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पाठ योजना 9

छात्र अध्यापिका का नाम: शिखा कु मारी


क्रमांक :68
विद्यालय का नाम: टाटा वर्क र्स यूनियन उच्च विद्यालय
कक्षा :9
समय अवधि :40 मिनट
प्रकरण :संविधान निर्माण
सामान्य उद्देश्य

 छात्रों में लोकतांत्रिक नागरिकता का विकास करना।


 छात्रों को देश की राजनीतिक सामाजिक व आर्थिक समस्याओं की जानकारी प्राप्त कराना।
 छात्रों को नागरिक कर्तव्यों एवं अधिकारों का सैद्धांतिक व व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करना।
 छात्रों मेंदेश प्रेम व राष्ट्रीय एकता की भावना का विकास करना।
विशिष्ट उद्देश्य

इस कक्षा के उपरांत छात्र इस योग्य हो पाएंगे कि वह:-


 दक्षिण अफ्रीका मैं रंगभेद आधारित व्यवस्था से लोकतांत्रिक संविधान बनने तक की यात्रा का वर्णन करेंगे।
 किसी देश में संविधान की आवश्यकता को अपने तार्कि क क्षमता द्वारा स्पष्ट करेंगे।
 भारतीय संविधान के निर्माण की प्रक्रिया को अपनी उत्तर पुस्तिका में लिखेंगे।
 भारतीय संविधान के बुनियादी मूल्यों को संविधान की प्रस्तावना में रेखांकित करेंगे।
 भारतीय संविधान मै के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाने वाले नेताओं के विषय में कु छ संक्षिप्त जानकारियां चार्ट पेपर पर प्रस्तुत
करेंगे।
शिक्षण सहायक सामग्री
पीपीटी ,चार्ट पेपर ,चॉक ,डस्टर ,प्वाइंटर, चौक पट्ट

शिक्षण विधि पूर्व ज्ञान


 व्याख्यान विधि छात्र संविधान निर्माण के बारे में सामान्य जानकारी रखते हैं।
 प्रश्नोत्तर विधि
 वाद विवाद विधि
प्रस्तावना

छात्र अध्यापिका क्रियाएं छात्र संभावित क्रियाएं


छात्र अध्यापिका छात्रों से कु छ प्रश्न पूछेंगे।
1. हमारा देश भारत कब आजाद हुआ?
2. आजादी से पहले भारत किसका गुलाम था? 15 अगस्त 1947
3. अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त होने के बाद हमारे देश के अंग्रेजों का
नेताओं ने देश और देश की शासन व्यवस्था को चलाने
के लिए किस का निर्माण किया?

भारतीय संविधान
शिक्षण बिंदु
दक्षिण अफ्रीका में लोकतांत्रिक संविधान:-
“दक्षिण अफ्रीका का का संविधान इतिहास और भविष्य दोनों की बातें करता है एक तरफ तो यह एक पवित्र समझौता है कि
दक्षिणी अफ्रीकी के रूप में हम एक दूसरे से यह वादा करते हैं कि हम अपने रंग भी दी क्रू र और दमनकारी इतिहास को संसद और
आने की अनुमति नहीं देंगे पर बात इतनी ही नहीं है यह अपने देश को इस के सभी लोगों द्वारा वास्तविक अर्थों में साझा करने का
घोषणा पत्र भी है श्वेत और अश्वेत स्त्री और पुरुष यह देश पूर्ण रूप से हम सभी का है।”
17वी तथा 18 वीं सदी मे दक्षिण अफ्रीका में नस्ली भेदभाव पर आधारित व्यवस्था थी दक्षिण अफ्रीका पर यह व्यवस्था
यूरोप के गौरव ने ला दी थी लेकिन आखिरकार 26 अप्रैल 1994 की मध्य रात्रि को दक्षिण अफ्रीका गणराज्य का नया झंडा
लहराया तथा यह दुनिया का एक नया लोकतांत्रिक देश बन गया रंगभेद वाली शासन व्यवस्था समाप्त हुई तथा सभी नस्ल के लोगों
की मिली जुली सरकार के गठन का रास्ता खुला।
भारतीय संविधान का निर्माण

दक्षिण अफ्रीका की तरह भारत का संविधान भी बहुत मुश्किल परिस्थितियों के बीच बना भारत जैसे विशाल तथा विविधता भरे देश
के लिए संविधान बनाना सरल काम नहीं था भारत के लोग तक गुलाम की हैसियत से निकल का नागरिक किसे माने जा रहे थे देश
में धर्म के आधार पर वे बंटवारे की विभीषिका झेल ली थी भारत व पाकिस्तान के लोगों के लिए बटवारा काफी प्रभावित दहलाने
वाला अनुभव था जब संविधान लिखा जा रहा था देश का भविष्य सुरक्षित बुरा नहीं था जितना आज है संविधान निर्माताओं को देश
के वर्तमान तथा भविष्य की चिंता की।
संविधान सभा के निर्माण के लिए भारतीय संविधान सभा का गठन जुलाई 1940 को किया गया था भारतीय संविधान लिखने
वाली सभा में 26 नवंबर को अपना कार्य पूरा कर लिया संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ इसी दिन की याद में हम हर
वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं।
भारतीय संविधान के बुनियादी मूल्य
पुनरावृति
छात्र अध्यापिका कक्षा मैं पढ़ाई गए पाठ को सारांशित करेगी।

मूल्यांकन:-
1. भारतीय संविधान सभा के गठन के समय प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे?
2. दक्षिण अफ्रीका गणतंत्र कब घोषित हुआ?
3. स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री कौन थे?
4. किसी लोकतांत्रिक देश को संविधान की आवश्यकता क्यों है?
गृह कार्य

भारतीय संविधान के बुनियादी मूल्यों को विस्तार पूर्वक लिखें?

धन्यवाद

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