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पाठ योजना 9
पाठ योजना 9
भारतीय संविधान
शिक्षण बिंदु
दक्षिण अफ्रीका में लोकतांत्रिक संविधान:-
“दक्षिण अफ्रीका का का संविधान इतिहास और भविष्य दोनों की बातें करता है एक तरफ तो यह एक पवित्र समझौता है कि
दक्षिणी अफ्रीकी के रूप में हम एक दूसरे से यह वादा करते हैं कि हम अपने रंग भी दी क्रू र और दमनकारी इतिहास को संसद और
आने की अनुमति नहीं देंगे पर बात इतनी ही नहीं है यह अपने देश को इस के सभी लोगों द्वारा वास्तविक अर्थों में साझा करने का
घोषणा पत्र भी है श्वेत और अश्वेत स्त्री और पुरुष यह देश पूर्ण रूप से हम सभी का है।”
17वी तथा 18 वीं सदी मे दक्षिण अफ्रीका में नस्ली भेदभाव पर आधारित व्यवस्था थी दक्षिण अफ्रीका पर यह व्यवस्था
यूरोप के गौरव ने ला दी थी लेकिन आखिरकार 26 अप्रैल 1994 की मध्य रात्रि को दक्षिण अफ्रीका गणराज्य का नया झंडा
लहराया तथा यह दुनिया का एक नया लोकतांत्रिक देश बन गया रंगभेद वाली शासन व्यवस्था समाप्त हुई तथा सभी नस्ल के लोगों
की मिली जुली सरकार के गठन का रास्ता खुला।
भारतीय संविधान का निर्माण
दक्षिण अफ्रीका की तरह भारत का संविधान भी बहुत मुश्किल परिस्थितियों के बीच बना भारत जैसे विशाल तथा विविधता भरे देश
के लिए संविधान बनाना सरल काम नहीं था भारत के लोग तक गुलाम की हैसियत से निकल का नागरिक किसे माने जा रहे थे देश
में धर्म के आधार पर वे बंटवारे की विभीषिका झेल ली थी भारत व पाकिस्तान के लोगों के लिए बटवारा काफी प्रभावित दहलाने
वाला अनुभव था जब संविधान लिखा जा रहा था देश का भविष्य सुरक्षित बुरा नहीं था जितना आज है संविधान निर्माताओं को देश
के वर्तमान तथा भविष्य की चिंता की।
संविधान सभा के निर्माण के लिए भारतीय संविधान सभा का गठन जुलाई 1940 को किया गया था भारतीय संविधान लिखने
वाली सभा में 26 नवंबर को अपना कार्य पूरा कर लिया संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ इसी दिन की याद में हम हर
वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं।
भारतीय संविधान के बुनियादी मूल्य
पुनरावृति
छात्र अध्यापिका कक्षा मैं पढ़ाई गए पाठ को सारांशित करेगी।
मूल्यांकन:-
1. भारतीय संविधान सभा के गठन के समय प्रारूप समिति के अध्यक्ष कौन थे?
2. दक्षिण अफ्रीका गणतंत्र कब घोषित हुआ?
3. स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री कौन थे?
4. किसी लोकतांत्रिक देश को संविधान की आवश्यकता क्यों है?
गृह कार्य
धन्यवाद