ु यङ्करि। भक्तेभ्यो वरदे दे वि त्राहि मां शरणागतम ्। ॥1॥ हिंदी अर्थ – भयानक रूपवाली, घोर निनाद करनेवाली, सभी शत्रओ ु ं को भयभीत करनेवाली तथा भक्तों को वर प्रदान करनेवाली हे दे वि ! आप मझ ु शरणागत की रक्षा करें । ॐ सरु ासरु ार्चिते दे वि सिद्धगन्धर्वसेविते। जाड्यपापहरे दे वि त्राहि मां शरणागतम ्। ॥2॥ हिंदी अर्थ – दे व तथा दानवों के द्वारा पजि ू त, सिद्धों तथा गन्धर्वों के द्वारा सेवित और जड़ता तथा पाप को हरनेवाली हे दे वि ! आप मझ ु शरणागत की रक्षा करें । जटाजट ू समायक् ु ते लोलजिह्वान्तकारिणि। द्रत ु बद् ु धिकरे दे वि त्राहि मां शरणागतम ्। ॥3॥ हिंदी अर्थ – जटाजट ू से सश ु ोभित, चंचल जिह्वा को अंदर की ओर करनेवाली, बद् ु धि को तीक्ष्ण बनानेवाली हे दे वि ! आप मझ ु शरणागत की रक्षा करें । सौम्यक्रोधधरे रुपे चण्डरूपे नमोऽस्तु ते। सष्टि ृ रुपे नमस्तभ् ु यं त्राहि मां शरणागतम ्। ॥4॥ हिंदी अर्थ – सौम्य क्रोध धारण करनेवाली, उत्तम विग्रहवाली, प्रचण्ड स्वरूपवाली हे दे वि ! आपको नमस्कार है । हे सष्टि ृ स्वरुपिणि ! आपको नमस्कार है , मझ ु शरणागत की रक्षा करें । जडानां जडतां हन्ति भक्तानां भक्तवत्सला। मढ़ ू तां हर मे दे वि त्राहि मां शरणागतम ्। ॥5॥ हिंदी अर्थ – आप मर्खों ू की मर्ख ू ता का नाश करती हैं और भक्तों के लिये भक्तवत्सला हैं। हे दे वि ! आप मेरी मढ़ ू ता को हरें और मझ ु शरणागत की रक्षा करें ।
वं ह्रूं ह्रूं कामये दे वि बलिहोमप्रिये नमः।
उग्रतारे नमो नित्यं त्राहि मां शरणागतम ्। ॥6॥ हिंदी अर्थ – वं ह्रूं ह्रूं बीजमन्त्रस्वरूपिणी हे दे वि ! मैं आपके दर्शन की कामना करता हूँ। बलि तथा होम से प्रसन्न होनेवाली हे दे वि ! आपको नमस्कार है । उग्र आपदाओं से तारनेवाली हे उग्रतारे ! आपको नित्य नमस्कार है , आप मझ ु शरणागत की रक्षा करें । बद् ु धिं दे हि यशो दे हि कवित्वं दे हि दे हि मे। मढ़ ू त्वं च हरे द्दे वि त्राहि मां शरणागतम ्। ॥7॥ हिंदी अर्थ – हे दे वि ! आप मझ ु े बद् ु धि दें , कीर्ति दें , कवित्वशक्ति दें और मेरी मढ़ ू ता का नाश करें । आप मझ ु शरणागत की रक्षा करें । इन्द्रादिविलसद्द्वन्द्ववन्दिते करुणामयि। तारे ताराधिनाथास्ये त्राहि मां शरणागतम ्। ॥8॥ हिंदी अर्थ – इन्द्र आदि के द्वारा वन्दित शोभायक् ु त चरणयग ु ल वाली, करुणा से परिपर्ण ू , चन्द्रमा के समान मख ु मण्डलवाली और जगत को तारनेवाली हे भगवती तारा ! आप मझ ु शरणागत की रक्षा करें । अष्टम्यां च चतर्द ु श्यां नवम्यां यः पठे न्नरः। षण्मासैः सिद्धिमाप्नोति नात्र कार्या विचारणा। ॥9॥ हिंदी अर्थ – जो मनष्ु य अष्टमी, नवमी तथा चतर्द ु शी तिथि को इस स्तोत्र का पाठ करता है , वह छः महीने में सिद्धि प्राप्त कर लेता है , इसमें संदेह नहीं करना चाहिए। मोक्षार्थी लभते मोक्षं धनार्थी लभते धनम ्। विद्यार्थी लभते विद्यां तर्क व्याकरणादिकम ्। ॥10॥ हिंदी अर्थ – इसका पाठ करने से मोक्ष की कामना करनेवाला मोक्ष प्राप्त कर लेता है , धन चाहनेवाला धन पा जाता है और विद्या चाहनेवाला विद्या तथा तर्क – व्याकरण आदि का ज्ञान प्राप्त कर लेता है । इदं स्तोत्रं पठे द्यस्तु सततं श्रद्धयाऽन्वितः। तस्य शत्रःु क्षयं याति महाप्रज्ञा प्रजायते। ॥11॥ हिंदी अर्थ – जो मनष्ु य भक्तिपरायण होकर सतत इस स्तोत्र का पाठ करता है , उसके शत्रु का नाश हो जाता है और उसमें महान बद् ु धि का उदय हो जाता है । पीडायां वापि संग्रामे जाड्ये दाने तथा भये। य इदं पठति स्तोत्रं शभ ु ं तस्य न संशयः। ॥12॥ हिंदी अर्थ – जो व्यक्ति विपत्ति में , संग्राम में , मर्ख ू त्व की दशा में , दान के समय तथा भय की स्थिति में इस स्तोत्र को पढ़ता है , उसका कल्याण हो जाता है , इसमें संदेह नहीं है । इति प्रणम्य स्तत्ु वा च योनिमद्र ु ां प्रदर्शयेत ्। ॥13॥ हिंदी अर्थ – इस प्रकार स्तति ु करने के अनन्तर दे वी को प्रणाम करके उन्हें योनिमद्र ु ा दिखानी चाहिए। ॥ नील सरस्वती स्तोत्र सम्पर्ण ू ॥