर

यादातर लोग जीवन का अथ अपनी मृ यु तक नह खोज पाते ह जब हम युवा होते ह


हम अपना समय संघष करते ए और समाज क अपे ा को पूरा करते ए बता दे ते ह।
हम जीवन म बड़ी खु शयां ढूं ढ़ने म इतने त हो जाते ह क हम छोट खु शयां जैसे बा रश
के दन कसी पाक म अपने ब च के संग नंगे पांव नाचना या गुलाब का बगीचा बोना या
सूय को नकलते ए दे खने से वं चत रह जाते ह। हम उस युग म रह रहे ह जहां हमने
सव च पवत क ऊँचाइय को जीत लया है पर तु अपने आप को नह जीत पाए ह। हमारे
पास ऊंची इमारते ह पर हमारा पारा अपने बस म नह है, भौ तक संप है पर खुशी नह के
बराबर है, दमाग म चुरता है पर जीवन खोखला है।
जीवन का अथ पाने के लए उसम आपका ब मू य पा जो आपको अ भनीत करना है
को समझने के लए उस व तक इ तजार मत क रए जब आप अपनी मृ यु क शै या पर न
प ंच जांए। यादातर लोग अपने जीवन को अतीत म जीने क को शश करते ह। वे अपना
समय उन चीज़ को पाने के संघष म न कर दे ते ह जो उनको खुशी दे सकती है। वे यह नह
समझ पाते ह क स ता कोई थान नह है जहां प ंचा जा सकता है ब क वह मान सक
अव था है जसक हम वयं संरचना करते ह। खुशी और गहन स तोष का जीवन तब तक
आता है जब हम अपने आप को अपनी आ मा क गहराईय से अपने सव च मानवीय
वशेष गुण को सर के जीवन म आशा क करण लाने के उ े य के लए लगा दे ने क
ज मेदारी उठाते ह। जब सब कार का कोलाहल आपके जीवन से हट जाएगा तो इसका
वा त वक अथ प हो जाएगा जो यह है क हम अपने संक ण दायर से नकलकर सर के
लए भी जीना है। सरल श द म जीवन का उ े य है, उ े य से भरा आ जीवन।
जैसा क यह मेरे जीवन के पाठ म से अ तम अ याय है तो मेरा सौभा य है क आप
मेरी इस कताब म ह सेदार ह। म आपको एक महान जीवन जो ान, खुशी और स पूणता
से भरा हो क शुभकामनाएं दे ता ं। काश आप ऐसे दन बताएं जो आपको उन काय म
त रख जो ेरणा दे ने के साथ आपको अपने य लोग कर संग त म रखे।
म जाज बनाड शॉ क इन पं य के साथ अल वदा कहना चा ंगा जो इस अ तम
अ याय के सार को कह यादा बेहतरीन तरीके से संजो रही ह जो शायद मेरे लए स भव
नह था,
“जीवन क वा त वक स ता इस स य म है क हमारा जीवन कसी उ े यपूण
मकसद के लए काम आए, वह उ े य जसे हमने खुद श शाली और कृ त क एक
स ची दे न माना था, न क बीमा रय और शकायत से भरे ए छोटे नरथक इ सान के प
म जसको स करने के लए नया कुछ नह करेगी। मेरी यह राय है क मेरा जीवन पूरे
समाज के लए है और जब तक म ज दा ं म वह सब क ं गा जो म कर सकता ं।
म चाहता ं क मेरी मौत से पहले मेरे जीवन का पूरा स पयोग हो। म जतनी भी
मेहनत क ं गा उतना ही यादा जऊंगा। म जीवन के लए जीवन का आन द उठाता ं। यह
एक तरह से शानदार मशाल है जसे मने इस पल पकड़ा है और म इसे अगली पीढ़ के हाथ
म दे ने से पहले स पूण प से जव लत रखना चाहता ं।”
मु य वचार और श ा शालाएँ
रॉ बन एस शमा एल.एल.एम. के साथ

यात लेखक और वसा यक व ा


रॉ बन एस. शमा उ र अमरीका के सबसे अ धक ा तकारी और उ ेजक वचारधारा वाले
वसा यक व ा ह। उनके नेतृ व के े म श शाली ान और अ णीय अ त ,
नर तर प रवतन के साथ साम ज य, गत भावशीलता और जीवन के नवीनीकरण ने
उ ह ऐसे संगठन क पहली पस द बना दया है जहाँ उ ह ऐसे मु य व ा क आव यकता
है जसका स दे श लोग का जीवन बदल दे गा और जसक वचारधारा उ ह इस संघष से
भरे ए समय म अपने फैसले पर कायम रहना सखाएगी। रॉ बन एस. शमा के वशाल प
से ेरक तु तकरण एक व श शोध काय के ारा गुणा मक प से तैयार कए गए ह।
यह वहा रकता से स पूण ह और इस तरीके से बनाया गया है जससे आपके लोग को
काय स पादन, भावना मकता, सृजना मकता और गत साथकता के एक नवीन तर
पर प ँचने म सहायता मलती है। साम यक ाहक क सू च म आथर ए डरसन, शॉपर्स
ग माट, ल डन लाइफ, नाटल नेटव स, मे रल ल च् और मनो टा से लेकर यू जस
इकोनॉ मक डे हलोपमट अथॉ रट , कोलोरैडो मन रस स एसो सएशन और ऑनटै रयो
हॉ पटल एसो सएशन ह।
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न न पते पर स पक कर:

श श टं गरी नैशनल ो ाम डायरे टर


शमा लीडर शप इ टरनेशनल
92, कॉलड ट, टोरो टो,
ON M5R 1G2, कैनडा
टोल- : 1-888-RSHARMA (774-2762)
टे . नं.: 905-780-0707
ई-मेल: wisdom@robinsharma.com
वेबसाइट: www.robinsharma.com
गत श ण
रॉ बन एस शमा के साथ

या आप पस द करगे क आपको रॉ बन एस शमा को अपना गत श क बनाने का


अवसर मले जससे आप अपने जीवन म थायी सकारा मक प रवतन ला सक और उस
सफलता, स तुलन और स तु को पा सक जसक आपको तलाश है। शमा लीडर शप
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वतमान म दे श के बड़े के म उपल ध यह काय म आपको रॉ बन एस शमा से गत
प से एक छोटे समूह म एक वष के अ तराल म श त होने का मौका दे ता है। उनक
मा णक तकनीक जो क नौकरी म सफलता और जीवन स तु से स ब धत है का
श ण हा सल करके आप अपने काम करने के तरीके, अपने सोचने के ढं ग और अपने
जीने के तरीके म गहन सुधार ला सकते ह।
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इस व श श ण काय म म ब त कम चुने ए मु खय को गत प से रॉ बन
एस. शमा से मलने का मौका मलता है जसम वे नय मत प से उन 8 सं कार का
साम ज य करते ह, जो क पनाशील नेता ने ‘लीडर शप वज़डम ॉम द मंक सो ड
हज़ फरारी’ म अपने वसाय और गत जीवन के बारे म दए ह। यह काय म सफ
उन व र अ धका रय के लए सी मत ह ज ह बेहतर वसा यक प रणाम के साथ बेहतर
जीवन स तुलन क आव यकता है और इस काय म के ज रए वे थायी प रवतन ला सकते
ह।
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हमारा अनुरोध
रॉ बन एस शमा को यह जानकर अ य त स ता होगी क इस पु तक का आप पर और
आपके संगठन पर कैसा भाव पड़ा। या आपके पास कोई परामश या उ रण है जसे
आप सरे पाठक के साथ रॉ बन एस शमा के लोक य समाचार प ‘ द शमा लीडर शप
रपोट’ म बाँटना पस द करगे? कृपया उ ह हमारे पास भे जए। रॉ बन क पूरी को शश होगी
क वे आपका जवाब गत ट पणी के साथ द। हम आपक ती ा करगे।

कृपया रॉ बन एस. शमा को लख:-


सेवा म,
शमा लीडर शप इ टरनेशनल
92, कॉलड ट, टोरो टो,
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रॉ बन एस. शमा वेब पर


वसा यक और गत नेतृ व के ववाद पर नवीनतम ववेक और वचार के लए
शमा लीडर शप इ टरनेशनल वेबसाइट पर भट कर: www.robinsharma.com
आभार
म हॉपरकॉ ल स के सा थय के त कृत ता कट करता ।ँ आप लोग ने काशन को मेरे
लए एक अद्भुत अनुभव बना दया। मेरा व श ध यवाद लॉयेड ी यू को उनके ान के
लए, आइ रस टफो मी को उनके इस प रयोजना पर व ास के लए, जूडी ुनसेक, टॉम
बे ट, मैरी कै पबेल, डे वड मलर, लॉयड कैली, डोरे पौटर, वलैरी, ऐ पलबी, नील ए रकसन
और नकोल लै गलॉयस को जो हमेशा मेरे व ान और का बल स पादक रहे ह। म अपने
सब व े ता को ध यवाद दे ना चा ँगा ज ह ने शु से मेरे काय क सराहना क है।
म आभारी ँ एड कासन का, शमा लीडर शप इ टरनेशनल के अपने सा थय क कमठता
का और उनके सहयोग का जो उ ह ने मुझे मेरी श ण शाला और समाचारप के
काय म को नयो जत करने म दान कया जब क म इस पु तक को पूरा करने म लगा
आ था, उन सब पाठक का ज ह ने मेरी पूव पु तक पढ़ ह और ज ह ने अपने ेम और
सद्भावना के कारण समय नकालकर मुझसे और मेरे प रवार के साथ प - वहार कया
है।
रॉ बन एस शमा के बारे म
रॉ बन एस शमा, एल.एल.बी. एल.एल.एम. नेतृ व, उ च काय स पादन और जीवन ब ध
के े म अ तरा ीय प से स मानपूण भु व रखते ह। व तृत प से श सत पांच
पु तक के लेखक, जनम रा ीय प से सव े ‘ द मंक सो ड हज़ फ़रारी’ तथा उसके
म म ‘लीडर शप वज़डम ॉम द मंक सो ड हज़ फरारी’ और ेरणादायक सा ह य
मेगा ल वग भी शा मल है, रॉ बन एस. शमा ने व धशा क दो उपा धयाँ हा सल क ह
जसम कानून क सव च उपाधी भी शा मल है। इ ह ने एक त त वक ल क है सयत से
वकालत भी करी। वे एक स व ह जसके बारे म सकड़ो अ णीय काशक ने
‘यू.एस.ए. टु डे’ ‘स सेस’, नेशनल पो ट, द लोब और मेल, जैसी प का म लखा है
और एन.बी.सी., सी.बी.सी. और सी.ट .वी. म नाम उजागर आ है।
वे शमा लीडर शप इ टरनेशनल के सं थापक ह जो एक यात श ण संगठन है और
जसने इस नर तर प रवतन के समय म नेतृ व के वकास तथा और संगठन के काय
स पादन क का ब लयत को बढ़ाने म वशेषता हा सल करी है। इनके ाहक म ‘फॉ यून
500 संगठन’ बड़े संघ और वशाल वा य सेवा सं थान शा मल ह। रॉ बन एस शमा के
मु य वचार और श ण-शाला क अ धक जानकारी के लए और उनक गत
और संगठन के लए भावशीलता के बारे म और खोजने के लए भट कर
www.robinsharma.com या बात कर 1-888-RSHARMA पर।

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