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Law of Torts1
Law of Torts1
TORTS का कानून
मोटर स हत
वाहन
घटना और
. वाद का डफ़ॉ ट
लए सावज नक दा य व।
. उ े य मानव आचरण के मानक नधा रत करना
मुआ वजे के भुगतान ारा गल तय का नवारण
करना नषेधा ा ारा गैरकानूनी आचरण
पर तबंध लगाना।
यू नट V उपभो ा संर ण अ ध नयम
टॉट् स अं ेज ी प र े य
अं ेज ी टॉट कानून नाग रक गल तय से संबं धत है जो क इं लड और वे स के कानून म आपरा धक गल तय से अलग है। कु छ गल तयाँ रा य क चता का वषय ह
और इस लए पु लस अदालत म एक आपरा धक मामले म गलत काम करने वाल पर कानून लागू कर सकती है। एक अपकृ य को पु लस ारा लागू नह कया जाता
है और यह एक नाग रक ारा सरे के खलाफ क गई एक नाग रक कारवाई है और एक यायाधीश के सामने अदालत म मुक दमा चलाया जाता है के वल शायद ही
कभी मानहा न के कु छ मामल म जूरी के साथ । टॉट म य अं ेज ी से चोट के लए नकला है एं लो च से म यकालीन लै टन टॉटम से लै टन से टॉटस का नपुंसक
श द ट् व टे ड टॉकरे के पछले कृ दं त से ।
रोमन कानून के बाद अं ेज ी णाली लंबे समय से अ त मण बैटरी और पांतरण जैसे नामां कत अपकृ य क एक बंद णाली पर आधा रत रही है। यह महा पीय
कानूनी णा लय के वपरीत है जसने तब से कपटपूण दा य व क अ धक खुली णा लय को अपनाया है। अपकृ य क व भ े णयां ह जो कारवाई के अलग अलग
कारण क णाली क ओर ले जाती ह। हालाँ क लापरवाही के अ याचार का मह व अ य कार के अ याचार क तुलना म बढ़ रहा है जो सुर ा का ापक दायरा दान
करता है खासकर डोनो यू बनाम ट वे सन के बाद से। लापरवाही के तहत दा य व के लए य के उस समूह के लए दे ख भाल का कत ा पत कया जाना
चा हए जससे पी ड़त संबं धत है एक अ अवधारणा जसम कई अ य े णयां ख ची जा रही ह।
भारतीय प र े य पर कु ठाराघात
भारत म टोट कानून एक अपे ाकृ त नया आम कानून है जो नुक सान को नयं त करने वाले कानून स हत सं हताब कानून ारा पूरक है। हालाँ क भारत आम तौर पर
यूके के कोण का पालन करता है ले कन कु छ मतभेद ह जो या यक स यता का संके त दे सकते ह इस लए ववाद पैदा हो सकता है। अपकृ य अनुबंध से वतं
कु छ कत का उ लंघन है जससे वाद को त ई है जससे कारवाई का नाग रक कारण उ प आ है और जसके लए उपाय उपल है। य द कोई उपाय नह है तो
इसे अपकृ य नह कहा जा सकता य क अपकृ य का सार उस को उपचार दे ना है जसे चोट लगी है।
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भारत म अपकृ य कानून उसके सामा य कानून समक क तरह क़ानून और सामा य कानून दोन से उ प होता है।
व धय
अ य सामा य कानून वाले दे श के समान अपकृ य कानून के पहलु को सं हताब कया गया है। इसके अलावा भारतीय दं ड सं हता अपकृ य कानून के कु छ े को
अपराध घो षत करती है।
सामा य व ध
चूं क अपकृ य कानून भारत म कानून का एक अपे ाकृ त नया े है इस लए ानीय या यक मसाल का हवाला दे ने के अलावा अदालत यूके ऑ े लया और कनाडा
जैसे अ य सामा य कानून े ा धकार से मामले के कानून को आसानी से संद भत करती ह।
ासं गक ानीय री त रवाज और थाएँ
हालाँ क वदे शी कानूनी स ांत को लागू करने म ानीय सामा जक सां कृ तक था और तय पर यान दया जाता है। वधा यका ने कु छ सामा जक तयाँ
दान करने के लए क़ानून भी बनाए ह उदाहरण के लए भारतीय प रवार क कृ त के कारण प रवार के सद य क मृ यु क तम त के नधारण को सरल
बनाने के लए एक क़ानून पा रत कया गया था
टोट का अथ
टॉट श द का अथ है कसी ारा कया गया गलत काय जससे सरे को चोट या त प ंचती है जससे घायल उपचार के लए स वल कोट म कारवाई
करता है फाइल करता है गैर न पा दत त या नषेधा ा या संप क बहाली या अ य उपल राहत। अ ववा दत त का अथ यायालय ारा तय क जाने वाली या
नधा रत क जाने वाली त क रा श है। लॉ ऑफ टोट् स क उ प इं लड के सामा य कानून से ई है। यह यूके यूएसए और अ य उ त दे श म अ तरह से वक सत
है। भारत म कानून क अ य शाखा जैसे भारतीय अनुबंध अ ध नयम और भारतीय दं ड सं हता क तरह टॉट् स का कानून गैर सं हताब है। यह अभी
भी वकास क या म है। अपकृ य या तो कसी काय के कए जाने या कसी काय के लोप के कारण हो सकता है।
गलत
सावज नक ग़लती अपराध एक सावज नक ग़लती है। ये ऐसे काय ह जनका मुक दमा आपरा धक अदालत म चलता है और दं ड कानून के तहत
दं डनीय ह जैसे क भारत म भारतीय दं ड सं हता
ाइवेट ग़लत टॉट एक ाइवेट ग़लत है। ये कसी वशेष या समुदाय के कसी के व कए गए कृ य ह और इनका मुक दमा
स वल यायालय म चलाया जाता है।
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प रभाषा
ोफे सर वनफ के अनुसार अ याचारपूण दा य व मु य प से कानून ारा नधा रत कत के उ लंघन से उ प होता है यह कत आम तौर पर य के त है और इसका उ लंघन
अन त त के लए कारवाई ारा नवारण यो य है।
सर जॉन सै मंड ने टोट को एक नाग रक गलती के प म प रभा षत कया है जसके लए उपाय अ नधा रत त के लए सामा य कानून कारवाई है और जो वशेष प से अनुबंध का उ लंघन या
व ास का उ लंघन या अ य मा यायसंगत दा य व नह है।
जो अपकृ य करता है या उसका दोषी है उसे अपकृ यकता कहा जाता है। जस को अपकृ यकता ारा चोट या
त ई हो उसे घायल या पी ड़त कहा जाता है।
टोट एक सामा य कानून श द है और नाग रक कानून म इसका समक डली ट है।
सामा य तौर पर कसी अपकृ य काय का पी ड़त अपकृ य मामले म वाद होता है।
एक सामा य नयम के प म सभी य के पास मुक दमा करने और अपकृ य म मुक दमा चलाने क मता होती है।
प रसमा त त जसे प रसमा त और सु न त त के प म भी जाना जाता है वे त ह जनक रा श पा टयां एक व श उ लंघन उदाहरण के लए दे र से दशन पर मुआ वजे के
प म एक करने के लए घायल प के लए एक अनुबंध के गठन के दौरान न द करती ह।
े ष मन क एक त जो कसी को जानबूझ कर गलत काय करने के लए े रत करती है अथात जानबूझ कर सरे को चोट प ंचाना या बना कसी औ च य या बहाने के
जानबूझ कर कसी अ य के त गलत काय करना।
कानूनी अथ म इसका अथ है बना उ चत कारण या बहाने के जानबूझ कर कया गया गलत काय।
े ष कानून को सही ठहराने क बजाय कसी प को चोट प ंचाने क इ ा है। े ष दो कार का होता है
i वा तव म े ष
ii कानून म े ष
वा तव म े ष का अथ उस क ओर से वा त वक भावनापूण इरादा है जसने ऐसा कया है
गलत काम। इसे या वा त वक े ष भी कहा जाता है।
कानून म े ष यह आव यक प से गत घृण ा या े ष नह है ब क यह मन क वह अव ा है जो
कानून और नाग रक के कानूनी अ धकार के त लापरवाह।
मकसद मकसद वह है जो कसी को कोई काय करने के लए उकसाता या उ े जत करता है। यह ग तशील श है जो एक न त प रणाम के लए काय करने के लए े रत करती
है।
उ े य मानव या का मु य ोत है। यह कारण या कारण है. यह कु छ ऐसा है जो मनु य को इसके लए े रत करता है
एक इरादा बनाओ.
इरादा कसी न त काय को करने के त मन क एक न त दशा जस पर मन लगा आ है या जसे वह अ भ या ा त करना चाहता है कसी नयो जत या पूवक पत चीज़
को पूरा करने क इ ा।
चोट कानूनी भाषा म चोट का मतलब कसी सरे के साथ कया गया कोई गलत काम या त है चाहे वह उसके अ धकार त ा या संप म हो।
चोट जो कोई कसी को शारी रक पीड़ा बीमारी या बलता का कारण बनता है उसे चोट प ंचाने वाला कहा जाता है।
भावना यह एक गलत काय है जसे करने का अ भनेता के पास कोई कानूनी अ धकार नह है या कोई गलत आचरण है जो आ धका रक कत के दशन को
भा वत करता है बा धत करता है या ह त ेप करता है या ऐसा काय जसके लए कोई अ धकार या कानून का वारंट नह है या जो कसी को ब कु ल
भी कु छ नह करना चा हए या उसने ऐसा न करने का अनुबंध कया है।
भावना श द उस मामले पर लागू होगा जहां कसी ारा कानून ारा न ष काय कया जाता है। खै ल बहसर बनाम थाना लाल एआईआर
राचार श का गैरकानूनी उपयोग सामा य प से कानूनी काय का गलत दशन वैध अ धकार का हा नकारक योग आ धका रक कदाचार कानून का
उ लंघन.
वहार श द उस मामले पर लागू होगा जहां एक वैध काय अनु चत तरीके से कया जाता है।
असंयम कसी काय को न करना जो कया जाना चा हए कसी आव यक कत को पूरा करने म चूक करना या कत क पूण उपे ा करना।
गैर मुनाफा उस मामले पर लागू होगा जहां कोई कानून ारा नधा रत कु छ काय करने से चूक जाता है।
वहार अपराध और वहार के बीच अंतर राचार कसी काय को अनु चत तरीके से करना है जसे कोई जानबूझ कर कर सकता है। असंयम
का अथ है कसी काय का छू ट जाना जो एक को करना चा हए। भावना कसी ऐसे काय को करना है जो कसी को ब कु ल नह करना चा हए।
टॉट लॉ कसी घायल को उपचार का अवसर दान करता है। यह पुन ा त क गारंट नह दे ता है.
टोटके के कार
के खलाफ
कारावास
संप के व
जानबूझ कर अ याचार
जानबूझ कर कया गया अपकृ य तब होता है जब कोई या इकाई जानबूझ कर ऐसे आचरण म संल न होता है जससे सरे को चोट या त होती है। उदाहरण के
लए लड़ाई म कसी पर हमला करना एक जानबूझ कर कया गया काय माना जाएगा जो बैटरी के अ याचार के अंतगत आएगा जब क गलती से कसी अ य को
मारना इसके यो य नह होगा
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जानबूझ कर य क कसी पर हमला करने का कोई इरादा नह था ...हालाँ क इस कृ य को लापरवाही माना जा सकता है य द मारा गया घायल हो ।
य प ऐसा तीत हो सकता है क जानबूझ कर कए गए अपकृ य को आपरा धक मामले के प म वग कृ त कया जा सकता है दोन के बीच मह वपूण अंतर ह। अपराध को एक गलत काय के प
म प रभा षत कया जा सकता है जो समाज के हत को चोट प ँचाता है या उनम ह त ेप करता है। इसक तुलना म जानबूझ कर अपकृ य गलत काय ह जो कसी क भलाई या संप को
नुक सान प ंचाते ह या उसम ह त ेप करते ह। जब क आपरा धक आरोप सरकार ारा लगाए जाते ह और इसके प रणाम व प जुमाना या जेल क सजा हो सकती है अपकृ य के आरोप वाद ारा
दायर कए जाते ह जो त के लए मौ क मुआ वजे क मांग करते ह जो तवाद को हारने पर भुगतान करना होगा। कभी कभी कोई गलत काय आपरा धक और अपकृ य दोन का मामला हो
सकता है।
लापरवाही
एक व श आचार सं हता है जसका येक से पालन करने क अपे ा क जाती है और सर को नुक सान के जो खम को कम करने के लए एक न त तरीके से काय करना जनता का
कानूनी कत है। इन मानक का पालन करने म वफलता को लापरवाही के प म जाना जाता है। लापरवाही अब तक का सबसे च लत कार का अपकृ य है।
जानबूझ कर कए गए अपकार के वपरीत लापरवाही के मामल म जानबूझ कर कारवाई शा मल नह होती है ब क तब होती है जब कोई या सं ा लापरवाह होती है और कसी अ य
को दे य कत दान करने म वफल रहती है। लापरवाही के नुक सान के सबसे आम उदाहरण फसलने और गरने के मामले ह जो तब होते ह जब संप का मा लक एक उ चत के पम
काय करने म वफल रहता है जसके प रणाम व प आगंतुक या ाहक को नुक सान होता है।
स त दे यता
अं तम म स त दा य व वाले अपकृ य शा मल ह। स त या पूण दा य व उन मामल पर लागू होता है जहां लापरवाही या य गलती के सबूत के बना गलती करने वाले पर चोट क ज मेदारी
थोपी जा सकती है। जो बात मायने रखती है वह यह है क कोई कारवाई ई और प रणाम व प अंततः कसी अ य को चोट प ंची।
दोषपूण उ पाद के मामले इस बात के मुख उदाहरण ह जब इरादे के बावजूद दा य व बरकरार रखा जाता है। इस तरह के मुक दम म घायल उपभो ा को के वल यह ा पत करना होता है क कानून
को अपने प म रखने के लए उनक चोट सीधे तौर पर संबं धत उ पाद के कारण ई ह। यह त य क कं पनी का उपभो ा को घायल करने का इरादा नह था कोई कारक नह है।
वशेषताएँ
. जो अपकृ य करता है उसे अपकृ य करने वाला या गलत कता कहा जाता है।
. मुक दमे का ान स वल यायालय है।
. टॉट मुक दमा समझौता यो य है यानी वाद अपने ारा दायर मुक दमा वापस ले सकता है।
. टॉट स वल ग़लत क एक जा त है।
. टॉट अनुबंध के उ लंघन के अलावा अ य है
टोट सा बत करने के लए आव यक त व
तवाद से वाद तक कानूनी कत का अ त व
कत का उ लंघन
नकटतम प रणाम के पम त।
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i कम गंभीर गल तय को नजी गल तयाँ माना जाता है और उ ह नाग रक गलत i अ धक गंभीर गल तय को सावज नक गल तयाँ माना गया है और उ ह अपराध
करार दया गया है। के प म जाना जाता है।
ii मुक दमा वयं घायल ारा दायर कया गया है। ii मामला रा य ारा लाया गया है।
iii समझौता सदै व संभव है। iii कु छ मामल को छोड़कर समझौता संभव नह है।
iv गलत काम करने वाला घायल प को मुआ वजा दे ता है। iv गलत काम करने वाले को दं डत कया जाता है।
vii टॉट मुक दमा समझौता यो य है आईपीसी क धारा सीआरपीसी के अनुसार अपवाद को छोड़कर
आपरा धक मामले समझौता यो य नह ह
i यह पा टय ारा वयं कए गए कत के उ लंघन का प रणाम है। i यह ऐसे कत के उ लंघन से होता है जो पा टय ारा नह कए जाते ह ले कन
जो कानून ारा लगाए जाते ह।
ii अनुबंध म येक प का सरे के त कत होता है। ii अपकृ य कानून ारा लगाए गए कत कसी व श के त नह ब क
पूरे व के त ह।
iii अनुबंध क त समा त हो गई है। iv यह सी मत उपचार iii अपकृ य क त का प रसमापन नह कया गया है।
उपचार
. यायेतर.
. या यक उपचार तीन कार के होते ह
i हजाना ii
नषेधा ा और iii संप क
बहाली
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म त के कार
क अनुक रणीय या तशोधा मक त बढ़े ए पैमाने पर त होती है जो वाद को उसक संप के नुक सान क मु कल से भरपाई करने वाली रा श से अ धक
द जाती है जहां उसके साथ कया गया गलत काम हसा उ पीड़न ेष आ द क प र तय से बढ़ गया था।
बी सामा य या वा त वक त सामा य त के लए मुआ वजा है। सामा य त वे ह जो कानून अनुबंध के येक उ लंघन और कानूनी अ धकार के येक
उ लंघन म न हत है।
सी नाममा त उ ह उस अ धकार क पु के लए दया जाता है जहां कोई वा त वक हा न या चोट सा बत नह क जा सकती है।
घ अवमाननापूण त
ii नषेधा ा एक या यक या जो गत प से संचा लत होती है और उस से अपे ा करती है जसे कसी वशेष काय को करने
या करने से परहेज करने के लए नद शत कया जाता है। नषेधा ा के संबंध म कानून व श राहत अ ध नयम और सीपीसी म
न हत है।
नषेधा ा के कार
i अ नवाय जब कसी दा य व के उ लंघन को रोकने के लए कु छ कृ य के दशन को मजबूर करना आव यक हो तो यायालय अपने ववेक से इसे रोकने
के लए नषेधा ा दे सकता है।
उ लंघन व श राहत अ ध नयम क धारा ।
ii ायी या शा त शा त नषेधा ा ारा एक तवाद को कसी अ धकार के दावे से या कसी काय को करने से ायी प से रोका जाता है जो वाद के
अ धकार के वपरीत होगा धारा व श राहत अ ध नयम .
iii अ ायी अ ायी नषेधा ा ऐसी होती है जो एक न द समय तक या यायालय के अगले आदे श तक जारी रहती है। यह सीपीसी धारा वश
राहत अ ध नयम सीपीसी आदे श XXXIX नयम ारा व नय मत है।
iv व ापन अंत रम
ii संप का पुन ापन पुन ापन का अथ है कसी भी चीज़ को उसके अ धकार म लौटाना
मा लक।
vi संक ट त कसान उन जानवर या नज व संप को ज त करने का अ धकार जो भू म को नुक सान प ंचा रहे ह या क जा कर रहे ह और उ ह तब तक सुर ा के प
म रखने का अ धकार है जब तक क मा लक मुआ वजा नह दे दे ता।
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के आव यक
तव
अपकार
बना चोट के
बना कसी त
के चोट नुक सान
द ली नगर नगम बनाम सुभगवंती एआईआर एक घंटाघर क मर मत अ नह थी। वह गर गया और कई लोग क मौत हो गई। अपनी चूक के लए एमसीडी
को ज मेदार ठहराया गया।
. कानून ारा लगाया गया कत कसी काय को करना या न करना कानून ारा अपे त होना चा हए या कत कानून ारा लगाया जाना चा हए। इसका मतलब यह
है क य द कानून ारा न ष कोई काय नुक सान प ंचाता है तो यह अपकृ य के तहत उ रदायी है।
इसी कार य द कानून ारा अपे त कसी काय के चूक ने से हा न होती है तो यह अपकृ य के अंतगत उ रदायी है। उदाहरण के लए कानून क आव यकता है क
वाहन के चालक को सावधानी से गाड़ी चलानी चा हए और य द लापरवाही से गाड़ी चलाने पर कसी पैदल या ी को चोट लगती है तो सावधानी से गाड़ी चलाने क चूक
अपकृ य के तहत उ रदायी है। हालाँ क य द उपासक कसी मं दर म जाना बंद कर दे ते ह और इससे पुज ारी को धन क हा न होती है तो यह कारवाई अपकृ य के तहत
उ रदायी नह है य क मं दर जाना कोई ऐसा काय नह है जो कानून ारा आव यक हो। कानून ारा अपे त ऐसे कत सामा यतः सभी लोग के त होते ह।
डोना यू बनाम ट वे सन माना गया क पेय के नमाता का उपभो ा के त यह कानूनी कत है क वह यह सु न त करे क पेय म हा नकारक पदाथ
शा मल नह ह।
. चोट काय या चूक के प रणाम व प कानूनी त या चोट होनी चा हए यानी वाद म न हत कानूनी अ धकार का उ लंघन। इसका मतलब यह है क काय या चूक से
ऐसी त होनी चा हए जसे कानून ारा गलत माना जाए।
त के बना चोट
कसी को अपनी संप का आनंद लेने का कानूनी अ धकार है और य द कोई उसम कचरा फकता है तो यह उसके कानूनी अ धकार का उ लंघन है और
अपकृ य के तहत उ रदायी है। हालाँ क यह संभव है क कसी कानूनी अ धकार का उ लंघन बना कसी शारी रक या वा त वक त के कया गया हो।
एशबी बनाम हाइट तवाद ने गलत तरीके से वाद को मतदान करने से रोका। हालां क कोई त नह ई फर भी तवाद को उ रदायी ठहराया गया।
भीम सह बनाम जेके रा य एआईआर वाद एक वधायक था और वधानसभा स म जाते समय उसे गलत तरीके से गर तार कया गया था। उ ह अपे त
अव ध के भीतर म ज े ट के सामने पेश नह कया गया। ऐसा माना गया था
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यह उनके मौ लक अ धकार का उ लंघन था। हालाँ क बाद म उ ह रहा कर दया गया ले कन उ ह SC ारा अनुक रणीय हजाने के पम RS से स मा नत कया
गया।
उषाबेन बनाम भा य ल मी च मं दर एआईआर वाद ने सनेमा घर के खलाफ जय संतोषी मां फ म दखाने से रोकने के लए ायी नषेधा ा क मांग क । यह
तक दया गया क फ म म दे वी ल मी सर वती और पावती का खराब च ण कया गया है जो वाद के लए अपमानजनक है। यह माना गया क धा मक भावना को ठे स
प ँचाना कानूनी ग़लती के प म मा यता ा त नह है। चूँ क कानूनी अ धकार का कोई उ लंघन नह था इस लए नषेधा ा नह द गई।
चेसमोर बनाम रचड् स वाद पछले वष से भू मगत से पानी नकाल रहा था। तवाद ने अपनी भू म पर एक बोरवेल खोद दया और भारी मा ा म पानी ख च
लया जससे वाद क जल आपू त कम हो गई। यह माना गया क तवाद उ रदायी नह था य क वह के वल अपने अ धकार का योग कर रहा था और वाद के कसी
भी अ धकार का उ लंघन नह कया।
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टॉट म यू नट II औ च य
ऐसी सहम त न हत या हो सकती है। उदाहरण के लए एक सरे के साथ तलवारबाजी के खेल का अ यास करता है जो खेलते समय लगने वाली चोट के
लए परो प से सहम त दे ता है।
वूल रज बनाम सुमनेर म वाद फोटो ाफर एक हॉस शो म त वीर ले रहा था जसके दौरान एक घोड़ा मोड़ पर ब त तेज ी से घूमा। जैसे ही घोड़ा तेज ी से सरपट
दौड़ा वाद डर गया और वह रा ते म गर गया। वह गंभीर प से घायल हो गया. यह माना गया क तवा दय ने पा म को बंद करने म उ चत सावधानी बरती थी
और वाद शो म रहकर इस तरह क घटना का जो खम लेने के लए सहमत आ। तवा दय को उ रदायी नह ठहराया गया।
हालाँ क नुक सान प ँचाने वाली कारवाई सहम त क सीमा से आगे नह जानी चा हए। उदाहरण के लए तलवारबाजी के खेल म एक नयम के अनुसार खेलते
समय होने वाली चोट के लए सहम त दे ता है। य द वह नयम का उ लंघन करने वाले कसी काय के कारण घायल हो जाता है तो वह मुआ वजे का दावा कर सकता है
य क उसने नयम के बना खेलते समय चोट लगने क कभी सहम त नह द ।
ल मी राजन बनाम मलार अ ताल म एक म हला ने अपने तन से एक गांठ को हटाने के लए सजरी के लए सहम त द । ले कन अ ताल ने बना कसी
वा त वक कारण के उसका गभाशय भी हटा दया। यह माना गया क उसका गभाशय नकालना उसक सहम त से अ धक था।
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साथ ही सहम त नःशु क होनी चा हए। ऐसा कसी मजबूरी के कारण नह होना चा हए. इस कार य द कसी नौकर को उसके वरोध के बावजूद मा लक ारा एक न त काय करने के लए
मजबूर कया गया था और य द वह ऐसा करते समय घायल हो जाता है तो मा लक वॉलट नॉन फट इंज ु रया का बचाव नह कर सकता य क सहम त वतं नह थी
. अपराधी पर वाद
इंसान अपनी गलती का फायदा नह उठा सकता. यह स ांत काफ समय से योग म आ रहा है य क यह उ चत एवं यायसंगत है। उदाहरण के लए एक सरे क संप का अ त मण करने
वाला अंधेरे के कारण घायल हो जाता है। वह मुआ वज़े का दावा नह कर सकता य क वह एक ऐसे काय के कारण घायल आ था जो उसक ओर से गलत था।
हालाँ क यह बचाव तभी मौजूद होता है जब चोट वाद के गलत काय के कारण होती है। य द त तवाद के गलत काय के कारण होती है तो इसका अ त व नह है भले ही वाद गलत ले कन
असंबं धत काय कर रहा हो। उदाहरण के लए बड बनाम होल ुक म वाद तवाद क संप पर अ त मण कर रहा था और ग गन के कारण उसे चोट लगी थी। तवाद ने बना कसी
सूचना के ग गन लगा द थी और इस कार उसे उ रदायी ठहराया गया था।
. अप रहाय घटना
घटना का अथ है कसी ऐसी चीज़ क अ या शत घटना जसक भ व यवाणी या रोकथाम नह क जा सकती थी।
ऐसे मामले म तवाद उ रदायी नह ह गे य द उनका ऐसा करने का कोई इरादा नह था और य द वाद इसके कारण घायल हो गया है। उदाहरण के लए टे नली बनाम पॉवेल म वाद और
तवाद एक शू टग पाट के सद य थे। तवाद ने एक प ी को गोली मार द ले कन गोली एक पेड़ से टकराकर वाद को लग गई। तवाद को उ रदायी नह ठहराया गया य क यह एक घटना
थी और तवाद का ऐसा कोई इरादा नह था और न ही वह इसे रोक सकता था।
हालाँ क अप रहाय घटना का बचाव लापरवाही का लाइसस नह है। उदाहरण के लए A ने B क कार कराये पर ली है।
गाड़ी चलाते समय एक टायर फट जाता है और घटना का कारण बनता है जससे ए घायल हो जाता है। यहां य द टायर घसे ए थे और खराब त म थे तो यह बी क लापरवाही होगी और उसे
ए क चोट के लए ज मेदार ठहराया जाएगा।
. भगवान का काय
कानूनी अथ म ई र का काय प र त क एक असाधारण घटना है जसक भ व यवाणी या रोकथाम नह क जा सकती थी और यह ाकृ तक कारण से होता है। कोई भी भूकं प या बाढ़ जैसी
ाकृ तक आपदा क भ व यवाणी रोकथाम या सुर ा नह कर सकता है। इस कार कसी से यह अपे ा करना अनु चत है क वह ई र के ऐसे कृ य से होने वाले नुक सान के लए उ रदायी
होगा।
इस बचाव के लए दो आव यक शत ह
• घटना कसी ाकृ तक कारण से होनी चा हए और
• यह असाधारण या कु छ ऐसा होना चा हए जसक क पना या अपे ा नह क जा सकती थी।
उदाहरण के लए मानसून म भारी बा रश क आशंक ा है और य द कोई द वार गरकर कसी को घायल कर दे ती है तो इसे दै वीय कृ य नह कहा जा सकता य क ऐसी अपे त तय के लए
सुर ा क जानी चा हए थी। ले कन अगर कोई इमारत बड़े पैमाने पर भूकं प के कारण गरती है और लोग को घायल और मार दे ती है तो इस बचाव का उपयोग कया जा सकता है।
रामा लगा नादर बनाम नारायण रे डयार एआईआर म यह माना गया क अ नयं त भीड़ क आपरा धक ग त व धयाँ ई र का काय नह ह।
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. नजी र ा
आईपीसी क धारा के अनुसार नजी र ा के अ धकार का योग करते ए कया गया कोई भी काय अपराध नह है। इस कार कानून मानव शरीर या संप को नुक सान
रोकने के लए उ चत और आव यक बल के उपयोग क अनुम त दे ता है और ऐसे बल के उपयोग से होने वाली चोट कारवाई यो य नह ह। हालाँ क बल उ चत होना चा हए न
क अ य धक। बड बनाम हॉल ुक म तवाद ने बना कसी सूचना के अपनी संप म ग गन का इ तेमाल कया। यह माना गया क उसने अ य धक बल का योग
कया और इस लए वाद क चोट के लए उ रदायी था भले ही वाद उसक संप पर अ त मण कर रहा था।
. गलती
आम तौर पर गलती अपकृ य क कारवाई के व वैध बचाव नह है। इस कार कसी को इस गलत धारणा के तहत चोट प ंचाना क वह आपक संप पर
अ त मण कर रहा है बचाव यो य नह होगा। हालाँ क कु छ मामल म यह एक वैध बचाव हो सकता है। उदाहरण के लए भावनापूण अ भयोजन के मामले म यह सा बत
करना आव यक है क तवाद ने भावनापूण और बना कसी उ चत कारण के काय कया। य द अ भयोजन के वल गलती से कया गया है तो यह कारवाई यो य नह है।
इसके अलावा कसी कथन क स ाई म ईमानदार व ास धोखे क कारवाई के खलाफ बचाव है।
. आव यकता
यद त प ंचाने वाला काय अ धक त को रोकने के लए कया जाता है तो यह मा यो य है। उदाहरण के लए एक जहाज सरे जहाज से टकराव को रोकने के लए एक
छोट नाव पर चढ़ गया जससे दो लोग को चोट प ंची जससे सैक ड़ लोग को चोट प ंचती यह य है। इस कार लेह बनाम लैड टोन म एक भूख ी कै द को
बचाने के लए उसे जबरद ती खाना खलाना बैटरी क कारवाई के लए एक अ ा बचाव माना गया।
. वैधा नक ा धकारी
कोई काय जसे वधा यका ारा अनुमो दत कया जाता है या वधा यका के नदश पर कया जाता है उसे अपकृ य दा य व से मु कर दया जाता है भले ही सामा य
पर तय म यह एक अपकृ य होता। जब कोई काय कसी अ ध नयम के अ धकार के तहत कया जाता है तो यह पूण बचाव होता है और घायल प के पास क़ानून ारा
नधा रत उपाय के अलावा कोई उपाय नह होता है।
वॉन बनाम टै फ वा े रेल कं पनी म एक इंज न से नकली चगारी से अपीलकता क जंगल म आग लग गई जो रेलवे ै क से लगी उसक जमीन पर मौजूद थी। यह माना
गया क चूं क कं पनी रेलवे चलाने के लए अ धकृ त थी और चूं क कं पनी ने रेलवे चलाने म उ चत दे ख भाल क थी इस लए वह त के लए उ रदायी नह थी।
. या यक या अध या यक कृ य कसी यायाधीश ारा अपने या यक पद का योग करते समय कए गए कृ य या बोले गए श द के लए कोई कारवाई नह क जा सकती
भले ही वे भावनापूण हो सकते ह। यह सावज नक लाभ के स ांत पर आधा रत है क यायाधीश को वतं प से और प रणाम के डर के बना अपने काय करने क
वतं ता होनी चा हए।
या यक अ धकारी संर ण अ ध नयम एक या यक अ धकारी को उसके या यक कत के नवहन म कए गए कसी भी काय के लए सुर ा दान करता है या करने
का आदे श दया जाता है। अपने अ धकार े से बाहर जाने पर भी उसे सुर ा ा त है बशत क उस समय उसे ईमानदारी से व ास हो क जस काय क शकायत क गई है
उसे करने या आदे श दे ने का अ धकार उसके पास है।
अ ध नयम क धारा इस कार है कोई भी यायाधीश म ज े ट शां त यायाधीश कले टर या या यक प से काय करने वाला अ य कसी भी नाग रक अदालत म
उसके ारा कए गए कसी भी काय के लए मुक दमा दायर करने के लए उ रदायी नह होगा। उसका या यक कत चाहे उसके अ धकार े क सीमा के भीतर हो या नह
बशत क वह उस समय कसी भी अदालत या अ य के अ े व ास म या यक प से काय करने के वैध वारंट या आदे श को न पा दत करने के लए बा य हो कसी
भी स वल अदालत म माना जाता है क जस काय क शकायत क गई है उसे करने या आदे श दे ने का अ धकार े उसके पास है और कोई अ धकारी नह
मुक दमा दायर करने के लए उ रदायी होगा। कसी भी वारंट या आदे श के न पादन के लए जसे वह न पा दत करने के लए बा य होगा य द इसे जारी करने वाले के
अ धकार े म हो।
. य द कोई म ज े ट भावनापूण और अपने अ धकार े के बाहर काय कर रहा है तो ऐसी कोई सुर ा नह द जाती है। शैलजानंद पांडे बनाम सुरेश चं गु ता एआईआर
पैट। म ज े ट ने भावनापूण अवैध प से और अपने अ धकार े के बाहर काय करते ए वाद क गर तारी का आदे श दया। पटना उ यायालय ने माना
क वह या यक अ धकारी संर ण अ ध नयम ारा द गई सुर ा का हकदार नह था और इस लए गलत कारावास के लए उ रदायी था।
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. या यक वशेषा धकार क सुर ा शास नक या मं तरीय कायवाही के वपरीत के वल या यक कायवाही पर लागू होती है और जहां एक यायाधीश या यक और
मं तरीय या शास नक दोन तरह से काय करता है वहां बाद क मता म कए गए काय के लए सुर ा दान नह क जाती है।
उ र दे श रा य बनाम तुलसी राम एआईआर सभी। कु छ अपराध के लए पाँच य पर मुक दमा चलाया गया। उनम से एक को स यायालय ने और
सरे को उ यायालय ने बरी कर दया था। उ यायालय ने पाँच म से के वल तीन य क दोष स को बरकरार रखा और इन तीन दोषी य के व वारंट
जारी करने को अ धकृ त कया। या यक म ज े ट ने लापरवाही बरतते ए पांच लोग क गर तारी के आदे श पर ह ता र कर दये. इस आदे श के प रणाम व प वाद
भले ही उ ह उ यायालय ारा बरी कर दया गया था पु लस ारा गर तार कर लया गया।
उ ह ने पये के मुआ वजे का दावा करते ए मुक दमा दायर कया। या यक अ धकारी और यूपी रा य से पये का जुमाना यह कहते ए क होली के योहार के
दन उनके र तेदार और दो त से पहले उनक गर तारी से उ ह ब त अपमान अपमान शारी रक परेशानी और मान सक पीड़ा ई।
नचली अपीलीय अदालत ने माना क या यक अ धकारी को या यक अ धकारी अ ध नयम ारा संर त कया गया था ले कन यूपी रा य सुर ा
परो प से उ रदायी था और पये का ड पा रत कया। यूपी रा य के खलाफ
उ र दे श रा य ारा क गई अपील पर इलाहाबाद उ यायालय ने माना क रा य उ रदायी नह है य क उसके सेवक ारा कया गया काय कानून ारा लगाए गए
अपने कत के नवहन म था। इसके अलावा यह माना गया क या यक अ धकारी वाद तवा दय क गलत गर तारी के लए उ रदायी था य क या यक अ धकारी
वारंट जारी करते समय कोई या यक काय नह कर रहा था ब क के वल एक कायकारी काय कर रहा था और इस लए या यक अ धकारी संर ण अ ध नयम के तहत
सुर ा दान क गई थी। ऐसे म उपल नह हो सका.
. माता पता या अध अ भभावक ा धकरण माता पता और लोको पेर टस म य को सुधार श ण क सजा के उ े य से ब े को सजा दे ने का अ धकार है।
हालाँ क कसी को यह याद रखना चा हए क ऐसा ा धकारी के वल उ चत और म यम दं ड के उपयोग क गारंट दे ता है और इस लए य द बल का अ य धक उपयोग होता
है तो तवाद हमले बैटरी या झूठे कारावास के लए उ रदायी हो सकता है जैसा भी मामला हो।
इं लड म धारा च ेन एंड यंग पस स ए ट के अनुसार कसी ब े या युवा पर वैध नयं ण माता पता श क या अ य
या आरोप रखने पर उसे सजा दे ने क अनुम त है।
फट् ज़ गेरा बनाम नॉथकोट म एफ एंड एफ कॉकबन सीजे। दे ख ा गया एक कू ल मा टर का अ धकार जब तक अ त व म है माता पता के समान
ही है। एक माता पता जब अपने ब े को एक कू ल मा टर के पास रखते ह तो अपने सभी अ धकार उसे स प दे ते ह जहाँ तक यह ब े के क याण के लए आव यक
है।
एक श क को अपने छा को सही करने का अ धकार है के वल उन गल तय तक ही सी मत नह है जो छा कू ल प रसर म कर सकता है ब क कू ल के बाहर उसके
ारा क गई गल तय तक भी फै ल सकता है य क लड़के को अपने दशन का अ धक अवसर नह मलता है। कू ल म मा टर क नगरानी म नै तक आचरण का अवसर
तब मलता है जब वह खेल म हो या कू ल से बाहर हो।
आर. बनाम यूपोट सैलोप ज टस के बी यह माना गया है क य द कू ल के नयम कू ल और जनता दोन म धू पान पर तबंध लगाते ह तो कू ल
मा टर ारा कसी छा को बत से पीटना उ चत है। सावज नक सड़क पर सगरेट पीना।
पूण ता के बजाय उ चत पेशेवर वहार आदश है आइज़ल बनाम श ा बोड मैरीलड उ यायालय ने फै सला सुनाया क कू ल परामशदाता ने एक छा
क आ मह या क धमक के बारे म अपने ान को ब े के माता पता को कट नह करने म लापरवाही क । परामशदाता क लापरवाही छा क आ मह या को
शारी रक प से रोकने म वफलता के लए नह थी ब क ब े के इरादे के बारे म जानकारी सं े षत न करने के लए थी।
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. तवत दा य व
. य और गत संबंध के व अ याचार
. मानहा न
. माता पता का र ता मा लक और नौकर का र ता
. भावनापूण अ भयोजन ग़लत कारावास
. संप को भा वत करने वाली गल तयाँ
. भू म पर अ त मण
. संवैधा नक अपकृ य और पी ड़त के मुआ वज़े के लए सावज नक दा य व।
पया त दे यता
र डएट सुपी रयर जसका शा दक अथ है मा लक को उ र दे ने दो एक स ांत है जो एक प को उनके र ते के आधार पर सरे के काय के लए उ रदायी बनाता
है। जब क आमतौर पर नयो ा को उनके कमचा रय के कु छ कार के काय के लए ज मेदार ठहराने के लए लागू कया जाता है यह स ांत सपल एजट संबंध म
भी ासं गक हो सकता है। साधारण लापरवाही के दावे उदाहरण के लए लापरवाही से काम पर रखना कसी ऑटोमोबाइल को लापरवाही से स पना भी इन र त म लागू
हो सकते ह।
रोजगार के दौरान कभी कभी रोजगार का दायरा कहा जाता है अपने कमचा रय ारा लापरवाही भरे कृ य या चूक के लए नयो ा उ रदा य व े स ांत के तहत
परो प से उ रदायी होते ह । रोजगार के दौरान कसी काय पर वचार करने के लए इसे या तो अ धकृ त कया जाना चा हए या अ धकृ त काय के साथ इतना जुड़ा होना
चा हए क इसे दशन का एक अनु चत तरीका माना जा सके ।
अदालत कभी कभी कसी कमचारी के घूमने बनाम उ लास के बीच अंतर करती ह। उदाहरण के लए एक नयो ा को उ रदायी ठहराया जाएगा य द यह दखाया
जाता है क कमचारी अपने कत को पूरा करने म मा भटक रहा था जब क एक कमचारी नयो ा के वसाय के बजाय अपने अ धकार म काम कर रहा है और मौज
म ती कर रहा है। और नयो ा पर कोई दा य व नह आएगा। य द कोई नयो ा कोई अ धकृ त काय अना धकृ त तरीके से करता है तो नयो ा उ रदायी होगा
आम तौर पर कसी नयो ा को कमचा रय ारा कए गए हमले या मारपीट के लए उ रदायी नह ठहराया जाएगा जब तक क बल का उपयोग उनके रोजगार का ह सा
नह था जैसे क एक पु लस अ धकारी या वे ऐसे े म थे जहां उनके सामने आने वाले य के साथ घषण पैदा होने क संभावना थी जैसे क कार पुनः रखने वाले ।
हालाँ क एक वतं ठे के दार के नयो ा को ठे के दार के कपटपूण कृ य के लए परो प से उ रदायी नह ठहराया जाता है जब तक क ठे के दार कसी ऐसे को
घायल नह करता है जसके लए नयो ा पर दे ख भाल का गैर यायो जत कत है जैसे क जब नयो ा एक कू ल ा धकारी होता है और घायल होता है एक छा को
पाट द.
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नयो ा लै टन वा यांश म दशाए गए सामा य कानून स ांत के तहत भी उ रदायी ह व फै सट त ए लयम फै सट त से वह जो कसी अ य के मा यम से अपने हत
म काय करता है । यह परो दा य व और स त दा य व क एक समानांतर अवधारणा है जसम एक को सरे के कृ य या चूक के लए आपरा धक कानून या अपकृ य म
उ रदायी ठहराया जाता है।
वतं ठे के दार नयो ा संबंध आम तौर पर नयो ा वतं ठे के दार ारा कए गए कृ य के लए परो प से उ रदायी नह होते ह। हालाँ क जब वाभा वक प से
खतरनाक ग त व धयाँ या गैर यायो जत कत उदाहरण के लए सुर त ॉ सग बनाए रखने के लए रेलमाग का कत ाहक के लए प रसर को उ चत प से सुर त
बनाने के लए टोरक पर का कत शा मल होते ह तो नयो ा को परो प से उ रदायी ठहराया जा सकता है।
. ऑटोमोबाइल ाइवर मा लक संबंध कई यायालय म मा लक के वल तभी उ रदायी होता है जब ाइवर मा लक के लए कोई काम करता है। हालाँ क कु छ यायालय
म मा लक उन ाइवर के लए परो प से उ रदायी होता है जो मा लक के घर के सद य होते ह जब तक क कार पा रवा रक उपयोग के लए होती है। अ य याय े म जब
तक चालक के पास वाहन चलाने के लए मा लक क अनुम त है तब तक मा लक परो प से उ रदायी है।
धाना यापक का दा य व
जस को कार उधार द गई है उसके ारा क गई लापरवाही के लए ऑटोमोबाइल के मा लक को परो प से उ रदायी ठहराया जा सकता है जैसे क मा लक एक सपल
था और ाइवर उसका एजट था य द ाइवर मु य प से इस उ े य के लए कार का उपयोग कर रहा है वामी के लए कोई काय न पा दत करना। अदालत इस दा य व को अ य
कार क संप के मा लक तक बढ़ाने म अ न ु क रही ह। उदाहरण के लए कसी वमान का मा लक उस पायलट के काय के लए परो प से उ रदायी नह होगा जसे उसने
मा लक के उ े य को पूरा करने के लए इसे उधार दया है। संयु रा य अमे रका म सभी रा य म कार प े और कराये के संबंध म ऑटोमोबाइल के लए तवत दा य व को
गैरकानूनी घो षत कर दया गया है।
एक उदाहरण एक बक व कं पनी या अ य हणा धकार धारक के मामले म है जो गैर भुगतान के लए पंज ीकृ त मा लक से एक ऑटोमोबाइल का पुन हण कर रहा है हणा धकार
धारक का एक गैर यायो जत कत है क वह दशन म शां त का उ लंघन न करे। पुन हण या यह त के लए उ रदायी होगा भले ही पुन हण कसी एजट ारा कया गया हो।
इस आव यकता का मतलब यह है क चाहे पुन हण हणा धकार धारक ारा कया जाता है या कसी एजट ारा पुन हणकता को शां त भंग नह करनी चा हए अ यथा हणा धकार
धारक को ज मेदार ठहराया जाएगा।
शां त का उ लंघन न करने क यह आव यकता हणा धकार धारक पर लागू होती है भले ही उ लंघन उदाहरण के लए दे नदार ारा पुन हण पर आप जताने या पुन हण का
वरोध करने के कारण आ हो। एमबक एल पासो बनाम के अदालती मामले म ।
सांचेज़ एसड यू डी जहां पंज ीकृ त मा लक ारा खुद को कार म बंद कर लेने के बाद भी एक कराए पर रहने वाले ने एक कार को ख च लया अदालत ने फै सला कया
क यह शां त का गैरकानूनी उ लंघन था और पुन हण को अमा य घो षत कर दया। दे नदार को बक क ओर से डॉलर का हजाना भी दया गया।
. माता पता का दा य व
संयु रा य अमे रका म आम तौर पर माता पता क ज़ मेदारी का और उनके ब के अपराध के लए माता पता क तवत दे यता का मु ा वक सत हो रहा है। यह है
क माता पता को अपने वयं के लापरवाह काय के लए उ रदायी ठहराया जा सकता है जैसे क ब े क नगरानी करने म वफलता या हडगन जैसे खतरनाक उपकरण को अपने
ब क प ंच से बाहर रखने म वफलता।
. अपकृ य म नगम का दा य व
अं ेज ी कानून म एक नगम के वल अपने कमचा रय और एजट के मा यम से काय कर सकता है इस लए यह तय करना आव यक है क कन प र तय म नगम को उसके
नदे शक या व र अ धका रय क धोखाधड़ी के लए उ रदायी ठहराने के लए एजसी या परो दा य व का कानून लागू होगा।
य द कसी वशेष अपकृ य के लए दा य व के लए मान सक त क आव यकता होती है तो उ रदायी होने के लए नदे शक या व र अ धकारी के पास वह मान सक त
होनी चा हए और इसका ेय कं पनी को दया जाना चा हए। मे र डयन लोबल फं ड् स मैनेज मट ए शया ल मटे ड बनाम स यो रट ज कमीशन एसी म कं पनी के दो
कमचारी अपने अ धकार के दायरे म काम कर रहे थे ले कन नदे शक से अनजान थे उ ह ने अ ध हण के लए कं पनी के फं ड का इ तेमाल कया
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वी काउं सल ने माना क उसने ऐसा कया। चाहे उनके अ धकार के भीतर काय करने वाले एजट के प म उनके वा त वक या य अ धकार के आधार पर दे ख
लॉयड बनाम ेस मथ एंड कं पनी एसी या उनके रोजगार के दौरान काय करने वाले कमचा रय के प म दे ख आमागास ल मटे ड बनाम मुंडोगास एसए
एसी उनके कृ य और चूक और उनके ान को कं पनी के लए ज मेदार ठहराया जा सकता है और यह संयु यातना दे ने वाल के प म दा य व
को ज म दे सकता है जहां नदे शक ने अपनी ओर से ज मेदारी संभाली है न क के वल कं पनी क ओर से।
पैनोरमा डेवलपमट् स ग फोड ल मटे ड बनाम फदे लस फ न शग फै स ल मटे ड यूबी म एक कं पनी स चव ने बंध नदे शक क जानकारी के
बना धोखाधड़ी से अपने उपयोग के लए कार कराए पर ल । एक कं पनी स चव नय मत प से कं पनी के नाम पर अनुबंध करता है और उसके पास शास नक
ज मेदा रयां होती ह जो कार को कराए पर लेने का अ धकार दे ती ह। इस लए कं पनी उ रदायी थी।
एक एजट एजट के कपटपूण आचरण से त त तीसरे प के त उ रदायी होता है। जब तक कोई लागू क़ानून अ यथा दान नह करता है एक अ भनेता दा य व
के अधीन रहता है हालां क अ भनेता एक एजट या कमचारी के प म वा त वक या अ धकार के साथ या रोजगार के दायरे म काय करता है।
. रा य का दा य व
अं ेज ी आम कानून के तहत कहावत थी राजा कोई गलत काम नह कर सकता और इस लए राजा अपने सेवक क गल तय के लए उ रदायी नह था। ले कन
इं लड म पुराने आम कानून क त को ाउन कायवाही अ ध नयम ारा बदल दया गया है। इससे पहले राजा पर या तो वा तव म उसके ारा अ धकृ त या
उसके नौकर ारा कए गए अपराध के लए अपकृ य का मुक दमा नह चलाया जा सकता था। रोज़गार। रा य के बढ़ते काय के साथ ाउन कायवाही अ ध नयम पा रत
कया गया था अब ाउन एक नजी क तरह अपने नौकर ारा कए गए अ याचार के लए उ रदायी है। इसी कार अमे रका म फे डरल टॉट् स लेम ए ट
स ांत दान करता है जो रा य के दा य व के को मह वपूण प से तय करता है।
ाचीन भारत म ह यायशा के तहत यह एक न ववाद स ांत था क कसी को भी कानून के संचालन से छू ट नह है। समान द ड दे ने का यह दा य व राजा राजा
के र तेदार यायाधीश या सामा य नाग रक तक भी था। कानून का शासन सव माना जाता था और सभी के लए समान प से बा यकारी था। राजा के मह वपूण
काय लोग क सुर ा अपराध क सजा और धम या सामा जक व ा के रखरखाव से संबं धत थे।
म यकालीन भारतीय इ तहास म अपनी गल तय के लए अ धका रय क गत ज मेदारी शासक और शा सत वषय के बीच समानता दखाने वाले सा य के साथ
अ धक च लत थी। के वल जब राजा सावज नक अ धकारी का भार उठाना उ चत समझता था तभी रा य का खजाना मुआ वजा दे ता था। धम को राजा के साथ साथ
जा को भी बांधने वाला शास नक कानून माना जाता था। ह कानून और मु लम कानून दोन म जहां तक संभव हो शासक वयं याय करते थे और बाक काम
असाधारण प से व ान और ईमानदार यायाधीश ारा कया जाता था। सबसे मह वपूण हा लया वृ अदालत क ओर से यह दावा करना है क उसके पास मुआ वजा
दे ने क श है। नाग रक के त कए गए गल तय के लए लोक सेवक क गत ज मेदारी का स ांत पहले से ही अं ेज ी के स कानून पर आधा रत भारतीय
कानून का एक ह सा है।
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वतमान म भारत म रा य का दा य व सं वधान के अनु े द ारा प रभा षत कया गया है जो भारत सरकार अ ध नयम क धारा से उ प आ है।
इसे भारत सरकार अ ध नयम क धारा से पता लगाया जा सकता है। जसक उ प भारत सरकार अ ध नयम क धारा म पाई जा सकती है। इस
कार यह दे ख ा जाएगा क के अ ध नयम से शु होने वाले अ ध नयम क ृंख ला से भारत सरकार और येक रा य क सरकार उ रा धकार क कतार म ह।
ई ट इं डया कं पनी का. सरे श द म सरकार का दा य व वही है जो से पहले ई ट इं डया कं पनी का था।
. सं भु काय
सं भु काय रा य के वे काय ह जनके लए वह कसी भी अदालत म जवाबदे ह नह है। उदाहरण के लए दे श क र ा सश बल को बढ़ाना और बनाए रखना शां त
या यु करना वदे शी मामले े ा त करना और बनाए रखना जैसे काय ऐसे काय ह जो बाहरी सं भुता के संके तक ह और कृ त म राजनी तक ह। इस लए वे
सामा य स वल यायालय के े ा धकार के अधीन नह ह। रा य को मुक दमा चलाने से छू ट ा त है य क ऐसे मामल म अदालत का े ा धकार न हत प से व जत
है।
मामले के त य के अनुसार वाद कं पनी का एक नौकर कलक ा म एक राजमाग पर एक गाड़ी चला रहा था जसे वाद के घोड़ क एक जोड़ी ारा ख चा जा रहा था।
सरकार के कमचा रय क लापरवाही के कारण उनका ए सीडट हो गया। घटना से ए नुक सान के लए वाद ने भारत के रा य स चव के व तपू त का दावा
कया।
सु ीम कोट ने कहा क यह स ांत क राजा गलत कर सकता है ई ट इं डया कं पनी पर लागू होता है। ऐसे मामल म कं पनी उ रदायी होती और उसके बाद रा य स चव
भी उ रदायी होता। यह भारत सरकार अ ध नयम क धारा से उ प आ जसने भारत के रा य स चव के दा य व को ई ट इं डया कं पनी के दा य व के
बराबर बताया। सं भु और गैर सं भु काय के बीच अंतर करते ए यह माना गया क य द कसी लोक सेवक ारा सं भु काय के नवहन म कोई अपकृ य कया जाता
है तो सरकार के खलाफ कोई कारवाई नह क जाएगी उदाहरण के लए य द अपकृ य श ुता करते समय या श ु संप को ज त करते समय कया गया हो। पुर कार
के प म.
सं भु काय के अ यास म कए गए काय के लए तर ा का यह स ांत नो बन चंदर डे बनाम रा य स चव मामले म कलक ा उ यायालय ारा लागू कया गया
था। इस मामले म वाद ने तक दया क सरकार ने गांज ा क ब के लए लाइसस जारी करने के लए उसके साथ एक अनुबंध कया था और तब था।
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अनुबंध का उ लंघन. उ यायालय ने माना क सबूत के आधार पर अनुबंध का कोई उ लंघन सा बत नह आ है।
सरे भले ही कोई अनुबंध था काय सं भु श का योग करके कया गया था और इस कार कारवाई यो य नह था।
यह प रभा षत कया गया था क रा य के अ ध नयम सं भु श के योग म कए गए काय ह जहां जस काय क शकायत क गई है वह क थत तौर पर नगरपा लका
कानून क मंज ूरी के तहत और कानून ारा द श य के योग म कया जाता है। के वल यह त य क यह सं भु श य ारा कया जाता है और ऐसा काय नह है जो
संभवतः कसी नजी ारा कया जा सकता है स वल यायालय के अ धकार े को बाहर नह करता है।
ह रभानजी म म ास फै सले म कहा गया है क सरकार सावज नक सुर ा से जुड़े काय के लए उ रदायी नह हो सकती है भले ही वे रा य के काय न ह । यह य रॉस
बनाम रा य स चव मामले म दोहराया गया था।
कशनचंद बनाम रा य स चव मामले म इलाहाबाद उ यायालय ने इसी तरह का कोण अपनाया।
हालाँ क से े टरी ऑफ टे ट बनाम कॉ ा ट म एक सै य सड़क बनाना या मर मत करना एक सं भु काय माना गया था और सड़क पर बजरी के ढे र म अपने कमचा रय
क लापरवाही के लए सरकार को उ रदायी नह ठहराया गया था जसके प रणाम व प गाड़ी घटना जसम वाद घायल हो गया।
इसके अलावा यह भी माना गया क ऐसी लापरवाही जसे एक पेशेवर ारा महसूस कया जा सकता था जसका ऐसा करने का कत था को इन मामल को यान म
रखना चा हए और या चकाकता ारा सहम त के बचाव का दावा करके दा य व से नह बचा जा सकता है।
उपरो मामले म तवाद एक गरीब म हला थी जसका गुड़गांव के जनरल अ ताल म नसबंद ऑपरेशन आ था य क उसके पहले से ही सात ब े थे और वह
ह रयाणा रा य सरकार ारा शु क गई प रवार नयोजन योजना का लाभ लेना चाहती थी। ीमती संतरा को बताया गया क वह भ व य म गभधारण नह करेगी.
ीमती संतरा ने म अपनी नसबंद के लए गुड़गांव के मु य च क सा अ धकारी से संपक कया।
ले कन उसने एक क या को ज म दया. इसके चलते उसने पये का दावा करते ए मुक दमा दायर कया। असफल नसबंद के कारण च क सीय लापरवाही के लए
लाख पये क तपू त का आदे श दया गया था। वाद क ापना क तारीख से ड टल रा श के भुगतान तक तशत त वष क दर से याज के
साथ।
इस ड के व जला यायाधीश गुड़गांव क अदालत म दो अपील दायर क ग जनका नपटान अ त र यायाधीश ारा कया गया। जला यायाधीश गुड़गांव
एक सामा य नणय दनांक . . ारा। दोन अपील एक ह रयाणा रा य ारा दायर क ग और सरी ीमती ारा। स ा को बखा त कर दया गया. ह रयाणा
रा य ारा दायर सरी अपील को पंज ाब और ह रयाणा उ यायालय ने . . को सरसरी तौर पर खा रज कर दया था।
मामले म दो मुख मु े शा मल ह। एक तो यह क उसका ऑपरेशन करने वाले डॉ टर क ओर से लापरवाही ई य क ऑपरेशन वफल हो गया। इसके अलावा चूं क
ऑपरेशन एक सरकारी अ ताल म आ था इस लए रा य को रोजगार के दौरान अपने नौकर के लापरवाह कृ य के लए परो प से उ रदायी होना चा हए। यह कानून
ह द क हण और भरण पोषण अ ध नयम धारा और से भी संबं धत है। उपरो दावे के लए शा मल स ांत अपने डॉ टर क लापरवाही के लए
रा य का परो दा य व है।
पये के मुआ वजे के दावे के जवाब म. तवाद ारा लाख रा य का बचाव करते ए अ धका रय ने तक दया क ऑपरेशन के समय के वल दा हनी फै लो पयन ूब
का ऑपरेशन कया गया था और बा ूब को अछू ता छोड़ दया गया था। अपीलकता ने यह भी तक दया क डॉ टर क ओर से लापरवाही के कारण रा य परो
प से उ रदायी नह होगा और ब े के भरण पोषण के लए उसे दए गए हजाने का आदे श नह दया जा सकता य क इसम अपकृ य का कोई त व शा मल नह था।
आगे यह अनुरोध कया गया क ीमती। संतरा ने खुद ही एक पाठ वाले कागज पर अपने अंगूठे का नशान लगाया था क अगर ऑपरेशन सफल नह आ तो वह
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कसी भी नुक सान का दावा नह करगे. यह दलील द गई क उसे लापरवाही क दलील दे ने या रा य से असफल नसबंद ऑपरेशन के लए मुआ वजे का दावा करने से
रोका गया था।
जला यायालय ारा पये का मुआ वजा और त वष क याज दर दे क र मामले को खा रज करने के बाद रा य ने फै सले को चुनौती दे ते ए सु ीम कोट
म मुक दमा दायर कया। ऑपरेशन क वफलता और ब े के गभधारण के कारण तवाद ने पये के नुक सान का दावा करते ए मुक दमा दायर कया था। पहले से ही
सात ब े होने के कारण ब े और खुद के भरण पोषण के लए लाख . तवाद ने दावा कया क य द उसने खुद को पूण नसबंद ऑपरेशन के लए पेश कया था
तो दोन फै लो पयन ूब का ऑपरेशन कया जाना चा हए था। ऑपरेशन करने वाले डॉ टर ने बेहद लापरवाही बरती।
इसके अलावा उ ह ने यह भी कहा क चूं क ऑपरेशन एक सरकारी अ ताल म कया गया था और डॉ टर एक सरकारी सेवक था इस लए रा य के सेवक के पम
डॉ टर के कृ य के लए रा य परो प से उ रदायी था।
नणय
रा य दा य व क अनुप त के लए अपीलकता ारा दए गए ीकरण को ायल कोट ने खा रज कर दया था जसम पये क रा श का मुक दमा था।
पडेट लाइट और त वष क दर से भ व य के याज के साथ। अपीलकता यायालय और रा य उ यायालय ारा नणय क पु क गई। ायल कोट और
नचली अपीलीय अदालत दोन ने इस त य के समवत न कष दज कए क ीमती पर नसबंद ऑपरेशन कया गया था। स ा पूण नह था य क उस ऑपरेशन म
के वल दा हनी फै लो पयन ूब का ऑपरेशन कया गया था जब क बा ूब को अछू ता छोड़ दया गया था। अदालत क राय थी क यह ऑपरेशन करने वाले च क सा
अ धकारी क लापरवाही को दशाता है। ीमती असफल ऑपरेशन के बावजूद संतरा को बताया गया क नसबंद ऑपरेशन सफल रहा है और वह भ व य म कसी भी
ब े को ज म नह दे गी। तवा दय ारा उठाई गई रोक क या चका भी खा रज कर द गई। पये क रा श. जो नीचे क अदालत ारा तय कया गया है
ीमती ारा खच क गई रा श का त न ध व करता है। स ा को पये क दर से खच करना होगा। यौवन क आयु तक ब े के पालन पोषण के लए त वष।
उपरो त य को यान म रखते ए अदालत ने कहा क ीमती। सं ा रा य सरकार से पूण मुआ वजे का हकदार था और अपील खा रज कर द गई ले कन लागत के बारे
म कोई आदे श दए बना।
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पूण दा य व और स त दा य व
कु छ तय म कसी को उसके काय से होने वाले नुक सान के लए उ रदायी ठहराया जाता है भले ही काय समानता और याय के आधार पर बना कसी गलत
इरादे या लापरवाही के कए गए ह । उदाहरण के लए य द कोई शेर को पालतू जानवर के प म रखता है और तमाम सावधा नय के बावजूद शेर पजरे से भाग
जाता है और कसी को मार दे ता है। इस मामले म शेर का मा लक उ रदायी होगा भले ही उसका मौत का कारण बनने का कोई गलत इरादा नह था और उसने शेर को
पजरे म रखने के लए सभी सावधा नयां बरती थ । ऐसा सफ इस लए लगता है य क नुक सान सफ इस लए आ य क वह अपनी संप पर एक खतरनाक चीज
लेक र आया था। वह यह भी जानता था क य द शेर पजरे से भाग जाता है तो इसके प रणाम या ह गे इस लए य द वह भाग जाता है और नुक सान प ँचाता है तो उसे
उ रदायी बनाया जाना चा हए।
कसी को उसके कसी भी कार के गलत काय के बना उसके काय के लए उ रदायी ठहराने के इस स ांत को पूण दा य व या बना गलती दा य व का स ांत
कहा जाता है। इस स ांत को पहली बार म वी काउं सल ारा रायलड बनाम लेचर के मामले म बरकरार रखा गया था। हालाँ क बाद म इसके कु छ अपवाद
भी ा पत कए गए जसके कारण स त दा य व को इस स ांत के लए अ धक उपयु नाम माना जाता है। इस मामले म तवाद ने अपनी मल को पानी उपल
कराने के लए अपनी जमीन पर जलाशय बनाने के लए ठे के दार को काम पर रखा। खुदाई करते समय ठे के दार जलाशय ल के नीचे कु छ पुराने अ यु शा ट को
दे ख ने म वफल रहे जो नकटवत भू म पर वाद क खदान तक जाते थे। जब जलाशय म पानी भर गया तो शा ट के मा यम से पानी खदान म भर गया। वाद ने तवाद
पर मुक दमा दायर कया। तवाद ने दलील द क उसका कोई इरादा नह था और चूं क उसे शा ट के बारे म पता नह था इस लए उसने लापरवाही नह क भले ही
ठे के दार लापरवाह थे। फर भी वह
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उ रदायी ठहराया गया. जे लैक बन ने दे ख ा क जब कोई अपने वयं के योजन के लए अपनी संप म ऐसी कोई भी चीज़ लाता है जससे उसके भागने पर
अ न होने क संभावना होती है तो उसे इसे अपने जो खम पर रखना चा हए और य द वह भाग जाता है और नुक सान प ंचाता है तो उसे उ रदायी ठहराया जाना
चा हए। वह यह बचाव कर सकता है क वह चीज़ वाद के कृ य के कारण बच गयी या दै वीय कृ य के कारण बच गयी ले कन चूँ क यहाँ ऐसा कु छ नह आ तो यह पूछना
अनाव यक है क कौन सा बहाना पया त होगा।
जे लैक बन ारा या पत इस नयम म कोट ऑफ ए सचेक र चबर ारा एक और आव यकता जोड़ी गई थी क उपयोग भू म का गैर ाकृ तक उपयोग होना
चा हए जैसा क रायलड बनाम लेचर म ही मामला था। उदाहरण के लए नय मत पेड़ उगाना एक ाकृ तक उपयोग है ले कन जहरीले पेड़ उगाना नह है। कु
को पालतू जानवर के प म रखना एक ाकृ तक उपयोग है ले कन जंगली जानवर को पालना नह है। इस कार यह नयम कब लागू होगा इसक शत ह
• रखी ई व तु खतरनाक होनी चा हए भू म पर रखी ई व तु ऐसी होनी चा हए जसके भागने पर अ न होने क संभावना हो। उदाहरण के लए गैस या
व ोटक या जंगली जानवर का भंडारण करने से उनके भागने पर नुक सान होने क संभावना है।
• दै वीय कृ य ऐसी प र तय म जहां कसी मनु य का नयं ण नह है कसी को उ रदायी नह ठहराया जा सकता है। नको स बनाम मासलड म
तवाद ने वषा जल को सं हत करने के लए कृ म झील बना । उस वशेष वष म असाधारण प से भारी बा रश ई जसके कारण तटबंध टू ट गए जससे बाढ़ आ
गई जससे तवाद के पुल टू ट गए। यह माना गया क चूं क तवाद क ओर से कोई लापरवाही नह ई थी और बाढ़ के वल इतनी भारी बा रश के कारण ई थी
जसक कोई क पना भी नह कर सकता था इस लए तवाद उ रदायी नह था।
• वाद क सहम त य द वाद ने खतरनाक व तु के संचय के लए सहम त द है तो वह तवाद को उ रदायी नह ठहरा सकता। यह तब भी होता है जब
कोई ग त व ध पार रक लाभ के लए क जाती है। उदाहरण के लए A भूतल पर रहता है और तवाद A के ऊपर वाली मं जल पर रहता है। अब तवाद
ारा उन दोन के लए पानी क आपू त के लए एक पानी क टं क का नमाण कया गया है। टक से पानी के रसाव के लए तवाद को ज मेदार नह ठहराया
जाएगा।
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• तीसरे प का काय जब कोई तीसरा प जो तवाद का कमचारी या नौकर या ठे के दार नह है खतरनाक चीज़ को भगाने के लए ज़ मेदार है तो
तवाद को त के लए उ रदायी नह ठहराया जाएगा। बॉ स बनाम जुब म तवाद के जलाशय से अ त वाह कु छ अजन बय ारा नाली को अव करने
के कारण आ था। तवाद को उ रदायी नह ठहराया गया। हालाँ क य द इस तरह के कृ य का पूवाभास कया जा सकता है तो इस बचाव क वकालत नह क जा
सकती य क तवाद को ऐसे कृ य को रोकने के लए सावधानी बरतनी चा हए। एमपी म
बजली बोड बनाम शैल कु मार एआईआर सड़क पर गरे बजली के तार से एक क मौत हो गई।
SC ने स त दा य व का नयम लागू कया और माना क अजनबी के कृ य का बचाव लागू नह होता है य क तार टू टने का अनुमान लगाया जा सकता है और बजली
बोड को तार टू टते ही करंट काट दे ना चा हए था।
•
• वैधा नक ा धकरण जब कसी काय को वधा यका ारा अनुमो दत कया जाता है या वधा यका के नदश पर कया जाता है तो यह अपकृ य क कारवाई
के लए एक वैध बचाव है भले ही रायलड बनाम लेचर के नयम लागू ह ।
हालाँ क लापरवाही होने पर यह लागू नह होता है।
भारत म त
स त दा य व का स ांत भारत म भी लागू है। उदाहरण के लए मोटर वाहन अ ध नयम कोई दोष दा य व नह मानता है। इसी कार रेलवे जैसे सावज नक
वाहक का दा य व भी जमानतदार से बीमाकता तक बढ़ा दया गया है। हालाँ क इस नयम के दायरे म एक वचलन आ है।
त के आधार पर यायालय ारा इसका दायरा बढ़ाया भी गया है और घटाया भी गया है। उदाहरण के लए म ास रेलवे कं पनी बनाम जम दार म कृ ष उ े य
के लए तालाब म एक कया गया पानी बाहर नकल गया और रेलवे ै क और पुल को नुक सान प ंचा। यहाँ इस नयम के योग को तबं धत कर दया गया य क
इस कार जल का सं ह करना भारतीय प र तय म एक आव यकता है और इस लए यह भू म का वाभा वक उपयोग है। वषा जल को सं हत करने क इस व ा
का उपयोग पूरे दे श म स दय से कया जाता रहा है। इस लए तवाद को उ रदायी नह ठहराया गया।
इस संबंध म एक ऐ तहा सक मामला एमसी मेहता बनाम यू नयन ऑफ इं डया एआईआर का मामला था। इस मामले म ीराम फू ड् स एंड फ टलाइजस के उवरक
संयं से ओ लयम गैस लीक हो गई और कई लोग को नुक सान प ंचा और यहां तक क एक वक ल क मौत भी हो गई। इस मामले म रायलड बनाम लेचर का नयम
लागू कया गया था। हालाँ क कं पनी ने बचाव के तौर पर तोड़फोड़ क दलील द । SC ने एक कदम आगे बढ़कर पूण दा य व का नयम लागू कया। इसम पाया गया क
रायलड बनाम लेचर का नयम एक सद पुराना था और मामल का फै सला करने के लए पया त नह था य क इस वष व ान ब त आगे बढ़ चुक ा है। य द टश
कानून ने ग त नह क है तो भारतीय अदालत उनके कानून का पालन करने के लए बा य नह ह और समाज क आव यकता के अनुसार कानून वक सत कर
सकती ह। यह माना गया क जो उ म खतरनाक पदाथ म संल न है उसक आम जनता क सुर ा सु न त करने क पूण ज मेदारी है। यह के वल कं पनी ही है जो
अपनी ग त व धय के प रणाम को जान सकती है और इस लए उसे कसी भी घटना को रोकने के लए सभी कदम उठाने ह गे। य द सभी सावधा नय के बाद भी
घटना होती है तो भी कं पनी को नुक सान के लए पूरी तरह उ रदायी बनाया जाना चा हए। कारण यह है क कं पनी का सामा जक दा य व है क वह उसक ग त व ध से
पी ड़त लोग को मुआ वजा दे । SC ने यह भी कहा क मुआ वजे का माप उ म क प रमाण और मता पर नभर होना चा हए ता क इसका नवारक भाव हो सके ।
मानहा न
मानहा न के त व
मानहा न तब होती है जब तवाद वाद के बारे म और उसके संबंध म कसी तीसरे प को काशन के साथ मानहा नकारक बयान दे ता है। सावज नक सरोकार के
मामल म गलती और म या व क अ त र आव यकताएं होती ह। त को के वल कु छ कार क बदनामी के मामल म सा बत करने क आव यकता होती है अ यथा
त का अनुमान लगाया जाता है।
त या मक आधार के पम ा या क गई उदाहरण के लए के वल कसी को नीच और बुरा कहना आम तौर पर मानहा नकारक बयान नह माना जाएगा ।
. प रवाद काशन काशन के लए वाद तीसरे प के अलावा कसी अ य को मानहा नकारक बयान सुनना या पढ़ना होगा। इरादा कोई कारक नह है काशन तवाद
क लापरवाही से हो सकता है।
सावज नक चता के मामले इसम सावज नक ह तय और अ धका रय उदाहरण के लए स अ भनेता या राजनेता या उन घटना के बारे म नजी ह तय के बारे म अपमानजनक
बयान शा मल हो सकते ह जो सावज नक चता का वषय ह उदाहरण के लए सावज नक दशन म शा मल एक नजी नाग रक । मानहा न के दावे के लए सामा य आव यकताएं
सावज नक चता के मामले ह
• दोष वाद को यह सा बत करना होगा क तवाद ने एक न त तर क गलती के साथ काम कया है। सावज नक ह तय और अ धका रय के लए मानक स य
के त लापरवाह उपे ा है। सावज नक चता वाली घटना के संबंध म नजी आंक ड़ के लए एक साधारण लापरवाही मानक लागू होता है।
मानहा न का बचाव
सहम त मानहा न के सभी मामल म बचाव। य द तवाद के पास मानहा नकारक बयान दे ने क अनुम त है तो वाद वैध दावे का समथन नह कर सकता है।
हा य हा य से संबं धत पहला संशोधन बचाव है य द तवाद यह सा बत कर सकता है क . दशक का मानना है क बयान मजाक म दए गए थे।
. पूण वशेषा धकार ब त सी मत प र तय म लागू होता है। सामा य तौर पर पूण वशेषा धकार य को संभा वत मानहा नकारक बयान के लए दा य व से छू ट दे ता है
या यक कायवाही के दौरान
उ सरकारी अ धका रय ारा
वधायी बहस के दौरान वधायक ारा
राजनी तक सारण या भाषण के दौरान और
प त प नी के बीच.
. यो य वशेषा धकार अ य कार के संचार यो य वशेषा धकार कहलाते ह जसका अथ है क क थत प से मानहा नकारक बयान दे ने वाले के पास वह बयान दे ने का
कु छ अ धकार हो सकता है।
य द कोई यो य वशेषा धकार कसी बयान पर लागू होता है तो इसका मतलब है क मानहा न का मुक दमा करने वाले को यह सा बत करना होगा क मानहा नकारक बयान दे ने वाले
ने आपके रा य के कानून के आधार पर जानबूझ कर लापरवाही से या े ष घृण ा ेष भावना या नाराजगी के साथ काम कया है। .
नयो ा समी ा यो य वशेषा धकार वशेष प से उ लेख नीय है। मानहा न के दाव से बचने के लए कु छ नयो ा इन दन पूव कमचा रय के बारे म उनक रोजगार क
तारीख के अलावा कसी भी ववरण क पु करने से इनकार करते ह। ले कन कु छ कार के नकारा मक बयान यो य वशेषा धकार ेण ी के अंतगत फट हो सकते ह
उदाहरण के लए य द नयो ा ने कमचारी को चोरी के लए नकाल दया है तो संभा वत नयो ा के बारे म एक बयान सर को नुक सान या खतरे के बारे म चेतावनी दे ने
के लए दए गए बयान के प म यो य हो सकता है। यानी कसी ऐसे को काम पर रखने का ख़तरा जो आपसे चोरी कर सकता है ।
े शपूण अ भयोजन
भावनापूण अ भयोजन एक सामा य कानून जानबूझ कर अपकृ य है जब क या के पयोग के अपकृ य क तरह इसके त व म शा मल ह
जानबूझ कर और भावनापूण तरीके से एक कानूनी कारवाई स वल या आपरा धक शु करना और आगे बढ़ाना या शु करना या आगे बढ़ाना जो क है
कु छ यायालय म श द भावनापूण अ भयोजन आपरा धक कायवाही क गलत शु आत को दशाता है जब क या का भावनापूण उपयोग श द नाग रक
कायवाही क गलत शु आत को दशाता है।
आपरा धक मुक दमा चलाने वाले वक ल और यायाधीश को अ भयोजन तर ा और या यक तर ा के स ांत ारा भावनापूण अ भयोजन के लए अपकृ य
दा य व से संर त कया जाता है। इसके अलावा के वल शकायत दज करना या का पयोग नह माना जा सकता। जन प ने या का पयोग या पयोग
कया है वे के वल मुक दमा दायर करने से आगे बढ़ गए ह। कसी अपील को वीकार करना चाहे वह तु ही य न हो या का पयोग माना जाने के लए पया त
नह है। महज कसी मुक दमे को दा खल करना या उसका रखरखाव करना यहां तक क कसी अनु चत उ े य के लए भी या मक कारवाई के पयोग का उ चत
आधार नह है।
शे न अपेल कं पनी बनाम अ बट एंड ओ लकर कै ल के मामले म सवस मत कै लफ़ो नया सु ीम कोट ने भावनापूण अ भयोजन के अ याचार का व तार करने से
इनकार कर दया । डी म कहा गया है हालाँ क तु मुक दमे दायर करना न त प से अनु चत है और इसे कसी भी तरह से माफ नह कया जा
सकता है हमारे वचार म अनु चत मुक दमेबाजी क सम या को संबो धत करने का बेहतर साधन व रत समाधान क सु वधा वाले उपाय को अपनाना है। ारं भक मुक दमे
का और पहली कारवाई के समापन के बाद भावनापूण अ भयोजन मुक दमे के एक या अ धक अ त र दौर शु करने के अवसर के व तार के बजाय उस पहली कारवाई
के भीतर ही तु या वलं बत आचरण के लए तबंध लगाने को अ धकृ त करना।
ले कन इस अपराध का एक अपवाद भी है. भू म या जल पर कसी नजी रा ते म बाधा डालना जसम कोई स ावनापूण वयं को बाधा डालने का वैध अ धकार
मानता है इस धारा के अथ म कोई अपराध नह है।
i गलत तरीके से रोके जाने का अपराध एक जा त है जब क गलत तरीके से रोके जाने का अपराध एक जा त है।
गलत तरीके से कारावास गलत तरीके से रोके जाने का गंभीर प है।
ii गलत तरीके से रोकने के अपराध म अपराधी पी ड़त को कसी वशेष दशा म आगे बढ़ने से रोकता है जस दशा म उसे आगे बढ़ने का अ धकार था। ले कन
गलत कारावास के अपराध म अपराधी पी ड़त को कु छ न त सीमा से आगे बढ़ने से रोकता है जसके लए उसे आगे बढ़ने का अ धकार था।
iii गलत तरीके से रोक लगाने के अपराध म रोक आं शक होती है पी ड़त उस दशा के अलावा कसी अ य दशा क ओर आगे बढ़ सकता है जस दशा म उसे
रोका गया था। ले कन गलत तरीके से कारावास के अपराध म पूरी तरह से रोक लगाने से पी ड़त कसी भी दशा म आगे नह बढ़ सकता है।
iv गलत तरीके से रोका जाना गलत तरीके से रोके जाने क तुलना म अ धक गंभीर अपराध है।
अ तचार
. के त अ तचार
अ तचार तीन कार के होते ह जनम से पहला है के त अ तचार। या इरादा के त अ तचार का एक आव यक त व है यह े ा धकार के अनुसार
भ होता है। अं ेज ी नणय लेटांग बनाम कू पर के तहत कारवाई के कारण वाले के त अ तचार को बनाए रखने के इरादे क आव यकता होती है इरादे के
अभाव म लापरवाही ही उ चत अ याचार है। अ य याय े म घोर लापरवाही के साथ अ त मण को बनाए रखने के लए पया त है
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जैसे क जब कोई तवाद लापरवाही से ऑटोमोबाइल चलाता है और वाद पर ब त जोर से हमला करता है।
कम से ही आशय का अनुमान लगाया जा सकता है। आम तौर पर कसी पर अ त मण म तीन अपकार शा मल होते ह हमला बैटरी और झूठा कारावास।
एक। हमला
व भ सामा य कानून े ा धकार के क़ानून के तहत हमला एक अपराध और अपकृ य दोन है। आम तौर पर कोई आपरा धक हमला करता है य द वह जानबूझ कर
जानबूझ कर या लापरवाही से सरे को शारी रक चोट प ँचाता है य द वह लापरवाही से खतरनाक ह थयार के मा यम से सरे को शारी रक चोट प ँचाता है या य द शारी रक
खतरे के मा यम से वह सरे को आस गंभीर शारी रक चोट के डर म रखता है। एक अ याचारपूण हमला करता है जब वह ऐसी कृ त के कसी भी काय म संल न
होता है जससे बैटरी शारी रक चोट क आशंक ा पैदा होती है । कु छ यायालय म इसक कोई आव यकता नह है क वा त वक शारी रक हसा का प रणाम हो बस
पी ड़त को अवां छत छू ने क धमक हमले के दावे को बनाए रखने के लए पया त है। नतीजतन आर वी कॉ टै ज़ा म अदालत ने पाया क पीछा करने वाले क धम कयाँ
हमले क ेण ी म आ सकती ह। इसी तरह कु छ शत को यान म रखते ए चु पी भी एक हमला हो सकती है। हालाँ क अ य याय े म साधारण धम कयाँ अपया त ह
कारवाई के कारण को गर करने के लए उ ह एक कारवाई या त के साथ होना चा हए।
तवाद क भाषा और कारवाई या वाद क धारणा और वा त वकता क असंग त हमले के दावे को ख़राब कर सकती है। ूबर वले बनाम सैवेज म तवाद अपनी तलवार
तक प ंच गया और वाद से कहा क य द यह समय समय पर आकलन नह होता तो म आपसे ऐसी भाषा नह लेता । इसके अमे रक समक कॉमनवे बनाम आयर म
तवाद च लाया य द आपके सफे द बाल नह होते तो म आपका दल फाड़ दे ता । दोन मामल म अदालत ने माना क धमक भरे इशारे के बावजूद वाद त काल खतरे
म नह थे। कारवाइय से वाद को उ चत अपे ा मलनी चा हए क तवाद हसा का योग करने जा रहा है वाद के सामने उठाई गई मु पया त हो सकती है वही मु
पु लस ू ज़र क खड़क के पीछे नह उठे गी। बी।
बैटरी
बैटरी वाद के या उससे जुड़ी और ावहा रक प से उसके साथ पहचानी जाने वाली कसी भी चीज़ के साथ कोई जानबूझ कर और अ वीकृ त संपक है । बैटरी
सामा य कानून के त व े ा धकार के अनुसार भ भ होते ह। बैटरी के लए दा य व नधा रत करने का एक सामा य नयम एक काय जो य या अ य प से कसी
अय के साथ हा नकारक संपक का कानूनी
कारण है अ भनेता को सरे के त उ रदायी बनाता है य द
ए काय सरे या तीसरे के लए हा नकारक या आप जनक संपक या उसक आशंक ा पैदा करने के इरादे से कया गया है और
. जानबूझ कर कया गया कृ य. या हा नकारक संपक तवाद क सचेत व तु थी या तवाद का इरादा प रणामी हा न प ँचाने का था य प इरादे क
आव यकता रा मंडल बैटरी का एक अ भ अंग बनी ई है कु छ रा मंडल े ा धकार पया त न तता के अमे रक यायशा क ओर बढ़ गए ह। य द तवाद क
त म एक उ चत अपने काय के प रणाम क पया त न तता को समझेगा तो यह मायने नह रखता क तवाद का इरादा चोट प ँचाने का था या नह । .
सी। गैरकानूनी कै द
झूठे कारावास को गैरकानूनी बाधा या आंदोलन क रोकथाम से वतं ता से वं चत करना के प म प रभा षत कया गया है। कु छ याय े म झूठा कारावास स त दा य व
का एक अपकृ य है तवाद क ओर से कसी इरादे क आव यकता नह है ले कन सर को कारावास का कारण बनने के इरादे क आव यकता होती है। हालाँ क शारी रक
बल
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यह एक आव यक त व नह है और कारावास लंबा नह होना चा हए संयम पूण होना चा हए हालाँ क तवाद को वरोध करने क आव यकता नह है।
अ धकार े के आधार पर माता पता या श क ारा ब को शारी रक दं ड दे ना उस के त अपराध का बचाव हो सकता है जब तक क सज़ा कसी ब े को अनुशा सत करने के
लए प र तय के तहत उ चत प से आव यक थी जसने वहार कया है और तवाद ने ववेक का योग कया और संयम । कसी छा क बांह और बाल को हसक तरीके से पकड़ने
जैसी अनु चत सज़ा का कोई बचाव नह है।
बी। सहम त
डे नग एलजे मु क से होने वाली एक सामा य लड़ाई म कसी भी चोट के लए लड़ाक म से कसी के लए कारवाई का कोई कारण नह होता है।
शायद को अ तचार के अपराध के लए सबसे आम बचाव वोलट नॉन फट इंज ु रया है जसका शा दक अथ है इ ुक को कोई चोट नह प ंचाई जाती है ले कन इसे सहम त
वशेषा धकार या सहम त के प म सं त कया गया है। य द कोई वाद कसी खेल ग त व ध म भाग लेता है जसम शारी रक संपक सामा य आचरण है जैसे र बी तो उनक सहम त मानी
जाती है। यह मामला नह है य द शारी रक संपक अपे ा से अ धक हो जैसे क लड़ाई के दौरान हड गन का उपयोग जैसा क एं ेपॉ ट बनाम नै वन म या जहां चोट वाद क खेल म भागीदारी के
कारण नह ब क अपया त होने के कारण लगी थ । सुर ा उपाय कए गए जैसे वाटसन बनाम टश बॉ संग बोड ऑफ कं ोल ल मटे ड म । जहां वाद और तवाद वे ा से लड़ाई म भाग लेने
के लए सहमत होते ह कु छ े ा धकार नाग रक कारवाई म राहत दे ने से इनकार कर दगे जब तक क चोट आनुपा तक ह सामा य तौर पर मु क से लड़ कसी भी चोट के लए लड़ाक म से
कसी के लए कारवाई का कोई कारण नह है । अ य याय े आपसी लड़ाई के बचाव के प म सहम त को मा यता दे ने से इनकार करते ह और इसके बजाय तुलना मक लापरवाही के स ांत के
तहत राहत दान करते ह।
च क सा दे ख भाल पर अ त मण के कई दाव को ज म दे ती है। एक च क सक गैर आपातकालीन प र तय म मान सक प से स म वय क का इलाज करते ए अपने मरीज क पूव
सहम त के बना उ चत प से सजरी करने या अ य च क सा का बंध करने का काय नह कर सकता है । या उसे ऐसा करना चा हए वह उस के त अ तचार करता है और त के लए
उ रदायी है। हालाँ क य द वाद को डॉ टर ारा च क सा या के ापक जो खम के बारे म सू चत कया जाता है तो प रणामी त के लए के खलाफ अ तचार के तहत कोई दावा
नह कया जाएगा वाद का समझौता सू चत सहम त का गठन करता है। ऐसे मामल म जहां मरीज के पास सहम त दे ने क पया त मान सक मता नह है डॉ टर को अ य धक सावधानी
बरतनी चा हए। एफ बनाम वे ट बकशायर हे अथॉ रट म हाउस ऑफ लॉड् स ने टश च क सक को नदश दया क ऐसे पर ऑपरेशन को उ चत ठहराने के लए
जब सहायता ा त के साथ संवाद करना ावहा रक न हो तो कारवाई करना आव यक होना चा हए और क गई कारवाई ऐसी होनी चा हए जो सहायता ा त के
सव म हत म काय करते ए सभी प र तय म एक उ चत करे। ।
सी। आ मर ा सर क र ा संप क र ा
आ मर ा या गैर सहम त वशेषा धकार के खलाफ अ तचार के लए एक वैध बचाव है यह मानते ए क यह उ चत बल का उपयोग है जसे वे ईमानदारी से और उ चत प से मानते ह
क खुद को या कसी और या संप क र ा के लए आव यक है । इ तेमाल कया गया बल खतरे के अनुपात म होना चा हए जैसा क कॉ ॉ ट बनाम मथ म फै सला सुनाया गया था। .
संप म अ त मण
संप म अ तचार जसे माल म अ तचार या नजी संप म अ तचार के प म भी जाना जाता है को गत संप के क जे म जानबूझ कर ह त ेप के कारण चोट लगना के पम
प रभा षत कया गया है। जब क मूल प से नजी संप क आकां ा के लए एक उपाय था अपकृ य का दायरा बढ़कर सरे क नजी संप म कसी भी ह त ेप को शा मल करने लगा। कु छ
याय े म जैसे क यूनाइटे ड कगडम अ त मण
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उपचार के दायरे को प से प रभा षत करने के लए चैटटे स को सं हताब कया गया है अ धकांश याय े म संप म अ त मण पूरी तरह से सामा य कानून उपाय
बना आ है जसका दायरा े ा धकार के अनुसार भ होता है।
आम तौर पर संप म अ त मण के तीन त व होते ह
सहम त का अभाव. संप म ह त ेप गैर सहम तपूण होना चा हए। य द . संप ा त करने म े ता व े ता ारा न त प ंच के लए अनुबंधा मक प से
सहम त दे ता है तो कोई दावा झूठ नह बनता है। अनुबंध ारा अ धकृ त सहम त से अ धक कोई भी उपयोग य द इससे नुक सान होता है तो कारवाई का कारण बनता है।
के वा त वक हा न. संप म ह त ेप के प रणाम व प वा त वक त होनी चा हए। वा त वक . हा न क सीमा े ा धकार के अनुसार भ भ होती है। उदाहरण
लए कै लफ़ो नया म एक इले ॉ नक संदेश को अ तचार माना जा सकता है य द संदेश कं यूटर हाडवेयर के कामकाज म ह त ेप करता है ले कन वाद को यह सा बत करना
होगा क इस ह त ेप के कारण वा त वक हाडवेयर त ई या वा तव म कामकाज ख़राब आ। .
इरादा. ह त ेप जानबूझ कर होना चा हए. इरादे का गठन े ा धकार के अनुसार भ होता है हालां क टॉट् स का पुनकथन सरा इं गत करता है क इरादा तब
मौजूद होता है जब कोई काय कसी संप का उपयोग करने या अ यथा ह त ेप करने के उ े य से कया जाता है या इस ान के साथ क इस तरह के ह त ेप से पया त लाभ
होगा न तता काय का प रणाम और जारी है यह आव यक नह है क अ भनेता को पता होना चा हए या जानने का कारण होना चा हए क इस तरह का ह त ेप सरे के
वा म व अ धकार का उ लंघन है ।
. भू म पर अ त मण
भू म पर अ त मण म वा त वक संप म कसी के वा म व के अ धकार म गलत ह त ेप शा मल है। दावा करने के लए यह सा बत करना आव यक नह है क नुक सान
आ है और इसके बजाय कारवाई यो य है । जब क भू म पर अ धकांश अ त मण जानबूझ कर कए जाते ह टश अदालत ने लापरवाही से कए गए अ त मण के लए
उ रदा य व तय कया है। इसी तरह कु छ अमे रक अदालत अनजाने घुसपैठ के लए के वल तभी उ रदा य व पाएंगी जहां ऐसी घुसपैठ लापरवाही दखाने वाली प र तय म
उ प होती है या अ य धक खतरनाक ग त व ध से जुड़ी होती है। सड़क से सट भू म म अनजाने म वेश करने के अपवाद मौजूद ह जैसे क कार घटना म जैसा क रवर
वेयर क म स बनाम एड सन म है। कु छ याय े म आ नेया जसम गोला बा द के बना कम श वाला हवाई ह थयार शा मल हो सकता है को क जे म रखते ए कया
गया अ त मण सश अ तचार का अ धक गंभीर अपराध माना जाता है।
गढ़
भू म पर अ त मण करने के कई बचाव ह लाइसस कानून ारा औ च य आव यकता और याय तृतीयक। लाइसस भू म के मा लक ारा उस भू म पर रहने के लए द
गई या न हत अनुम त है। ये लाइसस तब तक अप रवतनीय ह जब तक क समझौते म कोई दोष न हो या यह कसी अनुबंध ारा नह दया गया हो। एक बार नर त
होने के बाद य द कोई लाइसस धारक भू म पर रहता है तो वह अ तचारी बन जाता है। कानून ारा औ च य उन तय को संद भत करता है जनम वैधा नक ा धकरण
कसी को भू म पर जाने क अनुम त दे ता है जैसे क इं लड और वे स पु लस और आपरा धक सा य अ ध नयम जो पु लस को गर तारी के उ े य से भू म
म वेश करने क अनुम त दे ता है। या कै लफ़ो नया रा य का सं वधान जो कराने क कान और प मॉल पर वरोध दशन क अनुम त दे ता है भले ही वे टोर
मा लक और संर क के लए सामा य उप व पेश करते ह । जूस टट वह जगह है जहां तवाद यह सा बत कर सकता है क भू म वाद के पास नह है ब क कसी
तीसरे प के पास है जैसा क डो डी काटर बनाम बरनाड म है। य द वाद एक करायेदार है और तवाद एक मकान मा लक है जसके पास वाद को अपना प ा दे ने का
कोई अ धकार नह है उदाहरण के लए एक अवैध अपाटमट कराया एक अन धकृ त सबलेट आ द तो यह बचाव उपल नह है। आव यकता वह त है जसम
अ तचार करना मह वपूण है ए सो पे ो लयम कं पनी बनाम साउथपोट कॉप रेशन म एक जहाज के क तान ने तटरेख ा पर तेल भरने क अनुम त दे क र अ त मण कया।
हालाँ क उसके जहाज और चालक दल क सुर ा के लए यह आव यक था और आव यकता क र ा को वीकार कर लया गया था। हालाँ क आव यकता कसी
तवाद को सरे क संप म वेश करने क अनुम त नह दे ती है जब वैक पक हालां क कम आकषक कारवाई के तरीके मौजूद होते ह।
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इकाई IV लापरवाही
. बु नयाद अवधारणाएँ
लापरवाही के स ांत
. अंशदायी लापरवाही
. लापरवाही क वशेष तयाँ खतरनाक पदाथ और मशीनरी
उ पाद दा य व अं तम अंत रती के त दा य व।
बाधा
. प रभाषा आव यक एवं कार
कावट के काय दे ख ना और कतार का नमाण
लापरवाही
रोजमरा के उपयोग म लापरवाही श द मा लापरवाही को दशाता है। कानूनी अथ म यह दे ख भाल के मानक का पालन करने म वफलता को दशाता है जो कता को एक उ चत
के प म प र तय म करना चा हए था।
सामा य तौर पर दे ख भाल करना एक कानूनी कत है जब यह उ चत प से पूवानुमा नत हो क ऐसा करने म वफलता से चोट लगने क संभावना है। लापरवाही एक ऐसी
वधा है जसम पया त सावधानी न बरतने से कई कार क हा न हो सकती है।
वनफ और जोलो वज़ के अनुसार लापरवाही दे ख भाल करने के कानूनी कत का उ लंघन है जसके प रणाम व प तवाद ारा वाद को अवां छत त होती है।
लथ बनाम ब मघम वॉटर व स कं पनी म एलआर ए सच। ए सन बी. ने लापरवाही को इस कार प रभा षत कया लापरवाही कु छ ऐसा करने से
चूक ना है जो एक उ चत करेगा... या कु छ ऐसा करना जो एक ववेक पूण या उ चत नह करेगा।
लोचगेली आयरन एंड कोल कं पनी बनाम मैक मुलान म एसी लॉड राइट ने कहा लापरवाही का मतलब बना सोचे समझे या लापरवाह आचरण से कह अ धक है
चाहे वह कमीशन म हो या चूक म यह कत उ लंघन और त क ज टल अवधारणा को उ चत प से दशाता है जससे उस को वहन करना पड़ा जस पर कत
बकाया था।
लापरवाही क अ नवायताएँ
लापरवाही क कारवाई म वाद को न न ल खत आव यक बात सा बत करनी ह गी
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. कत कसके त डोनो यू बनाम ट वे सन एसी ने इस वचार को आगे बढ़ाया और कत के दायरे का व तार करते ए कहा क इस कार उठाया
गया कत आपके पड़ोसी तक फै ला आ है। यह समझाते ए क मेरा पड़ोसी कौन है लॉड एट कन ने कहा क इसका उ र यह होना चा हए क वे जो मेरे कृ य
से इतने करीब से और सीधे तौर पर भा वत ह क मुझ े उ चत प से उन पर वचार करना चा हए य क जब म अपने मन को उस ओर नद शत कर रहा ं तो वे इतने
भा वत ह गे। काय या चूक जन पर च लगाया जाता है ।
. कत वाद के त होना चा हए यह पया त नह है क तवाद का दे ख भाल करने का कत है। यह भी ा पत कया जाना चा हए क तवाद का वाद के त
दे ख भाल का कत है।
बोर हल बनाम यंग म एसी वाद एक मछु आरा एक ाम कार से उतरा। जब वह अपनी टोकरी को अपनी पीठ पर रखने म मदद कर रही थी ाम से गुज रने
के बाद एक मोटर साइ कल चालक ाम के सरी तरफ गज क री पर एक मोटर कार से टकरा गया और तुरंत मर गया। वाद न तो मृतक को और न ही घटना को
दे ख सक य क ाम उसके और घटना ल के बीच खड़ी थी। उसने बस ट कर के बारे म सुना था और शव हटने के बाद वह वहां गई तो दे ख ा क सड़क पर खून पड़ा
आ था। नतीजतन उसे घबराहट का झटका लगा और उसने महीने के मृत ब े को ज म दया।
उसने मृत मोटर साइ कल चालक के त न धय पर मुक दमा दायर कया। यह माना गया क मृतक का वाद के त दे ख भाल का कोई कत नह था और इस लए वह
तपू त का दावा नह कर सकती थी।
. दे ख भाल करने के कत का उ लंघन लापरवाही म दा य व के लए एक और आव यक शत यह है क वाद को यह सा बत करना होगा क तवाद ने दे ख भाल करने
के कत का उ लंघन कया है या वह उस कत को नभाने म वफल रहा है।
द ली नगर नगम बनाम सुभगवंती म एआईआर एससी द ली के चांदनी चौक के म य म एक घंटाघर ढह गया जससे कई लोग क मौत हो गई। यह
ढांचा साल पुराना था जब क इसक सामा य आयु साल थी। संरचना का नयं ण रखने वाला द ली नगर नगम दे ख भाल करने म वफल रहा और इस लए
उ रदायी था।
द ली नगर नगम बनाम सुशीला दे वी म एआईआर एससी सड़क से गुज र रहे एक क सर पर सड़क कनारे खड़े पेड़ क टहनी गरने से मौत हो
गई। नगर नगम को ज मेदार ठहराया गया।
. अंशदायी लापरवाही यह सामा य कानून का नयम था क जो कोई भी अपनी लापरवाही से उस चोट म योगदान दे ता है जसक वह शकायत करता है वह इसके
संबंध म सरे के खलाफ कारवाई नह कर सकता है।
य क कानून म उसे अपनी गलती का लेख क माना जाएगा।
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बटरफ बनाम फॉरे टर पूव तवाद ने डब म एक सावज नक सड़क पर एक खंभा लगा दया था जसे करने का उसे कोई अ धकार नह था। वाद
अग त म शाम बजे उस रा ते से जा रहा था जब शाम होने वाली थी ले कन बाधा अभी भी गज क री से दखाई दे रही थी वह हसक तरीके से गाड़ी चला रहा
था खंभे से टकराया और घोड़े स हत गर गया . यह माना गया क वाद तपू त का दावा नह कर सकता य क वह भी लापरवाह था।
. दै वीय या मुख काय यह कृ त का ऐसा य हसक अचानक और अनूठा काय है जसक कसी भी मानवीय रद शता से क पना नह क जा सकती थी या
य द अनुमान लगाया गया था तो कसी भी मानवीय दे ख भाल और कौशल से नह कया जा सकता था। का वरोध कया गया है। जैसे तूफ़ ान असाधारण वषा
असाधारण उ वार भूकं प आ द।
नको स बनाम मासलड म एलआर ए स. तवाद के पास अपनी भू म पर कृ म झील क एक ृंख ला थी जसके नमाण या रखरखाव म कोई
लापरवाही नह ई थी। असाधारण भारी बा रश के कारण कु छ जलाशय फट गए और चार दे शी पुल को बहा ले गए। यह माना गया क तवाद उ रदायी नह था
य क भगवान के काय से पानी बच गया।
. अप रहाय घटना अप रहाय घटना भी लापरवाही के बचाव का काम करती है। एक अप रहाय घटना वह है जसे साधारण दे ख भाल सावधानी और कौशल के
अ यास से संभवतः रोका नह जा सकता है। इसका मतलब है शारी रक प से अप रहाय घटना।
ाउन बनाम कडल म यू सग वाद और तवाद के कु े लड़ रहे थे जब क तवाद उ ह अलग करने क को शश कर रहा था उसने गलती से वाद
क आंख म चोट मार द जो पास म खड़ा था।
वाद को लगी चोट को अप रहाय घटना का प रणाम माना गया और तवाद उ रदायी नह था।
हो स बनाम माथेर म एलआर ए स. एक सावज नक राजमाग पर तवाद के हे ारा घोड़ क एक जोड़ी चलाई जा रही थी। एक कु े के
भ कने से घोड़े ब त तेज ी से भागने लगे। हे ने उ ह नयं त करने क पूरी को शश क ले कन असफल रहा। घोड़ ने वाद को नीचे गरा दया जो गंभीर प से घायल
हो गया इसे एक अप रहाय घटना माना गया और तवाद उ रदायी नह था।
टे नली बनाम पॉवेल म यूबी वाद और तवाद जो एक शू टग पाट के सद य थे तीतर क शू टग के लए गए थे। तवाद ने तीतर पर गोली चलाई
ले कन उसक बं क से नकली गोली एक ओक के पेड़ से टकराई और वाद घायल हो गई। यह माना गया क घटना एक अप रहाय घटना थी और तवाद उ रदायी
नह था।
है ूक बनाम टो स बोस। एक संक री गली म अपने ब से अलग होने के तुरंत बाद एक म हला ने एक लॉरी को तेज ी से संक री गली म भागते दे ख ा। जब कसी दशक
ने बताया क उसके एक ब े के ववरण का उ र दे रहा एक ब ा घायल हो गया है तो उसे घबराहट का झटका लगा जसके प रणाम व प उसक मृ यु हो गई।
तवाद को उ रदायी ठहराया गया।
सहभागी लापरवाही
जब वाद अपनी दे ख भाल क कमी के कारण तवाद क लापरवाही या गलत आचरण के कारण होने वाली त म योगदान दे ता है तो उसे अंशदायी लापरवाही का
दोषी माना जाता है। यह एक बचाव है जसम तवाद को यह सा बत करना होता है क वाद अपनी सुर ा का उ चत यान रखने म वफल रहा और यह नुक सान प ंचाने
वाला कारक था।
ामीण प रवहन सेवा बनाम बेज़ लम बीबी एक खचाखच भरी बस के कं ड टर ने या य को बस क छत पर या ा करने के लए आमं त कया। ाइवर ने इस
बात को नजरअंदाज कर दया क छत पर या ी थे और उसने एक गाड़ी को ओवरटे क करने क को शश क . प रणाम व प एक या ी पेड़ क शाखा से टकरा गया गर
गया घायल हो गया और मर गया। यह माना गया क चालक और प रचालक दोन या य के त लापरवाही बरत रहे थे।
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यो गदर पॉल चौधरी बनाम गादास द ली उ यायालय ने माना है क एक पैदल या ी जो अचानक सड़क पार करने क को शश करता है और एक चलती गाड़ी से
टकरा जाता है वह अंशदायी लापरवाही का दोषी है।
जो स बनाम बॉयस वाद तवाद के कोच का या ी था। कोच इतनी लापरवाही से चलाया गया क वाद घटना के डर से बस से कू द गया और उसका पैर टू ट गया।
यह माना गया क वाद पुन ा त का हकदार होगा।
याम सुंदर बनाम राज ान रा य तवा दय क लापरवाही के कारण उनके एक क म आग लग गई। क जेदार म से एक नवनीतलाल खुद को आग से बचाने के
लए बाहर कू द गया सड़क के कनारे पड़े एक प र से टकरा गया और उसक मौत हो गई। तवा दय को उ रदायी ठहराया गया।
एस. य द कोई जानबूझ कर या लापरवाही से अपने क जे म कसी भी जानवर के साथ ऐसा आदे श लेने से चूक जाता है जो मानव जीवन के लए कसी भी संभा वत
खतरे या ऐसे जानवर से कसी भी संभा वत खतरे या गंभीर चोट से बचाने के लए पया त है तो उसे महीने या टका क सजा द जाएगी। या दोन के साथ.
बाधा
उप व के दावे संप के अ धकार के उ लंघन से संबं धत ह। आम तौर पर उप व के दावे का उपाय त है हालाँ क उन मामल म नषेधा ा राहत उपल है जहां
त को अपया त माना जाता है उदाहरण के लए वषा धुए ं आसपास के समुदाय के लए गंभीर वा य जो खम पैदा कर रहे ह ।
कसी जलधारा को षत करने वाले नमाता पर जुमाना लगाया जा सकता है और उसे सफाई क लागत का भुगतान करने का भी आदे श दया जा सकता है। सावज नक उप व
सावज नक वा य म ह त ेप कर सकते ह जैसे क रोग त जानवर या मले रया के तालाब को रखना। सावज नक सुर ा उप व म सड़क पर आ तशबाजी चलाना व ोटक
का भंडारण करना बना लाइसस के च क सा का अ यास करना या एक खतरनाक कु े को पालना शा मल है। वे यावृ के घर अवैध शराब त ान गे मग हाउस और बना
लाइसस के पुर कार झगड़े उप व के उदाहरण ह जो सावज नक नै तकता म ह त ेप करते ह। कसी राजमाग को बा धत करना या या ा को असुर त या अ य धक अ य बनाने
क त पैदा करना सावज नक सु वधा को खतरे म डालने वाले उप व का उदाहरण है।
सावज नक उप व जनता के साथ एक वग के प म ह त ेप करता है न क के वल एक या नाग रक के समूह के साथ। सावज नक उप व से आहत कसी नजी नाग रक के
लए कोई नाग रक उपचार मौजूद नह है भले ही उसका नुक सान सर को ए नुक सान से अ धक हो आपरा धक मुक दमा ही एकमा उपाय है। हालाँ क य द को ऐसी हा न
होती है जो आम जनता को होने वाली हा न से भ होती है तो त के लए अपकृ य क कारवाई कर सकता है। उदाहरण के लए य द डायनामाइ टग ने सावज नक
राजमाग पर एक बड़ा प र फक दया है तो राजमाग का उपयोग करने वाले लोग असु वधा के लए उप व क कारवाई नह कर सकते। हालाँ क एक मोटर चालक जो बो र से
टकराने से घायल हो जाता है उसे गत चोट के लए दं ड दे ना पड़ सकता है।
कु छ प र तय म कु छ उप व सावज नक और नजी दोन हो सकते ह जहां सावज नक उप व कसी क नकटवत भू म के उपयोग म मह वपूण प से ह त ेप करता है।
उदाहरण के लए कसी नद का षण सावज नक और नजी दोन तरह का उप व हो सकता है। इसे म त उप व के प म जाना जाता है। .
नजी उप व
नजी उप व कसी के आनंद और उसक भू म के उपयोग म ह त ेप है। कानून मानता है क भू वा मय या जनके पास जमीन का सही क जा है उ ह संप क अ ु ण
त और उसके क जे म उ चत आराम और सु वधा का अ धकार है।
नजी उप व के उदाहरण चुर ह। भू म क भौ तक त म ह त ेप करने वाले उप व म कं पन या व ोट शा मल है जो घर को नुक सान प ंचाता है फसल का वनाश जल
तर को ऊपर उठाना या म जलधारा या भू मगत जल आपू त का षण। कसी नवासी के आराम सु वधा या वा य म ह त ेप करने वाले उप व के उदाहरण गध
हा नकारक गैस धुआ ं धूल तेज आवाज अ य धक रोशनी या उ तापमान ह। इसके अलावा कोई उप व भी रहने वाले क मान सक शां त को परेशान कर सकता है जैसे क एक
पड़ोसी जो एक खतरनाक कु ा पालता है भले ही चोट लगने क के वल धमक द गई हो और वा तव म चोट नह लगी हो।
एक आकषक उप व कसी क भू म पर ब को लुभाने क संभावना वाला खतरा है। उदाहरण के लए जस क संप पर पूल है उसका ब को संभा वत चोट
से बचाने के लए बाड़ लगाने जैसी उ चत सावधानी बरतने का कानूनी दा य व है।
कभी कभी अ तचार को उप व समझ लया जाता है ले कन दोन अलग अलग ह। अ त मण क कारवाई कसी के भू म पर वशेष क जे के अ धकार पर आ मण से र ा
करती है। य द कोई जम दार अपने पड़ोसी क सीमा रेख ा के पार एक पेड़ गरा दे ता है तो उसने अ तचार कया है य द उसका कु ा पूरी रात भ ककर पड़ोसी को जगाए रखता है
तो वह उप व के लए ज मेदार हो सकती है।
दोष दोष
का अथ है क तवाद ने जानबूझ कर लापरवाही से या लापरवाही से वाद के उपयोग और भू म के आनंद म ह त ेप कया या क तवाद ने वाद के हत को वा त वक नुक सान
या भ व य म नुक सान के पया त जो खम के बारे म जानने के बाद भी अपना आचरण जारी रखा। उदाहरण के लए एक तवाद जो यह जानने के बाद भी हवा म रसायन का
छड़काव जारी रखता है क वे वाद क भू म पर उड़ रहे ह यह माना जाता है क वह उस प रणाम का इरादा रखता है। जहां यह आरोप लगाया जाता है क तवाद ने कसी क़ानून
का उ लंघन कया है क़ानून के त व को सा बत करने से दोष ा पत हो जाएगा।
सामा य संवेदनशीलता और वभाव वाला समुदाय का एक सामा य सद य। कु ल मलाकर वाद ऐसा नह कर सकता
अपनी भू म का असामा य प से संवेदनशील उपयोग करना तवाद के आचरण से परेशानी पैदा करना
अ यथा अपे ाकृ त हा नर हत रह।
• हा न क कृ त
गढ़
एक तवाद यह तक दे क र दा य व से नह बच सकता क अ य लोग भी नुक सान म योगदान दे रहे ह नुक सान होगा
तवाद के दोष के ह से के अनुसार वभा जत कया जाएगा। इसके अलावा एक तवाद वहां भी उ रदायी है जहां वह है
सर के काय के बना उसके काय से कोई उप व नह होता।
तवाद कभी कभी यह तक दे ते ह क एक वाद पहले से ही खुली भू म के बगल वाली भू म पर जाकर उप व म आ गया
ह त ेप के ोत को मटाना। नया मा लक अपने लैन के उ चत उपयोग और आनंद का हकदार है
डी कसी अ य के समान ही है ले कन डी क तकसंगतता नधा रत करने म तक पर वचार कया जा सकता है
तवाद का आचरण. इसका नुक सान के नधारण पर भी भाव पड़ सकता है य क खरीद मू य पर असर पड़ सकता है
उप व के अ त व को त ब बत कया।
उपचार
उपभो ा संर ण
अ ध नयम
सार
मह वपूण प रभाषाएँ
धारा डी उपभो ा.
धारा सी शकायत।
धारा ए उपयु योगशाला।
धारा ई उपभो ा ववाद।
धारा एफ दोष.
धारा जी कमी।
धारा एच जला फोरम।
धारा i माल.
धारा ओ सेवा।
सीमा अव ध धारा ए । कारवाई के कारण क तारीख से उपभो ा दो साल क अव ध के भीतर उ चत उपभो ा फोरम के सम शकायत दज कर
सकता है।
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तु शकायत को खा रज करना धारा लागत पये से अ धक नह होगी जैसा क आदे श म न द कया जा सकता है।
प रचय
उपभो ा संर ण अ ध नयम उपभो ा के ववाद के नपटारे और उससे जुड़े मामल के लए उपभो ा प रषद और अ य ा धकरण क ापना का ावधान करने
के लए अ ध नय मत कया गया है। वा तव म इस मह वपूण अ ध नयम को लागू करने का मूल उ े य उन उपभो ा को स ता और व रत उपचार दान करना है जो अ
तरह से संग ठत और बाजार पर राज करने वाले ापा रय क तुलना म नुक सानदे ह त म ह।
उपभो ा संर ण अ ध नयम ज मू और क मीर रा य को छोड़कर पूरे भारत म लागू है और क सरकार ारा अ यथा प से दान कए जाने के अलावा यह
अ ध नयम सभी व तु और सेवा पर लागू होगा चाहे वे कसी भी ोत से आए ह । यह सावज नक नजी सहकारी या सरकारी है धारा । यह अ ध नयम . .
को लागू आ
अ ध नयम के उ े य
अ ध नयम के उ े य इस कार ह
. उपभो ा के हत क बेहतर सुर ा। यह अ ध नयम उपभो ा के हत क बेहतर सुर ा दान करना चाहता है। उस उ े य के लए अ ध नयम उपभो ा
ववाद के नपटारे और उससे जुड़े मामल के लए उपभो ा प रषद और अ य ा धकरण क ापना का ावधान करता है।
उपभो ा के अ धकार का संर ण. अ ध नयम अ य बात के साथ साथ को बढ़ावा दे ने और सुर ा दान करने का यास करता है अ धकार
. उपभो ा का जैसे
ए जीवन और संप के लए खतरनाक व तु या सेवा के वपणन के खलाफ सुर ा का अ धकार
बी व तु या सेवा क गुण व ा मा ा मता शु ता मानक और क मत के बारे म सू चत होने का अ धकार ता क उपभो ा को अनु चत ापार था से
बचाया जा सके
जहां भी संभव हो त ध क मत पर व तु और सेवा तक प ंच सु न त करने का अ धकार
ग सुने जाने और आ त होने का अ धकार क उपभो ा के हत पर उ चत यान दया जाएगा
घ उपयु मंच
यह है अनु चत ापार था या तबंधा मक ापार था या उपभो ा के बेईमान शोषण के खलाफ नवारण मांगने का अ धकार और
एफ उपभो ा श ा का अ धकार.
. उपभो ा संर ण प रषद। उपरो उ े य को क और रा य तर पर ा पत उपभो ा संर ण प रषद ारा चा रत और संर त करने क मांग क गई है।
. उपभो ा ववाद के शी नवारण के लए अध या यक तं । यह अ ध नयम उपभो ा ववाद का व रत और सरल समाधान दान करना चाहता है। इस योजन
के लए जला रा य और क तर पर एक अध या यक तं ा पत कया गया है।
मह वपूण प रभाषाएँ
शकायतकता सेक .
शकायतकता का अथ है
i एक उपभो ा या
ii कं पनी अ ध नयम का के तहत पंज ीकृ त कोई भी वै क उपभो ा संघ। या उस समय लागू कसी अ य कानून के तहत या
शकायत अनुभाग. सी
शकायत का अथ कसी शकायत ारा ल खत प म कया गया कोई भी आरोप है क
i कसी ापारी ारा अनु चत ापार वहार या तबंधा मक ापार वहार अपनाया गया है या सेवा दाता
ii उसके ारा खरीदा गया सामान या उसके ारा खरीदने के लए सहम त क गई एक या अ धक दोष से त
iii उसके ारा कराए पर ली गई या ली गई या कराए पर ली गई या ली जाने वाली सेवा म कसी भी तरह क कमी है
iv कसी ापारी या सेवा दाता ने शकायत म उ ल खत सामान या सेवा के लए ए कसी भी समय लागू कानून ारा या उसके तहत तय क गई क मत से अ धक क मत
ली है बी पर द शत क गई है सामान या ऐसा कोई पैके ज जसम ऐसा सामान हो सी उसके ारा द शत मू य सूची पर द शत हो डी पा टय के बीच सहम त हो।
v ऐसे सामान जो उपयोग कए जाने पर जीवन और सुर ा के लए खतरनाक ह गे उ ह वतमान म लागू कसी भी कानून का उ लंघन करके जनता को ब के लए पेश
कया जा रहा है।
vi ऐसी सेवाएँ जो खतरनाक ह या उपयोग कए जाने पर जनता के जीवन और सुर ा के लए खतरनाक होने क संभावना है
उपभो ा अनुभाग. डी
उपभो ा का अथ कोई भी है जो
म व तु का उपभो ा कसी भी सामान को ऐसे तफल के लए खरीदता है जसका भुगतान कया गया है या वादा कया गया है या आं शक प से भुगतान कया
गया है और आं शक प से वादा कया गया है या आ गत भुगतान क कसी णाली के तहत और इसम उस के अलावा ऐसे सामान का कोई भी उपयोगकता शा मल
है जो भुगतान या वादा कए गए तफल के लए ऐसा सामान खरीदता है या आं शक प से भुगतान कया गया या आं शक प से वादा कया गया या आ गत भुगतान
क कसी भी णाली के तहत जब ऐसा उपयोग ऐसे क मंज ूरी के साथ कया जाता है ले कन इसम वह शा मल नह है जो पुन व य या कसी वा ण यक उ े य
के लए ऐसा सामान ा त करता है या ii सेवा का उपभो ा कसी भी सेवा को ऐसे तफल के लए कराये पर लेता है या उसका लाभ उठाता है जसका भुगतान कया
गया हो या वादा कया गया हो या आं शक प से भुगतान कया गया हो और आं शक प से वादा कया गया हो या आ गत भुगतान क कसी णाली के तहत और इसम
कराए पर लेने वाले के अलावा ऐसी सेवा का कोई भी लाभाथ शा मल है या भुगतान कए गए या वादा कए गए या आं शक प से भुगतान कए गए और आं शक
प से वादा कए गए या आ गत भुगतान क कसी भी णाली के तहत सेवा का लाभ उठाया जाता है जब ऐसी सेवा का लाभ पहले उ ले खत क मंज ूरी से
लया जाता है
दोष धारा एफ
दोष का अथ गुण व ा मा ा मता शु ता या मानक म कोई दोष अपूण ता या कमी है जसे कसी भी कानून के तहत या कसी अनुबंध के तहत या न हत या जैसा
क दावा कया गया है बनाए रखने क आव यकता है। ापारी ारा कसी भी सामान के संबंध म कसी भी तरह से
व नमाण का अथ वह है जो
i कोई सामान या उसके ह से बनाता या व न मत करता है या
ii कसी भी सामान का नमाण या व नमाण नह करता है ब क सरे ारा न मत या व न मत उसके ह स को जोड़ता है या iii कसी अ य व नमाता ारा न मत या
व न मत
कसी सामान पर अपना च लगाता है या लगवाता है।
अनुभाग एम
म शा मल ह
i कोई फम चाहे पंज ीकृ त हो या नह
ii एक ह अ वभा जत प रवार
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iii एक सहकारी स म त
iv य का येक अ य संघ चाहे सोसायट पंज ीकरण अ ध नयम के तहत पंज ीकृ त हो।
एक उपभो ा क साम ी
• लेन दे न एक तफल के लए होना चा हए उपभो ा वह होना चा हए जसने सामान खरीदा हो या तफल के लए सेवा को कराये पर
लया हो या उनका लाभ उठाया हो। वचार धन या व तु या सेवा के आदान दान के संदभ म हो सकता है। तफल का भुगतान कया जा सकता है या वादा
कया जा सकता है या इसम वलं बत भुगतान शा मल हो सकता है जैसे कराया खरीद या े डट ब ।
उपभो ा के उदाहरण बक ाहक टे लीफोन ाहक बजली के उपभो ा एक रेल या ी अ ताल म एक मरीज एक जमाकता भूख ंड घर के
आवंटनकता बीमाधारक के नामां कत नजी उपभोग के लए सामान खरीदने वाला वशेष प से सामान खरीदने वाला वरोजगार के मा यम से
आजी वका कमाने के लए सभी उपभो ा ह।
वे जो उपभो ा नह ह
• एक मरीज सरकारी अ ताल म इलाज करा रहा है।
• एक वक ल का मुव कल.
• एक छा एक नजी ूटर क सेवाएं ले रहा है।
• एक जो पुन व य या ावसा यक उ े य के लए सामान ा त करता है जैसे टै सी खरीदने वाला वा ण यक उ पादन के लए
उपयोग के लए कसी कं पनी ारा जनरेटर क खरीद।
• एक करायेदार।
• पुन व य के लए शेयर और डबचर का े ता।
• एक सरकारी नौकर.
• कोई बना वचार कए सामान या सेवाएँ खरीद रहा है।
• एक जो गत सेवा के अनुबंध के तहत सेवाएँ ा त करता है।
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प रचय उपभो ा संर ण अ ध नयम का उ े य उपभो ा के हत क बेहतर सुर ा दान करना और उपभो ा के ववाद और उससे जुड़े कसी
भी मामले का नपटारा करना है उपभो ा के हत क र ा के लए भी अ ध नयम म ावधान कए गए ह। व तु क खरीद के साथ साथ सेवा के तपादन
दोन से संबं धत अनु चत ापार थाएँ।
धारा आर के अनुसार अनु चत ापार वहार श द का वही अथ होगा जो एका धकार और तबंधा मक ापार वहार अ ध नयम क धारा
ए म है। यह माल क खरीद या तपादन दोन के संबंध म हो सकता है सेवा का. ऐसा तब होता है जब कोई ापार कसी सामान क ब आपू त या
उपयोग को बढ़ावा दे ने या कसी सेवा के ावधान के लए कोई अनु चत तरीका या ामक वहार अपनाता है। न न ल खत छह े णय क था को अनु चत
ापार थाएँ घो षत कया गया है।
• इसम कसी भी पुन न मत सेक ड हड पुन न मत या पुन न मत सामान को नए के प म गलत तरीके से तुत करना भी शा मल हो सकता है।
• ायोजन अनुमोदन आ द के बारे म गलत त न ध व करना। उदाहरण कसी काय म म वेश चाहने वाले उ मीदवार को
शै णक सं ान क असंब ता के बारे म जानकारी नह द गई थी। अले जडर एजुके शनल फाउं डेशन बनाम च शेख रन सीपीजे
पां डचेरी ।
तीय.
क य उपभो ा संर ण प रषद
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. यह जले के भीतर ऐसे समय और ान पर बैठक करेगा जैसा क अ य ारा तय कया गया है और ऐसी या का पालन करेगा जो रा य सरकार
ारा नधा रत क जा सकती है।
. येक जला प रषद का उ े य जले के भीतर अ धकार को बढ़ावा दे ना और उनक र ा करना होगा
उपभो ा को जैसा क अ ध नयम क धारा म नधा रत कया गया है। धारा बी संशोधन ारा डाला गया ।
प रचय उपभो ा
संर ण का उ े य उपभो ा को बेहतर सुर ा दान करना है। इस उ े य को सुर त करने के लए अ ध नयम का उ े य उपभो ा क शकायत का
सरल व रत और स ता समाधान दान करना है।
इस योजन के लए अ ध नयम जला रा य और रा ीय तर पर तरीय अध या यक मशीनरी क ापना का ावधान करता है। व भ तर पर तीन उपभो ा
ववाद नवारण एज सयां इस कार ह
एज सय क ापना
जला मंच
जला फोरम उपभो ा संर ण अ ध नयम क धारा ए के तहत जले म ा पत उपभो ा ववाद नवारण फोरम का सं त नाम है यह जला तर पर उपभो ा क
शकायत से नपटने के लए नवारण एजसी है।
. जला फोरम के सद य क नयु अ य और सद य क नयु रा य सरकार ारा चयन स म त क सफा रश पर क जाएगी जसम ए रा य आयोग के अ य
बी स चव कानून शा मल ह गे। रा य का वभाग और सी स चव रा य म उपभो ा मामल से नपटने वाले वभाग का भारी।
. सद य क अयो यताएँ
ए य द उसे कसी ऐसे पद के लए दोषी ठहराया गया है और कारावास क सजा सुनाई गई है जसम रा य सरकार क राय म नै तक अधमता शा मल है या य द
वह कम आरोप वाला दवा लया है या
बी
सीमा पये से बढ़ा द गई है. उपभो ा संर ण संशोधन अ ध नयम ारा लाख
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शकायत ा त पर या धारा
जला फोरम को अनुभाग म उ ल खत या का पालन करना होगा। इसे इस कार सं ेप म तुत कया जा सकता है I.
वपरीत प को शकायत का संदभ जब भी जला फोरम को कसी सामान से संबं धत शकायत ा त होती है तो उसे शकायत क एक त वपरीत प को
भेज नी चा हए। इसे शकायत मलने के दन के भीतर दे ना होगा. हालाँ क इसे दन से अ धक क अव ध के लए बढ़ाया जा सकता है।
वपरीत प ारा इनकार या ववाद पर जब वपरीत प शकायत ा त होने पर II. शकायत म न हत आरोप को अ वीकार ववा दत करता है या जला
फोरम ारा दए गए समय के भीतर कोई कारवाई करने म वफल रहता है फोरम न न ल खत तरीके से उपभो ा ववाद को नपटाने के लए आगे बढ़े गा
बेचे गए या वत रत कए गए कसी भी सामान या दान क गई कसी भी सेवा के संबंध म एक शकायत जला फोरम म दायर क जा सकती है
. व तु सेवा का उपभो ा .
कोई भी मा यता ा त उपभो ा संघ।
. क या रा य सरकार
इस धारा के योजन के लए मा यता ा त उपभो ा संघ का अथ कं पनी अ ध नयम या उस समय लागू कसी अ य कानून धारा के तहत पंज ीकृ त कोई भी
वै क उपभो ा संघ है।
जला मंच क श
न न ल खत मामले के संबंध म मुक दमा टाइप करते समय जला फोरम के पास वही श होगी जो स वल या सं हता के तहत स वल कोट म न हत है
अथात् .
कसी भी तवाद या गवाह को बुलाना और उसक उप त सु न त करना और शपथ पर गवाह क जांच करना।
. कसी गवाह क जांच के लए कोई कमीशन जारी करना और कोई अ य मामला जो नधा रत कया जा
. सकता है।
जला फोरम के सम येक कायवाही को धारा के अथ के अंतगत या यक कायवाही माना जाएगा। भारतीय दं ड सं हता क धारा और और जला फोरम
को धारा के योजन के लए एक स वल यायालय माना जाएगा। और आपरा धक या सं हता का अ याय XXVI।
अपील धारा जला फोरम ारा दए गए आदे श से थत कोई भी आदे श क तारीख से दन क अव ध के भीतर ऐसे आदे श के खलाफ रा य आयोग म
अपील कर सकता है। रा य आयोग दन क इस अव ध क समा त के बाद अपील पर वचार कर सकता है य द वह संतु है क उस अव ध के भीतर अपील दायर न
करने का पया त कारण था। ले कन कसी क कोई अपील जसे जला फोरम के आदे श के तहत कसी भी रा श का भुगतान करने क आव यकता होती है रा य
आयोग ारा तब तक वचार नह कया जाएगा जब तक क अपीलकता ने नधा रत तरीके से उस रा श का तशत या पये जमा नह कर दया हो। जो भी
कम हो।
रा य आयोग
रा य आयोग उपभो ा संर ण अ ध नयम क धारा बी धारा पी के तहत रा य म ा पत उपभो ा ववाद नवारण आयोग को दया गया सं त
नाम है। यह रा य तर पर उपभो ा क शकायत से नपटने के लए नवारण एजसी है।
. रा य आयोग के सद य क नयु
रा प त क नयु रा य सरकार ारा रा य के उ यायालय के मु य यायाधीश के परामश के बाद क जाएगी। और अ य सद य क नयु रा य सरकार
ारा चयन स म त क सफा रश पर क जाएगी जसम शा मल ह ए
. रा य आयोग का े ा धकार
ए आ थक े ा धकार रा य आयोग के पास उन शकायत पर वचार करने का अ धकार े है जहां दावा क गई व तु या सेवा और मुआ वजे का मू य
य द कोई हो लाख पये से अ धक है ले कन एक करोड़ पये से अ धक नह है।
बी अपीलीय े ा धकार जला फोरम ारा दए गए आदे श से थत कोई भी आदे श क तारीख से दन क अव ध के भीतर रा य आयोग म
अपील कर सकता है।
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. अपील धारा. रा य आयोग ारा दए गए आदे श से थत कोई भी आदे श क तारीख से दन क अव ध के भीतर ऐसे आदे श के
खलाफ रा ीय आयोग म अपील कर सकता है। रा ीय आयोग दन क इस अव ध क समा त के बाद अपील पर वचार कर सकता है य द वह संतु
है क उस अव ध के भीतर अपील दायर न करने का पया त कारण था। ले कन कसी क कोई अपील जसे रा य आयोग के आदे श के तहत कसी
भी रा श का भुगतान करने क आव यकता होती है रा ीय आयोग ारा तब तक वचार नह कया जाएगा जब तक क अपीलकता ने नधा रत तरीके से
उस रा श का तशत या पये जमा नह कर दया हो। जो भी कम हो.
रा ीय
रा ीय आयोग
आयोग
रा ीय आयोग उपभो ा संर ण अ ध नयम क धारा सी के तहत दे श म ा पत रा ीय उपभो ा ववाद नवारण आयोग को दया गया सं त नाम
है।
. रा ीय आयोग का े ा धकार
ए आ थक े ा धकार रा ीय आयोग के पास उन शकायत पर वचार करने का अ धकार े है जहां व तु या सेवा का मू य और मुआ वजा य द कोई दावा कया
गया है करोड़ पये से अ धक है। उपभो ा संर ण संशोधन अ ध नयम से पहले रा ीय आयोग के पास वह े ा धकार था जहां इस दावे का मू य
बीस लाख पये से अ धक था।
अपील धारा रा ीय आयोग ारा दए गए आदे श से थत कोई भी आदे श क तारीख से दन क अव ध के भीतर ऐसे आदे श के खलाफ सव यायालय
म अपील कर सकता है। सव यायालय दन क इस अव ध क समा त के बाद अपील पर वचार कर सकता है य द वह संतु है क उस अव ध के भीतर अपील दायर
न करने का पया त कारण था। ले कन कसी ऐसे क कोई अपील जसे रा ीय आयोग के आदे श के तहत कसी भी रा श का भुगतान करने क आव यकता होती है
सव यायालय ारा तब तक वचार नह कया जाएगा जब तक क अपीलकता ने नधा रत तरीके से उस रा श का तशत या पये जमा नह कर दया हो।
जो भी कम हो.
अ य ावधान इस कार ह
आदे श क अं तमता धारा जला फोरम रा य आयोग और रा ीय आयोग का येक आदे श य द इस अ ध नयम के ावधान के तहत ऐसे आदे श के खलाफ कोई
अपील नह क गई है अं तम होगा।
तु या परेशान करने वाली शकायत को खा रज करना धारा जहां तीन म से कसी भी फोरम के सम दज क गई शकायत तु या परेशान करने वाली पाई जाती है
वह शकायत को खा रज कर दे गा और आदे श दे गा क शकायतकता वपरीत प को इस तरह क लागत का भुगतान करेगा। पये से अ धक नह . जैसा क न द
कया जा सकता है
आदे श।
शकायत दज करने क सीमा येक उपभो ा कारवाई के कारण क तारीख से साल क अव ध के भीतर जो क ववाद क तारीख से है उ चत फोरम के सम शकायत
दज करने का हकदार है ।
प रचय
मोटर वाहन अ ध नयम ने सड़क प रवहन को व नय मत करने वाले व भ कानून को समे कत और तकसंगत बनाया। यह अ ध नयम जुलाई से लागू
आ।
एमवी अ ध नयम के लागू होने के बाद सरकार को वतमान अ ध नयम के कु छ ावधान के संचालन के कारण होने वाली असु वधा के संबंध म रा य सरकार प रवहन
ऑपरेटर और जनता के सद य से कई अ यावेदन और सुझ ाव ा त ए। . इस लए अ ध नयम क जांच और समी ा करने के लए माच म सरकार ारा एक
समी ा स म त का गठन कया गया था।
समी ा स म त ने अपनी सफा रश म एमके कु हमोह मद बनाम पीए अहमद कु एससीसी मामले म अपने फै सले म सु ीम कोट ारा दए गए सुझ ाव
को भी शा मल कया।
यह मोटर घटना के प रणाम व प मृ यु और ायी वकलांगता के संबंध म दे य मुआ वजे क सीमा को बढ़ाने से संबं धत है घटना म शा मल क ओर से गलती का
कोई सबूत नह होने क त म और हट एंड रन मोटर घटना म भी। और घटना म शा मल वाहन क ेण ी या कार के आधार पर मुआ वजे का भुगतान करने के लए
बीमाकता के दा य व म कु छ असमानता को र करना।
कु ल मलाकर अ ध नयम का पूरा उ े य सावज नक ान पर होने वाली मोटर वाहन घटना के कारण जनता क मृ यु या वकलांगता के मामले म पया त मुआ वजा दान
करना है। यह एमवी घटना के सभी मामल से नपटने के लए एक वशेष याया धकरण का ावधान करता है जसे एमवी याया धकरण कहा जाता है।
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एक अ धकार जो अ यथा कसी अपकृ यकता के व त के लए सामा य कानून के तहत उपल था उसे शी या व रत प रणाम और उपचार के लए मोटर वाहन अ ध नयम
म शा मल कया गया था। सुर कौर बनाम
धरम सह आकाशवाणी द ली .
मोटर वाहन घटना म मृ यु या चोट के मामल म भी अ ध नयम क धारा के तहत मुआ वजे का दावा कया जा सकता है। यह अ ध नयम उन चोट के मामल म भी लागू
होता है जनके कारण मृ यु नह होती है और संप को नुक सान होने पर भी धारा ।
अ ध नयम का मु य उ े य स वल मुक दमे के बजाय व रत उपचार दान करना है जैसा क घातक घटना अ ध नयम के तहत आव यक है। घातक घटना अ ध नयम इस
अथ म संक ण है क यह के वल मृतक के कु छ आ त को मुआ वजे का ावधान करता है और करता है जब तक मृ यु न हो तब तक लागू न कर। पा टय के दा य व का जो
लॉ ऑफ टॉट् स ारा शा सत था अ ध नयम से अ भा वत है।
इस अ ध नयम के तहत त के उपाय के स ांत के अनुसार रा श का नधारण कया जाना है जैसा क याया धकरण को तीत होता है क इस ापक ववेक को र करने के
लए कु छ नयम बनाए गए ह वे ह
. मुआ वज़े क रा श उ चत होनी चा हए और संयम के साथ ली जानी चा हए।
. तुलनीय मामल म पुर कार के त स मान कया जाना चा हए।
. द जाने वाली रा श काफ हद तक म यम होनी चा हए।
के स लॉ वनोद कु मार ीवा तव बनाम म ा वोहरा एआईआर एमपी ।
मुआ वज़े नुक सान क रा श तय करते समय याया धकरण को अलग अलग शीष के तहत दए गए आ थक और गैर आ थक नुक सान का पता लगाना और नधा रत करना चा हए।
शेख पुरा ांसपोट कं पनी बनाम एससी
एनआईट इं योरस कं पनी एआईआर एससी के बाद बाबू सह बनाम चंपा दे वी एआईआर सभी।
माना गया क मोटर वाहन अ ध नयम क धारा और एमवी अ ध नयम क धारा के तहत मुआ वजा तय करने के लए सामा य स ांत यह है क आ त
को होने वाले नुक सान और लाभ का संतुलन सु न त कया जाना चा हए।
घटना
एमवीए ट म घटना श द को प रभा षत नह कया गया है। इस लए घटना श द को लोक य और सामा य अथ म एक ऐसी अ य घटना को दशाने के प म समझा जाना
चा हए जो अपे त या डज़ाइन नह क गई है। घटना श द को भारतीय दं ड सं हता क धारा के तहत प रभा षत कया गया है। इसके अनुसार कु छ भी ऐसा अपराध
नह है जो घटना या भा य से कया जाता है और कसी कानूनी काय को करने म कसी आपरा धक इरादे या जानकारी के बना कया जाता है। व धस मत तरीक से और उ चत
दे ख भाल और सावधानी के साथ।
घटना श द क उ प लै टन श द ए सीडेरे से ई है जसका अथ है गरना पर गरना घ टत होना संयोग। ुप शा ीय अथ म जो कु छ भी घ टत होता है उसे घटना कहा
जा सकता है। इस अथ म श द को एक संयोग एक मौका एक घटना एक घटना या एक घटना के प म प रभा षत कया गया है।
घटना के कार
घटना कई कार क होती है. उनम से कु छ इस कार ह अप रहाय घटनाएँ अप रहाय घटना
वह है जसे सामा य दे ख भाल सावधानी और कौशल के अ यास से संभवतः रोका नह जा सकता है। इसका मतलब है शारी रक प से अप रहाय घटना।
सर े ड रक पोलक के अनुसार अप रहाय घटना वह घटना है जसे एक उ चत के प म ऐसी कसी भी सावधानी से टाला नह जा सकता है ऐसा काय करने से तब और
वहाँ लेने क उ मीद क जा सकती है ।
अप रहाय घटना के गठन के लए यह आव यक है क घटना को साधारण कौशल एवं प र म से टाला न जा सके । ये अप रहाय घटनाएँ ह. ये दो वग के हो सकते ह अथात्
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सी ए ट ऑफ गॉड यह बचाव एक कार क अप रहाय घटना है। य द ाकृ तक श यां काम कर रही ह और घटना ऐसी है जसका यथो चत अनुमान नह लगाया जा सकता था
और उससे बचाव नह कया जा सकता था तो ई र के कृ य का बचाव उपल है। वषा तूफ़ ान वार भाटा या वालामुख ी व ोट जैसी ाकृ तक श य का काय होना चा हए।
डी घातक घटना घातक घटनाएँ ब त गंभीर घटनाएँ होती ह जनम त का माप आ थक त होती है और मृ यु के प रणाम व प येक आ त को भुगतना पड़ता है। इन
मामल म तवाद जो उस दे ख भाल और नेह से वं चत ह जो मृतक अपने पालन पोषण के लए सम पत कर रहा था उ ह मुआ वजा दया जाना चा हए।
सावज नक ल
धारा के अनुसार सावज नक ान का अथ है एक सड़क सड़क रा ता या अ य ान चाहे वह मु य माग हो या नह जस तक जनता को प ंच का अ धकार है और इसम कोई भी
ान या टड शा मल है जहां से या य को उठाया जाता है या टे ज कै रज ारा ा पत कया गया।
. म एक संशोधन के मा यम से खतरनाक या खतरनाक सामान ले जाने वाले या ले जाने वाले वाहन से संबं धत इस ावधान को सावज नक दे यता बीमा अ ध नयम के
तहत बीमा कया जाना चा हए।
. अ नवाय तृतीय प बीमा से संबं धत धारा के उप खंड के ावधान क रा य सरकार के वा म व वाले और कसी भी वा ण यक उ म से असंब सरकारी उ े य के
लए उपयोग कए जाने वाले कसी भी वाहन पर लागू नह ह गे।
. बना बीमा वाला वाहन चलाना या चलाने क अनुम त दे ना भी धारा के तहत दं डनीय अपराध है।
पॉ लसी म जो खम शा मल होना चा हए .
वाहन म ले जाए गए सामान के मा लक या उसके अ धकृ त त न ध स हत कसी भी क मृ यु या शारी रक चोट के संबंध म उसके ारा उठाए गए कसी भी दा य व के
खलाफ या
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कसी सावज नक ान पर मोटर वाहन के कारण या उससे उ प होने वाली तीसरे प क कसी भी संप को त।
उदाहरण एक नजी वाहक जो आरट ओ के साथ पंज ीकृ त है का उपयोग कराए या इनाम के लए कसी भी या ी या सामान को ले जाने के लए नह कया जा
सकता है बीमाकता का कोई दा य व नह है।
बीमाकता कसके त उ रदायी है बीमाकता का दा य व के वल वाहन के मा लक के त है जसके नाम पर एमवी पंज ीकृ त है। अ ध नयम क धारा म मा लक को
प रभा षत कया गया है और यह इस कार है
मा लक का अथ है वह जसके नाम पर एक मोटर वाहन पंज ीकृ त है और जहां ऐसा नाबा लग है ऐसे नाबा लग का संर क और मोटर वाहन के संबंध म जो
कराया खरीद समझौते या प े के समझौते या बंधक समझौते का वषय है उस समझौते म वाहन का क ज़ा रखने वाला ।
ाइवर के पास कोई वैध लाइसस नह जब घटना करने वाले ाइवर के पास कोई वैध लाइसस नह था तो यू इं डया ए योरस कं पनी। ल मटे ड बनाम. कमला एआईआर
एससी सु ीम कोट ने पहले ही माना है क बीमा कं पनी। पहले मुआ वजा दे ने और फर वाहन के मा लक से मुआ वजा वसूलने के लए उ रदायी है। नेशनल
इं योरस कं पनी म SC के इस फै सले का पालन कया गया है. वी एस. कां त दे वी एआईआर एससी ।
वाहन का उपयोग होना चा हए अ ध नयम सावज नक ान पर वाहन के उपयोग से होने वाली त के लए दा य व का ावधान करता है। इस लए त के समय इसका
उपयोग अव य कया जाना चा हए इसम ऐसे मामले भी शा मल ह जब वाहन पाक कया गया हो या उसक बैटरी नकाल ली गई हो।
सावज नक ान पर वाहन का उपयोग बीमाकता के दा य व क यह एक अ नवाय शत है क सावज नक ान पर वाहन के उपयोग से त होनी चा हए।
अ ध नयम क धारा के अनुसार सावज नक ान का अथ है एक सड़क गली रा ता या अ य ान चाहे वह कराया हो या न हो जस तक जनता को प ंचने का
अ धकार है और इसम कोई भी ान या टड शा मल है जहां से या य को उठाया जाता है। या टे ज कै रज के पास बैठ गये। सावज नक साधन तक प ंच का अ धकार
बना कसी बाधा के अ धकार के प म या अनुम त लेने क आव यकता के पम
ओवरलोडेड वाहन ऑटो र ा को टै सी के प म या ी ले जाने के लए पंज ीकृ त कया गया बीमा कं पनी। इस आधार पर क वह ओवरलोड था दा य व से बच नह
सकता। ट आर पुरीकु बनाम के रल रा य सड़क प रवहन नगम।
एआईआर एनओसी के रल ।
मुआ वजे के हकदार य क े णयां अ ध नयम क धारा म उन य क े णय का उ लेख है जनके त बीमाकता उ रदायी है। बीमाकता मृ यु शारी रक
त स हत कसी भी के संबंध म भुगतान करने के लए उ रदायी है
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वाहन म ले जाए गए सामान का मा लक या उसका अ धकृ त त न ध या कसी तीसरे प क संप को नुक सान। से
अनाव यक या ी का दा य व तीसरे प के जो खम को कवर करने वाली बीमा पॉ लसी म कसी भी कार या वग के वाहन म अनाव यक या ी को बाहर करने क आव यकता
नह है।
गलती के बना दा य व
. धारा के तहत दा य व घटना और बीमा सु वधा क सं या म वृ के साथ बना गलती के दा य व क ओर हाल ही म झान बढ़ा है ता क कसी
नद ष पी ड़त को उपचार के बना नह छोड़ा जा सके य क येक को अपने क सुर ा और संर ा का अ धकार है चाहे वह कु छ भी हो। मोटर
वाहन क गलती या लापरवाही या लापरवाही या कु शल काय णाली का।
मोटर वाहन अ ध नयम क धारा म ावधान है क जहां मोटर वाहन या मोटर वाहन के उपयोग से उ प घटना से कसी क मृ यु या ायी
वकलांगता होती है तो मा लक या मा लक संयु प से या गंभीर प से मुआ वजे का भुगतान करने के लए उ रदायी ह गे। ऐसी मृ यु या अपंगता से. मुआ वज़े
क रकम लाख पए तय क गई है. से मृ यु के मामले म . वकलांगता क तम .
धारा कोई नया अ धकार या दा य व नह बनाती। यह अ ध नयम के सामा य ावधान ारा न मत कृ त या अंत रम राहत और दा य व के ह से म एक
लाभकारी ावधान है। य द वाहन का बीमा है तो बीमाकता को धारा के तहत पा रत पुर कार को पूरा करने के दा य व से मु नह कया जा सकता है।
धारा के तहत मुआ वजे के कसी भी दावे म दावा कया गया है क यह ा पत करने के लए पुनज वत नह कया जाएगा क जस मृ यु या वकलांगता के
संबंध म मुआ वजे का दावा कया गया है वह वाहन के मा लक या कसी अ य के कसी गलत काय उपे ा या डफ़ॉ ट के कारण था। कसी अ य कानून के तहत
मुआ वजे के लए मृत या वकलांग या पी ड़त के दावे को धारा के तहत पुनज वत मुआ वजे के कारण परा जत नह कया जाएगा ले कन कसी अ य
कानून के तहत मुआ वजे क रा श धारा के तहत दे य रा श से कम कर द जाएगी। या अ ध नयम क धारा के तहत।
धारा जहां धारा और ए दोन म मुआ वजा दे य है ज मेदार को पहले धारा के तहत भुगतान करना होगा और य द धारा के तहत
मुआ वजा धारा के तहत दे य से अ धक है तो उसे शेष रा श का भुगतान करना होगा।
. धारा धारा पर नभर है यह धारा हट एंड रन के स धारा ए संरचना मक सू के तहत मुआ वजा या धारा गलती दा य व से वतं
है।
हट एंड रन मोटर घटना के मामले म मुआ वजे के लए वशेष ावधान एमवी अ ध नयम क धारा से हट एंड रन मोटर घटना के मामल
म मुआ वजे का ावधान करती है यानी ऐसे मामले जनम घटना का कारण बनने वाले मोटर वाहन या वाहन क पहचान क जाती है पता नह लगाया जा सकता.
धारा भारत के जीआईसी को दान करती है और भारत म सामा य बीमा वसाय करने वाली बीमा कं प नयां हट एंड रन मोटर घटना के प रणाम व प
मृ यु या गंभीर चोट के मामल म मुआ वजा दान करगी। मृ यु मुआ वजा रा श पये क रा श तय क गई। और गंभीर चोट के लए नधा रत रा श .
.
धारा के तहत बशत क य द मुआ वजा या मुआ वजे के दावे के लए उ रदायी अ य रा श का भुगतान मोटर वाहन अ ध नयम या कसी अ य कानून
क कसी अ य धारा के तहत कया जाता है। धारा के तहत भुगतान क गई रा श बीमाकता को वापस कर द जाएगी।
यू एस क य सरकार दान करती है या अ धकार दे ती है। जीआईसी ारा इस योजना को कस कार शा सत कया जाएगा यह न द करते ए एक
योजना बनाना
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इस अ ध नयम क उपधारा के तहत कसी के लए धारा ए दावे म यह दलील दे ने या ा पत करने क आव यकता नह होगी क मृ यु या ायी
वकलांगता वाहन के मा लक या कसी के गलत काय या उपे ा या डफ़ॉ ट के कारण थी। अ य । यह बना गलती के भी दा य व है। उप धारा म ावधान
है क क य सरकार जीवन यापन क लागत को यान म रखते ए। समय समय पर आ धका रक राजप म अ धसूचना ारा काय म दान कर सकता है।
इस नए ावधान को लागू करने का उ े य पी ड़त को तुरंत राहत दे ना था य क धारा के तहत चलने वाले मुक दमे म कई साल लग जाते ह जससे कभी
कभी पी ड़त या उसके आ त का जीवन दयनीय हो जाता है और याय का मजाक बन जाता है।
. धारा बी का संशोधन अ ध नयम ावधान करता है क जहां कोई धारा के साथ साथ धारा ए के तहत मुआ वजे का दावा करने का
हकदार है वह कसी एक धारा के तहत दावा दायर करेगा दोन के तहत नह ।
. धारा के तहत कया गया दावा कसी भी दावे के अ त र है जो उस समय लागू कसी भी कानून धारा के तहत कया जा सकता है। धारा एम
ऐसा कोई ावधान नह है।
. धारा ए के तहत मुआ वजा सरी अनुसूची म दए गए संर चत सू के अनुसार नधा रत कया जाता है ले कन धारा के तहत मुआ वजा एक न त रा श है।
. धारा ए के तहत दए गए मुआ वजे क रा श को कसी अ य कायवाही म बदला या बदला नह जा सकता है। इसम धारा और के वपरीत उ
मुआ वजे के व मुज रा दे ने का कोई ावधान नह है।
यह रा य सरकार का कत है. ऐसे े के लए जसे अ धसू चत कया जा सकता है आ धका रक राजप म अ धसूचना के मा यम से एक या अ धक मोटर घटना दावा
याया धकरण क ापना या गठन करना।
इसम रा य सरकार जतनी सं या म सद य ह गे। जहां दो या दो से अ धक सद य ह वहां नयु करना उ चत समझ सकते ह उनम से एक अ य के प म काय करेगा जो
एचसी या डीएस का यायाधीश रहा हो ।
याया धकरण ारा नणय के मामले धारा के अनुसार दावा याया धकरण का गठन मुआ वजे के दाव पर नणय दे ने के उ े य से कया जाता है
सी। दोन ।
दावा याया धकरण के पास मोटर वाहन के उपयोग से घटना होने पर मुआ वजे के दाव पर वचार करने का अ धकार े है। वाहन का उपयोग सावज नक ान या नजी
ान पर हो सकता है सावज नक ान पर धारा के तहत बीमाकता का दा य व ।
दावेदार के वक प पर दावा याया धकरण का े ा धकार मुआ वजे के लए येक आवेदन दावेदार के वक प पर उस दावा याया धकरण को कया जाएगा जसका उस े
पर अ धकार े है जसम घटना ई है या उस याया धकरण को जसके अ धकार े म दावेदार रहता है या करता है। वसाय या तवाद रहता है. धारा .
आवेदन क समय सीमा से पहले आवेदन क समय सीमा घटना क तारीख से महीने थी ले कन म समय सीमा का ावधान हटा दया गया है।
मुआ वज़े क रा श का नधारण याया धकरण को पी ड़त को दए जाने वाले मुआ वज़े क रा श तय करनी होगी जो क ई चोट के अनुपात म होनी चा हए।
सु ीम कोट ने गोबा मोटर स वस ल मटे ड बनाम आरएमके वेलु वानी म रपोट म इस पर व तार से चचा क है सु ीम कोट ने डे वस बनाम पॉवेल ड न
एसो सएट् स ल मटे ड म हाउस ऑफ लॉड् स के फै सले का उ लेख कया है।
एसी .
याज का पुर कार धारा याया धकरण के ववेक के अनुसार दावा आवेदन क त थ से साधारण याज क दर से याज दया जा सकता है।