You are on page 1of 4

॥ नील सरस्वती स्तोत्र ॥

घोररूपे महारावे सर्वशत्रभ


ु यङ्करि।
भक्तेभ्यो वरदे दे वि त्राहि मां शरणागतम ्। ॥1॥
हिंदी अर्थ – भयानक रूपवाली, घोर निनाद करनेवाली, सभी शत्रओ
ु ं को भयभीत
करनेवाली तथा भक्तों को वर प्रदान करनेवाली हे दे वि ! आप मझ
ु शरणागत की रक्षा
करें ।
ॐ सरु ासरु ार्चिते दे वि सिद्धगन्धर्वसेविते।
जाड्यपापहरे दे वि त्राहि मां शरणागतम ्। ॥2॥
हिंदी अर्थ – दे व तथा दानवों के द्वारा पजि
ू त, सिद्धों तथा गन्धर्वों के द्वारा सेवित
और जड़ता तथा पाप को हरनेवाली हे दे वि ! आप मझ
ु शरणागत की रक्षा करें ।
जटाजट
ू समायक्
ु ते लोलजिह्वान्तकारिणि।
द्रत
ु बद्
ु धिकरे दे वि त्राहि मां शरणागतम ्। ॥3॥
हिंदी अर्थ – जटाजट
ू से सश
ु ोभित, चंचल जिह्वा को अंदर की ओर करनेवाली, बद्
ु धि
को तीक्ष्ण बनानेवाली हे दे वि ! आप मझ
ु शरणागत की रक्षा करें ।
सौम्यक्रोधधरे रुपे चण्डरूपे नमोऽस्तु ते।
सष्टि
ृ रुपे नमस्तभ्
ु यं त्राहि मां शरणागतम ्। ॥4॥
हिंदी अर्थ – सौम्य क्रोध धारण करनेवाली, उत्तम विग्रहवाली, प्रचण्ड स्वरूपवाली हे दे वि
! आपको नमस्कार है । हे सष्टि
ृ स्वरुपिणि ! आपको नमस्कार है , मझ
ु शरणागत की
रक्षा करें ।
जडानां जडतां हन्ति भक्तानां भक्तवत्सला।
मढ़
ू तां हर मे दे वि त्राहि मां शरणागतम ्। ॥5॥
हिंदी अर्थ – आप मर्खों
ू की मर्ख
ू ता का नाश करती हैं और भक्तों के लिये भक्तवत्सला
हैं। हे दे वि ! आप मेरी मढ़
ू ता को हरें और मझ
ु शरणागत की रक्षा करें ।

वं ह्रूं ह्रूं कामये दे वि बलिहोमप्रिये नमः।


उग्रतारे नमो नित्यं त्राहि मां शरणागतम ्। ॥6॥
हिंदी अर्थ – वं ह्रूं ह्रूं बीजमन्त्रस्वरूपिणी हे दे वि ! मैं आपके दर्शन की कामना करता हूँ।
बलि तथा होम से प्रसन्न होनेवाली हे दे वि ! आपको नमस्कार है । उग्र आपदाओं से
तारनेवाली हे उग्रतारे ! आपको नित्य नमस्कार है , आप मझ
ु शरणागत की रक्षा करें ।
बद्
ु धिं दे हि यशो दे हि कवित्वं दे हि दे हि मे।
मढ़
ू त्वं च हरे द्दे वि त्राहि मां शरणागतम ्। ॥7॥
हिंदी अर्थ – हे दे वि ! आप मझ
ु े बद्
ु धि दें , कीर्ति दें , कवित्वशक्ति दें और मेरी मढ़
ू ता का
नाश करें । आप मझ
ु शरणागत की रक्षा करें ।
इन्द्रादिविलसद्द्वन्द्ववन्दिते करुणामयि।
तारे ताराधिनाथास्ये त्राहि मां शरणागतम ्। ॥8॥
हिंदी अर्थ – इन्द्र आदि के द्वारा वन्दित शोभायक्
ु त चरणयग
ु ल वाली, करुणा से
परिपर्ण
ू , चन्द्रमा के समान मख
ु मण्डलवाली और जगत को तारनेवाली हे भगवती तारा
! आप मझ
ु शरणागत की रक्षा करें ।
अष्टम्यां च चतर्द
ु श्यां नवम्यां यः पठे न्नरः।
षण्मासैः सिद्धिमाप्नोति नात्र कार्या विचारणा। ॥9॥
हिंदी अर्थ – जो मनष्ु य अष्टमी, नवमी तथा चतर्द
ु शी तिथि को इस स्तोत्र का पाठ
करता है , वह छः महीने में सिद्धि प्राप्त कर लेता है , इसमें संदेह नहीं करना चाहिए।
मोक्षार्थी लभते मोक्षं धनार्थी लभते धनम ्।
विद्यार्थी लभते विद्यां तर्क व्याकरणादिकम ्। ॥10॥
हिंदी अर्थ – इसका पाठ करने से मोक्ष की कामना करनेवाला मोक्ष प्राप्त कर लेता है ,
धन चाहनेवाला धन पा जाता है और विद्या चाहनेवाला विद्या तथा तर्क – व्याकरण
आदि का ज्ञान प्राप्त कर लेता है ।
इदं स्तोत्रं पठे द्यस्तु सततं श्रद्धयाऽन्वितः।
तस्य शत्रःु क्षयं याति महाप्रज्ञा प्रजायते। ॥11॥
हिंदी अर्थ – जो मनष्ु य भक्तिपरायण होकर सतत इस स्तोत्र का पाठ करता है , उसके
शत्रु का नाश हो जाता है और उसमें महान बद्
ु धि का उदय हो जाता है ।
पीडायां वापि संग्रामे जाड्ये दाने तथा भये।
य इदं पठति स्तोत्रं शभ
ु ं तस्य न संशयः। ॥12॥
हिंदी अर्थ – जो व्यक्ति विपत्ति में , संग्राम में , मर्ख
ू त्व की दशा में , दान के समय तथा
भय की स्थिति में इस स्तोत्र को पढ़ता है , उसका कल्याण हो जाता है , इसमें संदेह नहीं
है ।
इति प्रणम्य स्तत्ु वा च योनिमद्र
ु ां प्रदर्शयेत ्। ॥13॥
हिंदी अर्थ – इस प्रकार स्तति
ु करने के अनन्तर दे वी को प्रणाम करके उन्हें योनिमद्र
ु ा
दिखानी चाहिए।
॥ नील सरस्वती स्तोत्र सम्पर्ण
ू ॥

You might also like