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30 मार््च, 2024

ADR की रिपोर््ट के अनुसार 44% मौजूदा सांसदोों पर आपराधिक मामले दर््ज हैैं और 5% सांसद अरबपति हैैं
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रे टिक रिफॉर्मम्स (ADR) की यह रिपोर््ट निम्नलिखित तथ््योों को भी रेखांकित करती है:
आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले 50% सांसद उत्तर प्रदेश, महाराष्टट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलं गाना और हिमाचल प्रदेश से हैैं।
आपराधिक आरोपों वाले मौजूदा सांसदों मेें से 29% पर गं भीर आपराधिक मामले दर््ज हैैं। इनमेें हत्या, हत्या का प्रयास, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे आरोप शामिल हैैं।
राजनीति के अपराधीकरण के बारे मेें
यह शासन व्यवस्था मेें अपराधियों, कानून तोड़ने वालों और भ्रष्ट व्यक्तियों के प्रवेश को व्यक्त करता
है। ये देश और उसके नागरिकों की उपेक्षा कर अपने हितों को आगे बढ़़ाने के लिए अपने प्रभाव का
उपयोग करते हैैं।
राजनीति के अपराधीकरण के लिए उत्तरदायी कारण
♦ राजनीतिक दलों और अपराधियों के बीच बढ़ती सांठगांठ;
♦ चुनाव प्रक्रिया मेें अपराधियों को शामिल होने से रोकने के लिए कानूनों और नियमों का अभाव।
♦ धनबल का उपयोग, जैसे किसी अन्य अवैध उद्देश्य के लिए वोट खरीदना।
राजनीति के अपराधीकरण के प्रभाव
♦ यह स्वतं त्र और निष्पक्ष चुनाव की व्यवस्था के खिलाफ है।
♦ यह सुशासन और लोक सेवकों की सत्यनिष्ठा को प्रभावित करता है।
♦ भ्रष्ट गतिविधियों जैसे रिश्वत लेना, लोक-निधियों का गबन आदि को बढ़ावा मिलता है।
♦ समाज के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुुंचाता है।
राजनीति के अपराधीकरण पर अंकुश लगाने के लिए सुप्रीम कोर््ट के निर््णय
लिली थॉमस बनाम भारत सं घ (2013): जिन सांसदों व विधायकों को किसी अपराध के लिए कम-से-कम 2 साल की जेल की सजा सुनाई गई है, वे सजा सुनाने की तारीख से संबंधित सदन के सदस्य
नहीं रहेेंगे।
पब्लिक इंटरेस्ट फाउं डेशन बनाम भारत सं घ (2018): किसी व्यक्ति के खिलाफ के वल आपराधिक आरोप तय होने पर उसे विधायी निकाय की सदस्यता से अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता है।

केेंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागालैैंड और अरुणाचल प्रदेश मेें सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम, 1958 (AFSPA) का विस्तार किया
असम सरकार ने भी राज्य के चार जिलों मेें AFSPA अधिनियम, 1958 को अगले छह महीनों के लिए विस्तारित कर दिया है।
AFSPA, 1958 के बारे मेें
यह कानून सशस्त्र बलों को “अशांत क्षेत््रोों” मेें लोक व्यवस्था बनाए रखने के लिए कु छ शक्तियां प्रदान करता है।
यह अधिनियम सशस्त्र बलों को कु छ विशेष अधिकार देता है, जैसे-
♦ किसी क्षेत्र मेें पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर रोक लगाना।
♦ यदि सशस्त्र बल को लगता है कि कोई व्यक्ति कानून का उल्लं घन कर रहा है, तो वे बल प्रयोग कर सकते हैैं या गोली चला सकते हैैं।
♦ वे किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकते हैैं। साथ ही, वे किसी भी परिसर मेें प्रवेश कर सकते हैैं या तलाशी ले सकते हैैं। वे किसी को फायर-आर्मम्स रखने से भी मना कर सकते हैैं।
किसी क्षेत्र को अशांत क्षेत्र घोषित करने की शक्तियां
AFSPA की धारा 3 के तहत किसी क्षेत्र को अशांत क्षेत्र घोषित किया जाता है। यह तब घोषित किया जाता है, जब किसी राज्य/ केें द्र शासित प्रदेश का कोई भाग या सं पूर््ण क्षेत्र ऐसी स्थिति मेें हो कि
सामान्य प्रशासनिक व्यवस्था की सहायता के लिए सशस्त्र बलों का उपयोग करना आवश्यक हो जाए।
सं बं धित राज्य/ केें द्र शासित प्रदेश के क्षेत्र या पूरे राज्य/ केें द्र शासित प्रदेश को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जा सकता है।
किसी क्षेत्र को ‘अशांत क्षेत्र’ राज्य के राज्यपाल/ केें द्र शासित प्रदेश के प्रशासक या केें द्र सरकार द्वारा घोषित किया जाता है।
AFSPA से जुड़ी चिंताएं
यह कानून सं विधान द्वारा प्रदत्त जीवन के अधिकार और सं वैधानिक उपचार के अधिकार का उल्लं घन करता है।
सशस्त्र बलों पर शक्तियों के दुरुपयोग के आरोप लगाए जाते रहे हैैं।
यह कानून मानवाधिकारों की सार््वभौमिक घोषणा जैसे अंतर््रराष्ट्रीय कानून का उल्लं घन करता है।

AFSPA के तहत उन्मुक्ति


अधिनियम द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए किए गए या किए जाने वाले किसी भी कार््य के खिलाफ (केें द्र सरकार की पूर््व मं जूरी के बिना) कोई अभियोजन, मुकदमा या अन्य कोई कानूनी
कार््रवाई शुरू नहीं की जा सकती है।
AFSPA के बारे मेें सुप्रीम कोर््ट का निर््णय
एक्सस्ट््रा ज्यूडिशियल एग्जीक्यूशन विक्टिम फै मिलीज एसोसिएशन बनाम भारत सं घ मामले (2016) मेें सुप्रीम कोर््ट ने निर््णय दिया था कि सेना के जवानों द्वारा अपराध किए जाने पर भी क्रिमिनल कोर््ट
द्वारा अभियोजन से पूर््ण छू ट का कोई प्रावधान नहीं है।

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विश्व के पहले ‘परमाणु ऊर्जा सम्मेलन’ का ब्रुसेल्स मेें आयोजन किया गया
परमाणु ऊर््जजा को बढ़़ावा देने के लिए अंतर््रराष्ट्रीय परमाणु ऊर््जजा एजेेंसी (IAEA) और बेल्जियम ने सं युक्त रूप से इस सम्मेलन का आयोजन किया था।
इसका आयोजन ग्लोबल स्टॉकटेक मेें परमाणु ऊर््जजा को शामिल किए जाने के ऐतिहासिक निर््णय के मद्देनजर किया गया था। उल्लेखनीय है कि सं युक्त राष्टट्र जलवायु परिवर््तन सम्मेलन (COP-28), 2023
मेें ग्लोबल स्टॉकटेक पर सहमति बनी थी।
ग्लोबल स्टॉकटेक मेें परमाणु ऊर््जजा को शामिल करने का अर््थ इसके व्यावहारिक उपयोग मेें तेजी लाने का समर््थन करना है।
♦ वर््तमान मेें, वैश्विक स्तर पर निम्न कार््बन उत्सर््जन आधारित विद्त यु उत्पादन मेें परमाणु ऊर््जजा की हिस्सेदारी लगभग 25% है।
परमाणु ऊर््जजा सम्मेलन मेें भारत सहित 30 से अधिक देशों एवं यूरोपीय सं घ ने भाग लिया था।
अंतर््रराष्ट्रीय परमाणु ऊर््जजा एजेेंसी (IAEA) के बारे मेें
उत्पत्ति: इसकी स्थापना 1957 मेें सं युक्त राष्टट्र प्रणाली के अंतर््गत एक स्वायत्त अंतर््रराष्ट्रीय सं गठन के रूप की गई थी।
उद्देश्य: इसका उद्देश्य परमाणु प्रौद्योगिकियों के सुरक्षित, सं रक्षित और शांतिपूर््ण
उपयोग को बढ़़ावा देना है। साथ ही, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपने सदस््योों परमाणु ऊर््जजा की प्रासं गिकता और चुनौतियां
और दुनिया भर के कई भागीदारों के साथ मिलकर कार््य करना है।
यह विद्युत का एक स्वच्छ स्रोत है, जो न्यूनतम कार््बन फु टप््रििंट सृजित करता है।
सुरक्षा तंत्र: IAEA वैश्विक परमाणु अप्रसार सं धि (NPT) और परमाणु
हथियारों के प्रसार के खिलाफ अन्य सं धियों के तहत परमाणु हथियारों के स्माल मॉड्यूलर रिएक्टर््स (SMRs) के रूप मेें नई तकनीकी प्रगति से इसे और अधिक व्यवहार््य बनाया
निरीक्षण का कार््य करता है। जा सके गा।
♦ IAEA ने एक अतिरिक्त प्रोटोकॉल तंत्र भी विकसित किया है। इस तं त्र SMRs उन्नत परमाणु रिएक्टर््स होते हैैं। इनकी विद्युत उत्पादन क्षमता 300 मेगावाट(e) प्रति
की मदद से IAEA, देशों मेें मौजूद सभी परमाणु सामग्रियों का शांतिपूर््ण यूनिट तक होती है।
उपयोग सुनिश्चित करता है। परमाणु ऊर््जजा दीर््घकाल तक उपलब्ध रहती है।
» भारत भी इस प्रोटोकॉल का हिस्सा है।
सदस्य: इसमेें भारत सहित कु ल 178 सदस्य शामिल हैैं। चुनौतियां: फु कु शिमा परमाणु आपदा के बाद सुरक्षा सं बं धी चितं ाएं ; साइबर हमलों के प्रति सं वेदनशीलता,
प्रमुख पहलेें: Atoms4NetZero पहल शुरू की गई है। परमाणु ऊर््जजा सं यं त्र के निर््ममाण की उच्च शुरुआती लागत, रिएक्टर की स्थापना और विद्युत उत्पादन शुरू
मुख्यालय: इसका मुख्यालय वियना (ऑस्ट्रिया) मेें स्थित है। होने मेें अत्यधिक देरी आदि।

यूक्रेन के विदेश मंत्री ने भारत की आधिकारिक यात्रा की संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय (UNDRR) ने वैश्विक
संकटोों से निपटने की प्रतिक्रिया प्रणाली मेें भारत की बढ़ती भूमिका को
यूक्रेन के विदेश मं त्री की भारत यात्रा ऐसे समय मेें हुई है, जब दो साल से अधिक समय रेखांकित किया
से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर््ण समाधान के प्रयास किए जा रहे हैैं।
यूक्रेन ने आशा प्रकट की है कि भारत, स्विट्जरलैैंड द्वारा आयोजित वैश्विक सं कट के समय भारत की प्रतिक्रिया और कदम “वसुधैव कु टुंबकम” की सोच एवं लोकाचार से
किए जाने वाले शांति शिखर सम्मेलन मेें भाग लेगा। यह सम्मेलन
प्रेरित हैैं।
यूक्रेनी राष्टट्रपति के 10 सूत्री शांति फॉर््ममूले के आधार पर आयोजित
किया जा रहा है। वसुधवै कु टुंबकम का अर््थ है ‘दुनिया एक परिवार है’।
इस 10 सूत्री शांति फॉर््ममूले का उद्देश्य यूक्रेन मेें स्थायी शांति स्थापित करना और इससे पहले, भारत “ग्लोबल क्राइसिस रिस्पॉन्स ग्रुप (GCRG)” के चैैंपियं स ग्रुप मेें शामिल हुआ था।
युद्ध समाप्त करना है। GCRG का गठन सं युक्त राष्टट्र महासचिव (UNSG) ने 2022 मेें किया था।
भारत-यूक्रेन अंतर-सरकारी आयोग (IGC) की एक समीक्षा बैठक भी आयोजित की वैश्विक सं कटों से निपटने मेें भारत की भूमिका
गई। इसका उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले वाला द्विपक्षीय सहयोग फिर से बहाल करना
है। प्राकृतिक आपदाओं पर त्वरित कार््रवाई: भारत प्राकृ तिक आपदाओं मेें “फर्सस्ट रिस्पॉन्डर” की भूमिका
भारत-यूक्रेन संबंधों के बारे मेें निभाता रहा है। इसने हालिया समय मेें मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) की अपनी
क्षमताओं को भी बढ़़ाया है।
राजनीतिक: यूक्रेन को मान्यता देने वाले आरंभिक देशों मेें भारत भी शामिल था।
व्यापार और आर्थिक सहयोग: 2020 मेें एशिया-प्रशांत क्षेत्र मेें भारत, यूक्रेन का ♦ भारत ने तुर्की मेें आए विनाशकारी भूकंप के बाद राहत और बचाव हेतु “ऑपरेशन दोस्त” शुरू
प्रमुख निर््ययात गं तव्य देश था। किया था।
सांस्कृतिक: भारत के सॉफ्ट पावर के घटक जैसे कि नृत्य, योग, दर््शन, आयुर्वेद ♦ इसी प्रकार, चक्रवात मोखा (या मोचा) से तबाह हुए म््याांमार की सहायता के लिए ‘ऑपरे शन
और आध्यात्मिकता का यूक्रेन मेें काफी प्रभाव है। करुणा’ शुरू किया गया था।
भारत अलग-अलग प्रशिक्षण कार््यक्रमों के तहत दोनों देशों के मध्य लोगों के बीच सं घर््ष ग्रस्त क्षेत््रोों मेें लोगों की मदद करना: भारत ने अफगानिस्तान और यूक्रेन जैसे देशों मेें गेहूूं, दवाओं
सं पर््क को बढ़ावा दे रहा है। इसके कु छ उदाहरण हैैं: भारतीय सांस्कृतिक संबंध और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की थी।
परिषद (ICCR) स्कॉलरशिप, केें द्रीय हिंदी सं स्थान का छात्रवृत्ति कार््यक्रम स्वास्थ्य आपात स्थिति: कोविड-19 महामारी के दौरान, “वैक्सीन मैत्री” पहल के तहत कई देशों को
आदि।
टीका उपलब्ध कराया गया था। साथ ही, कई अन्य महत्वपूर््ण चिकित्सा उपकरण भी उपलब्ध कराए गए
♦ युद्ध से पहले ये कार््यक्रम आसानी से चलाए जा रहे थे। थे।
शिक्षा: भारतीय छात््रोों के लिए यूक्रेन मेडिकल एजुकेशन हेतु सबसे पसं दीदा देश
रहा है। बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करना: भारत खाद्य सं कट जैसी समस्याओ ं से निपटने के लिए वर्लल्ड फ़ू ड
♦ युद्ध से पहले लगभग 18,000 भारतीय छात्र यूक्रेन मेें मेडिकल की पढ़ाई
प्रोग्राम जैसी सं युक्त राष्टट्र की कई एजेेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है।
कर रहे थे। समुद्री डकै ती-रोधी अभियान: हाल ही मेें, भारतीय नौसेना ने अरब सागर मेें हाईजैक््ड ईरानी मत्स्यन
जहाज को सफलतापूर््वक बचाया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख
भारत वार््तता और कू टनीति के माध्यम से रूस-यूक्रेन सं घर््ष के शांतिपूर््ण समाधान सं युक्त राष्टट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार््ययालय (UNDRR) के बारे मेें
का समर््थन करता है।
उत्पत्ति: इसकी स्थापना 1999 मेें हुई थी।
भारत उन सभी शांतिपूर््ण तरीकों और साधनों का उपयोग करने के पक्ष मेें है,
जिससे युद्ध को समाप्त करने मेें मदद मिलती हो। मिशन: समावेशी सतत विकास और सेेंदाई फ्रे मवर््क के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपदा जोखिम
इसके अलावा, भारत यूक्रेन को लगातार मानवीय सहायता भी उपलब्ध करा रहा न्यूनीकरण से सं बं धित वैश्विक प्रयासों मेें तेजी लाने हेतु नेतत्व
ृ एवं समर््थन प्रदान करना।
है। मुख्यालय: जिनेवा (स्विटज
् रलैैंड)।

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संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार््यक्रम (UNEP) ने ‘ग्लोबल स्टेटस रिपोर््ट फॉर बिल््डििंग्स एंड कंस्टट्रक्शन (बिल््डििंग्स-GSR) 2024’ जारी की
यह रिपोर््ट UNEP और ग्लोबल एलायं स फॉर बिल््डििंग्स एं ड कं स्टट्रक्शन (GlobalABC) ने सं युक्त रूप से जारी की है।
रिपोर््ट के मुख्य बिदं ओु ं पर एक नजर:
भवन और निर््ममाण क्षेत्रक वैश्विक ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर््जन के लगभग 21% हिस्से के लिए जिम्मेदार है।
2022 मेें भवन क्षेत्रक वैश्विक ऊर््जजा मांग के 34% तथा ऊर््जजा और प्रक्रिया से संबंधित 37% कार््बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर््जन के लिए जिम्मेदार थे।
भारत मेें भवन क्षेत्रक कु ल CO2 उत्सर््जन के लगभग 40% के लिए जिम्मेदार है।
भवन और निर््ममाण क्षेत्रक को विकार््बनीकृ त (Decarbonise) करने की आवश्यकता क््योों है?
♦ जलवायु परिवर््तन पर पेरिस समझौते के तहत ग्लोबल वार्ममिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए; तथा
♦ निर््ममाण सामग्री प्राप्त और उपयोग करने की पूरी प्रक्रिया मेें कार््बन उत्सर््जन को कम करके 2050 तक नेट जीरो उत्सर््जन लक्ष्य हासिल करने के लिए।
संधारणीय भवन और निर््ममाण क्षेत्रक के लिए शुरू की गई पहलेें
वैश्विक पहलेें:
GlobalABC के बारे मेें
♦ डिक्लेरेशन डी चैलॉट: इसे पहली बार बिल््डििंग्स एं ड क्लाइमेट
ग्लोबल फोरम मेें अपनाया गया था। इसे COP-21 मेें स्थापित किया गया था। यह “शून्य उत्सर््जन, दक्ष और आघात सहनीय भवन एवं निर््ममाण
क्षेत्रक” के साझा विज़न के प्रति प्रतिबद्ध भवन क्षेत्रक के हितधारकों का अग्रणी वैश्विक प्लेटफॉर््म है।
» इस डॉक्यूमेेंट का उद्देश्य भवन क्षेत्रक के तहत जलवायु
सं बं धी चुनौतियों का समाधान करने के लिए अंतर््रराष्ट्रीय भवन और निर््ममाण क्षेत्रक के विकार््बनीकरण के समक्ष चुनौतियां
सहयोग को बढ़़ावा देना है। o खराब निर््ममाण पद्धतियां पर््ययावरणीय चितं ाएं उत्पन्न कर सकती हैैं। इसके कारण ऊर््जजा खपत और ग्रीन हाउस गैस
♦ भवनों के ऊर््जजा प्रदर््शन पर दिशा-निर्देश (यूरोपीय सं घ): इन के उत्सर््जन मेें वृद्धि हो सकती है।
दिशा-निर्देशों का उद्देश्य 2030 तक नए भवनों के लिए शून्य o जलवायु जोखिम वाले क्षेत््रोों मेें अधिक कार््बन उत्सर््जन मेें योगदान देने वाले नए भवनों का निरंतर निर््ममाण एक
उत्सर््जन मानक स्थापित करना है। अन्य बड़ी समस्या है।
♦ बिल््डििंग्स ब्रेकथ्रू पहल: इसे COP-28 मेें फ््राांस और मोरक्को ने सिफारिशेें
शुरू किया था। इस पहल का उद्देश्य 2030 तक नियर-जीरो शून्य-उत्सर््जन भवन सिद््धाांतों के अनुरूप “भवन ऊर््जजा संहिता” विकसित करने की आवश्यकता है।
एमिशन और रेजिलिएंट बिल््डििंग्स के लक्ष्य को प्राप्त करना है। भवन और निर््ममाण क्षेत्रक के विकार््बनीकरण मेें अधिक निवेश के लिए वित्तीय प्रोत्साहन देने की जरूरत है।
♦ क्लीन हीट फोरम: इसे यूनाइटेड किं गडम ने शुरू किया है।
भारत द्वारा शुरू की गई पहलेें:
♦ शहर-विशिष्ट पहला “जीरो कार््बन बिल््डििंग एक्शन प्लान (ZCBAP)” नागपुर मेें लॉन्च किया गया है।
♦ ऊर््जजा सं रक्षण (सं शोधन) अधिनियम, 2022 मेें ऊर््जजा सं रक्षण और सं धारणीय भवन सं हिता का प्रावधान किया गया है।

अन्य सुर््खखि़यां

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) गवर््नमेेंट-ई मार्केट (GeM)

ICJ ने इजरायल को गाजा मेें अकाल से निपटने और खाद्य पदार्थथों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित GeM के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं की खरीद 4 लाख करोड़ रुपये के पार पहुुंच गई है।
करने का आदेश दिया। GeM के बारे मेें
अंतर््रराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के बारे मेें यह केें द्र सरकार और राज्य सरकारों के सभी मं त्रालयों, विभागों, सार््वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों
परिचय: यह सं युक्त राष्टट्र का प्रधान न्यायिक अंग है। इसे 1945 मेें सं युक्त राष्टट्र चार््टर द्वारा आदि के लिए वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद हेतु सार््वजनिक खरीद पोर््टल है।
स्थापित किया गया था। इसे वाणिज्य और उद्योग मं त्रालय ने 2016 मेें लॉन्च किया था।
मुख्यालय: हेग (नीदरलैैंड) स्थित पीस पैलेस मेें। GeM से लाभ
सं रचना: कु ल 15 न्यायाधीश। ये सं युक्त राष्टट्र महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा 9 वर्षषों के यह आम उपयोग की वस्तुओं/ सेवाओं की अलग-अलग व निर््धधारित श्रेणियों के लिए उत्पादों
कार््यकाल के लिए चुने जाते हैैं। की सूची उपलब्ध कराता है।
आधिकारिक भाषाएं : अंग्रेजी और फ्ररेंच। खुला और पारदर्शी खरीद प्लेटफॉर््म होने की वजह से वस्तुओं व सेवाओं की खरीद मेें
भूमिका: अंतर््रराष्ट्रीय कानून के अनुसार कानूनी विवादों का समाधान करना और सलाहकारी आसानी होती है।
प्रकृति का सुझाव देना। यह नवाचार और सामाजिक समावेशन को बढ़़ावा देता है।
♦ किसी मामले मेें दिए गए निर््णय विवाद के सभी पक्षकारों पर बाध्यकारी होते हैैं। इसके शिकायत के त्वरित समाधान के लिए ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया
निर््णय के खिलाफ अपील नहीं की जा सकती है। हालांकि, निर््णय की पुनर्व्याख्या या गया है।
इसमेें सं शोधन सं भव है।

तोलू बोम्मालट्टा क्लीन एनर्जी ट््राांजिशंस प्रोग्राम (CETP)

सं गीत नाटक अकादमी तोलू बोम्मालट्टा पुतली की प्राचीन नाट्य प्रदर््शन परंपरा को पुनर्जीवित अंतर््रराष्ट्रीय ऊर््जजा एजेेंसी (IEA) ने “क्लीन एनर्जी ट््रराांजिशं स प्रोग्राम (CETP) वार्षिक रिपोर््ट
कर रही है। उल्लेखनीय है कि यह कला विलुप्त होने की कगार पर आ गई है। 2023” जारी की है।
तोलू बोम्मालट्टा के बारे मेें CETP के बारे मेें
♦ इसे चमड़े की बनी गुड़ियों के नृत्य के रूप मेें भी जाना जाता है। इसे अंतर््रराष्ट्रीय ऊर््जजा एजेेंसी ने 2017 मेें लॉन्च किया था।
♦ इसका प्रदर््शन मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश के गोदावरी क्षेत्र मेें होता है। यह स्वच्छ ऊर््जजा अपनाने मेें तेजी लाकर जलवायु परिवर््तन के खिलाफ वैश्विक प्रयासों का
♦ इन गुड़ियों को बकरी की खाल (चमड़े) से बनाया जाता है। इनके नृत्य का प्रदर््शन नेतत्व ृ कर रहा है।
एक छोटी स्क्रीन (जैसे रंगीन फोटोग्राफिक पारदर्शिताओं) पर किया जाता है। CETP के तहत IEA तकनीकी सहायता, समझ आदि प्रदान करता है।
♦ मुख्य स्क्रीन पात्र: जानवर, पक्षी, देवता और राक्षस। इसके उद्देश्य, पेरिस समझौते (2015) और सतत विकास लक्षष्ययों (SDGs) के अनुरूप हैैं।
♦ मुख्य विषय: रामायण व महाभारत।

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1MYAC (वन मिलियन यूथ एक्शन चैलेेंज) अफ़़ार ट्रायंगल

द वन यू.एन. क्लाइमेट चेेंज लर्ननिंग पार््टनरशिप (UN CC:Learn) द्वारा 1MYAC को


बढ़़ावा दिया जा रहा है। भूवैज्ञानिकों ने हॉर््न ऑफ अफ्रीका मेें स्थित अफ़़ार ट््ररायं गल पर एक नए महासागर के उभरने की
सं भावना व्यक्त की है। अफ़़ार ट््ररायं गल को अफ़़ार डिप्रेशन भी कहा जाता है।
1MYAC के बारे मेें
अफ़़ार ट््ररायं गल के बारे मेें
इसका उद्देश्य 10 से 30 वर््ष के युवाओं को अधिक सं धारणीय भविष्य के लिए ठोस कार््रवाई
करने हेतु प्रोत्साहित करना है। ग्रेट रिफ्ट वैली का सबसे उत्तरी भाग अफ़़ार ट््ररायं गल कहलाता है।
यह निम्नलिखित चार सतत विकास लक्षष्ययों (SDGs) को बढ़़ावा देने के लिए काम करता है: यह पृथ्वी पर सबसे अधिक भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय क्षेत््रोों मेें से एक है। यहां न्युबियन,
सोमाली और अरेबियन प्लेट्स आपस मेें अभिसरण (Converge) करती हैैं।
SDG 6: स्वच्छ जल और स्वच्छता,

जब नया महासागर बेसिन बन जाएगा तो अफ़़ार ट््ररायं गल लाल सागर और अदन की खाड़़ी
SDG 12: जिम्मेदारीपूर््ण उपभोग और उत्पादन,

मेें जलमग्न हो जाएगा। इससे पूर्वी अफ्रीका मेें एक अलग महाद्वीप की उत्पत्ति हो सकती है।
♦ SDG 13: जलवायु कार््रवाई, और
इसमेें इरिट््ररिया, जिबूती और इथियोपिया के हिस्से शामिल हैैं।
♦ SDG 15: स्थल पर जीवन।
अवाश नदी अफ़़ार ट््ररायं गल से होकर बहने वाली मुख्य नदी है।
UN CC:Learn के बारे मेें
यह 36 बहुपक्षीय सं गठनों की एक सहयोगी पहल है।
इसके तहत उपर््ययुक्त सं गठन देशों की जलवायु परिवर््तन से सं बं धित कार््रवाइयों मेें आवश्यक
ज्ञान और कौशल सृजित करने मेें मदद करने हेतु मिलकर काम कर रहे हैैं। मोहिनीअट्टम नृत्य

के रल कलामं डलम ने मोहिनीअट्टम नृत्य सीखने से सं बं धित लड़कों पर लगा प्रतिबं ध हटा दिया है।
लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस मार््क 1A मोहिनीअट्टम नृत्य के बारे मेें
यह के रल का शास्त्रीय एकल (Solo) नृत्य है।
भारत मेें निर्मित स्वदेशी LCA तेजस मार््क 1A लड़़ाकू विमान ने अपनी पहली उड़़ान बेेंगलुरु मेें इस नृत्य का उल्लेख 1709 मेें मज््हमं गलम नारायणन नम्बुतिरि द्वारा लिखित ‘व्यवहारमाला’
सफलतापूर््वक पूरी की। और बाद मेें कवि कुं जन नांबियार द्वारा लिखित ‘घोषयात्रा’ मेें मिलता है।
LCA तेजस मार््क 1A के बारे मेें नृत्य के प्रमुख विषय: ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति। आमतौर पर भगवान विष्णु या उनके
इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने विकसित किया है। यह LCA Mk-1 का एक अवतार भगवान कृष्ण इस नृत्य के मुख्य पात्र होते हैैं।
उन्नत संस्करण है, जिसे पहले ही भारतीय वायुसेना मेें शामिल किया जा चुका है। विशेषताएं :
इस विमान की निम्नलिखित विशेषताएं हैैं:
♦ मोहिनीअट्टम के तहत 40 अलग-अलग मूल मुद्राएं होती हैैं, जिन्हहें ‘एड़वुकल’ कहा
♦ एडवांस््ड मिशन कं प्यूटर,
जाता है।
♦ हाई परफॉरमेेंस डिजिटल फ्लाइट कं ट््ररोल कं प्यूटर (DFCC Mk1A),
♦ स्मार््ट मल्टी-फ़़ं क्शन डिस्प्ले (SMFD), ♦ बिना किसी अचानक झटके अथवा उछाल के लालित्यपूर््ण व ढलावदार शारीरिक
♦ एडवांस््ड इलेक्ट्रॉनिकली स्कै न्ड एरे (AESA) रडार, अभिनय इस नृत्य की मुख्य विशेषता है।
♦ एडवांस््ड सेल्फ-प्रोटेक्शन जैमर, ♦ मुख की अभिव्यक्तियों व हस्त मुद्राओं को अधिक महत्त्व दिया जाता है।
♦ इलेक्ट्रॉनिक वारफे यर सूट आदि।

सुर््ख़ख़ियोों मेें रहे स्थल उत्तर कोरिया (राजधानी: प््योोंगयांग)

रूस ने सं युक्त राष्टट्र विशेषज्ञ पैनल के खिलाफ वीटो का प्रयोग करके उसके कार््यकाल के विस्तार पर रोक लगा दी है। दरअसल यह
पैनल उत्तर कोरिया पर लगाए गए प्रतिबं धों की निगरानी कर रहा था।
भौगोलिक अवस्थिति:
यह एक पूर्वी एशियाई देश है, जो कोरियाई प्रायद्वीप के उत्तरी भाग मेें अवस्थित है। इसे डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ
कोरिया के रूप मेें भी जाना जाता है।
इसकी सीमाएं उत्तर मेें चीन और रूस से तथा दक्षिण मेें रिपब्लिक ऑफ कोरिया (दक्षिण कोरिया) से लगती है।
सीमावर्ती जल निकाय: पूर्वी सागर (जापान सागर) और पश्चिम मेें येलो सी।
भौगोलिक विशेषताएं :
सबसे ऊं ची चोटी: माउं ट पेक्टू ।
प्रमुख नदियां: युलु (यलु), टू मेन, टाएडांग और इम््जजिन।

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