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संविधान (Constitution)

1934 में एम. एन. राय - ने भारत में संविधान सभा बनाने का विचार दिया I
इन्होने ही 1920 में कम्यनि
ु ष्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (CPI) का गठन ताशकंद में किया | जो कि वर्तमान में उज़्बेकिस्तान की राजधानी है I
1940 अगस्त प्रस्ताव - 1940 अगस्त प्रस्ताव में अंग्रेजों ने संविधान बनाने की मांग को स्वीकार किया | उस समय वायसराय लार्ड
लिनलिथगो था I
1946 कैबिनेट मिशन - 16 मई 1946 को कैबिनेट मिशन भारत आया । इसमें तीन सदस्य थे।
Pethick lawrence , AV Alexander, Stafford Cripps
कैबिनेट मिशन ने 6 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा बना दी |
संविधान सभा (Constituent Assembly) - संविधान सभा में पहले 389 लोग थे , लेकिन बंटवारे के बाद 299 लोग बचे थे I

नोट : संविधान सभा आंशिक रूप से चयनित एवं आंशिक रूप से मनोनीत थी | कुछ लोग अप्रत्यक्ष चन
ु ाव के द्वारा तथा कुछ लोग
मनोनीत किये गए थे |

संविधान सभा की प्रारं भिक बैठकें और कार्य

संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 को हुई I डॉ० सच्चिदानंद सिन्हा संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष बने।I
संविधान सभा में 15 महिलाएं भी सम्मिलित थी |
संविधान सभा की दस ू री बैठक 11 दिसम्बर 1946 में हुई -
11 दिसम्बर 1946 को डॉ० राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई सदस्य चन ु ा गया और उपाध्यक्ष एच० सी० मख
ु र्जी बने I
संविधान सभा की तीसरी बैठक 13 दिसम्बर 1946 में हुई –
प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उद्दे श्य प्रस्ताव प्रस्तत
ु किया I

नोट - भारत के संवध


ै ानिक सलाहकार बी० एन० राव थे I

संविधान सभा की प्रमख


ु समितियां

प्रारूप समिति - इसके अध्यक्ष डॉक्टर बी० आर० अम्बेडकर थे |


यह समिति 29 अगस्त 1947 को बनी I
इसमें कुल सात सदस्य थे -
❖ डॉ० बी० आर० अम्बेडकर I
❖ अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर I
❖ कन्है यालाल माणिकलाल मश
ंु ी I
❖ मोहम्मद सादल्
ु ला I
❖ एन० गोपालस्वामी अय्यंगर I
❖ बी० एल० मिटर I
❖ डी० पी० खेतान I

संघ शक्ति समिति - जवाहर लाल नेहरू

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संघीय संविधान समिति - इसके अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू थे I
मौलिक अधिकार एवं अल्पसंख्यकों के लिए समिति - इसके अध्यक्ष सरदार वल्लभभाई पटे ल थे | प्रांतीय संविधान समिति के भी
अध्यक्ष सरदार पटे ल थे I

झंडा समिति - इसके अध्यक्ष डॉ० राजेंद्र प्रसाद थे I

भारतीय संविधान के स्रोत


दे श विशेषता
संसदीय प्रणाली (लोकसभा, राज्यसभा, प्रधानमंत्री )
इंग्लैंड (ब्रिटे न) एकल नागरिकता,
कानन ू का शासन I
राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के पद
अमेरिका न्यायपालिका
मौलिक अधिकार
आयरलैंड राज्य के नीति निदे शक तत्व,
राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति का चन
ु ाव I
राज्यपाल,
कनाडा संघीय ढांचा (Federal Structure) / केंद्र व राज्य के बीच
सम्बन्ध
जर्मनी आपातकाल

दक्षिण अफ्रीका संविधान संशोधन

रूस मौलिक कर्तव्य

समवर्ती सच ू ी
ऑस्ट्रे लिया संयक्
ु त अधिवेशन
अन्तर्राज्यीय व्यापार
नोट - भारत के संविधान का सबसे बड़ा 2/3 भाग भारत सरकार अधिनियम 1935 से लिया गया है I
संविधान के महत्वपर्ण
ू तथ्य
⮚ भारत का संविधान बनने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे I
⮚ जब संविधान बना उस समय 395 अनच् ु छे द 22 भाग 8 अनस
ु चि
ू याँ थीं I वर्तमान में 448 अनच्
ु छे द 25 भाग तथा 12
अनसु चि
ू यां हैं I
⮚ संविधान सभा के ११ अधिवेशन बल ु ाये गए थे |
⮚ परू ा संविधान बनने में लगभग 64 लाख रुपये खर्च हुए I
⮚ संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ इसलिए 26 नवम्बर को संविधान दिवस मानते हैं I
⮚ भारत के मल ू संविधान पर 284 लोगों ने हस्ताक्षर किये I
⮚ भारत के संविधान का हस्तलेखन प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने किया I
⮚ भारत के संविधान की चित्रकारी नन्दलाल बोस और राममनोहर सिन्हा ने की I

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⮚ भारतीय संविधान को अपनाने के लिए 2 माह का इंतजार इसलिए किया क्योंकि 26 जनवरी को पर्ण
ू स्वराज दिवस आ रहा था
इसलिए इसे 26 जनवरी 1950 को अपनाया गया I

नोट -कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन 1929 में पर्ण


ू स्वराज की मांग की गयी I इसके अध्यक्ष जवाहर लाल नेहरू थे I 26 जनवरी को पर्ण

स्वराज दिवस के रूप में स्वीकार किया गया | 26 जनवरी 1930 में पहला पर्ण
ू स्वराज दिवस मनाया गया था |

24 जनवरी 1950 को कुछ महत्वपर्ण


ू निर्णय लिए गए I
⮚ डॉ० राजेंद्र प्रसाद को 24 जनवरी 1950 को भारत का प्रथम राष्ट्रपति बनाया गया I
⮚ जन गण मन को भारतीय राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया I
⮚ बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित वन्दे मातरम को राष्ट्रगीत के रूप में अपनाया गया | यह आनंद मठ से लिया गया है I

नोट : 22 जल
ु ाई 1947 को राष्ट्रीय तिरं गा अपनाया गया I इसको पिंगली वें कैया ने डिजाइन किया I भारत के झंडे का अनप
ु ात 2:3
है I
25 जनवरी 1950 भारत के निर्वाचन आयोग का गठन किया गया | 25 जनवरी को मतदाता दिवस मनाया जाता है |
26 जनवरी 1950 संविधान लागू किया गया | गणतंत्र दिवस मनाते है | राष्ट्रीय चिन्ह अशोक चिन्ह को स्वीकार किया गया |
28 जनवरी 1950 भारत का सर्वोच्च न्य

प्रस्तावना
भारतीय संविधान की प्रस्तावना अमेरिका संविधान से प्रभावित है जो विश्व में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है I
प्रस्तावना के माध्यम से भारतीय संविधान का सार अपेक्षाएं, उद्दे श्य उसका लक्ष्य तथा दर्शन प्रकट होता है I प्रस्तावना यह
घोषणा करती है संविधान अपनी शक्ति सीधे जनता से प्राप्त करता है I इसी कारण यह "हम भारत के लोग" वाक्य से प्रारम्भ होती
है I

हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पर्ण ू प्रभत्ु व सम्पन्न, समाजवादी , पंथनिरपेक्ष,लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा
उसके समस्त नागरिकों को :
सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर
की समता प्राप्त करने के लिए तथा
उन सबमें व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता सनि ु श्चित करनेवाली बंधत ु ा बढ़ाने के लिए
दृढ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवम्बर 1949 ई0 (मिति मार्गशीर्ष शक् ु ल सप्तमी, संवत दो हजार
छह विक्रमी) को एतद्द्वारा
इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं।

भारत को ऐसा बनाएं नागरिकों के लिए


सम्प्रभत
ु ा न्याय (सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक)
समाजवादी स्वतंत्रता
धर्मनिरपेक्षता समानता
लोकतान्त्रिक भाईचारा

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गणराज्य –

संविधान की प्रस्तावना से संबधि


ं त कुछ महत्वपर्ण
ू तथ्य
⮚ प्रस्तावना अमेरिका के संविधान से प्रभावित है I
⮚ संविधान की प्रस्तावना 13 दिसम्बर 1946 को जवाहरलाल नेहरू द्वारा संविधान सभा में प्रस्तत
ु किये गए उद्दे श्य
प्रस्ताव पर आधारित है ।
⮚ प्रस्तावना को संविधान की आत्मा 'ठाकुरदास भार्गव ' ने कहा I
⮚ के एम मश
ंु ी ने प्रस्तावना को 'राजनीतिक कुण्डली' नाम दिया
⮚ न्याय का सिद्धांत रूसी क्रांति 1917 से लिया गया I
⮚ स्वतंत्रता, समानता, भाईचारा फ़्रांस की क्रांति 1789 से लिया गया है I
⮚ समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता 42 वे संविधान संसोधन 1976 से जोड़े गए I
⮚ 42वे संविधान संशोधन को लघु संविधान कहते हैं I
⮚ भारत में संप्रभत
ु ा भारत के लोगों के पास है I
⮚ बेरूबरी केस (1960 ) में सप्र
ु ीम कोर्ट ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का हिस्सा नहीं है |
⮚ केशवानंद भारती vs केरल राज्य (1973 ) वाद में सप्र ु ीम कोर्ट ने कहा प्रस्तावना भारत का हिस्सा है I

भाग - 1
भारत एवं उसके राज्य
❖ अनच्
ु छे द – 1 इंडिया जिसका नाम भारत है वह राज्यों का एक संघ है I
❖ अनच्
ु छे द – 2 भारत को बाहर से कोई क्षेत्र मिलता है I भारत के नए राज्य के रूप में शामिल करना I
❖ अनच्ु छे द – 3 इसके अंतर्गत भारत में किसी नए राज्य को बनाना, क्षेत्रफल कम या ज्यादा होना, राज्य का नाम बदलना ये
अधिकार संसद के पास हैं

राज्यों का पन
ु र्गठन

S K धर कमीशन 1948 में सिर्फ भाषा के आधार पर राज्य बनाने से इनकार कर दिया I
JVP समिति जवाहरलाल नेहरू, वल्लभभाई पटे ल, पट्टाभि सीतारमैया ने भी सिर्फ भाषा के आधार पर राज्य बनाने से इनकार कर
दिया I
फज़ल अली कमीशन 1953 फज़ल अली कमीशन ने अनम ु ति दी कि भाषा के आधार पर राज्य बना लो I किन्तु भाषा एकमात्र
आधार नहीं हो सकता है |

नोट - 1953 में भाषा के आधार पर आंध्र प्रदे श दे श का पहला राज्य बना I

भाषायी आंदोलन 1953 के मख्


ु य कार्यकर्त्ता रहे पोट्टी श्रीरामल
ु ु की मत्ृ यु 56 दिन की भख
ू हड़ताल के बाद 1952 में हो गयी I

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नोट – 1956 में राज्य पन
ु र्गठन अधिनियम बनाया गया I 7th संविधान संशोधन से इसे 1956 में लागू किआ गया |
(इस अधिनियम के तहत 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदे श बनाये गए )

नोट - अभी भारत में 28 राज्य और 8 UT हैं I


❖ 1960 में बॉम्बे राज्य के टुकड़े करके दो नए राज्य बनाये (महाराष्ट्र और गज
ु रात) I
❖ 1963 में नागालैंड नया राज्य बना I
❖ 1966 में शाह कमीशन द्वारा पंजाब के दो टुकड़े कर नए राज्य 'पंजाब और हरियाणा' बनाये गए I
❖ 1975 में 36 वां संविधान संशोधन कर सिक्किम को नया राज्य बनाया I
❖ 2000 में तीन नए राज्य बने छत्तीसगढ़, उत्तराखण्ड और झारखण्ड I
❖ 2020 में दमन और द्वीप हवेली UT को एक साथ मिला दिया I

भाग -2
(नागरिकता)
नागरिकता का उल्लेख अनच्
ु छे द 5 -11 तक है I

अनच्
ु छे द 9 अगर कोई व्यक्ति स्वेक्षा से दस
ू रे दे श की नागरिकता स्वीकार कर ले तो भारत की नागरिकता स्वतः ही समाप्त हो
जाएगी I
अनच्ु छे द 11 नागरिकता से जड़
ु े कानन
ू बनाने का अधिकार संसद को है I

नोट - नागरिकता अधिनियम 1955 में बना I

नागरिकता पाने के 5 तरीके हैं-


⮚ जन्म के आधार पर I
⮚ वंश के आधार पर I
⮚ पंजीकरण के आधार पर - वह सात साल से भारत में रह रहा हो I
⮚ दे शीकरण के आधार पर - 12 साल I
⮚ यदि भारत किसी दे श के भू - भाग को अपने दे श में मिला ले तो उस दे श के नागरिकों की नागरिकता भारत होगी I

OCI कार्ड (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया)


ओसीआई दोहरी नागरिकता नहीं है । ओसीआई कार्डधारक भारतीय नागरिक नहीं हैं।
ओसीआई कार्ड भारत आने के लिए एक बहुउद्दे शीय, आजीवन वीजा है ।
OCI कार्ड वाले व्यक्तियों के पास वित्तीय, शैक्षिक और आर्थिक मामलों में NRI के समान अधिकार हैं।
वे भारत में कृषि भमि
ू का अधिग्रहण नहीं कर सकते। ओसीआई कार्डधारक के पास मतदान का अधिकार नहीं होता है ।

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भाग 3
मौलिक अधिकार (Fundamental Right) Art (12 - 35)

हमारे मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से प्रभावित है | मौलिक अधिकारों को डॉ० भीमराव अम्बेडकर ने संविधान का
मैग्नाकार्टा कहा I

हमारे पास 6 मौलिक अधिकार हैं –


⮚ समानता का अधिकार – Right to Equality (Art – 14 – 18)
⮚ स्वतंत्रता का अधिकार – Right to Freedom (Art – 19 - 22)
⮚ शोषण के विरुद्ध अधिकार – Right to Against Exploitation (Art – 23 - 24)
⮚ धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार – Right to Freedom of Religion (Art – 25 - 28)
⮚ संस्कृति एवं शैक्षिक अधिकार – Cultural and Educational Rights / अल्पसंख्यकों के अधिकार (Art – 29 - 30)
⮚ संवध ै ानिक उपचारों के अधिकार (Art – 32)

नोट - संपत्ति का अधिकार अनच् ु छे द 19 (1 )(f ) और अनच्ु छे द 31 में था I


44 वें संविधान संशोधन 1978 में संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटा दिया गया I
अब इसको संविधान के अनच् ु छे द 300 (A) में जोड़ा गया है I

नोट : मौलिक अधिकारों का संरक्षक सप्र


ु ीम कोर्ट है I मौलिक अधिकार निरं कुश नहीं है , इन पर अंकुश लगाया
जा सकता है I

समानता का अधिकार Right to Equality (Art 14 – 18)


Art- 14- विधि के समक्ष समानता - कानन
ू के समक्ष समानता , कानन
ू का समान संरक्षण | भारत के राज्य क्षेत्र में किसी
व्यक्ति को विधि के समक्ष समानता या विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं किया जायेगा I

उदाहरण - सबरीमाला मंदिर केरल, तीन तलाक केस

अन० ु 15
पांच आधारों पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा –
जैसे - जाति, धर्म, नस्ल, जन्म स्थान और लिंग

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15 (5) शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण (SC, ST, OBC)
15 (6) 2019 से आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 % आरक्षण शैक्षिक संस्थानों में (EWS)

अन० ु - 16 लोक नियोजन विषय में अवसर की समानता-


राज्य के अधीन किसी सरकारी नौकरी के में जाति, धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, लिंग और वंश के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया
जायेगा I
Art – 16 (4) नौकरी के आरक्षण (SC, OBC, ST)
Art – 16 (6) - आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को सरकारी में 10% आरक्षण (EWS)
अन०ु - 17 अस्पश्ृ यता या छुआछूत का अंत I
ु - 18 उपाधियों का अंत
अन०

स्वतंत्रता का अधिकार (Art 19 -22)


अन.ु 19 के अंदर 6 स्वतंत्रताएं आती है ।

Art 19 (1) (a) बोलने एवं अभिव्यक्त की स्वतंत्रता I


जैसे- प्रेस की स्वतंत्रता इसी से आती है I
चप
ु रहने की स्वतंत्रता - राष्ट्रगान केस National Anthem Bijoe Emmanuel v/s State of Kerala
सचू ना का अधिकार (RTI – 2005) ये भी हमारे बोलने के अधिकार का हिस्सा है I

19 (1) (b) शांतिपर्व


ू क और निरायध
ु सम्मेलन -
हम बिना हथियारों के किसी भी स्थान पर शांतिपर्ण
ू ढं ग से इकट्ठा हो सकते हैं I
19 (1) (c) समह ू संघ या सहकारी समिति बनाने का अधिकार
हमें कोई भी समह
ू या संस्था बनाने का अधिकार है I
19 (1) (d) भारत के अंदर हमें आज़ाद घम ू ने की स्वतंत्रता I
19 (1) (e) भारत के किसी राज्य क्षेत्र में निवास करने या बसने की स्वतंत्रता I
19 (1) (g ) व्यापार, कारोबार या कार्य करने की स्वतंत्रता I

अन०
ु - 20 अपराध सिद्ध से सम्बंधित अधिकार
● एक अपराध के लिए दो बार सजा नहीं दे सकते
● पिछली डेट में कानन
ू बनाकर सजा नहीं दे सकते
● किसी अपराध के लिए स्वयं के विरुद्ध गवाही नहीं दे सकते I (Only Criminal case में apply होंगे ये नियम )

अन० ु - 21 जीने की एवं दै हिक स्वतंत्रता


प्रमख
ु केस
एम० सी० मेहता vs भारत संघ -> स्वच्छ पर्यावरण
K.S पट्टू स्वामी केस -> गोपनीयता का अधिकार
मेनका गांधी केस -> विदे श यात्रा का अधिकार

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नोट - राष्ट्रीय आपातकाल में अन०
ु 20 और 21 को छोड़कर हमारे सभी मौलिक अधिकार हमसे छीने जा सकते है या निरस्त कर
दिए जायेंगे I

अन०
ु - 21A शिक्षा का अधिकार
6 – 14 वर्ष तक के बच्चों को मफ्
ु त शिक्षा का अधिकार 86 वें संविधान संसोधन 2002 द्वारा जोड़ा गया I

अन०
ु - 22 गिरफ़्तारी एवं बंदी बनाने से सम्बंधित अधिकार
बंदी बनाने की अधिकतम सीमा तीन माह है I
नोट – D.D बसु केस थाने में कस्टडी से जड़
ु ी गाइडलाइन सप्र
ु ीम कोर्ट ने बनाई

शोषण के विरुद्ध अधिकार (Art 23-24)


अन०
ु 23 - मानव तस्करी एवं बंधआु मजदरू ी निषेध I
अन०ु 24 - बाल मजदरू ी निषेध भारत के 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को किसी काम में नहीं लगा सकते हैं I

धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार (Art 25-28)


अन०
ु 25 अंतःकरण या चित्त की स्वतंत्रता का अधिकार, धर्म का प्रचार प्रसार एवं अभ्यास करने की स्वतंत्रता I
अन०ु 28 सरकार द्वारा प्रबंधित शैक्षिक संस्थानों में कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जा सकती I

सांस्कृतिक एवं शैक्षिक अधिकार (Art 29-30)


ये अधिकार अल्पसंख्यकों के अधिकार भी कहलाते है |

नोट- संविधान में दो आधार पर अल्पसंख्यक निर्धारित किये गए है I


(1) भाषा के आधार पर (2) धर्म के आधार पर
भारत में 6 धर्मों को बौद्ध, जैन, ईसाई, मस्लि
ु म, पारसी और सिख को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया है I

अन०
ु 29 भारत में सभी धर्मों को अपनी संस्कृति, भाषा, लिपि संरक्षित करने का अधिकार है I
अन०ु 30 अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद का शैक्षिक संस्थान खोलने एवं उनके प्रबंधन करने का अधिकार है I

संवध
ै ानिक उपचारों का अधिकार (Art - 32)
नोट - डॉ० भीम राव अम्बेडकर ने अन०
ु - 32 को संविधान का हृदय एवं आत्मा कहा I

Art 32 में मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए Direct S.C (सर्वोच्च न्यायालय) जा सकते हैं I

सप्र
ु ीम कोर्ट 5 तरीके की रिट जारी करता है I

1. बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus)

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2. परमादे श रिट (Mandamus)
3. अधिकार पच् ृ छा (Quo Warranto)
4. निषेध रिट (Prohibition)
5. उत्प्रेषण लेख (Certaiorari)

बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) यह रिट सरकारी व गैर सरकारी दोनों संस्थानों के खिलाफ जारी की जाती है

केस - ए० डी० एम० जवलपरु केस


(National Emergency) 1975- 77 के दौरान मौलिक अधिकारों को बचाने से मना कर दिया सप्र
ु ीम कोर्ट ने

परमादे श रिट (Mandamus) केवल सरकारी संस्थानों के कर्मचारियों के खिलाफ जारी होता है जो अपने कर्तव्यों का निर्वहन
न करे ।
नोट - यह रिट राष्ट्रपति और राज्यपाल के खिलाफ जारी नहीं की जा सकती।

अधिकार पच्ृ छा (Quo Warranto) जब कोई सरकारी संस्थान अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाते हैं और मौलिक अधिकारों
का उल्लंघन हो जाये तब सप्र
ु ीम कोर्ट यह रिट जारी करता है ।

निषेध रिट (Prohibition) न्यायपालिका से संबधि ं त जब निचली अदालतें अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाएं या कोई निर्णय
ले लें तब सप्र
ु ीम कोर्ट निषेध रिट जारी करता है ।
उत्प्रेषण लेख (Writ of Certaiorari) निचली अदालत के फैसले की न्यायिक समीक्षा की करना | निचली अदालतों के
निर्णय को रद्द करना।

नोट- Important Facts


● Art – 31 (A) सरकारें ज़मीन का अधिग्रहण कर सकती है । Estate अधिग्रहण।
● Art – 31 (B) भमि ू सध ु ार अधिनियम या ज़मींदारी उन्मलू न के लिए संरक्षण के लिए प्रथम संविधान संसोधन 1951
से जोड़ा गया है ।
● Art – 31 (C)राज्य के नीति निदे शक तत्व Art 39(b) & 39(c) को लागू करने में मौलिक अधिकारों
(14 & 19 )का उल्लंघन किया जा सकता है ।
● Art 33 सैन्य बलों में तैनात सैनिकों के मौलिक अधिकार कम किये जा सकते है ।
जैसे - Army, Air force, Navy, B.S.F, ITBP राज्य पलि ु स
● Art 34 सैन्य शासन के दौरान हमारे मौलिक अधिकार कम कर दिए जाते हैं। (मार्शल लॉ)

● नोट : वो मौलिक अधिकार जो सिर्फ भारतीयों के पास है ।


Art -15, Art -16, Art -19, Art -29, Art -30

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भाग - 4
राज्य के नीति निदे शक तत्व

राज्य के नीति निर्देशक तत्व: - (Directive Principles of State Policy)

ये आयरलैंड के संविधान से प्रभावित है ।


राज्य के नीति निदे शक तत्वों में गांधीवादी आदर्शों, समाजवादी आदर्शों का उल्लेख है ।

नोट - गांधीयन संविधान - महात्मा गांधी के शिष्य - श्रीमन नारायण अग्रवाल ने लिखा।

मौलिक अधिकार DPSP

भाग -3 भाग -4

इसमें 12-35 तक अनच्


ु छे द संयक्
ु त राज्य अमेरिका से प्रभावित इसमें 36-51 तक अनच्
ु छे द आयरलैंड से लिया गया है ।
हैं I

ये न्यायोचित है । न्यायोचित नहीं है ।

Art- 37 राज्य के नीति निदे शक तत्व न्यायोचित नहीं है ।


Art- 38 लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा

Art- 39a परु


ु ष और स्त्री भारत में सभी नागरिकों को समान रूप से जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार है ।
Art- 39b समद ु ाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व एवं नियंत्रण ऐसा हो जिसमें सर्व समाज का हित हो।
Art- 39c ऐसा आर्थिक ढांचा तैयार किया जाए जिससे धन और उत्पादन के साधनों का संचय न हो
Art- 39d महिला एवं परुु ष दोनों को समान कार्य के लिए समान वेतन।

नोट : अन०ु 39(b) और (c) समाजवादी सिद्धांत हैं I


नोट : उत्पादन के कारक - श्रम, भमि
ू , पज
ंू ी, उद्यम।

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Art -39(A) ये 42 वें संविधान संसोधन द्वारा 1976 में जोड़ा गया इसमें कहा गया कि समान न्याय एवं मफ्
ु त काननू ी सहायता दी
जाये।
Note - इस उद्दे श्य को परू ा करने के लिए सप्र
ु ीम कोर्ट द्वारा NALSA (National legal service authority) 1987 में बनाई |
जो लोक अदालत का आयोजन करती है | इसका संरक्षक भारत का मख् ु य न्यायाधीश होता है ।

Art-40 पंचायती राज का गठन-


1952 - में सामद
ु ायिक विकास कार्यक्रम (CDP) शरूु हुआ।
पंचायती राज से जड़ ु ी कुछ समितियां-
⮚ बलवंत राय मेहता समिति – 1957 | इनको पंचायती राज का जनक माना जाता है ।
⮚ अशोक मेहता समिति
⮚ जी० बी० के० राव समिति
⮚ एल० एम० सिंघवी समिति
भारत में पहली बार पंचायती राज व्यवस्था की शरु
ु आत राजस्थान से नागौर जिले में 2 Oct 1959 में बनी।
भारत के संविधान में 73वां और 74वां संविधान संशोधन करके 1992 में पंचायतें बनाई गयी।

भाग- 9
73 वां संशोधन पंचायतें
अनस
ु च
ू ी 11

भाग – 9 (A)
74 वां संशोधन नगर निकाय
अनस
ु च
ू ी 12

भारत में त्रिस्तरीय पंचायती राज है


जिला पंचायत नगर निगम
क्षेत्र पंचायत नगर पालिका
ग्राम पंचायत नगर पंचायत

पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को 33 %आरक्षण दिया गया।


ग्राम पंचायत का चनु ाव प्रत्यक्ष चन
ु ाव है । पंचायतों के चन
ु ाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग बनाया जाता है जिसकी नियक्ति

राज्यपाल करता है ।
Art- 41 रोजगार एवं शिक्षा का अधिकार, सरकारी सहायता पाने का अधिकार जैसे - वद् ृ ध और विकलांगों के लिए पें शन
Art – 42 राज्य का ये दायित्व है कि कार्यस्थल पर न्यायसंगत, मानवोचित दशाएं हो तथा प्रसति ू लाभ( मातत्ृ व अवकाश) प्रदान
करें ।
मातत्ृ व अवकाश - पहले 12 हफ्ते था लेकिन अब हफ्ते 26 कर दिया है ।

Art – 43 जीने योग्य सैलरी (Living Wages)


जैसे - कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दे ना, कड़ाई, बन
ु ाई, सिलाई आदि।
Art – 43 (B) सहकारी समितियों को प्रोत्साहन
97 वां संविधान संसोधन 2011 में करके जोड़ा गया सहकारी समितियों को प्रोत्साहन।
संविधान के भाग 9 (B) for Cooperative सहकारी समितियां जैसे - अमल
ू – Iffco यरि ू या कृभको
Art – 44 नागरिकों के लिए एक सिविल संहिता या सार्वभौमिक सिविल संहिता

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राज्य से अपेक्षा है कि वे सभी नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता का निर्माण करें ।
नोट - गोवा ऐसा राज्य है जहाँ Universal Court समान नागरिक संहिता चलती है ।
Art – 45 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों की दे खरे ख और निशल् ु क शिक्षा का अधिकार।
उदा० (आशा) मिशन इंद्रधनष ु (टीकाकरण) 2015 से चल रहा है ।
Art – 46 अनस ु चि
ू त जाति, अनस ु चि
ू त जनजाति और अन्य वंचित वर्गों को शिक्षा और आर्थिक अभिवद् ृ धि करना राज्य का कर्तव्य
है ।
Art – 47 राज्य का कर्त्तव्य है की लोगो के पोषाहार स्तर, जीवन स्तर तथा स्वास्थ्य स्तर को बढ़ाने के लिए प्रयत्न करे ।
नोट - राज्य का कर्तव्य है कि वह शराब, अल्कोहल व ड्रग के सेवन पर प्रतिबंध करें ।
Art – 48 कृषि और पशप ु ालन का संरक्षण
नोट - गौ हत्या को रोकने के लिए प्रयास
Art – 48 (A ) Protection of Environment
राज्य या दे श, जंगल, वन्यजीव, नदियां, झीलें, पर्वत आदि का संरक्षण करें ।
केस - एम० सी० मेहता।
नोट - यह अनच् ु छे द 42 वे संविधान संसोधन 1976 से जोड़ा गया।
1972 में वन्य जीव अधिनियम बनाया।
1986 में पर्यावरण अधिनियम बनाया।
Art – 49 सरकारी संपत्ति, राष्ट्रीय या ऐतिहासिक स्मारकों, धरोहर इमारतों का संरक्षण।
Art – 50 कार्यपालिका और न्यायपालिका का पथ ृ क्करण
नोट - राज्य के तीन अंग - विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका।
शक्तियों के पथ ृ क्करण का सिद्धांत फ़्रांस के दार्शनिक मॉन्टे स्क्यू ने दिया।
Art – 51 अंतर्राष्ट्रीय शांति और राष्ट्रीय सरु क्षा को प्रोत्साहन

भाग - 4A
मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties)

● मौलिक कर्तव्य रूस के संविधान से लिए गए हैं।


● यह भाग सरदार स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर 42 वे संविधान संसोधन 1976 से जोड़ा गया।
● हमारे संविधान में मौलिक कर्तव्य 10+1 = 11 है ।
● ग्यारहवाँ कर्तव्य 86 वें संविधान संशोधन से 2002 में जोड़ा गया |
● मौलिक कर्त्तव्य न्यायोचित नहीं है | इनको काननू द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता है |

Article 51A भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह-

(क) संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान का आदर करे ;
(ख) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे ;
(ग) भारत की प्रभत ु ा, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे;
(घ) दे श की रक्षा करे और आह्वान किए जाने पर राष्ट्र की सेवा करे ;

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(ङ) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातत्ृ व की भावना का निर्माण करे जो धर्म, भाषा और प्रदे श या वर्ग पर आधारित
सभी भेदभाव से परे हो, ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध है ;
(च) हमारी सामासिक संस्कृति की गौरवशाली परं परा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करें ;
(छ) प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील नदी और वन्य जीव हैं, रक्षा करे और उस का संवर्धन करे तथा प्राणि मात्र के
प्रति दयाभाव रखे;
(ज) वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सध ु ार की भावना का विकास करे ;
(झ) सार्वजनिक संपत्ति को सरु क्षित रखे और हिंसा से दरू रहे ;
(ञ) व्यक्तिगत और सामहि ू क गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करें जिससे राष्ट्र निरं तर बढ़ते हुए
प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊंचाइयों को छू ले;
(ट) माता-पिता या संरक्षक छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले बालक के लिए शिक्षा का अवसर प्रदान करे ।

भाग - 5
संसद के भाग (Part of Parliament)
राष्ट्रपति
राज्यसभा
लोकसभा

राष्ट्रपति
अन०
ु 52 - भारत का एक राष्ट्रपति होगा।

योग्यता –
वह भारत का नागरिक हो।
वह 35 वर्ष की आयु पर्ण
ू कर चक
ु ा हो।
पागल या दिवालिया न हो।
लोकसभा का सदस्य बनने की योग्यता रखता हो।
किसी लाभ के पद पर न हो।

चन
ु ाव प्रणाली - राष्ट्रपति का चन
ु ाव अप्रत्यक्ष चन
ु ाव है । भारत की लोकसभा तथा राज्यसभा के चयनित सदस्य तथा राज्यों तथा
केंद्र शासित प्रदे श जिनके पास विधानसभा के MLA , सभी चयनित सदस्य राष्ट्रपति चन
ु ाव में वोट डालते हैं।

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Electoral College Art – 54

⮚ राष्ट्रपति के चन
ु ाव में 50 प्रस्तावक और 50 अनम
ु ोदक की आवश्यकता होती है ।
⮚ राष्ट्रपति का चनु ाव जीतने के लिए (50 % +1) वोट चाहिए I
⮚ MP और MLA की वोट कीमत अलग - अलग होती है I

राज्य की कुल संख्या 1


(1) MLA Vote Value =
कुल चयनित 𝑀𝐿𝐴
× 1000

𝑀𝐿𝐴 𝑣𝑜𝑡𝑒 𝑉𝑎𝑙𝑢𝑒 का योग (28 𝑆𝑡𝑎𝑡𝑒𝑠 +3 𝑈𝑇)


(2) MP Vote Value =
𝑇𝑜𝑡𝑎𝑙 𝐸𝑙𝑒𝑐𝑡𝑒𝑑 𝑀𝑃

Art – 55 राष्ट्रपति के चन
ु ाव की पद्धति (Manner of Election)
राष्ट्रपति के चन
ु ाव की पद्धति आयरलैंड से ली गयी है ।
Proportional Representation of Single transferable Vote (एकल संक्रमणीय आनप
ु ातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली )

कुल वोट – 1000


4 उम्मीदवार (ABCD)
A = 400
B = 300
C = 200
D = 100

⮚ जो सबसे Last Voter कम वोट पाने वाला उम्मीदवार उसकी Second Priority दे खी जाएगी और उनके वोट अन्य कैं डिडेट
के वोट में Add कर दिए जाएंगे I
⮚ यह प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक 50 % +1 वोट प्राप्त नहीं होता है I
⮚ शपथ अन० ु - 60 राष्ट्रपति को शपथ सप्रु ीम कोर्ट का मख्
ु य न्यायाधीश दिलाता है ।
⮚ राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को दे गा।
⮚ राष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष होता है लेकिन उसको फिर से चन ु ा जा सकता है ।

अब तक के राष्ट्रपति

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1. डॉ० राजेंद्र प्रसाद - भारत के प्रथम राष्ट्रपति थे। पहले राष्ट्रपति जो दो बार जीते जिनका कार्यकाल 10 वर्ष रहा।
2. डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन - इनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं।
1954 में भारत रत्न से सम्मानित।
1954 में ही सी० राजगोपालाचारी तथा सी० वी० रमन को भी भारत रत्न मिला।
नोट - भारत रत्न की शरु ु आत 1954 से हुई।
3. डॉ० जाकिर हुसन ै - ये भारत के पहले मस्लि
ु म राष्ट्रपति थे।
इनकी मत्ृ यु इनके कार्यकाल में ही हो गयी थी।

नोट - वी० वी० गिरी पहले कार्यवाहक राष्ट्रपति बने। कार्यवाहक राष्ट्रपति अधिकतम छः माह तक रह सकता है । ये मजदरू नेता थे।
भारत के दसू रे कार्यवाहक राष्ट्रपति भारत के मख्
ु य न्यायाधीश एम हिदायतल् ु ला बने।

4. वी० वी० गिरी - श्रमिकों के लिए कार्य करने वाले प्रथम राष्ट्रपति।
5. फखरुद्दीन अली अहमद - दस ू रे मस्लि
ु म राष्ट्रपति , इन्हीं के कार्यकाल में राष्ट्रीय आपातकाल 1975-77 में लगा। इनकी
मत्ृ यु इनके कार्यकाल में ही हो गयी थी।
नोट - भारत के तीसरे कार्यवाहक राष्ट्रपति Acting President B. D. Jatti बने।
6. नीलम संजीव रे ड्डी - पहले राष्ट्रपति जो निर्विरोध चन
ु े गए। भारत के एकमात्र राष्ट्रपति जो लोकसभा स्पीकर रहे ।
7. ज्ञानी जैल सिंह - पहले सिख राष्ट्रपति, गहृ मंत्री पहली बार पॉकेट वीटो पावर का प्रयोग किया।
8. आर वें कटरमन
9. शंकर दयाल शर्मा
10. के० आर० नारायण - पहले दलित राष्ट्रपति।
11. डॉ० ए० पी० जे० अब्दल ु कलाम - मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है ।
12. प्रतिभा दे वी सिंह पाटिल - प्रथम महिला राष्ट्रपति
13. प्रणब मख ु र्जी - भारत रत्न से सम्मानित
14. रामनाथ कोविंद - दस ू रे दलित राष्ट्रपति
15. द्रौपदी मर्मू
ु - वर्तमान राष्ट्रपति 2022 से दस
ू री महिला राष्ट्रपति (भारत की प्रथम आदिवासी राष्ट्रपति)।

राष्ट्रपति को हटाना (Remove of President)

Art – 61 महाभियोग (Impeachment) यह अमेरिका से लिया गया है ।

राष्ट्रपति पर महाभियोग सिर्फ संविधान का उल्लंघन करने पर लगाया जा सकता है ।


महाभियोग प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन में लाया जा सकता है ।

5 Steps –
1. 25 % या ¼ सदस्य प्रथम सदन के प्रस्ताव पास करें (राज्यसभा या लोकसभा किसी भी प्रथम सदन के)
2. प्रथम सदन 2/3 बहुमत से सहमत हो जाएं।
3. महावियोग लगाने से पहले राष्ट्रपति को 14 दिन का नोटिस दे ना पड़ेगा उसका पक्ष जानने के लिए।
4. दस ू रा सदन प्रस्ताव की जाँच करे गा।
5. दस ू रा सदन भी 2/3 बहुमत से पास करे ।

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तब ये Impeachment Successful माना जाएगा I

नोट - अन० ु 361 राष्ट्रपति के विशेषाधिकार


कोई क्रिमिनल केस नहीं चल सकता तब तक वह पद पर है ।
कोई सिविल केस चलाने से पहले राष्ट्रपति को 2 महीने पहले नोटिस दे ना पड़ता है ।

राष्ट्रपति की शक्तियां (The Power of President)

● भारत का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति होता है ।


● राष्ट्र का अध्यक्ष Head of State

सैन्य शक्तियाँ (Military Power)


● राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का सर्वोच्च सेनापति होता है ।
● तीनों सेनाओं के प्रमखु ों जनरल, एडमिरल, एयर चीफ मार्शल की नियक्ति
ु राष्ट्रपति करता है ।
● यद्
ु ध और शक्ति की घोषणा करने का अधिकार राष्ट्रपति को संसद की सहमति पर।

आपातकालीन शक्तियां (Emergency Power)


● राष्ट्रीय आपातकाल (Art – 352)
● राष्ट्रपति शासन (Art – 356)
● वित्तीय आपात – (Art – 360)

न्यायिक शक्तियां (Judicial Power)


● सप्र
ु ीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों की नियक्ति ु
● (Art – 72) राष्ट्रपति को यह अधिकार है कि वह किसी की फांसी की सजा माफ़ कर सकता है ।
● सैन्य ट्रिब्यन
ू ल द्वारा प्राप्त सजा माफ़ कर सकता है ।
● (Art – 143) राष्ट्रपति सप्र ु ीम कोर्ट से सलाह या परामर्श ले सकता है किसी लीगल मैटर में लेकिन सप्र
ु ीम कोर्ट बाध्य नहीं
सलाह दे ने के लिए।

कार्यपालिका की शक्तियां (Art – 53)


● कार्यपालिका का अध्यक्ष राष्ट्रपति होता है ।
● Art – 75 राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद की नियक्तिु करता है ।
● Art – 78 प्रधानमंत्री का कर्तव्य है कि वो सारी जानकारी राष्ट्रपति को दे ।

नियक्ति
ु से जड़
ु ी शक्तियां –
अटॉर्नी जनरल (Art – 76)
CAG (Art – 148)
इनकी नियक्ति
ु राष्ट्रपति करता है ।
वित्त आयोग (Art – 280)
UPSC (Art – 315)
चनु ाव आयोग ( Art – 324)

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राज्यपाल –(Art – 153)

नोट - Art – 74 राष्ट्रपति सभी कार्य प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की सलाह पर करे गा।

विधायी शक्तियाँ-

● Art – 85 संसद सत्र को बल ु ाने तथा स्थगित करने का अधिकार राष्ट्रपति को है ।


● Art – 87 संसद के पहले सत्र तथा नयी लोकसभा में पहला अभिभाषण दे ने का अधिकार राष्ट्रपति को है ।
● राष्ट्रपति राज्यसभा में 12 लोगों को मनोनीत करता है ।
● अन० ु - 108 संयक्ु त अधिवेशन राष्ट्रपति को यह शक्ति है कि वह संसद के दोनों सदनों को एक साथ बल
ु ा सकता है ।
● अन० ु - 123 राष्ट्रपति को अध्यादे श जारी करने की शक्ति
जब संसद सत्र न हो राष्ट्रपति अध्यादे श तभी जारी कर सकता है ।
रष्ट्रपति के अध्यादे श का संसद द्वारा बनाया गया कानन ू के बराबर असर पड़ेगा।
वैद्यता अध्यादे श की वैधता संसद के अगले सत्र के 6 सप्ताह तक होती है ।

विवेकाधीन शक्तियाँ -
अगर किसी पार्टी को बहुमत नहीं है तो वह बड़ी पार्टी के नेता को PM बना सकता है ।
लोकसभा भंग करने का अधिकार राष्ट्रपति को है ।

उपराष्ट्रपति (Vice President) (अन०


ु – 63)
उपराष्ट्रपति की योग्यता
⮚ वह भारत का नागरिक हो।
⮚ वह 35 वर्ष की आयु पर्ण
ू कर चकु ा हो।
⮚ वह पागल या दिवालिया न हो।
⮚ राज्यसभा का सदस्य बनने की योग्यता रखता हो।

उपराष्ट्रपति का चन
ु ाव (Art – 66)
Electoral College कुल सदस्य - राज्यसभा
कुल सदस्य – लोकसभा चन
ु ाव में वोट डालेंगे |

नोट – (अन०
ु - 67) उपराष्ट्रपति को हटाने का विशेषाधिकार राज्यसभा को है ।

कार्य (Function)

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अन०
ु - 64 - राज्यसभा का पदे न सभापति उपराष्ट्रपति होता है ।
अन०ु - 65 - कार्यवाहक राष्ट्रपति राष्ट्रपति की मत्ृ यु या छुट्टी होने पर यह पदभार ग्रहण कर लेता है ।

संसद (Parliament)

संसदीय प्रणाली इंग्लैंड से ली गयी है ।


राज्य सभा एवं लोक सभा ये हिंदी नाम 1954 में स्वीकार किये गए ।

राज्यसभा (Council Of State) लोकसभा (House of People)


● इंग्लैंड में इसे हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स कहते है ● इंग्लैंड में इसे हाउस ऑफ़ कॉमन्स कहते है
● राज्यसभा संसद का उच्च सदन है | यह स्थायी सदन है ● इसे निम्न सदन कहते हैं | यह अस्थायी सदन है | यह
यह कभी भंग नहीं होता इसको हाउस ऑफ़ एल्डर भी हर पांच साल बाद भंग होती है ।
कहते हैं।
योग्यता योग्यता
● न्यनू तम आयु 30 वर्ष ● न्यन
ू तम आयु 25 वर्ष है ।
चनु ाव चन
ु ाव
250 सदस्य 550 सदस्य

238 12 530 20
अप्रत्यक्ष चन
ु ाव कला, साहित्य , विज्ञान, प्रत्यक्ष चन
ु ाव होगा।
इसमें राज्य के MLA समाज सेवा
वोट डालते हैं राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत
530 सदस्य राज्यों से चन ु े जाते है 20 सदस्य केंद्र शासित
किये प्रदे शों से।
जाते है नोट - 104 वे संविधान संशोधन द्वारा लोकसभा की दो सीटें पर
राष्ट्रपति द्वारा एंग्लो इंडियन को मनोनीत करने की व्यवस्था
राज्यसभा में सीटों का आवंटन संविधान की चौथी अनसु च
ू ी से को खत्म कर दिया गया ।
आता है ।
उदा० – U.P 31 सीट , महाराष्ट्र 19, तमिलनाडु 18

कार्यकाल कार्यकाल
राज्यसभा का कार्यकाल निश्चित काल। लोकसभा 5 साल ।
1/3 सदस्य प्रत्येक दो वर्ष बाद रिटायर होते है |
प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल 6 वर्ष पहले आम चन ु ाव 1950 - 51 में हुए।
2019 में 17वीं लोकसभा का चन
ु ाव हुआ।
राज्यसभा का गठन 1952 में किया गया । लोकसभा अपना स्पीकर स्वयं चन ु ती है |
उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदे न सभापति होता है ।
राज्यसभा अपने उपसभापति का चन ु ाव करती है । नोट - सरकार का बनना बिगड़ना लोकसभा से तय होता है ।
मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है ।

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नोट - अविश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में लाया जा सकता है
अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 50 सदस्य होने
चाहिए।

Constituency (लोकसभा क्षेत्र )


परिसीमन आयोग (Delimitation Commission)
संसदीय क्षेत्रों की सीमायें बनाये रखने की लिए आखिरी बार 2002 में बनाया गया था। परिसीमन आयोग का निर्णय अंतिम
या फाइनल होता है ।

Important Facts
● संसद की दोनों सत्रों की बीच 6 महीनों से ज्यादा विलंब नहीं होना चाहिए। वास्तविकता में भारत की संसद 3 बार बैठती है ।
● कोरम (अन० ु – 100)सदन की कुल संख्या का 1 /10 होता है | सदन की कार्यवाही चलने के लिए लोकसभा तथा
राज्यसभा के सदस्यों की 1/10 उपस्थिति जरूरी है ।
● जब पक्ष और विपक्ष की किसी मद् ु दे या काननू बनाने पर बराबर मत प्राप्त होते हैं तब लोकसभा स्पीकर या सभापति अपना
निर्णायक मत दे सकता है ।
● सदन में 11 से 12 की बीच का समय प्रश्नकाल का होता है । प्रश्नकाल दो प्रकार के होते हैं - तारांकित आउट अतारांकित
तारांकित प्रश्न - मौखिक जवाब दे ना।
अतारांकित प्रश्न - लिखित में जवाब दे ना।

तारांकित (मौखिक उत्तर दिए जाएगा ) अतारांकित (लिखित उत्तर दिए जायेगा )
परू क प्रश्न पछ
ू े जा सकते हैं परू क प्रश्न नहीं पछ
ू े जा सकते है

● 12 से 1 के बीच शन्
ू य काल होता है । शन् ू य काल में किसी राष्ट्रीय हित के मद्
ु दे पर चर्चा की जाती है ।
● सरकार लोकसभा से चयनित होती है । जिस पार्टी के सांसद ज्यादा होंगे उस पार्टी की सरकार बनेगी।
● सरकार गिराने के लिए अविश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में लाया जाता है , कम से कम 50 सदस्य होने चाहिए।
● सरकार के प्रधानमंत्री या मंत्री किसी भी सदन के हो सकते हैं। बिना किसी सदन के सदस्य होने पर 6 महीने तक पद रह
सकता है ।
● बिना बताये 60 दिन की अनप ु स्थिति पर संसद की सदस्यता छीन ली जाती है या ख़त्म हो जाती है ।

Art – 105 (संसद के विशेषाधिकार)


संसद में सदस्य के बोलने का पर्ण
ू अधिकार है ।
संसद सत्र के 40 दिन पहले और 40 दिन बाद तक सदस्य को किसी सिविल केस में गिरफ्तार नहीं कर सकते।
जब सदन चल रहा हो तब किसी गवाह के रूप में नहीं बल
ु ा सकते है ।

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संसद के कार्य (Function of Parliament)

Public Bill Private Bill

पब्लिक बिल मंत्रियों द्वारा पेश किया जाता है । यह बिल अन्य सदस्य पेश करते हैं, मंत्रियों को छोड़कर।

पब्लिक पास होने की ज्यादा सम्भावना होती है । इस बिल के पास होने की सम्भावना कम होती है ।

पब्लिक बिल लाने के 7 दिन पहले एडवांस नोटिस दे ना पड़ता है । ये एक महीने के एडवांस नोटिस पर लाया जाता है ।

नोट – Guillotine Motion जब कोई कानन


ू या बिल बिना बहस या डिबेट के पास होता है ।

Bills (विधेयक )

विधेयक राज्यसभा / लोकसभा राष्ट्रपति

सामान्य विधेयक राज्यसभा एवं लोकसभा की शक्तियां समान पास करने का अधिकार
Ordinary Bill होती है | विधेयक किसी भी सदन में लाया रिजेक्ट करने का अधिकार
जा सकता है अगर एक भी सदन ने पास नहीं वापस करने का अधिकार (केवल एक बार )
किया तो बिल फंस जाएगा। (Deadlock)

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संवध
ै ानिक बिल राज्यसभा एवं लोकसभा की शक्तियां समान राष्ट्रपति संविधान बिल पर हस्ताक्षर करने के लिए
होती है | विधेयक किसी भी सदन में लाया बाध्य है ।
जा सकता है अगर एक भी सदन ने पास नहीं 24 वें संविधान संशोधन 1971 से बाध्य कर दिया गया ।
किया तो बिल फंस जाएगा। (Deadlock)

धन विधेयक अन०
ु - 110 लोकसभा की शक्तियां अधिक है | राष्ट्रपति धन विधेयक को वापस नहीं कर सकता |

धन विधेयक केवल लोकसभा में लाया जा पास करने का अधिकार


धन विधेयक को निर्धारित करने का सकता है | धन विधेयक को राज्यसभा 14
अधिकार लोकसभा स्पीकर को है । दिन तक रोक सकती है । रिजेक्ट करने का अधिकार
उदा० - बजट अन०
ु – 112

वित्त विधेयक अन०


ु – 117(1 ) (1) केवल लोकसभा में लाया जाएगा । राष्ट्रपति वित्तीय बिल को वापस नहीं कर सकता।
(2) राज्यसभा इस बिल को रोक सकती है ।

नोट - धन विधेयक और वित्त लाने से पहले राष्ट्रपति की पर्व


ू अनम
ु ति अनिवार्य है ।

Joint Sitting संयक्


ु त अधिवेशन (Art 108 )
● यह प्रणाली ऑस्ट्रे लिया से ली गयी गयी है ।
● संयक्
ु त अधिवेशन बल ु ाने का अधिकार राष्ट्रपति को है ।
● सामान्य बिल और वित्त विधेयक में संयक् ु त अधिवेशन बल ु ाया जायेगा।
● धन विधेयक और संवध ै ानिक बिल में संयक्
ु त अधिवेशन नहीं बल ु ाया जाएगा।
● संयक्
ु त अधिवेशन की अध्यक्षता लोकसभा स्पीकर करे गा।
● संयक्ु त अधिवेशन में निर्णय सामान्य बहुमत से लिए जाते है ।
● आज़ादी से अब तक तीन बार संयक् ु त अधिवेशन बल ु ाया गया है ।

संसद के कुछ शब्द (Parliamentary Word)


प्रस्ताव (Motion) - ये तीन प्रकार के होते हैं।
● Simple Motion - परू े कानन
ू पर Discussion होता है ।
● Kangaroo Motion – Important Point पर डिबेट और वोट किया जाता है |
● Guillotine Motion - बिना बहस के काननू पास कर दिए जाता है ।

संसदीय समिति (Parliament Committee)

लोक लेखा समिति (Public Account Committee)


● लोक लेखा समिति में 22 सदस्य होते है ।
● 15 लोकसभा के सदस्य तथा 7 राज्यसभा के।
● यह समिति CAG की रिपोर्ट की जांच करती है ।

प्राक्कलन समिति (Estimates Committee)

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● कुल 30 सदस्य होते है ।
● सभी लोकसभा के सदस्य होते हैं।
● बजट से सम्बंधित जाँच - पड़ताल

सार्वजनिक उपक्रम

● इसमें 22 सदस्य होते हैं।


● 15 लोकसभा से 7 राज्यसभा
● सरकारी उपक्रमों की जाँच पड़ताल।
उदा० रे लवे, NTPC, IOCL, COAL, ISRO आदि।

बजट (Art 112) वार्षिक वित्तीय विवरण (Annual Financial Statement)

● भारत की संचित निधि (Consolidated Fund of India) भारत का मख्


ु य खाता
● भारत की आकस्मिक निधि C.F.I (Contingency Fund of India) Art – 267
● आकस्मिक निधि पर राष्ट्रपति का नियंत्रण होता है
● बजट केवल लोकसभा में आता है ।

बजट
हर मंत्रालय अपनी मांग रखता है इस पर वोटिंग होती है । जो पैसा खर्च होता है । जैसे - जजों की सैलरी, राष्ट्रपति सैलरी
संवध
ै ानिक पदों की सैलरी | इस पर वोटिंग नहीं होती है ।

● प्रत्यानदु ान (Vote on Credit )(आर्ट 116 ) - इसको बजट का Blank Cheque कहते है ।
● लेखानद ु ान (Vote on Account) (Art - 116) एडवांस पैसा बजट का परू ा रुपया मिलने से पहले जो कुछ थोड़ा पैसा किसी
मंत्रालय को दे दिया जाये। यह एडवांस पैसा दो महीने के लिए दिया जाता है

राज्यसभा की विशेष शक्तियां

अन०
ु 67 - उपराष्ट्रपति को हटाना |
● राज्य सभा पर्ण ू बहुमत से पास करे
● उपराष्ट्रपति की 14 दिन का नोटिस
● लोकसभा साधारण बहुमत से सहमत हो जाये।

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अन० ु 249 - केंद्र को राज्य सच
ू ी पर अधिनियम बनाने का अधिकार दे सकता है । राष्ट्रीय हित के विषय में कानन
ू बनाने के लिए ,
राज्यसभा ये प्रस्ताव पास करती है | इसकी वैधता एक साल होती है ।
अन० ु 312 - कोई भी अखिल भारतीय सेवा (ऑल इंडिया सर्विस) शरूु करने की शक्ति जैसे - IAS, IPS जैसी सेवा।

State (राज्य)
राज्यपाल , विधान परिषद, विधानसभा को मिलाकर विधानमंडल बनता है ।
राज्य

राज्यपाल विधान परिषद & विधान सभा

राज्यपाल (अन०
ु - 153)
राज्यपाल का पद कनाडा से लिया गया है ।

योग्यता
● भारत का नागरिक हो।
● पागल या दिवालिया न हो।
● लाभ के पद पर न हो।
● 35 वर्ष की आयु परू ी कर चक
ु ा हो।

नोट- राज्यपाल की नियक्ति


ु राष्ट्रपति द्वारा की जाती है ।

कार्यकाल- राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त , सामान्यतः 5 वर्ष का कार्यकाल।

राज्यपाल की शक्तियां
● अन०
ु - 154 - राज्य की कार्यपालिका का प्रमख ु होता है ।
● अन०ु 161 - राज्यपाल को सजा माफ़ करने की शक्ति (फांसी को छोड़कर)
● अन० ु - 164 - राज्य के मख्
ु यमंत्री और मंत्रियों की नियक्ति
ु ।
● अन० ु 163 - राज्यपाल मख्
ु यमंत्री और मंत्रियों के सलाह पर काम करने के लिए बाध्य है ।
● अन० ु 176 - विधानसभा में हर साल और नई विधानसभा चन ु े जाने पर पहला भाषण दे ने का अधिकार ।

विधान परिषद अन०


ु - 171 विधानसभा अन०
ु – 170

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विधान परिषद 6 राज्यों में है । उत्तर प्रदे श, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, विधानसभा 28 राज्य और
आंध्र प्रदे श और तेलग
ं ाना
2019 में जम्मू कश्मीर से विधानपरिषद् को ख़त्म कर दिया। 3 केंद्र शासित प्रदे शों में दिल्ली, पांडिचेरी, जम्मू कश्मीर में है |

अन०ु 169 - से विधान परिषद को बनाने या हटाने का अधिकार संसद


को है ।

विधान परिषद की कुल संख्या विधानसभा की कुल संख्या

Min - 40 सदस्य और Max विधानसभा सदस्यों की संख्या का 1/3 हो Min – 60 और Max – 500 सीट
सकती है Example U.P – 403
Example U.P – 100

योग्यता - योग्यता -
उम्र 30 वर्ष उम्र 25 वर्ष

चन
ु ाव
अप्रत्यक्ष चन
ु ाव प्रत्यक्ष चन
ु ाव जो 18 वर्ष उम्र परू ी कर चक
ु ा हो।

1/3 सदस्य MLA द्वारा चन ु े जाएंगे नोट- प्रत्येक विधानसभा में 0


1/3 Local Body (स्थानीय निकाय) द्वारा ग्राम प्रधान पार्षद 1 एंग्लो इंडियन राज्यपाल द्वारा मनोनीत होता था ।
1/12 शिक्षकों द्वारा सेकेंडरी टीचर इसको 104 वें संविधान संशोधन द्वारा हटा दिया गया ।
1/12 स्नातक द्वारा
1/6 सदस्यों को राज्यपाल द्वारा मनोनीत करता है ।
साहित्य, कला, विज्ञान सामाजिक सेवा , सहकारी समिति के क्षेत्र में
विशिष्ट योगदान दिया हो ।

विधान परिषद अपने सभापति , उपसभापति को चन


ु ती है । ये अपना स्पीकर या विधानसभा अध्यक्ष चन
ु ती है ।

नोट-

● सामान्य बिल के केस में विधान परिषद किसी बिल को 4 महीने तक रोक सकती है ।
● (First time – 3 month Second time- 1 month)
● धन विधेयक अन० ु 199 - राज्य की विधान सभा में लाया जाता है ।
● विधान परिषद धन विधेयक( Money Bill) को 14 दी तक रोक सकती है ।
● नोट- राज्यपाल किसी भी बिल को राष्ट्रपति की मंजरू ी के लिए भेज सकता है । अन०
ु – 201

संवध
ै ानिक पद (Constitutional Posts )

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१) Attorney General महान्यायवादी (अन०
ु - 76)
● भारत का सबसे बड़ा न्यायिक अधिकारी होता है ।
● भारत सरकार का वकील।
● इसकी नियक्ति
ु राष्ट्रपति करता है ।
● ऐसा कोई भी व्यक्ति जो सप्र
ु ीम कोर्ट का जज बनने की योग्यता रखता हो राष्ट्रपति उसको महान्यायवादी बना सकता है ।

कार्यकाल -
राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त।

विशेषाधिकार-

● वह भारत सरकार का पक्ष रखने के लिए ,भारत के किसी भी न्यायालय में उपस्थित हो सकता है
● अटॉर्नी जनरल - संसद की किसी भी कार्यवाही में भाग ले सकता है लेकिन अपना वोट नहीं दे सकता (अन०
ु – 88)
● नोट- अटॉर्नी जनरल की सहायता के लिए दो सॉलिसिटर जनरल नियक् ु त किये जाते हैं।
● सॉलिसिटर जनरल का पद संवध ै ानिक में नहीं है ।

२) Advocate General महाधिवक्ता - (अन०ु - 165)


● ये राज्य का वकील होता है ।
● इसकी नियक्ति
ु राज्यपाल करता है ।
● योग्यता ऐसा कोई भी वकील जो हाई कोर्ट का जज बनने की योग्यता रखता हो।
● कार्यकाल राज्यपाल के प्रसाद पर्यन्त।
● विशेषाधिकार
यह राज्य सरकार का पक्ष रखने के लिए राज्य के किसी भी न्यायालय में उपस्थित हो सकता है |
यह विधानमंडल के किसी भी कार्यवाही में भाग ले सकता है । (अन०
ु - 177)

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३) CAG (Comptroller and Auditor General of India) भारत का नियंत्रक
एवं महालेखा परीक्षक (अन०
ु - 148)

● इसकी नियक्ति
ु राष्ट्रपति करता है ।
● कार्यकाल - 6 वर्ष या 65 वर्ष
● हटाना - इसको सप्र ु ीम कोर्ट के जजों जैसे हटाया जाएगा।
● इसकी पन ु ः नियक्ति
ु नहीं की जा सकती।
● कार्यकाल परू ा होने के बाद यह केंद्र / राज्य की कोई भी नौकरी नहीं कर सकता ।

कार्य -
● भारत एवं राज्यों के मख्ु य खातों की जाँच करता है ।
● लोक निधि खाते (Public Account) की भी जांच करता है ।
● CAG अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजता है । राज्यों वाली रिपोर्ट राज्यपाल को भेजता है ।
● राष्ट्रपति इस रिपोर्ट को (PAC) लोक लेखा समिति के पास भेज दे ता है । और PAC इसकी जांच करती है ।
● Some Titles of CAG कैग के नाम
1. सरकारी पर्स का रखवाला ।
2. CAG को लोक लेखा समिति (PAC) की आंख और कान कहते हैं।
3. डॉक्टर बी० आर० अम्बेडकर ने इसे लोकतांत्रिक ढांचे का बांध कहा ।

आयोग (Commission)

१) वित्त आयोग (Finance Commission)


● वित्त आयोग की नियक्ति ु राष्ट्रपति करता है |
● इसमें कुल पांच सदस्य होते हैं (1+4) 1 चेयरमैन + 4 अन्य सदस्य ।
● कार्यकाल - इसका कार्यकाल 5 वर्ष होता है ।
● पहला वित्त आयोग 1951 में बना।
● पहले वित्त आयोग के चेयरमैन के सी नियोगी बने।
● वर्तमान में 15 वां वित्त आयोग चल रहा है ।
● इसके चेयरमैन नन्द किशोर सिंह हैं।

वित्त आयोग के कार्य -


कुलधन में राज्यों का कुल हिस्सा कितना है । अनद
ु ान दे ने का सिद्धांत वित्त आयोग तय करता है ।

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केंद्र से ग्राम एवं नगर पंचायतों तक धन का विकेंद्रीकरण करना ।

२) संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भाग - 14

UPSC(संघ लोक सेवा आयोग) JPSC(संयक्


ु त लोक सेवा आयोग ) SPSC(राज्य लोक सेवा आयोग )

सदस्यों की नियक्ति
ु राष्ट्रपति करता है सदस्यों की नियक्ति
ु राष्ट्रपति करता है सदस्यों की नियक्ति
ु राज्यपाल करता है

केंद्र के लिए IAS, IPS, IFS आदि exam यदि किसी राज्य के पास अपना लोक सेवा PCS आदि एग्जाम
संघ लोक सेवा आयोग कराएगा। आयोग नहीं है | तब संसद JPSC बनाने की
सहमति दे ती है ।

UPSC में कितने सदस्य होंगे ये राष्ट्रपति JPSC में राष्ट्रपति तय करे गा। SPSC में राज्यपाल तय करे गा।
तय करे गा।

कार्यकाल - 6 / 65 वर्ष 6 / 62 वर्ष 6 / 62 वर्ष

UPSC अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजता ये राज्यपाल को भेजता है । ये रिपोर्ट राज्यपाल को भेजता है ।
है ।

● JPSC संवध ै ानिक संस्था नहीं है यह संस्था आवश्यक्तानस ु ार में बनाई जाती है ।
● अन० ु -320 (Function of UPSC, JPSC, SPSC)
Requirement करना
प्रमोशन, ट्रांसफर अनश ु ासनात्मक कार्यवाही से संबधि
ं त नियम बनाना ।
● अन० ु - 310 प्रसाद पर्यन्त का सिद्धां त
केंद्र में कोई भी नौकरी करने वाला व्यक्ति राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त काम करता है ।
राज्य में सभी नौकरियां राज्यपाल के प्रसाद पर्यन्त हैं।
● अन० ु - 312 नई अखिल भारतीय सेवाएं Create करना।

३) चन
ु ाव आयोग (अन०
ु - 324) भाग - 15
● इस कमीशन में एक मख् ु य चनु ाव आयक्
ु त एवं २ चन
ु ाव आयक्ु त (1+2 = 3) होते हैं।
● कार्यकाल - 6 वर्ष या 65 वर्ष
● हटाने की प्रक्रिया - मख्
ु य चनु ाव आयक्
ु त को ऐसे ही हटाया जाता है जैसे सप्र
ु ीम कोर्ट के जज को हटाया जाता है ।
2 चनु ाव आयक् ु तों को संसद के विशेष बहुमत से राष्ट्रपति हटा सकता है । लेकिन पहले मख् ु य चन
ु ाव आयक्
ु त की सहमति
लेनी पड़ेगी।

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चन
ु ाव आयोग के कार्य
चनु ाव आयोग राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति राज्यसभा, लोकसभा, विधान परिषद, विधानसभा के चन
ु ाव करता है ।
मतदाता सच ू ी तैय ार करना।
राजनैतिक पार्टी को दर्जा दे ना।
चन ु ाव चिन्ह दे ना।

● नगर निगम , पंचायती चन ु ाव , राज्य निर्वाचन आयोग करवाता है ।


● 25 जनवरी 1950 को भारत का इलेक्शन कमीशन बनाया गया।
● पहले चन
ु ाव आयक्
ु त सक
ु ु मार सेन थे।

RPA – 1950 Representation of the People Act. लोक RPA – 1951 Representation of the People Act. लोक
प्रतिनिधित्व अधिनियम प्रतिनिधित्व अधिनियम

वोटर लिस्ट से जड़ ु े नियम, राजनैतिक पार्टी से जड़


ु े नियम, उम्मीदवार और सदस्य की अयोग्यता, अपराध और भ्रष्टाचार
प्रचार प्रसार से जड़
ु े नियम। के आधार पर अयोग्य – (Sec- 8)

केस - भारत संघ बनाम Association of Democratic लिली थॉमस बनाम भारत संघ
Reform
अगर किसी प्रत्याक्षी को किसी अपराध की सजा दो वर्ष या
प्रत्याशी या उम्मीदवार को क्रिमिनल बैकग्राउं ड के बारे में उससे ज्यादा है तो सजा परू ी होने तक तथा 6 वर्ष बाद तक वह
जानकारी दे ना अनिवार्य है । चनु ाव नहीं लड़ सकता | (अपराधिकरण को काम करने के लिए
केस

● चन
ु ाव आयोग ने चन ु ाव प्रचार पर खर्च करने के लिए व्यय सीमा निर्धारित की है ।
लोकसभा चनु ाव में 95 लाख रुपये निर्धारित किये। छोटे राज्यों के लिए 75 लाख है ।
विधानसभा चनु ाव के लिए 40 लाख । छोटे राज्यों के लिए 28 लाख है ।

नोट - सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार (अन० ु - 326)


61 वें संविधान संशोधन 1986 के द्वारा वोट दे ने की उम्र 21 से 18 वर्ष कर दी गयी है ।

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भाग - 18
(आपातकाल)
आपातकाल जर्मनी के वीमर संविधान से लिया गया ।
● राष्ट्रीय आपातकाल - 352
● राज्य आपातकाल या राष्ट्रपति शासन - 356
● वित्तीय आपातकाल – 360

१) राष्ट्रीय आपातकाल (अन०


ु - 352)

तीन आधारों पर राष्ट्रीय आपातकाल लगाया जा सकता है


1. बाह्य अशांति
2. यद्
ु ध
3. सैनिक विद्रोह

भारत की कैबिनेट राष्ट्रपति को लिखित सलाह दे ,तब राष्ट्रपति आपातकाल लगा सकता है |

नोट - भारत में राष्ट्रीय आपात 3 बार लगा है ।


1. पहली बार - 1962 (भारत - चीन यद् ु ध)
2. दस ू री बार - 1971 (भारत - पाकिस्तान यद्
ु ध)
3. तीसरी बार - 1975 - 77 (इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया था , राष्ट्रपति डॉक्टर फखरुद्दीन अली अहमद थे | )

नोट : इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति के आधार पर लगाया था।


44 वें संविधान संशोधन द्वारा 1978 में इस आंतरिक अशांति को हटाकर सैन्य विद्रोह को आधार बना दिए गया ।

राष्ट्रपति द्वारा लगाया गया आपातकाल संसद में एक महीने के भीतर विशेष बहुमत से पास होनी चाहिए।
इसकी वैधता 6 माह तक होती है ।

आपातकाल के प्रभाव

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अन०
ु - 358 अन०
ु - 359

जैसे ही आपातकाल लगता है अन०


ु - 19 के अधिकार स्वतः ही राष्ट्रपति मौलिक अधिकारों को निरस्त कर सकता है लेकिन
निरस्त हो जायेंगे। अन० ु - 20 और अन०
ु - 21 को नहीं।

केस – ADM जबलपरु बनाम शिव कान्त शक् ु ला


इसको बंदी प्रत्यक्षीकरण केस भी कहते हैं | सप्र
ु ीम कोर्ट ने कहा की अन०
ु - 32 इमरजेंसी के समय में लागू नहीं कर सकते ।

नोट - अन० ु - 355 केंद्र का कर्तव्य है कि वह राज्य की सीमाओं की रक्षा करे ।


राष्ट्रीय आपातकाल को हटाना -
1. राष्ट्रपति आपातकाल को वापस ले सकता है ।
2. लोकसभा सामान्य बहुमत से आपातकाल को हटा सकती है ।

२) राज्य आपातकाल या राष्ट्रपति शासन (Art 356 )


राष्ट्रपति शासन राष्ट्रपति द्वारा लगाया जाता है (लगाने से पहले राष्ट्रपति उस राज्य के राज्यपाल से सलाह लेगा) लेकिन राष्ट्रपति
उस सलाह से बाध्य नहीं है ।

शर्तें -
१) किसी राज्य में संवध
ै ानिक तंत्र विफल हो जाने पर।
अन० ु - 365 राज्य का कर्तव्य है कि वह केंद्र के निर्देशों का पालन करे ।
ऐसा न करने पर माना जाएगा कि राज्य में संवध ै ानिक ढांचे का उल्लंघन हो रहा है ।
२) किसी राज्य में सरकार न बनने पर

राष्ट्रपति शासन संसद द्वारा सामान्य बहुमत से 2 महीने के अंदर पास होना चाहिए ।

वैद्यता
1. राष्ट्रपति शासन 6 महीने तक चलेगा।
2. इस राष्ट्रपति शासन को 1 साल तक बड़ा सकते हैं।
3. अगर किसी राज्य में चन ु ाव आयोग बोल दे कि चन ु ाव करना संभव नहीं है या राष्ट्रीय आपात का समय हो तब राष्ट्रपति
शासन अधिकतम 3 साल तक लगा सकते हैं।
उदाहरण - अब तक पंजाब में एक बार 3 वर्ष तक राष्ट्रपति शासन लगा है |

प्रभाव - विधानमंडल की शक्तियां संसद के पास चली जाती हैं। कार्यपालिका की शक्ति राष्ट्रपति के पास चली जाती है ।

नोट
1. सबसे ज्यादा राष्ट्रपति शासन उत्तर प्रदे श में लगा है अब तक 10 बार।
2. सबसे पहले राष्ट्रपति शासन पंजाब में लगा।
3. भारत में ऐसे दो राज्य जिनमें अभी तक राष्ट्रपति शासन नहीं लगा - छत्तीसगढ़ और तेलग
ं ाना।

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4. केस - एस० आर० बोमई बनाम भारत संघ – राष्ट्रपति शासन अंतिम उपाय होना चाहिए | राज्य आपातकाल लगाने से
पहले विधानसभा में वोटिंग करनी चाहिए | (राष्ट्रपति शासन से जड़
ु ा केस)

३) वित्तीय आपातकाल Financial Emergency (Art 360 )


● वित्तीय आपातकाल राष्ट्रपति लगाता है ।
● वित्तीय आपातकाल अभी तक एक भी बार नहीं लगा।
● शर्तें - वित्तीय स्थिरता को खतरा या वित्तीय अस्थिरता (गंभीर आर्थिक संकट)
● इसको संसद द दो महीने के अंदर सामान्य बहुमत से पास कर दे ।
● वैद्यता - अगर एक बार भी पास हो गया तो अनिश्चित कल तक चलता रहे गा राष्ट्रपति वापस न ले ।

नोट - राज्य के मनी बिल राष्ट्रपति के पास आयेंगे | राष्ट्रपति सप्र


ु ीम कोर्ट तथा हाई कोर्ट के जजों की सैलरी भी कम कर सकता है
(Including all Employee of India)

संविधान संशोधन (अन०


ु - 368) भाग - 20
● संविधान संशोधन अफ्रीका से लिया गया है ।
● संविधान में संशोधन तीन प्रकार से किया जाता है । जिनमें दो तरीके अन० ु 368 के अंतर्गत आते है ।
● जैसे - नए राज्य का बनना, राज्य की सीमा बदलना (अन० ु - 4 पार्ट I) और नागरिकता से जड़ ु े नियम अन०
ु - 368 के
अंतर्गत नहीं आते।

अनच्
ु छे द – 368

लचीली प्रक्रिया (Flexible Approach ) कठोर प्रक्रिया (Rigid Approach )

संसद विशेष बहुमत से संशोधन कर सकती है । संसद विशेष बहुमत से पास करे + आधे राज्यों की विधानसभा
भी सहमत हो। (50 % राज्य )

जैसे - प्रस्तावना, मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य में । राष्ट्रपति का चन


● ु ाव
● सप्र
ु ीम कोर्ट , हाई कोर्ट
● 7 वीं अनस ु च
ू ी (केंद्र और राज्य) के बीच शक्तियों का
बंटवारा
● Art 368

संशोधन से जड़
ु े प्रमख
ु केस

1 ) शंकरी प्रसाद बनाम भारत संघ (1951 ) एवं सज्जन सिंह बनाम राजस्थान राज्य (1965 )

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संसद मौलिक अधिकारों में बदलाव कर सकती है ।

2 ) IG गोलकनाथ बनाम स्टे ट ऑफ़ पंजाब (1967)


संसद मौलिक अधिकारों में संशोधन नहीं कर सकती। (11 जजों की बेंच)

3 ) केशवानंद भारती बनाम स्टे ट ऑफ़ केरल (1973)


● 13 जजों की बेंच बनी
● मलू भत ू ढांचे का सिद्धांत
● सप्र
ु ीम कोर्ट ने स्वीकार किया कि संसद को संविधान में संसोधन करने का अधिकार है लेकिन वह मल
ू भत
ू ढांचे के खिलाफ
संसोधन नहीं कर कर सकती है ।
उदा० - लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्ष, स्वतंत्र, न्यायपालिका, गणतंत्र।

4 ) मिनर्वा मिल्स बनाम भारत संघ (1980)


सप्र
ु ीम कोर्ट ने 368 (4) और 368 (5) को काट दिया। मल
ू ढांचे में संसद संसोधन नहीं कर सकती है |

भारतीय संविधान के प्रमख


ु संशोधन

● प्रथम संसोधन (1951) 9 वीं अनस ु च


ू ी जोड़ी गई अन-ु 31 (B) भमि
ू सध ु ार कानन
ू संरक्षण के लिए।
● सातवाँ संसोधन (1956) राज्य पन ु र्गठन अधिनियम लागू किआ गया
● 24 वां संसोधन (1971) संवध ै ानिक विधेयक पर राष्ट्रपति सहमति या हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य है ।
● 36 वां संसोधन (1975) सिक्किम नया राज्य बना।
● 42 वां संसोधन (1976) प्रस्तावना में तीन शब्द जोड़े गए - धर्मनिरपेक्षता, समाजवादी, अखंडता
मौलिक कर्तव्य जोड़े गए DPSP में 39 (A) समान न्याय, अन० ु - 48 (A) पर्यावरण संरक्षण, अन०
ु 323 (A) प्रशासनिक
न्यायधिकरण जोड़े गये।
● 44 वां संसोधन (1978) संपत्ति के मौलिक अधिकार को हटाकर इसे विधिक अधिकार बना दिया और अन०ु 300 (A) में
डाल दिया गया ।
● 52 वां संसोधन (1985) दसवीं अनस ु च
ू ी जोड़ी गई | दल - बदल से जड़ ु े नियम
यदि 2 / 3 तिहाई लोग एक साथ पार्टी छोड़ते हैं तो उनकी सदस्यता नहीं जाएगी। एक व्यक्ति पार्टी छोड़ता है तो उनकी
सदस्यता चली जाएगी। निर्दलीय प्रत्याक्षी जीतकर किसी पार्टी में चला जाता है तो उसकी सदस्यता निरस्त हो जाएगी।
मनोनीत सदस्य 6 महीने के अंदर किसी पार्टी में शामिल हो सकता है और यदि उसके बाद शामिल होता है तो उसकी
सदस्यता चली जायेगी।
व्हिप पार्टी का आदे श - अगर कोई सदस्य अपनी पार्टी के व्हिप के खिलाफ वोट डालता है तो उसकी सदस्यता चली जायेगी।
● 61 वां संसोधन (1989) मतदान उम्र या व्यस्क मताधिकार उम्र 21 वर्ष से हटा कर 18 वर्ष कर दी (अन०ु - 326)।
● 69वां संसोधन (1991) दिल्ली को NCR बनाया गया राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र।
● 73 वां संसोधन (1992) पंचायती राज, ग्राम पंचायतें बनायी गयी 11 वीं अनस ु च
ू ी और भाग IX जोड़ा गया।
● 74 वां संसोधन (1992) नगर पंचायत, नगर निगम 12 वीं अनस ु च
ू ी और IX जोड़ी गयी ।
● 86 वां संसोधन (2000) अन०ु - 21 (A ) जोड़ा गया | 6 - 14 वर्ष के बच्चों को निशल्ु क शिक्षा।
● 91 संसोधन (2003) मंत्री परिषद की सीमा निर्धारित की गयी। मंत्रिपरिषद लोकसभा और विधानसभा की संख्या का
अधिकतम 15 % हो सकती है | राज्य में न्यन
ू तम 12 है ,केंद्र में न्यन
ू तम संख्या निर्धारित नहीं है |
● 97 वां संसोधन (2011) सहकारी समिति जोड़ी। भाग 9 B जोड़ा गया |

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● 99 वां संसोधन (2014) NJAC कानन ू जोड़ा गया | जिसको सप्र
ु ीम कोर्ट ने रद्द कर दिया।
● 100 वां संसोधन (2015) भारत - बांग्लादे श सीमा विवाद समझौता।
● 101 वां संसोधन (2016) GST का गठन अन० ु 279 (A)
● 103 वां संसोधन (2019) भारत में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों (EWS) को शैक्षिणिक संस्थानों में 10 % आरक्षण अन०

15 (6) , नौकरियों में 10 % आरक्षण अन०
ु - 16 (6)
● 104 वां संशोधन (2020) एंग्लो इंडियन को मनोनीत करने वाली प्रक्रिया को समाप्त कर दिया। SC और ST आरक्षण 10
वर्ष बड़ा दिया।
● 105 वां संसोधन (2021) राज्यों को OBC लिस्ट बनाने का अधिकार ।

न्यायपालिका

● भारत की न्यायपालिका अमेरिका से प्रभावित है ।


● भारत की न्यायपालिका एकीकृत है ।
● भारत की न्यायपालिका स्वतंत्र है ।

सर्वोच्च न्यायालय

● 1773 में रे गल ु ेटिगं एक्ट वारे न हे स्टिंग्स ने बनाया। जिससे 1774 में कलकत्ता के फोर्ट विलियम में सप्र
ु ीम कोर्ट बनाया
गया।
● भारत स्वतंत्रता अधिनियम (1935) से फेडरल सप्र ु ीम कोर्ट बनाया गया।
● 28 जनवरी 1950 को सप्र ु ीम ऑफ़ इंडिया बनाया गया।
● जब सप्रु ीम कोर्ट बना तब 1 + 7 = 8 जज थे (1950) में ।
● अब सप्र ु ीम कोर्ट में जजों की संख्या 1+33=34 है । (2021) से
● सप्र
ु ीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ाने या घटाने का अधिकार संसद के पास है ।
● भारत के पहले मख् ु य न्यायाधीश एच० जे० कानिया थे।
● भारत के वर्तमान 50 वे मख् ु य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचड़ू है ।

योग्यता –
1. 5 साल तक हाई कोर्ट का जज रहा हो।
2. 10 वर्ष उच्च वकील रहा हो हाई कोर्ट या सप्र
ु ीम कोर्ट में ।

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3. कोई व्यक्ति जो विधि वक्ता (कानन
ू का अच्छा जानकर) हो राष्ट्रपति उसे सप्र
ु ीम कोर्ट का जज बना सकता है ।

सप्र
ु ीम कोर्ट में जजों की नियक्ति
ु राष्ट्रपति करता है अन०
ु 124 (2)

वास्तव में सप्र


ु ीम कोर्ट के जजों की नियक्ति
ु कॉलेजियम व्यवस्था द्वारा की जाती है ।

3 जज केस
● प्रथम जज केस - एस० पी० गुप्ता बनाम भारत संघ (1981)
जजों की नियक्ति
ु में मख्
ु य न्यायाधीश की सलाह को वरीयता दे ना।
● द्वितीय जज केस - एस० सी० एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड बनाम यनि
ू यन ऑफ़ इंडिया (1993)
मख्
ु य न्यायाधीश की सलाह बाध्य कर दी गयी।
● तत
ृ ीय जज केस - (1998) In रे फरें स (1998) Case इस केस से कॉलेजियम व्यवस्था बनायी गयी।
1 मख्
ु य न्यायाधीश + 4 वरिष्ठ जज = कुल 5 जज

कार्यकाल - 65 वर्ष।
जज को कैसे हटाया जाएगा -
अन०
ु - 124 (4) संसद विशेष बहुमत से हटाएगी।

सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियाँ -

● मौलिक अधिकारों का संरक्षक या संविधान का संरक्षक संविधान की व्याख्या करने का अधिकार।


● अन०ु 13 सप्र
ु ीम कोर्ट न्यायिक पन ु र्वालोकन की शक्ति।
● अन० ु 32 सप्र
ु ीम कोर्ट को रिट जारी करने की शक्ति।
● अन० ु 129 सप्र
ु ीम कोर्ट कोर्ट ऑफ रिकॉर्ड होता है ।

अन०
ु 131 सप्र ु ीम कोर्ट का वास्तविक अधिकार क्षेत्र -
● संविधान से जड़ ु ा केस।
● सरकारों के बीच विवादित केस (केंद्र बनाम राज्य) राज्य बनाम राज्य।
● राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के चनु ाव संबध
ं ी याचिका सप्र
ु ीम कोर्ट सन
ु ेगा।
● अन० ु 133 - सिविल केस करने की अपील।
● अन० ु 134 - क्रिमिनल केस करने की अपील।

● अन०
ु - 136 विशेष याचिका का अधिकार SLP (Special Leave Petition)
● अन०ु - 137 अपने निर्णय को पन ु र्वालोकन करने का अधिकार।
● अन० ु - 140 सहायक या अनपु रू क शक्तियाँ

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● अपने निर्णय को परू ा कराने के लिए जो सहायक शक्ति की आवश्यकता है , वो उसके पास है ।
● अन०ु - 141 भारत में सप्र ु ीम कोर्ट का निर्णय बाध्य होगा भारत के सभी न्यायलय पर।
● अन० ु - 142 सम्पर्ण ू न्याय करने का अधिकार
● अन० ु - 143 राष्ट्रपति किसी भी कानन ू ी मामले में सप्र
ु ीम कोर्ट से सलाह ले सकता है | सप्र
ु ीम कोर्ट सलाह दे ने के लिए बाध्य
नहीं है ।

नोट -
● अन० ु 145 संवध ै ानिक पीठ में काम से काम 5 जज होने चाहिए।
● न्यायिक सक्रियता(Judicial Activism)जब सप्र ु ीम कोर्ट अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर काम करे | अमेरिका सिद्धांत
से प्रभावित है |
● P.I.L (Public Interest Litigation) जनहित याचिका
Locus Standi मतलब जो व्यक्ति पीड़ित है वही अपनी समस्या को लेकर न्यायलय के पास जा सकता है या सन ु सकता
है ।
जस्टिस पी० एन० भगवती और कृष्णा अय्यर ने (PIL) का concept जिसमें कोई भी व्यक्ति जनहित याचिका दायर कर
सकता है । (जनहित याचिका का सिद्धांत सबसे पहले अमेरिका में आया था )

उच्च न्यायालय
● भारत के उच्च न्यायालय - (अन० ु - 214)
● 1861 में हाई कोर्ट एक्ट बना।
● 1862 में भारत में तीन हाई कोर्ट बने (बम्बई, कलकत्ता और मद्रास)
● 1866 में इलाहाबाद हाई कोर्ट बना।
● हाई कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ाने या घटाने का अधिकार राष्ट्रपति को है ।
● वर्तमान में भारत में 25 हाई कोर्ट हैं।
योग्यता -
● वो व्यक्ति जो जिला सत्र न्यायालय या किसी भी न्यायिक सेवा में 10 वर्ष तक रहा हो।
● 10 वर्ष तक हाई कोर्ट का वकील रहा हो।

नियक्ति
ु : हाई कोर्ट में जजों की नियक्ति
ु राष्ट्रपति करता है ।
वास्तविकता में हाई कोर्ट के जजों की नियक्ति
ु कॉलेजियम व्यवस्था द्वारा की जाती है ।

उच्च न्यायालय का जज कैसे हटाया जाएगा -


सप्र
ु ीम कोर्ट के जजों की तरह हटाया जाएगा संसद के विशेष बहुमत से।

उच्च न्यायालय की शक्तियां -

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● राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के चन
ु ाव याचिका को छोड़कर भारत के सभी चन ु ाव याचिकाएं हाई कोर्ट सन
ु ेगा।
● न्यायाधिकरण की अपील हाई कोर्ट में की जायेगी।
● अन० ु - 215 उच्च न्यायालय को भी कोर्ट ऑफ रिकॉर्ड कहा जाता है ।
● अन० ु - 226 मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए उच्च न्यायालय जा सकते है । उच्च न्यायालय को रिट जारी करने की
शक्ति है | रिट जारी करने की शक्ति हाई कोर्ट की सप्र ु ीम कोर्ट से बड़ी है ।
● अन० ु - 227 निचली अदालतों पर हाई कोर्ट का नियं
त्र ण रहे गा।

नोट : अन०
ु - 231 एक या एक से अधिक राज्य या केंद्र शासित प्रदे शों के लिए कॉमन हाई कोर्ट बनाने की शक्ति संसद के पास है ।

State राजधानी (Capital) High Court


उत्तराखंड दे हरादन ू नैनीताल
उत्तर प्रदे श लखनऊ इलाहाबाद
पश्चिम बंगाल + अंडमान निकोबार कॉमन हाई कोर्ट कलकत्ता
उड़ीसा भव ु नेश्वर कटक
छत्तीसगढ़ रायपरु बिलासपरु
मध्य प्रदे श भोपाल जबलपरु
राजस्थान जयपरु जोधपरु
गजु रात गांधीनगर अहमदाबाद
गोवा + महाराष्ट्र कॉमन हाई कोर्ट मब ंु ई
केरल + लक्षद्वीप कॉमन हाई कोर्ट कोच्चि (एर्नाकुलम)
असम + नागालैंड + मिजोरम + अरुणाचल प्रदे श कॉमन हाई कोर्ट गवु ाहाटी

Subordinate Court (अधीनस्थ न्यायालय)


अन०
ु - 233 जिला जज
योग्यता
● सात साल तक वकील या याचिकाकर्ता रहा हो।
● राज्यपाल हाई कोर्ट की सलाह से जिला जज नियक्
ु त करे गा।

अन०
ु - 234 अन्य जज
अन्य जजों की नियक्ति
ु भी राज्यपाल करता है ।
हाई कोर्ट और राज्य लोक सेवा आयोग की सिफारिश पर।

नोट - डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और निचली अदालतों पर हाई कोर्ट का नियंत्रण रहे गा (Art - 227)

न्यायाधिकरण (Tribunals भाग - 14 (A))

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ये अर्द्ध न्यायिक संस्थाएं है

न्यायाधिकरण -
ये परू ा भाग 42 वे संविधान संसोधन (1976) से जोड़ा गया।
Art – 323 (A) CAT – (The Central Administrative Tribunal) केंद्रीय प्रशासनिक
संसद को यह अधिकार है कि न्यायाधिकरण बना दे ।
अन० ु - 323 (B ) प्रशासनिक न्यायाधिकरण को छोड़कर सभी अन्य न्यायाधिकरण इसी अनच्ु छे द से बनाये जायेंगे।
उदा० -NGT National Green Tribunal (2010)

अनस
ु चि
ू यां (Schedules )
हमारे संविधान में 12 अनस
ु च
ू ी हैं।

प्रथम अनस
ु च
ू ी - भारत एवं उसके राज्य।
भाग 1 से अन० ु - 4 तक।
पहली अनस ु च
ू ी में संसोधन करने के लिए संविधान संसोधन अन०
ु - 368 की जरूरत नहीं है ।

द्वितीय अनस
ु च
ू ी - वेतन एवं भत्ते।
जैसे - राष्ट्रपति, राज्यपाल, लोकसभा अध्यक्ष न्यायाधीश।

तत
ृ ीय अनस
ु च
ू ी - शपथ
केंद्र के मंत्री, संसद के सदस्य, सप्र
ु ीम कोर्ट के जज, हाई कोर्ट जज
CAG, Attorney General, State Minister, MLA

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चतर्थ
ु अनस
ु च
ू ी - राज्यों को राज्यसभा में सीटों का बंटवारा।
सबसे ज्यादा राज्यसभा सीटें UP 31 , महाराष्ट्र 19 , तमिलनाडु 18

पांचवी अनस
ु च
ू ी - 244 (1) अनस
ु चि
ू त जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन तथा नियंत्रण के लिए | इन क्षेत्रों में TAC (Tribes Advisory
Council) जनजातीय सलाहकार परिषद बनाई जाती है , इसमें 20 सदस्य होते हैं।

छठी अनस
ु च
ू ी - त्रिपरु ा, असम, मिजोरम, मेघालय
DRC (District and Regional Council)
जिला एवं क्षेत्रीय परिषद इसमें 30 सदस्य होते हैं। डीआरसी के पास प्रशासनिक और न्यायिक शक्तियां हैं।

सातवीं अनस
ु च
ू ी - अन०ु - 246 केंद्र एवं राज्यों के बीच शक्तियों का बंटवारा।

केंद्र सच
ू ी राज्य सच
ू ी समवर्ती सच
ू ी

97 विषय अब 100 विषय 66 विषय अब 61 47 विषय 5 विषय 42 वें संविधान


संसोधन से जोड़े गये। 47+5 = 52

रक्षा,सेना, कानन ू व्यवस्था Public Order क्रिमिनल लॉ


परमाणु ऊर्जा पलि
ु स, बंदी बनाने से सम्बंधित नियम
सीबीआई जेल शादी, पर्यावरण
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (Inter State Trade) पंचायती चन ु ाव जंगल
बैंकिंग स्वास्थ्य एवं सफाई, शिक्षा
Insurance तीर्थ यात्रा स्वास्थ्य
जनगणना कृषि आर्थिक एवं सामाजिक नियोजन,

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आयकर भमि
ू जनसंख्या नियंत्रण
वाणिज्यकर अल्कोहल ट्रे ड यनि
ू यन
GST मनोरं जन शिक्षा
स्पेस इसरो सट्टे बाजी माप तौल, बाँट एवं पैमाने
टोल टै क्स न्यायलय सप्र ु ीम कोर्ट को छोड़कर।
स्टाम्प ड्यट
ू ी
नोट - Entry 100 अन्य शक्तियां बिजली कर आदि |
अन०ु - 248 अवशिष्ट शक्तियां या बची
शक्तियां केंद्र के पास होती हैं।

आठवीं अनस
ु च
ू ी - 22 भाषाओं का उल्लेख।

नौवीं अनस ु चू ी - भमि ू सध ु ार संरक्षण काननू । 1st संशोधन से 1951 में जोड़ी गयी |
दसवीं अनस ु चू ी - दल - बदल कानन ू | 52 वे संविधान संसोधन (1985) से जोड़ी गयी।
ग्यारहवीं अनस ु चू ी - पंचायती राज्य व्यवस्था। इसमें 29 विषय है | 73 वे संविधान संसोधन (1992) से जोड़ी गयी।
बारहवीं अनस ु च ू ी - नगर निगम व्यवस्था | 74 वे संविधान संसोधन (1992) में जोड़ी गयी | इसमें 18 विषय है ।

भाग - 11
केंद्र एवं राज्य के सम्बन्ध
● अन०
ु - 246 केंद्र और राज्य की शक्तियां , केंद्र सच ू ी , राज्य सच ू ी , समवर्ती सचू ी
● अन०ु – 248 अवशिष्ट शक्तियां
● अन० ु – 249 राज्यसभा की विशेष शक्ति की संसद राज्य सच ू ी पर कानन ू बना सकता है ।
● अन० ु – 250 राष्ट्रीय आपातकाल में कें द्र राज्य सचू ी पर कान न
ू बना सकता है ।
● अन० ु – 252 दो या दो से अधिक राज्य मिलकर केंद्र से मांग करें तब केंद्र राज्य सच ू ी पर कानन ू बना सकता है ।
● अन० ु – 253 किसी अंतर्राष्ट्रीय समझौते या संधि को परू ा करने के लिए केंद्र राज्य सच ू ी पर काननू बना सकता है ।

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नोट - अन०
ु - 254 यदि केंद्र एवं राज्य के अधिनियम में कोई विवाद हो तब केंद्र का कानन
ू चलेगा।

Important Committees

१) राजमन्नार समिति (1979)


तमिलनाडु सरकार द्वारा बनायी गयी
अखिल भारतीय सेवा को समाप्त करने की सलाह दी ।
राष्ट्रपति शासन ख़त्म करने की सलाह दी ।
२) सरकारिया कमीशन (1988)
राज्यपाल को 5 वर्ष का कार्यकाल दिया जाये।
राष्ट्रपति शासन बिलकुल अंत में लगना चाहिए।
३) M.M पंछ
ु ी कमीशन 2007

महत्वपर्ण
ू अनच्
ु छे द

● अन०
ु 120 - संसद की भाषा
● आधिकारिक भाषा (हिंदी, अंग्रेजी) संसद के अंदर कई सांसद अपनी मात्र भाषा में बोल सकता है । लोकसभा स्पीकर की
सहमति से अन० ु 121 - संसद के अंदर न्यायपालिका के जजों से जड़
ु ी बहस नहीं की जा सकती।
● अन०ु 122 - संसद के अंदर क्या बहस हुई ? न्यायपालिका उसको नहीं सन ु सकती।

केंद्रशासित प्रदे श (भाग - 8)

● अन० ु - 239AA दिल्ली के लिए विशेष नियम। दिल्ली की विधानसभा में 70 MLA होते हैं | 1 / 10 यानी 7 मंत्री बनाये जा
सकते हैं। दिल्ली के मख्
ु यमंत्री को शपथ राष्ट्रपति दिलाता है ।
● अन० ु - 239AB दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाना।
● अन० ु - 239 (B) दिल्ली और केंद्र शासित प्रदे शों में अध्यादे श जारी करना। केंद्र शासित प्रदे शों के Lieutenant Governor
या प्रशासक "अध्यादे श" जारी कर सकता है ।

अन०
ु - 262 अन्तर्राज्य नदी से जड़ु े सभी विवादों को "संसद" सल
ु झायेगी।
अन०ु 263 अन्तर्राज्यीय परिषद् (Inter State Councils) बनाने का अधिकार "राष्ट्रपति" को है ।
भाग - 16
कुछ वर्गों के लिए विशेष नियम
● अन०ु 330 - लोकसभा में अनस ु चि
ू त जाति और अनस ु चि
ू त जनजाति ST के लिए सीटों में आरक्षण।
● अन० ु 331 - दो एंग्लो इंडियन राष्ट्रपति लोकसभा में मनोनीत करता था। लेकिन अब 104 वें संविधान संसोधन द्वारा इसे
हटा दिया गया है ।
● अन० ु 332 - विधानसभा सीटों में SC और ST को आरक्षण।

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● अन०
ु 338 - SC कमीशन अनस ु चि
ू त जाति आयोग।
● अन०ु 338 (A) ST कमीशन जनजाति आयोग।
● अन० ु 338 (B) OBC कमीशन अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग।
● अन० ु 341 - SC की परिभाषा
● अन० ु 342 - ST की परिभाषा

आधिकारिक भाषा(भाग-17)
अन०
ु 343 - हिंदी और अंग्रेजी भारत की दो Official Language है ।

नोट -
● 1955 में राष्ट्रपति ने बी० जी० खेर कमीशन बनाया।
● राजभाषा अधिनियम 1963 में बना।
● हिंदी और अंग्रेजी को स्थायी रूप से हमेशा के लिए राजभाषा घोषित कर दिया
● 14 September हिंदी दिवस मनाया जाता है |

अन०
ु 348 - सप्र ु ीम कोर्ट और हाई कोर्ट की भाषा अंग्रेजी है ।
अन०ु 350 (A) प्राथमिक स्तर पर शिक्षा मातभ ृ ाषा में दी जाएगी।
अन० ु 350 (B) भाषाई अल्पसं ख्यकों क े लिए अधिकारियों की नियक्ति
ु राष्ट्रपति करता है ।
अन० ु 351 - हिंदी भाषा का विकास

Special Article of State


अन०
ु 370 - जम्मू - कश्मीर
अन०ु 371 - महाराष्ट्र गज ु रात
अन० ु 371A नागालैंड
अन० ु 371B असम
अन० ु 371C मणिपरु
अन० ु 371D आंध्र प्रदे श
अन० ु 371E सिक्किम
अन० ु 371F गोवा
अन० ु 371J कर्नाटक

Art 243 (I) राज्य वित्त आयोग


Art 243 (K) राज्य निर्वाचन आयोग

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