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BA (P) VI GE NaimGhalib
BA (P) VI GE NaimGhalib
. .
ग़ा लब क द ली
एक बेशम संशोधनवाद नज़र
दो लोक य पक रा फ
रसेल के लए
संशो धत। मूल प से कोलं बया व व ालय यूयॉक म उ कॉलर शप इन ांसनेशनल पसपे टव
स मेलन म तुत कया गया सतंबर बेर ।
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•ट ए यू एस
त न ध के प म संद भत कया गया है और द ली को मुग़ल शहर के प म अनुभव कया गया है जो पहले अपने पुराने गौरव म
सं त प से शानदार था। के भारतीय व ोह के बाद अं ेज ारा इसे न कर दया गया या ायी प से बदल दया गया। ग़ा लब
थी जो बुझ ने से पहले वाभा वक प से अपनी पुरानी चमक म चमक उठ थी। अ े के लए। यह पेपर इन दो पक और उनके भाव
पर करीब से नज़र डालता है। हालाँ क यह के वल जोर क मौ लकता का दावा करता है जैसा क शीषक म दशाया गया है य क इतने सारे
व ान के लए इसका या मह व है यह ज द ही हो जाएगा।
सीएम एन •
•ट ए यू एस
अपने त ख़ ए इ ला मयाने ह द म शकु उ लाह ने लखा यह नयम है क जब द पक बुझ ने वाला होता है तो उसक
ब ी लौ अचानक भड़क उठती है। इसी तरह जब तैमूरी शासन का द पक बुझ ने वाला था तो उसने इतनी रोशनी द और
इतना पुनज वत हो गया क उसे ढूं ढना मु कल हो गया। हम यान दे ना चा हए क Ÿak u lL h के लए या था जैसी
एक और घटना यह। तैमू रद शासन का द पक नी mµ और अ य लोग के लए द ली क मोमब ी बन गया
वा तव म द ली क आ खरी और अं तम मोमब ी।
बुझ ने वाली आ खरी बची ई मोमब ी क बदली ई छ व न के वल अं तमता और वनाश को उजागर करने म
असं द ध थी ब क साथ ही यह ब त ढ़ता से दशाती थी क उ ीसव शता द के पहले भाग क द ली म जीवन उन
दन से मौ लक प से भ नह था। महान मुगल के बारे म क यह कसी नई चीज से नह ब क पछली तीन
शता दय म जली भीड़ क आ खरी बची ई मोमब ी से रोशन आ था और व ोह के बाद ही एक ां तकारी और
ापक प रवतन आ। का. इस श शाली कोण क ापकता को ऋ ष एल खैर जैसे लोक य और
वपुल लेख क के लेख न म दे ख ा जा सकता है ज ह ने नौबत ए पंज रज़ा या द लक खर बहर द लखा था । फाइव
डे लोरी या द ली का अं तम वसंत वाजा मुअ मद शाफ ज ह ने द ली का संभाल द ला ट रकवरी ऑफ डे ही
लखा और वाजा हसन नी एम ज ह ने इस वषय पर कई छोट कताब सम पत क इसके अलावा उस समय और
उसके बाद के उनके अनुक रणकता क सं या ज ह ने द ली म मुगल राजवंश के अं तम दन को एक ाचीन हंस
गीत के प म मनाया
जैसा क त वुर अहमद अलाव म उ त कया गया है शौक़ सावनी और इं तक़ाद लाहौर
मज लस ए तार क़ए अदब पी. .
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सीएम एन •
भारत म मु लम मुग़ल सं कृ त। भारत म रा वाद के उदय के साथ जनता के मन म न के वल लाल कले के अं तम क जेदार क
एक खद और बहा र छ व वक सत ई ब क यह व ास भी वक सत आ क उसका दरबार वा तव म व ोह से पहले
द ली म ब त जीवंत सामा जक और बौ क जीवन म मायने रखता था। का और यह क के वल व ोह क वफलता
ने जीवन और वचार के उस तरीके और उसके शाही ोत को समा त कर दया।
द ण ए शया म आधु नक मु लम इ तहासलेख न के णेता मुह मद हबीब ने कहा भारत के सभी शहर म द ली सबसे
गौरवशाली और सबसे भा यपूण भी है।
मुअ मद इकराम मौज ए कौसर द ली मकतबा ए ज मया सरा सरे सं करण का पुनमु ण पी। .
•ट ए यू एस
पूव पृ. .
Narayani Gupta Delhi Between Two Empires Delhi Oxford University Pr. p. .
ीयर पृ. . न संदेह शाह आलम को ब सर म हार के बाद इलाहाबाद म टश सुर ा और व ीय सहायता का
सीएम एन •
राजा का वा षक भ ा सबसे पहले सध h ia ारा म तेरह लाख . म लयन पये तय कया गया था ले कन बाद
वेले ले ारा पये नधा रत कया गया था। त माह और पूरा अनुदान साढ़े यारह लाख त वष।
ीयर पृ. .
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•ट ए यू एस
पीटर हाड ग़ा लब एंड द टश ग़ा लब म द पोएट एंड हज़ एज सं करण। रा फ रसेल लंदन एलन एंड अन वन पीपी.
ीयर पृ. .
गु ता पृ. .
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सीएम एन •
•ट ए यू एस
सीएम एन •
अथात् सट जे स चच कनल जे स कनर ारा शहर के अंदर बनाया गया और मपव कया गया। धमातरण के भी
उदाहरण थे जनम कम से कम तीन मुख मामले शा मल थे डॉ. च मन लाल के मामले जो टश च क सा सेवा म थे
और स ाट क सेवा म भी शा मल थे
राम च . हालाँ क मशन का पूरा भाव ब त बाद म महसूस कया गया जब पूरे उ र भारत म ईसाई मौल वय और
मु लम उलेमा के बीच तीखी नोकझ क और सावज नक बहस दे ख ी ग यह ोफे सर एनीमेरी शमेल क ओर से एक मा
अटकल से अ धक हो सकता है क शाह वलू के दो छोटे बेट ारा कु रान का पहला उ अनुवाद ईसाई मशन रय क अनुवाद
ग त व धय के जवाब म हो सकता है।
Qidv µ पृ. सीएफ एं यूज दे हली के ज़का उ लाह लाहौर यू नवसल बु स पुनमु ण
पी। . कसी को नाउर अहमद के कई उप यास म कई ब त सकारा मक ईसाई मशनरी श सयत क मौजूदगी
पर भी यान दे ना चा हए।
संयोगवश ग़ा लब का ईसाई मशन रय के साथ कोई लेन दे न होने क सूचना नह है।
•ट ए यू एस
सीधे अपने धम ंथ से जुड़ और ऐसी ही इ ा बाद म उनके बेट क भी रही होगी। यह मु ा और अ धक अ वेषण का पा है।
धम के अनुसार ह मु लम और ईसाई।
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एं यूज पृ. .
Qidv µ पृ. .
•ट ए यू एस
इसका एक कारण उस समय भारतीय इ लाम म ोटे टट भावना क कमी रही होगी। वह भावना
या उसके जैसा कु छ मेरी अ ायी राय म उ ीसव सद के शु आती दशक म ही द ली म कट
आ था। मुझ े यह मह वपूण लगता है क जब शाह अ lQ dir और Sh h Raf u d Dµn
ने कु रान के अपने अनुवाद का शत कए तो उ ह ट प णयां जोड़ने क कोई बा यता महसूस नह
ई वे प से अपने सा र सह धमवा दय पु ष और म हला को उ के मा यम से
अपने धम ंथ तक प ंच कर अपने आम व ास को समझने म स म मानते थे एक ऐसी भाषा
जसे कु छ साल पहले तक ऐसे उ े य के लए ब त सामा य और अयो य माना जाता था। हम इन
अनुवाद क प ंच और भाव का कु छ अंदाज़ा सैयद अहमद खान के शाह अ ल अज़ीज़ पर लखे
नोट म मलता है जहां वह अपने समय के लोग क एक आदत क नदा करते ह यानी s
एं यूज पी. .
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सीएम एन •
•ट ए यू एस
Qidv µ पृ. .
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सीएम एन •
समक
लोग। लाल कले म स ाट स हत लोग के पास लभ संसाधन थे और सी मत हत भी थे।
उनम कसी रचना मक ऊजा का ब त कम माण मलता है। इसम कोई शक नह बहा र शाह II का
दयनीय अंत
•ट ए यू एस
हमारी सहानुभू त जगाता है जसे हम फर कले तक बढ़ाते ह और अब सामा य अनुमान म इसका या मतलब
है। ले कन मौलव Ÿak u l h ने उस वषय पर सीएफ एं यूज को जो बताया उस पर यान दे क र हम बेहतर
कर सकते ह
एं यूज पी. . उस समय के व भ समाचार प म बखरी रपोट ारा भी इसका समथन कया गया।
सीएम एन •
ग़लाम नजफ़ खान मौलवी रशमु द न खान मौलवी मुह मद जॉन और ी नमु द न ममन न।
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•ट ए यू एस
सीएम एन •
पेशेवर और शास नक भू मकाएँ। नई कु लीन मु लम पहचान ज द ही पुराने सुधार आंदोलन क मुख प रभा षत वशेषता
बन गई और इस तरह समय के साथ राजनी तक श और रा ड के मु म उलझ गई। म यह भी जोड़ सकता ं क चूं क
उ के साथ इसका ना भनाल संबंध नह टू टा था इस लए भारत म लाख मुसलमान ारा बोली जाने वाली अ य भाषाएं जैसे
बंगाली सधी और पंज ाबी सामा जक और राजनी तक पुन ान क मांग करने वाले मु लम नेता ारा अपनाए गए भारी
प र े य म हा शए पर थ ।
•ट ए यू एस